8 --8. प रश क षण स स थ न--(क) समममत न यह स झ व मदय...

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  • 8. प्रशिक्षण ससं्थान--

    (क) समममत ने यह सझुाव मदया ह ै मक नेशनल मडफें स एकेडमी जैसे प्रमशक्षण संस्थानों में मशक्षा का

    माध्यम ऄंगे्रजी ही बना रह ेमकन्त ुमशक्षा सम्बन्धी कुछ या सभी प्रयोजनों के मलए माध्यम के रूप में

    महन्दी का प्रयोग शरुू करने के मलए ईमित कदम ईठाए जाएं।

    रक्षा मंत्रालय ऄनुदशे पुमस्तकाओ ंआत्यामद के महन्दी प्रकाशन अमद के रूप में सममुित प्रारमम्भक

    काररवाइ करें, तामक जहां भी व्यवहायर हो मशक्षा के माध्यम के रूप में महन्दी का प्रयोग सम्भव हो

    जाए।

    (ख) समममत ने सझुाव मदया मक प्रमशक्षण संस्थानों में प्रवेश के मलए, ऄंगे्रजी और महन्दी दोनों ही परीक्षा के

    माध्यम हों, मकन्त ुपरीक्षामथरयों का यह मवकल्प रह ेमक वे सब या कुछ परीक्षा पत्रों के मलए ईनमें से

    मकसी एक भाषा को िनु लें और एक मवशेष समममत यह जांि करने के मलए मनयुक्त की जाए मक

    मनयत कोटा प्रणाली ऄपनाए मबना प्रादमेशक भाषाओ ंका प्रयोग परीक्षा के माध्यम के रूप में कहां

    तक शरुू मकया जा सकता ह।ै

    रक्षा मंत्रालय को िामहए मक वह प्रवेश परीक्षाओ ंमें वैकमल्पक माध्यम के रूप में महन्दी का प्रयोग

    शरुू करने के मलए अवश्यक काररवाइ करे और कोइ मनयत कोटा प्रणाली ऄपनाए मबना परीक्षा के

    माध्यम के रूप में प्रादमेशक भाषाओ ंका प्रयोग अरम्भ करने के प्रश्न पर मविार करने के मलए एक

    मवशेषज्ञ समममत मनयुक्त करे।

    9. अशखल भारतीय सेवाओ ंऔर उच्चतर केन्द्रीय सेवाओ ंमें भती

    (क) परीक्षा का माध्यम-

    समममत मक राय ह ैमक

    क परीक्षा का माध्यम ऄंगे्रजी बना रह ेऔर कुछ समय पश्चात ् महन्दी वैकमल्पक माध्यम के रूप में ऄपना

    ली जाए। ईसके बाद जब तक अवश्यक हो ऄंगे्रजी और महन्दी दोनों ही परीक्षाथी के

    मवकल्पानुसार परीक्षा के माध्यम के रूप में ऄपनाने की छूट हो; और

    ख मकसी प्रकार की मनयत कोटा प्रणाली ऄपनाए मबना परीक्षा के माध्यम के रूप में मवमभन्न प्रादमेशक

    भाषाओ ंका प्रयोग शरुू करने की व्यवहायरता की जांि करने के मलए एक मवशेषज्ञ समममत मनयुक्त की

    जाए।

    कुछ समय के पश्चात वैकमल्पक माध्यम के रूप में महन्दी का प्रयोग शरुू करने के मलए संघ लोक सेवा

    अयोग के साथ परामशर कर गहृ मंत्रालय अवश्यक काररवाइ करे। वैकमल्पक माध्यम के रूप में

    मवमभन्न प्रादमेशक भाषाओ ंका प्रयोग करने से गम्भीर कमठनाआयां पैदा होने की संभावना ह,ै आसमलए

    वैकमल्पक माध्यम के रूप में मवमभन्न प्रादमेशक भाषाओ ंका प्रयोग शरुू करने की व्यवहायरता की

    जांि करने के मलए मवशेषज्ञ समममत मनयुक्त करना अवश्यक नहीं ह।ै

    (ख) भाषा शवषयक प्रश्न-पत्र -

    समममत की राय ह ैमक सम्यक सिूना के बाद समान स्तर के दो ऄमनवायर प्रश्न-पत्र होने िामहए मजनमें से एक

    महन्दी और दसूरा महन्दी से मभन्न मकसी भारतीय भाषा का होना िामहए और परीक्षाथी को यह स्वतंत्रता होनी

    िामहए मक वह आनमें से मकसी एक को िनु ले।

    ऄभी केवल एक ऐमछछक महन्दी परीक्षा पत्र शरुू मकया जाए। प्रमतयोमगता के फल पर िनेु गए जो परीक्षाथी

    आस परीक्षा पत्र में ईत्तीणर हो गए हों, ईन्हें भती के बाद जो मवभागीय महन्दी परीक्षा दनेी होती ह ैईसमें बैठने

