द आट्ट ऑफ वलविंग सवा टाइमे स · व्यस्त...

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वस रहो: जब आपको नकारातक विचार उतप होेने की पहचान हो जाए, उसी सय खुद को वयस कर ल। अगर आप खाली बैठे रहगे ो उसी के बारे सोचे रहगे। शरीर का परसंचरण बेहर कर: यवद आपका ससषक अतयविक विचार से भरा हुआ है, ो फर पर लेट जाएं और अपने ररीर को रोवलंग करे रह। आप देखगे वक रीर के पररसंचरण सुिार होा है। जब परसंचरण सुिार होा है ो न सकारातक बदलाि आने लगा है। "रायना दवन'(फर पर रोवलंग ारा की जाने िाली पूजा का एक सिप) करने के पीछे भी यही कारण है। नकारातक विचार से हाथ वलाएं: यवद आप नकारातक विचार का विरोि करे ह, उनह दूर भगाने की कोवरर करे ह, ो िह भू की रह आपका पीछा करने लग जाे ह। भगाने के बजाय अपने नकारातक विचार से हाथ वलाएं। उनह कह, "यहां आओ और ेरे साथ बैठो। ुमह नह छोड़ंगा'। इसके बाद आप देखगे वक िह नकारातक विचार वकनी जलदी गायब हो जाे ह। ाणाा और धान: न के विचार ेक लगाने का सबसे अचछा रीका है, ाणाया और धयान। यह बहु भािी है और ुरं न को रां करा है। आं की सफाई: अगर आपके ऊपर एक के बाद एक नकारातक विचार की बबारी हो रही हो, ब यह जान ल वक आपके ल तयाग कुछ ससया है। रंख ालन (आं की सफाई) करने से इस दद वलेगी। चार ओर घ: सुबह जलदी उठकर वयाया कर। गाएं। नृतय, योग, धयान, ाणायाय कर। यह सभी दद करगे। अपने विचार के साी बन: आप वकसी विचार को रोक नह सके ह। न ही इसके आने की कोई पूि सूचना होी है। ये आे ह ो ुरं चले भी जाे ह। यवद आप विचार को साी भाि से देख ो यह सिः गायब हो जाे ह। लेवकन अगर आप इसे पकड़कर रखे ह और उसी पर सोचे रहे ह ो यह आपके साथ बना रहा है। विचार आे ह और जाे ह, लेवकन विचार का आिार आता है। आता िह है, जो आप ह। आप आकार की रह ह और विचार बादल की रह। बादल आकर आकार फैल जाे ह, लेवकन कया िे वकसी भी रह से आकार को परेरान कर सके ह या उसकी विराला को सीव कर सके ह? नह, कदावप नह। इसवलए जब आप बादल से ऊपर उड़े ह, जब आप बादल से परे जाे ह, ो देखे ह वक आकार अछूा है। यह िही है, यह अपररिव है। यह केिल विचार ह, जो चले ह। यह धयान होा है। जब आप साी भाि आे ह, अथा जब आप बस विचार के व साी बन जाे ह। िे अचछविचार ह या बुरे, िे आे ह और जाे ह। आप इनसे बहु ऊपर और परे ह। इसे विहंग ाग कहा जाा है- इसका अथ है वक विचार से ऊपर उठना एिं देखना वक आपके पास इन गवरील विचार के साथ कुछ भी करने को नह है। नकारातक विचार से बचने के 7 उपाय न के मोती गुदेि ी ी रविशंकर जी शरन धगर l बंेगलु ावसक ि। हारे साज आज भी एक ऐसा विषय सझा जाा है, वजस पर कोई खुलकर नह बोलना चाहा। सबसे जयादा वदकक युिा कनया के वलए होी है। खुद उनकी ां या पररिार की कोई और वहला भी खुलकर इस ुे पर बा नह करी। आट ऑफ वलविंग की रचा ायल जब झारखंड रांची के ुदा ससथ चांेनागपुर बावलका उ विालय युिा हो रही कनया से जब इस ुे पर बा करने पहुंची ो सबके चेहर पर रवलापन झलक रहा था। उनके हािभाि देखकर रचा को बा रु करने के वलए जोर देकर सही रबद लारने पड़े। दरअसल, वसक ि को लेकर हारे साज कई गल िरणाएं चली आ रही ह। एक आंकड़े के अनुसार भार 20 करोड़ लड़वकयां वसक ि संबंिी सिचछा और उससे जुड़ी सिासय देखभाल संबंिी बा से अनवभ ह। 66 फीसदी भारीय लड़वकयां ावसक ि के बारे ब क कुछ नह जान, जब क वक उनह ावसक ि रु नह हो जाे। इनही सया के वखलाफ आट आॅफ वलविंग ने पविा ोजेकट रु वकया हे। यह भार ावसक ि से जुड़ी ससया का दो रह से सािान करा है। 1. ाीण े और रहर के झुगगी बसी इलाक िकरॉप आयोवज कर ियसक होने िाली लड़वकय को ावसक ि, सिासय एिं सिचछा के व जागक वकया जाा है। 2. वहला को ईको-डली सेनेटरी पैड विर वकए जाे ह, ावक ावसक ि के दौरान सिचछा रहे। इस ोजेकट का लय 15 सौ वहला वरक ैयार करना है, जो वक हर साल 5 लाख लड़वकय के वलए सिचछा वरण संबंिी काय आयोवज कर सक। वदसमबर 2017 से फरिरी 2018 क ायोवगक परीण के दौरान देर के 25 राजय स321 वहलाएं वरव की ग। रया भी इन से एक ह। िह वबहार, झारखंड और उरदेर जाकर वकराेरय को ावसक ि के व वरव करने के वलए सथानीय युिा ववनवि ैयार कर रही ह। उनहने अभी क 28 कॉलेज सटूडटस को ैयार वकया है। िह हफे के अं और अपने सेसटर ेक के दौरान अपने-अपने े ंे इस अवभयान को आगे बढ़ाे ह। रया और उनके सियंसेिक की टी आस-पास के विालय जाकर ीन वदिसीय िकरॉप आयोवज करी ह। वकरोरय को इस लाभकारी आसन, ुा एिं शिास संबंिी वयाएं वसखाई जाी ह, ावक वसक ि क से क असुवििा हो। उनह ावसक ि च के बारे विसार से सझाया जाा है। इसके अलािा कपड़े और पैड के सिचछाापूिक योग के वयिहाररक सुझाि वदए जाे ह। एपलाइड कैवसी की ाकोर छाा आरा कुारी कही हंै, ‘वकरोरय को ावसक ि से होने िाले रारीरक एिं भािनातक परिन से वनपटने की वरा देकर संोष होा है। खुद इनह हाला से गुजरी थी। खुरी है वक आज की वकरोरी इस परससथव से ढंग से वनपटने अविक स ह।' मासिक धम िे जुड़ी गलत धारणा पर ामीण कना को जागक करने का पावन असिान बावलका विाल आोवज पविा ोजेके ह ुा के अभास को सझी बावलकाएं। 2 वशण पंजाब म गरीब महिला काे बना रिे सशपेज 3 ास सौर ऊजा से रोशन िुए असम के दूरव इलाके पेज 4 ेरणा हकाब से सजा मंडप, खुलेगा पुसकालय पेज संसकरण: अल 2018 द आर ऑफ ललिंग, अनरर क, बगलु वा टाइमस द आट ऑफ वलविंग ितारा म आोसजत हुआ ोग और उोग पर आधारत ुवा िममेलन योग और उोग साथ चलते ह, योग से तन-मन पुष होता है और उोग से जीवन सुगम: गुदेव गौर लशले l सतारा (हारा) "योग और उोग साथ चले ह। लोग जब ुझसे पूछे ह वक गुदेि योग ो ठीक है, पर यह उोग कय रु वकया? ो ेरा जिाब होा है वक देर बेरोजगारी बहु है। इसवलए ह योग और उोग दोन चावहए। योग से न और न पुषट होा है ो उोग से जीिन सुग होकर आगे बढ़ा है। उोग है ो आप सहजा से योग कर सके ह।' आट ऑफ वलविंग के संसथापक गुदेि ी ी रवि रंकर ने 14 ाच को सारा योग और उोग पर आिार युिा समेलन यह बा कही। आयोजन रावल हुए पांच हजार युिाचाय और हजार की संखया पहुंचे अनय लोग का ागदरन करे हुए गुदेि ने ी ी कौरल विकास से जुड़ने का आान वकया। साथ ही उनहने ी ी ति के साथ वयापार रु करने की सलाह भी दी। इस काय अारपीएल उीण 750 युिाचाय को ाण-प भी दान वकए गए। इस समेलन का उेशय वनरारा और बेरोजगारी जीिन का कीी सय बबाद कर रहे ाीण युिा को जीिन के वलए नई वदरा दान करना था। गुदेि ने वकसान, युिाचाय को बिाई देे हुए कहा वक यहां काफी का हो रहा है। जलयुक वरिार युिा ने ा और सपण से का करके पानी की ससया दूर की। युिा के वलए ही हने 1999 िाईएलटीपी रु वकया। इसका उेशय सुभ, सुंदर, सुवरव साज का वनाण है। लाख युिा इसे देरभ साकार भी करने जुटे हुए ह। उनहने कहा वक हाराष आदर गु ा, नराुक गांि, रसायन ुक खेी जैसे विषय पर भी युिा की ओर से अचछा का वकया जा रहा है। ी ी रल डेिलपट के ारा युिा को ससकलफुल बनाया जा रहा है। लाइट ए हो, िेसट ैनेजट इतयावद ोजेकट एसएसआरडीपी की ओर से संचावल वकए जा रहे ह। n अारपीएल म उीण 750 ुवाचााे को काम म माण-प िी सवतररत सकए समेलन के दौरान आट आॅफ वलविंग के कई पुराने वरक ने बदलाि की कहावनयां और उपलसबियां साझा क। पुषो िायाॅल ने बाया वक जालना के एक युिा गोपाल ियकर ने वपछले साल ही ी ी तिा के वडसीबयूरन का का रु वकया था। रु थोड़ी वदकक आ, पर अब िह 4 से 5 लाख क हीना का रहे ह। कोलहापुर के आळे गांि के ी ी वकसान ंच से जुड़े 13 वकसान का एक सूह भी यहां आया था। िह रसायन ुक अनाज एिं देसी गाय की उपयोवगा को बढ़ािा दे रहे ह। ंच के सदसय ने 100 गाय की एक डेयरी बनाई है। यहां एक साल दूि का टनओिर 20 लाख पए से जयादा का हुआ है। घी ीन लाख पए क ुनाफा हुआ और गोू, गोबर से बनी खाद खेी के वलए इसेाल हो रही है। ंच के सदसय डॉ. रणजी फुले ने आिा एकड़ आदर खेी का नूना वकसान के वलए ैयार वकया है। इस ॉडल फा के आिार पर 100 से जयादा वकसान ने खेी की। इनह ंे से रील ठािळे नं डेरी उोग के लाभ के बारे बाया। उनके सभी उतपाद ाकृवक, उ गुणिा युक और ावण ह। इसी सूह के वकसान रवरकां सांलूखे बाे ह वक उनका 400 टन गा आज 6000 पए टन वबका है। इनके खे की हलदी आज अेररका भी रुा के सौ वर ाणन के आिार पर वनया की जाी है। रसयन मुकत अनज की खेती को बढ़व दे रह है ी ी कसन मंच ोजेक पकव

