कला समेककत किक्ा - ncert · कला स्मेवकत...

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माॅड् यूल 3 कला समे कत किा अन भवाक अधिग का एक शैधिक तरीका अन विष के साथ कला के एकीकरण का अथ है वक इसके अ तरत कलाएँ [श कला (विजुअल आर्स), दरन कला (परफॉव र आर्स) और सावहवक कला (वलरेरी आर्स)] वरण अविर (सीखने-वसखाने) की वाओ का एक अविनन अ र बन जाती ह। इसका ताप कला-सेवकत पाठ् को अपनाने से िी है, वजस कला, का सीखने का आिार बन जाती है। पाठ् अर कला का सािेर हो तो इससे अििारणाओ को सपर करने दद वलती है। कला-सेवकत पाठ् विविनन विष की साी को तावकक, वराथ-कवत और अथपूण तरीक से जोने के सािन दान कर सकता है। कला अरर क वब हो तो रवणत, विान, साावजक विान तथा िाषाओ और उनकी अूत अििारणाओ के बीच एक स ि सथावपत वका जा सकता है, उनह आपस जोा जा सकता है और िािी ढ र से उनह सीखा जा सकता है। इस तरीके से सीखना स, आन दपूण और अनुििाक बन जाता है। ह ॉड्ूल उदाहरण के साथ ह रेखा वकत करता है वक कैसे कला को विविनन विष के साथ सेवकत वका जा सकता है। ह उन चरण को िी इ वरत करता है वजस सनिक बेहतर ढ र से सीखने-वसखाने के तरीक को सरल बनाने के वलए और सी.सी.ई. कौरल तथा उपकरण के प कला का उपोर क

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  • माॅड्यलू 3

    कला समेककत किक्ाअनुभवात्मक अधिगम का एक शैक्षधिक तरीका

    अन्य विष्यों के साथ कला के एकीकरण का अथ्थ ह ैवक इसके अतंर्थत कलाए ँ[दृश्य कला (विजअुल आर््थस), प्रदर्थन कला (परफॉव्मिंर आर््थस) और सावहव््यक कला (वलररेरी आर््थस)] वरक्षण अविर्म (सीखने-वसखाने) की प्रवरि्याओ ं का एक अविनन अरं बन जाती हैं। इसका ता्प्य्थ कला-स्मवेकत पाठ््यरि्म को अपनाने से िी ह,ै वजस्में कला, कक्षा ्में सीखने का आिार बन जाती ह।ै पाठ््यरि्म ्में अरर कला का स्मािेर हो तो इससे अििारणाओ ंको सपष्र करने ्में ्मदद व्मलती ह।ै कला-स्मवेकत पाठ््यरि्म विविनन विष्यों की सा्मग्ी को तावक्थ क, वरक्षाथथी-कें वरित और अथ्थपणू्थ तरीकों से जोड़ने के सािन प्रदान कर सकता ह।ै कला अरर कें रिवबंद ु्में हो तो रवणत, विज्ान, सा्मावजक विज्ान तथा िाषाओ ंऔर उनकी अ्मतू्थ अििारणाओ ंके बीच एक संबंि सथावपत वक्या जा सकता ह,ै उनहें आपस ्में जोड़ा जा सकता ह ैऔर प्रिािी ढंर से उनहें सीखा जा सकता ह।ै इस तरीके से सीखना स्मग्, आनंदपणू्थ और अनिुिा््मक बन जाता ह।ै ्यह ्मॉड््यलू उदाहरणों के साथ ्यह रेखांवकत करता ह ैवक कैसे कला को विविनन विष्यों के साथ स्मवेकत वक्या जा सकता ह।ै ्यह उन चरणों को िी इवंरत करता ह ैवजस्में स्मनि्यक बेहतर ढंर से सीखने-वसखाने के तरीकों को सरल बनाने के वलए और सी.सी.ई. कौरल तथा उपकरणों के रूप ्में कला का उप्योर कर

  • 44 वनष्ठा — प्रवरक्षण पैकेज

    माॅड्यलू 3

    सकते हैं। हालाँवक दी रई प्रवरक्षण रूपरेखा (वडजाइन) वसथवत के अनरुूप ह,ै वफर िी सीखने के उद्शे्यों को परूा करने और च्यवनत अविर्म प्रवतफलों तक पहुचँने के वलए स्मनि्यक इन्में बदलाि ्या सिुार कर सकता ह।ै

    ्मॉड््यलू ्में स्मनि्यकों के फा्यद ेके वलए 4–5 सझुाि दनेे िाले सत्ों का एक सेर वनवहत ह।ै ्यवद स्मनि्यक सि्ंय कुछ अवतररक्त ्या िैकव्पक सत्ों को तै्यार कर सकें तो ्यह और िी रोचक होरा।

    अकिगम के उदे्श्य

    इस ्मॉड््यलू का उद्शे्य वनमनवलवखत को विकवसत करना ह—ै• ‘कलाए’ँ रकै्षवणक ्माध्य्म कैसे बन सकती हैं और प्र््ेयक बचच ेके सीखने और स्मग्

    विकास पर इनके प्रिाि को स्मझना;• बचच ेकी रचना््मक अविव्यवक्त का पता लराने के ्माध्य्म के रूप ्में कला अनिुिों

    (विविनन कला रूपों) के साथ पररच्य;• विविनन विष्यों की वरक्षा को रोचक बनाने के वलए ्योजना बनाने और आ्य-ुउप्यकु्त

    कला अनिुिों के आ्योजन की ्योग्यता हावसल करना।

    कला सेमधकत धशक्षा से सबंंधित प्रश्न-उत्तरकला समेककत किक्ा क्ा है?रबदकोर ्में एकीकरण ्या स्मकेन का अथ्थ ह,ै ‘संपणू्थ इकाई बनाने के वलए िारों को व्मवरित करने ्या जोड़ने का का्य्थ’। इस प्रकार, कला एकीकरण का अथ्थ ह—ै विविनन पाठ््यरि्म क्षेत्ों के सीखने-वसखाने के साथ ‘कला का सं्योजन’ करना।

    िाषा, सा्मावजक अध्य्यन, विज्ान और रवणत जैसे विष्यों को कला के साथ परसपर संबंवित करने के वलए तै्यार वक्या जा सकता ह।ै कई बार, कला बहुत सरलता से विज्ान की अििारणाओ ंको सपष्र कर सकती ह।ै इस प्रकार, विष्यों की अ्मतू्थ अििारणाओ ंको विविनन कला रूपों का उप्योर करके स्मझने ्में आसान और ्मतू्थ रूप वद्या जा सकता ह।ै सीखने के इस तरीके से विष्य के बारे ्में ज्ान और स्मझ को बढाने ्में ्मदद व्मलती ह ैऔर ्यह कला का ्मू् ्यांकन करने को िी बढािा दतेा ह।ै इसे ही स्मग् ्या संपणू्थ वरक्षण कहा जाता ह।ै

    कला अविव्यवक्त के वलए एक िाषा प्रदान करती ह।ै ्यह अविव्यवक्त कला के दृश्य (विजअुल) ्या प्रदर्थन (परफॉ्ममेंस) रूप ्में हो सकती ह।ै

    दृश्् कलाओ ं(किजुअल आर्टस) और प्रदिटन कलाओ ं(परफॉकमिंग आर्टस) से क्ा तात्प ट् है?िह कला रूप वजसे ्मखु्य रूप से दखेा ्या सराहा जाता ह,ै जैसे वक पेंवरंर, फोरोग्ाफी, वपं्रर-्मवेकंर, सरेज-आर्थ, क्ले-्मॉडवलंर, ्मवूत्थकला, एपलाइड आर्थ ि रिाफ़र (अनपु्र्यकु्त-कला और वर्प) को दृश्य (विजअुल) कला कहा जाता ह।ै जबवक प्रदर्थन कलाओ ं्में संचालन और ्मौवखक कौरल,

  • 45कला स्मवेकत वरक्षा

    माॅड्यलू 3

    चहेरे के िाि और ररीर की रवत ि ल्य का उप्योर करके प्रसततु की रई कला््मक अविव्यवक्त्याँ राव्मल होती हैं। इन्में नृ् ्य, संरीत (रा्यन और िाद्य), रंर्मचं, कठपतुली, ्मकूाविन्य, कहानी िाचन, ्मार्थल आर्थ, जाद ूका प्रदर्थन, वसने्मा आवद राव्मल हैं।

