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गलु सत आम म 4 और 5 दिसमबर को युवा का एक सममलन आयोदित हो रहा है। युवा के दलए आपका कया संिश है? वाईएलटीपी के बार म? आपके िसटकोण स ामीण भारत की सूरत बिलन म युवा की कया भूदमका हो सकती है? : यह युवा ही है, िो िश के दलए उममीि की सबस बड़ी दकरण होता है, दकसी भी िश के दलए। युवा को दिममिारी लनी होगी। वह सभी कार की दिममिाररयां संभालन के इचक तो ह, लदकन िानत नह दक यह करना कैस है। तो उनह कया करना चादहए? उनह अपनी योिनाएं, कायम लकर आग आना चादहए। इन पर काम करन के दलए उनह एक टीम की िरत होगी... इन योिना को दयासनवत करन के दलए उनह एक मंच की िरत होगी। वाईएलटीपी इसके दलए उनह सशकत बनाता है। उनह वह कौशल दसखाता है, दिसकी मिि स वह अपनी टीम गदित करके दकसी भी ोिकट को दयासनवत कर सकत ह। और इसके पररणामवप अपन गांव और समुिाय को सफलता के िशन करवा सकत ह। और इनहबहुत अचा दकया है। हमन हमारा सबस पहला वाईएलटीपी 1999 म शु दकया ा। तब स लकर अब तक इनहन बहुत अच काम दकए ह। हाल ही म महारा और उरिश के लोग आए । उनहन अपन ारा अब तक दकए गए काम के बार म बताया। यह काफी गदतशील है। िब यह लोग अपनी सफलता की कहादनयां िसर युवा को सुनात ह, खासकर उनह, िो दक गलत संगत या गलत आित का दशकार हो चुके ह, तो उनह भी रणा दमलती है। वह भी अपिवन म दफर स वापसी के दलए खड़ हो िात ह। यही युवाचाय की सफलता की कहानी है। हम इस िश म और भी जयािा स जयािा युवा नतृतव दशण कायम का आयोिन कररहग। हम अीका म भी ऐस कु आयोिन कर रह ह। इन सभी िश म हम युवा को एक दिशा िान करनी है, उनकी ऊिा को एक दिशा िान करनी है। ओदिशा सरकार अपन राजय स एक लाख युवा को युवा नता के तौर पर दशण दिलवाना चाहती है। 600 गांव खुल म शौच स मुकत हो चुके ह और युवा न ही इन गांव को वच बनाया है। युवाचाय न इन गांव म बहुत सारा काम दकया है। वह इस िश के हिार गांव म काम करन म िुट हुए ह, तादक उन गांव को अािश गांव का प िान दकया िसके। (5एच कायम के तहत आट ऑफ दलदवंग न भारत के दवदभ दहस म 42,000 गांव म काम दकया है। 5 एच का मतलब है- वाय, वचता, आवास, दवदवधता म एकता और मानवीय मूलय।) उवा देश के लिए आशा की सबसे बड़ी लकरण ह युवा सेवा टाइमस टीई म आट आॅफ दलदवंग न अपनी ‘िगपावनी’ पररयोिना के तहत 453 िलाशय की सफाई एवं कायाकलप का बहुत बड़ा काम हा म दलया है। तालाब पुनार कायम को ‘नममा ओ नामा कुलम’ के नाम स िाना िता है। इसके तहत आट आॅफ दलदवंग की ओर स घर म "िगपावनी' नाम स एंिाइम तैयार करवाया िा रहा है। यह एंिाइम िालकर नादलयां, तालाब और नदिय के िूदित िल का शुदकरण दकया िाता है। रासायदनक शुदकरण उतपाि भूदमगत िल एवं आसपास के पाररसदतकी तं को िूदित करत ह, िबदक एंिाइम हादनरदहत होता है। इसके अलावा यह मदलय को दिंिा रखन, िुगध िूर करन ता मचर-मसकखय को कम करन म भी कारगर है। ह महीन स आट आॅफ दलदवंग िगपावनी के ारा कई तालाब का शुदकरण काय कर रहा है। इधर-उधर बड़ी माा म फैल कूड़-करकट के ढर ता घास-फूस को तालाब स दनकालना, तालाब स मल दनकालना, हररयाली बढ़ान के दलए बांध मिबूत बनाना, िैव दवदवधता म सुधार करना ता इन सभी काय म ानीय समुिाय को भागीिार बनान के दलए बड़ तर पर िागृदत अदभयान चलाया िा रहा है। इसके सा ही पौधारोपण का काम भी चल रहा है। आट ऑफ दलदवंग के सकर सतगोपन, नीि साह, ीदनवास कृणन, बालािी सुंिरवधन और कानन िी के नतृतव म टीम चई के 50 स अदधक क तक पहुंच चुकी ह। इन क म करीब 150 वयंसवक सदय प स शादमल ह। तालाब के शुदकरण अदभयान के अभी तक अच पररणाम सामन आए ह। सबस पहल चई सत समनचरी कण कुवाड़ तालाब म शुदकरण अदभयान चला ा। पहल यह तालाब मटमैली काई स ढका ा। 10 िून, 2017 को यहां पर ईको एंिाइम के िरय शुदकरण दया की गई। इसके बाि 45 दिन के अंिर ही काई खतम हो गई। िल शुता के सभी मापिंि म सुधार िि दकया गया। दििॉलि ऑकसीिन यानी घुली हुई ऑकसीिन (िीओ) का तर 0.5 स 2.37 पर पहुंच गया। वह, सीओिी 121 स 40 पर पहुंच गया। इसका उदचत तर 50 तक माना िता है। िैदवक दवघटन (बीओिी) 39.5 स 16 हो गया। चई के ईट कोट रोि नीलंकरैय सत सिीममान मंदिर का तालाब हमशा बड़ी संखया म यहां पनपन वाली मदलय के दलए दस रहा है। कु सपताह पहल यहां हर रोि सैकड़ मदलयां मरी हुई दमलती । इस लकर ानीय दनवासी और चई नगर दनगम के अदधकारी दचंदतत । नगर दनगम के अदधकाररय के अनुरोध पर आट आॅफ दलदवंग न ईको एंिाइम स तालाब के शुदकरण की योिना बनाई। एक फायर इंिन की मिि स तालाब म िगपावनी की आवशयक माा को ोड़ा गया। यह दया िो घंट तक चली। तीन दिन के अंिर ही अदधकाररय न पुसट कर िी दक मदलय की मृतयु िर म कमी आ गई है। शुदकरण के मूलयांकन के दलए एक सपताह पहल ता एक सपताह बाि के बीओिी एवं सीओिी के तर रकॉि दकए गए। इसम भावशाली सुधार िखन को दमला। ईको एंिाइम स शुदकरण का परणाम िखकर ानीय दनवासी और अदधकारी भी अचंदभत । शेष पृष 5 पर चेई म 453 जिाशय का शुलकरण आट ऑफ दलदवंग के वयंसवक न शहर म शु दकया "िगपावनी' ोिकट जलाशय क सफाई के अभियान म छा ि भि भिखा रहे ह। वह अपने सापाभहक अवकाश पर ालाब के आसपास जमे नष न होने वाले किरे को साफ करे ह। तेलंगाना म आदर गांव बना ीरामनगर n 104 शौचालय का निराण, 25 हजार पौधे रोपे और तालाब का पुिार n आर ऑफ नलनिंग की उपसनत और काय िे ारीण को निराशा से निकाला सेवा टाइमस टीलंगाना के रंगारी दिल का एक ोटा सा गांव है ीरामनगर। साल 2015 के अंत म आट ऑफ दलदवंग की टीम न तलंगाना के लगभग 300 गांव म कई पियााएं आयोदित की । पियाा के िौरान इन सभी गांव के दनवादसय के बीच हैपपीनस यानी सता का सवण दकया गया। इस सवण म ामीण की समयाएं सुनन के सा ही उनकी रहन की सदतय का मूलयांकन दकया गया। इसके बाि गुिव ी ी रदवशंकर ारा तैयार की गई 5-एच आिश गांव पररयोिना के तहत दवकदसत होन वाल गांव म स एक के तौर पर ीरामनगर को चुना गया। ारंदभक काय पूण करन के बाि िनवरी 2016 म यहां दवकास काय शु दकया गया ा। इस पररयोिना के दलए एक टीम बनाई गई। आट ऑफ दलदवंग के 10 वयंसवक और गांव स 5 सिय की टीम का नतृतव सरपंच न दकया। चारी पुपरंिन िी के मागिशन म टीम न पररयोिना का दयासनवत दकया। जेकट से पहले गांव की मुख समसाएं सामाजिक असमानता: िहां पर लोग आदक सदत, िदत और धम इतयादि के आधार पर दवभादित हो चुके ह, वहां कोई भी पररयोिना लागू कर पाना बहि मुसशकल है। ामीण को दशा, रोिगार, धन बंधन, कानूनी िानकारी, सरकारी सहायता इतयादि मामल पर दिशा और परामश की आवशयकता ी। वसन और घरेलू झगड़े: ामीण म शराब की लत बहुत जयािा बढ़ती िा रही ी। पुि के सा-सा मदहलाएं और गांव का युवा वग भी शराब के यसन के चंगुल म फंसता िा रहा ा। इस कारण घरलू दहंसा के मामल म लगातार बढ़ोतरी हो रही ी। बुिुग व ुवा पढ़ म अंतर: पुरानी पीढ़ी के बुिुग और युवा की सोच के बीच काफी अंतर ा। आपसी सोच और समझ म इस अंतर के कारण गांव म बहुत सारी दवसंगदतयां भी हो रही । सवास, सफाई का आभाव: गांव म साविदनक वाय सवा का आभाव ा। इसके कारण बीमार होन पर ामीण को मिबूरी म दनिी अपताल स संपक करना पड़ता ा। दनिी अपताल भी गांव स काफी िूर । िूसरा गरीब ामीण को वहां पर इलाि करवाना महंगा भी बहुत जयािा पड़ता ा। ाम पंचायत न भल ही रोिाना गांव का कूड़ा-कचरा दनकालन के दलए यवा की हुई ी, लदकन लोग इसके दत िगक नह । इसकी विह स गांव म गंिगी का माहौल बना रहता। यहां-वहां सभी िगह कूड़ा फैला हुआ दिखता। गांव की अदधकतर नादलयां भी गंिगी स भरी हुई होत। खुली नादलय स गंिा पानी इधर-उधर भी बहता रहता। तकरीबन 429 घर म शौचालय भी नह । भू-िल सतर म जगरावट: लगातार तीन वि स सूख के कारण गांव म भूदमगत िल का तर 1500 फीट की गहराई तक चला गया ा। गांव के िो लोग खती पर ही दनभर , उनकी आिीदवका बंि होन स घर म आदक संकट की सदत बनन लगी। समाधान, ज आट ऑफ ललवंग ने रु लकए सामाजिक अंतर जमटाना और शराब से मुकत: गांव म नवचतना दशदवर, बाल चतना दशदवर, हैपपीनस ोाम, िप िीा, हैपीनस सव, दभिक, िुगा होम एवं सांकृदतक महोतसव इतयादि का आयोिन दकया गया। इन कायम के िरय ामीण के बीच सामंिय, दमता एवं अपनपन की भावना दवकदसत करन म मिि दमली। अनुसूदचत िादत के लोग को ाम पंचायत की बैिक को दनयदमत प स बुलान की परंपरा शु की गई। शेष पृष 5 पर रामनगर को आिश गांव बनाने वाले िल का नेृतव करने वाले िार पुषपरंजन ामण क एक बैक लेे हुए। 2 सेवा झुगय के दरवाजतक पहुंचाई शिा पि 3 सावना ने कशर को शदया पैा-ए-ोहबत पि 5 सहयोग 60 पंचायत को 'आदि' नाएा आर ऑफ शिशवं पि संसकरण: दिसंबर 2017 ि आर ऑफ दिदिंग, अनरराय क, बगिु वा टाइमस ि आट ऑफ दलदवंग

