स_धन_ जगत क_ ब_त_ - by anurag singh gautam nikhil (1-38)

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Page | 1 साधना जगत की मे री बफसयी फेहद सयरतभ फाते ... आऩ सबी के साथ औय (अफ नही ऩयी तो साथ होगी ही ) “ Anurag Singh Gautam Nikhil | Arif Khan Nikhil | Raghunath Nikhil Source : Nikhil-Alchemy Facebook Group Nikhil Alchemy Facebook Group : http://www.facebook.com/groups/194963320549920/ Nikhil Alchemy Blog : http://nikhil-alchemy2.blogspot.com

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Page 1: स_धन_ जगत क_ ब_त_ - by Anurag Singh Gautam Nikhil (1-38)

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“ साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी के साथ औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

Anurag Singh Gautam Nikhil | Arif Khan Nikhil | Raghunath Nikhil

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Page 2: स_धन_ जगत क_ ब_त_ - by Anurag Singh Gautam Nikhil (1-38)

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“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

by Anurag Singh Gautam Nikhil

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

Part -1

चऩुचाऩ फैठे हुए साभन ेके जराशम को देखूॊ मा उसके ऊऩय स ेजा यहे ओवय बिज के ट्राफपक को ......आऩको फता ही चकुा हूॉ फक कुछ सभम स ेइस ताराफ के फकनाये फन ेभॊददय स ेजुड ेखारी जभीॊ ऩय आकाय सुफह फैठ जाता हूॉ . न

भन ही ननमॊत्रण भें हो ऩा यहा हैं न ही औय कुछ......... फकतनी बी कोशशश करॊ साये प्रमास कुछ देय भें ही .असपर

....

वही फात साभन ेआ जामे फक साधना भें कैसे औय... औय ....फैठूॊ ...... कैस ेआसन औय दृढ हो ... ऩय कुछ सभझ भें नही आ यहा ..

धीये धीये ये भना ..धीये धीये सफ होम

भारी सीॊच ेसौ सौ घडा ऋत ूआमे पर होम ..

ऩय भन को कैस ेसभझाऊॊ .. जजन बी साधको स ेफात होती हैं कोई 6 घॊटे तो.......कोई 10 घॊटे तो .....कोई 12 /14

घॊटे तो कुछ तो मह फतामा फक व े18..... 18 घॊटे साधना भें फैठे यहे .

महाॉ हार मे फक फस आधे घॊटे भें ही ऩैयों भें ददद होन ेरगे ..सभझ भें नही आमे फक क्मा फकमा जाए .

ऩयकुछ जफ प्रश्न फढ़ गए तो एक दभ स ेववचाय हटा कय गुरु भॊत्र जऩ चार ूकय ददमा ..बरे ही जऩ चर यहा हो ऩय

कुछ थोडी सी देय देय भें ..वही ववचाय आमे औय .. जफ ऩैयों भें ददद हो तो .. अफ एक दभ स ेतो कुछ नही हो सकता ऩय ..कुछ तो हो ..ऐस ेतो नही चरेगा ...इस तयह एक फकनाये स ेखडा तो नही यह सकता ..

तबी ध्मान ऩडा फक कोई फाजू भें चऩु चाऩ फैठा हैं .

देखत ेही भुस्कुया ददमा भेयी अऩनी नन्ही ऩयी ..अऩन ेआसन ऩय फैठी हैं ..

भैंन ेकहा अये नन्ही ऩयी त ू..

जफाफ आमा . फक जफ ऩाऩा आऩ महा फैठे ... हो तो .......भैं बी मही आ गमी .देखूॊ आऩ क्मा कय यहे हो ..

तुझ ेमहाॉ का ऩता कैसे चरा .

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आऩ भुझस ेअफ ........... थोडी न कुछ छुऩा सकत ेहो .. तो भैंन ेसोचा देखूॊ तो फक क्मा हो यहा हैं .सच फताओ फक

क्मा फात हैं .

अये फस ऐस ेही ..

नही नही साफ़ साफ़ फताओ फक क्मा हुआ ..

अये ज्मादा देय तक आसन भें नही फैठ ऩा यहा हूॉ न तो उसी के फाये भ ेसोच यहा हूॉ फक कैसे करॉ ..सभझ भ ेनही आ

यहा हैं.

उसन ेकहा . तो इसभें क्मा ददक्कत हैं..जजतनी देय फैठना हो फैठो फस ..

अये ऐस ेथोडी न होता हैं .

क्मों नही जफ भन ही नही रग यहा हैं तफ ..फकसको ददखामा जा यहा हैं..कोई फैठा तो हें नही मह सफ नोट कयन े

...ऩाऩा .

फात तो सही हैं ऩय

ऩय क्मा ऩाऩा ..क्मा आऩ बूर गए की हभें सभम नही फजकक सदगुरुदेव को देखना हैं .आऩ अगय नही फैठ ऩा यहे हो तो यहे हो तो ऐसा कयो जजतनी देय फैठ ऩा यहे हो उतना तो फैठो फपय जफ दफुाया सभम शभरता हैं तफ फपय स ेफैठो ,बरे ही ददन भें कई कई फाय ...भैं बी मही कयती हूॉ ..इस तयह स ेधीये धीये बरे ही एक फाय भें नही ऩय कुर सभम

तो फढ़ता जामेगा न .

फात तो तेयी सही हैं ..अफ स ेऐसा ही करॉ गा ..

नहो ऩाऩा फोरो ऐसा ही कयोगे ...

जी जो हुकुभ भेयी नन्ही ऩयी ..

वह हस्त ेजाए . भैंन ेकहा अच्छा मे तो फता फक तुझ ेमह भारूभ हैं फक जऩ के सभम कफ ऩैय फद्रत ेहैं .

अये इसभें क्मा हैं ..जफ जो भारा जऩ कया जा यहा हो वह भारा ऩूयीहोन ेको तो अगरी भारा चार ूकयन ेस ेऩहरे

आऩ अऩन ेऩैय को फदर रेना .फीच भारा भें नही ........भारा ऩूयी हो जाम

तफ इतना कहत ेकहत ेऩीछे स ेभुझ ेऩकड कय फोरी अये ऩाऩा ..आऩ बी फकतना ऩयेशान भुझ ेकयत ेहो ....... फस उसको ऩकडन ेके शरए उठा ही औय आखें खरुी तो वहाॉ फस कोई औय नही ......ऩय वह थी अबी अबी ..मही तो थी .....भेया ह्रदम कह यहा था .

औय शभत्रो, हभ भें स ेअनेको के साभन ेमह सभस्मा हैं ही . तो क्मा कोई साधना प्रफिमा नही हैं . क्मों नही .सदगुरुदेव न ेएक ऐसी साधना हभाये शरए दी हुमी जजसस ेफक कोई चभत्काय तो नही ऩय धीये धीये आसन ऩय

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फैठन ेफक ऺभता फढती जाती हैं .

औय अबी हार भें ब्रॉग भें आमे कुछ साधना जैसे ददव्म देह प्रानि बी ववचाय कयन ेमोग्म हैं. साथही साथ आऩ

योज एक गगरास दधू भें आधा चभम्च हकदी डारकय हकका कुनकुना कय के ऩीरे ,मह बी घुटनों केददद को दयू

कयन ेभैं उऩमोगी शसद्ध हुआ हैं औय ्सॊबव हो तो योज अऩन ेघुटनों औय एडी की भाशरश जैतून आमर स ेकये तो महबी सहामता देगा ही .

ऊऩय की फातें आऩ जानत ेहैं ही फक चशरए अगय कोई बी उऩचाय काभ नही आ यहा हो तफ जजतना फन सके उतना तो फैठे जाए ..सदगुरुदेव फक दृष्टी स ेआऩके ह्रदम की अशबराषाकहाॉ छुऩी हैं .

साधना कयत ेजाए ...धीये धीये स्वमॊ ही शयीय .....उस भन्त्र की उजाद औय उष्भा स ेआऩके शरए सपरता के या स्त े

खोर देगा ..

ननखखर प्रणाभ

Smile

अन ुननखखर ...

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

Part -2

अये नाक कटवा दी आऩन े......मे ही सायी हयकत े....... कबी ..तो . अन ुबैमा .

अफ भैं क्मा करॉ ..ऐसा कयत ेहैं .... मे योज योज नाक कटे इस स ेतो ज्मादा अच्छा हैं फक स्टीर की ही न नाक रगा रे भैं औय आऩ ......

औय आऩ ही तो इतनी यात को फुरामा था अफ नीद न आएगी तो क्मा ..औय

(बाई के साथ उनके कभये भें साधना शरए गमा था क्मोंफक जगह नही थी . औय उन्हें खदु बी अऩनी साधना जो कयनी थी तो वह जफ फ्री होत ेतफ फोर देत ेफक आऩ महाॉ आकय कय रो . अफ यात के इतन ेसभम ३ / ४ फजे ऩय इतनी नीद की क्मा फताऊॉ ..)

दसूये ददन भैंने फोरा फक क्मा कोई उऩाम नही हैं. इसका नीद का ..

अये उऩाम फक छोडो ....चाय ऩाॊच फाय आसन ऩय ही झटके रग यहे थे .आऩको .... सो गए थे .आऩ ..

भैंन ेकहा तो क्मा करॉ . कुछ तो .कोई तो उऩाम होगा ही ..ऐसा हो नही सकता हैं

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आऩ ननखखर कवच . कयो .

ऩय इसका महाॉ क्मा भतरफ .

अये मह नीद मा आरस्म बी तो एक सभस्मा हैं तो कवच उसस ेयऺा नही कयेगा ..

तो नीद आन ेजैसी सभस्मा ऩय बी .

हाॉ ..

आश्चमद हैं .. *************************

दसूयी घटना .. ********************

भैं साधना स ेउठा हूॉ औय ्भानरो कोई अशयीयी आत्भा आमे .... कोई मोगगनी मा ...बैयवी ही सही....... आकय

फोरती हैं फक उसके साथ चरना हैं ..तो क्मा भुझ ेजाना चदहमे ..आऩ फताओ.

क्मों नही क्मा ददक्कत हैं.

अये फपय फही फात .....अये कहीॊ मे रोग.... .न भारूभ कहाॉ रे जामे .औय इनके फाये भ ेबफना ऩता चरे ... फकसी अनजान ेके साथ क्मों जाऊॊ ..

नही बैमा ..ऐसा कुछ नही हैं .

अये क्मों नही हैं ..ऩता नही कौन हो .फकस भतरफ स ेआई हो ..बफना जान ेऩहचान े.कैस ेचरे जाउ .. अऩन तो सीधे

न ..

नही आऩ सभझो फक वह कोई नुकसान ऩहुचान ेतो आई नही हैं..... उस ेऐसा कयना होता तो साधना भें ववघ्न

कयती ऩय........ उसन ेतो ऐसा नही फकमा औय फपय जो इतनी देय स ेइॊतजाय कय के फैठा यहा आऩका ..... भतरफ

उसे तो ऩता हैं न फक आऩ क्मा कय यहे हो . ..तो उसन ेआऩ से ही आकय क्मों कहा ....भतरफ उसका स्तय अच्छा होगा ..न .. तो ..सभस्मा क्मा हैं .

अगय उसन ेकहीॊ सम्भोदहत कय ददमा मा कोई ओय प्रमोग .. तो तफ क्मा ..फकतनेऐस ेवतृान्त ऩढे़ हैं .

बैमा देखो .आऩ कवगचत हो तो फपय क्मा डय ..

कवगचत भतरफ

अये साधना के सभम .ननखखर कवच कया होगा जो न ..वही यऺा कयेगा ..

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ऩय बाई वोह तो तफ ना जफ कय ऩाऊॊ ..ऩय साधना शुर ही कयन ेफैठा औय तफ ही कोई आ गमा की चशरए तफ ..अफ

इस सभम भें भें तो कवच कय ही नही ऩाए..... अफ क्मा .

तो क्मा ..कर जो कवच फकमा हैं उसका प्रबाव आऩकी यऺा कयेगा .

आऩ क्मा कह यहे हैं कर के कवच ऩाठ का आज तक असय..

क्मों नही .जफ तक आऩ फपय स ेआचभन नही कयेंगे तफ तक यहेगा .बरे ही असय कभ हो ऩय होंगे आऩ कवगचत

ही . हाॉ जैस ेही आऩन ेआचभन फकमा असय सभाि अफ आऩको फपय स ेकवच कयना हैं .

शभत्रो आऩ सभझ ेन...... ननखखर कवच कोई एक भात्र ववधान नही हैं . बाई न ेभुझ ेफतामा फक जो बी इसका प्रनतददन ऩाठ कयता हैं उसके जीवन दघुदटना कबी नही होती . तो अफ आऩ फताओ की इस भहा कवच फक हभ

फकतना हरके स ेरे यहे हैं .........भन आमा तो फकमा औय न भन आमा तो.. हजायो औय कवच जो भन भें आमे कये

ऩय साधना के शुर औय अॊत भें इस कवच का ऩाठ तो कयना ही हैं .

ऩाऩा ...ऩाऩा इधय तो देखो .

भैं तो अवाक सा ...अये त ू..कफ आई .

इतनी देय स ेखडी हूॉ देख ही नही यहे थे कहाॉ थे आऩ .

कहाॉ जाऊॉ गा ..त ूफता .

कुछ शरख्त ेसभम हस यहे थे .

हाॉ ऩयी ... ननखखर कवच के फाये भें ..उस सभम की घटना को माद कयके ..

ऩाऩा भुझ ेबी कयना हैं .

हाॉ क्मों नही नन्ही ऩयी ..

भुझ ेशसखा दोगे

अये त ूएक फाय फोर के तो देख ..

भैं बी करुॉगी ...

ऩय ऩाऩा मह फताओ इसकी इतनी भहत्वता क्मों हैं .

क्मोंफक इस कवच के अॊत भें मह बी तो कहा गमा हैं फक मह एक कवच ही नही फजकक जजसकी जो जो इच्छा हो वह

वह इच्छा ऩूयी होती ही हैं .

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मॊ मॊ गचन्तमेत ..तॊ तॊ प्राप्नोनत ननजश्चतॊ ...

ऩाऩ आऩ तो कयत ेआमे होगे ..

अफ मह न ऩूॊछ .

क्मों .

अये angel इसी फात का तो अफ़सोस हैं. फकतनी चीजे भारूभ थी ऩय कबी सभझ ऩामा उनका अथद भैं बी ..इसशरए

तो ..... मूॉ सभझ अबी ही सभझ ऩामा हूॉ ..

चरो ऩाऩा हभ साथ भें सीखॊगे ..

हा भेयी i little angel …

चर आजा भेये ऩास

जी ऩाऩा Smile

ननखखर प्रणाभ

अन ुननखखर

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

Part -3

अये ऩाऩा मे आसन ऐसा कैसे आऩन ेयखा हैं ..दो दो कम्फर क्मों .

अये कफ स ेमहाॉ हैं त ु....क्मा कय यही हो ....

आऩको देख यही थी फक दो दो कम्फर ...

अये नन्ही ऩयी ..यखना ऩडता हैं क्मोंफक उससे आयाभ जो यहता हैं .

ऩय साधना तो शायीय को साधने एक नाभ हैं न ऩाऩा .

ऩय साधन ेएक भतरफ उस ेतकरीप ऩहुचना तो नही .अफ कर ही तो त ुखदु कह यही थी फक हभें सभम नही सदगुरुदेव जी को देखना हैं .तो इसी तयह हभें शयीय को नही सदगुरुदेव जी को देखना हैं औय अगय शयीय भें कोई

सभस्मा आएगी तो ..

वोह फात तो हैं ऩाऩा ..कोई औय कायण हैं फक फस इतना ही ..

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अये हय चीज का कायण बी हैं औय अथद बी .little angel ... अये कहत ेहैं फक साधना का भतरफ मा एक अथद बूशभ

तत्व स ेऊऩय उठना जो हैं तो अगय आसन भोटा सा होगा तो राब ही होगा न कभ स ेकभ एक मा दो इॊच ऊॉ च ेस ेबी राब होता हैं .

फस इतना

अये नही ..इसके शरए ऐसा कयत ेहैं फक एक कम्फर को भोड कय ऐसा यखे की अऩनी दहऩ के नीच ेमह आ जाए , तो वह बाग ऊऩय उठ जामेगा औय हभायी ऩैयों ऩय जोय कभ ऩडगेा .. तो ज्मादा देय तक फैठे यहना कहीॊ आसन होगा न

..

ऩाऩा आऩन ेफकसी को देखा हैं.

देखा क्मा जजतन ेउच्च साधको को देखा हैं सबी ऐसा ही फैठत ेहैं .सबी को देखा सबी अऩन ेशयीय का ध्मान यखत े

हैं.क्मोंफक इसी शभत्र के साथ तो साधना चरेगी न ..सबी एक उन्ही श्री चयण कभर को देख यहे हैं न फक अऩन े

शयीय को नुक्सान ऩॊहुचा कय ..क्मोंफक नन्ही ऩयी ..फाद भें घुटन ेके जोड भें फहुत ददद होन ेरगता हैं .

भतरफ इसस ेकोई सभस्मा नही ..

अये न ये ..चाहे तो रोग रकडी के ऩदटमे जैसा मा स्टूर जैसा आसान फना कय उस ऩय फैठत ेहैं ..उससे बी आसानी होती हैं .

.....ऩाऩा आऩन ेसाधना के दौयान ऩानी ऩीन ेकी फात ...

अये हाॉ उस ददन हुआ मे .....फक फहुत प्मास रग यही थी अफ आसन स ेउठना बी नही था औय फैठा यहना बी कदठन

था . जफ सॊबव नही हो ऩामा तो क्मा कयता ...आसन स ेउठ कय ऩानी ऩी शरमा फाद भें बाई स ेऩूॊछा तो उन्होंन े

कहा फक कोई सभस्मा नही हैं आऩ साधना के सभम ऩानी ऩी सकत ेहो ..फस उसके फाद भुख शुवद्ध कय रेना .

ऩा ऩा ..भुख शुवद्ध भतरफ

अये वही भॊत्र .अऩववत्रो ऩववत्रो वारा औय एक फाय आचभन कय रे ना चदहमे .

अये भेयी little angel . त ुही न ेतो फतामा था न फक हभें सदगुरुदेव को देखना हैं तो ...

ऩाऩा वोह तो हैं .. खशु हैं न ...भेयी नन्ही ऩयी .. जी ऩाऩा

ननखखर प्रणाभ

Smile

अन ुननखखर

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“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

Part -4

अये ऩाऩा अफ क्मा हुआ ..फपय

अये क्मा फताऊॉ तुझ े..

फोरो तो

सुफह बाई का कार आमा था silent mode भें था भोफाइर .... ध्मान ऩडा ही नही अफ फस दो शभननट फाद ही देखा तो उनकी शभस कॉर ..अफ उनको कार फेक फकमा तो busy आ यहा था .

तो .

अये सुन तो ..

फपय उनका कार आमा .भैंने कहाॉ ....हाॉ बाई आऩन ेकार फकमा था ..फकस फाये भें.. फोरत ेहैं .. फक एक फात कयनी थी ऩय आऩन ेकार receive नही फकमा ..भैंन ेकहाॉ आऩ कार तो कयत े..फोरत ेहैं फक हभें हभाये सद्गरुुएव न ेमही शसखामा हैं फक मदद तीन फाय कार कयन ेऩय बी साभन ेवारा पोन न उठामे तो सभझ रेना फक उसकी ननमनत नही हैं इस फात को सुनन ेफक ..

तो आऩ ने कुछ तो फोरा होगा .

अये भन भें था फक फोर दूॊ फक हभाये गुरुजीन ेहभें तो मह फतामा हैं फक साधक वही जो प्रमास कयना ना छोड े.अगय

दो तीन कार औय कय रेत े.. तो बाई आऩको सपरता जरुय ..

तो फोरा आऩन े..

अये ..कौन रडाई औय कये ..मे तोभैन ेअऩन ेभन भें फोरा था .

आऩ रोग बी .खफू भस्ती कयत ेहो ...ऩय ऩाऩा भैंन ेआऩकी फात सुनी थी

फकस फाये भें.

जो आऩ दोनों रास्ट वीक कय यहे थे ..

तो सुन शरमा ..

ऩाऩा आऩ फक हय फात अफ भेये स ेछुऩ तो नही सकती हैं मे तो आऩ जानत ेहो ही . तो अफ ऐस ेफचो नही ..

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क्मा क्मा सुना .सच सच फता ..ऩूयी फात .

आऩ रोग मही फात कह यहे थे न ..फक ध्मान का एक अऩना ही भहत्त्व हैं . रोग सभझत ेनही हैं . फस मूॉ ही यट यट

कय ध्मान कयन ेस ेक्मा हो गा .. जफ तक उस ध्मान का एक एक शब्द का अऺय का अथद ऩता न हो .क्मोंफक .तबी तो उस देवता का स्वरुऩ साभन े, भन औय ह्रदम औय ककऩना भें फनेगा . तबी तो वह ककऩना साकाय रऩ रे

ऩामेगा ..

तुन ेतो ऩूया ही सुन शरमा .

अये आगे तो सुनो .....मे बी ..न फक ध्मान भॊत्र को कभ स ेकभ ११ फाय तो कयना ही चादहमे.ऩय आऩ तो उनस ेफोर

यहे थे फक ध्मान फडा होना चदहमे .ऐसा ..क्मों..

अये फेटा फस ..कबी कबी सभझ भें नही आता फक हभ फकस फता ऩय फात कय यहे होत ेहैं ..कोई decide तो होता नही .. ऩता नही क्मों इच्छा थी फक फडा ध्मान हो तो ....वही तो वह फता यहे थे फक .सवार फड ेमा छोटे हो का नही फजकक फकतनी स्नेह औय प्रेभ स ेआऩ उस शक्ति को आवादहत कयत ेहो .उसभे डूफ सकत ेहो उसका हैं .

फात तो सही हैं .

क्मोंफक छोटा ध्मान भॊत्र यहन ेस ेगरती बी कभ होगी औय सपरता बी आगधक शभरेगी . आगे औय बी कुछ तो फोरा था .वह फता क्मा सुना था तुन े....

हाॉ माद आमा . मे फक ..जहाॉ रोग फकतन ेसभम तक उस देवता के अनुरऩ अऩना भन ह्रदम फना सके

..............उनका ध्मान कयत ेहैं हभ एक फाय ध्मान ऩढ़ कय ही फचन ेफक कोशशश कयत ेहैं .. औय आऩ रोग गुरु भॊत्र ऩय कुछ फोर यहे थे न ..

तो मे बी सुन शरमा ..

अये ऩाऩा भैं ऐसी फात कबी छोडूॊगी बरा .

हाॉ वह मह फात आयहे थे फक हभन ेइतन ेसाये भॊत्रो फक बीड भें गुरु भॊत्र को बी एक भॊत्र फस भान शरमा जफफक वह

तो सवोऩरय हैं..क्मा मक्षऺणी...... क्मा अप्सया क्मा कोई बी सॊसाय की शक्ति सबी तो उस एक भॊत्र के जऩ भें हैं .उसहभ आखखय क्मों इतना कभ स्थान देत ेहैं ... क्मों नही कयत े..फस ..

शभत्रो , हय साधना भें ध्मान फपय वह चाहे सदगुरुदेव का हो औय इष्ट का बी ...अऩनी ही एक बूशभका हैं मा मूॉ कहूॉ सफस ेऩहरा ऩग .औय उसे ही हभ सही ढॊग स ेसभझ कय न केयें तो मह गरती तो हभायी ही न .. इसशरए हय ध्मान

जो बी हभयी साधना भें आमे कभ स ेकभ ऩहरे ११ फाय तो कये औय फपय जजस साधना भें फतामा गमा हो ,वैसा ... औय इसी तयह गुरु भॊत्र को बी जगह तो दे ,,

अये फेटू सो गमी क्मा ..

