हिन्दी केदार
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हि�न्दी� गृ��कार्य�
नाम : का� दीर गृ��नाकाक्षा : 10 'दी'हि�षर्य : हि�न्दी�
हि�शे�षण वा�क्य में� संज्ञा� अथवा� संवा ना�में की� विवाशे�षता� बता�ना� वा�ले� शेब्दों� की� विवाशे�षण
कीहता� ह�। जै!सं� - की�ले� की" त्ता�। इसं वा�क्य में� की�ले� विवाशे�षण ह!। जिजैसं शेब्दों (संज्ञा� अथवा� संवा ना�में) की� विवाशे�षता� बता�य& जै�ता& ह! उसं� विवाशे�ष्य कीहता� ह�। उपरो�क्त वा�क्य में� की" त्ता� विवाशे�ष्य ह!। जिजैसं विवाकी�रो& शेब्दों सं� संज्ञा� की� व्या�प्ति.ता मेंय� दिदोंता ह�ता& ह!, उसं� भी& विवाशे�षण कीहता� ह�। जै!सं�- में�हनाता& विवाद्या�थ2 संफलेता� प�ता� ह�। धरोमेंप"रो स्वाच्छ नागरो ह!। वाह प&ले� ह!। ऐसं� आदोंमें& कीह�: मिमेंले�ग�? इना वा�क्य� में� म��नाती�, स्�च्छ, पी�ला औरो ऐसा शेब्दों विवाशे�षण ह�। जै� क्रमेंशे? विवाद्या�थ2, धरोमेंप"रो, वाह औरो आदोंमें& की� विवाशे�षता� बता�ता� ह�। विवाशे�षण शेब्दों जिजैसंकी� विवाशे�षता� बता�य�, उसं� विवाशे�ष्य कीहता� ह�, अता? विवाद्या�थ2, धरोमेंप"रो, वाह औरो आदोंमें& शेब्दों विवाशे�ष्य ह�।
हि�शे�षण का� प्रकार
विवाशे�षण की� चा�रो प्रकी�रो ह�-
1. ग"णवा�चाकी विवाशे�षण
2. संख्य�वा�चाकी विवाशे�षण
3. परिरोमें�ण-ब�धकी विवाशे�षण, औरो
4. सं�वा ना�मिमेंकी विवाशे�षण।
गृ�ण�चका हि�शे�षण
जिजैसं शेब्दों सं� संज्ञा� य� संवा ना�में की� ग"ण, रूप, रोग आदिदों की� ब�ध ह�ता� ह!, उसं� ग"ण वा�चाकी विवाशे�षण कीहता� ह�। जै!सं�-
1. बग&चा� में� सं"दोंरो फE ले ह�।
2. धरोमेंप"रो स्वाच्छ नागरो ह!।
3. स्वाग वा�विहना& गदोंF नादोंF ह!।
4. स्वास्थ बच्चे� खे�ले रोह� ह�।
उपय" क्त वा�क्य� में� सं"दोंरो, स्वाच्छ, गदोंF औरो स्वास्थ शेब्दों ग"णवा�चाकी विवाशे�षण ह�। ग"ण की� अथ अच्छ�ई ह& नाहK, विकीन्ता" की�ई भी& विवाशे�षता�।
अच्छ�, ब"रो�, खेरो�, खे�टा� संभी& प्रकी�रो की� ग"ण इसंकी� अताग ता आता� ह�।
1. संमेंय संबध&- नाय�, प"रो�ना�, ता�जै�, वाता में�ना, भीEता, भीविवाष्य, अगले�, विपछले� आदिदों।
2. स्थ�ना संबध&- लेब�, चाOड़ा�, ऊँ: चा�, ना&चा�, सं&ध�, ब�हरो&, भी&तारो& आदिदों।
3. आकी�रो संबध&- ग�ले. चाOकी�रो, सं"डौOले, प�ले�, सं"दोंरो आदिदों।
4. दोंशे� संबध&- दुबले�, पताले�, में�टा�, भी�रो&, ग�ढ़ा�, ग&ले�, गरो&ब, प�लेताE आदिदों।
5. वाण संबध&- ले�ले, प&ले�, ना&ले�, हरो�, की�ले�, ब�गना&, सं"नाहरो& आदिदों।
6. ग"ण संबध&- भीले�, ब"रो�, उचिचाता, अना"चिचाता, प�प, झूEठ आदिदों।
7. संज्ञा� संबध&- में"बईय�, बना�रोसं&, लेखेनावा& आदिदों।
सा"ख्र्य�चका हि�शे�षण
जिजैसं विवाशे�षण सं� संज्ञा� य� संवा ना�में की� संख्य� की� ब�ध ह�ता� ह!, उसं� संख्य�वा�चाकी विवाशे�षण कीहता� ह�। जै!सं�-