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  • बें गलुरू स्थित आश्रम में 4 और 5 दिसमबर को युवाओं का एक समममेलन आयोदित हो रहा है। युवाओं के दलए आपका कया संिमेश है? वाईएलटीपी के बारमे में? आपके िृस्टकोण समे ग्ामीण भारत की सूरत बिलनमे में युवाओं की कया भूदमका हो सकती है?

    श्री श्री: यह युवा ही है, िो िमेश के दलए उममीि की सबसमे बड़ी दकरण होता है, दकसी भी िमेश के दलए। युवाओं को दिमममेिारी लमेनी होगी। वह सभी प्रकार की दिमममेिाररयां संभालनमे के इच्छुक तो हैं, लमेदकन िानतमे नहीं दक यह करना कैसमे है। तो उनहें कया करना चादहए? उनहें अपनी योिनाएं, काय्यक्रम लमेकर आगमे आना चादहए। इन पर काम करनमे के दलए उनहें एक टीम की िरूरत होगी... इन योिनाओं को दक्रयासनवत करनमे के दलए उनहें एक मंच की िरूरत होगी। वाईएलटीपी इसके दलए उनहें सशकत बनाता है। उनहें वह कौशल दसखाता है, दिसकी मिि समे वह अपनी टीम गदित करके दकसी भी प्रोिमेकट को दक्रयासनवत कर सकतमे हैं। और इसके पररणाम्वरूप अपनमे गांव और समुिाय को सफलता के िश्यन करवा सकतमे हैं। और इनहोंनमे बहुत अच्ा दकया है। हमनमे हमारा सबसमे पहला वाईएलटीपी 1999 में शुरू दकया थिा। तब समे लमेकर अब तक इनहोंनमे बहुत अच्छे काम दकए हैं। हाल ही में महारा्ट्र और उत्तरप्रिमेश के लोग आए थिमे। उनहोंनमे अपनमे द्ारा अब तक दकए गए कामों के बारमे में बताया। यह काफी गदतशील है। िब यह लोग अपनी सफलता की कहादनयां िूसरमे युवाओं को सुनातमे हैं, खासकर उनहें, िो दक गलत संगत या गलत आितों का दशकार हो चुके हैं, तो उनहें भी प्रमेरणा दमलती है। वह भी अपनमे िीवन में दफर समे वापसी के दलए खड़छे हो िातमे हैं। यही युवाचाययों की सफलता की कहानी है।

    हम इस िमेश में और भी जयािा समे जयािा युवा नमेतृतव प्रदशक्षण काय्यक्रमों का आयोिन करतमे रहेंगमे। हम अफ्ीका में भी ऐसमे कु् आयोिन कर रहमे हैं। इन सभी िमेशों में हमें युवाओं को एक दिशा प्रिान करनी है, उनकी ऊिा्य को एक दिशा प्रिान करनी है। ओदिशा सरकार अपनमे राजय समे एक लाख युवाओं को युवा नमेताओं के तौर पर प्रदशक्षण दिलवाना चाहती है। 600 गांव खुलमे में शौच समे मुकत हो चुके हैं और युवाओं नमे ही इन गांवों को ्वच् बनाया है। युवाचाययों नमे इन गांवों में बहुत सारा काम दकया है। वह इस िमेश के हिारों गांवों में काम करनमे में िुटछे हुए हैं, तादक उन गांवों को अािश्य गांव का रूप प्रिान दकया िा सके।

    (5एच काय्यक्रम के तहत आट्ट ऑफ दलदवंग नमे भारत के दवदभन्न दह्सों में 42,000 गांवों में

    काम दकया है। 5 एच का मतलब है- ्वा््थय, ्वच्ता, आवास, दवदवधता में एकता और

    मानवीय मूलय।)

    श्रीश्री उवाच्

    देश के लिए आशा की सबसे बड़ी लकरण हैं युवा

    सेवा टाइमस टीम

    चमे न्नई में आट्ट आॅफ दलदवंग नमे अपनी ‘िगपावनी’ पररयोिना के तहत 453 िलाशयों की सफाई एवं कायाकलप का बहुत बड़ा काम हाथिों में दलया है। तालाब पुनरुद्ार काय्यक्रम को ‘नममा ओरू नाममा कुलम’ के नाम समे िाना िाता है। इसके तहत आट्ट आॅफ दलदवंग की ओर समे घरों में "िगपावनी' नाम समे एंिाइम तैयार करवाया िा रहा है। यह एंिाइम िालकर नादलयांमे, तालाबों और नदियों के िूदित िल का शुदद्करण दकया िाता है। रासायदनक शुदद्करण उतपाि भूदमगत िल एवं आसपास के पाररस्थिदतकी तंत्र को प्रिूदित करतमे हैं, िबदक एंिाइम हादनरदहत होता है। इसके अलावा यह म्दलयों को दिंिा रखनमे, िुगगंध िूर करनमे तथिा मच्र-मसकखयों को कम करनमे में भी कारगर है।

    ्ह महीनमे समे आट्ट आॅफ दलदवंग िगपावनी के द्ारा कई तालाबों का शुदद्करण काय्य कर रहा है। इधर-उधर बड़ी मात्रा में फैलमे कूड़छे-करकट के ढछेर तथिा घास-फूस को तालाबों समे दनकालना, तालाबों समे मल दनकालना, हररयाली बढ़ानमे के दलए बांध मिबूत बनाना, िैव दवदवधता में सुधार करना तथिा इन सभी काययों में ्थिानीय समुिायों को भागीिार बनानमे के दलए बड़छे ्तर पर िागृदत अदभयान चलाया िा रहा है। इसके साथि ही

    पौधारोपण का काम भी चल रहा है। आट्ट ऑफ दलदवंग के समेकर सतगोपन, नीि साह, श्रीदनवास कृ्णन, बालािी सुंिरवधन और कानन िी के नमेतृतव में टीमें चमेन्नई के 50 समे अदधक केंद्ों तक पहुंच चुकी हैं। इन केंद्ों में करीब 150 ्वयंसमेवक सदक्रय रूप समे शादमल हैं।

    तालाबों के शुदद्करण अदभयान के अभी तक अच्छे पररणाम सामनमे आए हैं। सबसमे पहलमे चमेन्नई स्थित समेममेनचमेरी करूण कुवाड़ तालाब में शुदद्करण अदभयान चला थिा। पहलमे यह तालाब मटमैली काई समे ढका थिा। 10 िून, 2017 को यहां पर ईको एंिाइम के िररयमे शुदद्करण प्रदक्रया

