भारत के मजदूर आंदोलन के सम...

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भारत के मजदूर आंदोलन के सम¢ चुनौǓतयां सुरेÛġ Ĥताप 1 बदलाव ĤĐǓत का Ǔनयम है। कोई भी चीज िèथर नहȣं रहती है और कोई भी चीज अपǐरवत[नीय नहȣं रह सकती है। लेकन बदलाव कȧ ĤĐǓत और गǓत कȧ Ǒदशा Ǔनिæचत नहȣं होती। समाज के संदभ[ मɅ यह कसी भी काल खंड मɅ कसी भी देश-राÏय मɅ परèपर वरोधी वगɟ के शिÈत संतुलन पर Ǔनभ[र करती है। कसी भी देश मɅ यह शिÈत संतुलन èथानीय कारकɉ के अलावा उस कालखंड मɅ दुǓनया मɅ वग[ शिÈतयɉ के संतुलन से भी पूरȣ तरह Ĥभावत होता है। इǓतहास के पीछे कȧ Ǒदशा मɅ जाने कȧ संभावना तो लगभग नहȣं के बराबर हȣ होती है Èयɉक पछले समाज कȧ पोषक शिÈतयɉ का अंत करके हȣ नया समाज बनता है। समाज मɅ पैदा हु ई नयी वरोधी शिÈतयां उसे अपनी-अपनी Ǒदशा मɅ ले जाने के लए संघष[रत होती हɇ और यह कस तरफ जाएगा और कस गǓत से जाएगा और कसके Ǒहतɉ को Ĥधानता देने वाला समाज बनेगा यह उस समय मौजूदा वग[ शिÈतयɉ के संतुलन से हȣ तय होता है। पछले दशकɉ मɅ भी देश और दुǓनया बदलȣ है। यह 1947 से पहले कȧ दुǓनया और देश नहȣं है और यह स××ार या अèसी के दशक कȧ दुǓनया और देश भी नहȣं रहा। मजदूर आंदोलन कȧ मौजूदा चुनौǓतयɉ को समझने के लये यह जानना जǾरȣ है क देश और दुǓनया कȧ सामािजक राजनीǓतक आथ[क åयवèथा मɅ और वग[ शिÈतयɉ के संतुलन मɅ आखर Èया बुǓनयादȣ बदलाव हु ए हɇ और यह बदलाव कै से हु ए। सार Ǿप मɅ कहा जाय तो वæव पूंजी ने अपने संकटɉ का समाधान करने के लये एक नयी वæव åयवèथा बनायी और उसने अपने संकटɉ के समाधान के लये जो रणनीǓत अपनायी उसने मजदूर वग[ को संकट मɅ धके ल Ǒदया। 1. नयी वæवåयवèथा कै से अिèत×व मɅ आयी पचास से स××ार तक के दशक पर गौर करɅ तो उस समय दुǓनया के èतर पर उपǓनवेशवाद को लगभग पूरȣ तरह परािजत कया जा चुका था। यह साĨाÏयवादȣ देशɉ कȧ पूंजी के लये बहु त बडा संकट था। उपǓनवेश काल मɅ लगभग पूरȣ दुǓनया के ĤाĐǓतक संसाधनɉ पर और बाजार पर अलग-अलग साĨाÏयवादȣ देशɉ का कÞजा था और इसी कȧ बदौलत उनके उµयɉगɉ का, उनकȧ पूंजी का और उनके समाज का अपरंपार वकास हु आ। दूसरȣतरफ, उÛहɉने तीसरȣ दुǓनया के उµयोगɉ को पूरȣ तरह तबाह कर Ǒदया और इससे वे अवकसत होते गये। इसका इसी 1 यह लेख के दार दास इंèटȣ®यूट पटना मɅ Ǒदये गये के दार दास मेमोǐरयल लेÈचर का संशोधत और पǐरमािज[त Ǿप है

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Page 1: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

भारत क मजदर आदोलन क सम चनौ तया सर ताप1

बदलाव त का नयम ह कोई भी चीज ि थर नह रहती ह और कोई भी चीज अप रवतनीय नह रह सकती

ह ल कन बदलाव क त और ग त क दशा नि चत नह होती समाज क सदभ म यह कसी भी काल

खड म कसी भी दश-रा य म पर पर वरोधी वग क शि त सतलन पर नभर करती ह कसी भी दश म यह

शि त सतलन थानीय कारक क अलावा उस कालखड म द नया म वग शि तय क सतलन स भी पर तरह

भा वत होता ह इ तहास क पीछ क दशा म जान क सभावना तो लगभग नह क बराबर ह होती ह य क

पछल समाज क पोषक शि तय का अत करक ह नया समाज बनता ह समाज म पदा ह ई नयी वरोधी

शि तया उस अपनी-अपनी दशा म ल जान क लए सघषरत होती ह और यह कस तरफ जाएगा और कस

ग त स जाएगा और कसक हत को धानता दन वाला समाज बनगा यह उस समय मौजदा वग शि तय क

सतलन स ह तय होता ह

पछल दशक म भी दश और द नया बदल ह यह 1947 स पहल क द नया और दश नह ह और यह स ार

या अ सी क दशक क द नया और दश भी नह रहा मजदर आदोलन क मौजदा चनौ तय को समझन क लय

यह जानना ज र ह क दश और द नया क सामािजक राजनी तक आ थक यव था म और वग शि तय क

सतलन म आ खर या ब नयाद बदलाव ह ए ह और यह बदलाव कस ह ए सार प म कहा जाय तो व व पजी

न अपन सकट का समाधान करन क लय एक नयी व व यव था बनायी और उसन अपन सकट क समाधान

क लय जो रणनी त अपनायी उसन मजदर वग को सकट म धकल दया

1 नयी व व यव था कस अि त व म आयी

पचास स स ार तक क दशक पर गौर कर तो उस समय द नया क तर पर उप नवशवाद को लगभग पर तरह

परािजत कया जा चका था यह सा ा यवाद दश क प जी क लय बह त बडा सकट था उप नवश काल म

लगभग पर द नया क ा तक ससाधन पर और बाजार पर अलग-अलग सा ा यवाद दश का क जा था और

इसी क बदौलत उनक उ य ग का उनक प जी का और उनक समाज का अपरपार वकास हआ दसर तरफ

उ ह न तीसर द नया क उ योग को पर तरह तबाह कर दया और इसस व अ वक सत होत गय इसका इसी

1 यह लख कदार दास इ ट यट पटना म दय गय कदार दास ममो रयल ल चर का सशो धत और प रमािजत प ह

स अदाजा लगाया जा सकता ह क उप नवश काल म भारत म भार पमान पर शहर आबाद का गाव म

पलायन हआ और खती पर आबाद का बोझ बह त बढ गया

ल कन उप नवशवाद क ख म होन क बाद यह प रि थ त काफ हद तक ख म हो गयी और सबस बडी बात

द नया क बड ह स म सा ा यवाद दश क प जी नवश क रा त भी सकड गय प जी का व तार ह प जी

का जीवन ह और उसक व तार का क जाना ह उसक मौत ह स ार स पहल यह सकट सतह पर कट नह

हआ य क य ध स तबाह यरोप क पन नमाण क लय प जी नवश क अपार सभावनाए मौजद थी ल कन

स तर क दशक तक आत आत यह सभावनाए शष हो गयी और सकट सतह पर आ गया सकट का व प यह

था क भार प जी बरोजगार थी और मनाफा द सकन वाल नवश क सभावनाए उपल ध नह थी इस इसी स

समझा जा सकता ह क वकासदर 3 फ सद स कम चल जाना सकट माना जाता ह और स तर क दशक म

सा ा यवाद दश म वकास दर उसस नीच जा रह थी और 3 वकास दर पाना और बनाय रखना तभी सभव

था जब उ ह द नया म कह 4 खरब डालर नवश करन का मौका मल 2000 क दशक म यह ज रत 15

खरब डालर पर पह च गयी स तर क दशक स 2000 क दशक क बीच व व उ पादन मता म बढो तर क

दर 551 स गरकर 109 हो गयी सय उपयोग या उ पादन मता का उपयोग सफ 76 रह गया

मनाफ क दर म भी भार गरावट ह ई उदाहरण क तौर पर अमर का क जनरल इलि क और जनरल मोटस

क मनाफ क दर 20 स गरकर 5 पर पह च गयी और इसका भी 40 उ पादन क बजाय स टाबाजार स

आ रहा था इस हालात म सा ा यवाद प जी क लय यह जीवन मरण का सकट था क वह द नया क मौजदा

यव था को बदलकर एक ऐसी यव था बनाए जो ि फर स एक नय प म द नया को उनक प जी क लय

खल चरागाह म बदल द शतान तो व थ ह इन बर प र थ तय म व और बड शतान बनत गय एक तरफ

उ पादन स कटकर प जी लगातार परजीवी बनती गयी और 1980 और 2000 क बीच स टाबाजार म लगन वाल

प जी का ह सा बढकर 25 हो गया जो 1950 और 1980 क बीच मा 15 था दसर तरफ व एक दसर को

नगलकर और आपस म गठबधन करक भी बड स और बड शतान बनत गय इडोन सया और चल म

ाि तका रय का क लआम और त तापलट और इसम सा ा यवाद दश और उनक कछ बडी कप नय क

लगभग खल स ल तता उनक शतानी ताकत और इराद को ह दखात थ

दसर तरफ द नया क अ धकाश ह स म मजदर आ दोलन का एक बडा ह सा समाजवाद या अ धक स

अ धक जनवाद और समतावाद समाज बनान क लए सघषरत था द नया क एक अ छ-खास ह स म कसी

न कसी तरह क समाजवाद ताकत जीत चक थी और कसी न कसी तरह क समाजवाद समाज क नमाण

का यास कर रह थी उदाहरण क तौर पर स चीन यबा वयतनाम और पव यरोप क दश अ य दश म

भी खासकर उन दश म जो अभी-अभी उप नवशवाद स म त ह ए थ वहा उप नवशवाद वरोधी सघष क दौर म

मजदर वग का एक बह त मजबत आ दोलन पदा हआ था और उसका बडा ह सा समाजवाद आ दोलन का अग

था और अपन दश म समाजवाद या अ धक स अ धक जनवाद और समतावाद समाज बनान क लए सघषरत

था इसस प ट होता ह क उस कालखड म प जीवाद और समाजवाद आमन सामन खड थ और द नया का कोई

भी दश इस सघष स अछता नह था

उप नवशवाद स म त ह ए दश म सघष क एक खास वशषता दखाई दती ह उप नवशवाद क खलाफ लडाई

दशी प जीप तय क भी हत म थी य क उप नवशवाद इन दश म प जीवाद का वकास नह होन द रहा था

और इस लय प जीप त वग या कम स कम उसका एक बडा ह सा भी इस लडाई म कसी न कसी प म

शा मल था ल कन प जीप त वग और मजदर वग का च र और उनक हत ब कल अलग थ प जीप त वग

उप नवशवाद का अत तो चाहता था ल कन सा ा यवाद प जी स पर तरह नाता नह तोडना चाहता था य क

उप नवशवाद को अगर हटा दया जाय तो व भी तो इनक भाई ह थ जब क मजदरवग सा ा यवाद का पर

तरह खा मा करना चाहता था और उसस कोई समझौता नह करना चाहता था प जीप त वग क भीतर भी मलत

सा ा यवाद पर त और मलत सा ा यवाद वरोधी ह स क बीच अतर वरोध था और ल कन जहा कह मजदर

वग उप नवशवाद वरोधी सघष म नणायक शि ा बनकर उभर सका वह पर यह अतर वरोध तीखा होकर सतह

पर कट हआ और उनका मलत सा ा यवाद वरोधी ह सा कसी न कसी प म मजदर वग क साथ कसी न

कसी तरह क साझ मोच म शा मल हआ उदाहरण क तौर पर चीन म और इडोन सया म ल कन जहा पर

शि त सतलन म मजदरवग नणायक शि त बनकर नह उभर सका और प जीप त वग उप नवशवाद वरोधी

सघष का नत व क जान म कामयाब रहा वहा पर यह वभाजन नह हो सका और उन दश म प जीप त वग क

भीतर का उपरो त अ तर वरोध प जीप तवग क च र क दो पहलओ क प म हमशा मौजद रहा उप नवशवाद

क अत क बाद पजीप त वग प जीवाद समाज ह बनाना चाहता था जब क मजदर वग प जी क लट को पर

तरह ख म करना चाहता था उप नवशवाद वरोधी सघषा म दोन वग क बीच यह अतर और सघष साफ साफ

दखाई दता ह अलग अलग दश म इस सघष म दोन वग क बीच िजस तरह का शि त सतलन पदा हो सका

उसी न उन दश म उप नवशवाद वरोधी सघष का व प तय कया और उप नवशवाद क अत क बाद उन दश

म सामािजक आ थक राजनी तक यव था का व प भी तय कया हमार दश म मजदर वग उप नवशवाद

वरोधी सघष म एक मजबत शि त था ल कन वह शि त सतलन को नणायक तौर पर अपन प म नह मोड

सका और यहा पर मलत प जीवाद स ता क ह थापना ह ई शि त सतलन को नणायक तौर पर अपन प

म मोडन और बनाय रखन क लय पजीप त वग न सामतवाद पर नणायक हार करन क बजाय सामती

तोकत स गठजोड भी कया

उप नवशवाद क अत क बाद प जीप त वग और मजदर वग क बीच मलत कसी भी तरह क रणनी त मोच क

सभावना नह रह जाती ह सफ सा ा यवाद दबाव-ह त प क प रि थ तय को छोडकर यहा यह प ट कर

दना ज र ह क उप नवशवाद का ख म होना सा यवाद का ख म होना नह ह उप नवशवाद सा ा यवाद

नय ण क एक रणनी त थी और अब बदल ह ई प रि थ तय म यह सभव नह ह ल कन इसका यह भी

मतलब नह ह क सा ा यवाद न इसस तोबा कर ल ह जब तक सा ा यवाद िज दा ह जहा कह भी ज रत

ह ई और जहा कह भी सभव हआ वह ऐसा कर सकता ह और दश काल वशष म अ पका लक प म ऐसा

सभव हो सकता ह उदाहरण क तौर पर इराक और अफगा न तान सा ा यवाद ह त प और नय ण व भ न

प म व भ न दश म आज भी जार ह

उप नवशवाद वरोधी सघष क दौर म सामतवाद वरोधी सघष म प जीप त वग सामा य तौर पर कह कोई

मह वपण भ मका नभाता नजर नह आता ह और स ता पर का बज होन क बाद भी उसक कोई ाि तकार

भ मका नह दखाई दती ह यहा पर हम समझना चा हए क मजदर वग क एक मजबत राजनी तक शि त क

प म उभरन और समाजवाद सघष और वजय का सल सला श होन क बाद प जी का भी राजनी तक प

स सग ठत होना और अपन दरगामी हत को यान म रखकर काम करना लािजमी ह और वह ऐसी कोई

रणनी त नह अपना सकती जो समाजवाद आ दोलन को मजबत बनाती हो सामतवाद वरोधी सघष और

ाि तकार भ म सधार नि चत तौर पर पजीवाद वकास क हत म होत ह ल कन यह जनता को तमाम

सामािजक-आ थक-राजनी तक और मान सक गलामी क बधन स म त करक उसक ाि तकार ऊजा और

ताकत को बढा दत ह और खासकर ऐस दौर म जब मजदर वग एक शि त क प म उभर चका हो यह

ाि तकार ऊजा और ताकत पजीवाद को जड स उखाड फकन क लय काफ होती ह इस सबस अ छ तरह

प रस क यन क उदाहरण स समझा जा सकता ह दसर तरफ मजदर वग पर प जीवाद नय ण कायम रखन

म नरकश सामती स क त म यमा यताए और सामािजक भद व असमानताए उपयोगी ह सा बत होती ह ऐस

म प जीवाद इस पर कोई भी नणायक हार करन क बजाय अपनी स ता को कायम रखन क लय इसका

इ तमाल ह करता ह प जी क वकास क लय सामतवाद का इस हद तक ख म होना अव य ज र ह क

उ पादनसबध प जी क वकास क अनकल ह प जी क लय मजदर क अबाध आप त म कोई कावट न हो और

उसक उ पाद क लय बाजार का वकास हो और खती म उ पादन क नरतर बढो तर शहर करण और

औ योगीकरण क ज रत को पर करन म स म हो जहा तक भारत का सवाल ह प जीप त वग न िजस तरह

क भ म सधार यहा लाग कय उनका असमानता ख म करन पर कोई जोर नह था ल कन उसन उ पादन सबध

म बदलाव कया और प जीवाद दायर क बाहर दखन वाल खती को भी धीर-धीर प जीवाद उ पादन और बाजार

क मातहत ला दया और सबकछ को प जीवाद णाल क भीतर समट लया उप नवशवाद दौर म ह ए

औ यो गक वनाश क वजह स यहा मजदर क भार अ त र त फौज पहल ह मौजद थी खती का उ पादन

बढान क लय प जीप तवग न ाि तकार भ म सधार क बजाज उ पादन बढान क तकनीक पर अ धक जोर

दया उदाहण क तौर पर सत तर क दशक क ह रत ाि त जहा तक औ यो गक उ पाद क लय भावी

बाजार का सवाल ह भारत जस दश म यह यापक पमान पर ाि तकार भ म सधार क बाद ह पदा हो सकता

था और ऐसा न होन स यह सकट बना रहा ह और प जीवाद वकास क ग त को भी अव ध करता रहा ह

दसर तरफ उप नवशवाद सघष क दौर म और उसक बाद स ार क दशक तक सामतवाद वरोधी सघष और

म यत ाि तकार भ म सधार क लए सघष ह मजदर वग क समाजवाद आदोलन का म य क थ य क

उनक बगर समाज का जनवाद और समतावाद वकास सभव ह नह था

अब हम स तर और अ सी क दशक म लौटत ह और यह दखन क कोशश करत ह क उस समय द नया और

दश म कस तरह क नयी प रि थ तया पदा ह

जसा क हम पहल ह चचा कर चक ह क सा ा यवाद दश िजस तरह क सकट का सामना कर रह थ उसका

समाधान उ ह एक ह चीज म दखाई द रहा था क व कसी तरह एक ऐसी व व यव था बनाए जो पर

द नया को एक नय प म उनक प जी क ि लय खल चरागाह म बदल द इसी स अपरपार बरोजगार पडी प जी

क नवश क सभावनाए पदा हो सकती थी और मनाफ क दर भी कई गना बढ सकती थी पछड ह ए दश म

तलना मक प म कई गना अ धक मसघन प रि थ तय म काम होन क वजह स मनाफ क दर अ धक होती

ह साथ ह अगर पछड ह ए दश म माल पदा करक सा ा यवाद दश म बचा जाय तो भार अ त र त मनाफा

भी कमाया जा सकता ह

ल कन यह ल य हा सल करना इतना आसान नह था उस समय उप नवशवाद स म त ह ए दश अपनी

आ म नभरता और वत ता को मजबत बनान क को शश कर रह थ 140 दश क गट नरप आ दोलन और

उसम शा मल दश क कछ यास म इसक झलक दखी जा सकती ह स तर क दशक म कई दश म वदशी

कप नय का रा टीयकरण कर ि दया गया और 20 स अ धक दश म वदशी कप नय क ग त व धय पर

नय ण क ि लय कानन बनाय गय इसक साथ ह गट नरप आ दोलन साम हक प स सय त रा म

इस बात क लय सघष कर रहा था क उप नवशवाद क दौर म पदा ह ई वि वक स थाए अ ास गक हो गयी ह

और उप नवशवाद स म त ह ए दश क हत क तकल ह और इस लय एक नयी और अ धक जनवाद

अ तररा य यव था का नमाण कया जाना चा हए उनक आवाज कतनी मजबत थी इसका अदाजा इसी

बात स लगाया जा सकता ह क 1974 म सय त रा महासभा न इस नयी अ तररा य आ थक यव था क

दशा म एक घोषणाप भी जार कर दया था 1976 तक सय त रा क स थाओ न बह रा य कप नय पर

नय ण क लय एक कानन का ा प भी तयार कर लया था

ल कन सा ा यवाद प जी न एकजट होकर इन यास पर हमला कया यह हमला बहआयामी था लकन यहा

हम उसक सबस मह वपण प क ह चचा कर सकत ह अब यह कोई छपी ह ई बात नह रह गयी ह क

1973-74 का तल सकट सा ा यवाद प जी वारा स नयािजत तर क स पदा कया गया था इसस तल क

क मत लगभग 400 गना बढ गयी और इसन तल क आयात पर नभर पछड दश क कमर तोड द हालात

कस थ इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क 1973 तक भगतान सतलन म धना मक और व थ

ि थ त म खडा भारत 1974 म गहर सकट म पह च गया 1974 म हमार पास वदशी म ा भडार लगभग 629

म लयन डालर डालर था और तल क क मत म बतहासा व दध स अब तल आयात का सालाना बल 1221

म लयन डालर पर पह च गया था इसस अदाजा लगया जा सकता ह क इसका पर अथ यव था पर और

उ पादन पर और उ पादन लागत पर कतना गहरा असर पडा सभी पछड और तल आयात पर नभर दश क

यह हालत ह ई और कई दश कज जाल म फस गय इस हालात न कई दश को सा ा यवाद शत मानन पर

मजबर कर दया और गट नरप आ दोलन क ताकत को कमजोर कर दया यह भी अब कोई छपी ह ई बात

नह रह गयी ह क 1979-82 का सकट भी पर तरह स नयोिजत था और यह अमर का और यरोप म डालर क

याज दर म असामा य प स भार बढो तर क वजह स पदा हआ था 1979-80 म रात -रात लदन क

यरोडालर माकट म याजदर 20 पर पह च गयी जो 1978 म 5 थी याजदर म यह बढो तर तीसर द नया

क दश क उस कज पर भी लाग कर द गयी जो व चका नह सक थ इसक वजह स रात रात व कज क ऐस

भार बोझ तल दब गय और ऐस कजजाल म फस गय िजसम स आसानी स नह नकला जा सकता था इस

सकट न कई दश को घटन टकन पर मजबर कर दया और गट नरप आ दोलन क कमर तोड द उसक

बाद अतररा यम ा कोष और व व बक जसी सा ा यवाद स थाओ न उ ह इस सकट स उबारन क लय

सरचना मक समायोजन क नाम स वह दवा द जो सा ा यवाद योजना क अनकल थी यानी इन दश क

अथ यव थाओ को सा ा यवाद पजी क लय पर तरह खोल दना- उदार करण और व वीकरण

यहा इस बात का भी उ ख करना ज र ह क इसी दौर म उप नवशवाद स म त ह ए अ धकाश दश म

प जीप त वग क दो पहलओ या दो धड--मलत स ा यवाद पर त और मलत सा ा यवाद वरोधी क बीच भी

अ तर वरोध तीखा होता दखाई दता ह और व खलकर आमन सामन आत दखाईदत ह भारत क ि थ त पर

गौर कर तो यह एक नणायक मोड ब द दखाई दता ह

भारत म स र क दशक म आ थक सकट कह अ धक गहरा था 1962 म भारत-चीन य ध 1965 और ि फर

1971 म भारत-पा क तान य ध 1973-74 का तल सकट और इसी काल म सखा और अकाल का ल बा दौर

उदाहरण क तौर पर 1967 म बहार म 1973 म महारा म और 1979 म पि चम बगाल म हालात ऐस थ

क 1966 क बाद पचवष य याजना नह बनायी जा सक और 1966 स 1969 तक सफ सालाना योजना ह

बनाई जा सक खा य सकट इतना गहरा हो गया था क भार मा ा म वदशी म ा अनाज क आयात पर खच

करनी पडी आ थक सकट क साथ ह इस काल म राजनी तक सकट भी गहरा गया इसी काल म मजदर -

कसान और रा यताओ क आ दोलन उ होकर फट पड दसर तरफ प जीवाद राजनी त क वाम और

द णपथी धड क बीच भी सघष तीखा हो गया दश क आ थक सकट का फायदा उठाकर अथ यव था को

वदशी प जी क लय खोल दन क लय सा ा यवाद दबाव कई गना बढ गया और एक हद तक सरकार को

झकना भी पडा वदशी सहायता पान क लय अपनी म ा का अवम यन करना पडा ल कन अमर क सरकार

और अतरा य पन नमाण और वकास बक न वदशी सहायता का वादा परा नह कया और व अ धक

उदार करण क माग करत रह यहा तक क अमर का न करार क बावजद अनाज क एक खप रोक ल और उस

भारत नह भजा इसक पीछ सबस बडा कारण यह था क भारत न वयतनाम पर अमर क हमल क आलोचना

करनी नह छोडी और अपनी वत ता को खतर म डालन वाल अमर का क ए शया नी त का अग नह बनना

चाहा इन हालात म प जीप त वग क सामन सफ दो ह रा त थ अ) वाम प क तरफ झकना अ धक स

अ धक वाममाग ताकत को साथ लन क को शश करना अ धक स अ धक रा वाद सामतवाद वरोधी और

सा ा यवाद वरोधी तवर अि तयार करना अ धक स अ धक आ म नभर वकास पर जोर दना और अपनी

राजनी तक-आ थक वत ता को मजबत बनान क को शश करना ब) द णपथ क ओर झकना द णपथी

ताकत को साथ लना सा ा यवा दय क शत को मान लना और अथ यव था को सा ा यवाद प जी क ि लय

पर तरह खोल दना

कल मलाकर दखा जाय तो त काल न धानम ी इ दरा गाधी न इसम स पहला रा ता चना यहा यह साफ कर

दना ज र ह क प जीप त वग कभी भी अपना ह वरोध नह कर सकता ह और कसी समाजवाद योजना का

समथन नह कर सकता ह उसका उ रा वाद भी प जीवाद सीमाओ क भीतर ह वाम माग क ओर झक

सकता ह और यह इस बात स नधा रत होता ह क उस समय उस कस हद तक क सामतवाद वरोध और

सा ा यवाद वरोध क ज रत ह और अपनी सीमाओ म वह इस राह पर कस हद आग जा सकता ह इ दरा

गाधी और का स का वाम घडा तलना मक तौर पर अ धक रा वाद था और उसका रा वाद इस समय

सा ा यवाद ह त प क खतर क वजह स अ धक मखर हो गया था और य क अब दो ह रा त थ या तो

सा ा यवा दय क शत को मानकर अपनी आ थक और एक हद तक राजनी तक वत ता को खतर म डालना

या रा वाद तवर अि तयार करत ह ए आ मनभर वकास क ओर बढना जो उस रा त स ह सभव था जो

समाजवाद और क य न ट बह त ल ब समय स माग कर रह थ उदाहरण क तौर पर बक और मह वपण

उ योग का रा यकरण और भ म सधार का स और का स क बाहर द णपथी राजनी तक धडा ऐस

रा वाद कदम का खलकर वरोध कर रहा था उदाहरण क तौर पर का स क भीतर मरारजी दसाई और अ य

क नत व म एक बडा गट और का स क बाहर जनसघ और उसक सहयोगी राजनी तक ताकत हालात ऐस हो

गय थ क का स दो पा टय म वभािजत हो गयी ऐस हालात म राजनी तक तौर पर भी का स क मजबर

थी क वह समाजवाद राजनी तक शि तय को अपन साथ लन क को शश कर ल कन दसर तरफ जसा क

ऊपर चचा क जा चक ह पजीप तवग का ब नयाद च र क य न ट वरोधी होता ह और इस लय वह

अ पकाल क लय ह और एक सीमा क भीतर ह और कवल ऐसी समाजवाद शि तय क साथ ह मोचा बना

सकता ह जो कोई गभीर समाजवाद चनौती न पदा कर सक

वाम राजनी त क साथ का स क उस दौर क मोच और उस दौर क प जीवाद आ थक-राजनी तक रणनी त को

इसी नज रय स दखा जा सकता ह एक तरफ उस दौर म तलना मक तौर पर सा ा यवाद वरोधी सामतवाद

वरोधी और अप ाकत अ धक जनप धर आ थक-राजनी तक नी तय पर अमल हआ और दसर तरफ इसी दौर

म पजीप तवग का सबस अ धक मजदर वरोधी जनत वरोधी और क य न ट वरोधी दमनकार च र भी

उभरकर सामन आया यह दोन चीज ब कल अ तर वरोधी नजर आती ह ल कन तथाक थत रा वाद प जीप त

वग का च र इतना ह अ तर वरोधी होता ह यहा हम उस दौर म इ दरा गाधी सरकार क मजदर वरोधी

जनत वरोधी व क य न ट वरोधी दमनकार च र क बार म अ धक व तार म नह जाएग य क यह हम

सभी अ छ तरह जानत ह सफ इतना ह कहना काफ ह क 1975-77 क दौरान 40 हजार रानी तक कद

अकल पि चमबगाल म थ और उनम स अ धकाश न सलवाडी समथक ा तकार वाम कायकता थ ल कन उस

दौर म अि त व म आय कछ मह वपण कानन और नी तय का उ लख ज र ह उदाहरण क तौर पर

अ) उदार करण क दशा म उठाए गय कदम को वापस लना बक -कोयलाखदान -तीन बडी वदशी तल

कप नय और 111 बीमार कपडा मल और जट मल का रा यकरण पि लक स टर का तजी स

व तार पहल स अ धक आ थक को लघ उ योग क लय आर त करना एमआरट पी और फरा

कानन आ द

आ) औ यो गक ववाद अ ध नयम म ससोधन और 300 या अ धक मजदर वाल कप नय म छटनी-

तालाबद स पहल सरकार स अनम त लन क बा यता

इ) स वदा म उ मलन व व नयमन अ ध नयम 1970

ई) भ म सधार कानन 1973 और ीवी पस का खा मा

उ) खती क लय ज र ढाचागत ससाधन का वकास और दश म उन उ योग का वकास जो खती क

लय ज र ह खा य आ म नभरता पर अ त र त जोर

ऊ) रा यताओ क आनदोलन को शा त करन क लय रा य का पनगठन आ द और भाषा ववाद

को शा त करन क लय ह द क साथ अ जी भाषा को भी सरकार भाषा का दजा दना

ऋ) गट नरप आ दोलन म अ णी भ मका यि लयर ट ट करना और यि लयर शि त सप न

दश का दजा हा सल करना जो सा ा यवाद शि तय क हमल क सभावना कम कर दता ह

हम पहल ह उ लख कर चक ह क का स क भीतर और बाहर द णपथी राजनी तक ताकत इस तरह क

सामतवाद वरोधी और सा ा यवाद वरोधी नी तय क प म नह थी ल कन उस समय उनक ताकत इतनी

नह थी क व कोई नणायक ह त प कर पाती ल कन इ दरा गाधी सरकार क दमनकार नी तय और उसक

बाद इमजसी काल क दमनकार रा य न राजनी तक शि तसतलन बदल दया जो भी समाजवाद शि तया उस

समय द णपथ क खलाफ का स क साथ खडी थी व भी उसक वरोध म चल गयी और समय वशष क

प रि थ तय म आपातकाल क खलाफ द णपथी ताकत क साथ मोचा बनान पर मजबर हो गयी द णपथी

ताकत न इसका फायदा उठाया और उनक ताकत बढ ल कन ि फर भी इ दरा गाधी क मौत स पहल व कभी

भी ऐसी नणायक ताकत नह बन सक क उपरो त नी तय म बदलाव ला सक

इ दरा गाधी क मौत क बाद प रि थ तया तजी क साथ बदल यह एक ऐसा दौर था जब समाजवाद खम का

घो षत तौर पर पतन हो गया और सो वयत स का भी पतन हो गया तीसर द नया क दश क लय

गट नरप नी त पर चलन म समाजवाद खम क मदद या उसका मौजद होना भी एक मह वपण त व था

उसक पतन क बाद प रि थ तया बदल गयी दसर तरफ यह एक यापक सा ा यवाद वचा रक हमल का भी

दौर था और उसक ोपागडा का सबस मह वपण क व द था--उदार करएा और व वीकरण का कोई वक प

नह ह न ब क दशक म हमार दश म इसका असर दखाई दन लगा और तजी क साथ सभी राजनी तक

पा टय म इस पर एक आम सहम त सी बनती गयी यह अभी भी एक रह य ह ह क कछ ह साल म ऐसा

कस तरह और कस हआ क लगभग सभी ससद य पा टय क नी तय म कम स कम यावहा रक प म एक

समानता वक सत हो गयी और उ ह न उदार करण और व वीकरण क नी तय को एक हद तक वीकार कर

लया मलत इसी आधार पर क इसका कोई वक प नह ह यवहार म और काफ हद तक स धा त म भी

यह ससद य क य न ट पा टय म भी दखाई दता ह उदार करण क रा त पर गाडी क आग बढन क साथ ह

प जीप तवग क भीतर वचा रक-राजनी तक अ तर वरोध ख म होत दखाई दत ह प जीवाद पा टय क नी तय म

ऐसी समानता पदा हो गयी क अब वचा रक-राजनी तक तौर पर उ ह प जीप त वग क अलग-अलग ह स का

त न ध व करन वाल पा टय ( यापा रय क पाट धनी कसान क पाट आ द) क प म दखना सभव नह

रहा

यहा भारत पा क तान और बागलादश क प रि थ तय म एक अजीब समानता दखाई दती ह इ दरा गाधी क

काल म ह पा क तान म जि फकार अल भ टो और बागलादश म शख मजीबरहमान क नत व म उसी तरह

क नी तय पर अमल हआ तीन ह अपन दश म लोक य नता थ आ चय क बात ह क तीन ह मार गय

और लगभग एक ह काल म तीन जब तक िज दा थ सा ा यवाद नी तय का वरोध करत रह और तीन क

मौत क बाद ह उनक दश क अथ यव थाए उदार करण क ओर आग बढ (पा क तान म भ टो का

त तापलट 1977 और उ ह फासी 1979 मजीबरहमान क सरकार का त तापलट और उनक ह या 1975

इ दरागाधी क ह या 1984 और इसी कालखड म इडोन सया म त तापलट 1967 चल म त तापलट 1973)

दश-द नया क इन बदल ह ई प रि थ तय म 1986 म उ व राउड क वाताए श ह और 1995 म व व

यापार सगठन क थापना ह ई और यह एक नयी व व यव था क नीव थी

2 नयी व व यव था का राजनी तक-आ थक व प और मजदर आ दोलन क

चनौ तया

द नया क राजनी तक आ थक यव था म जो सबस मह वपण बदलाव ह ए ह और उसस मजदर आ दोलन क सम जो चनौ तया उपि थ त होती ह उ ह न न ल खत प म चि हत कया जा सकता ह

A प जी का अ धकाश ह सा-- व तीयकरण स मनाफ क लट हम पहल ह उ लख कर चक ह क प जी तभी पजी होती ह जब उसका व तार होता रह उसका नवश होता रह और वह मनाफा कमाकर छोट स बडी प जी बनती रह य द उसका व तार क जाय तो वह पजी क प म िज दा ह नह रह सकती ह प जी दो तरह क होती ह उ पादक प जी जो उ पादन म लगकर और अ त र त म य पदा करक मनाफा कमाती ह और व तीय प जी जो बना उ पादन म लग और बना अ त र त म य पदा कय सदखोर और स टाबाजार क ज रय मनाफा कमाती ह इस दसर प जी को परजीवी प जी कहा जाता ह य क अ त र त म य तो सफ उ पादक प जी ह पदा करती ह उ पादन क अलावा िजतन भी अ य ह उदाहरण क तौर पर ब कग-बीमा-शयर और स टा बाजार-म ाबाजार-जमीन जायदाद का बजनस यापार और अ य सवाए कोई अ त र त म य पदा नह करती ह आप इसी स समझ सकत ह क म ा जमीन या शयर क दाम खर द और बकवाल स अचानक बढ जात ह और घट जात ह और इस खर द बकवाल स कोई अ त र त म य तो पदा होता नह तो ि फर यह मनाफा आता कहा स ह व तीय प जी क इस मनाफ क दो ह ोत हो सकत ह-उ पादक प जी वारा पदा कय गय अ त र त म य म स लटकर (यानी प जीप त वग क बीच क गलाकाट तयो गता) या ि फर मजदर क जब काटकर या समाज को लटकर आज क दौर म जब अ धकाश उ योग म चद दशी- वदशी प जीप तय क इजारदार कायम हो चक ह व तीय प जी स पदा होन वाला मनाफा मजदर और आम जनता क लट स ह आता ह दश और द नया क अथ यव था म इस परजीवी प जी का ह सा बढना यानी उ पादक प जी का ह सा घटना एक सकट और खतर क घट माना जाता ह और जब इस पजी का ह सा थाई तौर पर बढा हआ दखाई द तो इसका मतलब सकट भी थाई हो चका ह द नया क तर पर दखा जाय तो हालात काफ पहल स ह खतरनाक ि थ त पर पह च चक ह दश क तर पर दख तो इस समय जीडीपी म सवा का ि ह सा अब 60 पह च चका ह और इस सवा का अ धकाश ह सा व तीयकरण स मनाफ क लट ह ह

मजदर वग पर इसका बहआयामी भाव पडता ह यह दखना मजदार होगा क अब जीडीपी वकास दर का रोजगार वकास दर स नाता टट गया दखाई दता ह इसका म य कारण यह ह क जीडीपी क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह दसर बात बार-बार आ थक सकट का आना और इसक वजह स बार-बार रोजगार सकट पदा होना और महगाई का बढत जाना इन सबका व तीयकरण स गहरा र ता ह अब वकास का माडल ह बाहर नवश और बाहर मदद पर आधा रत हो गया ह बाहर मदद और कछ नह याज पर लया जान वाला कज ह और इसक ज रए हमार दश म पदा होन वाल सपदा का एक बडा ह सा सा ा यवाद दश वारा लट लया जाता ह यह व तीयकरण स मनाफ क लट क रणनी त का ह अग ह व वबक-आइएमएफ और अ य ऐसी स थाए इस लट का मा यम ह अगर गहराई स दख तो उ पादन म आनवाल वदशी नवश का अ धकाश ह सा भी व तीयकरण स मनाफ क लट क रणनी त का अग बन चका ह द नया क नयी व व यव था म उ पादन का भी व तीयकरण हो रहा ह अब ाड या मल कप नया जो पदा होन वाल माल क असल मा लक होती ह व अ धकाशत ऐसी होती जा रह ह क व सफ पसा लगाती ह और उ पादन कोई दसरा ह करता ह ल कन व उ पादन को पर तरह नय त करती ह कई प म यह एक खतरनाक ि थ त को पदा कर रहा ह उ पादन क या स और उ पादन म लग मजदर स तथा उ पादन म लगन वाल ाक तक ससाधन स व बह त दर होती ह और इस लय उनक हत -अन हत स व पर तरह असप त होती ह और ाक तक ससाधन पर कोई सकट या मजदर क सघष का उन पर कोई य असर नह पडता कह कोई सकट दखाई दया तो बना अवरोध क व कसी दसर जगह भाग जाती ह एक और नयी चीज पर गौर कर पजी अपरपार हो चक ह और उसक उ पादन मता अपरपार हो चक ह ल कन उस हसाब स समाज म लोग क तर क नह ह ई और न व होन दना चाहत ह ता क लोग कम मजदर पर काम करन क लय मजबर ह और इस लय एक छोटा सा म यवग ह उनक माल का बाजार ह ऐस म अ धक स अ धक माल इसी बाजार म खपाकर अ धक स अ धक मनाफा कमान क लय व इ तमाल करो और फक दो क स क त को बढावा दत ह ऐस माल बनात ह जो यादा दन न चल सक और रपयर करक ल ब समय तक इ तमाल न कय जा सक इस तरह व

हमार आय म स अ त र त लट करत ह ल कन सबस भयानक बात ह क इसस टथ श व पन स लकर मोबाइलफोन व क यटर तक क कबाड भार पमान पर जमा हो रह ह जो खतरनाक ि थ तय का पदा कर रह ह इसक साथ ह यह ाक तक ससाधन क अनाव यक और खतरनाक तर क दोहन को भी बढावा द रहा ह ल कन इन सम याओ स उस व तीय प जी पर कोई य असर नह पडता जो उ पादन को नय त कर रह ह

हमार दश म अभी तक व तीय सवाओ का पर तरह उदार करण नह कया गया ह और इस लय अभी तक व व म पदा होन वाल व तीय सकट का उतना खतरनाक भाव भारत पर नह पड सका ल कन यहा भी इसका पर तरह उदार करण करन क यास तज हो चक ह और सा ा यवाद प जी इसक लय लगातार दबाव डाल रह ह इसका बहआयामी भाव होगा ल कन हम यहा इसक सफ दो मह वपण पहलओ को रखा कत करग

अ) हम पहल चचाकर चक ह व तीय प जी कोई अ त र त म य नह पदा करती ह और उ पादक प जी वारा पदा कय गय अ त र त म य को लटकर ह वह मनाफा कमाती ह ऐस म दशी व तीय प जी वारा लटा गया यह अ त र त म य कम स कम दश म ह रह जाता ह और दश क प जी को बढाता ह और उसका एक ह सा दश क वकास म खच हो सकता ह ल कन य द वदशी व तीय प जी यह अ त र त म य लटगी तो यहा पदा ह ई धन सपदा का यह ह सा सीध बाहर चला जाएगा इसी तरह क बात खदरा बाजार को वदशी प जी क लय खोलन स भी होगी इसस सफ यापार म वरोजगार म लग गर ब लोग का रोजगार ह नह छनगा बि क दशी बाजार पर वदशी प जी का नय ण बढगा और दश म पदा होन वाल अ त र त म य का या नयी धनसपदा का एक ह सा सीध बाहर चला जाएगा मनाफा लटन क यह रणनी त कस तर पर काम कर रह ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क चीन न 2016 म पा क तान टाक ए सचज का 40 फ सद ह सा खर द लया ह ऐसा अ य दश म भी हो रहा ह

आ) व तीय सवाओ को पर तरह खोल दन स सबस खतरनाक बात यह होगी क हमार अथ यव था पर हमारा लगभग कोई भावी नय ण नह रह जाएगा हम पहल ह चचा कर चक ह क स टाबाजार या शयर बाजार जमीन जायदाद क बाजार म ा बाजार आ द म चढाव और उतार खर द और बकवाल स ह पदा होत ह और यह चढाव उतार ह भार मनाफ का ोत ह और भार सकट का भी ोत ह यह खर द और बकवाल स नयोिजत भी हो सकती

ह एक ऐसी द नया म जहा सफ चद बडी कप नया द नया क सम त पजी क भार ह स को नय त करती ह स नयोिजत बकवाल और खर द न सफ भार मनाफा कमान क रणनी त क तौर पर बि क क ह खास अथ यव थाओ को डावाडोल करन क लय भी इ तमाल हो स कती ह दसर तरफ व तीयसवाओ को पर तरह खोलन का यह भी मतलब ह क यह द नया क व त बाजार का ह एक अ भ न ह सा बन जाएगी और द नया क कसी भी कोन म एक छोटा सा सकट सीध यहा भी सकट पदा कर दगा और पर अथ यव था को भा वत करगा व व बक क ह आकडो क अनसार पछल 25 साल म 93 दश क व त यव था को 117 बार गभीर सकट का सामना करना पडा ह और इसक अ त र त 51 बार कम गभीर सकट का सामना करना पडा ह यानी कल मलाकर एक साल म लगभग 6 बार

नजीकरण भी नयी व व यव था म मनाफ क लट क नयी रणनी त का अ भ न अग ह यह दश क सभी ससाधन पर दशी- वदशी पजी का नय ण कायम करन क साथ ह व तीयकरण स मनाफा लटन क रणनी त का भी ह सा ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क सरकार कस तरह सार पि लक स टर बचन पर आमादा ह और कस तरह हमार जल-जगल-जमीन को दशी वदशी कप नय को स पा जा रहा ह इसस एक और खतरा भी सामन आ रहा ह सार पि लक स टर बचन और प जी को अ धक स अ धक ट स छट दन वाल वकास क रणनी त पर चलन स सरकार क पास आय क ोत या रह जायग इसस एक तरफ तो सरकार पि लक वलफयर क काम पर कछ भी खच करन क ि थ त म नह रह जायगी और दसर तरफ अपन खच क लय वह आमजनता पर लगातार ट स बढाती जायगी और आमजनता क ह जमा पस का इ तमाल करगी यहा ीलका का एक उदाहरण दना शायद समीचीन होगा ीलका उदार करण और व वीकरण क राह पर चलन वाला द ण ए शया का पहला दश था और वहा इसक श आत 1977-78 म ह हो गयी थी वहा इसका असर भी पहल ह आना श हो गया था 2002 म वहा हालात ऐस हो गय थ क सरकार कामकाज क खच क लय सरकार मजदर क ा वडट फड म जमा पस का 98 इ तमाल कर रह थी 2011 म वहा वप न सरकार क खलाफ यह सवाल उठाया था क सरकार अपना कज चकान क लय मजदर क ा वडट फड क पस का इ तमाल कर रह ह ऐसी भी ि थ त पदा हो सकती ह क जनक याण क

काम और शायद म य -अफसर क वदश दौर भी प जीप तय क सीएसआर या दान पर नभर होत जायग यहा पर यह भी उ लख कर दना ज र ह क सरकार का आनलाइन पमट पर जो अ त र त जोर दखाई द रहा ह उसका टाचार नय ण स तो कोई लना दना नह दखाई द रहा ह ल कन उसका उपरो त बात स गहरा र ता ह हर प जीवाद नी त क कई आयाम होत ह और इसक भी कई आयाम ह ल कन हम यहा उसक कछ ह पहलओ को चि हत कर सकत ह

अ) सभी उ योग और ससाधन क नजीकरण और उ योग को सभी कर म छट दन क वकास रणनी त क चलत सरकार अपन खच क लय सफ जनता स ट स वसलन पर ह नभर होती जा रह ह और सभी कर बढाती जा रह ह और नत नय कर भी लगाती जा रह ह यह जानना मह वपण ह क य कर तो साफ साफ दखाई दता ह जस इनकम ट स इस लय उस अभी कम ह बढाया जा रहा ह सबस अ धक कर का बोझ अ य कर क प म बढया जा रहा ह जो साफ-साफ दखाई नह दता और जो सभी पर लाग होता ह चाह उसक आय कतनी भी कम हो हम जो भी सामान बाजार स खर दत ह उसक एमआरपी दाम म भी कर शा मल होता ह और ऊपर स और अ धक ट सलगाय जात ह कसी भी सामान क दाम म कल कर कर ब 44 ट स शा मल होता ह यानी 100 क दाम म 44 पय का कर इसका लगभग

आधा ह सा तो उसक एमआरपी दाम म शा मल होता ह जो हम दना ह होता ह चाह बना बल क खर द हो ल कन कल कर का लगभग आधा ह सा तभी दना होता ह जब दकानदार प का बल द यानी तब दकानदार भी उस कर को सरकार क पास जमा करगा ल कन करोडो गर ब लोग और लाख छोट दकानदार बना प क बल क खर द ब करत ह और इसक चलत सरकार यह कर नह वसलकर पाती ह यह नकद म लन दन पर ह सभव होता ह य द नकद म लन दन को बद कर दया जाय तो हम कर का वह ह सा भी चकान क लय मजबर कर दया जायगा ऐस म यह रणनी त भी सीध सीध गर ब क जब म डाका डालन क लय ह नद शत ह ऐस हालात म जब करोडो लोग क मजदर और आय जीवन जीन क लय पया त न हो तो उनक ऊपर कर का यह बोझ डालना या यायसगत ह और ऐस हालात म य द गर ब लोग यह कर नह चकात ह तो या यह काला-सफद का मामला ह या यह उनक िज दा रहन क ह एक शत नह ह ऐस हालात म जब कारपोरट कप नय को भार पमान पर ट स म छट और ट स चोर क छट द जा रह हो या आम जनता क साथ यह यादती वािजब ह सीएजी क 2016 क एक रपोट क अनसार इनकमट स डपाटमट न ढाचागत काय करन वाल कप नय को गलत तर क 45000 करोड का ट स लाभ दया उसी क एक रपोट क मता बक 7 लाख करोड य कर नह वसला जा सका और उसका 96 अब वसलना सभव नह रह गया ह उसी क एक अ य रपोट क मता बक सफ 2010-11 म कारपोरट कप नय को 88263 करोड पय क कर छट द गयी

आ) इसका एक और मह वपण ल य ह खदरा यापार को दशी- वदशी कारपोरट कप नय क हाथ स पना यह दो तरह स कया जा रहा ह- अ) कप नय क खदरा यापार चन को ो सा हत करना और खदरा यापार को वदशी प जी क लय खोलना ब) आनलाइन खर द- ब को ो सा हत करना कशलश खर द ब को बढावा दना इसी नीयत स कया जा रहा ह यह दो

ल य को एक साथ परा करता ह खदरा यापार को दशी- वदशी प जी क हाथ स पना और लोग को परा ट स चकान क लय मजबर करना आनलाइन खर द ब और रटल चन क ज रय दशी- वदशी प जी एक साथ गठजोड बनाकर म खदरा यापार म आ रह ह और इसन अभी ह खदरा यापा रय क हालत ख ता कर द ह यह वश ध प स व तीयकरण स मनाफ क लट ह ह इसस एक तरफ तो दश क बाजार पर बडी दशी- वदशी पजी क गठजोड का क जा होता जायगा और दश क उ पादक भी उनक य जकडबद म फसत जायग दसर तरफ खदराबाजार म लगी भार आबाद को बरोजगार क सम या झलनी पडगी इसक साथ ह गर ब आबाद को मजबरन महगा सामान खर दना पडगा पदा होन वाल हालात का इसस ह अदाजा लगाया जा सकता ह क अभी क ष क बाद सबस अ धक आबाद खदरा यापारम ह लगी ह ई ह

इ) यह सव व दत ह क कर ब 600-700 कारपोरट कप नया पि लक स टर बक स लाख करोड का कज लकर उस जानबझकर नह चका रह ह सरकार उनस कज वसलन क बजाय उनका कज माफ कर दती ह 2014-15 म कर ब 114 लाख करोड का ऐसा कज माफ कर दया गया 2016 म सफ टट बक आफ इ डया न ऐसी 63 बडी बइमान कप नय का कज माफ कर दया जो कल 7016 करोड पय का कज लकर उस डकार गयी थी इसस अदाजा लगाया जा सकता ह क सभी पि लक स टर बक स कज माफ स कस भार मा ा म सरकार न कारपोरट कप नय को फायदा पह चाया गया होगा मजदार बात यह ह क ऐसा पि लक स टर बक क साथ ह होता ह यानी यह वश ध प स जनता क पस क खल लट ह इस हालात न पि लक स टर बक क हालत ख ता कर द थी और व सरकार क व भ न योजनाओ म नवश करन क हालत म नह रह गय थ बम करण उ ह इस सकट स उबारन क लय कया गया था बक म पसा आना ज र था और बम करण न ऐस करोड लोग को जो खती या छोटा-मोटा बजनस करत ह और हजार पय बक म रखन क बजाय घर म ह और आपसी लन दन म रखत थ और शाद - याह क लय भी हजार -लाख जमा करक घर म ह रखत थ उ ह जबरन बक म पसा जमा करन क लय मजबर कर दया गया ऐसा तो कसी बडी सना क मदद स भी नह हा सल कया जा सकता था जो बम करण क ज रय हा सल कया गया यह कोई काला-सफद का मामला नह था और कसी टाचार स लडन का मामला नह था इसका उ द य था बक म पसा लाना और यह कोई आ चय क बात नह क सफ दो मह न म ह बक पस स लबा लब भर गय यह इसी स जा हर ह क अचानक बक न लोन क याजदर कम कर द और होमलोन और अ य लोन क लय तरह-तरह क क म लकर बाजार म उतर गय यह परा मामला व तीयकरण स मनाफ क लट का सबस घ टया उदाहरण ह

B द नया क तर पर नया म वभाजन और नयी उ पादन यव था

द नया क उ पादन और वतरण यव था म एक नया म वभाजन अि त व म आया ह िजसक दो मह वपण

अग ह

क) उ पादन यव था को ऐसी व व यापी म य खला या व व शोषण खला म सग ठत कया गया ह

िजसम म सघन काम को वक सत दश स वकासशील दश म भजा जा रहा ह जहा भार बरोजगार

ह और मजदर वक सत दश क मकाबल बह त कम ह अलग-अलग स टर म अलग-अलग रणनी त ह

उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा उ योग म इतना ह काफ ह क वहा मजदर कम ह ल कन

इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म यह भी ज र ह क वहा पाट पज बनान और जोडन लायक

तकनीक तर वाल फि या और ऐसा कौशल रखन वाल मजदर क अ छ -खासी तादात मौजद हो

और उनक माल क लय एक बडा और वक सत होता बाजार भी मौजद हो दसर तरफ प जी और

तकनीक सघन काम को वक सत दश म ह नय त रखा जाता ह ता क वकासशील दश क कप नया

परा ोड ट (माल) बनान क तकनीक न हा सल कर सक और अपना ाड न पदा कर सक इसक

अलावा व परा का परा ोड ट एक दश म नह बनाती ह उ पादन क व भ न ह स को कई दश म

बखर दती ह और इसक वजह स कसी भी दश क कपनी क लय परा ोड ट को बनान क तकनीक

हा सल करना और भी मि कल हो जाता ह दसर तरफ इस तर क स उ पादन खला म मौजद कसी

भी दश क कप नय क और मजदर क उनस सौदबाजी क ताकत भी कम हो जाती ह अगर कसी

दश म उनक उ पादन खला म सकट आया तो व वह काम कसी और दश म करा लती ह इस बात

को व एक ह थयार क प म भी इ तमाल करती ह और दशी कप नय और मजदर को प जी क

पलायन का डर भी दखाती रहती ह व त उ च तकनीक वाल पज रसच और डजाइ नग ा डग और

बाजार पर भावी नय ण क ज रय बह रा य कप नया उ पादन खला को पर तरह क ोल करती ह

इसी क ज रय पर उ पादन खला म िजतना भी अ त र त म य या मनाफा पदा होता ह उसका बडा

ह सा व ह थया लती ह स चाई म अ त र त म य का बडा ह सा तो वकासशील दश म ह पदा

होता ह ल कन उ ह उसका बह त छोटा ह सा ह मलता ह उदाहरण क तौर पर हमार दश क उ योग

म जो भी उ पाद पदा होता ह उसम मौजद अ त र त म य का मा 15-20 ह हम मलता ह जब क

उ पादन या पर नजर डाल तो इसस कह अ धक अ त र त म य यहा पदा होता ह ल कन

बह रा य कप नया काम पान क लय वकासशील दश क बीच होड और दश क भीतर कप नय क बीच

होड का इ तमाल करक उ ह कम क मत वीकार करन क लय मजबर कर दती ह उदाहरण क तौर पर

कपडा उ योग इसक अलावा व सबस अ धक म य उन काय पद डाल दती ह जो व खद करती हए

उदाहरण क तौर पर व त रसच और डजाइ नग ा डग माकग िग आ द तथा व पाट-पज जो व खद

बनाती ह इस तरह व अपन उ पाद क पर शोषण खला म पदा होन वाल मनाफ का बडा भाग लट

लती ह

ख) यहा यह बात और साफ कर दना ज र ह उ पादन खला या शोषण खला क मामल म सा ा यवाद

प जी और दशी प जी क तौर-तर क म अब कोई अ तर नह रह गया ह अ धकाश वकासशील दश म

ऐसी कप नया कम ह या नह ह िजनका व व तर का ाड हो या व व तर पर काम करती ह

ल कन जहा कह ऐसा ह जसा क भारत और चीन म कछ ऐसी कप नया ह तो व भी ठ क उसी तरह

अ य दश म अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय स मनाफ क लट करती ह इतना ह नह

दशी ाड भी दश म उसी तरह क उ पादन खला क ज रय मनाफ क लट करत ह और उ पादन

खला म हर ऊपर वाल कपनी अपन स नीच वाल कपनी स उसी तरह मनाफ क लट करती ह ाड

हमशा अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय पर अपन उ पाद क क मत कम करन क लय दबाव

बनात रहत ह और कप नया क मत कम करन तथा अपन लय भी अ धक स अ धक मनाफा स नि चत

करन क लय मजदर का शोषण अ धक स अ धक बढाती जाती ह

ग) प जी ख टा म त ख ला साड हो गयी ह नयी व व यव था म प जी क अवागमन पर कोई नय ण नह

ह यह उपरो त म वभाजन को प ता और स थागत प दती ह द नया म कह भी कसी भी तरह

क वषम प रि थ त आन पर या द नया क कसी अ य ह स म अ धक मनाफ क सभावना होन पर

यह कभी भी दसर दश म पलायन कर सकती ह यहा तक क दश क भीतर भी कसी एक ह स स

दसर ह स म भाग सकती ह इस मामल म भी दशी और वदशी प जी म कोई अ तर नह रहा और

यह दोन पर ह लाग होता ह प जी का इसस कोई लना दना नह रहा क इसस दश क अथ यव था

या मजदर क जीवन-मरण पर या असर पडता ह गौर करन क बात यह ह क वा त वक पलायन स

अ धक पलायन क धमक को एक ह थयार क प म इ तमाल कया जाता ह

C द नया क नयी स ता यव था

नयी व व यव था को सचा लत करन क लय नयी व व स थाए बनायी गयी ह जो व व सरकार जसा काम करती ह और उनका कानन दश क कानन स ऊपर हो गया ह उदाहरण क तौर पर व व यापार सघ वा त वक प म इन स थाओ को सा ा यवाद दश ह सचा लत ह इसका अग बनन क बाद दश क सरकार ऐसी कोई नी त या कानन नह बना सकती जो व व यापार सघ क नी त या कानन का उ लघन करता हो इन स थाओ क पास यह शि त भी ह क कोई दश य द उनक कानन का उ लघन कर तो उस द डत कया जा सक उदाहरण क तौर पर जन हत म यह ज र हो सकता ह क अपनी क ष और खास उ योग को सि सडी दकर और दश का बाजार उनक ि लय आर त करक उनक वकास को ग त द जाय या जनता को स ता माल उपल ध कराया जाय ल कन यह व व यापार सगठन क कानन का उ लघन हो सकता ह य क यह वदशी प जी क साथ भदभाव होगा इस ि थ त स लोकत क लय ह एक खतरा पदा होता दखाई द रहा ह य क य द चनी ह ई सरकार म यह शि त न रह जाय क व जनता क हत म कानन और नी तया बना सक तो सरकार चनन क अ धकार का भी कोई मतलब नह रह जाता मजदार बात यह ह क आइएलओ और सय त रा सघ क अ य व व स थाए जो मजदर क अ धकार और मानवा धकार क लय कानन बनाती ह उनको ऐसी शि त नह द गयी ह क मजदर क अ धकार या मानवा धकार क उ लघन पर व कसी दश को द डत कर सक सय त रा सघ म आजकल बह रा य कप नय क ग त वधय क लय कछ मानदड बनान क बात चल रह ह ल कन अ धक जोर और अ धक वीक त इसी पर दखाई द रह ह क इ ह

बा यकार कानन का दजा न दया जाय

अब हम यह दखन को शश कर क उपरो त प रि थ तय म मजदर वग और मजदर आ दोलन को कन

सम याओ का सामना करना पड रहा ह

i) प र मजदर वग को एक रजब आम म त द ल कर दना

प जी क आवागमन पर कोई नय ण नह ह उसक लय द नया वा तव म एक गाव बन चक ह ल कन

मजदरवग क आवागमन पर परा नय ण ह यह प रि थ त एक प म पर द नया क मजदरवग को एक रजब

आम यानी एक ऐसी आर त फौज म त द ल कर दता ह िजस प जी जब चाह इ तमाल कर जब चाह बरोजगार

छोड द हम पहल ह चचा कर चक ह क प जी जब चाह पलायन कर सकती ह कछ उ योग तो ऐस ह िजनम

चद दन या चद घट म ऐसा हो सकता ह जस कपडा उ योग इसम थाई प का कोई प जी नवश या

उ पादन का कोई ल बा का ट सामा यत होता ह नह इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म भारत जस

दश म जहा एक बडा बाजार ह उ ह अपना असब लग लाट लगाना पडता ह इस लय भागना इतना आसान

नह होगा ि फर भी बह त अ धक समय नह लगगा य हालात प जी क साथ शि त सतलन म मजदर वग को

कमजोर ि थ त म डाल दत ह रोजगार खोन का डर मजदर क लडाई को कमजोर करता ह दसर तरफ प जी

क पलायन क डर स सरकार मजदर क आ दोलन का बबरता स दमन करन पर आमादा हो जाती ह और

मजदर क हक क परवाह कय बना कप नय क हत क हफाजत करती ह

मजदरवग इस ि थ त को तभी बदल सकता ह जब प जी क इस तरह क आवागमन को रोक सक और यह सफ

तभी सभव ह जब अ) मजदर क दश यपी सघष क ज रय ऐस मकानन क लय सघष जो मजदर को थाई

ह सयत म रोजगार दन क बा यता पदा कर सक वदशी प जी क लय दश म उ पादन क लय ल ब समय क

का ट या समझौत क शत लाग कर सक और छटनी और तालाबद पर मजदर क मआबज क रा श म

बढो तर कर सक इसस प जी क लय बार-बार पलान क रणनी त महगी सा बत होगी ब) मजदर क

अतररा य एकता जो मजदर वरोधी पलायन क रणनी त पर चलन वाल प जी को द डत करन क लय उसक

बाजार को भा वत कर सक स) मजदर क अतररा य एकता जो इस तरह पलायन करक आन वाल प जी को

अपन दश म उस न आन द द) मजदरवग एक ऐसी सरकार लान म कामयाब हो जाय जो प जी क ऐस पलायन

को असभव बना द और य) अतररा य तर पर ऐसी नी तय क लय सघष जो मजदर क कसी भी दश म

आवागमन को खल छट द सक

ii) असग ठत मजदर क शोषण को स थागत प दना और समाज क समची ज रत क उ पादन त

को व व शोषण खला म समट लना

आज असग ठत (इनफामल स टर) क हालात पर बडा सयापा होता ह ल कन अगर हम गहराई म दख तो

यह सब उनक हालत सधारन क बजाय उनक शोषण को स थागत प दता दखाई दता ह इस तथाक थत

इनफामल स टर म तीन तरह क लोग आत ह अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोग छोट इकाइय

म लग अ थाई मजदर और फि य म लग तरह-तरह क अ थाई मजदर वरोजगार म लग लोग और

मजदर क सम याए ब कल अलग ह और अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोगो क सम याए भी

अलग-अलग ह और इनक सम याओ का समाधान भी अलग-अलग ह अगर वा तव म इ ह सकट स बाहर

नकालना हो तो अलग-अलग स टर म इनक वशष सम याओ क मता बक वशष नी तगत समाधान दना

होगा वा तव म यह बह त ज र भी ह य क अगर इनक सकट का समाधान हो जाय तो बराजगार क एक

तहाई सम या का समाधान हो सकता ह ल कन ऐसा करन क बजाय उन सबको मलाकर एक इनफामल

स टर बनान क पीछ एक ह बात हो सकती ह क उनक सकट का समाधान करन क कोइ मशा ह नह ह

उनक लय ऐसी सामािजक सर ा का ावधान कया जाता ह िजसस व कम स कम िज दा रह सक हाला क

यह सब भी पर तरह कागजी ह दखाई दता ह और यह नी तया कह लाग होती नह दखाई दती

दरअसल यह नयी व व यव था और नय म वभाजन क रणनी त का ह एक अग लगता ह

क) उ योग क व व यापी उ पादन या शोषण खला पर गौर कर तो यह खला छोट इकाइय और घर

म काम करन वाल मजदर तक जाती ह और अ त र त म य क एक अ छndashखास ह स का उ पादन

इन असग ठत मजदर वारा कया जाता ह यह सबस कम मजदर म काम करन वाल और सबस

असर त मजदर ह और उ पादन क नयी यव था म दशी- वदशी पजी क लय बह त बड मनाफ का

ोत ह

ख) नयी उ पादन यव था म प जी क सबस बडी ताकत और रणनी त ह उसका ख टा म त होना और कभी

भी पलायन करन क आजाद ल कन य द उ योग म सभी या अ धकाश मजदर थाई ह तो या यह

उतनी आसानी स सभव हो सकगा य द मजदर थायी ह ग तो उनक य नयन भी होगी और मजदर

क लडन क ताकत भी अ धक होगी और व प जी को इतनी आसानी स पलायन नह करन दग दसर

बात य द मजदर थायी ह ग तो प जी को पलायन काफ महगा भी पडगा य क थाई मजदर क हक

को चकता करन म काफ पसा लगाना पडगा और इस लय वह बार बार पलायन क रणनी त नह

इ तमाल कर सकती

ग) नयी उ पादन यव था म कई म उदाहरण क तौर पर कपडा उ योग म फि या आडर पर काम

करती ह और ाड कोई सालाना का ट भी नह करत आडर कभी कम होता ह कभी यादा और कभी

ब कल नह ऐस म अगर थायी मजदर ह ग तो उ ह बार-बार ल-आफ दना पडगा और फि या यह

क मत ाड स वसलगी ऐस म नयी उ पादन यव था म अ थायी मजदर उनक मनाफ का ोत ह

घ) असग ठत म सकट त मजदर क भार फौज एक रजब आम क तरह काम करती ह और

उ योग म मजदर क स लाई को माग स हमशा ऊपर बनाय रखती ह और इसक वजह स मजदर को

हमशा नीच क ओर धकलती रहती ह

ङ) नयी व व यव था क रणनी त यह दखाई दती ह क बडी प जी उन असग ठत को नगल जाय

जहा सीध मनाफा लटा जा सकता ह और अ य असग ठत त को स त म क लट क लय अपनी

उ पादन-शोषण खला म बाध लया जाय उदाहरण क तौर पर रटल यापार और व त स लकर

जलाप त तक क कई अ य सवा स वरोजगार व छोट इकाइय को ख म करक को व पर तरह

क जान म लगी ह ई ह और दसर तरफ स त म क लट क लय उ पादन क म खती व

उ योग म वरोजगार म लग मजदर व छोट इकाइय को अपनी उ पादन खला म समटन क

को शश कर रह ह यहा यह गौर करन क बात ह क आज सरकार क छोट उ योग को बढावा दन

क नी त को उदार करण स पहल वाल प रि थ तय क नगाह स नह दखा जा सकता ह आज यह

उन उ योग पर ल त ह जो दशी- वदशी पजी क उ पादन खला स जड ह ए ह और इस लय परो

प स यह दशी- वदशी बडी पजी क भी मदद ह

जमीनी तौर पर मजदर आ दोलन क सबस बडी रणनी तक सम या और सबस बडी चनौती शायद इसी सवाल

स जडी ह ई ह हर उ योग म भार अनपात म अ थायी मजदर क स या बढन क कारण फ तर पर

य नयन और साम हक सौदबाजी मि कल हो गयी ह यह कछ तर तक वह भावी हो पा रह ह जहा बडी

इकाइया ह और जहा एक खास अनपात म द मजदर को बनाय रखना ज र ह उदाहरण क तौर पर मोटर-

गाडी बनान क उ योग ल कन जहा ऐसी ज रत नह ह और इस लय जहा शायद ह कोई थायी मजदर रखा

जाता ह वहा तो य नयन और साम हक सौदबाजी असभव ह हो गयी ह उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा

उ योग छोट उ योग और वरोजगार म लग लोग को सग ठत करन का सवाल तो एक अलग ह चनौती ह

और इस दशा म तो कोई बडी पहल ह नह दखाई दती ह

मजदर आ दोलन क सम य सम याए और चनौ तया वा त वक ह ल कन ऐसा लगता ह क सकट सफ इन

सम याओ स पदा नह हआ ह सकट का मल व प वचा रक ह और इस सवाल स जडा हआ ह क मजदर

आ दोलन इन सम याओ का कोई भावी समाधान नह तत कर पा रहा ह हम इसक चचा अगल ह स म

करग

iii) म कानन म बदलाव

मकानन म क सरकार और रा य सरकार वारा जो बदलाव कय गय ह या ता वत ह उनस म कानन का ऐसा ढाचा उभरकर सामन आता ह जो मलत चार स तर म वभािजत ह और यह व वशोषण खला क अन प ह

9 स कम मजदर वाल इकाइया इनक लय कोई म कानन ता वत नह ह उ ट घरल उ योग म बाल म क शोषण क छट द द गयी यहा यह यान म रखना ज र ह क यह व वशोषण खला का सबस नचला और सबस असर त तर ह जहा मजदर क भार आबाद को बहद कम मजदर म और वा य क ि ट स खतरनाक ि थ तय म काम करना पडता ह

9-39 मजदर वाल इकाइया इ ह कारखाना कानन स बाहर कया जा रहा ह और एक नय कानन लघ कारखाना कानन म शा मल करन का ताव ह 9 स कम वाल स तर और 9-39 वाल स तर म ह उ पादन क अ य धक म सघन याओ का बडा ह सा सप न कया जाता ह और शोषण खला क अ त र त म य का अ छा-खासा ह सा यह पदा होता ह 9-40 वाल इकाइय म मजदर को बह त सार अ धकार स व चत कया जा रहा ह और नाम मा ह हक उ ह मलन ह

इ ह अब 9 क जगह 19 म कानन स सब धत द तावज बनान और म वभाग म उनक पालन सबधी रटन फाइल करन म छट द द गयी ह

इनम 14 कानन लाग नह ह ग िजनम औ यो गक ववाद अ ध नयम और कारखाना कानन भी शा मल ह उन कानन क सफ कछ ावधान को ता चत लघ उ योग कानन म शा मल कया गया ह

ठका मजदर ( नयमन और खा मा) कानन इनम लाग नह होगा राज थान क कानन म अब यह 50 या अ धक मजदर वाल इकाइय म ह लाग ह (मल म 20 या अ धक पर लाग)

नय मत मजदर क छटनी करन पर 1 माह का नो टस और िजतन साल काम कया ह हर साल क लय 15 दन का मआवजा दना होगा ल कन इसक नौबत ह नह आयगी य क यह ावधान एक साल नय मत स वस पर होन पर ह यह लाग होता ह और ऊपर उदधत कानन म

छट का फायदा उठाकर नयो ता कभी साल भर क स वस पर ह नह होन दग

ईएसआई और पीएफ कानन लाग नह होगा और यहा ईएसआई और पीएफ क जगह दो नयी ाइवट स टर क क म लाग होगी और इसम मजदर को दोन क लय वतन का 10-10 तशत

हर मह न दना होगा काय थल पर भौ तक और रासाय नक सर ा सबधी कोई ावधान नह सफ इतना ह क जहा

खतरनाक या हजाडस चीज का इ तमाल होता होगा वहा कारखाना कानन लाग होगा च का ावधान वह लाग होगा जहा 20 या अ धक म हलाए काम करती ह और उनम स कम

स कम एक का 6 साल स कम का छोटा ब चा हो इसस प ट ह क इस कानन को कोई मतलब नह रह गया

तीन माह म ओवरटाइम काम क घट क सीमा 50 स बढाकर 96 घट क जा रह ह

लघ उ योग कानन म हडताल या हडताल क अ धकार का कोई उ लख ह नह ह एक ऐसा ावधान ह क य द 10 या अ धक मजदर बना नो टस दय एक साथ गरहािजर ह ग तो नयो त

उनक वतन स 8 दन क मजदर काट सकता ह 40 स 299 तक क इकाइया

इनम बना सरकार स अनम त लय छटनी या तालाबद क जा सकती ह

इनम छटनी क लय मजदर को 1 माह का नो टस और मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स हाला क इसक नौबत आयगी ह नह य क यह एक साल क स वस पर होन पर ह लाग होता ह और आजकल उ योग म हालात ऐस ह क हर छह मह न म कागज पर मजदर क नयि त नयी बना दत ह सी मत अव ध का ट का कानन लाग होन क बाद तो नयो ता कसी क भी एक साल क नय मत स वस पर ह नह होन दगा इस अभी कपडा उ योग म लाग कया ह ल कन ज द ह अ य म भी लाग हो सकता ह ऐस हालात म कोई ईएल भी नह पा सकगा और यट दन क नौबत तो कभी आयगी ह नह

ईपीएफ पशन क जगह नयी पशन क म िजसम प रवार लाभ शा मल नह होगा यह शयरबाजार स जडी होगी-और ाइवट कप नय क मनाफा कमान का ज रया बन जाएगी

ईएसआई अ पताल क नजीकरण का ताव जो प र वा थ सवाओ क नजीकरण क योजना का ह एक अग ह

पीएफ को ट स क दायर म लाना पीएफ म शा मल होन को व क बनाना और नयो ता क ओर स पीएफ म जमा कय जान

वाल भाग को सरकार क ओर स दया जाना

नयो ता वारा दय जान वाल पीएफ क भाग को मजदर म शा मल मानना िजसस मजदर बढ ह ई दख और मजदर क असल हालत पर पदा पड जाय

हजाडस कारखान क ल ट को हटाना और सफ हजाडस क एक प रभाषा दना इसस कसी भी कारखान को हजाडस घो षत करवाना बह त मि कल होगा और या काफ ल बी हो जाएगी

म हलाओ को रा पाल म अनम त

तीन माह म ओवरटाइम काम क सीमा बढाकर 115 घट करना (अभी 50 ह)

ड य नयन बनान क लय ज र सद या स या 7 स बढाकर 10 या 100 करना

डय नयन म बाहर सद य पर रोक सफ असग ठत म 2 सद य बाहर क हो सकत ह ड य नयन क मा यता क लय कसी ावधान का ताव नह

हडताल क लय जो क ठन कानन आव यक सवाओ पर लाग था उस सभी पर लाग करन का ताव यानी काननी तौर पर हडताल लगभग असभव गरकाननी हडताल क लय मजदर पर

और तालाबद क लय कारखाना मा लक पर एक ह फाइन-50000 स एक लाख 50 या अ धक मजदर कजअल छटट लकर गरहािजर ह तो यह भी गरकाननी हडताल

ववाद को कोट क बाहर सलझा लन का ावधान और आव यक सवाओ म 2 साल तक हडताल पर तबध (गजरात)

बोनस रा श नधारण क जाच क लय डय नयन नयो ता स कारखान क बलस शीट अब नह माग सकगी

कारखान क इ प शन क लय लबर इ प टर को पहल उ चा धका रय स अनम त लनी होगी और इ प टर क भ मका अब कानन का उ लघन करन वाल पर कारवाई करन क बजाय उ ह कानन का पालन करन म मदद करन क होगी

100 या अ धक मजदर वाल इकाइया ट डग आडर का कानन अब 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय म लाग होगा यह अभी कई

रा य म 50 या अ धक पर लाग होता ह अ य ावधान वह जो 40 स 299 मजदर वाल इकाइय पर लाग 300 या अ धक मजदर वाल इकाइया छटनी या तालाबद क लय सरकार क अनम त ज र

मजदर को 3 माह का नो टस मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स

अ य ावधान वह जो 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय पर लाग मकानन म बदलाव क उपरो त दशा स दो बात प ट होती ह अ) यह कप नय क लय म लागत को

कम स कम करन मजदर को जब चाह काम पर रखन और नकालन क पर छट दन मजदर क हत क

अनदखी करन और मजदर क य नयन बनान और साम हक सौदबाजी करन क मता को ख म करन या कम

स कम करन क दशा म कि त ह और ब) उ योग म शोषण खला का जो ढाचा उभर रहा ह यह उसक

अन प ह एक तरफ छोट इकाइया ह जहा अ धकतम 50 मजदर तक काम करत ह और जहा अ धकाश म

सघन काम सप न होता ह और अ त र त म य का बडा ह सा पदा होता ह दसर तरफ बडी इकाइया ह जहा

100 स 300 तक मजदर काम करत ह और सबस ऊपर थोडी सी ऐसी इकाइया ह जहा 500 स अ धक मजदर

काम करत ह आकड क अनसार पछल 10-12 साल म 10 स 99 मजदर वाल इकाइय का अनपात काफ

घटा ह और दसर तरफ 10 स कम वाल इकाइय और 100-499 वाल इकाइय का अनपात बढ गया ह

दरअसल 10 स कम वाल अ धकाश इकाइया वा तव म 40-50 मजदर को काम पर लगाती ह ल कन कारखाना

कानन स बचन क लय 10 स कम मजदर ह दखाती ह इ ह क सम या को हल करन क लय लघ उ योग

कानन लाया जा रहा ह सार प म इन ता वत कानन स शोषण खला का ढाचा इस प म उभरता दखाई

दता ह अ) घर म काम करन वाल मजदर और 10 स कम वाल इकाइया ब) 10-39 वाल इकाइया स) 40-

299 वाल इकाइया और द) 300 या अ धक वाल इकाइया

iv) प जी का मजदर और जनता पर सवतोमखी नय ण

कोई वग कसी दसर वग पर अपनी स ता सफ दमनत क ताकत क ज रय लब समय तक कायम नह रख

सकता ह शासक वग को शा षत जन म अपनी स ता क कसी न कसी प म एक तर क वीकायता

बनानी पडती ह और अगर वह ऐसा करन म कामयाब नह होता तो उसक स ता भी अ धक समय तक कायम

नह रह सकती ह प जीवाद समाज क लय यह और भी अ धक सच ह पजीप त वग मजदर और आमजन क

वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण कायम करन क को शश करता ह और य द मजदर वग

उस इस पहल पर कोई भावी चनौती नह द पाता ह तो मजदर वग पजी क खलाफ कोई भी भावी सघष

खडा कर पान म सफल नह हो सकता ह प जीवाद समाज म यह वग सघष का एक ब नयाद और मह वपण

पहल ह नयी व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह ल कन

मजदर आ दोलन इस पहल को अ सर नजरदाज करता रहा ह और उस वग सघष क एक ब नयाद पहल क प

म मह व नह द सका ह शायद यह आम जनता क वचार और जीवन पर प जीप त वग क बढत नय ण और

उसको कोई भावी चनौती न द पान क हमार कमजोर का भी एक भाव ह क आज इतन भीषण सकट क

बावजद जनता क ग स का कोई बडा वत फत व फोट नह दखाई दता ह यहा हम सार प म मजदरवग

पर प जीप तवग क नय ण क रणनी त क कछ पहलओ क चचा कर सकत ह

आमजन क वचा रक मानस म प जीप त वग व भ न मा यम स यह लगातार था पत करन क

को शश करता ह क प जीवाद का कोई वक प नह ह नजीकरण और बाजार करण क व तार क साथ

प जीवाद दायर स बाहर कसी अलग जीवन णाल क लय कोई जगह नह रह जाती जो इस वचार को

मजबती दता ह और दश-द नया म कोई वक प नजर न आन स इस उनक वचार मानस म प ता

बनान म मदद मलती ह जीवन क हर ज रत क लय प जीवाद पर पर तरह नभरता और उसस

बाहर नकलन का कोई रा ता न दखाई दन स प जीवाद को वीकार करना एक मजबर भी हो जाती ह

ऐसा ोपागडा बड पमान पर कया जाता ह क प जी क वकास स ह दश को और जनता का वकास हो

सकता ह प जी का वकास होगा तो रोजगार पदा होगा प जी का वकास होगा तो स वधाओ का वकास

होगा प जी का वकास नह होगा तो दश का और जनता का भी वकास क जाएगा और इस लय य द

कोई ऐसी बात करता ह जो प जी क वकास क खलाफ हो तो वह दश का और जनता का द मन ह

आ द आ द

प जीवाद काय थल मजदर को यह अहसास दलाता ह क मजदर और प जीप त दोन का अि त व जडा

हआ ह और मजदर क बहतर क लय प जीप त क बहतर ज र ह नय दौर का सारा प जीवाद

बधन शा और पदा ह ई बधन तकनीक का अमल इस वचार को मजबत बनाता ह रोजगार खोन

का डर भी एक तरह स प जीवाद को वीकार करन क मजबर बन जाती ह

ोपागडा यह नयी व व यव था का एक बह त मजबत और भावी ह थयार ह मी डया स लकर कल -

कालज व व व यालय और शोधस थान तक को भी इसका अग बना दया गया ह इसक ज रय झठ

को सच क तरह पश करना या स य क सफ एक पहल को ह दखाना इ तहास को वकत प म पश

करना म फलाना प जीवाद का म हमामडन करना जो प जीप त वग क हत क खलाफ ह उन वचार

और लोग को बदनाम करना ढ ग पाखड को साइस क तरह पश करना और पछडी चतना को बढावा

दना भडकाऊ झठ खबर बनाना और भडकाऊ कारवाइया करना आ द इनका सबका दायरा बह त व तत

ह यह माल को बचन क लय उनका फायदाबतान वाल झठ रसच स लकर समाजवाद और

समाजवा दय को बदनाम करन क लय झठ घटनाए पदा करन तक का काम करत ह मी डया पर बडी

प जी का पर तरह इजारा कामय हो जान क बाद जनता क पास कोई वकि पक सचनात ख म हो गया

ह और इसक वजह स प जीवाद ोपागडा और अ धक भावी हो गया ह इस हालात न मजदर वग क

सघष क भाव को भी काफ कम कर दया ह दश क कसी शहर म लाख लोग सडक पर आ दोलन

करत ह ल कन पास पडोस क इलाक क लोग को भी इस आ दोलन का पता नह चल पाता यहा तक

क द ल आकर हजार लोग दशन करत ह और द ल क लोग को भी पता नह चलता कह लाख

लोग सघष म जान द रह होत ह ल कन मी डया उ ह यह मानन को मजबर कर दता ह क व पागल ह

या आतकवाद ह और मजदार बात यह ह क लोग एक मनट क लय यह नह सोच पात क व लाख

लोग जो सघष म अपनी जान द रह ह उनक कोई बहद वािजब सम या भी हो सकती ह और यह क

मी डया सफद झठ बोल रहा ह

मजदर वग को वभािजत करन और भटकान क रणनी त प जी क म वरोधी ोपागडा क एक

मह वपण रणनी त ह मजदरवग क भीतर क अतर वरोध को तीखा करना और उ ह एक दसर क वरोधी

क प म तत करना उदाहरण क तौर पर जा त का सवाल धम का सवाल और लगभद का सवाल

और इसक साथ-साथ मजदर क व भ न स तर म अतर वरोध का सवाल उदाहरण क तौर पर

असग ठत ा क मजदर और सग ठत क मजदर कपनी मजदर और ठका मजदर थाई और

अ थाई मजदर ाइबट व पि लक स टर क मजदर आ द इसक बह त सार अ य मह वपण आयाम भी

ह ल कन बात इतन स प ट हो जाती ह इसक साथ ह मजदर आ दोलन म ऐसी रणनी तय को

ो सा हत करना जो सतह पर मजदर क हत म दखती ह ल कन व तत या तो मजदर वरोधी होती

ह या उस बस ऊठक-बठक करन म य त कर दती ह उदाहरण क तौर पर असग ठत मजदर क लय

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Some Reflections on Crisis of the Left in India Marxism 21 Forthcoming

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Surendra Pratap (2012) The Corporate Social Responsibility and Political Agenda of the Corporate in the Book The Reality of Corporate Social Responsibility The Case Studies on Impact of CSR on Workers in China South Korea India and Indonesia published by AMRC Hong Kong 2012

Page 2: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

स अदाजा लगाया जा सकता ह क उप नवश काल म भारत म भार पमान पर शहर आबाद का गाव म

पलायन हआ और खती पर आबाद का बोझ बह त बढ गया

ल कन उप नवशवाद क ख म होन क बाद यह प रि थ त काफ हद तक ख म हो गयी और सबस बडी बात

द नया क बड ह स म सा ा यवाद दश क प जी नवश क रा त भी सकड गय प जी का व तार ह प जी

का जीवन ह और उसक व तार का क जाना ह उसक मौत ह स ार स पहल यह सकट सतह पर कट नह

हआ य क य ध स तबाह यरोप क पन नमाण क लय प जी नवश क अपार सभावनाए मौजद थी ल कन

स तर क दशक तक आत आत यह सभावनाए शष हो गयी और सकट सतह पर आ गया सकट का व प यह

था क भार प जी बरोजगार थी और मनाफा द सकन वाल नवश क सभावनाए उपल ध नह थी इस इसी स

समझा जा सकता ह क वकासदर 3 फ सद स कम चल जाना सकट माना जाता ह और स तर क दशक म

सा ा यवाद दश म वकास दर उसस नीच जा रह थी और 3 वकास दर पाना और बनाय रखना तभी सभव

था जब उ ह द नया म कह 4 खरब डालर नवश करन का मौका मल 2000 क दशक म यह ज रत 15

खरब डालर पर पह च गयी स तर क दशक स 2000 क दशक क बीच व व उ पादन मता म बढो तर क

दर 551 स गरकर 109 हो गयी सय उपयोग या उ पादन मता का उपयोग सफ 76 रह गया

मनाफ क दर म भी भार गरावट ह ई उदाहरण क तौर पर अमर का क जनरल इलि क और जनरल मोटस

क मनाफ क दर 20 स गरकर 5 पर पह च गयी और इसका भी 40 उ पादन क बजाय स टाबाजार स

आ रहा था इस हालात म सा ा यवाद प जी क लय यह जीवन मरण का सकट था क वह द नया क मौजदा

यव था को बदलकर एक ऐसी यव था बनाए जो ि फर स एक नय प म द नया को उनक प जी क लय

खल चरागाह म बदल द शतान तो व थ ह इन बर प र थ तय म व और बड शतान बनत गय एक तरफ

उ पादन स कटकर प जी लगातार परजीवी बनती गयी और 1980 और 2000 क बीच स टाबाजार म लगन वाल

प जी का ह सा बढकर 25 हो गया जो 1950 और 1980 क बीच मा 15 था दसर तरफ व एक दसर को

नगलकर और आपस म गठबधन करक भी बड स और बड शतान बनत गय इडोन सया और चल म

ाि तका रय का क लआम और त तापलट और इसम सा ा यवाद दश और उनक कछ बडी कप नय क

लगभग खल स ल तता उनक शतानी ताकत और इराद को ह दखात थ

दसर तरफ द नया क अ धकाश ह स म मजदर आ दोलन का एक बडा ह सा समाजवाद या अ धक स

अ धक जनवाद और समतावाद समाज बनान क लए सघषरत था द नया क एक अ छ-खास ह स म कसी

न कसी तरह क समाजवाद ताकत जीत चक थी और कसी न कसी तरह क समाजवाद समाज क नमाण

का यास कर रह थी उदाहरण क तौर पर स चीन यबा वयतनाम और पव यरोप क दश अ य दश म

भी खासकर उन दश म जो अभी-अभी उप नवशवाद स म त ह ए थ वहा उप नवशवाद वरोधी सघष क दौर म

मजदर वग का एक बह त मजबत आ दोलन पदा हआ था और उसका बडा ह सा समाजवाद आ दोलन का अग

था और अपन दश म समाजवाद या अ धक स अ धक जनवाद और समतावाद समाज बनान क लए सघषरत

था इसस प ट होता ह क उस कालखड म प जीवाद और समाजवाद आमन सामन खड थ और द नया का कोई

भी दश इस सघष स अछता नह था

उप नवशवाद स म त ह ए दश म सघष क एक खास वशषता दखाई दती ह उप नवशवाद क खलाफ लडाई

दशी प जीप तय क भी हत म थी य क उप नवशवाद इन दश म प जीवाद का वकास नह होन द रहा था

और इस लय प जीप त वग या कम स कम उसका एक बडा ह सा भी इस लडाई म कसी न कसी प म

शा मल था ल कन प जीप त वग और मजदर वग का च र और उनक हत ब कल अलग थ प जीप त वग

उप नवशवाद का अत तो चाहता था ल कन सा ा यवाद प जी स पर तरह नाता नह तोडना चाहता था य क

उप नवशवाद को अगर हटा दया जाय तो व भी तो इनक भाई ह थ जब क मजदरवग सा ा यवाद का पर

तरह खा मा करना चाहता था और उसस कोई समझौता नह करना चाहता था प जीप त वग क भीतर भी मलत

सा ा यवाद पर त और मलत सा ा यवाद वरोधी ह स क बीच अतर वरोध था और ल कन जहा कह मजदर

वग उप नवशवाद वरोधी सघष म नणायक शि ा बनकर उभर सका वह पर यह अतर वरोध तीखा होकर सतह

पर कट हआ और उनका मलत सा ा यवाद वरोधी ह सा कसी न कसी प म मजदर वग क साथ कसी न

कसी तरह क साझ मोच म शा मल हआ उदाहरण क तौर पर चीन म और इडोन सया म ल कन जहा पर

शि त सतलन म मजदरवग नणायक शि त बनकर नह उभर सका और प जीप त वग उप नवशवाद वरोधी

सघष का नत व क जान म कामयाब रहा वहा पर यह वभाजन नह हो सका और उन दश म प जीप त वग क

भीतर का उपरो त अ तर वरोध प जीप तवग क च र क दो पहलओ क प म हमशा मौजद रहा उप नवशवाद

क अत क बाद पजीप त वग प जीवाद समाज ह बनाना चाहता था जब क मजदर वग प जी क लट को पर

तरह ख म करना चाहता था उप नवशवाद वरोधी सघषा म दोन वग क बीच यह अतर और सघष साफ साफ

दखाई दता ह अलग अलग दश म इस सघष म दोन वग क बीच िजस तरह का शि त सतलन पदा हो सका

उसी न उन दश म उप नवशवाद वरोधी सघष का व प तय कया और उप नवशवाद क अत क बाद उन दश

म सामािजक आ थक राजनी तक यव था का व प भी तय कया हमार दश म मजदर वग उप नवशवाद

वरोधी सघष म एक मजबत शि त था ल कन वह शि त सतलन को नणायक तौर पर अपन प म नह मोड

सका और यहा पर मलत प जीवाद स ता क ह थापना ह ई शि त सतलन को नणायक तौर पर अपन प

म मोडन और बनाय रखन क लय पजीप त वग न सामतवाद पर नणायक हार करन क बजाय सामती

तोकत स गठजोड भी कया

उप नवशवाद क अत क बाद प जीप त वग और मजदर वग क बीच मलत कसी भी तरह क रणनी त मोच क

सभावना नह रह जाती ह सफ सा ा यवाद दबाव-ह त प क प रि थ तय को छोडकर यहा यह प ट कर

दना ज र ह क उप नवशवाद का ख म होना सा यवाद का ख म होना नह ह उप नवशवाद सा ा यवाद

नय ण क एक रणनी त थी और अब बदल ह ई प रि थ तय म यह सभव नह ह ल कन इसका यह भी

मतलब नह ह क सा ा यवाद न इसस तोबा कर ल ह जब तक सा ा यवाद िज दा ह जहा कह भी ज रत

ह ई और जहा कह भी सभव हआ वह ऐसा कर सकता ह और दश काल वशष म अ पका लक प म ऐसा

सभव हो सकता ह उदाहरण क तौर पर इराक और अफगा न तान सा ा यवाद ह त प और नय ण व भ न

प म व भ न दश म आज भी जार ह

उप नवशवाद वरोधी सघष क दौर म सामतवाद वरोधी सघष म प जीप त वग सामा य तौर पर कह कोई

मह वपण भ मका नभाता नजर नह आता ह और स ता पर का बज होन क बाद भी उसक कोई ाि तकार

भ मका नह दखाई दती ह यहा पर हम समझना चा हए क मजदर वग क एक मजबत राजनी तक शि त क

प म उभरन और समाजवाद सघष और वजय का सल सला श होन क बाद प जी का भी राजनी तक प

स सग ठत होना और अपन दरगामी हत को यान म रखकर काम करना लािजमी ह और वह ऐसी कोई

रणनी त नह अपना सकती जो समाजवाद आ दोलन को मजबत बनाती हो सामतवाद वरोधी सघष और

ाि तकार भ म सधार नि चत तौर पर पजीवाद वकास क हत म होत ह ल कन यह जनता को तमाम

सामािजक-आ थक-राजनी तक और मान सक गलामी क बधन स म त करक उसक ाि तकार ऊजा और

ताकत को बढा दत ह और खासकर ऐस दौर म जब मजदर वग एक शि त क प म उभर चका हो यह

ाि तकार ऊजा और ताकत पजीवाद को जड स उखाड फकन क लय काफ होती ह इस सबस अ छ तरह

प रस क यन क उदाहरण स समझा जा सकता ह दसर तरफ मजदर वग पर प जीवाद नय ण कायम रखन

म नरकश सामती स क त म यमा यताए और सामािजक भद व असमानताए उपयोगी ह सा बत होती ह ऐस

म प जीवाद इस पर कोई भी नणायक हार करन क बजाय अपनी स ता को कायम रखन क लय इसका

इ तमाल ह करता ह प जी क वकास क लय सामतवाद का इस हद तक ख म होना अव य ज र ह क

उ पादनसबध प जी क वकास क अनकल ह प जी क लय मजदर क अबाध आप त म कोई कावट न हो और

उसक उ पाद क लय बाजार का वकास हो और खती म उ पादन क नरतर बढो तर शहर करण और

औ योगीकरण क ज रत को पर करन म स म हो जहा तक भारत का सवाल ह प जीप त वग न िजस तरह

क भ म सधार यहा लाग कय उनका असमानता ख म करन पर कोई जोर नह था ल कन उसन उ पादन सबध

म बदलाव कया और प जीवाद दायर क बाहर दखन वाल खती को भी धीर-धीर प जीवाद उ पादन और बाजार

क मातहत ला दया और सबकछ को प जीवाद णाल क भीतर समट लया उप नवशवाद दौर म ह ए

औ यो गक वनाश क वजह स यहा मजदर क भार अ त र त फौज पहल ह मौजद थी खती का उ पादन

बढान क लय प जीप तवग न ाि तकार भ म सधार क बजाज उ पादन बढान क तकनीक पर अ धक जोर

दया उदाहण क तौर पर सत तर क दशक क ह रत ाि त जहा तक औ यो गक उ पाद क लय भावी

बाजार का सवाल ह भारत जस दश म यह यापक पमान पर ाि तकार भ म सधार क बाद ह पदा हो सकता

था और ऐसा न होन स यह सकट बना रहा ह और प जीवाद वकास क ग त को भी अव ध करता रहा ह

दसर तरफ उप नवशवाद सघष क दौर म और उसक बाद स ार क दशक तक सामतवाद वरोधी सघष और

म यत ाि तकार भ म सधार क लए सघष ह मजदर वग क समाजवाद आदोलन का म य क थ य क

उनक बगर समाज का जनवाद और समतावाद वकास सभव ह नह था

अब हम स तर और अ सी क दशक म लौटत ह और यह दखन क कोशश करत ह क उस समय द नया और

दश म कस तरह क नयी प रि थ तया पदा ह

जसा क हम पहल ह चचा कर चक ह क सा ा यवाद दश िजस तरह क सकट का सामना कर रह थ उसका

समाधान उ ह एक ह चीज म दखाई द रहा था क व कसी तरह एक ऐसी व व यव था बनाए जो पर

द नया को एक नय प म उनक प जी क ि लय खल चरागाह म बदल द इसी स अपरपार बरोजगार पडी प जी

क नवश क सभावनाए पदा हो सकती थी और मनाफ क दर भी कई गना बढ सकती थी पछड ह ए दश म

तलना मक प म कई गना अ धक मसघन प रि थ तय म काम होन क वजह स मनाफ क दर अ धक होती

ह साथ ह अगर पछड ह ए दश म माल पदा करक सा ा यवाद दश म बचा जाय तो भार अ त र त मनाफा

भी कमाया जा सकता ह

ल कन यह ल य हा सल करना इतना आसान नह था उस समय उप नवशवाद स म त ह ए दश अपनी

आ म नभरता और वत ता को मजबत बनान क को शश कर रह थ 140 दश क गट नरप आ दोलन और

उसम शा मल दश क कछ यास म इसक झलक दखी जा सकती ह स तर क दशक म कई दश म वदशी

कप नय का रा टीयकरण कर ि दया गया और 20 स अ धक दश म वदशी कप नय क ग त व धय पर

नय ण क ि लय कानन बनाय गय इसक साथ ह गट नरप आ दोलन साम हक प स सय त रा म

इस बात क लय सघष कर रहा था क उप नवशवाद क दौर म पदा ह ई वि वक स थाए अ ास गक हो गयी ह

और उप नवशवाद स म त ह ए दश क हत क तकल ह और इस लय एक नयी और अ धक जनवाद

अ तररा य यव था का नमाण कया जाना चा हए उनक आवाज कतनी मजबत थी इसका अदाजा इसी

बात स लगाया जा सकता ह क 1974 म सय त रा महासभा न इस नयी अ तररा य आ थक यव था क

दशा म एक घोषणाप भी जार कर दया था 1976 तक सय त रा क स थाओ न बह रा य कप नय पर

नय ण क लय एक कानन का ा प भी तयार कर लया था

ल कन सा ा यवाद प जी न एकजट होकर इन यास पर हमला कया यह हमला बहआयामी था लकन यहा

हम उसक सबस मह वपण प क ह चचा कर सकत ह अब यह कोई छपी ह ई बात नह रह गयी ह क

1973-74 का तल सकट सा ा यवाद प जी वारा स नयािजत तर क स पदा कया गया था इसस तल क

क मत लगभग 400 गना बढ गयी और इसन तल क आयात पर नभर पछड दश क कमर तोड द हालात

कस थ इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क 1973 तक भगतान सतलन म धना मक और व थ

ि थ त म खडा भारत 1974 म गहर सकट म पह च गया 1974 म हमार पास वदशी म ा भडार लगभग 629

म लयन डालर डालर था और तल क क मत म बतहासा व दध स अब तल आयात का सालाना बल 1221

म लयन डालर पर पह च गया था इसस अदाजा लगया जा सकता ह क इसका पर अथ यव था पर और

उ पादन पर और उ पादन लागत पर कतना गहरा असर पडा सभी पछड और तल आयात पर नभर दश क

यह हालत ह ई और कई दश कज जाल म फस गय इस हालात न कई दश को सा ा यवाद शत मानन पर

मजबर कर दया और गट नरप आ दोलन क ताकत को कमजोर कर दया यह भी अब कोई छपी ह ई बात

नह रह गयी ह क 1979-82 का सकट भी पर तरह स नयोिजत था और यह अमर का और यरोप म डालर क

याज दर म असामा य प स भार बढो तर क वजह स पदा हआ था 1979-80 म रात -रात लदन क

यरोडालर माकट म याजदर 20 पर पह च गयी जो 1978 म 5 थी याजदर म यह बढो तर तीसर द नया

क दश क उस कज पर भी लाग कर द गयी जो व चका नह सक थ इसक वजह स रात रात व कज क ऐस

भार बोझ तल दब गय और ऐस कजजाल म फस गय िजसम स आसानी स नह नकला जा सकता था इस

सकट न कई दश को घटन टकन पर मजबर कर दया और गट नरप आ दोलन क कमर तोड द उसक

बाद अतररा यम ा कोष और व व बक जसी सा ा यवाद स थाओ न उ ह इस सकट स उबारन क लय

सरचना मक समायोजन क नाम स वह दवा द जो सा ा यवाद योजना क अनकल थी यानी इन दश क

अथ यव थाओ को सा ा यवाद पजी क लय पर तरह खोल दना- उदार करण और व वीकरण

यहा इस बात का भी उ ख करना ज र ह क इसी दौर म उप नवशवाद स म त ह ए अ धकाश दश म

प जीप त वग क दो पहलओ या दो धड--मलत स ा यवाद पर त और मलत सा ा यवाद वरोधी क बीच भी

अ तर वरोध तीखा होता दखाई दता ह और व खलकर आमन सामन आत दखाईदत ह भारत क ि थ त पर

गौर कर तो यह एक नणायक मोड ब द दखाई दता ह

भारत म स र क दशक म आ थक सकट कह अ धक गहरा था 1962 म भारत-चीन य ध 1965 और ि फर

1971 म भारत-पा क तान य ध 1973-74 का तल सकट और इसी काल म सखा और अकाल का ल बा दौर

उदाहरण क तौर पर 1967 म बहार म 1973 म महारा म और 1979 म पि चम बगाल म हालात ऐस थ

क 1966 क बाद पचवष य याजना नह बनायी जा सक और 1966 स 1969 तक सफ सालाना योजना ह

बनाई जा सक खा य सकट इतना गहरा हो गया था क भार मा ा म वदशी म ा अनाज क आयात पर खच

करनी पडी आ थक सकट क साथ ह इस काल म राजनी तक सकट भी गहरा गया इसी काल म मजदर -

कसान और रा यताओ क आ दोलन उ होकर फट पड दसर तरफ प जीवाद राजनी त क वाम और

द णपथी धड क बीच भी सघष तीखा हो गया दश क आ थक सकट का फायदा उठाकर अथ यव था को

वदशी प जी क लय खोल दन क लय सा ा यवाद दबाव कई गना बढ गया और एक हद तक सरकार को

झकना भी पडा वदशी सहायता पान क लय अपनी म ा का अवम यन करना पडा ल कन अमर क सरकार

और अतरा य पन नमाण और वकास बक न वदशी सहायता का वादा परा नह कया और व अ धक

उदार करण क माग करत रह यहा तक क अमर का न करार क बावजद अनाज क एक खप रोक ल और उस

भारत नह भजा इसक पीछ सबस बडा कारण यह था क भारत न वयतनाम पर अमर क हमल क आलोचना

करनी नह छोडी और अपनी वत ता को खतर म डालन वाल अमर का क ए शया नी त का अग नह बनना

चाहा इन हालात म प जीप त वग क सामन सफ दो ह रा त थ अ) वाम प क तरफ झकना अ धक स

अ धक वाममाग ताकत को साथ लन क को शश करना अ धक स अ धक रा वाद सामतवाद वरोधी और

सा ा यवाद वरोधी तवर अि तयार करना अ धक स अ धक आ म नभर वकास पर जोर दना और अपनी

राजनी तक-आ थक वत ता को मजबत बनान क को शश करना ब) द णपथ क ओर झकना द णपथी

ताकत को साथ लना सा ा यवा दय क शत को मान लना और अथ यव था को सा ा यवाद प जी क ि लय

पर तरह खोल दना

कल मलाकर दखा जाय तो त काल न धानम ी इ दरा गाधी न इसम स पहला रा ता चना यहा यह साफ कर

दना ज र ह क प जीप त वग कभी भी अपना ह वरोध नह कर सकता ह और कसी समाजवाद योजना का

समथन नह कर सकता ह उसका उ रा वाद भी प जीवाद सीमाओ क भीतर ह वाम माग क ओर झक

सकता ह और यह इस बात स नधा रत होता ह क उस समय उस कस हद तक क सामतवाद वरोध और

सा ा यवाद वरोध क ज रत ह और अपनी सीमाओ म वह इस राह पर कस हद आग जा सकता ह इ दरा

गाधी और का स का वाम घडा तलना मक तौर पर अ धक रा वाद था और उसका रा वाद इस समय

सा ा यवाद ह त प क खतर क वजह स अ धक मखर हो गया था और य क अब दो ह रा त थ या तो

सा ा यवा दय क शत को मानकर अपनी आ थक और एक हद तक राजनी तक वत ता को खतर म डालना

या रा वाद तवर अि तयार करत ह ए आ मनभर वकास क ओर बढना जो उस रा त स ह सभव था जो

समाजवाद और क य न ट बह त ल ब समय स माग कर रह थ उदाहरण क तौर पर बक और मह वपण

उ योग का रा यकरण और भ म सधार का स और का स क बाहर द णपथी राजनी तक धडा ऐस

रा वाद कदम का खलकर वरोध कर रहा था उदाहरण क तौर पर का स क भीतर मरारजी दसाई और अ य

क नत व म एक बडा गट और का स क बाहर जनसघ और उसक सहयोगी राजनी तक ताकत हालात ऐस हो

गय थ क का स दो पा टय म वभािजत हो गयी ऐस हालात म राजनी तक तौर पर भी का स क मजबर

थी क वह समाजवाद राजनी तक शि तय को अपन साथ लन क को शश कर ल कन दसर तरफ जसा क

ऊपर चचा क जा चक ह पजीप तवग का ब नयाद च र क य न ट वरोधी होता ह और इस लय वह

अ पकाल क लय ह और एक सीमा क भीतर ह और कवल ऐसी समाजवाद शि तय क साथ ह मोचा बना

सकता ह जो कोई गभीर समाजवाद चनौती न पदा कर सक

वाम राजनी त क साथ का स क उस दौर क मोच और उस दौर क प जीवाद आ थक-राजनी तक रणनी त को

इसी नज रय स दखा जा सकता ह एक तरफ उस दौर म तलना मक तौर पर सा ा यवाद वरोधी सामतवाद

वरोधी और अप ाकत अ धक जनप धर आ थक-राजनी तक नी तय पर अमल हआ और दसर तरफ इसी दौर

म पजीप तवग का सबस अ धक मजदर वरोधी जनत वरोधी और क य न ट वरोधी दमनकार च र भी

उभरकर सामन आया यह दोन चीज ब कल अ तर वरोधी नजर आती ह ल कन तथाक थत रा वाद प जीप त

वग का च र इतना ह अ तर वरोधी होता ह यहा हम उस दौर म इ दरा गाधी सरकार क मजदर वरोधी

जनत वरोधी व क य न ट वरोधी दमनकार च र क बार म अ धक व तार म नह जाएग य क यह हम

सभी अ छ तरह जानत ह सफ इतना ह कहना काफ ह क 1975-77 क दौरान 40 हजार रानी तक कद

अकल पि चमबगाल म थ और उनम स अ धकाश न सलवाडी समथक ा तकार वाम कायकता थ ल कन उस

दौर म अि त व म आय कछ मह वपण कानन और नी तय का उ लख ज र ह उदाहरण क तौर पर

अ) उदार करण क दशा म उठाए गय कदम को वापस लना बक -कोयलाखदान -तीन बडी वदशी तल

कप नय और 111 बीमार कपडा मल और जट मल का रा यकरण पि लक स टर का तजी स

व तार पहल स अ धक आ थक को लघ उ योग क लय आर त करना एमआरट पी और फरा

कानन आ द

आ) औ यो गक ववाद अ ध नयम म ससोधन और 300 या अ धक मजदर वाल कप नय म छटनी-

तालाबद स पहल सरकार स अनम त लन क बा यता

इ) स वदा म उ मलन व व नयमन अ ध नयम 1970

ई) भ म सधार कानन 1973 और ीवी पस का खा मा

उ) खती क लय ज र ढाचागत ससाधन का वकास और दश म उन उ योग का वकास जो खती क

लय ज र ह खा य आ म नभरता पर अ त र त जोर

ऊ) रा यताओ क आनदोलन को शा त करन क लय रा य का पनगठन आ द और भाषा ववाद

को शा त करन क लय ह द क साथ अ जी भाषा को भी सरकार भाषा का दजा दना

ऋ) गट नरप आ दोलन म अ णी भ मका यि लयर ट ट करना और यि लयर शि त सप न

दश का दजा हा सल करना जो सा ा यवाद शि तय क हमल क सभावना कम कर दता ह

हम पहल ह उ लख कर चक ह क का स क भीतर और बाहर द णपथी राजनी तक ताकत इस तरह क

सामतवाद वरोधी और सा ा यवाद वरोधी नी तय क प म नह थी ल कन उस समय उनक ताकत इतनी

नह थी क व कोई नणायक ह त प कर पाती ल कन इ दरा गाधी सरकार क दमनकार नी तय और उसक

बाद इमजसी काल क दमनकार रा य न राजनी तक शि तसतलन बदल दया जो भी समाजवाद शि तया उस

समय द णपथ क खलाफ का स क साथ खडी थी व भी उसक वरोध म चल गयी और समय वशष क

प रि थ तय म आपातकाल क खलाफ द णपथी ताकत क साथ मोचा बनान पर मजबर हो गयी द णपथी

ताकत न इसका फायदा उठाया और उनक ताकत बढ ल कन ि फर भी इ दरा गाधी क मौत स पहल व कभी

भी ऐसी नणायक ताकत नह बन सक क उपरो त नी तय म बदलाव ला सक

इ दरा गाधी क मौत क बाद प रि थ तया तजी क साथ बदल यह एक ऐसा दौर था जब समाजवाद खम का

घो षत तौर पर पतन हो गया और सो वयत स का भी पतन हो गया तीसर द नया क दश क लय

गट नरप नी त पर चलन म समाजवाद खम क मदद या उसका मौजद होना भी एक मह वपण त व था

उसक पतन क बाद प रि थ तया बदल गयी दसर तरफ यह एक यापक सा ा यवाद वचा रक हमल का भी

दौर था और उसक ोपागडा का सबस मह वपण क व द था--उदार करएा और व वीकरण का कोई वक प

नह ह न ब क दशक म हमार दश म इसका असर दखाई दन लगा और तजी क साथ सभी राजनी तक

पा टय म इस पर एक आम सहम त सी बनती गयी यह अभी भी एक रह य ह ह क कछ ह साल म ऐसा

कस तरह और कस हआ क लगभग सभी ससद य पा टय क नी तय म कम स कम यावहा रक प म एक

समानता वक सत हो गयी और उ ह न उदार करण और व वीकरण क नी तय को एक हद तक वीकार कर

लया मलत इसी आधार पर क इसका कोई वक प नह ह यवहार म और काफ हद तक स धा त म भी

यह ससद य क य न ट पा टय म भी दखाई दता ह उदार करण क रा त पर गाडी क आग बढन क साथ ह

प जीप तवग क भीतर वचा रक-राजनी तक अ तर वरोध ख म होत दखाई दत ह प जीवाद पा टय क नी तय म

ऐसी समानता पदा हो गयी क अब वचा रक-राजनी तक तौर पर उ ह प जीप त वग क अलग-अलग ह स का

त न ध व करन वाल पा टय ( यापा रय क पाट धनी कसान क पाट आ द) क प म दखना सभव नह

रहा

यहा भारत पा क तान और बागलादश क प रि थ तय म एक अजीब समानता दखाई दती ह इ दरा गाधी क

काल म ह पा क तान म जि फकार अल भ टो और बागलादश म शख मजीबरहमान क नत व म उसी तरह

क नी तय पर अमल हआ तीन ह अपन दश म लोक य नता थ आ चय क बात ह क तीन ह मार गय

और लगभग एक ह काल म तीन जब तक िज दा थ सा ा यवाद नी तय का वरोध करत रह और तीन क

मौत क बाद ह उनक दश क अथ यव थाए उदार करण क ओर आग बढ (पा क तान म भ टो का

त तापलट 1977 और उ ह फासी 1979 मजीबरहमान क सरकार का त तापलट और उनक ह या 1975

इ दरागाधी क ह या 1984 और इसी कालखड म इडोन सया म त तापलट 1967 चल म त तापलट 1973)

दश-द नया क इन बदल ह ई प रि थ तय म 1986 म उ व राउड क वाताए श ह और 1995 म व व

यापार सगठन क थापना ह ई और यह एक नयी व व यव था क नीव थी

2 नयी व व यव था का राजनी तक-आ थक व प और मजदर आ दोलन क

चनौ तया

द नया क राजनी तक आ थक यव था म जो सबस मह वपण बदलाव ह ए ह और उसस मजदर आ दोलन क सम जो चनौ तया उपि थ त होती ह उ ह न न ल खत प म चि हत कया जा सकता ह

A प जी का अ धकाश ह सा-- व तीयकरण स मनाफ क लट हम पहल ह उ लख कर चक ह क प जी तभी पजी होती ह जब उसका व तार होता रह उसका नवश होता रह और वह मनाफा कमाकर छोट स बडी प जी बनती रह य द उसका व तार क जाय तो वह पजी क प म िज दा ह नह रह सकती ह प जी दो तरह क होती ह उ पादक प जी जो उ पादन म लगकर और अ त र त म य पदा करक मनाफा कमाती ह और व तीय प जी जो बना उ पादन म लग और बना अ त र त म य पदा कय सदखोर और स टाबाजार क ज रय मनाफा कमाती ह इस दसर प जी को परजीवी प जी कहा जाता ह य क अ त र त म य तो सफ उ पादक प जी ह पदा करती ह उ पादन क अलावा िजतन भी अ य ह उदाहरण क तौर पर ब कग-बीमा-शयर और स टा बाजार-म ाबाजार-जमीन जायदाद का बजनस यापार और अ य सवाए कोई अ त र त म य पदा नह करती ह आप इसी स समझ सकत ह क म ा जमीन या शयर क दाम खर द और बकवाल स अचानक बढ जात ह और घट जात ह और इस खर द बकवाल स कोई अ त र त म य तो पदा होता नह तो ि फर यह मनाफा आता कहा स ह व तीय प जी क इस मनाफ क दो ह ोत हो सकत ह-उ पादक प जी वारा पदा कय गय अ त र त म य म स लटकर (यानी प जीप त वग क बीच क गलाकाट तयो गता) या ि फर मजदर क जब काटकर या समाज को लटकर आज क दौर म जब अ धकाश उ योग म चद दशी- वदशी प जीप तय क इजारदार कायम हो चक ह व तीय प जी स पदा होन वाला मनाफा मजदर और आम जनता क लट स ह आता ह दश और द नया क अथ यव था म इस परजीवी प जी का ह सा बढना यानी उ पादक प जी का ह सा घटना एक सकट और खतर क घट माना जाता ह और जब इस पजी का ह सा थाई तौर पर बढा हआ दखाई द तो इसका मतलब सकट भी थाई हो चका ह द नया क तर पर दखा जाय तो हालात काफ पहल स ह खतरनाक ि थ त पर पह च चक ह दश क तर पर दख तो इस समय जीडीपी म सवा का ि ह सा अब 60 पह च चका ह और इस सवा का अ धकाश ह सा व तीयकरण स मनाफ क लट ह ह

मजदर वग पर इसका बहआयामी भाव पडता ह यह दखना मजदार होगा क अब जीडीपी वकास दर का रोजगार वकास दर स नाता टट गया दखाई दता ह इसका म य कारण यह ह क जीडीपी क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह दसर बात बार-बार आ थक सकट का आना और इसक वजह स बार-बार रोजगार सकट पदा होना और महगाई का बढत जाना इन सबका व तीयकरण स गहरा र ता ह अब वकास का माडल ह बाहर नवश और बाहर मदद पर आधा रत हो गया ह बाहर मदद और कछ नह याज पर लया जान वाला कज ह और इसक ज रए हमार दश म पदा होन वाल सपदा का एक बडा ह सा सा ा यवाद दश वारा लट लया जाता ह यह व तीयकरण स मनाफ क लट क रणनी त का ह अग ह व वबक-आइएमएफ और अ य ऐसी स थाए इस लट का मा यम ह अगर गहराई स दख तो उ पादन म आनवाल वदशी नवश का अ धकाश ह सा भी व तीयकरण स मनाफ क लट क रणनी त का अग बन चका ह द नया क नयी व व यव था म उ पादन का भी व तीयकरण हो रहा ह अब ाड या मल कप नया जो पदा होन वाल माल क असल मा लक होती ह व अ धकाशत ऐसी होती जा रह ह क व सफ पसा लगाती ह और उ पादन कोई दसरा ह करता ह ल कन व उ पादन को पर तरह नय त करती ह कई प म यह एक खतरनाक ि थ त को पदा कर रहा ह उ पादन क या स और उ पादन म लग मजदर स तथा उ पादन म लगन वाल ाक तक ससाधन स व बह त दर होती ह और इस लय उनक हत -अन हत स व पर तरह असप त होती ह और ाक तक ससाधन पर कोई सकट या मजदर क सघष का उन पर कोई य असर नह पडता कह कोई सकट दखाई दया तो बना अवरोध क व कसी दसर जगह भाग जाती ह एक और नयी चीज पर गौर कर पजी अपरपार हो चक ह और उसक उ पादन मता अपरपार हो चक ह ल कन उस हसाब स समाज म लोग क तर क नह ह ई और न व होन दना चाहत ह ता क लोग कम मजदर पर काम करन क लय मजबर ह और इस लय एक छोटा सा म यवग ह उनक माल का बाजार ह ऐस म अ धक स अ धक माल इसी बाजार म खपाकर अ धक स अ धक मनाफा कमान क लय व इ तमाल करो और फक दो क स क त को बढावा दत ह ऐस माल बनात ह जो यादा दन न चल सक और रपयर करक ल ब समय तक इ तमाल न कय जा सक इस तरह व

हमार आय म स अ त र त लट करत ह ल कन सबस भयानक बात ह क इसस टथ श व पन स लकर मोबाइलफोन व क यटर तक क कबाड भार पमान पर जमा हो रह ह जो खतरनाक ि थ तय का पदा कर रह ह इसक साथ ह यह ाक तक ससाधन क अनाव यक और खतरनाक तर क दोहन को भी बढावा द रहा ह ल कन इन सम याओ स उस व तीय प जी पर कोई य असर नह पडता जो उ पादन को नय त कर रह ह

हमार दश म अभी तक व तीय सवाओ का पर तरह उदार करण नह कया गया ह और इस लय अभी तक व व म पदा होन वाल व तीय सकट का उतना खतरनाक भाव भारत पर नह पड सका ल कन यहा भी इसका पर तरह उदार करण करन क यास तज हो चक ह और सा ा यवाद प जी इसक लय लगातार दबाव डाल रह ह इसका बहआयामी भाव होगा ल कन हम यहा इसक सफ दो मह वपण पहलओ को रखा कत करग

अ) हम पहल चचाकर चक ह व तीय प जी कोई अ त र त म य नह पदा करती ह और उ पादक प जी वारा पदा कय गय अ त र त म य को लटकर ह वह मनाफा कमाती ह ऐस म दशी व तीय प जी वारा लटा गया यह अ त र त म य कम स कम दश म ह रह जाता ह और दश क प जी को बढाता ह और उसका एक ह सा दश क वकास म खच हो सकता ह ल कन य द वदशी व तीय प जी यह अ त र त म य लटगी तो यहा पदा ह ई धन सपदा का यह ह सा सीध बाहर चला जाएगा इसी तरह क बात खदरा बाजार को वदशी प जी क लय खोलन स भी होगी इसस सफ यापार म वरोजगार म लग गर ब लोग का रोजगार ह नह छनगा बि क दशी बाजार पर वदशी प जी का नय ण बढगा और दश म पदा होन वाल अ त र त म य का या नयी धनसपदा का एक ह सा सीध बाहर चला जाएगा मनाफा लटन क यह रणनी त कस तर पर काम कर रह ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क चीन न 2016 म पा क तान टाक ए सचज का 40 फ सद ह सा खर द लया ह ऐसा अ य दश म भी हो रहा ह

आ) व तीय सवाओ को पर तरह खोल दन स सबस खतरनाक बात यह होगी क हमार अथ यव था पर हमारा लगभग कोई भावी नय ण नह रह जाएगा हम पहल ह चचा कर चक ह क स टाबाजार या शयर बाजार जमीन जायदाद क बाजार म ा बाजार आ द म चढाव और उतार खर द और बकवाल स ह पदा होत ह और यह चढाव उतार ह भार मनाफ का ोत ह और भार सकट का भी ोत ह यह खर द और बकवाल स नयोिजत भी हो सकती

ह एक ऐसी द नया म जहा सफ चद बडी कप नया द नया क सम त पजी क भार ह स को नय त करती ह स नयोिजत बकवाल और खर द न सफ भार मनाफा कमान क रणनी त क तौर पर बि क क ह खास अथ यव थाओ को डावाडोल करन क लय भी इ तमाल हो स कती ह दसर तरफ व तीयसवाओ को पर तरह खोलन का यह भी मतलब ह क यह द नया क व त बाजार का ह एक अ भ न ह सा बन जाएगी और द नया क कसी भी कोन म एक छोटा सा सकट सीध यहा भी सकट पदा कर दगा और पर अथ यव था को भा वत करगा व व बक क ह आकडो क अनसार पछल 25 साल म 93 दश क व त यव था को 117 बार गभीर सकट का सामना करना पडा ह और इसक अ त र त 51 बार कम गभीर सकट का सामना करना पडा ह यानी कल मलाकर एक साल म लगभग 6 बार

नजीकरण भी नयी व व यव था म मनाफ क लट क नयी रणनी त का अ भ न अग ह यह दश क सभी ससाधन पर दशी- वदशी पजी का नय ण कायम करन क साथ ह व तीयकरण स मनाफा लटन क रणनी त का भी ह सा ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क सरकार कस तरह सार पि लक स टर बचन पर आमादा ह और कस तरह हमार जल-जगल-जमीन को दशी वदशी कप नय को स पा जा रहा ह इसस एक और खतरा भी सामन आ रहा ह सार पि लक स टर बचन और प जी को अ धक स अ धक ट स छट दन वाल वकास क रणनी त पर चलन स सरकार क पास आय क ोत या रह जायग इसस एक तरफ तो सरकार पि लक वलफयर क काम पर कछ भी खच करन क ि थ त म नह रह जायगी और दसर तरफ अपन खच क लय वह आमजनता पर लगातार ट स बढाती जायगी और आमजनता क ह जमा पस का इ तमाल करगी यहा ीलका का एक उदाहरण दना शायद समीचीन होगा ीलका उदार करण और व वीकरण क राह पर चलन वाला द ण ए शया का पहला दश था और वहा इसक श आत 1977-78 म ह हो गयी थी वहा इसका असर भी पहल ह आना श हो गया था 2002 म वहा हालात ऐस हो गय थ क सरकार कामकाज क खच क लय सरकार मजदर क ा वडट फड म जमा पस का 98 इ तमाल कर रह थी 2011 म वहा वप न सरकार क खलाफ यह सवाल उठाया था क सरकार अपना कज चकान क लय मजदर क ा वडट फड क पस का इ तमाल कर रह ह ऐसी भी ि थ त पदा हो सकती ह क जनक याण क

काम और शायद म य -अफसर क वदश दौर भी प जीप तय क सीएसआर या दान पर नभर होत जायग यहा पर यह भी उ लख कर दना ज र ह क सरकार का आनलाइन पमट पर जो अ त र त जोर दखाई द रहा ह उसका टाचार नय ण स तो कोई लना दना नह दखाई द रहा ह ल कन उसका उपरो त बात स गहरा र ता ह हर प जीवाद नी त क कई आयाम होत ह और इसक भी कई आयाम ह ल कन हम यहा उसक कछ ह पहलओ को चि हत कर सकत ह

अ) सभी उ योग और ससाधन क नजीकरण और उ योग को सभी कर म छट दन क वकास रणनी त क चलत सरकार अपन खच क लय सफ जनता स ट स वसलन पर ह नभर होती जा रह ह और सभी कर बढाती जा रह ह और नत नय कर भी लगाती जा रह ह यह जानना मह वपण ह क य कर तो साफ साफ दखाई दता ह जस इनकम ट स इस लय उस अभी कम ह बढाया जा रहा ह सबस अ धक कर का बोझ अ य कर क प म बढया जा रहा ह जो साफ-साफ दखाई नह दता और जो सभी पर लाग होता ह चाह उसक आय कतनी भी कम हो हम जो भी सामान बाजार स खर दत ह उसक एमआरपी दाम म भी कर शा मल होता ह और ऊपर स और अ धक ट सलगाय जात ह कसी भी सामान क दाम म कल कर कर ब 44 ट स शा मल होता ह यानी 100 क दाम म 44 पय का कर इसका लगभग

आधा ह सा तो उसक एमआरपी दाम म शा मल होता ह जो हम दना ह होता ह चाह बना बल क खर द हो ल कन कल कर का लगभग आधा ह सा तभी दना होता ह जब दकानदार प का बल द यानी तब दकानदार भी उस कर को सरकार क पास जमा करगा ल कन करोडो गर ब लोग और लाख छोट दकानदार बना प क बल क खर द ब करत ह और इसक चलत सरकार यह कर नह वसलकर पाती ह यह नकद म लन दन पर ह सभव होता ह य द नकद म लन दन को बद कर दया जाय तो हम कर का वह ह सा भी चकान क लय मजबर कर दया जायगा ऐस म यह रणनी त भी सीध सीध गर ब क जब म डाका डालन क लय ह नद शत ह ऐस हालात म जब करोडो लोग क मजदर और आय जीवन जीन क लय पया त न हो तो उनक ऊपर कर का यह बोझ डालना या यायसगत ह और ऐस हालात म य द गर ब लोग यह कर नह चकात ह तो या यह काला-सफद का मामला ह या यह उनक िज दा रहन क ह एक शत नह ह ऐस हालात म जब कारपोरट कप नय को भार पमान पर ट स म छट और ट स चोर क छट द जा रह हो या आम जनता क साथ यह यादती वािजब ह सीएजी क 2016 क एक रपोट क अनसार इनकमट स डपाटमट न ढाचागत काय करन वाल कप नय को गलत तर क 45000 करोड का ट स लाभ दया उसी क एक रपोट क मता बक 7 लाख करोड य कर नह वसला जा सका और उसका 96 अब वसलना सभव नह रह गया ह उसी क एक अ य रपोट क मता बक सफ 2010-11 म कारपोरट कप नय को 88263 करोड पय क कर छट द गयी

आ) इसका एक और मह वपण ल य ह खदरा यापार को दशी- वदशी कारपोरट कप नय क हाथ स पना यह दो तरह स कया जा रहा ह- अ) कप नय क खदरा यापार चन को ो सा हत करना और खदरा यापार को वदशी प जी क लय खोलना ब) आनलाइन खर द- ब को ो सा हत करना कशलश खर द ब को बढावा दना इसी नीयत स कया जा रहा ह यह दो

ल य को एक साथ परा करता ह खदरा यापार को दशी- वदशी प जी क हाथ स पना और लोग को परा ट स चकान क लय मजबर करना आनलाइन खर द ब और रटल चन क ज रय दशी- वदशी प जी एक साथ गठजोड बनाकर म खदरा यापार म आ रह ह और इसन अभी ह खदरा यापा रय क हालत ख ता कर द ह यह वश ध प स व तीयकरण स मनाफ क लट ह ह इसस एक तरफ तो दश क बाजार पर बडी दशी- वदशी पजी क गठजोड का क जा होता जायगा और दश क उ पादक भी उनक य जकडबद म फसत जायग दसर तरफ खदराबाजार म लगी भार आबाद को बरोजगार क सम या झलनी पडगी इसक साथ ह गर ब आबाद को मजबरन महगा सामान खर दना पडगा पदा होन वाल हालात का इसस ह अदाजा लगाया जा सकता ह क अभी क ष क बाद सबस अ धक आबाद खदरा यापारम ह लगी ह ई ह

इ) यह सव व दत ह क कर ब 600-700 कारपोरट कप नया पि लक स टर बक स लाख करोड का कज लकर उस जानबझकर नह चका रह ह सरकार उनस कज वसलन क बजाय उनका कज माफ कर दती ह 2014-15 म कर ब 114 लाख करोड का ऐसा कज माफ कर दया गया 2016 म सफ टट बक आफ इ डया न ऐसी 63 बडी बइमान कप नय का कज माफ कर दया जो कल 7016 करोड पय का कज लकर उस डकार गयी थी इसस अदाजा लगाया जा सकता ह क सभी पि लक स टर बक स कज माफ स कस भार मा ा म सरकार न कारपोरट कप नय को फायदा पह चाया गया होगा मजदार बात यह ह क ऐसा पि लक स टर बक क साथ ह होता ह यानी यह वश ध प स जनता क पस क खल लट ह इस हालात न पि लक स टर बक क हालत ख ता कर द थी और व सरकार क व भ न योजनाओ म नवश करन क हालत म नह रह गय थ बम करण उ ह इस सकट स उबारन क लय कया गया था बक म पसा आना ज र था और बम करण न ऐस करोड लोग को जो खती या छोटा-मोटा बजनस करत ह और हजार पय बक म रखन क बजाय घर म ह और आपसी लन दन म रखत थ और शाद - याह क लय भी हजार -लाख जमा करक घर म ह रखत थ उ ह जबरन बक म पसा जमा करन क लय मजबर कर दया गया ऐसा तो कसी बडी सना क मदद स भी नह हा सल कया जा सकता था जो बम करण क ज रय हा सल कया गया यह कोई काला-सफद का मामला नह था और कसी टाचार स लडन का मामला नह था इसका उ द य था बक म पसा लाना और यह कोई आ चय क बात नह क सफ दो मह न म ह बक पस स लबा लब भर गय यह इसी स जा हर ह क अचानक बक न लोन क याजदर कम कर द और होमलोन और अ य लोन क लय तरह-तरह क क म लकर बाजार म उतर गय यह परा मामला व तीयकरण स मनाफ क लट का सबस घ टया उदाहरण ह

B द नया क तर पर नया म वभाजन और नयी उ पादन यव था

द नया क उ पादन और वतरण यव था म एक नया म वभाजन अि त व म आया ह िजसक दो मह वपण

अग ह

क) उ पादन यव था को ऐसी व व यापी म य खला या व व शोषण खला म सग ठत कया गया ह

िजसम म सघन काम को वक सत दश स वकासशील दश म भजा जा रहा ह जहा भार बरोजगार

ह और मजदर वक सत दश क मकाबल बह त कम ह अलग-अलग स टर म अलग-अलग रणनी त ह

उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा उ योग म इतना ह काफ ह क वहा मजदर कम ह ल कन

इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म यह भी ज र ह क वहा पाट पज बनान और जोडन लायक

तकनीक तर वाल फि या और ऐसा कौशल रखन वाल मजदर क अ छ -खासी तादात मौजद हो

और उनक माल क लय एक बडा और वक सत होता बाजार भी मौजद हो दसर तरफ प जी और

तकनीक सघन काम को वक सत दश म ह नय त रखा जाता ह ता क वकासशील दश क कप नया

परा ोड ट (माल) बनान क तकनीक न हा सल कर सक और अपना ाड न पदा कर सक इसक

अलावा व परा का परा ोड ट एक दश म नह बनाती ह उ पादन क व भ न ह स को कई दश म

बखर दती ह और इसक वजह स कसी भी दश क कपनी क लय परा ोड ट को बनान क तकनीक

हा सल करना और भी मि कल हो जाता ह दसर तरफ इस तर क स उ पादन खला म मौजद कसी

भी दश क कप नय क और मजदर क उनस सौदबाजी क ताकत भी कम हो जाती ह अगर कसी

दश म उनक उ पादन खला म सकट आया तो व वह काम कसी और दश म करा लती ह इस बात

को व एक ह थयार क प म भी इ तमाल करती ह और दशी कप नय और मजदर को प जी क

पलायन का डर भी दखाती रहती ह व त उ च तकनीक वाल पज रसच और डजाइ नग ा डग और

बाजार पर भावी नय ण क ज रय बह रा य कप नया उ पादन खला को पर तरह क ोल करती ह

इसी क ज रय पर उ पादन खला म िजतना भी अ त र त म य या मनाफा पदा होता ह उसका बडा

ह सा व ह थया लती ह स चाई म अ त र त म य का बडा ह सा तो वकासशील दश म ह पदा

होता ह ल कन उ ह उसका बह त छोटा ह सा ह मलता ह उदाहरण क तौर पर हमार दश क उ योग

म जो भी उ पाद पदा होता ह उसम मौजद अ त र त म य का मा 15-20 ह हम मलता ह जब क

उ पादन या पर नजर डाल तो इसस कह अ धक अ त र त म य यहा पदा होता ह ल कन

बह रा य कप नया काम पान क लय वकासशील दश क बीच होड और दश क भीतर कप नय क बीच

होड का इ तमाल करक उ ह कम क मत वीकार करन क लय मजबर कर दती ह उदाहरण क तौर पर

कपडा उ योग इसक अलावा व सबस अ धक म य उन काय पद डाल दती ह जो व खद करती हए

उदाहरण क तौर पर व त रसच और डजाइ नग ा डग माकग िग आ द तथा व पाट-पज जो व खद

बनाती ह इस तरह व अपन उ पाद क पर शोषण खला म पदा होन वाल मनाफ का बडा भाग लट

लती ह

ख) यहा यह बात और साफ कर दना ज र ह उ पादन खला या शोषण खला क मामल म सा ा यवाद

प जी और दशी प जी क तौर-तर क म अब कोई अ तर नह रह गया ह अ धकाश वकासशील दश म

ऐसी कप नया कम ह या नह ह िजनका व व तर का ाड हो या व व तर पर काम करती ह

ल कन जहा कह ऐसा ह जसा क भारत और चीन म कछ ऐसी कप नया ह तो व भी ठ क उसी तरह

अ य दश म अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय स मनाफ क लट करती ह इतना ह नह

दशी ाड भी दश म उसी तरह क उ पादन खला क ज रय मनाफ क लट करत ह और उ पादन

खला म हर ऊपर वाल कपनी अपन स नीच वाल कपनी स उसी तरह मनाफ क लट करती ह ाड

हमशा अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय पर अपन उ पाद क क मत कम करन क लय दबाव

बनात रहत ह और कप नया क मत कम करन तथा अपन लय भी अ धक स अ धक मनाफा स नि चत

करन क लय मजदर का शोषण अ धक स अ धक बढाती जाती ह

ग) प जी ख टा म त ख ला साड हो गयी ह नयी व व यव था म प जी क अवागमन पर कोई नय ण नह

ह यह उपरो त म वभाजन को प ता और स थागत प दती ह द नया म कह भी कसी भी तरह

क वषम प रि थ त आन पर या द नया क कसी अ य ह स म अ धक मनाफ क सभावना होन पर

यह कभी भी दसर दश म पलायन कर सकती ह यहा तक क दश क भीतर भी कसी एक ह स स

दसर ह स म भाग सकती ह इस मामल म भी दशी और वदशी प जी म कोई अ तर नह रहा और

यह दोन पर ह लाग होता ह प जी का इसस कोई लना दना नह रहा क इसस दश क अथ यव था

या मजदर क जीवन-मरण पर या असर पडता ह गौर करन क बात यह ह क वा त वक पलायन स

अ धक पलायन क धमक को एक ह थयार क प म इ तमाल कया जाता ह

C द नया क नयी स ता यव था

नयी व व यव था को सचा लत करन क लय नयी व व स थाए बनायी गयी ह जो व व सरकार जसा काम करती ह और उनका कानन दश क कानन स ऊपर हो गया ह उदाहरण क तौर पर व व यापार सघ वा त वक प म इन स थाओ को सा ा यवाद दश ह सचा लत ह इसका अग बनन क बाद दश क सरकार ऐसी कोई नी त या कानन नह बना सकती जो व व यापार सघ क नी त या कानन का उ लघन करता हो इन स थाओ क पास यह शि त भी ह क कोई दश य द उनक कानन का उ लघन कर तो उस द डत कया जा सक उदाहरण क तौर पर जन हत म यह ज र हो सकता ह क अपनी क ष और खास उ योग को सि सडी दकर और दश का बाजार उनक ि लय आर त करक उनक वकास को ग त द जाय या जनता को स ता माल उपल ध कराया जाय ल कन यह व व यापार सगठन क कानन का उ लघन हो सकता ह य क यह वदशी प जी क साथ भदभाव होगा इस ि थ त स लोकत क लय ह एक खतरा पदा होता दखाई द रहा ह य क य द चनी ह ई सरकार म यह शि त न रह जाय क व जनता क हत म कानन और नी तया बना सक तो सरकार चनन क अ धकार का भी कोई मतलब नह रह जाता मजदार बात यह ह क आइएलओ और सय त रा सघ क अ य व व स थाए जो मजदर क अ धकार और मानवा धकार क लय कानन बनाती ह उनको ऐसी शि त नह द गयी ह क मजदर क अ धकार या मानवा धकार क उ लघन पर व कसी दश को द डत कर सक सय त रा सघ म आजकल बह रा य कप नय क ग त वधय क लय कछ मानदड बनान क बात चल रह ह ल कन अ धक जोर और अ धक वीक त इसी पर दखाई द रह ह क इ ह

