ग्वारपाठे (aloe vera) के प्रयोग - 2

3
I am Here (swami Harihar) Anhad yog plz . watch:-on 1. face book .com 33.havelsnouso of history.com 2. twitter 34.azerbay con t.v.com 3. Blogger 35.factory.faoy.com 4.youtube 36.movie anthm.com 5. goggle 37.vervideo.nat 6. onlyzen.com 38.time of India.com 7. ratedesi .com 39.anhadyog.blogspost.com 8. seninicin .com 40.tripwow.tripadvisor.com 9. safetv.me 41.connect facebook.com 10. sciribd.com 42.kompalakay.com 11. wah gujrat.com 43.indnav.com 12. sesio.nat 44.plus.google.com 13. insider.phone.com 45.clesio.nat 14. jpop.disney.navi 46.vecngle.com

Upload: swami-harihar-shriji

Post on 29-Jul-2015

52 views

Category:

Documents


2 download

DESCRIPTION

ग्वारपाठे (Aloe Vera) के प्रयोग - 216. कान दर्द :- *ग्वारपाठे के रस को गर्म करके जिस कान में दर्द हो, उससे दूसरी तरफ के कान में 2-2 बूंद डालने से कानों का दर्द दूर हो जाता है।*ग्वारपाठे के रस को गुनगुना करके कान में डालने से कान का दर्द ठीक हो जाता है।17. मूत्रकृच्छ (पेशाब करने में कष्ट या जलन) :- 50 ग्राम ग्वारपाठे के गूदे में चीनी मिलाकर खाने से पेशाब करने में जलन और दर्द की समस्या दूर हो जाती है।18. बच्चों की कब्ज :- छोटे बच्चों की नाभि पर साबुन के साथ ग्वारपाठे के गूदे का लेप करने से दस्त साफ होते हैं और कब्ज की शिकायत दूर हो जाती है।19. उपदंश (फिरंग) :- *उपदंश के कारण से उत्पन्न घावों पर ग्वारपाठा के गूदे का लेप लगाने से लाभ मिलता है।*ग्वारपाठे के 5 ग्राम रस में 5 ग्राम जीरे को पीसकर लेप करने से उपदंश की बीमारी दूर होती है।20. मधुमेह :- मधुमेह रोग में ग्वारपाठा का 5 ग्राम गूदा लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से लगभग आधा ग्राम गूडूची के रस के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है।21. कामला (पीलिया) :- *कामला (पीलिया) के रोग में ग्वारपाठा का 10-20 मिलीलीटर रस दिन में 2 से 3 बार पीने से पित्त नलिका का अवरोध दूर होकर लाभ मिलता है। इस प्रयोग से आंखों का पीलापन और कब्ज की शिकायत दूर हो जाती है। इसके रस को रोगी की नाक में बूंद-बूंद करके डालने से नाक से निकलने वाले पीले रंग का स्राव होना बंद हो जाता है।*लगभग 3 से 6 ग्राम ग्वारपाठा गूदे को मट्ठा के साथ सेवन करने से प्लीहावृद्धि (तिल्ली का बढ़ना), यकृतवृद्धि (जिगर का बढ़ना), आध्यमानशूल (पेट में गैस बनने के कारण दर्द), तथा अन्य पाचन संस्थान के रोगों के कारण होने वाला पीलिया रोग ठीक हो जाता है तथा ये रोग भी ठीक हो जाते हैं।*ग्वारपाठा के पत्तों का गूदा निकाल दें और इसके बाद जो छिलका बचे उसे मटकी में भर दें तथा फिर इसमें बराबर मात्रा में नमक मिलाकर मटकी का मुंह बंद करके कंडों की आग में रख दें। जब मटकी के अन्दर का द्रव्य जलकर काला हो जाए तो उसे बारीक पीसकर शीशी में भरकर रख दें। इसमें में कुछ मात्रा में सुबह तथा शाम को सेवन करने से पीलिया रोग ठीक हो जाता है।"22. जिगर की कमजोरी :- 20 ग्राम ग्वारपाठा के पत्तों का रस तथा 10 ग्राम शहद दोनों द्रव्यों को चीनी मिट्टी के बर्तन में मुंह बंद करके 1 सप्ताह तक धूप में रखें, इसके बाद इसे छान लें। इसमें से 10-20 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से यकृत विकारों (जिगर के रोगों) को दूर करने में लाभ मिलता है। इसकी अधिक मात्रा विरेचक होती है परन्तु उचित मात्रा में सेवन करने से मल एवं वात की प्रवृत्ति, ठीक होने लगती है। इसमें सेवन से यकृत (जिगर) मजबूत हो जाता है और उसकी क्रिया सामान्य हो जाती है।23. तिल्ली :- ग्वारपाठा के गूदे पर सुहागा को छिड़ककर सेवन करने से तिल्ली कट जाती है।24. जोड़ों के (गठिया) दर्द :- 10 ग्वारपाठा के गूदा का सेवन रोजाना सुबह-शाम करने से गठिया रोग दूर हो जाता है।25. ज्वर :- 10 से 20 ग्राम ग्वारपाठा की जड़ का काढ़ा दिन में 3 बार पीने से ज्वर कम हो जाता है।26. व्रण (घाव), चोट और गांठ :- *यदि घाव पका न हो तो ग्वारपाठे के गूदे में थोड़ी सज्जीक्षार तथा हरिद्रा चूर्ण मिलाकर लेप बना लें और इस लेप को घाव पर लगा दें इससे घाव पककर फूट जाएगा और यह जल्दी ही ठीक हो जाएगा।*शरीर की किसी ग्रंथि में गांठ पड़ जाए तो वहां पर ग्वारपाठा का गूदा में लहसुन और हल्दी मिलाकर इसे हल्का गर्म करके गांठ पर लगाए इससे आराम मिलता है।*गांठों की सूजन पर ग्वारपाठे के पत्ते को एक ओर से छीलकर तथा उस पर थोड़ा सा हरिद्रा चूर्ण छिड़ककर इसे हल्का गर्म करके गांठों की सूजन पर लगाएं इससे आराम मिलेगा।*चोट, मोच तथा कुचले जाने पर दर्द या सूजन हो रहा हो तो ग्वारपाठे के गूदें में अफीम तथा हल्दी का चूर्ण मिलाकर इसे सूजन तथा दर्द वाले भाग पर लगा लें इससे लाभ मिलेगा।*औरतों के स्तन पर चोट लगने के कारण या किसी अन्य कारण से गांठ या सूजन हो गया हो तो ग्वारपाठे की जड़ का चूर्ण बनाकर उसमें थोड़ा सा हरिद्रा चूर्ण मिलाकर इसे हलक गर्म करें और गांठ या सूजन वाले भाग पर लगाकर पट्टी बांध लें इससे सूजन कम हो जाती है और दर्द भी ठीक हो जाता है। इस तरह से उपचार दिन में 2-3 बार करते रहना चाहिए।*ग्वारपाठे की जड़ को घाव पर लगाने से हड्डी के घाव और पुराने घाव ठीक हो जाते हैं।*ग्वारपाठे के पत्ते का टुकड़ा करके इसके एक ओर का छिल्का हटा दें और छिल्के हटे हुए भाग पर रसोत और हल्दी छिड़ककर हल्का गर्म करें फिर इसे गांठ वाले भाग पर बांध दें इससे लाभ मिलेगा।27. पेट की गांठ :- *ग्वारपाठे के गूदे को पेट के ऊपर बांधने से पेट की गांठ बैठ जाती है। कठोर पेट मुलायम हो जाता है और आ