    की गई। इसके बाि 45 दिन के अंिर ही काई खतम हो गई। िल शुद्ता के सभी मापिंिों में सुधार िि्य दकया गया। दििॉल्वि ऑकसीिन यानी घुली हुई ऑकसीिन (िीओ) का ्तर 0.5 समे 2.37 पर पहुंच गया। वहीं, सीओिी 121 समे 40 पर पहुंच गया। इसका उदचत ्तर 50 तक माना िाता है। िैदवक दवघटन (बीओिी) 39.5 समे 16 हो गया।

    चमेन्नई के ई्ट को्ट रोि नीलंकरैय स्थित सैंिीममान मंदिर का तालाब हममेशा बड़ी संखया में यहां पनपनमे वाली म्दलयों के दलए प्रदसद् रहा है। कु् सपताह पहलमे यहां हर रोि सैकड़ों म्दलयां मरी हुई दमलती थिीं। इसमे लमेकर ्थिानीय दनवासी और चमेन्नई नगर दनगम के अदधकारी दचंदतत थिमे। नगर दनगम के अदधकाररयों के अनुरोध पर आट्ट आॅफ दलदवंग नमे ईको एंिाइम समे तालाब के शुदद्करण की योिना बनाई। एक फायर इंिन की मिि समे तालाब में िगपावनी की आवशयक मात्रा को ्ोड़ा गया। यह प्रदक्रया िो घंटछे तक चली। तीन दिन के अंिर ही अदधकाररयों नमे पुस्ट कर िी दक म्दलयों की मृतयु िर में कमी आ गई है। शुदद्करण के मूलयांकन के दलए एक सपताह पहलमे तथिा एक सपताह बाि के बीओिी एवं सीओिी के ् तर ररकॉि्ट दकए गए। इसमें प्रभावशाली सुधार िमेखनमे को दमला। ईको एंिाइम समे शुदद्करण का पररणाम िमेखकर ्थिानीय दनवासी और अदधकारी भी अचंदभत थिमे। शेष पृष्ठ 5 पर

    चेन्नई में 453 जिाशयों का शुलधिकरणआट्ट ऑफ दलदवंग के ्वयंसमेवकों नमे शहर में शुरू दकया "िगपावनी' प्रोिमेकट

    जलाशयों करी सफाई के अभियान में छात्र िरी रुभि भिखा रहे हैं। वह अपने साप्ाभहक अवकाश पर ्ालाबों के आसपास जमे नष्ट न होने वाले किरे को साफ कर्े हैं।

    तेलंगाना में आदर्श गांव बना श्ीरामनगरn104 शौचालयों का निरामाण, 25 हजार पौधे रोपे और तालाब का पुिरुद्ारnआर्ट ऑफ नलनिंग की उपस्थिनत और काययों िे ग्ारीणों को निराशा से निकाला

    सेवा टाइमस टीम

    तमे लंगाना के रंगारमेड्ी दिलमे का एक ्ोटा सा गांव है श्रीरामनगर। साल 2015 के अंत में आट्ट ऑफ दलदवंग की टीम नमे तमेलंगाना के लगभग 300 गांवों में कई पियात्राएं आयोदित की थिीं। पियात्राओं के िौरान इन सभी गांवों के दनवादसयों के बीच हैपपीनमेस यानी प्रसन्नता का सववेक्षण दकया गया। इस सववेक्षण में ग्ामीणों की सम्याएं सुननमे के साथि ही उनकी रहनमे की स्थिदतयों का मूलयांकन दकया गया। इसके बाि गुरुिमेव श्री श्री रदवशंकर द्ारा तैयार की गई 5-एच आिश्य गांव पररयोिना के तहत दवकदसत होनमे वालमे गांवों में समे एक के तौर पर श्रीरामनगर को चुना गया। प्रारंदभक काय्य पूण्य करनमे के बाि िनवरी 2016 में यहां दवकास काय्य शुरू दकया गया थिा। इस पररयोिना के दलए एक टीम बनाई गई। आट्ट ऑफ दलदवंग के 10 ्वयंसमेवक और गांव समे 5 सि्यों की टीम का नमेतृतव सरपंच नमे दकया। ब्रह्मचारी पु्परंिन िी के माग्यिश्यन में टीम नमे पररयोिना कामे दक्रयासनवत दकया।

    प्रोजेकट से पहले गांव की प्मुख समस्ाएंसामाजिक असमानता: िहां पर लोग आदथि्यक स्थिदत, िादत और धम्य इतयादि के आधार पर दवभादित हो चुके हों, वहां कोई भी पररयोिना लागू कर पाना बमेहि मुसशकल है। ग्ामीणों को दशक्षा, रोिगार, धन प्रबंधन, कानूनी िानकारी, सरकारी सहायता इतयादि मामलों पर दिशा और परामश्य की आवशयकता थिी।व्यसन और घरेलू झगड़े: ग्ामीणों में शराब की लत बहुत जयािा बढ़ती िा रही थिी। पुरुिों के साथि-साथि मदहलाएं और गांव का युवा वग्य भी शराब के ्वयसन के चंगुल में फंसता िा रहा थिा। इस कारण घरमेलू दहंसा के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही थिी।बुिुग्ग व ्युवा परीढ़री में अंतर: पुरानी पीढ़ी के बुिुगयों और युवाओं की सोच के बीच काफी अंतर थिा। आपसी सोच और समझ में इस अंतर के कारण गांव में बहुत सारी दवसंगदतयां भी हो रही थिीं।

    सवास्थ्य, सफाई का आभाव: गांव में साव्यिदनक ्वा््थय समेवाओं का आभाव थिा। इसके कारण बीमार होनमे पर ग्ामीणों को मिबूरी में दनिी अ्पतालों समे संपक्क करना पड़ता थिा। दनिी अ्पताल भी गांव समे काफी िूर थिमे। िूसरा गरीब ग्ामीणों को वहां पर इलाि करवाना महंगा भी बहुत जयािा पड़ता थिा। ग्ाम पंचायत नमे भलमे ही रोिाना गांव का कूड़ा-कचरा दनकालनमे के दलए ्वयव्थिा की हुई थिी, लमेदकन लोग इसके प्रदत िागरूक नहीं थिमे। इसकी विह समे गांव में गंिगी का माहौल बना रहता। यहां-वहां सभी िगह कूड़ा फैला हुआ दिखता। गांव की अदधकतर नादलयां भी गंिगी समे भरी हुई होतीं। खुली नादलयों समे गंिा पानी इधर-उधर भी बहता रहता। तकरीबन 429 घरों में शौचालय भी नहीं थिमे।भू-िल सतर में जगरावट: लगातार तीन वियों समे सूखमे के कारण गांव में भूदमगत िल का ्तर 1500 फीट की गहराई तक

    चला गया थिा। गांव के िो लोग खमेती पर ही दनभ्यर थिमे, उनकी आिीदवका बंि होनमे समे घरों में आदथि्यक संकट की स्थिदत बननमे लगी।

    समाधान, जरो आट्ट ऑफ लललवंग ने रुरू लकएसामाजिक अंतर जमटाना और शराब से मुक्त: गांव में नवचमेतना दशदवर, बाल चमेतना दशदवर, हैपपीनमेस प्रोग्ाम, िप िीक्षा, हैपपीनमेस सववे, रूद्दभिमेक, िुगा्य होम एवं सां्कृदतक महोतसव इतयादि का आयोिन दकया गया। इन काय्यक्रमों के िररयमे ग्ामीणों के बीच सामंि्य, दमत्रता एवं अपनमेपन की भावना दवकदसत करनमे में मिि दमली। अनुसूदचत िादत के लोगों को ग्ाम पंचायत की बैिक को दनयदमत रूप समे बुलानमे की परंपरा शुरू की गई। शेष पृष्ठ 5 पर

    श्रीरामनगर को आिश्श गांव बनाने वाले िल का ने्ृतव करने वाले ब्रह्मिाररी पुषपरंजन ग्ामरीणों करी एक बै्ठक ले्े हुए।

    2 सेवाझुग्गियों के दरवाजे तक पहुंचाई शिक्ापमेि 3 सद्ावनाश्री श्री ने कश्रीर को शदया पैगिा्-ए-्ोहब्बतपमेि 5 सहयोग60 पंचायतों को 'आदि्श' ्बनाएगिा आर्ट ऑफ शिशवंगिपमेिसंसकरण: दिसंबर 2017 ि आर्ट ऑफ दिदिंग, अन्तरराष्ट्रीय केंद्र, बेंगिुरु

