कम सेकम या ज्यादासेज्यादा · इस समीकरण...

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कम -से -कम या यादा -से -यादा ि ेक मेहता कहा जाता है िक एक िरते सेब को देखकर यूटन को ुाकष रण का िसांत िनकालने की ेरणा िमलथी। अर ये बात सच है तो हो सकता है िक ऊपर की ओर उछाली ई एक ेद या सेब की ित को देखकर उहने यह बात िलखी हो "कोई राि (quantity) जब सबसे बड़ी या छोटी होती है तो ो ना आे की तरफ बह रहहोती है ना पीछे। यूंिक अर ो आे की तरफ बह रही होी या ये कहे िक बढ़ रही होी तो अपने तरमान मान से और यादा बड़ी हो सकती है और अर पीछे की तरफ बह रहहोी या घट रही होी तो अपने तरमान मान से और कम।" आईये यूटन के ारा िलखे ये इस िनयम को एक ऊपर उछाली हुई ेद की ित के संदभर मे समझने की कोि करते है। उसके बाद कु छ अय उदाहरण मे हम यूटन क े इस िनयम का इतेमाल कर इसकी ऊपयोिता सीमाओं को जाचेे। उछाली ई एक ेद क ी ित अर एक ेद एक ुआती ऊं चाई से िकसी ुआती ित से ऊपर की ओर उछाली जाये तो कु छ देर तक ऊपर जाने के बाद नीचे की तरफ आने लती है 1 उदाहरण के तौर पर िच 1 मे िदखाये अनुसार एक ेद ुआती ऊंचाई h o मीटर की ुआती ऊंचाई से v o मीटर ित सेकंड (m/s) की ुआती रतार से ऊछाली ई है। अब यह साल बनता है िक नीचे आना ु करने से पहले ेद अिकतम िकस ऊं चाई, h max मीटर, तक जायेी? अपने अनुभ से हम जानते है िक ेद की अिकतम ऊंचाई सीे तौर पर h o v o पर िनभर करती है 2 । दो अल-अल ुआती ऊं चाईय से समान ुआती रतार से उछाली ई दो ेद मे से ो ेद यादा ऊपर जायेी िजसकी ुआती ऊं चाई यादा हो। इसी तरह एक ही ुआती ऊं चाई से दो अल-अल ुआती रतार से उछाली ई ेद मे से ो ेद यादा ऊपर जायेी िजसकी ुआत1 ये तब जब ेद की रतार escape velocity से कम हो। 2 या यह ऊं चाई ेद क mass पर िनभर करेी? ि1: उछाली ई एक द की ित

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  • कम-से-कम या ज्यादा-से-ज्यादािविवेिक मेहता

    कहा जाता है िक एक िगिरते सेब को देखकर न्यूटन को गिुरूत्विाकषरण का िसद्धांत िनकालने की प्रेरणा िमली थी। अगिर ये बात सच है तो हो सकता है िक ऊपर की ओर उछाली गिई एक गिेद या सेब की गिित को देखकर उन्होंने यह बात िलखी हो

    "कोई रािशि (quantity) जब सबसे बड़ी या छोटी होती है तो विो ना आगेि की तरफ बह रही होती है ना पीछे। क्यूंिक अगिर विो आगेि की तरफ बह रही होगिी या ये कहे िक बढ़ रही होगिी तो अपने वितरमान मान से और ज्यादा बड़ी हो सकती है और अगिर पीछे की तरफ बह रही होगिी या घट रही होगिी तो अपने वितरमान मान से और कम।"

    आईये न्यटून के द्वारा िलखे गिये इस िनयम को एक ऊपर उछाली हुई गेिद की गिित के संदभर मे समझने की कोिशिशि करते ह।ै उसके बाद कुछ अन्य उदाहरणों मे हम न्यूटन के इस िनयम का इस्तेमाल कर इसकी ऊपयोिगिता वि सीमाओं को जाचेगेि।

    उछाली गिई एक गिेद की गिित

    अगिर एक गेिद एक शिुरुआती ऊंचाई से िकसी शिुरुआती गिित से ऊपर की ओर उछाली जाये तो कुछ देर तक ऊपर जाने के बाद नीचे की तरफ आने लगिती है1। उदाहरण के तौर पर िचत्र 1 मे िदखाये अनुसार एक गिेद शिुरूआती ऊंचाई hoमीटर की शिरुूआती ऊंचाई से vo मीटर प्रित सेकंड (m/s) की शिुरुआती रफ़्तार से ऊछाली गिई ह।ै अब यह सविाल बनता है िक नीचे आना शिुरु करने से पहले गेिद अिधिकतम िकस ऊंचाई, hmax मीटर, तक जायेगिी?