नही ऩाऩा भैं सुन यही हूॉ ..

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भुझ ेतो रगा फक सो गमी हैं ..

औय शभत्रो फेदटमा तो साऺात ्भा ऩयाम्फा का रऩ ही होती हैं ..आऩ स ेएक ऩर का स्नेह रेंगी औय हजाय ऩर का स्नेह वावऩस आऩ ऩय ही उडरे देंगी .

.तबी तो सदगुरुदेव जी न ेबी कहा हैं फक सौबाग्म हैं उनका जजन्हें फेदटमा शभरी हो ....वह आऩके जीवन के ह्रदम के

फॊद ऩड ेदयवाजे कफ चऩुचाऩ अऩन ेकोभर हाथों स े.... भधयु भुस्कान सेआदहस्ता आदहस्ता खोरती जाएॉगी ...... आऩ सोच ही नही ऩाओगे .

औय वेस ेबी . बफना ह्रदम के दयवाजे खरेु साधना भें सपरता बी कैसे शभरेगी ....

.आऩ ही फताओ ...

अये little angel नीद आयही हैं .न

जी ऩाऩा ...

ननखखर प्रणाभ

Smile

अन ुननखखर

NPRU

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

Part -5

भैं महाॉ आ जाऊॊ ..ऩाऩा

अये तेये को अफ ऩूछना ऩडगेा क्मा ..आ जा ..

आऩ क्मा कय यहे हो ..

फस ऩानी को देख यहा हूॉ ..

क्मों..

कहाॉ जाता हैं फक जर बी एक अथो भें इश्वय का ही प्रतीक हैं ऊऩय बरे ही फकतनी उथर ऩुथर ददखाई दे फेटा ऩय

अॊदय एक दभ कोई कोराहर नही ऩूणद शाॊनत छाई यहती हैं .तो इसको देखन ेस ेबी ह्रदम शाॊत होता हैं ..

ऩाऩा .कोई कहानी सुनाओ न ...

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चर फैठ जा ..

एक सूपी फ़कीय अऩन ेखेत भें काभ कययहे थे उनकी फेटी उनके ऩास ..दौडती आई फोरी वऩताजी फडा अजीफ सा आदभी आमा हैं ..आऩको ऩूॊछ यहा हैं .भैंन ेकहाॉ फक आऩ फैठो भैं फुरा कय राती हूॉ तो वह ..कहता हैं फक नही भ ै

ऐस ेही ठीक हूॉ ..तुभ फुरा राओ ..

भैंन ेकहा फक इस फोये ऩय फैठ जाओ.. वह्तैमाय नही हुआ ..वहीीँ वहीीँ घूभ यहा हैं ..ऩय फैठ नही यहा हैं .

फपय कुसी भैंन ेननकारी फोरा इस ऩय बी ...... उस ऩय बी वह तैमाय नही हुआ ..ऩता नही ऩागर सा हैं .. तो उसे ऐस ेही छोड कय आऩके ऩास आई हूॉ .

वह सॊत हस ऩड ेऔय फोरे .. अच्छा फता वह ददखता कैसा हैं . .

उनकीफेटी न ेकहा फक शसय ऩय कुछ फॊधा हैं औय फहुत साये चभकदाय ऩत्थय ऩदहन ेहैं .

अये फेटा वह महाॉ के याजा हैं ..उसे जफ तक उसके रामक ,उसके स्तय का नही शभरेगा वह ऐस ेही कहीॊ थोडी न

फैठ जामेगा ..वह् खड ेही यहेंगे ..

चर ..

शभत्रो ,मही भन की अवस्था हैं..हय ऩर अशाॊत ... हभ ्कहत ेहैं फक फस भन शाॊत हो जाए तो साधना भें फैठे ...

.ऩय “शाॊत भन” नाभ की तो कोई चीज ही नही हैं,

क्मा कबी फकसी न े..”शाॊत तूफ़ान” मा “गभद फपद ” शब्द सुना हैं .

मह तो सौबाग्म हैं फक भन कहीॊ रगता ही नही ..क्मोंफक वह तो शसपद सदगुरुदेव के श्री चयणों भें ही रगेगा ..न .

औय भानरो कहीॊ ओय रग गमा होता ऩूयी तयह स े.... तफ क्मा होता ..

हभ तो इस ऩथ ऩय आ ही नही ऩात े..

शाॊत गचत्त हो सकता हैं ..शाॊत ह्रदम हो सकता हैं ...

हैं न ..

औय महीॊ भन जफ खेर खेरता हैं तफ हभ .....

औय मह भन की अशाॊती फकन्ही अथो भें हभाये शरए सौबाग्म बी हो सकती हैं अगय सभझ सके तो ..फक हभें इस

भन को कहाॉ रगाना हैं .

औय अगय वहाॊ नही रगामा तो फपय सहन कये..

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इसशरए साधना कार भें भन की अशाॊती ऩय नही फजकक गचत्त ह्रदम की अशाॊती नही होना चदहमे .क्मोंफक वहाॊ तो सदगुरुदेव यहत ेहैं न ....

अये नन्ही ऩयी क्मा हुआ ..

भैं तो आइसिीभ खान ेफक सोच यही थी ..

तो चरे ..

ऩय आऩ तो “गयभ आइसिीभ” खाओगे न??? .आऩ तो ठॊडी चीज खात ेनही हो न ..

भेयी नन्ही शैतान ......

जी ऩाऩा ...आऩकी फेटी जो हूॉ ...

Smile

ननखखर प्रणाभ

अन ुननखखर

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

Part -6

भैं महाॉ आ जाऊॊ ..ऩाऩा

अये तेये को अफ ऩूछना ऩडगेा क्मा ..आ जा ..

आऩ क्मा कय यहे हो ..

फस ऩानी को देख यहा हूॉ ..

क्मों..

कहाॉ जाता हैं फक जर बी एक अथो भें इश्वय का ही प्रतीक हैं ऊऩय बरे ही फकतनी उथर ऩुथर ददखाई दे फेटा ऩय

अॊदय एक दभ कोई कोराहर नही ऩूणद शाॊनत छाई यहती हैं .तो इसको देखन ेस ेबी ह्रदम शाॊत होता हैं ..

ऩाऩा .कोई कहानी सुनाओ न ...

चर फैठ जा ..

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एक सूपी फ़कीय अऩन ेखेत भें काभ कययहे थे उनकी फेटी उनके ऩास ..दौडती आई फोरी वऩताजी फडा अजीफ सा आदभी आमा हैं ..आऩको ऩूॊछ यहा हैं .भैंन ेकहाॉ फक आऩ फैठो भैं फुरा कय राती हूॉ तो वह ..कहता हैं फक नही भ ैऐस े

ही ठीक हूॉ ..तुभ फुरा राओ ..

भैंन ेकहा फक इस फोये ऩय फैठ जाओ.. वह्तैमाय नही हुआ ..वहीीँ वहीीँ घूभ यहा हैं ..ऩय फैठ नही यहा हैं .

फपय कुसी भैंन ेननकारी फोरा इस ऩय बी ...... उस ऩय बी वह तैमाय नही हुआ ..ऩता नही ऩागर सा हैं .. तो उस ेऐस े

ही छोड कय आऩके ऩास आई हूॉ .

वह सॊत हस ऩड ेऔय फोरे .. अच्छा फता वह ददखता कैसा हैं . .

उनकीफेटी न ेकहा फक शसय ऩय कुछ फॊधा हैं औय फहुत साये चभकदाय ऩत्थय ऩदहन ेहैं .

अये फेटा वह महाॉ के याजा हैं ..उसे जफ तक उसके रामक ,उसके स्तय का नही शभरेगा वह ऐस ेही कहीॊ थोडी न फैठ

जामेगा ..वह् खड ेही यहेंगे ..

चर ..

शभत्रो ,मही भन की अवस्था हैं..हय ऩर अशाॊत ... हभ ्कहत ेहैं फक फस भन शाॊत हो जाए तो साधना भें फैठे ...

.ऩय “शाॊत भन” नाभ की तो कोई चीज ही नही हैं,

क्मा कबी फकसी ने ..”शाॊत तूफ़ान” मा “गभद फपद ” शब्द सुना हैं .

मह तो सौबाग्म हैं फक भन कहीॊ रगता ही नही ..क्मोंफक वह तो शसपद सदगुरुदेव के श्री चयणों भें ही रगेगा ..न .

औय भानरो कहीॊ ओय रग गमा होता ऩूयी तयह स े.... तफ क्मा होता ..

हभ तो इस ऩथ ऩय आ ही नही ऩात े..

शाॊत गचत्त हो सकता हैं ..शाॊत ह्रदम हो सकता हैं ...

हैं न ..

औय महीॊ भन जफ खेर खेरता हैं तफ हभ .....

औय मह भन की अशाॊती फकन्ही अथो भें हभाये शरए सौबाग्म बी हो सकती हैं अगय सभझ सके तो ..फक हभें इस

भन को कहाॉ रगाना हैं .

औय अगय वहाॊ नही रगामा तो फपय सहन कये..

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इसशरए साधना कार भें भन की अशाॊती ऩय नही फजकक गचत्त ह्रदम की अशाॊती नही होना चदहमे .क्मोंफक वहाॊ तो सदगुरुदेव यहत ेहैं न ....

अये नन्ही ऩयी क्मा हुआ ..

भैं तो आइसिीभ खान ेफक सोच यही थी ..

तो चरे ..

ऩय आऩ तो “गयभ आइसिीभ” खाओगे न??? .आऩ तो ठॊडी चीज खात ेनही हो न ..

भेयी नन्ही शैतान ......

जी ऩाऩा ...आऩकी फेटी जो हूॉ ... Smile

ननखखर प्रणाभ

अन ुननखखर

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

Part -7

भेयी नन्ही ऩयी क्मा कय यही हैं ..

ऩाऩा भैं बी सभुद्र देख यही हूॉ ,आऩन ेही तो कर कहा था .

अये हाॉ भैं तो बूर गमा ..भेयी फेटी तो इतनी स्भाटद हो गमी हैं ..

वो तो ऩाऩा भैं फचऩन स ेस्भाटद हूॉ..

नन्ही शैतान ..

ऩाऩा एक फात फताओ फक हय साधना के फाद ऺभा प्राथदना क्मो कयत ेहैं ??

देख फेटू ..हभ फकतन ेही फड ेहो जाए हभें फकतनी बी ननमभ ना भारूभ हो जामे .ऩय हभ यहेंगे फच्च ेही न सदगुरुदेव

के साभन े...

ऩय जो इतन ेफड ेमोगी हैं उनको बी क्मा मह कयना ऩडता हैं .

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फेटा जो ..सदगुरुदेव भें ऩूयी तयह रीन हो गमा तो उसभ ेऔय सदगुरुदेव भें क्मा पकद यहा .शामद उन्हें नही बी कयना ऩडता हो . क्मोंफक अफ व ेकहाॉ.....हैं ..उनके अॊदय भैं का बाव ही खत्भ हो गमा होगा न . उनके अॊदय तो सदगुरुदेव हैं न भेयी little angel .ऩय जजन्होंन ेफहुत शसवद्धमा बरे ही ऩा री हो ....फहुत ऻान फटोय शरमा हो ऩय

अगय व ेसदगुरुदेव भम ऩूये नही हुए हो तो उन्हें तो कयना ही ऩडगेा न .वेस ेबी हभ मह भान ेमा न भान ेकताद तो केफर सदगुरुदेव ही हैं .

ह्म्म्भ

मे क्मा हैं सभझ भ ेनही आमा

ऩाऩा कहानी स ेफताओ ..सभझ भ ेनही आमा .

चर सुन ..चऩुचाऩ खडी हो जा देख रहय फहुत तेज हैं .

अये ऩाऩा ..आऩ हो न .भुझ ेकोई टेंशन नही ..

हे बगवान .अफ इसको कैस ेसभझाऊ ..

जैसे भैं आऩको सभझाती हूॉ ठीक वेस ेही ..

एक याजा जॊगर स ेशशकाय कयके रौट यहा था ..यास्त ेभें एक साध ुअऩन ेसाथ एक फडी सी ऩोटरी रे कय चरा जा यहा था . याजा के भन भें कुछ आमा औय उसन ेसाध ूके ऩास यथ योक कय कहा फक साध ूफाफा ...

ओम सुन यही हैं न . फक ऩानी स ेखेर यही हैं

अये आऩ फोरो तो .भैं सुन यही हूॉ ..

हाॉ तो भैं कहा था..? .माद आमा...... .याजा न ेकहा ..फाफा आऩ कहाॉ जा यहे हो .साध ूफोरा भुझ ेशहय जाना हैं ,तो याजा न ेकहाॉ भैं बी वही ही जा यहा हूॉ ,आऩ भेये इस यथ ऩय आ जाओ भैं जकदी वहाॊ ऩॊहुचा दूॉगा .

साध ूयथ ऩय आ गमा . थोडी देय फाद याजा न ेदेखा तो ऩामा की साध ू.अऩनी ऩोटरी अऩन ेशसय ऩय यखा हैं .याजा न े

कहा अये आऩ अऩनी ऩोटरी नीच ेयथ ऩय यख दो न .

साध ून ेकहा नही ..भैं अऩना बाय खदु ही उठाता हूॉ. आऩन ेयथ ऩय आन ेको कहा इसका मह भतरफ नही फक भैं अऩनी ऩोटरी यथ ऩय यख द ु, उसे भैं अऩन ेशसय ऩय ही यखूॉगा .मे भेया बाय हैं भैं ही इसे उठाऊॊ गा ...

अफ याजा भन ही भन सोचने रगा फक ,क्मा कहूॉ......... फक चाहे शसय ऩय यखो मा यथ ऩय फजन तो हभेशा यथ ऩय ही आएगा न.

औय भेयी राडरी देख ठीक इसी तयह चाहे हभ कोई बी साधना कये फकतनी बी अच्छे स ेकये फपय बी भन वचन

कभद की गरती तो होती ही हैं न .............औय मह साया बय सदगुरुदेव के कॊ धे ऩय ही जाता हैं न .तो फेटा फकतना

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फडा व्मक्ति हो चाहे फकतन ेफडा साध ूमा मोगी हो उसका ऩूया बाय हभेशा सदगुरुदेव ही उठात ेहैं .अफ कोई भान ेमा न भान े......

सभझ गमी इसशरए हय साधना औय हय ददन के भॊत्र जऩ के फाद सदगुरुदेव के श्री चयण कभर भें जऩ अऩदण

कयना होता हैं .

आमा सभझ भें ..

तो पूर फस चढा दूॊ ऩाऩा तो चरेगा .

न फेटी .... इसके बफना बी चरेगा ..फस बाव तो हो ..औय मदद माद कयरे तो एक प्राथदना तो हैं .. कौन सी वारी ऩाऩा .

अये वही जो ..भॊत्र हीन फिमा हीन ,....... हैं.

वो..वो तो माद कयना ऩडगेी ऩाऩा ..आऩको माद हैं न .

सुनो कहानी भैं सुना यहा हूॉ .अफ ्कोई प्रशन नही .

भतरफ नही हैं ..हैं ना ..सच फोरो .

हा हा .

आऩ फहुत अच्छे हो ..ऩाऩा ..

क्मोंफक ...भेयी नन्ही ऩयी बी तो सफस ेअच्छी हैं ...........हैं न .

जी ऩाऩा .

ननखखर प्रणाभ

Smile

अन ुननखखर

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

Part -8

ऩाऩा रुको तो ... भैं आऩके साथ घभन ेचर यही हूॉ .. .

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अये इसभें क्मा सोचना ..चर ..

एक चीज फताओ ऩाऩा . साधना भें हय छोटी छोटी फात का ध्मान यखना ऩडता हैं न ..

मे फात तो हैं .नन्ही ऩयी .क्मोंफक मह भजाक भें नही फजकक सफस ेगॊबीय ववषम हैं .

ऩय मह सफ आज क्मों ऩूॊछ यही हैं ...

ऩाऩा क्मा आऩको भारूभ हैं फक भारा कैसे गगनी जाती हैं .

हाॉ फेटा , साधायण रऩ स ेतो अॊगुरी स ेही गगन कय काभ चर जाता हैं औय भैं तो ऐस ेही माद यखता हूॉ .

भगय ज्मादा भारा गगनना ऩड ेतो ..

भैं तो फेटा ऐस ेही कयता हू फक एक फाय भें १२ भारा भतरफ जजतन ेअॊगुरी के ऩोय हैं उतन ेतो इसी तयह हय फाय भें फायह भारा गगनता जाऊॊ गा ..भैं तो मही कयता हूॉ

ऩय ऩाऩा इसभें तो हभाया ध्मान भारा की गगनती भें ही रगा यहे गा तफ मह तो ठीक नही हैं . तो चर त ुही फता ..

भैं बी मही सोच यही थी .ऩय भैंन े. तो भाॉ स ेऩूॊछ शरमा ..

तो भाॉ न ेक्मा फतामा नन्ही ऩयी ..

हाॉ ऩाऩा भाॉ न े.भैंन ेकहाॉ फक क्मा चावर के दाने स ेगगनती माद यखी जाना चादहए .. .

तो भा न ेक्मा फतामा

वोह कहती हैं मह ठीक नही हैं ..अनाज के दानो स ेगगनती कयना नही हैं .इसकी जगह सीधे ऩेन कॉऩी रेकय उसभे राइन मा गोरे फना कय कयना चदहमे .

वाह फेटू आज तो फहुत अच्छी फात फताई .

ऩाऩा भैंने सोचा .चरो आऩ को तो फता ही दूॊ ..

तो त ुमह बी जान ही गमी.तो भेयी नन्ही ऩयी ..भुझ ेमह यहस्म फता गमी .

अये ऩाऩा . जो आऩ जानत ेहो भुझ ेफताओ .जो भैं जानती हूॉ आऩको फताउॊगी न.

ऩक्का प्रोशभस न ..भेयी फेटी..औय तो फता .

आज फस ऩाऩा इतना ही ..औय आऩ बी कुछ छुऩाना नही ..भेये स े..

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तेये स ेक्मा कुछ छुऩ सकता हैं ..

हाॉ ऩाऩा ..

भेयी नन्ही शैतान तुझ ेढेय साया स्नेह

क भैं आऩकी फेटी जो हूॉ ..

.इधय भेये ऩास तो आ भेयी नन्ही ऩयी ... .खफू साया स्नेह तुझ े

जी ऩाऩा ..आऩको बी खफू साया स्नेह .. ..

Smile

ननखखर प्रणाभ

अन ुननखखर

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

Part -10 (Part 9 does not exist)

ऩाऩा थोडा सा झुको .इतना बी आऩ स ेनही फनता हैं .

अये फेटा भैंन ेकबी मह् ऩदहना थोडा हैं..भेयी आदत नही हैं न फनता हैं ..

ओफ्फफ्फपो ...तो भैं फता देती हूॉ न . इतना सयर तो हैं . फस ऐसा कयो औय हो गमा .

अये वाह भेयी नन्ही ऩयी तो फकतनी स्भाटद हैं .

वो तो भैं जन्भ स ेहू ऩाऩा .

हा हा

ऩाऩा फकसी को पोन ऩय कह यहे थे कुछ गुरु चादय औय आसन के फाये भें .

वो तो ऐस ेही .

नही भुझ ेबी फताओ ...आऩन ेभुझ ेप्रोशभस फकमा हैं . सफ फात शमेय कयन ेको ,प्रोशभस तोडोगे क्मा?? .

अये न न .

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चर भैं मह कह यहा था फक गुरु चादय औय आसन को धोत ेनही हैं , इस ेएक सभम के फाद जफ रगे की मह कुछ

खयाफ स ेहो गए हैं तफ नए रेकय ही उऩमोग कयना चदहमे

ऐसा क्मों जफ चादय गन्दी होगी तो धोना तो ऩडगेी न इसभें क्मा ..

देख नन्ही ऩयी ..ऐसा नहीॊ हैं फेटा.अफ गुरु चादय को योज योज ऩदहनन ेकी क्मा जरुयत .शसपद इसशरए फक भॊत्र जऩ

की यऺा होगी तो फेटू ..ननखखर कवच का ऩाठ क्मोंकयत ेहैं . औय सदगुरुदेव न ेतो चौमद न्मास बी तो फतमा हैं . तफ हय साधना केशरए गुरु चादय ओढ़ कय क्मों फैठना........ भेयी राडरी त ुही फता ...क्मा ननखखर कवच स ेभॊत्र जऩ यऺा नही होगी

फात तो हैं

.इस ेतो भहत्वऩूणद सभम मा अवसय ऩय ही ऩदहनना चादहए

ऩय ऩाऩा तो क्मा गुरु चादय का क्मा कयेंगे ऩुयानी वारी का.

फेटा फकसी बी ऩववत्र नदी भें प्रवादहत कय सकत ेहैं ...... तो ऊऩय ओढन ेके शरए बी तो कुछ ..

हाॉ फेटा कोई बाई उसी यॊग का दऩुट्टा रे सकत ेहैं .

औय आसन का क्मा ..

चाहो तो इस ेआसन के ऊऩय नमा आसन बफछा रो ...

ऩाऩा आसन तो भोटा हो जामेगा न .

फेटू आसन तो भोटा ही होना ही चादहए ..

हाॉ आऩन ेफतामा तो था.

ऩाऩा ननखखर कवच फकतना जरुयी हैं

नन्ही ऩयी ऩय वह तो सदगुरुदेव का हैं उसस ेफडा क्मा .

सभझ भ ेआमा फेटू

अफ ऩाऩा आऩ कभ स ेकभ टाई फाॊधना तो सीख तो रो .. .

भेयी फेटू ..... भुझ ेशसखामेगी न ..फोर शसखामेगी न

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जी ऩाऩा Smile

ननखखर प्रणाभ

अन ुननखखर

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-11

ऩाऩा भुझ ेआइस िीभ खाना हैं ,आऩन ेप्रोशभस कयके खखरामा नही हैं ..आऩ झूठा वादा फकमे हो . अये न न भेयी little angel भेयी दहम्भत कहाॉ हैं

अये तो फपय भझ ेअबी तक खख रामा क्मों नही हैं .

अये जरय स ेकोई अऩनी फेटू स ेझूठा वादा कय सकता हैं क्मा

ओ ऩाऩा सुनो तो भ ैथक गमी हूॉ अफ भुझस ेचरा नही जाता हैं

तो आजा भेयी फेटी को भैं उठा कय चरता हूॉ .

ऩाऩा एक फात फताओ फक वादा का साधना भें क्मा योर हैं

नन्ही ऩयी इस ेही तो सॊककऩ कहत ेहैं .

मह जरुयी होता हैं

हाॉ फेटू ,नही तो क्मों मह एक अननवामद बाग होता .

आऩ भुझ ेफताओ न अच्छे से

देख साधना भें फहुत उजाद फनती हैं ऩय उस उजाद को कहाॉ केदद्रत होना हैं मह आगे अगय ननजश्चत

नही हैं तो वह उजाद बफखय जाती हैं औय उसका फकसी एक ऩऺ भें जजतना राब शभरना चादहए

वह नही शभर ऩाता तफ साधक ननयाश हो जाता हैं .

फस इतना सा ऩाऩा ..

नही भेयी राडरी सभझ ..

ऩहरे मे फताओ की अगय दो तीन फाय वादा टूट जाए तो भतरफ हभ ्जो साधना भें कये औय ऩुया उस ददन का भॊत्र जऩ ना कये तो

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रगता हैं सेिेट फताना ही ऩडगेा ..

इसका भतरफ आऩ भुझ स ेकुछ छुऩा यहे हो . तो ठीक हैं भुझ ेअफ कुछ नही ऩूॊछना ..