    सवेा टाइमसि आट्ट ऑफ दलदवंग

  • 2 सेवा टाइमस ि आर्ट ऑफ दिदिंग, अन्तरराष्ट्रीय केंद्र, बेंगिुरुदिसंबर 2017

    सेवा टाइमस टीम

    दह माचल प्रिमेश में आईटीआई और पॉलीटछेदनिक में पढ़ रहमे करीब 35 हिार युवाओं को धयान में रखकर नशामुसकत हमेतु प्रोिमेकट चलाया िा रहा है। आट्ट ऑफ दलदवंग नमे राजय सरकार के साथि दमलकर यह दवशमेि पहल की है। इस पहाड़ी राजय में ्ात्र और युवा तमेिी समे नशमे की दगरफत में आ रहमे हैं। ऐसमे में राजयभर के आईटीआई और पॉलीटछेदनिक में वक्कशॉप करनमे के दलए आट्ट ऑफ दलदवंग नमे सरकार को प्र्ताव भमेिा थिा। 2015 में तकनीकी दशक्षा दवभाग नमे इसमे मंिूर कर दलया। 2016 में आदधकाररक तौर पर आट्ट ऑफ दलदवंग को इसकी दिमममेिारी सौंप िी गई। मई 2016 समे अब तक राजय में 30 सरकारी आईटीआई के 10 हिार समे जयािा ्ात्रों तक यह अदभयान पहुंच चुका है। तीन हिार समे जयािा ्ात्रों नमे आि दिन का गैर-आवासीय वाईएलटीपी भी पूरा कर दलया है। वहीं, 7 हिार समे जयािा युवाओं नमे नशामुसकत वक्कशॉपस में भाग दलया है। इस अदभयान के नतीिों समे खुश होकर राजय के तकनीकी दशक्षा दवभाग नमे आट्ट ऑफ दलदवंग को प्रिमेश के सभी सरकारी इंिीदनयररंग और फामवेसी कॉलमेिों में भी वक्कशॉप करनमे का नयोता दिया है। तकनीकी दशक्षा दनिमेशक नमे सभी कॉलमेिों के प्रमुखों/दप्रंदसपलों को अपनमे यहां पर आट्ट ऑफ दलदवंग की वक्कशॉप आयोदित करनमे का दनिवेश दिया है। दहमाचल प्रिमेश में 30 आट्ट ऑफ दलदवंग टीचर यह वक्कशॉप आयोदित कर रहमे हैं। यह पहला मौका है, िब वह सरकारी सं्थिानों में 8 दिन के गैर आवासी वाईएलटीपी आयोदित करतमे हैं। उनका लक्य प्रिमेश की सभी 116 आईटीआई, 15 पॉलीटछेदनिक और सभी इंिीदनयररंग और फामवेसी कॉलमेिों में इस साल के अंत तक वक्कशॉप आयोदित करनमे का है।

    पहाड़ी राज् में आईटीआई और पॉलीटेलनिक के छात्र वाईएलटीपी से सीख रहे नरामुककत के गुण

    मई, 2016 में शुरुआत के बाद से 10 हजार छात्ों तक बनाई पहुंच

    “ वाईएलटीपी करने के बाद मैं खुद को आतमववशवास से पररपूर्ण पा रही हूं। वक्कशॉप करने से पहले मुझे खुद को अविव्यक्त करने में वझझक महसूस हो्ती थी। अब मैं मुक्त रूप से खुद को अविव्यक्त करने में सक्षम हूं। मैंने अपने पूरे व्यकक्ततव में एक शानदार बदलाव महसूस वक्या है।

    - पूजा शरामा, छात्ा, आईटीआई सोलन

    “ मैंने इन वक्कशॉप के बाद से अपने सटाफ कम्णचारर्यों के साथ-साथ ववद्ावथ्ण्यों के व्यवहार में बहु्त ज्यादा बदलाव महसूस वक्या है। वह िी एक छोटे से सम्यकाल में। छात्ों का संचार कौशल िी काफी सुधरा है। वक्कशॉप की वजह से ्यहां एक सकारातमक माहौल का वनमा्णर हुआ है।

    - प्रिंपसपल, आईटीआई, हरीरपुर्मबाकू के नशे के भखलाफ आयोभज् जागरूक्ा रैलरी में िाग ले्े छात्र (ऊपर) आैर आई्टरीआई में आयोभज् आ्ट्ट ऑफ भलभवंग करी वक्कशॉप में िाग ले्री छात्राएं (नरीिे)।

    सुकांत चौहानयुवा काि में इनके जीवन का एक ही सपना था िैकचरर बनना। परनतु भागय ने उनके लिए कुछ बड़ा सोच रखा था। 1999 में पहिी बार आयोलजत युवा नेतृतव प्रलशक्षण काय्यक्रम (वाईएिटीपी) के 400 प्रलतभालियों मंे से वह भी एक थे। उसके बाद से वो रुके नहीं। अभी तक 10 हजार से अलिक युवा उनके नेतृतव में युवा नेतृतव प्रलशक्षण काय्यक्रम कर चुके हैं। हररयाणा, पंजाब, राजसथान और जमममू एवं कशमीर में मेिा वाईएिटीपी करने के बाद वह अंतरराष्ट्ीय फिक की ओर चि पड़े। अब वह दलक्षण अफ्ीका और तंजालनया में वाईएिटीपी आयोलजत कर रहे हैं।

    वाईएलटरीपरी के सतमभ

    जिमाचल प्रदेश

    आ्रोजनों पर एक नजर30 आईटीआई में अभी तक आयोजित हुआ वाईएलटीपी40 से अजिक नशा मुक्त िागरूकता अजभयान07 हिार छात्रों ने नशा मुक्त अजभयान का फायदा उठायाक्ा कहते हैं छात्र-लरक्षक

    रीमा पवारवाईएिटीपी के सवा्यलिक

    समलप्यत प्रलशक्षकों में से एक हैं। लवलभन्न राजयों में यात्ा कर काय्यक्रम आयोलजत करती हैं। िांव और मलिन बससतयों के

    अलनयंलत्त युवाओं को संभािने में मालहर। िांिी ररफयमूजी कैमप

    में अद्भुत काम लकया।

    वाईएलटरीपरी के सतमभ

    पंिाबझुक्ग्ों के दरवाजे तक पहुंचाई लरक्षामोहािी के तीन झुगिी बसती इिाकों में 140 बच्ों को लशलक्षत कर रहे 5 लशक्षक

    सेवा टाइमस टीम

    भा रत की झुगगी बस्तयों में रहनमे वालमे बच्ों की एक बड़ी संखया बुदनयािी दशक्षा समे वंदचत है। इसकी कई विहें हैं। पररवार रोिगार की तलाश में लगातार ्थिानांतररत होतमे रहतमे हैं। ऐसमे में बच्ा ्कूल नहीं िा पाता। कई बार बच्मे ्कूल में प्रवमेश लायक आयु समे जयािा के होनमे के बाि माता-दपता उनहें पढ़ानमे की सोचतमे हैं, तब भी िादखलमे में दिककतें अाती हैं। इनमें समे कई बच्मे अकसर बाल श्रम के दलए मिबूर दकए िातमे हैं। शहरी गरीबी के सामादिक संकट को समापत करनमे का एकमात्र तरीका झुगगी बस्तयों के बच्ों को दशदक्षत करना है।

    आट्ट ऑफ दलदवंग के वाईएलटीपी की राजय पररिि के सि्य कन्यल संिय सकसमेना और सोनी मोहाली नमे दिसंबर 2016 में पंिाब के मोहाली दिलमे की झोपड़पट्ी में रहनमे वालमे बच्ों को घर के िरवािमे पर ही दशक्षा की सुदवधा उपलबध करवानमे का फैसला दकया। अपना पहला ‘दशक्षा केंद्’ शुरू करनमे के दलए उनहें ब्ती के पास एक ्ायािार पमेड़ दमला। नयूनतम बुदनयािी ढांचमे के साथि ही उनहामेंनमे यहां बच्ों को दशक्षा िमेनी शुरू कर िी। बच्मे भी दशक्षा प्रापत करनमे में काफी लगन समे िुटछे हुए हैं। अलग-अलग उम्र के 40 बच्मे “दशक्षा केंद्” में आ रहमे हैं। उनमें समे कु् बच्ों नमे तो एक बार भी ्कूल नहीं िमेखा है। इन सभी बच्ों नमे पहली बार यहीं पर आकर पढ़ाई शुरू की थिी। िनवरी 2017 तक इस दशक्षा केंद् के 20 बच्ों नमे ्थिानीय सरकारी दवद्ालय में प्रवमेश भी प्रापत कर दलया है।

    इस दशक्षा केंद् की प्रारंदभक सफलता समे प्रमेररत होकर कन्यल सकसमेना और सोनी नमे सहायता के दलए ि आट्ट ऑफ दलदवंग पररवार समे संपक्क दकया। ् ात्रों की संखया बढ़नमे के कारण उनहें अदधक दशक्षकों की िरूरत पड़ी थिी। साथि ही में िो और बस्तयों में दशक्षा केंद्ों का दव्तार करना थिा, इसदलए कक्षाओं की संखया भी बढ़ रही थिी। सी.एस.आर. योिना के तहत इस पररयोिना का दवत्त-पोिण करनमे के

    दलए माधव अलायंस प्राइवमेट दलदमटछेि आगमे आई। इस फंि समे यह पररयोिना आगमे बढ़ानमे में मिि दमल रही है।

    वत्यमान में इसके तीन दशक्षा केंद् चल रहमे हैं। िो केंद् खरड़ में और एक मोहाली के िूरिराि क्षमेत्र में है। इन दशक्षा केंद्ों में ्ात्रों की संखया 140 तक पहुंच गई है। इन ्ात्रों को दशक्षा िमेनमे के दलए पांच दशक्षक समेवा िमे रहमे हैं। इन सभी दशक्षा केंद्ों के बच्ों के दलए बाल चमेतना दशदवर भी आयोदित दकए िा चुके हैं। बच्ों को प्रदतदिन योग, प्राणायाम और धयान करवाया िा रहा है। िो दशक्षकों नमे युवाचाय्य बननमे के उद्मेशय समे आट्ट ऑफ दलदवंग का युवा नमेतृतव दशदवर प्रदशक्षण काय्यक्रम भी दकया है।