    अपने अनुभवि से हम जानते है िक गेिद की अिधिकतम ऊंचाई सीधेि तौर पर hoवि vo पर िनभरर करती है2। दो अलगि-अलगि शिुरूआती ऊंचाईयों से समान शिुरुआती रफ़्तार से उछाली गिई दो गिेदों मे से विो गेिद ज्यादा ऊपर जायेगिी िजसकी शिुरुआती ऊंचाई ज्यादा हो। इसी तरह एक ही शिुरूआती ऊंचाई से दो अलगि-अलगि शिुरुआती रफ़्तारों से उछाली गिई गिेदों मे से विो गेिद ज्यादा ऊपर जायेगिी िजसकी शिरुुआती

    1 ये तब जब गिेद की रफ़्तार escape velocity से कम हो।2 क्या यह ऊंचाई गिेद के mass पर िनभरर करगेिी?

    िचत्र 1: उछाली गिई एक गेिद की गिित

  • रफ़्तार ज्यादा हो। लेिकन यहां सविाल ऐसी दो या चार ितिस्थितयों मे गेिद के द्वारा हािसल की गिई अिधिकतम ऊंचाई की तुलना का नहीं ह।ै यहां सविाल है िक अगिर गिेद की शिुरुआती ऊंचाई ho वि शिुरूआती रफ़्तार

    vo हो तो गेिद की अिधिकतम ऊंचाई क्या होगिी?

    चूंिक यहां बातअिधिकतम ऊंचाई की हो रही है तो हम न्यटून के उस कथन का रूख करते है िजसमे विो िकसी रािशि के सबसे बड़े (या छोटे) होने की बात कह रहे ह।ै न्यूटन िलखते है िक "जब कोई रािशि सबसे बड़ी होती है तो विो ना आगेि की तरफ बह रही होती है ना पीछे"। इस उदाहरण मे हम िजस रािशि के अिधिकतम मान की बात कर रहे है विो है गेिद की ऊंचाई h । अगिर हम गेिद के ऊपर की ओर जाने को आगेि और नीचे की ओर आने को पीछे मान ले तो इस संदभर मे न्यटून के कथन के मायने हुए िक जब गेिद अपनी अिधिकतम ऊंचाई पर होगिी तो विो ना ऊपर की तरफ बढ़ रही होगिी ना नीचे की ओर। िजसका मतलब हुआ िक ठीक उस क्षण जब गिेद अपनी अिधिकतम ऊंचाई पर होगिी तो विो रूकी हुई होगिी यानी िक उसकी रफ़्तार शिून्य होगिी।

    इस बात को हम एक ग्राफ़ की मदद से भी समझ सकते ह।ै गिित के िनयमों से हम जानते है िक समय के िकसी भी मान t के िलये गेिद की ऊंचाई होगिी;

    h=h0+vo t+12

    at 2 (E-1)

    गेिद पर लगिातार गिुरूत्विाकषरण का बल लगि रहा है जोिक उसे नीचे ग्राउंड की तरफ खींच रहा ह।ै िजस विजह से त्विरण a=−g=−9.81m / s2

    होगिा। अगिर हम h0=1 m वि v0=5 m /sलेकर समीकरण (E-1) के िलये ऊंचाई-समय ग्राफ़ बनाये तो विो िचत्र 2 की तरह होगिा।

    हम ग्राफ मे देख सकते है िक समय बढ़ने के साथ-साथ िकस तरह गेिद पहले ऊपर की ओर जाती है और िफर t=0.5097 s पर अपनी अिधिकतम ऊंचाई hmax=2.2742 m हािसल करने के बाद नीचे की ओर िगिरने लगिती ह।ै अब न्यूटन साहब के कहे मतुािबक गिेद की रफ़्तार अिधिकतम ऊंचाई पर शिून्य होनी चािहये। एक दरूी-समय ग्राफ पर खींची गिई एक स्पशिर-रखेा की ढ़लान उस समय-िविशेिष के िलये विस्तु की रफ़्तार को दशिारती ह।ै क्या आप िचत्र 2 मे िदखलाये गिये ग्राफ पर विो िबदं ुढ़ंूढ़ सकते है िजस पर खींची गिई