अये नही नही मे फात नही हैं .

ऩाऩा आऩन ेप्रोशभस फकमा था भैं तो आऩकी फेटी हू कोई फेटी स ेझूठ फोरता हैं .

अये फाफा रे चर जान ही रे .. भेयी नन्ही ... कार का एक अऩना ही गखणत हैं जो बफना इस ववषम

को आत्भसात फकमे नही सभझा जा सकता हैं आज तो त ुइतना सभझ जजसतयह स ेअनेको

देव देवी हैं एक देवता हैं जजन्हें सॊककऩ देव बी कहतेहैं वह आऩकी साधना भें फकमे गए वादे को

देखत ेहैंफक आऩन ेफकमाॊ ऩूया फकमा अगय आऩन ेवादा तोडा तो वह शसवद्ध बी प्राि नही हो ऩाता हैं.

ऩाऩा मह तो हभायी फात हुमी ,इसकी गबीयता क्मा हैं

फेटू मदद उच्चस्थ मोगी बी एक फाय फकसी काभ का सॊककऩ कयरेत ेहैं तो ऩूया कयत ेही हैं क्मोंफक

अगय उसन ेअऩना सॊककऩ ऩूया नही फकमा मा अफ कुछ सॊशम जानकाय नही फकमा तो उसकी

आज तक फक सायी साधनाए सॊककऩ देव स ेफकमे गए झूठे वादे कायण असपर होनेरगेगी .

ओय भतरफ ननमभ तो भानना ऩडता हैं ऩाऩा

वोह तो एक अननवामद प्रफिमा हैं

भतरफ सफको सॊककऩ ननबाना हीऩडगेा ना

हाॉ फेटू

त्मों आऩ भुझ ेआईस िीभ ..

हाॉ चर मह रे ..

अये ऩाऩा आऩ रेबी आमे .

अये भेयी नन्ही ऩयी त ुकह के तो देख

त ुभेयी नन्ही फेटी जो हैं

अफ फोर

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वो तो हूॉ भैं ऩाऩा . आऩकी सफस ेप्मायी फेटी

हा फेटू

तो चर जकदी स ेखाओ ..

जी ऩाऩा . .

ननखखर प्रणाभ

Smile

अन ुननखखर

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-12

कहानी का क्मा हुआ .

अये कहानी का कोई सभम तो होना चदहमे ...

ऩय भेये को तो एक सुननी ही हैं अबी ... ओके ओके

ऩहरे सभम की फात ..

ऩाऩा ठीक हैं . हय फात का अगय एक सभम होता हैं तो क्मा साधना का सभम बी भें कोई बी ननजश्चतता होती हैं .

भेयी फेटी .अये हभन ेसभझा फक फकस तयह स ेसॊककऩ देव होत ेहैं ठीक उसी तयह एक

औय देव होत ेहैं जजसना शामद ही फकसी को ऩता हो वह हैं..

क्मा ऩाऩा जकदी फताओ न ..

अये हाॉ फेटा ... वह हैं “ऺण देव “ भेयी राडरी ..औय मह मे देखत ेहैं फक क्मा साधक

अऩन ेसाधना सभम ऩय कयता हैं मा नही .. खास कय ववशषे अनुष्ठान के सभम ..अऩन े

साधना सभम भें ५ /१० शभननट का अॊतय हो तो चरेगा ऩय ..इस स ेज्मादा ..ठीक नही

क्मोंफक वहबी देख त ेयहत ेहैं फक आऩ फकतन ेगॊबीय हो ..

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सभझी न फेटू ..साधना के दौयान फकतनी न देव शक्तिमा कामद कयती हैं .. औय साधना

फकतनी न गहन चीज हैं

जी ऩाऩा .

चर आज तुझ ेइक हास्म कहानी सुनाता हूॉ ..

जी ऩाऩा भैं सुन यही हूॉ..

एक भाशरक औय नौकय सोमे ऩड ेथे .भाशरक न ेकहा जा कय जया फाहय देख तो

यात हैं मा ददन ..

नौकय न ेकहा फाहय फडा अॉधेया हैं .

भाशरक फोरा तो जरता ददमा रे कय फाहय जा कय देख कय आ ..कुछ तो ऩता चरे

अच्छा मह फता की फाहय का दयवाजा फॊद हैं मा नही ....

भाशरक फाहय स ेहवा आ यही हैं तो भतरफ दयवाजा खरुा हुआ हैं .

अये जाकय देख कय तो आ फक कहीॊ वारयश तो नही हो यही हैं

भाशरक अबी बफकरी आई थी भैंन ेउसके ऩीठ ऩय हाथ फपया कय देखा वह सूखी थी

भतरफ फाहय कोई ऩानी वानी नही गगय यहा हैं .

भाशरक न ेकहाॉ फक अये नारामक फाहय जा कय देख कोई आमा तो नही हैं .

नौकय फोरा अफ साये काभ भैं ही करु कुछ खदु बी कया कयो ...भैं फकतन ेकाभ कय चकुा

हूॉ ..तुभ बी ऩूये आरसी हो एक काभ नही

सभझी फेटू इस तयह स ेअगय आरसी भाशरक औय आरसी नौकय की जोडी शभर जाए

तो कहा जाता हैं फक याभ शभराए जोडी ..

अच्छी हैं न ..

हाॉ ऩाऩा .क्मा फात हैं ...कैसा आरसी था वह नौकय ..

भजा आमा .. जी ऩाऩा ..

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ननखखर प्रणाभ

Smile

अन ुननखखर

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-13

अये ऩाऩा सीधे फैठा तो कयो ..

क्मों

भैंन ेदेखा हैं आऩ सीधे नही फैठे थे .

अच्छा ..

अये भैं थक गमा होऊॊ गा ..

ऩाऩा सीधे फैठना क्मों जरयी हैं

फेटू ..शयीय भें जो सूक्ष्भ ववदु्यत हैं उसका साधना स ेफहुत रेना देना हैं वह ववद्युत हभ

सीधे ना फैठे तो हभा ये शयीय भें सभस्मा फनाती हैं . औय सपरता बी नही शभरती . ऐसा क्मों ऩाऩा .

भेयी नन्ही ऩयी .इस ववद्युत के भागद भें रकावट न आमे इसशरए हभ को सीधे फैठना चदहमे .क्मोंफक इस ववद्युत के

कायण ही हभाये शयीय भें जस्थत जो ददव्म कभर हैं.वो बी जागत होन ेरगत ेहैं .

सच भें मह कभर होत ेहैं.ऩाऩा

देख फेटी ऐस ेतो शयीय भें उन स्थान ऩय नाक्तडमों के गुच्छे ऩाए गए हैं . औय कहत ेहैं फक जो हभाया सूक्ष्भ शयीय हैं उसभ ेमह सही भें कभर होत ेहैं . हाॉ एक मोगी चाहे तो इस शयीय भें बी उन्हें उऩजस्थत कय सकता हैं .

ऩा ऩा .अफ .माद कयो ...

अफ क्मा .

भेयी शरए एक कहानी ..

एक साध ूफहुत ही ववऩन्न अवस्था भें थे. याजा के ऩास जा कय फोरा कुछ भदद कयें . याजा न ेस्वीकाय कय शरमा . अफ हय ददन कुछ रुऩमे उसे शभरन ेरगे .मह िभ एक सार चरा साध ूबी अफ खशु ....एक ददन .. याज्म फक

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हारत बफगडन ेरगी उस ददन साध ूजफ अऩना दहस्सा रेन ेगमा तो ऩता चरा फक वह धनयाशी आधी कय दी गमी .

वह साध ूगुस्से भें रडन ेरगा ..जफ उस ेसभझामा गमा की मह फात हैं कुछ रोगों को शभरन ेवारी याशश कट

कयन ेऩडगेी .

वह फोरा चाहे औय फकसकी याशश काटना हो काट रो , ऩय भेये ऩैस ेजो भुझ ेशभरत े.... हैं वह नही कटना चदहमे ,

चाहे जो भजफूयी हो .

देखा फेटू , व्मक्ति फकस टाइऩ का हो जाता हैं , फक कुछ ददन उसे कुछ शभरा जो की कोई दसूया उस ेदे यहा था, अफ

मह उस ऩय बी अऩना अगधकाय ददखाने रगा . भानो मह उसकी ही सॊऩवत्त हो .

ठीक ऐसा ही फेटू , सदगुरुदेव द्वाया ददमा गमा ऻान हैं नन्ही ऩयी .....कुछ रोग के ऩास उन्होंन ेअगय ददमा था तो .. उसे अऩनी ही सॊऩवत्त भान फैठे हैं .अजन्ककसी को फतान ेभें अफ शतद रगान ेरगे हैं .

सभझी न ..

अच्छी रगी कहानी ..

ऩाऩा भतरफ हभेशा मह माद यहे फक मह ऻान तो उन्ही का हैं हभ तो ननशभत्त भात्र हैं मही फात फताना चाहत ेहो न

..

अये वाह ...भेयी फेटी तो फकतनी स्भाटद हैं.

वो तो ऩाऩा भैं फचऩन स ेस्भाटद हूॉ.

चर नन्ही शैतान ..

अये भ ैआऩकी फेटी हूॉ ..

वो तो सदैव स ेत ुहैं भेयी smiling little angel .

.हैं न

जी ऩाऩा

ननखखर प्रणाभ

Smile

अन ुननखखर

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-14

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क्मा छुऩा यहे हो ऩाऩा फताओ तो .

अये कुछ नही ..

अये कुछ तो हैं .

तेये शरए एक गगफ्फट हैं .

तो भेये शरए ..अच्छा फताओ भेये शरए क्मा गगफ्फट हैं.

अये साये जहाॉ की खशुशमों भेयी फेटू को शभरे हभेशा ..

सच भ े..वेस ेअफ औय फात न फनाओ ...तो फताओ फक क्मा हैं ... गचप्स का ऩैकेट्स ??

रो ..कय रो फात अये कौन अऩनी इतनी प्मायी सी little angel केशरए मह नही कयेगा ..

ऩाऩा एक चीज फताओ की भॊत्र जऩ कयत ेसभम भारा को छुऩा कय क्मों यखत ेहैं फक फकसी अन्म की नजय....

क्मों ऐसा कयत ेहैं .

फेटू हभाये चायो तयप अनेक प्रकाय के कुछ ऐस ेदेवी देवता हभेशा होत ेहैं जजनको ऺुद्र देवी देवताकहतेहैं .इनका बोजन हभाया द्वाया फकमा गमा जऩ जो कीशरत नही हो वह होता हैं . हभ भॊत्र जऩ कयत ेजात ेहैं .औय मह ग्रहण कयत ेजात ेहैं औय हभाये ऩास ऩरयणाभ कुछबी नही . ऩाऩा ऐसा मह क्मों कयतेहैं .एक तयप तो देवी देवता हैं ऩय ..

भेयी नजन्हऩयी .. मह इसशरए फक केफर उगचत औय मोग्म ही सपर हो ऩाए औय मह सायी फात तो गुरु भुख स े

प्राि होती हैं , फकताफ ेइशाया कय के चऩु हो जाती हैं .

.भानो एक अॊगुरी चन्द्रभा फक ओय इशाया कय यही हैं औय हभ चॊद्रभा को न देख कय उसी अॊगुरी को ऩकड कय

फैठ जात ेहैं .मह तो भुखदता हुमी न .

तो ऩाऩा क्मा कयना चदहमे ..

भेयी राडरी .. जऩ कयत ेसभम भारा कऩड ेभें छुऩा कय मा गोभुखी भें जऩ कयत ेसभम औय जऩ ्प्रायॊब कयत े

सभम ..जो अस्त्रामाम ..पट.वारा भॊत्र औय जो तीन तारी फजाना होती हैं वह जरुय कयना चदहमे ..

ऩाऩा भेयी आज की कहानी ..

हाॉ फेटू ..

एक व्मक्ति को योज सऩना आता फक उस ऩुर ऩय जाओ तो धनवान हो जाओगे .अफ कई कई ददन योज एक ही सऩना आमा तो वह उस ऩुर ऩय चरा गमा .वहाॊ सुफह स ेखडा यहा शाभ होन ेकी आई , एक आदभी उसके ऩास

आमा फोरा क्मा खोज यहे हो .

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इसन ेसायी फात फताई .वह हस ऩडा .फोरा ऩागर हो क्मा ..भुझ ेकई कई ददन स ेमह सऩना आ यहा हैं फक महाॉ स े

कुछ दयू ऩय एक इस नाभ का आदभी हैं उसके घय के ऩीछे एक ऩत्थय है उसके नीच ेखोदन ेऩय खजाना शभरेगा ..तो की भैं जा कय उस आदभी को खोजूॊ..ननहामत ही फपजूर फात ..

मह फात सुनकय उस ऩुर ऩय आमा व्मक्ति .आश्चमद भें ऩड गमा ,क्मोंफक इस व्मक्ति न ेउसी का तो नाभ शरमा था .

मह चऩुचाऩ घय रौटा औय घय के ऩीछे ऩत्थय हटा कय खोद कय वह धन ननकार शरमा .

सभझी न फेटू ..जीवन भें ऐस ेकई कई फाय होता हैं फक हभें फकतन ेइशाये स ेसभझामा जाता हैं औय अगय हभ

सभझ जामें तो ..... हभ सदगुरुदेव के फकतन ेइशाये जो वह हय ऩर हभें देत ेयहत ेहैं..... सभझ जाए.... ऩय ... हभ

तो फहुत फुजध्हभान हैं .... न ..तो फस ..अऩन ेघभॊड भें ही ...

ऩाऩा .. फकतनी अच्छी कहानी हैं .

तेयी सभझ भें आई .

तो क्मा भ ैइस ेऐस ेही सुनती हूॉ ..

जाओ भैं नायाज हूॉ .आऩस ेनही फोरना .

अये ऐसा क्मों भैन ेक्मा फकमा ..

तो मे क्मों फोरा की सभझ भे आई ?? ..

गरती हो गमी . फेटू ..त ुतो भेयी स्भाटद फेटी हैं ..

वो तो जन्भ स ेभैं हूॉ ही ..अफ फोरो औय क्मा फोरत ेहो आऩ ....

अये भतरफ सफस ेप्मायी फेटी हैं ....हैं न .अफ तो खशु न .आजा भेयेऩास

जी ऩाऩा

ननखखर प्रणाभ

Smile

अन ुननखखर

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-16

फकतनी प्मायी सी भारा हैं .

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अये हाॉ फेटू ..

मह आऩ साधना भें ऩदहनत ेहो न .

अये वाह तुझ ेतो सफ भारूभ ्हैं ..

भ ैफताऊॉ की क्मों ..

हाॉ .

क्मोंफक कहत ेहैं फक साधना कयत ेसभम एक भारा तो गरे भें ऩदहनी होना चादहए औय एक भारा स ेजऩ होना चादहए .ठीक हैं न ऩाऩा ..

हाॉ भेयी नन्ही ऩयी ..ऩय ऐस ेनही ऩदहनना चादहए . सुभेरु को गरे के ऩीछे कयो .

वह क्मों ऩाऩा ..क्मा पकद ऩडता हैं .

भेयी राडरी ऐस ेतो नही ऩय एक फात हैं .

ऩहरे मह फताओ फक सुभेरु क्मा हैं

अये फेटू जहाॉ स ेभारा फॊधी जाती हैं वह एक दाना अरग स ेहोता हैं , १०८ की गगनती स े..उस ेकहत ेहैं .इसका फहुत भहत्त्व हैं जऩ कयत ेसभम ... इसको ऩाय नही फकमा जाता हैं .

औय फेटू सुभेरु को अऩन ेअऩन ेसफस ेऩीछे यखत ेहैं जफ भारा ऩदहनत ेहैं .जहाॊ चोटी होती हैं न उसके नीच े..सुभेरु

होना चादहए ..

वह क्मों ऩाऩा ..

क्मोंफक फेटा . वहाॊ ऩय शसय भें िम्ह ग्रॊगथ होती हैं तो उसके नीच ेही मह सुभेरु यहना चादहए .

ठीक हैं ..फेटू ..

अये कहाॉ ऩहरे भेयी कहानी ..

ओह हो ..औय सुनो कर भैंन ेकोई अककेशभस्ट की कहानी नही सुनाई थी .जो त ुफोर यही थी ..सभझी न ..

ओहो ऩाऩा ..बी

एकफाय तीन चाय दोस्त जॊगर भें जा यहे थे .. यास्ता बटक गए .औय जफ ऩानी नही शभरा तो व ेऩयेशाॊ फक क्मा कयें ..तबी एक कुआ ददखा . ऩय वहाॊ फाकटी नही थी क्मा कयें ..तो अफ जूत ेको यस्सी स ेफाॉध कय ऩानी ननकारा औय वऩमा .ऩय उनभ ेस ेएक ने कहाॉ भ ैभय जाऊॊ गा ऩय जूत ेभें ऩानी नही वऩमूॉगा .औय गाव जाकय सफको फता

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दूॉगा फक तुभ रोग न ेक्मा फकमा हैं .

ऩय अफ सफ चऩुचाऩ .औय जैसे ही सफ गाव ्के ऩास ऩहुच े.सबी न ेगचकरा गचकरा कय सफको कहाॉ फक देखो इसन े

(जजसन ेऩानी नही वऩमा था उस े) जूत ेभें ऩानी ऩीमा हैं. औय गाव वारों न ेउस को ननकार ददमा ..

फोर भेयी स्भाटद फेटी ...क्मा सभझ भें आमा .

देखो ऩाऩा .ऩहरी फात तो भैं फचऩन स ेही ..

हा हा भारूभ हैं स्भाटद हो ....

ऩाऩा इसका भतरफ हैं . फक कई फाय फहुभत के साभन े..... सच फात को कोई बी नही सभझता हैं .

अये वाह भेयी राडरी ...चर आजा भेये ऩास

जी ऩाऩा

ननखखर प्रणाभ

Smile

अन ुननखखर

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-17

ओ भेयी प्मायी सी नन्ही ऩयी ..कहानी सुनना हैं .तो जकदी से आ ...

भैं आई ऩाऩा ..फस दो शभननट . रो.....भैं आ गमी अफ सुनाओ .अच्छी वारी ..एकदभ भजा आ जाए ..

आज की कहानी भें फेटू तेया टेस्ट बी होगा .. फक फकतनी स्भाटद हैं भेयी फेटू ..

ऩाऩा ..आऩको तो भारुभ हैं न फक भैं तो ..

अये हाॉ .........ऩय आज टेस्ट होगा ..

ओके ऩाऩा भ ैतैमाय ..

एक अॊडा .तीन भजजर बफजकडॊग ऩय चढ कय सीधे जभीॊ ऩय कूद गमा . औय नीच ेसीधे पशद ऩय गगयन ेके फाद बी पूटा नही ... अफ त ुफता क्मों नही अॊडा पूटा ??

ऩाऩा भेये को क्मा भारूभ ??

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चर भैं फताता हूॉ ..क्मोंफक बगवान की भजी थी ..बगवान की इच्छा थी ..सभझी ..

ऩाऩा मे चीदटॊग हैं ..

हाहा आगे तो सुन ..

फोरो

वह अॊडा फपय स ेउसी बफजकडॊग भें चढ़ा औय फपय स ेकूद गमा ..औय इस फाय बी सीधे पशद ऩय गगयन ेके फाद बी नही पूटा ..अफ त ुफता फक क्मों .??

ऩाऩा बगवान फक ..

अये फेटू नमा उत्तय देना हैं कोई कॉऩी नही ..

ऩाऩा ..आऩ फताओ न ..

क्मोंफक फेटू ...अफ अॊड ेको काॊफपडेंस आ गमा था ..

हा हा ऩाऩा क्मा फात हैं ...

अच्छा चर .अफ फपय स ेअॊडा ..उसी बफजकडॊग फक तीसयी भॊजजर स ेचढ कय कूद गमा .औय अफ पूट गमा .अफ त ु

फता फक ऐसा क्मों हुआ ..??

ऩाऩा ...

अये हाॉ ,, अये फेटू ..उसको ओवय काॊफपडेंस हो गमा था ..

आमा ना भजा ..

ऩाऩा भैं तो एक बी उत्तय नही दे ऩामी .

अये भेयी राडरी ..अफ त ुफता फक क्मा भतरफ हुआ इस फात का साधना स े..

ऩाऩा भैं मह सोचती हूॉ फक .जफ हभ साधना कयन ेफैठे तो एक सावधानी यख कय हय चीज इकठ्ठी कयें .औय

काॊफपडेंस के साथ साधना कयें .. ऩय .महबी ध्मान यखे फक ..बफना फकसी उऩकयण मा उगचत जानकायी के शसपद साधना कयन ेफैठ जान ेऔय सोचना की ..मह तो ओवय काॊफपडेंस हुआ न ...काॊफपडेंस ठीक हैं ..ऩय .साधना के फाये

भें एक एक छोटी स ेजानकायी खफू भेहनत कय के रे रेना चादहए ही ...

साथ ही साथ फेटू ..अगय फकसी को कबी कोई सपरता शभर बी गमी हो ..बफना फकसी उगचत जानकायी के अबाव

भें बी तो हभ उसकी कॉऩी कयके मह नही सोच सकत ेहैं फक हभाये साथ बी ऐसा ही होगा .......मह यास्ता सबी के

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शरए एक ही चीज भाॊगता हैं फक काॊफपडेंस औय सायी उगचत आवश्मक जानकायी ..औय सदगुरुदेव जी के श्री चयणों भें सभऩदण ...न फक फकसी फक देखा देखी कयके ...ऩय फेटू ..

भान गए ...ओ पो .... भेयी राडरी ..त ुतो सच्ची भुच्ची फहुत स्भाटद हैं .

ऩाऩा फपय स ेवही फात ...आऩ न ेकह दी ..न ...भैंन ेकहा न .. फक भैं ..

ऩय फेटू ..अफ तो भुझ ेरगन ेरगा हैं की ... भैं कफ स्भाटद होऊॊ गा ..

ऩाऩा आऩको भैं स्भाटद फनाउॊगी ..

सच्ची भुच्ची ..प्रोशभस ..

ददर स ेप्रोशभस ..ऩाऩा ..मे भेया प्रोशभस हैं ..ऩाऩा .

भेयी सफस ेप्मायी फेटू भेयी राडरी ..आजा

जी ऩाऩा .वो तो भैं हूॉ ही आऩकी राडरी फेटू ..

भेयी नन्ही शैतान

जी ऩाऩा

ननखखर प्रणाभ

Smile

अन ुननखखर

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-18

ओ भेयी नन्ही ऩयी कहाॉ थी अफ तक ...

ऩाऩा जी.....भैं साधना भें थी ..

क्मा ...

त ुबी

जी ऩाऩा ..भैं क्मों नही ..भुझ ेबी तो सदगुरुदेव जी के ऩास जाना हैं .

ऩय फकस सभम त ुसाधना भें फैठती हैं..

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ऩाऩा जफ भेया भन आ जामे ..ऩय आऩ ऐसा क्मों ऩूॊछ यहे हो ..

अये नही फेटू त ुही न ेतो सभझामा था फक गुरु तो प्राण का आधाय होत ेहैं औय प्राण के शरए क्मा सभम ..

नही ऩाऩा ..कुछ छुऩा यहे हो ..फोरो न ...नही तो भैं बी छुऩाना चार ूकय दूॊगी .आऩ भेये ऩक्के दोस्त हो ऩाऩा ..ऩक्कभ ऩक्के तो फपय मे क्मों .

फेटू भैं सोच यहा था ..

plz ऩाऩा भेये स ेतो नही छुऩाओ ..

अये हाॉ ये..कौन छुऩा यहा हैं..ऩहरे फोरन ेतो दे ..

रो भैं चपु्ऩ ..

