भारत निर्ााचि आयोग प्ररूप...

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भारत निााचि आयोग प-8अभिवीक ति सं . ............. (काााल वारा िरा जाएगा) तिवााचक रजजरीकरण तिम 1960 का (तिम 13(4) और 26 देखिए) निााचक िामाली म वि को अय रखिे के ललए आेदि (एक निााचि े म निास थाि को एक थाि से दूसरे थाि पर थािातररत करिे के मामले म) सेवा म , तिवााचक रजजरीकरण आफिसर....................................... .................सिा/संसदी तिवााचि-पूरे चेहरे को सामिे से उपदभशाि करिे ह िवीििम िोटो (3.5 स.मी. X3.5 स.मी.) चपकािे के भलए थाि म तिवेदि करिा ह फक उपरोि तिवााचि-े की तिवााचक िामावली म आिे वाली मुझसे संबंचिि ववजट, इस तिवााचि-े की िामावली के सुसंगि िाग म अ रि दी जािी चाहहए फक मिे अपिा मामूली तिवास थाि उसी तिवााचि े म थािांिररि कर भला है - आेदिकताा की वलििया () ि(ि) उपिाम (हद कोई है ) () िग सं. () म सं. (ड.) ईपीआईसी सं. (हद जारी फका गा हो): () -मेलः (वैकजपक) () मोबाइल िं . (वैकजपक) () तामाि मामूली निास जहा थािातरण ककया है मकाि सं0 गली/े/थाि शहर/ाम डाकघर वपि कोड जला रा/संघ राे घोषणा - म घोषणा करिा ह फक ऊपर उजलखिि ि और ववभशजटां मेरे सवोम ाि और ववास के अिुसार सही ह । मुझे ाि है फक ऐसा कथि ा घोषणा जो भमा है और जसके भमा होिे का मुझे ाि ा वववास है ा स होिे का मुझे ववास िहीं है , लोक तितिचिव अचितिम, 1950 (1950 का 43) की िारा 31 के अिीि दंडिी है थाि……………........................ िरीि…………………………………. आवेदक के हिार……….………………………………. सयापि करिे ाले े तरीय अधिकारी की टिपणणया:

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Page 1: भारत निर्ााचि आयोग प्ररूप 8ceouttarpradesh.nic.in/voterforms/Form-8A.pdf · भारत निर्ााचि आयोग प्ररूप-8क

भारत निर्ााचि आयोग प्ररूप-8क

अभिस् वीकृति स.ं ............. (कार्ाालर् द्वारा िरा जाएगा)

तिवााचक रजजस् रीकरण तिर्म 1960 का (तिर्म 13(4) और 26 देखिए) निर्ााचक िामार्ली में प्रवर्ष्‍ ि को अन् यत्र रखि ेके ललए आर्ेदि (एक निर्ााचि के्षत्र में निर्ास स् थाि को एक स् थाि स ेदसूरे स् थाि पर स् थािाांतररत करिे के मामले में)

सेवा में, तिवााचक रजजस्रीकरण आफिसर........................................................सिा/संसदीर् तिवााचि-के्षत्र

पूरे चेहरे को सामिे स ेउपदभशाि करिे हुए िवीििम िोटो (3.5 सें.मी. X3.5 सें.मी.) चचपकािे के भलए स्थाि

मैं तिवेदि करिा हंू फक उपरोक्ि तिवााचि-के्षत्र की तिवााचक िामावली में आि ेवाली मुझस ेसंबंचिि प्रववज‍ ट, इस तिवााचि-के्षत्र की िामावली के सुसंगि िाग में अन्र्त्र रि दी जािी चाहहए क् र्ोंफक मैंि ेअपिा मामूली तिवास स् थाि उसी तिवााचि के्षत्र में स् थािांिररि कर भलर्ा है - आर्ेदिकताा की वर्लिष्‍ ियाां (क) िाम

(ि) उपिाम (र्हद कोई है)

(ग) िाग स.ं

(घ) क्रम सं.

