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नया भारत @2022 राज्यपाल सम्मेलन
12 अक्तूबर 2017
राजीव कुमार
उपाध्यक्ष, नीतत आयोग
नीतत आयोग (राष्ट्रीय भारत पररवततन संस्थान) भारत सरकार
1
नीतत आयोगः भारत पररवततन
सतत ववकास ही जीवन की ववधि है और ऐसा व्यक्क्त जो अनुकूल दिखाई पड़ने के ललए अपने िमत लसद्ाांत को बनाए रखने का प्रयत्न करता है सिैव स्वयां को भ्रामक क्स्ितत में िकेलता है - महात्मा गाांिी (नीतत आयोग के मांत्रिमांडल सांकल्प में उदृ्त)
योजना आयोग
1 पंचवर्षीय योजनाएं
2 तनधि ववतरक
3 वन साइज फिट्स ऑल मॉडल
नीतत आयोग
1 ववकें द्रीकृत, सबसे तनचले को ऊपर लाने की कायतनीतत
2 ववचार प्रवततक
3 टीम इंडडयााः सहकाररतापूर्त, प्रततस्पिी संघवाद 1950
जनवरी 2015
2
ववकास: एक जन आन्िोलन
1942
भारत छोड़ो आन्िोलन
1947
स्वतांिता
2017
सांकल्प से लसवद्
2022
नया भारत
2047
सवतशे्रष्ठ भारत
महात्मा गांिी जी के 1942 के
आह्वान ने भारत के नागररकों को पे्रररत फकया जजसके
पररर्ामस्वरूप 1947 में स्वतंत्रता ममली
2022 में नए भारत को बनाने के मलए तीव्र गतत
की आवश्यकता
सबका साि सबका ववकास
करो या मरो!
3
1857
भारत का अद्ववतीय ववकास
• स्वतंत्रता के बाद भारत का ववकास ववश्व के इततहास में अद्ववतीय है।
• भारत के राष्ट्र तनमातताओ ंने आधथतक, राजनीततक और सामाजजक पररवततन का एक साथ करने का अनूठा ववकल्प चुना।
• मानव ववकास के इततहास में ऐसा प्रयास कभी नहीं फकया गया।
• इततहास में कोई भी आिुतनक औद्योधगक अथतव्यवस्था सभी नागररकों को समान अधिकार देते हुए स्थावपत नहीं हुई।
• इतना ववशाल सामाजजक पररवततन न्यूनतम मानवीय हानी के बबना फकसी और देश में नहीं हो पाया।
• हम सभी को इस उपलजधि पर गवत होना चाहहए।
आधथतक
राजनीततक
सामाजजक
4
नया भारत @ 2022 – सांसार के ललए एक आिर्त
• इन तीन पररवततनों को सिलतापूवतक पूरा करके, भारत शरे्ष ससंार के मलए एक आदशत के रूप में उभरेगा।
• 2017-2022: ववकास को एक जन आांिोलन बनाना है • सकंल्प से मसवि: स्वच्छ
स्वस्थ मशक्षक्षत सम्पन्न सक्षम सरुक्षक्षत
भारत - 2022
5
2022 तक िेर् का सांकल्प होना चादहए ककः
गरीबी मुक्त भारत
गंदगी मुक्त भारत
भ्रष्ट्टाचार मुक्त भारत
आतंकवाद मुक्त भारत
जाततवाद मुक्त भारत
साम्प्रदातयकता मुक्त भारत
6
मकु्क्त 1: गरीबी मकु्त भारत (1/4)
समावेर्ी ववकास
अांत्योिय
तीव्र आधितक ववकास
ववश्व में अग्रणी फमत अनुसांिान और ववकास (R&D) पर
अत्यांत जोर
नवप्रवततन
तीसरा सबसे बड़ा स्टाटत-अप पाररतांि
ईओडीबी रैंककां ग में र्ीर्त 50 स्िानों में जगह बनाना
कृवर् पररवततन
ककसानों की आय को 2022 तक िगुुना करना
ककसानों को जोखखम-मुक्त करना
7
गरीबी मकु्त भारत: सामाक्जक ववकास (2/4)
स्वास््य और पोर्ण