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  • व्यस्त रहो: जब आपको नकारात्मक विचार उतपन्न होेने की पहचान हो जाए, उसी स्मय खुद को वयस्त कर लें। अगर आप खाली बैठे रहेंगे ्तो उसी के बारे ्में सोच्ते रहेंगे।शरीर का पररसंचरण बेह्तर करें: यवद आपका ्मसस्तषक अतयविक विचारों से भरा हुआ है, ्तो फर्श पर लेट जाएं और अपने ररीर को रोवलंग कर्ते रहें। आप देखेंगे वक ररीर के पररसंचरण ्में सुिार हो्ता है। जब पररसंचरण ्में सुिार हो्ता है ्तो ्मन ्में सकारात्मक बदलाि आने लग्ता है। "रायना प्रदवषिन्म'(फर्श पर रोवलंग द्ारा की जाने िाली पूजा का एक सिरूप) करने के पीछे भी यही कारण है।नकारात्मक विचारों से हाथ व्मलाएं: यवद आप नकारात्मक विचारों का विरोि कर्ते हैं, उनहें दूर भगाने की कोवरर कर्ते हैं, ्तो िह भू्त की ्तरह आपका पीछा करने लग जा्ते हैं। भगाने के बजाय अपने नकारात्मक विचारों से हाथ व्मलाएं। उनहें कहें, "यहां आओ और ्मेरे साथ बैठो। ्मैं ्तुमहें नहीं छोड़ंगा'। इसके बाद आप देखेंगे वक िह नकारात्मक विचार वक्तनी जलदी गायब हो जा्ते हैं।प्ाणा्या्म और ध्यान: ्मन के विचारों ्में ब्ेक लगाने का सबसे अचछा ्तरीका है, प्राणाया्म और धयान। यह बहु्त प्रभािी है और ्तुरं्त ्मन को रां्त कर्ता है।आं्तों की सफाई: अगर आपके ऊपर एक के बाद एक नकारात्मक विचारों की ब्मबारी हो रही हो, ्तब यह जान लें वक आपके ्मल तयाग ्में कुछ स्मसया है। रंख प्रषिालन (आं्तों की सफाई) करने से इस्में ्मदद व्मलेगी। चारों ओर घू्में: सुबह जलदी उठकर वयाया्म करें। गाएं। नृतय, योग, धयान, प्राणाया्मय करें। यह सभी ्मदद करेंगे।अपने विचारों के साक्ी बनें: आप वकसी विचार को रोक नहीं सक्ते हैं। न ही इसके आने की कोई पूि्श सूचना हो्ती है। ये आ्ते हैं ्तो ्तुरं्त चले भी जा्ते हैं। यवद आप विचारों को साषिी भाि से देखें ्तो यह सि्तः गायब हो जा्ते हैं। लेवकन अगर आप इसे पकड़कर रख्ते हैं और उसी पर सोच्ते रह्ते हैं ्तो यह आपके साथ बना रह्ता है। विचार आ्ते हैं और जा्ते हैं, लेवकन विचारों का आिार आत्मा है। आत्मा िह है, जो आप हैं। आप आकार की ्तरह हैं और विचार बादलों की ्तरह। बादल आकर आकार ्में फैल जा्ते हैं, लेवकन कया िे वकसी भी ्तरह से आकार को परेरान कर सक्ते हैं या उसकी विराल्ता को सीव्म्त कर सक्ते हैं? नहीं, कदावप नहीं। इसवलए जब आप बादलों से ऊपर उड़्ते हैं, जब आप बादलों से परे जा्ते हैं, ्तो देख्ते हैं वक आकार अछू्ता है। यह िही है, यह अपररिव्त्श्त है। यह केिल विचार हैं, जो चल्ते हैं। यह धयान ्में हो्ता है। जब आप साषिी भाि ्में आ्ते हैं, अथा्शत् जब आप बस विचारों के प्रव्त साषिी बन जा्ते हैं। िे अचछे विचार हों या बुरे, िे आ्ते हैं और जा्ते हैं। आप इनसे बहु्त ऊपर और परे हैं। इसे विहंग्म ्माग्श कहा जा्ता है- इसका अथ्श है वक विचारों से ऊपर उठना एिं देखना वक आपके पास इन गव्तरील विचारों के साथ कुछ भी करने को नहीं है।

    नकारात्मक विचारों से बचने के 7 उपाय

    ज्ञान के मोती

    गुरुदेि श्ी श्ी रविशंकर जी

    शरन्या धींगरया l बंेगलुरू

    ्मावसक ि्म्श। ह्मारे स्माज ्में आज भी एक ऐसा विषय स्मझा जा्ता है, वजस पर कोई खुलकर नहीं बोलना चाह्ता। सबसे जयादा वदकक्त युिा कनयाओं के वलए हो्ती है। खुद उनकी ्मां या पररिार की कोई और ्मवहला भी खुलकर इस ्मुद्े पर बा्त नहीं कर्ती। आट्ट ऑफ वलविंग की ररचा ्तायल जब झारखंड ्में रांची के ्मुद्मा ससथ्त चांे्तनागपुर बावलका उच्च विद्ालय ्में युिा हो रही कनयाओं से जब इस ्मुद्े पर बा्त करने पहुंची ्तो सबके चेहरों पर रव्म्शलापन झलक रहा था। उनके हािभाि देखकर ररचा को बा्त रुरू करने के वलए जोर देकर सही रबद ्तलारने पड़े।

    दरअसल, ्मवसक ि्म्श को लेकर ह्मारे स्माज ्में कई गल्त िारणाएं चली आ रही हैं। एक आंकड़े के अनुसार भार्त ्में 20 करोड़ लड़वकयां ्मवसक ि्म्श संबंिी सिचछ्ता और उससे जुड़ी सिास्थय देखभाल संबंिी बा्तों से अनवभज्ञ हैं। 66 फीसदी भार्तीय लड़वकयां ्मावसक ि्म्श के बारे ्में ्तब ्तक कुछ नहीं जान्तीं, जब ्तक वक उनहें ्मावसक ि्म्श रुरू नहीं हो जा्ते। इनही स्मसयाओं के वखलाफ आट्ट आॅफ वलविंग ने पवित्ा प्रोजेकट रुरू वकया हे। यह भार्त ्में ्मावसक ि्म्श से जुड़ी स्मसयाओं का दो ्तरह से स्मािान कर्ता है।1. ग्ा्मीण षिेत्ों और रहरों के झुगगी बस्ती इलाकों ्में िक्करॉप

    आयोवज्त कर ियसक होने िाली लड़वकयों को ्मावसक ि्म्श, सिास्थय एिं सिचछ्ता के प्रव्त जागरूक वकया जा्ता है।

    2. ्मवहलाओं को ईको-फ्रेंडली सेनेटरी पैड वि्तरर्त वकए जा्ते हैं, ्तावक ्मावसक ि्म्श के दौरान सिचछ्ता रहे।

    इस प्रोजेकट का लक्य 15 सौ ्मवहला प्रवरषिक ्तैयार करना है, जो वक हर साल 5 लाख लड़वकयों के वलए सिचछ्ता प्रवरषिण संबंिी काय्शक्र्म आयोवज्त कर सकरें। वदसमबर 2017 से फरिरी 2018 ्तक प्रायोवगक परीषिण के दौरान देर के 25 राजयों से 321 ्मवहलाएं प्रवरवषि्त की गईं। ररया भी इन्में से एक हैं। िह वबहार, झारखंड और उत्तरप्रदेर ्में जाकर वकराेररयों को ्मावसक ि्म्श के प्रव्त प्रवरवषि्त करने के वलए सथानीय युिा प्रव्तवनवि ्तैयार कर रही हैं। उनहोंने अभी ्तक 28 कॉलेज सटूडेंटस को ्तैयार वकया है। िह हफ्ते के अं्त और अपने स्मेसटर ब्ेक के दौरान अपने-अपने षिेत्ों ्मंे इस अवभयान को आगे बढ़ा्ते हैं।

