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30) 1) 1. Morality / नैितकता 2. Percepon / धारणा 3. Cognion /अनुभूित 4. Interacon / िच Correct Answer :- Morality / नैितकता Which of the following is the most effective way to create interest for learning in a student? / ननलखत म से या कसी छा म अधगम के लए च पैदा करने का सबसे भावी तरका या है ? 1. Show relevance to their future / उनके भवय के िलए ासंिगकता दखाना 2. Activity based learning / गितविध आधारत अययन 3. Theory supported learning / िसांत आधारत अययन 4. Teacher centered approach for learning/ अिधगम के िलये अयापक आधारत विध Correct Answer :- Show relevance to their future / उनके भवय के िलए ासंिगकता दखाना Topic:- General Hindi (L1GH) साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना एक अकेला थक जाएगा िमल कर बोझ उठाना साथी हाथ बढ़ाना हम मेहनतवालों ने जब भी िमलकर क़दम बढ़ाया सागर ने रा छोड़ा पवत ने शीश काया फ़ौलादी सीने अपने फ़ौलादी बाँह हम चाह तो पैदा कर , चानों राह , साथी हाथ बढ़ाना मेहनत अपनी लेख की रे खा मेहनत से डरना कल ग़ैरों की ख़ाितर की अब अपनी ख़ाितर करना अपना दु ख भी एक है साथी अपना सुख भी एक अपनी मंिज़ल सच की मंिज़ल अपना रा नेक,

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  • 30)

    1)

    1. Morality / निैतकता

    2. Percep�on / धारणा

    3. Cogni�on /अनभुिूत

    4. Interac�on / �िच

    Correct Answer :-

    Morality / निैतकता

    Which of the following is the most effective way to create interest for learning in a student? /�न� न�ल�खत म� से � या �कसी छा� म� अ�धगम के �लए ��च पदैा करने का सबसे �भावी तर�का �या है?

    1. Show relevance to their future / उनके भ�व�य के िलए �ासंिगकता �दखाना

    2. Activity based learning / गित�विध आधा�रत अ�ययन

    3. Theory supported learning / िस�ांत आधा�रत अ�ययन

    4. Teacher centered approach for learning/ अिधगम के िलये अ�यापक आधा�रत ��विध

    Correct Answer :-

    Show relevance to their future / उनके भ�व�य के िलए �ासंिगकता �दखाना

    Topic:- General Hindi (L1GH)

    साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना

    एक अकेला थक जाएगा िमल कर बोझ उठाना

    साथी हाथ बढ़ाना

    हम मेहनतवालो ंने जब भी िमलकर क़दम बढ़ाया

    सागर ने र�ा छोड़ा पव�त ने शीश झुकाया

    फ़ौलादी ह� सीने अपने फ़ौलादी ह� बाँह�

    हम चाह� तो पैदा कर द�, च�ानो ंम� राह�,

    साथी हाथ बढ़ाना

    मेहनत अपनी लेख की रेखा मेहनत से �ा डरना

    कल ग़ैरो ंकी ख़ाितर की अब अपनी ख़ाितर करना

    अपना दुख भी एक है साथी अपना सुख भी एक

    अपनी मंिज़ल सच की मंिज़ल अपना र�ा नेक,

  • 2)

    साथी हाथ बढ़ाना

    एक से एक िमले तो कतरा बन जाता है द�रया

    एक से एक िमले तो ज़रा� बन जाता है सेहरा

    एक से एक िमले तो राई बन सकता है पव�त

    एक से एक िमले तो इ�ान बस म� कर ले िक़�त,

    साथी हाथ बढ़ाना

    माटी से हम लाल िनकाल� मोती लाएं जल से

    जो कुछ इस दुिनया म� बना है बना हमारे बल से

    कब तक मेहनत के पैरो ंम� ये दौलत की ज़ंज़ीर�

    हाथ बढ़ाकर छीन लो अपने सपनो ंकी त�ीर� , साथी …

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    �� न: एक से एक �ा िमले तो द�रया बन जाता है?

    1. पहाड़

    2. खतरा

    3. कतरा

    4. सम�ु

    Correct Answer :-

    कतरा

    साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना

    एक अकेला थक जाएगा िमल कर बोझ उठाना

    साथी हाथ बढ़ाना

    हम मेहनतवालो ंने जब भी िमलकर क़दम बढ़ाया

    सागर ने र�ा छोड़ा पव�त ने शीश झुकाया

    फ़ौलादी ह� सीने अपने फ़ौलादी ह� बाँह�

    हम चाह� तो पैदा कर द�, च�ानो ंम� राह�,

    साथी हाथ बढ़ाना

    मेहनत अपनी लेख की रेखा मेहनत से �ा डरना

    कल ग़ैरो ंकी ख़ाितर की अब अपनी ख़ाितर करना

    अपना दुख भी एक है साथी अपना सुख भी एक

    अपनी मंिज़ल सच की मंिज़ल अपना र�ा नेक,

  • 3)

    साथी हाथ बढ़ाना

    एक से एक िमले तो कतरा बन जाता है द�रया

    एक से एक िमले तो ज़रा� बन जाता है सेहरा

    एक से एक िमले तो राई बन सकता है पव�त

    एक से एक िमले तो इ�ान बस म� कर ले िक़�त,

    साथी हाथ बढ़ाना

    माटी से हम लाल िनकाल� मोती लाएं जल से

    जो कुछ इस दुिनया म� बना है बना हमारे बल से

    कब तक मेहनत के पैरो ंम� ये दौलत की ज़ंज़ीर�

    हाथ बढ़ाकर छीन लो अपने सपनो ंकी त�ीर� , साथी …

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    �� न: िकसके चाहने से च�ानो ंम� राह� पैदा हो सकती ह�?

    1. ब�च� के

    2. �कसान� के

    3. सरकार के

    4. मेहनतकश मज़दरू� के

    Correct Answer :-

    मेहनतकश मज़दरू� के

    साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना

    एक अकेला थक जाएगा िमल कर बोझ उठाना

    साथी हाथ बढ़ाना

    हम मेहनतवालो ंने जब भी िमलकर क़दम बढ़ाया

    सागर ने र�ा छोड़ा पव�त ने शीश झुकाया

    फ़ौलादी ह� सीने अपने फ़ौलादी ह� बाँह�

    हम चाह� तो पैदा कर द�, च�ानो ंम� राह�,

    साथी हाथ बढ़ाना

    मेहनत अपनी लेख की रेखा मेहनत से �ा डरना

    कल ग़ैरो ंकी ख़ाितर की अब अपनी ख़ाितर करना

    अपना दुख भी एक है साथी अपना सुख भी एक

    अपनी मंिज़ल सच की मंिज़ल अपना र�ा नेक,

  • 4)

    साथी हाथ बढ़ाना

    एक से एक िमले तो कतरा बन जाता है द�रया

    एक से एक िमले तो ज़रा� बन जाता है सेहरा

    एक से एक िमले तो राई बन सकता है पव�त

    एक से एक िमले तो इ�ान बस म� कर ले िक़�त,

    साथी हाथ बढ़ाना

    माटी से हम लाल िनकाल� मोती लाएं जल से

    जो कुछ इस दुिनया म� बना है बना हमारे बल से

    कब तक मेहनत के पैरो ंम� ये दौलत की ज़ंज़ीर�

    हाथ बढ़ाकर छीन लो अपने सपनो ंकी त�ीर� , साथी …

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    �� न: किव ने शरीर के िकन अंगो ंको फौलादी कहा है?

