प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए...

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1 थम अयाय अम तराय का यतव तथा क तव

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Page 1: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

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परथम अधयाय

अमतराय का वयकतततव तथा कतततव

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परथम अधयाय

अमतराय का वयकतततव तथा कतततव

10 परसतावना

आधनिक हििदी साहितय म परगनिशील विचारधारा क परजोर हिमायिी रचिाकार क रप म अमिराय की अपिी अममट पिचाि ि उनिोि परगनििादी साहितय को अतयधधक समदध बिाि म विमशषट भममका ििि की ि सजग रचिाकार अमिराय ि गदय साहितय की परतयक विधा म मलयिाि सजि कर हििदी साहितय को समदध बिाया यग क सामाजजक यथाथथ को अपि कथा साहितय म धचतरिि करििाल लखको म उिका सथाि अपरनिम ि ि परगनिशील आिदोलि क सिधारो म अगरणी रि वयिगयातमक अमभवयजति क बजोड रचिाकार क रप म उिका रचिा सिसार हििदी दनिया क मलए िी ििीि अवपि िर ककसी क मलए अपि िचाररक सरोकार क कारण परभाविि करिा ि

विचारधारा की दजषट स अमिराय एक मातसथिादी कलाकार रि ि दशथि क परनि इस समपथण ि उिक साहितय सजि को एक सनिजचचि हदशा और िचाररक भममका दी ि साहितयकार सिसार का सिाथधधक सििदिशील पराणी िोिा ि िि िसि जगि क परतयक पदाथथ का बडी गिििा और सकषमिा क साथ निरीकषण और परीकषण करिा ि पयथिकषण की इस सिि यािा म उसक चोिि-अचिि मि पर पड अममट परभाि उस रचिा क मलए परररि करि ि गभथ म जस भरण खि म जस बीज उसी परकार रचिाकार का मलभाि समाज स जसा खादपािी और जलिाय परापि करिा ि िस िी अमभवयजति िि द पािा िndashldquo िमार विचार िमार सिसकारिमारी भाििाए सिसा जमीि फोडकर ििीि निकल आिी सबकी जसथनि समाज म िोिी ि विचि की पररजसथनि म िोिी ि rdquo 1ककसी भी साहितयकार की रचिाओि म निचचय िी उसक जीिि वयजतिति सिसकार और पररिश आहद का परभाि

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पडिा ि अिएि ककसी भी साहितयकार क साहितय को समझि और परखि क पिथ उसक जीिि और वयजतिति पर दजषटपाि करिा िािछिीय ि अमिराय क कथा -साहितय म जो भाििाए और सििदिाए धचतरिि िई ि - ि जजि सिसथाओि मानयिाओि सिसकारोविचिासोचििाओि एिि पररिश स गनिमाि ि ndash उनि समझ तरबिा िम उिक साहितय का उधचि मलयािकि ििीि कर सकि

11 अमतराय का जीवन पररचय

111जनम जनमसथानएव माता-पपता

हििदी क सपरमसदध साहितयकार ि कथा समराट परमचिदजी और उिकी शरीमनि मशिरािी दिी की दो सििाि िई उिम पिला सपि शरीपिराय और दसरा ि छोटा सपि अमिराय ि अमिराय का जनम कायसथ कल म 03 मसििबर1921 ई0 को कािपर म शनििार क हदिकािपर क एक मधयिगीय मिलल म परािःकाल बरहम मििथ की बला म लगभग 500 बज िआ परमचिद क पिथज बिारस क निकट लिमी िामक गाि क नििासी थ िौकरी क कारण परमचिदजी को अिक शिरो म रििा पडिा था सरकारी िौकरी स तयागपि दि क उपरािि कािपर म एक मारिाडी विदयालय क परधािाधयापक क पद पर नियति थ उसी दौराि अमिराय का जनम िआ था

112शिकषा बचपन तथा पाररवाररक वातावरण

परमचिद कािपर की िौकरी छोडि क बाद िापस बिारस आ गय िदपरािि ndashसधा- और ndashमाधरी- क सिपादक क रप म लखिऊ चल गए थ उस ममय अमिराय पाच साल क थ अमिराय की परारिमभक मशकषा ndashदीकषा लखिऊ एिि आजमगढ म अिगरजी माधयम क सकल म िई वपिा परमचिद क बार-बार सथािाििरण क कारण मशकषा क क दर बदलि रि लखिऊ क किजचचयि कॉलज स जड सटीनियल सकल म बालक अमि का दालखला

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कराया गया अमिराय की पढाई चार सालो िक लखिऊ म िई तयोकक परमचिद लखिऊ म चार सालो िक रि

अमिराय क जनम स लकर यिािसथा िक दश की राजिीनि िलचल स भरी थी राजिीनिक उथल-पथल िथा सिििििा क आिदोलि म उिक मािा-वपिा अपि-अपि ढिग स सजमममलि थ उिक वपिा कलम क मसपािी थ जो अपि सिपादकीयो लखो आहद क माधयम स निरििर जि-जागनि एिि दश परम को बढािा द रि थ िथा दश को कमजोर बिाििाली रहढयो पर परिार कर रि थ परमचिद कािगरस की मीहटिग म भी जाया करि थ अमिराय मलखि ि ldquo लगभग िर रोज िी कािगरस की मीहटिग िोिी उसम उिका सरीक िोिा जररी था कभी- कभी लौटि म राि क दस बज जाि rdquo 2 उिकी मा मशिरािी दिी िो लडाई क मदाि म भी उिरीि और दो बार जल गई अमिराय मलखि ि ldquo िोि-िोि महिला िालिहटयारो की सिखया साि स सौ पर पिची ---मशिरािी दिी जो अपि ककसाि अतखडदबिग सभाि क कारण इस बीच अपिी सियि सविकाओि म काफी लोकवपरय िो चकी थी अपिी टोली की कपिाि बिायीि गयीि rdquo3 ि एक ममिामयी सििदिशीलसिापरायण िथा किथवयनिषठ महिला थीि उनिोि यि सब सिसकार अपिी सििािो को भी हदय विशषरपस छोटा पि अमिराय (बनि) मािा-वपिा को अधधक वपरय था अपि अिनिम हदिो म परमचिद ि मशिरािी जी स किा था ldquo बनि को आराम स रखिा इमािदार और िक बिािा rdquo4अमिराय सियि किि थ ldquo बाि यि थी कक म उिका बिि िी चििा बटा था -- अममा म बिि अचछ-अचछ गण थ उिक भीिर एक इसपािी सिकलप था जो मिशी जी क पास ििीि था rdquo5 अमिराय किि ि कक उिक वपिा बचचो को घर पर सियि िी पढाि थ और उिक साथ खलि भी थ अपि बचचो क मलए परमचिद किि थ

ldquo यिी चाििा ि कक िि इमािदारसचच और पतक इराद क िो विलासी धिी खशामदी सििाि स मझ घणा ि rdquo 6ऐसा किा जािा ि कक बालयकाल म पड सिसकार एिि परभाि स मिषय जीिि-पयि परभाविि रििा ि सिि

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एिि सिसकारशील पाररिाररक िािािरण का जो परभाि अमिराय क बचपि पर पडा िि आजीिि उिक साथ रिा

बचपि और ककशोरकाल- ldquoकलाकारो क जीिि म कलाओि क सफरण का काल िोिा ि rdquo 7 अमिराय का कििा ि ldquoम िो परमचिद क साथ पला बढा rdquo 8उनिोि बचपि स िी घर म साहिजतयक गोजषठयो ि चचाथओि को सिा बड-बड लखकीय वयजतितिो की छिछाया म उिका बचपि पलकर जिाि िआ ldquo मिलब सिसकार सार थ और मशकषा का िािािरण था घर क सिसकार क रप म भीिर स जागि सार शरीर क रोआि-रोआि को झिझिाकर जजस परकार की भाषा निकलिी थी अपि अथथ को वयति करिी थी उसी परकार का सिसकार अमिराय को अपि पररिार एिि बचपि म ममली मशकषा-दीकषा का िी पररणाम ि rdquo 9

अमिराय की औपचाररक मशकषा का परारिभ अिगरजी मधयम स िआ था ककि ि घर पर अपि वपिा स उनिोि साथ िी साथ उदथ की मशकषा भी परापि की कचसमय िक उनिोि मौलिी सािब स उदथ पढी थी ि किि ि ldquo लिमी क करीब लालपर िामक एक गािि था एक औलिी जो य िो दजी थ मगर मौलिी भी थ उिका ितका-ितका िर करक जो िरीका था उसी िरि उदथ पढी rdquo10

परतयक साहितयकार का मि बचपि स िी सििदिकषम िोिा ि अमिराय भी इसका अपिाद ििीि ि अपि बचपि की कछ घटिाए उिक मि म अविसमरणीय रप म अिककि ि ि अपि पिथजो क मलसथाि लिमी गाि ndash जिा अपि बचपि तरबिाय - को बिि चािि थ उनिीि क शबदो म ldquo िा िो य समझो कक बिारस शिर स कोई चार मील की दरी पर ि आजमगढ रोड पर आजमगढ को जो सडक जािी ि उसीपर चार चार मील जाकर िमारा गाि पडिा ि और मझ अपि जजस बचपि की याद िइधर िो समझो कक आधी शिाबदी स रिि का इजतिफाक ििीि िआ ििा

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लककि उसक पिल की िमाम समनिया मरी उसी गाि की ि म जस लखिऊ म पढिा था िो गमी की छहियो म सीध िम लोग लिमी आ जाि थ और लिमी म मर िमाम दोसि थ और अब उिम स जयादािर लखसक चक ि जयादािर तया लगभग सभी लखसक चक ि बराबर आिा जािा रिा ि म रि ििीि पया कभी rdquo11 इसस सपषट ि कक लिमी स अमिराय का ककििा लगाि था

वपिा क साथ िापस बिारस आ जाि पर उनिोि पिल दयाििद सकल म ितपचचाि तिीनस कॉलज म मशकषा परापि की सि 1934 म जब परमचिद मिबई गए िब ि अपि बड भाई शरीपिराय क साथ इलिाबाद म बोरडग िाउस म रिकर पढ सि 1936 ई0 म उिक वपिा परमचिद का दिािि िो गया जजसस जीिि म भीिर ndash बािर दोिो ओर सिधषथ पणथ जसथनि रिी सिधषो क बािजद अधयि और लखि की ओर उिका झकाि बढिा िी गया हदसिबर 1936 म उिकी परथम ियसक रचिा ndashभारि- म परकामशि िई थी जो ndashकसाई- िामक रखाधचि था उस समय उिकी अिसथा 15 िषथ की थी इसस पिल भी उिकी किानिया- बालसखा- बालक -िािर और ndashमशश- आहद बाल पतरिकाओि म परकामशि िो चकी थीि इस परकार बारि-िरि िषथ की अिसथा स िी उनिोि मलखिा परारिभ कर हदया था सि 1938 ई0 म बिारस स इिटरमीरडएट की परीकषा उतिीणथ करक ि इलिाबाद म ि मयोर िॉसटल म रिि थ जिा परायः परनिभाशाली छाि िी रिा करि थ ldquo उनिीि को उसम लि थ अमरिाथ झा अमरिाथ झा उसक िाडथि िआ करि थ सबस बड rdquo

12 मयोर िॉसटल ( अब जजसका िाम अमरिाथ झा िॉसटल ि ) का िािािरण िौकरशािी की ओर दौडििाला था जिा अधधकािश छाि आधनिक ढिग की िश-भषा धारण करि थ ििीि अमिराय नििािि सिज साधारण वयजति की िरि रिि थ ndashढीला-ढाला पजामा-किाथ और चमरौधा जिा पििा करि थ ि किि ि ldquo िा चमरौधा जिा जजस पििि ि गािि क दिािी िि म पिििा था कपड धोकर पििा करिा था उि लोगो ल मरी चल ििीि बठिी थी और िभी स मर मि म गािधीजी स जयादा गाधीिाद क सिबिध

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म कछ शिकाए कछ सिाल पदा िोि शर िो गय rdquo13 इसी समय मातसथिाद स परभाविि िय और उसका गिि अधययि ndashमिि करक उस एक पणथ जीिि-दशथि जीया और उस विचार धारा को अपिाया सि 1940 म बी0 ए0 की परीकषा म उनि इलिाबाद विचिविदयालय म परथम सथाि परापि िआ और छाििजति भी ममली सि 1942 म उनिोि अिगरजी विषय म एमए परथम शरणी म पास ककया

113पववाह एव सततत

परगनिशील लखक सिघ की एक शाखा जबलपर म सथावपि करि क उददचय स यशसिी किनयिी सभदरा कमारी चौिाि स ममलि गय ििा उनि उिकी सपिी सधा चौिाि ममलीि बाद म अपरल 1945 म उिका परम वििाि सधा चौिाि क साथ अतयिि सादगी परण िािािरण म सिपनि िआ ि किि ि ldquoकल ममलाकर पाच छः लोगो की थी य बाराि और रामािजलाल जी शरीिासिि क घर एक कमर म य िी बडा उखडा-पखडा सा मामली सा कमरा था उसम ठिरा दी गई--- और शादी का जो रजजसरार िोिा ि उसको बला मलया था ndash और उसि िम लोगो की शादी करा दी rdquo 14 वििाि क कछ समय पचचाि ि इलािाबाद म आकर बस गय थ उिक दो पि आलोकराय एिि अममि छोटा अममि की सि 1966 म रति कनसर क कारण ददथिाक मतय िई

अमिराय उि हदिो पाटी का कायथ बडी लगि स ककया करि थ जजसका उददचय िा दश म राजिीनिक एिि सामाजजक दोिो सिरो पर िािनि लािा ndashजिा सबको सििििा क विकास का अिसर परापि िो ि कोई शोषक िो ि कोई शोवषि lsquoििस rsquo की सामगरी भी सामयिादी पाटी क कयाथलय म बठकर चिी जािी थी ि मलखि ि ldquoजब म सिपादक िआ िब म जरर सारी सामगरी लकर लखिऊ जािा था और बारदखाि म कमयनिसट पाटी क दफिर म मरी रामविलास शमाथ की और मशिदाि की बठक िोिी थी इसम

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य सारी सामगरी ओक की जािी थी rdquo 15 इस परकार ndashििस- भी िािनि का माधयम बिा

सि 1951 म ndashभारि सरकषा कािि- (जो बाद म अिध धोवषि ककया गया था) क अििगथि इलािाबाद म उनि पकड मलया गया और चार माि िक जल म रििा पडा था -बीज-उपनयास का बीज कारािास म िी अिकररि ि विकमसि िआ था बाद म धीर ndashधीर पाटी म गटबाजी िथा िचाररक सिकीणथिा स कषबध िोकर ि सिीय राजिीनि िथा पाटी स अलग िो गय दस की दररदरिाभरषटाचारराजिीनिजञो की सिाथथपरिा आहद दखकर उिका मि सदि आिोश स भर उठिा था जजसकी अमभवयजति उिकी रचिाओि म निरििर िई ि

साहितय सिा िी उिक जीिि का एक माि धयय बिा साहिजतयक पररिश िो उिको जनम स िी विरासि म परापि िआ था उिक ऊपर सिाथधधक परभाि अपि वपिा परमचिद का पडा इसक अनिररति अनय अिक साहितयकार एिि कलाकार उिक अमभनि ममि थ जिनदर जी परमचिद क जीिि काल म और उिकी मतय क बाद भी बिि हदिो िक उिक बिारस घर म िी रि ि मलखि ि ldquo िमार पररिार म उिकी जसथनि सिज िी बड भाई की सी िो गई थी अममा ि बड पयार स उिको अपिा सबस बडा लडका माि मलया था rdquo 16 मिादिी िमाथ का सिसगथ भी उनि लमब समय िक परापि िआ ि किि ि ldquo म िो सि 38 म इलािाबाद आ गया और मर छािािास क तरबलकल पास िी उिका घर था खब ममलिा बठिा शर िो गया rdquo 17 सधाजी स वििाि क बाद ि भी उिक निकट आ गय थ ि अजञय जी स क साथ भी रि उस समय 14 ििबर बजसटगस रोड पर जिा शरीपिराय रिि थ कई लोग साि रिि थ ldquoपरा गरप िी था बरिभषण अगरिालिममचिदर जिअचक भी आ कर रि थ परभाकर माचि थ आशा दा (डॉतटर आशा मकल दास) बउहद और उिक दो बट सभी लोग थ rdquo 18सि 1948 म जब शरीपि जी वििाि करक अलग अपि बिगल म चल गय िब य

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लोग अमिराय दिारा खरीदी गई 18 नयाय मागथ पर बिी इमारि म आ गए जजस बादम िोडिाकर अमि जी ि अपिा ndashधप-छाि ndash बगला बििाया था परिीक ndash जजसका सिपादि अजञय जी करि थ यिीि स निकलिा था अमिराय किि ि ldquo परिीक- म मर और उिक बीच जो िचाररक दरी थी िि भी सामि आयी और ndashसिािभि- को लकर मरी-उिकी बिस ndashििस- और ndashपरिीक- क सिपादकीयो म िई rdquo 19

अमिराय ि हििदी म परकामशि परमचिद की अिक आरिमभक लपिपराय रचिाओि अििादो िथा उिक पि-वयििार को खोज निकाला और परकामशि ककया लगभग 2500 पषठो की यि िई परमचिद-सामगरी जजस अमिराय ि परकामशि ककया निमिमललखि ि ndash 1 ndashगपिधि- शीषथक स परमचिद की आरिमभक किानिया 2 मिगलाचरण- शीषथक स परथम चार उपनयास 3 ndashधचटठी-पिी- शीषथक स पि िथा 4 ndashशब-ए-िार- शीषथक स मरीस मिरमलिक क िाटक ndashफोिामारा- का अििाद य रचिाए अमिराय क परयासो स िी हििदी जगि क सामि आयीि -सि 1936 क बाद कछ अतयिि सिघषथ पणथ िषो क बािजद शरीपि और अमि ि अदमय जजजजविषाआपसी समझदारी िथा वपिा की साहिजतयक विरासि को सिभालि की वयिसानयक सझ-बझ क बल पर िि सथावपि ककया जजस अचछ अथो म lsquoपरमचिद सामराजयrsquo किा जा सकिा ि ldquoआज परमचिद की जो खयीनि िउसक पीछ अिशिः शरीपि और अमि का योगदाि भी ि कक उनिोि अपि वपिा की पसिको को जीविि उपलबध और परसाररि रखा rdquo20

अमिराय को अपि जीिि की परौढािसथा म एक ककशोर पि क निधि का दारण शोक भी सििा पडा उिका अटठारि िषथ का छोटा पि अममि(ममथि) रति कनसर का मशकार िोकर आठ मिीि दारण कषठ झलकर जि 1966 ई0 म मतय को परापि िआ इस आघाि ि उनि हिलाकर रख हदया था ककि ि उिक कमथ जीिि म मशधथलिा ििीि आई

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उिक हरदय की अथाि पीडा उिक lsquoसख-दखrsquo िामक उपनयास म अमभवयति िई ि शोक-गीि जसा यि उपनयास अपि आपम एक अिठी रचिा ि

114पवदि यातरा

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश -यािाए की सि 1952 म ndashविचि शािनि सममलि ndash म भाग लि क मलए चीि-यािा की सि 1965 म जमथिीबलगररया और सोवियि सिध की यािा की सि 1972 म रमानियाििगरीसोवियि सिघइिगलड फािस और इटली की यािा की सि 1978 ई0 म पिः यरोप की यािा की

115परसकार एव सममान

अमिराय कोउिकी उललखिीय ि अिलिीय साहितय सिा एिि साधिा क मलए उनि अिक परसकारो स परसकि भी ककया गया सि 1957 ई0 म लखको क ऐनििामसक lsquoसाहितयकार सममलि rsquo का उनिोि आयोजि ककयाजजसम चार पीहढयो क लखको दिारा परनिनिधधति ककया गया इसी िषथ उनि lsquoसपाटथकसrsquo क हििदी अििाद lsquoआहद विदरोिी rsquo क मलए भारि सरकार क ndashिषथ क शरषठ अििादक परसकार स सममानिि ककया गया सि 1971 ई0 म उनि ndashसोवियि लड ििर -परसकार परापि िआ सि 1973 ई0 म ि साहितय अकादमी की सामानय सममनि और कायथ सममनि क सदसय बि इसी िषथ ि lsquoिशिल बक रसट क नयासीrsquo िथा lsquoसोवियि लड रिर परसकार सममनिrsquo क भी सदसय बिाय गय सि 1977 म समाज भाषा ितजञानिक शोध योजिा पर कायथ करि क मलए ििर फलोमशप स परसकि ककया गया सि 1987 ई0 म उतिर परदश हििदी सिसथाि दिारा ndashसिसथाि सममाि- िथा 1989 ई0 म भारिीय अििाद पररषद दिारा lsquoदवििागीश परसकारrsquo स उनि सममानिि ककया गया

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116मतय

सि 1996 ई0 म 75 िषथ की आय म लगभग दो माि िक पकषाघाि स गरसि रिि क बाद 14 अगसि क हदि इलािाबाद म साहितय का यि अिथक सिी कमथयोदधा रचिाकार अमिराय इस लौककक सिसार स सदा क मलए विदा लकर परलोक चल गय

वयकतततवndashसजथक वयजतिति क निमाथण म सिायक घटिाए जस पिथ सिसकार

बचपि क सिसकार पाररिाररक सामाजजक सािसकनिक आधथथक राजिीनिक धाममथक पररिश इतयादी का कलाकार एिि सजथक क वयजतिति पर गिरा परभाि पडिा ि वयजति अगर साहितयकार िो िो उसक वयजतिति म ककसी ि ककसी रप म उसक वयजतिति की झलक अिचय हदखाई दिी ि साहितय और साहितयकार दोि एक िी ििनिमाथण परकिया क दो पिल ि इस दजषट स साहितयकार कनिति क अधययि क मलए उसक वयजतिति का अधययि मितिपणथ िोिा ि

परािी पीढी क साहितयकार िोि िए भी सििितरयोतिर काल म पररिनिथि िए मलयो की सथापिा करक कई यगीि पररजसथनियो क अिसार वयजति और समाज का सिबिध कफर स सथावपि करि म विषण परभाकरजी का योगदाि विशष मितिपणथ रिा ि ि सामाजजक जीिि की विविध समसयाओि को लकर मलखििाल साहितयकार ि यथाथथ का सकषम निरीकषण

अिकि इिका लकषय रिा ि जजसम उिकी मािि क परनि सिािभनि भी बराबर बिी रिी ि उिक उपनयासो ि किानियो और समसि साहितय म वयजति और समाज इस परकार घल-ममल गए ि कक दोिो की पथक सतिा-सिीकनि कहठि ि उिक सजि का मल सिर मिषय की पिचाि और िर परकार क शोषण क लखलाफ आिाज उठाि का ि

ldquoवयजतिति शबद पसथिमलहट ( Parsonality ) लहटि शबद lsquo पसोिा lsquo

(Parsona ) स बिा िआ ि lsquo पसोिा lsquo का अथथ ि lsquo मखौटाlsquo गरीक कलाकर

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रिगमिच पर अपिी पिचाि नछपाि कमलए मखौट का परयोग ककया करि थ आग चलकर lsquoपसोिा lsquoशबद का अथथ बदल गया मिषय दसर को कसा हदखाई दिा ि इस अथथ म धीर-धीर पसोिा शबद का रपानिर पसथिॉमलहट अथाथि वयजतिति क रप म मलया जाि लगा rdquo21

ldquo वयजतिति शबद भाि िाचक सिजञा ि वयजति क कषि म जजि गणो या विशषिाओि का समािश िोिा िि सब वयजतिति क अििगथि आि ि अथाथि वयजति की मिति पणथ विशषिा उसका वयजतिति ि वयजति की ऐसी विशषिा उस दसरो स अलग बिािी ि ककसी वयजति की विशषिाओि का समदाय िी वयजतिति ि rdquo22

मािक हििदी शबद कोश क अिसार ndashldquo वयजतिति शबद वयजति क यगम स बिा ि जजसका अथथ ि- वयजति िोि की अिसथा या भाि rdquo 23 ककसी वयजति की निजी विमशषट कषमिाए गणपरिजतिया आहद जो उसक उददचयोकायो वयििारो आहद म परकट िोिी िऔर जजिस उस वयजति का सामाजजक रप जसथर िो जािा ि

वयजति क मिोभाि एिि विचार उसक कायथ िथा िाचक आिधगक कियाओि म िाि-भािो म परकट िोि ि साथ िी वयजति का मि सामाजजक सािसकनिक पररिश स सिसकाररि िोिा ि य सिसकार भी उसक किया कलाप

िाि-भािो म अिायास वयति िोिा ि वयजतिति वयजति क अनिरनिहिि गणो का परकामशि रप ि उस वयति करि की कषमिा को िी lsquo वयजतितिrsquo किा जािा ि

हििदी विचि कोश क अिसार- वयजतिति की अिधारणा इस परकार दी गई ि ldquoवयजतिति शबद ककसी वयजति क सामाजजक उददीपक मलयो क सचक रप म परयोग ककया जािा ि rdquo24 इसस िातपयथ उस सिपणथ परभाि स ि जो एक वयजति दसर वयजति पर डालिा ि उददीपक क रप म कियाओि का भी सिि परभाि पडिा िजजिका िि अनय वयजतियो क बीच उपिम करिा ि

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य पररणातमक शजतिया ऐस पररििथि उतपनि करिी िजो उसक अपि अनय वयजतियो और जसथनियो क परतयकषीकरण को परभाविि करि ि दसर शबदो म वयजति आतम पररकषण करिा ि िथा बाहय जीिि सिगठि एकिा और जसथरिा उतपनि करक अपिा अनिियजतिक सिभाि म अपिी आतमधारणा का विकास करिा ि

वयजतिति म अिक शारीररक एिि मािमसक विशषिाओि का समािश ककया जािा ि वयजतिति का वयापक िति ि अिः िि शरीर स लकर उसक माधयम स समसि कायो म वयापि रििा ि वयजतिति परमख रप स सामाजजक एिि जविक घटिाओि स सजजथि िोिा ि ठीक उसी परकार सामाजजक घटक ि पररिश वयजतिति निमाथण म सिायक िोि ि ििश और पाररिाररक जसथनियो का वयजतिति निमाथण म बिि बडा योगदाि िोिा ि वयजति का वयजतिति पररजसथनियो क परभाि स विकमसि िोििाली पररििथिशील ि गनिमाि परकिया ि सामाजजक एिि सािसकनिक िािािरण क परभाि स वयजतिति का विकास िोिा ि वयजतिति वयजति क समसि बाहय एिि आििररक गणदोषो का अमिथ रप ि इि गणो क समचचय का परकाशि उस वयजति क विचार और वयििार की विमशषट शमलया िथा जीिि क परनि उसक दजषटकोण स िोिा ि जजस परकार फलो म सगिध िोिी ि उसी परकार वयजति म वयजतिति अििभथि ि साधारम वयजतियो का वयजतिति उसकी मतय क पचचाि भी उिकी कनियो विचारो क दिारा यग-यगो िक छाप बिाय रखिा ि

सजथक वयजतिति ndashपरतयक सजथक वयजतिति म परनिभा मितिपमथ िोिी ि साहितय कनियो म साहितयकार का वयजतिति परसिगिः कछ मािा म अिायास परनितरबजमबि िोिा ि रचिाकार क अिम का सिसकार उसकी आतमामभवयजति क रप म वयति िोिा ि रचिाकार का अिम समाज क सामहिक अिम क साथ िादातमय िोकर उसक आिनद का कारण बििा ि रचिाकार का वयजतिति यग पररिश स परभाविि िोिा ि उपरोति सभी

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इकाइयो स ममल-जलकर हदवय परनिभा स निखरकर साहितयकार का वयजतिति विकमसि िोिा ि

वयजति क कछ बाहय एिि आििररक ितिो स वयजतिति का निमाथण िोिा ि इि ितिो को वििचि वयजतिति निरपण म अनिभथि ि लखक का पररिारपररिशसिभािपरिजतिया यगीि िािािरण जीिि म ममलििाल अिसर िाथ स कफसल िए सििर कषणकछ गलनिया कछ कमजोररया कछ कषमिाए कछ सबलिाएजीिि मलय दजषटआदशो क परभाि आहद अिभिो स बििए दजषटकोण स लखक का माििीय वयजतिति निमाथण िोिा ि यि वयजतिति समाज और साहिजतयक दानयति स परनिबदध सजग िोकर एक सािीतयकार का सजथक वयजतिति भी बिािा ि साहितयकार का निजी वयजतिति साहितयकार का वयजतिति क सामिजसय स बिा िआ एक विलकषण वयजतिति िोिा ि वयजतिति वयजति क गणो-अिगणो भािो-अभािो क साथ उसकी सिििि सतिा को सधचि करिा ि उसकी यि सिििि सतिा वयजतिति क निमाथण म सिायक िोिी ि वयजति अगर साहितय रचिाकार िो िो निचचय िी उसकी लखिी पर उसकी झलक सपषट रप स हदखाई दिी ि

अमिराय परमचिदोतिर पीढी क उि साहितय क उनिायको म स थ जो लगभग चौथ दशक स अिनिम दशक िक निरििर सजिशील थ 70 िषो क साहिजतयक जीिि म उनिोि हििदी साहितय क भणडार को अपिी अमलय रचिाओि स समदध ककया ि अमिराय ि जीिि को जसा जजया और दखा िसा िी धचतरिि ककया ि सदाबिार लखक िी ििीि बजलक सदा जीििि और सदा सजग लखक भी थ उिकी कीनिथ को कोई धममल ििीि कर सकिा उिका साहितय उिक जीिि का परनिरप ि जजसस उसम एक शजति एक ऊजाथ आ गयी ि यि उिकी विशषिा ि कक उिक वयजति और साहितयकार म अििविथरोध ििीि ि िासिि म यि एकरपिा साहितयकार को अमर बिािी ि यायािरी सिभाििाल अमिराय दश क कोि-कोि म निरििर भरमण करि िए जि समाज सिसकनि दश ि भाषा स एकाकार िोि क िम म

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निरििर सतय की खोज म सिलगि रि इस खोज क पीछ मािििा क कलयाण की भाििा सजनिहिि थी अपिी दीघथ रचिा - काल क कारण ि िर िई पीढी स जड रि उसस सीखि रि और सियि को बदलि रि साहितयकार का यि निरििर िया बि रििा और समाज की धडकिो को पिचाििा और समझिा उस जीििििा और साथथकिा परदाि करिा ि ियी पीढी और समकालीि रचिा- सिसार स अमिराय की इस सिबदधिा ि जिा उनि पविि उजजिल एिि मिगलमयी मनिथ क रप म लोकवपरय बिाया ििाि सतिा ndash परनिषठािो स दर रिकर ि अपि सिधषथशील चररि एिि शील को सरकषकषि रखि म सफल िए उिक इस वयजतिति ि उिक साहितय को भी उसी रप म सिघषथशील िथा मिगलमय बिाकर महिमामिरडि कर हदया ि अिः उिक वयजतिति एिि कनिति स अिगि िोिा अपि म एक अिभि ि

एक िलदशी निमथल जल सा खल वयजतिति का आलोक विसिार जसा गोरा-धचिा अकलिकछरिरा साफ आइि सा शरीर िस िी मति ठिाकदारििाओि िक गजािी िसी िसा िी निवयाथज वयििार एक पारदशी मिममथशीलआतमदाि भरा आचिजसि भाि िति पर िज-िराथर परनिकियाओि का ममजाज भी अििर का भरा ठिराि भी ldquo जस सिसकनि की अिक धाराए यिा आकर ममल गयी ि उसी िरि की सािसकनिक परिपरा और आधनिकिा सामाजजकिा और ियजतिकिा हििदी ndashउदथ और अिगरजी का ममलि तरबिदअमिराय का वयजतिति rdquo25 परकनि स उनि अटट परम था माहट का मोि उिक शबदो म दलखए ldquo म कभी कलपा िी ििीि कर पािा कक ककसी मिािगर म एक छोट ndashस अपाटथमट म ऊपर रि- छठ माल पर म ििीि रि सकिा िम िो एक छोटी सी कहटया फस की िी द दो लककि उसक साथ जरा-सी जमीि िो और ममिी िो rdquo26 इसमलए उिका विशाल बिगला ndashधप-छाि- सकडो िरि क लिा ndashकि ज फलपड-पौधो स आज भी नघरा िआ ि

उिका वयजतिति अििमथखी और बहिमथखी दोिो का समनिय था उनि अपिा परदशथि करिा या ककसी िरि की आतमचलाघा बिि घहटया काम

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लगिा था परकाशि स पिथ ि अपिी रचिाए ि कीसी को पढिाि थ ि सिाि थ एक माि वयजति जो उिकी रचिाए परकामशि िोि स पिल पढ लिा था- िि थी उिकी पतिी सधा जी एक बार इलािाबाद क विदयाथी जीिि म उनिोि मिादिी जी क ndashअिीि क चलधचि- की समीकषा की जजसम जी खोलकर उसकी परशिसा की थी समीकषा एक अिगरजी पतरिका म परकामशि िई ककि ि उनिोि मिादिी जी को ि िो िि पतरिका हदखायी ि उसक बार म बाि िी की ि बिि सिकोची सिभाि क थ उनि यि भी पसिद ि था कक लोग उिका सममाि परमचिद का पि िोि क कारण कर सभाषमखोपाधयाय की पतिी गीिा जी मलखिी ि ndash अमि कलकतिा स इलािाबाद लौट रिा था ldquo एक यािी सजजि ि अपिी बटी को अमि क आरकषकषि बथथ पर बठ हदया था बार-बार अिरोध करि पर भी ि उस बथथ को छोडिा ििीि चािि थ और यि दािा कर रि थ कक िि उनिीि का ि मझ ऐसा लगा कक यहद मि कछ ििीि ककया िो अमि इििा सिकोची जीि ि कक िि फशथ पर बठ कर इलािाबाद िक चला जाएगा पर अपि बथथ की माग ििीि करगा मि उस रडबब म बठ मसाकफरो को जब बिाया कक य परमचिद क पि ि िो बड आदर क साथ उनिीि लोगो ि उसकी बथथ खाली करिाि म भममका निभाई थी rdquo27

अमिराय क हरदय म बचपि स िी अपि माि-वपिा क परनि अतयिि शरदधा एिि परम था परथम बार मािा-वपिा स दर इलािाबाद पढि जाि समय ि रो उठ थ ldquo बनि िो िम िीिो क पर छिा िआ रोिा िआगाडी स उिर गया rdquo28 अमिराय का बचपि का िाम बनि था बचपि स िी ि बड दयालसहरदय एिि सििदिशील थ उिकी मा मशिरािी दिी क शबदो म ndash मरी किारी का छोट बचचा आग म जल गया उसक सार बदि म मलिम पिा िआ था कपड भी गिद िो गय थ मरा छोटा बचचा बनि उस किीि बािर पा गया उस दखकर बनि को दया आई िि उस पचचो को जीि पर स दोिो िाथो का घोरा बिाकर अिदर लाया ldquo बोला ndashअममा इस कछ खाि को दो उस बचच का बदि दखकर मर रोगट खड िो गय rdquo29 बालक अमिराय क बचपि म िी उिक वपिा ि उि भविषय की सिभाििा दख ली

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थी ldquoयि लडका बडा दयािाि मालम िोिा ि भलाउस िि कस लाया ndash भगिाि इमस जीविि रख िम दखिा िमिारा राम यि रोशि करगा rdquo30

बालक जजस पाररिाररक पररिश म जनम लिा ि जजस चार दीिारी म उसका शशिबचपि एिि ककशोरािसथा बीििी ि ििा क िािािरण की सपषट छाप उसक वयजतिति पर आिचयक रप स अिककि िो जािी ि अमिराय ि अपि वयजतिति क बारम किा ि ldquo किा-किा स आदमी को तया-तया ममलिा ि लककि य ि कक म सचमच भीिर स बिि िी साधारण और सिज ि मर पास ि िो बिािट ि और िा म बिािटी लोगो को पसिद करिा ि rdquo31तयोकक ldquo रचिा अनििायथ रपण रचनयिा क वयजतिति स सिबदध िोिी ि rdquo32

अमिराय सबको बराबर मािकर चलििाल वयजति थ ि सियि किि ि ldquo लककि म बदककसमिी स ि िो ककसी को अपिा चला बिा सकिा ि और ि ककसी का चला बि सकिा ि मझको किल बराबरी का सिबिध आिा ि rdquo33 उिक जजिि भी ममि थ उिस उिक नििािि सिज पाररिाररक सिबिध थ ि अपि सहरदजिो का माि रखि क मलए जो उनि िापसिद िोिा िि भी कर लि थ गीिा जी मलखिी ि ldquo अमि और सधा दोिो शाखािारी थ पर िम खश करि क मलए अमि कभी-कभी मछली खा लिा उस यि पिा था कक सभाष मछली क तरबिा ििीि रप सकि िि भोजि बडी रची स करिा rdquo34 रािगय राघि स अपिी िलिा करि िए अमिराय ि अपि सिकोची सिभाि क विषय म सियि भी मलखा ि ldquo मर अपि मसमट ndashमसमट सििभाि स उसका मल ििीि बठिा था अपि को बािर फ क सकि औरो क साथ घला ndashममला दि क इस गण का म बिि आदर करिा ि rdquo35

ि अपि विचारो पर सदि दढ रि यहद कोई उिकी विचारघारा अथिा आसथा पर अिधचि आपकष लगािा ि िो ि उसका मििोड जिाब दि म सिकोच ििीि करि थ उनिोि मलखा ि ldquo म यो निजी मामलो म िो बिि शािनिपरमी आदमी ि थोडा दबकर भी बिि स झगडो दरगजर कर जािा

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ि लककि विचारो की दनिया म उपिी आसथाओि को विचिासो को जरा जयादा िी मजबिी स पकडिा ि इसमलए उस पर कोई आिमण ििीि सि सकिा और ि ििा पर ककसी िरि का समझौिा करिा मझ पसिद ि rdquo36 ऐस अिसरो पर दो-दो घिट लगािार भाषण द डालि थ अमभयोग का उतिर दि समय भी ि िसी हदललगी क साथ िलक-फलक अिदाज म िी भाषण हदया करि थ जजसस शरोिा भी आििदपिथक रस लकर उिकी बाि सिा करि थ यि उिक वयजतिति का बिि बडा िमशषय था ि ऐस निरमभमािी कलाकार थ जो दसरो की कला ि दसरो क गणो का बिि आदर करि थ डॉ रामविलास शमाथ ि उि पर िथा रािगय राघि रािल सािकतयायि आहद अिक परगनिशील लखको पर lsquoटटपजजया समाजिादीrsquo िोि का आकषप लगाया था ldquoसाहितय म सियति मोचाथ ndash पसिक मलखकर इसका उनिोि मििोड जिाब भी हदया था ककि ि ि शमाथ जी की इस एक कमी को सिीकार करि िए उिक अनय गणो की परशिसा करि थ rdquo37

13पवचारधाराएव परभाव

अमिराय ि अपिी कनियो पर िए विचारधारा क परभाि क सिदभथ म मलखा ि ldquoजजस िगथ स कलाकार जनम लिा ि उसक लौककक दजषटकोण क अिसार उसकी एक विचारधारा जनम स िी बि जािी ि अगर उसक सिरकषक भी उसी िगथ क िए िो िि मा क दध क साथ गरिण ककए िए अपि जीिि क दजषटकोण स परी िरि सििषट रिगा और उसको अपिी कनियो म अमभवयति करगा rdquo38परतयक साहितयकार पर परतयकष या परोकष रप स ककसी ि ककसी विचारधारा का पभाि अिचय िोिा िी ि अमिराय क शबदो म ldquo जिा रचिाकार को सचिि रप स अपिी विचारधारा का पिा ििीि िोिा ििा भी विचारधारा िो रििी िी ि रचिा पर अिजाि िी उसका समािश िो जािा ि विचारधारा किीि सििदिा बिकर आिी ि और किीि परसिगिः रचिाकार की माििीय परनिकिया बिकरrdquo

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131सामयवादी पवचारधारा

अमिराय ि निबिध lsquoविचारधारा और साहितयrsquo म सपसट सिीकर ककया ि कक ldquo मरी विचारधारा सामयिादी ि या यो कि लीजजए कक मझ पर सामयिादी विचारधारा का गिरा परभाि ि rdquo40 सि 1943 ई0 म उनिोि सामयिादी पाटी की सदसयिा गरिण की िथा मजदर ndashयनियि क मििी भी बि थ -बीज- उपनयास िथा ndashपारजाि क फल ndashआहद किानियो म उिकी सामयिादी विचारधारा सपसटिः सामि आई ि ककि ि ककसी भी विचारधारा या lsquoिादrsquo का अिधािसरण करि का ि विरोध करि ि ldquo जब-जब और जिा-जिा अिधािसरण की ऐसी कोई िीनि बरिी या अपिायी गयी ि विचार मर गया ि साहितय मरगया ि किल पररपाटी का रहढबदध लखि िआ ि rdquo41

सामयिादी पटी का सदसय रिि िए भी ि अपि ढिगस कछ अलग-अलग-सा भी सोचि रि और कदाधचि इसका कछ मलय भी उस चकािा पडा तयो कक सामदानयक धचििि परकतया मशविरबदधिा मागिा ि ि किि ि ldquo

मरा मि जसा कचछ बिा था िसी मसविरबदधिा मर मलए कभी सिभि ि िो पायी पर मझ कोई खद ििीि ि तयोकक मझ लगिा ि कक अिििः अपिा वििक िी सबस अचछा जीिि-सिचर िोिा ि rdquo42उनिोि मातसथिाद का गिि अधययि -मिि करक उस अपिी विचारधारा बिाया ि अपि समाज का अधययि करक अपि मिि-धचििि की कसौटी पर अचछी िरि परखकर और अपि मि क भीिर डबकर अचछी िरि टटोलकर जजस बाि को सिी जािि थ उसी को सिीकार करि थ उनिोि बािर क ककसी अिकश को कभी सिीकार ििीि ककया उिका मि ि ldquo यि अिशासि और अिकश रचिाकार क अपि वििक क भीिर स आिा चाहिए rdquo43

अमिराय ि कछ िषो क पचचाि सामयिादी पाटी स सिबिध िोड हदया था ककि ि सामयिाहद विचारधारा म उिका विचिास आजीिि रिा ि मलखि ि ldquo मर मलए विचारधारा कछ दसरी चीज ि उस आदमी मजबिी स