    पंिाब के बटाला शहर के बीचों बीच स्थित गांधी ररफयूिी कैमप सभी गलत कारणों के दलए बिनाम है। गांधी कैमप का नाम तो उन महान शसखसयत समे िुड़ा है, िो ड्रगस की तुलना शैतान के साथि करतमे थिमे। लमेदकन यह कु् उन बािारों में समे एक है, िहां शराब और ड्रगस खरीिना बच्ों के खमेल दितना आसान है। गांधी ररफयूिी कैमप को सन 1947 में भारत बंटवारमे के बाि शरणादथि्ययों के दलए तैयार दकया गया थिा। यह धीरमे-धीरमे झुगगी ब्ती और दफर रािनीदतक केंद् में पररवदत्यत हो गई। 17 हिार समे अदधक की आबािी वालमे इस क्षमेत्र के दनवादसयों की कई सम्याएं हैं। ्वा््थय और ्वच्ता इनमें सबसमे प्रमुख है।

    ्वा््थय और ्वच्ता के दलए नीदत का अभाव है। इस खतरमे को रोकनमे के दलए सरकार की पहल की कमी, रािनीदतक

    इच्ा शसकत की कमी, उदचत दशक्षा एवं िरूरी दचदकतसा सुदवधाओं का अभाव, कमिोर बुदनयािी ढांचा और रोिगार के अवसरों की कमी नमे युवाओं में गंभीर दनराशा को िनम दिया है। इन कारणों समे युवा ड्रगस में ही कोई दिलासा ढूंढ़ रहमे हैं।

    गांधी कैमप के दनवादसयों के बीच ऐसी मानदसकता कई सालों समे उनके सामादिक और आदथि्यक दवकास में बाधा बनी रही है। इस शरणाथिथी कैमप में रहनमे वालों के सामादिक और आदथि्यक दवकास को सुदनसशचत करनमे के दलए, उनहें अदधक दिमममेिार, आतमदनभ्यर बनना और एक-िूसरमे की दिमममेिारी बांटना दसखाया िाना चादहए। आट्ट ऑफ दलदवंग की ‘प्रगदत की ओर’ पररयोिना का उद्मेशय पुरानी सामादिक प्रथिाओं की हादनकारक मानयता, मानदसकता और ्वयवहार को प्रमेम, दवशवास

    और करुणा के द्ारा बिलना है। इसके साथि ही मानवीय मूलयों को पुनिथीदवत करना है।

    सांस लमेनमे की तकनीक सुिश्यन दक्रया, योग और धयान को दमत्रतापूण्य और संवािातमक अनुकूल तरीके समे दसखाया गया थिा। वाई.एल.टी.पी. काय्यशालाओं का आयोिन कर समाि के भीतर समे ही युवाओं को प्रदशक्षण दिया िाता है। वह बाि में सशकत युवा नमेता (युवाचाय्य) बनकर बमेहतर कल के दलए काय्य करतमे हैं। इन युवाचाययों को इस पररयोिना के संिभ्य में वहां की ्थिानीय पररस्थिदत की पूण्यतः िानकारी होती है। प्रगदत की ओर पररयोिना को संचालन करनमे में उनका यह अनुभव की भूदमका महतवपूण्य हैं। इसी पररयोिना की बिौलत आि गांधी कैमप में ्वच्ता की बयार है।

    िांिी शरणाथथी लशलवर में सवचछता की बयार भशक्ा केंद्र में पेड़ के नरीिे बै्ठकर पढ़ाई कर्े झुग्गयों में रहने वाले बच्े।

    nपेड़ के नीचे पशक्ा केंद्र रें आकर पढ़ाई शुरू करने वाले कई बच्चों ने पहले सककूल देखा तक नहीं था

    nरोहाली की झुग्ी बसती रें शुरू हुए पशक्ा केंद्र के 20 बच्चों ने सरकारी सककूल रें दापखला पलया

  • सेवा टाइमस टीम

    क शमीर में दप्लमे कई वियों समे िारी संघि्य के पीदड़तों का एक समममेलन आट्ट ऑफ दलदवंग के बेंगलुरू स्थित अंतररा्ट्रीय केंद् में हुआ। गुरुिमेव श्री श्री रदव शंकर िी नमे इस समममेलन का आगाि दकया। समममेलन का नाम थिा पैगाम-ए-मोहबबत। इसमें भाग लमेनमे के दलए पहुंचमे थिमे कशमीर में मारमे गए आतंकवादियों के पररवार। घाटी में िारी संघि्य में प्रभादवत पररवार। और साथि ही भारत भर के अलग-अलग दह्सों समे आए थिमे समेना के शहीिों के पररवार। प्रभादवत पररवारों के प्रदतदनदध, दिनमें करीब 60 मदहलाएं भी शादमल थिी, वह सुिूर कशमीर समे यात्रा कर इस काय्यक्रम में बेंगलुरू पहुंचमे थिमे। पैगाम-ए-मोहबबत में इन सभी पररवारों नमे कई तरह की भावनाएं एक-िूसरमे के साथि साझी कीं।

    यह सचमुच दिल को ्ू लमेनमे वाला पल थिा। सभी पररवारों नमे अपनमे अपनमे िि्य बयां दकए। लबबो लुआब यही थिा दक आतंकवाि के दिस िानव नमे उनसमे पररिन ्ीन दलए, उसकी राह पर अब कोई न चलमे।

    इस अवसर पर गुरुिमेव नमे कहा, ‘िब पररवार दहंसा के दशकार हों, तब उनहें क्षमा के भाव के साथि आगमे आना चादहए। तभी अदहंसातमक समाि का दनमा्यण हो सकता है। मुझमे आशा ही नहीं, बसलक पूरा दवशवास है दक इस नए रा्तमे पर कई युवा चलेंगमे।’ गुरुिमेव नमे आगमे कहा, ‘िब तक हम उन चोटों पर मरहम नहीं लगाएंगमे, दहंसा की यह शंखला बढ़ती ही िाएगी।’ उनहोंनमे कहा, ‘हर हिय में कहीं न कहीं करुणा है। हमें दहंसा और एक-िूसरमे पर आरोप लगानमे का यह खमेल यहीं ्ोड़ना हामेगा। तभी हम सफल हो सकतमे हैं।’

    हदथियार िाल चुके एक पूव्य आतंकवािी अबिुल मादिि नमे कहा, ‘युवाओं को बंिूकें फेंककर शांदत का माग्य अपनाना चादहए। हम यहां इसदलए आए हैं, कयोंदक गुरुिमेव बहुत बड़छे ्वयसकत हैं। उनहोंनमे बहुत बड़छे-बड़छे काम दकए हैं। हमें आशा है दक हमें यहां

    बातचीत समे अपनी सम्याओं का हल दमलमेगा।’गांिमेरबल के एिाि अहमि मीर नमे काय्यक्रम

    में कहा, ‘हम यहां बहुत सारी आशाएं लमेकर आए हैं। हमनमे कभी उममीि भी नहीं की थिी दक हम ऐसी िगह पर आएंगमे। हमनमे बहुत कु् खोया है। हम यहां समे िमेशप्रमेम और भाईचारमे का संिमेश लमे िा रहमे हैं। इसमे िुदनयाभर में फैलाएंगमे।' बांिीपोरा समे आए नसीर लोन नमे कहा, "हमारी तो कोई सुनता ही नहीं है। हमारमे िैसमे लोगों के दलए कु् दकया िाना

    चादहए। इसदलए हम यहां आए हैं और गुरुिमेव को भी यही कहना चाहतमे हैं।’

    एक अफसर की दवधवा नमे कहा, ‘हम दकसी के भी दवरोधी नहीं हैं। हमारा गु्सा उन पररस्थिदतयों पर है, िो कशमीर को दहंसक बनाए हुए है। हमें आशा है दक गुरुिमेव इसका हल दनकालेंगमे।’

    सुरक्षाबलों के हाथिों मारमे गए एक आतंकवािी के पररवार की मदहला नमे शहीि सैदनकों के पररवारों समे कहा, ‘हम उन पररवारों का िि्य भी महसूस करतमे

    हैं, दिनके पररिन कशमीर में ड्ूटी के िौरान मारमे िा रहमे हैं। पर हम भी तो उनके हाथिों पीदड़त हैं। हमें इसका अंत करना चादहए। हम गुरुिमेव की पहल की सराहना करतमे हैं।' उनहीं की एक और साथिी मदहला नमे कहा दक हमारा कोई रािनीदतक मकसि नहीं है। इसदलए हम दिलों को िोड़ सकती हैं।

    बारामूला समे आए फैयाि अहमि नमे दहंसा के माग्य को गलत बतातमे हुए कहा, "ममेरमे दपता को 1999 में दिंिा िला दिया गया थिा। हम चाहतमे हैं दक दफर