    और ईसमें ईत्तीणर होने की शतर से छूट दी जाए।

    संशवधान में राजभाषा

    राष्ट्रपशत का आदेि

    8 2

  • शवषय वस्तु

    संमवधान में राजभाषा — 2

    प्रसंगवश—

    —रामाशीष मसंह — 3

    मंडल की ईपलमधधयां

    — राजभाषा मवभाग— 4

    स्वागतम—्

    — राजभाषा मवभाग— 5

    रेल समािार

    — ममंटु कुमार — 6

    कंप्यटूर में कंुजी पटल से कमांड—

    — मवनोद कुमार मत्रपाठी — 7

    दशे अजाद भाषाइ गलुामी कायम—

    — गोपाल कृष्ण दास— 9

    क्ांमतकारी अमवष्कार-एलइडी—

    —आदं्र ज्योमत राय— 10

    दहजे

    — बजृमोहन प्रसाद— 12

    पश्चाताप —

    — समछिदानंद जजज्ञास ु— 13

    जरा हमंसए तो

    — राहुल कुमार— 15

    राजभाषा सारथी —

    — ईमेश मत्रपाठी — 16

    राधा का प्रेम —

    —गोपाल जी मतवारी— 17

    दीपावली की शुभकामनाएं—

    — य.ू के मोदी— 18

    गमत—

    — गौतम गांगलुी— 18

    राजभाषा महन्दी—

    — मवजय कुमार— 19

    छाया समािार — 20

    शनिःिुल्क शवतरण हेतु

    सरंक्षक

    राजेश ऄगरल

    मंडल रेल प्रबंधक

    परामिश

    अशतुोष कुमार श्रीवास्तव ऄपर मुख्य राजभाषा ऄमधकारी एवं ऄपर मंडल रेल प्रबंधक

    प्रधान सपंादक

    रामाशीष मसंह

    राजभाषा ऄमधकारी(प्र.)

    सपंादक

    समछिदानंद

    क. ऄनवुादक

    कायशकारी सपंादक

    आदं्रज्योमत राय

    क. ऄनवुादक

    सहयोग

    दयामय दास, कमनष्ठ आजंीमनयर

    जय प्रकाश पोद्दार, वररष्ठ टंकक

    3

    सर्व रूपमयी दरे्ी सर्व दवेर्मयी जगत

    रामकृष्ण परम हसं की दृमि में जो कुछ भी जगत में दृश्य ह ै

    वह प्रकृमत स्वरूपा भगवती अद्याशमक्त का ही स्वरूप ह।ै आस

    मसद्ांत को वे बडी तन्मयता और तत्परता से पालन करते रह।े

    तभी तो ऄपनी पत्नी को भी मां के रूप में ही दखेते थे। परम हसं

    कहा करते थे मक समस्त नारी जामत मां काली का मववतर ह।ै ईन्हीं

    का स्वरूप ह ैआसमलए शारदा भी मेरे मलए मां के ही तलु्य ह।ै

    एक बार मकसी ने ईनसे पछूा मक महाराज, ऄपनी पत्नी शारदा को भी अप मां के

    रूप में क्यों मानते हैं? आसपर ईन्होंने जवाब में एक कहानी सनुाइ — एक बार जब

    गणशेजी बहुत छोटे थे खेलते खेलते घर से बाहर मनकल गए। कुछ समय बाद वहां एक

    मबल्ली अ पहुिंी और वे ईसी के साथ खेलने लगे। मकसी कारणवश गणशेजी को

    मबल्ली पर गसु्सा अ गया और ईन्होंने ऄपने सहज बालपन के बढे और तीक्ष्ण नाखनुों

    से मबल्ली के मुंह को नोि मलया। मबल्ली आस ऄप्रत्यामशत प्रहार के मलए तैयार नहीं थी।

    मबल्ली को ऄपने मुंह पर हुए आस प्रहार से काफी पीडा हो रही थी पर मबल्ली मानव

    की भाषा तो जानती नहीं थी मजससे ऄपनी पीडा को गणशेजी के सामने व्यक्त कर

    पाती। वह मनरंतर ददर के मारे छटपटा रही थी मजससे ईसकी गमत नतृ्य सा समा बांध रही

    थी। मबल्ली की छटपटाहट को देखकर गणशेजी को काफी प्रसन्नता हो रही थी और वे

    ताली बजा बजाकर मजा ले रह ेथे। बिपन में मकसी भी बछिे को हसंाने के मलए यह

    पयारप्त था।

    गणशेजी जब खेल कर घर में लौटे तो मां को खोजने लगे। माता पावरती एक जगह

    लेटी हुइ थीं। मां मां पकुारते हुए गणशेजी जब माता पावरती के पास पहुिंे तो दखेा मक

    माता के िेहरे पर तमाम खरोि लगे हैं तथा कइ जगह से खनू ररस रहा ह।ै गणशेजी ने

    गसु्से से पछूा- मां तमु्हारी यह हालत मकसने की ह ैमैं ईसे नहीं छोड़ू गा। आसपर मां ने कहा

    - यह तमु्हारी ही करततू ह।ै गणेशजी सन्न रह गए। ईनकी समझ में नहीं अ रहा था मक

    ईन्होंने ऐसा कब मकया। आसपर माता पावरती समझाते हुए बतलाइ मक दमुनया में जो भी

    नारी जामत तमु दखे रह ेहो वह सब मेरा ही स्वरूप ह ैआसमलए तमुने मजस मबल्ली का

    मारा परोक्ष रूप से ईस में मैं ही थी। आसपर गणशेजी ने और ऐसा नहीं करने का संकल्प

    मलया। मां प्रसन्न हो गइ।

    रामकृष्ण की कथा सनुने से पछूने वाला व्यमक्त संतिु हो गया था और ईसने समझ

    मलया था मक वे शारदा को वे मां क्यों बलुाते थे। अगे ईन्होंने स्पि करते हुए कहा मक

    काली मां ही प्रकृमत स्वरूपा हैं वे वैसे तो कण कण में पररव्याप्त हैं लेमकन समस्त नारी