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पकडिा ि िि समपथण मािगिी ि उसक मलए निषठा चाहिए गिरा आििररक विचिास चाहिए उसी निषठा और गिर विचिास म स सब िरि क अभािकषट नििदाअपमािजलयाििा सब कछ सिि और जररि पडि पर अपि पराण िक द दि की िाकि आिी ि जिा य निषठा और समपथण और अकि ठ विचिास ििीि ि ििा कफर विचारधारा कसी जसी िई िस ि िई rdquo44

132गाधीवाद का परभाव

परारिभ म अमिरायकालीि समाजपर गाधीजी छाए िए थ अिः सपषट ि कक अमिराय की धचिििधारा पर गािधीिाद का गिरा परभाि लकषकषि िोिा सिाभाविक िी ि ldquo मरा िो काल (सि 1942-44) भयिकर गाधी भजति का था rdquo45 अिः उिकी रचिाओि म खासकर ndashबीज-उपनयास म मातसथिादी विचारधारा की गिराई म गाधीिादी विचारधारा क िति एिि सामाजजक मसदधािि जस मदयनिषध िगथ बद विरोध सिदशी राषरीय मशकषा वपछडो का उतथाि हदखाई दि ि

133मातससवादी चचतन का परभाव (वगस सघरस)

सि 1950 क उपरािि अमिराय मातसथिादी पाटी क सिीय सदसय बि गय मातसथिादी धचििि ि उि पर जाद कर हदया था इसमलए ि उस अधधक पसिद करि थ ldquo म मातसथिाद स पयार करि लगाथा rdquo46 ि उस जीििसमाज और सिसार बदलि का असि मािि ि ldquo मातसथिाद स अहदक जीिििअधधक िािनिकारी अधधक लोक कलयाणकारी मबलकअधधक सचचािाद दसरा ििीि rdquo47पररणामसिरप उिका परा साहितय मातसथिाद क दििदिातमक भौनिकिादी दशथि पर आधाररि ि सामयिादी और मातसथिादी दशथि समाज म समिा और नयाय की सथापिा कमलए िगथ सिघषथ को अनििायथ माििा ि िमार समाज म दो िगथ निरििर रि ि ndash एक शोषक िगथ और दसरा शोवषि िगथ अमिराय किि ि ldquoमटठी भर पजीपनियो दिारा लाखो ndashकरोडो लोगो का आधथथक शोषण एक भयिकर अनयाय ि और उसक

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विरदध परनििाद का सिर भरपर उठिा चाहिए इस अथथ-वयिसथा स सीध-सीध या परोकषिः जडी िई असिखय दसरी विषमिाए विकनियाअनयायदराचारएक स एक भयिकर अपराधजजिका एक फलिा-फलिा सामराजय ि और जजिको िम अपि आस-पास िरदम िोि दखि ि और जजिस िमारी माििीय सििदिा परकतया जडिी ि कषबध और आिदोमलि िोिी ि rdquo48उसक विरदध आिाज उठािा अनििायथ ि िमार समाज म सिी िगथ िथा अकलीि दमलि अथिा सिक िगथ सदा स िी शोवषि रिा ि अमिराय ि शोवषि िगथ को शोषण मति कराि क मलए िगथ-सिघषथ का आहिाि ककया ि ि सामाजजक नयाय क मलए रति िािनि को भी अनििायथ मािि ि ि किि ि ldquo समाज म नयाय ििीि ि और सििलि सब तरबगड गया ि और जिा समाज का सििलि तरबगडा िआ िो ििा वयजति का सििलि भी तरबगड तरबिा ििीि रि सकिा अपि दश भारि म यि सामाजजक नयाय सबस कम ि इसीमलए यिा का सििलि सबस िी अधधक तरबगडा िआ ि समाज सबस अजसथर ि अब यि सामाजजक अनयाय जि साधारण क मलए असहय िो गया ि और अब यि परािा ढचरा ककसी िरि चल ििीि सकिा अब या िो यि अनयाय की वयिसथा िधानिक िरीको स नयाय की हदशा म बदलगी या कफर रति-िािनि िोगी rdquo49

अमिराय ि अपि साहितय म शोषण क विरदध सिघषथ का सिर उठाया ि िथा आम आदमी को शोषण स मजति पाि िि सिघषथ करि की पररणा दी ि ि किि ि ldquo साहितय तयो जि चििा का परोधा ि बि उसकी नियिी ऐसी तयो िो िि वयजति क भीिर मसमट कर रि जाय rdquo50

134मानवतावाद

अमिराय की विचारधारा मलिः मािििािादी विचारधारा ि अमिराय क अिसार साहितय रचिा जीिि का यथािथय अिकि ििीि बजलक सचचा साहितय जिचििा का विधायक एिि सिघषथ का परोधा िोिा ि उिका कििा ि कक ldquoयिी जीिि दजषट मझ ndashहरगर- करिी ि यिी चीज जो उतपरररि करिी

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ि rdquo51ि सियि वयजति क कषटो को दर करि िथा उस उनिनि की हदशा म परररि करि क मलए कहटबदध मािि ि - ldquoएक भी किािी ऐसी ििीि ि जजसक भीिर मरा समगर धचति िा बोल रिा िो जो सिसार म अनयाय दखिा ि जो बराई दखिा ि िकलीफ दखिा ि और उसस रतिी भर आिदोमलि या विकषबध ििीि िोिा ि ऐसा लखि मरा ििीि ि मर भीिर लखि का सजि का रस जो निझथररि िोिा ि िि निझथररि िो िी ििीि सकिा जब िक कक उसक साथ किीि कोई सतयअसतयनयायअनयायसिदर असिदर य जो मलभि चीज ि इिका परचि िा जडा िो rdquo इसी मािििािादी विचारधारा ि अमि को ि किल साहितय सजि क मलए परररि ककया बजलक इनिीि माििीय मलयो की सथापिा क मलए उनिोि रासिा बिाया उिकी सामयिादी दशथि म अरडग आसथा का कारण भी यिी मािििािाद ि तयोकक मासथिाद अनििः एिि मलिः मािििािाद िी ि जजसका वििचि अमिराय ि अपि निबिध-गरिथ ndash विचारधारा और साहितय- म ककया ि मातसथ क विषय म ि किि ि ldquo उसकी यि माििीय सििदिा या माििीय सरोकार एक शबद म मािििािाद बिधा लोगो की आखो स ओझल िो जािा ि और उसका धयाि आि परिरिि एक रख ndashसख अथथशासि का रप सामि आकर खडा िो जािा ि जो लोग गलि जगि पर जोर द कर मातसथ को किल आधथथक उनिनि स िी बाद दिा चािि ि िो चाि या ि चाि जाि या ि जाि मातसथ क साथ घोर अनयाय करि ि rdquo53अमिराय मि ि कक मातसथ भौनिकिादी इस अथथ म ि कक िि ककसी हदवय शजति को सिीकार ि करक पदाथथ ( कषनिजलपािकगगिसमीर )की सतिा को िी सतय माििा ि अथथ (धि) का पजक िि कभी ििीि रिा उसि सियि आजीिि निधथििा म िी ऋवष-मनियो की भानि जीिि -यापि ककया अमिराय क साहितय म उिकी मािििािादी विचारधारा सिथि हदखाई पडिी ि ि सियि किि ि ldquo सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मािस को रिगा िमरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा rdquo54

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135यथाथसवाद और सहजता

अमिराय साहितय म यथाथथिाद क समथथक ि ि साहितय को शदध कला ििीि मािि ि िरि उस जीिि एिि समाज क मलए उपयोगी मािि ि उिक अिसार सचचा लखि िो ििी ि जोसमाज को कछ हदशा द सक ि किि ि ldquo आधनिक िो परािा िो सचचा लखि ििी ि जजसम लखक अपि दख िए अपि भोग िए को अपि कलातमक सामथयथ-भर अधधक स अधधक पणथिा क साथ धचतरिि करिा चाििा ि rdquo 55 ि साहितय म अिासिविक अथिा अयथाथथ रपिादी परयोगो को वयथथ मािि ि उिका कथि ि ldquo साहितय क अििगथि रप की अििलिा उसको िनिक भी इषट ििीि ि साहितय को माि अलिकरण या साज-सजजा ि मािि िए िम उस रचिा परकिया का अिग मािि ि और इस िाि उसको परा मिति दि ि पर िम कििा चािि ि कक रप का साथथक परयोग ििी ि जो िसि स सजीि सिदभथ म उसकी अधधवयजति की वििशिा स ककया गया ि lsquoशदधrsquo कला क फर म lsquoशदधrsquo रप क अविषकार म लगी िई परयोगशीलिा ििधया मसदध िोिी ि rdquo56

अमराय साहितय की उपयोधगिा पर विचार करि िए किि ि ldquo उसकी िासिविक साथथकिा इसम ि कक िि अिजाि िी आदमी की िजतियो का सिसकार करिा ि और जो साहितय जजििा िी शरषठ िोिा ि उिि जयादा अिजाि ढिग स अपिा काम करिा ि rdquoअिः लखक का यि किथवय ि कक िि साहितय का सजि अपि पररिश स जडकर कर ि िि कोरा आदशथिादी लखि कर ि िी ककसी ndashिाद- या ndashफशि- क चलि ऐसा यथाथथ धचतरिि कर जो सियि उसक समाज म अविदयमाि िो इसी को उनिोि सिज धरािल पर लखि किा ि किािी क कषि म ि सिज किािी क समथथक बि ि किि ि ldquo ियी किािी की खोज म सिज किािी खो गयी rdquo57ldquo सिज किािी स िमारा िातपयथ उस मल कथा-रस स ि जो किािी की अपिी खास चीज ि और जो बिि सी ndashियी- किी जाि िाली किानियो म एक मसर स ििीि ममलिा rdquo58

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इस परकार अमिराय की विचारधारा समाजिादी एिि मािििािादी ि ि लखि म यथाथथ ि सिजिा क परबल समथथक रि िथा अपिी रचिाओि म सब परकार क शोषण क विरदध विदरोि एिि सिघषथ क सिर को ऊचा उठाया ि

136अधययन एव जीवनानभवो का परभाव

अमिराय की विचारधारा क निमाथण म उिका गिि आधययिधचििि िथा जीििािभि भी उतिरदायी रिा ि शरषठ कथा मलखि का रासिा बिाि िए अमिराय किि ि ldquo म िो उसका एक िी ढिग जाििा ि बड किािीकारो को पढिा उस पढि स िी अचछी किािी का बोध उसकी कछ परसििी अपि भीिर छिकर धथरककरसिधचि िोिी रििी िोगी rdquo59 अिः उनिोि समकालीि साहितयकारो को िो खब पढा िी विगि मिाि लखको को उनिोि अपकषाकि फधधक पढा ndash सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मि को रिगा ि मरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा ि -(विचारधारा और साहितय अमिराय प-18) उनिोि मतसथ लनिि एिगलस सटामलि माओ लकास एिि कॉडिल को खब पढा साथ िी उिक सजि पर रिीिदरिाथ टगोर शरिचिदर चिोपाधयाय परमचिद दोसिोिसकी मोपासाि गोकी का असीम परभाि रिा

परमचिद किा करि थ ldquo िम जीिि म जो कछ दखि ि या जो कछ िम पर गजरिी ि ििी अिभिििी चोट कलपिा म पिचकर याहितय सजि की पररणा करिी ि rdquo60 अमिराय ि भी लखक पर अिभिो क सिज परभाि को सिाकारि िए मलखा ि ldquo जो भी मलखिा ि िि सबस पिल िो आदमी िआदमी की िरि स आदमी की जजिदगी जीिा ि िस िी उसक आसिग-परसिग िोि ि और सिबिध बिि ि जजिदगी उसी िरीक स टकरािी ि उसस आकर उसी िरि उसक अिदर बिि िरि स ररसपानसज आि ि और उि सब क मलए ndashहदए िि मलखिा ि rdquo61 अमिराय क कथा-साहितय म आए िए विचारो ि परसिगो का जजममदार अपि जीििािभिो एिि मि को मािि ि ldquo

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म किानिया मलखिा िजजिदगी क मल म िर दम कछ ि कछ िोिा रििा ि लोग मरि ि जीि ि ििसि ि रोि ि ममलि ि तरबछडि ि ठगि ि ठगजाि ि कछ बाि अपि पर बीििी ि कछ दसरो पर बीिि दखिा ि बिायी िई किानियो स जयादा जािदार और रिगीि किानिया िरदम आखो क सामि िोिी ि बस इििा ि कक अपि मि का रिग इििा चटक िो जाय कक एक बार डबोकर किािी को निकाल मलया जा सक इस किया म िि किािी जो दखी थी कछ की कछ िो जािी ि तयोकक मि क भीिर खद बिि सी किानिया सोयी रििी ि इसी िरि बिि सी किानियो क िायक-िानयकाए सडको पर पाको म मसाकफर खािो म कचिरी और दफिर की गदथ और बोसीदा फाइलो म टिलिनघसटि और रगि ममल जाि ि कभी जयो क तयो ममल जाि ि कभी चार को ममलाकर एक बििा ि और किीि एक को चार म नछिरा हदया जािा ि rdquo62

14 परगततिील आदोलन और अमतराय

अमिराय परगनिशील चििा परारिभ स िी परभाविि रि उिक वपिा परमचिद सियि एक परगनिशील सामाजजक यथाथथिादी लखक रि अमिराय की परािरिमभक रचिाओि यथा ndashिम रखल-मिशी जी मरसथल आहद किानियो म परगनिशील चििा क दशथि िोि ि उिकी किानियो म समाज क निमि और मधय िगथ क शोवषि-जीरडि वयजति िी िायक ि उनिोि उिक दःख-ददथ का यथाथथ धचिण ककया ि

सि 1942 ई0 िक ि मातसथिादी विचारधारा स पणथिः परभाविि िो चक थ और परगनिशील आिदोलि क सिीय कायथकिाथ िो बि गए थ सि 1942 ई0 स उनिोि- ििस- का सिपादि कायथ सिभाल मलया था और ndashििस- को परगनिशील आिदोलि का मख-पि बिा हदया था परयोगिादी परगनिशील किी धगररजा कमार माथर किि ि ndash य जो मिच बिा ििस और य एक वयापक परगनिशील चििा का मिच बिा किर कठमललापि िो बाद म आया उसका भी इनििास टतकर का जो ि िो बाद म आिा ि लककि य िो

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परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

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बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

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अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

29

अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

30

6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

31

इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

32

की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

33

उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

34

अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 2: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

2

परथम अधयाय

अमतराय का वयकतततव तथा कतततव

10 परसतावना

आधनिक हििदी साहितय म परगनिशील विचारधारा क परजोर हिमायिी रचिाकार क रप म अमिराय की अपिी अममट पिचाि ि उनिोि परगनििादी साहितय को अतयधधक समदध बिाि म विमशषट भममका ििि की ि सजग रचिाकार अमिराय ि गदय साहितय की परतयक विधा म मलयिाि सजि कर हििदी साहितय को समदध बिाया यग क सामाजजक यथाथथ को अपि कथा साहितय म धचतरिि करििाल लखको म उिका सथाि अपरनिम ि ि परगनिशील आिदोलि क सिधारो म अगरणी रि वयिगयातमक अमभवयजति क बजोड रचिाकार क रप म उिका रचिा सिसार हििदी दनिया क मलए िी ििीि अवपि िर ककसी क मलए अपि िचाररक सरोकार क कारण परभाविि करिा ि

विचारधारा की दजषट स अमिराय एक मातसथिादी कलाकार रि ि दशथि क परनि इस समपथण ि उिक साहितय सजि को एक सनिजचचि हदशा और िचाररक भममका दी ि साहितयकार सिसार का सिाथधधक सििदिशील पराणी िोिा ि िि िसि जगि क परतयक पदाथथ का बडी गिििा और सकषमिा क साथ निरीकषण और परीकषण करिा ि पयथिकषण की इस सिि यािा म उसक चोिि-अचिि मि पर पड अममट परभाि उस रचिा क मलए परररि करि ि गभथ म जस भरण खि म जस बीज उसी परकार रचिाकार का मलभाि समाज स जसा खादपािी और जलिाय परापि करिा ि िस िी अमभवयजति िि द पािा िndashldquo िमार विचार िमार सिसकारिमारी भाििाए सिसा जमीि फोडकर ििीि निकल आिी सबकी जसथनि समाज म िोिी ि विचि की पररजसथनि म िोिी ि rdquo 1ककसी भी साहितयकार की रचिाओि म निचचय िी उसक जीिि वयजतिति सिसकार और पररिश आहद का परभाि

3

पडिा ि अिएि ककसी भी साहितयकार क साहितय को समझि और परखि क पिथ उसक जीिि और वयजतिति पर दजषटपाि करिा िािछिीय ि अमिराय क कथा -साहितय म जो भाििाए और सििदिाए धचतरिि िई ि - ि जजि सिसथाओि मानयिाओि सिसकारोविचिासोचििाओि एिि पररिश स गनिमाि ि ndash उनि समझ तरबिा िम उिक साहितय का उधचि मलयािकि ििीि कर सकि

11 अमतराय का जीवन पररचय

111जनम जनमसथानएव माता-पपता

हििदी क सपरमसदध साहितयकार ि कथा समराट परमचिदजी और उिकी शरीमनि मशिरािी दिी की दो सििाि िई उिम पिला सपि शरीपिराय और दसरा ि छोटा सपि अमिराय ि अमिराय का जनम कायसथ कल म 03 मसििबर1921 ई0 को कािपर म शनििार क हदिकािपर क एक मधयिगीय मिलल म परािःकाल बरहम मििथ की बला म लगभग 500 बज िआ परमचिद क पिथज बिारस क निकट लिमी िामक गाि क नििासी थ िौकरी क कारण परमचिदजी को अिक शिरो म रििा पडिा था सरकारी िौकरी स तयागपि दि क उपरािि कािपर म एक मारिाडी विदयालय क परधािाधयापक क पद पर नियति थ उसी दौराि अमिराय का जनम िआ था

112शिकषा बचपन तथा पाररवाररक वातावरण

परमचिद कािपर की िौकरी छोडि क बाद िापस बिारस आ गय िदपरािि ndashसधा- और ndashमाधरी- क सिपादक क रप म लखिऊ चल गए थ उस ममय अमिराय पाच साल क थ अमिराय की परारिमभक मशकषा ndashदीकषा लखिऊ एिि आजमगढ म अिगरजी माधयम क सकल म िई वपिा परमचिद क बार-बार सथािाििरण क कारण मशकषा क क दर बदलि रि लखिऊ क किजचचयि कॉलज स जड सटीनियल सकल म बालक अमि का दालखला

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कराया गया अमिराय की पढाई चार सालो िक लखिऊ म िई तयोकक परमचिद लखिऊ म चार सालो िक रि

अमिराय क जनम स लकर यिािसथा िक दश की राजिीनि िलचल स भरी थी राजिीनिक उथल-पथल िथा सिििििा क आिदोलि म उिक मािा-वपिा अपि-अपि ढिग स सजमममलि थ उिक वपिा कलम क मसपािी थ जो अपि सिपादकीयो लखो आहद क माधयम स निरििर जि-जागनि एिि दश परम को बढािा द रि थ िथा दश को कमजोर बिाििाली रहढयो पर परिार कर रि थ परमचिद कािगरस की मीहटिग म भी जाया करि थ अमिराय मलखि ि ldquo लगभग िर रोज िी कािगरस की मीहटिग िोिी उसम उिका सरीक िोिा जररी था कभी- कभी लौटि म राि क दस बज जाि rdquo 2 उिकी मा मशिरािी दिी िो लडाई क मदाि म भी उिरीि और दो बार जल गई अमिराय मलखि ि ldquo िोि-िोि महिला िालिहटयारो की सिखया साि स सौ पर पिची ---मशिरािी दिी जो अपि ककसाि अतखडदबिग सभाि क कारण इस बीच अपिी सियि सविकाओि म काफी लोकवपरय िो चकी थी अपिी टोली की कपिाि बिायीि गयीि rdquo3 ि एक ममिामयी सििदिशीलसिापरायण िथा किथवयनिषठ महिला थीि उनिोि यि सब सिसकार अपिी सििािो को भी हदय विशषरपस छोटा पि अमिराय (बनि) मािा-वपिा को अधधक वपरय था अपि अिनिम हदिो म परमचिद ि मशिरािी जी स किा था ldquo बनि को आराम स रखिा इमािदार और िक बिािा rdquo4अमिराय सियि किि थ ldquo बाि यि थी कक म उिका बिि िी चििा बटा था -- अममा म बिि अचछ-अचछ गण थ उिक भीिर एक इसपािी सिकलप था जो मिशी जी क पास ििीि था rdquo5 अमिराय किि ि कक उिक वपिा बचचो को घर पर सियि िी पढाि थ और उिक साथ खलि भी थ अपि बचचो क मलए परमचिद किि थ

ldquo यिी चाििा ि कक िि इमािदारसचच और पतक इराद क िो विलासी धिी खशामदी सििाि स मझ घणा ि rdquo 6ऐसा किा जािा ि कक बालयकाल म पड सिसकार एिि परभाि स मिषय जीिि-पयि परभाविि रििा ि सिि

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एिि सिसकारशील पाररिाररक िािािरण का जो परभाि अमिराय क बचपि पर पडा िि आजीिि उिक साथ रिा

बचपि और ककशोरकाल- ldquoकलाकारो क जीिि म कलाओि क सफरण का काल िोिा ि rdquo 7 अमिराय का कििा ि ldquoम िो परमचिद क साथ पला बढा rdquo 8उनिोि बचपि स िी घर म साहिजतयक गोजषठयो ि चचाथओि को सिा बड-बड लखकीय वयजतितिो की छिछाया म उिका बचपि पलकर जिाि िआ ldquo मिलब सिसकार सार थ और मशकषा का िािािरण था घर क सिसकार क रप म भीिर स जागि सार शरीर क रोआि-रोआि को झिझिाकर जजस परकार की भाषा निकलिी थी अपि अथथ को वयति करिी थी उसी परकार का सिसकार अमिराय को अपि पररिार एिि बचपि म ममली मशकषा-दीकषा का िी पररणाम ि rdquo 9

अमिराय की औपचाररक मशकषा का परारिभ अिगरजी मधयम स िआ था ककि ि घर पर अपि वपिा स उनिोि साथ िी साथ उदथ की मशकषा भी परापि की कचसमय िक उनिोि मौलिी सािब स उदथ पढी थी ि किि ि ldquo लिमी क करीब लालपर िामक एक गािि था एक औलिी जो य िो दजी थ मगर मौलिी भी थ उिका ितका-ितका िर करक जो िरीका था उसी िरि उदथ पढी rdquo10

परतयक साहितयकार का मि बचपि स िी सििदिकषम िोिा ि अमिराय भी इसका अपिाद ििीि ि अपि बचपि की कछ घटिाए उिक मि म अविसमरणीय रप म अिककि ि ि अपि पिथजो क मलसथाि लिमी गाि ndash जिा अपि बचपि तरबिाय - को बिि चािि थ उनिीि क शबदो म ldquo िा िो य समझो कक बिारस शिर स कोई चार मील की दरी पर ि आजमगढ रोड पर आजमगढ को जो सडक जािी ि उसीपर चार चार मील जाकर िमारा गाि पडिा ि और मझ अपि जजस बचपि की याद िइधर िो समझो कक आधी शिाबदी स रिि का इजतिफाक ििीि िआ ििा

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लककि उसक पिल की िमाम समनिया मरी उसी गाि की ि म जस लखिऊ म पढिा था िो गमी की छहियो म सीध िम लोग लिमी आ जाि थ और लिमी म मर िमाम दोसि थ और अब उिम स जयादािर लखसक चक ि जयादािर तया लगभग सभी लखसक चक ि बराबर आिा जािा रिा ि म रि ििीि पया कभी rdquo11 इसस सपषट ि कक लिमी स अमिराय का ककििा लगाि था

वपिा क साथ िापस बिारस आ जाि पर उनिोि पिल दयाििद सकल म ितपचचाि तिीनस कॉलज म मशकषा परापि की सि 1934 म जब परमचिद मिबई गए िब ि अपि बड भाई शरीपिराय क साथ इलिाबाद म बोरडग िाउस म रिकर पढ सि 1936 ई0 म उिक वपिा परमचिद का दिािि िो गया जजसस जीिि म भीिर ndash बािर दोिो ओर सिधषथ पणथ जसथनि रिी सिधषो क बािजद अधयि और लखि की ओर उिका झकाि बढिा िी गया हदसिबर 1936 म उिकी परथम ियसक रचिा ndashभारि- म परकामशि िई थी जो ndashकसाई- िामक रखाधचि था उस समय उिकी अिसथा 15 िषथ की थी इसस पिल भी उिकी किानिया- बालसखा- बालक -िािर और ndashमशश- आहद बाल पतरिकाओि म परकामशि िो चकी थीि इस परकार बारि-िरि िषथ की अिसथा स िी उनिोि मलखिा परारिभ कर हदया था सि 1938 ई0 म बिारस स इिटरमीरडएट की परीकषा उतिीणथ करक ि इलिाबाद म ि मयोर िॉसटल म रिि थ जिा परायः परनिभाशाली छाि िी रिा करि थ ldquo उनिीि को उसम लि थ अमरिाथ झा अमरिाथ झा उसक िाडथि िआ करि थ सबस बड rdquo

12 मयोर िॉसटल ( अब जजसका िाम अमरिाथ झा िॉसटल ि ) का िािािरण िौकरशािी की ओर दौडििाला था जिा अधधकािश छाि आधनिक ढिग की िश-भषा धारण करि थ ििीि अमिराय नििािि सिज साधारण वयजति की िरि रिि थ ndashढीला-ढाला पजामा-किाथ और चमरौधा जिा पििा करि थ ि किि ि ldquo िा चमरौधा जिा जजस पििि ि गािि क दिािी िि म पिििा था कपड धोकर पििा करिा था उि लोगो ल मरी चल ििीि बठिी थी और िभी स मर मि म गािधीजी स जयादा गाधीिाद क सिबिध

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म कछ शिकाए कछ सिाल पदा िोि शर िो गय rdquo13 इसी समय मातसथिाद स परभाविि िय और उसका गिि अधययि ndashमिि करक उस एक पणथ जीिि-दशथि जीया और उस विचार धारा को अपिाया सि 1940 म बी0 ए0 की परीकषा म उनि इलिाबाद विचिविदयालय म परथम सथाि परापि िआ और छाििजति भी ममली सि 1942 म उनिोि अिगरजी विषय म एमए परथम शरणी म पास ककया

113पववाह एव सततत

परगनिशील लखक सिघ की एक शाखा जबलपर म सथावपि करि क उददचय स यशसिी किनयिी सभदरा कमारी चौिाि स ममलि गय ििा उनि उिकी सपिी सधा चौिाि ममलीि बाद म अपरल 1945 म उिका परम वििाि सधा चौिाि क साथ अतयिि सादगी परण िािािरण म सिपनि िआ ि किि ि ldquoकल ममलाकर पाच छः लोगो की थी य बाराि और रामािजलाल जी शरीिासिि क घर एक कमर म य िी बडा उखडा-पखडा सा मामली सा कमरा था उसम ठिरा दी गई--- और शादी का जो रजजसरार िोिा ि उसको बला मलया था ndash और उसि िम लोगो की शादी करा दी rdquo 14 वििाि क कछ समय पचचाि ि इलािाबाद म आकर बस गय थ उिक दो पि आलोकराय एिि अममि छोटा अममि की सि 1966 म रति कनसर क कारण ददथिाक मतय िई

अमिराय उि हदिो पाटी का कायथ बडी लगि स ककया करि थ जजसका उददचय िा दश म राजिीनिक एिि सामाजजक दोिो सिरो पर िािनि लािा ndashजिा सबको सििििा क विकास का अिसर परापि िो ि कोई शोषक िो ि कोई शोवषि lsquoििस rsquo की सामगरी भी सामयिादी पाटी क कयाथलय म बठकर चिी जािी थी ि मलखि ि ldquoजब म सिपादक िआ िब म जरर सारी सामगरी लकर लखिऊ जािा था और बारदखाि म कमयनिसट पाटी क दफिर म मरी रामविलास शमाथ की और मशिदाि की बठक िोिी थी इसम

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य सारी सामगरी ओक की जािी थी rdquo 15 इस परकार ndashििस- भी िािनि का माधयम बिा

सि 1951 म ndashभारि सरकषा कािि- (जो बाद म अिध धोवषि ककया गया था) क अििगथि इलािाबाद म उनि पकड मलया गया और चार माि िक जल म रििा पडा था -बीज-उपनयास का बीज कारािास म िी अिकररि ि विकमसि िआ था बाद म धीर ndashधीर पाटी म गटबाजी िथा िचाररक सिकीणथिा स कषबध िोकर ि सिीय राजिीनि िथा पाटी स अलग िो गय दस की दररदरिाभरषटाचारराजिीनिजञो की सिाथथपरिा आहद दखकर उिका मि सदि आिोश स भर उठिा था जजसकी अमभवयजति उिकी रचिाओि म निरििर िई ि

साहितय सिा िी उिक जीिि का एक माि धयय बिा साहिजतयक पररिश िो उिको जनम स िी विरासि म परापि िआ था उिक ऊपर सिाथधधक परभाि अपि वपिा परमचिद का पडा इसक अनिररति अनय अिक साहितयकार एिि कलाकार उिक अमभनि ममि थ जिनदर जी परमचिद क जीिि काल म और उिकी मतय क बाद भी बिि हदिो िक उिक बिारस घर म िी रि ि मलखि ि ldquo िमार पररिार म उिकी जसथनि सिज िी बड भाई की सी िो गई थी अममा ि बड पयार स उिको अपिा सबस बडा लडका माि मलया था rdquo 16 मिादिी िमाथ का सिसगथ भी उनि लमब समय िक परापि िआ ि किि ि ldquo म िो सि 38 म इलािाबाद आ गया और मर छािािास क तरबलकल पास िी उिका घर था खब ममलिा बठिा शर िो गया rdquo 17 सधाजी स वििाि क बाद ि भी उिक निकट आ गय थ ि अजञय जी स क साथ भी रि उस समय 14 ििबर बजसटगस रोड पर जिा शरीपिराय रिि थ कई लोग साि रिि थ ldquoपरा गरप िी था बरिभषण अगरिालिममचिदर जिअचक भी आ कर रि थ परभाकर माचि थ आशा दा (डॉतटर आशा मकल दास) बउहद और उिक दो बट सभी लोग थ rdquo 18सि 1948 म जब शरीपि जी वििाि करक अलग अपि बिगल म चल गय िब य

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लोग अमिराय दिारा खरीदी गई 18 नयाय मागथ पर बिी इमारि म आ गए जजस बादम िोडिाकर अमि जी ि अपिा ndashधप-छाि ndash बगला बििाया था परिीक ndash जजसका सिपादि अजञय जी करि थ यिीि स निकलिा था अमिराय किि ि ldquo परिीक- म मर और उिक बीच जो िचाररक दरी थी िि भी सामि आयी और ndashसिािभि- को लकर मरी-उिकी बिस ndashििस- और ndashपरिीक- क सिपादकीयो म िई rdquo 19

अमिराय ि हििदी म परकामशि परमचिद की अिक आरिमभक लपिपराय रचिाओि अििादो िथा उिक पि-वयििार को खोज निकाला और परकामशि ककया लगभग 2500 पषठो की यि िई परमचिद-सामगरी जजस अमिराय ि परकामशि ककया निमिमललखि ि ndash 1 ndashगपिधि- शीषथक स परमचिद की आरिमभक किानिया 2 मिगलाचरण- शीषथक स परथम चार उपनयास 3 ndashधचटठी-पिी- शीषथक स पि िथा 4 ndashशब-ए-िार- शीषथक स मरीस मिरमलिक क िाटक ndashफोिामारा- का अििाद य रचिाए अमिराय क परयासो स िी हििदी जगि क सामि आयीि -सि 1936 क बाद कछ अतयिि सिघषथ पणथ िषो क बािजद शरीपि और अमि ि अदमय जजजजविषाआपसी समझदारी िथा वपिा की साहिजतयक विरासि को सिभालि की वयिसानयक सझ-बझ क बल पर िि सथावपि ककया जजस अचछ अथो म lsquoपरमचिद सामराजयrsquo किा जा सकिा ि ldquoआज परमचिद की जो खयीनि िउसक पीछ अिशिः शरीपि और अमि का योगदाि भी ि कक उनिोि अपि वपिा की पसिको को जीविि उपलबध और परसाररि रखा rdquo20

अमिराय को अपि जीिि की परौढािसथा म एक ककशोर पि क निधि का दारण शोक भी सििा पडा उिका अटठारि िषथ का छोटा पि अममि(ममथि) रति कनसर का मशकार िोकर आठ मिीि दारण कषठ झलकर जि 1966 ई0 म मतय को परापि िआ इस आघाि ि उनि हिलाकर रख हदया था ककि ि उिक कमथ जीिि म मशधथलिा ििीि आई

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उिक हरदय की अथाि पीडा उिक lsquoसख-दखrsquo िामक उपनयास म अमभवयति िई ि शोक-गीि जसा यि उपनयास अपि आपम एक अिठी रचिा ि

114पवदि यातरा

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश -यािाए की सि 1952 म ndashविचि शािनि सममलि ndash म भाग लि क मलए चीि-यािा की सि 1965 म जमथिीबलगररया और सोवियि सिध की यािा की सि 1972 म रमानियाििगरीसोवियि सिघइिगलड फािस और इटली की यािा की सि 1978 ई0 म पिः यरोप की यािा की

115परसकार एव सममान

अमिराय कोउिकी उललखिीय ि अिलिीय साहितय सिा एिि साधिा क मलए उनि अिक परसकारो स परसकि भी ककया गया सि 1957 ई0 म लखको क ऐनििामसक lsquoसाहितयकार सममलि rsquo का उनिोि आयोजि ककयाजजसम चार पीहढयो क लखको दिारा परनिनिधधति ककया गया इसी िषथ उनि lsquoसपाटथकसrsquo क हििदी अििाद lsquoआहद विदरोिी rsquo क मलए भारि सरकार क ndashिषथ क शरषठ अििादक परसकार स सममानिि ककया गया सि 1971 ई0 म उनि ndashसोवियि लड ििर -परसकार परापि िआ सि 1973 ई0 म ि साहितय अकादमी की सामानय सममनि और कायथ सममनि क सदसय बि इसी िषथ ि lsquoिशिल बक रसट क नयासीrsquo िथा lsquoसोवियि लड रिर परसकार सममनिrsquo क भी सदसय बिाय गय सि 1977 म समाज भाषा ितजञानिक शोध योजिा पर कायथ करि क मलए ििर फलोमशप स परसकि ककया गया सि 1987 ई0 म उतिर परदश हििदी सिसथाि दिारा ndashसिसथाि सममाि- िथा 1989 ई0 म भारिीय अििाद पररषद दिारा lsquoदवििागीश परसकारrsquo स उनि सममानिि ककया गया

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116मतय

सि 1996 ई0 म 75 िषथ की आय म लगभग दो माि िक पकषाघाि स गरसि रिि क बाद 14 अगसि क हदि इलािाबाद म साहितय का यि अिथक सिी कमथयोदधा रचिाकार अमिराय इस लौककक सिसार स सदा क मलए विदा लकर परलोक चल गय

वयकतततवndashसजथक वयजतिति क निमाथण म सिायक घटिाए जस पिथ सिसकार

बचपि क सिसकार पाररिाररक सामाजजक सािसकनिक आधथथक राजिीनिक धाममथक पररिश इतयादी का कलाकार एिि सजथक क वयजतिति पर गिरा परभाि पडिा ि वयजति अगर साहितयकार िो िो उसक वयजतिति म ककसी ि ककसी रप म उसक वयजतिति की झलक अिचय हदखाई दिी ि साहितय और साहितयकार दोि एक िी ििनिमाथण परकिया क दो पिल ि इस दजषट स साहितयकार कनिति क अधययि क मलए उसक वयजतिति का अधययि मितिपणथ िोिा ि

परािी पीढी क साहितयकार िोि िए भी सििितरयोतिर काल म पररिनिथि िए मलयो की सथापिा करक कई यगीि पररजसथनियो क अिसार वयजति और समाज का सिबिध कफर स सथावपि करि म विषण परभाकरजी का योगदाि विशष मितिपणथ रिा ि ि सामाजजक जीिि की विविध समसयाओि को लकर मलखििाल साहितयकार ि यथाथथ का सकषम निरीकषण

अिकि इिका लकषय रिा ि जजसम उिकी मािि क परनि सिािभनि भी बराबर बिी रिी ि उिक उपनयासो ि किानियो और समसि साहितय म वयजति और समाज इस परकार घल-ममल गए ि कक दोिो की पथक सतिा-सिीकनि कहठि ि उिक सजि का मल सिर मिषय की पिचाि और िर परकार क शोषण क लखलाफ आिाज उठाि का ि

ldquoवयजतिति शबद पसथिमलहट ( Parsonality ) लहटि शबद lsquo पसोिा lsquo

(Parsona ) स बिा िआ ि lsquo पसोिा lsquo का अथथ ि lsquo मखौटाlsquo गरीक कलाकर

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रिगमिच पर अपिी पिचाि नछपाि कमलए मखौट का परयोग ककया करि थ आग चलकर lsquoपसोिा lsquoशबद का अथथ बदल गया मिषय दसर को कसा हदखाई दिा ि इस अथथ म धीर-धीर पसोिा शबद का रपानिर पसथिॉमलहट अथाथि वयजतिति क रप म मलया जाि लगा rdquo21

ldquo वयजतिति शबद भाि िाचक सिजञा ि वयजति क कषि म जजि गणो या विशषिाओि का समािश िोिा िि सब वयजतिति क अििगथि आि ि अथाथि वयजति की मिति पणथ विशषिा उसका वयजतिति ि वयजति की ऐसी विशषिा उस दसरो स अलग बिािी ि ककसी वयजति की विशषिाओि का समदाय िी वयजतिति ि rdquo22

मािक हििदी शबद कोश क अिसार ndashldquo वयजतिति शबद वयजति क यगम स बिा ि जजसका अथथ ि- वयजति िोि की अिसथा या भाि rdquo 23 ककसी वयजति की निजी विमशषट कषमिाए गणपरिजतिया आहद जो उसक उददचयोकायो वयििारो आहद म परकट िोिी िऔर जजिस उस वयजति का सामाजजक रप जसथर िो जािा ि

वयजति क मिोभाि एिि विचार उसक कायथ िथा िाचक आिधगक कियाओि म िाि-भािो म परकट िोि ि साथ िी वयजति का मि सामाजजक सािसकनिक पररिश स सिसकाररि िोिा ि य सिसकार भी उसक किया कलाप

िाि-भािो म अिायास वयति िोिा ि वयजतिति वयजति क अनिरनिहिि गणो का परकामशि रप ि उस वयति करि की कषमिा को िी lsquo वयजतितिrsquo किा जािा ि

हििदी विचि कोश क अिसार- वयजतिति की अिधारणा इस परकार दी गई ि ldquoवयजतिति शबद ककसी वयजति क सामाजजक उददीपक मलयो क सचक रप म परयोग ककया जािा ि rdquo24 इसस िातपयथ उस सिपणथ परभाि स ि जो एक वयजति दसर वयजति पर डालिा ि उददीपक क रप म कियाओि का भी सिि परभाि पडिा िजजिका िि अनय वयजतियो क बीच उपिम करिा ि

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य पररणातमक शजतिया ऐस पररििथि उतपनि करिी िजो उसक अपि अनय वयजतियो और जसथनियो क परतयकषीकरण को परभाविि करि ि दसर शबदो म वयजति आतम पररकषण करिा ि िथा बाहय जीिि सिगठि एकिा और जसथरिा उतपनि करक अपिा अनिियजतिक सिभाि म अपिी आतमधारणा का विकास करिा ि

वयजतिति म अिक शारीररक एिि मािमसक विशषिाओि का समािश ककया जािा ि वयजतिति का वयापक िति ि अिः िि शरीर स लकर उसक माधयम स समसि कायो म वयापि रििा ि वयजतिति परमख रप स सामाजजक एिि जविक घटिाओि स सजजथि िोिा ि ठीक उसी परकार सामाजजक घटक ि पररिश वयजतिति निमाथण म सिायक िोि ि ििश और पाररिाररक जसथनियो का वयजतिति निमाथण म बिि बडा योगदाि िोिा ि वयजति का वयजतिति पररजसथनियो क परभाि स विकमसि िोििाली पररििथिशील ि गनिमाि परकिया ि सामाजजक एिि सािसकनिक िािािरण क परभाि स वयजतिति का विकास िोिा ि वयजतिति वयजति क समसि बाहय एिि आििररक गणदोषो का अमिथ रप ि इि गणो क समचचय का परकाशि उस वयजति क विचार और वयििार की विमशषट शमलया िथा जीिि क परनि उसक दजषटकोण स िोिा ि जजस परकार फलो म सगिध िोिी ि उसी परकार वयजति म वयजतिति अििभथि ि साधारम वयजतियो का वयजतिति उसकी मतय क पचचाि भी उिकी कनियो विचारो क दिारा यग-यगो िक छाप बिाय रखिा ि

सजथक वयजतिति ndashपरतयक सजथक वयजतिति म परनिभा मितिपमथ िोिी ि साहितय कनियो म साहितयकार का वयजतिति परसिगिः कछ मािा म अिायास परनितरबजमबि िोिा ि रचिाकार क अिम का सिसकार उसकी आतमामभवयजति क रप म वयति िोिा ि रचिाकार का अिम समाज क सामहिक अिम क साथ िादातमय िोकर उसक आिनद का कारण बििा ि रचिाकार का वयजतिति यग पररिश स परभाविि िोिा ि उपरोति सभी

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इकाइयो स ममल-जलकर हदवय परनिभा स निखरकर साहितयकार का वयजतिति विकमसि िोिा ि

