ात के ाजपत्र के ाग खण्ड1 ें ह िंदी औ...

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(भारत के राजप के भाग-1, खड-1 म हदी और अेजी म साथ-साथ काशन के लिए) भारत सरकार मािय राजभाषा विभाग ****************************************************** एन.डी.सी.सी.-II बिलडग,िविग, चौथा ति, जय लस रोड, नई हदिी, हदनाक: 31 माच, 2017 सकप 20012/01/2017-रा.भा.(नीतत) - राजभाषा अधितनयम, 1963की िारा 4(1) के अतगचत ससदीय राजभाषा सलमतत का गठन 1976 म कया गया था। सलमतत िारा राजभाषा अधितनयम, 1963 की िरा3(3), राजभाषा तनयम, 1976 के तनयम 5, हदी म पाचार, काशन, कोड-मैनुअि एि लशण इयाहद से सिलधित रारपतत के आदेश के अनुपािन की लथथतत का माियिार/ेिार मूयाकन, सरकार के कायाचिय म पुथतक की खरीद, कयूटरीकरण और हदी, भती तनयम म हदी ान कअतनिायच ता, लशण और लशण सथथान म हदी मायम की उपििता, हदी विापन पर यय तथा सािचजतनक उपम के यािसातयक काय म हदी के योग आहद से सिधित तिेदन का निा खड रारपतत जी को 02.06.2011 को थतुत कया गया। राजभाषा अधितनयम, 1963 की िारा 4(3) के अतगचत इसकी तया िोकसभा/रायसभा के पटि पर मशः हदनाक 30.08.2011और हदनाक 07.09.2011 को रखी गई। भारत सरकार के मािय/विभाग तथा राय/सघ राय े की सरकार एि विलभधन मािय/विभाग को इसकी ततया भेजी गई। उनसे से ात मत पर विचार करने के िाद सलमतत िारा की गई अधिकाश लसफाररश को मूि प से या क छ सशोिन के साथ थिीकार करने का तनणचय लिया गया ै। तनुसार अिोथतारी को राजभाषा अधितनयम, 1963 की िारा 4(4) के अतगचत सलमतत के तिेदन की लसफाररश पर रारपतत के तननलिखखत आदेश सूधचत करने का तनदेश आ ै: संतुसंया संतुरारपतत जी के आदेश 1 सलमतत का य अनुभि ै क सामूहक वििेक से तैयार की गई सथतुतय पर राजभाषा विभाग म गराई से विचार-विमशच नी ककया जाता ै। इसलिए सलमतत की लसफाररश पर कारगर आदेश जारी नी ो पाते , लजससे अपेत पररणाम ात नी ोते । अत: सलमत का य सुझाि ै क सलमतत िारा की गई सथतुतय पर आदेश जारी करने से पिे राजभाषा विभाग सलमतत के साथ विचार विमशच कर ि। तपचात, राजभाषा विभाग िारा आदेश जारी य सथतुत लसाततः थिीकार कजाती ै। यथाियक राजभाषा विभाग िारा सलमतत के साथ परामशच भी कया जाएगा। रारपतत जी के आदेश का समयि से कायाचधियन सुतनलचत करने के लिए राजभाषा विभाग तति ै।

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  • (भारत के राजपत्र के भाग-1, खण्ड-1 में ह िंदी और अिंगे्रजी में साथ-साथ प्रकाशन के लिए) भारत सरकार ग ृ मिंत्रािय

    राजभाषा विभाग ******************************************************

    एन.डी.सी.सी.-II बिल्डिंग,‘िी’वििंग, चौथा ति, जय लसिं रोड, नई हद्िी, हदनािंक: 31 माचच, 2017

    सिंक्प

    20012/01/2017-रा.भा.(नीतत) - राजभाषा अधितनयम, 1963की िारा 4(1) के अिंतगचत सिंसदीय राजभाषा सलमतत का गठन 1976 में ककया गया था। सलमतत द्िारा राजभाषा अधितनयम, 1963 की िारा3(3), राजभाषा तनयम, 1976 के तनयम 5, ह िंदी में पत्राचार, प्रकाशन, कोड-मैनुअि एििं प्रलशक्षण इत्याहद से सिंिलधित राष्ट्रपतत के आदेशों के अनुपािन की लथथतत का मिंत्राियिार/क्षेत्रिार मू्यािंकन, कें द्र सरकार के कायाचियों में पुथतकों की खरीद, कम्प्यूटरीकरण और ह िंदी, भती तनयमों में ह िंदी ज्ञान की अतनिायचता, लशक्षण और प्रलशक्षण सिंथथानों में ह िंदी माध्यम की उपिब्िता, ह िंदी विज्ञापनों पर व्यय तथा सािचजतनक उपक्रमों के व्यािसातयक कायों में ह िंदी के प्रयोग आहद से सिंििंधित प्रततिेदन का नौंिा खण्ड राष्ट्रपतत जी को 02.06.2011 को प्रथतुत ककया गया। राजभाषा अधितनयम, 1963 की िारा 4(3) के अिंतगचत इसकी प्रततयािं िोकसभा/राज्यसभा के पटि पर क्रमशः हदनािंक 30.08.2011और हदनािंक 07.09.2011 को रखी गई। भारत सरकार के मिंत्राियों/विभागों तथा राज्यों/सिंघ राज्य क्षेत्रों की सरकारों एििं विलभधन मिंत्राियों/विभागों को इसकी प्रततयााँ भेजी गई। उनसे स े प्रा्त मतों पर विचार करने के िाद सलमतत द्िारा की गई अधिकािंश लसफाररशों को मूि रूप से या कुछ सिंशोिनों के साथ थिीकार करने का तनणचय लिया गया ै। तद्नुसार अिो थताक्षरी को राजभाषा अधितनयम, 1963 की िारा 4(4) के अिंतगचत सलमतत के प्रततिेदन की लसफाररशों पर राष्ट्रपतत के तनम्पनलिखखत आदेश सूधचत करने का तनदेश ुआ ै: संस्तुतत संख्या

    संस्तुतत राष्ट्रपतत जी के आदेश

    1 सलमतत का य अनुभि ै कक सामूह क वििेक से तैयार की गई सिंथतुततयों पर राजभाषा विभाग में ग राई से विचार-विमशच न ीिं ककया जाता ै। इसलिए सलमतत की लसफाररशों पर कारगर आदेश जारी न ीिं ो पात,े लजससे अपेक्षक्षत पररणाम प्रा्त न ीिं ोत े ैं। अत: सलमतत का य सुझाि ै कक सलमतत द्िारा की गई सिंथतुततयों पर आदेश जारी करने से प िे राजभाषा विभाग सलमतत के साथ विचार विमशच कर िे। तत्पश्चात, राजभाषा विभाग द्िारा आदेश जारी

    य सिंथतुतत लसद्ािंततः थिीकार की जाती ै। यथािश्यक राजभाषा विभाग द्िारा सलमतत के साथ परामशच भी ककया जाएगा। राष्ट्रपतत जी के आदेशों का समयिद् रूप स े कायाचधियन सुतनलश्चत करने के लिए राजभाषा विभाग प्रततिद् ै।

  • ककए जाने के िाद राजभाषा विभाग कें द्र सरकार के सभी मिंत्राियों/विभागों में उन आदेशों का समयिद् रूप से कायाचधियन सुतनलश्चत करने के लिए कारचिाई करे।