    ररया और उनके सियंसेिकों की टी्म आस-पास के विद्ालयों

    ्में जाकर ्तीन वदिसीय िक्करॉप आयोवज्त कर्ती हैं। वकरोररयों को इस्में लाभकारी आसन, ्मुद्ा एिं शिास संबंिी प्रवक्रयाएं वसखाई जा्ती हैं, ्तावक ्मवसक ि्म्श ्में क्म से क्म असुवििा हो। उनहें ्मावसक ि्म्श चक्र के बारे ्में विस्तार से स्मझाया जा्ता है। इसके अलािा कपड़े और पैड के सिचछा्तापूि्शक प्रयोग के वयिहाररक सुझाि वदए जा्ते हैं। एपलाइड कैव्मसट्ी की स्ा्तकोत्तर छात्ा आरा कु्मारी कह्ती हंै, ‘वकरोररयों को ्मावसक ि्म्श से होने िाले रारीररक एिं भािनात्मक पररि्त्शन से वनपटने की वरषिा देकर सं्तोष हो्ता है। ्मैं खुद इनहीं हाला्त से गुजरी थी। खुरी है वक आज की वकरोरी इस पररससथव्त से ढंग से वनपटने ्में अविक सषि्म हैं।'

    मासिक धम्म िे जुड़ी गलत धारणाओं पर ग्ामीण कन्ाओं को जागरूक करने का पावन असि्ान

    बावलका विद्ाल्य ्में आ्योवज्त पवित्ा प्ोजेक्ट के ्तह्त ्मुद्ा के अभ्यास को स्मझ्ती बावलकाएं।

    2 प्वशक्णपंजाब में गरीब महिलाओं काे बना रिे सशक्तपेज 3 प््याससौर ऊजाजा से रोशन िुए असम के दूरव्तती इलाकेपेज 4 प्ेरणाहक्ताबों से सजा मंडप, खुलेगा पुस्तकालयपेजसंसकरण: अप्रैल 2018 द आर्ट ऑफ लललिंग, अन्तररयाष्ट्री् केंद्र, बेंगलुरु

    सवेा टाइमसद आट्ट ऑफ वलविंग

    ितारा में आ्ोसजत हुआ ्ोग और उद्ोग पर आधाररत ्ुवा िममेलन

    योग और उद्ोग साथ चलते हैं, योग से तन-मन पुष्ट होता है और उद्ोग से जीवन सुगम: गुरुदेव

    गौररी लशत्तोल ेl सतारा (्महाराष्ट्र)

    "योग और उद्ोग साथ चल्ते हैं। लोग जब ्मुझसे पूछ्ते हैं वक गुरुदेि योग ्तो ठीक है, पर यह उद्ोग कयों रुरू वकया? ्तो ्मेरा जिाब हो्ता है वक देर ्में बेरोजगारी बहु्त है। इसवलए ह्में योग और उद्ोग दोनों चावहए। योग से ्तन और ्मन पुषट हो्ता है ्तो उद्ोग से जीिन सुग्म होकर आगे बढ़्ता है। उद्ोग है ्तो आप सहज्ता से योग कर सक्ते हैं।'

    आट्ट ऑफ वलविंग के संसथापक गुरुदेि श्ी श्ी रवि रंकर ने 14 ्माच्श को स्तारा ्में योग और उद्ोग पर आिारर्त युिा सम्मेलन ्में यह बा्त कही। आयोजन ्में राव्मल हुए पांच हजार युिाचाययों और हजारों की संखया ्में पहुंचे अनय लोगों का ्माग्शदर्शन कर्ते हुए गुरुदेि ने श्ी श्ी कौरल विकास से जुड़ने का आह्ान वकया। साथ ही उनहोंने श्ी श्ी ्तति के साथ वयापार रुरू करने की सलाह भी दी। इस काय्शक्र्म ्में अारपीएल ्में उत्तीण्श 750 युिाचाययों को प्र्माण-पत् भी प्रदान वकए गए। इस सम्मेलन का उद्ेशय वनरारा और बेरोजगारी ्में जीिन का की्म्ती स्मय बबा्शद कर रहे ग्ा्मीण युिाओं को जीिन के वलए नई वदरा प्रदान करना था।

    गुरुदेि ने वकसानों, युिाचाययों को बिाई दे्ते हुए कहा वक यहां काफी का्म हो रहा है। जलयुक्त वरिार ्में युिाओं ने श्द्ा और स्मप्शण से का्म करके पानी की स्मसया दूर की। युिाओं के वलए ही ह्मने 1999 ्में िाईएलटीपी रुरू वकया। इसका उद्ेशय सुभद्, सुंदर, सुवरवषि्त स्माज का वन्मा्शण है। लाखों युिा इसे देरभर ्में साकार भी करने ्में जुटे हुए हैं। उनहोंने कहा वक ्महाराषट् ्में आदर्श गुरु ग्ा्म, नरा्मुक्त गांि, रसायन ्मुक्त खे्ती जैसे विषयों पर भी युिाओं की ओर से अचछा का्म वकया जा रहा है। श्ी श्ी रूरल डेिलप्मेंट के द्ारा युिाओं को ससकलफुल बनाया जा रहा है। लाइट ए हो्म, िेसट ्मैनेज्मेंट इतयावद प्रोजेकट एसएसआरडीपी की ओर से संचावल्त वकए जा रहे हैं।

    n अारपीएल में उत्ीण्म 750 ्ुवाचा्ाांे को का््मक्रम में प्रमाण-पत्र िी सवतररत सकए

    सम्मेलन के दौरान आट्ट आॅफ वलविंग के कई पुराने प्रवरषिकों ने बदलाि की कहावनयां और उपलसबियां साझा कीं। पुरुषोत्त्म िायाॅल ने ब्ताया वक जालना के एक युिा गोपाल िाॅयकर ने वपछले साल ही श्ी श्ी ्ततिा के वडसट्ीबयूरन का का्म रुरू वकया था। रुरू ्में थोड़ी वदकक्तें आईं, पर अब िह 4 से 5 लाख ्तक ्महीना क्मा रहे हैं। कोलहापुर के आळ्ते गांि के श्ी श्ी वकसान ्मंच से जुड़े 13 वकसानों का एक स्मूह भी यहां आया था। िह रसायन ्मुक्त अनाज एिं देसी गाय की उपयोवग्ता को बढ़ािा दे रहे हैं। ्मंच के सदसयों ने 100 गायों की एक डेयरी बनाई है। यहां एक साल ्में दूि का टन्शओिर 20 लाख रुपए से जयादा का हुआ है। घी ्में

    ्तीन लाख रुपए ्तक ्मुनाफा हुआ और गो्मूत्, गोबर से बनी खाद खे्ती के वलए इस्ते्माल हो रही है। ्मंच के सदसय डॉ. रणजी्त फुले ने आिा एकड़ ्में आदर्श खे्ती का न्मूना वकसानों के वलए ्तैयार वकया है। इस ्मॉडल फा्म्श के आिार पर 100 से जयादा वकसानों ने खे्ती की। इनहीं ्मंे से री्तल ठािळे नेें डेरी उद्ोग के लाभ के बारे ्में ब्ताया। उनके सभी उतपाद प्राकृव्तक, उच्च गुणित्ता युक्त और प्र्मावण्त हैं। इसी स्मूह के वकसान रवरकां्त सांलूखे ब्ता्ते हैं वक उनका 400 टन गन्ना आज 6000 रुपए टन ्में वबका है। इनके खे्त की हलदी आज अ्मेररका ्में भी रुद््ता के सौ प्रव्तर्त प्र्माणन के आिार पर वनया्श्त की जा्ती है।

    रसञायन मुकत अनञाज की खेती को बढ़ञावञा दे रहञा है श्ी श्ी ककसञान मंच

    प्ोजेक्ट पकवत्ञा

  • सेिया रयाइमस l लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

    गुरुदेि श्ी श्ी रवि रंकर ने ग्त फरिरी ्माह ्में दूसरी ओ्म अनुग्ह यात्ा वनकाली। 27 फरिरी को िाराणसी वसटी सटेरन से रुरू हुई यात्ा 558 वकलो्मीटर का सफर ्तय कर 28 फरिरी को लखनऊ के गो्म्ती नगर पहुंची। 27 फरिरी को सारनाथ दर्शन के साथ यात्ा रुरू हुई। ्मऊ, देिररया ्में ठहराि के बाद वदन के अंव्त्म पड़ाि ्में गोरखनाथ दर्शन के बाद ्महासतसंग वकया। दूसरे वदन 28 फरिरी को नौगढ़, बलरा्मपुर, श्ािस्ती दर्शन ि गोंडा के वनसशच्त पड़ाि के बाद लखनऊ के गो्म्ती नगर ्में संपन्न हुई। 18 बोवगयों िाली विरेष ट्ेन ्में गुरुदेि के साथ 1200 से अविक अनुयायी इस आधयासत्मक यात्ा ्में राव्मल हुए। गुरुदेि ने सि्शि्म्श रांव्त, रराब ्मुसक्त, दहेज ्मुसक्त और ्मवहला सरसक्तकरण पर जोर वदया। हजारों लोगों ने दहेज ्मुक्त भार्त का संकलप वलया।