वयजति क कछ बाहय एिि आििररक ितिो स वयजतिति का निमाथण िोिा ि इि ितिो को वििचि वयजतिति निरपण म अनिभथि ि लखक का पररिारपररिशसिभािपरिजतिया यगीि िािािरण जीिि म ममलििाल अिसर िाथ स कफसल िए सििर कषणकछ गलनिया कछ कमजोररया कछ कषमिाए कछ सबलिाएजीिि मलय दजषटआदशो क परभाि आहद अिभिो स बििए दजषटकोण स लखक का माििीय वयजतिति निमाथण िोिा ि यि वयजतिति समाज और साहिजतयक दानयति स परनिबदध सजग िोकर एक सािीतयकार का सजथक वयजतिति भी बिािा ि साहितयकार का निजी वयजतिति साहितयकार का वयजतिति क सामिजसय स बिा िआ एक विलकषण वयजतिति िोिा ि वयजतिति वयजति क गणो-अिगणो भािो-अभािो क साथ उसकी सिििि सतिा को सधचि करिा ि उसकी यि सिििि सतिा वयजतिति क निमाथण म सिायक िोिी ि वयजति अगर साहितय रचिाकार िो िो निचचय िी उसकी लखिी पर उसकी झलक सपषट रप स हदखाई दिी ि

अमिराय परमचिदोतिर पीढी क उि साहितय क उनिायको म स थ जो लगभग चौथ दशक स अिनिम दशक िक निरििर सजिशील थ 70 िषो क साहिजतयक जीिि म उनिोि हििदी साहितय क भणडार को अपिी अमलय रचिाओि स समदध ककया ि अमिराय ि जीिि को जसा जजया और दखा िसा िी धचतरिि ककया ि सदाबिार लखक िी ििीि बजलक सदा जीििि और सदा सजग लखक भी थ उिकी कीनिथ को कोई धममल ििीि कर सकिा उिका साहितय उिक जीिि का परनिरप ि जजसस उसम एक शजति एक ऊजाथ आ गयी ि यि उिकी विशषिा ि कक उिक वयजति और साहितयकार म अििविथरोध ििीि ि िासिि म यि एकरपिा साहितयकार को अमर बिािी ि यायािरी सिभाििाल अमिराय दश क कोि-कोि म निरििर भरमण करि िए जि समाज सिसकनि दश ि भाषा स एकाकार िोि क िम म

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निरििर सतय की खोज म सिलगि रि इस खोज क पीछ मािििा क कलयाण की भाििा सजनिहिि थी अपिी दीघथ रचिा - काल क कारण ि िर िई पीढी स जड रि उसस सीखि रि और सियि को बदलि रि साहितयकार का यि निरििर िया बि रििा और समाज की धडकिो को पिचाििा और समझिा उस जीििििा और साथथकिा परदाि करिा ि ियी पीढी और समकालीि रचिा- सिसार स अमिराय की इस सिबदधिा ि जिा उनि पविि उजजिल एिि मिगलमयी मनिथ क रप म लोकवपरय बिाया ििाि सतिा ndash परनिषठािो स दर रिकर ि अपि सिधषथशील चररि एिि शील को सरकषकषि रखि म सफल िए उिक इस वयजतिति ि उिक साहितय को भी उसी रप म सिघषथशील िथा मिगलमय बिाकर महिमामिरडि कर हदया ि अिः उिक वयजतिति एिि कनिति स अिगि िोिा अपि म एक अिभि ि

एक िलदशी निमथल जल सा खल वयजतिति का आलोक विसिार जसा गोरा-धचिा अकलिकछरिरा साफ आइि सा शरीर िस िी मति ठिाकदारििाओि िक गजािी िसी िसा िी निवयाथज वयििार एक पारदशी मिममथशीलआतमदाि भरा आचिजसि भाि िति पर िज-िराथर परनिकियाओि का ममजाज भी अििर का भरा ठिराि भी ldquo जस सिसकनि की अिक धाराए यिा आकर ममल गयी ि उसी िरि की सािसकनिक परिपरा और आधनिकिा सामाजजकिा और ियजतिकिा हििदी ndashउदथ और अिगरजी का ममलि तरबिदअमिराय का वयजतिति rdquo25 परकनि स उनि अटट परम था माहट का मोि उिक शबदो म दलखए ldquo म कभी कलपा िी ििीि कर पािा कक ककसी मिािगर म एक छोट ndashस अपाटथमट म ऊपर रि- छठ माल पर म ििीि रि सकिा िम िो एक छोटी सी कहटया फस की िी द दो लककि उसक साथ जरा-सी जमीि िो और ममिी िो rdquo26 इसमलए उिका विशाल बिगला ndashधप-छाि- सकडो िरि क लिा ndashकि ज फलपड-पौधो स आज भी नघरा िआ ि

उिका वयजतिति अििमथखी और बहिमथखी दोिो का समनिय था उनि अपिा परदशथि करिा या ककसी िरि की आतमचलाघा बिि घहटया काम

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लगिा था परकाशि स पिथ ि अपिी रचिाए ि कीसी को पढिाि थ ि सिाि थ एक माि वयजति जो उिकी रचिाए परकामशि िोि स पिल पढ लिा था- िि थी उिकी पतिी सधा जी एक बार इलािाबाद क विदयाथी जीिि म उनिोि मिादिी जी क ndashअिीि क चलधचि- की समीकषा की जजसम जी खोलकर उसकी परशिसा की थी समीकषा एक अिगरजी पतरिका म परकामशि िई ककि ि उनिोि मिादिी जी को ि िो िि पतरिका हदखायी ि उसक बार म बाि िी की ि बिि सिकोची सिभाि क थ उनि यि भी पसिद ि था कक लोग उिका सममाि परमचिद का पि िोि क कारण कर सभाषमखोपाधयाय की पतिी गीिा जी मलखिी ि ndash अमि कलकतिा स इलािाबाद लौट रिा था ldquo एक यािी सजजि ि अपिी बटी को अमि क आरकषकषि बथथ पर बठ हदया था बार-बार अिरोध करि पर भी ि उस बथथ को छोडिा ििीि चािि थ और यि दािा कर रि थ कक िि उनिीि का ि मझ ऐसा लगा कक यहद मि कछ ििीि ककया िो अमि इििा सिकोची जीि ि कक िि फशथ पर बठ कर इलािाबाद िक चला जाएगा पर अपि बथथ की माग ििीि करगा मि उस रडबब म बठ मसाकफरो को जब बिाया कक य परमचिद क पि ि िो बड आदर क साथ उनिीि लोगो ि उसकी बथथ खाली करिाि म भममका निभाई थी rdquo27

अमिराय क हरदय म बचपि स िी अपि माि-वपिा क परनि अतयिि शरदधा एिि परम था परथम बार मािा-वपिा स दर इलािाबाद पढि जाि समय ि रो उठ थ ldquo बनि िो िम िीिो क पर छिा िआ रोिा िआगाडी स उिर गया rdquo28 अमिराय का बचपि का िाम बनि था बचपि स िी ि बड दयालसहरदय एिि सििदिशील थ उिकी मा मशिरािी दिी क शबदो म ndash मरी किारी का छोट बचचा आग म जल गया उसक सार बदि म मलिम पिा िआ था कपड भी गिद िो गय थ मरा छोटा बचचा बनि उस किीि बािर पा गया उस दखकर बनि को दया आई िि उस पचचो को जीि पर स दोिो िाथो का घोरा बिाकर अिदर लाया ldquo बोला ndashअममा इस कछ खाि को दो उस बचच का बदि दखकर मर रोगट खड िो गय rdquo29 बालक अमिराय क बचपि म िी उिक वपिा ि उि भविषय की सिभाििा दख ली

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थी ldquoयि लडका बडा दयािाि मालम िोिा ि भलाउस िि कस लाया ndash भगिाि इमस जीविि रख िम दखिा िमिारा राम यि रोशि करगा rdquo30

बालक जजस पाररिाररक पररिश म जनम लिा ि जजस चार दीिारी म उसका शशिबचपि एिि ककशोरािसथा बीििी ि ििा क िािािरण की सपषट छाप उसक वयजतिति पर आिचयक रप स अिककि िो जािी ि अमिराय ि अपि वयजतिति क बारम किा ि ldquo किा-किा स आदमी को तया-तया ममलिा ि लककि य ि कक म सचमच भीिर स बिि िी साधारण और सिज ि मर पास ि िो बिािट ि और िा म बिािटी लोगो को पसिद करिा ि rdquo31तयोकक ldquo रचिा अनििायथ रपण रचनयिा क वयजतिति स सिबदध िोिी ि rdquo32

अमिराय सबको बराबर मािकर चलििाल वयजति थ ि सियि किि ि ldquo लककि म बदककसमिी स ि िो ककसी को अपिा चला बिा सकिा ि और ि ककसी का चला बि सकिा ि मझको किल बराबरी का सिबिध आिा ि rdquo33 उिक जजिि भी ममि थ उिस उिक नििािि सिज पाररिाररक सिबिध थ ि अपि सहरदजिो का माि रखि क मलए जो उनि िापसिद िोिा िि भी कर लि थ गीिा जी मलखिी ि ldquo अमि और सधा दोिो शाखािारी थ पर िम खश करि क मलए अमि कभी-कभी मछली खा लिा उस यि पिा था कक सभाष मछली क तरबिा ििीि रप सकि िि भोजि बडी रची स करिा rdquo34 रािगय राघि स अपिी िलिा करि िए अमिराय ि अपि सिकोची सिभाि क विषय म सियि भी मलखा ि ldquo मर अपि मसमट ndashमसमट सििभाि स उसका मल ििीि बठिा था अपि को बािर फ क सकि औरो क साथ घला ndashममला दि क इस गण का म बिि आदर करिा ि rdquo35

ि अपि विचारो पर सदि दढ रि यहद कोई उिकी विचारघारा अथिा आसथा पर अिधचि आपकष लगािा ि िो ि उसका मििोड जिाब दि म सिकोच ििीि करि थ उनिोि मलखा ि ldquo म यो निजी मामलो म िो बिि शािनिपरमी आदमी ि थोडा दबकर भी बिि स झगडो दरगजर कर जािा

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ि लककि विचारो की दनिया म उपिी आसथाओि को विचिासो को जरा जयादा िी मजबिी स पकडिा ि इसमलए उस पर कोई आिमण ििीि सि सकिा और ि ििा पर ककसी िरि का समझौिा करिा मझ पसिद ि rdquo36 ऐस अिसरो पर दो-दो घिट लगािार भाषण द डालि थ अमभयोग का उतिर दि समय भी ि िसी हदललगी क साथ िलक-फलक अिदाज म िी भाषण हदया करि थ जजसस शरोिा भी आििदपिथक रस लकर उिकी बाि सिा करि थ यि उिक वयजतिति का बिि बडा िमशषय था ि ऐस निरमभमािी कलाकार थ जो दसरो की कला ि दसरो क गणो का बिि आदर करि थ डॉ रामविलास शमाथ ि उि पर िथा रािगय राघि रािल सािकतयायि आहद अिक परगनिशील लखको पर lsquoटटपजजया समाजिादीrsquo िोि का आकषप लगाया था ldquoसाहितय म सियति मोचाथ ndash पसिक मलखकर इसका उनिोि मििोड जिाब भी हदया था ककि ि ि शमाथ जी की इस एक कमी को सिीकार करि िए उिक अनय गणो की परशिसा करि थ rdquo37

13पवचारधाराएव परभाव

अमिराय ि अपिी कनियो पर िए विचारधारा क परभाि क सिदभथ म मलखा ि ldquoजजस िगथ स कलाकार जनम लिा ि उसक लौककक दजषटकोण क अिसार उसकी एक विचारधारा जनम स िी बि जािी ि अगर उसक सिरकषक भी उसी िगथ क िए िो िि मा क दध क साथ गरिण ककए िए अपि जीिि क दजषटकोण स परी िरि सििषट रिगा और उसको अपिी कनियो म अमभवयति करगा rdquo38परतयक साहितयकार पर परतयकष या परोकष रप स ककसी ि ककसी विचारधारा का पभाि अिचय िोिा िी ि अमिराय क शबदो म ldquo जिा रचिाकार को सचिि रप स अपिी विचारधारा का पिा ििीि िोिा ििा भी विचारधारा िो रििी िी ि रचिा पर अिजाि िी उसका समािश िो जािा ि विचारधारा किीि सििदिा बिकर आिी ि और किीि परसिगिः रचिाकार की माििीय परनिकिया बिकरrdquo

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131सामयवादी पवचारधारा

अमिराय ि निबिध lsquoविचारधारा और साहितयrsquo म सपसट सिीकर ककया ि कक ldquo मरी विचारधारा सामयिादी ि या यो कि लीजजए कक मझ पर सामयिादी विचारधारा का गिरा परभाि ि rdquo40 सि 1943 ई0 म उनिोि सामयिादी पाटी की सदसयिा गरिण की िथा मजदर ndashयनियि क मििी भी बि थ -बीज- उपनयास िथा ndashपारजाि क फल ndashआहद किानियो म उिकी सामयिादी विचारधारा सपसटिः सामि आई ि ककि ि ककसी भी विचारधारा या lsquoिादrsquo का अिधािसरण करि का ि विरोध करि ि ldquo जब-जब और जिा-जिा अिधािसरण की ऐसी कोई िीनि बरिी या अपिायी गयी ि विचार मर गया ि साहितय मरगया ि किल पररपाटी का रहढबदध लखि िआ ि rdquo41

सामयिादी पटी का सदसय रिि िए भी ि अपि ढिगस कछ अलग-अलग-सा भी सोचि रि और कदाधचि इसका कछ मलय भी उस चकािा पडा तयो कक सामदानयक धचििि परकतया मशविरबदधिा मागिा ि ि किि ि ldquo

मरा मि जसा कचछ बिा था िसी मसविरबदधिा मर मलए कभी सिभि ि िो पायी पर मझ कोई खद ििीि ि तयोकक मझ लगिा ि कक अिििः अपिा वििक िी सबस अचछा जीिि-सिचर िोिा ि rdquo42उनिोि मातसथिाद का गिि अधययि -मिि करक उस अपिी विचारधारा बिाया ि अपि समाज का अधययि करक अपि मिि-धचििि की कसौटी पर अचछी िरि परखकर और अपि मि क भीिर डबकर अचछी िरि टटोलकर जजस बाि को सिी जािि थ उसी को सिीकार करि थ उनिोि बािर क ककसी अिकश को कभी सिीकार ििीि ककया उिका मि ि ldquo यि अिशासि और अिकश रचिाकार क अपि वििक क भीिर स आिा चाहिए rdquo43

अमिराय ि कछ िषो क पचचाि सामयिादी पाटी स सिबिध िोड हदया था ककि ि सामयिाहद विचारधारा म उिका विचिास आजीिि रिा ि मलखि ि ldquo मर मलए विचारधारा कछ दसरी चीज ि उस आदमी मजबिी स

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पकडिा ि िि समपथण मािगिी ि उसक मलए निषठा चाहिए गिरा आििररक विचिास चाहिए उसी निषठा और गिर विचिास म स सब िरि क अभािकषट नििदाअपमािजलयाििा सब कछ सिि और जररि पडि पर अपि पराण िक द दि की िाकि आिी ि जिा य निषठा और समपथण और अकि ठ विचिास ििीि ि ििा कफर विचारधारा कसी जसी िई िस ि िई rdquo44

132गाधीवाद का परभाव

परारिभ म अमिरायकालीि समाजपर गाधीजी छाए िए थ अिः सपषट ि कक अमिराय की धचिििधारा पर गािधीिाद का गिरा परभाि लकषकषि िोिा सिाभाविक िी ि ldquo मरा िो काल (सि 1942-44) भयिकर गाधी भजति का था rdquo45 अिः उिकी रचिाओि म खासकर ndashबीज-उपनयास म मातसथिादी विचारधारा की गिराई म गाधीिादी विचारधारा क िति एिि सामाजजक मसदधािि जस मदयनिषध िगथ बद विरोध सिदशी राषरीय मशकषा वपछडो का उतथाि हदखाई दि ि

133मातससवादी चचतन का परभाव (वगस सघरस)

सि 1950 क उपरािि अमिराय मातसथिादी पाटी क सिीय सदसय बि गय मातसथिादी धचििि ि उि पर जाद कर हदया था इसमलए ि उस अधधक पसिद करि थ ldquo म मातसथिाद स पयार करि लगाथा rdquo46 ि उस जीििसमाज और सिसार बदलि का असि मािि ि ldquo मातसथिाद स अहदक जीिििअधधक िािनिकारी अधधक लोक कलयाणकारी मबलकअधधक सचचािाद दसरा ििीि rdquo47पररणामसिरप उिका परा साहितय मातसथिाद क दििदिातमक भौनिकिादी दशथि पर आधाररि ि सामयिादी और मातसथिादी दशथि समाज म समिा और नयाय की सथापिा कमलए िगथ सिघषथ को अनििायथ माििा ि िमार समाज म दो िगथ निरििर रि ि ndash एक शोषक िगथ और दसरा शोवषि िगथ अमिराय किि ि ldquoमटठी भर पजीपनियो दिारा लाखो ndashकरोडो लोगो का आधथथक शोषण एक भयिकर अनयाय ि और उसक

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विरदध परनििाद का सिर भरपर उठिा चाहिए इस अथथ-वयिसथा स सीध-सीध या परोकषिः जडी िई असिखय दसरी विषमिाए विकनियाअनयायदराचारएक स एक भयिकर अपराधजजिका एक फलिा-फलिा सामराजय ि और जजिको िम अपि आस-पास िरदम िोि दखि ि और जजिस िमारी माििीय सििदिा परकतया जडिी ि कषबध और आिदोमलि िोिी ि rdquo48उसक विरदध आिाज उठािा अनििायथ ि िमार समाज म सिी िगथ िथा अकलीि दमलि अथिा सिक िगथ सदा स िी शोवषि रिा ि अमिराय ि शोवषि िगथ को शोषण मति कराि क मलए िगथ-सिघषथ का आहिाि ककया ि ि सामाजजक नयाय क मलए रति िािनि को भी अनििायथ मािि ि ि किि ि ldquo समाज म नयाय ििीि ि और सििलि सब तरबगड गया ि और जिा समाज का सििलि तरबगडा िआ िो ििा वयजति का सििलि भी तरबगड तरबिा ििीि रि सकिा अपि दश भारि म यि सामाजजक नयाय सबस कम ि इसीमलए यिा का सििलि सबस िी अधधक तरबगडा िआ ि समाज सबस अजसथर ि अब यि सामाजजक अनयाय जि साधारण क मलए असहय िो गया ि और अब यि परािा ढचरा ककसी िरि चल ििीि सकिा अब या िो यि अनयाय की वयिसथा िधानिक िरीको स नयाय की हदशा म बदलगी या कफर रति-िािनि िोगी rdquo49

अमिराय ि अपि साहितय म शोषण क विरदध सिघषथ का सिर उठाया ि िथा आम आदमी को शोषण स मजति पाि िि सिघषथ करि की पररणा दी ि ि किि ि ldquo साहितय तयो जि चििा का परोधा ि बि उसकी नियिी ऐसी तयो िो िि वयजति क भीिर मसमट कर रि जाय rdquo50

134मानवतावाद

अमिराय की विचारधारा मलिः मािििािादी विचारधारा ि अमिराय क अिसार साहितय रचिा जीिि का यथािथय अिकि ििीि बजलक सचचा साहितय जिचििा का विधायक एिि सिघषथ का परोधा िोिा ि उिका कििा ि कक ldquoयिी जीिि दजषट मझ ndashहरगर- करिी ि यिी चीज जो उतपरररि करिी

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ि rdquo51ि सियि वयजति क कषटो को दर करि िथा उस उनिनि की हदशा म परररि करि क मलए कहटबदध मािि ि - ldquoएक भी किािी ऐसी ििीि ि जजसक भीिर मरा समगर धचति िा बोल रिा िो जो सिसार म अनयाय दखिा ि जो बराई दखिा ि िकलीफ दखिा ि और उसस रतिी भर आिदोमलि या विकषबध ििीि िोिा ि ऐसा लखि मरा ििीि ि मर भीिर लखि का सजि का रस जो निझथररि िोिा ि िि निझथररि िो िी ििीि सकिा जब िक कक उसक साथ किीि कोई सतयअसतयनयायअनयायसिदर असिदर य जो मलभि चीज ि इिका परचि िा जडा िो rdquo इसी मािििािादी विचारधारा ि अमि को ि किल साहितय सजि क मलए परररि ककया बजलक इनिीि माििीय मलयो की सथापिा क मलए उनिोि रासिा बिाया उिकी सामयिादी दशथि म अरडग आसथा का कारण भी यिी मािििािाद ि तयोकक मासथिाद अनििः एिि मलिः मािििािाद िी ि जजसका वििचि अमिराय ि अपि निबिध-गरिथ ndash विचारधारा और साहितय- म ककया ि मातसथ क विषय म ि किि ि ldquo उसकी यि माििीय सििदिा या माििीय सरोकार एक शबद म मािििािाद बिधा लोगो की आखो स ओझल िो जािा ि और उसका धयाि आि परिरिि एक रख ndashसख अथथशासि का रप सामि आकर खडा िो जािा ि जो लोग गलि जगि पर जोर द कर मातसथ को किल आधथथक उनिनि स िी बाद दिा चािि ि िो चाि या ि चाि जाि या ि जाि मातसथ क साथ घोर अनयाय करि ि rdquo53अमिराय मि ि कक मातसथ भौनिकिादी इस अथथ म ि कक िि ककसी हदवय शजति को सिीकार ि करक पदाथथ ( कषनिजलपािकगगिसमीर )की सतिा को िी सतय माििा ि अथथ (धि) का पजक िि कभी ििीि रिा उसि सियि आजीिि निधथििा म िी ऋवष-मनियो की भानि जीिि -यापि ककया अमिराय क साहितय म उिकी मािििािादी विचारधारा सिथि हदखाई पडिी ि ि सियि किि ि ldquo सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मािस को रिगा िमरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा rdquo54

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135यथाथसवाद और सहजता

अमिराय साहितय म यथाथथिाद क समथथक ि ि साहितय को शदध कला ििीि मािि ि िरि उस जीिि एिि समाज क मलए उपयोगी मािि ि उिक अिसार सचचा लखि िो ििी ि जोसमाज को कछ हदशा द सक ि किि ि ldquo आधनिक िो परािा िो सचचा लखि ििी ि जजसम लखक अपि दख िए अपि भोग िए को अपि कलातमक सामथयथ-भर अधधक स अधधक पणथिा क साथ धचतरिि करिा चाििा ि rdquo 55 ि साहितय म अिासिविक अथिा अयथाथथ रपिादी परयोगो को वयथथ मािि ि उिका कथि ि ldquo साहितय क अििगथि रप की अििलिा उसको िनिक भी इषट ििीि ि साहितय को माि अलिकरण या साज-सजजा ि मािि िए िम उस रचिा परकिया का अिग मािि ि और इस िाि उसको परा मिति दि ि पर िम कििा चािि ि कक रप का साथथक परयोग ििी ि जो िसि स सजीि सिदभथ म उसकी अधधवयजति की वििशिा स ककया गया ि lsquoशदधrsquo कला क फर म lsquoशदधrsquo रप क अविषकार म लगी िई परयोगशीलिा ििधया मसदध िोिी ि rdquo56

अमराय साहितय की उपयोधगिा पर विचार करि िए किि ि ldquo उसकी िासिविक साथथकिा इसम ि कक िि अिजाि िी आदमी की िजतियो का सिसकार करिा ि और जो साहितय जजििा िी शरषठ िोिा ि उिि जयादा अिजाि ढिग स अपिा काम करिा ि rdquoअिः लखक का यि किथवय ि कक िि साहितय का सजि अपि पररिश स जडकर कर ि िि कोरा आदशथिादी लखि कर ि िी ककसी ndashिाद- या ndashफशि- क चलि ऐसा यथाथथ धचतरिि कर जो सियि उसक समाज म अविदयमाि िो इसी को उनिोि सिज धरािल पर लखि किा ि किािी क कषि म ि सिज किािी क समथथक बि ि किि ि ldquo ियी किािी की खोज म सिज किािी खो गयी rdquo57ldquo सिज किािी स िमारा िातपयथ उस मल कथा-रस स ि जो किािी की अपिी खास चीज ि और जो बिि सी ndashियी- किी जाि िाली किानियो म एक मसर स ििीि ममलिा rdquo58

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इस परकार अमिराय की विचारधारा समाजिादी एिि मािििािादी ि ि लखि म यथाथथ ि सिजिा क परबल समथथक रि िथा अपिी रचिाओि म सब परकार क शोषण क विरदध विदरोि एिि सिघषथ क सिर को ऊचा उठाया ि

136अधययन एव जीवनानभवो का परभाव

अमिराय की विचारधारा क निमाथण म उिका गिि आधययिधचििि िथा जीििािभि भी उतिरदायी रिा ि शरषठ कथा मलखि का रासिा बिाि िए अमिराय किि ि ldquo म िो उसका एक िी ढिग जाििा ि बड किािीकारो को पढिा उस पढि स िी अचछी किािी का बोध उसकी कछ परसििी अपि भीिर छिकर धथरककरसिधचि िोिी रििी िोगी rdquo59 अिः उनिोि समकालीि साहितयकारो को िो खब पढा िी विगि मिाि लखको को उनिोि अपकषाकि फधधक पढा ndash सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मि को रिगा ि मरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा ि -(विचारधारा और साहितय अमिराय प-18) उनिोि मतसथ लनिि एिगलस सटामलि माओ लकास एिि कॉडिल को खब पढा साथ िी उिक सजि पर रिीिदरिाथ टगोर शरिचिदर चिोपाधयाय परमचिद दोसिोिसकी मोपासाि गोकी का असीम परभाि रिा

परमचिद किा करि थ ldquo िम जीिि म जो कछ दखि ि या जो कछ िम पर गजरिी ि ििी अिभिििी चोट कलपिा म पिचकर याहितय सजि की पररणा करिी ि rdquo60 अमिराय ि भी लखक पर अिभिो क सिज परभाि को सिाकारि िए मलखा ि ldquo जो भी मलखिा ि िि सबस पिल िो आदमी िआदमी की िरि स आदमी की जजिदगी जीिा ि िस िी उसक आसिग-परसिग िोि ि और सिबिध बिि ि जजिदगी उसी िरीक स टकरािी ि उसस आकर उसी िरि उसक अिदर बिि िरि स ररसपानसज आि ि और उि सब क मलए ndashहदए िि मलखिा ि rdquo61 अमिराय क कथा-साहितय म आए िए विचारो ि परसिगो का जजममदार अपि जीििािभिो एिि मि को मािि ि ldquo

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म किानिया मलखिा िजजिदगी क मल म िर दम कछ ि कछ िोिा रििा ि लोग मरि ि जीि ि ििसि ि रोि ि ममलि ि तरबछडि ि ठगि ि ठगजाि ि कछ बाि अपि पर बीििी ि कछ दसरो पर बीिि दखिा ि बिायी िई किानियो स जयादा जािदार और रिगीि किानिया िरदम आखो क सामि िोिी ि बस इििा ि कक अपि मि का रिग इििा चटक िो जाय कक एक बार डबोकर किािी को निकाल मलया जा सक इस किया म िि किािी जो दखी थी कछ की कछ िो जािी ि तयोकक मि क भीिर खद बिि सी किानिया सोयी रििी ि इसी िरि बिि सी किानियो क िायक-िानयकाए सडको पर पाको म मसाकफर खािो म कचिरी और दफिर की गदथ और बोसीदा फाइलो म टिलिनघसटि और रगि ममल जाि ि कभी जयो क तयो ममल जाि ि कभी चार को ममलाकर एक बििा ि और किीि एक को चार म नछिरा हदया जािा ि rdquo62

14 परगततिील आदोलन और अमतराय

अमिराय परगनिशील चििा परारिभ स िी परभाविि रि उिक वपिा परमचिद सियि एक परगनिशील सामाजजक यथाथथिादी लखक रि अमिराय की परािरिमभक रचिाओि यथा ndashिम रखल-मिशी जी मरसथल आहद किानियो म परगनिशील चििा क दशथि िोि ि उिकी किानियो म समाज क निमि और मधय िगथ क शोवषि-जीरडि वयजति िी िायक ि उनिोि उिक दःख-ददथ का यथाथथ धचिण ककया ि

सि 1942 ई0 िक ि मातसथिादी विचारधारा स पणथिः परभाविि िो चक थ और परगनिशील आिदोलि क सिीय कायथकिाथ िो बि गए थ सि 1942 ई0 स उनिोि- ििस- का सिपादि कायथ सिभाल मलया था और ndashििस- को परगनिशील आिदोलि का मख-पि बिा हदया था परयोगिादी परगनिशील किी धगररजा कमार माथर किि ि ndash य जो मिच बिा ििस और य एक वयापक परगनिशील चििा का मिच बिा किर कठमललापि िो बाद म आया उसका भी इनििास टतकर का जो ि िो बाद म आिा ि लककि य िो

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परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

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बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

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अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

29

अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

30

6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

31

इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

32

की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

33

उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

34

अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 3: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

3

पडिा ि अिएि ककसी भी साहितयकार क साहितय को समझि और परखि क पिथ उसक जीिि और वयजतिति पर दजषटपाि करिा िािछिीय ि अमिराय क कथा -साहितय म जो भाििाए और सििदिाए धचतरिि िई ि - ि जजि सिसथाओि मानयिाओि सिसकारोविचिासोचििाओि एिि पररिश स गनिमाि ि ndash उनि समझ तरबिा िम उिक साहितय का उधचि मलयािकि ििीि कर सकि

11 अमतराय का जीवन पररचय

111जनम जनमसथानएव माता-पपता

हििदी क सपरमसदध साहितयकार ि कथा समराट परमचिदजी और उिकी शरीमनि मशिरािी दिी की दो सििाि िई उिम पिला सपि शरीपिराय और दसरा ि छोटा सपि अमिराय ि अमिराय का जनम कायसथ कल म 03 मसििबर1921 ई0 को कािपर म शनििार क हदिकािपर क एक मधयिगीय मिलल म परािःकाल बरहम मििथ की बला म लगभग 500 बज िआ परमचिद क पिथज बिारस क निकट लिमी िामक गाि क नििासी थ िौकरी क कारण परमचिदजी को अिक शिरो म रििा पडिा था सरकारी िौकरी स तयागपि दि क उपरािि कािपर म एक मारिाडी विदयालय क परधािाधयापक क पद पर नियति थ उसी दौराि अमिराय का जनम िआ था

112शिकषा बचपन तथा पाररवाररक वातावरण

परमचिद कािपर की िौकरी छोडि क बाद िापस बिारस आ गय िदपरािि ndashसधा- और ndashमाधरी- क सिपादक क रप म लखिऊ चल गए थ उस ममय अमिराय पाच साल क थ अमिराय की परारिमभक मशकषा ndashदीकषा लखिऊ एिि आजमगढ म अिगरजी माधयम क सकल म िई वपिा परमचिद क बार-बार सथािाििरण क कारण मशकषा क क दर बदलि रि लखिऊ क किजचचयि कॉलज स जड सटीनियल सकल म बालक अमि का दालखला

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कराया गया अमिराय की पढाई चार सालो िक लखिऊ म िई तयोकक परमचिद लखिऊ म चार सालो िक रि

अमिराय क जनम स लकर यिािसथा िक दश की राजिीनि िलचल स भरी थी राजिीनिक उथल-पथल िथा सिििििा क आिदोलि म उिक मािा-वपिा अपि-अपि ढिग स सजमममलि थ उिक वपिा कलम क मसपािी थ जो अपि सिपादकीयो लखो आहद क माधयम स निरििर जि-जागनि एिि दश परम को बढािा द रि थ िथा दश को कमजोर बिाििाली रहढयो पर परिार कर रि थ परमचिद कािगरस की मीहटिग म भी जाया करि थ अमिराय मलखि ि ldquo लगभग िर रोज िी कािगरस की मीहटिग िोिी उसम उिका सरीक िोिा जररी था कभी- कभी लौटि म राि क दस बज जाि rdquo 2 उिकी मा मशिरािी दिी िो लडाई क मदाि म भी उिरीि और दो बार जल गई अमिराय मलखि ि ldquo िोि-िोि महिला िालिहटयारो की सिखया साि स सौ पर पिची ---मशिरािी दिी जो अपि ककसाि अतखडदबिग सभाि क कारण इस बीच अपिी सियि सविकाओि म काफी लोकवपरय िो चकी थी अपिी टोली की कपिाि बिायीि गयीि rdquo3 ि एक ममिामयी सििदिशीलसिापरायण िथा किथवयनिषठ महिला थीि उनिोि यि सब सिसकार अपिी सििािो को भी हदय विशषरपस छोटा पि अमिराय (बनि) मािा-वपिा को अधधक वपरय था अपि अिनिम हदिो म परमचिद ि मशिरािी जी स किा था ldquo बनि को आराम स रखिा इमािदार और िक बिािा rdquo4अमिराय सियि किि थ ldquo बाि यि थी कक म उिका बिि िी चििा बटा था -- अममा म बिि अचछ-अचछ गण थ उिक भीिर एक इसपािी सिकलप था जो मिशी जी क पास ििीि था rdquo5 अमिराय किि ि कक उिक वपिा बचचो को घर पर सियि िी पढाि थ और उिक साथ खलि भी थ अपि बचचो क मलए परमचिद किि थ

ldquo यिी चाििा ि कक िि इमािदारसचच और पतक इराद क िो विलासी धिी खशामदी सििाि स मझ घणा ि rdquo 6ऐसा किा जािा ि कक बालयकाल म पड सिसकार एिि परभाि स मिषय जीिि-पयि परभाविि रििा ि सिि

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एिि सिसकारशील पाररिाररक िािािरण का जो परभाि अमिराय क बचपि पर पडा िि आजीिि उिक साथ रिा

बचपि और ककशोरकाल- ldquoकलाकारो क जीिि म कलाओि क सफरण का काल िोिा ि rdquo 7 अमिराय का कििा ि ldquoम िो परमचिद क साथ पला बढा rdquo 8उनिोि बचपि स िी घर म साहिजतयक गोजषठयो ि चचाथओि को सिा बड-बड लखकीय वयजतितिो की छिछाया म उिका बचपि पलकर जिाि िआ ldquo मिलब सिसकार सार थ और मशकषा का िािािरण था घर क सिसकार क रप म भीिर स जागि सार शरीर क रोआि-रोआि को झिझिाकर जजस परकार की भाषा निकलिी थी अपि अथथ को वयति करिी थी उसी परकार का सिसकार अमिराय को अपि पररिार एिि बचपि म ममली मशकषा-दीकषा का िी पररणाम ि rdquo 9

अमिराय की औपचाररक मशकषा का परारिभ अिगरजी मधयम स िआ था ककि ि घर पर अपि वपिा स उनिोि साथ िी साथ उदथ की मशकषा भी परापि की कचसमय िक उनिोि मौलिी सािब स उदथ पढी थी ि किि ि ldquo लिमी क करीब लालपर िामक एक गािि था एक औलिी जो य िो दजी थ मगर मौलिी भी थ उिका ितका-ितका िर करक जो िरीका था उसी िरि उदथ पढी rdquo10

परतयक साहितयकार का मि बचपि स िी सििदिकषम िोिा ि अमिराय भी इसका अपिाद ििीि ि अपि बचपि की कछ घटिाए उिक मि म अविसमरणीय रप म अिककि ि ि अपि पिथजो क मलसथाि लिमी गाि ndash जिा अपि बचपि तरबिाय - को बिि चािि थ उनिीि क शबदो म ldquo िा िो य समझो कक बिारस शिर स कोई चार मील की दरी पर ि आजमगढ रोड पर आजमगढ को जो सडक जािी ि उसीपर चार चार मील जाकर िमारा गाि पडिा ि और मझ अपि जजस बचपि की याद िइधर िो समझो कक आधी शिाबदी स रिि का इजतिफाक ििीि िआ ििा

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लककि उसक पिल की िमाम समनिया मरी उसी गाि की ि म जस लखिऊ म पढिा था िो गमी की छहियो म सीध िम लोग लिमी आ जाि थ और लिमी म मर िमाम दोसि थ और अब उिम स जयादािर लखसक चक ि जयादािर तया लगभग सभी लखसक चक ि बराबर आिा जािा रिा ि म रि ििीि पया कभी rdquo11 इसस सपषट ि कक लिमी स अमिराय का ककििा लगाि था

वपिा क साथ िापस बिारस आ जाि पर उनिोि पिल दयाििद सकल म ितपचचाि तिीनस कॉलज म मशकषा परापि की सि 1934 म जब परमचिद मिबई गए िब ि अपि बड भाई शरीपिराय क साथ इलिाबाद म बोरडग िाउस म रिकर पढ सि 1936 ई0 म उिक वपिा परमचिद का दिािि िो गया जजसस जीिि म भीिर ndash बािर दोिो ओर सिधषथ पणथ जसथनि रिी सिधषो क बािजद अधयि और लखि की ओर उिका झकाि बढिा िी गया हदसिबर 1936 म उिकी परथम ियसक रचिा ndashभारि- म परकामशि िई थी जो ndashकसाई- िामक रखाधचि था उस समय उिकी अिसथा 15 िषथ की थी इसस पिल भी उिकी किानिया- बालसखा- बालक -िािर और ndashमशश- आहद बाल पतरिकाओि म परकामशि िो चकी थीि इस परकार बारि-िरि िषथ की अिसथा स िी उनिोि मलखिा परारिभ कर हदया था सि 1938 ई0 म बिारस स इिटरमीरडएट की परीकषा उतिीणथ करक ि इलिाबाद म ि मयोर िॉसटल म रिि थ जिा परायः परनिभाशाली छाि िी रिा करि थ ldquo उनिीि को उसम लि थ अमरिाथ झा अमरिाथ झा उसक िाडथि िआ करि थ सबस बड rdquo

12 मयोर िॉसटल ( अब जजसका िाम अमरिाथ झा िॉसटल ि ) का िािािरण िौकरशािी की ओर दौडििाला था जिा अधधकािश छाि आधनिक ढिग की िश-भषा धारण करि थ ििीि अमिराय नििािि सिज साधारण वयजति की िरि रिि थ ndashढीला-ढाला पजामा-किाथ और चमरौधा जिा पििा करि थ ि किि ि ldquo िा चमरौधा जिा जजस पििि ि गािि क दिािी िि म पिििा था कपड धोकर पििा करिा था उि लोगो ल मरी चल ििीि बठिी थी और िभी स मर मि म गािधीजी स जयादा गाधीिाद क सिबिध

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म कछ शिकाए कछ सिाल पदा िोि शर िो गय rdquo13 इसी समय मातसथिाद स परभाविि िय और उसका गिि अधययि ndashमिि करक उस एक पणथ जीिि-दशथि जीया और उस विचार धारा को अपिाया सि 1940 म बी0 ए0 की परीकषा म उनि इलिाबाद विचिविदयालय म परथम सथाि परापि िआ और छाििजति भी ममली सि 1942 म उनिोि अिगरजी विषय म एमए परथम शरणी म पास ककया

113पववाह एव सततत

परगनिशील लखक सिघ की एक शाखा जबलपर म सथावपि करि क उददचय स यशसिी किनयिी सभदरा कमारी चौिाि स ममलि गय ििा उनि उिकी सपिी सधा चौिाि ममलीि बाद म अपरल 1945 म उिका परम वििाि सधा चौिाि क साथ अतयिि सादगी परण िािािरण म सिपनि िआ ि किि ि ldquoकल ममलाकर पाच छः लोगो की थी य बाराि और रामािजलाल जी शरीिासिि क घर एक कमर म य िी बडा उखडा-पखडा सा मामली सा कमरा था उसम ठिरा दी गई--- और शादी का जो रजजसरार िोिा ि उसको बला मलया था ndash और उसि िम लोगो की शादी करा दी rdquo 14 वििाि क कछ समय पचचाि ि इलािाबाद म आकर बस गय थ उिक दो पि आलोकराय एिि अममि छोटा अममि की सि 1966 म रति कनसर क कारण ददथिाक मतय िई

अमिराय उि हदिो पाटी का कायथ बडी लगि स ककया करि थ जजसका उददचय िा दश म राजिीनिक एिि सामाजजक दोिो सिरो पर िािनि लािा ndashजिा सबको सििििा क विकास का अिसर परापि िो ि कोई शोषक िो ि कोई शोवषि lsquoििस rsquo की सामगरी भी सामयिादी पाटी क कयाथलय म बठकर चिी जािी थी ि मलखि ि ldquoजब म सिपादक िआ िब म जरर सारी सामगरी लकर लखिऊ जािा था और बारदखाि म कमयनिसट पाटी क दफिर म मरी रामविलास शमाथ की और मशिदाि की बठक िोिी थी इसम

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य सारी सामगरी ओक की जािी थी rdquo 15 इस परकार ndashििस- भी िािनि का माधयम बिा

सि 1951 म ndashभारि सरकषा कािि- (जो बाद म अिध धोवषि ककया गया था) क अििगथि इलािाबाद म उनि पकड मलया गया और चार माि िक जल म रििा पडा था -बीज-उपनयास का बीज कारािास म िी अिकररि ि विकमसि िआ था बाद म धीर ndashधीर पाटी म गटबाजी िथा िचाररक सिकीणथिा स कषबध िोकर ि सिीय राजिीनि िथा पाटी स अलग िो गय दस की दररदरिाभरषटाचारराजिीनिजञो की सिाथथपरिा आहद दखकर उिका मि सदि आिोश स भर उठिा था जजसकी अमभवयजति उिकी रचिाओि म निरििर िई ि

साहितय सिा िी उिक जीिि का एक माि धयय बिा साहिजतयक पररिश िो उिको जनम स िी विरासि म परापि िआ था उिक ऊपर सिाथधधक परभाि अपि वपिा परमचिद का पडा इसक अनिररति अनय अिक साहितयकार एिि कलाकार उिक अमभनि ममि थ जिनदर जी परमचिद क जीिि काल म और उिकी मतय क बाद भी बिि हदिो िक उिक बिारस घर म िी रि ि मलखि ि ldquo िमार पररिार म उिकी जसथनि सिज िी बड भाई की सी िो गई थी अममा ि बड पयार स उिको अपिा सबस बडा लडका माि मलया था rdquo 16 मिादिी िमाथ का सिसगथ भी उनि लमब समय िक परापि िआ ि किि ि ldquo म िो सि 38 म इलािाबाद आ गया और मर छािािास क तरबलकल पास िी उिका घर था खब ममलिा बठिा शर िो गया rdquo 17 सधाजी स वििाि क बाद ि भी उिक निकट आ गय थ ि अजञय जी स क साथ भी रि उस समय 14 ििबर बजसटगस रोड पर जिा शरीपिराय रिि थ कई लोग साि रिि थ ldquoपरा गरप िी था बरिभषण अगरिालिममचिदर जिअचक भी आ कर रि थ परभाकर माचि थ आशा दा (डॉतटर आशा मकल दास) बउहद और उिक दो बट सभी लोग थ rdquo 18सि 1948 म जब शरीपि जी वििाि करक अलग अपि बिगल म चल गय िब य