    िचत्र 2: h0=1 m वि v0=5 m /s के िलये ऊंचाई -समय ग्राफ

  • स्पशिर-रखेा की ढ़लान शिनू्य हो? आप देखेगेि िक t=0.5097 s के िलये ग्राफ पर जो िबदं ु है, यानी िक अिधिकतम ऊंचाई विाला िबदं ु, उस पर खींची गिई स्पशिर रखेा XX ' की ढ़लान शिून्य है क्यूंिक यह समय-अक्ष के समानांतर ह।ै

    िबना ग्राफ़ की मदद के भी हम एक से ज्यादा तरीकों से ये समय िनकाल सकते है। गिित के दसूरे िनयम से हम जानते है िक समय के िकसी भी मान t के िलये गेिद की रफ़्तार होगिी

    v=v0+at (E-2)

    समीकरण (E-1) से dhdt

    िनकालने पर भी हमे समीकरण (E-2) ही िमलता। समीकरण (E-2) को शिून्य के

    बराबर रखकर हम t का विो मान िनकाल सकते है जब v=0 हो। इस तरह िमले t के मान को समीकरण (E-1) मे रखकर हम अिधिकतम ऊंचाई भी िनकाल सकते ह।ै करके देिखये।

    इस उदाहरण मे हमने देखा िक कैसे न्यूटन के सुझाये िनयम की मदद से हमने एक शिरुुआती ऊंचाई से िकसी शिुरुआती गिित से ऊपर की ओर उछाली एक गिेद के द्वारा हािसल की गिई अिधिकतम ऊंचाई िनकाल ली।

    तो क्या न्यटून का यह िनयम हमेशिा काम करगेिा? आईये एक गििणितय उदाहरण से समझने की कोिशिशि करते ह।ै

    एक गििणितय उदाहरण

    मान लीिजये िक हमे चर रािशि x मे एक फलन f (x )

    f (x )= x7

    7−x5+ 4 x

    3

    3+1 (E-3)

    पता ह ैऔर हम जानना चाहते ह ैिक इस फलन का अिधिकतम मान क्या होगिा?

    न्यूटन के िनयम के मतुािबक िजस िकसी िबदं ुपर यह फलन अपने अिधिकतम पर होगिा, उस जगिह यह ना आगेि को बह रहा होगिा ना पीछे की ओर। गिेद के मामले मे तो हमने बहने का मतलब उसकी रफ़्तार से ले िलया था। गेिद की रफ़्तार यह दशिारती है िक कैसे उसकी ऊंचाई समय के साथ बदलती ह।ै हमे जो फलनf (x ) िमला हुआ है विो केविल एक चर रािशि x पर िनभरर करता ह।ै x के बदलने के साथ-साथ फलन

    का मान भी बदलता है; ठीक विैसे ही जसेै समय के बदलने के साथ-साथ गेिद की ऊंचाई। गेिद के मामले मे हम यह सविाल पूछ रहे थे िक उसके द्वारा हािसल की गिई अिधिकतम ऊंचाई क्या है और विो िकस समय पर उस ऊंचाई तक पहुचंती ह।ै विहीं इस गििणितय फलन के मामले मे हम यह पूछ रहे है िक फलन का

  • अिधिकतम मान क्या होगिा वि चर रािशि x के िकस मान पर ऐसा होगिा। इसिलये इस फलन के मामले मे बहने का मतलब चर रािशि x के बदलने के साथ फलन f (x ) मे हो रहे बदलावि से है जोिक dfdx से

    दशिारया जाता है3।

    तो अब मामला सीधिा लगिता ह।ै हम फटाफट समीकरण (E-3) से dfdx

    िनकाल लेते है और िफर उसे शिून्य

    के बराबर रखकर चररािशि x के िलये हल कर लेगेि। यही विो x होगिा जहां फलन अपने अिधिकतम पर होगिा। पर क्या मामला सचमुच इतना सीधिा है? आईये पड़ताल करते ह।ै