    2 सलमतत के प्रततिेदन के वपछिे आठ खिंडों में अथिीकृत सिंथतुततयों अथिा सिंशोिन के साथ थिीकृत सिंथतुततयों की समीक्षा की जाए तथा सलमतत की सिंथतुततयों के अनुरूप उपयुक्त आदेश जारी ककए जाएिं।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    3 सलमतत के प्रततिेदन के आठिें खिंड में लजन मिंत्राियों/विभागों में 25% से अधिक अधिकारी/कमचचारी ह िंदी में अप्रलशक्षक्षत पाए गए थ ेउनकी लथथतत में अि तनलश्चत रूप से सुिार ुआ ै परधतु लजन मिंत्राियों/विभागों में ज ािं उस समय प्रलशक्षण कायच पूरा ो चुका था अि ह िंदी में अप्रलशक्षक्षत अधिकाररयों/कमचचाररयों की सिंख्या में िलृध्द ो गई ै। इसे सलमतत ने गिंभीरता से िेते ुए लसफाररश की ै कक ये मिंत्रािय/विभाग प्रलशक्षण कायच की ओर विशषे ध्यान दें और प्रलशक्षण कायच को शीघ्राततशीघ्र पूरा करिाएिं, ताकक प्रलशक्षण कायच एक िषच में पूरा ो सके। सलमतत य लसफाररश करती ै कक यहद नए भती ोन े िािे कालमचकों को ह िंदी का कायचसािक ज्ञान प्रा्त न ीिं ै, तो भती के तुरिंत िाद ी सरकार को उध ें प्रलशक्षण के लिए भेजना चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    4 सलमतत य लसफाररश करती ै कक राजभाषा विभाग अपने तनरीक्षण तिंत्र को और मजिूत करे तथा इस ओर विशषे ध्यान दे कक ह िंदी में मूि पत्राचार का प्रततशत ककसी भी मिंत्रािय/विभाग में घटने न पाए िल्क इसमें िलृध्द ी ो।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    5 सलमतत ने पाया कक 11 मिंत्राियों/विभागों में कम्प्यूटरों पर 50 प्रततशत से अधिक काम ह िंदी में ो र ा ै। विदेश मिंत्रािय तथा विज्ञान और प्रौद्योधगकी मिंत्रािय में तो कायच 20 प्रततशत स ेभी कम ै। अत: सलमतत य लसफाररश करती ै कक सभी मिंत्राियों/विभागों में किं ्यूटरों पर अवििम्पि द्विभाषी सुवििा उपिब्ि कराई जाए और किं ्यूटरों

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

  • पर काम करने िािों को प्रलशक्षण प्रदान ककया जाए, ताकक िे ह िंदी में भी कायच कर सकें ।

    6 सलमतत के देखने में य भी आया ै कक कततपय विभाग/मिंत्रािय आहद ह िंदी प्रलशक्षण कायचशािाओिं के लिए िुिाए जाने िािे अततधथ िक्ताओिं को अधय विषयों के िक्ताओिं की तिुना में कम मानदेय देत े ैं। ह िंदी अततधथ िक्ताओिं को भी अधय विषयों के िक्ताओिं के समान ी मानदेय हदया जाना चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    7 सधचि (राजभाषा विभाग) राजभाषा तनयम, 1976 के तनयम 5 के उ्ििंघन की लथथतत को सिंििंधित मिंत्राियों/विभागों के सधचिों के साथ उठाएिं।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    8 सधचि (राजभाषा विभाग) िारा 3(3) के उ् ििंघन की लथथतत को सिंििंधित मिंत्राियों/विभागों के सधचिों के साथ उठाएिं।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    9 ह िंदी जानने िािे कालमचकों को सरकारी कामकाज में ह िंदी के प्रयोग के लिए प्रलशक्षण देने पर िि हदया जाए। इसके लिए डथेक प्रलशक्षण भी कारगर साबित ो सकता ै। “क”एििं “ख”क्षेत्रों में विशषे रूप से इस प्रयास को तेज ककया जाए। “ग”क्षेत्र में समयिध्द कायचक्रम िना कर सिचप्रथम कालमचकों को ह िंदी लशक्षण के लिए भेजा जाना चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    10 कम्प्यूटर पर ह िंदी में काम करने के सिंििंि में राजभाषा विभाग एक कायचक्रम तैयार कर ह िंदी लशक्षण योजना के स योग से प्रलशक्षण देने की व्यिथथा करे।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    11 प्रत्येक कायाचिय के िररष्ट्ठतम अधिकारी को य लजम्पमेदारी सौंपी जाए कक कायाचिय द्िारा पत्राचार के िक्ष्य को तनलश्चत रूप से प्रा्त करने के लिए ि ेप्रत्येक मा के अिंततम स्ता में ककसी एक हदन सभी अिीनथथ अधिकाररयों द्िारा ह िंदी में ककए गए कायच की समीक्षा करें और आगामी मा के लिए ह िंदी में कायच करने ेतु िक्ष्य तनिाचररत करें अथाचत उध ें क्या-क्या काम ह िंदी में करने ैं इस सिंििंि में तनदेश दें।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    12 विलभधन कायाचियों में राजभाषा सिंििंिी ररक्त पड़ े ुए पदों को अवििम्पि भरा जाए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    13 प्रलशक्षण सिंथथानों में प्रलशक्षण सामग्री को द्विभाषी य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

  • रूप में उपिब्ि करिाने के सिंििंि में व्यापक कारचिाई करने की आिश्यकता ै।

    14 प्रत्येक कायाचिय में राजभाषा कायाचधियन सलमततयााँ अपने कायाचधियन में सुिार िाएाँ और सभी िैठकों में उपयुचक्त सभी मदों की समीक्षा करते ुए कलमयों को दरू ककया जाए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    15 सभी सिंिगों के अधिकाररयों और कमचचाररयों की गोपनीय ररपोटच में दो कॉिम जोड़ ेजाएिं:-

    (क) अधिकारी/कमचचारी द्िारा ह िंदी में कायच करन े ेतु क्या िक्ष्य तनिाचररत ककया गया ै।

    (ख) अधिकारी/कमचचारी उस िक्ष्य को प्रा्त करन ेमें क ॉ िं तक सफि ुआ, इस िारे में उच्चाधिकारी उपनी हट्पणी दें।

    य सिंथतुतत थिीकार न ीिं की जाती ै।

    16 सलमतत य सिंथतुतत करती ै कक तनरीक्षण कायच के लिए एक प्रोफामाच तैयार ककया जाए और जि भी कोई अधिकारी (िररष्ट्ठतम अधिकारी सह त) अपन े ककसी अिीनथथ कायाचिय में तनरीक्षण या दौरे पर जाए तो उससे उक्त प्रोफामाच को अतनिायच रूप से भरिाया जाए और राजभाषा का तनरीक्षण अिश्य करिाया जाए। य सुतनलश्चत ककया जाए कक प्रत्येक कायाचिय का िषच में कम से कम एक राजभाषा सिंििंिी तनरीक्षण अिश्य ो चा े ककसी भी थतर पर ो। य तनरीक्षण मिंत्रािय, मुख्यािय या राजभाषा विभाग द्िारा ककया जा सकता ै।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    17 मॉतनटररिंग के इसी क्रम में प्रत्येक कायाचिय में राजभाषा कायाचधियन सलमतत की िैठक अिश्य सुतनलश्चत की जाए और िैठक के दौरान कायाचिय के विलभधन अनुभागों में ो र ी राजभाषा सिंििंिी प्रगतत पर नजर रखी जाए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    18 सभी मिंत्रािय/मुख्यािय य सुतनलश्चत करें कक उनके तनयिंत्रणािीन सभी छोटे िड़ ेकायाचिय, िैंक, उपक्रम, सिंथथान, अधिकरण आहद अपने अपने नगरों की नगर राजभाषा कायाचधियन सलमतत के सदथय िन गए ैं।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    19 राजभाषा विभाग केधद्रीय कायाचियों में ह िंदी की प्रगामी प्रगतत के लिए िनाए गए तनरीक्षण प्रोफामाच तथा ततमा ी प्रगतत ररपोटच प्रोफामाच में तनम्पनलिखखत

