व्श्व दी समंवहमेलन की स्वणताम ... - no...1008...

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गोसमी तुलसीदस नगर, मॉरीशस शननर, 18 अगसत 2018 ेशंक गोसमी तुलसीदस नगर (मरीशस)। लघु भरत कहे जने ले मरीशस म 18 अगसत 2018 से 11ं व वहंदी सममेलन शु होग। वहंदी क यह महकु ं भ 20 अगसत 2018 तक समी वेकनंद अंतररीय सभगर म चलेग। व वहंदी सममेलन क आयोजन मुखय प से भरत सरकर के वदेश मंलय र वकय जत है वजसम इस बर मॉरीशस सरकर सनीय आयोजनकत है। 18 अगसत 2018 को पू 10 बजे समी वेकनंद अंतररीय सभगर म शु होनेले उटन समरोह म भरत की वदेश मंी सुषम सरज सममेलन की सतन रखगी और मरीशस के धनमंी ीण कुमर जगनन क उटन भषण होग। मरीशस कवश मंी लील देी द कन लछुमन सगत भषण करगी। सममेलन की तैयररय क जयज लेने के वलए भरत के वदेश रजय मंी जनरल बी. के. वसंह वसंह सममेलन सल पर पहुंचे। पवम बंगल के रजयपल त वहंदी के र कव केशरीन वपठी त गो की रजयपल लेवखक मृद ल वसनह ने भी कयम सल क दौर वकय। व वहंदी सवचलय मरीशस के महसवच वनोद कुमर वम ने बतय वक व वहंदी सममेलन म 20 देश के दो हजर से अवधक वतवनवध भग लेने के वलए मरीशस पहुंच चुके ह। 11 व वहंदी सममेलन क मुखय वषय ‘वहंदी व और भरतीय संसकृवत’ रख गय है। व वहंदी सवचलय की वषक पवक ‘व वहंदी सवहतय’ के ेशंक क वमोचन वकय जएग। व वहंदी सममेलन के असर पर पहले की तरह ववभनन े म वहंदी भष के उतन के वलए समवपत भ से कम करने ले भरत के वहंदी सेवय एं अंतररीय वन को सममवनत वकय जएग। सममेलन सल पर नेशनल बुक सट, कीय वहंदी संसन, महतम गंधी अं तररीय वहंदी ववलय, ध समेत कई संसओं र पुसतक दशनी लगई गई है। हि दी का मिाक भ आज से अटल वबहरी जपेयी (25 वदसंबर 1924-16 अगसत 2018) समृवत शेष : पृ-8 अटल हििारी वाजपेयी की तीन कहवताएँ हव हिंदी सममेलन पोट लुई के घट पर, नपंड की भीर। रोली, अत, नरयल, सुर सरत क नीर।। सुरसरत क नीर, लग चनदन क वघसस। भैय जी ने और क भी हड़प, वहसस।। कह कैदी कवरय, जयतु जय वशसगर जी। जय भगती जगरण, वनररण जय नगर जी।। गूंजी हिंदी हव म गू ंजी वहंदी व म, सपन हुआ सकर। र संघ के मंच से, वहंदी क जयकर।। वहंदी क जयकर, वहंद वहंदी म बोल। देख सभष-ेम, व अचरज से डोल।। कह कैदी कवरय, मेम की मय टूटी। भरत मत धनय, सनेह की सररत फूटी।। घर म दासी बनने चली व भष जो, अपने घर म दसी। वसंहसन पर अंगरेजी है, लखकर द वनय हँसी।। लखकर द वनय हँसी, वहंदीदं बनते चपरसी। अफसर सरे अंगरेजीमय, अधी ह, मसी।। कह कैदी कवरय, व की वचनत छोड़ो। पहले घर म अंगरेजी के ग को तोड़ो।। 20 देश के दो िजार से अहिक हतहनहि माॅरीशस पिुं चे, हवदेश राजयम ी जनरल वी.के. हस ि ने तैयाररय का जायजा हलया भारत और मारीशस के शीर नेत तव की श भकामनाए रत के धनमंी नर मोदी ने अपने शुभकमन संदेश म कह है वक मॉरीशस म होने ल यह सममेलन वहंदी भष के मधयम से भरत और मॉरीशस की संझी संसकृवत की सजी झंकसतुत करेग त दोन देश के जन आधरत सवदय पुरने संबंध को और अवधक ग बनने म सहयक वस होग। मॉरीशस के धनमंी ीण कुमर जगनन ने अपने संदेश म कह है वक यह सममलेन भरतीय सी समुदय को भष ैवनक व से पररभवषत अपनी अवसमत और भष के वत आतमीयत वपत करने क असर दन करेग| वदेश मंी एं सी भरतीय कय मंी सुषम सरज ने अपने संदेश म कह वक भरत और मॉरीशस के बीच ग ररशते ह और ैवक पटल पर वहंदी को आगे बने म मॉरीशस क महतपूण योगदन रह है। इसक उदहरण है वक ष 1976 और 1993 म व वहंदी समेलन क आयोजन मॉरीशस म वकय ज चुक है और अब तीसरी बर मॉरीशस म यह आयोजन होने ज रह है। मॉरीशस की वश मंी लील देी द कन लछुमन ने अपने संदेश म कह वक पहले के अनुभ से वस हुआ है वक जब भी व वहंदी सममेलन क आयोजन होत है तब यह एक नए मनक के प म मील क पतर वस होत है और अगले सममेलन को अवधक ऊँच उठने की चुनौती सदै बनी रहती है। सत म, भरत के मननीय धनमंी एं वदेश मंी मननीय ीमती सुषम सरज के मगदशन म भोपल म आयोवजत 10 व वहंदी सममेलन की सुखद यद 11 समेलन के संदभ म ैवक वहंदी समुदय की आकंओं और अपेओं की ओर धयन आकृ करती ह। इन अपेओं की पूवत हेतु मॉरीशस सरकर और मेरे मंलय ने बहुत पहले से, ष 2016 से ही इस बृहत् आयोजन क कय आरंभ कर वदय है। 11व हव हि दी सममेलन म आज के कायम पररसरः गोसमी तुलसीदस नगर सममेलन सल: समी वेकनंद अंतररीय सभगर पररसरः गोसवामी तुलसीदास नगर सममेलन सल: सवामी हववेकानंद अंतरराीय सभागार शहनवार, 18 अगसत 2018 उाटन स: मुखय सभागार (अहभमनयु अनत सभागार) 0930-1000िजे सान- िण करना (हवहश अहतहय का आगमन) 1000 िजे ी अटल हििारी वाजपेयी जी को दांजहल अहपत करते िुए दो हमनट का सामूहिक मौन का उोहरका के ारा आि 1004 िजे उाटन- उोहरकाओं ारा ारहमभक उोरणाएं (ो. कुमुद शमा एवं ीमती मािुरी रामिारी) 1006 िजे 1. मॉरीशस का राीय गान इसके िाद भारत का राीय गान 1008 िजे 2. दीप जजवलन (हवदेश मंी एवं हशा मंी) वेद मं हवदेशी हवा, कीय हिनदी सं सान, आगरा ारा 1009 िजे 3. सरसवती वंदना हवदेशी हवा, कीय हिनदी सं सान, आगरा ारा 1012 िजे 4. हिंदी गान (मिातमा गां िी सं सान, मॉरीशस ारा) 1020 िजे 5. सममेलन लोगो पर एहनमेशन हिलम का दशन 1033 िजे 6. सवागत भारण: ीमती लीला देवी दुकन.लछुमन, माननीय हशा मंी मॉरीशस सरकार ारा 1043 िजे 7. सम्मेलन सतावना: ीमती सुरमा सवराज, माननीय हवदेश मंी, भारत सरकार ारा 1055 िजे 8. उाटन उोिन: ी वीण कुमार जगना, माननीय िानमंी, मॉरीशस ारा 1100 िजे 9. डाक हटकट का लोकापण माननीय िानमंी मॉरीशस ारा 1102 िजे 10. पुसतक का लोकापण: I. सममेलन समाररका, 11व हव हिनदी सममेलन (ी वीण कुमार जगनना, माननीय िानमंी मॉरीशस ारा) II. गगनांचल हवशेरांक, भारतीय सां सकृ हतक संिं ि पररद की पहका (ीमती मृदुल वसनह, मननीय रजयपल, गो, भरत र) III. दुगा पहका, मॉरीशस (ी केशरीना हपाठी, माननीय राजयपाल, पहम िंगाल, भारत ारा) IV. राजभारा भारती पहका हवशे रांक, राजभारा हवभाग, गृि मंालय की पहका (ीमती सुषम सरज, मननीय वदेश मंी, भरत सरकर र) V. हव हिनदी साहितय, पहका, हव हिनदी सहचवालय की पहका (ीमती लीला देवी दुकन.लछुमन, माननीय हशा मंी मॉरीशस सरकार ारा) अहभमनयु अनत जी की काशनािीन पुसतक “हया” (ी एम.जे. अकिर, माननीय हवदेश राजय मंी, भारत सरकार ारा) VI. ‘भोपाल से मौररशस तक’ (जनरल (डॉ.) वी.के. हसंि (सेवाहनवृ), माननीय हवदेश राजय मंी, भारत सरकार ारा) 1127 िजे 11. आभार ापन: जनरल (डॉ.) वी.के. हसंि (सेवाहनवृ), माननीय हवदेश राजय मंी, भारत सरकार ारा) 1130-1200 िजे जलपान शहनवार, 18 अगसत 2018 1200-1230 िजे दांजहल सभा दांजहल अपण वा : माननीया हवदेश मंी – (02 हमनट) मॉररशस के सममाहनत अहतह – (02 हमनट ) माननीय ी केशरी ना हपाठी , राजयपाल ,पहम िंगाल- 02 हमनट माननीया ीमती मृदुला हसनिा, राजयपाल, गोआ 02 हमनट ी भहतिरी मिताि - 02 हमनट ी अजमीरा सीताराम नायक - 02 हमनट ी अशोक चिर - 02 हमनट ी गजेन सोलंकी - 02 हमनट मॉररशस हतहनहि – 1 (02 हमनट) मॉररशस हतहनहि – 2 (02 हमनट ) अनय हवदेशी हवान ारा अटल हििारी वाजपेयी जी को दांजहल 1230-1400 िजे दोपिर का भोजन 1400–1630 िजे समानांतर स 1 : भारा और लोक सं सकृ हत के अंत:संिं ि (अधय: ीमती मृदुला हसनिा, माननीय राजयपाल, गोवा, भारत) (सि-अधय: डॉ. सररता िु , मॉरीशस) समानांतर स 2 : ौोहगकी के माधयम से हिंदी सहित भारतीय भाराओं का हवकास (अधय: ी हकरेन रहजजु, माननीय गृि राजय मंी, भारत सरकार) (सि-अधय: ी ाद रामशरण, मॉरीशस) ौोहगकी से संिंहित उतपाद का लोकापण ी हकरेन रहजजु, माननीय गृि राजय मंी ारा समानांतर स 3 : हिनदी हशण म भारतीय सं सकृ हत (अधय: ी उदय नारायण गंगू, मॉरीशस) (सि-अधय: डॉ. हवमलेश कांहत वमा) समानांतर स 4 : हिनदी साहितय म सं सकृहत हचंतन (अधय: डॉ. राजरानी गोहिन, मॉरीशस) (सि-अधय: डॉ. िरीश नवल) ी अहभराम भडकमकर ारा रहचत “िाल गं िव” का लोकापण डॉ. राजरानी गोहिन ारा 1630-1700 िजे जलपान 1700-1830 िजे समानांतर स 1 : भारा और लोक सं सकृ हत के अंत:संिं ि (जारी) (अधय: ीमती मृदुला हसनिा, माननीय राजयपाल, गोवा, भारत) (सि-अधय: डॉ. सररता िु , मॉरीशस) समानांतर स 2 : ौोहगकी के माधयम से हिंदी सहित भारतीय भाराओं का हवकास (जारी) (अधय: ी हकरेन रहजजु, माननीय गृि राजय मंी, भारत सरकार) (सि-अधय: ी ाद रामशरण, मॉरीशस) समानांतर स 3 : हिनदी हशण म भारतीय सं सकृहत (जारी) (अधय: ी उदय नारायण गंगू, मॉरीशस) (सि-अधय: डॉ. हवमलेश कांहत वमा) समानांतर स 4 : हिनदी साहितय म सं सकृहत हचंतन (जारी) (अधय: डॉ. राजरानी गोहिन, मॉरीशस) (सि-अधय: डॉ. िरीश नवल) 1900 िजे राह भोज नर मोदी ीण कुमर जगनसुषम सरज लील देी द कन लछुमन मॉरीशस म शुवार को गंगा आरती म भाग लेते पहम िंगाल के राजयपाल व हिंदी के वरर कहव केशरी ना हपाठी, गोवा की राजयपाल व लेहिका मृदुला हसनिा, हवदेश राजय मंी जनरल वीके हसंि ता अनय 11व हव हिंदी सममेलन की पूव संधया पर हवहभन स की जानकारी देते िाएँ से हवनोद कुमार हम, उदय नारायण गंगु, अशोक चिर, भारत के हवदेश राजय मंी जनरल वी.के. हसंि, ीहत शरण और हगरीर हम । 11व हव हिंदी सममेलन पर कहत दैहनक समाचार प