सदगुरुदेव कहत ेहैं फेटू फक वह मूॉ तो हय ऩर साथ ही हैं ऩय उन्होंन ेसुफह ५ स े६ फजे के फीच के सभम को उकरेखखत फकमा हैं फक इस सभम ..वह सीधे सये शशष्मों के सम्ऩकद भें यहत ेहैं औय जो बी उनके गचत्र के सभऺ जो बी फात कहता हैं उन तक ऩहुॉचती ही हैं .औय दसूया सभम भेयी राडरी ..यात भें होता हैं ..जो सुफह न फैठ ऩाए

उन्हें याबत्र भें साधना भें तो जरुय फैठना चादहए ..

अये अफ तो कुछ फोर ..

भैं अफ चपु्ऩ ...

अये फोर तो ददमा तुन े..

नही ऩहरे भेयी शरए एक कहानी ..

ओके ओके .अये त ुभेयी राडरी जो हैं.. एक जगह एक भाशरक औय नौकय को खाने ऩय फुरामा गमा .भाशरक न ेदो ददन उऩवास यखा .मह सोच कय की जफ बोजन शभरेगा तो फस .....औय जफ बोजन साभन ेआमा तो भाशरक औय नौकय बोजन ऩय टूट ऩड े.. ऩय मह

क्मा फस अबी दोनों न े१०० /१०० योटी ही खामी थी ..

ऩाऩा एक शभननट अफ इतना नही ,,इतना कोई नही खा सकता .

फेटा ..मे तो कहानी हैं ..

मे न चरफो ऩाऩा ..कुछ तो कभ कयो ..

५०

नही

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Page | 34

२५

नही

अफ २० योटी स ेकभ तो नही करॉ गा..

ओके ऩाऩा आगे .

तो नौकय ने ऩानी ऩीन ेरगा,मह देख कय भाशरक को फहुत गुस्सा आमा .नौकय को एक थप्ऩड भाय ददमा ..फक

एक तो इतन ेददन फाद खाना शभरा औय त ुऩेट को ऩानी से बय यहा हैं ..

खेय खाना खान ेके फाद दोनों जफ गरे गरे बय कय खा के फाहय आमे . तो नौकय न ेकहा भाशरक देखें .औय उसन ेएक गगरास ऩानी एक याख के ढेय ऩय डार

ददमा .याख नीच ेफैठ गमी ..

मह देख कय भाशरक को फहुत गुस्सा आमा औय उसन ेततकार एक ओय थप्ऩड भाया .कहा फक ऩहरे नही फता सकता था ..धोखेफाज ..

हाहा ऩाऩा भजा आ गमा .

क्मा सभझ भें आमा

फक हय व्मिी के देखन ेका ढॊग अरग अरग होता हैं ..

त ुतो फहुत स्भाटद हैं ..

ऩाऩा ..

अये हाॉ भुझ ेऩता हैं की

हभेशा माद यखना ..

हा भेयी राडरी ..अऩनी फेटी को कोई बूर सकता हैं क्मा ..फताओ .

अये भैं कह यही हूॉ फक भैं स्भाटद ..

ओ हो हो ..

ओ भेयी नन्ही शैतान

जी ऩाऩा

ननखखर प्रणाभ

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Smile

अन ुननखखर

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-19

जी ऩाऩा .. हाॉ फोर ..

अये भुझ ेमे फताओ की क्मा फकसी बी ददन कोई बी साधना की जा सकती हैं ... आज तुझ ेमह क्मा होगमा हैं .

ऩाऩा भैं सोच यही थी ..तो सोचा की आऩस ेही ऩूॊछ रूॉ . भेयी राडरी ददन ऩय ददन ...स्भाटद ..

ऩाऩा ..

अच्छा ठीक हैं ..ओके ..देख नन्ही ऩयी .. मूॉ तो हय ददन का अऩना ही एक भहत्त्व हैं .क्मोंफक सबी ददन “एक उसी”

न ेफनामे हैं ऩय मह बी सत्म हैं की साया ववश्व एक ववशुद्ध गणतीम यचना स ेमुि हैं तो .कुछ कुछ ददन ज्मादा उऩमोग औय कुछ ददन कभ फकसी ववशषे साधना के शरए राबदामक होंगे ..

वो कौन कौन स ेददन हैं ऩाऩा ..??

अये रुक तो सबी फड ेऩवद ऩय साधना की जा सकती हैं ,दद्वतीम ततृीमा , ऩॊचभी सिभी , दशभी , एका दशी , द्वादशी ऩूखणदभा ऩय कोई बी साधना की जा सकती हैं . ऩाऩा इनके फाये भें..

फेटू मह तो फकसी बी रोकर ऩॊचाॊग स ेमा नेट स ेऩता चर सकता हैं . ऩाऩा इसी तयह कुछ कौंकोउन स ेददन नही बी कयना चदहमे न .वह बी फताओ न ..

भेयी राडरी चतुथी औय चतुददशी हय भॊत्र के शरए भना हैं.

ऩाऩा क्मा वाय का बी कुछ ..

फेटू क्मों नही साधायण त् भॊगर वाय शनन वाय औय यवववाय का उऩमोग साधना प्रा यम्ब कयन ेभें नही फकमा जाता हैं.

ऩाऩा .नतगथ शुब हो औय ददन अशुब हो तो .. फेटा ऐस ेभें नतगथ ऩय ज्मादा ध्मान देना .

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ऩाऩा अगय दोनों ठीक ना हो तो . नन्ही ऩयी ..देख इसी फात को ध्मान भें यख कय सदगुरुदेव जी न ेमह बी व्मवस्था यखी हैं. की जफ बी फकसी बी साधना को प्रायॊब कयन ेका भन आ जामे तो वही ऺण शे्रष्ठ हैं .

सभझी भेयी फेटू ..

मे तो भुझ ेभारूभ था ..

कहाॉ स ेभारूभ था .. क्मा भैंन ेसदगुरुदेव जी की फकताफ नही ऩढ़ती हूॉ ..

हे प्रब ुमे तो सचभुच नन्ही शैतान हैं ..अये जफ भारूभ था तो ऩूॊछा क्मों ..

देखन ेके शरए की आऩको क्मा माद हैं मा नही ..

भेयी राडरी सचभुच ..

फोरों एक फाय स्भाटद ...

हा हा .नही फोरूॉगा क्मोंफक वह तो जन्भ स ेही हैं ..हैं न ..

जी ऩाऩा ... ननखखर प्रणाभ

Smile

अन ुननखखर

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-19...1

अये कहानी तो छूट ही गमी इसके ऩहरे की नन्ही ऩयी को माद आमे ..

वह धभकी दे ........

अच्छा मही हैं की ...smile

फस छोटी स ेप्मायी सी कहानी ..भतरफ नन्ही सी ऩयी के शरए..नन्ही सी कहानी ... .

एक गाडी वान यास्त ेभें चरा जा यहा था .औय गाडी यास्त ेभें एक नारे को ऩाय कयत ेसभम पस गमी .खफू जोय रगामा .ऩय गाडी थी की टस स ेभस नही हुमी ..कोई भदद को बी नही आमा ..

अफ क्मा कयें ..

हाये को हरयनाभ ..वारी फात थी .

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ततकार गाडी वारे न ेसोचा की भेये इष्ट तो बगवान हनुभान हैं उन्होंन ेतो ऩूया ऩहाड उठा शरमा था .आज भुझ

गयीफ ऩय मह सॊकट आन ऩडा हैं तो क्मा भेये प्रब ु...भेयी भदद नही कयेंगे ..

तत्कार गाडी स ेउतय कय ..एक फकनाये अऩना आसन बफछामा औय चार ूहो गए की ..हनुभान चारीसा का ऩाठ

कयन े..

आधा घॊटा हो गमा भन ववचशरत होन ेरगा की फताओ .भेये प्रब ुअबी बी ...इस सभम बी .. तबी वहाॊ स ेजा यहे एक सॊत न ेमह सफ देखा औय उस गाडी वान स ेकहाॉ की ..क्मों ये त ुकैसा भहावीय का बि हैं तेये प्रब ुन ेतो जरुयत ऩडन ेऩय साया ऩहाड खदु ही उठा शरमा था ..फकसी को फुरामा नही ..

औय एक त ु.....आरसी हैं की ..फस फैठे यहे ऩाठ कयत ेहुए .क्मों नही अऩन ेइष्ट का ध्मान कयके खदु गाडी को इस

नारे स ेफाहय ननकार रेता ..त ुजो कय यहा हैं इस ऩरयजस्थनत भें मह आरस्म हैं..बक्ति नही ..

उन ऩयभ कभदशीर का ..भहाफरी का ...बि हो कय मह सफ ..

फात सीधे ददर को छु गमी औय छूना बी थी ..क्मोंफक फात सयर जो थी

गाडीवान न ेतत्कार उठा अऩन ेप्रब ुका नाभ शरमा औय धक्का रगा कय गाडी उस नारे से फाहय ननकार री ..

औय ऐसी ही जीवन भें कई फाय हभाये साथ अवस्था आ जाती हैं जफ हभ अऩनी कामयता .... अऩन ेआरस्म को अऩनी बक्ति का नाभ दे कय ...फचन ेकी कोशशश कयत ेहैं ..

ऩय .... सत्म बरा सदगुरुदेव स ेकहाॉ छुऩ सकता हैं ..

हभ साधना मुि तो हो ऩय साथ साथ .. कभद शीर बी मही तो सदगुरुदेव का स्वऩन यहा . की ऐस ेमोग्म साधक

साभन ेआमे ..

भेयी नन्ही ऩयी हैं कहाॉ ...

चरो आज तो फच गमा ...

नही तो भेयी क्रास आज ऩक्का हो ही ..जाती ...

ननखखर प्रणाभ

Smile

अन ुननखखर

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

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आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-20

ऩाऩा आज ऩहरे कहानी .ऩय वो वारी ....जो भैं चाहूॊ ..

अये नन्ही ऩयी ..अफ भेये स ेइतनी तो फनती नही ..ऩय फोर शामद कोई माद आ जाए ..

ऩाऩा झूठ तो न फोरो आऩस ेऔय कहानी न फन े..आज फताओ कौन सा ददन हैं ...

शननवाय ..

जाओ आऩस ेनही फोरना ..

अये भैं तो .....अये आज तो सदगुरुदेव जी का जन्भ ददवस हैं ..

तो ऩाऩा ..आज कोई फहुत प्मायी सी कहानी सुनाओ ..न ..सदगुरुदेव तत्व वारी ..

हे बगवान तेयी दहॊदी तो ...फहुत ...

स्भाटद हूॉ न ..

हाॉ जी ..वोह तो त ु..जन्भ से ..

फस फस..अफ कहानी ..

भेयी राडरी चर ऩास आकाय फैठ जा .आज एक ऐसी ही कहानी ..जो फॊगार के प्रशसद्ध भहामोगी .के जीवन स ेहैं ...जो आज वहाॊ ऩय जन जन भें श्रद्धा के ऩरयचामक हैं ...

जफ वह अऩन ेगुरु के ऩास ऩहुॊच ेतो उनकी हठ मोग भागद से शशऺा प्रायॊब हुमी .अफ मह ..शशऺा .... फेटू .....त ुसुन

यही हैं ..न

जी ऩाऩा .आगे तो फोरो ...आऩ बी जैसा भौका शभरा ..भैं नही छोडन ेवारी ..ऩूयी कहानी सुनना हैं ..भुझ े.

तो फेटू फहुत कदठन कदठन साधनाए उनके गुरु उन्हें कयवात ेयहे ..न उनके गुरु न ेददन देखा न यात ..क्मोंफक

मोग्म शशष्म जो उन गुरु को शभर गमा .अफ फस गुरु थे औय साभन ेएक शशष्म ..जो गुरु ने कहा शशष्म न ेफकमा ..हठ मोग की एक एक कयके सायी फिमाए .इस गुरु शशष्म के अद्भतु स्नेह प्रेभ को देख कय स्वमॊ अशबबूत हो गमी ..औय सपरता ..तो आना ही थी .. औय गुरु न ेबी अऩनी सायी उजाद एक इस शशष्म ऩय रगा दी .न अऩना ख्मार यखा ,..न अऩन ेऩरयवाय का .न

अऩन ेस्वास््म का ..

ऩाऩा .एक शभननट .......एक फात फताओ .की अऩन ेसदगुरुदेव जी ने बी तो मही फकमा हैं न ..

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भेयी राडरी ..ऩय फेटू फकमा ही नही ..... व ेतो अबी बी कय यहे हैं ..क्मोंफक उन्होंन ेएक फाय कहा था की कोई ववष्णु

बगवान के हजाय हाथ थोडी न हैं , जैसा की फतामा जाता हैं आऩ हो सोचो की व्मक्ति अऩन ेकामद ..इतन ेहाथ होन े

ऩय कैसे कयेगा .फजकक इसका भतरफ ऐस ेहोता हैं जैस ेभेये हजाय हाथ हैं. क्मोंफक तुभ सबी शशष्म शशष्माओ के

हाथ ऩैय .भेये ही तो हैं औय तुभ सबी के भाध्मभ स ेभैं ही तो कामद कय यहा हौं. तुभ सफ के जीवन की गाथा भेयी ही हैं ..तुम्हाया भेया सफॊध ..अटूट हैं मह कोई ..साॊसारयक नही फजकक जन्भो जन्भो का हैं ..तुभ चाहो बी तो तोड बी नही सकत ेहो इस े...

ऩाऩा ..फकतन ेअबम प्रदानमनी सदगुरुदेव के शब्द होत ेहैं हैं ..

भेयी नन्ही ऩयी ..क्मोंफक वह ह्रदम स ेकेफर ह्रदमके शरए ..आत्भा के शरए कहत ेहैं ..उन्हें ददभाग स ेनही फजकक

ह्रदम स ेही सभझा जा सकता हैं .

ऩाऩा कहीॊ ओय बी ऐसा कहा गमा हैं न ..आऩ फता यहे थे ..

ओह तो तुझ ेअबी बी वह फात माद हैं ..भहाबायत के मुद्ध के फाद जफ गाॊधायी न ेबगवान श्रीकृष्ण को कहा की आऩ चाहत ेतो मह सफ न होता ..आऩ जान फुझ कय बी .... मह सफ होत े...देखत ेयहे

तफ बगवान श्री कृष्ण कह उठे ..की भाता ..जफ कोई मुद्ध भें घामर हुआ तो भैं ही तो घामर हुआ . जफ फकसी का शयीय छेददत हुआ तफ भेया ही तो हुआ .....जफ फकसी का शयीय शस्त्र स ेकाटा गमा ..तो भैं ही तो काटा गमा ...इस

मुद्ध भें जो जो हुआ सफ भेये साथ ही हुआ .क्मोंफक भैं तो हय जगह हूॉ .

ऩाऩा अफ आगे फताओ ..

भेयी दरुायी सी नन्ही ऩयी ......तो जफ वह शशष्म ऩूणदता न ेप्राि कय री .. तो मह देख कय उनके गुरु के आखों स ेअववयर आसूॊ फहन ेरगे ..औय वह इतना ही कह ऩा यहे..की आज भेया इतना दीघद कारीन ३० /४० वषद का श्रभसाथदक हुआ ..तुभ को तैमाय कयन ेके कामद के कायण भेयी सायी साधनाए

.सबी कुछ छूट गमा ..तुभ तो ऩूणद हो गए ..ऩय भैं तो वही का वहीीँ यह गमा ..

शशष्म बये ह्रदम स ेअऩन ेगुरु के श्री चयणों भें गगय ऩड े.औय अववयर आसूॊ के भध्म इतना ही कह ऩाए . की आऩन े

इतना फडा फशरदान दे ददमा .भुझ ेमहाॉ तक रान ेके शरए ..भुझ ेऩता ही नही चरा ...मह तो फकसी न ेफकमा ही नही ....अफ भैं क्मा करॉ ..आऩ आऻा दे ..मह जीवन तो आऩके श्री चयणों भें ही अवऩदत हैं ..

उनके गुरु नेकहा ..भुझ ेवचन दो की जफ भेया दसूया जन्भ होगा तो तुभ भुझ ेखोज कय ऩूणदता तक ऩहुचोगे ही .

शशष्म न ेकहा जो आऻा गुरुदेव .ऐसा होगा ..आऩकी आऻा शसय भाथे ऩय हैं .इस शशष्म ने वनायस के बगवान

शॊकय के साऺात ्स्वरुऩ श्री तैरॊग स्वाभी औय इयाक के एक भुजस्रभ सॊत जो उस सभम वामुगभन ववद्या भें दऺ

थे उनके साथ अनेक देशों की मात्रामे की ..औय ...१५० वषों स ेबी अगधक सभम तक अऩन ेबौनतक देह स ेइस

धया को ऩववत्र फकमा ..

ऩाऩा ..अफ तो नाभ फता ..दो कौन थे मह ..

नन्ही ऩयी .मह थे भहामोगी .रोकनाथ िम्हचायी ..

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ऩाऩा ..मह सुन कय भुझ ेसदगुरुदेव की फहुत माद आ यही हैं .. जो सदगुरुदेव होत ेहैं ..न ऩाऩा .उनका तो ऩर ऩर

अऩन ेफच्चो के शरए ही होता हैं ..

हाॉ भेयी राडरी .

आज भेयी राडरी ..क्मा कयन ेवारी हैं.

भैं एक शभठाई फना यही हूॉ ऩाऩा ..जो सदगुरुदेव को फहुत ऩसॊद यही हैं उसी स ेउनको बोग अऩदण करुॉगी ..

औय सुनो ऩाऩा ..आऩन ेभाभ ूफाफाजी के जन्भ ददवस ऩय कुछ नही फकमा था .

हाॉ फेटू ..तो फता अफ क्मा करॉ .

अये ऩाऩा मह बी कोई फतान ेकी चीज हैं .

अफ भेये स ेशभठाई फनात ेतो फनती नही ..

तो भेये स ेकौन सी फनती हैं ..आऩ शभठाई रेकय सदगुरुदेव को अऩदण कय .रोगों के भध्म फपय वह घय वारे हो मा जो असहाम भॊददय के ऩास हो उन्हें तो ववतरयत कय सकत ेहो ...सदगुरुदेव तो देख ही यहे होंगे ..

ओ भेयी ऩक्की दोस्त ..थोडा सा मह तो फता दे की सदगुरुदेव को कौन सी शभठाई ऩसॊद यही . मह तो सेिेट हैं ...आऩको नही भारूभ हैं ..

अये क्मों औय शशभिंदा कय यही हैं (इन्ही सफ का योना तो यहा हैं की भैंन ेकबी अऩन ेसदगुरुदेव के फाये भें बी कबी जानन ेकी कोशशश न की ..)..plz अफ तो फता दे ..न ..

ओके आऩके कान भें धीये से कह यही हूॉ ..फताना नही ...अऩन दोनों के फीच की फात हैं ..

ओह तो मह हैं...अये मह तो भेयी बी पेवयेट शभठाई हैं ..ऩय फकसी न ेअगय ऩूॊछा तो फपय त ुही फताना ...

ऩाऩा ..

भेयी राडरी ..त ुफकतनी प्मायी सी हैं ..जो मह फात फताई ..भैं आज इसी शभठाई को अऩदण करॉ गा ..Really you

are my life भेयी राडरी ...सच भें ..

जी ऩाऩा ..आऩकी फेटी जो हूॉ ..

ननखखर प्रणाभ

Smile

अन ुननखखर

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“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-21

ऩाऩा भेयी कहानी दो ददन स े..रुकी हैं आऩन ेसुनाई नही ..नही तो भैं गुस्सा हो जाउॊगी .भेये को कहानी सुनना हैं ..

अये नन्ही ऩयी ..चर ऩहरे मे सुन ..

“धऩू कहीॊ ऩय औय कहीॊ ऩ ेताये ..

सभम सभम फक फात हैं प्माये |

भान बी जाओ ,भान बी जाओ ,

अच्छा तुभ जीत े, हभ हाये | |”

हायना तो ऩडगेा ऩाऩा आऩको ..

वोह तो हैं ..अऩनी नन्ही ऩयी स ेबरा दनुनमा भ ेकौन जीत सकता हैं

क्मा फात हैं ऩाऩा .. आज शामयी कुछ ज्मादा ही हो यही हैं ..

चऩु नन्ही शैतान ...

फताओ न .

अये कुछ नही ..एक फात सुनी हैं फेटी जी आऩको फतरान ेवारी हैं . क्मा ऩाऩा

अये आऩकी कहानी जो आऩको सुनान ेवारा हूॉ ...

एक साध ूऔय उनका शशष्म कहीॊ ऩय जात ेतो साध ूजी चायो तयप देखत ेऔय फोरत ेफक खतया तो नही हैं कहीॊ . जफ sure हो जात ेतो वहीीँ ऩय आयाभ कयत े, एक ददन उनके शशष्म को कुछ शक सा हो गमा फक क्मा फात हैं फक

मे हभेशा कुछ ऩोटरी स ेअऩन ेशसय ऩय यखे यहत ेहैं ,फकसी को छून ेबी नही देत े. एक ददन साध ूको कहीॊ काभ स े

जाना ऩड गमा उसन ेअऩन ेशशष्म स ेकहा फक इस ऩोटरी को देखना नही फक इसभें क्मा हैं . सभझ े. भैं अबी रौट

कय आमा .ऩय जैसे ही साध ूजी वहाॊस ेगए शशष्म न ेदेखा फक ऩोटरी भ ेतो दो सोन ेकी ई ट हैं उसन ेवह ई टे

उठाकय नदी भ ेपेक दी , औय उसकी जगह दो शभटटी की ई ट यख दी ऩोटरी को फाॉध ददमा . साध ूआमा , औय

अगरे स्थान को चरे .यास्त ेभ ेएक जगह रुके साध ून ेऩोटरी खोर कय देखी ... औय यो ऩडा . शशष्म न ेकहा क्मा हुआ कोई खतया..साध ूफोरे अफ क्मा खतया ..सोना फन गमा शभटटी . अफ कैसा खतया

हा हा ऩाऩा ..इसका भतरफ ..आऩ फताओ ..

भेयी राडरी ..देख जीवन भ ेजफ तक कुछ चीजे सोन ेसभान ददखती हैं तबी तक उनका अथद हैं ऩय जजस ददन वह

शभटटी हो गमी तफ क्मा शषे यहा .इसशरए जफ सोना हैं भतरफ सभम हैं तफ ही उसका उऩमोग कय रो ...सभझी

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न ..नही तो फाद भ ेशसपद ....

ऩाऩा मह फताओ फक जऩ हभ अनुष्ठान कय यहे हो तो क्मा उस सभम हभें योज का ऩूजन कयना चदहमे मा नही .

नन्ही ऩयी .सदगुरुदेव कहत ेहैं फक उस सभम बी ऩूजन कयना ही चदहमे .हाॉ मह फात अरग हैं फक इस ऩूजन को जऩ के शुर मा अॊत भ ेकय सकत ेहैं .

औय ऩाऩा जो भारा अगय जऩ के फीच टूट जाए तो .

अये फेटू इस भ ेसोचना क्मा ..सदगुरुदेवके साभन ेप्राथदना कयके फपय स ेभारा वऩयो रे फस ..

औय ऩाऩा मदद भानरो कबी अखॊड दीऩक फुझ जाए तफ क्मा ..

अये ऩहरे तो सावधानी यखो फपय बी इस की इतनी गचॊता हैं तो दो दीऩक जरा रो , एक भान रो असावधानी स े

फुझ बी गमा तो दसूया जरता यहेगा न , तफ तक फपय स ेऩहरा वारा जरा रो ...

ऩाऩा सो स्वीट ..

तो ठीक हैं

नही भुझ ेएक ओय सुनना हैं..