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

  • मुद्दें भी समाह त करें:- क. क्या आपके नगर में नगर राजभाषा कायाचधियन

    सलमतत गहठत ै ? ख. क्या आपका कायाचिय इसका सदथय ै ? ग. यहद ािं, तो वपछिी िैठक (तारीख( में भाग िेने

    िािे अधिकारी का नाम ि पदनाम घ. यहद सदथय न ीिं ै तो अि तक सदथयता क्यों

    न ीिं ग्र ण की गई ? 20 परथपर समधिय की भािना ोनी चाह ए और इसके

    लिए यहद अध्यक्ष कायाचिय में ह िंदी अधिकारी का पद न ीिं ै तो ऐसी लथथतत में नगर के ककसी दसूरे कायाचिय से ककसी सक्षम, अनुभिी ह िंदी अधिकारी को सलमतत का सदथय सधचि िनाया जा सकता ै। ककसी अधय अधिकारी जो ह िंदी अधिकारी न ीिं ै उस ेय दातयत्ि न ीिं सौंपा जाना चाह ए। नराकास की गततविधियों को अनिरत रखने के लिए राजभाषा अधिकारी को ी नराकास के सदथय सधचि का दातयत्ि सौंपा जाना चाह ए।

    य सिंथ तुतत इस सिंशोिन के साथ थिीकार की जाती ै कक नराकास अध्यक्ष के कायाचिय में ह िंदी अधिकारी का पद न ोने की लथथतत में अध्यक्ष अपने कायाचिय या ककसी अधय सदथय कायाचिय से ककसी ऐसे अधिकारी को सदथय सधचि मनोनीत करे जो राजभाषा नीतत ि कायाचधियन के िारे में जानकारी रखता ो।

    21 नगर राजभाषा कायाचधियन सलमतत की िैठकों के आयोजन में व्यय ोन े िािी रालश के सिंििंि में सलमतत द्िारा आठिें खिंड में की गई लसफाररश को अविििंि िागू ककया जाए। साथ ी, आयोजन ेत ुप्रदान की जाने िािी इस रालश में प्रततिषच 15% की िलृध्द की जाए।

    य सिंथतुतत इस सिंशोिन के साथ थ िीकार की जाती ै कक नगर राजभाषा कायाचध ियन सलमतत की िैठकों में ोन ेिािे व् यय की सीमा समय-समय पर समीक्षा करके आिश् यकतानुसार सिंशोधित की जाए।

    22 सभी केधद्रीय कायाचियों में राजभाषा नीतत के कायाचधियन ेत ु कम से कम एक ह िंदी पद अिश्य सलृजत ककया जाए। राजभाषा नीतत के कायाचधियन ेतु धयूनतम ह िंदी पद सजृन की इस अििारणा को तत्काि िागू ककया जाए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    23 एक िषच से अधिक समय तक ररक्त पड़ े ुए ह िंदी के पदों को समा्त न ीिं ककया जाए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    24 परथपर विचारों के आदान-प्रदान ेतु राजभाषा विभाग द्िारा क्षेत्र क, ख तथा ग में प्रततिषच सधचि, राजभा-षा विभाग के साथ नराकास अध्यक्षों एििं सदथय सधचिों की एक समागम िैठक आयोलजत की जाए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    25 राजभाषा विभाग को नराकास की िैठकों के आयोजन, य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

  • उनमें कायाचियाध्यक्षों की स भाधगता, क्षेत्रीय कायाचधियन कायाचियों स ेअधिकाररयों की इन िैठकों में उपलथथतत आहद की सूचना क्षेत्रीय कायाचधियन कायाचियों से उपिब्ि कराकर नराकासों की मॉनीटररिंग व्यिथथा को सुदृढ ककया जाए ताकक इन सलमततयों के गठन का उदे्दश्य पूरा ो सके।

    26 जैसे-जैसे पूरे देश में इन नगर राजभाषा कायाचधियन सलमततयों की सिंख् या िढ र ी ै उसी अनुपात में क्षेत्रीय कायाचधियन कायाचियों की सिंख्या ि उनके पदों की सिंख्या िढाई जाए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    27 सलमतत का मानना ै कक एक ऐसा मानक फोधट विकलसत ककया जाए, लजसका प्रयोग देश-विदेश में आसानी से ककया जा सके तथा इसे अतनिायच रूप में सभी उपिब्ि साफ्टिेयरों में िोड ककया जाए। इसके साथ ी ह िंदी के मानक की-िोडच का चयन कर इस ेअतनिायच रूप से सभी साफ्टिेयरों में िोड ककया जाए।

    य सिंथतुतत थिीकार की जाती ै।

    28 सलमतत का मत ै कक एन.आई.सी. द्िारा िेिसाइट से सिंििंधित उसी सामग्री/आिंकड़ों को ी ििेसाइट पर डािने के लिए थिीकृत ककया जाए, लजसे द्विभाषी रूप में उध ें उपिब्ि कराया जाए।

    य सिंथतुतत इस सिंशोिन के साथ थिीकार की जाती ै कक िेिसाइट की सामग्री को द्विभाषी रूप में उपिब्ि कराने और उसे अपिोड कराने का कायच विलभधन मिंत्राियों/ विभागों/कायाचियों आहद के विभागाध्यक्षों/ कायाचियाध्यक्षों के तनदेशन में िेि इधफॉमेशन मैनेजरों के माध्यम से सुतनलश्चत ककया जाए।

    29 सूचना प्रौद्योधगकी मिंत्रािय द्िारा भारत सरकार के सभी मिंत्राियों में सी-डैक द्िारा विकलसत सॉफ्टियेरों की उपिब्िता के सिंििंि में एक जागरूकता अलभयान चिाया जाए, जो इनकी जानकारी आगे अपने अिीनथथ और सम्पिध्द कायाचियों को दें। इसमें सॉफ्टिेयर पैकेजों की मुख्य विशषेताओिं, उसकी उपयुक्तता और उनके मू्यों की पूरी जानकारी ोनी चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    30 सॉफ्टिेयर पैकेज की विलभधन विशषेताओिं और उसकी उपयोधगता के सिंििंि में उपभोक्ताओिं को अच्छा प्रलशक्षण हदया जाना चाह ए। प्रत्येक उपभोक्ता को

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

  • इस प्रकार प्रलशक्षण देना सम्पभि न ीिं ै। अत: सॉफ्टिेयर विकास करने िािे अथाचत सूचना प्रौद्योधगकी मिंत्रािय या सी-डैक सभी मिंत्राियों/विभागों के प्रलशक्षकों के लिए प्रलशक्षण कायचक्रम चिाने पर विचार कर सकता ै, ताकक ये प्रलशक्षक अपने अिीनथथ कायाचियों/विभागों के उपभोक्ताओिं तक य कौशि प ुिंचा सकें ।