    समे यह िोहराया नहीं िाय।' एक पूव्य आतंकवािी गुलाम हुसैन नमे कहा, ‘िोनों ओर के लोग मारमे िा रहमे हैं। चाहमे वह समेना के हों या दफर िूसरी तरफ समे। हम रातों को सो नहीं पातमे हैं और दिन में बाहर नहीं िा सकतमे हैं। शांदत और सहायता के दलए हम गुरुिमेव के पास आए हैं।’

    आट्ट आॅफ दलदवंग कशमीर में साल 2004 समे काम कर रहा है। वहां के काय्यक्रम दनिमेशक संिय कुमार भी इस आयोिन में उपस्थित थिमे। उनहोंनमे कहा, "दप्लमे िशक में हमनमे कदथित पादक्तानी नमेताओं, पतथिरबािों, सूफी संतों, बुदद्िीदवयों और सम्त दहतग्ादहयों समे लगातार संपक्क रखा है। दववाि दनपटानमे के दलए हमनमे कशमीर की घादटयों में पुल की तरह काय्य करना िारी रखा है।’

    घाटी समे आए कई प्रदतदनदधयों नमे गुरुिमेव समे मुलाकात की। घाटी में दवशवास और शांदत बहाली के दलए उनहोंनमे गुरुिमेव समे ह्तक्षमेप की मांग की। इन प्रदतदनदधयों में मारमे गए आतंकवादियों और शहीिों के पररवारों के सि्य भी शादमल हैं। दहिबुल मुिादहिीन के आतंकवािी बुरहान वानी के दपता मुिफफर वानी नमे दप्लमे साल बेंगलुरू में गुरुिमेव समे मुलाकात की थिी।

    दवदित है दक आट्ट आॅफ दलदवंग 2004 समे कशमीर में आतंक प्रभादवतों को आघात दनयंत्रण, बातचीत, िमेलों में तनाव प्रबंधन, समेना में तनाव प्रबंधन और युवाओं को सं्काररत करनमे िैसमे काययों को अंिाम िमे रहा है। दवपक्षी धड़ों के बीच सुलह करवानमे का गुरुिमेव का यह कोई पहला प्रयास नहीं है। उनहोंनमे कोलंदबया के दवद्ोही समूह एफएआरसी (कोलंदबया के क्रांदतकारी सश्त्र बल) के नमेताओं को समझाकर 2015 में समझौता करवाया। उनके प्रयासों नमे न केवल दवद्ोही समूह में ही खतम दकया है िो लगभग 220000 लोगों की िान लमे चुका थिा। इसी तरह समे गुरूिमेव नमे युगो्लादवया में भी दसदवल वार को खतम दकया थिा।

    श्ी श्ी ने कशमीर करो लद्ा पैगाम-ए-मरोहबबतिममू और कशमरीर n मारे िए आतंलकयों, सेना के शहीदों के पररवार

    और लहंसा से प्रभालवत कशमीरी एक मंच पर आएn 200 से जयादा प्रभालवत पररवारों ने काय्यक्रम में

    लशरकत की, इनमें कई पररवारों की मलहिाएं भी

    बेंगलुरू ग्थि् आश्म में आयोभज् काय्शक्रम में कशमरीर में शांभ् ्थिापना को लेकर अपनरी राय रख्े गुरुिेव श्री श्री रभव शंकर जरी।

    11 नवंबर, 2017 को डाॅ. नीता कुमार ने नई लदलिी के एमस में वाईएिटीपी लशलवर का आयोजन लकया। इस आठ लदवसीय प्रोग्ाम में मुखयतः ग्ामीणों और झुगिी-झोपलड़यों के िोिों ने भाि लिया। काय्यक्रम के तहत युवाओं ने एंड्रयमूज िंज और अजु्यन निर की मलिन बससतयों में सवचछता अलभयान सलहत लवलभन्न पररयोजनाएं भी संचालित कीं। उनहोंने एंड्रयमूज िंज और बेिमपुरी में बच्ों के लिए किा और लशलप काय्यशािा भी आयोलजत की। रंिपुरी और कािकाजी पुनवा्यस कािोलनयों में एक परामश्य और सवास्थय जािरूकता काय्यशािा भी आयोलजत की िई थी। अजु्यन निर और यमुना खादर कािोलनयों में वाईएिटीपी के प्रलतभालियों ने एक योि काय्यशािा का आयोजन लकया और प्रलतभालियों को सवसथ जीवन शैिी के बारे में सिाह दी।

    लदलली में नए ्ुवाचा्यों के बैंच की हुई रुरुआत

    समीर जौिीसमीर जौिी की लजंदिी ने

    बहुत से मोड़ लिए हैं। पररवार के सबसे िाड़िे बच्े से िेकर

    लवद्ोही युवक। काॅिेज में सबसे प्रलसधि युवक से िेकर

    कॉपपोरेट कंपनी में नौकरी तक। सब कुछ उनहोंने देखा

    है। िेलकन उनकी लजंदिी को लदशा तब लमिी, जब इनहोंने आट्ट आॅफ लिलवंि का पहिा

    कोस्य लकया। लनडर सवयंसेवक कहकर उनका पररचय देना ही ठीक होिा। कभी कलठन

    हािात में उग्वालदयों से लमिना या सुनामी से प्रभालवत

    जिह पर राहत का सामान पहुंचाना, समीर जौिी हमेशा

    आिे लमिते हैं। बहुत सारे उग्वालदयों को मुखयिारा में वापस िाने का श्ेय भी इनहें

    जाता है।

    वाईएलटरीपरी के सतमभ

    n ररलायिंस फाउंडेशन ने की इन कायमाक्ररचों की फंपडं्, कोसमा करने वालचों को ररलायिंस सटोर रें नौकरी

    सेवा टाइमस टीम

    िमे श के सभी महानगरों में समे अपराध का प्रदतशत दिलली में सबसमे जयािा है। इसकी मुखय विह है िनसंखया का बहुत जयािा घनतव और लोगों के पास काम न होना। इस विह समे दिलली में अाबािी का एक बड़ा दह्सा झुसगगयों में रहनमे को मिबूर है। साथि ही ्थिायी रोिगार न होनमे की विह समे उन क्षमेत्रों में अपराध की िर भी बहुत जयािा है। लोगों को रोिगार मुहैया करवाना और रोिगार के दलए उपयुकत कौशल प्रिान करना इस सम्या का ्थिायी समाधान हो सकता है। इसी दवचार के साथि आट्ट ऑफ दलदवंग नमे दिलली और आसपास के इलाकामें में झुसगगयों में बसमे युवाओं को यूथि लीिरदशप ट्रछेदनंग प्रोग्ाम करवानमे का अदभयान शुरू दकया है। अभी तक इस तरह के 15 वाईएलटीपी सफलतापूव्यक संपन्न हो चुके हैं। दवदभन्न िगहों पर आयोदित दकए गए इन काय्यक्रमों में कुल 341 लोगों नमे भाग दलया, दिनमें समे करीब 200 दिलली के ही रहनमे वालमे थिमे। वाईएलटीपी का पूरा धयान िीवन कौशल और सॉफट स्कलस की ट्रछेदनंग पर रहा। इस काय्यक्रम का दवत्त पोिण ररलायंस फाउंिछेशन की सीएसआर योिना के तहत दकया िा रहा है। इन काय्यक्रमों में शादमल होनमे वालमे प्रदतभागी दिलली और आसपास के इलाकों में झुसगगयों समे ही चुनमे गए थिमे। इनमें समे जयािा ्कूल ्ोड़ चुके थिमे या दफर अपराध के रा्तमे पर चल चुके युवा थिमे। इनहें दशदवरों में लानमे में दिलली पुदलस नमे भी अहम भूदमका दनभाई। इनमें समे 70% प्रदतभादगयों को दिलली और नामेएिा में ररलायंस ररटछेल और अनय मलटीब्रांि अाउटलमेटस में रोिगार भी दमल गया। ररलायंस फाउंिछेशन वाईएलटीपी के असर समे बहुत प्रभादवत हुआ। उसनमे सभी स्कल िछेवलपमेंट सेंटर के बिाय वाईएलटीपी को वररयता में रखा है।

    वाईएलटीपी के बाद 70% ्ुवाओं करो राेजगारलदलिी-एनसीआर में 15 वाईएिटीपी में 341 युवाओं ने लिया प्रलशक्षण

    एंड्रयूज गंज में बच्ों के भलए आ्ट्ट एंड क्राफ्ट वक्कशॉप का आयोजन कर्े हुए वाईएल्टरीपरी भशभवर के प्रभ्िागरी।

    पंिाब

    3 सेवा टाइमस ि आर्ट ऑफ दिदिंग, अन्तरराष्ट्रीय केंद्र, बेंगिुरुदिसंबर 2017

  • 4 सेवा टाइमस ि आर्ट ऑफ दिदिंग, अन्तरराष्ट्रीय केंद्र, बेंगिुरुदिसंबर 2017

    नािराज िंिोिी‘बदिाव के अलभकता्य’ नाम से प्रलसधि नािराज िंिोिी ने आट्ट आॅफ लिलवंि का प्रसार बेंििुरू के आसपास के िांवों, जेिों और मलिन बससतयों में लकया। उनहोंने अनेक िोिों को अपने जीवन में सवालभमान, आतम-सममान और ईमानदारी अपनाने के लिए प्रेररत लकया। आजकि नािराज जी कुमुदवती नदी को पुनजथीलवत करने के लिए पया्यवरणलवदों, जि लवभाि लवशेषज्ों, िांव के िोिों और आट्ट आॅफ लिलवंि के सवयंसेवकों के साथ काम लमिकर काम कर रहे हैं। वह अपना वाॅच पिेलटंि का वयवसाय समेटकर आट्ट आॅफ लिलवंि के प्रलशक्षक बने थे।