    जामत में ईनका प्राक्टय काफी मखुर रूप में ह।ै ऐसी मस्थमत में मैं मकसी भी नारी को

    ऄपनी पत्नी कैसे समझ सकता ह ।ं आतना ही नहीं वे ऄपने संपणूर जीवन काल में ऄपने

    आन मविारों को समथरन दतेे रह ेतथा मां शारदा ने भी ईन्हें ऐसा करने में ऄपना जीवन

    लगा मदया। वे समस्त नारी जामत में ऄपने काली मां की ही छमव दखेते थे आसमलए ईनके

    मलए सारा जगत ही कालीमय था और यही सत्य ह।ै — रामाशीष मसंह

    प्रसंगवि

    सपंर्क सतू्र

    संपादर्, बढ़ते र्दम

    मंडल रेल प्रबंधर् र्ार्ाकलर्

    पूर्क रेलर्े/मालदा

    फोन- 72190/ 72192 (रेलर्े) Email- [email protected]

    Web:www.er.indianrailway.gov.in

    प्रकामशत रिनाओ ंमें व्यक्त मविार लेखकों के ऄपने ह ैआससे सपंादक मडंल का सहमत होना अवश्यक नही ह।ै

  • मालदा मंडल की अक्टूबर, 2014 की उपलब्धियां

    यात्री सवुर्धा कायव मालदा टाउन रेलवे स्टेिन के पैदल ऊपरी पलु को प्लेटफामश सखं्या 6 एव ं7 तक बढाकर प्लेटफामश सखं्या 4 एव ं5 से

    जोड़ शदया गया है। इसप्रकार सभी प्लेटफामश पैदल ऊपरी पलु के द्वारा प्लेटफामश सखं्या 1 से जुड़ गए हैं।

    मालदा कोशचंग शपट लाइन पर 2 अदद 20 मीटर ऊंचा हाई मास्ट टावर बनाया गया है। प्रत्येक टावर पर 400 वाट के

    मेटल हाईलाईड लैम्प लगाए गए हैं।

    भागलपुर स्टेिन पर पुराने तु्रशटयुक्त पैनल को बदलकर एलटी-3 पैनल जो 630 एम्पीयर/440 वोल्ट का है, को लगाया

    गया है।

    8 स्टेिनों तथा हाल्ट स्टेिनों पर 12 अदद 12 वाट सोलर ऊजाश से चलने वाली एलईडी फीशटंग लगाई गई।

    साहेबगंज एव ंराजमहल स्टेिनों पर 8 अदद सीशलंग फैन लगाए गए।

    साहेबगंज स्टेिन के पैदल ऊपरी पुल पर 4 अदद एचपीएसवी फीशटंग लगाई गई।

    जमालपुर स्टेिन पर एक अदद िौचालय की व्यवस्था की गई।

    जमालपुर स्टेिन पर दो अदद वाटर बुथ बनाये गये।

    भागलपुर एव ंबड़हरवा स्टेिनों पर 855 मीटर पाइप लाइन कनेशटटशवटी प्रदान की गई ।

    बररयारपुर स्टेिन पर एक हैंड पपं लगाया गया शजससे स्टेिन पररसर में पानी सशुवधा सलुभ हो सके।

    राजभाषा मालदा मंडल की राजभाषा कायाशन्द्वयन सशमशत की शतमाही बैठक का आयोजन शकया गया।

    जन जागरण अवभयान बड़हरवा—साहेबगंज सेक्शन के कल्याणचक- तालझारी के मध्य मानव सेववत समपार पर जगजागरण अवियान

    आयोवजत वकया गया।

    “Precaution to be taken to avoid SPAD” शवषय पर जमालपुर में शदनांक 5.10.2014 को एक सरंक्षा सेशमनार

    का आयोजन शकया गया शजसमें एलपी, एएलपी, िंटर शमलाकर कुल 45 लोगों ने भाग शलया।

    मालदा मंडल अस्पताल, भागलपुर व साहेबगंज स्वास््य ईकाई में एक एक सेशमनार का आयोजन शकया गया।

    अन् य कायव मंडल के कई स्टेिनों पर पररसर के हल्के अशतक्रमण को हटाया गया।

    शनधाशररत समय में उत्तरदाशयत्व के भाव और सजगता की जांच करने के शलए 11.10.2014 को तीनपहाड़—राजमहल

    सेटिन में एक मौक ड्रील चलाया गया।

    अंनुकंपा के आधार पर एक शनयशुक्त को अंशतम रूप शदया गया।

    शदनांक 27.10.2014 से 1.11.2014 तक सतकश ता जागरुकता सप्ताह का आयोजन शकया गया शजसमें कई कायशिालाए ं

    तथा सेशमनार आयोशजत शकए गए। इनमें काशमशकों को अपने कायश में पारदशिशता की आवश्यकता तथा उसे बरकरार

    रखने के गुर बताए गए।

    — राजभाषा सगंठन, मालदा

    उपलशधधयां

    4

  • श्री राजशे कुमार ने नये वररष्ठ मडंल संरक्षा ऄमधकारी के रूप में मालदा मडंल में ऄपना योगदान द ेरह ेहैं ।

    अप मलू रूप से समस्तीपरु मबहार के रहने वाले हैं तथा अपको महन्दी, ऄगं्रेजी और

    मथैली और भोजपरुी भाषाओ ंका ऄछछा ज्ञान ह ै । तकनीकी के्षत्र में कायर करने के बावजदू