    31 सभी सॉफ्टिेयर विकासकों (सी-डैक और अधय) के लिए सुझाि ै कक उपभोक्ताओिं से पुनतनचिेशन प्रततपुलष्ट्ट की एक प्रकक्रया शुरू करें और इसके आिार पर इनकी आिश्यकतानुसार अपने उत्पाद में िदिाि िाए तथा अभािों को यहद कोई ो दरू कर सकें ।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    32 सभी ह िंदी अधिकाररयों के लिए एक िषच के अधदर विशषे कायचशािाएिं िगाई जाएिं। उध ें ह िंदी सिंििंधित कायच और यूनीकोड का अभ्यास करिाया जाए। उध ें एक प्रमाण पत्र हदया जाए तथा प्रलशक्षण के िाद उनकी गोपनीय ररपोटच में प्रविलष्ट्ट की जाए। उपरोक्त विषयों पर विशषे प्रलशक्षण कायचक्रम आयोलजत करने के अिािा राजभाषा विभाग द्िारा केधद्रीय सधचिािय राजभाषा सेिा के अधिकाररयों के लिए प्रयोगात्मक कक्षाएिं िी जाएिं, तत्पश्चात ् अधय ह िंदी अधिकाररयों को भी य ी प्रलशक्षण हदया जाए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    33 मानि सिंसािन विकास मिंत्रािय को ह िंदी भाषा का पठन अतनिायच िनाए जाने के लिए साथचक प्रयास करने की आिश्यकता ै। प्रथम प्रयास के रूप में देश में केधद्रीय उच्चतर माध्यलमक लशक्षा िोडच के अिंतगचत आने िािे सभी विद्याियों तथा केधद्रीय विद्याियों में दसिीिं कक्षा तक ह िंदी को अतनिायच विषय के रूप में पढाया जाए।

    य सिंथतुतत सैद्ािंततक रूप से थिीकार की जाती ै। कें द्र सरकार इस विषय पर राज्य सरकारों के विचार िेकर नीतत िनाए।

    34 उच्च लशक्षा के क्षेत्र में उच्च लशक्षण सिंथथाओिं तथा विश्िविद्याियों में थिायत्तता के लिए केधद्रीय सरकार तथा राज्य सरकारों ने सिंसद तथा वििान सभाओिं में कुछ कानून िनाए ैं, लजसके अिंतगचत कुछ विश्िविद्याियों तथा उच्च लशक्षण सिंथथाओिं में केिि अिंगे्रजी में ी लशक्षण प्रा्त ककया जा सकता ै। इस सिंििंि में राष्ट्रीय थतर पर एक समान लसद्ािंत ोन े

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

  • चाह ए। सभी विश्िविद्याियों/उच्च लशक्षण सिंथथानों में ह िंदी लशक्षण िागू करने के लिए मानि सिंसािन मिंत्रािय कायचयोजना िनाए और एक समान कानून िागू करने के लिए प्रकक्रया शुरू करे तथा कानून िनाकर सिंसद के पटि पर रखे।

    35 लजन विश्िविद्याियों तथा उच्च लशक्षण सिंथथानों में ह िंदी विभाग न ीिं ै, मानि सिंसािन विकास मिंत्रािय को उनका पता िगाकर ि ााँ ह िंदी विभाग खोिने के लिए उध ें प्रोत्साह त करना चाह ए, ताकक य विभाग ह िंदी माध्यम से लशक्षा देने के लिए स ायता दे सके।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    36 लजन ह िंदीतर राज्यों में लथथत विश्िविद्याियों तथा उच्च लशक्षण सिंथथानों की परीक्षाओिं/साक्षात्कारों में परीक्षाधथचयों को ह िंदी में उत्तर देने का विक्प न ीिं ै उनमें परीक्षाधथचयों को ह िंदी में उत्तर देने का विक्प प्रदान ककया जाए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    37 ह िंदीतर राज्यों में लथथत थिैलच्छक ह िंदी सिंथथाओिं को हदया जाने िािा अनुदान नाम मात्र का ै। मानि सिंसािन विकास मिंत्रािय इसे िढाने के लिए ठोस कारचिाई करे।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    38 ह िंदी में पाठ्य सामग्री तथा पाठ्य पुथतकों को सिंििंधित विषयों के ऐसे विशषेज्ञ प्रोफेसरों, लजध ें ह िंदी का भी ज्ञान ो, से ी तयैार करिाया जाए तथा उध ें ी ह िंदी पाठ्य सामग्री तथा पाठ्य पुथतकों को स ी रूप में उपिब्ि कराने के लिए उत्तरदायी िनाया जाए, लजससे ककसी प्रकार की तु्रहट र ने की सिंभािना न ो।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    39 थकूिी थतर, थनातक थतर तथा विशषेकर थनातकोत्तर थतर पर विद्याधथचयों के लिए ह िंदी की पाठ्य सामग्री अिंगे्रजी के मुकाििे काफी कम मात्रा में उपिब्ि ै। यहद लशक्षण-प्रलशक्षण सामग्री सरि ह िंदी में भी उपिब्ि करा दी जाए, तो ह िंदी माध्यम से लशक्षा प्रा्त छात्रों को तनश्चय ी िाभ लमिेगा तथा िे अिंगे्रजी माध्यम से लशक्षा पाने िािे छात्रों के साथ प्रततथपिाच कर सकें गे।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    40 ज्ञान-विज्ञान के मौलिक ग्रिंथों को सरि ह िंदी में लिखा जाए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

  • 41 तकनीकी विषयों में िेखन के लिए ह िंदी िेखकों तथा अनुिादकों का चयन ककया जाए तथा विदेशी छात्रों को ह िंदी पढाने के लिए विश्िविद्याियों का चयन ककया जाए।

    य सिंथतुतत इस सिंशोिन के साथ थिीकार की जाती ै कक कें द्र सरकार तकनीकी विषयों पर ह िंदी में पुथतक िेखन को प्रोत्साह त करे।

    42 विलभधन तनरीक्षणों मौखखक साक्ष्यों तथा विचार-विमशच कायचक्रमों के दौरान सलमतत ने म सूस ककया ै कक ह िंदी के कहठन शब्दों के व्याि ाररक प्रयोग में कहठनाई आ र ी ै। अत: ह िंदी की पाठ्यसामधग्रयों, शब्दािलियों आहद की भाषा को आसानी से समझने एििं व्याि ाररक प्रयोग के लिए ह िंदी के कहठन शब्दों के थथान पर अिंगे्रजी शब्दों का यथाित ह िंदी में प्रयोग ककया जाए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    43 विलभधन िैज्ञातनक एििं तकनीकी शब्दों के लभधन-लभधन ह िंदी पयाचय प्रयोग में िाए जा र े ै लजससे राजभाषा ह िंदी के कायाचधियन में काफी हदक्कतें आ र ी ैं। अत: इसके लिए शीघ्र मानक शब्दािलियों का तनमाचण ककया जाना चाह ए, लजससे अिंगे्रजी के विलभधन िैज्ञातनक एििं तकनीकी शब्दों के ह िंदी पयाचयों में एकरूपता आ सके तथा जहटि िैज्ञातनक एििं तकनीकी विषयों को भी सरिता से ह िंदी में प्रथततु ककया जा सके।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    44 लशक्षण सिंथथाओिं में ह िंदी लशक्षण का धयूनतम थतर तनिाचररत ककया जाए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    45 केधद्र सरकार में नौकररयों की भती के लिए प्रश्न पत्रों में ह िंदी का विक्प सुतनलश्चत ककया जाए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    46 सरकारी नौकररयों के लिए ह िंदी ज्ञान का धयूनतम थतर तनिाचररत ककया जाए।