    कला किक्ा और कला समेककत किक्ा में क्ा अंतर है?कला वरक्षा िह प्रवरि्या ह ैजो संिेदी िािों को प्रो्सावहत करती ह।ै ्यह उन अविव्यवक्त्यों के सजृन हते ुविचारों और सा्मवग््यों के साथ का्म करने का एक ्मचं प्रदान करती ह,ै वजनहें केिल रबदों द्ारा व्यक्त नहीं वक्या जा सकता। ्यह रैर-्मौवखक अविव्यवक्त को बाहर आने के वलए प्रो्सावहत करती ह,ै चाह ेिह रीत के रूप ्में हो ्या वफर पेंवरंर ्या प्रदर्थन के रूप ्में। कला स्मवेकत वरक्षा ्में, ह्म कला को पाठ््यरि्म का ्मखु्य वहससा बनाते हुए का्म करते हैं। विविनन कला रूपों का उप्योर करके विष्य की अ्मतू्थ अििारणाओ ंका पता लरा्या जा सकता ह।ै कला स्मवेकत कक्षाए,ँ सीखने के ऐसे अनिुि प्रदान कर सकती हैं वजससे सीखने िाले का ्मन, हृद्य और ररीर उससे जडु़ जाता ह।ै इस तरह कलाए ँबचचों को कई तरह के कौरल और क्ष्मताओ ंका उप्योर करने ्में सक्ष्म बनाती हैं।

    सीखने की प्रकरि्ा को समग्र और अनुभिात्मक बनाने में कला की क्ा भूकमका है?कला के विविनन रूपों से जडु़ते हुए वरक्षाथथी विविनन चरणों से रजुरते हैं, जैसे वक अिलोकन करना, विचार करना, क्पना करना, खोज करना, प्र्योर करना, तक्थ द्ारा वनण्थ्य पर पहुचँना, सजृन करना, पनु: सजृन करना और व्यक्त करना। इन चरणों के वलए वनमनवलवखत तीन क्षेत्ों की िासतविक िारीदारी की आिश्यकता होती ह—ै संज्ाना््मक, ्मनो-पे्ररणा और िािा््मक। इसीवलए, ्यह सिरूप ्में प्र्योरा््मक ह ैऔर प्र््ेयक वरक्षाथथी का स्मग् विकास करने ्में ्मदद करती ह।ै इस तरह के अनिुिा््मक वरक्षण की िजह से इनके द्ारा अन्य विष्यों ्में बेहतर ढंर से वरक्षण वद्या जा सकता ह।ै कला इस्में एक तरह से आिार का का्म करती ह।ै

    कला समेककत किक्ण सीखने के प्रकतफलों को प्राप्त करने में कैसे मदद करता है?कला स्मकेन एक साथ तीन क्षेत्ों (संज्ाना््मक, ्मनो-पे्ररणा और िािा््मक) पर असर डालता ह,ै जो ्योग्यता आिाररत वरक्षण और क्ष्मता आिाररत सीखने के प्रवतफलों की रकै्षवणक आिश्यकता को परूा करता ह।ै

    कला समेककत किक्ण को सीखने का आनंददा्क तरीका क्ों माना जाता है?कलाए ँवकसी की क्पना और विचारों की ्मकु्त अविव्यवक्त का सिािाविक ्माध्य्म होती हैं। इनके ्माध्य्म से हर वरक्षाथथी को अवद्ती्य और अलर पहचान रखने की आजादी होती ह।ै सकूल के सतर पर वरक्षणरासत् के रूप ्में कला स्मवेकत वरक्षण वबना इस बात की वचतंा वकए वक उनका का्य्थ

  • 46 वनष्ठा — प्रवरक्षण पैकेज

    माॅड्यलू 3

    कैसा होरा और दसूरे उनके बारे ्में क््या सोचेंरे, हर वरक्षाथथी को नई चीजों के बारे ्में जानने, अनिुि करने और व्यक्त करने के वलए रचना््मक सथान प्रदान करता ह।ै

    इस्में सीखने िाले को कला को एक प्रवरि्या के रूप ्में अनिुि करने और पररणा्म की वचतंा नहीं करने के वलए प्रो्सावहत वक्या जाता ह ैवजससे उनहें विष्य से जडेु़ ि्य को दरू करने ्में ्मदद व्मलती ह ैऔर करने ि सीखने की उनकी खरुी ्में बढोत्तरी होती ह।ै कलाए ँविविि वरक्षण आिश्यकताओ ंपर िी चचा्थ करती हैं और प्र््ेयक वरक्षाथथी को अविव्यवक्त के िैकव्पक सािन प्रदान करती हैं, जहाँ िे पररणा्म के दबािों के वबना वकसी विष्य को अविक रहराई से खोज सकते हैं और अनिुि कर सकते हैं। इसके कारण वरक्षण आनंद्म्य बन जाता ह।ै

    कला समेककत किक्ण किक्ा के समािेिी ढाँचे (Inclusive Set up) में कैसे सहा्क है?कला का सबसे ्मह्िपणू्थ पहल ूह ैवक इस्में कोई सही ्या रलत उत्तर नहीं होता ह।ै ज्ान को अनिुिा््मक तरीके से प्रापत वक्या जाता ह।ै वरवक्षत से अवरवक्षत, विरषे आिश्यकता स्महू से सा्मान्य स्महू ्या लड़वक्यों से लड़कों की कला के का्म ्में अतंर करने की आिश्यकता नहीं ह,ै क््योंवक कला सि्ंय की अविव्यवक्त ह।ै ्यह िंवचतों को कला से जडेु़ का्ययों के ्माध्य्म से अपने अतंरत्म की िािनाओ ंको व्यक्त करने ्में ्मदद करती ह।ै इसी तरह जो लोर ऐसे स्मदुा्य से संबंि रखते हैं वजनहें सा्मावजक बवहष्कार का वरकार होना पड़ता ह,ै िे कक्षा के अन्य लोरों के साथ आसानी से का्म कर सकते हैं, क््योंवक कला एक ऐसी ्यात्ा ह,ै वजस्में वकसी के पास िी सारे जिाब नहीं होते। कला से जडु़ी रवतविवि्याँ बचचों को एक-दसूरे के साथ जडु़ने ्में ्मदद करती हैं, तावक िीरे-िीरे बािाए ँरूर सकें और विविनन पषृ्ठिवू्म से संबंवित बचच ेआपस ्में संिाद कर सकें ।

    विष्य पर अविक जानकारी के वलए, प्राथव्मक वरक्षकों के वलए बने कला वरक्षा पर अकसर पछेू जाने िाले प्रशन, प्रवरक्षण पैकेज के ्मॉड््यलू संख्या 4 और 5 दखेें। www.ncert.nic.in/departments/www.ncert.nic.in/departments/

    सीखने के प्रकतफल (एस.आर.जी./किक्क)इस ्मॉड््यलू पर प्रवरक्षण लेने के बाद, एस.आर.जी./वरक्षक वनमन का्य्थ करने ्में सक्ष्म होंरे—●● एक विष्य के रूप ्में ‘कला’ और एक रकै्षवणक दृवष्रकोण के रूप ्में ‘कला’ ्में अतंर कर पाने ्में;●● ्यह स्मझा पाने ्में वक कला स्मवेकत वरक्षा (ए.आई.एल.) छात्ों ्में स्मग्ता से सीखने को कैसे बढािा द ेसकती ह;ै●● विविनन विष्यों ्में ए.आई.एल. ्योजना तै्यार करने ्में;

  • 47कला स्मवेकत वरक्षा

    माॅड्यलू 3

    ●● एक स्मनि्यक के रूप ्में, ए.आई.एल. ्मॉड््यलू और कुरलताओ ंका इसते्माल करते हुए ए.आई.एल. के सत्ों का संचालन करने ्में; ●● कक्षा की वरक्षण-वरक्षा पद्धवत के वलए अपने ए.आई.एल. कौरल को वनखारने ्में वरक्षकों की ्मदद करने ्में; ●● कला््मक और रचना््मक अविव्यवक्त के एक उपकरण और तकनीक के रूप ्में कला की सराहना करने ्में।

