इस दशक के नेता नरेंद्र मोदी

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इइ इइइ इइ इइइइ : इइइइइइइ इइइइ 2013 इइ इइइइ 2015 इइ इइइइ इइ इइइइइइइ इइ इइइ इइइ इइइइइ इइइ इइ इइ इइइइ इइइ इइइ इइइइ इइइ ! इइइइइइ इइइइ इइइइइइ इइ इइइ इइइइइइइइ इइ इइइ इइइइइइ इइ इइइइइ इइइइइइ इइइइइइ इइइइ इइ 2014 इइ इइइइइइ इइइइइइइ इइ इइइइ इइइइइइइइइइइइ इइ इइ इइइइइइइइइ इइइइइइ इइइइ इइइइ इइइइइ इइइइइइ इइ इइइइ इइ इइइ इइ इइइइइइ इइ इइइइ इइ -इइइइइइइ इइ इइइ इइइइइइ इइ इइइइ इइइइ इइइइइइइइइइ इइ इइइइइ इइ इइइ इइ, इइइइ इइइइइ इइ इइइइ इइ इइइइइ इइ इइइइइइइ इइइ इइ इइ इइइइइइ इइ इइइइ इइ इइइइ इइइइइइइइइइ इइ इइइइइ इइ इइइ इइ ! इइइ इइइइइइइइ इइ इइइइइ 60 इइइइइ इइ इइइइइ इइइइइ 10 इइइइइ इइ इइइइइइइइइ इइइइइइ इइ इइइइइइइइइइ इइ इइइइ इइइ इइइइ इइइ इइ इइ इइइइ इइइइ इइइइ इइइइइइइइ इइइइइ इइ इइइ इइइइइइइ इइ इइइ इइइ इइ ! इइइइइइ इइइइ इइइइइइ इइ इइइइ इइ इइइइ इइइइ इइइइ इइ इइइइइ इइ इइइइइइ इइइ इइइइइइइइ इइइइ इइ इइ इइइइइइइइइइ इइइइइ इइइ इइ इइइइ इइइ इइ इइइइ इइ इइइइइइइइइइ इइ इइइइ इइ इइ इइइइ इइइइ इइइ इइ ! इइइ इइइ इइ इइइइइइइइइइ इइ इइइइइइ इइ इइइइइइ इइइइइइइइ इइ इइ इइइइइ इइ इइ इइइ इइइइइइ इइइइ इइइइइइ इइइइ इइ इइइइइ इइइइ इइ इइ इइइइइइइइइइइइ इइ इइ इइइइइइइइइ इइइइइइ इइइइइ इइ इइइ इइ इइइइ इइइइइइ इइइइइइइ इइ इइइइ इइ इइइ इइइइइ इइइइइइ इइइइ इइ इइइ इइइइ इइ

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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के इर्द गिर्द घूमती भारतीय राजनीति और उससे जुडी घटनाओं पर आधारित पुस्तक

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इस दशक के नेता : नरेंद्र मोदी 2013 से लेकर 2015 तक भारत की राजनीतित मे कुछ ऐसा जलजला आया है जो पहले कभी नही देखा गया ! भारतीय जनता पार्टी� ने जिजस रस्साकशी के बीच गुजरात के मुख्य मंत्री नरेन्द मोदी को 2014 के लोकसभा चुनावों के लिलये प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार मनोनीत तिकया उसका तिवरोध पार्टी� के भीतर भी हुआ और पार्टी� के बाहर भी -हालांतिक जो लोग पार्टी� के अंदर उनकी उम्मीदवारी का तिवरोध कर रहे थे, उनके तिवरोध के कारण उन लोगों से तिबल्कुल अलग थे जो पार्टी� के बाहर से उनकी उम्मीदवारी का तिवरोध कर रहे थे ! देश कांग्रेस के तिपछले 60 सालों और खासकर तिपछले 10 सालों के अभूतपूव6 कुशासन और भ्रष्टाचार से पूरी तरह उकता गया था और तिकसी बहुत बडे़ राजनीतितक बदलाव की तरफ बेसब्री से देख रहा था ! भारतीय जनता पार्टी� के अंदर और बाहर दोनो तरफ़ के तिवरोध के वावजूद अगर नरेन्द्र मोदी को यह जिजम्मेदारी सौंपी गयी तो उसमे देश की जनता की आकांक्षाओं के दबाब का भी बहुत बड़ा हाथ था !

सभी तरह के भ्रष्टाचार और कुशासन के वावजूद कांग्रेस को यह भरोसा था तिक अगर भारतीय जनता पार्टी� मोदी के अलावा तिकसी और को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार मनोनीत करेगी तो देश की जनता लोकसभा चुनावों मे पहले की तरह खंतिAत जनादेश देगी और ऐसी तिकसी भी सूरत मे कांग्रेस के लिलये सरकार बनाना हमेशा ही आसान रहा ह ैऔर कांग्रेस पार्टी� ने केन्द्र मे लगभग 60 सालों तक इसी तितकड़मबाज़ी का सहारा लेकर ही सत्ता का सुख भोगा ह ै! जनता की मोदी को लेकर जो आकांक्षाए ंथी, उसे कांग्रेस और उसके सभी सहयोगी दल ना लिसफ6 पूरी तरह भांप चुके थे, उसकी घबराहर्टी भी उन लोगों मे साफ देखी जा सकती थी ! ऊपर से तो यह लोग तिकसी तरह की "मोदी लहर" की बात को लिसरे से नकार रहे थे लेतिकन जिजस तरह से इनका तिवरोध मोदी को लेकर जारी था, उसे देखकर सब कुछ एकदम साफ नज़र आ रहा था तिक मोदी की उम्मीदवारी का मतलब इन सबका राजनीतितक सफाया होने जैसा सातिबत होगा !

अपने दुष्प्रचार के बल पर कांग्रेस और उनके सहयोगी राजनीतितक दलों ने तिपछले 67 सालों मे भारतीय जनसंघ, भारतीय जनता पार्टी� और राष् ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर "साम्प्रदायियकता" का ठप्पा लगा दिदया था और नरेन्द्र मोदी के नाम पर तो सारे के सारे राजनीतितक दल इतने अलिधक बौखला गये थे, मानो उनका अपना राजनीतितक वजूद ही खतरे मे पड़ने वाला हो-भारतीय जनता पार्टी� के कुछ अपने सहयोगी दल भी मोदी की उम्मीदवारी को लेकर खुश नही थे क्योंतिक उन्हे भी यह गम सता रहा था तिT अगर मोदी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हुये तो भारतीय जनता पार्टी� को स्पष्ट बहुमत से जीतने से कोई नही रोक सकता और ऐसी हालत मे सहयोगी दलों के पास सरकार के अंदर मोल भाव करने की बहुत अलिधक गुंजायश नही रहती ह ै! पार्टी� के अंदर अपने ही नेताओं का तिवरोध भी मोदी ने इसी लिलये झेला क्योंतिक बहुमत अगर मोदी के नाम पर यिमलता ह ैतो बाकी सबकी भूयिमका , महत्व और योगदान अपने आप ही कम हो जाता है ! हालांतिक पार्टी� के अंदर इस बात को भी स्वीकारा ज़ा रहा था तिक भारतीय जनता पार्टी� को अगर स्पष्ट बहुमत चातिहये तो मोदी के अलावा और कोई तिवकल्प नही ह ै!

कुल यिमलाकर हालात ऐसे बने की 2013 तक जो राजनीतित "कांग्रेस केजिन्द्रत" ही रही थी वह यकायक "मोदी केजिन्द्रत" हो गयी और क्या पक्ष और क्या तिवपक्ष सब लोगों की जुबान पर तिकसी ना तिकसी रूप मे मोदी का ही जादू चढकर बोलने लगा ! तिवरोलिधयों के पास कोई तिवकल्प नही था इसलिलये उन्हे मन मारकर मोदी के खिखलाफ ही मैदान मे उतरना पड़ा और 16 मई 2014 को जो नतीजे आये उन्ह ेदेखकर तिकसी को भी हैरानी नही हुई क्योंतिक उन लोगों ने संभवत् अपनी हार का इससे भी अलिधक बुरा आकलन कर रखा था ! स्वतंत्र भारत के इतितहास मे यह पहले लोकसभा चुनाव थे जहां कांग्रेस पार्टी� को यह बात चुनावों से पहले मालूम थी की तिकसी भी सूरत मे 2014 मे उसकी सरकार नही बनने जा रही है ! अन्ना आन्दोलन के भ्रष्टाचार के मुदे्द को भुनाकर उसके जरिरये सत्ता हलिथयाने की गरज़ से बनाई गयी आम आदमी पार्टी� ने भी अपनी तरफ से पूरी कोशिशश की तिक कैसे भी हो मोदी और भाजपा की जड़ों को कमजोर तिकया जाये क्योंतिक लिसफ6 खंतिAत जनादेश की हालत मे ही इस पार्टी� की केन्द्र की सत्ता मे कोई भूयिमका हो सकती थी लेतिकन जनता अपनी सरकार और नेता का चुनाव बहुत पहले कर चुकी थी-जो चुनाव हुये और जो नतीजे आये वे महज़ एक औपचारिरकता मात्र थे ! 16 मई को वही हुआ जो देश की जनता बहुत पहले तिनशिaत कर चुकी थी !

इस सारी कहानी को लिलखने का मतलब यह नही है तिक नरेन्द्र मोदी कोई जादूगर हैं और सब लोग तिबना तिकसी वजह के सम्मोतिहत होकर उनके पीछे हो लिलये ! नरेन्द्र मोदी की लोकतिप्रयता के एक से अलिधक कारण हैं और उनमे वह कारण नही है जिजसका राजनीतितक तिवरोधी दुष्प्रचार करते आये हैं ! राजनीतितक तिवरोलिधयों का दुष्प्रचार यह था तिक गुजरात दंगों की वजह से मोदी "तिहन्दू हृदय सम्रार्टी" बन गये हैं लेतिकन यह बात हकीकत से कोसो दूर थी-क्योंतिक अगर यह दुष्प्रचार सही होता तो इतना बड़ा बहुमत आता ही नही ! मोदी की सफलता मे जिजस बात ने तिनणा6यक भूयिमका तिनभाई वह यह थी तिक आम जनता जातित और धम6 की चारदीवारिरयों से पहली बार बाहर तिनकल पड़ी थी और तिपछले 67 सालों मे जो जिजस राजनीतितक पार्टी� से जुड़ा था, उसने उस पार्टी� से पल्ला झाड़ लिलया और मोदी की सफलता मे योगदान देने के लिलये आगे आ गया ! इस सम्बंध मे मुझे सोशल मीतिAया छाई रही उस खबर की खास याद आ रही है जो कुछ इस तरह से ह ै- उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद मे मोदी जी की चुनाव पूव6 तिकसी रैली का आयोजन होना था-स्थानीय आयोजक तिकसी कालेज के मैदान को देखने पहुंच गये तिक वह मैदान मोदी जी की रैली के लिलये उपयुक्त रहेगा या नही ! कालेज मे मौजूद छात्रों ने जब भाजपा नेताओं से पूछा तिक वे मैदान तिकसलिलये देख रहे हैं और जब

भाजपा नेताओं ने बताया तिक मोदी जी की रैली के लिलये वे यह जगह देख रहे हैं तो उन छात्रों ने जो जबाब दिदया वह चौंकाने वाला था-उन लोगों का कहना था-"मोदी जी की रैली के लिलये यह मैदान बहुत छोर्टीा पडे़गा-हम लोग अपने कालेज यूतिनयन के चुनावों मे अलग अलग पार्टिर्टीhयों के उम्मीदवारों का समथ6न करते हैं लेतिकन मोदी जी को लेकर यहाँ सब एक हैं !" जो भावना उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद मे थी ,कमोबेश वही  जनभावनादेश के अलिधकांश तिहस्सों मे काम कर रही थी !

मोदी जी ने अपनी जीत के लिलये 272+ का लक्ष्य तिनधा6रिरत कर लिलया था लेतिकन यह लक्ष्य लिसफ6 मोदी जी का लक्ष्य नही रह गया था-मोदी जी ने सोशल मीतिAया के जरिरये जनता को भी मजबूर कर दिदया था तिक यह लक्ष्य जनता का लक्ष्य बन जाये ! जनता तो 60 सालों के कुशासन और भ्रष्टाचार सेपहले से ही त्रस्त बैठी थी और इस बात की उम्मीद लगाये बैठी थी तिक कब मोदी जैसा कोई नेता आयेगा जो जातित-धम6 की राजनीतित,कुशासन और भ्रष्टाचार से मुलिक्त दिदलाकर देश को सही मायने मे तिवकास के रास्ते पर ले जायेगा ! देखा जाये तो देश की जनता के पास भी मोदी को चुनने के अलावा और कोई तिवकल्प नही था क्योंतिक तिपछले 67 सालों मे सभी तरह के तिवकल्प अपनाये जा चुके थे और वाजपेयी जी की सरकार भी स्पष्ट बहुमत के अभाव मे वे सभी काम नही कर पाई थी जिजसकी जनता को तिकसी सरकार से उम्मीदें  होती हैं !

यह वह समय था जब खुद मैने यह महसूस तिकया तिक कांग्रेस की सबसे बड़ी ताकत मोदी,भाजपा और संघ के खिखलाफ तिकया जाने वाला दुष्प्रचार है जिजसे यह पार्टी� मीतिAया मे बैठे अपने चारु्टीकारों के जरिरये तिपछले 67 सालों से बखूबी अंज़ाम देती आ रही है ! ऐसा नही था तिक मीतिAया मे तिनष्पक्ष लोगों का कोई अकाल पड़ा हुआ था लेतिकन जिजतना मीतिAया तिनष्पक्ष होकर अपना काम कर रहा था वह उस दुष्प्रचार को रोकने मे पूरी तरह नाकाम था-यही वह समय था जब देश के करोड़ों लोगों की तरह मैने भी यिमशन 272+ को सफल बनाने के लिलये मोदी,संघ और भाजपा के खिखलाफ तिकये जाने वाले दुष्प्रचार को उन्ही की भाषा मे जबाब देने का तिनaय तिकया और अंग्रेज़ी और तिहन्दी दोनो भाषाओं मे तिनययिमत रूप से लेख लिलखकर बहुत से और लोगों को भी कांग्रेस के इस दुष्प्रचार से लड़ने के लिलये पे्ररिरत तिकया ! मेरी देखा देखी और लोगों ने भी मीतिAया मे कांग्रेस और उनके सहयोगी दलों के दुष्प्रचार से लड़ना शुरु कर दिदया ! अगस्त 2013 मे "नवभारत र्टीाइम्स" के ऑनलाइन संस्करण मे मेरा पहला लेख छपा था और फरवरी 2014 मे अंग्रेज़ी समाचार पोर्टी6ल-"मेरी न्यूज Aॉर्टी कॉम" मे मेरा पहला अंग्रेज़ी का लेख छपा था-तब से लेकर अब तक कुल 200 से ऊपर लेखों के जरिरये मैने इस दुष्प्रचार को रोकने की अपने स्तर पर एक बहुत छोर्टीी कोशिशश की लेतिकन मज़े की बात यही रही तिक मेरी देखा देखी और लोग भी इस मुतिहम से जुड़ते गये और कांग्रेसी दुष्प्रचार का मीतिAया और सोशल मीतिAया पर बहुत हद तक प्रभावशाली जबाब दिदया जा सका जिजसका नतीजा सबके सामने हैं !  अपने इन्ही 200 से ऊपर छपे  सीधी साधी भाषा मे लिलखी गयी रचनाओं मे  से बहुत से लेख,वं्यग्य लेख और कतिवताए ंऐसी थीं जिजन पर बहुत चचा6 हुई और यह सुपरतिहर्टी रचनाए ंरहीं-इसी तरह की चुनी हुई  41 रचनाए ंजिजनमे ज्यादातर कतिवताए,ंवं्यग्य लेख और सीधे साधी भाषा मे लिलखे गये लेख भी हैं-वे सभी इस पुस्तिस्तका मे संकलिलत तिकये गये हैं ! ये रचनाए ंआज भी प्रासंतिगक और सामयियक हैं और जिजस तरह की भाषा-शैली का इसमे इस्तेमाल तिकया गया ह ैवह एकदम बोलचाल की भाषा ह ै जिजससे आम जनता अपने आप को जुड़ा महसूस कर सके ! बाकी सब लोगों के लिलये मोदी की सरकार 16 मई 2014 को बनी थी लेतिकन 2 अप्रैल 2014 को नवभारत र्टीाइम्स मे छपी मेरी कतिवता-"रोक नही सकता अब कोई मोदी की सरकार" ने तो सरकार बनने की घोषणा उसी दिदन कर दी थी-मेरे लिलये संतुतिष्ट का तिवषय लिसफ6 एक ही है-वह यह तिक कांग्रेस और उनके सहयोगी दलों के जिजस दुष्प्रचार तंत्र को अभेद माना जाता रहा था-उस दुष्प्रचार से मैं और मेरे जैसे सैंकड़ों लोग इस बार लड़ने मे पूरी तरह कामयाब रहे-यह लड़ाई अभी रुकी नही है-मोदी के खिखलाफ इनका दुष्प्रचार अभी भी जारी ह ैलेतिकन अब इन लोगों को इस दुष्प्रचार का जबाब भी यिमलना शुरु हो गया है ! 

आज जो देश के हालात बन गये है और देश जिजस तरह से अपने तिनधा6रिरत तिकये गये तिवकास पथ पर चल पड़ा है, उसे देश मे ही नही अंतरा6ष्ट्रीय स्तर पर स्वीकारा जा रहा है ! 2013 से अब तक बहुत कुछ बदल चुका है -लिसफ6 एक बात नही बदली ह-ै2013 मे भी राजनीतित के केन्द्र मे नरेन्द्र मोदी थे, आज भी वही ह ैऔर जो संकेत यिमल रहे हैं उससे यही लगता ह ैतिक आने वाला दशक की राजनीतित नरेन्द्र मोदी के इद6 तिगद6 ही घूमती रहेगी ! 

मोदी ' सांप्रदायि�क ' क्�ों हैं ?

आज़ादी के बाद अगर किकसी एक नेता के खि!लाफ सबसे ज्�ादा दुष्प्रचार हुआ है तो वह नरेन्द्र मोदी के खि!लाफ हुआ है. दुष्प्रचार करने वालों को एक बात अच्छी तरह से मालूम है किक अगर किकसी झूठ बात को भी 100 बार दोहरा�ा जा�े तो कुछ सम� बाद वह सच लगने लगती है.बस इसी रणनीकित पर काम करते हु�े आज से लगभग 10 साल पहले नरेन्द्र मोदी के खि!लाफ दुष्प्रचार का एक जबरदस्त अभिभ�ान चला�ा ग�ा जिजसमे �ह साकिबत करने की कोशिशश की ग�ी किक नरेन्द्रा मोदी एक साम्प्रदायि�क नेता हैं. जैसे जैसे �ह दुष्प्रचार आगे बढ़ा, दुष्प्रचार करने वाले और अयि>क उत्साकिहत हु�े और किफर कुछ सम� बाद तो नरेन्द्रा मोदी को साम्प्रदायि�क कहना एक फॅशन जैसा बन ग�ा. मैने अपने एक पत्रकार यिमत्र से �ह सवाल किक�ा किC दुष्प्रचार करने वालों का तो अपना राजनीकितक किहत हो सकता है,लेकिकन हमारा मीकिD�ा भला इस दुष्प्रचार मे उनका साथ क्�ों दे रहा है ? मेरे यिमत्र ने बड़ी साफगोई से �ह उत्तर दिद�ा की देखि!�े साहब,मीकिD�ा के शिल�े तो" जो किबकता है वह छपता है ", वाला किन�म लागू होता है-अगर नरेन्द्र मोदी के खि!लाफ किक�ा ग�ा दुष्प्रचार किबकेगा तो वह छपेगा भी. अब �ह जनता के ऊपर है किक वह इस दुष्प्रचार को किकस तरह लेती है- क्�ोंकिक दुष्प्रचार पूरी तरह गलत था,इसशिल�े गुजरात की जनता ने उन्हे एक �ा दो बार नही तीन बार गुजरात की सत्ता सौंपी. अगर �ह दुष्प्रचार सही होता,तो शा�द वह दुबारा कभी गुजरात के मुख्�मंत्री बन ही नही पाते. !ैर �ह बात आई ग�ी हो ग�ी लेकिकन मेरे जहन मे �ह सवाल घूमता रहा किक आखि!र नरेन्द्रमोदी के खि!लाफ दुष्प्रचार करने वाले उन्हे सम्प्रदायि�क क्�ों कह रहे हैं? काफी गहन अध्��न के बाद में इस नतीजे पर पहँुचा किक नरेन्द्र मोदी शा�द इसशिल�े साम्प्रदायि�क हैं क्�ोंकिक वह 2002 के गुजरात दंगों के कारणों मे जाकर, उस पर अपनी राजनीकितक रोदिP�ाँ नही सेंकना चाहते- वह इसशिल�े भी साम्प्रदायि�क हैं क्�ोंकिक वह किकसी भी देशद्रोही �ा आतंकवादी के तलवे चाPने में �कीन नही र!ते-एक और बड़ी वजह �ह भी हो सकती है की वह किकसी भी देशद्रोही को आदरसूचक अलंकारों से संबोयि>त करके उनके नाम के पहले" श्री" और बाद में "जी" भी नही लगा सकते. ना तो नरेन्द्र मोदी स्वामी रामदेव को आ>ी रात के अं>ेरे में हमला करके उन्हे रामलीला मैदान से !देड़ने का काम कर सकते हैं और ना ही वह 84 कोस की �ात्रा को किबना वजह के रोक सकते हैं.

हम �ूपी को गुजरात नहीं बनने देंगे

हम यूपी को गुजरात नही बनने देंगेदुगा6 शलिक्त की दाल नही गलने देंगे.

मुस्तिvकल से जनता ने यह सत्ता सौंपी हैजनता को अब हम चैन नही लेने देंगे

गुंAागद� का राज चलेगा अब तो बसअब न्याय नीतित की बात नही चलने देंगे.

भूखे,प्यासे,बदहाल और बेचारों को,यह वादा है तिक न्याय नही यिमलने देंगे.

तिनदwषों को अब जेल यिमलेगी जी भरकरबदमाशों को हम जेल नही जाने देंगे.

हम सब मोदी के Dर से इतनी गलकित�ां कर रहे हैं ?

बड़ी जिजम्मेवारी और किवनम्रता के साथ हम �ह स्वीकार करते हैं किक हम लोग आज तक सेकुलरिरज्म का ढोंग करते आ�े हैं और उसीके बल बूते पर सत्ता भी हशिथ�ाते रहे हैं. किपछले कुछ दिदनो मे घPनाक्रम कुछ इस तरह से चला है जिजसकी वजह से हम सभी लोग ना चाहते हु�े भी बॅकफुP पर आ ग�े हैं.

पहले हम उस घPनाक्रम पर एक नज़र Dाल लेते हैं जिजसके चलते हमे आज �ह सब स्वीकार करने पर किववश होना पड़ रहा है. सबसे पहली घPना दुगाX शशिY नागपाल के किनलंबन को लेकर हुई, जिजसकी वज़ह से हम सेक्�ुलर लोगों की बड़ी किकरकिकरी हुई क्�ोंकिक हमारे ही एक साथी कहते हु�े पकडे़ ग�े किक दे!ो मैने कैसे आनन फानन मे एक ईमानदार अयि>कारी का तबादला करवा दिद�ा. इस घPना से हुई किकरकिकरी के आघात से हम उबरे भी नही थे, तभी �ूपी मे हु�े दंगों पर हमारी जमकर किकरकिकरी हुई क्�ोंकिक हम तो इन दंगों का ठीकरा कुछ देशभY राजनीकितक दलों और संगठनों के सर फोDना चाहते थे, लेकिकन एक Pी वी चैनल द्वारा किक�े ग�े एक स्टिस्Pंग ऑपरेशन मे हम लोग !ुद ही रंगे हाथों पकडे़ ग�े और हमारे सारे मनसूबो पर पानी किफर ग�ा.

नरेन्द्र मोदी के नाम से ही हम लोगों के पसीने छूPने लगते हैं, इसीशिल�े हमने उनके खि!लाफ किक�े जाने वाले दुष्प्रचार मे एक और अध्�ा� जोड़ते हु�े बुरCों का नकली किबल भी बनबा�ा,लेकिकन वहा भी हमारी पोल जल्दी ही !ुलकर जनता के सामने आ ग�ी और हम कही भी मुंह दिद!ाने ला�क नही रहे. हमारे हौसले हालांकिक बुलंद हैं और हम हार मानने वालों मे से नही हैं, इसशिल�े हमने एक और कोशिशश की और �ह साकिबत करने की पूरी कोशिशश की किक किकसी तरह देशभY संगठन से जुडे़ मोहन भागवत को हम आतंकवादी साकिबत कर सकें -लेकिकन हमारा दुभाXग्� किक हमे �हाँ भी सफलता हाथ नही लगी.

जो कुछ अब तक हमारे साथ हुआ, वह हम किकसी तरह हज़म करने की कोशिशश कर रहे थे, लेकिकन जो अब हुआ वह ना हमसे हज़म हो रहा है और ना ही उसे कोई और पचा पा रहा है- हुआ �ह किक हमने अपने कुछ !ास लोगों को बचने की नी�त से एक ऐसा कानून बना�ा जिजससे हमारे !ासम!ास नेतागण जेल तक ना पहंुचे-उसका अध्�ादेश भी बनाकर राष्ट्रपकित महोद� के पास दस्त!त करने के शिल�े भेज दिद�ा-लेकिकन जैसे ही हमे मालूम पड़ा किक किवपक्ष,जनता और मीकिD�ा के दबाब के चलते राष्ट्रपकित महोद� उस अध्�ादेश को रद्दी की Pोकरी में फें कने वाले हैं, हमे !ुद ब !ुद आगे आकर उस अध्�ादेश को रद्दी की Pोकरी मे Dालना पड़ा।

�ही वे लोग हैं जो मोदी को हरा�ेंगे ?