    अपका भाषा प्रेम ऄदु्भत ह ै। यही कारण ह ैमक ऄगं्रेजी का ऄछछा ज्ञान होने के बावजदू अप

    महन्दी में कायर करना ऄमधक पसंद करते हैं।

    साआसं कालेज, दरभंगा से ईछितर माध्यममक की मशक्षा प्राप्त करने के बाद अपन े

    बी.अइ.टी मसंदरी से बीएससी मसमवल आजंीमनयरी की तकनीकी मशक्षा प्राप्त की ।

    1998 में रेल सेवा ज्वाआन करने के पवूर क. आजंीमनयर, सीपीडधल्यडूी/कटक एव ंसडक

    पररवहन मतं्रालय में सहायक कायरकारी आजंीमनयर के पद पर कायररत रह े। रेलव ेमें अने के बाद

    अपने कइ महत्वपणूर पदों पर कायर संपादन मकया हैं । यहां तक पहुिंने के पवूर अपने सहायक आजंीमनयर/सवाइ माधोपरु,

    कायरकारी आजंीमनयर/बडौदा, कायरकारी आजंीमनयर (मन.)एवं(अरेख)तथा (सव)े/ममु्बइ तथा ईप मखु्य आजंीमनयर (कायर)/

    ममु्बइ के पद पर कायर कर िकेु हैं ।

    अपके ऄनसुार अदशर व्यमक्त वह ह ैजो समाज में स्थामपत गलत मान्यताओ ंको ईखाड फें कने में समथर ह ै। अप की दृमि में

    Do more talk less का मसद्ांत दशे के भमवष्य के मलए ऄछछा ह।ै आसमलए अपके अदशर व्यमक्तयों में न्यटून,

    अआसं्टीन, माआकल फैराडे, मलयोनाडो द मवसंी, अआलर, बरनाली, एमडसन, बैवजे अमद शाममल हैं। अपका मानना ह ैमक

    ऐसे ही व्यमक्तत्व के द्वारा समाज का कल्याण संभव ह।ै जीवन में सफल होने के मलए अप मानते हैं मक मनषु्य को ऄपने प्रमत

    मकए गए वाद ेको हर हाल में मनभाना िामहए तथा ऄपनी कममयों को पहिान कर मनरंतर ईन्हें दरू करने का प्रयास करना

    िामहए ।

    ऄशोक कुमार दीमक्षत ने सद्यः सहायक काममरक ऄमधकारी के रुप में मालदा में योगदान मदया ह।ै

    अप मलूतः मबहार के रहने वाले हैं तथा अपकी ऄमधकांश मशक्षा-दीक्षा भी मबहार में ही संपन्न

    हुइ ह।ै प्रमखु रूप से भागलपुर अपके ऄध्ययन का केन्द्र रहा ह।ै अपने यहीं के माडवाडी

    कालेज से बीएससी (प्रमतष्ठा) तथा महादवे मसंह मवमध महामवद्यालय से एलएलबी की मिग्री

    हामसल की। मशक्षा के के्षत्र में मनरंतर ईन्नमत करना अपका लक्ष्य रहा ह ैआसमलए अपने पत्रािार

    के द्वारा भारतीय रेल संस्थान, नइ मदल्ली से मडप्लोमा आन रेल ट्ांसपोटर तथा आग्न ू से प्रबंधन में

    स्नातकोत्तर मडप्लोमा हामसल मकया ह ै।

    अपने रेलव े के वामणज्य मवभाग में मटकट संग्राहक के रूप में पवूर रेलव ेसाहबेगजं में ऄपनी सेवा का अरंभ

    मकया। आसके ईपरांत मवभागीय परीक्षा ईत्तीणर कर कल्याण मनरीक्षक के पद पर साहबेगंज में ही कायर भार संभाला। पनुः

    प्रोन्नमत पाकर सम्प्रमत सहायक काममरक ऄमधकारी के पद पर अपने मालदा में कायरभार ग्रहण मकया ह ै। रेलव ेमें कायर के

    प्रमत पणूर मजम्मदेारी मनभाना अपका खास गणु ह ैतथा अप को ऄद्यतन कायर प्रणाली की जानकारी से स्वयं को पोमषत

    रखना ऄछछा लगता ह ै।

    अपका मानना ह ै मक कायारलय में कायर करने के मलए ऄपने सहकममरयों के साथ टीम भावना रखना ऄत्यंत

    अवश्यक ह ैक्योंमक आसके मबना न तो कायर ठीक ढंग से मकया जा सकता ह ैन ही कायर का वातावरण ही सहज रखा जा

    सकता ह ै। अपके जीवन का ईद्दशे्य मनषु्य के रूप में मनषु्यता की सेवा करना ह ै। अप एक सरृदय, सरल और हर िाहने