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  • गोस्वामी तुलसीदवास नगर, मॉरीशस शनन्वार, 18 अगसत 2018 प्र्ेशवांक

    गोस्वामी तलुसीदवास नगर (मवारीशस)। लघ ुभवारत कह े जवाने ्वाले मवारीशस में 18 अगसत 2018 से 11्वंा व्श्व वहदंी सममलेन शरुू होगवा। वहदंी कवा यह महवाकंुभ 20 अगसत 2018 तक स्वामी व््ेकवानंद अतंररवाष्ट्ीय सभवागवार में चलेगवा। व्श्व वहदंी सममलेन कवा आयोजन मखुय रूप से भवारत सरकवार के व्दशे मतं्वालय द्वारवा वकयवा जवातवा ह ै वजसमें इस बवार मॉरीशस सरकवार स्वानीय आयोजनकतवाता ह।ै 18 अगसत 2018 को पू् वाताह्न 10 बजे स्वामी व््ेकवानंद अतंररवाष्ट्ीय सभवागवार में शरुू होने्वाले उद्वाटन समवारोह में भवारत की व्दशे मतं्ी सषुमवा स्रवाज सममलेन की प्रसतवा्नवा रखेंगी और मवारीशस के प्रधवानमतं्ी प्र्ीण कुमवार

    जगननवा् कवा उद्वाटन भवाषण होगवा। मवारीशस की वशक्वा मतं्ी लीलवा दे् ी दकुन लछुमन स्वागत भवाषण करेंगी। सममलेन की तैयवाररयों कवा जवायजवा लेने के वलए भवारत के व्दशे रवाजय मतं्ी जनरल बी. के. वसंह वसंह सममलेन स्ल पर पहुचं।े पवचिम बंगवाल के रवाजयपवाल त्वा वहदंी के ्ररष्ठ कव् केशरीनवा् वत्पवाठी त्वा गो्वा की रवाजयपवाल ् लेवखकवा मदृलुवा वसनहवा ने भी कवायताक्रम स्ल कवा दौरवा वकयवा।व्श्व वहदंी सवच्वालय मवारीशस के महवासवच् व्नोद कुमवार वमश्र ने बतवायवा वक व्श्व वहदंी सममलेन में 20 दशेों के दो हजवार से अवधक प्रवतवनवध भवाग लेने के वलए मवारीशस पहुचं चकेु

    हैं। 11्ें व्श्व वहदंी सममलेन कवा मखुय व्षय ‘वहदंी व्श्व और भवारतीय संसकृवत’ रखवा गयवा ह।ै व्श्व वहदंी सवच्वालय की ्वावषताक पवत्कवा ‘व्श्व वहदंी सवावहतय’ के प्र्ेशवंाक कवा व्मोचन वकयवा जवाएगवा। व्श्व वहदंी सममलेन के अ्सर पर पहले की तरह व्वभनन क्ेत्ों में वहदंी भवाषवा के उत्वान के वलए समवपतात भवा् से कवाम करने ्वाले भवारत के वहदंी सेव्यों ए्ं अतंररवाष्ट्ीय व्द्वानों को सममवावनत वकयवा जवाएगवा। सममलेन स्ल पर नेशनल बकु ट्सट, कें द्ीय वहदंी संस्वान, महवातमवा गवंाधी अतंररवाष्ट्ीय वहदंी व्श्वव्द्वालय, ्धवाता समते कई संस्वाओ ं द्वारवा पसुतक प्रदशतानी लगवाई गई ह।ै

    हिंदी का मिाकंुभ आज से

    अटल वबहवारी ्वाजपेयी (25 वदसंबर 1924-16 अगसत 2018)

    समवृत शषे : पषृ्ठ-8

    अटल हििारी वाजपेयी की तीन कहवताएँ

    हवश्व हिंदी सममेलनपोटता लईु के घवाट पर, न्पंडों की भीर।रोली, अक्त, नवाररयल, सरु सररतवा कवा नीर।।सरुसररतवा कवा नीर, लगवा चनदन कवा वघससवा।भयैवा जी ने औरों कवा भी हड़पवा, वहससवा।। कह कैदी कव्रवाय, जयत ुजय वश्सवागर जी। जय भग्ती जवागरण, वनरवा्रण जय नवागर जी।।

    गंूजी हिंदी हवश्व मेंगूंजी वहदंी व्श्व में, स्पन हुआ सवाकवार।रवाष्ट् संघ के मचं से, वहदंी कवा जयकवार।। वहदंी कवा जयकवार, वहदं वहदंी में बोलवा।दखे स्भवाषवा-पे्रम, व्श्व अचरज से डोलवा।। कह कैदी कव्रवाय, ममे की मवायवा टूटी।भवारत मवातवा धनय, सनेह की सररतवा फूटी।।

    घर में दासीबनने चली व्श्व भवाषवा जो, अपने घर में दवासी।वसंहवासन पर अगंरेजी ह,ै लखकर दवुनयवा हवँासी।। लखकर दवुनयवा हवँासी, वहदंीदवंा बनते चपरवासी।अफसर सवारे अगंरेजीमय, अ्धी हों, मद्वासी।। कह कैदी कव्रवाय, व्श्व की वचनतवा छोड़ो।पहले घर में अगंरेजी के गढ़ को तोड़ो।।

    20 देशों के दो िजार से अहिक प्रहतहनहि माॅरीशस पिुंचे, हवदेश राजयमंत्ी जनरल वी.के. हसिं ने तैयाररयों का जायजा हलया

    भारत और मारीशस के शीर्ष नेतृतव की शुभकामनाएं

    भवारत के प्रधवानमतं्ी नरेंद् मोदी ने अपने शभुकवामनवा संदशे में कहवा ह ैवक मॉरीशस में होने ्वालवा यह सममलेन वहदंी भवाषवा के मवाधयम से भवारत और मॉरीशस की सवंाझी संसकृवत की सजी् झवंाकी

    प्रसततु करेगवा त्वा दोनों दशेों के जन आधवाररत सवदयों परुवाने संबंधों को और अवधक प्रगवाढ़ बनवाने में सहवायक वसद्ध होगवा। मॉरीशस के प्रधवानमतं्ी प्र्ीण कुमवार जगननवा् ने अपने संदशे में कहवा ह ै वक यह सममलेन भवारतीय प्र्वासी समदुवाय को भवाषवा ्ैज्वावनक दृवटि से पररभवावषत अपनी अवसमतवा और भवाषवा के प्रवत आतमीयतवा ज्वावपत