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लोग अमिराय दिारा खरीदी गई 18 नयाय मागथ पर बिी इमारि म आ गए जजस बादम िोडिाकर अमि जी ि अपिा ndashधप-छाि ndash बगला बििाया था परिीक ndash जजसका सिपादि अजञय जी करि थ यिीि स निकलिा था अमिराय किि ि ldquo परिीक- म मर और उिक बीच जो िचाररक दरी थी िि भी सामि आयी और ndashसिािभि- को लकर मरी-उिकी बिस ndashििस- और ndashपरिीक- क सिपादकीयो म िई rdquo 19

अमिराय ि हििदी म परकामशि परमचिद की अिक आरिमभक लपिपराय रचिाओि अििादो िथा उिक पि-वयििार को खोज निकाला और परकामशि ककया लगभग 2500 पषठो की यि िई परमचिद-सामगरी जजस अमिराय ि परकामशि ककया निमिमललखि ि ndash 1 ndashगपिधि- शीषथक स परमचिद की आरिमभक किानिया 2 मिगलाचरण- शीषथक स परथम चार उपनयास 3 ndashधचटठी-पिी- शीषथक स पि िथा 4 ndashशब-ए-िार- शीषथक स मरीस मिरमलिक क िाटक ndashफोिामारा- का अििाद य रचिाए अमिराय क परयासो स िी हििदी जगि क सामि आयीि -सि 1936 क बाद कछ अतयिि सिघषथ पणथ िषो क बािजद शरीपि और अमि ि अदमय जजजजविषाआपसी समझदारी िथा वपिा की साहिजतयक विरासि को सिभालि की वयिसानयक सझ-बझ क बल पर िि सथावपि ककया जजस अचछ अथो म lsquoपरमचिद सामराजयrsquo किा जा सकिा ि ldquoआज परमचिद की जो खयीनि िउसक पीछ अिशिः शरीपि और अमि का योगदाि भी ि कक उनिोि अपि वपिा की पसिको को जीविि उपलबध और परसाररि रखा rdquo20

अमिराय को अपि जीिि की परौढािसथा म एक ककशोर पि क निधि का दारण शोक भी सििा पडा उिका अटठारि िषथ का छोटा पि अममि(ममथि) रति कनसर का मशकार िोकर आठ मिीि दारण कषठ झलकर जि 1966 ई0 म मतय को परापि िआ इस आघाि ि उनि हिलाकर रख हदया था ककि ि उिक कमथ जीिि म मशधथलिा ििीि आई

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उिक हरदय की अथाि पीडा उिक lsquoसख-दखrsquo िामक उपनयास म अमभवयति िई ि शोक-गीि जसा यि उपनयास अपि आपम एक अिठी रचिा ि

114पवदि यातरा

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश -यािाए की सि 1952 म ndashविचि शािनि सममलि ndash म भाग लि क मलए चीि-यािा की सि 1965 म जमथिीबलगररया और सोवियि सिध की यािा की सि 1972 म रमानियाििगरीसोवियि सिघइिगलड फािस और इटली की यािा की सि 1978 ई0 म पिः यरोप की यािा की

115परसकार एव सममान

अमिराय कोउिकी उललखिीय ि अिलिीय साहितय सिा एिि साधिा क मलए उनि अिक परसकारो स परसकि भी ककया गया सि 1957 ई0 म लखको क ऐनििामसक lsquoसाहितयकार सममलि rsquo का उनिोि आयोजि ककयाजजसम चार पीहढयो क लखको दिारा परनिनिधधति ककया गया इसी िषथ उनि lsquoसपाटथकसrsquo क हििदी अििाद lsquoआहद विदरोिी rsquo क मलए भारि सरकार क ndashिषथ क शरषठ अििादक परसकार स सममानिि ककया गया सि 1971 ई0 म उनि ndashसोवियि लड ििर -परसकार परापि िआ सि 1973 ई0 म ि साहितय अकादमी की सामानय सममनि और कायथ सममनि क सदसय बि इसी िषथ ि lsquoिशिल बक रसट क नयासीrsquo िथा lsquoसोवियि लड रिर परसकार सममनिrsquo क भी सदसय बिाय गय सि 1977 म समाज भाषा ितजञानिक शोध योजिा पर कायथ करि क मलए ििर फलोमशप स परसकि ककया गया सि 1987 ई0 म उतिर परदश हििदी सिसथाि दिारा ndashसिसथाि सममाि- िथा 1989 ई0 म भारिीय अििाद पररषद दिारा lsquoदवििागीश परसकारrsquo स उनि सममानिि ककया गया

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116मतय

सि 1996 ई0 म 75 िषथ की आय म लगभग दो माि िक पकषाघाि स गरसि रिि क बाद 14 अगसि क हदि इलािाबाद म साहितय का यि अिथक सिी कमथयोदधा रचिाकार अमिराय इस लौककक सिसार स सदा क मलए विदा लकर परलोक चल गय

वयकतततवndashसजथक वयजतिति क निमाथण म सिायक घटिाए जस पिथ सिसकार

बचपि क सिसकार पाररिाररक सामाजजक सािसकनिक आधथथक राजिीनिक धाममथक पररिश इतयादी का कलाकार एिि सजथक क वयजतिति पर गिरा परभाि पडिा ि वयजति अगर साहितयकार िो िो उसक वयजतिति म ककसी ि ककसी रप म उसक वयजतिति की झलक अिचय हदखाई दिी ि साहितय और साहितयकार दोि एक िी ििनिमाथण परकिया क दो पिल ि इस दजषट स साहितयकार कनिति क अधययि क मलए उसक वयजतिति का अधययि मितिपणथ िोिा ि

परािी पीढी क साहितयकार िोि िए भी सििितरयोतिर काल म पररिनिथि िए मलयो की सथापिा करक कई यगीि पररजसथनियो क अिसार वयजति और समाज का सिबिध कफर स सथावपि करि म विषण परभाकरजी का योगदाि विशष मितिपणथ रिा ि ि सामाजजक जीिि की विविध समसयाओि को लकर मलखििाल साहितयकार ि यथाथथ का सकषम निरीकषण

अिकि इिका लकषय रिा ि जजसम उिकी मािि क परनि सिािभनि भी बराबर बिी रिी ि उिक उपनयासो ि किानियो और समसि साहितय म वयजति और समाज इस परकार घल-ममल गए ि कक दोिो की पथक सतिा-सिीकनि कहठि ि उिक सजि का मल सिर मिषय की पिचाि और िर परकार क शोषण क लखलाफ आिाज उठाि का ि

ldquoवयजतिति शबद पसथिमलहट ( Parsonality ) लहटि शबद lsquo पसोिा lsquo

(Parsona ) स बिा िआ ि lsquo पसोिा lsquo का अथथ ि lsquo मखौटाlsquo गरीक कलाकर

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रिगमिच पर अपिी पिचाि नछपाि कमलए मखौट का परयोग ककया करि थ आग चलकर lsquoपसोिा lsquoशबद का अथथ बदल गया मिषय दसर को कसा हदखाई दिा ि इस अथथ म धीर-धीर पसोिा शबद का रपानिर पसथिॉमलहट अथाथि वयजतिति क रप म मलया जाि लगा rdquo21

ldquo वयजतिति शबद भाि िाचक सिजञा ि वयजति क कषि म जजि गणो या विशषिाओि का समािश िोिा िि सब वयजतिति क अििगथि आि ि अथाथि वयजति की मिति पणथ विशषिा उसका वयजतिति ि वयजति की ऐसी विशषिा उस दसरो स अलग बिािी ि ककसी वयजति की विशषिाओि का समदाय िी वयजतिति ि rdquo22

मािक हििदी शबद कोश क अिसार ndashldquo वयजतिति शबद वयजति क यगम स बिा ि जजसका अथथ ि- वयजति िोि की अिसथा या भाि rdquo 23 ककसी वयजति की निजी विमशषट कषमिाए गणपरिजतिया आहद जो उसक उददचयोकायो वयििारो आहद म परकट िोिी िऔर जजिस उस वयजति का सामाजजक रप जसथर िो जािा ि

वयजति क मिोभाि एिि विचार उसक कायथ िथा िाचक आिधगक कियाओि म िाि-भािो म परकट िोि ि साथ िी वयजति का मि सामाजजक सािसकनिक पररिश स सिसकाररि िोिा ि य सिसकार भी उसक किया कलाप

िाि-भािो म अिायास वयति िोिा ि वयजतिति वयजति क अनिरनिहिि गणो का परकामशि रप ि उस वयति करि की कषमिा को िी lsquo वयजतितिrsquo किा जािा ि

हििदी विचि कोश क अिसार- वयजतिति की अिधारणा इस परकार दी गई ि ldquoवयजतिति शबद ककसी वयजति क सामाजजक उददीपक मलयो क सचक रप म परयोग ककया जािा ि rdquo24 इसस िातपयथ उस सिपणथ परभाि स ि जो एक वयजति दसर वयजति पर डालिा ि उददीपक क रप म कियाओि का भी सिि परभाि पडिा िजजिका िि अनय वयजतियो क बीच उपिम करिा ि

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य पररणातमक शजतिया ऐस पररििथि उतपनि करिी िजो उसक अपि अनय वयजतियो और जसथनियो क परतयकषीकरण को परभाविि करि ि दसर शबदो म वयजति आतम पररकषण करिा ि िथा बाहय जीिि सिगठि एकिा और जसथरिा उतपनि करक अपिा अनिियजतिक सिभाि म अपिी आतमधारणा का विकास करिा ि

वयजतिति म अिक शारीररक एिि मािमसक विशषिाओि का समािश ककया जािा ि वयजतिति का वयापक िति ि अिः िि शरीर स लकर उसक माधयम स समसि कायो म वयापि रििा ि वयजतिति परमख रप स सामाजजक एिि जविक घटिाओि स सजजथि िोिा ि ठीक उसी परकार सामाजजक घटक ि पररिश वयजतिति निमाथण म सिायक िोि ि ििश और पाररिाररक जसथनियो का वयजतिति निमाथण म बिि बडा योगदाि िोिा ि वयजति का वयजतिति पररजसथनियो क परभाि स विकमसि िोििाली पररििथिशील ि गनिमाि परकिया ि सामाजजक एिि सािसकनिक िािािरण क परभाि स वयजतिति का विकास िोिा ि वयजतिति वयजति क समसि बाहय एिि आििररक गणदोषो का अमिथ रप ि इि गणो क समचचय का परकाशि उस वयजति क विचार और वयििार की विमशषट शमलया िथा जीिि क परनि उसक दजषटकोण स िोिा ि जजस परकार फलो म सगिध िोिी ि उसी परकार वयजति म वयजतिति अििभथि ि साधारम वयजतियो का वयजतिति उसकी मतय क पचचाि भी उिकी कनियो विचारो क दिारा यग-यगो िक छाप बिाय रखिा ि

सजथक वयजतिति ndashपरतयक सजथक वयजतिति म परनिभा मितिपमथ िोिी ि साहितय कनियो म साहितयकार का वयजतिति परसिगिः कछ मािा म अिायास परनितरबजमबि िोिा ि रचिाकार क अिम का सिसकार उसकी आतमामभवयजति क रप म वयति िोिा ि रचिाकार का अिम समाज क सामहिक अिम क साथ िादातमय िोकर उसक आिनद का कारण बििा ि रचिाकार का वयजतिति यग पररिश स परभाविि िोिा ि उपरोति सभी

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इकाइयो स ममल-जलकर हदवय परनिभा स निखरकर साहितयकार का वयजतिति विकमसि िोिा ि

वयजति क कछ बाहय एिि आििररक ितिो स वयजतिति का निमाथण िोिा ि इि ितिो को वििचि वयजतिति निरपण म अनिभथि ि लखक का पररिारपररिशसिभािपरिजतिया यगीि िािािरण जीिि म ममलििाल अिसर िाथ स कफसल िए सििर कषणकछ गलनिया कछ कमजोररया कछ कषमिाए कछ सबलिाएजीिि मलय दजषटआदशो क परभाि आहद अिभिो स बििए दजषटकोण स लखक का माििीय वयजतिति निमाथण िोिा ि यि वयजतिति समाज और साहिजतयक दानयति स परनिबदध सजग िोकर एक सािीतयकार का सजथक वयजतिति भी बिािा ि साहितयकार का निजी वयजतिति साहितयकार का वयजतिति क सामिजसय स बिा िआ एक विलकषण वयजतिति िोिा ि वयजतिति वयजति क गणो-अिगणो भािो-अभािो क साथ उसकी सिििि सतिा को सधचि करिा ि उसकी यि सिििि सतिा वयजतिति क निमाथण म सिायक िोिी ि वयजति अगर साहितय रचिाकार िो िो निचचय िी उसकी लखिी पर उसकी झलक सपषट रप स हदखाई दिी ि

अमिराय परमचिदोतिर पीढी क उि साहितय क उनिायको म स थ जो लगभग चौथ दशक स अिनिम दशक िक निरििर सजिशील थ 70 िषो क साहिजतयक जीिि म उनिोि हििदी साहितय क भणडार को अपिी अमलय रचिाओि स समदध ककया ि अमिराय ि जीिि को जसा जजया और दखा िसा िी धचतरिि ककया ि सदाबिार लखक िी ििीि बजलक सदा जीििि और सदा सजग लखक भी थ उिकी कीनिथ को कोई धममल ििीि कर सकिा उिका साहितय उिक जीिि का परनिरप ि जजसस उसम एक शजति एक ऊजाथ आ गयी ि यि उिकी विशषिा ि कक उिक वयजति और साहितयकार म अििविथरोध ििीि ि िासिि म यि एकरपिा साहितयकार को अमर बिािी ि यायािरी सिभाििाल अमिराय दश क कोि-कोि म निरििर भरमण करि िए जि समाज सिसकनि दश ि भाषा स एकाकार िोि क िम म

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निरििर सतय की खोज म सिलगि रि इस खोज क पीछ मािििा क कलयाण की भाििा सजनिहिि थी अपिी दीघथ रचिा - काल क कारण ि िर िई पीढी स जड रि उसस सीखि रि और सियि को बदलि रि साहितयकार का यि निरििर िया बि रििा और समाज की धडकिो को पिचाििा और समझिा उस जीििििा और साथथकिा परदाि करिा ि ियी पीढी और समकालीि रचिा- सिसार स अमिराय की इस सिबदधिा ि जिा उनि पविि उजजिल एिि मिगलमयी मनिथ क रप म लोकवपरय बिाया ििाि सतिा ndash परनिषठािो स दर रिकर ि अपि सिधषथशील चररि एिि शील को सरकषकषि रखि म सफल िए उिक इस वयजतिति ि उिक साहितय को भी उसी रप म सिघषथशील िथा मिगलमय बिाकर महिमामिरडि कर हदया ि अिः उिक वयजतिति एिि कनिति स अिगि िोिा अपि म एक अिभि ि

एक िलदशी निमथल जल सा खल वयजतिति का आलोक विसिार जसा गोरा-धचिा अकलिकछरिरा साफ आइि सा शरीर िस िी मति ठिाकदारििाओि िक गजािी िसी िसा िी निवयाथज वयििार एक पारदशी मिममथशीलआतमदाि भरा आचिजसि भाि िति पर िज-िराथर परनिकियाओि का ममजाज भी अििर का भरा ठिराि भी ldquo जस सिसकनि की अिक धाराए यिा आकर ममल गयी ि उसी िरि की सािसकनिक परिपरा और आधनिकिा सामाजजकिा और ियजतिकिा हििदी ndashउदथ और अिगरजी का ममलि तरबिदअमिराय का वयजतिति rdquo25 परकनि स उनि अटट परम था माहट का मोि उिक शबदो म दलखए ldquo म कभी कलपा िी ििीि कर पािा कक ककसी मिािगर म एक छोट ndashस अपाटथमट म ऊपर रि- छठ माल पर म ििीि रि सकिा िम िो एक छोटी सी कहटया फस की िी द दो लककि उसक साथ जरा-सी जमीि िो और ममिी िो rdquo26 इसमलए उिका विशाल बिगला ndashधप-छाि- सकडो िरि क लिा ndashकि ज फलपड-पौधो स आज भी नघरा िआ ि

उिका वयजतिति अििमथखी और बहिमथखी दोिो का समनिय था उनि अपिा परदशथि करिा या ककसी िरि की आतमचलाघा बिि घहटया काम

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लगिा था परकाशि स पिथ ि अपिी रचिाए ि कीसी को पढिाि थ ि सिाि थ एक माि वयजति जो उिकी रचिाए परकामशि िोि स पिल पढ लिा था- िि थी उिकी पतिी सधा जी एक बार इलािाबाद क विदयाथी जीिि म उनिोि मिादिी जी क ndashअिीि क चलधचि- की समीकषा की जजसम जी खोलकर उसकी परशिसा की थी समीकषा एक अिगरजी पतरिका म परकामशि िई ककि ि उनिोि मिादिी जी को ि िो िि पतरिका हदखायी ि उसक बार म बाि िी की ि बिि सिकोची सिभाि क थ उनि यि भी पसिद ि था कक लोग उिका सममाि परमचिद का पि िोि क कारण कर सभाषमखोपाधयाय की पतिी गीिा जी मलखिी ि ndash अमि कलकतिा स इलािाबाद लौट रिा था ldquo एक यािी सजजि ि अपिी बटी को अमि क आरकषकषि बथथ पर बठ हदया था बार-बार अिरोध करि पर भी ि उस बथथ को छोडिा ििीि चािि थ और यि दािा कर रि थ कक िि उनिीि का ि मझ ऐसा लगा कक यहद मि कछ ििीि ककया िो अमि इििा सिकोची जीि ि कक िि फशथ पर बठ कर इलािाबाद िक चला जाएगा पर अपि बथथ की माग ििीि करगा मि उस रडबब म बठ मसाकफरो को जब बिाया कक य परमचिद क पि ि िो बड आदर क साथ उनिीि लोगो ि उसकी बथथ खाली करिाि म भममका निभाई थी rdquo27

अमिराय क हरदय म बचपि स िी अपि माि-वपिा क परनि अतयिि शरदधा एिि परम था परथम बार मािा-वपिा स दर इलािाबाद पढि जाि समय ि रो उठ थ ldquo बनि िो िम िीिो क पर छिा िआ रोिा िआगाडी स उिर गया rdquo28 अमिराय का बचपि का िाम बनि था बचपि स िी ि बड दयालसहरदय एिि सििदिशील थ उिकी मा मशिरािी दिी क शबदो म ndash मरी किारी का छोट बचचा आग म जल गया उसक सार बदि म मलिम पिा िआ था कपड भी गिद िो गय थ मरा छोटा बचचा बनि उस किीि बािर पा गया उस दखकर बनि को दया आई िि उस पचचो को जीि पर स दोिो िाथो का घोरा बिाकर अिदर लाया ldquo बोला ndashअममा इस कछ खाि को दो उस बचच का बदि दखकर मर रोगट खड िो गय rdquo29 बालक अमिराय क बचपि म िी उिक वपिा ि उि भविषय की सिभाििा दख ली

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थी ldquoयि लडका बडा दयािाि मालम िोिा ि भलाउस िि कस लाया ndash भगिाि इमस जीविि रख िम दखिा िमिारा राम यि रोशि करगा rdquo30

बालक जजस पाररिाररक पररिश म जनम लिा ि जजस चार दीिारी म उसका शशिबचपि एिि ककशोरािसथा बीििी ि ििा क िािािरण की सपषट छाप उसक वयजतिति पर आिचयक रप स अिककि िो जािी ि अमिराय ि अपि वयजतिति क बारम किा ि ldquo किा-किा स आदमी को तया-तया ममलिा ि लककि य ि कक म सचमच भीिर स बिि िी साधारण और सिज ि मर पास ि िो बिािट ि और िा म बिािटी लोगो को पसिद करिा ि rdquo31तयोकक ldquo रचिा अनििायथ रपण रचनयिा क वयजतिति स सिबदध िोिी ि rdquo32

अमिराय सबको बराबर मािकर चलििाल वयजति थ ि सियि किि ि ldquo लककि म बदककसमिी स ि िो ककसी को अपिा चला बिा सकिा ि और ि ककसी का चला बि सकिा ि मझको किल बराबरी का सिबिध आिा ि rdquo33 उिक जजिि भी ममि थ उिस उिक नििािि सिज पाररिाररक सिबिध थ ि अपि सहरदजिो का माि रखि क मलए जो उनि िापसिद िोिा िि भी कर लि थ गीिा जी मलखिी ि ldquo अमि और सधा दोिो शाखािारी थ पर िम खश करि क मलए अमि कभी-कभी मछली खा लिा उस यि पिा था कक सभाष मछली क तरबिा ििीि रप सकि िि भोजि बडी रची स करिा rdquo34 रािगय राघि स अपिी िलिा करि िए अमिराय ि अपि सिकोची सिभाि क विषय म सियि भी मलखा ि ldquo मर अपि मसमट ndashमसमट सििभाि स उसका मल ििीि बठिा था अपि को बािर फ क सकि औरो क साथ घला ndashममला दि क इस गण का म बिि आदर करिा ि rdquo35

ि अपि विचारो पर सदि दढ रि यहद कोई उिकी विचारघारा अथिा आसथा पर अिधचि आपकष लगािा ि िो ि उसका मििोड जिाब दि म सिकोच ििीि करि थ उनिोि मलखा ि ldquo म यो निजी मामलो म िो बिि शािनिपरमी आदमी ि थोडा दबकर भी बिि स झगडो दरगजर कर जािा

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ि लककि विचारो की दनिया म उपिी आसथाओि को विचिासो को जरा जयादा िी मजबिी स पकडिा ि इसमलए उस पर कोई आिमण ििीि सि सकिा और ि ििा पर ककसी िरि का समझौिा करिा मझ पसिद ि rdquo36 ऐस अिसरो पर दो-दो घिट लगािार भाषण द डालि थ अमभयोग का उतिर दि समय भी ि िसी हदललगी क साथ िलक-फलक अिदाज म िी भाषण हदया करि थ जजसस शरोिा भी आििदपिथक रस लकर उिकी बाि सिा करि थ यि उिक वयजतिति का बिि बडा िमशषय था ि ऐस निरमभमािी कलाकार थ जो दसरो की कला ि दसरो क गणो का बिि आदर करि थ डॉ रामविलास शमाथ ि उि पर िथा रािगय राघि रािल सािकतयायि आहद अिक परगनिशील लखको पर lsquoटटपजजया समाजिादीrsquo िोि का आकषप लगाया था ldquoसाहितय म सियति मोचाथ ndash पसिक मलखकर इसका उनिोि मििोड जिाब भी हदया था ककि ि ि शमाथ जी की इस एक कमी को सिीकार करि िए उिक अनय गणो की परशिसा करि थ rdquo37

13पवचारधाराएव परभाव

अमिराय ि अपिी कनियो पर िए विचारधारा क परभाि क सिदभथ म मलखा ि ldquoजजस िगथ स कलाकार जनम लिा ि उसक लौककक दजषटकोण क अिसार उसकी एक विचारधारा जनम स िी बि जािी ि अगर उसक सिरकषक भी उसी िगथ क िए िो िि मा क दध क साथ गरिण ककए िए अपि जीिि क दजषटकोण स परी िरि सििषट रिगा और उसको अपिी कनियो म अमभवयति करगा rdquo38परतयक साहितयकार पर परतयकष या परोकष रप स ककसी ि ककसी विचारधारा का पभाि अिचय िोिा िी ि अमिराय क शबदो म ldquo जिा रचिाकार को सचिि रप स अपिी विचारधारा का पिा ििीि िोिा ििा भी विचारधारा िो रििी िी ि रचिा पर अिजाि िी उसका समािश िो जािा ि विचारधारा किीि सििदिा बिकर आिी ि और किीि परसिगिः रचिाकार की माििीय परनिकिया बिकरrdquo

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131सामयवादी पवचारधारा

अमिराय ि निबिध lsquoविचारधारा और साहितयrsquo म सपसट सिीकर ककया ि कक ldquo मरी विचारधारा सामयिादी ि या यो कि लीजजए कक मझ पर सामयिादी विचारधारा का गिरा परभाि ि rdquo40 सि 1943 ई0 म उनिोि सामयिादी पाटी की सदसयिा गरिण की िथा मजदर ndashयनियि क मििी भी बि थ -बीज- उपनयास िथा ndashपारजाि क फल ndashआहद किानियो म उिकी सामयिादी विचारधारा सपसटिः सामि आई ि ककि ि ककसी भी विचारधारा या lsquoिादrsquo का अिधािसरण करि का ि विरोध करि ि ldquo जब-जब और जिा-जिा अिधािसरण की ऐसी कोई िीनि बरिी या अपिायी गयी ि विचार मर गया ि साहितय मरगया ि किल पररपाटी का रहढबदध लखि िआ ि rdquo41

सामयिादी पटी का सदसय रिि िए भी ि अपि ढिगस कछ अलग-अलग-सा भी सोचि रि और कदाधचि इसका कछ मलय भी उस चकािा पडा तयो कक सामदानयक धचििि परकतया मशविरबदधिा मागिा ि ि किि ि ldquo

मरा मि जसा कचछ बिा था िसी मसविरबदधिा मर मलए कभी सिभि ि िो पायी पर मझ कोई खद ििीि ि तयोकक मझ लगिा ि कक अिििः अपिा वििक िी सबस अचछा जीिि-सिचर िोिा ि rdquo42उनिोि मातसथिाद का गिि अधययि -मिि करक उस अपिी विचारधारा बिाया ि अपि समाज का अधययि करक अपि मिि-धचििि की कसौटी पर अचछी िरि परखकर और अपि मि क भीिर डबकर अचछी िरि टटोलकर जजस बाि को सिी जािि थ उसी को सिीकार करि थ उनिोि बािर क ककसी अिकश को कभी सिीकार ििीि ककया उिका मि ि ldquo यि अिशासि और अिकश रचिाकार क अपि वििक क भीिर स आिा चाहिए rdquo43

अमिराय ि कछ िषो क पचचाि सामयिादी पाटी स सिबिध िोड हदया था ककि ि सामयिाहद विचारधारा म उिका विचिास आजीिि रिा ि मलखि ि ldquo मर मलए विचारधारा कछ दसरी चीज ि उस आदमी मजबिी स

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पकडिा ि िि समपथण मािगिी ि उसक मलए निषठा चाहिए गिरा आििररक विचिास चाहिए उसी निषठा और गिर विचिास म स सब िरि क अभािकषट नििदाअपमािजलयाििा सब कछ सिि और जररि पडि पर अपि पराण िक द दि की िाकि आिी ि जिा य निषठा और समपथण और अकि ठ विचिास ििीि ि ििा कफर विचारधारा कसी जसी िई िस ि िई rdquo44

132गाधीवाद का परभाव

परारिभ म अमिरायकालीि समाजपर गाधीजी छाए िए थ अिः सपषट ि कक अमिराय की धचिििधारा पर गािधीिाद का गिरा परभाि लकषकषि िोिा सिाभाविक िी ि ldquo मरा िो काल (सि 1942-44) भयिकर गाधी भजति का था rdquo45 अिः उिकी रचिाओि म खासकर ndashबीज-उपनयास म मातसथिादी विचारधारा की गिराई म गाधीिादी विचारधारा क िति एिि सामाजजक मसदधािि जस मदयनिषध िगथ बद विरोध सिदशी राषरीय मशकषा वपछडो का उतथाि हदखाई दि ि

133मातससवादी चचतन का परभाव (वगस सघरस)

सि 1950 क उपरािि अमिराय मातसथिादी पाटी क सिीय सदसय बि गय मातसथिादी धचििि ि उि पर जाद कर हदया था इसमलए ि उस अधधक पसिद करि थ ldquo म मातसथिाद स पयार करि लगाथा rdquo46 ि उस जीििसमाज और सिसार बदलि का असि मािि ि ldquo मातसथिाद स अहदक जीिििअधधक िािनिकारी अधधक लोक कलयाणकारी मबलकअधधक सचचािाद दसरा ििीि rdquo47पररणामसिरप उिका परा साहितय मातसथिाद क दििदिातमक भौनिकिादी दशथि पर आधाररि ि सामयिादी और मातसथिादी दशथि समाज म समिा और नयाय की सथापिा कमलए िगथ सिघषथ को अनििायथ माििा ि िमार समाज म दो िगथ निरििर रि ि ndash एक शोषक िगथ और दसरा शोवषि िगथ अमिराय किि ि ldquoमटठी भर पजीपनियो दिारा लाखो ndashकरोडो लोगो का आधथथक शोषण एक भयिकर अनयाय ि और उसक

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विरदध परनििाद का सिर भरपर उठिा चाहिए इस अथथ-वयिसथा स सीध-सीध या परोकषिः जडी िई असिखय दसरी विषमिाए विकनियाअनयायदराचारएक स एक भयिकर अपराधजजिका एक फलिा-फलिा सामराजय ि और जजिको िम अपि आस-पास िरदम िोि दखि ि और जजिस िमारी माििीय सििदिा परकतया जडिी ि कषबध और आिदोमलि िोिी ि rdquo48उसक विरदध आिाज उठािा अनििायथ ि िमार समाज म सिी िगथ िथा अकलीि दमलि अथिा सिक िगथ सदा स िी शोवषि रिा ि अमिराय ि शोवषि िगथ को शोषण मति कराि क मलए िगथ-सिघषथ का आहिाि ककया ि ि सामाजजक नयाय क मलए रति िािनि को भी अनििायथ मािि ि ि किि ि ldquo समाज म नयाय ििीि ि और सििलि सब तरबगड गया ि और जिा समाज का सििलि तरबगडा िआ िो ििा वयजति का सििलि भी तरबगड तरबिा ििीि रि सकिा अपि दश भारि म यि सामाजजक नयाय सबस कम ि इसीमलए यिा का सििलि सबस िी अधधक तरबगडा िआ ि समाज सबस अजसथर ि अब यि सामाजजक अनयाय जि साधारण क मलए असहय िो गया ि और अब यि परािा ढचरा ककसी िरि चल ििीि सकिा अब या िो यि अनयाय की वयिसथा िधानिक िरीको स नयाय की हदशा म बदलगी या कफर रति-िािनि िोगी rdquo49

अमिराय ि अपि साहितय म शोषण क विरदध सिघषथ का सिर उठाया ि िथा आम आदमी को शोषण स मजति पाि िि सिघषथ करि की पररणा दी ि ि किि ि ldquo साहितय तयो जि चििा का परोधा ि बि उसकी नियिी ऐसी तयो िो िि वयजति क भीिर मसमट कर रि जाय rdquo50

134मानवतावाद

अमिराय की विचारधारा मलिः मािििािादी विचारधारा ि अमिराय क अिसार साहितय रचिा जीिि का यथािथय अिकि ििीि बजलक सचचा साहितय जिचििा का विधायक एिि सिघषथ का परोधा िोिा ि उिका कििा ि कक ldquoयिी जीिि दजषट मझ ndashहरगर- करिी ि यिी चीज जो उतपरररि करिी

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ि rdquo51ि सियि वयजति क कषटो को दर करि िथा उस उनिनि की हदशा म परररि करि क मलए कहटबदध मािि ि - ldquoएक भी किािी ऐसी ििीि ि जजसक भीिर मरा समगर धचति िा बोल रिा िो जो सिसार म अनयाय दखिा ि जो बराई दखिा ि िकलीफ दखिा ि और उसस रतिी भर आिदोमलि या विकषबध ििीि िोिा ि ऐसा लखि मरा ििीि ि मर भीिर लखि का सजि का रस जो निझथररि िोिा ि िि निझथररि िो िी ििीि सकिा जब िक कक उसक साथ किीि कोई सतयअसतयनयायअनयायसिदर असिदर य जो मलभि चीज ि इिका परचि िा जडा िो rdquo इसी मािििािादी विचारधारा ि अमि को ि किल साहितय सजि क मलए परररि ककया बजलक इनिीि माििीय मलयो की सथापिा क मलए उनिोि रासिा बिाया उिकी सामयिादी दशथि म अरडग आसथा का कारण भी यिी मािििािाद ि तयोकक मासथिाद अनििः एिि मलिः मािििािाद िी ि जजसका वििचि अमिराय ि अपि निबिध-गरिथ ndash विचारधारा और साहितय- म ककया ि मातसथ क विषय म ि किि ि ldquo उसकी यि माििीय सििदिा या माििीय सरोकार एक शबद म मािििािाद बिधा लोगो की आखो स ओझल िो जािा ि और उसका धयाि आि परिरिि एक रख ndashसख अथथशासि का रप सामि आकर खडा िो जािा ि जो लोग गलि जगि पर जोर द कर मातसथ को किल आधथथक उनिनि स िी बाद दिा चािि ि िो चाि या ि चाि जाि या ि जाि मातसथ क साथ घोर अनयाय करि ि rdquo53अमिराय मि ि कक मातसथ भौनिकिादी इस अथथ म ि कक िि ककसी हदवय शजति को सिीकार ि करक पदाथथ ( कषनिजलपािकगगिसमीर )की सतिा को िी सतय माििा ि अथथ (धि) का पजक िि कभी ििीि रिा उसि सियि आजीिि निधथििा म िी ऋवष-मनियो की भानि जीिि -यापि ककया अमिराय क साहितय म उिकी मािििािादी विचारधारा सिथि हदखाई पडिी ि ि सियि किि ि ldquo सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मािस को रिगा िमरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा rdquo54

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135यथाथसवाद और सहजता

अमिराय साहितय म यथाथथिाद क समथथक ि ि साहितय को शदध कला ििीि मािि ि िरि उस जीिि एिि समाज क मलए उपयोगी मािि ि उिक अिसार सचचा लखि िो ििी ि जोसमाज को कछ हदशा द सक ि किि ि ldquo आधनिक िो परािा िो सचचा लखि ििी ि जजसम लखक अपि दख िए अपि भोग िए को अपि कलातमक सामथयथ-भर अधधक स अधधक पणथिा क साथ धचतरिि करिा चाििा ि rdquo 55 ि साहितय म अिासिविक अथिा अयथाथथ रपिादी परयोगो को वयथथ मािि ि उिका कथि ि ldquo साहितय क अििगथि रप की अििलिा उसको िनिक भी इषट ििीि ि साहितय को माि अलिकरण या साज-सजजा ि मािि िए िम उस रचिा परकिया का अिग मािि ि और इस िाि उसको परा मिति दि ि पर िम कििा चािि ि कक रप का साथथक परयोग ििी ि जो िसि स सजीि सिदभथ म उसकी अधधवयजति की वििशिा स ककया गया ि lsquoशदधrsquo कला क फर म lsquoशदधrsquo रप क अविषकार म लगी िई परयोगशीलिा ििधया मसदध िोिी ि rdquo56

अमराय साहितय की उपयोधगिा पर विचार करि िए किि ि ldquo उसकी िासिविक साथथकिा इसम ि कक िि अिजाि िी आदमी की िजतियो का सिसकार करिा ि और जो साहितय जजििा िी शरषठ िोिा ि उिि जयादा अिजाि ढिग स अपिा काम करिा ि rdquoअिः लखक का यि किथवय ि कक िि साहितय का सजि अपि पररिश स जडकर कर ि िि कोरा आदशथिादी लखि कर ि िी ककसी ndashिाद- या ndashफशि- क चलि ऐसा यथाथथ धचतरिि कर जो सियि उसक समाज म अविदयमाि िो इसी को उनिोि सिज धरािल पर लखि किा ि किािी क कषि म ि सिज किािी क समथथक बि ि किि ि ldquo ियी किािी की खोज म सिज किािी खो गयी rdquo57ldquo सिज किािी स िमारा िातपयथ उस मल कथा-रस स ि जो किािी की अपिी खास चीज ि और जो बिि सी ndashियी- किी जाि िाली किानियो म एक मसर स ििीि ममलिा rdquo58

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इस परकार अमिराय की विचारधारा समाजिादी एिि मािििािादी ि ि लखि म यथाथथ ि सिजिा क परबल समथथक रि िथा अपिी रचिाओि म सब परकार क शोषण क विरदध विदरोि एिि सिघषथ क सिर को ऊचा उठाया ि

136अधययन एव जीवनानभवो का परभाव

अमिराय की विचारधारा क निमाथण म उिका गिि आधययिधचििि िथा जीििािभि भी उतिरदायी रिा ि शरषठ कथा मलखि का रासिा बिाि िए अमिराय किि ि ldquo म िो उसका एक िी ढिग जाििा ि बड किािीकारो को पढिा उस पढि स िी अचछी किािी का बोध उसकी कछ परसििी अपि भीिर छिकर धथरककरसिधचि िोिी रििी िोगी rdquo59 अिः उनिोि समकालीि साहितयकारो को िो खब पढा िी विगि मिाि लखको को उनिोि अपकषाकि फधधक पढा ndash सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मि को रिगा ि मरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा ि -(विचारधारा और साहितय अमिराय प-18) उनिोि मतसथ लनिि एिगलस सटामलि माओ लकास एिि कॉडिल को खब पढा साथ िी उिक सजि पर रिीिदरिाथ टगोर शरिचिदर चिोपाधयाय परमचिद दोसिोिसकी मोपासाि गोकी का असीम परभाि रिा

परमचिद किा करि थ ldquo िम जीिि म जो कछ दखि ि या जो कछ िम पर गजरिी ि ििी अिभिििी चोट कलपिा म पिचकर याहितय सजि की पररणा करिी ि rdquo60 अमिराय ि भी लखक पर अिभिो क सिज परभाि को सिाकारि िए मलखा ि ldquo जो भी मलखिा ि िि सबस पिल िो आदमी िआदमी की िरि स आदमी की जजिदगी जीिा ि िस िी उसक आसिग-परसिग िोि ि और सिबिध बिि ि जजिदगी उसी िरीक स टकरािी ि उसस आकर उसी िरि उसक अिदर बिि िरि स ररसपानसज आि ि और उि सब क मलए ndashहदए िि मलखिा ि rdquo61 अमिराय क कथा-साहितय म आए िए विचारो ि परसिगो का जजममदार अपि जीििािभिो एिि मि को मािि ि ldquo

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म किानिया मलखिा िजजिदगी क मल म िर दम कछ ि कछ िोिा रििा ि लोग मरि ि जीि ि ििसि ि रोि ि ममलि ि तरबछडि ि ठगि ि ठगजाि ि कछ बाि अपि पर बीििी ि कछ दसरो पर बीिि दखिा ि बिायी िई किानियो स जयादा जािदार और रिगीि किानिया िरदम आखो क सामि िोिी ि बस इििा ि कक अपि मि का रिग इििा चटक िो जाय कक एक बार डबोकर किािी को निकाल मलया जा सक इस किया म िि किािी जो दखी थी कछ की कछ िो जािी ि तयोकक मि क भीिर खद बिि सी किानिया सोयी रििी ि इसी िरि बिि सी किानियो क िायक-िानयकाए सडको पर पाको म मसाकफर खािो म कचिरी और दफिर की गदथ और बोसीदा फाइलो म टिलिनघसटि और रगि ममल जाि ि कभी जयो क तयो ममल जाि ि कभी चार को ममलाकर एक बििा ि और किीि एक को चार म नछिरा हदया जािा ि rdquo62

14 परगततिील आदोलन और अमतराय

अमिराय परगनिशील चििा परारिभ स िी परभाविि रि उिक वपिा परमचिद सियि एक परगनिशील सामाजजक यथाथथिादी लखक रि अमिराय की परािरिमभक रचिाओि यथा ndashिम रखल-मिशी जी मरसथल आहद किानियो म परगनिशील चििा क दशथि िोि ि उिकी किानियो म समाज क निमि और मधय िगथ क शोवषि-जीरडि वयजति िी िायक ि उनिोि उिक दःख-ददथ का यथाथथ धचिण ककया ि

सि 1942 ई0 िक ि मातसथिादी विचारधारा स पणथिः परभाविि िो चक थ और परगनिशील आिदोलि क सिीय कायथकिाथ िो बि गए थ सि 1942 ई0 स उनिोि- ििस- का सिपादि कायथ सिभाल मलया था और ndashििस- को परगनिशील आिदोलि का मख-पि बिा हदया था परयोगिादी परगनिशील किी धगररजा कमार माथर किि ि ndash य जो मिच बिा ििस और य एक वयापक परगनिशील चििा का मिच बिा किर कठमललापि िो बाद म आया उसका भी इनििास टतकर का जो ि िो बाद म आिा ि लककि य िो

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परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

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बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

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अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

29

अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

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6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

31

इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

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की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

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उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

34

अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 4: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

4

कराया गया अमिराय की पढाई चार सालो िक लखिऊ म िई तयोकक परमचिद लखिऊ म चार सालो िक रि

अमिराय क जनम स लकर यिािसथा िक दश की राजिीनि िलचल स भरी थी राजिीनिक उथल-पथल िथा सिििििा क आिदोलि म उिक मािा-वपिा अपि-अपि ढिग स सजमममलि थ उिक वपिा कलम क मसपािी थ जो अपि सिपादकीयो लखो आहद क माधयम स निरििर जि-जागनि एिि दश परम को बढािा द रि थ िथा दश को कमजोर बिाििाली रहढयो पर परिार कर रि थ परमचिद कािगरस की मीहटिग म भी जाया करि थ अमिराय मलखि ि ldquo लगभग िर रोज िी कािगरस की मीहटिग िोिी उसम उिका सरीक िोिा जररी था कभी- कभी लौटि म राि क दस बज जाि rdquo 2 उिकी मा मशिरािी दिी िो लडाई क मदाि म भी उिरीि और दो बार जल गई अमिराय मलखि ि ldquo िोि-िोि महिला िालिहटयारो की सिखया साि स सौ पर पिची ---मशिरािी दिी जो अपि ककसाि अतखडदबिग सभाि क कारण इस बीच अपिी सियि सविकाओि म काफी लोकवपरय िो चकी थी अपिी टोली की कपिाि बिायीि गयीि rdquo3 ि एक ममिामयी सििदिशीलसिापरायण िथा किथवयनिषठ महिला थीि उनिोि यि सब सिसकार अपिी सििािो को भी हदय विशषरपस छोटा पि अमिराय (बनि) मािा-वपिा को अधधक वपरय था अपि अिनिम हदिो म परमचिद ि मशिरािी जी स किा था ldquo बनि को आराम स रखिा इमािदार और िक बिािा rdquo4अमिराय सियि किि थ ldquo बाि यि थी कक म उिका बिि िी चििा बटा था -- अममा म बिि अचछ-अचछ गण थ उिक भीिर एक इसपािी सिकलप था जो मिशी जी क पास ििीि था rdquo5 अमिराय किि ि कक उिक वपिा बचचो को घर पर सियि िी पढाि थ और उिक साथ खलि भी थ अपि बचचो क मलए परमचिद किि थ

ldquo यिी चाििा ि कक िि इमािदारसचच और पतक इराद क िो विलासी धिी खशामदी सििाि स मझ घणा ि rdquo 6ऐसा किा जािा ि कक बालयकाल म पड सिसकार एिि परभाि स मिषय जीिि-पयि परभाविि रििा ि सिि