    वाले की मबना मकसी ऄपेक्षा के सहायता करने वाले गणुों से सम्पन्न हैं।

    — प्रस्तमुत -राजभाषा मवभाग

    स्वागतम ्

    5

    राजशे कुमार

    ऄशोक कुमार दीमक्षत

  • इटंरनेट से रेलवे ररटायररंग रूम की बुशकंग

    भारतीय रेलवे ने दशे के 67 स्टेशनों पर ररटायररंग रूम की आटंरनेट से बुमकंग

    शरुू कर दी ह।ै यह दो माह पहले से ऑनलाआन बुक कराए जा सकते हैं । रेलवे के

    मतुामबक अइअरसीटीसी की वेबसाआट पर कन्फमर या अरएसी अरमक्षत मटकट के

    अधार पर 60 मदन पहले से लेकर दो मदन पहले तक ररटायररंग रूम ऑनलाआन बुक

    कराया जा सकता ह।ै रूम के िाजर का भगुतान आलेक्ट्ॉमनक तरीके से मकया जा

    सकता ह।ै

    एक ररटायररंग रूम या डोरमेट्ी बेड न्यूनतम 12 घंटे और ऄमधकतम 48 घंटे

    के मलए बुक कराया जा सकता ह।ै ररटायररंग रूम यात्रा की शरुूअत वाले स्टेशन या

    खत्म होने वाले स्टेशन पर बुक कराया जा सकता ह।ै

    मजन स्टेशनों पर यह समुवधा ममलेगी ईनके नाम हैं—

    मबहार : पटना, गया, हाजीपुर, मुजफ्फरपरु, दानापरु, दरभंगा, रक्सौल, राजेंद्र

    नगर, बरौनी । झारखडं : धनबाद, कोडरमा । ईत्तर प्रदेश : लखनउ, आलाहाबाद,

    हररद्वार, वाराणसी, ऄमेठी, रायबरेली, मगुल सराय । पंजाब : ऄमतृसर । महमािल

    प्रदशे : मशमला । जम्मू कश्मीर : जम्मू तवी । मध्यप्रदेश : भोपाल, हबीबगंज,

    आटारसी, आदंौर, ईज्जैन, जबलपरु, सागर, कटनी, मैहर, सतना। छत्तीसगढ: रायपरु,

    मबलासपरु। राजस्थान : कोटा, श्रीमहावीरजी, भरतपरु, मित्तौडग़ढ, सवाइ माधोपरु।

    गजुरात : ऄहमदाबाद, वडोदरा, राजकोट। महाराष्ट् : मुंबइ सेंट्ल, मुंबइ सीएसटी,

    बांद्रा टममरनस, लोकमान्य मतलक टममरनस, कल्याण, ठाणे, नागपरु, गोंमदया, पुण,े

    ममरज, नागपरु, गोंमदया, नामसक रोड, सोलापरु।

    ऄन्य स्टेशन : नइ मदल्ली, हावडा, िेन्नइ सेंट्ल, िेन्नइ एगमोर, भवुनेश्वर,

    बेंगलरू, मसकंदराबाद, मदरैु, मवशाखापट्टनम, कोयंबटूर, गुलबगार, रामेश्वरम।

    आसके ऄमतररक्त कुछ ऄन्य स्टेशनों के ररटाररंग रूम को बुक करने की समुवधा

    अन लाआन कर दी गइ ह ैमजनकी मस्थमत अइअरसीटीसी की वेबसाआट से जानी जा

    सकती ह।ै

    एसएमएस फूड सेवा

    एसएमएस फूड समवरस रेलवे की इ-कैटररंग सेवा ह ै मजसके द्वारा एसएमएस

    भजेकर अप ऄपनी यात्रा के दौरान भोजन मंगवा सकते हैं । आसके मलए 139 पर

    एसएमएस भेजना होगा या भोजन बुक कराने के मलए यात्री 1800 1034 139 या

    0120-4383892-99 पर फोन भी कर सकते हैं ।

    ऄभी यह सेवा परीक्षण के तौर पर िल रही ह ै। यात्री को मसफर मील मलखकर

    पीएनअर नंबर मलखना होगा । एक बार एसएमएस ममलने के बाद मकसी टे्न के

    पीएनअर नंबर, कोि व सीट की मस्थमत की पमुि की जाएगी । ईसके बाद यात्री से

    भोजन के मेन्यू के साथ संपकर मकया जाएगा । सीट पर भोजन दनेे के बाद यात्री से

    भगुतान मलया जाएगा । परीक्षण कायर परूा होने पर भारतीय रेल प्रायः सभी

    अवश्यक टे्नों में यह सेवा िाल ूकरेगी ।

    बढ़ते कदम का नया कलेवर

    आपको कैसा लगा इस

    संबंध में आपकी प्रशतशक्रया,

    शवचार और सुझावों का

    स्वागत है. आप अपने

    सुझाव, प्रशत-शक्रयाए ं और

    शवचार पत्र, ई-मेल और

    फोन पर हमें नीचे शदए गए

    सपंकश सूत्र के पते पर भेज

    सकते हैं.

    लखेकों स-े कहानी, कशवता, लेख,

    चुटकुले, आलेख, संस्मरण,

    यात्रा शववरण, उपयोगी

    सूचनात्मक त्य जो प्रकािन

    योग्य हों फुलस्केप कागज पर

    हाशसया छोड़कर साफ सथुरी

    हस्तशलशखत या कंप्यूटर द्वारा

    टाइप की गई हो बढते कदम में

    प्रकािन के शलए भेजी जा

    सकती है. रचनाओ ं के

    प्रकािन का अशधकार

    संपादक मंडल को होगा,

    अस्वीकृत रचनाओ ं के सबंंध

    में कोई पत्राचार नहीं शकया

    जाएगा. रेल काशमशक एवं उनके

    पररवार जनों की रचनाओ ं को

    प्राथशमकता दी जाएगी.