    वाईएलटरीपरी के सतमभ

    n नपदयािं सूखने की वजह बाररश की करी नहीं, बल्क भूपर्त जल की पुनभमारण ्रपक्रया रें पैदा हुई रुकावटें हैं, इनहें दूर करने पर पकया फोकस

    सेवा टाइमस टीम

    आ ट्ट आॅफ दलदवंग नमे कना्यटक की कुमुिवती, वमेिवती और पालार नाम की तीन नदियों के पुनिथीवन की चुनौती को उिाया है। 2013 के मधय कुमुिवती और वमेिवती पररयोिना पर काम शुरू हुआ थिा। पालार निी को पुनिथीदवत करनमे का काम सन् 2015 के मधय में प्रारमभ दकया गया थिा।

    बाररश के िल समे पोदित होनमे वाली बहुत सी नदियां सूखनमे का मुखय कारण विा्य की कमी नहीं है। यह इस त्थय समे ्प्ट है दक कना्यटक स्थित यह नदियां दप्लमे 50 वियों में सामानय अथिवा उससमे भी अदधक विा्य होनमे के बाविूि सूख गईं। नदियों के सूखनमे का प्रमुख कारण थिा। प्राकृदतक भूदमगत िल की पुनभ्यरण प्रदक्रया में रुकावटें पैिा होना। इसके कारण नदियां ्वयं को दफर समे भरनमे के काम में असमथि्य हो गईं।

    भूदमगत िल्तर बढ़ानमे के दलए भूदम क्षरण को रोकना एवं िल प्रवाह की गदत को रोकना आवशयक है। इस काम के दलए तीन प्रकार के ढांचमे दनदम्यत करना आवशयक है। िैसमे दक बोलिर चमेक, ररचाि्य वमेल और ्ोटछे-्ोटछे तालाब।

    बोलिर चमेक प्राकृदतक रूप समे बहनमे वालमे िल प्रवाह को कम कर िमेतमे हैं। इससमे आसपास की नमी बढ़ती है। इस कारण िल प्रवाह के साथि-साथि होनमे वाली भूदम क्षरण की प्रदक्रया भी कम हो िाती है। बोलिर चमेक द्ारा उदि्यत कुुओं का िल प्रवाह धीरमे-धीरमे फैलता है। साथि ही भूदमगत िल के ्तर को बढ़ाता है।

    िल प्रवाह एवं कृदि काय्य के दलए फैलमे तालाबों के संदध ् थिल पर िल टैंक बनाए िातमे हैं। इनहें बनानमे का मकसि सूय्य और हवा के द्ारा होनमे वाला वा्पीकरण कम करना है, तादक अदधक समे अदधक िल भूदम के अंिर िा सके। इन ढांचों के दनमा्यण काय्य में अतयदधक बमेहतर पररणाम प्रापत करनमे के दलए उच् श्रमेणी के िीआईएस कल-पुियों का इ्तमेमाल दकया िाता है।

    ्ोटछे-्ोटछे िल प्रवाह पहाड़ों समे फूटतमे हैं और नदियों को पोदित करतमे हैं। वनोनमूलन के कारण अब यह प्रवाह सूख गए हैं। आट्ट आॅफ दलदवंग के ्वयंसमेवकों नमे िल ग्हण क्षमेत्रों मंमे पौधारोपण का ्वयापक अदभयान चलाया। इससमे भूदमक्षरण रोकनमे तथिा पाररस्थिदतकीय संतुलन बहाल करनमे में सहायता दमली। ्ोटछे-्ोटछे िलाशय दफर पानी समे लबालब हो गए।

    कोई भी काय्य योिना दक्रयासनवत करनमे में िन सहयोग की मुखय भूदमका रहती है। ्थिानीय दनवादसयों को साव्यिदनक लक्य के दलए दमलकर एक टीम की तरह काम करनमे के दलए उतसादहत एवं प्रमेररत करना इसके दलए बहुत िरूरी है। गांवों में सिीवीकरण काय्य्थिलों के आसपास ग्ामीण हैसपपनमेस प्रोग्ाम एवं युवा नमेतृतव प्रदशक्षण काय्यक्रमों का आयोिन दकया गया। युवा नमेतृतव प्रदशदक्षत युवा एवं युवाचाययों नमे अनमेक नवचमेतना दशदवर एवं बालचमेतना दशदवरों का आयोिन दकया। इसके पररणाम्वरूप जयािा समे जयािा दकसानों नमे इस पररयोिना में

    सहयोग दकया। इसी िौरान दकसानों को िैदवक कृदि एवं सामुिदयक खमेती करनमे के दलए पंचायत ्तर पर कृिक कलब बनानमे के दलए भी प्रोतसादहत दकया गया। कना्यटक की निी पुनिथीवन पररयोिना को सरकारी मनरमेगा एवं सामूदहक संगिनों के सीएसआर फंिों समे सहायता दमलती है। इस बार अच्ी विा्य के कारण कुमुिवती एवं वमेिवती नदियां दफर समे बह रही हैं। भूदमगत िल का ्तर बढ़ गया है। सूखमे कुओं और िलाशयों को दफर समे पानी समे लबालब िमेखकर दकसानों की भी खुशी का दिकाना नहीं है।

    3 सूखी नलद्ों में लफर बहने लगा पानी लपछिे चार साि से इस पररयोजना पर काम कर रहा है आट्ट ऑफ लिलवंि

    वेदवती6786 ररचाि्ज ढांचरों का जनमा्जण काय्ज पूरा हुआ1021 ररचाि्ज ढांचरों का अभी जनमा्जण काय्ज चल रहा है

    कुमुदवती864 ररचाि्ज ढांचरों का जनमा्जण काय्ज पूरा हो चुका है39 पौिे इसके आसपास के इलाकरों में लगाए गए हैं

    पलार234 ररचाि्ज ढांचरों का जनमा्जण काय्ज प्रगजत पर है200 पौिे और 2000 औषिीय पौिे रोजपत जकए गए हैं

    20 लाख लोग सीिे तौर पर लाभाक्वत हुए 2.5 लाख लोग सीिे तौर पर लाभाक्वत हुए 36 हिार लोग सीिे तौर पर लाभाक्वत हुए

    वेिव्री निरी के पुनजजीवन के भलए भकए गए भनमा्शण काययों का जायजा लेने पहुंिे गुरुिेव श्री श्री रभव शंकर जरी।

    कना्गटक

    सुिाकर लवरावलिीअमेररका ससथत तकनीकी लवशेषज् सुिाकर लवरावलिी 2009 में अपने िृह राजय आंध्र प्रदेश में आए तो देखा लक यहां शराब, खराब सवास्थय, रासायलनक कृलष जैसी कई समसयाएं हैं। आट्ट आॅफ लिलवंि प्रलशक्षक और सथानीय सवयंसेवकों की मदद से उनहोंने सुदश्यन लक्रया, प्राकृलतक खेती, जैलवक खेती पर काय्यशािा और सवास्थय लचलकतसा लशलवर का अायोजन लकया। 2011 में वह वालपस आ िए। आंध्र प्रदेश की संसकृलत को पुनजथीलवत करने को समलप्यत हो िए। साि 2011 में उनहोंने बैक टू रूट प्रोजेकट शुरू लकया। 200 युवा वाईएिटीपी से जोड़े। 1300 िांवों तक पहुंचे। वहां 18 युवाचाय्य सरपंच हैं। उनकी सोच है लक िंबे समय तक रहने वािा बदिाव अंदर से हो सकता है न लक बाहर से।

    वाईएलटरीपरी के सतमभ

    आंध्र प्रदेश

    सेवा टाइमस टीम

    अांध्र प्रिमेश के दवशाखापट् टनम दिलमे में एक ्ोटा सा आदिवासी क्षमेत्र है पिमेरू। ओदिशा की सीमा पर अराकू घाटी के करीब स्थित इस क्षमेत्र में अदधकांश िनिातीय आबािी गरीबी रमेखा समे नीचमे िीवन यापन करती है। लगभग सभी लोग ऋण, दनरक्षरता, कुपोिण और शोिण िैसी सम्याओं समे ग््त हैं। 40 समे 100 आदिवादसयों की आबािी वालमे सैकड़ों

    ्ोटछे-्ोटछे अदवकदसत गांव इस इलाके में दबखरमे हुए हैं। आंतररक आदिवासी क्षमेत्रों में अब भी कई लोग बाहरी िुदनया समे कटछे हुए हैं। युवा वग्य भलमे ही अब दशदक्षत होनमे लगा है, लमेदकन कई बुिुग्य अब भी अपनी उम्र के पुरानमे िीवन के ढंग के साथि ही रहतमे हैं।