    सबसे पहले तो समीकरण (E-3) से dfdx

    िनकाल लेते ह।ै जोिक dfdx

    = x6−5 x4+4 x 2 होगिा। अब इसे

    शिून्य के बराबर रखने पर जो समीकरण हमे िमलेगिा विो होगिा;

    x6−5 x4+4 x2= x2(x4−5 x2+4)=0 (E-4)

    इस समीकरण के छ: अलगि-अलगि हल4 िमलेगेि; x=−2, x=−1, x=0,x=0, x=1, x=2 । आईये यह भी देख ले िक चररािशि x के इन मानों के िलये फलन f (x ) के मान क्या ह।ै साथ ही हम चररािशि x के ऐसे दो अन्य मानों पर भी फलन f (x ) का मान िनकालकर देखते है जहां dfdx शिून्य नहीं है, जसेै िक

    x=−2.4 वि x=2.4 । तािलका 1 मे यह जानकारी दशिारई गिई ह।ै

    x -2.4 -2 -1 0 1 2 2.4f ( x) -3.3268 4.0476 0.5238 1.0000 1.4762 -2.0476 5.3268dfdx

    68.04 0 0 0 0 0 68.04

    तािलका 1:चर रािशि x के अलगि-अलगि मानों के िलये f (x ) वि dfdx

    तािलका 1 कुछ बाते खास तौर पर गिौर करने विाली है:1. df

    dxएक से ज्यादा िबदंओंु पर शिून्य के बराबर ह।ै तो क्या फलन f (x ) इन सभी िबदंओंु पर

    अिधिकतम होगिा? अगिर हम न्यटून के िनयम को देखे तो पायेगेि िक इसके मतुािबक dfdx ना केविल

    रािशि के अिधिकतम मान पर बितिल्क न्यूनतम मान पर भी शिून्य के बराबर होगिा। तो क्या इस मामले मे

    3 इसे ऐसे भी दखे-समझ सकते ह ैिक समीकरण (E-1) भी तो चर-रािशि t मे एक फलन ही ह।ै4 इस समीकरण को हल करना आसान ह।ै दो हल तो साफ िदखाई दे रहे ह ैजोिक x=0 को दशिारते ह।ै बाकी चार हलों के िलये

    x4−5 x2+4=0 मे x2= y रखकर इसे चर रािशि y मे एक िद्वघाती समीकरण मे बदला जा सकता ह।ै उस नये समीकरण को yके िलये हल कर x के चारों मान िनकाले जा सकते ह।ै

  • x के कुछ मान न्यूनतम िबदं ुको भी दशिार रहे है? अगिर ऐसा है तो कैसे पता िकया जाए िक िकस िबदं ुपर फलन अिधिकतम और िकस पर न्यूनतम होगिा? साथ ही यह सविाल भी उठता ह ैिक एक से अिधिक मानों पर कोई रािशि कैसे अिधिकतम या न्यूनतम हो सकती है?

    2. चर रािशि x के िजन मानों के िलये dfdx शिून्य है उनमे f (x ) का सबसे बड़ा x=−2 पर ह।ै लेिकन

    अन्य आंकड़ों के मकुाबले यह संख्या अिधिकतम नहीं ह।ै िजस आंकड़े के िलए f (x ) सबसे बड़ा है विो है x=2.4 के िलये। लेिकन x=2.4 पर dfdx शिून्य नही ह।ै यही बात फलन के न्यूनतम िबदं ुपर भी

    लागिू होती ह।ै ये क्या माजरा है?

    इन सविालों के जविाब तलाशिने के िलये हम एक बार िफर ग्राफ की मदद लेते ह।ै िचत्र 3 मे गििणितय फलन

    f (x )= x7

    7−x5+ 4 x

    3

    3+1 के िलये एक ग्राफ िदखलाया

    गिया ह।ै तािलका 1 मे िदये गिये सभी आंकड़ों को इस ग्राफ मे दशिारया गिया ह।ै हमने पहले जो गिणनाये की है उसके मुतािबक x=−2, x=−1, x=0, x=1, x=2 के िलये df

    dxशिून्य के बराबर ह।ै ग्राफ के सदंभर मे इसके

    मायने हुए िक x के इन मानों के समकक्ष ग्राफ पर खींची गिई स्पशिर-रखेा की ढ़लान शिनू्य होनी चािहये। आप देख सकते है िक िबदं ु A ,B ,C , D व E पर स्पशिर-रखेा x -अक्ष के समानांतर है, जो दशिारता है िक x के इन मानों के समकक्ष dfdx =0 ह।ै विहीं िबदं ु X 1 व X 2 जो क्रमशि: x=−2.4 वि x=2.4 के समकक्ष है, उन पर