प्र>ानमंत्री जी ने किवदेश �ात्रा से वापस आने के बाद अध्�ादेश पर मचे ववाल पर अपनी सफाई देने के अलावा एक और जो !ास ब�ान दिद�ा वह था-" सभी सेक्�ुलर ताकतों को मोदी के खि!लाफ एकजुP हो जाना चाकिह�े." ऐसा लग रहा था की �ह ब�ान �ा तो उन्होने अध्�ादेश पर हुई जबरदस्त किकरकिकरी की झेंप यिमPाने के शिल�े दिद�ा था �ा किफर उन्हे किवदेश �ात्रा के दौरान कुछ ऐसा न�ा ज्ञान प्राप्त हुआ जिजसके चलते उन्हे आते ही ऐसा ब�ान देना पड़ा. प्र>ान मंत्री जी को एक स्वघोकिiत सेक्�ुलर सरकार का मुखि!�ा होने के नाते इस तरह के ब�ान देने का हालांकिक पूरा अयि>कार है,लेकिकन �हाँ हमारी चिचंता उन लोगों को लेकर है,जिजन्हे प्र>ानमंत्री जी "सेक्�ुलर ताकतें" समझकर !ुश हो रहे हैं *क्�ा प्र>ानमंत्री जी उन लोगो को सेक्�ुलर ताकतें समझ रहे हैं जो सभी राज्� सरकारों को पत्र शिल!कर �ह किहदा�त दे रहे हैं की किनदki अल्पसंख्�कों को किगरफ्तार नही किक�ा जा�े (मतलब बहुसंख्�क किनदkiों को किगरफ्तार किक�ा जा सकता है)

*�ा किफर प्र>ानमंत्रीजी उन सेक्�ुलर ताकतों की बात कर रहे हैं जो देशद्रोकिह�ों को" श्री हाकिmज़ सईद" और आतंकवादिद�ों को "ओसामा किबन लादेन जी" कहकर संबोयि>त करते हैं.

*हो सकता है प्र>ान मंत्री जी उन सेक्�ुलर ताकतों पर भरोसा कर रहे हों जो 1984 के देशव्यापी साम्प्रदायि�क दंगों के शिल�े जिजम्मेवार हैं.

*�ह भी संभव है की प्र>ानमंत्री जी उन लोगो को सेक्�ुलर समझ रहे हओं जो किकसी भी अवै> किनमाXण को >ार्मिमंक स्थल बताकर ईमानदार अmसरों का किनलंबन कर देते हों.

*प्र>ान मंत्री जी का इशारा उन सेक्�ुलर ताकतों की तरफ भी हो सकता है जो पहले तो अल्पसंख्�क तुयिsकरण करके जन असंतोi पैदा करते हों और जब उसकी वज़ह से दंगे भDक जा�े तो उनका दोi ऐसे लोगों के सर मढ देते हों जिजनका उस दंगे से कोई लेना देना ना हो.

*हो सकता है प्र>ान मंत्री जी उन लोगों को सेक्�ुलर ताकत् समझते हों, जिजन्होने देशभY संगठन से जुडे़ मोहन भागवत को आतंकवादी साकिबत करने की साजिज़श रची हो.

�ह शिलस्P बहुत लम्बी हो सकती है लेकिकन उस शिलस्P मे सारे के सारे लोग इसी तरह के होंगे,जैसे की ऊपर शिल!े हु�े है.प्र>ानमंत्री जी क्षमा करें, अगर इन्ही लोगों को आप" सेक्�ुलर ताकते" समझ रहे हैं, तो एह लोग तो एकजुP होकर तो क्�ा किकसी भी तरह मोदी का मुकाबला" हकीकत" मे तो दूर" सपने" मे भी नही कर सकते .

मोदी के प्रभाव से घबरा�े और बौ!ला�े हु�े लोग

अभी तक तो लिसफ6 मोदी का तिवरोध ही हो रहा था-सेकुलरिरज्म का पाखंA करने वाले लोग इस Aर से लगातार मोदी के तिवरोध मे लगे हुये थे तिक कहीं ऐसा ना हो की मोदी की वज़ह से उनकी सेकुलरिरज्म की दुकानदारी बंद ना हो जाये और वे सब यकायक सत्ता के सिसhहासन से लुढ़ककर सड़क पर ना आ जाये. अभी तक सेकुलरिरज्म का पाखंA करने वालों को मोदी की पार्टी� भाजपा से कम और मोदी से ज्यादा Aर लगता था,लेतिकन जैसे जैसे चुनाव का समय नजदीक आता जा रहा ह ैऔर मोदी की चुनावी रैलिलयां जनमानस पर अपना स्थायी प्रभाव जमाने मे कामयाब होती दिदख रही हैं, सेकुलरिरज्म के पाखंA करने वालों की रातों की नीद और दिदन का चैन दोनो ही उड़ गए हैं. यानी पहले जो मोदी से घबराहर्टी मात्र थी वह अब बौखलाहर्टी मे बखूबी तब्दील हो चुकी है. सेकुलरिरज्म का पाखंA करने वालों ने वैसे तो जनता को दिदग्भ्रयिमत करने के लिलये बडे़ बडे़ राष् ट्रीय राजनीतितक दलों के साथ साथ छोरे्टी छोरे्टी राजनीतितक दल भी बना रखे हैं-जात पात के आधार पर बने ये छोरे्टी छोरे्टी छोरे्टी राजनीतितक दल पहले तो जनता को सब्जबाग दिदखाकर जीतकर संसद या तिवधानसभा मे तिकसी तरह पहुंच जाते हैं और तिफर राष् ट्रीय राजनीतितक दल से सरकार मे तिहस्सेदारी के लिलये ब्लॅकमेसिलhग का कभी ना खत्म होने वाला लिसललिसला शुरु करते हैं-यह सब सेकुलरिरज्म की आड़ मे होता है,इसलिलये सबकुछ जायज़ भी होता है और मीतिAया भी इस सारी बदतमीजी को चुपचाप देखता रहता है. एक सेक्युलर कही जाने वाली पार्टी� के नेता अभी हाल ही मे नोर्टीों की तिबस्तर पर सोते हुये पाये गये, लेतिकन क्योंतिक वह एक सेक्युलर पार्टी� से ताल्लुक रखते थे,इसलिलये तिकसी दूसरे सेक्युलर पार्टी� को इस पर भला क्या ऐतराज़ हो सकता ह ै? सेकुलरिरज्म के पाखंA की राजनीतित मे यह सब चलता रहता है-एक प्रदेश मे जहां सेक्युलर पार्टी� की सरकार हो और वहा साम्प्रदायियक दंगे चाहे जिजतनी बार भAक जाए,ं मज़ाल है तिT दूसरी सेक्युलर पार्टी� उसके खिखलाफ एक शब्द भी बोल जाये- आखिखर तीसरा मोचा6 और ऐसे ही कयी मोच| बनाने के लिलये भी तो यही सेक्युलर लोग काम आते हैं. लिलहाज़ा मुदे्द की बात यही है की सेकुलरिरज्म का पाखंA अब खतरे मे पA गया है, जैसे जैसे मोदी की चुनाव सभायों मे भीड़ बढ रही ह,ैवैसे वैसे सेकुलरिरज्म के पाखस्ति}Aयों की बैचैनी भी बढ रही है-इसी बौखलाहर्टी के चलते वे चुनाव सभाओं को "सक6 स" बताकर ही अपना मन हल्का करने की कोशिशश भी कर रहे हैं.

मोदी अब तक जिजंदा हैं , हम बेहद शर्मिमंन्दा हैं .

हम लोग भारतीय राजनीतित पर अपना आलिधपत्य बनाये हुये हैं और शायद तिकसी औपचारिरक परिरचय के मोहताज़ नही हैं. तिफर भी आगे की कहानी सुनाने से पहले हम लोग यह जरूरी समझते हैं की हमारा हल्का फुल्का परिरचय तो हो ही जाये और जनता हमारी पहचान कर सके-हम चार लोगों के नाम हैं-असत्यव्रत चतुव|दी,आदम खन,शातितर अली और ज़ातिहल अनवर. हम चारों लोगों की चौकड़ी मे खास बात यह है तिT कई राज्यों मे और केन्द्र मे भी या तो हमारी ही सरकारें हैं या तिफर हमारी सांठ गाँठ से ही यह सरकारें चल रही है. देशभक्त लोग और संगठन सदा ही हमारे तिनशाने पर रहते हैं और इसी अलगाववाद की राजनीतित करके हम तिपछले 60 सालों से जनता को बेबकूफ बनाकर सत्ता का सुख भोग रहे हैं. केन्द और कई राज्यों मे सरकार हमारी है,पुलिलस और गृह मंत्रालय हमारा है और कानून भी हमारा ही ह ैइसलिलये हमे अपने कारनामों को अंज़ाम देने मे कोई खासी परेशानी आज तक नही आई है. कोई और देश होता तो अब तक हम जैसे लोग तिकतनी बार सरे आम फांसी पर लर्टीका दिदये गये होते, लेतिकन यहाँ तिहन्दुस्तान मे तो बात ही कुछ और है-यहाँ हमारा कोई कुछ नही तिबगाड़ सकता. हाल ही में हम लोगों ने पर्टीना रॅली के दौरान इस बात के पुख्ता इंतज़ाम कर लिलये थे की मोदी जब वहा रॅली के लिलये आये तो जिजhदा वापस ना जाने पाये-इसके लिलये हमने अपने दोस्तों-यारो और रिरvतेदारों को सख्त तिहदायत भी दी की बम धमाके इस तरह तिकये जाए ंतिक मोदी गलती से भी जिजhदा वापस गुजरात ना पहुंचे-हमारी योजना के अनुसार बम धमाके शुरु भी हो गये,हम लोगों ने अपने ऊपर कोई आरोप ना लगे, इससे बचने के लिलये फर्टीाफर्टी र्टीी वी पर यह वक्तव्य भी दे दिदया की इन बम धमाकों के लिलये भाजपा और आर एस एस जिजम्मेदार हैं. लेतिकन हाय हमारा दुभा6ग्य,हमारी तमाम कोशिशशों के बाबजूद मोदी जी तो अभी तक जिजhदा हैं और हमारी पोल और खुल गयी जब हमारे दोस्त यार और रिरvतेदार इन बम धमाकों के लिलये जिजम्मेदार पाये गये. हम लोग पूरी तरह आश्वस्त थे तिक मोदी का काम हो जायेगा और इस जश्न को मानाने के लिलये हमारे गृह मंत्री तो गीत संगीत का आनन्द लेने मुम्बई पहुंच गये और हमारे मुख्यमंत्री जी "अपनी जान बचाने के लिलयेमंुगेर चले गये." लेतिकन शाम तक जब यह खबर यिमली तिक मोदी जी अब तक जिजhदा हैं,तो हम लोगों को अपने दोस्तो यारों और रिरvतेदारों की सिचhता होने लगी तिक अब उन्ह ेबचाया कैसे जाये और हम सिचhतन शिशतिवर मे चले गये.

मोदी को पी एम हर्गिगंज़ ना बनने दें .

आदरणीय राष्ट्रपतित महोदय,हम लोग सेकुलरिरज्म का पा!ंD करके जैसे तैसे सत्ता हशिथ�ाने मे माकिहर लोग हैं और किपछले लगभग 60 सालों से सत्ता का सु! ऐसे ही भोगते आ�े हैं। परेशानी �ह है किक जबसे किवपक्षी राजनीकितक दल भाजपा ने अपने नेता नरेन्द्र मोदी को पी एम बनाने का फैसला किक�ा है, हम लोगों की पोल जनता के सामने !ुल !ुलकर  सामने आने लगी है और हम लोग इस बात से 24 घंPे,सातों दिदन और साल के 365 दिदन लगातार आतंकिकत रहते है किक अगर भाजपा पूणX बहुमत लेकर सत्ता मे आ ग�ी और मोदी पी एम बन ग�े तो हम जैसे पा!ंकिD�ों की कैसी दुगXकित होगी। किपछले 60 सालों मे किक�े ग�े हमारे दुष्कमX, हालांकिक जनता ने तो किकसी तरह सह शिल�े लेकिकन हम इस बात से अच्छी तरह वाकिकफ हैं किक उन दुष्कमx के शिल�े मोदी जी हमे देश के कानून के अनुसार दंकिDत करेंगे-दंD कैसा होगा इससे हम और आप दोनो ही अच्छी तरह वाकिकफ हैं। अब तक हमे इन दुष्कमx का दंD इस शिल�े नही यिमल रहा था क्�ोंकिक ज्�ादातर राज्�ों मे और केन्द्र मे भी हमारी �ा किफर हमारे ही सह�ोगी दलों की सरकारें थी,लेकिकन �ह सब बहुत जल्दी बदलने वाला है-चुनाव के जो सवy आ रहे हैं, वे भी इसी बात का संकेत दे रहे है किक सत्ता हमारे हाथ से खि!सकने वाली है। हमारा सबसे बड़ा अपरा> जिजसके शिल�े हमे दंकिDत किक�ा जा सकता है,वह �ह है किक हम देश की जनता को कभी जाकित के नाम पर,कभी सम्प्रदा� के नाम पर और कभी >मX के नाम पर बांP कर वोP बैंक की राजनीकित कर रहे हैं- अल्पसंख्�कों को हम लोग इंसान ना समझ कर

वोP बैंक समझते है-जिजसके चलते अक्सर दंगे भड़कते हैं और किनदki देशवासी उसमे मारे जाते है-अब तक तो हम सभी दंगो का दोi देशभY संगठनो और दलों के सर मढ़ते आ�े हैं,लेकिकन लोगों की बढ़ती जागरूकता से हमारी �हाँ भी पोल !ुल चुकी है। पहले तो हम हर तरह के दुष्प्रचार का सहारा लेकर अपनी तरफ से �ह पूरी कोशिशश कर रहे है किक भाजपा की सरकार ही ना बन पा�े,लेकिकन किफर भी अगर किकसी वजह से हम लोग अपने इन नापाक मनसूबों मे काम�ाब नही हु�े,तो आपसे बस शिसफX इतना ही किनवेदन है किक मोदी को हर्गिगंज़ पी एम ना बनने दें चाहे भाजपा किकतनी भी बार अपना बहुमत आपके सामने साकिबत कर दे। मोदी को मारने की साजिज़श जबसे नाकाम हुई है,हम लोग और भी ज्�ादा मा�ूस हो ग�े है। अब हम लोगों को शिसफX आपका ही आसरा है और हम आपकी सादर चरण वन्दना करने का पा!ंD करते हैं।

हम मोदी की सरकार नही बनने देंगे

हम मोदी की सरकार नही बनने देंगे।!ुशहाली का संसार नही बसने देंगे !

मोदी जब जब आगे आ�े हम घबरा�े�ह सच है मोदी को हम मार नही पा�े।

इस नाकामी पर �ूँ तो हम शर्मिमंन्दा हैंहै !ाल हमारी मोPी और हम जिजंदा हैं

हम गद्दारों को मार सके इस दुकिन�ा मेंऐसा कोई हशिथ�ार नही बनने देंगे !

हम मोदी की सरकार नही बनने देंगे !!

मोदी करते हैं अचे्छ शासन का वादाहम लोग "कुशासन" करने पर हैं आमादा।

हम >मX जाकित पर !ूब देश को बाँPेंगेअपनी ढपली पर अपना राग अलापेंगे

अचे्छ शासन के वादों और इरादों कोहम लोगों का अयि>कार नही बनने देंगे!

हम मोदी की सरकार नही बनने देंगे!!

मोदी 272 से सी>े 370 पर कैसे पहंुच गए ?

बीजेपी ने जब से मोदी को पी एम प्रत्�ाशी घोकिiत किक�ा है, वह जगह जगह जनसभाए ंकरके हम लोगों की पोल पट्टी !ोलने पर लगे हु�े हैं. मोदी ने हम लोगों से पूछे किबना अपनी पाP| के शिल�े यिमशन 272 का लक्ष्� भी किन>ाXरिरत कर शिल�ा-लेकिकन हम लोग चुप रहे. क्�ोंकिक हमारे पास चुप रहने के अलावा और कोई चारा भी नही है. किपछले 60 सालों के शासन के दौरान जो कारनामे हम लोगों ने अंज़ाम दिद�े हैं, उनका सारा ले!ा जो!ा मोदी जी किकश्तों मे !ोल !ोलकर जनता के सामने ला रहे हैं- हम लोग काफी घबरा�े हु�े हैं और मोदी जी का बहुत अयि>क किवरो> करने की स्थिस्थकित मे नही हैं. हालांकिक हम लोग "सेक्�ुलर" हैं और �ह चाहते हैं किक �ह "सेकुलरिरज्म" का ठप्पा हमारे ऊपर अंत सम� तक लगा रहे, किफर भी जब मोदी के खि!लाफ कुछ बोलने की किहम्मत करते हैं तो हमे अपने काले पीले कारनामे �ाद आ जाते हैं और हम चुप लगाकर बैठ जाते हैं. देशद्रोह,आतंकवाद और अलगाववाद को ही हम लोग सही मा�ने मे "सेकुलरिरज्म" मानते हैं. दुभाXग्� से मोदी ने "सेकुलरिरज्म" की जो परिरभाiा त� कर र!ी है वह किबल्कुल इसके किवपरीत है-हम लोगों को दरअसल Dर ही इस बात का सता रहा है किक ऐसा ना हो किक मोदी जी पी एम बने तो हम लोगों को "सेकुलरिरज्म" की वही परिरभाiा मानने पर मजबूर करें जो उनके किहसाब से ठीक बैठती है. हालांकिक हम लोगों ने अपने आपको इस बात के शिल�े भी तैय्�ार कर शिल�ा था किक चलो मोदी को पी एम बन जाने दो- ज्�ादा से ज्�ादा क्�ा दंD यिमल जा�ेगा-हो सकता है देशद्रोह के शिल�े कुछ दिदनो तक 100-200 कोडे़ !ाने पD जा�े,क्�ोंकिक मोदी जी फांसी की आसान मौत का दंD तो हम लोगों को देने से रहे- हमारे एक साथी ने तो �हाँ तक स्वीकार कर शिल�ा किक मोदी जी चाहें तो 10 बार भारत के प्र>ान मंत्री बन सकते हैं-बस वह आर्टिPंकल 370 पर कोई बात ना करें. दरअसल जब से हाल ही मे अपने जम्मू कश्मीर दौरे मे मोदी जी ने आर्टिPंकल 370 पर सवाशिल�ा किनशान उठाते हु�े उसकी उप�ोकिगता पर बहस की मांग की है-हम लोगों के तन बदन मे स्वभाकिवक रूप से आग लग ग�ी है और हम लोग मोदी जी का �ह गभिणत ही नही समझ पा रहे हैं जिजसमे वह 272 से छलांग लगाकर सी>े आर्टिPंकल 370 पर पहुच ग�े. अपने आपको "सेक्�ुलर" साकिबत करने के शिल�े हम बरसों से जिजस आर्टिPंकल 370 का समथXन करते आ रहे हैं, अगर वह आर्टिPंकल ही नही रहेगा तो भला हमे "सेक्�ुलर" कौन कहेगा और हमारी दुकानदारी कैसे चलेगी ?

मोदी को हल्के मे मत लेना

चार राज्यों मे एक बेहद शमXनाक हार झेल चुकी कांगे्रस आखि!र अपनी चिचंतन बैठक मे �ह मानने को मजबूर हुई किक आम आदमी पाP| को हल्के मे लेना उसके शिल�े काफी महंगा पड़ा.कांगे्रस ने �ह बताने की जहमत नही उठा�ी किक राजस्थान, मध्� प्रदेश और छत्तीसगढ़ मे जो भाजपा के हाथों करारी हार यिमली है उसके शिल�े भी क्�ा केजरीवाल ही जिजम्मेवार हैं �ा किफर कोई और. �ह तो भला हो केजरीवाल का जिजन्होने दिदल्ली चुनावों मे �का�क कूदकर कांगे्रस को �ह बहाना बनाने का मौका दे दिद�ा वनाX अगर भाजपा के हाथों ही इतनी बड़ी हार अगर बाकी राज्�ों की तरह दिदल्ली मे भी यिमलती तो इनकी हालत दे!ने ला�क होती. कांगे्रस ने �ह बात हालांकिक !ुले तौर पर स्वीकार नही की है की मोदी की देश मे इस सम� जबरदस्त लहर है और उसी के चलते उसकी चौतरफा दुदXशा हुई हैलेकिकन, इस बात को अब सभी कांगे्रसी अच्छी तरह समझ ग�े है की मोदी को भी अब तक वे लोग काफी हल्के मे लेते आ रहे थे और उसका !ायिम�ाज़ा भी उन्हे भुगतना पड़ा है-मोदी के खि!लाफ जमकर बोलने वाले दिदखिग्वज� चिसंह की हाल ही मे की ग�ी मोदी की तारीफ को इसी संदभX मे समझना चाकिह�े-दिदखिग्वज� चिसंह से ही सबक लेते हु�े !ुद मनमोहन चिसंह ने भी मोदी को अपने शिल�े एक बड़ी चुनौती माना है.शिचदंबरम को तो भगवान ने काफी सम� पहले ही सद ्बुजि� दे दी थी और वह पहले ही �ह स्वीकार कर चुके थे की मोदी इस भ्रs कांगे्रस के शिल�े एक बहुत बड़ी चुनौती बनकर उभर रहे है दरअसल अभी हाल के चुनावों मे दे!ा जा�े तो राहुल, सोकिन�ा और कांगे्रस के बाकी नेता अपनी चुनाव सभाओं मे किकसी मुदे्द की बात पर नही आ रहे थे और शिसफX मोदी �ा भाजपा की आलोचना कर रहे थे-जनता इस झूठी आलोचना से और ज्�ादा शिचढ ग�ी क्�ोंकिक कांगे्रशिसओं के दुष्कमx का ले!ा जो!ा तो मोदी जी काफी किवस्तार से जनता के सामने र!ते ही आ�े हैं- अपने दुष्कमx पर सफाई देने और उनके शिल�े देश की जनता से माफी मांगने के वजा�े कांगे्रस के नेता मोदी आलोचना को ही अपना प्रमु! कतXव्य समझ बैठे. उत्तर प्रदेश मे जंगल राज के शिल�े जिजम्मेवार सपा और बसपा की बैसाखि!�ों पर दिPकी कांगे्रस सरकार ने जिजतनी ज्�ादा मोदी की आलोचना की, चुनावों मे उसे उतना ही अयि>क नुकसान झेलना पड़ा.कांगे्रस के शिल�े अब �ही सलाह दी जा सकती है किक केजरीवाल को हल्के मे लेने का नतीज़ा तुम लोग दे! चुके हो-अब भी संभल जाओ बाद मे �ह ना कहते नज़र आओ किक मोदी को हल्के मे लेना महंगा पD ग�ा.

मोदी को अब्दुल्ला की !ुली चुनौती

अभी किपछले दिदनो नरेन्द्र मोदी ने जम्मू कश्मीर की अपनी एक चुनावी सभा मे आर्टिPंकल 370 का जिजक्र भर कर दिद�ा तो हमारे स्वघोकिiत सेक्�ुलर लोगों ने ऐसा तूmान !ड़ा कर दिद�ा मानो आर्टिPंकल 370 को हPाना तो क्�ा, उसके बारे मे बात करना भी गुनाह हो. �ह सबको मालूम है किक आर्टिPंकल 370 एक अस्था�ी प्राव>ान था जिजसको अब तक हP जाना चाकिह�े था-लेकिकन >न्� हो हमारे तथाकशिथत सेक्�ुलर लोग जो सत्ता रस को पीने मे इतने मस्त हो ग�े किक आर्टिPंकल 370 की उन्हे सु> ही नही रही और आर्टिPंकल 370 पर गाहे बगाहे चचाX �ा जिजक्र करने की सारी जिजम्मेवारी भाजपा जैसे राजनीकितक दलों पर आ पड़ी जिजन्हे अपने बल बूते पर सत्ता तक पहंुचने का मौका ही नही यिमलता. अब जरा >ारा 377 पर मचे वेवजह के हंगामे पर नज़र Dालें तो मालूम पडे़गा किक जिजन लोगों की जुबां पर आर्टिPंकल 370 को हPाने के नाम पर ताले लग जाते हैं, वही लोग >ारा 377 के सवkच्च न्�ा�ाल� के फैसले पर अपनी नाराज़गी और आलोचना कडे़ से कडे़ शब्दों मे जाकिहर कर रहे हैं-आलोचना करते सम� वे लोग �ह भी भूल रहे हैं किक उनका बड़बोलापन सवkच्च न्�ा�ाल� की सरासर अवमानना है. सवkच्च

न्�ा�ाल� के फैसले को कोई "शमXनाक" बता रहा है तो कोई इस फैसले के खि!लाफ सड़कों पर किनकल आ�ा है. सोकिन�ा गाँ>ी से लेकर अभिभनेता आयिमर !ान तक लोग जैसे इस >ारा को हPवाने के शिल�े हंगामा !ड़ा कर रहे हैं, अगर इसका आ>ा हंगामा भी आर्टिPंकल 370 को हPवाने के शिल�े किक�ा होता तो आज देश की �ह हालत ना होती. 

