मोमम अंार की राजैतिक...

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राजनैतिक थिति [173] मȪमन अȲ ȡ कȧ ȡजनȰǓिक ǔèिǓि पिछले चौसठ व मै उिर देश का जािीय िररय िलक लदगया है। शशा का सार और पवशिन जािीय सम ह के लीच ध तनक मयवग का उदय जािीय और ाशमक स ार थवितिा और िकसान धतदोलन मयवि और दशलि जातिय का तितनिव करने वाले पवचार और राजनीतिक दल का अय दय जमीतदारउ उम लन और ि शम स ार ििा लाशलग मिािकार िर धारि लोकित इन सिी कारक के सममशलि िाव से हउ ऐसा सतिव ह ध। जातिय का िरतिरा से चला ध रहा सामाजक ढातचा और जातिय के लीच राजनीतिक समीकरण हमेशा िाल शमलाकर नहउत चलिे। मयवि और दशलि जातिय के सामाजक धतदोलन मै हमेशा उच जातिय के क िहथसे ने शशरकि की है। ऐसे धतदोलन के अनेक नेिा और शसातिकार ाय उच जाति के ल पजीवी रहे ह। इसके अलावा जातिय की लह लिा िकसी िी कजाति के वचथव को असतिव लना दे िी है। सामाजक ऱि से दो व िर रहने के लावज द राजनीतिक समीकरण मै ामण और श लतले समय िक साि-साि रहे। मयवि जातिय के उिान के दौर मै जो पिछाा-दशलि- सलमान समीकरण लना उसमै िी उच जाति के क महवि ण टक

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  • राजनैतिक स्थिति

    [173]

    मोममन अंसार की राजनैतिक स्थिति

    पिछले चौसठ वर्षों में उत्िर प्रदेश का जािीय िररदृश् य िल् कुल लदल

    गया है। शशक्षा का प्रसार और पवशिन् न जािीय समहह के लीच धुतुनक

    मध् यवगग का उदय जािीय और ुाशमग क सुु ार थ वित्रतिा और िकसान

    धतदोलन मध् यविती और दशलि जातिय का प्रतितनिुत् व करने वाले पवचार

    और राजनीतिक दल का अभ् यदुय जमीतदारउ उन् महलन और िहशम सुु ार ििा

    लाशलग मिािुकार िर धुाररि लोकित्रत इन सिी कारक के सस्ममशलि

    प्रिाव से हउ ऐसा सतिव हुध।

    जातिय का िरतिरा से चला ध रहा सामास्जक ढातचा और जातिय के

    लीच राजनीतिक समीकरण हमेशा िाल शमलाकर नहउत चलि।े मध् यविती और

    दशलि जातिय के सामास्जक धतदोलन में हमेशा उच् च जातिय के कक िहथ से

    ने शशरकि की है। ऐसे धतदोलन के अनेक नेिा और शसद्ातिकार प्राय उच् च

    जाति के लपुद्जीवी रहे हैं। इसके अलावा जातिय की लहुलिा िकसी िी कक

    जाति के वचग थ व को असतिव लना देिी है। सामास्जक रूि से दो ध्रवु िर

    रहने के लावजहद राजनीतिक समीकरण में ब्राह्मण और शहद्र लतले समय िक

    साि-साि रहे। मध् यविती जातिय के उत् िान के दौर में जो पिछाा-दशलि-

    मसुलमान समीकरण लना उसमें िी उच् च जाति के कक महत् विहणग टकक

  • राजनैतिक स्थिति

    [174]

    राजिहि शाशमल िे। लाशलग मिािुकार इस िरह के जािीय समीकरण को

    जरूरउ लना देिा है। समाज का स्जिना ज् यादा लोकिाति्रतकरण होिा जािा है

    राजनीति में जािीय समीकरण की गतिशीलिा िी उिनी हउ लढ़िी जािी है।

    नये-नये जािीय समहह ुीरे-ुीरे लोकित्रत में अिनी िहचान जिाने लगि े हैं

    और सत्िा में िहथ सेदारउ के शलक मोलिोल करने लगिे हैं। इस िरह लोकित्रत

    में जातिय की लहुलिा जाति के िरतिरागि सामास्जक ढातच ेको कमजोर करने

    और उसके कहकने में सहायिा प्रदान करिी है।

    जातिय का िरतिरागि सतिुलन जल कहकने लगिा है िल थ विावि

    सामतयक िौर िर जािीय िनाव और िहतसा फैलािी है। लेिकन सतक्रमण का

    यह काल दरअसल जातिय के लीच िरथ िर समानिा और सम मान के नये

    सतलतु जातिय के लीच अिेक्षाकृि न् यायिहणग सतिुलन को जन् म देिा है।

    इतिहास में यह सतक्रमण दशक िक चलिा रहिा है।

    उत्िर प्रदेश में दशलि और पिछा े मसुलमान को लेकर राजनीति

    करवक ले रहउ है। यह लााई अगा े मसु्थलम समदुाय द्वारा की जा रहउ

    हकमारउ के खिलाफ कें िद्रि है। शशक्षा-दउक्षा में िीछे और हाशशये िर िा े

    दशलि व सिाये हुक मसुलमान के लारे में सगुलगुाहकें िेज हुई िो

    िसमातदा(पवकास की दौा मे जो िीछे छह क गक हो) मसुलमान के सतगठन िर

    हउ सवाल उठने शरुू हो गये। िसमातदा मसुलमान ने जल कहा िक उन् हें

  • राजनैतिक स्थिति

    [175]