    खींची जाने विाली स्पशिर-रखेा x -अक्ष के समानांतर नहीं होगिी। इसीिलये इन िबदंओंु पर ढ़लान शिून्य नहीं ह।ै तािलका 1 से भी ये ज़ािहर ह।ै

    अब आते ह ैअपने शिुरुआती सविाल पर िक फलन f (x ) का अिधिकतम मान क्या होगिा? अगिर ग्राफ पर नज़र डाले तो िदखाई देता ह ैिक ग्राफ मे कई जगिहों पर उतार-चढ़ावि ह।ै अगिर हम फलन f (x ) का मान िबदं ु A के समकक्ष चर रािशि x के मान (यानी िक x=−2.0 ) से कम मानों के िलये िनकालेगेि तो पायेगेि िक जसेै-जसेै xका मान कम होता जाता है, फलन का मान भी कम होता जाता ह।ै िजसका मतलब हुआ िक िबदं ु A के बाये तरफ ग्राफ लगिातार नीचे की तरफ िगिरता चला जायेगिा, कभी भी ऊपर का रुख नहीं करगेिा। ठीक इसी तरह अगिर हम फलन f (x ) का मान िबदं ु E के समकक्ष x=2.0 के मान से ज्यादा के िलये िनकाले तो पायेगेि िक

    िचत्र 3: चर रािशि x के साथ फलन f (x ) मे होते बदलावि को दशिारता एक ग्राफ

  • x के बढ़ने के साथ-साथ फलन f (x ) का ग्राफ लगिातार ऊपर की तरफ चढ़ता ही जायेगिा, कभी नीचे की तरफ नही आयेगिा5।

    अब अगिर कोई फलन f (x ) डोमेन (इस सदंभर मे x -अक्ष ) के िकसी िहस्से मे लगिातार बढ़ रहा हो तो dfdxकभी शिनू्य होने से रहा। इसका मतलब हुआ िक जसेै-जसेै हम िबदं ु E से आगेि बढ़ते जायेगेि हमे फलन के बड़े से बड़े मान तो िमलते जायेगेि लेिकन कहीं भी न्यटून के द्वारा सुझाया गिया िनयम सही नही बठेैगिा। यही ितिस्थित तब होगिी जब हम फलन के न्यूनतम मान को तलाशिने िनकलेगेि। तो क्या न्यूटन इस मामले मे गिलत सािबत हो गिये?

    इतनी जल्दी िकसी िनष्कषर पर पहुचंने से पहले जरा िबदं ु A ,B ,C , D व E पर गिौर कर ले। अगिर हम िबदं ुA वि उसके एकदम करीब (local neighbourhood) के कुछ िबदंओंु को देखे तो पायेगेि िक चाहे हम िबदं ु Aके एकदम करीब दािहने तरफ के कुछ िबदं ुले या बाई ंओर के, इनमे से हर एक पड़ोसी िबदं ुकी अपेक्षा िबदं ुA पर फलन का मान सबसे अिधिक ह।ै ठीक यही बात िबदं ु D पर भी लागिू होती ह।ै हम कह सकते है िक यह िबदं ु A वि D स्थानीय अिधिकतम िबदं ु(local maximum point) ह।ै इसी तरह ग्राफ मे हम देख सकते है िक िबदं ु B वि E स्थानीय न्यूनतम िबदं ु (local minimum point) को दशिारते ह।ै तो असल मे न्यूटन का सुझाया िनयम हमे स्थानीय अिधिकतम या न्यूनतम िबदं ु की जानकारी देता ह।ै लेिकन िबदं ु C का क्या। अगिर इसके एकदम करीब (local neighbourhood) के कुछ िबदंओंु को देखे तो हम पायेगेि िक यह िबदं ुना ही स्थानीय अिधिकतम है और ना ही न्यूनतम। क्यूंिक इसके दािहने ओर फलन का मान बढ़ रहा है और बाई ंतरफ घट रहा ह।ै ऐसे िबदंओंु को Point of inflection कहा जाता ह।ै