अये अफ फकतनी कहानी ...

नही तो भैं गुस्सा ...

हे प्रब ु..जकदी सी कोई कहानी माद ददरा दो

ऩय भुझ ेभजेदाय कहानी सुनना हैं ..गॊबीय वारी नही ..

एक गाॉव भ ेएक टोऩी वारा यहता था ,एक ददन, उसन ेदसूये गाॉव भ ेअऩन ेफेटे को टोऩी फेचन ेबेजा , औय फोरा फक कहीॊ यास्त ेभ ेनीद अगय आ जामे तो औय भानरो फक कोई फन्दय तुम्हाये सायी टोऩी उठा कय रे जामे तो . घफयाना नही फजकक उन फॊदयों के साभन ेगुस्सा थोडा सा ददखाना औय अऩनी जो टोऩी तुभन ेऩहनी हैं इस ेजोय स े

उताय कय दयू पेक देना .. देखना ..सायी टोऩी तुम्हायी वावऩस ..इस सराह को ध्मान भ ेयखना .फन्दय नकरची होत ेहैं .

ऩय भेयी राडरी ..जीवन की मह ववशषे फात हैं फक जजस चीज स ेफचो वह वैसी की वैसी ही साभन ेआ जाती है.

तो ठीक वैसा ही हुआ . भतरफ ऩुत्र को नीद आई.... साये फन्दय आमे औय सायी टोऩी रे गए . इसकी नीद खरुी तो..... हाम अफ क्मा करॉ ..तबी उस ेवह सराह माद आई उसने झूठ भुठ का गुस्सा ददखामा औय अऩनी टोऩी दयू

पेक दी ...

मह साया खेर देख कय एक फन्दय ऊऩय स ेउतया औय वह टोऩी बी उठाकय रे गमा .ऩेड ऩय चढ कय फोरा .अये

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एक फाय हभाये फकसी ऩूवदज से गरती क्मा हो गमी तुभ इॊसानों न ेतो हभें बफरकुर भुखद ही सभझ शरमा ...एक ही गरती हभ फाय फाय नही कयत ेहैं ...

आमा भजा ..

जी ऩाऩा उसकी आखयी टोऩी बी गमी ..हा हा .

अये भेयी नन्ही ऩयी ..

ऩाऩा एक ओय ..

चर फकतनी ओय कहानी ...

भैं गुस्सा .

सुन अफ ज्मादा मे गुस्सा न ददखा ..

भैं तो हॊसी कय यही थी .

भेयी प्मायी सी नन्ही शैतान .भेये ऩास आजा

जी ऩाऩा .

ननखखर प्रणाभ

Smile

अन ुननखखर

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-22

ऩाऩा कहाॉ खोमे हो ..ऩाऩा....सुनो तो ..

अये त ुआ गमी .

कफ स ेखडी हूॉ आऩ तो .

अये अबी सुन यहा था .

क्मा

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त ुबी सुन .

एक प्रोफे़सय क्रास भ ेफोरत ेहैं फक फच्चो चरो आज तुभ भेढक का डीसेक्शन कय के फताता हूॉ .. औय ऐस ेकयत ेहैं तबी ऩीछे स ेआवाज आई फक मे तो सय ... ऩेस्ट्री हैं .

क्मा ..तो होटर भ ेभैंने क्मा खामा था ....

हाहा ..

ऩाऩा ...साधना भ ेस्थान का फकतना भहत्व होता हैं .

फहुत होता हैं नन्ही ऩयी ..कहत ेफक जो जऩ हभ घय भ ेकयत ेहैं ..उसका सौ गुणा ..ऩववत्र ऩेड के ऩास , औय उससे बी सौ गुणा .फकसी भॊददय भे .औय उससे बी सौ गुणा ..तीथद भ े..औय उसस ेबी सौ गुणा नदी के तट ऩय औय उसस े

बी सौ गुणा ऩहाड ऩय औय ..उसस ेबी कई कई सौ गुणा गुरु घय मा सदगुरुदेव के सभीऩ कया जाए तो ...

ऩय ऩाऩा अफ तो सदगुरुदेव के ऩास कैस े..

भेयी राडरी ... सदगुरुदेव जी का गचत्र क्मा हैं .वह ही तो साऺात ्हैं उसभे .क्मोंफक कहा बी तो गमा हैं फक

“अवध वहाॊ जहाॉ याभ ननवास ु..”तो फेटा इस दहसाफ स ेजहाॉ सदगुरुदेव का गचत्र हैं तो वहाॊ हय ऩर साथ ही हैं ..

मह तो फहुत अच्छी फात हैं.

ऩय भेयी राडरी अगय हभ भान ेतफ न ....

कहा बी गमा हैं न भेयी राडरी .

“हजयत ेददर आऩ हैं जजस के ध्मान भ े

भय गए राखों उसी अयभान भ े|

जजसन ेददर खोमा उसी को कुछ शभरा , पामदा देखा ... उसी नुक्सान भ े..||”

वाह वाह क्मा फात हैं ..ऩाऩा तुझ ेअच्छी रगी ...

जी ऩाऩा ..

तो smile

जी ऩाऩा .

हैप्ऩी न

जी ऩाऩा

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सच्ची भ े

जी ऩाऩा

ओ भेयी नन्ही शैतान ..

जी ऩाऩा

ननखखर प्रणाभ

Smile

अन ुननखखर

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-23

ऩाऩा ऩाऩा ऩाऩा

ओ भेयी नन्ही शैतान ..क्मा फात हो गमी .

भैं तैमाय हो गमी .

अये वाह ..सुन्दय सी.... भेयी नन्ही ऩयी रग यही हैं .

वोह तो भैं हूॉ ही ..

मे बी ..जन्भ स े.??

जी ऩाऩा ..

अफ कहाॉ जा यही हैं

साधना कयन े.

त ुतो फहुत होशशमाय हैं .

इसभें होशशमायी की फात क्मा हैं ऩाऩा

जो स्नान कयके साधना भ ेफैठता हैं उस ेजकदी सपरता शभरती हैं .

ऩाऩा . इसका सपरता स ेक्मा रेना देना .मह तो कयना ही चादहए ..

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नही भेयी राडरी एक फहुत गुढ़ फात बी हीॊ इसके ऩीछे रोग उसे कयत ेतो हैं ऩय जानत ेनही .

तो फताओ न ..भुझ ेबी ..भुझ ेबी जानना हैं क्मा फात हैं ..

देख भेयी राडरी ..सभझ जया . हभ योभ प्रनतयोभ वारा भॊत्र कयत ेहैं न. क्मों कयत ेहैं . आऩ फताओ .

वोह इसशरए फक हभाये शयीय भ ेजो ८४ राख योभ कूऩ कहे जात ेहैं वह जाग्रत हो जाए ... वह योभ कूऩ खरु जाए

औय अगय मह जाग्रत हो गए तो फता फेटू क्मा होगा ..

आऩ ही फताओ भैं तो सुन यही हूॉ ..

देख साया शयीय भॊत्र जऩ कयेगा तफ एक फाय जऩ कयन ेस ेतफ फकतना जऩ वास्तव भ ेहोगा सोचा कबी तुन े..हफ

एक एक योभ कूऩ स ेउच्चायण हो यहा होगा ..

ऩय मे भॊत्र तो सबी कयत ेहैं ऩाऩा तफ सपरता क्मोंनही शभरती ..

देख फेटा .. इसको ऐस ेदेखो फक आॊतरयक शुवद्ध का भहत्त्व तो हैं ऩय फाह्य गत शुवद्ध बी तो जरुयी हैं मह सदगुरुदेव

न ेफतामा था फक अच्छे स ेस्नान कयना चदहमे जजसस ेफक योभ कूऩ शयीय के खरु जाए क्मोंफक अॊतय योभ कूऩ

खरु बी गए औय फाह्य वेस ेही यह गए तो ..ठीक नही हैं .

वाह ऩाऩा .भतरफ व्मक्ति को अच्छे स ेस्नान कयके ही साधना भ ेफैठना चदहमे

फेटा मह तो ऩरयजस्थनत ऩय ननबदय हैं ऩय जफ बी स्नान कयें तो शायीय को अच्छे स ेटोबफर से यगड यगड कय साफ़

कये मह तो सदगुरुदेव जी न ेही फतामा था फक इसस ेयोभ कूऩ खरुन ेभ ेसहामता फहुत यहती हैं ..

तो भैं जा यही हूॉ साधना कयन े..

अये आज सीधे ही ...

जी ऩाऩा .. कहानी नही सुनना हैं .

ऩाऩा अबी सभम नही हैं ..

ओ भेयी बफजी....... नन्ही ऩयी

जी ऩाऩा

ननखखर प्रणाभ

Smile

अन ुननखखर

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“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-24

ऩाऩा कहाॉ हो ..

अये ढू ढ रो ..फता भैं कहाॉ हूॉ .

ऩाऩा आऩ कहीॊ बी हो ......भेये स ेकबी बी छुऩ नही सकत ेहो .मे तो जानत ेहो न ..तो फपय देख रो ..

हा हा .मे फात तो हैं ..फता......अये भेयी नन्ही ऩयी तैमाय हो कय आ गमी

जी ऩाऩा..ऩहरे भुझ ेआऩ स ेजरुयी फात कयना हैं .

फोर भेंयी राडरी ...क्मा फात हैं

ऩाऩा भुझ ेथोडा सा फताओ फक इष्ट क्मों इतना भहत्वऩूणद होत ेहैं साधना भ.े

फेटा इष्ट तो एक आधाय हैं ..जजसके भाध्मभ स ेहभायी बावना ..हभायी साधना शक्ति को एक आधाय शभरता हैं .

ऩय हय व्मक्ति के इष्ट अरग अरग होत ेहैं ??

हा क्मोंफक हय व्मक्ति के ऩूवद जन्भ गत सॊस्काय अरग अरग होत ेहैं औय प्रकृनत बी तो सबी की अरग अरग

होती हैं

तो क्मा फकसी बी देवता की साधना कयन ेस ेसपरता भ ेकोई ददक्कत आती हैं .

भेयी नन्ही ऩयी मह सभझ फक हभाये ऩास कोई अनॊत कार तक का सभम तो हैं नही ... अफ इतन ेबागा दौडी का सभम हैं औय कभ स ेकभ भे व्मक्ति अऩन ेरक्ष्म तक ऩहुॉचाना चाहता हैं तो इस भागद भ ेइष्ट का उस ेऩता होना अत्मावश्मक हैं

ऩय क्मों ??

फेटा देख ऩानी भ ेऩानी शभरता हैं तेर नही न ..तो फकसी दसूये देव की साधना उऩासना कयन ेभ े.उनस ेअनुकूरता ऩान ेभ ेज्मादा सभम रगेगा . ऩय अगय हभ साधना के साथ साथ अऩन ेइष्ट की बी साधना कयत ेजाए तो वह इष्ट

जो हभाये प्राणों स ेजुडा होगा .जजसके vibration स ेहभाये vibration शभरत ेहोंगे तो वह कहीॊ जमादा आसान कय

देगा हभायी सपरता की याह को .

भतरफ ऩाऩा ..की इष्ट की साधना हभें फकसी दसूये देव की साधना सहामता भ ेबी सहमोगी होगी ..मह तो सोचा ही नही था . ..

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अये राडरी सभझ ..जफ एक साधना भ ेसपरता के आसाय शभर जाए तो वह दसूयी साधना भ ेसपरता के शरए

वही इष्ट मा उस साधना इष्ट खदु आऩका यास्ता औय साफ़ कय देगा .

ऩय जजस ेअऩना इष्ट ना भारूभ हो तफ ..

नन्ही ऩयी देख ..ऐस ेतो अऩन ेसदगुरुदेव स ेसॊऩकद कय के उनसे इस फाये भ ेभागद दशदन रेना चदहमे .. वही सही फता सकत ेहैं क्मोंफक अन्म कोई साधना सम्ऩन्न होगा फक नही क्मा भारूभ?? औय हो सकता हैं वह फकसी बी देव को फता दे .बफना सोच ेसभझ े..

ऩय ऩाऩा .ऩय भान ्रो ऩाऩा फकसी को मह बी सॊबव नही हो ऩा यहा होतफ ..क्मा कोई यास्ता नही हैं ..क्मोंफक अफ

हय कोई सीधे तो सदगुरुदेव जी स ेऩूॊछ नही सकता हैं .

नन्ही ऩयी इस फाये भ ेफकसी बी उच्चस्थ साधक स ेबी जो फक ज्मोनतष औय साधना ऺेत्र भे ववशषेऻता यखता हो सराह रे सकत ेहैं . मूॉ तो ज्मोनतष भ ेनवभ बाव औय उस ऩय ववशबन्न ग्रह के सॊमोजन को बरी बाॊनत देख कय

बी तो ननणदम ददमा जा सकता हैं .

आऩ क्मा फोरत ेहो ऩाऩा ..

फेटा भेये ख्मार स ेमह इतना गॊबीय ववषम हैं फक जजसकी साधना ऺेत्र भ ेमोग्मता हो भैं उसे थोडा ज्मादा ध्मान

दूॉगा ..क्मोंफक साधना फर की फात ही कुछ ओय हैं .

ऩाऩा भैं थोडा सा ..

हा फोर क्मा फात हैं

भानरो फकसी के इष्ट बैयव हैं औय फकसी के भहाववद्या तफ तो इष्ट के दहसाफ स ेभहाववद्या जजनकी इष्ट हैं वह आगे

हो जामेगा न..ऩाऩा क्मोंफक भहाववद्या तो भाॉ का स्वरुऩ हुमी न ..

अये नही फेटा ..देख सॊसाय के सफस ेभहानतभ ताजन्त्रक ऩयभहॊस स्वाभी बत्रजटा अघोयी जी के इष्ट तो बगवान

भहाकार बैयव हैं तफ..........फेटा सबी भ ेएक वहीीँ भाॉ ऩयाम्फा हैं ,उनके अरावा कोई औय नही ..तो इष्ट ऩय फहस

कयें स ेअच्छा साधक अऩन ेइष्ट भम भ ेऩूयी तयह स ेडूफ जाए ..जजतना इष्ट भम होगा उतनी सपरता प्राि होगी ...क्मोंफक फेटा सौम्म भागद के साधक को उग्र इष्ट मा इसका उकटा होना ...उगचत नही होगा न ...

ऩाऩा .अगय भानरो कोई को न तो कोई साधक शभरे ,नही कोई ज्मोनतषी .. न ही फकसी कायण स ेवह अऩन ेगुरु

स ेसॊऩकद कय ऩाए तो अफ कौन सा यास्ता फचता हैं .आऩ फताओ .

हैं भेयी राडरी एक यास्ता अबी बी हैं

ऩय जजस ऩय ऩूणद ववश्वास यहे ..कोई शक नही हो ..ध्मान यहे ऩाऩा .

हा फेटू ..देख फेटा स्व्ऩनेश्वयी साधना मा स्वप्नेश्वय साधना एक ऐसी साधना हैं जजसके भाध्मभ स ेसाधक अऩना इष्ट कौन सा हैं वह ऻात कय सकता हैं औय साधना बी फहुत सयर सी हैं . अफ खदु न ेसुना होगा औय देखा होगा

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तो इसस ेज्मादा ववश्वासी क्मा फात होगी भेयी राडरी .

(मह साधना ब्रॉग ऩय उऩरब्ध हैं )

मा सफस ेउच्च तो मह होगा फक सदगुरुदेव जी को ही इष्ट भान रे ..क्मोंफक वह तो साये देव शक्ति का सजम्भरत

स्वरुऩ हैं उन्ही स ेसबी कुछ हैं क्मोंफक उन्हें िम्ह नही फजकक साऺात ्ऩाय िम्ह कहा गमा हैं तफ अफ क्मा शषे यह

जाता हैं .

वाह वाह ...आऩके ऩास तो हय फात का जफाफ हैं ..

वो क्मोंफक भेयी फेटी स्भाटद जो हैं .

ऩाऩा माद हैं न ........जन्भ से .

हाॉ जी ...भान शरमा बार भेयी दहम्भत जो बूर जाऊॊ ..

चर आज भेयी राडरी

जी ऩाऩा .ऩय भेयी कहानी ...

थोडी देय भ े..

जी ऩाऩा .ध्मान यखना ...

जी ऩाऩा

ननखखर प्रणाभ

Smile

अन ुननखखर

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-24

ऩाऩा इतनी फडी झीर ..

तुझ ेअच्छी रगी .

क्मों नही ...

आज हवा भ ेउडन ेका भन हैं ..

तो मह रे ....

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हाहा

क्मा हय फात के शरए कोई ना कोई ननमभ हैं .. फकस फाये भ ेऩूॊछ यही हैं भेयी Little angel ..

जैसे की दीऩक को कहाॉ ऩय यखना हैं ..

हाॉ क्मों नही ..दीऩक को देवता के दामे तयप यखा जाता हैं औय अगयफत्ती को फामीॊ तयप ..मह तो साभान्म सी फात हैं ..

औय जो हभ बोग अऩदण कयत ेहैं ..

क्मा फनामा हैं तुन े

खीय ..भाव ेवऩश्त ेवारी

भुझ ेशभरेगी ..

ऩहरे बोग तो रग जाए ..आऩ फताओ तो ..

इस ेबी भेयी राडरी दाई तयप ही यखत ेहैं ..

अफ जकदी स ेजा कय बोग रगाना औय भुझ ेबी भेया दहस्सा चादहमे हैं . .

ऩय ऩहरे ऩॊचोऩचाय स ेऩूजन तो कय रेना .

मे क्मा होता हैं . गॊध , ऩुष्ऩ , धऩू दीऩक औय बोग को अऩदण कयना ही ऩॊचोऩचाय ऩूजन कहराता हैं . औय इनभ ेस ेकोई ना शभरे तो .

फस भेयी फेटी ..उसकी जगह मा तो अऺत अऩदण कय दो मा भानशसक रऩ स ेअऩदण कय यहे हो मह बावना कयरो ..ऩय प्रफिमा तो कयनी ही ऩडगेी न ..

ऩाऩा एक फाय फपय स े...भुझ ेउडना हैं ..

हाहा

भेयी राडरी ..

जी ऩाऩा

ननखखर प्रणाभ

Smile

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अन ुननखखर

***NPRU****

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-25

एक फात सुनी हैं जो ..फहुत ही आयोऩ वारी थी ..

अन ुबैकमा एक ऩोस्ट खा गए ..अफ फोशरए ..मे कोई खाने की चीज हैं

खदु न ेएक केक ददमा ..भतरफ पोटू .....शसपद .... जजसका एक ऩीस ऩहरे स ेगामफ ..

क्मा हभें सभझ भ ेनही आता हैं .

क्मा हभ बोरे बारे हैं .??

अये हैं ...

आऩ रोग बी ..... थोडा सा सोच कय उत्तय ददमा कयो ..

अबी हार भ ेएक छोटी सी “पोटू “भतरफ एक वाक्म ... शभरी/शभरा ..

इतना प्माया सा शरखा था उसभ ेकी भैं योक नही ऩामा अऩन ेआऩको ..उसी को आऩके साभन ेयखा हैं .फहुत ददन

स ेसोच भ ेथा फक ...कबी तो भौका शभरे ...

कबी कबी भेयी राडरी नन्ही ऩयी जफ फहुत खशु होती हैं तफ ..मूॉ तो वह हभेशा ही खशु यहती हैं .. तो भुझ े...ऩाऩा की जगह फोर देती हैं .....

औय भैं बी फहुत खशु हो जाता हूॉ .सभझ ही नही ऩाता हूॉ फस पीर कय ऩाता हूॉ ...

फात ही मे हैं इस शब्द की गहनता .गॊबीयता ,भीठाऩन , स्नेह्ममता , बोराऩन कैसे शरखूॊ

कबी कबी कुछ शब्द .ऐस ेहोत ेहैं फक सायी कामनात बी उसके साभन े...नतभस्तक सी हो जाती ..

फकतना साया स्नेह ..औय प्रेभ स ेडूफ ेहुए होत ेहैं ....भानो सायी जीवन की खशुी उस एक ऺण के साभन े...कुछ् बी नही ...

औय फपय जफ आऩकीअऩनी ही फेटी कह यही हो तो ...फकतना न स्नेह ...

फस भहसूस ही कय सकता हूॉ .....

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फक ननस्वाथद स्नेह होता कैसे हैं ....

औय उन सदगुरुदेव के प्रनत ...फक जो हभाये सफ कुछ हैं ...सफ कुछ ...हय कार स ेहय कार तक के शरए ..

हभ फस स्नेह ही तो ....औय हैं ही क्मा हभाये ऩास ...उन्हें जो ददमा जा सके ...

ननखखर प्रणाभ

Smile

अन ुननखखर

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-26

भेयी राडरी ..मे क्मा हो यहा हैं .

दनुनमा उरटी कैसे ददखती हैं मह देख यही हूॉ .

मे दनुनमा उरटी ही हैं ...

क्मा आऩन ेदेखा हैं .

नही ऩढ़ा हैं ..

सुनो ऩाऩा ..थोडा सा फताओ कहाॉ ऩढ़ा हैं .

ऩहरे सीधे तो हो जा ..

ऩहरे फताओ ..

अये बगवान श्री कृष्ण कहत ेहैं फक मह साया सॊसाय उरटे फयगद के ऩेड के साभान हैं .

मे कैसे ऩाऩा ..

अये तुभ बी ऩढ़ा कयो ..गीता भ ेबगवान न ेसभझामा हैं

चरो भैं आज ऩूॊछता हूॉ तुभ फताओ ..

भैं क्मों ..

कर तुभ स्त्रोत को भन भ ेऩढ़ यही थी .जफफक उसे तो जोय से ऩढ़ा जाता हैं .भन भ ेनही .

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ऩाऩा साये रोग जाग जात े..ननमभ का भतरफ मे नही फक सफके प्राण रे रो ..

हे बगवान ..मे तो सचभुच स्भाटद ननकरी हैं .

ऩाऩा क्मा .. भैं फोरूॊ ..

नही ऩता हैं ..आऩ जन्भ स ेहैं ..

हाहा .

अच्छा मे फता की भॊत्र फकसे फकमे जात ेहैं औय उच्चायण के दहसाफ स े.

एक तो भन भ,े दसूया तेज से ,तीसया इतना धीये फक शसपद हभको ही सुनाई दे ..

अये वाह सफ ऩता हैं .

ऩाऩा मे फताओ फक भन भ ेक्मों ..

क्मोंफक भन की शक्ति फहुत ज्मादा होती हैं अगय हभ उसे एक स्थान ऩय कें दद्रत कय ऩाए तो .औय ्भानशसक जऩ

का प्रबाव फहुत ज्मदा होता हैं ऩय अनत सूक्ष्भ बी ..... ऩय हभें हभेशा वह जो उस साधना भे कहा गमा हैं भानना चदहमे .आगधकाॊश सभम तो फोरा जाता हैं फक फहुत धीभ ेसे ऩय उच्चयण बी होता यहे ..

ऩाऩा भैंन ेऩढ़ा हैं फक एक जऩ ..चरत ेफपयत ेबी फकमा जाता हैं .

हाॉ भेयी राडरी वह तो अजऩा जऩ होता हैं .ऩय फेटा उस ेअऩन ेभन स ेनही फकमा जाता हैं जफ तक फक सदगुरुदेव

ननदेशशत न कय दे...औय कुछ गोऩनीम ववधान बी ..क्मोंफक महॊ फहुत उच्च त्म हैं .अफ भेयी राडरी कोई भान े

मा न भान े.

ऩय ऩाऩा एक फात भुझ ेफताओ ..सच्ची सच्ची ..फक क्मों इतना ननमभ भानना चादहए ..

आज चर एक कहानी सुनाता हूॉ ..