    1. नाक और मुँह

    2. दोन� आखँ�

    3. दोन� परै

    4. सीना और बाँह�

    Correct Answer :-

    सीना और बाँह�

    साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना

    एक अकेला थक जाएगा िमल कर बोझ उठाना

    साथी हाथ बढ़ाना

    हम मेहनतवालो ंने जब भी िमलकर क़दम बढ़ाया

    सागर ने र�ा छोड़ा पव�त ने शीश झुकाया

    फ़ौलादी ह� सीने अपने फ़ौलादी ह� बाँह�

    हम चाह� तो पैदा कर द�, च�ानो ंम� राह�,

    साथी हाथ बढ़ाना

    मेहनत अपनी लेख की रेखा मेहनत से �ा डरना

    कल ग़ैरो ंकी ख़ाितर की अब अपनी ख़ाितर करना

    अपना दुख भी एक है साथी अपना सुख भी एक

    अपनी मंिज़ल सच की मंिज़ल अपना र�ा नेक,

  • 5)

    साथी हाथ बढ़ाना

    एक से एक िमले तो कतरा बन जाता है द�रया

    एक से एक िमले तो ज़रा� बन जाता है सेहरा

    एक से एक िमले तो राई बन सकता है पव�त

    एक से एक िमले तो इ�ान बस म� कर ले िक़�त,

    साथी हाथ बढ़ाना

    माटी से हम लाल िनकाल� मोती लाएं जल से

    जो कुछ इस दुिनया म� बना है बना हमारे बल से

    कब तक मेहनत के पैरो ंम� ये दौलत की ज़ंज़ीर�

    हाथ बढ़ाकर छीन लो अपने सपनो ंकी त�ीर� , साथी …

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    �� न: मज़दूर मेहनत करने से �ो ंनही ंडरता?

    1. भा�य पर उसका वश नह�ं

    2. �य��क यह� उसके वश म� है

    3. हाथ क� रेखा पर उसका वश नह�ं

    4. सरकार� पर उसका वश नह�ं

    Correct Answer :-

    �य��क यह� उसके वश म� है

    साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना

    एक अकेला थक जाएगा िमल कर बोझ उठाना

    साथी हाथ बढ़ाना

    हम मेहनतवालो ंने जब भी िमलकर क़दम बढ़ाया

    सागर ने र�ा छोड़ा पव�त ने शीश झुकाया

    फ़ौलादी ह� सीने अपने फ़ौलादी ह� बाँह�

    हम चाह� तो पैदा कर द�, च�ानो ंम� राह�,

    साथी हाथ बढ़ाना

    मेहनत अपनी लेख की रेखा मेहनत से �ा डरना

    कल ग़ैरो ंकी ख़ाितर की अब अपनी ख़ाितर करना

    अपना दुख भी एक है साथी अपना सुख भी एक

    अपनी मंिज़ल सच की मंिज़ल अपना र�ा नेक,

  • 6)

    साथी हाथ बढ़ाना

    एक से एक िमले तो कतरा बन जाता है द�रया

    एक से एक िमले तो ज़रा� बन जाता है सेहरा

    एक से एक िमले तो राई बन सकता है पव�त

    एक से एक िमले तो इ�ान बस म� कर ले िक़�त,

    साथी हाथ बढ़ाना

    माटी से हम लाल िनकाल� मोती लाएं जल से

    जो कुछ इस दुिनया म� बना है बना हमारे बल से

    कब तक मेहनत के पैरो ंम� ये दौलत की ज़ंज़ीर�

    हाथ बढ़ाकर छीन लो अपने सपनो ंकी त�ीर� , साथी …

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    �� न: इस किवता म� ‘मेहनतकश’ िकसे कहा गया है?

    1. अराजक त� व� को

    2. आम ग़र�ब मज़दरू� को

    3. चपुचाप बठेै रहने वाले को

    4. मेहनत नह�ं करने वाले को

    Correct Answer :-

    आम ग़र�ब मज़दरू� को

    साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना

    एक अकेला थक जाएगा िमल कर बोझ उठाना

    साथी हाथ बढ़ाना

    हम मेहनतवालो ंने जब भी िमलकर क़दम बढ़ाया

    सागर ने र�ा छोड़ा पव�त ने शीश झुकाया

    फ़ौलादी ह� सीने अपने फ़ौलादी ह� बाँह�

    हम चाह� तो पैदा कर द�, च�ानो ंम� राह�,

    साथी हाथ बढ़ाना

    मेहनत अपनी लेख की रेखा मेहनत से �ा डरना

    कल ग़ैरो ंकी ख़ाितर की अब अपनी ख़ाितर करना

    अपना दुख भी एक है साथी अपना सुख भी एक

    अपनी मंिज़ल सच की मंिज़ल अपना र�ा नेक,

  • 7)

    साथी हाथ बढ़ाना

    एक से एक िमले तो कतरा बन जाता है द�रया

    एक से एक िमले तो ज़रा� बन जाता है सेहरा

    एक से एक िमले तो राई बन सकता है पव�त

    एक से एक िमले तो इ�ान बस म� कर ले िक़�त,

    साथी हाथ बढ़ाना

    माटी से हम लाल िनकाल� मोती लाएं जल से

    जो कुछ इस दुिनया म� बना है बना हमारे बल से

    कब तक मेहनत के पैरो ंम� ये दौलत की ज़ंज़ीर�

    हाथ बढ़ाकर छीन लो अपने सपनो ंकी त�ीर� , साथी …

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    �� न: इस किवता म� साथी से हाथ बढ़ाने को कहना दरअसल िकसकी ओर इशारा है?

    1. म�हला मजदरू� से

    2. आम जन से

    3. बाल मजदरू� से

    4. �िमक� से

    Correct Answer :-

    �िमक� से

    साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना

    एक अकेला थक जाएगा िमल कर बोझ उठाना

    साथी हाथ बढ़ाना

    हम मेहनतवालो ंने जब भी िमलकर क़दम बढ़ाया

    सागर ने र�ा छोड़ा पव�त ने शीश झुकाया

    फ़ौलादी ह� सीने अपने फ़ौलादी ह� बाँह�

    हम चाह� तो पैदा कर द�, च�ानो ंम� राह�,

    साथी हाथ बढ़ाना

    मेहनत अपनी लेख की रेखा मेहनत से �ा डरना

    कल ग़ैरो ंकी ख़ाितर की अब अपनी ख़ाितर करना

    अपना दुख भी एक है साथी अपना सुख भी एक

    अपनी मंिज़ल सच की मंिज़ल अपना र�ा नेक,

  • 8)

    साथी हाथ बढ़ाना

    एक से एक िमले तो कतरा बन जाता है द�रया

    एक से एक िमले तो ज़रा� बन जाता है सेहरा

    एक से एक िमले तो राई बन सकता है पव�त

    एक से एक िमले तो इ�ान बस म� कर ले िक़�त,

    साथी हाथ बढ़ाना

    माटी से हम लाल िनकाल� मोती लाएं जल से

    जो कुछ इस दुिनया म� बना है बना हमारे बल से

    कब तक मेहनत के पैरो ंम� ये दौलत की ज़ंज़ीर�

    हाथ बढ़ाकर छीन लो अपने सपनो ंकी त�ीर� , साथी …

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    �� न: ‘एक अकेला थक जाएगा िमल कर बोझ उठाना’ से �ा ता�य� है?

    1. इनम� से कोई नह�ं

    2. बोझ को गाड़� पर रखना

    3. अकेले आदमी को सहयोग करना

    4. िसर बोझ ह�का करना

    Correct Answer :-

    अकेले आदमी को सहयोग करना

    साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना

    एक अकेला थक जाएगा िमल कर बोझ उठाना

    साथी हाथ बढ़ाना

    हम मेहनतवालो ंने जब भी िमलकर क़दम बढ़ाया

    सागर ने र�ा छोड़ा पव�त ने शीश झुकाया

    फ़ौलादी ह� सीने अपने फ़ौलादी ह� बाँह�

    हम चाह� तो पैदा कर द�, च�ानो ंम� राह�,

    साथी हाथ बढ़ाना

    मेहनत अपनी लेख की रेखा मेहनत से �ा डरना

    कल ग़ैरो ंकी ख़ाितर की अब अपनी ख़ाितर करना

    अपना दुख भी एक है साथी अपना सुख भी एक

    अपनी मंिज़ल सच की मंिज़ल अपना र�ा नेक,

  • 9)

    साथी हाथ बढ़ाना

    एक से एक िमले तो कतरा बन जाता है द�रया

    एक से एक िमले तो ज़रा� बन जाता है सेहरा

    एक से एक िमले तो राई बन सकता है पव�त

    एक से एक िमले तो इ�ान बस म� कर ले िक़�त,

    साथी हाथ बढ़ाना

    माटी से हम लाल िनकाल� मोती लाएं जल से

    जो कुछ इस दुिनया म� बना है बना हमारे बल से

    कब तक मेहनत के पैरो ंम� ये दौलत की ज़ंज़ीर�

    हाथ बढ़ाकर छीन लो अपने सपनो ंकी त�ीर� , साथी …

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    �� न: ‘अपनी मंिज़ल सच की मंिज़ल अपना र�ा नेक’ म� िकसके रा�े की बात की गई है?