    समनवयक के धलए धिशाधनिदेश सत् को प्रिािी ढंर से संचावलत करने के वलए वनमनवलवखत बातों पर विचार वक्या जा सकता ह—ै

    (क) सत्र के कलए ससंािन●● सत् के दौरान उवचत स्म्य पर उप्योर के वलए आिश्यक हाड्थिे्यर और सॉफ़रिे्यर संसािनों (िीवड्यो वक्लप, सलाइड-रो आवद) की व्यिसथा करें।●● सत् के दौरान अन्य विष्यों के साथ कला के एकीकरण पर स्महू का्य्थ के वलए उप्योर की जाने िाली/संदवि्थत पाठ््यपसुतकों की व्यिसथा करें।●● रवतविवि के वलए आिश्यक सा्मग्ी की व्यिसथा करें, जैसे— विविनन रंरीन चार्थ पेपर, पेंवसल, सकेच पेन, ्माक्थ र, व्लप चार्थ, बोड्थ पर लराने िाले वपन, िरेू रंर का कारज ्या ड्ाव फ़रंर पेपर, प्रदवर्थत चीजों को राँरने के वलए रससी, रंर, ड्ाइरं रीर, ्मॉडल बनाने के वलए व्मट्ी, कैं ची, रोंद, धिवन पैदा करने िाले उपकरण, िेरिषूा तै्यार करने के वलए सा्मान, ्मचं तै्यार करने के वलए आिश्यक िसतएु ँआवद। िसतओु ंका प्रबंि करते स्म्य, आस-पास उपलबि ऐसी िसतएु ँही खरीदें वजनकी की्मत बहुत क्म हो ्या जो वबना ्मू् ्य के ही व्मल जाए।ँ ●● चूवँक ए.आई.एल. सत् रवतविवि से जडु़ा ह,ै इसवलए आ्योजकों पर जोर डालें वक िह एक प्रवरक्षण कक्ष की सवुििा अिश्य जरुाए,ँ जो इतना बड़ा हो वक रवतविवि्यों के दौरान प्रवतिारी और स्मनि्यक आसानी से चल-वफर सकें तथा रवतविवि्याँ कर सकें ।

    (ख) सत्र के कलए िैक्किक ्योजना●● कला स्मवेकत वरक्षण ्मॉड््यलू को दखेें और उन रवतविवि्यों का च्यन करें वजन्में आप अविक सहज ्महससू करते हैं। आप ए.आई.एल. अििारणा के आिार पर अपने सि्ंय के सत् की िी रूपरेखा बना सकते हैं।●● रकै्षवणक ्योजनाओ ंके साथ वदए रए ्मू् ्यांकन के सझुािों का उप्योर करें। ‘सीखने के रूप ्में ्मू् ्यांकन’ के बारे ्में एस.आर.जी./वरक्षकों को अिरत कराए।ँ ●● विविनन अििारणाओ/ंविष्यों के अनिुिा््मक अविर्म के वलए एस.आर.जी. सदस्यों/वरक्षकों को, ए.आई.एल. को एक वरक्षणरासत् के रूप ्में स्मझने के वलए तै्यार वकए रए सत् अलर-अलर विष्यों पर आिाररत हैं (कक्षा/विष्य के अनसुार

  • 48 वनष्ठा — प्रवरक्षण पैकेज

    माॅड्यलू 3

    वििरण का उ्लेख वक्या र्या ह)ै। साथ ही ्यह उनहें ऐसे ही और सत्ों की ्योजना बनाने ्में ्मदद कर सकते हैं।●● सत् ्में सीखने से प्रापत प्रवतफलों (लवनिंर आउरक्म— एल.ओ.) के दो सेर होते हैं। एक एस.आर.जी./वरक्षकों के वलए वजसका ए.आई.एल. सत् के स्मापन के बाद ्मू् ्यांकन वक्या जाता ह ैऔर एल.ओ. का दसूरा सेर, जो अलर-अलर विष्यों और ‘जीिन की वनपणुताओ’ं से संबंवित होता ह ैऔर वजसे ए.आई.एल. को वरक्षणरासत् के रूप ्में उप्योर करके प्रापत वक्या जा सकता ह।ै●● ह्मारे प्राथव्मक सकूलों (विरषे रूप से ग्ा्मीण) की बड़ी संख्या बहु-िर्थ (Multigrade) वरक्षण ्में हैं, इसवलए ्यह उजारर करना ्मह्िपणू्थ ह ैवक कैसे ए.आई.एल. वरक्षणरासत् का उप्योर इस वसथवत को बेहतर ढंर से संिाल सकता ह।ै●● अतं ्में, ्यह िी जरूरी ह ैवक स्म्य-स्म्य पर अिरोिों ि रुकािरों को हराने के वलए इस्में वरक्षावथ्थ्यों की सौ प्रवतरत िारीदारी सवुनवशचत हो; साथ ही स्महू चचा्थ और विचार-्मथंन के सत्, सबको अलर-अलर का्म सौंपना और स्महू परर्योजनाओ ंआवद का उप्योर आिश्यक ह।ै

    (ग) ए.आई.एल. में कला किक्क/किक्कों (दृश्य और प्रदि्शन कला) की भूकमकाए.आई.एल. विद्याल्य वरक्षा के सिी सतरों पर आनंदपणू्थ और अनिुिा््मक तरीके से सीखने के रूप ्में कला को बढािा दतेा ह,ै वजस्में कला वरक्षकों सवहत हर वरक्षक को कला का उप्योर एक ्माध्य्म के रूप ्में करने के कौरल को स्मझने की आिश्यकता होती ह।ै ए.आई.एल. ्में कला वरक्षकों को दोहरा का्म करना होरा, जैसे—

    1. कला को एक विष्य के रूप ्में पढाने और सीखने के दौरान ए.आई.एल. का उप्योर करना; और

    2. स्महू वरक्षण प्रणाली के तहत ्योजना बनाने और कक्षा ्में वरक्षण-वरक्षा ्में विष्य वरक्षकों की ्मदद करना।ए.आई.एल. ने कला वरक्षकों की ्मौजदूा िवू्मका ्में अवतररक्त वज़म्मदेारर्याँ राव्मल

    कर दी हैं।

  • 49कला स्मवेकत वरक्षा

    माॅड्यलू 3

    किष्य— अगँ्ेजी, कक्षा-आठ, अध्या्य 8— ‘ए रॉर्थ ्मॉनसनू डा्यरी’

    इस सत् के आिार पर छात्ों द्ारा वनमनवलवखत अविर्म प्रवतफल प्रापत वकए जा सकते हैं—

    उच्च प्राथधमक — अँगे्जीवरक्षाथथी—●● सकूल और साि्थजवनक सथानों, जैसे— रेलिे सरेरन, बाजार, हिाई अड्डे, वसने्मा हॉल के वनददेरों/घोषणाओ ंका पालन करता ह ैऔर उसके अनसुार का्य्थ करता ह;ै●● विविनन संदियों और वसथवत्यों ्में प्रशन पछूता ह ै(उदाहरण के वलए, बातचीत के दौरान उप्यकु्त रबदािली और सरीक िाक््यों का उप्योर करते हुए पाठ पर आिाररत/पाठ से विनन/कौतहुलिर);●● सकूल और अन्य ऐसे संरठनों द्ारा आ्योवजत विविनन का्य्थरि्मों, जैसे— िाता्थलाप-रवतविवि, कविता पाठ, प्रहसन, नारक, िाद-वििाद, िाषण, िक्तृ् ि, व्याख्यान, प्रशनोत्तरी आवद ्में िार लेता ह;ै●● कहावन्याँ (िासतविक ्या का्पवनक) और िासतविक जीिन के अनिुि सनुाता ह;ै ●● पढता ह,ै स्मानताए ँदखेता ह,ै परसपर तलुना करता ह,ै रंिीर रूप से विचार करता ह ैऔर विचारों को जीिन से जोड़कर दखेता ह;ै●● वपं्रर/ऑनलाइन, नोवरस बोड्थ, स्माचार पत् आवद से सचूना प्रापत कर लेख तै्यार करता ह।ै

    • चूवँक ्मॉड््यलू ्योग्यता आिाररत वरक्षा का स्मथ्थन करता ह,ै इसवलए ह्म एल.ओ. को ्मखु्य कें रि ्में रखते हुए रवतविवि्यों की रूपरेखा तै्यार करने का सझुाि दतेे हैं।