    प्रकाशित रचनाओ ं के शलए

    शनयमानुसार मानदेय देने की

    व्यवस्था है. रचना सामग्री

    शनम्न पते पर भेजें-

    सपंर्क सतू्र

    संपादक - बढते कदम

    मडंल रेल प्रबंधक कायारलय

    पवूर रेलव/ेमालदा

    फोन- 72190/ 72192 रेलव)े Email- [email protected]

    Web:www.er.indianrailway.gov.in — शमंटु कुमार

    रेल समाचार

    8 6

  • तकनीक

    कंप्यटूर पर िाह ेकोइ पत्र मलखना हो या मफर कोइ महसाब मकताब करना हो कंप्यटूर के की बोडर की सबसे बडी भमूमका होती ह।ै

    लेमकन आस की बोडर से केवल टाआमपंग या महसाब मकताब का ही काम नहीं होता वरन आससे कंप्यटूर को कंट्ोल करने का काम

    भी मलया जा सकता ह।ै समुवधा के मलए की बोडर से भी बहुत सारे कमांड बनाए गए हैं मजनके प्रयोग से अप बडी सहजता से

    ऄपना कायर मनपटा सकते हैं। आन कमांडों को शाटरकट के रूप में भी प्रयोग मकया जाता ह।ै

    इन्द्हें दबाने से यह होता है

    Windows logo key स्टाटर मीन ूखोलने के मलए

    Alt+Tab खलेु हुए मवडंों या प्रोग्रामों के मध्य मकसी को हाआलाआटेड

    करने के मलए

    Alt+F4 मकसी समक्य मवन्डो या प्रोग्राम को बंद करने या वहां से

    बाहर जाने के मलए

    Ctrl+S मकसी प्रोग्राम में मकसी फाआल या डाक्यमूेंट को सेव करने

    के मलए

    Ctrl+C मकसी सेलेक्टेड/हाआलाआटेड अआटम को कापी करने के

    मलए

    Ctrl+X मकसी सेलेक्टेड/हाआलाआटेड अआटम को काटने यानी कट

    करने के मलए

    Ctrl+V मकसी सेलेक्टेड/हाआलाआटेड अआटम को वहीं या मकसी

    दसूरी जगह पेस्ट करने के मलए

    Ctrl+Z मकसी एक्सन को समाप्त करने के मलए

    Ctrl+A मकसी मवडंो / डाक्यमूेंट या फाआल के सभी अआटमों को

    एक साथ सेलेक्ट करने के मलए

    F1 मकसी मवडंो या प्रोग्राम के भीतर हले्प प्राप्त करने के मलए

    Windows logo key +F1 मवडंोज के हले्प एव ंसपोटर तक पहुिंने के मलए

    Esc वतरमान टास्क को रद्द करने के मलए

    Application key यह राआट की दबाने के जसैा ही कायर करता ह।ै ऄथारत आसे

    दबाने से कमांडों की एक मीन ूईतरती ह।ै 7

  • तकनीक

    8

    इन्द्हें दबाने से जो होता है

    Left Arrow, Right Arrow, Up Arrow, or

    Down Arrow मकसी टेक्स्ट के भीतर बांयी करसर कंुजी से करसर को बांये, दांये

    करसर कंुजी से करसर को दांये, उपरी करसर कंुजी से करसर को

    उपर तथा नीिली करसर कंुजी से करसर को नीिे के तरफ ले जाने

    के मलए प्रयोग में लाते हैं।

    Home होम कंुजी से करसर मकसी लाआन के प्रथम में जाता ह ैया वेब पेज

    के सबसे उपर पहुिंता ह।ै

    End आडं कंुजी से करसर मकसी लाआन के ऄतं में जाता ह ैया वेब पेज के

    सबसे नीिे पहुिंता ह।ै

    Ctrl+Home मकसी डाक्यमूेंट के सबसे उपर करसर को ले जाने के मलए

    Ctrl+End मकसी डाक्यमूेंट के सबसे नीिे करसर को ले जाने के मलए

    Page Up करसर या स्क्ीन को एक पेज उपर करने के मलए

    Page Down करसर या स्क्ीन को एक पेज नीिे करने के मलए

    Delete करसर के बाद वाले कैरेक्टर को ममटाने के मलए या मकसी सेलेक्टेड

    टेक्स्ट को ममटाने के मलए, मवंडोज में सेलेक्टेड मकसी अआटम को

    वहां से हटाकर ररसाआमकल मबन में ले जाने के मलए

    Insert

    यह कंुजी दो मोडों में कायर करती ह ैअन या अफ । अन मोड में

    आसे दबाने से टाआप मकया गया टेक्स्ट करसर के स्थान पर मिपक

    जाता ह ै मकंतु अफ मोड में जो टेक्स्ट टाआप मकया जाता ह ै वह

    वतरमान कैरेक्टर से मवस्थामपत हो जाता ह।ै

    PrtScn (or Print Screen) जैसा मक नाम से ही स्पि ह ैमक मदए गए स्क्ीन को मपं्रट करना । आस

    कंुजी से यही होता भी ह।ै आसको दबाने से एमक्टव स्क्ीन कापी हो

    जाती ह ैमजसे ऄन्यत्र पेस्ट मकया जा सकता ह।ै

    अन्य क ं ब्ियों का उपयोग कंुजी पटल पर बहुत सारी कंुमजयां दी गइ होती हैं मजनमें टाआमपंग कंुमजयों को छोडकर कुछ कंुमजयां टाआमपंग से

    मभन्न कायर भी करती हैं मजन्हें जानने से टाआमपंग या कंप्यटूर को कमांड दनेे में सहुमलयत होती ह।ै खासकर जब कोइ बडा

    कायर करना होता ह ैतो बार बार माईस पकडना और िलाना ऄसमुवधाजनक लगता ह।ै यमद टाआमपंग के समय कंुजी पटल