    1. तमाम रेलया��य� क�

    2. तमाम क�वय� क�

    3. तमाम खेत मज़दरू� क�

    4. मेहनतकश आम देशवािसय� क�

    Correct Answer :-

    मेहनतकश आम देशवािसय� क�

    साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना

    एक अकेला थक जाएगा िमल कर बोझ उठाना

    साथी हाथ बढ़ाना

    हम मेहनतवालो ंने जब भी िमलकर क़दम बढ़ाया

    सागर ने र�ा छोड़ा पव�त ने शीश झुकाया

    फ़ौलादी ह� सीने अपने फ़ौलादी ह� बाँह�

    हम चाह� तो पैदा कर द�, च�ानो ंम� राह�,

    साथी हाथ बढ़ाना

    मेहनत अपनी लेख की रेखा मेहनत से �ा डरना

    कल ग़ैरो ंकी ख़ाितर की अब अपनी ख़ाितर करना

    अपना दुख भी एक है साथी अपना सुख भी एक

    अपनी मंिज़ल सच की मंिज़ल अपना र�ा नेक,

  • 10)

    साथी हाथ बढ़ाना

    एक से एक िमले तो कतरा बन जाता है द�रया

    एक से एक िमले तो ज़रा� बन जाता है सेहरा

    एक से एक िमले तो राई बन सकता है पव�त

    एक से एक िमले तो इ�ान बस म� कर ले िक़�त,

    साथी हाथ बढ़ाना

    माटी से हम लाल िनकाल� मोती लाएं जल से

    जो कुछ इस दुिनया म� बना है बना हमारे बल से

    कब तक मेहनत के पैरो ंम� ये दौलत की ज़ंज़ीर�

    हाथ बढ़ाकर छीन लो अपने सपनो ंकी त�ीर� , साथी …

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    �� न: ‘अपना दुख भी एक है साथी’ कहकर किव िकस दुख को एक बता रहा है?

    1. अ�ेँज� क� गुलामी म� सभी जन एक समान शो�षत-पी�ड़त रहे

    2. सबके दखु समान ह�

    3. सबको एक जसैी सम�या है

    4. अपना और साथी के दखु अलग ह�

    Correct Answer :-

    अ�ेँज� क� गुलामी म� सभी जन एक समान शो�षत-पी�ड़त रहे

    साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना

    एक अकेला थक जाएगा िमल कर बोझ उठाना

    साथी हाथ बढ़ाना

    हम मेहनतवालो ंने जब भी िमलकर क़दम बढ़ाया

    सागर ने र�ा छोड़ा पव�त ने शीश झुकाया

    फ़ौलादी ह� सीने अपने फ़ौलादी ह� बाँह�

    हम चाह� तो पैदा कर द�, च�ानो ंम� राह�,

    साथी हाथ बढ़ाना

    मेहनत अपनी लेख की रेखा मेहनत से �ा डरना

    कल ग़ैरो ंकी ख़ाितर की अब अपनी ख़ाितर करना

    अपना दुख भी एक है साथी अपना सुख भी एक

    अपनी मंिज़ल सच की मंिज़ल अपना र�ा नेक,

  • 11)

    साथी हाथ बढ़ाना

    एक से एक िमले तो कतरा बन जाता है द�रया

    एक से एक िमले तो ज़रा� बन जाता है सेहरा

    एक से एक िमले तो राई बन सकता है पव�त

    एक से एक िमले तो इ�ान बस म� कर ले िक़�त,

    साथी हाथ बढ़ाना

    माटी से हम लाल िनकाल� मोती लाएं जल से

    जो कुछ इस दुिनया म� बना है बना हमारे बल से

    कब तक मेहनत के पैरो ंम� ये दौलत की ज़ंज़ीर�

    हाथ बढ़ाकर छीन लो अपने सपनो ंकी त�ीर� , साथी …

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    �� न: ‘कल ग़ैरो ंकी ख़ाितर की’ कहकर िकसको ग़ैर कहा गया है?

    1. सामंत� को

    2. अ�ेँज� को

    3. राजाओ ंको

    4. जमींदार� को

    Correct Answer :-

    अ�ेँज� को

    साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना

    एक अकेला थक जाएगा िमल कर बोझ उठाना

    साथी हाथ बढ़ाना

    हम मेहनतवालो ंने जब भी िमलकर क़दम बढ़ाया

    सागर ने र�ा छोड़ा पव�त ने शीश झुकाया

    फ़ौलादी ह� सीने अपने फ़ौलादी ह� बाँह�

    हम चाह� तो पैदा कर द�, च�ानो ंम� राह�,

    साथी हाथ बढ़ाना

    मेहनत अपनी लेख की रेखा मेहनत से �ा डरना

    कल ग़ैरो ंकी ख़ाितर की अब अपनी ख़ाितर करना

    अपना दुख भी एक है साथी अपना सुख भी एक

    अपनी मंिज़ल सच की मंिज़ल अपना र�ा नेक,

  • 12)

    साथी हाथ बढ़ाना

    एक से एक िमले तो कतरा बन जाता है द�रया

    एक से एक िमले तो ज़रा� बन जाता है सेहरा

    एक से एक िमले तो राई बन सकता है पव�त

    एक से एक िमले तो इ�ान बस म� कर ले िक़�त,

    साथी हाथ बढ़ाना

    माटी से हम लाल िनकाल� मोती लाएं जल से

    जो कुछ इस दुिनया म� बना है बना हमारे बल से

    कब तक मेहनत के पैरो ंम� ये दौलत की ज़ंज़ीर�

    हाथ बढ़ाकर छीन लो अपने सपनो ंकी त�ीर� , साथी …

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    �� न: ‘सागर ने र�ा छोड़ा पव�त ने शीश झुकाया’ किव ने ऐसा �ो ंकहा है?

    1. एकता के सामने �कसी को भी झुकाया जा सकता है

    2. एकता के सामने कोई नह�ं झुकता

    3. पव�त झुक जाता है

    4. सम�ु रा�ता देता है

    Correct Answer :-

    एकता के सामने �कसी को भी झुकाया जा सकता है

    साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना

    एक अकेला थक जाएगा िमल कर बोझ उठाना

    साथी हाथ बढ़ाना

    हम मेहनतवालो ंने जब भी िमलकर क़दम बढ़ाया

    सागर ने र�ा छोड़ा पव�त ने शीश झुकाया

    फ़ौलादी ह� सीने अपने फ़ौलादी ह� बाँह�

    हम चाह� तो पैदा कर द�, च�ानो ंम� राह�,

    साथी हाथ बढ़ाना

    मेहनत अपनी लेख की रेखा मेहनत से �ा डरना

    कल ग़ैरो ंकी ख़ाितर की अब अपनी ख़ाितर करना

    अपना दुख भी एक है साथी अपना सुख भी एक

    अपनी मंिज़ल सच की मंिज़ल अपना र�ा नेक,

  • 13)

    साथी हाथ बढ़ाना

    एक से एक िमले तो कतरा बन जाता है द�रया

    एक से एक िमले तो ज़रा� बन जाता है सेहरा

    एक से एक िमले तो राई बन सकता है पव�त

    एक से एक िमले तो इ�ान बस म� कर ले िक़�त,

    साथी हाथ बढ़ाना

    माटी से हम लाल िनकाल� मोती लाएं जल से

    जो कुछ इस दुिनया म� बना है बना हमारे बल से

    कब तक मेहनत के पैरो ंम� ये दौलत की ज़ंज़ीर�

    हाथ बढ़ाकर छीन लो अपने सपनो ंकी त�ीर� , साथी …

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    �� न: ‘...अब अपनी खाितर करना’ कहकर किव �ा कहना चाहता है?

