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Friday Sermon in Hindi HADHRAT MUHYI-UD-DIN AL-KHALIFATULLAH Munir Ahmad Azim(as) 02 February 2018 (15 Jamad’ul Awwal 1439 AH)

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  • Friday Sermon in Hindi HADHRAT MUHYI-UD-DIN AL-KHALIFATULLAH Munir Ahmad Azim(as)

    02 February 2018 (15 Jamad’ul Awwal 1439 AH)

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    अपने सभी चेलों सहित सभी नए चेलों , (और दनुनया भर के सभी मसुलमानों) को शाांनत का अभभवादन करने के बाद िज़रत ख़लीफ़तलााााः (अतबअ) तशिुद , तौज ,सरुा अल फानतिा पढ़ा और फफर उन्िोंने अपना उपदेश हदया : "मानव अवस्था और उपचार"। ३१ जनवरी २०१८ के उत्कृष्ट नीले लिू रांग का चााँद दनुनया भर ने बधुवार, ३१ जनवरी २०१८ को असाधारण हदव्य सांकेत देखा िै | यि सांकेत एक उत्कृष्ट नीले लिू रांग का चााँद िै। वास्तव में उत्कृष्ट नीले लिू रांग का चााँद क्या िै ?यि तीन चांद्र ववभशष्टताओां का सांयोजन िै। इस घटना की व्याख्या सरलीकृत करने के भलए(या बल्कक हदव्य चचह्न), यि जब प्राकृनतक उपग्रि उसी समय पथृ्वी के अपेक्षाकृत ननकट िै (जो िमें एक उत्कृष्ट चााँद देता िै), यि उसी मिीने का एक दसूरा पणूण चांद्रमा भी िै (एक नीला चांद्रमा) और विाां पर एक िी समय में चांद्रमा का ग्रिण भी (एक लिू रांग का चााँद)। तो यि एक उत्कृष्ट चााँद जो एक नीले चांद्रमा के साथ सांयकु्त िै और एक चांद्र ग्रिण के साथ जो दनुनया के कुछ हिस्सों में परूा हदखा था और ल्जसे िम एक रक्त/ लिू चांद्रमा कित ेिैं । यि सभी तीन घटनाएां केवल पथृ्वी के कुछ हिस्सों में हदखाई दे रिी थीां , इस मामले में अमेररका में (१५२ वर्षों के बाद) और एभशया में और ऑस्रेभलया के देशों और इत्याहद । लेफकन यरूोप के देशों के भलए, जैसे फ्ाांस इत्याहद,यि घटना, यि हदव्य चचह्न हदखाई निीां दे रिा था (लफेकन १९८२ हदखाई दे रिा था)। लेफकन यिाां १५२ वर्षों के बाद मॉरीशस में, िमने यि देखा, लेफकन केवल चांद्र ग्रिण का एक हिस्सा जो केवल कुछ िी भमनट तक चलता रिा। यि घटना / चचह्न बातचीत का ववर्षय बन गया, सभी लोग इसके अथण के साथ सट्टेबाज़ी करने लगे। विाां ऐसे लोग भी िैं जो इस दृल्ष्टकोण से कित ेिैं फक यि एक दनुनया के अांत का सांकेतक िै और उद्धारकताण जकद िी हदखाई देगा। लेफकन यि सच्चाई िै फक िम दनुनया के अांत के हदनों में जी रिे िैं और ल्जस उद्धारकताण के भलए िर कोई इांतजार कर रिा िै वि पिले से िी आपके समीप िै। जब आप इस तरि के हदव्य स्वगीय सांकेत देखत ेिैं, ये अकलाि के पगैम्बर के आने के पक्ष का सांकेत िैं। यि सांकेत इतना असामान्य िै (फकसी भी आम आदमी के जीवनकाल के दौरान)और ल्जस तरि से यि दनुनया में प्रकट िुआ िै दनुनया की कई पववत्र धमण शास्त्रों में स्पष्ट रूप से वर्णणत भववष्यवार्णयाां हदखाती िै और अकलाि ने िमें पववत्र कुरान में क्या भसखाया िै, यि सब कुछ मानवता को प्रनतबब ांबबत करने के भलए सांकेतों की अभभव्यल्क्त िै, ताफक यि इसके आचरण में सधुार िो सके | ये सभी स्पष्ट सांकेत भी दनुनया के अांत के हदनों की घोर्षणा कर रिे िैं, ल्जसमे िम अब रि रिे िैं।और उद्धारकताण ल्जसे सभी उम्मीद करत ेिैं (और यि फैसले के हदन तक सभी यगु में आने वाला िै ) पिले िी आ चकुा िै, पिले से िी तमु्िारे बीच िै। यि सच िै फक िजरत मिुम्मद (स अ व स) के एक िदीस में इांचगत िै फक फकसी एक के जन्म या मतृ्य ुकी घोर्षणा करने के भलए ग्रिण निीां िोता िै। लेफकन उन्िोंने यि भी किा फक वादा फकए गए मसीि (मिदी) के आगमन के भलए, रमजान के उसी मिीने में दो ग्रिण िोंगे, एक चांद्र, और अन्य सयूण, और

