पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

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Page 1: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

पं�चतं�त्र की� प्रेरकी कीहा�नि�यां�� http://hindipatal.wordpress.com/ लो�की - कीथा�एँ� / पं�चतं�त्र - की� - प्रेरकी - कीहा�नि� /

पं�चतं�त्र की� कीहा�नि�यां� की� रच�� की� इनितंहा�स भी� बडा� हा� र�चकी हा�। लोगभीग 2000 वर्षों# पं$व% भी�रतं वर्षों% की दक्षि(णी� निहास्स में, मेंनिहालो�र�प्यां ��मेंकी �गर में, र�जा� अमेंरशक्ति2 की� श�स� था�। उसकी तं�� पं4त्र बहुशक्ति2, उग्रशक्ति2 और अ��तंशक्ति2 था। र�जा� अमेंरशक्ति2 जिजातं� उद�र प्रेश�सकी और की4 शलो ��नितंज्ञ था, उ�की पं4त्र उतं� हा� में$र्ख% और अहा�की�र� था। र�जा� � उन्हा, व्यवहा�रिरकी क्तिश(� द� व्यवहा�रिरकी क्तिश(� द� की� बहुतं की�क्तिशश की� पंर�तं4 निकीस� भी� प्रेकी�र स ब�तं �हा> ब��। हा�रकीर एँकी दिद� र�जा� � अपं� में�नित्रयां� स में�त्रणी� की�। र�जा� अमेंरशक्ति2 की में�नित्रमें�डालो में, कीई की4 शलो, दूरदशB और यां�ग्यां में�त्र� था, उन्हा> में, स एँकी में�त्र� स4मेंनितं � र�जा� की� पंर�मेंश% दिदयां� निकी पं�निडातं निवष्णी4 शमें�% सव%श�स्त्र� की ज्ञ�तं� और एँकी की4 शलो ब्रा�ह्मणी हा�, यांदिद र�जाकी4 में�र� की� क्तिश(� द� और व्यवहा�रिरकी रुपं स प्रेक्षि(तं कीर� की� उत्तरद�यियांत्व पं�निडातं पं�निडातं निवष्णी4 शमें�% की� सKपं� जा�एँ तं� उक्तिचतं हा�ग�, व अल्पं समेंयां में, हा� र�जाकी4 में�र� की� क्तिशक्षि(तं कीर� की� स�मेंथा% रर्खतं हा�।

र�जा� अमेंरशक्ति2 � पं�निडातं निवष्णी4 शमें�% स अ�4र�ध निकीयां� और पं�रिरतं�निर्षोंकी की रूपं में, उन्हा, सO ग��व द� की� वच� दिदयां�। पं�निडातं निवष्णी4 शमें�% � पं�रिरतं�निर्षोंकी की� तं� अस्व�की�र कीर दिदयां�, पंर�तं4 र�जाकी4 में�र� की� क्तिशक्षि(तं कीर� की की�यां% की� एँकी च4�Oतं� की रुपं में, स्व�की�र निकीयां�। इस स्व�कीP नितं की स�था हा� उन्हा�� घो�र्षोंणी� की� निकी में� यांहा अस�भीव की�यां% में�त्र छःS मेंनिहा�� में, पं$णी% कीरु� ग�, यांदिद में� ऐस� � कीर सकी� तं� मेंहा�र�जा में4झे मेंPत्यां4द�डा द सकीतं हा�।पं�निडातं निवष्णी4 शमें�% की� यांहा भी�ष्में प्रेतं�ज्ञ� स4�कीर मेंहा�र�जा अमेंरशक्ति2 नि�श्चिंWXतं हा�कीर अपं� श�स�-

की�यां% में, व्यस्तं हा� गएँ और पं�निडातं निवष्�4 शमें�% तं��� र�जाकी4 में�र� की� अपं� आश्रमें में, लो आएँ।

पं�निडातं निवष्णी4 शमें�% � र�जाकी4 में�र� की� निवनिवध प्रेकी�र की� ��नितंश�स्त्र स स�ब�यिधतं कीथा�एँ� स4��ई। उन्हा�� इ� कीथा�ओं में, पं�त्र� की रुपं में, पंश4-पंक्षि(यां� की� वणी%� निकीयां� और अपं� निवच�र� की� उ�की में4र्ख स व्य2 निकीयां�। पंश4-पंक्षि(यां� की� हा� आध�र ब��कीर उन्हा�� र�जाकी4 में�र� की� उक्तिचतं-अ�4क्तिचतं आदिद की� ज्ञ�� दिदयां� व व्यवहा�रिरकी रुपं स प्रेक्तिशक्षि(तं कीर�� आ�रम्भ निकीयां� । र�जाकी4 में�र� की� क्तिश(� समें�प्तं हा�� की ब�द पं�निडातं निवष्णी4 शमें�% � इ� कीहा�नि�यां� की� पं�चतं�त्र की� प्रेरकी कीहा�नि�यां�� की स�ग्रहा की रुपं में, स�कीक्तिलोतं निकीयां�।

पं�चतं�त्र की� प्रेरकी कीहा�नि�यां��

अक्लोमें�द हा�स

आपंस की� फू$ ट

एँकी और एँकी ग्यां�रहा

एँकीतं� की� बलो

कीOएँ और उल्लो$

र्खरग�श की� चतं4र�ई

गजार�जा व में$र्षोंकीर�जा

गध� रहा� गध� हा�

ग�लो$-में�लो$ और भी�लो$

घो�ट`ध�र� ऊं� ट

च�पंलो$स में�डालो�

झेगडा�लो$ मेंढकी

झे$ठीd श��

ढ�ग� क्तिसयां�र

ढ�लो की� पं�लो

तं�� मेंछःक्तिलोयां��

दुश्में� की� स्व�था%

दुष्ट सपं%

�कीलो कीर�� ब4र� हाh

ब�दर की� कीलोजा�

बग4लो� भीगतं

बडा ��में की� चमेंत्की�र

बहारुनिपंयां� गध�

निबल्लो� की� न्यां�यां

ब4जिiमें�� क्तिसयां�र

मेंक्र्ख�च$स ग�दडा

यिमेंत्र की� सलो�हा

में4फ्तंर्ख�र मेंहामें��

में$र्ख% गध�

में$र्ख% की� स�र्ख

में$र्ख% ब�तं$�� कीछः4 आ

र�ग में, भी�ग

र�ग� क्तिसयां�र

शत्र4 की� सलो�हा

शर�रतं� ब�दर

स�गठी� की� शक्ति2

सच्चा� श�सकी

सच्चा यिमेंत्र

स��डा और ग�दडा

सिंसXहा और क्तिसयां�र

स्वजा�नितं प्रेमें

र�ग-निबर�ग� यिमेंठी�इयांm

Page 2: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

अक्लोमें�द हा�स

एँकी बहुतं बडा� निवश�लो पंडा था�। उस पंर ब�स�यां� हा�स रहातं था। उ�में, एँकी बहुतं स्यां��� हा�स था�,ब4जिiमें�� और बहुतं दूरदशB। सब उसकी� आदर कीरतं ‘तं�ऊं’ कीहाकीर ब4लो�तं था। एँकी दिद� उस� एँकी �न्हा�-स� बलो की� पंडा की तं� पंर बहुतं ��च क्तिलोपंटतं पं�यां�। तं�ऊं � दूसर हा�स� की� ब4लो�कीर कीहा� “दर्ख�,इस बलो की� �ष्ट कीर द�। एँकी दिद� यांहा बलो हामें सबकी� मेंOतं की में4�हा में, लो जा�एँग�।”

एँकी यां4व� हा�स हा�सतं हुएँ ब�लो� “तं�ऊं, यांहा छः�ट`-स� बलो हामें, कीh स मेंOतं की में4�हा में, लो जा�एँग�?”

स्यां�� हा�स � समेंझे�यां� “आजा यांहा तं4म्हा, छः�ट`-स� लोग रहा� हा�। ध�र-ध�र यांहा पंडा की स�र तं� की� लोपंट� में�रकीर ऊंपंर तंकी आएँग�। निफूर बलो की� तं�� में�ट� हा�� लोगग� और पंडा स क्तिचपंकी जा�एँग�, तंब ��च स ऊंपंर तंकी पंडा पंर चढ� की क्तिलोएँ स�ढ` ब� जा�एँग�। की�ई भी� क्तिशकी�र� स�ढ` की सहा�र चढकीर हामें तंकी पंहु�च जा�एँग� और हामें में�र जा�एँ�ग।”

दूसर हा�स की� यांकी�� � आयां� “एँकी छः�ट` स� बलो कीh स स�ढ` ब�ग�?”

तं�सर� हा�स ब�लो� “तं�ऊं, तं4 तं� एँकी छः�ट`-स� बलो की� र्ख>चकीर ज्यां�द� हा� लोम्ब� कीर रहा� हाh।”

एँकी हा�स बडाबडा�यां� “यांहा तं�ऊं अपं�� अक्लो की� रOब डा�लो� की क्तिलोएँ अ�ट-श�ट कीहा��� ब�� रहा� हा�।”

इस प्रेकी�र निकीस� दूसर हा�स � तं�ऊं की� ब�तं की� ग�भी�रतं� स �हा> क्तिलोयां�। इतं�� दूर तंकी दर्ख पं�� की� उ�में, अक्लो कीहा�� था�?

समेंयां ब�तंतं� रहा�। बलो क्तिलोपंटतं-क्तिलोपंटह्ट ऊंपंर श�र्ख� तंकी पंहु�च गई। बलो की� तं�� में�ट� हा��� श4रु हुआ और सचमें4च हा� पंडा की तं� पंर स�ढ` ब� गई। जिजास पंर आस��� स चढ� जा� सकीतं� था�। सबकी� तं�ऊं की� ब�तं की� सच्चा�ई स�में� �जार आ� लोग�। पंर अब की4 छः �हा> निकीयां� जा� सकीतं� था� क्यां�निकी बलो इतं�� मेंजाब$तं हा� गई था� निकी उस �ष्ट कीर�� हा�स� की बस की� ब�तं �हा> था�। एँकी दिद� जाब सब हा�स द��� च4ग� ब�हार गएँ हुएँ था तंब एँकी बहाक्तिलोआ उधर आ नि�कीलो�। पंडा पंर ब�� स�ढ` की� दर्खतं हा� उस� पंडा पंर चढकीर जा�लो निबछः�यां� और चलो� गयां�। स��झे की� स�र हा�स लोOट आएँ पंडा पंर उतंर तं� बहाक्तिलोएँ की जा�लो में, ब4र� तंरहा फू� स गएँ। जाब व जा�लो में, फू� स गएँ और फूडाफूडा�� लोग, तंब उन्हा, तं�ऊं की� ब4जिiमें��� और दूरदर्शिशXतं� की� पंतं� लोग�। सब तं�ऊं की� ब�तं � में��� की क्तिलोएँ लोज्जिwतं था और अपं� आपंकी� की�स रहा था। तं�ऊं सबस रुष्ट था� और च4पं बhठी� था�।

एँकी हा�स � निहाम्मेंतं कीरकी कीहा� “तं�ऊं, हामें में$र्ख% हा�, लोनिकी� अब हामेंस में4�हा मेंतं फू र�।’

दूसर� हा�स ब�लो� “इस स�कीट स नि�की�लो� की� तंरकी�ब तं$ हा� हामें, बतं� सकीतं� हा�। आग हामें तंर� की�ई ब�तं �हा> ट�लो,ग।” सभी� हा�स� � हा�में� भीर� तंब तं�ऊं � उन्हा, बतं�यां� “मेंर� ब�तं ध्यां�� स स4��। स4बहा जाब बहाक्तिलोयां� आएँग�, तंब में4द�% हा�� की� ��टकी कीर��। बहाक्तिलोयां� तं4म्हा, में4द�% समेंझेकीर जा�लो स नि�की�लो कीर जामें�� पंर रर्खतं� जा�एँग�। वहा�� भी� मेंर समें�� पंडा रहा��। जाhस हा� वहा अन्तिन्तंमें हा�स की� ��च रर्खग�, में� स�ट` बजा�ऊं� ग�। मेंर� स�ट` स4�तं हा� सब उडा जा���।”

स4बहा बहाक्तिलोयां� आयां�। हा�स� � वhस� हा� निकीयां�, जाhस� तं�ऊं � समेंझे�यां� था�। सचमें4च बहाक्तिलोयां� हा�स� की� में4द�% समेंझेकीर जामें�� पंर पंटकीतं� गयां�। स�ट` की� आव�जा की स�था हा� स�र हा�स उडा गएँ। बहाक्तिलोयां� अव�की हा�कीर दर्खतं� रहा गयां�।

सी�खः� ब4जिiमें��� की� सलो�हा ग�भी�रतं� स लो�� च�निहाएँ।

आपंस की� फू$ टप्रे�च�� समेंयां में, एँकी निवक्तिचत्र पं(� रहातं� था�। उसकी� धडा एँकी हा� था�, पंरन्तं4 क्तिसर द� था ��में था� उसकी� भी�रु� डा। एँकी शर�र हा�� की ब�वजा$द उसकी क्तिसर� में, एँकीतं� �हा> था� और � हा� था� तं�लोमेंलो। व एँकी दूसर स बhर रर्खतं था। हार जा�व स�च� समेंझे� की� की�में दिदमें�ग स कीरतं� हा� और दिदमें�ग हा�तं� हा� क्तिसर में, द� क्तिसर हा�� की की�रणी भी�रु� डा की दिदमें�ग भी� द� था। जिजा�में, स एँकी पं$रब जा�� की� स�चतं� तं� दूसर� पंक्षिWमें फूलो यांहा हा�तं� था� निकी ट��ग, एँकी कीदमें पं$रब की� ओर चलोतं� तं� अगलो� कीदमें पंक्षिWमें की� ओर और भी�रू� डा स्वयां� की� वहा> र्खडा� पं�तं� तं�। भी�रु� डा की� जा�व� बस द� क्तिसर� की ब�च रस्स�कीस� ब�कीर रहा गयां� था�।

Page 3: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

एँकी दिद� भी�रु� डा भी�जा� की� तंलो�श में, �द` तंट पंर ध$में रहा� था� निकी एँकी क्तिसर की� ��च निगर� एँकी फूलो �जार आयां�। उस� च�च में�रकीर उस चर्खकीर दर्ख� तं� जा�भी चटकी�� लोग� “व�हा! ऐस� स्व�दिदष्ट फूलो तं� में�� आजा तंकी कीभी� �हा> र्ख�यां�। भीगव�� � दुनि�यां� में, क्यां�-क्यां� च�जा, ब��ई हा�।”

“अच्छा�! जार� में� भी� चर्खकीर दर्ख$�।” कीहाकीर दूसर � अपं�� च�च उस फूलो की� ओर बढ�ई हा� था� निकी पंहालो क्तिसर � झेटकीकीर दूसर क्तिसर की� दूर फू, की� और ब�लो� “अपं�� ग�द` च�च इस फूलो स दूर हा� रर्ख। यांहा फूलो में�� पं�यां� हा� और इस में� हा� र्ख�ऊं� ग�।”

“अर! हामें| द��� एँकी हा� शर�र की भी�ग हा�। र्ख��-पं�� की� च�जा, तं� हामें, ब��टकीर र्ख��� च�निहाएँ।” दूसर क्तिसर � दलो�लो द`। पंहालो� क्तिसर कीहा� लोग� “ठीdकी! हामें एँकी शर�र की भी�ग हा�। पंट हामें�र एँकी हा� हा�। में� इस फूलो की� र्ख�ऊं� ग� तं� वहा पंट में, हा� तं� जा�एँग� और पंट तंर� भी� हा�।”

दूसर� क्तिसर ब�लो� “र्ख�� की� मेंतंलोब की वलो पंट भीर�� हा� �हा> हा�तं� भी�ई। जा�भी की� स्व�द भी� तं� की�ई च�जा हा�। तंब�यांतं की� स�तं4यिष्ट तं� जा�भी स हा� यिमेंलोतं� हा�। र्ख�� की� असलो� मेंजा� तं� में4�हा में, हा� हा�।”

पंहालो� क्तिसर तं4�कीर क्तिचढ�� व�लो स्वर में, ब�लो� “में�� तंर� जा�भी और र्ख�� की मेंजा की� ठीकी� था�डा हा� लो रर्ख� हा�। फूलो र्ख�� की ब�द पंट स डाकी�र आएँग�। वहा डाकी�र तंर में4�हा स भी� नि�कीलोग�। उस� स ग4जा�र� चलो� लो��। अब ज्यां�द� बकीव�स � कीर और में4झे श��नितं स फूलो र्ख�� द।” ऐस� कीहाकीर पंहालो� क्तिसर चटकी�र लो-लोकीर फूलो र्ख�� लोग�।

इस घोट�� की ब�द दूसर क्तिसर � बदलो� लो� की� ठी�� लो� और मेंOकी की� तंलो�श में, रहा� लोग�। की4 छः दिद� ब�द निफूर भी�रु� डा भी�जा� की� तंलो�श में, घो$में रहा� था� निकी दूसर क्तिसर की� �जार एँकी फूलो पंर पंडा�। उस जिजास च�जा की� तंलो�श था�, उस वहा यिमेंलो गई था�। दूसर� क्तिसर उस फूलो पंर च�च में�र� हा� जा� रहा� था� निकी निकी पंहालो क्तिसर � च�र्खकीर चतं�व�� द` “अर, अर! इस फूलो की� मेंतं र्ख���। क्यां� तं4झे पंतं� �हा> निकी यांहा निवर्षोंhलो� फूलो हा�? इस र्ख�� पंर मेंPत्यां4 भी� हा� सकीतं� हाh।”

दूसर� क्तिसर हा�स� “हा हा हा! तं4 च4पंच�पं अपं�� की�में दर्ख। तं4झे क्यां� लो�� हा� निकी में� क्यां� र्ख� रहा� हूं�? भी$लो गयां� उस दिद� की� ब�तं?”

पंहालो क्तिसर � समेंझे�� निकी की�क्तिशश की� “तं4� यांहा फूलो र्ख� क्तिलोयां� तं� हामें द��� मेंर जा�एँ�ग।”

दूसर� क्तिसर तं� बदलो� लो� पंर उतं�रु था�। ब�लो� “मेंh� तंर मेंर�-जा�� की� ठीकी� था�डा हा� लो रर्ख� हा�? में� जा� र्ख��� च�हातं� हूं�, वहा र्ख�ऊं� ग� च�हा उसकी� �तं�जा� की4 छः भी� हा�। अब में4झे श��नितं स निवर्षोंhलो� फूलो र्ख�� द।”

दूसर क्तिसर � स�र� निवर्षोंhलो� फूलो र्ख� क्तिलोयां� और भी�रु� डा तंडापं-तंडापंकीर मेंर गयां�।

सी�खः� आपंस की� फू$ ट सद� लो डा$बतं� हा�।

एँकी और एँकी ग्यां�रहाएँकी ब�र की� ब�तं हा� निकी ब�निगर� की घो� जा�गलो में, एँकी उन्में4त्त हा�था� � भी�र� उत्पं�तं मेंच� रर्ख� था�। वहा अपं�� तं�कीतं की �श में, च$र हा�� की की�रणी निकीस� की� की4 छः �हा> समेंझेतं� था�।

ब�निगर� में, हा� एँकी पंडा पंर एँकी क्तिचनिडायां� व क्तिचडा की� छः�ट�-स� स4र्ख� स�स�र था�। क्तिचनिडायां� अ�डा� पंर बhठीd �न्हा,-�न्हा, प्यां�र बच्चा� की नि�कीलो� की स4�हार सपं� दर्खतं� रहातं�। एँकी दिद� क्रू$ र हा�था� गरजातं�, सिंचXघो�डातं� पंडा� की� तं�डातं�-मेंर�डातं� उस� ओर आयां�। दर्खतं हा� दर्खतं उस� क्तिचनिडायां� की घो�सलो व�लो� पंडा भी� तं�डा डा�लो�। घो�सलो� ��च आ निगर�। अ�डा ट$ट गएँ और ऊंपंर स हा�था� की� पंhर उस पंर पंडा�।

क्तिचनिडायां� और क्तिचडा� च�र्ख� क्तिचल्लो�� की क्तिसव� और की4 छः � कीर सकी । हा�था� की जा�� की ब�द क्तिचनिडायां� छः�तं� पं�ट-पं�टकीर र�� लोग�। तंभी� वहा�� कीठीफू�ठीव� आई। वहा क्तिचनिडायां� की� अच्छा` यिमेंत्र था�। कीठीफू�डाव� � उ�की र�� की� की�रणी पं$छः� तं� क्तिचनिडायां� � अपं�� स�र� कीहा��� कीहा डा�लो�। कीठीफू�डाव� ब�लो� “इस प्रेकी�र गमें में, डा$ब रहा� स की4 छः �हा> हा�ग�। उस हा�था� की� सबकी क्तिसर्ख�� की क्तिलोएँ हामें की4 छः कीर�� हा�ग�।”

क्तिचनिडायां� � नि�र�श� दिदर्ख�ई “हामें, छः�ट-में�ट जा�व उस बलोश�लो� हा�था� स कीh स टक्कीर लो सकीतं हा�?”

कीठीफू�डाव� � समेंझे�यां� “एँकी और एँकी यिमेंलोकीर ग्यां�रहा ब�तं हा�। हामें अपं�� शक्ति2यां�� जा�डा,ग।”

“कीh स?” क्तिचनिडायां� � पं$छः�।

“मेंर� एँकी यिमेंत्र व>आर्ख ��मेंकी भी�वर� हा�। हामें, उसस सलो�हा लो�� च�निहाएँ।” क्तिचनिडायां� और कीठीफू�डाव� भी�वर स यिमेंलो�। भी�वर� ग4�ग4��यां� “यांहा तं� बहुतं ब4र� हुआ। मेंर� एँकी में,ढकी यिमेंत्र हा� आओ, उसस सहा�यांतं� में��ग।”

अब तं��� उस सर�वर की निकी��र पंहु�च, जाहा�� वहा मेंढकी रहातं� था�। भी�वर � स�र� समेंस्यां� बतं�ई। में,ढकी भीर�%यां स्वर में, ब�लो� “आपं लो�ग धhयां% स जार� यांहा> मेंर� प्रेतं�(� कीर,। में� गहार पं�� में, बhठीकीर स�चतं� हूं�।”

ऐस� कीहाकीर में,ढकी जालो में, की$ द गयां�। आध घो�ट ब�द वहा पं��� स ब�हार आयां� तं� उसकी� आ�र्ख चमेंकी रहा� था�। वहा ब�लो� “द�स्तं�! उस हात्यां�र हा�था� की� �ष्ट कीर� की� मेंर दिदमें�ग में, एँकी बडा� अच्छा` यां�जा�� आई हा�। उसमें, सभी� की� यां�गद�� हा�ग�।”

में,ढकी � जाhस हा� अपं�� यां�जा�� बतं�ई,सब र्ख4श� स उछःलो पंडा। यां�जा�� सचमें4च हा� अदभी4तं था�। में,ढकी � द�ब�र� ब�र�-ब�र� सबकी� अपं��-अपं�� र�लो समेंझे�यां�।

Page 4: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

की4 छः हा� दूर वहा उन्मेंत्त हा�था� तं�डाफू�डा मेंच�कीर व पंट भीरकीर की�पंलो� व�लो� श�र्ख�एँ� र्ख�कीर मेंस्तं� में, र्खडा� झे$में रहा� था�। पंहालो� की�में भी�वर की� था�। वहा हा�था� की की��� की पं�स जा�कीर मेंध4र र�ग ग4�जा�� लोग�। र�ग स4�कीर हा�था� मेंस्तं हा�कीर आ�र्ख, ब�द कीरकी झे$में� लोग�।

तंभी� कीठीफू�डाव� � अपं�� की�में कीर दिदर्ख�यां�। वहा| आई और अपं�� स4ई जाhस� �4की�लो� च�च स उस� तंजा� स हा�था� की� द��� आ�र्ख, ब>ध डा�लो�। हा�था� की� आ�र्ख फू$ ट गईं। वहा तंडापंतं� हुआ अ�ध� हा�कीर इधर-उधर भी�ग� लोग�।

जाhस-जाhस समेंयां ब�तंतं� जा� रहा� था�, हा�था� की� क्रू�ध बढतं� जा� रहा� था�। आ�र्ख� स �जार � आ� की की�रणी ठी�कीर� और टक्कीर� स शर�र जाख्में� हा�तं� जा� रहा� था�। जाख्में उस और क्तिचल्लो�� पंर मेंजाब$र कीर रहा था।

क्तिचनिडायां� कीP तंज्ञ स्वर में, मेंढकी स ब�लो� “बनिहायां�, में� आजा�व� तं4म्हा�र� आभी�र� रहूं�ग�। तं4में� मेंर� इतं�� सहा�यांतं� कीर द`।”

मेंढकी � कीहा� “आभी�र में��� की� जारुरतं �हा>। यिमेंत्र हा� यिमेंत्र� की की�में आतं हा�।”

एँकी तं� आ�र्ख� में, जालो� और ऊंपंर स क्तिचल्लो�तं-सिंचXघो�डातं हा�था� की� गलो� स$र्ख गयां�। उस तंजा प्यां�स लोग� लोग�। अब उस एँकी हा� च�जा की� तंलो�श था�, पं���।

मेंढकी � अपं� बहुतं स ब�ध4-ब��धव� की� इकीट्ठा� निकीयां� और उन्हा, लो जा�कीर दूर बहुतं बडा गड्ढे की निकी��र बhठीकीर टर�%� की क्तिलोएँ कीहा�। स�र मेंढकी टर�%� लोग।

मेंढकी की� टर�%हाट स4�कीर हा�था� की की�� र्खडा हा� गएँ। वहा यांहा जा��तं� तं� निकी मेंढकी जालो स्त्र�तं की नि�कीट हा� व�स कीरतं हा�। वहा उस� दिदश� में, चलो पंडा�।

टर�%हाट और तंजा हा�तं� जा� रहा� था�। प्यां�स� हा�था� और तंजा भी�ग� लोग�।

जाhस हा� हा�था� गड्ढे की नि�कीट पंहु�च�, मेंढकी� � पं$र� जा�र लोग�कीर टर�%�� श4रु निकीयां�। हा�था� आग बढ� और निवश�लो पंत्थर की� तंरहा गड्ढे में, निगर पंडा�, जाहा�� उसकी प्रे�णी पंर्खरु उडातं दर � लोग इस प्रेकी�र उस अहा�की�र में, डा$ब हा�था� की� अ�तं हुआ।

सी�खः� 1.एँकीतं� में, बलो हा�।

2.अहा�की�र� की� दर यां� सबर अ�तं हा�तं� हा� हा�।एँकीतं� की� बलोएँकी समेंयां की� ब�तं हा� निकी कीब$तंर� की� एँकी दलो आसमें�� में, भी�जा� की� तंलो�श में, उडातं� हुआ जा� रहा� था�। गलोतं� स वहा दलो भीटकीकीर ऐस प्रेदश की ऊंपंर स ग4जार� , जाहा�� भीयां�कीर अकी�लो पंडा� था�। कीब$तंर� की� सरद�र सिंचXनितंतं था�। कीब$तंर� की शर�र की� शक्ति2 समें�प्तं हा�तं� जा� रहा� था�। श�घ्र हा� की4 छः द��� यिमेंलो�� जारुर� था�। दलो की� यां4व� कीब$तंर सबस ��च उडा रहा� था�। भी�जा� �जार आ� पंर उस हा� ब�की� दलो की� स4क्तिचतं कीर�� था�। बहुतं समेंयां उडा� की ब�द कीहा> वहा स$र्ख�ग्रस्तं (त्र स ब�हार आयां�। ��च हारिरयां�लो� �जार आ� लोग� तं� भी�जा� यिमेंलो� की� उम्में�द ब��। यां4व� कीब$तंर और ��च उडा�� भीर� लोग�। तंभी� उस ��च र्खतं में, बहुतं स�र� अन्न निबर्खर� �जार आयां� “च�च�, ��च एँकी र्खतं में, बहुतं स�र� द��� निबर्खर� पंडा� हा�। हामें सबकी� पंट भीर जा�एँग�।’

सरद�र � स$च�� पं�तं हा� कीब$तंर� की� ��च उतंरकीर र्खतं में, निबर्खर� द��� च4�� की� आदश दिदयां�। स�र� दलो ��च उतंर� और द��� च4�� लोग�। व�स्तंव में, वहा द��� पं(� पंकीडा� व�लो एँकी बहाक्तिलोएँ � निबर्खर रर्ख� था�। ऊंपंर पंडा पंर तं�� था� उसकी� जा�लो। जाhस हा� कीब$तंर दलो द��� च4ग� लोग�, जा�लो उ� पंर आ निगर�। स�र कीब$तंर फू� स गएँ।

कीब$तंर� की सरद�र � में�था� पं�ट� “ओहा! यांहा तं� हामें, फू� स�� की क्तिलोएँ फूh लो�यां� गयां� जा�लो था�। भी$र्ख � मेंर� अक्लो पंर पंद�% डा�लो दिदयां� था�। में4झे स�च�� च�निहाएँ था� निकी इतं�� अन्न निबर्खर� हा�� की� की�ई मेंतंलोब हा�। अब पंछःतं�एँ हा�तं क्यां�, जाब क्तिचनिडायां� च4ग गई र्खतं?”

एँकी कीब$तंर र�� लोग� “हामें सब में�र जा�एँ�ग।”

ब�की� कीब$तंर तं� निहाम्मेंतं हा�र बhठी था, पंर सरद�र गहार� स�च में, डा$ब� था�। एँकी�एँकी उस� कीहा� “स4��, जा�लो मेंजाब$तं हा� यांहा ठीdकी हा�, पंर इसमें, इतं�� भी� शक्ति2 �हा> निकी एँकीतं� की� शक्ति2 की� हार� सकी । हामें अपं�� स�र� शक्ति2 की� जा�डा तं� मेंOतं की में4�हा में, जा�� स बच सकीतं हा�।”

यां4व� कीब$तंर फूडाफूडा�यां� “च�च�! स�फू-स�फू बतं�ओ तं4में क्यां� कीहा�� च�हातं हा�। जा�लो � हामें, तं�डा रर्ख� हा�, शक्ति2 कीh स जा�डा?”

सरद�र ब�लो� “तं4में सब च�च स जा�लो की� पंकीडा�, निफूर जाब में� फू4 र% कीहूं� तं� एँकी स�था जा�र लोग�कीर उडा��।”

सब� ऐस� हा� निकीयां�। तंभी� जा�लो निबछः�� व�लो� बहाक्तिलोयां�� आतं� �जार आयां�। जा�लो में, कीब$तंर की� फू� स� दर्ख उसकी� आ�र्ख, चमेंकी�। हा�था में, पंकीडा� डा�डा� उस� मेंजाब$तं� स पंकीडा� व जा�लो की� ओर दOडा�।

बहाक्तिलोयां� जा�लो स की4 छः हा� दूर था� निकी कीब$तंर� की� सरद�र ब�लो� “फू4 र%र%र%!”

स�र कीब$तंर एँकी स�था जा�र लोग�कीर उडा तं� पं$र� जा�लो हाव� में, ऊंपंर उठी� और स�र कीब$तंर जा�लो की� लोकीर हा� उडा� लोग। कीब$तंर� की� जा�लो सनिहातं उडातं दर्खकीर बहाक्तिलोयां� अव�की रहा गयां�। की4 छः स�भीलो� तं� जा�लो की पं�छः दOडा� लोग�। कीब$तंर सरद�र � बहाक्तिलोएँ की� ��च जा�लो की पं�छः दOडातं पं�यां� तं� उसकी� इर�द� समेंझे गयां�। सरद�र भी� जा��तं� था� निकी अयिधकी दर तंकी कीब$तंर दलो की क्तिलोएँ जा�लो सनिहातं उडातं रहा�� स�भीव � हा�ग�। पंर सरद�र की पं�स इसकी� उपं�यां था�। नि�कीट हा� एँकी पंहा�डा� पंर निबलो ब��कीर उसकी� एँकी च$हा� यिमेंत्र

Page 5: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

रहातं� था�। सरद�र � कीब$तंर� की� तंजा� स उस पंहा�डा� की� ओर उडा� की� आदश दिदयां�। पंहा�डा� पंर पंहु�चतं हा� सरद�र की� स�की तं पं�कीर जा�लो समेंतं कीब$तंर च$हा की निबलो की नि�कीट उतंर।

सरद�र � यिमेंत्र च$हा की� आव�जा द`। सरद�र � स�(पं में, च$हा की� स�र� घोट�� बतं�ई और जा�लो की�टकीर उन्हा, आजा�द कीर� की क्तिलोएँ कीहा�। की4 छः हा� दर में, च$हा � वहा जा�लो की�ट दिदयां�। सरद�र � अपं� यिमेंत्र च$हा की� धन्यांव�द दिदयां� और स�र� कीब$तंर दलो आकी�श की� ओर आजा�द` की� उडा�� भीर� लोग�।

सी�खः� एँकीजा4ट हा�कीर बडा� स बडा� निवपंक्षित्त की� स�में�� निकीयां� जा� सकीतं� हा�।

कीOएँ और उल्लो$बहुतं समेंयां पंहालो की� ब�तं हा� निकी एँकी व� में, एँकी निवश�लो बरगद की� पंडा कीOओं की� र�जाध��� था�। हाजा�र� कीOएँ उस पंर व�स कीरतं था। उस� पंडा पंर कीOओं की� र�जा� मेंघोवणी% भी� रहातं� था�।

बरगद की पंडा की पं�स हा� एँकी पंहा�डा� था�, जिजासमें, अस�ख्यां ग4फू�एँ� था>। उ� ग4फू�ओं में, उल्लो$ नि�व�स कीरतं था, उ�की� र�जा� अरिरमेंद%� था�। अरिरमेंद%� बहुतं पंर�क्रूमें� र�जा� था�। कीOओं की� तं� उस� उल्लो4ओं की� दुश्में� �म्बर एँकी घो�निर्षोंतं कीर% रर्ख� था�। उस कीOओं स इतं�� �फूरतं था� निकी निकीस� कीOएँ की� में�र निब�� वहा भी�जा� �हा> कीरतं� था�।

जाब बहुतं अयिधकी कीOएँ में�र जा�� लोग तं� उ�की र�जा� मेंघोवणी% की� बहुतं क्तिचन्तं� हुई। उस� कीOओं की� एँकी सभी� इस समेंस्यां� पंर निवच�र कीर� की क्तिलोएँ ब4लो�ई। मेंघोवणी% ब�लो� “मेंर प्यां�र कीOओ, आपंकी� तं� पंतं� हा� हा� निकी उल्लो4ओं की आक्रूमेंणी� की की�रणी हामें�र� जा�व� अस4रक्षि(तं हा� गयां� हा�। हामें�र� शत्र4 शक्ति2श�लो� हा� और अहा�की�र� भी�। हामें पंर र�तं की� हामेंलो निकीएँ जा�तं हा�। हामें र�तं की� दर्ख �हा> पं�तं। हामें दिद� में, जाव�ब� हामेंलो� �हा> कीर पं�तं, क्यां�निकी व ग4फू�ओं की अ�धर� में, स4रक्षि(तं बhठी रहातं हा�।”

निफूर मेंघोवणी% � स्यां�� और ब4जिiमें�� कीOओं स अपं� स4झे�व द� की क्तिलोएँ कीहा�।

एँकी डारपं�की कीOआ ब�लो� “हामें, उल्लो$� स समेंझेOतं� कीर लो�� च�निहाएँ। वहा जा� शतं� रर्ख,, हामें स्व�की�र कीर,। अपं� स तंकीतंवर दुश्में� स निपंटतं रहा� में, क्यां� तं4की हाh?”

बहुतं-स कीOओं � की�� की�� कीरकी निवर�ध प्रेकीट निकीयां�। एँकी गमें% दिदमें�ग की� कीOआ च�र्ख� “हामें, उ� दुष्ट� स ब�तं �हा> कीर�� च�निहाएँ। सब उठी� और उ� पंर आक्रूमेंणी कीर द�।”

एँकी नि�र�श�व�द` कीOआ ब�लो� “शत्र4 बलोव�� हा�। हामें, यांहा स्था�� छः�डाकीर चलो जा��� च�निहाएँ।”

स्यां�� कीOएँ � सलो�हा द` “अपं�� घोर छः�डा�� ठीdकी �हा> हा�ग�। हामें यांहा�� स गएँ तं� निबल्की4 लो हा� ट$ट जा�एँ�ग। हामें यांहा> रहाकीर और पंक्षि(यां� स सहा�यांतं� लो�� च�निहाएँ।”

कीOओं में, सबस चतं4र व ब4जिiमें�� ज्जिस्थारजा�व� ��मेंकी कीOआ था�, जा� च4पंच�पं बhठी� सबकी� दलो�लो, स4� रहा� था�। र�जा� मेंघोवणी% उसकी� ओर में4डा� “मेंहा�शयां, आपं च4पं हा�। में� आपंकी� र�यां जा���� च�हातं� हूं�।”

ज्जिस्थारजा�व� ब�लो� “मेंहा�र�जा, शत्र4 अयिधकी शक्ति2श�लो� हा� तं� छःलो��नितं स की�में लो�� च�निहाएँ।”

“कीh स� छःलो��नितं? जार� स�फू-स�फू बतं�इएँ, ज्जिस्थारजा�व�।” र�जा� � कीहा�।

ज्जिस्थारजा�व� ब�लो� “आपं में4झे भीलो�-ब4र� कीनिहाएँ और में4झे पंर जा��लोव� हामेंलो� की�जिजाएँ।’

मेंघोवणी% चKकी� “यांहा आपं क्यां� कीहा रहा हा� ज्जिस्थारजा�व�?”

ज्जिस्थारजा�व� र�जा� मेंघोवणी% व�लो� डा�लो� पंर जा�कीर की�� में ब�लो� “छःलो��नितं की क्तिलोएँ हामें, यांहा ��टकी कीर�� पंडाग�। हामें�र आसपं�स की पंडा� पंर उल्लो$ जा�स$स हामें�र� इस सभी� की� स�र� की�यां%व�हा� दर्ख रहा हा�। उन्हा दिदर्ख�कीर हामें, फू$ ट और झेगडा की� ��टकी कीर�� हा�ग�। इसकी ब�द आपं स�र कीOओं की� लोकीर ॠष्यांमें$की पंव%तं पंर जा�कीर मेंर� प्रेतं�(� कीर,। में� उल्लो4ओं की दलो में, श�यिमेंलो हा�कीर उ�की निव��श की� स�में�� जा4ट�ऊं� ग�। घोर की� भीद` ब�कीर उ�की� लो�की� ढ�ऊं� ग�।”

निफूर ��टकी श4रु हुआ। ज्जिस्थारजा�व� क्तिचल्लो�कीर ब�लो� “में� जाhस� कीहातं� हूं�, वhस� कीर र�जा� कीर र�जा� की बच्चा। क्यां� हामें, मेंरव�� पंर तं4लो� हा�?”