    य सिंथतुतत थिीकार न ीिं की जाती ै।

    47 थकूिों में दसिीिं कक्षा तक ह िंदी लशक्षण को अतनिायच िनाने के लिए एक प्रथताि सिंसद में प्रथततु ककया जाए।

    य सिंथतुतत इस सिंशोिन के साथ थिीकार की जाती ै कक ाई थकूि में ह िंदी विषय को ‘क’ क्षेत्रों में अतनिायच ककया जाए। इस सिंदभच में कें द्र सरकार विलभधन राज्य सरकारों से विचार करन ेके पश्चात नीतत तनिाचररत करें।

    48 सलमतत पुनः सिंथतुतत करती ै कक ककसी भी लथथतत सिंसदीय राजभाषा सलमतत के प्रततिेदन

  • में कम से कम 50% िन ह िंदी विज्ञापनों पर तथा शषे 50% क्षेत्रीय भाषाओिं तथा अिंगे्रजी पर ककया जाए।

    खिंड – 8 की लसफ़ाररश सिं० 70 पर लिए गए आदेश को अधिक्रलमत करत े ुए खिंड – 9 की लसफ़ाररश सिं० 48 एििं 88 पर की गई सिंथतुततयािं इस सिंशोिन के साथ थिीकार की जाती ै की मिंत्राियों / विभागों / कायाचियों / उपक्रमों आहद द्िारा जो भी विज्ञापन अिंगे्रजी / क्षेत्रीय भाषाओिं में हदये जात े ैं, उध ें ह िंदी भाषा में अतनिायच रूप स ेहदया जाएगा।

    49 ज ााँ तक सिंभि ो ह िंदी एििं क्षेत्रीय भाषाओिं में ी विज्ञापन जारी ककए जाएिं।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    50 ज ााँ विज्ञापन द्विभाषी रूप में जारी करने आिश्यक ों ि ााँ उध ें डडग्िॉट रूप में हदया जाए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    51 िागत को समान रखने के लिए ह िंदी के विज्ञापन िड़ ेआकार में तथा मुख पषृ्ट्ठ पर हदए जाएिं, जिकक अिंगे्रजी के विज्ञापन छोटे आकार में अिंततम पषृ्ट्ठ या िीच के पषृ्ट्ठ पर हदए जा सकते ैं।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    52 सलमतत का मत ै कक िैज्ञातनक/अनुसिंिान एििं शोि सिंथथानों द्िारा एक िड़ी रालश पुथतकों की खरीद पर खचच की जाती ै। यहद य छूट जारी र ी तो पुथतकािय की िजट के अधिकािंश रालश जनचि और सिंदभच साह त्य की खरीद पर ी व्यय ोती र ेगी और ह िंदी की पुथतकों की खरीद पर प्रततकूि प्रभाि पडग़ेा और उनके लिये िक्ष्य प्राल्त करना मुलश्कि ोगा। अत: इस सिंििंि में थपष्ट्ट आदेश जारी ककए जाए कक ककसी भी लथथतत में पुथतकों पर ोन ेिािी कुि रालश का 50% ह िंदी की पुथतकों पर खचच ककया जाए। सलमतत का सुझाि ै कक लजन कायाचियों में पुथतकािय अनुदान का कोई िजट आििंटन न ो तो ि ािं कुि कायाचियीन व्यय का धयूनतम एक प्रततशत ह िंदी पुसत्कों पर खचच ककया जाए। य ॉ िं य भी ध्यान रखना ै कक पचास प्रततशत या एक प्रततशत के सिंदभच में जो भी रालश अधिक ो ि ह िंदी पुथतकों की खरीद पर खचच की जाएगी।

    य सिंथतुतत इस सिंशोिन के साथ थिीकार की जाती ै कक कायाचियों/पुथतकाियों के लिए िनरालश में से जनचि ि सिंदभच साह त्य की खरीद ककए जाने के िाद िची रालश का 50 प्रततशत या कायाचिय का धयूनतम एक प्रततशत, जो भी रालश अधिक ो, ि ह िंदी पुथतकों की खरीद पर खचच की जाए।

  • 53 मौलिक पुथतक िेखन योजना को और अधिक आकषचक िनाया जाए और पुरथकार रालश में िलृध्द की जाए।

    य सिंथतुतत थिीकार की जाती ै।

    54 सरकारी सेिा में ऐसे कई अधिकारी एििं कमचचारी ैं जो अपनी नौकरी के साथ-साथ रचनात्मक कायच से भी जुड़ े ैं और ह िंदी साह त्य की अलभिलृध्द में अपना ि ुमू्य योगदान दे र े ैं। सलमतत का सुझाि ै कक ऐसे प्रततभाशािी कालमचकों को विशषे प्रोत्सा न या पदोधनतत दी जाए।

    य सिंथतुतत इस सिंशोिन के साथ थिीकार की जाती ै कक ह िंदी साह त्य के क्षेत्र में रचनात्मक कायच से जुड़ ेकालमचकों कों विशषे प्रोत्सा न हदया जाए।

    55 अिंगे्रजी की अच्छी और उपयोगी पुथतकों के उत्तम

    अनुिाद को भी प्रोत्साह त ककया जाए और इस सिंििंि में भी योजना तैयार की जाए। इसे ‘’उत्कृष्ट्ट अनुिाद योजना’’ का नाम हदया जा सकता ै।

    य सिंथतुतत थिीकार कीजाती ै।

    56 सलमतत य सिंथतुतत करती ै कक सभी मिंत्राियों/ विभागों/ कायाचियों आहद में िेिफेयर क्िब्स के माध्यम से पुथतक क्िि गहठत ककए जाएिं।

    य सिंथतुतत थिीकार की जाती ै।

    57 सलमतत का मत ै कक एयर इिंडडया अपनी समय सारणी द्विभाषी रूप में छपिाएिं ताकक तनयमों की अि ेिना न ो।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    58 सलमतत य सिंथतुतत करती ै कक थिागत पबत्रका को पुनः एक ी लज्द में द्विभाषी छपिाया जाए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै। एयर इिंडडया द्िारा प्रकालशत ‘शुभयात्रा’’ पबत्रका एक ी लज् द में द्विभाषी छपिाया जाए।

    59 सलमतत य लसफाररश करती ै कक राजभाषा विभाग सिंििंधित मिंत्रािय/विभाग के परामशच से गोपनीय ररपोटच के फामच में एक अिग कॉिम “ह िंदी में िेख आहद लिखने की क्षमता” पर विचार करें।

    य सिंथतुतत थिीकार न ीिंकीजाती ै।

    60 सलमतत का मत ै कक क्षेत्र के आिार पर ग ृ पबत्रकाओिं को ह िंदी और सिंििंधित क्षेत्र विशषे की भाषा में छापा जाए ताकक क्षेत्रीय भाषा में िेखन क्षमता रखने िाि ेकमचचाररयों को भी अिसर और प्रोत्सा न लमिे।

    य सिंथतुतत थिीकार की जाती ै।

    61 रेि मिंत्रािय द्िारा भविष्ट्य में केिि ऐसे इिेक्रातनक यिंत्र/ उपकरण ी खरीदे जाएिं और प्रयोग में िाए जाएिं

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

  • लजन पर देिनागरी में भी कायच करने की सुवििा ो। जो टेलिवप्रिंटर / टेिेक्स, किं ् यूटर, शब्द सिंसािक आहद केिि रोमन के ैं, उन पर अवििम्पि देिनागरी में कायच करने की सुवििा सुिभ कराई जानी चाह ए।