• पांच वर्षत से कम आयु के एक-ततहाई बच्चे सामान्य से कम वजन और कद के; 50% युवा महहलाएं रक्ताल्पता से ग्रमसत
• 2022 तक कुपोर्ण मुक्त भारत के लक्ष्य की प्राक्तत
• स्वस्थ भारत : समग्र स्वास््य पर जोर
लर्क्षा और कौर्ल ववकास
• पढे इंडडया बढे इंडडया • 2021 से पीसा में सहभाधगता • 2022 तक उच्चतर मशक्षा के 20 ववश्व-स्तरीय संस्थान
मदहला सर्क्क्तकरण
• बेटी बचाओ बेटी पढाओ • सामाजजक मानमसकता में पररवततन
38.4 33.7
16.3 9.4 0
10
20
30
40
50
भारत (2015)
युगांडा (2011)
थाइलैंड (2012)
चीन (2010)
5 वर्त से कम आयु के बच्चों में सामान्य से कम कि होने की
व्यापकता (प्रततर्त)
8
गरीबी मकु्त भारत : मलूभतू ढाांचा और सांपकत ता (3/4)
• 100 रेलवे स्टेशनों का पुनववतकास; 2022 तक बुलेट रेन
• तीव्र गतत रेलवे का चतुभुतज
• 500 (ववशेर्ष क्षते्रों में 250) से अधिक पयातवासों वाले सभी गांवों को
पीएमजीएसवाई के तहत 2019 तक बारहमासी सड़कों से जोड़ना
• सागरमाला, अंतदेशीय जलमागत, नहदयों को आपस में जोड़ना
• क्षेत्रीय संपकत ता के मलए उड़ान स्कीम
• ‘भारतनेट’ के तहत 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड से जोड़ना
9
गरीबी मकु्त भारत: ववकास के स्तांभ (4/4)
आवास
• ‘हाउमसगं िॉर ऑल 2022’ – 2019 तक 1 करोड़ ग्रामीर् मकानों और 2022 तक 1.2 करोड़ शहरी मकानों का लक्ष्य
ऊजात • दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योतत योजना: लगभग 2,800 ग्रामों का ववद्युतीकरर् शरे्ष है
• ‘सौभाग्य’ योजना के अंतगतत हदसम्बर 2018 तक 4 करोड़ पररवारों को बबजली कनेक्शन देना
ववत्तीय समावेर्न
• जन िन: 30 करोड़ नए बैंक खाते; • ‘JAM Trinity’: प्रत्यक्ष लाभ अंतरर् (DBT) के माध्यम से 2 लाख करोड़ रु. से ज्यादा हदए गए
10
मकु्क्त 2: गांिगी मकु्त भारत
• 5 राज्य खुले में शौच की समस्या से मुक्त
• 2 अक्तूबर 2019 यानी गांिी जी की 150वीं जयंती तक भारत खुले शौच की समस्या से मुजक्त
• प्रभाव: खुले में शौच की समस्या वाले ग्रामों की तुलना में मुक्त ग्रामों में बच्चों में अततसार के मामलों में 46% की कमी
स्वच्छ भारत
• नमामम गंगे - महत्वपूर्त प्रगतत
स्वच्छ नहदया ं
• 2022 तक नवीकरर्ीय ऊजात (Renewable
Energy) क्षमता 175 जीडधल्यू
• 2020 तक ववद्युत वाहनों की संचयी संख्या 1.5-1.6 करोड़
स्वच्छ ऊजात
11
मकु्क्त 3: भ्रष्टाचार मकु्त भारत
ववमुद्रीकरर्
• 56 लाख नए करदाता
जोड़ ेगए
• 29,123 करोड़ रु. की अघोवर्षत आय का पता लगाया गया और स्वीकार
की गई
• 3 लाख शलै कंपतनयों का पता लगाया गया और 2.1 लाख शलै कंपतनयों का पंजीकरर् रद्द फकया गया
प्रत्यक्ष लाभ अंतरर् (DBT)
• आपका अधिकार, अपने
द्वार –अब तक 2 लाख
करोड़ रु. से ज्यादा के
संचयी लाभ अंतरर् के
साथ 57,000 करोड़ रु.