    करने कवा अ्सर प्रदवान करेगवा| व्दशे मतं्ी ए्ं प्र्वासी भवारतीय कवायता मतं्ी सषुमवा स्रवाज ने अपने संदशे में कहवा वक भवारत और मॉरीशस के बीच प्रगवाढ़ ररशते हैं और ्ैवश्वक पटल पर वहदंी को आगे बढ़वाने में मॉरीशस कवा महत्पणूता योगदवान

    रहवा ह।ै इसकवा उदवाहरण ह ै वक ्षता 1976 और 1993 में व्श्व वहदंी सममलेन कवा आयोजन मॉरीशस में वकयवा जवा चकुवा ह ैऔर अब तीसरी बवार मॉरीशस में यह आयोजन होने जवा रहवा ह।ैमॉरीशस की वशक्वा मतं्ी लीलवा दे् ी दकुन लछुमन ने अपने संदशे में कहवा वक पहले के अनभु्ों से वसद्ध हुआ ह ैवक जब भी व्श्व वहदंी सममलेन कवा

    आयोजन होतवा ह ैतब यह एक नए मवानक के रूप में मील कवा पत्र वसद्ध होतवा ह ैऔर अगले सममलेन को अवधक ऊँचवा उठवाने की चनुौती सदै् बनी रहती ह।ै ्वासत् में, भवारत के मवाननीय प्रधवानमंत्ी ए्ं व्दशे मतं्ी मवाननीयवा श्रीमती सषुमवा स्रवाज

    के मवागतादशतान में भोपवाल में आयोवजत 10्ें व्श्व वहदंी सममलेन की सखुद यवादें 11्ें सममलेन के संदभता में ्ैवश्वक वहदंी समदुवाय की आकवंाक्वाओ ंऔर अपेक्वाओ ंकी ओर धयवान आकृटि करती हैं। इन अपेक्वाओ ंकी पवूतता हते ुमॉरीशस सरकवार और मरेे मतं्वालय ने बहुत पहले से, ्षता 2016 से ही इस बहृत ्आयोजन कवा कवायता आरंभ कर वदयवा ह।ै

    11वें हवश्व हिंदी सममेलन में आज के काय्षक्रमपररसरः गोस्वामी तलुसीदवास नगरसममेलन स्थल: स्वामी व््ेकवानंद अतंररवाष्ट्ीय सभवागवार

    पररसरः गोसवामी तुलसीदास नगरसममेलन स्थल: सवामी हववेकानंद अंतरराष्ट्ीय सभागार

    शहनवार, 18 अगसत 2018 उद्ाटन सत्: मुखय सभागार (अहभमनयु अनत सभागार)0930-1000िजे स्थान- ग्रिण करना (हवहशष्ट अहतह्थयों का आगमन)1000 िजे श्ी अटल हििारी वाजपेयी जी को श्दांजहल अहप्षत करते िुए दो हमनट का सामूहिक मौन का उद्ोहरका के द्ारा आग्रि1004 िजे उद्ाटन- उद्ोहरकाओ ंद्ारा प्रारहमभक उद्ोरणाएं (प्रो. कुमुद शमा्ष एवं श्ीमती मािुरी रामिारी)1006 िजे 1. मॉरीशस का राष्ट्ीय गान इसके िाद भारत का राष्ट्ीय गान1008 िजे 2. दीप प्रजजवलन (हवदेश मंत्ी एवं हशक्ा मंत्ी) वेद मंत् हवदेशी हवद्ा्थथी, कें द्ीय हिनदी ससं्थान, आगरा द्ारा1009 िजे 3. सरसवती वंदना हवदेशी हवद्ा्थथी, कें द्ीय हिनदी ससं्थान, आगरा द्ारा1012 िजे 4. हिंदी गान (मिातमा गांिी ससं्थान, मॉरीशस द्ारा)1020 िजे 5. सममेलन लोगो पर एहनमेशन हिलम का प्रदश्षन1033 िजे 6. सवागत भारण: श्ीमती लीला देवी दुकन.लछुमन, माननीय हशक्ा मंत्ी मॉरीशस सरकार द्ारा1043 िजे 7. सम ्मेलन प्रसतावना: श्ीमती सरुमा सवराज, माननीय हवदेश मंत्ी, भारत सरकार द्ारा1055 िजे 8. उद्ाटन उद्ोिन: श्ी प्रवीण कुमार जगनना्थ, माननीय प्रिानमंत्ी, मॉरीशस द्ारा1100 िजे 9. डाक हटकट का लोकाप्षण माननीय प्रिानमंत्ी मॉरीशस द्ारा1102 िजे 10. पुसतकों का लोकाप्षण: I. सममेलन समाररका, 11वें हवश्व हिनदी सममेलन (श्ी प्रवीण कुमार जगनना्थ, माननीय प्रिानमंत्ी मॉरीशस द्ारा) II. गगनांचल हवशेरांक, भारतीय सांसकृहतक सिंंि परररद की पहत्का (श्रीमती मदृलुवा वसनहवा, मवाननीय रवाजयपवाल, गो्वा, भवारत द्वारवा) III. दुगा्ष पहत्का, मॉरीशस (श्ी केशरीना्थ हत्पाठी, माननीय राजयपाल, पहचिम िंगाल, भारत द्ारा) IV. राजभारा भारती पहत्का हवशेरांक, राजभारा हवभाग, गृि मंत्ालय की पहत्का (श्रीमती सषुमवा स्रवाज, मवाननीय व्दशे मतं्ी, भवारत सरकवार द्वारवा) V. हवश्व हिनदी साहितय, पहत्का, हवश्व हिनदी सहचवालय की पहत्का (श्ीमती लीला देवी दुकन.लछुमन, माननीय हशक्ा मंत्ी मॉरीशस सरकार द्ारा) अहभमनयु अनत जी की प्रकाशनािीन पुसतक “हप्रया” (श्ी एम.जे. अकिर, माननीय हवदेश राजय मंत्ी, भारत सरकार द्ारा) VI. ‘भोपाल से मौररशस तक’ (जनरल (डॉ.) वी.के. हसिं (सेवाहनवतृ्त), माननीय हवदेश राजय मंत्ी, भारत सरकार द्ारा) 1127 िजे 11. आभार ज्ापन: जनरल (डॉ.) वी.के. हसिं (सेवाहनवतृ्त), माननीय हवदेश राजय मंत्ी, भारत सरकार द्ारा)

    1130-1200 िजे जलपान

    शहनवार, 18 अगसत 2018

    1200-1230 िजे श्दांजहल सभा श्दांजहल अप्षण वक्ा : माननीया हवदेश मंत्ी – (02 हमनट) मॉररशस के सममाहनत अहतह्थ – (02 हमनट ) माननीय श्ी केशरी ना्थ हत्पाठी , राजयपाल ,पहचिम िंगाल- 02 हमनट माननीया श्ीमती मृदुला हसनिा, राजयपाल, गोआ 02 हमनट श्ी भहत्षिरी मिताि - 02 हमनट श्ी अजमीरा सीताराम नायक - 02 हमनट श्ी अशोक चक्रिर - 02 हमनट श्ी गजेनद् सोलंकी - 02 हमनट मॉररशस प्रहतहनहि – 1 (02 हमनट) मॉररशस प्रहतहनहि – 2 (02 हमनट ) अनय हवदेशी हवद्ानों द्ारा अटल हििारी वाजपेयी जी को श्दांजहल 1230-1400 िजे दोपिर का भोजन 1400–1630 िजे समानांतर सत् 1 : भारा और लोक ससंकृहत के अंत:सिंंि (अधयक्: श्ीमती मृदुला हसनिा, माननीय राजयपाल, गोवा, भारत) (सि-अधयक्: डॉ. सररता िुदू्, मॉरीशस) समानांतर सत् 2 : प्रौद्ोहगकी के माधयम से हिंदी सहित भारतीय भाराओ ंका हवकास (अधयक्: श्ी हकरेन ररहजजु, माननीय गृि राजय मंत्ी, भारत सरकार) (सि-अधयक्: श्ी प्रह्ाद रामशरण, मॉरीशस) प्रौद्ोहगकी से सिंंहित उतपादों का लोकाप्षण श्ी हकरेन ररहजजु, माननीय गृि राजय मंत्ी द्ारा समानांतर सत् 3 : हिनदी हशक्ण में भारतीय ससंकृहत (अधयक्: श्ी उदय नारायण गंगू, मॉरीशस) (सि-अधयक्: डॉ. हवमलेश कांहत वमा्ष) समानांतर सत् 4 : हिनदी साहितय में ससंकृहत हचंतन (अधयक्: डॉ. राजरानी गोहिन, मॉरीशस) (सि-अधयक्: डॉ. िरीश नवल) श्ी अहभराम भडकमकर द्ारा रहचत “िाल गंिव्ष” का लोकाप्षण डॉ. राजरानी गोहिन द्ारा1630-1700 िजे जलपान1700-1830 िजे समानांतर सत् 1 : भारा और लोक ससंकृहत के अंत:सिंंि (जारी) (अधयक्: श्ीमती मृदुला हसनिा, माननीय राजयपाल, गोवा, भारत) (सि-अधयक्: डॉ. सररता िुदू्, मॉरीशस) समानांतर सत् 2 : प्रौद्ोहगकी के माधयम से हिंदी सहित भारतीय भाराओ ंका हवकास (जारी) (अधयक्: श्ी हकरेन ररहजजु, माननीय गृि राजय मंत्ी, भारत सरकार) (सि-अधयक्: श्ी प्रह्ाद रामशरण, मॉरीशस) समानांतर सत् 3 : हिनदी हशक्ण में भारतीय ससंकृहत (जारी) (अधयक्: श्ी उदय नारायण गंगू, मॉरीशस) (सि-अधयक्: डॉ. हवमलेश कांहत वमा्ष) समानांतर सत् 4 : हिनदी साहितय में ससंकृहत हचंतन (जारी) (अधयक्: डॉ. राजरानी गोहिन, मॉरीशस) (सि-अधयक्: डॉ. िरीश नवल)1900 िजे राहत् भोज