    राजनीतिक सतरक्षण की जरूरि है िो कहा जाने लगा िक वह मसुलमान की

    ककिा में फह क डालने की कायग वाई है।

    उत्िर प्रदेश में मसुलमान का अशराफ िलका हउ कुल मसु्थलम धलादउ

    का प्रतितनिुत् व करिा है। शशक्षा का के्ष्रत हो अिवा राजनीति या जमीन

    सिी मामले में अशराफ समदुाय हउ धगे रहा है। पिछा-ेिसमातदा मसु्थलम

    समदुाय की धवाज लनकर अब् दलु कयहम अतसारउ ने क के दशक में मोशमन

    िहरउक के जररये ऐसी कोशशश की और साि हउ अिनी कक थ वित्रत िहचान

    िी लनायी िर धजादउ के लाद उसे तनरतिरिा नहउत िदया जा सका। मोशमन

    राजनीति के झतडालरदार िािकग य और गुक में लतक कर राजनीति करि े रहे।

    ऊिर से देिने से लगिा है िक मसुलमान में ऊँच-नीच अिवा गैरलरालरउ का

    िेद नहउत है लेिकन वाथ िपवकिा इससे अलग है। मसु्थलम समदुाय में अगा े

    का अिग है- सयैद शिे िठान और मस््लक धिद। यह शसलशसला धज िी

    उसी अतदाज में जारउ है जैसे कक कहावि है- कोदो-मडुध अन् न नहउत जोलहा

    ुतुनया जन नहउत। मोशमन िहरउक के धतदोलन के कारण पिछा ेमोशमन को

    अिनी िहचान और सतख् या लल का लाि यह हुध िक राजनीतिक में इक् के-

    दकु् के मोशमन नेिा िी िदिाई िाने लगे। चनुाव के समय ऐसे सतगठन मोल-

    िोल करने के शलक मदैान में ध जािे हैं और चनुाव के लाद शीि तनद्रा में

    चले जाि ेहैं।

  • राजनैतिक स्थिति

    [176]

    िरम िरागि रूि से रा जनीति िर कब् जा जमाये अगा े मसुलमान का

    प्रितु् व अिी िी लरकरार है। उनका नजररया है िक मसुलमान के लीच

    जातिगि धुार िर प्रतितनिुत् व देने की मातग मसुलमान की ककिा को

    िोाने वाला है। इसशलक वे सेक् शनल ररजववेशशन नहउत लस््क कोकल ररजववेशशन

    की मातग कर रहे हैं। कोकल ररजववेशशन का मिलल यह है िक िहरे मसु्थलम

    समदुाय को लकैवडग मान शलया जाये और उनको धरक्षण के दायरे में ले

    धया जाये। सामास्जक न् याय के ला े िद गज निेा िी शसफग पिछा े

    मसुलमान को सतरक्षण देने से िरहेज करिे हैं। वह िी इसे वोक की दृस्टक से

    सिी मसुलमान को कक साि रिने में हउ अिना िला देििे हैं। दहसरउ ओर

    इस पवचारुारा के खिलाफ मसु्थलम पिछाें लोग का नारा है- वोट हमारा

    राज िुम् हारा... नह ं चलेगा। इस िरह कक नये िचतिन की शरुूधि हुई।

    राष्ट र य स् थ िर की राजनीति

    िारि में डॉ. राम मनोहर लोिहया को पिछा ेवगों के उत् िान हेिु सतटर्षग

    का जनक माना जािा है। उन् ह ने न केवल पिछा े वगों में धत् म सम मान

    जगाया, वरन उन् हें सतटर्षग के िि िर धरूढ़ िी िकया। उनके जीवन काल में

    हउ उत्िर प्रदेश में चौुरउ चरण शसतह, हररयाणा में चौुरउ लतसीलाल ििा

    िलहार में किहग रउ ठाकुर की िाजिोशी मखु् यमन् ्रती िद िर हो चकुा िा। डॉ.

    लोिहया का यह किन िक ‘’स्जन् दा कौमें 5 वर्ष का इन् िजार नह ं िकय स्ा

  • राजनैतिक स्थिति

    [177]

    करिी’’ प्रिावशालउ शसद् हुध। यह उनके किन का प्रिाव हउ िा िक 1967

    में प्रिम लार उत्िर प्रदेश, हररयाणा, िलहार, राजथ िान कवत मध् य प्रदेश धिद

    में ‘’सतयकु् ि पवुायक दल’’ के नेितृ् व में गैर कातगे्रसी सरकार का गठन हुध।

    पिछा े वगों की राजनीति के लल िर हउ 1967 में चौ. चरण शसतह उत्िर

    प्रदेश के मखु् यमन् ्रती लने िे। तवाि य है िक चौुरउ चरण शसतह अ.ज.ग.र.