मेंघो�वणी% च�र्ख उठी� “गद्दा�र, र�जा� स ऐस� बदतंमें�जा� स ब�लो� की� तंर� निहाम्मेंतं कीh स हुई?”कीई कीOएँ एँकी स�था क्तिचल्लो� उठी “इस गद्दा�र की� में�र द�।”

र�जा� मेंघोवणी% � अपं� पं�र्ख स ज्जिस्थारजा�व� की� जा�रद�र झे�पंडा में�रकीर तं�� स निगर� दिदयां� और घो�र्षोंणी� की� “में� गद्दा�र ज्जिस्थारजा�व� की� कीOआ समें�जा स नि�की�लो रहा� हूं�। अब स की�ई कीOआ इस ��च स की�ई स�बध �हा> रर्खग�।”

आसपं�स की पंडा� पंर क्तिछःपं बhठी उल्लो$ जा�स$स� की� आ�र्ख चमेंकी उठीd। उल्लो4ओं की र�जा� की� जा�स$स� � स$च�� द` निकी कीOओं में, फू$ ट पंडा गई हा�। में�र-पं�ट और ग�लो�-गलोOच हा� रहा� हा�। इतं�� स4�तं हा� उल्लो4ओं की स��पंनितं � र�जा� स कीहा� “मेंहा�र�जा, यांहा� मेंOकी� हा� कीOओं पंर आक्रूमेंणी कीर� की�। इस समेंयां हामें उन्हा, आस��� स हार� द,ग।”

उल्लो4ओं की र�जा� अरिरमेंद%� की� स��पंनितं की� बतं� सहा� लोग�। उस� तं4र�तं आक्रूमेंणी की� आदश द दिदयां�। बस निफूर क्यां� था� हाजा�र� उल्लो4ओं की� स�� बरगद की पंडा पंर आक्रूमेंणी कीर� चलो द`। पंरन्तं4 वहा�� एँकी भी� कीOआ �हा> यिमेंलो�।

Page 6: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

यिमेंलोतं� भी� कीh स? यां�जा�� की अ�4स�र मेंघोवणी% स�र कीOओं की� लोकीर ॠष्यांमें$की पंव%तं की� ओर की$ च कीर गयां� था�। पंडा र्ख�लो� पं�कीर उल्लो4ओं की र�जा� � था$की� “कीOएँ हामें�र� स�में�� कीर� की� बजा�एँ भी�ग गएँ। ऐस की�यांर� पंर हाजा�र था$।” स�र उल्लो$ ‘हूं हूं’ की� आव�जा नि�की�लोकीर अपं�� जा�तं की� घो�र्षोंणी� कीर� लोग। ��च झे�निडायां� में, निगर� पंडा� ज्जिस्थारजा�व� कीOआ यांहा सब दर्ख रहा� था�। ज्जिस्थारजा�व� � की��-की�� की� आव�जा नि�की�लो�। उस दर्खकीर जा�स$स उल्लो$ ब�लो� “अर, यांहा तं� वहा� कीOआ हा�, जिजास इ�की� र�जा� धक्की� दकीर निगर� रहा� था� और अपंमें�नि�तं कीर रहा� था�।’

उल्लो4ओं की� र�जा� भी� आयां�। उस� पं$छः� “तं4म्हा�र� यांहा दुद%श� कीh स हुई?” ज्जिस्थारजा�व� ब�लो� “में� र�जा� मेंघोवणी% की� ��नितंमें�त्र� था�। में�� उ�की� �की सलो�हा द` निकी उल्लो4ओं की� �तंPत्व इस समेंयां एँकी पंर�क्रूमें� र�जा� कीर रहा हा�। हामें, उल्लो4ओं की� अध��तं� स्व�की�र कीर लो�� च�निहाएँ। मेंर� ब�तं स4�कीर मेंघोवणी% क्रू�यिधतं हा� गयां� और में4झे फूटकी�र कीर कीOओं की� जा�नितं स ब�हार कीर दिदयां�। में4झे अपं�� शरणी में, लो लो�जिजाएँ।”

उल्लो4ओं की� र�जा� अरिरमेंद%� स�च में, पंडा गयां�। उसकी स्यां�� ��नितं सलो�हाकी�र � की�� में, कीहा� “र�जा�, शत्र4 की� ब�तं की� निवश्वा�स �हा> कीर�� च�निहाएँ। यांहा हामें�र� शत्र4 हा�। इस में�र द�।” एँकी च�पंलो$स में�त्र� ब�लो� “�हा> मेंहा�र�जा! इस कीOएँ की� अपं� स�था यिमेंलो�� में, बडा� लो�भी रहाग�। यांहा कीOओं की घोर की भीद हामें, बतं�एँग�।”

र�जा� की� भी� ज्जिस्थारजा�व� की� अपं� स�था यिमेंलो�� में, लो�भी �जार आयां� अओ उल्लो$ ज्जिस्थारजा�व� कीOएँ की� अपं� स�था लो गएँ। वहा�� अरिरमेंद%� � उल्लो$ सवकी� स कीहा� “ज्जिस्थारजा�व� की� ग4फू� की श�हा� मेंहामें�� की(में, ठीहार�ओ। इन्हा, की�ई कीष्ट �हा> हा��� च�निहाएँ।”

ज्जिस्थारजा�व� हा�था जा�डाकीर ब�लो� “मेंहा�र�जा, आपं� में4झे शरणी द`, यांहा� बहुतं हा�। में4झे अपं�� श�हा� ग4फू� की ब�हार एँकी पंत्थर पंर सवकी की� तंरहा हा� रहा� द`जिजाएँ। वहा�� बhठीकीर आपंकी ग4णी ग�तं रहा� की� हा� मेंर� इच्छा� हा�।” इस प्रेकी�र ज्जिस्थारजा�व� श�हा� ग4फू� की ब�हार डार� जामें�कीर बhठी गयां�।

ग4फू� में, ��नितं सलो�हाकी�र � र�जा� स निफूर स कीहा� “मेंहा�र�जा! शत्र4 पंर निवश्वा�स मेंतं कीर�। उस अपं� घोर में, स्था�� द�� तं� आत्मेंहात्यां� कीर� समें�� हा�।” अरिरमेंद%� � उस क्रू�ध स दर्ख� “तं4में में4झे ज्यां�द� ��नितं समेंझे�� की� की�क्तिशश मेंतं कीर�। च�हा� तं� तं4में यांहा�� स जा� सकीतं हा�।” ��नितं सलो�हाकी�र उल्लो$ अपं� द�-तं�� यिमेंत्र� की स�था वहा�� स सद� की क्तिलोएँ यांहा कीहातं� हुआ “निव��शकी�लो निवपंर�तं ब4जिi।”

की4 छः दिद�� ब�द ज्जिस्थारजा�व� लोकीनिडायां�� लो�कीर ग4फू� की द्वा�र की पं�स रर्ख� लोग� “सरकी�र, सर्दिदXयां�� आ� व�लो� हा�। में� लोकीनिडायां� की� झे�पंडा� ब���� च�हातं� हूं� तं�निकी ठी� डा स बच�व हा�।’ ध�र-ध�र लोकीनिडायां� की� की�फू� ढर जामें� हा� गयां�। एँकी दिद� जाब स�र उल्लो$ स� रहा था तं� ज्जिस्थारजा�व� वहा�� स उडाकीर स�ध ॠष्यांमें$की पंव%तं पंर पंहु�च�, जाहा�� मेंघोवणी% और कीOओं सनिहातं उस� की� प्रेतं�(� कीर रहा था। ज्जिस्थारजा�व� � कीहा� “अब आपं सब नि�कीट की जा�गलो स जाहा�� आग लोग� हा� एँकी-एँकी जालोतं� लोकीडा� च�च में, उठी�कीर मेंर पं�छः आइएँ।”

कीOओं की� स�� च�च में, जालोतं� लोकीनिडायां�� पंकीडा ज्जिस्थारजा�व� की स�था उल्लो4ओं की� ग4फू�ओं में, आ पंहु�च�। ज्जिस्थारजा�व� द्वा�र� ढ र लोग�ई लोकीनिडायां� में, आग लोग� द` गई। सभी� उल्लो$ जालो� यां� दमें घो4ट� स मेंर गएँ। र�जा� मेंघोवणी% � ज्जिस्थारजा�व� की� कीOआ रत्� की� उपं�यिध द`।

सी�खः� शत्र4 की� अपं� घोर में, पं��हा द�� अपं� हा� निव��श की� स�में�� जा4ट��� हा�।

र्खरग�श की� चतं4र�ईनिकीस� घो� व� में, एँकी बहुतं बड़ा� शर रहातं� था�। वहा र�जा क्तिशकी�र पंर नि�कीलोतं� और एँकी हा� �हा>, द� �हा> कीई-कीई जा��वर� की� की�में तंमें�में दतं�। जा�गलो की जा��वर डार� लोग निकी अगर शर इस� तंरहा क्तिशकी�र कीरतं� रहा� तं� एँकी दिद� ऐस� आयांग� निकी जा�गलो में, की�ई भी� जा��वर �हा> बचग�।

स�र जा�गलो में, स�स�� फूh लो गई। शर की� र�की� की क्तिलोयां की�ई � की�ई उपं�यां कीर�� ज़रूर� था�। एँकी दिद� जा�गलो की स�र जा��वर इकीट्ठा� हुएँ और इस प्रेश्न पंर निवच�र कीर� लोग। अन्तं में, उन्हा�� तंयां निकीयां� निकी व सब शर की पं�स जा�कीर उ�स इस ब�र में, ब�तं कीर,। दूसर दिद� जा��वर� की एँकीदलो शर की पं�स पंहु�च�। उ�की अपं�� ओर आतं दर्ख शर घोबर� गयां� और उस� गरजाकीर पं$छः�, ‘‘क्यां� ब�तं हाh ? तं4में सब यांहा�� क्यां� आ रहा हा� ?’’

जा��वर दलो की �तं� � कीहा�, ‘‘मेंहा�र�जा, हामें आपंकी पं�स नि�वद� कीर� आयां हा�। आपं र�जा� हा� और हामें आपंकी� प्रेजा�। जाब आपं क्तिशकी�र कीर� नि�कीलोतं हा� तं� बहुतं जा��वर में�र डा�लोतं हा�। आपं सबकी� र्ख� भी� �हा> पं�तं। इस तंरहा स हामें�र� स�ख्यां� कीमें हा�तं� जा� रहा� हाh। अगर ऐस� हा� हा�तं� रहा� तं� की4 छः हा� दिद�� में, जा�गलो में, आपंकी क्तिसव�यां और की�ई भी� �हा> बचग�। प्रेजा� की निब�� र�जा� भी� कीh स रहा सकीतं� हाh ? यांदिद हामें सभी� मेंर जा�यां,ग तं� आपं भी� र�जा� �हा> रहा,ग। हामें च�हातं हा� निकी आपं सद� हामें�र र�जा� ब� रहा,। आपंस हामें�र� निव�तं� हाh निकी आपं अपं� घोर पंर हा� रहा� कीर,। हार र�जा स्वयां� आपंकी र्ख�� की क्तिलोएँ एँकी जा��वर भीजा दिदयां� कीर,ग। इस तंरहा स र�जा� और प्रेजा� द��� हा� चh� स रहा सकी, ग। ’’ शर की� लोग� निकी जा��वर� की� ब�तं में, सच्चा�ई हाh। उस� पंलोभीर स�च�, निफूर ब�लो� अच्छा` ब�तं �हा> हाh। में� तं4म्हा�र स4झे�व की� में�� लोतं� हूं�। लोनिकी� यां�द रर्ख��, अगर निकीस� भी� दिद� तं4में� मेंर र्ख�� की क्तिलोयां पं$र� भी�जा� �हा> भीजा� तं� में� जिजातं� जा��वर च�हूं�ग�, में�र डा�लो$�ग�।’’ जा��वर� की पं�स तं� और की�ई च�र� �हा>। इसक्तिलोयां उन्हा�� शर की� शतं% में�� लो� और अपं�-अपं� घोर चलो गयां।

उस दिद� स हार र�जा शर की र्ख�� की क्तिलोयां एँकी जा��वर भीजा� जा�� लोग�। इसकी क्तिलोयां जा�गलो में, रहा� व�लो सब जा��वर� में, स एँकी-एँकी जा��वर, ब�र�-ब�र� स च4�� जा�तं� था�। की4 छः दिद� ब�द र्खरग�श� की� ब�र� भी� आ गई। शर की भी�जा� की क्तिलोयां एँकी �न्हा, स र्खरग�श की� च4�� गयां�। वहा र्खरग�श जिजातं�� छः�ट� था�, उतं�� हा� चतं4र भी� था�। उस� स�च�, बकी�र में, शर की हा�था� मेंर�� में$र्ख%तं� हाh अपं�� जा�� बच�� की� की�ई � की�ई उपं�यां अवश्यां कीर�� च�निहायां, और हा� सकी तं� की�ई ऐस� तंरकी�ब ढ$�ढ़�� च�निहायां जिजास सभी� की� इस में4स�बतं स सद� की क्तिलोएँ छः4 टकी�र� यिमेंलो जा�यां। आखिर्खर उस� एँकी तंरकी�ब स�च हा� नि�की�लो�।

र्खरग�श ध�र-ध�र आर�में स शर की घोर की� ओर चलो पंड़ा�। जाब वहा शर की पं�स पंहु�च� तं� बहुतं दर हा� च4की� था�।

भी$र्ख की में�र शर की� ब4र� हा�लो हा� रहा� था�। जाब उस� क्तिसफू% एँकी छः�ट स र्खरग�श की� अपं�� ओर आतं दर्ख� तं� ग4स्स स बOर्खलो� उठी� और गरजाकीर ब�लो� , ‘‘निकीस� तं4म्हा, भीजा� हाh ? एँकी तं� निपंद्दा` जाhस हा�, दूसर इतं�� दर स आ रहा हा�। जिजा� बवकी$ फू� � तं4म्हा, भीजा� हाh में� उ� सबकी� ठीdकी कीरू� ग�। एँकी-एँकी की� की�में तंमें�में � निकीयां� तं� मेंर� ��में भी� शर �हा>।’’

Page 7: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

�न्हा र्खर�गश � आदर स ज़में�� तंकी झे4कीकीर, ‘‘मेंहा�र�जा, अगर आपं की� पं� कीरकी मेंर� ब�तं स4� लो, तं� में4झे यां� और जा��वर� की� द�र्षों �हा> द,ग। व तं� जा��तं था निकी एँकी छः�ट� स� र्खरग�श आपंकी भी�जा� की क्तिलोएँ पं$र� �हा> पंड़ाग�, ‘इसक्तिलोएँ उन्हा�� छःहा र्खरग�श भीजा था। लोनिकी� र�स्तं में, हामें, एँकी और शर यिमेंलो गयां�। उस� पं��च र्खरग�श� की� में�रकीर र्ख� क्तिलोयां�।’’

यांहा स4�तं हा� शर दहा�ड़ाकीर ब�लो�, ‘‘क्यां� कीहा� ? दूसर� शर ? कीO� हाh वहा ? तं4में� उस कीहा�� दर्ख� ?’’

‘‘मेंहा�र�जा, वहा तं� बहुतं हा� बड़ा� शर हाh’’, र्खरग�श � कीहा�, ‘‘वहा ज़में�� की अन्दर ब�� एँकी बड़ा� ग4फू� में, स नि�कीलो� था�। वहा तं� में4झे हा� में�र� जा� रहा� था�। पंर में�� उसस कीहा�, ‘सरकी�र, आपंकी� पंतं� �हा> निकी आपं� क्यां� अन्धेर कीर दिदयां� हाh। हामें सब अपं� मेंहा�र�जा की भी�जा� की क्तिलोयां जा� रहा था, लोनिकी� आपं� उ�की� स�र� र्ख��� र्ख� क्तिलोयां� हाh। हामें�र मेंहा�र�जा ऐस� ब�तं, सहा� �हा> कीर,ग। व ज़रूर हा� यांहा�� आकीर आपंकी� में�र डा�लो,ग।’

‘‘इस पंर उस� पं$छः�, ‘कीO� हाh तं4म्हा�र� र�जा� ?’ में�� जाव�ब दिदयां�, ‘हामें�र� र�जा� जा�गलो की� सबस बड़ा� शर हाh।’

‘‘मेंहा�र�जा, ‘मेंर ऐस� कीहातं हा� वहा ग4स्स स लो�लो-पं�लो� हा�कीर ब�लो� बवकी$ फू इस जा�गलो की� र�जा� क्तिसफू% में� हूं�। यांहा�� सब जा��वर मेंर� प्रेजा� हा�। में� उ�की स�था जाhस� च�हूं� वhस� कीर सकीतं� हूं�। जिजास में$र्ख% की� तं4में अपं�� र�जा� कीहातं हा� उस च�र की� मेंर स�में� हा�जिजार कीर�। में� उस बतं�ऊं� ग� निकी असलो� र�जा� कीO� हाh।’ मेंहा�र�जा इतं�� कीहाकीर उस शर � आपंकी� क्तिलोव�� की क्तिलोएँ में4झे यांहा�� भीजा दिदयां�।’’

र्खरग�श की� ब�तं स4�कीर शर की� बड़ा� ग4स्स� आयां� और वहा ब�र-ब�र गरजा� लोग�। उसकी� भीयां��की गरजा स स�र� जा�गलो दहालो� लोग�। ‘‘में4झे फूOर� उस में$र्ख% की� पंतं� बतं�ओ’’, शर � दहा�ड़ाकीर कीहा�, ‘‘जाब तंकी में� उस जा�� स � में�र दू�ग� में4झे चh� �हा> यिमेंलोग�।’’ ‘‘बहुतं अच्छा� मेंहा�र�जा,’’ र्खरग�श � कीहा� ‘‘मेंOतं हा� उस दुष्ट की� सजा� हाh। अगर में� और बड़ा� और मेंजाब$तं हा�तं� तं� में� र्ख4द हा� उसकी ट4कीड़ा-ट4कीड़ा कीर दतं�।’’

‘‘चलो�, ‘र�स्तं� दिदर्ख�ओ,’’ शर � कीहा�, ‘‘फूOर� बतं�ओ निकीधर चलो�� हाh ?’’

‘‘इधर आइयां मेंहा�र�जा, इधर, ‘‘र्खगग�श र�स्तं� दिदर्ख�तं हुआ शर की� एँकी की4 एँ� की पं�स लो गयां� और ब�लो�, ‘‘मेंहा�र�जा, वहा दुष्ट शर ज़में�� की ��च निकीलो में, रहातं� हाh। जार� स�वध�� रनिहायांग�। निकीलो में, छः4 पं� दुश्में� र्खतंर��की हा�तं� हाh।’’ ‘‘में� उसस नि�पंट लो$�ग�,’’ शर � कीहा�, ‘‘तं4में यांहा बतं�ओ निकी वहा हाh कीहा�� ?’’

‘‘पंहालो जाब में�� उस दर्ख� था� तंब तं� वहा यांहा> ब�हार र्खड़ा� था�। लोगतं� हाh आपंकी� आतं� दर्खकीर वहा निकीलो में, घो4स गयां�। आइयां में� आपंकी� दिदर्ख�तं� हूं�।’’

र्खरग�श � की4 एँ� की �जाद`की आकीर शर स अन्दर झे��की� की क्तिलोयां कीहा�। शर � की4 एँ� की अन्दर झे��की� तं� उस की4 एँ� की पं��� में, अपं�� पंरछः�ईं दिदर्ख�ई द`।

पंरछः�ईं की� दर्खकीर शर ज़�र स दहा�ड़ा�। की4 एँ� की अन्दर स आतं� हुई अपं� हा� दहा�ड़ा� की� ग$�जा स4�कीर उस� समेंझे� निकी दूसर� शर भी� दहा�ड़ा रहा� हाh। दुश्में� की� तं4र�तं में�र डा�लो� की इर�द स वहा फूOर� की4 एँ� में, की$ द पंड़ा�।

की$ दतं हा� पंहालो तं� वहा की4 एँ� की� द`व�र स टकीर�यां� निफूर धड़ा�में स पं��� में, निगर� और डा$बकीर मेंर गयां�। इस तंरहा चतं4र�ई स शर स छः4 ट्टी` पं�कीर �न्हा� र्खरग�श घोर लोOट�। उस� जा�गलो की जा��वर� की� शर की में�र जा�� की� कीहा��� स4��ई। दुश्में� की में�र जा�� की� र्खबर स स�र जा�गलो में, र्ख4श� फूh लो गई। जा�गलो की सभी� जा��वर र्खरग�श की� जायां-जायांकी�र कीर� लोग।गजार�जा व में$र्षोंकीर�जाप्रे�च�� की�लो में, एँकी �द` की निकी��र बस� �गर व्य�पं�र की� की न्द्र था�। निफूर आएँ उस �गर की ब4र दिद�, जाब एँकी वर्षों% भी�र� वर्षों�% हुई। �द` � अपं�� र�स्तं� बदलो दिदयां�।

लो�ग� की क्तिलोएँ पं�� की� पं��� � रहा� और दर्खतं हा� दर्खतं �गर व�र�� हा� गयां� अब वहा जागहा की वलो च$हा� की लो�यांकी रहा गई। च�र� ओर च$हा हा� च$हा �जार आ� लोग। च$हा� की� पं$र� स�म्रा�ज्यां हा� स्था�निपंतं हा� गयां�। च$हा� की उस स�म्रा�ज्यां की� र�जा� ब�� में$र्षोंकीर�जा च$हा�। च$हा� की� भी�ग्यां दर्ख�, उ�की बस� की ब�द �गर की ब�हार जामें�� स एँकी पं��� की� स्त्र�तं फू$ ट पंडा� और वहा एँकी बडा� जालो�शयां ब� गयां�।

�गर स की4 छः हा� दूर एँकी घो�� जा�गलो था�। जा�गलो में, अ�निग�तं हा�था� रहातं था। उ�की� र�जा� गजार�जा ��मेंकी एँकी निवश�लो हा�था� था�। उस जा�गलो (त्र में, भीयां��की स$र्ख� पंडा�। जा�व-

जान्तं4 पं��� की� तंलो�श में, इधर-उधर में�र-में�र निफूर� लोग। भी�र� भीरकीमें शर�र व�लो हा�क्तिथायां� की� तं� दुद%श� हा� गई।

हा�क्तिथायां� की बच्चा प्यां�स स व्य�की4 लो हा�कीर क्तिचल्लो�� व दमें तं�डा� लोग। गजार�जा र्ख4द स$र्ख की� समेंस्यां� स सिंचXनितंतं था� और हा�क्तिथायां� की� कीष्ट जा��तं� था�। एँकी दिद� गजार�जा की� यिमेंत्र च�लो � आकीर र्खबर द` निकी र्ख�डाहार ब� �गर की दूसर� ओर एँकी जालो�शयां हा�। गजार�जा � सबकी� तं4र�तं उस जालो�शयां की� ओर चलो� की� आदश दिदयां�। सhकीडा� हा�था� प्यां�स ब4झे�� डा�लोतं हुएँ चलो पंडा। जालो�शयां तंकी पंहु�च� की क्तिलोएँ उन्हा, र्ख�डाहार ब� �गर की ब�च स ग4जार�� पंडा�।

हा�क्तिथायां� की हाजा�र� पंhर च$हा� की� रKदतं हुएँ नि�कीलो गएँ। हाजा�र� च$हा में�र गएँ। र्ख�डाहार �गर की� सडाकी, च$हा� की र्ख$�-में��स की की�चडा स लोथापंथा हा� गई। में4स�बतं यांहा> र्खत्में �हा> हुई। हा�क्तिथायां� की� दलो निफूर उस� र�स्तं स लोOट�। हा�था� र�जा उस� में�ग% स पं��� पं�� जा�� लोग।

की�फू� स�च�-निवच�र� की ब�द में$र्षोंकीर�जा की में�नित्रयां� � कीहा� “मेंहा�र�जा, आपंकी� हा� जा�कीर गजार�जा स ब�तं कीर�� च�निहाएँ। वहा दयां�लो4 हा�था� हा�।” में$र्षोंकीर�जा हा�क्तिथायां� की व� में, गयां�। एँकी बडा पंडा की ��च गजार�जा र्खडा� था�।

में$र्षोंकीर�जा उसकी स�में� की बडा पंत्थर की ऊंपंर चढ� और गजार�जा की� �मेंस्की�र कीरकी ब�लो� “गजार�जा की� में$र्षोंकीर�जा की� �मेंस्की�र। हा मेंहा�� हा�था�, में� एँकी नि�वद� कीर�� च�हातं� हूं�।”

Page 8: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

आव�जा गजार�जा की की��� तंकी �हा> पंहु�च रहा� था�। दयां�लो4 गजार�जा उसकी� ब�तं स4�� की क्तिलोएँ ��च बhठी गयां� और अपं�� एँकी की�� पंत्थर पंर चढ में$र्षोंकीर�जा की नि�कीट लो जा�कीर ब�लो� “�न्हा, यिमेंयां��, आपं की4 छः कीहा रहा था। कीP पंयां� निफूर स कीनिहाएँ।”

में$र्षोंकीर�जा ब�लो� “हा गजार�जा, में4झे च$हा� कीहातं हा�। हामें बडा� स�ख्यां� में, र्ख�डाहार ब�� �गर� में, रहातं हा�। में� उ�की� में$र्षोंकीर�जा हूं�। आपंकी हा�था� र�जा जालो�शयां तंकी जा�� की क्तिलोएँ �गर� की ब�च स ग4जारतं हा�। हार ब�र उ�की पंhर� तंलो की4 चलो जा�कीर हाजा�र� च$हा मेंरतं हा�। यांहा में$र्षोंकी स�हा�र ब�द � हुआ तं� हामें �ष्ट हा� जा�एँ�ग।”

गजार�जा � दुर्ख भीर स्वर में, कीहा� “में$र्षोंकीर�जा, आपंकी� ब�तं स4� में4झे बहुतं श�की हुआ। हामें, ज्ञ�� हा� �हा> था� निकी हामें इतं�� अ�था% कीर रहा हा�। हामें �यां� र�स्तं� ढ$ढ लो,ग।”

में$र्षोंकीर�जा कीP तंज्ञतं� भीर स्वर में, ब�लो� “गजार�जा, आपं� में4झे जाhस छः�ट जा�व की� ब�तं ध्यां�� स स4��। आपंकी� धन्यांव�द। गजार�जा, कीभी� हामें�र� जारुरतं पंडा तं� यां�द जारुर की�जिजाएँग�।”

गजार�जा � स�च� निकी यांहा �न्हा� जा�व हामें�र निकीस� की�में क्यां� आएँग�। स� उस� की वलो में4स्की4 र�कीर में$र्षोंकीर�जा की� निवद� निकीयां�। की4 छः दिद� ब�द पंडाOस� दश की र�जा� � स�� की� मेंजाब$तं ब��� की क्तिलोएँ उसमें, हा�था� श�यिमेंलो कीर� की� नि�णी%यां क्तिलोयां�। र�जा� की लो�ग हा�था� पंकीडा� आएँ। जा�गलो में, आकीर व च4पंच�पं कीई प्रेकी�र की जा�लो निबछः�कीर चलो जा�तं हा�। सhकीडा� हा�था� पंकीडा क्तिलोएँ गएँ। एँकी र�तं हा�क्तिथायां� की पंकीडा जा�� स सिंचXनितंतं गजार�जा जा�गलो में, घो$में रहा था निकी उ�की� पंhर स$र्ख� पंक्षित्तयां� की ��च छःलो स दब�कीर रर्ख रस्स� की फू� द में, फू� स जा�तं� हा�। जाhस हा� गजार�जा � पंhर आग बढ�यां� रस्स� कीस गयां�। रस्स की� दूसर� क्तिसर� एँकी पंडा की में�ट तं� स मेंजाब$तं� स ब�ध� था�। गजार�जा सिंचXघो�डा� लोग�। उस� अपं� सवकी� की� पं4की�र�, लोनिकी� की�ई �हा> आयां�।कीO� फू� द में, फू� स हा�था� की नि�कीट आएँग�? एँकी यां4व� जा�गलो� भी�स� गजार�जा की� बहुतं आदर कीरतं� था�। जाब वहा भी�स� छः�ट� था� तं� एँकी ब�र वहा एँकी गड्ढे में, जा� निगर� था�। उसकी� क्तिचल्लो�हाट स4�कीर गजार�जा � उसकी� जा�अ� बच�ई था�। सिंचXघो�डा स4�कीर वहा दOडा� और फू� द में, फू� स गजार�जा की पं�स पंहु�च�। गजार�जा की� हा�लोतं दर्ख उस बहुतं धक्की� लोग�। वहा च�र्ख� “यांहा कीh स� अन्यां�यां हा�? गजार�जा, बतं�इएँ क्यां� कीरु� ? में� आपंकी� छः4 डा�� की क्तिलोएँ अपं�� जा�� भी� द सकीतं� हूं�।”

गजार�जा ब�लो “बट�, तं4में बस दOडाकीर र्ख�डाहार �गर� जा�ओ और च$हा� की र�जा� में$र्षोंकीर�जा� की� स�र� हा�लो बतं���। उसस कीहा�� निकी मेंर� स�र� आस ट$ट च4की� हा�।

भी�स� अपं�� पं$र� शक्ति2 स दOडा�-दOडा� में$र्षोंकीर�जा की पं�स गयां� और स�र� ब�तं बतं�ई। में$र्षोंकीर�जा तं4र�तं अपं� ब�स-तं�स सhनि�की� की स�था भी�स की� पं�ठी पंर बhठी� और व� श�घ्र हा� गजार�जा की पं�स पंहु�च। च$हा भी�स की� पं�ठी पंर स की$ दकीर फू� द की� रस्स� की4 तंर� लोग। की4 छः हा� दर में, फू� द की� रस्स� कीट गई व गजार�जा आजा�द हा� गएँ।

सी�खः� आपंस� सदभी�व व प्रेमें सद� एँकी दूसर की कीष्ट� की� हार लोतं हा�।

गध� रहा� गध� हा�एँकी जा�गलो में, एँकी शर रहातं� था�। ग�दडा उसकी� सवकी था�। जा�डा� अच्छा` था�। शर� की समें�जा में, तं� उस शर की� की�ई इwतं �हा> था�, क्यां�निकी वहा जाव��� में, सभी� दूसर शर� स यां4i हा�र च4की� था�, इसक्तिलोएँ वहा अलोग-थालोग रहातं� था�। उस ग�दडा जाhस चमेंच की� सख्तं जारुरतं था� जा� चOब�स घो�ट उसकी� चमेंच�निगर� कीरतं� रहा। ग�दडा की� बस र्ख�� की� जा4ग�डा च�निहाएँ था�। पंट भीर जा�� पंर ग�दडा उस शर की� व�रतं� की ऐस ग4णी ग�तं� निकी शर की� स��� फू$ लोकीर दुग�� चOडा� हा� जा�तं�।

एँकी दिद� शर � एँकी निबगडाhलो जा�गलो� स��डा की� क्तिशकी�र कीर� की� स�हास कीर डा�लो�। स��डा बहुतं शक्ति2श�लो� था�। उस� लो�तं में�रकीर शर की� दूर फू, की दिदयां�, जाब वहा उठी� की� हुआ तं� स��डा � फू��-फू�� कीरतं हुएँ शर की� स�ग� स एँकी पंडा की स�था रगडा दिदयां�।

निकीस� तंरहा शर जा�� बच�कीर भी�ग�। शर स>ग� की� में�र स की�फू� जाख्में� हा� गयां� था�। कीई दिद� ब�तं, पंरन्तं4 शर की जाख्में ट`की हा�� की� ��में �हा> लो रहा था। ऐस� हा�लोतं में, वहा क्तिशकी�र �हा> कीर सकीतं� था�। स्वयां� क्तिशकी�र कीर�� ग�दडा की बस की� �हा> था�। द��� की भी$र्ख� मेंर� की� �Oबतं आ गई। शर की� यांहा भी� भीयां था� निकी र्ख�� की� जा4ग�डा समें�प्तं हा�� की की�रणी ग�दडा उसकी� स�था � छः�डा जा�एँ।

शर � एँकी दिद� उस स4झे�यां� “दर्ख, जाख्में� की की�रणी में� दOडा �हा> सकीतं�। क्तिशकी�र कीh स कीरु� ? तं4 जा�कीर निकीस� बवकी$ फू-स जा��वर की� ब�तं� में, फू� स�कीर यांहा�� लो�। में� उस झे�डा� में, क्तिछःपं� रहूं�ग�।”

ग�दडा की� भी� शर की� ब�तं जा�च गई। वहा निकीस� में$र्ख% जा��वर की� तंलो�श में, घो$मेंतं�-घो$मेंतं� एँकी कीस्ब की ब�हार �द`-घो�ट पंर पंहु�च�। वहा�� उस एँकी मेंरिरयांलो-स� गध� घो�स पंर में4�हा में�रतं� �जार आयां�। वहा शक्लो स हा� बवकी$ फू लोग रहा� था�।

ग�दडा गध की नि�कीट जा�कीर ब�लो� “पं��यां लो�ग$� च�च�। बहुतं कीमेंजा�र हा� अएँ हा�, क्यां� ब�तं हा�?”

गध � अपं�� दुर्खडा� र�यां� “क्यां� बतं�ऊं� भी�ई, जिजास ध�ब� की� में� गध� हूं�, वहा बहुतं क्रू$ र हा�। दिद� भीर ढ4लो�ई कीरव�तं� हा� और च�र� की4 छः दतं� �हा>।”

ग�दडा � उस न्यांOतं� दिदयां� “च�च�, मेंर स�था जा�गलो चलो� �, वहा�� बहुतं हार�-हार� घो�स हा�। र्ख$ब चर�� तं4म्हा�र� सहातं ब� जा�एँग�।”

गध � की�� फूडाफूडा�एँ “र�में र�में। में� जा�गलो में, कीh स रहूं�ग�? जा�गलो� जा��वर में4झे र्ख� जा�एँ�ग।”

“च�च�, तं4म्हा, श�यांद पंतं� �हा> निकी जा�गलो में, एँकी बग4लो� भीगतंजा� की� सत्स�ग हुआ था�। उसकी ब�द स�र जा��वर श�की�हा�र� ब� गएँ हा�। अब की�ई निकीस� की� �हा> र्ख�तं�।” ग�दडा ब�लो� और की�� की पं�स में4�हा लो जा�कीर द��� फू, की� “च�च$, पं�स की कीस्ब स बच�र� गध� भी� अपं� ध�ब� में�क्तिलोकी की अत्यां�च�र� स तं�ग आकीर जा�गलो में, आ गई था�। वहा�� हार�=हार� घो�स र्ख�कीर वहा र्ख$ब लोहार� गई हा� तं4में उसकी स�था घोर बस� लो��।”

Page 9: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

गध की दिदमें�ग पंर हार�-हार� घो�स और घोर बस�� की स4�हार सपं� छः�� लोग। वहा ग�दडा की स�था जा�गलो की� ओर चलो दिदयां�। जा�गलो में, ग�दडा गध की� उस� झे�डा� की पं�स लो गयां� , जिजासमें, शर क्तिछःपं� बhठी� था�।इसस पंहालो निकी शर पं�जा� में�रतं�, गध की� झे�डा� में, शर की� ��लो� बक्षित्तयां� की� टरहा चमेंकीतं� आ�र्ख �जार आ गईं। वहा डारकीर उछःलो� गध� भी�ग� और भी�गतं�हा� गयां�। शर ब4झे स्वर में, ग�दडा स ब�लो� “भीई, इस ब�र में� तंhयां�र �हा> था�। तं4में उस द�ब�र� लो�ओ इस ब�र गलोतं� �हा> हा�ग�।”

ग�दडा द�ब�र� उस गध की� तंलो�श में, कीस्ब में, पंहु�च�। उस दर्खतं हा� ब�लो� “च�च�, तं4में� तं� मेंर� ��की कीटव� द`। तं4में अपं�� दुल्हा� स डारकीर भी�ग गएँ?”

“उस झे�डा� में, में4झे द� चमेंकीतं� आ�र्ख दिदर्ख�ई द` था�, जाhस शर की� हा�तं� हा�। में� भी�गतं� � तं� क्यां� कीरतं�?” गध � क्तिशकी�यांतं की�।

ग�दडा झे$ठीमें$ठी में�था� पं�टकीर ब�लो� “च�च� ओ च�च�! तं4में भी� नि�र में$र्ख% हा�। उस झे�डा� में, तं4म्हा�र� दुल्हा� था�। जा�� निकीतं� जान्में� स वहा तं4म्हा�र� र�हा दर्ख रहा� था�। तं4म्हा, दर्खकीर उसकी� आ�र्ख चमेंकी उठीd तं� तं4में� उस शर समेंझे क्तिलोयां�?”

गध� बहुतं लोज्जिwतं हुआ, ग�दडा की� च�लो-भीर� ब�तं, हा� ऐस� था�। गध� निफूर उसकी स�था चलो पंडा�। जा�गलो में, झे�डा� की पं�स पंहु�चतं हा� शर � �4की�लो पं�जा� स उस में�र निगर�यां�। इस प्रेकी�र शर व ग�दडा की� भी�जा� जा4ट�।

सी�खः� दूसर� की� क्तिचकी��-च4पंडा� ब�तं� में, आ� की� में$र्ख%तं� कीभी� �हा> कीर�� च�निहाएँ।

ग�लो$-में�लो$ और भी�लो$ग�लो$-में�लो$ और पंक्की द�स्तं था। ग�लो$ जाहा�� दुबलो�-पंतंलो� था�, वहा> में�लो$ में�ट� ग�लो-मेंट�लो। द��� एँकी-दूसर पंर जा�� द� की� दमें भीरतं था, लोनिकी� उ�की� जा�ड़ा� दर्खकीर लो�ग� की� हा�स� छः$ ट जा�तं�। एँकी ब�र उन्हा, निकीस� दूसर ग��व में, रहा� व�लो यिमेंत्र की� नि�में�त्रणी यिमेंलो�। उस� उन्हा, अपं�� बहा� की निवव�हा की अवसर पंर ब4लो�यां� था�।

उ�की यिमेंत्र की� ग��व की�ई बहुतं दूर तं� �हा> था� लोनिकी� वहा�� तंकी पंहु�च� की क्तिलोएँ जा�गलो स हा�कीर ग4जार�� पंड़ातं� था�। और उस जा�गलो में, जा�गलो� जा��वर� की� भीरमें�र था�।

द��� चलो दिदएँ…जाब व जा�गलो स हा�कीर ग4जार रहा था तं� उन्हा, स�में� स एँकी भी�लो$ आतं� दिदर्ख�। उस दर्खकीर द��� भीयां स थार-थार की��पं� लोग। तंभी� दुबलो�-पंतंलो� ग�लो$ तंजा� स दOड़ाकीर एँकी पंड़ा पंर जा� चढ़�, लोनिकी� में�ट� हा�� की की�रणी में�लो$ उतं�� तंजा �हा> दOड़ा सकीतं� था�। उधर भी�लो$ भी� नि�कीट आ च4की� था�, निफूर भी� में�लो$ � स�हास �हा> र्ख�यां�। उस� स4� रर्ख� था� निकी भी�लो$ में�तं शर�र की� �हा> र्ख�तं। वहा तं4र�तं जामें�� पंर लोट गयां और स��स र�की लो�। ऐस� अक्षिभी�यां निकीयां� निकी में��� शर�र में, प्रे�णी हा� हा� �हा>। भी�लो$ घो4रघो4र�तं� हुआ में�लो$ की पं�स आयां�, उसकी चहार व शर�र की� स$�घो� और उस में�तं समेंझेकीर आग बढ़ गयां�।

जाब भी�लो$ की�फू� दूर नि�कीलो गयां� तं� ग�लो$ पंड़ा स उतंरकीर में�लो$ की नि�कीट आयां� और ब�लो�, ‘‘यिमेंत्र, में�� दर्ख� था�….भी�लो$ तं4मेंस की4 छः कीहा रहा� था�। क्यां� कीहा� उस� ?’’

