कोट ने सबरमाला पर वचार नहं दे गी करने...

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16 नवबर 2019 - समाचार वलेषण सामाय अययन 2 से संबंधत : राजयवथा और शासन : के रल सरकार महलाओं को सबरमाला मंदर वेश अन मत नहं देगी : संग : ीम कोट ने सबरमाला मंदर और इससे संबंधत मामल पर वचार करने के लए एक बड़ी पीठ के गठन का आदेश दया है ववरण : ीम कोट ने वष 2018 के अपने फै सले के घटक को एक और समीा के लए 7 जज बच के पास भेज दया है हालांक, कोट ने कहा अंतम फै सले तक उसका पछला आदेश बरकरार रहेगागौरतलब है ीम कोट ने वष 2018 के अपने फै सले 10 से 50 साल के बीच महलाओं को सबरमाला मंदर वेश अन मत थीपीठ ने कहा है महलाओं के मौलक अधकार और मंदर जा करने के मौलक अधकार को बरकरार रखने का पछला फै सला समीा याचकाओं उठाए गए पर वचार करने के लए एक बड़ी पीठ आवयकता है इस बीच के रल सरकार ने कहा है वह 10 से 50 साल के बीच महलाओं को सबरमाला मंदर वेश अन मत नहं देगीके रल सरकार ने कहा वह ीम कोट सात-सदयीय खंडपीठ के वारा मामले पर वचार करने तक महलाओं को वेश अन मत नहं देगीसबरमाला मंदर : सबरमाला मंदर भारत के सध मंदर से एक है इस मंदर को मका-मदना तरह वव के सबसे बड़े तीथ थान से एक माना जाता है दण भारत के के रल सबरमाला अयपा वामी मंदर िथत है सबरमाला का नाम शबर के नाम पर है , िजनका िरामायण है ये मंदर 18 पहाड़य के बीच बसा है इस मंदर महलाओं का आना विजत है इसके पीछे मायता ये है यहां िजस भगवान जा होती है (अयपा), वे माचार थे इसलए यहां 10 से 50 साल तक लड़कयां और महलाएं नहं वेश कर सकतीं सामाय अययन 3 से संबंधत : पयावरण : 1927 के वन अधनयम बदलाव नहं करेगा :

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  • 16 नव�बर 2019 - समाचार �व�लेषण सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : राज�यव�था और शासन : केरल सरकार म�हलाओ ंको सबर�माला मं�दर म� �वेश क� अनमु�त नह�ं देगी : �संग : • स�ुीम कोट� ने सबर�माला मं�दर और इससे संबं�धत मामल� पर �वचार करने के �लए एक बड़ी पीठ के गठन का आदेश �दया है। �ववरण : • स�ुीम कोट� ने वष� 2018 के अपने फैसले के �मखु घटक� को एक और समी�ा के �लए 7 जज� क� ब�च के पास भेज �दया है। हालां�क, कोट� ने कहा �क अ�ंतम फैसले तक उसका �पछला आदेश बरकरार रहेगा। • गौरतलब है �क स�ुीम कोट� ने वष� 2018 के अपने फैसले म� 10 से 50 साल के बीच क� म�हलाओ ंको सबर�माला मं�दर म� �वेश क� अनमु�त द� थी। • पीठ ने कहा है �क म�हलाओ ंके मौ�लक अ�धकार और मं�दर म� पजूा करने के मौ�लक अ�धकार को बरकरार रखने का �पछला फैसला समी�ा या�चकाओ ंम� उठाए गए म�ुद� पर �वचार करने के �लए एक बड़ी पीठ क� आव�यकता है। • इस बीच केरल सरकार ने कहा है �क वह 10 से 50 साल के बीच क� म�हलाओ ंको सबर�माला मं�दर म� �वेश क� अनमु�त नह�ं देगी। केरल सरकार ने कहा �क वह स�ुीम कोट� क� सात-सद�यीय खंडपीठ के �वारा मामले पर �वचार करने तक म�हलाओ ंको �वेश क� अनमु�त नह�ं देगी। सबर�माला मं�दर : • सबर�माला मं�दर भारत के ��स�ध मं�दर� म� से एक है। इस मं�दर को म�का-मद�ना क� तरह �व�व के सबसे बड़ ेतीथ� �थान� म� से एक माना जाता है। • द��ण भारत के केरल म� सबर�माला