बा यकार कानन का दजा न दया जाय

अब हम यह दखन को शश कर क उपरो त प रि थ तय म मजदर वग और मजदर आ दोलन को कन

सम याओ का सामना करना पड रहा ह

i) प र मजदर वग को एक रजब आम म त द ल कर दना

प जी क आवागमन पर कोई नय ण नह ह उसक लय द नया वा तव म एक गाव बन चक ह ल कन

मजदरवग क आवागमन पर परा नय ण ह यह प रि थ त एक प म पर द नया क मजदरवग को एक रजब

आम यानी एक ऐसी आर त फौज म त द ल कर दता ह िजस प जी जब चाह इ तमाल कर जब चाह बरोजगार

छोड द हम पहल ह चचा कर चक ह क प जी जब चाह पलायन कर सकती ह कछ उ योग तो ऐस ह िजनम

चद दन या चद घट म ऐसा हो सकता ह जस कपडा उ योग इसम थाई प का कोई प जी नवश या

उ पादन का कोई ल बा का ट सामा यत होता ह नह इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म भारत जस

दश म जहा एक बडा बाजार ह उ ह अपना असब लग लाट लगाना पडता ह इस लय भागना इतना आसान

नह होगा ि फर भी बह त अ धक समय नह लगगा य हालात प जी क साथ शि त सतलन म मजदर वग को

कमजोर ि थ त म डाल दत ह रोजगार खोन का डर मजदर क लडाई को कमजोर करता ह दसर तरफ प जी

क पलायन क डर स सरकार मजदर क आ दोलन का बबरता स दमन करन पर आमादा हो जाती ह और

मजदर क हक क परवाह कय बना कप नय क हत क हफाजत करती ह

मजदरवग इस ि थ त को तभी बदल सकता ह जब प जी क इस तरह क आवागमन को रोक सक और यह सफ

तभी सभव ह जब अ) मजदर क दश यपी सघष क ज रय ऐस मकानन क लय सघष जो मजदर को थाई

ह सयत म रोजगार दन क बा यता पदा कर सक वदशी प जी क लय दश म उ पादन क लय ल ब समय क

का ट या समझौत क शत लाग कर सक और छटनी और तालाबद पर मजदर क मआबज क रा श म

बढो तर कर सक इसस प जी क लय बार-बार पलान क रणनी त महगी सा बत होगी ब) मजदर क

अतररा य एकता जो मजदर वरोधी पलायन क रणनी त पर चलन वाल प जी को द डत करन क लय उसक

बाजार को भा वत कर सक स) मजदर क अतररा य एकता जो इस तरह पलायन करक आन वाल प जी को

अपन दश म उस न आन द द) मजदरवग एक ऐसी सरकार लान म कामयाब हो जाय जो प जी क ऐस पलायन

को असभव बना द और य) अतररा य तर पर ऐसी नी तय क लय सघष जो मजदर क कसी भी दश म

आवागमन को खल छट द सक

ii) असग ठत मजदर क शोषण को स थागत प दना और समाज क समची ज रत क उ पादन त

को व व शोषण खला म समट लना

आज असग ठत (इनफामल स टर) क हालात पर बडा सयापा होता ह ल कन अगर हम गहराई म दख तो

यह सब उनक हालत सधारन क बजाय उनक शोषण को स थागत प दता दखाई दता ह इस तथाक थत

इनफामल स टर म तीन तरह क लोग आत ह अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोग छोट इकाइय

म लग अ थाई मजदर और फि य म लग तरह-तरह क अ थाई मजदर वरोजगार म लग लोग और

मजदर क सम याए ब कल अलग ह और अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोगो क सम याए भी

अलग-अलग ह और इनक सम याओ का समाधान भी अलग-अलग ह अगर वा तव म इ ह सकट स बाहर

नकालना हो तो अलग-अलग स टर म इनक वशष सम याओ क मता बक वशष नी तगत समाधान दना

होगा वा तव म यह बह त ज र भी ह य क अगर इनक सकट का समाधान हो जाय तो बराजगार क एक

तहाई सम या का समाधान हो सकता ह ल कन ऐसा करन क बजाय उन सबको मलाकर एक इनफामल

स टर बनान क पीछ एक ह बात हो सकती ह क उनक सकट का समाधान करन क कोइ मशा ह नह ह

उनक लय ऐसी सामािजक सर ा का ावधान कया जाता ह िजसस व कम स कम िज दा रह सक हाला क

यह सब भी पर तरह कागजी ह दखाई दता ह और यह नी तया कह लाग होती नह दखाई दती

दरअसल यह नयी व व यव था और नय म वभाजन क रणनी त का ह एक अग लगता ह

क) उ योग क व व यापी उ पादन या शोषण खला पर गौर कर तो यह खला छोट इकाइय और घर

म काम करन वाल मजदर तक जाती ह और अ त र त म य क एक अ छndashखास ह स का उ पादन

इन असग ठत मजदर वारा कया जाता ह यह सबस कम मजदर म काम करन वाल और सबस

असर त मजदर ह और उ पादन क नयी यव था म दशी- वदशी पजी क लय बह त बड मनाफ का

ोत ह

ख) नयी उ पादन यव था म प जी क सबस बडी ताकत और रणनी त ह उसका ख टा म त होना और कभी

भी पलायन करन क आजाद ल कन य द उ योग म सभी या अ धकाश मजदर थाई ह तो या यह

उतनी आसानी स सभव हो सकगा य द मजदर थायी ह ग तो उनक य नयन भी होगी और मजदर

क लडन क ताकत भी अ धक होगी और व प जी को इतनी आसानी स पलायन नह करन दग दसर

बात य द मजदर थायी ह ग तो प जी को पलायन काफ महगा भी पडगा य क थाई मजदर क हक

को चकता करन म काफ पसा लगाना पडगा और इस लय वह बार बार पलायन क रणनी त नह

इ तमाल कर सकती

ग) नयी उ पादन यव था म कई म उदाहरण क तौर पर कपडा उ योग म फि या आडर पर काम

करती ह और ाड कोई सालाना का ट भी नह करत आडर कभी कम होता ह कभी यादा और कभी

ब कल नह ऐस म अगर थायी मजदर ह ग तो उ ह बार-बार ल-आफ दना पडगा और फि या यह

क मत ाड स वसलगी ऐस म नयी उ पादन यव था म अ थायी मजदर उनक मनाफ का ोत ह

घ) असग ठत म सकट त मजदर क भार फौज एक रजब आम क तरह काम करती ह और

उ योग म मजदर क स लाई को माग स हमशा ऊपर बनाय रखती ह और इसक वजह स मजदर को

हमशा नीच क ओर धकलती रहती ह

ङ) नयी व व यव था क रणनी त यह दखाई दती ह क बडी प जी उन असग ठत को नगल जाय

जहा सीध मनाफा लटा जा सकता ह और अ य असग ठत त को स त म क लट क लय अपनी

उ पादन-शोषण खला म बाध लया जाय उदाहरण क तौर पर रटल यापार और व त स लकर

जलाप त तक क कई अ य सवा स वरोजगार व छोट इकाइय को ख म करक को व पर तरह

क जान म लगी ह ई ह और दसर तरफ स त म क लट क लय उ पादन क म खती व

उ योग म वरोजगार म लग मजदर व छोट इकाइय को अपनी उ पादन खला म समटन क

को शश कर रह ह यहा यह गौर करन क बात ह क आज सरकार क छोट उ योग को बढावा दन

क नी त को उदार करण स पहल वाल प रि थ तय क नगाह स नह दखा जा सकता ह आज यह

उन उ योग पर ल त ह जो दशी- वदशी पजी क उ पादन खला स जड ह ए ह और इस लय परो

प स यह दशी- वदशी बडी पजी क भी मदद ह

जमीनी तौर पर मजदर आ दोलन क सबस बडी रणनी तक सम या और सबस बडी चनौती शायद इसी सवाल

स जडी ह ई ह हर उ योग म भार अनपात म अ थायी मजदर क स या बढन क कारण फ तर पर

य नयन और साम हक सौदबाजी मि कल हो गयी ह यह कछ तर तक वह भावी हो पा रह ह जहा बडी

इकाइया ह और जहा एक खास अनपात म द मजदर को बनाय रखना ज र ह उदाहरण क तौर पर मोटर-

गाडी बनान क उ योग ल कन जहा ऐसी ज रत नह ह और इस लय जहा शायद ह कोई थायी मजदर रखा

जाता ह वहा तो य नयन और साम हक सौदबाजी असभव ह हो गयी ह उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा

उ योग छोट उ योग और वरोजगार म लग लोग को सग ठत करन का सवाल तो एक अलग ह चनौती ह

और इस दशा म तो कोई बडी पहल ह नह दखाई दती ह

मजदर आ दोलन क सम य सम याए और चनौ तया वा त वक ह ल कन ऐसा लगता ह क सकट सफ इन

सम याओ स पदा नह हआ ह सकट का मल व प वचा रक ह और इस सवाल स जडा हआ ह क मजदर

आ दोलन इन सम याओ का कोई भावी समाधान नह तत कर पा रहा ह हम इसक चचा अगल ह स म

करग

iii) म कानन म बदलाव

मकानन म क सरकार और रा य सरकार वारा जो बदलाव कय गय ह या ता वत ह उनस म कानन का ऐसा ढाचा उभरकर सामन आता ह जो मलत चार स तर म वभािजत ह और यह व वशोषण खला क अन प ह

9 स कम मजदर वाल इकाइया इनक लय कोई म कानन ता वत नह ह उ ट घरल उ योग म बाल म क शोषण क छट द द गयी यहा यह यान म रखना ज र ह क यह व वशोषण खला का सबस नचला और सबस असर त तर ह जहा मजदर क भार आबाद को बहद कम मजदर म और वा य क ि ट स खतरनाक ि थ तय म काम करना पडता ह

9-39 मजदर वाल इकाइया इ ह कारखाना कानन स बाहर कया जा रहा ह और एक नय कानन लघ कारखाना कानन म शा मल करन का ताव ह 9 स कम वाल स तर और 9-39 वाल स तर म ह उ पादन क अ य धक म सघन याओ का बडा ह सा सप न कया जाता ह और शोषण खला क अ त र त म य का अ छा-खासा ह सा यह पदा होता ह 9-40 वाल इकाइय म मजदर को बह त सार अ धकार स व चत कया जा रहा ह और नाम मा ह हक उ ह मलन ह

इ ह अब 9 क जगह 19 म कानन स सब धत द तावज बनान और म वभाग म उनक पालन सबधी रटन फाइल करन म छट द द गयी ह

इनम 14 कानन लाग नह ह ग िजनम औ यो गक ववाद अ ध नयम और कारखाना कानन भी शा मल ह उन कानन क सफ कछ ावधान को ता चत लघ उ योग कानन म शा मल कया गया ह

ठका मजदर ( नयमन और खा मा) कानन इनम लाग नह होगा राज थान क कानन म अब यह 50 या अ धक मजदर वाल इकाइय म ह लाग ह (मल म 20 या अ धक पर लाग)

नय मत मजदर क छटनी करन पर 1 माह का नो टस और िजतन साल काम कया ह हर साल क लय 15 दन का मआवजा दना होगा ल कन इसक नौबत ह नह आयगी य क यह ावधान एक साल नय मत स वस पर होन पर ह यह लाग होता ह और ऊपर उदधत कानन म

छट का फायदा उठाकर नयो ता कभी साल भर क स वस पर ह नह होन दग

ईएसआई और पीएफ कानन लाग नह होगा और यहा ईएसआई और पीएफ क जगह दो नयी ाइवट स टर क क म लाग होगी और इसम मजदर को दोन क लय वतन का 10-10 तशत

हर मह न दना होगा काय थल पर भौ तक और रासाय नक सर ा सबधी कोई ावधान नह सफ इतना ह क जहा

खतरनाक या हजाडस चीज का इ तमाल होता होगा वहा कारखाना कानन लाग होगा च का ावधान वह लाग होगा जहा 20 या अ धक म हलाए काम करती ह और उनम स कम

स कम एक का 6 साल स कम का छोटा ब चा हो इसस प ट ह क इस कानन को कोई मतलब नह रह गया

तीन माह म ओवरटाइम काम क घट क सीमा 50 स बढाकर 96 घट क जा रह ह

लघ उ योग कानन म हडताल या हडताल क अ धकार का कोई उ लख ह नह ह एक ऐसा ावधान ह क य द 10 या अ धक मजदर बना नो टस दय एक साथ गरहािजर ह ग तो नयो त

उनक वतन स 8 दन क मजदर काट सकता ह 40 स 299 तक क इकाइया

इनम बना सरकार स अनम त लय छटनी या तालाबद क जा सकती ह

इनम छटनी क लय मजदर को 1 माह का नो टस और मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स हाला क इसक नौबत आयगी ह नह य क यह एक साल क स वस पर होन पर ह लाग होता ह और आजकल उ योग म हालात ऐस ह क हर छह मह न म कागज पर मजदर क नयि त नयी बना दत ह सी मत अव ध का ट का कानन लाग होन क बाद तो नयो ता कसी क भी एक साल क नय मत स वस पर ह नह होन दगा इस अभी कपडा उ योग म लाग कया ह ल कन ज द ह अ य म भी लाग हो सकता ह ऐस हालात म कोई ईएल भी नह पा सकगा और यट दन क नौबत तो कभी आयगी ह नह

ईपीएफ पशन क जगह नयी पशन क म िजसम प रवार लाभ शा मल नह होगा यह शयरबाजार स जडी होगी-और ाइवट कप नय क मनाफा कमान का ज रया बन जाएगी

ईएसआई अ पताल क नजीकरण का ताव जो प र वा थ सवाओ क नजीकरण क योजना का ह एक अग ह

पीएफ को ट स क दायर म लाना पीएफ म शा मल होन को व क बनाना और नयो ता क ओर स पीएफ म जमा कय जान

वाल भाग को सरकार क ओर स दया जाना

नयो ता वारा दय जान वाल पीएफ क भाग को मजदर म शा मल मानना िजसस मजदर बढ ह ई दख और मजदर क असल हालत पर पदा पड जाय

हजाडस कारखान क ल ट को हटाना और सफ हजाडस क एक प रभाषा दना इसस कसी भी कारखान को हजाडस घो षत करवाना बह त मि कल होगा और या काफ ल बी हो जाएगी

म हलाओ को रा पाल म अनम त

तीन माह म ओवरटाइम काम क सीमा बढाकर 115 घट करना (अभी 50 ह)

ड य नयन बनान क लय ज र सद या स या 7 स बढाकर 10 या 100 करना

डय नयन म बाहर सद य पर रोक सफ असग ठत म 2 सद य बाहर क हो सकत ह ड य नयन क मा यता क लय कसी ावधान का ताव नह

हडताल क लय जो क ठन कानन आव यक सवाओ पर लाग था उस सभी पर लाग करन का ताव यानी काननी तौर पर हडताल लगभग असभव गरकाननी हडताल क लय मजदर पर

और तालाबद क लय कारखाना मा लक पर एक ह फाइन-50000 स एक लाख 50 या अ धक मजदर कजअल छटट लकर गरहािजर ह तो यह भी गरकाननी हडताल

ववाद को कोट क बाहर सलझा लन का ावधान और आव यक सवाओ म 2 साल तक हडताल पर तबध (गजरात)

बोनस रा श नधारण क जाच क लय डय नयन नयो ता स कारखान क बलस शीट अब नह माग सकगी

कारखान क इ प शन क लय लबर इ प टर को पहल उ चा धका रय स अनम त लनी होगी और इ प टर क भ मका अब कानन का उ लघन करन वाल पर कारवाई करन क बजाय उ ह कानन का पालन करन म मदद करन क होगी

100 या अ धक मजदर वाल इकाइया ट डग आडर का कानन अब 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय म लाग होगा यह अभी कई

रा य म 50 या अ धक पर लाग होता ह अ य ावधान वह जो 40 स 299 मजदर वाल इकाइय पर लाग 300 या अ धक मजदर वाल इकाइया छटनी या तालाबद क लय सरकार क अनम त ज र

मजदर को 3 माह का नो टस मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स

अ य ावधान वह जो 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय पर लाग मकानन म बदलाव क उपरो त दशा स दो बात प ट होती ह अ) यह कप नय क लय म लागत को

कम स कम करन मजदर को जब चाह काम पर रखन और नकालन क पर छट दन मजदर क हत क

अनदखी करन और मजदर क य नयन बनान और साम हक सौदबाजी करन क मता को ख म करन या कम

स कम करन क दशा म कि त ह और ब) उ योग म शोषण खला का जो ढाचा उभर रहा ह यह उसक

अन प ह एक तरफ छोट इकाइया ह जहा अ धकतम 50 मजदर तक काम करत ह और जहा अ धकाश म

सघन काम सप न होता ह और अ त र त म य का बडा ह सा पदा होता ह दसर तरफ बडी इकाइया ह जहा

100 स 300 तक मजदर काम करत ह और सबस ऊपर थोडी सी ऐसी इकाइया ह जहा 500 स अ धक मजदर

काम करत ह आकड क अनसार पछल 10-12 साल म 10 स 99 मजदर वाल इकाइय का अनपात काफ

घटा ह और दसर तरफ 10 स कम वाल इकाइय और 100-499 वाल इकाइय का अनपात बढ गया ह

दरअसल 10 स कम वाल अ धकाश इकाइया वा तव म 40-50 मजदर को काम पर लगाती ह ल कन कारखाना

कानन स बचन क लय 10 स कम मजदर ह दखाती ह इ ह क सम या को हल करन क लय लघ उ योग

कानन लाया जा रहा ह सार प म इन ता वत कानन स शोषण खला का ढाचा इस प म उभरता दखाई

दता ह अ) घर म काम करन वाल मजदर और 10 स कम वाल इकाइया ब) 10-39 वाल इकाइया स) 40-

299 वाल इकाइया और द) 300 या अ धक वाल इकाइया

iv) प जी का मजदर और जनता पर सवतोमखी नय ण

कोई वग कसी दसर वग पर अपनी स ता सफ दमनत क ताकत क ज रय लब समय तक कायम नह रख

सकता ह शासक वग को शा षत जन म अपनी स ता क कसी न कसी प म एक तर क वीकायता

बनानी पडती ह और अगर वह ऐसा करन म कामयाब नह होता तो उसक स ता भी अ धक समय तक कायम

नह रह सकती ह प जीवाद समाज क लय यह और भी अ धक सच ह पजीप त वग मजदर और आमजन क

वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण कायम करन क को शश करता ह और य द मजदर वग

उस इस पहल पर कोई भावी चनौती नह द पाता ह तो मजदर वग पजी क खलाफ कोई भी भावी सघष

खडा कर पान म सफल नह हो सकता ह प जीवाद समाज म यह वग सघष का एक ब नयाद और मह वपण

पहल ह नयी व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह ल कन

मजदर आ दोलन इस पहल को अ सर नजरदाज करता रहा ह और उस वग सघष क एक ब नयाद पहल क प

म मह व नह द सका ह शायद यह आम जनता क वचार और जीवन पर प जीप त वग क बढत नय ण और

उसको कोई भावी चनौती न द पान क हमार कमजोर का भी एक भाव ह क आज इतन भीषण सकट क

बावजद जनता क ग स का कोई बडा वत फत व फोट नह दखाई दता ह यहा हम सार प म मजदरवग

पर प जीप तवग क नय ण क रणनी त क कछ पहलओ क चचा कर सकत ह

आमजन क वचा रक मानस म प जीप त वग व भ न मा यम स यह लगातार था पत करन क

को शश करता ह क प जीवाद का कोई वक प नह ह नजीकरण और बाजार करण क व तार क साथ

प जीवाद दायर स बाहर कसी अलग जीवन णाल क लय कोई जगह नह रह जाती जो इस वचार को

मजबती दता ह और दश-द नया म कोई वक प नजर न आन स इस उनक वचार मानस म प ता

बनान म मदद मलती ह जीवन क हर ज रत क लय प जीवाद पर पर तरह नभरता और उसस

बाहर नकलन का कोई रा ता न दखाई दन स प जीवाद को वीकार करना एक मजबर भी हो जाती ह

ऐसा ोपागडा बड पमान पर कया जाता ह क प जी क वकास स ह दश को और जनता का वकास हो

सकता ह प जी का वकास होगा तो रोजगार पदा होगा प जी का वकास होगा तो स वधाओ का वकास

होगा प जी का वकास नह होगा तो दश का और जनता का भी वकास क जाएगा और इस लय य द

कोई ऐसी बात करता ह जो प जी क वकास क खलाफ हो तो वह दश का और जनता का द मन ह

आ द आ द

प जीवाद काय थल मजदर को यह अहसास दलाता ह क मजदर और प जीप त दोन का अि त व जडा

हआ ह और मजदर क बहतर क लय प जीप त क बहतर ज र ह नय दौर का सारा प जीवाद

बधन शा और पदा ह ई बधन तकनीक का अमल इस वचार को मजबत बनाता ह रोजगार खोन

का डर भी एक तरह स प जीवाद को वीकार करन क मजबर बन जाती ह

ोपागडा यह नयी व व यव था का एक बह त मजबत और भावी ह थयार ह मी डया स लकर कल -

कालज व व व यालय और शोधस थान तक को भी इसका अग बना दया गया ह इसक ज रय झठ

को सच क तरह पश करना या स य क सफ एक पहल को ह दखाना इ तहास को वकत प म पश

करना म फलाना प जीवाद का म हमामडन करना जो प जीप त वग क हत क खलाफ ह उन वचार

और लोग को बदनाम करना ढ ग पाखड को साइस क तरह पश करना और पछडी चतना को बढावा

दना भडकाऊ झठ खबर बनाना और भडकाऊ कारवाइया करना आ द इनका सबका दायरा बह त व तत

ह यह माल को बचन क लय उनका फायदाबतान वाल झठ रसच स लकर समाजवाद और

समाजवा दय को बदनाम करन क लय झठ घटनाए पदा करन तक का काम करत ह मी डया पर बडी

प जी का पर तरह इजारा कामय हो जान क बाद जनता क पास कोई वकि पक सचनात ख म हो गया

ह और इसक वजह स प जीवाद ोपागडा और अ धक भावी हो गया ह इस हालात न मजदर वग क

सघष क भाव को भी काफ कम कर दया ह दश क कसी शहर म लाख लोग सडक पर आ दोलन

करत ह ल कन पास पडोस क इलाक क लोग को भी इस आ दोलन का पता नह चल पाता यहा तक

क द ल आकर हजार लोग दशन करत ह और द ल क लोग को भी पता नह चलता कह लाख

लोग सघष म जान द रह होत ह ल कन मी डया उ ह यह मानन को मजबर कर दता ह क व पागल ह

या आतकवाद ह और मजदार बात यह ह क लोग एक मनट क लय यह नह सोच पात क व लाख

लोग जो सघष म अपनी जान द रह ह उनक कोई बहद वािजब सम या भी हो सकती ह और यह क

मी डया सफद झठ बोल रहा ह

मजदर वग को वभािजत करन और भटकान क रणनी त प जी क म वरोधी ोपागडा क एक

मह वपण रणनी त ह मजदरवग क भीतर क अतर वरोध को तीखा करना और उ ह एक दसर क वरोधी

क प म तत करना उदाहरण क तौर पर जा त का सवाल धम का सवाल और लगभद का सवाल

और इसक साथ-साथ मजदर क व भ न स तर म अतर वरोध का सवाल उदाहरण क तौर पर

असग ठत ा क मजदर और सग ठत क मजदर कपनी मजदर और ठका मजदर थाई और

अ थाई मजदर ाइबट व पि लक स टर क मजदर आ द इसक बह त सार अ य मह वपण आयाम भी

ह ल कन बात इतन स प ट हो जाती ह इसक साथ ह मजदर आ दोलन म ऐसी रणनी तय को

ो सा हत करना जो सतह पर मजदर क हत म दखती ह ल कन व तत या तो मजदर वरोधी होती

ह या उस बस ऊठक-बठक करन म य त कर दती ह उदाहरण क तौर पर असग ठत मजदर क लय

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Some Reflections on Crisis of the Left in India Marxism 21 Forthcoming

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Page 3: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

था और अपन दश म समाजवाद या अ धक स अ धक जनवाद और समतावाद समाज बनान क लए सघषरत

था इसस प ट होता ह क उस कालखड म प जीवाद और समाजवाद आमन सामन खड थ और द नया का कोई

भी दश इस सघष स अछता नह था

उप नवशवाद स म त ह ए दश म सघष क एक खास वशषता दखाई दती ह उप नवशवाद क खलाफ लडाई

दशी प जीप तय क भी हत म थी य क उप नवशवाद इन दश म प जीवाद का वकास नह होन द रहा था

और इस लय प जीप त वग या कम स कम उसका एक बडा ह सा भी इस लडाई म कसी न कसी प म

शा मल था ल कन प जीप त वग और मजदर वग का च र और उनक हत ब कल अलग थ प जीप त वग

उप नवशवाद का अत तो चाहता था ल कन सा ा यवाद प जी स पर तरह नाता नह तोडना चाहता था य क

उप नवशवाद को अगर हटा दया जाय तो व भी तो इनक भाई ह थ जब क मजदरवग सा ा यवाद का पर

तरह खा मा करना चाहता था और उसस कोई समझौता नह करना चाहता था प जीप त वग क भीतर भी मलत

सा ा यवाद पर त और मलत सा ा यवाद वरोधी ह स क बीच अतर वरोध था और ल कन जहा कह मजदर

वग उप नवशवाद वरोधी सघष म नणायक शि ा बनकर उभर सका वह पर यह अतर वरोध तीखा होकर सतह

पर कट हआ और उनका मलत सा ा यवाद वरोधी ह सा कसी न कसी प म मजदर वग क साथ कसी न

कसी तरह क साझ मोच म शा मल हआ उदाहरण क तौर पर चीन म और इडोन सया म ल कन जहा पर

शि त सतलन म मजदरवग नणायक शि त बनकर नह उभर सका और प जीप त वग उप नवशवाद वरोधी

सघष का नत व क जान म कामयाब रहा वहा पर यह वभाजन नह हो सका और उन दश म प जीप त वग क

भीतर का उपरो त अ तर वरोध प जीप तवग क च र क दो पहलओ क प म हमशा मौजद रहा उप नवशवाद

क अत क बाद पजीप त वग प जीवाद समाज ह बनाना चाहता था जब क मजदर वग प जी क लट को पर

तरह ख म करना चाहता था उप नवशवाद वरोधी सघषा म दोन वग क बीच यह अतर और सघष साफ साफ

दखाई दता ह अलग अलग दश म इस सघष म दोन वग क बीच िजस तरह का शि त सतलन पदा हो सका

उसी न उन दश म उप नवशवाद वरोधी सघष का व प तय कया और उप नवशवाद क अत क बाद उन दश

म सामािजक आ थक राजनी तक यव था का व प भी तय कया हमार दश म मजदर वग उप नवशवाद

वरोधी सघष म एक मजबत शि त था ल कन वह शि त सतलन को नणायक तौर पर अपन प म नह मोड

सका और यहा पर मलत प जीवाद स ता क ह थापना ह ई शि त सतलन को नणायक तौर पर अपन प

म मोडन और बनाय रखन क लय पजीप त वग न सामतवाद पर नणायक हार करन क बजाय सामती

तोकत स गठजोड भी कया

उप नवशवाद क अत क बाद प जीप त वग और मजदर वग क बीच मलत कसी भी तरह क रणनी त मोच क

सभावना नह रह जाती ह सफ सा ा यवाद दबाव-ह त प क प रि थ तय को छोडकर यहा यह प ट कर

दना ज र ह क उप नवशवाद का ख म होना सा यवाद का ख म होना नह ह उप नवशवाद सा ा यवाद

नय ण क एक रणनी त थी और अब बदल ह ई प रि थ तय म यह सभव नह ह ल कन इसका यह भी

मतलब नह ह क सा ा यवाद न इसस तोबा कर ल ह जब तक सा ा यवाद िज दा ह जहा कह भी ज रत

ह ई और जहा कह भी सभव हआ वह ऐसा कर सकता ह और दश काल वशष म अ पका लक प म ऐसा

सभव हो सकता ह उदाहरण क तौर पर इराक और अफगा न तान सा ा यवाद ह त प और नय ण व भ न

प म व भ न दश म आज भी जार ह

उप नवशवाद वरोधी सघष क दौर म सामतवाद वरोधी सघष म प जीप त वग सामा य तौर पर कह कोई

मह वपण भ मका नभाता नजर नह आता ह और स ता पर का बज होन क बाद भी उसक कोई ाि तकार

भ मका नह दखाई दती ह यहा पर हम समझना चा हए क मजदर वग क एक मजबत राजनी तक शि त क

प म उभरन और समाजवाद सघष और वजय का सल सला श होन क बाद प जी का भी राजनी तक प

स सग ठत होना और अपन दरगामी हत को यान म रखकर काम करना लािजमी ह और वह ऐसी कोई

रणनी त नह अपना सकती जो समाजवाद आ दोलन को मजबत बनाती हो सामतवाद वरोधी सघष और

ाि तकार भ म सधार नि चत तौर पर पजीवाद वकास क हत म होत ह ल कन यह जनता को तमाम

सामािजक-आ थक-राजनी तक और मान सक गलामी क बधन स म त करक उसक ाि तकार ऊजा और

ताकत को बढा दत ह और खासकर ऐस दौर म जब मजदर वग एक शि त क प म उभर चका हो यह

ाि तकार ऊजा और ताकत पजीवाद को जड स उखाड फकन क लय काफ होती ह इस सबस अ छ तरह

प रस क यन क उदाहरण स समझा जा सकता ह दसर तरफ मजदर वग पर प जीवाद नय ण कायम रखन

म नरकश सामती स क त म यमा यताए और सामािजक भद व असमानताए उपयोगी ह सा बत होती ह ऐस

म प जीवाद इस पर कोई भी नणायक हार करन क बजाय अपनी स ता को कायम रखन क लय इसका

इ तमाल ह करता ह प जी क वकास क लय सामतवाद का इस हद तक ख म होना अव य ज र ह क

उ पादनसबध प जी क वकास क अनकल ह प जी क लय मजदर क अबाध आप त म कोई कावट न हो और

उसक उ पाद क लय बाजार का वकास हो और खती म उ पादन क नरतर बढो तर शहर करण और

औ योगीकरण क ज रत को पर करन म स म हो जहा तक भारत का सवाल ह प जीप त वग न िजस तरह

क भ म सधार यहा लाग कय उनका असमानता ख म करन पर कोई जोर नह था ल कन उसन उ पादन सबध

म बदलाव कया और प जीवाद दायर क बाहर दखन वाल खती को भी धीर-धीर प जीवाद उ पादन और बाजार

क मातहत ला दया और सबकछ को प जीवाद णाल क भीतर समट लया उप नवशवाद दौर म ह ए

औ यो गक वनाश क वजह स यहा मजदर क भार अ त र त फौज पहल ह मौजद थी खती का उ पादन

बढान क लय प जीप तवग न ाि तकार भ म सधार क बजाज उ पादन बढान क तकनीक पर अ धक जोर

दया उदाहण क तौर पर सत तर क दशक क ह रत ाि त जहा तक औ यो गक उ पाद क लय भावी

बाजार का सवाल ह भारत जस दश म यह यापक पमान पर ाि तकार भ म सधार क बाद ह पदा हो सकता

था और ऐसा न होन स यह सकट बना रहा ह और प जीवाद वकास क ग त को भी अव ध करता रहा ह

दसर तरफ उप नवशवाद सघष क दौर म और उसक बाद स ार क दशक तक सामतवाद वरोधी सघष और

म यत ाि तकार भ म सधार क लए सघष ह मजदर वग क समाजवाद आदोलन का म य क थ य क

उनक बगर समाज का जनवाद और समतावाद वकास सभव ह नह था

अब हम स तर और अ सी क दशक म लौटत ह और यह दखन क कोशश करत ह क उस समय द नया और

दश म कस तरह क नयी प रि थ तया पदा ह

जसा क हम पहल ह चचा कर चक ह क सा ा यवाद दश िजस तरह क सकट का सामना कर रह थ उसका

समाधान उ ह एक ह चीज म दखाई द रहा था क व कसी तरह एक ऐसी व व यव था बनाए जो पर

द नया को एक नय प म उनक प जी क ि लय खल चरागाह म बदल द इसी स अपरपार बरोजगार पडी प जी

क नवश क सभावनाए पदा हो सकती थी और मनाफ क दर भी कई गना बढ सकती थी पछड ह ए दश म

तलना मक प म कई गना अ धक मसघन प रि थ तय म काम होन क वजह स मनाफ क दर अ धक होती

ह साथ ह अगर पछड ह ए दश म माल पदा करक सा ा यवाद दश म बचा जाय तो भार अ त र त मनाफा

भी कमाया जा सकता ह

ल कन यह ल य हा सल करना इतना आसान नह था उस समय उप नवशवाद स म त ह ए दश अपनी

आ म नभरता और वत ता को मजबत बनान क को शश कर रह थ 140 दश क गट नरप आ दोलन और

उसम शा मल दश क कछ यास म इसक झलक दखी जा सकती ह स तर क दशक म कई दश म वदशी

कप नय का रा टीयकरण कर ि दया गया और 20 स अ धक दश म वदशी कप नय क ग त व धय पर

नय ण क ि लय कानन बनाय गय इसक साथ ह गट नरप आ दोलन साम हक प स सय त रा म

इस बात क लय सघष कर रहा था क उप नवशवाद क दौर म पदा ह ई वि वक स थाए अ ास गक हो गयी ह

और उप नवशवाद स म त ह ए दश क हत क तकल ह और इस लय एक नयी और अ धक जनवाद

अ तररा य यव था का नमाण कया जाना चा हए उनक आवाज कतनी मजबत थी इसका अदाजा इसी

बात स लगाया जा सकता ह क 1974 म सय त रा महासभा न इस नयी अ तररा य आ थक यव था क

दशा म एक घोषणाप भी जार कर दया था 1976 तक सय त रा क स थाओ न बह रा य कप नय पर

नय ण क लय एक कानन का ा प भी तयार कर लया था

ल कन सा ा यवाद प जी न एकजट होकर इन यास पर हमला कया यह हमला बहआयामी था लकन यहा

हम उसक सबस मह वपण प क ह चचा कर सकत ह अब यह कोई छपी ह ई बात नह रह गयी ह क

1973-74 का तल सकट सा ा यवाद प जी वारा स नयािजत तर क स पदा कया गया था इसस तल क

क मत लगभग 400 गना बढ गयी और इसन तल क आयात पर नभर पछड दश क कमर तोड द हालात

कस थ इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क 1973 तक भगतान सतलन म धना मक और व थ

ि थ त म खडा भारत 1974 म गहर सकट म पह च गया 1974 म हमार पास वदशी म ा भडार लगभग 629

म लयन डालर डालर था और तल क क मत म बतहासा व दध स अब तल आयात का सालाना बल 1221

म लयन डालर पर पह च गया था इसस अदाजा लगया जा सकता ह क इसका पर अथ यव था पर और

उ पादन पर और उ पादन लागत पर कतना गहरा असर पडा सभी पछड और तल आयात पर नभर दश क

यह हालत ह ई और कई दश कज जाल म फस गय इस हालात न कई दश को सा ा यवाद शत मानन पर

मजबर कर दया और गट नरप आ दोलन क ताकत को कमजोर कर दया यह भी अब कोई छपी ह ई बात

नह रह गयी ह क 1979-82 का सकट भी पर तरह स नयोिजत था और यह अमर का और यरोप म डालर क

याज दर म असामा य प स भार बढो तर क वजह स पदा हआ था 1979-80 म रात -रात लदन क

यरोडालर माकट म याजदर 20 पर पह च गयी जो 1978 म 5 थी याजदर म यह बढो तर तीसर द नया

क दश क उस कज पर भी लाग कर द गयी जो व चका नह सक थ इसक वजह स रात रात व कज क ऐस

भार बोझ तल दब गय और ऐस कजजाल म फस गय िजसम स आसानी स नह नकला जा सकता था इस

सकट न कई दश को घटन टकन पर मजबर कर दया और गट नरप आ दोलन क कमर तोड द उसक

बाद अतररा यम ा कोष और व व बक जसी सा ा यवाद स थाओ न उ ह इस सकट स उबारन क लय

सरचना मक समायोजन क नाम स वह दवा द जो सा ा यवाद योजना क अनकल थी यानी इन दश क

अथ यव थाओ को सा ा यवाद पजी क लय पर तरह खोल दना- उदार करण और व वीकरण

यहा इस बात का भी उ ख करना ज र ह क इसी दौर म उप नवशवाद स म त ह ए अ धकाश दश म

प जीप त वग क दो पहलओ या दो धड--मलत स ा यवाद पर त और मलत सा ा यवाद वरोधी क बीच भी

अ तर वरोध तीखा होता दखाई दता ह और व खलकर आमन सामन आत दखाईदत ह भारत क ि थ त पर

गौर कर तो यह एक नणायक मोड ब द दखाई दता ह

भारत म स र क दशक म आ थक सकट कह अ धक गहरा था 1962 म भारत-चीन य ध 1965 और ि फर

1971 म भारत-पा क तान य ध 1973-74 का तल सकट और इसी काल म सखा और अकाल का ल बा दौर

उदाहरण क तौर पर 1967 म बहार म 1973 म महारा म और 1979 म पि चम बगाल म हालात ऐस थ

क 1966 क बाद पचवष य याजना नह बनायी जा सक और 1966 स 1969 तक सफ सालाना योजना ह

बनाई जा सक खा य सकट इतना गहरा हो गया था क भार मा ा म वदशी म ा अनाज क आयात पर खच

करनी पडी आ थक सकट क साथ ह इस काल म राजनी तक सकट भी गहरा गया इसी काल म मजदर -

कसान और रा यताओ क आ दोलन उ होकर फट पड दसर तरफ प जीवाद राजनी त क वाम और

द णपथी धड क बीच भी सघष तीखा हो गया दश क आ थक सकट का फायदा उठाकर अथ यव था को

वदशी प जी क लय खोल दन क लय सा ा यवाद दबाव कई गना बढ गया और एक हद तक सरकार को

झकना भी पडा वदशी सहायता पान क लय अपनी म ा का अवम यन करना पडा ल कन अमर क सरकार

और अतरा य पन नमाण और वकास बक न वदशी सहायता का वादा परा नह कया और व अ धक

उदार करण क माग करत रह यहा तक क अमर का न करार क बावजद अनाज क एक खप रोक ल और उस

भारत नह भजा इसक पीछ सबस बडा कारण यह था क भारत न वयतनाम पर अमर क हमल क आलोचना

करनी नह छोडी और अपनी वत ता को खतर म डालन वाल अमर का क ए शया नी त का अग नह बनना

चाहा इन हालात म प जीप त वग क सामन सफ दो ह रा त थ अ) वाम प क तरफ झकना अ धक स

अ धक वाममाग ताकत को साथ लन क को शश करना अ धक स अ धक रा वाद सामतवाद वरोधी और

सा ा यवाद वरोधी तवर अि तयार करना अ धक स अ धक आ म नभर वकास पर जोर दना और अपनी

राजनी तक-आ थक वत ता को मजबत बनान क को शश करना ब) द णपथ क ओर झकना द णपथी

ताकत को साथ लना सा ा यवा दय क शत को मान लना और अथ यव था को सा ा यवाद प जी क ि लय

पर तरह खोल दना

कल मलाकर दखा जाय तो त काल न धानम ी इ दरा गाधी न इसम स पहला रा ता चना यहा यह साफ कर

दना ज र ह क प जीप त वग कभी भी अपना ह वरोध नह कर सकता ह और कसी समाजवाद योजना का

समथन नह कर सकता ह उसका उ रा वाद भी प जीवाद सीमाओ क भीतर ह वाम माग क ओर झक

सकता ह और यह इस बात स नधा रत होता ह क उस समय उस कस हद तक क सामतवाद वरोध और

सा ा यवाद वरोध क ज रत ह और अपनी सीमाओ म वह इस राह पर कस हद आग जा सकता ह इ दरा

गाधी और का स का वाम घडा तलना मक तौर पर अ धक रा वाद था और उसका रा वाद इस समय

सा ा यवाद ह त प क खतर क वजह स अ धक मखर हो गया था और य क अब दो ह रा त थ या तो

सा ा यवा दय क शत को मानकर अपनी आ थक और एक हद तक राजनी तक वत ता को खतर म डालना

या रा वाद तवर अि तयार करत ह ए आ मनभर वकास क ओर बढना जो उस रा त स ह सभव था जो

समाजवाद और क य न ट बह त ल ब समय स माग कर रह थ उदाहरण क तौर पर बक और मह वपण

उ योग का रा यकरण और भ म सधार का स और का स क बाहर द णपथी राजनी तक धडा ऐस

रा वाद कदम का खलकर वरोध कर रहा था उदाहरण क तौर पर का स क भीतर मरारजी दसाई और अ य

क नत व म एक बडा गट और का स क बाहर जनसघ और उसक सहयोगी राजनी तक ताकत हालात ऐस हो

गय थ क का स दो पा टय म वभािजत हो गयी ऐस हालात म राजनी तक तौर पर भी का स क मजबर

थी क वह समाजवाद राजनी तक शि तय को अपन साथ लन क को शश कर ल कन दसर तरफ जसा क

ऊपर चचा क जा चक ह पजीप तवग का ब नयाद च र क य न ट वरोधी होता ह और इस लय वह

अ पकाल क लय ह और एक सीमा क भीतर ह और कवल ऐसी समाजवाद शि तय क साथ ह मोचा बना

सकता ह जो कोई गभीर समाजवाद चनौती न पदा कर सक

वाम राजनी त क साथ का स क उस दौर क मोच और उस दौर क प जीवाद आ थक-राजनी तक रणनी त को

इसी नज रय स दखा जा सकता ह एक तरफ उस दौर म तलना मक तौर पर सा ा यवाद वरोधी सामतवाद

वरोधी और अप ाकत अ धक जनप धर आ थक-राजनी तक नी तय पर अमल हआ और दसर तरफ इसी दौर

म पजीप तवग का सबस अ धक मजदर वरोधी जनत वरोधी और क य न ट वरोधी दमनकार च र भी

उभरकर सामन आया यह दोन चीज ब कल अ तर वरोधी नजर आती ह ल कन तथाक थत रा वाद प जीप त

वग का च र इतना ह अ तर वरोधी होता ह यहा हम उस दौर म इ दरा गाधी सरकार क मजदर वरोधी

जनत वरोधी व क य न ट वरोधी दमनकार च र क बार म अ धक व तार म नह जाएग य क यह हम

सभी अ छ तरह जानत ह सफ इतना ह कहना काफ ह क 1975-77 क दौरान 40 हजार रानी तक कद

अकल पि चमबगाल म थ और उनम स अ धकाश न सलवाडी समथक ा तकार वाम कायकता थ ल कन उस

दौर म अि त व म आय कछ मह वपण कानन और नी तय का उ लख ज र ह उदाहरण क तौर पर

अ) उदार करण क दशा म उठाए गय कदम को वापस लना बक -कोयलाखदान -तीन बडी वदशी तल

कप नय और 111 बीमार कपडा मल और जट मल का रा यकरण पि लक स टर का तजी स

व तार पहल स अ धक आ थक को लघ उ योग क लय आर त करना एमआरट पी और फरा

कानन आ द

आ) औ यो गक ववाद अ ध नयम म ससोधन और 300 या अ धक मजदर वाल कप नय म छटनी-

तालाबद स पहल सरकार स अनम त लन क बा यता

इ) स वदा म उ मलन व व नयमन अ ध नयम 1970

ई) भ म सधार कानन 1973 और ीवी पस का खा मा

उ) खती क लय ज र ढाचागत ससाधन का वकास और दश म उन उ योग का वकास जो खती क

लय ज र ह खा य आ म नभरता पर अ त र त जोर

ऊ) रा यताओ क आनदोलन को शा त करन क लय रा य का पनगठन आ द और भाषा ववाद

को शा त करन क लय ह द क साथ अ जी भाषा को भी सरकार भाषा का दजा दना

ऋ) गट नरप आ दोलन म अ णी भ मका यि लयर ट ट करना और यि लयर शि त सप न

दश का दजा हा सल करना जो सा ा यवाद शि तय क हमल क सभावना कम कर दता ह

हम पहल ह उ लख कर चक ह क का स क भीतर और बाहर द णपथी राजनी तक ताकत इस तरह क

सामतवाद वरोधी और सा ा यवाद वरोधी नी तय क प म नह थी ल कन उस समय उनक ताकत इतनी

नह थी क व कोई नणायक ह त प कर पाती ल कन इ दरा गाधी सरकार क दमनकार नी तय और उसक

बाद इमजसी काल क दमनकार रा य न राजनी तक शि तसतलन बदल दया जो भी समाजवाद शि तया उस

समय द णपथ क खलाफ का स क साथ खडी थी व भी उसक वरोध म चल गयी और समय वशष क

प रि थ तय म आपातकाल क खलाफ द णपथी ताकत क साथ मोचा बनान पर मजबर हो गयी द णपथी

ताकत न इसका फायदा उठाया और उनक ताकत बढ ल कन ि फर भी इ दरा गाधी क मौत स पहल व कभी

भी ऐसी नणायक ताकत नह बन सक क उपरो त नी तय म बदलाव ला सक

इ दरा गाधी क मौत क बाद प रि थ तया तजी क साथ बदल यह एक ऐसा दौर था जब समाजवाद खम का

घो षत तौर पर पतन हो गया और सो वयत स का भी पतन हो गया तीसर द नया क दश क लय

गट नरप नी त पर चलन म समाजवाद खम क मदद या उसका मौजद होना भी एक मह वपण त व था

उसक पतन क बाद प रि थ तया बदल गयी दसर तरफ यह एक यापक सा ा यवाद वचा रक हमल का भी

दौर था और उसक ोपागडा का सबस मह वपण क व द था--उदार करएा और व वीकरण का कोई वक प

नह ह न ब क दशक म हमार दश म इसका असर दखाई दन लगा और तजी क साथ सभी राजनी तक

पा टय म इस पर एक आम सहम त सी बनती गयी यह अभी भी एक रह य ह ह क कछ ह साल म ऐसा

कस तरह और कस हआ क लगभग सभी ससद य पा टय क नी तय म कम स कम यावहा रक प म एक

समानता वक सत हो गयी और उ ह न उदार करण और व वीकरण क नी तय को एक हद तक वीकार कर

लया मलत इसी आधार पर क इसका कोई वक प नह ह यवहार म और काफ हद तक स धा त म भी

यह ससद य क य न ट पा टय म भी दखाई दता ह उदार करण क रा त पर गाडी क आग बढन क साथ ह

प जीप तवग क भीतर वचा रक-राजनी तक अ तर वरोध ख म होत दखाई दत ह प जीवाद पा टय क नी तय म

ऐसी समानता पदा हो गयी क अब वचा रक-राजनी तक तौर पर उ ह प जीप त वग क अलग-अलग ह स का

त न ध व करन वाल पा टय ( यापा रय क पाट धनी कसान क पाट आ द) क प म दखना सभव नह

रहा

यहा भारत पा क तान और बागलादश क प रि थ तय म एक अजीब समानता दखाई दती ह इ दरा गाधी क

काल म ह पा क तान म जि फकार अल भ टो और बागलादश म शख मजीबरहमान क नत व म उसी तरह

क नी तय पर अमल हआ तीन ह अपन दश म लोक य नता थ आ चय क बात ह क तीन ह मार गय

और लगभग एक ह काल म तीन जब तक िज दा थ सा ा यवाद नी तय का वरोध करत रह और तीन क

मौत क बाद ह उनक दश क अथ यव थाए उदार करण क ओर आग बढ (पा क तान म भ टो का

त तापलट 1977 और उ ह फासी 1979 मजीबरहमान क सरकार का त तापलट और उनक ह या 1975

इ दरागाधी क ह या 1984 और इसी कालखड म इडोन सया म त तापलट 1967 चल म त तापलट 1973)

दश-द नया क इन बदल ह ई प रि थ तय म 1986 म उ व राउड क वाताए श ह और 1995 म व व

यापार सगठन क थापना ह ई और यह एक नयी व व यव था क नीव थी

2 नयी व व यव था का राजनी तक-आ थक व प और मजदर आ दोलन क

चनौ तया

द नया क राजनी तक आ थक यव था म जो सबस मह वपण बदलाव ह ए ह और उसस मजदर आ दोलन क सम जो चनौ तया उपि थ त होती ह उ ह न न ल खत प म चि हत कया जा सकता ह

A प जी का अ धकाश ह सा-- व तीयकरण स मनाफ क लट हम पहल ह उ लख कर चक ह क प जी तभी पजी होती ह जब उसका व तार होता रह उसका नवश होता रह और वह मनाफा कमाकर छोट स बडी प जी बनती रह य द उसका व तार क जाय तो वह पजी क प म िज दा ह नह रह सकती ह प जी दो तरह क होती ह उ पादक प जी जो उ पादन म लगकर और अ त र त म य पदा करक मनाफा कमाती ह और व तीय प जी जो बना उ पादन म लग और बना अ त र त म य पदा कय सदखोर और स टाबाजार क ज रय मनाफा कमाती ह इस दसर प जी को परजीवी प जी कहा जाता ह य क अ त र त म य तो सफ उ पादक प जी ह पदा करती ह उ पादन क अलावा िजतन भी अ य ह उदाहरण क तौर पर ब कग-बीमा-शयर और स टा बाजार-म ाबाजार-जमीन जायदाद का बजनस यापार और अ य सवाए कोई अ त र त म य पदा नह करती ह आप इसी स समझ सकत ह क म ा जमीन या शयर क दाम खर द और बकवाल स अचानक बढ जात ह और घट जात ह और इस खर द बकवाल स कोई अ त र त म य तो पदा होता नह तो ि फर यह मनाफा आता कहा स ह व तीय प जी क इस मनाफ क दो ह ोत हो सकत ह-उ पादक प जी वारा पदा कय गय अ त र त म य म स लटकर (यानी प जीप त वग क बीच क गलाकाट तयो गता) या ि फर मजदर क जब काटकर या समाज को लटकर आज क दौर म जब अ धकाश उ योग म चद दशी- वदशी प जीप तय क इजारदार कायम हो चक ह व तीय प जी स पदा होन वाला मनाफा मजदर और आम जनता क लट स ह आता ह दश और द नया क अथ यव था म इस परजीवी प जी का ह सा बढना यानी उ पादक प जी का ह सा घटना एक सकट और खतर क घट माना जाता ह और जब इस पजी का ह सा थाई तौर पर बढा हआ दखाई द तो इसका मतलब सकट भी थाई हो चका ह द नया क तर पर दखा जाय तो हालात काफ पहल स ह खतरनाक ि थ त पर पह च चक ह दश क तर पर दख तो इस समय जीडीपी म सवा का ि ह सा अब 60 पह च चका ह और इस सवा का अ धकाश ह सा व तीयकरण स मनाफ क लट ह ह

मजदर वग पर इसका बहआयामी भाव पडता ह यह दखना मजदार होगा क अब जीडीपी वकास दर का रोजगार वकास दर स नाता टट गया दखाई दता ह इसका म य कारण यह ह क जीडीपी क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह दसर बात बार-बार आ थक सकट का आना और इसक वजह स बार-बार रोजगार सकट पदा होना और महगाई का बढत जाना इन सबका व तीयकरण स गहरा र ता ह अब वकास का माडल ह बाहर नवश और बाहर मदद पर आधा रत हो गया ह बाहर मदद और कछ नह याज पर लया जान वाला कज ह और इसक ज रए हमार दश म पदा होन वाल सपदा का एक बडा ह सा सा ा यवाद दश वारा लट लया जाता ह यह व तीयकरण स मनाफ क लट क रणनी त का ह अग ह व वबक-आइएमएफ और अ य ऐसी स थाए इस लट का मा यम ह अगर गहराई स दख तो उ पादन म आनवाल वदशी नवश का अ धकाश ह सा भी व तीयकरण स मनाफ क लट क रणनी त का अग बन चका ह द नया क नयी व व यव था म उ पादन का भी व तीयकरण हो रहा ह अब ाड या मल कप नया जो पदा होन वाल माल क असल मा लक होती ह व अ धकाशत ऐसी होती जा रह ह क व सफ पसा लगाती ह और उ पादन कोई दसरा ह करता ह ल कन व उ पादन को पर तरह नय त करती ह कई प म यह एक खतरनाक ि थ त को पदा कर रहा ह उ पादन क या स और उ पादन म लग मजदर स तथा उ पादन म लगन वाल ाक तक ससाधन स व बह त दर होती ह और इस लय उनक हत -अन हत स व पर तरह असप त होती ह और ाक तक ससाधन पर कोई सकट या मजदर क सघष का उन पर कोई य असर नह पडता कह कोई सकट दखाई दया तो बना अवरोध क व कसी दसर जगह भाग जाती ह एक और नयी चीज पर गौर कर पजी अपरपार हो चक ह और उसक उ पादन मता अपरपार हो चक ह ल कन उस हसाब स समाज म लोग क तर क नह ह ई और न व होन दना चाहत ह ता क लोग कम मजदर पर काम करन क लय मजबर ह और इस लय एक छोटा सा म यवग ह उनक माल का बाजार ह ऐस म अ धक स अ धक माल इसी बाजार म खपाकर अ धक स अ धक मनाफा कमान क लय व इ तमाल करो और फक दो क स क त को बढावा दत ह ऐस माल बनात ह जो यादा दन न चल सक और रपयर करक ल ब समय तक इ तमाल न कय जा सक इस तरह व

हमार आय म स अ त र त लट करत ह ल कन सबस भयानक बात ह क इसस टथ श व पन स लकर मोबाइलफोन व क यटर तक क कबाड भार पमान पर जमा हो रह ह जो खतरनाक ि थ तय का पदा कर रह ह इसक साथ ह यह ाक तक ससाधन क अनाव यक और खतरनाक तर क दोहन को भी बढावा द रहा ह ल कन इन सम याओ स उस व तीय प जी पर कोई य असर नह पडता जो उ पादन को नय त कर रह ह

हमार दश म अभी तक व तीय सवाओ का पर तरह उदार करण नह कया गया ह और इस लय अभी तक व व म पदा होन वाल व तीय सकट का उतना खतरनाक भाव भारत पर नह पड सका ल कन यहा भी इसका पर तरह उदार करण करन क यास तज हो चक ह और सा ा यवाद प जी इसक लय लगातार दबाव डाल रह ह इसका बहआयामी भाव होगा ल कन हम यहा इसक सफ दो मह वपण पहलओ को रखा कत करग

अ) हम पहल चचाकर चक ह व तीय प जी कोई अ त र त म य नह पदा करती ह और उ पादक प जी वारा पदा कय गय अ त र त म य को लटकर ह वह मनाफा कमाती ह ऐस म दशी व तीय प जी वारा लटा गया यह अ त र त म य कम स कम दश म ह रह जाता ह और दश क प जी को बढाता ह और उसका एक ह सा दश क वकास म खच हो सकता ह ल कन य द वदशी व तीय प जी यह अ त र त म य लटगी तो यहा पदा ह ई धन सपदा का यह ह सा सीध बाहर चला जाएगा इसी तरह क बात खदरा बाजार को वदशी प जी क लय खोलन स भी होगी इसस सफ यापार म वरोजगार म लग गर ब लोग का रोजगार ह नह छनगा बि क दशी बाजार पर वदशी प जी का नय ण बढगा और दश म पदा होन वाल अ त र त म य का या नयी धनसपदा का एक ह सा सीध बाहर चला जाएगा मनाफा लटन क यह रणनी त कस तर पर काम कर रह ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क चीन न 2016 म पा क तान टाक ए सचज का 40 फ सद ह सा खर द लया ह ऐसा अ य दश म भी हो रहा ह

आ) व तीय सवाओ को पर तरह खोल दन स सबस खतरनाक बात यह होगी क हमार अथ यव था पर हमारा लगभग कोई भावी नय ण नह रह जाएगा हम पहल ह चचा कर चक ह क स टाबाजार या शयर बाजार जमीन जायदाद क बाजार म ा बाजार आ द म चढाव और उतार खर द और बकवाल स ह पदा होत ह और यह चढाव उतार ह भार मनाफ का ोत ह और भार सकट का भी ोत ह यह खर द और बकवाल स नयोिजत भी हो सकती

ह एक ऐसी द नया म जहा सफ चद बडी कप नया द नया क सम त पजी क भार ह स को नय त करती ह स नयोिजत बकवाल और खर द न सफ भार मनाफा कमान क रणनी त क तौर पर बि क क ह खास अथ यव थाओ को डावाडोल करन क लय भी इ तमाल हो स कती ह दसर तरफ व तीयसवाओ को पर तरह खोलन का यह भी मतलब ह क यह द नया क व त बाजार का ह एक अ भ न ह सा बन जाएगी और द नया क कसी भी कोन म एक छोटा सा सकट सीध यहा भी सकट पदा कर दगा और पर अथ यव था को भा वत करगा व व बक क ह आकडो क अनसार पछल 25 साल म 93 दश क व त यव था को 117 बार गभीर सकट का सामना करना पडा ह और इसक अ त र त 51 बार कम गभीर सकट का सामना करना पडा ह यानी कल मलाकर एक साल म लगभग 6 बार

नजीकरण भी नयी व व यव था म मनाफ क लट क नयी रणनी त का अ भ न अग ह यह दश क सभी ससाधन पर दशी- वदशी पजी का नय ण कायम करन क साथ ह व तीयकरण स मनाफा लटन क रणनी त का भी ह सा ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क सरकार कस तरह सार पि लक स टर बचन पर आमादा ह और कस तरह हमार जल-जगल-जमीन को दशी वदशी कप नय को स पा जा रहा ह इसस एक और खतरा भी सामन आ रहा ह सार पि लक स टर बचन और प जी को अ धक स अ धक ट स छट दन वाल वकास क रणनी त पर चलन स सरकार क पास आय क ोत या रह जायग इसस एक तरफ तो सरकार पि लक वलफयर क काम पर कछ भी खच करन क ि थ त म नह रह जायगी और दसर तरफ अपन खच क लय वह आमजनता पर लगातार ट स बढाती जायगी और आमजनता क ह जमा पस का इ तमाल करगी यहा ीलका का एक उदाहरण दना शायद समीचीन होगा ीलका उदार करण और व वीकरण क राह पर चलन वाला द ण ए शया का पहला दश था और वहा इसक श आत 1977-78 म ह हो गयी थी वहा इसका असर भी पहल ह आना श हो गया था 2002 म वहा हालात ऐस हो गय थ क सरकार कामकाज क खच क लय सरकार मजदर क ा वडट फड म जमा पस का 98 इ तमाल कर रह थी 2011 म वहा वप न सरकार क खलाफ यह सवाल उठाया था क सरकार अपना कज चकान क लय मजदर क ा वडट फड क पस का इ तमाल कर रह ह ऐसी भी ि थ त पदा हो सकती ह क जनक याण क

काम और शायद म य -अफसर क वदश दौर भी प जीप तय क सीएसआर या दान पर नभर होत जायग यहा पर यह भी उ लख कर दना ज र ह क सरकार का आनलाइन पमट पर जो अ त र त जोर दखाई द रहा ह उसका टाचार नय ण स तो कोई लना दना नह दखाई द रहा ह ल कन उसका उपरो त बात स गहरा र ता ह हर प जीवाद नी त क कई आयाम होत ह और इसक भी कई आयाम ह ल कन हम यहा उसक कछ ह पहलओ को चि हत कर सकत ह

अ) सभी उ योग और ससाधन क नजीकरण और उ योग को सभी कर म छट दन क वकास रणनी त क चलत सरकार अपन खच क लय सफ जनता स ट स वसलन पर ह नभर होती जा रह ह और सभी कर बढाती जा रह ह और नत नय कर भी लगाती जा रह ह यह जानना मह वपण ह क य कर तो साफ साफ दखाई दता ह जस इनकम ट स इस लय उस अभी कम ह बढाया जा रहा ह सबस अ धक कर का बोझ अ य कर क प म बढया जा रहा ह जो साफ-साफ दखाई नह दता और जो सभी पर लाग होता ह चाह उसक आय कतनी भी कम हो हम जो भी सामान बाजार स खर दत ह उसक एमआरपी दाम म भी कर शा मल होता ह और ऊपर स और अ धक ट सलगाय जात ह कसी भी सामान क दाम म कल कर कर ब 44 ट स शा मल होता ह यानी 100 क दाम म 44 पय का कर इसका लगभग

आधा ह सा तो उसक एमआरपी दाम म शा मल होता ह जो हम दना ह होता ह चाह बना बल क खर द हो ल कन कल कर का लगभग आधा ह सा तभी दना होता ह जब दकानदार प का बल द यानी तब दकानदार भी उस कर को सरकार क पास जमा करगा ल कन करोडो गर ब लोग और लाख छोट दकानदार बना प क बल क खर द ब करत ह और इसक चलत सरकार यह कर नह वसलकर पाती ह यह नकद म लन दन पर ह सभव होता ह य द नकद म लन दन को बद कर दया जाय तो हम कर का वह ह सा भी चकान क लय मजबर कर दया जायगा ऐस म यह रणनी त भी सीध सीध गर ब क जब म डाका डालन क लय ह नद शत ह ऐस हालात म जब करोडो लोग क मजदर और आय जीवन जीन क लय पया त न हो तो उनक ऊपर कर का यह बोझ डालना या यायसगत ह और ऐस हालात म य द गर ब लोग यह कर नह चकात ह तो या यह काला-सफद का मामला ह या यह उनक िज दा रहन क ह एक शत नह ह ऐस हालात म जब कारपोरट कप नय को भार पमान पर ट स म छट और ट स चोर क छट द जा रह हो या आम जनता क साथ यह यादती वािजब ह सीएजी क 2016 क एक रपोट क अनसार इनकमट स डपाटमट न ढाचागत काय करन वाल कप नय को गलत तर क 45000 करोड का ट स लाभ दया उसी क एक रपोट क मता बक 7 लाख करोड य कर नह वसला जा सका और उसका 96 अब वसलना सभव नह रह गया ह उसी क एक अ य रपोट क मता बक सफ 2010-11 म कारपोरट कप नय को 88263 करोड पय क कर छट द गयी

आ) इसका एक और मह वपण ल य ह खदरा यापार को दशी- वदशी कारपोरट कप नय क हाथ स पना यह दो तरह स कया जा रहा ह- अ) कप नय क खदरा यापार चन को ो सा हत करना और खदरा यापार को वदशी प जी क लय खोलना ब) आनलाइन खर द- ब को ो सा हत करना कशलश खर द ब को बढावा दना इसी नीयत स कया जा रहा ह यह दो

ल य को एक साथ परा करता ह खदरा यापार को दशी- वदशी प जी क हाथ स पना और लोग को परा ट स चकान क लय मजबर करना आनलाइन खर द ब और रटल चन क ज रय दशी- वदशी प जी एक साथ गठजोड बनाकर म खदरा यापार म आ रह ह और इसन अभी ह खदरा यापा रय क हालत ख ता कर द ह यह वश ध प स व तीयकरण स मनाफ क लट ह ह इसस एक तरफ तो दश क बाजार पर बडी दशी- वदशी पजी क गठजोड का क जा होता जायगा और दश क उ पादक भी उनक य जकडबद म फसत जायग दसर तरफ खदराबाजार म लगी भार आबाद को बरोजगार क सम या झलनी पडगी इसक साथ ह गर ब आबाद को मजबरन महगा सामान खर दना पडगा पदा होन वाल हालात का इसस ह अदाजा लगाया जा सकता ह क अभी क ष क बाद सबस अ धक आबाद खदरा यापारम ह लगी ह ई ह

इ) यह सव व दत ह क कर ब 600-700 कारपोरट कप नया पि लक स टर बक स लाख करोड का कज लकर उस जानबझकर नह चका रह ह सरकार उनस कज वसलन क बजाय उनका कज माफ कर दती ह 2014-15 म कर ब 114 लाख करोड का ऐसा कज माफ कर दया गया 2016 म सफ टट बक आफ इ डया न ऐसी 63 बडी बइमान कप नय का कज माफ कर दया जो कल 7016 करोड पय का कज लकर उस डकार गयी थी इसस अदाजा लगाया जा सकता ह क सभी पि लक स टर बक स कज माफ स कस भार मा ा म सरकार न कारपोरट कप नय को फायदा पह चाया गया होगा मजदार बात यह ह क ऐसा पि लक स टर बक क साथ ह होता ह यानी यह वश ध प स जनता क पस क खल लट ह इस हालात न पि लक स टर बक क हालत ख ता कर द थी और व सरकार क व भ न योजनाओ म नवश करन क हालत म नह रह गय थ बम करण उ ह इस सकट स उबारन क लय कया गया था बक म पसा आना ज र था और बम करण न ऐस करोड लोग को जो खती या छोटा-मोटा बजनस करत ह और हजार पय बक म रखन क बजाय घर म ह और आपसी लन दन म रखत थ और शाद - याह क लय भी हजार -लाख जमा करक घर म ह रखत थ उ ह जबरन बक म पसा जमा करन क लय मजबर कर दया गया ऐसा तो कसी बडी सना क मदद स भी नह हा सल कया जा सकता था जो बम करण क ज रय हा सल कया गया यह कोई काला-सफद का मामला नह था और कसी टाचार स लडन का मामला नह था इसका उ द य था बक म पसा लाना और यह कोई आ चय क बात नह क सफ दो मह न म ह बक पस स लबा लब भर गय यह इसी स जा हर ह क अचानक बक न लोन क याजदर कम कर द और होमलोन और अ य लोन क लय तरह-तरह क क म लकर बाजार म उतर गय यह परा मामला व तीयकरण स मनाफ क लट का सबस घ टया उदाहरण ह

B द नया क तर पर नया म वभाजन और नयी उ पादन यव था

द नया क उ पादन और वतरण यव था म एक नया म वभाजन अि त व म आया ह िजसक दो मह वपण

अग ह

क) उ पादन यव था को ऐसी व व यापी म य खला या व व शोषण खला म सग ठत कया गया ह

िजसम म सघन काम को वक सत दश स वकासशील दश म भजा जा रहा ह जहा भार बरोजगार

ह और मजदर वक सत दश क मकाबल बह त कम ह अलग-अलग स टर म अलग-अलग रणनी त ह

उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा उ योग म इतना ह काफ ह क वहा मजदर कम ह ल कन

इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म यह भी ज र ह क वहा पाट पज बनान और जोडन लायक

तकनीक तर वाल फि या और ऐसा कौशल रखन वाल मजदर क अ छ -खासी तादात मौजद हो

और उनक माल क लय एक बडा और वक सत होता बाजार भी मौजद हो दसर तरफ प जी और

तकनीक सघन काम को वक सत दश म ह नय त रखा जाता ह ता क वकासशील दश क कप नया

परा ोड ट (माल) बनान क तकनीक न हा सल कर सक और अपना ाड न पदा कर सक इसक

अलावा व परा का परा ोड ट एक दश म नह बनाती ह उ पादन क व भ न ह स को कई दश म

बखर दती ह और इसक वजह स कसी भी दश क कपनी क लय परा ोड ट को बनान क तकनीक

हा सल करना और भी मि कल हो जाता ह दसर तरफ इस तर क स उ पादन खला म मौजद कसी

भी दश क कप नय क और मजदर क उनस सौदबाजी क ताकत भी कम हो जाती ह अगर कसी

दश म उनक उ पादन खला म सकट आया तो व वह काम कसी और दश म करा लती ह इस बात

को व एक ह थयार क प म भी इ तमाल करती ह और दशी कप नय और मजदर को प जी क

पलायन का डर भी दखाती रहती ह व त उ च तकनीक वाल पज रसच और डजाइ नग ा डग और

बाजार पर भावी नय ण क ज रय बह रा य कप नया उ पादन खला को पर तरह क ोल करती ह

इसी क ज रय पर उ पादन खला म िजतना भी अ त र त म य या मनाफा पदा होता ह उसका बडा

ह सा व ह थया लती ह स चाई म अ त र त म य का बडा ह सा तो वकासशील दश म ह पदा

होता ह ल कन उ ह उसका बह त छोटा ह सा ह मलता ह उदाहरण क तौर पर हमार दश क उ योग

म जो भी उ पाद पदा होता ह उसम मौजद अ त र त म य का मा 15-20 ह हम मलता ह जब क

उ पादन या पर नजर डाल तो इसस कह अ धक अ त र त म य यहा पदा होता ह ल कन

बह रा य कप नया काम पान क लय वकासशील दश क बीच होड और दश क भीतर कप नय क बीच

होड का इ तमाल करक उ ह कम क मत वीकार करन क लय मजबर कर दती ह उदाहरण क तौर पर

कपडा उ योग इसक अलावा व सबस अ धक म य उन काय पद डाल दती ह जो व खद करती हए

उदाहरण क तौर पर व त रसच और डजाइ नग ा डग माकग िग आ द तथा व पाट-पज जो व खद

बनाती ह इस तरह व अपन उ पाद क पर शोषण खला म पदा होन वाल मनाफ का बडा भाग लट

लती ह

ख) यहा यह बात और साफ कर दना ज र ह उ पादन खला या शोषण खला क मामल म सा ा यवाद

प जी और दशी प जी क तौर-तर क म अब कोई अ तर नह रह गया ह अ धकाश वकासशील दश म

ऐसी कप नया कम ह या नह ह िजनका व व तर का ाड हो या व व तर पर काम करती ह

ल कन जहा कह ऐसा ह जसा क भारत और चीन म कछ ऐसी कप नया ह तो व भी ठ क उसी तरह

अ य दश म अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय स मनाफ क लट करती ह इतना ह नह

दशी ाड भी दश म उसी तरह क उ पादन खला क ज रय मनाफ क लट करत ह और उ पादन

खला म हर ऊपर वाल कपनी अपन स नीच वाल कपनी स उसी तरह मनाफ क लट करती ह ाड

हमशा अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय पर अपन उ पाद क क मत कम करन क लय दबाव

बनात रहत ह और कप नया क मत कम करन तथा अपन लय भी अ धक स अ धक मनाफा स नि चत

करन क लय मजदर का शोषण अ धक स अ धक बढाती जाती ह

ग) प जी ख टा म त ख ला साड हो गयी ह नयी व व यव था म प जी क अवागमन पर कोई नय ण नह

ह यह उपरो त म वभाजन को प ता और स थागत प दती ह द नया म कह भी कसी भी तरह

क वषम प रि थ त आन पर या द नया क कसी अ य ह स म अ धक मनाफ क सभावना होन पर

यह कभी भी दसर दश म पलायन कर सकती ह यहा तक क दश क भीतर भी कसी एक ह स स

दसर ह स म भाग सकती ह इस मामल म भी दशी और वदशी प जी म कोई अ तर नह रहा और

यह दोन पर ह लाग होता ह प जी का इसस कोई लना दना नह रहा क इसस दश क अथ यव था

या मजदर क जीवन-मरण पर या असर पडता ह गौर करन क बात यह ह क वा त वक पलायन स

अ धक पलायन क धमक को एक ह थयार क प म इ तमाल कया जाता ह

C द नया क नयी स ता यव था

नयी व व यव था को सचा लत करन क लय नयी व व स थाए बनायी गयी ह जो व व सरकार जसा काम करती ह और उनका कानन दश क कानन स ऊपर हो गया ह उदाहरण क तौर पर व व यापार सघ वा त वक प म इन स थाओ को सा ा यवाद दश ह सचा लत ह इसका अग बनन क बाद दश क सरकार ऐसी कोई नी त या कानन नह बना सकती जो व व यापार सघ क नी त या कानन का उ लघन करता हो इन स थाओ क पास यह शि त भी ह क कोई दश य द उनक कानन का उ लघन कर तो उस द डत कया जा सक उदाहरण क तौर पर जन हत म यह ज र हो सकता ह क अपनी क ष और खास उ योग को सि सडी दकर और दश का बाजार उनक ि लय आर त करक उनक वकास को ग त द जाय या जनता को स ता माल उपल ध कराया जाय ल कन यह व व यापार सगठन क कानन का उ लघन हो सकता ह य क यह वदशी प जी क साथ भदभाव होगा इस ि थ त स लोकत क लय ह एक खतरा पदा होता दखाई द रहा ह य क य द चनी ह ई सरकार म यह शि त न रह जाय क व जनता क हत म कानन और नी तया बना सक तो सरकार चनन क अ धकार का भी कोई मतलब नह रह जाता मजदार बात यह ह क आइएलओ और सय त रा सघ क अ य व व स थाए जो मजदर क अ धकार और मानवा धकार क लय कानन बनाती ह उनको ऐसी शि त नह द गयी ह क मजदर क अ धकार या मानवा धकार क उ लघन पर व कसी दश को द डत कर सक सय त रा सघ म आजकल बह रा य कप नय क ग त वधय क लय कछ मानदड बनान क बात चल रह ह ल कन अ धक जोर और अ धक वीक त इसी पर दखाई द रह ह क इ ह

बा यकार कानन का दजा न दया जाय

अब हम यह दखन को शश कर क उपरो त प रि थ तय म मजदर वग और मजदर आ दोलन को कन

सम याओ का सामना करना पड रहा ह

i) प र मजदर वग को एक रजब आम म त द ल कर दना

प जी क आवागमन पर कोई नय ण नह ह उसक लय द नया वा तव म एक गाव बन चक ह ल कन

मजदरवग क आवागमन पर परा नय ण ह यह प रि थ त एक प म पर द नया क मजदरवग को एक रजब

आम यानी एक ऐसी आर त फौज म त द ल कर दता ह िजस प जी जब चाह इ तमाल कर जब चाह बरोजगार

छोड द हम पहल ह चचा कर चक ह क प जी जब चाह पलायन कर सकती ह कछ उ योग तो ऐस ह िजनम

चद दन या चद घट म ऐसा हो सकता ह जस कपडा उ योग इसम थाई प का कोई प जी नवश या

उ पादन का कोई ल बा का ट सामा यत होता ह नह इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म भारत जस

दश म जहा एक बडा बाजार ह उ ह अपना असब लग लाट लगाना पडता ह इस लय भागना इतना आसान

नह होगा ि फर भी बह त अ धक समय नह लगगा य हालात प जी क साथ शि त सतलन म मजदर वग को

कमजोर ि थ त म डाल दत ह रोजगार खोन का डर मजदर क लडाई को कमजोर करता ह दसर तरफ प जी

क पलायन क डर स सरकार मजदर क आ दोलन का बबरता स दमन करन पर आमादा हो जाती ह और

मजदर क हक क परवाह कय बना कप नय क हत क हफाजत करती ह

मजदरवग इस ि थ त को तभी बदल सकता ह जब प जी क इस तरह क आवागमन को रोक सक और यह सफ

तभी सभव ह जब अ) मजदर क दश यपी सघष क ज रय ऐस मकानन क लय सघष जो मजदर को थाई

ह सयत म रोजगार दन क बा यता पदा कर सक वदशी प जी क लय दश म उ पादन क लय ल ब समय क

का ट या समझौत क शत लाग कर सक और छटनी और तालाबद पर मजदर क मआबज क रा श म

बढो तर कर सक इसस प जी क लय बार-बार पलान क रणनी त महगी सा बत होगी ब) मजदर क

अतररा य एकता जो मजदर वरोधी पलायन क रणनी त पर चलन वाल प जी को द डत करन क लय उसक

बाजार को भा वत कर सक स) मजदर क अतररा य एकता जो इस तरह पलायन करक आन वाल प जी को

अपन दश म उस न आन द द) मजदरवग एक ऐसी सरकार लान म कामयाब हो जाय जो प जी क ऐस पलायन

को असभव बना द और य) अतररा य तर पर ऐसी नी तय क लय सघष जो मजदर क कसी भी दश म

आवागमन को खल छट द सक

ii) असग ठत मजदर क शोषण को स थागत प दना और समाज क समची ज रत क उ पादन त

को व व शोषण खला म समट लना

आज असग ठत (इनफामल स टर) क हालात पर बडा सयापा होता ह ल कन अगर हम गहराई म दख तो

यह सब उनक हालत सधारन क बजाय उनक शोषण को स थागत प दता दखाई दता ह इस तथाक थत

इनफामल स टर म तीन तरह क लोग आत ह अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोग छोट इकाइय

म लग अ थाई मजदर और फि य म लग तरह-तरह क अ थाई मजदर वरोजगार म लग लोग और

मजदर क सम याए ब कल अलग ह और अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोगो क सम याए भी

अलग-अलग ह और इनक सम याओ का समाधान भी अलग-अलग ह अगर वा तव म इ ह सकट स बाहर

नकालना हो तो अलग-अलग स टर म इनक वशष सम याओ क मता बक वशष नी तगत समाधान दना

होगा वा तव म यह बह त ज र भी ह य क अगर इनक सकट का समाधान हो जाय तो बराजगार क एक

तहाई सम या का समाधान हो सकता ह ल कन ऐसा करन क बजाय उन सबको मलाकर एक इनफामल

स टर बनान क पीछ एक ह बात हो सकती ह क उनक सकट का समाधान करन क कोइ मशा ह नह ह

उनक लय ऐसी सामािजक सर ा का ावधान कया जाता ह िजसस व कम स कम िज दा रह सक हाला क

यह सब भी पर तरह कागजी ह दखाई दता ह और यह नी तया कह लाग होती नह दखाई दती

दरअसल यह नयी व व यव था और नय म वभाजन क रणनी त का ह एक अग लगता ह

क) उ योग क व व यापी उ पादन या शोषण खला पर गौर कर तो यह खला छोट इकाइय और घर

म काम करन वाल मजदर तक जाती ह और अ त र त म य क एक अ छndashखास ह स का उ पादन

इन असग ठत मजदर वारा कया जाता ह यह सबस कम मजदर म काम करन वाल और सबस

असर त मजदर ह और उ पादन क नयी यव था म दशी- वदशी पजी क लय बह त बड मनाफ का

ोत ह

ख) नयी उ पादन यव था म प जी क सबस बडी ताकत और रणनी त ह उसका ख टा म त होना और कभी

भी पलायन करन क आजाद ल कन य द उ योग म सभी या अ धकाश मजदर थाई ह तो या यह

उतनी आसानी स सभव हो सकगा य द मजदर थायी ह ग तो उनक य नयन भी होगी और मजदर

क लडन क ताकत भी अ धक होगी और व प जी को इतनी आसानी स पलायन नह करन दग दसर

बात य द मजदर थायी ह ग तो प जी को पलायन काफ महगा भी पडगा य क थाई मजदर क हक

को चकता करन म काफ पसा लगाना पडगा और इस लय वह बार बार पलायन क रणनी त नह

इ तमाल कर सकती

ग) नयी उ पादन यव था म कई म उदाहरण क तौर पर कपडा उ योग म फि या आडर पर काम

करती ह और ाड कोई सालाना का ट भी नह करत आडर कभी कम होता ह कभी यादा और कभी

ब कल नह ऐस म अगर थायी मजदर ह ग तो उ ह बार-बार ल-आफ दना पडगा और फि या यह

क मत ाड स वसलगी ऐस म नयी उ पादन यव था म अ थायी मजदर उनक मनाफ का ोत ह

घ) असग ठत म सकट त मजदर क भार फौज एक रजब आम क तरह काम करती ह और

उ योग म मजदर क स लाई को माग स हमशा ऊपर बनाय रखती ह और इसक वजह स मजदर को

हमशा नीच क ओर धकलती रहती ह

ङ) नयी व व यव था क रणनी त यह दखाई दती ह क बडी प जी उन असग ठत को नगल जाय

जहा सीध मनाफा लटा जा सकता ह और अ य असग ठत त को स त म क लट क लय अपनी

उ पादन-शोषण खला म बाध लया जाय उदाहरण क तौर पर रटल यापार और व त स लकर

जलाप त तक क कई अ य सवा स वरोजगार व छोट इकाइय को ख म करक को व पर तरह

क जान म लगी ह ई ह और दसर तरफ स त म क लट क लय उ पादन क म खती व

उ योग म वरोजगार म लग मजदर व छोट इकाइय को अपनी उ पादन खला म समटन क

को शश कर रह ह यहा यह गौर करन क बात ह क आज सरकार क छोट उ योग को बढावा दन

क नी त को उदार करण स पहल वाल प रि थ तय क नगाह स नह दखा जा सकता ह आज यह

उन उ योग पर ल त ह जो दशी- वदशी पजी क उ पादन खला स जड ह ए ह और इस लय परो

प स यह दशी- वदशी बडी पजी क भी मदद ह

जमीनी तौर पर मजदर आ दोलन क सबस बडी रणनी तक सम या और सबस बडी चनौती शायद इसी सवाल

स जडी ह ई ह हर उ योग म भार अनपात म अ थायी मजदर क स या बढन क कारण फ तर पर

य नयन और साम हक सौदबाजी मि कल हो गयी ह यह कछ तर तक वह भावी हो पा रह ह जहा बडी

इकाइया ह और जहा एक खास अनपात म द मजदर को बनाय रखना ज र ह उदाहरण क तौर पर मोटर-

गाडी बनान क उ योग ल कन जहा ऐसी ज रत नह ह और इस लय जहा शायद ह कोई थायी मजदर रखा

जाता ह वहा तो य नयन और साम हक सौदबाजी असभव ह हो गयी ह उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा

उ योग छोट उ योग और वरोजगार म लग लोग को सग ठत करन का सवाल तो एक अलग ह चनौती ह

और इस दशा म तो कोई बडी पहल ह नह दखाई दती ह

मजदर आ दोलन क सम य सम याए और चनौ तया वा त वक ह ल कन ऐसा लगता ह क सकट सफ इन

सम याओ स पदा नह हआ ह सकट का मल व प वचा रक ह और इस सवाल स जडा हआ ह क मजदर

आ दोलन इन सम याओ का कोई भावी समाधान नह तत कर पा रहा ह हम इसक चचा अगल ह स म

करग

iii) म कानन म बदलाव

मकानन म क सरकार और रा य सरकार वारा जो बदलाव कय गय ह या ता वत ह उनस म कानन का ऐसा ढाचा उभरकर सामन आता ह जो मलत चार स तर म वभािजत ह और यह व वशोषण खला क अन प ह

9 स कम मजदर वाल इकाइया इनक लय कोई म कानन ता वत नह ह उ ट घरल उ योग म बाल म क शोषण क छट द द गयी यहा यह यान म रखना ज र ह क यह व वशोषण खला का सबस नचला और सबस असर त तर ह जहा मजदर क भार आबाद को बहद कम मजदर म और वा य क ि ट स खतरनाक ि थ तय म काम करना पडता ह

9-39 मजदर वाल इकाइया इ ह कारखाना कानन स बाहर कया जा रहा ह और एक नय कानन लघ कारखाना कानन म शा मल करन का ताव ह 9 स कम वाल स तर और 9-39 वाल स तर म ह उ पादन क अ य धक म सघन याओ का बडा ह सा सप न कया जाता ह और शोषण खला क अ त र त म य का अ छा-खासा ह सा यह पदा होता ह 9-40 वाल इकाइय म मजदर को बह त सार अ धकार स व चत कया जा रहा ह और नाम मा ह हक उ ह मलन ह

इ ह अब 9 क जगह 19 म कानन स सब धत द तावज बनान और म वभाग म उनक पालन सबधी रटन फाइल करन म छट द द गयी ह

इनम 14 कानन लाग नह ह ग िजनम औ यो गक ववाद अ ध नयम और कारखाना कानन भी शा मल ह उन कानन क सफ कछ ावधान को ता चत लघ उ योग कानन म शा मल कया गया ह

ठका मजदर ( नयमन और खा मा) कानन इनम लाग नह होगा राज थान क कानन म अब यह 50 या अ धक मजदर वाल इकाइय म ह लाग ह (मल म 20 या अ धक पर लाग)

नय मत मजदर क छटनी करन पर 1 माह का नो टस और िजतन साल काम कया ह हर साल क लय 15 दन का मआवजा दना होगा ल कन इसक नौबत ह नह आयगी य क यह ावधान एक साल नय मत स वस पर होन पर ह यह लाग होता ह और ऊपर उदधत कानन म

छट का फायदा उठाकर नयो ता कभी साल भर क स वस पर ह नह होन दग

ईएसआई और पीएफ कानन लाग नह होगा और यहा ईएसआई और पीएफ क जगह दो नयी ाइवट स टर क क म लाग होगी और इसम मजदर को दोन क लय वतन का 10-10 तशत

हर मह न दना होगा काय थल पर भौ तक और रासाय नक सर ा सबधी कोई ावधान नह सफ इतना ह क जहा

खतरनाक या हजाडस चीज का इ तमाल होता होगा वहा कारखाना कानन लाग होगा च का ावधान वह लाग होगा जहा 20 या अ धक म हलाए काम करती ह और उनम स कम

स कम एक का 6 साल स कम का छोटा ब चा हो इसस प ट ह क इस कानन को कोई मतलब नह रह गया

तीन माह म ओवरटाइम काम क घट क सीमा 50 स बढाकर 96 घट क जा रह ह

लघ उ योग कानन म हडताल या हडताल क अ धकार का कोई उ लख ह नह ह एक ऐसा ावधान ह क य द 10 या अ धक मजदर बना नो टस दय एक साथ गरहािजर ह ग तो नयो त

उनक वतन स 8 दन क मजदर काट सकता ह 40 स 299 तक क इकाइया

इनम बना सरकार स अनम त लय छटनी या तालाबद क जा सकती ह

इनम छटनी क लय मजदर को 1 माह का नो टस और मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स हाला क इसक नौबत आयगी ह नह य क यह एक साल क स वस पर होन पर ह लाग होता ह और आजकल उ योग म हालात ऐस ह क हर छह मह न म कागज पर मजदर क नयि त नयी बना दत ह सी मत अव ध का ट का कानन लाग होन क बाद तो नयो ता कसी क भी एक साल क नय मत स वस पर ह नह होन दगा इस अभी कपडा उ योग म लाग कया ह ल कन ज द ह अ य म भी लाग हो सकता ह ऐस हालात म कोई ईएल भी नह पा सकगा और यट दन क नौबत तो कभी आयगी ह नह

ईपीएफ पशन क जगह नयी पशन क म िजसम प रवार लाभ शा मल नह होगा यह शयरबाजार स जडी होगी-और ाइवट कप नय क मनाफा कमान का ज रया बन जाएगी

ईएसआई अ पताल क नजीकरण का ताव जो प र वा थ सवाओ क नजीकरण क योजना का ह एक अग ह

पीएफ को ट स क दायर म लाना पीएफ म शा मल होन को व क बनाना और नयो ता क ओर स पीएफ म जमा कय जान

वाल भाग को सरकार क ओर स दया जाना

नयो ता वारा दय जान वाल पीएफ क भाग को मजदर म शा मल मानना िजसस मजदर बढ ह ई दख और मजदर क असल हालत पर पदा पड जाय

हजाडस कारखान क ल ट को हटाना और सफ हजाडस क एक प रभाषा दना इसस कसी भी कारखान को हजाडस घो षत करवाना बह त मि कल होगा और या काफ ल बी हो जाएगी

म हलाओ को रा पाल म अनम त

तीन माह म ओवरटाइम काम क सीमा बढाकर 115 घट करना (अभी 50 ह)

ड य नयन बनान क लय ज र सद या स या 7 स बढाकर 10 या 100 करना

डय नयन म बाहर सद य पर रोक सफ असग ठत म 2 सद य बाहर क हो सकत ह ड य नयन क मा यता क लय कसी ावधान का ताव नह

हडताल क लय जो क ठन कानन आव यक सवाओ पर लाग था उस सभी पर लाग करन का ताव यानी काननी तौर पर हडताल लगभग असभव गरकाननी हडताल क लय मजदर पर

और तालाबद क लय कारखाना मा लक पर एक ह फाइन-50000 स एक लाख 50 या अ धक मजदर कजअल छटट लकर गरहािजर ह तो यह भी गरकाननी हडताल

ववाद को कोट क बाहर सलझा लन का ावधान और आव यक सवाओ म 2 साल तक हडताल पर तबध (गजरात)

बोनस रा श नधारण क जाच क लय डय नयन नयो ता स कारखान क बलस शीट अब नह माग सकगी

कारखान क इ प शन क लय लबर इ प टर को पहल उ चा धका रय स अनम त लनी होगी और इ प टर क भ मका अब कानन का उ लघन करन वाल पर कारवाई करन क बजाय उ ह कानन का पालन करन म मदद करन क होगी

100 या अ धक मजदर वाल इकाइया ट डग आडर का कानन अब 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय म लाग होगा यह अभी कई

रा य म 50 या अ धक पर लाग होता ह अ य ावधान वह जो 40 स 299 मजदर वाल इकाइय पर लाग 300 या अ धक मजदर वाल इकाइया छटनी या तालाबद क लय सरकार क अनम त ज र

मजदर को 3 माह का नो टस मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स

अ य ावधान वह जो 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय पर लाग मकानन म बदलाव क उपरो त दशा स दो बात प ट होती ह अ) यह कप नय क लय म लागत को

कम स कम करन मजदर को जब चाह काम पर रखन और नकालन क पर छट दन मजदर क हत क

अनदखी करन और मजदर क य नयन बनान और साम हक सौदबाजी करन क मता को ख म करन या कम

स कम करन क दशा म कि त ह और ब) उ योग म शोषण खला का जो ढाचा उभर रहा ह यह उसक

अन प ह एक तरफ छोट इकाइया ह जहा अ धकतम 50 मजदर तक काम करत ह और जहा अ धकाश म

सघन काम सप न होता ह और अ त र त म य का बडा ह सा पदा होता ह दसर तरफ बडी इकाइया ह जहा

100 स 300 तक मजदर काम करत ह और सबस ऊपर थोडी सी ऐसी इकाइया ह जहा 500 स अ धक मजदर

काम करत ह आकड क अनसार पछल 10-12 साल म 10 स 99 मजदर वाल इकाइय का अनपात काफ

घटा ह और दसर तरफ 10 स कम वाल इकाइय और 100-499 वाल इकाइय का अनपात बढ गया ह

दरअसल 10 स कम वाल अ धकाश इकाइया वा तव म 40-50 मजदर को काम पर लगाती ह ल कन कारखाना

कानन स बचन क लय 10 स कम मजदर ह दखाती ह इ ह क सम या को हल करन क लय लघ उ योग

कानन लाया जा रहा ह सार प म इन ता वत कानन स शोषण खला का ढाचा इस प म उभरता दखाई

दता ह अ) घर म काम करन वाल मजदर और 10 स कम वाल इकाइया ब) 10-39 वाल इकाइया स) 40-

299 वाल इकाइया और द) 300 या अ धक वाल इकाइया

iv) प जी का मजदर और जनता पर सवतोमखी नय ण

कोई वग कसी दसर वग पर अपनी स ता सफ दमनत क ताकत क ज रय लब समय तक कायम नह रख

सकता ह शासक वग को शा षत जन म अपनी स ता क कसी न कसी प म एक तर क वीकायता

बनानी पडती ह और अगर वह ऐसा करन म कामयाब नह होता तो उसक स ता भी अ धक समय तक कायम

नह रह सकती ह प जीवाद समाज क लय यह और भी अ धक सच ह पजीप त वग मजदर और आमजन क

वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण कायम करन क को शश करता ह और य द मजदर वग

उस इस पहल पर कोई भावी चनौती नह द पाता ह तो मजदर वग पजी क खलाफ कोई भी भावी सघष

खडा कर पान म सफल नह हो सकता ह प जीवाद समाज म यह वग सघष का एक ब नयाद और मह वपण

पहल ह नयी व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह ल कन

मजदर आ दोलन इस पहल को अ सर नजरदाज करता रहा ह और उस वग सघष क एक ब नयाद पहल क प

म मह व नह द सका ह शायद यह आम जनता क वचार और जीवन पर प जीप त वग क बढत नय ण और

उसको कोई भावी चनौती न द पान क हमार कमजोर का भी एक भाव ह क आज इतन भीषण सकट क

बावजद जनता क ग स का कोई बडा वत फत व फोट नह दखाई दता ह यहा हम सार प म मजदरवग

पर प जीप तवग क नय ण क रणनी त क कछ पहलओ क चचा कर सकत ह

आमजन क वचा रक मानस म प जीप त वग व भ न मा यम स यह लगातार था पत करन क

को शश करता ह क प जीवाद का कोई वक प नह ह नजीकरण और बाजार करण क व तार क साथ

प जीवाद दायर स बाहर कसी अलग जीवन णाल क लय कोई जगह नह रह जाती जो इस वचार को

मजबती दता ह और दश-द नया म कोई वक प नजर न आन स इस उनक वचार मानस म प ता

बनान म मदद मलती ह जीवन क हर ज रत क लय प जीवाद पर पर तरह नभरता और उसस

बाहर नकलन का कोई रा ता न दखाई दन स प जीवाद को वीकार करना एक मजबर भी हो जाती ह

ऐसा ोपागडा बड पमान पर कया जाता ह क प जी क वकास स ह दश को और जनता का वकास हो

सकता ह प जी का वकास होगा तो रोजगार पदा होगा प जी का वकास होगा तो स वधाओ का वकास

होगा प जी का वकास नह होगा तो दश का और जनता का भी वकास क जाएगा और इस लय य द

कोई ऐसी बात करता ह जो प जी क वकास क खलाफ हो तो वह दश का और जनता का द मन ह

आ द आ द

प जीवाद काय थल मजदर को यह अहसास दलाता ह क मजदर और प जीप त दोन का अि त व जडा

हआ ह और मजदर क बहतर क लय प जीप त क बहतर ज र ह नय दौर का सारा प जीवाद

बधन शा और पदा ह ई बधन तकनीक का अमल इस वचार को मजबत बनाता ह रोजगार खोन

का डर भी एक तरह स प जीवाद को वीकार करन क मजबर बन जाती ह

ोपागडा यह नयी व व यव था का एक बह त मजबत और भावी ह थयार ह मी डया स लकर कल -

कालज व व व यालय और शोधस थान तक को भी इसका अग बना दया गया ह इसक ज रय झठ

को सच क तरह पश करना या स य क सफ एक पहल को ह दखाना इ तहास को वकत प म पश

करना म फलाना प जीवाद का म हमामडन करना जो प जीप त वग क हत क खलाफ ह उन वचार

और लोग को बदनाम करना ढ ग पाखड को साइस क तरह पश करना और पछडी चतना को बढावा

दना भडकाऊ झठ खबर बनाना और भडकाऊ कारवाइया करना आ द इनका सबका दायरा बह त व तत

ह यह माल को बचन क लय उनका फायदाबतान वाल झठ रसच स लकर समाजवाद और

समाजवा दय को बदनाम करन क लय झठ घटनाए पदा करन तक का काम करत ह मी डया पर बडी

प जी का पर तरह इजारा कामय हो जान क बाद जनता क पास कोई वकि पक सचनात ख म हो गया

ह और इसक वजह स प जीवाद ोपागडा और अ धक भावी हो गया ह इस हालात न मजदर वग क

सघष क भाव को भी काफ कम कर दया ह दश क कसी शहर म लाख लोग सडक पर आ दोलन

करत ह ल कन पास पडोस क इलाक क लोग को भी इस आ दोलन का पता नह चल पाता यहा तक

क द ल आकर हजार लोग दशन करत ह और द ल क लोग को भी पता नह चलता कह लाख

लोग सघष म जान द रह होत ह ल कन मी डया उ ह यह मानन को मजबर कर दता ह क व पागल ह

या आतकवाद ह और मजदार बात यह ह क लोग एक मनट क लय यह नह सोच पात क व लाख

लोग जो सघष म अपनी जान द रह ह उनक कोई बहद वािजब सम या भी हो सकती ह और यह क

मी डया सफद झठ बोल रहा ह

मजदर वग को वभािजत करन और भटकान क रणनी त प जी क म वरोधी ोपागडा क एक

मह वपण रणनी त ह मजदरवग क भीतर क अतर वरोध को तीखा करना और उ ह एक दसर क वरोधी

क प म तत करना उदाहरण क तौर पर जा त का सवाल धम का सवाल और लगभद का सवाल

और इसक साथ-साथ मजदर क व भ न स तर म अतर वरोध का सवाल उदाहरण क तौर पर

असग ठत ा क मजदर और सग ठत क मजदर कपनी मजदर और ठका मजदर थाई और

अ थाई मजदर ाइबट व पि लक स टर क मजदर आ द इसक बह त सार अ य मह वपण आयाम भी

ह ल कन बात इतन स प ट हो जाती ह इसक साथ ह मजदर आ दोलन म ऐसी रणनी तय को

ो सा हत करना जो सतह पर मजदर क हत म दखती ह ल कन व तत या तो मजदर वरोधी होती

ह या उस बस ऊठक-बठक करन म य त कर दती ह उदाहरण क तौर पर असग ठत मजदर क लय

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Some Reflections on Crisis of the Left in India Marxism 21 Forthcoming

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Page 4: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

नय ण क एक रणनी त थी और अब बदल ह ई प रि थ तय म यह सभव नह ह ल कन इसका यह भी

मतलब नह ह क सा ा यवाद न इसस तोबा कर ल ह जब तक सा ा यवाद िज दा ह जहा कह भी ज रत

ह ई और जहा कह भी सभव हआ वह ऐसा कर सकता ह और दश काल वशष म अ पका लक प म ऐसा

सभव हो सकता ह उदाहरण क तौर पर इराक और अफगा न तान सा ा यवाद ह त प और नय ण व भ न

प म व भ न दश म आज भी जार ह

उप नवशवाद वरोधी सघष क दौर म सामतवाद वरोधी सघष म प जीप त वग सामा य तौर पर कह कोई

मह वपण भ मका नभाता नजर नह आता ह और स ता पर का बज होन क बाद भी उसक कोई ाि तकार

भ मका नह दखाई दती ह यहा पर हम समझना चा हए क मजदर वग क एक मजबत राजनी तक शि त क

प म उभरन और समाजवाद सघष और वजय का सल सला श होन क बाद प जी का भी राजनी तक प

स सग ठत होना और अपन दरगामी हत को यान म रखकर काम करना लािजमी ह और वह ऐसी कोई

रणनी त नह अपना सकती जो समाजवाद आ दोलन को मजबत बनाती हो सामतवाद वरोधी सघष और

ाि तकार भ म सधार नि चत तौर पर पजीवाद वकास क हत म होत ह ल कन यह जनता को तमाम

सामािजक-आ थक-राजनी तक और मान सक गलामी क बधन स म त करक उसक ाि तकार ऊजा और

ताकत को बढा दत ह और खासकर ऐस दौर म जब मजदर वग एक शि त क प म उभर चका हो यह

ाि तकार ऊजा और ताकत पजीवाद को जड स उखाड फकन क लय काफ होती ह इस सबस अ छ तरह

प रस क यन क उदाहरण स समझा जा सकता ह दसर तरफ मजदर वग पर प जीवाद नय ण कायम रखन

म नरकश सामती स क त म यमा यताए और सामािजक भद व असमानताए उपयोगी ह सा बत होती ह ऐस

म प जीवाद इस पर कोई भी नणायक हार करन क बजाय अपनी स ता को कायम रखन क लय इसका

इ तमाल ह करता ह प जी क वकास क लय सामतवाद का इस हद तक ख म होना अव य ज र ह क

उ पादनसबध प जी क वकास क अनकल ह प जी क लय मजदर क अबाध आप त म कोई कावट न हो और

उसक उ पाद क लय बाजार का वकास हो और खती म उ पादन क नरतर बढो तर शहर करण और

औ योगीकरण क ज रत को पर करन म स म हो जहा तक भारत का सवाल ह प जीप त वग न िजस तरह

क भ म सधार यहा लाग कय उनका असमानता ख म करन पर कोई जोर नह था ल कन उसन उ पादन सबध

म बदलाव कया और प जीवाद दायर क बाहर दखन वाल खती को भी धीर-धीर प जीवाद उ पादन और बाजार

क मातहत ला दया और सबकछ को प जीवाद णाल क भीतर समट लया उप नवशवाद दौर म ह ए

औ यो गक वनाश क वजह स यहा मजदर क भार अ त र त फौज पहल ह मौजद थी खती का उ पादन

बढान क लय प जीप तवग न ाि तकार भ म सधार क बजाज उ पादन बढान क तकनीक पर अ धक जोर

दया उदाहण क तौर पर सत तर क दशक क ह रत ाि त जहा तक औ यो गक उ पाद क लय भावी

बाजार का सवाल ह भारत जस दश म यह यापक पमान पर ाि तकार भ म सधार क बाद ह पदा हो सकता

था और ऐसा न होन स यह सकट बना रहा ह और प जीवाद वकास क ग त को भी अव ध करता रहा ह

दसर तरफ उप नवशवाद सघष क दौर म और उसक बाद स ार क दशक तक सामतवाद वरोधी सघष और

म यत ाि तकार भ म सधार क लए सघष ह मजदर वग क समाजवाद आदोलन का म य क थ य क

उनक बगर समाज का जनवाद और समतावाद वकास सभव ह नह था

अब हम स तर और अ सी क दशक म लौटत ह और यह दखन क कोशश करत ह क उस समय द नया और

दश म कस तरह क नयी प रि थ तया पदा ह

जसा क हम पहल ह चचा कर चक ह क सा ा यवाद दश िजस तरह क सकट का सामना कर रह थ उसका

समाधान उ ह एक ह चीज म दखाई द रहा था क व कसी तरह एक ऐसी व व यव था बनाए जो पर

द नया को एक नय प म उनक प जी क ि लय खल चरागाह म बदल द इसी स अपरपार बरोजगार पडी प जी

क नवश क सभावनाए पदा हो सकती थी और मनाफ क दर भी कई गना बढ सकती थी पछड ह ए दश म

तलना मक प म कई गना अ धक मसघन प रि थ तय म काम होन क वजह स मनाफ क दर अ धक होती

ह साथ ह अगर पछड ह ए दश म माल पदा करक सा ा यवाद दश म बचा जाय तो भार अ त र त मनाफा

भी कमाया जा सकता ह

ल कन यह ल य हा सल करना इतना आसान नह था उस समय उप नवशवाद स म त ह ए दश अपनी

आ म नभरता और वत ता को मजबत बनान क को शश कर रह थ 140 दश क गट नरप आ दोलन और

उसम शा मल दश क कछ यास म इसक झलक दखी जा सकती ह स तर क दशक म कई दश म वदशी

कप नय का रा टीयकरण कर ि दया गया और 20 स अ धक दश म वदशी कप नय क ग त व धय पर

नय ण क ि लय कानन बनाय गय इसक साथ ह गट नरप आ दोलन साम हक प स सय त रा म

इस बात क लय सघष कर रहा था क उप नवशवाद क दौर म पदा ह ई वि वक स थाए अ ास गक हो गयी ह

और उप नवशवाद स म त ह ए दश क हत क तकल ह और इस लय एक नयी और अ धक जनवाद

अ तररा य यव था का नमाण कया जाना चा हए उनक आवाज कतनी मजबत थी इसका अदाजा इसी

बात स लगाया जा सकता ह क 1974 म सय त रा महासभा न इस नयी अ तररा य आ थक यव था क

दशा म एक घोषणाप भी जार कर दया था 1976 तक सय त रा क स थाओ न बह रा य कप नय पर

नय ण क लय एक कानन का ा प भी तयार कर लया था

ल कन सा ा यवाद प जी न एकजट होकर इन यास पर हमला कया यह हमला बहआयामी था लकन यहा

हम उसक सबस मह वपण प क ह चचा कर सकत ह अब यह कोई छपी ह ई बात नह रह गयी ह क

1973-74 का तल सकट सा ा यवाद प जी वारा स नयािजत तर क स पदा कया गया था इसस तल क

क मत लगभग 400 गना बढ गयी और इसन तल क आयात पर नभर पछड दश क कमर तोड द हालात

कस थ इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क 1973 तक भगतान सतलन म धना मक और व थ

ि थ त म खडा भारत 1974 म गहर सकट म पह च गया 1974 म हमार पास वदशी म ा भडार लगभग 629

म लयन डालर डालर था और तल क क मत म बतहासा व दध स अब तल आयात का सालाना बल 1221

म लयन डालर पर पह च गया था इसस अदाजा लगया जा सकता ह क इसका पर अथ यव था पर और

उ पादन पर और उ पादन लागत पर कतना गहरा असर पडा सभी पछड और तल आयात पर नभर दश क

यह हालत ह ई और कई दश कज जाल म फस गय इस हालात न कई दश को सा ा यवाद शत मानन पर

मजबर कर दया और गट नरप आ दोलन क ताकत को कमजोर कर दया यह भी अब कोई छपी ह ई बात

नह रह गयी ह क 1979-82 का सकट भी पर तरह स नयोिजत था और यह अमर का और यरोप म डालर क

याज दर म असामा य प स भार बढो तर क वजह स पदा हआ था 1979-80 म रात -रात लदन क

यरोडालर माकट म याजदर 20 पर पह च गयी जो 1978 म 5 थी याजदर म यह बढो तर तीसर द नया

क दश क उस कज पर भी लाग कर द गयी जो व चका नह सक थ इसक वजह स रात रात व कज क ऐस

भार बोझ तल दब गय और ऐस कजजाल म फस गय िजसम स आसानी स नह नकला जा सकता था इस

सकट न कई दश को घटन टकन पर मजबर कर दया और गट नरप आ दोलन क कमर तोड द उसक

बाद अतररा यम ा कोष और व व बक जसी सा ा यवाद स थाओ न उ ह इस सकट स उबारन क लय

सरचना मक समायोजन क नाम स वह दवा द जो सा ा यवाद योजना क अनकल थी यानी इन दश क

अथ यव थाओ को सा ा यवाद पजी क लय पर तरह खोल दना- उदार करण और व वीकरण

यहा इस बात का भी उ ख करना ज र ह क इसी दौर म उप नवशवाद स म त ह ए अ धकाश दश म

प जीप त वग क दो पहलओ या दो धड--मलत स ा यवाद पर त और मलत सा ा यवाद वरोधी क बीच भी

अ तर वरोध तीखा होता दखाई दता ह और व खलकर आमन सामन आत दखाईदत ह भारत क ि थ त पर

गौर कर तो यह एक नणायक मोड ब द दखाई दता ह

भारत म स र क दशक म आ थक सकट कह अ धक गहरा था 1962 म भारत-चीन य ध 1965 और ि फर

1971 म भारत-पा क तान य ध 1973-74 का तल सकट और इसी काल म सखा और अकाल का ल बा दौर

उदाहरण क तौर पर 1967 म बहार म 1973 म महारा म और 1979 म पि चम बगाल म हालात ऐस थ

क 1966 क बाद पचवष य याजना नह बनायी जा सक और 1966 स 1969 तक सफ सालाना योजना ह

बनाई जा सक खा य सकट इतना गहरा हो गया था क भार मा ा म वदशी म ा अनाज क आयात पर खच

करनी पडी आ थक सकट क साथ ह इस काल म राजनी तक सकट भी गहरा गया इसी काल म मजदर -

कसान और रा यताओ क आ दोलन उ होकर फट पड दसर तरफ प जीवाद राजनी त क वाम और

द णपथी धड क बीच भी सघष तीखा हो गया दश क आ थक सकट का फायदा उठाकर अथ यव था को

वदशी प जी क लय खोल दन क लय सा ा यवाद दबाव कई गना बढ गया और एक हद तक सरकार को

झकना भी पडा वदशी सहायता पान क लय अपनी म ा का अवम यन करना पडा ल कन अमर क सरकार

और अतरा य पन नमाण और वकास बक न वदशी सहायता का वादा परा नह कया और व अ धक

उदार करण क माग करत रह यहा तक क अमर का न करार क बावजद अनाज क एक खप रोक ल और उस

भारत नह भजा इसक पीछ सबस बडा कारण यह था क भारत न वयतनाम पर अमर क हमल क आलोचना

करनी नह छोडी और अपनी वत ता को खतर म डालन वाल अमर का क ए शया नी त का अग नह बनना

चाहा इन हालात म प जीप त वग क सामन सफ दो ह रा त थ अ) वाम प क तरफ झकना अ धक स

अ धक वाममाग ताकत को साथ लन क को शश करना अ धक स अ धक रा वाद सामतवाद वरोधी और

सा ा यवाद वरोधी तवर अि तयार करना अ धक स अ धक आ म नभर वकास पर जोर दना और अपनी

राजनी तक-आ थक वत ता को मजबत बनान क को शश करना ब) द णपथ क ओर झकना द णपथी

ताकत को साथ लना सा ा यवा दय क शत को मान लना और अथ यव था को सा ा यवाद प जी क ि लय

पर तरह खोल दना

कल मलाकर दखा जाय तो त काल न धानम ी इ दरा गाधी न इसम स पहला रा ता चना यहा यह साफ कर

दना ज र ह क प जीप त वग कभी भी अपना ह वरोध नह कर सकता ह और कसी समाजवाद योजना का

समथन नह कर सकता ह उसका उ रा वाद भी प जीवाद सीमाओ क भीतर ह वाम माग क ओर झक

सकता ह और यह इस बात स नधा रत होता ह क उस समय उस कस हद तक क सामतवाद वरोध और

सा ा यवाद वरोध क ज रत ह और अपनी सीमाओ म वह इस राह पर कस हद आग जा सकता ह इ दरा

गाधी और का स का वाम घडा तलना मक तौर पर अ धक रा वाद था और उसका रा वाद इस समय

सा ा यवाद ह त प क खतर क वजह स अ धक मखर हो गया था और य क अब दो ह रा त थ या तो

सा ा यवा दय क शत को मानकर अपनी आ थक और एक हद तक राजनी तक वत ता को खतर म डालना

या रा वाद तवर अि तयार करत ह ए आ मनभर वकास क ओर बढना जो उस रा त स ह सभव था जो

समाजवाद और क य न ट बह त ल ब समय स माग कर रह थ उदाहरण क तौर पर बक और मह वपण

उ योग का रा यकरण और भ म सधार का स और का स क बाहर द णपथी राजनी तक धडा ऐस

रा वाद कदम का खलकर वरोध कर रहा था उदाहरण क तौर पर का स क भीतर मरारजी दसाई और अ य

क नत व म एक बडा गट और का स क बाहर जनसघ और उसक सहयोगी राजनी तक ताकत हालात ऐस हो

गय थ क का स दो पा टय म वभािजत हो गयी ऐस हालात म राजनी तक तौर पर भी का स क मजबर

थी क वह समाजवाद राजनी तक शि तय को अपन साथ लन क को शश कर ल कन दसर तरफ जसा क

ऊपर चचा क जा चक ह पजीप तवग का ब नयाद च र क य न ट वरोधी होता ह और इस लय वह

अ पकाल क लय ह और एक सीमा क भीतर ह और कवल ऐसी समाजवाद शि तय क साथ ह मोचा बना

सकता ह जो कोई गभीर समाजवाद चनौती न पदा कर सक

वाम राजनी त क साथ का स क उस दौर क मोच और उस दौर क प जीवाद आ थक-राजनी तक रणनी त को

इसी नज रय स दखा जा सकता ह एक तरफ उस दौर म तलना मक तौर पर सा ा यवाद वरोधी सामतवाद

वरोधी और अप ाकत अ धक जनप धर आ थक-राजनी तक नी तय पर अमल हआ और दसर तरफ इसी दौर

म पजीप तवग का सबस अ धक मजदर वरोधी जनत वरोधी और क य न ट वरोधी दमनकार च र भी

उभरकर सामन आया यह दोन चीज ब कल अ तर वरोधी नजर आती ह ल कन तथाक थत रा वाद प जीप त

वग का च र इतना ह अ तर वरोधी होता ह यहा हम उस दौर म इ दरा गाधी सरकार क मजदर वरोधी

जनत वरोधी व क य न ट वरोधी दमनकार च र क बार म अ धक व तार म नह जाएग य क यह हम

सभी अ छ तरह जानत ह सफ इतना ह कहना काफ ह क 1975-77 क दौरान 40 हजार रानी तक कद

अकल पि चमबगाल म थ और उनम स अ धकाश न सलवाडी समथक ा तकार वाम कायकता थ ल कन उस

दौर म अि त व म आय कछ मह वपण कानन और नी तय का उ लख ज र ह उदाहरण क तौर पर

अ) उदार करण क दशा म उठाए गय कदम को वापस लना बक -कोयलाखदान -तीन बडी वदशी तल

कप नय और 111 बीमार कपडा मल और जट मल का रा यकरण पि लक स टर का तजी स

व तार पहल स अ धक आ थक को लघ उ योग क लय आर त करना एमआरट पी और फरा

कानन आ द

आ) औ यो गक ववाद अ ध नयम म ससोधन और 300 या अ धक मजदर वाल कप नय म छटनी-

तालाबद स पहल सरकार स अनम त लन क बा यता

इ) स वदा म उ मलन व व नयमन अ ध नयम 1970

ई) भ म सधार कानन 1973 और ीवी पस का खा मा

उ) खती क लय ज र ढाचागत ससाधन का वकास और दश म उन उ योग का वकास जो खती क

लय ज र ह खा य आ म नभरता पर अ त र त जोर

ऊ) रा यताओ क आनदोलन को शा त करन क लय रा य का पनगठन आ द और भाषा ववाद

को शा त करन क लय ह द क साथ अ जी भाषा को भी सरकार भाषा का दजा दना

ऋ) गट नरप आ दोलन म अ णी भ मका यि लयर ट ट करना और यि लयर शि त सप न

दश का दजा हा सल करना जो सा ा यवाद शि तय क हमल क सभावना कम कर दता ह

हम पहल ह उ लख कर चक ह क का स क भीतर और बाहर द णपथी राजनी तक ताकत इस तरह क

सामतवाद वरोधी और सा ा यवाद वरोधी नी तय क प म नह थी ल कन उस समय उनक ताकत इतनी

नह थी क व कोई नणायक ह त प कर पाती ल कन इ दरा गाधी सरकार क दमनकार नी तय और उसक

बाद इमजसी काल क दमनकार रा य न राजनी तक शि तसतलन बदल दया जो भी समाजवाद शि तया उस

समय द णपथ क खलाफ का स क साथ खडी थी व भी उसक वरोध म चल गयी और समय वशष क

प रि थ तय म आपातकाल क खलाफ द णपथी ताकत क साथ मोचा बनान पर मजबर हो गयी द णपथी

ताकत न इसका फायदा उठाया और उनक ताकत बढ ल कन ि फर भी इ दरा गाधी क मौत स पहल व कभी

भी ऐसी नणायक ताकत नह बन सक क उपरो त नी तय म बदलाव ला सक

इ दरा गाधी क मौत क बाद प रि थ तया तजी क साथ बदल यह एक ऐसा दौर था जब समाजवाद खम का

घो षत तौर पर पतन हो गया और सो वयत स का भी पतन हो गया तीसर द नया क दश क लय

गट नरप नी त पर चलन म समाजवाद खम क मदद या उसका मौजद होना भी एक मह वपण त व था

उसक पतन क बाद प रि थ तया बदल गयी दसर तरफ यह एक यापक सा ा यवाद वचा रक हमल का भी

दौर था और उसक ोपागडा का सबस मह वपण क व द था--उदार करएा और व वीकरण का कोई वक प

नह ह न ब क दशक म हमार दश म इसका असर दखाई दन लगा और तजी क साथ सभी राजनी तक

पा टय म इस पर एक आम सहम त सी बनती गयी यह अभी भी एक रह य ह ह क कछ ह साल म ऐसा

कस तरह और कस हआ क लगभग सभी ससद य पा टय क नी तय म कम स कम यावहा रक प म एक

समानता वक सत हो गयी और उ ह न उदार करण और व वीकरण क नी तय को एक हद तक वीकार कर

लया मलत इसी आधार पर क इसका कोई वक प नह ह यवहार म और काफ हद तक स धा त म भी

यह ससद य क य न ट पा टय म भी दखाई दता ह उदार करण क रा त पर गाडी क आग बढन क साथ ह

प जीप तवग क भीतर वचा रक-राजनी तक अ तर वरोध ख म होत दखाई दत ह प जीवाद पा टय क नी तय म

ऐसी समानता पदा हो गयी क अब वचा रक-राजनी तक तौर पर उ ह प जीप त वग क अलग-अलग ह स का

त न ध व करन वाल पा टय ( यापा रय क पाट धनी कसान क पाट आ द) क प म दखना सभव नह

रहा

यहा भारत पा क तान और बागलादश क प रि थ तय म एक अजीब समानता दखाई दती ह इ दरा गाधी क

काल म ह पा क तान म जि फकार अल भ टो और बागलादश म शख मजीबरहमान क नत व म उसी तरह

क नी तय पर अमल हआ तीन ह अपन दश म लोक य नता थ आ चय क बात ह क तीन ह मार गय

और लगभग एक ह काल म तीन जब तक िज दा थ सा ा यवाद नी तय का वरोध करत रह और तीन क

मौत क बाद ह उनक दश क अथ यव थाए उदार करण क ओर आग बढ (पा क तान म भ टो का

त तापलट 1977 और उ ह फासी 1979 मजीबरहमान क सरकार का त तापलट और उनक ह या 1975

इ दरागाधी क ह या 1984 और इसी कालखड म इडोन सया म त तापलट 1967 चल म त तापलट 1973)

दश-द नया क इन बदल ह ई प रि थ तय म 1986 म उ व राउड क वाताए श ह और 1995 म व व

यापार सगठन क थापना ह ई और यह एक नयी व व यव था क नीव थी

2 नयी व व यव था का राजनी तक-आ थक व प और मजदर आ दोलन क

चनौ तया

द नया क राजनी तक आ थक यव था म जो सबस मह वपण बदलाव ह ए ह और उसस मजदर आ दोलन क सम जो चनौ तया उपि थ त होती ह उ ह न न ल खत प म चि हत कया जा सकता ह

A प जी का अ धकाश ह सा-- व तीयकरण स मनाफ क लट हम पहल ह उ लख कर चक ह क प जी तभी पजी होती ह जब उसका व तार होता रह उसका नवश होता रह और वह मनाफा कमाकर छोट स बडी प जी बनती रह य द उसका व तार क जाय तो वह पजी क प म िज दा ह नह रह सकती ह प जी दो तरह क होती ह उ पादक प जी जो उ पादन म लगकर और अ त र त म य पदा करक मनाफा कमाती ह और व तीय प जी जो बना उ पादन म लग और बना अ त र त म य पदा कय सदखोर और स टाबाजार क ज रय मनाफा कमाती ह इस दसर प जी को परजीवी प जी कहा जाता ह य क अ त र त म य तो सफ उ पादक प जी ह पदा करती ह उ पादन क अलावा िजतन भी अ य ह उदाहरण क तौर पर ब कग-बीमा-शयर और स टा बाजार-म ाबाजार-जमीन जायदाद का बजनस यापार और अ य सवाए कोई अ त र त म य पदा नह करती ह आप इसी स समझ सकत ह क म ा जमीन या शयर क दाम खर द और बकवाल स अचानक बढ जात ह और घट जात ह और इस खर द बकवाल स कोई अ त र त म य तो पदा होता नह तो ि फर यह मनाफा आता कहा स ह व तीय प जी क इस मनाफ क दो ह ोत हो सकत ह-उ पादक प जी वारा पदा कय गय अ त र त म य म स लटकर (यानी प जीप त वग क बीच क गलाकाट तयो गता) या ि फर मजदर क जब काटकर या समाज को लटकर आज क दौर म जब अ धकाश उ योग म चद दशी- वदशी प जीप तय क इजारदार कायम हो चक ह व तीय प जी स पदा होन वाला मनाफा मजदर और आम जनता क लट स ह आता ह दश और द नया क अथ यव था म इस परजीवी प जी का ह सा बढना यानी उ पादक प जी का ह सा घटना एक सकट और खतर क घट माना जाता ह और जब इस पजी का ह सा थाई तौर पर बढा हआ दखाई द तो इसका मतलब सकट भी थाई हो चका ह द नया क तर पर दखा जाय तो हालात काफ पहल स ह खतरनाक ि थ त पर पह च चक ह दश क तर पर दख तो इस समय जीडीपी म सवा का ि ह सा अब 60 पह च चका ह और इस सवा का अ धकाश ह सा व तीयकरण स मनाफ क लट ह ह

मजदर वग पर इसका बहआयामी भाव पडता ह यह दखना मजदार होगा क अब जीडीपी वकास दर का रोजगार वकास दर स नाता टट गया दखाई दता ह इसका म य कारण यह ह क जीडीपी क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह दसर बात बार-बार आ थक सकट का आना और इसक वजह स बार-बार रोजगार सकट पदा होना और महगाई का बढत जाना इन सबका व तीयकरण स गहरा र ता ह अब वकास का माडल ह बाहर नवश और बाहर मदद पर आधा रत हो गया ह बाहर मदद और कछ नह याज पर लया जान वाला कज ह और इसक ज रए हमार दश म पदा होन वाल सपदा का एक बडा ह सा सा ा यवाद दश वारा लट लया जाता ह यह व तीयकरण स मनाफ क लट क रणनी त का ह अग ह व वबक-आइएमएफ और अ य ऐसी स थाए इस लट का मा यम ह अगर गहराई स दख तो उ पादन म आनवाल वदशी नवश का अ धकाश ह सा भी व तीयकरण स मनाफ क लट क रणनी त का अग बन चका ह द नया क नयी व व यव था म उ पादन का भी व तीयकरण हो रहा ह अब ाड या मल कप नया जो पदा होन वाल माल क असल मा लक होती ह व अ धकाशत ऐसी होती जा रह ह क व सफ पसा लगाती ह और उ पादन कोई दसरा ह करता ह ल कन व उ पादन को पर तरह नय त करती ह कई प म यह एक खतरनाक ि थ त को पदा कर रहा ह उ पादन क या स और उ पादन म लग मजदर स तथा उ पादन म लगन वाल ाक तक ससाधन स व बह त दर होती ह और इस लय उनक हत -अन हत स व पर तरह असप त होती ह और ाक तक ससाधन पर कोई सकट या मजदर क सघष का उन पर कोई य असर नह पडता कह कोई सकट दखाई दया तो बना अवरोध क व कसी दसर जगह भाग जाती ह एक और नयी चीज पर गौर कर पजी अपरपार हो चक ह और उसक उ पादन मता अपरपार हो चक ह ल कन उस हसाब स समाज म लोग क तर क नह ह ई और न व होन दना चाहत ह ता क लोग कम मजदर पर काम करन क लय मजबर ह और इस लय एक छोटा सा म यवग ह उनक माल का बाजार ह ऐस म अ धक स अ धक माल इसी बाजार म खपाकर अ धक स अ धक मनाफा कमान क लय व इ तमाल करो और फक दो क स क त को बढावा दत ह ऐस माल बनात ह जो यादा दन न चल सक और रपयर करक ल ब समय तक इ तमाल न कय जा सक इस तरह व

हमार आय म स अ त र त लट करत ह ल कन सबस भयानक बात ह क इसस टथ श व पन स लकर मोबाइलफोन व क यटर तक क कबाड भार पमान पर जमा हो रह ह जो खतरनाक ि थ तय का पदा कर रह ह इसक साथ ह यह ाक तक ससाधन क अनाव यक और खतरनाक तर क दोहन को भी बढावा द रहा ह ल कन इन सम याओ स उस व तीय प जी पर कोई य असर नह पडता जो उ पादन को नय त कर रह ह

हमार दश म अभी तक व तीय सवाओ का पर तरह उदार करण नह कया गया ह और इस लय अभी तक व व म पदा होन वाल व तीय सकट का उतना खतरनाक भाव भारत पर नह पड सका ल कन यहा भी इसका पर तरह उदार करण करन क यास तज हो चक ह और सा ा यवाद प जी इसक लय लगातार दबाव डाल रह ह इसका बहआयामी भाव होगा ल कन हम यहा इसक सफ दो मह वपण पहलओ को रखा कत करग

अ) हम पहल चचाकर चक ह व तीय प जी कोई अ त र त म य नह पदा करती ह और उ पादक प जी वारा पदा कय गय अ त र त म य को लटकर ह वह मनाफा कमाती ह ऐस म दशी व तीय प जी वारा लटा गया यह अ त र त म य कम स कम दश म ह रह जाता ह और दश क प जी को बढाता ह और उसका एक ह सा दश क वकास म खच हो सकता ह ल कन य द वदशी व तीय प जी यह अ त र त म य लटगी तो यहा पदा ह ई धन सपदा का यह ह सा सीध बाहर चला जाएगा इसी तरह क बात खदरा बाजार को वदशी प जी क लय खोलन स भी होगी इसस सफ यापार म वरोजगार म लग गर ब लोग का रोजगार ह नह छनगा बि क दशी बाजार पर वदशी प जी का नय ण बढगा और दश म पदा होन वाल अ त र त म य का या नयी धनसपदा का एक ह सा सीध बाहर चला जाएगा मनाफा लटन क यह रणनी त कस तर पर काम कर रह ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क चीन न 2016 म पा क तान टाक ए सचज का 40 फ सद ह सा खर द लया ह ऐसा अ य दश म भी हो रहा ह

आ) व तीय सवाओ को पर तरह खोल दन स सबस खतरनाक बात यह होगी क हमार अथ यव था पर हमारा लगभग कोई भावी नय ण नह रह जाएगा हम पहल ह चचा कर चक ह क स टाबाजार या शयर बाजार जमीन जायदाद क बाजार म ा बाजार आ द म चढाव और उतार खर द और बकवाल स ह पदा होत ह और यह चढाव उतार ह भार मनाफ का ोत ह और भार सकट का भी ोत ह यह खर द और बकवाल स नयोिजत भी हो सकती

ह एक ऐसी द नया म जहा सफ चद बडी कप नया द नया क सम त पजी क भार ह स को नय त करती ह स नयोिजत बकवाल और खर द न सफ भार मनाफा कमान क रणनी त क तौर पर बि क क ह खास अथ यव थाओ को डावाडोल करन क लय भी इ तमाल हो स कती ह दसर तरफ व तीयसवाओ को पर तरह खोलन का यह भी मतलब ह क यह द नया क व त बाजार का ह एक अ भ न ह सा बन जाएगी और द नया क कसी भी कोन म एक छोटा सा सकट सीध यहा भी सकट पदा कर दगा और पर अथ यव था को भा वत करगा व व बक क ह आकडो क अनसार पछल 25 साल म 93 दश क व त यव था को 117 बार गभीर सकट का सामना करना पडा ह और इसक अ त र त 51 बार कम गभीर सकट का सामना करना पडा ह यानी कल मलाकर एक साल म लगभग 6 बार

नजीकरण भी नयी व व यव था म मनाफ क लट क नयी रणनी त का अ भ न अग ह यह दश क सभी ससाधन पर दशी- वदशी पजी का नय ण कायम करन क साथ ह व तीयकरण स मनाफा लटन क रणनी त का भी ह सा ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क सरकार कस तरह सार पि लक स टर बचन पर आमादा ह और कस तरह हमार जल-जगल-जमीन को दशी वदशी कप नय को स पा जा रहा ह इसस एक और खतरा भी सामन आ रहा ह सार पि लक स टर बचन और प जी को अ धक स अ धक ट स छट दन वाल वकास क रणनी त पर चलन स सरकार क पास आय क ोत या रह जायग इसस एक तरफ तो सरकार पि लक वलफयर क काम पर कछ भी खच करन क ि थ त म नह रह जायगी और दसर तरफ अपन खच क लय वह आमजनता पर लगातार ट स बढाती जायगी और आमजनता क ह जमा पस का इ तमाल करगी यहा ीलका का एक उदाहरण दना शायद समीचीन होगा ीलका उदार करण और व वीकरण क राह पर चलन वाला द ण ए शया का पहला दश था और वहा इसक श आत 1977-78 म ह हो गयी थी वहा इसका असर भी पहल ह आना श हो गया था 2002 म वहा हालात ऐस हो गय थ क सरकार कामकाज क खच क लय सरकार मजदर क ा वडट फड म जमा पस का 98 इ तमाल कर रह थी 2011 म वहा वप न सरकार क खलाफ यह सवाल उठाया था क सरकार अपना कज चकान क लय मजदर क ा वडट फड क पस का इ तमाल कर रह ह ऐसी भी ि थ त पदा हो सकती ह क जनक याण क

काम और शायद म य -अफसर क वदश दौर भी प जीप तय क सीएसआर या दान पर नभर होत जायग यहा पर यह भी उ लख कर दना ज र ह क सरकार का आनलाइन पमट पर जो अ त र त जोर दखाई द रहा ह उसका टाचार नय ण स तो कोई लना दना नह दखाई द रहा ह ल कन उसका उपरो त बात स गहरा र ता ह हर प जीवाद नी त क कई आयाम होत ह और इसक भी कई आयाम ह ल कन हम यहा उसक कछ ह पहलओ को चि हत कर सकत ह

अ) सभी उ योग और ससाधन क नजीकरण और उ योग को सभी कर म छट दन क वकास रणनी त क चलत सरकार अपन खच क लय सफ जनता स ट स वसलन पर ह नभर होती जा रह ह और सभी कर बढाती जा रह ह और नत नय कर भी लगाती जा रह ह यह जानना मह वपण ह क य कर तो साफ साफ दखाई दता ह जस इनकम ट स इस लय उस अभी कम ह बढाया जा रहा ह सबस अ धक कर का बोझ अ य कर क प म बढया जा रहा ह जो साफ-साफ दखाई नह दता और जो सभी पर लाग होता ह चाह उसक आय कतनी भी कम हो हम जो भी सामान बाजार स खर दत ह उसक एमआरपी दाम म भी कर शा मल होता ह और ऊपर स और अ धक ट सलगाय जात ह कसी भी सामान क दाम म कल कर कर ब 44 ट स शा मल होता ह यानी 100 क दाम म 44 पय का कर इसका लगभग

आधा ह सा तो उसक एमआरपी दाम म शा मल होता ह जो हम दना ह होता ह चाह बना बल क खर द हो ल कन कल कर का लगभग आधा ह सा तभी दना होता ह जब दकानदार प का बल द यानी तब दकानदार भी उस कर को सरकार क पास जमा करगा ल कन करोडो गर ब लोग और लाख छोट दकानदार बना प क बल क खर द ब करत ह और इसक चलत सरकार यह कर नह वसलकर पाती ह यह नकद म लन दन पर ह सभव होता ह य द नकद म लन दन को बद कर दया जाय तो हम कर का वह ह सा भी चकान क लय मजबर कर दया जायगा ऐस म यह रणनी त भी सीध सीध गर ब क जब म डाका डालन क लय ह नद शत ह ऐस हालात म जब करोडो लोग क मजदर और आय जीवन जीन क लय पया त न हो तो उनक ऊपर कर का यह बोझ डालना या यायसगत ह और ऐस हालात म य द गर ब लोग यह कर नह चकात ह तो या यह काला-सफद का मामला ह या यह उनक िज दा रहन क ह एक शत नह ह ऐस हालात म जब कारपोरट कप नय को भार पमान पर ट स म छट और ट स चोर क छट द जा रह हो या आम जनता क साथ यह यादती वािजब ह सीएजी क 2016 क एक रपोट क अनसार इनकमट स डपाटमट न ढाचागत काय करन वाल कप नय को गलत तर क 45000 करोड का ट स लाभ दया उसी क एक रपोट क मता बक 7 लाख करोड य कर नह वसला जा सका और उसका 96 अब वसलना सभव नह रह गया ह उसी क एक अ य रपोट क मता बक सफ 2010-11 म कारपोरट कप नय को 88263 करोड पय क कर छट द गयी

आ) इसका एक और मह वपण ल य ह खदरा यापार को दशी- वदशी कारपोरट कप नय क हाथ स पना यह दो तरह स कया जा रहा ह- अ) कप नय क खदरा यापार चन को ो सा हत करना और खदरा यापार को वदशी प जी क लय खोलना ब) आनलाइन खर द- ब को ो सा हत करना कशलश खर द ब को बढावा दना इसी नीयत स कया जा रहा ह यह दो

ल य को एक साथ परा करता ह खदरा यापार को दशी- वदशी प जी क हाथ स पना और लोग को परा ट स चकान क लय मजबर करना आनलाइन खर द ब और रटल चन क ज रय दशी- वदशी प जी एक साथ गठजोड बनाकर म खदरा यापार म आ रह ह और इसन अभी ह खदरा यापा रय क हालत ख ता कर द ह यह वश ध प स व तीयकरण स मनाफ क लट ह ह इसस एक तरफ तो दश क बाजार पर बडी दशी- वदशी पजी क गठजोड का क जा होता जायगा और दश क उ पादक भी उनक य जकडबद म फसत जायग दसर तरफ खदराबाजार म लगी भार आबाद को बरोजगार क सम या झलनी पडगी इसक साथ ह गर ब आबाद को मजबरन महगा सामान खर दना पडगा पदा होन वाल हालात का इसस ह अदाजा लगाया जा सकता ह क अभी क ष क बाद सबस अ धक आबाद खदरा यापारम ह लगी ह ई ह