में�लो$ � ग4स्स में, भीरकीर जाव�ब दिदयां�, ‘‘में4झे यिमेंत्र कीहाकीर � ब4लो�ओ…और ऐस� हा� की4 छः भी�लो$ � भी� में4झेस कीहा�। उस� कीहा�, ग�लो$ पंर निवश्वा�स � कीर��, वहा तं4म्हा�र� यिमेंत्र �हा> हाh।’’

स4�कीर ग�लो$ शर्मिमेंXन्द� हा� गयां�। उस अभ्यां�स हा� गयां� था� निकी उसस निकीतं�� भी�र� भी$लो हा� गई था�। उसकी� यिमेंत्रतं� भी� सदhव की क्तिलोएँ समें�प्तं हा� गई। क्तिश(�—सच्चा� यिमेंत्र वहा� हाh जा� स�कीट की की�में आएँ।

घो�ट`ध�र� ऊं� टएँकी ब�र की� ब�तं हा� निकी एँकी ग��व में, एँकी जा4लो�हा� रहातं� था�। वहा बहुतं गर�ब था�। उसकी� श�द` बचपं� में, हा� हा� गई तं�। ब�व� आ� की ब�द घोर की� र्खच�% बढ�� था�। यांहा� क्तिचन्तं� उस र्ख�एँ जा�तं�। निफूर ग��व में, अकी�लो भी� पंडा�। लो�ग की� ग�लो हा� गएँ। जा4लो�हा की� आयां एँकीदमें र्खत्में हा� गई। उसकी पं�स शहार जा�� की क्तिसव� और की�ई च�र� � रहा�।

शहार में, उस� की4 छः मेंहा�� छः�ट-में�ट की�में निकीएँ। था�डा�-स� पंhस� अ�ट` में, आ गयां� और ग��व स र्खबर आ� पंर निकी अकी�लो समें�प्तं हा� गयां� हा�, वहा ग��व की� ओर चलो पंडा�। र�स्तं में, उस एँकी जागहा सडाकी निकी��र एँकी ऊं� ट�� �जार आई। ऊंट��� ब�में�र �जार आ रहा� था� और वहा गभी%वतं� था�। उस ऊं� ट�� पंर दयां� आ गई। वहा उस अपं� स�था अपं� घोर लो आयां�।

घोर में, ऊं� ट�� की� ठीdकी च�र� व घो�स यिमेंलो� लोग� तं� वहा पं$र� तंरहा स्वस्था हा� गई और समेंयां आ� पंर उस� एँकी स्वस्था ऊं� ट अच्चा की� जान्में दिदयां�। ऊं� ट बच्चा� उसकी क्तिलोएँ बहुतं भी�ग्यांश�लो� स�निबतं हुआ। की4 छः दिद�� ब�द हा� एँकी कीलो�की�र ग��व की जा�व� पंर क्तिचत्र ब��� उस� ग��व में, आयां�। पं,टिंटXग की ब्रा4श ब��� की क्तिलोएँ वहा जा4लो�हा की घोर आकीर ऊं� ट की बच्चा की� दुमें की ब�लो लो जा�तं�। लोगभीग द� सप्तं�हा ग��व में, रहा� की ब�द क्तिचत्र ब��कीर कीलो�की�र चलो� गयां�।

इधर ऊं� ट�� र्ख$ब दूध द� लोग� तं� जा4लो�हा� उस बच� लोग�। एँकी दिद� वहा� कीलो�की�र ग��व लोOट� और जा4लो�हा की� की�फू� स�र पंhस द गयां�, क्यां�निकी कीलो�की�र � उ� क्तिचत्र� स बहुतं पं4रस्की�र जा�तं था और उसकी क्तिचत्र अच्छा` की�मेंतं� में, निबकी था। जा4लो�हा� उस ऊं� ट बच्चा की� अपं�� भी�ग्यां की� क्तिसतं�र� में��� लोग�। कीलो�की�र स यिमेंलो� र�श� की की4 छः पंhस� स उस� ऊं� ट की गलो की क्तिलोएँ स4�दर-स� घो�ट` र्खर�द` और पंहा�� द`। इस प्रेकी�र जा4लो�हा की दिद� निफूर गएँ। वहा अपं�� दुल्हा� की� भी� एँकी दिद� गO�� कीरकी लो आयां�।

ऊं� ट� की जा�व� में, आ� स जा4लो�हा की जा�व� में, जा� स4र्ख आयां�, उसस जा4लो�हा की दिदलो में, इच्छा� हुई निकी जा4लो�हा की� ध�ध� छः�डा क्यां� � वहा ऊं� ट� की� व्य�पं�र� हा� ब� जा�एँ। उसकी� पंत्�� भी� उसस पं$र� तंरहा सहामेंतं हुई। अब तंकी वहा भी� गभी%वतं� हा� गई था� और अपं� स4र्ख की क्तिलोएँ ऊं� ट�� व ऊं� ट बच्चा की� आभी�र� था�।

जा4लो�हा � की4 छः ऊं� ट र्खर�द क्तिलोएँ। उसकी� ऊं� ट� की� व्य�पं�र चलो नि�कीलो�।अब उस जा4लो�हा की पं�स ऊं� ट� की� एँकी बडा� ट�लो� हार समेंयां रहातं�। उन्हा, चर� की क्तिलोएँ दिद� की� छः�डा दिदयां� जा�तं�। ऊं� ट बच्चा� जा� अब जाव�� हा� च4की� था� उ�की स�था घो�ट` बजा�तं� जा�ट�।

एँकी दिद� घो�ट`ध�र� की� तंरहा हा� की एँकी यां4व� ऊं� ट � उसस कीहा� “भीhयां�! तं4में हामेंस दूर-दूर क्यां� रहातं हा�?”

Page 10: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

घो�ट`ध�र� गव% स ब�लो� “व�हा तं4में एँकी स�ध�रणी ऊं� ट हा�। में� घो�ट`ध�र� में�क्तिलोकी की� दुलो�र� हूं�। में� अपं� स ओछः ऊं� ट� में, श�यिमेंलो हा�कीर अपं�� में�� �हा> र्ख��� च�हातं�।”

उस� (त्र में, व� में, एँकी शर रहातं� था�। शर एँकी ऊं� च पंत्थर पंर चढकीर ऊं� ट� की� दर्खतं� रहातं� था�। उस एँकी ऊं� ट और ऊं� ट� स अलोग-थालोग रहातं� �जार आयां�। जाब शर निकीस� जा��वर की झे4�डा पंर आक्रूमेंणी कीरतं� हा� तं� निकीस� अलोग-थालोग पंडा की� हा� च4�तं� हा�। घो�ट`ध�र� की� आव�जा की की�रणी यांहा की�में भी� सरलो हा� गयां� था�। निब�� आ�र्ख� दर्ख वहा घो�ट` की� आव�जा पंर घो�तं लोग� सकीतं� था�।

दूसर दिद� जाब ऊं� ट� की� दलो चरकीर लोOट रहा� था� तंब घो�ट`ध�र� ब�की� ऊं� ट� स ब�स कीदमें पं�छः चलो रहा� था�। शर तं� घो�तं लोग�एँ बhठी� हा� था�। घो�ट` की� आव�जा की� नि�श��� ब��कीर वहा दOडा� और उस में�रकीर जा�गलो में, र्ख>च लो गयां�। ऐस घो�ट`ध�र� की अहा�की�र � उसकी जा�व� की� घो�ट` बजा� द`।

सी�खः� जा� स्वयां� की� हा� सबस श्रष्ठ समेंझेतं� हा� उसकी� अहा�की�र श�घ्र हा� उस लो डा$बतं� हा�।

च�पंलो$स में�डालो�जा�गलो में, एँकी शर रहातं� था�। उसकी च�र सवकी था च�लो, भीनिडायां�, लो�मेंडा� और च�तं�। च�लो दूर-दूर तंकी उडाकीर समें�च�र लो�तं�। च�तं� र�जा� की� अ�गर(की था�। सद� उसकी पं�छः चलोतं�। लो�मेंडा� शर की� सhक्रू टर� था�। भीनिडायां� गPहामें�त्र� था�। उ�की� असलो� की�में तं� शर की� च�पंलो$स� कीर�� था�। इस की�में में, च�र� में�निहार था। इसक्तिलोएँ जा�गलो की दूसर जा��वर उन्हा,

च�पंलो$स में�डालो� कीहाकीर पं4की�रतं था। शर क्तिशकी�र कीरतं�। जिजातं�� र्ख� सकीतं� वहा र्ख�कीर ब�की� अपं� सवकी� की क्तिलोएँ छः�डा जा�यां� कीरतं� था�। उसस मेंजा में, च�र� की� पंट भीर जा�तं�। एँकी दिद� च�लो � आकीर च�पंलो$स में�डालो� की� स$च�� द` “भी�ईयां�! सडाकी की निकी��र एँकी ऊं� ट बhठी� हा�।”

भीनिडायां� चKकी� “ऊं� ट! निकीस� की�निफूलो स निबछः4 डा गयां� हा�ग�।”

च�तं � जा�भी चटकी�ई “हामें शर की� उसकी� क्तिशकी�र कीर� की� र�जा� कीर लो, तं� कीई दिद� द�वतं उडा� सकीतं हा�।”

लो�मेंडा� � घो�र्षोंणी� की� “यांहा मेंर� की�में रहा�।”

लो�मेंडा� शर र�जा� की पं�स गई और अपं�� जा4ब�� में, यिमेंठी�स घो�लोकीर ब�लो� “मेंहा�र�जा, दूतं � र्खबर द` हा� निकी एँकी ऊं� ट सडाकी निकी��र बhठी� हा�। में�� स4�� हा� निकी में�4ष्यां की पं�लो जा��वर की� में��स की� स्व�द हा� की4 छः और हा�तं� हा�। निबल्की4 लो र�जा�-मेंहा�र�जा�ओं की की�निबलो। आपं आज्ञ� द, तं� आपंकी क्तिशकी�र की� ऐलो�� कीर दू�?”

शर लो�मेंडा� की� में�ठीd ब�तं� में, आ गयां� और च�पंलो$स में�डालो� की स�था च�लो द्वा�र� बतं�ई जागहा जा� पंहु�च�। वहा�� एँकी कीमेंजा�र-स� ऊं� ट सडाकी निकी��र नि�ढ�लो बhठी� था�। उसकी� आ�र्ख, पं�लो� पंडा च4की� था>। उसकी� हा�लोतं दर्खकीर शर � पं$छः� “क्यां� भी�ई तं4म्हा�र� यांहा हा�लो�तं कीh स हुई?”

ऊं� ट कीर�हातं� हुआ ब�लो� “जा�गलो की र�जा�! आपंकी� �हा> पंतं� इ�स�� निकीतं�� नि�द%यां� हा�तं� हा�। में� एँकी ऊं� ट� की की�निफूलो में, एँकी व्य�पं�र में�लो ढ� रहा� था�। र�स्तं में, में� ब�में�र पंडा गयां�। में�लो ढ�� लो�यांकी �हा> उस� में4झे यांहा�� मेंर� की क्तिलोएँ छः�डा दिदयां�। आपं हा� मेंर� क्तिशकी�र कीर में4झे में4क्ति2 द`जिजाएँ।”

ऊं� ट की� कीहा��� स4�कीर शर की� दुर्ख हुआ। अच��की उसकी दिदलो में, र�जा�ओं जाhस� उद�रतं� दिदर्ख�� की� जा�रद�र इच्छा� हुई। शर � कीहा� “ऊं� ट, तं4म्हा, की�ई जा�गलो� जा��वर �हा> में�रग�। में� तं4म्हा, अभीयां दतं� हूं�। तं4में हामें�र स�था चलो�ग और उसकी ब�द हामें�र स�था हा� रहा�ग।”

च�पंलो$स में�डालो� की चहार लोटकी गएँ। भीनिडायां� फू4 सफू4 स�यां� “ठीdकी हा�। हामें ब�द में, इस मेंरव�� की� की�ई तंरकी�ब नि�की�लो लो,ग। निफूलोहा�लो शर की� आदश में��� में, हा� भीलो�ई हा�।”

इस प्रेकी�र ऊं� ट उ�की स�था जा�गलो में, आयां�। की4 छः हा� दिद�� में, हार� घो�स र्ख�� व आरमें कीर� स वहा स्वस्था हा� गयां�। शर र�जा� की प्रेनितं वहा ऊं� ट बहुतं कीP तंज्ञ हुआ। शर की� भी� ऊं� ट की� नि�स्व�था% प्रेमें और भी�लो�पं� भी�� लोग�। ऊं� ट की तंगडा� हा�� पंर शर की� श�हा� सव�र� ऊं� ट की हा� आग्रहा पंर उसकी� पं�ठी पंर नि�कीलो� लोग� लोग� वहा च�र� की� पं�ठी पंर निबठी�कीर चलोतं�।

एँकी दिद� च�पंलो$स में�डालो� की आग्रहा पंर शर � हा�था� पंर हामेंलो� कीर दिदयां�। दुभी�%ग्यां स हा�था� पं�गलो नि�कीलो�। शर की� उस� स$�डा स उठी�कीर पंटकी दिदयां�। शर उठीकीर बच नि�कीलो� में, सफूलो तं� हा� गयां�, पंर उस च�ट, बहुतं लोग>।

शर लो�च�र हा�कीर बhठी गयां�। क्तिशकी�र कीO� कीरतं�? कीई दिद� � शर � � की4 छः र्ख�यां� और � सवकी� �। निकीतं� दिद� भी$र्ख रहा� जा� सकीतं� हा�? लो�मेंडा� ब�लो� “हाद हा� गई। हामें�र पं�स एँकी में�ट� तं�जा� ऊं� ट हा� और हामें भी$र्ख मेंर रहा हा�।”

च�तं � ठी� डा� स��स भीर� “क्यां� कीर,? शर � उस अभीयांद�� जा� द रर्ख� हा�। दर्ख� तं� ऊं� ट की� पं�ठी की� की$ बडा निकीतं�� बडा� हा� गयां� हा�। चबB हा� चबB भीर� हा� इसमें,।”

भीनिडाएँ की में4�हा स लो�र टपंकी� लोग� “ऊं� ट की� मेंरव�� की� यांहा� मेंOकी� हा� दिदमें�ग लोडा�कीर की�ई तंरकी�ब स�च�।”

लो�मेंडा� � ध$तं% स्वर में, स$च�� द` “तंरकी�ब तं� में�� स�च रर्ख� हा�। हामें, एँकी ��टकी कीर�� पंडाग�।”

सब लो�मेंडा� की� तंरकी�ब स4�� लोग। यां�जा�� की अ�4स�र च�पंलो$स में�डालो� शर की पं�स गई। सबस पंहालो च�लो ब�लो� “मेंहा�र�जा, आपंकी� भी$र्ख पंट रहाकीर मेंर�� में4झेस �हा> दर्ख� जा�तं�। आपं में4झे र्ख�कीर भी$र्ख यिमेंट�इएँ।”

लो�मेंडा� � उस धक्की� दिदयां� “चलो हाट! तंर� में��स तं� मेंहा�र�जा की द��तं� में, फू� सकीर रहा जा�एँग�अ। मेंहा�र�जा, आपं में4झे र्ख�इएँ।”

Page 11: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

भीनिडायां� ब�च में, की$ द� “तंर शर�र में, ब�लो� की क्तिसव� हा� हा� क्यां�? मेंहा�र�जा! में4झे अपं�� भी�जा� ब��एँ�ग।”

अब च�तं� ब�लो� “�हा>! भीनिडाएँ की� में��स र्ख�� लो�यांकी �हा> हा�तं�। में�क्तिलोकी, आपं में4झे र्ख�कीर अपं�� भी$र्ख श��तं की�जिजाएँ।”

च�पंलो$स में�डालो� की� ��टकी अच्छा� था�। अब ऊं� ट की� तं� कीहा�� हा� पंडा� “�हा> मेंहा�र�जा, आपं में4झे में�रकीर र्ख� जा�इएँ। मेंर� तं� जा�व� हा� आपंकी� द�� दिदयां� हुआ हा�। मेंर रहातं आपं भी$र्ख� मेंर,, यांहा �हा> हा�ग�।”

च�पंलो$स में�डालो� तं� यांहा> च�हातं� था�। सभी� एँकी स्वर में, ब�लो “यांहा� ठीdकी रहाग�, मेंहा�र�जा! अब तं� ऊं� ट र्ख4द हा� कीहा रहा� हा�।”

च�तं� ब�लो� “मेंहा�र�जा! आपंकी� स�की�च हा� तं� हामें इस में�र द,?”

च�तं� व भीनिडायां� एँकी स�था ऊं� ट पंर ट$ट पंडा और ऊं� ट में�र� गयां�।

सी�खः� च�पंलो$स� की� द�स्तं� हामेंश� र्खतंर��की हा�तं� हा�।

झेगडा�लो$ मेंढकीएँकी की4 एँ� में, बहुतं स मेंढकी रहातं था। उ�की र�जा� की� ��में था� ग�गदत्त। ग�गदत्त बहुतं झेगडा�लो$ स्वभी�व की� था�। आसपं�स द� तं�� और भी� की4 एँ� था। उ�में, भी� मेंढकी रहातं था। हार की4 एँ� की मेंढकी� की� अपं�� र�जा� था�। हार र�जा� स निकीस� � निकीस� ब�तं पंर ग�गदत्त की� झेगडा� चलोतं� हा� रहातं� था�। वहा अपं�� में$र्ख%तं� स की�ई गलोतं की�में कीर� लोगतं� और ब4जिiमें�� मेंढकी र�की� की� की�क्तिशश कीरतं� तं� मेंOकी� यिमेंलोतं हा� अपं� पं�लो ग4�डा मेंढकी� स निपंटव� दतं�। की4 एँ� की मेंढकी� में, भी�तंर ग�गदत्त की प्रेनितं र�र्षों बढतं� जा� रहा� था�। घोर में, भी� झेगडा� स चh� � था�। अपं�� हार में4स�बतं की क्तिलोएँ द�र्षों दतं�।

एँकी दिद� ग�गदत्त पंडाOस� मेंढकी र�जा� स र्ख$ब झेगडा�। र्ख$ब तं$-तं$ में�-में� हुई। ग�गदत्त � अपं� की4 एँ� आकीर बतं�यां� निकी पंडाOस� र�जा� � उसकी� अपंमें�� निकीयां� हा�। अपंमें�� की� बदलो� लो� की क्तिलोएँ उस� अपं� मेंढकी� की� आदश दिदयां� निकी पंडाOस� की4 एँ� पंर हामेंलो� कीर, सब जा��तं था निकी झेगडा� ग�गदत्त � हा� श4रु निकीयां� हा�ग�।

की4 छः स्यां�� मेंढकी� तंथा� ब4जिiमें��� � एँकीजा4ट हा�कीर एँकी स्वर में, कीहा� “र�जा�, पंडाOस� की4 एँ� में, हामेंस दुग� मेंढकी हा�। व स्वस्था व हामेंस अयिधकी तं�कीतंवर हा�। हामें यांहा लोडा�ई �हा> लोडा,ग।”

ग�गदत्त सन्न रहा गयां� और ब4र� तंरहा नितंलोयिमेंलो� गयां�। में� हा� में� में, उस� ठी�� लो� निकी इ� गद्दा�र� की� भी� सबकी क्तिसर्ख��� हा�ग�। ग�गदत्त � अपं� बट� की� ब4लो�कीर भीडाकी�यां� “बट�, पंडाOस� र�जा� � तं4म्हा�र निपंतं�श्र� की� घो�र अपंमें�� निकीयां� हा�। जा�ओ, पंडाOस� र�जा� की बट� की� ऐस� निपंट�ई कीर� निकी व पं��� में��ग� लोग जा�एँ�।”

ग�गदत्त की बट एँकी दूसर की� में4�हा दर्ख� लोग। आखिर्खर बडा बट � कीहा� “निपंतं�श्र�, आपं� कीभी� हामें, टर�%� की� इजा�जातं �हा> द`। टर�%� स हा� मेंढकी� में, बलो आतं� हा�, हाOसलो� आतं� हा� और जा�श आतं� हा�। आपं हा� बतं�इएँ निकी निब�� हाOसलो और जा�श की हामें निकीस� की� क्यां� निपंट�ई कीर पं�एँ�ग?”

अब ग�गदत्त सबस क्तिचढ गयां�। एँकी दिद� वहा की4 ढतं� और बडाबडा�तं� की4 एँ� स ब�हार नि�कीलो इधर-उधर घो$में� लोग�। उस एँकी भीयां�कीर ��ग पं�स हा� ब� अपं� निबलो में, घो4सतं� �जार आयां�। उसकी� आ�र्ख, चमेंकी�। जाब अपं� दुश्में� ब� गएँ हा� तं� दुश्में� की� अपं�� ब���� च�निहाएँ। यांहा स�च वहा निबलो की पं�स जा�कीर ब�लो� “��गदव, मेंर� प्रेणी�में।”

��गदव फू4 फूकी�र� “अर मेंढकी में� तं4म्हा�र� बhर� हूं�। तं4म्हा, र्ख� जा�तं� हूं� और तं$ मेंर निबलो की आग आकीर में4झे आव�जा द रहा� हा�।

ग�गदत्त टर�%यां� “हा ��ग, कीभी�-कीभी� शत्र4ओं स ज्यां�द� अपं� दुर्ख द� लोगतं हा�। मेंर� अपं�� जा�नितं व�लो� और सग� � इतं�� घो�र अपंमें�� निकीयां� हा� निकी उन्हा, सबकी क्तिसर्ख�� की क्तिलोएँ में4झे तं4में जाhस शत्र4 की पं�स सहा�यांतं� में��ग� आ�� पंडा� हा�। तं4में मेंर� द�स्तं� स्व�की�र कीर� और मेंजा कीर�।”

��ग � निबलो स अपं�� क्तिसर ब�हार नि�की�लो� और ब�लो� “मेंजा, कीh स मेंजा?”

ग�गदत्त � कीहा� “में� तं4म्हा, इतं� मेंढकी खिर्खलो�ऊं� ग� निकी तं4में में4ट�तं-में4ट�तं अजागर ब� जा�ओग।”

��ग � श�की� व्य2 की� “पं��� में, में� जा� �हा> सकीतं�। कीh स पंकीडा$ �ग� मेंडाकी?”

ग�गदत्त � तं�लो� बजा�ई “��ग भी�ई, यांहा> तं� मेंर� द�स्तं� तं4म्हा�र की�में आएँग�। मेंh� पंडाOस� र�जा�ओं की की4 ओं पंर �जार रर्ख� की क्तिलोएँ अपं� जा�स$स मेंडाकी� स ग4प्तं स4र�ग, र्ख4दव� रर्ख� हा�। हार की4 एँ� तंकी उ�की� र�स्तं� जा�तं� हा�। स4र�ग, जाहा�� यिमेंलोतं� हा�। वहा�� एँकी की( हा�। तं4में वहा�� रहा�� और जिजास-जिजास मेंढकी की� र्ख�� की क्तिलोएँ कीहूं�, उन्हा, र्ख�तं जा���।”

��ग ग�गदत्त स द�स्तं� की क्तिलोएँ तंhयां�र हा� गयां�। क्यां�निकी उसमें, उसकी� लो�भी हा� लो�भी था�। एँकी में$र्ख% बदलो की� भी�व�� में, अ�ध हा�कीर अपं�� की� दुशमें� की पंट की हाव�लो कीर� की� तंhयां�र हा� तं� दुश्में� क्यां� � इसकी� लो�भी उठी�एँ?

��ग ग�गदत्त की स�था स4र�ग की( में, जा�कीर बhठी गयां�। ग�गदत्त � पंहालो स�र पंडाOस� मेंढकी र�जा�ओं और उ�की� प्रेजा�ओं की� र्ख�� की क्तिलोएँ कीहा�। ��ग की4 छः सप्तं�हा� में, स�र दूसर की4 ओं की मेंढकी स4र�ग� की र�स्तं जा�-जा�कीर र्ख� गयां�। जाब सब समें�प्तं हा� गएँ तं� ��ग ग�गदत्त स ब�लो� “अब निकीस र्ख�ऊं� ? जाल्द` बतं�। चOब�स घो�ट पंट फू4 लो रर्ख� की� आदतं पंडा गई हा�।”

ग�गदत्त � कीहा� “अब मेंर की4 एँ की सभी� स्यां��� और ब4जिiमें�� मेंढकी� की� र्ख�ओ।”

Page 12: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

वहा र्ख�एँ जा� च4की तं� प्रेजा� की� ब�र� आई। ग�गदत्त � स�च� “प्रेजा� की� ऐस� तंhस�। हार समेंयां की4 छः � की4 छः क्तिशकी�यांतं कीरतं� रहातं� हा�। उ�की� र्ख�� की ब�द ��ग � र्ख��� में��ग� तं� ग�गदत्त ब�लो� “��गयिमेंत्र, अब की वलो मेंर� की4 �ब� और मेंर यिमेंत्र बच हा�। र्खलो र्खत्में और मेंढकी हाजामें।”

��ग � फू� फूh लो�यां� और फू4 फूकी�र� लोग� “मेंढकी, में� अब कीहा> �हा� जा�� की�। तं$ अब र्ख�� की� इ�तंजा�में कीर व��% निहास्स।”

ग�गदत्त की� ब�लोतं� ब�द हा� गई। उस� ��ग की� अपं� यिमेंत्र खिर्खलो�एँ निफूर उसकी बट ��ग की पंट में, गएँ। ग�गदत्त � स�च� निकी में� और मेंढकी� जिजान्द� रहा तं� बट और पंhद� कीर लो,ग। बट र्ख�� की ब�द ��ग फू4 फूकी�र� “और र्ख��� कीहा�� हा�? ग�गदत्त � डारकीर मेंढकी� की� ओर इश�र निकीयां�। ग�गदत्त � स्वयां� की में� की� समेंझे�यां� “चलो� ब$ढ` मेंढकी� स छः4 टकी�र� यिमेंलो�। �ई जाव�� मेंढकी� स निवव�हा कीर �यां� स�स�र बस�ऊं� ग�।”

मेंढकी� की� र्ख�� की ब�द ��ग � में4�हा फू�डा� “र्ख���।”

ग�गदत्त � हा�था जा�डा “अब तं� की वलो में� बच� हूं�। तं4म्हा�र� द�स्तं ग�गदत्त । अब लोOट जा�ओ।”

��ग ब�लो� “तं$ कीO�-स� मेंर� में�में� लोगतं� हा� और उस हाडापं गयां�।

सी�खः� अपं�� स बदलो� लो� की क्तिलोएँ जा� शत्र4 की� स�था लोतं� हा� उसकी� अ�तं नि�क्षिWतं हा�।

झे$ठीd श��एँकी जा�गलो में, पंहा�डा की� च�ट` पंर एँकी निकीलो� ब�� था�। निकीलो की एँकी की�� की स�था ब�हार की� ओर एँकी ऊं� च� निवश�लो दवद�र की� पंडा था�। निकीलो में, उस र�ज्यां की� स�� की� एँकी ट4कीडा� तंh��तं था�। दवद�र की पंडा पंर एँकी उल्लो$ रहातं� था�। वहा भी�जा� की� तंलो�श में, ��च घो�ट` में, फूh लो ढलोव�� चर�ग�हा� में, आतं�। चर�ग�हा� की� लोम्ब� घो�स� व झे�निडायां� में, कीई छः�ट-में�ट जा�व व की�ट-पंतं�ग यिमेंलोतं, जिजान्हा, उल्लो$ भी�जा� ब��तं�। नि�कीट हा� एँकी बडा� झे�लो था�, जिजासमें, हा�स� की� नि�व�स था�। उल्लो$ पंडा पंर बhठी� झे�लो की� नि�हा�र� कीरतं�। उस हा�स� की� तंhर�� व उडा�� में�त्रमें4ग्ध कीरतं�। वहा स�च� कीरतं� निकी निकीतं�� श��द�र पं(� हा� हा�स। एँकीदमें दूध-स� सफू द, ग4लोग4लो� शर�र, स4र�हा�द�र गद%�, स4�दर में4र्ख व तंजास्व� आ�र्ख। उसकी� बडा� इच्छा� हा�तं� निकीस� हा�स स उसकी� द�स्तं� हा� जा�एँ।

एँकी दिद� उल्लो$ पं��� पं�� की बहा�� झे�लो की निकी��र उग� एँकी झे�डा� पंर उतंर�। नि�कीट हा� एँकी बहुतं श�लो�� व सOम्यां हा�स पं��� में, तंhर रहा� था�। हा�स तंhरतं� हुआ झे�डा� की नि�कीट आयां�।

उल्लो$ � ब�तं कीर� की� बहा��� ढ$�ढ� “हा�स जा�, आपंकी� आज्ञ� हा� तं� पं��� पं� लो$�। बडा� प्यां�स लोग� हा�।”

हा�स � चKकीकीर उस दर्ख� और ब�लो� “यिमेंत्र! पं��� प्रेकीP नितं द्वा�र� सबकी� दिदयां� गयां� वरद�� हा�। एँस पंर निकीस� एँकी की� अयिधकी�र �हा>।”

उल्लो$ � पं��� पं�यां�। निफूर क्तिसर निहालो�यां� जाhस उस नि�र�श� हुई हा�। हा�स � पं$छः� “यिमेंत्र! अस�तं4ष्ट�जार आतं हा�। क्यां� प्यां�स �हा> ब4झे�?”

उल्लो$ � कीहा� “हा हा�स! पं��� की� प्यां�स तं� ब4झे गई पंर आपंकी� बतं� स में4झे ऐस� लोग� निकी आपं ��नितं व ज्ञ�� की स�गर हा�। में4झेमें, उसकी� प्यां�स जाग गई हा�। वहा कीh स ब4झेग�?”

हा�स में4स्की4 र�यां� “यिमेंत्र, आपं कीभी� भी� यांहा�� आ सकीतं हा�। हामें ब�तं, कीर,ग। इस प्रेकी�र में� जा� जा��तं� हूं�, वहा आपंकी� हा� जा�एँग� और में� भी� आपंस की4 छः स�र्ख$�ग�।”

इसकी पंW�तं हा�स व उल्लो$ र�जा यिमेंलो� लोग। एँकी दिद� हा�स � उल्लो$ की� बतं� दिदयां� निकी वहा व�स्तंव में, हा�स� की� र�जा� हा�सर�जा हा�। अपं�� असलो� पंरिरचयां द� की ब�द। हा�स अपं� यिमेंत्र की� नि�मेंन्त्रणी दकीर अपं� घोर लो गयां�। श�हा� ठी�ठी था। र्ख�� की क्तिलोएँ कीमेंलो व �रनिगस की फू$ लो� की व्य�जा� पंर�स गएँ और जा�� क्यां�-क्यां� दुलो%भी र्ख�द्य था, उल्लो$ की� पंतं� हा� �हा> लोग�। ब�द में, सKफू-इलो�इच� की� जागहा में�तं� पंश निकीएँ गएँ। उल्लो$ द�ग रहा गयां�।

अब हा�सर�जा उल्लो$ की� मेंहालो में, लो जा�कीर खिर्खलो��-निपंलो�� लोग�। र�जा द�वतं उडातं�। उस डार लोग� लोग� निकी निकीस� दिद� स�ध�रणी उल्लो$ समेंझेकीर हा�सर�जा द�स्तं� � तं�डा लो।

इसक्तिलोएँ स्वयां� की� की� सर�जा की� बर�बर� की� ब��एँ रर्ख� की क्तिलोएँ उस� झे$ठीमें$ठी कीहा दिदयां� निकी वहा भी� उल्लो$ओं की� र�जा� उल्लो$की र�जा हा�। झे$ठी कीहा� की ब�अद उल्लो$ की� लोग� निकी उसकी� भी� फूजा% ब�तं� हा� निकी हा�सर�जा की� अपं� घोर ब4लो�एँ।

एँकी दिद� उल्लो$ � दुग% की भी�तंर हा�� व�लो� गनितंनिवयिधयां� की� गOर स दर्ख� और उसकी दिदमें�ग में, एँकी यां4क्ति2 आई। उस� दुग% की� ब�तं� की� र्ख$ब ध्यां�� स समेंझे�। सhनि�की� की की�यां%क्रूमें ��ट निकीएँ। निफूर वहा चलो� हा�स की पं�स। जाब वहा झे�लो पंर पंहु�च�, तंब हा�सर�जा की4 छः हा�सनि�यां� की स�था जालो में, तंhर रहा� था�। उल्लो$ की� दर्खतं हा� हा�स ब�लो� “यिमेंत्र, आपं इस समेंयां?”

उल्लो$ � उत्तर दिदयां� “हा�� यिमेंत्र! में� आपंकी� आजा अपं�� घोर दिदर्ख�� व अपं�� मेंहामें�� ब��� की क्तिलोएँ लो जा�� आयां� हूं�। में� कीई ब�र आपंकी� मेंहामें�� ब�� हूं�। में4झे भी� सव� की� मेंOकी� द�।”

हा�स � ट�लो�� च�हा� “यिमेंत्र, इतं�� जाल्द` क्यां� हा�? निफूर कीभी� चलो,ग।”

उल्लो$ � कीहा� “आजा तं� आपंकी� क्तिलोएँ निब�� �हा> जा�ऊं� ग�।”

हा�सर�जा की� उल्लो$ की स�था जा��� हा� पंडा�।

Page 13: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

पंहा�डा की� च�ट` पंर ब� निकीलो की� ओर इश�र� कीर उल्लो$ उडातं-उडातं ब�लो� “वहा मेंर� निकीलो� हा�।” हा�स बडा� प्रेभी�निवतं हुआ। व द��� जाब उल्लो$ की आव�स व�लो पंडा पंर उतंर तं� निकीलो की सhनि�की� की� पंरडा श4रु हा�� व�लो� था�। द� सhनि�की ब4जा% पंर निबग4लो बजा�� लोग। उल्लो$ दुग% की सhनि�की� की रिरजा की की�यां%क्रूमें की� यां�द कीर च4की� था� इसक्तिलोएँ ठीdकी समेंयां पंर हा�सर�जा की� लो आयां� था�।उल्लो$ ब�लो� “दर्ख� यिमेंत्र, आपंकी स्व�गतं में, मेंर सhनि�की निबग4लो बजा� रहा हा�। उसकी ब�द मेंर� स�� पंरडा और सलो�में� दकीर आपंकी� सम्में�नि�तं कीरग�।”

नि�त्यां की� तंरहा पंरडा हुई और झे�डा की� सलो�में� द` गयां�। हा�स समेंझे� सचमें4च उस� की क्तिलोएँ यांहा सब हा� रहा� हा�। अतंS हा�स � गदगद हा�कीर कीहा� “धन्यां हा� यिमेंत्र। आपं तं� एँकी श$रव�र र�जा� की� भी��नितं हा� र�जा कीर रहा हा�।”

उल्लो$ � हा�सर�जा पंर रOब डा�लो� “में�� अपं� सhनि�की� की� आदश दिदयां� हा� निकी जाब तंकी मेंर पंरमें यिमेंत्र र�जा� हा�सर�जा मेंर अनितंक्तिथा हा�, तंब तंकी इस� प्रेकी�र र�जा निबग4लो बजा व सhनि�की� की� पंरडा नि�कीलो।”

उल्लो$ की� पंतं� था� निकी सhनि�की� की� यांहा र�जा की� की�में हा�। दhनि�की नि�यांमें हा�। हा�स की� उल्लो$ � फूलो, अर्खर�ट व ब�फूश� की फू$ लो खिर्खलो�एँ। उ�की� वहा पंहालो हा� जामें� कीर च4की� था�। भी�जा� की� मेंहात्व �हा> रहा गयां�। सhनि�की� की� पंरडा की� जा�दू अपं�� की�में कीर च4की� था�। हा�सर�जा की दिदलो में, उल्लो$ यिमेंत्र की क्तिलोएँ बहुतं सम्में�� पंhद� हा� च4की� था�।

उधर सhनि�की ट4कीडा� की� वहा�� स की$ च कीर� की आदश यिमेंलो च4की था। दूसर दिद� सhनि�की अपं�� स�में�� समेंटकीर जा�� लोग तं� हा�स � कीहा� “यिमेंत्र, दर्ख� आपंकी सhनि�की आपंकी� आज्ञ� क्तिलोएँ निब�� कीहा> जा� रहा हा�।

उल्लो$ हाडाबडा�कीर ब�लो� ” निकीस� � उन्हा, गलोतं आदश दिदयां� हा�ग�। में� अभी� र�कीतं� हूं� उन्हा,।” ऐस� कीहा वहा ‘हूं� हूं�’ कीर� लोग�।

सhनि�की� � उल्लो$ की� घो4घो4आ�� स4�� व अपंशकी4 � समेंझेकीर जा��� स्थानिगतं कीर दिदयां�। दूसर दिद� निफूर वहा� हुआ। सhनि�की जा�� लोग तं� उल्लो$ घो4घो4आयां�। सhनि�की� की ��यांकी � क्रू�यिधतं हा�कीर सhनि�की� की� में�हूंस उल्लो$ की� तं�र में�र� की� आदश दिदयां�। एँकी सhनि�की � तं�र छः�डा�। तं�र उल्लो$ की� बगलो में, बhठी हा�स की� लोग�। वहा तं�र र्ख�कीर ��च निगर� व फूडाफूडा�कीर मेंर गयां�। उल्लो$ उसकी� लो�श की पं�स श�की�की4 लो हा� निवलो�पं कीर� लोग� “हा�यां, में�� अपं�� झे$ठीd श�� की चक्कीर में, अपं�� पंरमें यिमेंत्र र्ख� दिदयां�। यिधक्की�र हा� में4झे।”

उल्लो$ की� आसपं�स की� र्खबर स बस4ध हा�कीर र�तं दर्खकीर एँकी क्तिसयां�र उस पंर झेपंट� और उसकी� की�में तंमें�में कीर दिदयां�।

सी�खः� झे$ठीd श�� बहुतं मेंहा�ग� पंडातं� हा�। कीभी� भी� झे$ठीd श�� की चक्कीर में, मेंतं पंडा�।

ढ�ग� क्तिसयां�रयिमेंक्तिथालो� की जा�गलो� में, बहुतं समेंयां पंहालो एँकी क्तिसयां�र रहातं� था�। वहा बहुतं आलोस� था�। पंट भीर� की क्तिलोएँ र्खरग�श� व च$हा� की� पं�छः� कीर�� व उ�की� क्तिशकी�र कीर�� उस बडा� भी�र� लोगतं� था�। क्तिशकी�र कीर� में, पंरिरश्रमें तं� कीर�� हा� पंडातं� हा� �। दिदमें�ग उसकी� शhतं��� था�। यांहा� नितंकीडामें लोग�तं� रहातं� निकी कीh स ऐस� जा4गतं लोडा�ई जा�एँ जिजासस निब�� हा�था-पंhर निहालो�एँ भी�जा� यिमेंलोतं� रहा। र्ख�यां� और स� गएँ। एँकी दिद� उस� स�च में, डा$ब� वहा क्तिसयां�र एँकी झे�डा� में, दुबकी� बhठी� था�।

ब�हार च$हा� की� ट�लो� उछःलो-की$ द व भी�ग-दOडा कीर� में, लोग� था�। उ�में, एँकी में�ट�-स� च$हा था�, जिजास दूसर च$हा ‘सरद�र’ कीहाकीर ब4लो� रहा था और उसकी� आदश में�� रहा था। क्तिसयां�र उन्हा, दर्खतं� रहा�। उसकी में4�हा स लो�र टपंकीतं� रहा�। निफूर उसकी दिदमें�ग में, एँकी तंरकी�ब आई।

जाब च$हा वहा�� स गएँ तं� उस� दब पं��व उ�की� पं�छः� निकीयां�। की4 छः हा� दूर उ� च$हा� की निबलो था। क्तिसयां�र व�पंस लोOट�। दूसर दिद� प्रे�तंS हा� वहा उ� च$हा� की निबलो की पं�स जा�कीर एँकी ट��ग पंर ख्डा� हा� गयां�। उसकी� में4�हा उगतं स$रजा की� ओर था�। आ�र्ख ब�द था�।

च$हा ब�लो� स नि�कीलो तं� क्तिसयां�र की� उस अ��र्ख� में4द्र� में, र्खडा दर्खकीर व बहुतं चनिकीतं हुएँ। एँकी च$हा � जार� क्तिसयां�र की नि�कीट जा�कीर पं$छः� “क्तिसयां�र में�में�, तं4में इस प्रेकी�र एँकी ट��ग पंर क्यां� र्खडा हा�?”

क्तिसयां�र � एँकी आ�र्ख र्ख�लोकीर ब�लो� “में$र्ख%, तं4� मेंर ब�र में, �हा> स4�� कीभी�? में� च�र� ट��ग, ��च दिटकी� दू�ग� तं� धरतं� मेंर� ब�झे �हा> सम्भ�लो पं�एँग�। यांहा डा�लो जा�एँग�। स�था हा� तं4में सब �ष्ट हा� जा�ओग। तं4मेंहा�र हा� कील्यां�णी की क्तिलोएँ में4झे एँकी ट��ग पंर र्खडा रहा�� पंडातं� हा�।”

च$हा� में, र्ख4सर-पं4सर हुई। व क्तिसयां�र की नि�कीट आकीर र्खडा हा� गएँ। च$हा� की सरद�र � कीहा� “हा मेंहा�� क्तिसयां�र, हामें, अपं� ब�र में, की4 छः बतं�इएँ।”

क्तिसयां�र � ढ�ग रच� “मेंh� सhकीडा� वर्षों% निहामें�लोयां पंव%तं पंर एँकी ट��ग पंर र्खडा हा�कीर तंपंस्यां� की�। मेंर� तंपंस्यां� समें�प्तं हा�� पंर एँकी ट��ग पंर र्खडा हा�कीर तंपंस्यां� की�। मेंर� तंपंस्यां� समें�प्तं हा�� पंर सभी� दवतं�ओं � में4झे पंर फू$ लो� की� वर्षों�% की�। भीगव�� � प्रेकीट हा�कीर कीहा� निकी मेंर तंपं स मेंर� भी�र इतं�� हा� गयां� हा� निकी में� च�र� पंhर धरतं� पंर रर्ख$� तं� धरतं� निगरतं� हुई ब्राह्म��डा की� फू�डाकीर दूसर� ओर नि�कीलो जा�एँग�। धरतं� मेंर� कीP पं� पं�र हा� दिटकी� रहाग�। तंबस में� एँकी ट��ग पंर हा� र्खडा� हूं�। में� �हा> च�हातं� निकी मेंर की�रणी दूसर जा�व� की� कीष्ट हा�।”

स�र च$हा� की� समें$हा मेंहा�तंपंस्व� क्तिसयां�र की स�में� हा�था जा�डाकीर र्खडा� हा� गयां�। एँकी च$हा � पं$छः� “तंपंस्व� में�में�, आपं� अपं�� में4�हा स$रजा की� ओर क्यां� कीर रर्ख� हा�?”