    अब अगिर न्यूटन के िनयम का इस्तेमाल कर िनकले िबदं ुअिधिकतम, न्यूनतम या दोनों मे से कोई भी नहीं तो ऐसे सभी िबदंओंु को िजनके िलये dfdx शिून्य के बराबर हों हम अचल िबदं ु(stationary points) कह देते

    ह।ै

    एक ग्राफ मे देखकर तो यह पता लगिाना आसान है िक कौन से िबदं ुस्थानीय अिधिकतम या न्यूनतम को दशिारते ह।ै लेिकन इनके बीच जो गिुणात्मक अंतर है, उसे समझने के िलए िचत्र 4 की मदद लेते ह।ै िचत्र 4 (a) मे एक फलन के ग्राफ के एक िबदं ुपर स्पशिर रखेा िदखाई गिई ह।ै इस रखेा की ढ़लान

    5 अगिर ग्राफ िबदं ु A से पीछे बढ़ते हुए कभी ऊपर की तरफ आता या िबदं ु E के बाद कभी नीचे की ओर आता तो जरूर ऐसे िबदं ुसे

    होकर गुिजरता जहां dfdx

    =0 होता और हमे समीकरण (E-4) को हल करने पर हमे उसकी जानकारी िमल जाती।

    िचत्र 4: अचल िबंदओुं की गिुणात्मक समझ

  • dfdx

    ही चररािशि के बढ़ने के साथ हुए फलन मे आये बदलावि को दशिारती ह।ै स्थानीय अिधिकतम या न्यूनतम

    के बीच के अतंर को हम इसी ढ़लान मे आये अंतर से समझ सकते है, िजसे हम d2 f

    dx 2से दशिारते ह।ै ऐसी

    िकसी भी स्पशिर-रखेा की ढ़लान का मान होता है tanθ के बराबर। हम अगिर िचत्र 4 (b) को देखे तो पायेगेि िक न्यूनतम िबदं ुसे पहले ढ़लान ऋणात्मक6 है वि उसके बाद धिनात्मक। यानी िक ग्राफ के आगेि बढ़ने के

    साथ ढ़लान बढ़ रही ह।ै िजसका मतलब हुआ िक न्यूनतम िबदं ु पर d2 f

    dx 2>0 होगिा। विहीं दसूरी ओर िचत्र

    4(c) मे अिधिकतम िबदं ुके िलये ढ़लान पहले धिनात्मक है और िफर ऋणात्मक। मतलब िक आगेि बढ़ने के

    साथ ढ़लान घट रही ह।ै िजसका मतलब हुआ िक अिधिकतम िबदं ुपर d2 f

    dx 2

  • के िलये d2 f

    dx 2का मान िदया गिया ह।ै आप देख सकते है िक अिधिकतम िबदंओंु पर d

    2 fdx 2

    0 । चूंिक िबदं ु C पर d

    2 fdx 2

    =0 है, इसिलये हमे बाक्स 1 मे सुझाये गिये तरीके का

    इस्तेमाल करना होगिा। ऐसा करने पर आप पायेगेि िक िबदं ु C point of inflection ह।ै

    बाक्स 1

    क्या-क्या हो सकते है d2 f

    dx 2=0 के मायने?

    इस सविाल के जविाब के िलये हम ऐसे तीन फलनों की मदद लेते है िजनके िलये अचल िबंद ु पर d2 f

    dx 2=0 ह।ै

    f 1=x4 , f 2=x

    5व f 3=−x4 । इन तीनों ही के िलये अचल िबदं ु x=0 होगिा। इन तीनों फलनों के िलये नीचे ग्राफ िदया गिया ह।ै आप देख सकते ह ैिक अचल िबदं ु x=0 पहले फलन के मामले मे न्यूनतम, दसूरे फलन के मामले मे point of inflection वि तीसरे के िलये अिधिकतम को दशिार रहा ह।ै