1. कीक्षा� में� चा�ले&सं विवाद्या�थ2 उपस्थिस्थता ह�।
2. दों�ना� भी�इय� में� बड़ा� प्र�में ह�।
3. उनाकी� दूसंरो& लेड़ाकी� की� शे�दोंF ह!।
4. दों�शे की� हरो�की ब�लेकी वा&रो ह!।
उपय" क्त वा�क्य� में� चा�ले&सं, दों�ना�, दूसंरो& औरो हरो�की शेब्दों संख्य�वा�चाकी विवाशे�षण ह�। संख्य�वा�चाकी विवाशे�षण की� भी& दों� प्रकी�रो ह�-
1. हिनाश्चि%ती सा"ख्र्य�चका- जै!सं�, एकी, प�:चा, सं�ता, ब�रोह, ता&संरो�, आदिदों।
2. अहि'श्चि%ती सा"ख्र्य�चका- जै!सं�, कीई, अना�की, संब, बहुता आदिदों।
हिनाश्चि%ती सा"ख्र्य�चका की� छ? भी�दों ह�-
1. पी(ण)का बो+धका- जै!सं�, एकी, दोंसं, सं�, हजै�रो, ले�खे आदिदों।
2. अपी(ण)का बो+धका-, जै!सं�, पOना�, संवा�, डौ�ढ, ढ�ई आदिदों।
3. क्रम�चका- जै!सं�, दूसंरो�, चाOथ�, ग्य�रोहवा�:, पचा�संवा�: आदिदों।
4. आ��त्ति0�चका- जै!सं�, दुग"ना�, ता&ग"ना�, दोंसंग"ना� आदिदों।
5. साम(��चका-, जै!सं�, ता&ना�, प�:चा�, आठ� आदिदों।
6. प्रत्र्य�का बो+धका- जै!सं�, प्रविता, प्रत्य�की, हरो�की, एकी-एकी आदिदों।
अहिनाश्चि%ती सा"ख्र्य�चका विवाशे�षणओं सं� अमिधकीतारो बहुत्वा की� ब�ध ह�ता� ह!। जै!सं�-
1. सं�रो� आमें संड़ा गए।
2. प"स्ताकी�लेय में� असंख्य प"स्ताकी� ह�।
3. लेकी� में� अना�की मेंहले जैले गए।
4. सं"ना�में& में� बहुता सं�रो� ले�ग में�रो� गए।
हिनाश्चि%ती सा"ख्र्य�चका की� अताग ता आना�वा�ले� पEण�fकी ब�धकी विवाशे�षण की� पहले� लेगभीग य� कीरो&ब औरो ब�दों में� एकी य� ओं प्रत्यय लेग�ना� सं� अविनाश्चिhता संख्य�वा�चाकी विवाशे�षण ह� जै�ता� ह!। जै!सं�-
1. लेगभीग पचा�सं ले�ग आए:ग�।
2. कीरो&ब ब&सं रूपए चा�विहए।
3. सं�कीड़ा� ले�ग में�रो� गए।
कीभी&-कीभी& दों� पEण�fकी ब�धकी सं�थ में� आकीरो अविनाhय वा�चाकी बना जै�ता� ह�। जै!सं�-
1. चा�ले&सं-पचा�सं रूपय� चा�विहए।
2. की�में में� दों�-ता&ना घंटा� लेग�ग�।
पीरिरमण-बो+धका हि�शे�षण
जिजैसं विवाशे�षण सं� विकीसं& वास्ता" की� ना�प-ताOले की� ब�ध ह�ता� ह!, उसं� परिरोमें�ण-ब�धकी विवाशे�षण कीहता� ह�। जै!सं�-
1. में"झू� दों� में&टारो कीपड़ा� दों�।
2. उसं� एकी विकीले� चा&ना& चा�विहए।
3. 3. ब&में�रो की� थ�ड़ा� प�ना& दों�ना� चा�विहए। उपय" क्त वा�क्य� में� दों� में&टारो, एकी विकीले� औरो थ�ड़ा� प�ना& शेब्दों परिरोमें�ण-ब�धकी विवाशे�षण ह�।
परिरोमें�ण-ब�धकी विवाशे�षण की� दों� प्रकी�रो ह�-
1. हिनाश्चि%ती पीरिरमण-बो+धका3 जै!सं�, दों� सं�रो ग�हूँ:, प�:चा में&टारो कीपड़ा�, एकी ले&टारो दूध आदिदों।
2. अहिनाश्चि%ती पीरिरमण-बो+धका3 जै!सं�, थ�ड़ा� प�ना&, औरो अमिधकी की�में, की" छ परिरोश्रमें आदिदों। परिरोमें�ण-ब�धकी विवाशे�षण अमिधकीतारो भी�वावा�चाकी, द्रव्यावा�चाकी औरो संमेंEहवा�चाकी संज्ञा�ओं की� सं�थ आता� ह�।