बगवान फुद्ध एक ताराफ के ऩास खड ेथे..साभन ेएक भोहक ऩुष्ऩ था . उसकी उन्होंन ेसुगॊध ही री ... फक तत्कार

एक अप्सया प्रगट हो गमी ..उसन ेहाथ जोड कय कहा बगवान मह चौमद कामद हैं . बगवान न ेकहा क्मों .भैंन ेक्मा फकमा .

उसन ेकहा फक आऩन ेबफना ऩूॊछे सुगॊध ग्रहण की .

तबी एक आदभी दौडत ेहुए आमा औय उस पूर को तोड कय बाग गमा .

बगवान फोरे ..तुभन ेउस व्मक्ति स ेतो कुछनही कहा ..भुझ ेफस इतन ेभ े..

अप्सया न ेप्रणम्म होकय कहा बगवान ..वह तो नादान हैं नासभझ हैं, ऩय आऩ तो सवदग्म हैं सवद ऻानी हैं आऩकी

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बूर कैसे स्वीकाय हो सकती हैं ..आऩ ऩय तो साये सॊसाय फक दृष्टी हैं ..

आमा फेटू सभझ भ े..

ऩाऩा .मह तो बगवान की फात हो गमी अफ इतना कदठन ननमभ तो..

तो चर एक औय फात फताता हूॉ .

एक फाय भाॉ शायदा न ेकहा ..फकसी फात स ेऩयेशाॊ हो कय की रगता है भैंन े.बगवान शॊकय को काॊटे रगे बफकव ऩत्र

चढ़ामे होंगे उसी फक सजा हैं मे ..

तत्कार जो उनकी सेवा भ ेथी उन्होंन ेकहा भाॉ बगवान शॊकय तो दमार ुहैं फपय कैस ेमह हो सकता हैं .

उन्होंन ेकहा फेटा ..उनकी उऩासना इतनी कदठन हैं फककोई बी शास्त्रीम ननमभ स ेऩूयी नही कय सकता . ऩय वह

अत्मगधक दमार ुहै फस थोड ेस ेही ह्रदम के बाव स ेबी प्रसन्न हो जात ेहैं ऩय हभको बी तो ध्मान यखना चदहमे न

..

भेयी राडरी ...

जी ऩाऩा .

अफ भुझ ेबी तो थोडा सा स्भाटद फना दे..

जी ऩाऩा ..फनोगे न ..

तेये स ेकौन जीत सकता हैं ...

वो तो हैं ..

तो जी ऩाऩा

जी ऩाऩा .

ननखखर प्रणाभ

Smile

अन ुननखखर

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-27

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ऩाऩा कहाॉ हो ..

त ुकहाॉ हैं भेयी राडरी ऩयी ..

भैं महाॉ हूॉ ..

अये गगयना नही ..तुझ ेडय नही रगता ..

भ ैनही डयती .

फहादयु फच्ची हैं .

ऩाऩा डय स ेमाद आमा ..एक फात फताओ ..रोग कहत ेहैं फक साधनाओ भ ेकबी कबी डय रगता हैं .क्मा मह फात

सच हैं .

हाॉ बी ..नही बी .

मे क्मा फात हुमी एक फात फोरो न ..

देख भेयी नन्ही ऩयी ...ऐसा हैं बी की भहाववद्या साधना िभ भ ेकहत ेहैं शुर शुर भ ेबम सा व्माऩत होता हैं ऩय

कुछ ददन के फात मह अवस्था स्वत ही दयू हो जाती हैं . साथ ही साथ ..”नही आता हैं ” इसशरए .. की बम आएगा कहाॉ स े..हभाये अॊदय ही होगा तबी तो फाहय ददखेगा वह ... कोई बी चीज फाहय स ेतोआती नही .क्मोंफक वह

ननमभ हैं न जो फक जो फाहय ददखता हैं वह हभायेअॊदय बी हैं .तो जो डय यदहत हैं उन्हें नही बी होगा ..मा जो सोचत े

हैं फक नही होगा तो नही होगा ...

ऩय ऩाऩा कुछ फाय तो सही भे रगता हैं तफ ..

तफ बी फेटू फात वही हैं .हभाये अॊदय का बम इतना साकाय हो जाता हैं फक वह हभें नुक्सान बी ऩहुॊचा देता हैं .

ऩाऩा अगय कोइ भानरो इतना भजफूत न हो तो ...

सदगुरुदेव जी न ेएक ववधान ददमा तो हैं ..उसे कयना चदहमे ...

कहाॉ ददमा

भॊत्र यहस्म फकताफ भ ेददमा तो हैं की अगय फकसी को साधना कार भ ेकोई वाधा आती हैं मा कोई ननयाकयण नही दीखता तो इस स्त्रोत का ऩाठ एक फाय मा ग्मायह फाय कय रे .

कौन सा ऩाऩा

“शाॊनत स्त्रोतभ “

अच्छा .

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तो अफ आजा भेये ऩास .. ध्मान स े..गगयना नही .

ऩाऩा भैं फचऩन स े..

हा हा .ध्मान स े.

तेयी कोई फात भ ेनही आन ेवारा ....ध्मान स े.

क्मा फोरा आऩन े..

भतरफ त ुतो भेयी राडरी हैं ...अफ तेयी फात तो भाननी ही ऩडगेी न .

ऩाऩा भैं..ऩकडो अऩन ेऩाऩा के ऩास आगई ...

जी ऩाऩा की नन्ही ऩयी ..

जी ऩाऩा

ननखखर प्रणाभ

Smile

अन ुननखखर

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-28

ऩाऩा बूख रग यही हैं .

क्मों तुन ेखाना नही खामा क्मा ? औय क्मों नही खामा ..कहीॊ उऩवास का चक्कय तो नही हैं ..

नही ऩाऩा .सभम नही शभरा आज ..

अये भेयी नन्ही ऩयी के बफना भैं बी कैस ेखाऊॊ गा..

खाना बी नही ऩाऩा ..भैं आऩको देखती यहती हूॉ ..

हाॉ जी भेयी नन्ही ऩयी .

ऩाऩा एक फात फताओ फक उऩवास का क्मा इतना भहत्त्व हैं ..

उऩवास का भतरफ „उऩ” भतरफ के ऩास औय “वास “ भतरफ फैठना तो भतरफ मह हुआ फक के ऩास फैठना ,

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इश्वय के साननध्म भ ेमा गुरु सत्ता के ऩास मा उच्च बावना भे मा अऩन ेस्व के ऩास फैठना ही उऩवास का भतरफ

होना चादहए . न फक केफर बूखे यहना .

ऩय ऩाऩा कोई इसके साथ साधना बी कयता हैं तो .

फेटा सदगुरुदेव जी न ेकबी बी बूखे यहन ेको प्रोत्साहन नही ददमा हैं ..फकसी ववशषे सभम मा साधना ववशषे की फात हटा दे .. ऩय उन्होंन ेकहा हैं फक साधना कार भ ेखाना खाए ऩय अगय यात भ ेकय यहे होतो शाभ को ही थोडा सा अकऩ आहाय रे रे . तो नीद यात भ ेनही आएगी औय भन रगाकय साधना की जा सकती हैं ...

ऩाऩा शाकाहायी मा भाॉसाहायी ऩय क्मा ..

फेटा सफकी फक अऩनी अऩनी याम हैं .भत ऩूॊछ .फेभतरफ फक फहस ..

नही आऩ भुझ ेतो फताओ ..

देख फेटा श्री याभ कृष्ण ऩयभहॊस कहत ेथे फक मदद भाॊसाहाय कयके बी बगवद गचॊतन औय सही ढॊग स ेसाधना उऩासना हो यही हैं तो .वह बी ठीक हैं ऩय मदद उऩवास का खाना खा कय बी .साॊसारयक कामों भ े..ननजत्िष्ट कामों भ ेरगे हो ..कोई बगवद गचॊतन मा साधना नही तो वह ...भाॊसाहाय के ही साभान हैं .

फेटा हय जगह देश कार ऩरयजस्थनत के दहसाफ स ेननमभ होत ेहैं . जो जहाॉ हैं वह वहाॊ के अऩन ेननमभ मा जजसको उसकी सदगुरुदेव सत्ता न ेजो कहा हैं वह उस का ऩारन कये ..मह व्मथद फक जजद हैं फक नही केफर भेये ही ननमभ

ऩारन कयो ...

सभझी न .

जी ऩाऩा .

ऩय खाना कभ क्मों ..

वह इसशरए फेटू ..फक जमादा खाना खाने स ेशयीय भ ेजो चि व्मवस्था हैं उस ऩय असय ऩडता हैं .औय सबी चिों भ ेउजाद का ववतयण ठीक स ेना होन ेऩय ...सभस्मा आती हैं . अफ ठीक

तो हभ दोनों एक जैसे हैं न ..न भैं उऩवास यखता हूॉ न भेयी राडरी ...

हाहा ऩाऩा सो स्वीट ..भैं आऩकी फेटी जो हूॉ ..तो एक जैसे होंगे ही ..

ऩय भैं जन्भ स ेस्भाटद ...क्मों .नही .

ऩाऩा .आऩ फपय ..

अच्छा भेयी राडरी चर आजा भेये ऩास .

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जी ऩाऩा ..

ननखखर प्रणाभ

Smile

अन ुननखखर

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-29

आऩ रोग देखो ऩाऩा , फकतन ेददन स ेकहानी नही सुना यहे हैं .

अये फकतनी कहानी सुनाऊ..??

फपय स ेफोरना ..एक फाय ऩाऩा जया ..जो अबी फोरा हैं ..

हे बगवान .इसस ेतो कोई नही फच सकता ..

चर भैं कहानी सुनाऊॊ गा ..तुझ स ेफच के कहाॉ जा सकता हूॉ ..

फच बी नही सकत े..कहीॊ बी जाओगे भैं साथ भ ेयहूॊगी .....

ओ भेयी स्वीट स्वीट फेटू .... जो आऻा.......ऩहरे दीऩक तो जरा रे .

हाॉ ऩूजा भ ेजरुयी होता हैं न ऩाऩा ..

ऩय क्मों ..

भेयी राडरी फेटू ...कहत ेहैं की देवता के साननध्म भ ेदेवता जैसा फन कय ही तो ऩूजा की जाती हैं .

ऩाऩा भुझ ेअच्छे स ेसभझाओ न... क्मा भतरफ हैं इस फात का .

देख भेयी little angel ..तुझ को अजीफ सा रगेगा ऩय अगय ध्मान स ेदेखें …तो कहत ेहैं की खदु को बी नतरक

कयके साधना भ ेफैठना चादहए .जफ की हभ देवता को फस नतरक कयके बूर जात ेहैं क्मोंफक साभान धभाद चीजें ही तो आऩस भ ेशभरेंगी..जफ तक हभ बी आॊतरयक रऩ स ेदेव स्वरुऩ न हो जामे हभाये इष्ट मा जो बी कहो वह

हभाये अॊदय कैसे आमेंगे .मा एक दसूये स ेअशबन्न कैसे हो ऩामेंगे ...फता बरा ..

तो फस नतरक रगान ेस ेक्मा देवता हो जामेंगे ..

अये ऐसा भैंन ेकफ कहा ..फात तो ऩूयी होन ेदे ..

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अच्छा फोरों न ..भैं सुन यही हूॉ ..अफ नही फोरूॊगी .

मह तो फाह्य प्रतीक हैं फेटू ..इसकी बी आवश्मकता हैं ..क्मोंफक हभायी मात्रा तो फाह्य स ेअॊतय जगत भ ेहोती हैं न ..

आमा सभझ भ े....अये फोर न .

आऩन ेही तो भना फकमा है न... फोरन ेको .

हे बगवान ..मे तो सचभुच नन्ही शैतान हैं ..आखखय फोर तो ददमा न ..

औय भेयी नन्ही ऩयी ..इसी तयह स ेस्वच्छ वस्त्र औय जैसा कई साधनाओ भ ेकहा गमा हो .जैसे अप्सया साधना भ े

तो खफू सज सॊवय कय इत्र , खशुफ ुवा रा तेर , सफ रगा कय पूर भारा ऩदहन कय फैठना चदहमे .

क्मा सच कहा यहो हो ..

हाॉ फेटा .... जैसी साधना उसके दहसाफ स ेवैसा वेश बी तो .

ऩा ऩा आऩन ेदीऩक का फता यहे थे .

अये फात ही बूर गमा ...

हभ फेटा जर की उऩजस्थनत भ ेसॊककऩ रेत ेहैं जर बी तो एक प्रत्मऺ देवता हैं . औय दीऩक भ ेजो अजग्न हैं वह बी तो प्रत्मऺ देवता हैं उनके साननध्म भ ेजऩ कयना चदहमे ..औय भेयी सफस ेप्मायी फेटी ..मे सभझ रे .फकतन े

साधको को तो उस दीऩक की रो भ ेही देव मा देवी के दशदन बी हुए हैं क्मोंफक अजग्न सदा शुद्ध होती. .औय देव वगद को प्रगत होन ेकेशरए एक शुद्ध आधाय तो होना चादहए ..

ऩाऩा हय अजग्न.

हा फेटा महाॉ तक की शभशान की बी अजग्न हभेशा शुद्ध ही भानी जाती हैं .

तो ऩाऩा घी औय तेर भ ेबी अॊतय हैं .

फेटा हैं तो ..क्मोंफक जजस देवता का जैसा आधाय वैसा ही दीऩक भ ेऩदाथद रेना ऩडता हैं न....फहुत सायी चीजे

साधायण सभझ स ेदयू की हैं ..जजस ेसदगुरुदेव जी को घी का दीऩक तो भहाववद्या साधना भे तेर का दीऩक , मह

ऐस ेकोई अॊतय वारी फात नही ऩय ...सूक्ष्भ अॊतय फहुत हैं..क्मोंफक मह साया साधना जगत जो हैं, न भेयी बफदटमा यानी मह इन्ही सूक्ष्भ औय अनत सूक्ष्भ का ही चभत्काय हैं .

चरो ऩाऩा ...दीऩक तो जरा रे ..

तो भेयी राडरी बफदटमा ..खशु .

भैं तो हभेशा खशु हूॉ..ऩाऩा

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सच्ची भ े..भेयी प्मायी सी दरुायी सी ...नन्ही ऩयी जैसी फेटू हैं ..

ऩाऩा buttering ज्मादा न कयो ..अबी कहानी नही सुनाई हैं औय दो ददन स ेक्मों नही शरखा ,भुझ को कहानी क्मों नही सुनाई ..ऩहरे फोरो तो जया ..

Oops मह तो ऩूयी नन्ही शैतान हैं.

अबी नन्ही ऩयी औय एक सेकॊ ड भ ेनन्ही शैतान .ऩाऩा ...मे क्मा हैं .

आऩ रोग फताओ ..की शैतानी कौन कय यहा हैं ...

मे फेटू...मे क्मा हैं..

जी ऩाऩा .. आऩ की तयह भैं बी फोरूॊगी smile ऩाऩा

ननखखर प्रणाभ

Smile

अन ुननखखर

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-30

ऩाऩा भेये ऩाऩा ..

भेयी little angel ..meri little angel

तो एक कहानी तो सुना दो न ..ऩाऩा

फस इतनी सी फात ..भेयी राडरी फेटू न ेफोरी ..रो अबी रो ..

शाभ का सभम था , एक सुनाय दकूान फॊद कय यहा था , तबी एक वदृ्ध दकूान भ ेआमा औय ऩूॊछा बैकमा .. सोन ेकी कतयन तौरना हैं क्मा तयाजू तुम्हाये ऩास होगा . सुनाय न ेकहा ...झाडू नही हैं ..

वदृ्ध न ेफपय स ेकहा की बैकमा .भुझ ेतयाजू चदहमे हैं क्मोंफक ..

सुनाय न ेकहा ..टोचद नही हैं ..

वदृ्ध को गुस्सा आ गमा उसन ेफोरा ..क्मा तुभ ऩागर हो भैं तयाजू की ऩूॊछ यहा हूॉ औय तुभ ऩता नही क्मा क्मा उत्तय दे यहे हो ..

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सुनाय न ेकहा भैं सही उत्तय दे यहा हूॉ . देखो तुभ को ददखाई दे नही यहा हैं औय तुभ कतयन ेतौरोगे .. तो कुछ जरुय

गगय ही जामेंगी .तफ तुभ भेये स ेझाडू भाॊगोगे उन कतयनों को जो जभीन भ ेगगय गमी हैं इकठ्ठा कयन ेके शरए ..तो उस सभम का उत्तय भैंन ेऩहरे ही दे ददमा हैं . फपय तुभ को शक रगेगा की शामद कुछ अबी बी जभीन ऩय ऩडी हो तो तुभ टोचद भाॊगोगे की अच्छे स ेजभीन देख री जाए ..इस ्शरए भैंन ेवह बी उत्तय दे ददमा हैं. की सभम फच े

.....सभझी फेटू ..

हो गमी न कहानी .

ऩय ऩाऩा आज तो साधना वारी अऩन न ेफात ही नही की ..न

देख भेयी राडरी ... क्मा भारा औय भॊत्र औय मन्त्र ही साधना हैं, सदगुरुदेव तो कहत ेहीॊ की जीवन ही एक साधना हैं औय हभें तो ऩर ऩर को औय अऩन ेको बी साधना हैं .. सभझी न

हा ऩाऩा

औय भेयी नन्ही ऩयी , जो बी फात जीवन को ननदेशशत कय जाए..जजसस ेबी जीवन भ ेददशा शभरे आगे फढ़न ेकी प्रेयणा वह सफ साधना का ही तो बाग हुमी न ..

वाह ऩाऩा क्मा फात हैं ..ऩय ऩाऩा इस स ेहभन ेक्मा शसखा

भेयी राडरी फेटू .सदगुरुदेव जी न ेएक रेख शरखा था ..की तूफ़ान स ेतो सबी सावधान यहत ेहैं ऩय जो होशशमाय होता हैं वह तो हवा के झकोये स ेबी सावधान हो जाता हैं उसी फात को ध्मान भ ेयख कय मह कहानी भैंन ेसुनाई

..की फेटू जीवन भ ेकोशशश कयो की हय फाय कुछ कदभ आगे की सोच सको औय उसे अच्छे भन स ेकामद रऩ भ े

ऩरयखणत कय सको ..तबी तो जीवन की साथदकता हैं ........हैं न

अफ भेयी राडरी तो फेस्ट हैं ..

स्भाटद बी फोरो ऩाऩा ..

अये हाॉ बाई ..वोह बी जन्भ से ..हैं न ..

अफ तो खशु न भेयी बफदटमा यानी ..

वोह तोभैं हभेशा स ेही खशु हूॉ ...भैं little angel जो हूॉ न.

हैं न ऩाऩा .

हाॉ भेयी राडरी ..त ुतो सच भुच भेयी little angel है हभेशा हभेशा के शरए भेयी फेटू ....

जी ऩाऩा भैं smile फोरूॊ

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तुन ेमहबी सीख शरमा .

आऩ ही तो फोरत ेहो न .......... की जहाॉ स ेजो अच्छा शभरे , सीखत ेजाओ ,औय स्वीकाय कयत ेजाओ ,जीवन ऩथ

साधना ऩथ भ े...फढत ेजाओ .. तो भुझ ेमह अच्छा रगा ...

भेयी राडरी नन्ही ऩयी

जी ऩाऩा .थोडा सा भुझ ेघुभा दो न ...

तो चर ...तुझ ेघुभा दूॊ .ऩय ऩहरे उतय तो ..

नही ऐस ेही ..

हाहा ..ठीक हैं फेटू ...

ननखखर प्रणाभ

Smile

अन ुननखखर

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-31

ऩाऩा भेये ऩाऩा ..

जी ऩाऩा अये बाई .कहाॉ थी त ुइतनी देय तक ...

ऩाऩा एक फात फताओ की आखखय क्मा हभ सदगुरुदेव जी की आखों भ ेदेखत ेहुए भॊत्र जऩ कय सकत ेहैं .

ओ भेयी राडरी ..देख ..उनको ननहाय सकत ेहैं .वोह तो हभ ्फच्चो का स्नेह हैं ऩय घूयना नही हैं .दोनों फात भ ेफेटू

...बावना का अॊतय हैं

ऩय ऩाऩा तो कैसे कयें

अये फेटा हभको तो उनके श्री चयण कभरों भ ेदेखना हैं हभाये शरए तो वही सफ कुछ हैं ..

मे फात हुमी न ऩाऩा .

ऩाऩा बगवान दत्तात्र ेम के फाये भ ेफताओ न

ओ भेयी राडरी मे तो ऩयभ शसद्ध हैं जो आज बी सदेह हैं औय राखों व्मक्तिमों को आज बी दशदन देत ेहैं .नाथ

सम्प्रदाम के मे आदद गुरु हैं .औय इनकी आध्माजत्भक ऺभता का कोई ओय हैं न छोय ..औय बगवान तो शसपद

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माद कयन ेभात्र स ेबी प्रगट हो जात ेहैं क्मोंफक बगवान दत्तात्र ेम तो स्भतृ गाभी हैं .

कहत ेहैं बगवान प्रात:कार काशी भ ेस्नान कयत ेहैं कोकहाऩुय भ ेशबऺा रेतेहैं तुॊगबद्रा नदी भ ेजर ग्रहण कयत ेहैं . भाहुर देश भ ेववश्राभ कयत ेहैं .जजसकी जो इच्छा होती हैं फेटा वह ऩूयी कयत ेहैं .ऻान के मे असीभ बण्डाय हैं.

तो ऩाऩा बगवान को तो कोई बी देख सकता होगा .

हाॉ फेटा .क्मोंफक वह तो सदेह रऩ भ ेहैं न ....ऩय उनको ऩहचानना भ ेउनकी इच्छा के बफना कहाॉ सॊबव हैं ..

ऩाऩा क्मा बगवान..... ऩायद ववऻानॊ भ ेबी ..

अये फेटू जो नाथ मोगी होत ेहैं वह ऩायद कभद जानत ेही हीॊ .क्मोंफक मह ववद्या तो इसी सॊप्रदाम भ ेपरी फढ़ी न ...तो बरा बगवान दत्तात्र ेम तो आदद गुरु हैं .तो वह तो अन्मतभ आचामद होंगे न ..

क्मा वह आज बी शसखात ेहोंगे ..

ओ भेयी राडरी ..जो गुरु होंगे उन्हें बरा मोग्म ऩात्रो की कहीॊ जमादा जरुयत होती हैं ..केफर कौतुक की दृष्टी स े

हभ उन्हें देखत ेहैं ऩय जो ऻान के शरए उन्हें देखेंगा .तो बरा कोई सदगुरु भना थोडी न कयेंगे ..उनके शरए क्मा असॊबव हैं .फस भेयी राडरी नन्ही ऩयी एक शुद्ध आधाय होना चदहमे उन्हें माद कयन ेका ..उनकी साधना कयन ेका ...वह तो सदैव स ेतैमाय फैठे हैं .

क्मा ऩाऩा साधना स ेवह आत ेहैं..

हाॉ क्मों नही ..आज बी ऩय कोई साधना कये तो ......

फकतना अच्छा रगता हैं न ऩाऩा ..हभ सबी फकतन ेन सौबाग्मशारी हैं ..

हाॉ भेयी नन्ही ऩयी ..ऩय फकतन ेहैं जो इस फात को अऩना खदु का सौबा ग्म फना रे .

भतरफ ऩाऩा ..

फेटा हभाये हाथ भ ेतो साधना हैं . तो जो कयेगा उनकी साधना ..वह ऩा बी रेगा उनका साननध्म औय ..ऻान ..औय

जो सोचता यहेगा ..

आऩ सही कह यहे हो ..

तो भेयी राडरी ..

जी ऩाऩा ..

ऩाऩा

हाॉ फेटू ..