5

एिि सिसकारशील पाररिाररक िािािरण का जो परभाि अमिराय क बचपि पर पडा िि आजीिि उिक साथ रिा

बचपि और ककशोरकाल- ldquoकलाकारो क जीिि म कलाओि क सफरण का काल िोिा ि rdquo 7 अमिराय का कििा ि ldquoम िो परमचिद क साथ पला बढा rdquo 8उनिोि बचपि स िी घर म साहिजतयक गोजषठयो ि चचाथओि को सिा बड-बड लखकीय वयजतितिो की छिछाया म उिका बचपि पलकर जिाि िआ ldquo मिलब सिसकार सार थ और मशकषा का िािािरण था घर क सिसकार क रप म भीिर स जागि सार शरीर क रोआि-रोआि को झिझिाकर जजस परकार की भाषा निकलिी थी अपि अथथ को वयति करिी थी उसी परकार का सिसकार अमिराय को अपि पररिार एिि बचपि म ममली मशकषा-दीकषा का िी पररणाम ि rdquo 9

अमिराय की औपचाररक मशकषा का परारिभ अिगरजी मधयम स िआ था ककि ि घर पर अपि वपिा स उनिोि साथ िी साथ उदथ की मशकषा भी परापि की कचसमय िक उनिोि मौलिी सािब स उदथ पढी थी ि किि ि ldquo लिमी क करीब लालपर िामक एक गािि था एक औलिी जो य िो दजी थ मगर मौलिी भी थ उिका ितका-ितका िर करक जो िरीका था उसी िरि उदथ पढी rdquo10

परतयक साहितयकार का मि बचपि स िी सििदिकषम िोिा ि अमिराय भी इसका अपिाद ििीि ि अपि बचपि की कछ घटिाए उिक मि म अविसमरणीय रप म अिककि ि ि अपि पिथजो क मलसथाि लिमी गाि ndash जिा अपि बचपि तरबिाय - को बिि चािि थ उनिीि क शबदो म ldquo िा िो य समझो कक बिारस शिर स कोई चार मील की दरी पर ि आजमगढ रोड पर आजमगढ को जो सडक जािी ि उसीपर चार चार मील जाकर िमारा गाि पडिा ि और मझ अपि जजस बचपि की याद िइधर िो समझो कक आधी शिाबदी स रिि का इजतिफाक ििीि िआ ििा

6

लककि उसक पिल की िमाम समनिया मरी उसी गाि की ि म जस लखिऊ म पढिा था िो गमी की छहियो म सीध िम लोग लिमी आ जाि थ और लिमी म मर िमाम दोसि थ और अब उिम स जयादािर लखसक चक ि जयादािर तया लगभग सभी लखसक चक ि बराबर आिा जािा रिा ि म रि ििीि पया कभी rdquo11 इसस सपषट ि कक लिमी स अमिराय का ककििा लगाि था

वपिा क साथ िापस बिारस आ जाि पर उनिोि पिल दयाििद सकल म ितपचचाि तिीनस कॉलज म मशकषा परापि की सि 1934 म जब परमचिद मिबई गए िब ि अपि बड भाई शरीपिराय क साथ इलिाबाद म बोरडग िाउस म रिकर पढ सि 1936 ई0 म उिक वपिा परमचिद का दिािि िो गया जजसस जीिि म भीिर ndash बािर दोिो ओर सिधषथ पणथ जसथनि रिी सिधषो क बािजद अधयि और लखि की ओर उिका झकाि बढिा िी गया हदसिबर 1936 म उिकी परथम ियसक रचिा ndashभारि- म परकामशि िई थी जो ndashकसाई- िामक रखाधचि था उस समय उिकी अिसथा 15 िषथ की थी इसस पिल भी उिकी किानिया- बालसखा- बालक -िािर और ndashमशश- आहद बाल पतरिकाओि म परकामशि िो चकी थीि इस परकार बारि-िरि िषथ की अिसथा स िी उनिोि मलखिा परारिभ कर हदया था सि 1938 ई0 म बिारस स इिटरमीरडएट की परीकषा उतिीणथ करक ि इलिाबाद म ि मयोर िॉसटल म रिि थ जिा परायः परनिभाशाली छाि िी रिा करि थ ldquo उनिीि को उसम लि थ अमरिाथ झा अमरिाथ झा उसक िाडथि िआ करि थ सबस बड rdquo

12 मयोर िॉसटल ( अब जजसका िाम अमरिाथ झा िॉसटल ि ) का िािािरण िौकरशािी की ओर दौडििाला था जिा अधधकािश छाि आधनिक ढिग की िश-भषा धारण करि थ ििीि अमिराय नििािि सिज साधारण वयजति की िरि रिि थ ndashढीला-ढाला पजामा-किाथ और चमरौधा जिा पििा करि थ ि किि ि ldquo िा चमरौधा जिा जजस पििि ि गािि क दिािी िि म पिििा था कपड धोकर पििा करिा था उि लोगो ल मरी चल ििीि बठिी थी और िभी स मर मि म गािधीजी स जयादा गाधीिाद क सिबिध

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म कछ शिकाए कछ सिाल पदा िोि शर िो गय rdquo13 इसी समय मातसथिाद स परभाविि िय और उसका गिि अधययि ndashमिि करक उस एक पणथ जीिि-दशथि जीया और उस विचार धारा को अपिाया सि 1940 म बी0 ए0 की परीकषा म उनि इलिाबाद विचिविदयालय म परथम सथाि परापि िआ और छाििजति भी ममली सि 1942 म उनिोि अिगरजी विषय म एमए परथम शरणी म पास ककया

113पववाह एव सततत

परगनिशील लखक सिघ की एक शाखा जबलपर म सथावपि करि क उददचय स यशसिी किनयिी सभदरा कमारी चौिाि स ममलि गय ििा उनि उिकी सपिी सधा चौिाि ममलीि बाद म अपरल 1945 म उिका परम वििाि सधा चौिाि क साथ अतयिि सादगी परण िािािरण म सिपनि िआ ि किि ि ldquoकल ममलाकर पाच छः लोगो की थी य बाराि और रामािजलाल जी शरीिासिि क घर एक कमर म य िी बडा उखडा-पखडा सा मामली सा कमरा था उसम ठिरा दी गई--- और शादी का जो रजजसरार िोिा ि उसको बला मलया था ndash और उसि िम लोगो की शादी करा दी rdquo 14 वििाि क कछ समय पचचाि ि इलािाबाद म आकर बस गय थ उिक दो पि आलोकराय एिि अममि छोटा अममि की सि 1966 म रति कनसर क कारण ददथिाक मतय िई

अमिराय उि हदिो पाटी का कायथ बडी लगि स ककया करि थ जजसका उददचय िा दश म राजिीनिक एिि सामाजजक दोिो सिरो पर िािनि लािा ndashजिा सबको सििििा क विकास का अिसर परापि िो ि कोई शोषक िो ि कोई शोवषि lsquoििस rsquo की सामगरी भी सामयिादी पाटी क कयाथलय म बठकर चिी जािी थी ि मलखि ि ldquoजब म सिपादक िआ िब म जरर सारी सामगरी लकर लखिऊ जािा था और बारदखाि म कमयनिसट पाटी क दफिर म मरी रामविलास शमाथ की और मशिदाि की बठक िोिी थी इसम

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य सारी सामगरी ओक की जािी थी rdquo 15 इस परकार ndashििस- भी िािनि का माधयम बिा

सि 1951 म ndashभारि सरकषा कािि- (जो बाद म अिध धोवषि ककया गया था) क अििगथि इलािाबाद म उनि पकड मलया गया और चार माि िक जल म रििा पडा था -बीज-उपनयास का बीज कारािास म िी अिकररि ि विकमसि िआ था बाद म धीर ndashधीर पाटी म गटबाजी िथा िचाररक सिकीणथिा स कषबध िोकर ि सिीय राजिीनि िथा पाटी स अलग िो गय दस की दररदरिाभरषटाचारराजिीनिजञो की सिाथथपरिा आहद दखकर उिका मि सदि आिोश स भर उठिा था जजसकी अमभवयजति उिकी रचिाओि म निरििर िई ि

साहितय सिा िी उिक जीिि का एक माि धयय बिा साहिजतयक पररिश िो उिको जनम स िी विरासि म परापि िआ था उिक ऊपर सिाथधधक परभाि अपि वपिा परमचिद का पडा इसक अनिररति अनय अिक साहितयकार एिि कलाकार उिक अमभनि ममि थ जिनदर जी परमचिद क जीिि काल म और उिकी मतय क बाद भी बिि हदिो िक उिक बिारस घर म िी रि ि मलखि ि ldquo िमार पररिार म उिकी जसथनि सिज िी बड भाई की सी िो गई थी अममा ि बड पयार स उिको अपिा सबस बडा लडका माि मलया था rdquo 16 मिादिी िमाथ का सिसगथ भी उनि लमब समय िक परापि िआ ि किि ि ldquo म िो सि 38 म इलािाबाद आ गया और मर छािािास क तरबलकल पास िी उिका घर था खब ममलिा बठिा शर िो गया rdquo 17 सधाजी स वििाि क बाद ि भी उिक निकट आ गय थ ि अजञय जी स क साथ भी रि उस समय 14 ििबर बजसटगस रोड पर जिा शरीपिराय रिि थ कई लोग साि रिि थ ldquoपरा गरप िी था बरिभषण अगरिालिममचिदर जिअचक भी आ कर रि थ परभाकर माचि थ आशा दा (डॉतटर आशा मकल दास) बउहद और उिक दो बट सभी लोग थ rdquo 18सि 1948 म जब शरीपि जी वििाि करक अलग अपि बिगल म चल गय िब य

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लोग अमिराय दिारा खरीदी गई 18 नयाय मागथ पर बिी इमारि म आ गए जजस बादम िोडिाकर अमि जी ि अपिा ndashधप-छाि ndash बगला बििाया था परिीक ndash जजसका सिपादि अजञय जी करि थ यिीि स निकलिा था अमिराय किि ि ldquo परिीक- म मर और उिक बीच जो िचाररक दरी थी िि भी सामि आयी और ndashसिािभि- को लकर मरी-उिकी बिस ndashििस- और ndashपरिीक- क सिपादकीयो म िई rdquo 19

अमिराय ि हििदी म परकामशि परमचिद की अिक आरिमभक लपिपराय रचिाओि अििादो िथा उिक पि-वयििार को खोज निकाला और परकामशि ककया लगभग 2500 पषठो की यि िई परमचिद-सामगरी जजस अमिराय ि परकामशि ककया निमिमललखि ि ndash 1 ndashगपिधि- शीषथक स परमचिद की आरिमभक किानिया 2 मिगलाचरण- शीषथक स परथम चार उपनयास 3 ndashधचटठी-पिी- शीषथक स पि िथा 4 ndashशब-ए-िार- शीषथक स मरीस मिरमलिक क िाटक ndashफोिामारा- का अििाद य रचिाए अमिराय क परयासो स िी हििदी जगि क सामि आयीि -सि 1936 क बाद कछ अतयिि सिघषथ पणथ िषो क बािजद शरीपि और अमि ि अदमय जजजजविषाआपसी समझदारी िथा वपिा की साहिजतयक विरासि को सिभालि की वयिसानयक सझ-बझ क बल पर िि सथावपि ककया जजस अचछ अथो म lsquoपरमचिद सामराजयrsquo किा जा सकिा ि ldquoआज परमचिद की जो खयीनि िउसक पीछ अिशिः शरीपि और अमि का योगदाि भी ि कक उनिोि अपि वपिा की पसिको को जीविि उपलबध और परसाररि रखा rdquo20

अमिराय को अपि जीिि की परौढािसथा म एक ककशोर पि क निधि का दारण शोक भी सििा पडा उिका अटठारि िषथ का छोटा पि अममि(ममथि) रति कनसर का मशकार िोकर आठ मिीि दारण कषठ झलकर जि 1966 ई0 म मतय को परापि िआ इस आघाि ि उनि हिलाकर रख हदया था ककि ि उिक कमथ जीिि म मशधथलिा ििीि आई

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उिक हरदय की अथाि पीडा उिक lsquoसख-दखrsquo िामक उपनयास म अमभवयति िई ि शोक-गीि जसा यि उपनयास अपि आपम एक अिठी रचिा ि

114पवदि यातरा

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश -यािाए की सि 1952 म ndashविचि शािनि सममलि ndash म भाग लि क मलए चीि-यािा की सि 1965 म जमथिीबलगररया और सोवियि सिध की यािा की सि 1972 म रमानियाििगरीसोवियि सिघइिगलड फािस और इटली की यािा की सि 1978 ई0 म पिः यरोप की यािा की

115परसकार एव सममान

अमिराय कोउिकी उललखिीय ि अिलिीय साहितय सिा एिि साधिा क मलए उनि अिक परसकारो स परसकि भी ककया गया सि 1957 ई0 म लखको क ऐनििामसक lsquoसाहितयकार सममलि rsquo का उनिोि आयोजि ककयाजजसम चार पीहढयो क लखको दिारा परनिनिधधति ककया गया इसी िषथ उनि lsquoसपाटथकसrsquo क हििदी अििाद lsquoआहद विदरोिी rsquo क मलए भारि सरकार क ndashिषथ क शरषठ अििादक परसकार स सममानिि ककया गया सि 1971 ई0 म उनि ndashसोवियि लड ििर -परसकार परापि िआ सि 1973 ई0 म ि साहितय अकादमी की सामानय सममनि और कायथ सममनि क सदसय बि इसी िषथ ि lsquoिशिल बक रसट क नयासीrsquo िथा lsquoसोवियि लड रिर परसकार सममनिrsquo क भी सदसय बिाय गय सि 1977 म समाज भाषा ितजञानिक शोध योजिा पर कायथ करि क मलए ििर फलोमशप स परसकि ककया गया सि 1987 ई0 म उतिर परदश हििदी सिसथाि दिारा ndashसिसथाि सममाि- िथा 1989 ई0 म भारिीय अििाद पररषद दिारा lsquoदवििागीश परसकारrsquo स उनि सममानिि ककया गया

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116मतय

सि 1996 ई0 म 75 िषथ की आय म लगभग दो माि िक पकषाघाि स गरसि रिि क बाद 14 अगसि क हदि इलािाबाद म साहितय का यि अिथक सिी कमथयोदधा रचिाकार अमिराय इस लौककक सिसार स सदा क मलए विदा लकर परलोक चल गय

वयकतततवndashसजथक वयजतिति क निमाथण म सिायक घटिाए जस पिथ सिसकार

बचपि क सिसकार पाररिाररक सामाजजक सािसकनिक आधथथक राजिीनिक धाममथक पररिश इतयादी का कलाकार एिि सजथक क वयजतिति पर गिरा परभाि पडिा ि वयजति अगर साहितयकार िो िो उसक वयजतिति म ककसी ि ककसी रप म उसक वयजतिति की झलक अिचय हदखाई दिी ि साहितय और साहितयकार दोि एक िी ििनिमाथण परकिया क दो पिल ि इस दजषट स साहितयकार कनिति क अधययि क मलए उसक वयजतिति का अधययि मितिपणथ िोिा ि

परािी पीढी क साहितयकार िोि िए भी सििितरयोतिर काल म पररिनिथि िए मलयो की सथापिा करक कई यगीि पररजसथनियो क अिसार वयजति और समाज का सिबिध कफर स सथावपि करि म विषण परभाकरजी का योगदाि विशष मितिपणथ रिा ि ि सामाजजक जीिि की विविध समसयाओि को लकर मलखििाल साहितयकार ि यथाथथ का सकषम निरीकषण

अिकि इिका लकषय रिा ि जजसम उिकी मािि क परनि सिािभनि भी बराबर बिी रिी ि उिक उपनयासो ि किानियो और समसि साहितय म वयजति और समाज इस परकार घल-ममल गए ि कक दोिो की पथक सतिा-सिीकनि कहठि ि उिक सजि का मल सिर मिषय की पिचाि और िर परकार क शोषण क लखलाफ आिाज उठाि का ि

ldquoवयजतिति शबद पसथिमलहट ( Parsonality ) लहटि शबद lsquo पसोिा lsquo

(Parsona ) स बिा िआ ि lsquo पसोिा lsquo का अथथ ि lsquo मखौटाlsquo गरीक कलाकर

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रिगमिच पर अपिी पिचाि नछपाि कमलए मखौट का परयोग ककया करि थ आग चलकर lsquoपसोिा lsquoशबद का अथथ बदल गया मिषय दसर को कसा हदखाई दिा ि इस अथथ म धीर-धीर पसोिा शबद का रपानिर पसथिॉमलहट अथाथि वयजतिति क रप म मलया जाि लगा rdquo21

ldquo वयजतिति शबद भाि िाचक सिजञा ि वयजति क कषि म जजि गणो या विशषिाओि का समािश िोिा िि सब वयजतिति क अििगथि आि ि अथाथि वयजति की मिति पणथ विशषिा उसका वयजतिति ि वयजति की ऐसी विशषिा उस दसरो स अलग बिािी ि ककसी वयजति की विशषिाओि का समदाय िी वयजतिति ि rdquo22

मािक हििदी शबद कोश क अिसार ndashldquo वयजतिति शबद वयजति क यगम स बिा ि जजसका अथथ ि- वयजति िोि की अिसथा या भाि rdquo 23 ककसी वयजति की निजी विमशषट कषमिाए गणपरिजतिया आहद जो उसक उददचयोकायो वयििारो आहद म परकट िोिी िऔर जजिस उस वयजति का सामाजजक रप जसथर िो जािा ि

वयजति क मिोभाि एिि विचार उसक कायथ िथा िाचक आिधगक कियाओि म िाि-भािो म परकट िोि ि साथ िी वयजति का मि सामाजजक सािसकनिक पररिश स सिसकाररि िोिा ि य सिसकार भी उसक किया कलाप

िाि-भािो म अिायास वयति िोिा ि वयजतिति वयजति क अनिरनिहिि गणो का परकामशि रप ि उस वयति करि की कषमिा को िी lsquo वयजतितिrsquo किा जािा ि

हििदी विचि कोश क अिसार- वयजतिति की अिधारणा इस परकार दी गई ि ldquoवयजतिति शबद ककसी वयजति क सामाजजक उददीपक मलयो क सचक रप म परयोग ककया जािा ि rdquo24 इसस िातपयथ उस सिपणथ परभाि स ि जो एक वयजति दसर वयजति पर डालिा ि उददीपक क रप म कियाओि का भी सिि परभाि पडिा िजजिका िि अनय वयजतियो क बीच उपिम करिा ि

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य पररणातमक शजतिया ऐस पररििथि उतपनि करिी िजो उसक अपि अनय वयजतियो और जसथनियो क परतयकषीकरण को परभाविि करि ि दसर शबदो म वयजति आतम पररकषण करिा ि िथा बाहय जीिि सिगठि एकिा और जसथरिा उतपनि करक अपिा अनिियजतिक सिभाि म अपिी आतमधारणा का विकास करिा ि

वयजतिति म अिक शारीररक एिि मािमसक विशषिाओि का समािश ककया जािा ि वयजतिति का वयापक िति ि अिः िि शरीर स लकर उसक माधयम स समसि कायो म वयापि रििा ि वयजतिति परमख रप स सामाजजक एिि जविक घटिाओि स सजजथि िोिा ि ठीक उसी परकार सामाजजक घटक ि पररिश वयजतिति निमाथण म सिायक िोि ि ििश और पाररिाररक जसथनियो का वयजतिति निमाथण म बिि बडा योगदाि िोिा ि वयजति का वयजतिति पररजसथनियो क परभाि स विकमसि िोििाली पररििथिशील ि गनिमाि परकिया ि सामाजजक एिि सािसकनिक िािािरण क परभाि स वयजतिति का विकास िोिा ि वयजतिति वयजति क समसि बाहय एिि आििररक गणदोषो का अमिथ रप ि इि गणो क समचचय का परकाशि उस वयजति क विचार और वयििार की विमशषट शमलया िथा जीिि क परनि उसक दजषटकोण स िोिा ि जजस परकार फलो म सगिध िोिी ि उसी परकार वयजति म वयजतिति अििभथि ि साधारम वयजतियो का वयजतिति उसकी मतय क पचचाि भी उिकी कनियो विचारो क दिारा यग-यगो िक छाप बिाय रखिा ि

सजथक वयजतिति ndashपरतयक सजथक वयजतिति म परनिभा मितिपमथ िोिी ि साहितय कनियो म साहितयकार का वयजतिति परसिगिः कछ मािा म अिायास परनितरबजमबि िोिा ि रचिाकार क अिम का सिसकार उसकी आतमामभवयजति क रप म वयति िोिा ि रचिाकार का अिम समाज क सामहिक अिम क साथ िादातमय िोकर उसक आिनद का कारण बििा ि रचिाकार का वयजतिति यग पररिश स परभाविि िोिा ि उपरोति सभी

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इकाइयो स ममल-जलकर हदवय परनिभा स निखरकर साहितयकार का वयजतिति विकमसि िोिा ि

वयजति क कछ बाहय एिि आििररक ितिो स वयजतिति का निमाथण िोिा ि इि ितिो को वििचि वयजतिति निरपण म अनिभथि ि लखक का पररिारपररिशसिभािपरिजतिया यगीि िािािरण जीिि म ममलििाल अिसर िाथ स कफसल िए सििर कषणकछ गलनिया कछ कमजोररया कछ कषमिाए कछ सबलिाएजीिि मलय दजषटआदशो क परभाि आहद अिभिो स बििए दजषटकोण स लखक का माििीय वयजतिति निमाथण िोिा ि यि वयजतिति समाज और साहिजतयक दानयति स परनिबदध सजग िोकर एक सािीतयकार का सजथक वयजतिति भी बिािा ि साहितयकार का निजी वयजतिति साहितयकार का वयजतिति क सामिजसय स बिा िआ एक विलकषण वयजतिति िोिा ि वयजतिति वयजति क गणो-अिगणो भािो-अभािो क साथ उसकी सिििि सतिा को सधचि करिा ि उसकी यि सिििि सतिा वयजतिति क निमाथण म सिायक िोिी ि वयजति अगर साहितय रचिाकार िो िो निचचय िी उसकी लखिी पर उसकी झलक सपषट रप स हदखाई दिी ि

अमिराय परमचिदोतिर पीढी क उि साहितय क उनिायको म स थ जो लगभग चौथ दशक स अिनिम दशक िक निरििर सजिशील थ 70 िषो क साहिजतयक जीिि म उनिोि हििदी साहितय क भणडार को अपिी अमलय रचिाओि स समदध ककया ि अमिराय ि जीिि को जसा जजया और दखा िसा िी धचतरिि ककया ि सदाबिार लखक िी ििीि बजलक सदा जीििि और सदा सजग लखक भी थ उिकी कीनिथ को कोई धममल ििीि कर सकिा उिका साहितय उिक जीिि का परनिरप ि जजसस उसम एक शजति एक ऊजाथ आ गयी ि यि उिकी विशषिा ि कक उिक वयजति और साहितयकार म अििविथरोध ििीि ि िासिि म यि एकरपिा साहितयकार को अमर बिािी ि यायािरी सिभाििाल अमिराय दश क कोि-कोि म निरििर भरमण करि िए जि समाज सिसकनि दश ि भाषा स एकाकार िोि क िम म

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निरििर सतय की खोज म सिलगि रि इस खोज क पीछ मािििा क कलयाण की भाििा सजनिहिि थी अपिी दीघथ रचिा - काल क कारण ि िर िई पीढी स जड रि उसस सीखि रि और सियि को बदलि रि साहितयकार का यि निरििर िया बि रििा और समाज की धडकिो को पिचाििा और समझिा उस जीििििा और साथथकिा परदाि करिा ि ियी पीढी और समकालीि रचिा- सिसार स अमिराय की इस सिबदधिा ि जिा उनि पविि उजजिल एिि मिगलमयी मनिथ क रप म लोकवपरय बिाया ििाि सतिा ndash परनिषठािो स दर रिकर ि अपि सिधषथशील चररि एिि शील को सरकषकषि रखि म सफल िए उिक इस वयजतिति ि उिक साहितय को भी उसी रप म सिघषथशील िथा मिगलमय बिाकर महिमामिरडि कर हदया ि अिः उिक वयजतिति एिि कनिति स अिगि िोिा अपि म एक अिभि ि

एक िलदशी निमथल जल सा खल वयजतिति का आलोक विसिार जसा गोरा-धचिा अकलिकछरिरा साफ आइि सा शरीर िस िी मति ठिाकदारििाओि िक गजािी िसी िसा िी निवयाथज वयििार एक पारदशी मिममथशीलआतमदाि भरा आचिजसि भाि िति पर िज-िराथर परनिकियाओि का ममजाज भी अििर का भरा ठिराि भी ldquo जस सिसकनि की अिक धाराए यिा आकर ममल गयी ि उसी िरि की सािसकनिक परिपरा और आधनिकिा सामाजजकिा और ियजतिकिा हििदी ndashउदथ और अिगरजी का ममलि तरबिदअमिराय का वयजतिति rdquo25 परकनि स उनि अटट परम था माहट का मोि उिक शबदो म दलखए ldquo म कभी कलपा िी ििीि कर पािा कक ककसी मिािगर म एक छोट ndashस अपाटथमट म ऊपर रि- छठ माल पर म ििीि रि सकिा िम िो एक छोटी सी कहटया फस की िी द दो लककि उसक साथ जरा-सी जमीि िो और ममिी िो rdquo26 इसमलए उिका विशाल बिगला ndashधप-छाि- सकडो िरि क लिा ndashकि ज फलपड-पौधो स आज भी नघरा िआ ि

उिका वयजतिति अििमथखी और बहिमथखी दोिो का समनिय था उनि अपिा परदशथि करिा या ककसी िरि की आतमचलाघा बिि घहटया काम

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लगिा था परकाशि स पिथ ि अपिी रचिाए ि कीसी को पढिाि थ ि सिाि थ एक माि वयजति जो उिकी रचिाए परकामशि िोि स पिल पढ लिा था- िि थी उिकी पतिी सधा जी एक बार इलािाबाद क विदयाथी जीिि म उनिोि मिादिी जी क ndashअिीि क चलधचि- की समीकषा की जजसम जी खोलकर उसकी परशिसा की थी समीकषा एक अिगरजी पतरिका म परकामशि िई ककि ि उनिोि मिादिी जी को ि िो िि पतरिका हदखायी ि उसक बार म बाि िी की ि बिि सिकोची सिभाि क थ उनि यि भी पसिद ि था कक लोग उिका सममाि परमचिद का पि िोि क कारण कर सभाषमखोपाधयाय की पतिी गीिा जी मलखिी ि ndash अमि कलकतिा स इलािाबाद लौट रिा था ldquo एक यािी सजजि ि अपिी बटी को अमि क आरकषकषि बथथ पर बठ हदया था बार-बार अिरोध करि पर भी ि उस बथथ को छोडिा ििीि चािि थ और यि दािा कर रि थ कक िि उनिीि का ि मझ ऐसा लगा कक यहद मि कछ ििीि ककया िो अमि इििा सिकोची जीि ि कक िि फशथ पर बठ कर इलािाबाद िक चला जाएगा पर अपि बथथ की माग ििीि करगा मि उस रडबब म बठ मसाकफरो को जब बिाया कक य परमचिद क पि ि िो बड आदर क साथ उनिीि लोगो ि उसकी बथथ खाली करिाि म भममका निभाई थी rdquo27

अमिराय क हरदय म बचपि स िी अपि माि-वपिा क परनि अतयिि शरदधा एिि परम था परथम बार मािा-वपिा स दर इलािाबाद पढि जाि समय ि रो उठ थ ldquo बनि िो िम िीिो क पर छिा िआ रोिा िआगाडी स उिर गया rdquo28 अमिराय का बचपि का िाम बनि था बचपि स िी ि बड दयालसहरदय एिि सििदिशील थ उिकी मा मशिरािी दिी क शबदो म ndash मरी किारी का छोट बचचा आग म जल गया उसक सार बदि म मलिम पिा िआ था कपड भी गिद िो गय थ मरा छोटा बचचा बनि उस किीि बािर पा गया उस दखकर बनि को दया आई िि उस पचचो को जीि पर स दोिो िाथो का घोरा बिाकर अिदर लाया ldquo बोला ndashअममा इस कछ खाि को दो उस बचच का बदि दखकर मर रोगट खड िो गय rdquo29 बालक अमिराय क बचपि म िी उिक वपिा ि उि भविषय की सिभाििा दख ली

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थी ldquoयि लडका बडा दयािाि मालम िोिा ि भलाउस िि कस लाया ndash भगिाि इमस जीविि रख िम दखिा िमिारा राम यि रोशि करगा rdquo30

बालक जजस पाररिाररक पररिश म जनम लिा ि जजस चार दीिारी म उसका शशिबचपि एिि ककशोरािसथा बीििी ि ििा क िािािरण की सपषट छाप उसक वयजतिति पर आिचयक रप स अिककि िो जािी ि अमिराय ि अपि वयजतिति क बारम किा ि ldquo किा-किा स आदमी को तया-तया ममलिा ि लककि य ि कक म सचमच भीिर स बिि िी साधारण और सिज ि मर पास ि िो बिािट ि और िा म बिािटी लोगो को पसिद करिा ि rdquo31तयोकक ldquo रचिा अनििायथ रपण रचनयिा क वयजतिति स सिबदध िोिी ि rdquo32

अमिराय सबको बराबर मािकर चलििाल वयजति थ ि सियि किि ि ldquo लककि म बदककसमिी स ि िो ककसी को अपिा चला बिा सकिा ि और ि ककसी का चला बि सकिा ि मझको किल बराबरी का सिबिध आिा ि rdquo33 उिक जजिि भी ममि थ उिस उिक नििािि सिज पाररिाररक सिबिध थ ि अपि सहरदजिो का माि रखि क मलए जो उनि िापसिद िोिा िि भी कर लि थ गीिा जी मलखिी ि ldquo अमि और सधा दोिो शाखािारी थ पर िम खश करि क मलए अमि कभी-कभी मछली खा लिा उस यि पिा था कक सभाष मछली क तरबिा ििीि रप सकि िि भोजि बडी रची स करिा rdquo34 रािगय राघि स अपिी िलिा करि िए अमिराय ि अपि सिकोची सिभाि क विषय म सियि भी मलखा ि ldquo मर अपि मसमट ndashमसमट सििभाि स उसका मल ििीि बठिा था अपि को बािर फ क सकि औरो क साथ घला ndashममला दि क इस गण का म बिि आदर करिा ि rdquo35

ि अपि विचारो पर सदि दढ रि यहद कोई उिकी विचारघारा अथिा आसथा पर अिधचि आपकष लगािा ि िो ि उसका मििोड जिाब दि म सिकोच ििीि करि थ उनिोि मलखा ि ldquo म यो निजी मामलो म िो बिि शािनिपरमी आदमी ि थोडा दबकर भी बिि स झगडो दरगजर कर जािा

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ि लककि विचारो की दनिया म उपिी आसथाओि को विचिासो को जरा जयादा िी मजबिी स पकडिा ि इसमलए उस पर कोई आिमण ििीि सि सकिा और ि ििा पर ककसी िरि का समझौिा करिा मझ पसिद ि rdquo36 ऐस अिसरो पर दो-दो घिट लगािार भाषण द डालि थ अमभयोग का उतिर दि समय भी ि िसी हदललगी क साथ िलक-फलक अिदाज म िी भाषण हदया करि थ जजसस शरोिा भी आििदपिथक रस लकर उिकी बाि सिा करि थ यि उिक वयजतिति का बिि बडा िमशषय था ि ऐस निरमभमािी कलाकार थ जो दसरो की कला ि दसरो क गणो का बिि आदर करि थ डॉ रामविलास शमाथ ि उि पर िथा रािगय राघि रािल सािकतयायि आहद अिक परगनिशील लखको पर lsquoटटपजजया समाजिादीrsquo िोि का आकषप लगाया था ldquoसाहितय म सियति मोचाथ ndash पसिक मलखकर इसका उनिोि मििोड जिाब भी हदया था ककि ि ि शमाथ जी की इस एक कमी को सिीकार करि िए उिक अनय गणो की परशिसा करि थ rdquo37

13पवचारधाराएव परभाव

अमिराय ि अपिी कनियो पर िए विचारधारा क परभाि क सिदभथ म मलखा ि ldquoजजस िगथ स कलाकार जनम लिा ि उसक लौककक दजषटकोण क अिसार उसकी एक विचारधारा जनम स िी बि जािी ि अगर उसक सिरकषक भी उसी िगथ क िए िो िि मा क दध क साथ गरिण ककए िए अपि जीिि क दजषटकोण स परी िरि सििषट रिगा और उसको अपिी कनियो म अमभवयति करगा rdquo38परतयक साहितयकार पर परतयकष या परोकष रप स ककसी ि ककसी विचारधारा का पभाि अिचय िोिा िी ि अमिराय क शबदो म ldquo जिा रचिाकार को सचिि रप स अपिी विचारधारा का पिा ििीि िोिा ििा भी विचारधारा िो रििी िी ि रचिा पर अिजाि िी उसका समािश िो जािा ि विचारधारा किीि सििदिा बिकर आिी ि और किीि परसिगिः रचिाकार की माििीय परनिकिया बिकरrdquo

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131सामयवादी पवचारधारा

अमिराय ि निबिध lsquoविचारधारा और साहितयrsquo म सपसट सिीकर ककया ि कक ldquo मरी विचारधारा सामयिादी ि या यो कि लीजजए कक मझ पर सामयिादी विचारधारा का गिरा परभाि ि rdquo40 सि 1943 ई0 म उनिोि सामयिादी पाटी की सदसयिा गरिण की िथा मजदर ndashयनियि क मििी भी बि थ -बीज- उपनयास िथा ndashपारजाि क फल ndashआहद किानियो म उिकी सामयिादी विचारधारा सपसटिः सामि आई ि ककि ि ककसी भी विचारधारा या lsquoिादrsquo का अिधािसरण करि का ि विरोध करि ि ldquo जब-जब और जिा-जिा अिधािसरण की ऐसी कोई िीनि बरिी या अपिायी गयी ि विचार मर गया ि साहितय मरगया ि किल पररपाटी का रहढबदध लखि िआ ि rdquo41

सामयिादी पटी का सदसय रिि िए भी ि अपि ढिगस कछ अलग-अलग-सा भी सोचि रि और कदाधचि इसका कछ मलय भी उस चकािा पडा तयो कक सामदानयक धचििि परकतया मशविरबदधिा मागिा ि ि किि ि ldquo

मरा मि जसा कचछ बिा था िसी मसविरबदधिा मर मलए कभी सिभि ि िो पायी पर मझ कोई खद ििीि ि तयोकक मझ लगिा ि कक अिििः अपिा वििक िी सबस अचछा जीिि-सिचर िोिा ि rdquo42उनिोि मातसथिाद का गिि अधययि -मिि करक उस अपिी विचारधारा बिाया ि अपि समाज का अधययि करक अपि मिि-धचििि की कसौटी पर अचछी िरि परखकर और अपि मि क भीिर डबकर अचछी िरि टटोलकर जजस बाि को सिी जािि थ उसी को सिीकार करि थ उनिोि बािर क ककसी अिकश को कभी सिीकार ििीि ककया उिका मि ि ldquo यि अिशासि और अिकश रचिाकार क अपि वििक क भीिर स आिा चाहिए rdquo43

अमिराय ि कछ िषो क पचचाि सामयिादी पाटी स सिबिध िोड हदया था ककि ि सामयिाहद विचारधारा म उिका विचिास आजीिि रिा ि मलखि ि ldquo मर मलए विचारधारा कछ दसरी चीज ि उस आदमी मजबिी स

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पकडिा ि िि समपथण मािगिी ि उसक मलए निषठा चाहिए गिरा आििररक विचिास चाहिए उसी निषठा और गिर विचिास म स सब िरि क अभािकषट नििदाअपमािजलयाििा सब कछ सिि और जररि पडि पर अपि पराण िक द दि की िाकि आिी ि जिा य निषठा और समपथण और अकि ठ विचिास ििीि ि ििा कफर विचारधारा कसी जसी िई िस ि िई rdquo44

132गाधीवाद का परभाव

परारिभ म अमिरायकालीि समाजपर गाधीजी छाए िए थ अिः सपषट ि कक अमिराय की धचिििधारा पर गािधीिाद का गिरा परभाि लकषकषि िोिा सिाभाविक िी ि ldquo मरा िो काल (सि 1942-44) भयिकर गाधी भजति का था rdquo45 अिः उिकी रचिाओि म खासकर ndashबीज-उपनयास म मातसथिादी विचारधारा की गिराई म गाधीिादी विचारधारा क िति एिि सामाजजक मसदधािि जस मदयनिषध िगथ बद विरोध सिदशी राषरीय मशकषा वपछडो का उतथाि हदखाई दि ि

133मातससवादी चचतन का परभाव (वगस सघरस)

सि 1950 क उपरािि अमिराय मातसथिादी पाटी क सिीय सदसय बि गय मातसथिादी धचििि ि उि पर जाद कर हदया था इसमलए ि उस अधधक पसिद करि थ ldquo म मातसथिाद स पयार करि लगाथा rdquo46 ि उस जीििसमाज और सिसार बदलि का असि मािि ि ldquo मातसथिाद स अहदक जीिििअधधक िािनिकारी अधधक लोक कलयाणकारी मबलकअधधक सचचािाद दसरा ििीि rdquo47पररणामसिरप उिका परा साहितय मातसथिाद क दििदिातमक भौनिकिादी दशथि पर आधाररि ि सामयिादी और मातसथिादी दशथि समाज म समिा और नयाय की सथापिा कमलए िगथ सिघषथ को अनििायथ माििा ि िमार समाज म दो िगथ निरििर रि ि ndash एक शोषक िगथ और दसरा शोवषि िगथ अमिराय किि ि ldquoमटठी भर पजीपनियो दिारा लाखो ndashकरोडो लोगो का आधथथक शोषण एक भयिकर अनयाय ि और उसक

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विरदध परनििाद का सिर भरपर उठिा चाहिए इस अथथ-वयिसथा स सीध-सीध या परोकषिः जडी िई असिखय दसरी विषमिाए विकनियाअनयायदराचारएक स एक भयिकर अपराधजजिका एक फलिा-फलिा सामराजय ि और जजिको िम अपि आस-पास िरदम िोि दखि ि और जजिस िमारी माििीय सििदिा परकतया जडिी ि कषबध और आिदोमलि िोिी ि rdquo48उसक विरदध आिाज उठािा अनििायथ ि िमार समाज म सिी िगथ िथा अकलीि दमलि अथिा सिक िगथ सदा स िी शोवषि रिा ि अमिराय ि शोवषि िगथ को शोषण मति कराि क मलए िगथ-सिघषथ का आहिाि ककया ि ि सामाजजक नयाय क मलए रति िािनि को भी अनििायथ मािि ि ि किि ि ldquo समाज म नयाय ििीि ि और सििलि सब तरबगड गया ि और जिा समाज का सििलि तरबगडा िआ िो ििा वयजति का सििलि भी तरबगड तरबिा ििीि रि सकिा अपि दश भारि म यि सामाजजक नयाय सबस कम ि इसीमलए यिा का सििलि सबस िी अधधक तरबगडा िआ ि समाज सबस अजसथर ि अब यि सामाजजक अनयाय जि साधारण क मलए असहय िो गया ि और अब यि परािा ढचरा ककसी िरि चल ििीि सकिा अब या िो यि अनयाय की वयिसथा िधानिक िरीको स नयाय की हदशा म बदलगी या कफर रति-िािनि िोगी rdquo49

अमिराय ि अपि साहितय म शोषण क विरदध सिघषथ का सिर उठाया ि िथा आम आदमी को शोषण स मजति पाि िि सिघषथ करि की पररणा दी ि ि किि ि ldquo साहितय तयो जि चििा का परोधा ि बि उसकी नियिी ऐसी तयो िो िि वयजति क भीिर मसमट कर रि जाय rdquo50

134मानवतावाद

अमिराय की विचारधारा मलिः मािििािादी विचारधारा ि अमिराय क अिसार साहितय रचिा जीिि का यथािथय अिकि ििीि बजलक सचचा साहितय जिचििा का विधायक एिि सिघषथ का परोधा िोिा ि उिका कििा ि कक ldquoयिी जीिि दजषट मझ ndashहरगर- करिी ि यिी चीज जो उतपरररि करिी