क्तिसयां�र � उत्तर दिदयां� “स$यां% की� पं$जा� की क्तिलोएँ।”

“और आपंकी� में4�हा क्यां� र्ख4लो� हा�?” दूसर च$हा � कीहा�।

Page 14: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

“हाव� र्ख�� की क्तिलोएँ! में� की वलो हाव� र्ख�कीर जिंजाXद� रहातं� हूं�। में4झे र्ख��� र्ख�� की� जारुरतं �हा> पंडातं�। मेंर तंपं की� बलो हाव� की� हा� पंट में, भी��नितं-भी��नितं की पंकीव��� में, बदलो दतं� हा�।” क्तिसयां�र ब�लो�।

उसकी� इस ब�तं की� स4�कीर च$हा� पंर जाबरदस्तं प्रेभी�व पंडा�। अब क्तिसयां�र की� ओर स उ�की� स�र� भीयां जा�तं� रहा�। व उसकी और नि�कीट आ गएँ। अपं�� ब�तं की� असर च$हा� पंर हा�तं� दर्ख मेंक्की�र क्तिसयां�र दिदलो हा� दिदलो में, र्ख$ब हा�स�। अब च$हा मेंहा�तंपंस्व� क्तिसयां�र की भी2 ब� गएँ। क्तिसयां�र एँकी ट��ग पंर र्खडा� रहातं� और च$हा उसकी च�र� ओर बhठीकीर ढ�लोकी,

मेंजा�र, र्खडातं�लो और क्तिचमेंट लोकीर उसकी भीजा� ग�तं।

क्तिसयां�र क्तिसयां�रमें| भीजा�में| भीजा�में।

भीजा� निकीतं%� समें�प्तं हा�� की ब�द च$हा� की� ट�क्तिलोयां�� भीक्ति2 रस में, डा$बकीर अपं� निबलो� में, घो4स� लोगतं� तं� क्तिसयां�र सबस ब�द की तं��-च�र च$हा� की� दब�चकीर र्ख� जा�तं�। निफूर र�तं भीर आर�में कीरतं�, स�तं� और डाकी�र, लोतं�।

स4बहा हा�तं हा� निफूर वहा च$हा� की निबलो� की पं�स आकीर एँकी ट��ग पंर र्खडा� हा� जा�तं� और अपं�� ��टकी च�लो$ रर्खतं�। ध� च$हा� की� स�ख्यां� कीमें हा�� लोग�। च$हा� की सरद�र की� �जार स यांहा ब�तं क्तिछःपं� �हा> रहा�। एँकी दिद� सरद�र � क्तिसयां�र स पं$छः हा� क्तिलोयां� “हा मेंहा�त्में� क्तिसयां�र, मेंर� ट�लो� की च$हा में4झे कीमें हा�तं �जार आ रहा हा�। ऐस� क्यां� हा� रहा� हा�?”

क्तिसयां�र � आशBव�द की� में4द्र� में, हा�था उठी�यां� “हा चतं4र में$र्षोंकी, यांहा तं� हा��� हा� था�। जा� सच्चा में� स मेंर� भीक्ति2 लोरग�, वहा सशर�र बhकी4 ण्ठी की� जा�एँग�। बहुतं स च$हा भीक्ति2 की� फूलो पं� रहा हा�।”

च$हा� की सरद�र � दर्ख� निकी क्तिसयां�र में�ट� हा� गयां� हा�। कीहा> उसकी� पंट हा� तं� वहा बhकी4 ण्ठी लो�की �हा> हा�, जाहा�� च$हा जा� रहा हा�?

च$हा� की सरद�र � ब�की� बच च$हा� की� चतं�यां� और स्वयां� उस� दूसर दिद� सबस ब�द में, निबलो में, घो4स� की� नि�Wयां निकीयां�। भीजा� समें�प्तं हा�� की ब�द च$हा निबलो� में, घो4स। क्तिसयां�र � सबस अ�तं की च$हा की� दब�च�� च�हा�।

च$हा� की� सरद�र पंहालो हा� चOकीन्न� था�। वहा द��व में�रकीर क्तिसयां�र की� पं�जा� बच� गयां�। असक्तिलोयांतं की� पंतं� चलोतं हा� वहा उछःलोकीर क्तिसयां�र की� गद%� पंर चढ गयां� और उस� ब�की� च$हा� की� हामेंलो� कीर� की क्तिलोएँ कीहा�। स�था हा� उस� अपं� द��तं क्तिसयां�र की� गद%� में, गढ� दिदएँ। ब�की� च$हा भी� क्तिसयां�र पंर झेपंट और सब� की4 छः हा� दर में, मेंहा�त्में� क्तिसयां�र की� की� की�लो क्तिसयां�र ब�� दिदयां�। की वलो उसकी� हानि यां� की� पिंपंXजार बच� रहा गयां�।

सी�खः� ढ�ग की4 छः हा� दिद� चलोतं� हा�, निफूर ढ�ग� की� अपं�� कीर�� की� फूलो यिमेंलोतं� हा� हा�।

ढ�लो की� पं�लोएँकी ब�र एँकी जा�गलो की नि�कीटद� र�जा�ओं की ब�च घो�र यां4i हुआ। एँकी जा�तं� दूसर� हा�र�। स��एँ� अपं� �गर� की� लोOट गई। बस, स�� की� एँकी ढ�लो पं�छः रहा गयां�। उस ढ�लो की� बजा�-बजा�कीर स�� की स�था गएँ भी��डा व च�रणी र�तं की� व�रतं� की� कीहा�नि�यां�� स4��तं था।

यां4i की ब�द एँकी दिद� आ�ध� आई। आ�ध� की जा�र में, वहा ढ�लो लो4ढकीतं�-पं4ढकीतं� एँकी स$र्ख पंडा की पं�स जा�कीर दिटकी गयां�। उस पंडा की� स$र्ख� टहानि�यां�� ढ�लो स इस तंरहा स सट गई था� निकी तंजा हाव� चलोतं हा� ढ�लो पंर टकीर� जा�तं� था� और ढमें�ढमें ढमें�ढमें की� ग4�जा�यांमें�� आव�जा हा�तं�।

एँकी क्तिसयां�र उस (त्र में, घो$मेंतं� था�। उस� ढ�लो की� आव�जा स4��। वहा बडा� भीयांभी�तं हुआ। ऐस� अजा�ब आव�जा ब�लोतं पंहालो उस� निकीस� जा��वर की� �हा> स4�� था�। वहा स�च� लोग� निकी यांहा कीh स� जा��वर हा�, जा� ऐस� जा�रद�र ब�लो� ब�लोतं� हा�’ढमें�ढमें’। क्तिसयां�र क्तिछःपंकीर ढ�लो की� दर्खतं� रहातं�, यांहा जा��� की क्तिलोएँ निकी यांहा जा�व उडा� व�लो� हा� यां� च�र ट��ग� पंर दOडा� व�लो�।

एँकी दिद� क्तिसयां�र झे�डा� की पं�छः छः4 पं कीर ढ�लो पंर �जार रर्ख था�। तंभी� पंडा स ��च उतंरतं� हुई एँकी निगलोहार� की$ दकीर ढ�लो पंर उतंर�। हालोकी�-स� ढमें की� आव�जा भी� हुई। निगलोहार� ढ�लो पंर बhठीd द��� की4 तंरतं� रहा�।

क्तिसयां�र बडाबडा�यां� “ओहा! तं� यांहा की�ई पिंहाXसकी जा�व �हा> हा�। में4झे भी� डार�� �हा> च�निहाएँ।”

क्तिसयां�र फू$� की-फू$� कीकीर कीदमें रर्खतं� ढ�लो की नि�कीट गयां�। उस स$�घो�। ढ�लो की� उस � कीहा> क्तिसर �जार आयां� और � पंhर। तंभी� हाव� की झे4�की स टहानि�यां�� ढ�लो स टकीर�ईं। ढमें की� आव�जा हुई और क्तिसयां�र उछःलोकीर पं�छः जा� निगर�।

“अब समेंझे आयां�।” क्तिसयां�र उढ� की� की�क्तिशश कीरतं� हुआ ब�लो� “यांहा तं� ब�हार की� र्ख�लो हा�।जा�व इस र्ख�लो की अ�दर हा�। आव�जा बतं� रहा� हा� निकी जा� की�ई जा�व इस र्ख�लो की भी�तंर रहातं� हा�, वहा में�ट�-तं�जा� हा��� च�निहाएँ। चबB स भीर� शर�र। तंभी� यां ढमें=ढमें की� जा�रद�र ब�लो� ब�लोतं� हा�।”

अपं�� में��द में, घो4सतं हा� क्तिसयां�र ब�लो� “ओ क्तिसयां�र�! द�वतं र्ख�� की क्तिलोएँ तंhयां�र हा� जा�। एँकी में�ट-तं�जा क्तिशकी�र की� पंतं� लोग�कीर आयां� हूं�।”

क्तिसयां�र� पं$छः� लोग� “तं4में उस में�रकीर क्यां� �हा> लो�एँ?”

क्तिसयां�र � उस जिझेडाकी� द` “क्यां�निकी में� तंर� तंरहा में$र्ख% �हा> हूं�। वहा एँकी र्ख�लो की भी�तंर क्तिछःपं� बhठी� हा�। र्ख�लो ऐस� हा� निकी उसमें, द� तंरफू स$र्ख� चमेंडा� की दरव�जा हा�।में� एँकी तंरफू स हा�था डा�लो उस पंकीडा� की� की�क्तिशश कीरतं� तं� वहा दूसर दरव�जा स � भी�ग जा�तं�?”

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च��द नि�कीलो� पंर द��� ढ�लो की� ओर गएँ। जाब वहा| नि�कीट पंहु�च हा� रहा था निकी निफूर हाव� स टहानि�यां�� ढ�लो पंर टकीर�ईं और ढमें-ढमें की� आव�जा नि�कीलो�। क्तिसयां�र क्तिसयां�र� की की�� में, ब�लो� “स4�� उसकी� आव�जा|? जार� स�च जिजासकी� आव�जा ऐस� गहार� हा�, वहा र्ख4द निकीतं�� में�ट� तं�जा� हा�ग�।”

द��� ढ�लो की� स�ध� कीर उसकी द��� ओर बhठी और लोग द��तं� स ढ�लो की द��� चमेंडा� व�लो भी�ग की निकी��र फू�डा�। जाhस हा� चमेंनिडायां�� कीट� लोग�, क्तिसयां�र ब�लो� “हा�क्तिशयां�र रहा��। एँकी स�था हा�था अ�दर डा�लो क्तिशकी�र की� दब�च�� हा�।” द��� � ‘हूं�’ की� आव�जा की स�था हा�था ढ�लो की भी�तंर डा�लो और अ�दर टट�लो� लोग। अद�र की4 छः �हा> था�। एँकी दूसर की हा�था हा� पंकीडा में, आएँ। द��� क्तिचल्लो�एँ “हा�! यांहा�� तं� की4 छः �हा> हा�।” और व में�था� पं�टकीर रहा गएँ।

सी�खः� शर्ख� में�र� व�लो ढ�लो की� तंरहा हा� अ�दर स र्ख�र्खलो हा�तं हा�।

तं�� मेंछःक्तिलोयां��एँकी �द` की निकी��र उस� �द` स जा4डा� एँकी बडा� जालो�शयां था�। जालो�शयां में, पं��� गहार� हा�तं� हा�, इसक्तिलोएँ उसमें, की�ई तंथा� मेंछःक्तिलोयां� की� निप्रेयां भी�जा� जालो�यां स$क्ष्में पंOध उगतं हा�। ऐस स्था�� मेंछःक्तिलोयां� की� बहुतं र�स आतं हा�। उस जालो�शयां में, भी� �द` स बहुतं-स� मेंछःक्तिलोयां�� आकीर रहातं� था�। अ�डा द� की क्तिलोएँ तं� सभी� मेंछःक्तिलोयां�� उस जालो�शयां में, आतं� था�। वहा जालो�शयां लोम्ब� घो�स व झे�निडायां� द्वा�र� यिघोर� हा�� की की�रणी आस��� स �जार �हा> आतं� था�।

उस� में तं�� मेंछःक्तिलोयां� की� झे4�डा रहातं� था�। उ�की स्वभी�व क्षिभीन्न था। अन्न� स�कीट आ� की लो(णी यिमेंलोतं हा� स�कीट ट�लो� की� उपं�यां कीर� में, निवश्वा�स रर्खतं� था�। प्रेत्यां4 कीहातं� था� निकी स�कीट आ� पंर हा� उसस बच� की� यांत्� कीर�। यांद्दा` की� स�च�� था� निकी स�कीट की� ट�लो� यां� उसस बच� की� ब�तं बकी�र हा� कीर� कीर�� स की4 छः �हा> हा�तं� जा� निकीस्मेंतं में, क्तिलोर्ख� हाh, वहा हा�कीर रहाग�।

एँकी दिद� श�में की� मेंछः4 आर �द` में, मेंछःक्तिलोयां�� पंकीडाकीर घोर जा� रहा था। बहुतं कीमें मेंछःक्तिलोयां�� उ�की जा�लो� में, फू� स� था�। अतंS उ�की चहार उद�स था। तंभी� उन्हा, झे�निडायां� की ऊंपंर मेंछःलो�र्ख�र पंक्षि(यां� की� झे4�डा जा�तं� दिदकी�ई दिदयां�। सबकी� च�च में, मेंछःक्तिलोयां�� दब� था�। व चKकी ।

एँकी � अ�4में�� लोग�यां� “द�स्तं�! लोगतं� हा� झे�निडायां� की पं�छः �द` स जा4डा� जालो�शयां हा�, जाहा�� इतं�� स�र� मेंछःक्तिलोयां�� पंलो रहा� हा�।”

मेंछः4 आर पं4लोनिकीतं हा�कीर झे�निडायां� में, स हा�कीर जालो�शयां की तंट पंर आ नि�कीलो और लोलोच�ई �जार स मेंछःक्तिलोयां� की� दर्ख� लोग।

एँकी मेंछः4 आर� ब�लो� “अहा�! इस जालो�शयां में, तं� मेंछःक्तिलोयां�� भीर� पंडा� हा�। आजा तंकी हामें, इसकी� पंतं� हा� �हा> लोग�।” “यांहा�� हामें, ढ र स�र� मेंछःक्तिलोयां�� यिमेंलो,ग�।” दूसर� ब�लो�।

तं�सर � कीहा� “आजा तं� श�में यिघोर� व�लो� हा�। कीलो स4बहा हा� आकीर यांहा�� जा�लो डा�लो,ग।”

इस प्रेकी�र मेंछः4 आर दूसर दिद� की� की�यां%क्रूमें तंयां कीरकी चलो गएँ। तं��� मेंज्जि£लोयां� � मेंछः4 आर की� ब�तं स4� लो� था�।

अन्न� मेंछःलो� � कीहा� “स�क्तिथायां�! तं4में� मेंछः4 आर की� ब�तं स4� लो�। अब हामें�र� यांहा�� रहा�� र्खतंर स र्ख�लो� �हा> हा�। र्खतंर की� स$च�� हामें, यिमेंलो गई हा�। समेंयां रहातं अपं�� जा�� बच�� की� उपं�यां कीर�� च�निहाएँ। में� तं� अभी� हा� इस जालो�शयां की� छः�डाकीर �हार की र�स्तं �द` में, जा� रहा� हूं�। उसकी ब�द मेंछः4 आर स4बहा आएँ�, जा�लो फू, की , मेंर� बलो� स। तंब तंकी में� तं� बहुतं दूर अटर्खक्तिलोयां�� कीर रहा� हा�-ऊं� ग�।’

प्रेत्यां4 मेंछःलो� ब�लो� “तं4म्हा, जा��� हा� तं� जा�ओ, में� तं� �हा> आ रहा�। अभी� र्खतंर� आयां� कीहा�� हा�, जा� इतं�� घोबर�� की� जारुरतं हा� हा� सकीतं� हाh स�कीट आएँ हा� �। उ� मेंछः4 आर� की� यांहा�� आ� की� की�यां%क्रूमें रद्दा हा� सकीतं� हाh, हा� सकीतं� हा� र�तं की� उ�की जा�लो च$हा की4 तंर जा�एँ�, हा� सकीतं� हाh। उ�की� बस्तं� में, आग लोग जा�एँ। भी$च�लो आकीर उ�की ग��व की� �ष्ट कीर सकीतं� हा� यां� र�तं की� में$सलो�ध�र वर्षों�% आ सकीतं� हा� और ब�ढ में, उ�की� ग��व बहा सकीतं� हा�। इसक्तिलोएँ उ�की� आ�� नि�क्षिWतं �हा> हा�। जाब वहा आएँ�ग, तंब की� तंब स�च,ग। हा� सकीतं� हा� में� उ�की जा�लो में, हा� � फू� स$�।”

यांद्दा` � अपं�� भी�ग्यांव�द` ब�तं कीहा� “भी�ग� स की4 छः �हा> हा�� की�। मेंछः4 आर� की� आ�� हा� तं� वहा आएँ�ग। हामें, जा�लो में, फू� स�� हा� तं� हामें फू� स,ग। निकीस्मेंतं में, मेंर�� हा� क्तिलोर्ख� हा� तं� क्यां� निकीयां� जा� सकीतं� हा�?”

इस प्रेकी�र अन्न� तं� उस� समेंयां वहा�� स चलो� गई। प्रेत्यां4 और यांद्दा` जालो�शयां में, हा� रहा�। भी�र हुई तं� मेंछः4 आर अपं� जा�लो की� लोकीर आएँ और लोग जालो�शयां में, जा�लो फू, की� और मेंछःक्तिलोयां�� पंकीडा� । प्रेत्यां4 � स�कीट की� आएँ दर्ख� तं� लोग� जा�� बच�� की उपं�यां स�च� । उसकी� दिदमें�ग तंजा� स की�में कीर� लोग�। आस-पं�स क्तिछःपं� की क्तिलोएँ की�ई र्ख�र्खलो� जागहा भी� �हा> था�। तंभी� उस यां�द आयां� निकी उस जालो�शयां में, की�फू� दिद�� स एँकी मेंर हुएँ ऊंदनिबलो�व की� लो�श तंhरतं� रहा� हा�। वहा उसकी बच�व की की�में आ सकीतं� हा�।

जाल्द` हा� उस वहा लो�श यिमेंलो गई। लो�श सडा� लोग� था�। प्रेत्यां4 लो�श की पंट में, घो4स गई और सडातं� लो�श की� सडा��ध अपं� ऊंपंर लोपंटकीर ब�हार नि�कीलो�। की4 छः हा� दर में, मेंछः4 आर की जा�लो में, प्रेत्यां4 फू� स गई। मेंछः4 आर � अपं�� जा�लो र्ख>च� और मेंछःक्तिलोयां� की� निकी��र पंर जा�लो स उलोट दिदयां�। ब�की� मेंछःक्तिलोयां�� तं� तंडापं� लोग>, पंरन्तं4 प्रेत्यां4 दमें स�धकीर मेंर� हुई मेंछःलो� की� तंरहा पंडा� रहा�। मेंच4आर की� सडा��ध की� भीभीकी� लोग� तं� मेंछःक्तिलोयां� की� दर्ख� लोग�। उस� नि�Wलो पंडा� प्रेत्यां4 की� उठी�यां� और स$�घो� “आकी! यांहा तं� कीई दिद�� की� मेंर� मेंछःलो� हा�। सडा च4की� हा�।” ऐस बडाबडा�कीर ब4र�-स� में4�हा ब��कीर उस मेंछः4 आर � प्रेत्यां4 की� जालो�शयां में, फू, की दिदयां�।

प्रेत्यां4 अपं�� ब4जिi की� प्रेयां�ग कीर स�कीट स बच नि�कीलो� में, सफूलो हा� गई था�। पं��� में, निगरतं हा� उस� ग�तं� लोग�यां� और स4रक्षि(तं गहार�ई में, पंहु�चकीर जा�� की� र्खhर में��ई।

यांद्दा` भी� दूसर मेंछः4 आर की जा�लो में, फू� स गई था� और एँकी ट�कीर में, डा�लो द` गई था�। भी�ग्यां की भीर�स बhठीd रहा� व�लो� यांद्दा` � उस� ट�कीर� में, अन्यां मेंछःक्तिलोयां� की� तंरहा तंडापं-तंडापंकीर प्रे�णी त्यां�ग दिदएँ।

Page 16: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

सी�खः� भी�ग्यां की भीर�स हा�था पंर हा�था धरकीर बhठी रहा� व�लो की� निव��श नि�क्षिWतं हा�।

दुश्में� की� स्व�था%एँकी पंव%तं की समें�पं निबलो में, में�दनिवर्षों ��मेंकी एँकी ब$ढ� स��पं रहातं� था�। अपं�� जाव��� में, वहा बडा� रOब�लो� स��पं था�। जाब वहा लोहार�कीर चलोतं� तं� निबजालो�-स� कीKध जा�तं� था� पंर ब4ढ�पं� तं� बडा-बडा� की� तंजा हार लोतं� हा�।ब4ढ�पं की� में�र स में�दनिवर्षों की� शर�र कीमेंजा�र पंडा गयां� था�। उसकी निवर्षोंद�तं निहालो� लोगथा और फू4 फूकी�रतं हुएँ दमें फू$ लो जा�तं� था�। जा� च$हा उसकी स�एँ स भी� दूर भी�गतं था, व अब उसकी शर�र की� फू��दकीर उस क्तिचढ�तं हुएँ नि�कीलो जा�तं। पंट भीर� की क्तिलोएँ च$हा� की भी� लो�लो पंडा गएँ था। में�दनिवर्षों इस� उधडाब4� में, लोग� रहातं� निकी निकीस प्रेकी�र आर�में स भी�जा� की� स्था�ई प्रेब�ध निकीयां� जा�एँ। एँकी दिद� उस एँकी उपं�यां स$झे� और उस आजामें�� की क्तिलोएँ वहा द�दुर सर�वर की निकी��र जा� पंहु�च�। द�दुर सर�वर में, मेंढकी� की� भीरमें�र था�। वहा�� उन्हा> की� र�जा था�। में�दनिवर्षों वहा�� इधर-उधर घो$में� लोग�। तंभी� उस एँकी पंत्थर पंर मेंढकी� की� र�जा� बhठी� �जार आयां�। में�दनिवर्षों � उस �मेंस्की�र निकीयां� “मेंहा�र�जा की� जायां हा�।”

मेंढकीर�जा चKकी� “तं4में! तं4में तं� हामें�र बhर� हा�। मेंर� जायां की� ��र� क्यां� लोग� रहा हा�?”

में�दनिवर्षों निव�म्रा स्वर में, ब�लो� “र�जा�, व पं4र��� ब�तं, हा�। अब तं� में� आपं मेंढकी� की� सव� कीरकी पं�पं� की� ध��� च�हातं� हूं�। श्र�पं स में4क्ति2 च�हातं� हूं�। ऐस� हा� मेंर ��गग4रु की� आदश हा�।”

मेंढकीर�जा � पं$छः� “उन्हा�� ऐस� निवक्तिचत्र आदश क्यां� दिदयां�?”

में�दनिवर्षों � में�गढ�तं कीहा��� स4��ई “र�जा�|, एँकी दिद� में� एँकी उद्य�� में, घो$में रहा� था�। वहा�� की4 छः में��व बच्चा र्खलो रहा था। गलोतं� स एँकी बच्चा की� पंhर में4झे पंर पंडा गयां� और बच�व स्व�भीववश में�� उस की�ट� और वहा बच्चा� मेंर गयां�। में4झे सपं� में, भीगव�� श्र�कीP ष्णी �जार आएँ और श्र�पं दिदयां� निकी में� वर्षों% समें�प्तं हा�तं हा� पंत्थर की� हा� जा�ऊं� ग�। मेंर ग4रुदव � कीहा� निकी ब�लोकी की� मेंPत्यां4 की� की�रणी ब� में�� कीP ष्णीजा� की� रुष्ट कीर दिदयां� हा�,क्यां�निकी ब�लोकी कीP ष्णी की� हा� रुपं हा�तं हा�। बहुतं निगडानिगडा�� पंर ग4रुजा� � श्र�पं में4क्ति2 की� उपं�यां बतं�यां�। उपं�यां यांहा हा� निकी में� वर्षों% की अ�तं तंकी मेंढकी� की� पं�ठी पंर बhठी�कीर सhर कीर�ऊं� ।”

में�दनिवर्षों निकी ब�तं स4�कीर मेंढकीर�जा चनिकीतं रहा गयां�। स��पं की� पं�ठी पंर सव�र� कीर� की� आजा तंकी निकीस मेंढकी की� श्रhयां प्रे�प्तं हुआ? उस� स�च� निकी यांहा तं� एँकी अ��र्ख� की�में हा�ग�। मेंढकीर�जा सर�वर में, की$ द गयां� और स�र मेंढकी� की� इकीट्ठा� कीर में�दनिवर्षों की� ब�तं स4��ई। सभी� मेंढकी भीKचक्की रहा गएँ।

एँकी ब$ढ� मेंढकी ब�लो� “मेंढकी एँकी सपं% की� सव�र कीर,। यांहा एँकी अदभी4तं ब�तं हा�ग�। हामें लो�ग स�स�र में, सबस श्रष्ठ मेंढकी में�� जा�एँ�ग।”

एँकी स��पं की� पं�ठी पंर बhठीकीर सhर कीर� की लो�लोच � सभी� मेंढकी� की� अक्लो पंर पंद�% डा�लो दिदयां� था�। सभी� � ‘हा��’ में, ‘हा��’ यिमेंलो�ई। मेंढकीर�जा � ब�हार आकीर में�दनिवर्षों स कीहा� “सपं%, हामें तं4म्हा�र� सहा�यांतं� कीर� की क्तिलोएँ तंhयां�र हा�।”

बस निफूर क्यां� था�। आठी-दस मेंढकी में�दनिवर्षों की� पं�ठी पंर सव�र हा� गएँ और नि�कीलो� सव�र�। सबस आग र�जा� बhठी� था�। में�दनिवर्षों � इधर-उधर सhर कीर�कीर उन्हाणी| सर�वर तंट पंर उतं�र दिदयां�। मेंढकी में�दनिवर्षों की कीहा� पंर उसकी क्तिसर पंर स हा�तं हुएँ आग उतंर। में�दनिवर्षों सबस पं�छः व�लो मेंढकी की� गप्पं र्ख� गयां�। अब तं� र�जा यांहा� क्रूमें चलो� लोग�। र�जा में�दनिवर्षों की� पं�ठी पंर मेंढकी� की� सव�र� नि�कीलोतं� और सबस पं�छः उतंर� व�लो की� वहा र्ख� जा�तं�।

एँकी दिद� एँकी दूसर सपं% � में�दनिवर्षों की� मेंढकी� की� ढ�तं द|र्ख क्तिलोयां�। ब�द में, उस� में�दनिवर्षों की� बहुतं यिधक्की�र� “अर!क्यां� सपं% जा�नितं की� ��की कीटव� रहा� हा�?”

में�दनिवर्षों � उत्तर दिदयां� “समेंयां पंडा� पंर ��नितं स की�में लो�� पंडातं� हा�। अच्छा -ब4र की� मेंर स�में� सव�लो �हा> हा�। कीहातं हा� निकी में4स�बतं की समेंयां गध की� भी� ब�पं ब���� पंडा तं� ब��ओ।”

में�दनिवर्षों की दिद� मेंजा स कीट� लोग। वहा पं�छः व�लो व�लो मेंढकी की� इस सफू�ईस र्ख� जा�तं� निकी निकीस� की� पंतं� � लोगतं�। मेंढकी अपं�� निग�तं� कीर�� तं� जा��तं �हा> था, जा� निग�तं� द्वा�र� में�जार� समेंझे लोतं।

एँकी दिद� मेंढकीर�जा ब�लो� “में4झे ऐस� लोग हा�% हा� निकी सर�वर में, मेंढकी पंहालो स कीमें हा� गएँ हा�। पंतं� �हा> क्यां� ब�तं हा�?”

में�दनिवर्षों � कीहा� “हा र�जा�, सपं% की� सव�र� कीर� व�लो मेंहा�� मेंढकी र�जा� की रुपं में, आपंकी� ख्यां�नितं दूर-दूर तंकी पंहु�च रहा� हा�। यांहा�� की बहुतं स मेंढकी आपंकी� यांश फूh लो�� दूसर सर�वर�, तंलो� व झे�लो� में, जा� रहा हा�।”

मेंढकीर�जा की� गव% स छः�तं� फू$ लो गई। अब उस सर�वर में, मेंढकी� की कीमें हा�� की� भी� गमें �हा> था�। जिजातं� मेंढकी कीमें हा�तं जा�तं, वहा यांहा स�चकीर उतं�� हा� प्रेसन्न हा�तं� निकी स�र स�स�र में, उसकी� झे�डा� गडा रहा� हा�।

आखिर्खर वहा दिद� भी� आयां�, जाब स�र मेंढकी समें�प्तं हा� गएँ। की वलो मेंढकीर�जा अकी लो� रहा गयां�। उस� स्वयां� की� अकी लो में�दनिवर्षों की� पं�ठी पंर बhठी� पं�यां� तं� उस� में�दनिवर्षों स पं$छः� “लोगतं� हा� सर�वर में, में� अकी लो� रहा गयां� हूं�। में� अकी लो� कीh स रहूं�ग�?”

में�दनिवर्षों में4स्की4 र�यां� “र�जा�, आपं क्तिचन्तं� � कीर,। में� आपंकी� अकी लो�पं� भी� दूर कीर दू�ग�।”

ऐस� कीहातं हुएँ में�दनिवर्षों � मेंढकीर�जा की� भी� गप्पं स नि�गलो क्तिलोयां� और वहा> भीजा� जाहा�� सर�वर की स�र मेंढकी पंहु�च� दिदएँ गएँ था।

Page 17: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

सी�खः� शत्र4 की� ब�तं� पंर निवश्वा�स कीर�� अपं�� मेंOतं की� द�वतं द�� हा�।

दुष्ट सपं%एँकी जा�गलो में, एँकी बहुतं पं4र��� बरगद की� पंडा था�। उस पंडा पंर घो�सलो� ब��कीर एँकी कीOआ-कीव्व� की� जा�डा� रहातं� था�। उस� पंडा की र्ख�र्खलो तं� में, कीहा> स आकीर एँकी दुष्ट सपं% रहा�� लोग�। हार वर्षों% मेंOसलो आ� पंर कीव्व� घो�सलो में, अ�डा दतं� और दुष्ट सपं% मेंOकी� पं�कीर उ�की घो�सलो में, जा�कीर अ�डा र्ख� जा�तं�। एँकी ब�र जाब कीOआ व कीव्व� जाल्द` भी�जा� पं�कीर श�घ्र हा� लोOट आएँ तं� उन्हा�� उस दुष्ट सपं% की� अपं� घो�सलो में, रर्ख अ�डा� पंर झेपंट|तं दर्ख�।

अ�डा र्ख�कीर सपं% चलो� गयां� कीOएँ � कीव्व� की� ढ�डास ब�ध�यां� “निप्रेयां, निहाम्मेंतं रर्ख�। अब हामें, शत्र4 की� पंतं� चलो गयां� हा�। की4 छः उपं�यां भी� स�च लो,ग।”

कीOएँ � की�फू� स�च� निवच�र� और पंहालो व�लो घो�सलो की� छः�डा उसस की�फू� ऊंपंर टहा�� पंर घो�सलो� ब��यां� और कीव्व� स कीहा� “यांहा�� हामें�र अ�डा स4रक्षि(तं रहा,ग। हामें�र� घो�सलो� पंडा की� च�ट` की निकी��र नि�कीट हा� और ऊंपंर आसमें�� में, च�लो में�डार�तं� रहातं� हा�। च�लो स��पं की� बhर� हा�। दुष्ट सपं% यांहा�� तंकी आ� की� स�हास �हा> कीर पं�एँग�।”

कीOव की� ब�तं में��कीर कीव्व� � �एँ घो�सलो में, अ�डा स4रक्षि(तं रहा और उ�में, स बच्चा भी� नि�कीलो आएँ।

उधर सपं% उ�की� घो�सलो� र्ख�लो� दर्खकीर यांहा समेंझे� निकी निकी उसकी डार स कीOआ कीव्व� श�यांद वहा�� स चलो गएँ हा� पंर दुष्ट सपं% ट�हा लोतं� रहातं� था�। उस� दर्ख� निकी कीOआ-कीव्व� उस� पंडा स उडातं हा� और लोOटतं भी� वहा> हा�। उस यांहा समेंझेतं दर �हा> लोग� निकी उन्हा�� �यां� घो�सलो� उस� पंडा पंर ऊंपंर ब�� रर्ख� हा�। एँकी दिद� सपं% र्ख�हा स नि�कीलो� और उस� कीOओं की� �यां� घो�सलो� र्ख�जा क्तिलोयां�।

घो�सलो में, कीOआ द�पंतं� की तं�� �वजा�तं क्तिशश4 था। दुष्ट सपं% उन्हा, एँकी-एँकी कीरकी घोपं�घोपं नि�गलो गयां� और अपं� र्ख�हा में, लोOटकीर डाकी�र, लो� लोग�।

कीOआ व कीव्व� लोOट तं� घो�सलो� र्ख�लो� पं�कीर सन्न रहा गएँ। घो�सलो में, हुई ट$ट-फू$ ट व �न्हा, कीOओं की की�मेंलो पं�र्ख निबर्खर दर्खकीर वहा स�र� में�जार� समेंझे गएँ। कीव्व� की� छः�तं� तं� दुर्ख स फूट� लोग�। कीव्व� निबलोर्ख उठीd “तं� क्यां� हार वर्षों% मेंर बच्चा स��पं की� भी�जा� ब�तं रहा,ग?”

कीOआ ब�लो� “�हा>! यांहा में��� निकी हामें�र स�में� निवकीट समेंस्यां� हा� पंर यांहा�� स भी�ग�� हा� उसकी� हालो �हा> हा�। निवपंक्षित्त की समेंयां हा� यिमेंत्र की�में आतं हा�। हामें, लो�मेंडा� यिमेंत्र स सलो�हा लो�� च�निहाएँ।”

द��� तं4र�तं हा� लो�मेंडा� की पं�स गएँ। लो�मेंडा� � अपं� यिमेंत्र� की� दुर्ख भीर� कीहा��� स4��। उस� कीOआ तंथा� कीव्व� की आ�स$ पं�छः। लो�मेंडा� � की�फू� स�च� की ब�द कीहा� “यिमेंत्र�! तं4म्हा, वहा पंडा छः�डाकीर जा�� की� जारुरतं �हा> हा�। मेंर दिदमें�ग में, एँकी तंरकी�ब आ रहा� हा�, जिजासस उस दुष्टसपं% स छः4 टकी�र� पं�यां� जा� सकीतं� हा�।”

लो�मेंडा� � अपं� चतं4र दिदमें�ग में, आई तंरकी�ब बतं�ई। लो�मेंडा� की� तंरकी�ब स4�कीर कीOआ-कीव्व� र्ख4श� स उछःलो पंडा,। उन्हा�� लो�मेंडा� की� धन्यांव�द दिदयां� और अपं� घोर लोOट आएँ। अगलो हा� दिद� यां�जा�� अमेंलो में, लो��� था�। उस� व� में, बहुतं बडा� सर�वर था�। उसमें, कीमेंलो और �रनिगस की फू$ लो खिर्खलो रहातं था। हार में�गलोव�र की� उस प्रेदश की� र�जाकी4 में�र� अपं�� सहाक्तिलोयां� की स�था वहा�� जालो-क्रू�डा� कीर� आतं� था�। उ�की स�था अ�गर(की तंथा� सhनि�की भी� आतं था।

इस ब�र र�जाकी4 में�र� आई और सर�वर में, स्��� कीर� जालो में, उतंर� तं� यां�जा�� की अ�4स�र कीOआ उडातं� हुआ वहा�� आयां�। उस� सर�वर तंट पंर र�जाकी4 में�र� तंथा� उसकी� सहाक्तिलोयां� द्वा�र� उतं�रकीर रर्ख गएँ कीपंडा� व आभी$र्षोंणी� पंर �जार डा�लो�। कीपंडा स सबस ऊंपंर था� र�जाकी4 में�र� की� निप्रेयां हा�र व में�नितंयां� की� निवलो(णी हा�र।

कीOएँ � र�जाकी4 में�र� तंथा� सहाक्तिलोयां� की� ध्यां�� अपं�� और आकीर्षिर्षोंXतं कीर� की क्तिलोएँ ‘की��व-की��व’ की� श�र मेंच�यां�। जाब सबकी� �जार उसकी� ओर घो$में� तं� कीOआ र�जाकी4 में�र� की� हा�र च�च में, दब�कीर ऊंपंर उडा गयां�। सभी� सहाक्तिलोयां�� च�र्ख� “दर्ख�, दर्ख�! वहा र�जाकी4 में�र� की� हा�र उठी�कीर लो जा� रहा� हा�।”

सhनि�की� � ऊंपंर दर्ख� तं� सचमें4च एँकी कीOआ हा�र लोकीर ध�र-ध�र उडातं� जा� रहा� था�। सhनि�की उस� दिदश� में, दOडा�लोग। कीOआ सhनि�की� की� अपं� पं�च लोग�कीर ध�र-ध�र उडातं� हुआ उस� पंडा की� ओर लो आयां�। जाब सhनि�की की4 च हा� दूर रहा गएँ तं� कीOएँ � र�जाकी4 में�र� की� हा�र इस प्रेकी�र निगर�यां� निकी वहा स��पं व�लो र्ख�हा की भी�तंर जा� निगर�।

सhनि�की दOडाकीर र्ख�हा की पं�स पंहु�च। उ�की सरद�र � र्ख�हा की भी�तंर झे��की�। उस� वहा�� हा�र और उसकी पं�स में, हा� एँकी की�लो सपं% की� की4 डा�लो� में�र दर्ख�। वहा क्तिचल्लो�यां� “पं�छः हाट�! अ�दर एँकी ��ग हा�।” सरद�र � र्ख�हा की भी�तंर भी�लो� में�र�। सपं% घो�यांलो हुआ और फू4 फूकी�रतं� हुआ ब�हार नि�कीलो�। जाhस हा� वहा ब�हार आयां�, सhनि�की� � भी�लो� स उसकी ट4कीडा-ट4कीडा कीर डा�लो।

सी�खः� ब4जिi की� प्रेयां�ग कीरकी हार स�कीट की� हालो नि�की�लो� जा� सकीतं� हा�।

�कीलो कीर�� ब4र� हाhएँकी पंहा�ड़ा की� ऊं� च� च�ट` पंर एँकी ब�जा रहातं� था�। पंहा�ड़ा की� तंर�ई में, बरगद की पंड़ा पंर एँकी कीOआ अपं�� घो�सलो� ब��कीर रहातं� था�। वहा बड़ा� च�लो�की और ध$तं% था�। उसकी� की�क्तिशश सद� यांहा� रहातं� था� निकी निब�� मेंहा�तं निकीएँ र्ख�� की� यिमेंलो जा�एँ। पंड़ा की आसपं�स र्ख�हा में, र्खरग�श रहातं था। जाब भी� र्खरग�श ब�हार आतं तं� ब�जा ऊं� च� उड़ा�� भीरतं और एँकी�ध र्खरग�श की� उठी�कीर लो जा�तं।

एँकी दिद� कीOएँ � स�च�, ‘वhस तं� यां च�लो�की र्खरग�श मेंर हा�था आएँ�ग �हा>, अगर इ�की� �में% में��स र्ख��� हाh तं� में4झे भी� ब�जा की� तंरहा कीर�� हा�ग�। एँकी�एँकी झेपंट्टी� में�रकीर पंकीड़ा लो$�ग�।’

Page 18: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

दूसर दिद� कीOएँ � भी� एँकी र्खरग�श की� दब�च� की� ब�तं स�चकीर ऊं� च� उड़ा�� भीर�। निफूर उस� र्खरग�श की� पंकीड़ा� की क्तिलोएँ ब�जा की� तंरहा जा�र स झेपंट्टी� में�र�। अब भीलो� कीOआ ब�जा की� क्यां� में4की�बलो� कीरतं�। र्खरग�श � उस दर्ख क्तिलोयां� और झेट वहा�� स भी�गकीर चट्टी�� की पं�छः क्तिछःपं गयां�। कीOआ अपं�� हा> झे�की में, उस चट्टी�� स जा� टकीर�यां�। �तं�जा� , उसकी� च�च और गरद� ट$ट गईं और उस� वहा> तंड़ापं कीर दमें तं�ड़ा दिदयां�।

शि�क्षा—�कीलो कीर� की क्तिलोएँ भी� अकीलो च�निहाएँ।

ब�दर की� कीलोजा�एँकी �द` निकी��र हार�-भीर� निवश�लो पंडा था�। उस पंर र्ख$ब स्व�दिदष्ट फूलो उग रहातं। उस� पंडा पंर एँकी बद�र रहातं� था�। बडा� मेंस्तं कीलो�दर। जा� भीरकीर फूलो र्ख�तं�, डा�क्तिलोयां� पंर झे$लोतं� और की$ दतं�-फू��दतं� रहातं�। उस ब�दर की जा�व� में, एँकी हा� कीमें� था� निकी उसकी� अपं�� की�ई �हा> था�। में��-ब�पं की ब�र में, उस की4 छः यां�द �हा> था� � उसकी की�ई भी�ई था�और � की�ई बहा�, जिजा�की स�था वहा र्खलोतं�। उस (त्र में, की�ई और ब�दर भी� �हा> था� जिजासस वहा द�स्तं� ग��ठी पं�तं�। एँकी दिद� वहा एँकी डा�लो पंर बhठी� �द` की� �जा�र� दर्ख रहा� था� निकी उस एँकी लो�ब� निवश�लो जा�व उस� पंडा की� ओर तंhरकीर आतं� �जार आयां�। ब�दर � ऐस� जा�व पंहालो कीभी� �हा> दर्ख� था�। उस� उस निवक्तिचत्र जा�व स पं$छः� “अर भी�ई, तं4में क्यां� च�जा हा�?”