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    यि िी वास्तव में वादा फकए गए मसीि के समय में व्यक्त िुआ िै , िजरत भमजाण गलुाम अिमद (अ स ) और इस ववनम्र नौकर के समय भी, जो ख़लीफ़तकुलाि िै । यि उत्कृष्ट नीले रांग का लिू चााँद जो हदव्य चचह्न िै वादा फकए गए मसीिा िजरत अिमद(अ स) के उद्घोर्षणा करने के कुछ साल पिले भी हदखाई हदया था। तो ये सभी दनुनया को हिला देने वाले भयानक घटनाओां के सांकेत िैं , खासकर यहद लोग अकलाि के चुनाव को निीां पिचानत ेिैं और अकलाि को भलूने में बने रित ेिैं, और उसके साथ सियोगी (झठेू)देवी-देवताओां उनके साथ (इबादत में)। १८३ साल के गुलामी के अांत से और कल, जैसा फक आप सभी जानत ेिैं, एक सावणजननक अवकाश था, ल्जसने १८३ साल के बाद गलुामी के अांत को चचल्ह्नत फकया था । िमारे दादा दादी (सभी राष्रों के) ने अनचगनत अत्याचार, कहठनाइयों, और बडी कहठनाइयों का सामना फकया िै , जिाां उनके मौभलक अचधकार, उनके मानवाचधकार,परैों तले कुचल हदया गया था। यि १८०० के दशक में दनुनया के देशों में एक-एक करके गलुामी को खत्म करने लगे, लेफकन देखो फक इस्लाम फकतना सिी धमण िै - प्रभसद्ध िै! यि पिले इस्लाम िै, ७ वीां शताब्दी के बाद अरब में, आगमन के साथ सबसे मिान भववष्यद्वक्ता आगमन के साथ जो दनुनया में कभी ज्ञात िै और फफर भववष्य में कभी गवाि निीां िोगा (यानी, अपने क्षमता के इस तरि के एक भववष्यवक्ता), फक हदव्य आज्ञापत्र जो मानवता को भसखाने के भलए नीचे आ गईं फक कैसे गलुामी को थोडा-थोडा करके खत्म फकया जाए। यि कदम गलुामी के अांत की हदशा में इतना ववशाल था क्योंफक उस समय गलुामों को जानवरों की तरि व्यविार फकया जाता था और मिान पगैांबर िजरत मिुम्मद (स अ व स), गलुामों के आगमन के साथ, ल्जन्िें कम से कम माना जाता था कुछ भी उनके अचधकार, उनके मानवाचधकार, और इसभलए अकलाि के माध्यम से कुरान के भशक्षण भी निीां भमला कुरान के भशक्षण और उसके पगैांबर (स अ व स) के उदािरण के माध्यम से दासों के मलु्क्त के भलए दरवाजा भी खोला गया जिाां उन्िें मनषु्यों और उनकी आजादी के रूप में गररमा को वापस पाने का अवसर भमला | अलिमदलुीकलाि, समु्मा अलिमदलुीकलाि। िमें अकलाि का शफुिया अदा करना चाहिए फक उसने िमें मसुलमानों के रूप में और सभी िमारे मानवाचधकार के साथ लाया िै | सच में, िम बिुत भाग्यशाली िैं जब िम अतीत के लोगों के बारे में सोचत ेिैं, और परूी तरि से ननराशा का सामना करना पडा जब उन्िें अपिरण कर भलया गया था और बेच हदया और दास बनने के भलए मजबरू फकया, और जिाां उन्िें उनके वतन से उखाड फें क हदया गया और उन देशों में जानवरों की तरि काम करने के भलए ,अन्य देशों में जिाज द्वारा भेज हदया। अकलाि उन सभी पर दया करे जो इन अत्याचारी पररल्स्थनतयों में रित ेिैं, और अकलाि उन्िें उन सभी बभलदान और धैयण के भलए परुस्कृत करे जो उन्िोंने ऐसी मलु्ककल पररल्स्थनतयों भलया िै। आमीन। मानव अवस्ता और उपचार दनुनया खतरनाक गनत पर ववकभसत िो रिी िै। यि लगातार आधुननकीकरण कर रिा िै,