    से ही कायर हो जाए तो ऄमत सहज और सुंदर होगा। वसेै तो ये कमांड केवल मवडंोज के मलए ही हैं पर कुछ साफ्टवयेर

    आसका ज्यों का त्यों पालन करते हैं तथा कुछेक आन्हीं कायों के मलए कुछ ऄलग कमांड भी मनमश्चत कर के रखे हैं। मफर भी

    ऄमधकांश आनका पालन करते हैं आसमलए आनको जानने से पयारप्त सहायता ममलती ह।ै

    — मवनोद कुमार मत्रपाठी

  • रोशनीका त्योहार ह ै दीपावली। दीपावली पर िारों ओर

    रोशनी की ऄनोखी छटा मबखरी रहती ह।ै लोग ऄपने घरों को

    खबूसरूत रोशमनओ ंसे सजाते ह,ै ईसे नया रूप दतेे हैं। दीयों और

    मोमबमत्तयों के साथ साथ मबजली के रंग मबरंगे बल्बों का ईपयोग

    प्रकाश के मलए मकया जाता ह।ै

    अधमुनकता की दौड में धीरे धीरे पारंपररक रूप से रोशनी के

    साधनों के स्थान पर लोग मबजली के बल्बों, ट्यबूलाआटों और

    ऄन्य साधनों का आस्तमाल करते हैं। मौजदूा बल्बों, ट्यबूलाआटों व

    रोशनी के ऄन्य साधन रोशनी के साथ साथ गमी और मवमकरण भी

    पैदा करते ह।ै आन मवमकरणों से वायमुंडल में ग्रीनहाईस गैसों का

    संिार होता ह ैमजससे वातावरण में गमी बढती ह।ै

    रोशनी के क्षेत्र में एलइडी के अमवष्कार ने आस समस्या का हल प्रदान मकया ह।ै एलइडी बल्बों की खामसयत यह ह ैमक आसमें

    ईजार की खपत बहुत कम होती ह ैव यह ऄमधक मटकाउ होता ह।ै आसकी रोशनी गमी पैदा नहीं करती ह ैऔर यह नगण्य मवमकरण

    पैदा करता ह।ै य़ह रोशनी का साधन पयारवरण महतैषी ह।ै आन सारी खमूबयों के कारण वषर 2014 में भौतकी का नोबेल परुस्कार श्वेत

    एलइडी के अमवष्कारक तीन वैज्ञामनकों इसामु आकासाकी, शहरोिी अमानो व सजूी नाकामूरा को दनेे की घोषणा की गइ ह।ै

    एलइडी (लाइट एजमजटिंग डायोड) एक ऄधर िालक-डायोड होता ह,ै मजसमें मवद्यतु धारा प्रवामहत करने पर यह प्रकाश

    ईत्समजरत करता ह।ै यह प्रकाश आसकी बनावट के ऄनसुार मकसी भी रंग का हो सकता ह।ै एलइडी कइ प्रकार की होती हैं। आनमें

    मममनएिर, फ्लैमशंग, हाइ पावर, ऄल्फा-न्यमूेररक, बहुवणी और ओ.एल.इ.डी प्रमखु हैं। मममनएिर एल.इ.डी. का प्रयोग आमंडकेटसर

    में मकया जाता ह।ै लैपटॉप, नोटबकु, मोबाआल फोन, डीवीडी प्लेयर, वीमडयो गेम और पी.डी.ए. अमद में प्रयोग होने वाली

    ऑगैमनक एल.इ.डी. (ओ.एल.इ.डी.) को एल.सी.डी. और सी.अर.टी. टेक्नोलॉजी से कहीं बेहतर माना जाता ह।ै यह एक

    आलेक्ट्ॉमनक मिप ह ैमजसमें से मबजली गजु़रते ही ईसके आलेक्ट्ॉन पहले तो अवेमशत हो जाते हैं और ईसके बाद ही, ऄपने अवेश

    वाली उजार को प्रकाश के रूप में ईत्समजरत कर दतेे हैं।

    आसका मखु्य प्रकाशोत्पादन घटक गैमलयम असेनाआड होता ह।ै यही मवद्यतु उजार को प्रकाश में बदलता ह।ै आनकी क्षमता

    50% से भी ऄमधक होती ह।ै आस तरह वे मवद्यतु उजार को प्रकाश उजार में बदलते हैं। आसकी मवशेषता ये ह,ै मक आसे मकसी

    प्लामस्टक मफल्म में भी लगाया जा सकता ह।ै एल.इ.डी. पारंपररक प्रकाश स्रोतों की तलुना में बहुत ईन्नत ह ैमजसका कारण ह,ै

    उजार की कम खपत, लंबा जीवनकाल, ईन्नत दृढता, छोटा अकार और तेज मस्विन अमद, हालांमक, यह ऄपेक्षाकृत महगंी होती

    हैं और परंपरागत स्रोतों की तलुना में आनके मलए ऄमधक सटीक मवद्यतु धारा और गमी के प्रबंधन की जरूरत होती ह।ै एक मवद्यतु

    बल्ब लगभग 1000 घंटे ही प्रकाश द ेपाता ह,ै जबमक एल.इ.डी. एक लाख घंटे भी प्रकाश द ेसकते हैं।

    एल.इ.डी के बारे में पहली ररपोटर 1907 में मिमटश वैज्ञामनक एि जे राईंड की मारकोनी प्रयोगशाला में एक प्रयोग के दौरान