    • ्यहाँ दी रई सिी रवतविवि्यों को िी एल.ओ. को संदि्थ के कें रि ्में रखते हुए तै्यार वक्या र्या ह ैऔर सा्मग्ी एन.सी.ई.आर.री. पाठ््यपसुतकों से ली रई ह।ै हालाँवक राज्य अपनी पाठ््यपसुतकों/पाठ््यरि्म से सहा्यता ले सकते हैं।

    कला सामग्ी और अपेकक्त उपकरिकारज और पेंवसल, कैं ची, रोंद, चार्थ-पेपर, रेि्यॉन, परुाने स्माचार पत्/पवत्काए,ँ सकेच पेन, दोनों तरफ से वचपकाने िाला रेप, सेलो रेप। सरल संरीत तै्यार करने के वलए ‘डफली’ ्या ‘्मजंीरा’। (ए.आई.एल. रवतविवि्यों की ्योजना बनाते स्म्य सथानी्य विवरष्र सा्मवग््यों को िरी्यता दनेे का सझुाि वद्या जाता ह)ै

    कला सेमधकत धशक्षि सत्र – 1

  • 50 वनष्ठा — प्रवरक्षण पैकेज

    माॅड्यलू 3

    अपेकक्त अनुमाकनत प्रकिक्ि सम्य2 घरें 40 व्मनर

    िैक्किक नीकत्याँ

    गकतकिकि 1 (10 कमनट)

    बाररि का एक कदन (िरीर के साथ बाररि की बूदँों की धिकन कनकालें और बाररि में भीगने का नारक करें) अब ह्म ‘सब’ खडे़ होते हैं और एक उँरली से ताली बजाते हुए धिवन वनकालते हैं, वफर दो उँरवल्यों, तीन उँरवल्यों, चार उँरवल्यों और अतं ्में पाँच उँरवल्यों के साथ। स्मनि्यक एक

    प्रकार की ताली से दसूरी प्रकार की ताली को बजाने के वलए वनददेर दरेा और प्रवतिारी िैसा ही करेंरे।

    अब ह्म आखँें बंद करके इस अनिुि को दोहराएरँे। उनहें एक उँरली से पाँच तक और पाँच से एक उँरली तक ले जाते हुए। इससे ह्की से तेज बाररर की आिाज उ्पनन होरी और वफर तेज बाररर से ह्की बाररर की आिाज पैदा होरी।

    अरला कद्म ह—ै आि े प्रवतिारी बाररर की बूँदों की आिाज पैदा करेंरे और उन्में से आि ेआखँें बंद करके ऐसा जताएरँे ्मानो उस बाररर का आनंद ले रह ेहैं।

    आगे की जाने िाली गकतकिकि (फॉलो-अप) के कलए सझुाए गए प्रश्न हो सकते हैं—●● क््या आप बाररर की आिाज सनु सकते हैं?●● क््या आप बाररर से संबंवित बचपन के ्या वफर अन्य वकसी अनिुि को ्याद कर सके?●● जब आप बाररर ्में िीरने का वदखािा कर रह ेथे तो कैसा लरा?

    गकतकिकि 2 (10 कमनट)

    बाररि पर नारक का खेल (समूह बनाने के कलए)रवतविवि ररुू करने से पहले वनददेरों को सपष्र करें और सवुनवशचत करें वक िे उनहें स्मझें।

    कनददेि— ह्म सिी ल्य ्में राएरँे ‘तेज बाररर हो रही ह,ै दौड़ो…दौड़ो…दौड़ो…’ और बजते संरीत के साथ राते हुए दौड़ेंरे। वदए रए नंबर के बोलते ही उतने के स्महू ्में एक का्पवनक आरि्य के नीच ेएकत् हो जाएरँे। उदाहरण के वलए, अरर ्मैं ‘पाँच’ के आरि्य के वलए कहता हू,ँ तो आप तरंुत पाँच के स्महू ्में एकत् हो जाएरँे। ्यवद आप पाँच से अविक ्या क्म सदस्यों ्में एकत् होते हैं तो आपको खले से बाहर ्माना जाएरा।

    खले को िांवछत स्महूों ्में प्रवतिावर्यों को वििावजत करने के वलए इस तरह जारी रखा जा सकता ह।ै

  • 51कला स्मवेकत वरक्षा

    माॅड्यलू 3

    सिी प्रवतिारी राएरँे—‘तेज बाररर हो रही ह,ै दौड़ो…दौड़ो…दौड़ो…’ और संरीत ्या रा्यन ल्य की रवत के साथ विविनन वदराओ ं्में दौड़ने की कोवरर करेंरे। ऊपर वदए रए वनददेरों का पालन करें। िांवछत संख्या तक पहुचँने तक प्रवरि्या को दोहराए।ँ ्यहाँ उद्शे्य वसफ्थ स्महूों को बनाना नहीं ह,ै बव्क इस वथएरर रे्म ्में सिी को ‘बाररर’ से जोड़ने और उसके ्माध्य्म से ‘पानी’ के साथ जोड़ना राव्मल ह।ै परेू नारक के दौरान उनहें अविन्य करने के वलए प्रो्सावहत करें ्मानो िे िासति ्में तेज बाररर का सा्मना और आरि्य की तलार कर रह ेहों।

    प्र््ेयक स्महू को एक घरेे ्में/आ्मने-सा्मने बैठने के वलए कहें। बेहतर ्यही होरा वक स्म्य बचाने के वलए हॉल ्में इस तरह बैठने की व्यिसथा पहले से ही कर दी जाए।

    आगे होने िाली गकतकिकि प्रश्नोत्तर िैली में हो सकती है। समनि्क किष् से सबंंकित चाहे कजतने भी प्रश्न िाकमल कर सकते हैं।

    सझुाए गए कुछ प्रश्न●● जब आप आरि्य के वलए िार रह ेथे तो क््या सोच रह ेथे?●● इस वसथवत के अपने अनिुि को कौन साझा करना चाहरेा?5–6 व्यवक्त्यों को प्रशन का उत्तर दनेे दें क््योंवक प्र््ेयक उत्तर वनवशचत रूप से दसूरे से

    अलर होरा।

    किक्ि के रूप में आकलन• उनके ‘बाररर’ से संबंवित अनिुिों का पता लराए ँऔर उनहें उन विष्यों के साथ जोड़ने

    की कोवरर करें वजनके बारे ्में िे पता करने/सीखने जा रह ेहैं।• ्यहाँ उद्शे्य ह—ै प्रवतिावर्यों को सोचने, पता लराने, क्पना करने, विचार साझा करने

    और एक-दसूरे के अनिुिों को सनुना।• उत्तरों के वलए उनके प्र्यासों को प्रो्सावहत करें और उनकी सराहना करें।• स्मनि्यक उनकी आरे बढकर पहल करने की

    क्ष्मता, ध्यान और एकाग्ता, सझू-बझू और ्याद रखने की क्ष्मता तथा वदए रए वनददेरों का पालन करने की ्योग्यता का अिलोकन कर सकते हैं।

    • अपने अनिुिों का िण्थन करने के वलए उनके द्ारा चनुी रई रबदािली और संचार कौरल के उप्योर का ्मू् ्यांकन कर सकते हैं।

    गकतकिकि 3 (30 कमनट)पोसरर बनाना (समूह का ट्)विचार-वि्मर्थ (ब्ने सरॉव्मिंर)* करने िाले सिालों के साथ ररुू करें, जैसे— ●● आपको क््यों लरता ह ैवक आज ह्मारे वलए बाररर वकतनी ्मह्िपणू्थ ह?ै●● क््या आपको लरता ह ैवक पानी आज एक ्मदु्ा ह?ै

  • 52 वनष्ठा — प्रवरक्षण पैकेज

    माॅड्यलू 3

    ●● क््या आपको लरता ह ैवक पानी ह्मारे जीिन ्या पथृिी पर जो जीिन ह,ै उसे प्रिावित कर सकता ह?ै●● पानी कैसे ह्मारे वलए एक अन्मोल संसािन ह?ैआइए, ह्म स्महू ्में इन्में से वकसी िी एक पहल ूपर पोसरर ्या कोलाज बनाते हैं। पोसरर