निवश�लो जा�व � उत्तर दिदयां� “में� एँकी मेंगरमेंच्छा हूं�। �द` में, इस वर्षों% मेंज्जि£लोयां� की� अकी�लो पंडा गयां� हा�। बस, भी�जा� की� तंलो�श में, घो$मेंतं�-घो$मेंतं� इधर आ नि�कीलो� हूं�।”

ब�दर दिदलो की� अच्छा� था�। उस� स�च� निकी पंडा पंर इतं� फूलो हा�, इस बच�र की� भी� उ�की� स्व�द चर्ख�� च�निहाएँ। उस� एँकी फूलो तं�डाकीर मेंगर की� ओर फू, की�। मेंगर � फूलो र्ख�यां� बहुतं रस�लो� और स्व�दिदष्ट वहा फूट�फूट फूलो र्ख� गयां� और आश� स निफूर ब�दर की� ओर दर्ख� लोग�।

ब�दर � में4स्कीर�कीर और फूलो फू की, । मेंगर स�र फूलो र्ख� गयां� और अ�तं में, उस� स�तं�र्षों-भीर� डाकी�र लो� और पंट थापंथापं�कीर ब�लो� “धन्यांव�द, ब�दर भी�ई। र्ख$ब छःकी गयां�, अब चलोतं� हूं�।” ब�दर � उस दूसर दिद� भी� आ� की� न्यांOतं� द दिदयां�।

मेंगर दूसर दिद� आयां�। ब�दर � उस निफूर फूलो खिर्खलो�एँ। इस� प्रेकी�र ब�दर और मेंगर में, द�स्तं� जामें� लोग�। मेंगर र�जा आतं� द��� फूलो र्ख�तं-खिर्खलो�तं, गपंशपं में�रतं। ब�दर तं� वhस भी� अकी लो� रहातं� था�। उस मेंगर स द�स्तं� कीरकी बहुतं प्रेसन्नतं� हुई। उसकी� अकी लो�पं� दूर हुआ। एँकी स�था� यिमेंलो�। द� यिमेंलोकीर मेंOजा-मेंस्तं� कीर, तं� दुग�� आ�न्द आतं� हा�। एँकी दिद� ब�तं�-ब�तं� में, पंतं� लोग� निकी मेंगर की� घोर �द` की श$सर तंट पंर हा�, जाहा�� उसकी� पंत्�� भी� रहातं� हा�। यांहा जा��तं हा� ब�दर � उलो�हा� दिदयां� “मेंगर भी�ई, तं4में� इतं� दिद� में4झे भी�भी�जा� की ब�र में, �हा> बतं�यां� में� अपं�� भी�भी�जा� की क्तिलोएँ रस�लो फूलो दतं�। तं4में भी� अजा�ब नि�कीट्टू हा� अपं�� पंट भीरतं रहा और मेंर� भी�भी� की क्तिलोएँ कीभी� फूलो लोकीर �हा> गएँ।

उस श�में ब�दर � मेंगर की� जा�तं समेंयां ढर स�र फूलो च4�-च4�कीर दिदएँ। अपं� घोर पंहु�चकीर मेंगरमेंच्छा � वहा फूलो अपं�� पंत्�� मेंगरमेंच्छा�� की� दिदएँ। मेंगरमेंच्छा�� � वहा स्व�द भीर फूलो र्ख�एँ और बहुतं स�तं4ष्ट हुई। मेंगर � उस अपं� यिमेंत्र की ब�र में, बतं�यां�। पंत्�� की� निवश्वा�स � हुआ। वहा ब�लो� “जा�ओ, में4झे ब�� रहा हा�। ब�दर की� कीभी� निकीस� मेंगर स द�स्तं� हुई हा�?”

मेंगर � यांकी�� दिदलो�यां� “यांकी�� कीर� भी�ग्यांव��! व��% स�च� यांहा फूलो में4झे कीहा�� स यिमेंलो? में� तं� पंडा पंर चढ� स रहा�।”

मेंगर�� की� यांकी�� कीर�� पंडा�। उस दिद� की ब�द मेंगर�� की� र�जा ब�दर द्वा�र� भीजा फूलो र्ख�� की� यिमेंलो� लोग। उस फूलो र्ख�� की� यिमेंलोतं यांहा तं� ठीdकी था�, पंर मेंगर की� ब�दर स द�स्तं� की चक्कीर में, दिद� भीर दूर रहा�� उस र्खलो�� लोग�। र्ख�लो� बhठी -बhठी ऊं� च-��च स�च� लोग�।

वहा स्वभी�व स दुष्ट� था�। एँकी दिद� उसकी� दिदलो मेंचलो उठी� “जा� ब�दर इतं� रस�लो फूलो र्ख�तं� हा�,उसकी� कीलोजा� निकीतं�� स्व�दिदष्ट हा�ग�?” अब वहा च�लो, स�च� लोग�। एँकी दिद� मेंगर श�में की� घोर आयां� तं� उस� मेंगर�� की� कीर�हातं पं�यां�। पं$छः� पंर मेंगर�� ब�लो� “में4झे एँकी र्खतंर��की ब�में�र� हा� गई हाh। वhद्यजा� � कीहा� हा� निकी यांहा की वलो ब�दर की� कीलोजा� र्ख�� स हा� ठीdकी हा�ग�। तं4में अपं� उस यिमेंत्र ब�दर की� कीलोजा� लो� द�।”

मेंगर सन्न रहा गयां�। वहा अपं� यिमेंत्र की� कीh स में�र सकी�तं� हा�? �-�, यांहा �हा> हा� सकीतं�। मेंगर की� इ�की�र में, क्तिसर निहालो�तं दर्खकीर मेंगर�� जा�र स हा�यां-हा�यां कीर� लोग� “तं� निफूर में� मेंर जा�ऊं� ग�। तं4म्हा�र� बलो� स और मेंर पंट में, तं4म्हा�र बच्चा हा�। व भी� मेंर,ग। हामें सब मेंर जा�एँ�ग। तं4में अपं� ब�दर द�स्तं की स�था र्ख$ब फूलो र्ख�तं रहा��। हा�यां र , मेंर गई… में� मेंर गई।”

पंत्�� की� ब�तं स4�कीर मेंगर क्तिसहार उठी�। ब�व�-बच्चा� की में�हा � उसकी� अक्लो पंर पंद�% डा�लो दिदयां�। वहा अपं� द�स्तं स निवश्वा�सघो�तं कीर�, उसकी� जा�� लो� चलो पंडा�।

मेंगरमेंच्छा की� स4बहा-स4बहा आतं दर्खकीर ब�दर चनिकीतं हुआ। की�रणी पं$छः� पंर मेंगर ब�लो� “ब�दर भी�ई, तं4म्हा�र� भी�भी� बहुतं ��र�जा हा�। कीहा रहा� हा� निकी दवरजा� र�जा मेंर क्तिलोएँ रस�लो फूलो भीजातं हा�, पंर कीभी� दश%� �हा> दिदएँ। सव� की� मेंOकी� �हा> दिदयां�। आजा तं4में � आएँ तं� दवर-भी�भी� की� रिरश्तं� र्खत्में। तं4म्हा�र� भी�भी� � में4झे भी� स4बहा हा� भीग� दिदयां�। अगर तं4म्हा, स�था � लो जा� पं�यां� तं� वहा में4झे भी� घोर में, �हा> घो4स� दग�।”

ब�दर र्ख4श भी� हुआ और चकीर�यां� भी� “मेंगर में� आऊं� कीh स? यिमेंत्र, तं4में तं� जा��तं हा� निकी में4झे तंhर�� �हा, आतं�।” मेंगर ब�लो� “उसकी� क्तिचन्तं� मेंतं कीर�, मेंर� पं�ठी पंर बhठी�। में� लो चलो$�ग� � तं4म्हा,।”

ब�दर मेंगर की� पं�ठी पंर बhठी गयां�। की4 च दूर �द` में, जा�� पंर हा� मेंगर पं��� की अ�दर ग�तं� लोग�� लोग�। ब�दर क्तिचल्लो�यां� “यांहा क्यां� कीर रहा हा�? में� डा$ब जा�ऊं� ग�।”

मेंगर हा�स� “तं4म्हा, तं� मेंर�� हा� हा�।”

उसकी� ब�तं स4�कीर ब�दर की� में�था� ठी�की�, उस� पं$छः� “क्यां� मेंतंलोब?”

Page 19: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

मेंगर � ब�दर की� कीलोजा व�लो� स�र� ब�तं बतं� द`। ब�दर हाक्की�-बक्की� रहा गयां�। उस अपं� यिमेंत्र स ऐस� बइमें��� की� आश� �हा> था�।

ब�दर चतं4र था�। तं4र�तं अपं� आपं की� स�भी�लोकीर ब�लो� “व�हा, तं4में� में4झे पंहालो क्यां� �हा> बतं�यां�? में� अपं�� भी�भी� की क्तिलोएँ एँकी तं� क्यां� सOकीलोजा द दू�। पंर ब�तं यांहा हा� निकी में� अपं�� कीलोजा� पंडा पंर हा� छः�डा आयां� हूं�। तं4में� पंहालो हा� स�र� ब�तं में4झे � बतं�कीर बहुतं गलोतं� कीर द` हा�। अब जाल्द` स व�निपंस चलो� तं�निकी हामें पंडा पंर स कीलोजा� लोतं चलो,। दर हा� गई तं� भी�भी� मेंर जा�एँग�। निफूर में� अपं� आपंकी� कीभी� में�फू �हा> कीर पं�ऊं� ग�।”

अक्लो की� में�ट� मेंगरमेंच्छा उसकी� ब�तं सच में��कीर ब�दर की� लोकीर व�पंस लोOट चलो�। जाhस हा� व पंडा की पं�स पंहु�च, ब�दर लोपंकीकीर पंडा की� डा�लो� पंर चढ गयां� और ब�लो� “में$र्ख%, कीभी� की�ई अपं�� कीलोजा� ब�हार छः�डातं� हा�? दूसर की� कीलोजा� लो� की क्तिलोएँ अपं�� र्ख�पंडा� में, भी� भीजा� हा��� च�निहाएँ। अब जा� और अपं�� दुष्ट ब�व� की स�था बhठीकीर अपं� कीमें# की� र�।” ऐस� कीहाकीर ब�दर तं� पंडा की� टहानि�यां� में, लो4प्तं हा� गयां� और अक्लो की� दुश्में� मेंगरमेंच्छा अपं�� में�था� पं�टतं� हुआ लोOट गयां�।

सी�खः� 1. दूसर� की� ध�र्ख� द� व�लो� स्वयां� ध�र्ख� र्ख� जा�तं� हा�।

2. स�कीट की समेंयां ब4जिi स की�में लो�� च�निहाएँ।बग4लो� भीगतंएँकी व� प्रेदश में, एँकी बहुतं बडा� तं�लो�ब था�। हार प्रेकी�र की जा�व� की क्तिलोएँ उसमें, भी�जा� स�मेंग्र� हा�� की की�रणी वहा�� ���� प्रेकी�र की जा�व, पं(�, मेंछःक्तिलोयां��, कीछः4 एँ और की कीडा आदिद व�स कीरतं था। पं�स में, हा� बग4लो� रहातं� था�, जिजास पंरिरश्रमें कीर�� निबल्की4 लो अच्छा� �हा> लोगतं� था�। उसकी� आ�र्ख भी� की4 छः कीमेंजा�र था>। मेंछःक्तिलोयां�� पंकीडा� की क्तिलोएँ तं� मेंहा�तं कीर�� पंडातं� हा�, जा� उस र्खलोतं� था�। इसक्तिलोएँ आलोस्यां की में�र वहा प्रे�यांS भी$र्ख� हा� रहातं�। एँकी ट��ग पंर र्खडा� यांहा� स�चतं� रहातं� निकी क्यां� उपं�यां निकीयां� जा�एँ निकी निब�� हा�था-पंhर निहालो�एँ र�जा भी�जा� यिमेंलो। एँकी दिद� उस एँकी उपं�यां स$झे� तं� वहा उस आजामें�� बhठी गयां�।

बग4लो� तं�लो�ब की निकी��र र्खडा� हा� गयां� और लोग� आ�र्ख� स आ�स$ बहा��। एँकी की कीडा � उस आ�स$ बहा�तं दर्ख� तं� वहा उसकी नि�कीट आयां� और पं$छः� लोग� “में�में�, क्यां� ब�तं हा� भी�जा� की क्तिलोएँ मेंछःक्तिलोयां� की� क्तिशकी�र कीर� की� बजा�यां र्खडा आ�स$ बहा� रहा हा�?”

बग4लो � जा�र की� निहाचकी� लो� और भीर�%एँ गलो स ब�लो� “बट, बहुतं कीर क्तिलोयां� मेंछःक्तिलोयां� की� क्तिशकी�र। अब में� यांहा पं�पं की�यां% और �हा> कीरु� ग�। मेंर� आत्में� जा�ग उठीd हा�। इसक्तिलोएँ में� नि�कीट आई मेंछःक्तिलोयां� की� भी� �हा> पंकीडा रहा� हूं�। तं4में तं� दर्ख हा� रहा हा�।”

की कीडा� ब�लो� “में�में�, क्तिशकी�र �हा> कीर�ग, की4 छः र्ख�ओग �हा� तं� मेंर �हा> जा�ओग?”

बग4लो � एँकी और निहाचकी� लो� “ऐस जा�व� की� �ष्ट हा��� हा� अच्छा� हा� बट, वhस भी� हामें सबकी� जाल्द` मेंर�� हा� हा�। में4झे ज्ञ�तं हुआ हा� निकी श�घ्र हा� यांहा�� ब�रहा वर्षों% लो�ब� स$र्ख� पंडाग�।”

बग4लो � की कीडा की� बतं�यां� निकी यांहा ब�तं उस एँकी नित्रकी�लोदशB मेंहा�त्में� � बतं�ई हा�, जिजासकी� भीनिवष्यांव�णी� कीभी� गलोतं �हा> हा�तं�। की कीडा � जा�कीर सबकी� बतं�यां� निकी कीh स बग4लो � बक्तिलोद�� व भीक्ति2 की� में�ग% अपं�� क्तिलोयां� हा� और स$र्ख� पंडा� व�लो� हा�।

उस तं�लो�ब की स�र जा�व मेंछःक्तिलोयां��, कीछः4 एँ, की कीडा, बत्तर्ख, व स�रस आदिद दOस-दOडा बग4लो की पं�स आएँ और ब�लो “भीगतं में�में�, अब तं4में हा� हामें, की�ई बच�व की� र�स्तं� बतं�ओ। अपं�� अक्लो लोडा�ओ तं4में तं� मेंहा�ज्ञ��� ब� हा� गएँ हा� गएँ हा�।”

बग4लो � की4 छः स�चकीर बतं�यां� निकी वहा�� स की4 छः की�स दूर एँकी जालो�शयां हा� जिजासमें, पंहा�डा� झेर�� बहाकीर निगरतं� हा�। वहा कीभी� �हा> स$र्खतं� । यांदिद जालो�शयां की सब जा�व वहा�� चलो जा�एँ� तं� बच�व हा� सकीतं� हा�। अब समेंस्यां� यांहा था� निकी वहा�� तंकी जा�यां� कीh स जा�एँ�? बग4लो भीगतं � यांहा समेंस्यां� भी� स4लोझे� द` “में� तं4म्हा, एँकी-एँकी कीरकी अपं�� पं�ठी पंर निबठी�कीर वहा�� तंकी पंहु�च�ऊं� ग� क्यां�निकी अब मेंर� स�र� शर्षों जा�व� दूसर� की� सव� कीर� में, ग4जारग�।”

सभी� जा�व� � गद|-गद| हा�कीर ‘बग4लो� भीगतंजा� की� जाh’ की ��र लोग�एँ।

अब बग4लो� भीगतं की पंO-ब�रहा हा� गई। वहा र�जा एँकी जा�व की� अपं�� पं�ठी पंर निबठी�कीर लो जा�तं� और की4 छः दूर लो जा�कीर एँकी चट्टी�� की पं�स जा�कीर उस उस पंर पंटकीकीर में�र डा�लोतं� और र्ख� जा�तं�। कीभी� में$डा हुआ तं� भीगतंजा� द� फू र भी� लोग�तं और द� जा�व� की� चट कीर जा�तं तं�लो�ब में, जा��वर� की� स�ख्यां� घोट� लोग�। चट्टी�� की पं�स मेंर जा�व� की� हानि यां� की� ढ र बढ� लोग� और भीगतंजा� की� सहातं ब�� लोग�। र्ख�-र्ख�कीर वहा र्ख$ब में�ट हा� गएँ। में4र्ख पंर लो�लो� आ गई और पं�र्ख चबB की तंजा स चमेंकी� लोग। उन्हा, दर्खकीर दूसर जा�व कीहातं “दर्ख�, दूसर� की� सव� की� फूलो और पं4ण्यां भीगतंजा� की शर�र की� लोग रहा� हा�।”

बग4लो� भीगतं में� हा� में� र्ख$ब हा�सतं�। वहा स�चतं� निकी दर्ख� दुनि�यां� में, कीh स-कीh स में$र्ख% जा�व भीर पंडा हा�, जा� सबकी� निवश्वा�स कीर लोतं हा�। ऐस में$र्ख# की� दुनि�यां� में, था�डा� च�लो�की� स की�में क्तिलोयां� जा�एँ तं� मेंजा हा� मेंजा हा�। निब�� हा�था-पंhर निहालो�एँ र्ख$ब द�वतं उडा�ई जा� सकीतं� हा� स�स�र स में$र्ख% प्रे�णी� कीमें कीर� की� मेंOकी� यिमेंलोतं� हा� बhठी -निबठी�एँ पंट भीर� की� जा4ग�डा हा� जा�एँ तं� स�च� की� बहुतं समेंयां यिमेंलो जा�तं� हा�।

बहुतं दिद� यांहा� क्रूमें चलो�। एँकी दिद� की कीडा � बग4लो स कीहा� “में�में�, तं4में� इतं� स�र जा��वर यांहा�� स वहा�� पंहु�च� दिदएँ, लोनिकी� मेंर� ब�र� अभी� तंकी �हा> आई।”

भीगतंजा� ब�लो “बट�, आजा तंर� हा� ��बर लोग�तं हा�, आजा� मेंर� पं�ठी पंर बhठी जा�।”

की की डा� र्ख4श हा�कीर बग4लो की� पं�ठी पंर बhठी गयां�। जाब वहा चट्टी�� की नि�कीट पंहु�च� तं� वहा�� हानि यां� की� पंहा�डा दर्खकीर की कीडा की� में�था� ठी�की�। वहा हाकीलो�यां� “यांहा हानि यां� की� ढर कीh स� हा�? वहा जालो�शयां निकीतं�� दूर हा�, में�में�?”

Page 20: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

बग4लो� भीगतं ठी��-ठी�� कीरकी र्ख4ब हा�स� और ब�लो� “में$र्ख%, वहा�� की�ई जालो�शयां �हा> हा�। में� एँकी- एँकी की� पं�ठी पंर निबठी�कीर यांहा�� लो�कीर र्ख�तं� रहातं� हूं�। आजा तं4 मेंरग�।”

की कीडा� स�र� ब�तं समेंझे गयां�। वहा क्तिसहार उठी� पंरन्तं4 उस� निहाम्मेंतं � हा�र� और तं4र�तं अपं� जा�ब$र जाhस पं�जा� की� आग बढ�कीर उ�स दुष्ट बग4लो की� गद%� दब� द` और तंब तंकी दब�एँ रर्ख�, जाब तंकी उसकी प्रे�णी पंर्खरु � उडा गएँ।

निफूर की की डा� बग4लो भीगतं की� कीट� क्तिसर लोकीर तं�लो�ब पंर लोOट� और स�र जा�व� की� सच्चा�ई बतं� द` निकी कीh स दुष्ट बग4लो� भीगतं उन्हा, ध�र्ख� दतं� रहा�।

सी�खः� 1. दूसर� की� ब�तं� पंर आ�र्ख में$�दकीर निवश्वा�स �हा> कीर�� च�निहाएँ।

[स�पं�दिदतं कीर,] 2. में4स�बतं में, ध�रजा व ब4जिiमें��� स की�यां% कीर�� च�निहाएँ।बडा ��में की� चमेंत्की�रएँकी समेंयां की� ब�तं हाh एँकी व� में, हा�क्तिथायां� की� एँकी झे4�डा रहातं� था�। उस झे4�डा की� सरद�र चतं4द§तं ��मेंकी एँकी निवश�लो , पंर�क्रूमें�, ग�भी�र व समेंझेद�र हा�था� था�। सब उस� की� छःत्र-

छः�यां� में, श4र्ख स रहातं था। वहा सबकी� समेंस्यां�एँ� स4�तं�। उ�की� हालो नि�की�लोतं�, छः�ट-बडा सबकी� बर�बर ख्यां�लो रर्खतं� था�। एँकी ब�र उस (त्र में, भीयां�कीर स$र्ख� पंडा�। वर्षों# पं��� �हा> बरस�। स�र तं�लो-तंलोhयां� स$र्ख� लोग। पंडा-पंOध की4 म्हालो� गएँ धरतं� फूट गई, च�र� और हा�हा�की�र मेंच गई। हार प्रे�णी� ब$�द-ब$�द की क्तिलोएँ तंरसतं� गयां�। हा�क्तिथायां� � अपं� सरद�र स कीहा� “सरद�र, की�ई उपं�यां स�क्तिचएँ। हामें सब प्यां�स मेंर रहा हा�। हामें�र बच्चा तंडापं रहा हा�।”

चतं4द§तं पंहालो हा� स�र� समेंस्यां� जा��तं� था�। सबकी दुर्ख समेंझेतं� था� पंर उसकी� समेंझे में, �हा> आ रहा� था� निकी क्यां� उपं�यां कीर। स�चतं-स�चतं उस बचपं� की� एँकी ब�तं यां�द आई और चतं4द§तं � कीहा� “में4झे ऐस� यां�द आतं� हा� निकी मेंर द�द�जा� कीहातं था, यांहा�� स पं$व% दिदश� में, एँकी तं�लो हा�, जा� भी$यिमेंगतं जालो स जा4डा हा�� की की�रणी कीभी� �हा> स$र्खतं�। हामें, वहा�� चलो�� च�निहाएँ।” सभी� की� आश� की� निकीरणी �जार आई।

हा�क्तिथायां� की� झे4�डा चतं4द§तं द्वा�र� बतं�ई गई दिदश� की� ओर चलो पंडा�। निब�� पं��� की दिद� की� गमेंB में, सफूर कीर�� कीदिठी� था�, अतंS हा�था� र�तं की� सफूर कीरतं। पं��च र�नित्र की ब�द व उस अ��र्ख तं�लो तंकी पंहु�च गएँ। सचमें4च तं�लो पं��� स भीर� था� स�र हा�नितंयां� � र्ख$ब पं��� निपंयां� जा� भीरकीर तं�लो में, �हा�एँ व डा4बनिकीयां�� लोग�ईं।

उस� (त्र में, र्खरग�श� की� घो�� आब�द` था�। उ�की� श�मेंतं आ गई। सhकीडा� र्खरग�श हा�क्तिथायां� की पंhर�-तंलो की4 चलो गएँ। उ�की निबलो रKद गएँ। उ�में, हा�हा�की�र मेंच गयां�। बच-की4 च र्खरग�श� � एँकी आपं�तंकी�लो�� सभी� की�। एँकी र्खरग�श ब�लो� “हामें, यांहा�� स भी�ग�� च�निहाएँ।”

एँकी तंजा स्वभी�व व�लो� र्खरग�श भी�ग� की हाकी में, �हा> था�। उस� कीहा� “हामें, अक्लो स की�में लो�� च�निहाएँ। हा�था� अ�धनिवश्वा�स� हा�तं हा�। हामें उन्हा, कीहा,ग निकी हामें च�द्रव�श� हा�। तं4म्हा�र द्वा�र� निकीएँ र्खरग�श स�हा�र स हामें�र दव च�द्रमें� रुष्ट हा�। यांदिद तं4में यांहा�� स �हा> गएँ तं� च�द्रदव तं4म्हा, निव��श की� श्र�पं द,ग।”

एँकी अन्यां र्खरग�श � उसकी� समेंथा%� निकीयां� “चतं4र ठीdकी कीहातं� हा�। उसकी� ब�तं हामें, में���� च�निहाएँ। लो�बकीणी% र्खरग�श की� हामें अपं�� दूतं ब��कीर चतं4द§तं की पं�स भी,जाग।” इस प्रेस्तं�व पंर सब सहामेंतं हा� गएँ। लो�बकीणी% एँकी बहुतं चतं4र र्खरग�श था�। स�र र्खरग�श समें�जा में, उसकी� चतं4र�ई की� ध�की था�। ब�तं, ब���� भी� उस र्ख$ब आतं� था�। ब�तं स ब�तं नि�की�लोतं जा�� में, उसकी� जाव�ब �हा> था�। जाब र्खरग�श� � उस दूतं ब�कीर जा�� की क्तिलोएँ कीहा� तं� वहा तं4र�तं तंhयां�र हा� गयां�। र्खरग�श� पंर आएँ स�कीट की� दूर कीरकी उस प्रेसन्नतं� हा� हा�ग�। लो�बकीणी% र्खरग�श चतं4द§तं की पं�स पंहु�च� और दूर स हा� एँकी चट्टी�� पंर चढकीर ब�लो� “गजा��यांकी चतं4द§तं, में� लो�बकीणी% चन्द्रमें� की� दूतं उ�की� स�दश लोकीर आयां� हूं�। चन्द्रमें� हामें�र स्व�में� हा�।”

चतं4द§तं � पं$छः� ” भीई,क्यां� स�दश लो�एँ हा� तं4में ?”

लो�बकीणी% ब�लो� “तं4में� र्खरग�श समें�जा की� बहुतं हा�नि� पंहु�च�ई हा�। चन्द्रदव तं4मेंस बहुतं रुष्ट हा�। इसस पंहालो निकी वहा तं4म्हा, श्र�पं दद,, तं4में यांहा�� स अपं�� झे4�डा लोकीर चलो जा�ओ।”

चतं4द§तं की� निवश्वा�स � हुआ। उस� कीहा� “च�द्रदव कीहा�� हा�? में� र्ख4द उ�की दश%� कीर�� च�हातं� हूं�।”

लो�बकीणी% ब�लो� “उक्तिचतं हा�। च�द्रदव अस�ख्यां मेंPतं र्खरग�श� की� श्रi��जाक्तिलो द� स्वयां� तं�लो में, पंध�रकीर बhठी हा�, आईएँ, उ�स स�(�त्की�र की�जिजाएँ और स्वयां� दर्ख लो�जिजाएँ निकी व निकीतं� रुष्ट हा�।” च�लो�की लो�बकीणी% चतं4द§तं की� र�तं में, तं�लो पंर लो आयां�। उस र�तं पं$णी%में�स� था�। तं�लो में, पं$णी% च�द्रमें� की� निबम्ब ऐस पंडा रहा� था� जाhस श�श में, प्रेनितंनिबम्ब दिदर्ख�ई पंडातं� हा�। चतं4द§तं घोबर� गयां� च�लो�की र्खरग�श हा�था� की� घोबर�हाट तं�डा गयां� और निवश्वा�स की स�था ब�लो� “गजा��यांकी, जार� �जाद`की स च�द्रदव की� स�(�त्की�र कीर, तं� आपंकी� पंतं� लोगग� निकी आपंकी झे4�डा की इधर आ� स हामें र्खरग�श� पंर क्यां� ब�तं� हा�। अपं� भी2� की� दुर्ख दर्खकीर हामें�र च�द्रदवजा� की दिदलो पंर क्यां� ग4जार रहा� हाh|”

लो�बकीणी% की� ब�तं� की� गजार�जा पंर जा�दू-स� असर हुआ। चतं4द§तं डारतं-डारतं पं��� की नि�कीट गयां� और स$�डा चद्र�में� की प्रेनितंनिबम्ब की नि�कीट लो जा�कीर जा��च कीर� लोग�। स$�डा पं��� की नि�कीट पंहु�च� पंर स$�डा स नि�कीलो� हाव� स पं��� में, हालोचलो हुई और चद्र�में� लो� प्रेनितंनिबम्ब कीई भी�ग� में, ब�ट गयां� और निवकीP तं हा� गयां�। यांहा दर्खतं हा� चतं4द§तं की हा�श उडा गएँ। वहा हाडाबडा�कीर कीई कीदमें पं�छः हाट गयां�। लो�बकीणी% तं� इस� ब�तं की� तं�की में, था�। वहा च�र्ख� “दर्ख�, आपंकी� दर्खतं हा� च�द्रदव निकीतं� रुष्ट हा� गएँ! वहा क्रू�ध स की��पं रहा हा� और ग4स्स स फूट रहा हा�। आपं अपं�� र्खhर च�हातं हा� तं� अपं� झे4�डा की समेंतं यांहा�� स श�घ्र�नितंश�घ्र प्रेस्था�� कीर, व��% च�द्रदव पंतं� �हा> क्यां� श्र�पं दद,।”

चतं4द§तं तं4र�तं अपं� झे4�डा की पं�स लोOट गयां� और सबकी� सलो�हा द` निकी उ�की� यांहा�� स तं4र�तं प्रेस्था�� कीर�� हा� उक्तिचतं हा�ग�। अपं� सरद�र की आदश की� में��कीर हा�क्तिथायां� की� झे4�डा लोOट गयां�। र्खरग�श� में, र्ख4श� की� लोहार दOडा गई। हा�क्तिथायां� की जा�� की की4 छः हा� दिद� पंW�तं आकी�श में, ब�दलो आएँ, वर्षों�% हुई और स�र� जालो स�कीट समें�प्तं हा� गयां�। हा�क्तिथायां� की� निफूर कीभी� उस ओर आ� की� जारूरतं हा� �हा> पंडा�।

Page 21: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

सी�खः� चतं4र�ई स श�र�रिरकी रुपं स बलोश�लो� शत्र4 की� भी� में�तं द` जा� सकीतं� हा�।

बहारुनिपंयां� गध�एँकी �गर में, ध�ब� था�। उसकी पं�स एँकी गध� था�, जिजास पंर वहा कीपंडा लो�दकीर �द` तंट पंर लो जा�तं� और ध4लो कीपंडा लो�दकीर लोOटतं�। ध�ब� की� पंरिरव�र बडा� था�। स�र� कीमें�ई आट-द�लो व च�वलो में, र्खपं जा�तं�। गध की क्तिलोएँ च�र र्खर�द� की क्तिलोएँ की4 छः � बचतं�। ग��व की� चर�ग�हा पंर ग�यां-भी�स, चरतं�। अगर गध� उधर जा�तं� तं� चरव�हा डा�डा� स पं�टकीर उस भीग� दतं। ठीdकी स च�र� � यिमेंलो� की की�रणी गध� बहुतं दुब%लो हा�� लोग�। ध�ब� की� भी� क्तिचन्तं� हा�� लोग�, क्यां�निकी कीमेंजा�र� की की�रणी उसकी� च�लो इतं�� ध�में� हा� गई था� निकी �द` तंकी पंहु�च� में, पंहालो स दुग�� समेंयां लोग� लोग� था�।

एँकी दिद� �द` निकी��र जाब ध�ब� � कीपंडा स$र्ख� की क्तिलोएँ निबछः� रर्ख था तं� आ�ध� आई। कीपंडा इधर-उधर हाव� में, उडा गएँ। आ�ध� थामें� पंर उस दूर-दूर तंकी जा�कीर कीपंडा उठी�कीर लो�� पंडा। अपं� कीपंडा ढ$�ढतं� हुआ वहा सरकी� डा� की ब�च घो4स�। सरकी� डा� की ब�च उस एँकी मेंर� ब�घो �जार आयां�।

ध�ब� कीपंडा लोकीर लोOट� और गट्ठार बन्धे पंर लो�द� लोग� गध� लोडार्खडा�यां�। ध�ब� � दर्ख� निकी उसकी� गध� इतं�� कीमेंजा�र हा� गयां� हा� निकी एँकी द� दिद� ब�द निबल्की4 लो हा� बhठी जा�एँग�। तंभी� ध�ब� की� एँकी उपं�यां स$झे�। वहा स�च� लोग� “अगर में� उस ब�घो की� र्ख�लो उतं�रकीर लो आऊं� और र�तं की� इस गध की� वहा र्ख�लो ओढ�कीर र्खतं� की� ओर भीजा$� तं� लो�ग इस ब�घो समेंझेकीर डार,ग। की�ई नि�कीट �हा> फूटकी ग�। गध� र्खतं चर क्तिलोयां� कीरग�।”

ध�ब� � ऐस� हा� निकीयां�। दूसर दिद� �द` तंट पंर कीपंडा जाल्द` ध�कीर स$र्ख� डा�लो दिदएँ और निफूर वहा सरकी� डा� की ब�च जा�कीर ब�घो की� र्ख�लो उतं�र� लोग�। श�में की� लोOटतं समेंयां वहा र्ख�लो की� कीपंडा� की ब�च क्तिछःपं�कीर घोर लो आयां�।

र�तं की� जाब सब स� गएँ तं� उस� ब�घो की� र्ख�लो गध की� ओढ�ई। गध� दूर स दर्ख� पंर ब�घो जाhस� हा� �जार आ� लोग�। ध�ब� स�तं4ष्ट हुआ। निफूर उस� गध की� र्खतं� की� ओर र्खदडा दिदयां�। गध � एँकी र्खतं में, जा�कीर फूसलो र्ख��� श4रु निकीयां�। र�तं की� र्खतं� की� रर्खव�लो� कीर� व�लो� � र्खतं में, ब�घो दर्ख� तं� व डारकीर भी�ग र्खडा हुएँ। गध � भीरपंट फूसलो र्ख�ई और र�तं अ�धर में, हा� घोर लोOट आयां�। ध�ब� � तं4र�तं र्ख�लो उतं�रकीर क्तिछःपं� लो�। अब गध की मेंजा आ गएँ।

हार र�तं ध�ब� उस र्ख�लो ओढ�कीर छः�डा दतं�। गध� स�ध र्खतं� में, पंहु�च जा�तं� और में�पंसन्द फूसलो र्ख�� लोगतं�। गध की� ब�घो समेंझेकीर सब अपं� घोर� में, दुबकीकीर बhठी रहातं। फूसलो, चर-चरकीर गध� में�ट� हा�� लोग�। अब वहा दुग�� भी�र लोकीर चलोतं�। ध�ब� भी� र्ख4श हा� गयां�।

में�ट�-तं�जा� हा�� की स�था-स�था गध की दिदलो की� भीयां भी� यिमेंट� लोग�उसकी� जान्मेंजा�तं स्वभी�व जा�र में�र� लोग�। एँकी दिद� भीरपंट र्ख�� की ब�द गध की� तंब�यांतं मेंस्तं हा�� लोग�। वहा भी� लोग� लो�ट लोग��। र्ख$ब लो�ट� वहा गध�। ब�घो की� र्ख�लो तं� एँकी ओर निगर गई। वहा अब र्ख�क्तिलोस गध� ब�कीर उठी र्खडा� हुआ और डा�लोतं� हुआ र्खटहा| स ब�हार नि�कीलो�। गध की लो�ट लोग�� की समेंयां पंOध� की रKद जा�� और चटकी� की� आव�जा फूh लो�। एँकी रर्खव�लो� च4पंच�पं ब�हार नि�कीलो�। र्खतं में, झे��की� तं� उस एँकी ओर निगर� ब�घो की� र्ख�लो �जार आई और दिदर्ख�ई दिदयां� र्खतं स ब�हार आतं� एँकी गध�। वहा क्तिचल्लो�यां� “अर, यांहा तं� गध� हा�।”

उसकी� आव�जा और� � भी� स4��। सब डा�स लोकीर दOस। गध की� की�यां%क्रूमें र्खतं स ब�हार आकीर र,की� की� था�। उस� में4�हा र्ख�लो� हा� था� निकी उस पंर डा�डा बरस� लोग। क्रू�ध स भीर रर्खव�लो� � उस वहा> ढ र कीर दिदयां�। उसकी� स�र� पं�लो र्ख4लो च4की� था�। ध�ब� की� भी� वहा �गर छः�डाकीर कीहा> और जा��� पंडा�।

सी�खः� पंहा��व� बदलोकीर दूसर� की� की4 छः हा� दिद� ध�र्ख� दिदयां� जा� सकीतं� हा�। अ�तं में, असलो� रुपं स�में� आ हा� जा�तं� हा�।

निबल्लो� की� न्यां�यांएँकी व� में, एँकी पंडा की� र्ख�हा में, एँकी चकी�र रहातं� था�। उस� पंडा की आस-पं�स कीई पंडा और था, जिजा� पंर फूलो व ब�जा उगतं था। उ� फूलो� और ब�जा� स पंट भीरकीर चकी�र मेंस्तं पंडा� रहातं�। इस� प्रेकी�र कीई वर्षों% ब�तं गएँ। एँकी दिद� उडातं-उडातं एँकी और चकी�र स��स लो� की क्तिलोएँ उस पंडा की� टहा�� पंर बhठी�। द��� में, ब�तं, हुईं। दूसर चकी�र की� यांहा जा��कीर आWयां% हुआ निकी वहा की वलो वहा की वलो पंडा� की फूलो व ब�जा च4गकीर जा�व� ग4जा�र रहा� था� । दूसर � उस बतं�यां�- “भीई, दुनि�यां� में, र्ख�� की क्तिलोएँ की वलो फूलो और ब�जा हा� �हा> हा�तं और भी� कीई स्व�दिदष्ट च�जा, हा� । उन्हा, भी� र्ख��� च�निहाएँ। र्खतं� में, उग� व�लो अ��जा तं� बजा�डा हा�तं हा�। कीभी� अपं� र्ख�� की� स्व�द बदलोकीर तं� दर्ख�।”

दूसर चकी�र की उडा� की ब�द वहा चकी�र स�च में, पंडा गयां�। उस� फूh सलो� निकीयां� निकी कीलो हा� वहा दूर �जार आ� व�लो र्खतं� की� ओर जा�एँग� और उस अ��जा ��में की� च�जा की� स्व�द चर्खकीर दर्खग।

दूसर दिद� चकी�र उडाकीर एँकी र्खतं की पं�स उतंर�। र्खतं में, ध�� की� फूसलो उग� था�। चकी�र � की�पंलो, र्ख�ई। उस वहा अनितं स्व�दिदष्ट लोग>। उस दिद� की भी�जा� में, उस इतं�� आ��द आयां� निकी र्ख�कीर तंPप्तं हा�कीर वहा> आर्ख, में$�दकीर स� गयां�। इसकी ब�द भी� वहा वहा> पंडा� रहा�। र�जा र्ख�तं�-पं�तं� और स� जा�तं�। छःS – स�तं दिद� ब�द उस स4ध आई निकी घोर लोOट�� च�निहाएँ।

इस ब�च एँकी र्खरग�श घोर की� तंलो�श में, घो$में रहा� था�। उस इलो�की में, जामें�� की ��च पं��� भीर� की की�रणी उसकी� निबलो �ष्ट हा� गयां� था�। वहा उस� चकी�र व�लो पंडा की पं�स आयां� और उस र्ख�लो� पं�कीर उस� उस पंर अयिधकी�र जामें� क्तिलोयां� और वहा�� रहा� लोग�। जाब चकी�र व�पंस लोOट� तं� उस� पं�यां� निकी उसकी घोर पंर तं� निकीस� और की� कीब्जा� हा� गयां� हा�। चकी�र क्रू�यिधतं हा�कीर ब�लो� – “ऐ भी�ई, तं$ कीO� हा� और मेंर घोर में, क्यां� कीर रहा� हा�?”