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    छोटा और कम जीवन आकार बना कर , गोल मेज़ की तरि लोगों के करीब िोना जिाां परूी दनुनया एकजुट िो सकती िै और सांवाद कर सकती िै और अपने ववचार साझा सकती िै। लेफकन सत्ता और धन की दौड के साथ, अमीर और अमीर िो रिे िैं। गरीब और गरीब िो रिे िैं। और दनुनया तब तक अल्स्तत्व में रिती िै अन्यथा जब तक एक ननमाणता का फैसला निीां िोता । अमीर या गरीब, िर कोई अपने तरीके से जीने की कोभशश करता िै। लेफकन एक देश के ननवाभस िोत ेिुए िम में से फकतने अपने स्वास्थ्य, मनोरांजन, भोजन, और शाांनत के लागत सोचत ेिैं? लेफकन सबसे पिले , वे फकतने मकूयवान समय को प्राथणना के माध्यम से ननमाणता की याद में समवपणत करत ेिैं। अमीर लोगों में लगभग कोई समस्या निीां िै वे चुपचाप शाांनतपवूणक अपना जीवन जी रिे िैं। लेफकन ,दसूरी तरफ गरीबों को अपनी जरूरतों को परूा करने की कोभशश में कडी मेिनत करनी पडती िै। फकसी भी देश की आबादी का यि वगण िमेशा गरीबी में अपनी कई समस्याओां के साथ रिेगा - अकाल, बीमारी, आवास, बेरोजगारी। िालाांफक, लोगों की , जो भी उनकी ल्स्थनत िै , जीत ेिैं। वे जीने की कोभशश करत ेिैं। शायद कुछ लोग मौत चाित ेिैं क्योंफक उन्िें गरीबी और दाुाःख से कुचल हदया जाता िै। लेफकन जीवन या मतृ्य ुिम पर ननभणर निीां िै। यि अकलाि ताला का अनन्य ववशरे्षाचधकार िै। लेफकन फफर क्यों चचांता, इतना सारा दभुाणग्य? ... क्या अकलाि ताला, जो अद्ववतीय ननमाणता, जो जानता िै और सब कुछ ननयांबत्रत करता िै, िमें प्यार निीां करता? क्या वि िमारे जीवन के तरीके की सरािना निीां करता, चीजों को करने का िमारा तरीका सरािनीय निीां िैं? वास्तव में निीां , बल्कक िमारे प्यारे पगैांबर िजरत मिुम्मद (स अ व स) के एक िदीस के अनसुार। यि बल्कक िम इांसान िैं, जो खासतौर पर अपने उम्मत के लोग जो अपने ननमाणता के दानयत्वों को बिुत जकदी भलू जात ेिैं। तो सब कुछ उकटा िो जाता िै। जब ल्स्थनत बदलती िै, तो जीवन अल्स्थर िो जाता िै। तनाव, चचांता, िोध, चचांता, सांदेि पनपता िै।