    (अहउर, जाक, गजुग र, रवा-राजिहि) के नेिा के रूि में जाने जािे िे। इन् हउत के

    लल िर वे 1979 में िारि के प्रुानमन् ्रती िी लन गये। उुर िलहार में

    किहग रउ ठाकुर पिछा े वगों का नेितृ् व करिे हुक मखु् यमन् ्रती लने। 197 में

    जयप्रकाश नारायण द्वारा छेाा गया धन् दोलन िले हउ ‘’समिहणग क्रास्न्ि’’ के

    नाम से जाना जािा हो, िकन् िु उसमें सलसे अिुक िागीदारउ पिछा ेवगों की

    हउ िी। इसी धन् दोलन की कोि से लालह प्रसाद यादव, रामनरेश यादव,

    मलुायम शसतह यादव ििा देवीलाल धिद का जन् म हुध। धिािकाल के लाद

    1977 में धयोस्जि हुक लोक सिा चनुाव में इस्न्दरा गातुी को िारउ िराजय

    का सामना करना िाा। यहात िक िक ये रायलरेलउ से थ वयत का चनुाव िी

    राजनारायण के मकुालले हार गयीत। इस चनुाव में चौुरउ चरण शसतह ‘’िकत ग

    मेकर’’ के रूि में उिरे और उन् ह न ेजगजीवन राम और मोरारजी देसाई को

    िीछे ुकेलिे हुक वे थ वयत प्रुानमत्रती लन गये।

  • राजनैतिक स्थिति

    [178]

    उत्िर प्रदेश में 1980 से अब िक राजनीति

    198क में दशलि धतदोलन के कक नक नायक के रूि में कातशीराम का

    उदय हुध। कातशीराम ने 1978 के अततिम महउने में लामसेफ (लकैवडग कतड

    माइनोररकउ कमयतुनकउज़ इमिलाईज़ फेडरेशन) की थिािना की, जो 198क

    िक दशलि, पिछा ेऔर अ्िसतख्यक समदुाय के कमग चाररय का पवशाल सतट

    लन चकुा िा। लामसेफ ने कातशीराम का धििग क धुार मजलहि िकया। इससे

    उत्सािहि हो कर उन्होने 1981 में अिने राजनीतिक कायग क्रम को लागह करने

    के उद्देश्य से डी.कस- अिाग ि ‘दशलि शोपर्षि समाज सतटर्षग सशमति’ का गठन

    िकया।

    कातशीराम ने 1988 में लसिा की ओर से सामास्जक िररविग न और

    धििग क मसु्क्ि के धतदोलन चलाक इनमें थवाशिमान धतदोलन, िकसान मजदहर

    धतदोलन, सफाई मजदहर धतदोलन, दथिकार धतदोलन, शरणािती धतदोलन और

    िागीदारउ धतदोलन मखु्य िे।

    9क का दशक धरति हो गया िा। कातशीराम के राजनीतिक धतदोलन न े

    उत्िर प्रदेश में दशलि वगों में नया उत्साह िर िदया िा। सत्िा िररविग न की

    लहर से लसिा की रैशलय को अिहििहवग सफलिा शमल रहउ िी। लामसेफ के

    समय से कातशीराम के सहयोगी राजलहादरु, दउनानाि िाथकार, धर.के.चौुरउ

  • राजनैतिक स्थिति

    [179]

    और मायाविी लोकपप्रय नेिा लन चकेु िे। 1993 में कातशीराम ने समाजवादउ

    िाकी के मखुिया मलुायम शसतह यादव से राजनीतिक गठलतुन िकया और उसी

    वर्षग के पवुान सिा चनुाव सिा-लसिा गठलतुन न ेशमल कर लाा। इस सतटर्षग

    को ‘दहसरउ धजादउ की लााई’ का नाम िदया गया। इस लााई में सिा-लसिा

    गठलतुन को धश्चयग जनक सफलिा शमलउ। िर अनेक ग्रामीण अतचल में इस

    चनुाव में दशलि िर अत्याचार हुक और वोक देने की कीमि उन्हें जान दे

    कर चकुानी िाी। 1993 में सिा-लसिा गठलतुन की उत्िर-प्रदेश में िहलउ

    सरकार लनी और मलुायम शसतह यादव उसके मखु्यमत्रती लने।

    सरकार लनने के लाद से हउ सिा-लसिा गठलतुन को िोाने की कोशशशें

    शरुू हो गई िीत। िाजिा ने मायाविी को मखु्यमत्रती लनाने का लोि दे कर

    सत्िा का सह्रत अिने हाि में रिने में सफलिा हाशसल कर लउ। 1993 से

    मई 1995 िक कातशीराम, मायाविी और मलुायम शसतह यादव और उनकी

    सरकार के लीच अनगग ल िकप्िखणय के कारण राजनीतिक िनाव िदैा हो

    गया। िररणामि गठलतुन कहका और जहन 1995 में मायाविी िाजिा के

    समिग न से मखु्य मत्रती लन गई।

    चहँिक यह जातिवाद का पवथफोक िा, इसशलक उसकी प्रतिकृया में कक

    अन्य राजनीतिक ध्रवुीकरण िी हुध। दशलि, पिछाी जातिया ँऔर मसुलमान

    के इस राजनीतिक ध्रवुीकरण से सलसे लाी चनुौिी राजनीतिक में द्पवज

  • राजनैतिक स्थिति

    [180]