    देिररया ्में 12 व्मनट के पड़ाि ्में गुरुदेि ने कहा वक ह्म सब व्मल-जुलकर सिचछ, सुंदर, वहंसाविहीन, आधयासत्मक भार्त बनाएं। उनहोंने वकसानों को जैविक खे्ती के वलए प्रोतसावह्त वकया। साथ ही सियंसेिकों के जररये हर संभि ्मदद का भी अशिासन वदया।

    गोरखपुर के पड़ाि ्में गोरखनाथ ्मंवदर पररसर ्में गुरुदेि का सिाग्त ्महं्त योगी आवदतयनाथ ने वकया। िह उत्तर प्रदेर के ्मुखय्मंत्ी भी हैं। उनके बीच गंगा और य्मुना नदी को और सिचछ बनाने पर बा्त हुई। प्रदेर की रांव्त और सौहाद््श पर भी चचा्श हुई। गुरुदेि ने अपराि घटाने और प्रदेर की प्रगव्त वलए उठाए गए कद्मों की सराहना भी की।

    ्महासतसंग ्में गुरुदेि ने अधयात्म ि धयान का ्महति ब्ता्ते हुए सा्मावजक वजम्मेदारी लेने को भी प्रेरर्त वकया। उनहोंने कहा वक वहंसा का प्र्मुख कारण रराब है। युिा रराब के प्रचलन पर रोक लगाएं। दूसरी सबसे बड़ी कुरीव्त दहेज है। उपससथ्त लोगों से उनहोंने िचन वलया वक ना कभी दहेज लेंगे और न ही कभी रराब पीएंगे। इसके अलािा दूसरों को भी नरे से जुड़ने से रोकरेंगे। उनहोंने कहा वक ह्म वहंसा ्मुक्त भार्त और वहंसा्मुक्त उत्तर प्रदेर देखना चाह्ते हैं। प्रिान्मंत्ी और ्मुखय्मंत्ी अचछे कद्म उठा रहे हैं। देर ्में रांव्तपूण्श ्माहौल जरूरी है।

    गोरखपुर से बलरा्मपुर जा्ते स्मय ट्ेन पूिा्शह्न 11.43 बजे नौगढ़ पहुंची। यहां सा्त व्मनट का ठहराि था। इस दौरान सथानीय सांसद जगदंवबका

    पाल भी ्मौजूद रहे। बुद् भूव्म को न्मन कर्ते हुए गुरुदेि ने कहा वक ्महात्मा बुद् की क्रीड़ा भूव्म से देर-दुवनया के अविकाविक लोगों को जोड़ेंगे। उनका अवहंसा और रांव्त का संदेर अपनाने की जरूर्त है। ट्ेन 12.44 बजे बलरा्मपुर पहुंची। िहां से सभी लोग बस से श्ािस्ती बौद् ्तपोसथली गए। िहां से गोंडा पहुंचकर गुरुदेि ने श्ी श्ी ज्ञान्मंवदर आिास विकास गोंडा का लोकाप्शण वकया। उसके बाद लखनऊ ्में ्महासतसंग हुआ। िहां भी लोगांे ने दहेज न लेने न देने, भ्ूण वलंग जांच न करिाने और नारी को सम्मान देने की रपथ ली। यात्ा से पहले 26 फरिरी को चैकाघाट ससथ्त सांसकृव्तक संकुल ्में सं्त स्माग्म भी आयोवज्त हुआ था, वजस्में 60 राषट् स्तरीय सं्त राव्मल हुए थे।

    ओम अनुग्रह यञात्ञा-2

    ओ्म अनुग्रह यात्ा ्में हजारों लोगों ने वलया दहेज ्मुकत भारत का संकलप

    उत्र प्रदेश में 558 सकमी चली ्ात्रा में गुरुदेव ने िव्मधम्म शांसत, शराब मुक्त व मसहला िशक्तकरण पर सद्ा जोर

    नौगढ़ ्में ओ्म अनुग्रह ्यात्ा पहुंचने के बाद अनु्याव्य्यों का अवििादन सिीकार कर्ते गुरुदेि।

    अलि्त शियामा l लुवियाना (पंजाब)

    पंजाब के होवरयारपुर ्में आट्ट ऑफ वलविंग की टी्म गरीब पररिारों की ्मवहलाओं को वयािसावयक प्रवरषिण देकर आवथ्शक रूप से सरक्त बनाने के अवभयान ्में जुटी है। 2015 ्में रुरू वकए गए प्रवरषिण करेंद् ्में अब ्तक 254 युिव्तयां प्रवरषिण प्राप्त कर चुकी हैं। अपने हुनर के द्म पर इन्में से कई युिव्तयां आज अपना घर चलाने ्में अचछा-खासा योगदान दे रही हैं।

    आट्ट आॅफ वलविंग की होवरयारपुर टी्म को 2014 ्में एक ऐसी पररयोजना रुरू करने का विचार आया, जो वनि्शन से वनि्शन वयसक्त ्तक पहुंचकर उसे आवथ्शक रूप से सिािलंबी बनाने ्में ्मदद कर सके। काफी विचार-वि्मर्श के बाद उनहोंने वनि्शन पररिारों की लड़वकयों को वसलाई-कढ़ाई की ट्ेवनंग देेने के वलए वयािसावयक प्रवरषिण करेंद् रुरू करने का फैसला वकया।

    इस काय्श के वलए होवरयारपुर के फ्तेगढ़ गांि ्में सुंदर नगर झुगगी झोपड़ी इलाका चुना गया। सियंसेिक सुंदरनगर और आसपास के इलाके के हर घर ्में गए। पररिार िालों को स्मझाया वक अपनी लड़वकयों को रोज 3-4 घंटे ्तक वनरुलक वसलाई-कढ़ाई सीखने भेजंे। िहां उनहें जरूरी सा्मान भी ्मुफ्त वदया जाएगा। पहले बैच ्में राव्मल अविक्तर लड़वकयां कूड़ा करकट बीनने िाली, नंगे पाि, फटे अथिा पैबंद लगे कपड़े पहनने िाली थीं।

    प्रवरषिण करेंद् गांि की एक साि्शजवनक इ्मार्त के एक क्मरे ्में खोला गया। इसका उद्ाटन सियं

    गुरुदेि श्ी श्ी रवि रंकर जी ने 3 ्माच्श 2015 को वकया था। रुरू ्में करेंद् ्में 5 वसलाई ्मरीनें थीं, वजनकी संखया अब 10 हो गई है। एक ्मवहला प्रवरषिक भी वनयुक्त की गई है। पहले बैच ्में वसफ्क 24 लड़वकयां थीं, लेवकन अब ्तक 254 लड़वकयां यहां से प्रवरषिण प्राप्त कर चुकी हैं। वजनहोंने असािारण रूप से अचछा काय्श वकया, उनहें होवरयारपुर के रेड क्रास करेंद् ्में एक िषषीय विरेष प्रवरषिण के वलए चुना गया। लोगों की ्मांग पर सौंदय्श संबंिी त्ै्मावसक कोस्श भी करेंद् ्में रुरू वकया गया है। प्रवरषिण खत्म होने के बाद कई लड़वकयों को सथानीय बुटीक ्में नौकरी व्मल गई। िहां िह 2 से 3 हजार रुपए ्महीना क्मा रही हैं। कई प्रवरषिणाथषी कनयाओं को उनके वििाह पर नई वसलाई ्मरीन भी भेंट की गईं। अभी ्तक 35 लड़वकयों को वसलाई ्मरीनें भेंट की जा चुकी हैं।

    पंजाब: वयािसावयक प्रवशक्षण देकर गरीब ्मवहलाओं काे बना रहे सशकतअसि्ान िे अब तक 254 ्ुवसत्ां लािाकनवत हुईं

    वरिगेवि्यर सुरजी्त वसंह, उनकी पत्ी अनी्ता वसंह और वसलाई प्वशक्क परव्मंदर कौर एक छात्ा को शादी के ्मौके पर वसलाई ्मशीन दे्ते हुए।

    देियांश भयासकर l कपूरथला (पंजाब)

    कपूरथला का श्ी श्ी रवि रंकर विद्ा ्मंवदर आट्ट ऑफ वलविंग द्ारा संचावल्त वनःरुलक विद्ालय है। यह झुगगी बसस्तयों के बच्चों और विद्ालय के बीच वब्ज यानी से्तु का का्म कर्ता है। यहां पढ़ाई के बाद बच्चों को वरषिा पूरी करने के वलए राजय सरकार द्ारा संचावल्त विद्ालयों ्में प्रिेर लेने ्में ्मदद व्मल्ती है।

    यह विद्ालय रुरू करने का विचार िष्श 2012 ्में आया। आट्ट ऑफ वलविंग के प्रवरषिकों र्मन िििा, गोलडी गुप्ता और अच्शना सुखीजा ने रहर ्में वदनभर कबाड़ बीन्ते बच्चों को देखकर इनके ्मा्ता-वप्ता को उनहें सकूल भेजने के वलए ्मनाया। बच्चे विवभन्न आयु िग्श के थे और पहले कभी सकूल नहीं गए थे। इनहें प्रिेर वदलिाने के वलए सकूलों से संपक्क वकया ्तो स्मसया पेर आई। प्रारंवभक वरषिा के वलए इनहें नस्शरी ्में प्रिेर देना आदर्श था। लेवकन 10 साल के बच्चे अपने से बहुु्त छोटे बच्चों के साथ बैठकर सहज ्महसूस नहीं करेंगे। िहीं, प्राथव्मक वरषिा नहीं होने के कारण इनहें अपनी आयु के बच्चों की कषिा ्में बैठाना संभि नहीं था। इस पर प्रवरषिकों के ्मन ्में वब्ज सकूल