म� अ�य�पा �वामी मं�दर ि�थत है। सबर�माला का नाम शबर� के नाम पर है, िजनका िज� रामायण म� है। • ये मं�दर 18 पहा�ड़य� के बीच म� बसा है। • इस मं�दर म� म�हलाओ ंका आना विज�त है। इसके पीछे मा� यता ये है �क यहां िजस भगवान क� पजूा होती है (�ी अय� पा), वे ��माचार� थे इस�लए यहां 10 से 50 साल तक क� लड़�कयां और म�हलाएं नह�ं �वेश कर सकतीं। सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से संबं�धत : पया�वरण : क� � 1927 के वन अ�ध�नयम म� बदलाव नह�ं करेगा :

  • �संग : • क� ��य पया�वरण मं�ालय ने उस मसौदा संशोधन को वापस ले �लया है, िजसके �वारा भारतीय वन अ�ध�नयम, 1927 म� अ�यतन करने का ��ताव था। �ववरण : • भारतीय वन अ�ध�नयम, 2019 क� प�रक�पना भारतीय वन अ�ध�नयम, 1927 म� संशोधन के �प म� क� गई थी और देश के वन� के �लए समकाल�न चनुौ�तय� का समाधान करने का �यास �कया गया था। ��ता�वत �मखु �ावधान : • यह भारत के वन अ�धका�रय� को मह�वपणू� शि�तयां �दान करता है - िजसम� सच� वारंट से स�बं�धत शि�त, अपने अ�धकार �े� म� भ�ूम से स�बं�धत मामल� को दज� करना और उसक� जांच करना और वन स�बंधी अपराध� को रोकने के �लए ह�थयार� का उपयोग करना शा�मल है। • इस काननू म� वन� से �नकाले गए खनन उ�पाद� और �सचंाई या उ�योग� म� उपयोग �कए जाने वाले वन� (न�दय�) से �ा�त पानी पर 10% तक के वन �वकास उपकर का भी ��ताव है। यह रा�श एक �वशषे कोष म� जमा क� जाएगी, िजसका उपयोग वन संर�ण और व�ृारोपण, वन �वकास और संर�ण से जड़ु ेअ�य सहायक उ�दे�य� क� पतू� के �लए क� जाएगी।" • संर�ण ग�त�व�धय� के �लए पया��त संसाधन स�ुनि�चत करने हेत ुउपकर से एक� क� गई रा�श को एक �वशषे कोष म� जमा �कया जाएगा और वन संर�ण, तथा व�ृारोपण, वन �वकास और संर�ण से जड़ु ेअ�य सहायक उ�दे�य के �लए इसका उपयोग �कया जाएगा। �चतंाएं : • एि�ट�व�ट �ु�स और कुछ रा�य सरकार� ने इस ��ता�वत काननू का �वरोध �कया था। काय�कता�ओ ंके साथ-साथ आ�दवासी क�याण संगठन� ने भी इसका �वरोध �कया। • वन अ�धकार� अपने अ�धकार �े� म� सच� वारंट जार� कर सकत ेह�, अपने अ�धकार �े� म� भ�ूम से स�बं�धत मामल� को दज� कर सकत ेह� और उसक� जांच कर सकत ेह�। • वन संबंधी अपराध� को रोकने के �लए वन अ�धकार� ह�थयार� का उपयोग कर सकत ेह� और इसके �लए वन अ�धका�रय� को ��तप�ूत � �मलेगी। • वन अ�धका�रय� के हाथ म� इतनी �यादा शि�तयां मनमानी का कारण बन सकती ह�। • इस अ�ध�नयम �वारा वन अ�धका�रय� को संर�ण के �लए �नधा��रत �े�� से आ�दवा�सय� को हटाने क� शि�तयां �मल�गी जो आ�दवासी �हत� और वन अ�धकार अ�ध�नयम के तहत �दए गए अ�धकार� के �खलाफ है। ��ता�वत काननू सरकार को जंगल के �कसी भी पचै, जो वा�णि�यक व�ृारोपण के �लए उपय�ुत है, को खोलने क� अनमु�त देता है। यह संर�ण �यास� के �लए एक झटका सा�बत हो सकता है। भावी कदम :