    तो क्यों दनुनया की अचधकाांश आबादी गरीबी में रिती िै और इस लौफकक ववकव में बिुत कम प्रनतशत, अत्यांत धनी िै जो सब कुछ ननयांबत्रत करत ेिै? कुछ जो मिससू करत ेिैं फक वे अपने भाग्य के कारण इतने शल्क्तशाली िैं, वे आधे ईकवर की सोच रखत ेिैं। लेफकन यि स्पष्ट िोना चाहिए। अमीर या गरीब िम िमेशा एक िी डर में रित ेिैं, एक िी पीडा, एक िी चचांता। िम आज २१ वीां शताब्दी में रित ेिैं, भ्रम का समय जिाां भौनतकवाद (यानी भौनतकवादी हदमाग वाले लोग) िर जगि प्रचभलत िैं, उम्मत के अन्तगणत। भौनतक सवुवधा केवल पथृ्वी पर िमारे भलए उपयोगी िै। िम क्या दनुनया के जीवन के बाद आने वाले जीवन के भलए तयैार िै ? क्या िम इसके भलए पयाणप्त तयैारी कर रिे िैं? यिााँ पथृ्वी पर, घायल हदल के कारण की प्रमखु परूी भ्रम की वजि प्रमखु घायल हदल के कारण िै , कमजोर आत्मा के साथ नछन्न-भभन्न िो गया।

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    दनुनया भर के दवाओां के बारे में जानकारी प्राप्त करने के भलए(और्षधीय दवाएां ) - िमें केवल चचफकत्सा समाचारों का पालन करना िोगा। वजै्ञाननक सभी प्रकार की दवाओां का उत्पादन केवल तनाव प्रनतरोध के भलए करत ेिैं - आधुननक दनुनया की बीमारी, चचांता, िोध , घबरािट,आहद |दवाएां जो उच्च खुराक में उपयोग की जाती िैं कभी-कभी उसके दषु्प्रभाव िोत ेिैं। ल्स्थनत जहटल िो जाती िै। चािे वि अमीर िो या गरीब, चािे वि ननजी ल्क्लननक या सावणजननक अस्पताल में उपचार लेता िै, रोगी को वाांनछत खुशी निीां भमलती िै या अगर वि इस ेप्राप्त करता िै, तो यि बिुत अननल्कचत िै। उसके बाद वि शतैानी, शतैानी उपचार की ओर मडुता िै जो केवल ल्स्थनत को खराब करता िै, जबफक केवल एक प्रभावी उपाय िै,वास्तव में बिुत प्रभावी िै, स्वतांत्र रूप से पेशकश की िै लेफकन उपेक्षक्षत, भलू गए, एक ओर ननक्षेपण: अकलाि ताला को एकबार बुलाना।