    का विचार आया। श्ी श्ी रवि रंकर विद्ा ्मंवदर ट्सट के सहयोग से उनहोंने यह प्रोजेकट रुरू वकया। सियंसेिक असशिनी सहगल ने इसके वलए अपना भिन की पहली ्मंवजल दे दी। इस ्तरह 22 छात्ों के साथ वब्ज सकूल का पहला बैच रुरू हुआ। बच्चों को पढ़ाने के वलए सियंसेिक वनयव्म्त रूप से 40-45 व्मनट का स्मय कषिा ्में देने लगे। 2015 ्में सकूल के 18 छात्ों को आगे की प्राथव्मक वरषिा के वलए सरकारी विद्ालय ्में दावखला व्मल गया। इसके बाद कई अनय सा्मावजक संगठन सहयोग के वलए आए। 13 ्मई, 2017 को यह सकूल आय्श स्माज आश््म ्में सथानां्तरर्त कर वदया गया। िहां सियंसेिकों और एनआरआई की ्मदद से सकूल को अपना भिन एिं नया फनषीचर व्मल गया। छात्ों को संगठन वक्ताबें और यूवनफा्म्श दे्ता है। दो स्मवप्श्त सियंसेिक अंजना कवपल और सुनीरा दो िष्श से वनरुलक सेिा दे रही थीं, उनहें भी ्मानदेय देने लगे हैं। विद्ालय ्में वदन की रुरुआ्त प्राणाया्म, योग और धयान से हो्ती है। आत्मसम्मान को बढ़ाने के वलए बच्चों को एक रेसटोरेंट ्में ले जाया गया। एक छात् ने ब्ताया वक िह इस रेसटोरेंट के बाहर भीख ्मांग्ता था। पहली बार उसे प्ता चला वक यहां भोजन वक्तना अचछा हो्ता है।

    कपूरथला के वरिज सककूल ्में वशक्ा ग्रहण कर्ते बच्े।

    वरिज सककूल : कबाड़ बीनने िाले बच्ों के हाथों थ्मायी कल्म

    औपचाररक सककूल में दासिले के सलए तै्ार हो रहे छात्र

    वनशुलक वचवकतसा जांच और ऑपरेशन वशिर ्में आर्ट ऑफ वलविंग के सियंसेिकों ने दी सेिाएं

    रयािगुलयाल सयाहू l ि्मतरी (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ सरकार और रोटरी इंटरनेरनल के संयुक्त ्ततिाििान ्में ि्म्तरी ्में वनरुलक वचवकतसा जांच और आॅपरेरन वरविर आयोवज्त वकया गया। इस्में 22,734 ्मरीजों का पंजीयन और 1836 का आॅपरेरन हुआ। वरविर 4 से 12 ्माच्श 2018 ्तक व्मरन ग्ाउंड ्में चला। आट्ट आॅफ वलविंग के 65 सियंसेिकों ने वरविर के दौरान विवभन्न विभागों ्में सेिाएं दीं। इसके वलए रोटरी इंटरनेरनल ने सियंसेिकों को प्ररसस्त पत् प्रदान कर सम्मावन्त वकया। सियंसेिक सुबह 9 बजे से वरविर ्में पहुंच जा्ते। ्मरीजों को साथ लाना, पंजीयन, पचषी के अनुसार केवबन ि ओपीडी ्में लेकर जाना, जांच करिाना, उनका ्माग्शदर्शन एिं देखभाल, जरूर्त्मंद ्मरीजों को घर ्तक पहुंचाना, िाहन पावकिंग, भोजन प्रबंिन, पानी इतयावद काययों ्में सियंसेिकों ने सेिाएं दीं। रोटरी की पोसट वडससट्कट गिन्शर ने कहा वक आट्ट ऑफ वलविंग के 65 सियंसेिकों ने रायपुर, कांकेर, कुरुद, नगरी आवद जगहों से आकर सेिाएं दीं। रोटरी कलब रायपुर व्मलेवनयर के रवर िरिंडकर ने ब्ताया वक राह्त वरविर ्में ि्म्तरी सवह्त आसपास के वजलों के लोगांें ने रवजसट्ेरन करिाया था। रोटरी के डॉकटरों ने ्मरीजों की जांच कर ्मुफ्त ्में दिाई दीं। िहीं, 100 से अविक ्मरीजों को सज्शरी के वलए रायपुर रेफर वकया।

    बी्मारी की चपेर ्में आए भािनगर ्में 15 हजार लोगों ्में बांरी वचकनगुवनया-सिाइन फलू की दिा्यालरिक दिे l भािनगर (गुजरात)। भािनगर वजले ्में छह ्माह से वचकनगुवनया और सिाइन फलू का संक्र्मण जारी है। ऐसे ्में आट्ट ऑफ वलविंग के सियंसेिकों ने भावगनी्मंडल ्में आठ कैंपों के जररये वचकनगुवनया के 8919 और सिाइन फलू के 5500 पीवड़्तों को वनरुलक होमयोपैवथक दिाइयां वि्तरर्त कीं। दिा वि्तरण का का्म अभी भी जारी है।

    वचकनगुवनया से पीवड़्त रोगी को ठीक होने ्में 3 से 6 ्महीने ्तक का स्मय भी लग जा्ता है। लेवकन यहां होमयोपैवथक दिा की िजह से बहु्त ही क्म िक्त ्में वचकनगुवनया पर काबू पाया जा रहा है। कुछ ्मरीज ्तो वसफ्क एक सप्ताह ्में ठीक हो गए। डॉ. सरीन भाई वत्िेदी ने ब्ताया वक होमयोपैवथक दिा

    का कोई दुषप्रभाि नहीं है। दद्श और क्मजोरी ्में राह्त भी जलदी व्मल्ती है। इसके उलट सिाइन फलू एच1एन1 िायरस से होने िाला संक्र्मण जानलेिा हो सक्ता है। सांस से ही संक्र्मण फैल्ता है। लेवकन भािनगर ्में वदए जाने िाले होमयोपैवथक कॉसमबनेरन से सिाइन फलू बहु्त हद ्तक वनयंवत््त वकया जा सका है। सियंसेविका डॉ. री्तल बेन वत्िेदी ने कहा वक उनहोंने सिाइन फलू के रोगी को बहु्त ही क्म िक्त ्में सा्मानय जीिन जी्ते देखा है। ये बहु्त बड़ी उपलसबि है। वसफ्क भािनगर ही नहीं राजकोट सूर्त और वजस भी षिेत् ्में वचकनगुवनया फैला है, िहां से लोग दिा ्मंगिा रहे हैं।

    सूरत के ्मवहला कलब ने रैली वनकालकर वदया पलाससरक ्मुसकत और पानी बचाने का संदेशलदनेश चौधररी l सूरत (गुजरात)। आट्ट आॅफ वलविंग ्मवहला कलब सूर्त की सरक्त 180 ्मवहलाओं की ऐसी संसथा है, जो स्मय-स्मय पर स्माज के विवभन्न िगयों ्में सुिार और बदलाि के वलए का्म कर्ती रह्ती है। स्माजसेिा की इसी शंखला ्में अं्तरराषट्ीय ्मवहला वदिस के अिसर पर इस कलब ने पलाससटक की थैवलयों से पया्शिरण को हो रहे नुकसान के प्रव्त जागरूक्ता और पानी बचाने का सरक्त संदेर दे्ते हुए एक रैली वनकाली। जॉगस्श पाक्क ग्ीन एिेनयू से रंगीला पाक्क, रा्म चौक हो्ती हुई यह रैली उ्मा भिन पहुंची। रास्ते ्में जगह-जगह नुककड़ नाटक करके ्मवहलाओं ने लोगों को जागरूक वकया। इ्तना ही नहीं, लोगों को पलाससटक की जगह, कपड़े और पेपर के बने थैले बांटकर पलाससटक की थैवलयों का इस्ते्माल न करने के वलए प्रेरर्त वकया। "से नो टू पलाससटक' छपी हुई एक जैसी टी-रट्ट और सदसयों द्ारा बनाए कैपस और बैनस्श के साथ यह रैली बहु्त ही जीिं्त और प्रभािराली थी। पानी की भयािह ससथव्त और वकस ्तरह साििानी से उपयोग कर पानी बचाया जा सक्ता है, इस पर सभी उपससथ्त लोगों को जानकारी दी गई। पलाससटक की थैवलयों से पया्शिरण को पहुंचने िाली षिव्त की जानकारी ने लोगों के हृदय को कंपा वदया। सभी उपससथ्त लोगों ने पलाससटक का इस्ते्माल नहीं करने का संकलप वलया।