  • • वन अ�ध�नयम म� संशोधन के कारण संर�ण के �यास� क� समकाल�न आव�यकताओ ंको परूा �कया जाता है। इस तरह का कोई भी संशोधन �यापक �वचार-�वमश� और सभी �हतधारक� क� �चतंाओ ंऔर �हत� को �यान म� रखकर �कया जाना चा�हए। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : अथ��यव�था : �व�ीय फम� को IBC के तहत लाने के �लए �नयम अ�धस�ूचत : �संग : • क� � ने '�यवि�थत �प से मह�वपणू� �व�ीय सेवा �दाता' फम� को इ�सॉ�व�सी एंड ब�कर�सी कोड (IBC) के दायरे म� लाने के �लए �नयम� के एक ढांचे को अ�धस�ूचत �कया है। �ववरण : • इनसॉ�व�सी एंड ब�कर�सी कोड क� धारा 227 के तहत क� � सरकार �व�ीय �े� के �नयामक�, �व�ीय सेवा �दाताओ ंया �व�ीय सेवा �दाताओ ंक� �े�णय� से �वचार �वमश� के बाद ऐसे मामल� को �दवाला एवं प�रसमापन ���या के �लए अ�धस�ूचत कर सकेगी। • तदनसुार, कॉप�रेट मं�ालय ने �दवाला एवं ऋण शोधन (�व�ीय सेवाओ ंक� �दवाला एवं प�रसमापन ���या तथा �या�यक �ा�धकरण को आवेदन) �नयम, 2019 �नयम अ�धस�ूचत कर �दया। • भारतीय �रजव� ब�क तय करेगा �क इन �नयम� के तहत �कन �व�ीय कंप�नय� को शा�मल �कया जाएगा। मह�व : • यह अ�धसचूना बहुत आव�यक थी �य��क �व�ीय सं�थान� के �लए IBC जसैी कोई �यव�था नह�ं थी। • PMC ब�क संकट जसैा हा�लया �करण इस तरह के तं� क� त�काल आव�यकता को दशा�ता है। • �व� मं�ालय ने माना है �क IBC के तहत �व�ीय सेवा �दाताओ ंके समाधान के �लए एक अतं�रम ढांचे क� श�ुआत �व�ीय सेवा �दाताओ ंके �लए एक समयब�ध और मह�वपणू� कदम है, जो उ�चत काय� के �लए �नयामक�, लेनदार� और NCLT के बीच एक पर�पर ��या क� अनमु�त देता है। • इससे �णाल� क� �ि�ट से मह�वपणू� �व�ीय सेवा �दाताओ ं(ब�क� को छोड़कर) के �लए एक �दवाला एवं प�रसमापन �यव�था उपल�ध हो सकेगी। भावी कदम : • यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब कई �व�ीय सेवा �दाता कंप�नय� को मिु�कल� का सामना करना पड़ रहा है। द�घ�का�लक उ�दे�य� को �यान म� रखत ेहुए �व�ीय कंप�नय� के �लए IBC जसैा एक काननू होना चा�हए, जो �क देश क� अथ��यव�था म� इन �व�ीय म�य�थ� क� मह�वपणू� भ�ूमका को देखत ेहुए ज�र� है।

  • सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से संबं�धत : अथ��यव�था : SC ने आस�लर �म�ल �वारा ए�सार �ट�ल के अ�ध�हण को मंजरू� द� : �संग : • स�ुीम कोट� ने ए�सार �ट�ल के अ�ध�हण मामले म� रा���य कंपनी काननू अपील�य �याया�धकरण (NCLT) के आदेश को खा�रज कर �दया। प�ृठभ�ूम : • 2018 म� स�ुीम कोट� ने अन�ुछेद 142 के तहत अपनी असाधारण शि�तय� का उपयोग करत ेहुए आस�लर �म�ल और �यमेूटल को ए�सार �ट�ल खर�दने के �लए एक पवू� शत� के �प म� कॉप�रेट देनदार� के NPA का भगुतान करने के �लए कहा था। • इसके बाद आस�लर�म�ल ने ए�सार �वारा �दए गए ऋण� का भगुतान �कया और ए�सार अ�ध�हण के �लए संक�प योजना को �फर से ��ततु �कया, िजसके बाद ए�सार क� लेनदार� क� स�म�त (CoC) ने आस�लर क� संक�प योजना को मंजरू� द�। • रा���य कंपनी काननू अपील�य �याया�धकरण ने अ�ध�हण को रोकत ेहुए 2019 म� अवलोकन �कया �क �व�ीय कज�दाताओ ंऔर प�रचालन कज�दाताओ ंको समान उपचार �मलना चा�हए, अथा�त �व�ीय कज�दाताओ ंऔर प�रचालन कज�दाताओ ंके बीच कोई अतंर नह�ं होना चा�हए। • इसके बाद ए�सार क� लेनदार� क� स�म�त ने NCLT के �ट�प�णय� के �खलाफ SC म� अपील �कया। �ववरण : • स�ुीम कोट� ने NCLT के फैसले को अलग रखत ेहुए आस�लर �म�ल �वारा ए�सार �ट�ल के अ�ध�हण को मंजरू� दे द� है। • NCLT ने �व�ीय कज�दाताओ ंऔर प�रचालन कज�दाताओ ंको एक बराबर समझने का आदेश �दया था। • यह �नण�य आस�लर �म�ल के �लए