    62 नए सलृजत ह िंदी पदों तथा खािी पड़ े ह िंदी पदों को तत्काि भरा जाए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    63 ह िंदी किं ्यूहटिंग फाउिं डशेन नामक सिंथथान केधद्रीय सरकार के कायाचियों विशषेकर रेिि े विभाग में ह िंदी को अधिकाधिक प्रयोग सुतनलश्चत करने ेत ुअधिकाररयों एििं कमचचाररयों को ह िंदी भाषा का ज्ञान देने, किं ्यूटर पर ह िंदी लसखाने तथा ह िंदी सॉफ्टियेर विकलसत करने के सिंििंि में प्रशिंसनीय कायच कर र ा ै। इस सिंथथान को रेि मिंत्रािय की ओर से वित्तीय स ायता उपिब्ि कराकर सशक्त िनाया जाना चाह ए ताकक थि विकलसत प्रौद्योधगकी के सदपुयोग से रेि मिंत्रािय की िा री सिंसािनों (Out Sourcing) पर तनभचरता समा्त की जा सके।

    ह िंदी किं ्यूहटिंग फाउिं डशेन के िषच 2006 में विघहटत ो जाने के कारण य सिंथतुतत थिीकार न ीिं की जाती ै।

    64 रेििे िोडच तथा देश भर में लथथत उसके अिीनथथ विलभधन कायाचियों में किं ्यूटरों में उपयोग में िाए जा र े ह िंदी सॉफ्टटिेयरों का मानकीकरण ककया जाना चाह ए।

    सभी मिंत्रािय/विभाग यूतनकोड और यूतनकोड समधथचत फोंट्स इथ तेमाि करें।

    65 पूरे देश में विशषेकर “ग” क्षेत्र में लथथत रेििे थटेशनों पर अिंगे्रजी एििं क्षेत्रीय भाषाओिं सह त ह िंदी में भी अतनिायच रूप से उद्ोषणाएिं की जानी चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    66 रेि मिंत्राियों के उपक्रमों/कारखानों द्िारा तनलमचत उत्पाद का नाम तथा अधय वििरण ह िंदी तथा अिंगे्रजी दोनों भाषाओिं में लिखे जाने चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    67 रेि मिंत्रािय और इसके सभी अिीनथथ कायाचियों में राजभाषा ह िंदी से सिंििंधित पदों पर कायचरत अधिकाररयों/कमचचाररयों को भारत सरकार के अधय मिंत्राियों में इन पदों पर कायचरत अधिकाररयों/कमचचाररयों के समान िेतनमान हदए जाने चाह ए और इध ें समुधचत पदोधनतत के अिसर हदए जाने चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    68 रेि मिंत्रािय की तीन आधिकाररक ििेसाइट मौजूद ोने के कारण कई िार भ्रामक लथथतत पैदा ोती ै।

    रेि मिंत्रािय य सुतनलश्चत करें कक सभी िेिसाइट सदैि पूणचत: द्विभाषी

  • अत: लथथतत थपष्ट्ट करन ेके लिए रेि मिंत्रािय द्िारा अपनी एक आधिकाररक िेिसाइट को ी प्रयोग में िाया जाना चाह ए और उसे पूणचत: द्विभाषी रूप में उपिब्ि कराया जाना चाह ए।

    रूप से उपिब् ि र े।

    69 सभी रेि हटकटों में पूरी जानकारी द्विभाषी रूप में ी दी जानी चाह ए ताकक ह िंदी पढने समझने िािे जन सािारण को असुवििा न ो।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    70 रेि मिंत्रािय द्िारा हदए गए सभी विज्ञापन द्विभाषी रूप में जारी ककए जाने चाह ए और विलभधन रेि गाडड़यों के डडब्िों के अिंदर और िा र हदए जाने िािे विज्ञापनों में ह िंदी को समुधचत थथान हदया जाना चाह ए। विशषेकर रेिि ेथटेशनों और रेिि ेके पररसर में विज्ञापन सिंििंिी िैनर, ोडडिंग्स आहद अतनिायच रूप से द्विभाषी ोने चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    71 रेििे िोडच द्िारा सभी तनविदाओिं की सूचना एििं फामच द्विभाषी रूप में प्रकालशत ककए जाने चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    72 ह िंदी को सिंयुक्त राष्ट्र सिंघ की आधिकाररक भाषा िनाने के लिए विदेश मिंत्रािय का एक समयिध्द कायच योजना िनाकर उसे तनष्ट्पाहदत करना चाह ए।

    य सिंथतुतत इस सिंशोिन के साथ थिीकार की जाती ै कक विदेश मिंत्रािय ह िंदी को सिंयुक्त राष्ट्र सिंघ की भाषा िनाने के लिए वित्तीय खचच का अनुमान िगाकर कायच योजना तैयार करने पर विचार करे।

    73 सभी पासपोटच कायाचियों द्िारा पासपोटच प्रपत्र द्विभाषी रूप में उपिब्ि कराएिं जाएिंगे तथा आिेदकों द्िारा ह िंदी में भरे ुए प्रपत्र थिीकार ककए जाएिंगे। जारी ककए गए सभी पासपोटों में सिंपूणच प्रविलष्ट्टयािं ह िंदी में भी की जानी चाह ए।

    य सिंथतुतत थिीकार की जाती ै।

    74 मिंत्रािय की ििेसाइट पर पासपोटच एििं िीजा सिंििंिी विथततृ जानकारी एििं अधय सूचना ह िंदी में भी उपिब्ि कराई जानी चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    75 विदेश मिंत्रािय के विदेशों में लथथत अिीनथथ कायाचियों/दतूािासों इत्याहद में ह िंदी के पदों का सजृन ककया जाना चाह ए। लजन कायाचियों/दतूािासों में ह िंदी के पद ररक्त पड़ े ुए ैं, उध ें शीघ्राततशीघ्र भरा जाना चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    76 विदेश सिेा के अधिकाररयों को सिंघ सरकार की य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

  • राजभाषा नीतत एििं राजभाषा तनयम और अधितनयम की पयाच्त जानकारी देने के लिए उनके प्रलशक्षण पाठ्यक्रम में इध ें शालमि ककया जाना चाह ए।

    77 विदेश मिंत्रािय द्िारा प्रकालशत ‘इिंडडया पसचपेलक्टिस’ नामक उत्कृष्ट्ट पुथतक के अिंक ह िंदी एििं अिंगे्रजी सिंथकरणों की समान सिंख्या प्रकालशत की जानी चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    78 सभी पासपोटच कायाचियों में प्रयोग में िाए गए किं ्यूटरों पर ह िंदी में काम करने की सुवििा सुतनलश्चत की जानी चाह ए, विशषेकर किं ्यूटरों पर कायच मुख्यतया ह िंदी में ी ककया जाना चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    79 राजभाषा नीतत का सुचारू कायाचधियन सुतनलश्चत करने के लिए मिंत्रािय और इसके सभी अिीनथथ कायाचियों में उपिब्ि मानि सिंसािन का इष्ट्टतम उपयोग ककया जाना चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    80 एअर इिंडडया और पिन िंस ेिीकॉ्टसच लि०द्िारा सभी हटकटों पर ह िंदी का समुधचत प्रयोग सुतनलश्चत ककया जाना चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    81 मिंत्रािय के सभी अिीनथथ कायाचियों में राजभाषा ह िंदी से जुड़ ेसभी अधिकाररयों/कमचचाररयों को समुधचत िेतनमान एििं पदोधनतत के उधचत अिसर हदए जाने चाह ए और उनके साथ ककसी प्रकार का भेदभाि न ीिं िरता जाना चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    82 भविष्ट्य में सलमतत की राजभाषा सिंििंिी सभी तनरीक्षण िैठकों में मिंत्रािय की ओर से सिंयुक्त सधचि थतर के अधिकारी की उपलथथतत सुतनलश्चत की जानी चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    83 मिंत्रािय के सभी अिीनथथ कायाचियों में अप्रलशक्षक्षत कालमचकों को प्रलशक्षण देने तथा ररक्त पड़ े ुए ह िंदी पदों को शीघ्राततशीघ्र भरन ेके लिए समयिध्द कारचिाई की जानी चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    84 मिंत्रािय द्िारा ह िंदी भाषा प्रलशक्षण के लिए शषे अधिकाररयों/ कमचचाररयों को समय-िद् प्रलशक्षण देकर इध ें ह िंदी कायचशािाओिं में नालमत ककया जाना चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    85 इिंहदरा गािंिी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी, रायिरेिी में य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