    संवक्षत स्माचार

    2 सेवा टाइमस द आर्ट ऑफ लललिंग, अन्तररयाष्ट्री् केंद्र, बेंगलुरुअप्रैल 2018

    गरीब मोची की बेटी ज्ोति ने अपना बुटीक खोला है। उसका बुटीक शहर के तकसी बुटीक की िुलना में कम नहीं है। िाजा ररपोट्ट के अनुसार उसे इिना अतिक काम तमलने लगा है तक वह अकेले इसे संभाल नहीं पा रही है। ऐसे में उसे कुछ काम दूसरी प्रतशतषिि लड़तक्ों को हसिांिररि करना पड़ रहा है। तनि्धन पररवार से संबंि रखने वाली दो बच्ों की मां संगीिा को होतश्ारपुर के रेडक्ाॅस केंद्र में कढ़ाई के अतरिम प्रतशषिण के तलए प्र्ोतजि तक्ा ग्ा था। अब वह अन् प्रतशषिणातथ्ध्ों को इस का््ध में प्रतशतषिि कर रही है।

    ्मोची की बेरी ने खोला बुरीक, दूसरों को दे रही रोजगार

  • सेिया रयाइमस l बेंगलुरू (कनानारक)

    8िां अं्तरराषट्ीय ्मवहला सम्मेलन (आईडबलयूसी) 23 से 25 फरिरी ्तक बेंगलुरू ससथ्त आट्ट ऑफ वलविंग के अं्तरराषट्ीय करेंद् ्में आयोवज्त वकया गया। इस 3 वदिसीय अायोजन का रीष्शक ‘लाइफ ए व्मससटवकल जनषी’ यानी जीिन एक रहसयपूण्श सफर था। 60 देरों की विवरषट उपलसबि प्राप्त ्मवहलाओं, 250 प्रव्तवनवियों, 100 ग्ा्मीण ्मवहलाओं और 60 छात्ों ने इस्में भाग वलया।

    उद्ाटन सत् को संबोवि्त कर्ते हुए श्ी्मव्त भानु्मव्त नरवसमहन ने कहा, "स्मसयाएं और चुनौव्तयां ह्मेरा से ही रही हैं। लेवकन जब ह्म सही ्मानवसक्ता ्में रह्ते हैं ्तो व्मलकर इनका स्मािान ढूंढ सक्ते हैं। प्रायः ह्में वकसी दूसरे वयसक्त अथिा हीरो से स्मािान की उम्मीद रह्ती है। लेवकन इसके विपरी्त गुरुदेि ह्में खुद को पररि्त्शन लाने और दूसरों का ने्तृति करने को प्रेरर्त कर्ते हैं।’ इस अिसर पर गुरुदेि ने कहा, ‘नारी का ह्मारे जीिन ्में जबरदस्त प्रभाि हो्ता है। िह बच्चों, पव्त, ्मा्ता-वप्ता और स्माज को प्रभावि्त कर्ती है।’ ्मवहलाओं को आगे बढ़कर क्मान संभालने के वलए प्रोतसावह्त कर्ते हुए उनहोंने कहा, "वकसी को वन्मंत्ण का इं्तजार न करें, बसलक सियं लग जाएं। रां्त वयसक्त ही रांव्तपूण्श पररिारों का वन्मा्शण कर सक्ते हैं। और रां्त पररिारों से ही रांव्तपूण्श स्माज का वन्मा्शण होगा। स्माज अगर रांव्तपूण्श है ्तो राषट् भी रांव्तपूण्श रहेगा।'

    सम्मेलन को संबोवि्त करने िाले िक्ताओं ्में भार्तीय सटेट बैंक की पूि्श अधयषि अरुंिव्त भट्ाचाय्श, ्मान देरी बैंक और ्मान देरी फाउंडेरन की संसथापक-अधयषि चे्तना गाला वसनहा, अवभनेत्ी रानी ्मुखजषी, पया्शिरणविद और पाररससथव्तकी विज्ञानी िंदना वरिा, अवभनेत्ी ्मिु राह, गोिा की राजयपाल ्मृदुला

    वसनहा, वथयोरेवटकल वफवजवससट एवरियाना ्माररया, सैद्ांव्तक भौव्तक विज्ञानी और प्रोफेसर ्मैत्ी विक्र्मवसंघे, िररषठ लेखक अ्मीर वत्पाठी और रोिक्ता्श एनेट वक्रससटन ररंगस राव्मल थे। चचा्शओं के अलािा कॉनफ्रेंस सांसकृव्तक काय्शक्र्मों से भी जग्मगाई। देरभर के आट्ट आॅफ वलविंग विद्ालयों से चुने गए एक हजार छात्ों ने ‘ब्ह्मक्मलम्’ ना्मक रासत्ीय नृतय प्रस्तु्त वकया। कॉनफ्रेंस के दूसरे वदन, सेवलवब्टी वडजाइनर अ्मी पटेल ने एक विरेष फैरन रो प्रस्तु्त वकया। ‘वगफट ए स्माइल’ प्रोजेकट ्में योगदान के वलए िह प्र्मुख फैरन लेबलस को एक साथ लाई। यह प्रोजेकट भार्त के 20 राजयों ्में 58,904 छात्ों को ्मुफ्त और स्मग् वरषिा प्रदान कर्ता है।

    आईएसआईएस के आ्तंवकयों द्ारा बंदी बनाई गई

    यवजदी ्मवहलाओं को ्मुक्त करिाने के वलए कॉनफ्रेंस ्में #bringbackourgirls और #yazidigirlsmatter अवभयान भी रुरू वकए गए।

    इससे पहले भी आईडबलयूसी गरीबों के वलए घर वन्मा्शण, पया्शिरण के प्रव्त जागरूक्ता फैलाना, ्मवहलाओं के वखलाफ वहंसा रोकने के वलए अवभयान और कौरल प्रवरषिण के जररये ्मवहलाओं और बच्चों का सरसक्तकरण जैसी विवभन्न सा्मावजक पहलों से जुड़ा रहा है। इस साल सबसे जयादा जोर भार्त ्में खुले ्में रौच ्मुक्त वजलों के वन्मा्शण पर रहा। पहले चरण ्में संगठन ने सा्त राजयों की 12 ग्ा्म पंचाय्तों ्में सिचछ्ता और रौचालयों के उपयोग के बारे ्में जागरूक्ता फैलाने की वदरा ्में का्म वकया। दूसरे चरण ्में चार हजार रौचालय बनाए जाएंगे।

    स्मािान के वलए दूसरों का इंतजार करने के बजाय खुद पररितनान का नेतृति करें ्मवहलाएं

    बेंगलुरू में आ्ोसजत हुआ तीन सदविी् 8वां अंतरराष्ट्ी् मसहला िममेलन, 60 देशों की सवसशष््ट उपलक्ध प्रापत मसहलाएं पहुंचीं

    बेंगलुरू ्में आ्योवज्त 8िें अं्तरराष्ट्ी्य ्मवहला सम्मेलन (आईिब्ल्यूसी) का उद्ा्टन कर्ते गुरुदेि श्ी श्ी रवि शंकर।

    जग पावनी एंजाइम िे वराांे पुरानी दुगांध िे लोगों को सनजात

    सेिया रयाइमस l ्मैसूर (कनानारक)

    विद्ाआरनय कचरा प्रबंिन पलांट से वपछले 7-8 िषयों से उठ रही ्तीव्र दुगगंि से लोगों को वनजा्त वदलाने के वलए आट्ट आॅफ वलविंग ने ्मैसूर कॉपपोरेरन के साथ हाथ व्मलाया है। इसके वलए जग पािनी एंजाइ्म का इस्ते्माल वकया गया। जग पािनी एंजाइ्म को कचरे पर वछड़कने के ्मात् 12 वदन ्में दुगगंि दूर हो गई। इसके अलािा भूव्मग्त जल प्रदूषण भी वनयंवत््त वकया गया। वदसंबर 2017 के अंव्त्म सप्ताह से लेकर 22 जनिरी 2018 ्तक चले इस प्रोजेकट ्में करीब 125 सियंसेिक और ्मैसूर वसटी कॉपपोरेरन के करीब 15 क्म्शचाररयों ने का्म वकया।

    आसपास के लोगों ने ्माना वक दुगगंि का स्तर बहु्त क्म हुआ है। वपछले 10-15 साल से कचरा यहां ज्मा था। कूड़ा लगा्तार बढ़ रहा था। इस षिेत् की दुगगंि दूर करने के बाद आट्ट आॅफ वलविंग एक और अवभयान चलाने की योजना बना रहा है। इसके ्तह्त घर-घर जाकर लोगों को गीला और सूखा कचरा अलग करने और उसे फरेंकने के ्तरीकाें पर जागरूक वकया जाएगा। राेज पैदा होने िाले 150 से 200 टन कूड़े का उवच्त प्रबंिन जरूरी है। आट्ट आॅफ वलविंग फैकलटी रिींद् देसाई कह्ते हैं वक यह प्रोजेकट प्रभािकारी सावब्त हुआ। भार्त के अनय रहरों ्में भी पया्शिरण सुरषिा के इस काय्श को दोहराएंगे। इस प्रोजेकट के ्तह्त झीलों, ्तलाबों, नवदयों को सिचछ करने का काय्श वकया जाएगा। यह प्रोजेकट टेक्ो इकोनॉव्मकल और ईको फ्रेंडली भी है।

    सेिया रयाइमस l का्मरूप (अस्म)

    गंगाभंगा िन के बीच ससथ्त का्मरूप वजले की राणी ग्ा्म पंचाय्त के चटेरगांि का एसएसआरडीपी की ‘लाइट ए हो्म’ योजना के ्तह्त पूण्श्त: सौर ऊजा्श के जररये विद्ु्तीकरण वकया गया। वपछले पांच िषयों ्में आट्ट आॅफ वलविंग की इस योजना के ्तह्त 19,800 घरों का विद्ु्तीकरण वकया जा चुका है।