ए�सार पर क�जा करने और द�ुनया के दसूरे सबसे बड़ ेइ�पात बाजार (भारत) म� �वेश करने का माग� �श�त करता है। �यायालय के अवलोकन : • �यायम�ूत� आर. एफ. नर�मन क� अ�य�ता वाल� तीन सद�यीय पीठ ने कहा �क �दवाला ���या और कज� के बोझ म� दबी �कसी कंपनी के अ�य कंपनी �वारा अ�ध�हण के दौरान दोन� तरह के कज�दाताओ ंको अलग-अलग तर�के से देखा जाना चा�हए। • पीठ ने कहा �क ऐसा कोई �स�धांत नह�ं है �क �व�ीय कज�दाता और प�रचालन कज�दाता को समान तौर पर देखा जाए। पीठ ने कहा, 'NCLT का फैसला �नि�चत तौर पर खा�रज �कया जाना चा�हए, �य��क इस फैसले म� उसने

  • कज�दाताओ ंक� स�म�त (CoC) के �यावसा�यक समझ क� जगह अपनी समझ को �था�पत कर �दया और इस फैसले म� कई तरह के दाव� को दा�खल करने क� अनमु�त दे द�।' • पीठ ने कहा �क �दवाला सं�हता के तहत �नपटान ���या म� �व�ीय कज�दाताओ ंको प�रचालन कज�दाताओ ंके आगे �ाथ�मकता द� गई है। फैसला करने वाला अ�धकार� कज�दाताओ ंक� स�म�त (CoC) �वारा �वीकृत फैसले म� ह�त�ेप नह�ं कर सकता है। �नण�य का मह�व : ब�क� का NPA कम होगा : • स�ुीम कोट� �वारा आस�लर�म�ल �वारा ए�सार �ट�ल के अ�ध�हण का माग� �श�त करने के साथ, वत�मान �तमाह� म� ब�क� क� लाभ�दता को एक बड़ा बढ़ावा �मलना तय है। ए�सार �ट�ल म� ब�क� का लगभग 50,000 करोड़ �पये का �नवेश है। • चूं�क ब�क� ने ए�सार को 100% ऋण �दान �कया था, इस�लए इस खात ेसे वसलू� सीधे लाभ और हा�न खात ेम� जाएगी, िजससे ब�क� के लाभ म� सधुार होगा। • भारतीय �टेट ब�क सबसे बड़ ेलाभा�थ�य� म� से एक होगा, िजसे लगभग 12,000 करोड़ �पये �मल�गे। CoC क� �धानता कायम : • स�ुीम कोट� ने माना है �क फंड के �वतरण पर अ�ंतम �ववेका�धकार लेनदार� क� स�म�त के पास है। • CoC अपने �यावसा�यक सझू-बझू के अनसुार फंड को सरु��त �व�ीय लेनदार� के बीच �वत�रत कर सकता है �य��क CoC को लेनदार� को �व�ीय, प�रचालन, सरु��त या असरु��त के �प म� वग�कृत करने से ��तबं�धत नह�ं �कया गया है। • SC के फैसले से पहले, ब�क� और �व�ीय लेनदार� को इस बात का डर था �क सहायक �ा�धकरण अपने �वयं के �ववेक के आधार पर संक�प आय के �वतरण को बदल सकता है। �व�ीय लेनदार� पर �भाव : • यह �नण�य IBC ���या म� �नवेशक� के �व�वास को बढ़ाता है और उ�ह� अ�धक �नवेश के �लए �ो�सा�हत करता है। प�रचालन लेनदार� पर �भाव : • इस ऐ�तहा�सक फैसले से प�रचालन लेनदार� म� एक तरह से बदलाव आएगा, जो कंप�नय� के साथ अपनी ��च को सरु��त करने के �लए �डफ़ॉ�ट क� ि�थ�त म� उनक� आप�ूत� के �लए होगा। • प�रचालन लेनदार� को अब कंप�नय� को �कए गए आप�ूत� के �खलाफ अपने भगुतान को सरु��त करने के तर�के और साधन खोजने ह�गे। इस �नण�य के बाद, उ�ह� ब�क� क� तरह �व�ीय लेनदार� के बराबर नह�ं माना जाएगा। IBC पर �भाव :