    कोरा्य झांसीलक्मी, पिमेरू की एक उतसाही युवा आदिवासी लड़की हैं। अपनमे दपता के समथि्यन के साथि उनहोंनमे स्ातक की पढ़ाई पूरी की है। अब उनके पास बी.एससी. की दिग्ी है। उनकी िो्त भारती भी इंटरमीदिएट पूरी कर चुकी हैं। िोनों लड़दकयां अच्ी

    अंग्मेिी बोलती हैं, िो इस आदिवासी क्षमेत्र में यिा-किा ही िमेखनमे को दमलता है।

    इन िोनों लड़दकयों नमे दसतंबर 2017 में पी.एन.आर. पमेटा, दवशाखापट् टनम में आट्ट ऑफ दलदवंग के युवा नमेतृतव प्रदशक्षण काय्यक्रम (वाईएलटीपी) में भाग दलया थिा। काय्यक्रम में िगिीश शा्त्री

    नमे प्रदशक्षण दिया थिा। इसमें सुधाकर दवरावलली, धीलमेशवर राव और ए. गंगाधर राव नमे सहायता की थिी। इस काय्यक्रम नमे झांसीलक्मी के िीवन पर बड़ा प्रभाव िाला। उनके िीवन को एक नई दिशा प्रिान की। इसके बाि झांसीलक्मी अपनमे कई और िो्तों को भी अगलमे वाईएलटीपी दशदवरों में अपनमे साथि लमेकर आई। अपनमे समाि के लोगों के उतथिान के बारमे में आतमदवशवास और भावुकता समे भरपूर झांसीलक्मी वि्य 2019 में होनमे वाला सरपंच का चुनाव लड़नमे की भी इच्छुक हैं।

    झांसीलक्मी और भारती नमे तीन अनय युवाचाययों के साथि दमलकर पांच लड़दकयों की टीम बनाई है। यह टीम अपनमे क्षमेत्र में आंगनवाड़ी केंद् में रोि योग और धयान दसखा रही है। रोि सतसंग आयोदित

    कर रहमे हैं। ग्ामीणों को साथि िोड़कर गांव में ्वच्ता के िो काय्यक्रम आयोदित दकए

    हैं। साथि-साथि वाईएलटीपी के दलए अनय युवाओं को प्रोतसादहत भी

    कर रही हैं। झांसीलक्मी और भारती नमे हाल ही में आट्ट ऑफ दलदवंग के बेंगलुरू स्थित आंतररा्ट्रीय केंद् में आयोदित ‘वलि्ट ट्ररैदफक समेफटी-एनहां्ि फ्ट्ट रमे्पॉनिर ट्रछेदनंग'

    में भी भाग दलया थिा। झांसीलक्मी नमे 21 अकतूबर

    2017 को दचंतपलली (पिारू) में आयोदित एक नमेत्र दचदकतसा

    दशदवर में दह्सा दलया थिा। इसमे िमेख उनके मन में ततकाल दवचार आया दक उनके क्षमेत्र के लोगों के दलए भी ऐसमे एक दशदवर का आयोिन करना िरूरी है। झांसीलक्मी नमे एल.वी. प्रसाि नमेत्र अ्पताल समे संपक्क दकया। उनहोंनमे 18 नवंबर,

    2017 को एस. बोधिापुट् टछु गांव में दनःशुलक दचदकतसा दशदवर आयोदित करनमे की सहमदत िी। तारीख तय होनमे के बाि झांसीलक्मी और भारती नमे 26 गांवों में घर-घर िाकर ्थिानीय आदिवासी लोगों को मुफत में आंखों की िांच के दलए दशदवर में आनमे को प्रमेररत दकया।

    18 नवंबर, 2017 को आयोदित दचदकतसा दशदवर में आसपास के गांवों समे करीब 200 लोगों नमे आंखों की िांच करवाई। कई लोग तो काफी िूर समे आंतररक आदिवासी पहादड़यों समे उतरकर इस दशदवर में आए। करीब 35 लोगों को आंखों की सि्यरी करवानमे की सलाह िी गई। यह सि्यरी एल.वी. प्रसाि नमेत्र अ्पताल समे दनशुलक की िा रही है। सि्यरी करवा रहमे लोगों की िवा पर 200 समे 500 रुपए की लागत आ रही है। इसमें आट्ट ऑफ दलदवंग के दशक्षक सुधाकर दवरावलली की ओर समे झांसीलक्मी और उनकी टीम को मिि दमल रही है। उनहोंनमे सि्यरी के प्रथिम ग्ुप को दवत्तीय सहायता प्रिान की है और शमेि लोगों के दलए भी धन की ्वयव्थिा करनमे की उममीि है।

    पदेरू में आलदवासी लड़लक्ों ने संभाला मरोचा्शवाईएिटीपी करने के बाद सामालजक काय्यकता्य बनी आलदवासी िड़की

    वाईएल्टरीपरी पूरा करने के बाि आ्ट्ट ऑफ भलभवंग के प्रभशक्क सुधाकर भवरावललरी से आ्ट्ट ऑफ भलभवंग मैनुअल प्राप् कर्ीं झांसरीलक्मरी।

    कोरा्श झांसरीलक्मरी

    िार्री

    झांसीलक्मी के प््ासों स े

    35 ग्ामीणों की आंखों की मुफत सज्शरी

    हुई

  • n कार की रूपरेखा तैयार करने के पलए ्ािंवाेिं रें हो रही हैं शुरुआती सभाएिं

    n जलसतर के अनुसार पकसानचों को सही फसले उ्ाने का ्रपशक्ण भी दें्े

    सेवा टाइमस टीम

    ओ दिशा के बाि अब आट्ट आॅफ दलदवंग नमे झारखंि सरकार के साथि दमलकर 60 पंचायतों को "आिश्य पंचायत' बनानमे का दनण्यय दलया है। यह 60 पंचायतें कौनसी होंगी, उनके चयन का फैसला सरकार नमे आट्ट ऑफ दलदवंग के ्वयसकत दवकास केंद् पर ् ोड़ दिया है। ् थिानीय सरकार नमे आट्ट आॅफ दलदवंग को कु् ऐसा रोिमैप बनानमे को कहा है, दिससमे इन गांवों में रहनमे वालमे लोगों और दकसानों की आमिनी एक साल में िोगुनी हो सके। शुरुआती ्तर पर की िानमे वाली सभाओं में आगामी दिनों में उिाए िानमे वालमे किमों की रूपरमेखा तय की िा रही है।

    इस प्रोिमेकट का प्रदतदनदधतव कर रहमे आट्ट आॅफ दलदवंग प्रदशक्षक प्रवीण कुमार नमे बताया दक गांव में पहला सहभागी ग्ामीण मूलयांकन (पीआरए) काय्यक्रम 14 दिसंबर को होना तय हुआ है। प्रतयमेक गांव की सम्या को समझनमे के दलए प्रारसमभक ्तर पर एक सववे दकया िाएगा। इसके बााि सभी गांवों में नवचमेतना दशदवर और वाईएलटीपी काय्यक्रम आयोदित दकए िाएंगमे। प्रतयमेक गांव में एक गौशाला ्थिादपत करनमे का भी लक्य है। प्रतयमेक गांव के िल्तर को िखतमे हुए दकसानों को उसके अनुसार सही फसलें उगानमे के बारमे में भी िानकारी िी िाएगी। मदहला सशसकतकरण के दलए दवदभन्न प्रकार के काय्य, िैसमे की दसलाई और बुनाई दशदवर भी लगाए िाएंगमे।

    इन सभी गांवों में पहलमे समे ही आट्ट आॅफ दलदवंग दवदभन्न काययों में लगा हुआ है। ऐसमे में नए काययों को दक्रयासनवत करना मुसशकल काम नहीं होगा।

    60 ग्ाम पंचा्तों करो 'आदर्श' बनाएगा आट्ट ऑफ लललवंग

    सरकार ने लकसानों की आमदनी दोिुनी करने का रोडमैप भी मांिाबलॉक लप्ंलटंग में कौरल प्लरक्षण का आ्रोजनिाहू, ओरमांझी, रांची स्थित ्वयं सहायता समूह श्री श्री समृद् भारत मदहला संघ नमे मदहलाओं के दलए दसलाई और बलॉक दप्रंदटंग पर एक वक्कशॉप का आयोिन दकया। 14 दसतंबर समे 15 नवंबर 2017 तक संचादलत हुई वक्कशॉप में 40 मदहलाओं नमे भागीिारी की। इस िौरान इनहोंनमे सुंिर कुशन कवर और बैग सदहत कई चीिें बनाईं। इस सारमे सामान की प्रिश्यनी "संवाि' में लगाई गई। यह टाटा ्टील की तरफ समे िनिातीय इलाकों में आयोदित होनमे वाला चार दिवसीय काय्यक्रम है। इस काय्यक्रम में सारमे कुशन कवर और बैग दबक गए। दसलाई प्रदशक्षण के दलए भी एक वक्कशॉप आयोदित की गई। इसमें 20 प्रदतभागी थिीं। वक्कशॉप का आयोिन सुस्मता िी और प्रवीण भैया के माग्यिश्यन में रमेशमा िी नमे दकया।

    झारखंड

    बलॉक भप्रंभ्टंग वक्कशॉप में बनाई गई व््ुओं को प्रिश्शनरी में प्रिभश्श् कर्ीं प्रभ्िागरी मभहलाएं।

    वष्य 1998 से ही आ