की कुल बचत • जनिन खाते-मसतम्बर
2017 की जस्थतत के अनसुार 30.3 करोड़ लाभाथी
ई गवनेंस
• आिार – ववश्व की सबसे
बड़ी बायोमीहरक पहचान प्रर्ाली। 118 करोड़ आिार काडत जारी फकए गए
• सरकारी ई-माकेट प्लेस
खरीद में पारदमशतता लाया है
जीएसटी
• एक सबसे बड़ा कर सिुार जो भारत में अधिकांश व्यवसायों को औपचाररक रूप दे रहा है
• जीएसटीएन महत्वपरू्त
डटेा एकत्र कर रहा है
ताफक कर वववरणर्यों का ववश्लेर्षर् फकया जा सके
बेनामी अधितनयम
• 2016 के संशोिन के बाद
बेनामी संपजत्त पता लगन ेके
मामलों में अभतूपवूत ववृि।
12
मकु्क्त 4: आतांकवाि मकु्त भारत (1/2)
492
913
1058 1071
1231
1684
1429
1213
1696
1392
942
1133
866
717 637
1036 1051
852
322
246 316
252
465
273
56 0
200
400
600
800
1000
1200
1400
1600
1800
1992
1993
1994
1995
1996
1997
1998
1999
2000
2001
2002
2003
2004
2005
2006
2007
2008
2009
2010
2011
2012
2013
2014
2015
2016
पूवोत्तर में आतांकी दहांसा िो िर्कों में सबसे कम
पवूोत्तर में मतृ्य ुसंख्या
13
वामपांखी उग्रवाि से आम नागररकों की मतृ्यु
626
77
0
100
200
300
400
500
600
700
2010 2011 2012 2013 2014 2015 2016 2017
आतांकवाि मकु्त भारत (2/2)
“पुमलस बलों के आिुतनकीकरर्” की अम्ब्रैला योजना
2/5 तनधियन एलडधल्यूई, जम्मू और कश्मीर एवं पूवोत्तर को समवपतत
पाफकस्तान को अलग-थलग करने के मलए वैजश्वक और क्षेत्रीय स्तरों पर ववकास एजेंडा एवं सॉफ्टपावर का
सदपुयोग
100 वपछड़ ेजजलों के मलए समवपतत कायतक्रम से आंतररक और सीमा-पार
सुरक्षा को बढावा ममलेगा
आतंकवाद को तनयंबत्रत करने और उनकी क्षमताओं को कमजोर करने
के मलए ववदेश और भारत में कायतवाही करी
14
मकु्क्त 5: जाततवाि मकु्त भारत
• अनुसूधचत जाततयों, अनुसूधचत जनजाततयों, अन्य वपछड़ ेवगों के मामले में गरीबी दर में कमी और साक्षरता दरों में ववृि परंतु कुछ संकेतकों के संबंि में प्रगतत िीमी है
• प्रिानमंत्री आदशत ग्राम योजना (पीएमएजीवाई), राष्ट्रीय अ.जा./अ.ज.जा. हब, अपगे्रडशेन ऑि मेररट ऑि एससी स्टूडेंट्स
• पीएमएजीवाई के तहत चयतनत सभी ग्रामों को 2022 तक आदशत ग्राम का दजात ममल जाना चाहहए
30551
37113
41561
50548
30851
38833
52393
18466
21710
24598
32387
19980
24005
31920
0
10000
20000
30000
40000
50000
60000
2011-12 2012-13 2013-14 2014-15 2015-16 2016-17 2017-18
ववगत वर्ों में अ.जा. और अ.ज.जा. के ललए बजट अनुमान
(करोड़ में)
SC ST
+70%
+60%
अ.जा. अ.ज.जा..
15
मकु्क्त 6: साम्प्रिातयकता मकु्त भारत • भारत शांतत, एकता और सद्भावना के मलए प्रततबि है
• तुजष्ट्टकरर् के बबना सशजक्तकरर् न फक हकदारी • नई मंजजल, नई रोशनी, स्टैंड-अप इंडडया, बेगम हजरत महल छात्रवजृत्त, सीखो और कमाओ, पढो परदेस, प्रोगे्रस पंचायत, हुनर हाट
• ऐसे सांप्रयदातयकतावादी कायतकलापों पर दस वर्षों के मलए पाबंदी लगा दें, हम एक ऐसे समाज की ओर आगे बढें जो ऐसे तनावों से मुक्त हो – प्रिान मंत्री
अल्पसांख्यकों के मामले में गत तीन वर्ों की उपलक्धियाां (मई 2017 की क्स्ितत के अनुसार)
1102 भवनों का तनमातण 1,38,426 छािाओां में 166
करोड़ रु. ववतररत ककए गए 47,986 पक्के मकानों का तनमातण 2090 स्वास््य कें द्रों का
तनमातण
अल्पसंख्यक कायत मंत्रालय बजट (रु. करोड़)
16
भारत : एक नई सोच
महात्मा गाांिी: “मैं नहीां चाहता कक मेरा घर चारों ओर से बांि हो और मेरी खखड़ककयाां भी बांि हों। मैं चाहता हूां कक सभी जगह की सांस्कृतत मेरे घर में स्वतांितापूवतक प्रवेर् कर सके। परांतु मैं यह नहीां चाहता कक इनमें से कोई भी मुझ पर हावी हो।”
• अहहसंा परमो िमताः - अहहसंा परम िमत है। • एकम सदाः ववप्रााः बहुिााः वदजन्त प्रभु एक ही है, ववद्वान अनेक प्रकार से इसे बताते हैं।