    नरेंद् मोदी प्र्ीण कुमवार जगननवा् सषुमवा स्रवाज लीलवा दे् ी दकुन लछुमन

    मॉरीशस में शुक्रवार को गंगा आरती में भाग लेते पहचिम िंगाल के राजयपाल व हिंदी के वररष्ठ कहव केशरी ना्थ हत्पाठी, गोवा की राजयपाल व लेहिका मृदुला हसनिा, हवदेश राजय मंत्ी जनरल वीके हसिं त्था अनय

    11वें हवश्व हिदंी सममेलन की पूव्ष सधंया पर हवहभनन सत्ों की जानकारी देते िाए ँसे हवनोद कुमार हमश्, उदय नारायण गंगु, अशोक चक्रिर, भारत के हवदेश राजय मंत्ी जनरल वी.के. हसिं, प्रीहत शरण और हगरीश्वर हमश् ।

    11वें ह वश्व हिंदी सममेलन पर कें हद्त दैहनक समाचार पत्

  • 2मॉरीशस शनन्वार, 18 अगसत 2018 प्र्ेशवांक

    प्र्म व्श्व वहदंी सममलेन :- 1975 में भवारत में प्र्म व्श्व वहदंी सममलेन 10-14 जन्री 1975 को नवागपरु में आयोवजत वकयवा गयवा ्वा। इस सममलेन कवा उद्वाटन भवारत की ततकवालीन प्रधवानमतं्ी इवंदरवा गवंाधी ने वकयवा ्वा। वजसकवा बोध्वाकय ्सधुै् कुटंुबकम ्वा। सममलेन कवा आयोजन रवाष्ट्भवाषवा प्रचवार सवमवत, ्धवाता के तत्वा्धवान में हुआ। सममलेन से समबवनधत रवाष्ट्ीय आयोजन सवमवत के अधयक् महवामवहम उपरवाष्ट्पवत श्री बी डी जत्ी ्े। रवाष्ट्भवाषवा प्रचवार सवमवत, ्धवाता के अधयक् श्री मधकुर रवा् चौधरी उस समय महवारवाष्ट् के व्त्, वनयोजन ् अलपबचत मनत्ी ्े। सममलेन के मखुय अवतव् मॉरीशस के प्रधवानमनत्ी श्री वश्सवागर रवामगलुवाम ्े वजनकी अधयक्तवा में मॉरीशस से आए एक प्रवतवनवधमणडल ने भी सममलेन में भवाग वलयवा ्वा। इस सममलेन में 30 दशेों के कुल 122 प्रवतवनवधयों ने भवाग वलयवा। सर वश्सवागर रवामगलुवाम ने अपने भवाषण में वहदंी के संबंध में कहवा वक वहदंी की लोकवप्रयतवा भवारत में तो ह ै ही लेवकन हमवारे वलए इस भवाषवा की एक खवास व्शषेतवा ह।ै हमें अनेक एवशयवाई-अफ्ीकी दशे इस भवाषवा को एक अतंरवाताष्ट्ीय स्रूप प्रदवान करते हैं। सभी ने नवागपरु सममलेन में यह दखेवा वक यरूोप, अमरीकवा, कनवाडवा, एवशयवा, आसटे्वलयवा त्वा अफ्ीकवा के अनेक दशेों से आए लोग वकस प्रकवार धवारवा-प्र्वाह वहदंी में भवाषण कर रह े ्े। व्दवेशयों को भी इस बवात की प्रसननतवा ्ी वक अनेक महत्पणूता व्षयों पर ्े अपने व्चवारों कवा आदवान-प्रदवान इस भवाषवा के मवाधयम से कुशलतवापू् ताक कर रह े्े। इस सममलेन ने वहदंी के प्रवत जो कुछ शकंवाए ँलोगों के मन में ्ीं, उनहें दरू वकयवा और पहली बवार उसी मचं से यह वसद्ध हुआ वक अनतरवाताष्ट्ीय धरवातल पर पवारसपररक आदवान-प्रदवान के वलए वहदंी एक स्ता्वा सशक्त ए्ं सक्म भवाषवा ह।ै उस सममलेन से वहदंी की गौर््वृद्ध के सवा्-सवा् एक व्श्व वहदंी परर्वार की कलपनवा सवाकवार हुई और पहली बवार एक व्पलु जन-समदुवाय ने यह महससू वकयवा वक वहदंी के व्कवास त्वा प्रचवार की संभवा्नवाए ँअपवार हैं।सममलेन में पवाररत वकये गये मनतवय ्े-1- संयकु्त रवाष्ट् संघ में वहदंी को आवधकवाररक भवाषवा के रूप में स्वान वदयवा जवाए।2- ्धवाता में व्श्व वहदंी व्द्वापीठ की स्वापनवा हो।3- मॉरीशस में व्श्वस वहदंी सवच्वालय की स्वापनवा हो।4- व्श्व वहदंी सममलेनों को स्वावयत् प्रदवान करने के वलये अतयनत व्चवारपू् ताक एक योजनवा बनवायी जवाए।

    दसूरवा व्श्व वहदंी सममलेन :- दसूरवा व्श्व वहदंी सममलेन मॉरीशस की रवाजधवानी पोटता लईु में 28-30 अगसत 1976 के बीच समपनन हुआ ्वा। इस सममलेन के आयोजक रवाष्ट्ीय आयोजन सवमवत के अधयक् मॉरीशस के प्रधवानमनत्ी डॉ॰ सर वश्सवागर रवामगलुवाम ्े। इस सममलेन के उद्वाटन सत् की अधयक्तवा भवारत के ततकवालीन स्वास्थय ए्ं परर्वार वनयोजन मतं्ी डॉ. कणता वसंह ने की ्ी। आभवार प्रदशतान मॉरीशस के प्रधवानमतं्ी सर वश् सवागर रवामगलुवाम ने वकयवा ्वा। सममलेन में भवारत से 23 सदसयीय प्रवतवनवध मणडल ने भवाग वलयवा।

    भवारत के अवतररक्त सममलेन में 17 दशेों के 181 प्रवतवनवधयों ने भी वहससवा वलयवा ्वा।

    तीसरवा व्श्व वहदंी सममलेन :- तीसरवा व्श्व वहदंी सममलेन ्षता 28-30 अकटूबर 1983 में भवारत की रवाजधवानी वदलली में आयोवजत हुआ। इसमें भी ्सधुै् कुटंुबकम बोध्वाकय रखवा गयवा. भवारत की प्रधवानमतं्ी इवंदरवा गवंाधी ने इस सममलेन कवा उद्वाटन वकयवा ्वा। सममलेन के वलए बनी रवाष्ट्ीय आयोजन सवमवत के अधयक् ततकवालीन लोकसभवा अधयक् डॉ. बलरवाम जवाखड़ ्े। इसमें मॉरीशस से आए प्रवतवनवधमणडल ने भी वहससवा वलयवा वजसके नेतवा ्े श्री हरीश बधु।ू सममलेन के आयोजन में रवाष्ट्भवाषवा प्रचवार सवमवत, ्धवाता ने प्रमखु भवूमकवा वनभवायी। सममलेन में कुल 6566 प्रवतवनवधयों ने वहससवा वलयवा वजनमें व्दशेों से आए 260 प्रवतवनवध भी शवावमल ्े। वहदंी की सपु्रवसद्ध क्वयत्ी महवादे् ी ्मवाता समवापन समवारोह की मखुय अवतव् ्ीं। इस अ्सर पर उनहोंने दो टूक शबदों में कहवा ्वा, “भवारत के सरकवारी कवायवातालयों में वहदंी के कवामकवाज की वस्वत उस र् जैसी ह ै वजसमें घोड़े आगे की बजवाय पीछे जोत वदये गये हों।”

    चौ्वा व्श्व वहदंी सममलेन :- 2-4 वसतंबर 1993 में मॉरीशस के पोटता लईु में वहदंी सममलेन आयोवजत वकयवा गयवा. इसकवा उद्वाटन मॉरीशस के प्रधवानमतं्ी सर अवनरुद्ध जगननवा् ने वकयवा ्वा। समवापन समवारोह की अधयक्तवा मॉरीशस के उपरवाष्ट्पवत र्ींद् घरबरन ने की ्ी। 17 सवाल बवाद मॉरीशस में एक बवार वफर व्श्व वहदंी सममलेन कवा आयोजन वकयवा जवा रहवा ्वा। इस बवार के आयोजन कवा उत्रदवावयत् मॉरीशस के कलवा, संसकृवत, अ्कवाश ए्ं सधुवार संस्वान मनत्ी श्री मकेुश्वर चनुी ने समहवालवा ्वा। उनहें रवाष्ट्ीय आयोजन सवमवत कवा अधयक् वनयकु्त वकयवा गयवा ्वा। इसमें भवारत से गए प्रवतवनवधमणडल के नेतवा श्री मधकुर रवा् चौधरी ्े । भवारत के ततकवालीन गहृ रवाजयमनत्ी श्री रवामलवाल रवाही प्रवतवनवधमणडल के उपनेतवा ्े। सममलेन में मॉरीशस के अवतररक्त

    लगभग 200 व्दशेी प्रवतवनवधयों ने भी भवाग वलयवा। चौ्े व्श्व वहदंी सममलेन में सभी के आदर सतकवार कवा बहुत धयवान वदयवा जवा रहवा ्वा। ्हवँा के मतं्ी सभी प्रवतवनवधयों से बहुत घलु-वमल गए ्े।