    सविाल यह है िक जब ऐसी ितिस्थित हो तो अिधिकतम, न्यूनतम वि point of inflection मे कैसे भेद िकया जाये। ऐसा करने के िलये जो तरीका* सुझाया गिया ह ैउसमे फलन को तब तक differentiate करते जाते है जब तक अचल िबंद ुके िलये अविकलज का मान गिरै-शिनू्य ना िमल जाये। मान लीिजये िक फलन का n दफे अविकलन करने के बाद हमे गिरै-शिनू्य मान िमलता ह।ै अब अगिर n एक िविषम संख्या है तो अचल िबंद ु point of inflection होगिा। अगिर n एक सम संख्या हो वि अविकलज का मान शिनू्य से ज्यादा हो तो अचल िबदं ुन्यूनतम होगिा। विहीं दसूरी ओर अगिर n एक सम संख्या हो वि अविकलज का मान शिून्य से कम हो तो अचल िबदं ु अिधिकतम होगिा। देखे नीचे दी गिई तािलका।

    फलन अचल िबदं ु

    d 2 fdx 2

    पहला गिरै-शिून्य अविकलज

    d n fdx n

    n d n fdx n

    f 1=x4 x=0 0 d 4 f

    dx 4=24 सम

    > 0 न्यूनतम

    f 2= x5 x=0 0 d5 f

    dx5=120 िविषम इनफ्लेक्शिन

    f 3=−x4 x=0 0 d 4 f

    dx 4=-24 सम

    < 0 अिधिकतम

    * िफलहाल िसफर तरीका ही, पीछे की थ्योरी िफर कभी।

  • अब जबिक इस गििणितय उदाहरण की मदद से हमने िकसी रािशि या फलन के अचल िबदंओंु को पहचानने का तरीका सीख िलया ह ैतो आईये दो व्यविहािरक उदाहरण देख लेते ह।ै

    कैसा होगिा सबसे बड़े के्षत्रफल विाला आयत

    मान लीिजये िक हमारे पास एक तार है, िजसकी कुल लम्बाई L मीटर ह।ै इस तार को मोड़कर हम एक आयत की शिक्ल दे सकते ह।ै अब सविाल यह है िक विो आयत कैसा होगिा, िजसके िलये के्षत्रफल सबसे ज्यादा हो?

    चिलये मान लेते है िक उस आयत की लम्बाई l मीटर वि चौड़ाई b मीटर। इस तरह आयत का के्षत्रफल हुआ A=lb । यही विो रािशि ह ैिजसका अिधिकतम हमे पता करना ह।ै आयत का के्षत्रफल उसके लम्बाई वि चौड़ाई दोनों पर ही िनभरर करता ह।ै लेिकन इस मामले मे ये दोनों स्वितंत्र नहीं ह।ै क्यूंिक सविाल के मतुािबक आयत की पिरिधि 2( l+b) होगिी तार की लम्बाई के बराबर। यानी िक ,

    2( l+b)=L

    ⇒b= L2− l

    इस तरह A= l( L

    2− l)= l L

    2− l 2 (E – 5)

    समीकरण (E – 5) से dAdl िनकालने पर dAdl

    =L2−2 l (E – 6)

    न्यूटन के िनयम के मतुािबक आयत का के्षत्रफल तब अिधिकतम होगिा जब dAdl =0 हो। इसिलये dAdl

    =L2−2 l=0⇒ l= L

    4 ।

    अगिर l= L4

    है तो b= L2−l= L

    2− L

    4= L

    4। इसका मतलब हुआ िक अचल िबदं ु पर l=b= L4 होगिा।

    यानी िक अचल िबदं ुएक विगिर को दशिार रहा ह।ै लेिकन यह अचल िबदं ुअिधिकतम को दशिार रहा ह ैया न्यूनतम

    को, इसकी जांच करने के िलये d2 A

    dl 2को देखना होगिा। समीकरण (E – 6) से d

    2 Adl 2

    =−2 । चूंिक d2 A

    dl 2

    शिून्य से छोटा ह ैइसिलये अचल िबदं ुएक अिधिकतम िबदं ुह।ै

    इस तरह हम कह सकते है िक विो आयत एक विगिर होगिा िजसका के्षत्रफल एक दी गिई पिरिधि के िलये सबसे ज्यादा होगिा।

  • जेम्स बा ंड की दौड़

    संदभर के अकं 94 मे छपे एक लेख "जेम्स बांड की दौड़ और स्नेल्स ला" के अतं मे सविाल पूछा गिया था िक ; अगिर बांड जमीन पर v1 m/s की रफ़्तार से दौड़ सकता है, समुद्र मे v2 m/s की गिित से तरै सकता है तो िचत्र 5 मे िदखाये गिई ितिस्थित मे विो िकतने कम से कम समय मे जमीन से समुद्री टापू तक पहुचं सकता है?