    ्या कोलाज ्में वलख े हुए संदरे होने चावहए, साथ ही दृश्य सा्मग्ी/अविव्यवक्त िी होनी चावहए। अपने स्महू की सोच को संपे्रवषत करने के वलए ्यह एक सा्मवूहक का्म (री्म िक्थ ) होना चावहए। हर वकसी को (विरषे आिश्यकता स्महू सवहत ्यवद कोई हो) इस प्रवरि्या का वहससा होना जरूरी ह।ै बेहतर तो ्यही होरा वक प्र््ेयक स्महू ्में एक व्यवक्त री्म-लीडर की िवू्मका वनिाए जो विष्य पर ्मथंन ि विचार-वि्मर्थ का संचालन िी करे।

    *बे्न सटटॉकममंग— प्रवतिावर्यों ्में विष्य से संबंवित अविक से अविक विचार प्रकर करने हते ुरचना््मकता को बढािा दनेे के वलए बे्न सटटॉकममंग एक व्यािहाररक अभ्यास ह।ै इस प्रवरि्या के दौरान कोई ्मू् ्यांकन नहीं वक्या जाता, इसवलए इस्में कुछ सही ्या रलत नहीं होता।

    मूल्यांकन— ्यह चरण ्मू् ्यांकन के वलए अिलोकन सचूी का उप्योर करने का अिसर प्रदान कर सकता ह।ै ्यह अविर्म के रूप ्में ्मू् ्यांकन के वलए एक उप्यकु्त वबंद ुह।ैबनाए रए पोसरर एिं वचत् पोर्थफोवल्यो ्में सँजोए जा सकते हैं।

    गकतकिकि 4 (30 कमनट)

    प्रसतुकत और प्रिंसापोसरर ्या कोलाज बनाने का का्म परूा हो जाने के बाद, प्र््ेयक स्महू को अपनी प्रसतवुत दनेे और विष्य पर अपने विचार साझा करने के वलए बलुा्या जाएरा।

    पोसरर ्या कोलाज पर सि-्मू् ्यांकन और साथी-स्महू द्ारा ्मू् ्यांकन को प्ररसंा के रूप ्में और वििेचना््मक विशलेषण के रूप ्में दरा्थ्या र्या ह।ै रवतविवि का उप्योर कला ्माध्य्म से सीखने के रूप ्में उनकी क्ष्मता का आकलन करने के वलए िी वक्या जा सकता ह।ैसि-मूल्यांकन और साथी-समूह द्ारा मूल्यांकन के कलए सझुाए गए किंदु/सकेंतक

    सि-मूल्ांकन• क््या विचारों का ्मथंन हुआ?• क््या री्म के बीच स्मनि्य था?• क््या आपको लरता ह ैवक ्यह पोसरर बनाने की रवतविवि स्महू के बजा्य वकसी व्यवक्त

    को दी जाती तो बेहतर होता?

    साथी-समूह द्ारा का मूल्ांकन• वदए रए विष्य के अनसुार पोसरर की सा्मग्ी ्या संदरे वकतना प्रासंवरक ह?ै• क््या पोसरर के ्माध्य्म से स्महू दृवष्ररत रूप से अपनी बात स्मझाने ्में सक्ष्म था?• क््या पोसरर पठनी्य था?• क््या पोसरर सा्मग्ी के साथ पोसरर की प्रसतवुत/िण्थन ्मले खाता ह?ै• पोसरर का स्मग् प्रिाि क््या था?

  • 53कला स्मवेकत वरक्षा

    माॅड्यलू 3

    आगे की जाने िाली गकतकिकि (10 कमनर)स्महू प्रसतवुत्यों के बाद सझुाए रए प्रशन/उत्तर (प्र््ेयक प्रशन ्में 8–10 जिाब हो सकते हैं)

    ध्यान दें— सत् के स्मापन के वलए प्रवतिावर्यों द्ारा वदए रए उत्तर चार्थ ्या बोड्थ पर वलख ेजा सकते हैं।

    आपको क््या लरता ह ैवक ्यह रवतविवि प्राथव्मक/उचच प्राथव्मक कक्षा के वलए वकतनी ्मह्िपणू्थ हो सकती ह?ै●● ‘बाररर’ और ‘बाररर के ्मह्ि’ का ्यह अनिुि प्राथव्मक और उचच प्राथव्मक कक्षाओ ंके वलए वकतना ्मह्िपणू्थ ह?ै●● ्यह रवतविवि बचचों को उनकी सीखने की प्रवरि्या ्में कैसे ्मदद कर सकती ह?ै

    गकतकिकि 5 (10 कमनट)

    ऊपर कदए गए प्रश्न-उत्तर और ककए गए समूह का ट् के प्रकतफलों के आिार पर समनि्क द्ारा ए.आई.एल. का िैचाररक सपषरीकरण—

    3. कला स्मवेकत वरक्षण क््या ह?ै4. दृश्य कलाओ ं(विजअुल आर््थस) और प्रदर्थन कलाओ ं(परफॉव्मिंर आर््थस) से क््या

    ता्प्य्थ ह?ै5. कला वरक्षा और कला स्मवेकत वरक्षा ्में क््या अतंर ह?ै6. सीखने की प्रवरि्या को स्मग् और अनिुिा््मक बनाने ्में कला की क््या िवू्मका ह?ै7. कला स्मवेकत अविर्म कैसे सीखने के प्रवतफलों को प्रापत करने ्में ्मदद करता ह?ै8. कला स्मवेकत अविर्म को आनंद प्रदान करने िाली वरक्षा क््यों ्माना जाता ह?ै9. वरक्षा के स्मािेरी ढाँच े्में कला स्मवेकत अविर्म दृवष्रकोण कैसे सहा्यक ह?ै

    उपरोक्त प्रशनों पर इस ्मॉड््यलू की ररुुआत ्में विसततृ वििरण वद्या र्या ह।ै साथ ही इस विष्य पर अविक जानकारी के वलए ‘टे्वनंर पैकेज ऑन आर्थ एजकेुरन फॉर प्राइ्मरी रीचस्थ’ के अकसर पछेू जाने िाले प्रशन, ्मॉड््यलू संख्या 4 और 5 ्में अिश्य दखेें। www.ncert.nic.in/departments/www.ncert.nic.in/departments/

    गकतकिकि 6 (25 कमनट)

    कला समेककत किक्ण की ्ोजना और किकास गकतकिकि्ाँ (समूहों में)कक्षा के अनसुार स्महूों को विविनन विष्य वदए जा सकते हैं, जैसे— प्राथव्मक सतर के वलए िाषा/ईिीएस, रवणत आवद और उचच प्राथव्मक सतर के वलए िाषा/विज्ान, सा्मावजक विज्ान और रवणत। सिी प्रवतिावर्यों की सौ प्रवतरत िारीदारी को प्रो्सावहत करें। ्यह ए.आई.एल. पद्धवत का उप्योर करके अपने सि्ंय के सत्ों को विकवसत करने का अिसर ह।ै

  • 54 वनष्ठा — प्रवरक्षण पैकेज

    माॅड्यलू 3

    गकतकिकि 7 (25 कमनट)

    प्रसतुकत और प्रिंसाए.आई.एल. सत् की ्योजना के परूा होने के बाद प्र््येक स्महू अपनी प्रसतवुत दरेा।

    इस प्रवरि्या का सीखने के प्रवतफलों को पाने के रूप ्में उप्योर वक्या जा सकता ह।ै

    गकतकिकि 8 (10 कमनट)

    ए.आई.एल. की पुनरािकृत्त के कलए मुख् कबंदु (प्रश्न-उत्तर रूप में)●● दृश्य कलाओ ंके तहत राव्मल की रई वकनहीं तीन रवतविवि्यों का ना्म बताए।ँ ●● प्रदर्थन कलाओ ंके तहत क््या-क््या आता ह?ै●● कला स्मवेकत वरक्षा (आर्थ इरंीग्ेरेड लवनिंर) क््या ह?ै●● विष्य के रूप ्में कला की वरक्षा और कला स्मवेकत वरक्षा के बीच क््या अतंर ह?ै●● कैसे ए.आई.एल. प्र्योरा््मक वरक्षण को बढािा दतेा ह?ै व्याख्या करें।●● क््या ए.आई.एल., एल.ओ. प्रापत करने ्में सहा्यता कर सकता ह?ै●● “ए.आई.एल. को सकूली वरक्षा के वकसी िी सतर पर प्र्योर वक्या जा सकता ह।ै” क््या आप इस कथन से सह्मत हैं?