    पवँाच्वँा व्श्व वहदंी सममलेन :- पवँाच्वँा व्श्व वहदंी सममलेन 1996 के सवाल 4-8 अपै्रल तक वत्वनडवाड ए्ं टुबैगो के पोटता ऑफ सपेन में हुआ ्वा। इसके उद्वाटन समवारोह की वत्वनडवाड ए्ं टुबैगो के प्रधवानमतं्ी ्वासदुपे पवंाडेय ने की ्ी. इस सममलेन कवा व्षय अप्र्वासी भवारत और वहदंी ्वा। सममलेन के प्रमखु संयोजक वहदंी वनवध के अधयक् श्री चकंवा सीतवारवाम ्े । भवारत की ओर से इस सममलेन में भवाग लेने ्वाले प्रवतवनवधमणडल के नेतवा अरुणवाचल प्रदशे के रवाजयपवाल श्री मवातवा प्रसवाद ्े। सममलेन कवा केनद्ीय व्षय ्वा- प्र्वासी भवारतीय और वहदंी । वजन अनय व्षयों पर इसमें धयवान केवनद्त वकयवा गयवा, ्े ्े - वहदंी भवाषवा और सवावहतय कवा व्कवास, कैरेवबयवाई द्ीपों में वहदंी की वस्वत ए्ं कमपयटूर यगु में वहदंी की उपवादयेतवा। सममलेन में भवारत से 17 सदसयीय प्रवतवनवधमणडल ने वहससवा वलयवा। अनय दशेों के 257 प्रवतवनवध इसमें शवावमल हुए।

    छठ्वँा व्श्व वहदंी सममलेन :- सवाल 1999 के वसतंबर मवाह में 14-18 तक वरिटेन के लंदन में छठ्वँा वहदंी सममलेन संपनन हुआ। इस सममलेन कवा उद्वाटन भवारत ततकवालीन एनडीए सरकवार में व्दशे रवाजय मतं्ी ्सुंधरवा रवाजे वसंवधयवा ने वकयवा ्वा। वहदंी और भवा्ी पीढ़ी इस सममलेन कवा मखुय व्षय ्वा। य०ूके० वहदंी सवमवत, गीतवंाजवल बहुभवाषी समदुवाय और बवमिंघम भवारतीय भवाषवा संगम, यॉकता ने वमलजलु कर इसके वलए रवाष्ट्ीय आयोजन सवमवत कवा गठन वकयवा गयवा वजसके अधयक् डॉ. कृष्ण कुमवार और संयोजक डॉ. पद्शे गपु्त ्े। सममलेन कवा कें द्ीय व्षय ्वा - वहदंी और भवा्ी पीढ़ी। प्रवतवनवधमणडल के उपनेतवा प्रवसद्ध सवावहतयकवार डॉ. व्द्वावन्वास वमश्र ्े। इस सममलेन कवा ऐवतहवावसक महत् इसवलए ह ैकयोंवक यह वहदंी को रवाजभवाषवा बनवाये जवाने के

    50्ें ्षता में आयोवजत वकयवा गयवा। यही ्षता सनत कबीर की छठी जनमशती कवा भी ्वा। सममलेन में 21 दशेों के 700 प्रवतवनवधयों ने वहससवा वलयवा। इनमें भवारत से 350 और वरिटेन से 250 प्रवतवनवध शवावमल ्े। इस सममलेन में अमरीकवा में व्श्व वहदंी नयवास के रवामदवास चौधरी, दवक्ण अफ्ीकवा के. ्ी. रवामव्लवास, पोलैंड की डॉ. दवावनतवा स्वासीक, मवारीशस के वमत् रवामदे् धरंुधर, तजवावकसतवान के एच. रजवारो्, फ्वंास के प्रो. एनीमोतो, वरिटेन की अचलवा शमवाता, चके गणरवाजय के डॉ. स्तीसलवा् कोवसतक, मयवंामवार के ऊपवागगो और चीन के प्रो येंग हवंागयनूद को भी सममवावनत वकयवा गयवा ह।ै

    सवात्वँा व्श्व वहदंी सममलेन :- सवात्ें व्श्व वहदंी सममलेन कवा आयोजन सदुरू सरूीनवाम की रवाजधवानी पवारवामवाररबो में 5 जनू से 9 जनू 2003 के मधय हुआ ्वा। सरूीनवाम के रवाष्ट्पवत रोनवालडो रोनवालड ्ेनेवतशयवान ने सवात्ें सममलेन कवा शभुवारंभ वकयवा ्वा। इककीस्ीं सदी में आयोवजत यह पहलवा व्श्व वहदंी सममलेन ्वा। सममलेन के आयोजक श्री जवानकीप्रसवाद वसंह ्े । इसकवा केनद्ीय व्षय ्वा - व्श्व वहदंी नई शतवाबदी की चनुौवतयवँा। सममलेन में वहससवा लेने ्वाले भवारतीय प्रवतवनवधमडंल कवा नेततृ् व्दशे रवाजय मनत्ी श्री वदव््जय वसंह ने वकयवा। सममलेन में भवारत से 200 प्रवतवनवधयों ने वहससवा वलयवा। इसमें 12 से अवधक दशेों के वहदंी व्द्वान ् अनय वहदंी से्ी सवममवलत हुए। वहदंी को व्श्व भवाषवा बनवाने के वलए सवात्ें व्श्व वहदंी सममलेन में दो बवातों पर भी धयवान वदयवा जवानवा चवावहए। पहलवा हमवारी सरकवार संयकु्त रवाष्ट्संघ में इसे मवानयतवा वदलवाए, दसूरे सभी लोग सरकवारी और रोजमरवाता के जी्न में वहदंी को अपनवाए ँऔर अपने बचचों और व्दवेशयों को वहदंी प्रयोग में प्रोतसवाहन दें।

    आठ्वँा व्श्व वहदंी सममलेन :- 13-15 जलुवाई 2007 में अमरीकवा के नययूवाकता में आठ्वँा व्श्व वहदंी सममलेन कवा उद्वाटन वकयवा गयवा ्वा। सममलेन कवा मखुय व्षय व्श्व मचं पर वहदंी ्वा। आठ्ें सममलेन कवा उद्वाटन संयकु्त रवाष्ट्

    के सभवागवार में हुआ ्वा। वजसमें स्वागत भवाषण भवारत के रवाजदतू रोनेन सेन ने वदयवा ्वा। इसकवा आयोजन भवारत सरकवार के व्दशे मनत्वालय द्वारवा वकयवा गयवा। नययूॉकता में सममलेन के आयोजन से समबवनधत वय्स्वा अमरेरकवा की वहदंी से्ी संस्वाओ ंके सहयोग से भवारतीय व्द्वा भ्न ने की ्ी। इसके वलए एक व्शषे जवालस्ल (्े्सवाइट) कवा वनमवाताण भी वकयवा गयवा। इसे प्रभवासवाक्ी.कॉम के समहू समपवादक बवालेनद ुशमवाता दवाधीच के नेततृ् ्वाले प्रकोष्ठ ने व्कवसत वकयवा ्वा।

    नौ्वंा व्श्व वहदंी सममलेन :- नौं्वा वहदंी सममलेन 22-24 वसतंबर 2012 को दवक्ण अफ्ीकवा के जोहवंासबगता में हुआ ्वा। भवारत की अवसमतवा और वहदंी कवा ्ैवश्वक संदभता इस सममलेन कवा मखुय व्षय ् वा। इस सममलेन में दवक्ण अफ्ीकवा के व्त् मतं्ी प्र्ीण गोधतान और व्शषे अवतव् मॉरीशस के कलवा ए्ं संसकृवत मकेुश्वर चनुी ने वशरकत की ्ी। इस सममलेन में 22 दशेों के 600 से अवधक प्रवतवनवधयों ने वहससवा वलयवा। इनमें लगभग 300 भवारतीय शवावमल हुए। सममलेन में तीन वदन चले मं् न के बवाद कुल 12 प्रसतवा् पवाररत वकए गए और व्रोध के बवाद एक संशोधन भी वकयवा गयवा।

    दस्वँा व्श्व वहदंी सममलेन :- दस्वँा व्श्व वहदंी सममलेन 10 से 12 वसतंबर 2015 तक भवारत की ह्रदयस्ली मधयप्रदशे की रवाजधवानी भोपवाल (मधय प्रदशे) में हुआ ्वा। जोहवंासबगता में हुए नौ्ें सममलेन में ही वनणताय वलयवा गयवा ्वा वक अगलवा व्श्व वहदंी सममलेन भवारत में होगवा।पहली बवार वहदंी भवाषवा पर कें वद्त इस सममलेन में 12 व्षयों पर व्चवार हुआ। तीन वदन हुई अलग-अलग चचवाताओ ंके बवाद इनसे जड़ेु पररणवाम भी सममलेन में पेश वकए गए वजन पर अमल के वलए कें द् सरकवार एक समीक्वा सवमवत बनवाएगी। सममलेन में सरकवार की ओर से यह आश्ववासन वदयवा गयवा वक जो वसफवाररशें आई हैं उन पर हर संभ् अमल होगवा। तीन वदन चले इस सममलेन कवा समवापन कें द्ीय गहृमतं्ी रवाजनवा् वसंह ने वकयवा। इस सममलेन में दशे और व्दशे के वहदंीसेव्यों को व्श्व वहदंी सममवान से सममवावनत भी वकयवा गयवा। व्श्व वहदंी सममलेन के समवापन समवारोह में दशे-व्दशे के 34 वहदंी सवावहतयकवारों को व्श्व वहदंी सममवान प्रदवान वकयवा गयवा। इसमें कोई संदहे नहीं वक भवारत के एक प्रमखु सवंासकृवतक कें द् – भोपवाल में आयोवजत 10्ें व्श्व वहदंी सममलेन के दौरवान व्दशेी त्वा भवारतीय व्द्वानों और व्चवारकों को वहदंी भवाषवा के व्सतवार से संबंवधत व्वभनन व्कलपों पर व्चवार-व्मशता करने कवा अचछवा अ्सर प्रवाप्त हुआ।

    ्यवारह्वँा व्श्व वहदंी सममलेन :- ् यवारह्वँा व्श्व वहदंी सममलेन व्दशे मतं्वालय द्वारवा मॉरीशस सरकवार के सहयोग से 18-20 अगसत 2018 तक मॉरीशस में आयोवजत वकयवा जवा रहवा ह।ै ्यवारह े्ं व्श्व वहदंी सममलेन को मॉरीशस में आयोवजत करने कवा वनणताय वसतंबर 2015 में भवारत के भोपवाल शहर में आयोवजत दस्ें व्श्व वहदंी सममलेन में वलयवा गयवा ्वा