(ड.) ईपीआईसी सं. (र्हद जारी फकर्ा गर्ा हो):

(च) ई-मेलः (वैकज‍ पक)

(छ) मोबाइल िं. (वकैज‍ पक)

(ज) र्तामाि मामूली निर्ास जहाां स् थािाांतरण ककया है मकाि सं0

गली/के्षत्र/स् थाि

शहर/ग्राम

डाकघर वपि कोड

जजला राज् र्/संघ राज् र्के्षत्र

घोषणा - मैं घोषणा करिा हूूँ फक ऊपर उज‍लखिि िथ्र् और ववभशज‍ टर्ां मेरे सवोत्तम ज्ञाि और ववश्वास के अिुसार सही हैं । मुझ ेज्ञाि है फक ऐसा कथि र्ा घोषणा जो भमथ्र्ा है और जजसके भमथ्र्ा होिे का मुझ ेज्ञाि र्ा ववश्वास है र्ा सत्र् होिे का मुझ े ववश्वास िहीं है, लोक प्रतितिचित्व अचितिर्म, 1950 (1950 का 43) की िारा 31 के अिीि दंडिीर् है

स् थाि……………........................

िारीि…………………………………. आवेदक के हस् िाक्षर……….……………………………….

सत् यापि करिे र्ाले के्षत्र स् तरीय अधिकारी की टिप् पणणयाां:

Page 2: भारत निर्ााचि आयोग प्ररूप 8ceouttarpradesh.nic.in/voterforms/Form-8A.pdf · भारत निर्ााचि आयोग प्ररूप-8क

की गई कारार्ाई के ब्यौरे (निर्ााचि-के्षत्र के निर्ााचक रष्जस्रीकरण आकिसर द्र्ारा भरा जाएगा)

श्री/श्रीमिी/कुमारी .................................... के तिवााचक िामावली में प्रववज‍ टर्ों को अन्र्त्र रििे के संबंि में उिका/श्री/श्रीमिी/कुमारी के प्ररूप 8क में आवेदि को स्वीकार/अस् वीकार कर हदर्ा गर्ा है स्वीकार फकए जािे र्ा अस् वीकार फकए जाि े के [तिर्म 26(4) के अिीि र्ा अिुसरण में] ववस्ििृ कारण िीच ेहदए गए हैं :

स् थाि:

िारीि: ईआरओ के हस्िाक्षर ईआरओ की मुहर

भलए गए तिणार् की ससंूचिा (तिवााचि के्षत्र के तिवााचक रजजस्रीकरण आफिसर द्वारा िरा जाएगा और आवेदिकिाा के द्वारा हदए गए पिे पर डाक द्वारा प्रेवषि फकर्ा जाएगा)

श्री/श्रीमिी/कुमारी …………………………………………………………………..का प्ररूप 8क में आवेदि

विामाि पिा जहा ंआवेदक सामान् र्िर्ा तिवास करिा है

मकाि सं.

गली/के्षत्र/मोह‍ ला

िगर/ग्राम

डाकघर वपिकोड

जजला राज् र्/संघ राज् र्के्षत्र

(क) स्वीकार कर भलर्ा गर्ा है और श्री/श्रीमिी/कुमारी---------के िाम को िाग संख्र्ा -------स ेहटा हदर्ा गर्ा है और सिा तिवााचि के्षत्र--------------के -------िाग सं. ---------------के क्रम संख्र्ा---------------पर रजजस्रीकृि कर भलर्ा गर्ा है

(ि) ---------------कारण स ेअस्वीकृि कर भलर्ा गर्ा है

िारीि: तिवााचक रजजस्रीकरण अचिकारी

पिा ……………………………………………….

आर्ेदि की अलभस् र्ीकृनत/रसीद

अभिस् वीकृति स.ं .........................

िारीि..........................................

श्री/श्रीमिी/कुमारी................................................का प्ररूप 8क में आवेदि प्राप्ि हुआ है (आवेदक आवेदि की जस् थति की अभिस् वीकृति संख् र्ा को तिहदा‍ ट करिे हुए जाचं कर सकिा है)

ईआरओ/ईआरओ/एईआरओ/बीएलओ का िाम/हस् िाक्षर स् थाि...........

िारीि.........

..................