    शासक वगग को शमलउ। ब्राह्मणवाद के िो अस्थित्व िर हउ सतकक िाा हो

    गया िा। इसे ब्राह्मणो न े साफ-साफ देि शलया िा। िहतजीवाद इसशलक

    सरुक्षक्षि िा, क्य िक वह जाति का नहउत, शोर्षण का ित्रत है। िर, चहँिक

    िारिीय िहतजीवाद का सामतिवाद और ब्राह्मणवाद से गठजोा है, इसशलक

    िहतजीवादउ शस्क्िया ँ िी अिने शलक ििरा अनिुव करने लगी िी। इसकी

    प्रतििक्रया दशलि उिार के पवरुद् द्पवज गठजोा के रूि में हुई, स्जसके िहि

    कातगे्रस के द्पवज िाजिा के साि लामलतद हो गक। यहउ कारण रहा िक 1993

    के पवुान सिा चनुाव में कातगे्रस को सलसे लाी िराजय का सामना करना

    िाा और िाजिा को 177 सीकें प्राप्ि हो गई।

    दहसरउ लार 1997 में और िीसरउ लार 2कक2 में मायाविी िाजिा के

    सहयोग और समिग न से हउ मखु्य मत्रती लनीत। लेिकन 6 महउने मे हउ लसिा-

    िाजिा गठलतुन कहक गया और िफर से उत्िर प्रदेश में पवुानसिा चनुाव

    हुध और इस लार मलुायम शसतह की सरकार लनी। यह सरकार 2कक7 िक

    रहउ िनुः पवुानसिा चनुाव हुध, इस लार लसिा िहणग लहुमि के साि सत्िा

    मेँ धई। इसके लाद 2क12 में उत्िर प्रदेश मेँ पवुानसिा चनुाव हुध और

    इस लार सिा की िी िहणग लहुमि वालउ सरकार लनी।

    उत्िर प्रदेश की पवशिन्न ओलीसी जातिय में से अन्य जातिय की

    िुलना में मसु्थलम व यादव की िसतद अलग रहउ है| पिछले कुछ चनुाव में

  • राजनैतिक स्थिति

    [181]

    मसु्थलम व यादव ने ला े िमैाने िर समाजवादउ िाकी को अिना समिग न

    िदया है|

    साररणी 7.1 :ओबीसी ने उत्िर प्रदेश में िकसे वोट ददय स्ा

    लोकसिा

    चनुाव/सववेशक्षण का

    वर्षग

    सपा

    (सीकें)

    बसपा

    (सीकें)

    कागें्रस

    (सीकें)

    भाजपा

    (सीकें)

    1996 13 25 क6 5

    1998 2क 17 क6

    1999 29 15 15 25

    2कक 26 16 17 29

    2कक9 2 19 21 23

    स्रोि CSDS सववेशक्षण

    उिरोक्ि साररणी में पवशिन्न लोकसिा चनुाव में पवशिन्न राजनतैिक

    िािकग य के उिार-चढ़ाव को समझा जा सकिा है।

    मोममन अंसारों की राजनीतिक संबंद्धिााः

    सतयकु्ि प्राति के दथिकार में मोशमन अतसार सवाग िुक चिेना समिन्न

    ििा प्रिावी समहह िे। 193क के धरतशिक वर्षों में लनुकर ििा कारउगर की

  • राजनैतिक स्थिति

    [182]

    िहचान के धुार िर मौलाना धजाद समुानी ने कक राजनीतिक दल लनाने

    की कोशशश की और 'गाढ़ा' (हाि से लनुा हुध मोका किाा) को प्रिीक के

    रूि में अिनाया, स्जसे मसु्थलम कारउगर िैयार करि ेिे। अखिल-इथलाम कवत

    राटरवादउ धतदोलन के पवकास के शलक उन्ह ने सतयकु्ि प्राति के कामगार

    समहह को सिक्रय लनाने की कोशशश की। अप्रलै 1928 में कलकत्िा के

    होलउड े िाकग में 'धल इस्डडया मोशमन कॉन्रें स’ की थिािना हुई। मौलाना

    अब्दलु मजीद अल-हरउरउ इसके सतथिािक सदथय में से कक और इसके

    प्रिम अध्यक्ष िे। 1928 के लाद से मोशमन कान् फें स न ेकक अखिल िारिीय

    महत् व प्राप् ि िकया और अपविास्जि िारि के 3- करोड मोशमन की

    प्रतितनुी सतथ िा लन गई।

    धल इतस्डडया मोशमन कॉन्रें स, स्जसे 'जमामि-उल-अतसार' के नाम से

    िी जाना जािा िा उत्िर िारि में 192क के दशक के मध्य से सिक्रय हो

    गया। यह लनुकर कवत कारउगर की धकातक्षाओत और दपुवुाओत को लेकर काम

    करिा िा। िब्रिकश हुकुमि ििा इसके पवनाशकारउ कृत्य को कारउगर की

    ददुग शा और उनकी जीवन शलैउ के पवनाश के शलक स्जममेदार माना गया।

    कातरें स का मखु्य लक्ष्य लनुकर की िरमिराओत दथिकारउ को िनुजती पवि

    करना, उनमें धत्मसममान और ुाशमग क सतथकार को लढ़ावा देने कवत उनकी

    थवित्रत हैशसयि को वािस लाना िा। इसके मजलहि उितनवेशवाद पवरोुी रूि

  • राजनैतिक स्थिति

    [183]