र्खरग�श � द��तं दिदर्ख�कीर कीहा� – “में� इस घोर की� में�क्तिलोकी हूं�। में� स�तं दिद� स यांहा�� रहा रहा� हूं�, यांहा घोर मेंर� हा�।”

चकी�र ग4स्स स फूट पंडा� – “स�तं दिद�! भी�ई, में� इस र्ख�हा में, कीई वर्षोंª स रहा रहा� हूं�। निकीस� भी� आस-पं�स की पं�छः` यां� चOपं�एँ स पं$छः लो।”

Page 22: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

र्खरग�श चकी�र की� ब�टहा| की�टतं� हुआ ब�लो�- “स�ध�-स� ब�तं हा�। में� यांहा�� आयां�। यांहा र्ख�हा र्ख�लो� पंडा� था� और में� यांहा�� बस गयां में� क्यां� अब पंडा�क्तिसयां� स पं$छःतं� निफूरु� ?”

चकी�र ग4स्स में, ब�लो�- “व�हा! की�ई घोर र्ख�लो� यिमेंलो तं� इसकी� यांहा मेंतंलोब हुआ निकी उसमें, की�ई �हा> रहातं�? में� आखिर्खर� ब�र कीहा रहा� हूं� निकी शर�फूतं स मेंर� घोर र्ख�लो� कीर द व��%…।”

र्खरग�श � भी� उस लोलोकी�र�- “व��% तं$ क्यां� कीर लोग�? यांहा घोर मेंर� हा�। तं4झे जा� कीर�� हा�, कीर लो।”

चकी�र सहामें गयां�। वहा मेंदद और न्यां�यां की� फूर�यां�द लोकीर पंडा�स� जा��वर� की पं�स गयां� सब� दिदर्ख�व की� हूं�-हूं� की�, पंरन्तं4 ठी�स रुपं स की�ई सहा�यांतं� कीर� स�में� �हा> आयां�।

एँकी ब$ढ पंडा�स� � कीहा� – “ज्यां�द� झेगडा� बढ��� ठीdकी �हा> हा�ग� । तं4में द��� आपंस में, की�ई समेंझेOतं� कीर लो�।” पंर समेंझेOतं की� की�ई स$रतं �जार �हा> आ रहा� था�, क्यां�निकी र्खरग�श निकीस� शतं% पंर र्ख�हा छः�डा� की� तंhयां�र �हा> था�। अ�तं में, लो�मेंडा� � उन्हा, सलो�हा द` – “तं4में द��� निकीस� ज्ञ���-ध्यां��� की� पं�च ब��कीर अपं� झेगडा की� फूh सलो� उसस कीरव�ओ।”

द��� की� यांहा स4झे�व पंस�द आयां�। अब द��� पं�च की� तंलो�श में, इधर-उधर घो$में� लोग। इस� प्रेकी�र घो$मेंतं-घो$मेंतं व द��� एँकी दिद� ग�ग� निकी��र आ नि�कीलो। वहा�� उन्हा, जापं तंपं में, मेंग्� एँकी निबल्लो� �जार आई। निबल्लो� की में�था पंर नितंलोकी था�। गलो में, जा�ऊं और हा�था में, में�लो� क्तिलोएँ मेंPगछः�लो पंर बhठीd वहा पं$र� तंपंस्विस्व�� लोग रहा� तं�। उस दर्खकीर चकी�र व र्खरग�श र्ख4श� स उछःलो पंडा। उन्हा, भीलो� इसस अच्छा� ज्ञ���-ध्यां��� कीहा�� यिमेंलोग�। र्खरग�श � कीहा� – “चकी�र जा�, क्यां� � हामें इसस अपं� झेगडा की� फूh सलो� कीरव�एँ�?”

चकी�र पंर भी� निबल्लो� की� अच्छा� प्रेभी�व पंडा� था�। पंर वहा जार� घोबर�यां� हुआ था�। चकी�र ब�लो� -”में4झे की�ई आपंक्षित्त �हा� हाh पंर हामें, जार� स�वध�� रहा�� च�निहाएँ।” र्खरग�श पंर तं� निबल्लो� की� जा�दू चलो गयां� था�। उस� कीहा�-”अर �हा>! दर्खतं �हा> हा�, यांहा निबल्लो� स��स�रिरकी में�हा-में�यां� त्यां�गकीर तंपंस्विस्व�� ब� गई हा�।”

सच्चा�ई तं� यांहा था� निकी निबल्लो� उ� जाhस में$र्ख% जा�व� की� फू��स� की क्तिलोएँ हा� भीक्ति2 की� ��टकी कीर रहा� था�। निफूर चकी�र और र्खरग�श पंर और प्रेभी�व डा�लो� की क्तिलोएँ वहा जा�र-जा�र स में�त्र पंडा� लोग�। र्खरग�श और चकी�र � उसकी नि�कीट आकीर हा�था जा�डाकीर जायांकी�र� लोग�यां� -”जायां में�तं� द`। में�तं� की� प्रेणी�में।”

निबल्लो� � में4स्की4 र�तं हुएँ ध�र स अपं�� आ�र्ख र्ख�लो� और आशBव�द दिदयां� -”आयां4ष्में�� भीव, तं4में द��� की चहार� पंर सिंचXतं� की� लोकी र, हा�। क्यां� कीष्ट हा� तं4म्हा,, बच्चा�?”

चकी�र � निव�तं� की� -”में�तं� हामें द��� की ब�च एँकी झेगडा� हा�। हामें च�हातं हा� निकी आपं उसकी� फूh सलो� कीर,।”

निबल्लो� � पंलोकी, झेपंकी�ईं -”हार र�में, हार र�में! तं4म्हा, झेगडा�� �हा> च�निहाएँ। प्रेमें और श��नितं स रहा�।” उस� उपंदश दिदयां� और ब�लो� -”र्खhर, बतं�ओ, तं4म्हा�र� झेगडा� क्यां� हाh?”

चकी�र � में�मेंलो� बतं�यां�। र्खरग�श � अपं�� ब�तं कीहा� की क्तिलोएँ में4�हा र्ख�लो� हा� था� निकी निबल्लो� � पं�जा� उठी�कीर र�की� और ब�लो� “बच्चा�, में� की�फू� ब$ढ` हूं� ठीdकी स स4��ई �हा> दतं�। आ�र्ख भी� कीमेंजा�र हा� इसक्तिलोएँ तं4में द��� मेंर नि�कीट आकीर मेंर की�� में, जा�र स अपं��-अपं�� ब�तं कीहा� तं�निकी में� झेगडा की� की�रणी जा�� सकी$� और तं4में द��� की� न्यां�यां द सकी$� । जायां क्तिसयां�र�में।”

व द��� भीगनितं� निबल्लो� की निबलोकी4 लो नि�कीट आ गएँ तं�निकी उसकी की��� में, अपं��-अपं�� ब�तं कीहा सकी, । निबल्लो� की� इस� अवसर की� तंलो�श था� उस� ‘म्यां�ऊं� ’ की� आव�जा लोग�ई और एँकी हा� झेपंट्टी में, र्खरग�श और चकी�र की� की�में तंमें�में कीर दिदयां�। निफूर वहा आर�में स उन्हा, र्ख�� लोग�।

व द��� भीगनितं� निबल्लो� की निबलोकी4 लो नि�कीट आ गएँ तं�निकी उसकी की��� में, अपं��-अपं�� ब�तं कीहा सकी, । निबल्लो� की� इस� अवसर की� तंलो�श था� उस� ‘म्यां�ऊं� ’ की� आव�जा लोग�ई और एँकी हा� झेपंट्टी में, र्खरग�श और चकी�र की� की�में तंमें�में कीर दिदयां�। निफूर वहा आर�में स उन्हा, र्ख�� लोग�।

सी�खः� द� की झेगडा में, तं�सर की� हा� फू�यांद� हा�तं� हा�, इसक्तिलोएँ झेगडा� स दूर रहा�।

ब4जिiमें�� क्तिसयां�रएँकी समेंयां की� ब�तं हा� निकी जा�गलो में, एँकी शर की पंhर में, की��ट� च4भी गयां�। पं�जा में, जाख्में हा� गयां� और शर की क्तिलोएँ दOडा�� अस�भीव हा� गयां�। वहा लो�गडा�कीर में4स्विश्कीलो स चलोतं�। शर की क्तिलोएँ तं� क्तिशकी�र � कीर� की क्तिलोएँ दOडा�� जारुर� हा�तं� हाh। इसक्तिलोएँ वहा कीई दिद� की�ई क्तिशकी�र � कीर पं�यां� और भी$र्ख� मेंर� लोग�। कीहातं हा� निकी शर मेंर� हुआ जा��वर �हा> र्ख�तं�, पंरन्तं4 मेंजाब$र� में, सब की4 छः कीर�� पंडातं� हा�। लो�गडा� शर निकीस� घो�यांलो अथाव� मेंर हुएँ जा��वर की� तंलो�श में, जा�गलो में, भीटकी� लोग�। यांहा�� भी� निकीस्मेंतं � उसकी� स�था �हा> दिदयां�। कीहा> की4 छः हा�था �हा> लोग�।

ध�र-ध�र पंhर घोस�टतं� हुआ वहा एँकी ग4फू� की पं�स आ पंहु�च�। ग4फू� गहार� और स�कीर� था�, ठीdकी वhस� जाhस जा�गलो� जा��वर� की में��द की रुपं में, की�में आतं� हा�। उस� उसकी अ�दर झे��की� में��द र्ख�लो� था� पंर च�र� ओर उस इस ब�तं की प्रेमें�णी �जार आएँ निकी उसमें, जा��वर की� बसर� हा�। उस समेंयां वहा जा��वर श�यांद भी�जा� की� तंलो�श में, ब�हार गयां� हुआ था�। शर च4पंच�पं दुबकीकीर बhठी गयां� तं�निकी उसमें, रहा� व�लो� जा��वर लोOट आएँ तं� वहा दब�च लो।

सचमें4च उस ग4फू� में, क्तिसयां�र रहातं� था�, जा� दिद� की� ब�हार घो$मेंतं� रहातं� और र�तं की� लोOट आतं� था�। उस दिद� भी� स$रजा डा$ब� की ब�द वहा लोOट आयां�। क्तिसयां�र की�फू� च�लो�की था�। हार समेंयां चOकीन्न� रहातं� था�। उस� अपं�� ग4फू� की ब�हार निकीस� बडा जा��वर की पंhर� की नि�श�� दर्ख तं� चKकी� उस शकी हुआ निकी की�ई क्तिशकी�र� जा�व में��द में, उसकी क्तिशकी�र की� आस में, घो�तं लोग�एँ � बठी� हा�। उस� अपं� शकी की� पं4यिष्ट की क्तिलोएँ स�च निवच�र कीर एँकी च�लो चलो�। ग4फू� की में4हा�� स दूर जा�कीर उस� आव�जा द` “ग4फू�! ओ ग4फू�।”

ग4फू� में, च4प्पं� छः�यां� रहा� उस� निफूर पं4की�र� “अर� ओ ग4फू�, तं4 ब�लोतं� क्यां� �हा>?”

Page 23: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

भी�तंर शर दमें स�ध बhठी� था�। भी$र्ख की में�र पंट की4 लोब4लो� रहा� था�। उस यांहा� इ�तंजा�र था� निकी कीब क्तिसयां�र अ�दर आएँ और वहा उस पंट में, पंहु�च�एँ। इसक्तिलोएँ वहा उतं�वलो� भी� हा� रहा� था�। क्तिसयां�र एँकी ब�र निफूर जा�र स ब�लो� “ओ ग4फू�! र�जा तं4 मेंर� पं4की�र की� की जाव�ब में, में4झे अ�दर ब4लो�तं� हा�। आजा च4पं क्यां� हा�? में�� पंहालो हा� कीहा रर्ख� हा� निकी जिजास दिद� तं4 में4झे �हा> ब4लो�एँग�, उस दिद� में� निकीस� दूसर� ग4फू� में, चलो� जा�ऊं� ग�। अच्छा� तं� में� चलो�।”

यांहा स4�कीर शर हाडाबडा� गयां�। उस� स�च� श�यांद ग4फू� सचमें4च क्तिसयां�र की� अ�दर ब4लो�तं� हा�ग�। यांहा स�चकीर निकी कीहा> क्तिसयां�र सचमें4च � चलो� जा�एँ, उस� अपं�� आव�जा बदलोकीर कीहा� “क्तिसयां�र र�जा�, मेंतं जा�ओ अ�दर आओ �। में� कीब स तं4म्हा�र� र�हा दर्ख रहा� था�।”

क्तिसयां�र शर की� आव�जा पंहाच�� गयां� और उसकी� में$र्ख%तं� पंर हा�सतं� हुआ वहा�� स चलो� गयां� और निफूर लोOटकीर �हा> आयां�। में$र्ख% शर उस� ग4फू� में, भी$र्ख�-प्यां�स� मेंर गयां�।

सी�खः� सतंकी% व्यक्ति2 जा�व� में, कीभी� में�र �हा> र्ख�तं�।

मेंक्र्ख�च$स ग�दडाजा�गलो में एँकी ग�दडा रहातं� था� था�। वहा बडा� की की� जा$स था�,क्यां�निकी वहा एँकी जा�गलो� जा�व था� इसक्तिलोएँ हामें रुपंयां-पंhस� की� की� जा$स� की� ब�तं �झे> कीर रहा। वहा की� जा$स� अपं� क्तिशकी�र की� र्ख�� में, निकीयां� कीरतं� था�। जिजातं� क्तिशकी�र स दूसर� ग�दडा द� दिद� की�में चलो�तं�, वहा उतं� हा� क्तिशकी�र की� स�तं दिद� तंकी र्ख>चतं�। जाhस उस� एँकी र्खरग�श की� क्तिशकी�र निकीयां�। पंहालो दिद� वहा एँकी हा� की�� र्ख�तं�। ब�की� बच�कीर रर्खतं�। दूसर दिद� दूसर� की�� र्ख�तं�। ठीdकी वhस जाhस की� जा$स व्यक्ति2 पंhस� यिघोस यिघोसकीर र्खच% कीरतं� हा�। ग�दडा अपं� पंट की� की� जा$स� कीरतं�। इस चक्कीर में, प्रे�यांS भी$र्ख� रहा जा�तं�। इसक्तिलोएँ दुब%लो भी� बहुतं हा� गयां� था�।

एँकी ब�र उस एँकी मेंर� हुआ ब�रहासिंसXघो� निहारणी यिमेंलो�। वहा उस र्ख>चकीर अपं�� में��द में, लो गयां�। उस� पंहालो निहारणी की स>ग र्ख�� की� फूh सलो� निकीयां� तं�निकी में��स बच� रहा। कीई दिद� वहा बस स>ग चब�तं� रहा�। इस ब�च निहारणी की� में��स सडा गयां� और वहा की वलो निगi� की र्ख�� लो�यांकी रहा गयां�। इस प्रेकी�र मेंक्र्ख�च$स ग�दडा प्रे�यांS हा�स� की� पं�त्र ब�तं�। जाब वहा ब�हार नि�कीलोतं� तं� दूसर जा�व उसकी� मेंरिरयांलो-स� शर�र दर्खतं और कीहातं “वहा दर्ख�, मेंक्र्ख�च$स जा� रहा� हा�।

पंर वहा पंरव�हा � कीरतं�। की� जा$स� में, यांहा आदतं हा�तं� हा� हा�। की� जा$स� की� अपं� घोर में, भी� खिर्खल्लो� उडातं� हा�, पंर वहा इस अ�स4�� कीर दतं हा�।

उस� व� में, एँकी क्तिशकी�र� क्तिशकी�र की� तंलो�श में, एँकी दिद� आयां�। उस� एँकी स4अर की� दर्ख� और नि�श��� लोग�कीर तं�र छः�डा�। तं�र जा�गलो� स4अर की� कीमेंर की� ब>धतं� हुआ शर�र में, घो4स�। क्रू�यिधतं स4अर क्तिशकी�र� की� ओर दOडा� और उस� र्खच स अपं� �4की�लो द�तं क्तिशकी�र� की पं,ट में, घो�पं दिदएँ। क्तिशकी�र� ओर क्तिशकी�र द��� मेंर गएँ।

तंभी� वहा�� मेंक्र्ख�च$स ग�दडा आ नि�कीलो�। वहा| र्ख4श� स उछःलो पंडा�। क्तिशकी�र� व स4अर की में��स की� कीमें स कीमें द� मेंहा�� चलो��� हा�। उस� निहास�ब लोग�यां�।

“र�जा था�डा�-था�डा� र्ख�ऊं� ग�।’ वहा ब�लो�।

तंभी� उसकी� �जार पं�स हा� पंडा ध�4र्षों पंर पंडा�। उस� ध�4र्षों की� स$�घो�। ध�4र्षों की� डा�र की��� पंर चमेंडा� की� पंट्टी` स लोकीडा� स ब�ध� था�। उस� स�च� “आजा तं� इस चमेंडा� की� पंट्टी` की� र्ख�कीर हा� की�में चलो�ऊं� ग�। में��स र्खच% �हा> कीरू� ग�। पं$र� बच� लो$�ग�।’

ऐस� स�चकीर वहा ध�4र्षों की� की��� में4�हा में, डा�लो पंट्टी` की�ट� लोग�। ज्यां� हा� पंट्टी` कीट`, डा�र छः$ ट` और ध�4र्षों की� लोकीडा� पंट स स�ध� हा� गई। ध�4र्षों की� की��� चट�की स ग�दडा की तं�लो$ में, लोग� और उस च�रतं� हुआ। उसकी� ��की तं�डाकीर ब�हार नि�कीलो�। मेंख्र्ख�च$स ग�दडा वहा> मेंर गयां�।

सी�खः� अयिधकी की� जा$स� की� पंरिरणी�में अच्छा� �हा> हा�तं�।

यिमेंत्र की� सलो�हाएँकी ध�ब� की� गध� था�। वहा दिद� भीर कीपंडा� की गट्ठार इधर स उधर ढ�� में, लोग� रहातं�। ध�ब� स्वयां� की� जा$स और नि�द%यां� था�। अपं� गध की क्तिलोएँ च�र की� प्रेब�ध �हा> कीरतं� था�। बस र�तं की� चर� की क्तिलोएँ र्ख4लो� छः�डा दतं� । नि�कीट में, की�ई चर�ग�हा भी� �हा> था�। शर�र स गध� बहुतं दुब%लो हा� गयां� था�।

एँकी र�तं उस गध की� में4लो�की�तं एँकी ग�दडा स हुई। ग�दडा � उसस पं$छः� “खिर्खएँ मेंहा�शयां, आपं इतं� कीमेंजा�र क्यां� हा�?”

गध � दुर्ख� स्वर में, बतं�यां� निकी कीh स उस दिद� भीर की�में कीर�� पंडातं� हा�। र्ख�� की� की4 छः �हा> दिदयां� जा�तं�। र�तं की� अ�धर में, इधर-उधर में4�हा में�र�� पंडातं� हा�।

ग�दडा ब�लो� “तं� समेंझे� अब आपंकी� भी4र्खमेंर� की दिद� गएँ। यांहा�� पं�स में, हा� एँकी बडा� सज्जिब्जायां� की� ब�ग हा�। वहा�� तंरहा-तंरहा की� सज्जिब्जायां�� उग� हुई हा�। र्ख�र, कीकीनिडायां��, तं�र�, ग�जार, में$लो�, शलोजामें और बhग�� की� बहा�र हा�। में�� ब�डा तं�डाकीर एँकी जागहा अ�दर घो4स� की� ग4प्तं में�ग% ब�� रर्ख� हा�। बस वहा�� स हार र�तं अ�दर घो4सकीर छःकीकीर र्ख�तं� हूं� और सहातं ब�� रहा� हूं�। तं4में भी� मेंर स�था आयां� कीर�।” लो�र टपंकी�तं� गध� ग�दडा की स�था हा� गयां�।

ब�ग में, घो4सकीर गध � मेंहा��� की ब�द पंहालो� ब�र भीरपंट र्ख��� र्ख�यां�। द��� र�तं भीर ब�ग में, हा� रहा और पंO फूट� स पंहालो ग�दडा जा�गलो की� ओर चलो� गयां� और गध� अपं� ध�ब� की पं�स आ गयां�।

उसकी ब�द व र�जा र�तं की� एँकी जागहा यिमेंलोतं। ब�ग में, घो4सतं और जा� भीरकीर र्ख�तं। ध�र-ध�र गध की� शर�र भीर� लोग�। उसकी ब�लो� में, चमेंकी आ� लोग� और च�लो में, मेंस्तं� आ गई। वहा भी4र्खमेंर� की दिद� निबल्की4 लो भी$लो गयां�। एँकी र�तं र्ख$ब र्ख�� की ब�द गध की� तंब�यांतं अच्छा` तंरहा हार� हा� गई। वहा झे$में� लोग� और अपं�� में4�हा ऊंपंर उठी�कीर की�� फूडाफूडा�� लोग�। ग�दडा � सिंचXनितंतं हा�कीर पं$छः� “यिमेंत्र, यांहा क्यां� कीर रहा हा�? तं4म्हा�र� तंब�यांतं तं� ठीdकी हा�?”

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गध� आ�र्ख ब�द कीरकी मेंस्तं स्वर में, ब�लो� “मेंर� दिदलो ग�� की� कीर रहा� हा�। अच्छा� भी�जा� कीर� की ब�द ग��� च�निहाएँ। स�च रहा� हूं� निकी ढ�च$ र�ग ग�ऊं� ।”

ग�दडा � तं4र�तं चतं�व�� द` “�-�, ऐस� � कीर�� गध भी�ई। ग��-व�� की� चक्कीर मेंतं चलो�ओ। यांहा मेंतं भी$लो� निकी हामें द��� यांहा�� च�र� कीर रहा हा�। में4स�बतं की� न्यांOतं� मेंतं द�।”

गध � टढ` �जार स ग�दडा की� दर्ख� और ब�लो� “ग�दडा भी�ई, तं4में जा�गलो� की जा�गलो� रहा। स�ग�तं की ब�र में, तं4में क्यां� जा���?”

ग�दडा � हा�था जा�डा “में� स�ग�तं की ब�र में, की4 छः �हा> जा��तं�। की वलो अपं�� जा�� बच��� जा��तं� हूं�। तं4में अपं�� बस4र� र�ग अलो�पं� की� जिजाद छः�डा�, उस� में, हामें द��� की� भीलो�ई हा�।”

गध � ग�दडा की� ब�तं की� ब4र� में��कीर हाव� में, दुलोत्त� चलो�ई और क्तिशकी�यांतं कीर� लोग� “तं4में� मेंर र�ग की� बस4र� कीहाकीर मेंर� बइwतं� की� हा�। हामें गध श4i श�स्त्र�यां लोयां में, र,कीतं हा�। वहा में$र्ख# की� समेंझे में, �हा> आ सकीतं�।”

ग�दडा ब�लो� “गध भी�ई, में� में$र्ख% जा�गलो� सहा�, पंर एँकी यिमेंत्र की ��तं मेंर� सलो�हा में���। अपं�� में4�हा मेंतं र्ख�लो�। ब�ग की चOकी�द�र जा�ग जा�एँ�ग।”

गध� हा�स� “अर में$र्ख% ग�दडा! मेंर� र�ग स4�कीर ब�ग की चOकी�द�र तं� क्यां�, ब�ग की� में�क्तिलोकी भी� फू$ लो� की� हा�र लोकीर आएँग� और मेंर गलो में, डा�लोग�।”

ग�दडा � चतं4र�ई स की�में क्तिलोयां� और हा�था जा�डाकीर ब�लो� “गध भी�ई, में4झे अपं�� गलोतं� की� अहास�स हा� गयां� हा�। तं4में मेंहा�� ग�यांकी हा�। में� में$र्ख% ग�दडा भी� तं4मेंहा�र गलो में, डा�लो� की क्तिलोएँ फू$ लो� की� में�लो� लो��� च�हातं� हूं�।मेंर जा�� की दस यिमें�ट ब�द हा� तं4में ग��� श4रु कीर�� तं�निकी में� ग�यां� समें�प्तं हा�� तंकी फू$ लो में�लो�एँ� लोकीर लोOट सकी$� ।”

गध � गव% स सहामेंनितं में, क्तिसर निहालो�यां�। ग�दडा वहा�� स स�ध� जा�गलो की� ओर भी�ग गयां�। गध � उसकी जा�� की की4 छः समेंयां ब�द मेंस्तं हा�कीर र,की�� श4रु निकीयां�। उसकी र,की� की� आव�जा स4�तं हा� ब�ग की चOकी�द�र जा�ग गएँ और उस� ओर लोट्ठा लोकीर दOडा, जिजाधर स र,की� की� आव�जा आ रहा� था�। वहा�� पंहु�चतं हा� गध की� दर्खकीर चOकी�द�र ब�लो� “यांहा� हा� वहा दुष्ट गध�, जा� हामें�र� ब�ग चर रहा� था�।’

बस स�र चOकी�द�र डा�डा� की स�था गध पंर निपंलो पंडा। की4 छः हा� दर में, गध� निपंट-निपंटकीर अधमेंर� निगर पंडा�।

सी�खः� अपं� श4भीक्तिचन्तंकी� और निहातंhनिर्षोंयां� की� �की सलो�हा � में��� की� पंरिरणी�में ब4र� हा�तं� हा�।

में4फ्तंर्ख�र मेंहामें��एँकी र�जा� की शयां�की( में, में�दर�सर्षिपंXणी� ��में की� जा$� � डार� डा�लो रर्ख� था�। र�जा र�तं की� जाब र�जा� जा�तं� तं� वहा च4पंकी स ब�हार नि�कीलोतं� और र�जा� की� र्ख$� च$सकीर निफूर अपं� स्था�� पंर जा� क्तिछःपंतं�।

स�यां�ग स एँकी दिद� अखिग्�में4र्ख ��में की� एँकी र्खटमेंलो भी� र�जा� की शयां�की( में, आ पंहु�च�। जा$� � जाब उस दर्ख� तं� वहा�� स चलो जा�� की� कीहा�। उस� अपं� अयिधकी�र-(त्र में, निकीस� अन्यां की� दर्खलो सहा� �हा> था�।

लोनिकी� र्खटमेंलो भी� कीमें चतं4र � था�, ब�लो�, ‘‘दर्ख�, मेंहामें�� स इस� तंरहा बतं�%व �हा> निकीयां� जा�तं�, में� आजा र�तं तं4म्हा�र� मेंहामें�� हूं�।’’ जा$� अतंतंS र्खटमेंलो की� क्तिचकी��-च4पंड़ा� ब�तं� में, आ गई और उस शरणी दतं हुएँ ब�लो�,

‘‘ठीdकी हाh, तं4में यांहा�� र�तंभीर रुकी सकीतं हा�, लोनिकी� र�जा� की� की�ट�ग तं� �हा> उसकी� र्ख$� च$स� की क्तिलोएँ।’’

र्खटमेंलो ब�लो�, ‘‘लोनिकी� में� तं4म्हा�र� मेंहामें�� हाh, में4झे की4 छः तं� द�ग� र्ख�� की क्तिलोएँ। और र�जा� की र्ख$� स बदिढ़यां� भी�जा� और क्यां� हा� सकीतं� हाh।’’

‘‘ठीdकी हाh।’’ जा$� ब�लो�, ‘‘तं4में च4पंच�पं र�जा� की� र्ख$� च$स लो��, उस पं�ड़ा� की� आभी�स �हा> हा��� च�निहाएँ।’’

‘‘जाhस� तं4में कीहा�ग�, निबलोकी4 लो वhस� हा� हा�ग�।’’ कीहाकीर र्खटमेंलो शयां�की( में, र�जा� की आ� की� प्रेतं�(� कीर� लोग�।

र�तं ढलो� पंर र�जा� वहा�� आयां� और निबस्तंर पंर पंड़ाकीर स� गयां�। उस दर्ख र्खटमेंलो सबकी4 छः भी$लोकीर र�जा� की� की�ट� लोग�, र्ख$� च$स� की क्तिलोएँ। ऐस� स्व�दिदष्ट र्ख$� उस� पंहालो� ब�र चर्ख� था�, इसक्तिलोएँ वहा र�जा� की� जा�र-जा�र स की�टकीर उसकी� र्ख$� च$स� लोग�। इसस र�जा� की शर�र में, तंजा र्ख4जालो� हा�� लोग� और उसकी� �>द उचट गई। उस� क्रू�ध में, भीरकीर अपं� सवकी� स र्खटमेंलो की� ढ$�ढकीर में�र� की� कीहा�।

यांहा स4�कीर चतं4र र्खटमेंलो तं� पं�लोग की पं�एँ की ��च क्तिछःपं गयां� लोनिकी� च�दर की की�� पंर बhठीd जा$� र�जा� की सवकी� की� �जार में, आ गई। उन्हा�� उस पंकीड़ा� और में�र डा�लो�।

शि�क्षा—अजा�निबयां� पंर कीभी� निवश्वा�स � कीर�।

में4र्ख% गध�निकीस� जा�गलो में, एँकी शर रहातं� था�। एँकी क्तिसयां�र उसकी� सवकी था�। एँकी ब�र एँकी हा�था� स शर की� लोड़ा�ई हा� गई। शर ब4र� तंरहा घो�यांलो हा� गयां�। वहा चलो�-निफूर� में, भी� असमेंथा% हा� गयां�। आहा�र � यिमेंलो� स क्तिसयां�र भी� भी$र्ख� था�।

Page 25: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

शर � क्तिसयां�र स कीहा�-‘तं4में जा�ओ और निकीस� पंश4 की� र्ख�जाकीर लो�ओ, जिजास में�रकीर हामें अपं� पंट भीर सकी, ।’ क्तिसयां�र निकीस� जा��वर की� र्ख�जा कीरतं� हुआ एँकी ग��व में, पंहु�च गयां�। वहा�� उस� एँकी गध की� घो�स चरतं हुएँ दर्ख�। क्तिसयां�र गध की पं�स गयां� और ब�लो�-‘में�में�, प्रेणी�में! बहुतं दिद�� ब�द आपंकी दश%� हुएँ हा�। आपं इतं� दुबलो कीh स हा� गएँ?’

गध� ब�लो�-‘भी�ई, की4 छः मेंतं पं$छः�। मेंर� स्व�में� बड़ा� कीठी�र हाh। वहा पंटभीर कीर घो�स �हा> दतं�। इस ध$लो स स�� हुई घो�स र्ख�कीर पंट भीर�� पंड़ातं� हाh।’ क्तिसयां�र � कीहा�-‘में�में�, उधर �द` की निकी��र एँकी बहुतं बड़ा� घो�स की� मेंhद�� हाh। आपं वहा> चलो, और मेंर स�था आ��द स रहा,।’गध � कीहा�-‘भी�ई, में� तं� ग��व की� गध� हूं�। वहा�� जा�गलो� जा��वर� की स�था में� कीh स रहा सकी$� ग�?’ क्तिसयां�र ब�लो�- ‘में�में�, वहा बड़ा� स4रक्षि(तं जागहा हाh। वहा�� निकीस� की� की�ई डार �हा> हाh। तं�� गयिधयां�� भी� वहा> रहातं� हा�। व भी� एँकी ध�ब� की अत्यां�च�र� स तं�ग हा�कीर भी�ग आई हा�। उ�की� की�ई पंनितं भी� �हा> हाh। आपं उ�की यां�ग्यां हा�!’ च�हा� तं� उ� तं��� की पंनितं भी� ब� सकीतं हा�। चलो� तं� सहा�।’क्तिसयां�र की� ब�तं स4�कीर गध� लो�लोच में, आ गयां�। गध की� लोकीर ध$तं% क्तिसयां�र वहा�� पंहु�च�, जाहा�� शर क्तिछःपं� हुआ बhठी� था�। शर � पं�जा स गध पंर प्रेहा�र निकीयां� लोनिकी� गध की� च�ट �हा> लोग� और वहा डारकीर भी�ग र्खड़ा� हुआ।

तंब क्तिसयां�र � ��र�जा हा�कीर शर स कीहा�-‘तं4में एँकीदमें नि�कीम्में हा� गएँ! जाब तं4में एँकी गध की� �हा> में�र सकीतं, तं� हा�था� स कीh स लोड़ा�ग?’ शर झे,पंतं� हुआ ब�लो�-‘में� उस समेंयां तंhयां�र �हा> था�, इस�क्तिलोएँ च$की हा� गई।’ क्तिसयां�र � कीहा�-‘अच्छा�, अब तं4में पं$र� तंरहा तंhयां�र हा�कीर बhठी�, में� उस निफूर स लोकीर आतं� हूं�।’ वहा निफूर गध की पं�स पंहु�च�। गध � क्तिसयां�र की� दर्खतं हा� कीहा�-‘तं4में तं� में4झे मेंOतं की में4�हा में, हा� लो गएँ था। � जा�� वहा कीO�-स� जा��वर था�। में� बड़ा� में4स्विश्कीलो स जा�� बच�कीर भी�ग�!’क्तिसयां�र � हा�सतं हुएँ कीहा�-‘अर में�में�, तं4में उस पंहाच�� �हा> पं�एँ। वहा तं� गध� था�। उस� तं� प्रेमें स तं4म्हा�र� स्व�गतं कीर� की क्तिलोएँ हा�था बढ़�यां� था�। तं4में तं� निबल्की4 लो की�यांर नि�कीलो! और वहा बच�र� तं4म्हा�र निवयां�ग में, र्ख���-पं��� छः�ड़ाकीर बhठीd हाh। तं4म्हा, तं� उस� अपं�� पंनितं में�� क्तिलोयां� हाh। अगर तं4में �हा> चलो�ग तं� वहा प्रे�णी त्यां�ग दग�।’गध� एँकी ब�र निफूर क्तिसयां�र की� ब�तं� में, आ गयां� और उसकी स�था चलो पंड़ा�। इस ब�र शर �हा> च$की�। उस� गध की� एँकी हा� झेपंट्टी में, में�र दिदयां�। भी�जा� कीर� स पंहालो शर स्��� कीर� की क्तिलोएँ चलो� गयां�। इस ब�च क्तिसयां�र � उस गध की� दिदलो और दिदमें�ग र्ख� क्तिलोयां�।

शर स्��� कीरकी लोOट� तं� ��र�जा हा�कीर ब�लो�-‘ओ क्तिसयां�र की बच्चा! तं$� मेंर भी�जा� की� जा$ठी� क्यां� निकीयां�? तं$� इसकी हृदयां और सर क्यां� र्ख� क्तिलोएँ ?’