>ारा 377 के खि!लाफ ऐसा माहौल बना�ा जा रहा है मानो  इस >ारा को अगर हPा�ा नही ग�ा तो कोई बहुत बड़ा तूmान और बड़ी क�ामत आ जा�ेगी- अ!बारों के 2 से लेकर 4 पने्न >ारा 377 की व्यथा को लेकर ही समर्गिपंत रहते है मानो किक देश मे बाकी सभी समस्�ा�ों का पूरी तरह किनदान हो ग�ा हो और जो सबसे ज्वलंत प्रश्न हो वह >रा 377 का ही हो. काश हमारे राजनेताओं और तथाकशिथत सामाजिजक का�XकताXओं और संगठनों ने आर्टिPंकल 370 को हPवाने के शिल�े भी इतना ही सरोकार दिद!ा�ा होता ! सरकार की जिजतनी अयि>क इच्छा शशिY >ारा 377 तो हPाने को लेकर नज़र आ रही है, उसकी 10 प्रकितशत इच्छा शशिY भी अगर आर्टिPंकल 370 पर हो जा�े तो हमारे mारूC अब्दुल्ला जैसे सेक्�ुलर लोगों को �ह कहने की जहमत नही उठानी पडे़गी किक मोदी अगर 10 बार भी प्र>ान मंत्री बन जाएं तो वे 370 को नही हPा सकते. बेगानी शादी मे "दीवाने" बने अब्दुल्ला की मोदी के खि!लाफ की ग�ी इस ब�ानबाज़ी को क्�ा उनका !ौफ समझा जा�े �ा किफर कोई चेतावनी ?

' मोदी - लहर ' को थाम लेंगे हम !

काफी बड़ी तादाद मे लोग यह समझते हैं तिक हम लोग भ्रष्टाचार के खिखलाफ हैं और हमारी लड़ाई भ्रष्टाचार से है ! हमारे देश मे लोकतंत्र है और लोगों को सोचने की पूरी आज़ादी ह-ैलिलहाज़ा उन्हे यह सोचने और समझने का भी पूरा हक है तिक हम लोग भ्रष्टाचार से लA रहे हैं. लोगों को इस गलतफहमी मे भी रहने का पूरा अलिधकार ह ैतिक हम लोग तिकसी दूसरी दुतिनया से आये हुये लोग हैं और इतने ईमानदार हैं की जिजस तिकसी को भी चाहें, "ईमानदारी" का सर्टिर्टीhतिफकेर्टी दे सकते हैं. हमारी समस्या को लोग समझ ही नही रहे हैं और हमसे ऐसी उम्मीदें लगाकर बैठ गये हैं जिजनको पूरा करने मे हमे कोई दिदलचस्पी ना थी और ना ही कभी होगी. लोग शायद यह समझ बैठे हैं तिक भ्रष्टाचार से लड़ना इतना आसान ह ैतिक कोई भी आम आदमी उसे खतम कर सकता है-यह उनकी नासमझी ही कही जायेगी-अगर यह काम इतना आसान होता तो अन्ना जी कबका यह काम तिनपर्टीा चुके होते-यह काम मुस्तिvकल क्या,नामुमतिकन जैसा ही ह ै! लिसफ6 हम लोग ही इस बात को समझ पाये हैं तिक राजनीतित से भ्रष्टाचार को हर्टीाना ठीक उसी तरह है जैसे तिबना भीगे तिकसी नदी को तैरते हुये पार कर जाना-खैर छोतिड़ये-जनता को पूरी आज़ादी है तिक वह इन असंभव बातों को भी संभव मानकर हमे अपना समथ6न देती रहे और हम उसी नासमझी भरे समथ6न के सहारे अपना मकसद पूरा करते रहें. दरअसल देश मे सेकुलरिरज्म का पाखंA तिपछले लगभग 65 सालों से बदस्तूर चला आ रहा ह ैऔर उसकी आड़ मे जनता खूब लूर्टीी जा रही है-जब जनता को यह लगा की अब इस पाखंA के दलदल से तिनकलकर मोदी द्वारा दिदखाये गये "तिवकास युक्त " और "कांग्रेस-मुक्त" भारत के तिनमा6ण का समय आ गया है, तो सभी सेक्युलर लोगों के बीच जबरदस्त खलबली सी मच गयी-ऐसे मे इन लोगों ने हमारी सेवाए ंलेना ही तिहतकर समझा क्योंतिक जनता "सेक्युलर" लोगों के दुष्कम� से तो अच्छी तरह वातिकफ है, उसे वेवकूफ़ बनाने के लिलये कोई नया दल या संगठन ही चातिहये-हम तो प्रोफेशनल लोग हैं और हमारा काम ही पूरी ईमानदारी के साथ ऐसी सेवाए ंउपलब्ध कराना है-सो हम इस बात के लिलये तैयार भी हो गये तिक कुछ भी हो जाये हम मोदी की सरकार नही बनने देंगे ! ऊपर ऊपर से तो हम हमेशा की तरह भ्रष्टाचार उन्मूलन का राग अलापते रहेंगे क्योंतिक भ्रष्टाचार के लिलये तो लिसफ6 मोदी और भाजपा ही पूरी तरह से जिजम्मेदार है-सेकुलरिरज्म के पाखंA के लिलये जिजम्मेदार पार्टिर्टीhयाँ तिकसी तरह के भ्रष्टाचार के लिलये खुद जिजम्मेदार नही है-उन्हे तो भ्रष्टाचार करने के लिलये मोदी और भाजपा ने ही उकसाया होगा क्योंतिक यह लोग तो दूध पीते बच्चों के समान है और पूरी तरह तिनदwष हैं-इन लोगों को मोदी का नाम आतंतिकत कर रहा है सो इन लोगों को अभयदान देने का ठेका अब हम लोगों ने ले लिलया है और  हमारी लड़ाई दरअसल भ्रष्टाचार से ना कभी थी और ना आगे रहेगी-हमारी लड़ाई मोदी और उसकी पार्टी� भाजपा से है और मोदी लहर को पू़रे देश मे रोकना हम अपना परम धम6 मानते हैं. दिदल्ली मे हमारे हालांतिक हाथ पांव फूल गये इस मोदी लहर को रोकने मे और आखिखर मे हम कामयाब हो ही गये जब हम लोगों ने 70 सदस्यों की तिवधानसभा मे 36 का आंकड़ा प्राप्त कर लिलया-लेतिकन यह तो हमारे काम की शुरुआत भर ह-ैहम मोदी का पीछा इतनी आसानी से छोड़ने वाले नही हैं-अब हमारा अगला र्टीारगेर्टी मोदी का अपना राज्य गुजरात है जहां हम सभी सीर्टीों पर उसकी लहर को रोकने की नाकाम कोशिशश करेंगे. हमारा र्टीारगेर्टी बस वहीं है जहां मोदी की लहर तेज है और हमारे सेक्युलर भाई-बनु्ध मोदी का कुछ नही कर पा रहे हैं- उत्तर प्रदेश,तिबहार,पशिaम बंगाल,केरल और पूवwत्तर के राज्यों सतिहत दशिक्षण मे भी हमारे सेक्युलर सालिथयों की अच्छी पकA है, इसलिलये इन जगहों पर हमे अपना ध्यान केजिन्द्रत करने की कोई जरूरत नहीं।

मनमोहन की नाकायिम�ों के शिलए मोदी जिजम्मेदार ?

प्र>ानमंत्री मनमोहन चिसंह ने बड़ी किहम्मत करके एक पत्रकार सम्मेलन बुला�ा और उसमे उन्होने जो भी बाते कहीं, उससे �ह बात सॉफ हो ग�ी किक आखि!र प्र>ानमंत्रीजी कभी कभी ही मीकिD�ा के सामने क्�ों आत ेहैं. उसका सी>ा सा कारण �ही नज़र आ�ा किक उनके पास ऐसा कहने के शिल�े आमतौर पर कुछ भी नही होता जिजसे वह सीना चौड़ा करके अपनी �ा किफर अपनी भ्रs और किनकम्मी सरकार की शे!ी बघार सकें . शुक्रवार को बुला�े ग�े पत्रकार सम्मेलन मे प्र>ान मंत्री मनमोहन चिसंह की हालत "खि!शिस�ानी किबल्ली !ंभा नोचे" वाली थी. दरअसल प्र>ान मंत्री जिजन्होने अब तक की सबसे अयि>क भ्रs और किनकम्मी सरकार का नेत्रत्व करके संभवत् अपने शिल�े भी किगनीज बुक मे स्वतंत्र भारत के सबसे किनकम्मे प्र>ानमंत्री होने का रेकॉDX बना�ा है, इस बात को लेकर बहुत अयि>क चिचंकितत लगे किक तीसरी बार उनकी पाP| उन्हे प्र>ान मंत्री का प्रत्�ाशी भी नही बना रही है-इस सारी खि!शिस�ाहP जो उन्हे संभवत् राहुल और सोकिन�ा गां>ीजी को लेकर रही होगी, उन्होने मोदी पर अपने हास्�ास्पद अपशब्दों के बाण चलाकर किनकाल Dाली-जब मनमोहन चिसंह जी �ह कह रहे थे किक मोदी का प्र>ानमंत्री बनना इस देश के शिल�े बहुत अयि>क घातक होगा, उस सम� शा�द उन्हे अपने किक�े हु�े कारनामों की �ाद जरूर आ रही होगी-�ा किफर मनमोहन चिसंह जी को इस बात की तो गलतmहमी नही हो ग�ी किक Pू जी, कामनवेल्थ,को�ला घोPाले जैसे शमXनाक घोPालों के शिल�े भी मोदी ने ही मनमोहन चिसंह को उकसा�ा था. 1984 के दिदल्ली दंगों और 2013 के मुज़फ़्फरनगर दंगों के शिल�े भी मोदी ही जिजम्मेदार रहे होंगे. सेकुलरिरज्म का पा!ंD करने वाले राजनीकितक दल और उनके सरगना मनमोहन चिसंह तो एकदम दू> के >ुले हु�े है और उन पर मोदी जी वेवजह इतनी ज्�ादती कर रहे है किक मनमोहन चिसंह जी को झूठ मूठ का इतना अयि>क गुस्सा आ जाता है. मनमोहन चिसंह अपनी नाकायिम�ों को छुपाने के शिल�े मोदी पर हास्�ास्पद ब�ानबाज़ी करें तो �ह बात,किकसी हद तक हज़म की जा सकती थी, लेकिकन इस हास्�ास्पद ब�ान के तुरंत बाद सेकुलरिरज्म का पा!ंD करने वाली बाकी की नरकिपशाची ताकतें और उनके नेता भी जब मनमोहन चिसंह के सुर मे सुर यिमलाने लगे, तो �ह बात पूरी तरह साकिबत हो ग�ी किक नरकिपशाची ताकतों के बीच मोदी का !ौफ अभी भी का�म है जो किनभि�त रूप से एक बेहतर संकेत है क्�ोंकिक मोदी से घबरा�े और बौ!ला�े हु�े पा!ंDी अपने वजूदके शिल�े लD रहे हैं.

नही बनेगी अबकी बार मोदी की सरकार ?

सेकुलरिरज्म के पाखंAी करें ये दुष्प्रचारनही बनेगी अबकी बार मोदी की सरकार ! नही चातिहये इनको मोदी का सुशासनइनका सपना-"भूख,गरीबी और कुशासन"इनकी रग रग मे बसा हुआ है भ्रष्टाचारकैसे बनने देंगे ये मोदी की सरकार ? सेकुलरिरज्म के पाखंAी करें ये दुष्प्रचारनही बनेगी अबकी बार मोदी की सरकार ! 

देश की सीमाओं पर खतरा मंAराता हैदेशभक्त लोगों का दिदल अब घबराता हैक्या चीन क्या पातिकस्तान,सभी हुये मक् कार"सेक्युलर" लोग करते हैं इनकी जय जयकार ! सेकुलरिरज्म के पाखंAी करें ये दुष्प्रचारनही बनेगी अबकी बार मोदी की सरकार ! मोदी से Aरकर सब पाखंAी भाग रहे हैसोये हुये थे चैन से,अब जाग रहे हैअपने वजूद को बचाने का खोज रहे हलिथयार"ईमानदारों" का सहारा बना है-"भ्रष्टाचार" ! सेकुलरिरज्म के पाखंAी करें ये दुष्प्रचारनही बनेगी अबकी बार मोदी की सरकार !

क्�ा मोदी दिPक पा�ेंगे केजरीवाल के सामने ?

भ्रष्टाचार को खत्म करने की नीयत से राजनीतित मे आये और दुतिनया के सबसे भ्रष्ट राजनीतितक दल के साथ दिदल्ली मे गठबंधन सरकार चला रहे केजरीवाल जी को लोकसभा चुनावों मे जाने की इस कदर हड़बड़ी मची हुई ह ैतिक वह सही और गलत का फक6 ही नही कर पा रहे हैं. अब तो उनकी चौकड़ी इतनी शातितर हो चुकी है तिक उन्होने जनता से एस एम एस करके राय लेना भी बंद कर दिदया है. आम आदमी पार्टी� का आत्मतिवश्वाश केजरीवाल जी को प्रधान मंत्री बनाने को लेकर तिकस हद तक बढ़ा हुआ ह ैइसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है, तिक यह पार्टी� दूसरी राजनीतितक पार्टिर्टीhयों से अपने आपको कई मायनों मे अलग दिदखाने की नाकाम कोशिशश कर रही है. दिदल्ली तिवधान सभा के चुनाव नतीजे 8 दिदसंबर को घोतिषत हुये थे जिजसमे 28 तिवधायक आम आदमी पार्टी� के भी चुने गये थे-दल बदल कानून के तिहसाब से अगर 28 के एक तितहाई तिवधायक यानी तिक 10 तिवधायक अपने आप को अलग करके तिकसी दूसरी पार्टी� को समथ6न दे देते है तो उनकी तिवधान सभा की सदस्यता भी बनी रहेगी और आम आदमी पार्टी� का कानूनी तरीके से तिवभाजन भी हो जायेगा. आम आदमी पार्टी� के नेताओं के पस कुछ ऐसी दिदव्य शलिक्त भी मौजूद ह ैजो उन्हे 8 दिदसंबर के पहले ही इस बात का आभास करा देती है तिक 8 दिदसंबर को नतीजे आयेंगे उसमे उनकी पार्टी� को कम ना ज्यादा तिबल्कुल 28 सीर्टीें यिमलेंगी- इसीलिलये उनके तिवधायक मदन लाल को 7 दिदसंबर की रात को ही "तिवदेश मे बैठे भाजपा के शीष6 नेताओं"का फोन भी आ जाता ह ैतिक मदन लाल जी आप खुद को यिमलाकर 10 तिवधायक लेकर अपनी पार्टी� से अलग हो जाओ और भाजपा की सरकार बनबा Aालो. भाजपा मे हालांतिक राजनीतित के जानक i र तो कई नेता हैं लेतिकन इस तरह की दिदव्य शलिक्त( जो आने वाले चुनाव नतीजों का एकदम सही पूवा6भास करा सके) से युक्त तो एक भी नेता नही ह.ै मोदी जी तो हर्गिगhज़ भी यह काम नही कर पायेंगे- लिलहाज़ा जहां तक प्रधान मंत्री की कुस� की दौड़ का सवाल है, वह यहाँ केजरीवाल जी से तिपछड़ते दिदखाई दे रहे हैं. चलिलये अब दिदव्य शलिक्तयों के अलावा और योग्यताओं की भी बात कर लेते हैं- हो सकता ह ैयहाँ मोदी जी हाथ मार ले जाए.ं लेतिकन हमे यहाँ भी तिनराशा ही हाथ लगी है- दरअसल हमारे केजरीवाल जी तो भारतीय राजस्व सेवा से आये अलिधकारी हैं और मोदी जी का बॅकग्राउंA चाय बेचने का रहा है- तो मोदी जी यहाँ भी मात् खा गये. आखिखर मोदी जी क्या सोचकर पी एम की दौड़ मे शायिमल हुये है ? उन्ह ेशायद केजरीवाल जी और उनकी पार्टी� की दिदव्य शलिक्तयों का अंदाज़ा नही है. क्या खाकर मोदी जी केजरीवाल जी के आगे दिर्टीक पायेंगे ?

बहुत मंहगी पडे़गी �े " मोदी ब्रांD " चा� !

जी हाँ यहाँ तिकसी पांच लिसतारा होर्टील मे 100-200 रुपये मे एक कप यिमलने वाली घदिर्टीया चाय की बात नही हो रही है. यहाँ उस चाय की बात हो रही है जिजसके सपा नेता नरेश अगरवाल से लेकर कांग्रेस नेता मशिणशंकर अय्यर तक दीवाने हैं और उस चाय का एक घँूर्टी पीने के लिलये ये दोनो नेता और इनकी पार्टिर्टीhयाँ युगों युगों से तरस रही हैं. कांग्रेस के प्रमुख सहयोगी राजनीतितक दल और उत्तर प्रदेश मे गुंAा राज की स्थापना करने वाली पार्टी� सपा के नेता जब यह बोले तिक मोदी तो च i य बेचने वाले हैं और वह क्या खाकर पी एम बनेंगे, तो तिकसी को बहुत ज्यादा हैरानी नही हुई- दरअसल उत्तर प्रदेश को पूरी तरह से जंगल राज मे तब्दील कर चुके सपा के नेताजी की योजना यह थी तिक धीरे धीरे इस गुंAा राज और जंगल राज की स्थापना  पू़रे   भारत मे की जाये क्योंतिक सभी देशवालिसयों का यह पूरा अलिधकार ह ैतिक उन्हे भी इस अभूतपूव6 गुन्डाराज और जंगलराज का आनन्द यिमले-यह आनन्द लिसफ6 उत्तर प्रदेश के लोगों की बपौती थोडे़ ही है-लेतिकन सपा के मनसूबों पर तब पानी तिफरने लगा जब सब तरफ से यह चुनाव सव| आने लगे तिक मोदी जी उत्तर प्रदेश मे भी जंगल और गुंAा राज को समाप्त करने का मन बना चुके है और अभूतपूव6 बहुमत के साथ जीत हालिसल करने वाले हैं. नरेश अगरवाल ने ऐसे तो खिखलिसयाहर्टी मे मोदी को लताड़ने की नीयत से यह बयानबाज़ी की थी लेतिकन जब कांग्रेस पार्टी� मे बैठे उनके आकाओं को लगा तिक मोदी पर उनकी इस लानत मलानत का कोई असर नही पA रहा ह ैऔर उल्र्टीा मोदी तो इस बयानबाज़ी के बाद और भी अलिधक आक्रामक होकर उत्तर प्रदेश की तरफ अपना तिवजय रथ लेकर बढते जा रहे हैं तो कांग्रेस ने इस काम का जिजम्मा अपने ऊपर ही ले लिलया और अपने एक वरिरष्ठ नेता श्री मशिणशंकर अय्यर को इस काम को अंज़ाम देने की जिजम्मेदारी सौंपी. अय्यर भी कोई कच्चे खिखलाड़ी तो हैं नही जो इस बात को मामूली तरीके से अंज़ाम देते-उन्होने उस समय बयानबाज़ी की जब उनकी पार्टी� का अखिखल भारतीय स्तर का जलसा चल रहा था और सारे मीतिAया कैमरों की तिनगाहे उनकी तरफ ही थीं- अय्यर साहब ने आव देखा ना ताव-कह दिदया  तिक मोदी अगर चाहें तो हम उनके लिलये चाय बांर्टीने की व्यवस्था यहाँ पर करवा सकते हैं-दरअसल अय्यर साहब वह काम करना  चाह रहे थे जो उनके चहेते नरेश अग्रवाल नही कर सके थे-यानी तिक अपनी खिखलिसयाहर्टी को लिछपाने के लिलये मोदी को लताड़ने का काम. अय्यर साहब को लगा होगा तिक उनके इस साहलिसक काय6 के लिलये उनकी पार्टी� का आलाकमान बहुत खुश होगा और क्या पता जैसे मनमोहन सिसhह की लॉर्टीरी तिनकल आई, कभी उनके भी अचे्छ दिदन आ जाए.ं लेतिकन हाय इन नेताओं का दुभा6ग्य, मोदी जी ने पलर्टीकर जब इन लोगों को चाय तिपलाने की ठान ली और जगह जगह् चाय बांर्टीने और बंर्टीवाने का काम शुरु करवा दिदया तो इन लोगो को यकायक लगा तिक यह चाय तो इन नेताओ और उनकी पार्टिर्टीhयों के लिलये बहुत मंहगी पड़ने वाली है. खबर यह भी है तिक जिजतने भी मोदी तिवरोधी गद्दार हैं, उन लोगों ने अपने लिलये चाय बेचने के लिलये खोके वगैरा की जगह का बन्दोबस्त करना शुरु कर दिदया है तातिक 2014 के चुनावों के बाद कम से कम चाय बेचकर तो अपना बाकी का जीवन यापन कर सकें .

" मोदी का रास्ता रोको " अभिभ�ान !

भ्रष्ट कांग्रेस के समथ6न से दिदल्ली मे 49 दिदनों तक गठबंधन सरकार चलाने मे पूरी तरह से नाकाम होने के बाद   केजरीवाल जी आजकल मीतिAया पर बुरी तरह बरस रहे है ! जिजस मीतिAया ने उन्हे एक सड़कछाप आन्दोलनकारी से उठाकर मुख्य मंत्री की कुस� तक पहुँचाया, वही मीतिAया आज उन्हे तिबका हुआ लगने लगा है ! उनकी इस अपरालिधक सोच का समथ6न उनके आका यातिन तिक हमारे गृह मंत्री सुशील कुमार शिशन्दे भी करते नज़र आ रहे है जो मीतिAया को धमकाते हुये उसकी आई बी से जांच कराकर उसे कुचलने की बात कहते है ! दरअसल 1975 मे एमज|न्सी की आग मे देश को झोंकने वाली कांग्रेस अपनी बौखलाहर्टी के जुनून मे तिकसी भी हद तक जा सकती है ! अपने राजनीतितक तिवरोलिधयों को नीचा दिदखाने के लिलये कांग्रेस कुछ भी कर सकती ह ैयह तो शिशन्दे के बयान से साफ हो ही चुका है- पहले भी कांग्रेस के इशारे पर एक तथाकलिथत पतित्रका "तहलका" के संपादक तरुण तेजपाल के जरिरये  भाजपा पर हमला साधने की नाकाम कोशिशस की गयी थी ! तरुण तेजपाल महोदय कांग्रेस पार्टी� के इशारों पर नाच नाचकर लगातार दुष्कम6 करते रहे और अपने सभी दुष्कम� को उन्होने "तहलका" का नाम दे दिदया ! अपने आखिखरी दुष्कम6 मे तेजपाल महाराज रंगे हाथों पकडे़ गये और तिफलहाल गोआ की जेल मे चक्की पीस रहे हैं. भाजपा की बढ़ती लोकतिप्रयता को देखते हुये उसे रोकने के लिलये पहले कांग्रेस ने तेजपाल का इस्तेमाल तिकया और जब जब कांग्रेस को लगा तिक उसका अंतितम समय तिनकर्टी आ गया ह ैऔर मोदी और भाजपा की लोकतिप्रयता दिदन दूनी रात चौगुनी बढ़ती जा रही है तो यह पार्टी� केजरीवाल महाराज को लेकर मैदान मे आ गयी- यह बात तिकसी को मालूम भी नही पड़ती लेतिकन दिदल्ली मे सरकार बनाते समय इनकी पोल खुल कर सामने आ गयी ! कांग्रेस ने बड़ी शान से अपनी गठबंधन सरकार बनाकर दिदल्ली मे 49 दिदन तक मौज ली और जब लगा तिक केजरीवाल महाराज अगर दिदल्ली मे ही फंसे रहे तो बाकी देश मे मोदी की लहर को कैसे रोक पायेंगे ! लिलहाज़ा तिकसी  ना तिकसी बहाने से दिदल्ली की नौरं्टीकी का पर्टीाके्षप करके केजरीवाल जी का रास्ता साफ कर दिदया -" जाओ जहां तक जा सकते हो और मोदी और भाजपा का रास्ता रोको !"  कांग्रेस के वरिरष्ठ नेता और पूव6 केन्द्रीय मंत्री मशिण शंकर सी एन एन आइ बी एन को दिदये गये एक इंर्टीरवू्य मे यह बात खुद ही कबूल चुके है तिक उन्हे उम्मीद है तिक मोदी का रास्ता रोकने मे आम आदमी पार्टी� देश भर मे दिदल्ली की तज़6 पर कामयाब रहेगी ! लेतिकन उनकी तरफ से अगर यह कबूल नामा नही भी आता तो यह बात तो जग जातिहर ही ह ैतिक कांग्रेस और आम आदमी पार्टी�, दोनो का एक ही मकसद है और इस मकसद को हालिसल करने के लिलये दोनो ही पार्टिर्टीhयाँ एक दूसरे का भरपूर सहयोग कर रही हैं.

  जो लोग आज केजरीवाल के समथ6क हैं,कमोबेश यही लोग तेजपाल के भी समथ6क थे और उसके हर जायज़ नाज़ायज़ खुलासे पर तालिलयाँ पीर्टीा करते थे ! यह बाद मे मालूम पड़ा तिक तेजपाल खुलासे कम "नौरं्टीकी" ज्यादा कर रहा था और जब उसका अपना खुलासा हुआ तो सबसे पहले उसके मंुह से यही आवाज़ आई-"यह सब भाजपा की साजिज़श ह ै !" यातिन तिक मोदी या भाजपा ने उससे कहा था तिक तेजपाल जी जाओ और अपनी मतिहला सहकम� के साथ दुष्कम6 करो ! केजरीवाल जी भी कांग्रेस का सारा तिवरोध भूलकर आजकल लिसफ6 भाजपा और मोदी को तिनशाने पर लिलये हुये है- बाकी के राजनीतितक दलों की आलोचना भी केजरीवाल जी इसलिलये नही करते क्योंतिक वह सभी राजनीतितक दल संख्याबल पूरा ना होने पर कांग्रेस सरकार की कभी अंदर से तो कभी बाहर से मदद करते है ! कांग्रेस के खिखलाफ तो केजरीवाल जी कभी कभार शमा6 शम� कुछ थोड़ा बहुत बोलकर अपनी औपचारिरकता पूरी करने का नार्टीक भी बड़ी मुस्तिvकल से कर पा रहे हैं. केजरीवाल जी को तेजपाल बनने मे तिकतनी सफलता यिमलेगी और कब यिमलेगी और वह मोदी का कब,तिकतना और कैसे रास्ता रोके पायेंगे, यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा !

मोदी से 7 ती!े सवाल !

मोदी से लोग पहले भी बहुत सवाल कर चुके हैं- आजकल आम आदमी पाP| को भी मोदी से सवाल करने का चस्का लग ग�ा है ! ठीक भी है, अब दिदल्ली का काम काज़ तो दे!ना नही है, वक़्त गुजारने के शिल�े सबके पास कुछ ना कुछ काम तो होना ही चाकिह�े- सो मोदी से सवाल पूछ पूछकर ही अपना वक़्त काPते रहो !

सवाल पूछने की इसशिल�े भी जल्दी रहती है किक किपछले 65 सालों से जुबां पर ताले पडे़ हु�े थे- इसशिल�े जो सवाल किपछले 65 सालों मे नही पूछ पा�े वह फPाफP मोदी से  पूछ शिल�े जाए-ं कहीं ऐसा ना हो किक कल को हमारे ना चाहते हु�े भी मोदी जी प्र>ानमंत्री की कुस� पर बैठ जाएं और किफर मामला उल्Pा पD जा�े और मोदी जी हम लोगों से ही सवाल पूछने शुरु कर दे और 65 सालों मे हम लोगों ने जो भ�ंकर दुष्कमX किक�े है, उनका किहसाब किकताब ना चाहते हु�े भी देना पD जा�े !क्�ोंकिक सवाल पूछने का मौसम चल रहा है इसशिल�े हमने सोचा किक हम भी एक दो सवाल मोदी जी से कर ही Dालें ! हमारे मोदी जी से �ह सवाल हैं : 1. प्र>ानमंत्री बनने के बाद उन लोगों के शिल�े किकस प्रकार के दंD का प्राव>ान किक�ा जा�ेगा जो लोग "देशद्रोह" नामक वस्तु को "सेकुलरिरज्म" कहकर किपछले 65 सालों से अपनी दुकानदारी चला रहे हैं ? 2. ऐसे तथाकशिथत राजनीकितक दलों के खि!लाफ कौन सा कानून बना�ा जा�ेगा जो ज्�ादातर सम� चुनावों मे एक दूसरे के किवरो>ी होने की नौPंकी कर करके जनता को बेबकूफ बनाते रहते है और चुनावों से ठीक पहले इकट्ठा होकर उस अनैकितक जमावडे़ को कभी "थDX फं्रP" �ा किफर कभी "तीसरे मोचy" का नाम देकर जनता को एक बार किफर से बरगलाने की नाकाम कोशिशश करते हैं ? 3. ऐसे तथाकशिथत राजनेताओं को किकतने सम� मे फांसी की सज़ा दी जा�ेगी जो  जब दे!ो आतंकवादिद�ों, देशद्रोकिह�ों और अलगाववादिद�ों की वकालत करते रहते हैं ? 4. ऐसे लोगों के रामलीला मैदान मे किकतने कोडे़ लगा�े जा�ेंगे जो जनता से "भ्रsाचार मुY " शासन का वादा करते है, और सत्ता को पाने के शिल�े !ुद "भ्रsाचार �ुY" शासन मे शिलप्त हो जाते हैं ? 5. ऐसे लोगों का क्�ा हश्र किक�ा जा�ेगा जो कश्मीर को जनमत संग्रह के आ>ार पर पाकिकस्तान को सौंपने की वकालत करते हैं ? 

6. ऐसे लोगों को किकतने साल की सज़ा सुनाई जा�ेगी जो कांगे्रस के भ्रsाचार  और जबरदस्त किनकम्मेपन से लोगों का ध्�ान बँPाने के शिल�े रोज रोज तरह तरह की "नौPंकी" करके जनता  और मीकिD�ा का ध्�ान अपनी तरफ !ींचकर र!त ेहै ताकिक लोग 60 साल मे किक�े ग�े दुष्कमx को पूरी तरह भूल जाए ंऔर इनकी प्रा�ोजिजत नौPंकी दे! दे!कर ताशिल�ाँ पीPत ेरहें ?

 7. आपके प्र>ान मंत्री बनने के बाद जो "सेक्�ुलर " लोग इस देश को छोड़ना चाहें, उन्हे देश छोड़ने की इज़ाज़त किकतने दिदनो मे दे जा�ेगी ताकिक वे लोग दूसरे देशों मे जाकर अपना प्र>ानमंत्री �ा राष्ट्रपकित बनने का सपना साकार कर सकें ? ऐसी उम्मीद की जाती है किक अगर मोदी जी ने इन 7 सवालों के जबाब दे दिद�े तो उनसे बाकी के लोग सवाल पूछना अपने आप ही बंद कर देंगे 

नरेन्द्र मोदी के नाम !ुला !त !

आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी, 

इस समय पूरे देश मे भाजपा की और खुद आपकी जबरदस्त लहर चल रही है- इसमे कोई दो राय नही है ! आपका प्रधानमंत्री बनना भी पूरी तरह तय है. लल्लू,नीतीश,ममता,माया,मुलायम, राहुल,सोतिनया और केजरीवाल जैसे लोगों के बस की यह बात नही है तिक आपको प्रधानमंत्री बनने से रोक सके ! लेतिकन आपकी अपनी ही पार्टी� द्वारा तिकये गये कुछ बेहद गलत फैसले आपके इस प्रधानमंत्री बनने की हकीकत को कभी ना पूरा होने वाले सपने मे तब्दील कर सकते है. अभी हाल ही मे तिबहार मे पासवान की लोक जनशलिक्त पार्टी� के साथ तिकया गया गठबंधन और तयिमलनाAु मे Aी एम के के करुणातिनलिध से बढ़ती नज़दीतिकयाँ तिनशिaत रूप से ऐसे गलत कदम हैं, जो भाजपा के अचे्छ खासे चलते हुये तिवजय रथ को रोकने के लिलये पया6प्त हैं. ऐसी नरतिपशाची शलिक्तयाँ जिजनका भाजपा को हर हाल मे तिवरोध करना चातिहये, उन्ही के साथ गठबंधन करने का मतलब यही होगा तिक जिजतनी सीर्टीों पर इन पार्टिर्टीhयों के लोग खडे़ होंग,े उतनी सीरे्टी तो सीधे सीधे अपने 273 की संख्या मे से घर्टीाकर चलना ही ठीक होगा ,क्योंतिक जहां जहां भी इन लोगों के गुAें,Aाकू,बलात्कारी,हत्यारे,देशद्रोही और भ्रष्ट उम्मीदवार खडे़ होंगे, उन सबकी जमानत जब्त होनी लगभग तय है ! अगर भाजपा इन्ही सीर्टीों पर अपने साफ सुथरी छतिव वाले उम्मीदवार खडे़ करे, तभी यह संभव होगा तिक वह सीर्टीें भाजपा के खाते मे जुड़ पाए ँऔर 273 का आंकड़ा पूरा हो सके ! इस बात को तिबल्कुल भी हल्के मे लेने की जरूरत नही है-समय बदल चुका है और लोग अब इस बात के लिलये शायद तिबल्कुल भी तैयार नही हैं तिक खराब छतिव वाले गुंAे,Aाकू,बलात्कारी,हत्यारे और पूरी तरह से भ्रष्ट लोग संसद मे पहुंचकर 125 करोड़ लोगों के ऊपर राज करें ! आप अपनी पार्टी� मे तो यह सुतिनशिaत कर सकते ह ै तिक साफ सुथरी छतिव के ऐसे उम्मीदवार खडे़ तिकये जाए ंजिजनके ऊपर इस तरह के संगीन आरोप ना हों, लेतिकन अगर इस बात की उम्मीद पासवान और करुणातिनलिध से करेंगे तो यह असंभव काय6 होगा क्योंतिक इन जैसी पार्टिर्टीhयों मे तो लिसफ6 और लिसफ6 इसी तरह के उम्मीदवार उपलब्ध हैं ! इस बार र्टीक्कर कांरे्टी की होगी और 273 का संख्याबल पूरा करने के लिलये लोकसभा की एक एक सीर्टी की मारामारी होगी ! ऐसी स्थिस्थतित मे जानबूझकर ऐसी पार्टिर्टीhयों से गठबंधन अपने पैरों मे खुद कुल्हाड़ी मारने जैसा ही ह ै! इन पार्टिर्टीhयों से अगर गठबंधन जारी रहता है तो उसके दो बडे़ नुकसान होंगे-पहला तो यही तिक जिजतनी सीर्टीों पर यह लोग लAेंगे, जमानत जब्त कराकर हारेंगे और 273 के संख्याबल मे सीधा सीधा नुकसान पहुंचाएगंे ! दूसरा अपरोक्ष नुकसान यह होगा तिक अगर इन जन तिवरोधी और देश तिवरोधी शलिक्तयों के साथ गठबंधन कर लिलया तो उसका असर भाजपा के बाकी उम्मीदवारों की सीर्टीों पर भी पA सकता है- आप खुद भी सहमत होंगे तिक यह असर अच्छा तो होगा नही ! यह देश तो आपको प्रधान मंत्री बनाने के लिलये तैयार ह,ैअब यह आपको तय करना है तिक आपकी उसके लिलये तिकतनी तैयारी है और इन नरतिपशाची शलिक्तयों को आप भाजपा से तिकतना दूर रख पाते हैं ! ऐसे लोगों के साथ गठबंधन के बाबजूद अगर आप प्रधान मंत्री बन गये तो यह तिकसी चमत्कार से कम नही होगा !

मीकिD�ा अPेंशन पाने के शिल�े किक�े ज़ा रहे हैं मोदी पर हमले ?

कुछ सम� पहले मैने एक ब्लॉग शिल!ा था किक-"क्या मोदी दिर्टीक पायेंगे केजरीवाल के सामने ?"  केजरीवाल जी ने लगता है मेरे उस ले! को काफी गंभीरता से ले शिल�ा है और उस दिदन के बाद से वह लगातार कुछ ना कुछ ऐसा कारनामा अंज़ाम देने की किmराC मे रहते है किक जो भी हो, मुझे जैसे तैसे करके एक बार प्र>ान मंत्री जरूर बनना है-उसके बाद वह सरकार 49 दिदनो तक चले , 49 घंPों तक  चले �ा किफर 49 यिमनP चलकर ही अपना दम तोD दे-इससे मेरा कोई सरोकार नही है क्�ोंकिक देश मे चुनाव आ�ोग !ाली बैठा हुआ है सो दुबारा चुनाव हो जा�ेंगे और दुबारा चुनाव होने पर जो !चाX होगा वह कौन सा मेरी जेब से जा रहा है- जिजन लोगों को बरगला बरगलाकर मैं वोP बPोरने की नाकाम कोशिशश मे लगा हँू, इन्ही के दिद�े ग�े Pॅक्स के पैसे से मध्�ावयि> चुनाव भी लD शिल�े जा�ेंगे- हमारा तो शुरु से ही �ही कहना रहा है किक हम सब "मरे किपPे कुचले हु�े आम-आदमी" हैं और हमारे पास !ोने के शिल�े कुछ भी नही है- अगर कोई !ो�ेगा तो जनता !ो�ेगी-हम लोग दरअसल उसूलों के बहुत ज्�ादा पक्के हैं और एक ही उसूल पर चल रहे है -"अपना काम बनता -भाD मे जा�े जनता !" जनता को तो और राजनीकितक पार्टिPं�ाँ भी किपछले 65 सालों से बरगला ही रही हैं- थोड़ा केजरीवाल जी भी बरगला लेंगे तो किकसी का क्�ा किबगड़ जा�ेगा- अगर केजरीवाल जी देशद्रोकिह�ों,माओवादिद�ों,आतंकवादिद�ों और अलगाववादिद�ों की मदद से दो चार घंPे के शिल�े भी प्र>ान मंत्री बन सके और दिPक कर एक आ> काम भी किनपPाने का नाPक कर सके, तो कम से कम वह इस स्थिस्थकित मे तो होंगे किक अपने घर के आगे-"पूवX प्र>ान मंत्री" की तख्ती Pांग सकें ! भाजपा को छोड़कर बाकी सभी दलों मे अपनी स्वीका�Xता बढ़वाने की गरज से केजरीवाल जी ने  "भ्रsाचार" के मुदे्द को भी पीछे कर दिद�ा और �ह वYव्य देकर सवXसा>ारण मे हiX की लहर पहँुचा दी किक "सबसे बड़ा मुद्दा भ्रsाचार नही है, सबसे बड़ा मुद्दा तो "साम्प्रदायि�कता" है ! " ठीक भी है, केजरीवाल जी ने पूरी ईमानदारी के साथ �ह स्वीकार कर

शिल�ा किक उनका राजनीकितक किवरो>ी शिसफX और शिसफX एक है-"मोदी और भाजपा " -बाकी सभी लोग जो किपछले 65 सालों से देश को लूP रहे है-वे सब तो उनके लंगोदिP�ा �ार हैं ! �ह मामूली सी बात शा�द लोग समझ नही पा रहे है और वेवजह केजरीवाल का किवरो> किक�े जा रहे है- चौ>री चरण चिसंह,चंद्रशे!र,देव गौड़ा आदिद किकतने ही महान लोग इसी "शॉPX कP" के जरिर�े प्र>ानमंत्री बन कर इस देश और उसकी जनता को >न्� कर चुके है-अगर आदरणी� केजरीवाल जी ने भी कुछ ऐसा ही सोच र!ा है, तो उस पर भाजपा �ा किफर मोदी को ऐतराज क्�ों है ? लालू,नीतीश,मा�ा,ममता,मुला�म,राहुल,सोकिन�ा और अपने वामपंथी भाईओं को भी केजरीवाल के इस दिदवास्वप्न पर कोई ऐतराज नही है-शा�द अब उमर अब्दुल्ला,mारूC अब्दुल्ला और पाकिकस्तान को भी ना हो क्�ोंकिक अब तो केजरीवाल जी ने "सेकुलरिरज्म" मे पी एच Dी करके उत्तर प्रदेश की एक �ूकिनवर्सिसPंी मे "पाकिकस्तान जिजं़दाबाद" के नारे लगाने वाले 67 देशद्रोकिह�ों के !ुलकर समथXन मे आकर अपने शिल�े भारत के साथ साथ पाकिकस्तान मे भी  पी एम की जगह पक्की कर ली है ! पाकिकस्तान मे तो वैसे भी अस्थिस्थर सरकारों का ही माहौल रहता है, वहा अपने केजरीवाल जी का स्Pाइल एक दम किहP हो जा�ेगा- जब तक मन मे आ�े काम करो, जब कुछ ना हो सके तो सारा ठीकरा भाजपा के ऊपर फोड़कर, जनता के !चy पर अगले चुनाव की तै�ारी मे लग जाओ ! वैसे केजरीवाल जी की तो इसमे कोई गलती नही है-वे तो एकदम सही जा रहे है और ऐसे ही चलते रहे तो वे एक ना एक दिदन भारत के नही तो किकसी दुश्मन देश के प्र>ानमंत्री जरूर बन जा�ेंगे और अपने साथ अपने देशद्रोही,अलगाववादी,माओवादी और आतंकवादी समथXकों को भी  वहीं ले जा�ेंगे! हाल ही मे पाकिकस्तान मे आम आदमी पाP| की स्थापना शा�द इसी मदे्दनज़र की ग�ी है ! केजरीवाल जी के एक पुराने साथी और पाP| के सह-संस्थापक आभि�नी उपाध्�ा� जी ने केजरीवाल के ही स्Pाइल मे उन्हे 20 सवालों का पन्ना पकड़ा दिद�ा है-उसमे मुख्� रूप से सवाल �ह किक�े ग�े है किक आदरणी� केजरीवाल जी, कांगे्रस पाP| और उसके करप्शन के खि!लाफ आपकी जबान पथरा क्�ों जाती है -और �ह नक्सशिल�ों,माओवादिद�ों,देशद्रोकिह�ों और आतंकवादिद�ों को लोकसभा के दिPकP बांPकर क्�ा साकिबत करना चाहते हो ? अपने इस जीवन मे केजरीवाल �ा किफर उनके कोई समथXक इन सवालों का जबाब दे पा�ेंगे, इसकी संभावना तो लगभग ना के बराबर है क्�ोंकिक !ुद केजरीवाल और इनके सारे समथXकों ने आम आदमी पाP| को मोदी के खि!लाफ दुष्प्रचार की मशीन बना शिल�ा है ! केजरीवाल के चेहरे पर उDती हुई हवाइ�ां और दिदलचस्प बौ!लाहP का शिसफX एक ही कारण नज़र आता है किक पूरे देश मे मोदी से ज्�ादा लोककिप्र� व्यशिY इस सम� कोई है नही और केजरीवाल जी को तो प़ूरे देश की जनता तभी जान पा�ेगी जब वे मोदी नाम की 24 घंPे माला का जाप करते रहेंगे !मोदी नाम की माला जपने से ही 24 घंPे का गारंPीD मीकिD�ा अPेंशन यिमल सकता है ! मोदी को PारगेP करने की नी�त से कुछ स्टिस्Pंग भी "मीकिD�ा सैटिPंग" के जरिर�े बनबा�े जा रहे है, लेकिकन �हाँ भी हड़बड़ी इन्हे !ुद को ही ले Dूबी-उस हड़बड़ी मे एक स्टिस्Pंग अपना भी बन ग�ा और इससे पहले किक मोदी के फज़� स्टिस्Pंग आते, इनका अपना असली स्टिस्Pंग जनता के सामने आ ग�ा ! जल्द काम शैतान का होता है, �ह तो हमने सुना भर था-अब दे! भी शिल�ा ! लगता है Dर से थर थर कांप रहे केजरीवाल जी को मोदी नाम की अनवरत माला जपनी पडे़गी-पर �ह बात तो उनके समथXकों को कुछ हज़म होगी नही-शिलहाज़ा इनके अं> समथXकों की आत्मा की शान्ती के शिल�े �ही शिल!ना पडे़गा किक मोदी केजरीवाल से Dर ग�े हैं और मीकिD�ा का अPेंशन पाने के शिल�े वेवजह ही केजरीवाल जी को PारगेP कर रहे हैं.

पी एम पद की दौड़ मे मोदी किकस नंबर पर ?

आजकल रे्टीलीतिवजन पर "कौन बनेगा प्रधानमंत्री ?" नाम से खूब काय6क्रम दिदखाये जा रहे हैं-ठीक भी है जब लोकसभा चुनाव सर पर हों और हर ऐरे गैरे नतू्थ खैरे को पी एम बनने के सपने दिदन दहाडे़ आ रहे हों,तो इस तरह के प्रोग्राम अगर रे्टीलेतिवजन पर 24 घंरे्टी भी दिदखाये जाए,ं तो उसमे मेरे तिहसाब से कोई हज़6 नही है ! जनता को यह जानने का पूरा हक है तिक उनके देश का प्रधानमंत्री कैसा और तिकस पार्टी� से होना चातिहये ! तिपछले लगभग 66 सालों से हमारे देश मे "सेकुलरिरज्म" के नाम पर जो देश तिवरोधी और जन तिवरोधी माहौल बनाया जा रहा है और जिजसका मीतिAया अपनी पूरी जी जान से मेहनत लगा लगाकर प्रचार कर रहा है, उसके चलते आम राय यही बन रही है तिक हमारा देश एक धम6 तिनरपेक्ष देश ह ैऔर उसका प्रधानमंत्री भी तिकसी बहुत बडे़ "धम6तिनरपेक्ष" नेता (मीतिAया की जुबान मे "सेक्युलर" नेता) को बनना चातिहये ! अब हमारे यहाँ कौन कौन से नेता ऐसे हैं जो इस "सेकुलरिरज्म" की कसौर्टीी पर पूरी तरह से खरे उतरते ह,ै उनकी लिलस्र्टी पर भी गौर कर लिलया जाये : 1. सभी मोच� पर बुरी तरह मार खाकर तिपछड़ रहे राहुल गाँधी इस कसौर्टीी पर पूरी तरह खरे उतरते हैं और उन्ह े100 मे से 100 अंक दिदये जा सकते है- इनकी पार्टी� मे ऐसे ऐसे दिदग्गज नेता रह चुके है जिजन्होने देश की आन बान शान की रक्षा के लिलये श्री हातिफ़ज़ सईद और श्री ओसामा तिबन लादेन जी जैसे देशभक्तों की शान मे कभी कोई गुस्ताखी नही की- इनकी सरकार के गृह मंत्री पहले ही इस तरह के आदेश जारी कर चुके हैं तिक अल्पसंख्यक समुदाय के तिकसी भी तिनदwष व्यलिक्त को तिगरफ्तार ना तिकया जाये( जैसे तिक कोई तिनदwष है या दोषी इसका फैसला करना अदालत का नही,पुलिलस का काम है) -लिलहाज़ा कांग्रेस पार्टी� का "सेकुलरिरज्म" के मामले मे बड़ा ही गौरवशाली इतितहास रहा है और इसलिलये इनकी पार्टी� के राहुल गाँधी जी पी एम बनने के लिलये सबसे प्रबल"सेक्युलर" दावेदार हैं. 2.दिदल्ली मे 49 दिदनो मे सरकार चलाकर पू़रे देश की जनता को भ्रष्टाचार से पूरी तरह तिनज़ात दिदलाने वाले अरतिवन्द केजरीवाल इस दौड़ मे दूसरे नंबर पर आते है! केजरीवाल जी यह समझते हैं तिक शीला दीशिक्षत के गवन6र बनने के साथ ही भ्रष्टाचार इस देश से पूरी तरह समाप्त हो चुका है- इसलिलये उन्होने भी अब अपने आपको पूरी तरह से "सेक्युलर" घोतिषत कर दिदया है- इस कोशिशश मे तिक "सेकुलरिरज्म" मे उन्ह ेतिकसी दूसरे नेता से कम करके न आंक लिलया जाये उन्होने बहुत सारे "सेक्युलर" लोगों की अपनी पार्टी� मे भरती कर Aाली है-अभी हाल ही मे मेरठ की एक यूतिनवर्सिसhर्टीी मे 67 देशद्रोतिहयों के खुलकर समथ6न मे आने के बाद उन्होने यह भी सातिबत कर दिदया तिक "सेकुलरिरज्म" के मामले मे वे उमर अब्दुल्ला और मुलायम सिसhह यादव से तिबल्कुल भी पीछे नही है, बस्तिल्क दो कदम आगे ही हैं- "मोदी" का 24 घंरे्टी तिकया जाने वाला तिवरोध करना उनकी अतितरिरक्त योग्यता ही समझी जानी चातिहये 3. इन दोनो के अलावा जो और "सेक्युलर" उम्मीदवार पी एम बनने की दौड़ मे शायिमल हैं, उनमे जेल मे चक्की पीस कर कुछ दिदनो के लिलये बाहर आये लल्लू यादव,मुलायम सिसhह,मायावती,ममता और नीतीश जैसे बडे़ नेताओं के नाम शायिमल हैं ! इन्होने "सेकुलरिरज्म" के के्षत्र मे जो योगदान दिदया है उसके बारे मे कुछ भी कहना सूरज को दिदया दिदखाने जैसा ही है ! राष्ट्रवादी सोच और तिवचारधारा वाले मोदी जैसे नेता जो यह चाहते हों तिक देश का भी तिवकास हो और देश मे रहने वाला हर व्यलिक्त भी खुशहाल हो (चाहे वह तिकसी भी धम6,सम्प्रदाय या जातित का हो)- अगर ऐसा कोई नेता हुआ तो उसे "सेक्युलर" नही माना जायेगा और उसे पी एम बनने से रोकने की हर संभव कोशिशश इन "सेक्युलर" नेताओं के द्वारा की जायेगी ! 

रोक नही सकता अब कोई मोदी की सरकार ! ============================देशद्रोतिहयों  पर अब  होगी कोAों की बौछार !क्योंतिक अब आने वाली है मोदी की सरकार !! मोदी-तिवरोलिधयों की अब पडे़गी जमकर मार !आयेगी  जब अबकी  बार मोदी की सरकार !! चीन और पातिकस्तान मे- मचा है हाहाकार !आने वाली है क्योंतिक अब, मोदी की सरकार !! नही  फैलने  पायेगा अब  आगे  भ्रष्टाचार !आखिखर अब तो आयेगी ही मोदी की सरकार !! जातित-धम6 की राजनीतित का होगा बंर्टीाधार !जब आयेगी  देश  मे मोदी  की  सरकार !! हर हाथ को काम यिमलेगा, तिनब6ल को अलिधकार !आने  ही वाली है  अब तो मोदी की सरकार !! राम-रहीम, vयाम-सलीम-सबकी यही पुकार !अब तो बस आ  जाने दो मोदी  की सरकार !! झेल चुके 66 सालों से  व्यापक अत्याचार !जल्दी ही आ जाये अब तो मोदी की सरकार !! गद्दारों जिजतना मज़� तुम कर लो दुष्प्रचार !रोक नही सकता अब कोई मोदी की सरकार !! देश छोड़कर भाग जायेंगे, सबके सब गद्दार !जैसे ही बनने को होगी मोदी की सरकार !!==========================

किकसके इशारे पर किक�े ज़ा रहे हैं मोदी पर हमले ?