• वसुिैव कुटुम्बकम ्- सम्पूर्त िरती एक पररवार है। • सवत पंथ समभाव - सवत िमत में समान भाव है। • सवे भवन्तु सुणखनाः सवे सन्तु तनरामयााः - सभी प्रार्ी सुखी हो, सभी तनरोगी हो • वैष्ट्र्व जन तो तेने कहहये जे पीड परायी जारे् रे - वैष्ट्र्व जन (सज्जन पुरुर्ष) वो है जो दसूरे की पीड़ा समझता है।
• यत्र नायताः पूज्यन्त ेरमन्ते तत्र देवतााः – जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता तनवास करत ेहैं।
17
भावी राह
18
चौिी औद्योधगक क्ाांतत: अांगीकार अतनवायत उद्योग 4.0
• औद्योधगकोत्तर समाज
• बबग डटेा- ठोस आिार पर नीतत तनमातर् और आकलन
स्वचलन/रोबोदटक्स
• श्रम बाजार के ढांचे में पररवततन और उत्पादकता में बढोत्तरी
कृत्रिम बुवद्, इांटरनेट ऑफ धिांग्स
• मशीन द्वारा सामान्य एवं ववमशष्ट्ट श्रम का ववस्थापन
धलॉकचेन
• ववत्तीय लेनदेनों की गतत, तनजता और मात्रा धलॉकचेन से प्रभाववत होगी 19
वैजश्वक प्रशासन के गौरवशाली मंच पर भारत
बहुध्रुवीयताः उभरती व्यवस्िा • संयुक्त राष्ट्र की पुनकत ल्पना • वैकजल्पक वैजश्वक मंचों (जी 20, बब्रक्स, अंतरराष्ट्रीय सोलर एलाइंस) में भारत के नेततृ्व की संभावना
• अंतरराष्ट्रीय संबंिों में पररवततनशील जस्थतत • बदलती वैजश्वक ववत्त व्यवस्थााः ववश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मदु्रा कोर्ष से एआईआईबी तथा एनडीबी तक
• आधथतक कें द्र एमशया की ओर उन्मुखाः 2050 में वैजश्वक जीडीपी में एमशया का हहस्सा लगभग 50% से अधिक, जो फिलहाल लगभग 25% है
20
लोकताांत्रिक लाभ
सहकाररतापूर्त संघवाद
(Co-operative Federalism)
• मुख्यमंबत्रयों के उप-समूह कें द्रीय नीततयों पर मसिाररशें कर रहे हैं
• जीएसटी काउनमसल
• राज्यों को अधिक िन अंतरर्
• अंतर-मंत्रालय सममततयां तथा टास्क-िोसत
प्रततस्पिी संघवाद
(Competitive Federalism)
• राज्यों में सवोच्च स्थान पाने की प्रततस्पिात • कें द्र ववमभन्न सावतजतनक सूचकांकों के माध्यम से ववमभन्न मानदंडों पर प्रततस्पिात का माहौल बना रहा है जजससे इनपुट की तुलना में पररर्ाम की ओर ववशेर्ष ध्यानाकर्षतर् हुआ
• चुनौती पितताः राज्य कें द्रीय पररयोजनाओं के मलए प्रततस्पिात करते हैं
नीतत आयोग लोकताांत्रिक लाभ के एक सािन के रूप में ववकलसत हुआ है 21
गवनेंस के नए प्रततमान
ई-गवनेंस:
बेहतर सेवा प्रदायगी-
DBT
बेहतर पारदमशतता
पूर्त उत्तरदातयत्व
बेहतर कायत कुशलता
भ्रष्ट्टाचार से पूर्त मुजक्त
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पीपीपी से पीपीपीपी तक
भारत पररवततन का काम अकेले सरकार नहीं कर सकती
सरकार को माई-बाप मानने (उपतनवेशवाद, सामंतवाद और समाजवाद से उपजी िारर्ा) की मानमसकता छोड़ें
गततशील उद्यममता के मलए स्थान और पाररतंत्र (रोज़गार चाहने वाले की जगह रोज़गार दे सकने वाले) सजृजत करें
हकदारी से सशजक्तकरर् तक
सावतजतनक-तनजी-वैयजक्तक साझेदारी की ओर
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2047: सवतशे्रष्ठ भारत, जगतगरुु भारत
• अभी से लेकर 2047 तक 8% की वावर्षतक ववृि दर के अनुमान से, भारत ववश्व की तीन सबसे बड़ी अथतव्यवस्था वाले देशों में होगा।
• स्वामी वववेकानंद के दृजष्ट्टकोर् को पूरा करनााः • …व्यवस्था ऐसी हो फक सबसे गरीब और सबसे कमज़ोर लोगों को भी लाभ ममले। • ....जहा ं उदारता, शुधचता, शांतत और इन सबसे बढकर आत्ममथंन और आध्याजत्मकता का सवोच्च मशखर अगर कही ंहै, तो भारत में ही है।
• हर देश फकसी न फकसी सदेंश, कोई न कोई ध्येय को लेकर चलता है। भारत का लक्ष्य मानवता को राह हदखाना रहा है।
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िन्यवाि
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