    1. कुछ नह�ं कहना चाहता

    2. िसफ� अपने प�रवार के िलए मेहनत करना

    3. अपने �र�तेदार� के िलए करना

    4. कल �वदेिशय� के िलए क�, अब अपने िलए करो

    Correct Answer :-

    कल �वदेिशय� के िलए क�, अब अपने िलए करो

    साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना

    एक अकेला थक जाएगा िमल कर बोझ उठाना

    साथी हाथ बढ़ाना

    हम मेहनतवालो ंने जब भी िमलकर क़दम बढ़ाया

    सागर ने र�ा छोड़ा पव�त ने शीश झुकाया

    फ़ौलादी ह� सीने अपने फ़ौलादी ह� बाँह�

    हम चाह� तो पैदा कर द�, च�ानो ंम� राह�,

    साथी हाथ बढ़ाना

    मेहनत अपनी लेख की रेखा मेहनत से �ा डरना

    कल ग़ैरो ंकी ख़ाितर की अब अपनी ख़ाितर करना

    अपना दुख भी एक है साथी अपना सुख भी एक

    अपनी मंिज़ल सच की मंिज़ल अपना र�ा नेक,

  • 14)

    साथी हाथ बढ़ाना

    एक से एक िमले तो कतरा बन जाता है द�रया

    एक से एक िमले तो ज़रा� बन जाता है सेहरा

    एक से एक िमले तो राई बन सकता है पव�त

    एक से एक िमले तो इ�ान बस म� कर ले िक़�त,

    साथी हाथ बढ़ाना

    माटी से हम लाल िनकाल� मोती लाएं जल से

    जो कुछ इस दुिनया म� बना है बना हमारे बल से

    कब तक मेहनत के पैरो ंम� ये दौलत की ज़ंज़ीर�

    हाथ बढ़ाकर छीन लो अपने सपनो ंकी त�ीर� , साथी …

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    �� न: एक-से-एक राई िमले तो िकसका िनमा�ण संभव है?

    1. मकबरा

    2. �क़ला

    3. महल

    4. पव�त

    Correct Answer :-

    पव�त

    साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना

    एक अकेला थक जाएगा िमल कर बोझ उठाना

    साथी हाथ बढ़ाना

    हम मेहनतवालो ंने जब भी िमलकर क़दम बढ़ाया

    सागर ने र�ा छोड़ा पव�त ने शीश झुकाया

    फ़ौलादी ह� सीने अपने फ़ौलादी ह� बाँह�

    हम चाह� तो पैदा कर द�, च�ानो ंम� राह�,

    साथी हाथ बढ़ाना

    मेहनत अपनी लेख की रेखा मेहनत से �ा डरना

    कल ग़ैरो ंकी ख़ाितर की अब अपनी ख़ाितर करना

    अपना दुख भी एक है साथी अपना सुख भी एक

    अपनी मंिज़ल सच की मंिज़ल अपना र�ा नेक,

  • 15)

    साथी हाथ बढ़ाना

    एक से एक िमले तो कतरा बन जाता है द�रया

    एक से एक िमले तो ज़रा� बन जाता है सेहरा

    एक से एक िमले तो राई बन सकता है पव�त

    एक से एक िमले तो इ�ान बस म� कर ले िक़�त,

    साथी हाथ बढ़ाना

    माटी से हम लाल िनकाल� मोती लाएं जल से

    जो कुछ इस दुिनया म� बना है बना हमारे बल से

    कब तक मेहनत के पैरो ंम� ये दौलत की ज़ंज़ीर�

    हाथ बढ़ाकर छीन लो अपने सपनो ंकी त�ीर� , साथी …

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    �� न: किव के मुतािबक अपनी िक़�त को इंसान िकस �कार अपने वश म� कर सकता है?

    1. आपसी एकता और सहयोगी भाव से

    2. इनम� से कोई नह�ं

    3. चपुचाप रहने से

    4. पजूा-पाठ करके

    Correct Answer :-

    आपसी एकता और सहयोगी भाव से

    साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना

    एक अकेला थक जाएगा िमल कर बोझ उठाना

    साथी हाथ बढ़ाना

    हम मेहनतवालो ंने जब भी िमलकर क़दम बढ़ाया

    सागर ने र�ा छोड़ा पव�त ने शीश झुकाया

    फ़ौलादी ह� सीने अपने फ़ौलादी ह� बाँह�

    हम चाह� तो पैदा कर द�, च�ानो ंम� राह�,

    साथी हाथ बढ़ाना

    मेहनत अपनी लेख की रेखा मेहनत से �ा डरना

    कल ग़ैरो ंकी ख़ाितर की अब अपनी ख़ाितर करना

    अपना दुख भी एक है साथी अपना सुख भी एक

    अपनी मंिज़ल सच की मंिज़ल अपना र�ा नेक,

  • 16)

    साथी हाथ बढ़ाना

    एक से एक िमले तो कतरा बन जाता है द�रया

    एक से एक िमले तो ज़रा� बन जाता है सेहरा

    एक से एक िमले तो राई बन सकता है पव�त

    एक से एक िमले तो इ�ान बस म� कर ले िक़�त,

    साथी हाथ बढ़ाना

    माटी से हम लाल िनकाल� मोती लाएं जल से

    जो कुछ इस दुिनया म� बना है बना हमारे बल से

    कब तक मेहनत के पैरो ंम� ये दौलत की ज़ंज़ीर�

    हाथ बढ़ाकर छीन लो अपने सपनो ंकी त�ीर� , साथी …

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    �� न: िम�ी से लाल और जल से मोती कौन िनकाल कर लाता है?

    1. घरेल ू�िमक

    2. क�ठन प�र�मी मज़दरू

    3. बड़�-बड़� मशीन�

    4. राजे-महाराजे

    Correct Answer :-

    क�ठन प�र�मी मज़दरू

    न .करमा को नींद नह�ं आएगी।

    नए प�के मकान म� उसे कभी नींद नह�ं आती। चनूा और वा�न�श क� गंध के मारे उसक� कनपट� के पास हमेशा चौअ�नी-भर दद��चन�चनाता रहता है। परुानी लाइन के परुाने 'इि�टसन' सब हजार परुाने ह�, वहाँ नींद तो आती है।...ले, नाक के अदंर �फर सड़ुसड़ुीजगी ससरु�...! करमा छ�ंकने लगा। नए मकान म� उसक� छ�ंक गूँज उठ�। 'करमा, नींद नह�ं आती?' 'बाब'ू ने क� प-खाट पर करवट लेतेहुए पछूा। गमछे से नथनेु को साफ करत ेहुए करमा ने कहा - 'यहाँ नींद कभी नह�ं आएगी, म� जानता था, बाब!ू' 'मझु ेभी नींद नह�ंआएगी,' बाब ूने �सगरेट सलुगात ेहुए कहा - 'नई जगह म� पहल� रात मझु ेनींद नह�ं आती।' करमा पछूना चाहता था �क नए 'पो�ता'मकान म� बाब ूको भी चनेू क� गंध लगती है �या? कनपट� के पास दद� रहता है हमेशा �या?...बाब ूकोई गीत गुनगुनाने लगे। एक कु�ाग�त लगाता हुआ �सगनल-के�बन क� ओर से आया और बरामदे के पास आ कर �क गया। करमा चपुचाप कु�े क� नीयत को ताड़नेलगा। कु�े ने बाब ूक� ख�टया क� ओर थथुना ऊँचा करके हवा म� सूँघा। आगे बढ़ा। करमा समझ गया - ज�र जतूा-खोर कु�ा है,साला!... नह�,ं �सफ� सूँघ रहा था। कु�ा अब करमा क� ओर मड़ुा। हवा सूँघने लगा। �फर मसुा�फरखाने क� ओर दलुक� चाल से चलागया। बाब ूने पछूा - 'त�ुहारा नाम करमा है या करमचंद या करम?ू' ...सात �दन तक साथ रहने के बाद, आज आधी रात के पहर म�बाब ूने �दल खोल कर एक सवाल के जसैा सवाल �कया है। 'बाब,ू नाम तो मेरा करमा ह� है। वसेै लोग� के हजार मुँह ह�, हजार नामकहत ेह�।...�नताय बाब ूकोरमा कहत ेथे, घोस बाब ूकर�मा कह कर बलुात ेथे, �सघं जी ने ब �दन कामा ह� कहा और असगर बाब ूतोहमेशा करम-करम कहत ेथे। खशु रहने पर �द�लगी करत ेथे - हाय मेरे करम!...नाम म� �या है, बाब?ू जो

    मन म� आए क�हए। हजार नाम...!'