    गांि की पृष््ठिूव्म: चटेरगांि 59 घरों िाला लगभग 272 लोगों की आबादी िाला छोटा सा अवदिासी गांि है। वबजली, उवच्त सड़कों और प्राथव्मक वचवकतसा सेिाओं से रवह्त यह गांि दुवनया से कटा हुआ है। आजीविका के वलए अविकांर ग्ा्मिासी ्मतसय पालन, ्मजदूरी अथिा कृवष पर वनभ्शर हैं।

    स्माज की सहकारर्ता: स्माज की सहभावग्ता एिं सिाव्मति वकसी भी पररयोजना को बनाए रखने के वलए प्र्मुख घटक हैं। यह सुवनसशच्त करने के वलए सा्मूवहक चचा्श, सा्मूवहक बैठक, सहभावग्ता ग्ा्मीण ्मूलयांकन इतयावद आयोवज्त वकए गए। स्माज को एकीकृ्त करने के वलए ग्ा्मीण हैपपीनेस और िाईएलटीपी का आयोजन वकया गया।

    चुनौव्त्यां: उवच्त सड़कों के अभाि ्में उपकरणों को वनसशच्त सथान पर पहुंचाना बहु्त बड़ी चुनौ्ती रही। िाहनों के रिाइिर इन इलाकों ्में

    जाने को ्तैयार ही नहीं हुए। गांि ्में कोई ्मोबाइल नेटिक्क उपलबि नहीं होने

    के कारण ग्ाउंड टी्म और प्रिान काया्शलय के बीच संपक्क सािने ्में बहु्त सारी कवठनाइयों का सा्मना करना पड़ा। ्मोबाइल नेटिक्क की रेंज ्में पहुंचने के वलए जंगली षिेत् से बाहर जाना पड़्ता था।

    पररिहन सेिा के आभाि ्में प्रायः टी्म को गांि ्तक पहुंचने के वलए 8 वक्मी. ्तक पैदल चलकर जाना पड़ा। गांि के भौगोवलक नकरे और जंगली हावथयों द्ारा खमभों के उखाड़ने के डर के कारण, करेंद्ीयकृ्त ्माइक्रोवग्ड सथावप्त नहीं हो सके।

    सभी चुनौव्तयों का सा्मना कर्ते हुए टी्म ने 10 वदनों के क्म स्मय ्में 59 घरों ्में डी-सेंट्लाइजड सौर ्माइक्रोवग्ड सथावप्त करने का काय्श पूरा कर वदया। प्रतयेक ्माइक्रोवग्ड ्में बैटरी चाज्श करने के वलए स्माट्ट चावजगंग और वडसचावजगंग ्तकनीक का इस्ते्माल वकया गया। इससे प्रतयेक सौर ्माइक्रोवग्ड को दो से ्तीन वदन ्तक बैटरी बैकअप व्मल्ता है। चावजगंग को लमबे स्मय ्तक बनाए रख्ता है।

    रखरखाि: ्मवहलाओं का एक सियं सहाय्ता स्मूह गवठ्त वकया गया है। इस वयिसथा के रखरखाि के वलए प्रतयेक घर से 100 रुपए ्मावसक की रावर ज्मा की जाएगी। गांि ्में दो युिाओं को देखभाल के वलए चुना गया है। उनहें इस वससट्म को चलाने के वलए प्रवरवषिव्त वकया जाएगा। उनहें ्मानदेय के रूप ्में प्रव्त्माह ्तीन हजार रुपए भी वदए जाएंगे।

    च्टेरगांि ्में लाइ्ट ए हो्म परर्योजना के ्तह्त सौर ऊजाजा उपकरण सथावप्त करने िाली ्टी्म।

    सौर ऊ जाना से रोशन हुए अस्म के दूरितती इलाकों ्में ससथत घर

    केएल जग्तेशिरन l चेन्नई (तव्मलनाडु)

    4 ्माच्श 2018 को आट्ट ऑफ वलविंग के 50 सियंसेिकों ने नम्मा औरु नम्माकुल्म पररयोजना के ्तह्त चेन्नई ्में सप्तथी कुट्ई के वकनारे से दो ट्क कूड़ा वनकालकर पररसर की सफाई की। टी्म ने अगले दो सप्ताह ्तक जंगली घास और खरप्तिार हटाने का का्म वकया। इसके बाद ्तालाब से कूड़ा-करकट वनकाला गया। ्तालाब की जल स्तह पर च्मतकारी ईको एंजाइ्म (प्राकृव्तक वकणिक) "जग पािनी’ का वछड़काि वकया गया। यह जल प्रभाग की सफाई ्में सबसे अविक ्मददगार सावब्त हो चुका है। वनग्म ्तथा उसके क्म्शचाररयों ने कचरा साफ करने ्में ्मदद की।

    "नम्मा औरु नम्मा कुल्म’ एक सियंसेिक संचावल्त जल प्रभाग पुनरुद्ार काय्शक्र्म है। यह चेन्नई ्में ग्त िष्श ्मई ्माह ्में आरंभ वकया गया था। पररयोजना के वनदेरक सेकर स्तागोपन ने कहा वक यह एक चैंकाने िाला ्त्थय प्ता चला है वक ओए्मआर चेन्नई के अविकांर ्तालाब पलाससटक ्तथा घरेलू कूड़ा-करकट से अतयविक प्रदूवष्त हो गए हैं।

    "नम्मा औरु नम्मा कुल्म’ ने 11 ्माच्श 2018 को पौिारोपण अवभयान रुरू वकया है, वजसका उद्ाटन कन्नागी नगर पुवलस थाने के इंसपेकटर वरि कु्मार ्तथा पूि्श िाड्ट पाष्शद करुणा की ओर से

    वकया गया। कन्नागी नगर झुगगी सथानां्तरग्मन, थोराईपाकक्म, चेन्नई के ्मुखय ्मागयों के साथ पौिे लगाकर पररयोजना की रुरुआ्त की गई। 60 सियंसेिकों ने पुंगई िृषिों के पौिों लगाए। पौिों के वलए जल वसंचन वकया ्तथा उनहें कासुररना की छवड़यों से बने िृषि संरषिक (ट्ी-गाड्ट) ि हरे रंग के छाया-जाल से संरवषि्त वकया। यह

    काय्शक्र्म अगले 6 ्महीनों ्तक जारी रहेगा। इसके ्तह्त 2000 पौिे लगाए जाएंगे, जो वक अब ्तक बंजर रहे षिेत् को हररयाली की चादर से ढक देंगे। बी.एन.िाई. ्मेलाॅन के क्म्शचारी, वनग्म क्म्शचारी ्तथा आसपास के षिेत् लोगों ने भी पौिारोपण अवभयान ्में भाग वलया। यह अवभयान लगभग चार घंटे ्तक चल्ता रहा।

    चेन्नई ्में सपतथी कुट्टई के वकनारे से दो ट्रक ककूड़ा वनकालासवचछ व हररत चेन्नई: तालाब की ितह पर ईकाे एंजाइम िी सछड़का ग्ा

    3 सेवा टाइमस द आर्ट ऑफ लललिंग, अन्तररयाष्ट्री् केंद्र, बेंगलुरुअप्रैल 2018

    जीवन: एक रहसयपूर्ण सफर

    इं्टरनेशनल ्ोगा फेस्ट

    नई वद्लली l इंटरनेरनल योगा फेसट 2018 का आयोजन 21 से 23 ्माच्श ्तक नई वदलली ससथ्त ्तालकटोरा सटेवडय्म ्में वकया गया। इसका आयोजन ्मोरारजी देसाई नेरनल इंसटीट्ूट ऑफ योगा और आयुष ्मंत्ालय की ओर से वकया गया था। इस आयोजन ्में आट्ट ऑफ वलविंग की भी भागीदारी रही। यह आयोजन िष्श 2018 के अं्तरराषट्ीय योग वदिस के अनािरण के ्तौर पर था। इस आयोजन ्में िक्ता और गेसट ऑफ ऑनर के ्तौर पर राव्मल हुए िाईएलटीपी के नेरनल डायरेकटर देबजयोव्त ्मोहं्ती जी को सम्मावन्त वकया गया।

  • पंखुड़री शुकलया l रांची (झारखंड)

    ^उदास होने या अिसाद के भाि ्मंे रहने का अं्तर बेहद सूक््म है। कई बार ्तो दोनों ्में अं्तर करना ही ्मुसशकल हो जा्ता है। ्मुझे कुछ अलग सा लग्ता था। ्मैं सोच्ती थी वक ्मैं उदास हूं। लेवकन ्तभी ्महसूस हुआ वक उदासी का यह भाि लगा्तार बना रह्ता है। यह उदासी से कुछ अलग है। असल ्में यह अिसाद था। इस ससथव्त का कारण ्मेरी वयसक्तग्त स्मसयाएं थीं। उनसे पार पाना अिसाद भाि ्में रहने से अविक ्मुसशकल था।