इ) यह सव व दत ह क कर ब 600-700 कारपोरट कप नया पि लक स टर बक स लाख करोड का कज लकर उस जानबझकर नह चका रह ह सरकार उनस कज वसलन क बजाय उनका कज माफ कर दती ह 2014-15 म कर ब 114 लाख करोड का ऐसा कज माफ कर दया गया 2016 म सफ टट बक आफ इ डया न ऐसी 63 बडी बइमान कप नय का कज माफ कर दया जो कल 7016 करोड पय का कज लकर उस डकार गयी थी इसस अदाजा लगाया जा सकता ह क सभी पि लक स टर बक स कज माफ स कस भार मा ा म सरकार न कारपोरट कप नय को फायदा पह चाया गया होगा मजदार बात यह ह क ऐसा पि लक स टर बक क साथ ह होता ह यानी यह वश ध प स जनता क पस क खल लट ह इस हालात न पि लक स टर बक क हालत ख ता कर द थी और व सरकार क व भ न योजनाओ म नवश करन क हालत म नह रह गय थ बम करण उ ह इस सकट स उबारन क लय कया गया था बक म पसा आना ज र था और बम करण न ऐस करोड लोग को जो खती या छोटा-मोटा बजनस करत ह और हजार पय बक म रखन क बजाय घर म ह और आपसी लन दन म रखत थ और शाद - याह क लय भी हजार -लाख जमा करक घर म ह रखत थ उ ह जबरन बक म पसा जमा करन क लय मजबर कर दया गया ऐसा तो कसी बडी सना क मदद स भी नह हा सल कया जा सकता था जो बम करण क ज रय हा सल कया गया यह कोई काला-सफद का मामला नह था और कसी टाचार स लडन का मामला नह था इसका उ द य था बक म पसा लाना और यह कोई आ चय क बात नह क सफ दो मह न म ह बक पस स लबा लब भर गय यह इसी स जा हर ह क अचानक बक न लोन क याजदर कम कर द और होमलोन और अ य लोन क लय तरह-तरह क क म लकर बाजार म उतर गय यह परा मामला व तीयकरण स मनाफ क लट का सबस घ टया उदाहरण ह

B द नया क तर पर नया म वभाजन और नयी उ पादन यव था

द नया क उ पादन और वतरण यव था म एक नया म वभाजन अि त व म आया ह िजसक दो मह वपण

अग ह

क) उ पादन यव था को ऐसी व व यापी म य खला या व व शोषण खला म सग ठत कया गया ह

िजसम म सघन काम को वक सत दश स वकासशील दश म भजा जा रहा ह जहा भार बरोजगार

ह और मजदर वक सत दश क मकाबल बह त कम ह अलग-अलग स टर म अलग-अलग रणनी त ह

उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा उ योग म इतना ह काफ ह क वहा मजदर कम ह ल कन

इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म यह भी ज र ह क वहा पाट पज बनान और जोडन लायक

तकनीक तर वाल फि या और ऐसा कौशल रखन वाल मजदर क अ छ -खासी तादात मौजद हो

और उनक माल क लय एक बडा और वक सत होता बाजार भी मौजद हो दसर तरफ प जी और

तकनीक सघन काम को वक सत दश म ह नय त रखा जाता ह ता क वकासशील दश क कप नया

परा ोड ट (माल) बनान क तकनीक न हा सल कर सक और अपना ाड न पदा कर सक इसक

अलावा व परा का परा ोड ट एक दश म नह बनाती ह उ पादन क व भ न ह स को कई दश म

बखर दती ह और इसक वजह स कसी भी दश क कपनी क लय परा ोड ट को बनान क तकनीक

हा सल करना और भी मि कल हो जाता ह दसर तरफ इस तर क स उ पादन खला म मौजद कसी

भी दश क कप नय क और मजदर क उनस सौदबाजी क ताकत भी कम हो जाती ह अगर कसी

दश म उनक उ पादन खला म सकट आया तो व वह काम कसी और दश म करा लती ह इस बात

को व एक ह थयार क प म भी इ तमाल करती ह और दशी कप नय और मजदर को प जी क

पलायन का डर भी दखाती रहती ह व त उ च तकनीक वाल पज रसच और डजाइ नग ा डग और

बाजार पर भावी नय ण क ज रय बह रा य कप नया उ पादन खला को पर तरह क ोल करती ह

इसी क ज रय पर उ पादन खला म िजतना भी अ त र त म य या मनाफा पदा होता ह उसका बडा

ह सा व ह थया लती ह स चाई म अ त र त म य का बडा ह सा तो वकासशील दश म ह पदा

होता ह ल कन उ ह उसका बह त छोटा ह सा ह मलता ह उदाहरण क तौर पर हमार दश क उ योग

म जो भी उ पाद पदा होता ह उसम मौजद अ त र त म य का मा 15-20 ह हम मलता ह जब क

उ पादन या पर नजर डाल तो इसस कह अ धक अ त र त म य यहा पदा होता ह ल कन

बह रा य कप नया काम पान क लय वकासशील दश क बीच होड और दश क भीतर कप नय क बीच

होड का इ तमाल करक उ ह कम क मत वीकार करन क लय मजबर कर दती ह उदाहरण क तौर पर

कपडा उ योग इसक अलावा व सबस अ धक म य उन काय पद डाल दती ह जो व खद करती हए

उदाहरण क तौर पर व त रसच और डजाइ नग ा डग माकग िग आ द तथा व पाट-पज जो व खद

बनाती ह इस तरह व अपन उ पाद क पर शोषण खला म पदा होन वाल मनाफ का बडा भाग लट

लती ह

ख) यहा यह बात और साफ कर दना ज र ह उ पादन खला या शोषण खला क मामल म सा ा यवाद

प जी और दशी प जी क तौर-तर क म अब कोई अ तर नह रह गया ह अ धकाश वकासशील दश म

ऐसी कप नया कम ह या नह ह िजनका व व तर का ाड हो या व व तर पर काम करती ह

ल कन जहा कह ऐसा ह जसा क भारत और चीन म कछ ऐसी कप नया ह तो व भी ठ क उसी तरह

अ य दश म अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय स मनाफ क लट करती ह इतना ह नह

दशी ाड भी दश म उसी तरह क उ पादन खला क ज रय मनाफ क लट करत ह और उ पादन

खला म हर ऊपर वाल कपनी अपन स नीच वाल कपनी स उसी तरह मनाफ क लट करती ह ाड

हमशा अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय पर अपन उ पाद क क मत कम करन क लय दबाव

बनात रहत ह और कप नया क मत कम करन तथा अपन लय भी अ धक स अ धक मनाफा स नि चत

करन क लय मजदर का शोषण अ धक स अ धक बढाती जाती ह

ग) प जी ख टा म त ख ला साड हो गयी ह नयी व व यव था म प जी क अवागमन पर कोई नय ण नह

ह यह उपरो त म वभाजन को प ता और स थागत प दती ह द नया म कह भी कसी भी तरह

क वषम प रि थ त आन पर या द नया क कसी अ य ह स म अ धक मनाफ क सभावना होन पर

यह कभी भी दसर दश म पलायन कर सकती ह यहा तक क दश क भीतर भी कसी एक ह स स

दसर ह स म भाग सकती ह इस मामल म भी दशी और वदशी प जी म कोई अ तर नह रहा और

यह दोन पर ह लाग होता ह प जी का इसस कोई लना दना नह रहा क इसस दश क अथ यव था

या मजदर क जीवन-मरण पर या असर पडता ह गौर करन क बात यह ह क वा त वक पलायन स

अ धक पलायन क धमक को एक ह थयार क प म इ तमाल कया जाता ह

C द नया क नयी स ता यव था

नयी व व यव था को सचा लत करन क लय नयी व व स थाए बनायी गयी ह जो व व सरकार जसा काम करती ह और उनका कानन दश क कानन स ऊपर हो गया ह उदाहरण क तौर पर व व यापार सघ वा त वक प म इन स थाओ को सा ा यवाद दश ह सचा लत ह इसका अग बनन क बाद दश क सरकार ऐसी कोई नी त या कानन नह बना सकती जो व व यापार सघ क नी त या कानन का उ लघन करता हो इन स थाओ क पास यह शि त भी ह क कोई दश य द उनक कानन का उ लघन कर तो उस द डत कया जा सक उदाहरण क तौर पर जन हत म यह ज र हो सकता ह क अपनी क ष और खास उ योग को सि सडी दकर और दश का बाजार उनक ि लय आर त करक उनक वकास को ग त द जाय या जनता को स ता माल उपल ध कराया जाय ल कन यह व व यापार सगठन क कानन का उ लघन हो सकता ह य क यह वदशी प जी क साथ भदभाव होगा इस ि थ त स लोकत क लय ह एक खतरा पदा होता दखाई द रहा ह य क य द चनी ह ई सरकार म यह शि त न रह जाय क व जनता क हत म कानन और नी तया बना सक तो सरकार चनन क अ धकार का भी कोई मतलब नह रह जाता मजदार बात यह ह क आइएलओ और सय त रा सघ क अ य व व स थाए जो मजदर क अ धकार और मानवा धकार क लय कानन बनाती ह उनको ऐसी शि त नह द गयी ह क मजदर क अ धकार या मानवा धकार क उ लघन पर व कसी दश को द डत कर सक सय त रा सघ म आजकल बह रा य कप नय क ग त वधय क लय कछ मानदड बनान क बात चल रह ह ल कन अ धक जोर और अ धक वीक त इसी पर दखाई द रह ह क इ ह

बा यकार कानन का दजा न दया जाय

अब हम यह दखन को शश कर क उपरो त प रि थ तय म मजदर वग और मजदर आ दोलन को कन

सम याओ का सामना करना पड रहा ह

i) प र मजदर वग को एक रजब आम म त द ल कर दना

प जी क आवागमन पर कोई नय ण नह ह उसक लय द नया वा तव म एक गाव बन चक ह ल कन

मजदरवग क आवागमन पर परा नय ण ह यह प रि थ त एक प म पर द नया क मजदरवग को एक रजब

आम यानी एक ऐसी आर त फौज म त द ल कर दता ह िजस प जी जब चाह इ तमाल कर जब चाह बरोजगार

छोड द हम पहल ह चचा कर चक ह क प जी जब चाह पलायन कर सकती ह कछ उ योग तो ऐस ह िजनम

चद दन या चद घट म ऐसा हो सकता ह जस कपडा उ योग इसम थाई प का कोई प जी नवश या

उ पादन का कोई ल बा का ट सामा यत होता ह नह इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म भारत जस

दश म जहा एक बडा बाजार ह उ ह अपना असब लग लाट लगाना पडता ह इस लय भागना इतना आसान

नह होगा ि फर भी बह त अ धक समय नह लगगा य हालात प जी क साथ शि त सतलन म मजदर वग को

कमजोर ि थ त म डाल दत ह रोजगार खोन का डर मजदर क लडाई को कमजोर करता ह दसर तरफ प जी

क पलायन क डर स सरकार मजदर क आ दोलन का बबरता स दमन करन पर आमादा हो जाती ह और

मजदर क हक क परवाह कय बना कप नय क हत क हफाजत करती ह

मजदरवग इस ि थ त को तभी बदल सकता ह जब प जी क इस तरह क आवागमन को रोक सक और यह सफ

तभी सभव ह जब अ) मजदर क दश यपी सघष क ज रय ऐस मकानन क लय सघष जो मजदर को थाई

ह सयत म रोजगार दन क बा यता पदा कर सक वदशी प जी क लय दश म उ पादन क लय ल ब समय क

का ट या समझौत क शत लाग कर सक और छटनी और तालाबद पर मजदर क मआबज क रा श म

बढो तर कर सक इसस प जी क लय बार-बार पलान क रणनी त महगी सा बत होगी ब) मजदर क

अतररा य एकता जो मजदर वरोधी पलायन क रणनी त पर चलन वाल प जी को द डत करन क लय उसक

बाजार को भा वत कर सक स) मजदर क अतररा य एकता जो इस तरह पलायन करक आन वाल प जी को

अपन दश म उस न आन द द) मजदरवग एक ऐसी सरकार लान म कामयाब हो जाय जो प जी क ऐस पलायन

को असभव बना द और य) अतररा य तर पर ऐसी नी तय क लय सघष जो मजदर क कसी भी दश म

आवागमन को खल छट द सक

ii) असग ठत मजदर क शोषण को स थागत प दना और समाज क समची ज रत क उ पादन त

को व व शोषण खला म समट लना

आज असग ठत (इनफामल स टर) क हालात पर बडा सयापा होता ह ल कन अगर हम गहराई म दख तो

यह सब उनक हालत सधारन क बजाय उनक शोषण को स थागत प दता दखाई दता ह इस तथाक थत

इनफामल स टर म तीन तरह क लोग आत ह अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोग छोट इकाइय

म लग अ थाई मजदर और फि य म लग तरह-तरह क अ थाई मजदर वरोजगार म लग लोग और

मजदर क सम याए ब कल अलग ह और अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोगो क सम याए भी

अलग-अलग ह और इनक सम याओ का समाधान भी अलग-अलग ह अगर वा तव म इ ह सकट स बाहर

नकालना हो तो अलग-अलग स टर म इनक वशष सम याओ क मता बक वशष नी तगत समाधान दना

होगा वा तव म यह बह त ज र भी ह य क अगर इनक सकट का समाधान हो जाय तो बराजगार क एक

तहाई सम या का समाधान हो सकता ह ल कन ऐसा करन क बजाय उन सबको मलाकर एक इनफामल

स टर बनान क पीछ एक ह बात हो सकती ह क उनक सकट का समाधान करन क कोइ मशा ह नह ह

उनक लय ऐसी सामािजक सर ा का ावधान कया जाता ह िजसस व कम स कम िज दा रह सक हाला क

यह सब भी पर तरह कागजी ह दखाई दता ह और यह नी तया कह लाग होती नह दखाई दती

दरअसल यह नयी व व यव था और नय म वभाजन क रणनी त का ह एक अग लगता ह

क) उ योग क व व यापी उ पादन या शोषण खला पर गौर कर तो यह खला छोट इकाइय और घर

म काम करन वाल मजदर तक जाती ह और अ त र त म य क एक अ छndashखास ह स का उ पादन

इन असग ठत मजदर वारा कया जाता ह यह सबस कम मजदर म काम करन वाल और सबस

असर त मजदर ह और उ पादन क नयी यव था म दशी- वदशी पजी क लय बह त बड मनाफ का

ोत ह

ख) नयी उ पादन यव था म प जी क सबस बडी ताकत और रणनी त ह उसका ख टा म त होना और कभी

भी पलायन करन क आजाद ल कन य द उ योग म सभी या अ धकाश मजदर थाई ह तो या यह

उतनी आसानी स सभव हो सकगा य द मजदर थायी ह ग तो उनक य नयन भी होगी और मजदर

क लडन क ताकत भी अ धक होगी और व प जी को इतनी आसानी स पलायन नह करन दग दसर

बात य द मजदर थायी ह ग तो प जी को पलायन काफ महगा भी पडगा य क थाई मजदर क हक

को चकता करन म काफ पसा लगाना पडगा और इस लय वह बार बार पलायन क रणनी त नह

इ तमाल कर सकती

ग) नयी उ पादन यव था म कई म उदाहरण क तौर पर कपडा उ योग म फि या आडर पर काम

करती ह और ाड कोई सालाना का ट भी नह करत आडर कभी कम होता ह कभी यादा और कभी

ब कल नह ऐस म अगर थायी मजदर ह ग तो उ ह बार-बार ल-आफ दना पडगा और फि या यह

क मत ाड स वसलगी ऐस म नयी उ पादन यव था म अ थायी मजदर उनक मनाफ का ोत ह

घ) असग ठत म सकट त मजदर क भार फौज एक रजब आम क तरह काम करती ह और

उ योग म मजदर क स लाई को माग स हमशा ऊपर बनाय रखती ह और इसक वजह स मजदर को

हमशा नीच क ओर धकलती रहती ह

ङ) नयी व व यव था क रणनी त यह दखाई दती ह क बडी प जी उन असग ठत को नगल जाय

जहा सीध मनाफा लटा जा सकता ह और अ य असग ठत त को स त म क लट क लय अपनी

उ पादन-शोषण खला म बाध लया जाय उदाहरण क तौर पर रटल यापार और व त स लकर

जलाप त तक क कई अ य सवा स वरोजगार व छोट इकाइय को ख म करक को व पर तरह

क जान म लगी ह ई ह और दसर तरफ स त म क लट क लय उ पादन क म खती व

उ योग म वरोजगार म लग मजदर व छोट इकाइय को अपनी उ पादन खला म समटन क

को शश कर रह ह यहा यह गौर करन क बात ह क आज सरकार क छोट उ योग को बढावा दन

क नी त को उदार करण स पहल वाल प रि थ तय क नगाह स नह दखा जा सकता ह आज यह

उन उ योग पर ल त ह जो दशी- वदशी पजी क उ पादन खला स जड ह ए ह और इस लय परो

प स यह दशी- वदशी बडी पजी क भी मदद ह

जमीनी तौर पर मजदर आ दोलन क सबस बडी रणनी तक सम या और सबस बडी चनौती शायद इसी सवाल

स जडी ह ई ह हर उ योग म भार अनपात म अ थायी मजदर क स या बढन क कारण फ तर पर

य नयन और साम हक सौदबाजी मि कल हो गयी ह यह कछ तर तक वह भावी हो पा रह ह जहा बडी

इकाइया ह और जहा एक खास अनपात म द मजदर को बनाय रखना ज र ह उदाहरण क तौर पर मोटर-

गाडी बनान क उ योग ल कन जहा ऐसी ज रत नह ह और इस लय जहा शायद ह कोई थायी मजदर रखा

जाता ह वहा तो य नयन और साम हक सौदबाजी असभव ह हो गयी ह उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा

उ योग छोट उ योग और वरोजगार म लग लोग को सग ठत करन का सवाल तो एक अलग ह चनौती ह

और इस दशा म तो कोई बडी पहल ह नह दखाई दती ह

मजदर आ दोलन क सम य सम याए और चनौ तया वा त वक ह ल कन ऐसा लगता ह क सकट सफ इन

सम याओ स पदा नह हआ ह सकट का मल व प वचा रक ह और इस सवाल स जडा हआ ह क मजदर

आ दोलन इन सम याओ का कोई भावी समाधान नह तत कर पा रहा ह हम इसक चचा अगल ह स म

करग

iii) म कानन म बदलाव

मकानन म क सरकार और रा य सरकार वारा जो बदलाव कय गय ह या ता वत ह उनस म कानन का ऐसा ढाचा उभरकर सामन आता ह जो मलत चार स तर म वभािजत ह और यह व वशोषण खला क अन प ह

9 स कम मजदर वाल इकाइया इनक लय कोई म कानन ता वत नह ह उ ट घरल उ योग म बाल म क शोषण क छट द द गयी यहा यह यान म रखना ज र ह क यह व वशोषण खला का सबस नचला और सबस असर त तर ह जहा मजदर क भार आबाद को बहद कम मजदर म और वा य क ि ट स खतरनाक ि थ तय म काम करना पडता ह

9-39 मजदर वाल इकाइया इ ह कारखाना कानन स बाहर कया जा रहा ह और एक नय कानन लघ कारखाना कानन म शा मल करन का ताव ह 9 स कम वाल स तर और 9-39 वाल स तर म ह उ पादन क अ य धक म सघन याओ का बडा ह सा सप न कया जाता ह और शोषण खला क अ त र त म य का अ छा-खासा ह सा यह पदा होता ह 9-40 वाल इकाइय म मजदर को बह त सार अ धकार स व चत कया जा रहा ह और नाम मा ह हक उ ह मलन ह

इ ह अब 9 क जगह 19 म कानन स सब धत द तावज बनान और म वभाग म उनक पालन सबधी रटन फाइल करन म छट द द गयी ह

इनम 14 कानन लाग नह ह ग िजनम औ यो गक ववाद अ ध नयम और कारखाना कानन भी शा मल ह उन कानन क सफ कछ ावधान को ता चत लघ उ योग कानन म शा मल कया गया ह

ठका मजदर ( नयमन और खा मा) कानन इनम लाग नह होगा राज थान क कानन म अब यह 50 या अ धक मजदर वाल इकाइय म ह लाग ह (मल म 20 या अ धक पर लाग)

नय मत मजदर क छटनी करन पर 1 माह का नो टस और िजतन साल काम कया ह हर साल क लय 15 दन का मआवजा दना होगा ल कन इसक नौबत ह नह आयगी य क यह ावधान एक साल नय मत स वस पर होन पर ह यह लाग होता ह और ऊपर उदधत कानन म

छट का फायदा उठाकर नयो ता कभी साल भर क स वस पर ह नह होन दग

ईएसआई और पीएफ कानन लाग नह होगा और यहा ईएसआई और पीएफ क जगह दो नयी ाइवट स टर क क म लाग होगी और इसम मजदर को दोन क लय वतन का 10-10 तशत

हर मह न दना होगा काय थल पर भौ तक और रासाय नक सर ा सबधी कोई ावधान नह सफ इतना ह क जहा

खतरनाक या हजाडस चीज का इ तमाल होता होगा वहा कारखाना कानन लाग होगा च का ावधान वह लाग होगा जहा 20 या अ धक म हलाए काम करती ह और उनम स कम

स कम एक का 6 साल स कम का छोटा ब चा हो इसस प ट ह क इस कानन को कोई मतलब नह रह गया

तीन माह म ओवरटाइम काम क घट क सीमा 50 स बढाकर 96 घट क जा रह ह

लघ उ योग कानन म हडताल या हडताल क अ धकार का कोई उ लख ह नह ह एक ऐसा ावधान ह क य द 10 या अ धक मजदर बना नो टस दय एक साथ गरहािजर ह ग तो नयो त

उनक वतन स 8 दन क मजदर काट सकता ह 40 स 299 तक क इकाइया

इनम बना सरकार स अनम त लय छटनी या तालाबद क जा सकती ह

इनम छटनी क लय मजदर को 1 माह का नो टस और मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स हाला क इसक नौबत आयगी ह नह य क यह एक साल क स वस पर होन पर ह लाग होता ह और आजकल उ योग म हालात ऐस ह क हर छह मह न म कागज पर मजदर क नयि त नयी बना दत ह सी मत अव ध का ट का कानन लाग होन क बाद तो नयो ता कसी क भी एक साल क नय मत स वस पर ह नह होन दगा इस अभी कपडा उ योग म लाग कया ह ल कन ज द ह अ य म भी लाग हो सकता ह ऐस हालात म कोई ईएल भी नह पा सकगा और यट दन क नौबत तो कभी आयगी ह नह

ईपीएफ पशन क जगह नयी पशन क म िजसम प रवार लाभ शा मल नह होगा यह शयरबाजार स जडी होगी-और ाइवट कप नय क मनाफा कमान का ज रया बन जाएगी

ईएसआई अ पताल क नजीकरण का ताव जो प र वा थ सवाओ क नजीकरण क योजना का ह एक अग ह

पीएफ को ट स क दायर म लाना पीएफ म शा मल होन को व क बनाना और नयो ता क ओर स पीएफ म जमा कय जान

वाल भाग को सरकार क ओर स दया जाना

नयो ता वारा दय जान वाल पीएफ क भाग को मजदर म शा मल मानना िजसस मजदर बढ ह ई दख और मजदर क असल हालत पर पदा पड जाय

हजाडस कारखान क ल ट को हटाना और सफ हजाडस क एक प रभाषा दना इसस कसी भी कारखान को हजाडस घो षत करवाना बह त मि कल होगा और या काफ ल बी हो जाएगी

म हलाओ को रा पाल म अनम त

तीन माह म ओवरटाइम काम क सीमा बढाकर 115 घट करना (अभी 50 ह)

ड य नयन बनान क लय ज र सद या स या 7 स बढाकर 10 या 100 करना

डय नयन म बाहर सद य पर रोक सफ असग ठत म 2 सद य बाहर क हो सकत ह ड य नयन क मा यता क लय कसी ावधान का ताव नह

हडताल क लय जो क ठन कानन आव यक सवाओ पर लाग था उस सभी पर लाग करन का ताव यानी काननी तौर पर हडताल लगभग असभव गरकाननी हडताल क लय मजदर पर

और तालाबद क लय कारखाना मा लक पर एक ह फाइन-50000 स एक लाख 50 या अ धक मजदर कजअल छटट लकर गरहािजर ह तो यह भी गरकाननी हडताल

ववाद को कोट क बाहर सलझा लन का ावधान और आव यक सवाओ म 2 साल तक हडताल पर तबध (गजरात)

बोनस रा श नधारण क जाच क लय डय नयन नयो ता स कारखान क बलस शीट अब नह माग सकगी

कारखान क इ प शन क लय लबर इ प टर को पहल उ चा धका रय स अनम त लनी होगी और इ प टर क भ मका अब कानन का उ लघन करन वाल पर कारवाई करन क बजाय उ ह कानन का पालन करन म मदद करन क होगी

100 या अ धक मजदर वाल इकाइया ट डग आडर का कानन अब 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय म लाग होगा यह अभी कई

रा य म 50 या अ धक पर लाग होता ह अ य ावधान वह जो 40 स 299 मजदर वाल इकाइय पर लाग 300 या अ धक मजदर वाल इकाइया छटनी या तालाबद क लय सरकार क अनम त ज र

मजदर को 3 माह का नो टस मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स

अ य ावधान वह जो 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय पर लाग मकानन म बदलाव क उपरो त दशा स दो बात प ट होती ह अ) यह कप नय क लय म लागत को

कम स कम करन मजदर को जब चाह काम पर रखन और नकालन क पर छट दन मजदर क हत क

अनदखी करन और मजदर क य नयन बनान और साम हक सौदबाजी करन क मता को ख म करन या कम

स कम करन क दशा म कि त ह और ब) उ योग म शोषण खला का जो ढाचा उभर रहा ह यह उसक

अन प ह एक तरफ छोट इकाइया ह जहा अ धकतम 50 मजदर तक काम करत ह और जहा अ धकाश म

सघन काम सप न होता ह और अ त र त म य का बडा ह सा पदा होता ह दसर तरफ बडी इकाइया ह जहा

100 स 300 तक मजदर काम करत ह और सबस ऊपर थोडी सी ऐसी इकाइया ह जहा 500 स अ धक मजदर

काम करत ह आकड क अनसार पछल 10-12 साल म 10 स 99 मजदर वाल इकाइय का अनपात काफ

घटा ह और दसर तरफ 10 स कम वाल इकाइय और 100-499 वाल इकाइय का अनपात बढ गया ह

दरअसल 10 स कम वाल अ धकाश इकाइया वा तव म 40-50 मजदर को काम पर लगाती ह ल कन कारखाना

कानन स बचन क लय 10 स कम मजदर ह दखाती ह इ ह क सम या को हल करन क लय लघ उ योग

कानन लाया जा रहा ह सार प म इन ता वत कानन स शोषण खला का ढाचा इस प म उभरता दखाई

दता ह अ) घर म काम करन वाल मजदर और 10 स कम वाल इकाइया ब) 10-39 वाल इकाइया स) 40-

299 वाल इकाइया और द) 300 या अ धक वाल इकाइया

iv) प जी का मजदर और जनता पर सवतोमखी नय ण

कोई वग कसी दसर वग पर अपनी स ता सफ दमनत क ताकत क ज रय लब समय तक कायम नह रख

सकता ह शासक वग को शा षत जन म अपनी स ता क कसी न कसी प म एक तर क वीकायता

बनानी पडती ह और अगर वह ऐसा करन म कामयाब नह होता तो उसक स ता भी अ धक समय तक कायम

नह रह सकती ह प जीवाद समाज क लय यह और भी अ धक सच ह पजीप त वग मजदर और आमजन क

वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण कायम करन क को शश करता ह और य द मजदर वग

उस इस पहल पर कोई भावी चनौती नह द पाता ह तो मजदर वग पजी क खलाफ कोई भी भावी सघष

खडा कर पान म सफल नह हो सकता ह प जीवाद समाज म यह वग सघष का एक ब नयाद और मह वपण

पहल ह नयी व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह ल कन

मजदर आ दोलन इस पहल को अ सर नजरदाज करता रहा ह और उस वग सघष क एक ब नयाद पहल क प

म मह व नह द सका ह शायद यह आम जनता क वचार और जीवन पर प जीप त वग क बढत नय ण और

उसको कोई भावी चनौती न द पान क हमार कमजोर का भी एक भाव ह क आज इतन भीषण सकट क

बावजद जनता क ग स का कोई बडा वत फत व फोट नह दखाई दता ह यहा हम सार प म मजदरवग

पर प जीप तवग क नय ण क रणनी त क कछ पहलओ क चचा कर सकत ह

आमजन क वचा रक मानस म प जीप त वग व भ न मा यम स यह लगातार था पत करन क

को शश करता ह क प जीवाद का कोई वक प नह ह नजीकरण और बाजार करण क व तार क साथ

प जीवाद दायर स बाहर कसी अलग जीवन णाल क लय कोई जगह नह रह जाती जो इस वचार को

मजबती दता ह और दश-द नया म कोई वक प नजर न आन स इस उनक वचार मानस म प ता

बनान म मदद मलती ह जीवन क हर ज रत क लय प जीवाद पर पर तरह नभरता और उसस

बाहर नकलन का कोई रा ता न दखाई दन स प जीवाद को वीकार करना एक मजबर भी हो जाती ह

ऐसा ोपागडा बड पमान पर कया जाता ह क प जी क वकास स ह दश को और जनता का वकास हो

सकता ह प जी का वकास होगा तो रोजगार पदा होगा प जी का वकास होगा तो स वधाओ का वकास

होगा प जी का वकास नह होगा तो दश का और जनता का भी वकास क जाएगा और इस लय य द

कोई ऐसी बात करता ह जो प जी क वकास क खलाफ हो तो वह दश का और जनता का द मन ह

आ द आ द

प जीवाद काय थल मजदर को यह अहसास दलाता ह क मजदर और प जीप त दोन का अि त व जडा

हआ ह और मजदर क बहतर क लय प जीप त क बहतर ज र ह नय दौर का सारा प जीवाद

बधन शा और पदा ह ई बधन तकनीक का अमल इस वचार को मजबत बनाता ह रोजगार खोन

का डर भी एक तरह स प जीवाद को वीकार करन क मजबर बन जाती ह

ोपागडा यह नयी व व यव था का एक बह त मजबत और भावी ह थयार ह मी डया स लकर कल -

कालज व व व यालय और शोधस थान तक को भी इसका अग बना दया गया ह इसक ज रय झठ

को सच क तरह पश करना या स य क सफ एक पहल को ह दखाना इ तहास को वकत प म पश

करना म फलाना प जीवाद का म हमामडन करना जो प जीप त वग क हत क खलाफ ह उन वचार

और लोग को बदनाम करना ढ ग पाखड को साइस क तरह पश करना और पछडी चतना को बढावा

दना भडकाऊ झठ खबर बनाना और भडकाऊ कारवाइया करना आ द इनका सबका दायरा बह त व तत

ह यह माल को बचन क लय उनका फायदाबतान वाल झठ रसच स लकर समाजवाद और

समाजवा दय को बदनाम करन क लय झठ घटनाए पदा करन तक का काम करत ह मी डया पर बडी

प जी का पर तरह इजारा कामय हो जान क बाद जनता क पास कोई वकि पक सचनात ख म हो गया

ह और इसक वजह स प जीवाद ोपागडा और अ धक भावी हो गया ह इस हालात न मजदर वग क

सघष क भाव को भी काफ कम कर दया ह दश क कसी शहर म लाख लोग सडक पर आ दोलन

करत ह ल कन पास पडोस क इलाक क लोग को भी इस आ दोलन का पता नह चल पाता यहा तक

क द ल आकर हजार लोग दशन करत ह और द ल क लोग को भी पता नह चलता कह लाख

लोग सघष म जान द रह होत ह ल कन मी डया उ ह यह मानन को मजबर कर दता ह क व पागल ह

या आतकवाद ह और मजदार बात यह ह क लोग एक मनट क लय यह नह सोच पात क व लाख

लोग जो सघष म अपनी जान द रह ह उनक कोई बहद वािजब सम या भी हो सकती ह और यह क

मी डया सफद झठ बोल रहा ह

मजदर वग को वभािजत करन और भटकान क रणनी त प जी क म वरोधी ोपागडा क एक

मह वपण रणनी त ह मजदरवग क भीतर क अतर वरोध को तीखा करना और उ ह एक दसर क वरोधी

क प म तत करना उदाहरण क तौर पर जा त का सवाल धम का सवाल और लगभद का सवाल

और इसक साथ-साथ मजदर क व भ न स तर म अतर वरोध का सवाल उदाहरण क तौर पर

असग ठत ा क मजदर और सग ठत क मजदर कपनी मजदर और ठका मजदर थाई और

अ थाई मजदर ाइबट व पि लक स टर क मजदर आ द इसक बह त सार अ य मह वपण आयाम भी

ह ल कन बात इतन स प ट हो जाती ह इसक साथ ह मजदर आ दोलन म ऐसी रणनी तय को

ो सा हत करना जो सतह पर मजदर क हत म दखती ह ल कन व तत या तो मजदर वरोधी होती

ह या उस बस ऊठक-बठक करन म य त कर दती ह उदाहरण क तौर पर असग ठत मजदर क लय

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Some Reflections on Crisis of the Left in India Marxism 21 Forthcoming

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Page 5: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

दसर तरफ उप नवशवाद सघष क दौर म और उसक बाद स ार क दशक तक सामतवाद वरोधी सघष और

म यत ाि तकार भ म सधार क लए सघष ह मजदर वग क समाजवाद आदोलन का म य क थ य क

उनक बगर समाज का जनवाद और समतावाद वकास सभव ह नह था

अब हम स तर और अ सी क दशक म लौटत ह और यह दखन क कोशश करत ह क उस समय द नया और

दश म कस तरह क नयी प रि थ तया पदा ह

जसा क हम पहल ह चचा कर चक ह क सा ा यवाद दश िजस तरह क सकट का सामना कर रह थ उसका

समाधान उ ह एक ह चीज म दखाई द रहा था क व कसी तरह एक ऐसी व व यव था बनाए जो पर

द नया को एक नय प म उनक प जी क ि लय खल चरागाह म बदल द इसी स अपरपार बरोजगार पडी प जी

क नवश क सभावनाए पदा हो सकती थी और मनाफ क दर भी कई गना बढ सकती थी पछड ह ए दश म

तलना मक प म कई गना अ धक मसघन प रि थ तय म काम होन क वजह स मनाफ क दर अ धक होती

ह साथ ह अगर पछड ह ए दश म माल पदा करक सा ा यवाद दश म बचा जाय तो भार अ त र त मनाफा

भी कमाया जा सकता ह

ल कन यह ल य हा सल करना इतना आसान नह था उस समय उप नवशवाद स म त ह ए दश अपनी

आ म नभरता और वत ता को मजबत बनान क को शश कर रह थ 140 दश क गट नरप आ दोलन और

उसम शा मल दश क कछ यास म इसक झलक दखी जा सकती ह स तर क दशक म कई दश म वदशी

कप नय का रा टीयकरण कर ि दया गया और 20 स अ धक दश म वदशी कप नय क ग त व धय पर

नय ण क ि लय कानन बनाय गय इसक साथ ह गट नरप आ दोलन साम हक प स सय त रा म

इस बात क लय सघष कर रहा था क उप नवशवाद क दौर म पदा ह ई वि वक स थाए अ ास गक हो गयी ह

और उप नवशवाद स म त ह ए दश क हत क तकल ह और इस लय एक नयी और अ धक जनवाद

अ तररा य यव था का नमाण कया जाना चा हए उनक आवाज कतनी मजबत थी इसका अदाजा इसी

बात स लगाया जा सकता ह क 1974 म सय त रा महासभा न इस नयी अ तररा य आ थक यव था क

दशा म एक घोषणाप भी जार कर दया था 1976 तक सय त रा क स थाओ न बह रा य कप नय पर

नय ण क लय एक कानन का ा प भी तयार कर लया था

ल कन सा ा यवाद प जी न एकजट होकर इन यास पर हमला कया यह हमला बहआयामी था लकन यहा

हम उसक सबस मह वपण प क ह चचा कर सकत ह अब यह कोई छपी ह ई बात नह रह गयी ह क

1973-74 का तल सकट सा ा यवाद प जी वारा स नयािजत तर क स पदा कया गया था इसस तल क

क मत लगभग 400 गना बढ गयी और इसन तल क आयात पर नभर पछड दश क कमर तोड द हालात

कस थ इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क 1973 तक भगतान सतलन म धना मक और व थ

ि थ त म खडा भारत 1974 म गहर सकट म पह च गया 1974 म हमार पास वदशी म ा भडार लगभग 629

म लयन डालर डालर था और तल क क मत म बतहासा व दध स अब तल आयात का सालाना बल 1221

म लयन डालर पर पह च गया था इसस अदाजा लगया जा सकता ह क इसका पर अथ यव था पर और

उ पादन पर और उ पादन लागत पर कतना गहरा असर पडा सभी पछड और तल आयात पर नभर दश क

यह हालत ह ई और कई दश कज जाल म फस गय इस हालात न कई दश को सा ा यवाद शत मानन पर

मजबर कर दया और गट नरप आ दोलन क ताकत को कमजोर कर दया यह भी अब कोई छपी ह ई बात

नह रह गयी ह क 1979-82 का सकट भी पर तरह स नयोिजत था और यह अमर का और यरोप म डालर क

याज दर म असामा य प स भार बढो तर क वजह स पदा हआ था 1979-80 म रात -रात लदन क

यरोडालर माकट म याजदर 20 पर पह च गयी जो 1978 म 5 थी याजदर म यह बढो तर तीसर द नया

क दश क उस कज पर भी लाग कर द गयी जो व चका नह सक थ इसक वजह स रात रात व कज क ऐस

भार बोझ तल दब गय और ऐस कजजाल म फस गय िजसम स आसानी स नह नकला जा सकता था इस

सकट न कई दश को घटन टकन पर मजबर कर दया और गट नरप आ दोलन क कमर तोड द उसक

बाद अतररा यम ा कोष और व व बक जसी सा ा यवाद स थाओ न उ ह इस सकट स उबारन क लय

सरचना मक समायोजन क नाम स वह दवा द जो सा ा यवाद योजना क अनकल थी यानी इन दश क

अथ यव थाओ को सा ा यवाद पजी क लय पर तरह खोल दना- उदार करण और व वीकरण

यहा इस बात का भी उ ख करना ज र ह क इसी दौर म उप नवशवाद स म त ह ए अ धकाश दश म

प जीप त वग क दो पहलओ या दो धड--मलत स ा यवाद पर त और मलत सा ा यवाद वरोधी क बीच भी

अ तर वरोध तीखा होता दखाई दता ह और व खलकर आमन सामन आत दखाईदत ह भारत क ि थ त पर

गौर कर तो यह एक नणायक मोड ब द दखाई दता ह

भारत म स र क दशक म आ थक सकट कह अ धक गहरा था 1962 म भारत-चीन य ध 1965 और ि फर

1971 म भारत-पा क तान य ध 1973-74 का तल सकट और इसी काल म सखा और अकाल का ल बा दौर

उदाहरण क तौर पर 1967 म बहार म 1973 म महारा म और 1979 म पि चम बगाल म हालात ऐस थ

क 1966 क बाद पचवष य याजना नह बनायी जा सक और 1966 स 1969 तक सफ सालाना योजना ह

बनाई जा सक खा य सकट इतना गहरा हो गया था क भार मा ा म वदशी म ा अनाज क आयात पर खच

करनी पडी आ थक सकट क साथ ह इस काल म राजनी तक सकट भी गहरा गया इसी काल म मजदर -

कसान और रा यताओ क आ दोलन उ होकर फट पड दसर तरफ प जीवाद राजनी त क वाम और

द णपथी धड क बीच भी सघष तीखा हो गया दश क आ थक सकट का फायदा उठाकर अथ यव था को

वदशी प जी क लय खोल दन क लय सा ा यवाद दबाव कई गना बढ गया और एक हद तक सरकार को

झकना भी पडा वदशी सहायता पान क लय अपनी म ा का अवम यन करना पडा ल कन अमर क सरकार

और अतरा य पन नमाण और वकास बक न वदशी सहायता का वादा परा नह कया और व अ धक

उदार करण क माग करत रह यहा तक क अमर का न करार क बावजद अनाज क एक खप रोक ल और उस

भारत नह भजा इसक पीछ सबस बडा कारण यह था क भारत न वयतनाम पर अमर क हमल क आलोचना

करनी नह छोडी और अपनी वत ता को खतर म डालन वाल अमर का क ए शया नी त का अग नह बनना

चाहा इन हालात म प जीप त वग क सामन सफ दो ह रा त थ अ) वाम प क तरफ झकना अ धक स

अ धक वाममाग ताकत को साथ लन क को शश करना अ धक स अ धक रा वाद सामतवाद वरोधी और

सा ा यवाद वरोधी तवर अि तयार करना अ धक स अ धक आ म नभर वकास पर जोर दना और अपनी

राजनी तक-आ थक वत ता को मजबत बनान क को शश करना ब) द णपथ क ओर झकना द णपथी

ताकत को साथ लना सा ा यवा दय क शत को मान लना और अथ यव था को सा ा यवाद प जी क ि लय

पर तरह खोल दना

कल मलाकर दखा जाय तो त काल न धानम ी इ दरा गाधी न इसम स पहला रा ता चना यहा यह साफ कर

दना ज र ह क प जीप त वग कभी भी अपना ह वरोध नह कर सकता ह और कसी समाजवाद योजना का

समथन नह कर सकता ह उसका उ रा वाद भी प जीवाद सीमाओ क भीतर ह वाम माग क ओर झक

सकता ह और यह इस बात स नधा रत होता ह क उस समय उस कस हद तक क सामतवाद वरोध और

सा ा यवाद वरोध क ज रत ह और अपनी सीमाओ म वह इस राह पर कस हद आग जा सकता ह इ दरा

गाधी और का स का वाम घडा तलना मक तौर पर अ धक रा वाद था और उसका रा वाद इस समय

सा ा यवाद ह त प क खतर क वजह स अ धक मखर हो गया था और य क अब दो ह रा त थ या तो

सा ा यवा दय क शत को मानकर अपनी आ थक और एक हद तक राजनी तक वत ता को खतर म डालना

या रा वाद तवर अि तयार करत ह ए आ मनभर वकास क ओर बढना जो उस रा त स ह सभव था जो

समाजवाद और क य न ट बह त ल ब समय स माग कर रह थ उदाहरण क तौर पर बक और मह वपण

उ योग का रा यकरण और भ म सधार का स और का स क बाहर द णपथी राजनी तक धडा ऐस

रा वाद कदम का खलकर वरोध कर रहा था उदाहरण क तौर पर का स क भीतर मरारजी दसाई और अ य

क नत व म एक बडा गट और का स क बाहर जनसघ और उसक सहयोगी राजनी तक ताकत हालात ऐस हो

गय थ क का स दो पा टय म वभािजत हो गयी ऐस हालात म राजनी तक तौर पर भी का स क मजबर

थी क वह समाजवाद राजनी तक शि तय को अपन साथ लन क को शश कर ल कन दसर तरफ जसा क

ऊपर चचा क जा चक ह पजीप तवग का ब नयाद च र क य न ट वरोधी होता ह और इस लय वह

अ पकाल क लय ह और एक सीमा क भीतर ह और कवल ऐसी समाजवाद शि तय क साथ ह मोचा बना

सकता ह जो कोई गभीर समाजवाद चनौती न पदा कर सक

वाम राजनी त क साथ का स क उस दौर क मोच और उस दौर क प जीवाद आ थक-राजनी तक रणनी त को

इसी नज रय स दखा जा सकता ह एक तरफ उस दौर म तलना मक तौर पर सा ा यवाद वरोधी सामतवाद

वरोधी और अप ाकत अ धक जनप धर आ थक-राजनी तक नी तय पर अमल हआ और दसर तरफ इसी दौर

म पजीप तवग का सबस अ धक मजदर वरोधी जनत वरोधी और क य न ट वरोधी दमनकार च र भी

उभरकर सामन आया यह दोन चीज ब कल अ तर वरोधी नजर आती ह ल कन तथाक थत रा वाद प जीप त

वग का च र इतना ह अ तर वरोधी होता ह यहा हम उस दौर म इ दरा गाधी सरकार क मजदर वरोधी

जनत वरोधी व क य न ट वरोधी दमनकार च र क बार म अ धक व तार म नह जाएग य क यह हम

सभी अ छ तरह जानत ह सफ इतना ह कहना काफ ह क 1975-77 क दौरान 40 हजार रानी तक कद

अकल पि चमबगाल म थ और उनम स अ धकाश न सलवाडी समथक ा तकार वाम कायकता थ ल कन उस

दौर म अि त व म आय कछ मह वपण कानन और नी तय का उ लख ज र ह उदाहरण क तौर पर

अ) उदार करण क दशा म उठाए गय कदम को वापस लना बक -कोयलाखदान -तीन बडी वदशी तल

कप नय और 111 बीमार कपडा मल और जट मल का रा यकरण पि लक स टर का तजी स

व तार पहल स अ धक आ थक को लघ उ योग क लय आर त करना एमआरट पी और फरा

कानन आ द

आ) औ यो गक ववाद अ ध नयम म ससोधन और 300 या अ धक मजदर वाल कप नय म छटनी-

तालाबद स पहल सरकार स अनम त लन क बा यता

इ) स वदा म उ मलन व व नयमन अ ध नयम 1970

ई) भ म सधार कानन 1973 और ीवी पस का खा मा

उ) खती क लय ज र ढाचागत ससाधन का वकास और दश म उन उ योग का वकास जो खती क

लय ज र ह खा य आ म नभरता पर अ त र त जोर

ऊ) रा यताओ क आनदोलन को शा त करन क लय रा य का पनगठन आ द और भाषा ववाद

को शा त करन क लय ह द क साथ अ जी भाषा को भी सरकार भाषा का दजा दना

ऋ) गट नरप आ दोलन म अ णी भ मका यि लयर ट ट करना और यि लयर शि त सप न

दश का दजा हा सल करना जो सा ा यवाद शि तय क हमल क सभावना कम कर दता ह

हम पहल ह उ लख कर चक ह क का स क भीतर और बाहर द णपथी राजनी तक ताकत इस तरह क

सामतवाद वरोधी और सा ा यवाद वरोधी नी तय क प म नह थी ल कन उस समय उनक ताकत इतनी

नह थी क व कोई नणायक ह त प कर पाती ल कन इ दरा गाधी सरकार क दमनकार नी तय और उसक

बाद इमजसी काल क दमनकार रा य न राजनी तक शि तसतलन बदल दया जो भी समाजवाद शि तया उस

समय द णपथ क खलाफ का स क साथ खडी थी व भी उसक वरोध म चल गयी और समय वशष क

प रि थ तय म आपातकाल क खलाफ द णपथी ताकत क साथ मोचा बनान पर मजबर हो गयी द णपथी

ताकत न इसका फायदा उठाया और उनक ताकत बढ ल कन ि फर भी इ दरा गाधी क मौत स पहल व कभी

भी ऐसी नणायक ताकत नह बन सक क उपरो त नी तय म बदलाव ला सक

इ दरा गाधी क मौत क बाद प रि थ तया तजी क साथ बदल यह एक ऐसा दौर था जब समाजवाद खम का

घो षत तौर पर पतन हो गया और सो वयत स का भी पतन हो गया तीसर द नया क दश क लय

गट नरप नी त पर चलन म समाजवाद खम क मदद या उसका मौजद होना भी एक मह वपण त व था

उसक पतन क बाद प रि थ तया बदल गयी दसर तरफ यह एक यापक सा ा यवाद वचा रक हमल का भी

दौर था और उसक ोपागडा का सबस मह वपण क व द था--उदार करएा और व वीकरण का कोई वक प

नह ह न ब क दशक म हमार दश म इसका असर दखाई दन लगा और तजी क साथ सभी राजनी तक

पा टय म इस पर एक आम सहम त सी बनती गयी यह अभी भी एक रह य ह ह क कछ ह साल म ऐसा

कस तरह और कस हआ क लगभग सभी ससद य पा टय क नी तय म कम स कम यावहा रक प म एक

समानता वक सत हो गयी और उ ह न उदार करण और व वीकरण क नी तय को एक हद तक वीकार कर

लया मलत इसी आधार पर क इसका कोई वक प नह ह यवहार म और काफ हद तक स धा त म भी

यह ससद य क य न ट पा टय म भी दखाई दता ह उदार करण क रा त पर गाडी क आग बढन क साथ ह

प जीप तवग क भीतर वचा रक-राजनी तक अ तर वरोध ख म होत दखाई दत ह प जीवाद पा टय क नी तय म

ऐसी समानता पदा हो गयी क अब वचा रक-राजनी तक तौर पर उ ह प जीप त वग क अलग-अलग ह स का

त न ध व करन वाल पा टय ( यापा रय क पाट धनी कसान क पाट आ द) क प म दखना सभव नह

रहा

यहा भारत पा क तान और बागलादश क प रि थ तय म एक अजीब समानता दखाई दती ह इ दरा गाधी क

काल म ह पा क तान म जि फकार अल भ टो और बागलादश म शख मजीबरहमान क नत व म उसी तरह

क नी तय पर अमल हआ तीन ह अपन दश म लोक य नता थ आ चय क बात ह क तीन ह मार गय

और लगभग एक ह काल म तीन जब तक िज दा थ सा ा यवाद नी तय का वरोध करत रह और तीन क

मौत क बाद ह उनक दश क अथ यव थाए उदार करण क ओर आग बढ (पा क तान म भ टो का

त तापलट 1977 और उ ह फासी 1979 मजीबरहमान क सरकार का त तापलट और उनक ह या 1975

इ दरागाधी क ह या 1984 और इसी कालखड म इडोन सया म त तापलट 1967 चल म त तापलट 1973)

दश-द नया क इन बदल ह ई प रि थ तय म 1986 म उ व राउड क वाताए श ह और 1995 म व व

यापार सगठन क थापना ह ई और यह एक नयी व व यव था क नीव थी

2 नयी व व यव था का राजनी तक-आ थक व प और मजदर आ दोलन क

चनौ तया

द नया क राजनी तक आ थक यव था म जो सबस मह वपण बदलाव ह ए ह और उसस मजदर आ दोलन क सम जो चनौ तया उपि थ त होती ह उ ह न न ल खत प म चि हत कया जा सकता ह

A प जी का अ धकाश ह सा-- व तीयकरण स मनाफ क लट हम पहल ह उ लख कर चक ह क प जी तभी पजी होती ह जब उसका व तार होता रह उसका नवश होता रह और वह मनाफा कमाकर छोट स बडी प जी बनती रह य द उसका व तार क जाय तो वह पजी क प म िज दा ह नह रह सकती ह प जी दो तरह क होती ह उ पादक प जी जो उ पादन म लगकर और अ त र त म य पदा करक मनाफा कमाती ह और व तीय प जी जो बना उ पादन म लग और बना अ त र त म य पदा कय सदखोर और स टाबाजार क ज रय मनाफा कमाती ह इस दसर प जी को परजीवी प जी कहा जाता ह य क अ त र त म य तो सफ उ पादक प जी ह पदा करती ह उ पादन क अलावा िजतन भी अ य ह उदाहरण क तौर पर ब कग-बीमा-शयर और स टा बाजार-म ाबाजार-जमीन जायदाद का बजनस यापार और अ य सवाए कोई अ त र त म य पदा नह करती ह आप इसी स समझ सकत ह क म ा जमीन या शयर क दाम खर द और बकवाल स अचानक बढ जात ह और घट जात ह और इस खर द बकवाल स कोई अ त र त म य तो पदा होता नह तो ि फर यह मनाफा आता कहा स ह व तीय प जी क इस मनाफ क दो ह ोत हो सकत ह-उ पादक प जी वारा पदा कय गय अ त र त म य म स लटकर (यानी प जीप त वग क बीच क गलाकाट तयो गता) या ि फर मजदर क जब काटकर या समाज को लटकर आज क दौर म जब अ धकाश उ योग म चद दशी- वदशी प जीप तय क इजारदार कायम हो चक ह व तीय प जी स पदा होन वाला मनाफा मजदर और आम जनता क लट स ह आता ह दश और द नया क अथ यव था म इस परजीवी प जी का ह सा बढना यानी उ पादक प जी का ह सा घटना एक सकट और खतर क घट माना जाता ह और जब इस पजी का ह सा थाई तौर पर बढा हआ दखाई द तो इसका मतलब सकट भी थाई हो चका ह द नया क तर पर दखा जाय तो हालात काफ पहल स ह खतरनाक ि थ त पर पह च चक ह दश क तर पर दख तो इस समय जीडीपी म सवा का ि ह सा अब 60 पह च चका ह और इस सवा का अ धकाश ह सा व तीयकरण स मनाफ क लट ह ह

मजदर वग पर इसका बहआयामी भाव पडता ह यह दखना मजदार होगा क अब जीडीपी वकास दर का रोजगार वकास दर स नाता टट गया दखाई दता ह इसका म य कारण यह ह क जीडीपी क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह दसर बात बार-बार आ थक सकट का आना और इसक वजह स बार-बार रोजगार सकट पदा होना और महगाई का बढत जाना इन सबका व तीयकरण स गहरा र ता ह अब वकास का माडल ह बाहर नवश और बाहर मदद पर आधा रत हो गया ह बाहर मदद और कछ नह याज पर लया जान वाला कज ह और इसक ज रए हमार दश म पदा होन वाल सपदा का एक बडा ह सा सा ा यवाद दश वारा लट लया जाता ह यह व तीयकरण स मनाफ क लट क रणनी त का ह अग ह व वबक-आइएमएफ और अ य ऐसी स थाए इस लट का मा यम ह अगर गहराई स दख तो उ पादन म आनवाल वदशी नवश का अ धकाश ह सा भी व तीयकरण स मनाफ क लट क रणनी त का अग बन चका ह द नया क नयी व व यव था म उ पादन का भी व तीयकरण हो रहा ह अब ाड या मल कप नया जो पदा होन वाल माल क असल मा लक होती ह व अ धकाशत ऐसी होती जा रह ह क व सफ पसा लगाती ह और उ पादन कोई दसरा ह करता ह ल कन व उ पादन को पर तरह नय त करती ह कई प म यह एक खतरनाक ि थ त को पदा कर रहा ह उ पादन क या स और उ पादन म लग मजदर स तथा उ पादन म लगन वाल ाक तक ससाधन स व बह त दर होती ह और इस लय उनक हत -अन हत स व पर तरह असप त होती ह और ाक तक ससाधन पर कोई सकट या मजदर क सघष का उन पर कोई य असर नह पडता कह कोई सकट दखाई दया तो बना अवरोध क व कसी दसर जगह भाग जाती ह एक और नयी चीज पर गौर कर पजी अपरपार हो चक ह और उसक उ पादन मता अपरपार हो चक ह ल कन उस हसाब स समाज म लोग क तर क नह ह ई और न व होन दना चाहत ह ता क लोग कम मजदर पर काम करन क लय मजबर ह और इस लय एक छोटा सा म यवग ह उनक माल का बाजार ह ऐस म अ धक स अ धक माल इसी बाजार म खपाकर अ धक स अ धक मनाफा कमान क लय व इ तमाल करो और फक दो क स क त को बढावा दत ह ऐस माल बनात ह जो यादा दन न चल सक और रपयर करक ल ब समय तक इ तमाल न कय जा सक इस तरह व

हमार आय म स अ त र त लट करत ह ल कन सबस भयानक बात ह क इसस टथ श व पन स लकर मोबाइलफोन व क यटर तक क कबाड भार पमान पर जमा हो रह ह जो खतरनाक ि थ तय का पदा कर रह ह इसक साथ ह यह ाक तक ससाधन क अनाव यक और खतरनाक तर क दोहन को भी बढावा द रहा ह ल कन इन सम याओ स उस व तीय प जी पर कोई य असर नह पडता जो उ पादन को नय त कर रह ह

हमार दश म अभी तक व तीय सवाओ का पर तरह उदार करण नह कया गया ह और इस लय अभी तक व व म पदा होन वाल व तीय सकट का उतना खतरनाक भाव भारत पर नह पड सका ल कन यहा भी इसका पर तरह उदार करण करन क यास तज हो चक ह और सा ा यवाद प जी इसक लय लगातार दबाव डाल रह ह इसका बहआयामी भाव होगा ल कन हम यहा इसक सफ दो मह वपण पहलओ को रखा कत करग

अ) हम पहल चचाकर चक ह व तीय प जी कोई अ त र त म य नह पदा करती ह और उ पादक प जी वारा पदा कय गय अ त र त म य को लटकर ह वह मनाफा कमाती ह ऐस म दशी व तीय प जी वारा लटा गया यह अ त र त म य कम स कम दश म ह रह जाता ह और दश क प जी को बढाता ह और उसका एक ह सा दश क वकास म खच हो सकता ह ल कन य द वदशी व तीय प जी यह अ त र त म य लटगी तो यहा पदा ह ई धन सपदा का यह ह सा सीध बाहर चला जाएगा इसी तरह क बात खदरा बाजार को वदशी प जी क लय खोलन स भी होगी इसस सफ यापार म वरोजगार म लग गर ब लोग का रोजगार ह नह छनगा बि क दशी बाजार पर वदशी प जी का नय ण बढगा और दश म पदा होन वाल अ त र त म य का या नयी धनसपदा का एक ह सा सीध बाहर चला जाएगा मनाफा लटन क यह रणनी त कस तर पर काम कर रह ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क चीन न 2016 म पा क तान टाक ए सचज का 40 फ सद ह सा खर द लया ह ऐसा अ य दश म भी हो रहा ह

आ) व तीय सवाओ को पर तरह खोल दन स सबस खतरनाक बात यह होगी क हमार अथ यव था पर हमारा लगभग कोई भावी नय ण नह रह जाएगा हम पहल ह चचा कर चक ह क स टाबाजार या शयर बाजार जमीन जायदाद क बाजार म ा बाजार आ द म चढाव और उतार खर द और बकवाल स ह पदा होत ह और यह चढाव उतार ह भार मनाफ का ोत ह और भार सकट का भी ोत ह यह खर द और बकवाल स नयोिजत भी हो सकती

ह एक ऐसी द नया म जहा सफ चद बडी कप नया द नया क सम त पजी क भार ह स को नय त करती ह स नयोिजत बकवाल और खर द न सफ भार मनाफा कमान क रणनी त क तौर पर बि क क ह खास अथ यव थाओ को डावाडोल करन क लय भी इ तमाल हो स कती ह दसर तरफ व तीयसवाओ को पर तरह खोलन का यह भी मतलब ह क यह द नया क व त बाजार का ह एक अ भ न ह सा बन जाएगी और द नया क कसी भी कोन म एक छोटा सा सकट सीध यहा भी सकट पदा कर दगा और पर अथ यव था को भा वत करगा व व बक क ह आकडो क अनसार पछल 25 साल म 93 दश क व त यव था को 117 बार गभीर सकट का सामना करना पडा ह और इसक अ त र त 51 बार कम गभीर सकट का सामना करना पडा ह यानी कल मलाकर एक साल म लगभग 6 बार

नजीकरण भी नयी व व यव था म मनाफ क लट क नयी रणनी त का अ भ न अग ह यह दश क सभी ससाधन पर दशी- वदशी पजी का नय ण कायम करन क साथ ह व तीयकरण स मनाफा लटन क रणनी त का भी ह सा ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क सरकार कस तरह सार पि लक स टर बचन पर आमादा ह और कस तरह हमार जल-जगल-जमीन को दशी वदशी कप नय को स पा जा रहा ह इसस एक और खतरा भी सामन आ रहा ह सार पि लक स टर बचन और प जी को अ धक स अ धक ट स छट दन वाल वकास क रणनी त पर चलन स सरकार क पास आय क ोत या रह जायग इसस एक तरफ तो सरकार पि लक वलफयर क काम पर कछ भी खच करन क ि थ त म नह रह जायगी और दसर तरफ अपन खच क लय वह आमजनता पर लगातार ट स बढाती जायगी और आमजनता क ह जमा पस का इ तमाल करगी यहा ीलका का एक उदाहरण दना शायद समीचीन होगा ीलका उदार करण और व वीकरण क राह पर चलन वाला द ण ए शया का पहला दश था और वहा इसक श आत 1977-78 म ह हो गयी थी वहा इसका असर भी पहल ह आना श हो गया था 2002 म वहा हालात ऐस हो गय थ क सरकार कामकाज क खच क लय सरकार मजदर क ा वडट फड म जमा पस का 98 इ तमाल कर रह थी 2011 म वहा वप न सरकार क खलाफ यह सवाल उठाया था क सरकार अपना कज चकान क लय मजदर क ा वडट फड क पस का इ तमाल कर रह ह ऐसी भी ि थ त पदा हो सकती ह क जनक याण क

काम और शायद म य -अफसर क वदश दौर भी प जीप तय क सीएसआर या दान पर नभर होत जायग यहा पर यह भी उ लख कर दना ज र ह क सरकार का आनलाइन पमट पर जो अ त र त जोर दखाई द रहा ह उसका टाचार नय ण स तो कोई लना दना नह दखाई द रहा ह ल कन उसका उपरो त बात स गहरा र ता ह हर प जीवाद नी त क कई आयाम होत ह और इसक भी कई आयाम ह ल कन हम यहा उसक कछ ह पहलओ को चि हत कर सकत ह

अ) सभी उ योग और ससाधन क नजीकरण और उ योग को सभी कर म छट दन क वकास रणनी त क चलत सरकार अपन खच क लय सफ जनता स ट स वसलन पर ह नभर होती जा रह ह और सभी कर बढाती जा रह ह और नत नय कर भी लगाती जा रह ह यह जानना मह वपण ह क य कर तो साफ साफ दखाई दता ह जस इनकम ट स इस लय उस अभी कम ह बढाया जा रहा ह सबस अ धक कर का बोझ अ य कर क प म बढया जा रहा ह जो साफ-साफ दखाई नह दता और जो सभी पर लाग होता ह चाह उसक आय कतनी भी कम हो हम जो भी सामान बाजार स खर दत ह उसक एमआरपी दाम म भी कर शा मल होता ह और ऊपर स और अ धक ट सलगाय जात ह कसी भी सामान क दाम म कल कर कर ब 44 ट स शा मल होता ह यानी 100 क दाम म 44 पय का कर इसका लगभग

आधा ह सा तो उसक एमआरपी दाम म शा मल होता ह जो हम दना ह होता ह चाह बना बल क खर द हो ल कन कल कर का लगभग आधा ह सा तभी दना होता ह जब दकानदार प का बल द यानी तब दकानदार भी उस कर को सरकार क पास जमा करगा ल कन करोडो गर ब लोग और लाख छोट दकानदार बना प क बल क खर द ब करत ह और इसक चलत सरकार यह कर नह वसलकर पाती ह यह नकद म लन दन पर ह सभव होता ह य द नकद म लन दन को बद कर दया जाय तो हम कर का वह ह सा भी चकान क लय मजबर कर दया जायगा ऐस म यह रणनी त भी सीध सीध गर ब क जब म डाका डालन क लय ह नद शत ह ऐस हालात म जब करोडो लोग क मजदर और आय जीवन जीन क लय पया त न हो तो उनक ऊपर कर का यह बोझ डालना या यायसगत ह और ऐस हालात म य द गर ब लोग यह कर नह चकात ह तो या यह काला-सफद का मामला ह या यह उनक िज दा रहन क ह एक शत नह ह ऐस हालात म जब कारपोरट कप नय को भार पमान पर ट स म छट और ट स चोर क छट द जा रह हो या आम जनता क साथ यह यादती वािजब ह सीएजी क 2016 क एक रपोट क अनसार इनकमट स डपाटमट न ढाचागत काय करन वाल कप नय को गलत तर क 45000 करोड का ट स लाभ दया उसी क एक रपोट क मता बक 7 लाख करोड य कर नह वसला जा सका और उसका 96 अब वसलना सभव नह रह गया ह उसी क एक अ य रपोट क मता बक सफ 2010-11 म कारपोरट कप नय को 88263 करोड पय क कर छट द गयी

आ) इसका एक और मह वपण ल य ह खदरा यापार को दशी- वदशी कारपोरट कप नय क हाथ स पना यह दो तरह स कया जा रहा ह- अ) कप नय क खदरा यापार चन को ो सा हत करना और खदरा यापार को वदशी प जी क लय खोलना ब) आनलाइन खर द- ब को ो सा हत करना कशलश खर द ब को बढावा दना इसी नीयत स कया जा रहा ह यह दो

ल य को एक साथ परा करता ह खदरा यापार को दशी- वदशी प जी क हाथ स पना और लोग को परा ट स चकान क लय मजबर करना आनलाइन खर द ब और रटल चन क ज रय दशी- वदशी प जी एक साथ गठजोड बनाकर म खदरा यापार म आ रह ह और इसन अभी ह खदरा यापा रय क हालत ख ता कर द ह यह वश ध प स व तीयकरण स मनाफ क लट ह ह इसस एक तरफ तो दश क बाजार पर बडी दशी- वदशी पजी क गठजोड का क जा होता जायगा और दश क उ पादक भी उनक य जकडबद म फसत जायग दसर तरफ खदराबाजार म लगी भार आबाद को बरोजगार क सम या झलनी पडगी इसक साथ ह गर ब आबाद को मजबरन महगा सामान खर दना पडगा पदा होन वाल हालात का इसस ह अदाजा लगाया जा सकता ह क अभी क ष क बाद सबस अ धक आबाद खदरा यापारम ह लगी ह ई ह

इ) यह सव व दत ह क कर ब 600-700 कारपोरट कप नया पि लक स टर बक स लाख करोड का कज लकर उस जानबझकर नह चका रह ह सरकार उनस कज वसलन क बजाय उनका कज माफ कर दती ह 2014-15 म कर ब 114 लाख करोड का ऐसा कज माफ कर दया गया 2016 म सफ टट बक आफ इ डया न ऐसी 63 बडी बइमान कप नय का कज माफ कर दया जो कल 7016 करोड पय का कज लकर उस डकार गयी थी इसस अदाजा लगाया जा सकता ह क सभी पि लक स टर बक स कज माफ स कस भार मा ा म सरकार न कारपोरट कप नय को फायदा पह चाया गया होगा मजदार बात यह ह क ऐसा पि लक स टर बक क साथ ह होता ह यानी यह वश ध प स जनता क पस क खल लट ह इस हालात न पि लक स टर बक क हालत ख ता कर द थी और व सरकार क व भ न योजनाओ म नवश करन क हालत म नह रह गय थ बम करण उ ह इस सकट स उबारन क लय कया गया था बक म पसा आना ज र था और बम करण न ऐस करोड लोग को जो खती या छोटा-मोटा बजनस करत ह और हजार पय बक म रखन क बजाय घर म ह और आपसी लन दन म रखत थ और शाद - याह क लय भी हजार -लाख जमा करक घर म ह रखत थ उ ह जबरन बक म पसा जमा करन क लय मजबर कर दया गया ऐसा तो कसी बडी सना क मदद स भी नह हा सल कया जा सकता था जो बम करण क ज रय हा सल कया गया यह कोई काला-सफद का मामला नह था और कसी टाचार स लडन का मामला नह था इसका उ द य था बक म पसा लाना और यह कोई आ चय क बात नह क सफ दो मह न म ह बक पस स लबा लब भर गय यह इसी स जा हर ह क अचानक बक न लोन क याजदर कम कर द और होमलोन और अ य लोन क लय तरह-तरह क क म लकर बाजार म उतर गय यह परा मामला व तीयकरण स मनाफ क लट का सबस घ टया उदाहरण ह

B द नया क तर पर नया म वभाजन और नयी उ पादन यव था

द नया क उ पादन और वतरण यव था म एक नया म वभाजन अि त व म आया ह िजसक दो मह वपण

अग ह

क) उ पादन यव था को ऐसी व व यापी म य खला या व व शोषण खला म सग ठत कया गया ह

िजसम म सघन काम को वक सत दश स वकासशील दश म भजा जा रहा ह जहा भार बरोजगार

ह और मजदर वक सत दश क मकाबल बह त कम ह अलग-अलग स टर म अलग-अलग रणनी त ह

उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा उ योग म इतना ह काफ ह क वहा मजदर कम ह ल कन

इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म यह भी ज र ह क वहा पाट पज बनान और जोडन लायक

तकनीक तर वाल फि या और ऐसा कौशल रखन वाल मजदर क अ छ -खासी तादात मौजद हो

और उनक माल क लय एक बडा और वक सत होता बाजार भी मौजद हो दसर तरफ प जी और

तकनीक सघन काम को वक सत दश म ह नय त रखा जाता ह ता क वकासशील दश क कप नया

परा ोड ट (माल) बनान क तकनीक न हा सल कर सक और अपना ाड न पदा कर सक इसक

अलावा व परा का परा ोड ट एक दश म नह बनाती ह उ पादन क व भ न ह स को कई दश म

बखर दती ह और इसक वजह स कसी भी दश क कपनी क लय परा ोड ट को बनान क तकनीक

हा सल करना और भी मि कल हो जाता ह दसर तरफ इस तर क स उ पादन खला म मौजद कसी

भी दश क कप नय क और मजदर क उनस सौदबाजी क ताकत भी कम हो जाती ह अगर कसी

दश म उनक उ पादन खला म सकट आया तो व वह काम कसी और दश म करा लती ह इस बात

को व एक ह थयार क प म भी इ तमाल करती ह और दशी कप नय और मजदर को प जी क

पलायन का डर भी दखाती रहती ह व त उ च तकनीक वाल पज रसच और डजाइ नग ा डग और

बाजार पर भावी नय ण क ज रय बह रा य कप नया उ पादन खला को पर तरह क ोल करती ह

इसी क ज रय पर उ पादन खला म िजतना भी अ त र त म य या मनाफा पदा होता ह उसका बडा

ह सा व ह थया लती ह स चाई म अ त र त म य का बडा ह सा तो वकासशील दश म ह पदा

होता ह ल कन उ ह उसका बह त छोटा ह सा ह मलता ह उदाहरण क तौर पर हमार दश क उ योग

म जो भी उ पाद पदा होता ह उसम मौजद अ त र त म य का मा 15-20 ह हम मलता ह जब क

उ पादन या पर नजर डाल तो इसस कह अ धक अ त र त म य यहा पदा होता ह ल कन

बह रा य कप नया काम पान क लय वकासशील दश क बीच होड और दश क भीतर कप नय क बीच

होड का इ तमाल करक उ ह कम क मत वीकार करन क लय मजबर कर दती ह उदाहरण क तौर पर

कपडा उ योग इसक अलावा व सबस अ धक म य उन काय पद डाल दती ह जो व खद करती हए

उदाहरण क तौर पर व त रसच और डजाइ नग ा डग माकग िग आ द तथा व पाट-पज जो व खद

बनाती ह इस तरह व अपन उ पाद क पर शोषण खला म पदा होन वाल मनाफ का बडा भाग लट

लती ह

ख) यहा यह बात और साफ कर दना ज र ह उ पादन खला या शोषण खला क मामल म सा ा यवाद

प जी और दशी प जी क तौर-तर क म अब कोई अ तर नह रह गया ह अ धकाश वकासशील दश म

ऐसी कप नया कम ह या नह ह िजनका व व तर का ाड हो या व व तर पर काम करती ह

ल कन जहा कह ऐसा ह जसा क भारत और चीन म कछ ऐसी कप नया ह तो व भी ठ क उसी तरह

अ य दश म अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय स मनाफ क लट करती ह इतना ह नह

दशी ाड भी दश म उसी तरह क उ पादन खला क ज रय मनाफ क लट करत ह और उ पादन

खला म हर ऊपर वाल कपनी अपन स नीच वाल कपनी स उसी तरह मनाफ क लट करती ह ाड

हमशा अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय पर अपन उ पाद क क मत कम करन क लय दबाव

बनात रहत ह और कप नया क मत कम करन तथा अपन लय भी अ धक स अ धक मनाफा स नि चत

करन क लय मजदर का शोषण अ धक स अ धक बढाती जाती ह

ग) प जी ख टा म त ख ला साड हो गयी ह नयी व व यव था म प जी क अवागमन पर कोई नय ण नह

ह यह उपरो त म वभाजन को प ता और स थागत प दती ह द नया म कह भी कसी भी तरह

क वषम प रि थ त आन पर या द नया क कसी अ य ह स म अ धक मनाफ क सभावना होन पर

यह कभी भी दसर दश म पलायन कर सकती ह यहा तक क दश क भीतर भी कसी एक ह स स

दसर ह स म भाग सकती ह इस मामल म भी दशी और वदशी प जी म कोई अ तर नह रहा और

यह दोन पर ह लाग होता ह प जी का इसस कोई लना दना नह रहा क इसस दश क अथ यव था

या मजदर क जीवन-मरण पर या असर पडता ह गौर करन क बात यह ह क वा त वक पलायन स

अ धक पलायन क धमक को एक ह थयार क प म इ तमाल कया जाता ह

C द नया क नयी स ता यव था

नयी व व यव था को सचा लत करन क लय नयी व व स थाए बनायी गयी ह जो व व सरकार जसा काम करती ह और उनका कानन दश क कानन स ऊपर हो गया ह उदाहरण क तौर पर व व यापार सघ वा त वक प म इन स थाओ को सा ा यवाद दश ह सचा लत ह इसका अग बनन क बाद दश क सरकार ऐसी कोई नी त या कानन नह बना सकती जो व व यापार सघ क नी त या कानन का उ लघन करता हो इन स थाओ क पास यह शि त भी ह क कोई दश य द उनक कानन का उ लघन कर तो उस द डत कया जा सक उदाहरण क तौर पर जन हत म यह ज र हो सकता ह क अपनी क ष और खास उ योग को सि सडी दकर और दश का बाजार उनक ि लय आर त करक उनक वकास को ग त द जाय या जनता को स ता माल उपल ध कराया जाय ल कन यह व व यापार सगठन क कानन का उ लघन हो सकता ह य क यह वदशी प जी क साथ भदभाव होगा इस ि थ त स लोकत क लय ह एक खतरा पदा होता दखाई द रहा ह य क य द चनी ह ई सरकार म यह शि त न रह जाय क व जनता क हत म कानन और नी तया बना सक तो सरकार चनन क अ धकार का भी कोई मतलब नह रह जाता मजदार बात यह ह क आइएलओ और सय त रा सघ क अ य व व स थाए जो मजदर क अ धकार और मानवा धकार क लय कानन बनाती ह उनको ऐसी शि त नह द गयी ह क मजदर क अ धकार या मानवा धकार क उ लघन पर व कसी दश को द डत कर सक सय त रा सघ म आजकल बह रा य कप नय क ग त वधय क लय कछ मानदड बनान क बात चल रह ह ल कन अ धक जोर और अ धक वीक त इसी पर दखाई द रह ह क इ ह

बा यकार कानन का दजा न दया जाय

अब हम यह दखन को शश कर क उपरो त प रि थ तय म मजदर वग और मजदर आ दोलन को कन

सम याओ का सामना करना पड रहा ह

i) प र मजदर वग को एक रजब आम म त द ल कर दना

प जी क आवागमन पर कोई नय ण नह ह उसक लय द नया वा तव म एक गाव बन चक ह ल कन

मजदरवग क आवागमन पर परा नय ण ह यह प रि थ त एक प म पर द नया क मजदरवग को एक रजब

आम यानी एक ऐसी आर त फौज म त द ल कर दता ह िजस प जी जब चाह इ तमाल कर जब चाह बरोजगार

छोड द हम पहल ह चचा कर चक ह क प जी जब चाह पलायन कर सकती ह कछ उ योग तो ऐस ह िजनम

चद दन या चद घट म ऐसा हो सकता ह जस कपडा उ योग इसम थाई प का कोई प जी नवश या

उ पादन का कोई ल बा का ट सामा यत होता ह नह इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म भारत जस

दश म जहा एक बडा बाजार ह उ ह अपना असब लग लाट लगाना पडता ह इस लय भागना इतना आसान

नह होगा ि फर भी बह त अ धक समय नह लगगा य हालात प जी क साथ शि त सतलन म मजदर वग को

कमजोर ि थ त म डाल दत ह रोजगार खोन का डर मजदर क लडाई को कमजोर करता ह दसर तरफ प जी

क पलायन क डर स सरकार मजदर क आ दोलन का बबरता स दमन करन पर आमादा हो जाती ह और

मजदर क हक क परवाह कय बना कप नय क हत क हफाजत करती ह

मजदरवग इस ि थ त को तभी बदल सकता ह जब प जी क इस तरह क आवागमन को रोक सक और यह सफ

तभी सभव ह जब अ) मजदर क दश यपी सघष क ज रय ऐस मकानन क लय सघष जो मजदर को थाई

ह सयत म रोजगार दन क बा यता पदा कर सक वदशी प जी क लय दश म उ पादन क लय ल ब समय क

का ट या समझौत क शत लाग कर सक और छटनी और तालाबद पर मजदर क मआबज क रा श म

बढो तर कर सक इसस प जी क लय बार-बार पलान क रणनी त महगी सा बत होगी ब) मजदर क

अतररा य एकता जो मजदर वरोधी पलायन क रणनी त पर चलन वाल प जी को द डत करन क लय उसक

बाजार को भा वत कर सक स) मजदर क अतररा य एकता जो इस तरह पलायन करक आन वाल प जी को

अपन दश म उस न आन द द) मजदरवग एक ऐसी सरकार लान म कामयाब हो जाय जो प जी क ऐस पलायन

को असभव बना द और य) अतररा य तर पर ऐसी नी तय क लय सघष जो मजदर क कसी भी दश म

आवागमन को खल छट द सक

ii) असग ठत मजदर क शोषण को स थागत प दना और समाज क समची ज रत क उ पादन त

को व व शोषण खला म समट लना

आज असग ठत (इनफामल स टर) क हालात पर बडा सयापा होता ह ल कन अगर हम गहराई म दख तो

यह सब उनक हालत सधारन क बजाय उनक शोषण को स थागत प दता दखाई दता ह इस तथाक थत

इनफामल स टर म तीन तरह क लोग आत ह अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोग छोट इकाइय

म लग अ थाई मजदर और फि य म लग तरह-तरह क अ थाई मजदर वरोजगार म लग लोग और

मजदर क सम याए ब कल अलग ह और अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोगो क सम याए भी

अलग-अलग ह और इनक सम याओ का समाधान भी अलग-अलग ह अगर वा तव म इ ह सकट स बाहर

नकालना हो तो अलग-अलग स टर म इनक वशष सम याओ क मता बक वशष नी तगत समाधान दना

होगा वा तव म यह बह त ज र भी ह य क अगर इनक सकट का समाधान हो जाय तो बराजगार क एक

तहाई सम या का समाधान हो सकता ह ल कन ऐसा करन क बजाय उन सबको मलाकर एक इनफामल

स टर बनान क पीछ एक ह बात हो सकती ह क उनक सकट का समाधान करन क कोइ मशा ह नह ह

उनक लय ऐसी सामािजक सर ा का ावधान कया जाता ह िजसस व कम स कम िज दा रह सक हाला क

यह सब भी पर तरह कागजी ह दखाई दता ह और यह नी तया कह लाग होती नह दखाई दती

दरअसल यह नयी व व यव था और नय म वभाजन क रणनी त का ह एक अग लगता ह

क) उ योग क व व यापी उ पादन या शोषण खला पर गौर कर तो यह खला छोट इकाइय और घर

म काम करन वाल मजदर तक जाती ह और अ त र त म य क एक अ छndashखास ह स का उ पादन

इन असग ठत मजदर वारा कया जाता ह यह सबस कम मजदर म काम करन वाल और सबस

असर त मजदर ह और उ पादन क नयी यव था म दशी- वदशी पजी क लय बह त बड मनाफ का

ोत ह

ख) नयी उ पादन यव था म प जी क सबस बडी ताकत और रणनी त ह उसका ख टा म त होना और कभी

भी पलायन करन क आजाद ल कन य द उ योग म सभी या अ धकाश मजदर थाई ह तो या यह

उतनी आसानी स सभव हो सकगा य द मजदर थायी ह ग तो उनक य नयन भी होगी और मजदर

क लडन क ताकत भी अ धक होगी और व प जी को इतनी आसानी स पलायन नह करन दग दसर

बात य द मजदर थायी ह ग तो प जी को पलायन काफ महगा भी पडगा य क थाई मजदर क हक

को चकता करन म काफ पसा लगाना पडगा और इस लय वह बार बार पलायन क रणनी त नह

इ तमाल कर सकती

ग) नयी उ पादन यव था म कई म उदाहरण क तौर पर कपडा उ योग म फि या आडर पर काम

करती ह और ाड कोई सालाना का ट भी नह करत आडर कभी कम होता ह कभी यादा और कभी

ब कल नह ऐस म अगर थायी मजदर ह ग तो उ ह बार-बार ल-आफ दना पडगा और फि या यह

क मत ाड स वसलगी ऐस म नयी उ पादन यव था म अ थायी मजदर उनक मनाफ का ोत ह

घ) असग ठत म सकट त मजदर क भार फौज एक रजब आम क तरह काम करती ह और

उ योग म मजदर क स लाई को माग स हमशा ऊपर बनाय रखती ह और इसक वजह स मजदर को

हमशा नीच क ओर धकलती रहती ह

ङ) नयी व व यव था क रणनी त यह दखाई दती ह क बडी प जी उन असग ठत को नगल जाय

जहा सीध मनाफा लटा जा सकता ह और अ य असग ठत त को स त म क लट क लय अपनी

उ पादन-शोषण खला म बाध लया जाय उदाहरण क तौर पर रटल यापार और व त स लकर

जलाप त तक क कई अ य सवा स वरोजगार व छोट इकाइय को ख म करक को व पर तरह

क जान म लगी ह ई ह और दसर तरफ स त म क लट क लय उ पादन क म खती व

उ योग म वरोजगार म लग मजदर व छोट इकाइय को अपनी उ पादन खला म समटन क

को शश कर रह ह यहा यह गौर करन क बात ह क आज सरकार क छोट उ योग को बढावा दन

क नी त को उदार करण स पहल वाल प रि थ तय क नगाह स नह दखा जा सकता ह आज यह

उन उ योग पर ल त ह जो दशी- वदशी पजी क उ पादन खला स जड ह ए ह और इस लय परो

प स यह दशी- वदशी बडी पजी क भी मदद ह

जमीनी तौर पर मजदर आ दोलन क सबस बडी रणनी तक सम या और सबस बडी चनौती शायद इसी सवाल

स जडी ह ई ह हर उ योग म भार अनपात म अ थायी मजदर क स या बढन क कारण फ तर पर

य नयन और साम हक सौदबाजी मि कल हो गयी ह यह कछ तर तक वह भावी हो पा रह ह जहा बडी

इकाइया ह और जहा एक खास अनपात म द मजदर को बनाय रखना ज र ह उदाहरण क तौर पर मोटर-

गाडी बनान क उ योग ल कन जहा ऐसी ज रत नह ह और इस लय जहा शायद ह कोई थायी मजदर रखा

जाता ह वहा तो य नयन और साम हक सौदबाजी असभव ह हो गयी ह उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा

उ योग छोट उ योग और वरोजगार म लग लोग को सग ठत करन का सवाल तो एक अलग ह चनौती ह

और इस दशा म तो कोई बडी पहल ह नह दखाई दती ह

मजदर आ दोलन क सम य सम याए और चनौ तया वा त वक ह ल कन ऐसा लगता ह क सकट सफ इन

सम याओ स पदा नह हआ ह सकट का मल व प वचा रक ह और इस सवाल स जडा हआ ह क मजदर

आ दोलन इन सम याओ का कोई भावी समाधान नह तत कर पा रहा ह हम इसक चचा अगल ह स म

करग

iii) म कानन म बदलाव

मकानन म क सरकार और रा य सरकार वारा जो बदलाव कय गय ह या ता वत ह उनस म कानन का ऐसा ढाचा उभरकर सामन आता ह जो मलत चार स तर म वभािजत ह और यह व वशोषण खला क अन प ह

9 स कम मजदर वाल इकाइया इनक लय कोई म कानन ता वत नह ह उ ट घरल उ योग म बाल म क शोषण क छट द द गयी यहा यह यान म रखना ज र ह क यह व वशोषण खला का सबस नचला और सबस असर त तर ह जहा मजदर क भार आबाद को बहद कम मजदर म और वा य क ि ट स खतरनाक ि थ तय म काम करना पडता ह

9-39 मजदर वाल इकाइया इ ह कारखाना कानन स बाहर कया जा रहा ह और एक नय कानन लघ कारखाना कानन म शा मल करन का ताव ह 9 स कम वाल स तर और 9-39 वाल स तर म ह उ पादन क अ य धक म सघन याओ का बडा ह सा सप न कया जाता ह और शोषण खला क अ त र त म य का अ छा-खासा ह सा यह पदा होता ह 9-40 वाल इकाइय म मजदर को बह त सार अ धकार स व चत कया जा रहा ह और नाम मा ह हक उ ह मलन ह

इ ह अब 9 क जगह 19 म कानन स सब धत द तावज बनान और म वभाग म उनक पालन सबधी रटन फाइल करन म छट द द गयी ह

इनम 14 कानन लाग नह ह ग िजनम औ यो गक ववाद अ ध नयम और कारखाना कानन भी शा मल ह उन कानन क सफ कछ ावधान को ता चत लघ उ योग कानन म शा मल कया गया ह

ठका मजदर ( नयमन और खा मा) कानन इनम लाग नह होगा राज थान क कानन म अब यह 50 या अ धक मजदर वाल इकाइय म ह लाग ह (मल म 20 या अ धक पर लाग)

नय मत मजदर क छटनी करन पर 1 माह का नो टस और िजतन साल काम कया ह हर साल क लय 15 दन का मआवजा दना होगा ल कन इसक नौबत ह नह आयगी य क यह ावधान एक साल नय मत स वस पर होन पर ह यह लाग होता ह और ऊपर उदधत कानन म

छट का फायदा उठाकर नयो ता कभी साल भर क स वस पर ह नह होन दग

ईएसआई और पीएफ कानन लाग नह होगा और यहा ईएसआई और पीएफ क जगह दो नयी ाइवट स टर क क म लाग होगी और इसम मजदर को दोन क लय वतन का 10-10 तशत

हर मह न दना होगा काय थल पर भौ तक और रासाय नक सर ा सबधी कोई ावधान नह सफ इतना ह क जहा

खतरनाक या हजाडस चीज का इ तमाल होता होगा वहा कारखाना कानन लाग होगा च का ावधान वह लाग होगा जहा 20 या अ धक म हलाए काम करती ह और उनम स कम

स कम एक का 6 साल स कम का छोटा ब चा हो इसस प ट ह क इस कानन को कोई मतलब नह रह गया

तीन माह म ओवरटाइम काम क घट क सीमा 50 स बढाकर 96 घट क जा रह ह

लघ उ योग कानन म हडताल या हडताल क अ धकार का कोई उ लख ह नह ह एक ऐसा ावधान ह क य द 10 या अ धक मजदर बना नो टस दय एक साथ गरहािजर ह ग तो नयो त

उनक वतन स 8 दन क मजदर काट सकता ह 40 स 299 तक क इकाइया

इनम बना सरकार स अनम त लय छटनी या तालाबद क जा सकती ह

इनम छटनी क लय मजदर को 1 माह का नो टस और मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स हाला क इसक नौबत आयगी ह नह य क यह एक साल क स वस पर होन पर ह लाग होता ह और आजकल उ योग म हालात ऐस ह क हर छह मह न म कागज पर मजदर क नयि त नयी बना दत ह सी मत अव ध का ट का कानन लाग होन क बाद तो नयो ता कसी क भी एक साल क नय मत स वस पर ह नह होन दगा इस अभी कपडा उ योग म लाग कया ह ल कन ज द ह अ य म भी लाग हो सकता ह ऐस हालात म कोई ईएल भी नह पा सकगा और यट दन क नौबत तो कभी आयगी ह नह

ईपीएफ पशन क जगह नयी पशन क म िजसम प रवार लाभ शा मल नह होगा यह शयरबाजार स जडी होगी-और ाइवट कप नय क मनाफा कमान का ज रया बन जाएगी

ईएसआई अ पताल क नजीकरण का ताव जो प र वा थ सवाओ क नजीकरण क योजना का ह एक अग ह

पीएफ को ट स क दायर म लाना पीएफ म शा मल होन को व क बनाना और नयो ता क ओर स पीएफ म जमा कय जान

वाल भाग को सरकार क ओर स दया जाना

नयो ता वारा दय जान वाल पीएफ क भाग को मजदर म शा मल मानना िजसस मजदर बढ ह ई दख और मजदर क असल हालत पर पदा पड जाय

हजाडस कारखान क ल ट को हटाना और सफ हजाडस क एक प रभाषा दना इसस कसी भी कारखान को हजाडस घो षत करवाना बह त मि कल होगा और या काफ ल बी हो जाएगी

म हलाओ को रा पाल म अनम त

तीन माह म ओवरटाइम काम क सीमा बढाकर 115 घट करना (अभी 50 ह)

ड य नयन बनान क लय ज र सद या स या 7 स बढाकर 10 या 100 करना

डय नयन म बाहर सद य पर रोक सफ असग ठत म 2 सद य बाहर क हो सकत ह ड य नयन क मा यता क लय कसी ावधान का ताव नह

हडताल क लय जो क ठन कानन आव यक सवाओ पर लाग था उस सभी पर लाग करन का ताव यानी काननी तौर पर हडताल लगभग असभव गरकाननी हडताल क लय मजदर पर

और तालाबद क लय कारखाना मा लक पर एक ह फाइन-50000 स एक लाख 50 या अ धक मजदर कजअल छटट लकर गरहािजर ह तो यह भी गरकाननी हडताल

ववाद को कोट क बाहर सलझा लन का ावधान और आव यक सवाओ म 2 साल तक हडताल पर तबध (गजरात)

बोनस रा श नधारण क जाच क लय डय नयन नयो ता स कारखान क बलस शीट अब नह माग सकगी

कारखान क इ प शन क लय लबर इ प टर को पहल उ चा धका रय स अनम त लनी होगी और इ प टर क भ मका अब कानन का उ लघन करन वाल पर कारवाई करन क बजाय उ ह कानन का पालन करन म मदद करन क होगी

100 या अ धक मजदर वाल इकाइया ट डग आडर का कानन अब 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय म लाग होगा यह अभी कई

रा य म 50 या अ धक पर लाग होता ह अ य ावधान वह जो 40 स 299 मजदर वाल इकाइय पर लाग 300 या अ धक मजदर वाल इकाइया छटनी या तालाबद क लय सरकार क अनम त ज र

मजदर को 3 माह का नो टस मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स

अ य ावधान वह जो 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय पर लाग मकानन म बदलाव क उपरो त दशा स दो बात प ट होती ह अ) यह कप नय क लय म लागत को

कम स कम करन मजदर को जब चाह काम पर रखन और नकालन क पर छट दन मजदर क हत क

अनदखी करन और मजदर क य नयन बनान और साम हक सौदबाजी करन क मता को ख म करन या कम

स कम करन क दशा म कि त ह और ब) उ योग म शोषण खला का जो ढाचा उभर रहा ह यह उसक

अन प ह एक तरफ छोट इकाइया ह जहा अ धकतम 50 मजदर तक काम करत ह और जहा अ धकाश म

सघन काम सप न होता ह और अ त र त म य का बडा ह सा पदा होता ह दसर तरफ बडी इकाइया ह जहा

100 स 300 तक मजदर काम करत ह और सबस ऊपर थोडी सी ऐसी इकाइया ह जहा 500 स अ धक मजदर

काम करत ह आकड क अनसार पछल 10-12 साल म 10 स 99 मजदर वाल इकाइय का अनपात काफ

घटा ह और दसर तरफ 10 स कम वाल इकाइय और 100-499 वाल इकाइय का अनपात बढ गया ह

दरअसल 10 स कम वाल अ धकाश इकाइया वा तव म 40-50 मजदर को काम पर लगाती ह ल कन कारखाना

कानन स बचन क लय 10 स कम मजदर ह दखाती ह इ ह क सम या को हल करन क लय लघ उ योग

कानन लाया जा रहा ह सार प म इन ता वत कानन स शोषण खला का ढाचा इस प म उभरता दखाई

दता ह अ) घर म काम करन वाल मजदर और 10 स कम वाल इकाइया ब) 10-39 वाल इकाइया स) 40-

299 वाल इकाइया और द) 300 या अ धक वाल इकाइया

iv) प जी का मजदर और जनता पर सवतोमखी नय ण

कोई वग कसी दसर वग पर अपनी स ता सफ दमनत क ताकत क ज रय लब समय तक कायम नह रख

सकता ह शासक वग को शा षत जन म अपनी स ता क कसी न कसी प म एक तर क वीकायता

बनानी पडती ह और अगर वह ऐसा करन म कामयाब नह होता तो उसक स ता भी अ धक समय तक कायम

नह रह सकती ह प जीवाद समाज क लय यह और भी अ धक सच ह पजीप त वग मजदर और आमजन क

वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण कायम करन क को शश करता ह और य द मजदर वग

उस इस पहल पर कोई भावी चनौती नह द पाता ह तो मजदर वग पजी क खलाफ कोई भी भावी सघष

खडा कर पान म सफल नह हो सकता ह प जीवाद समाज म यह वग सघष का एक ब नयाद और मह वपण

पहल ह नयी व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह ल कन

मजदर आ दोलन इस पहल को अ सर नजरदाज करता रहा ह और उस वग सघष क एक ब नयाद पहल क प

म मह व नह द सका ह शायद यह आम जनता क वचार और जीवन पर प जीप त वग क बढत नय ण और

उसको कोई भावी चनौती न द पान क हमार कमजोर का भी एक भाव ह क आज इतन भीषण सकट क

बावजद जनता क ग स का कोई बडा वत फत व फोट नह दखाई दता ह यहा हम सार प म मजदरवग

पर प जीप तवग क नय ण क रणनी त क कछ पहलओ क चचा कर सकत ह

आमजन क वचा रक मानस म प जीप त वग व भ न मा यम स यह लगातार था पत करन क

को शश करता ह क प जीवाद का कोई वक प नह ह नजीकरण और बाजार करण क व तार क साथ

प जीवाद दायर स बाहर कसी अलग जीवन णाल क लय कोई जगह नह रह जाती जो इस वचार को

मजबती दता ह और दश-द नया म कोई वक प नजर न आन स इस उनक वचार मानस म प ता

बनान म मदद मलती ह जीवन क हर ज रत क लय प जीवाद पर पर तरह नभरता और उसस

बाहर नकलन का कोई रा ता न दखाई दन स प जीवाद को वीकार करना एक मजबर भी हो जाती ह

ऐसा ोपागडा बड पमान पर कया जाता ह क प जी क वकास स ह दश को और जनता का वकास हो

सकता ह प जी का वकास होगा तो रोजगार पदा होगा प जी का वकास होगा तो स वधाओ का वकास

होगा प जी का वकास नह होगा तो दश का और जनता का भी वकास क जाएगा और इस लय य द

कोई ऐसी बात करता ह जो प जी क वकास क खलाफ हो तो वह दश का और जनता का द मन ह

आ द आ द

प जीवाद काय थल मजदर को यह अहसास दलाता ह क मजदर और प जीप त दोन का अि त व जडा

हआ ह और मजदर क बहतर क लय प जीप त क बहतर ज र ह नय दौर का सारा प जीवाद

बधन शा और पदा ह ई बधन तकनीक का अमल इस वचार को मजबत बनाता ह रोजगार खोन

का डर भी एक तरह स प जीवाद को वीकार करन क मजबर बन जाती ह

ोपागडा यह नयी व व यव था का एक बह त मजबत और भावी ह थयार ह मी डया स लकर कल -

कालज व व व यालय और शोधस थान तक को भी इसका अग बना दया गया ह इसक ज रय झठ

को सच क तरह पश करना या स य क सफ एक पहल को ह दखाना इ तहास को वकत प म पश

करना म फलाना प जीवाद का म हमामडन करना जो प जीप त वग क हत क खलाफ ह उन वचार

और लोग को बदनाम करना ढ ग पाखड को साइस क तरह पश करना और पछडी चतना को बढावा

दना भडकाऊ झठ खबर बनाना और भडकाऊ कारवाइया करना आ द इनका सबका दायरा बह त व तत

ह यह माल को बचन क लय उनका फायदाबतान वाल झठ रसच स लकर समाजवाद और

समाजवा दय को बदनाम करन क लय झठ घटनाए पदा करन तक का काम करत ह मी डया पर बडी

प जी का पर तरह इजारा कामय हो जान क बाद जनता क पास कोई वकि पक सचनात ख म हो गया

ह और इसक वजह स प जीवाद ोपागडा और अ धक भावी हो गया ह इस हालात न मजदर वग क

सघष क भाव को भी काफ कम कर दया ह दश क कसी शहर म लाख लोग सडक पर आ दोलन

करत ह ल कन पास पडोस क इलाक क लोग को भी इस आ दोलन का पता नह चल पाता यहा तक

क द ल आकर हजार लोग दशन करत ह और द ल क लोग को भी पता नह चलता कह लाख

लोग सघष म जान द रह होत ह ल कन मी डया उ ह यह मानन को मजबर कर दता ह क व पागल ह

या आतकवाद ह और मजदार बात यह ह क लोग एक मनट क लय यह नह सोच पात क व लाख

लोग जो सघष म अपनी जान द रह ह उनक कोई बहद वािजब सम या भी हो सकती ह और यह क

मी डया सफद झठ बोल रहा ह

मजदर वग को वभािजत करन और भटकान क रणनी त प जी क म वरोधी ोपागडा क एक

मह वपण रणनी त ह मजदरवग क भीतर क अतर वरोध को तीखा करना और उ ह एक दसर क वरोधी

क प म तत करना उदाहरण क तौर पर जा त का सवाल धम का सवाल और लगभद का सवाल

और इसक साथ-साथ मजदर क व भ न स तर म अतर वरोध का सवाल उदाहरण क तौर पर

असग ठत ा क मजदर और सग ठत क मजदर कपनी मजदर और ठका मजदर थाई और

अ थाई मजदर ाइबट व पि लक स टर क मजदर आ द इसक बह त सार अ य मह वपण आयाम भी

ह ल कन बात इतन स प ट हो जाती ह इसक साथ ह मजदर आ दोलन म ऐसी रणनी तय को

ो सा हत करना जो सतह पर मजदर क हत म दखती ह ल कन व तत या तो मजदर वरोधी होती

ह या उस बस ऊठक-बठक करन म य त कर दती ह उदाहरण क तौर पर असग ठत मजदर क लय

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

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Page 6: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

ि थ त म खडा भारत 1974 म गहर सकट म पह च गया 1974 म हमार पास वदशी म ा भडार लगभग 629

म लयन डालर डालर था और तल क क मत म बतहासा व दध स अब तल आयात का सालाना बल 1221

म लयन डालर पर पह च गया था इसस अदाजा लगया जा सकता ह क इसका पर अथ यव था पर और

उ पादन पर और उ पादन लागत पर कतना गहरा असर पडा सभी पछड और तल आयात पर नभर दश क

यह हालत ह ई और कई दश कज जाल म फस गय इस हालात न कई दश को सा ा यवाद शत मानन पर

मजबर कर दया और गट नरप आ दोलन क ताकत को कमजोर कर दया यह भी अब कोई छपी ह ई बात

नह रह गयी ह क 1979-82 का सकट भी पर तरह स नयोिजत था और यह अमर का और यरोप म डालर क

याज दर म असामा य प स भार बढो तर क वजह स पदा हआ था 1979-80 म रात -रात लदन क

यरोडालर माकट म याजदर 20 पर पह च गयी जो 1978 म 5 थी याजदर म यह बढो तर तीसर द नया

क दश क उस कज पर भी लाग कर द गयी जो व चका नह सक थ इसक वजह स रात रात व कज क ऐस

भार बोझ तल दब गय और ऐस कजजाल म फस गय िजसम स आसानी स नह नकला जा सकता था इस

सकट न कई दश को घटन टकन पर मजबर कर दया और गट नरप आ दोलन क कमर तोड द उसक

बाद अतररा यम ा कोष और व व बक जसी सा ा यवाद स थाओ न उ ह इस सकट स उबारन क लय

सरचना मक समायोजन क नाम स वह दवा द जो सा ा यवाद योजना क अनकल थी यानी इन दश क

अथ यव थाओ को सा ा यवाद पजी क लय पर तरह खोल दना- उदार करण और व वीकरण

यहा इस बात का भी उ ख करना ज र ह क इसी दौर म उप नवशवाद स म त ह ए अ धकाश दश म

प जीप त वग क दो पहलओ या दो धड--मलत स ा यवाद पर त और मलत सा ा यवाद वरोधी क बीच भी

अ तर वरोध तीखा होता दखाई दता ह और व खलकर आमन सामन आत दखाईदत ह भारत क ि थ त पर

गौर कर तो यह एक नणायक मोड ब द दखाई दता ह

भारत म स र क दशक म आ थक सकट कह अ धक गहरा था 1962 म भारत-चीन य ध 1965 और ि फर

1971 म भारत-पा क तान य ध 1973-74 का तल सकट और इसी काल म सखा और अकाल का ल बा दौर

उदाहरण क तौर पर 1967 म बहार म 1973 म महारा म और 1979 म पि चम बगाल म हालात ऐस थ

क 1966 क बाद पचवष य याजना नह बनायी जा सक और 1966 स 1969 तक सफ सालाना योजना ह

बनाई जा सक खा य सकट इतना गहरा हो गया था क भार मा ा म वदशी म ा अनाज क आयात पर खच

करनी पडी आ थक सकट क साथ ह इस काल म राजनी तक सकट भी गहरा गया इसी काल म मजदर -

कसान और रा यताओ क आ दोलन उ होकर फट पड दसर तरफ प जीवाद राजनी त क वाम और

द णपथी धड क बीच भी सघष तीखा हो गया दश क आ थक सकट का फायदा उठाकर अथ यव था को

वदशी प जी क लय खोल दन क लय सा ा यवाद दबाव कई गना बढ गया और एक हद तक सरकार को

झकना भी पडा वदशी सहायता पान क लय अपनी म ा का अवम यन करना पडा ल कन अमर क सरकार

और अतरा य पन नमाण और वकास बक न वदशी सहायता का वादा परा नह कया और व अ धक

उदार करण क माग करत रह यहा तक क अमर का न करार क बावजद अनाज क एक खप रोक ल और उस

भारत नह भजा इसक पीछ सबस बडा कारण यह था क भारत न वयतनाम पर अमर क हमल क आलोचना

करनी नह छोडी और अपनी वत ता को खतर म डालन वाल अमर का क ए शया नी त का अग नह बनना

चाहा इन हालात म प जीप त वग क सामन सफ दो ह रा त थ अ) वाम प क तरफ झकना अ धक स

अ धक वाममाग ताकत को साथ लन क को शश करना अ धक स अ धक रा वाद सामतवाद वरोधी और

सा ा यवाद वरोधी तवर अि तयार करना अ धक स अ धक आ म नभर वकास पर जोर दना और अपनी

राजनी तक-आ थक वत ता को मजबत बनान क को शश करना ब) द णपथ क ओर झकना द णपथी

ताकत को साथ लना सा ा यवा दय क शत को मान लना और अथ यव था को सा ा यवाद प जी क ि लय

पर तरह खोल दना

कल मलाकर दखा जाय तो त काल न धानम ी इ दरा गाधी न इसम स पहला रा ता चना यहा यह साफ कर

दना ज र ह क प जीप त वग कभी भी अपना ह वरोध नह कर सकता ह और कसी समाजवाद योजना का

समथन नह कर सकता ह उसका उ रा वाद भी प जीवाद सीमाओ क भीतर ह वाम माग क ओर झक

सकता ह और यह इस बात स नधा रत होता ह क उस समय उस कस हद तक क सामतवाद वरोध और

सा ा यवाद वरोध क ज रत ह और अपनी सीमाओ म वह इस राह पर कस हद आग जा सकता ह इ दरा

गाधी और का स का वाम घडा तलना मक तौर पर अ धक रा वाद था और उसका रा वाद इस समय

सा ा यवाद ह त प क खतर क वजह स अ धक मखर हो गया था और य क अब दो ह रा त थ या तो

सा ा यवा दय क शत को मानकर अपनी आ थक और एक हद तक राजनी तक वत ता को खतर म डालना

या रा वाद तवर अि तयार करत ह ए आ मनभर वकास क ओर बढना जो उस रा त स ह सभव था जो

समाजवाद और क य न ट बह त ल ब समय स माग कर रह थ उदाहरण क तौर पर बक और मह वपण

उ योग का रा यकरण और भ म सधार का स और का स क बाहर द णपथी राजनी तक धडा ऐस

रा वाद कदम का खलकर वरोध कर रहा था उदाहरण क तौर पर का स क भीतर मरारजी दसाई और अ य

क नत व म एक बडा गट और का स क बाहर जनसघ और उसक सहयोगी राजनी तक ताकत हालात ऐस हो

गय थ क का स दो पा टय म वभािजत हो गयी ऐस हालात म राजनी तक तौर पर भी का स क मजबर

थी क वह समाजवाद राजनी तक शि तय को अपन साथ लन क को शश कर ल कन दसर तरफ जसा क

ऊपर चचा क जा चक ह पजीप तवग का ब नयाद च र क य न ट वरोधी होता ह और इस लय वह

अ पकाल क लय ह और एक सीमा क भीतर ह और कवल ऐसी समाजवाद शि तय क साथ ह मोचा बना

सकता ह जो कोई गभीर समाजवाद चनौती न पदा कर सक

वाम राजनी त क साथ का स क उस दौर क मोच और उस दौर क प जीवाद आ थक-राजनी तक रणनी त को

इसी नज रय स दखा जा सकता ह एक तरफ उस दौर म तलना मक तौर पर सा ा यवाद वरोधी सामतवाद

वरोधी और अप ाकत अ धक जनप धर आ थक-राजनी तक नी तय पर अमल हआ और दसर तरफ इसी दौर

म पजीप तवग का सबस अ धक मजदर वरोधी जनत वरोधी और क य न ट वरोधी दमनकार च र भी

उभरकर सामन आया यह दोन चीज ब कल अ तर वरोधी नजर आती ह ल कन तथाक थत रा वाद प जीप त

वग का च र इतना ह अ तर वरोधी होता ह यहा हम उस दौर म इ दरा गाधी सरकार क मजदर वरोधी

जनत वरोधी व क य न ट वरोधी दमनकार च र क बार म अ धक व तार म नह जाएग य क यह हम

सभी अ छ तरह जानत ह सफ इतना ह कहना काफ ह क 1975-77 क दौरान 40 हजार रानी तक कद

अकल पि चमबगाल म थ और उनम स अ धकाश न सलवाडी समथक ा तकार वाम कायकता थ ल कन उस

दौर म अि त व म आय कछ मह वपण कानन और नी तय का उ लख ज र ह उदाहरण क तौर पर

अ) उदार करण क दशा म उठाए गय कदम को वापस लना बक -कोयलाखदान -तीन बडी वदशी तल

कप नय और 111 बीमार कपडा मल और जट मल का रा यकरण पि लक स टर का तजी स

व तार पहल स अ धक आ थक को लघ उ योग क लय आर त करना एमआरट पी और फरा

कानन आ द

आ) औ यो गक ववाद अ ध नयम म ससोधन और 300 या अ धक मजदर वाल कप नय म छटनी-

तालाबद स पहल सरकार स अनम त लन क बा यता

इ) स वदा म उ मलन व व नयमन अ ध नयम 1970

ई) भ म सधार कानन 1973 और ीवी पस का खा मा

उ) खती क लय ज र ढाचागत ससाधन का वकास और दश म उन उ योग का वकास जो खती क

लय ज र ह खा य आ म नभरता पर अ त र त जोर

ऊ) रा यताओ क आनदोलन को शा त करन क लय रा य का पनगठन आ द और भाषा ववाद

को शा त करन क लय ह द क साथ अ जी भाषा को भी सरकार भाषा का दजा दना

ऋ) गट नरप आ दोलन म अ णी भ मका यि लयर ट ट करना और यि लयर शि त सप न

दश का दजा हा सल करना जो सा ा यवाद शि तय क हमल क सभावना कम कर दता ह

हम पहल ह उ लख कर चक ह क का स क भीतर और बाहर द णपथी राजनी तक ताकत इस तरह क

सामतवाद वरोधी और सा ा यवाद वरोधी नी तय क प म नह थी ल कन उस समय उनक ताकत इतनी

नह थी क व कोई नणायक ह त प कर पाती ल कन इ दरा गाधी सरकार क दमनकार नी तय और उसक

बाद इमजसी काल क दमनकार रा य न राजनी तक शि तसतलन बदल दया जो भी समाजवाद शि तया उस

समय द णपथ क खलाफ का स क साथ खडी थी व भी उसक वरोध म चल गयी और समय वशष क

प रि थ तय म आपातकाल क खलाफ द णपथी ताकत क साथ मोचा बनान पर मजबर हो गयी द णपथी

ताकत न इसका फायदा उठाया और उनक ताकत बढ ल कन ि फर भी इ दरा गाधी क मौत स पहल व कभी

भी ऐसी नणायक ताकत नह बन सक क उपरो त नी तय म बदलाव ला सक

इ दरा गाधी क मौत क बाद प रि थ तया तजी क साथ बदल यह एक ऐसा दौर था जब समाजवाद खम का

घो षत तौर पर पतन हो गया और सो वयत स का भी पतन हो गया तीसर द नया क दश क लय

गट नरप नी त पर चलन म समाजवाद खम क मदद या उसका मौजद होना भी एक मह वपण त व था

उसक पतन क बाद प रि थ तया बदल गयी दसर तरफ यह एक यापक सा ा यवाद वचा रक हमल का भी

दौर था और उसक ोपागडा का सबस मह वपण क व द था--उदार करएा और व वीकरण का कोई वक प

नह ह न ब क दशक म हमार दश म इसका असर दखाई दन लगा और तजी क साथ सभी राजनी तक

पा टय म इस पर एक आम सहम त सी बनती गयी यह अभी भी एक रह य ह ह क कछ ह साल म ऐसा

कस तरह और कस हआ क लगभग सभी ससद य पा टय क नी तय म कम स कम यावहा रक प म एक

समानता वक सत हो गयी और उ ह न उदार करण और व वीकरण क नी तय को एक हद तक वीकार कर

लया मलत इसी आधार पर क इसका कोई वक प नह ह यवहार म और काफ हद तक स धा त म भी

यह ससद य क य न ट पा टय म भी दखाई दता ह उदार करण क रा त पर गाडी क आग बढन क साथ ह

प जीप तवग क भीतर वचा रक-राजनी तक अ तर वरोध ख म होत दखाई दत ह प जीवाद पा टय क नी तय म

ऐसी समानता पदा हो गयी क अब वचा रक-राजनी तक तौर पर उ ह प जीप त वग क अलग-अलग ह स का

त न ध व करन वाल पा टय ( यापा रय क पाट धनी कसान क पाट आ द) क प म दखना सभव नह

रहा

यहा भारत पा क तान और बागलादश क प रि थ तय म एक अजीब समानता दखाई दती ह इ दरा गाधी क

काल म ह पा क तान म जि फकार अल भ टो और बागलादश म शख मजीबरहमान क नत व म उसी तरह

क नी तय पर अमल हआ तीन ह अपन दश म लोक य नता थ आ चय क बात ह क तीन ह मार गय

और लगभग एक ह काल म तीन जब तक िज दा थ सा ा यवाद नी तय का वरोध करत रह और तीन क

मौत क बाद ह उनक दश क अथ यव थाए उदार करण क ओर आग बढ (पा क तान म भ टो का

त तापलट 1977 और उ ह फासी 1979 मजीबरहमान क सरकार का त तापलट और उनक ह या 1975

इ दरागाधी क ह या 1984 और इसी कालखड म इडोन सया म त तापलट 1967 चल म त तापलट 1973)

दश-द नया क इन बदल ह ई प रि थ तय म 1986 म उ व राउड क वाताए श ह और 1995 म व व

यापार सगठन क थापना ह ई और यह एक नयी व व यव था क नीव थी

2 नयी व व यव था का राजनी तक-आ थक व प और मजदर आ दोलन क

चनौ तया

द नया क राजनी तक आ थक यव था म जो सबस मह वपण बदलाव ह ए ह और उसस मजदर आ दोलन क सम जो चनौ तया उपि थ त होती ह उ ह न न ल खत प म चि हत कया जा सकता ह

A प जी का अ धकाश ह सा-- व तीयकरण स मनाफ क लट हम पहल ह उ लख कर चक ह क प जी तभी पजी होती ह जब उसका व तार होता रह उसका नवश होता रह और वह मनाफा कमाकर छोट स बडी प जी बनती रह य द उसका व तार क जाय तो वह पजी क प म िज दा ह नह रह सकती ह प जी दो तरह क होती ह उ पादक प जी जो उ पादन म लगकर और अ त र त म य पदा करक मनाफा कमाती ह और व तीय प जी जो बना उ पादन म लग और बना अ त र त म य पदा कय सदखोर और स टाबाजार क ज रय मनाफा कमाती ह इस दसर प जी को परजीवी प जी कहा जाता ह य क अ त र त म य तो सफ उ पादक प जी ह पदा करती ह उ पादन क अलावा िजतन भी अ य ह उदाहरण क तौर पर ब कग-बीमा-शयर और स टा बाजार-म ाबाजार-जमीन जायदाद का बजनस यापार और अ य सवाए कोई अ त र त म य पदा नह करती ह आप इसी स समझ सकत ह क म ा जमीन या शयर क दाम खर द और बकवाल स अचानक बढ जात ह और घट जात ह और इस खर द बकवाल स कोई अ त र त म य तो पदा होता नह तो ि फर यह मनाफा आता कहा स ह व तीय प जी क इस मनाफ क दो ह ोत हो सकत ह-उ पादक प जी वारा पदा कय गय अ त र त म य म स लटकर (यानी प जीप त वग क बीच क गलाकाट तयो गता) या ि फर मजदर क जब काटकर या समाज को लटकर आज क दौर म जब अ धकाश उ योग म चद दशी- वदशी प जीप तय क इजारदार कायम हो चक ह व तीय प जी स पदा होन वाला मनाफा मजदर और आम जनता क लट स ह आता ह दश और द नया क अथ यव था म इस परजीवी प जी का ह सा बढना यानी उ पादक प जी का ह सा घटना एक सकट और खतर क घट माना जाता ह और जब इस पजी का ह सा थाई तौर पर बढा हआ दखाई द तो इसका मतलब सकट भी थाई हो चका ह द नया क तर पर दखा जाय तो हालात काफ पहल स ह खतरनाक ि थ त पर पह च चक ह दश क तर पर दख तो इस समय जीडीपी म सवा का ि ह सा अब 60 पह च चका ह और इस सवा का अ धकाश ह सा व तीयकरण स मनाफ क लट ह ह

मजदर वग पर इसका बहआयामी भाव पडता ह यह दखना मजदार होगा क अब जीडीपी वकास दर का रोजगार वकास दर स नाता टट गया दखाई दता ह इसका म य कारण यह ह क जीडीपी क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह दसर बात बार-बार आ थक सकट का आना और इसक वजह स बार-बार रोजगार सकट पदा होना और महगाई का बढत जाना इन सबका व तीयकरण स गहरा र ता ह अब वकास का माडल ह बाहर नवश और बाहर मदद पर आधा रत हो गया ह बाहर मदद और कछ नह याज पर लया जान वाला कज ह और इसक ज रए हमार दश म पदा होन वाल सपदा का एक बडा ह सा सा ा यवाद दश वारा लट लया जाता ह यह व तीयकरण स मनाफ क लट क रणनी त का ह अग ह व वबक-आइएमएफ और अ य ऐसी स थाए इस लट का मा यम ह अगर गहराई स दख तो उ पादन म आनवाल वदशी नवश का अ धकाश ह सा भी व तीयकरण स मनाफ क लट क रणनी त का अग बन चका ह द नया क नयी व व यव था म उ पादन का भी व तीयकरण हो रहा ह अब ाड या मल कप नया जो पदा होन वाल माल क असल मा लक होती ह व अ धकाशत ऐसी होती जा रह ह क व सफ पसा लगाती ह और उ पादन कोई दसरा ह करता ह ल कन व उ पादन को पर तरह नय त करती ह कई प म यह एक खतरनाक ि थ त को पदा कर रहा ह उ पादन क या स और उ पादन म लग मजदर स तथा उ पादन म लगन वाल ाक तक ससाधन स व बह त दर होती ह और इस लय उनक हत -अन हत स व पर तरह असप त होती ह और ाक तक ससाधन पर कोई सकट या मजदर क सघष का उन पर कोई य असर नह पडता कह कोई सकट दखाई दया तो बना अवरोध क व कसी दसर जगह भाग जाती ह एक और नयी चीज पर गौर कर पजी अपरपार हो चक ह और उसक उ पादन मता अपरपार हो चक ह ल कन उस हसाब स समाज म लोग क तर क नह ह ई और न व होन दना चाहत ह ता क लोग कम मजदर पर काम करन क लय मजबर ह और इस लय एक छोटा सा म यवग ह उनक माल का बाजार ह ऐस म अ धक स अ धक माल इसी बाजार म खपाकर अ धक स अ धक मनाफा कमान क लय व इ तमाल करो और फक दो क स क त को बढावा दत ह ऐस माल बनात ह जो यादा दन न चल सक और रपयर करक ल ब समय तक इ तमाल न कय जा सक इस तरह व

हमार आय म स अ त र त लट करत ह ल कन सबस भयानक बात ह क इसस टथ श व पन स लकर मोबाइलफोन व क यटर तक क कबाड भार पमान पर जमा हो रह ह जो खतरनाक ि थ तय का पदा कर रह ह इसक साथ ह यह ाक तक ससाधन क अनाव यक और खतरनाक तर क दोहन को भी बढावा द रहा ह ल कन इन सम याओ स उस व तीय प जी पर कोई य असर नह पडता जो उ पादन को नय त कर रह ह

हमार दश म अभी तक व तीय सवाओ का पर तरह उदार करण नह कया गया ह और इस लय अभी तक व व म पदा होन वाल व तीय सकट का उतना खतरनाक भाव भारत पर नह पड सका ल कन यहा भी इसका पर तरह उदार करण करन क यास तज हो चक ह और सा ा यवाद प जी इसक लय लगातार दबाव डाल रह ह इसका बहआयामी भाव होगा ल कन हम यहा इसक सफ दो मह वपण पहलओ को रखा कत करग

अ) हम पहल चचाकर चक ह व तीय प जी कोई अ त र त म य नह पदा करती ह और उ पादक प जी वारा पदा कय गय अ त र त म य को लटकर ह वह मनाफा कमाती ह ऐस म दशी व तीय प जी वारा लटा गया यह अ त र त म य कम स कम दश म ह रह जाता ह और दश क प जी को बढाता ह और उसका एक ह सा दश क वकास म खच हो सकता ह ल कन य द वदशी व तीय प जी यह अ त र त म य लटगी तो यहा पदा ह ई धन सपदा का यह ह सा सीध बाहर चला जाएगा इसी तरह क बात खदरा बाजार को वदशी प जी क लय खोलन स भी होगी इसस सफ यापार म वरोजगार म लग गर ब लोग का रोजगार ह नह छनगा बि क दशी बाजार पर वदशी प जी का नय ण बढगा और दश म पदा होन वाल अ त र त म य का या नयी धनसपदा का एक ह सा सीध बाहर चला जाएगा मनाफा लटन क यह रणनी त कस तर पर काम कर रह ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क चीन न 2016 म पा क तान टाक ए सचज का 40 फ सद ह सा खर द लया ह ऐसा अ य दश म भी हो रहा ह

आ) व तीय सवाओ को पर तरह खोल दन स सबस खतरनाक बात यह होगी क हमार अथ यव था पर हमारा लगभग कोई भावी नय ण नह रह जाएगा हम पहल ह चचा कर चक ह क स टाबाजार या शयर बाजार जमीन जायदाद क बाजार म ा बाजार आ द म चढाव और उतार खर द और बकवाल स ह पदा होत ह और यह चढाव उतार ह भार मनाफ का ोत ह और भार सकट का भी ोत ह यह खर द और बकवाल स नयोिजत भी हो सकती

ह एक ऐसी द नया म जहा सफ चद बडी कप नया द नया क सम त पजी क भार ह स को नय त करती ह स नयोिजत बकवाल और खर द न सफ भार मनाफा कमान क रणनी त क तौर पर बि क क ह खास अथ यव थाओ को डावाडोल करन क लय भी इ तमाल हो स कती ह दसर तरफ व तीयसवाओ को पर तरह खोलन का यह भी मतलब ह क यह द नया क व त बाजार का ह एक अ भ न ह सा बन जाएगी और द नया क कसी भी कोन म एक छोटा सा सकट सीध यहा भी सकट पदा कर दगा और पर अथ यव था को भा वत करगा व व बक क ह आकडो क अनसार पछल 25 साल म 93 दश क व त यव था को 117 बार गभीर सकट का सामना करना पडा ह और इसक अ त र त 51 बार कम गभीर सकट का सामना करना पडा ह यानी कल मलाकर एक साल म लगभग 6 बार

नजीकरण भी नयी व व यव था म मनाफ क लट क नयी रणनी त का अ भ न अग ह यह दश क सभी ससाधन पर दशी- वदशी पजी का नय ण कायम करन क साथ ह व तीयकरण स मनाफा लटन क रणनी त का भी ह सा ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क सरकार कस तरह सार पि लक स टर बचन पर आमादा ह और कस तरह हमार जल-जगल-जमीन को दशी वदशी कप नय को स पा जा रहा ह इसस एक और खतरा भी सामन आ रहा ह सार पि लक स टर बचन और प जी को अ धक स अ धक ट स छट दन वाल वकास क रणनी त पर चलन स सरकार क पास आय क ोत या रह जायग इसस एक तरफ तो सरकार पि लक वलफयर क काम पर कछ भी खच करन क ि थ त म नह रह जायगी और दसर तरफ अपन खच क लय वह आमजनता पर लगातार ट स बढाती जायगी और आमजनता क ह जमा पस का इ तमाल करगी यहा ीलका का एक उदाहरण दना शायद समीचीन होगा ीलका उदार करण और व वीकरण क राह पर चलन वाला द ण ए शया का पहला दश था और वहा इसक श आत 1977-78 म ह हो गयी थी वहा इसका असर भी पहल ह आना श हो गया था 2002 म वहा हालात ऐस हो गय थ क सरकार कामकाज क खच क लय सरकार मजदर क ा वडट फड म जमा पस का 98 इ तमाल कर रह थी 2011 म वहा वप न सरकार क खलाफ यह सवाल उठाया था क सरकार अपना कज चकान क लय मजदर क ा वडट फड क पस का इ तमाल कर रह ह ऐसी भी ि थ त पदा हो सकती ह क जनक याण क

काम और शायद म य -अफसर क वदश दौर भी प जीप तय क सीएसआर या दान पर नभर होत जायग यहा पर यह भी उ लख कर दना ज र ह क सरकार का आनलाइन पमट पर जो अ त र त जोर दखाई द रहा ह उसका टाचार नय ण स तो कोई लना दना नह दखाई द रहा ह ल कन उसका उपरो त बात स गहरा र ता ह हर प जीवाद नी त क कई आयाम होत ह और इसक भी कई आयाम ह ल कन हम यहा उसक कछ ह पहलओ को चि हत कर सकत ह

अ) सभी उ योग और ससाधन क नजीकरण और उ योग को सभी कर म छट दन क वकास रणनी त क चलत सरकार अपन खच क लय सफ जनता स ट स वसलन पर ह नभर होती जा रह ह और सभी कर बढाती जा रह ह और नत नय कर भी लगाती जा रह ह यह जानना मह वपण ह क य कर तो साफ साफ दखाई दता ह जस इनकम ट स इस लय उस अभी कम ह बढाया जा रहा ह सबस अ धक कर का बोझ अ य कर क प म बढया जा रहा ह जो साफ-साफ दखाई नह दता और जो सभी पर लाग होता ह चाह उसक आय कतनी भी कम हो हम जो भी सामान बाजार स खर दत ह उसक एमआरपी दाम म भी कर शा मल होता ह और ऊपर स और अ धक ट सलगाय जात ह कसी भी सामान क दाम म कल कर कर ब 44 ट स शा मल होता ह यानी 100 क दाम म 44 पय का कर इसका लगभग

आधा ह सा तो उसक एमआरपी दाम म शा मल होता ह जो हम दना ह होता ह चाह बना बल क खर द हो ल कन कल कर का लगभग आधा ह सा तभी दना होता ह जब दकानदार प का बल द यानी तब दकानदार भी उस कर को सरकार क पास जमा करगा ल कन करोडो गर ब लोग और लाख छोट दकानदार बना प क बल क खर द ब करत ह और इसक चलत सरकार यह कर नह वसलकर पाती ह यह नकद म लन दन पर ह सभव होता ह य द नकद म लन दन को बद कर दया जाय तो हम कर का वह ह सा भी चकान क लय मजबर कर दया जायगा ऐस म यह रणनी त भी सीध सीध गर ब क जब म डाका डालन क लय ह नद शत ह ऐस हालात म जब करोडो लोग क मजदर और आय जीवन जीन क लय पया त न हो तो उनक ऊपर कर का यह बोझ डालना या यायसगत ह और ऐस हालात म य द गर ब लोग यह कर नह चकात ह तो या यह काला-सफद का मामला ह या यह उनक िज दा रहन क ह एक शत नह ह ऐस हालात म जब कारपोरट कप नय को भार पमान पर ट स म छट और ट स चोर क छट द जा रह हो या आम जनता क साथ यह यादती वािजब ह सीएजी क 2016 क एक रपोट क अनसार इनकमट स डपाटमट न ढाचागत काय करन वाल कप नय को गलत तर क 45000 करोड का ट स लाभ दया उसी क एक रपोट क मता बक 7 लाख करोड य कर नह वसला जा सका और उसका 96 अब वसलना सभव नह रह गया ह उसी क एक अ य रपोट क मता बक सफ 2010-11 म कारपोरट कप नय को 88263 करोड पय क कर छट द गयी

आ) इसका एक और मह वपण ल य ह खदरा यापार को दशी- वदशी कारपोरट कप नय क हाथ स पना यह दो तरह स कया जा रहा ह- अ) कप नय क खदरा यापार चन को ो सा हत करना और खदरा यापार को वदशी प जी क लय खोलना ब) आनलाइन खर द- ब को ो सा हत करना कशलश खर द ब को बढावा दना इसी नीयत स कया जा रहा ह यह दो

ल य को एक साथ परा करता ह खदरा यापार को दशी- वदशी प जी क हाथ स पना और लोग को परा ट स चकान क लय मजबर करना आनलाइन खर द ब और रटल चन क ज रय दशी- वदशी प जी एक साथ गठजोड बनाकर म खदरा यापार म आ रह ह और इसन अभी ह खदरा यापा रय क हालत ख ता कर द ह यह वश ध प स व तीयकरण स मनाफ क लट ह ह इसस एक तरफ तो दश क बाजार पर बडी दशी- वदशी पजी क गठजोड का क जा होता जायगा और दश क उ पादक भी उनक य जकडबद म फसत जायग दसर तरफ खदराबाजार म लगी भार आबाद को बरोजगार क सम या झलनी पडगी इसक साथ ह गर ब आबाद को मजबरन महगा सामान खर दना पडगा पदा होन वाल हालात का इसस ह अदाजा लगाया जा सकता ह क अभी क ष क बाद सबस अ धक आबाद खदरा यापारम ह लगी ह ई ह

इ) यह सव व दत ह क कर ब 600-700 कारपोरट कप नया पि लक स टर बक स लाख करोड का कज लकर उस जानबझकर नह चका रह ह सरकार उनस कज वसलन क बजाय उनका कज माफ कर दती ह 2014-15 म कर ब 114 लाख करोड का ऐसा कज माफ कर दया गया 2016 म सफ टट बक आफ इ डया न ऐसी 63 बडी बइमान कप नय का कज माफ कर दया जो कल 7016 करोड पय का कज लकर उस डकार गयी थी इसस अदाजा लगाया जा सकता ह क सभी पि लक स टर बक स कज माफ स कस भार मा ा म सरकार न कारपोरट कप नय को फायदा पह चाया गया होगा मजदार बात यह ह क ऐसा पि लक स टर बक क साथ ह होता ह यानी यह वश ध प स जनता क पस क खल लट ह इस हालात न पि लक स टर बक क हालत ख ता कर द थी और व सरकार क व भ न योजनाओ म नवश करन क हालत म नह रह गय थ बम करण उ ह इस सकट स उबारन क लय कया गया था बक म पसा आना ज र था और बम करण न ऐस करोड लोग को जो खती या छोटा-मोटा बजनस करत ह और हजार पय बक म रखन क बजाय घर म ह और आपसी लन दन म रखत थ और शाद - याह क लय भी हजार -लाख जमा करक घर म ह रखत थ उ ह जबरन बक म पसा जमा करन क लय मजबर कर दया गया ऐसा तो कसी बडी सना क मदद स भी नह हा सल कया जा सकता था जो बम करण क ज रय हा सल कया गया यह कोई काला-सफद का मामला नह था और कसी टाचार स लडन का मामला नह था इसका उ द य था बक म पसा लाना और यह कोई आ चय क बात नह क सफ दो मह न म ह बक पस स लबा लब भर गय यह इसी स जा हर ह क अचानक बक न लोन क याजदर कम कर द और होमलोन और अ य लोन क लय तरह-तरह क क म लकर बाजार म उतर गय यह परा मामला व तीयकरण स मनाफ क लट का सबस घ टया उदाहरण ह

B द नया क तर पर नया म वभाजन और नयी उ पादन यव था

द नया क उ पादन और वतरण यव था म एक नया म वभाजन अि त व म आया ह िजसक दो मह वपण

अग ह

क) उ पादन यव था को ऐसी व व यापी म य खला या व व शोषण खला म सग ठत कया गया ह

िजसम म सघन काम को वक सत दश स वकासशील दश म भजा जा रहा ह जहा भार बरोजगार

ह और मजदर वक सत दश क मकाबल बह त कम ह अलग-अलग स टर म अलग-अलग रणनी त ह

उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा उ योग म इतना ह काफ ह क वहा मजदर कम ह ल कन

इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म यह भी ज र ह क वहा पाट पज बनान और जोडन लायक

तकनीक तर वाल फि या और ऐसा कौशल रखन वाल मजदर क अ छ -खासी तादात मौजद हो

और उनक माल क लय एक बडा और वक सत होता बाजार भी मौजद हो दसर तरफ प जी और

तकनीक सघन काम को वक सत दश म ह नय त रखा जाता ह ता क वकासशील दश क कप नया

परा ोड ट (माल) बनान क तकनीक न हा सल कर सक और अपना ाड न पदा कर सक इसक

अलावा व परा का परा ोड ट एक दश म नह बनाती ह उ पादन क व भ न ह स को कई दश म

बखर दती ह और इसक वजह स कसी भी दश क कपनी क लय परा ोड ट को बनान क तकनीक

हा सल करना और भी मि कल हो जाता ह दसर तरफ इस तर क स उ पादन खला म मौजद कसी

भी दश क कप नय क और मजदर क उनस सौदबाजी क ताकत भी कम हो जाती ह अगर कसी

दश म उनक उ पादन खला म सकट आया तो व वह काम कसी और दश म करा लती ह इस बात

को व एक ह थयार क प म भी इ तमाल करती ह और दशी कप नय और मजदर को प जी क

पलायन का डर भी दखाती रहती ह व त उ च तकनीक वाल पज रसच और डजाइ नग ा डग और

बाजार पर भावी नय ण क ज रय बह रा य कप नया उ पादन खला को पर तरह क ोल करती ह

इसी क ज रय पर उ पादन खला म िजतना भी अ त र त म य या मनाफा पदा होता ह उसका बडा

ह सा व ह थया लती ह स चाई म अ त र त म य का बडा ह सा तो वकासशील दश म ह पदा

होता ह ल कन उ ह उसका बह त छोटा ह सा ह मलता ह उदाहरण क तौर पर हमार दश क उ योग

म जो भी उ पाद पदा होता ह उसम मौजद अ त र त म य का मा 15-20 ह हम मलता ह जब क

उ पादन या पर नजर डाल तो इसस कह अ धक अ त र त म य यहा पदा होता ह ल कन

बह रा य कप नया काम पान क लय वकासशील दश क बीच होड और दश क भीतर कप नय क बीच

होड का इ तमाल करक उ ह कम क मत वीकार करन क लय मजबर कर दती ह उदाहरण क तौर पर

कपडा उ योग इसक अलावा व सबस अ धक म य उन काय पद डाल दती ह जो व खद करती हए

उदाहरण क तौर पर व त रसच और डजाइ नग ा डग माकग िग आ द तथा व पाट-पज जो व खद

बनाती ह इस तरह व अपन उ पाद क पर शोषण खला म पदा होन वाल मनाफ का बडा भाग लट

लती ह

ख) यहा यह बात और साफ कर दना ज र ह उ पादन खला या शोषण खला क मामल म सा ा यवाद

प जी और दशी प जी क तौर-तर क म अब कोई अ तर नह रह गया ह अ धकाश वकासशील दश म

ऐसी कप नया कम ह या नह ह िजनका व व तर का ाड हो या व व तर पर काम करती ह

ल कन जहा कह ऐसा ह जसा क भारत और चीन म कछ ऐसी कप नया ह तो व भी ठ क उसी तरह

अ य दश म अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय स मनाफ क लट करती ह इतना ह नह

दशी ाड भी दश म उसी तरह क उ पादन खला क ज रय मनाफ क लट करत ह और उ पादन

खला म हर ऊपर वाल कपनी अपन स नीच वाल कपनी स उसी तरह मनाफ क लट करती ह ाड

हमशा अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय पर अपन उ पाद क क मत कम करन क लय दबाव