  • • यह �नण�य इ�सॉ�व�सी एंड ब�कर�सी कोड के तहत काननू के कई �बदंओु ंपर �वराम लगाता है, िज�ह� �व�भ�न अदालत� म� पर��ण �कया गया था। इस फैसले के बाद NCLT के आदेश� को कम चनुौती �मलेगी। • ए�सार �ट�ल मामले म� स�ुीम कोट� का फैसला इ�सॉ�व�सी एंड ब�कर�सी कोड (IBC) के तहत अ�य मामल� के �लए एक �मसाल कायम करता है। • संक�प योजना को मंजरू� देना IBC ���या म� �हतधारक� और �नवेशक� के �व�वास को बढ़ाता है। • यह IBC के तहत लंबे समय तक खींचने वाले मकुदम� को कम करेगा और अतंत: तजेी से NPA के समाधान का नेत�ृव करेगा। • यह ���या को अ�धक वांछनीय और कुशल बनाएगा। IBC क� भावना कायम : • सव��च �यायालय ने �दवा�लया ���या परू� करने के �लए 330 �दन क� समय-सीमा के संदभ� म� श�ुवार को 'अ�नवाय�' श�द हटा �दया। इस �दवा�लया ���या म� मकुदमेबाजी म� लगने वाला समय भी शा�मल है। इस अदालती �नण�य से कंप�नय� को और समय �मलने तथा 'अ�नवाय� प�रसमापन' से बचने क� राह �मल गई है। • अब तक, सभी मामल� म� संक�प ���या के �लए �नधा��रत समय सीमा अ�नवाय� �प से 330 �दन है। य�द ऋण� का समाधान नह�ं �कया जाता है और �दवा�लया फम� को इस समय सीमा के भीतर अपने परै� पर वापस नह�ं खड़ी हो पाती है, तो बचा एकमा� �वक�प लेनदार� को भगुतान करने के �लए अपनी संप�� का प�रसमापन है। अपने आदेश म� �यायालय ने कहा है �क काननूी सनुवाई म� लगने वाला समय वा�दय� क� ओर से सम�या क� वजह से नह�ं बि�क संब�घ �ा�धकरण या अपील�य �याया�धकरण म� ज�टल ���या क� वजह से �यादा लगता है। • �यायालय ने कहा है �क IBC ���या म� लगने वाले समय के संदभ� म� सीमा लागू करना सं�वधान के अन�ुछेद 14 के �खलाफ है। सव��च �यायालय ने अपने आदेश म� कहा है �क यह संशोधन सं�वधान के अन�ुछेद 19 (1) (G) के तहत �यवसाय के �लए मकुदमेबाजी के आधार पर स�त और अन�ुचत ��तबंध था। • अदालत ने कहा �क वादका�रय� को अनाव�यक �प से प�रसमापन का सामना करने देना मनमाना होगा। अदालत ने �ावधान को गलत बतात ेहुए कहा �क 330 �दन� क� समय सीमा को 'सामा�य पा�य�म' म� पालन �कया जाना चा�हए। • कुल �मलाकर, SC का यह �नण�य सह� भावना म� IBC कोड के उ�दे�य को �ा�त करने म� मदद करेगा। इ�पात �े� पर �भाव : • ए�सार �ट�ल मामले म� स�ुीम कोट� का फैसला इ�सॉ�व�सी एंड ब�कर�सी कोड (IBC) के तहत अ�य मामल� के �लए एक �मसाल कायम करता है, खासकर �ट�ल से�टर के �लए जो संकट म� है। यह फैसला इस से�टर के �लए आगे क� राह �खलने वाला है। �व�व बाजार के �खला�ड़य� (कंप�नय�) का भारतीय बाजार म� �वेश एक �वागत यो�य कदम है। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : अतंरा����य संबंध : अमे�रक� ��त�न�धमंडल �यापार पर बातचीत के �लए �द�ल� आएगा :

  • �संग : • भारत और अमे�रका के बीच �यापार समझौत ेको अ�ंतम �प देने के �लए ज�द ह� अमे�रक� ��त�न�धमंडल भारत आएगा। �ववरण : • दोन� देश� के बीच सी�मत �यापार पकेैज पर बातचीत के 18 मह�ने बाद ज�द ह� इसे अ�ंतम �प �दया जा सकता है। इस संबंध म� ज�द ह� अमे�रका के �यापार ��त�न�ध के काया�लय से कुछ �यापार वाता�कार� के नई �द�ल� आने क� उ�मीद है। म�ुय म�ुदे : • घटुना ��यारोपण और का�ड �यक अरे�ट पर 'म�ूय सीमा' का �नधा�रण दोन� देश� के बीच �मखु म�ुद� म� से एक रहा है। भारत का कहना है �क �वा��य तक पहंुच के �लए गर�ब� के �हत� क� र�ा करना आव�यक है, जब�क अमे�रका का मानना है �क यह कदम म�ुत बाजार �थाओ ंके �खलाफ है। • इसके अलावा चचा� का म�ुय �वषय भारत को अमे�रक� GSP �णाल� से बाहर करना था। भारत के GSP लाभ� को इस आधार पर र�द कर �दया गया था �य� �क भारत ने अमे�रका को आ�वासन नह�ं �दया था �क वह अपने बाजार� म� अमे�रका