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ि rdquo51ि सियि वयजति क कषटो को दर करि िथा उस उनिनि की हदशा म परररि करि क मलए कहटबदध मािि ि - ldquoएक भी किािी ऐसी ििीि ि जजसक भीिर मरा समगर धचति िा बोल रिा िो जो सिसार म अनयाय दखिा ि जो बराई दखिा ि िकलीफ दखिा ि और उसस रतिी भर आिदोमलि या विकषबध ििीि िोिा ि ऐसा लखि मरा ििीि ि मर भीिर लखि का सजि का रस जो निझथररि िोिा ि िि निझथररि िो िी ििीि सकिा जब िक कक उसक साथ किीि कोई सतयअसतयनयायअनयायसिदर असिदर य जो मलभि चीज ि इिका परचि िा जडा िो rdquo इसी मािििािादी विचारधारा ि अमि को ि किल साहितय सजि क मलए परररि ककया बजलक इनिीि माििीय मलयो की सथापिा क मलए उनिोि रासिा बिाया उिकी सामयिादी दशथि म अरडग आसथा का कारण भी यिी मािििािाद ि तयोकक मासथिाद अनििः एिि मलिः मािििािाद िी ि जजसका वििचि अमिराय ि अपि निबिध-गरिथ ndash विचारधारा और साहितय- म ककया ि मातसथ क विषय म ि किि ि ldquo उसकी यि माििीय सििदिा या माििीय सरोकार एक शबद म मािििािाद बिधा लोगो की आखो स ओझल िो जािा ि और उसका धयाि आि परिरिि एक रख ndashसख अथथशासि का रप सामि आकर खडा िो जािा ि जो लोग गलि जगि पर जोर द कर मातसथ को किल आधथथक उनिनि स िी बाद दिा चािि ि िो चाि या ि चाि जाि या ि जाि मातसथ क साथ घोर अनयाय करि ि rdquo53अमिराय मि ि कक मातसथ भौनिकिादी इस अथथ म ि कक िि ककसी हदवय शजति को सिीकार ि करक पदाथथ ( कषनिजलपािकगगिसमीर )की सतिा को िी सतय माििा ि अथथ (धि) का पजक िि कभी ििीि रिा उसि सियि आजीिि निधथििा म िी ऋवष-मनियो की भानि जीिि -यापि ककया अमिराय क साहितय म उिकी मािििािादी विचारधारा सिथि हदखाई पडिी ि ि सियि किि ि ldquo सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मािस को रिगा िमरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा rdquo54

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135यथाथसवाद और सहजता

अमिराय साहितय म यथाथथिाद क समथथक ि ि साहितय को शदध कला ििीि मािि ि िरि उस जीिि एिि समाज क मलए उपयोगी मािि ि उिक अिसार सचचा लखि िो ििी ि जोसमाज को कछ हदशा द सक ि किि ि ldquo आधनिक िो परािा िो सचचा लखि ििी ि जजसम लखक अपि दख िए अपि भोग िए को अपि कलातमक सामथयथ-भर अधधक स अधधक पणथिा क साथ धचतरिि करिा चाििा ि rdquo 55 ि साहितय म अिासिविक अथिा अयथाथथ रपिादी परयोगो को वयथथ मािि ि उिका कथि ि ldquo साहितय क अििगथि रप की अििलिा उसको िनिक भी इषट ििीि ि साहितय को माि अलिकरण या साज-सजजा ि मािि िए िम उस रचिा परकिया का अिग मािि ि और इस िाि उसको परा मिति दि ि पर िम कििा चािि ि कक रप का साथथक परयोग ििी ि जो िसि स सजीि सिदभथ म उसकी अधधवयजति की वििशिा स ककया गया ि lsquoशदधrsquo कला क फर म lsquoशदधrsquo रप क अविषकार म लगी िई परयोगशीलिा ििधया मसदध िोिी ि rdquo56

अमराय साहितय की उपयोधगिा पर विचार करि िए किि ि ldquo उसकी िासिविक साथथकिा इसम ि कक िि अिजाि िी आदमी की िजतियो का सिसकार करिा ि और जो साहितय जजििा िी शरषठ िोिा ि उिि जयादा अिजाि ढिग स अपिा काम करिा ि rdquoअिः लखक का यि किथवय ि कक िि साहितय का सजि अपि पररिश स जडकर कर ि िि कोरा आदशथिादी लखि कर ि िी ककसी ndashिाद- या ndashफशि- क चलि ऐसा यथाथथ धचतरिि कर जो सियि उसक समाज म अविदयमाि िो इसी को उनिोि सिज धरािल पर लखि किा ि किािी क कषि म ि सिज किािी क समथथक बि ि किि ि ldquo ियी किािी की खोज म सिज किािी खो गयी rdquo57ldquo सिज किािी स िमारा िातपयथ उस मल कथा-रस स ि जो किािी की अपिी खास चीज ि और जो बिि सी ndashियी- किी जाि िाली किानियो म एक मसर स ििीि ममलिा rdquo58

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इस परकार अमिराय की विचारधारा समाजिादी एिि मािििािादी ि ि लखि म यथाथथ ि सिजिा क परबल समथथक रि िथा अपिी रचिाओि म सब परकार क शोषण क विरदध विदरोि एिि सिघषथ क सिर को ऊचा उठाया ि

136अधययन एव जीवनानभवो का परभाव

अमिराय की विचारधारा क निमाथण म उिका गिि आधययिधचििि िथा जीििािभि भी उतिरदायी रिा ि शरषठ कथा मलखि का रासिा बिाि िए अमिराय किि ि ldquo म िो उसका एक िी ढिग जाििा ि बड किािीकारो को पढिा उस पढि स िी अचछी किािी का बोध उसकी कछ परसििी अपि भीिर छिकर धथरककरसिधचि िोिी रििी िोगी rdquo59 अिः उनिोि समकालीि साहितयकारो को िो खब पढा िी विगि मिाि लखको को उनिोि अपकषाकि फधधक पढा ndash सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मि को रिगा ि मरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा ि -(विचारधारा और साहितय अमिराय प-18) उनिोि मतसथ लनिि एिगलस सटामलि माओ लकास एिि कॉडिल को खब पढा साथ िी उिक सजि पर रिीिदरिाथ टगोर शरिचिदर चिोपाधयाय परमचिद दोसिोिसकी मोपासाि गोकी का असीम परभाि रिा

परमचिद किा करि थ ldquo िम जीिि म जो कछ दखि ि या जो कछ िम पर गजरिी ि ििी अिभिििी चोट कलपिा म पिचकर याहितय सजि की पररणा करिी ि rdquo60 अमिराय ि भी लखक पर अिभिो क सिज परभाि को सिाकारि िए मलखा ि ldquo जो भी मलखिा ि िि सबस पिल िो आदमी िआदमी की िरि स आदमी की जजिदगी जीिा ि िस िी उसक आसिग-परसिग िोि ि और सिबिध बिि ि जजिदगी उसी िरीक स टकरािी ि उसस आकर उसी िरि उसक अिदर बिि िरि स ररसपानसज आि ि और उि सब क मलए ndashहदए िि मलखिा ि rdquo61 अमिराय क कथा-साहितय म आए िए विचारो ि परसिगो का जजममदार अपि जीििािभिो एिि मि को मािि ि ldquo

25

म किानिया मलखिा िजजिदगी क मल म िर दम कछ ि कछ िोिा रििा ि लोग मरि ि जीि ि ििसि ि रोि ि ममलि ि तरबछडि ि ठगि ि ठगजाि ि कछ बाि अपि पर बीििी ि कछ दसरो पर बीिि दखिा ि बिायी िई किानियो स जयादा जािदार और रिगीि किानिया िरदम आखो क सामि िोिी ि बस इििा ि कक अपि मि का रिग इििा चटक िो जाय कक एक बार डबोकर किािी को निकाल मलया जा सक इस किया म िि किािी जो दखी थी कछ की कछ िो जािी ि तयोकक मि क भीिर खद बिि सी किानिया सोयी रििी ि इसी िरि बिि सी किानियो क िायक-िानयकाए सडको पर पाको म मसाकफर खािो म कचिरी और दफिर की गदथ और बोसीदा फाइलो म टिलिनघसटि और रगि ममल जाि ि कभी जयो क तयो ममल जाि ि कभी चार को ममलाकर एक बििा ि और किीि एक को चार म नछिरा हदया जािा ि rdquo62

14 परगततिील आदोलन और अमतराय

अमिराय परगनिशील चििा परारिभ स िी परभाविि रि उिक वपिा परमचिद सियि एक परगनिशील सामाजजक यथाथथिादी लखक रि अमिराय की परािरिमभक रचिाओि यथा ndashिम रखल-मिशी जी मरसथल आहद किानियो म परगनिशील चििा क दशथि िोि ि उिकी किानियो म समाज क निमि और मधय िगथ क शोवषि-जीरडि वयजति िी िायक ि उनिोि उिक दःख-ददथ का यथाथथ धचिण ककया ि

सि 1942 ई0 िक ि मातसथिादी विचारधारा स पणथिः परभाविि िो चक थ और परगनिशील आिदोलि क सिीय कायथकिाथ िो बि गए थ सि 1942 ई0 स उनिोि- ििस- का सिपादि कायथ सिभाल मलया था और ndashििस- को परगनिशील आिदोलि का मख-पि बिा हदया था परयोगिादी परगनिशील किी धगररजा कमार माथर किि ि ndash य जो मिच बिा ििस और य एक वयापक परगनिशील चििा का मिच बिा किर कठमललापि िो बाद म आया उसका भी इनििास टतकर का जो ि िो बाद म आिा ि लककि य िो

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परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

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बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

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अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

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अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

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6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

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इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

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की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

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उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

34

अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 5: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

5

एिि सिसकारशील पाररिाररक िािािरण का जो परभाि अमिराय क बचपि पर पडा िि आजीिि उिक साथ रिा

बचपि और ककशोरकाल- ldquoकलाकारो क जीिि म कलाओि क सफरण का काल िोिा ि rdquo 7 अमिराय का कििा ि ldquoम िो परमचिद क साथ पला बढा rdquo 8उनिोि बचपि स िी घर म साहिजतयक गोजषठयो ि चचाथओि को सिा बड-बड लखकीय वयजतितिो की छिछाया म उिका बचपि पलकर जिाि िआ ldquo मिलब सिसकार सार थ और मशकषा का िािािरण था घर क सिसकार क रप म भीिर स जागि सार शरीर क रोआि-रोआि को झिझिाकर जजस परकार की भाषा निकलिी थी अपि अथथ को वयति करिी थी उसी परकार का सिसकार अमिराय को अपि पररिार एिि बचपि म ममली मशकषा-दीकषा का िी पररणाम ि rdquo 9

अमिराय की औपचाररक मशकषा का परारिभ अिगरजी मधयम स िआ था ककि ि घर पर अपि वपिा स उनिोि साथ िी साथ उदथ की मशकषा भी परापि की कचसमय िक उनिोि मौलिी सािब स उदथ पढी थी ि किि ि ldquo लिमी क करीब लालपर िामक एक गािि था एक औलिी जो य िो दजी थ मगर मौलिी भी थ उिका ितका-ितका िर करक जो िरीका था उसी िरि उदथ पढी rdquo10

परतयक साहितयकार का मि बचपि स िी सििदिकषम िोिा ि अमिराय भी इसका अपिाद ििीि ि अपि बचपि की कछ घटिाए उिक मि म अविसमरणीय रप म अिककि ि ि अपि पिथजो क मलसथाि लिमी गाि ndash जिा अपि बचपि तरबिाय - को बिि चािि थ उनिीि क शबदो म ldquo िा िो य समझो कक बिारस शिर स कोई चार मील की दरी पर ि आजमगढ रोड पर आजमगढ को जो सडक जािी ि उसीपर चार चार मील जाकर िमारा गाि पडिा ि और मझ अपि जजस बचपि की याद िइधर िो समझो कक आधी शिाबदी स रिि का इजतिफाक ििीि िआ ििा

6

लककि उसक पिल की िमाम समनिया मरी उसी गाि की ि म जस लखिऊ म पढिा था िो गमी की छहियो म सीध िम लोग लिमी आ जाि थ और लिमी म मर िमाम दोसि थ और अब उिम स जयादािर लखसक चक ि जयादािर तया लगभग सभी लखसक चक ि बराबर आिा जािा रिा ि म रि ििीि पया कभी rdquo11 इसस सपषट ि कक लिमी स अमिराय का ककििा लगाि था

वपिा क साथ िापस बिारस आ जाि पर उनिोि पिल दयाििद सकल म ितपचचाि तिीनस कॉलज म मशकषा परापि की सि 1934 म जब परमचिद मिबई गए िब ि अपि बड भाई शरीपिराय क साथ इलिाबाद म बोरडग िाउस म रिकर पढ सि 1936 ई0 म उिक वपिा परमचिद का दिािि िो गया जजसस जीिि म भीिर ndash बािर दोिो ओर सिधषथ पणथ जसथनि रिी सिधषो क बािजद अधयि और लखि की ओर उिका झकाि बढिा िी गया हदसिबर 1936 म उिकी परथम ियसक रचिा ndashभारि- म परकामशि िई थी जो ndashकसाई- िामक रखाधचि था उस समय उिकी अिसथा 15 िषथ की थी इसस पिल भी उिकी किानिया- बालसखा- बालक -िािर और ndashमशश- आहद बाल पतरिकाओि म परकामशि िो चकी थीि इस परकार बारि-िरि िषथ की अिसथा स िी उनिोि मलखिा परारिभ कर हदया था सि 1938 ई0 म बिारस स इिटरमीरडएट की परीकषा उतिीणथ करक ि इलिाबाद म ि मयोर िॉसटल म रिि थ जिा परायः परनिभाशाली छाि िी रिा करि थ ldquo उनिीि को उसम लि थ अमरिाथ झा अमरिाथ झा उसक िाडथि िआ करि थ सबस बड rdquo

12 मयोर िॉसटल ( अब जजसका िाम अमरिाथ झा िॉसटल ि ) का िािािरण िौकरशािी की ओर दौडििाला था जिा अधधकािश छाि आधनिक ढिग की िश-भषा धारण करि थ ििीि अमिराय नििािि सिज साधारण वयजति की िरि रिि थ ndashढीला-ढाला पजामा-किाथ और चमरौधा जिा पििा करि थ ि किि ि ldquo िा चमरौधा जिा जजस पििि ि गािि क दिािी िि म पिििा था कपड धोकर पििा करिा था उि लोगो ल मरी चल ििीि बठिी थी और िभी स मर मि म गािधीजी स जयादा गाधीिाद क सिबिध

7

म कछ शिकाए कछ सिाल पदा िोि शर िो गय rdquo13 इसी समय मातसथिाद स परभाविि िय और उसका गिि अधययि ndashमिि करक उस एक पणथ जीिि-दशथि जीया और उस विचार धारा को अपिाया सि 1940 म बी0 ए0 की परीकषा म उनि इलिाबाद विचिविदयालय म परथम सथाि परापि िआ और छाििजति भी ममली सि 1942 म उनिोि अिगरजी विषय म एमए परथम शरणी म पास ककया

113पववाह एव सततत

परगनिशील लखक सिघ की एक शाखा जबलपर म सथावपि करि क उददचय स यशसिी किनयिी सभदरा कमारी चौिाि स ममलि गय ििा उनि उिकी सपिी सधा चौिाि ममलीि बाद म अपरल 1945 म उिका परम वििाि सधा चौिाि क साथ अतयिि सादगी परण िािािरण म सिपनि िआ ि किि ि ldquoकल ममलाकर पाच छः लोगो की थी य बाराि और रामािजलाल जी शरीिासिि क घर एक कमर म य िी बडा उखडा-पखडा सा मामली सा कमरा था उसम ठिरा दी गई--- और शादी का जो रजजसरार िोिा ि उसको बला मलया था ndash और उसि िम लोगो की शादी करा दी rdquo 14 वििाि क कछ समय पचचाि ि इलािाबाद म आकर बस गय थ उिक दो पि आलोकराय एिि अममि छोटा अममि की सि 1966 म रति कनसर क कारण ददथिाक मतय िई

अमिराय उि हदिो पाटी का कायथ बडी लगि स ककया करि थ जजसका उददचय िा दश म राजिीनिक एिि सामाजजक दोिो सिरो पर िािनि लािा ndashजिा सबको सििििा क विकास का अिसर परापि िो ि कोई शोषक िो ि कोई शोवषि lsquoििस rsquo की सामगरी भी सामयिादी पाटी क कयाथलय म बठकर चिी जािी थी ि मलखि ि ldquoजब म सिपादक िआ िब म जरर सारी सामगरी लकर लखिऊ जािा था और बारदखाि म कमयनिसट पाटी क दफिर म मरी रामविलास शमाथ की और मशिदाि की बठक िोिी थी इसम

8

य सारी सामगरी ओक की जािी थी rdquo 15 इस परकार ndashििस- भी िािनि का माधयम बिा

सि 1951 म ndashभारि सरकषा कािि- (जो बाद म अिध धोवषि ककया गया था) क अििगथि इलािाबाद म उनि पकड मलया गया और चार माि िक जल म रििा पडा था -बीज-उपनयास का बीज कारािास म िी अिकररि ि विकमसि िआ था बाद म धीर ndashधीर पाटी म गटबाजी िथा िचाररक सिकीणथिा स कषबध िोकर ि सिीय राजिीनि िथा पाटी स अलग िो गय दस की दररदरिाभरषटाचारराजिीनिजञो की सिाथथपरिा आहद दखकर उिका मि सदि आिोश स भर उठिा था जजसकी अमभवयजति उिकी रचिाओि म निरििर िई ि

साहितय सिा िी उिक जीिि का एक माि धयय बिा साहिजतयक पररिश िो उिको जनम स िी विरासि म परापि िआ था उिक ऊपर सिाथधधक परभाि अपि वपिा परमचिद का पडा इसक अनिररति अनय अिक साहितयकार एिि कलाकार उिक अमभनि ममि थ जिनदर जी परमचिद क जीिि काल म और उिकी मतय क बाद भी बिि हदिो िक उिक बिारस घर म िी रि ि मलखि ि ldquo िमार पररिार म उिकी जसथनि सिज िी बड भाई की सी िो गई थी अममा ि बड पयार स उिको अपिा सबस बडा लडका माि मलया था rdquo 16 मिादिी िमाथ का सिसगथ भी उनि लमब समय िक परापि िआ ि किि ि ldquo म िो सि 38 म इलािाबाद आ गया और मर छािािास क तरबलकल पास िी उिका घर था खब ममलिा बठिा शर िो गया rdquo 17 सधाजी स वििाि क बाद ि भी उिक निकट आ गय थ ि अजञय जी स क साथ भी रि उस समय 14 ििबर बजसटगस रोड पर जिा शरीपिराय रिि थ कई लोग साि रिि थ ldquoपरा गरप िी था बरिभषण अगरिालिममचिदर जिअचक भी आ कर रि थ परभाकर माचि थ आशा दा (डॉतटर आशा मकल दास) बउहद और उिक दो बट सभी लोग थ rdquo 18सि 1948 म जब शरीपि जी वििाि करक अलग अपि बिगल म चल गय िब य

9

लोग अमिराय दिारा खरीदी गई 18 नयाय मागथ पर बिी इमारि म आ गए जजस बादम िोडिाकर अमि जी ि अपिा ndashधप-छाि ndash बगला बििाया था परिीक ndash जजसका सिपादि अजञय जी करि थ यिीि स निकलिा था अमिराय किि ि ldquo परिीक- म मर और उिक बीच जो िचाररक दरी थी िि भी सामि आयी और ndashसिािभि- को लकर मरी-उिकी बिस ndashििस- और ndashपरिीक- क सिपादकीयो म िई rdquo 19

अमिराय ि हििदी म परकामशि परमचिद की अिक आरिमभक लपिपराय रचिाओि अििादो िथा उिक पि-वयििार को खोज निकाला और परकामशि ककया लगभग 2500 पषठो की यि िई परमचिद-सामगरी जजस अमिराय ि परकामशि ककया निमिमललखि ि ndash 1 ndashगपिधि- शीषथक स परमचिद की आरिमभक किानिया 2 मिगलाचरण- शीषथक स परथम चार उपनयास 3 ndashधचटठी-पिी- शीषथक स पि िथा 4 ndashशब-ए-िार- शीषथक स मरीस मिरमलिक क िाटक ndashफोिामारा- का अििाद य रचिाए अमिराय क परयासो स िी हििदी जगि क सामि आयीि -सि 1936 क बाद कछ अतयिि सिघषथ पणथ िषो क बािजद शरीपि और अमि ि अदमय जजजजविषाआपसी समझदारी िथा वपिा की साहिजतयक विरासि को सिभालि की वयिसानयक सझ-बझ क बल पर िि सथावपि ककया जजस अचछ अथो म lsquoपरमचिद सामराजयrsquo किा जा सकिा ि ldquoआज परमचिद की जो खयीनि िउसक पीछ अिशिः शरीपि और अमि का योगदाि भी ि कक उनिोि अपि वपिा की पसिको को जीविि उपलबध और परसाररि रखा rdquo20

अमिराय को अपि जीिि की परौढािसथा म एक ककशोर पि क निधि का दारण शोक भी सििा पडा उिका अटठारि िषथ का छोटा पि अममि(ममथि) रति कनसर का मशकार िोकर आठ मिीि दारण कषठ झलकर जि 1966 ई0 म मतय को परापि िआ इस आघाि ि उनि हिलाकर रख हदया था ककि ि उिक कमथ जीिि म मशधथलिा ििीि आई

10

उिक हरदय की अथाि पीडा उिक lsquoसख-दखrsquo िामक उपनयास म अमभवयति िई ि शोक-गीि जसा यि उपनयास अपि आपम एक अिठी रचिा ि

114पवदि यातरा

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश -यािाए की सि 1952 म ndashविचि शािनि सममलि ndash म भाग लि क मलए चीि-यािा की सि 1965 म जमथिीबलगररया और सोवियि सिध की यािा की सि 1972 म रमानियाििगरीसोवियि सिघइिगलड फािस और इटली की यािा की सि 1978 ई0 म पिः यरोप की यािा की

115परसकार एव सममान

अमिराय कोउिकी उललखिीय ि अिलिीय साहितय सिा एिि साधिा क मलए उनि अिक परसकारो स परसकि भी ककया गया सि 1957 ई0 म लखको क ऐनििामसक lsquoसाहितयकार सममलि rsquo का उनिोि आयोजि ककयाजजसम चार पीहढयो क लखको दिारा परनिनिधधति ककया गया इसी िषथ उनि lsquoसपाटथकसrsquo क हििदी अििाद lsquoआहद विदरोिी rsquo क मलए भारि सरकार क ndashिषथ क शरषठ अििादक परसकार स सममानिि ककया गया सि 1971 ई0 म उनि ndashसोवियि लड ििर -परसकार परापि िआ सि 1973 ई0 म ि साहितय अकादमी की सामानय सममनि और कायथ सममनि क सदसय बि इसी िषथ ि lsquoिशिल बक रसट क नयासीrsquo िथा lsquoसोवियि लड रिर परसकार सममनिrsquo क भी सदसय बिाय गय सि 1977 म समाज भाषा ितजञानिक शोध योजिा पर कायथ करि क मलए ििर फलोमशप स परसकि ककया गया सि 1987 ई0 म उतिर परदश हििदी सिसथाि दिारा ndashसिसथाि सममाि- िथा 1989 ई0 म भारिीय अििाद पररषद दिारा lsquoदवििागीश परसकारrsquo स उनि सममानिि ककया गया

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116मतय

सि 1996 ई0 म 75 िषथ की आय म लगभग दो माि िक पकषाघाि स गरसि रिि क बाद 14 अगसि क हदि इलािाबाद म साहितय का यि अिथक सिी कमथयोदधा रचिाकार अमिराय इस लौककक सिसार स सदा क मलए विदा लकर परलोक चल गय

वयकतततवndashसजथक वयजतिति क निमाथण म सिायक घटिाए जस पिथ सिसकार

बचपि क सिसकार पाररिाररक सामाजजक सािसकनिक आधथथक राजिीनिक धाममथक पररिश इतयादी का कलाकार एिि सजथक क वयजतिति पर गिरा परभाि पडिा ि वयजति अगर साहितयकार िो िो उसक वयजतिति म ककसी ि ककसी रप म उसक वयजतिति की झलक अिचय हदखाई दिी ि साहितय और साहितयकार दोि एक िी ििनिमाथण परकिया क दो पिल ि इस दजषट स साहितयकार कनिति क अधययि क मलए उसक वयजतिति का अधययि मितिपणथ िोिा ि

परािी पीढी क साहितयकार िोि िए भी सििितरयोतिर काल म पररिनिथि िए मलयो की सथापिा करक कई यगीि पररजसथनियो क अिसार वयजति और समाज का सिबिध कफर स सथावपि करि म विषण परभाकरजी का योगदाि विशष मितिपणथ रिा ि ि सामाजजक जीिि की विविध समसयाओि को लकर मलखििाल साहितयकार ि यथाथथ का सकषम निरीकषण

अिकि इिका लकषय रिा ि जजसम उिकी मािि क परनि सिािभनि भी बराबर बिी रिी ि उिक उपनयासो ि किानियो और समसि साहितय म वयजति और समाज इस परकार घल-ममल गए ि कक दोिो की पथक सतिा-सिीकनि कहठि ि उिक सजि का मल सिर मिषय की पिचाि और िर परकार क शोषण क लखलाफ आिाज उठाि का ि

ldquoवयजतिति शबद पसथिमलहट ( Parsonality ) लहटि शबद lsquo पसोिा lsquo

(Parsona ) स बिा िआ ि lsquo पसोिा lsquo का अथथ ि lsquo मखौटाlsquo गरीक कलाकर

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रिगमिच पर अपिी पिचाि नछपाि कमलए मखौट का परयोग ककया करि थ आग चलकर lsquoपसोिा lsquoशबद का अथथ बदल गया मिषय दसर को कसा हदखाई दिा ि इस अथथ म धीर-धीर पसोिा शबद का रपानिर पसथिॉमलहट अथाथि वयजतिति क रप म मलया जाि लगा rdquo21

ldquo वयजतिति शबद भाि िाचक सिजञा ि वयजति क कषि म जजि गणो या विशषिाओि का समािश िोिा िि सब वयजतिति क अििगथि आि ि अथाथि वयजति की मिति पणथ विशषिा उसका वयजतिति ि वयजति की ऐसी विशषिा उस दसरो स अलग बिािी ि ककसी वयजति की विशषिाओि का समदाय िी वयजतिति ि rdquo22

मािक हििदी शबद कोश क अिसार ndashldquo वयजतिति शबद वयजति क यगम स बिा ि जजसका अथथ ि- वयजति िोि की अिसथा या भाि rdquo 23 ककसी वयजति की निजी विमशषट कषमिाए गणपरिजतिया आहद जो उसक उददचयोकायो वयििारो आहद म परकट िोिी िऔर जजिस उस वयजति का सामाजजक रप जसथर िो जािा ि

वयजति क मिोभाि एिि विचार उसक कायथ िथा िाचक आिधगक कियाओि म िाि-भािो म परकट िोि ि साथ िी वयजति का मि सामाजजक सािसकनिक पररिश स सिसकाररि िोिा ि य सिसकार भी उसक किया कलाप

िाि-भािो म अिायास वयति िोिा ि वयजतिति वयजति क अनिरनिहिि गणो का परकामशि रप ि उस वयति करि की कषमिा को िी lsquo वयजतितिrsquo किा जािा ि

हििदी विचि कोश क अिसार- वयजतिति की अिधारणा इस परकार दी गई ि ldquoवयजतिति शबद ककसी वयजति क सामाजजक उददीपक मलयो क सचक रप म परयोग ककया जािा ि rdquo24 इसस िातपयथ उस सिपणथ परभाि स ि जो एक वयजति दसर वयजति पर डालिा ि उददीपक क रप म कियाओि का भी सिि परभाि पडिा िजजिका िि अनय वयजतियो क बीच उपिम करिा ि

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य पररणातमक शजतिया ऐस पररििथि उतपनि करिी िजो उसक अपि अनय वयजतियो और जसथनियो क परतयकषीकरण को परभाविि करि ि दसर शबदो म वयजति आतम पररकषण करिा ि िथा बाहय जीिि सिगठि एकिा और जसथरिा उतपनि करक अपिा अनिियजतिक सिभाि म अपिी आतमधारणा का विकास करिा ि

वयजतिति म अिक शारीररक एिि मािमसक विशषिाओि का समािश ककया जािा ि वयजतिति का वयापक िति ि अिः िि शरीर स लकर उसक माधयम स समसि कायो म वयापि रििा ि वयजतिति परमख रप स सामाजजक एिि जविक घटिाओि स सजजथि िोिा ि ठीक उसी परकार सामाजजक घटक ि पररिश वयजतिति निमाथण म सिायक िोि ि ििश और पाररिाररक जसथनियो का वयजतिति निमाथण म बिि बडा योगदाि िोिा ि वयजति का वयजतिति पररजसथनियो क परभाि स विकमसि िोििाली पररििथिशील ि गनिमाि परकिया ि सामाजजक एिि सािसकनिक िािािरण क परभाि स वयजतिति का विकास िोिा ि वयजतिति वयजति क समसि बाहय एिि आििररक गणदोषो का अमिथ रप ि इि गणो क समचचय का परकाशि उस वयजति क विचार और वयििार की विमशषट शमलया िथा जीिि क परनि उसक दजषटकोण स िोिा ि जजस परकार फलो म सगिध िोिी ि उसी परकार वयजति म वयजतिति अििभथि ि साधारम वयजतियो का वयजतिति उसकी मतय क पचचाि भी उिकी कनियो विचारो क दिारा यग-यगो िक छाप बिाय रखिा ि

सजथक वयजतिति ndashपरतयक सजथक वयजतिति म परनिभा मितिपमथ िोिी ि साहितय कनियो म साहितयकार का वयजतिति परसिगिः कछ मािा म अिायास परनितरबजमबि िोिा ि रचिाकार क अिम का सिसकार उसकी आतमामभवयजति क रप म वयति िोिा ि रचिाकार का अिम समाज क सामहिक अिम क साथ िादातमय िोकर उसक आिनद का कारण बििा ि रचिाकार का वयजतिति यग पररिश स परभाविि िोिा ि उपरोति सभी

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इकाइयो स ममल-जलकर हदवय परनिभा स निखरकर साहितयकार का वयजतिति विकमसि िोिा ि

वयजति क कछ बाहय एिि आििररक ितिो स वयजतिति का निमाथण िोिा ि इि ितिो को वििचि वयजतिति निरपण म अनिभथि ि लखक का पररिारपररिशसिभािपरिजतिया यगीि िािािरण जीिि म ममलििाल अिसर िाथ स कफसल िए सििर कषणकछ गलनिया कछ कमजोररया कछ कषमिाए कछ सबलिाएजीिि मलय दजषटआदशो क परभाि आहद अिभिो स बििए दजषटकोण स लखक का माििीय वयजतिति निमाथण िोिा ि यि वयजतिति समाज और साहिजतयक दानयति स परनिबदध सजग िोकर एक सािीतयकार का सजथक वयजतिति भी बिािा ि साहितयकार का निजी वयजतिति साहितयकार का वयजतिति क सामिजसय स बिा िआ एक विलकषण वयजतिति िोिा ि वयजतिति वयजति क गणो-अिगणो भािो-अभािो क साथ उसकी सिििि सतिा को सधचि करिा ि उसकी यि सिििि सतिा वयजतिति क निमाथण म सिायक िोिी ि वयजति अगर साहितय रचिाकार िो िो निचचय िी उसकी लखिी पर उसकी झलक सपषट रप स हदखाई दिी ि

अमिराय परमचिदोतिर पीढी क उि साहितय क उनिायको म स थ जो लगभग चौथ दशक स अिनिम दशक िक निरििर सजिशील थ 70 िषो क साहिजतयक जीिि म उनिोि हििदी साहितय क भणडार को अपिी अमलय रचिाओि स समदध ककया ि अमिराय ि जीिि को जसा जजया और दखा िसा िी धचतरिि ककया ि सदाबिार लखक िी ििीि बजलक सदा जीििि और सदा सजग लखक भी थ उिकी कीनिथ को कोई धममल ििीि कर सकिा उिका साहितय उिक जीिि का परनिरप ि जजसस उसम एक शजति एक ऊजाथ आ गयी ि यि उिकी विशषिा ि कक उिक वयजति और साहितयकार म अििविथरोध ििीि ि िासिि म यि एकरपिा साहितयकार को अमर बिािी ि यायािरी सिभाििाल अमिराय दश क कोि-कोि म निरििर भरमण करि िए जि समाज सिसकनि दश ि भाषा स एकाकार िोि क िम म

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निरििर सतय की खोज म सिलगि रि इस खोज क पीछ मािििा क कलयाण की भाििा सजनिहिि थी अपिी दीघथ रचिा - काल क कारण ि िर िई पीढी स जड रि उसस सीखि रि और सियि को बदलि रि साहितयकार का यि निरििर िया बि रििा और समाज की धडकिो को पिचाििा और समझिा उस जीििििा और साथथकिा परदाि करिा ि ियी पीढी और समकालीि रचिा- सिसार स अमिराय की इस सिबदधिा ि जिा उनि पविि उजजिल एिि मिगलमयी मनिथ क रप म लोकवपरय बिाया ििाि सतिा ndash परनिषठािो स दर रिकर ि अपि सिधषथशील चररि एिि शील को सरकषकषि रखि म सफल िए उिक इस वयजतिति ि उिक साहितय को भी उसी रप म सिघषथशील िथा मिगलमय बिाकर महिमामिरडि कर हदया ि अिः उिक वयजतिति एिि कनिति स अिगि िोिा अपि म एक अिभि ि

एक िलदशी निमथल जल सा खल वयजतिति का आलोक विसिार जसा गोरा-धचिा अकलिकछरिरा साफ आइि सा शरीर िस िी मति ठिाकदारििाओि िक गजािी िसी िसा िी निवयाथज वयििार एक पारदशी मिममथशीलआतमदाि भरा आचिजसि भाि िति पर िज-िराथर परनिकियाओि का ममजाज भी अििर का भरा ठिराि भी ldquo जस सिसकनि की अिक धाराए यिा आकर ममल गयी ि उसी िरि की सािसकनिक परिपरा और आधनिकिा सामाजजकिा और ियजतिकिा हििदी ndashउदथ और अिगरजी का ममलि तरबिदअमिराय का वयजतिति rdquo25 परकनि स उनि अटट परम था माहट का मोि उिक शबदो म दलखए ldquo म कभी कलपा िी ििीि कर पािा कक ककसी मिािगर म एक छोट ndashस अपाटथमट म ऊपर रि- छठ माल पर म ििीि रि सकिा िम िो एक छोटी सी कहटया फस की िी द दो लककि उसक साथ जरा-सी जमीि िो और ममिी िो rdquo26 इसमलए उिका विशाल बिगला ndashधप-छाि- सकडो िरि क लिा ndashकि ज फलपड-पौधो स आज भी नघरा िआ ि

उिका वयजतिति अििमथखी और बहिमथखी दोिो का समनिय था उनि अपिा परदशथि करिा या ककसी िरि की आतमचलाघा बिि घहटया काम

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लगिा था परकाशि स पिथ ि अपिी रचिाए ि कीसी को पढिाि थ ि सिाि थ एक माि वयजति जो उिकी रचिाए परकामशि िोि स पिल पढ लिा था- िि थी उिकी पतिी सधा जी एक बार इलािाबाद क विदयाथी जीिि म उनिोि मिादिी जी क ndashअिीि क चलधचि- की समीकषा की जजसम जी खोलकर उसकी परशिसा की थी समीकषा एक अिगरजी पतरिका म परकामशि िई ककि ि उनिोि मिादिी जी को ि िो िि पतरिका हदखायी ि उसक बार म बाि िी की ि बिि सिकोची सिभाि क थ उनि यि भी पसिद ि था कक लोग उिका सममाि परमचिद का पि िोि क कारण कर सभाषमखोपाधयाय की पतिी गीिा जी मलखिी ि ndash अमि कलकतिा स इलािाबाद लौट रिा था ldquo एक यािी सजजि ि अपिी बटी को अमि क आरकषकषि बथथ पर बठ हदया था बार-बार अिरोध करि पर भी ि उस बथथ को छोडिा ििीि चािि थ और यि दािा कर रि थ कक िि उनिीि का ि मझ ऐसा लगा कक यहद मि कछ ििीि ककया िो अमि इििा सिकोची जीि ि कक िि फशथ पर बठ कर इलािाबाद िक चला जाएगा पर अपि बथथ की माग ििीि करगा मि उस रडबब म बठ मसाकफरो को जब बिाया कक य परमचिद क पि ि िो बड आदर क साथ उनिीि लोगो ि उसकी बथथ खाली करिाि म भममका निभाई थी rdquo27

अमिराय क हरदय म बचपि स िी अपि माि-वपिा क परनि अतयिि शरदधा एिि परम था परथम बार मािा-वपिा स दर इलािाबाद पढि जाि समय ि रो उठ थ ldquo बनि िो िम िीिो क पर छिा िआ रोिा िआगाडी स उिर गया rdquo28 अमिराय का बचपि का िाम बनि था बचपि स िी ि बड दयालसहरदय एिि सििदिशील थ उिकी मा मशिरािी दिी क शबदो म ndash मरी किारी का छोट बचचा आग म जल गया उसक सार बदि म मलिम पिा िआ था कपड भी गिद िो गय थ मरा छोटा बचचा बनि उस किीि बािर पा गया उस दखकर बनि को दया आई िि उस पचचो को जीि पर स दोिो िाथो का घोरा बिाकर अिदर लाया ldquo बोला ndashअममा इस कछ खाि को दो उस बचच का बदि दखकर मर रोगट खड िो गय rdquo29 बालक अमिराय क बचपि म िी उिक वपिा ि उि भविषय की सिभाििा दख ली

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थी ldquoयि लडका बडा दयािाि मालम िोिा ि भलाउस िि कस लाया ndash भगिाि इमस जीविि रख िम दखिा िमिारा राम यि रोशि करगा rdquo30

बालक जजस पाररिाररक पररिश म जनम लिा ि जजस चार दीिारी म उसका शशिबचपि एिि ककशोरािसथा बीििी ि ििा क िािािरण की सपषट छाप उसक वयजतिति पर आिचयक रप स अिककि िो जािी ि अमिराय ि अपि वयजतिति क बारम किा ि ldquo किा-किा स आदमी को तया-तया ममलिा ि लककि य ि कक म सचमच भीिर स बिि िी साधारण और सिज ि मर पास ि िो बिािट ि और िा म बिािटी लोगो को पसिद करिा ि rdquo31तयोकक ldquo रचिा अनििायथ रपण रचनयिा क वयजतिति स सिबदध िोिी ि rdquo32

अमिराय सबको बराबर मािकर चलििाल वयजति थ ि सियि किि ि ldquo लककि म बदककसमिी स ि िो ककसी को अपिा चला बिा सकिा ि और ि ककसी का चला बि सकिा ि मझको किल बराबरी का सिबिध आिा ि rdquo33 उिक जजिि भी ममि थ उिस उिक नििािि सिज पाररिाररक सिबिध थ ि अपि सहरदजिो का माि रखि क मलए जो उनि िापसिद िोिा िि भी कर लि थ गीिा जी मलखिी ि ldquo अमि और सधा दोिो शाखािारी थ पर िम खश करि क मलए अमि कभी-कभी मछली खा लिा उस यि पिा था कक सभाष मछली क तरबिा ििीि रप सकि िि भोजि बडी रची स करिा rdquo34 रािगय राघि स अपिी िलिा करि िए अमिराय ि अपि सिकोची सिभाि क विषय म सियि भी मलखा ि ldquo मर अपि मसमट ndashमसमट सििभाि स उसका मल ििीि बठिा था अपि को बािर फ क सकि औरो क साथ घला ndashममला दि क इस गण का म बिि आदर करिा ि rdquo35

ि अपि विचारो पर सदि दढ रि यहद कोई उिकी विचारघारा अथिा आसथा पर अिधचि आपकष लगािा ि िो ि उसका मििोड जिाब दि म सिकोच ििीि करि थ उनिोि मलखा ि ldquo म यो निजी मामलो म िो बिि शािनिपरमी आदमी ि थोडा दबकर भी बिि स झगडो दरगजर कर जािा

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ि लककि विचारो की दनिया म उपिी आसथाओि को विचिासो को जरा जयादा िी मजबिी स पकडिा ि इसमलए उस पर कोई आिमण ििीि सि सकिा और ि ििा पर ककसी िरि का समझौिा करिा मझ पसिद ि rdquo36 ऐस अिसरो पर दो-दो घिट लगािार भाषण द डालि थ अमभयोग का उतिर दि समय भी ि िसी हदललगी क साथ िलक-फलक अिदाज म िी भाषण हदया करि थ जजसस शरोिा भी आििदपिथक रस लकर उिकी बाि सिा करि थ यि उिक वयजतिति का बिि बडा िमशषय था ि ऐस निरमभमािी कलाकार थ जो दसरो की कला ि दसरो क गणो का बिि आदर करि थ डॉ रामविलास शमाथ ि उि पर िथा रािगय राघि रािल सािकतयायि आहद अिक परगनिशील लखको पर lsquoटटपजजया समाजिादीrsquo िोि का आकषप लगाया था ldquoसाहितय म सियति मोचाथ ndash पसिक मलखकर इसका उनिोि मििोड जिाब भी हदया था ककि ि ि शमाथ जी की इस एक कमी को सिीकार करि िए उिक अनय गणो की परशिसा करि थ rdquo37

13पवचारधाराएव परभाव

अमिराय ि अपिी कनियो पर िए विचारधारा क परभाि क सिदभथ म मलखा ि ldquoजजस िगथ स कलाकार जनम लिा ि उसक लौककक दजषटकोण क अिसार उसकी एक विचारधारा जनम स िी बि जािी ि अगर उसक सिरकषक भी उसी िगथ क िए िो िि मा क दध क साथ गरिण ककए िए अपि जीिि क दजषटकोण स परी िरि सििषट रिगा और उसको अपिी कनियो म अमभवयति करगा rdquo38परतयक साहितयकार पर परतयकष या परोकष रप स ककसी ि ककसी विचारधारा का पभाि अिचय िोिा िी ि अमिराय क शबदो म ldquo जिा रचिाकार को सचिि रप स अपिी विचारधारा का पिा ििीि िोिा ििा भी विचारधारा िो रििी िी ि रचिा पर अिजाि िी उसका समािश िो जािा ि विचारधारा किीि सििदिा बिकर आिी ि और किीि परसिगिः रचिाकार की माििीय परनिकिया बिकरrdquo