    के कारण मसु्थलम लउग (जो सतभ्ाति मसुलमान की िाकी मानी जािी िी) की

    अिेक्षा मोशमन कातरें स िारिीय राटरउय कागेँ्रस के तनकक िा और इसने थवयत

    को धम मसुलमान के िहि मे काम करने वाले दल के रूि में देिा।

    मोशमन कातरेन् स के लदलिे प्रारूि के लारे में अल अनवर (मसावाि की

    जंग 2001) लिाि े हैं िक 1937 िक इसकी गतिपविुया ँ मोशमन के लीच

    सामास्जक जागरूकिा को लढ़ाने और क् याण िक हउ सीशमि िीत। 1938 में

    िररविग न का िल तद ु धया जल इसने राजनीतिक झकुाव लेना प्रारम ि कर

    िदया। जल मसु्थलम लउग ने मसु्थलम के शलये अलग देश की माँग िो पिछा े

    वगग के मसु्थलम ने कक धक्रामक राट रवादउ रूि अिनाया और िािकथ िान

    की मागँ का पवरोु िकया।

    थ वािन् ्रतोत् िर िारिीय समाज में मड डल धयोग की सतथ ितुिय के

    िक्रयान् वय के प्रिाव को कुत द करने के शलये अयोध् या मदेु्द को लढ़ावा देने को

    कक उि शसद्ान् ि की िरह देिा जा सकिा है। यह चिुराई िहवग क िदशा लदल

    देने वालउ यसु्क्ि िी। राट रवादउ जमाि े उलेमा-क-िहन् द के साि शमलकर

    मोशमन कान् रें स ने सम िहणग मसु्थलम जनसतख् या का प्रतितनिुत् व करन े का

    दावा करने वालउ मसु्थलम लउग की क़लई िोल दउ और कागेँ्रस िाकी ने

    राट रवादउ-ुमग तनरिेक्ष कजेड डा को प्रोत् साहन िदया। देवलन् द के उलेमा, स्जन् होन े

    थ विन् ्रतिा सतग्राम में महत् विहणग योगदान िदया, और मसु्थलम लउग का, उसको

  • राजनैतिक स्थिति

    [184]

    लाँक देने वाले कजेड डा का पवरोु िकया, के द्वारा समििग ि, ‘जमाि-ेउलेमा-क-

    िहन् दउ’ के साि मोशमन कान् रें स न ेदेश के पविाजन के लाद काँगे्रस िाकी के

    साि गठलन् ु न िकया। समय गजुरने के साि मोशमन कान् रें स न े अिनी

    शस्क्ि िो दउ और लगिग तनस्टक्रय हो गई। मोशमन कान् रें स के अतिररक् ि

    कुत जाा (सब् जी लेचने वालउ जाति) का प्रतितनिुत् व करने वाले रईन सिा ििा

    िेल िरेन ेवाल (िेलउ) का प्रतितनिुत् व करने वालउ ‘मनसहर सिा’ न े193क

    से 195क के दशक के लीच मसु्थलम पिछाी जातिय की सामास्जक-

    राजनीतिक लामलन् दउ में िी अिनी िहशमका अदा की।

    195क से 198क के दशक लीच के शायद हउ कोई महत् विहणग मसु्थलम

    पिछाी जाति का धन् दोलन हुध। थ विन् ्रतिा के िश् चाि,् पवशरे्षकर मसु्थलम

    के लीच पिछडेे़ वगों के धन् दोलन के लारे में राजनीतिक पवश्लेर्षक प्रफु् ल

    िलदवई (1996) कहि ेहैं -

    ‘‘मसु्थलम पिछाी जातिय की िहल 198क के दशक में महाराट र में,

    लोिहया और किहग रउ ठाकुर द्वारा पे्रररि धन् दोलन से शरुू होिी है। िफर िी

    कक धन् दोलन के रूि में इस िहल ने पिछले कुछ वर्षों में िाकि लकोरउ है

    जो िक धतशशक रूि से मसु्थलम मराठी सािहत् य िररर्षद, जो िहलउ लार 199क

    में धयोस्जि हुई िी, और अल िक चार लार धयोस्जि हो चकुी है, के

    लौपद्क सतरक्षण में प्राप् ि हहई। अम लेडकर के धुतुनक पवचार और साहहजी

  • राजनैतिक स्थिति

    [185]

    महाराज और ज् योतिला फह ले की लहुजन समाज सामास्जक सुु ार पवरासि से

    महाराट र के धयोजक ने काफी कुछ शलया। अखिल िारिीय मसु्थलम

    ओ.ली.सी. सतगठन न े अिनी प्रिम सिा 29 अगथ ि 1996 को की, जो

    धयोजन सफल रहा। यद्यपि असमान होिे हुक िी प्रतितनिुय के गठन न े

    कुरैशी (लहचा और मातस लेचने वाले) और जुलाह , नाइय ििा रईन (मालउ)

    कवत ुोिलय और िेशलय (िेल िरेने वाल ) के लीच की िचतिाओत और िहि

    की समानिा को प्रकक िकया। सिा की मखु् य माँगो में मड डल धयोग की

    शसफाररश को सिी मसु्थलम पिछाी जातिय के शलये लागह करना धिद

    सस्ममशलि हैं।’’