दावाकिाा के हस् िाक्षर

डाक स् टापं तिवााचक रजजस् रीकरण प्राचिकारी द्वारा प्रेषण के समर् लगाई जाए

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प्ररूप-8क के साथ संलग् न होगा

आवेदन प्ररूप-8क भरने के ललए ददशा-ननदेश

प्ररूप-8क कैसे भरा जाना चादहए

1. आवेदन उस ननववाचन-क्षेत्र के ननववाचक रजिस्‍ट रीकरण अधिकवरी को सबंोधित ककयव िवनव चवहिए जिसमें सगंत प्रववजटि कव स्‍ट थवन-ववननमय अपेक्षक्षत िै। ननववाचन क्षते्र के नवम कव ररक् त स्‍ट थवन में उल् लेख ककयव िवनव चवहिए।

2. आवेदन के मद (क) और (ख) में आवेदक को, ननववाचक नवमववली में यथव-ववद्यमवन, अपनव नवम ललखनव चवहिए। यहद ननववाचक नवमववली में महुित आवेदक के नवम के आद्यक्षर सकं्षक्षप् त रूप में िैं और वे उसे ववस्‍ट ततृ रूप में महुित करवनव चवित ेिैं तो वे अपनव परूव नवम ववस्‍ट तवररत रूप में ललख सकत ेिैं। पिले खवन ेमें उपनवम को छोड़कर शषे परूव नवम ललखव िवनव चवहिये तथव उपनवम दसूरे खवने में ललखव िवनव चवहिये। यहद आवेदक कव कोई उपनवम निीं िै तो केवल हदयव गयव नवम िी अकंकत करें। िवनत कव उल् लखे लसर्ा विी ंककयव िवनव िै, ििवं िवनत कव नवम ननववाचक के नवम के भवग के रूप में अथवव उपनवम के रूप में प्रयकु् त िै अन् यथव निीं। सम् मवनसचूक पदववयवं िैसे, श्री, श्रीमती, कुमवरी, खवन, बेगम, पडंित इत् यवहद उजल्लखखत निीं की िवनी चवहिए।

3. आवेदन कव मद (ग) और (घ): ननववाचक नवमववली के जिस भवग में पिले स े िी पिंीकृत िैं उसकव नवम, भवग सखं् यव और क्रम सखं् यव और ननववाचक र्ोिो पिचवन कविा (एवपक) स.ं पणूा रूप में भरें (िैसव कक ननववाचक नवमववली में महुित िै)।

4. आवेदन के भवग (छ) में कृपयव उस नये स्‍ट थवन कव पूरव पतव ललखें ििवाँ आवेदक/संबंधित व् यजक्त ने ननववाचन-क्षेत्र के अन् दर सवमवन् य ननववस कव अपनव स्‍ट थवन स्‍ट थवनवंतररत कर ललयव िै। कृपयव अपूणा पतव न ललखें क् योंकक ऐसव िोने पर सम् भव िै कक पत ेको ननववाचक नवमववली के उस संगत भवग से संयोजित करनव सम् भव न िो जिसमें प्रववजटि प्रनतस्‍ट थववपत की िवनी अपेक्षक्षत िो।

5. सूचनव अंशों पर पूरव नवम एवं पतव हदयव िवनव चवहिए। आवेदक प्ररूप में अपनव मोबवइल नम् बर ओर ई -मेल आई िी दें , िो ऐजछछक िै, क् योंकक यहद ये हदए िवत े िैं तो इनकव ननववाचक रजिस्‍ट रीकरण अधिकवरी द्ववरव िरूरत पड़ने पर आवेदक के सवथ आगे पत्रव् यविवर करने के ललए इस्‍ट तमेवल ककयव िव सकतव िै।

प्रनिस् थापन एपपक

यहद आवेदक नए पत ेके सवथ प्रनतस्‍ट थवपन एवपक चवित ेिै तो उसे प्ररूप 8क के आिवर पर नए स्‍ट थवन पर पंिीयन िोने के बवद प्ररूप एवपक-001 में आवेदन (अनुबंि-। के रूप में हदए गए र्वमेि के अनुसवर) प्रनतस्‍ट थवपन एवपक के ललए अपेक्षक्षत शुल् क, और पुरवने एवपक के सवथ आवेदन करनव चवहिए।

Page 4: भारत निर्ााचि आयोग प्ररूप 8ceouttarpradesh.nic.in/voterforms/Form-8A.pdf · भारत निर्ााचि आयोग प्ररूप-8क

अनुबंध I (प्ररूप-8क के ललए)

भारत ननवााचन आर्ोग (अनुबंध I)

प्रनतस् थापन ननवााचक फोटो पहचान काडा (एपपक) जारी करने के ललए आवेदन

प्ररूप आई.डी.