    संज्ञान में अयी थी। आसका अमवष्कार 1920 के दशक में रूस में हुअ था और 1962 में आसे ऄमेररका में एक व्यावहाररक

    आलेक्ट्ॉमनक घटक के रूप में प्रस्ततु मकया गया। जनरल आलेमक्ट्क कंपनी में काम करने के दौरान आसका पहला प्रायोमगक

    आलेख

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    http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%85%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A7_%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%95http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A1%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%A1http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A5%81%E0%A4%A4_%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BEhttp://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B6http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%87%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%89%E0%A4%A8http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%8A%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%9C%E0%A4%BEhttp://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%97%E0%A5%88%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%AE_%E0%A4%86%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A5%87%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%A1http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A5%81%E0%A4%A4_%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BEhttp://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B0%E0%A5%82%E0%A4%B8http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%85%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE

  • प्रत्यक्ष वणरक्म 1962 में मनक होलोमनक जमूनयर ने बनाया था। मनक होलोमनक को एलइडी के मपतामह के रूप में जाना जाता ह।ै

    ओलेग व्लाजदजमरोजिच लोसेि नामक एक रेमडयो तकनीमशयन

    ने पहले पहल पाया मक रेमडयो ग्राहकों (ररसीवर) में प्रयकु्त

    डायोड से जब मवद्यतु धारा प्रवामहत होती ह ै तो वे प्रकाश

    ईत्समजरत करते हैं। 1927 में ईन्होंने एक रूसी जनरल में

    एल.इ.डी. का प्रथम मववरण प्रकामशत मकया।

    सभी अरंमभक यमुक्तयााँ मनम्न-तीव्रता के लाल प्रकाश का

    ईत्सजरन करती थीं। बाद में एम जॉजर क्ॉफडर ने पीली और लाल

    -नारंगी एल.इ.डी. की खोज की। आनका प्रयोग घमडयों,

    कैल्कुलेटर, टेलीफोन, टी.वी और रेमडयो आत्यामद में मकया जाता

    ह।ै अधमुनक एल.इ.डी. ईछि िमक की, दृश्य, ऄवरक्त और

    पराबैंगनी तरंगदधै्यों में ईपलधध हैं। आन एलइडी लैम्पों को यमद

    ऄनावश्यक गमर होने से बिाया रखा जाए तो आनका जीवन काल

    तलुनात्मक दृमि से काफी लंबा और मटकाउ ह।ै आनके ऄलावा

    अजकल श्वेत और नीला एल.इ.डी. भी ईपलधध ह।ै आनके लाभ

    बहुत हैं:-

    उजार की बित में एल.इ.डी. ईपयोगी होता हैं

    आनके छोटे अकार के कारण आन्हें मपं्रटेड समकर ट बोडर में लगाना सरल होता ह।ै

    ऄन्य प्रकाश स्रोतो की ऄपेक्षा एल.इ.डी. बहुत कम मवमकरण करते हैं।

    आसका जीवनकाल लंबा होता ह।ै एक ररपोटर के ऄनसुार आनका जीवनकाल पैतीस से पिास हजार घंटे तक होता ह।ै

    दसूरे फ्लोरोसेंट लैम्प की तरह एल.इ.डी. में मकर री नहीं होता ह।ै आस कारण आसके मवषलैे होने की संभावना कम होती ह।ै

    आलेख

    आपके वर्चार अदरणीय संपादक जी,

    हर माह बढ़ते कदम का अिंक प्रकाजित होना सचमचु गौरि की बात ह।ै भारतीय रेल में ऐसा उदाहरण िायद ही कहीं जमले।

    हम आपके इन प्रयत्नों की भरूर-भरूी प्रििंसा करते हैं। जपछले अिंक में स्ितिंत्रता जििषेािंक से सिंबिंजधत आलेख दिेप्रेम की दीप

    िीखा को प्रज्जिजलत करने में समथथ थे। जििेषकर कजिताओ िं ने मन के भािों को और अजधक उभारा ह।ै

    जकिं त ुहमें जिकायत ह ैजक प्रत्येक अिंक समय से हम तक सलुभ नहीं हो पा रहा ह।ै यमद समय से हमारे यहां पहुिंे तो बहुत ही

    ऄछछा होगा । — हरर नारायण मसंह, पवूर मध्य रेल, हाजीपरु

    मप्रय महोदय,

    हम अपके मशकायत को ऄवश्य दरू करेंग े। वसेै पवूर रेलव ेकी वबेसाआट पर आसे पढा जा सकता ह ै।

    — संपादक

    — इरं ज्योशत राय

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    http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%95_%E0%A4%B9%E0%A5%8B%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%95http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%95_%E0%A4%B9%E0%A5%8B%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%95http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A5%81%E0%A4%A4_%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BEhttp://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A4%E0%A4%B0%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%A6%E0%A5%88%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AFhttp://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%A4http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%B2%E0%A4%BEhttp://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A5%80

  • राजभाषा सारथी

    16

    ¨ÉɱÉnùÉ ¨ÉÆb÷±É ¨Éå ®úÉVɦÉɹÉÉ Eäò |ÉSÉÉ®ú |ɺÉÉ®ú EòÉä Ênù¶ÉÉ näùxÉä +Éè®ú ±ÉIªÉ iÉEò {ɽÖÆþSÉÉxÉä

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  • राजभाषा सप्ताह के समापन ऄवसर पर अयोमजत परुस्कार मवतरण

    एवं कमव सम्मेलन के दृश्य

    छाया समाचार