    जमाि-क-इथ लामी जसेै साम प्रदातयक और करपंरितिी सतगठन द्वारा

    समििग ि ुमग -धुाररि िहचान की राजनीति का मुँहिोा जवाल ुशमग िर

    अुीनथ ि की ककिा (subaltern solidarity) हो सकिी है। (नद म हसननै,

    2004)

    मसु्थलम पिछा े वगों की राजनीतिक लामलन्दउ के इस क्रम में 25

    अक् कहलर 1998 को िकना में कक सिा में पसमााँदा मसु्थलम महाज़ (पिछाा

    मसु्थलम मोचाग ) की थ िािना िकया गया। यद्यपि अिी िक इसके िक्र या-

    कलाि िलहार िक हउ सीशमि प्र िीि होिे हैं, िफर िी इसने अन् य राज् य में

  • राजनैतिक स्थिति

    [186]

    राजनीतिक रूि से जागरूक मसु्थलम पिछडेे़ वगों द्वारा प्रयास प्रारम ि कर

    िदये है।

    बुनकरों की राजनीतिक भूममका

    मोशमन अतसार या अन्य मसु्थलम पिछाें समदुाय पवशिन्न राजनतैिक

    िािकग य द्वारा शसफग वोक लैंक के रूि में इथिेमाल होि ेहैं। मोशमन अतसार को

    किी ुाशमग क धुार िर उच्च मसु्थलम द्वारा अिने थवािग के शलक

    लरगलाया जािा है िो किी राजनीतिक यस्क्िय द्वारा प्रलोिन के द्वारा

    लरगलाया जािा है। चनुाव के समय ऐसे सतगठन िोल-मोल करने के शलक

    मदैान में जाि ेहैं और चनुाव के लाद सारे वायदे िहल जाि ेहैं। गोरििरु के

    विग मान राजनीतिक िररदृश्य में अल थिानीय थिर िर इक् के-दकु् के मोशमन

    नेिा िी िदिाई िाने लगे हैं।

    बुनकरों की राजनैतिक स्थिति: साररणी के आधार पर ववश्लेर्ण

    उत्िर प्रदेश में िसमातदा मसुलमान को लेकर राजनीति करवक ले रहउ

    है। जो कक धतदोलन का रूि लन चकुा है॰ यह धतदोलन उच्च मसु्थलम

    समदुाय द्वारा अिुकार हनन के खिलाफ कें िद्रि है। इसी क्रम में िसमातदा

    लनुकर के राजनतैिक स्थिति की जानकारउ के शलक तनुाग ररि शोु के्ष्रत

    (गोरििरु) से प्रत्यक्ष तनरउक्षण कवत सहचनादािाओत से प्राप्ि जानकारउ(िथ्य)

    तनमन है.-

  • राजनैतिक स्थिति

    [187]

    गोरििरु िररके्ष्रत में पवुानसिा चनुाव 2क12 में राजनतैिक िािकग य का

    प्रदशग न

    राजनतैिक िाकी सीक की सतख्या प्रतिशि

    लसिा 4 44.44

    िाजिा 3 33.33

    सिा 1 11.11

    कातगे्रस 1 11.11

    कुल 9 100

    साररणी सत. 7.2 स्रोि www.eci.nic.in

    ग्राफ सत॰ 7॰2

    0

    20

    40

    60

    80

    100

    120

    सीक की सत. प्रतिशि

    लसिा सिा िाजिा कातगे्रस कुल

    http://www.eci.nic.in/

  • राजनैतिक स्थिति

    [188]

    मोशमन अतसार (ओ.ली.सी. मसु्थलम) का राजनतैिक झकुाव

    राजनतैिक िाकी उत्िरदािा सतख्या प्रतिशि

    सिा 375 37.5

    लसिा 240 24

    कातगे्रस 180 18

    िाजिा 45 4.5

    िीस िाकी 160 16

    कुल 1000 100

    साररणी सत. 7.3

    ग्राफ सत॰ 7॰3

    0

    50

    100

    150

    200

    250

    300

    350

    400

    उत्िरदािा सतख्या प्रतिशि

    सिा लसिा कातगे्रस िाजिा िीस िाकी

  • राजनैतिक स्थिति

    [189]

    साररणी ववश्लेर्ण:

    िसमातदा लनुकर के राजनतैिक स्थिति की जानकारउ का धुार चयन

    िकक गक िररके्ष्रत के पवुानसिा चनुाव 2क12 के िररणाम कवत चयतनि

    तनदशग न के पवशिन्न राजनतैिक झकुाव है।

    साररणी सत.7.2

    गोरििरु िररके्ष्रत में पवुानसिा चनुाव 2क12 में राजनतैिक िािकग य में

    सलसे ज्यादा सीकें ॰ प्रतिशि लसिा, 11॰11 प्रतिशि सिा, 33॰33

    प्रतिशि िाजिा॰ 11॰11 प्रतिशि कातगे्रस को शमलउ है। इन सीक में से लसिा

    की जीिी सिी सीकें ग्रामीण हैं और िाजिा की जीिी सिी सीकें शहरउ हैं।

    क्य िक योगी और उनकी िहन्दह यवुा वािहनी गोरििरु शहरउ के्ष्रत में

    अत्यिुक प्रिावी है।

    साररणी सत. 7॰3

    गोरििरु िररके्ष्रत में मोशमन अतसार (ओ.ली.सी. मसु्थलम) का राजनतैिक

    झकुाव पवशिन्न िािकग य में सलसे ज्यादा 37.5 प्रतिशि सिा के प्रति, 2

    प्रतिशि लसिा के प्रति, 18 प्रतिशि कातगे्रस के प्रति क ॰5 प्रतिशि िाजिा

    के प्रति और 16 प्रतिशि िीस िाकी के प्रति है। िीस िाकी िहवाांचल में के्ष्रतीय

    थिर िर कक िसमातदा मसु्थलम डा. अयहल द्वारा गिठि िाकी है हातलािक

  • राजनैतिक स्थिति

    [190]