    व्श्व वहदंी सममलेन की स्वणताम यवात्वामॉरीशस में तीसरी िार डॉ.सयुंक्ा भवन रामसारा

    व्श्व वहदंी सवच्वालय के महवासवच् के रूप में ‘वहदंी व्श्व’ बलेुवटन कवा प्र्ेशवंाक आपके सवामने रखते

    हुए अपवार हषता की अनभुवूत हो रही ह।ै अपने उत्रदवावयत्ों के वन्ताहन के क्रम में व्श्व वहदंी परर्वार से जड़ुने कवा इससे खबूसरूत अ्सर और कयवा हो सकतवा ह?ै वहदंी की यह इकलौती वद्पक्ीय संस्वा ह ै वजसने वहदंी की संसकृवत को जी्ंत बनवाए रखने के वलए कृवष-कमता जैसवा बनवा वदयवा ह ैजहवँा खते की जतुवाई,

    वसंचवाई ए्ं बीजबपन वनरंतर चलतवा रहतवा ह ै तवावक उसकी उ्तारवाशवक्त बनी रह।े यही वजजीव्षवा हम मॉरीशस की वकसवान-संसकृवत में भी तो दखेते हैं।सवच्वालय वहदंी जगत के सपनों की फ़सल तैयवार करने में कृतसंकलप ह।ै यह वहदंी की समदृ्ध परमपरवा त्वा भवाषवायी और सवावहवतयक व्रवासत की कुशल अवभवयवक्त के सवा्-सवा् भौगोवलक व्सतवार को नयवा आयवाम द े रहवा ह ै त्वा ्ैवश्वक सतर पर सवंासकृवतक संबंधों

    की मजबतू कड़ी बन वचतंन त्वा सजृन के समवानवानतर द्वार पर दसतक भी। आज वहदंी ्ैश्वीकरण की चनुौवतयों को स्ीकवार करते हुए अपनी नई रवाहों की अन्ेवषकवा बनकर आतमीय बनवाने की शवाश्वत प्रकृवत कवा सदपुयोग कर व्श्ववास की अनंत संभवा्नवाओ ंकी आकवाश गंगवा की वनवमतावत में अग्रसर ह।ै सचूनवा और प्रौद्ोवगकी ने वहदंी के क्ेत् में रोजगवार के नए अ्सर वदए हैं त्वा कई ग्वाक्

    भी खोल वदए हैं। आ्शयकतवा ह ै‘कूप मडूंक’ ्वृत् कवा तयवाग और न्तकनीकी ज्वानवाजतान के द्वारवा वहदंी को ‘रोटी’, ‘रोजगवार’ और ‘मवाधयम’ की भवाषवा बनवानवा। बदलते ्ैवश्वक पररदृशय में भवाषवा और भवा् की एकवातमकतवा बल्ती हो रही ह।ै ऐसे में जरूरत इस बवात की ह ै वक मवानक और मवानदणड पनुवनताधवाताररत वकए जवाए ँ जो स्तास्ीकृत भी हों। ‘शवुचतवा’ और ‘शदु्धतवा्वादी’ सोच कवा वनमगोक उतवार फें कनवा होगवा, ‘ग्रहण’ और

    ‘तयवाग’ के व््ेक को जवाग्रत करनवा होगवा। सद्वा्नवा, समरसतवा और समन्यवातमकतवा की वत्गणुवावतमकवा के आईने से व्श्व वहदंी को दखेनवा होगवा। मवुक्तबोध के शबदों में, “अब अवभवयवक्त के सवारे खतरे उठवाने होंगे। तोड़ने ही होंगे मठ और गढ़ सब। पहुचँनवा होगवा दगुताम पहवाड़ों के उस पवार।” उममीद ह ैवक प्र्ेशवंाक की सवामग्री आपको पसंद आएगी।

    सपंादकीय

  • मॉरीशस शनन्वार, 18 अगसत 2018 प्र्ेशवांक 3

    व्श्व वहदंी सवच्वालय वहदंी की ् ैवश्वक यवात्वा कवा महत्पणूता पड़वा् ह ै जो भवारत ् मॉरीशस सरकवार की एक

    वद्पक्ीय अतंररवाष्ट्ीय संस्वा के रूप में वपछले एक दशक से वहदंी प्रचवार-प्रसवार में संल्न ह।ै यह संस्वा 1975 में नवागपरु में आयोवजत प्र्म व्श्व वहदंी सममलेन के मं् न कवा पररणवाम ह।ै सममलेन में मॉरीशस के ततकवालीन प्रधवानमतं्ी सर वश्सवागर रवामगलुवाम ने व्श्व वहदंी कें द् की स्वापनवा कवा प्रसतवा् रखवा ्वा वजसकवा सम त्ान ततकवालीन भवारतीय प्रधवान मतं्ी श्रीमती इवंदरवा गवंाधी द्वारवा वकयवा गयवा। इस प्रसतवा् को 1976 में मॉरीशस में आयोवजत वद्तीय व्श्व वहदंी सममलेन में सवाकवार रूप वदयवा गयवा और मॉरीशस में व्श्व वहदंी सवच्वालय की स्वापनवा कवा प्रसतवा् दृढ़ संकलप के सवा् पवाररत हुआ। 1996 में मॉरीशस सरकवार ने सवच्वालय के वनमवाताण से समबंवधत कवाययों के वलए डॉ. सररतवा बदु्ध ुको वशक्वा मतं्वालय में बतौर सलवाहकवार वनयकु्त वकयवा। इसके बवाद मॉरीशस वस्त भवारतीय उचचवायोग के सहयोग से व्श्व वहदंी सवच्वालय की इकवाई कवा गठन वकयवा गयवा। 20 अगसत 1999 को दोनों सरकवारों की ओर से सवच्वालय के उद्शेयों, संचवालन ए्ं व्त्पोषण संबंधी एक समझौते पर हसतवाक्र वकए गए वजसके अतंगतात मॉरीशस सरकवार की ओर से सवच्वालय वनमवाताण हते ुभवूम कवा आबंटन हुआ त्वा भवारत सरकवार की ओर से भ्न के प्रवारूप त्वा वनमवाताण के खचता की वजममदेवारी ली गई।

    17 वसतमबर 2001 को सवच्वालय कवा अस्वायी कवायवातालय वकरवाए के एक भ्न के रूप में बनवा और कवायता आरंभ हुआ। अद्वा्वध इसी भ्न से सवच्वालय की गवतव्वधयों कवा संचवालन हो रहवा ह।ै व्श्व वहदंी सवच्वालय मखुयवालय कवा वशलवानयवास न्ंबर, 2001 में भवारत के ततकवालीन मवान् संसवाधन, व्ज्वान ् प्रौद्ोवगकी मतं्ी मवाननीय श्री मरुली मनोहर जोशी द्वारवा फे़वनकस, मॉरीशस में वकयवा गयवा। 12 न्मबर 2002 को मॉरीशस की नेशनल असेमबली द्वारवा व्श्व वहदंी सवच्वालय अवधवनयम-2002 पवाररत वकयवा गयवा त्वा 21 न्मबर 2003 को मॉरीशस त्वा भवारत सरकवार के बीच एक वद्पक्ीय करवार पर हसतवाक्र वकए गए। 12 वसतमबर 2005 को नेशनल असेमबली द्वारवा पवाररत अवधवनयम की औपचवाररक उद्ोषणवा की गई। मॉरीशस की ओर से प्र्म महवासवच् की वनयवुक्त 18 जन्री 2007 को की गई त्वा 11 फ़र्री 2008 से व्श्व वहदंी सवच्वालय ने औपचवाररक रूप से कवायता आरमभ वकयवा। अपने स्वापनवा ्षता से सवच्वालय लगवातवार अपनी ्ैवश्वक गवतव्वधयों द्वारवा वहदंी को व्श्व भवाषवा बनवाने कवा मवागता प्रशसत करतवा आ रहवा ह।ै 12 मवाचता, 2015 को भवारत गणरवाजय के प्रधवान मतं्ी महवामवहम श्री नरेंद् मोदी त्वा मॉरीशस

    गणरवाजय के प्रधवान मतं्ी मवाननीय सर अवनरुद्ध जगननवा् द्वारवा व्श्व वहदंी सवच्वालय के मखुयवालय वनमवाताण कवा आवधकवाररक शभुवारंभ वकयवा गयवा। 8 अकटूबर 2016 को भवूम पजूवा की गई त्वा वनमवाताण कवायता आरंभ हुआ। दोनों दशेों के आपसी सहयोग से सवच्वालय कवा न्वनवमतात पररसर बन कर तैयवार हुआ ए्ं 13 मवाचता 2018 को मॉरीशस के प्रधवान मतं्ी मवाननीय श्री प्र्ीण कुमवार जगननवा् की गररमवामयी उपवस्वत में भवारत के महवामवहम रवाष्ट्पवत श्री रवाम नवा् कोव्ंद जी के करकमलों से इसके मखुयवालय कवा उद्वाटन हुआ। इस ्षता सवच्वालय नौ सोपवानों को पवार कर दस्ें सोपवान पर कदम रख चकुवा ह।ै इन बीते ्षयों में सवच्वालय ने कवामयवाबी की कई इबवारतें वलखी हैं वकंत ुबहुत कुछ वलखवा जवानवा बवाकी ह।ै ्षता 2018 वहदंी व्श्व के वलए, सवच्वालय के वलए और मॉरीशस के वलए ऐवतहवावसक होगवा। 18-20 अगसत को व्श्व वहदंी सममलेन के आयोजन सवहत कई और नए अधयवाय वलख ेजवायेंगे त्वा वहदंी के स्वणताम इवतहवास