सा��नामिमका हि�शे�षण
जैब की�ई संवा ना�में शेब्दों संज्ञा� शेब्दों सं� पहले� आए ताथ� वाह विवाशे�षण शेब्दों की� तारोह संज्ञा� की� विवाशे�षता� बता�य�, उसं� सं�वा ना�मिमेंकी विवाशे�षण कीहता� ह�। जै!सं�-
1. वाह आदोंमें& व्यावाह�रो सं� की" शेले ह!।
2. कीOना छ�त्र में�रो� की�में कीरो�ग�।
उपय" क्त वा�क्य� में� वाह औरो कीOना शेब्दों सं�वा ना�मिमेंकी विवाशे�षण ह�।
प"रूषवा�चाकी औरो विनाजैवा�चाकी संवा ना�में� की� छ�ड़ा ब�की� संभी& संवा ना�में संज्ञा� की� सं�थ प्रय"क्त ह�कीरो सं�वा ना�मिमेंकी विवाशे�षण बना जै�ता� ह�। जै!सं�-
1. विनाhयवा�चाकी- यह मेंEर्तिताo, य� मेंEर्तिताoय�:, वाह मेंEर्तिताo, वा� मेंEर्तिताoय�: आदिदों।
2. अविphयवा�चाकी- की�ई व्याचिक्त, की�ई लेड़ाकी�, की" छ ले�भी आदिदों।
3. प्रश्रवा�चाकी- कीOना आदोंमें&? कीOना लेOग?, क्य� की�में?, क्य� संह�यता�? आदिदों।
4. संबधवा�चाकी- जै� प"स्ताकी, जै� लेड़ाकी�, जै� वास्ता"ए: आदिदों।
व्या"त्पश्चित्ता की� दृमिr सं� सं�वा ना�मिमेंकी विवाशे�षण की� दों� प्रकी�रो ह�-
1. म(ला सा��नामिमका हि�शे�षण
2. र्य5हिगृका सा��नामिमका हि�शे�षण।
म(ला सा��नामिमका हि�शे�षण3 जै� संवा ना�में विबना� विकीसं& रूप�तारो की� विवाशे�षण की� रूप में� प्रय"क्त ह�ता� ह! उसं� मेंEले सं�वा ना�मिमेंकी विवाशे�षण कीहता� ह�। जै!सं�-
1. वाह लेड़ाकी� विवाद्या�लेय जै� रोह& ह!।
2. की�ई लेड़ाकी� में�रो� की�में कीरो दों� ।
3. की" छ विवाद्या�थ2 अना"पस्थिस्थता ह�।
उपय" क्त वा�क्य� में� वाह, की�ई औरो की" छ शेब्दों मेंEले सं�वा ना�मिमेंकी विवाशे�षण ह�।
र्य5हिगृका सा��नामिमका हि�शे�षण3 जै� संवा ना�में मेंEले संवा ना�में में� प्रत्यय आदिदों जै"ड़ा जै�ना� सं� विवाशे�षण की� रूप में� प्रय"क्त ह�ता� ह! उसं� यOविगकी सं�वा ना�मिमेंकी विवाशे�षण कीहता� ह�। जै!सं�-
1. ऐसं� आदोंमें& कीह�: मिमेंले�ग�?
2. विकीताना� रूपय� ता"म्ह� चा�विहए?
3. में"झूसं� इताना� ब�झू उठ�य� नाहK जै�ता�।
उपय" क्त वा�क्य� में� ऐसं�, विकीताना� औरो इताना� शेब्दों यOविगकी सं�वा ना�मिमेंकी विवाशे�षण ह�। यOविगकी सं�वा ना�मिमेंकी विवाशे�षण विनाम्नाचिलेखिखेता सं�वा ना�मिमेंकी विवाशे�षण� सं� बनाता� ह�- यह सं� इताना�, इताना�, इताना&, ऐसं�, ऐसं&, ऐसं�। वाह सं� उताना�, उताना�, उताना&, वा!सं�, वा!सं&, वा!सं�। जै� सं� जिजैताना�, जिजैताना&, जिजैताना�, जै!सं�, जै!सं&, जै!सं�। कीOना सं� विकीताना�,विकीताना&, विकीताना�, की! सं�, की! सं&, की! सं�।
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नाम: का� दीर गृ��नाकाक्षा: 10 'दी'हि�षर्य: हि�न्दी�
धन्र्य�दी