    इस सत्र के साथ िहुकिष्यक सभंािनाए—ँ

    उच्चतर प्राथकमक ्चरि* प्राथकमक ्चरि*

    • अगँ्ेजी, कक्षा–आठ, अध्या्य 2 ‘सनुा्मी’• वहदंी, कक्षा–सात (वसंत, िार–2),

    अध्या्य 16 ‘िोर और बरखा’• वहदंी, कक्षा–आठ (वसंत, िार–3),

    अध्या्य 16 ‘पानी की कहानी’• वहदंी, कक्षा–सात (दवू व्ा, िार–2), अध्या्य

    14 ‘पानी और िपू’• विज्ान, कक्षा–छह, अध्या्य 14 ‘जल’ • विज्ान, कक्षा–सात, अध्या्य 16 ‘जल—

    एक बहु्मू् ्य संसािन’; अध्या्य 18 ‘अपवरष्र जल की कहानी’

    • विज्ान, कक्षा–आठ, अध्या्य 18 ‘िा्य ुतथा जल का प्रदषूण’

    • ईिीएस, कक्षा–पाँच, अध्या्य 6 ‘बँदू-बूँद, दरर्या-दरर्या’; अध्या्य 7 ‘पानी के प्र्योर’

    • वहदंी, कक्षा–पाँच (रिमझिम), अध्या्य 16 ‘पानी रे पानी’; अध्या्य 17 ‘छोरी सी ह्मारी नदी’

    * ्ेय उदाहरण रा.र.ैअ.प्र.प. की पाठ््यपसुतकों से वलए रए हैं। राज्य की पाठ््यपसुतकों से िी उदाहरण वल्या जा सकता ह।ै

  • 55कला स्मवेकत वरक्षा

    माॅड्यलू 3

    प्राथधमक और उच्च प्राथधमक वग्ग के धवधभनन धवषयों में सीखने के सभंाधवत प्रधतफल

    उच्च प्राथधमक — धवज्ानवरक्षाथथी—●● कारणों के साथ प्रवरि्याओ ंऔर तथ्यों को व्मलाता ह,ै जैसे— हिा ्में प्रदषूण फैलाने िालों की उपवसथवत के साथ िुिं का छा जाना; ्मानि रवतविवि्यों के साथ जल सतर ्में क्मी आवद।●● रोज्मरा्थ के जीिन ्में िैज्ावनक अििारणाओ ंको प्र्योर ्में लाता ह,ै जैसे— जल का रवुद्धकरण/पनु: उप्योर के वलए प्रदवूषत जल का प्रबंि; प्या्थिरण की रक्षा के वलए प्र्यास करता ह,ै जैसे— संसािनों का वििेकपणू्थ ढंर से उप्योर करते हुए, उि्थरकों और कीरनारकों का वन्ंयवत्त ढंर से प्र्योर करते हुए, प्या्थिरण के खतरों आवद से वनपरने के उपा्य सझुाते हुए,●● उपलबि संसािनों का उप्योर कर रूपरेखा बनाने और ्योजना बनाने ्में रचना््मकता का प्रदर्थन करता ह,ै ●● ि्य और पिूा्थग्हों से ्मकु्त ई्मानदारी, वनष्पक्षता, सह्योर एिं सितंत्ता के ्मू् ्यों को प्रदवर्थत करता ह।ै

    उच्च प्राथधमक — धिंिीवरक्षाथथी—सनुी अथिा पढी रचनाओ ं(हास्य, साहवसक, सा्मावजक आवद विष्यों पर आिाररत कहानी, कविता आवद) की विष्यिसत,ु घरनाओ,ं वचत्ों और पात्ों, रीष्थक आवद के बारे ्में बातचीत करते हैं/प्रशन पछूते हैं/अपनी सितंत् वरपपणी दतेे हैं/अपनी बात के वलए तक्थ दतेे हैं/वनष्कष्थ वनकालते हैं। अपने आस-पास घरने िाली विविनन घरनाओ ंकी बारीवक्यों पर ध्यान दतेे हुए उन पर ्मौवखक रूप से अपनी प्रवतवरि्या व्यक्त करते हैं/प्रशन पछूते हैं। सिेचछा से ्या वरक्षक द्ारा त्य रवतविवि के अतंर्थत लेखन की प्रवरि्या की बेहतर स्मझ के साथ अपने लेखन को जाँचते हैं और लेखन के उद्शे्य और पाठक के अनसुार लेखन ्में बदलाि करते हैं। सतरानसुार अन्य विष्यों, व्यिसा्यों, कलाओ ंआवद (जैसे— रवणत, विज्ान, सा्मावजक अध्य्यन, नृ् ्य कला, वचवक्सा आवद) ्में प्र्यकु्त होने िाली रबदािली को स्मझते हैं और संदि्थ एिं वसथवत के अनसुार उनका लेखन ्में इसते्माल करते हैं|

    उच्च प्राथधमक — कला धशक्षावरक्षाथथी—●● कक्षा ्में और बाहर होने िाली कला रवतविवि्यों ्में िार लेता ह ैऔर उनका आनंद लेता ह,ै अपने सावथ्यों और अन्य लोरों द्ारा वकए रए कला का्ययों की सराहना करता ह,ै कला सा्मग्ी का उप्योर करके ्या आई.सी.री. के उप्योर के साथ विविनन विष्यों पर पोसरर बनाता ह,ै प्या्थिरण ्या सा्मावजक विष्यों पर एक नारक/रोल पले तै्यार करता ह।ै

  • 56 वनष्ठा — प्रवरक्षण पैकेज

    माॅड्यलू 3

    ●● कला््मक क्ष्मताओ ंका प्रदर्थन (कक्षा और पररिेर को सिचछ और सुंदर रखना, कक्षा ्में लराए जाने िाली चीजों को लराने ्में ्मदद करना, दृश्य कलाओ ं्में िार लेना और रुवच के साथ कला प्रसतवुत्यों का प्रदर्थन करना)

    प्राथधमक — ईवीएसवरक्षाथथी—●● दवैनक जीिन ्में बवुन्यादी आिश्यकताओ ं(िोजन, पानी आवद) की पवूत्थ की प्रवरि्या को स्मझता ह ै(जैसे जल स्ोतों के िडंारण की पहचान)। संसािनों (िोजन, पानी) और सांसकृवतक जीिन (जैसे— दरूसथ ्या दरु्थ्म क्षेत्ों ्में जीिन, ्यानी र्म्थ/ठंडे रेवरसतान) के बीच संबंि सथावपत करता ह।ै ●● एक व्यिवसथत तरीके से अिलोकन/अनिुि/जानकारी दज्थ करता ह ै(जैसे तावलकाओ,ं रेखावचत्, सतंि चार्थ, पाई चार्थ ्में) और कारण ि प्रिाि के बीच संबंि बताने के वलए रवतविवि्यों/पररघरनाओ ंका पिूा्थन्ुमान करता ह।ै ●● विविनन प्रकार के आसानी से उपलबि/बेकार पदाथयों के उप्योर से पोसरर वडजाइन बनाता ह ैऔर कविताए,ँ नारे, ्यात्ा ितृ्तांत आवद वलखता ह।ै●● दखे े रए/अनिुि वकए रए ्मदु्ों पर अपनी रा्य दतेा ह ैऔर स्माज के बडे़ ्मदु्ों के साथ प्रथाओ/ंघरनाओ ंको जोड़कर दखेता ह।ै (जैसे, संसािनों के सिाव्म्ि/पहुचँ ्में िदेिाि)●● संसािनों (िनों, पानी इ््यावद) के संरक्षण के तरीके सझुाता ह ैऔर वदव्यांरों/िंवचतों के प्रवत संिेदनरीलता वदखाता ह।ै

    लकक्त जीिन कौिलजीिन-कौरल, अिलोकन, पहल करना, व्मल-जलुकर का्म करना, संपे्रषण, स्मस्या स्मािान, विरषे रूप से पानी और आ्मतौर पर प्या्थिरण संबंिी वचतंा।