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131सामयवादी पवचारधारा

अमिराय ि निबिध lsquoविचारधारा और साहितयrsquo म सपसट सिीकर ककया ि कक ldquo मरी विचारधारा सामयिादी ि या यो कि लीजजए कक मझ पर सामयिादी विचारधारा का गिरा परभाि ि rdquo40 सि 1943 ई0 म उनिोि सामयिादी पाटी की सदसयिा गरिण की िथा मजदर ndashयनियि क मििी भी बि थ -बीज- उपनयास िथा ndashपारजाि क फल ndashआहद किानियो म उिकी सामयिादी विचारधारा सपसटिः सामि आई ि ककि ि ककसी भी विचारधारा या lsquoिादrsquo का अिधािसरण करि का ि विरोध करि ि ldquo जब-जब और जिा-जिा अिधािसरण की ऐसी कोई िीनि बरिी या अपिायी गयी ि विचार मर गया ि साहितय मरगया ि किल पररपाटी का रहढबदध लखि िआ ि rdquo41

सामयिादी पटी का सदसय रिि िए भी ि अपि ढिगस कछ अलग-अलग-सा भी सोचि रि और कदाधचि इसका कछ मलय भी उस चकािा पडा तयो कक सामदानयक धचििि परकतया मशविरबदधिा मागिा ि ि किि ि ldquo

मरा मि जसा कचछ बिा था िसी मसविरबदधिा मर मलए कभी सिभि ि िो पायी पर मझ कोई खद ििीि ि तयोकक मझ लगिा ि कक अिििः अपिा वििक िी सबस अचछा जीिि-सिचर िोिा ि rdquo42उनिोि मातसथिाद का गिि अधययि -मिि करक उस अपिी विचारधारा बिाया ि अपि समाज का अधययि करक अपि मिि-धचििि की कसौटी पर अचछी िरि परखकर और अपि मि क भीिर डबकर अचछी िरि टटोलकर जजस बाि को सिी जािि थ उसी को सिीकार करि थ उनिोि बािर क ककसी अिकश को कभी सिीकार ििीि ककया उिका मि ि ldquo यि अिशासि और अिकश रचिाकार क अपि वििक क भीिर स आिा चाहिए rdquo43

अमिराय ि कछ िषो क पचचाि सामयिादी पाटी स सिबिध िोड हदया था ककि ि सामयिाहद विचारधारा म उिका विचिास आजीिि रिा ि मलखि ि ldquo मर मलए विचारधारा कछ दसरी चीज ि उस आदमी मजबिी स

20

पकडिा ि िि समपथण मािगिी ि उसक मलए निषठा चाहिए गिरा आििररक विचिास चाहिए उसी निषठा और गिर विचिास म स सब िरि क अभािकषट नििदाअपमािजलयाििा सब कछ सिि और जररि पडि पर अपि पराण िक द दि की िाकि आिी ि जिा य निषठा और समपथण और अकि ठ विचिास ििीि ि ििा कफर विचारधारा कसी जसी िई िस ि िई rdquo44

132गाधीवाद का परभाव

परारिभ म अमिरायकालीि समाजपर गाधीजी छाए िए थ अिः सपषट ि कक अमिराय की धचिििधारा पर गािधीिाद का गिरा परभाि लकषकषि िोिा सिाभाविक िी ि ldquo मरा िो काल (सि 1942-44) भयिकर गाधी भजति का था rdquo45 अिः उिकी रचिाओि म खासकर ndashबीज-उपनयास म मातसथिादी विचारधारा की गिराई म गाधीिादी विचारधारा क िति एिि सामाजजक मसदधािि जस मदयनिषध िगथ बद विरोध सिदशी राषरीय मशकषा वपछडो का उतथाि हदखाई दि ि

133मातससवादी चचतन का परभाव (वगस सघरस)

सि 1950 क उपरािि अमिराय मातसथिादी पाटी क सिीय सदसय बि गय मातसथिादी धचििि ि उि पर जाद कर हदया था इसमलए ि उस अधधक पसिद करि थ ldquo म मातसथिाद स पयार करि लगाथा rdquo46 ि उस जीििसमाज और सिसार बदलि का असि मािि ि ldquo मातसथिाद स अहदक जीिििअधधक िािनिकारी अधधक लोक कलयाणकारी मबलकअधधक सचचािाद दसरा ििीि rdquo47पररणामसिरप उिका परा साहितय मातसथिाद क दििदिातमक भौनिकिादी दशथि पर आधाररि ि सामयिादी और मातसथिादी दशथि समाज म समिा और नयाय की सथापिा कमलए िगथ सिघषथ को अनििायथ माििा ि िमार समाज म दो िगथ निरििर रि ि ndash एक शोषक िगथ और दसरा शोवषि िगथ अमिराय किि ि ldquoमटठी भर पजीपनियो दिारा लाखो ndashकरोडो लोगो का आधथथक शोषण एक भयिकर अनयाय ि और उसक

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विरदध परनििाद का सिर भरपर उठिा चाहिए इस अथथ-वयिसथा स सीध-सीध या परोकषिः जडी िई असिखय दसरी विषमिाए विकनियाअनयायदराचारएक स एक भयिकर अपराधजजिका एक फलिा-फलिा सामराजय ि और जजिको िम अपि आस-पास िरदम िोि दखि ि और जजिस िमारी माििीय सििदिा परकतया जडिी ि कषबध और आिदोमलि िोिी ि rdquo48उसक विरदध आिाज उठािा अनििायथ ि िमार समाज म सिी िगथ िथा अकलीि दमलि अथिा सिक िगथ सदा स िी शोवषि रिा ि अमिराय ि शोवषि िगथ को शोषण मति कराि क मलए िगथ-सिघषथ का आहिाि ककया ि ि सामाजजक नयाय क मलए रति िािनि को भी अनििायथ मािि ि ि किि ि ldquo समाज म नयाय ििीि ि और सििलि सब तरबगड गया ि और जिा समाज का सििलि तरबगडा िआ िो ििा वयजति का सििलि भी तरबगड तरबिा ििीि रि सकिा अपि दश भारि म यि सामाजजक नयाय सबस कम ि इसीमलए यिा का सििलि सबस िी अधधक तरबगडा िआ ि समाज सबस अजसथर ि अब यि सामाजजक अनयाय जि साधारण क मलए असहय िो गया ि और अब यि परािा ढचरा ककसी िरि चल ििीि सकिा अब या िो यि अनयाय की वयिसथा िधानिक िरीको स नयाय की हदशा म बदलगी या कफर रति-िािनि िोगी rdquo49

अमिराय ि अपि साहितय म शोषण क विरदध सिघषथ का सिर उठाया ि िथा आम आदमी को शोषण स मजति पाि िि सिघषथ करि की पररणा दी ि ि किि ि ldquo साहितय तयो जि चििा का परोधा ि बि उसकी नियिी ऐसी तयो िो िि वयजति क भीिर मसमट कर रि जाय rdquo50

134मानवतावाद

अमिराय की विचारधारा मलिः मािििािादी विचारधारा ि अमिराय क अिसार साहितय रचिा जीिि का यथािथय अिकि ििीि बजलक सचचा साहितय जिचििा का विधायक एिि सिघषथ का परोधा िोिा ि उिका कििा ि कक ldquoयिी जीिि दजषट मझ ndashहरगर- करिी ि यिी चीज जो उतपरररि करिी

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ि rdquo51ि सियि वयजति क कषटो को दर करि िथा उस उनिनि की हदशा म परररि करि क मलए कहटबदध मािि ि - ldquoएक भी किािी ऐसी ििीि ि जजसक भीिर मरा समगर धचति िा बोल रिा िो जो सिसार म अनयाय दखिा ि जो बराई दखिा ि िकलीफ दखिा ि और उसस रतिी भर आिदोमलि या विकषबध ििीि िोिा ि ऐसा लखि मरा ििीि ि मर भीिर लखि का सजि का रस जो निझथररि िोिा ि िि निझथररि िो िी ििीि सकिा जब िक कक उसक साथ किीि कोई सतयअसतयनयायअनयायसिदर असिदर य जो मलभि चीज ि इिका परचि िा जडा िो rdquo इसी मािििािादी विचारधारा ि अमि को ि किल साहितय सजि क मलए परररि ककया बजलक इनिीि माििीय मलयो की सथापिा क मलए उनिोि रासिा बिाया उिकी सामयिादी दशथि म अरडग आसथा का कारण भी यिी मािििािाद ि तयोकक मासथिाद अनििः एिि मलिः मािििािाद िी ि जजसका वििचि अमिराय ि अपि निबिध-गरिथ ndash विचारधारा और साहितय- म ककया ि मातसथ क विषय म ि किि ि ldquo उसकी यि माििीय सििदिा या माििीय सरोकार एक शबद म मािििािाद बिधा लोगो की आखो स ओझल िो जािा ि और उसका धयाि आि परिरिि एक रख ndashसख अथथशासि का रप सामि आकर खडा िो जािा ि जो लोग गलि जगि पर जोर द कर मातसथ को किल आधथथक उनिनि स िी बाद दिा चािि ि िो चाि या ि चाि जाि या ि जाि मातसथ क साथ घोर अनयाय करि ि rdquo53अमिराय मि ि कक मातसथ भौनिकिादी इस अथथ म ि कक िि ककसी हदवय शजति को सिीकार ि करक पदाथथ ( कषनिजलपािकगगिसमीर )की सतिा को िी सतय माििा ि अथथ (धि) का पजक िि कभी ििीि रिा उसि सियि आजीिि निधथििा म िी ऋवष-मनियो की भानि जीिि -यापि ककया अमिराय क साहितय म उिकी मािििािादी विचारधारा सिथि हदखाई पडिी ि ि सियि किि ि ldquo सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मािस को रिगा िमरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा rdquo54

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135यथाथसवाद और सहजता

अमिराय साहितय म यथाथथिाद क समथथक ि ि साहितय को शदध कला ििीि मािि ि िरि उस जीिि एिि समाज क मलए उपयोगी मािि ि उिक अिसार सचचा लखि िो ििी ि जोसमाज को कछ हदशा द सक ि किि ि ldquo आधनिक िो परािा िो सचचा लखि ििी ि जजसम लखक अपि दख िए अपि भोग िए को अपि कलातमक सामथयथ-भर अधधक स अधधक पणथिा क साथ धचतरिि करिा चाििा ि rdquo 55 ि साहितय म अिासिविक अथिा अयथाथथ रपिादी परयोगो को वयथथ मािि ि उिका कथि ि ldquo साहितय क अििगथि रप की अििलिा उसको िनिक भी इषट ििीि ि साहितय को माि अलिकरण या साज-सजजा ि मािि िए िम उस रचिा परकिया का अिग मािि ि और इस िाि उसको परा मिति दि ि पर िम कििा चािि ि कक रप का साथथक परयोग ििी ि जो िसि स सजीि सिदभथ म उसकी अधधवयजति की वििशिा स ककया गया ि lsquoशदधrsquo कला क फर म lsquoशदधrsquo रप क अविषकार म लगी िई परयोगशीलिा ििधया मसदध िोिी ि rdquo56

अमराय साहितय की उपयोधगिा पर विचार करि िए किि ि ldquo उसकी िासिविक साथथकिा इसम ि कक िि अिजाि िी आदमी की िजतियो का सिसकार करिा ि और जो साहितय जजििा िी शरषठ िोिा ि उिि जयादा अिजाि ढिग स अपिा काम करिा ि rdquoअिः लखक का यि किथवय ि कक िि साहितय का सजि अपि पररिश स जडकर कर ि िि कोरा आदशथिादी लखि कर ि िी ककसी ndashिाद- या ndashफशि- क चलि ऐसा यथाथथ धचतरिि कर जो सियि उसक समाज म अविदयमाि िो इसी को उनिोि सिज धरािल पर लखि किा ि किािी क कषि म ि सिज किािी क समथथक बि ि किि ि ldquo ियी किािी की खोज म सिज किािी खो गयी rdquo57ldquo सिज किािी स िमारा िातपयथ उस मल कथा-रस स ि जो किािी की अपिी खास चीज ि और जो बिि सी ndashियी- किी जाि िाली किानियो म एक मसर स ििीि ममलिा rdquo58

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इस परकार अमिराय की विचारधारा समाजिादी एिि मािििािादी ि ि लखि म यथाथथ ि सिजिा क परबल समथथक रि िथा अपिी रचिाओि म सब परकार क शोषण क विरदध विदरोि एिि सिघषथ क सिर को ऊचा उठाया ि

136अधययन एव जीवनानभवो का परभाव

अमिराय की विचारधारा क निमाथण म उिका गिि आधययिधचििि िथा जीििािभि भी उतिरदायी रिा ि शरषठ कथा मलखि का रासिा बिाि िए अमिराय किि ि ldquo म िो उसका एक िी ढिग जाििा ि बड किािीकारो को पढिा उस पढि स िी अचछी किािी का बोध उसकी कछ परसििी अपि भीिर छिकर धथरककरसिधचि िोिी रििी िोगी rdquo59 अिः उनिोि समकालीि साहितयकारो को िो खब पढा िी विगि मिाि लखको को उनिोि अपकषाकि फधधक पढा ndash सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मि को रिगा ि मरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा ि -(विचारधारा और साहितय अमिराय प-18) उनिोि मतसथ लनिि एिगलस सटामलि माओ लकास एिि कॉडिल को खब पढा साथ िी उिक सजि पर रिीिदरिाथ टगोर शरिचिदर चिोपाधयाय परमचिद दोसिोिसकी मोपासाि गोकी का असीम परभाि रिा

परमचिद किा करि थ ldquo िम जीिि म जो कछ दखि ि या जो कछ िम पर गजरिी ि ििी अिभिििी चोट कलपिा म पिचकर याहितय सजि की पररणा करिी ि rdquo60 अमिराय ि भी लखक पर अिभिो क सिज परभाि को सिाकारि िए मलखा ि ldquo जो भी मलखिा ि िि सबस पिल िो आदमी िआदमी की िरि स आदमी की जजिदगी जीिा ि िस िी उसक आसिग-परसिग िोि ि और सिबिध बिि ि जजिदगी उसी िरीक स टकरािी ि उसस आकर उसी िरि उसक अिदर बिि िरि स ररसपानसज आि ि और उि सब क मलए ndashहदए िि मलखिा ि rdquo61 अमिराय क कथा-साहितय म आए िए विचारो ि परसिगो का जजममदार अपि जीििािभिो एिि मि को मािि ि ldquo

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म किानिया मलखिा िजजिदगी क मल म िर दम कछ ि कछ िोिा रििा ि लोग मरि ि जीि ि ििसि ि रोि ि ममलि ि तरबछडि ि ठगि ि ठगजाि ि कछ बाि अपि पर बीििी ि कछ दसरो पर बीिि दखिा ि बिायी िई किानियो स जयादा जािदार और रिगीि किानिया िरदम आखो क सामि िोिी ि बस इििा ि कक अपि मि का रिग इििा चटक िो जाय कक एक बार डबोकर किािी को निकाल मलया जा सक इस किया म िि किािी जो दखी थी कछ की कछ िो जािी ि तयोकक मि क भीिर खद बिि सी किानिया सोयी रििी ि इसी िरि बिि सी किानियो क िायक-िानयकाए सडको पर पाको म मसाकफर खािो म कचिरी और दफिर की गदथ और बोसीदा फाइलो म टिलिनघसटि और रगि ममल जाि ि कभी जयो क तयो ममल जाि ि कभी चार को ममलाकर एक बििा ि और किीि एक को चार म नछिरा हदया जािा ि rdquo62

14 परगततिील आदोलन और अमतराय

अमिराय परगनिशील चििा परारिभ स िी परभाविि रि उिक वपिा परमचिद सियि एक परगनिशील सामाजजक यथाथथिादी लखक रि अमिराय की परािरिमभक रचिाओि यथा ndashिम रखल-मिशी जी मरसथल आहद किानियो म परगनिशील चििा क दशथि िोि ि उिकी किानियो म समाज क निमि और मधय िगथ क शोवषि-जीरडि वयजति िी िायक ि उनिोि उिक दःख-ददथ का यथाथथ धचिण ककया ि

सि 1942 ई0 िक ि मातसथिादी विचारधारा स पणथिः परभाविि िो चक थ और परगनिशील आिदोलि क सिीय कायथकिाथ िो बि गए थ सि 1942 ई0 स उनिोि- ििस- का सिपादि कायथ सिभाल मलया था और ndashििस- को परगनिशील आिदोलि का मख-पि बिा हदया था परयोगिादी परगनिशील किी धगररजा कमार माथर किि ि ndash य जो मिच बिा ििस और य एक वयापक परगनिशील चििा का मिच बिा किर कठमललापि िो बाद म आया उसका भी इनििास टतकर का जो ि िो बाद म आिा ि लककि य िो

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परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

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बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

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अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

29

अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

30

6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

31

इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

32

की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

33

उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

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अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 6: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

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लककि उसक पिल की िमाम समनिया मरी उसी गाि की ि म जस लखिऊ म पढिा था िो गमी की छहियो म सीध िम लोग लिमी आ जाि थ और लिमी म मर िमाम दोसि थ और अब उिम स जयादािर लखसक चक ि जयादािर तया लगभग सभी लखसक चक ि बराबर आिा जािा रिा ि म रि ििीि पया कभी rdquo11 इसस सपषट ि कक लिमी स अमिराय का ककििा लगाि था

वपिा क साथ िापस बिारस आ जाि पर उनिोि पिल दयाििद सकल म ितपचचाि तिीनस कॉलज म मशकषा परापि की सि 1934 म जब परमचिद मिबई गए िब ि अपि बड भाई शरीपिराय क साथ इलिाबाद म बोरडग िाउस म रिकर पढ सि 1936 ई0 म उिक वपिा परमचिद का दिािि िो गया जजसस जीिि म भीिर ndash बािर दोिो ओर सिधषथ पणथ जसथनि रिी सिधषो क बािजद अधयि और लखि की ओर उिका झकाि बढिा िी गया हदसिबर 1936 म उिकी परथम ियसक रचिा ndashभारि- म परकामशि िई थी जो ndashकसाई- िामक रखाधचि था उस समय उिकी अिसथा 15 िषथ की थी इसस पिल भी उिकी किानिया- बालसखा- बालक -िािर और ndashमशश- आहद बाल पतरिकाओि म परकामशि िो चकी थीि इस परकार बारि-िरि िषथ की अिसथा स िी उनिोि मलखिा परारिभ कर हदया था सि 1938 ई0 म बिारस स इिटरमीरडएट की परीकषा उतिीणथ करक ि इलिाबाद म ि मयोर िॉसटल म रिि थ जिा परायः परनिभाशाली छाि िी रिा करि थ ldquo उनिीि को उसम लि थ अमरिाथ झा अमरिाथ झा उसक िाडथि िआ करि थ सबस बड rdquo

12 मयोर िॉसटल ( अब जजसका िाम अमरिाथ झा िॉसटल ि ) का िािािरण िौकरशािी की ओर दौडििाला था जिा अधधकािश छाि आधनिक ढिग की िश-भषा धारण करि थ ििीि अमिराय नििािि सिज साधारण वयजति की िरि रिि थ ndashढीला-ढाला पजामा-किाथ और चमरौधा जिा पििा करि थ ि किि ि ldquo िा चमरौधा जिा जजस पििि ि गािि क दिािी िि म पिििा था कपड धोकर पििा करिा था उि लोगो ल मरी चल ििीि बठिी थी और िभी स मर मि म गािधीजी स जयादा गाधीिाद क सिबिध

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म कछ शिकाए कछ सिाल पदा िोि शर िो गय rdquo13 इसी समय मातसथिाद स परभाविि िय और उसका गिि अधययि ndashमिि करक उस एक पणथ जीिि-दशथि जीया और उस विचार धारा को अपिाया सि 1940 म बी0 ए0 की परीकषा म उनि इलिाबाद विचिविदयालय म परथम सथाि परापि िआ और छाििजति भी ममली सि 1942 म उनिोि अिगरजी विषय म एमए परथम शरणी म पास ककया

113पववाह एव सततत

परगनिशील लखक सिघ की एक शाखा जबलपर म सथावपि करि क उददचय स यशसिी किनयिी सभदरा कमारी चौिाि स ममलि गय ििा उनि उिकी सपिी सधा चौिाि ममलीि बाद म अपरल 1945 म उिका परम वििाि सधा चौिाि क साथ अतयिि सादगी परण िािािरण म सिपनि िआ ि किि ि ldquoकल ममलाकर पाच छः लोगो की थी य बाराि और रामािजलाल जी शरीिासिि क घर एक कमर म य िी बडा उखडा-पखडा सा मामली सा कमरा था उसम ठिरा दी गई--- और शादी का जो रजजसरार िोिा ि उसको बला मलया था ndash और उसि िम लोगो की शादी करा दी rdquo 14 वििाि क कछ समय पचचाि ि इलािाबाद म आकर बस गय थ उिक दो पि आलोकराय एिि अममि छोटा अममि की सि 1966 म रति कनसर क कारण ददथिाक मतय िई

अमिराय उि हदिो पाटी का कायथ बडी लगि स ककया करि थ जजसका उददचय िा दश म राजिीनिक एिि सामाजजक दोिो सिरो पर िािनि लािा ndashजिा सबको सििििा क विकास का अिसर परापि िो ि कोई शोषक िो ि कोई शोवषि lsquoििस rsquo की सामगरी भी सामयिादी पाटी क कयाथलय म बठकर चिी जािी थी ि मलखि ि ldquoजब म सिपादक िआ िब म जरर सारी सामगरी लकर लखिऊ जािा था और बारदखाि म कमयनिसट पाटी क दफिर म मरी रामविलास शमाथ की और मशिदाि की बठक िोिी थी इसम

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य सारी सामगरी ओक की जािी थी rdquo 15 इस परकार ndashििस- भी िािनि का माधयम बिा

सि 1951 म ndashभारि सरकषा कािि- (जो बाद म अिध धोवषि ककया गया था) क अििगथि इलािाबाद म उनि पकड मलया गया और चार माि िक जल म रििा पडा था -बीज-उपनयास का बीज कारािास म िी अिकररि ि विकमसि िआ था बाद म धीर ndashधीर पाटी म गटबाजी िथा िचाररक सिकीणथिा स कषबध िोकर ि सिीय राजिीनि िथा पाटी स अलग िो गय दस की दररदरिाभरषटाचारराजिीनिजञो की सिाथथपरिा आहद दखकर उिका मि सदि आिोश स भर उठिा था जजसकी अमभवयजति उिकी रचिाओि म निरििर िई ि

साहितय सिा िी उिक जीिि का एक माि धयय बिा साहिजतयक पररिश िो उिको जनम स िी विरासि म परापि िआ था उिक ऊपर सिाथधधक परभाि अपि वपिा परमचिद का पडा इसक अनिररति अनय अिक साहितयकार एिि कलाकार उिक अमभनि ममि थ जिनदर जी परमचिद क जीिि काल म और उिकी मतय क बाद भी बिि हदिो िक उिक बिारस घर म िी रि ि मलखि ि ldquo िमार पररिार म उिकी जसथनि सिज िी बड भाई की सी िो गई थी अममा ि बड पयार स उिको अपिा सबस बडा लडका माि मलया था rdquo 16 मिादिी िमाथ का सिसगथ भी उनि लमब समय िक परापि िआ ि किि ि ldquo म िो सि 38 म इलािाबाद आ गया और मर छािािास क तरबलकल पास िी उिका घर था खब ममलिा बठिा शर िो गया rdquo 17 सधाजी स वििाि क बाद ि भी उिक निकट आ गय थ ि अजञय जी स क साथ भी रि उस समय 14 ििबर बजसटगस रोड पर जिा शरीपिराय रिि थ कई लोग साि रिि थ ldquoपरा गरप िी था बरिभषण अगरिालिममचिदर जिअचक भी आ कर रि थ परभाकर माचि थ आशा दा (डॉतटर आशा मकल दास) बउहद और उिक दो बट सभी लोग थ rdquo 18सि 1948 म जब शरीपि जी वििाि करक अलग अपि बिगल म चल गय िब य

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लोग अमिराय दिारा खरीदी गई 18 नयाय मागथ पर बिी इमारि म आ गए जजस बादम िोडिाकर अमि जी ि अपिा ndashधप-छाि ndash बगला बििाया था परिीक ndash जजसका सिपादि अजञय जी करि थ यिीि स निकलिा था अमिराय किि ि ldquo परिीक- म मर और उिक बीच जो िचाररक दरी थी िि भी सामि आयी और ndashसिािभि- को लकर मरी-उिकी बिस ndashििस- और ndashपरिीक- क सिपादकीयो म िई rdquo 19

अमिराय ि हििदी म परकामशि परमचिद की अिक आरिमभक लपिपराय रचिाओि अििादो िथा उिक पि-वयििार को खोज निकाला और परकामशि ककया लगभग 2500 पषठो की यि िई परमचिद-सामगरी जजस अमिराय ि परकामशि ककया निमिमललखि ि ndash 1 ndashगपिधि- शीषथक स परमचिद की आरिमभक किानिया 2 मिगलाचरण- शीषथक स परथम चार उपनयास 3 ndashधचटठी-पिी- शीषथक स पि िथा 4 ndashशब-ए-िार- शीषथक स मरीस मिरमलिक क िाटक ndashफोिामारा- का अििाद य रचिाए अमिराय क परयासो स िी हििदी जगि क सामि आयीि -सि 1936 क बाद कछ अतयिि सिघषथ पणथ िषो क बािजद शरीपि और अमि ि अदमय जजजजविषाआपसी समझदारी िथा वपिा की साहिजतयक विरासि को सिभालि की वयिसानयक सझ-बझ क बल पर िि सथावपि ककया जजस अचछ अथो म lsquoपरमचिद सामराजयrsquo किा जा सकिा ि ldquoआज परमचिद की जो खयीनि िउसक पीछ अिशिः शरीपि और अमि का योगदाि भी ि कक उनिोि अपि वपिा की पसिको को जीविि उपलबध और परसाररि रखा rdquo20

अमिराय को अपि जीिि की परौढािसथा म एक ककशोर पि क निधि का दारण शोक भी सििा पडा उिका अटठारि िषथ का छोटा पि अममि(ममथि) रति कनसर का मशकार िोकर आठ मिीि दारण कषठ झलकर जि 1966 ई0 म मतय को परापि िआ इस आघाि ि उनि हिलाकर रख हदया था ककि ि उिक कमथ जीिि म मशधथलिा ििीि आई

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उिक हरदय की अथाि पीडा उिक lsquoसख-दखrsquo िामक उपनयास म अमभवयति िई ि शोक-गीि जसा यि उपनयास अपि आपम एक अिठी रचिा ि

114पवदि यातरा

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश -यािाए की सि 1952 म ndashविचि शािनि सममलि ndash म भाग लि क मलए चीि-यािा की सि 1965 म जमथिीबलगररया और सोवियि सिध की यािा की सि 1972 म रमानियाििगरीसोवियि सिघइिगलड फािस और इटली की यािा की सि 1978 ई0 म पिः यरोप की यािा की

115परसकार एव सममान

अमिराय कोउिकी उललखिीय ि अिलिीय साहितय सिा एिि साधिा क मलए उनि अिक परसकारो स परसकि भी ककया गया सि 1957 ई0 म लखको क ऐनििामसक lsquoसाहितयकार सममलि rsquo का उनिोि आयोजि ककयाजजसम चार पीहढयो क लखको दिारा परनिनिधधति ककया गया इसी िषथ उनि lsquoसपाटथकसrsquo क हििदी अििाद lsquoआहद विदरोिी rsquo क मलए भारि सरकार क ndashिषथ क शरषठ अििादक परसकार स सममानिि ककया गया सि 1971 ई0 म उनि ndashसोवियि लड ििर -परसकार परापि िआ सि 1973 ई0 म ि साहितय अकादमी की सामानय सममनि और कायथ सममनि क सदसय बि इसी िषथ ि lsquoिशिल बक रसट क नयासीrsquo िथा lsquoसोवियि लड रिर परसकार सममनिrsquo क भी सदसय बिाय गय सि 1977 म समाज भाषा ितजञानिक शोध योजिा पर कायथ करि क मलए ििर फलोमशप स परसकि ककया गया सि 1987 ई0 म उतिर परदश हििदी सिसथाि दिारा ndashसिसथाि सममाि- िथा 1989 ई0 म भारिीय अििाद पररषद दिारा lsquoदवििागीश परसकारrsquo स उनि सममानिि ककया गया

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116मतय

सि 1996 ई0 म 75 िषथ की आय म लगभग दो माि िक पकषाघाि स गरसि रिि क बाद 14 अगसि क हदि इलािाबाद म साहितय का यि अिथक सिी कमथयोदधा रचिाकार अमिराय इस लौककक सिसार स सदा क मलए विदा लकर परलोक चल गय

वयकतततवndashसजथक वयजतिति क निमाथण म सिायक घटिाए जस पिथ सिसकार

बचपि क सिसकार पाररिाररक सामाजजक सािसकनिक आधथथक राजिीनिक धाममथक पररिश इतयादी का कलाकार एिि सजथक क वयजतिति पर गिरा परभाि पडिा ि वयजति अगर साहितयकार िो िो उसक वयजतिति म ककसी ि ककसी रप म उसक वयजतिति की झलक अिचय हदखाई दिी ि साहितय और साहितयकार दोि एक िी ििनिमाथण परकिया क दो पिल ि इस दजषट स साहितयकार कनिति क अधययि क मलए उसक वयजतिति का अधययि मितिपणथ िोिा ि

परािी पीढी क साहितयकार िोि िए भी सििितरयोतिर काल म पररिनिथि िए मलयो की सथापिा करक कई यगीि पररजसथनियो क अिसार वयजति और समाज का सिबिध कफर स सथावपि करि म विषण परभाकरजी का योगदाि विशष मितिपणथ रिा ि ि सामाजजक जीिि की विविध समसयाओि को लकर मलखििाल साहितयकार ि यथाथथ का सकषम निरीकषण

अिकि इिका लकषय रिा ि जजसम उिकी मािि क परनि सिािभनि भी बराबर बिी रिी ि उिक उपनयासो ि किानियो और समसि साहितय म वयजति और समाज इस परकार घल-ममल गए ि कक दोिो की पथक सतिा-सिीकनि कहठि ि उिक सजि का मल सिर मिषय की पिचाि और िर परकार क शोषण क लखलाफ आिाज उठाि का ि

ldquoवयजतिति शबद पसथिमलहट ( Parsonality ) लहटि शबद lsquo पसोिा lsquo

(Parsona ) स बिा िआ ि lsquo पसोिा lsquo का अथथ ि lsquo मखौटाlsquo गरीक कलाकर

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रिगमिच पर अपिी पिचाि नछपाि कमलए मखौट का परयोग ककया करि थ आग चलकर lsquoपसोिा lsquoशबद का अथथ बदल गया मिषय दसर को कसा हदखाई दिा ि इस अथथ म धीर-धीर पसोिा शबद का रपानिर पसथिॉमलहट अथाथि वयजतिति क रप म मलया जाि लगा rdquo21

ldquo वयजतिति शबद भाि िाचक सिजञा ि वयजति क कषि म जजि गणो या विशषिाओि का समािश िोिा िि सब वयजतिति क अििगथि आि ि अथाथि वयजति की मिति पणथ विशषिा उसका वयजतिति ि वयजति की ऐसी विशषिा उस दसरो स अलग बिािी ि ककसी वयजति की विशषिाओि का समदाय िी वयजतिति ि rdquo22

मािक हििदी शबद कोश क अिसार ndashldquo वयजतिति शबद वयजति क यगम स बिा ि जजसका अथथ ि- वयजति िोि की अिसथा या भाि rdquo 23 ककसी वयजति की निजी विमशषट कषमिाए गणपरिजतिया आहद जो उसक उददचयोकायो वयििारो आहद म परकट िोिी िऔर जजिस उस वयजति का सामाजजक रप जसथर िो जािा ि

वयजति क मिोभाि एिि विचार उसक कायथ िथा िाचक आिधगक कियाओि म िाि-भािो म परकट िोि ि साथ िी वयजति का मि सामाजजक सािसकनिक पररिश स सिसकाररि िोिा ि य सिसकार भी उसक किया कलाप

िाि-भािो म अिायास वयति िोिा ि वयजतिति वयजति क अनिरनिहिि गणो का परकामशि रप ि उस वयति करि की कषमिा को िी lsquo वयजतितिrsquo किा जािा ि

हििदी विचि कोश क अिसार- वयजतिति की अिधारणा इस परकार दी गई ि ldquoवयजतिति शबद ककसी वयजति क सामाजजक उददीपक मलयो क सचक रप म परयोग ककया जािा ि rdquo24 इसस िातपयथ उस सिपणथ परभाि स ि जो एक वयजति दसर वयजति पर डालिा ि उददीपक क रप म कियाओि का भी सिि परभाि पडिा िजजिका िि अनय वयजतियो क बीच उपिम करिा ि

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य पररणातमक शजतिया ऐस पररििथि उतपनि करिी िजो उसक अपि अनय वयजतियो और जसथनियो क परतयकषीकरण को परभाविि करि ि दसर शबदो म वयजति आतम पररकषण करिा ि िथा बाहय जीिि सिगठि एकिा और जसथरिा उतपनि करक अपिा अनिियजतिक सिभाि म अपिी आतमधारणा का विकास करिा ि

वयजतिति म अिक शारीररक एिि मािमसक विशषिाओि का समािश ककया जािा ि वयजतिति का वयापक िति ि अिः िि शरीर स लकर उसक माधयम स समसि कायो म वयापि रििा ि वयजतिति परमख रप स सामाजजक एिि जविक घटिाओि स सजजथि िोिा ि ठीक उसी परकार सामाजजक घटक ि पररिश वयजतिति निमाथण म सिायक िोि ि ििश और पाररिाररक जसथनियो का वयजतिति निमाथण म बिि बडा योगदाि िोिा ि वयजति का वयजतिति पररजसथनियो क परभाि स विकमसि िोििाली पररििथिशील ि गनिमाि परकिया ि सामाजजक एिि सािसकनिक िािािरण क परभाि स वयजतिति का विकास िोिा ि वयजतिति वयजति क समसि बाहय एिि आििररक गणदोषो का अमिथ रप ि इि गणो क समचचय का परकाशि उस वयजति क विचार और वयििार की विमशषट शमलया िथा जीिि क परनि उसक दजषटकोण स िोिा ि जजस परकार फलो म सगिध िोिी ि उसी परकार वयजति म वयजतिति अििभथि ि साधारम वयजतियो का वयजतिति उसकी मतय क पचचाि भी उिकी कनियो विचारो क दिारा यग-यगो िक छाप बिाय रखिा ि

सजथक वयजतिति ndashपरतयक सजथक वयजतिति म परनिभा मितिपमथ िोिी ि साहितय कनियो म साहितयकार का वयजतिति परसिगिः कछ मािा म अिायास परनितरबजमबि िोिा ि रचिाकार क अिम का सिसकार उसकी आतमामभवयजति क रप म वयति िोिा ि रचिाकार का अिम समाज क सामहिक अिम क साथ िादातमय िोकर उसक आिनद का कारण बििा ि रचिाकार का वयजतिति यग पररिश स परभाविि िोिा ि उपरोति सभी

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इकाइयो स ममल-जलकर हदवय परनिभा स निखरकर साहितयकार का वयजतिति विकमसि िोिा ि

वयजति क कछ बाहय एिि आििररक ितिो स वयजतिति का निमाथण िोिा ि इि ितिो को वििचि वयजतिति निरपण म अनिभथि ि लखक का पररिारपररिशसिभािपरिजतिया यगीि िािािरण जीिि म ममलििाल अिसर िाथ स कफसल िए सििर कषणकछ गलनिया कछ कमजोररया कछ कषमिाए कछ सबलिाएजीिि मलय दजषटआदशो क परभाि आहद अिभिो स बििए दजषटकोण स लखक का माििीय वयजतिति निमाथण िोिा ि यि वयजतिति समाज और साहिजतयक दानयति स परनिबदध सजग िोकर एक सािीतयकार का सजथक वयजतिति भी बिािा ि साहितयकार का निजी वयजतिति साहितयकार का वयजतिति क सामिजसय स बिा िआ एक विलकषण वयजतिति िोिा ि वयजतिति वयजति क गणो-अिगणो भािो-अभािो क साथ उसकी सिििि सतिा को सधचि करिा ि उसकी यि सिििि सतिा वयजतिति क निमाथण म सिायक िोिी ि वयजति अगर साहितय रचिाकार िो िो निचचय िी उसकी लखिी पर उसकी झलक सपषट रप स हदखाई दिी ि

अमिराय परमचिदोतिर पीढी क उि साहितय क उनिायको म स थ जो लगभग चौथ दशक स अिनिम दशक िक निरििर सजिशील थ 70 िषो क साहिजतयक जीिि म उनिोि हििदी साहितय क भणडार को अपिी अमलय रचिाओि स समदध ककया ि अमिराय ि जीिि को जसा जजया और दखा िसा िी धचतरिि ककया ि सदाबिार लखक िी ििीि बजलक सदा जीििि और सदा सजग लखक भी थ उिकी कीनिथ को कोई धममल ििीि कर सकिा उिका साहितय उिक जीिि का परनिरप ि जजसस उसम एक शजति एक ऊजाथ आ गयी ि यि उिकी विशषिा ि कक उिक वयजति और साहितयकार म अििविथरोध ििीि ि िासिि म यि एकरपिा साहितयकार को अमर बिािी ि यायािरी सिभाििाल अमिराय दश क कोि-कोि म निरििर भरमण करि िए जि समाज सिसकनि दश ि भाषा स एकाकार िोि क िम म

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निरििर सतय की खोज म सिलगि रि इस खोज क पीछ मािििा क कलयाण की भाििा सजनिहिि थी अपिी दीघथ रचिा - काल क कारण ि िर िई पीढी स जड रि उसस सीखि रि और सियि को बदलि रि साहितयकार का यि निरििर िया बि रििा और समाज की धडकिो को पिचाििा और समझिा उस जीििििा और साथथकिा परदाि करिा ि ियी पीढी और समकालीि रचिा- सिसार स अमिराय की इस सिबदधिा ि जिा उनि पविि उजजिल एिि मिगलमयी मनिथ क रप म लोकवपरय बिाया ििाि सतिा ndash परनिषठािो स दर रिकर ि अपि सिधषथशील चररि एिि शील को सरकषकषि रखि म सफल िए उिक इस वयजतिति ि उिक साहितय को भी उसी रप म सिघषथशील िथा मिगलमय बिाकर महिमामिरडि कर हदया ि अिः उिक वयजतिति एिि कनिति स अिगि िोिा अपि म एक अिभि ि

एक िलदशी निमथल जल सा खल वयजतिति का आलोक विसिार जसा गोरा-धचिा अकलिकछरिरा साफ आइि सा शरीर िस िी मति ठिाकदारििाओि िक गजािी िसी िसा िी निवयाथज वयििार एक पारदशी मिममथशीलआतमदाि भरा आचिजसि भाि िति पर िज-िराथर परनिकियाओि का ममजाज भी अििर का भरा ठिराि भी ldquo जस सिसकनि की अिक धाराए यिा आकर ममल गयी ि उसी िरि की सािसकनिक परिपरा और आधनिकिा सामाजजकिा और ियजतिकिा हििदी ndashउदथ और अिगरजी का ममलि तरबिदअमिराय का वयजतिति rdquo25 परकनि स उनि अटट परम था माहट का मोि उिक शबदो म दलखए ldquo म कभी कलपा िी ििीि कर पािा कक ककसी मिािगर म एक छोट ndashस अपाटथमट म ऊपर रि- छठ माल पर म ििीि रि सकिा िम िो एक छोटी सी कहटया फस की िी द दो लककि उसक साथ जरा-सी जमीि िो और ममिी िो rdquo26 इसमलए उिका विशाल बिगला ndashधप-छाि- सकडो िरि क लिा ndashकि ज फलपड-पौधो स आज भी नघरा िआ ि

उिका वयजतिति अििमथखी और बहिमथखी दोिो का समनिय था उनि अपिा परदशथि करिा या ककसी िरि की आतमचलाघा बिि घहटया काम

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लगिा था परकाशि स पिथ ि अपिी रचिाए ि कीसी को पढिाि थ ि सिाि थ एक माि वयजति जो उिकी रचिाए परकामशि िोि स पिल पढ लिा था- िि थी उिकी पतिी सधा जी एक बार इलािाबाद क विदयाथी जीिि म उनिोि मिादिी जी क ndashअिीि क चलधचि- की समीकषा की जजसम जी खोलकर उसकी परशिसा की थी समीकषा एक अिगरजी पतरिका म परकामशि िई ककि ि उनिोि मिादिी जी को ि िो िि पतरिका हदखायी ि उसक बार म बाि िी की ि बिि सिकोची सिभाि क थ उनि यि भी पसिद ि था कक लोग उिका सममाि परमचिद का पि िोि क कारण कर सभाषमखोपाधयाय की पतिी गीिा जी मलखिी ि ndash अमि कलकतिा स इलािाबाद लौट रिा था ldquo एक यािी सजजि ि अपिी बटी को अमि क आरकषकषि बथथ पर बठ हदया था बार-बार अिरोध करि पर भी ि उस बथथ को छोडिा ििीि चािि थ और यि दािा कर रि थ कक िि उनिीि का ि मझ ऐसा लगा कक यहद मि कछ ििीि ककया िो अमि इििा सिकोची जीि ि कक िि फशथ पर बठ कर इलािाबाद िक चला जाएगा पर अपि बथथ की माग ििीि करगा मि उस रडबब म बठ मसाकफरो को जब बिाया कक य परमचिद क पि ि िो बड आदर क साथ उनिीि लोगो ि उसकी बथथ खाली करिाि म भममका निभाई थी rdquo27

अमिराय क हरदय म बचपि स िी अपि माि-वपिा क परनि अतयिि शरदधा एिि परम था परथम बार मािा-वपिा स दर इलािाबाद पढि जाि समय ि रो उठ थ ldquo बनि िो िम िीिो क पर छिा िआ रोिा िआगाडी स उिर गया rdquo28 अमिराय का बचपि का िाम बनि था बचपि स िी ि बड दयालसहरदय एिि सििदिशील थ उिकी मा मशिरािी दिी क शबदो म ndash मरी किारी का छोट बचचा आग म जल गया उसक सार बदि म मलिम पिा िआ था कपड भी गिद िो गय थ मरा छोटा बचचा बनि उस किीि बािर पा गया उस दखकर बनि को दया आई िि उस पचचो को जीि पर स दोिो िाथो का घोरा बिाकर अिदर लाया ldquo बोला ndashअममा इस कछ खाि को दो उस बचच का बदि दखकर मर रोगट खड िो गय rdquo29 बालक अमिराय क बचपि म िी उिक वपिा ि उि भविषय की सिभाििा दख ली