    अपनी यादों से बाहर वनकल्ते हुए बेबी अपनी

    ्मनोससथव्त कुछ ऐसे ही बयां कर्ती हैं। िह कह्ती हैं वक उनकी यह हाल्त देखकर एक दोस्त ने उनहें हैपपीनेस कोस्श करने को कहा। उसने बदलाि का पूरा भरोसा वदलाया। िह ब्ता्ती हैं वक दोस्त के आग्ह पर िह कोस्श करने पर सह्म्त हो गई। इस कोस्श ने उन्में पूरी ्तरह पररि्त्शन ला वदया। ऐसा लगा, जैसे वक उनका कायाकलप हो गया हो। पररणा्मसिरूप कुछ वदन ्में न केिल उनका अिसाद का भाि लुप्त हो गया, बसलक ऐसे और भी कोस्श करने की प्रेरणा व्मली। जैसे-जैसे स्मय गुजर्ता गया, िह गुरुदेि श्ी श्ी रवि रंकर जी की पर्म अनुयायी बन गईं और जीिनभर स्माज

    कलयाण के वलए सेिाएं देने का वनशचय कर वलया। बेबी गि्श से कंिे उचकाकर कह्ती हैं, ‘ग्ा्मीण

    षिेत्ों की स्मसयाओं को स्मझ्ते हुए ्मैंने स्माज सेिी के ्तौर पर अपनी यात्ा रुरू की। जलद ही ्मैं स्माज कलयाण के वलए कोस्श एिं अवभयान आयोवज्त करने लगी। यह काय्श कर्ते हुए ्मैं झारखंड की सा्मावजक योजनाअों की सह संचालक बन गई। इसी पद के कारण ्मैं झारखंड आट्ट आॅफ वलविंग की बीकाॅन ग्ा्म पंचाय्त पररयाेजना ्में सहाय्ता कर पाई।’

    बेबी ब्ता्ती हैं, "्मैंने ररया केला वजले ्में 300 लोगों का ओडीएफ प्रवरषिण ्में ने्तृति वकया एिं एक जागरूक्ता रैली वनकालने का वनण्शय वकया।

    यह रैली 50 लोगों से रुरू होकर अं्त ्में करीब 200 लोगों का स्मूह बन गई। इस प्रयास ने ्मुझे आशिस्त कर वदया वक लोग पररि्त्शन चाह्ते हैं। इस क्रांव्तकारी पररि्त्शन काय्श ्में उनकी सहाय्ता करने के वलए ्मैं खुर हूं। ्मेरे पास ्मवहलाओं ने आकर कहा वक िह दूसरे वजलों ्में जाकर भी काय्श करना चाह्ती हैं ्तथा झारखंड को खुले ्मेें रौच से ्मुक्त करना चाह्ती है। उन्में उतसाह एिं प्रेरणा जंगल की आग की ्तरह फैल गई। विशिास करें वक पररि्त्शन की यह भािना बनी रहेगी। जब ्तक ्मेरे पास टी्म है, जब ्तक ्मैं सबको इसके वलए जागरूक नहीं कर ले्ती, ्मैं रुकने िाली नहीं।'

    कभी अिसादग्रसत रहने िाली गृहणी बनी स्माज सेविकाझारिंड को िुले में शौच िे मु्त बनाने का िंकलप; कहा- गुरुदेव की प्रेरणा िे शुरू की िामासजक िेवाएं

    किी अपने बच्ों की परवररश के सलए सचंसतत थीं, आज श्ी श्ी ज्ान मंसदर चलाकर 120 बच्ों को सशक्ा दे रहीं

    वाईएल्टीपी प्रसशक्क अमर कमलकर ने शादी में उपहार के तौर पर मंगवाई पुसतकें, आसथ्मक रूप िे अक्म सवद्ासथ्म्ों के सलए बनाई पुसतकाल् की ्ोजना

    बेबी

    सेिया रयाइमस l सुंदरगढ़ (ओवडशा)

    बसं्ती ्मह्तो ह्मारे देर की हजारों ग्ा्मीण गृहवणयों की ्तरह ही वनरारा, असुरषिा और असहाय्ता के भािों से भरी हुई थीं। िह ओवडरा ्में वबसारा बलॉक के सनबमबुआ गांि ्में पररिार के साथ रह्ती हैं। रुरुआ्त ्में उनका जीिन इ्तना सरल नहीं था। आ्मदनी का कोई सािन नहीं था और पव्त को रराब की ल्त थी। इसके ऊपर से ्तीन बच्चों की परिररर करने की वजम्मेदारी। िह इन हाला्त ्में असहाय ्महसूस कर रही थी। ्मजबूर हाला्त ्में बसं्ती वनरारा की वजंदगी जी रही थीं। लेवकन ्मई 2010 ्में उनके जीिन ्में एक बड़े बदलाि ने दस्तक दी। उनहोंने आट्ट ऑफ वलविंग का युिा ने्तृति प्रवरषिण काय्शक्र्म (िाईएलटीपी) वकया। इसके बाद से उनके जीिन ्में सुखद बदलािों का वसलवसला जारी है।

    33 साल की बसं्ती कह्ती हैं वक ्मई 2010 ्में िाईएलटीपी वरविर ्में राव्मल होने से पहले िह जीिन के असस्तति को नहीं स्मझ सकी थीं। िाईएलटीपी करने के वलए गई थी, उस स्मय ढाई साल का बच्चा गोद ्में था। प्रोगा्म ्में सािना, सेिा और सतसंग का ्महति स्मझा और इसे अपनी वदनचया्श का वहससा बना वलया। िह ब्ता्ती हैं वक उनके जीिन की सबसे बड़ी स्मसया थी पव्त की रराब की ल्त। आय का कोई सािन नहीं होने की िजह से पररिार आवथ्शक ्तंगी से जूझ रहा था। ऐसी विपरी्त पररससथव्तयों ्में अपने ्तीन बच्चों की पररिररर की वचं्ता भी स्ता रही थी। लेवकन िाईएलटीपी ने इन सब पररससथव्तयांे से लड़ने के वलए आं्तररक बल प्रदान वकया। इन सब पररससथव्तयों के बाद भी बसं्ती वनयव्म्त रूप से आट्ट आॅफ वलविंग के निचे्तना, बाल चे्तना वरविरों ्में भाग ले्ती रही। साथ ही कई

    अनय सथानीय युिाओं के जीिन ्में िाईएलटीपी से पररि्त्शन की वनव्मत्त बनीं।

    इसके बाद उनहोंने बड़ी एक वजम्मेदारी लेने का विचार वकया। 1 जुलाई 2010 को उनहोंने श्ी श्ी ज्ञान ्मंवदर की रुरुआ्त की। पांचिीं ्तक संचावल्त इस विद्ालय ्में 8 वक्मी दूर ्तक से बच्चे आ्ते हैं। वफलहाल यहां 120 से अविक बच्चे वनरुलक वरषिा प्राप्त कर रहे हैं। इनहोंने अपनी एक एकड़ ज्मीन ज्ञान ्मंवदर के वलए दान कर दी। बसं्ती के संकलप और सथानीय लोगों के सहयोग से विद्ालय के वलए 5 क्मरे भी ्तैयार हो गए। इस विद्ालय ्में बच्चों के वलए खेल-कूद की सभी सुवििाओं के साथ िाहन सुवििा भी उपलबि है।

    बसं्ती का जीिन आज पूरी ्तरह बदल गया है। उनके आग्ह पर उनके पव्त ने भी िाईएलटीपी वरविर ्में वहससा वलया। इस काय्शक्र्म ने उनहंे रराब की ल्त से ्मुसक्त वदलाने ्में ्मदद की। ि्त्श्मान ्में िह भी श्ी श्ी ज्ञान ्मंवदर ्में सेिाएं दे रहे हंै। बसं्ती अनेक ्मवहलाओं के वलए प्रेरणा हैं।

    बसंती ने िाईएलरीपी से सीखा विपरीत पररससथवतयों से लड़ना

    बसंती ्महतो

    गौररी लश्ततोले l अह्मदनगर (्महाराष्ट्र)

    ्तहसील श्ीगोंदा के घारगांि वनिासी अ्मर क्मलकर ने 15 ्माच्श, 2018 को एक नई परंपरा की रुरुआ्त की। अपनी रादी ्में ्मेह्मानों से भेंट के ्तौर पर वक्ताबें लीं। उनकी इस पहल पर 10 हजार से अविक वक्ताबें एकवत््त हुईं। इन वक्ताबों से िह एक सुसवजि्त पुस्तकालय बनिाएंगे। श्ी श्ी ज्ञान ्मंवदर का उद्ाटन करने आए गुरुदेि श्ी श्ी रवि रंकर ने नि दंपव्त को आरीिा्शद दे्ते हुए कहा की रादी के वफजूल खच्श को क्म करके इन लोगों ने पुस्तकरें एकवत््त कर गरीब विद्ावथ्शयों की सेिा की, जो सराहनीय है।

    इस पहल का लाभ अह्मदनगर के आसपास के गांिों ्में रहने िाले आवथ्शक रूप से अषि्म विद्ावथ्शयों के वलए होगा। वक्ताबें उपलबि होने के बाद िह बच्चे प्रव्तयोगी परीषिाओं के वलए अपनी ्तैयारी अचछी ्तरह से कर पाएंगे। अ्मर कह्ते हैं वक उनहोंने अपनी पढ़ाई वक्ताबों के अभाि ्में ही छोड़ी थी। पढ़ाई ्में रुवच रखने िाले अनय विद्ावथ्शयों के साथ न हो, इसीवलए साि्शजवनक पुस्तकालय खोलने का संकलप वलया। इस वदरा ्में अ्मर ने अपनी रादी के ्मौके पर ्तीन लाख से अविक ्मूलय की 10 हजार से अविक प्रव्तयोगी परीषिाओं ्में उपयोगी वक्ताब