    'त�ुहारा घर संथाल परगना म� है, या राँची-हजार�बाग क� ओर?' करमा इस सवाल पर अचकचाया, जरा! ऐसे सवाल� के जवाब देत ेसमयवह रमत ेजोगी क� म�ुा बना लेता है।

    उपयु�� त ग�यांश को पढ़कर नीचे पछेू गए �� न का उ� तर बताइए।

  • 17)

    18)

    ��न: बाब ूने �या सलुगात ेहुए कहा, 'नई जगह म� पहल� रात मझु ेनींद नह�ं आती।'

    1. पाइप

    2. बीड़�

    3. हु�का

    4. िसगरेट

    Correct Answer :-

    िसगरेट

    न .करमा को नींद नह�ं आएगी।

    नए प�के मकान म� उसे कभी नींद नह�ं आती। चनूा और वा�न�श क� गंध के मारे उसक� कनपट� के पास हमेशा चौअ�नी-भर दद��चन�चनाता रहता है। परुानी लाइन के परुाने 'इि�टसन' सब हजार परुाने ह�, वहाँ नींद तो आती है।...ले, नाक के अदंर �फर सड़ुसड़ुीजगी ससरु�...! करमा छ�ंकने लगा। नए मकान म� उसक� छ�ंक गूँज उठ�। 'करमा, नींद नह�ं आती?' 'बाब'ू ने क� प-खाट पर करवट लेतेहुए पछूा। गमछे से नथनेु को साफ करत ेहुए करमा ने कहा - 'यहाँ नींद कभी नह�ं आएगी, म� जानता था, बाब!ू' 'मझु ेभी नींद नह�ंआएगी,' बाब ूने �सगरेट सलुगात ेहुए कहा - 'नई जगह म� पहल� रात मझु ेनींद नह�ं आती।' करमा पछूना चाहता था �क नए 'पो�ता'मकान म� बाब ूको भी चनेू क� गंध लगती है �या? कनपट� के पास दद� रहता है हमेशा �या?...बाब ूकोई गीत गुनगुनाने लगे। एक कु�ाग�त लगाता हुआ �सगनल-के�बन क� ओर से आया और बरामदे के पास आ कर �क गया। करमा चपुचाप कु�े क� नीयत को ताड़नेलगा। कु�े ने बाब ूक� ख�टया क� ओर थथुना ऊँचा करके हवा म� सूँघा। आगे बढ़ा। करमा समझ गया - ज�र जतूा-खोर कु�ा है,साला!... नह�,ं �सफ� सूँघ रहा था। कु�ा अब करमा क� ओर मड़ुा। हवा सूँघने लगा। �फर मसुा�फरखाने क� ओर दलुक� चाल से चलागया। बाब ूने पछूा - 'त�ुहारा नाम करमा है या करमचंद या करम?ू' ...सात �दन तक साथ रहने के बाद, आज आधी रात के पहर म�बाब ूने �दल खोल कर एक सवाल के जसैा सवाल �कया है। 'बाब,ू नाम तो मेरा करमा ह� है। वसेै लोग� के हजार मुँह ह�, हजार नामकहत ेह�।...�नताय बाब ूकोरमा कहत ेथे, घोस बाब ूकर�मा कह कर बलुात ेथे, �सघं जी ने ब �दन कामा ह� कहा और

    असगर बाब ूतो हमेशा करम-करम कहत ेथे। खशु रहने पर �द�लगी करत ेथे - हाय मेरे करम!...नाम म� �या है, बाब?ू जो मन म� आएक�हए। हजार नाम...!'

    'त�ुहारा घर संथाल परगना म� है, या राँची-हजार�बाग क� ओर?' करमा इस सवाल पर अचकचाया, जरा! ऐसे सवाल� के जवाब देत ेसमयवह रमत ेजोगी क� म�ुा बना लेता है।

    उपयु�� त ग�यांश को पढ़कर नीचे पछेू गए �� न का उ� तर बताइए।

    ��न: करमा चपुचाप �कसक� नीयत को ताड़ने लगा?

    1. बाब ूक�

    2. ग�गमनै क�

    3. �ाइवर क�

    4. कु�े क�

    Correct Answer :-

    कु�े क�

    न ...करमा को नींद नह�ं आएगी।

    नए प�के मकान म� उसे कभी नींद नह�ं आती। चनूा और वा�न�श क� गंध के मारे उसक� कनपट� के पास हमेशा चौअ�नी-भर दद��चन�चनाता रहता है। परुानी लाइन के परुाने 'इि�टसन' सब हजार परुाने ह�, वहाँ नींद तो आती है।...ले, नाक के अदंर �फर सड़ुसड़ुी

  • 19)

    जगी ससरु�...! करमा छ�ंकने लगा। नए मकान म� उसक� छ�ंक गूँज उठ�। 'करमा, नींद नह�ं आती?' 'बाब'ू ने क� प-खाट पर करवट लेतेहुए पछूा। गमछे से नथनेु को साफ करत ेहुए करमा ने कहा - 'यहाँ नींद कभी नह�ं आएगी, म� जानता था, बाब!ू' 'मझु ेभी नींद नह�ंआएगी,' बाब ूने �सगरेट सलुगात ेहुए कहा - 'नई जगह म� पहल� रात मझु ेनींद नह�ं आती।' करमा पछूना चाहता था �क नए 'पो�ता'मकान म� बाब ूको भी चनेू क� गंध लगती है �या? कनपट� के पास दद� रहता है हमेशा �या?...बाब ूकोई गीत गुनगुनाने लगे। एक कु�ाग�त लगाता हुआ �सगनल-के�बन क� ओर से आया और बरामदे के पास आ कर �क गया। करमा चपुचाप कु�े क� नीयत को ताड़नेलगा। कु�े ने बाब ूक� ख�टया क� ओर थथुना ऊँचा करके हवा म� सूँघा। आगे बढ़ा। करमा समझ गया - ज�र जतूा-खोर कु�ा है,साला!... नह�,ं �सफ� सूँघ रहा था। कु�ा अब करमा क� ओर मड़ुा। हवा सूँघने लगा। �फर मसुा�फरखाने क� ओर दलुक� चाल से चलागया। बाब ूने पछूा - 'त�ुहारा नाम करमा है या करमचंद या करम?ू' ...सात �दन तक साथ रहने के बाद, आज आधी रात के पहर म�बाब ूने �दल खोल कर एक सवाल के जसैा सवाल �कया है। 'बाब,ू नाम तो मेरा करमा ह� है। वसेै लोग� के हजार मुँह ह�, हजार नामकहत ेह�।...�नताय बाब ूकोरमा कहत ेथे, घोस बाब ूकर�मा कह कर बलुात ेथे, �सघं जी ने ब �दन कामा ह� कहा और

    असगर बाब ूतो हमेशा करम-करम कहत ेथे। खशु रहने पर �द�लगी करत ेथे - हाय मेरे करम!...नाम म� �या है, बाब?ू जो मन म� आएक�हए। हजार नाम...!'

    'त�ुहारा घर संथाल परगना म� है, या राँची-हजार�बाग क� ओर?' करमा इस सवाल पर अचकचाया, जरा! ऐसे सवाल� के जवाब देत ेसमयवह रमत ेजोगी क� म�ुा बना लेता है।

    उपयु�� त ग�यांश को पढ़कर नीचे पछेू गए �� न का उ� तर बताइए।

    ��न: 'त�ुहारा नाम करमा है या करमचंद या करम?ू' ये ��न �कसने �कया?