    िाां, उसकी तरफ मडुें, जो उद्धारकताण,जो रोगिर, सांरक्षक, दयाल ुिै । वि बबना शकुक के सभी उपचार प्रदान करता िै। ननयलु्क्त के बबना। वि केवल िमसे एक बात पछूता िै: िर समय उसी के बारे में सोचें। वि िमें सनुने के भलए यिााँ प्रस्ततु िै। िम सभी बीमार लोगों को अपने अांदर अनारक्षक्षत ववकवास और पववत्रता को लाना चाहिए िै। उस पर ववकवास करो,उनके उपचार में, उनके चमत्कारों में। क्या िम इसके भलए तयैार िैं? िमें तयैार रिना चाहिए । िमें अपने ननमाणता पर भरोसा करना चाहिए। थोडा सा भी सांदेि के बबना। बबना आरक्षण के। िमें मिससू करना चाहिए फक िम मनषु्य सभी प्रार्णयों भाग्यशाली िैं| अकलाि ता'अला ने िमें सबकुछ मफु्त में हदया िै । यि िमारे ऊपर ननभणर िै की िम ववनम्रता के साथ, सांयम के साथ, इसका ध्यानपवूणक उपयोग करें । सबसे अच्छा सामान, सबसे अच्छी नौकररयाां, मानव के भलए सवोच्च सरुक्षा िै। उसे कुछ भी भशकायत निीां करनी चाहिए क्योंफक उसे सबकुछ हदया जा चूका िै। प्रवेशणयोग्यता असीम िै। इन सबके बावजूद, मनषु्य की आत्मा कभी शाांनत निीां पाती िै। यि आत्मा िमेशा धीरज के बबना, चचांनतत, भयभीत िोती िै। यि आत्मा झेलती िै, शरीर के पास आराम, सवुवधा, नीांद, शाांनत निीां िै | शरीर खुशी, सखु, आनांद से वांचचत िै। अपने रोज़मरे की ल्जांदगी में सब कुछ बबककुल काला हदखता िै। कोई शाांनत निीां। यि एक ननदणयी नाव / जिाज िै जो ववशाल लिरों की दया पर िै जिाां कुछ भी िो सकता िै। कभीकबार और भी बरेु प्रकार के भलए। िमें बरेु आचरणवालों जैसा मिससू िो रिा िैं। और अभी तक... सभी भौनतक सांसाधन को एक सकारात्मक पररणाम के बबना इस्तमेाल फकया (उसके द्वारा) गया । आदमी अपने आपको तौभलया में फें कता िै। वि मजबरू िै, ननराश ... लेफकन ऐसी ल्स्थनतयों के सामने, फकसी भी मसुलमान के पास सच्चा इलाज िै:अकलाि ... अकलाि ... अकलाि ... केवल अकलाि!

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    उम्मत से िम में से प्रत्येक, जो उपद्रव के फकनारे तक पिुांच गया िै,कभी ननराशा को राशा रास्ता निीां देना चाहिए | उम्मत के प्रत्येक (िम में से) को चाहिए की ताकत िाभसल करें और अपने ननमाणता की ओर चलें ... उसका अद्ववतीय ननमाणता। वि उद्धारकताण, रक्षक,लाभकारी, अद्ववतीय समथणक िै । वि केवल एक िी िै जो भसर से परै की अांगलुी तक इांसान को समझ सकता िै । आर्खरकार, यि सामान्य िै। इसके भलए क्या वि इांसान का ननमाणणकत्ताण /ननमाणता निीां िै ?यि वि िै ल्जसने उसे ढाला,उसके अांदर अपने भाव को फूां का,उसे ताकत दी, सािस, अच्छे और बरेु के बीच के अांतर को समझने के भलए हदमाग हदया। वि परूी तरि से मानव मनोववज्ञान को समझता िै क्योँफक वि खुद अकेला ननमाणणकताण िै|वि दनुनया भर में िोने के नात ेिर इांसान के ददण, ननराशा, दखु, खुशी को जानता िै । यिाां पथृ्वी पर िम सभी के भलए एक गणनापत्र (रल्जस्टर) िै। तो धोखाधडी करने वाले वविेता की तरि बदलने का मदु्दा क्योँ िै (जो िमें िमसे पसेै ननकालने के भलए मखूण बनाने की कोभशश करत ेिैं) जब प्रत्येक समस्या का इलाज अकलाि ताला के रास्त ेमें िै?