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ननखखर प्रणाभ

Smile

अन ुननखखर

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-32

ऩाऩा चरो घुभन ेचरत ेहैं .

अये ऩहरे उतय तो सही .

नही ऩाऩा ऐस ेही ..

हे बगवान .अफ क्मा करॉ चरो ...

ऩाऩा मे फताओ की साधना कयत ेसभम क्मा इगो फढ़ता हैं .

हाॉ फेटा .क्मोंफक साधना हैं क्मा ..... एक प्रकाय का आतॊरयक शक्तिमों का भॊथन हैं न . जो बी शुब चीज हैं ..ऻान हैं .....उऩरजब्धमाॊ हैं उनको फाहय आन ेके शरए मह सफ तो होगा न औयऩहरे क्मा आएगा ...मही सफ ...ऩय साधक

को इसका साभना कयत ेफनना चदहमे .

ऩाऩा मह क्मों.. इसभें गरत क्मा हैं .

भेयी राडरी नन्ही ऩयी जया मे तो सभझ . इतना सा बी इगो साधक के शरए जहय के साभान हैं .औय साधक को अऩनी साधना के सभम औय अन्म सभम बी मह फात सभझ रेना चा दहमे .इस फात को .

वहअन्म सभम क्मों .. कैसे ऩाऩा .

फेटू ..साधक हय सभम साधना भ ेही यहता हैं .मह कोई जोफ मा नौकयी थोडी हैं न ...अगय फकसी ने मह कहा की अफ भैं इन चीज स ेमा इस चीज स ेभुझ ेकोई पकद नही ऩडता .तत्कार प्रकृनत उसी के साभन ेवही फात फना कय

यख देती हैं की अफ रो ..अफ इतना घभॊड ..तो अफ फताओ ..औय साधक के साभन ेमह अवस्था फाय फाय आती हैं .

ऩय ऩाऩा अगय साधक के भन भ ेन हो तो बी .

भेयी नन्ही ऩयी फेटी सभझ ..हभाये साभन ेजजतनी ववऩयीत ऩरयजस्थनतमाॉ आती हैं उतनी ही हभ अगय साभना कय

ऩामे तो भजफूत फन कय ननकरत ेहैं .औय मह जफ तक ..तफ तक की हभाया सभऩदण ऩूया १०० प्रनतशत

सदगुरुदेव जी के श्री चयणों भे न हुआ हो .अगय .०१ प्रनतशत बी कभ हैं तो ऩूया तो नही हुआ न ...तफ तक मह

फाय फाय होता हैं .

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ऩाऩा आऩको बी मह सफ हुआ हैं .

ओ भेयी नन्ही ऩयी क्मों नही ...जफ हभ सफ सि श्रॊगी ऩवदत ऩय गए थे औय भैंन ेफस मात्रा कीशुरुआत भ ेइतना सा कह ददमा की अये मह १८ /१९ फकरोभीटय की दयुी भेये शरए क्मा अथद हैं .फस तत्कार प्रकृनत न ेभनो कय ददमा ..की इतना घभॊड अऩनी साभ्मद ऩय .औय फेटी फपय जो हुआ हैं वह तो सबी जानत ेहैं ..की ऩहरे आधा फकरोभीटय तक भ ेअऩन ेसाये बूत फहुत बाग गए ..सभझ भ ेआ गमा की ..

भेये दोस्त जो साथ भ ेथे कह ही यहे थे की भैं तो तबी सभझ गमा था की जफ आऩन ेशाभ को ही मह घोषणा कयदी की ....यात भ ेही न चर दे ..की अफ ्तैमाय आऩ हो जाओ ...

औय भेयी little angel ऩूयी मात्रा न ेफहुत सफक सीखामा की ..इतना सा बी घभॊड नही चरेगा ..अफ काभकय ददमा तो ऩरयणाभ बी सहन कयो ..जो हार फना था ..

ऩय ऩाऩा .भुझ ेतो कुछ नही रगा .

अये फेटू ..बरा तुन ेभेये जैसी कोई फात कहीॊ थी क्मा .औय भुझ ेबरा क्मा भारूभ था की एक फात बी फकतनी भहगी ऩड सकती हैं .

ऩाऩा सच्ची फताओ आऩ न ेक्मा सीखा

क्मों फताऊॉ तेये को ..

ऩाऩा आऩ भेये फेस्ट फ्रें ड हो ...... तो फताना ही ऩडगेा चाहे जो हो ...

सच्ची भ े

हाॉ सच्ची सच्ची फताओ ...वहबी जकदी स े.

भेयी प्मायी दरुायी फेटी .देख साधक कई कई फाय अऩन ेको फहुत होशशमाय ्सभझन ेरगता हैं उसे रगता हैंफक वह

वह चतुय है उस ेअऩनी ऺभता का गरत अहसास हो जाता हैं .ऩय फेटा ..जो सदगुरुदेव हैं वह् भानो एक कुशर

गचफकत्सक हैं उनस ेक्मा छुऩेगा ..औय मही हयकत साधक की होगी तो वह स्वमॊ अऩनी ऩात्रता भ ेकभी कय यहा हैं न .औय प्रकृनत तो भानो इॊतजाय कय यही होती हैं ,वह ऐस ेकैसे उच्चतभ चीज आऩके ऩास जान ेदेगी . जो जजतना सयर होगा ..देख ्भेयी राडरी भैंन ेभूखद नही कहा हैं..वह उतनी जकदी आगे जामेगा ही .क्मोंफक मह तो भेयी फेटी ह्रदम का ऺेत्र हैं ..बावना का ऺेत्र हैं . जो सोच यहा हैंफक भैं होशशमाय औय ऐसा ..तो प्रकृनत उसके साभन े

वही वही घटना िभ यखेगी की ..साया अहॊकाय ....अत् सभझी न ..

साधक की मह इनत की होशशमायी ही उसके शरए ..यास्त े....

ऩाऩा ..अफ न दफुाया तो ऐसी हयकत ..

अये याभ बजो जी , जो हारत फनी वहाॉ ऩय ..उसके फाद तो ....

ऩाऩा ..चरे आगे .

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जी जी भेयी प्मायीसी princess .

वोह तो भ ैहूॉ ही .

अये कह दे की जन्भ स े..

ऩाऩा आऩ अफ ्भेये स े.इषाद कय यहे हो ....मे फात ठीक नही ..

अये भेये शरए तो भेयी दरुायी फेटी सफ कुछ हैं ...

सच्ची भ ेन ..

हाॉ फेटू कोई शक ..महाॉ तक की भेयी नन्ही शैतान बी ...

ऩाऩा ..आऩ नही सुधयोगे .....

हा हा ओ भेयी ....”जी ऩाऩा” ..

भुझस ेहॊसी कय यहे थे न .

तो अऩनी राडरी दोस्त स ेतो करॉ गा ही ..

जी ऩाऩा

Smile

ननखखर प्रणाभ

अन ुननखखर

*****NPRU***

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-33

ऩाऩा ,अबी भन बया नही हैं भुझ ेऔय घूभना हैं . अये फेटू , अफ तो उतय जा . नही नही .आऩ तो फोरे थे की ... . हुॊह हुॊह औय फडा वारा हुॊह .तुझ ेकुछनही बूरता क्मा ....

क्मा फोराssssssss ऩाऩा ..

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अये भैं तो भजाक कय यहा था .अफ अऩनी राडरी फेटू स ेही तो हॊसी करॉ गा .

ऩा ऩा .. जी भेयी नन्ही वप्र ॊसेस आऩ भुझ ेआऻा तो दें ...

अये ऩाऩा भुझ ेमह फताओ की ददन के सभम का क्मा अथद हो ता हैं साधना भ ेफैठन ेके शरए .

भैं सभझ नही भेयी राडरी फेटू त ुभुझ ेसभझा तो .

अये हय फात आऩको भुझ ेही सभझना ऩडती हैं . वो तो ऩडगेी ही .

वो क्मों .

वोह इसशरए की त ुन केफर भेयी राडरी फेटू हीॊ फजकक भैं औय त ुएक ही तो हैं .अये जो अऩन ेददर का टुकडा होगा उसे कोई कैसे अरग भानेगा..अफ त ुफता .तो भैं अऩनी नन्ही ऩयी को कैसे न..... फहुत फहुत माद करॉ ..

ऩाऩा आज तो हैप्ऩी भदय ड ेहैं, भाॉ आई थी . त ुन ेदेखा . हाॉ भा भुझ ेप्माय कयके गमी . ओह फकतनी प्मायी फात हैं भाॉ तो सबी की भाॉ हैं .

ऩाऩा आऩ सभम की फताओ न .....की ददनभ ेरगन के दहसाफ स ेबी क्मा कोई अथद हैं .

देख भेयी नन्ही ऩयी , मह सभझ की हय ऺण का अथद हैं औय हय ऺण ववशषे अथद बी हैं . भतरफ

अये भेयी फेटू सभझ हय ऺण का एक देव मा सभमागधऩनत होत ेहै.

ऩाऩा मे ऩता कैसे चरे .

अये भेयी नन्ही ऩयी सदगुरुदेव जी न ेएक फकताफ शरखी हैं न ज्मोनतष औय कार ननणदम वह तो अद्भतु हैं , चर त ु

ही फता इसस ेऩहरे कबी फकसी न ेमह फतामा इतनी आसानी स ेसयरता स.े

हाॉ ऩाऩा ...उन्होंन ेफकतनी आसानी स ेसयरता स.े... सभझभ ेआनी वारी बाषा भ ेशरखा हैं .हय सभम के

अगधऩनत को सभझामा .की कैसे शभननट के नुसाय बी सभम के देवता फदरत ेहैं

फेटू फकतना फहुभूकम ऻान हैं ऩय हभ तो उसको सभझत ेकहाॉ हैं .साधना मा कोई बी कामद प्रायॊब कयत ेसभम उन

फातों का ध्मान यखना चाहदहमे ही , भेयी राडरी .शसपद ऩहरे बाग को देख शरमा जाता हैं औय दसूये बाग को कोई

नही देखता .

ऩय अगय उसका अथद नही होता तो उन्होंन ेक्मों ददमा होता ,

हभ ववऩयीत देवता के सभम ने साधना चारू कयत ेहैं तफ सपरता फकस ेशभरेगी ..नन्ही ऩयी उस दसूये बाग का

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फहुत अथद हीॊ उसको ध्मानभ ेयखना ही चादहए ...

वेस ेभें राडरी मह सभझ ..

बगवान ववष्णु स ेसफॊगधत मा उनके कोई बी रऩ स ेसफॊगधत भॊत्र भ ेभेष वजृश्चक मा कुॊ ब शसॊह रग्न रे तो ज्मादा उगचत यहता हैं.

जफ फकसी शक्ति मा देवी स ेसफॊगधत भॊत्र कयना हो तो शभथनु, कन्मा , धनु , भीन रग्न भ ेसपरता अगधक

शभरती हैं.

बगवान शशव सफॊध भन्त्र भे भेष ककद तुरा ककद भकय रग्न ठीक यहता हैं .

ऩाऩा मह रग्न कहाॉ स ेदेखूॊ भुझस ेफनता नही हैं .

अफ भेयी फेटू भैं ऩॊचाॊग जफ सभझाऊॊ गा तफ देख रेना .

ओके ऩाऩा .

भेयी फकतनी प्मायी सी , दरुायी सी ,बोरीबारी सी , सुन्दय सी .. ऩय हैं नन्ही सी शैतान फेटी हैं . आखखय फोर ददमा न

वोह तो फोर ददमा न ..

ऩाऩा अये भेयी राडरी ..

सच्ची भ े.

हाॉ सच्ची भुच्ची भ े, खफू साया औय ढेय साया स्नेह

वाह वह ऩाऩा . अये वाह वाह क्मों, भेयी अऩनी राडरी नन्ही ऩयी जो त ुहैं .

वोह तो हूॉ .

जन्भ स े...न

हा हा हाॉ ऩाऩा .

Smile

ननखखर प्रणाभ

अन ुननखखर

****NPRU****

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“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-34

ऩाऩा देखो भैंन ेआऩको सजा ददमा हैं अफ स्भाइर प्रीज ..

अये मे भुझ ेक्मा फना ददमा ..

आऩको स्भाटद फना यही हूॉ तो मे हैं स्भाटदनेस .... हे बगवान ..इस नन्ही शैतान फच्ची को कोई सभझाए ..

ऩाऩा फकतन ेअच्छे रग यहे हो .. मे तो रगता हैं ... जन्भ स ेकहना ही ऩडगेा .

फकतनी अच्छी पोटो आएगी न ऩाऩा ..इस ददशा स े..

ओ भेयी नन्ही ऩयी ददशा का ही तो भहत्व हैं ..

ऩाऩा कुछ तो फताओ न ..की क्मा साधना भ ेबी ददशा का इतना क्मों भहत्व यहता हैं .थोडा सा क्तडटेर भ े

देख भेयी राडरी .. कहत ेहैं की बगवती रक्ष्भी की साधना हभेशा ऩजश्चभ भुख हो कय मा जैसा फकसी ववशषे

साधना भ ेफतामा जाए वेस ेकयना हैं . वऩतयो स ेसफॊगधत साये कामद तो त ुजानती हैं की दक्षऺण ददशा की तयप भुॊह कयके फकमे जात ेहैं . कहत ेहैं की वशीकयण आदद भ ेऩूवद ददशा उगचत यहती हैं .

महाॉ तक की भेयी फेटू .. जफ व्मक्ति स्नान कय के औय वस्त्र धायण कय रे तो उत्तय की तयप भुॊह कयके ही अऩन े

रराट ऩय नतरक रगाना चदहमे .

ऩाऩा फकस अॊगुरी स ेनतरक रगामा जाना चादहए

भेयी little angel ..देख साये देव कामद भ ेअनाशभका स े,वऩतयो स ेकामद मा साधना भ ेभध्मभा औय ताॊबत्रक कामों भ ेप्रथभ अॊगुरी मा जैसा ननदेश ददमा गमा हो उसका प्रमोग कयें .

औय ऩाऩा पूर आदद के बी ननमभ हैं. हा भेयी फेटू ददन के १२ फजे के फाद पूर नही तोडना चदहमे ,पूर को तो हभेशा सीधा चढाना चदहमे .

ऩाऩा आऩन ेभुझ ेफतामा था की जऩ तो सदगुरुदेव को अऩदण कय देत ेहै ऩय इसका बी कोई ननमभ हैं ..

हाॉ भेयी दरुायी फेटी ...वह मह की मदद हभ फकसी देवता को इष्ट भानत ेहीॊ तो उसके दादहन ेहाथ भ ेजऩ सभवऩदत

कय दे अगय कोई देवी हभायी इष्ट हैं तफ उनके फाए हाथ भ ेजऩ सभऩदण कयना चदहमे

अये फस फस ...

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ऩाऩा आऩन ेकहानी फकतन ेददन स ेनही सुनाई ...

तो मे फात हैं .तो सुन .

एक फाय बगवान फुद्ध न ेप्रवचन शुर कयना था उसी सभम कफूतय की कुछ आवाजे आई जो उनके ऩास की आकय

फैठा था . बगवान भुस्कुया कय देखत ेयहे औय जैसे ही वह उड गमा , बगवान फोरे की आज का प्रवचन सभाि ..

सबी फोरे की ..आऩन ेतो कुछ फोरा ही नही .बगवान भुस्कुयाए औय वावऩस हो गए .

ऩाऩा भुझ ेबी तो फताओ न की क्मा अथद हैं ..

भेयी राडरी फेटी .देख बगवान मह फताना चाहत ेयहे की हय चीज भ ेददव्मता हैं ..उस कफूतय की प्राकनतदक

आवाज भ ेबी तो एक शभठास हैं ....ददव्मता हैं .....औय गौय स ेदेखा जाम तो इस सॊसाय भ ेकुछ बी असाय नही औय तॊत्र बी तो मही कहता हैं न की हय चीज भ ेकैस ेददव्मता देखी जा सकती हैं .........औय ..मह तॊत्र ववगध फताता हैं ..फस भेयी प्माये सी फच्ची हभायी आॉखे देख ऩाए मा मूॉ कहूॉ की फस हभाये देखने की दृष्टी फदर जाए .. तो मही दनुनमा ददव्म हो जाए औय साधनाए मही तो कयती हैं ..हभायी देखन ेकी दृष्टी फदर ती हैं हैं न फेटू ..

जी ऩाऩा ..

तो भैं अच्छा रग यहा हूॉ न .

भेयी कॊ ऩनी भ ेऩाऩा आऩ बी स्भाटद हो गए हो ..

हाहा

चर आजा भेयी राडरी फेटू भेये ऩास .

जी ऩाऩा .

Smile

ननखखर प्रणाभ

अन ुननखखर

****NPRU****

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-35

ऩाऩा हाॉ भेयी फच्ची क्मा फात हैं

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भ ैथक गमी हूॉ ऩाऩा , अफ ्भुझ ेआऩके ऩास फैठना हैं ,आऩ स ेकुछ सुनना हैं

चर आजा ऩाऩा आऩ कुछ सुनाओ न ..

कोई कहानी ..न

हाॉ

तो सुन ..दयू देश भ ेएक गुरु के ऩास एक शशष्म आमा उसके गुरु ने एक साधना उसे फताई .औय शशष्म रग गमा उस साधना को कयन ेभ े... औय इतन ेभनोमोग स ेकी ..कुछ ऩूॊछो ही नही न ददन की नीॊद .... ना यात का चनै .....

फस साधना ही साधना .

अये ऩाऩा ....ददन का चनै औय यात की नीॊद फोरो ..

अये फेटू भैं इभोशनर हो गमा था न ..चर तेयी फात ही सही ..

औय कुछ ददन भ ेउसन ेअऩन ेगुरु की कुदटमा स ेकुछ दयूऩय एक कुदटमा फना री औय रगा यहा .. औय मह कामद िभ उसके गुरु देख यहे थे चऩु चाऩ ...अफ तो शशष्म न ेअऩनी कुदटमा भ ेआन ेवारों ऩय बी योक रगा दी औय जो आता उस ेबी बरा फुया कहता .

जफ मह फहुत हो गमा तो एक ददन गुरु उसकी कुदटमा भ ेखदु गए . शशष्म ध्मान भ ेथा , उसन ेथोडा सा आखॊ खोर कय देखा औय . अऩन ेगुरु ऩय बी कोई ध्मान नही ददमा .. क्मोंफक उसे तो अऩनी साधना जो कयनी थी .

उसके गुरु न ेमह सफ हार देखा औय अऩन ेशशष्म के ऩास फैठ कय दो इटो को आऩस भ ेयगडना चार ूकय ददमा . अफ इतनी आवाज होमे की ......शशष्म ऩयेशाॊ ..कहाॉ स ेध्मान रगे . ऩय शशष्म कुछ फोरे नही.. ऩय गुरु तो गुरु थे

....वह बी कहाॉ थके न रुके ..रगे यहे इटो को यगडन ेभ े...

अॊत भ ेशशष्म का धमैद न ेपाइनर जफाफ दे ददमा .औय शशष्म फोरा की आऩ.. .. मह क्मा कय यहे हैं .फकतना हकरा भचा यखा हैं आखखय आऩ कयना क्मा चाहत ेहैं ..

गुरु ने बफरकुर बोरे ऩन स ेकहा की इस इट को यगडकय .... गचकना कयके .. दऩदण फनाना हैं. शशष्म न ेअऩना शसय ऩीट शरमा .फोरा ..मे इट कबी दऩदण नही फनेगी चाहे आऩ फकतना न कय रो . इस तयह स े.

तो गुरु न ेभुस्कुयात ेहुए कहा औय तुभ क्मा कय यहे हो तुभ बी तो बफना सोच ेववचाये ..रगे हो ..अऩन ेभन को दऩदण फनान ेभ े..बरा भन बी कहीॊ दऩदण फनता हैं . वही तो बटकाता हैं फस अऩन ेभन को एक तयप कय दो औय

देख रो ददव्मता की झरक ..क्मों सयर सी फात को कदठन फनान ेभ ेतुरे हो ...क्मों अऩन ेअहॊकाय भ ेमे सफ ...

शशष्म की सभझ भ ेआ गमा की वह कहाॉ गरत था

ऩाऩा इसभें कौन सी फात छुऩी हुमी हैं .

ओ भेयी नन्ही ऩयी , सदगुरुदेव बी कहत ेहैं की साधक तीन प्रकाय के होत ेहैं ऩहरा तो वो जो साधना कयत ेही नही

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...मे बी फुयाई गात ेयहत ेहैं ... दसूया जो सफ कुछ छोड छाडकय ऩागरो कीतयह साधना भ ेकूद गए औय इतनी अनत कय देत ेहैं . अऩन ेस्वस्थ स े..अऩन ेआऩ स ेकी ......कुछ ऩूॊछो भत ..इनको बी सपरता नही शभरती ..तो मे

सफस ेज्मादा खतयनाक होत ेहीॊ मही असपर ... जमादा साधना जगत के ववयोधी फन जात ेहैं , क्मोंकी इनको कुछ शभरा नही ... तीसयी शे्रणी हैं उनकी जो भाध्मभ भागद भ ेचरत ेहैं न शयीय को ज्मादा आयाभ देना हैं ..... न कष्ट .क्मोंफक साधना तो इसी शयीय स ेहोगी न तो इसका बी तो ख्मार यखना हैं . अनत हय जगह खयाफ हैं .सदगुरुदेव जी न ेऐस ेफनन े

को कहा हैं .

ऩाऩा आऩन ेकैसे भाना .

ओ भेयी प्मायी सी दरुायी सी नन्ही ऩयी ..सदगुरुदेव के उच्च्स्थ शशष्म हैं उन्होंन ेएक ददन भेये एक फात ऩय भुझ े

जफाफ ददमा था की “ कोई बी मा फकसी बी आऻा का कभ ऩारन मा जरुयत स ेआगधक ऩारन दोनों ही फातें आऻा उकरघन के ही सभान हैं .”

तो भेयी राडरी ..हभें अऩन ेशयीय का ..... साभाजजक ऩरयजस्थनतमों का बी तो ऩारन कयना हीॊ औय ्साधना बी कयना हैं .

श्री याभ कृष्ण ऩयभहॊस कहत ेथे की जो फरवान साधक होता हीॊ वह दस काभ कयत ेहुए बी साधना कय रेता हैं जैसे जो भदहरा अऩन ेशसय ऩय ऩानी का घडा शरए जा यही हो उसे ऩीछे स ेआवाज दो तो ...... वह रुकेगी औय ऩूया घूभ के ही उत्तय देगी . ऩय जो भजफूत हैं वह अऩन ेस्थान ऩय उतन ेऩानी के घड ेका वजन सम्बारे हुए केफर

अऩनी गददन घुभा कय उत्तय दे देगी .सभझी न .हभें ऐसा भजफूत फनना हैं

हा ऩाऩा ..

औय आज भेयी फेटी थक गमी हैं भतरफ फहुत भेहनत की हैं , चर आजा भेये ऩास . भेयी राडरी भेये ऩास फैठती हैं तो भुझ ेबी फहुत अच्छा रगता हैं .

रगेगा ही ऩाऩा ..भैं आऩकी नन्ही ऩयी जो हूॉ ..

राडरी ऩयी बी तो ..जन्भ से हैं न ..

हा हा ..ऩाऩा अफ आऩ बी भेयी कम्ऩनी भ ेस्भाटद होत ेजा यहे हो .

अये इतनी प्मायी सी .... बोरी बारी सी.... नन्ही शैतान भेयी फेटी जो भेये ऩास हैं ..हैं न

हभेशा ऩाऩा .आऩके साथ ... हभेशा .. मे भेया प्रोशभश ..