    1. बाब ूने

    2. �टेशन मा�टर ने

    3. गाड़� चालक ने

    4. मकान मािलक ने

    Correct Answer :-

    बाब ूने

    न ...करमा को नींद नह�ं आएगी।

    नए प�के मकान म� उसे कभी नींद नह�ं आती। चनूा और वा�न�श क� गंध के मारे उसक� कनपट� के पास हमेशा चौअ�नी-भर दद��चन�चनाता रहता है। परुानी लाइन के परुाने 'इि�टसन' सब हजार परुाने ह�, वहाँ नींद तो आती है।...ले, नाक के अदंर �फर सड़ुसड़ुीजगी ससरु�...! करमा छ�ंकने लगा। नए मकान म� उसक� छ�ंक गूँज उठ�। 'करमा, नींद नह�ं आती?' 'बाब'ू ने क� प-खाट पर करवट लेतेहुए पछूा। गमछे से नथनेु को साफ करत ेहुए करमा ने कहा - 'यहाँ नींद कभी नह�ं आएगी, म� जानता था, बाब!ू' 'मझु ेभी नींद नह�ंआएगी,' बाब ूने �सगरेट सलुगात ेहुए कहा - 'नई जगह म� पहल� रात मझु ेनींद नह�ं आती।' करमा पछूना चाहता था �क नए 'पो�ता'मकान म� बाब ूको भी चनेू क� गंध लगती है �या? कनपट� के पास दद� रहता है हमेशा �या?...बाब ूकोई गीत गुनगुनाने लगे। एक कु�ाग�त लगाता हुआ �सगनल-के�बन क� ओर से आया और बरामदे के पास आ कर �क गया। करमा चपुचाप कु�े क� नीयत को ताड़नेलगा। कु�े ने बाब ूक� ख�टया क� ओर थथुना ऊँचा करके हवा म� सूँघा। आगे बढ़ा। करमा समझ गया - ज�र जतूा-खोर कु�ा है,साला!... नह�,ं �सफ� सूँघ रहा था। कु�ा अब करमा क� ओर मड़ुा। हवा सूँघने लगा। �फर मसुा�फरखाने क� ओर दलुक� चाल से चलागया। बाब ूने पछूा - 'त�ुहारा नाम करमा है या करमचंद या करम?ू' ...सात �दन तक साथ रहने के बाद, आज आधी रात के पहर म�बाब ूने �दल खोल कर एक सवाल के जसैा सवाल �कया है। 'बाब,ू नाम तो मेरा करमा ह� है। वसेै लोग� के हजार मुँह ह�, हजार नामकहत ेह�।...�नताय बाब ूकोरमा कहत ेथे, घोस बाब ूकर�मा कह कर बलुात ेथे, �सघं जी ने ब �दन कामा ह� कहा और असगर बाब ूतोहमेशा करम-करम कहत ेथे। खशु

    रहने पर �द�लगी करत ेथे - हाय मेरे करम!...नाम म� �या है, बाब?ू जो मन म� आए क�हए। हजार नाम...!'

    'त�ुहारा घर संथाल परगना म� है, या राँची-हजार�बाग क� ओर?' करमा इस सवाल पर अचकचाया, जरा! ऐसे सवाल� के जवाब देत ेसमयवह रमत ेजोगी क� म�ुा बना लेता है।

    उपयु�� त ग�यांश को पढ़कर नीचे पछेू गए �� न का उ� तर बताइए।

    ��न: �स�नल के�बन क� ओर से ग�त लगाता हुआ कौन आया?

  • 20)

    21)

    1. ग�गमनै

    2. चौक�दार

    3. पटैमनै

    4. कु�ा

    Correct Answer :-

    कु�ा

    न ...करमा को नींद नह�ं आएगी।

    नए प�के मकान म� उसे कभी नींद नह�ं आती। चनूा और वा�न�श क� गंध के मारे उसक� कनपट� के पास हमेशा चौअ�नी-भर दद��चन�चनाता रहता है। परुानी लाइन के परुाने 'इि�टसन' सब हजार परुाने ह�, वहाँ नींद तो आती है।...ले, नाक के अदंर �फर सड़ुसड़ुीजगी ससरु�...! करमा छ�ंकने लगा। नए मकान म� उसक� छ�ंक गूँज उठ�। 'करमा, नींद नह�ं आती?' 'बाब'ू ने क� प-खाट पर करवट लेतेहुए पछूा। गमछे से नथनेु को साफ करत ेहुए करमा ने कहा - 'यहाँ नींद कभी नह�ं आएगी, म� जानता था, बाब!ू' 'मझु ेभी नींद नह�ंआएगी,' बाब ूने �सगरेट सलुगात ेहुए कहा - 'नई जगह म� पहल� रात मझु ेनींद नह�ं आती।' करमा पछूना चाहता था �क नए 'पो�ता'मकान म� बाब ूको भी चनेू क� गंध लगती है �या? कनपट� के पास दद� रहता है हमेशा �या?...बाब ूकोई गीत गुनगुनाने लगे। एक कु�ाग�त लगाता हुआ �सगनल-के�बन क� ओर से आया और बरामदे के पास आ कर �क गया। करमा चपुचाप कु�े क� नीयत को ताड़नेलगा। कु�े ने बाब ूक� ख�टया क� ओर थथुना ऊँचा करके हवा म� सूँघा। आगे बढ़ा। करमा समझ गया - ज�र जतूा-खोर कु�ा है,साला!... नह�,ं �सफ� सूँघ रहा था। कु�ा अब करमा क� ओर मड़ुा। हवा सूँघने लगा। �फर मसुा�फरखाने क� ओर दलुक� चाल से चलागया। बाब ूने पछूा - 'त�ुहारा नाम करमा है या करमचंद या करम?ू' ...सात �दन तक साथ रहने के बाद, आज आधी रात के पहर म�बाब ूने �दल खोल कर एक सवाल के जसैा सवाल �कया है। 'बाब,ू नाम तो मेरा करमा ह� है। वसेै लोग� के हजार मुँह ह�, हजार नामकहत ेह�।...�नताय बाब ूकोरमा कहत ेथे, घोस बाब ूकर�मा कह कर बलुात ेथे, �सघं जी ने ब �दन कामा ह� कहा और असगर बाब ूतोहमेशा करम-करम कहत ेथे। खशु

    रहने पर �द�लगी करत ेथे - हाय मेरे करम!...नाम म� �या है, बाब?ू जो मन म� आए क�हए। हजार नाम...!'

    'त�ुहारा घर संथाल परगना म� है, या राँची-हजार�बाग क� ओर?' करमा इस सवाल पर अचकचाया, जरा! ऐसे सवाल� के जवाब देत ेसमयवह रमत ेजोगी क� म�ुा बना लेता है।

    उपयु�� त ग�यांश को पढ़कर नीचे पछेू गए �� न का उ� तर बताइए।

    ��न: वह पछूना चाहता था, नए �न�न�ल�खत मकान म� बाब ूको भी चनेू क� गंध लगती है?

    1. नये कमरे म�

    2. ‘पो�ता’ मकान

    3. ‘क�चे’ मकान

    4. ‘प�के’ मकान

    Correct Answer :-

    ‘पो�ता’ मकान

    न ...करमा को नींद नह�ं आएगी।

    नए प�के मकान म� उसे कभी नींद नह�ं आती। चनूा और वा�न�श क� गंध के मारे उसक� कनपट� के पास हमेशा चौअ�नी-भर दद��चन�चनाता रहता है। परुानी लाइन के परुाने 'इि�टसन' सब हजार परुाने ह�, वहाँ नींद तो आती है।...ले, नाक के अदंर �फर सड़ुसड़ुीजगी ससरु�...! करमा छ�ंकने लगा। नए मकान म� उसक� छ�ंक गूँज उठ�। 'करमा, नींद नह�ं आती?' 'बाब'ू ने क� प-खाट पर करवट लेतेहुए पछूा। गमछे से नथनेु को साफ करत ेहुए करमा ने कहा - 'यहाँ नींद कभी नह�ं आएगी, म� जानता था, बाब!ू' 'मझु ेभी नींद नह�ं

  • 22)

    आएगी,' बाब ूने �सगरेट सलुगात ेहुए कहा - 'नई जगह म� पहल� रात मझु ेनींद नह�ं आती।' करमा पछूना चाहता था �क नए 'पो�ता'मकान म� बाब ूको भी चनेू क� गंध लगती है �या? कनपट� के पास दद� रहता है हमेशा �या?...बाब ूकोई गीत गुनगुनाने लगे। एक कु�ाग�त लगाता हुआ �सगनल-के�बन क� ओर से आया और बरामदे के पास आ कर �क गया। करमा चपुचाप कु�े क� नीयत को ताड़नेलगा। कु�े ने बाब ूक� ख�टया क� ओर थथुना ऊँचा करके हवा म� सूँघा। आगे बढ़ा। करमा समझ गया - ज�र जतूा-खोर कु�ा है,साला!... नह�,ं �सफ� सूँघ रहा था। कु�ा अब करमा क� ओर मड़ुा। हवा सूँघने लगा। �फर मसुा�फरखाने क� ओर दलुक� चाल से चलागया। बाब ूने पछूा - 'त�ुहारा नाम करमा है या करमचंद या करम?ू' ...सात �दन तक साथ रहने के बाद, आज आधी रात के पहर म�बाब ूने �दल खोल कर एक सवाल के जसैा सवाल �कया है। 'बाब,ू नाम तो मेरा करमा ह� है। वसेै लोग� के हजार मुँह ह�, हजार नामकहत ेह�।...�नताय बाब ूकोरमा कहत ेथे, घोस बाब ूकर�मा कह कर बलुात ेथे, �सघं जी ने ब �दन कामा ह� कहा और असगर बाब ूतोहमेशा करम-करम कहत ेथे। खशु

    रहने पर �द�लगी करत ेथे - हाय मेरे करम!...नाम म� �या है, बाब?ू जो मन म� आए क�हए। हजार नाम...!'