    ए्ं उसकी गौर् गवा्वा-गवायन कवा समपणूता वहदंी जगत सवाक्ी बनेगवा।

    उदे्शय व्श्व वहदंी सवच्वालय अवधवनयम 2002 के अनसुवार इसकवा उद्शेय वहदंी को अतंररवाष्ट्ीय भवाषवा के रूप में प्रोननत करनवा, संयकु्त रवाष्ट् की आवधकवाररक भवाषवा के रूप में मवानयतवा वदलवाने के वलए एक सशक्त मंच प्रदवान करनवा त्वा अतंररवाष्ट्ीय भवाषवा के रूप में वहदंी कवा सं्धतान ए्ं व्कवास करनवा रहवा ह।ै

    लक्य भवारतीय सभयतवा और संसकृवत कवा व्सतवार करनवा भी सवच्वालय कवा अभीटि ह।ै इसके अवतररक्त व्श्व वहदंी सममलेनों को सवंास्वावनक स्रूप प्रदवान करने में सहयोग के सवा्-सवा् ्ैवश्वक सतर पर वहदंी की गवतव्वधयों कवा समन्यन, व्वभनन सरकवारी, स्वायत्शवासी ए्ं स्यंसे्ी संस्वानों को रचनवातमक ए्ं अकवादवमक सहयोग प्रदवान करते हुए वहदंी वशक्ण-प्रवशक्ण कवा दवायरवा, पररमवाण और गणु्त्वा बढ़वाने के वलए सतत सहयोग करनवा, अतंररवाष्ट्ीय सतर पर वहदंी वशक्ण-प्रवशक्ण कवा मवागता प्रशसत करने के वलए कवारगर नीवतयों कवा वनमवाताण, सतरीय प्रकवाशन, सचूनवा त्वा संचवार तकनीकों के मवाधयम से वहदंी से जड़ुी सचूनवाओ ंको व्श्व भर में प्रचवाररत ए्ं

    प्रसवाररत करनवा सवच्वालय कवा लक्य रहवा ह।ै

    व्श्व वहदंी सवच्वालय ्ैवश्वक सतर पर वहदंी के प्रचवार-प्रसवार में संल्न भवारत और मॉरीशस सरकवार की एक वद्पक्ीय संस्वा ह।ै कई व्श्व वहदंी सममलेनों में हुए व्चवार-व्मशता के फलस्रूप मॉरीशस और भवारत के बीच एक वद्पक्ीय समझौते के आधवार पर मॉरीशस की व्धवान सभवा में एक अवधवनयम पवाररत करते हुए सवच्वालय की स्वापनवा की गई।

    प्रशासहनक ढांचे का गठनव्श्व वहदंी सवच्वालय के कुशल संचवालन हते ुएक शवासी पररषद ्(Governing Council) त्वा एक कवायताकवाररणी बोडता (Executive Board) त्वा तीन उपसवमवतयों के गठन ् मखुय कवायताकवारी अवधकवारी के रूप में एक महवासवच् ् उनके सहयोगी के रूप में एक उपमहवासवच् की वनयवुक्त कवा प्रवा्धवान ह।ै वफलहवाल सवच्वालय में महवासवच् ् उपमहवासवच् सवहत कुल १० कमताचवारी कवायतारत हैं त्वा भव्ष्य में कुल संखयवा लगभग तीस होगी।

    अकादहमक काय्षक्रम व गहतहवहियाँ सवच्वालय वनरंतर वहदंी में अतंररवाष्ट्ीय सममलेनों, गोवष्ठयों और सवामवूहक चचवाताओ,ं सवंासकृवतक कवायताक्रमों, कव्-सममेलनों आवद कवा आयोजन करतवा रहवा ह।ै मलटीमीवडयवा और सचूनवा प्रौद्ोवगकी में शोध करने और वहदंी लेखकों, कव्यों, व्द्वानों, संस्वाओ,ं व्श्वव्द्वालयों त्वा वहदंी के सं्धतान में लगे गैरसरकवारी संगठनों के लगभग 1000 डवाटवा-बैंक तैयवार हैं। 2008 में आवधकवाररक कवायवातारमभ से सवच्वालय अपने लक्यों की प्रवावप्त हते ु वनयवमत रूप से वनधवाताररत गवतव्वधयों कवा आयोजन करतवा आयवा ह।ै 2008 से सवच्वालय एक त्ैमवावसक सचूनवा पत् ‘व्श्व वहदंी समवाचवार’ कवा प्रकवाशन करतवा ह।ै इसमें दवुनयवा भर में वहदंी से संबंवधत कवायताक्रमों ् गवतव्वधयों की जवानकवाररयवँा ् ररपोटता प्रकवावशत होती हैं। 2009 से सवच्वालय प्रवत्षता एक शोध पवत्कवा ‘व्श्व वहदंी पवत्कवा’ कवा प्रकवाशन करतवा आ रहवा ह ैवजसमें ्ैवश्वक पररपे्रक्य में वहदंी की वस्वत, वहदंी के उद्् और व्कवास, वहदंी के क्ेत् में हो रही गवतव्वधयों त्वा अनसुंधवान, वहदंी वशक्ण और अवधगम से संबंवधत शोधपरक गवतव्वधयों से पररचय होतवा ह।ै यह पवत्कवा व्चवार त्वा शोध के आदवान-प्रदवान के वलए व्शषे मचं प्रदवान करती ह।ै पवत्कवा के सभी अकं सवच्वालय की ् ेबसवाइट पर उपलबध हैं।

    सवच्वालय एक अनय ्वावषताक पवत्कवा ‘व्श्व वहदंी सवावहतय’ कवा शीघ्र ही प्रकवाशन करने जवा रहवा ह,ै वजसमें सवावहवतयक व्धवाओ ं- कव्तवा, कहवानी, नवाटक, एकवंाकी सवहत गद् की अनय व्धवाओ ंको स्वान वदयवा जवायेगवा। व्श्व भर से रचनवाए ँआमवंत्त की गयी हैं।

    हवश्व हिंदी हदवस व अनय समारोि सवच्वालय के प्रमखु कवाययों में व्श्व वहदंी वद्स कवा आयोजन शवावमल ह ैजो 2009 से संस्वा द्वारवा प्रवत्षता 10 जन्री को मनवायवा जवातवा रहवा ह।ै इस अ्सर पर व्दशे से एक वहदंी व्द्वान द्वारवा बीज ्क्तवय, सवंासकृवतक कवायताक्रम, वहदंी के प्रसवार ् प्रगवत से संबंवधत प्रसतवुतयवँा आवद होती हैं।

    सवच्वालय 2009 से प्रवत्षता 11 फ़र्री को अपनवा आवधकवाररक कवायवातारंभ वद्स मनवातवा आ रहवा ह।ै इस अ्सर पर भवारत से एक वहदंी व्द्वान ्क्तवय प्रसतवुत ् कवायताशवालवा संचवालन आवद के वलए आमवंत्त वकए जवाते हैं। इसके अवतररक्त वहदंी वद्स के सफल आयोजन हते ुव्श्व भर की अनेक संस्वाओ ं को अनदुवान प्रदवान वकयवा जवातवा ह।ै

    अनय गहतहवहियाँ उक्त प्रकवाशनों ् समवारोहों के अवतररक्त व्श्व वहदंी सवच्वालय वहदंी प्रचवार संस्वाओ ं ् वयवक्तयों के सहयोग त्वा वहदंी और सचूनवा प्रौद्ोवगकी के क्ेत् में अनेक योजनवाए ँचलवातवा आ रहवा ह।ै सवच्वालय वहदंी सवावहतय सवहत अनेक व्षयों भवाषवा-शवास्त्र, सचूनवा-प्रौद्ोवगकी, जन-संचवार, वशक्ण पर सममलेनों, कवायताशवालवाओ,ं मॉरीशस ् अनय दशेों में अतंररवाष्ट्ीय सतर पर संगोवष्ठयों कवा आयोजन भी करतवा रहवा ह।ै व्गत ्षयों में सवच्वालय ने सचूनवा प्रौद्ोवगकी के मवाधयम से वहदंी के प्रचवार-प्रसवार के वलए वहदंी वशक्ण में प्रौद्ोवगकी को कें द् में रखते हुए कवायताशवालवाओ ं् अनेक संगोवष्ठयों कवा आयोजन वकयवा ह।ै सजृनवातमक लेखन की ओर यु् कों को पे्रररत करने के उद्शेय से सजृनवातमक लेखन पर भी कवायताशवालवा कवा आयोजन वकयवा गयवा ह।ै व्चवार मचं कवायताक्रम के द्वारवा सवच्वालय व्चवार, संचवार ् वय्हवार के नए ग्वाक् खोलने में सक्म रहवा ह।ै सवच्वालय ् वावषताक अतंररवाष्ट्ीय प्रवतयोवगतवाओ ंकवा भी आयोजन करतवा रहवा ह ैत्वा अब तक सवच्वालय व्श्व वहदंी वद्स के उपलक्य में अतंररवाष्ट्ीय वहदंी वनबंध, ्वाचन, लघकु्वा, कव्तवा, एकवंाकी आवद कई प्रवतयोवगतवाओ ंकवा आयोजन कर चकुवा ह।ै सवच्वालय भवाषवाव्दों और वहदंी समवाज,

    हवश्व हिंदी सममेलन से हनकला हवश्व हिंदी सहचवालयस्वानीय ् अतंररवाष्ट्ीय संस्वानों के सवा् संचवार अवभयवानों में भी सवक्रय ह ैऔर समय-समय पर इन सभी को सहयोग, मवागतादशतान ् सलवाह प्रदवान करतवा ह।ै सवच्वालय द्वारवा वहदंी प्रचवार संबंधी व्व्ध योजनवाओ ं त्वा वहदंी वद्स के आयोजन के वलए व्श्व की कुछ संस्वाओ ं को प्रतयेक ्षता आव त्ाक सहयोग भी प्रदवान वकयवा जवातवा ह।ै वहदंी के व्व्ध पक्ों को जनतवा के समक् उभवारने ् प्रचवलत करने के उद्शेय से सवच्वालय द्वारवा व्शषे अ्सरों पर संगीत कवायताक्रम, नवाटक मचंन, कव्-सममलेन आवद कवा भी आयोजन होतवा रहवा ह।ै ्ेबसवाइट ् व्श्व वहदंी सवच्वालय से जड़ुने त्वा संस्वा के व्षय में अवधक जवानकवारी प्रवाप्त करने के वलए सवच्वालय की ्ेबसवाइट vishwahindi.com त्वा फे़सबकु पषृ्ठ https://www.facebook.com/groups/vishwahindisachivalay/ दखेवा जवा सकतवा ह।ै