ध$तं% क्तिसयां�र निगड़ानिगड़ा�तं� हुआ ब�लो�-”मेंहा�र�जा, में�� तं� की4 छः भी� �हा> र्ख�यां� हाh। इस गध की� दिदलो और दिदमें�ग था� हा� �हा>, यांदिद इसकी हा�तं तं� यांहा द�ब�र� मेंर स�था कीh स आ सकीतं� था�। शर की� क्तिसयां�र की� ब�तं पंर निवश्वा�स आ गयां�। वहा श��तं हा�कीर भी�जा� कीर� में, जा4ट गयां�।”

सीबक: जा� दिदलो और दिदमें�ग स की�में �हा> लोतं हाh, व� हामेंश� निकीस� की� क्तिशकी�र हा� जा�तं हाh च�हा व� जा��वर हा� यां� निफूर इ�स�� ।

में$र्ख% की� स�र्खएँकी जा�गलो में, एँकी पंडा पंर गOरhयां� की� घो�सलो� था�। एँकी दिद� कीडा�की की� ठी� डा पंडा रहा� था�। ठी� डा स की��पंतं हुएँ तं�� च�र ब�दर� � उस� पंडा की ��च आश्रयां क्तिलोयां�। एँकी ब�दर ब�लो� “कीहा> स आग तं�पं� की� यिमेंलो तं� ठी� डा दूर हा� सकीतं� हा�।”

दूसर ब�दर � स4झे�यां� “दर्ख�, यांहा�� निकीतं�� स$र्ख� पंक्षित्तयां�� निगर� पंडा� हा�। इन्हा, इकीट्ठा� कीर हामें ढर लोग�तं हा� और निफूर उस स4लोग�� की� उपं�यां स�चतं हा�।”

ब�दर� � स$र्ख� पंक्षित्तयां� की� ढ र ब��यां� और निफूर ग�लो द�यांर में, बhठीकीर स�च� लोग निकी ढर की� कीh स स4लोग�यां� जा�एँ। तंभी� एँकी ब�दर की� �जार दूर हाव� में, उडातं एँकी जा4ग�$ पंर पंडा� और वहा उछःलो पंडा�। उधर हा� दOडातं� हुआ क्तिचल्लो�� लोग� “दर्ख�, हाव� में, सिंचXग�र� उडा रहा� हा�। इस पंकीडाकीर ढर की ��च रर्खकीर फू$� की में�र� स आग स4लोग जा�एँग�।”

“हा�� हा��!” कीहातं हुएँ ब�की� ब�दर भी� उधर दOडा� लोग। पंडा पंर अपं� घो�सलो में, बhठीd गOरhयां� यांहा सब दर्ख रहा� था। उसस च4पं �हा> रहा� गयां�। वहा ब�लो� ” ब�दर भी�इयां�, यांहा सिंचXग�र� �हा> हा� यांहा तं� जा4ग�$ हा�।”

एँकी ब�दर क्रू�ध स गOरhयां� की� दर्खकीर ग4र�%यां� “में$र्ख% क्तिचनिडायां�, च4पंच�पं घो�सलो में, दुबकी� रहा।हामें, क्तिसर्ख�� चलो� हा�।”

इस ब�च एँकी ब�दर उछःलोकीर जा4ग�$ की� अपं�� हाथाक्तिलोयां� की ब�च कीट�र� ब��कीर कीh द कीर� में, सफूलो हा� गयां�। जा4ग�$ की� ढ र की ��च रर्ख दिदयां� गयां� और स�र ब�दर लोग च�र� ओर स ढ र में, फू$� की में�र�।

गOरhयां� � सलो�हा द` “भी�इयां�! आपं लो�ग गलोतं� कीर रहा, हा�। जा4ग�$ स आग �हा> स4लोगग�। द� पंत्थर� की� टकीर�कीर उसस सिंचXग�र� पंhद� कीरकी आग स4लोग�इएँ।”

ब�दर� � गOरhयां� की� घो$र�। आग �हा> स4लोग� तं� गOरhयां� निफूर ब�लो उठीd “भी�इयां�! आपं मेंर� सलो�हा में�नि�एँ, कीमें स कीमें द� स$र्ख� लोकीनिडायां� की� आपंस में, रगडाकीर दखिर्खएँ।”

स�र ब�दर आग � स4लोग� पं�� की की�रणी र्ख�जा हुएँ था। एँकी ब�दर क्रू�ध स भीरकीर आग बढ� और उस� गOरhयां� पंकीडाकीर जा�र स पंडा की तं� पंर में�र�। गOरhयां� फूडाफूडा�तं� हुई ��च निगर� और मेंर गई।

सी�खः� में$र्ख# की� स�र्ख द� की� की�ई लो�भी �हा> हा�तं�। उल्ट स�र्ख द� व�लो� की� हा� पंछःतं��� पंडातं� हा�।

में$र्ख% ब�तं$�� कीछः4 आएँकी तं�लो�ब में, एँकी कीछः4 आ रहातं� था�। उस� तंलो�ब में, द� हा�स तंhर� की क्तिलोएँ उतंरतं था। हा�स बहुतं हा�समें4र्ख और यिमेंलो�स�र था। कीछः4 एँ और उ�में, द�स्तं� हातं दर � लोग�। हा�स� की� कीछः4 एँ की� ध�में-ध�में चलो�� और उसकी� भी�लो�पं� बहुतं अच्छा� लोग�। हा�स बहुतं ज्ञ��� भी� था। व कीछः4 एँ की� अदभी4तं ब�तं, बतं�तं। ॠनिर्षों-में4नि�यां� की� कीहा�नि�यां�� स4��तं। हा�स तं� दूर-दूर तंकी घो$मेंकीर आतं था, इसक्तिलोएँ दूसर� जागहा� की� अ��र्ख� ब�तं, कीछः4 एँ की� बतं�तं। कीछः4 आ में�त्रमें4ग्ध हा�कीर उ�की� ब�तं, स4�तं�। ब�की� तं� सब ठीdकी था�, पंर कीछः4 एँ की� ब�च में, ट�की�-ट�की� कीर� की� बहुतं आदतं था�। अपं� सw� स्वभी�व की की�रणी हा�स उसकी� इस आदतं की� ब4र� �हा> में��तं था। उ� तं��� की� घोनि�ष्टतं� बढतं� गई। दिद� ग4जारतं गएँ।

एँकी ब�र बडा जा�र की� स4र्ख� पंडा�। बरस�तं की मेंOसमें में, भी� एँकी ब$�द पं��� �हा> बरस�। उस तं�लो�ब की� पं��� स$र्ख� लोग�। प्रे�णी� मेंर� लोग, मेंछःक्तिलोयां�� तं� तंडापं-तंडापंकीर मेंर गईं। तं�लो�ब की� पं��� और तंजा� स स$र्ख� लोग�। एँकी समेंयां ऐस� भी� आयां� निकी तं�लो�ब में, र्ख�लो� की�चडा रहा गयां�। कीछः4 आ बडा स�कीट में, पंडा गयां�। जा�व�-मेंरणी की� प्रेश्न र्खडा� हा� गयां�।

Page 26: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

वहा> पंडा� रहातं� तं� कीछः4 एँ की� अ�तं नि�क्षिWतं था�। हा�स अपं� यिमेंत्र पंर आएँ स�कीट की� दूर कीर� की� उपं�यां स�च� लोग। व अपं� यिमेंत्र कीछः4 एँ की� ढ�डास ब�ध�� की� प्रेयांत्� कीरतं और निहाम्म्तं � हा�र� की� सलो�हा दतं। हा�स की वलो झे$ठी� दिदलो�स� �हा> द रहा था। व दूर-दूर तंकी उडाकीर समेंस्यां� की� हालो ढ$ढतं। एँकी दिद� लोOटकीर हा�स� � कीहा� “यिमेंत्र, यांहा�� स पंच�स की�स दूर एँकी झे�लो हा�।उसमें, की�फू� पं��� हा� तं4में वहा�� मेंजा स रहा�ग।” कीछः4 आ र��� आव�जा में, ब�लो� “पंच�स की�स? इतं�� दूर जा�� में, में4झे मेंहा��� लोग,ग। तंब तंकी तं� में� मेंर जा�ऊं� ग�।”

कीछः4 एँ की� ब�तं भी� ठीdकी था�। हा�स� � अक्लो लोडा�ई और एँकी तंर�की� स�च नि�की�लो�।

व एँकी लोकीडा� उठी�कीर लो�एँ और ब�लो “यिमेंत्र, हामें द��� अपं�� च�च में, इस लोकीडा� की क्तिसर पंकीडाकीर एँकी स�था उडा,ग। तं4में इस लोकीडा� की� ब�च में, स में4�हा स था�में रहा��। इस प्रेकी�र हामें उस झे�लो तंकी तं4म्हा, पंहु�च� द,ग उसकी ब�द तं4म्हा, की�ई क्तिचन्तं� �हा> रहाग�।”

उन्हा�� चतं�व�� द` “पंर यां�द रर्ख��, उडा�� की दOर�� अपं�� में4�हा � र्ख�लो��। वर�� निगर पंडा�ग।”

कीछः4 एँ � हा�में� में, क्तिसर निहालो�यां�। बस, लोकीडा� पंकीडाकीर हा�स उडा चलो। उ�की ब�च में, लोकीडा� में4�हा द�ब कीछः4 आ। व एँकी कीस्ब की ऊंपंर स उडा रहा था निकी ��च र्खडा लो�ग� � आकी�श में, अदभी4तं �जा�र� दर्ख�। सब एँकी दूसर की� ऊंपंर आकी�श की� दPश्यां दिदर्ख�� लोग। लो�ग दOडा-दOडाकीर अपं� चw� पंर नि�कीलो आएँ। की4 छः अपं� मेंकी��� की� छःतं� की� ओर दOडा। बच्चा ब$डा, औरतं, व जाव�� सब ऊंपंर दर्ख� लोग। र्ख$ब श�र मेंच�। कीछः4 एँ की� �जार ��च उ� लो�ग� पंर पंडा�।

उस आWयां% हुआ निकी उन्हा, इतं� लो�ग दर्ख रहा हा�। वहा अपं� यिमेंत्र� की� चतं�व�� भी$लो गयां� और क्तिचल्लो�यां� “दर्ख�, निकीतं� लो�ग हामें, दर्ख रहा हाh!” में4�हा की र्ख4लोतं हा� वहा ��च निगर पंडा�। ��च उसकी� हा �-पंसलो� की� भी� पंतं� �हा> लोग�।

सी�खः� बमेंOकी में4�हा र्ख�लो�� बहुतं मेंहा�ग� पंडातं� हा�।

र�ग में, भी�गएँकी ब�र जा�गलो में, पंक्षि(यां� की� आमें सभी� हुई। पंक्षि(यां� की र�जा� गरुडा था। सभी� गरुडा स अस�तं4ष्ट था। में�र की� अध्यां(तं� में, सभी� हुई। में�र � भी�र्षोंणी दिदयां� “स�क्तिथायां�, गरुडाजा� हामें�र र�जा� हा� पंर में4झे यांहा कीहातं हुएँ बहुतं दुर्ख हा�तं� हा� निकी उ�की र�जा में, हामें पंक्षि(यां� की� दश� बहुतं र्खर�ब हा� गई हा�। उसकी� यांहा की�रणी हा� निकी गरुडाजा� तं� यांहा�� स दूर निवष्णी4 लो�की में, निवष्णी4जा� की� सव� में, लोग रहातं हा�। हामें�र� ओर ध्यां�� द� की� उन्हा, समेंयां हा� �हा> यिमेंलोतं�। हामें, अओअ�� समेंस्यां�एँ� लोकीर फूरिरयां�द कीर� जा�गलो� चOपं�यां� की र�जा� सिंसXहा की पं�स जा��� पंडातं� हा�। हामें�र� निग�तं� � तं�� में, रहा गई हा� और � तंरहा में,। अब हामें, क्यां� कीर�� च�निहाएँ, यांहा� निवच�र� की क्तिलोएँ यांहा सभी� ब4लो�ई गई हा�।

हुदहुद � प्रेस्तं�व रर्ख� “हामें, �यां� र�जा� च4��� च�निहाएँ, जा� हामें�र� समेंस्यां�एँ� हालो कीर और दूसर र�जा�ओं की ब�च बhठीकीर हामें पंक्षि(यां� की� जा�व जागतं में, सम्में�� दिदलो�एँ।”

में4ग� � ब��ग द` “की4 कीडा$ � की$� । में� हुदहुदजा� की प्रेस्तं�व की� समेंथा%� कीरतं� हूं�”

च�लो � जा�र की� स�ट` में�र� “में� भी� सहामेंतं हूं�।”

में�र � पं�र्ख फूh लो�एँ और घो�र्षोंणी� की� “तं� सव%सम्मेंनितं स तंयां हुआ निकी हामें �एँ र�जा� की� च4��व कीर,, पंर निकीस ब��एँ� हामें र�जा�?”।

सभी� पं(� एँकी दूसर स सलो�हा कीर� लोग। की�फू� दर की ब�द स�रस � अपं�� में4�हा र्ख�लो� “में� र�जा� पंद की क्तिलोएँ उल्लो$जा� की� ��में पंश कीरतं� हूं�। व ब4जिiमें�� हा�। उ�की� आ�र्ख, तंजास्व� हा�। स्वभी�व अनितं ग�भी�र हा�, ठीdकी जाhस र�जा� की� श�भी� दतं� हा�।”

हा��%निबलो � सहामेंनितं में, क्तिसर निहालो�तं हुएँ कीहा� “स�रसजा� की� स4झे�व बहुतं दूरदर्शिशXतं�पं$णी% हा�। यांहा तं� सब जा��तं हा� निकी उल्लो$जा� लोक्ष्में� दव� की� सव�र� हाh। उल्लो$ हामें�र र�जा� ब� गएँ तं� हामें�र� द�रिरद्रयां दूर हा� जा�एँग�।”

लोक्ष्में�जा� की� ��में स4�तं हा� सब पंर जा�दू स� प्रेभी�व हुआ। सभी� पं(� उल्लो$ की� र�जा� ब��� पंर र�जा� हा� गएँ।

में�र ब�लो� “ठीdकी हा�, में� उल्लो$जा� स प्रे�था%�� कीरतं� हूं� निकी व की4 छः शब्द ब�लो,।”

उल्लो$ � घो4घो4आतं कीहा� “भी�इयां�, आपं� र�जा� पंद पंर में4झे निबठी�� की� नि�णी%यां जा� निकीयां� हा� उसस में� गदगद हा� गयां� हूं�। आपंकी� निवश्वा�स दिदलो�तं� हूं� निकी में4झे आपंकी� सव� कीर� की� जा� मेंOकी� यिमेंलो� हा�, में� उसकी� सदुपंयां�ग कीरतं हुएँ आपंकी� स�र� समेंस्यां�एँ� हालो कीर� की� भीरसकी प्रेयांत्� कीरु� ग�। धन्यांव�द।”

पंक्षि( जा�� � एँकी स्वर में, ‘उल्लो$ मेंहा�र�जा की� जायां’ की� ��र� लोग�यां�।

की�यांलो, ग�� लोग�। च�लो जा�कीर कीहा> स में�में�हाकी निडाजा�इ� व�लो� रशमें की� श�लो उठी�कीर लो आई। उस एँकी डा�लो पंर लोटकी�यां� गयां� और उल्लो$ उस पंर निवर�जामें�� हुएँ। कीब$तंर जा�कीर कीपंडा� की� र�गनिबर�ग� लो�र, उठी�कीर लो�एँ और उन्हा, पंडा की� टहानि�यां� पंर लोटकी�कीर सजा�� लोग। मेंओर� की� ट�क्तिलोयां�� पंडा की च�र� ओर ��च� लोग�।

में4ग# व शतं4रमें4ग# � पंडा की नि�कीट पं�जा� स यिमेंट्टी` र्ख�द-र्ख�दकीर एँकी बडा� हाव� तंhयां�र निकीयां�। दूसर पं(� लो�लो र�ग की फू$ लो लो�-लो�कीर की4� डा में, ढ र� लोग�� लोग। की4� डा की च�र� ओर आठी-दस तं�तं बhठीकीर में�त्र पंढ� लोग।

बयां� क्तिचनिडायां� � स�� व च�ण्द` की तं�र� स में4की4 ट ब4� डा�लो� तंथा� हा�स में�तं� लो�कीर में4की4 ट में, निफूट कीर� लोग। द� में4ख्यां तं�तं पं4जा�रिरयां� � उल्लो$ स प्रे�था%�� की� “हा पं(� श्रष्ठ, चक्तिलोएँ लोक्ष्में� में�दिदर चलोकीर लोक्ष्में�जा� की� पं$जा� कीर,।”

Page 27: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

नि�व�%क्तिचतं र�जा� उल्लो$ तं�तं पं�निडातं� की स�था लोक्ष्में� में�दिदर की ओर उडा चलो उ�की जा�� की की4 छः (णी पंW�तं हा� वहा�� कीOआ आयां�। च�र� ओर जाश्न स� में�हा�लो दर्खकीर वहा चKकी�। उस� पं$छः� “भी�ई, यांहा�� निकीस उत्सव की� तंhयां�र� हा� रहा� हा�?

पंक्षि(यां� � उल्लो$ की र�जा� ब�� की� ब�तं बतं�ई। कीOआ च�र्ख� “में4झे सभी� में, क्यां� �हा> ब4लो�यां� गयां�? क्यां� में� पं(� �हा>?”

में�र � उत्तर दिदयां� “यांहा जा�गलो� पंक्षि(यां� की� सभी� हा�। तं4में तं� अब जा�कीर अयिधकीतंर कीस्ब� व शहार� में, रहा� लोग हा�। तं4म्हा�र� हामेंस क्यां� व�स्तं�?”

कीOआ उल्लो$ की र�जा� ब�� की� ब�तं स4�कीर जालो-भी4� गयां� था�। वहा क्तिसर पंटकी� लोग� और की��-की�� कीर� लोग� “अर, तं4म्हा�र� दिदमें�ग र्खर�ब हा� गयां� हा�, जा� उल्लो$ की� र�जा� ब��� लोग? वहा च$हा र्ख�कीर जा�तं� हा� और यांहा मेंतं भी$लो� निकी उल्लो$ की वलो र�तं की� ब�हार नि�कीलोतं� हा�। अपं�� समेंस्यां�एँ� और फूरिरयां�द लोकीर निकीसकी पं�स जा�ओग? दिद� की� तं� वहा यिमेंलोग� �हा>।”

कीOएँ की� ब�तं� की� पंक्षि(यां� पंर असर हा�� लोग�। व आपंस में, की���फू$ स� कीर� लोग निकी श�यांद उल्लो$ की� र�जा� ब��� की� नि�णी%यां कीर उन्हा�� गलोतं� की� हा�। ध�र-ध�र स�र पं(� वहा�� स खिर्खसकी� लोग। जाब उल्लो$ लोक्ष्में� पं$जा� की�र तं�तं� की स�था लोOट� तं� स�र� र�ज्यां�क्षिभीर्षोंकी स्थालो स$�� पंडा� था�। उल्लो$ घो4घो4आयां� “सब कीहा�� गएँ?”

उल्लो$ की� सनिवकी� र्ख�डारिरच पंडा पंर स ब�लो� “कीOआ आकीर सबकी� उल्ट` पंट्टी` पंढ� गयां�। सब चलो गएँ। अब की�ई र�ज्यां�क्षिभीर्षोंकी �हा> हा�ग�।”

उल्लो$ च�च पं�सकीर रहा गयां�। र�जा� ब�� की� सपं�� च$र-च$र हा� गयां� तंब स उल्लो$ कीOओं की� बhर� ब� गयां� और दर्खतं हा� उस पंर झेपंटतं� हा�।

सी�खः� कीई में, दूसर� की र�ग में, भी�ग डा�लो� की� आदतं हा�तं� हा� और व उम्रा-भीर की� दुश्में�� में�लो लो बhठीतं हा�।

र�ग� क्तिसयां�रएँकी ब�र की� ब�तं हा� निकी एँकी क्तिसयां�र जा�गलो में, एँकी पं4र�� पंडा की ��च र्खडा� था�। पं$र� पंडा हाव� की तंजा झे�की स निगर पंडा�। क्तिसयां�र उसकी� चपंट में, आ गयां� और ब4र� तंरहा घो�यांलो हा� गयां�। वहा निकीस� तंरहा यिघोसटतं�-यिघोसटतं� अपं�� में��द तंकी पंहु�च�। कीई दिद� ब�द वहा में��द स ब�हार आयां�। उस भी$र्ख लोग रहा� था�। शर�र कीमेंजा�र हा� गयां� था� तंभी� उस एँकी र्खरग�श �जार आयां�। उस दब�च� की क्तिलोएँ वहा झेपंट�। क्तिसयां�र र्ख4छः दूर भी�गकीर हा��फू� लोग�। उसकी शर�र में, जा�� हा� कीहा�� रहा गई था�? निफूर उस� एँकी बटर की� पं�छः� कीर� की� की�क्तिशश की�। यांहा�� भी� वहा असफूलो रहा�। निहारणी की� पं�छः� कीर� की� तं� उसकी� निहाम्मेंतं भी� � हुई। वहा र्खडा� स�च� लोग�। क्तिशकी�र वहा कीर �हा> पं� रहा� था�। भी$र्ख� मेंर� की� �Oबतं आई हा� समेंझे�। क्यां� निकीयां� जा�एँ? वहा इधर उधर घो$में� लोग� पंर कीहा> की�ई मेंर� जा��वर �हा> म्मिम्मेंलो�। घो$मेंतं�-घो$मेंतं� वहा एँकी बस्तं� में, आ गयां�। उस� स�च� श�यांद की�ई में4गB यां� उसकी� बच्चा� हा�था लोग जा�एँ। स� वहा इधर-उधर गक्तिलोयां� में, घो$में� लोग�।

तंभी� की4 त्त भीK-भीK कीरतं उसकी पं�छः पंडा गएँ। क्तिसयां�र की� जा�� बच�� की क्तिलोएँ भी�ग�� पंडा�। गक्तिलोयां� में, घो4सकीर उ�की� छःकी�� की� की�क्तिशश कीर� लोग� पंर की4 त्त तं� कीस्ब की� गलो�-गलो� स पंरिरक्तिचतं था। क्तिसयां�र की पं�छः पंडा की4 त्त� की� ट�लो� बढतं� जा� रहा� था� और क्तिसयां�र की कीमेंजा�र शर�र की� बलो समें�प्तं हा�तं� जा� रहा� था�। क्तिसयां�र भी�गतं� हुआ र�गरजा� की� बस्तं� में, आ पंहु�च� था�। वहा�� उस एँकी घोर की स�में� एँकी बडा� ड्रमें �जार आयां�। वहा जा�� बच�� की क्तिलोएँ उस� ड्रमें में, की$ द पंडा�। ड्रमें में, र�गरजा � कीपंडा र�ग� की क्तिलोएँ र�ग घो�लो रर्ख� था�।

की4 त्त� की� ट�लो� भीKकीतं� चलो� गयां�। क्तिसयां�र स��स र�कीकीर र�ग में, डा$ब� रहा�। वहा की वलो स��स लो� की क्तिलोएँ अपं�� था$था�� ब�हार नि�की�लोतं�। जाब उस पं$र� यांकी�� हा� गयां� निकी अब की�ई र्खतंर� �हा> हा� तं� वहा ब�हार नि�कीलो�। वहा र�ग में, भी�ग च4की� था�। जा�गलो में, पंहु�चकीर उस� दर्ख� निकी उसकी शर�र की� स�र� र�ग हार� हा� गयां� हा�। उस ड्रमें में, र�गरजा � हार� र�ग घो�लो रर्ख� था�। उसकी हार र�ग की� जा� भी� जा�गलो� जा�व दर्खतं�, वहा भीयांभी�तं हा� जा�तं�। उ�की� र्खOफू स की��पंतं दर्खकीर र�ग क्तिसयां�र की दुष्ट क्तिशमें�ग में, एँकी यां�जा�� आई।

र�ग क्तिसयां�र � डारकीर भी�गतं जा�व� की� आव�जा द` “भी�इओ, भी�ग� मेंतं मेंर� ब�तं स4��।”

उसकी� ब�तं स4�कीर सभी� जा��वर भी�गतं जा��वर दिठीठीकी ।

उ�की दिठीठीकी� की� र�ग क्तिसयां�र � फू�यांद� उठी�यां� और ब�लो� “दर्ख�, दर्ख� मेंर� र�ग। ऐस� र�गनिकीस� जा��वर की� धरतं� पंर हा�? �हा> �। मेंतंलोब समेंझे�। भीगव�� � में4झे यांहा र्ख�स र�ग तं4म्हा�र पं�स भीजा� हा�। तं4में सब जा��वर� की� ब4लो� लो�ओ तं� में� भीगव�� की� स�दश स4��ऊं� ।”

उसकी� ब�तं� की� सब पंर गहार� प्रेभी�व पंडा�। व जा�कीर जा�गलो की दूसर सभी� जा��वर� की� ब4लो�कीर लो�एँ। जाब सब आ गएँ तं� र�ग� क्तिसयां�र एँकी ऊं� च पंत्थर पंर चढकीर ब�लो� “वन्यां प्रे�क्षिणीयां�, प्रेजा�पंनितं ब्राह्म� � में4झे र्ख4द अपं� हा�था� स इस अलोOनिकीकी र�ग की� प्रे�णी� ब��कीर कीहा� निकी स�स�र में, जा��वर� की� की�ई श�सकी �हा> हा�। तं4म्हा, जा�कीर जा��वर� की� र�जा� ब�कीर उ�की� कील्यां�णी कीर�� हा�। तं4म्हा�र ��में सम्रा�ट कीकी4 दुमें हा�ग�। तं��� लो�की� की वन्यां जा�व तं4म्हा�र� प्रेजा� हा�ग। अब तं4में लो�ग अ��था �हा> रहा। मेंर� छःत्र-छः�यां� में, नि�भी%यां हा�कीर रहा�।”

सभी� जा��वर वhस हा� क्तिसयां�र की अजा�ब र�ग स चकीर�एँ हुएँ तं। उसकी� ब�तं� � तं� जा�दू की� की�में निकीयां�। शर, ब�घो व च�तं की� भी� ऊंपंर की� स��स ऊंपंर और ��च की� स��स ��च रहा गई। उसकी� ब�तं की�ट� की� निकीस� में, निहाम्मेंतं � हूंई। दर्खतं हा� दर्खतं स�र जा��वर उसकी चरणी� में, लो�ट� लोग और एँकी स्वर में, ब�लो “हा बह्म� की दूतं, प्रे�क्षिणीयां� में, श्रष्ठ कीकी4 दुमें,

हामें आपंकी� अपं�� सम्रा�ट स्व�की�र कीरतं हा�। भीगव�� की� इच्छा� की� पं�लो� कीरकी हामें, बडा� प्रेसन्नतं� हा�ग�।”

एँकी ब$ढ हा�था� � कीहा� “हा सम्रा�ट, अब हामें, बतं�इएँ निकी हामें�र क्यां� कीतं%व्य हा�?”

र�ग� क्तिसयां�र सम्रा�ट की� तंरहा पं�जा� उठी�कीर ब�लो� “तं4म्हा, अपं� सम्रा�ट की� र्ख$ब सव� और आदर कीर�� च�निहाएँ। उस की�ई तंकीलो�फू �हा> हा��� च�निहाएँ। हामें�र र्ख��-पं�� की� श�हा� प्रेब�ध हा��� च�निहाएँ।”

Page 28: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

शर � क्तिसर झे4की�कीर कीहा� “मेंहा�र�जा, ऐस� हा� हा�ग�। आपंकी� सव� कीरकी हामें�र� जा�व� धन्यां हा� जा�एँग�।”

बस, सम्रा�ट कीकी4 दुमें ब� र�ग क्तिसयां�र की श�हा� ट�ठी हा� गएँ। वहा र�जास� श�� स रहा� लोग�।

कीई लो�मेंनिडायां�� उसकी� सव� में, लोग� रहातं> भी�लो$ पं�र्ख� झे4लो�तं�। क्तिसयां�र जिजास जा�व की� में��स र्ख�� की� इच्छा� जा�निहार कीरतं�, उसकी� बक्तिलो द` जा�तं�।

जाब क्तिसयां�र घो$में� नि�कीलोतं� तं� हा�था� आग-आग स$�डा उठी�कीर निबग4लो की� तंरहा सिंचXघो�डातं� चलोतं�। द� शर उसकी द��� ओर कीमें��डा� ब�डा� ग�डा% की� तंरहा हा�तं।

र�जा कीकी4 दुमें की� दरब�र भी� लोगतं�। र�ग क्तिसयां�र � एँकी च�लो�की� यांहा कीर द` था� निकी सम्रा�ट ब�तं हा� क्तिसयां�र� की� श�हा� आदश जा�र� कीर उस जा�गलो स भीग� दिदयां� था�। उस अपं�� जा�नितं की जा�व� द्वा�र� पंहाच�� क्तिलोएँ जा�� की� र्खतंर� था�।

एँकी दिद� सम्रा�ट कीकी4 दुमें र्ख$ब र्ख�-पं�कीर अपं� श�हा� में��द में, आर�में कीर रहा� था� निकी ब�हार उजा�लो� दर्खकीर उठी�। ब�हार आयां� च��द�� र�तं खिर्खलो� था�। पं�स की जा�गलो में, क्तिसयां�र� की� ट�क्तिलोयां�� ‘हूं हूं SSS’ की� ब�लो� ब�लो रहा� था�। उस आव�जा की� स4�तं हा� कीकी4 दुमें अपं�� आपं� र्ख� बhठी�। उसकी अद�र की जान्मेंजा�तं स्वभी�व � जा�र में�र� और वहा भी� में4�हा च��द की� ओर उठी�कीर और क्तिसयां�र� की स्वर में, यिमेंलो�कीर ‘हूं हूं SSS’ कीर� लोग�।

शर और ब�घो � उस’हूं हूं SSS’ कीरतं दर्ख क्तिलोयां�। व चKकी , ब�घो ब�लो� “अर|, यांहा तं� क्तिसयां�र हा�। हामें, ध�र्ख� दकीर सम्रा�ट ब�� रहा�। में�र� ��च की�।”

शर और ब�घो उसकी� ओर लोपंकी और दर्खतं हा� दर्खतं उसकी� नितंयां�-पं��च� कीर डा�लो�।

सी�खः� �कीलो� पं� की� पं�लो दर यां� सबर जारूर र्ख4लोतं� हाh।

शत्र4 की� सलो�हा�द` निकी��र एँकी निवश�लो पंडा था�। उस पंडा पंर बग4लो� की� बहुतं बडा� झे4�डा रहातं� था�। उस� पंडा की की�टर में, की�लो� ��ग रहातं� था�। जाब अ�डा� स बच्चा नि�कीलो आतं और जाब वहा की4 छः बडा हा�कीर में��-ब�पं स दूर रहा� लोगतं, तंभी� वहा ��ग उन्हा, र्ख� जा�तं� था�। इस प्रेकी�र वर्षोंª स की�लो� ��ग बग4लो� की बच्चा हाडापंतं� आ रहा� था�। बग4लो भी� वहा�� स जा�� की� ��में �हा> लोतं था, क्यां�निकी वहा�� �द`में, कीछः4 ओं की� भीरमें�र था�। कीछः4 ओं की� �रमें में��स बग4लो� की� बहुतं अच्छा� लोगतं� था�।

इस ब�र ��ग जाब एँकी बच्चा की� हाडापं� लोग� तं� निपंतं� बग4लो की� �जार उस पंर पंडा गई। बग4लो की� पंतं� लोग गयां� निकी उसकी पंहालो बच्चा� की� भी� वहा ��ग र्ख�तं� रहा� हा�ग�। उस बहुतं श�की हुआ। उस आ�स$ बहा�तं एँकी कीछः4 एँ � दर्ख� और पं$छः� “में�में�, क्यां� र� रहा हा�?”

गमें में, जा�व हार निकीस� की आग अपं�� दुर्खडा� र�� लोगतं� हा�। उस� ��ग और अपं� मेंPतं बच्चा� की ब�र में, बतं�कीर कीहा� “में� उसस बदलो� लो�� च�हातं� हूं�।”

कीछः4 एँ � स�च� “अच्छा� तं� इस गमें में, में�में� र� रहा� हा�। जाब यांहा हामें�र बच्चा र्ख� जा�तं हा� तंब तं� की4 छः ख्यां�लो �हा> आतं� निकी हामें, निकीतं�� गमें हा�तं� हा�ग�। तं4में स��पं स बदलो� लो�� च�हातं हा� तं� हामें भी� तं� तं4मेंस बदलो� लो�� च�हा,ग।”

बग4लो� अपं� शत्र4 की� अपं�� दुर्ख बतं�कीर गलोतं� कीर बhट� था�। चतं4र कीछः4 आ एँकी तं�र स द� क्तिशकी�र में�र� की� यां�जा�� स�च च4की� था�। वहा ब�लो� “में�में�! में� तं4म्हा, बदलो� लो� की� बहुतं अच्छा� उपं�यां स4झे�तं� हूं�।”

बग4लो � अद`र स्वर में, पं$छः� “जाल्द` बतं�ओ वहा उपं�यां क्यां� हा�। में� तं4म्हा�र� एँहास�� जा�व� भीर� �हा> भी$लो$�ग�।’ कीछः4 आ में� हा� में� में4स्की4 र�यां� और उपं�यां बतं�� लोग� “यांहा�� स की4 छः दूर एँकी �वलो की� निबलो हा�। �वलो� स��पं की� घो�र शत्र4 हा�। �वलोकी� मेंछःक्तिलोयां� बहुतं निप्रेयां हा�तं� हा�। तं4में छः�ट`-छः�ट� मेंछःक्तिलोयां�� पंकीडाकीर �वलो की निबलो स स��पं की की�टर तंकी निबछः� द��वलो� मेंछःक्तिलोयां�� र्ख�तं�-र्ख�तं� स��पं तंकी पंहु�च जा�एँग� और उस समें�प्तं कीर दग�।’ बग4लो� ब�लो� “तं4में जार� में4झे उस �वलो की� निबलो दिदर्ख� द�।’

कीच4एँ � बग4लो की� �वलो की� निबलो दिदर्ख� दिदयां�। बग4लो � वhस हा� निकीयां� जाhस कीच4एँ � समेंझे�यां� तं�। �वलो� सचमें4च मेंछःक्तिलोयां�� र्ख�तं� हुआ की�टर तंकी पंहु�च�। �वलो की� दर्खतं हा� ��ग � फू4� की�र छः�डा�। की4 छः हा� दर की� लोडा�ई में, �वलो � स��पं की ट4कीडा-ट4कीडा कीर दिदएँ। बग4लो� र्ख4श� स उछःलो पंडा�। कीछः4 एँ � में� हा� में� में, कीहा� “यांहा तं� श4रुआतं हा� में$र्ख% बग4लो। अब मेंर� बदलो� श4रु हा�ग� और तं4में सब बग4लो� की� ��श हा�ग�।”

कीछः4 एँ की� स�च�� सहा� नि�कीलो�। �वलो� ��ग की� में�र� की ब�द वहा�� स �हा> गयां�। उस अपं� च�र� ओर बग4लो �जार आएँ,उसकी क्तिलोएँ मेंनिहा�� की क्तिलोएँ स्व�दिदष्ट र्ख���। �वलो� उस� की�टर में, बस गयां�, जिजासमें, ��ग रहातं� था� और र�जा एँकी बग4लो की� अपं�� क्तिशकी�र ब��� लोग�। इस प्रेकी�र एँकी-एँकी कीरकी स�र बग4लो में�र गएँ।

सी�खः� शत्र4 की� सलो�हा में, उसकी� स्व�था% क्तिछःपं� हा�तं� हाh।

शर�रतं� ब�दरएँकी समेंयां शहार स की4 छः हा� दूर� पंर एँकी में�दिदर की� नि�में�%णी कीh यां� जा� रहा� था�। में�दिदर में, लोकीडा� की� की�में बहुतं था इसक्तिलोएँ लोकीडा� च�र� व�लो बहुतं स मेंजादूर की�में पंर लोग हुएँ था। यांहा��-वहा�� लोकीडा� की लोठी|ट पंडा हुएँ था और लोठी|ट व शहातं�र च�र� की� की�में चलो रहा� था�। स�र मेंजादूर� की� द�पंहार की� भी�जा� कीर� की क्तिलोएँ शहार जा��� पंडातं� था�, इसक्तिलोएँ द�पंहार की समेंयां एँकी घो�ट तंकी वहा�� की�ई �हा> हा�तं� था�। एँकी दिद� र्ख�� की� समेंयां हुआ तं� स�र मेंजादूर की�में छः�डाकीर चलो दिदएँ। एँकी लोठी|ट� आध� क्तिचर� रहा गयां� था�। आध क्तिचर लोठी|ट में, मेंजादूर लोकीडा� की� की�लो� फू� स�कीर चलो गएँ। ऐस� कीर� स द�ब�र� आर� घो4स�� में, आस��� रहातं� हा�।

Page 29: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

तंभी� वहा�� ब�दर� की� एँकी दलो उछःलोतं�-की$ दतं� आयां�। उ�में, एँकी शर�रतं� ब�दर भी� था�, जा� निब�� मेंतंलोब च�जा� स छःडाछः�डा कीरतं� रहातं� था�। पं�ग लो�� उसकी� आदतं था�। ब�दर� की सरद�र � सबकी� वहा�� पंडा� च�जा� स छःडाछः�डा � कीर� की� आदश दिदयां�। स�र ब�दर पंडा� की� ओर चलो दिदएँ, पंर वहा शhतं�� ब�दर सबकी� �जार बच�कीर पं�छः रहा गयां� और लोग� अडा�गब�जा� कीर�।

उसकी� �जार अधक्तिचर लोठी|ट पंर पंडा�। बस, वहा उस� पंर निपंलो पंडा� और ब�च में,अडा�एँ गएँ की�लो की� दर्ख� लोग�। निफूर उस� पं�स पंडा� आर� की� दर्ख�। उस उठी�कीर लोकीडा� पंर रगडा� लोग�। उसस निकीर%र%-निकीर%र% की� आव�जा नि�कीलो� लोग� तं� उस� ग4स्स स आर� पंटकी द`। उ� ब�दर� की� भी�र्षों� में, निकीर%र%-निकीर%र% की� अथा% ‘नि�र्खट्टू’ था�। वहा द�ब�र� लोठी|ट की ब�च फू� स की�लो की� दर्ख� लोग�।

उसकी दिदमें�ग में, कीOतं4हालो हा�� लोग� निकी इस की�लो की� लोठी|ट की ब�च में, स नि�की�लो दिदयां� जा�एँ तं� क्यां� हा�ग�? अब वहा की�लो की� पंकीडाकीर उस ब�हार नि�की�लो� की क्तिलोएँ जा�र आजामें�ईश कीर� लोग�। लोठी|ट की ब�च फू� स�यां� गयां� की�लो� तं� द� पं�ट� की ब�च बहुतं मेंजाब$तं� स जाकीडा� गयां� हा�तं� हा�, क्यां�निकी लोठी|ट की द� पं�ट बहुतं मेंजाब$तं स्प्रिं°Xग व�लो ज्जिक्लोपं की� तंरहा उस दब�एँ रहातं हा�।

ब�दर र्ख$ब जा�र लोग�कीर उस निहालो�� की� की�क्तिशश कीर� लोग�। की�लो� जा�ज्र लोग�� पंर निहालो� व खिर्खसकी� लोग� तं� ब�दर अपं�� शक्ति2 पंर र्ख4श हा� गयां�।

वहा और जा�र स र्खK-र्खK कीरतं� की�लो� सरकी�� लोग�। इस ध>ग�में4श्तं� की ब�च ब�दर की� पं$�छः द� पं�ट� की ब�च आ गई था�, जिजासकी� उस पंतं� हा� �हा> लोग�।

उस� उत्स�निहातं हा�कीर एँकी जा�रद�र झेटकी� में�र� और जाhस हा� की�लो� ब�हार खिंर्खXच�, लोठी|ट की द� क्तिचर भी�ग फूट�की स ज्जिक्लोपं की� तंरहा जा4डा गएँ और ब�च में, फू� स गई ब�दर की� पं$�छः। ब�दर क्तिचल्लो� उठी�।

तंभी� मेंजादूर वहा�� लोOट। उन्हा, दर्खतं हा� ब�दर �� भी�ग� की क्तिलोएँ जा�र लोग�यां� तं� उसकी� पं$�छः ट$ट गई। वहा च�र्खतं� हुआ ट$ट` पं$�छः लोकीर भी�ग�।

सी�खः� निब�� स�च-समेंझे की�ई की�में � कीर�।

स�गठी� की� शक्ति2टएँकी व� में, बहुतं बडा� अजागर रहातं� था�। वहा बहुतं अक्षिभीमें��� और अत्यां�तं क्रू$ र था�। जाब वहा अपं� निबलो स नि�कीलोतं� तं� सब जा�व उसस डारकीर भी�ग र्खडा हा�तं। उसकी� में4�हा इतं��निवकीर�लो था� निकी र्खरग�श तंकी की� नि�गलो जा�तं� था�। एँकी ब�र अजागर क्तिशकी�र की� तंलो�श में, घो$में रहा� था�। स�र जा�व तं� उस निबलो स नि�कीलोतं दर्खकीर हा� भी�ग च4की था। उस की4 छः � यिमेंलो� तं� वहा क्रू�यिधतं हा�कीर फू4 फूकी�र� लोग� और इधर-उधर र्ख�की छः��� लोग�। वहा> नि�कीट में, एँकी निहारणी� अपं� �वजा�तं क्तिशश4 की� पंक्षित्तयां� की ढ र की ��च क्तिछःपं�कीर स्वयां� भी�जा� की� तंलो�श में, दूर नि�कीलो गई था�।

अजागर की� फू4 फूकी�र स स$र्ख� पंक्षित्तयां�� उडा� लोग� और निहारणी� की� बच्चा� �जार आ� लोग�। अजागर की� �जार उस पंर पंडा� निहारणी� की� बच्चा� उस भीयां��की जा�व की� दर्खकीर इतं�� डार गयां� निकी उसकी में4�हा स च�र्ख तंकी � नि�कीलो पं�ई। अजागर � दर्खतं-हा�-दर्खतं �वजा�तं निहारणी की बच्चा की� नि�गलो क्तिलोयां�। तंब तंकी निहारणी� भी� लोOट आई था�, पंर वहा क्यां� कीरतं�?

आ�र्ख� में, आ�स$ भीर जाडा हा�कीर दूर स अपं� बच्चा की� की�लो की� ग्र�स ब�तं दर्खतं� रहा�।

निहारणी� की श�की की� दिठीकी��� � रहा�। उस� निकीस�-� निकीस� तंरहा अजागर स बदलो� लो� की� ठी�� लो�। निहारणी� की� एँकी �वलो स द�स्तं� तं�। श�की में, डा$ब� निहारणी� अपं� यिमेंत्र �वलो की पं�स गईऔर र�-र�कीर उस अपं�� दुर्खभीर� कीथा� स4��ई। �वलो की� भी� बहुतं दुर्ख हुआ। वहा दुर्ख-भीर स्वर में, ब�लो� “यिमेंत्र, मेंर बस में, हा�तं� तं� में� उअस ��च अजागर की सO ट4कीडा कीर डा�लोतं�। पंर क्यां� कीर,, वहा छः�ट�-में�ट� स��पं �हा> हा�,जिजास में� में�र सकी$� वहा तं� एँकी अजागर हा�। अपं�� पं$�छः की� फूटकी�र स हा� में4झे अधमेंर� कीर दग�। लोनिकी� यांहा�� पं�स में, हा� च�टिंटXयां� की� एँकी ब��ब� हा�। वहा�� की� र��� मेंर� यिमेंत्र हा�। उसस सहा�यांतं� में��ग�� च�निहाएँ।”

निहारणी� नि�र�श स्वर में, निवलो�पं निकीयां� “पंर जाब तं4म्हा�र जिजातं�� बडा� जा�व उस अजागर की� की4 छः निबग�डा� में, समेंथा% �हा> हा� तं� वहा छः�ट`-स� च>ट` क्यां� कीर लोग�?”