    'त�ुहारा घर संथाल परगना म� है, या राँची-हजार�बाग क� ओर?' करमा इस सवाल पर अचकचाया, जरा! ऐसे सवाल� के जवाब देत ेसमयवह रमत ेजोगी क� म�ुा बना लेता है।

    उपयु�� त ग�यांश को पढ़कर नीचे पछेू गए �� न का उ� तर बताइए।

    ��न: परुानी लाइन के परुाने �कस �थान पर करम ूको नींद आ जाती है?

    1. आगँन म�

    2. 'इ��टसन' पर

    3. घर म�

    4. चबतूरे पर

    Correct Answer :-

    'इ��टसन' पर

    न ...करमा को नींद नह�ं आएगी।

    नए प�के मकान म� उसे कभी नींद नह�ं आती। चनूा और वा�न�श क� गंध के मारे उसक� कनपट� के पास हमेशा चौअ�नी-भर दद��चन�चनाता रहता है। परुानी लाइन के परुाने 'इि�टसन' सब हजार परुाने ह�, वहाँ नींद तो आती है।...ले, नाक के अदंर �फर सड़ुसड़ुीजगी ससरु�...! करमा छ�ंकने लगा। नए मकान म� उसक� छ�ंक गूँज उठ�। 'करमा, नींद नह�ं आती?' 'बाब'ू ने क� प-खाट पर करवट लेतेहुए पछूा। गमछे से नथनेु को साफ करत ेहुए करमा ने कहा - 'यहाँ नींद कभी नह�ं आएगी, म� जानता था, बाब!ू' 'मझु ेभी नींद नह�ंआएगी,' बाब ूने �सगरेट सलुगात ेहुए कहा - 'नई जगह म� पहल� रात मझु ेनींद नह�ं आती।' करमा पछूना चाहता था �क नए 'पो�ता'मकान म� बाब ूको भी चनेू क� गंध लगती है �या? कनपट� के पास दद� रहता है हमेशा �या?...बाब ूकोई गीत गुनगुनाने लगे। एक कु�ाग�त लगाता हुआ �सगनल-के�बन क� ओर से आया और बरामदे के पास आ कर �क गया। करमा चपुचाप कु�े क� नीयत को ताड़नेलगा। कु�े ने बाब ूक� ख�टया क� ओर थथुना ऊँचा करके हवा म� सूँघा। आगे बढ़ा। करमा समझ गया - ज�र जतूा-खोर कु�ा है,साला!... नह�,ं �सफ� सूँघ रहा था। कु�ा अब करमा क� ओर मड़ुा। हवा सूँघने लगा। �फर मसुा�फरखाने क� ओर दलुक� चाल से चलागया। बाब ूने पछूा - 'त�ुहारा नाम करमा है या करमचंद या करम?ू' ...सात �दन तक साथ रहने के बाद, आज आधी रात के पहर म�बाब ूने �दल खोल कर एक सवाल के जसैा सवाल �कया है। 'बाब,ू नाम तो मेरा करमा ह� है। वसेै लोग� के हजार मुँह ह�, हजार नामकहत ेह�।...�नताय बाब ूकोरमा कहत ेथे, घोस बाब ूकर�मा कह कर बलुात ेथे, �सघं जी ने ब �दन कामा ह� कहा और असगर बाब ूतोहमेशा करम-करम कहत ेथे। खशु

    रहने पर �द�लगी करत ेथे - हाय मेरे करम!...नाम म� �या है, बाब?ू जो मन म� आए क�हए। हजार नाम...!'

    'त�ुहारा घर संथाल परगना म� है, या राँची-हजार�बाग क� ओर?' करमा इस सवाल पर अचकचाया, जरा! ऐसे सवाल� के जवाब देत ेसमयवह रमत ेजोगी क� म�ुा बना लेता है।

    उपयु�� त ग�यांश को पढ़कर नीचे पछेू गए �� न का उ� तर बताइए।

    ��न: चनूा और वा�न�श क� गंध के मारे उसक� कनपट� के पास �कतना दद� रहता था?

    1. आधे िसर म�

  • 23)

    24)

    2. अठ�नी भर

    3. परेू िसर म�

    4. चौअ�नी भर

    Correct Answer :-

    चौअ�नी भर

    न ...करमा को नींद नह�ं आएगी।

    नए प�के मकान म� उसे कभी नींद नह�ं आती। चनूा और वा�न�श क� गंध के मारे उसक� कनपट� के पास हमेशा चौअ�नी-भर दद��चन�चनाता रहता है। परुानी लाइन के परुाने 'इि�टसन' सब हजार परुाने ह�, वहाँ नींद तो आती है।...ले, नाक के अदंर �फर सड़ुसड़ुीजगी ससरु�...! करमा छ�ंकने लगा। नए मकान म� उसक� छ�ंक गूँज उठ�। 'करमा, नींद नह�ं आती?' 'बाब'ू ने क� प-खाट पर करवट लेतेहुए पछूा। गमछे से नथनेु को साफ करत ेहुए करमा ने कहा - 'यहाँ नींद कभी नह�ं आएगी, म� जानता था, बाब!ू' 'मझु ेभी नींद नह�ंआएगी,' बाब ूने �सगरेट सलुगात ेहुए कहा - 'नई जगह म� पहल� रात मझु ेनींद नह�ं आती।' करमा पछूना चाहता था �क नए 'पो�ता'मकान म� बाब ूको भी चनेू क� गंध लगती है �या? कनपट� के पास दद� रहता है हमेशा �या?...बाब ूकोई गीत गुनगुनाने लगे। एक कु�ाग�त लगाता हुआ �सगनल-के�बन क� ओर से आया और बरामदे के पास आ कर �क गया। करमा चपुचाप कु�े क� नीयत को ताड़नेलगा। कु�े ने बाब ूक� ख�टया क� ओर थथुना ऊँचा करके हवा म� सूँघा। आगे बढ़ा। करमा समझ गया - ज�र जतूा-खोर कु�ा है,साला!... नह�,ं �सफ� सूँघ रहा था। कु�ा अब करमा क� ओर मड़ुा। हवा सूँघने लगा। �फर मसुा�फरखाने क� ओर दलुक� चाल से चलागया। बाब ूने पछूा - 'त�ुहारा नाम करमा है या करमचंद या करम?ू' ...सात �दन तक साथ रहने के बाद, आज आधी रात के पहर म�बाब ूने �दल खोल कर एक सवाल के जसैा सवाल �कया है। 'बाब,ू नाम तो मेरा करमा ह� है। वसेै लोग� के हजार मुँह ह�, हजार नामकहत ेह�।...�नताय बाब ूकोरमा कहत ेथे, घोस बाब ूकर�मा कह कर बलुात ेथे, �सघं जी ने ब �दन कामा ह� कहा और असगर बाब ूतोहमेशा करम-करम कहत ेथे। खशु रहने पर �द�लगी करत ेथे - हाय मेरे करम!...नाम म� �या है, बाब?ू जो मन म� आए क�हए। हजारनाम...!'

    'त�ुहारा घर संथाल परगना म� है, या राँची-हजार�बाग क� ओर?' करमा इस सवाल पर अचकचाया, जरा! ऐसे सवाल� के जवाब देत ेसमयवह रमत ेजोगी क� म�ुा बना लेता है।

    उपयु�� त ग�यांश को पढ़कर नीचे पछेू गए �� न का उ� तर बताइए।

    ��न: करमा को कहाँ नींद नह�ं आती है?