को "�यायसंगत और उ�चत" पहंुच �दान करेगा। भारत चाहता है �क उसे GSP �णाल� म� शा�मल �कया जाए ले�कन अभी तक इस पर यह �प�टता नह�ं है। • भारत 2018 म� अमे�रका �वारा �ट�ल और ए�यमूी�नयम पर लगाए गए आयात टै�रफ से भी छूट चाहता है। भारत और अमे�रका दोन� एक दसूरे के बाजार� म� कृ�ष उ�पाद� के �लए अ�धक पहंुच चाहत ेह�। अमे�रका सेब, बादाम और अखरोट पर लगने वाले आयात टै�रफ म� कमी चाहता है। अमे�रका हाल� ड�ेवडसन मोटरबाइक, डयेर� उ�पाद� और सचूना संचार तथा �ौ�यो�गक� उ�पाद� पर पर भी टै�रफ �रयायत� चाहता है। मह�व : • इस संबंध म� दोन� देश� के बीच मह�वपणू� �ग�त हुई है और ज�द ह� एक सी�मत �यापार पकेैज को अ�ंतम �प �दया जा सकता है। • हालाँ�क सी�मत �यापार म�ूय-वार बहुत बड़ा पकेैज नह�ं होगा, ले�कन बातचीत के लगभग 18 मह�ने और भारत को GSP से �नलं�बत �कए जाने के लगभग छह मह�ने बाद, यह दोन� प�� के �लए एक �तीका�मक जीत होगी। • यह भ�व�य के पणू� �यापार सौदे के रा�त ेम� आने वाले श�ुआती बाधाओ ंको दरू कर सकता है। दोन� देश� के बीच यह �यापार संबंध रणनी�तक संबंध� को मजबतू करने म� मदद कर�गे। सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से संबं�धत : अथ��यव�था : संपादक�य : संकट से कैसे उभरेगा भारतीय टेल�कॉम से�टर : �संग :

  • • भारतीय टेल�कॉम इंड��� मौजदूा व�त म� गंभीर �व�ीय संकट से गुजर रह� है। मोबाइल टेल�कॉम स�व�स �दाता कंप�नयां सरकार क� नी�तय� और �व�भ�न चाज� को इसके �लए िज�मेदार मानती ह�। �ववरण : • गौरतलब बात है �क देश के टेल�कॉम से�टर क� कंप�नय� पर कुल 1.3 लाख करोड़ �पए का बकाया है, िजसम� लाइस�स फ�स, �पे��म यजेूज चाज�, जमुा�ना और �याज क� रकम शा�मल है। • बीत े�दन� समायोिजत सकल राज�व (AGR) पर स�ुीम कोट� के फैसले के बाद भारती एयरटेल को सरकार को 41,000 करोड़, वोडाफोन-आइ�डया को 39,000 करोड़ �पए बकाए के �प म� सरकार को देने ह�गे। ऐसे म� पहले ह� घाटे से गुजर रह�ं इन कंप�नय� को कोट� के ताजा फैसले से बड़ा झटका लगा है। • वोडाफोन आइ�डया को चाल ू�व� वष� क� दसूर� �तमाह� म� बड़ा नकुसान हुआ है। दरूसंचार �े� क� �द�गज कंपनी वोडाफोन आइ�डया को दसूर� �तमाह� म� 50,921 करोड़ �पये का घाटा हुआ है। दरअसल कंपनी के ऊपर हजार� करोड़ का बकाया है और उसने अपनी दसूर� �तमाह� म� इस देनदार� को जोड़ �दया है। �रलायंस िजयो के आने से कड़ी हुई ��त�पधा� : • साल 2013 म� स�ुीम कोट� ने 122 मोबाइल लाइस�स क� �सल कर �दए थे। वह�ं साल 2016 म� �रलायंस िजयो क� टेल�कॉम से�टर म� एं�� भी देश क� टेल�कॉम इंड��� के �वघटन का कारण बनी। • �रलायंस िजयो ने देश म� डाटा बे�ड �डिजटल इको�स�टम के �नमा�ण म� 3.5 लाख करोड़ �पए क� भार�-भरकम रा�श खच� क� है। ऐसे म� इस से�टर के छोटे �लेयस� के �लए काफ� मिु�कल पदैा हो गई है। आज �रलायंस िजयो देश के टेल�कॉम से�टर क� दसूर� सबसे बड़ी कंपनी है, िजसके स�स�ाइबस� क� सं�या 350 �म�लयन को पार कर चकु� है। पहले नंबर पर वोडाफोन-आइ�डया का क�जा है। मामला �या है? • दरअसल वोडाफोन आइ�डया, एयरटेल समेत अ�य कुछ टेल�कॉम कंप�नय� पर सरकार क� कुल 1.4 लाख करोड़ �पये क� परुानी देनदार� बन रह� है। वोडाफोन आइ�डया ने देनदा�रय� के �लए खच� के �ावधान को जोड़ा है, िजसक� वजह से उसे कर�ब 50,921 करोड़ �पये का घाटा हुआ है। �रपोट� के अनसुार, वोडाफोन आइ�डया को िजतना नकुसान दसूर� �तमाह� म� हुआ है उतना �कसी भी कंपनी को अब तक नह�ं हुआ है। • दरूसंचार कंपनी एयरटेल ने भी चाल ू�व� वष� क� दसूर� �तमाह� म� 23 हजार करोड़ �पये से अ�धक का घाटा दज� �कया है। एयरटेल पर भी सरकार के ��त देनदार� है। • अगर दोन� कंप�नय� के घाटे को जोड़ द� तो यह कर�ब 74,000 करोड़ �पये बनता है। एयरटेल ने भी सां�व�धक देनदार� को दसूर� �तमाह� म� जोड़ा है। असल म� AGR पर स�ुीम कोट� के आदेश ने कंप�नय� क� �व�ीय हालत और खराब कर द� है। • कंप�नय� पर �पे��ैम के इ�तमेाल, टेल�कॉम लाइस�स फ�स, जमुा�ना और �याज �मलाकर कर�ब 1.40 लाख करोड़ �पये सरकार क� देनदार� है। दरअसल स�ुीम कोट� ने एक फैसले म� टेल�कॉम कंप�नय� के �खलाफ आदेश सनुाया था और सरकार �वारा तय प�रभाषा को सह� माना था। यानी कंप�नय� को टेल�कॉम सेवाओ ंके अलावा गैर टेल�कॉम सेवा से होने वाल� आय को AGR म� जोड़ा जाए।

  • • स�ुीम कोट� ने अपने आदेश कहा है �क सेवा �दाताओ ंको �सफ� मलू श�ुक ह� नह�ं बि�क देर� से भगुतान पर लगने वाला �याज और पेना�ट� भी देनी होगी। दरूसंचार कंप�नय� को अब AGR क� गणना के �लए गैर-�मखु �ोत� से �ा�त होने वाल� आय को भी शा�मल करना होगा। भावी कदम : • कंप�नय� को उ�मीद है �क क� � सरकार उ�ह� थोड़ी राहत दे तो उनके �लए कारोबार करना आसान हो जाएगा। • कंप�नयां चाहती है �क सरकार उ�ह� जमुा�ने और �याज पर राहत दे। • कै�बनेट स�चव राजीव गौबा क� अ�य�ता म� स�चव� क� एक स�म�त उन तर�क� का अ�ययन कर रह� है िजससे दरूसंचार उ�योग को बाहर �कया जा सकता है। • सबसे मह�वपणू� म�ुदा राज�व �ह�सेदार� के �प म� लाइस�स श�ुक क� वधैता को संबो�धत करना है। • सरकार को �नयामक नी�तय� और �ि�टकोण क� �न�प�ता पर गौर करने और यह स�ुनि�चत करने क� आव�यकता है �क वे �न�प� ह�। • टेल�कॉम उ�योग भारत के �डिजटलाइजेशन के मा�यम से �वकास क� अगल� कड़ी के �लए मह�वपणू� है और सरकार को अ�पका�लक राज�व के च�कर म� पड़कर द�घ�का�लक संभावनाओ ंको संकट म� नह�ं डालना चा�हए। • अनमुान के मतुा�बक वोडाफोन आइ�डया के भारत म� कर�ब 30 करोड़ �ाहक ह� और �ाहक� के �हसाब से बाजार म� इसक� �ह�सेदार� कर�ब 30 फ�सद� है। �ाहक� के साथ-साथ वोडाफोन आइ�डया के हजार� कम�चा�रय� के भ�व�य पर भी खतरा मंडरा रहा है। आ�थ�क मंद� और बेरोजगार� के बढ़त ेदबाव के बीच मोद� सरकार के सामने एक नई चनुौती है िजसे हर हाल म� पार पाना होगा। समायोिजत सकल आय (AGR) �या है? • दरूसंचार ऑपरेटर� को 'राज�व �ह�सेदार�' के �प म� क� � को लाइस�स श�ुक और �पे��म श�ुक का भगुतान करना होता है। • इस राज�व �ह�से क� गणना के �लए उपयोग क� जाने वाल� राज�व रा�श को समायोिजत सकल आय (AGR) कहा जाता है। मह�वपणू� त�य : 1. �वरासत संरचनाओ ंको बचाने के �लए य�ूनट� को ��श��त करेगा NDRF : • रा���य आपदा ��त��या बल (NDRF) ज�द ह� बचाव और बहाल� क� अपनी मलू िज�मेदार� के अलावा आपदाओ ंसे �भा�वत �मारक� और अ�य �वरासत संरचनाओ ंको संर��त करने के �लए ��येक बटा�लयन म� एक �वशषे इकाई का गठन करेगा। • NDRF क� ��येक बटा�लयन म� उन क�म�य� का एक समहू होगा जो �मारक� को संर��त करने के �लए ब�ुनयाद� ��श�ण �ा�त कर�गे।