    इस रास्त ेमें (यानी अकलाि का मागण), कोई ननराशा निीां, कोई खतरा निीां, कोई अनावकयक खचण निीां िै। िााँ विााँ खचण िै।अकलाि ता'अला की कृपा प्राप्त करने के भलए व्यय में आपकी सारी ऊजाण खचण करने का समावेश िोता िै। और फफर यि जीवन की वास्तववकता िै। "यि अकलाि को स्मरण करने से निीां फक हदल को धीरज भमलता िै? " (अर-राद १३ :२९)। इस्लाम सबसे सिी धमण िै, जो ननमाणता का सबसे प्यारा िै। इस्लाम मनूत णपजूा या अत्यांत सांकटमय ननयम या तचु्छ सांस्कारों को शाभमल निीां करता िै। िम मसुलमान िै।िमारा पववत्र कतणव्य िै फक िम एक ईकवर में ववकवास करे,िर समय उसे मडुें,सादगी से उसकी इबादत करें । न आचधक न कम। और अकलाि ता'अला, दयालतुा, दया से भरा िै,अनांत ज्ञान, कभी भी अपने ववर्षयों को निीां छोडता िै। ववशरे्ष रूप से उम्मत में । भल ेिी,लापरवािी, आलस्य, असावधानी से, िम उसे भलू जात ेिैं, िम उसे त्याग देत ेिैं! क्योँफक अकलाि ताला का प्यार िमारे भलए िै, उसने िमें कई तरि की प्रभावी साधन/सशस्त्र से बनाया िै, वास्तव में , यि बिुत शल्क्तशाली िै । उन साधनों में, पववत्र कुरान और पववत्र पगैांबर (स अ व स) की सनु्नत िै । ये इस उम्मत पर अकलाि का एिसान िैं जो प्रदान फकया गया। क्या िम - उम्मत के लोग - इसके बारे में जानत ेिैं ? क्या िम उन्िें प्रभावी ढांग से और बदु्चधमानी से िमारे ववकवास के धीरज के भलए उपयोग करना जानत ेिै जानें फक िमारे ववकवास की शाांनत के भलए उन्िें प्रभावी ढांग से और बदु्चधमानी से कैसे उपयोग करें िमारी साधुता, िमारी आत्मा, िमारे सांपणूण शरीर के? पववत्र कुरान मानवता के भलए एक मागणदशणक िै। सनु्नत एक तरि से इस मागणदशणक का स्पष्टीकरण और कायाणन्वयन िै । इस्लाम पिले व्यल्क्त और उसके ननमाणता अकलाि ताला के बीच की करीबी, अमोघ बांधन की स्थापना का प्रचार करता िै। और इस बांधन को िमेशा के भलए रिने की जरूरत िै क्योंफक फकसी भी मानभसक समस्या

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    का इलाज, धीरज िै। यि वो बांधन िै जो उम्मत के इस तत्व को लौफकक ववकव में फकसी भी दभुाणग्य के र्खलाफ रक्षा करेगा। उम्मत के िर फकसी के हदमाग में यि अच्छी तरि से लांगर िोना चाहिए: की यि अकलाि ता'अला िै जो वाांनछत ल्स्थरता को लाता िै जब िम में से प्रत्येक की समस्याओां को िल करने की जरूरत िै या जब िमें कहठनाइयों का सामना करना पडता िै …

    यहद एक मसु्लमान खदु को इस हदव्य बांधन से अलग करता िै और खदु को ववकवास करने की अनमुनत देता िै फक वि अन्य स्रोतों से आकर्षणक िो कर अपनी समस्या का समाधान कर सकता िै, यि मसु्लमान अपने ववकवास (इमान)को खो देत ेिैं। अब, इस ववकवास के बबना,यि मसु्लमान फकसके लायक िै ? केवल नाम (केवल नाम से मसुलामन) छोड हदया गया िै।

    इसभलए, िमें अकेले िी अकलाि के करीब आने के भलए सब कुछ करना चाहिए, वि िमारी एकमात्र धीरज की एकमात्र स्रोत िै। अगर िम परीक्षणों के दौरान भी धीरज से रिना चाित ेिैं,तो यि िमारे ननमाणता पर अकेले िमारा ववकवास रखकर िै फक िम सफल और िमारे भलए आांतररक शाांनत का द्वार खलुा िो सकत ेिैं और अकलाि की खुशी िमें आकवर्षणत करता िै। इांशा अकलाि, आमीन।

    Translator, अनवुादक: फानतमा जलै्स्मन सलीम

    Place , स्थान : तभमलनाडु, इांडडया