    1. नए प�के मकान म�

    2. गम� म�

    3. अधेँर� रात म�

    4. सद� म�

    Correct Answer :-

    नए प�के मकान म�

    न ...करमा को नींद नह�ं आएगी।

    नए प�के मकान म� उसे कभी नींद नह�ं आती। चनूा और वा�न�श क� गंध के मारे उसक� कनपट� के पास हमेशा चौअ�नी-भर दद��चन�चनाता रहता है। परुानी लाइन के परुाने 'इि�टसन' सब हजार परुाने ह�, वहाँ नींद तो आती है।...ले, नाक के अदंर �फर सड़ुसड़ुीजगी ससरु�...! करमा छ�ंकने लगा। नए मकान म� उसक� छ�ंक गूँज उठ�। 'करमा, नींद नह�ं आती?' 'बाब'ू ने क� प-खाट पर करवट लेतेहुए पछूा। गमछे से नथनेु को साफ करत ेहुए करमा ने कहा - 'यहाँ नींद कभी नह�ं आएगी, म� जानता था, बाब!ू' 'मझु ेभी नींद नह�ंआएगी,' बाब ूने �सगरेट सलुगात ेहुए कहा - 'नई जगह म� पहल� रात मझु ेनींद नह�ं आती।' करमा पछूना चाहता था �क नए 'पो�ता'मकान म� बाब ूको भी चनेू क� गंध लगती है �या? कनपट� के पास दद� रहता है हमेशा �या?...बाब ूकोई गीत गुनगुनाने लगे। एक कु�ाग�त लगाता हुआ �सगनल-के�बन क� ओर से आया और बरामदे के पास आ कर �क गया। करमा चपुचाप कु�े क� नीयत को ताड़ने

  • 25)

    ु ुलगा। कु�े ने बाब ूक� ख�टया क� ओर थथुना ऊँचा करके हवा म� सूँघा। आगे बढ़ा। करमा समझ गया - ज�र जतूा-खोर कु�ा है,साला!... नह�,ं �सफ� सूँघ रहा था। कु�ा अब करमा क� ओर मड़ुा। हवा सूँघने लगा। �फर मसुा�फरखाने क� ओर दलुक� चाल से चलागया। बाब ूने पछूा - 'त�ुहारा नाम करमा है या करमचंद या करम?ू' ...सात �दन तक साथ रहने के बाद, आज आधी रात के पहर म�बाब ूने �दल खोल कर एक सवाल के जसैा सवाल �कया है। 'बाब,ू नाम तो मेरा करमा ह� है। वसेै लोग� के हजार मुँह ह�, हजार नामकहत ेह�।...�नताय बाब ूकोरमा कहत ेथे, घोस बाब ूकर�मा कह कर बलुात ेथे, �सघं जी ने ब �दन कामा ह� कहा और असगर बाब ूतोहमेशा करम-करम कहत ेथे। खशु रहने पर �द�लगी करत ेथे - हाय मेरे करम!...नाम म� �या है, बाब?ू जो मन म� आए क�हए। हजारनाम...!'

    'त�ुहारा घर संथाल परगना म� है, या राँची-हजार�बाग क� ओर?' करमा इस सवाल पर अचकचाया, जरा! ऐसे सवाल� के जवाब देत ेसमयवह रमत ेजोगी क� म�ुा बना लेता है।

    उपयु�� त ग�यांश को पढ़कर नीचे पछेू गए �� न का उ� तर बताइए।

    ��न: कु�ा करमा क� ओर मड़ु कर �या सूँघने लगा?

    1. घर

    2. ज़मीन

    3. करमा क� देह

    4. हवा

    Correct Answer :-

    हवा

    न करमा को नींद नह�ं आएगी।

    नए प�के मकान म� उसे कभी नींद नह�ं आती। चनूा और वा�न�श क� गंध के मारे उसक� कनपट� के पास हमेशा चौअ�नी-भर दद��चन�चनाता रहता है। परुानी लाइन के परुाने 'इि�टसन' सब हजार परुाने ह�, वहाँ नींद तो आती है।...ले, नाक के अदंर �फर सड़ुसड़ुीजगी ससरु�...! करमा छ�ंकने लगा। नए मकान म� उसक� छ�ंक गूँज उठ�। 'करमा, नींद नह�ं आती?' 'बाब'ू ने क� प-खाट पर करवट लेतेहुए पछूा। गमछे से नथनेु को साफ करत ेहुए करमा ने कहा - 'यहाँ नींद कभी नह�ं आएगी, म� जानता था, बाब!ू' 'मझु ेभी नींद नह�ंआएगी,' बाब ूने �सगरेट सलुगात ेहुए कहा - 'नई जगह म� पहल� रात मझु ेनींद नह�ं आती।' करमा पछूना चाहता था �क नए 'पो�ता'मकान म� बाब ूको भी चनेू क� गंध लगती है �या? कनपट� के पास दद� रहता है हमेशा �या?...बाब ूकोई गीत गुनगुनाने लगे। एक कु�ाग�त लगाता हुआ �सगनल-के�बन क� ओर से आया और बरामदे के पास आ कर �क गया। करमा चपुचाप कु�े क� नीयत को ताड़नेलगा। कु�े ने बाब ूक� ख�टया क� ओर थथुना ऊँचा करके हवा म� सूँघा। आगे बढ़ा। करमा समझ गया - ज�र जतूा-खोर कु�ा है,साला!... नह�,ं �सफ� सूँघ रहा था। कु�ा अब करमा क� ओर मड़ुा। हवा सूँघने लगा। �फर मसुा�फरखाने क� ओर दलुक� चाल से चलागया। बाब ूने पछूा - 'त�ुहारा नाम करमा है या करमचंद या करम?ू' ...सात �दन तक साथ रहने के बाद, आज आधी रात के पहर म�बाब ूने �दल खोल कर एक सवाल के जसैा सवाल �कया है। 'बाब,ू नाम तो मेरा करमा ह� है। वसेै लोग� के हजार मुँह ह�, हजार नामकहत ेह�।...�नताय बाब ूकोरमा कहत ेथे, घोस बाब ूकर�मा कह कर बलुात ेथे, �सघं जी ने ब �दन कामा ह� कहा और

    असगर बाब ूतो हमेशा करम-करम कहत ेथे। खशु रहने पर �द�लगी करत ेथे - हाय मेरे करम!...नाम म� �या है, बाब?ू जो मन म� आएक�हए। हजार नाम...!'

    'त�ुहारा घर संथाल परगना म� है, या राँची-हजार�बाग क� ओर?' करमा इस सवाल पर अचकचाया, जरा! ऐसे सवाल� के जवाब देत ेसमयवह रमत ेजोगी क� म�ुा बना लेता है।

    उपयु�� त ग�यांश को पढ़कर नीचे पछेू गए �� न का उ� तर बताइए।

    ��न: कु�ा मसुा�फरखाने क� ओर कैसी चाल से चला गया?

    1. तेज चाल

    2. म�यम चाल

    3. धीमी चाल

  • 26)

    27)

    4. दलुक� चाल

    Correct Answer :-

    दलुक� चाल

    न करमा को नींद नह�ं आएगी।

    नए प�के मकान म� उसे कभी नींद नह�ं आती। चनूा और वा�न�श क� गंध के मारे उसक� कनपट� के पास हमेशा चौअ�नी-भर दद��चन�चनाता रहता है। परुानी लाइन के परुाने 'इि�टसन' सब हजार परुाने ह�, वहाँ नींद तो आती है।...ले, नाक के अदंर �फर सड़ुसड़ुीजगी ससरु�...! करमा छ�ंकने लगा। नए मकान म� उसक� छ�ंक गूँज उठ�। 'करमा, नींद नह�ं आती?' 'बाब'ू ने क� प-खाट पर करवट लेतेहुए पछूा। गमछे से नथनेु को साफ करत ेहुए करमा ने कहा - 'यहाँ नींद कभी नह�ं आएगी, म� जानता था, बाब!ू' 'मझु ेभी नींद नह�ंआएगी,' बाब ूने �सगरेट सलुगात ेहुए कहा - 'नई जगह म� पहल� रात मझु ेनींद नह�ं आती।' करमा पछूना चाहता था �क नए 'पो�ता'मकान म� बाब ूको भी चनेू क� गंध लगती है �या? कनपट� के पास दद� रहता है हमेशा �या?...बाब ूकोई गीत गुनगुनाने लगे। एक कु�ाग�त लगाता हुआ �सगनल-के�बन क� ओर से आया और बरामदे के पास आ कर �क गया। करमा चपुचाप कु�े क� नीयत को ताड़नेलगा। कु�े ने बाब ूक� ख�टया क� ओर थथुना ऊँचा करके हवा म� सूँघा। आगे बढ़ा। करमा समझ गया - ज�र जतूा-खोर कु�ा है,साला!... नह�,ं �सफ