TRANSCRIPT

Page 1: ग्वारपाठे (Aloe Vera) के प्रयोग - 2

I am Here (swami Harihar) Anhad yog plz . watch:-on

1. face book .com 33.havelsnouso of history.com 2. twitter 34.azerbay con t.v.com3. Blogger 35.factory.faoy.com4.youtube 36.movie anthm.com5. goggle 37.vervideo.nat6. onlyzen.com 38.time of India.com7. ratedesi .com 39.anhadyog.blogspost.com8. seninicin .com 40.tripwow.tripadvisor.com9. safetv.me 41.connect facebook.com10. sciribd.com 42.kompalakay.com11. wah gujrat.com 43.indnav.com12. sesio.nat 44.plus.google.com13. insider.phone.com 45.clesio.nat14. jpop.disney.navi 46.vecngle.com15. laughenough.com 47.nichetrcnd.com16. indiaevery.com 48.findfioridacondo.com17.eangn.ehagh.com 49.pktube.onepakistan.com18. moneycontral.com 50.funnyasvideos.com19. alfavideo.com 51.i pad videos.com20. Pakistan(p.ktube) 52.factoryofijoy.com21. mieszk/emieszkai 53.azeri mix.com22. azerimix.com 54.micszk-a.mieszkanie.me23.zetaspace.com 56.hi fdlive.com24. vallenatoclombia.com 57.pk funda.com25. Columbus real esate.vids.com 58.inetv net.com26. map monde.com 59.yatengo.com

Page 2: ग्वारपाठे (Aloe Vera) के प्रयोग - 2

27. pipl.com 60.traktortan.pl/videos28. yashi.com 61.azerbaycgn.tv 29. urbonu.com30. radaris.com31.flv mps.org32. wikmapia.com