बनात रहत ह और कप नया क मत कम करन तथा अपन लय भी अ धक स अ धक मनाफा स नि चत

करन क लय मजदर का शोषण अ धक स अ धक बढाती जाती ह

ग) प जी ख टा म त ख ला साड हो गयी ह नयी व व यव था म प जी क अवागमन पर कोई नय ण नह

ह यह उपरो त म वभाजन को प ता और स थागत प दती ह द नया म कह भी कसी भी तरह

क वषम प रि थ त आन पर या द नया क कसी अ य ह स म अ धक मनाफ क सभावना होन पर

यह कभी भी दसर दश म पलायन कर सकती ह यहा तक क दश क भीतर भी कसी एक ह स स

दसर ह स म भाग सकती ह इस मामल म भी दशी और वदशी प जी म कोई अ तर नह रहा और

यह दोन पर ह लाग होता ह प जी का इसस कोई लना दना नह रहा क इसस दश क अथ यव था

या मजदर क जीवन-मरण पर या असर पडता ह गौर करन क बात यह ह क वा त वक पलायन स

अ धक पलायन क धमक को एक ह थयार क प म इ तमाल कया जाता ह

C द नया क नयी स ता यव था

नयी व व यव था को सचा लत करन क लय नयी व व स थाए बनायी गयी ह जो व व सरकार जसा काम करती ह और उनका कानन दश क कानन स ऊपर हो गया ह उदाहरण क तौर पर व व यापार सघ वा त वक प म इन स थाओ को सा ा यवाद दश ह सचा लत ह इसका अग बनन क बाद दश क सरकार ऐसी कोई नी त या कानन नह बना सकती जो व व यापार सघ क नी त या कानन का उ लघन करता हो इन स थाओ क पास यह शि त भी ह क कोई दश य द उनक कानन का उ लघन कर तो उस द डत कया जा सक उदाहरण क तौर पर जन हत म यह ज र हो सकता ह क अपनी क ष और खास उ योग को सि सडी दकर और दश का बाजार उनक ि लय आर त करक उनक वकास को ग त द जाय या जनता को स ता माल उपल ध कराया जाय ल कन यह व व यापार सगठन क कानन का उ लघन हो सकता ह य क यह वदशी प जी क साथ भदभाव होगा इस ि थ त स लोकत क लय ह एक खतरा पदा होता दखाई द रहा ह य क य द चनी ह ई सरकार म यह शि त न रह जाय क व जनता क हत म कानन और नी तया बना सक तो सरकार चनन क अ धकार का भी कोई मतलब नह रह जाता मजदार बात यह ह क आइएलओ और सय त रा सघ क अ य व व स थाए जो मजदर क अ धकार और मानवा धकार क लय कानन बनाती ह उनको ऐसी शि त नह द गयी ह क मजदर क अ धकार या मानवा धकार क उ लघन पर व कसी दश को द डत कर सक सय त रा सघ म आजकल बह रा य कप नय क ग त वधय क लय कछ मानदड बनान क बात चल रह ह ल कन अ धक जोर और अ धक वीक त इसी पर दखाई द रह ह क इ ह

बा यकार कानन का दजा न दया जाय

अब हम यह दखन को शश कर क उपरो त प रि थ तय म मजदर वग और मजदर आ दोलन को कन

सम याओ का सामना करना पड रहा ह

i) प र मजदर वग को एक रजब आम म त द ल कर दना

प जी क आवागमन पर कोई नय ण नह ह उसक लय द नया वा तव म एक गाव बन चक ह ल कन

मजदरवग क आवागमन पर परा नय ण ह यह प रि थ त एक प म पर द नया क मजदरवग को एक रजब

आम यानी एक ऐसी आर त फौज म त द ल कर दता ह िजस प जी जब चाह इ तमाल कर जब चाह बरोजगार

छोड द हम पहल ह चचा कर चक ह क प जी जब चाह पलायन कर सकती ह कछ उ योग तो ऐस ह िजनम

चद दन या चद घट म ऐसा हो सकता ह जस कपडा उ योग इसम थाई प का कोई प जी नवश या

उ पादन का कोई ल बा का ट सामा यत होता ह नह इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म भारत जस

दश म जहा एक बडा बाजार ह उ ह अपना असब लग लाट लगाना पडता ह इस लय भागना इतना आसान

नह होगा ि फर भी बह त अ धक समय नह लगगा य हालात प जी क साथ शि त सतलन म मजदर वग को

कमजोर ि थ त म डाल दत ह रोजगार खोन का डर मजदर क लडाई को कमजोर करता ह दसर तरफ प जी

क पलायन क डर स सरकार मजदर क आ दोलन का बबरता स दमन करन पर आमादा हो जाती ह और

मजदर क हक क परवाह कय बना कप नय क हत क हफाजत करती ह

मजदरवग इस ि थ त को तभी बदल सकता ह जब प जी क इस तरह क आवागमन को रोक सक और यह सफ

तभी सभव ह जब अ) मजदर क दश यपी सघष क ज रय ऐस मकानन क लय सघष जो मजदर को थाई

ह सयत म रोजगार दन क बा यता पदा कर सक वदशी प जी क लय दश म उ पादन क लय ल ब समय क

का ट या समझौत क शत लाग कर सक और छटनी और तालाबद पर मजदर क मआबज क रा श म

बढो तर कर सक इसस प जी क लय बार-बार पलान क रणनी त महगी सा बत होगी ब) मजदर क

अतररा य एकता जो मजदर वरोधी पलायन क रणनी त पर चलन वाल प जी को द डत करन क लय उसक

बाजार को भा वत कर सक स) मजदर क अतररा य एकता जो इस तरह पलायन करक आन वाल प जी को

अपन दश म उस न आन द द) मजदरवग एक ऐसी सरकार लान म कामयाब हो जाय जो प जी क ऐस पलायन

को असभव बना द और य) अतररा य तर पर ऐसी नी तय क लय सघष जो मजदर क कसी भी दश म

आवागमन को खल छट द सक

ii) असग ठत मजदर क शोषण को स थागत प दना और समाज क समची ज रत क उ पादन त

को व व शोषण खला म समट लना

आज असग ठत (इनफामल स टर) क हालात पर बडा सयापा होता ह ल कन अगर हम गहराई म दख तो

यह सब उनक हालत सधारन क बजाय उनक शोषण को स थागत प दता दखाई दता ह इस तथाक थत

इनफामल स टर म तीन तरह क लोग आत ह अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोग छोट इकाइय

म लग अ थाई मजदर और फि य म लग तरह-तरह क अ थाई मजदर वरोजगार म लग लोग और

मजदर क सम याए ब कल अलग ह और अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोगो क सम याए भी

अलग-अलग ह और इनक सम याओ का समाधान भी अलग-अलग ह अगर वा तव म इ ह सकट स बाहर

नकालना हो तो अलग-अलग स टर म इनक वशष सम याओ क मता बक वशष नी तगत समाधान दना

होगा वा तव म यह बह त ज र भी ह य क अगर इनक सकट का समाधान हो जाय तो बराजगार क एक

तहाई सम या का समाधान हो सकता ह ल कन ऐसा करन क बजाय उन सबको मलाकर एक इनफामल

स टर बनान क पीछ एक ह बात हो सकती ह क उनक सकट का समाधान करन क कोइ मशा ह नह ह

उनक लय ऐसी सामािजक सर ा का ावधान कया जाता ह िजसस व कम स कम िज दा रह सक हाला क

यह सब भी पर तरह कागजी ह दखाई दता ह और यह नी तया कह लाग होती नह दखाई दती

दरअसल यह नयी व व यव था और नय म वभाजन क रणनी त का ह एक अग लगता ह

क) उ योग क व व यापी उ पादन या शोषण खला पर गौर कर तो यह खला छोट इकाइय और घर

म काम करन वाल मजदर तक जाती ह और अ त र त म य क एक अ छndashखास ह स का उ पादन

इन असग ठत मजदर वारा कया जाता ह यह सबस कम मजदर म काम करन वाल और सबस

असर त मजदर ह और उ पादन क नयी यव था म दशी- वदशी पजी क लय बह त बड मनाफ का

ोत ह

ख) नयी उ पादन यव था म प जी क सबस बडी ताकत और रणनी त ह उसका ख टा म त होना और कभी

भी पलायन करन क आजाद ल कन य द उ योग म सभी या अ धकाश मजदर थाई ह तो या यह

उतनी आसानी स सभव हो सकगा य द मजदर थायी ह ग तो उनक य नयन भी होगी और मजदर

क लडन क ताकत भी अ धक होगी और व प जी को इतनी आसानी स पलायन नह करन दग दसर

बात य द मजदर थायी ह ग तो प जी को पलायन काफ महगा भी पडगा य क थाई मजदर क हक

को चकता करन म काफ पसा लगाना पडगा और इस लय वह बार बार पलायन क रणनी त नह

इ तमाल कर सकती

ग) नयी उ पादन यव था म कई म उदाहरण क तौर पर कपडा उ योग म फि या आडर पर काम

करती ह और ाड कोई सालाना का ट भी नह करत आडर कभी कम होता ह कभी यादा और कभी

ब कल नह ऐस म अगर थायी मजदर ह ग तो उ ह बार-बार ल-आफ दना पडगा और फि या यह

क मत ाड स वसलगी ऐस म नयी उ पादन यव था म अ थायी मजदर उनक मनाफ का ोत ह

घ) असग ठत म सकट त मजदर क भार फौज एक रजब आम क तरह काम करती ह और

उ योग म मजदर क स लाई को माग स हमशा ऊपर बनाय रखती ह और इसक वजह स मजदर को

हमशा नीच क ओर धकलती रहती ह

ङ) नयी व व यव था क रणनी त यह दखाई दती ह क बडी प जी उन असग ठत को नगल जाय

जहा सीध मनाफा लटा जा सकता ह और अ य असग ठत त को स त म क लट क लय अपनी

उ पादन-शोषण खला म बाध लया जाय उदाहरण क तौर पर रटल यापार और व त स लकर

जलाप त तक क कई अ य सवा स वरोजगार व छोट इकाइय को ख म करक को व पर तरह

क जान म लगी ह ई ह और दसर तरफ स त म क लट क लय उ पादन क म खती व

उ योग म वरोजगार म लग मजदर व छोट इकाइय को अपनी उ पादन खला म समटन क

को शश कर रह ह यहा यह गौर करन क बात ह क आज सरकार क छोट उ योग को बढावा दन

क नी त को उदार करण स पहल वाल प रि थ तय क नगाह स नह दखा जा सकता ह आज यह

उन उ योग पर ल त ह जो दशी- वदशी पजी क उ पादन खला स जड ह ए ह और इस लय परो

प स यह दशी- वदशी बडी पजी क भी मदद ह

जमीनी तौर पर मजदर आ दोलन क सबस बडी रणनी तक सम या और सबस बडी चनौती शायद इसी सवाल

स जडी ह ई ह हर उ योग म भार अनपात म अ थायी मजदर क स या बढन क कारण फ तर पर

य नयन और साम हक सौदबाजी मि कल हो गयी ह यह कछ तर तक वह भावी हो पा रह ह जहा बडी

इकाइया ह और जहा एक खास अनपात म द मजदर को बनाय रखना ज र ह उदाहरण क तौर पर मोटर-

गाडी बनान क उ योग ल कन जहा ऐसी ज रत नह ह और इस लय जहा शायद ह कोई थायी मजदर रखा

जाता ह वहा तो य नयन और साम हक सौदबाजी असभव ह हो गयी ह उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा

उ योग छोट उ योग और वरोजगार म लग लोग को सग ठत करन का सवाल तो एक अलग ह चनौती ह

और इस दशा म तो कोई बडी पहल ह नह दखाई दती ह

मजदर आ दोलन क सम य सम याए और चनौ तया वा त वक ह ल कन ऐसा लगता ह क सकट सफ इन

सम याओ स पदा नह हआ ह सकट का मल व प वचा रक ह और इस सवाल स जडा हआ ह क मजदर

आ दोलन इन सम याओ का कोई भावी समाधान नह तत कर पा रहा ह हम इसक चचा अगल ह स म

करग

iii) म कानन म बदलाव

मकानन म क सरकार और रा य सरकार वारा जो बदलाव कय गय ह या ता वत ह उनस म कानन का ऐसा ढाचा उभरकर सामन आता ह जो मलत चार स तर म वभािजत ह और यह व वशोषण खला क अन प ह

9 स कम मजदर वाल इकाइया इनक लय कोई म कानन ता वत नह ह उ ट घरल उ योग म बाल म क शोषण क छट द द गयी यहा यह यान म रखना ज र ह क यह व वशोषण खला का सबस नचला और सबस असर त तर ह जहा मजदर क भार आबाद को बहद कम मजदर म और वा य क ि ट स खतरनाक ि थ तय म काम करना पडता ह

9-39 मजदर वाल इकाइया इ ह कारखाना कानन स बाहर कया जा रहा ह और एक नय कानन लघ कारखाना कानन म शा मल करन का ताव ह 9 स कम वाल स तर और 9-39 वाल स तर म ह उ पादन क अ य धक म सघन याओ का बडा ह सा सप न कया जाता ह और शोषण खला क अ त र त म य का अ छा-खासा ह सा यह पदा होता ह 9-40 वाल इकाइय म मजदर को बह त सार अ धकार स व चत कया जा रहा ह और नाम मा ह हक उ ह मलन ह

इ ह अब 9 क जगह 19 म कानन स सब धत द तावज बनान और म वभाग म उनक पालन सबधी रटन फाइल करन म छट द द गयी ह

इनम 14 कानन लाग नह ह ग िजनम औ यो गक ववाद अ ध नयम और कारखाना कानन भी शा मल ह उन कानन क सफ कछ ावधान को ता चत लघ उ योग कानन म शा मल कया गया ह

ठका मजदर ( नयमन और खा मा) कानन इनम लाग नह होगा राज थान क कानन म अब यह 50 या अ धक मजदर वाल इकाइय म ह लाग ह (मल म 20 या अ धक पर लाग)

नय मत मजदर क छटनी करन पर 1 माह का नो टस और िजतन साल काम कया ह हर साल क लय 15 दन का मआवजा दना होगा ल कन इसक नौबत ह नह आयगी य क यह ावधान एक साल नय मत स वस पर होन पर ह यह लाग होता ह और ऊपर उदधत कानन म

छट का फायदा उठाकर नयो ता कभी साल भर क स वस पर ह नह होन दग

ईएसआई और पीएफ कानन लाग नह होगा और यहा ईएसआई और पीएफ क जगह दो नयी ाइवट स टर क क म लाग होगी और इसम मजदर को दोन क लय वतन का 10-10 तशत

हर मह न दना होगा काय थल पर भौ तक और रासाय नक सर ा सबधी कोई ावधान नह सफ इतना ह क जहा

खतरनाक या हजाडस चीज का इ तमाल होता होगा वहा कारखाना कानन लाग होगा च का ावधान वह लाग होगा जहा 20 या अ धक म हलाए काम करती ह और उनम स कम

स कम एक का 6 साल स कम का छोटा ब चा हो इसस प ट ह क इस कानन को कोई मतलब नह रह गया

तीन माह म ओवरटाइम काम क घट क सीमा 50 स बढाकर 96 घट क जा रह ह

लघ उ योग कानन म हडताल या हडताल क अ धकार का कोई उ लख ह नह ह एक ऐसा ावधान ह क य द 10 या अ धक मजदर बना नो टस दय एक साथ गरहािजर ह ग तो नयो त

उनक वतन स 8 दन क मजदर काट सकता ह 40 स 299 तक क इकाइया

इनम बना सरकार स अनम त लय छटनी या तालाबद क जा सकती ह

इनम छटनी क लय मजदर को 1 माह का नो टस और मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स हाला क इसक नौबत आयगी ह नह य क यह एक साल क स वस पर होन पर ह लाग होता ह और आजकल उ योग म हालात ऐस ह क हर छह मह न म कागज पर मजदर क नयि त नयी बना दत ह सी मत अव ध का ट का कानन लाग होन क बाद तो नयो ता कसी क भी एक साल क नय मत स वस पर ह नह होन दगा इस अभी कपडा उ योग म लाग कया ह ल कन ज द ह अ य म भी लाग हो सकता ह ऐस हालात म कोई ईएल भी नह पा सकगा और यट दन क नौबत तो कभी आयगी ह नह

ईपीएफ पशन क जगह नयी पशन क म िजसम प रवार लाभ शा मल नह होगा यह शयरबाजार स जडी होगी-और ाइवट कप नय क मनाफा कमान का ज रया बन जाएगी

ईएसआई अ पताल क नजीकरण का ताव जो प र वा थ सवाओ क नजीकरण क योजना का ह एक अग ह

पीएफ को ट स क दायर म लाना पीएफ म शा मल होन को व क बनाना और नयो ता क ओर स पीएफ म जमा कय जान

वाल भाग को सरकार क ओर स दया जाना

नयो ता वारा दय जान वाल पीएफ क भाग को मजदर म शा मल मानना िजसस मजदर बढ ह ई दख और मजदर क असल हालत पर पदा पड जाय

हजाडस कारखान क ल ट को हटाना और सफ हजाडस क एक प रभाषा दना इसस कसी भी कारखान को हजाडस घो षत करवाना बह त मि कल होगा और या काफ ल बी हो जाएगी

म हलाओ को रा पाल म अनम त

तीन माह म ओवरटाइम काम क सीमा बढाकर 115 घट करना (अभी 50 ह)

ड य नयन बनान क लय ज र सद या स या 7 स बढाकर 10 या 100 करना

डय नयन म बाहर सद य पर रोक सफ असग ठत म 2 सद य बाहर क हो सकत ह ड य नयन क मा यता क लय कसी ावधान का ताव नह

हडताल क लय जो क ठन कानन आव यक सवाओ पर लाग था उस सभी पर लाग करन का ताव यानी काननी तौर पर हडताल लगभग असभव गरकाननी हडताल क लय मजदर पर

और तालाबद क लय कारखाना मा लक पर एक ह फाइन-50000 स एक लाख 50 या अ धक मजदर कजअल छटट लकर गरहािजर ह तो यह भी गरकाननी हडताल

ववाद को कोट क बाहर सलझा लन का ावधान और आव यक सवाओ म 2 साल तक हडताल पर तबध (गजरात)

बोनस रा श नधारण क जाच क लय डय नयन नयो ता स कारखान क बलस शीट अब नह माग सकगी

कारखान क इ प शन क लय लबर इ प टर को पहल उ चा धका रय स अनम त लनी होगी और इ प टर क भ मका अब कानन का उ लघन करन वाल पर कारवाई करन क बजाय उ ह कानन का पालन करन म मदद करन क होगी

100 या अ धक मजदर वाल इकाइया ट डग आडर का कानन अब 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय म लाग होगा यह अभी कई

रा य म 50 या अ धक पर लाग होता ह अ य ावधान वह जो 40 स 299 मजदर वाल इकाइय पर लाग 300 या अ धक मजदर वाल इकाइया छटनी या तालाबद क लय सरकार क अनम त ज र

मजदर को 3 माह का नो टस मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स

अ य ावधान वह जो 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय पर लाग मकानन म बदलाव क उपरो त दशा स दो बात प ट होती ह अ) यह कप नय क लय म लागत को

कम स कम करन मजदर को जब चाह काम पर रखन और नकालन क पर छट दन मजदर क हत क

अनदखी करन और मजदर क य नयन बनान और साम हक सौदबाजी करन क मता को ख म करन या कम

स कम करन क दशा म कि त ह और ब) उ योग म शोषण खला का जो ढाचा उभर रहा ह यह उसक

अन प ह एक तरफ छोट इकाइया ह जहा अ धकतम 50 मजदर तक काम करत ह और जहा अ धकाश म

सघन काम सप न होता ह और अ त र त म य का बडा ह सा पदा होता ह दसर तरफ बडी इकाइया ह जहा

100 स 300 तक मजदर काम करत ह और सबस ऊपर थोडी सी ऐसी इकाइया ह जहा 500 स अ धक मजदर

काम करत ह आकड क अनसार पछल 10-12 साल म 10 स 99 मजदर वाल इकाइय का अनपात काफ

घटा ह और दसर तरफ 10 स कम वाल इकाइय और 100-499 वाल इकाइय का अनपात बढ गया ह

दरअसल 10 स कम वाल अ धकाश इकाइया वा तव म 40-50 मजदर को काम पर लगाती ह ल कन कारखाना

कानन स बचन क लय 10 स कम मजदर ह दखाती ह इ ह क सम या को हल करन क लय लघ उ योग

कानन लाया जा रहा ह सार प म इन ता वत कानन स शोषण खला का ढाचा इस प म उभरता दखाई

दता ह अ) घर म काम करन वाल मजदर और 10 स कम वाल इकाइया ब) 10-39 वाल इकाइया स) 40-

299 वाल इकाइया और द) 300 या अ धक वाल इकाइया

iv) प जी का मजदर और जनता पर सवतोमखी नय ण

कोई वग कसी दसर वग पर अपनी स ता सफ दमनत क ताकत क ज रय लब समय तक कायम नह रख

सकता ह शासक वग को शा षत जन म अपनी स ता क कसी न कसी प म एक तर क वीकायता

बनानी पडती ह और अगर वह ऐसा करन म कामयाब नह होता तो उसक स ता भी अ धक समय तक कायम

नह रह सकती ह प जीवाद समाज क लय यह और भी अ धक सच ह पजीप त वग मजदर और आमजन क

वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण कायम करन क को शश करता ह और य द मजदर वग

उस इस पहल पर कोई भावी चनौती नह द पाता ह तो मजदर वग पजी क खलाफ कोई भी भावी सघष

खडा कर पान म सफल नह हो सकता ह प जीवाद समाज म यह वग सघष का एक ब नयाद और मह वपण

पहल ह नयी व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह ल कन

मजदर आ दोलन इस पहल को अ सर नजरदाज करता रहा ह और उस वग सघष क एक ब नयाद पहल क प

म मह व नह द सका ह शायद यह आम जनता क वचार और जीवन पर प जीप त वग क बढत नय ण और

उसको कोई भावी चनौती न द पान क हमार कमजोर का भी एक भाव ह क आज इतन भीषण सकट क

बावजद जनता क ग स का कोई बडा वत फत व फोट नह दखाई दता ह यहा हम सार प म मजदरवग

पर प जीप तवग क नय ण क रणनी त क कछ पहलओ क चचा कर सकत ह

आमजन क वचा रक मानस म प जीप त वग व भ न मा यम स यह लगातार था पत करन क

को शश करता ह क प जीवाद का कोई वक प नह ह नजीकरण और बाजार करण क व तार क साथ

प जीवाद दायर स बाहर कसी अलग जीवन णाल क लय कोई जगह नह रह जाती जो इस वचार को

मजबती दता ह और दश-द नया म कोई वक प नजर न आन स इस उनक वचार मानस म प ता

बनान म मदद मलती ह जीवन क हर ज रत क लय प जीवाद पर पर तरह नभरता और उसस

बाहर नकलन का कोई रा ता न दखाई दन स प जीवाद को वीकार करना एक मजबर भी हो जाती ह

ऐसा ोपागडा बड पमान पर कया जाता ह क प जी क वकास स ह दश को और जनता का वकास हो

सकता ह प जी का वकास होगा तो रोजगार पदा होगा प जी का वकास होगा तो स वधाओ का वकास

होगा प जी का वकास नह होगा तो दश का और जनता का भी वकास क जाएगा और इस लय य द

कोई ऐसी बात करता ह जो प जी क वकास क खलाफ हो तो वह दश का और जनता का द मन ह

आ द आ द

प जीवाद काय थल मजदर को यह अहसास दलाता ह क मजदर और प जीप त दोन का अि त व जडा

हआ ह और मजदर क बहतर क लय प जीप त क बहतर ज र ह नय दौर का सारा प जीवाद

बधन शा और पदा ह ई बधन तकनीक का अमल इस वचार को मजबत बनाता ह रोजगार खोन

का डर भी एक तरह स प जीवाद को वीकार करन क मजबर बन जाती ह

ोपागडा यह नयी व व यव था का एक बह त मजबत और भावी ह थयार ह मी डया स लकर कल -

कालज व व व यालय और शोधस थान तक को भी इसका अग बना दया गया ह इसक ज रय झठ

को सच क तरह पश करना या स य क सफ एक पहल को ह दखाना इ तहास को वकत प म पश

करना म फलाना प जीवाद का म हमामडन करना जो प जीप त वग क हत क खलाफ ह उन वचार

और लोग को बदनाम करना ढ ग पाखड को साइस क तरह पश करना और पछडी चतना को बढावा

दना भडकाऊ झठ खबर बनाना और भडकाऊ कारवाइया करना आ द इनका सबका दायरा बह त व तत

ह यह माल को बचन क लय उनका फायदाबतान वाल झठ रसच स लकर समाजवाद और

समाजवा दय को बदनाम करन क लय झठ घटनाए पदा करन तक का काम करत ह मी डया पर बडी

प जी का पर तरह इजारा कामय हो जान क बाद जनता क पास कोई वकि पक सचनात ख म हो गया

ह और इसक वजह स प जीवाद ोपागडा और अ धक भावी हो गया ह इस हालात न मजदर वग क

सघष क भाव को भी काफ कम कर दया ह दश क कसी शहर म लाख लोग सडक पर आ दोलन

करत ह ल कन पास पडोस क इलाक क लोग को भी इस आ दोलन का पता नह चल पाता यहा तक

क द ल आकर हजार लोग दशन करत ह और द ल क लोग को भी पता नह चलता कह लाख

लोग सघष म जान द रह होत ह ल कन मी डया उ ह यह मानन को मजबर कर दता ह क व पागल ह

या आतकवाद ह और मजदार बात यह ह क लोग एक मनट क लय यह नह सोच पात क व लाख

लोग जो सघष म अपनी जान द रह ह उनक कोई बहद वािजब सम या भी हो सकती ह और यह क

मी डया सफद झठ बोल रहा ह

मजदर वग को वभािजत करन और भटकान क रणनी त प जी क म वरोधी ोपागडा क एक

मह वपण रणनी त ह मजदरवग क भीतर क अतर वरोध को तीखा करना और उ ह एक दसर क वरोधी

क प म तत करना उदाहरण क तौर पर जा त का सवाल धम का सवाल और लगभद का सवाल

और इसक साथ-साथ मजदर क व भ न स तर म अतर वरोध का सवाल उदाहरण क तौर पर

असग ठत ा क मजदर और सग ठत क मजदर कपनी मजदर और ठका मजदर थाई और

अ थाई मजदर ाइबट व पि लक स टर क मजदर आ द इसक बह त सार अ य मह वपण आयाम भी

ह ल कन बात इतन स प ट हो जाती ह इसक साथ ह मजदर आ दोलन म ऐसी रणनी तय को

ो सा हत करना जो सतह पर मजदर क हत म दखती ह ल कन व तत या तो मजदर वरोधी होती

ह या उस बस ऊठक-बठक करन म य त कर दती ह उदाहरण क तौर पर असग ठत मजदर क लय

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

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Page 7: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

और अतरा य पन नमाण और वकास बक न वदशी सहायता का वादा परा नह कया और व अ धक

उदार करण क माग करत रह यहा तक क अमर का न करार क बावजद अनाज क एक खप रोक ल और उस

भारत नह भजा इसक पीछ सबस बडा कारण यह था क भारत न वयतनाम पर अमर क हमल क आलोचना

करनी नह छोडी और अपनी वत ता को खतर म डालन वाल अमर का क ए शया नी त का अग नह बनना

चाहा इन हालात म प जीप त वग क सामन सफ दो ह रा त थ अ) वाम प क तरफ झकना अ धक स

अ धक वाममाग ताकत को साथ लन क को शश करना अ धक स अ धक रा वाद सामतवाद वरोधी और

सा ा यवाद वरोधी तवर अि तयार करना अ धक स अ धक आ म नभर वकास पर जोर दना और अपनी

राजनी तक-आ थक वत ता को मजबत बनान क को शश करना ब) द णपथ क ओर झकना द णपथी

ताकत को साथ लना सा ा यवा दय क शत को मान लना और अथ यव था को सा ा यवाद प जी क ि लय

पर तरह खोल दना

कल मलाकर दखा जाय तो त काल न धानम ी इ दरा गाधी न इसम स पहला रा ता चना यहा यह साफ कर

दना ज र ह क प जीप त वग कभी भी अपना ह वरोध नह कर सकता ह और कसी समाजवाद योजना का

समथन नह कर सकता ह उसका उ रा वाद भी प जीवाद सीमाओ क भीतर ह वाम माग क ओर झक

सकता ह और यह इस बात स नधा रत होता ह क उस समय उस कस हद तक क सामतवाद वरोध और

सा ा यवाद वरोध क ज रत ह और अपनी सीमाओ म वह इस राह पर कस हद आग जा सकता ह इ दरा

गाधी और का स का वाम घडा तलना मक तौर पर अ धक रा वाद था और उसका रा वाद इस समय

सा ा यवाद ह त प क खतर क वजह स अ धक मखर हो गया था और य क अब दो ह रा त थ या तो

सा ा यवा दय क शत को मानकर अपनी आ थक और एक हद तक राजनी तक वत ता को खतर म डालना

या रा वाद तवर अि तयार करत ह ए आ मनभर वकास क ओर बढना जो उस रा त स ह सभव था जो

समाजवाद और क य न ट बह त ल ब समय स माग कर रह थ उदाहरण क तौर पर बक और मह वपण

उ योग का रा यकरण और भ म सधार का स और का स क बाहर द णपथी राजनी तक धडा ऐस

रा वाद कदम का खलकर वरोध कर रहा था उदाहरण क तौर पर का स क भीतर मरारजी दसाई और अ य

क नत व म एक बडा गट और का स क बाहर जनसघ और उसक सहयोगी राजनी तक ताकत हालात ऐस हो

गय थ क का स दो पा टय म वभािजत हो गयी ऐस हालात म राजनी तक तौर पर भी का स क मजबर

थी क वह समाजवाद राजनी तक शि तय को अपन साथ लन क को शश कर ल कन दसर तरफ जसा क

ऊपर चचा क जा चक ह पजीप तवग का ब नयाद च र क य न ट वरोधी होता ह और इस लय वह

अ पकाल क लय ह और एक सीमा क भीतर ह और कवल ऐसी समाजवाद शि तय क साथ ह मोचा बना

सकता ह जो कोई गभीर समाजवाद चनौती न पदा कर सक

वाम राजनी त क साथ का स क उस दौर क मोच और उस दौर क प जीवाद आ थक-राजनी तक रणनी त को

इसी नज रय स दखा जा सकता ह एक तरफ उस दौर म तलना मक तौर पर सा ा यवाद वरोधी सामतवाद

वरोधी और अप ाकत अ धक जनप धर आ थक-राजनी तक नी तय पर अमल हआ और दसर तरफ इसी दौर

म पजीप तवग का सबस अ धक मजदर वरोधी जनत वरोधी और क य न ट वरोधी दमनकार च र भी

उभरकर सामन आया यह दोन चीज ब कल अ तर वरोधी नजर आती ह ल कन तथाक थत रा वाद प जीप त

वग का च र इतना ह अ तर वरोधी होता ह यहा हम उस दौर म इ दरा गाधी सरकार क मजदर वरोधी

जनत वरोधी व क य न ट वरोधी दमनकार च र क बार म अ धक व तार म नह जाएग य क यह हम

सभी अ छ तरह जानत ह सफ इतना ह कहना काफ ह क 1975-77 क दौरान 40 हजार रानी तक कद

अकल पि चमबगाल म थ और उनम स अ धकाश न सलवाडी समथक ा तकार वाम कायकता थ ल कन उस

दौर म अि त व म आय कछ मह वपण कानन और नी तय का उ लख ज र ह उदाहरण क तौर पर

अ) उदार करण क दशा म उठाए गय कदम को वापस लना बक -कोयलाखदान -तीन बडी वदशी तल

कप नय और 111 बीमार कपडा मल और जट मल का रा यकरण पि लक स टर का तजी स

व तार पहल स अ धक आ थक को लघ उ योग क लय आर त करना एमआरट पी और फरा

कानन आ द

आ) औ यो गक ववाद अ ध नयम म ससोधन और 300 या अ धक मजदर वाल कप नय म छटनी-

तालाबद स पहल सरकार स अनम त लन क बा यता

इ) स वदा म उ मलन व व नयमन अ ध नयम 1970

ई) भ म सधार कानन 1973 और ीवी पस का खा मा

उ) खती क लय ज र ढाचागत ससाधन का वकास और दश म उन उ योग का वकास जो खती क

लय ज र ह खा य आ म नभरता पर अ त र त जोर

ऊ) रा यताओ क आनदोलन को शा त करन क लय रा य का पनगठन आ द और भाषा ववाद

को शा त करन क लय ह द क साथ अ जी भाषा को भी सरकार भाषा का दजा दना

ऋ) गट नरप आ दोलन म अ णी भ मका यि लयर ट ट करना और यि लयर शि त सप न

दश का दजा हा सल करना जो सा ा यवाद शि तय क हमल क सभावना कम कर दता ह

हम पहल ह उ लख कर चक ह क का स क भीतर और बाहर द णपथी राजनी तक ताकत इस तरह क

सामतवाद वरोधी और सा ा यवाद वरोधी नी तय क प म नह थी ल कन उस समय उनक ताकत इतनी

नह थी क व कोई नणायक ह त प कर पाती ल कन इ दरा गाधी सरकार क दमनकार नी तय और उसक

बाद इमजसी काल क दमनकार रा य न राजनी तक शि तसतलन बदल दया जो भी समाजवाद शि तया उस

समय द णपथ क खलाफ का स क साथ खडी थी व भी उसक वरोध म चल गयी और समय वशष क

प रि थ तय म आपातकाल क खलाफ द णपथी ताकत क साथ मोचा बनान पर मजबर हो गयी द णपथी

ताकत न इसका फायदा उठाया और उनक ताकत बढ ल कन ि फर भी इ दरा गाधी क मौत स पहल व कभी

भी ऐसी नणायक ताकत नह बन सक क उपरो त नी तय म बदलाव ला सक

इ दरा गाधी क मौत क बाद प रि थ तया तजी क साथ बदल यह एक ऐसा दौर था जब समाजवाद खम का

घो षत तौर पर पतन हो गया और सो वयत स का भी पतन हो गया तीसर द नया क दश क लय

गट नरप नी त पर चलन म समाजवाद खम क मदद या उसका मौजद होना भी एक मह वपण त व था

उसक पतन क बाद प रि थ तया बदल गयी दसर तरफ यह एक यापक सा ा यवाद वचा रक हमल का भी

दौर था और उसक ोपागडा का सबस मह वपण क व द था--उदार करएा और व वीकरण का कोई वक प

नह ह न ब क दशक म हमार दश म इसका असर दखाई दन लगा और तजी क साथ सभी राजनी तक

पा टय म इस पर एक आम सहम त सी बनती गयी यह अभी भी एक रह य ह ह क कछ ह साल म ऐसा

कस तरह और कस हआ क लगभग सभी ससद य पा टय क नी तय म कम स कम यावहा रक प म एक

समानता वक सत हो गयी और उ ह न उदार करण और व वीकरण क नी तय को एक हद तक वीकार कर

लया मलत इसी आधार पर क इसका कोई वक प नह ह यवहार म और काफ हद तक स धा त म भी

यह ससद य क य न ट पा टय म भी दखाई दता ह उदार करण क रा त पर गाडी क आग बढन क साथ ह

प जीप तवग क भीतर वचा रक-राजनी तक अ तर वरोध ख म होत दखाई दत ह प जीवाद पा टय क नी तय म

ऐसी समानता पदा हो गयी क अब वचा रक-राजनी तक तौर पर उ ह प जीप त वग क अलग-अलग ह स का

त न ध व करन वाल पा टय ( यापा रय क पाट धनी कसान क पाट आ द) क प म दखना सभव नह

रहा

यहा भारत पा क तान और बागलादश क प रि थ तय म एक अजीब समानता दखाई दती ह इ दरा गाधी क

काल म ह पा क तान म जि फकार अल भ टो और बागलादश म शख मजीबरहमान क नत व म उसी तरह

क नी तय पर अमल हआ तीन ह अपन दश म लोक य नता थ आ चय क बात ह क तीन ह मार गय

और लगभग एक ह काल म तीन जब तक िज दा थ सा ा यवाद नी तय का वरोध करत रह और तीन क

मौत क बाद ह उनक दश क अथ यव थाए उदार करण क ओर आग बढ (पा क तान म भ टो का

त तापलट 1977 और उ ह फासी 1979 मजीबरहमान क सरकार का त तापलट और उनक ह या 1975

इ दरागाधी क ह या 1984 और इसी कालखड म इडोन सया म त तापलट 1967 चल म त तापलट 1973)

दश-द नया क इन बदल ह ई प रि थ तय म 1986 म उ व राउड क वाताए श ह और 1995 म व व

यापार सगठन क थापना ह ई और यह एक नयी व व यव था क नीव थी

2 नयी व व यव था का राजनी तक-आ थक व प और मजदर आ दोलन क

चनौ तया

द नया क राजनी तक आ थक यव था म जो सबस मह वपण बदलाव ह ए ह और उसस मजदर आ दोलन क सम जो चनौ तया उपि थ त होती ह उ ह न न ल खत प म चि हत कया जा सकता ह

A प जी का अ धकाश ह सा-- व तीयकरण स मनाफ क लट हम पहल ह उ लख कर चक ह क प जी तभी पजी होती ह जब उसका व तार होता रह उसका नवश होता रह और वह मनाफा कमाकर छोट स बडी प जी बनती रह य द उसका व तार क जाय तो वह पजी क प म िज दा ह नह रह सकती ह प जी दो तरह क होती ह उ पादक प जी जो उ पादन म लगकर और अ त र त म य पदा करक मनाफा कमाती ह और व तीय प जी जो बना उ पादन म लग और बना अ त र त म य पदा कय सदखोर और स टाबाजार क ज रय मनाफा कमाती ह इस दसर प जी को परजीवी प जी कहा जाता ह य क अ त र त म य तो सफ उ पादक प जी ह पदा करती ह उ पादन क अलावा िजतन भी अ य ह उदाहरण क तौर पर ब कग-बीमा-शयर और स टा बाजार-म ाबाजार-जमीन जायदाद का बजनस यापार और अ य सवाए कोई अ त र त म य पदा नह करती ह आप इसी स समझ सकत ह क म ा जमीन या शयर क दाम खर द और बकवाल स अचानक बढ जात ह और घट जात ह और इस खर द बकवाल स कोई अ त र त म य तो पदा होता नह तो ि फर यह मनाफा आता कहा स ह व तीय प जी क इस मनाफ क दो ह ोत हो सकत ह-उ पादक प जी वारा पदा कय गय अ त र त म य म स लटकर (यानी प जीप त वग क बीच क गलाकाट तयो गता) या ि फर मजदर क जब काटकर या समाज को लटकर आज क दौर म जब अ धकाश उ योग म चद दशी- वदशी प जीप तय क इजारदार कायम हो चक ह व तीय प जी स पदा होन वाला मनाफा मजदर और आम जनता क लट स ह आता ह दश और द नया क अथ यव था म इस परजीवी प जी का ह सा बढना यानी उ पादक प जी का ह सा घटना एक सकट और खतर क घट माना जाता ह और जब इस पजी का ह सा थाई तौर पर बढा हआ दखाई द तो इसका मतलब सकट भी थाई हो चका ह द नया क तर पर दखा जाय तो हालात काफ पहल स ह खतरनाक ि थ त पर पह च चक ह दश क तर पर दख तो इस समय जीडीपी म सवा का ि ह सा अब 60 पह च चका ह और इस सवा का अ धकाश ह सा व तीयकरण स मनाफ क लट ह ह

मजदर वग पर इसका बहआयामी भाव पडता ह यह दखना मजदार होगा क अब जीडीपी वकास दर का रोजगार वकास दर स नाता टट गया दखाई दता ह इसका म य कारण यह ह क जीडीपी क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह दसर बात बार-बार आ थक सकट का आना और इसक वजह स बार-बार रोजगार सकट पदा होना और महगाई का बढत जाना इन सबका व तीयकरण स गहरा र ता ह अब वकास का माडल ह बाहर नवश और बाहर मदद पर आधा रत हो गया ह बाहर मदद और कछ नह याज पर लया जान वाला कज ह और इसक ज रए हमार दश म पदा होन वाल सपदा का एक बडा ह सा सा ा यवाद दश वारा लट लया जाता ह यह व तीयकरण स मनाफ क लट क रणनी त का ह अग ह व वबक-आइएमएफ और अ य ऐसी स थाए इस लट का मा यम ह अगर गहराई स दख तो उ पादन म आनवाल वदशी नवश का अ धकाश ह सा भी व तीयकरण स मनाफ क लट क रणनी त का अग बन चका ह द नया क नयी व व यव था म उ पादन का भी व तीयकरण हो रहा ह अब ाड या मल कप नया जो पदा होन वाल माल क असल मा लक होती ह व अ धकाशत ऐसी होती जा रह ह क व सफ पसा लगाती ह और उ पादन कोई दसरा ह करता ह ल कन व उ पादन को पर तरह नय त करती ह कई प म यह एक खतरनाक ि थ त को पदा कर रहा ह उ पादन क या स और उ पादन म लग मजदर स तथा उ पादन म लगन वाल ाक तक ससाधन स व बह त दर होती ह और इस लय उनक हत -अन हत स व पर तरह असप त होती ह और ाक तक ससाधन पर कोई सकट या मजदर क सघष का उन पर कोई य असर नह पडता कह कोई सकट दखाई दया तो बना अवरोध क व कसी दसर जगह भाग जाती ह एक और नयी चीज पर गौर कर पजी अपरपार हो चक ह और उसक उ पादन मता अपरपार हो चक ह ल कन उस हसाब स समाज म लोग क तर क नह ह ई और न व होन दना चाहत ह ता क लोग कम मजदर पर काम करन क लय मजबर ह और इस लय एक छोटा सा म यवग ह उनक माल का बाजार ह ऐस म अ धक स अ धक माल इसी बाजार म खपाकर अ धक स अ धक मनाफा कमान क लय व इ तमाल करो और फक दो क स क त को बढावा दत ह ऐस माल बनात ह जो यादा दन न चल सक और रपयर करक ल ब समय तक इ तमाल न कय जा सक इस तरह व

हमार आय म स अ त र त लट करत ह ल कन सबस भयानक बात ह क इसस टथ श व पन स लकर मोबाइलफोन व क यटर तक क कबाड भार पमान पर जमा हो रह ह जो खतरनाक ि थ तय का पदा कर रह ह इसक साथ ह यह ाक तक ससाधन क अनाव यक और खतरनाक तर क दोहन को भी बढावा द रहा ह ल कन इन सम याओ स उस व तीय प जी पर कोई य असर नह पडता जो उ पादन को नय त कर रह ह

हमार दश म अभी तक व तीय सवाओ का पर तरह उदार करण नह कया गया ह और इस लय अभी तक व व म पदा होन वाल व तीय सकट का उतना खतरनाक भाव भारत पर नह पड सका ल कन यहा भी इसका पर तरह उदार करण करन क यास तज हो चक ह और सा ा यवाद प जी इसक लय लगातार दबाव डाल रह ह इसका बहआयामी भाव होगा ल कन हम यहा इसक सफ दो मह वपण पहलओ को रखा कत करग

अ) हम पहल चचाकर चक ह व तीय प जी कोई अ त र त म य नह पदा करती ह और उ पादक प जी वारा पदा कय गय अ त र त म य को लटकर ह वह मनाफा कमाती ह ऐस म दशी व तीय प जी वारा लटा गया यह अ त र त म य कम स कम दश म ह रह जाता ह और दश क प जी को बढाता ह और उसका एक ह सा दश क वकास म खच हो सकता ह ल कन य द वदशी व तीय प जी यह अ त र त म य लटगी तो यहा पदा ह ई धन सपदा का यह ह सा सीध बाहर चला जाएगा इसी तरह क बात खदरा बाजार को वदशी प जी क लय खोलन स भी होगी इसस सफ यापार म वरोजगार म लग गर ब लोग का रोजगार ह नह छनगा बि क दशी बाजार पर वदशी प जी का नय ण बढगा और दश म पदा होन वाल अ त र त म य का या नयी धनसपदा का एक ह सा सीध बाहर चला जाएगा मनाफा लटन क यह रणनी त कस तर पर काम कर रह ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क चीन न 2016 म पा क तान टाक ए सचज का 40 फ सद ह सा खर द लया ह ऐसा अ य दश म भी हो रहा ह

आ) व तीय सवाओ को पर तरह खोल दन स सबस खतरनाक बात यह होगी क हमार अथ यव था पर हमारा लगभग कोई भावी नय ण नह रह जाएगा हम पहल ह चचा कर चक ह क स टाबाजार या शयर बाजार जमीन जायदाद क बाजार म ा बाजार आ द म चढाव और उतार खर द और बकवाल स ह पदा होत ह और यह चढाव उतार ह भार मनाफ का ोत ह और भार सकट का भी ोत ह यह खर द और बकवाल स नयोिजत भी हो सकती

ह एक ऐसी द नया म जहा सफ चद बडी कप नया द नया क सम त पजी क भार ह स को नय त करती ह स नयोिजत बकवाल और खर द न सफ भार मनाफा कमान क रणनी त क तौर पर बि क क ह खास अथ यव थाओ को डावाडोल करन क लय भी इ तमाल हो स कती ह दसर तरफ व तीयसवाओ को पर तरह खोलन का यह भी मतलब ह क यह द नया क व त बाजार का ह एक अ भ न ह सा बन जाएगी और द नया क कसी भी कोन म एक छोटा सा सकट सीध यहा भी सकट पदा कर दगा और पर अथ यव था को भा वत करगा व व बक क ह आकडो क अनसार पछल 25 साल म 93 दश क व त यव था को 117 बार गभीर सकट का सामना करना पडा ह और इसक अ त र त 51 बार कम गभीर सकट का सामना करना पडा ह यानी कल मलाकर एक साल म लगभग 6 बार

नजीकरण भी नयी व व यव था म मनाफ क लट क नयी रणनी त का अ भ न अग ह यह दश क सभी ससाधन पर दशी- वदशी पजी का नय ण कायम करन क साथ ह व तीयकरण स मनाफा लटन क रणनी त का भी ह सा ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क सरकार कस तरह सार पि लक स टर बचन पर आमादा ह और कस तरह हमार जल-जगल-जमीन को दशी वदशी कप नय को स पा जा रहा ह इसस एक और खतरा भी सामन आ रहा ह सार पि लक स टर बचन और प जी को अ धक स अ धक ट स छट दन वाल वकास क रणनी त पर चलन स सरकार क पास आय क ोत या रह जायग इसस एक तरफ तो सरकार पि लक वलफयर क काम पर कछ भी खच करन क ि थ त म नह रह जायगी और दसर तरफ अपन खच क लय वह आमजनता पर लगातार ट स बढाती जायगी और आमजनता क ह जमा पस का इ तमाल करगी यहा ीलका का एक उदाहरण दना शायद समीचीन होगा ीलका उदार करण और व वीकरण क राह पर चलन वाला द ण ए शया का पहला दश था और वहा इसक श आत 1977-78 म ह हो गयी थी वहा इसका असर भी पहल ह आना श हो गया था 2002 म वहा हालात ऐस हो गय थ क सरकार कामकाज क खच क लय सरकार मजदर क ा वडट फड म जमा पस का 98 इ तमाल कर रह थी 2011 म वहा वप न सरकार क खलाफ यह सवाल उठाया था क सरकार अपना कज चकान क लय मजदर क ा वडट फड क पस का इ तमाल कर रह ह ऐसी भी ि थ त पदा हो सकती ह क जनक याण क

काम और शायद म य -अफसर क वदश दौर भी प जीप तय क सीएसआर या दान पर नभर होत जायग यहा पर यह भी उ लख कर दना ज र ह क सरकार का आनलाइन पमट पर जो अ त र त जोर दखाई द रहा ह उसका टाचार नय ण स तो कोई लना दना नह दखाई द रहा ह ल कन उसका उपरो त बात स गहरा र ता ह हर प जीवाद नी त क कई आयाम होत ह और इसक भी कई आयाम ह ल कन हम यहा उसक कछ ह पहलओ को चि हत कर सकत ह

अ) सभी उ योग और ससाधन क नजीकरण और उ योग को सभी कर म छट दन क वकास रणनी त क चलत सरकार अपन खच क लय सफ जनता स ट स वसलन पर ह नभर होती जा रह ह और सभी कर बढाती जा रह ह और नत नय कर भी लगाती जा रह ह यह जानना मह वपण ह क य कर तो साफ साफ दखाई दता ह जस इनकम ट स इस लय उस अभी कम ह बढाया जा रहा ह सबस अ धक कर का बोझ अ य कर क प म बढया जा रहा ह जो साफ-साफ दखाई नह दता और जो सभी पर लाग होता ह चाह उसक आय कतनी भी कम हो हम जो भी सामान बाजार स खर दत ह उसक एमआरपी दाम म भी कर शा मल होता ह और ऊपर स और अ धक ट सलगाय जात ह कसी भी सामान क दाम म कल कर कर ब 44 ट स शा मल होता ह यानी 100 क दाम म 44 पय का कर इसका लगभग

आधा ह सा तो उसक एमआरपी दाम म शा मल होता ह जो हम दना ह होता ह चाह बना बल क खर द हो ल कन कल कर का लगभग आधा ह सा तभी दना होता ह जब दकानदार प का बल द यानी तब दकानदार भी उस कर को सरकार क पास जमा करगा ल कन करोडो गर ब लोग और लाख छोट दकानदार बना प क बल क खर द ब करत ह और इसक चलत सरकार यह कर नह वसलकर पाती ह यह नकद म लन दन पर ह सभव होता ह य द नकद म लन दन को बद कर दया जाय तो हम कर का वह ह सा भी चकान क लय मजबर कर दया जायगा ऐस म यह रणनी त भी सीध सीध गर ब क जब म डाका डालन क लय ह नद शत ह ऐस हालात म जब करोडो लोग क मजदर और आय जीवन जीन क लय पया त न हो तो उनक ऊपर कर का यह बोझ डालना या यायसगत ह और ऐस हालात म य द गर ब लोग यह कर नह चकात ह तो या यह काला-सफद का मामला ह या यह उनक िज दा रहन क ह एक शत नह ह ऐस हालात म जब कारपोरट कप नय को भार पमान पर ट स म छट और ट स चोर क छट द जा रह हो या आम जनता क साथ यह यादती वािजब ह सीएजी क 2016 क एक रपोट क अनसार इनकमट स डपाटमट न ढाचागत काय करन वाल कप नय को गलत तर क 45000 करोड का ट स लाभ दया उसी क एक रपोट क मता बक 7 लाख करोड य कर नह वसला जा सका और उसका 96 अब वसलना सभव नह रह गया ह उसी क एक अ य रपोट क मता बक सफ 2010-11 म कारपोरट कप नय को 88263 करोड पय क कर छट द गयी

आ) इसका एक और मह वपण ल य ह खदरा यापार को दशी- वदशी कारपोरट कप नय क हाथ स पना यह दो तरह स कया जा रहा ह- अ) कप नय क खदरा यापार चन को ो सा हत करना और खदरा यापार को वदशी प जी क लय खोलना ब) आनलाइन खर द- ब को ो सा हत करना कशलश खर द ब को बढावा दना इसी नीयत स कया जा रहा ह यह दो

ल य को एक साथ परा करता ह खदरा यापार को दशी- वदशी प जी क हाथ स पना और लोग को परा ट स चकान क लय मजबर करना आनलाइन खर द ब और रटल चन क ज रय दशी- वदशी प जी एक साथ गठजोड बनाकर म खदरा यापार म आ रह ह और इसन अभी ह खदरा यापा रय क हालत ख ता कर द ह यह वश ध प स व तीयकरण स मनाफ क लट ह ह इसस एक तरफ तो दश क बाजार पर बडी दशी- वदशी पजी क गठजोड का क जा होता जायगा और दश क उ पादक भी उनक य जकडबद म फसत जायग दसर तरफ खदराबाजार म लगी भार आबाद को बरोजगार क सम या झलनी पडगी इसक साथ ह गर ब आबाद को मजबरन महगा सामान खर दना पडगा पदा होन वाल हालात का इसस ह अदाजा लगाया जा सकता ह क अभी क ष क बाद सबस अ धक आबाद खदरा यापारम ह लगी ह ई ह

इ) यह सव व दत ह क कर ब 600-700 कारपोरट कप नया पि लक स टर बक स लाख करोड का कज लकर उस जानबझकर नह चका रह ह सरकार उनस कज वसलन क बजाय उनका कज माफ कर दती ह 2014-15 म कर ब 114 लाख करोड का ऐसा कज माफ कर दया गया 2016 म सफ टट बक आफ इ डया न ऐसी 63 बडी बइमान कप नय का कज माफ कर दया जो कल 7016 करोड पय का कज लकर उस डकार गयी थी इसस अदाजा लगाया जा सकता ह क सभी पि लक स टर बक स कज माफ स कस भार मा ा म सरकार न कारपोरट कप नय को फायदा पह चाया गया होगा मजदार बात यह ह क ऐसा पि लक स टर बक क साथ ह होता ह यानी यह वश ध प स जनता क पस क खल लट ह इस हालात न पि लक स टर बक क हालत ख ता कर द थी और व सरकार क व भ न योजनाओ म नवश करन क हालत म नह रह गय थ बम करण उ ह इस सकट स उबारन क लय कया गया था बक म पसा आना ज र था और बम करण न ऐस करोड लोग को जो खती या छोटा-मोटा बजनस करत ह और हजार पय बक म रखन क बजाय घर म ह और आपसी लन दन म रखत थ और शाद - याह क लय भी हजार -लाख जमा करक घर म ह रखत थ उ ह जबरन बक म पसा जमा करन क लय मजबर कर दया गया ऐसा तो कसी बडी सना क मदद स भी नह हा सल कया जा सकता था जो बम करण क ज रय हा सल कया गया यह कोई काला-सफद का मामला नह था और कसी टाचार स लडन का मामला नह था इसका उ द य था बक म पसा लाना और यह कोई आ चय क बात नह क सफ दो मह न म ह बक पस स लबा लब भर गय यह इसी स जा हर ह क अचानक बक न लोन क याजदर कम कर द और होमलोन और अ य लोन क लय तरह-तरह क क म लकर बाजार म उतर गय यह परा मामला व तीयकरण स मनाफ क लट का सबस घ टया उदाहरण ह

B द नया क तर पर नया म वभाजन और नयी उ पादन यव था

द नया क उ पादन और वतरण यव था म एक नया म वभाजन अि त व म आया ह िजसक दो मह वपण

अग ह

क) उ पादन यव था को ऐसी व व यापी म य खला या व व शोषण खला म सग ठत कया गया ह

िजसम म सघन काम को वक सत दश स वकासशील दश म भजा जा रहा ह जहा भार बरोजगार

ह और मजदर वक सत दश क मकाबल बह त कम ह अलग-अलग स टर म अलग-अलग रणनी त ह

उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा उ योग म इतना ह काफ ह क वहा मजदर कम ह ल कन

इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म यह भी ज र ह क वहा पाट पज बनान और जोडन लायक

तकनीक तर वाल फि या और ऐसा कौशल रखन वाल मजदर क अ छ -खासी तादात मौजद हो

और उनक माल क लय एक बडा और वक सत होता बाजार भी मौजद हो दसर तरफ प जी और

तकनीक सघन काम को वक सत दश म ह नय त रखा जाता ह ता क वकासशील दश क कप नया

परा ोड ट (माल) बनान क तकनीक न हा सल कर सक और अपना ाड न पदा कर सक इसक

अलावा व परा का परा ोड ट एक दश म नह बनाती ह उ पादन क व भ न ह स को कई दश म

बखर दती ह और इसक वजह स कसी भी दश क कपनी क लय परा ोड ट को बनान क तकनीक

हा सल करना और भी मि कल हो जाता ह दसर तरफ इस तर क स उ पादन खला म मौजद कसी

भी दश क कप नय क और मजदर क उनस सौदबाजी क ताकत भी कम हो जाती ह अगर कसी

दश म उनक उ पादन खला म सकट आया तो व वह काम कसी और दश म करा लती ह इस बात

को व एक ह थयार क प म भी इ तमाल करती ह और दशी कप नय और मजदर को प जी क

पलायन का डर भी दखाती रहती ह व त उ च तकनीक वाल पज रसच और डजाइ नग ा डग और

बाजार पर भावी नय ण क ज रय बह रा य कप नया उ पादन खला को पर तरह क ोल करती ह

इसी क ज रय पर उ पादन खला म िजतना भी अ त र त म य या मनाफा पदा होता ह उसका बडा

ह सा व ह थया लती ह स चाई म अ त र त म य का बडा ह सा तो वकासशील दश म ह पदा

होता ह ल कन उ ह उसका बह त छोटा ह सा ह मलता ह उदाहरण क तौर पर हमार दश क उ योग

म जो भी उ पाद पदा होता ह उसम मौजद अ त र त म य का मा 15-20 ह हम मलता ह जब क

उ पादन या पर नजर डाल तो इसस कह अ धक अ त र त म य यहा पदा होता ह ल कन

बह रा य कप नया काम पान क लय वकासशील दश क बीच होड और दश क भीतर कप नय क बीच

होड का इ तमाल करक उ ह कम क मत वीकार करन क लय मजबर कर दती ह उदाहरण क तौर पर

कपडा उ योग इसक अलावा व सबस अ धक म य उन काय पद डाल दती ह जो व खद करती हए

उदाहरण क तौर पर व त रसच और डजाइ नग ा डग माकग िग आ द तथा व पाट-पज जो व खद

बनाती ह इस तरह व अपन उ पाद क पर शोषण खला म पदा होन वाल मनाफ का बडा भाग लट

लती ह

ख) यहा यह बात और साफ कर दना ज र ह उ पादन खला या शोषण खला क मामल म सा ा यवाद

प जी और दशी प जी क तौर-तर क म अब कोई अ तर नह रह गया ह अ धकाश वकासशील दश म

ऐसी कप नया कम ह या नह ह िजनका व व तर का ाड हो या व व तर पर काम करती ह

ल कन जहा कह ऐसा ह जसा क भारत और चीन म कछ ऐसी कप नया ह तो व भी ठ क उसी तरह

अ य दश म अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय स मनाफ क लट करती ह इतना ह नह

दशी ाड भी दश म उसी तरह क उ पादन खला क ज रय मनाफ क लट करत ह और उ पादन

खला म हर ऊपर वाल कपनी अपन स नीच वाल कपनी स उसी तरह मनाफ क लट करती ह ाड

हमशा अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय पर अपन उ पाद क क मत कम करन क लय दबाव

बनात रहत ह और कप नया क मत कम करन तथा अपन लय भी अ धक स अ धक मनाफा स नि चत

करन क लय मजदर का शोषण अ धक स अ धक बढाती जाती ह

ग) प जी ख टा म त ख ला साड हो गयी ह नयी व व यव था म प जी क अवागमन पर कोई नय ण नह

ह यह उपरो त म वभाजन को प ता और स थागत प दती ह द नया म कह भी कसी भी तरह

क वषम प रि थ त आन पर या द नया क कसी अ य ह स म अ धक मनाफ क सभावना होन पर

यह कभी भी दसर दश म पलायन कर सकती ह यहा तक क दश क भीतर भी कसी एक ह स स

दसर ह स म भाग सकती ह इस मामल म भी दशी और वदशी प जी म कोई अ तर नह रहा और

यह दोन पर ह लाग होता ह प जी का इसस कोई लना दना नह रहा क इसस दश क अथ यव था

या मजदर क जीवन-मरण पर या असर पडता ह गौर करन क बात यह ह क वा त वक पलायन स

अ धक पलायन क धमक को एक ह थयार क प म इ तमाल कया जाता ह

C द नया क नयी स ता यव था

नयी व व यव था को सचा लत करन क लय नयी व व स थाए बनायी गयी ह जो व व सरकार जसा काम करती ह और उनका कानन दश क कानन स ऊपर हो गया ह उदाहरण क तौर पर व व यापार सघ वा त वक प म इन स थाओ को सा ा यवाद दश ह सचा लत ह इसका अग बनन क बाद दश क सरकार ऐसी कोई नी त या कानन नह बना सकती जो व व यापार सघ क नी त या कानन का उ लघन करता हो इन स थाओ क पास यह शि त भी ह क कोई दश य द उनक कानन का उ लघन कर तो उस द डत कया जा सक उदाहरण क तौर पर जन हत म यह ज र हो सकता ह क अपनी क ष और खास उ योग को सि सडी दकर और दश का बाजार उनक ि लय आर त करक उनक वकास को ग त द जाय या जनता को स ता माल उपल ध कराया जाय ल कन यह व व यापार सगठन क कानन का उ लघन हो सकता ह य क यह वदशी प जी क साथ भदभाव होगा इस ि थ त स लोकत क लय ह एक खतरा पदा होता दखाई द रहा ह य क य द चनी ह ई सरकार म यह शि त न रह जाय क व जनता क हत म कानन और नी तया बना सक तो सरकार चनन क अ धकार का भी कोई मतलब नह रह जाता मजदार बात यह ह क आइएलओ और सय त रा सघ क अ य व व स थाए जो मजदर क अ धकार और मानवा धकार क लय कानन बनाती ह उनको ऐसी शि त नह द गयी ह क मजदर क अ धकार या मानवा धकार क उ लघन पर व कसी दश को द डत कर सक सय त रा सघ म आजकल बह रा य कप नय क ग त वधय क लय कछ मानदड बनान क बात चल रह ह ल कन अ धक जोर और अ धक वीक त इसी पर दखाई द रह ह क इ ह

बा यकार कानन का दजा न दया जाय

अब हम यह दखन को शश कर क उपरो त प रि थ तय म मजदर वग और मजदर आ दोलन को कन

सम याओ का सामना करना पड रहा ह

i) प र मजदर वग को एक रजब आम म त द ल कर दना

प जी क आवागमन पर कोई नय ण नह ह उसक लय द नया वा तव म एक गाव बन चक ह ल कन

मजदरवग क आवागमन पर परा नय ण ह यह प रि थ त एक प म पर द नया क मजदरवग को एक रजब

आम यानी एक ऐसी आर त फौज म त द ल कर दता ह िजस प जी जब चाह इ तमाल कर जब चाह बरोजगार

छोड द हम पहल ह चचा कर चक ह क प जी जब चाह पलायन कर सकती ह कछ उ योग तो ऐस ह िजनम

चद दन या चद घट म ऐसा हो सकता ह जस कपडा उ योग इसम थाई प का कोई प जी नवश या

उ पादन का कोई ल बा का ट सामा यत होता ह नह इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म भारत जस

दश म जहा एक बडा बाजार ह उ ह अपना असब लग लाट लगाना पडता ह इस लय भागना इतना आसान

नह होगा ि फर भी बह त अ धक समय नह लगगा य हालात प जी क साथ शि त सतलन म मजदर वग को

कमजोर ि थ त म डाल दत ह रोजगार खोन का डर मजदर क लडाई को कमजोर करता ह दसर तरफ प जी

क पलायन क डर स सरकार मजदर क आ दोलन का बबरता स दमन करन पर आमादा हो जाती ह और

मजदर क हक क परवाह कय बना कप नय क हत क हफाजत करती ह

मजदरवग इस ि थ त को तभी बदल सकता ह जब प जी क इस तरह क आवागमन को रोक सक और यह सफ

तभी सभव ह जब अ) मजदर क दश यपी सघष क ज रय ऐस मकानन क लय सघष जो मजदर को थाई

ह सयत म रोजगार दन क बा यता पदा कर सक वदशी प जी क लय दश म उ पादन क लय ल ब समय क

का ट या समझौत क शत लाग कर सक और छटनी और तालाबद पर मजदर क मआबज क रा श म

बढो तर कर सक इसस प जी क लय बार-बार पलान क रणनी त महगी सा बत होगी ब) मजदर क

अतररा य एकता जो मजदर वरोधी पलायन क रणनी त पर चलन वाल प जी को द डत करन क लय उसक

बाजार को भा वत कर सक स) मजदर क अतररा य एकता जो इस तरह पलायन करक आन वाल प जी को

अपन दश म उस न आन द द) मजदरवग एक ऐसी सरकार लान म कामयाब हो जाय जो प जी क ऐस पलायन

को असभव बना द और य) अतररा य तर पर ऐसी नी तय क लय सघष जो मजदर क कसी भी दश म

आवागमन को खल छट द सक

ii) असग ठत मजदर क शोषण को स थागत प दना और समाज क समची ज रत क उ पादन त

को व व शोषण खला म समट लना

आज असग ठत (इनफामल स टर) क हालात पर बडा सयापा होता ह ल कन अगर हम गहराई म दख तो

यह सब उनक हालत सधारन क बजाय उनक शोषण को स थागत प दता दखाई दता ह इस तथाक थत

इनफामल स टर म तीन तरह क लोग आत ह अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोग छोट इकाइय

म लग अ थाई मजदर और फि य म लग तरह-तरह क अ थाई मजदर वरोजगार म लग लोग और

मजदर क सम याए ब कल अलग ह और अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोगो क सम याए भी

अलग-अलग ह और इनक सम याओ का समाधान भी अलग-अलग ह अगर वा तव म इ ह सकट स बाहर

नकालना हो तो अलग-अलग स टर म इनक वशष सम याओ क मता बक वशष नी तगत समाधान दना

होगा वा तव म यह बह त ज र भी ह य क अगर इनक सकट का समाधान हो जाय तो बराजगार क एक

तहाई सम या का समाधान हो सकता ह ल कन ऐसा करन क बजाय उन सबको मलाकर एक इनफामल

स टर बनान क पीछ एक ह बात हो सकती ह क उनक सकट का समाधान करन क कोइ मशा ह नह ह

उनक लय ऐसी सामािजक सर ा का ावधान कया जाता ह िजसस व कम स कम िज दा रह सक हाला क

यह सब भी पर तरह कागजी ह दखाई दता ह और यह नी तया कह लाग होती नह दखाई दती

दरअसल यह नयी व व यव था और नय म वभाजन क रणनी त का ह एक अग लगता ह

क) उ योग क व व यापी उ पादन या शोषण खला पर गौर कर तो यह खला छोट इकाइय और घर

म काम करन वाल मजदर तक जाती ह और अ त र त म य क एक अ छndashखास ह स का उ पादन

इन असग ठत मजदर वारा कया जाता ह यह सबस कम मजदर म काम करन वाल और सबस

असर त मजदर ह और उ पादन क नयी यव था म दशी- वदशी पजी क लय बह त बड मनाफ का

ोत ह

ख) नयी उ पादन यव था म प जी क सबस बडी ताकत और रणनी त ह उसका ख टा म त होना और कभी

भी पलायन करन क आजाद ल कन य द उ योग म सभी या अ धकाश मजदर थाई ह तो या यह

उतनी आसानी स सभव हो सकगा य द मजदर थायी ह ग तो उनक य नयन भी होगी और मजदर

क लडन क ताकत भी अ धक होगी और व प जी को इतनी आसानी स पलायन नह करन दग दसर

बात य द मजदर थायी ह ग तो प जी को पलायन काफ महगा भी पडगा य क थाई मजदर क हक

को चकता करन म काफ पसा लगाना पडगा और इस लय वह बार बार पलायन क रणनी त नह

इ तमाल कर सकती

ग) नयी उ पादन यव था म कई म उदाहरण क तौर पर कपडा उ योग म फि या आडर पर काम

करती ह और ाड कोई सालाना का ट भी नह करत आडर कभी कम होता ह कभी यादा और कभी

ब कल नह ऐस म अगर थायी मजदर ह ग तो उ ह बार-बार ल-आफ दना पडगा और फि या यह

क मत ाड स वसलगी ऐस म नयी उ पादन यव था म अ थायी मजदर उनक मनाफ का ोत ह

घ) असग ठत म सकट त मजदर क भार फौज एक रजब आम क तरह काम करती ह और

उ योग म मजदर क स लाई को माग स हमशा ऊपर बनाय रखती ह और इसक वजह स मजदर को

हमशा नीच क ओर धकलती रहती ह

ङ) नयी व व यव था क रणनी त यह दखाई दती ह क बडी प जी उन असग ठत को नगल जाय

जहा सीध मनाफा लटा जा सकता ह और अ य असग ठत त को स त म क लट क लय अपनी

उ पादन-शोषण खला म बाध लया जाय उदाहरण क तौर पर रटल यापार और व त स लकर

जलाप त तक क कई अ य सवा स वरोजगार व छोट इकाइय को ख म करक को व पर तरह

क जान म लगी ह ई ह और दसर तरफ स त म क लट क लय उ पादन क म खती व

उ योग म वरोजगार म लग मजदर व छोट इकाइय को अपनी उ पादन खला म समटन क

को शश कर रह ह यहा यह गौर करन क बात ह क आज सरकार क छोट उ योग को बढावा दन

क नी त को उदार करण स पहल वाल प रि थ तय क नगाह स नह दखा जा सकता ह आज यह

उन उ योग पर ल त ह जो दशी- वदशी पजी क उ पादन खला स जड ह ए ह और इस लय परो

प स यह दशी- वदशी बडी पजी क भी मदद ह

जमीनी तौर पर मजदर आ दोलन क सबस बडी रणनी तक सम या और सबस बडी चनौती शायद इसी सवाल

स जडी ह ई ह हर उ योग म भार अनपात म अ थायी मजदर क स या बढन क कारण फ तर पर

य नयन और साम हक सौदबाजी मि कल हो गयी ह यह कछ तर तक वह भावी हो पा रह ह जहा बडी

इकाइया ह और जहा एक खास अनपात म द मजदर को बनाय रखना ज र ह उदाहरण क तौर पर मोटर-

गाडी बनान क उ योग ल कन जहा ऐसी ज रत नह ह और इस लय जहा शायद ह कोई थायी मजदर रखा

जाता ह वहा तो य नयन और साम हक सौदबाजी असभव ह हो गयी ह उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा

उ योग छोट उ योग और वरोजगार म लग लोग को सग ठत करन का सवाल तो एक अलग ह चनौती ह

और इस दशा म तो कोई बडी पहल ह नह दखाई दती ह

मजदर आ दोलन क सम य सम याए और चनौ तया वा त वक ह ल कन ऐसा लगता ह क सकट सफ इन

सम याओ स पदा नह हआ ह सकट का मल व प वचा रक ह और इस सवाल स जडा हआ ह क मजदर

आ दोलन इन सम याओ का कोई भावी समाधान नह तत कर पा रहा ह हम इसक चचा अगल ह स म

करग

iii) म कानन म बदलाव

मकानन म क सरकार और रा य सरकार वारा जो बदलाव कय गय ह या ता वत ह उनस म कानन का ऐसा ढाचा उभरकर सामन आता ह जो मलत चार स तर म वभािजत ह और यह व वशोषण खला क अन प ह

9 स कम मजदर वाल इकाइया इनक लय कोई म कानन ता वत नह ह उ ट घरल उ योग म बाल म क शोषण क छट द द गयी यहा यह यान म रखना ज र ह क यह व वशोषण खला का सबस नचला और सबस असर त तर ह जहा मजदर क भार आबाद को बहद कम मजदर म और वा य क ि ट स खतरनाक ि थ तय म काम करना पडता ह

9-39 मजदर वाल इकाइया इ ह कारखाना कानन स बाहर कया जा रहा ह और एक नय कानन लघ कारखाना कानन म शा मल करन का ताव ह 9 स कम वाल स तर और 9-39 वाल स तर म ह उ पादन क अ य धक म सघन याओ का बडा ह सा सप न कया जाता ह और शोषण खला क अ त र त म य का अ छा-खासा ह सा यह पदा होता ह 9-40 वाल इकाइय म मजदर को बह त सार अ धकार स व चत कया जा रहा ह और नाम मा ह हक उ ह मलन ह

इ ह अब 9 क जगह 19 म कानन स सब धत द तावज बनान और म वभाग म उनक पालन सबधी रटन फाइल करन म छट द द गयी ह

इनम 14 कानन लाग नह ह ग िजनम औ यो गक ववाद अ ध नयम और कारखाना कानन भी शा मल ह उन कानन क सफ कछ ावधान को ता चत लघ उ योग कानन म शा मल कया गया ह

ठका मजदर ( नयमन और खा मा) कानन इनम लाग नह होगा राज थान क कानन म अब यह 50 या अ धक मजदर वाल इकाइय म ह लाग ह (मल म 20 या अ धक पर लाग)

नय मत मजदर क छटनी करन पर 1 माह का नो टस और िजतन साल काम कया ह हर साल क लय 15 दन का मआवजा दना होगा ल कन इसक नौबत ह नह आयगी य क यह ावधान एक साल नय मत स वस पर होन पर ह यह लाग होता ह और ऊपर उदधत कानन म

छट का फायदा उठाकर नयो ता कभी साल भर क स वस पर ह नह होन दग

ईएसआई और पीएफ कानन लाग नह होगा और यहा ईएसआई और पीएफ क जगह दो नयी ाइवट स टर क क म लाग होगी और इसम मजदर को दोन क लय वतन का 10-10 तशत

हर मह न दना होगा काय थल पर भौ तक और रासाय नक सर ा सबधी कोई ावधान नह सफ इतना ह क जहा

खतरनाक या हजाडस चीज का इ तमाल होता होगा वहा कारखाना कानन लाग होगा च का ावधान वह लाग होगा जहा 20 या अ धक म हलाए काम करती ह और उनम स कम

स कम एक का 6 साल स कम का छोटा ब चा हो इसस प ट ह क इस कानन को कोई मतलब नह रह गया

तीन माह म ओवरटाइम काम क घट क सीमा 50 स बढाकर 96 घट क जा रह ह

लघ उ योग कानन म हडताल या हडताल क अ धकार का कोई उ लख ह नह ह एक ऐसा ावधान ह क य द 10 या अ धक मजदर बना नो टस दय एक साथ गरहािजर ह ग तो नयो त

उनक वतन स 8 दन क मजदर काट सकता ह 40 स 299 तक क इकाइया

इनम बना सरकार स अनम त लय छटनी या तालाबद क जा सकती ह

इनम छटनी क लय मजदर को 1 माह का नो टस और मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स हाला क इसक नौबत आयगी ह नह य क यह एक साल क स वस पर होन पर ह लाग होता ह और आजकल उ योग म हालात ऐस ह क हर छह मह न म कागज पर मजदर क नयि त नयी बना दत ह सी मत अव ध का ट का कानन लाग होन क बाद तो नयो ता कसी क भी एक साल क नय मत स वस पर ह नह होन दगा इस अभी कपडा उ योग म लाग कया ह ल कन ज द ह अ य म भी लाग हो सकता ह ऐस हालात म कोई ईएल भी नह पा सकगा और यट दन क नौबत तो कभी आयगी ह नह

ईपीएफ पशन क जगह नयी पशन क म िजसम प रवार लाभ शा मल नह होगा यह शयरबाजार स जडी होगी-और ाइवट कप नय क मनाफा कमान का ज रया बन जाएगी

ईएसआई अ पताल क नजीकरण का ताव जो प र वा थ सवाओ क नजीकरण क योजना का ह एक अग ह

पीएफ को ट स क दायर म लाना पीएफ म शा मल होन को व क बनाना और नयो ता क ओर स पीएफ म जमा कय जान

वाल भाग को सरकार क ओर स दया जाना

नयो ता वारा दय जान वाल पीएफ क भाग को मजदर म शा मल मानना िजसस मजदर बढ ह ई दख और मजदर क असल हालत पर पदा पड जाय

हजाडस कारखान क ल ट को हटाना और सफ हजाडस क एक प रभाषा दना इसस कसी भी कारखान को हजाडस घो षत करवाना बह त मि कल होगा और या काफ ल बी हो जाएगी

म हलाओ को रा पाल म अनम त

तीन माह म ओवरटाइम काम क सीमा बढाकर 115 घट करना (अभी 50 ह)

ड य नयन बनान क लय ज र सद या स या 7 स बढाकर 10 या 100 करना

डय नयन म बाहर सद य पर रोक सफ असग ठत म 2 सद य बाहर क हो सकत ह ड य नयन क मा यता क लय कसी ावधान का ताव नह

हडताल क लय जो क ठन कानन आव यक सवाओ पर लाग था उस सभी पर लाग करन का ताव यानी काननी तौर पर हडताल लगभग असभव गरकाननी हडताल क लय मजदर पर

और तालाबद क लय कारखाना मा लक पर एक ह फाइन-50000 स एक लाख 50 या अ धक मजदर कजअल छटट लकर गरहािजर ह तो यह भी गरकाननी हडताल

ववाद को कोट क बाहर सलझा लन का ावधान और आव यक सवाओ म 2 साल तक हडताल पर तबध (गजरात)

बोनस रा श नधारण क जाच क लय डय नयन नयो ता स कारखान क बलस शीट अब नह माग सकगी

कारखान क इ प शन क लय लबर इ प टर को पहल उ चा धका रय स अनम त लनी होगी और इ प टर क भ मका अब कानन का उ लघन करन वाल पर कारवाई करन क बजाय उ ह कानन का पालन करन म मदद करन क होगी

100 या अ धक मजदर वाल इकाइया ट डग आडर का कानन अब 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय म लाग होगा यह अभी कई

रा य म 50 या अ धक पर लाग होता ह अ य ावधान वह जो 40 स 299 मजदर वाल इकाइय पर लाग 300 या अ धक मजदर वाल इकाइया छटनी या तालाबद क लय सरकार क अनम त ज र

मजदर को 3 माह का नो टस मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स

अ य ावधान वह जो 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय पर लाग मकानन म बदलाव क उपरो त दशा स दो बात प ट होती ह अ) यह कप नय क लय म लागत को

कम स कम करन मजदर को जब चाह काम पर रखन और नकालन क पर छट दन मजदर क हत क

अनदखी करन और मजदर क य नयन बनान और साम हक सौदबाजी करन क मता को ख म करन या कम

स कम करन क दशा म कि त ह और ब) उ योग म शोषण खला का जो ढाचा उभर रहा ह यह उसक

अन प ह एक तरफ छोट इकाइया ह जहा अ धकतम 50 मजदर तक काम करत ह और जहा अ धकाश म

सघन काम सप न होता ह और अ त र त म य का बडा ह सा पदा होता ह दसर तरफ बडी इकाइया ह जहा

100 स 300 तक मजदर काम करत ह और सबस ऊपर थोडी सी ऐसी इकाइया ह जहा 500 स अ धक मजदर

काम करत ह आकड क अनसार पछल 10-12 साल म 10 स 99 मजदर वाल इकाइय का अनपात काफ

घटा ह और दसर तरफ 10 स कम वाल इकाइय और 100-499 वाल इकाइय का अनपात बढ गया ह

दरअसल 10 स कम वाल अ धकाश इकाइया वा तव म 40-50 मजदर को काम पर लगाती ह ल कन कारखाना

कानन स बचन क लय 10 स कम मजदर ह दखाती ह इ ह क सम या को हल करन क लय लघ उ योग

कानन लाया जा रहा ह सार प म इन ता वत कानन स शोषण खला का ढाचा इस प म उभरता दखाई

दता ह अ) घर म काम करन वाल मजदर और 10 स कम वाल इकाइया ब) 10-39 वाल इकाइया स) 40-

299 वाल इकाइया और द) 300 या अ धक वाल इकाइया

iv) प जी का मजदर और जनता पर सवतोमखी नय ण

कोई वग कसी दसर वग पर अपनी स ता सफ दमनत क ताकत क ज रय लब समय तक कायम नह रख

सकता ह शासक वग को शा षत जन म अपनी स ता क कसी न कसी प म एक तर क वीकायता

बनानी पडती ह और अगर वह ऐसा करन म कामयाब नह होता तो उसक स ता भी अ धक समय तक कायम

नह रह सकती ह प जीवाद समाज क लय यह और भी अ धक सच ह पजीप त वग मजदर और आमजन क

वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण कायम करन क को शश करता ह और य द मजदर वग

उस इस पहल पर कोई भावी चनौती नह द पाता ह तो मजदर वग पजी क खलाफ कोई भी भावी सघष

खडा कर पान म सफल नह हो सकता ह प जीवाद समाज म यह वग सघष का एक ब नयाद और मह वपण

पहल ह नयी व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह ल कन

मजदर आ दोलन इस पहल को अ सर नजरदाज करता रहा ह और उस वग सघष क एक ब नयाद पहल क प

म मह व नह द सका ह शायद यह आम जनता क वचार और जीवन पर प जीप त वग क बढत नय ण और

उसको कोई भावी चनौती न द पान क हमार कमजोर का भी एक भाव ह क आज इतन भीषण सकट क

बावजद जनता क ग स का कोई बडा वत फत व फोट नह दखाई दता ह यहा हम सार प म मजदरवग

पर प जीप तवग क नय ण क रणनी त क कछ पहलओ क चचा कर सकत ह

आमजन क वचा रक मानस म प जीप त वग व भ न मा यम स यह लगातार था पत करन क

को शश करता ह क प जीवाद का कोई वक प नह ह नजीकरण और बाजार करण क व तार क साथ

प जीवाद दायर स बाहर कसी अलग जीवन णाल क लय कोई जगह नह रह जाती जो इस वचार को

मजबती दता ह और दश-द नया म कोई वक प नजर न आन स इस उनक वचार मानस म प ता

बनान म मदद मलती ह जीवन क हर ज रत क लय प जीवाद पर पर तरह नभरता और उसस

बाहर नकलन का कोई रा ता न दखाई दन स प जीवाद को वीकार करना एक मजबर भी हो जाती ह

ऐसा ोपागडा बड पमान पर कया जाता ह क प जी क वकास स ह दश को और जनता का वकास हो

सकता ह प जी का वकास होगा तो रोजगार पदा होगा प जी का वकास होगा तो स वधाओ का वकास

होगा प जी का वकास नह होगा तो दश का और जनता का भी वकास क जाएगा और इस लय य द

कोई ऐसी बात करता ह जो प जी क वकास क खलाफ हो तो वह दश का और जनता का द मन ह

आ द आ द

प जीवाद काय थल मजदर को यह अहसास दलाता ह क मजदर और प जीप त दोन का अि त व जडा

हआ ह और मजदर क बहतर क लय प जीप त क बहतर ज र ह नय दौर का सारा प जीवाद

बधन शा और पदा ह ई बधन तकनीक का अमल इस वचार को मजबत बनाता ह रोजगार खोन

का डर भी एक तरह स प जीवाद को वीकार करन क मजबर बन जाती ह

ोपागडा यह नयी व व यव था का एक बह त मजबत और भावी ह थयार ह मी डया स लकर कल -

कालज व व व यालय और शोधस थान तक को भी इसका अग बना दया गया ह इसक ज रय झठ

को सच क तरह पश करना या स य क सफ एक पहल को ह दखाना इ तहास को वकत प म पश

करना म फलाना प जीवाद का म हमामडन करना जो प जीप त वग क हत क खलाफ ह उन वचार

और लोग को बदनाम करना ढ ग पाखड को साइस क तरह पश करना और पछडी चतना को बढावा

दना भडकाऊ झठ खबर बनाना और भडकाऊ कारवाइया करना आ द इनका सबका दायरा बह त व तत

ह यह माल को बचन क लय उनका फायदाबतान वाल झठ रसच स लकर समाजवाद और

समाजवा दय को बदनाम करन क लय झठ घटनाए पदा करन तक का काम करत ह मी डया पर बडी

प जी का पर तरह इजारा कामय हो जान क बाद जनता क पास कोई वकि पक सचनात ख म हो गया

ह और इसक वजह स प जीवाद ोपागडा और अ धक भावी हो गया ह इस हालात न मजदर वग क

सघष क भाव को भी काफ कम कर दया ह दश क कसी शहर म लाख लोग सडक पर आ दोलन

करत ह ल कन पास पडोस क इलाक क लोग को भी इस आ दोलन का पता नह चल पाता यहा तक

क द ल आकर हजार लोग दशन करत ह और द ल क लोग को भी पता नह चलता कह लाख

लोग सघष म जान द रह होत ह ल कन मी डया उ ह यह मानन को मजबर कर दता ह क व पागल ह

या आतकवाद ह और मजदार बात यह ह क लोग एक मनट क लय यह नह सोच पात क व लाख

लोग जो सघष म अपनी जान द रह ह उनक कोई बहद वािजब सम या भी हो सकती ह और यह क

मी डया सफद झठ बोल रहा ह

मजदर वग को वभािजत करन और भटकान क रणनी त प जी क म वरोधी ोपागडा क एक

मह वपण रणनी त ह मजदरवग क भीतर क अतर वरोध को तीखा करना और उ ह एक दसर क वरोधी

क प म तत करना उदाहरण क तौर पर जा त का सवाल धम का सवाल और लगभद का सवाल

और इसक साथ-साथ मजदर क व भ न स तर म अतर वरोध का सवाल उदाहरण क तौर पर

असग ठत ा क मजदर और सग ठत क मजदर कपनी मजदर और ठका मजदर थाई और

अ थाई मजदर ाइबट व पि लक स टर क मजदर आ द इसक बह त सार अ य मह वपण आयाम भी

ह ल कन बात इतन स प ट हो जाती ह इसक साथ ह मजदर आ दोलन म ऐसी रणनी तय को

ो सा हत करना जो सतह पर मजदर क हत म दखती ह ल कन व तत या तो मजदर वरोधी होती

ह या उस बस ऊठक-बठक करन म य त कर दती ह उदाहरण क तौर पर असग ठत मजदर क लय

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

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Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Some Reflections on Crisis of the Left in India Marxism 21 Forthcoming

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Page 8: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

वाम राजनी त क साथ का स क उस दौर क मोच और उस दौर क प जीवाद आ थक-राजनी तक रणनी त को

इसी नज रय स दखा जा सकता ह एक तरफ उस दौर म तलना मक तौर पर सा ा यवाद वरोधी सामतवाद

वरोधी और अप ाकत अ धक जनप धर आ थक-राजनी तक नी तय पर अमल हआ और दसर तरफ इसी दौर

म पजीप तवग का सबस अ धक मजदर वरोधी जनत वरोधी और क य न ट वरोधी दमनकार च र भी

उभरकर सामन आया यह दोन चीज ब कल अ तर वरोधी नजर आती ह ल कन तथाक थत रा वाद प जीप त

वग का च र इतना ह अ तर वरोधी होता ह यहा हम उस दौर म इ दरा गाधी सरकार क मजदर वरोधी

जनत वरोधी व क य न ट वरोधी दमनकार च र क बार म अ धक व तार म नह जाएग य क यह हम

सभी अ छ तरह जानत ह सफ इतना ह कहना काफ ह क 1975-77 क दौरान 40 हजार रानी तक कद

अकल पि चमबगाल म थ और उनम स अ धकाश न सलवाडी समथक ा तकार वाम कायकता थ ल कन उस

दौर म अि त व म आय कछ मह वपण कानन और नी तय का उ लख ज र ह उदाहरण क तौर पर

अ) उदार करण क दशा म उठाए गय कदम को वापस लना बक -कोयलाखदान -तीन बडी वदशी तल

कप नय और 111 बीमार कपडा मल और जट मल का रा यकरण पि लक स टर का तजी स

व तार पहल स अ धक आ थक को लघ उ योग क लय आर त करना एमआरट पी और फरा

कानन आ द

आ) औ यो गक ववाद अ ध नयम म ससोधन और 300 या अ धक मजदर वाल कप नय म छटनी-

तालाबद स पहल सरकार स अनम त लन क बा यता

इ) स वदा म उ मलन व व नयमन अ ध नयम 1970

ई) भ म सधार कानन 1973 और ीवी पस का खा मा

उ) खती क लय ज र ढाचागत ससाधन का वकास और दश म उन उ योग का वकास जो खती क

लय ज र ह खा य आ म नभरता पर अ त र त जोर

ऊ) रा यताओ क आनदोलन को शा त करन क लय रा य का पनगठन आ द और भाषा ववाद

को शा त करन क लय ह द क साथ अ जी भाषा को भी सरकार भाषा का दजा दना

ऋ) गट नरप आ दोलन म अ णी भ मका यि लयर ट ट करना और यि लयर शि त सप न

दश का दजा हा सल करना जो सा ा यवाद शि तय क हमल क सभावना कम कर दता ह

हम पहल ह उ लख कर चक ह क का स क भीतर और बाहर द णपथी राजनी तक ताकत इस तरह क

सामतवाद वरोधी और सा ा यवाद वरोधी नी तय क प म नह थी ल कन उस समय उनक ताकत इतनी

नह थी क व कोई नणायक ह त प कर पाती ल कन इ दरा गाधी सरकार क दमनकार नी तय और उसक

बाद इमजसी काल क दमनकार रा य न राजनी तक शि तसतलन बदल दया जो भी समाजवाद शि तया उस

समय द णपथ क खलाफ का स क साथ खडी थी व भी उसक वरोध म चल गयी और समय वशष क

प रि थ तय म आपातकाल क खलाफ द णपथी ताकत क साथ मोचा बनान पर मजबर हो गयी द णपथी

ताकत न इसका फायदा उठाया और उनक ताकत बढ ल कन ि फर भी इ दरा गाधी क मौत स पहल व कभी

भी ऐसी नणायक ताकत नह बन सक क उपरो त नी तय म बदलाव ला सक

इ दरा गाधी क मौत क बाद प रि थ तया तजी क साथ बदल यह एक ऐसा दौर था जब समाजवाद खम का

घो षत तौर पर पतन हो गया और सो वयत स का भी पतन हो गया तीसर द नया क दश क लय

गट नरप नी त पर चलन म समाजवाद खम क मदद या उसका मौजद होना भी एक मह वपण त व था

उसक पतन क बाद प रि थ तया बदल गयी दसर तरफ यह एक यापक सा ा यवाद वचा रक हमल का भी

दौर था और उसक ोपागडा का सबस मह वपण क व द था--उदार करएा और व वीकरण का कोई वक प

नह ह न ब क दशक म हमार दश म इसका असर दखाई दन लगा और तजी क साथ सभी राजनी तक

पा टय म इस पर एक आम सहम त सी बनती गयी यह अभी भी एक रह य ह ह क कछ ह साल म ऐसा

कस तरह और कस हआ क लगभग सभी ससद य पा टय क नी तय म कम स कम यावहा रक प म एक

समानता वक सत हो गयी और उ ह न उदार करण और व वीकरण क नी तय को एक हद तक वीकार कर

लया मलत इसी आधार पर क इसका कोई वक प नह ह यवहार म और काफ हद तक स धा त म भी

यह ससद य क य न ट पा टय म भी दखाई दता ह उदार करण क रा त पर गाडी क आग बढन क साथ ह

प जीप तवग क भीतर वचा रक-राजनी तक अ तर वरोध ख म होत दखाई दत ह प जीवाद पा टय क नी तय म

ऐसी समानता पदा हो गयी क अब वचा रक-राजनी तक तौर पर उ ह प जीप त वग क अलग-अलग ह स का

त न ध व करन वाल पा टय ( यापा रय क पाट धनी कसान क पाट आ द) क प म दखना सभव नह

रहा

यहा भारत पा क तान और बागलादश क प रि थ तय म एक अजीब समानता दखाई दती ह इ दरा गाधी क

काल म ह पा क तान म जि फकार अल भ टो और बागलादश म शख मजीबरहमान क नत व म उसी तरह

क नी तय पर अमल हआ तीन ह अपन दश म लोक य नता थ आ चय क बात ह क तीन ह मार गय

और लगभग एक ह काल म तीन जब तक िज दा थ सा ा यवाद नी तय का वरोध करत रह और तीन क

मौत क बाद ह उनक दश क अथ यव थाए उदार करण क ओर आग बढ (पा क तान म भ टो का

त तापलट 1977 और उ ह फासी 1979 मजीबरहमान क सरकार का त तापलट और उनक ह या 1975

इ दरागाधी क ह या 1984 और इसी कालखड म इडोन सया म त तापलट 1967 चल म त तापलट 1973)

दश-द नया क इन बदल ह ई प रि थ तय म 1986 म उ व राउड क वाताए श ह और 1995 म व व

यापार सगठन क थापना ह ई और यह एक नयी व व यव था क नीव थी

2 नयी व व यव था का राजनी तक-आ थक व प और मजदर आ दोलन क

चनौ तया

द नया क राजनी तक आ थक यव था म जो सबस मह वपण बदलाव ह ए ह और उसस मजदर आ दोलन क सम जो चनौ तया उपि थ त होती ह उ ह न न ल खत प म चि हत कया जा सकता ह

A प जी का अ धकाश ह सा-- व तीयकरण स मनाफ क लट हम पहल ह उ लख कर चक ह क प जी तभी पजी होती ह जब उसका व तार होता रह उसका नवश होता रह और वह मनाफा कमाकर छोट स बडी प जी बनती रह य द उसका व तार क जाय तो वह पजी क प म िज दा ह नह रह सकती ह प जी दो तरह क होती ह उ पादक प जी जो उ पादन म लगकर और अ त र त म य पदा करक मनाफा कमाती ह और व तीय प जी जो बना उ पादन म लग और बना अ त र त म य पदा कय सदखोर और स टाबाजार क ज रय मनाफा कमाती ह इस दसर प जी को परजीवी प जी कहा जाता ह य क अ त र त म य तो सफ उ पादक प जी ह पदा करती ह उ पादन क अलावा िजतन भी अ य ह उदाहरण क तौर पर ब कग-बीमा-शयर और स टा बाजार-म ाबाजार-जमीन जायदाद का बजनस यापार और अ य सवाए कोई अ त र त म य पदा नह करती ह आप इसी स समझ सकत ह क म ा जमीन या शयर क दाम खर द और बकवाल स अचानक बढ जात ह और घट जात ह और इस खर द बकवाल स कोई अ त र त म य तो पदा होता नह तो ि फर यह मनाफा आता कहा स ह व तीय प जी क इस मनाफ क दो ह ोत हो सकत ह-उ पादक प जी वारा पदा कय गय अ त र त म य म स लटकर (यानी प जीप त वग क बीच क गलाकाट तयो गता) या ि फर मजदर क जब काटकर या समाज को लटकर आज क दौर म जब अ धकाश उ योग म चद दशी- वदशी प जीप तय क इजारदार कायम हो चक ह व तीय प जी स पदा होन वाला मनाफा मजदर और आम जनता क लट स ह आता ह दश और द नया क अथ यव था म इस परजीवी प जी का ह सा बढना यानी उ पादक प जी का ह सा घटना एक सकट और खतर क घट माना जाता ह और जब इस पजी का ह सा थाई तौर पर बढा हआ दखाई द तो इसका मतलब सकट भी थाई हो चका ह द नया क तर पर दखा जाय तो हालात काफ पहल स ह खतरनाक ि थ त पर पह च चक ह दश क तर पर दख तो इस समय जीडीपी म सवा का ि ह सा अब 60 पह च चका ह और इस सवा का अ धकाश ह सा व तीयकरण स मनाफ क लट ह ह

मजदर वग पर इसका बहआयामी भाव पडता ह यह दखना मजदार होगा क अब जीडीपी वकास दर का रोजगार वकास दर स नाता टट गया दखाई दता ह इसका म य कारण यह ह क जीडीपी क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह दसर बात बार-बार आ थक सकट का आना और इसक वजह स बार-बार रोजगार सकट पदा होना और महगाई का बढत जाना इन सबका व तीयकरण स गहरा र ता ह अब वकास का माडल ह बाहर नवश और बाहर मदद पर आधा रत हो गया ह बाहर मदद और कछ नह याज पर लया जान वाला कज ह और इसक ज रए हमार दश म पदा होन वाल सपदा का एक बडा ह सा सा ा यवाद दश वारा लट लया जाता ह यह व तीयकरण स मनाफ क लट क रणनी त का ह अग ह व वबक-आइएमएफ और अ य ऐसी स थाए इस लट का मा यम ह अगर गहराई स दख तो उ पादन म आनवाल वदशी नवश का अ धकाश ह सा भी व तीयकरण स मनाफ क लट क रणनी त का अग बन चका ह द नया क नयी व व यव था म उ पादन का भी व तीयकरण हो रहा ह अब ाड या मल कप नया जो पदा होन वाल माल क असल मा लक होती ह व अ धकाशत ऐसी होती जा रह ह क व सफ पसा लगाती ह और उ पादन कोई दसरा ह करता ह ल कन व उ पादन को पर तरह नय त करती ह कई प म यह एक खतरनाक ि थ त को पदा कर रहा ह उ पादन क या स और उ पादन म लग मजदर स तथा उ पादन म लगन वाल ाक तक ससाधन स व बह त दर होती ह और इस लय उनक हत -अन हत स व पर तरह असप त होती ह और ाक तक ससाधन पर कोई सकट या मजदर क सघष का उन पर कोई य असर नह पडता कह कोई सकट दखाई दया तो बना अवरोध क व कसी दसर जगह भाग जाती ह एक और नयी चीज पर गौर कर पजी अपरपार हो चक ह और उसक उ पादन मता अपरपार हो चक ह ल कन उस हसाब स समाज म लोग क तर क नह ह ई और न व होन दना चाहत ह ता क लोग कम मजदर पर काम करन क लय मजबर ह और इस लय एक छोटा सा म यवग ह उनक माल का बाजार ह ऐस म अ धक स अ धक माल इसी बाजार म खपाकर अ धक स अ धक मनाफा कमान क लय व इ तमाल करो और फक दो क स क त को बढावा दत ह ऐस माल बनात ह जो यादा दन न चल सक और रपयर करक ल ब समय तक इ तमाल न कय जा सक इस तरह व

हमार आय म स अ त र त लट करत ह ल कन सबस भयानक बात ह क इसस टथ श व पन स लकर मोबाइलफोन व क यटर तक क कबाड भार पमान पर जमा हो रह ह जो खतरनाक ि थ तय का पदा कर रह ह इसक साथ ह यह ाक तक ससाधन क अनाव यक और खतरनाक तर क दोहन को भी बढावा द रहा ह ल कन इन सम याओ स उस व तीय प जी पर कोई य असर नह पडता जो उ पादन को नय त कर रह ह

हमार दश म अभी तक व तीय सवाओ का पर तरह उदार करण नह कया गया ह और इस लय अभी तक व व म पदा होन वाल व तीय सकट का उतना खतरनाक भाव भारत पर नह पड सका ल कन यहा भी इसका पर तरह उदार करण करन क यास तज हो चक ह और सा ा यवाद प जी इसक लय लगातार दबाव डाल रह ह इसका बहआयामी भाव होगा ल कन हम यहा इसक सफ दो मह वपण पहलओ को रखा कत करग

अ) हम पहल चचाकर चक ह व तीय प जी कोई अ त र त म य नह पदा करती ह और उ पादक प जी वारा पदा कय गय अ त र त म य को लटकर ह वह मनाफा कमाती ह ऐस म दशी व तीय प जी वारा लटा गया यह अ त र त म य कम स कम दश म ह रह जाता ह और दश क प जी को बढाता ह और उसका एक ह सा दश क वकास म खच हो सकता ह ल कन य द वदशी व तीय प जी यह अ त र त म य लटगी तो यहा पदा ह ई धन सपदा का यह ह सा सीध बाहर चला जाएगा इसी तरह क बात खदरा बाजार को वदशी प जी क लय खोलन स भी होगी इसस सफ यापार म वरोजगार म लग गर ब लोग का रोजगार ह नह छनगा बि क दशी बाजार पर वदशी प जी का नय ण बढगा और दश म पदा होन वाल अ त र त म य का या नयी धनसपदा का एक ह सा सीध बाहर चला जाएगा मनाफा लटन क यह रणनी त कस तर पर काम कर रह ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क चीन न 2016 म पा क तान टाक ए सचज का 40 फ सद ह सा खर द लया ह ऐसा अ य दश म भी हो रहा ह

आ) व तीय सवाओ को पर तरह खोल दन स सबस खतरनाक बात यह होगी क हमार अथ यव था पर हमारा लगभग कोई भावी नय ण नह रह जाएगा हम पहल ह चचा कर चक ह क स टाबाजार या शयर बाजार जमीन जायदाद क बाजार म ा बाजार आ द म चढाव और उतार खर द और बकवाल स ह पदा होत ह और यह चढाव उतार ह भार मनाफ का ोत ह और भार सकट का भी ोत ह यह खर द और बकवाल स नयोिजत भी हो सकती

ह एक ऐसी द नया म जहा सफ चद बडी कप नया द नया क सम त पजी क भार ह स को नय त करती ह स नयोिजत बकवाल और खर द न सफ भार मनाफा कमान क रणनी त क तौर पर बि क क ह खास अथ यव थाओ को डावाडोल करन क लय भी इ तमाल हो स कती ह दसर तरफ व तीयसवाओ को पर तरह खोलन का यह भी मतलब ह क यह द नया क व त बाजार का ह एक अ भ न ह सा बन जाएगी और द नया क कसी भी कोन म एक छोटा सा सकट सीध यहा भी सकट पदा कर दगा और पर अथ यव था को भा वत करगा व व बक क ह आकडो क अनसार पछल 25 साल म 93 दश क व त यव था को 117 बार गभीर सकट का सामना करना पडा ह और इसक अ त र त 51 बार कम गभीर सकट का सामना करना पडा ह यानी कल मलाकर एक साल म लगभग 6 बार

नजीकरण भी नयी व व यव था म मनाफ क लट क नयी रणनी त का अ भ न अग ह यह दश क सभी ससाधन पर दशी- वदशी पजी का नय ण कायम करन क साथ ह व तीयकरण स मनाफा लटन क रणनी त का भी ह सा ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क सरकार कस तरह सार पि लक स टर बचन पर आमादा ह और कस तरह हमार जल-जगल-जमीन को दशी वदशी कप नय को स पा जा रहा ह इसस एक और खतरा भी सामन आ रहा ह सार पि लक स टर बचन और प जी को अ धक स अ धक ट स छट दन वाल वकास क रणनी त पर चलन स सरकार क पास आय क ोत या रह जायग इसस एक तरफ तो सरकार पि लक वलफयर क काम पर कछ भी खच करन क ि थ त म नह रह जायगी और दसर तरफ अपन खच क लय वह आमजनता पर लगातार ट स बढाती जायगी और आमजनता क ह जमा पस का इ तमाल करगी यहा ीलका का एक उदाहरण दना शायद समीचीन होगा ीलका उदार करण और व वीकरण क राह पर चलन वाला द ण ए शया का पहला दश था और वहा इसक श आत 1977-78 म ह हो गयी थी वहा इसका असर भी पहल ह आना श हो गया था 2002 म वहा हालात ऐस हो गय थ क सरकार कामकाज क खच क लय सरकार मजदर क ा वडट फड म जमा पस का 98 इ तमाल कर रह थी 2011 म वहा वप न सरकार क खलाफ यह सवाल उठाया था क सरकार अपना कज चकान क लय मजदर क ा वडट फड क पस का इ तमाल कर रह ह ऐसी भी ि थ त पदा हो सकती ह क जनक याण क

काम और शायद म य -अफसर क वदश दौर भी प जीप तय क सीएसआर या दान पर नभर होत जायग यहा पर यह भी उ लख कर दना ज र ह क सरकार का आनलाइन पमट पर जो अ त र त जोर दखाई द रहा ह उसका टाचार नय ण स तो कोई लना दना नह दखाई द रहा ह ल कन उसका उपरो त बात स गहरा र ता ह हर प जीवाद नी त क कई आयाम होत ह और इसक भी कई आयाम ह ल कन हम यहा उसक कछ ह पहलओ को चि हत कर सकत ह

अ) सभी उ योग और ससाधन क नजीकरण और उ योग को सभी कर म छट दन क वकास रणनी त क चलत सरकार अपन खच क लय सफ जनता स ट स वसलन पर ह नभर होती जा रह ह और सभी कर बढाती जा रह ह और नत नय कर भी लगाती जा रह ह यह जानना मह वपण ह क य कर तो साफ साफ दखाई दता ह जस इनकम ट स इस लय उस अभी कम ह बढाया जा रहा ह सबस अ धक कर का बोझ अ य कर क प म बढया जा रहा ह जो साफ-साफ दखाई नह दता और जो सभी पर लाग होता ह चाह उसक आय कतनी भी कम हो हम जो भी सामान बाजार स खर दत ह उसक एमआरपी दाम म भी कर शा मल होता ह और ऊपर स और अ धक ट सलगाय जात ह कसी भी सामान क दाम म कल कर कर ब 44 ट स शा मल होता ह यानी 100 क दाम म 44 पय का कर इसका लगभग

आधा ह सा तो उसक एमआरपी दाम म शा मल होता ह जो हम दना ह होता ह चाह बना बल क खर द हो ल कन कल कर का लगभग आधा ह सा तभी दना होता ह जब दकानदार प का बल द यानी तब दकानदार भी उस कर को सरकार क पास जमा करगा ल कन करोडो गर ब लोग और लाख छोट दकानदार बना प क बल क खर द ब करत ह और इसक चलत सरकार यह कर नह वसलकर पाती ह यह नकद म लन दन पर ह सभव होता ह य द नकद म लन दन को बद कर दया जाय तो हम कर का वह ह सा भी चकान क लय मजबर कर दया जायगा ऐस म यह रणनी त भी सीध सीध गर ब क जब म डाका डालन क लय ह नद शत ह ऐस हालात म जब करोडो लोग क मजदर और आय जीवन जीन क लय पया त न हो तो उनक ऊपर कर का यह बोझ डालना या यायसगत ह और ऐस हालात म य द गर ब लोग यह कर नह चकात ह तो या यह काला-सफद का मामला ह या यह उनक िज दा रहन क ह एक शत नह ह ऐस हालात म जब कारपोरट कप नय को भार पमान पर ट स म छट और ट स चोर क छट द जा रह हो या आम जनता क साथ यह यादती वािजब ह सीएजी क 2016 क एक रपोट क अनसार इनकमट स डपाटमट न ढाचागत काय करन वाल कप नय को गलत तर क 45000 करोड का ट स लाभ दया उसी क एक रपोट क मता बक 7 लाख करोड य कर नह वसला जा सका और उसका 96 अब वसलना सभव नह रह गया ह उसी क एक अ य रपोट क मता बक सफ 2010-11 म कारपोरट कप नय को 88263 करोड पय क कर छट द गयी

आ) इसका एक और मह वपण ल य ह खदरा यापार को दशी- वदशी कारपोरट कप नय क हाथ स पना यह दो तरह स कया जा रहा ह- अ) कप नय क खदरा यापार चन को ो सा हत करना और खदरा यापार को वदशी प जी क लय खोलना ब) आनलाइन खर द- ब को ो सा हत करना कशलश खर द ब को बढावा दना इसी नीयत स कया जा रहा ह यह दो

ल य को एक साथ परा करता ह खदरा यापार को दशी- वदशी प जी क हाथ स पना और लोग को परा ट स चकान क लय मजबर करना आनलाइन खर द ब और रटल चन क ज रय दशी- वदशी प जी एक साथ गठजोड बनाकर म खदरा यापार म आ रह ह और इसन अभी ह खदरा यापा रय क हालत ख ता कर द ह यह वश ध प स व तीयकरण स मनाफ क लट ह ह इसस एक तरफ तो दश क बाजार पर बडी दशी- वदशी पजी क गठजोड का क जा होता जायगा और दश क उ पादक भी उनक य जकडबद म फसत जायग दसर तरफ खदराबाजार म लगी भार आबाद को बरोजगार क सम या झलनी पडगी इसक साथ ह गर ब आबाद को मजबरन महगा सामान खर दना पडगा पदा होन वाल हालात का इसस ह अदाजा लगाया जा सकता ह क अभी क ष क बाद सबस अ धक आबाद खदरा यापारम ह लगी ह ई ह

इ) यह सव व दत ह क कर ब 600-700 कारपोरट कप नया पि लक स टर बक स लाख करोड का कज लकर उस जानबझकर नह चका रह ह सरकार उनस कज वसलन क बजाय उनका कज माफ कर दती ह 2014-15 म कर ब 114 लाख करोड का ऐसा कज माफ कर दया गया 2016 म सफ टट बक आफ इ डया न ऐसी 63 बडी बइमान कप नय का कज माफ कर दया जो कल 7016 करोड पय का कज लकर उस डकार गयी थी इसस अदाजा लगाया जा सकता ह क सभी पि लक स टर बक स कज माफ स कस भार मा ा म सरकार न कारपोरट कप नय को फायदा पह चाया गया होगा मजदार बात यह ह क ऐसा पि लक स टर बक क साथ ह होता ह यानी यह वश ध प स जनता क पस क खल लट ह इस हालात न पि लक स टर बक क हालत ख ता कर द थी और व सरकार क व भ न योजनाओ म नवश करन क हालत म नह रह गय थ बम करण उ ह इस सकट स उबारन क लय कया गया था बक म पसा आना ज र था और बम करण न ऐस करोड लोग को जो खती या छोटा-मोटा बजनस करत ह और हजार पय बक म रखन क बजाय घर म ह और आपसी लन दन म रखत थ और शाद - याह क लय भी हजार -लाख जमा करक घर म ह रखत थ उ ह जबरन बक म पसा जमा करन क लय मजबर कर दया गया ऐसा तो कसी बडी सना क मदद स भी नह हा सल कया जा सकता था जो बम करण क ज रय हा सल कया गया यह कोई काला-सफद का मामला नह था और कसी टाचार स लडन का मामला नह था इसका उ द य था बक म पसा लाना और यह कोई आ चय क बात नह क सफ दो मह न म ह बक पस स लबा लब भर गय यह इसी स जा हर ह क अचानक बक न लोन क याजदर कम कर द और होमलोन और अ य लोन क लय तरह-तरह क क म लकर बाजार म उतर गय यह परा मामला व तीयकरण स मनाफ क लट का सबस घ टया उदाहरण ह

B द नया क तर पर नया म वभाजन और नयी उ पादन यव था

द नया क उ पादन और वतरण यव था म एक नया म वभाजन अि त व म आया ह िजसक दो मह वपण

अग ह

क) उ पादन यव था को ऐसी व व यापी म य खला या व व शोषण खला म सग ठत कया गया ह

िजसम म सघन काम को वक सत दश स वकासशील दश म भजा जा रहा ह जहा भार बरोजगार

ह और मजदर वक सत दश क मकाबल बह त कम ह अलग-अलग स टर म अलग-अलग रणनी त ह

उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा उ योग म इतना ह काफ ह क वहा मजदर कम ह ल कन

इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म यह भी ज र ह क वहा पाट पज बनान और जोडन लायक

तकनीक तर वाल फि या और ऐसा कौशल रखन वाल मजदर क अ छ -खासी तादात मौजद हो

और उनक माल क लय एक बडा और वक सत होता बाजार भी मौजद हो दसर तरफ प जी और

तकनीक सघन काम को वक सत दश म ह नय त रखा जाता ह ता क वकासशील दश क कप नया

परा ोड ट (माल) बनान क तकनीक न हा सल कर सक और अपना ाड न पदा कर सक इसक

अलावा व परा का परा ोड ट एक दश म नह बनाती ह उ पादन क व भ न ह स को कई दश म

बखर दती ह और इसक वजह स कसी भी दश क कपनी क लय परा ोड ट को बनान क तकनीक

हा सल करना और भी मि कल हो जाता ह दसर तरफ इस तर क स उ पादन खला म मौजद कसी

भी दश क कप नय क और मजदर क उनस सौदबाजी क ताकत भी कम हो जाती ह अगर कसी

दश म उनक उ पादन खला म सकट आया तो व वह काम कसी और दश म करा लती ह इस बात

को व एक ह थयार क प म भी इ तमाल करती ह और दशी कप नय और मजदर को प जी क

पलायन का डर भी दखाती रहती ह व त उ च तकनीक वाल पज रसच और डजाइ नग ा डग और

बाजार पर भावी नय ण क ज रय बह रा य कप नया उ पादन खला को पर तरह क ोल करती ह

इसी क ज रय पर उ पादन खला म िजतना भी अ त र त म य या मनाफा पदा होता ह उसका बडा

ह सा व ह थया लती ह स चाई म अ त र त म य का बडा ह सा तो वकासशील दश म ह पदा

होता ह ल कन उ ह उसका बह त छोटा ह सा ह मलता ह उदाहरण क तौर पर हमार दश क उ योग

म जो भी उ पाद पदा होता ह उसम मौजद अ त र त म य का मा 15-20 ह हम मलता ह जब क

उ पादन या पर नजर डाल तो इसस कह अ धक अ त र त म य यहा पदा होता ह ल कन

बह रा य कप नया काम पान क लय वकासशील दश क बीच होड और दश क भीतर कप नय क बीच

होड का इ तमाल करक उ ह कम क मत वीकार करन क लय मजबर कर दती ह उदाहरण क तौर पर

कपडा उ योग इसक अलावा व सबस अ धक म य उन काय पद डाल दती ह जो व खद करती हए

उदाहरण क तौर पर व त रसच और डजाइ नग ा डग माकग िग आ द तथा व पाट-पज जो व खद

बनाती ह इस तरह व अपन उ पाद क पर शोषण खला म पदा होन वाल मनाफ का बडा भाग लट

लती ह

ख) यहा यह बात और साफ कर दना ज र ह उ पादन खला या शोषण खला क मामल म सा ा यवाद

प जी और दशी प जी क तौर-तर क म अब कोई अ तर नह रह गया ह अ धकाश वकासशील दश म

ऐसी कप नया कम ह या नह ह िजनका व व तर का ाड हो या व व तर पर काम करती ह

ल कन जहा कह ऐसा ह जसा क भारत और चीन म कछ ऐसी कप नया ह तो व भी ठ क उसी तरह

अ य दश म अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय स मनाफ क लट करती ह इतना ह नह

दशी ाड भी दश म उसी तरह क उ पादन खला क ज रय मनाफ क लट करत ह और उ पादन

खला म हर ऊपर वाल कपनी अपन स नीच वाल कपनी स उसी तरह मनाफ क लट करती ह ाड

हमशा अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय पर अपन उ पाद क क मत कम करन क लय दबाव

बनात रहत ह और कप नया क मत कम करन तथा अपन लय भी अ धक स अ धक मनाफा स नि चत

करन क लय मजदर का शोषण अ धक स अ धक बढाती जाती ह

ग) प जी ख टा म त ख ला साड हो गयी ह नयी व व यव था म प जी क अवागमन पर कोई नय ण नह

ह यह उपरो त म वभाजन को प ता और स थागत प दती ह द नया म कह भी कसी भी तरह

क वषम प रि थ त आन पर या द नया क कसी अ य ह स म अ धक मनाफ क सभावना होन पर

यह कभी भी दसर दश म पलायन कर सकती ह यहा तक क दश क भीतर भी कसी एक ह स स

दसर ह स म भाग सकती ह इस मामल म भी दशी और वदशी प जी म कोई अ तर नह रहा और

यह दोन पर ह लाग होता ह प जी का इसस कोई लना दना नह रहा क इसस दश क अथ यव था

या मजदर क जीवन-मरण पर या असर पडता ह गौर करन क बात यह ह क वा त वक पलायन स

अ धक पलायन क धमक को एक ह थयार क प म इ तमाल कया जाता ह

C द नया क नयी स ता यव था

नयी व व यव था को सचा लत करन क लय नयी व व स थाए बनायी गयी ह जो व व सरकार जसा काम करती ह और उनका कानन दश क कानन स ऊपर हो गया ह उदाहरण क तौर पर व व यापार सघ वा त वक प म इन स थाओ को सा ा यवाद दश ह सचा लत ह इसका अग बनन क बाद दश क सरकार ऐसी कोई नी त या कानन नह बना सकती जो व व यापार सघ क नी त या कानन का उ लघन करता हो इन स थाओ क पास यह शि त भी ह क कोई दश य द उनक कानन का उ लघन कर तो उस द डत कया जा सक उदाहरण क तौर पर जन हत म यह ज र हो सकता ह क अपनी क ष और खास उ योग को सि सडी दकर और दश का बाजार उनक ि लय आर त करक उनक वकास को ग त द जाय या जनता को स ता माल उपल ध कराया जाय ल कन यह व व यापार सगठन क कानन का उ लघन हो सकता ह य क यह वदशी प जी क साथ भदभाव होगा इस ि थ त स लोकत क लय ह एक खतरा पदा होता दखाई द रहा ह य क य द चनी ह ई सरकार म यह शि त न रह जाय क व जनता क हत म कानन और नी तया बना सक तो सरकार चनन क अ धकार का भी कोई मतलब नह रह जाता मजदार बात यह ह क आइएलओ और सय त रा सघ क अ य व व स थाए जो मजदर क अ धकार और मानवा धकार क लय कानन बनाती ह उनको ऐसी शि त नह द गयी ह क मजदर क अ धकार या मानवा धकार क उ लघन पर व कसी दश को द डत कर सक सय त रा सघ म आजकल बह रा य कप नय क ग त वधय क लय कछ मानदड बनान क बात चल रह ह ल कन अ धक जोर और अ धक वीक त इसी पर दखाई द रह ह क इ ह

बा यकार कानन का दजा न दया जाय

अब हम यह दखन को शश कर क उपरो त प रि थ तय म मजदर वग और मजदर आ दोलन को कन

सम याओ का सामना करना पड रहा ह

i) प र मजदर वग को एक रजब आम म त द ल कर दना

प जी क आवागमन पर कोई नय ण नह ह उसक लय द नया वा तव म एक गाव बन चक ह ल कन

मजदरवग क आवागमन पर परा नय ण ह यह प रि थ त एक प म पर द नया क मजदरवग को एक रजब

आम यानी एक ऐसी आर त फौज म त द ल कर दता ह िजस प जी जब चाह इ तमाल कर जब चाह बरोजगार

छोड द हम पहल ह चचा कर चक ह क प जी जब चाह पलायन कर सकती ह कछ उ योग तो ऐस ह िजनम

चद दन या चद घट म ऐसा हो सकता ह जस कपडा उ योग इसम थाई प का कोई प जी नवश या

उ पादन का कोई ल बा का ट सामा यत होता ह नह इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म भारत जस

दश म जहा एक बडा बाजार ह उ ह अपना असब लग लाट लगाना पडता ह इस लय भागना इतना आसान

नह होगा ि फर भी बह त अ धक समय नह लगगा य हालात प जी क साथ शि त सतलन म मजदर वग को

कमजोर ि थ त म डाल दत ह रोजगार खोन का डर मजदर क लडाई को कमजोर करता ह दसर तरफ प जी

क पलायन क डर स सरकार मजदर क आ दोलन का बबरता स दमन करन पर आमादा हो जाती ह और

मजदर क हक क परवाह कय बना कप नय क हत क हफाजत करती ह

मजदरवग इस ि थ त को तभी बदल सकता ह जब प जी क इस तरह क आवागमन को रोक सक और यह सफ

तभी सभव ह जब अ) मजदर क दश यपी सघष क ज रय ऐस मकानन क लय सघष जो मजदर को थाई

ह सयत म रोजगार दन क बा यता पदा कर सक वदशी प जी क लय दश म उ पादन क लय ल ब समय क

का ट या समझौत क शत लाग कर सक और छटनी और तालाबद पर मजदर क मआबज क रा श म

बढो तर कर सक इसस प जी क लय बार-बार पलान क रणनी त महगी सा बत होगी ब) मजदर क

अतररा य एकता जो मजदर वरोधी पलायन क रणनी त पर चलन वाल प जी को द डत करन क लय उसक

बाजार को भा वत कर सक स) मजदर क अतररा य एकता जो इस तरह पलायन करक आन वाल प जी को

अपन दश म उस न आन द द) मजदरवग एक ऐसी सरकार लान म कामयाब हो जाय जो प जी क ऐस पलायन

को असभव बना द और य) अतररा य तर पर ऐसी नी तय क लय सघष जो मजदर क कसी भी दश म

आवागमन को खल छट द सक

ii) असग ठत मजदर क शोषण को स थागत प दना और समाज क समची ज रत क उ पादन त

को व व शोषण खला म समट लना

आज असग ठत (इनफामल स टर) क हालात पर बडा सयापा होता ह ल कन अगर हम गहराई म दख तो

यह सब उनक हालत सधारन क बजाय उनक शोषण को स थागत प दता दखाई दता ह इस तथाक थत

इनफामल स टर म तीन तरह क लोग आत ह अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोग छोट इकाइय

म लग अ थाई मजदर और फि य म लग तरह-तरह क अ थाई मजदर वरोजगार म लग लोग और

मजदर क सम याए ब कल अलग ह और अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोगो क सम याए भी

अलग-अलग ह और इनक सम याओ का समाधान भी अलग-अलग ह अगर वा तव म इ ह सकट स बाहर

नकालना हो तो अलग-अलग स टर म इनक वशष सम याओ क मता बक वशष नी तगत समाधान दना

होगा वा तव म यह बह त ज र भी ह य क अगर इनक सकट का समाधान हो जाय तो बराजगार क एक

तहाई सम या का समाधान हो सकता ह ल कन ऐसा करन क बजाय उन सबको मलाकर एक इनफामल

स टर बनान क पीछ एक ह बात हो सकती ह क उनक सकट का समाधान करन क कोइ मशा ह नह ह

उनक लय ऐसी सामािजक सर ा का ावधान कया जाता ह िजसस व कम स कम िज दा रह सक हाला क

यह सब भी पर तरह कागजी ह दखाई दता ह और यह नी तया कह लाग होती नह दखाई दती

दरअसल यह नयी व व यव था और नय म वभाजन क रणनी त का ह एक अग लगता ह

क) उ योग क व व यापी उ पादन या शोषण खला पर गौर कर तो यह खला छोट इकाइय और घर

म काम करन वाल मजदर तक जाती ह और अ त र त म य क एक अ छndashखास ह स का उ पादन

इन असग ठत मजदर वारा कया जाता ह यह सबस कम मजदर म काम करन वाल और सबस

असर त मजदर ह और उ पादन क नयी यव था म दशी- वदशी पजी क लय बह त बड मनाफ का

ोत ह

ख) नयी उ पादन यव था म प जी क सबस बडी ताकत और रणनी त ह उसका ख टा म त होना और कभी

भी पलायन करन क आजाद ल कन य द उ योग म सभी या अ धकाश मजदर थाई ह तो या यह

उतनी आसानी स सभव हो सकगा य द मजदर थायी ह ग तो उनक य नयन भी होगी और मजदर

क लडन क ताकत भी अ धक होगी और व प जी को इतनी आसानी स पलायन नह करन दग दसर

बात य द मजदर थायी ह ग तो प जी को पलायन काफ महगा भी पडगा य क थाई मजदर क हक

को चकता करन म काफ पसा लगाना पडगा और इस लय वह बार बार पलायन क रणनी त नह

इ तमाल कर सकती

ग) नयी उ पादन यव था म कई म उदाहरण क तौर पर कपडा उ योग म फि या आडर पर काम

करती ह और ाड कोई सालाना का ट भी नह करत आडर कभी कम होता ह कभी यादा और कभी

ब कल नह ऐस म अगर थायी मजदर ह ग तो उ ह बार-बार ल-आफ दना पडगा और फि या यह

क मत ाड स वसलगी ऐस म नयी उ पादन यव था म अ थायी मजदर उनक मनाफ का ोत ह

घ) असग ठत म सकट त मजदर क भार फौज एक रजब आम क तरह काम करती ह और

उ योग म मजदर क स लाई को माग स हमशा ऊपर बनाय रखती ह और इसक वजह स मजदर को

हमशा नीच क ओर धकलती रहती ह

ङ) नयी व व यव था क रणनी त यह दखाई दती ह क बडी प जी उन असग ठत को नगल जाय

जहा सीध मनाफा लटा जा सकता ह और अ य असग ठत त को स त म क लट क लय अपनी

उ पादन-शोषण खला म बाध लया जाय उदाहरण क तौर पर रटल यापार और व त स लकर

जलाप त तक क कई अ य सवा स वरोजगार व छोट इकाइय को ख म करक को व पर तरह

क जान म लगी ह ई ह और दसर तरफ स त म क लट क लय उ पादन क म खती व

उ योग म वरोजगार म लग मजदर व छोट इकाइय को अपनी उ पादन खला म समटन क

को शश कर रह ह यहा यह गौर करन क बात ह क आज सरकार क छोट उ योग को बढावा दन

क नी त को उदार करण स पहल वाल प रि थ तय क नगाह स नह दखा जा सकता ह आज यह

उन उ योग पर ल त ह जो दशी- वदशी पजी क उ पादन खला स जड ह ए ह और इस लय परो

प स यह दशी- वदशी बडी पजी क भी मदद ह

जमीनी तौर पर मजदर आ दोलन क सबस बडी रणनी तक सम या और सबस बडी चनौती शायद इसी सवाल

स जडी ह ई ह हर उ योग म भार अनपात म अ थायी मजदर क स या बढन क कारण फ तर पर

य नयन और साम हक सौदबाजी मि कल हो गयी ह यह कछ तर तक वह भावी हो पा रह ह जहा बडी

इकाइया ह और जहा एक खास अनपात म द मजदर को बनाय रखना ज र ह उदाहरण क तौर पर मोटर-

गाडी बनान क उ योग ल कन जहा ऐसी ज रत नह ह और इस लय जहा शायद ह कोई थायी मजदर रखा

जाता ह वहा तो य नयन और साम हक सौदबाजी असभव ह हो गयी ह उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा

उ योग छोट उ योग और वरोजगार म लग लोग को सग ठत करन का सवाल तो एक अलग ह चनौती ह

और इस दशा म तो कोई बडी पहल ह नह दखाई दती ह

मजदर आ दोलन क सम य सम याए और चनौ तया वा त वक ह ल कन ऐसा लगता ह क सकट सफ इन

सम याओ स पदा नह हआ ह सकट का मल व प वचा रक ह और इस सवाल स जडा हआ ह क मजदर

आ दोलन इन सम याओ का कोई भावी समाधान नह तत कर पा रहा ह हम इसक चचा अगल ह स म

करग

iii) म कानन म बदलाव

मकानन म क सरकार और रा य सरकार वारा जो बदलाव कय गय ह या ता वत ह उनस म कानन का ऐसा ढाचा उभरकर सामन आता ह जो मलत चार स तर म वभािजत ह और यह व वशोषण खला क अन प ह

9 स कम मजदर वाल इकाइया इनक लय कोई म कानन ता वत नह ह उ ट घरल उ योग म बाल म क शोषण क छट द द गयी यहा यह यान म रखना ज र ह क यह व वशोषण खला का सबस नचला और सबस असर त तर ह जहा मजदर क भार आबाद को बहद कम मजदर म और वा य क ि ट स खतरनाक ि थ तय म काम करना पडता ह

9-39 मजदर वाल इकाइया इ ह कारखाना कानन स बाहर कया जा रहा ह और एक नय कानन लघ कारखाना कानन म शा मल करन का ताव ह 9 स कम वाल स तर और 9-39 वाल स तर म ह उ पादन क अ य धक म सघन याओ का बडा ह सा सप न कया जाता ह और शोषण खला क अ त र त म य का अ छा-खासा ह सा यह पदा होता ह 9-40 वाल इकाइय म मजदर को बह त सार अ धकार स व चत कया जा रहा ह और नाम मा ह हक उ ह मलन ह

इ ह अब 9 क जगह 19 म कानन स सब धत द तावज बनान और म वभाग म उनक पालन सबधी रटन फाइल करन म छट द द गयी ह

इनम 14 कानन लाग नह ह ग िजनम औ यो गक ववाद अ ध नयम और कारखाना कानन भी शा मल ह उन कानन क सफ कछ ावधान को ता चत लघ उ योग कानन म शा मल कया गया ह

ठका मजदर ( नयमन और खा मा) कानन इनम लाग नह होगा राज थान क कानन म अब यह 50 या अ धक मजदर वाल इकाइय म ह लाग ह (मल म 20 या अ धक पर लाग)

नय मत मजदर क छटनी करन पर 1 माह का नो टस और िजतन साल काम कया ह हर साल क लय 15 दन का मआवजा दना होगा ल कन इसक नौबत ह नह आयगी य क यह ावधान एक साल नय मत स वस पर होन पर ह यह लाग होता ह और ऊपर उदधत कानन म

छट का फायदा उठाकर नयो ता कभी साल भर क स वस पर ह नह होन दग

ईएसआई और पीएफ कानन लाग नह होगा और यहा ईएसआई और पीएफ क जगह दो नयी ाइवट स टर क क म लाग होगी और इसम मजदर को दोन क लय वतन का 10-10 तशत

हर मह न दना होगा काय थल पर भौ तक और रासाय नक सर ा सबधी कोई ावधान नह सफ इतना ह क जहा

खतरनाक या हजाडस चीज का इ तमाल होता होगा वहा कारखाना कानन लाग होगा च का ावधान वह लाग होगा जहा 20 या अ धक म हलाए काम करती ह और उनम स कम

स कम एक का 6 साल स कम का छोटा ब चा हो इसस प ट ह क इस कानन को कोई मतलब नह रह गया

तीन माह म ओवरटाइम काम क घट क सीमा 50 स बढाकर 96 घट क जा रह ह

लघ उ योग कानन म हडताल या हडताल क अ धकार का कोई उ लख ह नह ह एक ऐसा ावधान ह क य द 10 या अ धक मजदर बना नो टस दय एक साथ गरहािजर ह ग तो नयो त

उनक वतन स 8 दन क मजदर काट सकता ह 40 स 299 तक क इकाइया

इनम बना सरकार स अनम त लय छटनी या तालाबद क जा सकती ह

इनम छटनी क लय मजदर को 1 माह का नो टस और मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स हाला क इसक नौबत आयगी ह नह य क यह एक साल क स वस पर होन पर ह लाग होता ह और आजकल उ योग म हालात ऐस ह क हर छह मह न म कागज पर मजदर क नयि त नयी बना दत ह सी मत अव ध का ट का कानन लाग होन क बाद तो नयो ता कसी क भी एक साल क नय मत स वस पर ह नह होन दगा इस अभी कपडा उ योग म लाग कया ह ल कन ज द ह अ य म भी लाग हो सकता ह ऐस हालात म कोई ईएल भी नह पा सकगा और यट दन क नौबत तो कभी आयगी ह नह

ईपीएफ पशन क जगह नयी पशन क म िजसम प रवार लाभ शा मल नह होगा यह शयरबाजार स जडी होगी-और ाइवट कप नय क मनाफा कमान का ज रया बन जाएगी

ईएसआई अ पताल क नजीकरण का ताव जो प र वा थ सवाओ क नजीकरण क योजना का ह एक अग ह

पीएफ को ट स क दायर म लाना पीएफ म शा मल होन को व क बनाना और नयो ता क ओर स पीएफ म जमा कय जान

वाल भाग को सरकार क ओर स दया जाना

नयो ता वारा दय जान वाल पीएफ क भाग को मजदर म शा मल मानना िजसस मजदर बढ ह ई दख और मजदर क असल हालत पर पदा पड जाय

हजाडस कारखान क ल ट को हटाना और सफ हजाडस क एक प रभाषा दना इसस कसी भी कारखान को हजाडस घो षत करवाना बह त मि कल होगा और या काफ ल बी हो जाएगी

म हलाओ को रा पाल म अनम त

तीन माह म ओवरटाइम काम क सीमा बढाकर 115 घट करना (अभी 50 ह)

ड य नयन बनान क लय ज र सद या स या 7 स बढाकर 10 या 100 करना

डय नयन म बाहर सद य पर रोक सफ असग ठत म 2 सद य बाहर क हो सकत ह ड य नयन क मा यता क लय कसी ावधान का ताव नह

हडताल क लय जो क ठन कानन आव यक सवाओ पर लाग था उस सभी पर लाग करन का ताव यानी काननी तौर पर हडताल लगभग असभव गरकाननी हडताल क लय मजदर पर

और तालाबद क लय कारखाना मा लक पर एक ह फाइन-50000 स एक लाख 50 या अ धक मजदर कजअल छटट लकर गरहािजर ह तो यह भी गरकाननी हडताल

ववाद को कोट क बाहर सलझा लन का ावधान और आव यक सवाओ म 2 साल तक हडताल पर तबध (गजरात)

बोनस रा श नधारण क जाच क लय डय नयन नयो ता स कारखान क बलस शीट अब नह माग सकगी

कारखान क इ प शन क लय लबर इ प टर को पहल उ चा धका रय स अनम त लनी होगी और इ प टर क भ मका अब कानन का उ लघन करन वाल पर कारवाई करन क बजाय उ ह कानन का पालन करन म मदद करन क होगी

100 या अ धक मजदर वाल इकाइया ट डग आडर का कानन अब 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय म लाग होगा यह अभी कई

रा य म 50 या अ धक पर लाग होता ह अ य ावधान वह जो 40 स 299 मजदर वाल इकाइय पर लाग 300 या अ धक मजदर वाल इकाइया छटनी या तालाबद क लय सरकार क अनम त ज र

मजदर को 3 माह का नो टस मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स

अ य ावधान वह जो 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय पर लाग मकानन म बदलाव क उपरो त दशा स दो बात प ट होती ह अ) यह कप नय क लय म लागत को

कम स कम करन मजदर को जब चाह काम पर रखन और नकालन क पर छट दन मजदर क हत क

अनदखी करन और मजदर क य नयन बनान और साम हक सौदबाजी करन क मता को ख म करन या कम

स कम करन क दशा म कि त ह और ब) उ योग म शोषण खला का जो ढाचा उभर रहा ह यह उसक

अन प ह एक तरफ छोट इकाइया ह जहा अ धकतम 50 मजदर तक काम करत ह और जहा अ धकाश म

सघन काम सप न होता ह और अ त र त म य का बडा ह सा पदा होता ह दसर तरफ बडी इकाइया ह जहा

100 स 300 तक मजदर काम करत ह और सबस ऊपर थोडी सी ऐसी इकाइया ह जहा 500 स अ धक मजदर

काम करत ह आकड क अनसार पछल 10-12 साल म 10 स 99 मजदर वाल इकाइय का अनपात काफ

घटा ह और दसर तरफ 10 स कम वाल इकाइय और 100-499 वाल इकाइय का अनपात बढ गया ह

दरअसल 10 स कम वाल अ धकाश इकाइया वा तव म 40-50 मजदर को काम पर लगाती ह ल कन कारखाना

कानन स बचन क लय 10 स कम मजदर ह दखाती ह इ ह क सम या को हल करन क लय लघ उ योग

कानन लाया जा रहा ह सार प म इन ता वत कानन स शोषण खला का ढाचा इस प म उभरता दखाई

दता ह अ) घर म काम करन वाल मजदर और 10 स कम वाल इकाइया ब) 10-39 वाल इकाइया स) 40-

299 वाल इकाइया और द) 300 या अ धक वाल इकाइया

iv) प जी का मजदर और जनता पर सवतोमखी नय ण

कोई वग कसी दसर वग पर अपनी स ता सफ दमनत क ताकत क ज रय लब समय तक कायम नह रख

सकता ह शासक वग को शा षत जन म अपनी स ता क कसी न कसी प म एक तर क वीकायता

बनानी पडती ह और अगर वह ऐसा करन म कामयाब नह होता तो उसक स ता भी अ धक समय तक कायम

नह रह सकती ह प जीवाद समाज क लय यह और भी अ धक सच ह पजीप त वग मजदर और आमजन क

वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण कायम करन क को शश करता ह और य द मजदर वग