    अिी िक चनुावी जीि के रूि में इस िाकी को सफलिा नहउत शमलउ है िरन्ि ु

    पिछाें मसु्थलम में यह िाकी लोकपप्रय है।

    वाथिववक स्थिति

    लनुकर व कारउगर अिनी समथयाओत को लेकर अल काफी सिक्रय है।

    लगािार कायग क्रम व धतदोलन हो रहे हैं। इस क्रम में राजुानी िद् लउ में देश

    िर के लनुकर का 'लनुकर समर शतिनाद' के नाम से दो िदवसीय सम मेलन

    हुध। 8 और 9 मई 2012 को धयोस्जि इस सम मेलन का उद्देश् य लनुकर

    की ददुग शाओत के प्रति नीति-तनमाग िाओत का ध् यान धकपर्षग ि करना ििा उन् हें

    नीतियात लदलने के शलक मजलहर करना िा।

    उत्िर प्रदेश चनुाव 2क12 के दौरान लनुकर को कें द्र द्वारा िदक गक

    धििग क िकेैज की लाी चचाग हुई। लनुकर को उन िकेैज में से िकिना

    शमला, िकस िरह शमला, उससे उनको िकिना लाि हुध, इसकी छानलीन िकक

    जान ेकी धवश्यकिा है। धखिर लनुकर को िकेैज की धवश्यकिा क्य है?

    क्या हमारे देश के लनुकर स्जनके किा की ख्याति प्राचीन िारि से लेकर

    अतगे्रज के धने िक दतुनया िर में िी। यह िकिनी लाी पवडमलना है िक

    अतगे्रज की हिकरटा पवरोुी, लनुकर पवरोुी नीतिय को िो लनुकर समाज ने

    झले शलया लेिकन धजादउ के लाद अिनी हउ सरकार की लेरुिी झलेना इनके

    शलक किठन होिा गया।

  • राजनैतिक स्थिति

    [191]

    जल हम इस िररपे्रक्ष्य में पवचार करिे हैं िक धजादउ के धतदोलन में

    गातुी जी ने िादउ लनुाई को थवदेशी और थवावलतलन का सलसे सशक्ि

    माध्यम मानि े हुक इसे धजादउ का प्रिीक टोपर्षि िकया और इसमें उन्हें

    जन समदुाय का यािक समिग न शमला िो धज इन किाई-लनुाई करने

    वाल की इिनी ददुग शा क्य है? यह लाी पविच्रत स्थिति है! कक ओर िो

    सरकारें समाज के तनचले िलके के सामास्जक-धििग क उत्िान के शलक

    रोजगार की लाी-लाी नीतियात लनािी हैं, राशशयात धवतिकि होिी हैं, ढातच ेिा े

    होि ेहैं, िफर िी अिके्षक्षि लक्ष्य हाशसल नहउत होिा। वहउत लनुकर का के्ष्रत ऐसा

    है जो िहणग काशलक िाररवाररक यवसाय है और अनकुह ल नीतिय कवत सामान्य

    सहयोग से यह अिने िरै िर धसानी से िाा हो सकिा है, िर इस िर

    उिनी गतिीरिा से पवचार िक नहउत होिा।

    धतका के अनसुार 63 लाि लनुकर हैं और लरुउ स्थिति में िी करउल

    डढे़ करोा लोग को इससे रोजगार शमलिा है िो सरकार की नीतिय में

    इसकी प्रािशमकिा होनी चािहक। अिुकिर लनुकर अति पिछा े वगग कवत

    अ्िसतख्यक समदुाय के हैं। इसशलक सामास्जक न्याय के शसद्ाति के िहि िी

    इनकी उिेक्षा नहउत होनी चािहक िी। और सलसे लाी लाि िक कम लागि में

    किाई-लनुाई न जाने िकिने और लोग को थवावलतली लना सकिी है, िचग में

    कमी ला सकिी है। ठीक से पविणन हो िो सरकार के िजाने में राजथव

  • राजनैतिक स्थिति

    [192]

    लढ़ा सकिी है और तनयाग ि से पवदेशी मदु्रा ितडार में महत्त्विहणग अतशदान कर

    सकिी है।

    सांप्रदातय स्क राजनीति और गोरखपरु

    इतिहास

    मसुलमान को लेकर कक िास िरह का दरुाव िब्रिकश हुकुमि में िहले

    से हउ िदि रहा िा क् य िक 18 3 में लाडग कलेनलरा ने साफ-साफ कहा िा

    िक ''मैं इस िथ् य को नजर अतदाज नहउत कर सकिा िक मसुलमान महलि

    हमारे श्रत ु हैं और हमें िहतदओुत को शमलाकर रिने की नीति अिनानी

    चािहक।'' शरुूवािी दौर में सर सयैद अहमद िात िहतदओुत और मसुलमान की

    साझदेारउ िर जोर देिे रहे लेिकन राट रउय कातगे्रस की थ िािना होन ेके लाद

    सर सयैद अहमद िा ँका थ वर लदल गया जल उन् ह न े''मसुलमान से अिील

    की िक वे िहतदओुत से िुद को दहर रिें कातगे्रस के धतदोलन में िागीदारउ न

    करें और अतगे्रज से सहयोग और धुतुनक शशक्षा के जररये अिना पवकास

    करें।'' सातप्रदातयकिा की िहलउ झलक यहउत से िदिाई िाने लगिी है।

    िहतदह सातप्रदातयक पवचारुारा और राजनीति की नीतव 19क9 में ली.कन.