  • 57कला स्मवेकत वरक्षा

    माॅड्यलू 3

    कला गकतकिकि का नामविज्ान, सा्मावजक विज्ान और िाषाओ ंके संदि्थ ्में लोककथाएँ

    कला गकतकिकि का रूपकहानी िाचन/रंर्मचं/कठपतुली/वर्प/वचत्/संरीत/कविता

    किज्ान

    • कक्षा–छह, अध्या्य 9 ‘सजीि ि उनका पररिेर’• कक्षा–सात, अध्या्य 7 ‘्मौस्म, जलिा्य ुतथा जलिा्य ुके अनरुूप जंतओु ंद्ारा अनकूुलन’

    सामाकजक किज्ान

    • कक्षा–छह, िार–1, अध्या्य 2 ‘आखरे – खाद्य संग्ह से िोजन उ्पादन तक’• कक्षा–सात, (हम्िे अतीत, िार–2), अध्या्य 7 ‘जनजावत्याँ, खानाबदोर और एक

    जरह बसे हुए स्मदुा्य’

    अँगे्जी

    • कक्षा–छह (हनीसकल, अगँ्ेजी की पाठ््यपसुतक), अध्या्य 9 ‘डेजर्थ एवन्म्स’• कक्षा–छह (हनीसकल, अगँ्ेजी की पाठ््यपसुतक), अध्या्य 10 ‘द बैन्यन ट्ी’• कक्षा–छह (ए पैक्ट झवद द सन), अध्या्य 1 ‘ए रेल ऑफ रू बड््थस’• कक्षा–छह (ए पैक्ट झवद द सन), अध्या्य 4 ‘द फ्ें ड्ली ्मरंसू’ • कक्षा–छह (ए पैक्ट झवद द सन), अध्या्य 9 ‘िॉर हपैपंड रू रेपराइ्स’ • कक्षा–आठ (इ्ट सो हपैपंड, अगँ्ेजी ्में सपली्मेंट्ी रीडर), अध्या्य 1 ‘हाऊ द कै्मल रॉर

    वहज हपं’• कक्षा–आठ (हनी ड्य,ू अगँ्ेजी ्में पाठ््यपसुतक), अध्या्य 6 ‘वदस इज जोडीज फॉन’

    कक्षा–आठ, अँगे्जी (हनी ड्यू), अधयाय 1 ‘ि एटं एडं ि धरिकेट’

    सझुाए गए मूल्यांकन के तरीकेअिलोकन सारणी, सि-्मू् ्यांकन, साथी-स्महू द्ारा ्मू् ्यांकन, ्मखु्य वनददेर, पोर्थफोवल्यो

    कला सेमधकत धशक्षि सत्र – 2

  • 58 वनष्ठा — प्रवरक्षण पैकेज

    माॅड्यलू 3

    प्रकिक्ि के उदे्श्य्यह ्मॉड््यलू लोककथाओ ंके ्माध्य्म से विज्ान, सा्मावजक विज्ान और िाषा सा्मग्ी को स्मवेकत करने के तरीकों को जानने ्में ्मदद करेरा।

    सीखने के प्रकतफल सझुाए रए तरीकों का पालन करने के बाद, एस.आर.जी./वरक्षक वनमनवलवखत दक्षताओ ं्में वनपणु हो पाएरँे—

    अँगे्रजी भाषा मेंवरक्षाथथी—●● विरा्म वचह्ों के प्र्योर, िण्थन एिं व्याख्या करने और संिाद बोलने के तरीकों के उप्योर के बारे ्में स्मझता ह,ै कहानी के पाठ से संिाद वलखता ह,ै अपने सावथ्यों और अन्य लोरों के विविनन अनिुिों को सनुने ्में रुवच वदखाता ह;ै●● विविनन प्रकार के वनददेरों का पालन करता ह,ै सनुता ह,ै और विविनन धिवन अनकुरणा््मक आिाजों को परसपर संबंवित करता ह,ै रचना््मक का्ययों ्में उनका उप्योर करता ह,ै अपने और पररिेर के बारे ्में बात करता ह,ै सरल िाक््यों और प्रवतवरि्याओ ंका उप्योर करते हुए दोसतों, वरक्षकों, पररिार तथा अन्य लोरों के साथ बातचीत करता ह;ै●● विविनन का्य्थरि्मों ्में िार लेता ह ैजैसे वक रोल पले (िवू्मका वनि्थहन), कविता पाठ, प्रहसन, नारक आवद;●● अपने आस-पास की चीजों के बारे ्में सिाल पछूता ह,ै कहावन्याँ सनुाता ह,ै स्मझते हुए पाठ पढता ह,ै विविनन तरह के पाठ पढता ह ैऔर विविनन स्ोतों से पसुतकें एकत् करता और पढता ह।ै

    किज्ान मेंवरक्षाथथी—●● तावक्थ क सपष्रीकरण और तक्थ प्रसततु करता ह,ै वनष्कष्थ के बारे ्में बताता ह;ै ●● सबुतूों के स्मथ्थन ्में सपष्रीकरण प्रदान करता ह;ै●● िैज्ावनक अििारणाओ ंको दवैनक जीिन से जोड़ता ह;ै ●● रुवच का िाि प्रदवर्थत करता ह ैऔर उ्साह से िार लेता ह;ै●● विचार करने के बाद प्रवतवरि्या करता ह,ै वन्योजन ्में रचना््मकता प्रदवर्थत करता ह,ै स्मस्या सलुझाने की ्योग्यता वदखाता ह,ै अतंवन्थवहत ्मू् ्यों को व्यक्त करता ह;ै●● का्य्थ करते स्म्य वज़म्मदेारर्याँ उठाता ह ैऔर पहल करता ह;ै ●● अपने साथी-स्महू के साथ सह्योर करते हुए का्म करता ह,ै दसूरों की दलीलों को ि्ैय्थ से सनुता ह;ै●● प्या्थिरण का संरक्षण कैसे वक्या जाए, इस बारे ्में सलाह दतेा ह।ै प्या्थिरण के संरक्षण के प्रवत संिेदनरीलता रखता ह;ै

  • 59कला स्मवेकत वरक्षा

    माॅड्यलू 3

    ●● िह वजस िातािरण ्में रहता ह,ै उस्में विवििता के विविनन रूपों की सराहना करता ह,ै परसपर वनि्थरता के प्रवत संिेदनरीलता रखता ह।ै

    सामाकजक किज्ान मेंवरक्षाथथी—●● विरषे आिश्यकता स्महू के व्यवक्त्याें के प्रवत स्माज की रूवढिादी सोच को स्मझ पाता ह।ै●● वकसी िी तरह के िदेिाि पर आिाज उठाता ह।ै ●● विवििता के कारण उ्पनन होने िाले विविनन ्मदु्ों पर अलर-अलर विचार व्यक्त करता ह।ै●● आस-पास के पररिेर के बारे ्में जानने ्में रुवच लेता ह।ै●● स्महू/री्म के का्म की सराहना करता ह।ै

    कला किक्ा मेंवरक्षाथथी—●● कक्षा ्में और बाहर होने िाली कला रवतविवि्यों ्में िार लेता ह ैऔर उनका आनंद उठाता ह,ै अपने सावथ्यों और अन्य लोरों द्ारा वकए रए कला का्ययों की सराहना करता ह।ै●● कला््मक क्ष्मताओ ंका प्रदर्थन करता ह,ै जैसे— कक्षा और पररिेर को सिचछ और सुंदर रखना, कक्षा ्में लराए जाने िाली चीजों को लराने ्में ्मदद करना। ●● दृश्य एिं प्रदर्थन कलाओ ं्में िार लेता ह ैऔर रुवच के साथ कला प्रसतवुत्यों का प्रदर्थन करता ह।ै