उस इस पहल पर कोई भावी चनौती नह द पाता ह तो मजदर वग पजी क खलाफ कोई भी भावी सघष

खडा कर पान म सफल नह हो सकता ह प जीवाद समाज म यह वग सघष का एक ब नयाद और मह वपण

पहल ह नयी व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह ल कन

मजदर आ दोलन इस पहल को अ सर नजरदाज करता रहा ह और उस वग सघष क एक ब नयाद पहल क प

म मह व नह द सका ह शायद यह आम जनता क वचार और जीवन पर प जीप त वग क बढत नय ण और

उसको कोई भावी चनौती न द पान क हमार कमजोर का भी एक भाव ह क आज इतन भीषण सकट क

बावजद जनता क ग स का कोई बडा वत फत व फोट नह दखाई दता ह यहा हम सार प म मजदरवग

पर प जीप तवग क नय ण क रणनी त क कछ पहलओ क चचा कर सकत ह

आमजन क वचा रक मानस म प जीप त वग व भ न मा यम स यह लगातार था पत करन क

को शश करता ह क प जीवाद का कोई वक प नह ह नजीकरण और बाजार करण क व तार क साथ

प जीवाद दायर स बाहर कसी अलग जीवन णाल क लय कोई जगह नह रह जाती जो इस वचार को

मजबती दता ह और दश-द नया म कोई वक प नजर न आन स इस उनक वचार मानस म प ता

बनान म मदद मलती ह जीवन क हर ज रत क लय प जीवाद पर पर तरह नभरता और उसस

बाहर नकलन का कोई रा ता न दखाई दन स प जीवाद को वीकार करना एक मजबर भी हो जाती ह

ऐसा ोपागडा बड पमान पर कया जाता ह क प जी क वकास स ह दश को और जनता का वकास हो

सकता ह प जी का वकास होगा तो रोजगार पदा होगा प जी का वकास होगा तो स वधाओ का वकास

होगा प जी का वकास नह होगा तो दश का और जनता का भी वकास क जाएगा और इस लय य द

कोई ऐसी बात करता ह जो प जी क वकास क खलाफ हो तो वह दश का और जनता का द मन ह

आ द आ द

प जीवाद काय थल मजदर को यह अहसास दलाता ह क मजदर और प जीप त दोन का अि त व जडा

हआ ह और मजदर क बहतर क लय प जीप त क बहतर ज र ह नय दौर का सारा प जीवाद

बधन शा और पदा ह ई बधन तकनीक का अमल इस वचार को मजबत बनाता ह रोजगार खोन

का डर भी एक तरह स प जीवाद को वीकार करन क मजबर बन जाती ह

ोपागडा यह नयी व व यव था का एक बह त मजबत और भावी ह थयार ह मी डया स लकर कल -

कालज व व व यालय और शोधस थान तक को भी इसका अग बना दया गया ह इसक ज रय झठ

को सच क तरह पश करना या स य क सफ एक पहल को ह दखाना इ तहास को वकत प म पश

करना म फलाना प जीवाद का म हमामडन करना जो प जीप त वग क हत क खलाफ ह उन वचार

और लोग को बदनाम करना ढ ग पाखड को साइस क तरह पश करना और पछडी चतना को बढावा

दना भडकाऊ झठ खबर बनाना और भडकाऊ कारवाइया करना आ द इनका सबका दायरा बह त व तत

ह यह माल को बचन क लय उनका फायदाबतान वाल झठ रसच स लकर समाजवाद और

समाजवा दय को बदनाम करन क लय झठ घटनाए पदा करन तक का काम करत ह मी डया पर बडी

प जी का पर तरह इजारा कामय हो जान क बाद जनता क पास कोई वकि पक सचनात ख म हो गया

ह और इसक वजह स प जीवाद ोपागडा और अ धक भावी हो गया ह इस हालात न मजदर वग क

सघष क भाव को भी काफ कम कर दया ह दश क कसी शहर म लाख लोग सडक पर आ दोलन

करत ह ल कन पास पडोस क इलाक क लोग को भी इस आ दोलन का पता नह चल पाता यहा तक

क द ल आकर हजार लोग दशन करत ह और द ल क लोग को भी पता नह चलता कह लाख

लोग सघष म जान द रह होत ह ल कन मी डया उ ह यह मानन को मजबर कर दता ह क व पागल ह

या आतकवाद ह और मजदार बात यह ह क लोग एक मनट क लय यह नह सोच पात क व लाख

लोग जो सघष म अपनी जान द रह ह उनक कोई बहद वािजब सम या भी हो सकती ह और यह क

मी डया सफद झठ बोल रहा ह

मजदर वग को वभािजत करन और भटकान क रणनी त प जी क म वरोधी ोपागडा क एक

मह वपण रणनी त ह मजदरवग क भीतर क अतर वरोध को तीखा करना और उ ह एक दसर क वरोधी

क प म तत करना उदाहरण क तौर पर जा त का सवाल धम का सवाल और लगभद का सवाल

और इसक साथ-साथ मजदर क व भ न स तर म अतर वरोध का सवाल उदाहरण क तौर पर

असग ठत ा क मजदर और सग ठत क मजदर कपनी मजदर और ठका मजदर थाई और

अ थाई मजदर ाइबट व पि लक स टर क मजदर आ द इसक बह त सार अ य मह वपण आयाम भी

ह ल कन बात इतन स प ट हो जाती ह इसक साथ ह मजदर आ दोलन म ऐसी रणनी तय को

ो सा हत करना जो सतह पर मजदर क हत म दखती ह ल कन व तत या तो मजदर वरोधी होती

ह या उस बस ऊठक-बठक करन म य त कर दती ह उदाहरण क तौर पर असग ठत मजदर क लय

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

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Page 9: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

प रि थ तय म आपातकाल क खलाफ द णपथी ताकत क साथ मोचा बनान पर मजबर हो गयी द णपथी

ताकत न इसका फायदा उठाया और उनक ताकत बढ ल कन ि फर भी इ दरा गाधी क मौत स पहल व कभी

भी ऐसी नणायक ताकत नह बन सक क उपरो त नी तय म बदलाव ला सक

इ दरा गाधी क मौत क बाद प रि थ तया तजी क साथ बदल यह एक ऐसा दौर था जब समाजवाद खम का

घो षत तौर पर पतन हो गया और सो वयत स का भी पतन हो गया तीसर द नया क दश क लय

गट नरप नी त पर चलन म समाजवाद खम क मदद या उसका मौजद होना भी एक मह वपण त व था

उसक पतन क बाद प रि थ तया बदल गयी दसर तरफ यह एक यापक सा ा यवाद वचा रक हमल का भी

दौर था और उसक ोपागडा का सबस मह वपण क व द था--उदार करएा और व वीकरण का कोई वक प

नह ह न ब क दशक म हमार दश म इसका असर दखाई दन लगा और तजी क साथ सभी राजनी तक

पा टय म इस पर एक आम सहम त सी बनती गयी यह अभी भी एक रह य ह ह क कछ ह साल म ऐसा

कस तरह और कस हआ क लगभग सभी ससद य पा टय क नी तय म कम स कम यावहा रक प म एक

समानता वक सत हो गयी और उ ह न उदार करण और व वीकरण क नी तय को एक हद तक वीकार कर

लया मलत इसी आधार पर क इसका कोई वक प नह ह यवहार म और काफ हद तक स धा त म भी

यह ससद य क य न ट पा टय म भी दखाई दता ह उदार करण क रा त पर गाडी क आग बढन क साथ ह

प जीप तवग क भीतर वचा रक-राजनी तक अ तर वरोध ख म होत दखाई दत ह प जीवाद पा टय क नी तय म

ऐसी समानता पदा हो गयी क अब वचा रक-राजनी तक तौर पर उ ह प जीप त वग क अलग-अलग ह स का

त न ध व करन वाल पा टय ( यापा रय क पाट धनी कसान क पाट आ द) क प म दखना सभव नह

रहा

यहा भारत पा क तान और बागलादश क प रि थ तय म एक अजीब समानता दखाई दती ह इ दरा गाधी क

काल म ह पा क तान म जि फकार अल भ टो और बागलादश म शख मजीबरहमान क नत व म उसी तरह

क नी तय पर अमल हआ तीन ह अपन दश म लोक य नता थ आ चय क बात ह क तीन ह मार गय

और लगभग एक ह काल म तीन जब तक िज दा थ सा ा यवाद नी तय का वरोध करत रह और तीन क

मौत क बाद ह उनक दश क अथ यव थाए उदार करण क ओर आग बढ (पा क तान म भ टो का

त तापलट 1977 और उ ह फासी 1979 मजीबरहमान क सरकार का त तापलट और उनक ह या 1975

इ दरागाधी क ह या 1984 और इसी कालखड म इडोन सया म त तापलट 1967 चल म त तापलट 1973)

दश-द नया क इन बदल ह ई प रि थ तय म 1986 म उ व राउड क वाताए श ह और 1995 म व व

यापार सगठन क थापना ह ई और यह एक नयी व व यव था क नीव थी

2 नयी व व यव था का राजनी तक-आ थक व प और मजदर आ दोलन क

चनौ तया

द नया क राजनी तक आ थक यव था म जो सबस मह वपण बदलाव ह ए ह और उसस मजदर आ दोलन क सम जो चनौ तया उपि थ त होती ह उ ह न न ल खत प म चि हत कया जा सकता ह

A प जी का अ धकाश ह सा-- व तीयकरण स मनाफ क लट हम पहल ह उ लख कर चक ह क प जी तभी पजी होती ह जब उसका व तार होता रह उसका नवश होता रह और वह मनाफा कमाकर छोट स बडी प जी बनती रह य द उसका व तार क जाय तो वह पजी क प म िज दा ह नह रह सकती ह प जी दो तरह क होती ह उ पादक प जी जो उ पादन म लगकर और अ त र त म य पदा करक मनाफा कमाती ह और व तीय प जी जो बना उ पादन म लग और बना अ त र त म य पदा कय सदखोर और स टाबाजार क ज रय मनाफा कमाती ह इस दसर प जी को परजीवी प जी कहा जाता ह य क अ त र त म य तो सफ उ पादक प जी ह पदा करती ह उ पादन क अलावा िजतन भी अ य ह उदाहरण क तौर पर ब कग-बीमा-शयर और स टा बाजार-म ाबाजार-जमीन जायदाद का बजनस यापार और अ य सवाए कोई अ त र त म य पदा नह करती ह आप इसी स समझ सकत ह क म ा जमीन या शयर क दाम खर द और बकवाल स अचानक बढ जात ह और घट जात ह और इस खर द बकवाल स कोई अ त र त म य तो पदा होता नह तो ि फर यह मनाफा आता कहा स ह व तीय प जी क इस मनाफ क दो ह ोत हो सकत ह-उ पादक प जी वारा पदा कय गय अ त र त म य म स लटकर (यानी प जीप त वग क बीच क गलाकाट तयो गता) या ि फर मजदर क जब काटकर या समाज को लटकर आज क दौर म जब अ धकाश उ योग म चद दशी- वदशी प जीप तय क इजारदार कायम हो चक ह व तीय प जी स पदा होन वाला मनाफा मजदर और आम जनता क लट स ह आता ह दश और द नया क अथ यव था म इस परजीवी प जी का ह सा बढना यानी उ पादक प जी का ह सा घटना एक सकट और खतर क घट माना जाता ह और जब इस पजी का ह सा थाई तौर पर बढा हआ दखाई द तो इसका मतलब सकट भी थाई हो चका ह द नया क तर पर दखा जाय तो हालात काफ पहल स ह खतरनाक ि थ त पर पह च चक ह दश क तर पर दख तो इस समय जीडीपी म सवा का ि ह सा अब 60 पह च चका ह और इस सवा का अ धकाश ह सा व तीयकरण स मनाफ क लट ह ह

मजदर वग पर इसका बहआयामी भाव पडता ह यह दखना मजदार होगा क अब जीडीपी वकास दर का रोजगार वकास दर स नाता टट गया दखाई दता ह इसका म य कारण यह ह क जीडीपी क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह दसर बात बार-बार आ थक सकट का आना और इसक वजह स बार-बार रोजगार सकट पदा होना और महगाई का बढत जाना इन सबका व तीयकरण स गहरा र ता ह अब वकास का माडल ह बाहर नवश और बाहर मदद पर आधा रत हो गया ह बाहर मदद और कछ नह याज पर लया जान वाला कज ह और इसक ज रए हमार दश म पदा होन वाल सपदा का एक बडा ह सा सा ा यवाद दश वारा लट लया जाता ह यह व तीयकरण स मनाफ क लट क रणनी त का ह अग ह व वबक-आइएमएफ और अ य ऐसी स थाए इस लट का मा यम ह अगर गहराई स दख तो उ पादन म आनवाल वदशी नवश का अ धकाश ह सा भी व तीयकरण स मनाफ क लट क रणनी त का अग बन चका ह द नया क नयी व व यव था म उ पादन का भी व तीयकरण हो रहा ह अब ाड या मल कप नया जो पदा होन वाल माल क असल मा लक होती ह व अ धकाशत ऐसी होती जा रह ह क व सफ पसा लगाती ह और उ पादन कोई दसरा ह करता ह ल कन व उ पादन को पर तरह नय त करती ह कई प म यह एक खतरनाक ि थ त को पदा कर रहा ह उ पादन क या स और उ पादन म लग मजदर स तथा उ पादन म लगन वाल ाक तक ससाधन स व बह त दर होती ह और इस लय उनक हत -अन हत स व पर तरह असप त होती ह और ाक तक ससाधन पर कोई सकट या मजदर क सघष का उन पर कोई य असर नह पडता कह कोई सकट दखाई दया तो बना अवरोध क व कसी दसर जगह भाग जाती ह एक और नयी चीज पर गौर कर पजी अपरपार हो चक ह और उसक उ पादन मता अपरपार हो चक ह ल कन उस हसाब स समाज म लोग क तर क नह ह ई और न व होन दना चाहत ह ता क लोग कम मजदर पर काम करन क लय मजबर ह और इस लय एक छोटा सा म यवग ह उनक माल का बाजार ह ऐस म अ धक स अ धक माल इसी बाजार म खपाकर अ धक स अ धक मनाफा कमान क लय व इ तमाल करो और फक दो क स क त को बढावा दत ह ऐस माल बनात ह जो यादा दन न चल सक और रपयर करक ल ब समय तक इ तमाल न कय जा सक इस तरह व

हमार आय म स अ त र त लट करत ह ल कन सबस भयानक बात ह क इसस टथ श व पन स लकर मोबाइलफोन व क यटर तक क कबाड भार पमान पर जमा हो रह ह जो खतरनाक ि थ तय का पदा कर रह ह इसक साथ ह यह ाक तक ससाधन क अनाव यक और खतरनाक तर क दोहन को भी बढावा द रहा ह ल कन इन सम याओ स उस व तीय प जी पर कोई य असर नह पडता जो उ पादन को नय त कर रह ह

हमार दश म अभी तक व तीय सवाओ का पर तरह उदार करण नह कया गया ह और इस लय अभी तक व व म पदा होन वाल व तीय सकट का उतना खतरनाक भाव भारत पर नह पड सका ल कन यहा भी इसका पर तरह उदार करण करन क यास तज हो चक ह और सा ा यवाद प जी इसक लय लगातार दबाव डाल रह ह इसका बहआयामी भाव होगा ल कन हम यहा इसक सफ दो मह वपण पहलओ को रखा कत करग

अ) हम पहल चचाकर चक ह व तीय प जी कोई अ त र त म य नह पदा करती ह और उ पादक प जी वारा पदा कय गय अ त र त म य को लटकर ह वह मनाफा कमाती ह ऐस म दशी व तीय प जी वारा लटा गया यह अ त र त म य कम स कम दश म ह रह जाता ह और दश क प जी को बढाता ह और उसका एक ह सा दश क वकास म खच हो सकता ह ल कन य द वदशी व तीय प जी यह अ त र त म य लटगी तो यहा पदा ह ई धन सपदा का यह ह सा सीध बाहर चला जाएगा इसी तरह क बात खदरा बाजार को वदशी प जी क लय खोलन स भी होगी इसस सफ यापार म वरोजगार म लग गर ब लोग का रोजगार ह नह छनगा बि क दशी बाजार पर वदशी प जी का नय ण बढगा और दश म पदा होन वाल अ त र त म य का या नयी धनसपदा का एक ह सा सीध बाहर चला जाएगा मनाफा लटन क यह रणनी त कस तर पर काम कर रह ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क चीन न 2016 म पा क तान टाक ए सचज का 40 फ सद ह सा खर द लया ह ऐसा अ य दश म भी हो रहा ह

आ) व तीय सवाओ को पर तरह खोल दन स सबस खतरनाक बात यह होगी क हमार अथ यव था पर हमारा लगभग कोई भावी नय ण नह रह जाएगा हम पहल ह चचा कर चक ह क स टाबाजार या शयर बाजार जमीन जायदाद क बाजार म ा बाजार आ द म चढाव और उतार खर द और बकवाल स ह पदा होत ह और यह चढाव उतार ह भार मनाफ का ोत ह और भार सकट का भी ोत ह यह खर द और बकवाल स नयोिजत भी हो सकती

ह एक ऐसी द नया म जहा सफ चद बडी कप नया द नया क सम त पजी क भार ह स को नय त करती ह स नयोिजत बकवाल और खर द न सफ भार मनाफा कमान क रणनी त क तौर पर बि क क ह खास अथ यव थाओ को डावाडोल करन क लय भी इ तमाल हो स कती ह दसर तरफ व तीयसवाओ को पर तरह खोलन का यह भी मतलब ह क यह द नया क व त बाजार का ह एक अ भ न ह सा बन जाएगी और द नया क कसी भी कोन म एक छोटा सा सकट सीध यहा भी सकट पदा कर दगा और पर अथ यव था को भा वत करगा व व बक क ह आकडो क अनसार पछल 25 साल म 93 दश क व त यव था को 117 बार गभीर सकट का सामना करना पडा ह और इसक अ त र त 51 बार कम गभीर सकट का सामना करना पडा ह यानी कल मलाकर एक साल म लगभग 6 बार

नजीकरण भी नयी व व यव था म मनाफ क लट क नयी रणनी त का अ भ न अग ह यह दश क सभी ससाधन पर दशी- वदशी पजी का नय ण कायम करन क साथ ह व तीयकरण स मनाफा लटन क रणनी त का भी ह सा ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क सरकार कस तरह सार पि लक स टर बचन पर आमादा ह और कस तरह हमार जल-जगल-जमीन को दशी वदशी कप नय को स पा जा रहा ह इसस एक और खतरा भी सामन आ रहा ह सार पि लक स टर बचन और प जी को अ धक स अ धक ट स छट दन वाल वकास क रणनी त पर चलन स सरकार क पास आय क ोत या रह जायग इसस एक तरफ तो सरकार पि लक वलफयर क काम पर कछ भी खच करन क ि थ त म नह रह जायगी और दसर तरफ अपन खच क लय वह आमजनता पर लगातार ट स बढाती जायगी और आमजनता क ह जमा पस का इ तमाल करगी यहा ीलका का एक उदाहरण दना शायद समीचीन होगा ीलका उदार करण और व वीकरण क राह पर चलन वाला द ण ए शया का पहला दश था और वहा इसक श आत 1977-78 म ह हो गयी थी वहा इसका असर भी पहल ह आना श हो गया था 2002 म वहा हालात ऐस हो गय थ क सरकार कामकाज क खच क लय सरकार मजदर क ा वडट फड म जमा पस का 98 इ तमाल कर रह थी 2011 म वहा वप न सरकार क खलाफ यह सवाल उठाया था क सरकार अपना कज चकान क लय मजदर क ा वडट फड क पस का इ तमाल कर रह ह ऐसी भी ि थ त पदा हो सकती ह क जनक याण क

काम और शायद म य -अफसर क वदश दौर भी प जीप तय क सीएसआर या दान पर नभर होत जायग यहा पर यह भी उ लख कर दना ज र ह क सरकार का आनलाइन पमट पर जो अ त र त जोर दखाई द रहा ह उसका टाचार नय ण स तो कोई लना दना नह दखाई द रहा ह ल कन उसका उपरो त बात स गहरा र ता ह हर प जीवाद नी त क कई आयाम होत ह और इसक भी कई आयाम ह ल कन हम यहा उसक कछ ह पहलओ को चि हत कर सकत ह

अ) सभी उ योग और ससाधन क नजीकरण और उ योग को सभी कर म छट दन क वकास रणनी त क चलत सरकार अपन खच क लय सफ जनता स ट स वसलन पर ह नभर होती जा रह ह और सभी कर बढाती जा रह ह और नत नय कर भी लगाती जा रह ह यह जानना मह वपण ह क य कर तो साफ साफ दखाई दता ह जस इनकम ट स इस लय उस अभी कम ह बढाया जा रहा ह सबस अ धक कर का बोझ अ य कर क प म बढया जा रहा ह जो साफ-साफ दखाई नह दता और जो सभी पर लाग होता ह चाह उसक आय कतनी भी कम हो हम जो भी सामान बाजार स खर दत ह उसक एमआरपी दाम म भी कर शा मल होता ह और ऊपर स और अ धक ट सलगाय जात ह कसी भी सामान क दाम म कल कर कर ब 44 ट स शा मल होता ह यानी 100 क दाम म 44 पय का कर इसका लगभग

आधा ह सा तो उसक एमआरपी दाम म शा मल होता ह जो हम दना ह होता ह चाह बना बल क खर द हो ल कन कल कर का लगभग आधा ह सा तभी दना होता ह जब दकानदार प का बल द यानी तब दकानदार भी उस कर को सरकार क पास जमा करगा ल कन करोडो गर ब लोग और लाख छोट दकानदार बना प क बल क खर द ब करत ह और इसक चलत सरकार यह कर नह वसलकर पाती ह यह नकद म लन दन पर ह सभव होता ह य द नकद म लन दन को बद कर दया जाय तो हम कर का वह ह सा भी चकान क लय मजबर कर दया जायगा ऐस म यह रणनी त भी सीध सीध गर ब क जब म डाका डालन क लय ह नद शत ह ऐस हालात म जब करोडो लोग क मजदर और आय जीवन जीन क लय पया त न हो तो उनक ऊपर कर का यह बोझ डालना या यायसगत ह और ऐस हालात म य द गर ब लोग यह कर नह चकात ह तो या यह काला-सफद का मामला ह या यह उनक िज दा रहन क ह एक शत नह ह ऐस हालात म जब कारपोरट कप नय को भार पमान पर ट स म छट और ट स चोर क छट द जा रह हो या आम जनता क साथ यह यादती वािजब ह सीएजी क 2016 क एक रपोट क अनसार इनकमट स डपाटमट न ढाचागत काय करन वाल कप नय को गलत तर क 45000 करोड का ट स लाभ दया उसी क एक रपोट क मता बक 7 लाख करोड य कर नह वसला जा सका और उसका 96 अब वसलना सभव नह रह गया ह उसी क एक अ य रपोट क मता बक सफ 2010-11 म कारपोरट कप नय को 88263 करोड पय क कर छट द गयी

आ) इसका एक और मह वपण ल य ह खदरा यापार को दशी- वदशी कारपोरट कप नय क हाथ स पना यह दो तरह स कया जा रहा ह- अ) कप नय क खदरा यापार चन को ो सा हत करना और खदरा यापार को वदशी प जी क लय खोलना ब) आनलाइन खर द- ब को ो सा हत करना कशलश खर द ब को बढावा दना इसी नीयत स कया जा रहा ह यह दो

ल य को एक साथ परा करता ह खदरा यापार को दशी- वदशी प जी क हाथ स पना और लोग को परा ट स चकान क लय मजबर करना आनलाइन खर द ब और रटल चन क ज रय दशी- वदशी प जी एक साथ गठजोड बनाकर म खदरा यापार म आ रह ह और इसन अभी ह खदरा यापा रय क हालत ख ता कर द ह यह वश ध प स व तीयकरण स मनाफ क लट ह ह इसस एक तरफ तो दश क बाजार पर बडी दशी- वदशी पजी क गठजोड का क जा होता जायगा और दश क उ पादक भी उनक य जकडबद म फसत जायग दसर तरफ खदराबाजार म लगी भार आबाद को बरोजगार क सम या झलनी पडगी इसक साथ ह गर ब आबाद को मजबरन महगा सामान खर दना पडगा पदा होन वाल हालात का इसस ह अदाजा लगाया जा सकता ह क अभी क ष क बाद सबस अ धक आबाद खदरा यापारम ह लगी ह ई ह

इ) यह सव व दत ह क कर ब 600-700 कारपोरट कप नया पि लक स टर बक स लाख करोड का कज लकर उस जानबझकर नह चका रह ह सरकार उनस कज वसलन क बजाय उनका कज माफ कर दती ह 2014-15 म कर ब 114 लाख करोड का ऐसा कज माफ कर दया गया 2016 म सफ टट बक आफ इ डया न ऐसी 63 बडी बइमान कप नय का कज माफ कर दया जो कल 7016 करोड पय का कज लकर उस डकार गयी थी इसस अदाजा लगाया जा सकता ह क सभी पि लक स टर बक स कज माफ स कस भार मा ा म सरकार न कारपोरट कप नय को फायदा पह चाया गया होगा मजदार बात यह ह क ऐसा पि लक स टर बक क साथ ह होता ह यानी यह वश ध प स जनता क पस क खल लट ह इस हालात न पि लक स टर बक क हालत ख ता कर द थी और व सरकार क व भ न योजनाओ म नवश करन क हालत म नह रह गय थ बम करण उ ह इस सकट स उबारन क लय कया गया था बक म पसा आना ज र था और बम करण न ऐस करोड लोग को जो खती या छोटा-मोटा बजनस करत ह और हजार पय बक म रखन क बजाय घर म ह और आपसी लन दन म रखत थ और शाद - याह क लय भी हजार -लाख जमा करक घर म ह रखत थ उ ह जबरन बक म पसा जमा करन क लय मजबर कर दया गया ऐसा तो कसी बडी सना क मदद स भी नह हा सल कया जा सकता था जो बम करण क ज रय हा सल कया गया यह कोई काला-सफद का मामला नह था और कसी टाचार स लडन का मामला नह था इसका उ द य था बक म पसा लाना और यह कोई आ चय क बात नह क सफ दो मह न म ह बक पस स लबा लब भर गय यह इसी स जा हर ह क अचानक बक न लोन क याजदर कम कर द और होमलोन और अ य लोन क लय तरह-तरह क क म लकर बाजार म उतर गय यह परा मामला व तीयकरण स मनाफ क लट का सबस घ टया उदाहरण ह

B द नया क तर पर नया म वभाजन और नयी उ पादन यव था

द नया क उ पादन और वतरण यव था म एक नया म वभाजन अि त व म आया ह िजसक दो मह वपण

अग ह

क) उ पादन यव था को ऐसी व व यापी म य खला या व व शोषण खला म सग ठत कया गया ह

िजसम म सघन काम को वक सत दश स वकासशील दश म भजा जा रहा ह जहा भार बरोजगार

ह और मजदर वक सत दश क मकाबल बह त कम ह अलग-अलग स टर म अलग-अलग रणनी त ह

उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा उ योग म इतना ह काफ ह क वहा मजदर कम ह ल कन

इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म यह भी ज र ह क वहा पाट पज बनान और जोडन लायक

तकनीक तर वाल फि या और ऐसा कौशल रखन वाल मजदर क अ छ -खासी तादात मौजद हो

और उनक माल क लय एक बडा और वक सत होता बाजार भी मौजद हो दसर तरफ प जी और

तकनीक सघन काम को वक सत दश म ह नय त रखा जाता ह ता क वकासशील दश क कप नया

परा ोड ट (माल) बनान क तकनीक न हा सल कर सक और अपना ाड न पदा कर सक इसक

अलावा व परा का परा ोड ट एक दश म नह बनाती ह उ पादन क व भ न ह स को कई दश म

बखर दती ह और इसक वजह स कसी भी दश क कपनी क लय परा ोड ट को बनान क तकनीक

हा सल करना और भी मि कल हो जाता ह दसर तरफ इस तर क स उ पादन खला म मौजद कसी

भी दश क कप नय क और मजदर क उनस सौदबाजी क ताकत भी कम हो जाती ह अगर कसी

दश म उनक उ पादन खला म सकट आया तो व वह काम कसी और दश म करा लती ह इस बात

को व एक ह थयार क प म भी इ तमाल करती ह और दशी कप नय और मजदर को प जी क

पलायन का डर भी दखाती रहती ह व त उ च तकनीक वाल पज रसच और डजाइ नग ा डग और

बाजार पर भावी नय ण क ज रय बह रा य कप नया उ पादन खला को पर तरह क ोल करती ह

इसी क ज रय पर उ पादन खला म िजतना भी अ त र त म य या मनाफा पदा होता ह उसका बडा

ह सा व ह थया लती ह स चाई म अ त र त म य का बडा ह सा तो वकासशील दश म ह पदा

होता ह ल कन उ ह उसका बह त छोटा ह सा ह मलता ह उदाहरण क तौर पर हमार दश क उ योग

म जो भी उ पाद पदा होता ह उसम मौजद अ त र त म य का मा 15-20 ह हम मलता ह जब क

उ पादन या पर नजर डाल तो इसस कह अ धक अ त र त म य यहा पदा होता ह ल कन

बह रा य कप नया काम पान क लय वकासशील दश क बीच होड और दश क भीतर कप नय क बीच

होड का इ तमाल करक उ ह कम क मत वीकार करन क लय मजबर कर दती ह उदाहरण क तौर पर

कपडा उ योग इसक अलावा व सबस अ धक म य उन काय पद डाल दती ह जो व खद करती हए

उदाहरण क तौर पर व त रसच और डजाइ नग ा डग माकग िग आ द तथा व पाट-पज जो व खद

बनाती ह इस तरह व अपन उ पाद क पर शोषण खला म पदा होन वाल मनाफ का बडा भाग लट

लती ह

ख) यहा यह बात और साफ कर दना ज र ह उ पादन खला या शोषण खला क मामल म सा ा यवाद

प जी और दशी प जी क तौर-तर क म अब कोई अ तर नह रह गया ह अ धकाश वकासशील दश म

ऐसी कप नया कम ह या नह ह िजनका व व तर का ाड हो या व व तर पर काम करती ह

ल कन जहा कह ऐसा ह जसा क भारत और चीन म कछ ऐसी कप नया ह तो व भी ठ क उसी तरह

अ य दश म अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय स मनाफ क लट करती ह इतना ह नह

दशी ाड भी दश म उसी तरह क उ पादन खला क ज रय मनाफ क लट करत ह और उ पादन

खला म हर ऊपर वाल कपनी अपन स नीच वाल कपनी स उसी तरह मनाफ क लट करती ह ाड

हमशा अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय पर अपन उ पाद क क मत कम करन क लय दबाव

बनात रहत ह और कप नया क मत कम करन तथा अपन लय भी अ धक स अ धक मनाफा स नि चत

करन क लय मजदर का शोषण अ धक स अ धक बढाती जाती ह

ग) प जी ख टा म त ख ला साड हो गयी ह नयी व व यव था म प जी क अवागमन पर कोई नय ण नह

ह यह उपरो त म वभाजन को प ता और स थागत प दती ह द नया म कह भी कसी भी तरह

क वषम प रि थ त आन पर या द नया क कसी अ य ह स म अ धक मनाफ क सभावना होन पर

यह कभी भी दसर दश म पलायन कर सकती ह यहा तक क दश क भीतर भी कसी एक ह स स

दसर ह स म भाग सकती ह इस मामल म भी दशी और वदशी प जी म कोई अ तर नह रहा और

यह दोन पर ह लाग होता ह प जी का इसस कोई लना दना नह रहा क इसस दश क अथ यव था

या मजदर क जीवन-मरण पर या असर पडता ह गौर करन क बात यह ह क वा त वक पलायन स

अ धक पलायन क धमक को एक ह थयार क प म इ तमाल कया जाता ह

C द नया क नयी स ता यव था

नयी व व यव था को सचा लत करन क लय नयी व व स थाए बनायी गयी ह जो व व सरकार जसा काम करती ह और उनका कानन दश क कानन स ऊपर हो गया ह उदाहरण क तौर पर व व यापार सघ वा त वक प म इन स थाओ को सा ा यवाद दश ह सचा लत ह इसका अग बनन क बाद दश क सरकार ऐसी कोई नी त या कानन नह बना सकती जो व व यापार सघ क नी त या कानन का उ लघन करता हो इन स थाओ क पास यह शि त भी ह क कोई दश य द उनक कानन का उ लघन कर तो उस द डत कया जा सक उदाहरण क तौर पर जन हत म यह ज र हो सकता ह क अपनी क ष और खास उ योग को सि सडी दकर और दश का बाजार उनक ि लय आर त करक उनक वकास को ग त द जाय या जनता को स ता माल उपल ध कराया जाय ल कन यह व व यापार सगठन क कानन का उ लघन हो सकता ह य क यह वदशी प जी क साथ भदभाव होगा इस ि थ त स लोकत क लय ह एक खतरा पदा होता दखाई द रहा ह य क य द चनी ह ई सरकार म यह शि त न रह जाय क व जनता क हत म कानन और नी तया बना सक तो सरकार चनन क अ धकार का भी कोई मतलब नह रह जाता मजदार बात यह ह क आइएलओ और सय त रा सघ क अ य व व स थाए जो मजदर क अ धकार और मानवा धकार क लय कानन बनाती ह उनको ऐसी शि त नह द गयी ह क मजदर क अ धकार या मानवा धकार क उ लघन पर व कसी दश को द डत कर सक सय त रा सघ म आजकल बह रा य कप नय क ग त वधय क लय कछ मानदड बनान क बात चल रह ह ल कन अ धक जोर और अ धक वीक त इसी पर दखाई द रह ह क इ ह

बा यकार कानन का दजा न दया जाय

अब हम यह दखन को शश कर क उपरो त प रि थ तय म मजदर वग और मजदर आ दोलन को कन

सम याओ का सामना करना पड रहा ह

i) प र मजदर वग को एक रजब आम म त द ल कर दना

प जी क आवागमन पर कोई नय ण नह ह उसक लय द नया वा तव म एक गाव बन चक ह ल कन

मजदरवग क आवागमन पर परा नय ण ह यह प रि थ त एक प म पर द नया क मजदरवग को एक रजब

आम यानी एक ऐसी आर त फौज म त द ल कर दता ह िजस प जी जब चाह इ तमाल कर जब चाह बरोजगार

छोड द हम पहल ह चचा कर चक ह क प जी जब चाह पलायन कर सकती ह कछ उ योग तो ऐस ह िजनम

चद दन या चद घट म ऐसा हो सकता ह जस कपडा उ योग इसम थाई प का कोई प जी नवश या

उ पादन का कोई ल बा का ट सामा यत होता ह नह इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म भारत जस

दश म जहा एक बडा बाजार ह उ ह अपना असब लग लाट लगाना पडता ह इस लय भागना इतना आसान

नह होगा ि फर भी बह त अ धक समय नह लगगा य हालात प जी क साथ शि त सतलन म मजदर वग को

कमजोर ि थ त म डाल दत ह रोजगार खोन का डर मजदर क लडाई को कमजोर करता ह दसर तरफ प जी

क पलायन क डर स सरकार मजदर क आ दोलन का बबरता स दमन करन पर आमादा हो जाती ह और

मजदर क हक क परवाह कय बना कप नय क हत क हफाजत करती ह

मजदरवग इस ि थ त को तभी बदल सकता ह जब प जी क इस तरह क आवागमन को रोक सक और यह सफ

तभी सभव ह जब अ) मजदर क दश यपी सघष क ज रय ऐस मकानन क लय सघष जो मजदर को थाई

ह सयत म रोजगार दन क बा यता पदा कर सक वदशी प जी क लय दश म उ पादन क लय ल ब समय क

का ट या समझौत क शत लाग कर सक और छटनी और तालाबद पर मजदर क मआबज क रा श म

बढो तर कर सक इसस प जी क लय बार-बार पलान क रणनी त महगी सा बत होगी ब) मजदर क

अतररा य एकता जो मजदर वरोधी पलायन क रणनी त पर चलन वाल प जी को द डत करन क लय उसक

बाजार को भा वत कर सक स) मजदर क अतररा य एकता जो इस तरह पलायन करक आन वाल प जी को

अपन दश म उस न आन द द) मजदरवग एक ऐसी सरकार लान म कामयाब हो जाय जो प जी क ऐस पलायन

को असभव बना द और य) अतररा य तर पर ऐसी नी तय क लय सघष जो मजदर क कसी भी दश म

आवागमन को खल छट द सक

ii) असग ठत मजदर क शोषण को स थागत प दना और समाज क समची ज रत क उ पादन त

को व व शोषण खला म समट लना

आज असग ठत (इनफामल स टर) क हालात पर बडा सयापा होता ह ल कन अगर हम गहराई म दख तो

यह सब उनक हालत सधारन क बजाय उनक शोषण को स थागत प दता दखाई दता ह इस तथाक थत

इनफामल स टर म तीन तरह क लोग आत ह अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोग छोट इकाइय

म लग अ थाई मजदर और फि य म लग तरह-तरह क अ थाई मजदर वरोजगार म लग लोग और

मजदर क सम याए ब कल अलग ह और अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोगो क सम याए भी

अलग-अलग ह और इनक सम याओ का समाधान भी अलग-अलग ह अगर वा तव म इ ह सकट स बाहर

नकालना हो तो अलग-अलग स टर म इनक वशष सम याओ क मता बक वशष नी तगत समाधान दना

होगा वा तव म यह बह त ज र भी ह य क अगर इनक सकट का समाधान हो जाय तो बराजगार क एक

तहाई सम या का समाधान हो सकता ह ल कन ऐसा करन क बजाय उन सबको मलाकर एक इनफामल

स टर बनान क पीछ एक ह बात हो सकती ह क उनक सकट का समाधान करन क कोइ मशा ह नह ह

उनक लय ऐसी सामािजक सर ा का ावधान कया जाता ह िजसस व कम स कम िज दा रह सक हाला क

यह सब भी पर तरह कागजी ह दखाई दता ह और यह नी तया कह लाग होती नह दखाई दती

दरअसल यह नयी व व यव था और नय म वभाजन क रणनी त का ह एक अग लगता ह

क) उ योग क व व यापी उ पादन या शोषण खला पर गौर कर तो यह खला छोट इकाइय और घर

म काम करन वाल मजदर तक जाती ह और अ त र त म य क एक अ छndashखास ह स का उ पादन

इन असग ठत मजदर वारा कया जाता ह यह सबस कम मजदर म काम करन वाल और सबस

असर त मजदर ह और उ पादन क नयी यव था म दशी- वदशी पजी क लय बह त बड मनाफ का

ोत ह

ख) नयी उ पादन यव था म प जी क सबस बडी ताकत और रणनी त ह उसका ख टा म त होना और कभी

भी पलायन करन क आजाद ल कन य द उ योग म सभी या अ धकाश मजदर थाई ह तो या यह

उतनी आसानी स सभव हो सकगा य द मजदर थायी ह ग तो उनक य नयन भी होगी और मजदर

क लडन क ताकत भी अ धक होगी और व प जी को इतनी आसानी स पलायन नह करन दग दसर

बात य द मजदर थायी ह ग तो प जी को पलायन काफ महगा भी पडगा य क थाई मजदर क हक

को चकता करन म काफ पसा लगाना पडगा और इस लय वह बार बार पलायन क रणनी त नह

इ तमाल कर सकती

ग) नयी उ पादन यव था म कई म उदाहरण क तौर पर कपडा उ योग म फि या आडर पर काम

करती ह और ाड कोई सालाना का ट भी नह करत आडर कभी कम होता ह कभी यादा और कभी

ब कल नह ऐस म अगर थायी मजदर ह ग तो उ ह बार-बार ल-आफ दना पडगा और फि या यह

क मत ाड स वसलगी ऐस म नयी उ पादन यव था म अ थायी मजदर उनक मनाफ का ोत ह

घ) असग ठत म सकट त मजदर क भार फौज एक रजब आम क तरह काम करती ह और

उ योग म मजदर क स लाई को माग स हमशा ऊपर बनाय रखती ह और इसक वजह स मजदर को

हमशा नीच क ओर धकलती रहती ह

ङ) नयी व व यव था क रणनी त यह दखाई दती ह क बडी प जी उन असग ठत को नगल जाय

जहा सीध मनाफा लटा जा सकता ह और अ य असग ठत त को स त म क लट क लय अपनी

उ पादन-शोषण खला म बाध लया जाय उदाहरण क तौर पर रटल यापार और व त स लकर

जलाप त तक क कई अ य सवा स वरोजगार व छोट इकाइय को ख म करक को व पर तरह

क जान म लगी ह ई ह और दसर तरफ स त म क लट क लय उ पादन क म खती व

उ योग म वरोजगार म लग मजदर व छोट इकाइय को अपनी उ पादन खला म समटन क

को शश कर रह ह यहा यह गौर करन क बात ह क आज सरकार क छोट उ योग को बढावा दन

क नी त को उदार करण स पहल वाल प रि थ तय क नगाह स नह दखा जा सकता ह आज यह

उन उ योग पर ल त ह जो दशी- वदशी पजी क उ पादन खला स जड ह ए ह और इस लय परो

प स यह दशी- वदशी बडी पजी क भी मदद ह

जमीनी तौर पर मजदर आ दोलन क सबस बडी रणनी तक सम या और सबस बडी चनौती शायद इसी सवाल

स जडी ह ई ह हर उ योग म भार अनपात म अ थायी मजदर क स या बढन क कारण फ तर पर

य नयन और साम हक सौदबाजी मि कल हो गयी ह यह कछ तर तक वह भावी हो पा रह ह जहा बडी

इकाइया ह और जहा एक खास अनपात म द मजदर को बनाय रखना ज र ह उदाहरण क तौर पर मोटर-

गाडी बनान क उ योग ल कन जहा ऐसी ज रत नह ह और इस लय जहा शायद ह कोई थायी मजदर रखा

जाता ह वहा तो य नयन और साम हक सौदबाजी असभव ह हो गयी ह उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा

उ योग छोट उ योग और वरोजगार म लग लोग को सग ठत करन का सवाल तो एक अलग ह चनौती ह

और इस दशा म तो कोई बडी पहल ह नह दखाई दती ह

मजदर आ दोलन क सम य सम याए और चनौ तया वा त वक ह ल कन ऐसा लगता ह क सकट सफ इन

सम याओ स पदा नह हआ ह सकट का मल व प वचा रक ह और इस सवाल स जडा हआ ह क मजदर

आ दोलन इन सम याओ का कोई भावी समाधान नह तत कर पा रहा ह हम इसक चचा अगल ह स म

करग

iii) म कानन म बदलाव

मकानन म क सरकार और रा य सरकार वारा जो बदलाव कय गय ह या ता वत ह उनस म कानन का ऐसा ढाचा उभरकर सामन आता ह जो मलत चार स तर म वभािजत ह और यह व वशोषण खला क अन प ह

9 स कम मजदर वाल इकाइया इनक लय कोई म कानन ता वत नह ह उ ट घरल उ योग म बाल म क शोषण क छट द द गयी यहा यह यान म रखना ज र ह क यह व वशोषण खला का सबस नचला और सबस असर त तर ह जहा मजदर क भार आबाद को बहद कम मजदर म और वा य क ि ट स खतरनाक ि थ तय म काम करना पडता ह

9-39 मजदर वाल इकाइया इ ह कारखाना कानन स बाहर कया जा रहा ह और एक नय कानन लघ कारखाना कानन म शा मल करन का ताव ह 9 स कम वाल स तर और 9-39 वाल स तर म ह उ पादन क अ य धक म सघन याओ का बडा ह सा सप न कया जाता ह और शोषण खला क अ त र त म य का अ छा-खासा ह सा यह पदा होता ह 9-40 वाल इकाइय म मजदर को बह त सार अ धकार स व चत कया जा रहा ह और नाम मा ह हक उ ह मलन ह

इ ह अब 9 क जगह 19 म कानन स सब धत द तावज बनान और म वभाग म उनक पालन सबधी रटन फाइल करन म छट द द गयी ह

इनम 14 कानन लाग नह ह ग िजनम औ यो गक ववाद अ ध नयम और कारखाना कानन भी शा मल ह उन कानन क सफ कछ ावधान को ता चत लघ उ योग कानन म शा मल कया गया ह

ठका मजदर ( नयमन और खा मा) कानन इनम लाग नह होगा राज थान क कानन म अब यह 50 या अ धक मजदर वाल इकाइय म ह लाग ह (मल म 20 या अ धक पर लाग)

नय मत मजदर क छटनी करन पर 1 माह का नो टस और िजतन साल काम कया ह हर साल क लय 15 दन का मआवजा दना होगा ल कन इसक नौबत ह नह आयगी य क यह ावधान एक साल नय मत स वस पर होन पर ह यह लाग होता ह और ऊपर उदधत कानन म

छट का फायदा उठाकर नयो ता कभी साल भर क स वस पर ह नह होन दग

ईएसआई और पीएफ कानन लाग नह होगा और यहा ईएसआई और पीएफ क जगह दो नयी ाइवट स टर क क म लाग होगी और इसम मजदर को दोन क लय वतन का 10-10 तशत

हर मह न दना होगा काय थल पर भौ तक और रासाय नक सर ा सबधी कोई ावधान नह सफ इतना ह क जहा

खतरनाक या हजाडस चीज का इ तमाल होता होगा वहा कारखाना कानन लाग होगा च का ावधान वह लाग होगा जहा 20 या अ धक म हलाए काम करती ह और उनम स कम

स कम एक का 6 साल स कम का छोटा ब चा हो इसस प ट ह क इस कानन को कोई मतलब नह रह गया

तीन माह म ओवरटाइम काम क घट क सीमा 50 स बढाकर 96 घट क जा रह ह

लघ उ योग कानन म हडताल या हडताल क अ धकार का कोई उ लख ह नह ह एक ऐसा ावधान ह क य द 10 या अ धक मजदर बना नो टस दय एक साथ गरहािजर ह ग तो नयो त

उनक वतन स 8 दन क मजदर काट सकता ह 40 स 299 तक क इकाइया

इनम बना सरकार स अनम त लय छटनी या तालाबद क जा सकती ह

इनम छटनी क लय मजदर को 1 माह का नो टस और मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स हाला क इसक नौबत आयगी ह नह य क यह एक साल क स वस पर होन पर ह लाग होता ह और आजकल उ योग म हालात ऐस ह क हर छह मह न म कागज पर मजदर क नयि त नयी बना दत ह सी मत अव ध का ट का कानन लाग होन क बाद तो नयो ता कसी क भी एक साल क नय मत स वस पर ह नह होन दगा इस अभी कपडा उ योग म लाग कया ह ल कन ज द ह अ य म भी लाग हो सकता ह ऐस हालात म कोई ईएल भी नह पा सकगा और यट दन क नौबत तो कभी आयगी ह नह

ईपीएफ पशन क जगह नयी पशन क म िजसम प रवार लाभ शा मल नह होगा यह शयरबाजार स जडी होगी-और ाइवट कप नय क मनाफा कमान का ज रया बन जाएगी

ईएसआई अ पताल क नजीकरण का ताव जो प र वा थ सवाओ क नजीकरण क योजना का ह एक अग ह

पीएफ को ट स क दायर म लाना पीएफ म शा मल होन को व क बनाना और नयो ता क ओर स पीएफ म जमा कय जान

वाल भाग को सरकार क ओर स दया जाना

नयो ता वारा दय जान वाल पीएफ क भाग को मजदर म शा मल मानना िजसस मजदर बढ ह ई दख और मजदर क असल हालत पर पदा पड जाय

हजाडस कारखान क ल ट को हटाना और सफ हजाडस क एक प रभाषा दना इसस कसी भी कारखान को हजाडस घो षत करवाना बह त मि कल होगा और या काफ ल बी हो जाएगी

म हलाओ को रा पाल म अनम त

तीन माह म ओवरटाइम काम क सीमा बढाकर 115 घट करना (अभी 50 ह)

ड य नयन बनान क लय ज र सद या स या 7 स बढाकर 10 या 100 करना

डय नयन म बाहर सद य पर रोक सफ असग ठत म 2 सद य बाहर क हो सकत ह ड य नयन क मा यता क लय कसी ावधान का ताव नह

हडताल क लय जो क ठन कानन आव यक सवाओ पर लाग था उस सभी पर लाग करन का ताव यानी काननी तौर पर हडताल लगभग असभव गरकाननी हडताल क लय मजदर पर

और तालाबद क लय कारखाना मा लक पर एक ह फाइन-50000 स एक लाख 50 या अ धक मजदर कजअल छटट लकर गरहािजर ह तो यह भी गरकाननी हडताल

ववाद को कोट क बाहर सलझा लन का ावधान और आव यक सवाओ म 2 साल तक हडताल पर तबध (गजरात)

बोनस रा श नधारण क जाच क लय डय नयन नयो ता स कारखान क बलस शीट अब नह माग सकगी

कारखान क इ प शन क लय लबर इ प टर को पहल उ चा धका रय स अनम त लनी होगी और इ प टर क भ मका अब कानन का उ लघन करन वाल पर कारवाई करन क बजाय उ ह कानन का पालन करन म मदद करन क होगी

100 या अ धक मजदर वाल इकाइया ट डग आडर का कानन अब 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय म लाग होगा यह अभी कई

रा य म 50 या अ धक पर लाग होता ह अ य ावधान वह जो 40 स 299 मजदर वाल इकाइय पर लाग 300 या अ धक मजदर वाल इकाइया छटनी या तालाबद क लय सरकार क अनम त ज र

मजदर को 3 माह का नो टस मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स

अ य ावधान वह जो 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय पर लाग मकानन म बदलाव क उपरो त दशा स दो बात प ट होती ह अ) यह कप नय क लय म लागत को

कम स कम करन मजदर को जब चाह काम पर रखन और नकालन क पर छट दन मजदर क हत क

अनदखी करन और मजदर क य नयन बनान और साम हक सौदबाजी करन क मता को ख म करन या कम

स कम करन क दशा म कि त ह और ब) उ योग म शोषण खला का जो ढाचा उभर रहा ह यह उसक

अन प ह एक तरफ छोट इकाइया ह जहा अ धकतम 50 मजदर तक काम करत ह और जहा अ धकाश म

सघन काम सप न होता ह और अ त र त म य का बडा ह सा पदा होता ह दसर तरफ बडी इकाइया ह जहा

100 स 300 तक मजदर काम करत ह और सबस ऊपर थोडी सी ऐसी इकाइया ह जहा 500 स अ धक मजदर

काम करत ह आकड क अनसार पछल 10-12 साल म 10 स 99 मजदर वाल इकाइय का अनपात काफ

घटा ह और दसर तरफ 10 स कम वाल इकाइय और 100-499 वाल इकाइय का अनपात बढ गया ह

दरअसल 10 स कम वाल अ धकाश इकाइया वा तव म 40-50 मजदर को काम पर लगाती ह ल कन कारखाना

कानन स बचन क लय 10 स कम मजदर ह दखाती ह इ ह क सम या को हल करन क लय लघ उ योग

कानन लाया जा रहा ह सार प म इन ता वत कानन स शोषण खला का ढाचा इस प म उभरता दखाई

दता ह अ) घर म काम करन वाल मजदर और 10 स कम वाल इकाइया ब) 10-39 वाल इकाइया स) 40-

299 वाल इकाइया और द) 300 या अ धक वाल इकाइया

iv) प जी का मजदर और जनता पर सवतोमखी नय ण

कोई वग कसी दसर वग पर अपनी स ता सफ दमनत क ताकत क ज रय लब समय तक कायम नह रख

सकता ह शासक वग को शा षत जन म अपनी स ता क कसी न कसी प म एक तर क वीकायता

बनानी पडती ह और अगर वह ऐसा करन म कामयाब नह होता तो उसक स ता भी अ धक समय तक कायम

नह रह सकती ह प जीवाद समाज क लय यह और भी अ धक सच ह पजीप त वग मजदर और आमजन क

वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण कायम करन क को शश करता ह और य द मजदर वग

उस इस पहल पर कोई भावी चनौती नह द पाता ह तो मजदर वग पजी क खलाफ कोई भी भावी सघष

खडा कर पान म सफल नह हो सकता ह प जीवाद समाज म यह वग सघष का एक ब नयाद और मह वपण

पहल ह नयी व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह ल कन

मजदर आ दोलन इस पहल को अ सर नजरदाज करता रहा ह और उस वग सघष क एक ब नयाद पहल क प

म मह व नह द सका ह शायद यह आम जनता क वचार और जीवन पर प जीप त वग क बढत नय ण और

उसको कोई भावी चनौती न द पान क हमार कमजोर का भी एक भाव ह क आज इतन भीषण सकट क

बावजद जनता क ग स का कोई बडा वत फत व फोट नह दखाई दता ह यहा हम सार प म मजदरवग

पर प जीप तवग क नय ण क रणनी त क कछ पहलओ क चचा कर सकत ह

आमजन क वचा रक मानस म प जीप त वग व भ न मा यम स यह लगातार था पत करन क

को शश करता ह क प जीवाद का कोई वक प नह ह नजीकरण और बाजार करण क व तार क साथ

प जीवाद दायर स बाहर कसी अलग जीवन णाल क लय कोई जगह नह रह जाती जो इस वचार को

मजबती दता ह और दश-द नया म कोई वक प नजर न आन स इस उनक वचार मानस म प ता

बनान म मदद मलती ह जीवन क हर ज रत क लय प जीवाद पर पर तरह नभरता और उसस

बाहर नकलन का कोई रा ता न दखाई दन स प जीवाद को वीकार करना एक मजबर भी हो जाती ह

ऐसा ोपागडा बड पमान पर कया जाता ह क प जी क वकास स ह दश को और जनता का वकास हो

सकता ह प जी का वकास होगा तो रोजगार पदा होगा प जी का वकास होगा तो स वधाओ का वकास

होगा प जी का वकास नह होगा तो दश का और जनता का भी वकास क जाएगा और इस लय य द

कोई ऐसी बात करता ह जो प जी क वकास क खलाफ हो तो वह दश का और जनता का द मन ह

आ द आ द

प जीवाद काय थल मजदर को यह अहसास दलाता ह क मजदर और प जीप त दोन का अि त व जडा

हआ ह और मजदर क बहतर क लय प जीप त क बहतर ज र ह नय दौर का सारा प जीवाद

बधन शा और पदा ह ई बधन तकनीक का अमल इस वचार को मजबत बनाता ह रोजगार खोन

का डर भी एक तरह स प जीवाद को वीकार करन क मजबर बन जाती ह

ोपागडा यह नयी व व यव था का एक बह त मजबत और भावी ह थयार ह मी डया स लकर कल -

कालज व व व यालय और शोधस थान तक को भी इसका अग बना दया गया ह इसक ज रय झठ

को सच क तरह पश करना या स य क सफ एक पहल को ह दखाना इ तहास को वकत प म पश

करना म फलाना प जीवाद का म हमामडन करना जो प जीप त वग क हत क खलाफ ह उन वचार

और लोग को बदनाम करना ढ ग पाखड को साइस क तरह पश करना और पछडी चतना को बढावा

दना भडकाऊ झठ खबर बनाना और भडकाऊ कारवाइया करना आ द इनका सबका दायरा बह त व तत

ह यह माल को बचन क लय उनका फायदाबतान वाल झठ रसच स लकर समाजवाद और

समाजवा दय को बदनाम करन क लय झठ घटनाए पदा करन तक का काम करत ह मी डया पर बडी

प जी का पर तरह इजारा कामय हो जान क बाद जनता क पास कोई वकि पक सचनात ख म हो गया

ह और इसक वजह स प जीवाद ोपागडा और अ धक भावी हो गया ह इस हालात न मजदर वग क

सघष क भाव को भी काफ कम कर दया ह दश क कसी शहर म लाख लोग सडक पर आ दोलन

करत ह ल कन पास पडोस क इलाक क लोग को भी इस आ दोलन का पता नह चल पाता यहा तक

क द ल आकर हजार लोग दशन करत ह और द ल क लोग को भी पता नह चलता कह लाख

लोग सघष म जान द रह होत ह ल कन मी डया उ ह यह मानन को मजबर कर दता ह क व पागल ह

या आतकवाद ह और मजदार बात यह ह क लोग एक मनट क लय यह नह सोच पात क व लाख

लोग जो सघष म अपनी जान द रह ह उनक कोई बहद वािजब सम या भी हो सकती ह और यह क

मी डया सफद झठ बोल रहा ह

मजदर वग को वभािजत करन और भटकान क रणनी त प जी क म वरोधी ोपागडा क एक

मह वपण रणनी त ह मजदरवग क भीतर क अतर वरोध को तीखा करना और उ ह एक दसर क वरोधी

क प म तत करना उदाहरण क तौर पर जा त का सवाल धम का सवाल और लगभद का सवाल

और इसक साथ-साथ मजदर क व भ न स तर म अतर वरोध का सवाल उदाहरण क तौर पर

असग ठत ा क मजदर और सग ठत क मजदर कपनी मजदर और ठका मजदर थाई और

अ थाई मजदर ाइबट व पि लक स टर क मजदर आ द इसक बह त सार अ य मह वपण आयाम भी

ह ल कन बात इतन स प ट हो जाती ह इसक साथ ह मजदर आ दोलन म ऐसी रणनी तय को

ो सा हत करना जो सतह पर मजदर क हत म दखती ह ल कन व तत या तो मजदर वरोधी होती

ह या उस बस ऊठक-बठक करन म य त कर दती ह उदाहरण क तौर पर असग ठत मजदर क लय

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Some Reflections on Crisis of the Left in India Marxism 21 Forthcoming

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Page 10: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

2 नयी व व यव था का राजनी तक-आ थक व प और मजदर आ दोलन क

चनौ तया

द नया क राजनी तक आ थक यव था म जो सबस मह वपण बदलाव ह ए ह और उसस मजदर आ दोलन क सम जो चनौ तया उपि थ त होती ह उ ह न न ल खत प म चि हत कया जा सकता ह

A प जी का अ धकाश ह सा-- व तीयकरण स मनाफ क लट हम पहल ह उ लख कर चक ह क प जी तभी पजी होती ह जब उसका व तार होता रह उसका नवश होता रह और वह मनाफा कमाकर छोट स बडी प जी बनती रह य द उसका व तार क जाय तो वह पजी क प म िज दा ह नह रह सकती ह प जी दो तरह क होती ह उ पादक प जी जो उ पादन म लगकर और अ त र त म य पदा करक मनाफा कमाती ह और व तीय प जी जो बना उ पादन म लग और बना अ त र त म य पदा कय सदखोर और स टाबाजार क ज रय मनाफा कमाती ह इस दसर प जी को परजीवी प जी कहा जाता ह य क अ त र त म य तो सफ उ पादक प जी ह पदा करती ह उ पादन क अलावा िजतन भी अ य ह उदाहरण क तौर पर ब कग-बीमा-शयर और स टा बाजार-म ाबाजार-जमीन जायदाद का बजनस यापार और अ य सवाए कोई अ त र त म य पदा नह करती ह आप इसी स समझ सकत ह क म ा जमीन या शयर क दाम खर द और बकवाल स अचानक बढ जात ह और घट जात ह और इस खर द बकवाल स कोई अ त र त म य तो पदा होता नह तो ि फर यह मनाफा आता कहा स ह व तीय प जी क इस मनाफ क दो ह ोत हो सकत ह-उ पादक प जी वारा पदा कय गय अ त र त म य म स लटकर (यानी प जीप त वग क बीच क गलाकाट तयो गता) या ि फर मजदर क जब काटकर या समाज को लटकर आज क दौर म जब अ धकाश उ योग म चद दशी- वदशी प जीप तय क इजारदार कायम हो चक ह व तीय प जी स पदा होन वाला मनाफा मजदर और आम जनता क लट स ह आता ह दश और द नया क अथ यव था म इस परजीवी प जी का ह सा बढना यानी उ पादक प जी का ह सा घटना एक सकट और खतर क घट माना जाता ह और जब इस पजी का ह सा थाई तौर पर बढा हआ दखाई द तो इसका मतलब सकट भी थाई हो चका ह द नया क तर पर दखा जाय तो हालात काफ पहल स ह खतरनाक ि थ त पर पह च चक ह दश क तर पर दख तो इस समय जीडीपी म सवा का ि ह सा अब 60 पह च चका ह और इस सवा का अ धकाश ह सा व तीयकरण स मनाफ क लट ह ह

मजदर वग पर इसका बहआयामी भाव पडता ह यह दखना मजदार होगा क अब जीडीपी वकास दर का रोजगार वकास दर स नाता टट गया दखाई दता ह इसका म य कारण यह ह क जीडीपी क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह दसर बात बार-बार आ थक सकट का आना और इसक वजह स बार-बार रोजगार सकट पदा होना और महगाई का बढत जाना इन सबका व तीयकरण स गहरा र ता ह अब वकास का माडल ह बाहर नवश और बाहर मदद पर आधा रत हो गया ह बाहर मदद और कछ नह याज पर लया जान वाला कज ह और इसक ज रए हमार दश म पदा होन वाल सपदा का एक बडा ह सा सा ा यवाद दश वारा लट लया जाता ह यह व तीयकरण स मनाफ क लट क रणनी त का ह अग ह व वबक-आइएमएफ और अ य ऐसी स थाए इस लट का मा यम ह अगर गहराई स दख तो उ पादन म आनवाल वदशी नवश का अ धकाश ह सा भी व तीयकरण स मनाफ क लट क रणनी त का अग बन चका ह द नया क नयी व व यव था म उ पादन का भी व तीयकरण हो रहा ह अब ाड या मल कप नया जो पदा होन वाल माल क असल मा लक होती ह व अ धकाशत ऐसी होती जा रह ह क व सफ पसा लगाती ह और उ पादन कोई दसरा ह करता ह ल कन व उ पादन को पर तरह नय त करती ह कई प म यह एक खतरनाक ि थ त को पदा कर रहा ह उ पादन क या स और उ पादन म लग मजदर स तथा उ पादन म लगन वाल ाक तक ससाधन स व बह त दर होती ह और इस लय उनक हत -अन हत स व पर तरह असप त होती ह और ाक तक ससाधन पर कोई सकट या मजदर क सघष का उन पर कोई य असर नह पडता कह कोई सकट दखाई दया तो बना अवरोध क व कसी दसर जगह भाग जाती ह एक और नयी चीज पर गौर कर पजी अपरपार हो चक ह और उसक उ पादन मता अपरपार हो चक ह ल कन उस हसाब स समाज म लोग क तर क नह ह ई और न व होन दना चाहत ह ता क लोग कम मजदर पर काम करन क लय मजबर ह और इस लय एक छोटा सा म यवग ह उनक माल का बाजार ह ऐस म अ धक स अ धक माल इसी बाजार म खपाकर अ धक स अ धक मनाफा कमान क लय व इ तमाल करो और फक दो क स क त को बढावा दत ह ऐस माल बनात ह जो यादा दन न चल सक और रपयर करक ल ब समय तक इ तमाल न कय जा सक इस तरह व

हमार आय म स अ त र त लट करत ह ल कन सबस भयानक बात ह क इसस टथ श व पन स लकर मोबाइलफोन व क यटर तक क कबाड भार पमान पर जमा हो रह ह जो खतरनाक ि थ तय का पदा कर रह ह इसक साथ ह यह ाक तक ससाधन क अनाव यक और खतरनाक तर क दोहन को भी बढावा द रहा ह ल कन इन सम याओ स उस व तीय प जी पर कोई य असर नह पडता जो उ पादन को नय त कर रह ह

हमार दश म अभी तक व तीय सवाओ का पर तरह उदार करण नह कया गया ह और इस लय अभी तक व व म पदा होन वाल व तीय सकट का उतना खतरनाक भाव भारत पर नह पड सका ल कन यहा भी इसका पर तरह उदार करण करन क यास तज हो चक ह और सा ा यवाद प जी इसक लय लगातार दबाव डाल रह ह इसका बहआयामी भाव होगा ल कन हम यहा इसक सफ दो मह वपण पहलओ को रखा कत करग

अ) हम पहल चचाकर चक ह व तीय प जी कोई अ त र त म य नह पदा करती ह और उ पादक प जी वारा पदा कय गय अ त र त म य को लटकर ह वह मनाफा कमाती ह ऐस म दशी व तीय प जी वारा लटा गया यह अ त र त म य कम स कम दश म ह रह जाता ह और दश क प जी को बढाता ह और उसका एक ह सा दश क वकास म खच हो सकता ह ल कन य द वदशी व तीय प जी यह अ त र त म य लटगी तो यहा पदा ह ई धन सपदा का यह ह सा सीध बाहर चला जाएगा इसी तरह क बात खदरा बाजार को वदशी प जी क लय खोलन स भी होगी इसस सफ यापार म वरोजगार म लग गर ब लोग का रोजगार ह नह छनगा बि क दशी बाजार पर वदशी प जी का नय ण बढगा और दश म पदा होन वाल अ त र त म य का या नयी धनसपदा का एक ह सा सीध बाहर चला जाएगा मनाफा लटन क यह रणनी त कस तर पर काम कर रह ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क चीन न 2016 म पा क तान टाक ए सचज का 40 फ सद ह सा खर द लया ह ऐसा अ य दश म भी हो रहा ह

आ) व तीय सवाओ को पर तरह खोल दन स सबस खतरनाक बात यह होगी क हमार अथ यव था पर हमारा लगभग कोई भावी नय ण नह रह जाएगा हम पहल ह चचा कर चक ह क स टाबाजार या शयर बाजार जमीन जायदाद क बाजार म ा बाजार आ द म चढाव और उतार खर द और बकवाल स ह पदा होत ह और यह चढाव उतार ह भार मनाफ का ोत ह और भार सकट का भी ोत ह यह खर द और बकवाल स नयोिजत भी हो सकती

ह एक ऐसी द नया म जहा सफ चद बडी कप नया द नया क सम त पजी क भार ह स को नय त करती ह स नयोिजत बकवाल और खर द न सफ भार मनाफा कमान क रणनी त क तौर पर बि क क ह खास अथ यव थाओ को डावाडोल करन क लय भी इ तमाल हो स कती ह दसर तरफ व तीयसवाओ को पर तरह खोलन का यह भी मतलब ह क यह द नया क व त बाजार का ह एक अ भ न ह सा बन जाएगी और द नया क कसी भी कोन म एक छोटा सा सकट सीध यहा भी सकट पदा कर दगा और पर अथ यव था को भा वत करगा व व बक क ह आकडो क अनसार पछल 25 साल म 93 दश क व त यव था को 117 बार गभीर सकट का सामना करना पडा ह और इसक अ त र त 51 बार कम गभीर सकट का सामना करना पडा ह यानी कल मलाकर एक साल म लगभग 6 बार

नजीकरण भी नयी व व यव था म मनाफ क लट क नयी रणनी त का अ भ न अग ह यह दश क सभी ससाधन पर दशी- वदशी पजी का नय ण कायम करन क साथ ह व तीयकरण स मनाफा लटन क रणनी त का भी ह सा ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क सरकार कस तरह सार पि लक स टर बचन पर आमादा ह और कस तरह हमार जल-जगल-जमीन को दशी वदशी कप नय को स पा जा रहा ह इसस एक और खतरा भी सामन आ रहा ह सार पि लक स टर बचन और प जी को अ धक स अ धक ट स छट दन वाल वकास क रणनी त पर चलन स सरकार क पास आय क ोत या रह जायग इसस एक तरफ तो सरकार पि लक वलफयर क काम पर कछ भी खच करन क ि थ त म नह रह जायगी और दसर तरफ अपन खच क लय वह आमजनता पर लगातार ट स बढाती जायगी और आमजनता क ह जमा पस का इ तमाल करगी यहा ीलका का एक उदाहरण दना शायद समीचीन होगा ीलका उदार करण और व वीकरण क राह पर चलन वाला द ण ए शया का पहला दश था और वहा इसक श आत 1977-78 म ह हो गयी थी वहा इसका असर भी पहल ह आना श हो गया था 2002 म वहा हालात ऐस हो गय थ क सरकार कामकाज क खच क लय सरकार मजदर क ा वडट फड म जमा पस का 98 इ तमाल कर रह थी 2011 म वहा वप न सरकार क खलाफ यह सवाल उठाया था क सरकार अपना कज चकान क लय मजदर क ा वडट फड क पस का इ तमाल कर रह ह ऐसी भी ि थ त पदा हो सकती ह क जनक याण क

काम और शायद म य -अफसर क वदश दौर भी प जीप तय क सीएसआर या दान पर नभर होत जायग यहा पर यह भी उ लख कर दना ज र ह क सरकार का आनलाइन पमट पर जो अ त र त जोर दखाई द रहा ह उसका टाचार नय ण स तो कोई लना दना नह दखाई द रहा ह ल कन उसका उपरो त बात स गहरा र ता ह हर प जीवाद नी त क कई आयाम होत ह और इसक भी कई आयाम ह ल कन हम यहा उसक कछ ह पहलओ को चि हत कर सकत ह

अ) सभी उ योग और ससाधन क नजीकरण और उ योग को सभी कर म छट दन क वकास रणनी त क चलत सरकार अपन खच क लय सफ जनता स ट स वसलन पर ह नभर होती जा रह ह और सभी कर बढाती जा रह ह और नत नय कर भी लगाती जा रह ह यह जानना मह वपण ह क य कर तो साफ साफ दखाई दता ह जस इनकम ट स इस लय उस अभी कम ह बढाया जा रहा ह सबस अ धक कर का बोझ अ य कर क प म बढया जा रहा ह जो साफ-साफ दखाई नह दता और जो सभी पर लाग होता ह चाह उसक आय कतनी भी कम हो हम जो भी सामान बाजार स खर दत ह उसक एमआरपी दाम म भी कर शा मल होता ह और ऊपर स और अ धक ट सलगाय जात ह कसी भी सामान क दाम म कल कर कर ब 44 ट स शा मल होता ह यानी 100 क दाम म 44 पय का कर इसका लगभग

आधा ह सा तो उसक एमआरपी दाम म शा मल होता ह जो हम दना ह होता ह चाह बना बल क खर द हो ल कन कल कर का लगभग आधा ह सा तभी दना होता ह जब दकानदार प का बल द यानी तब दकानदार भी उस कर को सरकार क पास जमा करगा ल कन करोडो गर ब लोग और लाख छोट दकानदार बना प क बल क खर द ब करत ह और इसक चलत सरकार यह कर नह वसलकर पाती ह यह नकद म लन दन पर ह सभव होता ह य द नकद म लन दन को बद कर दया जाय तो हम कर का वह ह सा भी चकान क लय मजबर कर दया जायगा ऐस म यह रणनी त भी सीध सीध गर ब क जब म डाका डालन क लय ह नद शत ह ऐस हालात म जब करोडो लोग क मजदर और आय जीवन जीन क लय पया त न हो तो उनक ऊपर कर का यह बोझ डालना या यायसगत ह और ऐस हालात म य द गर ब लोग यह कर नह चकात ह तो या यह काला-सफद का मामला ह या यह उनक िज दा रहन क ह एक शत नह ह ऐस हालात म जब कारपोरट कप नय को भार पमान पर ट स म छट और ट स चोर क छट द जा रह हो या आम जनता क साथ यह यादती वािजब ह सीएजी क 2016 क एक रपोट क अनसार इनकमट स डपाटमट न ढाचागत काय करन वाल कप नय को गलत तर क 45000 करोड का ट स लाभ दया उसी क एक रपोट क मता बक 7 लाख करोड य कर नह वसला जा सका और उसका 96 अब वसलना सभव नह रह गया ह उसी क एक अ य रपोट क मता बक सफ 2010-11 म कारपोरट कप नय को 88263 करोड पय क कर छट द गयी

आ) इसका एक और मह वपण ल य ह खदरा यापार को दशी- वदशी कारपोरट कप नय क हाथ स पना यह दो तरह स कया जा रहा ह- अ) कप नय क खदरा यापार चन को ो सा हत करना और खदरा यापार को वदशी प जी क लय खोलना ब) आनलाइन खर द- ब को ो सा हत करना कशलश खर द ब को बढावा दना इसी नीयत स कया जा रहा ह यह दो

ल य को एक साथ परा करता ह खदरा यापार को दशी- वदशी प जी क हाथ स पना और लोग को परा ट स चकान क लय मजबर करना आनलाइन खर द ब और रटल चन क ज रय दशी- वदशी प जी एक साथ गठजोड बनाकर म खदरा यापार म आ रह ह और इसन अभी ह खदरा यापा रय क हालत ख ता कर द ह यह वश ध प स व तीयकरण स मनाफ क लट ह ह इसस एक तरफ तो दश क बाजार पर बडी दशी- वदशी पजी क गठजोड का क जा होता जायगा और दश क उ पादक भी उनक य जकडबद म फसत जायग दसर तरफ खदराबाजार म लगी भार आबाद को बरोजगार क सम या झलनी पडगी इसक साथ ह गर ब आबाद को मजबरन महगा सामान खर दना पडगा पदा होन वाल हालात का इसस ह अदाजा लगाया जा सकता ह क अभी क ष क बाद सबस अ धक आबाद खदरा यापारम ह लगी ह ई ह

इ) यह सव व दत ह क कर ब 600-700 कारपोरट कप नया पि लक स टर बक स लाख करोड का कज लकर उस जानबझकर नह चका रह ह सरकार उनस कज वसलन क बजाय उनका कज माफ कर दती ह 2014-15 म कर ब 114 लाख करोड का ऐसा कज माफ कर दया गया 2016 म सफ टट बक आफ इ डया न ऐसी 63 बडी बइमान कप नय का कज माफ कर दया जो कल 7016 करोड पय का कज लकर उस डकार गयी थी इसस अदाजा लगाया जा सकता ह क सभी पि लक स टर बक स कज माफ स कस भार मा ा म सरकार न कारपोरट कप नय को फायदा पह चाया गया होगा मजदार बात यह ह क ऐसा पि लक स टर बक क साथ ह होता ह यानी यह वश ध प स जनता क पस क खल लट ह इस हालात न पि लक स टर बक क हालत ख ता कर द थी और व सरकार क व भ न योजनाओ म नवश करन क हालत म नह रह गय थ बम करण उ ह इस सकट स उबारन क लय कया गया था बक म पसा आना ज र था और बम करण न ऐस करोड लोग को जो खती या छोटा-मोटा बजनस करत ह और हजार पय बक म रखन क बजाय घर म ह और आपसी लन दन म रखत थ और शाद - याह क लय भी हजार -लाख जमा करक घर म ह रखत थ उ ह जबरन बक म पसा जमा करन क लय मजबर कर दया गया ऐसा तो कसी बडी सना क मदद स भी नह हा सल कया जा सकता था जो बम करण क ज रय हा सल कया गया यह कोई काला-सफद का मामला नह था और कसी टाचार स लडन का मामला नह था इसका उ द य था बक म पसा लाना और यह कोई आ चय क बात नह क सफ दो मह न म ह बक पस स लबा लब भर गय यह इसी स जा हर ह क अचानक बक न लोन क याजदर कम कर द और होमलोन और अ य लोन क लय तरह-तरह क क म लकर बाजार म उतर गय यह परा मामला व तीयकरण स मनाफ क लट का सबस घ टया उदाहरण ह

B द नया क तर पर नया म वभाजन और नयी उ पादन यव था

द नया क उ पादन और वतरण यव था म एक नया म वभाजन अि त व म आया ह िजसक दो मह वपण

अग ह

क) उ पादन यव था को ऐसी व व यापी म य खला या व व शोषण खला म सग ठत कया गया ह

िजसम म सघन काम को वक सत दश स वकासशील दश म भजा जा रहा ह जहा भार बरोजगार

ह और मजदर वक सत दश क मकाबल बह त कम ह अलग-अलग स टर म अलग-अलग रणनी त ह

उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा उ योग म इतना ह काफ ह क वहा मजदर कम ह ल कन

इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म यह भी ज र ह क वहा पाट पज बनान और जोडन लायक

तकनीक तर वाल फि या और ऐसा कौशल रखन वाल मजदर क अ छ -खासी तादात मौजद हो

और उनक माल क लय एक बडा और वक सत होता बाजार भी मौजद हो दसर तरफ प जी और

तकनीक सघन काम को वक सत दश म ह नय त रखा जाता ह ता क वकासशील दश क कप नया

परा ोड ट (माल) बनान क तकनीक न हा सल कर सक और अपना ाड न पदा कर सक इसक

अलावा व परा का परा ोड ट एक दश म नह बनाती ह उ पादन क व भ न ह स को कई दश म

बखर दती ह और इसक वजह स कसी भी दश क कपनी क लय परा ोड ट को बनान क तकनीक

हा सल करना और भी मि कल हो जाता ह दसर तरफ इस तर क स उ पादन खला म मौजद कसी

भी दश क कप नय क और मजदर क उनस सौदबाजी क ताकत भी कम हो जाती ह अगर कसी

दश म उनक उ पादन खला म सकट आया तो व वह काम कसी और दश म करा लती ह इस बात

को व एक ह थयार क प म भी इ तमाल करती ह और दशी कप नय और मजदर को प जी क

पलायन का डर भी दखाती रहती ह व त उ च तकनीक वाल पज रसच और डजाइ नग ा डग और

बाजार पर भावी नय ण क ज रय बह रा य कप नया उ पादन खला को पर तरह क ोल करती ह

इसी क ज रय पर उ पादन खला म िजतना भी अ त र त म य या मनाफा पदा होता ह उसका बडा

ह सा व ह थया लती ह स चाई म अ त र त म य का बडा ह सा तो वकासशील दश म ह पदा

होता ह ल कन उ ह उसका बह त छोटा ह सा ह मलता ह उदाहरण क तौर पर हमार दश क उ योग

म जो भी उ पाद पदा होता ह उसम मौजद अ त र त म य का मा 15-20 ह हम मलता ह जब क

उ पादन या पर नजर डाल तो इसस कह अ धक अ त र त म य यहा पदा होता ह ल कन

बह रा य कप नया काम पान क लय वकासशील दश क बीच होड और दश क भीतर कप नय क बीच

होड का इ तमाल करक उ ह कम क मत वीकार करन क लय मजबर कर दती ह उदाहरण क तौर पर

कपडा उ योग इसक अलावा व सबस अ धक म य उन काय पद डाल दती ह जो व खद करती हए

उदाहरण क तौर पर व त रसच और डजाइ नग ा डग माकग िग आ द तथा व पाट-पज जो व खद

बनाती ह इस तरह व अपन उ पाद क पर शोषण खला म पदा होन वाल मनाफ का बडा भाग लट

लती ह

ख) यहा यह बात और साफ कर दना ज र ह उ पादन खला या शोषण खला क मामल म सा ा यवाद

प जी और दशी प जी क तौर-तर क म अब कोई अ तर नह रह गया ह अ धकाश वकासशील दश म

ऐसी कप नया कम ह या नह ह िजनका व व तर का ाड हो या व व तर पर काम करती ह

ल कन जहा कह ऐसा ह जसा क भारत और चीन म कछ ऐसी कप नया ह तो व भी ठ क उसी तरह

अ य दश म अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय स मनाफ क लट करती ह इतना ह नह

दशी ाड भी दश म उसी तरह क उ पादन खला क ज रय मनाफ क लट करत ह और उ पादन

खला म हर ऊपर वाल कपनी अपन स नीच वाल कपनी स उसी तरह मनाफ क लट करती ह ाड

हमशा अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय पर अपन उ पाद क क मत कम करन क लय दबाव

बनात रहत ह और कप नया क मत कम करन तथा अपन लय भी अ धक स अ धक मनाफा स नि चत

करन क लय मजदर का शोषण अ धक स अ धक बढाती जाती ह

ग) प जी ख टा म त ख ला साड हो गयी ह नयी व व यव था म प जी क अवागमन पर कोई नय ण नह

ह यह उपरो त म वभाजन को प ता और स थागत प दती ह द नया म कह भी कसी भी तरह

क वषम प रि थ त आन पर या द नया क कसी अ य ह स म अ धक मनाफ क सभावना होन पर

यह कभी भी दसर दश म पलायन कर सकती ह यहा तक क दश क भीतर भी कसी एक ह स स

दसर ह स म भाग सकती ह इस मामल म भी दशी और वदशी प जी म कोई अ तर नह रहा और

यह दोन पर ह लाग होता ह प जी का इसस कोई लना दना नह रहा क इसस दश क अथ यव था

या मजदर क जीवन-मरण पर या असर पडता ह गौर करन क बात यह ह क वा त वक पलायन स

अ धक पलायन क धमक को एक ह थयार क प म इ तमाल कया जाता ह

C द नया क नयी स ता यव था

नयी व व यव था को सचा लत करन क लय नयी व व स थाए बनायी गयी ह जो व व सरकार जसा काम करती ह और उनका कानन दश क कानन स ऊपर हो गया ह उदाहरण क तौर पर व व यापार सघ वा त वक प म इन स थाओ को सा ा यवाद दश ह सचा लत ह इसका अग बनन क बाद दश क सरकार ऐसी कोई नी त या कानन नह बना सकती जो व व यापार सघ क नी त या कानन का उ लघन करता हो इन स थाओ क पास यह शि त भी ह क कोई दश य द उनक कानन का उ लघन कर तो उस द डत कया जा सक उदाहरण क तौर पर जन हत म यह ज र हो सकता ह क अपनी क ष और खास उ योग को सि सडी दकर और दश का बाजार उनक ि लय आर त करक उनक वकास को ग त द जाय या जनता को स ता माल उपल ध कराया जाय ल कन यह व व यापार सगठन क कानन का उ लघन हो सकता ह य क यह वदशी प जी क साथ भदभाव होगा इस ि थ त स लोकत क लय ह एक खतरा पदा होता दखाई द रहा ह य क य द चनी ह ई सरकार म यह शि त न रह जाय क व जनता क हत म कानन और नी तया बना सक तो सरकार चनन क अ धकार का भी कोई मतलब नह रह जाता मजदार बात यह ह क आइएलओ और सय त रा सघ क अ य व व स थाए जो मजदर क अ धकार और मानवा धकार क लय कानन बनाती ह उनको ऐसी शि त नह द गयी ह क मजदर क अ धकार या मानवा धकार क उ लघन पर व कसी दश को द डत कर सक सय त रा सघ म आजकल बह रा य कप नय क ग त वधय क लय कछ मानदड बनान क बात चल रह ह ल कन अ धक जोर और अ धक वीक त इसी पर दखाई द रह ह क इ ह

बा यकार कानन का दजा न दया जाय

अब हम यह दखन को शश कर क उपरो त प रि थ तय म मजदर वग और मजदर आ दोलन को कन

सम याओ का सामना करना पड रहा ह

i) प र मजदर वग को एक रजब आम म त द ल कर दना

प जी क आवागमन पर कोई नय ण नह ह उसक लय द नया वा तव म एक गाव बन चक ह ल कन

मजदरवग क आवागमन पर परा नय ण ह यह प रि थ त एक प म पर द नया क मजदरवग को एक रजब

आम यानी एक ऐसी आर त फौज म त द ल कर दता ह िजस प जी जब चाह इ तमाल कर जब चाह बरोजगार

छोड द हम पहल ह चचा कर चक ह क प जी जब चाह पलायन कर सकती ह कछ उ योग तो ऐस ह िजनम

चद दन या चद घट म ऐसा हो सकता ह जस कपडा उ योग इसम थाई प का कोई प जी नवश या

उ पादन का कोई ल बा का ट सामा यत होता ह नह इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म भारत जस

दश म जहा एक बडा बाजार ह उ ह अपना असब लग लाट लगाना पडता ह इस लय भागना इतना आसान

नह होगा ि फर भी बह त अ धक समय नह लगगा य हालात प जी क साथ शि त सतलन म मजदर वग को

कमजोर ि थ त म डाल दत ह रोजगार खोन का डर मजदर क लडाई को कमजोर करता ह दसर तरफ प जी

क पलायन क डर स सरकार मजदर क आ दोलन का बबरता स दमन करन पर आमादा हो जाती ह और

मजदर क हक क परवाह कय बना कप नय क हत क हफाजत करती ह

मजदरवग इस ि थ त को तभी बदल सकता ह जब प जी क इस तरह क आवागमन को रोक सक और यह सफ

तभी सभव ह जब अ) मजदर क दश यपी सघष क ज रय ऐस मकानन क लय सघष जो मजदर को थाई

ह सयत म रोजगार दन क बा यता पदा कर सक वदशी प जी क लय दश म उ पादन क लय ल ब समय क

का ट या समझौत क शत लाग कर सक और छटनी और तालाबद पर मजदर क मआबज क रा श म

बढो तर कर सक इसस प जी क लय बार-बार पलान क रणनी त महगी सा बत होगी ब) मजदर क

अतररा य एकता जो मजदर वरोधी पलायन क रणनी त पर चलन वाल प जी को द डत करन क लय उसक

बाजार को भा वत कर सक स) मजदर क अतररा य एकता जो इस तरह पलायन करक आन वाल प जी को

अपन दश म उस न आन द द) मजदरवग एक ऐसी सरकार लान म कामयाब हो जाय जो प जी क ऐस पलायन

को असभव बना द और य) अतररा य तर पर ऐसी नी तय क लय सघष जो मजदर क कसी भी दश म

आवागमन को खल छट द सक

ii) असग ठत मजदर क शोषण को स थागत प दना और समाज क समची ज रत क उ पादन त

को व व शोषण खला म समट लना

आज असग ठत (इनफामल स टर) क हालात पर बडा सयापा होता ह ल कन अगर हम गहराई म दख तो

यह सब उनक हालत सधारन क बजाय उनक शोषण को स थागत प दता दखाई दता ह इस तथाक थत

इनफामल स टर म तीन तरह क लोग आत ह अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोग छोट इकाइय

म लग अ थाई मजदर और फि य म लग तरह-तरह क अ थाई मजदर वरोजगार म लग लोग और

मजदर क सम याए ब कल अलग ह और अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोगो क सम याए भी

अलग-अलग ह और इनक सम याओ का समाधान भी अलग-अलग ह अगर वा तव म इ ह सकट स बाहर

नकालना हो तो अलग-अलग स टर म इनक वशष सम याओ क मता बक वशष नी तगत समाधान दना

होगा वा तव म यह बह त ज र भी ह य क अगर इनक सकट का समाधान हो जाय तो बराजगार क एक

तहाई सम या का समाधान हो सकता ह ल कन ऐसा करन क बजाय उन सबको मलाकर एक इनफामल

स टर बनान क पीछ एक ह बात हो सकती ह क उनक सकट का समाधान करन क कोइ मशा ह नह ह

उनक लय ऐसी सामािजक सर ा का ावधान कया जाता ह िजसस व कम स कम िज दा रह सक हाला क

यह सब भी पर तरह कागजी ह दखाई दता ह और यह नी तया कह लाग होती नह दखाई दती

दरअसल यह नयी व व यव था और नय म वभाजन क रणनी त का ह एक अग लगता ह

क) उ योग क व व यापी उ पादन या शोषण खला पर गौर कर तो यह खला छोट इकाइय और घर

म काम करन वाल मजदर तक जाती ह और अ त र त म य क एक अ छndashखास ह स का उ पादन

इन असग ठत मजदर वारा कया जाता ह यह सबस कम मजदर म काम करन वाल और सबस

असर त मजदर ह और उ पादन क नयी यव था म दशी- वदशी पजी क लय बह त बड मनाफ का

ोत ह

ख) नयी उ पादन यव था म प जी क सबस बडी ताकत और रणनी त ह उसका ख टा म त होना और कभी

भी पलायन करन क आजाद ल कन य द उ योग म सभी या अ धकाश मजदर थाई ह तो या यह

उतनी आसानी स सभव हो सकगा य द मजदर थायी ह ग तो उनक य नयन भी होगी और मजदर

क लडन क ताकत भी अ धक होगी और व प जी को इतनी आसानी स पलायन नह करन दग दसर

बात य द मजदर थायी ह ग तो प जी को पलायन काफ महगा भी पडगा य क थाई मजदर क हक

को चकता करन म काफ पसा लगाना पडगा और इस लय वह बार बार पलायन क रणनी त नह

इ तमाल कर सकती

ग) नयी उ पादन यव था म कई म उदाहरण क तौर पर कपडा उ योग म फि या आडर पर काम

करती ह और ाड कोई सालाना का ट भी नह करत आडर कभी कम होता ह कभी यादा और कभी

ब कल नह ऐस म अगर थायी मजदर ह ग तो उ ह बार-बार ल-आफ दना पडगा और फि या यह

क मत ाड स वसलगी ऐस म नयी उ पादन यव था म अ थायी मजदर उनक मनाफ का ोत ह

घ) असग ठत म सकट त मजदर क भार फौज एक रजब आम क तरह काम करती ह और

उ योग म मजदर क स लाई को माग स हमशा ऊपर बनाय रखती ह और इसक वजह स मजदर को

हमशा नीच क ओर धकलती रहती ह

ङ) नयी व व यव था क रणनी त यह दखाई दती ह क बडी प जी उन असग ठत को नगल जाय

जहा सीध मनाफा लटा जा सकता ह और अ य असग ठत त को स त म क लट क लय अपनी

उ पादन-शोषण खला म बाध लया जाय उदाहरण क तौर पर रटल यापार और व त स लकर

जलाप त तक क कई अ य सवा स वरोजगार व छोट इकाइय को ख म करक को व पर तरह

क जान म लगी ह ई ह और दसर तरफ स त म क लट क लय उ पादन क म खती व

उ योग म वरोजगार म लग मजदर व छोट इकाइय को अपनी उ पादन खला म समटन क

को शश कर रह ह यहा यह गौर करन क बात ह क आज सरकार क छोट उ योग को बढावा दन

क नी त को उदार करण स पहल वाल प रि थ तय क नगाह स नह दखा जा सकता ह आज यह

उन उ योग पर ल त ह जो दशी- वदशी पजी क उ पादन खला स जड ह ए ह और इस लय परो

प स यह दशी- वदशी बडी पजी क भी मदद ह

जमीनी तौर पर मजदर आ दोलन क सबस बडी रणनी तक सम या और सबस बडी चनौती शायद इसी सवाल

स जडी ह ई ह हर उ योग म भार अनपात म अ थायी मजदर क स या बढन क कारण फ तर पर

य नयन और साम हक सौदबाजी मि कल हो गयी ह यह कछ तर तक वह भावी हो पा रह ह जहा बडी

इकाइया ह और जहा एक खास अनपात म द मजदर को बनाय रखना ज र ह उदाहरण क तौर पर मोटर-

गाडी बनान क उ योग ल कन जहा ऐसी ज रत नह ह और इस लय जहा शायद ह कोई थायी मजदर रखा

जाता ह वहा तो य नयन और साम हक सौदबाजी असभव ह हो गयी ह उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा

उ योग छोट उ योग और वरोजगार म लग लोग को सग ठत करन का सवाल तो एक अलग ह चनौती ह

और इस दशा म तो कोई बडी पहल ह नह दखाई दती ह

मजदर आ दोलन क सम य सम याए और चनौ तया वा त वक ह ल कन ऐसा लगता ह क सकट सफ इन

सम याओ स पदा नह हआ ह सकट का मल व प वचा रक ह और इस सवाल स जडा हआ ह क मजदर

आ दोलन इन सम याओ का कोई भावी समाधान नह तत कर पा रहा ह हम इसक चचा अगल ह स म

करग

iii) म कानन म बदलाव

मकानन म क सरकार और रा य सरकार वारा जो बदलाव कय गय ह या ता वत ह उनस म कानन का ऐसा ढाचा उभरकर सामन आता ह जो मलत चार स तर म वभािजत ह और यह व वशोषण खला क अन प ह

9 स कम मजदर वाल इकाइया इनक लय कोई म कानन ता वत नह ह उ ट घरल उ योग म बाल म क शोषण क छट द द गयी यहा यह यान म रखना ज र ह क यह व वशोषण खला का सबस नचला और सबस असर त तर ह जहा मजदर क भार आबाद को बहद कम मजदर म और वा य क ि ट स खतरनाक ि थ तय म काम करना पडता ह

9-39 मजदर वाल इकाइया इ ह कारखाना कानन स बाहर कया जा रहा ह और एक नय कानन लघ कारखाना कानन म शा मल करन का ताव ह 9 स कम वाल स तर और 9-39 वाल स तर म ह उ पादन क अ य धक म सघन याओ का बडा ह सा सप न कया जाता ह और शोषण खला क अ त र त म य का अ छा-खासा ह सा यह पदा होता ह 9-40 वाल इकाइय म मजदर को बह त सार अ धकार स व चत कया जा रहा ह और नाम मा ह हक उ ह मलन ह

इ ह अब 9 क जगह 19 म कानन स सब धत द तावज बनान और म वभाग म उनक पालन सबधी रटन फाइल करन म छट द द गयी ह

इनम 14 कानन लाग नह ह ग िजनम औ यो गक ववाद अ ध नयम और कारखाना कानन भी शा मल ह उन कानन क सफ कछ ावधान को ता चत लघ उ योग कानन म शा मल कया गया ह

ठका मजदर ( नयमन और खा मा) कानन इनम लाग नह होगा राज थान क कानन म अब यह 50 या अ धक मजदर वाल इकाइय म ह लाग ह (मल म 20 या अ धक पर लाग)

नय मत मजदर क छटनी करन पर 1 माह का नो टस और िजतन साल काम कया ह हर साल क लय 15 दन का मआवजा दना होगा ल कन इसक नौबत ह नह आयगी य क यह ावधान एक साल नय मत स वस पर होन पर ह यह लाग होता ह और ऊपर उदधत कानन म

छट का फायदा उठाकर नयो ता कभी साल भर क स वस पर ह नह होन दग

ईएसआई और पीएफ कानन लाग नह होगा और यहा ईएसआई और पीएफ क जगह दो नयी ाइवट स टर क क म लाग होगी और इसम मजदर को दोन क लय वतन का 10-10 तशत

हर मह न दना होगा काय थल पर भौ तक और रासाय नक सर ा सबधी कोई ावधान नह सफ इतना ह क जहा

खतरनाक या हजाडस चीज का इ तमाल होता होगा वहा कारखाना कानन लाग होगा च का ावधान वह लाग होगा जहा 20 या अ धक म हलाए काम करती ह और उनम स कम

स कम एक का 6 साल स कम का छोटा ब चा हो इसस प ट ह क इस कानन को कोई मतलब नह रह गया

तीन माह म ओवरटाइम काम क घट क सीमा 50 स बढाकर 96 घट क जा रह ह

लघ उ योग कानन म हडताल या हडताल क अ धकार का कोई उ लख ह नह ह एक ऐसा ावधान ह क य द 10 या अ धक मजदर बना नो टस दय एक साथ गरहािजर ह ग तो नयो त

उनक वतन स 8 दन क मजदर काट सकता ह 40 स 299 तक क इकाइया

इनम बना सरकार स अनम त लय छटनी या तालाबद क जा सकती ह

इनम छटनी क लय मजदर को 1 माह का नो टस और मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स हाला क इसक नौबत आयगी ह नह य क यह एक साल क स वस पर होन पर ह लाग होता ह और आजकल उ योग म हालात ऐस ह क हर छह मह न म कागज पर मजदर क नयि त नयी बना दत ह सी मत अव ध का ट का कानन लाग होन क बाद तो नयो ता कसी क भी एक साल क नय मत स वस पर ह नह होन दगा इस अभी कपडा उ योग म लाग कया ह ल कन ज द ह अ य म भी लाग हो सकता ह ऐस हालात म कोई ईएल भी नह पा सकगा और यट दन क नौबत तो कभी आयगी ह नह

ईपीएफ पशन क जगह नयी पशन क म िजसम प रवार लाभ शा मल नह होगा यह शयरबाजार स जडी होगी-और ाइवट कप नय क मनाफा कमान का ज रया बन जाएगी

ईएसआई अ पताल क नजीकरण का ताव जो प र वा थ सवाओ क नजीकरण क योजना का ह एक अग ह

पीएफ को ट स क दायर म लाना पीएफ म शा मल होन को व क बनाना और नयो ता क ओर स पीएफ म जमा कय जान

वाल भाग को सरकार क ओर स दया जाना

नयो ता वारा दय जान वाल पीएफ क भाग को मजदर म शा मल मानना िजसस मजदर बढ ह ई दख और मजदर क असल हालत पर पदा पड जाय

हजाडस कारखान क ल ट को हटाना और सफ हजाडस क एक प रभाषा दना इसस कसी भी कारखान को हजाडस घो षत करवाना बह त मि कल होगा और या काफ ल बी हो जाएगी

म हलाओ को रा पाल म अनम त

तीन माह म ओवरटाइम काम क सीमा बढाकर 115 घट करना (अभी 50 ह)

ड य नयन बनान क लय ज र सद या स या 7 स बढाकर 10 या 100 करना

डय नयन म बाहर सद य पर रोक सफ असग ठत म 2 सद य बाहर क हो सकत ह ड य नयन क मा यता क लय कसी ावधान का ताव नह

हडताल क लय जो क ठन कानन आव यक सवाओ पर लाग था उस सभी पर लाग करन का ताव यानी काननी तौर पर हडताल लगभग असभव गरकाननी हडताल क लय मजदर पर

और तालाबद क लय कारखाना मा लक पर एक ह फाइन-50000 स एक लाख 50 या अ धक मजदर कजअल छटट लकर गरहािजर ह तो यह भी गरकाननी हडताल

ववाद को कोट क बाहर सलझा लन का ावधान और आव यक सवाओ म 2 साल तक हडताल पर तबध (गजरात)

बोनस रा श नधारण क जाच क लय डय नयन नयो ता स कारखान क बलस शीट अब नह माग सकगी

कारखान क इ प शन क लय लबर इ प टर को पहल उ चा धका रय स अनम त लनी होगी और इ प टर क भ मका अब कानन का उ लघन करन वाल पर कारवाई करन क बजाय उ ह कानन का पालन करन म मदद करन क होगी

100 या अ धक मजदर वाल इकाइया ट डग आडर का कानन अब 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय म लाग होगा यह अभी कई

रा य म 50 या अ धक पर लाग होता ह अ य ावधान वह जो 40 स 299 मजदर वाल इकाइय पर लाग 300 या अ धक मजदर वाल इकाइया छटनी या तालाबद क लय सरकार क अनम त ज र

मजदर को 3 माह का नो टस मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स

अ य ावधान वह जो 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय पर लाग मकानन म बदलाव क उपरो त दशा स दो बात प ट होती ह अ) यह कप नय क लय म लागत को

कम स कम करन मजदर को जब चाह काम पर रखन और नकालन क पर छट दन मजदर क हत क

अनदखी करन और मजदर क य नयन बनान और साम हक सौदबाजी करन क मता को ख म करन या कम

स कम करन क दशा म कि त ह और ब) उ योग म शोषण खला का जो ढाचा उभर रहा ह यह उसक

अन प ह एक तरफ छोट इकाइया ह जहा अ धकतम 50 मजदर तक काम करत ह और जहा अ धकाश म

सघन काम सप न होता ह और अ त र त म य का बडा ह सा पदा होता ह दसर तरफ बडी इकाइया ह जहा

100 स 300 तक मजदर काम करत ह और सबस ऊपर थोडी सी ऐसी इकाइया ह जहा 500 स अ धक मजदर

काम करत ह आकड क अनसार पछल 10-12 साल म 10 स 99 मजदर वाल इकाइय का अनपात काफ

घटा ह और दसर तरफ 10 स कम वाल इकाइय और 100-499 वाल इकाइय का अनपात बढ गया ह

दरअसल 10 स कम वाल अ धकाश इकाइया वा तव म 40-50 मजदर को काम पर लगाती ह ल कन कारखाना

कानन स बचन क लय 10 स कम मजदर ह दखाती ह इ ह क सम या को हल करन क लय लघ उ योग

कानन लाया जा रहा ह सार प म इन ता वत कानन स शोषण खला का ढाचा इस प म उभरता दखाई

दता ह अ) घर म काम करन वाल मजदर और 10 स कम वाल इकाइया ब) 10-39 वाल इकाइया स) 40-

299 वाल इकाइया और द) 300 या अ धक वाल इकाइया

iv) प जी का मजदर और जनता पर सवतोमखी नय ण

कोई वग कसी दसर वग पर अपनी स ता सफ दमनत क ताकत क ज रय लब समय तक कायम नह रख

सकता ह शासक वग को शा षत जन म अपनी स ता क कसी न कसी प म एक तर क वीकायता

बनानी पडती ह और अगर वह ऐसा करन म कामयाब नह होता तो उसक स ता भी अ धक समय तक कायम

नह रह सकती ह प जीवाद समाज क लय यह और भी अ धक सच ह पजीप त वग मजदर और आमजन क

वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण कायम करन क को शश करता ह और य द मजदर वग

उस इस पहल पर कोई भावी चनौती नह द पाता ह तो मजदर वग पजी क खलाफ कोई भी भावी सघष

खडा कर पान म सफल नह हो सकता ह प जीवाद समाज म यह वग सघष का एक ब नयाद और मह वपण

पहल ह नयी व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह ल कन

मजदर आ दोलन इस पहल को अ सर नजरदाज करता रहा ह और उस वग सघष क एक ब नयाद पहल क प

म मह व नह द सका ह शायद यह आम जनता क वचार और जीवन पर प जीप त वग क बढत नय ण और

उसको कोई भावी चनौती न द पान क हमार कमजोर का भी एक भाव ह क आज इतन भीषण सकट क

बावजद जनता क ग स का कोई बडा वत फत व फोट नह दखाई दता ह यहा हम सार प म मजदरवग

पर प जीप तवग क नय ण क रणनी त क कछ पहलओ क चचा कर सकत ह

आमजन क वचा रक मानस म प जीप त वग व भ न मा यम स यह लगातार था पत करन क

को शश करता ह क प जीवाद का कोई वक प नह ह नजीकरण और बाजार करण क व तार क साथ

प जीवाद दायर स बाहर कसी अलग जीवन णाल क लय कोई जगह नह रह जाती जो इस वचार को

मजबती दता ह और दश-द नया म कोई वक प नजर न आन स इस उनक वचार मानस म प ता

बनान म मदद मलती ह जीवन क हर ज रत क लय प जीवाद पर पर तरह नभरता और उसस

बाहर नकलन का कोई रा ता न दखाई दन स प जीवाद को वीकार करना एक मजबर भी हो जाती ह

ऐसा ोपागडा बड पमान पर कया जाता ह क प जी क वकास स ह दश को और जनता का वकास हो

सकता ह प जी का वकास होगा तो रोजगार पदा होगा प जी का वकास होगा तो स वधाओ का वकास

होगा प जी का वकास नह होगा तो दश का और जनता का भी वकास क जाएगा और इस लय य द

कोई ऐसी बात करता ह जो प जी क वकास क खलाफ हो तो वह दश का और जनता का द मन ह

आ द आ द

प जीवाद काय थल मजदर को यह अहसास दलाता ह क मजदर और प जीप त दोन का अि त व जडा

हआ ह और मजदर क बहतर क लय प जीप त क बहतर ज र ह नय दौर का सारा प जीवाद

बधन शा और पदा ह ई बधन तकनीक का अमल इस वचार को मजबत बनाता ह रोजगार खोन

का डर भी एक तरह स प जीवाद को वीकार करन क मजबर बन जाती ह

ोपागडा यह नयी व व यव था का एक बह त मजबत और भावी ह थयार ह मी डया स लकर कल -

कालज व व व यालय और शोधस थान तक को भी इसका अग बना दया गया ह इसक ज रय झठ

को सच क तरह पश करना या स य क सफ एक पहल को ह दखाना इ तहास को वकत प म पश

करना म फलाना प जीवाद का म हमामडन करना जो प जीप त वग क हत क खलाफ ह उन वचार

और लोग को बदनाम करना ढ ग पाखड को साइस क तरह पश करना और पछडी चतना को बढावा

दना भडकाऊ झठ खबर बनाना और भडकाऊ कारवाइया करना आ द इनका सबका दायरा बह त व तत

ह यह माल को बचन क लय उनका फायदाबतान वाल झठ रसच स लकर समाजवाद और

समाजवा दय को बदनाम करन क लय झठ घटनाए पदा करन तक का काम करत ह मी डया पर बडी

प जी का पर तरह इजारा कामय हो जान क बाद जनता क पास कोई वकि पक सचनात ख म हो गया

ह और इसक वजह स प जीवाद ोपागडा और अ धक भावी हो गया ह इस हालात न मजदर वग क

सघष क भाव को भी काफ कम कर दया ह दश क कसी शहर म लाख लोग सडक पर आ दोलन

करत ह ल कन पास पडोस क इलाक क लोग को भी इस आ दोलन का पता नह चल पाता यहा तक

क द ल आकर हजार लोग दशन करत ह और द ल क लोग को भी पता नह चलता कह लाख

लोग सघष म जान द रह होत ह ल कन मी डया उ ह यह मानन को मजबर कर दता ह क व पागल ह

या आतकवाद ह और मजदार बात यह ह क लोग एक मनट क लय यह नह सोच पात क व लाख

लोग जो सघष म अपनी जान द रह ह उनक कोई बहद वािजब सम या भी हो सकती ह और यह क

मी डया सफद झठ बोल रहा ह

मजदर वग को वभािजत करन और भटकान क रणनी त प जी क म वरोधी ोपागडा क एक

मह वपण रणनी त ह मजदरवग क भीतर क अतर वरोध को तीखा करना और उ ह एक दसर क वरोधी

क प म तत करना उदाहरण क तौर पर जा त का सवाल धम का सवाल और लगभद का सवाल

और इसक साथ-साथ मजदर क व भ न स तर म अतर वरोध का सवाल उदाहरण क तौर पर

असग ठत ा क मजदर और सग ठत क मजदर कपनी मजदर और ठका मजदर थाई और

अ थाई मजदर ाइबट व पि लक स टर क मजदर आ द इसक बह त सार अ य मह वपण आयाम भी

ह ल कन बात इतन स प ट हो जाती ह इसक साथ ह मजदर आ दोलन म ऐसी रणनी तय को

ो सा हत करना जो सतह पर मजदर क हत म दखती ह ल कन व तत या तो मजदर वरोधी होती

ह या उस बस ऊठक-बठक करन म य त कर दती ह उदाहरण क तौर पर असग ठत मजदर क लय

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Some Reflections on Crisis of the Left in India Marxism 21 Forthcoming

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Page 11: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

मजदर वग पर इसका बहआयामी भाव पडता ह यह दखना मजदार होगा क अब जीडीपी वकास दर का रोजगार वकास दर स नाता टट गया दखाई दता ह इसका म य कारण यह ह क जीडीपी क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह दसर बात बार-बार आ थक सकट का आना और इसक वजह स बार-बार रोजगार सकट पदा होना और महगाई का बढत जाना इन सबका व तीयकरण स गहरा र ता ह अब वकास का माडल ह बाहर नवश और बाहर मदद पर आधा रत हो गया ह बाहर मदद और कछ नह याज पर लया जान वाला कज ह और इसक ज रए हमार दश म पदा होन वाल सपदा का एक बडा ह सा सा ा यवाद दश वारा लट लया जाता ह यह व तीयकरण स मनाफ क लट क रणनी त का ह अग ह व वबक-आइएमएफ और अ य ऐसी स थाए इस लट का मा यम ह अगर गहराई स दख तो उ पादन म आनवाल वदशी नवश का अ धकाश ह सा भी व तीयकरण स मनाफ क लट क रणनी त का अग बन चका ह द नया क नयी व व यव था म उ पादन का भी व तीयकरण हो रहा ह अब ाड या मल कप नया जो पदा होन वाल माल क असल मा लक होती ह व अ धकाशत ऐसी होती जा रह ह क व सफ पसा लगाती ह और उ पादन कोई दसरा ह करता ह ल कन व उ पादन को पर तरह नय त करती ह कई प म यह एक खतरनाक ि थ त को पदा कर रहा ह उ पादन क या स और उ पादन म लग मजदर स तथा उ पादन म लगन वाल ाक तक ससाधन स व बह त दर होती ह और इस लय उनक हत -अन हत स व पर तरह असप त होती ह और ाक तक ससाधन पर कोई सकट या मजदर क सघष का उन पर कोई य असर नह पडता कह कोई सकट दखाई दया तो बना अवरोध क व कसी दसर जगह भाग जाती ह एक और नयी चीज पर गौर कर पजी अपरपार हो चक ह और उसक उ पादन मता अपरपार हो चक ह ल कन उस हसाब स समाज म लोग क तर क नह ह ई और न व होन दना चाहत ह ता क लोग कम मजदर पर काम करन क लय मजबर ह और इस लय एक छोटा सा म यवग ह उनक माल का बाजार ह ऐस म अ धक स अ धक माल इसी बाजार म खपाकर अ धक स अ धक मनाफा कमान क लय व इ तमाल करो और फक दो क स क त को बढावा दत ह ऐस माल बनात ह जो यादा दन न चल सक और रपयर करक ल ब समय तक इ तमाल न कय जा सक इस तरह व

हमार आय म स अ त र त लट करत ह ल कन सबस भयानक बात ह क इसस टथ श व पन स लकर मोबाइलफोन व क यटर तक क कबाड भार पमान पर जमा हो रह ह जो खतरनाक ि थ तय का पदा कर रह ह इसक साथ ह यह ाक तक ससाधन क अनाव यक और खतरनाक तर क दोहन को भी बढावा द रहा ह ल कन इन सम याओ स उस व तीय प जी पर कोई य असर नह पडता जो उ पादन को नय त कर रह ह

हमार दश म अभी तक व तीय सवाओ का पर तरह उदार करण नह कया गया ह और इस लय अभी तक व व म पदा होन वाल व तीय सकट का उतना खतरनाक भाव भारत पर नह पड सका ल कन यहा भी इसका पर तरह उदार करण करन क यास तज हो चक ह और सा ा यवाद प जी इसक लय लगातार दबाव डाल रह ह इसका बहआयामी भाव होगा ल कन हम यहा इसक सफ दो मह वपण पहलओ को रखा कत करग

अ) हम पहल चचाकर चक ह व तीय प जी कोई अ त र त म य नह पदा करती ह और उ पादक प जी वारा पदा कय गय अ त र त म य को लटकर ह वह मनाफा कमाती ह ऐस म दशी व तीय प जी वारा लटा गया यह अ त र त म य कम स कम दश म ह रह जाता ह और दश क प जी को बढाता ह और उसका एक ह सा दश क वकास म खच हो सकता ह ल कन य द वदशी व तीय प जी यह अ त र त म य लटगी तो यहा पदा ह ई धन सपदा का यह ह सा सीध बाहर चला जाएगा इसी तरह क बात खदरा बाजार को वदशी प जी क लय खोलन स भी होगी इसस सफ यापार म वरोजगार म लग गर ब लोग का रोजगार ह नह छनगा बि क दशी बाजार पर वदशी प जी का नय ण बढगा और दश म पदा होन वाल अ त र त म य का या नयी धनसपदा का एक ह सा सीध बाहर चला जाएगा मनाफा लटन क यह रणनी त कस तर पर काम कर रह ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क चीन न 2016 म पा क तान टाक ए सचज का 40 फ सद ह सा खर द लया ह ऐसा अ य दश म भी हो रहा ह

आ) व तीय सवाओ को पर तरह खोल दन स सबस खतरनाक बात यह होगी क हमार अथ यव था पर हमारा लगभग कोई भावी नय ण नह रह जाएगा हम पहल ह चचा कर चक ह क स टाबाजार या शयर बाजार जमीन जायदाद क बाजार म ा बाजार आ द म चढाव और उतार खर द और बकवाल स ह पदा होत ह और यह चढाव उतार ह भार मनाफ का ोत ह और भार सकट का भी ोत ह यह खर द और बकवाल स नयोिजत भी हो सकती

ह एक ऐसी द नया म जहा सफ चद बडी कप नया द नया क सम त पजी क भार ह स को नय त करती ह स नयोिजत बकवाल और खर द न सफ भार मनाफा कमान क रणनी त क तौर पर बि क क ह खास अथ यव थाओ को डावाडोल करन क लय भी इ तमाल हो स कती ह दसर तरफ व तीयसवाओ को पर तरह खोलन का यह भी मतलब ह क यह द नया क व त बाजार का ह एक अ भ न ह सा बन जाएगी और द नया क कसी भी कोन म एक छोटा सा सकट सीध यहा भी सकट पदा कर दगा और पर अथ यव था को भा वत करगा व व बक क ह आकडो क अनसार पछल 25 साल म 93 दश क व त यव था को 117 बार गभीर सकट का सामना करना पडा ह और इसक अ त र त 51 बार कम गभीर सकट का सामना करना पडा ह यानी कल मलाकर एक साल म लगभग 6 बार

नजीकरण भी नयी व व यव था म मनाफ क लट क नयी रणनी त का अ भ न अग ह यह दश क सभी ससाधन पर दशी- वदशी पजी का नय ण कायम करन क साथ ह व तीयकरण स मनाफा लटन क रणनी त का भी ह सा ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क सरकार कस तरह सार पि लक स टर बचन पर आमादा ह और कस तरह हमार जल-जगल-जमीन को दशी वदशी कप नय को स पा जा रहा ह इसस एक और खतरा भी सामन आ रहा ह सार पि लक स टर बचन और प जी को अ धक स अ धक ट स छट दन वाल वकास क रणनी त पर चलन स सरकार क पास आय क ोत या रह जायग इसस एक तरफ तो सरकार पि लक वलफयर क काम पर कछ भी खच करन क ि थ त म नह रह जायगी और दसर तरफ अपन खच क लय वह आमजनता पर लगातार ट स बढाती जायगी और आमजनता क ह जमा पस का इ तमाल करगी यहा ीलका का एक उदाहरण दना शायद समीचीन होगा ीलका उदार करण और व वीकरण क राह पर चलन वाला द ण ए शया का पहला दश था और वहा इसक श आत 1977-78 म ह हो गयी थी वहा इसका असर भी पहल ह आना श हो गया था 2002 म वहा हालात ऐस हो गय थ क सरकार कामकाज क खच क लय सरकार मजदर क ा वडट फड म जमा पस का 98 इ तमाल कर रह थी 2011 म वहा वप न सरकार क खलाफ यह सवाल उठाया था क सरकार अपना कज चकान क लय मजदर क ा वडट फड क पस का इ तमाल कर रह ह ऐसी भी ि थ त पदा हो सकती ह क जनक याण क

काम और शायद म य -अफसर क वदश दौर भी प जीप तय क सीएसआर या दान पर नभर होत जायग यहा पर यह भी उ लख कर दना ज र ह क सरकार का आनलाइन पमट पर जो अ त र त जोर दखाई द रहा ह उसका टाचार नय ण स तो कोई लना दना नह दखाई द रहा ह ल कन उसका उपरो त बात स गहरा र ता ह हर प जीवाद नी त क कई आयाम होत ह और इसक भी कई आयाम ह ल कन हम यहा उसक कछ ह पहलओ को चि हत कर सकत ह

अ) सभी उ योग और ससाधन क नजीकरण और उ योग को सभी कर म छट दन क वकास रणनी त क चलत सरकार अपन खच क लय सफ जनता स ट स वसलन पर ह नभर होती जा रह ह और सभी कर बढाती जा रह ह और नत नय कर भी लगाती जा रह ह यह जानना मह वपण ह क य कर तो साफ साफ दखाई दता ह जस इनकम ट स इस लय उस अभी कम ह बढाया जा रहा ह सबस अ धक कर का बोझ अ य कर क प म बढया जा रहा ह जो साफ-साफ दखाई नह दता और जो सभी पर लाग होता ह चाह उसक आय कतनी भी कम हो हम जो भी सामान बाजार स खर दत ह उसक एमआरपी दाम म भी कर शा मल होता ह और ऊपर स और अ धक ट सलगाय जात ह कसी भी सामान क दाम म कल कर कर ब 44 ट स शा मल होता ह यानी 100 क दाम म 44 पय का कर इसका लगभग

आधा ह सा तो उसक एमआरपी दाम म शा मल होता ह जो हम दना ह होता ह चाह बना बल क खर द हो ल कन कल कर का लगभग आधा ह सा तभी दना होता ह जब दकानदार प का बल द यानी तब दकानदार भी उस कर को सरकार क पास जमा करगा ल कन करोडो गर ब लोग और लाख छोट दकानदार बना प क बल क खर द ब करत ह और इसक चलत सरकार यह कर नह वसलकर पाती ह यह नकद म लन दन पर ह सभव होता ह य द नकद म लन दन को बद कर दया जाय तो हम कर का वह ह सा भी चकान क लय मजबर कर दया जायगा ऐस म यह रणनी त भी सीध सीध गर ब क जब म डाका डालन क लय ह नद शत ह ऐस हालात म जब करोडो लोग क मजदर और आय जीवन जीन क लय पया त न हो तो उनक ऊपर कर का यह बोझ डालना या यायसगत ह और ऐस हालात म य द गर ब लोग यह कर नह चकात ह तो या यह काला-सफद का मामला ह या यह उनक िज दा रहन क ह एक शत नह ह ऐस हालात म जब कारपोरट कप नय को भार पमान पर ट स म छट और ट स चोर क छट द जा रह हो या आम जनता क साथ यह यादती वािजब ह सीएजी क 2016 क एक रपोट क अनसार इनकमट स डपाटमट न ढाचागत काय करन वाल कप नय को गलत तर क 45000 करोड का ट स लाभ दया उसी क एक रपोट क मता बक 7 लाख करोड य कर नह वसला जा सका और उसका 96 अब वसलना सभव नह रह गया ह उसी क एक अ य रपोट क मता बक सफ 2010-11 म कारपोरट कप नय को 88263 करोड पय क कर छट द गयी

आ) इसका एक और मह वपण ल य ह खदरा यापार को दशी- वदशी कारपोरट कप नय क हाथ स पना यह दो तरह स कया जा रहा ह- अ) कप नय क खदरा यापार चन को ो सा हत करना और खदरा यापार को वदशी प जी क लय खोलना ब) आनलाइन खर द- ब को ो सा हत करना कशलश खर द ब को बढावा दना इसी नीयत स कया जा रहा ह यह दो

ल य को एक साथ परा करता ह खदरा यापार को दशी- वदशी प जी क हाथ स पना और लोग को परा ट स चकान क लय मजबर करना आनलाइन खर द ब और रटल चन क ज रय दशी- वदशी प जी एक साथ गठजोड बनाकर म खदरा यापार म आ रह ह और इसन अभी ह खदरा यापा रय क हालत ख ता कर द ह यह वश ध प स व तीयकरण स मनाफ क लट ह ह इसस एक तरफ तो दश क बाजार पर बडी दशी- वदशी पजी क गठजोड का क जा होता जायगा और दश क उ पादक भी उनक य जकडबद म फसत जायग दसर तरफ खदराबाजार म लगी भार आबाद को बरोजगार क सम या झलनी पडगी इसक साथ ह गर ब आबाद को मजबरन महगा सामान खर दना पडगा पदा होन वाल हालात का इसस ह अदाजा लगाया जा सकता ह क अभी क ष क बाद सबस अ धक आबाद खदरा यापारम ह लगी ह ई ह

इ) यह सव व दत ह क कर ब 600-700 कारपोरट कप नया पि लक स टर बक स लाख करोड का कज लकर उस जानबझकर नह चका रह ह सरकार उनस कज वसलन क बजाय उनका कज माफ कर दती ह 2014-15 म कर ब 114 लाख करोड का ऐसा कज माफ कर दया गया 2016 म सफ टट बक आफ इ डया न ऐसी 63 बडी बइमान कप नय का कज माफ कर दया जो कल 7016 करोड पय का कज लकर उस डकार गयी थी इसस अदाजा लगाया जा सकता ह क सभी पि लक स टर बक स कज माफ स कस भार मा ा म सरकार न कारपोरट कप नय को फायदा पह चाया गया होगा मजदार बात यह ह क ऐसा पि लक स टर बक क साथ ह होता ह यानी यह वश ध प स जनता क पस क खल लट ह इस हालात न पि लक स टर बक क हालत ख ता कर द थी और व सरकार क व भ न योजनाओ म नवश करन क हालत म नह रह गय थ बम करण उ ह इस सकट स उबारन क लय कया गया था बक म पसा आना ज र था और बम करण न ऐस करोड लोग को जो खती या छोटा-मोटा बजनस करत ह और हजार पय बक म रखन क बजाय घर म ह और आपसी लन दन म रखत थ और शाद - याह क लय भी हजार -लाख जमा करक घर म ह रखत थ उ ह जबरन बक म पसा जमा करन क लय मजबर कर दया गया ऐसा तो कसी बडी सना क मदद स भी नह हा सल कया जा सकता था जो बम करण क ज रय हा सल कया गया यह कोई काला-सफद का मामला नह था और कसी टाचार स लडन का मामला नह था इसका उ द य था बक म पसा लाना और यह कोई आ चय क बात नह क सफ दो मह न म ह बक पस स लबा लब भर गय यह इसी स जा हर ह क अचानक बक न लोन क याजदर कम कर द और होमलोन और अ य लोन क लय तरह-तरह क क म लकर बाजार म उतर गय यह परा मामला व तीयकरण स मनाफ क लट का सबस घ टया उदाहरण ह

B द नया क तर पर नया म वभाजन और नयी उ पादन यव था

द नया क उ पादन और वतरण यव था म एक नया म वभाजन अि त व म आया ह िजसक दो मह वपण

अग ह

क) उ पादन यव था को ऐसी व व यापी म य खला या व व शोषण खला म सग ठत कया गया ह

िजसम म सघन काम को वक सत दश स वकासशील दश म भजा जा रहा ह जहा भार बरोजगार

ह और मजदर वक सत दश क मकाबल बह त कम ह अलग-अलग स टर म अलग-अलग रणनी त ह

उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा उ योग म इतना ह काफ ह क वहा मजदर कम ह ल कन

इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म यह भी ज र ह क वहा पाट पज बनान और जोडन लायक

तकनीक तर वाल फि या और ऐसा कौशल रखन वाल मजदर क अ छ -खासी तादात मौजद हो

और उनक माल क लय एक बडा और वक सत होता बाजार भी मौजद हो दसर तरफ प जी और

तकनीक सघन काम को वक सत दश म ह नय त रखा जाता ह ता क वकासशील दश क कप नया

परा ोड ट (माल) बनान क तकनीक न हा सल कर सक और अपना ाड न पदा कर सक इसक

अलावा व परा का परा ोड ट एक दश म नह बनाती ह उ पादन क व भ न ह स को कई दश म

बखर दती ह और इसक वजह स कसी भी दश क कपनी क लय परा ोड ट को बनान क तकनीक

हा सल करना और भी मि कल हो जाता ह दसर तरफ इस तर क स उ पादन खला म मौजद कसी

भी दश क कप नय क और मजदर क उनस सौदबाजी क ताकत भी कम हो जाती ह अगर कसी

दश म उनक उ पादन खला म सकट आया तो व वह काम कसी और दश म करा लती ह इस बात

को व एक ह थयार क प म भी इ तमाल करती ह और दशी कप नय और मजदर को प जी क

पलायन का डर भी दखाती रहती ह व त उ च तकनीक वाल पज रसच और डजाइ नग ा डग और

बाजार पर भावी नय ण क ज रय बह रा य कप नया उ पादन खला को पर तरह क ोल करती ह

इसी क ज रय पर उ पादन खला म िजतना भी अ त र त म य या मनाफा पदा होता ह उसका बडा

ह सा व ह थया लती ह स चाई म अ त र त म य का बडा ह सा तो वकासशील दश म ह पदा

होता ह ल कन उ ह उसका बह त छोटा ह सा ह मलता ह उदाहरण क तौर पर हमार दश क उ योग

म जो भी उ पाद पदा होता ह उसम मौजद अ त र त म य का मा 15-20 ह हम मलता ह जब क

उ पादन या पर नजर डाल तो इसस कह अ धक अ त र त म य यहा पदा होता ह ल कन

बह रा य कप नया काम पान क लय वकासशील दश क बीच होड और दश क भीतर कप नय क बीच

होड का इ तमाल करक उ ह कम क मत वीकार करन क लय मजबर कर दती ह उदाहरण क तौर पर

कपडा उ योग इसक अलावा व सबस अ धक म य उन काय पद डाल दती ह जो व खद करती हए

उदाहरण क तौर पर व त रसच और डजाइ नग ा डग माकग िग आ द तथा व पाट-पज जो व खद

बनाती ह इस तरह व अपन उ पाद क पर शोषण खला म पदा होन वाल मनाफ का बडा भाग लट

लती ह

ख) यहा यह बात और साफ कर दना ज र ह उ पादन खला या शोषण खला क मामल म सा ा यवाद

प जी और दशी प जी क तौर-तर क म अब कोई अ तर नह रह गया ह अ धकाश वकासशील दश म

ऐसी कप नया कम ह या नह ह िजनका व व तर का ाड हो या व व तर पर काम करती ह

ल कन जहा कह ऐसा ह जसा क भारत और चीन म कछ ऐसी कप नया ह तो व भी ठ क उसी तरह

अ य दश म अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय स मनाफ क लट करती ह इतना ह नह

दशी ाड भी दश म उसी तरह क उ पादन खला क ज रय मनाफ क लट करत ह और उ पादन

खला म हर ऊपर वाल कपनी अपन स नीच वाल कपनी स उसी तरह मनाफ क लट करती ह ाड

हमशा अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय पर अपन उ पाद क क मत कम करन क लय दबाव

बनात रहत ह और कप नया क मत कम करन तथा अपन लय भी अ धक स अ धक मनाफा स नि चत

करन क लय मजदर का शोषण अ धक स अ धक बढाती जाती ह

ग) प जी ख टा म त ख ला साड हो गयी ह नयी व व यव था म प जी क अवागमन पर कोई नय ण नह

ह यह उपरो त म वभाजन को प ता और स थागत प दती ह द नया म कह भी कसी भी तरह

क वषम प रि थ त आन पर या द नया क कसी अ य ह स म अ धक मनाफ क सभावना होन पर

यह कभी भी दसर दश म पलायन कर सकती ह यहा तक क दश क भीतर भी कसी एक ह स स

दसर ह स म भाग सकती ह इस मामल म भी दशी और वदशी प जी म कोई अ तर नह रहा और

यह दोन पर ह लाग होता ह प जी का इसस कोई लना दना नह रहा क इसस दश क अथ यव था

या मजदर क जीवन-मरण पर या असर पडता ह गौर करन क बात यह ह क वा त वक पलायन स

अ धक पलायन क धमक को एक ह थयार क प म इ तमाल कया जाता ह

C द नया क नयी स ता यव था

नयी व व यव था को सचा लत करन क लय नयी व व स थाए बनायी गयी ह जो व व सरकार जसा काम करती ह और उनका कानन दश क कानन स ऊपर हो गया ह उदाहरण क तौर पर व व यापार सघ वा त वक प म इन स थाओ को सा ा यवाद दश ह सचा लत ह इसका अग बनन क बाद दश क सरकार ऐसी कोई नी त या कानन नह बना सकती जो व व यापार सघ क नी त या कानन का उ लघन करता हो इन स थाओ क पास यह शि त भी ह क कोई दश य द उनक कानन का उ लघन कर तो उस द डत कया जा सक उदाहरण क तौर पर जन हत म यह ज र हो सकता ह क अपनी क ष और खास उ योग को सि सडी दकर और दश का बाजार उनक ि लय आर त करक उनक वकास को ग त द जाय या जनता को स ता माल उपल ध कराया जाय ल कन यह व व यापार सगठन क कानन का उ लघन हो सकता ह य क यह वदशी प जी क साथ भदभाव होगा इस ि थ त स लोकत क लय ह एक खतरा पदा होता दखाई द रहा ह य क य द चनी ह ई सरकार म यह शि त न रह जाय क व जनता क हत म कानन और नी तया बना सक तो सरकार चनन क अ धकार का भी कोई मतलब नह रह जाता मजदार बात यह ह क आइएलओ और सय त रा सघ क अ य व व स थाए जो मजदर क अ धकार और मानवा धकार क लय कानन बनाती ह उनको ऐसी शि त नह द गयी ह क मजदर क अ धकार या मानवा धकार क उ लघन पर व कसी दश को द डत कर सक सय त रा सघ म आजकल बह रा य कप नय क ग त वधय क लय कछ मानदड बनान क बात चल रह ह ल कन अ धक जोर और अ धक वीक त इसी पर दखाई द रह ह क इ ह

बा यकार कानन का दजा न दया जाय

अब हम यह दखन को शश कर क उपरो त प रि थ तय म मजदर वग और मजदर आ दोलन को कन

सम याओ का सामना करना पड रहा ह

i) प र मजदर वग को एक रजब आम म त द ल कर दना

प जी क आवागमन पर कोई नय ण नह ह उसक लय द नया वा तव म एक गाव बन चक ह ल कन

मजदरवग क आवागमन पर परा नय ण ह यह प रि थ त एक प म पर द नया क मजदरवग को एक रजब

आम यानी एक ऐसी आर त फौज म त द ल कर दता ह िजस प जी जब चाह इ तमाल कर जब चाह बरोजगार

छोड द हम पहल ह चचा कर चक ह क प जी जब चाह पलायन कर सकती ह कछ उ योग तो ऐस ह िजनम

चद दन या चद घट म ऐसा हो सकता ह जस कपडा उ योग इसम थाई प का कोई प जी नवश या

उ पादन का कोई ल बा का ट सामा यत होता ह नह इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म भारत जस

दश म जहा एक बडा बाजार ह उ ह अपना असब लग लाट लगाना पडता ह इस लय भागना इतना आसान

नह होगा ि फर भी बह त अ धक समय नह लगगा य हालात प जी क साथ शि त सतलन म मजदर वग को

कमजोर ि थ त म डाल दत ह रोजगार खोन का डर मजदर क लडाई को कमजोर करता ह दसर तरफ प जी

क पलायन क डर स सरकार मजदर क आ दोलन का बबरता स दमन करन पर आमादा हो जाती ह और

मजदर क हक क परवाह कय बना कप नय क हत क हफाजत करती ह

मजदरवग इस ि थ त को तभी बदल सकता ह जब प जी क इस तरह क आवागमन को रोक सक और यह सफ

तभी सभव ह जब अ) मजदर क दश यपी सघष क ज रय ऐस मकानन क लय सघष जो मजदर को थाई

ह सयत म रोजगार दन क बा यता पदा कर सक वदशी प जी क लय दश म उ पादन क लय ल ब समय क

का ट या समझौत क शत लाग कर सक और छटनी और तालाबद पर मजदर क मआबज क रा श म

बढो तर कर सक इसस प जी क लय बार-बार पलान क रणनी त महगी सा बत होगी ब) मजदर क

अतररा य एकता जो मजदर वरोधी पलायन क रणनी त पर चलन वाल प जी को द डत करन क लय उसक

बाजार को भा वत कर सक स) मजदर क अतररा य एकता जो इस तरह पलायन करक आन वाल प जी को

अपन दश म उस न आन द द) मजदरवग एक ऐसी सरकार लान म कामयाब हो जाय जो प जी क ऐस पलायन

को असभव बना द और य) अतररा य तर पर ऐसी नी तय क लय सघष जो मजदर क कसी भी दश म

आवागमन को खल छट द सक

ii) असग ठत मजदर क शोषण को स थागत प दना और समाज क समची ज रत क उ पादन त

को व व शोषण खला म समट लना

आज असग ठत (इनफामल स टर) क हालात पर बडा सयापा होता ह ल कन अगर हम गहराई म दख तो

यह सब उनक हालत सधारन क बजाय उनक शोषण को स थागत प दता दखाई दता ह इस तथाक थत

इनफामल स टर म तीन तरह क लोग आत ह अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोग छोट इकाइय

म लग अ थाई मजदर और फि य म लग तरह-तरह क अ थाई मजदर वरोजगार म लग लोग और

मजदर क सम याए ब कल अलग ह और अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोगो क सम याए भी

अलग-अलग ह और इनक सम याओ का समाधान भी अलग-अलग ह अगर वा तव म इ ह सकट स बाहर

नकालना हो तो अलग-अलग स टर म इनक वशष सम याओ क मता बक वशष नी तगत समाधान दना

होगा वा तव म यह बह त ज र भी ह य क अगर इनक सकट का समाधान हो जाय तो बराजगार क एक

तहाई सम या का समाधान हो सकता ह ल कन ऐसा करन क बजाय उन सबको मलाकर एक इनफामल

स टर बनान क पीछ एक ह बात हो सकती ह क उनक सकट का समाधान करन क कोइ मशा ह नह ह

उनक लय ऐसी सामािजक सर ा का ावधान कया जाता ह िजसस व कम स कम िज दा रह सक हाला क

यह सब भी पर तरह कागजी ह दखाई दता ह और यह नी तया कह लाग होती नह दखाई दती

दरअसल यह नयी व व यव था और नय म वभाजन क रणनी त का ह एक अग लगता ह

क) उ योग क व व यापी उ पादन या शोषण खला पर गौर कर तो यह खला छोट इकाइय और घर

म काम करन वाल मजदर तक जाती ह और अ त र त म य क एक अ छndashखास ह स का उ पादन

इन असग ठत मजदर वारा कया जाता ह यह सबस कम मजदर म काम करन वाल और सबस

असर त मजदर ह और उ पादन क नयी यव था म दशी- वदशी पजी क लय बह त बड मनाफ का

ोत ह

ख) नयी उ पादन यव था म प जी क सबस बडी ताकत और रणनी त ह उसका ख टा म त होना और कभी

भी पलायन करन क आजाद ल कन य द उ योग म सभी या अ धकाश मजदर थाई ह तो या यह

उतनी आसानी स सभव हो सकगा य द मजदर थायी ह ग तो उनक य नयन भी होगी और मजदर

क लडन क ताकत भी अ धक होगी और व प जी को इतनी आसानी स पलायन नह करन दग दसर

बात य द मजदर थायी ह ग तो प जी को पलायन काफ महगा भी पडगा य क थाई मजदर क हक

को चकता करन म काफ पसा लगाना पडगा और इस लय वह बार बार पलायन क रणनी त नह

इ तमाल कर सकती

ग) नयी उ पादन यव था म कई म उदाहरण क तौर पर कपडा उ योग म फि या आडर पर काम

करती ह और ाड कोई सालाना का ट भी नह करत आडर कभी कम होता ह कभी यादा और कभी

ब कल नह ऐस म अगर थायी मजदर ह ग तो उ ह बार-बार ल-आफ दना पडगा और फि या यह

क मत ाड स वसलगी ऐस म नयी उ पादन यव था म अ थायी मजदर उनक मनाफ का ोत ह

घ) असग ठत म सकट त मजदर क भार फौज एक रजब आम क तरह काम करती ह और

उ योग म मजदर क स लाई को माग स हमशा ऊपर बनाय रखती ह और इसक वजह स मजदर को

हमशा नीच क ओर धकलती रहती ह

ङ) नयी व व यव था क रणनी त यह दखाई दती ह क बडी प जी उन असग ठत को नगल जाय

जहा सीध मनाफा लटा जा सकता ह और अ य असग ठत त को स त म क लट क लय अपनी

उ पादन-शोषण खला म बाध लया जाय उदाहरण क तौर पर रटल यापार और व त स लकर

जलाप त तक क कई अ य सवा स वरोजगार व छोट इकाइय को ख म करक को व पर तरह

क जान म लगी ह ई ह और दसर तरफ स त म क लट क लय उ पादन क म खती व

उ योग म वरोजगार म लग मजदर व छोट इकाइय को अपनी उ पादन खला म समटन क

को शश कर रह ह यहा यह गौर करन क बात ह क आज सरकार क छोट उ योग को बढावा दन

क नी त को उदार करण स पहल वाल प रि थ तय क नगाह स नह दखा जा सकता ह आज यह

उन उ योग पर ल त ह जो दशी- वदशी पजी क उ पादन खला स जड ह ए ह और इस लय परो

प स यह दशी- वदशी बडी पजी क भी मदद ह

जमीनी तौर पर मजदर आ दोलन क सबस बडी रणनी तक सम या और सबस बडी चनौती शायद इसी सवाल

स जडी ह ई ह हर उ योग म भार अनपात म अ थायी मजदर क स या बढन क कारण फ तर पर

य नयन और साम हक सौदबाजी मि कल हो गयी ह यह कछ तर तक वह भावी हो पा रह ह जहा बडी

इकाइया ह और जहा एक खास अनपात म द मजदर को बनाय रखना ज र ह उदाहरण क तौर पर मोटर-

गाडी बनान क उ योग ल कन जहा ऐसी ज रत नह ह और इस लय जहा शायद ह कोई थायी मजदर रखा

जाता ह वहा तो य नयन और साम हक सौदबाजी असभव ह हो गयी ह उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा

उ योग छोट उ योग और वरोजगार म लग लोग को सग ठत करन का सवाल तो एक अलग ह चनौती ह

और इस दशा म तो कोई बडी पहल ह नह दखाई दती ह

मजदर आ दोलन क सम य सम याए और चनौ तया वा त वक ह ल कन ऐसा लगता ह क सकट सफ इन

सम याओ स पदा नह हआ ह सकट का मल व प वचा रक ह और इस सवाल स जडा हआ ह क मजदर

आ दोलन इन सम याओ का कोई भावी समाधान नह तत कर पा रहा ह हम इसक चचा अगल ह स म

करग

iii) म कानन म बदलाव

मकानन म क सरकार और रा य सरकार वारा जो बदलाव कय गय ह या ता वत ह उनस म कानन का ऐसा ढाचा उभरकर सामन आता ह जो मलत चार स तर म वभािजत ह और यह व वशोषण खला क अन प ह

9 स कम मजदर वाल इकाइया इनक लय कोई म कानन ता वत नह ह उ ट घरल उ योग म बाल म क शोषण क छट द द गयी यहा यह यान म रखना ज र ह क यह व वशोषण खला का सबस नचला और सबस असर त तर ह जहा मजदर क भार आबाद को बहद कम मजदर म और वा य क ि ट स खतरनाक ि थ तय म काम करना पडता ह

9-39 मजदर वाल इकाइया इ ह कारखाना कानन स बाहर कया जा रहा ह और एक नय कानन लघ कारखाना कानन म शा मल करन का ताव ह 9 स कम वाल स तर और 9-39 वाल स तर म ह उ पादन क अ य धक म सघन याओ का बडा ह सा सप न कया जाता ह और शोषण खला क अ त र त म य का अ छा-खासा ह सा यह पदा होता ह 9-40 वाल इकाइय म मजदर को बह त सार अ धकार स व चत कया जा रहा ह और नाम मा ह हक उ ह मलन ह

इ ह अब 9 क जगह 19 म कानन स सब धत द तावज बनान और म वभाग म उनक पालन सबधी रटन फाइल करन म छट द द गयी ह

इनम 14 कानन लाग नह ह ग िजनम औ यो गक ववाद अ ध नयम और कारखाना कानन भी शा मल ह उन कानन क सफ कछ ावधान को ता चत लघ उ योग कानन म शा मल कया गया ह

ठका मजदर ( नयमन और खा मा) कानन इनम लाग नह होगा राज थान क कानन म अब यह 50 या अ धक मजदर वाल इकाइय म ह लाग ह (मल म 20 या अ धक पर लाग)

नय मत मजदर क छटनी करन पर 1 माह का नो टस और िजतन साल काम कया ह हर साल क लय 15 दन का मआवजा दना होगा ल कन इसक नौबत ह नह आयगी य क यह ावधान एक साल नय मत स वस पर होन पर ह यह लाग होता ह और ऊपर उदधत कानन म

छट का फायदा उठाकर नयो ता कभी साल भर क स वस पर ह नह होन दग

ईएसआई और पीएफ कानन लाग नह होगा और यहा ईएसआई और पीएफ क जगह दो नयी ाइवट स टर क क म लाग होगी और इसम मजदर को दोन क लय वतन का 10-10 तशत

हर मह न दना होगा काय थल पर भौ तक और रासाय नक सर ा सबधी कोई ावधान नह सफ इतना ह क जहा

खतरनाक या हजाडस चीज का इ तमाल होता होगा वहा कारखाना कानन लाग होगा च का ावधान वह लाग होगा जहा 20 या अ धक म हलाए काम करती ह और उनम स कम

स कम एक का 6 साल स कम का छोटा ब चा हो इसस प ट ह क इस कानन को कोई मतलब नह रह गया

तीन माह म ओवरटाइम काम क घट क सीमा 50 स बढाकर 96 घट क जा रह ह

लघ उ योग कानन म हडताल या हडताल क अ धकार का कोई उ लख ह नह ह एक ऐसा ावधान ह क य द 10 या अ धक मजदर बना नो टस दय एक साथ गरहािजर ह ग तो नयो त

उनक वतन स 8 दन क मजदर काट सकता ह 40 स 299 तक क इकाइया

इनम बना सरकार स अनम त लय छटनी या तालाबद क जा सकती ह

इनम छटनी क लय मजदर को 1 माह का नो टस और मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स हाला क इसक नौबत आयगी ह नह य क यह एक साल क स वस पर होन पर ह लाग होता ह और आजकल उ योग म हालात ऐस ह क हर छह मह न म कागज पर मजदर क नयि त नयी बना दत ह सी मत अव ध का ट का कानन लाग होन क बाद तो नयो ता कसी क भी एक साल क नय मत स वस पर ह नह होन दगा इस अभी कपडा उ योग म लाग कया ह ल कन ज द ह अ य म भी लाग हो सकता ह ऐस हालात म कोई ईएल भी नह पा सकगा और यट दन क नौबत तो कभी आयगी ह नह

ईपीएफ पशन क जगह नयी पशन क म िजसम प रवार लाभ शा मल नह होगा यह शयरबाजार स जडी होगी-और ाइवट कप नय क मनाफा कमान का ज रया बन जाएगी

ईएसआई अ पताल क नजीकरण का ताव जो प र वा थ सवाओ क नजीकरण क योजना का ह एक अग ह

पीएफ को ट स क दायर म लाना पीएफ म शा मल होन को व क बनाना और नयो ता क ओर स पीएफ म जमा कय जान

वाल भाग को सरकार क ओर स दया जाना

नयो ता वारा दय जान वाल पीएफ क भाग को मजदर म शा मल मानना िजसस मजदर बढ ह ई दख और मजदर क असल हालत पर पदा पड जाय

हजाडस कारखान क ल ट को हटाना और सफ हजाडस क एक प रभाषा दना इसस कसी भी कारखान को हजाडस घो षत करवाना बह त मि कल होगा और या काफ ल बी हो जाएगी

म हलाओ को रा पाल म अनम त

तीन माह म ओवरटाइम काम क सीमा बढाकर 115 घट करना (अभी 50 ह)

ड य नयन बनान क लय ज र सद या स या 7 स बढाकर 10 या 100 करना

डय नयन म बाहर सद य पर रोक सफ असग ठत म 2 सद य बाहर क हो सकत ह ड य नयन क मा यता क लय कसी ावधान का ताव नह

हडताल क लय जो क ठन कानन आव यक सवाओ पर लाग था उस सभी पर लाग करन का ताव यानी काननी तौर पर हडताल लगभग असभव गरकाननी हडताल क लय मजदर पर

और तालाबद क लय कारखाना मा लक पर एक ह फाइन-50000 स एक लाख 50 या अ धक मजदर कजअल छटट लकर गरहािजर ह तो यह भी गरकाननी हडताल

ववाद को कोट क बाहर सलझा लन का ावधान और आव यक सवाओ म 2 साल तक हडताल पर तबध (गजरात)

बोनस रा श नधारण क जाच क लय डय नयन नयो ता स कारखान क बलस शीट अब नह माग सकगी

कारखान क इ प शन क लय लबर इ प टर को पहल उ चा धका रय स अनम त लनी होगी और इ प टर क भ मका अब कानन का उ लघन करन वाल पर कारवाई करन क बजाय उ ह कानन का पालन करन म मदद करन क होगी

100 या अ धक मजदर वाल इकाइया ट डग आडर का कानन अब 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय म लाग होगा यह अभी कई

रा य म 50 या अ धक पर लाग होता ह अ य ावधान वह जो 40 स 299 मजदर वाल इकाइय पर लाग 300 या अ धक मजदर वाल इकाइया छटनी या तालाबद क लय सरकार क अनम त ज र

मजदर को 3 माह का नो टस मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स

अ य ावधान वह जो 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय पर लाग मकानन म बदलाव क उपरो त दशा स दो बात प ट होती ह अ) यह कप नय क लय म लागत को

कम स कम करन मजदर को जब चाह काम पर रखन और नकालन क पर छट दन मजदर क हत क

अनदखी करन और मजदर क य नयन बनान और साम हक सौदबाजी करन क मता को ख म करन या कम

स कम करन क दशा म कि त ह और ब) उ योग म शोषण खला का जो ढाचा उभर रहा ह यह उसक

अन प ह एक तरफ छोट इकाइया ह जहा अ धकतम 50 मजदर तक काम करत ह और जहा अ धकाश म

सघन काम सप न होता ह और अ त र त म य का बडा ह सा पदा होता ह दसर तरफ बडी इकाइया ह जहा

100 स 300 तक मजदर काम करत ह और सबस ऊपर थोडी सी ऐसी इकाइया ह जहा 500 स अ धक मजदर

काम करत ह आकड क अनसार पछल 10-12 साल म 10 स 99 मजदर वाल इकाइय का अनपात काफ

घटा ह और दसर तरफ 10 स कम वाल इकाइय और 100-499 वाल इकाइय का अनपात बढ गया ह

दरअसल 10 स कम वाल अ धकाश इकाइया वा तव म 40-50 मजदर को काम पर लगाती ह ल कन कारखाना

कानन स बचन क लय 10 स कम मजदर ह दखाती ह इ ह क सम या को हल करन क लय लघ उ योग

कानन लाया जा रहा ह सार प म इन ता वत कानन स शोषण खला का ढाचा इस प म उभरता दखाई

दता ह अ) घर म काम करन वाल मजदर और 10 स कम वाल इकाइया ब) 10-39 वाल इकाइया स) 40-

299 वाल इकाइया और द) 300 या अ धक वाल इकाइया

iv) प जी का मजदर और जनता पर सवतोमखी नय ण

कोई वग कसी दसर वग पर अपनी स ता सफ दमनत क ताकत क ज रय लब समय तक कायम नह रख

सकता ह शासक वग को शा षत जन म अपनी स ता क कसी न कसी प म एक तर क वीकायता

बनानी पडती ह और अगर वह ऐसा करन म कामयाब नह होता तो उसक स ता भी अ धक समय तक कायम

नह रह सकती ह प जीवाद समाज क लय यह और भी अ धक सच ह पजीप त वग मजदर और आमजन क

वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण कायम करन क को शश करता ह और य द मजदर वग

उस इस पहल पर कोई भावी चनौती नह द पाता ह तो मजदर वग पजी क खलाफ कोई भी भावी सघष

खडा कर पान म सफल नह हो सकता ह प जीवाद समाज म यह वग सघष का एक ब नयाद और मह वपण

पहल ह नयी व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह ल कन

मजदर आ दोलन इस पहल को अ सर नजरदाज करता रहा ह और उस वग सघष क एक ब नयाद पहल क प

म मह व नह द सका ह शायद यह आम जनता क वचार और जीवन पर प जीप त वग क बढत नय ण और

उसको कोई भावी चनौती न द पान क हमार कमजोर का भी एक भाव ह क आज इतन भीषण सकट क

बावजद जनता क ग स का कोई बडा वत फत व फोट नह दखाई दता ह यहा हम सार प म मजदरवग

पर प जीप तवग क नय ण क रणनी त क कछ पहलओ क चचा कर सकत ह

आमजन क वचा रक मानस म प जीप त वग व भ न मा यम स यह लगातार था पत करन क

को शश करता ह क प जीवाद का कोई वक प नह ह नजीकरण और बाजार करण क व तार क साथ

प जीवाद दायर स बाहर कसी अलग जीवन णाल क लय कोई जगह नह रह जाती जो इस वचार को

मजबती दता ह और दश-द नया म कोई वक प नजर न आन स इस उनक वचार मानस म प ता

बनान म मदद मलती ह जीवन क हर ज रत क लय प जीवाद पर पर तरह नभरता और उसस

बाहर नकलन का कोई रा ता न दखाई दन स प जीवाद को वीकार करना एक मजबर भी हो जाती ह

ऐसा ोपागडा बड पमान पर कया जाता ह क प जी क वकास स ह दश को और जनता का वकास हो

सकता ह प जी का वकास होगा तो रोजगार पदा होगा प जी का वकास होगा तो स वधाओ का वकास

होगा प जी का वकास नह होगा तो दश का और जनता का भी वकास क जाएगा और इस लय य द

कोई ऐसी बात करता ह जो प जी क वकास क खलाफ हो तो वह दश का और जनता का द मन ह

आ द आ द

प जीवाद काय थल मजदर को यह अहसास दलाता ह क मजदर और प जीप त दोन का अि त व जडा

हआ ह और मजदर क बहतर क लय प जीप त क बहतर ज र ह नय दौर का सारा प जीवाद

बधन शा और पदा ह ई बधन तकनीक का अमल इस वचार को मजबत बनाता ह रोजगार खोन

का डर भी एक तरह स प जीवाद को वीकार करन क मजबर बन जाती ह

ोपागडा यह नयी व व यव था का एक बह त मजबत और भावी ह थयार ह मी डया स लकर कल -

कालज व व व यालय और शोधस थान तक को भी इसका अग बना दया गया ह इसक ज रय झठ

को सच क तरह पश करना या स य क सफ एक पहल को ह दखाना इ तहास को वकत प म पश

करना म फलाना प जीवाद का म हमामडन करना जो प जीप त वग क हत क खलाफ ह उन वचार

और लोग को बदनाम करना ढ ग पाखड को साइस क तरह पश करना और पछडी चतना को बढावा

दना भडकाऊ झठ खबर बनाना और भडकाऊ कारवाइया करना आ द इनका सबका दायरा बह त व तत

ह यह माल को बचन क लय उनका फायदाबतान वाल झठ रसच स लकर समाजवाद और

समाजवा दय को बदनाम करन क लय झठ घटनाए पदा करन तक का काम करत ह मी डया पर बडी

प जी का पर तरह इजारा कामय हो जान क बाद जनता क पास कोई वकि पक सचनात ख म हो गया

ह और इसक वजह स प जीवाद ोपागडा और अ धक भावी हो गया ह इस हालात न मजदर वग क

सघष क भाव को भी काफ कम कर दया ह दश क कसी शहर म लाख लोग सडक पर आ दोलन

करत ह ल कन पास पडोस क इलाक क लोग को भी इस आ दोलन का पता नह चल पाता यहा तक

क द ल आकर हजार लोग दशन करत ह और द ल क लोग को भी पता नह चलता कह लाख

लोग सघष म जान द रह होत ह ल कन मी डया उ ह यह मानन को मजबर कर दता ह क व पागल ह

या आतकवाद ह और मजदार बात यह ह क लोग एक मनट क लय यह नह सोच पात क व लाख

लोग जो सघष म अपनी जान द रह ह उनक कोई बहद वािजब सम या भी हो सकती ह और यह क

मी डया सफद झठ बोल रहा ह

मजदर वग को वभािजत करन और भटकान क रणनी त प जी क म वरोधी ोपागडा क एक

मह वपण रणनी त ह मजदरवग क भीतर क अतर वरोध को तीखा करना और उ ह एक दसर क वरोधी

क प म तत करना उदाहरण क तौर पर जा त का सवाल धम का सवाल और लगभद का सवाल

और इसक साथ-साथ मजदर क व भ न स तर म अतर वरोध का सवाल उदाहरण क तौर पर

असग ठत ा क मजदर और सग ठत क मजदर कपनी मजदर और ठका मजदर थाई और

अ थाई मजदर ाइबट व पि लक स टर क मजदर आ द इसक बह त सार अ य मह वपण आयाम भी

ह ल कन बात इतन स प ट हो जाती ह इसक साथ ह मजदर आ दोलन म ऐसी रणनी तय को

ो सा हत करना जो सतह पर मजदर क हत म दखती ह ल कन व तत या तो मजदर वरोधी होती

ह या उस बस ऊठक-बठक करन म य त कर दती ह उदाहरण क तौर पर असग ठत मजदर क लय

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Some Reflections on Crisis of the Left in India Marxism 21 Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2015) Indiarsquos ldquoInformal Sectorrdquo Demystifying a Problematic Concept WorkingUSA The Journal of Labor and Society middot 1089-7011 middot Volume 19middot June 2016 middot pp 229ndash250

Surendra Pratap and Annavajhula JC Bose (2015) Informality and Precarious Work in Production Chain Capitalism A Case Study of Automobile Industry in India Asian Labour Review Vol 1 (2015) 65 ndash 96

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Surendra Pratap (2012) The Corporate Social Responsibility and Political Agenda of the Corporate in the Book The Reality of Corporate Social Responsibility The Case Studies on Impact of CSR on Workers in China South Korea India and Indonesia published by AMRC Hong Kong 2012

Page 12: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

हमार दश म अभी तक व तीय सवाओ का पर तरह उदार करण नह कया गया ह और इस लय अभी तक व व म पदा होन वाल व तीय सकट का उतना खतरनाक भाव भारत पर नह पड सका ल कन यहा भी इसका पर तरह उदार करण करन क यास तज हो चक ह और सा ा यवाद प जी इसक लय लगातार दबाव डाल रह ह इसका बहआयामी भाव होगा ल कन हम यहा इसक सफ दो मह वपण पहलओ को रखा कत करग

अ) हम पहल चचाकर चक ह व तीय प जी कोई अ त र त म य नह पदा करती ह और उ पादक प जी वारा पदा कय गय अ त र त म य को लटकर ह वह मनाफा कमाती ह ऐस म दशी व तीय प जी वारा लटा गया यह अ त र त म य कम स कम दश म ह रह जाता ह और दश क प जी को बढाता ह और उसका एक ह सा दश क वकास म खच हो सकता ह ल कन य द वदशी व तीय प जी यह अ त र त म य लटगी तो यहा पदा ह ई धन सपदा का यह ह सा सीध बाहर चला जाएगा इसी तरह क बात खदरा बाजार को वदशी प जी क लय खोलन स भी होगी इसस सफ यापार म वरोजगार म लग गर ब लोग का रोजगार ह नह छनगा बि क दशी बाजार पर वदशी प जी का नय ण बढगा और दश म पदा होन वाल अ त र त म य का या नयी धनसपदा का एक ह सा सीध बाहर चला जाएगा मनाफा लटन क यह रणनी त कस तर पर काम कर रह ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क चीन न 2016 म पा क तान टाक ए सचज का 40 फ सद ह सा खर द लया ह ऐसा अ य दश म भी हो रहा ह

आ) व तीय सवाओ को पर तरह खोल दन स सबस खतरनाक बात यह होगी क हमार अथ यव था पर हमारा लगभग कोई भावी नय ण नह रह जाएगा हम पहल ह चचा कर चक ह क स टाबाजार या शयर बाजार जमीन जायदाद क बाजार म ा बाजार आ द म चढाव और उतार खर द और बकवाल स ह पदा होत ह और यह चढाव उतार ह भार मनाफ का ोत ह और भार सकट का भी ोत ह यह खर द और बकवाल स नयोिजत भी हो सकती

ह एक ऐसी द नया म जहा सफ चद बडी कप नया द नया क सम त पजी क भार ह स को नय त करती ह स नयोिजत बकवाल और खर द न सफ भार मनाफा कमान क रणनी त क तौर पर बि क क ह खास अथ यव थाओ को डावाडोल करन क लय भी इ तमाल हो स कती ह दसर तरफ व तीयसवाओ को पर तरह खोलन का यह भी मतलब ह क यह द नया क व त बाजार का ह एक अ भ न ह सा बन जाएगी और द नया क कसी भी कोन म एक छोटा सा सकट सीध यहा भी सकट पदा कर दगा और पर अथ यव था को भा वत करगा व व बक क ह आकडो क अनसार पछल 25 साल म 93 दश क व त यव था को 117 बार गभीर सकट का सामना करना पडा ह और इसक अ त र त 51 बार कम गभीर सकट का सामना करना पडा ह यानी कल मलाकर एक साल म लगभग 6 बार

नजीकरण भी नयी व व यव था म मनाफ क लट क नयी रणनी त का अ भ न अग ह यह दश क सभी ससाधन पर दशी- वदशी पजी का नय ण कायम करन क साथ ह व तीयकरण स मनाफा लटन क रणनी त का भी ह सा ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क सरकार कस तरह सार पि लक स टर बचन पर आमादा ह और कस तरह हमार जल-जगल-जमीन को दशी वदशी कप नय को स पा जा रहा ह इसस एक और खतरा भी सामन आ रहा ह सार पि लक स टर बचन और प जी को अ धक स अ धक ट स छट दन वाल वकास क रणनी त पर चलन स सरकार क पास आय क ोत या रह जायग इसस एक तरफ तो सरकार पि लक वलफयर क काम पर कछ भी खच करन क ि थ त म नह रह जायगी और दसर तरफ अपन खच क लय वह आमजनता पर लगातार ट स बढाती जायगी और आमजनता क ह जमा पस का इ तमाल करगी यहा ीलका का एक उदाहरण दना शायद समीचीन होगा ीलका उदार करण और व वीकरण क राह पर चलन वाला द ण ए शया का पहला दश था और वहा इसक श आत 1977-78 म ह हो गयी थी वहा इसका असर भी पहल ह आना श हो गया था 2002 म वहा हालात ऐस हो गय थ क सरकार कामकाज क खच क लय सरकार मजदर क ा वडट फड म जमा पस का 98 इ तमाल कर रह थी 2011 म वहा वप न सरकार क खलाफ यह सवाल उठाया था क सरकार अपना कज चकान क लय मजदर क ा वडट फड क पस का इ तमाल कर रह ह ऐसी भी ि थ त पदा हो सकती ह क जनक याण क

काम और शायद म य -अफसर क वदश दौर भी प जीप तय क सीएसआर या दान पर नभर होत जायग यहा पर यह भी उ लख कर दना ज र ह क सरकार का आनलाइन पमट पर जो अ त र त जोर दखाई द रहा ह उसका टाचार नय ण स तो कोई लना दना नह दखाई द रहा ह ल कन उसका उपरो त बात स गहरा र ता ह हर प जीवाद नी त क कई आयाम होत ह और इसक भी कई आयाम ह ल कन हम यहा उसक कछ ह पहलओ को चि हत कर सकत ह

अ) सभी उ योग और ससाधन क नजीकरण और उ योग को सभी कर म छट दन क वकास रणनी त क चलत सरकार अपन खच क लय सफ जनता स ट स वसलन पर ह नभर होती जा रह ह और सभी कर बढाती जा रह ह और नत नय कर भी लगाती जा रह ह यह जानना मह वपण ह क य कर तो साफ साफ दखाई दता ह जस इनकम ट स इस लय उस अभी कम ह बढाया जा रहा ह सबस अ धक कर का बोझ अ य कर क प म बढया जा रहा ह जो साफ-साफ दखाई नह दता और जो सभी पर लाग होता ह चाह उसक आय कतनी भी कम हो हम जो भी सामान बाजार स खर दत ह उसक एमआरपी दाम म भी कर शा मल होता ह और ऊपर स और अ धक ट सलगाय जात ह कसी भी सामान क दाम म कल कर कर ब 44 ट स शा मल होता ह यानी 100 क दाम म 44 पय का कर इसका लगभग

आधा ह सा तो उसक एमआरपी दाम म शा मल होता ह जो हम दना ह होता ह चाह बना बल क खर द हो ल कन कल कर का लगभग आधा ह सा तभी दना होता ह जब दकानदार प का बल द यानी तब दकानदार भी उस कर को सरकार क पास जमा करगा ल कन करोडो गर ब लोग और लाख छोट दकानदार बना प क बल क खर द ब करत ह और इसक चलत सरकार यह कर नह वसलकर पाती ह यह नकद म लन दन पर ह सभव होता ह य द नकद म लन दन को बद कर दया जाय तो हम कर का वह ह सा भी चकान क लय मजबर कर दया जायगा ऐस म यह रणनी त भी सीध सीध गर ब क जब म डाका डालन क लय ह नद शत ह ऐस हालात म जब करोडो लोग क मजदर और आय जीवन जीन क लय पया त न हो तो उनक ऊपर कर का यह बोझ डालना या यायसगत ह और ऐस हालात म य द गर ब लोग यह कर नह चकात ह तो या यह काला-सफद का मामला ह या यह उनक िज दा रहन क ह एक शत नह ह ऐस हालात म जब कारपोरट कप नय को भार पमान पर ट स म छट और ट स चोर क छट द जा रह हो या आम जनता क साथ यह यादती वािजब ह सीएजी क 2016 क एक रपोट क अनसार इनकमट स डपाटमट न ढाचागत काय करन वाल कप नय को गलत तर क 45000 करोड का ट स लाभ दया उसी क एक रपोट क मता बक 7 लाख करोड य कर नह वसला जा सका और उसका 96 अब वसलना सभव नह रह गया ह उसी क एक अ य रपोट क मता बक सफ 2010-11 म कारपोरट कप नय को 88263 करोड पय क कर छट द गयी

आ) इसका एक और मह वपण ल य ह खदरा यापार को दशी- वदशी कारपोरट कप नय क हाथ स पना यह दो तरह स कया जा रहा ह- अ) कप नय क खदरा यापार चन को ो सा हत करना और खदरा यापार को वदशी प जी क लय खोलना ब) आनलाइन खर द- ब को ो सा हत करना कशलश खर द ब को बढावा दना इसी नीयत स कया जा रहा ह यह दो

ल य को एक साथ परा करता ह खदरा यापार को दशी- वदशी प जी क हाथ स पना और लोग को परा ट स चकान क लय मजबर करना आनलाइन खर द ब और रटल चन क ज रय दशी- वदशी प जी एक साथ गठजोड बनाकर म खदरा यापार म आ रह ह और इसन अभी ह खदरा यापा रय क हालत ख ता कर द ह यह वश ध प स व तीयकरण स मनाफ क लट ह ह इसस एक तरफ तो दश क बाजार पर बडी दशी- वदशी पजी क गठजोड का क जा होता जायगा और दश क उ पादक भी उनक य जकडबद म फसत जायग दसर तरफ खदराबाजार म लगी भार आबाद को बरोजगार क सम या झलनी पडगी इसक साथ ह गर ब आबाद को मजबरन महगा सामान खर दना पडगा पदा होन वाल हालात का इसस ह अदाजा लगाया जा सकता ह क अभी क ष क बाद सबस अ धक आबाद खदरा यापारम ह लगी ह ई ह

इ) यह सव व दत ह क कर ब 600-700 कारपोरट कप नया पि लक स टर बक स लाख करोड का कज लकर उस जानबझकर नह चका रह ह सरकार उनस कज वसलन क बजाय उनका कज माफ कर दती ह 2014-15 म कर ब 114 लाख करोड का ऐसा कज माफ कर दया गया 2016 म सफ टट बक आफ इ डया न ऐसी 63 बडी बइमान कप नय का कज माफ कर दया जो कल 7016 करोड पय का कज लकर उस डकार गयी थी इसस अदाजा लगाया जा सकता ह क सभी पि लक स टर बक स कज माफ स कस भार मा ा म सरकार न कारपोरट कप नय को फायदा पह चाया गया होगा मजदार बात यह ह क ऐसा पि लक स टर बक क साथ ह होता ह यानी यह वश ध प स जनता क पस क खल लट ह इस हालात न पि लक स टर बक क हालत ख ता कर द थी और व सरकार क व भ न योजनाओ म नवश करन क हालत म नह रह गय थ बम करण उ ह इस सकट स उबारन क लय कया गया था बक म पसा आना ज र था और बम करण न ऐस करोड लोग को जो खती या छोटा-मोटा बजनस करत ह और हजार पय बक म रखन क बजाय घर म ह और आपसी लन दन म रखत थ और शाद - याह क लय भी हजार -लाख जमा करक घर म ह रखत थ उ ह जबरन बक म पसा जमा करन क लय मजबर कर दया गया ऐसा तो कसी बडी सना क मदद स भी नह हा सल कया जा सकता था जो बम करण क ज रय हा सल कया गया यह कोई काला-सफद का मामला नह था और कसी टाचार स लडन का मामला नह था इसका उ द य था बक म पसा लाना और यह कोई आ चय क बात नह क सफ दो मह न म ह बक पस स लबा लब भर गय यह इसी स जा हर ह क अचानक बक न लोन क याजदर कम कर द और होमलोन और अ य लोन क लय तरह-तरह क क म लकर बाजार म उतर गय यह परा मामला व तीयकरण स मनाफ क लट का सबस घ टया उदाहरण ह

B द नया क तर पर नया म वभाजन और नयी उ पादन यव था

द नया क उ पादन और वतरण यव था म एक नया म वभाजन अि त व म आया ह िजसक दो मह वपण

अग ह

क) उ पादन यव था को ऐसी व व यापी म य खला या व व शोषण खला म सग ठत कया गया ह

िजसम म सघन काम को वक सत दश स वकासशील दश म भजा जा रहा ह जहा भार बरोजगार

ह और मजदर वक सत दश क मकाबल बह त कम ह अलग-अलग स टर म अलग-अलग रणनी त ह

उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा उ योग म इतना ह काफ ह क वहा मजदर कम ह ल कन

इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म यह भी ज र ह क वहा पाट पज बनान और जोडन लायक

तकनीक तर वाल फि या और ऐसा कौशल रखन वाल मजदर क अ छ -खासी तादात मौजद हो

और उनक माल क लय एक बडा और वक सत होता बाजार भी मौजद हो दसर तरफ प जी और

तकनीक सघन काम को वक सत दश म ह नय त रखा जाता ह ता क वकासशील दश क कप नया

परा ोड ट (माल) बनान क तकनीक न हा सल कर सक और अपना ाड न पदा कर सक इसक

अलावा व परा का परा ोड ट एक दश म नह बनाती ह उ पादन क व भ न ह स को कई दश म

बखर दती ह और इसक वजह स कसी भी दश क कपनी क लय परा ोड ट को बनान क तकनीक

हा सल करना और भी मि कल हो जाता ह दसर तरफ इस तर क स उ पादन खला म मौजद कसी

भी दश क कप नय क और मजदर क उनस सौदबाजी क ताकत भी कम हो जाती ह अगर कसी

दश म उनक उ पादन खला म सकट आया तो व वह काम कसी और दश म करा लती ह इस बात

को व एक ह थयार क प म भी इ तमाल करती ह और दशी कप नय और मजदर को प जी क

पलायन का डर भी दखाती रहती ह व त उ च तकनीक वाल पज रसच और डजाइ नग ा डग और

बाजार पर भावी नय ण क ज रय बह रा य कप नया उ पादन खला को पर तरह क ोल करती ह

इसी क ज रय पर उ पादन खला म िजतना भी अ त र त म य या मनाफा पदा होता ह उसका बडा

ह सा व ह थया लती ह स चाई म अ त र त म य का बडा ह सा तो वकासशील दश म ह पदा

होता ह ल कन उ ह उसका बह त छोटा ह सा ह मलता ह उदाहरण क तौर पर हमार दश क उ योग

म जो भी उ पाद पदा होता ह उसम मौजद अ त र त म य का मा 15-20 ह हम मलता ह जब क

उ पादन या पर नजर डाल तो इसस कह अ धक अ त र त म य यहा पदा होता ह ल कन

बह रा य कप नया काम पान क लय वकासशील दश क बीच होड और दश क भीतर कप नय क बीच

होड का इ तमाल करक उ ह कम क मत वीकार करन क लय मजबर कर दती ह उदाहरण क तौर पर

कपडा उ योग इसक अलावा व सबस अ धक म य उन काय पद डाल दती ह जो व खद करती हए

उदाहरण क तौर पर व त रसच और डजाइ नग ा डग माकग िग आ द तथा व पाट-पज जो व खद

बनाती ह इस तरह व अपन उ पाद क पर शोषण खला म पदा होन वाल मनाफ का बडा भाग लट

लती ह

ख) यहा यह बात और साफ कर दना ज र ह उ पादन खला या शोषण खला क मामल म सा ा यवाद

प जी और दशी प जी क तौर-तर क म अब कोई अ तर नह रह गया ह अ धकाश वकासशील दश म

ऐसी कप नया कम ह या नह ह िजनका व व तर का ाड हो या व व तर पर काम करती ह

ल कन जहा कह ऐसा ह जसा क भारत और चीन म कछ ऐसी कप नया ह तो व भी ठ क उसी तरह

अ य दश म अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय स मनाफ क लट करती ह इतना ह नह

दशी ाड भी दश म उसी तरह क उ पादन खला क ज रय मनाफ क लट करत ह और उ पादन

खला म हर ऊपर वाल कपनी अपन स नीच वाल कपनी स उसी तरह मनाफ क लट करती ह ाड

हमशा अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय पर अपन उ पाद क क मत कम करन क लय दबाव

बनात रहत ह और कप नया क मत कम करन तथा अपन लय भी अ धक स अ धक मनाफा स नि चत

करन क लय मजदर का शोषण अ धक स अ धक बढाती जाती ह

ग) प जी ख टा म त ख ला साड हो गयी ह नयी व व यव था म प जी क अवागमन पर कोई नय ण नह

ह यह उपरो त म वभाजन को प ता और स थागत प दती ह द नया म कह भी कसी भी तरह

क वषम प रि थ त आन पर या द नया क कसी अ य ह स म अ धक मनाफ क सभावना होन पर

यह कभी भी दसर दश म पलायन कर सकती ह यहा तक क दश क भीतर भी कसी एक ह स स

दसर ह स म भाग सकती ह इस मामल म भी दशी और वदशी प जी म कोई अ तर नह रहा और

यह दोन पर ह लाग होता ह प जी का इसस कोई लना दना नह रहा क इसस दश क अथ यव था

या मजदर क जीवन-मरण पर या असर पडता ह गौर करन क बात यह ह क वा त वक पलायन स

अ धक पलायन क धमक को एक ह थयार क प म इ तमाल कया जाता ह

C द नया क नयी स ता यव था

नयी व व यव था को सचा लत करन क लय नयी व व स थाए बनायी गयी ह जो व व सरकार जसा काम करती ह और उनका कानन दश क कानन स ऊपर हो गया ह उदाहरण क तौर पर व व यापार सघ वा त वक प म इन स थाओ को सा ा यवाद दश ह सचा लत ह इसका अग बनन क बाद दश क सरकार ऐसी कोई नी त या कानन नह बना सकती जो व व यापार सघ क नी त या कानन का उ लघन करता हो इन स थाओ क पास यह शि त भी ह क कोई दश य द उनक कानन का उ लघन कर तो उस द डत कया जा सक उदाहरण क तौर पर जन हत म यह ज र हो सकता ह क अपनी क ष और खास उ योग को सि सडी दकर और दश का बाजार उनक ि लय आर त करक उनक वकास को ग त द जाय या जनता को स ता माल उपल ध कराया जाय ल कन यह व व यापार सगठन क कानन का उ लघन हो सकता ह य क यह वदशी प जी क साथ भदभाव होगा इस ि थ त स लोकत क लय ह एक खतरा पदा होता दखाई द रहा ह य क य द चनी ह ई सरकार म यह शि त न रह जाय क व जनता क हत म कानन और नी तया बना सक तो सरकार चनन क अ धकार का भी कोई मतलब नह रह जाता मजदार बात यह ह क आइएलओ और सय त रा सघ क अ य व व स थाए जो मजदर क अ धकार और मानवा धकार क लय कानन बनाती ह उनको ऐसी शि त नह द गयी ह क मजदर क अ धकार या मानवा धकार क उ लघन पर व कसी दश को द डत कर सक सय त रा सघ म आजकल बह रा य कप नय क ग त वधय क लय कछ मानदड बनान क बात चल रह ह ल कन अ धक जोर और अ धक वीक त इसी पर दखाई द रह ह क इ ह

बा यकार कानन का दजा न दया जाय

अब हम यह दखन को शश कर क उपरो त प रि थ तय म मजदर वग और मजदर आ दोलन को कन

सम याओ का सामना करना पड रहा ह

i) प र मजदर वग को एक रजब आम म त द ल कर दना

प जी क आवागमन पर कोई नय ण नह ह उसक लय द नया वा तव म एक गाव बन चक ह ल कन

मजदरवग क आवागमन पर परा नय ण ह यह प रि थ त एक प म पर द नया क मजदरवग को एक रजब

आम यानी एक ऐसी आर त फौज म त द ल कर दता ह िजस प जी जब चाह इ तमाल कर जब चाह बरोजगार

छोड द हम पहल ह चचा कर चक ह क प जी जब चाह पलायन कर सकती ह कछ उ योग तो ऐस ह िजनम

चद दन या चद घट म ऐसा हो सकता ह जस कपडा उ योग इसम थाई प का कोई प जी नवश या

उ पादन का कोई ल बा का ट सामा यत होता ह नह इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म भारत जस

दश म जहा एक बडा बाजार ह उ ह अपना असब लग लाट लगाना पडता ह इस लय भागना इतना आसान

नह होगा ि फर भी बह त अ धक समय नह लगगा य हालात प जी क साथ शि त सतलन म मजदर वग को

कमजोर ि थ त म डाल दत ह रोजगार खोन का डर मजदर क लडाई को कमजोर करता ह दसर तरफ प जी

क पलायन क डर स सरकार मजदर क आ दोलन का बबरता स दमन करन पर आमादा हो जाती ह और

मजदर क हक क परवाह कय बना कप नय क हत क हफाजत करती ह

मजदरवग इस ि थ त को तभी बदल सकता ह जब प जी क इस तरह क आवागमन को रोक सक और यह सफ

तभी सभव ह जब अ) मजदर क दश यपी सघष क ज रय ऐस मकानन क लय सघष जो मजदर को थाई

ह सयत म रोजगार दन क बा यता पदा कर सक वदशी प जी क लय दश म उ पादन क लय ल ब समय क

का ट या समझौत क शत लाग कर सक और छटनी और तालाबद पर मजदर क मआबज क रा श म

बढो तर कर सक इसस प जी क लय बार-बार पलान क रणनी त महगी सा बत होगी ब) मजदर क

अतररा य एकता जो मजदर वरोधी पलायन क रणनी त पर चलन वाल प जी को द डत करन क लय उसक

बाजार को भा वत कर सक स) मजदर क अतररा य एकता जो इस तरह पलायन करक आन वाल प जी को

अपन दश म उस न आन द द) मजदरवग एक ऐसी सरकार लान म कामयाब हो जाय जो प जी क ऐस पलायन

को असभव बना द और य) अतररा य तर पर ऐसी नी तय क लय सघष जो मजदर क कसी भी दश म

आवागमन को खल छट द सक

ii) असग ठत मजदर क शोषण को स थागत प दना और समाज क समची ज रत क उ पादन त

को व व शोषण खला म समट लना

आज असग ठत (इनफामल स टर) क हालात पर बडा सयापा होता ह ल कन अगर हम गहराई म दख तो

यह सब उनक हालत सधारन क बजाय उनक शोषण को स थागत प दता दखाई दता ह इस तथाक थत

इनफामल स टर म तीन तरह क लोग आत ह अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोग छोट इकाइय

म लग अ थाई मजदर और फि य म लग तरह-तरह क अ थाई मजदर वरोजगार म लग लोग और

मजदर क सम याए ब कल अलग ह और अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोगो क सम याए भी

अलग-अलग ह और इनक सम याओ का समाधान भी अलग-अलग ह अगर वा तव म इ ह सकट स बाहर

नकालना हो तो अलग-अलग स टर म इनक वशष सम याओ क मता बक वशष नी तगत समाधान दना

होगा वा तव म यह बह त ज र भी ह य क अगर इनक सकट का समाधान हो जाय तो बराजगार क एक

तहाई सम या का समाधान हो सकता ह ल कन ऐसा करन क बजाय उन सबको मलाकर एक इनफामल

स टर बनान क पीछ एक ह बात हो सकती ह क उनक सकट का समाधान करन क कोइ मशा ह नह ह

उनक लय ऐसी सामािजक सर ा का ावधान कया जाता ह िजसस व कम स कम िज दा रह सक हाला क

यह सब भी पर तरह कागजी ह दखाई दता ह और यह नी तया कह लाग होती नह दखाई दती

दरअसल यह नयी व व यव था और नय म वभाजन क रणनी त का ह एक अग लगता ह

क) उ योग क व व यापी उ पादन या शोषण खला पर गौर कर तो यह खला छोट इकाइय और घर

म काम करन वाल मजदर तक जाती ह और अ त र त म य क एक अ छndashखास ह स का उ पादन

इन असग ठत मजदर वारा कया जाता ह यह सबस कम मजदर म काम करन वाल और सबस

असर त मजदर ह और उ पादन क नयी यव था म दशी- वदशी पजी क लय बह त बड मनाफ का

ोत ह

ख) नयी उ पादन यव था म प जी क सबस बडी ताकत और रणनी त ह उसका ख टा म त होना और कभी

भी पलायन करन क आजाद ल कन य द उ योग म सभी या अ धकाश मजदर थाई ह तो या यह

उतनी आसानी स सभव हो सकगा य द मजदर थायी ह ग तो उनक य नयन भी होगी और मजदर

क लडन क ताकत भी अ धक होगी और व प जी को इतनी आसानी स पलायन नह करन दग दसर

बात य द मजदर थायी ह ग तो प जी को पलायन काफ महगा भी पडगा य क थाई मजदर क हक

को चकता करन म काफ पसा लगाना पडगा और इस लय वह बार बार पलायन क रणनी त नह

इ तमाल कर सकती

ग) नयी उ पादन यव था म कई म उदाहरण क तौर पर कपडा उ योग म फि या आडर पर काम

करती ह और ाड कोई सालाना का ट भी नह करत आडर कभी कम होता ह कभी यादा और कभी

ब कल नह ऐस म अगर थायी मजदर ह ग तो उ ह बार-बार ल-आफ दना पडगा और फि या यह

क मत ाड स वसलगी ऐस म नयी उ पादन यव था म अ थायी मजदर उनक मनाफ का ोत ह

घ) असग ठत म सकट त मजदर क भार फौज एक रजब आम क तरह काम करती ह और

उ योग म मजदर क स लाई को माग स हमशा ऊपर बनाय रखती ह और इसक वजह स मजदर को

हमशा नीच क ओर धकलती रहती ह

ङ) नयी व व यव था क रणनी त यह दखाई दती ह क बडी प जी उन असग ठत को नगल जाय

जहा सीध मनाफा लटा जा सकता ह और अ य असग ठत त को स त म क लट क लय अपनी

उ पादन-शोषण खला म बाध लया जाय उदाहरण क तौर पर रटल यापार और व त स लकर

जलाप त तक क कई अ य सवा स वरोजगार व छोट इकाइय को ख म करक को व पर तरह

क जान म लगी ह ई ह और दसर तरफ स त म क लट क लय उ पादन क म खती व

उ योग म वरोजगार म लग मजदर व छोट इकाइय को अपनी उ पादन खला म समटन क

को शश कर रह ह यहा यह गौर करन क बात ह क आज सरकार क छोट उ योग को बढावा दन

क नी त को उदार करण स पहल वाल प रि थ तय क नगाह स नह दखा जा सकता ह आज यह

उन उ योग पर ल त ह जो दशी- वदशी पजी क उ पादन खला स जड ह ए ह और इस लय परो

प स यह दशी- वदशी बडी पजी क भी मदद ह

जमीनी तौर पर मजदर आ दोलन क सबस बडी रणनी तक सम या और सबस बडी चनौती शायद इसी सवाल

स जडी ह ई ह हर उ योग म भार अनपात म अ थायी मजदर क स या बढन क कारण फ तर पर

य नयन और साम हक सौदबाजी मि कल हो गयी ह यह कछ तर तक वह भावी हो पा रह ह जहा बडी

इकाइया ह और जहा एक खास अनपात म द मजदर को बनाय रखना ज र ह उदाहरण क तौर पर मोटर-

गाडी बनान क उ योग ल कन जहा ऐसी ज रत नह ह और इस लय जहा शायद ह कोई थायी मजदर रखा

जाता ह वहा तो य नयन और साम हक सौदबाजी असभव ह हो गयी ह उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा

उ योग छोट उ योग और वरोजगार म लग लोग को सग ठत करन का सवाल तो एक अलग ह चनौती ह

और इस दशा म तो कोई बडी पहल ह नह दखाई दती ह

मजदर आ दोलन क सम य सम याए और चनौ तया वा त वक ह ल कन ऐसा लगता ह क सकट सफ इन

सम याओ स पदा नह हआ ह सकट का मल व प वचा रक ह और इस सवाल स जडा हआ ह क मजदर

आ दोलन इन सम याओ का कोई भावी समाधान नह तत कर पा रहा ह हम इसक चचा अगल ह स म

करग

iii) म कानन म बदलाव

मकानन म क सरकार और रा य सरकार वारा जो बदलाव कय गय ह या ता वत ह उनस म कानन का ऐसा ढाचा उभरकर सामन आता ह जो मलत चार स तर म वभािजत ह और यह व वशोषण खला क अन प ह

9 स कम मजदर वाल इकाइया इनक लय कोई म कानन ता वत नह ह उ ट घरल उ योग म बाल म क शोषण क छट द द गयी यहा यह यान म रखना ज र ह क यह व वशोषण खला का सबस नचला और सबस असर त तर ह जहा मजदर क भार आबाद को बहद कम मजदर म और वा य क ि ट स खतरनाक ि थ तय म काम करना पडता ह

9-39 मजदर वाल इकाइया इ ह कारखाना कानन स बाहर कया जा रहा ह और एक नय कानन लघ कारखाना कानन म शा मल करन का ताव ह 9 स कम वाल स तर और 9-39 वाल स तर म ह उ पादन क अ य धक म सघन याओ का बडा ह सा सप न कया जाता ह और शोषण खला क अ त र त म य का अ छा-खासा ह सा यह पदा होता ह 9-40 वाल इकाइय म मजदर को बह त सार अ धकार स व चत कया जा रहा ह और नाम मा ह हक उ ह मलन ह

इ ह अब 9 क जगह 19 म कानन स सब धत द तावज बनान और म वभाग म उनक पालन सबधी रटन फाइल करन म छट द द गयी ह

इनम 14 कानन लाग नह ह ग िजनम औ यो गक ववाद अ ध नयम और कारखाना कानन भी शा मल ह उन कानन क सफ कछ ावधान को ता चत लघ उ योग कानन म शा मल कया गया ह

ठका मजदर ( नयमन और खा मा) कानन इनम लाग नह होगा राज थान क कानन म अब यह 50 या अ धक मजदर वाल इकाइय म ह लाग ह (मल म 20 या अ धक पर लाग)

नय मत मजदर क छटनी करन पर 1 माह का नो टस और िजतन साल काम कया ह हर साल क लय 15 दन का मआवजा दना होगा ल कन इसक नौबत ह नह आयगी य क यह ावधान एक साल नय मत स वस पर होन पर ह यह लाग होता ह और ऊपर उदधत कानन म

छट का फायदा उठाकर नयो ता कभी साल भर क स वस पर ह नह होन दग

ईएसआई और पीएफ कानन लाग नह होगा और यहा ईएसआई और पीएफ क जगह दो नयी ाइवट स टर क क म लाग होगी और इसम मजदर को दोन क लय वतन का 10-10 तशत

हर मह न दना होगा काय थल पर भौ तक और रासाय नक सर ा सबधी कोई ावधान नह सफ इतना ह क जहा

खतरनाक या हजाडस चीज का इ तमाल होता होगा वहा कारखाना कानन लाग होगा च का ावधान वह लाग होगा जहा 20 या अ धक म हलाए काम करती ह और उनम स कम

स कम एक का 6 साल स कम का छोटा ब चा हो इसस प ट ह क इस कानन को कोई मतलब नह रह गया

तीन माह म ओवरटाइम काम क घट क सीमा 50 स बढाकर 96 घट क जा रह ह

लघ उ योग कानन म हडताल या हडताल क अ धकार का कोई उ लख ह नह ह एक ऐसा ावधान ह क य द 10 या अ धक मजदर बना नो टस दय एक साथ गरहािजर ह ग तो नयो त

उनक वतन स 8 दन क मजदर काट सकता ह 40 स 299 तक क इकाइया

इनम बना सरकार स अनम त लय छटनी या तालाबद क जा सकती ह

इनम छटनी क लय मजदर को 1 माह का नो टस और मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स हाला क इसक नौबत आयगी ह नह य क यह एक साल क स वस पर होन पर ह लाग होता ह और आजकल उ योग म हालात ऐस ह क हर छह मह न म कागज पर मजदर क नयि त नयी बना दत ह सी मत अव ध का ट का कानन लाग होन क बाद तो नयो ता कसी क भी एक साल क नय मत स वस पर ह नह होन दगा इस अभी कपडा उ योग म लाग कया ह ल कन ज द ह अ य म भी लाग हो सकता ह ऐस हालात म कोई ईएल भी नह पा सकगा और यट दन क नौबत तो कभी आयगी ह नह

ईपीएफ पशन क जगह नयी पशन क म िजसम प रवार लाभ शा मल नह होगा यह शयरबाजार स जडी होगी-और ाइवट कप नय क मनाफा कमान का ज रया बन जाएगी

ईएसआई अ पताल क नजीकरण का ताव जो प र वा थ सवाओ क नजीकरण क योजना का ह एक अग ह

पीएफ को ट स क दायर म लाना पीएफ म शा मल होन को व क बनाना और नयो ता क ओर स पीएफ म जमा कय जान

वाल भाग को सरकार क ओर स दया जाना

नयो ता वारा दय जान वाल पीएफ क भाग को मजदर म शा मल मानना िजसस मजदर बढ ह ई दख और मजदर क असल हालत पर पदा पड जाय

हजाडस कारखान क ल ट को हटाना और सफ हजाडस क एक प रभाषा दना इसस कसी भी कारखान को हजाडस घो षत करवाना बह त मि कल होगा और या काफ ल बी हो जाएगी

म हलाओ को रा पाल म अनम त

तीन माह म ओवरटाइम काम क सीमा बढाकर 115 घट करना (अभी 50 ह)

ड य नयन बनान क लय ज र सद या स या 7 स बढाकर 10 या 100 करना

डय नयन म बाहर सद य पर रोक सफ असग ठत म 2 सद य बाहर क हो सकत ह ड य नयन क मा यता क लय कसी ावधान का ताव नह

हडताल क लय जो क ठन कानन आव यक सवाओ पर लाग था उस सभी पर लाग करन का ताव यानी काननी तौर पर हडताल लगभग असभव गरकाननी हडताल क लय मजदर पर

और तालाबद क लय कारखाना मा लक पर एक ह फाइन-50000 स एक लाख 50 या अ धक मजदर कजअल छटट लकर गरहािजर ह तो यह भी गरकाननी हडताल

ववाद को कोट क बाहर सलझा लन का ावधान और आव यक सवाओ म 2 साल तक हडताल पर तबध (गजरात)

बोनस रा श नधारण क जाच क लय डय नयन नयो ता स कारखान क बलस शीट अब नह माग सकगी

कारखान क इ प शन क लय लबर इ प टर को पहल उ चा धका रय स अनम त लनी होगी और इ प टर क भ मका अब कानन का उ लघन करन वाल पर कारवाई करन क बजाय उ ह कानन का पालन करन म मदद करन क होगी

100 या अ धक मजदर वाल इकाइया ट डग आडर का कानन अब 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय म लाग होगा यह अभी कई

रा य म 50 या अ धक पर लाग होता ह अ य ावधान वह जो 40 स 299 मजदर वाल इकाइय पर लाग 300 या अ धक मजदर वाल इकाइया छटनी या तालाबद क लय सरकार क अनम त ज र

मजदर को 3 माह का नो टस मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स

अ य ावधान वह जो 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय पर लाग मकानन म बदलाव क उपरो त दशा स दो बात प ट होती ह अ) यह कप नय क लय म लागत को

कम स कम करन मजदर को जब चाह काम पर रखन और नकालन क पर छट दन मजदर क हत क

अनदखी करन और मजदर क य नयन बनान और साम हक सौदबाजी करन क मता को ख म करन या कम

स कम करन क दशा म कि त ह और ब) उ योग म शोषण खला का जो ढाचा उभर रहा ह यह उसक

अन प ह एक तरफ छोट इकाइया ह जहा अ धकतम 50 मजदर तक काम करत ह और जहा अ धकाश म

सघन काम सप न होता ह और अ त र त म य का बडा ह सा पदा होता ह दसर तरफ बडी इकाइया ह जहा

100 स 300 तक मजदर काम करत ह और सबस ऊपर थोडी सी ऐसी इकाइया ह जहा 500 स अ धक मजदर

काम करत ह आकड क अनसार पछल 10-12 साल म 10 स 99 मजदर वाल इकाइय का अनपात काफ

घटा ह और दसर तरफ 10 स कम वाल इकाइय और 100-499 वाल इकाइय का अनपात बढ गया ह

दरअसल 10 स कम वाल अ धकाश इकाइया वा तव म 40-50 मजदर को काम पर लगाती ह ल कन कारखाना

कानन स बचन क लय 10 स कम मजदर ह दखाती ह इ ह क सम या को हल करन क लय लघ उ योग

कानन लाया जा रहा ह सार प म इन ता वत कानन स शोषण खला का ढाचा इस प म उभरता दखाई

दता ह अ) घर म काम करन वाल मजदर और 10 स कम वाल इकाइया ब) 10-39 वाल इकाइया स) 40-

299 वाल इकाइया और द) 300 या अ धक वाल इकाइया

iv) प जी का मजदर और जनता पर सवतोमखी नय ण

कोई वग कसी दसर वग पर अपनी स ता सफ दमनत क ताकत क ज रय लब समय तक कायम नह रख

सकता ह शासक वग को शा षत जन म अपनी स ता क कसी न कसी प म एक तर क वीकायता

बनानी पडती ह और अगर वह ऐसा करन म कामयाब नह होता तो उसक स ता भी अ धक समय तक कायम

नह रह सकती ह प जीवाद समाज क लय यह और भी अ धक सच ह पजीप त वग मजदर और आमजन क

वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण कायम करन क को शश करता ह और य द मजदर वग

उस इस पहल पर कोई भावी चनौती नह द पाता ह तो मजदर वग पजी क खलाफ कोई भी भावी सघष

खडा कर पान म सफल नह हो सकता ह प जीवाद समाज म यह वग सघष का एक ब नयाद और मह वपण

पहल ह नयी व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह ल कन

मजदर आ दोलन इस पहल को अ सर नजरदाज करता रहा ह और उस वग सघष क एक ब नयाद पहल क प

म मह व नह द सका ह शायद यह आम जनता क वचार और जीवन पर प जीप त वग क बढत नय ण और

उसको कोई भावी चनौती न द पान क हमार कमजोर का भी एक भाव ह क आज इतन भीषण सकट क

बावजद जनता क ग स का कोई बडा वत फत व फोट नह दखाई दता ह यहा हम सार प म मजदरवग

पर प जीप तवग क नय ण क रणनी त क कछ पहलओ क चचा कर सकत ह

आमजन क वचा रक मानस म प जीप त वग व भ न मा यम स यह लगातार था पत करन क

को शश करता ह क प जीवाद का कोई वक प नह ह नजीकरण और बाजार करण क व तार क साथ

प जीवाद दायर स बाहर कसी अलग जीवन णाल क लय कोई जगह नह रह जाती जो इस वचार को

मजबती दता ह और दश-द नया म कोई वक प नजर न आन स इस उनक वचार मानस म प ता

बनान म मदद मलती ह जीवन क हर ज रत क लय प जीवाद पर पर तरह नभरता और उसस

बाहर नकलन का कोई रा ता न दखाई दन स प जीवाद को वीकार करना एक मजबर भी हो जाती ह

ऐसा ोपागडा बड पमान पर कया जाता ह क प जी क वकास स ह दश को और जनता का वकास हो

सकता ह प जी का वकास होगा तो रोजगार पदा होगा प जी का वकास होगा तो स वधाओ का वकास

होगा प जी का वकास नह होगा तो दश का और जनता का भी वकास क जाएगा और इस लय य द

कोई ऐसी बात करता ह जो प जी क वकास क खलाफ हो तो वह दश का और जनता का द मन ह

आ द आ द

प जीवाद काय थल मजदर को यह अहसास दलाता ह क मजदर और प जीप त दोन का अि त व जडा

हआ ह और मजदर क बहतर क लय प जीप त क बहतर ज र ह नय दौर का सारा प जीवाद

बधन शा और पदा ह ई बधन तकनीक का अमल इस वचार को मजबत बनाता ह रोजगार खोन

का डर भी एक तरह स प जीवाद को वीकार करन क मजबर बन जाती ह

ोपागडा यह नयी व व यव था का एक बह त मजबत और भावी ह थयार ह मी डया स लकर कल -

कालज व व व यालय और शोधस थान तक को भी इसका अग बना दया गया ह इसक ज रय झठ

को सच क तरह पश करना या स य क सफ एक पहल को ह दखाना इ तहास को वकत प म पश

करना म फलाना प जीवाद का म हमामडन करना जो प जीप त वग क हत क खलाफ ह उन वचार

और लोग को बदनाम करना ढ ग पाखड को साइस क तरह पश करना और पछडी चतना को बढावा

दना भडकाऊ झठ खबर बनाना और भडकाऊ कारवाइया करना आ द इनका सबका दायरा बह त व तत

ह यह माल को बचन क लय उनका फायदाबतान वाल झठ रसच स लकर समाजवाद और

समाजवा दय को बदनाम करन क लय झठ घटनाए पदा करन तक का काम करत ह मी डया पर बडी

प जी का पर तरह इजारा कामय हो जान क बाद जनता क पास कोई वकि पक सचनात ख म हो गया

ह और इसक वजह स प जीवाद ोपागडा और अ धक भावी हो गया ह इस हालात न मजदर वग क

सघष क भाव को भी काफ कम कर दया ह दश क कसी शहर म लाख लोग सडक पर आ दोलन

करत ह ल कन पास पडोस क इलाक क लोग को भी इस आ दोलन का पता नह चल पाता यहा तक

क द ल आकर हजार लोग दशन करत ह और द ल क लोग को भी पता नह चलता कह लाख

लोग सघष म जान द रह होत ह ल कन मी डया उ ह यह मानन को मजबर कर दता ह क व पागल ह

या आतकवाद ह और मजदार बात यह ह क लोग एक मनट क लय यह नह सोच पात क व लाख

लोग जो सघष म अपनी जान द रह ह उनक कोई बहद वािजब सम या भी हो सकती ह और यह क

मी डया सफद झठ बोल रहा ह

मजदर वग को वभािजत करन और भटकान क रणनी त प जी क म वरोधी ोपागडा क एक

मह वपण रणनी त ह मजदरवग क भीतर क अतर वरोध को तीखा करना और उ ह एक दसर क वरोधी

क प म तत करना उदाहरण क तौर पर जा त का सवाल धम का सवाल और लगभद का सवाल

और इसक साथ-साथ मजदर क व भ न स तर म अतर वरोध का सवाल उदाहरण क तौर पर

असग ठत ा क मजदर और सग ठत क मजदर कपनी मजदर और ठका मजदर थाई और

अ थाई मजदर ाइबट व पि लक स टर क मजदर आ द इसक बह त सार अ य मह वपण आयाम भी

ह ल कन बात इतन स प ट हो जाती ह इसक साथ ह मजदर आ दोलन म ऐसी रणनी तय को

ो सा हत करना जो सतह पर मजदर क हत म दखती ह ल कन व तत या तो मजदर वरोधी होती

ह या उस बस ऊठक-बठक करन म य त कर दती ह उदाहरण क तौर पर असग ठत मजदर क लय

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

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Page 13: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

नजीकरण भी नयी व व यव था म मनाफ क लट क नयी रणनी त का अ भ न अग ह यह दश क सभी ससाधन पर दशी- वदशी पजी का नय ण कायम करन क साथ ह व तीयकरण स मनाफा लटन क रणनी त का भी ह सा ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह क सरकार कस तरह सार पि लक स टर बचन पर आमादा ह और कस तरह हमार जल-जगल-जमीन को दशी वदशी कप नय को स पा जा रहा ह इसस एक और खतरा भी सामन आ रहा ह सार पि लक स टर बचन और प जी को अ धक स अ धक ट स छट दन वाल वकास क रणनी त पर चलन स सरकार क पास आय क ोत या रह जायग इसस एक तरफ तो सरकार पि लक वलफयर क काम पर कछ भी खच करन क ि थ त म नह रह जायगी और दसर तरफ अपन खच क लय वह आमजनता पर लगातार ट स बढाती जायगी और आमजनता क ह जमा पस का इ तमाल करगी यहा ीलका का एक उदाहरण दना शायद समीचीन होगा ीलका उदार करण और व वीकरण क राह पर चलन वाला द ण ए शया का पहला दश था और वहा इसक श आत 1977-78 म ह हो गयी थी वहा इसका असर भी पहल ह आना श हो गया था 2002 म वहा हालात ऐस हो गय थ क सरकार कामकाज क खच क लय सरकार मजदर क ा वडट फड म जमा पस का 98 इ तमाल कर रह थी 2011 म वहा वप न सरकार क खलाफ यह सवाल उठाया था क सरकार अपना कज चकान क लय मजदर क ा वडट फड क पस का इ तमाल कर रह ह ऐसी भी ि थ त पदा हो सकती ह क जनक याण क

काम और शायद म य -अफसर क वदश दौर भी प जीप तय क सीएसआर या दान पर नभर होत जायग यहा पर यह भी उ लख कर दना ज र ह क सरकार का आनलाइन पमट पर जो अ त र त जोर दखाई द रहा ह उसका टाचार नय ण स तो कोई लना दना नह दखाई द रहा ह ल कन उसका उपरो त बात स गहरा र ता ह हर प जीवाद नी त क कई आयाम होत ह और इसक भी कई आयाम ह ल कन हम यहा उसक कछ ह पहलओ को चि हत कर सकत ह

अ) सभी उ योग और ससाधन क नजीकरण और उ योग को सभी कर म छट दन क वकास रणनी त क चलत सरकार अपन खच क लय सफ जनता स ट स वसलन पर ह नभर होती जा रह ह और सभी कर बढाती जा रह ह और नत नय कर भी लगाती जा रह ह यह जानना मह वपण ह क य कर तो साफ साफ दखाई दता ह जस इनकम ट स इस लय उस अभी कम ह बढाया जा रहा ह सबस अ धक कर का बोझ अ य कर क प म बढया जा रहा ह जो साफ-साफ दखाई नह दता और जो सभी पर लाग होता ह चाह उसक आय कतनी भी कम हो हम जो भी सामान बाजार स खर दत ह उसक एमआरपी दाम म भी कर शा मल होता ह और ऊपर स और अ धक ट सलगाय जात ह कसी भी सामान क दाम म कल कर कर ब 44 ट स शा मल होता ह यानी 100 क दाम म 44 पय का कर इसका लगभग

आधा ह सा तो उसक एमआरपी दाम म शा मल होता ह जो हम दना ह होता ह चाह बना बल क खर द हो ल कन कल कर का लगभग आधा ह सा तभी दना होता ह जब दकानदार प का बल द यानी तब दकानदार भी उस कर को सरकार क पास जमा करगा ल कन करोडो गर ब लोग और लाख छोट दकानदार बना प क बल क खर द ब करत ह और इसक चलत सरकार यह कर नह वसलकर पाती ह यह नकद म लन दन पर ह सभव होता ह य द नकद म लन दन को बद कर दया जाय तो हम कर का वह ह सा भी चकान क लय मजबर कर दया जायगा ऐस म यह रणनी त भी सीध सीध गर ब क जब म डाका डालन क लय ह नद शत ह ऐस हालात म जब करोडो लोग क मजदर और आय जीवन जीन क लय पया त न हो तो उनक ऊपर कर का यह बोझ डालना या यायसगत ह और ऐस हालात म य द गर ब लोग यह कर नह चकात ह तो या यह काला-सफद का मामला ह या यह उनक िज दा रहन क ह एक शत नह ह ऐस हालात म जब कारपोरट कप नय को भार पमान पर ट स म छट और ट स चोर क छट द जा रह हो या आम जनता क साथ यह यादती वािजब ह सीएजी क 2016 क एक रपोट क अनसार इनकमट स डपाटमट न ढाचागत काय करन वाल कप नय को गलत तर क 45000 करोड का ट स लाभ दया उसी क एक रपोट क मता बक 7 लाख करोड य कर नह वसला जा सका और उसका 96 अब वसलना सभव नह रह गया ह उसी क एक अ य रपोट क मता बक सफ 2010-11 म कारपोरट कप नय को 88263 करोड पय क कर छट द गयी

आ) इसका एक और मह वपण ल य ह खदरा यापार को दशी- वदशी कारपोरट कप नय क हाथ स पना यह दो तरह स कया जा रहा ह- अ) कप नय क खदरा यापार चन को ो सा हत करना और खदरा यापार को वदशी प जी क लय खोलना ब) आनलाइन खर द- ब को ो सा हत करना कशलश खर द ब को बढावा दना इसी नीयत स कया जा रहा ह यह दो

ल य को एक साथ परा करता ह खदरा यापार को दशी- वदशी प जी क हाथ स पना और लोग को परा ट स चकान क लय मजबर करना आनलाइन खर द ब और रटल चन क ज रय दशी- वदशी प जी एक साथ गठजोड बनाकर म खदरा यापार म आ रह ह और इसन अभी ह खदरा यापा रय क हालत ख ता कर द ह यह वश ध प स व तीयकरण स मनाफ क लट ह ह इसस एक तरफ तो दश क बाजार पर बडी दशी- वदशी पजी क गठजोड का क जा होता जायगा और दश क उ पादक भी उनक य जकडबद म फसत जायग दसर तरफ खदराबाजार म लगी भार आबाद को बरोजगार क सम या झलनी पडगी इसक साथ ह गर ब आबाद को मजबरन महगा सामान खर दना पडगा पदा होन वाल हालात का इसस ह अदाजा लगाया जा सकता ह क अभी क ष क बाद सबस अ धक आबाद खदरा यापारम ह लगी ह ई ह

इ) यह सव व दत ह क कर ब 600-700 कारपोरट कप नया पि लक स टर बक स लाख करोड का कज लकर उस जानबझकर नह चका रह ह सरकार उनस कज वसलन क बजाय उनका कज माफ कर दती ह 2014-15 म कर ब 114 लाख करोड का ऐसा कज माफ कर दया गया 2016 म सफ टट बक आफ इ डया न ऐसी 63 बडी बइमान कप नय का कज माफ कर दया जो कल 7016 करोड पय का कज लकर उस डकार गयी थी इसस अदाजा लगाया जा सकता ह क सभी पि लक स टर बक स कज माफ स कस भार मा ा म सरकार न कारपोरट कप नय को फायदा पह चाया गया होगा मजदार बात यह ह क ऐसा पि लक स टर बक क साथ ह होता ह यानी यह वश ध प स जनता क पस क खल लट ह इस हालात न पि लक स टर बक क हालत ख ता कर द थी और व सरकार क व भ न योजनाओ म नवश करन क हालत म नह रह गय थ बम करण उ ह इस सकट स उबारन क लय कया गया था बक म पसा आना ज र था और बम करण न ऐस करोड लोग को जो खती या छोटा-मोटा बजनस करत ह और हजार पय बक म रखन क बजाय घर म ह और आपसी लन दन म रखत थ और शाद - याह क लय भी हजार -लाख जमा करक घर म ह रखत थ उ ह जबरन बक म पसा जमा करन क लय मजबर कर दया गया ऐसा तो कसी बडी सना क मदद स भी नह हा सल कया जा सकता था जो बम करण क ज रय हा सल कया गया यह कोई काला-सफद का मामला नह था और कसी टाचार स लडन का मामला नह था इसका उ द य था बक म पसा लाना और यह कोई आ चय क बात नह क सफ दो मह न म ह बक पस स लबा लब भर गय यह इसी स जा हर ह क अचानक बक न लोन क याजदर कम कर द और होमलोन और अ य लोन क लय तरह-तरह क क म लकर बाजार म उतर गय यह परा मामला व तीयकरण स मनाफ क लट का सबस घ टया उदाहरण ह

B द नया क तर पर नया म वभाजन और नयी उ पादन यव था

द नया क उ पादन और वतरण यव था म एक नया म वभाजन अि त व म आया ह िजसक दो मह वपण

अग ह

क) उ पादन यव था को ऐसी व व यापी म य खला या व व शोषण खला म सग ठत कया गया ह

िजसम म सघन काम को वक सत दश स वकासशील दश म भजा जा रहा ह जहा भार बरोजगार

ह और मजदर वक सत दश क मकाबल बह त कम ह अलग-अलग स टर म अलग-अलग रणनी त ह

उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा उ योग म इतना ह काफ ह क वहा मजदर कम ह ल कन

इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म यह भी ज र ह क वहा पाट पज बनान और जोडन लायक

तकनीक तर वाल फि या और ऐसा कौशल रखन वाल मजदर क अ छ -खासी तादात मौजद हो

और उनक माल क लय एक बडा और वक सत होता बाजार भी मौजद हो दसर तरफ प जी और

तकनीक सघन काम को वक सत दश म ह नय त रखा जाता ह ता क वकासशील दश क कप नया

परा ोड ट (माल) बनान क तकनीक न हा सल कर सक और अपना ाड न पदा कर सक इसक

अलावा व परा का परा ोड ट एक दश म नह बनाती ह उ पादन क व भ न ह स को कई दश म

बखर दती ह और इसक वजह स कसी भी दश क कपनी क लय परा ोड ट को बनान क तकनीक

हा सल करना और भी मि कल हो जाता ह दसर तरफ इस तर क स उ पादन खला म मौजद कसी

भी दश क कप नय क और मजदर क उनस सौदबाजी क ताकत भी कम हो जाती ह अगर कसी

दश म उनक उ पादन खला म सकट आया तो व वह काम कसी और दश म करा लती ह इस बात

को व एक ह थयार क प म भी इ तमाल करती ह और दशी कप नय और मजदर को प जी क

पलायन का डर भी दखाती रहती ह व त उ च तकनीक वाल पज रसच और डजाइ नग ा डग और

बाजार पर भावी नय ण क ज रय बह रा य कप नया उ पादन खला को पर तरह क ोल करती ह

इसी क ज रय पर उ पादन खला म िजतना भी अ त र त म य या मनाफा पदा होता ह उसका बडा

ह सा व ह थया लती ह स चाई म अ त र त म य का बडा ह सा तो वकासशील दश म ह पदा

होता ह ल कन उ ह उसका बह त छोटा ह सा ह मलता ह उदाहरण क तौर पर हमार दश क उ योग

म जो भी उ पाद पदा होता ह उसम मौजद अ त र त म य का मा 15-20 ह हम मलता ह जब क

उ पादन या पर नजर डाल तो इसस कह अ धक अ त र त म य यहा पदा होता ह ल कन

बह रा य कप नया काम पान क लय वकासशील दश क बीच होड और दश क भीतर कप नय क बीच

होड का इ तमाल करक उ ह कम क मत वीकार करन क लय मजबर कर दती ह उदाहरण क तौर पर

कपडा उ योग इसक अलावा व सबस अ धक म य उन काय पद डाल दती ह जो व खद करती हए

उदाहरण क तौर पर व त रसच और डजाइ नग ा डग माकग िग आ द तथा व पाट-पज जो व खद

बनाती ह इस तरह व अपन उ पाद क पर शोषण खला म पदा होन वाल मनाफ का बडा भाग लट

लती ह

ख) यहा यह बात और साफ कर दना ज र ह उ पादन खला या शोषण खला क मामल म सा ा यवाद

प जी और दशी प जी क तौर-तर क म अब कोई अ तर नह रह गया ह अ धकाश वकासशील दश म

ऐसी कप नया कम ह या नह ह िजनका व व तर का ाड हो या व व तर पर काम करती ह

ल कन जहा कह ऐसा ह जसा क भारत और चीन म कछ ऐसी कप नया ह तो व भी ठ क उसी तरह

अ य दश म अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय स मनाफ क लट करती ह इतना ह नह

दशी ाड भी दश म उसी तरह क उ पादन खला क ज रय मनाफ क लट करत ह और उ पादन

खला म हर ऊपर वाल कपनी अपन स नीच वाल कपनी स उसी तरह मनाफ क लट करती ह ाड

हमशा अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय पर अपन उ पाद क क मत कम करन क लय दबाव

बनात रहत ह और कप नया क मत कम करन तथा अपन लय भी अ धक स अ धक मनाफा स नि चत

करन क लय मजदर का शोषण अ धक स अ धक बढाती जाती ह

ग) प जी ख टा म त ख ला साड हो गयी ह नयी व व यव था म प जी क अवागमन पर कोई नय ण नह

ह यह उपरो त म वभाजन को प ता और स थागत प दती ह द नया म कह भी कसी भी तरह

क वषम प रि थ त आन पर या द नया क कसी अ य ह स म अ धक मनाफ क सभावना होन पर

यह कभी भी दसर दश म पलायन कर सकती ह यहा तक क दश क भीतर भी कसी एक ह स स

दसर ह स म भाग सकती ह इस मामल म भी दशी और वदशी प जी म कोई अ तर नह रहा और

यह दोन पर ह लाग होता ह प जी का इसस कोई लना दना नह रहा क इसस दश क अथ यव था

या मजदर क जीवन-मरण पर या असर पडता ह गौर करन क बात यह ह क वा त वक पलायन स

अ धक पलायन क धमक को एक ह थयार क प म इ तमाल कया जाता ह

C द नया क नयी स ता यव था

नयी व व यव था को सचा लत करन क लय नयी व व स थाए बनायी गयी ह जो व व सरकार जसा काम करती ह और उनका कानन दश क कानन स ऊपर हो गया ह उदाहरण क तौर पर व व यापार सघ वा त वक प म इन स थाओ को सा ा यवाद दश ह सचा लत ह इसका अग बनन क बाद दश क सरकार ऐसी कोई नी त या कानन नह बना सकती जो व व यापार सघ क नी त या कानन का उ लघन करता हो इन स थाओ क पास यह शि त भी ह क कोई दश य द उनक कानन का उ लघन कर तो उस द डत कया जा सक उदाहरण क तौर पर जन हत म यह ज र हो सकता ह क अपनी क ष और खास उ योग को सि सडी दकर और दश का बाजार उनक ि लय आर त करक उनक वकास को ग त द जाय या जनता को स ता माल उपल ध कराया जाय ल कन यह व व यापार सगठन क कानन का उ लघन हो सकता ह य क यह वदशी प जी क साथ भदभाव होगा इस ि थ त स लोकत क लय ह एक खतरा पदा होता दखाई द रहा ह य क य द चनी ह ई सरकार म यह शि त न रह जाय क व जनता क हत म कानन और नी तया बना सक तो सरकार चनन क अ धकार का भी कोई मतलब नह रह जाता मजदार बात यह ह क आइएलओ और सय त रा सघ क अ य व व स थाए जो मजदर क अ धकार और मानवा धकार क लय कानन बनाती ह उनको ऐसी शि त नह द गयी ह क मजदर क अ धकार या मानवा धकार क उ लघन पर व कसी दश को द डत कर सक सय त रा सघ म आजकल बह रा य कप नय क ग त वधय क लय कछ मानदड बनान क बात चल रह ह ल कन अ धक जोर और अ धक वीक त इसी पर दखाई द रह ह क इ ह

बा यकार कानन का दजा न दया जाय

अब हम यह दखन को शश कर क उपरो त प रि थ तय म मजदर वग और मजदर आ दोलन को कन

सम याओ का सामना करना पड रहा ह

i) प र मजदर वग को एक रजब आम म त द ल कर दना

प जी क आवागमन पर कोई नय ण नह ह उसक लय द नया वा तव म एक गाव बन चक ह ल कन

मजदरवग क आवागमन पर परा नय ण ह यह प रि थ त एक प म पर द नया क मजदरवग को एक रजब

आम यानी एक ऐसी आर त फौज म त द ल कर दता ह िजस प जी जब चाह इ तमाल कर जब चाह बरोजगार

छोड द हम पहल ह चचा कर चक ह क प जी जब चाह पलायन कर सकती ह कछ उ योग तो ऐस ह िजनम

चद दन या चद घट म ऐसा हो सकता ह जस कपडा उ योग इसम थाई प का कोई प जी नवश या

उ पादन का कोई ल बा का ट सामा यत होता ह नह इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म भारत जस

दश म जहा एक बडा बाजार ह उ ह अपना असब लग लाट लगाना पडता ह इस लय भागना इतना आसान

नह होगा ि फर भी बह त अ धक समय नह लगगा य हालात प जी क साथ शि त सतलन म मजदर वग को

कमजोर ि थ त म डाल दत ह रोजगार खोन का डर मजदर क लडाई को कमजोर करता ह दसर तरफ प जी

क पलायन क डर स सरकार मजदर क आ दोलन का बबरता स दमन करन पर आमादा हो जाती ह और

मजदर क हक क परवाह कय बना कप नय क हत क हफाजत करती ह

मजदरवग इस ि थ त को तभी बदल सकता ह जब प जी क इस तरह क आवागमन को रोक सक और यह सफ

तभी सभव ह जब अ) मजदर क दश यपी सघष क ज रय ऐस मकानन क लय सघष जो मजदर को थाई

ह सयत म रोजगार दन क बा यता पदा कर सक वदशी प जी क लय दश म उ पादन क लय ल ब समय क

का ट या समझौत क शत लाग कर सक और छटनी और तालाबद पर मजदर क मआबज क रा श म

बढो तर कर सक इसस प जी क लय बार-बार पलान क रणनी त महगी सा बत होगी ब) मजदर क

अतररा य एकता जो मजदर वरोधी पलायन क रणनी त पर चलन वाल प जी को द डत करन क लय उसक

बाजार को भा वत कर सक स) मजदर क अतररा य एकता जो इस तरह पलायन करक आन वाल प जी को

अपन दश म उस न आन द द) मजदरवग एक ऐसी सरकार लान म कामयाब हो जाय जो प जी क ऐस पलायन

को असभव बना द और य) अतररा य तर पर ऐसी नी तय क लय सघष जो मजदर क कसी भी दश म

आवागमन को खल छट द सक

ii) असग ठत मजदर क शोषण को स थागत प दना और समाज क समची ज रत क उ पादन त

को व व शोषण खला म समट लना

आज असग ठत (इनफामल स टर) क हालात पर बडा सयापा होता ह ल कन अगर हम गहराई म दख तो

यह सब उनक हालत सधारन क बजाय उनक शोषण को स थागत प दता दखाई दता ह इस तथाक थत

इनफामल स टर म तीन तरह क लोग आत ह अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोग छोट इकाइय

म लग अ थाई मजदर और फि य म लग तरह-तरह क अ थाई मजदर वरोजगार म लग लोग और

मजदर क सम याए ब कल अलग ह और अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोगो क सम याए भी

अलग-अलग ह और इनक सम याओ का समाधान भी अलग-अलग ह अगर वा तव म इ ह सकट स बाहर

नकालना हो तो अलग-अलग स टर म इनक वशष सम याओ क मता बक वशष नी तगत समाधान दना

होगा वा तव म यह बह त ज र भी ह य क अगर इनक सकट का समाधान हो जाय तो बराजगार क एक

तहाई सम या का समाधान हो सकता ह ल कन ऐसा करन क बजाय उन सबको मलाकर एक इनफामल

स टर बनान क पीछ एक ह बात हो सकती ह क उनक सकट का समाधान करन क कोइ मशा ह नह ह

उनक लय ऐसी सामािजक सर ा का ावधान कया जाता ह िजसस व कम स कम िज दा रह सक हाला क

यह सब भी पर तरह कागजी ह दखाई दता ह और यह नी तया कह लाग होती नह दखाई दती

दरअसल यह नयी व व यव था और नय म वभाजन क रणनी त का ह एक अग लगता ह

क) उ योग क व व यापी उ पादन या शोषण खला पर गौर कर तो यह खला छोट इकाइय और घर

म काम करन वाल मजदर तक जाती ह और अ त र त म य क एक अ छndashखास ह स का उ पादन

इन असग ठत मजदर वारा कया जाता ह यह सबस कम मजदर म काम करन वाल और सबस

असर त मजदर ह और उ पादन क नयी यव था म दशी- वदशी पजी क लय बह त बड मनाफ का

ोत ह

ख) नयी उ पादन यव था म प जी क सबस बडी ताकत और रणनी त ह उसका ख टा म त होना और कभी

भी पलायन करन क आजाद ल कन य द उ योग म सभी या अ धकाश मजदर थाई ह तो या यह

उतनी आसानी स सभव हो सकगा य द मजदर थायी ह ग तो उनक य नयन भी होगी और मजदर

क लडन क ताकत भी अ धक होगी और व प जी को इतनी आसानी स पलायन नह करन दग दसर

बात य द मजदर थायी ह ग तो प जी को पलायन काफ महगा भी पडगा य क थाई मजदर क हक

को चकता करन म काफ पसा लगाना पडगा और इस लय वह बार बार पलायन क रणनी त नह

इ तमाल कर सकती

ग) नयी उ पादन यव था म कई म उदाहरण क तौर पर कपडा उ योग म फि या आडर पर काम

करती ह और ाड कोई सालाना का ट भी नह करत आडर कभी कम होता ह कभी यादा और कभी

ब कल नह ऐस म अगर थायी मजदर ह ग तो उ ह बार-बार ल-आफ दना पडगा और फि या यह

क मत ाड स वसलगी ऐस म नयी उ पादन यव था म अ थायी मजदर उनक मनाफ का ोत ह

घ) असग ठत म सकट त मजदर क भार फौज एक रजब आम क तरह काम करती ह और

उ योग म मजदर क स लाई को माग स हमशा ऊपर बनाय रखती ह और इसक वजह स मजदर को

हमशा नीच क ओर धकलती रहती ह

ङ) नयी व व यव था क रणनी त यह दखाई दती ह क बडी प जी उन असग ठत को नगल जाय

जहा सीध मनाफा लटा जा सकता ह और अ य असग ठत त को स त म क लट क लय अपनी

उ पादन-शोषण खला म बाध लया जाय उदाहरण क तौर पर रटल यापार और व त स लकर

जलाप त तक क कई अ य सवा स वरोजगार व छोट इकाइय को ख म करक को व पर तरह

क जान म लगी ह ई ह और दसर तरफ स त म क लट क लय उ पादन क म खती व

उ योग म वरोजगार म लग मजदर व छोट इकाइय को अपनी उ पादन खला म समटन क

को शश कर रह ह यहा यह गौर करन क बात ह क आज सरकार क छोट उ योग को बढावा दन

क नी त को उदार करण स पहल वाल प रि थ तय क नगाह स नह दखा जा सकता ह आज यह

उन उ योग पर ल त ह जो दशी- वदशी पजी क उ पादन खला स जड ह ए ह और इस लय परो

प स यह दशी- वदशी बडी पजी क भी मदद ह

जमीनी तौर पर मजदर आ दोलन क सबस बडी रणनी तक सम या और सबस बडी चनौती शायद इसी सवाल

स जडी ह ई ह हर उ योग म भार अनपात म अ थायी मजदर क स या बढन क कारण फ तर पर

य नयन और साम हक सौदबाजी मि कल हो गयी ह यह कछ तर तक वह भावी हो पा रह ह जहा बडी

इकाइया ह और जहा एक खास अनपात म द मजदर को बनाय रखना ज र ह उदाहरण क तौर पर मोटर-

गाडी बनान क उ योग ल कन जहा ऐसी ज रत नह ह और इस लय जहा शायद ह कोई थायी मजदर रखा

जाता ह वहा तो य नयन और साम हक सौदबाजी असभव ह हो गयी ह उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा

उ योग छोट उ योग और वरोजगार म लग लोग को सग ठत करन का सवाल तो एक अलग ह चनौती ह

और इस दशा म तो कोई बडी पहल ह नह दखाई दती ह

मजदर आ दोलन क सम य सम याए और चनौ तया वा त वक ह ल कन ऐसा लगता ह क सकट सफ इन

सम याओ स पदा नह हआ ह सकट का मल व प वचा रक ह और इस सवाल स जडा हआ ह क मजदर

आ दोलन इन सम याओ का कोई भावी समाधान नह तत कर पा रहा ह हम इसक चचा अगल ह स म

करग

iii) म कानन म बदलाव

मकानन म क सरकार और रा य सरकार वारा जो बदलाव कय गय ह या ता वत ह उनस म कानन का ऐसा ढाचा उभरकर सामन आता ह जो मलत चार स तर म वभािजत ह और यह व वशोषण खला क अन प ह

9 स कम मजदर वाल इकाइया इनक लय कोई म कानन ता वत नह ह उ ट घरल उ योग म बाल म क शोषण क छट द द गयी यहा यह यान म रखना ज र ह क यह व वशोषण खला का सबस नचला और सबस असर त तर ह जहा मजदर क भार आबाद को बहद कम मजदर म और वा य क ि ट स खतरनाक ि थ तय म काम करना पडता ह

9-39 मजदर वाल इकाइया इ ह कारखाना कानन स बाहर कया जा रहा ह और एक नय कानन लघ कारखाना कानन म शा मल करन का ताव ह 9 स कम वाल स तर और 9-39 वाल स तर म ह उ पादन क अ य धक म सघन याओ का बडा ह सा सप न कया जाता ह और शोषण खला क अ त र त म य का अ छा-खासा ह सा यह पदा होता ह 9-40 वाल इकाइय म मजदर को बह त सार अ धकार स व चत कया जा रहा ह और नाम मा ह हक उ ह मलन ह

इ ह अब 9 क जगह 19 म कानन स सब धत द तावज बनान और म वभाग म उनक पालन सबधी रटन फाइल करन म छट द द गयी ह

इनम 14 कानन लाग नह ह ग िजनम औ यो गक ववाद अ ध नयम और कारखाना कानन भी शा मल ह उन कानन क सफ कछ ावधान को ता चत लघ उ योग कानन म शा मल कया गया ह

ठका मजदर ( नयमन और खा मा) कानन इनम लाग नह होगा राज थान क कानन म अब यह 50 या अ धक मजदर वाल इकाइय म ह लाग ह (मल म 20 या अ धक पर लाग)

नय मत मजदर क छटनी करन पर 1 माह का नो टस और िजतन साल काम कया ह हर साल क लय 15 दन का मआवजा दना होगा ल कन इसक नौबत ह नह आयगी य क यह ावधान एक साल नय मत स वस पर होन पर ह यह लाग होता ह और ऊपर उदधत कानन म

छट का फायदा उठाकर नयो ता कभी साल भर क स वस पर ह नह होन दग

ईएसआई और पीएफ कानन लाग नह होगा और यहा ईएसआई और पीएफ क जगह दो नयी ाइवट स टर क क म लाग होगी और इसम मजदर को दोन क लय वतन का 10-10 तशत

हर मह न दना होगा काय थल पर भौ तक और रासाय नक सर ा सबधी कोई ावधान नह सफ इतना ह क जहा

खतरनाक या हजाडस चीज का इ तमाल होता होगा वहा कारखाना कानन लाग होगा च का ावधान वह लाग होगा जहा 20 या अ धक म हलाए काम करती ह और उनम स कम

स कम एक का 6 साल स कम का छोटा ब चा हो इसस प ट ह क इस कानन को कोई मतलब नह रह गया

तीन माह म ओवरटाइम काम क घट क सीमा 50 स बढाकर 96 घट क जा रह ह

लघ उ योग कानन म हडताल या हडताल क अ धकार का कोई उ लख ह नह ह एक ऐसा ावधान ह क य द 10 या अ धक मजदर बना नो टस दय एक साथ गरहािजर ह ग तो नयो त

उनक वतन स 8 दन क मजदर काट सकता ह 40 स 299 तक क इकाइया

इनम बना सरकार स अनम त लय छटनी या तालाबद क जा सकती ह

इनम छटनी क लय मजदर को 1 माह का नो टस और मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स हाला क इसक नौबत आयगी ह नह य क यह एक साल क स वस पर होन पर ह लाग होता ह और आजकल उ योग म हालात ऐस ह क हर छह मह न म कागज पर मजदर क नयि त नयी बना दत ह सी मत अव ध का ट का कानन लाग होन क बाद तो नयो ता कसी क भी एक साल क नय मत स वस पर ह नह होन दगा इस अभी कपडा उ योग म लाग कया ह ल कन ज द ह अ य म भी लाग हो सकता ह ऐस हालात म कोई ईएल भी नह पा सकगा और यट दन क नौबत तो कभी आयगी ह नह

ईपीएफ पशन क जगह नयी पशन क म िजसम प रवार लाभ शा मल नह होगा यह शयरबाजार स जडी होगी-और ाइवट कप नय क मनाफा कमान का ज रया बन जाएगी

ईएसआई अ पताल क नजीकरण का ताव जो प र वा थ सवाओ क नजीकरण क योजना का ह एक अग ह

पीएफ को ट स क दायर म लाना पीएफ म शा मल होन को व क बनाना और नयो ता क ओर स पीएफ म जमा कय जान

वाल भाग को सरकार क ओर स दया जाना

नयो ता वारा दय जान वाल पीएफ क भाग को मजदर म शा मल मानना िजसस मजदर बढ ह ई दख और मजदर क असल हालत पर पदा पड जाय

हजाडस कारखान क ल ट को हटाना और सफ हजाडस क एक प रभाषा दना इसस कसी भी कारखान को हजाडस घो षत करवाना बह त मि कल होगा और या काफ ल बी हो जाएगी

म हलाओ को रा पाल म अनम त

तीन माह म ओवरटाइम काम क सीमा बढाकर 115 घट करना (अभी 50 ह)

ड य नयन बनान क लय ज र सद या स या 7 स बढाकर 10 या 100 करना

डय नयन म बाहर सद य पर रोक सफ असग ठत म 2 सद य बाहर क हो सकत ह ड य नयन क मा यता क लय कसी ावधान का ताव नह

हडताल क लय जो क ठन कानन आव यक सवाओ पर लाग था उस सभी पर लाग करन का ताव यानी काननी तौर पर हडताल लगभग असभव गरकाननी हडताल क लय मजदर पर

और तालाबद क लय कारखाना मा लक पर एक ह फाइन-50000 स एक लाख 50 या अ धक मजदर कजअल छटट लकर गरहािजर ह तो यह भी गरकाननी हडताल

ववाद को कोट क बाहर सलझा लन का ावधान और आव यक सवाओ म 2 साल तक हडताल पर तबध (गजरात)

बोनस रा श नधारण क जाच क लय डय नयन नयो ता स कारखान क बलस शीट अब नह माग सकगी

कारखान क इ प शन क लय लबर इ प टर को पहल उ चा धका रय स अनम त लनी होगी और इ प टर क भ मका अब कानन का उ लघन करन वाल पर कारवाई करन क बजाय उ ह कानन का पालन करन म मदद करन क होगी

100 या अ धक मजदर वाल इकाइया ट डग आडर का कानन अब 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय म लाग होगा यह अभी कई

रा य म 50 या अ धक पर लाग होता ह अ य ावधान वह जो 40 स 299 मजदर वाल इकाइय पर लाग 300 या अ धक मजदर वाल इकाइया छटनी या तालाबद क लय सरकार क अनम त ज र

मजदर को 3 माह का नो टस मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स

अ य ावधान वह जो 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय पर लाग मकानन म बदलाव क उपरो त दशा स दो बात प ट होती ह अ) यह कप नय क लय म लागत को

कम स कम करन मजदर को जब चाह काम पर रखन और नकालन क पर छट दन मजदर क हत क

अनदखी करन और मजदर क य नयन बनान और साम हक सौदबाजी करन क मता को ख म करन या कम

स कम करन क दशा म कि त ह और ब) उ योग म शोषण खला का जो ढाचा उभर रहा ह यह उसक

अन प ह एक तरफ छोट इकाइया ह जहा अ धकतम 50 मजदर तक काम करत ह और जहा अ धकाश म

सघन काम सप न होता ह और अ त र त म य का बडा ह सा पदा होता ह दसर तरफ बडी इकाइया ह जहा

100 स 300 तक मजदर काम करत ह और सबस ऊपर थोडी सी ऐसी इकाइया ह जहा 500 स अ धक मजदर

काम करत ह आकड क अनसार पछल 10-12 साल म 10 स 99 मजदर वाल इकाइय का अनपात काफ

घटा ह और दसर तरफ 10 स कम वाल इकाइय और 100-499 वाल इकाइय का अनपात बढ गया ह

दरअसल 10 स कम वाल अ धकाश इकाइया वा तव म 40-50 मजदर को काम पर लगाती ह ल कन कारखाना

कानन स बचन क लय 10 स कम मजदर ह दखाती ह इ ह क सम या को हल करन क लय लघ उ योग

कानन लाया जा रहा ह सार प म इन ता वत कानन स शोषण खला का ढाचा इस प म उभरता दखाई

दता ह अ) घर म काम करन वाल मजदर और 10 स कम वाल इकाइया ब) 10-39 वाल इकाइया स) 40-

299 वाल इकाइया और द) 300 या अ धक वाल इकाइया

iv) प जी का मजदर और जनता पर सवतोमखी नय ण

कोई वग कसी दसर वग पर अपनी स ता सफ दमनत क ताकत क ज रय लब समय तक कायम नह रख

सकता ह शासक वग को शा षत जन म अपनी स ता क कसी न कसी प म एक तर क वीकायता

बनानी पडती ह और अगर वह ऐसा करन म कामयाब नह होता तो उसक स ता भी अ धक समय तक कायम

नह रह सकती ह प जीवाद समाज क लय यह और भी अ धक सच ह पजीप त वग मजदर और आमजन क

वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण कायम करन क को शश करता ह और य द मजदर वग

उस इस पहल पर कोई भावी चनौती नह द पाता ह तो मजदर वग पजी क खलाफ कोई भी भावी सघष

खडा कर पान म सफल नह हो सकता ह प जीवाद समाज म यह वग सघष का एक ब नयाद और मह वपण

पहल ह नयी व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह ल कन

मजदर आ दोलन इस पहल को अ सर नजरदाज करता रहा ह और उस वग सघष क एक ब नयाद पहल क प

म मह व नह द सका ह शायद यह आम जनता क वचार और जीवन पर प जीप त वग क बढत नय ण और

उसको कोई भावी चनौती न द पान क हमार कमजोर का भी एक भाव ह क आज इतन भीषण सकट क

बावजद जनता क ग स का कोई बडा वत फत व फोट नह दखाई दता ह यहा हम सार प म मजदरवग

पर प जीप तवग क नय ण क रणनी त क कछ पहलओ क चचा कर सकत ह

आमजन क वचा रक मानस म प जीप त वग व भ न मा यम स यह लगातार था पत करन क

को शश करता ह क प जीवाद का कोई वक प नह ह नजीकरण और बाजार करण क व तार क साथ

प जीवाद दायर स बाहर कसी अलग जीवन णाल क लय कोई जगह नह रह जाती जो इस वचार को

मजबती दता ह और दश-द नया म कोई वक प नजर न आन स इस उनक वचार मानस म प ता

बनान म मदद मलती ह जीवन क हर ज रत क लय प जीवाद पर पर तरह नभरता और उसस

बाहर नकलन का कोई रा ता न दखाई दन स प जीवाद को वीकार करना एक मजबर भी हो जाती ह

ऐसा ोपागडा बड पमान पर कया जाता ह क प जी क वकास स ह दश को और जनता का वकास हो

सकता ह प जी का वकास होगा तो रोजगार पदा होगा प जी का वकास होगा तो स वधाओ का वकास

होगा प जी का वकास नह होगा तो दश का और जनता का भी वकास क जाएगा और इस लय य द

कोई ऐसी बात करता ह जो प जी क वकास क खलाफ हो तो वह दश का और जनता का द मन ह

आ द आ द

प जीवाद काय थल मजदर को यह अहसास दलाता ह क मजदर और प जीप त दोन का अि त व जडा

हआ ह और मजदर क बहतर क लय प जीप त क बहतर ज र ह नय दौर का सारा प जीवाद

बधन शा और पदा ह ई बधन तकनीक का अमल इस वचार को मजबत बनाता ह रोजगार खोन

का डर भी एक तरह स प जीवाद को वीकार करन क मजबर बन जाती ह

ोपागडा यह नयी व व यव था का एक बह त मजबत और भावी ह थयार ह मी डया स लकर कल -

कालज व व व यालय और शोधस थान तक को भी इसका अग बना दया गया ह इसक ज रय झठ

को सच क तरह पश करना या स य क सफ एक पहल को ह दखाना इ तहास को वकत प म पश

करना म फलाना प जीवाद का म हमामडन करना जो प जीप त वग क हत क खलाफ ह उन वचार

और लोग को बदनाम करना ढ ग पाखड को साइस क तरह पश करना और पछडी चतना को बढावा

दना भडकाऊ झठ खबर बनाना और भडकाऊ कारवाइया करना आ द इनका सबका दायरा बह त व तत

ह यह माल को बचन क लय उनका फायदाबतान वाल झठ रसच स लकर समाजवाद और

समाजवा दय को बदनाम करन क लय झठ घटनाए पदा करन तक का काम करत ह मी डया पर बडी

प जी का पर तरह इजारा कामय हो जान क बाद जनता क पास कोई वकि पक सचनात ख म हो गया

ह और इसक वजह स प जीवाद ोपागडा और अ धक भावी हो गया ह इस हालात न मजदर वग क

सघष क भाव को भी काफ कम कर दया ह दश क कसी शहर म लाख लोग सडक पर आ दोलन

करत ह ल कन पास पडोस क इलाक क लोग को भी इस आ दोलन का पता नह चल पाता यहा तक

क द ल आकर हजार लोग दशन करत ह और द ल क लोग को भी पता नह चलता कह लाख

लोग सघष म जान द रह होत ह ल कन मी डया उ ह यह मानन को मजबर कर दता ह क व पागल ह

या आतकवाद ह और मजदार बात यह ह क लोग एक मनट क लय यह नह सोच पात क व लाख

लोग जो सघष म अपनी जान द रह ह उनक कोई बहद वािजब सम या भी हो सकती ह और यह क

मी डया सफद झठ बोल रहा ह

मजदर वग को वभािजत करन और भटकान क रणनी त प जी क म वरोधी ोपागडा क एक

मह वपण रणनी त ह मजदरवग क भीतर क अतर वरोध को तीखा करना और उ ह एक दसर क वरोधी

क प म तत करना उदाहरण क तौर पर जा त का सवाल धम का सवाल और लगभद का सवाल

और इसक साथ-साथ मजदर क व भ न स तर म अतर वरोध का सवाल उदाहरण क तौर पर

असग ठत ा क मजदर और सग ठत क मजदर कपनी मजदर और ठका मजदर थाई और

अ थाई मजदर ाइबट व पि लक स टर क मजदर आ द इसक बह त सार अ य मह वपण आयाम भी

ह ल कन बात इतन स प ट हो जाती ह इसक साथ ह मजदर आ दोलन म ऐसी रणनी तय को

ो सा हत करना जो सतह पर मजदर क हत म दखती ह ल कन व तत या तो मजदर वरोधी होती

ह या उस बस ऊठक-बठक करन म य त कर दती ह उदाहरण क तौर पर असग ठत मजदर क लय

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

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Page 14: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

आधा ह सा तो उसक एमआरपी दाम म शा मल होता ह जो हम दना ह होता ह चाह बना बल क खर द हो ल कन कल कर का लगभग आधा ह सा तभी दना होता ह जब दकानदार प का बल द यानी तब दकानदार भी उस कर को सरकार क पास जमा करगा ल कन करोडो गर ब लोग और लाख छोट दकानदार बना प क बल क खर द ब करत ह और इसक चलत सरकार यह कर नह वसलकर पाती ह यह नकद म लन दन पर ह सभव होता ह य द नकद म लन दन को बद कर दया जाय तो हम कर का वह ह सा भी चकान क लय मजबर कर दया जायगा ऐस म यह रणनी त भी सीध सीध गर ब क जब म डाका डालन क लय ह नद शत ह ऐस हालात म जब करोडो लोग क मजदर और आय जीवन जीन क लय पया त न हो तो उनक ऊपर कर का यह बोझ डालना या यायसगत ह और ऐस हालात म य द गर ब लोग यह कर नह चकात ह तो या यह काला-सफद का मामला ह या यह उनक िज दा रहन क ह एक शत नह ह ऐस हालात म जब कारपोरट कप नय को भार पमान पर ट स म छट और ट स चोर क छट द जा रह हो या आम जनता क साथ यह यादती वािजब ह सीएजी क 2016 क एक रपोट क अनसार इनकमट स डपाटमट न ढाचागत काय करन वाल कप नय को गलत तर क 45000 करोड का ट स लाभ दया उसी क एक रपोट क मता बक 7 लाख करोड य कर नह वसला जा सका और उसका 96 अब वसलना सभव नह रह गया ह उसी क एक अ य रपोट क मता बक सफ 2010-11 म कारपोरट कप नय को 88263 करोड पय क कर छट द गयी

आ) इसका एक और मह वपण ल य ह खदरा यापार को दशी- वदशी कारपोरट कप नय क हाथ स पना यह दो तरह स कया जा रहा ह- अ) कप नय क खदरा यापार चन को ो सा हत करना और खदरा यापार को वदशी प जी क लय खोलना ब) आनलाइन खर द- ब को ो सा हत करना कशलश खर द ब को बढावा दना इसी नीयत स कया जा रहा ह यह दो

ल य को एक साथ परा करता ह खदरा यापार को दशी- वदशी प जी क हाथ स पना और लोग को परा ट स चकान क लय मजबर करना आनलाइन खर द ब और रटल चन क ज रय दशी- वदशी प जी एक साथ गठजोड बनाकर म खदरा यापार म आ रह ह और इसन अभी ह खदरा यापा रय क हालत ख ता कर द ह यह वश ध प स व तीयकरण स मनाफ क लट ह ह इसस एक तरफ तो दश क बाजार पर बडी दशी- वदशी पजी क गठजोड का क जा होता जायगा और दश क उ पादक भी उनक य जकडबद म फसत जायग दसर तरफ खदराबाजार म लगी भार आबाद को बरोजगार क सम या झलनी पडगी इसक साथ ह गर ब आबाद को मजबरन महगा सामान खर दना पडगा पदा होन वाल हालात का इसस ह अदाजा लगाया जा सकता ह क अभी क ष क बाद सबस अ धक आबाद खदरा यापारम ह लगी ह ई ह

इ) यह सव व दत ह क कर ब 600-700 कारपोरट कप नया पि लक स टर बक स लाख करोड का कज लकर उस जानबझकर नह चका रह ह सरकार उनस कज वसलन क बजाय उनका कज माफ कर दती ह 2014-15 म कर ब 114 लाख करोड का ऐसा कज माफ कर दया गया 2016 म सफ टट बक आफ इ डया न ऐसी 63 बडी बइमान कप नय का कज माफ कर दया जो कल 7016 करोड पय का कज लकर उस डकार गयी थी इसस अदाजा लगाया जा सकता ह क सभी पि लक स टर बक स कज माफ स कस भार मा ा म सरकार न कारपोरट कप नय को फायदा पह चाया गया होगा मजदार बात यह ह क ऐसा पि लक स टर बक क साथ ह होता ह यानी यह वश ध प स जनता क पस क खल लट ह इस हालात न पि लक स टर बक क हालत ख ता कर द थी और व सरकार क व भ न योजनाओ म नवश करन क हालत म नह रह गय थ बम करण उ ह इस सकट स उबारन क लय कया गया था बक म पसा आना ज र था और बम करण न ऐस करोड लोग को जो खती या छोटा-मोटा बजनस करत ह और हजार पय बक म रखन क बजाय घर म ह और आपसी लन दन म रखत थ और शाद - याह क लय भी हजार -लाख जमा करक घर म ह रखत थ उ ह जबरन बक म पसा जमा करन क लय मजबर कर दया गया ऐसा तो कसी बडी सना क मदद स भी नह हा सल कया जा सकता था जो बम करण क ज रय हा सल कया गया यह कोई काला-सफद का मामला नह था और कसी टाचार स लडन का मामला नह था इसका उ द य था बक म पसा लाना और यह कोई आ चय क बात नह क सफ दो मह न म ह बक पस स लबा लब भर गय यह इसी स जा हर ह क अचानक बक न लोन क याजदर कम कर द और होमलोन और अ य लोन क लय तरह-तरह क क म लकर बाजार म उतर गय यह परा मामला व तीयकरण स मनाफ क लट का सबस घ टया उदाहरण ह

B द नया क तर पर नया म वभाजन और नयी उ पादन यव था

द नया क उ पादन और वतरण यव था म एक नया म वभाजन अि त व म आया ह िजसक दो मह वपण

अग ह

क) उ पादन यव था को ऐसी व व यापी म य खला या व व शोषण खला म सग ठत कया गया ह

िजसम म सघन काम को वक सत दश स वकासशील दश म भजा जा रहा ह जहा भार बरोजगार

ह और मजदर वक सत दश क मकाबल बह त कम ह अलग-अलग स टर म अलग-अलग रणनी त ह

उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा उ योग म इतना ह काफ ह क वहा मजदर कम ह ल कन

इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म यह भी ज र ह क वहा पाट पज बनान और जोडन लायक

तकनीक तर वाल फि या और ऐसा कौशल रखन वाल मजदर क अ छ -खासी तादात मौजद हो

और उनक माल क लय एक बडा और वक सत होता बाजार भी मौजद हो दसर तरफ प जी और

तकनीक सघन काम को वक सत दश म ह नय त रखा जाता ह ता क वकासशील दश क कप नया

परा ोड ट (माल) बनान क तकनीक न हा सल कर सक और अपना ाड न पदा कर सक इसक

अलावा व परा का परा ोड ट एक दश म नह बनाती ह उ पादन क व भ न ह स को कई दश म

बखर दती ह और इसक वजह स कसी भी दश क कपनी क लय परा ोड ट को बनान क तकनीक

हा सल करना और भी मि कल हो जाता ह दसर तरफ इस तर क स उ पादन खला म मौजद कसी

भी दश क कप नय क और मजदर क उनस सौदबाजी क ताकत भी कम हो जाती ह अगर कसी

दश म उनक उ पादन खला म सकट आया तो व वह काम कसी और दश म करा लती ह इस बात

को व एक ह थयार क प म भी इ तमाल करती ह और दशी कप नय और मजदर को प जी क

पलायन का डर भी दखाती रहती ह व त उ च तकनीक वाल पज रसच और डजाइ नग ा डग और

बाजार पर भावी नय ण क ज रय बह रा य कप नया उ पादन खला को पर तरह क ोल करती ह

इसी क ज रय पर उ पादन खला म िजतना भी अ त र त म य या मनाफा पदा होता ह उसका बडा

ह सा व ह थया लती ह स चाई म अ त र त म य का बडा ह सा तो वकासशील दश म ह पदा

होता ह ल कन उ ह उसका बह त छोटा ह सा ह मलता ह उदाहरण क तौर पर हमार दश क उ योग

म जो भी उ पाद पदा होता ह उसम मौजद अ त र त म य का मा 15-20 ह हम मलता ह जब क

उ पादन या पर नजर डाल तो इसस कह अ धक अ त र त म य यहा पदा होता ह ल कन

बह रा य कप नया काम पान क लय वकासशील दश क बीच होड और दश क भीतर कप नय क बीच

होड का इ तमाल करक उ ह कम क मत वीकार करन क लय मजबर कर दती ह उदाहरण क तौर पर

कपडा उ योग इसक अलावा व सबस अ धक म य उन काय पद डाल दती ह जो व खद करती हए

उदाहरण क तौर पर व त रसच और डजाइ नग ा डग माकग िग आ द तथा व पाट-पज जो व खद

बनाती ह इस तरह व अपन उ पाद क पर शोषण खला म पदा होन वाल मनाफ का बडा भाग लट

लती ह

ख) यहा यह बात और साफ कर दना ज र ह उ पादन खला या शोषण खला क मामल म सा ा यवाद

प जी और दशी प जी क तौर-तर क म अब कोई अ तर नह रह गया ह अ धकाश वकासशील दश म

ऐसी कप नया कम ह या नह ह िजनका व व तर का ाड हो या व व तर पर काम करती ह

ल कन जहा कह ऐसा ह जसा क भारत और चीन म कछ ऐसी कप नया ह तो व भी ठ क उसी तरह

अ य दश म अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय स मनाफ क लट करती ह इतना ह नह

दशी ाड भी दश म उसी तरह क उ पादन खला क ज रय मनाफ क लट करत ह और उ पादन

खला म हर ऊपर वाल कपनी अपन स नीच वाल कपनी स उसी तरह मनाफ क लट करती ह ाड

हमशा अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय पर अपन उ पाद क क मत कम करन क लय दबाव

बनात रहत ह और कप नया क मत कम करन तथा अपन लय भी अ धक स अ धक मनाफा स नि चत

करन क लय मजदर का शोषण अ धक स अ धक बढाती जाती ह

ग) प जी ख टा म त ख ला साड हो गयी ह नयी व व यव था म प जी क अवागमन पर कोई नय ण नह

ह यह उपरो त म वभाजन को प ता और स थागत प दती ह द नया म कह भी कसी भी तरह

क वषम प रि थ त आन पर या द नया क कसी अ य ह स म अ धक मनाफ क सभावना होन पर

यह कभी भी दसर दश म पलायन कर सकती ह यहा तक क दश क भीतर भी कसी एक ह स स

दसर ह स म भाग सकती ह इस मामल म भी दशी और वदशी प जी म कोई अ तर नह रहा और

यह दोन पर ह लाग होता ह प जी का इसस कोई लना दना नह रहा क इसस दश क अथ यव था

या मजदर क जीवन-मरण पर या असर पडता ह गौर करन क बात यह ह क वा त वक पलायन स

अ धक पलायन क धमक को एक ह थयार क प म इ तमाल कया जाता ह

C द नया क नयी स ता यव था

नयी व व यव था को सचा लत करन क लय नयी व व स थाए बनायी गयी ह जो व व सरकार जसा काम करती ह और उनका कानन दश क कानन स ऊपर हो गया ह उदाहरण क तौर पर व व यापार सघ वा त वक प म इन स थाओ को सा ा यवाद दश ह सचा लत ह इसका अग बनन क बाद दश क सरकार ऐसी कोई नी त या कानन नह बना सकती जो व व यापार सघ क नी त या कानन का उ लघन करता हो इन स थाओ क पास यह शि त भी ह क कोई दश य द उनक कानन का उ लघन कर तो उस द डत कया जा सक उदाहरण क तौर पर जन हत म यह ज र हो सकता ह क अपनी क ष और खास उ योग को सि सडी दकर और दश का बाजार उनक ि लय आर त करक उनक वकास को ग त द जाय या जनता को स ता माल उपल ध कराया जाय ल कन यह व व यापार सगठन क कानन का उ लघन हो सकता ह य क यह वदशी प जी क साथ भदभाव होगा इस ि थ त स लोकत क लय ह एक खतरा पदा होता दखाई द रहा ह य क य द चनी ह ई सरकार म यह शि त न रह जाय क व जनता क हत म कानन और नी तया बना सक तो सरकार चनन क अ धकार का भी कोई मतलब नह रह जाता मजदार बात यह ह क आइएलओ और सय त रा सघ क अ य व व स थाए जो मजदर क अ धकार और मानवा धकार क लय कानन बनाती ह उनको ऐसी शि त नह द गयी ह क मजदर क अ धकार या मानवा धकार क उ लघन पर व कसी दश को द डत कर सक सय त रा सघ म आजकल बह रा य कप नय क ग त वधय क लय कछ मानदड बनान क बात चल रह ह ल कन अ धक जोर और अ धक वीक त इसी पर दखाई द रह ह क इ ह

बा यकार कानन का दजा न दया जाय

अब हम यह दखन को शश कर क उपरो त प रि थ तय म मजदर वग और मजदर आ दोलन को कन

सम याओ का सामना करना पड रहा ह

i) प र मजदर वग को एक रजब आम म त द ल कर दना

प जी क आवागमन पर कोई नय ण नह ह उसक लय द नया वा तव म एक गाव बन चक ह ल कन

मजदरवग क आवागमन पर परा नय ण ह यह प रि थ त एक प म पर द नया क मजदरवग को एक रजब

आम यानी एक ऐसी आर त फौज म त द ल कर दता ह िजस प जी जब चाह इ तमाल कर जब चाह बरोजगार

छोड द हम पहल ह चचा कर चक ह क प जी जब चाह पलायन कर सकती ह कछ उ योग तो ऐस ह िजनम

चद दन या चद घट म ऐसा हो सकता ह जस कपडा उ योग इसम थाई प का कोई प जी नवश या

उ पादन का कोई ल बा का ट सामा यत होता ह नह इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म भारत जस

दश म जहा एक बडा बाजार ह उ ह अपना असब लग लाट लगाना पडता ह इस लय भागना इतना आसान

नह होगा ि फर भी बह त अ धक समय नह लगगा य हालात प जी क साथ शि त सतलन म मजदर वग को

कमजोर ि थ त म डाल दत ह रोजगार खोन का डर मजदर क लडाई को कमजोर करता ह दसर तरफ प जी

क पलायन क डर स सरकार मजदर क आ दोलन का बबरता स दमन करन पर आमादा हो जाती ह और

मजदर क हक क परवाह कय बना कप नय क हत क हफाजत करती ह

मजदरवग इस ि थ त को तभी बदल सकता ह जब प जी क इस तरह क आवागमन को रोक सक और यह सफ

तभी सभव ह जब अ) मजदर क दश यपी सघष क ज रय ऐस मकानन क लय सघष जो मजदर को थाई

ह सयत म रोजगार दन क बा यता पदा कर सक वदशी प जी क लय दश म उ पादन क लय ल ब समय क

का ट या समझौत क शत लाग कर सक और छटनी और तालाबद पर मजदर क मआबज क रा श म

बढो तर कर सक इसस प जी क लय बार-बार पलान क रणनी त महगी सा बत होगी ब) मजदर क

अतररा य एकता जो मजदर वरोधी पलायन क रणनी त पर चलन वाल प जी को द डत करन क लय उसक

बाजार को भा वत कर सक स) मजदर क अतररा य एकता जो इस तरह पलायन करक आन वाल प जी को

अपन दश म उस न आन द द) मजदरवग एक ऐसी सरकार लान म कामयाब हो जाय जो प जी क ऐस पलायन

को असभव बना द और य) अतररा य तर पर ऐसी नी तय क लय सघष जो मजदर क कसी भी दश म

आवागमन को खल छट द सक

ii) असग ठत मजदर क शोषण को स थागत प दना और समाज क समची ज रत क उ पादन त

को व व शोषण खला म समट लना

आज असग ठत (इनफामल स टर) क हालात पर बडा सयापा होता ह ल कन अगर हम गहराई म दख तो

यह सब उनक हालत सधारन क बजाय उनक शोषण को स थागत प दता दखाई दता ह इस तथाक थत

इनफामल स टर म तीन तरह क लोग आत ह अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोग छोट इकाइय

म लग अ थाई मजदर और फि य म लग तरह-तरह क अ थाई मजदर वरोजगार म लग लोग और

मजदर क सम याए ब कल अलग ह और अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोगो क सम याए भी

अलग-अलग ह और इनक सम याओ का समाधान भी अलग-अलग ह अगर वा तव म इ ह सकट स बाहर

नकालना हो तो अलग-अलग स टर म इनक वशष सम याओ क मता बक वशष नी तगत समाधान दना

होगा वा तव म यह बह त ज र भी ह य क अगर इनक सकट का समाधान हो जाय तो बराजगार क एक

तहाई सम या का समाधान हो सकता ह ल कन ऐसा करन क बजाय उन सबको मलाकर एक इनफामल

स टर बनान क पीछ एक ह बात हो सकती ह क उनक सकट का समाधान करन क कोइ मशा ह नह ह

उनक लय ऐसी सामािजक सर ा का ावधान कया जाता ह िजसस व कम स कम िज दा रह सक हाला क

यह सब भी पर तरह कागजी ह दखाई दता ह और यह नी तया कह लाग होती नह दखाई दती

दरअसल यह नयी व व यव था और नय म वभाजन क रणनी त का ह एक अग लगता ह

क) उ योग क व व यापी उ पादन या शोषण खला पर गौर कर तो यह खला छोट इकाइय और घर

म काम करन वाल मजदर तक जाती ह और अ त र त म य क एक अ छndashखास ह स का उ पादन

इन असग ठत मजदर वारा कया जाता ह यह सबस कम मजदर म काम करन वाल और सबस

असर त मजदर ह और उ पादन क नयी यव था म दशी- वदशी पजी क लय बह त बड मनाफ का

ोत ह

ख) नयी उ पादन यव था म प जी क सबस बडी ताकत और रणनी त ह उसका ख टा म त होना और कभी

भी पलायन करन क आजाद ल कन य द उ योग म सभी या अ धकाश मजदर थाई ह तो या यह

उतनी आसानी स सभव हो सकगा य द मजदर थायी ह ग तो उनक य नयन भी होगी और मजदर

क लडन क ताकत भी अ धक होगी और व प जी को इतनी आसानी स पलायन नह करन दग दसर

बात य द मजदर थायी ह ग तो प जी को पलायन काफ महगा भी पडगा य क थाई मजदर क हक

को चकता करन म काफ पसा लगाना पडगा और इस लय वह बार बार पलायन क रणनी त नह

इ तमाल कर सकती

ग) नयी उ पादन यव था म कई म उदाहरण क तौर पर कपडा उ योग म फि या आडर पर काम

करती ह और ाड कोई सालाना का ट भी नह करत आडर कभी कम होता ह कभी यादा और कभी

ब कल नह ऐस म अगर थायी मजदर ह ग तो उ ह बार-बार ल-आफ दना पडगा और फि या यह

क मत ाड स वसलगी ऐस म नयी उ पादन यव था म अ थायी मजदर उनक मनाफ का ोत ह

घ) असग ठत म सकट त मजदर क भार फौज एक रजब आम क तरह काम करती ह और

उ योग म मजदर क स लाई को माग स हमशा ऊपर बनाय रखती ह और इसक वजह स मजदर को

हमशा नीच क ओर धकलती रहती ह

ङ) नयी व व यव था क रणनी त यह दखाई दती ह क बडी प जी उन असग ठत को नगल जाय

जहा सीध मनाफा लटा जा सकता ह और अ य असग ठत त को स त म क लट क लय अपनी

उ पादन-शोषण खला म बाध लया जाय उदाहरण क तौर पर रटल यापार और व त स लकर

जलाप त तक क कई अ य सवा स वरोजगार व छोट इकाइय को ख म करक को व पर तरह

क जान म लगी ह ई ह और दसर तरफ स त म क लट क लय उ पादन क म खती व

उ योग म वरोजगार म लग मजदर व छोट इकाइय को अपनी उ पादन खला म समटन क

को शश कर रह ह यहा यह गौर करन क बात ह क आज सरकार क छोट उ योग को बढावा दन

क नी त को उदार करण स पहल वाल प रि थ तय क नगाह स नह दखा जा सकता ह आज यह

उन उ योग पर ल त ह जो दशी- वदशी पजी क उ पादन खला स जड ह ए ह और इस लय परो

प स यह दशी- वदशी बडी पजी क भी मदद ह

जमीनी तौर पर मजदर आ दोलन क सबस बडी रणनी तक सम या और सबस बडी चनौती शायद इसी सवाल

स जडी ह ई ह हर उ योग म भार अनपात म अ थायी मजदर क स या बढन क कारण फ तर पर

य नयन और साम हक सौदबाजी मि कल हो गयी ह यह कछ तर तक वह भावी हो पा रह ह जहा बडी

इकाइया ह और जहा एक खास अनपात म द मजदर को बनाय रखना ज र ह उदाहरण क तौर पर मोटर-

गाडी बनान क उ योग ल कन जहा ऐसी ज रत नह ह और इस लय जहा शायद ह कोई थायी मजदर रखा

जाता ह वहा तो य नयन और साम हक सौदबाजी असभव ह हो गयी ह उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा

उ योग छोट उ योग और वरोजगार म लग लोग को सग ठत करन का सवाल तो एक अलग ह चनौती ह

और इस दशा म तो कोई बडी पहल ह नह दखाई दती ह

मजदर आ दोलन क सम य सम याए और चनौ तया वा त वक ह ल कन ऐसा लगता ह क सकट सफ इन

सम याओ स पदा नह हआ ह सकट का मल व प वचा रक ह और इस सवाल स जडा हआ ह क मजदर

आ दोलन इन सम याओ का कोई भावी समाधान नह तत कर पा रहा ह हम इसक चचा अगल ह स म

करग

iii) म कानन म बदलाव

मकानन म क सरकार और रा य सरकार वारा जो बदलाव कय गय ह या ता वत ह उनस म कानन का ऐसा ढाचा उभरकर सामन आता ह जो मलत चार स तर म वभािजत ह और यह व वशोषण खला क अन प ह

9 स कम मजदर वाल इकाइया इनक लय कोई म कानन ता वत नह ह उ ट घरल उ योग म बाल म क शोषण क छट द द गयी यहा यह यान म रखना ज र ह क यह व वशोषण खला का सबस नचला और सबस असर त तर ह जहा मजदर क भार आबाद को बहद कम मजदर म और वा य क ि ट स खतरनाक ि थ तय म काम करना पडता ह

9-39 मजदर वाल इकाइया इ ह कारखाना कानन स बाहर कया जा रहा ह और एक नय कानन लघ कारखाना कानन म शा मल करन का ताव ह 9 स कम वाल स तर और 9-39 वाल स तर म ह उ पादन क अ य धक म सघन याओ का बडा ह सा सप न कया जाता ह और शोषण खला क अ त र त म य का अ छा-खासा ह सा यह पदा होता ह 9-40 वाल इकाइय म मजदर को बह त सार अ धकार स व चत कया जा रहा ह और नाम मा ह हक उ ह मलन ह

इ ह अब 9 क जगह 19 म कानन स सब धत द तावज बनान और म वभाग म उनक पालन सबधी रटन फाइल करन म छट द द गयी ह

इनम 14 कानन लाग नह ह ग िजनम औ यो गक ववाद अ ध नयम और कारखाना कानन भी शा मल ह उन कानन क सफ कछ ावधान को ता चत लघ उ योग कानन म शा मल कया गया ह

ठका मजदर ( नयमन और खा मा) कानन इनम लाग नह होगा राज थान क कानन म अब यह 50 या अ धक मजदर वाल इकाइय म ह लाग ह (मल म 20 या अ धक पर लाग)

नय मत मजदर क छटनी करन पर 1 माह का नो टस और िजतन साल काम कया ह हर साल क लय 15 दन का मआवजा दना होगा ल कन इसक नौबत ह नह आयगी य क यह ावधान एक साल नय मत स वस पर होन पर ह यह लाग होता ह और ऊपर उदधत कानन म

छट का फायदा उठाकर नयो ता कभी साल भर क स वस पर ह नह होन दग

ईएसआई और पीएफ कानन लाग नह होगा और यहा ईएसआई और पीएफ क जगह दो नयी ाइवट स टर क क म लाग होगी और इसम मजदर को दोन क लय वतन का 10-10 तशत

हर मह न दना होगा काय थल पर भौ तक और रासाय नक सर ा सबधी कोई ावधान नह सफ इतना ह क जहा

खतरनाक या हजाडस चीज का इ तमाल होता होगा वहा कारखाना कानन लाग होगा च का ावधान वह लाग होगा जहा 20 या अ धक म हलाए काम करती ह और उनम स कम

स कम एक का 6 साल स कम का छोटा ब चा हो इसस प ट ह क इस कानन को कोई मतलब नह रह गया

तीन माह म ओवरटाइम काम क घट क सीमा 50 स बढाकर 96 घट क जा रह ह

लघ उ योग कानन म हडताल या हडताल क अ धकार का कोई उ लख ह नह ह एक ऐसा ावधान ह क य द 10 या अ धक मजदर बना नो टस दय एक साथ गरहािजर ह ग तो नयो त

उनक वतन स 8 दन क मजदर काट सकता ह 40 स 299 तक क इकाइया

इनम बना सरकार स अनम त लय छटनी या तालाबद क जा सकती ह

इनम छटनी क लय मजदर को 1 माह का नो टस और मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स हाला क इसक नौबत आयगी ह नह य क यह एक साल क स वस पर होन पर ह लाग होता ह और आजकल उ योग म हालात ऐस ह क हर छह मह न म कागज पर मजदर क नयि त नयी बना दत ह सी मत अव ध का ट का कानन लाग होन क बाद तो नयो ता कसी क भी एक साल क नय मत स वस पर ह नह होन दगा इस अभी कपडा उ योग म लाग कया ह ल कन ज द ह अ य म भी लाग हो सकता ह ऐस हालात म कोई ईएल भी नह पा सकगा और यट दन क नौबत तो कभी आयगी ह नह

ईपीएफ पशन क जगह नयी पशन क म िजसम प रवार लाभ शा मल नह होगा यह शयरबाजार स जडी होगी-और ाइवट कप नय क मनाफा कमान का ज रया बन जाएगी

ईएसआई अ पताल क नजीकरण का ताव जो प र वा थ सवाओ क नजीकरण क योजना का ह एक अग ह

पीएफ को ट स क दायर म लाना पीएफ म शा मल होन को व क बनाना और नयो ता क ओर स पीएफ म जमा कय जान

वाल भाग को सरकार क ओर स दया जाना

नयो ता वारा दय जान वाल पीएफ क भाग को मजदर म शा मल मानना िजसस मजदर बढ ह ई दख और मजदर क असल हालत पर पदा पड जाय

हजाडस कारखान क ल ट को हटाना और सफ हजाडस क एक प रभाषा दना इसस कसी भी कारखान को हजाडस घो षत करवाना बह त मि कल होगा और या काफ ल बी हो जाएगी

म हलाओ को रा पाल म अनम त

तीन माह म ओवरटाइम काम क सीमा बढाकर 115 घट करना (अभी 50 ह)

ड य नयन बनान क लय ज र सद या स या 7 स बढाकर 10 या 100 करना

डय नयन म बाहर सद य पर रोक सफ असग ठत म 2 सद य बाहर क हो सकत ह ड य नयन क मा यता क लय कसी ावधान का ताव नह

हडताल क लय जो क ठन कानन आव यक सवाओ पर लाग था उस सभी पर लाग करन का ताव यानी काननी तौर पर हडताल लगभग असभव गरकाननी हडताल क लय मजदर पर

और तालाबद क लय कारखाना मा लक पर एक ह फाइन-50000 स एक लाख 50 या अ धक मजदर कजअल छटट लकर गरहािजर ह तो यह भी गरकाननी हडताल

ववाद को कोट क बाहर सलझा लन का ावधान और आव यक सवाओ म 2 साल तक हडताल पर तबध (गजरात)

बोनस रा श नधारण क जाच क लय डय नयन नयो ता स कारखान क बलस शीट अब नह माग सकगी

कारखान क इ प शन क लय लबर इ प टर को पहल उ चा धका रय स अनम त लनी होगी और इ प टर क भ मका अब कानन का उ लघन करन वाल पर कारवाई करन क बजाय उ ह कानन का पालन करन म मदद करन क होगी

100 या अ धक मजदर वाल इकाइया ट डग आडर का कानन अब 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय म लाग होगा यह अभी कई

रा य म 50 या अ धक पर लाग होता ह अ य ावधान वह जो 40 स 299 मजदर वाल इकाइय पर लाग 300 या अ धक मजदर वाल इकाइया छटनी या तालाबद क लय सरकार क अनम त ज र

मजदर को 3 माह का नो टस मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स

अ य ावधान वह जो 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय पर लाग मकानन म बदलाव क उपरो त दशा स दो बात प ट होती ह अ) यह कप नय क लय म लागत को

कम स कम करन मजदर को जब चाह काम पर रखन और नकालन क पर छट दन मजदर क हत क

अनदखी करन और मजदर क य नयन बनान और साम हक सौदबाजी करन क मता को ख म करन या कम

स कम करन क दशा म कि त ह और ब) उ योग म शोषण खला का जो ढाचा उभर रहा ह यह उसक

अन प ह एक तरफ छोट इकाइया ह जहा अ धकतम 50 मजदर तक काम करत ह और जहा अ धकाश म

सघन काम सप न होता ह और अ त र त म य का बडा ह सा पदा होता ह दसर तरफ बडी इकाइया ह जहा

100 स 300 तक मजदर काम करत ह और सबस ऊपर थोडी सी ऐसी इकाइया ह जहा 500 स अ धक मजदर

काम करत ह आकड क अनसार पछल 10-12 साल म 10 स 99 मजदर वाल इकाइय का अनपात काफ

घटा ह और दसर तरफ 10 स कम वाल इकाइय और 100-499 वाल इकाइय का अनपात बढ गया ह

दरअसल 10 स कम वाल अ धकाश इकाइया वा तव म 40-50 मजदर को काम पर लगाती ह ल कन कारखाना

कानन स बचन क लय 10 स कम मजदर ह दखाती ह इ ह क सम या को हल करन क लय लघ उ योग

कानन लाया जा रहा ह सार प म इन ता वत कानन स शोषण खला का ढाचा इस प म उभरता दखाई

दता ह अ) घर म काम करन वाल मजदर और 10 स कम वाल इकाइया ब) 10-39 वाल इकाइया स) 40-

299 वाल इकाइया और द) 300 या अ धक वाल इकाइया

iv) प जी का मजदर और जनता पर सवतोमखी नय ण

कोई वग कसी दसर वग पर अपनी स ता सफ दमनत क ताकत क ज रय लब समय तक कायम नह रख

सकता ह शासक वग को शा षत जन म अपनी स ता क कसी न कसी प म एक तर क वीकायता

बनानी पडती ह और अगर वह ऐसा करन म कामयाब नह होता तो उसक स ता भी अ धक समय तक कायम

नह रह सकती ह प जीवाद समाज क लय यह और भी अ धक सच ह पजीप त वग मजदर और आमजन क

वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण कायम करन क को शश करता ह और य द मजदर वग

उस इस पहल पर कोई भावी चनौती नह द पाता ह तो मजदर वग पजी क खलाफ कोई भी भावी सघष

खडा कर पान म सफल नह हो सकता ह प जीवाद समाज म यह वग सघष का एक ब नयाद और मह वपण

पहल ह नयी व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह ल कन

मजदर आ दोलन इस पहल को अ सर नजरदाज करता रहा ह और उस वग सघष क एक ब नयाद पहल क प

म मह व नह द सका ह शायद यह आम जनता क वचार और जीवन पर प जीप त वग क बढत नय ण और

उसको कोई भावी चनौती न द पान क हमार कमजोर का भी एक भाव ह क आज इतन भीषण सकट क

बावजद जनता क ग स का कोई बडा वत फत व फोट नह दखाई दता ह यहा हम सार प म मजदरवग

पर प जीप तवग क नय ण क रणनी त क कछ पहलओ क चचा कर सकत ह

आमजन क वचा रक मानस म प जीप त वग व भ न मा यम स यह लगातार था पत करन क

को शश करता ह क प जीवाद का कोई वक प नह ह नजीकरण और बाजार करण क व तार क साथ

प जीवाद दायर स बाहर कसी अलग जीवन णाल क लय कोई जगह नह रह जाती जो इस वचार को

मजबती दता ह और दश-द नया म कोई वक प नजर न आन स इस उनक वचार मानस म प ता

बनान म मदद मलती ह जीवन क हर ज रत क लय प जीवाद पर पर तरह नभरता और उसस

बाहर नकलन का कोई रा ता न दखाई दन स प जीवाद को वीकार करना एक मजबर भी हो जाती ह

ऐसा ोपागडा बड पमान पर कया जाता ह क प जी क वकास स ह दश को और जनता का वकास हो

सकता ह प जी का वकास होगा तो रोजगार पदा होगा प जी का वकास होगा तो स वधाओ का वकास

होगा प जी का वकास नह होगा तो दश का और जनता का भी वकास क जाएगा और इस लय य द

कोई ऐसी बात करता ह जो प जी क वकास क खलाफ हो तो वह दश का और जनता का द मन ह

आ द आ द

प जीवाद काय थल मजदर को यह अहसास दलाता ह क मजदर और प जीप त दोन का अि त व जडा

हआ ह और मजदर क बहतर क लय प जीप त क बहतर ज र ह नय दौर का सारा प जीवाद

बधन शा और पदा ह ई बधन तकनीक का अमल इस वचार को मजबत बनाता ह रोजगार खोन

का डर भी एक तरह स प जीवाद को वीकार करन क मजबर बन जाती ह

ोपागडा यह नयी व व यव था का एक बह त मजबत और भावी ह थयार ह मी डया स लकर कल -

कालज व व व यालय और शोधस थान तक को भी इसका अग बना दया गया ह इसक ज रय झठ

को सच क तरह पश करना या स य क सफ एक पहल को ह दखाना इ तहास को वकत प म पश

करना म फलाना प जीवाद का म हमामडन करना जो प जीप त वग क हत क खलाफ ह उन वचार

और लोग को बदनाम करना ढ ग पाखड को साइस क तरह पश करना और पछडी चतना को बढावा

दना भडकाऊ झठ खबर बनाना और भडकाऊ कारवाइया करना आ द इनका सबका दायरा बह त व तत

ह यह माल को बचन क लय उनका फायदाबतान वाल झठ रसच स लकर समाजवाद और

समाजवा दय को बदनाम करन क लय झठ घटनाए पदा करन तक का काम करत ह मी डया पर बडी

प जी का पर तरह इजारा कामय हो जान क बाद जनता क पास कोई वकि पक सचनात ख म हो गया

ह और इसक वजह स प जीवाद ोपागडा और अ धक भावी हो गया ह इस हालात न मजदर वग क

सघष क भाव को भी काफ कम कर दया ह दश क कसी शहर म लाख लोग सडक पर आ दोलन

करत ह ल कन पास पडोस क इलाक क लोग को भी इस आ दोलन का पता नह चल पाता यहा तक

क द ल आकर हजार लोग दशन करत ह और द ल क लोग को भी पता नह चलता कह लाख

लोग सघष म जान द रह होत ह ल कन मी डया उ ह यह मानन को मजबर कर दता ह क व पागल ह

या आतकवाद ह और मजदार बात यह ह क लोग एक मनट क लय यह नह सोच पात क व लाख

लोग जो सघष म अपनी जान द रह ह उनक कोई बहद वािजब सम या भी हो सकती ह और यह क

मी डया सफद झठ बोल रहा ह

मजदर वग को वभािजत करन और भटकान क रणनी त प जी क म वरोधी ोपागडा क एक

मह वपण रणनी त ह मजदरवग क भीतर क अतर वरोध को तीखा करना और उ ह एक दसर क वरोधी

क प म तत करना उदाहरण क तौर पर जा त का सवाल धम का सवाल और लगभद का सवाल

और इसक साथ-साथ मजदर क व भ न स तर म अतर वरोध का सवाल उदाहरण क तौर पर

असग ठत ा क मजदर और सग ठत क मजदर कपनी मजदर और ठका मजदर थाई और

अ थाई मजदर ाइबट व पि लक स टर क मजदर आ द इसक बह त सार अ य मह वपण आयाम भी

ह ल कन बात इतन स प ट हो जाती ह इसक साथ ह मजदर आ दोलन म ऐसी रणनी तय को

ो सा हत करना जो सतह पर मजदर क हत म दखती ह ल कन व तत या तो मजदर वरोधी होती

ह या उस बस ऊठक-बठक करन म य त कर दती ह उदाहरण क तौर पर असग ठत मजदर क लय

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

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Page 15: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