    मिुजती और लालचतद ने ितजाल िहतदह महासिा के रुि में रिा। ििा इसी क्रम

    में अखिल िारिीय िहतदह महासिा का िहला अिुवेशन अप्रलै 1915 में

    काशसम लाजार में सम िन् न हुध िा इसी िहतदह महासिा का िनुजग न् म 1923

  • राजनैतिक स्थिति

    [193]

    में हुध। उसने िुलेधम मसु्थलम पवरोुी िावनाकत उिारना शरुू कर िदया।

    लाला लाजिि राय मदन मोहन मालवीय कन. सी. केलकर जैसे निेा िहतदह

    महासिा में शाशमल हो गक।

    विषमान

    िहवती उत्िर प्रदेश के पिछा े स्जल में से कक गोरििरु की िहचान

    मौजहदा सातसद योगी धिदत्यनाि और उनकी िहन्दह यवुा वािहनी के िक्रया-

    कलाि के कारण ‘दहन्दतु्व की प्रय स्ोगशाला’ के रूि में है। गोरििरु और

    उसके धसिास के स्जल में योगी की राजनीति टणृा की राजनीति थदृशय

    है। उनके उग्र, धक्रामक और िहतसक िौर िरउक के कारण गोरििरु और

    उसके धसिास के स्जल में मसु्थलम समदुाय न शसफग कक थिायी िय और

    धितक के लीच जीने को मजलहर है लस््क सामास्जक, धििग क और

    राजनीतिक अलगाव और अकेलािन िी लढ़ रहा है।

    इस शहर और धसिास के इलाक में योगी धिदत्यनाि ने िुद को ‘िहतदहओत

    के रक्षक’ के लिौर थिापिि करने की कोशशश में मामहलउ पववाद को िी तिल

    का िाा लनाने और का्ितनक पववाद िाा करके मसुलमान िर सतगिठि

    हमले करन,े उनका सामास्जक-धििग क तिरथकार करन े और सावग जतनक

    अिमान करन ेकी राजनीति को धगे लढ़ाया है। योगी के समिग क का पप्रय

    नारा है- ‘गोरखपरु में रहना है िो य स्ोगी-य स्ोगी कहना है।’

  • राजनैतिक स्थिति

    [194]

    पिछले डढे़ दशक में इस उग्र और िहतसक योगी माकाग िहन्दतु्व की

    राजनीति के कारण शहर में कई लार दतगे िाकें हैं या सातप्रदातयक िनाव की

    स्थिति धई है। इस सलसे इस इलाके के मसु्थलम समदुाय में हिाशा याप्ि

    है। असल में, गोरििरु की सामास्जक-धििग क सतरचना ऐसी है स्जसमें योगी

    धिदत्यनाि की िहन्दतु्व की राजनीति िलना सामप्रदातयक पविाजन और

    ध्रवुीकरण के नहउत चल सकिी है।

    िहवाांचल में िाजिा के अतदर योगी का लगिग ककछ्रत राज कायम हो

    गया है। उन्ह ने पिछले कुछ वर्षों में इस इलाके में िाजिा के प्रिावशालउ

    नेिाओत को राजनीतिक रूि से या िो हाशशक िर ढकेल िदया है या अिनी

    शरण में धने के शलक मजलहर कर िदया है।

    संदभष सचूी –

    1. कोठारउ रजनी-(2005). िारि में राजनीति कल और धज. नई

    िद्लउ वाणी प्रकाशन.

    2. चतद्रा पवपिन-(2007). िारि का थ वित्रतिा सतटर्षग . नई िद्लउ नशेनल

    लकु रथक.

    3. द्रत रजनी िाय-(2004). धज का िारि. िद्लउ ग्रति शश्िी.

    4. देसाई क.धर.-(1976.सतथकरण- ) िारिीय राट रवाद की सामास्जक

    िटृ ठिहशम. मकैशमलन.

  • राजनैतिक स्थिति

    [195]

    5. नयैर कुलदउि-(2012). कक स्जन् दगी काफी नहउत. नई िद्लउ:

    राजकमल प्रकाशन.

    6. राजिकशोर.-(2006). दशलि राजनीति की समथयाकँ. नई िद्लउ

    वाणी प्रकाशन.

    7. शमश्र सशलल- साम प्रदातयक राजनीति का धख् यान.

    8. कौशाम ली डी.डी.-(1944). कॉथ क कतड क् लास इन इतयडया.

    9. प्रिम प्रवक्िा(िाक्षक्षक िि्रतका). 16-28 फरवरउ 2कक7.