नरेन्द्र मोदी के खिखलाफ कुछ देश तिवरोधी ताकतों द्वारा तिपछले लगभग 12 सालों से जिजस तरह का दुष्प्रचार तिकया जा रहा ह ैउसका कारण 2002 मे गुजरात मे हुये दंगे नही है. अगर दंगों की वजह से ही यह दुष्प्रचार हो रहा होता तो तिफर यह दुष्प्रचार बाकी सभी राजनीतितक दलों के लगभग सभी नेताओं के खिखलाफ भी तिकया जाता क्योंतिक ऐसा कोई भी राजनीतितक दल नही है जिजसकी सरकार मे दंगे नही हुये हों और शायद ही तिकसी पार्टी� का कोई ऐसा नेता होगा जो दंगों के लिलये दोषी ना हो ! फक6 यही है तिक दुष्प्रचार के चलते मोदी जैसे नेता के खिखलाफ दुतिनया भर के झूठे मुकदमे दायर कर दिदये जाते हैं और सुप्रीम कोर्टी6 से बार बार क्लीन लिचर्टी यिमलने के बाबजूद यह दुष्प्रचार और देशद्रोतिहयों द्वारा तिकये जा रहे हमले बंद नही होते जबतिक मुज़फ़्फरनगर दंगों के लिलये आज तक ना तो तिकसी ने अखिखलेश यादव और ना ही आज़म ख़ान की तिगरफ्तारी की मांग की है और ना ही 1984 के

देशव्यापी दंगों के लिलये तिकसी ने सोतिनया गाँधी या राजीव गाँधी की तिगरफ्तारी की मांग की थी ! इन लोगों के खिखलाफ तिकसी तरह का दुष्प्रचार नही हुआ और यह लोग तब भी "सेक्युलर" थे, आज भी "सेक्युलर" हैं और शायद आगे भी "सेक्युलर" ही रहेंगे ! अमेरिरका जैसे देश ने यह कहकर मोदी को वीजा देने से मना कर दिदया तिक वह दंगों के लिलये दोषी ह-ै अगर अमेरिरका का यह बहाना ठीक होता तो अमेरिरका को भारत के बहुत सारे राजनीतितक दलों के बहुत सारे नेताओं को वीजा देने से मना करना पड़ता ! अमेरिरका दरअसल यहीं पर पकड़ा गया और उसे भी अब लगने लगा है तिक भारत मे सत्ता परिरवत6न होने वाला है अपने इस दुष्कम6 से घबराया अमेरिरका मोदी के पी एम बनने के खयाल से ही बेहद खौफ मे ह ैऔर उसी खौफ के चलते भारत मे अमेरिरकी राजदूत नेन्सी पॉवेल दुम दबाकर भाग तिनकलने की तिफ़राT मे है ! मजे की बात यह ह ैकी अमेरिरका को मुस्थिस्लम भाईओं से इतनी हमदद� कब से होने लगी तिक उसने गुजरात दंगों की वजह से मोदी को वीजा देने से मना कर दिदया!ऊपर से गुजरात दंगा भारत का आंतरिरक मामला था जिजसमे अमेरिरका को दखल देने की जरूरत भी नही थी ! दरअसल अमेरिरका मोदी से इसलिलये बेहद नाराज़ था क्योंतिक मोदी ने ईसाइओं द्वारा जबरन तिहन्दुओं के धम6 परिरवत6न पर सख्ती के साथ गुजरात मे रोक लगा दी थी और उसकी देखा देखी भाजपा शालिसत अन्य राज्यों ने भी यही सख्ती अपनानी शुरु कर दी थी ! दरअसल पू़रे देश मे हज़ारों ऐसी एन जी ओ चल रही है जिजनको फ़ोA6 फाउंAेशन जैसी अमेरिरकी संस्थाओं से अपार धन लिसफ6 इसी काम के लिलये यिमल रहा है की वे भारत मे ना लिसफ6 ईसाई धम6 का प्रचार प्रसार करें, बस्तिल्क मौका लगते ही तिहन्दुओं का धम6 परिरवत6न करने से भी बाज़ ना आयें. इन संस्थाओं को चलाने वाले तथाकलिथत समाजसेतिवयों का कोई और धंधा तो है नही लिलहाज़ा ये लोग पूरी तरह से अपने जीवन यापन के लिलये इसी अमेरिरकी सहायता पर आशिश्रत हैं-अमेरिरका के इशारे पर इन तथाकलिथत एन जी ओ और उनके चलाने वालों ने मोदी के खिखलाफ जमकर हल्ला बोल दिदया ! कांग्रेस पार्टी� और उसकी तिपछलग्गू राजनीतितक पार्टिर्टीhयों को तो मानो मंुह मांगी मुराद यिमल गयी- अमेरिरका तो तिकसी और वजह से मोदी पर हमले करवा रहा था-लेतिकन इन तथाकलिथत "सेक्युलर" लोगों का मुफ्त मे ही उल्लू सीधा हो रहा था सो यह लोग भी उस दुष्प्रचार मे बढ चढकर शायिमल हो गये ! अमेरिरकी सहायता से जो एन जी ओ चलाये जा रहे ह ैउनको चलाने मे बहुत सारे ऐसे पत्रकार भी शायिमल ह ैजो " गोबरापोस्र्टी" जैसी " दुष्प्रचार की दुकाने" चलाकर ही अपनी रोजी रोर्टीी कमा रहे है और यह लोग प्राइम र्टीाइम पर रे्टीलीतिवजन पर गला फाड़ फाड़कर मोदी के खिखलाफ अनाप शनाप बकवास करके अमेरिरका मे बैठे अपने आकाओं को अपनी वफादारी का सुबूत देते रहते हैं! कांग्रेस और उसकी तिपछलग्गू पार्टिर्टीhयों को अमेरिरका द्वारा करवाया जा रहा यह दुष्प्रचार खूब भा रहा था क्योंतिक इसके चलते यह लोग अपने आप को जबरदस्ती "सेक्युलर" सातिबत करने पर तुले हुये थे ! लेतिकन अब जब अमेरिरका को भी यह लगने लगा है तिक भारत की देशभक्त जनता अब जाग चुकी है और उसके दुष्प्रचार का अंत होने वाला ह ैतो उसे भी अपने दुष्कम� के लिलये यिमलने वाले दंA का Aर लगातार सता रहा है ! भारत मे अमेरिरकी राजदूत नेन्सी पावेल की तिवदाई को उसी दिदशा मे एक संकेत के रूप मे देखा जाना चातिहये !

मोदी हराओ - कांग्रेस बचाओ !

"केजरीलाल कांग्रेस पार्टी� "की नौरं्टीकी थमने का नाम ही नही ले रही है ! कांग्रेस के खिखलाफ भ्रष्टाचार के मुदे्द को लेकर बनाई गयी उनकी पार्टी� अब "मोदी हराओ-कांग्रेस बचाओ" के नारे लगाने लगी ह-ैकांग्रेस भी तो यही चाहती है ! तिपछले कुछ दिदनो के चुनावी भाषण अगर सुने तो यह मालूम ही नही पडे़गा तिक बोलने वाला केजरीलाल है या राहुल गाँधी क्योंतिक अब दोनो के मुदे्द एक ही हो गये है ! ऊपर से इन लोगों ने इस नौरं्टीकी को रचाने की भरपूर कोशिशस की तिक यह दो अलग अलग राजनीतितक पार्टिर्टीhयाँ लगें, लेतिकन इनकी पोल पट्टी जल्दी ही खुल कर जनता के सामने आ गयी ! कांग्रेस सरकार ने तिपछले 60 सालों मे और खासकर तिपछले 10 सालों मे जिजस तरह से अरबों खरबों के भ्रष्टाचार और घोर्टीाले तिकये है, उससे कांग्रेलिसयों को यह पूरी तरह अंदेशा हो गया था तिक भ्रष्टाचार एक बहुत बड़ा मुददा इन चुनावों मे बनने वाला ह ै! लोगों को बेबकूफ बनाकर ,कभी देश को धम6 के नाम पर कभी जातित के नाम पर बांर्टीकर सत्ता मे बने रहने का कांग्रेस के पास बहुत लम्बा अनुभव है ! इनके सलाहकारों की नींद उड़ी हुई थी तिक जिजस तरह से हम लोगों ने घोर्टीाले तिकये है उनके चलते कांग्रेलिसयों को अपनी जमानत बचानी भी मुस्तिvकल पA जायेगी ! भ्रष्टाचार , कुशासन और मंहगाई से बेहद परेशान लोग सत्ता तिवरोधी लहर मे भाजपा को ही चुनेंगे यह तो इन कांग्रेलिसयों को अच्छी तरह मालूम था ! सत्ता तिवरोधी लहर भ्रष्टाचार के खिखलाफ बन चुकी ह,ै इस बात से सभी कांग्रेसी अच्छी तरह वातिकफ थे- यह भी इन लोगों को मालूम था तिक देश मे दूसरी बड़ी राष् ट्रीय पार्टी� भाजपा को इसका सबसे अलिधक फायदा यिमलेगा और भाजपा की सरकार बनने से कोई नही रोक पायेगा ! लेतिकन रोकने की कोशिशस भी अगर नही की तो तिफर इन्हे कांग्रेसी कौन कहेगा? अब इन्हे लिसफ6 इतना इंतज़ाम करना था तिक भ्रष्टाचार के नाम पर जो सत्ता तिवरोधी लहर बनी है, उसकी वजह से जो वोर्टी पडे़, वे भाजपा की जगह तिकसी और पार्टी� को यिमल जाए-ं लेतिकन भाजपा को छोड़कर और पार्टिर्टीhयाँ तो पहले ही भ्रष्टाचार मे फसी हुई थी और कांग्रेस उन्ह ेसी बी आई का AंAा दिदखा दिदखाकर अपनी अल्पमत सरकार के लिलये समथ6न जुर्टीा रही थी ! सो फैसला यह तिकया गया तिक तिकसी नयी नवेली राजनीतितक पार्टी� का चुनाव आयोग मे फर्टीाफर्टी पंजीकरण कराया जाये और वह पार्टी� अपनी राजनीतितक शुरुआत भ्रष्टाचार के मुददे से ही करे तातिक कांग्रेस के खिखलाफ जो लहर भ्रष्टाचार की वजह से बनी है, उसका फायदा भाजपा के साथ साथ उस पार्टी� को भी यिमल सकेऔर सत्ता तिवरोधी वोर्टी बंर्टी जाए ंऔर कुल यिमलाकर सूरते हाल ऐसे बन जाये जिजसमे या तो जोड़ तोA करके कांग्रेस तिफर तीसरी बार सत्ता मे आ जाये और जनता को लूर्टीना शुरु कर दे या तिफर देश मे दिदल्ली तिवधानसभा जैसी हालत बना दी जाये तातिक तिफर से चुनाव हों और तिफर कांग्रेस को जोड़ तोA करने का कुछ मौका यिमल जाये ! अपने केजरीलाल महाराज को तो इस तरह के पाखंA मे और दूसरों पर बेबुतिनयाद आरोप लगाने मे बड़ी महारत हालिसल है सो इन्होने "उल्र्टीा चोर कोतवाल को Aाँरे्टी" की तज़6 पर "कांग्रेस" की वजाय भाजपा और मोदी पर ही तिनशाना साधना शुरु कर दिदया-क्योंतिक मोदी के खिखलाफ कोई भ्रष्टाचार का मामला इन पाख}Aीलाल को ढंूढने से भी नही यिमल रहा तो इन्होंने अपने बेसुरे राग मे "मोदी हराओ -कांग्रेस बचाओ" का नारा लगाना शुरु कर दिदया क्योंतिक इन्हे खुद तो सरकार बनानी नही है-इन्हे इस बात का ठेका यिमला हुआ है तिक सत्ता तिवरोधी लहर मे से वोर्टीो का जिजतना भी प्रतितशत तुम्हारी पार्टी� कार्टीकर भाजपा के खाते मे जाने से बचा पायेगी-वही तुम्हारी सफलता का पैमाना होगा और तुम्हारी आगे की तरक्की उसी को देखकर की जायेगी ! अब इस ठेकेदारी के काम मे हमारे केजरीलाल महाराज तिकतने कामयाब होंगे यह तो 16 माई को ही मालूम पA पायेगा !

मोदी को हराने की पाकिकस्तानी साजिज़श का पदाXफाश !

हाल ही मे पाकिकस्तान से लौPे श्र�ालुओं के एक दल ने �ह बता�ा है किक जब वे पाकिकस्तान मे थे तो पाकिकस्तान की सरकार के प्रवYा ने एक अयि>कारिरक ब�ान जारी करके नरेन्द मोदी को हराने की अपील की है और सबसे �ह भी अपील की है किक वे भारत वापस जाकर अपने जानकारों को भी इस बात के शिल�े प्रेरिरत करें किक वे मोदी को हराने मे पाकिकस्तान की मदद करें ! इस !बर को पढने सुनने के बाद कुछ लोग �ह सोच रहे होंगे किक पाकिकस्तान को हमारे अंदरूनी मामलों मे द!ल देने की आखि!र क्�ा जरूरत आ पड़ी ! हमारे अपने ही देश मे किपछले 12 सालों से मोदी के खि!लाफ दुष्प्रचार करने वालों की कोई कमी थोडे़ ही है-लल्लू से लेकर नीतीश तक, मा�ा से लेकर मुला�म तक,सोकिन�ा-राहुल से लेकर मनमोहन-किप्र�ंका तक, सब �ही तो कह रहे है जो पाकिकस्तान ने अब कहा है-उसने कौन सी न�ी बात कह दी है जो इतना हंगामा !ड़ा हो ग�ा है ! ममता,ज�लशिलता,केजरीवाल,उमर अब्दुल्ला और अखि!लेश �ादव भी तो छाती पीP पीP कर �ही किवलाप किक�े जा रहे है किC कुछ भी कर लो, लेकिकन मोदी को हराओ ! और तो और कुछ देशद्रोही लोग, जिजन्होने "सेकुलरिरज्म" का नकली चोला पहना हुआ है, वह भी दिदन रात इसी बात की रP लगा�े हु�े है किक मोदी को हराओ ताकिक पाकिकस्तान मे बैठे हमारे आका !ुश होते रहें ! पाकिकस्तान ने वहा भारती�ों से मोदी को हराने की जो अपील की, उसमे ना तो कुछ न�ा है और ना ही कुछ चौंकाने वाला है-पाकिकस्तान दरअसल एक आतंकवादी देश है और भारत मे आतंकवाद का मुफ्त मे किन�ाXत करने के शिल�े जाना जाता है- उसे अच्छी तरह मालूम है किक उसका �ह "आतंकवाद के किन�ाXत" का >ं>ा अब बंद होने वाला है क्�ोंकिक भारत के स्वघोकिiत "सेक्�ुलर" लोग तो मोदी को रोक नही पा�े है और उसकी जीत लगभग त� मानी जा रही है ! भारती� "सेक्�ुलर" लोगों की जबरदस्त नाकामी को दे!त ेहु�े, पाकिकस्तान ने अपनी तरफ से मोदी को रोकने की एक ईमानदार कोशिशश की है ! पाकिकस्तान को लगता है किक "आतंकवाद किन�ाXत" का उसका जो >ं>ा किनबाX> रूप से चल रहा है, कहीं ऐसा ना हो किक मोदी के आने से वह चौपP ही हो जा�े-सो उसने अपने >ं>े को ध्�ान मे र!ते हु�े �ह अपील की है-जिजसे किकसी भी तरह से गलत नही कहा जा सकता है ! मोदी को हराने की इस कोशिशश मे हमारे तथाकशिथत "सेक्�ुलर" लोग किकतने काम�ाब होते है और किकतनी काम�ाबी पाकिकस्तान के हाथ लगेगी, �ह तो 16 मई 2014 को ही मालूम पD पा�ेगा !

मोदी के PM बनने से कौन भ�भीत है ? आजकल लोग इस बात की नौरं्टीकी खूब करने लगे ह ै तिक नरेन्द्र मोदी के पी एम बनने से उन्हे बहुत Aर लगता है-जिजन लोगों को चीन और पातिकस्तान के हमलों से ड़र नही लगा और तिपछले 60 सालों से देश के लगातार लुर्टीने से Aर नही लगा, उन्ह ेभी बैठे- तिबठाये मोदी से Aर लगने लगा है- जो लोग इस भ्रष्टतंत्र और लूर्टीतंत्र का अब तक तिहस्सा बने हुये थे, उन्ह ेभी मोदी के पी एम बनने से Aर लगने लगा है ! कुछ स्वघोतिषत बुशि�जीतिवयों और "सेक्युलर" लोगों का तो यहाँ तक कहना है तिक उनका "मुख्य उद ्देvय" तिकसी भी कीमत पर मोदी को सत्ता से बाहर रखना है ! इसीलिलये जब हाल ही मे पातिकस्तान द्वारा मोदी को हराने के लिलये की जा रही साजिज़श का पदा6फाश हुआ तो इनमे से तिकसी भी "सेक्युलर" और "बशुि�जीवी" ने पातिकस्तान की इस बात पर चूँ तक नही की तिक एक आतंकवादी देश पातिकस्तान हमारे अंदरूनी मामलों मे दखल देने की तिहम्मत कैसे कर रहा ह-ैजातिहर है तिक पातिकस्तान को अगर हमारे तथाकलिथत "सेक्युलर" और "बुशि�जीवी" लोगों का समथ6न है, तो वह इस नापाक हरकत को अंज़ाम देने से कैसे बाज़ आ सकता है ! आइए अब जरा नज़र Aालें तिक मोदी के पी एम बनने को लेकर कौन कौन लोग भयभीत हो रहे हैं : 

1.सभी देशद्रोही,अलगाववादी और आतंकवादी स्वभातिवक रूप से मोदी के पी एम बनने के ख्याल से ही भयभीत है-में नही समझता तिक इसमे उन लोगों का कोई दोष है ! 2.  जो लोग तिपछले काफी समय से तरह तरह के दुष्कम� मे लिलप्त थे और जो यह समझते हैं तिक मोदी के पी एम बनने के बाद कानून अपना काम करेगा और उन्ह ेकड़ा दंA यिमलेगा, वे सब दुष्कम� भी काफी भयभीत हैं और बौखलाये हुये चूहों की तरह इधर उधर भाग रहे हैं ! 3. वे सभी स्वघोतिषत "सेक्युलर" और "बुशि�जीवी" जो या तो तिपछले 60 सालों से इस देश मे चल रहे "लूर्टीतंत्र" और "भ्रष्टतंत्र" का तिकसी ना तिकसी रूप मे तिहस्सा बने हुये थे और उसी के बल पर उनकी राजनीतित और जीवनयापन चल रहा था-वे भी तिनश् लिचत रूप से काफी भयभीत हैं और इन लोगों का "मुख्य उद ्देvय" मोदी को सत्ता मे आने से रोकना ह ै!  4. वे लोग भी मोदी के पी एम बनने के खयाल भर से काफी भयभीत है जिजन्होने देश के कई राज्यों मे "जंगल राज" और "गुंAा राज" की स्थापना कर रखी है ! 5.भयभीत तो वे लोग भी हैं जिजन्होने इस देश को कभी धम6 के नाम पर, कभी जातित के नाम पर और कभी सम्प्रदाय के नाम पर बांर्टीकर अपनी राजनीतितक रोदिर्टीयाँ सेंकी है ! साम्प्रदायियकता की यिघनौनी राजनीतित करने वाले ये तथाकलिथत-"सेक्युलर" लोग बेहद Aरे,घबराये और बौखलाये हुये हैं और तिकसी भी कीमत पर मोदी को रोकना चाहते हैं !

 6. चीन और पातिकस्तान जैसे देश और जिजन लोगों की दुकानदारी इन देशों के सहारे "मोदी तिवरोध" को लेकर ही चल रही ह,ै वे भी अपनी अपनी "मोदी तिवरोध" की दुकानों के बंद हो जाने को लेकर काफी भयभीत ह ै! अगर कोई व्यलिक्त या संस्था 'मोदी तिवरोध" करती हुई पकड़ी जाये तो आप फौरन यह मालूम कर सकते हैं तिक वह ऊपर लिलखे लोगों मे से तिकस केरे्टीगरी मे आती है और वह तिकस तरह का दंA यिमलने से भयभीत ह ै!

मोदी ने फेरा इनके सपनों पर पानी !

यह बात पढने या सुनने मे अजीब तो जरूर लग सकती है पर चौतरफा "मोदी-तिवरोध" की एक वजह यह भी ह ैतिक चाहे अपने आप मे एक इतितहास बन चुके वामपंथी हों या तिफर राजनीतित की नौरं्टीकी करने वाले उमर अब्दुल्ला,फारूख अब्दुल्ला,अखिखलेश यादव, केजरीवाल, लल्लू,मुलायम,नीतीश,ममता,माया,राहुल,सोतिनया और तिप्रयंका जैसे तथाकलिथत राजनेता-सभी की सबसे बड़ी समस्या आज की तारीख मे नरेन्द्र मोदी है और यह सब के सब मोदी के नाम से इस कदर आतंतिकत लगते ह,ै मानो मोदी के पी एम बनने के साथ ही यह लोग अपने-अपने सही दिठकाने पर पहुंच जायेंगे ! इस बात को और ठीक से समझने के लिलये पहले यह समझना जरूरी ह ैतिक तिपछले लगभग 60 सालों से कांग्रेस ने इस देश की सत्ता का तीन तरीकों से आनन्द लिलया है-पहला तरीका तो यह ह ैतिक कांग्रेस पार्टी� का पूण6 बहुमत आ जाये और अपनी सरकार बनाकर सारी की सारी मलाई यह खुद ही खा जाए-ं दूसरा तरीका यह ह ैतिक कांग्रेस "यू पी ए " की आड़ मे सत्ता सुख भोगती रहे-तीसरा तरीका यह है जब कांग्रेस "मरी- तिपर्टीी -कुचली" और जनता द्वारा लिधक्कारी गयी पार्टिर्टीhयों (जिजसे यह लोग तीसरा मोचा6 या थA6 फं्रर्टी कहते हैं) को बाहर से समथ6न दे और अपनी मनमानी करती रहे और जैसे ही इनकी मनमानी पर कोई आँच आये तो फौरन समथ6न वापस लेकर दुबारा चुनाव करवा दे ! देखा जाये तो इन तीनो ही हालातों मे सत्ता एक तरह से कांग्रेस के पास ही रहती है !कांग्रेस ने दिदल्ली मे भी यही प्रयोग तिकया और पहले केजरीवाल को समथ6न के बहाने और तिफर राष्ट्रपतित शासन के बहाने दिदल्ली की सत्ता अपने पास ही रखी ! अब अगर भाजपा ने चुनाव लड़ा होता और मोदी को पी एम उम्मीदवार घोतिषत नही तिकया होता तो कांग्रेस के साथ साथ बाकी की सभी पार्टिर्टीhयों को कम से कम इस बात की उम्मीद तो बंधी रहती तिक हो सकता ह ै2004 जैसे हालात बन जाए ंऔर भाजपा लोकसभा चुनाव के बाद चाहे सबसे बड़ी पार्टी� बन जाये लेतिकन बहुमत से दूर रह जाये तातिक कांग्रेस अपनी पहली, दूसरी या तिफर तीसरी केरे्टीगरी की सरकार बनाकर एक बार तिफर से पांच साल तक देश को लूर्टीने का काय6क्रम बना सके ! मोदी लहर का करिरvमा यह सभी तथाकलिथत नेता हाल ही मे हुये दिदल्ली,राजस्थान,मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनावों मे देख चुके ह-ै दिदल्ली मे कांग्रेस के साथ साथ  केजरीवाल की कैसे यिमट्टी पलीत हुई वह भी सबके सामने है जहां केजरीवाल को अपने लालच के चलते मैदान छोड़कर दुम दबाकर भागना पA गया !  यह सब बातें कांग्रेस भी जानती है और उसके यह सभी सहयोगी भी जानते है तिक अगर मोदी के नेत्रत्व मे भाजपा चुनाव लA रही है तो खंतिAत जनादेश नही आ सकता और भाजपा को पूण6 बहुमत यिमलने की प्रबल संभावना बनी रहेगी जबतिक भाजपा ने अगर मोदी की जगह तिकसी और नेता को पी एम उम्मीदवार बनाया होता तो इस बात की पूरी संभावना थी तिक वह बहुमत के आंकडे़ से कुछ पीछे रह जाती और तिफर "सेकुलरिरज्म" की आड़ मे सारे के सारे गैर-भाजपाई दल मलाई खाने के लिलये खिखचAी सरकार बनाकर देश को लूर्टीने की तिनत नयी योजनाएं बनाते !

 दरअसल कुछ पार्टिर्टीhयाँ और उनके नेता तो पूरे पांच साल तक इस बात की आस लगाये बैठे रहते ह ै तिक तिकसी तरह देश मे "खंतिAत जनादेश" आ जाये और तिफर इन" एक-एक"- "दो-दो" संसद सदस्य वाली तथाकलिथत रीजनल पार्टिर्टीhयाँ या थA6 फं्रर्टी की पार्टिर्टीhयाँ कांग्रेस सरकार बनाने के लिलये समथ6न दे और अपने लिलये भरपूर मलाई का इंतज़ाम कर लें ! मोदी के रहते क्योंतिक

"खंतिAत जनादेश" की संभावनाए ंलगभग ना के बराबर हैं, सभी की उम्मीदों पर पानी तिफर गया है और सब के सब बौखलाये हुये चूहों की तरह इधर उधर भागने को मजबूर हैं !पशिaम बंगाल, उत्तर प्रदेश और तिबहार मे जो "जंगल राज और गुन्डाराज" इन लोगों ने  फैला रखा है, उसके जारी रहने पर भी अब खतरा मँAराने लगा है !

मोदी तिवरोध मे लोगों को इतना मज़ा आने लगा है तिक हमारा तथाकलिथत तिनष्पक्ष चुनाव आयोग भी इसका मज़ा लेने मे भला क्यों पीछे रहता सो वहां भी बाकी सभी पार्टिर्टीhयों और नेताओं के सातों खून माफ करके दिदन रात मोदी तिवरोध का ही आनन्द लिलया जा रहा है ! 