इ) यह सव व दत ह क कर ब 600-700 कारपोरट कप नया पि लक स टर बक स लाख करोड का कज लकर उस जानबझकर नह चका रह ह सरकार उनस कज वसलन क बजाय उनका कज माफ कर दती ह 2014-15 म कर ब 114 लाख करोड का ऐसा कज माफ कर दया गया 2016 म सफ टट बक आफ इ डया न ऐसी 63 बडी बइमान कप नय का कज माफ कर दया जो कल 7016 करोड पय का कज लकर उस डकार गयी थी इसस अदाजा लगाया जा सकता ह क सभी पि लक स टर बक स कज माफ स कस भार मा ा म सरकार न कारपोरट कप नय को फायदा पह चाया गया होगा मजदार बात यह ह क ऐसा पि लक स टर बक क साथ ह होता ह यानी यह वश ध प स जनता क पस क खल लट ह इस हालात न पि लक स टर बक क हालत ख ता कर द थी और व सरकार क व भ न योजनाओ म नवश करन क हालत म नह रह गय थ बम करण उ ह इस सकट स उबारन क लय कया गया था बक म पसा आना ज र था और बम करण न ऐस करोड लोग को जो खती या छोटा-मोटा बजनस करत ह और हजार पय बक म रखन क बजाय घर म ह और आपसी लन दन म रखत थ और शाद - याह क लय भी हजार -लाख जमा करक घर म ह रखत थ उ ह जबरन बक म पसा जमा करन क लय मजबर कर दया गया ऐसा तो कसी बडी सना क मदद स भी नह हा सल कया जा सकता था जो बम करण क ज रय हा सल कया गया यह कोई काला-सफद का मामला नह था और कसी टाचार स लडन का मामला नह था इसका उ द य था बक म पसा लाना और यह कोई आ चय क बात नह क सफ दो मह न म ह बक पस स लबा लब भर गय यह इसी स जा हर ह क अचानक बक न लोन क याजदर कम कर द और होमलोन और अ य लोन क लय तरह-तरह क क म लकर बाजार म उतर गय यह परा मामला व तीयकरण स मनाफ क लट का सबस घ टया उदाहरण ह

B द नया क तर पर नया म वभाजन और नयी उ पादन यव था

द नया क उ पादन और वतरण यव था म एक नया म वभाजन अि त व म आया ह िजसक दो मह वपण

अग ह

क) उ पादन यव था को ऐसी व व यापी म य खला या व व शोषण खला म सग ठत कया गया ह

िजसम म सघन काम को वक सत दश स वकासशील दश म भजा जा रहा ह जहा भार बरोजगार

ह और मजदर वक सत दश क मकाबल बह त कम ह अलग-अलग स टर म अलग-अलग रणनी त ह

उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा उ योग म इतना ह काफ ह क वहा मजदर कम ह ल कन

इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म यह भी ज र ह क वहा पाट पज बनान और जोडन लायक

तकनीक तर वाल फि या और ऐसा कौशल रखन वाल मजदर क अ छ -खासी तादात मौजद हो

और उनक माल क लय एक बडा और वक सत होता बाजार भी मौजद हो दसर तरफ प जी और

तकनीक सघन काम को वक सत दश म ह नय त रखा जाता ह ता क वकासशील दश क कप नया

परा ोड ट (माल) बनान क तकनीक न हा सल कर सक और अपना ाड न पदा कर सक इसक

अलावा व परा का परा ोड ट एक दश म नह बनाती ह उ पादन क व भ न ह स को कई दश म

बखर दती ह और इसक वजह स कसी भी दश क कपनी क लय परा ोड ट को बनान क तकनीक

हा सल करना और भी मि कल हो जाता ह दसर तरफ इस तर क स उ पादन खला म मौजद कसी

भी दश क कप नय क और मजदर क उनस सौदबाजी क ताकत भी कम हो जाती ह अगर कसी

दश म उनक उ पादन खला म सकट आया तो व वह काम कसी और दश म करा लती ह इस बात

को व एक ह थयार क प म भी इ तमाल करती ह और दशी कप नय और मजदर को प जी क

पलायन का डर भी दखाती रहती ह व त उ च तकनीक वाल पज रसच और डजाइ नग ा डग और

बाजार पर भावी नय ण क ज रय बह रा य कप नया उ पादन खला को पर तरह क ोल करती ह

इसी क ज रय पर उ पादन खला म िजतना भी अ त र त म य या मनाफा पदा होता ह उसका बडा

ह सा व ह थया लती ह स चाई म अ त र त म य का बडा ह सा तो वकासशील दश म ह पदा

होता ह ल कन उ ह उसका बह त छोटा ह सा ह मलता ह उदाहरण क तौर पर हमार दश क उ योग

म जो भी उ पाद पदा होता ह उसम मौजद अ त र त म य का मा 15-20 ह हम मलता ह जब क

उ पादन या पर नजर डाल तो इसस कह अ धक अ त र त म य यहा पदा होता ह ल कन

बह रा य कप नया काम पान क लय वकासशील दश क बीच होड और दश क भीतर कप नय क बीच

होड का इ तमाल करक उ ह कम क मत वीकार करन क लय मजबर कर दती ह उदाहरण क तौर पर

कपडा उ योग इसक अलावा व सबस अ धक म य उन काय पद डाल दती ह जो व खद करती हए

उदाहरण क तौर पर व त रसच और डजाइ नग ा डग माकग िग आ द तथा व पाट-पज जो व खद

बनाती ह इस तरह व अपन उ पाद क पर शोषण खला म पदा होन वाल मनाफ का बडा भाग लट

लती ह

ख) यहा यह बात और साफ कर दना ज र ह उ पादन खला या शोषण खला क मामल म सा ा यवाद

प जी और दशी प जी क तौर-तर क म अब कोई अ तर नह रह गया ह अ धकाश वकासशील दश म

ऐसी कप नया कम ह या नह ह िजनका व व तर का ाड हो या व व तर पर काम करती ह

ल कन जहा कह ऐसा ह जसा क भारत और चीन म कछ ऐसी कप नया ह तो व भी ठ क उसी तरह

अ य दश म अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय स मनाफ क लट करती ह इतना ह नह

दशी ाड भी दश म उसी तरह क उ पादन खला क ज रय मनाफ क लट करत ह और उ पादन

खला म हर ऊपर वाल कपनी अपन स नीच वाल कपनी स उसी तरह मनाफ क लट करती ह ाड

हमशा अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय पर अपन उ पाद क क मत कम करन क लय दबाव

बनात रहत ह और कप नया क मत कम करन तथा अपन लय भी अ धक स अ धक मनाफा स नि चत

करन क लय मजदर का शोषण अ धक स अ धक बढाती जाती ह

ग) प जी ख टा म त ख ला साड हो गयी ह नयी व व यव था म प जी क अवागमन पर कोई नय ण नह

ह यह उपरो त म वभाजन को प ता और स थागत प दती ह द नया म कह भी कसी भी तरह

क वषम प रि थ त आन पर या द नया क कसी अ य ह स म अ धक मनाफ क सभावना होन पर

यह कभी भी दसर दश म पलायन कर सकती ह यहा तक क दश क भीतर भी कसी एक ह स स

दसर ह स म भाग सकती ह इस मामल म भी दशी और वदशी प जी म कोई अ तर नह रहा और

यह दोन पर ह लाग होता ह प जी का इसस कोई लना दना नह रहा क इसस दश क अथ यव था

या मजदर क जीवन-मरण पर या असर पडता ह गौर करन क बात यह ह क वा त वक पलायन स

अ धक पलायन क धमक को एक ह थयार क प म इ तमाल कया जाता ह

C द नया क नयी स ता यव था

नयी व व यव था को सचा लत करन क लय नयी व व स थाए बनायी गयी ह जो व व सरकार जसा काम करती ह और उनका कानन दश क कानन स ऊपर हो गया ह उदाहरण क तौर पर व व यापार सघ वा त वक प म इन स थाओ को सा ा यवाद दश ह सचा लत ह इसका अग बनन क बाद दश क सरकार ऐसी कोई नी त या कानन नह बना सकती जो व व यापार सघ क नी त या कानन का उ लघन करता हो इन स थाओ क पास यह शि त भी ह क कोई दश य द उनक कानन का उ लघन कर तो उस द डत कया जा सक उदाहरण क तौर पर जन हत म यह ज र हो सकता ह क अपनी क ष और खास उ योग को सि सडी दकर और दश का बाजार उनक ि लय आर त करक उनक वकास को ग त द जाय या जनता को स ता माल उपल ध कराया जाय ल कन यह व व यापार सगठन क कानन का उ लघन हो सकता ह य क यह वदशी प जी क साथ भदभाव होगा इस ि थ त स लोकत क लय ह एक खतरा पदा होता दखाई द रहा ह य क य द चनी ह ई सरकार म यह शि त न रह जाय क व जनता क हत म कानन और नी तया बना सक तो सरकार चनन क अ धकार का भी कोई मतलब नह रह जाता मजदार बात यह ह क आइएलओ और सय त रा सघ क अ य व व स थाए जो मजदर क अ धकार और मानवा धकार क लय कानन बनाती ह उनको ऐसी शि त नह द गयी ह क मजदर क अ धकार या मानवा धकार क उ लघन पर व कसी दश को द डत कर सक सय त रा सघ म आजकल बह रा य कप नय क ग त वधय क लय कछ मानदड बनान क बात चल रह ह ल कन अ धक जोर और अ धक वीक त इसी पर दखाई द रह ह क इ ह

बा यकार कानन का दजा न दया जाय

अब हम यह दखन को शश कर क उपरो त प रि थ तय म मजदर वग और मजदर आ दोलन को कन

सम याओ का सामना करना पड रहा ह

i) प र मजदर वग को एक रजब आम म त द ल कर दना

प जी क आवागमन पर कोई नय ण नह ह उसक लय द नया वा तव म एक गाव बन चक ह ल कन

मजदरवग क आवागमन पर परा नय ण ह यह प रि थ त एक प म पर द नया क मजदरवग को एक रजब

आम यानी एक ऐसी आर त फौज म त द ल कर दता ह िजस प जी जब चाह इ तमाल कर जब चाह बरोजगार

छोड द हम पहल ह चचा कर चक ह क प जी जब चाह पलायन कर सकती ह कछ उ योग तो ऐस ह िजनम

चद दन या चद घट म ऐसा हो सकता ह जस कपडा उ योग इसम थाई प का कोई प जी नवश या

उ पादन का कोई ल बा का ट सामा यत होता ह नह इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म भारत जस

दश म जहा एक बडा बाजार ह उ ह अपना असब लग लाट लगाना पडता ह इस लय भागना इतना आसान

नह होगा ि फर भी बह त अ धक समय नह लगगा य हालात प जी क साथ शि त सतलन म मजदर वग को

कमजोर ि थ त म डाल दत ह रोजगार खोन का डर मजदर क लडाई को कमजोर करता ह दसर तरफ प जी

क पलायन क डर स सरकार मजदर क आ दोलन का बबरता स दमन करन पर आमादा हो जाती ह और

मजदर क हक क परवाह कय बना कप नय क हत क हफाजत करती ह

मजदरवग इस ि थ त को तभी बदल सकता ह जब प जी क इस तरह क आवागमन को रोक सक और यह सफ

तभी सभव ह जब अ) मजदर क दश यपी सघष क ज रय ऐस मकानन क लय सघष जो मजदर को थाई

ह सयत म रोजगार दन क बा यता पदा कर सक वदशी प जी क लय दश म उ पादन क लय ल ब समय क

का ट या समझौत क शत लाग कर सक और छटनी और तालाबद पर मजदर क मआबज क रा श म

बढो तर कर सक इसस प जी क लय बार-बार पलान क रणनी त महगी सा बत होगी ब) मजदर क

अतररा य एकता जो मजदर वरोधी पलायन क रणनी त पर चलन वाल प जी को द डत करन क लय उसक

बाजार को भा वत कर सक स) मजदर क अतररा य एकता जो इस तरह पलायन करक आन वाल प जी को

अपन दश म उस न आन द द) मजदरवग एक ऐसी सरकार लान म कामयाब हो जाय जो प जी क ऐस पलायन

को असभव बना द और य) अतररा य तर पर ऐसी नी तय क लय सघष जो मजदर क कसी भी दश म

आवागमन को खल छट द सक

ii) असग ठत मजदर क शोषण को स थागत प दना और समाज क समची ज रत क उ पादन त

को व व शोषण खला म समट लना

आज असग ठत (इनफामल स टर) क हालात पर बडा सयापा होता ह ल कन अगर हम गहराई म दख तो

यह सब उनक हालत सधारन क बजाय उनक शोषण को स थागत प दता दखाई दता ह इस तथाक थत

इनफामल स टर म तीन तरह क लोग आत ह अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोग छोट इकाइय

म लग अ थाई मजदर और फि य म लग तरह-तरह क अ थाई मजदर वरोजगार म लग लोग और

मजदर क सम याए ब कल अलग ह और अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोगो क सम याए भी

अलग-अलग ह और इनक सम याओ का समाधान भी अलग-अलग ह अगर वा तव म इ ह सकट स बाहर

नकालना हो तो अलग-अलग स टर म इनक वशष सम याओ क मता बक वशष नी तगत समाधान दना

होगा वा तव म यह बह त ज र भी ह य क अगर इनक सकट का समाधान हो जाय तो बराजगार क एक

तहाई सम या का समाधान हो सकता ह ल कन ऐसा करन क बजाय उन सबको मलाकर एक इनफामल

स टर बनान क पीछ एक ह बात हो सकती ह क उनक सकट का समाधान करन क कोइ मशा ह नह ह

उनक लय ऐसी सामािजक सर ा का ावधान कया जाता ह िजसस व कम स कम िज दा रह सक हाला क

यह सब भी पर तरह कागजी ह दखाई दता ह और यह नी तया कह लाग होती नह दखाई दती

दरअसल यह नयी व व यव था और नय म वभाजन क रणनी त का ह एक अग लगता ह

क) उ योग क व व यापी उ पादन या शोषण खला पर गौर कर तो यह खला छोट इकाइय और घर

म काम करन वाल मजदर तक जाती ह और अ त र त म य क एक अ छndashखास ह स का उ पादन

इन असग ठत मजदर वारा कया जाता ह यह सबस कम मजदर म काम करन वाल और सबस

असर त मजदर ह और उ पादन क नयी यव था म दशी- वदशी पजी क लय बह त बड मनाफ का

ोत ह

ख) नयी उ पादन यव था म प जी क सबस बडी ताकत और रणनी त ह उसका ख टा म त होना और कभी

भी पलायन करन क आजाद ल कन य द उ योग म सभी या अ धकाश मजदर थाई ह तो या यह

उतनी आसानी स सभव हो सकगा य द मजदर थायी ह ग तो उनक य नयन भी होगी और मजदर

क लडन क ताकत भी अ धक होगी और व प जी को इतनी आसानी स पलायन नह करन दग दसर

बात य द मजदर थायी ह ग तो प जी को पलायन काफ महगा भी पडगा य क थाई मजदर क हक

को चकता करन म काफ पसा लगाना पडगा और इस लय वह बार बार पलायन क रणनी त नह

इ तमाल कर सकती

ग) नयी उ पादन यव था म कई म उदाहरण क तौर पर कपडा उ योग म फि या आडर पर काम

करती ह और ाड कोई सालाना का ट भी नह करत आडर कभी कम होता ह कभी यादा और कभी

ब कल नह ऐस म अगर थायी मजदर ह ग तो उ ह बार-बार ल-आफ दना पडगा और फि या यह

क मत ाड स वसलगी ऐस म नयी उ पादन यव था म अ थायी मजदर उनक मनाफ का ोत ह

घ) असग ठत म सकट त मजदर क भार फौज एक रजब आम क तरह काम करती ह और

उ योग म मजदर क स लाई को माग स हमशा ऊपर बनाय रखती ह और इसक वजह स मजदर को

हमशा नीच क ओर धकलती रहती ह

ङ) नयी व व यव था क रणनी त यह दखाई दती ह क बडी प जी उन असग ठत को नगल जाय

जहा सीध मनाफा लटा जा सकता ह और अ य असग ठत त को स त म क लट क लय अपनी

उ पादन-शोषण खला म बाध लया जाय उदाहरण क तौर पर रटल यापार और व त स लकर

जलाप त तक क कई अ य सवा स वरोजगार व छोट इकाइय को ख म करक को व पर तरह

क जान म लगी ह ई ह और दसर तरफ स त म क लट क लय उ पादन क म खती व

उ योग म वरोजगार म लग मजदर व छोट इकाइय को अपनी उ पादन खला म समटन क

को शश कर रह ह यहा यह गौर करन क बात ह क आज सरकार क छोट उ योग को बढावा दन

क नी त को उदार करण स पहल वाल प रि थ तय क नगाह स नह दखा जा सकता ह आज यह

उन उ योग पर ल त ह जो दशी- वदशी पजी क उ पादन खला स जड ह ए ह और इस लय परो

प स यह दशी- वदशी बडी पजी क भी मदद ह

जमीनी तौर पर मजदर आ दोलन क सबस बडी रणनी तक सम या और सबस बडी चनौती शायद इसी सवाल

स जडी ह ई ह हर उ योग म भार अनपात म अ थायी मजदर क स या बढन क कारण फ तर पर

य नयन और साम हक सौदबाजी मि कल हो गयी ह यह कछ तर तक वह भावी हो पा रह ह जहा बडी

इकाइया ह और जहा एक खास अनपात म द मजदर को बनाय रखना ज र ह उदाहरण क तौर पर मोटर-

गाडी बनान क उ योग ल कन जहा ऐसी ज रत नह ह और इस लय जहा शायद ह कोई थायी मजदर रखा

जाता ह वहा तो य नयन और साम हक सौदबाजी असभव ह हो गयी ह उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा

उ योग छोट उ योग और वरोजगार म लग लोग को सग ठत करन का सवाल तो एक अलग ह चनौती ह

और इस दशा म तो कोई बडी पहल ह नह दखाई दती ह

मजदर आ दोलन क सम य सम याए और चनौ तया वा त वक ह ल कन ऐसा लगता ह क सकट सफ इन

सम याओ स पदा नह हआ ह सकट का मल व प वचा रक ह और इस सवाल स जडा हआ ह क मजदर

आ दोलन इन सम याओ का कोई भावी समाधान नह तत कर पा रहा ह हम इसक चचा अगल ह स म

करग

iii) म कानन म बदलाव

मकानन म क सरकार और रा य सरकार वारा जो बदलाव कय गय ह या ता वत ह उनस म कानन का ऐसा ढाचा उभरकर सामन आता ह जो मलत चार स तर म वभािजत ह और यह व वशोषण खला क अन प ह

9 स कम मजदर वाल इकाइया इनक लय कोई म कानन ता वत नह ह उ ट घरल उ योग म बाल म क शोषण क छट द द गयी यहा यह यान म रखना ज र ह क यह व वशोषण खला का सबस नचला और सबस असर त तर ह जहा मजदर क भार आबाद को बहद कम मजदर म और वा य क ि ट स खतरनाक ि थ तय म काम करना पडता ह

9-39 मजदर वाल इकाइया इ ह कारखाना कानन स बाहर कया जा रहा ह और एक नय कानन लघ कारखाना कानन म शा मल करन का ताव ह 9 स कम वाल स तर और 9-39 वाल स तर म ह उ पादन क अ य धक म सघन याओ का बडा ह सा सप न कया जाता ह और शोषण खला क अ त र त म य का अ छा-खासा ह सा यह पदा होता ह 9-40 वाल इकाइय म मजदर को बह त सार अ धकार स व चत कया जा रहा ह और नाम मा ह हक उ ह मलन ह

इ ह अब 9 क जगह 19 म कानन स सब धत द तावज बनान और म वभाग म उनक पालन सबधी रटन फाइल करन म छट द द गयी ह

इनम 14 कानन लाग नह ह ग िजनम औ यो गक ववाद अ ध नयम और कारखाना कानन भी शा मल ह उन कानन क सफ कछ ावधान को ता चत लघ उ योग कानन म शा मल कया गया ह

ठका मजदर ( नयमन और खा मा) कानन इनम लाग नह होगा राज थान क कानन म अब यह 50 या अ धक मजदर वाल इकाइय म ह लाग ह (मल म 20 या अ धक पर लाग)

नय मत मजदर क छटनी करन पर 1 माह का नो टस और िजतन साल काम कया ह हर साल क लय 15 दन का मआवजा दना होगा ल कन इसक नौबत ह नह आयगी य क यह ावधान एक साल नय मत स वस पर होन पर ह यह लाग होता ह और ऊपर उदधत कानन म

छट का फायदा उठाकर नयो ता कभी साल भर क स वस पर ह नह होन दग

ईएसआई और पीएफ कानन लाग नह होगा और यहा ईएसआई और पीएफ क जगह दो नयी ाइवट स टर क क म लाग होगी और इसम मजदर को दोन क लय वतन का 10-10 तशत

हर मह न दना होगा काय थल पर भौ तक और रासाय नक सर ा सबधी कोई ावधान नह सफ इतना ह क जहा

खतरनाक या हजाडस चीज का इ तमाल होता होगा वहा कारखाना कानन लाग होगा च का ावधान वह लाग होगा जहा 20 या अ धक म हलाए काम करती ह और उनम स कम

स कम एक का 6 साल स कम का छोटा ब चा हो इसस प ट ह क इस कानन को कोई मतलब नह रह गया

तीन माह म ओवरटाइम काम क घट क सीमा 50 स बढाकर 96 घट क जा रह ह

लघ उ योग कानन म हडताल या हडताल क अ धकार का कोई उ लख ह नह ह एक ऐसा ावधान ह क य द 10 या अ धक मजदर बना नो टस दय एक साथ गरहािजर ह ग तो नयो त

उनक वतन स 8 दन क मजदर काट सकता ह 40 स 299 तक क इकाइया

इनम बना सरकार स अनम त लय छटनी या तालाबद क जा सकती ह

इनम छटनी क लय मजदर को 1 माह का नो टस और मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स हाला क इसक नौबत आयगी ह नह य क यह एक साल क स वस पर होन पर ह लाग होता ह और आजकल उ योग म हालात ऐस ह क हर छह मह न म कागज पर मजदर क नयि त नयी बना दत ह सी मत अव ध का ट का कानन लाग होन क बाद तो नयो ता कसी क भी एक साल क नय मत स वस पर ह नह होन दगा इस अभी कपडा उ योग म लाग कया ह ल कन ज द ह अ य म भी लाग हो सकता ह ऐस हालात म कोई ईएल भी नह पा सकगा और यट दन क नौबत तो कभी आयगी ह नह

ईपीएफ पशन क जगह नयी पशन क म िजसम प रवार लाभ शा मल नह होगा यह शयरबाजार स जडी होगी-और ाइवट कप नय क मनाफा कमान का ज रया बन जाएगी

ईएसआई अ पताल क नजीकरण का ताव जो प र वा थ सवाओ क नजीकरण क योजना का ह एक अग ह

पीएफ को ट स क दायर म लाना पीएफ म शा मल होन को व क बनाना और नयो ता क ओर स पीएफ म जमा कय जान

वाल भाग को सरकार क ओर स दया जाना

नयो ता वारा दय जान वाल पीएफ क भाग को मजदर म शा मल मानना िजसस मजदर बढ ह ई दख और मजदर क असल हालत पर पदा पड जाय

हजाडस कारखान क ल ट को हटाना और सफ हजाडस क एक प रभाषा दना इसस कसी भी कारखान को हजाडस घो षत करवाना बह त मि कल होगा और या काफ ल बी हो जाएगी

म हलाओ को रा पाल म अनम त

तीन माह म ओवरटाइम काम क सीमा बढाकर 115 घट करना (अभी 50 ह)

ड य नयन बनान क लय ज र सद या स या 7 स बढाकर 10 या 100 करना

डय नयन म बाहर सद य पर रोक सफ असग ठत म 2 सद य बाहर क हो सकत ह ड य नयन क मा यता क लय कसी ावधान का ताव नह

हडताल क लय जो क ठन कानन आव यक सवाओ पर लाग था उस सभी पर लाग करन का ताव यानी काननी तौर पर हडताल लगभग असभव गरकाननी हडताल क लय मजदर पर

और तालाबद क लय कारखाना मा लक पर एक ह फाइन-50000 स एक लाख 50 या अ धक मजदर कजअल छटट लकर गरहािजर ह तो यह भी गरकाननी हडताल

ववाद को कोट क बाहर सलझा लन का ावधान और आव यक सवाओ म 2 साल तक हडताल पर तबध (गजरात)

बोनस रा श नधारण क जाच क लय डय नयन नयो ता स कारखान क बलस शीट अब नह माग सकगी

कारखान क इ प शन क लय लबर इ प टर को पहल उ चा धका रय स अनम त लनी होगी और इ प टर क भ मका अब कानन का उ लघन करन वाल पर कारवाई करन क बजाय उ ह कानन का पालन करन म मदद करन क होगी

100 या अ धक मजदर वाल इकाइया ट डग आडर का कानन अब 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय म लाग होगा यह अभी कई

रा य म 50 या अ धक पर लाग होता ह अ य ावधान वह जो 40 स 299 मजदर वाल इकाइय पर लाग 300 या अ धक मजदर वाल इकाइया छटनी या तालाबद क लय सरकार क अनम त ज र

मजदर को 3 माह का नो टस मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स

अ य ावधान वह जो 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय पर लाग मकानन म बदलाव क उपरो त दशा स दो बात प ट होती ह अ) यह कप नय क लय म लागत को

कम स कम करन मजदर को जब चाह काम पर रखन और नकालन क पर छट दन मजदर क हत क

अनदखी करन और मजदर क य नयन बनान और साम हक सौदबाजी करन क मता को ख म करन या कम

स कम करन क दशा म कि त ह और ब) उ योग म शोषण खला का जो ढाचा उभर रहा ह यह उसक

अन प ह एक तरफ छोट इकाइया ह जहा अ धकतम 50 मजदर तक काम करत ह और जहा अ धकाश म

सघन काम सप न होता ह और अ त र त म य का बडा ह सा पदा होता ह दसर तरफ बडी इकाइया ह जहा

100 स 300 तक मजदर काम करत ह और सबस ऊपर थोडी सी ऐसी इकाइया ह जहा 500 स अ धक मजदर

काम करत ह आकड क अनसार पछल 10-12 साल म 10 स 99 मजदर वाल इकाइय का अनपात काफ

घटा ह और दसर तरफ 10 स कम वाल इकाइय और 100-499 वाल इकाइय का अनपात बढ गया ह

दरअसल 10 स कम वाल अ धकाश इकाइया वा तव म 40-50 मजदर को काम पर लगाती ह ल कन कारखाना

कानन स बचन क लय 10 स कम मजदर ह दखाती ह इ ह क सम या को हल करन क लय लघ उ योग

कानन लाया जा रहा ह सार प म इन ता वत कानन स शोषण खला का ढाचा इस प म उभरता दखाई

दता ह अ) घर म काम करन वाल मजदर और 10 स कम वाल इकाइया ब) 10-39 वाल इकाइया स) 40-

299 वाल इकाइया और द) 300 या अ धक वाल इकाइया

iv) प जी का मजदर और जनता पर सवतोमखी नय ण

कोई वग कसी दसर वग पर अपनी स ता सफ दमनत क ताकत क ज रय लब समय तक कायम नह रख

सकता ह शासक वग को शा षत जन म अपनी स ता क कसी न कसी प म एक तर क वीकायता

बनानी पडती ह और अगर वह ऐसा करन म कामयाब नह होता तो उसक स ता भी अ धक समय तक कायम

नह रह सकती ह प जीवाद समाज क लय यह और भी अ धक सच ह पजीप त वग मजदर और आमजन क

वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण कायम करन क को शश करता ह और य द मजदर वग

उस इस पहल पर कोई भावी चनौती नह द पाता ह तो मजदर वग पजी क खलाफ कोई भी भावी सघष

खडा कर पान म सफल नह हो सकता ह प जीवाद समाज म यह वग सघष का एक ब नयाद और मह वपण

पहल ह नयी व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह ल कन

मजदर आ दोलन इस पहल को अ सर नजरदाज करता रहा ह और उस वग सघष क एक ब नयाद पहल क प

म मह व नह द सका ह शायद यह आम जनता क वचार और जीवन पर प जीप त वग क बढत नय ण और

उसको कोई भावी चनौती न द पान क हमार कमजोर का भी एक भाव ह क आज इतन भीषण सकट क

बावजद जनता क ग स का कोई बडा वत फत व फोट नह दखाई दता ह यहा हम सार प म मजदरवग

पर प जीप तवग क नय ण क रणनी त क कछ पहलओ क चचा कर सकत ह

आमजन क वचा रक मानस म प जीप त वग व भ न मा यम स यह लगातार था पत करन क

को शश करता ह क प जीवाद का कोई वक प नह ह नजीकरण और बाजार करण क व तार क साथ

प जीवाद दायर स बाहर कसी अलग जीवन णाल क लय कोई जगह नह रह जाती जो इस वचार को

मजबती दता ह और दश-द नया म कोई वक प नजर न आन स इस उनक वचार मानस म प ता

बनान म मदद मलती ह जीवन क हर ज रत क लय प जीवाद पर पर तरह नभरता और उसस

बाहर नकलन का कोई रा ता न दखाई दन स प जीवाद को वीकार करना एक मजबर भी हो जाती ह

ऐसा ोपागडा बड पमान पर कया जाता ह क प जी क वकास स ह दश को और जनता का वकास हो

सकता ह प जी का वकास होगा तो रोजगार पदा होगा प जी का वकास होगा तो स वधाओ का वकास

होगा प जी का वकास नह होगा तो दश का और जनता का भी वकास क जाएगा और इस लय य द

कोई ऐसी बात करता ह जो प जी क वकास क खलाफ हो तो वह दश का और जनता का द मन ह

आ द आ द

प जीवाद काय थल मजदर को यह अहसास दलाता ह क मजदर और प जीप त दोन का अि त व जडा

हआ ह और मजदर क बहतर क लय प जीप त क बहतर ज र ह नय दौर का सारा प जीवाद

बधन शा और पदा ह ई बधन तकनीक का अमल इस वचार को मजबत बनाता ह रोजगार खोन

का डर भी एक तरह स प जीवाद को वीकार करन क मजबर बन जाती ह

ोपागडा यह नयी व व यव था का एक बह त मजबत और भावी ह थयार ह मी डया स लकर कल -

कालज व व व यालय और शोधस थान तक को भी इसका अग बना दया गया ह इसक ज रय झठ

को सच क तरह पश करना या स य क सफ एक पहल को ह दखाना इ तहास को वकत प म पश

करना म फलाना प जीवाद का म हमामडन करना जो प जीप त वग क हत क खलाफ ह उन वचार

और लोग को बदनाम करना ढ ग पाखड को साइस क तरह पश करना और पछडी चतना को बढावा

दना भडकाऊ झठ खबर बनाना और भडकाऊ कारवाइया करना आ द इनका सबका दायरा बह त व तत

ह यह माल को बचन क लय उनका फायदाबतान वाल झठ रसच स लकर समाजवाद और

समाजवा दय को बदनाम करन क लय झठ घटनाए पदा करन तक का काम करत ह मी डया पर बडी

प जी का पर तरह इजारा कामय हो जान क बाद जनता क पास कोई वकि पक सचनात ख म हो गया

ह और इसक वजह स प जीवाद ोपागडा और अ धक भावी हो गया ह इस हालात न मजदर वग क

सघष क भाव को भी काफ कम कर दया ह दश क कसी शहर म लाख लोग सडक पर आ दोलन

करत ह ल कन पास पडोस क इलाक क लोग को भी इस आ दोलन का पता नह चल पाता यहा तक

क द ल आकर हजार लोग दशन करत ह और द ल क लोग को भी पता नह चलता कह लाख

लोग सघष म जान द रह होत ह ल कन मी डया उ ह यह मानन को मजबर कर दता ह क व पागल ह

या आतकवाद ह और मजदार बात यह ह क लोग एक मनट क लय यह नह सोच पात क व लाख

लोग जो सघष म अपनी जान द रह ह उनक कोई बहद वािजब सम या भी हो सकती ह और यह क

मी डया सफद झठ बोल रहा ह

मजदर वग को वभािजत करन और भटकान क रणनी त प जी क म वरोधी ोपागडा क एक

मह वपण रणनी त ह मजदरवग क भीतर क अतर वरोध को तीखा करना और उ ह एक दसर क वरोधी

क प म तत करना उदाहरण क तौर पर जा त का सवाल धम का सवाल और लगभद का सवाल

और इसक साथ-साथ मजदर क व भ न स तर म अतर वरोध का सवाल उदाहरण क तौर पर

असग ठत ा क मजदर और सग ठत क मजदर कपनी मजदर और ठका मजदर थाई और

अ थाई मजदर ाइबट व पि लक स टर क मजदर आ द इसक बह त सार अ य मह वपण आयाम भी

ह ल कन बात इतन स प ट हो जाती ह इसक साथ ह मजदर आ दोलन म ऐसी रणनी तय को

ो सा हत करना जो सतह पर मजदर क हत म दखती ह ल कन व तत या तो मजदर वरोधी होती

ह या उस बस ऊठक-बठक करन म य त कर दती ह उदाहरण क तौर पर असग ठत मजदर क लय

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

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Page 16: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

तकनीक तर वाल फि या और ऐसा कौशल रखन वाल मजदर क अ छ -खासी तादात मौजद हो

और उनक माल क लय एक बडा और वक सत होता बाजार भी मौजद हो दसर तरफ प जी और

तकनीक सघन काम को वक सत दश म ह नय त रखा जाता ह ता क वकासशील दश क कप नया

परा ोड ट (माल) बनान क तकनीक न हा सल कर सक और अपना ाड न पदा कर सक इसक

अलावा व परा का परा ोड ट एक दश म नह बनाती ह उ पादन क व भ न ह स को कई दश म

बखर दती ह और इसक वजह स कसी भी दश क कपनी क लय परा ोड ट को बनान क तकनीक

हा सल करना और भी मि कल हो जाता ह दसर तरफ इस तर क स उ पादन खला म मौजद कसी

भी दश क कप नय क और मजदर क उनस सौदबाजी क ताकत भी कम हो जाती ह अगर कसी

दश म उनक उ पादन खला म सकट आया तो व वह काम कसी और दश म करा लती ह इस बात

को व एक ह थयार क प म भी इ तमाल करती ह और दशी कप नय और मजदर को प जी क

पलायन का डर भी दखाती रहती ह व त उ च तकनीक वाल पज रसच और डजाइ नग ा डग और

बाजार पर भावी नय ण क ज रय बह रा य कप नया उ पादन खला को पर तरह क ोल करती ह

इसी क ज रय पर उ पादन खला म िजतना भी अ त र त म य या मनाफा पदा होता ह उसका बडा

ह सा व ह थया लती ह स चाई म अ त र त म य का बडा ह सा तो वकासशील दश म ह पदा

होता ह ल कन उ ह उसका बह त छोटा ह सा ह मलता ह उदाहरण क तौर पर हमार दश क उ योग

म जो भी उ पाद पदा होता ह उसम मौजद अ त र त म य का मा 15-20 ह हम मलता ह जब क

उ पादन या पर नजर डाल तो इसस कह अ धक अ त र त म य यहा पदा होता ह ल कन

बह रा य कप नया काम पान क लय वकासशील दश क बीच होड और दश क भीतर कप नय क बीच

होड का इ तमाल करक उ ह कम क मत वीकार करन क लय मजबर कर दती ह उदाहरण क तौर पर

कपडा उ योग इसक अलावा व सबस अ धक म य उन काय पद डाल दती ह जो व खद करती हए

उदाहरण क तौर पर व त रसच और डजाइ नग ा डग माकग िग आ द तथा व पाट-पज जो व खद

बनाती ह इस तरह व अपन उ पाद क पर शोषण खला म पदा होन वाल मनाफ का बडा भाग लट

लती ह

ख) यहा यह बात और साफ कर दना ज र ह उ पादन खला या शोषण खला क मामल म सा ा यवाद

प जी और दशी प जी क तौर-तर क म अब कोई अ तर नह रह गया ह अ धकाश वकासशील दश म

ऐसी कप नया कम ह या नह ह िजनका व व तर का ाड हो या व व तर पर काम करती ह

ल कन जहा कह ऐसा ह जसा क भारत और चीन म कछ ऐसी कप नया ह तो व भी ठ क उसी तरह

अ य दश म अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय स मनाफ क लट करती ह इतना ह नह

दशी ाड भी दश म उसी तरह क उ पादन खला क ज रय मनाफ क लट करत ह और उ पादन

खला म हर ऊपर वाल कपनी अपन स नीच वाल कपनी स उसी तरह मनाफ क लट करती ह ाड

हमशा अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय पर अपन उ पाद क क मत कम करन क लय दबाव

बनात रहत ह और कप नया क मत कम करन तथा अपन लय भी अ धक स अ धक मनाफा स नि चत

करन क लय मजदर का शोषण अ धक स अ धक बढाती जाती ह

ग) प जी ख टा म त ख ला साड हो गयी ह नयी व व यव था म प जी क अवागमन पर कोई नय ण नह

ह यह उपरो त म वभाजन को प ता और स थागत प दती ह द नया म कह भी कसी भी तरह

क वषम प रि थ त आन पर या द नया क कसी अ य ह स म अ धक मनाफ क सभावना होन पर

यह कभी भी दसर दश म पलायन कर सकती ह यहा तक क दश क भीतर भी कसी एक ह स स

दसर ह स म भाग सकती ह इस मामल म भी दशी और वदशी प जी म कोई अ तर नह रहा और

यह दोन पर ह लाग होता ह प जी का इसस कोई लना दना नह रहा क इसस दश क अथ यव था

या मजदर क जीवन-मरण पर या असर पडता ह गौर करन क बात यह ह क वा त वक पलायन स

अ धक पलायन क धमक को एक ह थयार क प म इ तमाल कया जाता ह

C द नया क नयी स ता यव था

नयी व व यव था को सचा लत करन क लय नयी व व स थाए बनायी गयी ह जो व व सरकार जसा काम करती ह और उनका कानन दश क कानन स ऊपर हो गया ह उदाहरण क तौर पर व व यापार सघ वा त वक प म इन स थाओ को सा ा यवाद दश ह सचा लत ह इसका अग बनन क बाद दश क सरकार ऐसी कोई नी त या कानन नह बना सकती जो व व यापार सघ क नी त या कानन का उ लघन करता हो इन स थाओ क पास यह शि त भी ह क कोई दश य द उनक कानन का उ लघन कर तो उस द डत कया जा सक उदाहरण क तौर पर जन हत म यह ज र हो सकता ह क अपनी क ष और खास उ योग को सि सडी दकर और दश का बाजार उनक ि लय आर त करक उनक वकास को ग त द जाय या जनता को स ता माल उपल ध कराया जाय ल कन यह व व यापार सगठन क कानन का उ लघन हो सकता ह य क यह वदशी प जी क साथ भदभाव होगा इस ि थ त स लोकत क लय ह एक खतरा पदा होता दखाई द रहा ह य क य द चनी ह ई सरकार म यह शि त न रह जाय क व जनता क हत म कानन और नी तया बना सक तो सरकार चनन क अ धकार का भी कोई मतलब नह रह जाता मजदार बात यह ह क आइएलओ और सय त रा सघ क अ य व व स थाए जो मजदर क अ धकार और मानवा धकार क लय कानन बनाती ह उनको ऐसी शि त नह द गयी ह क मजदर क अ धकार या मानवा धकार क उ लघन पर व कसी दश को द डत कर सक सय त रा सघ म आजकल बह रा य कप नय क ग त वधय क लय कछ मानदड बनान क बात चल रह ह ल कन अ धक जोर और अ धक वीक त इसी पर दखाई द रह ह क इ ह

बा यकार कानन का दजा न दया जाय

अब हम यह दखन को शश कर क उपरो त प रि थ तय म मजदर वग और मजदर आ दोलन को कन

सम याओ का सामना करना पड रहा ह

i) प र मजदर वग को एक रजब आम म त द ल कर दना

प जी क आवागमन पर कोई नय ण नह ह उसक लय द नया वा तव म एक गाव बन चक ह ल कन

मजदरवग क आवागमन पर परा नय ण ह यह प रि थ त एक प म पर द नया क मजदरवग को एक रजब

आम यानी एक ऐसी आर त फौज म त द ल कर दता ह िजस प जी जब चाह इ तमाल कर जब चाह बरोजगार

छोड द हम पहल ह चचा कर चक ह क प जी जब चाह पलायन कर सकती ह कछ उ योग तो ऐस ह िजनम

चद दन या चद घट म ऐसा हो सकता ह जस कपडा उ योग इसम थाई प का कोई प जी नवश या

उ पादन का कोई ल बा का ट सामा यत होता ह नह इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म भारत जस

दश म जहा एक बडा बाजार ह उ ह अपना असब लग लाट लगाना पडता ह इस लय भागना इतना आसान

नह होगा ि फर भी बह त अ धक समय नह लगगा य हालात प जी क साथ शि त सतलन म मजदर वग को

कमजोर ि थ त म डाल दत ह रोजगार खोन का डर मजदर क लडाई को कमजोर करता ह दसर तरफ प जी

क पलायन क डर स सरकार मजदर क आ दोलन का बबरता स दमन करन पर आमादा हो जाती ह और

मजदर क हक क परवाह कय बना कप नय क हत क हफाजत करती ह

मजदरवग इस ि थ त को तभी बदल सकता ह जब प जी क इस तरह क आवागमन को रोक सक और यह सफ

तभी सभव ह जब अ) मजदर क दश यपी सघष क ज रय ऐस मकानन क लय सघष जो मजदर को थाई

ह सयत म रोजगार दन क बा यता पदा कर सक वदशी प जी क लय दश म उ पादन क लय ल ब समय क

का ट या समझौत क शत लाग कर सक और छटनी और तालाबद पर मजदर क मआबज क रा श म

बढो तर कर सक इसस प जी क लय बार-बार पलान क रणनी त महगी सा बत होगी ब) मजदर क

अतररा य एकता जो मजदर वरोधी पलायन क रणनी त पर चलन वाल प जी को द डत करन क लय उसक

बाजार को भा वत कर सक स) मजदर क अतररा य एकता जो इस तरह पलायन करक आन वाल प जी को

अपन दश म उस न आन द द) मजदरवग एक ऐसी सरकार लान म कामयाब हो जाय जो प जी क ऐस पलायन

को असभव बना द और य) अतररा य तर पर ऐसी नी तय क लय सघष जो मजदर क कसी भी दश म

आवागमन को खल छट द सक

ii) असग ठत मजदर क शोषण को स थागत प दना और समाज क समची ज रत क उ पादन त

को व व शोषण खला म समट लना

आज असग ठत (इनफामल स टर) क हालात पर बडा सयापा होता ह ल कन अगर हम गहराई म दख तो

यह सब उनक हालत सधारन क बजाय उनक शोषण को स थागत प दता दखाई दता ह इस तथाक थत

इनफामल स टर म तीन तरह क लोग आत ह अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोग छोट इकाइय

म लग अ थाई मजदर और फि य म लग तरह-तरह क अ थाई मजदर वरोजगार म लग लोग और

मजदर क सम याए ब कल अलग ह और अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोगो क सम याए भी

अलग-अलग ह और इनक सम याओ का समाधान भी अलग-अलग ह अगर वा तव म इ ह सकट स बाहर

नकालना हो तो अलग-अलग स टर म इनक वशष सम याओ क मता बक वशष नी तगत समाधान दना

होगा वा तव म यह बह त ज र भी ह य क अगर इनक सकट का समाधान हो जाय तो बराजगार क एक

तहाई सम या का समाधान हो सकता ह ल कन ऐसा करन क बजाय उन सबको मलाकर एक इनफामल

स टर बनान क पीछ एक ह बात हो सकती ह क उनक सकट का समाधान करन क कोइ मशा ह नह ह

उनक लय ऐसी सामािजक सर ा का ावधान कया जाता ह िजसस व कम स कम िज दा रह सक हाला क

यह सब भी पर तरह कागजी ह दखाई दता ह और यह नी तया कह लाग होती नह दखाई दती

दरअसल यह नयी व व यव था और नय म वभाजन क रणनी त का ह एक अग लगता ह

क) उ योग क व व यापी उ पादन या शोषण खला पर गौर कर तो यह खला छोट इकाइय और घर

म काम करन वाल मजदर तक जाती ह और अ त र त म य क एक अ छndashखास ह स का उ पादन

इन असग ठत मजदर वारा कया जाता ह यह सबस कम मजदर म काम करन वाल और सबस

असर त मजदर ह और उ पादन क नयी यव था म दशी- वदशी पजी क लय बह त बड मनाफ का

ोत ह

ख) नयी उ पादन यव था म प जी क सबस बडी ताकत और रणनी त ह उसका ख टा म त होना और कभी

भी पलायन करन क आजाद ल कन य द उ योग म सभी या अ धकाश मजदर थाई ह तो या यह

उतनी आसानी स सभव हो सकगा य द मजदर थायी ह ग तो उनक य नयन भी होगी और मजदर

क लडन क ताकत भी अ धक होगी और व प जी को इतनी आसानी स पलायन नह करन दग दसर

बात य द मजदर थायी ह ग तो प जी को पलायन काफ महगा भी पडगा य क थाई मजदर क हक

को चकता करन म काफ पसा लगाना पडगा और इस लय वह बार बार पलायन क रणनी त नह

इ तमाल कर सकती

ग) नयी उ पादन यव था म कई म उदाहरण क तौर पर कपडा उ योग म फि या आडर पर काम

करती ह और ाड कोई सालाना का ट भी नह करत आडर कभी कम होता ह कभी यादा और कभी

ब कल नह ऐस म अगर थायी मजदर ह ग तो उ ह बार-बार ल-आफ दना पडगा और फि या यह

क मत ाड स वसलगी ऐस म नयी उ पादन यव था म अ थायी मजदर उनक मनाफ का ोत ह

घ) असग ठत म सकट त मजदर क भार फौज एक रजब आम क तरह काम करती ह और

उ योग म मजदर क स लाई को माग स हमशा ऊपर बनाय रखती ह और इसक वजह स मजदर को

हमशा नीच क ओर धकलती रहती ह

ङ) नयी व व यव था क रणनी त यह दखाई दती ह क बडी प जी उन असग ठत को नगल जाय

जहा सीध मनाफा लटा जा सकता ह और अ य असग ठत त को स त म क लट क लय अपनी

उ पादन-शोषण खला म बाध लया जाय उदाहरण क तौर पर रटल यापार और व त स लकर

जलाप त तक क कई अ य सवा स वरोजगार व छोट इकाइय को ख म करक को व पर तरह

क जान म लगी ह ई ह और दसर तरफ स त म क लट क लय उ पादन क म खती व

उ योग म वरोजगार म लग मजदर व छोट इकाइय को अपनी उ पादन खला म समटन क

को शश कर रह ह यहा यह गौर करन क बात ह क आज सरकार क छोट उ योग को बढावा दन

क नी त को उदार करण स पहल वाल प रि थ तय क नगाह स नह दखा जा सकता ह आज यह

उन उ योग पर ल त ह जो दशी- वदशी पजी क उ पादन खला स जड ह ए ह और इस लय परो

प स यह दशी- वदशी बडी पजी क भी मदद ह

जमीनी तौर पर मजदर आ दोलन क सबस बडी रणनी तक सम या और सबस बडी चनौती शायद इसी सवाल

स जडी ह ई ह हर उ योग म भार अनपात म अ थायी मजदर क स या बढन क कारण फ तर पर

य नयन और साम हक सौदबाजी मि कल हो गयी ह यह कछ तर तक वह भावी हो पा रह ह जहा बडी

इकाइया ह और जहा एक खास अनपात म द मजदर को बनाय रखना ज र ह उदाहरण क तौर पर मोटर-

गाडी बनान क उ योग ल कन जहा ऐसी ज रत नह ह और इस लय जहा शायद ह कोई थायी मजदर रखा

जाता ह वहा तो य नयन और साम हक सौदबाजी असभव ह हो गयी ह उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा

उ योग छोट उ योग और वरोजगार म लग लोग को सग ठत करन का सवाल तो एक अलग ह चनौती ह

और इस दशा म तो कोई बडी पहल ह नह दखाई दती ह

मजदर आ दोलन क सम य सम याए और चनौ तया वा त वक ह ल कन ऐसा लगता ह क सकट सफ इन

सम याओ स पदा नह हआ ह सकट का मल व प वचा रक ह और इस सवाल स जडा हआ ह क मजदर

आ दोलन इन सम याओ का कोई भावी समाधान नह तत कर पा रहा ह हम इसक चचा अगल ह स म

करग

iii) म कानन म बदलाव

मकानन म क सरकार और रा य सरकार वारा जो बदलाव कय गय ह या ता वत ह उनस म कानन का ऐसा ढाचा उभरकर सामन आता ह जो मलत चार स तर म वभािजत ह और यह व वशोषण खला क अन प ह

9 स कम मजदर वाल इकाइया इनक लय कोई म कानन ता वत नह ह उ ट घरल उ योग म बाल म क शोषण क छट द द गयी यहा यह यान म रखना ज र ह क यह व वशोषण खला का सबस नचला और सबस असर त तर ह जहा मजदर क भार आबाद को बहद कम मजदर म और वा य क ि ट स खतरनाक ि थ तय म काम करना पडता ह

9-39 मजदर वाल इकाइया इ ह कारखाना कानन स बाहर कया जा रहा ह और एक नय कानन लघ कारखाना कानन म शा मल करन का ताव ह 9 स कम वाल स तर और 9-39 वाल स तर म ह उ पादन क अ य धक म सघन याओ का बडा ह सा सप न कया जाता ह और शोषण खला क अ त र त म य का अ छा-खासा ह सा यह पदा होता ह 9-40 वाल इकाइय म मजदर को बह त सार अ धकार स व चत कया जा रहा ह और नाम मा ह हक उ ह मलन ह

इ ह अब 9 क जगह 19 म कानन स सब धत द तावज बनान और म वभाग म उनक पालन सबधी रटन फाइल करन म छट द द गयी ह

इनम 14 कानन लाग नह ह ग िजनम औ यो गक ववाद अ ध नयम और कारखाना कानन भी शा मल ह उन कानन क सफ कछ ावधान को ता चत लघ उ योग कानन म शा मल कया गया ह

ठका मजदर ( नयमन और खा मा) कानन इनम लाग नह होगा राज थान क कानन म अब यह 50 या अ धक मजदर वाल इकाइय म ह लाग ह (मल म 20 या अ धक पर लाग)

नय मत मजदर क छटनी करन पर 1 माह का नो टस और िजतन साल काम कया ह हर साल क लय 15 दन का मआवजा दना होगा ल कन इसक नौबत ह नह आयगी य क यह ावधान एक साल नय मत स वस पर होन पर ह यह लाग होता ह और ऊपर उदधत कानन म

छट का फायदा उठाकर नयो ता कभी साल भर क स वस पर ह नह होन दग

ईएसआई और पीएफ कानन लाग नह होगा और यहा ईएसआई और पीएफ क जगह दो नयी ाइवट स टर क क म लाग होगी और इसम मजदर को दोन क लय वतन का 10-10 तशत

हर मह न दना होगा काय थल पर भौ तक और रासाय नक सर ा सबधी कोई ावधान नह सफ इतना ह क जहा

खतरनाक या हजाडस चीज का इ तमाल होता होगा वहा कारखाना कानन लाग होगा च का ावधान वह लाग होगा जहा 20 या अ धक म हलाए काम करती ह और उनम स कम

स कम एक का 6 साल स कम का छोटा ब चा हो इसस प ट ह क इस कानन को कोई मतलब नह रह गया

तीन माह म ओवरटाइम काम क घट क सीमा 50 स बढाकर 96 घट क जा रह ह

लघ उ योग कानन म हडताल या हडताल क अ धकार का कोई उ लख ह नह ह एक ऐसा ावधान ह क य द 10 या अ धक मजदर बना नो टस दय एक साथ गरहािजर ह ग तो नयो त

उनक वतन स 8 दन क मजदर काट सकता ह 40 स 299 तक क इकाइया

इनम बना सरकार स अनम त लय छटनी या तालाबद क जा सकती ह

इनम छटनी क लय मजदर को 1 माह का नो टस और मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स हाला क इसक नौबत आयगी ह नह य क यह एक साल क स वस पर होन पर ह लाग होता ह और आजकल उ योग म हालात ऐस ह क हर छह मह न म कागज पर मजदर क नयि त नयी बना दत ह सी मत अव ध का ट का कानन लाग होन क बाद तो नयो ता कसी क भी एक साल क नय मत स वस पर ह नह होन दगा इस अभी कपडा उ योग म लाग कया ह ल कन ज द ह अ य म भी लाग हो सकता ह ऐस हालात म कोई ईएल भी नह पा सकगा और यट दन क नौबत तो कभी आयगी ह नह

ईपीएफ पशन क जगह नयी पशन क म िजसम प रवार लाभ शा मल नह होगा यह शयरबाजार स जडी होगी-और ाइवट कप नय क मनाफा कमान का ज रया बन जाएगी

ईएसआई अ पताल क नजीकरण का ताव जो प र वा थ सवाओ क नजीकरण क योजना का ह एक अग ह

पीएफ को ट स क दायर म लाना पीएफ म शा मल होन को व क बनाना और नयो ता क ओर स पीएफ म जमा कय जान

वाल भाग को सरकार क ओर स दया जाना

नयो ता वारा दय जान वाल पीएफ क भाग को मजदर म शा मल मानना िजसस मजदर बढ ह ई दख और मजदर क असल हालत पर पदा पड जाय

हजाडस कारखान क ल ट को हटाना और सफ हजाडस क एक प रभाषा दना इसस कसी भी कारखान को हजाडस घो षत करवाना बह त मि कल होगा और या काफ ल बी हो जाएगी

म हलाओ को रा पाल म अनम त

तीन माह म ओवरटाइम काम क सीमा बढाकर 115 घट करना (अभी 50 ह)

ड य नयन बनान क लय ज र सद या स या 7 स बढाकर 10 या 100 करना

डय नयन म बाहर सद य पर रोक सफ असग ठत म 2 सद य बाहर क हो सकत ह ड य नयन क मा यता क लय कसी ावधान का ताव नह

हडताल क लय जो क ठन कानन आव यक सवाओ पर लाग था उस सभी पर लाग करन का ताव यानी काननी तौर पर हडताल लगभग असभव गरकाननी हडताल क लय मजदर पर

और तालाबद क लय कारखाना मा लक पर एक ह फाइन-50000 स एक लाख 50 या अ धक मजदर कजअल छटट लकर गरहािजर ह तो यह भी गरकाननी हडताल

ववाद को कोट क बाहर सलझा लन का ावधान और आव यक सवाओ म 2 साल तक हडताल पर तबध (गजरात)

बोनस रा श नधारण क जाच क लय डय नयन नयो ता स कारखान क बलस शीट अब नह माग सकगी

कारखान क इ प शन क लय लबर इ प टर को पहल उ चा धका रय स अनम त लनी होगी और इ प टर क भ मका अब कानन का उ लघन करन वाल पर कारवाई करन क बजाय उ ह कानन का पालन करन म मदद करन क होगी

100 या अ धक मजदर वाल इकाइया ट डग आडर का कानन अब 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय म लाग होगा यह अभी कई

रा य म 50 या अ धक पर लाग होता ह अ य ावधान वह जो 40 स 299 मजदर वाल इकाइय पर लाग 300 या अ धक मजदर वाल इकाइया छटनी या तालाबद क लय सरकार क अनम त ज र

मजदर को 3 माह का नो टस मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स

अ य ावधान वह जो 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय पर लाग मकानन म बदलाव क उपरो त दशा स दो बात प ट होती ह अ) यह कप नय क लय म लागत को

कम स कम करन मजदर को जब चाह काम पर रखन और नकालन क पर छट दन मजदर क हत क

अनदखी करन और मजदर क य नयन बनान और साम हक सौदबाजी करन क मता को ख म करन या कम

स कम करन क दशा म कि त ह और ब) उ योग म शोषण खला का जो ढाचा उभर रहा ह यह उसक

अन प ह एक तरफ छोट इकाइया ह जहा अ धकतम 50 मजदर तक काम करत ह और जहा अ धकाश म

सघन काम सप न होता ह और अ त र त म य का बडा ह सा पदा होता ह दसर तरफ बडी इकाइया ह जहा

100 स 300 तक मजदर काम करत ह और सबस ऊपर थोडी सी ऐसी इकाइया ह जहा 500 स अ धक मजदर

काम करत ह आकड क अनसार पछल 10-12 साल म 10 स 99 मजदर वाल इकाइय का अनपात काफ

घटा ह और दसर तरफ 10 स कम वाल इकाइय और 100-499 वाल इकाइय का अनपात बढ गया ह

दरअसल 10 स कम वाल अ धकाश इकाइया वा तव म 40-50 मजदर को काम पर लगाती ह ल कन कारखाना

कानन स बचन क लय 10 स कम मजदर ह दखाती ह इ ह क सम या को हल करन क लय लघ उ योग

कानन लाया जा रहा ह सार प म इन ता वत कानन स शोषण खला का ढाचा इस प म उभरता दखाई

दता ह अ) घर म काम करन वाल मजदर और 10 स कम वाल इकाइया ब) 10-39 वाल इकाइया स) 40-

299 वाल इकाइया और द) 300 या अ धक वाल इकाइया

iv) प जी का मजदर और जनता पर सवतोमखी नय ण

कोई वग कसी दसर वग पर अपनी स ता सफ दमनत क ताकत क ज रय लब समय तक कायम नह रख

सकता ह शासक वग को शा षत जन म अपनी स ता क कसी न कसी प म एक तर क वीकायता

बनानी पडती ह और अगर वह ऐसा करन म कामयाब नह होता तो उसक स ता भी अ धक समय तक कायम

नह रह सकती ह प जीवाद समाज क लय यह और भी अ धक सच ह पजीप त वग मजदर और आमजन क

वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण कायम करन क को शश करता ह और य द मजदर वग

उस इस पहल पर कोई भावी चनौती नह द पाता ह तो मजदर वग पजी क खलाफ कोई भी भावी सघष

खडा कर पान म सफल नह हो सकता ह प जीवाद समाज म यह वग सघष का एक ब नयाद और मह वपण

पहल ह नयी व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह ल कन

मजदर आ दोलन इस पहल को अ सर नजरदाज करता रहा ह और उस वग सघष क एक ब नयाद पहल क प

म मह व नह द सका ह शायद यह आम जनता क वचार और जीवन पर प जीप त वग क बढत नय ण और

उसको कोई भावी चनौती न द पान क हमार कमजोर का भी एक भाव ह क आज इतन भीषण सकट क

बावजद जनता क ग स का कोई बडा वत फत व फोट नह दखाई दता ह यहा हम सार प म मजदरवग

पर प जीप तवग क नय ण क रणनी त क कछ पहलओ क चचा कर सकत ह

आमजन क वचा रक मानस म प जीप त वग व भ न मा यम स यह लगातार था पत करन क

को शश करता ह क प जीवाद का कोई वक प नह ह नजीकरण और बाजार करण क व तार क साथ

प जीवाद दायर स बाहर कसी अलग जीवन णाल क लय कोई जगह नह रह जाती जो इस वचार को

मजबती दता ह और दश-द नया म कोई वक प नजर न आन स इस उनक वचार मानस म प ता

बनान म मदद मलती ह जीवन क हर ज रत क लय प जीवाद पर पर तरह नभरता और उसस

बाहर नकलन का कोई रा ता न दखाई दन स प जीवाद को वीकार करना एक मजबर भी हो जाती ह

ऐसा ोपागडा बड पमान पर कया जाता ह क प जी क वकास स ह दश को और जनता का वकास हो

सकता ह प जी का वकास होगा तो रोजगार पदा होगा प जी का वकास होगा तो स वधाओ का वकास

होगा प जी का वकास नह होगा तो दश का और जनता का भी वकास क जाएगा और इस लय य द

कोई ऐसी बात करता ह जो प जी क वकास क खलाफ हो तो वह दश का और जनता का द मन ह

आ द आ द

प जीवाद काय थल मजदर को यह अहसास दलाता ह क मजदर और प जीप त दोन का अि त व जडा

हआ ह और मजदर क बहतर क लय प जीप त क बहतर ज र ह नय दौर का सारा प जीवाद

बधन शा और पदा ह ई बधन तकनीक का अमल इस वचार को मजबत बनाता ह रोजगार खोन

का डर भी एक तरह स प जीवाद को वीकार करन क मजबर बन जाती ह

ोपागडा यह नयी व व यव था का एक बह त मजबत और भावी ह थयार ह मी डया स लकर कल -

कालज व व व यालय और शोधस थान तक को भी इसका अग बना दया गया ह इसक ज रय झठ

को सच क तरह पश करना या स य क सफ एक पहल को ह दखाना इ तहास को वकत प म पश

करना म फलाना प जीवाद का म हमामडन करना जो प जीप त वग क हत क खलाफ ह उन वचार

और लोग को बदनाम करना ढ ग पाखड को साइस क तरह पश करना और पछडी चतना को बढावा

दना भडकाऊ झठ खबर बनाना और भडकाऊ कारवाइया करना आ द इनका सबका दायरा बह त व तत

ह यह माल को बचन क लय उनका फायदाबतान वाल झठ रसच स लकर समाजवाद और

समाजवा दय को बदनाम करन क लय झठ घटनाए पदा करन तक का काम करत ह मी डया पर बडी

प जी का पर तरह इजारा कामय हो जान क बाद जनता क पास कोई वकि पक सचनात ख म हो गया

ह और इसक वजह स प जीवाद ोपागडा और अ धक भावी हो गया ह इस हालात न मजदर वग क

सघष क भाव को भी काफ कम कर दया ह दश क कसी शहर म लाख लोग सडक पर आ दोलन

करत ह ल कन पास पडोस क इलाक क लोग को भी इस आ दोलन का पता नह चल पाता यहा तक

क द ल आकर हजार लोग दशन करत ह और द ल क लोग को भी पता नह चलता कह लाख

लोग सघष म जान द रह होत ह ल कन मी डया उ ह यह मानन को मजबर कर दता ह क व पागल ह

या आतकवाद ह और मजदार बात यह ह क लोग एक मनट क लय यह नह सोच पात क व लाख

लोग जो सघष म अपनी जान द रह ह उनक कोई बहद वािजब सम या भी हो सकती ह और यह क

मी डया सफद झठ बोल रहा ह

मजदर वग को वभािजत करन और भटकान क रणनी त प जी क म वरोधी ोपागडा क एक

मह वपण रणनी त ह मजदरवग क भीतर क अतर वरोध को तीखा करना और उ ह एक दसर क वरोधी

क प म तत करना उदाहरण क तौर पर जा त का सवाल धम का सवाल और लगभद का सवाल

और इसक साथ-साथ मजदर क व भ न स तर म अतर वरोध का सवाल उदाहरण क तौर पर

असग ठत ा क मजदर और सग ठत क मजदर कपनी मजदर और ठका मजदर थाई और

अ थाई मजदर ाइबट व पि लक स टर क मजदर आ द इसक बह त सार अ य मह वपण आयाम भी

ह ल कन बात इतन स प ट हो जाती ह इसक साथ ह मजदर आ दोलन म ऐसी रणनी तय को

ो सा हत करना जो सतह पर मजदर क हत म दखती ह ल कन व तत या तो मजदर वरोधी होती

ह या उस बस ऊठक-बठक करन म य त कर दती ह उदाहरण क तौर पर असग ठत मजदर क लय

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Some Reflections on Crisis of the Left in India Marxism 21 Forthcoming

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Page 17: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

हमशा अपनी उ पादन खला म मौजद कप नय पर अपन उ पाद क क मत कम करन क लय दबाव

बनात रहत ह और कप नया क मत कम करन तथा अपन लय भी अ धक स अ धक मनाफा स नि चत

करन क लय मजदर का शोषण अ धक स अ धक बढाती जाती ह

ग) प जी ख टा म त ख ला साड हो गयी ह नयी व व यव था म प जी क अवागमन पर कोई नय ण नह

ह यह उपरो त म वभाजन को प ता और स थागत प दती ह द नया म कह भी कसी भी तरह

क वषम प रि थ त आन पर या द नया क कसी अ य ह स म अ धक मनाफ क सभावना होन पर

यह कभी भी दसर दश म पलायन कर सकती ह यहा तक क दश क भीतर भी कसी एक ह स स

दसर ह स म भाग सकती ह इस मामल म भी दशी और वदशी प जी म कोई अ तर नह रहा और

यह दोन पर ह लाग होता ह प जी का इसस कोई लना दना नह रहा क इसस दश क अथ यव था

या मजदर क जीवन-मरण पर या असर पडता ह गौर करन क बात यह ह क वा त वक पलायन स

अ धक पलायन क धमक को एक ह थयार क प म इ तमाल कया जाता ह

C द नया क नयी स ता यव था

नयी व व यव था को सचा लत करन क लय नयी व व स थाए बनायी गयी ह जो व व सरकार जसा काम करती ह और उनका कानन दश क कानन स ऊपर हो गया ह उदाहरण क तौर पर व व यापार सघ वा त वक प म इन स थाओ को सा ा यवाद दश ह सचा लत ह इसका अग बनन क बाद दश क सरकार ऐसी कोई नी त या कानन नह बना सकती जो व व यापार सघ क नी त या कानन का उ लघन करता हो इन स थाओ क पास यह शि त भी ह क कोई दश य द उनक कानन का उ लघन कर तो उस द डत कया जा सक उदाहरण क तौर पर जन हत म यह ज र हो सकता ह क अपनी क ष और खास उ योग को सि सडी दकर और दश का बाजार उनक ि लय आर त करक उनक वकास को ग त द जाय या जनता को स ता माल उपल ध कराया जाय ल कन यह व व यापार सगठन क कानन का उ लघन हो सकता ह य क यह वदशी प जी क साथ भदभाव होगा इस ि थ त स लोकत क लय ह एक खतरा पदा होता दखाई द रहा ह य क य द चनी ह ई सरकार म यह शि त न रह जाय क व जनता क हत म कानन और नी तया बना सक तो सरकार चनन क अ धकार का भी कोई मतलब नह रह जाता मजदार बात यह ह क आइएलओ और सय त रा सघ क अ य व व स थाए जो मजदर क अ धकार और मानवा धकार क लय कानन बनाती ह उनको ऐसी शि त नह द गयी ह क मजदर क अ धकार या मानवा धकार क उ लघन पर व कसी दश को द डत कर सक सय त रा सघ म आजकल बह रा य कप नय क ग त वधय क लय कछ मानदड बनान क बात चल रह ह ल कन अ धक जोर और अ धक वीक त इसी पर दखाई द रह ह क इ ह

बा यकार कानन का दजा न दया जाय

अब हम यह दखन को शश कर क उपरो त प रि थ तय म मजदर वग और मजदर आ दोलन को कन

सम याओ का सामना करना पड रहा ह

i) प र मजदर वग को एक रजब आम म त द ल कर दना

प जी क आवागमन पर कोई नय ण नह ह उसक लय द नया वा तव म एक गाव बन चक ह ल कन

मजदरवग क आवागमन पर परा नय ण ह यह प रि थ त एक प म पर द नया क मजदरवग को एक रजब

आम यानी एक ऐसी आर त फौज म त द ल कर दता ह िजस प जी जब चाह इ तमाल कर जब चाह बरोजगार

छोड द हम पहल ह चचा कर चक ह क प जी जब चाह पलायन कर सकती ह कछ उ योग तो ऐस ह िजनम

चद दन या चद घट म ऐसा हो सकता ह जस कपडा उ योग इसम थाई प का कोई प जी नवश या

उ पादन का कोई ल बा का ट सामा यत होता ह नह इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म भारत जस

दश म जहा एक बडा बाजार ह उ ह अपना असब लग लाट लगाना पडता ह इस लय भागना इतना आसान

नह होगा ि फर भी बह त अ धक समय नह लगगा य हालात प जी क साथ शि त सतलन म मजदर वग को

कमजोर ि थ त म डाल दत ह रोजगार खोन का डर मजदर क लडाई को कमजोर करता ह दसर तरफ प जी

क पलायन क डर स सरकार मजदर क आ दोलन का बबरता स दमन करन पर आमादा हो जाती ह और

मजदर क हक क परवाह कय बना कप नय क हत क हफाजत करती ह

मजदरवग इस ि थ त को तभी बदल सकता ह जब प जी क इस तरह क आवागमन को रोक सक और यह सफ

तभी सभव ह जब अ) मजदर क दश यपी सघष क ज रय ऐस मकानन क लय सघष जो मजदर को थाई

ह सयत म रोजगार दन क बा यता पदा कर सक वदशी प जी क लय दश म उ पादन क लय ल ब समय क

का ट या समझौत क शत लाग कर सक और छटनी और तालाबद पर मजदर क मआबज क रा श म

बढो तर कर सक इसस प जी क लय बार-बार पलान क रणनी त महगी सा बत होगी ब) मजदर क

अतररा य एकता जो मजदर वरोधी पलायन क रणनी त पर चलन वाल प जी को द डत करन क लय उसक

बाजार को भा वत कर सक स) मजदर क अतररा य एकता जो इस तरह पलायन करक आन वाल प जी को

अपन दश म उस न आन द द) मजदरवग एक ऐसी सरकार लान म कामयाब हो जाय जो प जी क ऐस पलायन

को असभव बना द और य) अतररा य तर पर ऐसी नी तय क लय सघष जो मजदर क कसी भी दश म

आवागमन को खल छट द सक

ii) असग ठत मजदर क शोषण को स थागत प दना और समाज क समची ज रत क उ पादन त

को व व शोषण खला म समट लना

आज असग ठत (इनफामल स टर) क हालात पर बडा सयापा होता ह ल कन अगर हम गहराई म दख तो

यह सब उनक हालत सधारन क बजाय उनक शोषण को स थागत प दता दखाई दता ह इस तथाक थत

इनफामल स टर म तीन तरह क लोग आत ह अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोग छोट इकाइय

म लग अ थाई मजदर और फि य म लग तरह-तरह क अ थाई मजदर वरोजगार म लग लोग और

मजदर क सम याए ब कल अलग ह और अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोगो क सम याए भी

अलग-अलग ह और इनक सम याओ का समाधान भी अलग-अलग ह अगर वा तव म इ ह सकट स बाहर

नकालना हो तो अलग-अलग स टर म इनक वशष सम याओ क मता बक वशष नी तगत समाधान दना

होगा वा तव म यह बह त ज र भी ह य क अगर इनक सकट का समाधान हो जाय तो बराजगार क एक

तहाई सम या का समाधान हो सकता ह ल कन ऐसा करन क बजाय उन सबको मलाकर एक इनफामल

स टर बनान क पीछ एक ह बात हो सकती ह क उनक सकट का समाधान करन क कोइ मशा ह नह ह

उनक लय ऐसी सामािजक सर ा का ावधान कया जाता ह िजसस व कम स कम िज दा रह सक हाला क

यह सब भी पर तरह कागजी ह दखाई दता ह और यह नी तया कह लाग होती नह दखाई दती

दरअसल यह नयी व व यव था और नय म वभाजन क रणनी त का ह एक अग लगता ह

क) उ योग क व व यापी उ पादन या शोषण खला पर गौर कर तो यह खला छोट इकाइय और घर

म काम करन वाल मजदर तक जाती ह और अ त र त म य क एक अ छndashखास ह स का उ पादन

इन असग ठत मजदर वारा कया जाता ह यह सबस कम मजदर म काम करन वाल और सबस

असर त मजदर ह और उ पादन क नयी यव था म दशी- वदशी पजी क लय बह त बड मनाफ का

ोत ह

ख) नयी उ पादन यव था म प जी क सबस बडी ताकत और रणनी त ह उसका ख टा म त होना और कभी

भी पलायन करन क आजाद ल कन य द उ योग म सभी या अ धकाश मजदर थाई ह तो या यह

उतनी आसानी स सभव हो सकगा य द मजदर थायी ह ग तो उनक य नयन भी होगी और मजदर

क लडन क ताकत भी अ धक होगी और व प जी को इतनी आसानी स पलायन नह करन दग दसर

बात य द मजदर थायी ह ग तो प जी को पलायन काफ महगा भी पडगा य क थाई मजदर क हक

को चकता करन म काफ पसा लगाना पडगा और इस लय वह बार बार पलायन क रणनी त नह

इ तमाल कर सकती

ग) नयी उ पादन यव था म कई म उदाहरण क तौर पर कपडा उ योग म फि या आडर पर काम

करती ह और ाड कोई सालाना का ट भी नह करत आडर कभी कम होता ह कभी यादा और कभी

ब कल नह ऐस म अगर थायी मजदर ह ग तो उ ह बार-बार ल-आफ दना पडगा और फि या यह

क मत ाड स वसलगी ऐस म नयी उ पादन यव था म अ थायी मजदर उनक मनाफ का ोत ह

घ) असग ठत म सकट त मजदर क भार फौज एक रजब आम क तरह काम करती ह और

उ योग म मजदर क स लाई को माग स हमशा ऊपर बनाय रखती ह और इसक वजह स मजदर को

हमशा नीच क ओर धकलती रहती ह

ङ) नयी व व यव था क रणनी त यह दखाई दती ह क बडी प जी उन असग ठत को नगल जाय

जहा सीध मनाफा लटा जा सकता ह और अ य असग ठत त को स त म क लट क लय अपनी

उ पादन-शोषण खला म बाध लया जाय उदाहरण क तौर पर रटल यापार और व त स लकर

जलाप त तक क कई अ य सवा स वरोजगार व छोट इकाइय को ख म करक को व पर तरह

क जान म लगी ह ई ह और दसर तरफ स त म क लट क लय उ पादन क म खती व

उ योग म वरोजगार म लग मजदर व छोट इकाइय को अपनी उ पादन खला म समटन क

को शश कर रह ह यहा यह गौर करन क बात ह क आज सरकार क छोट उ योग को बढावा दन

क नी त को उदार करण स पहल वाल प रि थ तय क नगाह स नह दखा जा सकता ह आज यह

उन उ योग पर ल त ह जो दशी- वदशी पजी क उ पादन खला स जड ह ए ह और इस लय परो

प स यह दशी- वदशी बडी पजी क भी मदद ह

जमीनी तौर पर मजदर आ दोलन क सबस बडी रणनी तक सम या और सबस बडी चनौती शायद इसी सवाल

स जडी ह ई ह हर उ योग म भार अनपात म अ थायी मजदर क स या बढन क कारण फ तर पर

य नयन और साम हक सौदबाजी मि कल हो गयी ह यह कछ तर तक वह भावी हो पा रह ह जहा बडी

इकाइया ह और जहा एक खास अनपात म द मजदर को बनाय रखना ज र ह उदाहरण क तौर पर मोटर-

गाडी बनान क उ योग ल कन जहा ऐसी ज रत नह ह और इस लय जहा शायद ह कोई थायी मजदर रखा

जाता ह वहा तो य नयन और साम हक सौदबाजी असभव ह हो गयी ह उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा

उ योग छोट उ योग और वरोजगार म लग लोग को सग ठत करन का सवाल तो एक अलग ह चनौती ह

और इस दशा म तो कोई बडी पहल ह नह दखाई दती ह

मजदर आ दोलन क सम य सम याए और चनौ तया वा त वक ह ल कन ऐसा लगता ह क सकट सफ इन

सम याओ स पदा नह हआ ह सकट का मल व प वचा रक ह और इस सवाल स जडा हआ ह क मजदर

आ दोलन इन सम याओ का कोई भावी समाधान नह तत कर पा रहा ह हम इसक चचा अगल ह स म

करग

iii) म कानन म बदलाव

मकानन म क सरकार और रा य सरकार वारा जो बदलाव कय गय ह या ता वत ह उनस म कानन का ऐसा ढाचा उभरकर सामन आता ह जो मलत चार स तर म वभािजत ह और यह व वशोषण खला क अन प ह

9 स कम मजदर वाल इकाइया इनक लय कोई म कानन ता वत नह ह उ ट घरल उ योग म बाल म क शोषण क छट द द गयी यहा यह यान म रखना ज र ह क यह व वशोषण खला का सबस नचला और सबस असर त तर ह जहा मजदर क भार आबाद को बहद कम मजदर म और वा य क ि ट स खतरनाक ि थ तय म काम करना पडता ह

9-39 मजदर वाल इकाइया इ ह कारखाना कानन स बाहर कया जा रहा ह और एक नय कानन लघ कारखाना कानन म शा मल करन का ताव ह 9 स कम वाल स तर और 9-39 वाल स तर म ह उ पादन क अ य धक म सघन याओ का बडा ह सा सप न कया जाता ह और शोषण खला क अ त र त म य का अ छा-खासा ह सा यह पदा होता ह 9-40 वाल इकाइय म मजदर को बह त सार अ धकार स व चत कया जा रहा ह और नाम मा ह हक उ ह मलन ह

इ ह अब 9 क जगह 19 म कानन स सब धत द तावज बनान और म वभाग म उनक पालन सबधी रटन फाइल करन म छट द द गयी ह

इनम 14 कानन लाग नह ह ग िजनम औ यो गक ववाद अ ध नयम और कारखाना कानन भी शा मल ह उन कानन क सफ कछ ावधान को ता चत लघ उ योग कानन म शा मल कया गया ह

ठका मजदर ( नयमन और खा मा) कानन इनम लाग नह होगा राज थान क कानन म अब यह 50 या अ धक मजदर वाल इकाइय म ह लाग ह (मल म 20 या अ धक पर लाग)

नय मत मजदर क छटनी करन पर 1 माह का नो टस और िजतन साल काम कया ह हर साल क लय 15 दन का मआवजा दना होगा ल कन इसक नौबत ह नह आयगी य क यह ावधान एक साल नय मत स वस पर होन पर ह यह लाग होता ह और ऊपर उदधत कानन म

छट का फायदा उठाकर नयो ता कभी साल भर क स वस पर ह नह होन दग

ईएसआई और पीएफ कानन लाग नह होगा और यहा ईएसआई और पीएफ क जगह दो नयी ाइवट स टर क क म लाग होगी और इसम मजदर को दोन क लय वतन का 10-10 तशत

हर मह न दना होगा काय थल पर भौ तक और रासाय नक सर ा सबधी कोई ावधान नह सफ इतना ह क जहा

खतरनाक या हजाडस चीज का इ तमाल होता होगा वहा कारखाना कानन लाग होगा च का ावधान वह लाग होगा जहा 20 या अ धक म हलाए काम करती ह और उनम स कम

स कम एक का 6 साल स कम का छोटा ब चा हो इसस प ट ह क इस कानन को कोई मतलब नह रह गया

तीन माह म ओवरटाइम काम क घट क सीमा 50 स बढाकर 96 घट क जा रह ह

लघ उ योग कानन म हडताल या हडताल क अ धकार का कोई उ लख ह नह ह एक ऐसा ावधान ह क य द 10 या अ धक मजदर बना नो टस दय एक साथ गरहािजर ह ग तो नयो त

उनक वतन स 8 दन क मजदर काट सकता ह 40 स 299 तक क इकाइया

इनम बना सरकार स अनम त लय छटनी या तालाबद क जा सकती ह

इनम छटनी क लय मजदर को 1 माह का नो टस और मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स हाला क इसक नौबत आयगी ह नह य क यह एक साल क स वस पर होन पर ह लाग होता ह और आजकल उ योग म हालात ऐस ह क हर छह मह न म कागज पर मजदर क नयि त नयी बना दत ह सी मत अव ध का ट का कानन लाग होन क बाद तो नयो ता कसी क भी एक साल क नय मत स वस पर ह नह होन दगा इस अभी कपडा उ योग म लाग कया ह ल कन ज द ह अ य म भी लाग हो सकता ह ऐस हालात म कोई ईएल भी नह पा सकगा और यट दन क नौबत तो कभी आयगी ह नह

ईपीएफ पशन क जगह नयी पशन क म िजसम प रवार लाभ शा मल नह होगा यह शयरबाजार स जडी होगी-और ाइवट कप नय क मनाफा कमान का ज रया बन जाएगी

ईएसआई अ पताल क नजीकरण का ताव जो प र वा थ सवाओ क नजीकरण क योजना का ह एक अग ह

पीएफ को ट स क दायर म लाना पीएफ म शा मल होन को व क बनाना और नयो ता क ओर स पीएफ म जमा कय जान

वाल भाग को सरकार क ओर स दया जाना

नयो ता वारा दय जान वाल पीएफ क भाग को मजदर म शा मल मानना िजसस मजदर बढ ह ई दख और मजदर क असल हालत पर पदा पड जाय

हजाडस कारखान क ल ट को हटाना और सफ हजाडस क एक प रभाषा दना इसस कसी भी कारखान को हजाडस घो षत करवाना बह त मि कल होगा और या काफ ल बी हो जाएगी

म हलाओ को रा पाल म अनम त

तीन माह म ओवरटाइम काम क सीमा बढाकर 115 घट करना (अभी 50 ह)

ड य नयन बनान क लय ज र सद या स या 7 स बढाकर 10 या 100 करना

डय नयन म बाहर सद य पर रोक सफ असग ठत म 2 सद य बाहर क हो सकत ह ड य नयन क मा यता क लय कसी ावधान का ताव नह

हडताल क लय जो क ठन कानन आव यक सवाओ पर लाग था उस सभी पर लाग करन का ताव यानी काननी तौर पर हडताल लगभग असभव गरकाननी हडताल क लय मजदर पर

और तालाबद क लय कारखाना मा लक पर एक ह फाइन-50000 स एक लाख 50 या अ धक मजदर कजअल छटट लकर गरहािजर ह तो यह भी गरकाननी हडताल

ववाद को कोट क बाहर सलझा लन का ावधान और आव यक सवाओ म 2 साल तक हडताल पर तबध (गजरात)

बोनस रा श नधारण क जाच क लय डय नयन नयो ता स कारखान क बलस शीट अब नह माग सकगी

कारखान क इ प शन क लय लबर इ प टर को पहल उ चा धका रय स अनम त लनी होगी और इ प टर क भ मका अब कानन का उ लघन करन वाल पर कारवाई करन क बजाय उ ह कानन का पालन करन म मदद करन क होगी

100 या अ धक मजदर वाल इकाइया ट डग आडर का कानन अब 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय म लाग होगा यह अभी कई

रा य म 50 या अ धक पर लाग होता ह अ य ावधान वह जो 40 स 299 मजदर वाल इकाइय पर लाग 300 या अ धक मजदर वाल इकाइया छटनी या तालाबद क लय सरकार क अनम त ज र

मजदर को 3 माह का नो टस मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स

अ य ावधान वह जो 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय पर लाग मकानन म बदलाव क उपरो त दशा स दो बात प ट होती ह अ) यह कप नय क लय म लागत को

कम स कम करन मजदर को जब चाह काम पर रखन और नकालन क पर छट दन मजदर क हत क

अनदखी करन और मजदर क य नयन बनान और साम हक सौदबाजी करन क मता को ख म करन या कम

स कम करन क दशा म कि त ह और ब) उ योग म शोषण खला का जो ढाचा उभर रहा ह यह उसक

अन प ह एक तरफ छोट इकाइया ह जहा अ धकतम 50 मजदर तक काम करत ह और जहा अ धकाश म

सघन काम सप न होता ह और अ त र त म य का बडा ह सा पदा होता ह दसर तरफ बडी इकाइया ह जहा

100 स 300 तक मजदर काम करत ह और सबस ऊपर थोडी सी ऐसी इकाइया ह जहा 500 स अ धक मजदर

काम करत ह आकड क अनसार पछल 10-12 साल म 10 स 99 मजदर वाल इकाइय का अनपात काफ

घटा ह और दसर तरफ 10 स कम वाल इकाइय और 100-499 वाल इकाइय का अनपात बढ गया ह

दरअसल 10 स कम वाल अ धकाश इकाइया वा तव म 40-50 मजदर को काम पर लगाती ह ल कन कारखाना

कानन स बचन क लय 10 स कम मजदर ह दखाती ह इ ह क सम या को हल करन क लय लघ उ योग

कानन लाया जा रहा ह सार प म इन ता वत कानन स शोषण खला का ढाचा इस प म उभरता दखाई

दता ह अ) घर म काम करन वाल मजदर और 10 स कम वाल इकाइया ब) 10-39 वाल इकाइया स) 40-

299 वाल इकाइया और द) 300 या अ धक वाल इकाइया

iv) प जी का मजदर और जनता पर सवतोमखी नय ण

कोई वग कसी दसर वग पर अपनी स ता सफ दमनत क ताकत क ज रय लब समय तक कायम नह रख

सकता ह शासक वग को शा षत जन म अपनी स ता क कसी न कसी प म एक तर क वीकायता

बनानी पडती ह और अगर वह ऐसा करन म कामयाब नह होता तो उसक स ता भी अ धक समय तक कायम

नह रह सकती ह प जीवाद समाज क लय यह और भी अ धक सच ह पजीप त वग मजदर और आमजन क

वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण कायम करन क को शश करता ह और य द मजदर वग

उस इस पहल पर कोई भावी चनौती नह द पाता ह तो मजदर वग पजी क खलाफ कोई भी भावी सघष

खडा कर पान म सफल नह हो सकता ह प जीवाद समाज म यह वग सघष का एक ब नयाद और मह वपण

पहल ह नयी व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह ल कन

मजदर आ दोलन इस पहल को अ सर नजरदाज करता रहा ह और उस वग सघष क एक ब नयाद पहल क प

म मह व नह द सका ह शायद यह आम जनता क वचार और जीवन पर प जीप त वग क बढत नय ण और

उसको कोई भावी चनौती न द पान क हमार कमजोर का भी एक भाव ह क आज इतन भीषण सकट क

बावजद जनता क ग स का कोई बडा वत फत व फोट नह दखाई दता ह यहा हम सार प म मजदरवग

पर प जीप तवग क नय ण क रणनी त क कछ पहलओ क चचा कर सकत ह

आमजन क वचा रक मानस म प जीप त वग व भ न मा यम स यह लगातार था पत करन क

को शश करता ह क प जीवाद का कोई वक प नह ह नजीकरण और बाजार करण क व तार क साथ

प जीवाद दायर स बाहर कसी अलग जीवन णाल क लय कोई जगह नह रह जाती जो इस वचार को

मजबती दता ह और दश-द नया म कोई वक प नजर न आन स इस उनक वचार मानस म प ता

बनान म मदद मलती ह जीवन क हर ज रत क लय प जीवाद पर पर तरह नभरता और उसस

बाहर नकलन का कोई रा ता न दखाई दन स प जीवाद को वीकार करना एक मजबर भी हो जाती ह

ऐसा ोपागडा बड पमान पर कया जाता ह क प जी क वकास स ह दश को और जनता का वकास हो

सकता ह प जी का वकास होगा तो रोजगार पदा होगा प जी का वकास होगा तो स वधाओ का वकास

होगा प जी का वकास नह होगा तो दश का और जनता का भी वकास क जाएगा और इस लय य द

कोई ऐसी बात करता ह जो प जी क वकास क खलाफ हो तो वह दश का और जनता का द मन ह

आ द आ द

प जीवाद काय थल मजदर को यह अहसास दलाता ह क मजदर और प जीप त दोन का अि त व जडा

हआ ह और मजदर क बहतर क लय प जीप त क बहतर ज र ह नय दौर का सारा प जीवाद

बधन शा और पदा ह ई बधन तकनीक का अमल इस वचार को मजबत बनाता ह रोजगार खोन

का डर भी एक तरह स प जीवाद को वीकार करन क मजबर बन जाती ह

ोपागडा यह नयी व व यव था का एक बह त मजबत और भावी ह थयार ह मी डया स लकर कल -

कालज व व व यालय और शोधस थान तक को भी इसका अग बना दया गया ह इसक ज रय झठ

को सच क तरह पश करना या स य क सफ एक पहल को ह दखाना इ तहास को वकत प म पश

करना म फलाना प जीवाद का म हमामडन करना जो प जीप त वग क हत क खलाफ ह उन वचार

और लोग को बदनाम करना ढ ग पाखड को साइस क तरह पश करना और पछडी चतना को बढावा

दना भडकाऊ झठ खबर बनाना और भडकाऊ कारवाइया करना आ द इनका सबका दायरा बह त व तत

ह यह माल को बचन क लय उनका फायदाबतान वाल झठ रसच स लकर समाजवाद और

समाजवा दय को बदनाम करन क लय झठ घटनाए पदा करन तक का काम करत ह मी डया पर बडी

प जी का पर तरह इजारा कामय हो जान क बाद जनता क पास कोई वकि पक सचनात ख म हो गया

ह और इसक वजह स प जीवाद ोपागडा और अ धक भावी हो गया ह इस हालात न मजदर वग क

सघष क भाव को भी काफ कम कर दया ह दश क कसी शहर म लाख लोग सडक पर आ दोलन

करत ह ल कन पास पडोस क इलाक क लोग को भी इस आ दोलन का पता नह चल पाता यहा तक

क द ल आकर हजार लोग दशन करत ह और द ल क लोग को भी पता नह चलता कह लाख

लोग सघष म जान द रह होत ह ल कन मी डया उ ह यह मानन को मजबर कर दता ह क व पागल ह

या आतकवाद ह और मजदार बात यह ह क लोग एक मनट क लय यह नह सोच पात क व लाख

लोग जो सघष म अपनी जान द रह ह उनक कोई बहद वािजब सम या भी हो सकती ह और यह क

मी डया सफद झठ बोल रहा ह

मजदर वग को वभािजत करन और भटकान क रणनी त प जी क म वरोधी ोपागडा क एक

मह वपण रणनी त ह मजदरवग क भीतर क अतर वरोध को तीखा करना और उ ह एक दसर क वरोधी

क प म तत करना उदाहरण क तौर पर जा त का सवाल धम का सवाल और लगभद का सवाल

और इसक साथ-साथ मजदर क व भ न स तर म अतर वरोध का सवाल उदाहरण क तौर पर

असग ठत ा क मजदर और सग ठत क मजदर कपनी मजदर और ठका मजदर थाई और

अ थाई मजदर ाइबट व पि लक स टर क मजदर आ द इसक बह त सार अ य मह वपण आयाम भी

ह ल कन बात इतन स प ट हो जाती ह इसक साथ ह मजदर आ दोलन म ऐसी रणनी तय को

ो सा हत करना जो सतह पर मजदर क हत म दखती ह ल कन व तत या तो मजदर वरोधी होती

ह या उस बस ऊठक-बठक करन म य त कर दती ह उदाहरण क तौर पर असग ठत मजदर क लय

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

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Page 18: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

अब हम यह दखन को शश कर क उपरो त प रि थ तय म मजदर वग और मजदर आ दोलन को कन

सम याओ का सामना करना पड रहा ह

i) प र मजदर वग को एक रजब आम म त द ल कर दना

प जी क आवागमन पर कोई नय ण नह ह उसक लय द नया वा तव म एक गाव बन चक ह ल कन

मजदरवग क आवागमन पर परा नय ण ह यह प रि थ त एक प म पर द नया क मजदरवग को एक रजब

आम यानी एक ऐसी आर त फौज म त द ल कर दता ह िजस प जी जब चाह इ तमाल कर जब चाह बरोजगार

छोड द हम पहल ह चचा कर चक ह क प जी जब चाह पलायन कर सकती ह कछ उ योग तो ऐस ह िजनम

चद दन या चद घट म ऐसा हो सकता ह जस कपडा उ योग इसम थाई प का कोई प जी नवश या

उ पादन का कोई ल बा का ट सामा यत होता ह नह इल ा न स और आटोमोबाइल उ योग म भारत जस

दश म जहा एक बडा बाजार ह उ ह अपना असब लग लाट लगाना पडता ह इस लय भागना इतना आसान

नह होगा ि फर भी बह त अ धक समय नह लगगा य हालात प जी क साथ शि त सतलन म मजदर वग को

कमजोर ि थ त म डाल दत ह रोजगार खोन का डर मजदर क लडाई को कमजोर करता ह दसर तरफ प जी

क पलायन क डर स सरकार मजदर क आ दोलन का बबरता स दमन करन पर आमादा हो जाती ह और

मजदर क हक क परवाह कय बना कप नय क हत क हफाजत करती ह

मजदरवग इस ि थ त को तभी बदल सकता ह जब प जी क इस तरह क आवागमन को रोक सक और यह सफ

तभी सभव ह जब अ) मजदर क दश यपी सघष क ज रय ऐस मकानन क लय सघष जो मजदर को थाई

ह सयत म रोजगार दन क बा यता पदा कर सक वदशी प जी क लय दश म उ पादन क लय ल ब समय क

का ट या समझौत क शत लाग कर सक और छटनी और तालाबद पर मजदर क मआबज क रा श म

बढो तर कर सक इसस प जी क लय बार-बार पलान क रणनी त महगी सा बत होगी ब) मजदर क

अतररा य एकता जो मजदर वरोधी पलायन क रणनी त पर चलन वाल प जी को द डत करन क लय उसक

बाजार को भा वत कर सक स) मजदर क अतररा य एकता जो इस तरह पलायन करक आन वाल प जी को

अपन दश म उस न आन द द) मजदरवग एक ऐसी सरकार लान म कामयाब हो जाय जो प जी क ऐस पलायन

को असभव बना द और य) अतररा य तर पर ऐसी नी तय क लय सघष जो मजदर क कसी भी दश म

आवागमन को खल छट द सक

ii) असग ठत मजदर क शोषण को स थागत प दना और समाज क समची ज रत क उ पादन त

को व व शोषण खला म समट लना

आज असग ठत (इनफामल स टर) क हालात पर बडा सयापा होता ह ल कन अगर हम गहराई म दख तो

यह सब उनक हालत सधारन क बजाय उनक शोषण को स थागत प दता दखाई दता ह इस तथाक थत

इनफामल स टर म तीन तरह क लोग आत ह अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोग छोट इकाइय

म लग अ थाई मजदर और फि य म लग तरह-तरह क अ थाई मजदर वरोजगार म लग लोग और

मजदर क सम याए ब कल अलग ह और अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोगो क सम याए भी

अलग-अलग ह और इनक सम याओ का समाधान भी अलग-अलग ह अगर वा तव म इ ह सकट स बाहर

नकालना हो तो अलग-अलग स टर म इनक वशष सम याओ क मता बक वशष नी तगत समाधान दना

होगा वा तव म यह बह त ज र भी ह य क अगर इनक सकट का समाधान हो जाय तो बराजगार क एक

तहाई सम या का समाधान हो सकता ह ल कन ऐसा करन क बजाय उन सबको मलाकर एक इनफामल

स टर बनान क पीछ एक ह बात हो सकती ह क उनक सकट का समाधान करन क कोइ मशा ह नह ह

उनक लय ऐसी सामािजक सर ा का ावधान कया जाता ह िजसस व कम स कम िज दा रह सक हाला क

यह सब भी पर तरह कागजी ह दखाई दता ह और यह नी तया कह लाग होती नह दखाई दती

दरअसल यह नयी व व यव था और नय म वभाजन क रणनी त का ह एक अग लगता ह

क) उ योग क व व यापी उ पादन या शोषण खला पर गौर कर तो यह खला छोट इकाइय और घर

म काम करन वाल मजदर तक जाती ह और अ त र त म य क एक अ छndashखास ह स का उ पादन

इन असग ठत मजदर वारा कया जाता ह यह सबस कम मजदर म काम करन वाल और सबस

असर त मजदर ह और उ पादन क नयी यव था म दशी- वदशी पजी क लय बह त बड मनाफ का

ोत ह

ख) नयी उ पादन यव था म प जी क सबस बडी ताकत और रणनी त ह उसका ख टा म त होना और कभी

भी पलायन करन क आजाद ल कन य द उ योग म सभी या अ धकाश मजदर थाई ह तो या यह

उतनी आसानी स सभव हो सकगा य द मजदर थायी ह ग तो उनक य नयन भी होगी और मजदर

क लडन क ताकत भी अ धक होगी और व प जी को इतनी आसानी स पलायन नह करन दग दसर

बात य द मजदर थायी ह ग तो प जी को पलायन काफ महगा भी पडगा य क थाई मजदर क हक

को चकता करन म काफ पसा लगाना पडगा और इस लय वह बार बार पलायन क रणनी त नह

इ तमाल कर सकती

ग) नयी उ पादन यव था म कई म उदाहरण क तौर पर कपडा उ योग म फि या आडर पर काम

करती ह और ाड कोई सालाना का ट भी नह करत आडर कभी कम होता ह कभी यादा और कभी

ब कल नह ऐस म अगर थायी मजदर ह ग तो उ ह बार-बार ल-आफ दना पडगा और फि या यह

क मत ाड स वसलगी ऐस म नयी उ पादन यव था म अ थायी मजदर उनक मनाफ का ोत ह

घ) असग ठत म सकट त मजदर क भार फौज एक रजब आम क तरह काम करती ह और

उ योग म मजदर क स लाई को माग स हमशा ऊपर बनाय रखती ह और इसक वजह स मजदर को

हमशा नीच क ओर धकलती रहती ह

ङ) नयी व व यव था क रणनी त यह दखाई दती ह क बडी प जी उन असग ठत को नगल जाय

जहा सीध मनाफा लटा जा सकता ह और अ य असग ठत त को स त म क लट क लय अपनी

उ पादन-शोषण खला म बाध लया जाय उदाहरण क तौर पर रटल यापार और व त स लकर

जलाप त तक क कई अ य सवा स वरोजगार व छोट इकाइय को ख म करक को व पर तरह

क जान म लगी ह ई ह और दसर तरफ स त म क लट क लय उ पादन क म खती व

उ योग म वरोजगार म लग मजदर व छोट इकाइय को अपनी उ पादन खला म समटन क

को शश कर रह ह यहा यह गौर करन क बात ह क आज सरकार क छोट उ योग को बढावा दन

क नी त को उदार करण स पहल वाल प रि थ तय क नगाह स नह दखा जा सकता ह आज यह

उन उ योग पर ल त ह जो दशी- वदशी पजी क उ पादन खला स जड ह ए ह और इस लय परो

प स यह दशी- वदशी बडी पजी क भी मदद ह

जमीनी तौर पर मजदर आ दोलन क सबस बडी रणनी तक सम या और सबस बडी चनौती शायद इसी सवाल

स जडी ह ई ह हर उ योग म भार अनपात म अ थायी मजदर क स या बढन क कारण फ तर पर

य नयन और साम हक सौदबाजी मि कल हो गयी ह यह कछ तर तक वह भावी हो पा रह ह जहा बडी

इकाइया ह और जहा एक खास अनपात म द मजदर को बनाय रखना ज र ह उदाहरण क तौर पर मोटर-

गाडी बनान क उ योग ल कन जहा ऐसी ज रत नह ह और इस लय जहा शायद ह कोई थायी मजदर रखा

जाता ह वहा तो य नयन और साम हक सौदबाजी असभव ह हो गयी ह उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा

उ योग छोट उ योग और वरोजगार म लग लोग को सग ठत करन का सवाल तो एक अलग ह चनौती ह

और इस दशा म तो कोई बडी पहल ह नह दखाई दती ह

मजदर आ दोलन क सम य सम याए और चनौ तया वा त वक ह ल कन ऐसा लगता ह क सकट सफ इन

सम याओ स पदा नह हआ ह सकट का मल व प वचा रक ह और इस सवाल स जडा हआ ह क मजदर

आ दोलन इन सम याओ का कोई भावी समाधान नह तत कर पा रहा ह हम इसक चचा अगल ह स म

करग

iii) म कानन म बदलाव

मकानन म क सरकार और रा य सरकार वारा जो बदलाव कय गय ह या ता वत ह उनस म कानन का ऐसा ढाचा उभरकर सामन आता ह जो मलत चार स तर म वभािजत ह और यह व वशोषण खला क अन प ह

9 स कम मजदर वाल इकाइया इनक लय कोई म कानन ता वत नह ह उ ट घरल उ योग म बाल म क शोषण क छट द द गयी यहा यह यान म रखना ज र ह क यह व वशोषण खला का सबस नचला और सबस असर त तर ह जहा मजदर क भार आबाद को बहद कम मजदर म और वा य क ि ट स खतरनाक ि थ तय म काम करना पडता ह

9-39 मजदर वाल इकाइया इ ह कारखाना कानन स बाहर कया जा रहा ह और एक नय कानन लघ कारखाना कानन म शा मल करन का ताव ह 9 स कम वाल स तर और 9-39 वाल स तर म ह उ पादन क अ य धक म सघन याओ का बडा ह सा सप न कया जाता ह और शोषण खला क अ त र त म य का अ छा-खासा ह सा यह पदा होता ह 9-40 वाल इकाइय म मजदर को बह त सार अ धकार स व चत कया जा रहा ह और नाम मा ह हक उ ह मलन ह

इ ह अब 9 क जगह 19 म कानन स सब धत द तावज बनान और म वभाग म उनक पालन सबधी रटन फाइल करन म छट द द गयी ह

इनम 14 कानन लाग नह ह ग िजनम औ यो गक ववाद अ ध नयम और कारखाना कानन भी शा मल ह उन कानन क सफ कछ ावधान को ता चत लघ उ योग कानन म शा मल कया गया ह

ठका मजदर ( नयमन और खा मा) कानन इनम लाग नह होगा राज थान क कानन म अब यह 50 या अ धक मजदर वाल इकाइय म ह लाग ह (मल म 20 या अ धक पर लाग)

नय मत मजदर क छटनी करन पर 1 माह का नो टस और िजतन साल काम कया ह हर साल क लय 15 दन का मआवजा दना होगा ल कन इसक नौबत ह नह आयगी य क यह ावधान एक साल नय मत स वस पर होन पर ह यह लाग होता ह और ऊपर उदधत कानन म

छट का फायदा उठाकर नयो ता कभी साल भर क स वस पर ह नह होन दग

ईएसआई और पीएफ कानन लाग नह होगा और यहा ईएसआई और पीएफ क जगह दो नयी ाइवट स टर क क म लाग होगी और इसम मजदर को दोन क लय वतन का 10-10 तशत

हर मह न दना होगा काय थल पर भौ तक और रासाय नक सर ा सबधी कोई ावधान नह सफ इतना ह क जहा

खतरनाक या हजाडस चीज का इ तमाल होता होगा वहा कारखाना कानन लाग होगा च का ावधान वह लाग होगा जहा 20 या अ धक म हलाए काम करती ह और उनम स कम

स कम एक का 6 साल स कम का छोटा ब चा हो इसस प ट ह क इस कानन को कोई मतलब नह रह गया

तीन माह म ओवरटाइम काम क घट क सीमा 50 स बढाकर 96 घट क जा रह ह

लघ उ योग कानन म हडताल या हडताल क अ धकार का कोई उ लख ह नह ह एक ऐसा ावधान ह क य द 10 या अ धक मजदर बना नो टस दय एक साथ गरहािजर ह ग तो नयो त

उनक वतन स 8 दन क मजदर काट सकता ह 40 स 299 तक क इकाइया

इनम बना सरकार स अनम त लय छटनी या तालाबद क जा सकती ह

इनम छटनी क लय मजदर को 1 माह का नो टस और मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स हाला क इसक नौबत आयगी ह नह य क यह एक साल क स वस पर होन पर ह लाग होता ह और आजकल उ योग म हालात ऐस ह क हर छह मह न म कागज पर मजदर क नयि त नयी बना दत ह सी मत अव ध का ट का कानन लाग होन क बाद तो नयो ता कसी क भी एक साल क नय मत स वस पर ह नह होन दगा इस अभी कपडा उ योग म लाग कया ह ल कन ज द ह अ य म भी लाग हो सकता ह ऐस हालात म कोई ईएल भी नह पा सकगा और यट दन क नौबत तो कभी आयगी ह नह

ईपीएफ पशन क जगह नयी पशन क म िजसम प रवार लाभ शा मल नह होगा यह शयरबाजार स जडी होगी-और ाइवट कप नय क मनाफा कमान का ज रया बन जाएगी

ईएसआई अ पताल क नजीकरण का ताव जो प र वा थ सवाओ क नजीकरण क योजना का ह एक अग ह

पीएफ को ट स क दायर म लाना पीएफ म शा मल होन को व क बनाना और नयो ता क ओर स पीएफ म जमा कय जान

वाल भाग को सरकार क ओर स दया जाना

नयो ता वारा दय जान वाल पीएफ क भाग को मजदर म शा मल मानना िजसस मजदर बढ ह ई दख और मजदर क असल हालत पर पदा पड जाय

हजाडस कारखान क ल ट को हटाना और सफ हजाडस क एक प रभाषा दना इसस कसी भी कारखान को हजाडस घो षत करवाना बह त मि कल होगा और या काफ ल बी हो जाएगी

म हलाओ को रा पाल म अनम त

तीन माह म ओवरटाइम काम क सीमा बढाकर 115 घट करना (अभी 50 ह)

ड य नयन बनान क लय ज र सद या स या 7 स बढाकर 10 या 100 करना

डय नयन म बाहर सद य पर रोक सफ असग ठत म 2 सद य बाहर क हो सकत ह ड य नयन क मा यता क लय कसी ावधान का ताव नह

हडताल क लय जो क ठन कानन आव यक सवाओ पर लाग था उस सभी पर लाग करन का ताव यानी काननी तौर पर हडताल लगभग असभव गरकाननी हडताल क लय मजदर पर

और तालाबद क लय कारखाना मा लक पर एक ह फाइन-50000 स एक लाख 50 या अ धक मजदर कजअल छटट लकर गरहािजर ह तो यह भी गरकाननी हडताल

ववाद को कोट क बाहर सलझा लन का ावधान और आव यक सवाओ म 2 साल तक हडताल पर तबध (गजरात)

बोनस रा श नधारण क जाच क लय डय नयन नयो ता स कारखान क बलस शीट अब नह माग सकगी

कारखान क इ प शन क लय लबर इ प टर को पहल उ चा धका रय स अनम त लनी होगी और इ प टर क भ मका अब कानन का उ लघन करन वाल पर कारवाई करन क बजाय उ ह कानन का पालन करन म मदद करन क होगी

100 या अ धक मजदर वाल इकाइया ट डग आडर का कानन अब 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय म लाग होगा यह अभी कई

रा य म 50 या अ धक पर लाग होता ह अ य ावधान वह जो 40 स 299 मजदर वाल इकाइय पर लाग 300 या अ धक मजदर वाल इकाइया छटनी या तालाबद क लय सरकार क अनम त ज र

मजदर को 3 माह का नो टस मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स

अ य ावधान वह जो 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय पर लाग मकानन म बदलाव क उपरो त दशा स दो बात प ट होती ह अ) यह कप नय क लय म लागत को

कम स कम करन मजदर को जब चाह काम पर रखन और नकालन क पर छट दन मजदर क हत क

अनदखी करन और मजदर क य नयन बनान और साम हक सौदबाजी करन क मता को ख म करन या कम

स कम करन क दशा म कि त ह और ब) उ योग म शोषण खला का जो ढाचा उभर रहा ह यह उसक

अन प ह एक तरफ छोट इकाइया ह जहा अ धकतम 50 मजदर तक काम करत ह और जहा अ धकाश म

सघन काम सप न होता ह और अ त र त म य का बडा ह सा पदा होता ह दसर तरफ बडी इकाइया ह जहा

100 स 300 तक मजदर काम करत ह और सबस ऊपर थोडी सी ऐसी इकाइया ह जहा 500 स अ धक मजदर

काम करत ह आकड क अनसार पछल 10-12 साल म 10 स 99 मजदर वाल इकाइय का अनपात काफ

घटा ह और दसर तरफ 10 स कम वाल इकाइय और 100-499 वाल इकाइय का अनपात बढ गया ह

दरअसल 10 स कम वाल अ धकाश इकाइया वा तव म 40-50 मजदर को काम पर लगाती ह ल कन कारखाना

कानन स बचन क लय 10 स कम मजदर ह दखाती ह इ ह क सम या को हल करन क लय लघ उ योग

कानन लाया जा रहा ह सार प म इन ता वत कानन स शोषण खला का ढाचा इस प म उभरता दखाई

दता ह अ) घर म काम करन वाल मजदर और 10 स कम वाल इकाइया ब) 10-39 वाल इकाइया स) 40-

299 वाल इकाइया और द) 300 या अ धक वाल इकाइया

iv) प जी का मजदर और जनता पर सवतोमखी नय ण

कोई वग कसी दसर वग पर अपनी स ता सफ दमनत क ताकत क ज रय लब समय तक कायम नह रख

सकता ह शासक वग को शा षत जन म अपनी स ता क कसी न कसी प म एक तर क वीकायता

बनानी पडती ह और अगर वह ऐसा करन म कामयाब नह होता तो उसक स ता भी अ धक समय तक कायम

नह रह सकती ह प जीवाद समाज क लय यह और भी अ धक सच ह पजीप त वग मजदर और आमजन क

वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण कायम करन क को शश करता ह और य द मजदर वग

उस इस पहल पर कोई भावी चनौती नह द पाता ह तो मजदर वग पजी क खलाफ कोई भी भावी सघष

खडा कर पान म सफल नह हो सकता ह प जीवाद समाज म यह वग सघष का एक ब नयाद और मह वपण

पहल ह नयी व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह ल कन

मजदर आ दोलन इस पहल को अ सर नजरदाज करता रहा ह और उस वग सघष क एक ब नयाद पहल क प

म मह व नह द सका ह शायद यह आम जनता क वचार और जीवन पर प जीप त वग क बढत नय ण और

उसको कोई भावी चनौती न द पान क हमार कमजोर का भी एक भाव ह क आज इतन भीषण सकट क

बावजद जनता क ग स का कोई बडा वत फत व फोट नह दखाई दता ह यहा हम सार प म मजदरवग

पर प जीप तवग क नय ण क रणनी त क कछ पहलओ क चचा कर सकत ह

आमजन क वचा रक मानस म प जीप त वग व भ न मा यम स यह लगातार था पत करन क

को शश करता ह क प जीवाद का कोई वक प नह ह नजीकरण और बाजार करण क व तार क साथ

प जीवाद दायर स बाहर कसी अलग जीवन णाल क लय कोई जगह नह रह जाती जो इस वचार को

मजबती दता ह और दश-द नया म कोई वक प नजर न आन स इस उनक वचार मानस म प ता

बनान म मदद मलती ह जीवन क हर ज रत क लय प जीवाद पर पर तरह नभरता और उसस

बाहर नकलन का कोई रा ता न दखाई दन स प जीवाद को वीकार करना एक मजबर भी हो जाती ह

ऐसा ोपागडा बड पमान पर कया जाता ह क प जी क वकास स ह दश को और जनता का वकास हो

सकता ह प जी का वकास होगा तो रोजगार पदा होगा प जी का वकास होगा तो स वधाओ का वकास

होगा प जी का वकास नह होगा तो दश का और जनता का भी वकास क जाएगा और इस लय य द

कोई ऐसी बात करता ह जो प जी क वकास क खलाफ हो तो वह दश का और जनता का द मन ह

आ द आ द

प जीवाद काय थल मजदर को यह अहसास दलाता ह क मजदर और प जीप त दोन का अि त व जडा

हआ ह और मजदर क बहतर क लय प जीप त क बहतर ज र ह नय दौर का सारा प जीवाद

बधन शा और पदा ह ई बधन तकनीक का अमल इस वचार को मजबत बनाता ह रोजगार खोन

का डर भी एक तरह स प जीवाद को वीकार करन क मजबर बन जाती ह

ोपागडा यह नयी व व यव था का एक बह त मजबत और भावी ह थयार ह मी डया स लकर कल -

कालज व व व यालय और शोधस थान तक को भी इसका अग बना दया गया ह इसक ज रय झठ

को सच क तरह पश करना या स य क सफ एक पहल को ह दखाना इ तहास को वकत प म पश

करना म फलाना प जीवाद का म हमामडन करना जो प जीप त वग क हत क खलाफ ह उन वचार

और लोग को बदनाम करना ढ ग पाखड को साइस क तरह पश करना और पछडी चतना को बढावा

दना भडकाऊ झठ खबर बनाना और भडकाऊ कारवाइया करना आ द इनका सबका दायरा बह त व तत

ह यह माल को बचन क लय उनका फायदाबतान वाल झठ रसच स लकर समाजवाद और

समाजवा दय को बदनाम करन क लय झठ घटनाए पदा करन तक का काम करत ह मी डया पर बडी

प जी का पर तरह इजारा कामय हो जान क बाद जनता क पास कोई वकि पक सचनात ख म हो गया

ह और इसक वजह स प जीवाद ोपागडा और अ धक भावी हो गया ह इस हालात न मजदर वग क

सघष क भाव को भी काफ कम कर दया ह दश क कसी शहर म लाख लोग सडक पर आ दोलन

करत ह ल कन पास पडोस क इलाक क लोग को भी इस आ दोलन का पता नह चल पाता यहा तक

क द ल आकर हजार लोग दशन करत ह और द ल क लोग को भी पता नह चलता कह लाख

लोग सघष म जान द रह होत ह ल कन मी डया उ ह यह मानन को मजबर कर दता ह क व पागल ह

या आतकवाद ह और मजदार बात यह ह क लोग एक मनट क लय यह नह सोच पात क व लाख

लोग जो सघष म अपनी जान द रह ह उनक कोई बहद वािजब सम या भी हो सकती ह और यह क

मी डया सफद झठ बोल रहा ह

मजदर वग को वभािजत करन और भटकान क रणनी त प जी क म वरोधी ोपागडा क एक

मह वपण रणनी त ह मजदरवग क भीतर क अतर वरोध को तीखा करना और उ ह एक दसर क वरोधी

क प म तत करना उदाहरण क तौर पर जा त का सवाल धम का सवाल और लगभद का सवाल

और इसक साथ-साथ मजदर क व भ न स तर म अतर वरोध का सवाल उदाहरण क तौर पर

असग ठत ा क मजदर और सग ठत क मजदर कपनी मजदर और ठका मजदर थाई और

अ थाई मजदर ाइबट व पि लक स टर क मजदर आ द इसक बह त सार अ य मह वपण आयाम भी

ह ल कन बात इतन स प ट हो जाती ह इसक साथ ह मजदर आ दोलन म ऐसी रणनी तय को

ो सा हत करना जो सतह पर मजदर क हत म दखती ह ल कन व तत या तो मजदर वरोधी होती

ह या उस बस ऊठक-बठक करन म य त कर दती ह उदाहरण क तौर पर असग ठत मजदर क लय

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

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Page 19: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

इनफामल स टर म तीन तरह क लोग आत ह अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोग छोट इकाइय

म लग अ थाई मजदर और फि य म लग तरह-तरह क अ थाई मजदर वरोजगार म लग लोग और

मजदर क सम याए ब कल अलग ह और अलग-अलग स टर म वरोजगार म लग लोगो क सम याए भी

अलग-अलग ह और इनक सम याओ का समाधान भी अलग-अलग ह अगर वा तव म इ ह सकट स बाहर

नकालना हो तो अलग-अलग स टर म इनक वशष सम याओ क मता बक वशष नी तगत समाधान दना

होगा वा तव म यह बह त ज र भी ह य क अगर इनक सकट का समाधान हो जाय तो बराजगार क एक

तहाई सम या का समाधान हो सकता ह ल कन ऐसा करन क बजाय उन सबको मलाकर एक इनफामल

स टर बनान क पीछ एक ह बात हो सकती ह क उनक सकट का समाधान करन क कोइ मशा ह नह ह

उनक लय ऐसी सामािजक सर ा का ावधान कया जाता ह िजसस व कम स कम िज दा रह सक हाला क

यह सब भी पर तरह कागजी ह दखाई दता ह और यह नी तया कह लाग होती नह दखाई दती

दरअसल यह नयी व व यव था और नय म वभाजन क रणनी त का ह एक अग लगता ह

क) उ योग क व व यापी उ पादन या शोषण खला पर गौर कर तो यह खला छोट इकाइय और घर

म काम करन वाल मजदर तक जाती ह और अ त र त म य क एक अ छndashखास ह स का उ पादन

इन असग ठत मजदर वारा कया जाता ह यह सबस कम मजदर म काम करन वाल और सबस

असर त मजदर ह और उ पादन क नयी यव था म दशी- वदशी पजी क लय बह त बड मनाफ का

ोत ह

ख) नयी उ पादन यव था म प जी क सबस बडी ताकत और रणनी त ह उसका ख टा म त होना और कभी

भी पलायन करन क आजाद ल कन य द उ योग म सभी या अ धकाश मजदर थाई ह तो या यह

उतनी आसानी स सभव हो सकगा य द मजदर थायी ह ग तो उनक य नयन भी होगी और मजदर

क लडन क ताकत भी अ धक होगी और व प जी को इतनी आसानी स पलायन नह करन दग दसर

बात य द मजदर थायी ह ग तो प जी को पलायन काफ महगा भी पडगा य क थाई मजदर क हक

को चकता करन म काफ पसा लगाना पडगा और इस लय वह बार बार पलायन क रणनी त नह

इ तमाल कर सकती

ग) नयी उ पादन यव था म कई म उदाहरण क तौर पर कपडा उ योग म फि या आडर पर काम

करती ह और ाड कोई सालाना का ट भी नह करत आडर कभी कम होता ह कभी यादा और कभी

ब कल नह ऐस म अगर थायी मजदर ह ग तो उ ह बार-बार ल-आफ दना पडगा और फि या यह

क मत ाड स वसलगी ऐस म नयी उ पादन यव था म अ थायी मजदर उनक मनाफ का ोत ह

घ) असग ठत म सकट त मजदर क भार फौज एक रजब आम क तरह काम करती ह और

उ योग म मजदर क स लाई को माग स हमशा ऊपर बनाय रखती ह और इसक वजह स मजदर को

हमशा नीच क ओर धकलती रहती ह

ङ) नयी व व यव था क रणनी त यह दखाई दती ह क बडी प जी उन असग ठत को नगल जाय

जहा सीध मनाफा लटा जा सकता ह और अ य असग ठत त को स त म क लट क लय अपनी

उ पादन-शोषण खला म बाध लया जाय उदाहरण क तौर पर रटल यापार और व त स लकर

जलाप त तक क कई अ य सवा स वरोजगार व छोट इकाइय को ख म करक को व पर तरह

क जान म लगी ह ई ह और दसर तरफ स त म क लट क लय उ पादन क म खती व

उ योग म वरोजगार म लग मजदर व छोट इकाइय को अपनी उ पादन खला म समटन क

को शश कर रह ह यहा यह गौर करन क बात ह क आज सरकार क छोट उ योग को बढावा दन

क नी त को उदार करण स पहल वाल प रि थ तय क नगाह स नह दखा जा सकता ह आज यह

उन उ योग पर ल त ह जो दशी- वदशी पजी क उ पादन खला स जड ह ए ह और इस लय परो

प स यह दशी- वदशी बडी पजी क भी मदद ह

जमीनी तौर पर मजदर आ दोलन क सबस बडी रणनी तक सम या और सबस बडी चनौती शायद इसी सवाल

स जडी ह ई ह हर उ योग म भार अनपात म अ थायी मजदर क स या बढन क कारण फ तर पर

य नयन और साम हक सौदबाजी मि कल हो गयी ह यह कछ तर तक वह भावी हो पा रह ह जहा बडी

इकाइया ह और जहा एक खास अनपात म द मजदर को बनाय रखना ज र ह उदाहरण क तौर पर मोटर-

गाडी बनान क उ योग ल कन जहा ऐसी ज रत नह ह और इस लय जहा शायद ह कोई थायी मजदर रखा

जाता ह वहा तो य नयन और साम हक सौदबाजी असभव ह हो गयी ह उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा

उ योग छोट उ योग और वरोजगार म लग लोग को सग ठत करन का सवाल तो एक अलग ह चनौती ह

और इस दशा म तो कोई बडी पहल ह नह दखाई दती ह

मजदर आ दोलन क सम य सम याए और चनौ तया वा त वक ह ल कन ऐसा लगता ह क सकट सफ इन

सम याओ स पदा नह हआ ह सकट का मल व प वचा रक ह और इस सवाल स जडा हआ ह क मजदर

आ दोलन इन सम याओ का कोई भावी समाधान नह तत कर पा रहा ह हम इसक चचा अगल ह स म

करग

iii) म कानन म बदलाव

मकानन म क सरकार और रा य सरकार वारा जो बदलाव कय गय ह या ता वत ह उनस म कानन का ऐसा ढाचा उभरकर सामन आता ह जो मलत चार स तर म वभािजत ह और यह व वशोषण खला क अन प ह

9 स कम मजदर वाल इकाइया इनक लय कोई म कानन ता वत नह ह उ ट घरल उ योग म बाल म क शोषण क छट द द गयी यहा यह यान म रखना ज र ह क यह व वशोषण खला का सबस नचला और सबस असर त तर ह जहा मजदर क भार आबाद को बहद कम मजदर म और वा य क ि ट स खतरनाक ि थ तय म काम करना पडता ह

9-39 मजदर वाल इकाइया इ ह कारखाना कानन स बाहर कया जा रहा ह और एक नय कानन लघ कारखाना कानन म शा मल करन का ताव ह 9 स कम वाल स तर और 9-39 वाल स तर म ह उ पादन क अ य धक म सघन याओ का बडा ह सा सप न कया जाता ह और शोषण खला क अ त र त म य का अ छा-खासा ह सा यह पदा होता ह 9-40 वाल इकाइय म मजदर को बह त सार अ धकार स व चत कया जा रहा ह और नाम मा ह हक उ ह मलन ह

इ ह अब 9 क जगह 19 म कानन स सब धत द तावज बनान और म वभाग म उनक पालन सबधी रटन फाइल करन म छट द द गयी ह

इनम 14 कानन लाग नह ह ग िजनम औ यो गक ववाद अ ध नयम और कारखाना कानन भी शा मल ह उन कानन क सफ कछ ावधान को ता चत लघ उ योग कानन म शा मल कया गया ह

ठका मजदर ( नयमन और खा मा) कानन इनम लाग नह होगा राज थान क कानन म अब यह 50 या अ धक मजदर वाल इकाइय म ह लाग ह (मल म 20 या अ धक पर लाग)

नय मत मजदर क छटनी करन पर 1 माह का नो टस और िजतन साल काम कया ह हर साल क लय 15 दन का मआवजा दना होगा ल कन इसक नौबत ह नह आयगी य क यह ावधान एक साल नय मत स वस पर होन पर ह यह लाग होता ह और ऊपर उदधत कानन म

छट का फायदा उठाकर नयो ता कभी साल भर क स वस पर ह नह होन दग

ईएसआई और पीएफ कानन लाग नह होगा और यहा ईएसआई और पीएफ क जगह दो नयी ाइवट स टर क क म लाग होगी और इसम मजदर को दोन क लय वतन का 10-10 तशत

हर मह न दना होगा काय थल पर भौ तक और रासाय नक सर ा सबधी कोई ावधान नह सफ इतना ह क जहा

खतरनाक या हजाडस चीज का इ तमाल होता होगा वहा कारखाना कानन लाग होगा च का ावधान वह लाग होगा जहा 20 या अ धक म हलाए काम करती ह और उनम स कम

स कम एक का 6 साल स कम का छोटा ब चा हो इसस प ट ह क इस कानन को कोई मतलब नह रह गया

तीन माह म ओवरटाइम काम क घट क सीमा 50 स बढाकर 96 घट क जा रह ह

लघ उ योग कानन म हडताल या हडताल क अ धकार का कोई उ लख ह नह ह एक ऐसा ावधान ह क य द 10 या अ धक मजदर बना नो टस दय एक साथ गरहािजर ह ग तो नयो त

उनक वतन स 8 दन क मजदर काट सकता ह 40 स 299 तक क इकाइया

इनम बना सरकार स अनम त लय छटनी या तालाबद क जा सकती ह

इनम छटनी क लय मजदर को 1 माह का नो टस और मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स हाला क इसक नौबत आयगी ह नह य क यह एक साल क स वस पर होन पर ह लाग होता ह और आजकल उ योग म हालात ऐस ह क हर छह मह न म कागज पर मजदर क नयि त नयी बना दत ह सी मत अव ध का ट का कानन लाग होन क बाद तो नयो ता कसी क भी एक साल क नय मत स वस पर ह नह होन दगा इस अभी कपडा उ योग म लाग कया ह ल कन ज द ह अ य म भी लाग हो सकता ह ऐस हालात म कोई ईएल भी नह पा सकगा और यट दन क नौबत तो कभी आयगी ह नह

ईपीएफ पशन क जगह नयी पशन क म िजसम प रवार लाभ शा मल नह होगा यह शयरबाजार स जडी होगी-और ाइवट कप नय क मनाफा कमान का ज रया बन जाएगी

ईएसआई अ पताल क नजीकरण का ताव जो प र वा थ सवाओ क नजीकरण क योजना का ह एक अग ह

पीएफ को ट स क दायर म लाना पीएफ म शा मल होन को व क बनाना और नयो ता क ओर स पीएफ म जमा कय जान

वाल भाग को सरकार क ओर स दया जाना

नयो ता वारा दय जान वाल पीएफ क भाग को मजदर म शा मल मानना िजसस मजदर बढ ह ई दख और मजदर क असल हालत पर पदा पड जाय

हजाडस कारखान क ल ट को हटाना और सफ हजाडस क एक प रभाषा दना इसस कसी भी कारखान को हजाडस घो षत करवाना बह त मि कल होगा और या काफ ल बी हो जाएगी

म हलाओ को रा पाल म अनम त

तीन माह म ओवरटाइम काम क सीमा बढाकर 115 घट करना (अभी 50 ह)

ड य नयन बनान क लय ज र सद या स या 7 स बढाकर 10 या 100 करना

डय नयन म बाहर सद य पर रोक सफ असग ठत म 2 सद य बाहर क हो सकत ह ड य नयन क मा यता क लय कसी ावधान का ताव नह

हडताल क लय जो क ठन कानन आव यक सवाओ पर लाग था उस सभी पर लाग करन का ताव यानी काननी तौर पर हडताल लगभग असभव गरकाननी हडताल क लय मजदर पर

और तालाबद क लय कारखाना मा लक पर एक ह फाइन-50000 स एक लाख 50 या अ धक मजदर कजअल छटट लकर गरहािजर ह तो यह भी गरकाननी हडताल

ववाद को कोट क बाहर सलझा लन का ावधान और आव यक सवाओ म 2 साल तक हडताल पर तबध (गजरात)

बोनस रा श नधारण क जाच क लय डय नयन नयो ता स कारखान क बलस शीट अब नह माग सकगी

कारखान क इ प शन क लय लबर इ प टर को पहल उ चा धका रय स अनम त लनी होगी और इ प टर क भ मका अब कानन का उ लघन करन वाल पर कारवाई करन क बजाय उ ह कानन का पालन करन म मदद करन क होगी

100 या अ धक मजदर वाल इकाइया ट डग आडर का कानन अब 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय म लाग होगा यह अभी कई

रा य म 50 या अ धक पर लाग होता ह अ य ावधान वह जो 40 स 299 मजदर वाल इकाइय पर लाग 300 या अ धक मजदर वाल इकाइया छटनी या तालाबद क लय सरकार क अनम त ज र

मजदर को 3 माह का नो टस मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स

अ य ावधान वह जो 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय पर लाग मकानन म बदलाव क उपरो त दशा स दो बात प ट होती ह अ) यह कप नय क लय म लागत को

कम स कम करन मजदर को जब चाह काम पर रखन और नकालन क पर छट दन मजदर क हत क

अनदखी करन और मजदर क य नयन बनान और साम हक सौदबाजी करन क मता को ख म करन या कम

स कम करन क दशा म कि त ह और ब) उ योग म शोषण खला का जो ढाचा उभर रहा ह यह उसक

अन प ह एक तरफ छोट इकाइया ह जहा अ धकतम 50 मजदर तक काम करत ह और जहा अ धकाश म

सघन काम सप न होता ह और अ त र त म य का बडा ह सा पदा होता ह दसर तरफ बडी इकाइया ह जहा

100 स 300 तक मजदर काम करत ह और सबस ऊपर थोडी सी ऐसी इकाइया ह जहा 500 स अ धक मजदर

काम करत ह आकड क अनसार पछल 10-12 साल म 10 स 99 मजदर वाल इकाइय का अनपात काफ

घटा ह और दसर तरफ 10 स कम वाल इकाइय और 100-499 वाल इकाइय का अनपात बढ गया ह

दरअसल 10 स कम वाल अ धकाश इकाइया वा तव म 40-50 मजदर को काम पर लगाती ह ल कन कारखाना

कानन स बचन क लय 10 स कम मजदर ह दखाती ह इ ह क सम या को हल करन क लय लघ उ योग

कानन लाया जा रहा ह सार प म इन ता वत कानन स शोषण खला का ढाचा इस प म उभरता दखाई

दता ह अ) घर म काम करन वाल मजदर और 10 स कम वाल इकाइया ब) 10-39 वाल इकाइया स) 40-

299 वाल इकाइया और द) 300 या अ धक वाल इकाइया

iv) प जी का मजदर और जनता पर सवतोमखी नय ण

कोई वग कसी दसर वग पर अपनी स ता सफ दमनत क ताकत क ज रय लब समय तक कायम नह रख

सकता ह शासक वग को शा षत जन म अपनी स ता क कसी न कसी प म एक तर क वीकायता

बनानी पडती ह और अगर वह ऐसा करन म कामयाब नह होता तो उसक स ता भी अ धक समय तक कायम

नह रह सकती ह प जीवाद समाज क लय यह और भी अ धक सच ह पजीप त वग मजदर और आमजन क

वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण कायम करन क को शश करता ह और य द मजदर वग

उस इस पहल पर कोई भावी चनौती नह द पाता ह तो मजदर वग पजी क खलाफ कोई भी भावी सघष

खडा कर पान म सफल नह हो सकता ह प जीवाद समाज म यह वग सघष का एक ब नयाद और मह वपण

पहल ह नयी व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह ल कन

मजदर आ दोलन इस पहल को अ सर नजरदाज करता रहा ह और उस वग सघष क एक ब नयाद पहल क प

म मह व नह द सका ह शायद यह आम जनता क वचार और जीवन पर प जीप त वग क बढत नय ण और

उसको कोई भावी चनौती न द पान क हमार कमजोर का भी एक भाव ह क आज इतन भीषण सकट क

बावजद जनता क ग स का कोई बडा वत फत व फोट नह दखाई दता ह यहा हम सार प म मजदरवग

पर प जीप तवग क नय ण क रणनी त क कछ पहलओ क चचा कर सकत ह

आमजन क वचा रक मानस म प जीप त वग व भ न मा यम स यह लगातार था पत करन क

को शश करता ह क प जीवाद का कोई वक प नह ह नजीकरण और बाजार करण क व तार क साथ

प जीवाद दायर स बाहर कसी अलग जीवन णाल क लय कोई जगह नह रह जाती जो इस वचार को

मजबती दता ह और दश-द नया म कोई वक प नजर न आन स इस उनक वचार मानस म प ता

बनान म मदद मलती ह जीवन क हर ज रत क लय प जीवाद पर पर तरह नभरता और उसस

बाहर नकलन का कोई रा ता न दखाई दन स प जीवाद को वीकार करना एक मजबर भी हो जाती ह

ऐसा ोपागडा बड पमान पर कया जाता ह क प जी क वकास स ह दश को और जनता का वकास हो

सकता ह प जी का वकास होगा तो रोजगार पदा होगा प जी का वकास होगा तो स वधाओ का वकास

होगा प जी का वकास नह होगा तो दश का और जनता का भी वकास क जाएगा और इस लय य द

कोई ऐसी बात करता ह जो प जी क वकास क खलाफ हो तो वह दश का और जनता का द मन ह

आ द आ द

प जीवाद काय थल मजदर को यह अहसास दलाता ह क मजदर और प जीप त दोन का अि त व जडा

हआ ह और मजदर क बहतर क लय प जीप त क बहतर ज र ह नय दौर का सारा प जीवाद

बधन शा और पदा ह ई बधन तकनीक का अमल इस वचार को मजबत बनाता ह रोजगार खोन

का डर भी एक तरह स प जीवाद को वीकार करन क मजबर बन जाती ह

ोपागडा यह नयी व व यव था का एक बह त मजबत और भावी ह थयार ह मी डया स लकर कल -

कालज व व व यालय और शोधस थान तक को भी इसका अग बना दया गया ह इसक ज रय झठ

को सच क तरह पश करना या स य क सफ एक पहल को ह दखाना इ तहास को वकत प म पश

करना म फलाना प जीवाद का म हमामडन करना जो प जीप त वग क हत क खलाफ ह उन वचार

और लोग को बदनाम करना ढ ग पाखड को साइस क तरह पश करना और पछडी चतना को बढावा

दना भडकाऊ झठ खबर बनाना और भडकाऊ कारवाइया करना आ द इनका सबका दायरा बह त व तत

ह यह माल को बचन क लय उनका फायदाबतान वाल झठ रसच स लकर समाजवाद और

समाजवा दय को बदनाम करन क लय झठ घटनाए पदा करन तक का काम करत ह मी डया पर बडी

प जी का पर तरह इजारा कामय हो जान क बाद जनता क पास कोई वकि पक सचनात ख म हो गया

ह और इसक वजह स प जीवाद ोपागडा और अ धक भावी हो गया ह इस हालात न मजदर वग क

सघष क भाव को भी काफ कम कर दया ह दश क कसी शहर म लाख लोग सडक पर आ दोलन

करत ह ल कन पास पडोस क इलाक क लोग को भी इस आ दोलन का पता नह चल पाता यहा तक

क द ल आकर हजार लोग दशन करत ह और द ल क लोग को भी पता नह चलता कह लाख

लोग सघष म जान द रह होत ह ल कन मी डया उ ह यह मानन को मजबर कर दता ह क व पागल ह

या आतकवाद ह और मजदार बात यह ह क लोग एक मनट क लय यह नह सोच पात क व लाख

लोग जो सघष म अपनी जान द रह ह उनक कोई बहद वािजब सम या भी हो सकती ह और यह क

मी डया सफद झठ बोल रहा ह

मजदर वग को वभािजत करन और भटकान क रणनी त प जी क म वरोधी ोपागडा क एक

मह वपण रणनी त ह मजदरवग क भीतर क अतर वरोध को तीखा करना और उ ह एक दसर क वरोधी

क प म तत करना उदाहरण क तौर पर जा त का सवाल धम का सवाल और लगभद का सवाल

और इसक साथ-साथ मजदर क व भ न स तर म अतर वरोध का सवाल उदाहरण क तौर पर

असग ठत ा क मजदर और सग ठत क मजदर कपनी मजदर और ठका मजदर थाई और

अ थाई मजदर ाइबट व पि लक स टर क मजदर आ द इसक बह त सार अ य मह वपण आयाम भी

ह ल कन बात इतन स प ट हो जाती ह इसक साथ ह मजदर आ दोलन म ऐसी रणनी तय को

ो सा हत करना जो सतह पर मजदर क हत म दखती ह ल कन व तत या तो मजदर वरोधी होती

ह या उस बस ऊठक-बठक करन म य त कर दती ह उदाहरण क तौर पर असग ठत मजदर क लय

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

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Page 20: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