  • • इन क�म�य� को आपदा के पवू� और बाद के प�र��य म� �वरासत संरचनाओ ंको संर��त करने हेत ु��श�ण �दया जाएगा। 2. अ�टूबर म� �नया�त म� 1.11% क� �गरावट : • पे�ो�लयम और चमड़ा जसेै �े�� म� संकुचन के कारण अ�टूबर 2019 म� देश का �नया�त 1.11% घट गया। • आ�धका�रक आकंड़� के अनसुार अ�टूबर म� आयात म� भी 16.31% क� कमी आई है, िजससे �यापार घटा कम हुआ है। • भारतीय आयात के एक बड़ े�ह�से तले आयात म� कमी के कारण आयात म� �गरावट आई है। • �सतंबर 2019 म� भी �नया�त म� �गरावट देखी गई थी। 3. सहकार� ब�क� पर �नयमन ज�द ह� • सरकार कुछ काननू� म� संशोधन करने पर �वचार कर रह� है ता�क सहकार� स�म�तय� क� ब��कंग ग�त�व�धय� को ब��कंग �व�नयमन अ�ध�नयम के दायरे म� लाया जा सके। • सरकार ब�क� म� जमा रा�श पर बीमा क� सीमा को मौजदूा 1 लाख से बढ़ा सकती है। UPSC �ारं�भक पर��ा के �लए अ�यास ��न : ��न 1. �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�। 1. रा���य आपदा ��त��या बल (NDRF) आपदा �बंधन अ�ध�नयम, 2005 के तहत "खतरे क� ि�थ�त से �नपटने या आपदा के �लए �वशषे� क� ��त��या के उ�दे�य से ग�ठत एक �वशषे बल" है। 2. रा���य आपदा ��त��या बल (NDRF) �धानमं�ी क� अ�य�ता वाले रा���य आपदा �बंधन �ा�धकरण के अतंग�त आता है। �वक�प: (a) केवल 1 (b) केवल 2 (c) 1 और 2 दोन� (d) न तो 1 और न ह� 2 उ�र : c �प�ट�करण : �व-�या�या�मक। ��न 2. �न�न�ल�खत म� से कौन सा कथन सह� है?

  • 1. वन अ�ध�नयम वन अपराध, �कसी आर��त वन के अदंर �न�ष�ध काय� और अ�ध�नयम के �ावधान� के उ�लंघन पर दंड को प�रभा�षत करता है। 2. वन अ�ध�नयम भारत म� ज�ैवक �व�वधता के संर�ण और पारंप�रक ज�ैवक संसाधन� और �ान के उपयोग से उ�प�न होने वाले लाभ� को समान �प से साझा करने के �लए एक तं� �दान करता है। �वक�प: (a) केवल 1 (b) केवल 2 (c) 1 और 2 दोन� (d) न तो 1 और न ह� 2 उ�र : a �प�ट�करण : ज�ैवक �व�वधता अ�ध�नयम, 2002 भारत म� ज�ैवक �व�वधता के संर�ण और पारंप�रक ज�ैवक संसाधन� और �ान के उपयोग से उ�प�न होने वाले लाभ� को समान �प से साझा करने के �लए एक तं� �दान करता है। ��न 3. छ�ीसगढ़ क� सीमा �न�न�ल�खत म� से �कस रा�य से नह�ं लगती है? (a) उ�र �देश (b) झारखंड (c) आ�ं �देश (d) �बहार उ�र : d

    ��न 4. �न�न म� से प��य� क� कौन सी �जा�त भारत म� �था�नक नह�ं है? (a) जेरडॉन कौस�र (Jerdon’s Courser)

  • (b) �हमालयन बटेर (c) �वेतवण� �ग�ध (d) मकैौ (एक �कार का तोता) उ�र : d �प�ट�करण : मकैौ म�य अमे�रका और उ�र� अमे�रका (केवल मिै�सको), द��ण अमे�रका और पवू� म� कैरे�बयन देश का �था�नक �नवासी है। UPSC म�ुय पर��ा के �लए अ�यास ��न : ��न 1. दरूसंचार उ�योग भारत के �डिजटलाइजेशन के मा�यम से �वकास क� अगल� कड़ी के �लए मह�वपणू� है और सरकार को अ�पका�लक राज�व के च�कर म� पड़कर द�घ�का�लक संभावनाओ ंको संकट म� नह�ं डालना चा�हए। �ट�पणी कर�। (10 अकं, 150 श�द) ��न 2. ���स समहू �वारा उ�लेखनीय �ग�त के बावजदू, अभी इसम� और सधुार क� गुंजाइश है। �ट�पणी कर�। सहका�रता को आगे बढ़ाने के �लए उपय�ुत माग� सझुाएं। (10 अकं, 150 श�द)