ईसीआई-एपपक-001

क राज् य/संघ राज् य-क्षेत्र :

वव.स. ननवााचन-क्षेत्र$ (सं. & नाम):

जजिा:

ख ननवााचक का पववरण (ननवााचक द्वारा भरे जाने के लिए)

सेवा में, ननवााचक रजजस् रीकरण

अधिकारी, ……………………. वविान सभा/ संसदीय$ ननवााचन-क्षेत्र

महोदय/महोदया,

मैं अनरुोि करता/करती ह ूँ कक मझुे एक रु्प् िीकेट ननवााचक फोटो पहचान कार्ा जारी ककया जाए क् योंकक मेरे ननवााचक वववरण में दोष-सुिार ककए जाने के कारण मेरा म ि कार्ा गमु/नष् ट/ववकृत हो गया है या पते में पररवतान होने के कारण मैं अपने नए पते के साथ एक नया कार्ा प्राप् त करना चाहता/चाहती ह ूँ। मैं रु्प् िीकेट एवपक जारी करने के शुल् क के साथ आपको अपना एवपक वापस कर रहा/रही ह ूँ। मेरा नाम उपयुाक् त ननवााचन-क्षेत्र की ननवााचक नामाविी में शालमि है। रु्प् िीकेट एवपक जारी करने के मेरे दावे के समथान में वववरण नीचे ददए गए हैं:

1. ननवााचक का नाम: 2. मूल काडा की एवपक सं. (र्दद ज्ञात हो) :

3. वपता/माता/पनत* का नाम : 4. लिगं (प.ु/म.):

5. जन् म नतधथ, यदद ज्ञात नहीं हो तो आय ुवषों में, 1 जनवरी, 200_____को..........

6. पता (i) गहृ/द्वार संख् या :

(ii) गिी/मोहल् िा/सड़क/गिी :

(iii) क्षेत्र/मोहल् िा :

(iv) शहर/ग्राम : (v) वपन कोर्

(vi) पलुिस स् टेशन : (vii) जजिा:

(viii) रु्प् िीकेट कार्ा के लिए आवेदन करने के कारण :

1. मैं एवपक वीआरसी/सीएससी से संगहृीत करंूगा/करंूगी। 2. मैं अपना एवपक र्ाक द्वारा प्राप् त करना चाहता/चाहती ह ूँ (स् व-पता-लिखित एव ंर्ाक-दटकट िगे लिफाफे संिग् न हैं)।

3. मैं एवपक बीएिओ से संगहृीत करंूगा/करंूगी। ( )

आवेदक के हस् ताक्षर (ix) उपयुक् त बॉक् स पर सही का ननशान िगाएं ( ) :

मैं एतद्द्वारा अपना ववकृत/पुराना कार्ा वापस करता/करती ह ूँ। मैं वचन देता/देती ह ूँ कक यदद मुझ ेजारी प वावती कार्ा बाद की तारीि में प्राप् त होता है तो मैं उसे वापस कर द ंगा/द ंगी।

ददनांक: स् थान:

आधिकाररक इस् तेमाि के लिए

ग एवपक जारी करने के लिए प्रमाणीकरण ( ईआरओ के प्रनतननधध द्वारा भरे जाने के ललए )

भाग सं. : भाग में ननवााचक की क्रम सं. : नामोद्ददष् ट फोटोग्रॉफी िोकेशन (र्ीपीएि) या कॉमन सववास सेंटर (सीएसई) की आईर्ी संख् या:

# टोकन न.ं या रसीद सं.

पजंी सं. पजंी में क्रम सं.

सत् यापनकताा :

ददनांक: ___/___/200__

हस् ताक्षर

घ ननवााचक द्वारा आर-एपपक की अलभस् वीकृनत

(तारीि): को रु्प् िीकेट एवपक प्राप् त ककया ननवााचक के हस् ताक्षर या अगं ठे के ननशान

- - 200___