    ऑनलाइन डेटािेस सवच्वालय कवा एक ऑनलवाइन डेटवाबेस vishwahindidb.com भी ह ै वजसपर व्श्व भर के वहदंी व्द्वानों ए्ं संस्वाओ ंके बवारे में व्सततृ जवानकवारी उपलबध ह।ै

    भावी पररयोजनाए ँव्श्व के व्वभनन क्ेत्ों में वहदंी के व्कवास की बेहतर समझ के उद्शेय से व्श्व वहदंी सवच्वालय की ओर से व्श्व वहदंी भवाषवा और सवावहतय कवा ्ैवश्वक इवतहवास लेखन प्रसतवाव्त ह।ै वहदंी के वकसी कव्, लेखक, व्चवारक और वचनतक कवा कहीं भी समवारक वदखवाई नहीं दतेवा। दशे के स्वाधीनतवा आनदोलन में रवाष्ट्ीय चतेनवा जगवाने में वजन कव्यों और लेखकों के अ्दवानों को रेखवंावकत वकयवा जवातवा ह,ै उनहीं के नवाम पर कहीं कोई समवारक वदखवाई नहीं दतेवा। अतः व्श्व वहदंी सवच्वालय ने एक व्श्व वहदंी संग्रहवालय के वनमवाताण कवा प्रसतवा् रखवा ह,ै वजसमें कृवत ए्ं कृवतकवार सवहत, वहदंी जगत के सभी प्रचवारकों ् सेव्यों के कवाययों की झवँाकी होगी। व्श्व वहदंी सवच्वालय द्वारवा वहदंी को समग्रतवा में समझने और समझवाने के क्रम में अतंररवाष्ट्ीय सतर पर वहदंी वशक्ण–प्रवशक्ण में संल्न प्रवतवष्ठत वयवक्तयों, संस्वाओ ंआवद कवा संजवाल (नेट्कता ) व्कवसत करने कवा प्रयवास त्वा उनके सवा् समझौतवा ज्वापन वकयवा जवायेगवा। ऑनलवाइन ए्ं दरूस् पवाठ्यक्रमों के संचवालन हते ुअधययन केनद् की स्वापनवा, व्दशेी व्द्वाव त्ायों के वलए वहदंी वशक्ण की मवानक सवामग्री-वनमवाताण में सहयोग करनवा, दवुनयवा भर की भवाषवाओ ं में संवचत ज्वान की धरोहरों कवा वहदंी अनु् वाद ए्ं प्रकवाशन के क्ेत् में सहयोग वकयवा जवायेगवा। इसके अवतररक्त संगोष्ठी, सममलेन, कवायताशवालवा आवद के आयोजनों के मवाधयम से समझ और सं्वाद को व्कवसत करनवा, वहदंी कवा अतंररवाष्ट्ीय भवाषवाओ ं के सवा् नेट्कता संयोजन ए्ं अनतःसंपकता के द्वारवा समन्यन कवा प्रयवास करनवा, ्ैवश्वक ज्वान के व्वभनन अनशुवासनों में वहदंी में सतरीय सवामग्री वनमवाताण के द्वारवा ज्वान के नए वक्वतज के उदय में सहयोग करनवा, वहदंी के मवाधयम से अनतरवानशुवासवनक ज्वान-प्रणवाली के सं्धतान में सहयोग त्वा सवच्वालय को शवैक्क, वयवा्सवावयक, ्ैज्वावनक ए्ं तकनीकी दसतवा्ेजों, संसवाधनों ए्ं सचूनवाओ ंके वयवापक, सवक्रय ए्ं बहुआयवामी आदवान-प्रदवान के वलए एक अतंररवाष्ट्ीय अनसुंधवान सह व्मशता कें द् की स्वापनवा कवा भी प्रसतवा् ह।ै

    हवश्व हिंदी सहचवालय के भवन का उद्ाटन करते भारत के राष्ट्पहत श्ी रामना्थ कोहवंद

    प्रो. हवनोद कुमार हमश्

    मदु्क: कवाते वपं्रवटंग वल., मॉरीशस प्रकवाशक: व्श्व वहदंी सवच्वालय, मॉरीशस संपवादक: प्रो. व्नोद कुमवार वमश्र संपवादन-सहयोग: महवातमवा गवंाधी अतंररवाष्ट्ीय वहदंी व्श्वव्द्वालय, ्धवाता

  • 4मॉरीशस शनन्वार, 18 अगसत 2018 प्र्ेशवांक

    मॉरीशस में वहदंी भवाषवा के अधययन-अधयवापन को लेकर वहदंी प्रचवाररणी सभवा कवा बहुत बड़वा योगदवान रहवा ह।ै वहदंी प्रचवाररणी सभवा

    की स्वापनवा 1926 में वतलक व्द्वालय नवाम से हुई ् ी। 1935 में इसकवा पंजीयन हुआ। तब से लेकर आज तक यह संस्वा वहदंी भवाषवा के प्रचवार-प्रसवार हते ुकवायतारत ह।ै सभवा कवा आदशता ् वाकय ह ै: ‘भवाषवा गई तो संसकृवत गई’। इसी उद्शेय को लेकर सभवा भवाषवा के उननयन के वलए कवायता करती आ रही ह।ै कई कवायताकवाररणी सवमवतयवँा आई ंऔर गई ंपर सभवा कवा एक ही उद्शेय रहवा और ्ह ह ैवहदंी भवाषवा कवा प्रचवार-प्रसवार। 2004 में मॉरीशस की व्धवान सभवा में पवाररत एक व्धयेक अनसुवार वहदंी प्रचवाररणी सभवा अब एक औपचवाररक संस्वा ह।ै मॉरीशस सरकवार, सभवा द्वारवा आयोवजत परीक्वाओ ंको मवानयतवा दतेी ह ैऔर उत्मवा-सवावहतय रतन परीक्वा को वडपलोमवा इन वहदंी कवा दजवाता प्रवाप्त ह।ै वहदंी प्रचवाररणी सभवा एक स्ैवचछक ए्ं शकै्वणक संस्वा ह ै जो आज तक अपने पैरों पर खड़ी ह।ै यह इसवलए समभ् हो पवा रहवा ह ैकयोंवक मॉरीशस में ऐसे दवातवा हुए हैं वजनहोंने वहदंी भवाषवा के प्रचवार के वलए अपने पैसे, अपनी जमीन त्वा अपने गनने के खते भी सभवा के नवाम कर वदए। उनमें से मैं एक महवान आतमवा कवा नवाम लेनवा चवाहूगँवा वजनहोंने वहदंी भवाषवा की से्वा के वलए अपनवा स्तास् सभवा को दवान में दकेर खदु ती त्ा यवात्वा के वलए भवारत चले गए और कभी लौटे ही नहीं। ्े हैं स्गगीय रवामदवास रवामलखन वजनहें लोग वगरधवारी भगत के नवाम से जवानते ्े। उनकी प्रवतमवा सभवा-भ्न के सवामने वस्त ह।ै आज मॉरीशस में वहदंी भवाषवा फूल-फल रही ह,ै यह जवानकर उनकी आतमवा को जरूर शवावनत वमल रही होगी और ्े हमें आशीष द ेरह ेहोंगे। वहदंी प्रचवाररणी सभवा में प्रवा्वमक ए्ं मवाधयवमक सतर की कक्वाओ ंतक कवा अधयवापन करवायवा जवातवा ह।ै भवाषवा प्रचवार के वलए अनेक सतरों पर प्रवतयोवगतवाओ ं कवा भी आयोजन होतवा ह।ै आज सभवा से लगभग 190 सवायंकवालीन त्वा सप्तवाहवंात पवाठशवालवाए ँ पंजीकृत ह।ै प्रवा्वमक सतर के वलए (कक्वा एक से कक्वा 6 तक) सभवा अपने खचचे पर वनरीक्ण, परीक्ण, प्रमवाणपत् ए्ं

    परुसकवार व्तरण करती ह।ै इन संस्वाओ ंमें पठन-पवाठन हते ुवहदंी प्रचवाररणी सभवा की ओर से कक्वा एक से कक्वा छह तक के वलए पवाठ्य पसुतकें प्रकवावशत हुई हैं। छठ्ीं कक्वा की परीक्वा रवाष्ट्ीय सतर पर की जवाती ह ै और प्र्म दस में स्वान प्रवाप्त करने ्वालों को परुसकृत भी वकयवा जवातवा ह।ै 60 सवाल से अवधक हो चकेु हैं जब से वहदंी प्रचवाररणी सभवा मवाधयवमक सतर पर पररचय से उत्मवा-सवावहतय रतन तक की परीक्वाए ँ भवारत के इलवाहवाबवाद शहर के वहदंी सवावहतय सममलेन से कर्वाती आ रही ह।ै वहदंी प्रचवाररणी सभवा द्वारवा पररचय परीक्वा कवा आयोजन 1946 से शरुू हुआ। कवालवानतर में यह दखेवा गयवा वक छठ्ीं और पररचय कक्वा के बीच एक खवाई ह ैवजसकी पवूतता के वलए वहदंी प्रचवाररणी सभवा ने प्र्ेवशकवा परीक्वा कवा आयोजन ् षता 1964 से आरंभ वकयवा। आज इस कक्वा की पढ़वाई के वलए स्वानीय सवावहतयकवारों की पसुतकों को पवाठ्यक्रम में रखवा गयवा ह।ै इसके पीछे हमवारवा उद्शेय ह ै – एक तो छवात् को स