�वलो � कीहा� “ऐस� मेंतं स�च�। उसकी पं�स च>दिटयां� की� बहुतं बडा� स�� हा�। स�गठी� में, बडा� शक्ति2 हा�तं� हा�।”

निहारणी� की� की4 छः आश� की� निकीरणी �जार आई। �वलो� निहारणी� की� लोकीर च>ट` र��� की पं�स गयां� और उस स�र� कीहा��� स4��ई। च>ट` र��� � स�च-निवच�रकीर कीहा� “हामें तं4म्हा�र� सहा�यांतं� कीर,ग । हामें�र� ब��ब� की पं�स एँकी स�कीर�लो� �4की�लो पंत्थर� भीर� र�स्तं� हा�। तं4में निकीस� तंरहा उस अजागर की� उस र�स्तं स आ� पंर मेंजाब$र कीर�। ब�की� की�में मेंर� स�� पंर छः�डा द�।”

�वलो की� अपं�� यिमेंत्र च>ट` र��� पंर पं$र� निवश्वा�स था� इसक्तिलोएँ वहा अपं�� जा�� जा�खिर्खमें में, डा�लो� पंर तंhयां�र हा� गयां�। दूसर दिद� �वलो� जा�कीरस��पं की निबलो की पं�स अपं�� ब�लो� ब�लो� लोग�। अपं� शत्र4 की� ब�लो� स4�तं हा� अजागर क्रू�ध में, भीरकीर अपं� निबलो स ब�हार आयां�। �वलो� उस� स�कीर र�स्तं व�लो� दिदश� में, दOडा�। अजागर � पं�छः� निकीयां�। अजागर रुकीतं� तं� �वलो� में4डाकीर फू4 फूकी�रतं� और अजागर की� ग4स्स� दिदलो�कीर निफूर पं�छः� कीर� पंर मेंजाब$र कीरतं�। इस� प्रेकी�र �वलो � उस स�कीर�लो र�स्तं स ग4जार� पंर मेंजाब$र कीर दिदयां�। �4की�लो पंत्थर� स उसकी� शर�र छः`लो� लोग�। जाब तंकी अजागर उस र�स्तं स ब�हार आयां� तंब तंकी उसकी� की�फू� शर�र क्तिछःलो गयां� था� और जागहा-जागहा स र्ख$� टपंकी रहा� था�।

उस� समेंयां च>दिटयां� की� स�� � उस पंर हामेंलो� कीर दिदयां�। च>दिटयां�� उसकी शर�र पंर चढकीर क्तिछःलो स्था��� की ��ग में��स की� की�ट� लोग>। अजागर तंडापं उठी�। अपं�� शर�र पंटकी� लोग� जिजासस और में��स क्तिछःलो� लोग� और च>दिटयां� की� आक्रूमेंणी की क्तिलोएँ �एँ-�एँ स्था�� यिमेंलो� लोग। अजागर च>दिटयां� की� क्यां� निबग�डातं�? व हाजा�र� की� निग�तं� में, उस पंर ट$ट पंडा रहा� था�। की4 छः हा� दर में, क्रू$ र अजागर � तंडापं-तंडापंकीर दमें तं�डा दिदयां�।

Page 30: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

सी�खः� स�गठी� शक्ति2 बडा-बडा� की� ध$लो चट� दतं� हा�।

सच्चा� श�सकीकी� च� व� में, शरसिंसXहा की� र�जा समें�प्तं हा� च4की� था� पंर वहा�� निब�� र�जा� की ज्जिस्थानितं ऐस� हा� गई था� जाhस जा�गलोर�जा हा� जिजासकी� जा� मेंजाB वहा कीर रहा� था�। व� में, अश��नितं , में�रकी�ट,

ग�दग�, इतं�� फूh लो गई निकी वहा�� जा��वर� की� रहा�� में4स्विश्कीलो हा� गयां�। की4 छः जा��वर शरसिंसXहा की� यां�द कीर रहा था निकी “जाब तंकी शरसिंसXहा � र�जापं�ट स�भी�लो� हुआ था� स�र व� में, निकीतं�� श��नितं और एँकीतं� था�। ऐस हा� चलोतं� रहा� तं� एँकी दिद� यांहा व� हा� समें�प्तं हा� जा�एँग� और हामें सब जा��वर बघोर हा�कीर में�र जा�एँ�ग।”

ग�लो$ भी�लो$ ब�लो�- “की�ई � की�ई उपं�यां तं� कीर�� हा� हा�ग�- क्यां� � सभी� कीहा> सहामेंनितं स हामें अपं�� की�ई र�जा� च4� लो, जा� शरसिंसXहा की� तंरहा हामें, पं4�: एँकी जा�जा�र में, ब��ध और व� में, एँकी ब�र निफूर स अमें� श��नितं की स्वर ग$�जा उठी ।” सभी� ग�लो$ भी�लो$ की� ब�तं स स�तं4ष्ट हा� गएँ। पंर समेंस्यां� यांहा था� निकी र�जा� निकीस ब��यां� जा�एँ? सभी� जा��वर स्वयां� की� दूसर स बड़ा� बतं� रहा था।

स��$ में�र ब�लो�- “क्यां� � एँकी पंर्खव�ड़ा तंकी सभी� की� की4 छः � की4 छः की�में द दिदयां� जा�एँ तं� अपं� की�में की� सबस अच्छा ढ�ग स कीरग� उस हा� यांहा�� की� र�जा� ब�� दिदयां� जा�एँग�।” स��$ स्व�ट` की� ब�तं स सहामेंतं हा� गएँ और निफूर सभी� जा��वर� की� उ�की� यां�ग्यांतं� की आध�र पंर की�में द दिदयां� गयां�। निबम्पी� लो�मेंड़ा� की� यिमेंट्टी` हाट�� की� की�में दिदयां� गयां� तं� भी�लो$ ब�दर की� पंड़ा� पंर लोग जा�लो हाट�� की�, स��� हा�था� की� पंत्थर उठी�कीर एँकी गङ्| ढ में, डा�लो� की� की�में सKपं� गयां� था� और में��$ र्खरग�श की� घो�स की� सफू�ई की�।

जाब एँकी पंर्खव�ड़ा� ब�तं गयां� तं� सभी� जा��वर अपं�-अपं� की�यां# की� ब्यांOर� लोकीर एँकी मेंhद�� में, एँकीनित्रतं हा� गएँ। सभी� जा��वर� � अपं�� की�में बड़ा� सफू�ई और मेंहा�तं स पं$र� निकीयां� था�। क्तिसफू% स��$ हा�था� था� जिजास� एँकी भी� पंत्थर गङ्| ढ में, �हा> डा�लो� था�।

अब एँकी समेंस्यां� निफूर र्खड़ा� हा� गई निकी आखिर्खर निकीसकी की�में की� सबस अच्छा� में��� जा�एँ। ब4खिध्दमें�� में��$ र्खरग�श � यां4क्ति2 स4झे�ई “क्यां� � मेंतंद�� कीर� लो�यां� जा�एँ, जिजास सबस ज्यां�द� मेंतं यिमेंलो,ग उस हा� हामें र�जा� च4� लो,ग।”

अगलो दिद� स4बहा-स4बहा च4��व रर्ख क्तिलोयां� गयां� और एँकी बड़ा मेंhद�� में, सभी� पंश4-पं(� मेंतं द� की क्तिलोएँ उपंज्जिस्थातं हा� गएँ। मेंतंद�� समें�प्तं हा�� की एँकी घो�ट पंW�तं मेंतं� की� निग�� की� की�में श4रु हुआ। यांहा क्यां�! स��$ हा�था� निग�तं� में, सबस आग चलो रहा� था� और जाब मेंतं� की� निग�तं� समें�प्तं हुई तं� स��$ हा�था� सबस ज्यां�द� मेंतं� स निवजायां� हा� गयां�। सभी� जा��वर एँकी दूसर की� में4�हा तं�की रहा था।

तंभी� पं(�र�जा गरूणी वहा�� उपंज्जिस्थातं हुएँ और उपंज्जिस्थातं सभी� जा��वर� की� सम्ब�यिधतं कीरतं हुएँ ब�लो- ‘स��$ हा�था� प्रेनितंदिद� पंत्थर लोकीर गङ्| ढ तंकी जा�तं� था� पिंकीXतं4 जाब उस� दर्ख� निकी उस गङ्| ढ में, मेंर अ�डा रर्ख हुएँ हा� तं� वहा पंत्थर� की� उसमें, � डा�लोकीर पं�स हा� जामें�� पंर एँकीनित्रतं कीरतं� रहा�। स��$ � अपं� र�जा� ब�� की लो�लोच की� छः�ड़ा एँकी जा�व की� बच��� ज्यां�द� उपंयां�ग� समेंझे�। उसकी� इस पंर�पंकी�र की� भी�व�� की� दर्खकीर हामें पंक्षि(यां� की� भी�व�� की� दर्खकीर हामें पंक्षि(यां� � तंयां निकीयां� निकी जा� अपं� लो�लोच की� छः�ड़ाकीर दूसर� की स4र्ख-दु:र्ख की� ध्यां�� रर्ख, वहा� सच्चा तंOर पंर श�सकी ब�� की� अयिधकी�र� हाh और च$�निकी व� में, पंक्षि(यां� की� स�ख्यां� पंश4ओं स अयिधकी था� इसक्तिलोएँ स��$ हा�था� च4��व जा�तं गयां�।’

सीबक: सच्चा� श�सकी वहा� हा�तं� हा� जा� पंर�पंकी�र की� भी�व�� की� सवªच्चा स्था�� द,।

सच्चा यिमेंत्रबहुतं समेंयां पंहालो की� ब�तं हा�। एँकी स4द�र हार-भीर व� में, च�र यिमेंत्र रहातं था। उ�में, स एँकी था� च$हा�, दूसर� कीOआ, तं�सर� निहारणी और चOथा� कीछः4 आ। अलोग-अलोगजा�नितं की हा�� की ब�वजा$द उ�में, बहुतं घोनि�ष्टतं� था�। च�र� एँकी-दूसर पंर जा�� क्तिछःडाकीतं था। च�र� घो4लो-यिमेंलोकीर रहातं, र्ख$ब ब�तं, कीरतं और र्खलोतं। व� में, एँकी नि�में%लो जालो की� सर�वर था�, जिजासमें, वहा कीछः4 आ रहातं� था�। सर�वर की तंट की पं�स हा� एँकी जा�में4� की� बडा� पंडा था�। उस� पंर ब� अपं� घो�सलो में, कीOव� रहातं� था�। पंडा की ��च जामें�� में, निबलो ब��कीर च$हा� रहातं� था� और नि�कीट हा� घो�� झे�निडायां� में, हा� निहारणी की� बसर� था�।दिद� की� कीछः4 आ तंट की रतं में, ध$पं सकीतं� रहातं� पं��� में, डा4बनिकीयां�� लोग�तं�। ब�की� नितं� यिमेंत्र भी�जा� की� तंलो�श में, नि�कीलो पंडातं और दूर तंकी घो$मेंकीर स$यां�%स्तं की समेंयां लोOट आतं। च�र� यिमेंत्र इकीठ्ठे हा�तं एँकी दूसर की गलो लोगतं, र्खलोतं और धमें�-चOकीडा� मेंच�तं।

एँकी दिद� श�में की� च$हा� और कीOव� तं� लोOट आएँ, पंरन्तं4 निहारणी �हा> लोOट�। तं��� यिमेंत्र बhठीकीर उसकी� र�हा दर्ख� लोग। उ�की� में� र्खलो� की� भी� �हा> हुआ। कीछः4 आ भीर�%एँ गलो स ब�लो� “वहा तं� र�जा तं4में द��� स भी� पंहालो लोOट आतं� था�। आजा पंतं� �हा>, क्यां� ब�तं हा� गई, जा� अब तंकी �हा> आयां�। मेंर� तं� दिदलो डा$ब� जा� रहा� हा�।

च$हा � सिंचXनितंतं स्वर में, कीहा� “हा��, ब�तं बहुतं ग�भी�र हा�। जारूर वहा निकीस� में4स�बतं में, पंडा गयां� हा�। अब हामें क्यां� कीर?” कीOव � ऊंपंर दर्खतं हुएँ अपं�� च�च र्ख�लो� “यिमेंत्र�, वहा जिजाधर चर� प्रे�यांS जा�तं� हा�, उधर में� उडाकीर दर्ख आतं�, पंर अ�धर� यिघोर� लोग� हा�। ��च की4 छः �जार �हा> आएँग�। हामें, स4बहा तंकी प्रेतं�(� कीर�� हा�ग�। स4बहा हा�तं हा� में� उडाकीर जा�ऊं� ग� और उसकी� की4 छः र्खबर लो�कीर तं4म्हा, दू�ग�।”

कीछः4 एँ � क्तिसर निहालो�यां� “अपं� यिमेंत्र की� की4 शलोतं� जा�� निब�� र�तं की� �>द कीh स आएँग�? दिदलो की� चh� कीh स पंडाग�? में� तं� उस ओर अभी� चलो पंडातं� हूं� मेंर� च�लो भी� बहुतं ध�में� हा�में| तं4में द��� स4बहा आ जा��� ।” च$हा� ब�लो� “में4झेस भी� हा�था पंर हा�था धरकीर �हा> बhठी� जा�एँग�। में� भी� कीछः4 एँ भी�ई की स�था चलो पंडा सकीतं� हूं�, कीOएँ भी�ई, तं4में पंO फूटतं हा� चलो पंडा��।”

कीछः4 आ और च$हा� तं� चलो दिदएँ। कीOव � र�तं आ�र्ख�-आ�र्ख� में, की�ट`। जाhस हा� पंO फूट`, कीOआ उडा चलो� उडातं-उडातं च�र� ओर �जार डा�लोतं� जा� रहा� था�। आग एँकी स्था�� पंर कीछः4 आ और च$हा� जा�तं उस �जार आएँ कीOव � की�� की�� कीरकी उन्हा, स$च�� द` निकी उन्हा, दर्ख क्तिलोयां� हा� और वहा र्ख�जा में, आग जा� रहा� हा�। अब कीOव � निहारणी की� पं4की�र�� भी� श4रु निकीयां� “यिमेंत्र निहारणी , तं4में कीहा�� हा�? आव�जा द� यिमेंत्र।”

Page 31: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

तंभी� उस निकीस� की र�� की� आव�जा स4��ई द`। स्वर उसकी यिमेंत्र निहारणी की�-स� था�। उस आव�जा की� दिदश� में, उडाकीर वहा स�ध� उस जागहा पंहु�च�, जाहा�� निहारणी एँकी क्तिशकी�र� की जा�लो में, फू� स� चटपंट� रहा� था�। निहारणी � र�तं हुएँ बतं�यां� निकी कीh स एँकी नि�द%यां� क्तिशकी�र� � वहा�� जा�लो निबछः� रर्ख� था�। दुभी�%ग्यांवश वहा जा�लो � दर्ख पं�यां� और फू� स गयां�। निहारणी स4बकी� “क्तिशकी�र� आतं� हा� हा�ग� वहा में4झे पंकीडाकीर लो जा�एँग� और मेंर� कीहा��� र्खत्में समेंझे�। यिमेंत्र कीOव! तं4में च$हा और कीछः4 एँ की� भी� मेंर� अ�नितंमें �मेंस्की�र कीहा��।”

कीOआ ब�लो� “यिमेंत्र, हामें जा�� की� ब�जा� लोग�कीर भी� तं4म्हा, छः4 डा� लो,ग।” निहारणी � नि�र�श� व्य2 की� “लोनिकी� तं4में ऐस� कीh स कीर पं�ओग?” कीOव � पं�र्ख फूडाफूडा�एँ “स4��, में� अपं� यिमेंत्र च$हा की� पं�ठी पंर निबठी�कीर लो आतं� हूं�। वहा अपं� पंh� द��तं� स जा�लो की4 तंर दग�।” निहारणी की� आश� की� निकीरणी दिदर्ख�ई द`। उसकी� आ�र्ख चमेंकी उठी¶ “तं� यिमेंत्र, च$हा भी�ई की� श�घ्र लो आओ।”

कीOआ उडा� और तंजा� स वहा�� पंहु�च�, जाहा�� कीछः4 आ तंथा� च$हा� आ पंहु�च था। कीOव � समेंयां �ष्ट निकीएँ निब�� बतं�यां� “यिमेंत्र�, हामें�र� यिमेंत्र निहारणी एँकी दुष्ट क्तिशकी�र� की जा�लो में, कीh द हा�। जा�� की� ब�जा� लोग� हा� क्तिशकी�र� की आ� स पंहालो हामें� उस � छः4 डा�यां� तं� वहा में�र� जा�यांग�।” कीछः4 आ हाकीलो�यां� ” उसकी क्तिलोएँ हामें, क्यां� कीर�� हा�ग�? जाल्द` बतं�ओ?” च$हा की तंजा दिदमें�ग � कीOव की� इश�र� समेंझे क्तिलोयां� था� “घोबर�ओ मेंतं। कीOव भी�ई, में4झे अपं�� पं�ठी पंर बhठी�कीर निहारणी की पं�स लो चलो�।”

च$हा की� जा�लो की4 तंरकीर निहारणी की� में42 कीर� में, अयिधकी दर �हा> लोग�। में42 हा�तं हा� निहारणी � अपं� यिमेंत्र� की� गलो लोग� क्तिलोयां� और रु� ध गलो स उन्हा, धन्यांव�द दिदयां�। तंभी� कीछः4 आ भी� वहा�� आ पंहुच� और र्ख4श� की आलोमें में, श�यिमेंलो हा� गयां�। निहारणी ब�लो� “यिमेंत्र, आपं भी� आ गएँ। में� भी�ग्यांश�लो� हूं�, जिजास ऐस सच्चा यिमेंत्र यिमेंलो हा�।”।

च�र� यिमेंत्र भी�व निवभी�र हा�कीर र्ख4श� में, ��च� लोग। एँकी�एँकी, निहारणी चKकी� और उस� यिमेंत्र� की� चतं�व�� द` “भी�इयां�, दर्ख� वहा जा�क्तिलोमें क्तिशकी�र� आ रहा� हा�। तं4र�तं क्तिछःपं जा�ओ।” च$हा� फूOर� पं�स की एँकी निबलो में, घो4स गयां�। कीOआ उडाकीर पंडा की� ऊं� च� डा�लो पंर जा� बhठी�। निहारणी एँकी हा� छःलो��ग में, पं�स की� झे�डा� में, जा� घो4स� व ओझेलो हा� गयां�। पंर�तं4 में�द गनितं की� कीछः4 आ द� कीदमें भी� � जा� पं�यां� था� निकी क्तिशकी�र� आ धमेंकी�। उस� जा�लो की� कीट� दर्खकीर अपं�� में�था� पं�ट� “क्यां� फू� स� था� और निकीस� की�ट�?” यांहा जा��� की क्तिलोएँ वहा पंhर� की नि�श��� की स4र�ग ढ$�ढ� की क्तिलोएँ इधर-उधर दर्ख हा� रहा� था� निकी उसकी� �जार र,गकीर जा�तं कीछः4 एँ पंर पंडा�। उसकी� आ�र्ख, चमेंकी उठीd “व�हा! भी�गतं च�र की� लो�ग�ट` हा� सहा�। अब यांहा� कीछः4 आ मेंर पंरिरव�र की आजा की भी�जा� की की�में आएँग�।”

बस उस� कीछः4 एँ की� उठी�कीर अपं� थाhलो में, डा�लो� और जा�लो समेंटकीर चलो� लोग�। कीOव � तं4र�तं निहारणी व च$हा की� ब4लो�कीर कीहा� “यिमेंत्र�, हामें�र यिमेंत्र कीछः4 एँ की� क्तिशकी�र� थाhलो में, डा�लोकीर लो जा� रहा� हा�।” च$हा� ब�लो� “हामें, अपं� यिमेंत्र की� छः4 डा��� च�निहाएँ। लोनिकी� कीh स?”

इस ब�र निहारणी � समेंस्यां� की� हालो स4झे�यां� “यिमेंत्र�, हामें, च�लो चलो�� हा�ग�। में� लो�गडा�तं� हुआ क्तिशकी�र� की आग स नि�कीलो$�ग�। में4झे लो�गडा� जा�� वहा में4झे पंकीडा� की क्तिलोएँ कीछः4 एँ व�लो� थाhलो� छः�डा मेंर पं�छः दOडाग�। में� उस दूर लो जा�कीर चकीमें� दू�ग�। इस ब�च च$हा� भी�ई थाhलो की� की4 तंरकीर कीछः4 एँ की� आजा�द कीर दग,। बस।”

यां�जा�� अच्छा` था� लो�गडा�कीर चलोतं निहारणी की� दर्ख क्तिशकी�र� की� ब��छः खिर्खलो उठीd। वहा थाhलो� पंटकीकीर निहारणी की पं�छः भी�ग�। निहारणी उस लो�गडा�� की� ��टकी कीर घो� व� की� ओर लो गयां� और निफूर चOकीडा� भीरतं� ‘यांहा जा� वहा जा�’ हा� गयां�। क्तिशकी�र� द��तं पं�सतं� रहा गयां�। अब कीछः4 एँ स हा� की�में चलो�� की� इर�द� ब��कीर लोOट� तं� उस थाhलो� र्ख�लो� यिमेंलो�। उसमें, छःद ब�� हुआ था�। क्तिशकी�र� में4�हा लोटकी�कीर र्ख�लो� हा�था घोर लोOट गयां�।

सी�खः� सच्चा यिमेंत्र हा� तं� जा�व� में, में4स�बतं� की� आस��� स स�में�� निकीयां� जा� सकीतं� हा�।

स��डा और ग�दडाएँकी निकीस�� की पं�स एँकी निबगडाhलो स��डा था�। उस� कीई पंश4 स>ग में�रकीर घो�यांलो कीर दिदएँ। आखिर्खर तं�ग आकीर उस� स��डा की� जा�गलो की� ओर र्खदडा दिदयां�।

स��डा जिजास जा�गलो में, पंहु�च�, वहा�� र्ख$ब हार� घो�स उग� था�। आजा�द हा�� की ब�द स��डा की पं�स द� हा� की�में रहा गएँ। र्ख$ब र्ख���, हु�की�र�� तंथा� पंडा� की तं�� में, स>ग फू� स�कीर जा�र लोग���। स��डा पंहालो स भी� अयिधकी में�ट� हा� गयां�। स�र शर�र में, ऐस� में��सपंक्तिशयां�� उभीर� जाhस चमेंडा� स ब�हार छःलोकी हा� पंडा,ग�। पं�ठी पंर की� ध� की ऊंपंर की� ग��ठी बढतं�-बढतं� ध�ब� की कीपंडा� की गट्ठार जिजातं�� बडा� हा� गई। गलो में, चमेंडा� व में��स की� तंहा� की� तंहा, लोटकी� लोग>।

उस� व� में, एँकी ग�दडा व ग�दडा� की� जा�डा� रहातं� था�, जा� बडा जा��वर� द्वा�र� छः�डा क्तिशकी�र की� र्ख�कीर ग4जा�र� चलो�तं था। स्वयां� वहा की वलो जा�गलो� च$हा� आदिद की� हा� क्तिशकी�र कीर पं�तं था।

स�यां�ग स एँकी दिद� वहा मेंतंव�लो� स��डा झे$मेंतं� हुआ उधर हा� आ नि�कीलो� जिजादर ग�दडा-ग�दडा� रहातं था। ग�दडा� � उस स��डा की� दर्ख� तं� उसकी� आ�र्ख फूट` की� फूट` रहा गईं। उस� आव�जा दकीर ग�दडा की� ब�हार ब4लो�यां� और ब�लो� “दर्ख� तं� इसकी� में��स-पंक्तिशयां��। इसकी� में��स र्ख�� में, निकीतं�� स्व�दिदष्ट हा�ग�। आहा, भीगव�� � हामें, क्यां� स्व�दिदष्ट तं�हाफू� भीजा� हा�।

ग�दडा � ग�दडा� की� समेंझे�यां� “सपं� दर्ख�� छः�डा�। उसकी� में��स निकीतं�� हा� चबBलो� और स्व�दिदष्ट हा�, हामें, क्यां� लो��।”

ग�दडा� भीडाकी उठीd “तं4में तं� भीKदू हा�। दर्खतं �हा> उसकी� पं�ठी पंर जा� चबB की� ग��ठी हा�, वहा निकीस� भी� समेंयां निगर जा�एँग�। हामें, उठी��� भीर हा�ग� और इसकी गलो में, जा� में��स की� तंहा, ��च लोटकी रहा� हा�, व निकीस� भी� समेंयां ट$टकीर ��च निगर सकीतं� हा�। बस हामें, इसकी पं�छः-पं�छः चलोतं रहा�� हा�ग�।”

ग�दडा ब�लो� “भी�ग्यांव��! यांहा लो�लोच छः�डा�।”

ग�दडा� जिजाद कीर� लोग� “तं4में हा�था में, आयां� मेंOकी� अपं�� की�यांरतं� स ग�व��� च�हातं हा�। तं4म्हा, मेंर स�था चलो�� हा�ग�। में� अकी लो� निकीतं�� र्ख� पं�ऊं� ग�?”

ग�दडा� की� हाठी की स�में� ग�दडा की� की4 छः भी� � चलो�। द��� � स��डा की पं�छः-पं�छः चलो�� श4रु निकीयां�। स��डा की पं�छः चलोतं-चल्तं उन्हा, कीई दिद� हा� गएँ, पंर स��डा की शर�एँर स की4 छः �हा> निगर�। ग�दडा � ब�र-ब�र ग�दडा� की� समेंझे�� की� की�क्तिशश की� “ग�दडा�! घोर चलोतं हा� एँकी-द� च$हा में�रकीर पंट की� आग ब4झे�तं हा�।

Page 32: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

ग�दडा� की� अक्लो पंर तं� पंद�% पंडा गयां� था�। वहा � में��� “�हा>, हामें र्ख�एँ�ग तं� इस� की� में�ट�-तंजा� स्व�दिदष्ट में��स। कीभी� � कीभी� तं� यांहा निगरग� हा�।”

बस द��� स��डा की पं�छः लोग रहा।भी$र्ख प्यां�स एँकी दिद� द��� निगर पंडा और निफूर � उठी सकी ।

सी�खः� अयिधकी लो�लोच की� फूलो सद� ब4र� हा�तं� हा�।

सिंसXहा और क्तिसयां�रवर्षों# पंहालो निहामें�लोयां की� निकीस� कीन्दर� में, एँकी बक्तिलोष्ठ शर रहा� कीरतं� था�। एँकी दिद� वहा एँकी भी�स की� क्तिशकी�र और भी(णी कीर अपं�� ग4फू� की� लोOट रहा� था�। तंभी� र�स्तं में, उस एँकी मेंरिरयांलो-स� क्तिसयां�र यिमेंलो� जिजास� उस लोटकीर दण्डावतं| प्रेणी�में निकीयां�। जाब शर � उसस ऐस� कीर� की� की�रणी पं$छः� तं� उस� कीहा�, “सरकी�र में� आपंकी� सवकी ब��� च�हातं� हूं�। की4 पंयां� में4झे आपं अपं�� शरणी में, लो लो,। में� आपंकी� सव� कीरु� ग� और आपंकी द्वा�र� छः�ड़ा गयां क्तिशकी�र स अपं�� ग4जार-बसर कीर लो$�ग�।” शर � उसकी� ब�तं में�� लो� और उस यिमेंत्रवतं अपं�� शरणी में, रर्ख�।

की4 छः हा� दिद�� में, शर द्वा�र� छः�ड़ा गयां क्तिशकी�र की� र्ख�-र्ख� कीर वहा क्तिसयां�र बहुतं में�ट� हा� गयां�। प्रेनितंदिद� सिंसXहा की पंर�क्रूमें की� दर्ख-दर्ख उस� भी� स्वयां� की� सिंसXहा की� प्रेनितंरुपं में�� क्तिलोयां�। एँकी दिद� उस� सिंसXहा स कीहा�, “अर सिंसXहा ! में� भी� अब तं4म्हा�र� तंरहा शक्ति2श�लो� हा� गयां� हूं�। आजा में� एँकी हा�था� की� क्तिशकी�र कीरु� ग� और उसकी� भी(णी कीरु� ग� और उसकी बच-र्ख4च में��स की� तं4म्हा�र क्तिलोएँ छः�ड़ा दू�ग�।” च$�निकी सिंसXहा उस क्तिसयां�र की� यिमेंत्रवतं| दर्खतं� था�, इसक्तिलोएँ उस� उसकी� ब�तं� की� ब4र� � में�� उस ऐस� कीर� स र�की�। भ्रमें-जा�लो में, फू� स� वहा दम्भ� क्तिसयां�र सिंसXहा की पंर�मेंश% की� अस्व�की�र कीरतं� हुआ पंहा�ड़ा की� च�ट` पंर जा� र्खड़ा� हुआ। वहा�� स उस� च�र� और �ज़र, दOड़ा�ई तं� पंहा�ड़ा की ��च हा�क्तिथायां� की एँकी छः�ट स समें$हा की� दर्ख�। निफूर सिंसXहा-��द की� तंरहा तं�� ब�र क्तिसयां�र की� आव�जा, लोग� कीर एँकी बड़ा हा�था� की ऊंपंर की$ द पंड़ा�। निकीन्तं4 हा�था� की क्तिसर की ऊंपंर � निगर वहा उसकी पंhर� पंर जा� निगर�। और हा�था� अपं�� मेंस्तं��� च�लो स अपं�� अगलो� पंhर उसकी क्तिसर की ऊंपंर रर्ख आग बढ़ गयां�। (णी भीर में, क्तिसयां�र की� क्तिसर चकी��च$र हा� गयां� और उसकी प्रे�णी पंर्खरु उड़ा गयां।

पंहा�ड़ा की ऊंपंर स क्तिसयां�र की� स�र� हारकीतं, दर्खतं� हुआ सिंसXहा � तंब यांहा ग�था� कीहा� – ” हा�तं हा� जा� में$र्ख% और घोमेंण्डा� हा�तं� हाh उ�की� ऐस� हा� गनितं।”

सी�खः� कीभी� भी� जिंजाXदग� में, निकीस� भी� समेंयां घोमेंण्डा �हा> कीर�� च�निहाएँ।

स्वजाति� प्रे�म

एँकी व� में, एँकी तंपंस्व� रहातं था। व बहुतं पंहु�च हुएँ ॠनिर्षों था। उ�की� तंपंस्यां� बलो बहुतं ऊं� च� था�। र�जा वहा प्रे�तंS आकीर �द` में, स्��� कीरतं और �द` निकी��र की एँकी पंत्थर की ऊंपंर आस� जामें�कीर तंपंस्यां� कीरतं था। नि�कीट हा� उ�की� की4 दिटयां� था�, जाहा�� उ�की� पंत्�� भी� रहातं� था�।

एँकी दिद� एँकी निवक्तिचत्र घोट�� घोट`। अपं�� तंपंस्यां� समें�प्तं कीर� की ब�द ईश्वार की� प्रेणी�में कीरकी उन्हा�� अपं� हा�था र्ख�लो हा� था निकी उ�की हा�था� में, एँकी �न्हा�-स� च4हा�यां� आ निगर�। व�स्तंव में, आकी�श में, एँकी च�लो पं�जा� में, उस च4निहायां� की� दब�एँ उडा� जा� रहा� था� और स�यां�गवश च4निहायां� पं�जा� स छः4 टकीर निगर पंडा� था�। ॠनिर्षों � मेंOतं की भीयां स थार -थार की��पंतं� च4निहायां� की� दर्ख�।

ठ̧ीनिर्षों और उ�की� पंत्�� की की�ई स�तं�� �हा> था�। कीई ब�र पंत्�� स�तं�� की� इच्छा� व्य2 कीर च4की� था�। ॠनिर्षों दिदलो�स� दतं रहातं था। ॠनिर्षों की� पंतं� था� निकी उ�की� पंत्�� की भी�गयां में, अपं�� की�र्ख स स�तं�� की� जान्में दकीर में�� ब�� की� स4र्ख �हा> क्तिलोर्ख� हा�। निकीस्मेंतं की� क्तिलोर्ख� तं� बदलो� �हा> जा� सकीतं� पंरन्तं4 अपं� में4�हा स यांहा सच्चा�ई बतं�कीर व पंत्�� की� दिदलो �हा> दुर्ख��� च�हातं था। यांहा भी� स�चतं रहातं निकी निकीस उपं�यां स पंत्�� की जा�व� की� यांहा अभी�व दूर निकीयां� जा�एँ।

ॠनिर्षों की� �न्हा> च4निहायां� पंर दयां� आ गई। उन्हा�� अपं�� आ�र्ख, ब�दकीर एँकी में�त्र पंढ� और अपं�� तंपंस्यां� की� शक्ति2 स च4निहायां� की� में��व बच्चा� ब�� दिदयां�। वहा उस बच्चा� की� हा�था� में, उठी�एँ घोर पंहु�च और अपं�� पंत्�� स ब�लो “स4भी�ग, तं4में सद� स�तं�� की� की�में�� निकीयां� कीरतं� था�। समेंझे लो� निकी ईश्वार � तं4म्हा�र� प्रे�था%�� स4� लो� और यांहा बच्चा� भीजा द`। इस अपं�� पं4त्र� समेंझेकीर इसकी� लो�लो�-पं�लो� कीर�।”

ॠनिर्षों पंत्�� बच्चा� की� दर्खकीर बहुतं प्रेसन्न हुउई। बच्चा� की� अपं� हा�था� में, लोकीर च$में� लोग� “निकीतं�� प्यां�र� बच्चा� हाh। मेंर� बच्चा� हा� तं� हा� यांहा। इस में� पं4त्र� की� तंरहा हा� पं�लो$�ग�।”

इस प्रेकी�र वहा च4निहायां� में��व बच्चा� ब�कीर ॠनिर्षों की पंरिरव�र में, पंलो� लोग�। ॠनिर्षों पंत्�� सच्चा� में�� की� भी��नितं हा� उसकी� दर्खभी�लो कीर� लोग�। उस� बच्चा� की� ��में की��तं� रर्ख�। ॠनिर्षों भी� की��तं� स निपंतं�वतं स्�हा कीर� लोग। ध�र-ध�र व यांहा भी$लो गएँ की� उ�की� पं4त्र� कीभी� च4निहायां� था�।

में�� तं� बच्चा� की प्यां�र में, र्ख� गई। वहा दिद�-र�तं उस खिर्खलो�� और उसस र्खलो� में, लोग� रहातं�। ॠनिर्षों अपं�� पंत्�� की� मेंमेंतं� लो4ट�तं दर्ख प्रेसन्न हा�तं निकी आखिर्खर स�तं�� � हा�� की� उस दुर्ख �हा> रहा�। ॠनिर्षों � स्वयां� भी� उक्तिचतं समेंयां आ� पंर की��तं�अ की� क्तिश(� द` और स�र� ज्ञ��-निवज्ञ�� की� ब�तं, क्तिसर्ख�ई। समेंयां पं�र्ख लोग�कीर उडा� लोग�। दर्खतं हा� दर्खतं में�� की� प्रेमें तंथा� ॠनिर्षों की� स्�हा व क्तिश(� प्रे�प्तं कीरतं� की��तं� बढतं-बढतं स�लोहा वर्षों% की� स4�दर, स4श�लो व यां�ग्यां यां4वतं� ब� गई। में�तं� की� बट` की निवव�हा की� सिंचXतं� सतं�� लोग�। एँकी दिद� उस� ॠनिर्षों स कीहा डा�लो� “स4��, अब हामें�र� की��तं� निवव�हा यां�ग्यां हा� गई हा�। हामें, उसकी हा�था पं�लो कीर द� च�निहाएँ।”

तंभी� की��तं� वहा�� आ पंहु�च�। उस� अपं� की श� में, फू$ लो ग$�था रर्ख था। चहार पंर यांOव� दमेंकी रहा� था�। ॠनिर्षों की� लोग� निकी उ�की� पंत्�� ठीdकी कीहा रहा� हा�। उन्हा�� ध�र स अपं�� पंत्�� की की�� में, कीहा� “में� हामें�र� निबदिटयां� की क्तिलोएँ अच्छा स अच्छा� वर ढ$�ढ नि�की�लो$�ग�।”

Page 33: पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां

उन्हा�� अपं� तंपं�बलो स स$यां%दव की� आव�हा� निकीयां�। स$यां% ॠनिर्षों की स�में� प्रेकीट हुएँ और ब�लो “प्रेणी�में में4नि�श्र�, कीनिहाएँ आपं� में4झे क्यां� स्मेंरणी निकीयां�? क्यां� आज्ञ� हा�?”

ॠनिर्षों � की��तं� की� ओर इश�र� कीरकी कीहा� “यांहा मेंर� बट` हा�। सव%ग4णी स4श�लो हा�। में� च�हातं� हूं� निकी तं4में इसस निवव�हा कीर लो�।”

तंभी� की��तं� ब�लो� “तं�तं, यांहा बहुतं गमें% हा�। मेंर� तं� आ�र्ख, च4�यिधयां� रहा� हा�। में� इ�स निवव�हा कीh स कीरू� ? � कीभी� इ�की नि�कीट जा� पं�ऊं� ग�, � दर्ख पं�ऊं� ग�।”

ॠनिर्षों � की��तं� की� पं�ठी थापंथापं�ई और ब�लो “ठीdकी हा�। दूसर और श्रष्ठ वर दर्खतं हा�।”

स$यां%दव ब�लो “ॠनिर्षोंवर, ब�दलो में4झेस श्रष्ठ हा�। वहा में4झे भी� ढकी लोतं� हा�। उसस ब�तं की�जिजाएँ।”

ॠनिर्षों की ब4लो�� पंर ब�दलो गरजातं-लोरजातं और निबजाक्तिलोयां�� चमेंकी�तं प्रेकीट हुएँ। ब�दलो की� दर्खतं हा� की��तं� � निवर�ध निकीयां� “तं�तं, यांहा तं� बहुतं की�लो र�ग की� हा�। मेंर� र�ग ग�र� हा�। हामें�र� जा�डा� �हा> जामेंग�।”

ॠनिर्षों � ब�दलो स पं$छः� “तं4म्हा� बतं�ओ निकी तं4मेंस श्रष्ठ कीO� हा�?”

ब�दलो � उत्तर दिदयां� “पंव�। वहा में4झे भी� उडा�कीर लो जा�तं� हा�। में� तं� उस� की इश�र पंर चलोतं� रहातं� हूं�।”

ॠनिर्षों � पंव� की� आव�हा� निकीयां�। पंव� दव प्रेकीट हुएँ तं� ॠनिर्षों � की��तं� स हा� पं$छः� “पं4त्र�, तं4म्हा यांहा वर पंस�द हा�?”

की��तं� � अपं�� क्तिसर निहालो�यां� “�हा> तं�तं! यांहा बहुतं च�चलो हा�। एँकी जागहा दिटकी ग� हा� �हा>। इसकी स�था गPहास्था� कीh स जामेंग�?”

ॠनिर्षों की� पंत्�� भी� ब�लो� “हामें अपं�� बट` पंव� दव की� �हा> द,ग। द�में�द कीमें स कीमें ऐस� तं� हा��� च�निहाएँ, जिजास हामें अपं�� आ�र्ख स दर्ख सकी, ।”

ॠनिर्षों � पंव� दव स पं$छः� “तं4म्हा� बतं�ओ निकी तं4मेंस श्रष्ठ कीO� हा�?”

पंव� दव ब�लो “ॠनिर्षोंवर, पंव%तं में4झेस भी� श्रष्ठ हा�। वहा मेंर� र�स्तं� र�की लोतं� हा�।”

ॠनिर्षों की ब4लो�व पंर पंव%तंर�जा प्रेकीट हुएँ और ब�लो “ॠनिर्षोंवर, आपं� में4झे क्यां� यां�द निकीयां�?”

ॠनिर्षों � स�र� ब�तं बतं�ई। पंव%तंर�जा � कीहा� “पं$छः लो�जिजाएँ निकी आपंकी� कीन्यां� की� में� पंस�द हूं� क्यां�?”

की��तं� ब�लो� “ओहा! यांहा तं� पंत्थर हा� पंत्थर हा�। इसकी� दिदलो भी� पंत्थर की� हा�ग�।”

ॠनिर्षों � पंव%तंर�जा स उसस भी� श्रष्ठ वर बतं�� की� कीहा� तं� पंव%तंर�जा ब�लो “च$हा� में4झेस भी� श्रष्ठ हा�। वहा में4झे भी� छःदकीर निबलो ब��कीर उसमें, रहातं� हा�।”

पंव%तंर�जा की ऐस� कीहातं हा� एँकी च$हा� उ�की की��� स नि�कीलोकीर स�में� आ की$ द�। च$हा की� दर्खतं हा� की��तं� र्ख4श� स उछःलो पंडा� “तं�तं, तं�तं! में4झे यांहा च$हा� बहुतं पंस�द हा�। मेंर� निवव�हा इस� स कीर द`जिजाएँ। में4झे इसकी की�� और पं$�छः बहुतं प्यां�र लोग रहा हा�।में4झे यांहा� वर च�निहाएँ।”

ॠनिर्षों � में�त्र बलो स एँकी च4निहायां� की� तं� में��व� ब�� दिदयां�, पंर उसकी� दिदलो तं� च4निहायां� की� हा� रहा�। ॠनिर्षों � की��तं� की� निफूर च4निहायां� ब��कीर उसकी� निवव�हा च$हा स कीर दिदयां� और द��� की� निवद� निकीयां�।

सी�खः� जा�व जिजास यां��� में, जान्में लोतं� हा�, उस� की स�स्की�र ब� रहातं हा�। स्वभी�व �कीलो� उपं�यां� स �हा> बदलो जा� सकीतं।