हा हा . चर आजा

जी ऩाऩा

Smile

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ननखखर प्रणाभ

अन ुननखखर

****NPRU****

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-36

ऩाऩा sssssss

हाॉ फोर क्मा फात हैं .

एक कहानी प्मायी सी .

एक याजा जफ बी एक साध ुके ऩास जाए .. तो वह साध ूहभेशा धन सॊऩवत्त की फात कये ..एक ददन याजा न ेऩयेशाॊ होकय कह ददमा की जफ बी आऩके ऩास आओ .. तो आऩ धभद की फात क्मों नही कयत ेजफ देखो तफ ... ऩैस ेकी .....याज काज की फात कयत ेहो ..

साध ून ेगॊबीयता ऩूवदक कहा की जजसके ऩास जो नही हैं वह उसी की ही तो फात कयेगा न ........भेये ऩास धन नही हीॊ इसशरए भैं धन की फात कयता हूॉ औय तुम्हाये ऩास ऻान नही हैं ..तो तुभ ....

अये ऩाऩा एक अच्छी सी ..

जो भैं फचऩन भ ेसुनामा कयता था वह तुभको सुनाता हूॉ .ध्मान स ेसुनना ..

एक था याजा एक थी यानी ,दोनों भय गए खत्भ कहानी .......smile

ऩाऩा ssssss

तो फता न कैसी कहानी सुनना हैं .

ऩाऩा आऩ बी शैतानी कयन ेरगे हो ..आऩ भुझ ेमह फताओ की क्मा मे देव अस्त्र सही भ ेयहे हैं .

हाॉ भेयी नन्ही ऩयी .. मे साये अस्त्र सही भ ेयहे औय इनका प्रमोग बी होता यहा .

ऩय ऩाऩा भैं एक फात सोचती हूॉ की जफ मुद्ध चर यहा होगा तफ इतन ेसाये तीय कहाॉ स ेआत ेथे ..भतरफ कबी तो खत्भ होत ेयहे होंगे न,, तो फीच मुद्ध भ ेकौन दे जाता यहा ..

अये भेयी little angel जानती हैं ठीक ऐसा ही प्रश्न स्वाभी ववशुद्धानद जी के शशष्म न ेऩूॊछा था .

तो ऩाऩा उन्होंन ेक्मा उत्तय ददमा .

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अये एक शभननट चऩु तो हो ..

आऩ भुझ ेडाट तो नही यहे हो न ..

अये न न ..बरा भेयी इतनी दहम्भत अऩनी इस दरुायी सी प्मायी सी फच्ची को ...

No buttering papa ...

अये चऩु ..तो स्वाभी जी अऩन ेउस शशष्म को फाहय भैदान भे रे गए औय एक सयकॊ डा को तोड कय हाथ भ ेशरमा ..... थोडा सा भॊत्रोच्चाय फकमा औय वह ततकार स्टीर के धनुष भ ेफदर गमा ,औय मही प्रफिमा दसूये सयकॊ ड ेऩय

की तो वह एक तीय भ ेफदर गमा , औय स्वाभी जी न ेकहा की देखो भैं इस को अजग्न फाण भ ेफदरता हूॉ भतरफ

इस ऩय अजग्न देव को आवाहन कयता हु , औय मह कह कय भॊत्रोच्चाय फकमा औय साभन ेवारे वृऺ ऩय तीय छोड

ददमा .साभन ेका ऩूया वृऺ आग स ेजर उठा ..स्वाभीजी न ेकहा मह दैवीम आग हैं इस ेसॊसाय की कोई बी वस्त ु

नही फुझा सकती .औय तबी वह तीय घूभ कय उनके हाथों भे वावऩस आ गमा .

स्वाभी जी न ेकहा अफ भ ैइस ेवरुणास्त्र भ ेफदरता हूॉ औय उन्होंन ेवरुण देव स ेसॊफॊगधत भॊत्रो का उच्चयण कयके

जो तीय छोडा तो उस वृऺ की अजग्न सभाि औय कुछ फिमाए की तो वृऺ ऩुन् ऩहरे जैसा हो गमा ..

औय जफ वह तीय ऩुन् स्वमभ उनके ऩास वावऩस आ गमा तो स्वाभी जी न ेभॊत्रोच्चाय कयके उस ेऩुन् सयकॊ ड ेभ े

फदर ददमा ..

औय अऩन ेशशष्म को देख कय भुस्कुयाए औय वावऩस रौट ऩड े.

ऩाऩा एक फात ..

फोर

फकक्मा आज बी मह सफ हो सकता हैं.

भेयी राडरी ..क्मो नही इन अस्त्रों का ऻान ........ तॊत्र भ ेही तो छुऩा हैं न .साधना तो रोग कयें तो सदगुरुदेव मह

ऻान बी उगचत सभम आन ेऩय दे देगे

ऩय ऩाऩा .आज के जीवन भ ेइसकी उऩमोगग ता क्मा हैं .

ओ भेयी राडरी बफदटमा .ऐस ेतो इस जीवन का बी कोई भूकम नही हैं ऩय क्मा खाना ऩीना औय टे फोर जाना ही जीवन हैं ..मह ववऻानॊ की बी साथदकता हैं ऩय ऩहरे सीख तो हभ रे .. की एक कदभ तो चरा नही ऩय सायी फात

ऩहरे ही ऩूॊछ यहे हैं

हा हा ऩाऩा आऩन ेटे शब्द का प्रमोग फकमा ...आऩ ठीक कहत ेहो ...ऩय जानत ेहो ऩाऩा .....भेयी फचऩन स ेइच्छा यही की ..

अये फस फस ...कोई इच्छा फाकी बी हैं मा सफ कह ददमा ..

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ऩाऩा आज कर आऩ फहुत शैतानी कयत ेहो ..

वोह तो करॉ गा भेयी प्मायी सी फेटू जो हैं भेये ऩास .

भुझ ेनीद आ यही हैं भैं सो जाऊॊ .ऩाऩा

चर भेयी राडरी फेटी सो जा .

ओ भेयी राडरी नन्ही ऩयी ..जाग यही हैं क्मा

जी ऩाऩा ..

हा हा .

जी ऩाऩा

Smile

ननखखर प्रणाभ

अन ुननखखर

****NPRU****

“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-37

ऩाऩा sssssss फकसको देख यहे हो . अये तेये को ही देख यहा हूॉ ..अये अऩनी फेटी तो सबी को प्मायी सी रगती हैं न ..

तो फताओ भैं कैसी हूॉ . बफरकुर नन्ही सी , राडरी सी ऩय शैतान सी ऩय भेयीराडरी नन्ही ऩयी जो त ुहैं .

एक कहानी सुनना हैं .ऩाऩा

ओके फेटू ...एक साध ू..फहुत गयीफ थे तो याजा के ऩास गए तो याजा न ेकहा की ठीक हैं आऩको योज इतन ेऩैस ेदे

ददए जामगे जजसस ेआऩका जीवन माऩन आयाभ स ेहोता यहेगा ..औय आऩकी साधना बी आयाभ स े.

ऩाऩा ... क्मा मह तो भेयी सुनी हुमी हैं

कफ

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अये आऩ चाय फाय सुना चकेु हो . तो नो चीदटॊग.... नई वारी सुनाओ ..

हे बगवान ..अफ झूठ न फोर ... चाय फाय तो नही सुनामी होगी ......अयेभेयी दोस्त ..सुन हय कहानी मा चटुकुरे

सुनान ेवारे के साभन ेमही सभस्मा आती हैं की चाहे उस ेहजाय कहानी माद हो ऩय वह मह माद नही यख ऩाता की फकसको फकतनी फाय वह् कहानी मा चटुकुरा सुना चकुा हैं ..तेये को माद यहा ..

ऩाऩा .भेयी माददास्त फहुत तेज हैं .. मे बी जन्भ स ेही हैं ..क्मा ??

ऩाऩा आऩ भेयी खखचाई तो नही कय यहे हो ...न

अये न न फेटू अऩनी दहम्भत इतनी कहा

ठीक हैं आज सूपी कहानी सुनाता हूॉ .. इिाहीभ नाभ के प्रशसद्ध सॊत हुए हैं मह ऩहरे फादशाह यहे थे ..कैस ेवह सॊत

फन ेवह तो कबी फपय फताऊॊ गा अबी सुनो .वह शहय स ेदयू यहत ेथे .जफ बी कोई उनके ऩास आता औय शहय जान े

का यास्ता ऩूॊछता तो वह फोरत ेबैकमा महाॉ स ेसीधे हाथ की यास्ता भ ेएक भयघट हैं औय फाए हाथ भ ेएक शहय ...

जो कोई बी जाता .वह दो घॊटे फाद रौट कय आता औय खफू रडता की फकस प्रकाय के सॊत हो तुभ ..उकटा यास्ता फतात ेहो तुम्हे राज नही आती ..ऐसा भजाक कयत ेहो ..जफकी महाॉ स ेसीधे हाथ ऩय शहय हैं औय उरटे हाथ भ े

भयघट ..

वह फोरत.े... बाई आऩको सभझन ेभ ेबूर हो गमो होगी ..आऩ औय भेयी ऩरयबाषा थोडा सी अरग हैं ..आऩ जजस े

शहय फोरत ेहो .उस ेभैं भयघट फोरता हूॉ क्मोंफक वहाॊ कोई स्थामी यहता नही हैं ..औय आऩ जजस ेभयघट फोरत ेहो उसे भैं शहय ... क्मोंफक वहाॊ जो गमा हैं वही यहता हैं फपय औय कहीॊ नही जाता ..

ऩाऩा मे तो दखुी वारी हैं .

ओ भेयी राडरी बफदटमा सभझ ..मह जीवन ऐसा ही हैं भैंन ेइसशरए तेये को मह सुनामा की जो हभाये सदगुरुदेव

औय आचामद फोरत ेहैं हभ उनके शब्दों के ऩीछे छुऩ ेबाव न ऩकड कय केफर शब्द ऩकड कय फैठ जात ेहैं .उनके

कहन ेका भतरफ कुछ ओय होता हैं औय हभ कुछ ओय ही सभझ जात ेहैं ..

औय भेयी राडरी हभ तो भतृ्मुॊजमी सॊस्कृनत के ननवासी हैं ..हभें तो साधना के भाध्मभ स ेइस भतृ्म ुके बी ऩाय

जाना हैं ..सभझी न .. तॊत्र साधनाए ऐसी बी हैं ..क्मोंफक सदगुरुदेव कहत ेहैं की एक सच्चा मोगी मा तॊत्र साधक

भोऺ कबी नही चाहता .वह तो मा तो कार जमी हो जाता हैं .मा फाय फाय जन्भ रेकय साधनाओ के ऩथ ऩय फढ़ता जाता हैं .

ऩाऩा कारजमी भतरफ बगवान शॊकय जैस ेन ..

ओ भेयी प्मायी फच्ची अये वह तो कार जमी हैं ऩय वास्तव भे वह ही भतृ्मुॊजमी बी ..दोनों शब्दों भ ेफहुत अॊतय होता हैं ऩय वह सबी हैं .

ऩाऩा ..तो जफ साधना ही कयना हीॊ तो आऩ न ेऐसी कहानी क्मों सुनाई ..

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देख ्भेयी फेटी ..इसस ेडयन ेकीफात नही हैं हभ तो सदगुरुदेव के शशष्म हैं .ऩय मह बी तो सोचना हैं की हय सभम

.जजसकी हभ उऩमोगगता नही सभझ ऩा यहे हैं ..सभम..... की अऩनी गनत हैं औय मह फकसी के शरए नही रुकता

.तफ हभें अऩन ेजीवन का अऩन ेकामों को तो देखना चदहमे ..की क्मा हभ साधना के शरए सभम दे यहे हैं ...हभाया जीवन क्मा हभायेसद्गरुुदेव के कामों भ ेकुछ रग सकता हैं ..औय हभाये जीवन कबी तो एक अथद होना चदहमे न ..

ऩाऩा आऩन ेभुझ ेगॊबीय कय ददमा ..

ऊप्स तो चरो एक हॊसी की फात .

एक फाय एक कबिस्तान भ े..वहाॊ की नगय ननगभ ्कुछ तोड पोड कयके नमा कुछ फनफाना चाह यही थी .

तो साये के साये भुदे यात को इकठ्ठा हुए फोरे ऐसा नही चरेगा कुछ तो कयना ही ऩडगेा ..तो अरी भोननिंग सबी रोगों न ेएक जुरुश ननकरा औय सीधे करेक्टय आफपस भे ..नाये रगत ेहुए ..जो हभस ेटकयाएगा .चयू चयू हो जामेगा ..औय चाहे जो भजफूयी हो भाॊग हभायी ऩूयी हो .. मह सफ देखकय करेक्टय घफयाए फोरे आऩ सबी आज

ददन भ ेही ..

उनसफ न ेफोरा हभाये घय का भाभरा हैं तो कौन यात का इॊतजाय कयत ेफैठेगा ..तो ददन मा क्मा यात

तो करेक्टय ने कहा आऩ सबी को क्मा प्रॉब्रभ हैं आऩ को तो नमी जगह दे दी जामेगी ..तो आखखय इस जभीन

स ेआऩ रोगों को इतना क्मा रगाव हैं .

ऩीछे स ेआवाज आई ..सुननए मे जभीन हभ न छोडेंगे क्मोंफक मे जभीन हभन ेअऩनी जान दे कय ऩामी हैं ..

हा हा

आमा भजा .अये बाई अऩनी फेटी को तो खशु यखना ही ऩडगेा न .भुझ ेगॊबीय नही ....हस्ती खखरखखराती अऩनी राडरी फेटी कहीॊ ज्मादा प्मायी रगती हैं .

वो तो भैं हूॉ ...

जन्भ स े..

हा हा ..जी ऩाऩा

Smile

ननखखर प्रणाभ

अन ुननखखर

****NPRU****

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“साधना जगत की मे बूरी बफसयी फेहद सयरतभ फात े...

आऩ सबी .के साथ . औय भैं (अफ नन्ही ऩयी तो साथ होगी ही ) “

part-38

ऩाऩा sssssss सावधान ..तफकमा मुद्ध के शरए आऩको चनुोती दे यही हूॉ

ऩय बफना कोई नोदटस के सीधे मुद्ध ….. कभ स ेकभ एक दो सार की तैमायी का सभम तो .......वह बी तफकमा जैसा खतयनाक शस्त्र .....हाय जामेगी ..त ु....भेयी तफकमा तो इतनी फडी हैं ...

आऩ अच्छी अच्छी कहानी नही सुनात ेहो ..

रो .इतनी सी फात ऩय भेयी फेटू ....मुद्ध के शरए .

जी ऩाऩा .

जी जी ... चर आज भैं भहावताय फाफाजी की स ेसफॊगधत फात फता ता हूॉ ..

हाॉ ऩाऩा फडा भजा आएगा ..भुझ ेबी जानना हैं उनके फाये भे .

भेयी राडरी ऩूज्म भहावताय फाफाजी अऩन ेचाचा गुरु जी हैं .

वोह कैसे ऩाऩा ..

अये शसद्धाश्रभ के सवोच्च सचारक ऩयभ गुरु जी जजनको हभ दादा गुरु जी कहत ेहैं वो हैं . उनके फाद जो सवोऩरय भॊडर हैं जजसभे सात सदस्म हैं उनभ ेसदगुरुदेव जी के साथ ऩूज्म भहावताय फाफा जी बी हैं . इसशरए फेटू भैंन े

उन्हें चाचा गुरु जी शरखा हैं . देख फेटा भहावताय फाफाजी को गथमोसोफपकर सोसाइटी वारे बी भानत ेहैं ऩय वहाॉ ऩय उनका नाभ अरग हैं .वेस ेबी भेयी राडरी उनके अनेको नाभ हैं .औय वह इन नाभ स ेफहुत ऊऩय हैं ..उनके

फाये भ ेसही कहा हैं की उनकी आध्मजत्भक ऺभता कोई साधायण भानव नही जान सकता हैं .औय वो अबी बी सदेह हैं ..

ऩाऩा भुझ ेसुन ना हैं .

तो चर अफ चऩु चाऩ फैठ जा भेये ऩास

जी ऩाऩा ..

कहत ेहैं जफ स्वाभी आदद शकयाचामद जी काशी भ ेयहत ेथे . तफ ऩूज्म फाफाजी बी वही ऩय ननवास कयत ेथे .

स्वाभी आदद शॊकयाचामद जी की ज्मोनतष की प्रशॊशा सुन कय अभय गुरु जी न ेअऩन ेसेवक को फोरा की वह उनस े

शभरना चाहत ेहैं .जफ सेवक न ेजाकय स्वाभी जी को मह सन्देश ददमा तो स्वाभीजी की नजय उसकी हस्त येखा ऩय ऩडी तो उन्होंन ेकहा की तुभ (सेवक ) फस अफ दो ददन के भेहभान हो .

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सेवक के तो होश उड गए .वह बागा बा गा फाफाजी के ऩास ऩहुॊचा ..उसन ेसायी फात फताई ..फाफाजी न ेकहा जा कय कहो की भुझ े(सेवक को ) कुछ नही होगा .सेवक न ेऐसा ही फकमा , मह सुन कय स्वाभी जी न ेकहा की अगय

तुभ कर यात के फाद जीववत फच गए तो भ ैस्वमॊ चर कय तुम्हाये गुरु जी स ेदीऺा रूॉगा .

ऩय भेयी राडरी ... अगरी यात फहुत बमानक यही ऐसा बमॊकय तूफ़ान तो काशी भ ेकबी आमा ही नही औय मह

सफ तो होना ही था .... अभय गुरु जी भुसकुयात ेहुए एक आवयण के रऩ भ ेशशष्म के चायो तयप हो गए अफ बरा भतृ्म ुकी क्मा साभ्मद की उन्हें छु सके .

अगरे ददन जफ शशष्म को जीववत देखा तो स्वाभी जी बी आश्चमद चफकत हो गए .औय व ेस्वमॊ अभय गुरु जी स े

शभरन ेआमे .

ऩय ऩाऩा ..क्मा स्वाभीजी तो खदु इतन ेफड ेऩयभ मोगी हैं तो उन्हें क्मा ..फाफाजी के फाये भे नही भारूभ यहा होगा .

देख फेटू ..व ेसबी ऩयभोच्च मोगी हैं, भानव देह रीरा कार भ ेअनेको ऐसी रीरा व ेकयत ेजात ेहैं ..हभाया स्तय इतना नही की इन सबी के ऩीछे का सत्म .... मूॉ जान रे .ऩहरे साधना कयके उस अवस्था तक तोऩहुॊच ेन .

भतरफ ऩाऩा ..अऩन ेसदगुरुदेव जी बी तो .. ..

हाॉ फेटा ,,बरा अऩन ेसदगुरुदेव जी की कोई सीभा थोडी न हैं .ऩय मह बी फात हैं फेटू .हभें उस ऻान को ऩान ेके

शरए उत्सुकता तो ददखानी ऩडगेी न ..कोशशश कयनी ऩडगेी न .... उतना साभ्मद तो मा ऩात्रता कहूॉ ..... कयना ऩडगेी न ......औय .उनकी फात उनके अथो भ ेभानना ऩडगेी न ..तफ न हो ऩामेगा .

ऩाऩा ऩय सफको ऐसा होना चदहमे न .

देख ्भेयी राडरी ..उनका स्नेह सफ ऩय हैं ऩय फेटा इसका मह तो भतरफ नही की मोग्मता आमे बफना मूॉ ही उऩरजब्धमा दे दे .ऩहरे हभ कुछ ऩग तो चरे ..

ऩाऩा सफ तो चरत ेहैं तफ .इतना सभम क्मों रगता हैं हभ सबी सदगुुदेव जी को फकतना माद कयत ेहैं .

भेयी फच्ची थोडा सा ..... चर सभझ ..देख एक छोटा सा जीव घोघा को रे रे उसे १ फकरोभीटय चरन ेभ ेफकतना सभम रगे गा .

ऩाऩा फहुत ज्मादा औय ्हभें ..

फहुत कभ .

इसी तयह फेटा ..हभन ेऩढ़ा हैं िह्मा जी का एक ददन हभाये फकतन ेसारो के फयाफय होता हैं .

हाॉ ऩाऩा .फकतना हजाय राख सार का होता हैं.

ऩय ्फेटू उनके शरए तो एक ददन हैं न .

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हाॉ ऩाऩा मे फात तो हैं ..

तो फेटा जो हभाये शरए बरे ही इतना रॊफा सभम हो वह सदगुरुदेव जी की दृष्टी भ ेएक् ऺण बी तो होसकता हैं न .

तो मे तो हभ कहत ेहैं की इतना सभम रग गमा ऩय उनके शरए तो शामद एकऩर बीॊ हुआ हो ..

हाॉ ऩाऩा मे फात तो होसकती हैं .

तो सभझ गमी न फेटू ...... सद्गरुु जो सही भ ेहोत ेहैं ... वह कहत ेनही..फजकक साया िम्हाॊड सच भ ेउनके हाथो भ े

एक आवरे के सभान ही यहता हैं .इस फात को सभझ भेयी राडरी .साथ ही साथ जो साधना कयेगा ..जजसके शरए

सच भ ेसाधना कयना ..सवोऩरय होगा फेटू वही तो उनके श्री चयणों तक जा ऩामेगा ..क्मोंफक सदगुरुदेव तो केफकऻान भूनतद बी कहे जात ेहैं तो साधना स ्एही तो ऻान आएगा .अफ बरे सदगुरुदेव फकसी को क्मा दे दे वह

तो उनका स्नेह हैं ऩय हभसबी के शरए तो साधना केशरए उन्होंन ेकहा हैं ..

ऩाऩा ..आऩबी सभझो न ..हभ दोनों सभझेंगे न ऩाऩा एक साथ .

जी जी .भेयी फेटी अगय भुझ ेशसखामेगी तो भुझ ेजकदी स ेसभझभ ेआएगा .

ऩाऩा no buttering

चर नन्ही शैतान .

आऩन ेभुझ ेनन्ही शैतान फोरा ..

तो तफकमा मुद्ध होके यहेगा ..

अये फेटू भ ैऐस ेही हाय भान रेता हूॉ .

बफना रड े.

जी हाॉ .

क्मों एकफाय जॊगर स ेएक शये जा यहा था तबी एक खयगोश न ेउसे ओऩन चरेेंज दे ददमा की अगय जॊगर के

याजा हो तो भुझस ेओऩन मुद्ध कयो नही तो हाय भान रो .

शये न ेकहा भैं हाय भान रेता हूॉ .

खयगोश चकया गमा फक मे क्मा फात हैं उसन ेकहा फीना रड े.

शये न ेकहा की तुभ ्स ेमुद्ध कयत ेहुए भुझ ेफकसी न ेदेख शरमा तो कह देगा की रो अफ शये के क्मा ददन आ गए

हैंकी खयगोशों स ेरड यहा हैं.तो भेयी तो वेसी ही हसी हो जामेगी .

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ऩाऩा अफ तो मुद्ध होके यहेगा ..आऩन ेभुझ ेखयगोश फोरा हैं .

अये नही फेटू भैंन ेअऩन ेआऩको शये फोरा हैं .

फपय ऩाऩा आऩ भुझस ेशैतानी कयत ेहो .

अये त ुही तो भेयी राडरी नन्ही ऩयी हैं .अये अफ गुस्सा भतकय ना .अये फेटू भान बी रे न .

तो कर औयबी अच्छी कहानी सुनोगे ना

जी भेयी वप्र ॊसेस .राडरी .जो आऻा ..

वेस ेइतनी अच्छी फात सुनाई तो तुन ेकुछ नही कहा

ओह ऩाऩा

भेयी राडरी

जी ऩाऩा

हा हा ..जी ऩाऩा

Smile

ननखखर प्रणाभ

अन ुननखखर

****NPRU****