  • तनिाचररत मानदिंडों के अनुसार ह िंदी का एक पद सलृजत ककया जाना चाह ए और अकादमी की सिंपूणच प्रलशक्षण सामग्री ह िंदी में भी उपिब्ि कराई जानी चाह ए।

    86 नैलसि द्िारा प्रकालशत की जा र ी पबत्रकाओिं “थिागत”और “नमथकार”के ह िंदी और अिंगे्रजी सिंथकरणों की सामग्री एििं उनकी प्रततयािं समान ोनी चाह ए ताकक सभी याबत्रयों को इन िोकवप्रय पबत्रकाओिं का ह िंदी सिंथकरण आसानी से उपिब्ि ो सके।

    सिंथ तुतत सिंख् या 58 पर पाररत आदेशानुसार कारचिाई ो।

    87 मिंत्रािय और इसके सभी तनयिंत्रणािीन कायाचियों की िेिसाइट द्विभाषी रूप में ोनी चाह ए और ििेसाइट को अद्यतन करते समय ह िंदी के पषृ्ट्ठों को भी अतनिायच रूप से अपिोड ककया जाना चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    88 सलमतत द्िारा की गई लसफाररश के अनुसार सभी मिंत्राियों/कायाचियों को विज्ञापन की कुि रालश का धयूनतम 50 प्रततशत व्यय ह िंदी विज्ञापनों पर करना चाह ए। सूचना एििं प्रसारण मिंत्रािय द्िारा अक्टूिर, 2007 से िागू नई विज्ञापन नीतत में सलमतत की उक्त लसफाररश के अनुसार समुधचत सिंशोिन ककया जाना चाह ए।

    सिंसदीय राजभाषा सलमतत के प्रततिेदन खिंड – 8 की लसफ़ाररश सिं० 70 पर लिए गए आदेश को अधिक्रलमत करत े ुए खिंड – 9 की लसफ़ाररश सिं० 48 एििं 88 पर की गई सिंथतुततयािं इस सिंशोिन के साथ थिीकार की जाती ै की मिंत्राियों / विभागों / कायाचियों / उपक्रमों आहद द्िारा जो भी विज्ञापन अिंगे्रजी / क्षेत्रीय भाषाओिं में हदये जात े ैं, उध ें ह िंदी भाषा में अतनिायच रूप स ेहदया जाएगा।

    89 आकाशिाणी म ातनदेशािय द्िारा ह िंदी के सभी अनुिादक-स -उदघोषकों को नेपािी, फ्रें च एििं अधय विदेशी भाषाओिं के अनुिादक-स -उद्ोषकों के समान िेतनमान हदया जाना चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    90 सूचना एििं प्रसारण मिंत्रािय के अिीनथथ कायाचिय नामत: भारतीय जनसिंचार सिंथथान में कायचरत ह िंदी अधिकारी को छठे िेतन आयोग की लसफाररश के अनुरूप िेतनमान हदया जाना चाह ए। इसी प्रकार मिंत्रािय के एक अधय अिीनथथ कायाचिय भारतीय पे्रस पररषद में कायचरत ह िंदी का कायच देख र े कमचचारी को तनयमानुसार समुधचत पदोधनतत दी जानी चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

  • 91 देश भर में लथथत विलभधन आकाशिाणी केधद्रों एििं दरूदशचन केधद्रों की म त्िपूणच भूलमका के दृलष्ट्टगत इनमें ििंिे समय से ररक्त पड़ े ह िंदी पदों को प्राथलमकता आिार पर भरा जाना चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    92 आकाशिाणी एििं दरूदशचन के सभी केधद्रों द्िारा ह िंदी में प्रसाररत कायचक्रमों की अिधि तनलश्चत की जानी चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    93 प्रकाशन विभाग द्िारा केधद्र सरकार के सभी मिंत्राियों एििं कायाचियों के लिए मूि तनयमों एििं अनुपूरक तनयमों के सिंकिन का ह िंदी प्रकाशन ककया जाना चाह ए और इसे सिचसुिभ िनाया जाना चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै। राजभाषा तनयम, 1976 के तनयम 11 के अनुसार कारचिाई की जाए।

    94 मिंत्रािय के तनयिंत्रणािीन कायाचिय कफ्म समारो तनदेशािय द्िारा देश में आयोलजत ककए जाने िािे सभी कफ्म समारो ों में प्रदलशचत की जाने िािी कफ्मों की ह िंदी में डबििंग/सिटाइटलििंग की व्यिथथा की जानी चाह ए ताकक उत्कृष्ट्ट कफ्मों के जररए दशचकों को ह िंदी से जोड़ा जा सके।

    कफ्म डबििंग यूतनट ििंद ो जाने से य सिंथतुतत थिीकार न ीिं की जाती ै।

    95 मिंत्रािय के तनयिंत्रणािीन कायाचिय राष्ट्रीय कफ्म विकास तनगम द्िारा तनलमचत क्षेत्रीय भाषाओिं की कफ्मों की ह िंदी में डबििंग/सिटाइटलििंग कराने की व्यिथथा की जानी चाह ए। साथ ी, तनगम द्िारा कफ्म तनमाचण सिंििंिी अपने उपतनयमों में सिंशोिन ककया जाना चाह ए, ताकक तनगम द्िारा तनलमचत कफ्मों के तनमाचण के प्रथम चरण में कफ्मों की पटकथा ह िंदी में भी तैयार की जा सके और सभी सिंििंधितों को सुिभ कराई जा सके।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    96 कालमचक एििं प्रलशक्षण विभाग द्िारा जारी ककए जाने िािे सभी कायाचिय आदेश/कायाचिय ज्ञापन/पररपत्र आहद को विभाग की िेिसाइट पर ह िंदी में भी तत्काि उपिब्ि कराया जाना चाह ए और ििेसाइट पर दी गई सूचना को अद्यतन करते समय इसके ह िंदी पाठ को भी उसी समय अद्यतन ककया जाना चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    97 कालमचक एििं प्रलशक्षण विभाग द्िारा जारी सभी कायाचिय आदेश/कायाचिय ज्ञापन/पररपत्र आहद का सिंकिन प्रकाशन विभाग के माध्यम से प्रकालशत

    य सिंथतुतत इस सिंशोिन के साथ थिीकार की जाती ै कक कालमचक एििं प्रलशक्षण विभाग अपने सभी कायाचिय