घ) असग ठत म सकट त मजदर क भार फौज एक रजब आम क तरह काम करती ह और

उ योग म मजदर क स लाई को माग स हमशा ऊपर बनाय रखती ह और इसक वजह स मजदर को

हमशा नीच क ओर धकलती रहती ह

ङ) नयी व व यव था क रणनी त यह दखाई दती ह क बडी प जी उन असग ठत को नगल जाय

जहा सीध मनाफा लटा जा सकता ह और अ य असग ठत त को स त म क लट क लय अपनी

उ पादन-शोषण खला म बाध लया जाय उदाहरण क तौर पर रटल यापार और व त स लकर

जलाप त तक क कई अ य सवा स वरोजगार व छोट इकाइय को ख म करक को व पर तरह

क जान म लगी ह ई ह और दसर तरफ स त म क लट क लय उ पादन क म खती व

उ योग म वरोजगार म लग मजदर व छोट इकाइय को अपनी उ पादन खला म समटन क

को शश कर रह ह यहा यह गौर करन क बात ह क आज सरकार क छोट उ योग को बढावा दन

क नी त को उदार करण स पहल वाल प रि थ तय क नगाह स नह दखा जा सकता ह आज यह

उन उ योग पर ल त ह जो दशी- वदशी पजी क उ पादन खला स जड ह ए ह और इस लय परो

प स यह दशी- वदशी बडी पजी क भी मदद ह

जमीनी तौर पर मजदर आ दोलन क सबस बडी रणनी तक सम या और सबस बडी चनौती शायद इसी सवाल

स जडी ह ई ह हर उ योग म भार अनपात म अ थायी मजदर क स या बढन क कारण फ तर पर

य नयन और साम हक सौदबाजी मि कल हो गयी ह यह कछ तर तक वह भावी हो पा रह ह जहा बडी

इकाइया ह और जहा एक खास अनपात म द मजदर को बनाय रखना ज र ह उदाहरण क तौर पर मोटर-

गाडी बनान क उ योग ल कन जहा ऐसी ज रत नह ह और इस लय जहा शायद ह कोई थायी मजदर रखा

जाता ह वहा तो य नयन और साम हक सौदबाजी असभव ह हो गयी ह उदाहरण क तौर पर रडीमड कपडा

उ योग छोट उ योग और वरोजगार म लग लोग को सग ठत करन का सवाल तो एक अलग ह चनौती ह

और इस दशा म तो कोई बडी पहल ह नह दखाई दती ह

मजदर आ दोलन क सम य सम याए और चनौ तया वा त वक ह ल कन ऐसा लगता ह क सकट सफ इन

सम याओ स पदा नह हआ ह सकट का मल व प वचा रक ह और इस सवाल स जडा हआ ह क मजदर

आ दोलन इन सम याओ का कोई भावी समाधान नह तत कर पा रहा ह हम इसक चचा अगल ह स म

करग

iii) म कानन म बदलाव

मकानन म क सरकार और रा य सरकार वारा जो बदलाव कय गय ह या ता वत ह उनस म कानन का ऐसा ढाचा उभरकर सामन आता ह जो मलत चार स तर म वभािजत ह और यह व वशोषण खला क अन प ह

9 स कम मजदर वाल इकाइया इनक लय कोई म कानन ता वत नह ह उ ट घरल उ योग म बाल म क शोषण क छट द द गयी यहा यह यान म रखना ज र ह क यह व वशोषण खला का सबस नचला और सबस असर त तर ह जहा मजदर क भार आबाद को बहद कम मजदर म और वा य क ि ट स खतरनाक ि थ तय म काम करना पडता ह

9-39 मजदर वाल इकाइया इ ह कारखाना कानन स बाहर कया जा रहा ह और एक नय कानन लघ कारखाना कानन म शा मल करन का ताव ह 9 स कम वाल स तर और 9-39 वाल स तर म ह उ पादन क अ य धक म सघन याओ का बडा ह सा सप न कया जाता ह और शोषण खला क अ त र त म य का अ छा-खासा ह सा यह पदा होता ह 9-40 वाल इकाइय म मजदर को बह त सार अ धकार स व चत कया जा रहा ह और नाम मा ह हक उ ह मलन ह

इ ह अब 9 क जगह 19 म कानन स सब धत द तावज बनान और म वभाग म उनक पालन सबधी रटन फाइल करन म छट द द गयी ह

इनम 14 कानन लाग नह ह ग िजनम औ यो गक ववाद अ ध नयम और कारखाना कानन भी शा मल ह उन कानन क सफ कछ ावधान को ता चत लघ उ योग कानन म शा मल कया गया ह

ठका मजदर ( नयमन और खा मा) कानन इनम लाग नह होगा राज थान क कानन म अब यह 50 या अ धक मजदर वाल इकाइय म ह लाग ह (मल म 20 या अ धक पर लाग)

नय मत मजदर क छटनी करन पर 1 माह का नो टस और िजतन साल काम कया ह हर साल क लय 15 दन का मआवजा दना होगा ल कन इसक नौबत ह नह आयगी य क यह ावधान एक साल नय मत स वस पर होन पर ह यह लाग होता ह और ऊपर उदधत कानन म

छट का फायदा उठाकर नयो ता कभी साल भर क स वस पर ह नह होन दग

ईएसआई और पीएफ कानन लाग नह होगा और यहा ईएसआई और पीएफ क जगह दो नयी ाइवट स टर क क म लाग होगी और इसम मजदर को दोन क लय वतन का 10-10 तशत

हर मह न दना होगा काय थल पर भौ तक और रासाय नक सर ा सबधी कोई ावधान नह सफ इतना ह क जहा

खतरनाक या हजाडस चीज का इ तमाल होता होगा वहा कारखाना कानन लाग होगा च का ावधान वह लाग होगा जहा 20 या अ धक म हलाए काम करती ह और उनम स कम

स कम एक का 6 साल स कम का छोटा ब चा हो इसस प ट ह क इस कानन को कोई मतलब नह रह गया

तीन माह म ओवरटाइम काम क घट क सीमा 50 स बढाकर 96 घट क जा रह ह

लघ उ योग कानन म हडताल या हडताल क अ धकार का कोई उ लख ह नह ह एक ऐसा ावधान ह क य द 10 या अ धक मजदर बना नो टस दय एक साथ गरहािजर ह ग तो नयो त

उनक वतन स 8 दन क मजदर काट सकता ह 40 स 299 तक क इकाइया

इनम बना सरकार स अनम त लय छटनी या तालाबद क जा सकती ह

इनम छटनी क लय मजदर को 1 माह का नो टस और मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स हाला क इसक नौबत आयगी ह नह य क यह एक साल क स वस पर होन पर ह लाग होता ह और आजकल उ योग म हालात ऐस ह क हर छह मह न म कागज पर मजदर क नयि त नयी बना दत ह सी मत अव ध का ट का कानन लाग होन क बाद तो नयो ता कसी क भी एक साल क नय मत स वस पर ह नह होन दगा इस अभी कपडा उ योग म लाग कया ह ल कन ज द ह अ य म भी लाग हो सकता ह ऐस हालात म कोई ईएल भी नह पा सकगा और यट दन क नौबत तो कभी आयगी ह नह

ईपीएफ पशन क जगह नयी पशन क म िजसम प रवार लाभ शा मल नह होगा यह शयरबाजार स जडी होगी-और ाइवट कप नय क मनाफा कमान का ज रया बन जाएगी

ईएसआई अ पताल क नजीकरण का ताव जो प र वा थ सवाओ क नजीकरण क योजना का ह एक अग ह

पीएफ को ट स क दायर म लाना पीएफ म शा मल होन को व क बनाना और नयो ता क ओर स पीएफ म जमा कय जान

वाल भाग को सरकार क ओर स दया जाना

नयो ता वारा दय जान वाल पीएफ क भाग को मजदर म शा मल मानना िजसस मजदर बढ ह ई दख और मजदर क असल हालत पर पदा पड जाय

हजाडस कारखान क ल ट को हटाना और सफ हजाडस क एक प रभाषा दना इसस कसी भी कारखान को हजाडस घो षत करवाना बह त मि कल होगा और या काफ ल बी हो जाएगी

म हलाओ को रा पाल म अनम त

तीन माह म ओवरटाइम काम क सीमा बढाकर 115 घट करना (अभी 50 ह)

ड य नयन बनान क लय ज र सद या स या 7 स बढाकर 10 या 100 करना

डय नयन म बाहर सद य पर रोक सफ असग ठत म 2 सद य बाहर क हो सकत ह ड य नयन क मा यता क लय कसी ावधान का ताव नह

हडताल क लय जो क ठन कानन आव यक सवाओ पर लाग था उस सभी पर लाग करन का ताव यानी काननी तौर पर हडताल लगभग असभव गरकाननी हडताल क लय मजदर पर

और तालाबद क लय कारखाना मा लक पर एक ह फाइन-50000 स एक लाख 50 या अ धक मजदर कजअल छटट लकर गरहािजर ह तो यह भी गरकाननी हडताल

ववाद को कोट क बाहर सलझा लन का ावधान और आव यक सवाओ म 2 साल तक हडताल पर तबध (गजरात)

बोनस रा श नधारण क जाच क लय डय नयन नयो ता स कारखान क बलस शीट अब नह माग सकगी

कारखान क इ प शन क लय लबर इ प टर को पहल उ चा धका रय स अनम त लनी होगी और इ प टर क भ मका अब कानन का उ लघन करन वाल पर कारवाई करन क बजाय उ ह कानन का पालन करन म मदद करन क होगी

100 या अ धक मजदर वाल इकाइया ट डग आडर का कानन अब 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय म लाग होगा यह अभी कई

रा य म 50 या अ धक पर लाग होता ह अ य ावधान वह जो 40 स 299 मजदर वाल इकाइय पर लाग 300 या अ धक मजदर वाल इकाइया छटनी या तालाबद क लय सरकार क अनम त ज र

मजदर को 3 माह का नो टस मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स

अ य ावधान वह जो 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय पर लाग मकानन म बदलाव क उपरो त दशा स दो बात प ट होती ह अ) यह कप नय क लय म लागत को

कम स कम करन मजदर को जब चाह काम पर रखन और नकालन क पर छट दन मजदर क हत क

अनदखी करन और मजदर क य नयन बनान और साम हक सौदबाजी करन क मता को ख म करन या कम

स कम करन क दशा म कि त ह और ब) उ योग म शोषण खला का जो ढाचा उभर रहा ह यह उसक

अन प ह एक तरफ छोट इकाइया ह जहा अ धकतम 50 मजदर तक काम करत ह और जहा अ धकाश म

सघन काम सप न होता ह और अ त र त म य का बडा ह सा पदा होता ह दसर तरफ बडी इकाइया ह जहा

100 स 300 तक मजदर काम करत ह और सबस ऊपर थोडी सी ऐसी इकाइया ह जहा 500 स अ धक मजदर

काम करत ह आकड क अनसार पछल 10-12 साल म 10 स 99 मजदर वाल इकाइय का अनपात काफ

घटा ह और दसर तरफ 10 स कम वाल इकाइय और 100-499 वाल इकाइय का अनपात बढ गया ह

दरअसल 10 स कम वाल अ धकाश इकाइया वा तव म 40-50 मजदर को काम पर लगाती ह ल कन कारखाना

कानन स बचन क लय 10 स कम मजदर ह दखाती ह इ ह क सम या को हल करन क लय लघ उ योग

कानन लाया जा रहा ह सार प म इन ता वत कानन स शोषण खला का ढाचा इस प म उभरता दखाई

दता ह अ) घर म काम करन वाल मजदर और 10 स कम वाल इकाइया ब) 10-39 वाल इकाइया स) 40-

299 वाल इकाइया और द) 300 या अ धक वाल इकाइया

iv) प जी का मजदर और जनता पर सवतोमखी नय ण

कोई वग कसी दसर वग पर अपनी स ता सफ दमनत क ताकत क ज रय लब समय तक कायम नह रख

सकता ह शासक वग को शा षत जन म अपनी स ता क कसी न कसी प म एक तर क वीकायता

बनानी पडती ह और अगर वह ऐसा करन म कामयाब नह होता तो उसक स ता भी अ धक समय तक कायम

नह रह सकती ह प जीवाद समाज क लय यह और भी अ धक सच ह पजीप त वग मजदर और आमजन क

वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण कायम करन क को शश करता ह और य द मजदर वग

उस इस पहल पर कोई भावी चनौती नह द पाता ह तो मजदर वग पजी क खलाफ कोई भी भावी सघष

खडा कर पान म सफल नह हो सकता ह प जीवाद समाज म यह वग सघष का एक ब नयाद और मह वपण

पहल ह नयी व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह ल कन

मजदर आ दोलन इस पहल को अ सर नजरदाज करता रहा ह और उस वग सघष क एक ब नयाद पहल क प

म मह व नह द सका ह शायद यह आम जनता क वचार और जीवन पर प जीप त वग क बढत नय ण और

उसको कोई भावी चनौती न द पान क हमार कमजोर का भी एक भाव ह क आज इतन भीषण सकट क

बावजद जनता क ग स का कोई बडा वत फत व फोट नह दखाई दता ह यहा हम सार प म मजदरवग

पर प जीप तवग क नय ण क रणनी त क कछ पहलओ क चचा कर सकत ह

आमजन क वचा रक मानस म प जीप त वग व भ न मा यम स यह लगातार था पत करन क

को शश करता ह क प जीवाद का कोई वक प नह ह नजीकरण और बाजार करण क व तार क साथ

प जीवाद दायर स बाहर कसी अलग जीवन णाल क लय कोई जगह नह रह जाती जो इस वचार को

मजबती दता ह और दश-द नया म कोई वक प नजर न आन स इस उनक वचार मानस म प ता

बनान म मदद मलती ह जीवन क हर ज रत क लय प जीवाद पर पर तरह नभरता और उसस

बाहर नकलन का कोई रा ता न दखाई दन स प जीवाद को वीकार करना एक मजबर भी हो जाती ह

ऐसा ोपागडा बड पमान पर कया जाता ह क प जी क वकास स ह दश को और जनता का वकास हो

सकता ह प जी का वकास होगा तो रोजगार पदा होगा प जी का वकास होगा तो स वधाओ का वकास

होगा प जी का वकास नह होगा तो दश का और जनता का भी वकास क जाएगा और इस लय य द

कोई ऐसी बात करता ह जो प जी क वकास क खलाफ हो तो वह दश का और जनता का द मन ह

आ द आ द

प जीवाद काय थल मजदर को यह अहसास दलाता ह क मजदर और प जीप त दोन का अि त व जडा

हआ ह और मजदर क बहतर क लय प जीप त क बहतर ज र ह नय दौर का सारा प जीवाद

बधन शा और पदा ह ई बधन तकनीक का अमल इस वचार को मजबत बनाता ह रोजगार खोन

का डर भी एक तरह स प जीवाद को वीकार करन क मजबर बन जाती ह

ोपागडा यह नयी व व यव था का एक बह त मजबत और भावी ह थयार ह मी डया स लकर कल -

कालज व व व यालय और शोधस थान तक को भी इसका अग बना दया गया ह इसक ज रय झठ

को सच क तरह पश करना या स य क सफ एक पहल को ह दखाना इ तहास को वकत प म पश

करना म फलाना प जीवाद का म हमामडन करना जो प जीप त वग क हत क खलाफ ह उन वचार

और लोग को बदनाम करना ढ ग पाखड को साइस क तरह पश करना और पछडी चतना को बढावा

दना भडकाऊ झठ खबर बनाना और भडकाऊ कारवाइया करना आ द इनका सबका दायरा बह त व तत

ह यह माल को बचन क लय उनका फायदाबतान वाल झठ रसच स लकर समाजवाद और

समाजवा दय को बदनाम करन क लय झठ घटनाए पदा करन तक का काम करत ह मी डया पर बडी

प जी का पर तरह इजारा कामय हो जान क बाद जनता क पास कोई वकि पक सचनात ख म हो गया

ह और इसक वजह स प जीवाद ोपागडा और अ धक भावी हो गया ह इस हालात न मजदर वग क

सघष क भाव को भी काफ कम कर दया ह दश क कसी शहर म लाख लोग सडक पर आ दोलन

करत ह ल कन पास पडोस क इलाक क लोग को भी इस आ दोलन का पता नह चल पाता यहा तक

क द ल आकर हजार लोग दशन करत ह और द ल क लोग को भी पता नह चलता कह लाख

लोग सघष म जान द रह होत ह ल कन मी डया उ ह यह मानन को मजबर कर दता ह क व पागल ह

या आतकवाद ह और मजदार बात यह ह क लोग एक मनट क लय यह नह सोच पात क व लाख

लोग जो सघष म अपनी जान द रह ह उनक कोई बहद वािजब सम या भी हो सकती ह और यह क

मी डया सफद झठ बोल रहा ह

मजदर वग को वभािजत करन और भटकान क रणनी त प जी क म वरोधी ोपागडा क एक

मह वपण रणनी त ह मजदरवग क भीतर क अतर वरोध को तीखा करना और उ ह एक दसर क वरोधी

क प म तत करना उदाहरण क तौर पर जा त का सवाल धम का सवाल और लगभद का सवाल

और इसक साथ-साथ मजदर क व भ न स तर म अतर वरोध का सवाल उदाहरण क तौर पर

असग ठत ा क मजदर और सग ठत क मजदर कपनी मजदर और ठका मजदर थाई और

अ थाई मजदर ाइबट व पि लक स टर क मजदर आ द इसक बह त सार अ य मह वपण आयाम भी

ह ल कन बात इतन स प ट हो जाती ह इसक साथ ह मजदर आ दोलन म ऐसी रणनी तय को

ो सा हत करना जो सतह पर मजदर क हत म दखती ह ल कन व तत या तो मजदर वरोधी होती

ह या उस बस ऊठक-बठक करन म य त कर दती ह उदाहरण क तौर पर असग ठत मजदर क लय

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

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Page 21: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

मकानन म क सरकार और रा य सरकार वारा जो बदलाव कय गय ह या ता वत ह उनस म कानन का ऐसा ढाचा उभरकर सामन आता ह जो मलत चार स तर म वभािजत ह और यह व वशोषण खला क अन प ह

9 स कम मजदर वाल इकाइया इनक लय कोई म कानन ता वत नह ह उ ट घरल उ योग म बाल म क शोषण क छट द द गयी यहा यह यान म रखना ज र ह क यह व वशोषण खला का सबस नचला और सबस असर त तर ह जहा मजदर क भार आबाद को बहद कम मजदर म और वा य क ि ट स खतरनाक ि थ तय म काम करना पडता ह

9-39 मजदर वाल इकाइया इ ह कारखाना कानन स बाहर कया जा रहा ह और एक नय कानन लघ कारखाना कानन म शा मल करन का ताव ह 9 स कम वाल स तर और 9-39 वाल स तर म ह उ पादन क अ य धक म सघन याओ का बडा ह सा सप न कया जाता ह और शोषण खला क अ त र त म य का अ छा-खासा ह सा यह पदा होता ह 9-40 वाल इकाइय म मजदर को बह त सार अ धकार स व चत कया जा रहा ह और नाम मा ह हक उ ह मलन ह

इ ह अब 9 क जगह 19 म कानन स सब धत द तावज बनान और म वभाग म उनक पालन सबधी रटन फाइल करन म छट द द गयी ह

इनम 14 कानन लाग नह ह ग िजनम औ यो गक ववाद अ ध नयम और कारखाना कानन भी शा मल ह उन कानन क सफ कछ ावधान को ता चत लघ उ योग कानन म शा मल कया गया ह

ठका मजदर ( नयमन और खा मा) कानन इनम लाग नह होगा राज थान क कानन म अब यह 50 या अ धक मजदर वाल इकाइय म ह लाग ह (मल म 20 या अ धक पर लाग)

नय मत मजदर क छटनी करन पर 1 माह का नो टस और िजतन साल काम कया ह हर साल क लय 15 दन का मआवजा दना होगा ल कन इसक नौबत ह नह आयगी य क यह ावधान एक साल नय मत स वस पर होन पर ह यह लाग होता ह और ऊपर उदधत कानन म

छट का फायदा उठाकर नयो ता कभी साल भर क स वस पर ह नह होन दग

ईएसआई और पीएफ कानन लाग नह होगा और यहा ईएसआई और पीएफ क जगह दो नयी ाइवट स टर क क म लाग होगी और इसम मजदर को दोन क लय वतन का 10-10 तशत

हर मह न दना होगा काय थल पर भौ तक और रासाय नक सर ा सबधी कोई ावधान नह सफ इतना ह क जहा

खतरनाक या हजाडस चीज का इ तमाल होता होगा वहा कारखाना कानन लाग होगा च का ावधान वह लाग होगा जहा 20 या अ धक म हलाए काम करती ह और उनम स कम

स कम एक का 6 साल स कम का छोटा ब चा हो इसस प ट ह क इस कानन को कोई मतलब नह रह गया

तीन माह म ओवरटाइम काम क घट क सीमा 50 स बढाकर 96 घट क जा रह ह

लघ उ योग कानन म हडताल या हडताल क अ धकार का कोई उ लख ह नह ह एक ऐसा ावधान ह क य द 10 या अ धक मजदर बना नो टस दय एक साथ गरहािजर ह ग तो नयो त

उनक वतन स 8 दन क मजदर काट सकता ह 40 स 299 तक क इकाइया

इनम बना सरकार स अनम त लय छटनी या तालाबद क जा सकती ह

इनम छटनी क लय मजदर को 1 माह का नो टस और मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स हाला क इसक नौबत आयगी ह नह य क यह एक साल क स वस पर होन पर ह लाग होता ह और आजकल उ योग म हालात ऐस ह क हर छह मह न म कागज पर मजदर क नयि त नयी बना दत ह सी मत अव ध का ट का कानन लाग होन क बाद तो नयो ता कसी क भी एक साल क नय मत स वस पर ह नह होन दगा इस अभी कपडा उ योग म लाग कया ह ल कन ज द ह अ य म भी लाग हो सकता ह ऐस हालात म कोई ईएल भी नह पा सकगा और यट दन क नौबत तो कभी आयगी ह नह

ईपीएफ पशन क जगह नयी पशन क म िजसम प रवार लाभ शा मल नह होगा यह शयरबाजार स जडी होगी-और ाइवट कप नय क मनाफा कमान का ज रया बन जाएगी

ईएसआई अ पताल क नजीकरण का ताव जो प र वा थ सवाओ क नजीकरण क योजना का ह एक अग ह

पीएफ को ट स क दायर म लाना पीएफ म शा मल होन को व क बनाना और नयो ता क ओर स पीएफ म जमा कय जान

वाल भाग को सरकार क ओर स दया जाना

नयो ता वारा दय जान वाल पीएफ क भाग को मजदर म शा मल मानना िजसस मजदर बढ ह ई दख और मजदर क असल हालत पर पदा पड जाय

हजाडस कारखान क ल ट को हटाना और सफ हजाडस क एक प रभाषा दना इसस कसी भी कारखान को हजाडस घो षत करवाना बह त मि कल होगा और या काफ ल बी हो जाएगी

म हलाओ को रा पाल म अनम त

तीन माह म ओवरटाइम काम क सीमा बढाकर 115 घट करना (अभी 50 ह)

ड य नयन बनान क लय ज र सद या स या 7 स बढाकर 10 या 100 करना

डय नयन म बाहर सद य पर रोक सफ असग ठत म 2 सद य बाहर क हो सकत ह ड य नयन क मा यता क लय कसी ावधान का ताव नह

हडताल क लय जो क ठन कानन आव यक सवाओ पर लाग था उस सभी पर लाग करन का ताव यानी काननी तौर पर हडताल लगभग असभव गरकाननी हडताल क लय मजदर पर

और तालाबद क लय कारखाना मा लक पर एक ह फाइन-50000 स एक लाख 50 या अ धक मजदर कजअल छटट लकर गरहािजर ह तो यह भी गरकाननी हडताल

ववाद को कोट क बाहर सलझा लन का ावधान और आव यक सवाओ म 2 साल तक हडताल पर तबध (गजरात)

बोनस रा श नधारण क जाच क लय डय नयन नयो ता स कारखान क बलस शीट अब नह माग सकगी

कारखान क इ प शन क लय लबर इ प टर को पहल उ चा धका रय स अनम त लनी होगी और इ प टर क भ मका अब कानन का उ लघन करन वाल पर कारवाई करन क बजाय उ ह कानन का पालन करन म मदद करन क होगी

100 या अ धक मजदर वाल इकाइया ट डग आडर का कानन अब 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय म लाग होगा यह अभी कई

रा य म 50 या अ धक पर लाग होता ह अ य ावधान वह जो 40 स 299 मजदर वाल इकाइय पर लाग 300 या अ धक मजदर वाल इकाइया छटनी या तालाबद क लय सरकार क अनम त ज र

मजदर को 3 माह का नो टस मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स

अ य ावधान वह जो 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय पर लाग मकानन म बदलाव क उपरो त दशा स दो बात प ट होती ह अ) यह कप नय क लय म लागत को

कम स कम करन मजदर को जब चाह काम पर रखन और नकालन क पर छट दन मजदर क हत क

अनदखी करन और मजदर क य नयन बनान और साम हक सौदबाजी करन क मता को ख म करन या कम

स कम करन क दशा म कि त ह और ब) उ योग म शोषण खला का जो ढाचा उभर रहा ह यह उसक

अन प ह एक तरफ छोट इकाइया ह जहा अ धकतम 50 मजदर तक काम करत ह और जहा अ धकाश म

सघन काम सप न होता ह और अ त र त म य का बडा ह सा पदा होता ह दसर तरफ बडी इकाइया ह जहा

100 स 300 तक मजदर काम करत ह और सबस ऊपर थोडी सी ऐसी इकाइया ह जहा 500 स अ धक मजदर

काम करत ह आकड क अनसार पछल 10-12 साल म 10 स 99 मजदर वाल इकाइय का अनपात काफ

घटा ह और दसर तरफ 10 स कम वाल इकाइय और 100-499 वाल इकाइय का अनपात बढ गया ह

दरअसल 10 स कम वाल अ धकाश इकाइया वा तव म 40-50 मजदर को काम पर लगाती ह ल कन कारखाना

कानन स बचन क लय 10 स कम मजदर ह दखाती ह इ ह क सम या को हल करन क लय लघ उ योग

कानन लाया जा रहा ह सार प म इन ता वत कानन स शोषण खला का ढाचा इस प म उभरता दखाई

दता ह अ) घर म काम करन वाल मजदर और 10 स कम वाल इकाइया ब) 10-39 वाल इकाइया स) 40-

299 वाल इकाइया और द) 300 या अ धक वाल इकाइया

iv) प जी का मजदर और जनता पर सवतोमखी नय ण

कोई वग कसी दसर वग पर अपनी स ता सफ दमनत क ताकत क ज रय लब समय तक कायम नह रख

सकता ह शासक वग को शा षत जन म अपनी स ता क कसी न कसी प म एक तर क वीकायता

बनानी पडती ह और अगर वह ऐसा करन म कामयाब नह होता तो उसक स ता भी अ धक समय तक कायम

नह रह सकती ह प जीवाद समाज क लय यह और भी अ धक सच ह पजीप त वग मजदर और आमजन क

वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण कायम करन क को शश करता ह और य द मजदर वग

उस इस पहल पर कोई भावी चनौती नह द पाता ह तो मजदर वग पजी क खलाफ कोई भी भावी सघष

खडा कर पान म सफल नह हो सकता ह प जीवाद समाज म यह वग सघष का एक ब नयाद और मह वपण

पहल ह नयी व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह ल कन

मजदर आ दोलन इस पहल को अ सर नजरदाज करता रहा ह और उस वग सघष क एक ब नयाद पहल क प

म मह व नह द सका ह शायद यह आम जनता क वचार और जीवन पर प जीप त वग क बढत नय ण और

उसको कोई भावी चनौती न द पान क हमार कमजोर का भी एक भाव ह क आज इतन भीषण सकट क

बावजद जनता क ग स का कोई बडा वत फत व फोट नह दखाई दता ह यहा हम सार प म मजदरवग

पर प जीप तवग क नय ण क रणनी त क कछ पहलओ क चचा कर सकत ह

आमजन क वचा रक मानस म प जीप त वग व भ न मा यम स यह लगातार था पत करन क

को शश करता ह क प जीवाद का कोई वक प नह ह नजीकरण और बाजार करण क व तार क साथ

प जीवाद दायर स बाहर कसी अलग जीवन णाल क लय कोई जगह नह रह जाती जो इस वचार को

मजबती दता ह और दश-द नया म कोई वक प नजर न आन स इस उनक वचार मानस म प ता

बनान म मदद मलती ह जीवन क हर ज रत क लय प जीवाद पर पर तरह नभरता और उसस

बाहर नकलन का कोई रा ता न दखाई दन स प जीवाद को वीकार करना एक मजबर भी हो जाती ह

ऐसा ोपागडा बड पमान पर कया जाता ह क प जी क वकास स ह दश को और जनता का वकास हो

सकता ह प जी का वकास होगा तो रोजगार पदा होगा प जी का वकास होगा तो स वधाओ का वकास

होगा प जी का वकास नह होगा तो दश का और जनता का भी वकास क जाएगा और इस लय य द

कोई ऐसी बात करता ह जो प जी क वकास क खलाफ हो तो वह दश का और जनता का द मन ह

आ द आ द

प जीवाद काय थल मजदर को यह अहसास दलाता ह क मजदर और प जीप त दोन का अि त व जडा

हआ ह और मजदर क बहतर क लय प जीप त क बहतर ज र ह नय दौर का सारा प जीवाद

बधन शा और पदा ह ई बधन तकनीक का अमल इस वचार को मजबत बनाता ह रोजगार खोन

का डर भी एक तरह स प जीवाद को वीकार करन क मजबर बन जाती ह

ोपागडा यह नयी व व यव था का एक बह त मजबत और भावी ह थयार ह मी डया स लकर कल -

कालज व व व यालय और शोधस थान तक को भी इसका अग बना दया गया ह इसक ज रय झठ

को सच क तरह पश करना या स य क सफ एक पहल को ह दखाना इ तहास को वकत प म पश

करना म फलाना प जीवाद का म हमामडन करना जो प जीप त वग क हत क खलाफ ह उन वचार

और लोग को बदनाम करना ढ ग पाखड को साइस क तरह पश करना और पछडी चतना को बढावा

दना भडकाऊ झठ खबर बनाना और भडकाऊ कारवाइया करना आ द इनका सबका दायरा बह त व तत

ह यह माल को बचन क लय उनका फायदाबतान वाल झठ रसच स लकर समाजवाद और

समाजवा दय को बदनाम करन क लय झठ घटनाए पदा करन तक का काम करत ह मी डया पर बडी

प जी का पर तरह इजारा कामय हो जान क बाद जनता क पास कोई वकि पक सचनात ख म हो गया

ह और इसक वजह स प जीवाद ोपागडा और अ धक भावी हो गया ह इस हालात न मजदर वग क

सघष क भाव को भी काफ कम कर दया ह दश क कसी शहर म लाख लोग सडक पर आ दोलन

करत ह ल कन पास पडोस क इलाक क लोग को भी इस आ दोलन का पता नह चल पाता यहा तक

क द ल आकर हजार लोग दशन करत ह और द ल क लोग को भी पता नह चलता कह लाख

लोग सघष म जान द रह होत ह ल कन मी डया उ ह यह मानन को मजबर कर दता ह क व पागल ह

या आतकवाद ह और मजदार बात यह ह क लोग एक मनट क लय यह नह सोच पात क व लाख

लोग जो सघष म अपनी जान द रह ह उनक कोई बहद वािजब सम या भी हो सकती ह और यह क

मी डया सफद झठ बोल रहा ह

मजदर वग को वभािजत करन और भटकान क रणनी त प जी क म वरोधी ोपागडा क एक

मह वपण रणनी त ह मजदरवग क भीतर क अतर वरोध को तीखा करना और उ ह एक दसर क वरोधी

क प म तत करना उदाहरण क तौर पर जा त का सवाल धम का सवाल और लगभद का सवाल

और इसक साथ-साथ मजदर क व भ न स तर म अतर वरोध का सवाल उदाहरण क तौर पर

असग ठत ा क मजदर और सग ठत क मजदर कपनी मजदर और ठका मजदर थाई और

अ थाई मजदर ाइबट व पि लक स टर क मजदर आ द इसक बह त सार अ य मह वपण आयाम भी

ह ल कन बात इतन स प ट हो जाती ह इसक साथ ह मजदर आ दोलन म ऐसी रणनी तय को

ो सा हत करना जो सतह पर मजदर क हत म दखती ह ल कन व तत या तो मजदर वरोधी होती

ह या उस बस ऊठक-बठक करन म य त कर दती ह उदाहरण क तौर पर असग ठत मजदर क लय

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

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Page 22: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

तीन माह म ओवरटाइम काम क घट क सीमा 50 स बढाकर 96 घट क जा रह ह

लघ उ योग कानन म हडताल या हडताल क अ धकार का कोई उ लख ह नह ह एक ऐसा ावधान ह क य द 10 या अ धक मजदर बना नो टस दय एक साथ गरहािजर ह ग तो नयो त

उनक वतन स 8 दन क मजदर काट सकता ह 40 स 299 तक क इकाइया

इनम बना सरकार स अनम त लय छटनी या तालाबद क जा सकती ह

इनम छटनी क लय मजदर को 1 माह का नो टस और मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स हाला क इसक नौबत आयगी ह नह य क यह एक साल क स वस पर होन पर ह लाग होता ह और आजकल उ योग म हालात ऐस ह क हर छह मह न म कागज पर मजदर क नयि त नयी बना दत ह सी मत अव ध का ट का कानन लाग होन क बाद तो नयो ता कसी क भी एक साल क नय मत स वस पर ह नह होन दगा इस अभी कपडा उ योग म लाग कया ह ल कन ज द ह अ य म भी लाग हो सकता ह ऐस हालात म कोई ईएल भी नह पा सकगा और यट दन क नौबत तो कभी आयगी ह नह

ईपीएफ पशन क जगह नयी पशन क म िजसम प रवार लाभ शा मल नह होगा यह शयरबाजार स जडी होगी-और ाइवट कप नय क मनाफा कमान का ज रया बन जाएगी

ईएसआई अ पताल क नजीकरण का ताव जो प र वा थ सवाओ क नजीकरण क योजना का ह एक अग ह

पीएफ को ट स क दायर म लाना पीएफ म शा मल होन को व क बनाना और नयो ता क ओर स पीएफ म जमा कय जान

वाल भाग को सरकार क ओर स दया जाना

नयो ता वारा दय जान वाल पीएफ क भाग को मजदर म शा मल मानना िजसस मजदर बढ ह ई दख और मजदर क असल हालत पर पदा पड जाय

हजाडस कारखान क ल ट को हटाना और सफ हजाडस क एक प रभाषा दना इसस कसी भी कारखान को हजाडस घो षत करवाना बह त मि कल होगा और या काफ ल बी हो जाएगी

म हलाओ को रा पाल म अनम त

तीन माह म ओवरटाइम काम क सीमा बढाकर 115 घट करना (अभी 50 ह)

ड य नयन बनान क लय ज र सद या स या 7 स बढाकर 10 या 100 करना

डय नयन म बाहर सद य पर रोक सफ असग ठत म 2 सद य बाहर क हो सकत ह ड य नयन क मा यता क लय कसी ावधान का ताव नह

हडताल क लय जो क ठन कानन आव यक सवाओ पर लाग था उस सभी पर लाग करन का ताव यानी काननी तौर पर हडताल लगभग असभव गरकाननी हडताल क लय मजदर पर

और तालाबद क लय कारखाना मा लक पर एक ह फाइन-50000 स एक लाख 50 या अ धक मजदर कजअल छटट लकर गरहािजर ह तो यह भी गरकाननी हडताल

ववाद को कोट क बाहर सलझा लन का ावधान और आव यक सवाओ म 2 साल तक हडताल पर तबध (गजरात)

बोनस रा श नधारण क जाच क लय डय नयन नयो ता स कारखान क बलस शीट अब नह माग सकगी

कारखान क इ प शन क लय लबर इ प टर को पहल उ चा धका रय स अनम त लनी होगी और इ प टर क भ मका अब कानन का उ लघन करन वाल पर कारवाई करन क बजाय उ ह कानन का पालन करन म मदद करन क होगी

100 या अ धक मजदर वाल इकाइया ट डग आडर का कानन अब 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय म लाग होगा यह अभी कई

रा य म 50 या अ धक पर लाग होता ह अ य ावधान वह जो 40 स 299 मजदर वाल इकाइय पर लाग 300 या अ धक मजदर वाल इकाइया छटनी या तालाबद क लय सरकार क अनम त ज र

मजदर को 3 माह का नो टस मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स

अ य ावधान वह जो 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय पर लाग मकानन म बदलाव क उपरो त दशा स दो बात प ट होती ह अ) यह कप नय क लय म लागत को

कम स कम करन मजदर को जब चाह काम पर रखन और नकालन क पर छट दन मजदर क हत क

अनदखी करन और मजदर क य नयन बनान और साम हक सौदबाजी करन क मता को ख म करन या कम

स कम करन क दशा म कि त ह और ब) उ योग म शोषण खला का जो ढाचा उभर रहा ह यह उसक

अन प ह एक तरफ छोट इकाइया ह जहा अ धकतम 50 मजदर तक काम करत ह और जहा अ धकाश म

सघन काम सप न होता ह और अ त र त म य का बडा ह सा पदा होता ह दसर तरफ बडी इकाइया ह जहा

100 स 300 तक मजदर काम करत ह और सबस ऊपर थोडी सी ऐसी इकाइया ह जहा 500 स अ धक मजदर

काम करत ह आकड क अनसार पछल 10-12 साल म 10 स 99 मजदर वाल इकाइय का अनपात काफ

घटा ह और दसर तरफ 10 स कम वाल इकाइय और 100-499 वाल इकाइय का अनपात बढ गया ह

दरअसल 10 स कम वाल अ धकाश इकाइया वा तव म 40-50 मजदर को काम पर लगाती ह ल कन कारखाना

कानन स बचन क लय 10 स कम मजदर ह दखाती ह इ ह क सम या को हल करन क लय लघ उ योग

कानन लाया जा रहा ह सार प म इन ता वत कानन स शोषण खला का ढाचा इस प म उभरता दखाई

दता ह अ) घर म काम करन वाल मजदर और 10 स कम वाल इकाइया ब) 10-39 वाल इकाइया स) 40-

299 वाल इकाइया और द) 300 या अ धक वाल इकाइया

iv) प जी का मजदर और जनता पर सवतोमखी नय ण

कोई वग कसी दसर वग पर अपनी स ता सफ दमनत क ताकत क ज रय लब समय तक कायम नह रख

सकता ह शासक वग को शा षत जन म अपनी स ता क कसी न कसी प म एक तर क वीकायता

बनानी पडती ह और अगर वह ऐसा करन म कामयाब नह होता तो उसक स ता भी अ धक समय तक कायम

नह रह सकती ह प जीवाद समाज क लय यह और भी अ धक सच ह पजीप त वग मजदर और आमजन क

वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण कायम करन क को शश करता ह और य द मजदर वग

उस इस पहल पर कोई भावी चनौती नह द पाता ह तो मजदर वग पजी क खलाफ कोई भी भावी सघष

खडा कर पान म सफल नह हो सकता ह प जीवाद समाज म यह वग सघष का एक ब नयाद और मह वपण

पहल ह नयी व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह ल कन

मजदर आ दोलन इस पहल को अ सर नजरदाज करता रहा ह और उस वग सघष क एक ब नयाद पहल क प

म मह व नह द सका ह शायद यह आम जनता क वचार और जीवन पर प जीप त वग क बढत नय ण और

उसको कोई भावी चनौती न द पान क हमार कमजोर का भी एक भाव ह क आज इतन भीषण सकट क

बावजद जनता क ग स का कोई बडा वत फत व फोट नह दखाई दता ह यहा हम सार प म मजदरवग

पर प जीप तवग क नय ण क रणनी त क कछ पहलओ क चचा कर सकत ह

आमजन क वचा रक मानस म प जीप त वग व भ न मा यम स यह लगातार था पत करन क

को शश करता ह क प जीवाद का कोई वक प नह ह नजीकरण और बाजार करण क व तार क साथ

प जीवाद दायर स बाहर कसी अलग जीवन णाल क लय कोई जगह नह रह जाती जो इस वचार को

मजबती दता ह और दश-द नया म कोई वक प नजर न आन स इस उनक वचार मानस म प ता

बनान म मदद मलती ह जीवन क हर ज रत क लय प जीवाद पर पर तरह नभरता और उसस

बाहर नकलन का कोई रा ता न दखाई दन स प जीवाद को वीकार करना एक मजबर भी हो जाती ह

ऐसा ोपागडा बड पमान पर कया जाता ह क प जी क वकास स ह दश को और जनता का वकास हो

सकता ह प जी का वकास होगा तो रोजगार पदा होगा प जी का वकास होगा तो स वधाओ का वकास

होगा प जी का वकास नह होगा तो दश का और जनता का भी वकास क जाएगा और इस लय य द

कोई ऐसी बात करता ह जो प जी क वकास क खलाफ हो तो वह दश का और जनता का द मन ह

आ द आ द

प जीवाद काय थल मजदर को यह अहसास दलाता ह क मजदर और प जीप त दोन का अि त व जडा

हआ ह और मजदर क बहतर क लय प जीप त क बहतर ज र ह नय दौर का सारा प जीवाद

बधन शा और पदा ह ई बधन तकनीक का अमल इस वचार को मजबत बनाता ह रोजगार खोन

का डर भी एक तरह स प जीवाद को वीकार करन क मजबर बन जाती ह

ोपागडा यह नयी व व यव था का एक बह त मजबत और भावी ह थयार ह मी डया स लकर कल -

कालज व व व यालय और शोधस थान तक को भी इसका अग बना दया गया ह इसक ज रय झठ

को सच क तरह पश करना या स य क सफ एक पहल को ह दखाना इ तहास को वकत प म पश

करना म फलाना प जीवाद का म हमामडन करना जो प जीप त वग क हत क खलाफ ह उन वचार

और लोग को बदनाम करना ढ ग पाखड को साइस क तरह पश करना और पछडी चतना को बढावा

दना भडकाऊ झठ खबर बनाना और भडकाऊ कारवाइया करना आ द इनका सबका दायरा बह त व तत

ह यह माल को बचन क लय उनका फायदाबतान वाल झठ रसच स लकर समाजवाद और

समाजवा दय को बदनाम करन क लय झठ घटनाए पदा करन तक का काम करत ह मी डया पर बडी

प जी का पर तरह इजारा कामय हो जान क बाद जनता क पास कोई वकि पक सचनात ख म हो गया

ह और इसक वजह स प जीवाद ोपागडा और अ धक भावी हो गया ह इस हालात न मजदर वग क

सघष क भाव को भी काफ कम कर दया ह दश क कसी शहर म लाख लोग सडक पर आ दोलन

करत ह ल कन पास पडोस क इलाक क लोग को भी इस आ दोलन का पता नह चल पाता यहा तक

क द ल आकर हजार लोग दशन करत ह और द ल क लोग को भी पता नह चलता कह लाख

लोग सघष म जान द रह होत ह ल कन मी डया उ ह यह मानन को मजबर कर दता ह क व पागल ह

या आतकवाद ह और मजदार बात यह ह क लोग एक मनट क लय यह नह सोच पात क व लाख

लोग जो सघष म अपनी जान द रह ह उनक कोई बहद वािजब सम या भी हो सकती ह और यह क

मी डया सफद झठ बोल रहा ह

मजदर वग को वभािजत करन और भटकान क रणनी त प जी क म वरोधी ोपागडा क एक

मह वपण रणनी त ह मजदरवग क भीतर क अतर वरोध को तीखा करना और उ ह एक दसर क वरोधी

क प म तत करना उदाहरण क तौर पर जा त का सवाल धम का सवाल और लगभद का सवाल

और इसक साथ-साथ मजदर क व भ न स तर म अतर वरोध का सवाल उदाहरण क तौर पर

असग ठत ा क मजदर और सग ठत क मजदर कपनी मजदर और ठका मजदर थाई और

अ थाई मजदर ाइबट व पि लक स टर क मजदर आ द इसक बह त सार अ य मह वपण आयाम भी

ह ल कन बात इतन स प ट हो जाती ह इसक साथ ह मजदर आ दोलन म ऐसी रणनी तय को

ो सा हत करना जो सतह पर मजदर क हत म दखती ह ल कन व तत या तो मजदर वरोधी होती

ह या उस बस ऊठक-बठक करन म य त कर दती ह उदाहरण क तौर पर असग ठत मजदर क लय

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

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Page 23: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

हडताल क लय जो क ठन कानन आव यक सवाओ पर लाग था उस सभी पर लाग करन का ताव यानी काननी तौर पर हडताल लगभग असभव गरकाननी हडताल क लय मजदर पर

और तालाबद क लय कारखाना मा लक पर एक ह फाइन-50000 स एक लाख 50 या अ धक मजदर कजअल छटट लकर गरहािजर ह तो यह भी गरकाननी हडताल

ववाद को कोट क बाहर सलझा लन का ावधान और आव यक सवाओ म 2 साल तक हडताल पर तबध (गजरात)

बोनस रा श नधारण क जाच क लय डय नयन नयो ता स कारखान क बलस शीट अब नह माग सकगी

कारखान क इ प शन क लय लबर इ प टर को पहल उ चा धका रय स अनम त लनी होगी और इ प टर क भ मका अब कानन का उ लघन करन वाल पर कारवाई करन क बजाय उ ह कानन का पालन करन म मदद करन क होगी

100 या अ धक मजदर वाल इकाइया ट डग आडर का कानन अब 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय म लाग होगा यह अभी कई

रा य म 50 या अ धक पर लाग होता ह अ य ावधान वह जो 40 स 299 मजदर वाल इकाइय पर लाग 300 या अ धक मजदर वाल इकाइया छटनी या तालाबद क लय सरकार क अनम त ज र

मजदर को 3 माह का नो टस मआवजा हर साल क लय 45 दन क हसाब स

अ य ावधान वह जो 100 या अ धक मजदर वाल इकाइय पर लाग मकानन म बदलाव क उपरो त दशा स दो बात प ट होती ह अ) यह कप नय क लय म लागत को

कम स कम करन मजदर को जब चाह काम पर रखन और नकालन क पर छट दन मजदर क हत क

अनदखी करन और मजदर क य नयन बनान और साम हक सौदबाजी करन क मता को ख म करन या कम

स कम करन क दशा म कि त ह और ब) उ योग म शोषण खला का जो ढाचा उभर रहा ह यह उसक

अन प ह एक तरफ छोट इकाइया ह जहा अ धकतम 50 मजदर तक काम करत ह और जहा अ धकाश म

सघन काम सप न होता ह और अ त र त म य का बडा ह सा पदा होता ह दसर तरफ बडी इकाइया ह जहा

100 स 300 तक मजदर काम करत ह और सबस ऊपर थोडी सी ऐसी इकाइया ह जहा 500 स अ धक मजदर

काम करत ह आकड क अनसार पछल 10-12 साल म 10 स 99 मजदर वाल इकाइय का अनपात काफ

घटा ह और दसर तरफ 10 स कम वाल इकाइय और 100-499 वाल इकाइय का अनपात बढ गया ह

दरअसल 10 स कम वाल अ धकाश इकाइया वा तव म 40-50 मजदर को काम पर लगाती ह ल कन कारखाना

कानन स बचन क लय 10 स कम मजदर ह दखाती ह इ ह क सम या को हल करन क लय लघ उ योग

कानन लाया जा रहा ह सार प म इन ता वत कानन स शोषण खला का ढाचा इस प म उभरता दखाई

दता ह अ) घर म काम करन वाल मजदर और 10 स कम वाल इकाइया ब) 10-39 वाल इकाइया स) 40-

299 वाल इकाइया और द) 300 या अ धक वाल इकाइया

iv) प जी का मजदर और जनता पर सवतोमखी नय ण

कोई वग कसी दसर वग पर अपनी स ता सफ दमनत क ताकत क ज रय लब समय तक कायम नह रख

सकता ह शासक वग को शा षत जन म अपनी स ता क कसी न कसी प म एक तर क वीकायता

बनानी पडती ह और अगर वह ऐसा करन म कामयाब नह होता तो उसक स ता भी अ धक समय तक कायम

नह रह सकती ह प जीवाद समाज क लय यह और भी अ धक सच ह पजीप त वग मजदर और आमजन क

वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण कायम करन क को शश करता ह और य द मजदर वग

उस इस पहल पर कोई भावी चनौती नह द पाता ह तो मजदर वग पजी क खलाफ कोई भी भावी सघष

खडा कर पान म सफल नह हो सकता ह प जीवाद समाज म यह वग सघष का एक ब नयाद और मह वपण

पहल ह नयी व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह ल कन

मजदर आ दोलन इस पहल को अ सर नजरदाज करता रहा ह और उस वग सघष क एक ब नयाद पहल क प

म मह व नह द सका ह शायद यह आम जनता क वचार और जीवन पर प जीप त वग क बढत नय ण और

उसको कोई भावी चनौती न द पान क हमार कमजोर का भी एक भाव ह क आज इतन भीषण सकट क

बावजद जनता क ग स का कोई बडा वत फत व फोट नह दखाई दता ह यहा हम सार प म मजदरवग

पर प जीप तवग क नय ण क रणनी त क कछ पहलओ क चचा कर सकत ह

आमजन क वचा रक मानस म प जीप त वग व भ न मा यम स यह लगातार था पत करन क

को शश करता ह क प जीवाद का कोई वक प नह ह नजीकरण और बाजार करण क व तार क साथ

प जीवाद दायर स बाहर कसी अलग जीवन णाल क लय कोई जगह नह रह जाती जो इस वचार को

मजबती दता ह और दश-द नया म कोई वक प नजर न आन स इस उनक वचार मानस म प ता

बनान म मदद मलती ह जीवन क हर ज रत क लय प जीवाद पर पर तरह नभरता और उसस

बाहर नकलन का कोई रा ता न दखाई दन स प जीवाद को वीकार करना एक मजबर भी हो जाती ह

ऐसा ोपागडा बड पमान पर कया जाता ह क प जी क वकास स ह दश को और जनता का वकास हो

सकता ह प जी का वकास होगा तो रोजगार पदा होगा प जी का वकास होगा तो स वधाओ का वकास

होगा प जी का वकास नह होगा तो दश का और जनता का भी वकास क जाएगा और इस लय य द

कोई ऐसी बात करता ह जो प जी क वकास क खलाफ हो तो वह दश का और जनता का द मन ह

आ द आ द

प जीवाद काय थल मजदर को यह अहसास दलाता ह क मजदर और प जीप त दोन का अि त व जडा

हआ ह और मजदर क बहतर क लय प जीप त क बहतर ज र ह नय दौर का सारा प जीवाद

बधन शा और पदा ह ई बधन तकनीक का अमल इस वचार को मजबत बनाता ह रोजगार खोन

का डर भी एक तरह स प जीवाद को वीकार करन क मजबर बन जाती ह

ोपागडा यह नयी व व यव था का एक बह त मजबत और भावी ह थयार ह मी डया स लकर कल -

कालज व व व यालय और शोधस थान तक को भी इसका अग बना दया गया ह इसक ज रय झठ

को सच क तरह पश करना या स य क सफ एक पहल को ह दखाना इ तहास को वकत प म पश

करना म फलाना प जीवाद का म हमामडन करना जो प जीप त वग क हत क खलाफ ह उन वचार

और लोग को बदनाम करना ढ ग पाखड को साइस क तरह पश करना और पछडी चतना को बढावा

दना भडकाऊ झठ खबर बनाना और भडकाऊ कारवाइया करना आ द इनका सबका दायरा बह त व तत

ह यह माल को बचन क लय उनका फायदाबतान वाल झठ रसच स लकर समाजवाद और

समाजवा दय को बदनाम करन क लय झठ घटनाए पदा करन तक का काम करत ह मी डया पर बडी

प जी का पर तरह इजारा कामय हो जान क बाद जनता क पास कोई वकि पक सचनात ख म हो गया

ह और इसक वजह स प जीवाद ोपागडा और अ धक भावी हो गया ह इस हालात न मजदर वग क

सघष क भाव को भी काफ कम कर दया ह दश क कसी शहर म लाख लोग सडक पर आ दोलन

करत ह ल कन पास पडोस क इलाक क लोग को भी इस आ दोलन का पता नह चल पाता यहा तक

क द ल आकर हजार लोग दशन करत ह और द ल क लोग को भी पता नह चलता कह लाख

लोग सघष म जान द रह होत ह ल कन मी डया उ ह यह मानन को मजबर कर दता ह क व पागल ह

या आतकवाद ह और मजदार बात यह ह क लोग एक मनट क लय यह नह सोच पात क व लाख

लोग जो सघष म अपनी जान द रह ह उनक कोई बहद वािजब सम या भी हो सकती ह और यह क

मी डया सफद झठ बोल रहा ह

मजदर वग को वभािजत करन और भटकान क रणनी त प जी क म वरोधी ोपागडा क एक

मह वपण रणनी त ह मजदरवग क भीतर क अतर वरोध को तीखा करना और उ ह एक दसर क वरोधी

क प म तत करना उदाहरण क तौर पर जा त का सवाल धम का सवाल और लगभद का सवाल

और इसक साथ-साथ मजदर क व भ न स तर म अतर वरोध का सवाल उदाहरण क तौर पर

असग ठत ा क मजदर और सग ठत क मजदर कपनी मजदर और ठका मजदर थाई और

अ थाई मजदर ाइबट व पि लक स टर क मजदर आ द इसक बह त सार अ य मह वपण आयाम भी

ह ल कन बात इतन स प ट हो जाती ह इसक साथ ह मजदर आ दोलन म ऐसी रणनी तय को

ो सा हत करना जो सतह पर मजदर क हत म दखती ह ल कन व तत या तो मजदर वरोधी होती

ह या उस बस ऊठक-बठक करन म य त कर दती ह उदाहरण क तौर पर असग ठत मजदर क लय

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

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Page 24: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

कानन लाया जा रहा ह सार प म इन ता वत कानन स शोषण खला का ढाचा इस प म उभरता दखाई

दता ह अ) घर म काम करन वाल मजदर और 10 स कम वाल इकाइया ब) 10-39 वाल इकाइया स) 40-

299 वाल इकाइया और द) 300 या अ धक वाल इकाइया

iv) प जी का मजदर और जनता पर सवतोमखी नय ण

कोई वग कसी दसर वग पर अपनी स ता सफ दमनत क ताकत क ज रय लब समय तक कायम नह रख

सकता ह शासक वग को शा षत जन म अपनी स ता क कसी न कसी प म एक तर क वीकायता

बनानी पडती ह और अगर वह ऐसा करन म कामयाब नह होता तो उसक स ता भी अ धक समय तक कायम

नह रह सकती ह प जीवाद समाज क लय यह और भी अ धक सच ह पजीप त वग मजदर और आमजन क

वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण कायम करन क को शश करता ह और य द मजदर वग

उस इस पहल पर कोई भावी चनौती नह द पाता ह तो मजदर वग पजी क खलाफ कोई भी भावी सघष

खडा कर पान म सफल नह हो सकता ह प जीवाद समाज म यह वग सघष का एक ब नयाद और मह वपण

पहल ह नयी व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह ल कन

मजदर आ दोलन इस पहल को अ सर नजरदाज करता रहा ह और उस वग सघष क एक ब नयाद पहल क प

म मह व नह द सका ह शायद यह आम जनता क वचार और जीवन पर प जीप त वग क बढत नय ण और

उसको कोई भावी चनौती न द पान क हमार कमजोर का भी एक भाव ह क आज इतन भीषण सकट क

बावजद जनता क ग स का कोई बडा वत फत व फोट नह दखाई दता ह यहा हम सार प म मजदरवग

पर प जीप तवग क नय ण क रणनी त क कछ पहलओ क चचा कर सकत ह

आमजन क वचा रक मानस म प जीप त वग व भ न मा यम स यह लगातार था पत करन क

को शश करता ह क प जीवाद का कोई वक प नह ह नजीकरण और बाजार करण क व तार क साथ

प जीवाद दायर स बाहर कसी अलग जीवन णाल क लय कोई जगह नह रह जाती जो इस वचार को

मजबती दता ह और दश-द नया म कोई वक प नजर न आन स इस उनक वचार मानस म प ता

बनान म मदद मलती ह जीवन क हर ज रत क लय प जीवाद पर पर तरह नभरता और उसस

बाहर नकलन का कोई रा ता न दखाई दन स प जीवाद को वीकार करना एक मजबर भी हो जाती ह

ऐसा ोपागडा बड पमान पर कया जाता ह क प जी क वकास स ह दश को और जनता का वकास हो

सकता ह प जी का वकास होगा तो रोजगार पदा होगा प जी का वकास होगा तो स वधाओ का वकास

होगा प जी का वकास नह होगा तो दश का और जनता का भी वकास क जाएगा और इस लय य द

कोई ऐसी बात करता ह जो प जी क वकास क खलाफ हो तो वह दश का और जनता का द मन ह

आ द आ द

प जीवाद काय थल मजदर को यह अहसास दलाता ह क मजदर और प जीप त दोन का अि त व जडा

हआ ह और मजदर क बहतर क लय प जीप त क बहतर ज र ह नय दौर का सारा प जीवाद

बधन शा और पदा ह ई बधन तकनीक का अमल इस वचार को मजबत बनाता ह रोजगार खोन

का डर भी एक तरह स प जीवाद को वीकार करन क मजबर बन जाती ह

ोपागडा यह नयी व व यव था का एक बह त मजबत और भावी ह थयार ह मी डया स लकर कल -

कालज व व व यालय और शोधस थान तक को भी इसका अग बना दया गया ह इसक ज रय झठ

को सच क तरह पश करना या स य क सफ एक पहल को ह दखाना इ तहास को वकत प म पश

करना म फलाना प जीवाद का म हमामडन करना जो प जीप त वग क हत क खलाफ ह उन वचार

और लोग को बदनाम करना ढ ग पाखड को साइस क तरह पश करना और पछडी चतना को बढावा

दना भडकाऊ झठ खबर बनाना और भडकाऊ कारवाइया करना आ द इनका सबका दायरा बह त व तत

ह यह माल को बचन क लय उनका फायदाबतान वाल झठ रसच स लकर समाजवाद और

समाजवा दय को बदनाम करन क लय झठ घटनाए पदा करन तक का काम करत ह मी डया पर बडी

प जी का पर तरह इजारा कामय हो जान क बाद जनता क पास कोई वकि पक सचनात ख म हो गया

ह और इसक वजह स प जीवाद ोपागडा और अ धक भावी हो गया ह इस हालात न मजदर वग क

सघष क भाव को भी काफ कम कर दया ह दश क कसी शहर म लाख लोग सडक पर आ दोलन

करत ह ल कन पास पडोस क इलाक क लोग को भी इस आ दोलन का पता नह चल पाता यहा तक

क द ल आकर हजार लोग दशन करत ह और द ल क लोग को भी पता नह चलता कह लाख

लोग सघष म जान द रह होत ह ल कन मी डया उ ह यह मानन को मजबर कर दता ह क व पागल ह

या आतकवाद ह और मजदार बात यह ह क लोग एक मनट क लय यह नह सोच पात क व लाख

लोग जो सघष म अपनी जान द रह ह उनक कोई बहद वािजब सम या भी हो सकती ह और यह क

मी डया सफद झठ बोल रहा ह

मजदर वग को वभािजत करन और भटकान क रणनी त प जी क म वरोधी ोपागडा क एक

मह वपण रणनी त ह मजदरवग क भीतर क अतर वरोध को तीखा करना और उ ह एक दसर क वरोधी

क प म तत करना उदाहरण क तौर पर जा त का सवाल धम का सवाल और लगभद का सवाल

और इसक साथ-साथ मजदर क व भ न स तर म अतर वरोध का सवाल उदाहरण क तौर पर

असग ठत ा क मजदर और सग ठत क मजदर कपनी मजदर और ठका मजदर थाई और

अ थाई मजदर ाइबट व पि लक स टर क मजदर आ द इसक बह त सार अ य मह वपण आयाम भी

ह ल कन बात इतन स प ट हो जाती ह इसक साथ ह मजदर आ दोलन म ऐसी रणनी तय को

ो सा हत करना जो सतह पर मजदर क हत म दखती ह ल कन व तत या तो मजदर वरोधी होती

ह या उस बस ऊठक-बठक करन म य त कर दती ह उदाहरण क तौर पर असग ठत मजदर क लय

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

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Page 25: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

प जीवाद काय थल मजदर को यह अहसास दलाता ह क मजदर और प जीप त दोन का अि त व जडा

हआ ह और मजदर क बहतर क लय प जीप त क बहतर ज र ह नय दौर का सारा प जीवाद

बधन शा और पदा ह ई बधन तकनीक का अमल इस वचार को मजबत बनाता ह रोजगार खोन

का डर भी एक तरह स प जीवाद को वीकार करन क मजबर बन जाती ह

ोपागडा यह नयी व व यव था का एक बह त मजबत और भावी ह थयार ह मी डया स लकर कल -

कालज व व व यालय और शोधस थान तक को भी इसका अग बना दया गया ह इसक ज रय झठ

को सच क तरह पश करना या स य क सफ एक पहल को ह दखाना इ तहास को वकत प म पश

करना म फलाना प जीवाद का म हमामडन करना जो प जीप त वग क हत क खलाफ ह उन वचार

और लोग को बदनाम करना ढ ग पाखड को साइस क तरह पश करना और पछडी चतना को बढावा

दना भडकाऊ झठ खबर बनाना और भडकाऊ कारवाइया करना आ द इनका सबका दायरा बह त व तत

ह यह माल को बचन क लय उनका फायदाबतान वाल झठ रसच स लकर समाजवाद और

समाजवा दय को बदनाम करन क लय झठ घटनाए पदा करन तक का काम करत ह मी डया पर बडी

प जी का पर तरह इजारा कामय हो जान क बाद जनता क पास कोई वकि पक सचनात ख म हो गया

ह और इसक वजह स प जीवाद ोपागडा और अ धक भावी हो गया ह इस हालात न मजदर वग क

सघष क भाव को भी काफ कम कर दया ह दश क कसी शहर म लाख लोग सडक पर आ दोलन

करत ह ल कन पास पडोस क इलाक क लोग को भी इस आ दोलन का पता नह चल पाता यहा तक

क द ल आकर हजार लोग दशन करत ह और द ल क लोग को भी पता नह चलता कह लाख

लोग सघष म जान द रह होत ह ल कन मी डया उ ह यह मानन को मजबर कर दता ह क व पागल ह

या आतकवाद ह और मजदार बात यह ह क लोग एक मनट क लय यह नह सोच पात क व लाख

लोग जो सघष म अपनी जान द रह ह उनक कोई बहद वािजब सम या भी हो सकती ह और यह क

मी डया सफद झठ बोल रहा ह

मजदर वग को वभािजत करन और भटकान क रणनी त प जी क म वरोधी ोपागडा क एक

मह वपण रणनी त ह मजदरवग क भीतर क अतर वरोध को तीखा करना और उ ह एक दसर क वरोधी

क प म तत करना उदाहरण क तौर पर जा त का सवाल धम का सवाल और लगभद का सवाल

और इसक साथ-साथ मजदर क व भ न स तर म अतर वरोध का सवाल उदाहरण क तौर पर

असग ठत ा क मजदर और सग ठत क मजदर कपनी मजदर और ठका मजदर थाई और

अ थाई मजदर ाइबट व पि लक स टर क मजदर आ द इसक बह त सार अ य मह वपण आयाम भी

ह ल कन बात इतन स प ट हो जाती ह इसक साथ ह मजदर आ दोलन म ऐसी रणनी तय को

ो सा हत करना जो सतह पर मजदर क हत म दखती ह ल कन व तत या तो मजदर वरोधी होती

ह या उस बस ऊठक-बठक करन म य त कर दती ह उदाहरण क तौर पर असग ठत मजदर क लय

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

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Page 26: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

सामािजक सर ा ए शया फ़लोर वज आ द इस काम म जान-अनजान बह त सार ब दधजीवी और

सगठन और यहा तक क कछ डय नयन भी लगी ह ई ह और हम आप भी अनजान ह इन चीज म

शा मल होत रहत ह अ तरा य प जी वारा पो षत वह त सार फ डग एज सया इस तरह क काम को

मदद दकर आग बढाती ह

हमार यहा रा यस ता कस तरह क तानाशाह क तरफ बढ रह ह उस आज क राजनी तक घटना म

म दखा समझा जा सकता ह हमार दश क वशष प रि थ तय म यहा खल तानाशाह कायम रख

पाना असभव जसा ह ह इस लय ऐसा लगता ह परा यास यहा एक ऐसी राजनी तक पाट क

तानाशाह कायम करन का हो रहा ह िजसक भीतर नाममा भी जनवाद क क टाण न ह और कसी एक

यि त का एक नत व कायम हो सक अगर यह चनी ह ई सरकार हो और मी डया पर तरह

कारपोरट क नय ण म हो तो एक ऐसी तानाशाहाना सरकार कायम क जा स कती ह जो कारपोरट क

नय ण म हो और ोपागडा क अ स उस एक हद तक वीकाय भी बनाया जा सकता ह ऐसी

राजनी तक पाट बीजपी ह हो सकती ह और इस समय उस इस ल य को परा करन क मिजल क ओर

ल जाया जा रहा ह यह कई तर क स हो रहा ह अ) मी डया पर परा नय ण ब) का स पाट को

कसी भी तरह ऐसी हालत म पह चाकर क वह एक स म रा य पाट न रह जाय स) वप ी पा टय

क स म एमपी-एमएलए को कसी भी तरह अपनी तरफ लाकर या उ ह कसी भी तरह अ म बनाकर

द) रा य-धा मक-जातीय और सा क तक भावनाओ क आधार पर समािजक वभाजन को उ करक य)

चनाव म हर सभव तरह क हथकड और हर सभव तरह क चालबाजी करक यहा इस बात का िज

करना ज र ह क यह सब सफ भारत म ह नह हो रहा ह द नया क कई दश म इसी तरह क

हथकड इ तमाल कर तानाशाह सरकार कायम हो रह ह उदाहरणक तौर पर अमर का म प क जीतन

म इ ह हथकड का योगदान बताया जा रहा ह अभी हाल ह म का शत एक लख2 क अनसार

अमर का क इस चनाव म कह -कह 95-100 तशत और कह कह वोटर क स या स भी अ धक

मतदान रकाड कया गया जो भार पमान पर धाधल और वो टग मशीन म क गयी गडबडी या ह कग

को उजागर करता ह यह भी बात सामन आई ह क वो टग मशीन क भीतर क सर ा स टम को बद

कर दयागया था िजसस ह कग ह ई या नह इसका पता नह लगाया जा सकता ह ऐस ह आरोप हमार

यहा भी लगाय गय हइसक अलावा चनाव स पहल प क कोई अ छ इमज नह थी ल कन ोपागडा

क ज रय रा वाद भावनाओ व बरोजगार क सम या क सवाल को प क राजनी त स इस तरह जोडा

गया क उ ह अमर का का एक नया उ धारक ह रो बना दया गया यहा यह प ट करना ज र ह क

2 Ann Diener (2017) Are Trump amp Far-Right Politicians a Virtual ldquoHoney Traprdquo for Russia March 28 2017 httpwwwveteranstodaycom20170328are-trump-far-right-politicians-a-virtual-honey-trap-for-russia

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

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Page 27: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

चनाव म धाधल को तभी छपाया जा सकता ह जब ोपागडा क ज रय यह लोग क दल म बठा दया

जाय क उस पाट या नता क प म दश म एक लहर चल रह ह और ोपागडा यह करन म स म

रहा हमार यहा भी लगभग ऐसा ह हआ एक और मह वपण बात ोपागडा अब अतररा य तौर पर

दशी वदशी प जी का एक सग ठत औजार बन चका ह और उ हन ऐसी अतररा य स थाए पदा क ह

जो अतररा य प जी क हत क अन प अलग अलग दश म खास राजनी तक पा टय को स ता म

लान क ि लय उनक साथ का ट करक चनाव क दौरान उनक लय काम करती ह ऊपर उ धत लख

म दो ऐसी स थाओ क ज एन ल टका और एससीएल का िज ह जो दोन काय प म एक ह ह ऐसा

िज ह क प को िजतान म इन स थाओ का योगदान ह य स थाए कस काम करती ह यह

आ चयजनक ह इस लख क अनसार क ज एन ल टका अपनी वबसाइट पर दावा करती ह क उसक

पास 2200 लाख अमर कन का डाटा ह और वह इस डाटा स उनक भावदाओ को समझकर चनाव क

दौरान उन पर उसी तरह क ोपागडा का इ तमाल करती ह यह डाटा उ ह कस मलता ह- नि चत तौर

पर हमार सभी मल फसबक और हा सअप आ द का डाटा चराकर ह ऐसा कया जा सकात ह उसी

लख म यह भी लखा ह क एससीएल भारत म भी काम करती ह और उसक वबसाइट दखन स पता

चलता ह क दश म उसक तीन ाहक ह-भाजपा का स और जनतादल (यनाइटड) एससीएल क भारत

क हड ह जदय क नता कसी यागी क बट अमर श यागी और एक अखबार रपोट3 क मता बक

शा त कशोर उनक बह त घ न ट ह वबसाइटपर यह भी कहा गया ह क िजन चनाव म एससीएल न

मदद क उसम उनक ाहक क भार जीत ह ई और िजतनी सीट पर टागट कया गया उनम स 90

फ सद पर व जीत गय एससीएल का तो चनाव म कभी नाम नह आया और शात कशोर और

उनक सीएजी का ह नाम आया और उ ह पा टय क बार म नाम आया जा एससीएल क ाहक ह

इसस यह लगता ह क एससीएल और शात कशोर क सीएजी दोन एक ह चीज ह या एक साथ

काम करत ह िजन चनाव म रानी तक पा टय को इ ह न िजताया उनम सबस पहला गजरात का

2012 का चनाव ह िजसम दग क वजह बहद नकारा मक इमज क बावजद भाजपा भार बह मत स

जीती उसक बाद 2014 क लोकसभा चनाव म इ ह न भाजपा क साथ काम कया और वह भार बह मत

स जीती उसक बाद इ ह न 2015 क बहार चनाव म नीतीश कमार क पाट क लय काम कया और

नीतीश को जीत हा सल ह ई 2017 क यपी चनाव म इ ह न का स क साथ काम कया और वहा

सफलता नह मल ल कन यह तो मा रहसल था और असल म इ ह न 2019 क लोकसभा चनाव क

लय का स क लय काम करन का करार कया ह इस सबस अदाजा लगाया जा सकता ह क पजी

कस तरह जनता क अपनी सरकार चनन क अ धकार को एक मजाक बनाती जा रह ह और व तत

3 Tyagirsquos Son Flies Out to Help Trump Economic Times middot 28 Sep 2016

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

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Page 28: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

सरकार बनान बगाडन का काम अ तररा य प जी कर रह ह और वह भी इस तरह क जनता का म

भी बना रह

3 मजदर आ दोलन क वचा रक चनौ तया

वचार का सवाल यह होता ह क हम कसी भी सम या क व वध प मल कारण और िजस स टम स व

सम याए पदा हो रह ह उसका एक म याकन करत ह और इसी म याकन क आधार पर उन सम याओ क

समाधान क एक दशा तय करत ह और उसी क आधार पर हम अपना दरगामी और ता का लक ल य तय

करत ह और इसी लय ता का लक ल य हमशा दरगामी ल य स जडा होता ह और दोन म कोई ब नयाद

अ तर वरोध नह होता ह

इस नगाह स जब हम आज क मजदर आ दोलन पर नगाह डालत ह तो हम उसका वचा रक सकट दो प म

दखाई दता ह अ) वचारह नता का सकट और ब) वचार ढता का सकट

इस समझन क लय सबस पहल यह दखना ज र ह क मजदर वग जमीनी तौर पर आज कस तरह क हालात

का सामना कर रहा ह

अ) खती क हालात

खती अब वसी नह रह जसी पहल हआ करती थी प जीवाद न इसम तीन तरह क बदलाव कय ह i)

चाह बडी खती हो या छोट इसम अब बाहर स खर दकर लागत लगानी पडती ह और लगभग सभी

लागत पर बडी दशी- वदशी प जी का क जा हो गया ह और उ ह न इनक दाम बढाकर उ ह असहनीय

तर पर पह चा दया ह साइस प जी क सवा म हो तो उसक कतन भयकर नतीज नकलत ह इसका

एक उदाहरण खती भी ह ऐस बीज (ट मनटर) पदा कय गय जो दबारा उग ह नह सकत ह और

बगर भार मा ा म पानी रासाय नक खाद और प ट साइड का इ तमाल कय आप कछ भी पदावार

नह ल सकत ii) अब कोई भी अपनी ज रत क सभी फसल का उ पादन नह करता बि क सफ

एक-दो फसल का उ पादन करता ह और अ य चीज बाजार स खर दता ह iii) उ पादन का पराना

तर का ख म होन स खती म आपसी सहयोग क ज रत भी ख म हो गयी और वाभा वक एकता का

पराना ढाचा टट गया और उसस जडी सामािजक स क त भी काफ कछ ख म हो गयी इन सब

पहलओ म नि चत तौर पर इलाकावार भ नताए मौजद ह

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

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Page 29: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

अब हम इसक दसर पहल पर गौर कर 1970-71 स 2010-11 क बीच खती क औसत जोत 228

ह टयर स घटकर 116 ह टयर हो गयी ह जोत क स या 710 लाख स बढकर 1380 लाख हो

गयी ह 67 कसान सीमात कसान ह (1 ह टयर स कम) और इनक औसत जोत सफ एक तहाई

ह टयर रह गयी ह सीमात और छोट कसान (1-2 ह टयर) को अगर एक साथ लया जाय तो कल

कसान आबाद का 85 बनत ह और जब क उनक पास खती क कल जमीन का मा 44 ह ह

इनक खत म होन वाला उ पादन इनक प रवार क ज रत क लय पया त नह होता और लागत क

महग होत जान स इनक खती अब खद अपनी लागत भी नह नकाल पाती ह इस लय इ ह मजदर

भी करनी पडती ह मशीनीकरण क बाद खती म मजदर का काम भी अब साल म कल 50-60 दन

स अ धक नह मलता और इस लय इ ह खती स बाहर मजदर क खोज करनी होती ह नरगा का

हाल भी बह त अ छा नह ह और कह भी इसम 100 दन का काम तो मल नह पाता य कसान या

इनक ब च बाहर मजदर करन जात ह और शहर और औ यो गक अग ठत मजदर का भार ह सा

इ ह म स आता ह उदाहरण क तौर पर शहर म र शा चालक और ठल वाल खदान क अ थाई

मजदर नमाण उ योग म लग मजदर और कई तरह क छोट-बड कारखान म लग मजदर पछल डढ

दशक पर गौर कर तो बार-बार सख क ि थ त न इस प र सकट को कई गना बढा दया ह और नतीज

क तौर पर खती म लगी एक बडी आबाद शहर म पलायन करती दखाई दती ह

अब हम इसक तीसर पहल पर गौर कर खती भी अब व व षोषण खला म समट ल गयी ह इसक

एक पहल क तो हम पहल ह चचा कर चक ह क बीज स लकर प टसाइड तक सभी चीज दशी

वदशी कप नय क ह क ज म ह और दसर तरफ अनाज या अ य चीज जो हम बाजार स खर दनी

होती ह उनका दाम व वषोषण खला ह तय कर रह ह इसक साथ ह साथ कसान और अ य

उ पादक क एक बडी स या खा य उ योग क दशी वदशी कप नय क शोषण खला स सीध जड

चक ह और कप नया इन कसान स सीध माल खर दती ह खदरा बाजार म बडी दशी- वदशी कप नय

क छा जान क साथ अ धक स अ धक कसान इस शोषण खला का अग या उसका शकार बनत

जाएग यहा यह यान दन क बात ह क अगर कछ खास उ पाद को छोड दया जाय तो कप नया

अपनी इस शोषण खला म म यम या बड कसान को ह शा मल करन क को शश करती ह जो उ ह

बडी मा ा म स लाई द सकत ह इसक दो प रणाम हो सकत ह-छोट उ पादक क लय सकट पदा

होगा और दसर तरफ इन माल क छोट यापा रय ठल-पटर वाल क लय भी सकट पदा होगा जो

यापक तर पर दखा जाय तो इ ह क बीच स आत ह ऐस हालात म यह सभव ह क म यम और

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Some Reflections on Crisis of the Left in India Marxism 21 Forthcoming

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Page 30: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

बड कसान क हालत ता का लक तौर पर थोडा बहतर हो सकती ह य क यह शोषण खला उ ह

एक बाजार द दगी ल कन उ ह इसका कतना फायदा या कतना नकसान होगा यह उनक सागठ नक

राजनी तक ताकत और उनक साम हक सौदबाजी क ताकत पर नभर करगा ल कन शोषण खला क

कई पहलओ पर उनका कोई नय ण नह होगा इस लय ऐसी उ मीद ह अ धक दखाई दती ह क यह

उ ह नय सकट म ह धकलगी

अब हम चौथ पहल पर गौर कर नाबाड क आकडो क अनसार ह खती का कल 1970-71 स

2010-11 क बीच 31 लाख 3 हजार ह टयर घट गया ह यह तो सरकार आकड ह असल त वीर

कह अ धक भयावह ह एक अनमान क मता बक सफ 1991 और 2003 क बीच 50 लाख ह टयर

जमीन औ योगीकरण और शहर करण क लय ल गयी वशष आ थक (सज) क लय जमीन लन

का दौर तो 2005 स श हआ िजसम सरकार आकडो क अनसार 2005 स 2014 क बीच 60 हजार

ह टयर स अ धक जमीन ल गयी दसर तरफ खती म उ पादन क दर म कोई बढती नह ह ई ऐस

म आप समझ सकत ह क अनाज सकट बढ रहा ह और हम अ धक स अ धक अनाज बाहर स

आयात करना पड रहा ह आबाद तो अपनी दर स बढती जाएगी और इसक साथ ह हम अनाज क

लय दसर दश पर नभर होत जाएग दश क जो चावल का कटोरा कह जात थ वहा अब चावल

तो नह रहा कटोरा ह रह गया ह य क जमीन उ योगीकरण और शहर करण म चल गयी य भी

नयी व व यव था म अनाज क आयात और नयात पर रोक नह लगा सकत और इसका फायदा

उठाकर वदशी कप नया कछ समय तक स ता माल फक कर हमार उ पादन यव था को व त कर

दती ह और दशी कप नया भी मनाफ क हवश म इस खल म शा मल रहती ह यहा ि फल पीस का

उदाहरण दना समीचीन होगा नयी व व यव था का अग बनन स पहल वह चावल का भार मा ा म

नयात करता था और अब वह पर तरह चावल क आयात पर नभर हो गया ह अनाज पर वदशी

नभरता या होती ह यह हम 60 क दशक म अ छ तरह झल चक ह

अ त म यह उ लख कर दना ज र ह 1998-99 स 2011-12 क बीच दश क सकल आय म खती का

योगदान 29 स घटकर 14 हो गया दसर तरफ 1999-00 स 2011-12 क बीच दश क कल

कायशि त म खती पर नभर कायशि त का ह सा 62 स घटकर लगभग 49 हो गया यानी अभी

भी आधी कायशि त खती पर ह नभर ह खती म त कामगार त दन औसत म यवधन मा

172 पय रह गया ह इसस एक तरफ तो सीमात और छोट कसान और भ मह न मजदर क

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

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Page 31: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

असहनीय हालत का अदाजा लगता ह और दसर तरफ यह इस बात का भी सबत ह क आ थक

वकास स पया त रोजगार पदा नह हो रहा ह

ब) खती क बाहर रोजगार क हालात

जसा क हम पहल ह उ लख कर चक ह नयी व व यव था म शा मल होन क बाद स हमार दश म

सकल उ पाद म वकास दर का रोजगार वकास दर स कोई नाता नह रह गया ह और यह इस लय

हआ ह क सकल उ पाद क आध स अ धक ह स का व तीयकरण हो चका ह पजी का यह ह सा

उ पादन म लगकर नया म य पदा करन क बजाय स टाबाजर क व भ न प म लगा हआ ह जहा

सीध पस स पसा कमाया जाता ह इस लय कभी हम ऐसा भी दखत ह क सकल उ पाद वकास दर

बढती ह पर रोजगार वकास दर गर जाती ह और इसका उ टा भी होता ह सरकार आकडो क

अनसार व वीकरण क बाद स रोजगार वकास दर हमशा रोजगार बाजार म मौजद आबाद क वकास

दर क बराबर या उसस कम ह रह ह यानी बराजगार क स या म कोई कमी नह आती जनगणना

2011 क अनसार 607 लाख लोग पर तरह बरोजगार ह और अगर इसम उनक भी स या जोड ल

जाय जो सफ कभी कभी रोजगार पात ह तो यह स या 1162 लाख पर पह च जाती ह 15-29 उ

वग क िजतन लोग रोजगार बाजार म ह उनम स 34 लोग बरोजगार ह

यहा यह उ लख करना उ चत होगा क वशष आ थक जोन म िजतना रोजगार पदा होन का दावा

कया गया था (39 लाख) उसका 7 (लगभग 2 लाख) ह रोजगार असल म पदा हआ (सीएजी रपोट

2014) यह भी उ लखनीय ह क अभी तक औ यो गक उ पादन क म जो वदशी म ा नवश

आया उसका 54 स अ धक ह सा यहा मौजद कारखान को खर दन या उनम साझदार खर दन म

लगा ह यानी नया कारखाना लगान म और नया रोजगार पदा करन म नह लगा ह इसक साथ ह

यह भी यान म रखना ज र ह क नयी व व यव था का व प ह ऐसा ह क समय-समय पर

सकट का व फोट होता रहता ह इसका असर मजदर पर कतना भीषण होता ह इसका अदाजा इसी

स लगाया जा सकता ह क 2008 क सफ अि तम तीन मह न म नयात क लय पदा करन वाल

सफ तीन स टर म (कपडा आटोमाबाइल ज स- वलर ) म 5 लाख मजदर क नौकर चल गयी

अब हम इस पर गौर करत ह क कस तरह का रोजगार पदा हो रहा ह और मजदर कन हालात म

काम कर रह ह

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Some Reflections on Crisis of the Left in India Marxism 21 Forthcoming

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Page 32: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

इस समय यह दावा कया जा रहा ह क शहर रोजगार वकास क दर बढ गयी ह और यह क

सग ठत म रोजगार का अनपात बढ गया ह और सग ठत मजदर का अनपात बढ गया ह

रोजगार वकास क दर बढन का दावा तो अजीब ह असल म यह दावा इस आधार पर कया जा रहा

ह क खासकर 2009-10 क बाद क ष म कामगार क स या म काफ कमी आई ह और शहर

म कामगार क स या म बढती ह ई ह यह सच ह क ऐसा हआ ह ल कन जसा क हम पहल

चचा कर चक ह क ष पहल स ह सकट त थी और 2000 क बाद बार-बार सख क हालात न

आ खरकार उ ह शहर म पलायन करन को मजबर कर दया उ ह न इस लय पलायन नह कया क

शहर म नया रोजगार पदा हो गया था बि क इस लय क प रवार को िज दा रखन क लय यह ज र

था अब दख क व शहर म कन काम म लग 1999-00 स 2011-12 क बीच 12 साल म

कामगार क स या म सबस अ धक बढती दखाई दती ह- नमाण म (370 लाख) और उसक बाद

यापार (94 लाख) आवागमन और सचना (89 लाख) रयल इ टट और र टग (42 लाख)

श ा (59 लाख) होटल (34 लाख) फन चर (35 लाख) रडीमड कपडा (71 लाख) हम दख सकत ह

क रोजगार क सबस अ धक बढती उन म ह ई ह िजनका अ धकाश ह सा पर तरह असग ठत

म ह और िजनम कजअल मजदर और वरोजगार का अनपात बह त अ धक ह इसस यह लगता

ह क स च अथ म नया रोजगार पदा होन क बजाय मौजदा रोजगार म ह भीड बढ गयी जो आकड

उपल ध ह उनस इसक झलक भी मलती ह क इस दौर म मजदर और वरोजगार म लग लोग क

आय घट गयी जो इस भीड बढन का ह प रणाम हो सकती ह इस दौर म 32 वरोजगार म लग

कामगार क आय और 42 मजदर क मजदर यनतम मजदर स कम थी और वा त वक मजदर

म बढती क दर -1 पर पह च गयी

यह सच ह क इस दौर म सग ठत क मजदर का अनपात बढा (हाला क बह त अ धक नह ) और

यह इस चीज को दशाता ह क भारत क उ योग म क यकरण क या ग त पकड रह ह

नशनल सपल सव क आकडो क अनसार 2004-05 और 2011-12 क बीच 20 या अ धक मजदर

वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात 13 स बढकर 17 हो गया ल कन जब हम

और गहराई म जाकर दखत ह तो एक रोचक प रघटना दखाई दती ह दरअसल 10-99 मजदर वाल

औ यो गक इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात घट गया ह और दसर तरफ 10 स कम

वाल इकाइय और 100 स 499 वाल इकाइय म काम करन वाल मजदर का अनपात बढ गया ह

उ योग क शोषण खला का ह यह दपण ह इसम एक तरफ बडी इकाइया ह और दसर तरफ उनक

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

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Page 33: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

लय काम करन वाल भार स या म ब कल छोट इकाइया ह यह यान म रखना होगा क 10 स

कम वाल इकाइय म वा तव म 50 मजदर तक काम करत ह ल कन व कारखाना कानन स बचन क

लय व हमशा 10 स कम मजदर ह दखाती ह इनक मि कल आसान करन क लय ह लघ

कारखाना कानन बनाया जा रहा ह िजसक तहत 40 स कम वाल इकाइय पर कारखाना कानन लाग

नह होगा

सग ठत मजदर क अनपात म बढती क बात करना तो हा या पद ह ह य क सग ठत मजदर क

अनपात म बढती सग ठत क बजाय असग ठत ा म दखाई दती ह दसर तरफ 1999-00 स

2009-10 क बीच कल शहर रोजगार म असग ठत मजदर का अनपात 77 स 80 हो गया

2004-05 स 2011-12 क बीच खतीबार वाल काम स अलग म नय मत मजदर पर काम करन

वाल मजदर म बना नयि त प वाल मजदर का अनपात 59 स बढकर 65 हो गया और ऐस

मजदर का अनपात जो पड ल व (ऐसी छ टया िजनका पसा वतन स नह कटता) क हकदार नह ह

उनका अनपात 66 स बढकर 71 हो गया

यहा एक और चीज पर गौर करना भी अ छा होगा कल मजदर शि ा (कायशि त +बराजगार मजदर)

का कवल 581 मजदर और कल कायशि त (जो रोजगार म ह) का कवल 627 ह मजदर ह

य नयन म सग ठत ह दहाडी या माहवार मजदर पर काम करन वाल (यानी वरोजगार नह ) मजदर

का 1315 य नयनम सग ठत ह सग ठत का 2648 और सग ठत मजदर (िजनको

नयि तप व सामािजक सर ा का लाभ मलता ह) का 4094 य नयन म सग ठत ह इसस कछ

मह वपण नतीज नकलत ह एक तो यह क जो मजदर काननी तर क स नय त कय जात ह व

य नयन बनान म अ धक स म होत ह पि लक स टर म कानन का सबस अ छ तरह पालन होता

ह और इस लय वहा मजदर भी य नयन बनान म सबस अ धक स म होत ह ल कन अब हालात

ब कल उ ट हो रह ह एक तो प र उ योग म असग ठत बढता जा रहा ह और सग ठत म

भी असग ठत मजदर क स या बढती जा रह ह मजदर आदोलन क सम यह एक गभीर चनौती

ह दसर ओर पि लक स टर का तजी स नजीरकरण हो रहा ह अभी सग ठत म कल य नयन

मबर शप का लगभग 15 पि लक स टर स आता ह और इसस प ट ह क पि लक स टर क

नजीकरण स य नयन क ताकत भी घट जायगी इसक अलावा िजन पि लक स टर कप नय का

नजीकरण नह कया गया ह वहा भी य ाइवट स टर क लय खोल दय गय ह ऐस म पि लक

स टर कप नय को ाइवट कप नय स कपट सन म उतरना पड रहा ह ाइवट कप नय म मजदर व

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Some Reflections on Crisis of the Left in India Marxism 21 Forthcoming

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Surendra Pratap and Annavajhula JC Bose (2015) Informality and Precarious Work in Production Chain Capitalism A Case Study of Automobile Industry in India Asian Labour Review Vol 1 (2015) 65 ndash 96

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Surendra Pratap (2012) The Corporate Social Responsibility and Political Agenda of the Corporate in the Book The Reality of Corporate Social Responsibility The Case Studies on Impact of CSR on Workers in China South Korea India and Indonesia published by AMRC Hong Kong 2012

Page 34: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

अ य लाभ ाइवट स टर स बह त कम ह इस लय उनक लागत पि लक स टर कप नय स बह त कम

ह इसस पि लक स टर कप नय म भी लागत कम करन यानी मजदर क मजदर व अ य लाभ कम

करन का दबाव काफ हो गया ह इस माहौल म पि लक स टर कप नय म भी असग ठत मजदर का

अनपात भार पमान पर बढ रहा ह यह भी मजदर आ दोलन क सम एक चनौती ह

I) मजदर आ दोलन म वचारह नता का सकट

मजदर म भाईचारा मजदरवग क वचारधारा का ब नयाद और ाथ मक पहल ह इसी स मजदर आबाद

मजदर वग का व प हण करती ह ऐसा सफ इस लय नह ह क भाईचारा अच छा म य होता ह और मजदर

अ छ इ सान होत ह या होना चा हए और इस लय उ ह यह म य अपनाना चा हए ऐसा इस लय ह क मजदर

क शि त का यह सबस बडा आधार ह और इसक बगर व अपन जीवन को बदलन क कोई बडी लडाई नह

जीत सकत ह अब जरा आज क मजदर आदोलन क सम याओ पर नगाह डाल और दखन क को शश कर क

इस वचार का अभाव हम कहा भा वत कर रहा ह हम यहा सफ स प म कछ सम याओ को रखा कत

करग

हम यह चचा कर चक ह क अब उ पादन यव था का व प बदल गया ह और अब एक शोषण खला क

ज रय काम होता ह आसानी स समझन क लय हम यहा आटोमोबाइल उ योग का उदाहरण लत ह इस

उ योग म सबस नीच ढर सार छोट कप नया ह जहा गाडी म लगन वाल पज क छोट-छोट भाग बनत ह

उसक बाद इ ह जोडकर अलग-अलग पज को प दन वाल तलना क प स बडी कप नया ह और उसक बाद

सार पज को जोडकर गाडी बनान वाल बडी कप नया ह अगर गाडी बनान वाल एक कपनी क शोषण खला

म काम करन वाल कल मजदर क स या दख तो उनका एक बडा भाग छोट कप नय म काम करता ह और

सबस बर हालत का सामना करता ह इसक साथ ह ऊपर क तर पर मौजद कप नय म भी भार अनपात

असग ठत मजदर का ह होता ह शोषण खला क यग म कसी भी उ योग म मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता नणायक तौर पर तभी मजबत हो सकती ह जब पर शोषण खला क मजदर को सग ठत कया जा

सक और उनम भाईचारा कायम कया जा सक पर हालात या ह द ता को बनाय रखन क मजबर म ऊपर

क तर पर मौजद कप नय को एक अनपात म थायी मजदर बनाय रखना होता ह और इस वजह स वहा

य नयन बनाना भी तलना मक तौर पर आसान होता ह और जहा य नयन बन सक वहा थायी मजदर अपन

हक को भी एक हद तक हा सल कर लत ह हाल क वष म कछ य नयन न अपनी कप नय म ठका मक

क सम याओ को भी उठाया ह य क व इतना तो समझ ह रह ह क अगर ठका मजदर वह काम करत ह

जो व करत ह ल कन वतन उनस आधा भी नह पात तो थायी मजदर क नौकर भी हमशा खतर म ह

होगी ल कन सफ इतना ह इस मामल म भी कोई बडी पहल नह दखाई दती ह सबस बडा सकट ह छोट

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

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Page 35: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

इकाइय म काम करन वाल मजदर क त असप तता उनको सग ठत करन क तो कोई पहल ह नह दखाई

दती

य नयन म वत फत तर क स वचारधारा क वकास क एक सीमा होती ह व अ धकाशत कपनी तर पर

अपन सद य क हत क हत क लय एक सक ण दायर म काम करती ह और उसस बाहर तभी नकलती ह

जब उनक मजबर होती ह और दरअसल जब व इसस बाहर नकलती ह तभी उनक भीतर वग य सगठन का

गण पदा होता ह इसी लय जब भी व ऐसा करन का यास करती ह कपनी मनजमट बह त अ धक सचत हो

जाता ह और उ ह ऐसा करन स रोकन क लय हर सभव यास करता ह व य नयन बनन को भी एक हद तक

वीकार कर लत ह ल कन य नयन मजदर वग क कसी राजनी तक सगठन स जडना चाहती ह तो व ऐसा नह

होन दना चाहत य क इसस य नयन म वग य च र प लता ह और ि फर व कपनी को भी अपन नयो ता

क प म ह नह बि क पजीप त वग क एक ह स क प म दखना श कर दत ह य नयन म बाहर

सद य का वरोध भी इसी लय हो रहा ह ल कन जसा क हम पहल कह चक ह य नयन म वत फत तर क

स ऐसी वग य सोच पदा हो इसक एक सीमा ह और इसका मल कारण ह उनका मजदर वग क अ य ह स क

जीवन और उनक सघष स कोई जीवत सबध न होना और इस लय सम याओ और प रि थ तय को सम ता म

दखन समझन का मौका न मलना यह भ मका मजदर आ दोलन क राजनी तक सगठन ह नभा सकत ह और

वह इन य नयन को वह माहौल और मौका दान करत ह िजसम उनक वग य च र का वकास हो सक

कपनी य नयन खद जाकर मजदर क दसर ह स को सग ठत होन म मदद नह कर सकती ह यह मजदर का

कोई राजनी तक सगठन ह कर सकता ह और उसक साथ जडकर काम करत ह ए ह कपनी य नयन भी इसम

भ मका नभा सकती ह पर शोषण खला क मजदर को सग ठत करन और उनम एका कायम करन का

सवाल भी इसी तरह का मामला ह

इसक अलावा हम यह भी बात कर चक ह क शोषण खला का प अब वि वक हो गया ह व व प जी न एक

रणनी त क तहत उ पादन क अलग-अलग ह स म बखर दया ह इसस कसी भी एक दश क मजदर उनक

उ पादन यव था को ठप नह कर सकत ह य द कसी एक दश क फ म हडताल हो जाय तो व वह पजा

या वह माल उसी शोषण खला म कसी दसर दश म मौजद कारखान म बना सकत ह इसस यह प ट ह क

मजदर वग साम हक सौदबाजी क नणायक ताकत तभी हा सलकर सकता ह जब उस कपनी और उस माल क

अलग-अलग दश म मौजद पर शोषण खला म भाईचारा कायम कया जा स क इस मामल म भी दश क

मजदर आ दोलन म कोई बडी पहल नह दखाई दती ह

हमार दश म उदार करण क बाद एक और प रि थ त पदा ह ई ह क उन उ योग म जहा सफ पि लक स टर

था अब ाइवट स टर भी काम कर रहा ह पि लक स टर म य नयन मजबत ह और उनक मजदर और अ य

ि थ तया ाइवट स टर क मजदर स कई गना बहतर ह दोन तरह क कप नया एक ह तरह का माल बनाती

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

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Page 36: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

ह और सफ मजदर क हालत म अ तर क वजह स ाइवट कप नय म लागत काफ कम हो जाती ह ऐस म

या यह हालात ल ब समय तक कायम रह सकत ह अगर ाइवट स टर क मजदर क साम हक सौदबाजी

क मता मजबत नह होती और उनक मजदर और अ य लाभ पि लक स टर क मजदर क बराबर या आस-

पास नह पह चत तो या ल ब समय तक पि लक स टर क मजदर सर त रह पाएग ल कन ि फर भी

पि लक स टर क य नयन और मजदर क राजनी तक सगठन क ओर स इस दशा म कोई बडी पहल नह

दखाई दती बि क दखाई ऐसा द रहा ह क य नयन पि लक स टर म भी ठका मजदर क बढती स या को

वीकार करती जा रह ह और ठका मजदर क हत स उनका कोई घ न ठ नाता नह दखाई द रहा ह

अब हम एक कदम आग बढ अलग-अलग औ यो गक म और अलग-अलग उ योग म प जीप त वग

अ धक स अ धक राजनी तक प स सग ठत हो रहा ह ल कन ऐसी कोई बडी रणनी तक पहल मजदर

आ दोलन क ओर स दखाई नह द रह ह क य य नयन क रा यापी हडताल क खला क साथ यह

यास दखाई दता ह ल कन अ धकाशत वह सफ इन य नयन म हडताल - दशन क आयोजन म सम वय

तक ह सी मत दखाई दता ह

और आ खर म सबस मह वपण बात मजदर आ दोलन क समाज म भ मका इस सवाल को भी यहा हम इस

प म नह उठा रह ह क मजदर वग एक ाि तकार वग होता ह और उसक अ छ म य होत ह और इस लय

उस समाज म अपनी भ मका नभानी चा हए यहा हम इस इस प म उठा रह ह क समाज म एक सश त

भ मका क बना मजदर का सगठन अपना वग य च र हण ह नह कर सकता ह और इसक बगर वह वग

शि त सतलन म अपनी ि थ त को मजबत नह बना सकता ह यहा इसक दो पहलओ पर गौर करन क

को शश कर

अ) मजदर वग इसी समाज म रहता ह और वह मजदर वग क प म समाज म भी शोषण व असमानताओ

का शकार होता ह ऐस म उसका सगठन अगर इन सम याओ स कोई सरोकार नह रखता तो वह

सगठन समाज म अपना मह व ह खो दता ह और आज हालात ऐस ह दखाई दत ह दसर बात

मजदर इसी समाज म रहता ह और इसी लय वह इसी समाज स ह अपनी शि त भी हण करता ह

बह त गहराई म जान क बजाय अगर ब कल साधारण बात क प म कह तो मजदर को अपन सघष

क दौरान समाज स समथन क आव यकता होती ह और य द मजदर वग समाज और सामािजक सघष

म कोई भ मका नह नभाता तो वह समथन क इस आधार को पदा नह कर सकता ह

आ) हम ऊपर चचा कर चक ह क खती क तबाह न भार ामीण आबाद को शहर और औ यो गक

इलाक म पलायन करन को मजबर कर दया इसका शहर और औ यो गक मजदर क हालात पर

गहरा असर पडता हmdashमजदर क आप त बढ जाती ह और माग कम होती ह और इसक वजह स

मजदर क नीच जान का दबाव बढ जाता ह कल मलाकर यह मजदर क साम हक सौदबाजी क

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Some Reflections on Crisis of the Left in India Marxism 21 Forthcoming

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Surendra Pratap and Annavajhula JC Bose (2015) Informality and Precarious Work in Production Chain Capitalism A Case Study of Automobile Industry in India Asian Labour Review Vol 1 (2015) 65 ndash 96

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Page 37: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

मता को घटा दता ह इसस प ट ह क खती क हालात का औ यो गक मजदर क हालात पर सीधा

असर पडता ह इस र त क और भी कई आयाम ह ल कन हम उस व तार म नह जाना चाहत

य क इतन स भी बात प ट हो जाती ह ऐसी ि थ त म या शहर व औ यो गक मजदर आ दोलन

खती कसानी क तबाह क सम या को नजरदाज कर सकता ह ल कन मजदर आ दोलन म हालात

तो अभी यह दखाई दत ह यहा तक क क य य नयन क साझा माग म भी यह सम या कह

शा मल दखाई नह दती ह दसर बात भारत म अभी भी मजदर क अ धकाश आबाद का च र

ामीण ह और वह गाव स ह आती ह और अ धकाश मजदर क लय काम व मजदर क हालात ऐस

नह ह वह शहर म बसन का सपना दख सक इस लय उसका गाव स और खती कसानी स एक

जीवत नाता बना रहता ह कई मामल म तो हालात ऐस ह क व गाव स आत जात रहत ह और

थायी तौर पर शहर म रहत भी नह ह उदाहरण क तौर पर नमाण क मजदर दश म कई ऐस

ामीण ह जहा स खास उ योग म काम करन वाल मजदर क भार स लाई होती ह ऐस हालात

म मजदर को सग ठत करन क लय भी शहर मजदर आ दोलन का गाव क कसान -मजदर क

आ दोलन स घ न ठ सबध ज र दखाई दता ह

II) मजदर आ दोलन म वचार ढता का सकट

मजदर आदोलन म वचार ढता का सकट काफ गहरा तीत होता ह और यह कई प म lsquorsquoकोई वक प नह rsquorsquo

क ि थ त म दखाई दता ह शायद मजदर आदोलन क ठहराव का यह सबस मह वपण कारण ह इस सम या

क कई आयाम ह ल कन यहा हम उसक सफ कछ पहलओ पर ह स प म चचा कर सकत ह

मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क हर पहल म

प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन प ध तय को

वक प क प म तत करना और जहा कह जहा तक सभव हो इन वक प क नमाण का यास करना

यह एक ब नयाद सवाल ह य क प जी क मार झल रह समाज म प जीवाद वरोधी चतना तो वत फत प

म पदा होती रहती ह ल कन एक ऐस दौर म जब द नया म कह भी समाजवाद क कोई लहर मौजद न हो

उपरो त कायभार क बगर स इस प जीवाद वरोधी चतना को समाजवाद या परवतनकामी चतना म बदला नह

जा सकता ह और कायम नह रखा जा सकता ह ल कन दश क वतमान मजदर आ दोलन म यह पहल कह

दखाई नह दता ह

कछ उदाहरण स इस सम या को और गहराई म दखा जा सकता ह प जीवाद नी तय क खलाफ मजदर

आ दोलन क आलोचना और व लषण अ सर सफ इस प म ह सामन आता ह क य नी तया कस प म

गलत ह और जन वरोधी ह ल कन वह कोई वकि पक नी त तत करता नह दखाई दता ह ऐस म यह एक

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Some Reflections on Crisis of the Left in India Marxism 21 Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2015) Indiarsquos ldquoInformal Sectorrdquo Demystifying a Problematic Concept WorkingUSA The Journal of Labor and Society middot 1089-7011 middot Volume 19middot June 2016 middot pp 229ndash250

Surendra Pratap and Annavajhula JC Bose (2015) Informality and Precarious Work in Production Chain Capitalism A Case Study of Automobile Industry in India Asian Labour Review Vol 1 (2015) 65 ndash 96

Surendra Pratap (2015) Political Economy of Labour Law Reforms in India Part I II ampIII httpsanhaticom

Surendra Pratap (2014) Emerging Trends in Factory Asia International Capital Mobility Global Value Chains and the Labour Movements Asia Monitor Resource Centre Hong Kong 2014

Surendra Pratap (2012) The Corporate Social Responsibility and Political Agenda of the Corporate in the Book The Reality of Corporate Social Responsibility The Case Studies on Impact of CSR on Workers in China South Korea India and Indonesia published by AMRC Hong Kong 2012

Page 38: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

यथाि थ तवाद या अराजगकतावाद वरोध या वरोध क लय वरोध क प जीवाद राजनी त स अलग नह

दखाई दता ह प रवततकामी मजदर आदोलन क लय यह ज र ह क वह प जीवाद नी तय क हर पहल पर

मजदरवग क ि टकोण स आलोचना तत कर ऐस वक प सझाए और उनपर अमल क तर क सझाए िजनस

यह सा बत होता हो क व हवाई योजनाए नह ह और उन पर अमल सभव ह उनक दो पहल हो सकत ह-एक

पहल िजनपर त काल अमल सभव हो दसरा ऐसा पहल हो सकता ह िजन पर अमल क लय कछ ऐसी

प रि थ तय का होना ज र ह िज ह अभी तो पदा करना सभव न हो ल कन कालातर म ऐसा सभव हो सकता

हो ज र तो नह ल कन यहा यह साफ कर दना अ छा होगा क यह मजदरवग क प जीप तवग स बौ दधक

उ चता सा बत करन क लय नह बि क मजदर आ दोलन क ता का लक और दरगामी रणनी त बनान क लय

ज र होता ह प जीवाद नी तय क खलाफ हमार वकि पक नी तय क कई पहल ऐस होत ह िजनम स कछ

पर एक हद तक जनता क वत पहलकदमी स भी आग बढा जा सकता ह और भारत जस दश म अभी भी

इसक काफ सभावनाए मौजद ह और यह मजदर आ दोलन क रणनी त का मह वपण अग बन सकता ह कछ

ऐस पहल होत ह िज ह वीकार करन क लय प जीवाद स ता को मजबर कया जा सकता ह और उसक लय

ऐसा करना सभव होता ह और यह मजदर आ दोलन क मह वपण माग म शा मल होत ह कछ ऐस पहल होत

ह िजनपर प जीवाद स ता क होत ह ए भी अगर मजदरवग कसी रा य म सरकार बनान म कामयाब हो जाय तो

उनपर अमल कर सकता ह कई ऐस पहल होत ह िजन पर अमल समाजवाद स ता कायम होन क बाद ह

कया जा सकता ह और जो प जीवाद क खलाफ समाजवाद चार और समाजवाद राजनी त क लय लोग को

लामबद करन क रणनी त का म य अग बनत ह इन सभी पहलओ पर काम कय बना मजदर आ दोलन

कभी आग नह बढ सकता ह

य तो यह सम याए मजदर आ दोलन क सम काय यवहार म प ट दखाई दती ह ल कन कछ उदाहरण क

ज रय हम इ ह थोडा और ठोस प म दख सकत ह

1 हम म कानन क सवाल पर मजदर आ दोलन क ह प का सवाल ल मजदर आदोलन न मकानन

म ससोधन का वरोध कया और कर रहा ह ल कन नयी प रि थ तय म मजदरवग क हत क अन प

कस म कानन क ज रत ह इस पर लगभग कोई काम नह हआ और मजदर आदोलन कोई वकि पक

मनी त तत नह कर सका यहा यह प ट करना ज र ह क मकानन म मजदर क हत क

ि ट स वशद सम याए मौजद रह ह उदाहरण क तौर पर यनतम मजदर कानन म ऐसा कोई

ावधान नह ह क कतन समय क अनभव क बाद मजदर को यनतम मजदर स अ धक दया जाना

चा हए कई दश म उदाहरण क तौर पर इडोन सया म इसक लय एक साल क सीमा रखी गयी ह

इसक अलावा क य कानन म य नयन क मा यता क नय कोई ावधान नह ह उ पादन क

यव था म बदलाव आय ह उसक बाद तो मजदर क हत क ि ट स म कानन म कई नय आयाम

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Some Reflections on Crisis of the Left in India Marxism 21 Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2015) Indiarsquos ldquoInformal Sectorrdquo Demystifying a Problematic Concept WorkingUSA The Journal of Labor and Society middot 1089-7011 middot Volume 19middot June 2016 middot pp 229ndash250

Surendra Pratap and Annavajhula JC Bose (2015) Informality and Precarious Work in Production Chain Capitalism A Case Study of Automobile Industry in India Asian Labour Review Vol 1 (2015) 65 ndash 96

Surendra Pratap (2015) Political Economy of Labour Law Reforms in India Part I II ampIII httpsanhaticom

Surendra Pratap (2014) Emerging Trends in Factory Asia International Capital Mobility Global Value Chains and the Labour Movements Asia Monitor Resource Centre Hong Kong 2014

Surendra Pratap (2012) The Corporate Social Responsibility and Political Agenda of the Corporate in the Book The Reality of Corporate Social Responsibility The Case Studies on Impact of CSR on Workers in China South Korea India and Indonesia published by AMRC Hong Kong 2012

Page 39: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

क ज रत ह उदाहरण क तौर पर कसी भी दशी या वदशी कपनी क पर शोषण खला म

मकानन को लाग करन और उसका खच उठान क मल िज मदार उस कपनी क होनी चा हए और

स वदा कानन क अ तगत उस म य नयो ता माना जाना चा हए पर शोषण खला जो घर तक फल

ह ई ह उसम कायदशाओ क मानदड को लाग करन क िज मदार भी इस म य नयो ता क ह होनी

चा हए और म मानदड का पालन न होन पर इन म य नयो ता कप नय को द डत करन का

वधान भी होना चा हए ऐसा कानन भी बनना चा हए जो म य नयो ता कप नय क लय यह ज र

कर द क व अपनी शोषण खला क कप नय स द घका लक करार कर और करार स कम आडर दन

पर मआवजा दन का ावधान हो इसक अलावा यह भी ज र कया जाना चा हए क व शोषण खला

म दय जान वाल अपन सभी वकआडर म मजदर और ममानदड क लागत को पारदश तर क स

शा मल कर और इस सचना अ धकार क दायर म भी लाया जाना चा हए शोषण खला छोट कप नय

और घर म काम करन वाल मजदर क शोषण को स थाब ध करती ह इस लय उन मजदर क लय

साम हक सौदबाजी क लय भी एक नया स टम ज र ह और उसी क अन प कानन म भी बदलाव

क ज रत ह नयी शोषण खला म कम समय तक काम पर रखन और बार बार काम पर रखन-

नकालन का स टम ह ऐस म ईएल नो टस मजदर और छटनी मआवजा कानन म इस ावधान क

लाग होन क साल भर काम क शत को हटाकर इस एक माह कर दना चा हएmdashआ द

2 अब शहर स टर म वरोजगार म लग लोग क सम याओ को ल-उदाहरण क तौर पर रहडी-पटर

वाल बडी पजी क इस खदरा बाजार म आन स उनक रोजगार पर सकट मडरा रहा ह और इस लय

मजदर आदोलन बडी प जी क रटल चन का वरोध कर रहा ह यह सह ह ल कन यथाि थ त म भी

उनक हालत सधरन क कोई सभावना नह ह और यथाि थ त म रहत ह ए रटल चन जसी नी तय क

खलाफ सघष क उनक मता भी बहद सी मत ह मजदर आदोलन उनक दशा सधारन और उनक

साम हक ताकत बढान क दशा म कोई वकि पक नी त नह पश कर सका उदाहरण क तौर पर अ)

उनक इन छोट -छोट अथ यव थाओ को कसी न कसी तरह क साम हक णाल म लाय बगर न तो

उनक हालत म सधार क कोई सभावना दखाई दती ह और न ह उनक साम हक ताकत पदा क जा

सकती ह ब) य खद भी एक शोषण खला म काम करत ह-फ या अ य उ पादक स थोक व ता

और उसस स लायर और ि फर खदरा यापार तक माल पह चता ह मनाफ का अ धकाश ह सा ऊपर क

तर पर कमाया जाता ह और रहडी पटर यापार तो 12 स अ धक घट तक काम करन क बाद भी

यनतम मजदर या उसस थोडा अ धक कमा लत ह ल कन अ धकाश क आय इतनी भी नह होती

उनक आय उनक पास मौजद प जी पर भी नभर करती ह ऐसी ि थ त म उनक लय भी ऐस कसी

कानन क ज रत स इ कार नह कया जा सकता जो उनक मािजन इस तरह तय कर िजसस उनक 8

घट क आय कम स कम यनतम मजदर क बराबर हो जहा तक उ ह कसी न कसी साम हक

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Some Reflections on Crisis of the Left in India Marxism 21 Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2015) Indiarsquos ldquoInformal Sectorrdquo Demystifying a Problematic Concept WorkingUSA The Journal of Labor and Society middot 1089-7011 middot Volume 19middot June 2016 middot pp 229ndash250

Surendra Pratap and Annavajhula JC Bose (2015) Informality and Precarious Work in Production Chain Capitalism A Case Study of Automobile Industry in India Asian Labour Review Vol 1 (2015) 65 ndash 96

Surendra Pratap (2015) Political Economy of Labour Law Reforms in India Part I II ampIII httpsanhaticom

Surendra Pratap (2014) Emerging Trends in Factory Asia International Capital Mobility Global Value Chains and the Labour Movements Asia Monitor Resource Centre Hong Kong 2014

Surendra Pratap (2012) The Corporate Social Responsibility and Political Agenda of the Corporate in the Book The Reality of Corporate Social Responsibility The Case Studies on Impact of CSR on Workers in China South Korea India and Indonesia published by AMRC Hong Kong 2012

Page 40: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

णाल म लान क बात ह यह उनक पहलकदमी स भी कया जा सकता ह इस लय मजदर आदोलन

क रणनी त का यह मह वपण अग हो सकता ह यह बात घर म रहकर शोषण खला म काम करन

वाल मजदर पर भी लाग होती ह उ ह भी कसी न कसी साम हक णाल म लाकर ह उनक

साम हक शि त पदा क जा सकती ह

3 अब हम खती क सकट और भ म सधार क सवाल को ल हम ऊपर चचा कर चक ह क खती एक

ढाचागत सकट का शकार हो चक ह और कसान क लगभग तीन चौथाई आबाद सीमात और छोट

कसान क हो चक ह और सकट इतना गहरा ह क इन जोत म खती एक घाट का सौदा बन चक ह

भ म क मा लकान म गभीर असमानता मौजद ह और सफ 5 ामीण प रवार लगभग 32 जमीन

क मा लक ह दसर तरफ एक अनमान क मता बक लगभग 40 प रवार भ मह न ह इस लय भ म

सधार ज र ह ल कन उपरो त सकट का समाधान सफ भ मसधार स होना सभव नह दखाई दता ह

एक अनमान क मता बक भ मसधार क लय य द 10 ह टयर क सी लग लगाई जाय तो कर ब 478

लाख ह टयर जमीन भ मह न और सीमात व छोट कसान म बाटन क ि लय नकल सकती ह दसर

तरफ इस समय ामीण भारत म कल भ महन प रवार क स या लगभग 1010 लाख ह इसस यह

प ट होता ह ह क सफ भ म सधार स खती क सकट का समाधान सभव नह ह भ म सधार क

साथ-साथ सीमात और छोट कसान क जोत को कसी साम हक णाल क भीतर लान स ह सकट का

समाधान सभव हो सकता ह जहा तक भ म सधार का सवाल ह यह अब वसा सवाल नह रहा जसा

स तर क दशक म था इसम दो बदलाव आय ह अ) प जीप तवग क लय भ म सधार का सवाल

लगभग पर तरह ख म हो गया ह य क पजीवाद क वकास क वतमान दशा दशा म उसक लय

इसक कोई उपयो गता नह रह ब) स तर क दशक तक क ि थ तय म lsquoजमीन जोतन वाल क rsquo नारा

िजस तरह क जमीनी वग सघष का प तत करता था वह ि थ तया बदल चक ह अब यह यापक

तर क राजनी तक सघष का सवाल ह और दश क तर पर एक भ मसधार क नी त क तहत एक नयी

सी लग तय करन और लाग करन स जडा हआ ह दसर तरफ जोत को कसी साम हक णाल क

भीतर लान का सवाल सीध जनपहलकदमी का सवाल ह मजदर आ दोलन म इन दोन ह प पर

कोई मह वपण पहलकदमी दखाई नह दती ह भ मसधार क सवाल पर भी कोई जीवत राजनी तक

आदोलन नह दखाई दता ह और कसान को कसी साम हक णाल म लान का सवाल तो वचार क

दायर क बाहर ह दखाई दता ह

4 यहा मजदर आदोलन म मौजद एक ा तपण वचार क चचा ज र ह ऐसा माना जाता ह क प जीवाद

वकास क साथ छोट खती या छोट आ थक इकाइया ख म हो जाती ह और भारत म अभी तक छोट

खती व वारोजगार वाल छोट इकाइय का भार पमान पद मौजद होना अ धकाशत सामतवाद या

ाकप जीवाद यव था क ख म न होन क सबत क प म दखा जाता ह यह सह ह क प जी क

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Some Reflections on Crisis of the Left in India Marxism 21 Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2015) Indiarsquos ldquoInformal Sectorrdquo Demystifying a Problematic Concept WorkingUSA The Journal of Labor and Society middot 1089-7011 middot Volume 19middot June 2016 middot pp 229ndash250

Surendra Pratap and Annavajhula JC Bose (2015) Informality and Precarious Work in Production Chain Capitalism A Case Study of Automobile Industry in India Asian Labour Review Vol 1 (2015) 65 ndash 96

Surendra Pratap (2015) Political Economy of Labour Law Reforms in India Part I II ampIII httpsanhaticom

Surendra Pratap (2014) Emerging Trends in Factory Asia International Capital Mobility Global Value Chains and the Labour Movements Asia Monitor Resource Centre Hong Kong 2014

Surendra Pratap (2012) The Corporate Social Responsibility and Political Agenda of the Corporate in the Book The Reality of Corporate Social Responsibility The Case Studies on Impact of CSR on Workers in China South Korea India and Indonesia published by AMRC Hong Kong 2012

Page 41: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

व तार क साथ इन छोट इकाइय का नाश होता जाता ह ल कन इस एकतरफा या क प म नह

दखा जा सकता ह प जी क व तार क या को वग सघष स अलग करक दखन का अथ ह यह मान

लना क मजदरवग इस मामल म बना लड ह सरडर कर दता ह और इस या का कोई वरोध ह

नह करता ल कन यह सभव नह हो सकता ह मजदरवग प जी क व तार क हर कदम पर उसका

वरोध करता ह और इस वग सघष का नतीजा उस थान और काल म मौजद वगशि त सतलन स ह

तय होता ह आजाद क बाद हमार दश म प रि थ तया ऐसी नह थी िजसम वगशि त सतलन

नणायक प स प जी क प म हो पजीप त वग का आ थक प स कमजोर होना और मजदरवग क

एक सश त आ दोलन का मौजद होना य दोन ह उदार करण स पहल क द नया का सच रह ह अगर

वग सघष क नज रय स दख तो िजस सामतवाद या ाकपजीवाद यव था क अवशष क प म दखा

जाता ह वह वगसघष म मजदरवग क जीत क प म दखाई दता ह और इस नज रय स दखन स ह

छोट कसान को कसी साम हक णाल म लान क पहलकदमी को भी प जीवाद क खलाफ वग सघष

क एक रणनी त क तारपर समझा जा सकता ह ऐसा न समझ पान क वजह स ह ऐसी कसी

साम हक णाल क लय पहलकदमी को समाजवाद स ता कायम होन क बाद का कायभार मान लया

जाता ह

5 जातीय-धा मक-ल गक वभाजन का सवाल यह एक स चाई ह क यह वभाजन सामािजक और वग य

दोन ह प म बना हआ ह और इसक समाधान क दशा म कसी भावी रणनी त क बगर मजदरवग

का एक सश त आदोलन का पदा होना मि कल दखाई दता ह द लत म हलाओ और मसलमान क

भदभावपण सामािजक सा क तक और राजनी तक ि थ त क साथ हम इस पर भी गौर करना चा हए

क इन तीन ह स स आन वाल कामगार या तो भ मह न मजदर ह सीमात-छोट कसान ह या

असग ठत मजदर ह या असग ठत म कसी वरोजगार म लग ह ए ह इसतरह स इस सम या क

दो पहल दखाई दत ह अ) अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उ चत त न ध व का

सवाल और ब) भीषण वग य शोषण का सवाल जहा तक त न ध व का सवाल ह मजदर आदोलन क

लय उसक दो पहल ह- एक पहल यह ह अथ यव था और राजसमाज क व भ न म उनक उ चत

त न ध व का सवाल मजदर आदोलन क रणनी त का अग ह या नह और अगर ह तो उस कतना

मह व दया जाता ह और दसरा सवाल ह क त न ध व क इस सवाल को मजदर आ दोलन अपन

भीतर कस तरह हल करता ह या इस कतना मह व दता ह इस सवाल को दसर तरह स उठाया

जाय आर ण क सवाल का मल त न ध व का सवाल ह ह और ऐस म या यह मजदर आ दोलन

क भीतर लाग नह होता ह एक अथ म दखा जाय तो यहा सबस अ धक लाग होना चा हए य क यहा

तो उनक ह हत क लडाई लडन का सवाल ह और ऐस म नत व म उनका उ चत त न ध व अ य

स अ धक ज र ह मजदर आदोलन और सगठन क ढाच को ऐसा जनता क व प कस दया

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Some Reflections on Crisis of the Left in India Marxism 21 Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2015) Indiarsquos ldquoInformal Sectorrdquo Demystifying a Problematic Concept WorkingUSA The Journal of Labor and Society middot 1089-7011 middot Volume 19middot June 2016 middot pp 229ndash250

Surendra Pratap and Annavajhula JC Bose (2015) Informality and Precarious Work in Production Chain Capitalism A Case Study of Automobile Industry in India Asian Labour Review Vol 1 (2015) 65 ndash 96

Surendra Pratap (2015) Political Economy of Labour Law Reforms in India Part I II ampIII httpsanhaticom

Surendra Pratap (2014) Emerging Trends in Factory Asia International Capital Mobility Global Value Chains and the Labour Movements Asia Monitor Resource Centre Hong Kong 2014

Surendra Pratap (2012) The Corporate Social Responsibility and Political Agenda of the Corporate in the Book The Reality of Corporate Social Responsibility The Case Studies on Impact of CSR on Workers in China South Korea India and Indonesia published by AMRC Hong Kong 2012

Page 42: भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां...भारत के मजदूर आंदोलन के सम चुनौतयां

जाय िजसक भीतर इस सम या का बहतर समाधान हो सक या ऐसा नह ह क अपन भीतर इस

सम या क समाधान क ज रय भी हम समाज म इस सम या क समाधान क लडाई को मजबत कर

सकत ह दसरा सवाल ह उनक वग य शोषण का यह स चाई ह क मजदर आदोलन असग ठत क

उन ह स क भीतर मजदर को सग ठत करन क कोई बडी पहल नह ल सका ह यहा तक क पहल

उनक िजन ह स क भीतर एक मजबत मजदर आदोलन मौजद था आज वहा भी हम अगर न भावी

नह तो काफ कमजोर हो चक ह

6 नयी व व यव था क अि त व म आन क बाद सा ा यवाद जकडबद और सा ा यवाद शोषण का

व प इतना प ट हो गया ह क सामा य जन कसान और मजदर भी इस आसानी स दख समझ

सकत ह कसान और मजदर अपन जीवन म इसस सीध-सीध ब हो रह ह और उसक मार ढल रह

ह इसक अलावा यह भी प ट हो गया ह क अब प जीप त वग का कोई ह सा रणनी तक तौर पर

सा ा यवाद क वरोध म खडा नह होगा नयी व व यव था स उसक हत इस कदर जड चक ह और

इसक जकडबद को वह इस हद तक वीकार कर चका ह क अब उसक लय यह सभव ह नह ह

सफ उन हालात को छोडकर जब दश को सीध सा ा यवाद ह त प का सामना करना पड िजसक

सभावना नह क बराबर ह प जीप त वग क कसी ह स क रणनी तक तौर पर सा ा यवाद क वरोध

म खड होन क काई सभावाना नह दखाई दती ह धा मक क टरपथ का सवाल भी अब नयी व व

यव था क जन- वभाजनकार आतकवाद क खल क रणनी त का ह सा बन चका ह और इस मामल म

भी रणनी तक तौर पर प जीप तवग क कसी भी ह स क साथ कसी मोच क सभावना कम हो गयी ह

कम स कम तब तक जब तक कसी न न फासीवाद स ता क चनौती सामन न आ खडी हो नयी

व व यव था म शोषण क रणनी त इतनी अ धक जन वरोधी ह क एक तर क तानाशाह उसक

ज रत बनती जा रह ह और हमार दश क रा य स ता म बढती तानाशाहाना वि तया भी इसी स पदा

हो रह ह इस लय इस मामल म भी प जीप तवग क कसी ह स क साथ रणनी तक मोच क सभावना

कम होती जा रह ह दसर तरफ जसा क हमन पहल िज कया सा ा यवाद वरोधी आ दोलन म

मजदर और कसान क स य भागीदार क बहतर प रि थ तया वक सत ह ई ह और इसक साथ ह

अ तररा य तर पर या कम स कम वकासशील दश म मजदर आ दोलन क आपसी सहयोग और

सा ा यवाद वरोधी मोचा बनान क प रि थ तया बहतर ह ई ह मजदर आ दोलन का वचा रक सकट

यहा भी दखाई दता ह और वह अभी भी इन प रि थ तय का एक स यक व लषण और उसक आधार

पर सा ा यवाद वरोधी आ दोलन खडा करन और कोई यापक मोचा बनान क दशा म कोई पहल नह

ल सका ह

7 प जी और म क बीच वग सघष का एक ब नयाद पहल ह वचारधारा मक सघष और यह बहआयामी

होता ह प जीप त वग मजदर और आमजन क वचार और जीवन क हर पहल पर सवतोमखी नय ण

कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Some Reflections on Crisis of the Left in India Marxism 21 Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2015) Indiarsquos ldquoInformal Sectorrdquo Demystifying a Problematic Concept WorkingUSA The Journal of Labor and Society middot 1089-7011 middot Volume 19middot June 2016 middot pp 229ndash250

Surendra Pratap and Annavajhula JC Bose (2015) Informality and Precarious Work in Production Chain Capitalism A Case Study of Automobile Industry in India Asian Labour Review Vol 1 (2015) 65 ndash 96

Surendra Pratap (2015) Political Economy of Labour Law Reforms in India Part I II ampIII httpsanhaticom

Surendra Pratap (2014) Emerging Trends in Factory Asia International Capital Mobility Global Value Chains and the Labour Movements Asia Monitor Resource Centre Hong Kong 2014

Surendra Pratap (2012) The Corporate Social Responsibility and Political Agenda of the Corporate in the Book The Reality of Corporate Social Responsibility The Case Studies on Impact of CSR on Workers in China South Korea India and Indonesia published by AMRC Hong Kong 2012

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कायम करन और प जी तथा प जी क स ता क वीकायता कायम करन क को शश करता ह नयी

व व यव था म इस पहल पर प जी क रणनी त वह त यापक भावी और मजबत ह ई ह और मजदर

वग क लय इस मामल म एक वपर त ि थ त पदा ह ई ह प जी का ोपागडा स टम बह त ह यापक

हो चका ह इल ा नक मी डया क सार और मी डया पर बडी प जी क एका धकार न एक तरफ प जी क

ोपागडा को घर-घर तक जन-जन तक और ब चndashब च तक पह चा दया ह और उ ह 24 घट क लय

उसस जोड दया ह और दसर तरफ इसन मजदरवग क राजनी तक सगठन को आमजन स दर कर

दया ह उ ह अपनी आवाज आमजन तक पह चाना मि कल कर दया ह दश क भीतर ह एक जगह पर

चल रह मजदरवग क सघष क बार म दसर जगह क मजदर को मालम ह नह चल पाता मजदर

को इन सघष स भी एक उ मीद सघष क चतना और भाईचार क भावना मलती ह इसक वजह स

ह ऐस सघष का भाव काफ यापक हो जाता ह ल कन अगर सघष क जानकार को फलन स रोक

दया जाय तो इन सघष म यापक भाव पदा करन क शि त भी कम हो जाती ह मजदर आदोलन

म इस सम या को महसस कया जाता ह ल कन अभी भी इस सम या क समाधान क ि दशा म कोई

मह वपण पहल सामन नह आ सक ह ऐसा लगता ह क इस सम या पर अकल सगठन या पा टय

क छोट-छोट तर क पहल ि थ त म कोई खास बदलाव लान म स म नह हो सकती ह और इस

दशा म कोई बडी पहल मजदर आदोलन म यापक एकता क बगर सभव नह ह

आ खर म दो बात कहकर हम अपनी बात ख म करग मजदर आ दोलन क इन सम याओ पर बात करत ह ए

हम मजदर आ दोलनक उपलि धय को नह भल जाना चा हए एक अथ म यह कहा जा सकता ह क आज

इस दश म जो कछ अ छा ह वह मजदरवग क सघष क ह बदौलत कायम ह और आज भी वह जसी भी

ि थ त म हो प जीप त वग क सामन सीना तान खडा ह दसर बात हम एक बार ि फर इस पर जोर दना

चाहग क मजदर आ दोलन का सबस मह वपण कायभार ह आ थक-राजनी तक-सामािजक-सा क तक जीवन क

हर पहल म प जी क स ता क खलाफ सघष करत ह ए समाजवाद या अ धक स अ धक समतामलक जीवन

प ध तय को वक प क प म तत करना और जहा तक और जहा भी सभव हो इन वक प क नमाण का

यास करना इसक बगर मजदर आदोलन एक प रवतनकामी राजनी क शि त क प म नह उभर सकता ह

प जीवाद क भीतर ऐस वक प क नमाण क एक सीमा ह और इस दशा म गभीर चनौ तय का सामना भी

करना पड सकता ह ल कन यह सभव ह इसक असभवता क तक को वहा तक नह खीच दना चा हए क वह

ऐस वचार स मल खान लग क प जीवाद द नया क कायम रहत एक दश म समाजवाद का नमाण नह कया

जा सकता नि चत तौर पर प जीवाद द नया क भीतर एक दश म समाजवाद क नमाण क चनौ तया होती ह

ल कन यह सभव ह चनौ तया कतनी और कसी हगी यह उस समय दश और द नया क वगशि त सतलन पर

नभर करता ह इस तरह क वक प क नमाण क चनौ तया भी थान वशष और दश म वगशि त सतलन

स ह तय ह गी

सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Some Reflections on Crisis of the Left in India Marxism 21 Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2015) Indiarsquos ldquoInformal Sectorrdquo Demystifying a Problematic Concept WorkingUSA The Journal of Labor and Society middot 1089-7011 middot Volume 19middot June 2016 middot pp 229ndash250

Surendra Pratap and Annavajhula JC Bose (2015) Informality and Precarious Work in Production Chain Capitalism A Case Study of Automobile Industry in India Asian Labour Review Vol 1 (2015) 65 ndash 96

Surendra Pratap (2015) Political Economy of Labour Law Reforms in India Part I II ampIII httpsanhaticom

Surendra Pratap (2014) Emerging Trends in Factory Asia International Capital Mobility Global Value Chains and the Labour Movements Asia Monitor Resource Centre Hong Kong 2014

Surendra Pratap (2012) The Corporate Social Responsibility and Political Agenda of the Corporate in the Book The Reality of Corporate Social Responsibility The Case Studies on Impact of CSR on Workers in China South Korea India and Indonesia published by AMRC Hong Kong 2012

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सदभ साम ी

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Liberalisation in India Does it Resolve or Aggravate Employment Problems Journal of Contemporary Asia Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2017) Some Reflections on Crisis of the Left in India Marxism 21 Forthcoming

Timothy Kerswell and Surendra Pratap (2015) Indiarsquos ldquoInformal Sectorrdquo Demystifying a Problematic Concept WorkingUSA The Journal of Labor and Society middot 1089-7011 middot Volume 19middot June 2016 middot pp 229ndash250

Surendra Pratap and Annavajhula JC Bose (2015) Informality and Precarious Work in Production Chain Capitalism A Case Study of Automobile Industry in India Asian Labour Review Vol 1 (2015) 65 ndash 96

Surendra Pratap (2015) Political Economy of Labour Law Reforms in India Part I II ampIII httpsanhaticom

Surendra Pratap (2014) Emerging Trends in Factory Asia International Capital Mobility Global Value Chains and the Labour Movements Asia Monitor Resource Centre Hong Kong 2014

Surendra Pratap (2012) The Corporate Social Responsibility and Political Agenda of the Corporate in the Book The Reality of Corporate Social Responsibility The Case Studies on Impact of CSR on Workers in China South Korea India and Indonesia published by AMRC Hong Kong 2012