मोदी की सरकार - बाकी सब लाचार !!!

राहुल,सोतिनया और तिप्रयंका-हुये सभी बेकार !मोदी  की सरकार- बाकी  सब   लाचार !!! कांग्रेस मुक्त भारत का सपना हुआ साकार !मोदी की सरकार- बाकी सब लाचार !!! "शहज़ादे" की "झाAू" भी नही चली इस बार! मोदी की सरकार- "शहज़ादा" लाचार !!!  नीतीश-लल्लू, और मुलायम खूब खाए ंफर्टीकार !मोदी की सरकार-  "नेताजी" लाचार !!! 

जेल मे चक्की पीसेगा लल्लू तिफर एक बार ! मोदी की सरकार- लल्लू तिफर लाचार !!!  माया और मुलायम को यिमली बहुत दुत्कार ! मोदी की सरकार- माया भी लाचार !!! करुणा, राजा, कानीमोज़ी-सबको है लिधक्कार !मोदी की सरकार- करुणा भी लाचार !!! उजA गया केजरीवाल का सपनो का संसारमोदी की सरकार-  "झाAू" भी लाचार !!! धारा 370 सुनकर अब्दुल्ला को चढ़ा बुखार !मोदी की सरकार- अब्दुल्ला  लाचार !!! थर-थर काँप रहा  अब्दुल्ला,भागने को तैयार ! मोदी की सरकार- सबके सब लाचार !!!

मोदी की जीत से दहशत मे है पाकिकस्तान !

भारतीय जनता पार्टी� और नरेन्द्र मोदी की ऐतितहालिसक तिवजय के चलते समूचे पातिकस्तान मे भय और दहशत का माहौल बना हुआ है ! इसमे हालांतिक हैरानी की कोई बात नही है क्योंतिक यह तो पूरी दुतिनया जानती ह ैतिक पातिकस्तान एक आतंकवादी देश ह ैऔर भारत से सीधी लड़ाई लड़ने की बजाये अपने यहाँ से आतंकवादिदयों को भारत मे भेजकर अपने नापाक मनसूबों को अंज़ाम देता रहता है ! पातिकस्तान अपनी चालबाज़ी मे अब तक इसलिलये कामयाब होता आया था क्योंतिक अब तक ज्यादातर समय भारत मे जिजन राजनीतितक दलों ने शासन तिकया, वे पातिकस्तान की इन नापाक हरकतों को "सेकुलरिरज्म" के नाम पर जान बूझ कर  नज़रअंदाज़ करते रहे और उसीके चलते पातिकस्तान के हौसले दिदन ब दिदन बुलंद होते गये ! अब पातिकस्तान को पहली बार लग रहा है तिक उसकी इन आतंकवादी हरकतों पर कसकर लगाम लगने वाली है और इसी के चलते वहां पर जबरदस्त खलबली मची हुई है ! ऐसा नही है तिक पातिकस्तान ने भाजपा और मोदी को रोकने की तिबल्कुल कोशिशश नही की ! "सेकुलरिरज्म" का नकली चोला ओढे़ हुये तिवशिभन्न राजनीतितक दल और तथाकलिथत बशुि�जीवी तिपछले 12 सालों से मोदी और भाजपा के खिखलाफ जबरदस्त यिघनौने दुष्प्रचार मे लगे हुये थे ! देश की देशभक्त और राष्ट्रवादी जनता ने इन दुष्प्रचार करने वालों के मंुह पर ऐसा तमाचा मारा है जिजसकी गूँज पातिकस्तान तक जा पहुंची है और पातिकस्तान इसीलिलये काफी तितलयिमलाया हुआ है !  "सेकुलरिरज्म" का नकली चोला पहने हुये लोगों की हालांतिक देश की जनता ने ठीक से धुनाई और ठुकाई कर दी ह ैलेतिकन यह लोग लातों के भूत है और बातों से मानते तो आज यह दिदन देखना ही नही पड़ता ! अभी भी इनसे जनता का फैसला स्वीकार नही तिकया जा रहा है और कुछ ना कुछ अनाप शनाप बकबास करके जनता के फैसले को चुनौती देने की जुर6त कर रहे हैं ! कांग्रेस के तथाकलिथत वरिरष्ठ नेता संजय तिनरूपम का हालिलया बयान जिजसमे उन्होने मोदी और भाजपा की ऐतितहालिसक जीत के पीछे EVM मशीनो मे गड़बड़ी का हाथ बताया था, ना लिसफ6 हास्यास्पद है, इस बात को भी दशा6ता है तिक तिपछले 60 सालों से क्या कांग्रेस पार्टी� भी इसी तरह के हथकंAे अपनाकर देश की सत्ता पर Tातिबज़ थी क्योंतिक जनता का जनादेश तो कभी भी इन "सेकुलरिरज्म" का ढोंग करने वालों के साथ रहा नही-तिफर यह लोग बार बार जीत कैसे रहे थे ? चुनावी धाँधलिलयों और बोगस वोटिर्टीhग के जो वीतिAयो हाल ही मे सामने आये हैं, उन्ही से इस बात की पुतिष्ट होती ह ैतिक "सेकुलरिरज्म" का पाखंA करने वाली पार्टिर्टीhयाँ अपनी हार को जीत मे तब्दील करने के लिलये तिकस हद तक  जा सकती हैं ! दूसरा यह तिक EVM  मशीने चुनाव आयोग की सख्त तिनगरानी मे होती है ! संजय तिनरूपम के इस हास्यास्पद बयान से अभी तिकसी कांग्रेसी नेता ने अपने आप को अलग नही तिकया है-यह ना लिसफ6 समूची कांग्रेस पार्टी� बस्तिल्क उनके तथाकलिथत "सेकुलरिरज्म के ढोंगी" सहयोतिगयों की घोर हताशा और तिनराशा की ओर संकेत करता है !

 देखा जाये तो भाजपा और मोदी की जीत एक सव6मान्य लोकतांतित्रक व्यवस्था के तिहसाब से हुई है और चुनाव आयोग की तिनगरानी मे हुई है ! उस जीत पर सवालिलया तिनशान उठाने वाला आदमी कोई देशभक्त और राष्ट्रवादी तो हो नही सकता-ऐसे लोग तिकसी ना तिकसी तिवदेशी ताकत के हाथों मे ही खेल रहे हैं और कानून के तिहसाब से बेहद कडे़ दंA के अलिधकारी हैं ! इन लोगों को दंA देकर जिजतनी जल्दी इन्हे अपने दिठकाने पहुँचाया जाये उतना ही देश के लिलये अच्छा होगा !

मोदी किवरोयि>�ों का मानशिसक संतुलन क्�ों किबगड़ रहा है ? लोकसभा चुनावों मे जिजस तरह से मोदी तिवरोलिधयों के मंुह पर देश की जनता ने उनके दुष्कम� के लिलये कडे़ दंA के रूप मे करारा तमाचा रसीद तिकया है, उसके चलते इन सभी लोगों का मानलिसक संतुलन पूरी तरह से गड़बड़ा गया है और यह लोग तिबना तिकसी वजह के ही अपनी छाती पीरे्टी जा रहे है ! भाजपा को देश की जनता ने जिजस तरह से पूण6 बहुमत दिदया है, उससे एक बात तो साफ हो जाती है तिक जिजन देश तिवरोधी और जन तिवरोधी ताकतों ने तिपछले काफी समय से मोदी और भाजपा के खिखलाफ मोचा6 खोला हुआ था, उनकी "सेकुलरिरज्म" की दुकाने रातों रात बंद हो गयी ह ैऔर उनके राजनीतितक भतिवष्य पर ही खतरा मँAराने लगा है ! तिबहार मे तो इतनी ज्यादा हास्यास्पद स्थिस्थतित पैदा हो गयी है तिक नीतीश कुमार जो अपने आप को पी एम पद का सबसे प्रबल दावेदार समझे बैठे हुये थे, उन्ह ेमुख्यमंत्री की कुस� से भी हाथ धोना पA गया-लिसफ6 इतना ही नही, जेल मे चक्की पीस रहे लल्लू को तो कांग्रेस ने अपनी मदद के लिलये जेल से बाहर तिनकाला था, लेतिकन लल्लू का मानलिसक संतुलन ऐसे तिबगड़ा तिक कांग्रेस की वजाये वह, नीतीश की पार्टी� का समथ6न करने पर मजबूर है !  जिजस तरह का जंगल राज तिबहार मे नीतीश और लल्लू ने यिमलकर कायम तिकया हुआ है, उससे भी बदिढया दज़| के जंगल और गुंAा राज की स्थापना उत्तर प्रदेश मे मायावती और मुलायम ने पहले से ही कर रखी है क्योंतिक इन दोनो मे इस बात की जबरदस्त प्रतितस्पधा6 चलती रहती है तिक कौन तिकतना अलिधक जंगल राज और गुंAा राज अपने प्रदेश मे स्थातिपत कर सकता है-अब मुलायम सिसhह के पसीने इस बात से ही छूर्टी रहे हैं तिक वे लोकसभा मे अपने तिगनती के चार एम पी के साथ तिकस मंुह से मोदी का सामना करेंगे-कल तक तो मुलायम पी एम बनने के सपने देख रहे थे तातिक पूरे देश मे जंगल राज की स्थापना की जा सके ! लिसफ6 नीतीश-लल्लू और माया-ममता तक ही बात सीयिमत नही है, मोदी और भाजपा के खिखलाफ और भी जिजतनी देश तिवरोधी ताकते काम कर रही हैं, वे अपनी  और अपने आकाओं की शम6नाक हार के लिलये तिनत नये बहाने लेकर जनता के दरबार मे हाजिज़र हो रही हैं ! कोई कह रहा है तिक भाजपा को पूण6 बहुमत लिसफ6 31 प्रतितशत वोर्टीों से यिमला है तो कोई यह दलील दे रहा है तिक भाजपा ने "तिवकास" के मुदे्द पर नही "तिहन्दुत्व" के मुदे्द पर चुनाव लड़ा था-इसलिलये उस जीत का कोई महत्व नही है !कोई कोई पाखंAी तो ऐसे हास्यास्पद बयान भी दे रहा है की तिक भाजपा की जीत EVM मशीनो मे गड़बड़ी के चलते हुई ह ै! इन सभी लोगों को तुरंत ही "मानलिसक अस्पतालों" मे भरती कराने की अब पहले से भी ज्यादा सख्त जरूरत है !यह लोग अगर इतना दंA पाने पर भी नही सुधरे तो इनका अगले चुनावों मे वही हश्र होगा जो मायावती  और करुणातिनलिध की पार्टी� का हुआ है और इन्हे तिफर ज़ीरो पर आउर्टी होने से कोई नही रोक पायेगा ! मुलायम की तरह केजरीवाल पार्टी� के भी चार आदमी संसद मे पहुंचकर अपनी "लिचर परिरलिचत" धरने की राजनीतित करने के लिलये काफी उत्सुक लग रहे है क्योंतिक मुलायम और नीतीश की तरह इनकी पार्टी� के मुखिखया भी रातों रात देश का पी एम बनकर पूरे देश मे उसी अराजकता का माहौल पैदा करना चाहते थे, जो इन्होने अपने 49 दिदनो के कुशासन मे दिदल्ली मे फैलाया था! तिफलहाल तो इस तथाकलिथत पार्टी� के स्वघोतिषत मुखिखया अपने दुष्कम� पर पदा6 Aालने के लिलये  और जनता की सहानुभूतित बर्टीोरने के लिलये खुद ब खुद जेल मे घुस गये है और अपने आप को "अमर क्रांतितकारी शहीद भगत सिसhह" दिदखाने की असफल नौरं्टीकी करने मे व्यस्त हैं ! कांग्रेस पार्टी�, जो अक्सर ऐसे नाज�क हालातों मे हर बार जोड़ तोA करके यिमली जुली सरकार बनाने और यिमल- बांर्टीकर खाने के लिलये जानी जाती है, उसकी अपनी दुद6शा कुछ इस तरह हुई ह ै तिक वह इस बात पर "सिचhतन" करने मे लगी हुई है तिक उसकी अपनी दुद6शा ज्यादा भयंकर हुई है या उसकी सहयोगी पार्टिर्टीhयों की ! हालांतिक,कांग्रेस पार्टी� इस बात को लेकर काफी उत्सातिहत और प्रफुस्थिल्लत लग रही है तिक जहां उसके सहयोतिगयो को लिसफ6 4-4 सीर्टीों से ही संतोष करना पड़ा ह,ै उसके खाते मे एक-दो नही पूरी 44 सीर्टीें एक साथ आई है-देश की इतनी दुद6शा करने के बाद और "सेकुलरिरज्म के पाखंA" का खुल्लमखुल्ला प्रदश6न करने के बाद अगर तिकसी पार्टी� की इतनी सीर्टीें भी आ जाए,ं तो उसे एक तरह की महान उपलब्धिब्ध ही कहा जाना चातिहये ! 

क्�ा मोदी अपना " राज - >मX " किनभा पा�ेंगे ?

किपछले लगभग 12 सालों से जिजन असामाजिजक, अराजक और देश किवरो>ीताकतों ने मोदी के खि!लाफ दुष्प्रचार चला र!ा था, उन सभी के मुंह पर जनता ने हालांकिक करारा तमाचा जD दिद�ा है, लेकिकन समस्�ा वही है किक जैसे "कुते्त की दुम" को सी>ा नही किक�ा जा सकता, उसी तरह इन मोदी किवरो>ी ताकतों का मानशिसक असुंतलन भी ठीक नही किक�ा जा सकता ! हालांकिक शमाX-शम� मोदी के खि!लाफ शिल!ने-बोलने वालों पर 16 मई के बाद कुछ लगाम लगी थी, लेकिकन आदत से मजबूर �ह देश किवरो>ी तत्व एक बार किफर से अपना सर उठाने लगे हैं और इनके "मोदी किवरो>ी दुष्प्रचार" का शिसलशिसला अपने आकाओं के इशारे पर एक बार किफर से शुरु हो चला है ! हाल ही मे पुणे मे कुछ तथाकशिथत असामाजिजक तत्वों ने किकसी अल्पसंख्�क समुदा� के व्यशिY की उसके किकसी तथाकशिथत दुष्कमX के शिल�े दंकिDत करते हु�े उसकी हत्�ा कर दी ! अब जिजन लोगों के दिदमाग से अभी तक "सेकुलरिरज्म के पा!ंD" का भूत उतरा नही है, उन्होने आव दे!ा ना ताव, इस घPना के शिल�े भी मोदी को कोसना शुरु कर दिद�ा और मोदी को "राज >मX" की भी �ाद दिदलाने लगे ! �ह पा!ंDी �ह भूल ग�े किक पुणे महाराष्ट्र मे आता है और वहा अभी तक कांगे्रस की सरकार है और सभी दोकिi�ों के खि!लाफ कDी का�Xवाही करने की और "राज >मX" किनभाने की जिजम्मेदारी कांगे्रस सरकार की है, ना की मोदी की ! सवाल �ह है किक "सेकुलरिरज्म के इन पा!ंकिD�ों" को राज >मX की जब भी �ाद आती है, मोदी के संदभX मे ही आती है ! जैसे किक मोदी और भाजपा को छोड़कर बाकी सभी पार्टिPं�ों और नेताओं को "राज >मX " के पालन करने से छूP यिमली हुई हो ! उत्तर प्रदेश मे भले ही सरकार द्वारा दंगे प्रा�ोजिजत करा�े जा�े, हर रोज सरकार अपरायि>�ों को सामूकिहक बलात्कारों के शिल�े प्रोत्साकिहत करे �ा किफर अपरायि>�ों को

संरक्षण देकर !ुले आम राजनीकितक किवरोयि>�ों की हत्�ाए ंकरवा�े, इन पा!ंकिD�ों को मुला�म्, अखि!लेश �ा सपा के "राज >मX" की किबल्कुल भी �ाद नही आती है-और आ�े भी क्�ों ? इन्ही लोगों के सहारे तो इन पा!ंकिD�ों की रोजी रोPी चल रही है !!!  दिदल्ली मे हाल ही मे आ�े भ�ंकर आं>ी-तूmान के बाद किबजली कम्पकिन�ों का ढुलमुल इंफ्रास्ट्रक्चर लगभग तहस नहस हो ग�ा और किबजली की उपलब्धता होने के बाबजूद उसे घर घर तक पहंुचाने का भ�ंकर संकP उत्पन्न हो ग�ा है ! एक तरफ तो रेकाDX तोD गम� और ऊपर से लोगों को किबजली की किकल्लत ! बस कांगे्रस और केजरीवाल को तो दिदल्ली मे आ रहे किव>ान सभा चुनावों की राजनीकित से मतलब है सो �ह भूलकर किक इस सारी मुसीबत के शिल�े वे दोनो !ुद दोiी है, हफ्ते भर पहले बनी मोदी सरकार को कोसने लगे ! अगर इन लोगों ने किबजली का किवतरण किनजी कम्पकिन�ों को सौंपने से पहले इस बात की भी व्यवस्था की होती किक �ह कम्पकिन�ाँ दिदल्ली मे किबजली किवतरण के इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी सम� सम� पर कुछ !चX करेंगी, तो आज �ह मुसीबत नही आई होती ! केजरीवाल ने तो अपनी आदत के अनुसार एक ऐसी हास्�ास्पद बात भी कह दी, जिजसे शा�द कांगे्रसी भी कहते हु�े शरमा�ें-वह �ह किक उनके 49 दिदन के का�Xकाल मे जब दिदल्ली मे भ�ंकर ठंD पD रही थी, उन्होने जनता को 24 घंPे किबजली उपलब्ध कराई और जनता पर बड़ा उपकार किक�ा !!! मतलब �ह किक दिदल्ली मे जो आं>ी तूmान आ ग�ा उसके शिल�े भी मोदी और भाजपा एक हफ्ते के अंदर जबाबदेह हो ग�े और जो लोग किपछले 15 सालों से किबजली कम्पकिन�ों द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर के किवकास पर ध्�ान नही दे रहे थे और अपनी ही मस्ती मे मस्त थे, वे अब मोदी और भाजपा को "राज >मX" का पाठ पढ़ाने किनकल पडे़ हैं !

मोदी किवरोयि>�ों के " अचे्छ दिदन " आखि!र कब आ�ेंगे ?

मोदी सरकार को बने हुये लगभग एक महीना पूरा हो चुका ह-ै हालांतिक मोदी तिवरोलिधयों की बौखलाहर्टी तो काफी पहले यातिन तिक16 मई 2014 वाले दिदन ही अपने चरमोत्कष6 पर आ गयी थी ! अपनी इस लिचर परिरलिचत बौखलाहर्टी मे ये लोग इस बात की तमीज़ करना भी भूल चुके हैं तिक तिपछले लगभग 60 सालों मे इन मोदी तिवरोलिधयों के आकाओं ने देश मे कुशासन,भ्रष्टाचार और तिनकम्मेपन को फैलाकर देश की अथ6व्यवस्था की जो दुग6तित की है-उसे तिकसी जादू की छAी घुमाकर 60 दिदनो या 60 हफ्तों मे दुरुस्त नही तिकया जा सकता !लेतिकन अगर इतनी ही तमीज़ इन लोगों को होती तो देश की जनता ने इन नरतिपशाचों की इतनी तिनम6मता से तिपर्टीाई थोडे़ ही की होती ! बेशम� का आलम यह ह ैतिक इस तिपर्टीाई का इन लोगों पर ज्यादा समय तक असर नही रहा और इन्होने सरकार बनने के कुछ ही दिदनो के अंदर अपनी वही लिचर परिरलिचत बेसुरी बीन बजानी शुरु कर दी जो यह लोग तिपछले 12 सालों से बज़ाते चले आ रहे थे और जिजसके लिलये इन्हे जनता समुलिचत रूप से दंतिAत भी कर चुकी ह ै! जिजन लोगों ने जिजhदगी मे खुद कभी कुछ ढंग का काम नही तिकया और जिजन लोगों की जुबान पर तिपछले उन 60 सालों मे ताले पडे़ रहे जब उनके आका इस देश मे एक के बाद एक दुष्कम6 करके लोगों के "बुरे दिदन" लाने पर आमादा थे, अब इन्ही पाखंतिAयों को भाजपा सरकार बनने के कुछ दिदनो मे नही कुछ घंर्टीों के अंदर ही "अचे्छ दिदनो" की उम्मीद है और उसी को लेकर सभी लोग अपना अपना राग और अपनी अपनी अपनी बीन बहुत ही बेहूदे ढंग से बजाने मे लगे हुये हैं ! मोदी और भाजपा सरकार को अचे्छ दिदनों का ताना देने मे लगे यह लोग 60 सालों मे खुद तो कुछ कर नही सके और अपने आकाओं के साथ यिमलकर "सेकुलरिरज्म के पाखंA" और देश को लुर्टीवाने मे लगे रहे और जब देश की लूर्टी बंद होने लगी है और इन लोगों को लूर्टी की मलाई मे तिहस्सा यिमलना बंद हो गया है तो इन्हे "अचे्छ दिदनो" की रह रहकर याद आ रही है ! दरअसल "अचे्छ दिदनो" का ताना देने वाले ये पाखंAी मोदी और भाजपा को इस बात की चुनौती देने के चक्कर मे हैं तिक भैया हमने तिपछले 60 सालों मे इस देश का ऐसे बैंA बजाया ह ैऔर इतनी बेरहमी के साथ लूर्टीा है तिक अब जल्दी तो अचे्छ दिदन आने से रहे और जब तक ऐसे हालात बने रहेंगे, हम अपने तिवरोध की नौरं्टीकी जारी रखते हुये सड़कों पर लोर्टी लोर्टीकर जनता को तिफर से भ्रयिमत करने की कोशिशश करते रहेंगे !  असल मे इन लोगों की तकलीफ को बहुत आसानी से समझा जा सकता है ! हुआ यह है तिक जबसे मोदी की सरकार आई है इन लोगों के यकायक ही "बुरे दिदन" आ गये है-क्योंतिक इन लोगों को एक तो लूर्टी के माल मे से अपने तिहस्से की मलाई यिमलनी बंद हो गयी है और दूसरे इन लोगों को अपने 60 सालों मे तिकये गये दुष्कम� का कड़ा दंA भी यिमलना शुरु हो गया है- कुछ लोगों को तो अदालत ने हाल ही मे सम्मन भेजा है और उन्ह ेभी इस बात का Aर सताने लगा है तिक पता नही कब जेल मे चक्की पीसनी पA जाये !  

मतलब यह है तिक तिपछले 60 सालों के कुशासन मे जिजन लोगों के "अचे्छ दिदन " चल रहे थे, उनके लिलये अब "बुरे दिदन" आ गये है और इनके लिलये "अचे्छ दिदन" उनके इस जीवन काल मे आ पायेंगे, इस पर एक बड़ा प्रश्न लिचन्ह लग गया है ! इन लोगों के पास अपने 60 सालों मे तिकये गये भयंकर दुष्कम� के लिलये अपने मंुह पर खुद ही तमाचे जड़ने और अपना लिसर ्इधर उधर पर्टीकने के लिसवाय दूसरा तिवकल्प तिफलहाल नही बचा है

मोदी जी ने कैसे बजा�ा " सेक्�ुलर " लोगों का ढोल ?