    इस सविाल मे हमे विो न्यूनतम समय िनकालना है िजसमे बांड टापू तक पहुचं सकता ह।ै िचत्र 6 मे िदखाए मतुािबक हम मान लेते है िक बांड िबदं ु A से िबदं ुE तक दौड़ कर जाता है और िफर िबदं ुE से D की तरफ तरैने लगिता ह।ै तो इस तरह बांड को टापू तक पहुचंने मे लगिा समय होगिा

    T= AEv1

    + EDv2

    s

    िबदं ुE िबदं ुC से x मीटर की दरूी पर ह।ै तो AE=√d12+(d 2− x)2 वि ED=√ x2+d32 । इस तरह

    T=√d 12+(d 2−x )

    2

    v1+

    √ x2+d 32v2

    s. (E – 7)

    टापू तक पहुचंने मे लगिने विाला समय केविल x पर िनभरर करता ह।ै इसिलये न्यूटन के िनयम के मतुािबक न्यूनतम िबदं ुपर dTdx =0 होना चािहये। समीकरण (E – 5) से

    dTdx िनकालने पर

    dTdx

    =−2(d 2− x)

    v1 √d12+(d 2− x)2+ 2 x

    v2 √x2+d32 (E – 8)

    तो न्यूनतम िबदं ुके िलये जरूरी होगिा िक −2 (d 2− x)

    v1√d 12+(d 2−x )2+ 2 x

    v 2√ x2+d32=0

    या,(d 2− x)

    v1√d 12+(d 2−x )2= x

    v2 √ x2+d 32(E – 9)

    या, sinθ1v1

    =sinθ2

    v2या,

    िचत्र 5:जेम्स बांड की दौड़

    िचत्र 6:

  • sinθ1sinθ2

    =v1v2

    (E – 10)

    समीकरण (E – 10) को देखकर क्या आपको कुछ याद आ रहा ह।ै यही मशिहूर स्नेल्स ला ह।ै अचल िबदं ु पर x का मान िनकालने के िलये समीकरण (E – 9) को हल करना होगिा। और यह सुिनितिश्चत करने के

    िलये िक x का विो मान न्यूनतम को ही दशिारता है हमे d2T

    dx2की जांच करनी होगिी। ये जांच-पड़ताल हम

    आप पर ही छोड़ते ह।ै िफलहाल हम एक उदाहरण की मदद से न्यूटन के िनयम की सीमाएं देख लेते ह।ै

    एक ऐसा उदाहरण जहा ं न्यूटन का िनयम काम नही करेगिा

    अभी तक हमने िजतने भी उदाहरण देखे, उन सबमे िदये गिये फलन को differentiate िकया जा सकता था। इसीिलये उन उदाहरणों मे हम न्यूटन का िनयम लगिा पाये। लेिकन कुछ ऐसे भी फलन हो सकते है िजन्हे differentiate ना िकया जा सके। ऐसे मामलों मे न्यूटन के िनयम का इस्तेमाल नही िकया जा सकता। आईये एक ऐसा ही उदाहरण देखते है7। एक सीधिी रखेा मे कई िबदं ुिदये गिये ह।ै मान लेते है िक उनकी संख्या n है; x1 , x2 , x3 , ... , xn । आसानी के िलये हम यह भी मान लेते है िक x1

  • देखा होगिा। अगिर नहीं देखा तो आगेि सझुाया हुआ प्रयोगि करके देिखये। अपने घर, बागिीचे, खेल के मदैान या और कहीं भी जहां आपको कुछ चींिटयां वि उनकी बांबी िदखाई दे तो विहीं कुछ दरूी पर खाने की कोई चीज रख दीिजये। आप पायेगेि िक अममून चींिटयां अपनी बांबी और खाने की जगिह के बीच उपलब्धि सबसे छोटा रास्ता खोज लेती ह।ै क्या विो भी न्यूटन का िनयम जानती है?