    सकंक्प्त परर्च्य

    गकतकिकि के पीछे कनकहत किज्ान्यह सि्थविवदत ह ै वक लोकरीतों का, ्मलूतः िे वजस क्षेत् के होते हैं, एक सा्मावजक, ऐवतहावसक और सांसकृवतक संदि्थ होता ह।ै लोककथाओ ंको क्पना के रूप ्में प्रसततु वक्या जाता ह।ै छोरे बचच ेएक ऐसी दवुन्या ्में रहते हैं वजस्में क्पना और िासतविकता के बीच के फक्थ को पररिावषत नहीं वक्या जा सकता— एक ऐसी दवुन्या वजस्में जानिर बात करते हैं और इसंान झाड़़ू पर उड़ते हुए सा्मने से वनकल जाते हैं। ्यह संिि ह ैवक इन्में से कुछ लोककथाओ ंका िैज्ावनक आिार िी हो। अिी िी लोककथाओ ंऔर परी कथाओ ंके आकष्थण और कौतहूल को बनाए रखते हुए, ह्म इस रवतविवि के ्माध्य्म से बचचों को िासतविक दवुन्या से का्पवनक दवुन्या का फक्थ और उसकी खबूसरूती की सराहना करने ्में ्मदद कर सकते हैं। िे लोककथा को िवण्थत करते वचत्ों के ्माध्य्म से संिादा््मक कहानी िाचन सत्ों ्में िार लेते हुए िैज्ावनक रबदािली और अििारणाओ ंको सीख सकते हैं। इस

  • 60 वनष्ठा — प्रवरक्षण पैकेज

    माॅड्यलू 3

    लोककथा को पंचतंत् की कहावन्यों से वल्या र्या ह।ै कुछ िैज्ावनक तथ्यों को राव्मल करने के वलए इसे थोड़ा संरोवित वक्या र्या ह।ै

    ्मॉड््यलू, जीवित जीिों और उनके पररिेर, वनिास सथान ्में विवििता, जलिा्य ुऔर जानिरों के जलिा्य ु्में अनकूुलन के बारे ्में कला स्मवेकत अविर्म का अिसर प्रदान करता ह।ै

    सत्र के कलए अपेकक्त कुल सम्य2 घरें

    अपेकक्त सामग्ी चार्थ पेपर, सकेच पेन, रेि्यॉन, पेंर्स और ब्र, जाली कारने िाला औजार, कैं ची और आिश्यकतानसुार अन्य सा्मग्ी। (ए.आई.एल. रवतविवि्यों की ्योजना बनाते स्म्य आस-पास आसानी से व्मलने िाली सा्मवग््यों को लेने की सलाह दी जाती ह)ै।

    िैक्कणक नीकत्ाँ

    समनि्यक ध्यान देंवरक्षाथथी स्महू रवतविवि्यों ्में लरे रहेंरे। इस बात का ध्यान रखें वक स्महूों ्में जावत, पंथ, वलंर, क्ष्मताओ ंआवद के संदि्थ ्में वकसी तरह का िदेिाि नहीं वक्या जाए। विरषे आिश्य्यकता िाले ्या रारीररक ्या ्मानवसक रूप से असिसथ बचचों को स्महूों ्में उनकी क्ष्मताओ ंके अनसुार राव्मल वक्या जाना चावहए।• स्मनि्यक सारे दृश्यों की प्रसतवुत के बाद ्या प्र््ेयक दृश्य के बाद चचा्थ ररुू कर सकता ह।ै• चचा्थ के दौरान विविनन विष्यों की सा्मग्ी को स्मवेकत करने के सेतओु ंको वचवह्त वक्या

    जाए। • ्मू् ्यांकन साथ-साथ वक्या जाएरा।• स्मनि्यक कक्षा को प्र््ेयक पाँच छात्ों के आठ स्महूों ्में वििावजत करेरा। कक्षा ्में वकतने

    बचच ेहैं, उनकी संख्या के अनसुार स्महूों ्में बचचों की संख्या विनन हो सकती ह।ै प्र््ेयक स्महू को एक दृश्य की सिी रवतविवि्यों, जैसे— वचत्, पोसरर, कठपतुवल्यों, रंर्मचं का सा्मान बनाने और दृश्य को ्मवंचत करने, संिाद वलखने आवद को संिालने दें।

    समूह िनाने के कलए आपसी सिंाद (20 कमनट)सत्, पररच्य के दौर और कुछ वदलचसप अविव्यवक्त्यों के साथ ररुू होरा, जैसे— उनकी पसंद के वकसी िी एक जानिर की नकल ्या आिाज वनकालना, ्या उसका वचत् बनाना। हर कोई स्मझाएरा वक िह इसी जानिर को क््यों पसंद करता ह?ै उनहें इस बात की सितंत्ता होरी वक िह इसे वकस िाषा ्में अविव्यक्त करें, अविव्यवक्त का ढंर और उसका तरीका क््या हो, जैसे— चहेरे के िाि, सांकेवतक िाषा, कुछ पंवक्त्यों का िण्थन, अविन्य के ्माध्य्म

  • 61कला स्मवेकत वरक्षा

    माॅड्यलू 3

    से, वचत् के ्माध्य्म से ्या नृ् ्य आवद के ्माध्य्म से। इस तरह हर वकसी को रचना््मक रूप से सोचने और चीजों को प्रसततु करने के वलए नए ढंर से क्पना करने का ्मौका व्मलेरा और साथ ही िे दसूरों को ि्ैय्थपिू्थक और रंिीर रूप से सनुेंरे।

    समूहों को दृश्य सौंपे जा सकते हैं• सौंपे रए दृश्यों के वलए पात्ों ि घरनाओ ंके अनसुार वकसी िी कला रूप का उप्योर करते

    हुए वनिा्थररत दृश्यों के वलए वसर पर पहनने िाली िसतएु,ँ रंर्मचं का सा्मान, दासतानों िाली कठपतुवल्याँ, वचत्, ्मखुौरे, कठपतुवल्यों को तै्यार करें (्यह उपलबिता के आिार पर कला और वर्प वरक्षक के ्मार्थदर्थन ्में वक्या जा सकता ह)ै।

    • उपलबि संसािनों का इसते्माल करते हुए इस प्रवरि्या ्में विविनन केर विन्यास, िेरिषूा और ्मकेअप का च्यन करें।

    • उनहें वदए रए दृश्यों की प्रसतवुत के बारे ्में चचा्थ करें, ्योजना बनाए ँऔर उसकी तै्यारी करें और दृश्यों को कठपतुवल्यों द्ारा ्मवंचत करने ्या क्षेत्ी्य लोककथाओ ंका उप्योर करते हुए िाचन, ्मकूाविन्य आवद करें।

    • स्मनि्यक विविनन विष्यों जैसे जीवित जीिों और उनके पररिेर, ्मौस्म, जलिा्य ुऔर जानिरों द्ारा उस जलिा्य ु्में रहने की आदत डालने, पिू्थजों की राह पर चलने, आवदिासी, खानाबदोर और सथा्यी बसाहर िाले स्मदुा्यों आवद से संबंवित प्रशनों के ्माध्य्म से इन दृश्यों पर चचा्थ करेरा। विष्यिसत ुकी रहनता संज्ाना््मक सतर के अनसुार त्य की जाएरी।

    सामूकहक गकतकिकि

    दृश्् 1, समूह-1बहुत स्म्य पहले, एक बड़ी झील ्में कई जली्य पौि ेऔर जानिर पनपे। झील का पानी बहुत साफ और नीला था। उस्में क्मल और जल कु्मवुदनी जैसे लंबे तने िाले पौि ेथे। जल्मगन हाइवड्ला और िावलसनेरर्या (रेप ग्ास) उस्में खबूसरूती से लहराते थे। सतह पर िीरे-िीरे कसपत और पानी की जलकंुिी तैरती थीं। सकू््म रिैालों की िजह से जरह-जरह पानी ्में हरे िबबे उिर आए थे। उस्में विविनन प्रजावत्यों की छोरी-छोरी ्मछवल्याँ थीं, जो अचानक एक साथ झुडं बनाकर कीडे़ के एक रुकडे़ पर लड़ने लरती थीं। झील ्में बड़ी ्मछवल्यों ने कीरों की आबादी को वन्ंयत्ण ्में रखा हुआ था। कछुए िोजन की तलार ्में इिर-उिर घ्ूमते रहते और बरलेु अपने वरकार को पकड़ने के वलए घरंों पानी ्में खडे़ रहते। वकंरवफरर का एक जोड़ा पेड़ की एक ऊँची राखा पर बैठा रहता तावक अपना िोजन प्रापत करने के वलए ज्दी से पानी ्में रोता लरा सके। ्मेंढक झील से अदंर और बाहर छलाँर लराते रहते, जबवक अपने वररओु ंको िे रिैा