अभी हाल ही मे मोदी जी ने अपनी जापान यात्रा के दौरान गीता भेंर्टी करते हुये इस बात का जिजक्र तिकया तिक उनकी इस भेंर्टी पर भी भारत मे बैठे "सेक्युलर" लोगों को तकलीफ हो सकती है और वे लोग इसी को बहुत बड़ा मुददा बनाकर चचा6ये शुरु कर सकते हैं ! जिजस समय मोदी जी ने यह बात कही होगी,उन्ह ेइस बात का तिबल्कुल भी ध्यान नही रहा होगा तिक कभी भी तिकसी चोर को चोर नही कहना चातिहये और ना ही तिकसी गधे को गधा कहना चातिहये ! शायद वह "चोर की दाढ़ी मे तितनका" वाली मशहूर कहावत भी भूल गये ! अगर उन्होने इस मामूली सी बात का ख्याल रखा होता तो हमारे "सेक्युलर" लोगों को "सेक्युलर" कहे जाने पर तिबल्कुल भी तकलीफ नही हुई होती और उन्होने अपने आप को तिबल्कुल भी अपमातिनत महसूस नही तिकया होता ! इस ब्लॉग के मध्यम से मोदी जी को यह चेतावनी देना हमारा फ़ज़6 ह ैतिक जिजन "सेक्युलर" लोगों का इस देश के संशाधनों पर पहला हक है, उनका अपमान तिबल्कुल भी बदा6vत नही तिकया जायेगा ! मोदी जी को ऐसा तिबल्कुल भी नही करना चातिहये था-"सेक्युलर" लोग जिजस पूजा अच6ना के अलिधकारी हैं, वह तो देश की जनता पहले ही 16 मई 2014 को कर चुकी है-अब उस पूजा अच6ना के ऊपर मोदी जी यह हवन की आग जलाकर "सेक्युलर" लोगों के साथ बड़ी नाइंसाफी कर रहे हैं-जो लोग पहले से ही जले भुने बैठे हैं-उन्ह ेऔर जलाने की कोशिशश करना भी तिनरथ6क प्रयास है-जिजससे मोदी जी को बचना चातिहये ! मोदी जी को अपनी गलती का अहसास करना चातिहये और उसका प्रायशिaत करने के लिलये कुछ ऐसी व्यवस्था करनी चातिहये तातिक देश का हर व्यलिक्त "सेक्युलर" लोगों को पूरा आदर सम्मान प्रदान करे ! मोदी जी को यह भी सुतिनशिaत करना चातिहये तिक देश के सभी "संसाधनों" पर पहला हक इन "सेक्युलर" लोगों का हो-चाहे देश की बाकी जनता दो वक्त की रोर्टीी को तरसती रहे और इस तरह का एक आदेश भी सभी राज्य सरकारों को भेज देना चातिहये तिक "सेक्युलर" लोग अगर तिकसी संगीन अपराध को भी अंज़ाम दें तो भी उन्ह ेतिनदwष ही माना जाये और उस उस अपराध का दंA तिकसी ऐसे व्यलिक्त को दे दिदया जाये जो तिबल्कुल भी "सेक्युलर" नही हो ! - हालांतिक हमारे देश की कई "सेक्युलर" राज्य सरकारें, इस तिनयम पर पहले से ही काम कर रही हैं, लेतिकन अगर मोदी जी की हरी झंAी यिमल जायेगी तो सभी राज्य सरकारें इस कारनामे को तिनबा6ध गतित से अंज़ाम दे सकें गी ! मुझे तो यह भी लगता है तिक मोदी जी ने अभी ठीक से भारत का संतिवधान भी नही पढ़ा ह ै -उन्हे तिकसी "सेक्युलर" दोस्त से चvमा उधार लेकर एक बार तिफर से संतिवधान पढ़ना चातिहये-बहुत संभव है उसमे "सबका साथ- सबका तिवकास" ना लिलखा हो,वरन यह लिलखा हो तिक इस देश के सभी संशाधनो पर "सेक्युलर" दोस्तों का ही हक है ! चलते-चलते :(1)अब सुनने मे यह भी आ रहा है तिक जो लोग तिपछले 60 सालों से देश को लूर्टीते रहे-वे और उनके समथ6क यिमलकर मोदी जी से तिपछले 100 दिदनों का तिहसाब मांग रहे हैं- इसमे कोई गलत बात थोडे़ ही ह-ै"सेक्युलर" लोग तो तिहसाब मांग ही सकते हैं-आखिखर उनका इस देश के सभी "संसाधनों" पर पहला हक जो है ! (2) मोदी जी ने अभी जापान मे जो ढोल बजाया है,उसे लेकर राहुल गाँधी जी काफी खफा हैं-मोदी जी ने  हाल के चुनावों मे "सेक्युलर" लोगों का जिजस तरह से ढोल बजाया है, जापान के ढोल से उसकी याद ताज़ा हो जाती ह ैऔर ज़ख्म हरे भरे हो जाते हैं !

अरे मोदी जी ........ �ह आपने क्�ा कर दिद�ा !!!

मोदी जी, आपकी सरकार बने हु�े लगभग 6 महीने प़ूरे हो चुके हैं लेकिकन इन 6 महीनो मे जो काम आपने अंज़ाम दिद�े हैं-उनसे हम लोगोँ को बड़ी किनराशा हुई है ! दरअसल हम लोग जो अपने आप को किपछले 67 सालों से "सेक्�ुलर" कह कह कर देश की जनता को बेबकूफ बनाने की कोशिशश कर रहे थे-�ह उम्मीद लगा�े बैठे हु�े थे किक हम लोगों ने अपने 6 दशकों के कुशासन मे देश और देश की जनता की जो यिमट्टी पलीत की है, उसका आप महज़ 6 महीनों मे भला क्�ा समा>ान क्�ा कर पा�ेंगे और हम लोग बड़ी बेसब्री से इस बात का इंतज़ार

कर रहे थे किक आपसे गलती से भी अगर कोई छोPी सी भी गलती हो जा�े तो हम लोग अपने शिचर परिरशिचत अंदाज़ मे छाती पीPना शुरु कर दें लेकिकन हमारा दुभाXग्� किC आपने ऐसा कोई मौका हम लोगों को नही दिद�ा! अगर आप कोई छोPी मोPी चूक भी कर देते तो हमारा किव>वा किवलाप इस तरह शुरु हो ग�ा होता किक सारा "सेक्�ुलर" मीकिD�ा बस हमारी परेशानी का ही रोना रो रहा होता ! ऐसा नही है किक "सेक्�ुलर" मीकिD�ा अभी हमारी मदद नही कर रहा है-आपके खि!लाफ ना हमे कुछ यिमल रहा है और ना ही मीकिD�ा को लेकिकन हम लोग और मीकिD�ा मे बैठे हमारे "सेक्�ुलर" साथी जो किपछले 67 सालों से हमारे दुष्कमx मे बराबर के भागीदार थे- जहां तक हो न�े न�े काल्पकिनक मुदे्द बनाने की कोशिशश करते रहते है और उन पर Pी वी पर चचाX करके हम लोगों को भी बुलाते रहते है ताकिक देश की जनता हम लोगों को भूल ना जा�े और इस बात की उम्मीद बनी रहे किक अगली बार हम लोग अगर किकसी चुनाव मे !डे़ हों तो तो हम जीते भले ही नही,बस हमारी जमानत जब्त ना हो ! अभी हाल ही मे आपकी सरकार की  एक मंत्री अपने ज्�ोकितiी से यिमलने चली ग�ीं-हालांकिक �ह उनका किनतांत व्यशिYगत मामला था लेकिकन हम "सेक्�ुलर" लोगों के एक इशारे पर मीकिD�ा के एक वगX ने ऐसा तूmान !ड़ा कर दिद�ा मानो आज से पहले कभी कोई राजनेता �ा मंत्री ज्�ोकितiी से नही यिमला हो और  वह मंत्री किकसी ज्�ोकितiी से नही,किकसी "आतंकवादी" से यिमली हो ! किपछले मात्र 6 महीनों मे आपने ना शिसफX देश वरन पूरी दुकिन�ा मे हमारे देश जो Dंका बज़ा�ा है, उससे हम लोगों को किकतनी पीड़ा हुई है उसका अंदाज़ आप नही लगा सकते-जिजस अमेरिरका के आगे हम सदैव भीगी किबल्ली की तरह नतमस्तक !डे़ रहते थे, उस अमेरिरका के राष्ट्रपकित को भी आपने किववश कर दिद�ा किक वह गणतंत्र दिदवस पर हमारे �हाँ आकर मुख्� अकितशिथ बनकर हमारे समारोह की शोभा बढा�े-�ह किकसी चमत्कार से कम नही है-हम लोग तो अपने 60 सालों के कुशासन मे �ह नही कर सके ! हमारी हालत तो �ह हो ग�ी थी किक अमेरिरका की तो तो छोDो, छोPे छोPे देश भी मौका दे!कर हमे आँ!ें दिद!ात ेरहते थे ! आपने अपने किक्र�ाकलापों से देश की जनता का तो गौरव बढा�ा है लेकिकन हमारी पूरी तरह से मट्टी पलीत कर Dाली है और हम लोग अब Pी वी पर होने वाली चचाXओं मे भी जाने से घबराते और कतराते रहते है ! Pी वी पर होने वाली चचाXओं मे हालांकिक हम अपनी शिचर परिरशिचत बेशम� का भौंDा प्रदशXन करते रहते हैं, लेकिकन बेशम� की भी एक हद होती है-इसशिल�े जब हमे किकसी Pी वी चचाX मे भाग लेने के शिल�े बुला�ा जाता है, हमारे पसीने छूP जाते हैं !  आपकी सरकार बनी और पहले ही दिदन काले >न पर एस आई Pी बना दी और उस एस आई Pी को हम लोगों  की और हमारे !ासम!ास लोगों की शिलस्P भी सौंप दी-हम लोग हालांकिक इस बात से किबल्कुल भी चिचंकितत नही है क्�ोंकिक हमने अपने शासनकाल का पPाके्षप होने से पहले ही सारा काला >न उन !ातों से किनकाल शिल�ा था क्�ोंकिक हमे आपकी तेज गकित का पूवाXभास था- हमारी परेशानी इस बात को ज्�ादा लेकर है किक जिजस मंहगाई को हम लोग अपने 60 सालों के कुशासन मे !त्म नही कर पा�े उसका आपने 6 महीनों के अंदर फPाफP समा>न कैसे कर दिद�ा-इसके चलते पेट्रोल 6 महीने मे 6 बार सस्ता हुआ और Dीजल पर मूल्� किन�ंत्रण हPाने का काम जो हम लोग सपने मे भी नही सोच सकते थे, उसे भी आपने अंज़ाम दे Dाला ! देश की जनता का हमने अपने 60 साल के कुशासन मे जो बुरा हाल कर र!ा था, उसे आपने शिसफX 6 महीने मे ही दूर कर दिद�ा ! अगर जनता इस तरह ही मजे़ मे रही जैसे किक आपके शासन मे है तो हम लोगों को कौन पूछेगा ? कुछ तो हमारा ख्�ाल किक�ा होता- देश की सत्ता के अलावा ,एक एक करके सभी राज्�ों की सत्ता तो हम पहले ही आपके शिल�े छोड़ते जा रहे है-नेहरू,पPेल और झाDू भी आपने हमसे महज़ 6 महीनो के अंदर लपक शिल�े-अब हमारे पास (काले >न के अलावा) बचा ही क्�ा है-शिलहाज़ा अब हम पर रहम करो और देश को किवकास के रास्ते पर ले जाने मे इतनी जल्दबाज़ी भी मत करो किक हमारे जैसे किवकास-किवरो>ी,जन किवरो>ी और देश किवरो>ी लोग किकसी को अपना काला मुंह दिद!ाने के काकिबल भी ना रहें !

इसशिल�े मच रहा है संसद मे हंगामा !!!

मोदी सरकार जब पूणX बहुमत से इस साल सत्ता मे आई तो सबसे ज्�ादा हैरानी और परेशानी "सेकुलरिरज्म" के नाम पर ढोंग रचने वाले पा!ंकिD�ों को हुई ! इन लोगों को हैरानी इस बात की नही थी किक मोदी की सरकार कैसे सत्ता मे आ ग�ी-इन लोगों की हैरानी इस बात को लेकर थी किक इतने जबरदस्त कुशासन और जनता को परेशान करने के बाबजूद इन लोगों के काफी नेता जनता ने चुनकर संसद मे कैसे भेज दिद�े ! एक पाP| जिजसे 2 �ा 4 सीPों की उम्मीद थी, उसके 1-2 नही पूरे 44 नेता सांसद बनने मे काम�ाब रहे-इसी तरह जिजन लोगों को अपना !ाता !ुलने की भी उम्मीद नही थी-उनकी पाP| के भी दो-चार नेताओं को सांसद बनने की फजीहत से दो चार होना पड़ा ! इन लोगों की परेशानी जा�ज भी है-इन्हे आदत पड़ी हुई है किकसी ना किकसी तरह सत्ता मे बने रहने की और सत्ता मे रहकर जनता को लूPने की-किवपक्ष मे रहते हु�े �ह सब काम तो �ह कर नही सकते-सो इन्होने खि!शिस�ा खि!शिस�ाकर बात बेबात संसद मे हंगामा मचाना शुरु कर दिद�ा !  हंगामा मचाने के मुख्� रूप से दो फा�दे हैं-पहला तो �ह किक हंगामे के चलते संसद की का�Xवाही नही चलेगी और देशकिहत मे जो काम होने हैं-उन पर रोक लग जा�ेगी-ऐसा हो जा�े तो इन लोगों के कलेजे को जबरदस्त ठंDक पहंुचती है -नरकिपशाची हंगामा मचाने का दूसरा फा�दा �ह होगा किक जनता ने गलती से इन ढोंगी पार्टिPं�ों के जिजतने नेताओं को सांसद बनाकर संसद मे भेजा है-जनता अगली बार �ह गलती नही करेगी और �ह लोग अपनी बाकी की जिजंदगी किबना संसद जा�े आराम से गुजार सकें गे-आखि!र किपछले 67 सालों मे देश की जनता से लूPे हु�े पैसे का इस्तेमाल भी तो करना है !  कुछ पार्टिPं�ों और उनके तथाकशिथत नेताओं को जनता ने हालांकिक जबरदस्त तरीके से यि>क्कारा और दुत्कारा भी है और उन्हे संसद मे नही पहंुचने दिद�ा लेकिकन ऐसी पार्टिPं�ों का दुभाXग्� �ह है किक उनके कुछ नेता अभी भी गलती से राज्�सभा मे सांसद बने हु�े है और अपनी हाजिज़री दजX कराने के चक्कर मे मुफ्त मे हंगामा मचाकर अपना तमाशा बनाने पर मजबूर हैं ! एक वामपंथी सांसद जिजनकी आवाज़ संसद के हंगामे मे !ुद उन्हे भी सुनाई नही देती,उन्हे अपनी बेसुरी बीन बज़ाने के शिल�े संसद से बाहर किनकालकर अपने द्वारा पोकिiत "सेक्�ुलर" मीकिD�ा की मदद लेनी पड़ती है-इनका काम �ही है किक �ह अपने मन मे उपज रही सारी बकबास को अंग्रेज़ी मे शिल!कर एक अ!बार को किन�यिमत रूप से पकDाते रहें और वह "सेक्�ुलर" अ!बार अपने सम्पादकी� पेज पर ना शिसफX इन वामपंथी सांसद के बेहूदा ले! छापने के शिल�े अभिभशप्त है, वरन इन्ही की किबरादरी के कुछ और नमूनों के ले! भी किन�यिमत रूप से छापने के शिल�े मजबूर है ! इन बेहूदा ले!ों को कोई समझदार पाठक पूरे पैसे देकर तो पढेगा नही -शिलहाज़ा इस अ!बार ने अपने छपे हु�े मूल्� पर भारी भरकम छूP के साथ बेचना शुरु कर दिद�ा है और जिजस अंग्रेज़ी के राष्ट्री� दैकिनक अ!बार को पढने के शिल�े आपको पूरे साल मे लगभग 1700 रुप�े !चX करने पड़ते, वही अ!बार शिसफX 699 रुप�े मे पढने के शिल�े उपलब्ध है ! अब कोई अ!बार तो घाPे मे नही चल सकता इसशिल�े पाठकों को दी ग�ी इस जबरदस्त किDसकाउंP की भरपाई कैसे होती होगी-इसका अंदाज़ा पाठकगण !ुद ही लगा सकते हैं !

पाकिकस्तान के बचाव मे क्�ों उतरी कांग्रेस ?

"सेकुलरिरज्म" के नाम पर तिपछले 67 सालों से देश की जनता के सामने नौरं्टीकी करने वाली कांग्रेस पार्टी� एक बार तिफर देश के दुvमन और आतंकवादी देश पातिकस्तान के खुल्लमखुल्ला समथ6न और बचाव मे उतर आई ह ै! 31 दिदसंबर 2014 की रात को पातिकस्तान ने गोला बारूद के साथ आतंकवादिदयों को समुद्र के रास्ते से एक नौका से भेजकर भारत मे नये साल के मौके पर तिकसी बड़ी आतंकवादी घर्टीना को अंज़ाम देने की नापाक योजना बनाई थी-यह घर्टीना 26/11 वाली घर्टीना की तज़6 पर ही तिकये जाने की योजना रही होगी-कांग्रेस के अपने शासनकाल मे पातिकस्तान के लिलये यह सब करना बेहद आसान था क्योंतिक पातिकस्तान भी समझता था तिक जब सैय्यां भये कोतवाल तो Aर काहे का ! लेतिकन देश मे सत्ता परिरवत6न होने की वज़ह से बदले हुये समीकरणों का खायिमयाज़ा ना लिसफ6 देश के अंदर बैठे "सेकुलरिरज्म' का ढोंग करने वाले राजनीतितक दलों को, वरन पातिकस्तान जैसे आतंकवादी देशों को भी भुगतना पA रहा है ! तिपछले लोकसभा चुनावों मे देश की देशभक्त जनता से करारी शिशकस्त यिमलने के बाद, जहां कांग्रेस अपने राजनीतितक वजूद को तलाशने मे व्यस्त है, वहीं पातिकस्तान जैसे आतंकवादी देश के लिलये भी यह काम नामुमतिकन सा लगने लगा है तिक भारत मे आतंकवादिदयों का तिनया6त करके कैसे उनसे आतंकवादी घर्टीनाओं को अंज़ाम दिदलाया जाये ! लोकसभा चुनावों से ठीक पहले पातिकस्तान ने हालांतिक पूरी कोशिशस की थी तिक तिकसी भी कीमत पर देश मे मोदी और भाजपा की सरकार ना बनने पाये और इसके लिलये उसने पातिकस्तान मे गये तीथ6यातित्रयों के दल से अलिधकारिरक तौर पर यह  अपील भी की थी तिक जैसे भी हो मोदी और भाजपा को हराना है ! पातिकस्तान की यह साजिज़श हालांतिक कामयाब नही हुई और देश मे कांग्रेस की नही बस्तिल्क मोदी के नेत्रत्व मे भाजपा की सरकार बनी !( इस तिवषय पर मेरे ब्लॉग "मोदी को हराने की पातिकस्तानी साजिज़श का पदा6फाश" जो 25 अप्रैल 2014 को प्रकाशिशत हुआ था, मे पूरी जानकारी उपलब्ध है !) देश के खुतिफया तंत्र और समुद्र की सीमा पर तैनात जवानों की अभूतपूव6 मुस्तैदी का यह परिरणाम हुआ तिक आतंकवादिदयों से भरी हुई नौका को ना लिसफ6 अपनी जान बचाकर भागना पड़ा, उन आतंकवादिदयों ने पकडे़ जाने के Aर से नौका मे तिवस्फोर्टी भी कर Aाला ! पातिकस्तान यह समझ रहा था तिक हमेशा की तरह वह सभी सबूतों को झुठलाते हुये यह कह देगा की यह आतंकवादी नौका उसने नही भेजी थी-लेतिकन अंतरा6ष्ट्रीय स्तर पर पातिकस्तान की पहले ही इतनी तिकरतिकरी हो चुकी है तिक पातिकस्तान के इस दावे को शायद कोई भी नही मानता और वह पूरी तरह कर्टीघरे मे आ जाता ! ऐसे मे Aूबते को तितनके का सहारा बनी कांग्रेस पार्टी� ने वही बात दोहरा दी जो पातिकस्तान के प्रधान मंत्री नवाज़ शरीफ़ भी शायद कहने मे तिहचतिकचाहर्टी महसूस करते ! कांग्रेस पार्टी� ने इस बात पर ही सवाल खडे़ कर दिदये तिक उस नौका मे आतंकवादी थे और यहाँ तक कह दिदया तिक केन्द्र मे बैठी भाजपा सरकार वेवजह सनसनी फैलाकर पातिकस्तान को बदनाम कर रही ह ै! अब जब पातिकस्तान का पूरा काम हमारे अपने ही देश मे बैठी कांग्रेस पार्टी� ने ही कर दिदया तो पातिकस्तान को कुछ और करने की क्या जरूरत है ? पातिकस्तान ने लोकसभा चुनावों मे मोदी और भाजपा को हराने की अपील करके कांग्रेस पार्टी� पर जो अहसान तिकया था, कांग्रेस आज पातिकस्तान की आतंकवादी वारदात का बचाव करके संभवत्: उसी अहसान का कज़6 चुका रही ह ै!

मोदी के खि!लाफ की जा रही साजिज़श का पदाXफाश !

दिदल्ली मे केजरीवाल जी ने "मुफ्तखोरी" और "साम्प्रदायियकता" की बुतिनयाद पर सरकार बनाकर ना लिसफ6  सभी मोदी तिवरोलिधयों का  दिदल जीत लिलया है, वरन कुछ ऐसे लोगों के अंदर भी राजनीकितक महत्वाकांक्षा जगा दी है, जो अब तक अपने आप को राजनीकित से अलग र!ने की नौPंकी करते आ�े थे ! जिजस तरह से तथाकशिथत समाजसेवी और किकसानों के स्वघोकिiत हमददX अन्ना हज़ारे ने दिदल्ली मे आकर भूयिम अयि>ग्रहण किबल के खि!लाफ अपनी बेसुरी बीन बजानी शुरु की है और जिजस तरह से उनके पुराने चेले चपाPे केजरीवाल और शिससोदिद�ा उनकी इस बेसुरी बीन मे अपना राग मल्हार अलाप-अलाप कर जुगलबंदी कर रहे हैं-उससे एक बात तो त� है किक जिजन लोगों को मोदी के खि!लाफ कोई मुद्दा नही यिमलता है वे परेशान होकर ऐसे मुद्दों पर मोदी और भाजपा का किवरो> करना शुरु कर देते हैं जिजनका देश और जनता के किहत से दूर दूर तक कोई लेना देना नही होता !तिकसानों की जमीन उनकी सहमतित से ली जानी है और देश के तिकसानो को भी पूरी आज़ादी है तिक वे अपने फैसले खुद करें और देश के तिवकास मे अपना योगदान दें-लेतिकन तिकसानों को हमेशा नीचा दिदखाने वाले लोग शायद यह नही चाहते और वे अपनी पूरी ताकत के साथ भूयिम अलिधग्रहण तिबल के तिवरोध मे सड़कों पर लोर्टी-लोर्टी कर अपने तिकसान तिवरोधी,जन तिवरोधी और देश तिवरोधी होने का प्रमाण दे रहे हैं ! 

भूयिम अयि>ग्रहण किबल का किवरो> करने वाले वे ही लोग हैं, जो इस देश,जनता और किकसानो के दुश्मन है और जो �े हर्गिगंज नही चाहते की �ह देश किवकास के रास्ते पर आगे बढे-दरअसल केन्द्र मे भाजपा की सरकार बनने के कुछ ही महीनों के अंदर भारत का जो गौरव पूरे किव� मे बढ़ा है और जिजसके चलते इन मोदी किवरोयि>�ों की अच्छी !ासी किकरकिकरी हो चुकी है क्�ोंकिक �े पा!ंDी भारत को जो मुकाम किपछले 60 सालों के कुशासन मे नही दिदला पा�े, उसे मोदी के कुशल नेत्रत्व ने कुछ ही महीनों के अंदर कर दिद!ा�ा है ! मोदी और भाजपा को लगातार किकसी ना किकसी साजिज़श का शिशकार बनाकर और हर रोज कोई ना कोई बेमतलब का किववाद !ड़ा करके �ह लोग अपनी बौ!लाहP का जो परिरच� दे रहे हैं, उसे जनता दे! रही है और जिजस साजिजश के तहत दिदल्ली मे मोदी किवरो>ी सरकार बनाई ग�ी है उससे बे सब लोग पूरी तरह बेनकाब हो ग�े है जो अब तक भाजपा और आर एस एस को "साम्प्रदायि�क" कहकर अपनी मू!Xता का बेहूदा प्रदशXन कर रहे थे ! चाणक्य ने एक जगह लिलखा है-"जिजस राज्य की जनता लोभी और लालची होती ह-ैवहां ठग शासन करते हैं !" आज तक चाणक्� की शिल!ी �ा कही ग�ी कोई भी बात गलत साकिबत नही हुई है- दिदल्ली की जनता के जिजस वगX ने "मुफ्त!ोरी" के लालच मे अपने शिल�े सरकार चुनी है और जिजस !ास वगX ने" बु!ारी के फतवे "के चलते अपने "साम्प्रदायि�क" होने का एक बार किफर सुबूत दिद�ा है-उन्होने कुछ हाशिसल किक�ा हो �ा नही-मोदी और भाजपा पर हमला करने का मौका जरूर पा शिल�ा है ! मोदी को हराने की इस साजिज़श मे नुकसान मोदी का होगा �ा इन लोगों का �ह तो आने वाला सम� ही बता�ेगा ! किपछले 60 सालों मे जब बहुसंख्�कों का जबरन >मX परिरवतXन करके उन्हे मुस्थिस्लम �ा ईसाई >मX कबूल करने के शिल�े मजबूर किक�ा जा रहा था-तब अपने आप को "सेक्�ुलर" बताने वाले पा!ंDी ताशिल�ाँ बजा बजाकर ठहाके लगा रहे थे- अब अगर वही लोग अपने मूल >मX मे अपनी मज़� से वापस आ रहे है तो इन पा!ंकिD�ों ने अपनी छाती पीP पीPकर किव>वा किवलाप शुरु कर दिद�ा है और बता �ह रहे है किक इसी "घर वापसी" के चलते भाजपा दिदल्ली मे चुनाव हार ग�ी जैसे किक लोग इनकी झूठी कहानी पर �कीन करके चुनावों मे की ग�ी साजिज़श से अनजान बने रहेंगे ! हैरानी की बात �ह है किक मंदिदर मे चोरी की वारदात हो जा�े तो वह मामूली घPना है जिजसका मीकिD�ा मे कहीं जिजक्र भी नही आता है और गलती से किकसी चचX,मस्थिस्जद �ा अन्� किकसी अल्पसख्�क >मX स्थल पर चोरी हो जा�े तो वह चोरी की घPना �का�क "साम्प्रदायि�क हमला" बन जाती है और उस पर मोदी जी का ब�ान आना इतना जरूरी हो जाता है किक उसके किबना हमारे "सेकुलरिरज्म का पा!ंD" करने वालों का !ाना ही हजम नही होता है !

मोदी ने क्�ा किक�ा अब तक ?

प्रधान मंत्री मोदी जी के नेत्रत्व मे केन्द्र मे भाजपा की सरकार को बने लगभग 10 महीने का समय पूरा हो चुका ह ै! मोदी जी के इस काय6काल मे तिकये गये कामों को उनके चुनाव से पहले तिकये गये वायदों से जोड़कर देखा जा रहा है ! तिपछले लगभग 67 सालों मे से 60 सालों तक केन्द्र मे कांग्रेस या कांग्रेस समर्सिथhत सरकारें ही रही हैं और उन्होने देश की जनता को अपने कुशासन और भ्रष्टाचार से जी भरकर लूर्टीा है !