  • कराया जाना चाह ए और इसे सिचसुिभ िनाया जाना चाह ए।

    आदेश/कायाचिय ज्ञापन/पररपत्र आहद को द्विभाषी रूप में सिचसुिभ कराएगा।

    98 िाि ि ादरु शाथत्री राष्ट्रीय प्रशासतनक अकादमी, कालमचक एििं प्रलशक्षण विभाग का अिीनथथ सिंगठन ै जो प्रशासन एििं िोक नीतत के अनुसिंिान एििं प्रलशक्षण के क्षेत्र में भारत का अग्रणी सिंथथान ै लजसका मुख्य कायच भारतीय प्रशासतनक सेिा के प्रलशक्षु अधिकाररयों को प्रलशक्षण प्रदान करना ै। अकादमी के प्रलशक्षण कायचक्रमों की शत प्रततशत प्रलशक्षण सामग्री द्विभाषी रूप में उपिब्ि करायी जानी चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    99 सलमतत का सुझाि ै कक अकादमी अपने प्रलशक्षण कायचक्रमों में प्रलशक्षाधथचयों को अधय विषयों के साथ-साथ सिंघ सरकार की राजभाषा नीतत और राजभाषा सिंििंिी सिंिैिातनक प्राििानों के विषय में भी प्रलशक्षण प्रदान करन ेकी व्यिथथा करे, ताकक सभी अधिकारी अपनी तनयुलक्त िािे कायाचिय में राजभाषा नीतत के सुचारू कायाचधियन की तनगरानी थियिं कर सकें ।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    100 कमचचारी चयन आयोग द्िारा देश भर में लथथत विलभधन कायाचियों में ररक्त पड़ े ुए ह िंदी पदों को तत्काि भरने के लिए ठोस एििं कारगर कायच योजना िनाकर उसे कक्रयालधित करना चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    101 कमचचारी चयन आयोग द्िारा सिंचालित अिंतविचभागीय परीक्षाओिं में ह िंदी भाषा का विक्प चुनने िािे सभी परीक्षाधथचयों के लिए भाषा ज्ञान सिंििंिी प्रश्न पत्र अिंगे्रजी भाषा में देना अतनिायच न ीिं ोना चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    102 एक समयिध्द कायचक्रम िनाकर कमचचारी चयन आयोग के अिीन इनके सभी क्षेत्रीय कायाचियों में प्रलशक्षण के लिए शषे अधिकाररयों /कमचचाररयों को शीघ्राततशीघ्र प्रलशक्षण हदििाया जाए तथा इन कायाचियों को राजभाषा तनयम 1976 के तनयम 10(4) के अिंतगचत अधिसूधचत ककया जाए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    103 सिंघ िोक सेिा आयोग द्िारा सिंचालित समथत परीक्षाओिं में ह िंदी भाषा का विक्प उपिब्ि न ीिं कराया जा र ा ै लजसका कारण परीक्षाओिं का तकनीकी विषय ोना िताया गया ै। सलमतत इस े

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

  • थिीकार करने से इिंकार करती ै और य सुझाि देती ै कक प्रततभाशािी ह िंदी भाषी परीक्षाधथचयों को समुधचत अिसर देने के लिए आयोग द्िारा आयोलजत सभी परीक्षाओिं में ह िंदी का विक्प उपिब्ि कराया जाना चाह ए।

    104 केधद्रीय सािचजतनक क्षेत्र के उद्यमों के लिए प्रििंिकीय नीतत का तनिाचरण करन े एििं इन उद्यमों के लिए िररष्ट्ठ प्रििंिकीय पदों पर तनयुलक्त ेतु सरकार को सिा देने के लिए गहठत सािचजतनक उद्यम चयन िोडच द्िारा सभी विज्ञापन द्विभाषी रूप में प्रकालशत ककए जाने चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    105 सिोच्च राजकीय पदों पर िैठे सभी को, विशषेकर लजध ें ह िंदी िोिनी और पढनी आती ै, िे अपन ेभाषण/िक्तव्य ह िंदी में ी दें या पढे इसका आग्र करना चाह ए। इस शे्रणी में राष्ट्रपतत सह त सभी मिंत्री आते ैं।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै

    106 सिंसद में ह िंदी या मातभृाषा का उपयोग करने के सिंिैिातनक प्राििान, अनुच्छेद, 120(2) का पािन कराने के लिए योग्य प ि करनी चाह ए।

    य लसफाररश थिीकार न ीिं की जाती ै।

    107 अिंगे्रजी के प्रभुत्ि को (उपयोग को न ीिं) जड़ से समा्त करन,े ह िंदी या मातभृाषा में प्राथलमक लशक्षा न देने िािी शािाओिं को शासकीय माधयता न ीिं देनी चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार न ीिं की जाती ै।

    108 केधद्रीय कायाचियों में काम चा ने िािों को पद के अनुसार ह िंदी प्रततयोधगता परीक्षा उतीणच करने का प्राििान करना चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार न ीिं की जाती ै।

    109 विज्ञापनों पर खचच सिंििंिी तनयमों को अधिक कठोरता से पािन कराने का प्राििान करना चाह ए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार की जाती ै।

    110 राजभाषा अधितनयम का अनुपािन न ीिं करने पर दण्डात्मक प्राििान ोना चाह ए। “क” और “ख” क्षेत्रों के लिए दण्ड का प्राििान अतनिायच ो। “ग” क्षेत्र के लिए प्रोधनतत में विशषे अिंक देने की व्यिथथा की जाए।

    य सिंथ तुतत थ िीकार न ीिं की जाती ै।

    111 सभी सरकारी उपक्रमों, सरकारी अनुदान पाने िािी सिंथथाओिं, सािचजतनक सेिा में िगी तनजी किं पतनयों

    य सिंथ तुतत कें द्र सरकार के कायाचियों में िागू करने के लिए थ िीकार की

  • (For publication in the Gazette of India, Part-I, Volume-I both in Hindi and English in diglot form)

    No. 20012/1/2017-O.L.(Policy)

    Government of India

    Ministry of Home Affairs

    Department of Official Language

    ****************************************

    4th Floor, B-Wing, NDCC-2 Building,

    Jai Singh Road, New Delhi

    Date : 31 March, 2017

    RESOLUTION

    20012/01/2017-OL(Policy) : The Committee of Parliament on Official Language was constituted

    in 1976 under the Section 4(1) of the Official Languages Act, 1963. The Committee submitted

    ninth part of its Report to the President on 02.06.2011 relating to Ministry-wise/Region-wise

    assessment of the use of Hindi, on basis of review of the compliance of the section 3(3) of the

    Official Languages Act, 1963 and rule 5 of the Official Languages Rules, 1976 relating to

    correspondence in Hindi, publication, code-manual and training etc. in Hindi, purchase of Hindi

    books in Central Government Offices, computerization and Hindi, compulsory provision of Hindi

    knowledge in recruitment rules, availability of Hindi medium in academic and training

    institutions, expenditure on Hindi advertisements and use of Hindi for commercial activities etc.

    In accordance with Section 4(3) of the Official Languages Act, 1963, the Report was laid in the

    Table of the Lok Sabha and Rajya Sabha on 30.08.2011 and 07.09.2011 respectively. Copies of

    the Report were sent to all Ministries/Departments of the Government of India and to all

    States/Union Territories. After considering the views expressed by the State/Union Territory

    Governments and various Ministries/Departments, it has been decided to accept most

    recommendation in toto and some with modifications after getting their views. Accordingly, the

    undersigned is directed to convey the Orders of the President made under section 4(4) of the

    Official Languages Act, 1963 on the recommendations made in the ninth part of the Report of

    the Committee as under :

    Sr. Recommendation President’s Order

    1 The Committee has observed that the

    recommendations prepared with collective

    wisdom are not being deeply analyzed by the

    Dep