 इन कांग्रेसी और उनकी तिपछलग्गू सरकारों की सबसे बड़ी उपलब्धिब्ध इन 60 सालों मे यही रही तिक यह अपने दुष्प्रचार के जरिरये भाजपा को केन्द्र की सत्ता मे आने से रोकने मे पूरी तरह कामयाब रहे-इन लोगों ने अपने 60 सालों के कुशासन मे ना लिसफ6 देश के संशाधनो की जबरदस्त बंदरबाँर्टी की, भ्रष्टाचार के तिनत नये मानक भी स्थातिपत तिकये-इन पार्टिर्टीhयों ने कभी जातित के नाम पर, कभी धम6 के नाम पर और कभी समुदाय के नाम पर देश की जनता को बांर्टीकर अपने अपने वोर्टी बैंक स्थातिपत कर लिलये और अपने आने वाली कई पुvतों के लिलये राजनीतित मे जगह पक्की करने की साजिज़श को अंज़ाम देने की कोशिशश कर Aाली !इन लोगों ने तिकसी को आरक्षण का लॉलीपॉप देकर दलिलत और तिपछड़ा वग6 वोर्टी बैंक बना लिलया तातिक बहुसंख्यक समुदाय को जातित के आधार पर बांर्टीकर उनकी हालत अल्पसंख्यकों जैसी कर दी जाये ! अल्पसंख्यक समुदाय को यह लोग भाजपा,संघ और मोदी का काल्पतिनक भय दिदखाकर ही उन्ह ेअपनी जागीर समझने लगे ! 

अभी हाल ही मे इन्ही की तिपछलग्गू पार्टी� के एक नेता काफी बेशम� के साथ यह कहते हुये रंगे हाथ पकडे़ गये  तिक हमे मुसलमानों के वोर्टी पाने के लिलये कुछ ठोस करने की जरूरत नही है-उन्हे तो बस मोदी,भाजपा और संघ का झूठा Aर दिदखाते रहो और वे लोग हमे खुद ही वोर्टी देंगे ! तिपछले 67 सालों मे सभी अल्पसंख्यकों के प्रतित इन पार्टिर्टीhयों की यही नीतित रही है तिक उनके लिलये कोई ठोस काम करने की वजाये उन्हे भाजपा,संघ और मोदी का Aर दिदखाते रहो और देश की सत्ता पर जैसे तैसे Tातिबज़ रहो ! इन लोगों की यह साजिज़श 67 मे से 60 सालों तक तो सफलतापूव6क चलती रही लेतिकन मई 2014 के लोकसभा चुनावों मे जब जनता ने इनकी असलिलयत पहचानी तो इन सबके पैरों के नीचे से जमीन खिखसक गयी ! लल्लू,नीतीश,माया,ममता,मुलायम,केजरीवाल,राहुल,सोतिनया और वामपंलिथयों की असली परेशानी तब शुरु हुई जब मोदी सरकार ने एक के बाद एक अपने चुनाव पूव6 तिकये गये वायदों को ना लिसफ6 पूरा तिकया, बस्तिल्क पूरे तिवश्व मे भारत की जिजस साख को इन लोगों ने मदिर्टीयामेर्टी कर दिदया था, उस खोयी हुई साख को पुनस्था6तिपत भी तिकया ! इन लोगों ने हताश होकर अपने आखरी ब्रह्मास्त्र यातिन तिक दुष्प्रचार का सहारा लिलया और जनता के बीच यह दुष्प्रचार फैलाना शुरु कर दिदया तिक मोदी जी ने चुनाव से पहले सभी देशवालिसयों के बैंक खाते मे 15 लाख रुपये जमा करने की बात कही थी और मोदी जी ने अभी तक वह रुपये जमा नही कराकर बहुत बड़ा अपराध कर दिदया है-इस दुष्प्रचार का इन लोगों को फायदा भी हुआ जब इनके गठबंधन की सरकार दिदल्ली तिवधान सभा चुनावों मे ऐतितहालिसक जीत हालिसल करने मे कामयाब रही लेतिकन जैसे इन लोगों के दूसरे दुष्प्रचारों का भंAाफोड़ हुआ था, इस दुष्प्रचार का भी भंAाफोड़ हो चुका है और यह सभी लोग तिकसानों के तिहत मे लाये गये भूयिम अलिधग्रहण कानून पर दुष्प्रचार फैलाकर तिकसानो को बरगलाने की कोशिशश कर रहे हैं ! आलम यह ह ै तिक जो लोग तिपछले 60 सालों के कुशासन मे कुछ ऐसा नही कर पाये जो मोदी सरकार ने महज़ 10 महीनों मे पूरा कर दिदखाया ह,ै वे लोग बड़ी बेशम� के साथ यह सवाल पूछते घूम रहे है तिक-"मोदी ने क्या तिकया अब तक ?" उम्मीद यही की जा रही है की जैसे ही तिकसी प्रदेश की तिवधान सभा के चुनाव सर पर आयेंगे यह लोग तिफर तिकसी दुष्प्रचार का सहारा लेकर वहां भी अपनी जीत उसी तरह पक्की करने की कोशिशश करेंगे जैसी की इन्होने दिदल्ली मे की थी-देश के अन्य भागों मे बैठी हुई जनता एक बार तिफर इनके झांसे मे आती ह ैया नही-यह तो आने वाला समय ही बतायेगा !

मोदी सरकार की काम�ाबी से बौ!ला�ा किवपक्ष !!!

मोदी सरकार को सफलतापूव6क काम करते हुये लगभग एक साल पूरा होने जा रहा है-वाजपेयी सरकार के तिपछले काय6काल को अगर अपवाद मान लें तो स्वतंत्र भारत के इतितहास मे संभवत् यह पहली बार हुआ ह ैजब कोई सरकार तिबना तिकसी घोर्टीाले के अपना पहला साल पूरा कर रही है !लोकसभा चुनावों और उसके बाद तिवशिभन्न राज्यों मे हुये चुनावों मे जनता के हाथों करारी शिशकस्त पाया तिवपक्ष  बुरी तरह तितलयिमलाया हुआ ह ैऔर उसकी यह तितलयिमलाहर्टी इस बात से और भी अलिधक बढ़ती जा रही ह ैतिक उसे केन्द्र की मोदी सरकार के खिखलाफ कोई असली मुददा ही नही यिमल रहा ह ै! अपनी घोर हताशा के चलते तिवपक्ष ने तिपछले एक साल मे जो मुददे सड़क से लेकर संसद तक उठाये हैं, उन पर अगर एक नज़र Aाली जाये तो यह बात सातिबत हो जायेगी तिक मोदी सरकार इस हद तक सफल रही तिक उसने तिवपक्ष के हाथ मे एक भी जनतिहत का असली मुददा नही सौंपा ! आइए देखते हैं, हमारे तथाकलिथत तिवपक्ष ने कौन से मुददे उठाकर एक हारे हुये खिखलाड़ी की भूयिमका तिनभाई ह ै: 1. तिपछले 60 सालों से मोदी,भाजपा और संघ के खिखलाफ जो दुष्प्रचार तिवपक्ष ने चालू कर रखा था और जिजसके दंA के तौर पर जनता ने इनका सफाया तिकया था, अपनी आदत से मजबूर तिवपक्ष तिपछले एक साल मे भी अपनी इस लत पर काबू नही रख सका और उसने कभी "घर वापसी" के बहाने,कभी "लव जिजहाद" के बहाने और कभी धार्मिमhक स्थलों पर तिकये जा रहे हमलों को साम्प्रदायियक रंग देते हुये उसके लिलये मोदी सरकार को दोषी ठहराने की नाकाम कोशिशश की !  2. कभी तिवपक्ष "रामजादे-आरामजादे" मे उलझ गया कभी वह स्मृतित ईरानी पर वेवजह हमले करता दिदखा  लेतिकन इसमे जनतिहत और देशतिहत क्या था-इसका उसे भी पता नही था ! इसी बीच हर देशवासी के खाते मे 15 लाख रुपये जमा करवाने

वाला दुष्प्रचार भी चलाया गया लेतिकन कोई भी तिवपक्षी नेता आज तक यह सुबूत पेश नही कर सका तिक मोदी ने सबके बैंक खातों मे 15 लाख रुपये जमा कराने की बात कही थी ! 3.देश के प्रधान मंत्री तिवदेश क्यों जा रहे हैं, वहा जाकर जमीनी हकीकत क्यों बयान कर रहे हैं और वह अमेरिरकी राष्ट्रपतित से यिमलने के लिलये सूर्टी और बूर्टी क्यों पहन रहे हैं-यह मुददा भी तिवपक्ष ने जोर शोर से उठाया !इस मामले को तिवपक्ष ने इतना अलिधक "राष्ट्र तिहत" का मामला समझ लिलया तिक इनके एक नेता ने यह हास्यास्पद बयान दे Aाला तिक मोदी सरकार "सूर्टी-बूर्टी" की सरकार है मानो तिपछले 60 सालों से देश के सारे प्रधान मंत्री धोती कुता6 और चप्पल पहनकर घूम रहे थे ! यह दुष्प्रचार तो तिकया गया तिक वह सूर्टी दस लाख का है लेतिकन कोई भी तिवपक्षी नेता आज तक इस बात का सुबूत पेश करने मे पूरी तरह नाकाम रहा है ! 4.काले धन पर मोदी सरकार ने जिजस तरह की चौकसी दिदखाई उसकी घबराहर्टी समूचे तिवपक्ष मे साफ देखी जा सकती है-काले धन के खिखलाफ अशिभयान चलाने के लिलये स्वामी रामदेव तो पहले ही तिवपक्ष के तिनशाने पर थे और सन 2011 मे ही रामलीला मैदान मे रामदेव पर रात के अंधेरे मे जानलेवा हमला भी करवाया गया था ! रामदेव के काले धन के खिखलाफ शुरु तिकये गये अशिभयान को मोदी सरकार ने जिजस मुस्तैदी के साथ आगे बढ़ाया उससे बौखलाये तिवपक्षी नेता अपना बचा खुचा मानलिसक संतुलन भी खो बैठे और उन्होने जाने अनजाने रामदेव की एक बेहद लोकतिप्रय और जनोपयोगी औषलिध "पुत्रजीवक" के नाम को लेकर ही ऐसा तिववाद खड़ा कर दिदया जिजससे समूचे तिवपक्ष की जबरदस्त जगहँसाई हो रही ह ै! देश के संशाधनो की जबरदस्त बंदरबाँर्टी से तिपछले 60 सालों मे जो काला धन इकट्ठा तिकया गया ह,ै उसके लिछन जाने का जो Aर और बौखलाहर्टी है, उसे रामदेव पर तिकये जाने वाले हमलों से बखूबी समझा जा सकता है ! 5.भूयिम अलिधग्रहण कानून को लेकर ्भी तिवपक्ष ने अपनी स्थिस्थतित एकदम हास्यास्पद सी बना ली ह-ैतिवपक्ष को यह Aर ह ैतिक यह कानून पास हो गया तो देश एक बार तिफर तिवकास और प्रगतित के रास्ते पर चल पडे़गा जिजसमे तिपछली सरकारें अपने 60 साल के कुशासन मे पूरी तरह नाकाम रहीं -इसलिलये वह इस कानून को तिकसी भी कीमत पर रोकना चाहता ह ैतातिक मोदी सरकार को देश को प्रगतित और तिवकास के माग6 पर ले जाने के शे्रय ना यिमल जाये और लोग यह ना पूछना शुरु कर दें तिक जो काम मोदी ने एक साल मे कर दिदखाया उसी काम को तुम लोग 60 सालों मे क्यों नही कर पाये ? तिपछले एक साल से तिवपक्ष ने राज्यसभा मे जो गैर जरूरी हंगामा मचा रखा है, वह भी इसी साजिज़श का तिहस्सा ह ैऔर तिवपक्ष की यह पूरी कोशिशश ह ैतिक मोदी सरकार जनतिहत और देशतिहत मे कोई कानून पास करने मे कामयाब न हो जाए ं! 6. भूयिम अलिधग्रहण कानून की खिखलाफत के पीछे तिवपक्षी दलों का एक और भी Aर है-ज्यादातर तिवपक्षी नेताओं ने भारी मात्रा मे कृतिष योग्य भूयिम हलिथया रखी है और खुद को तिकसान घोतिषत कर रखा है तातिक खेती की आमदनी दिदखा दिदखाकर इनकम रै्टीक्स देने से बचा जा सके-जैसे तिक अभी तक बचते आये हैं-कानून पास हुआ तो सबसे पहले इन लोगों की जमीन खतरे मे पड़ने वाली है और उसके साथ ही तिबना इनकम रै्टीक्स दिदये जो यह खेती से होने वाली आमदनी दिदखाते आये हैं उस पर भी रोक लग जायेगी-लिलहाज़ा इन्हे तिकसानो की तिफक्र कम,अपनी ज्यादा नज़र आ रही है-मोदी सरकार इनके मनसूबों को खूब समझती है और इस तरह की सभी जनतिवरोधी और तिकसान तिवरोधी कारगुजारिरयों पर रोक लगाने का मन बना चुकी है ! इन लोगों की इन्ही गलत नीतितयों के चलते तिपछले 60 सालों मे लाखो तिकसानो ने आत्महत्याए ंकीं और इनकी इस नौरं्टीकी के चलते एक तिकसान तो दिदल्ली के जन् तर मन् तर पर बेमौत मारा गया !

क्�ा है मोदी पर कांग्रेस के हमलों का सच ?

किववादिदत पेंPर एम एफ हुसैन पर देश की अदालतों मे अनेक मामले चल रहे थे और उसके वावजूद कांगे्रस सरकार ने अपना "सेकुलरिरज्म" दिद!ाते हु�े हुसैन को देश छोड़कर कतर भागने दिद�ा और जब हुसैन की मौत हुई तो बेशम� अस्थिख्त�ार करते हु�े तत्कालीन कांगे्रसी पी एम मनमोहन चिसंह ने उस मौत को "राi् ट्री� क्षकित" बताकर अपने और अपनी पाP| के "सेक्�ुलर" होने का एक बार और सुबूत दे दिद�ा ! किवदेशी ताकतों के इशारे पर काम कर रहे जो स्वघोकिiत पत्रकार और Pी वी चैनल सुiमा स्वराज के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, उस सम� मनमोहन चिसंह की इस बेशम� पर उनके  इस्तीफे की मांग करने की वजा�े कुम्भकणX की नींद सो�े हु�े थे ! दाऊद और हसन अली जैसे दुदा�त अपरा>ी भी कांगे्रस के शासनकाल मे ही भागने मे काम�ाब रहे और भारती� मछुआरों के हत्�ारे इPली के नाकिवक भी इन्ही के शासनकाल मे देश छोड़कर भागने मे काम�ाब रहे थे !  कैं सर से पीकिड़त लशिलत मोदी की पत्नी की मानवी� आ>ार पर जिजस सहा�ता के शिल�े सुiमा स्वराज की सराहना की जानी चाकिह�े, कुछ बेशमX लोग उस पर सवाल !डे़ करके उनका इस्तीफा मांगकर अपने मानशिसक दिदवाशिलएपन का सुबूत दे रहे हैं ! बौ!ला�े हु�े �ह लोग �ह नही बता पा रहे हैं किक इस सारे प्रकरण मे लशिलत मोदी को ऐसा क्�ा फा�दा यिमल ग�ा जो उसके पास पहले से नही था-जिजतने भी फा�दे संभव हो सकते थे, वे तो कांगे्रस की सरकार ने अपने शासनकाल मे उसको पहले से ही मुहैय्�ा करा र!े थे ! शिसफX और शिसफX "सूPकेस" की भाiा समझने वाले लोग "मानवी�" आ>ार पर किक�े ग�े का�x का मूल्�ाँकन आखि!र करें भी तो किकस मुंह से ? श्री ओसामा किबन लादेन जी, श्री हाकिmज़ सईद साहब और श्री मसरत आलम साहब जैसे कुख्�ात आतंकवादिद�ों के भYगण �का�क अपनी !ो�ी हुई जमीन को तलाशने के चक्कर मे ऐसी ऐसी हास्�ास्पद हरकतों को अंज़ाम दे रहे हैं, जिजनसे इनकी यिमट्टी और भी ज्�ादा पलीत हो रही है क्�ोंकिक जब जब भी �ह दुष्प्रचार रूपी अपना ब्रह्मास्त्र किनकालकर मोदी सरकार को किनशाना बनाने की नाकाम कोशिशश करते हैं-इनके स्वघोकिiत नेता !ुद ही >राशा�ी हो जाते हैं ! बोफोस6 घोर्टीाले के मुख्य अपराधी क्वोत्रोची से लेकर भोपाल गैस का}A के मुख्य अपराधी एAंरसन को देश से सुरशिक्षत और बाइज़्ज़त भगाने वाले लोग आज तिवदेश मंत्री सुषमा स्वराज के एक मामूली और सामान्य मानवीय आधार पर लिलये गये फैसले को लेकर इस तरह तमतमाने की नौरं्टीकी कर रहे हैं मानो जिजस लूर्टी को अंज़ाम देने मे इन लोगों ने 60 साल लगा दिदये उस लूर्टी पर सुषमा और मोदी ने  यिमलकर 60 यिमनर्टी के अंदर ही रोक लगा दी हो ! सुषमा स्वराज  के तिकये गये इस इंसातिनयत भरे काम को लेकर जब इन लोगों मे खुद ही फूर्टी पड़नी शुरु हुई तो इन लोगों ने सुषमा को छोड़ मोदी को तिनशाना बनाना शुरु कर दिदया ! मतलब इन्हे ललिलत मोदी और उसकी पत्नी से कुछ लेना देना नही है-इन्हे हर हाल मे तिकसी ना तिकसी तरह मोदी को अपने तिनशाने पर लिलये रहना ह ैतातिक मोदी सरकार इन्ही के ऊलजलूल दुष्प्रचार मे उलझी रहे और देशतिहत मे कोई काम ना कर सके क्योंतिक अगर मोदी सरकार ने म्यांमार जैसी मार पातिकस्तान की भी लगा दी तो इन लोगों को जबाब देना भारी पA जायेगा ! इन भYगणों की नौPंकी के सूत्र>ार जो हाल ही मे थाइलॅंD की अपनी रहस्�म�ी �ात्रा से लौPे हैं, उन्होने भी अपना आपा आजकल पूरी तरह !ो�ा हुआ है-थाइलैंD मे पता नही उनके साथ ऐसी क्�ा दुघXPना हो ग�ी किक उन्हे सूP बूP से एकदम नफरत सी हो ग�ी है-अगर कभी गलती से वह इस देश के पी एम बन ग�े तो वह सूP बूP की जगह क्�ा पहनेंगे-इसका अंदाज़ा शा�द उनके भYगणों को भी नही है ! �ह ठीक है किक उन्हे और उनकी पाP| को "सूP बूP " से ज्�ादा "सूPकेस" मे ज्�ादा दिदलचस्पी रही है लेकिकन जो बात इस देश की जनता अच्छी तरह जानती है उसके बारे मे इतना ब!ान करने की क्�ा जरूरत है-�ह समझ से परे है !  लशिलत मोदी को देश से भगाने वाले और लोकसभा चुनावों की हार से पहले उसके समक्ष नतमस्तक होने वाले लोग अब अपनी हार से कितलयिमला�े हु�े हैं और जिजस तरह से उनके एक के बाद एक ब्रह्मास्त्र असफल साकिबत हो रहे हैं, उससे उनकी बेचैनी और बौ!लाहP और भी अयि>क बढ़ती जा रही है ! सुiमा स्वराज के बहाने मोदी सरकार को घेरने की �ह न�ी नौPंकी इन लोगों मे किकतनी जान फंूक पा�ेगी, �ह तो आने वाला सम� ही बता�ेगा ! मोदी को बात बेबात घेरने की नौPंकी से नौPंकीलाल की जैसे यिमट्टी पलीत हो रही है, इन लोगों की भी देर सवेर उससे बदतर हालत होने वाली है !

 

  " सूPकेस " वालों के अचे्छ दिदन कब आ�ेंगे ?

"अचे्छ दिदनो" के वायदे पर बनी मोदी सरकार ने अपना एक साल का काय6काल पूरा कर लिलया है लेतिकन काफी लोगों की शिशकायत यह है तिक "सबका साथ-सबका तिवकास" का वायदा करने वाली मोदी सरकार आखिखर ऐसा भेदभाव और नाइंसाफी कैसे कर सकती हैं तिक इस एक साल मे जहां देश की जनता का एक बहुत बड़ा वग6 तो इस बात से काफी संतुष्ट और प्रफुस्थिल्लत नज़र आ रहा है तिक तिपछले 60 सालों के घोर कुशासन के बाद उनके अचे्छ दिदन आ गये हैं, वहीं एक वग6 ऐसा भी है जिजसके अचे्छ दिदन अभी तक नही आ सके हैं ! आगे बढ़ने से पहले यह देख लेते हैं तिक जिजस वग6 के अचे्छ दिदन अभी तक नही आ सके हैं, उस वग6 मे कौन कौन लोग शायिमल हैं : 1. जो लोग तिपछले 60 सालों से देश मे जबरदस्त कुशासन,भ्रष्टाचार और घोर्टीालों के लिलये जिजम्मेदार थे और जिजनके शासनकाल मे राष् ट्रीय संशाधनो की जबरदस्त बंदरबाँर्टी हुई थी, उनके अचे्छ दिदन तो क्या, दरअसल बुरे दिदन आ गये हैं-लिलहाज़ा इनकी शिशकायत जायज़ लगती है ! 

2.देशद्रोही,आतंकवादी,अलगाववादी और बात बात मे दुvमन देश पातिकस्तान का साथ देने वाले लोग, "पातिकस्तान जिजhदाबाद" का नारा लगाने वाले और उसका समथ6न करने वाले लोग,या तिफर देशद्रोतिहयों,अलगाववादिदयों और आतंकवादिदयों के तलवे चार्टीने वाले लोगों के भी अचे्छ दिदन अभी तक नही आये हैं ! 3. "अल्पसंख्यक तुतिष्टकरण" करने के लिलये जिजन लोगों ने तिपछले 68 सालों से देश भर मे "सेकुलरिरज्म" के दुकाने खोल रखी थी, उनकी दुकाने दरअसल धीरे धीरे बंद होने के कगार पर ह-ैजातिहर सी बात है तिक इन लोगों के भी अचे्छ दिदन अभी तक नही आ सके हैं ! 4. दुतिनया की सबसे अलिधक भ्रष्ट पार्टी� के लोगों को जब यह लगने लगा तिक उनके बुरे दिदन आने वाले हैं तो उन्होने एन चुनावों से पहले अपनी ही पार्टी� के कुछ लोगों को इकट्ठा करके एक नौरं्टीकी पार्टी� का गठन करवा दिदया जो अपने ईमानदार होने का ढोल पीर्टी पीर्टी कर लोगों को बेबकूफ बना सके और अप्रत्यक्ष रूप से सत्ता पर उन्ही का Tब्ज़ा बना रहे-हालांतिक वे लोग इस काम मे पूरी तरह नाकाम रहे और ज्यादातर जगहों पर अपनी जमानत भी गंवा बैठे, लेतिकन एक अपूण6 राज्य जिजसके तथाकलिथत मुख्यमंत्री के अलिधकार नगरमहापालिलका अध्यक्ष के बराबर होते हैं, वहां पर यह लोग जैसे तैसे सत्ता हलिथयाने मे कामयाब हो चुके है लेतिकन दुभा6ग्य से अचे्छ दिदन इनके भी नही आये ह ैक्योंतिक सत्ता मे आने के बाद काम भी करना पड़ता ह ैजो इन लोगों के बस का नही है ! अचे्छ दिदनो की तलाश के लिलये यह लोग उतने अलिधकारों की मांग कर रहे है जिजतने शायद अमेरिरका के राष्ट्रपतित के पास भी नही हैं ! जातिहर है तिक इस नौरं्टीकी पार्टी� के नेताओं,काय6कता6ओं और समथ6कों के भी अचे्छ दिदन दुभा6ग्य से अभी तक नही आ सके हैं ! ऊपर जिजन चार तरह के लोगों के अचे्छ दिदन एक साल पूरा होने पर भी नही आ सके हैं, उन्हे इस बात की कोई उम्मीद नही है तिक आगे आने वाले समय मे भी उनके अचे्छ दिदन आ पायेंगे-लिलहाज़ा इन सब लोगों ने संयुक्त रूप से इस बात का फैसला कर लिलया है तिक ये सब लोग यिमलकर अदालत का दरवाज़ा खर्टीखर्टीा कर अपने लिलये अचे्छ दिदनो की मांग करेंगे और सुबूत के तौर पर मोदी सरकार के चुनाव घोषणा पत्र का वह अंश लगाएगंे जिजसमे उन्होने -"सबका साथ-सबका तिवकास" करने की बात कही थी ! यह लोग अपनी चालबाज़ी मे तिकतने कामयाब हो पायेंगे यह तो आने वाला समय ही बतायेगा !

ले!क को जानेंपेशे से चाPXDX अकाउंPेंP राजीव गुप्ता ले!न और पत्रकारिरता से भी किपछले लगभग तीन दशकों से जुडे़ हैं . >मX�ुग,हिहंदुस्तान,मा>ुरी सारिरका एवं इकोनोयिमक Pाइम्स समेत देश की लगभग सभी राष्ट्री� पत्र-पकित्रकाओं और आकाशवाणी से उनकी 8 ०० से अयि>क रचनाए ँहिहंदी और अंग्रेजी में प्रकाशिशत-प्रसारिरत हो चुकी हैं .एक साप्ताकिहक समाचार पात्र और एक माशिसक पकित्रका का काफी सम� तक संपादन किक�ा है.एक लघुकथा संग्रह का भी संपादन किक�ा है .ले!,कहाकिन�ा और ककिवता�ेँ सभी किव>ाओं में शिल!ते हैं .

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