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थी ldquoयि लडका बडा दयािाि मालम िोिा ि भलाउस िि कस लाया ndash भगिाि इमस जीविि रख िम दखिा िमिारा राम यि रोशि करगा rdquo30

बालक जजस पाररिाररक पररिश म जनम लिा ि जजस चार दीिारी म उसका शशिबचपि एिि ककशोरािसथा बीििी ि ििा क िािािरण की सपषट छाप उसक वयजतिति पर आिचयक रप स अिककि िो जािी ि अमिराय ि अपि वयजतिति क बारम किा ि ldquo किा-किा स आदमी को तया-तया ममलिा ि लककि य ि कक म सचमच भीिर स बिि िी साधारण और सिज ि मर पास ि िो बिािट ि और िा म बिािटी लोगो को पसिद करिा ि rdquo31तयोकक ldquo रचिा अनििायथ रपण रचनयिा क वयजतिति स सिबदध िोिी ि rdquo32

अमिराय सबको बराबर मािकर चलििाल वयजति थ ि सियि किि ि ldquo लककि म बदककसमिी स ि िो ककसी को अपिा चला बिा सकिा ि और ि ककसी का चला बि सकिा ि मझको किल बराबरी का सिबिध आिा ि rdquo33 उिक जजिि भी ममि थ उिस उिक नििािि सिज पाररिाररक सिबिध थ ि अपि सहरदजिो का माि रखि क मलए जो उनि िापसिद िोिा िि भी कर लि थ गीिा जी मलखिी ि ldquo अमि और सधा दोिो शाखािारी थ पर िम खश करि क मलए अमि कभी-कभी मछली खा लिा उस यि पिा था कक सभाष मछली क तरबिा ििीि रप सकि िि भोजि बडी रची स करिा rdquo34 रािगय राघि स अपिी िलिा करि िए अमिराय ि अपि सिकोची सिभाि क विषय म सियि भी मलखा ि ldquo मर अपि मसमट ndashमसमट सििभाि स उसका मल ििीि बठिा था अपि को बािर फ क सकि औरो क साथ घला ndashममला दि क इस गण का म बिि आदर करिा ि rdquo35

ि अपि विचारो पर सदि दढ रि यहद कोई उिकी विचारघारा अथिा आसथा पर अिधचि आपकष लगािा ि िो ि उसका मििोड जिाब दि म सिकोच ििीि करि थ उनिोि मलखा ि ldquo म यो निजी मामलो म िो बिि शािनिपरमी आदमी ि थोडा दबकर भी बिि स झगडो दरगजर कर जािा

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ि लककि विचारो की दनिया म उपिी आसथाओि को विचिासो को जरा जयादा िी मजबिी स पकडिा ि इसमलए उस पर कोई आिमण ििीि सि सकिा और ि ििा पर ककसी िरि का समझौिा करिा मझ पसिद ि rdquo36 ऐस अिसरो पर दो-दो घिट लगािार भाषण द डालि थ अमभयोग का उतिर दि समय भी ि िसी हदललगी क साथ िलक-फलक अिदाज म िी भाषण हदया करि थ जजसस शरोिा भी आििदपिथक रस लकर उिकी बाि सिा करि थ यि उिक वयजतिति का बिि बडा िमशषय था ि ऐस निरमभमािी कलाकार थ जो दसरो की कला ि दसरो क गणो का बिि आदर करि थ डॉ रामविलास शमाथ ि उि पर िथा रािगय राघि रािल सािकतयायि आहद अिक परगनिशील लखको पर lsquoटटपजजया समाजिादीrsquo िोि का आकषप लगाया था ldquoसाहितय म सियति मोचाथ ndash पसिक मलखकर इसका उनिोि मििोड जिाब भी हदया था ककि ि ि शमाथ जी की इस एक कमी को सिीकार करि िए उिक अनय गणो की परशिसा करि थ rdquo37

13पवचारधाराएव परभाव

अमिराय ि अपिी कनियो पर िए विचारधारा क परभाि क सिदभथ म मलखा ि ldquoजजस िगथ स कलाकार जनम लिा ि उसक लौककक दजषटकोण क अिसार उसकी एक विचारधारा जनम स िी बि जािी ि अगर उसक सिरकषक भी उसी िगथ क िए िो िि मा क दध क साथ गरिण ककए िए अपि जीिि क दजषटकोण स परी िरि सििषट रिगा और उसको अपिी कनियो म अमभवयति करगा rdquo38परतयक साहितयकार पर परतयकष या परोकष रप स ककसी ि ककसी विचारधारा का पभाि अिचय िोिा िी ि अमिराय क शबदो म ldquo जिा रचिाकार को सचिि रप स अपिी विचारधारा का पिा ििीि िोिा ििा भी विचारधारा िो रििी िी ि रचिा पर अिजाि िी उसका समािश िो जािा ि विचारधारा किीि सििदिा बिकर आिी ि और किीि परसिगिः रचिाकार की माििीय परनिकिया बिकरrdquo

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131सामयवादी पवचारधारा

अमिराय ि निबिध lsquoविचारधारा और साहितयrsquo म सपसट सिीकर ककया ि कक ldquo मरी विचारधारा सामयिादी ि या यो कि लीजजए कक मझ पर सामयिादी विचारधारा का गिरा परभाि ि rdquo40 सि 1943 ई0 म उनिोि सामयिादी पाटी की सदसयिा गरिण की िथा मजदर ndashयनियि क मििी भी बि थ -बीज- उपनयास िथा ndashपारजाि क फल ndashआहद किानियो म उिकी सामयिादी विचारधारा सपसटिः सामि आई ि ककि ि ककसी भी विचारधारा या lsquoिादrsquo का अिधािसरण करि का ि विरोध करि ि ldquo जब-जब और जिा-जिा अिधािसरण की ऐसी कोई िीनि बरिी या अपिायी गयी ि विचार मर गया ि साहितय मरगया ि किल पररपाटी का रहढबदध लखि िआ ि rdquo41

सामयिादी पटी का सदसय रिि िए भी ि अपि ढिगस कछ अलग-अलग-सा भी सोचि रि और कदाधचि इसका कछ मलय भी उस चकािा पडा तयो कक सामदानयक धचििि परकतया मशविरबदधिा मागिा ि ि किि ि ldquo

मरा मि जसा कचछ बिा था िसी मसविरबदधिा मर मलए कभी सिभि ि िो पायी पर मझ कोई खद ििीि ि तयोकक मझ लगिा ि कक अिििः अपिा वििक िी सबस अचछा जीिि-सिचर िोिा ि rdquo42उनिोि मातसथिाद का गिि अधययि -मिि करक उस अपिी विचारधारा बिाया ि अपि समाज का अधययि करक अपि मिि-धचििि की कसौटी पर अचछी िरि परखकर और अपि मि क भीिर डबकर अचछी िरि टटोलकर जजस बाि को सिी जािि थ उसी को सिीकार करि थ उनिोि बािर क ककसी अिकश को कभी सिीकार ििीि ककया उिका मि ि ldquo यि अिशासि और अिकश रचिाकार क अपि वििक क भीिर स आिा चाहिए rdquo43

अमिराय ि कछ िषो क पचचाि सामयिादी पाटी स सिबिध िोड हदया था ककि ि सामयिाहद विचारधारा म उिका विचिास आजीिि रिा ि मलखि ि ldquo मर मलए विचारधारा कछ दसरी चीज ि उस आदमी मजबिी स

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पकडिा ि िि समपथण मािगिी ि उसक मलए निषठा चाहिए गिरा आििररक विचिास चाहिए उसी निषठा और गिर विचिास म स सब िरि क अभािकषट नििदाअपमािजलयाििा सब कछ सिि और जररि पडि पर अपि पराण िक द दि की िाकि आिी ि जिा य निषठा और समपथण और अकि ठ विचिास ििीि ि ििा कफर विचारधारा कसी जसी िई िस ि िई rdquo44

132गाधीवाद का परभाव

परारिभ म अमिरायकालीि समाजपर गाधीजी छाए िए थ अिः सपषट ि कक अमिराय की धचिििधारा पर गािधीिाद का गिरा परभाि लकषकषि िोिा सिाभाविक िी ि ldquo मरा िो काल (सि 1942-44) भयिकर गाधी भजति का था rdquo45 अिः उिकी रचिाओि म खासकर ndashबीज-उपनयास म मातसथिादी विचारधारा की गिराई म गाधीिादी विचारधारा क िति एिि सामाजजक मसदधािि जस मदयनिषध िगथ बद विरोध सिदशी राषरीय मशकषा वपछडो का उतथाि हदखाई दि ि

133मातससवादी चचतन का परभाव (वगस सघरस)

सि 1950 क उपरािि अमिराय मातसथिादी पाटी क सिीय सदसय बि गय मातसथिादी धचििि ि उि पर जाद कर हदया था इसमलए ि उस अधधक पसिद करि थ ldquo म मातसथिाद स पयार करि लगाथा rdquo46 ि उस जीििसमाज और सिसार बदलि का असि मािि ि ldquo मातसथिाद स अहदक जीिििअधधक िािनिकारी अधधक लोक कलयाणकारी मबलकअधधक सचचािाद दसरा ििीि rdquo47पररणामसिरप उिका परा साहितय मातसथिाद क दििदिातमक भौनिकिादी दशथि पर आधाररि ि सामयिादी और मातसथिादी दशथि समाज म समिा और नयाय की सथापिा कमलए िगथ सिघषथ को अनििायथ माििा ि िमार समाज म दो िगथ निरििर रि ि ndash एक शोषक िगथ और दसरा शोवषि िगथ अमिराय किि ि ldquoमटठी भर पजीपनियो दिारा लाखो ndashकरोडो लोगो का आधथथक शोषण एक भयिकर अनयाय ि और उसक

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विरदध परनििाद का सिर भरपर उठिा चाहिए इस अथथ-वयिसथा स सीध-सीध या परोकषिः जडी िई असिखय दसरी विषमिाए विकनियाअनयायदराचारएक स एक भयिकर अपराधजजिका एक फलिा-फलिा सामराजय ि और जजिको िम अपि आस-पास िरदम िोि दखि ि और जजिस िमारी माििीय सििदिा परकतया जडिी ि कषबध और आिदोमलि िोिी ि rdquo48उसक विरदध आिाज उठािा अनििायथ ि िमार समाज म सिी िगथ िथा अकलीि दमलि अथिा सिक िगथ सदा स िी शोवषि रिा ि अमिराय ि शोवषि िगथ को शोषण मति कराि क मलए िगथ-सिघषथ का आहिाि ककया ि ि सामाजजक नयाय क मलए रति िािनि को भी अनििायथ मािि ि ि किि ि ldquo समाज म नयाय ििीि ि और सििलि सब तरबगड गया ि और जिा समाज का सििलि तरबगडा िआ िो ििा वयजति का सििलि भी तरबगड तरबिा ििीि रि सकिा अपि दश भारि म यि सामाजजक नयाय सबस कम ि इसीमलए यिा का सििलि सबस िी अधधक तरबगडा िआ ि समाज सबस अजसथर ि अब यि सामाजजक अनयाय जि साधारण क मलए असहय िो गया ि और अब यि परािा ढचरा ककसी िरि चल ििीि सकिा अब या िो यि अनयाय की वयिसथा िधानिक िरीको स नयाय की हदशा म बदलगी या कफर रति-िािनि िोगी rdquo49

अमिराय ि अपि साहितय म शोषण क विरदध सिघषथ का सिर उठाया ि िथा आम आदमी को शोषण स मजति पाि िि सिघषथ करि की पररणा दी ि ि किि ि ldquo साहितय तयो जि चििा का परोधा ि बि उसकी नियिी ऐसी तयो िो िि वयजति क भीिर मसमट कर रि जाय rdquo50

134मानवतावाद

अमिराय की विचारधारा मलिः मािििािादी विचारधारा ि अमिराय क अिसार साहितय रचिा जीिि का यथािथय अिकि ििीि बजलक सचचा साहितय जिचििा का विधायक एिि सिघषथ का परोधा िोिा ि उिका कििा ि कक ldquoयिी जीिि दजषट मझ ndashहरगर- करिी ि यिी चीज जो उतपरररि करिी

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ि rdquo51ि सियि वयजति क कषटो को दर करि िथा उस उनिनि की हदशा म परररि करि क मलए कहटबदध मािि ि - ldquoएक भी किािी ऐसी ििीि ि जजसक भीिर मरा समगर धचति िा बोल रिा िो जो सिसार म अनयाय दखिा ि जो बराई दखिा ि िकलीफ दखिा ि और उसस रतिी भर आिदोमलि या विकषबध ििीि िोिा ि ऐसा लखि मरा ििीि ि मर भीिर लखि का सजि का रस जो निझथररि िोिा ि िि निझथररि िो िी ििीि सकिा जब िक कक उसक साथ किीि कोई सतयअसतयनयायअनयायसिदर असिदर य जो मलभि चीज ि इिका परचि िा जडा िो rdquo इसी मािििािादी विचारधारा ि अमि को ि किल साहितय सजि क मलए परररि ककया बजलक इनिीि माििीय मलयो की सथापिा क मलए उनिोि रासिा बिाया उिकी सामयिादी दशथि म अरडग आसथा का कारण भी यिी मािििािाद ि तयोकक मासथिाद अनििः एिि मलिः मािििािाद िी ि जजसका वििचि अमिराय ि अपि निबिध-गरिथ ndash विचारधारा और साहितय- म ककया ि मातसथ क विषय म ि किि ि ldquo उसकी यि माििीय सििदिा या माििीय सरोकार एक शबद म मािििािाद बिधा लोगो की आखो स ओझल िो जािा ि और उसका धयाि आि परिरिि एक रख ndashसख अथथशासि का रप सामि आकर खडा िो जािा ि जो लोग गलि जगि पर जोर द कर मातसथ को किल आधथथक उनिनि स िी बाद दिा चािि ि िो चाि या ि चाि जाि या ि जाि मातसथ क साथ घोर अनयाय करि ि rdquo53अमिराय मि ि कक मातसथ भौनिकिादी इस अथथ म ि कक िि ककसी हदवय शजति को सिीकार ि करक पदाथथ ( कषनिजलपािकगगिसमीर )की सतिा को िी सतय माििा ि अथथ (धि) का पजक िि कभी ििीि रिा उसि सियि आजीिि निधथििा म िी ऋवष-मनियो की भानि जीिि -यापि ककया अमिराय क साहितय म उिकी मािििािादी विचारधारा सिथि हदखाई पडिी ि ि सियि किि ि ldquo सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मािस को रिगा िमरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा rdquo54

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135यथाथसवाद और सहजता

अमिराय साहितय म यथाथथिाद क समथथक ि ि साहितय को शदध कला ििीि मािि ि िरि उस जीिि एिि समाज क मलए उपयोगी मािि ि उिक अिसार सचचा लखि िो ििी ि जोसमाज को कछ हदशा द सक ि किि ि ldquo आधनिक िो परािा िो सचचा लखि ििी ि जजसम लखक अपि दख िए अपि भोग िए को अपि कलातमक सामथयथ-भर अधधक स अधधक पणथिा क साथ धचतरिि करिा चाििा ि rdquo 55 ि साहितय म अिासिविक अथिा अयथाथथ रपिादी परयोगो को वयथथ मािि ि उिका कथि ि ldquo साहितय क अििगथि रप की अििलिा उसको िनिक भी इषट ििीि ि साहितय को माि अलिकरण या साज-सजजा ि मािि िए िम उस रचिा परकिया का अिग मािि ि और इस िाि उसको परा मिति दि ि पर िम कििा चािि ि कक रप का साथथक परयोग ििी ि जो िसि स सजीि सिदभथ म उसकी अधधवयजति की वििशिा स ककया गया ि lsquoशदधrsquo कला क फर म lsquoशदधrsquo रप क अविषकार म लगी िई परयोगशीलिा ििधया मसदध िोिी ि rdquo56

अमराय साहितय की उपयोधगिा पर विचार करि िए किि ि ldquo उसकी िासिविक साथथकिा इसम ि कक िि अिजाि िी आदमी की िजतियो का सिसकार करिा ि और जो साहितय जजििा िी शरषठ िोिा ि उिि जयादा अिजाि ढिग स अपिा काम करिा ि rdquoअिः लखक का यि किथवय ि कक िि साहितय का सजि अपि पररिश स जडकर कर ि िि कोरा आदशथिादी लखि कर ि िी ककसी ndashिाद- या ndashफशि- क चलि ऐसा यथाथथ धचतरिि कर जो सियि उसक समाज म अविदयमाि िो इसी को उनिोि सिज धरािल पर लखि किा ि किािी क कषि म ि सिज किािी क समथथक बि ि किि ि ldquo ियी किािी की खोज म सिज किािी खो गयी rdquo57ldquo सिज किािी स िमारा िातपयथ उस मल कथा-रस स ि जो किािी की अपिी खास चीज ि और जो बिि सी ndashियी- किी जाि िाली किानियो म एक मसर स ििीि ममलिा rdquo58

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इस परकार अमिराय की विचारधारा समाजिादी एिि मािििािादी ि ि लखि म यथाथथ ि सिजिा क परबल समथथक रि िथा अपिी रचिाओि म सब परकार क शोषण क विरदध विदरोि एिि सिघषथ क सिर को ऊचा उठाया ि

136अधययन एव जीवनानभवो का परभाव

अमिराय की विचारधारा क निमाथण म उिका गिि आधययिधचििि िथा जीििािभि भी उतिरदायी रिा ि शरषठ कथा मलखि का रासिा बिाि िए अमिराय किि ि ldquo म िो उसका एक िी ढिग जाििा ि बड किािीकारो को पढिा उस पढि स िी अचछी किािी का बोध उसकी कछ परसििी अपि भीिर छिकर धथरककरसिधचि िोिी रििी िोगी rdquo59 अिः उनिोि समकालीि साहितयकारो को िो खब पढा िी विगि मिाि लखको को उनिोि अपकषाकि फधधक पढा ndash सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मि को रिगा ि मरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा ि -(विचारधारा और साहितय अमिराय प-18) उनिोि मतसथ लनिि एिगलस सटामलि माओ लकास एिि कॉडिल को खब पढा साथ िी उिक सजि पर रिीिदरिाथ टगोर शरिचिदर चिोपाधयाय परमचिद दोसिोिसकी मोपासाि गोकी का असीम परभाि रिा

परमचिद किा करि थ ldquo िम जीिि म जो कछ दखि ि या जो कछ िम पर गजरिी ि ििी अिभिििी चोट कलपिा म पिचकर याहितय सजि की पररणा करिी ि rdquo60 अमिराय ि भी लखक पर अिभिो क सिज परभाि को सिाकारि िए मलखा ि ldquo जो भी मलखिा ि िि सबस पिल िो आदमी िआदमी की िरि स आदमी की जजिदगी जीिा ि िस िी उसक आसिग-परसिग िोि ि और सिबिध बिि ि जजिदगी उसी िरीक स टकरािी ि उसस आकर उसी िरि उसक अिदर बिि िरि स ररसपानसज आि ि और उि सब क मलए ndashहदए िि मलखिा ि rdquo61 अमिराय क कथा-साहितय म आए िए विचारो ि परसिगो का जजममदार अपि जीििािभिो एिि मि को मािि ि ldquo

25

म किानिया मलखिा िजजिदगी क मल म िर दम कछ ि कछ िोिा रििा ि लोग मरि ि जीि ि ििसि ि रोि ि ममलि ि तरबछडि ि ठगि ि ठगजाि ि कछ बाि अपि पर बीििी ि कछ दसरो पर बीिि दखिा ि बिायी िई किानियो स जयादा जािदार और रिगीि किानिया िरदम आखो क सामि िोिी ि बस इििा ि कक अपि मि का रिग इििा चटक िो जाय कक एक बार डबोकर किािी को निकाल मलया जा सक इस किया म िि किािी जो दखी थी कछ की कछ िो जािी ि तयोकक मि क भीिर खद बिि सी किानिया सोयी रििी ि इसी िरि बिि सी किानियो क िायक-िानयकाए सडको पर पाको म मसाकफर खािो म कचिरी और दफिर की गदथ और बोसीदा फाइलो म टिलिनघसटि और रगि ममल जाि ि कभी जयो क तयो ममल जाि ि कभी चार को ममलाकर एक बििा ि और किीि एक को चार म नछिरा हदया जािा ि rdquo62

14 परगततिील आदोलन और अमतराय

अमिराय परगनिशील चििा परारिभ स िी परभाविि रि उिक वपिा परमचिद सियि एक परगनिशील सामाजजक यथाथथिादी लखक रि अमिराय की परािरिमभक रचिाओि यथा ndashिम रखल-मिशी जी मरसथल आहद किानियो म परगनिशील चििा क दशथि िोि ि उिकी किानियो म समाज क निमि और मधय िगथ क शोवषि-जीरडि वयजति िी िायक ि उनिोि उिक दःख-ददथ का यथाथथ धचिण ककया ि

सि 1942 ई0 िक ि मातसथिादी विचारधारा स पणथिः परभाविि िो चक थ और परगनिशील आिदोलि क सिीय कायथकिाथ िो बि गए थ सि 1942 ई0 स उनिोि- ििस- का सिपादि कायथ सिभाल मलया था और ndashििस- को परगनिशील आिदोलि का मख-पि बिा हदया था परयोगिादी परगनिशील किी धगररजा कमार माथर किि ि ndash य जो मिच बिा ििस और य एक वयापक परगनिशील चििा का मिच बिा किर कठमललापि िो बाद म आया उसका भी इनििास टतकर का जो ि िो बाद म आिा ि लककि य िो

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परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

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बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

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अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

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अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

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6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

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इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

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की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

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उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

34

अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 7: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

7

म कछ शिकाए कछ सिाल पदा िोि शर िो गय rdquo13 इसी समय मातसथिाद स परभाविि िय और उसका गिि अधययि ndashमिि करक उस एक पणथ जीिि-दशथि जीया और उस विचार धारा को अपिाया सि 1940 म बी0 ए0 की परीकषा म उनि इलिाबाद विचिविदयालय म परथम सथाि परापि िआ और छाििजति भी ममली सि 1942 म उनिोि अिगरजी विषय म एमए परथम शरणी म पास ककया

113पववाह एव सततत

परगनिशील लखक सिघ की एक शाखा जबलपर म सथावपि करि क उददचय स यशसिी किनयिी सभदरा कमारी चौिाि स ममलि गय ििा उनि उिकी सपिी सधा चौिाि ममलीि बाद म अपरल 1945 म उिका परम वििाि सधा चौिाि क साथ अतयिि सादगी परण िािािरण म सिपनि िआ ि किि ि ldquoकल ममलाकर पाच छः लोगो की थी य बाराि और रामािजलाल जी शरीिासिि क घर एक कमर म य िी बडा उखडा-पखडा सा मामली सा कमरा था उसम ठिरा दी गई--- और शादी का जो रजजसरार िोिा ि उसको बला मलया था ndash और उसि िम लोगो की शादी करा दी rdquo 14 वििाि क कछ समय पचचाि ि इलािाबाद म आकर बस गय थ उिक दो पि आलोकराय एिि अममि छोटा अममि की सि 1966 म रति कनसर क कारण ददथिाक मतय िई

अमिराय उि हदिो पाटी का कायथ बडी लगि स ककया करि थ जजसका उददचय िा दश म राजिीनिक एिि सामाजजक दोिो सिरो पर िािनि लािा ndashजिा सबको सििििा क विकास का अिसर परापि िो ि कोई शोषक िो ि कोई शोवषि lsquoििस rsquo की सामगरी भी सामयिादी पाटी क कयाथलय म बठकर चिी जािी थी ि मलखि ि ldquoजब म सिपादक िआ िब म जरर सारी सामगरी लकर लखिऊ जािा था और बारदखाि म कमयनिसट पाटी क दफिर म मरी रामविलास शमाथ की और मशिदाि की बठक िोिी थी इसम

8

य सारी सामगरी ओक की जािी थी rdquo 15 इस परकार ndashििस- भी िािनि का माधयम बिा

सि 1951 म ndashभारि सरकषा कािि- (जो बाद म अिध धोवषि ककया गया था) क अििगथि इलािाबाद म उनि पकड मलया गया और चार माि िक जल म रििा पडा था -बीज-उपनयास का बीज कारािास म िी अिकररि ि विकमसि िआ था बाद म धीर ndashधीर पाटी म गटबाजी िथा िचाररक सिकीणथिा स कषबध िोकर ि सिीय राजिीनि िथा पाटी स अलग िो गय दस की दररदरिाभरषटाचारराजिीनिजञो की सिाथथपरिा आहद दखकर उिका मि सदि आिोश स भर उठिा था जजसकी अमभवयजति उिकी रचिाओि म निरििर िई ि

साहितय सिा िी उिक जीिि का एक माि धयय बिा साहिजतयक पररिश िो उिको जनम स िी विरासि म परापि िआ था उिक ऊपर सिाथधधक परभाि अपि वपिा परमचिद का पडा इसक अनिररति अनय अिक साहितयकार एिि कलाकार उिक अमभनि ममि थ जिनदर जी परमचिद क जीिि काल म और उिकी मतय क बाद भी बिि हदिो िक उिक बिारस घर म िी रि ि मलखि ि ldquo िमार पररिार म उिकी जसथनि सिज िी बड भाई की सी िो गई थी अममा ि बड पयार स उिको अपिा सबस बडा लडका माि मलया था rdquo 16 मिादिी िमाथ का सिसगथ भी उनि लमब समय िक परापि िआ ि किि ि ldquo म िो सि 38 म इलािाबाद आ गया और मर छािािास क तरबलकल पास िी उिका घर था खब ममलिा बठिा शर िो गया rdquo 17 सधाजी स वििाि क बाद ि भी उिक निकट आ गय थ ि अजञय जी स क साथ भी रि उस समय 14 ििबर बजसटगस रोड पर जिा शरीपिराय रिि थ कई लोग साि रिि थ ldquoपरा गरप िी था बरिभषण अगरिालिममचिदर जिअचक भी आ कर रि थ परभाकर माचि थ आशा दा (डॉतटर आशा मकल दास) बउहद और उिक दो बट सभी लोग थ rdquo 18सि 1948 म जब शरीपि जी वििाि करक अलग अपि बिगल म चल गय िब य

9

लोग अमिराय दिारा खरीदी गई 18 नयाय मागथ पर बिी इमारि म आ गए जजस बादम िोडिाकर अमि जी ि अपिा ndashधप-छाि ndash बगला बििाया था परिीक ndash जजसका सिपादि अजञय जी करि थ यिीि स निकलिा था अमिराय किि ि ldquo परिीक- म मर और उिक बीच जो िचाररक दरी थी िि भी सामि आयी और ndashसिािभि- को लकर मरी-उिकी बिस ndashििस- और ndashपरिीक- क सिपादकीयो म िई rdquo 19

अमिराय ि हििदी म परकामशि परमचिद की अिक आरिमभक लपिपराय रचिाओि अििादो िथा उिक पि-वयििार को खोज निकाला और परकामशि ककया लगभग 2500 पषठो की यि िई परमचिद-सामगरी जजस अमिराय ि परकामशि ककया निमिमललखि ि ndash 1 ndashगपिधि- शीषथक स परमचिद की आरिमभक किानिया 2 मिगलाचरण- शीषथक स परथम चार उपनयास 3 ndashधचटठी-पिी- शीषथक स पि िथा 4 ndashशब-ए-िार- शीषथक स मरीस मिरमलिक क िाटक ndashफोिामारा- का अििाद य रचिाए अमिराय क परयासो स िी हििदी जगि क सामि आयीि -सि 1936 क बाद कछ अतयिि सिघषथ पणथ िषो क बािजद शरीपि और अमि ि अदमय जजजजविषाआपसी समझदारी िथा वपिा की साहिजतयक विरासि को सिभालि की वयिसानयक सझ-बझ क बल पर िि सथावपि ककया जजस अचछ अथो म lsquoपरमचिद सामराजयrsquo किा जा सकिा ि ldquoआज परमचिद की जो खयीनि िउसक पीछ अिशिः शरीपि और अमि का योगदाि भी ि कक उनिोि अपि वपिा की पसिको को जीविि उपलबध और परसाररि रखा rdquo20

अमिराय को अपि जीिि की परौढािसथा म एक ककशोर पि क निधि का दारण शोक भी सििा पडा उिका अटठारि िषथ का छोटा पि अममि(ममथि) रति कनसर का मशकार िोकर आठ मिीि दारण कषठ झलकर जि 1966 ई0 म मतय को परापि िआ इस आघाि ि उनि हिलाकर रख हदया था ककि ि उिक कमथ जीिि म मशधथलिा ििीि आई

10

उिक हरदय की अथाि पीडा उिक lsquoसख-दखrsquo िामक उपनयास म अमभवयति िई ि शोक-गीि जसा यि उपनयास अपि आपम एक अिठी रचिा ि

114पवदि यातरा

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश -यािाए की सि 1952 म ndashविचि शािनि सममलि ndash म भाग लि क मलए चीि-यािा की सि 1965 म जमथिीबलगररया और सोवियि सिध की यािा की सि 1972 म रमानियाििगरीसोवियि सिघइिगलड फािस और इटली की यािा की सि 1978 ई0 म पिः यरोप की यािा की

115परसकार एव सममान

अमिराय कोउिकी उललखिीय ि अिलिीय साहितय सिा एिि साधिा क मलए उनि अिक परसकारो स परसकि भी ककया गया सि 1957 ई0 म लखको क ऐनििामसक lsquoसाहितयकार सममलि rsquo का उनिोि आयोजि ककयाजजसम चार पीहढयो क लखको दिारा परनिनिधधति ककया गया इसी िषथ उनि lsquoसपाटथकसrsquo क हििदी अििाद lsquoआहद विदरोिी rsquo क मलए भारि सरकार क ndashिषथ क शरषठ अििादक परसकार स सममानिि ककया गया सि 1971 ई0 म उनि ndashसोवियि लड ििर -परसकार परापि िआ सि 1973 ई0 म ि साहितय अकादमी की सामानय सममनि और कायथ सममनि क सदसय बि इसी िषथ ि lsquoिशिल बक रसट क नयासीrsquo िथा lsquoसोवियि लड रिर परसकार सममनिrsquo क भी सदसय बिाय गय सि 1977 म समाज भाषा ितजञानिक शोध योजिा पर कायथ करि क मलए ििर फलोमशप स परसकि ककया गया सि 1987 ई0 म उतिर परदश हििदी सिसथाि दिारा ndashसिसथाि सममाि- िथा 1989 ई0 म भारिीय अििाद पररषद दिारा lsquoदवििागीश परसकारrsquo स उनि सममानिि ककया गया

11

116मतय

सि 1996 ई0 म 75 िषथ की आय म लगभग दो माि िक पकषाघाि स गरसि रिि क बाद 14 अगसि क हदि इलािाबाद म साहितय का यि अिथक सिी कमथयोदधा रचिाकार अमिराय इस लौककक सिसार स सदा क मलए विदा लकर परलोक चल गय

वयकतततवndashसजथक वयजतिति क निमाथण म सिायक घटिाए जस पिथ सिसकार

बचपि क सिसकार पाररिाररक सामाजजक सािसकनिक आधथथक राजिीनिक धाममथक पररिश इतयादी का कलाकार एिि सजथक क वयजतिति पर गिरा परभाि पडिा ि वयजति अगर साहितयकार िो िो उसक वयजतिति म ककसी ि ककसी रप म उसक वयजतिति की झलक अिचय हदखाई दिी ि साहितय और साहितयकार दोि एक िी ििनिमाथण परकिया क दो पिल ि इस दजषट स साहितयकार कनिति क अधययि क मलए उसक वयजतिति का अधययि मितिपणथ िोिा ि

परािी पीढी क साहितयकार िोि िए भी सििितरयोतिर काल म पररिनिथि िए मलयो की सथापिा करक कई यगीि पररजसथनियो क अिसार वयजति और समाज का सिबिध कफर स सथावपि करि म विषण परभाकरजी का योगदाि विशष मितिपणथ रिा ि ि सामाजजक जीिि की विविध समसयाओि को लकर मलखििाल साहितयकार ि यथाथथ का सकषम निरीकषण

अिकि इिका लकषय रिा ि जजसम उिकी मािि क परनि सिािभनि भी बराबर बिी रिी ि उिक उपनयासो ि किानियो और समसि साहितय म वयजति और समाज इस परकार घल-ममल गए ि कक दोिो की पथक सतिा-सिीकनि कहठि ि उिक सजि का मल सिर मिषय की पिचाि और िर परकार क शोषण क लखलाफ आिाज उठाि का ि

ldquoवयजतिति शबद पसथिमलहट ( Parsonality ) लहटि शबद lsquo पसोिा lsquo

(Parsona ) स बिा िआ ि lsquo पसोिा lsquo का अथथ ि lsquo मखौटाlsquo गरीक कलाकर

12

रिगमिच पर अपिी पिचाि नछपाि कमलए मखौट का परयोग ककया करि थ आग चलकर lsquoपसोिा lsquoशबद का अथथ बदल गया मिषय दसर को कसा हदखाई दिा ि इस अथथ म धीर-धीर पसोिा शबद का रपानिर पसथिॉमलहट अथाथि वयजतिति क रप म मलया जाि लगा rdquo21

ldquo वयजतिति शबद भाि िाचक सिजञा ि वयजति क कषि म जजि गणो या विशषिाओि का समािश िोिा िि सब वयजतिति क अििगथि आि ि अथाथि वयजति की मिति पणथ विशषिा उसका वयजतिति ि वयजति की ऐसी विशषिा उस दसरो स अलग बिािी ि ककसी वयजति की विशषिाओि का समदाय िी वयजतिति ि rdquo22

मािक हििदी शबद कोश क अिसार ndashldquo वयजतिति शबद वयजति क यगम स बिा ि जजसका अथथ ि- वयजति िोि की अिसथा या भाि rdquo 23 ककसी वयजति की निजी विमशषट कषमिाए गणपरिजतिया आहद जो उसक उददचयोकायो वयििारो आहद म परकट िोिी िऔर जजिस उस वयजति का सामाजजक रप जसथर िो जािा ि

वयजति क मिोभाि एिि विचार उसक कायथ िथा िाचक आिधगक कियाओि म िाि-भािो म परकट िोि ि साथ िी वयजति का मि सामाजजक सािसकनिक पररिश स सिसकाररि िोिा ि य सिसकार भी उसक किया कलाप

िाि-भािो म अिायास वयति िोिा ि वयजतिति वयजति क अनिरनिहिि गणो का परकामशि रप ि उस वयति करि की कषमिा को िी lsquo वयजतितिrsquo किा जािा ि

हििदी विचि कोश क अिसार- वयजतिति की अिधारणा इस परकार दी गई ि ldquoवयजतिति शबद ककसी वयजति क सामाजजक उददीपक मलयो क सचक रप म परयोग ककया जािा ि rdquo24 इसस िातपयथ उस सिपणथ परभाि स ि जो एक वयजति दसर वयजति पर डालिा ि उददीपक क रप म कियाओि का भी सिि परभाि पडिा िजजिका िि अनय वयजतियो क बीच उपिम करिा ि

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य पररणातमक शजतिया ऐस पररििथि उतपनि करिी िजो उसक अपि अनय वयजतियो और जसथनियो क परतयकषीकरण को परभाविि करि ि दसर शबदो म वयजति आतम पररकषण करिा ि िथा बाहय जीिि सिगठि एकिा और जसथरिा उतपनि करक अपिा अनिियजतिक सिभाि म अपिी आतमधारणा का विकास करिा ि

वयजतिति म अिक शारीररक एिि मािमसक विशषिाओि का समािश ककया जािा ि वयजतिति का वयापक िति ि अिः िि शरीर स लकर उसक माधयम स समसि कायो म वयापि रििा ि वयजतिति परमख रप स सामाजजक एिि जविक घटिाओि स सजजथि िोिा ि ठीक उसी परकार सामाजजक घटक ि पररिश वयजतिति निमाथण म सिायक िोि ि ििश और पाररिाररक जसथनियो का वयजतिति निमाथण म बिि बडा योगदाि िोिा ि वयजति का वयजतिति पररजसथनियो क परभाि स विकमसि िोििाली पररििथिशील ि गनिमाि परकिया ि सामाजजक एिि सािसकनिक िािािरण क परभाि स वयजतिति का विकास िोिा ि वयजतिति वयजति क समसि बाहय एिि आििररक गणदोषो का अमिथ रप ि इि गणो क समचचय का परकाशि उस वयजति क विचार और वयििार की विमशषट शमलया िथा जीिि क परनि उसक दजषटकोण स िोिा ि जजस परकार फलो म सगिध िोिी ि उसी परकार वयजति म वयजतिति अििभथि ि साधारम वयजतियो का वयजतिति उसकी मतय क पचचाि भी उिकी कनियो विचारो क दिारा यग-यगो िक छाप बिाय रखिा ि

सजथक वयजतिति ndashपरतयक सजथक वयजतिति म परनिभा मितिपमथ िोिी ि साहितय कनियो म साहितयकार का वयजतिति परसिगिः कछ मािा म अिायास परनितरबजमबि िोिा ि रचिाकार क अिम का सिसकार उसकी आतमामभवयजति क रप म वयति िोिा ि रचिाकार का अिम समाज क सामहिक अिम क साथ िादातमय िोकर उसक आिनद का कारण बििा ि रचिाकार का वयजतिति यग पररिश स परभाविि िोिा ि उपरोति सभी

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इकाइयो स ममल-जलकर हदवय परनिभा स निखरकर साहितयकार का वयजतिति विकमसि िोिा ि

वयजति क कछ बाहय एिि आििररक ितिो स वयजतिति का निमाथण िोिा ि इि ितिो को वििचि वयजतिति निरपण म अनिभथि ि लखक का पररिारपररिशसिभािपरिजतिया यगीि िािािरण जीिि म ममलििाल अिसर िाथ स कफसल िए सििर कषणकछ गलनिया कछ कमजोररया कछ कषमिाए कछ सबलिाएजीिि मलय दजषटआदशो क परभाि आहद अिभिो स बििए दजषटकोण स लखक का माििीय वयजतिति निमाथण िोिा ि यि वयजतिति समाज और साहिजतयक दानयति स परनिबदध सजग िोकर एक सािीतयकार का सजथक वयजतिति भी बिािा ि साहितयकार का निजी वयजतिति साहितयकार का वयजतिति क सामिजसय स बिा िआ एक विलकषण वयजतिति िोिा ि वयजतिति वयजति क गणो-अिगणो भािो-अभािो क साथ उसकी सिििि सतिा को सधचि करिा ि उसकी यि सिििि सतिा वयजतिति क निमाथण म सिायक िोिी ि वयजति अगर साहितय रचिाकार िो िो निचचय िी उसकी लखिी पर उसकी झलक सपषट रप स हदखाई दिी ि

अमिराय परमचिदोतिर पीढी क उि साहितय क उनिायको म स थ जो लगभग चौथ दशक स अिनिम दशक िक निरििर सजिशील थ 70 िषो क साहिजतयक जीिि म उनिोि हििदी साहितय क भणडार को अपिी अमलय रचिाओि स समदध ककया ि अमिराय ि जीिि को जसा जजया और दखा िसा िी धचतरिि ककया ि सदाबिार लखक िी ििीि बजलक सदा जीििि और सदा सजग लखक भी थ उिकी कीनिथ को कोई धममल ििीि कर सकिा उिका साहितय उिक जीिि का परनिरप ि जजसस उसम एक शजति एक ऊजाथ आ गयी ि यि उिकी विशषिा ि कक उिक वयजति और साहितयकार म अििविथरोध ििीि ि िासिि म यि एकरपिा साहितयकार को अमर बिािी ि यायािरी सिभाििाल अमिराय दश क कोि-कोि म निरििर भरमण करि िए जि समाज सिसकनि दश ि भाषा स एकाकार िोि क िम म

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निरििर सतय की खोज म सिलगि रि इस खोज क पीछ मािििा क कलयाण की भाििा सजनिहिि थी अपिी दीघथ रचिा - काल क कारण ि िर िई पीढी स जड रि उसस सीखि रि और सियि को बदलि रि साहितयकार का यि निरििर िया बि रििा और समाज की धडकिो को पिचाििा और समझिा उस जीििििा और साथथकिा परदाि करिा ि ियी पीढी और समकालीि रचिा- सिसार स अमिराय की इस सिबदधिा ि जिा उनि पविि उजजिल एिि मिगलमयी मनिथ क रप म लोकवपरय बिाया ििाि सतिा ndash परनिषठािो स दर रिकर ि अपि सिधषथशील चररि एिि शील को सरकषकषि रखि म सफल िए उिक इस वयजतिति ि उिक साहितय को भी उसी रप म सिघषथशील िथा मिगलमय बिाकर महिमामिरडि कर हदया ि अिः उिक वयजतिति एिि कनिति स अिगि िोिा अपि म एक अिभि ि

एक िलदशी निमथल जल सा खल वयजतिति का आलोक विसिार जसा गोरा-धचिा अकलिकछरिरा साफ आइि सा शरीर िस िी मति ठिाकदारििाओि िक गजािी िसी िसा िी निवयाथज वयििार एक पारदशी मिममथशीलआतमदाि भरा आचिजसि भाि िति पर िज-िराथर परनिकियाओि का ममजाज भी अििर का भरा ठिराि भी ldquo जस सिसकनि की अिक धाराए यिा आकर ममल गयी ि उसी िरि की सािसकनिक परिपरा और आधनिकिा सामाजजकिा और ियजतिकिा हििदी ndashउदथ और अिगरजी का ममलि तरबिदअमिराय का वयजतिति rdquo25 परकनि स उनि अटट परम था माहट का मोि उिक शबदो म दलखए ldquo म कभी कलपा िी ििीि कर पािा कक ककसी मिािगर म एक छोट ndashस अपाटथमट म ऊपर रि- छठ माल पर म ििीि रि सकिा िम िो एक छोटी सी कहटया फस की िी द दो लककि उसक साथ जरा-सी जमीि िो और ममिी िो rdquo26 इसमलए उिका विशाल बिगला ndashधप-छाि- सकडो िरि क लिा ndashकि ज फलपड-पौधो स आज भी नघरा िआ ि

उिका वयजतिति अििमथखी और बहिमथखी दोिो का समनिय था उनि अपिा परदशथि करिा या ककसी िरि की आतमचलाघा बिि घहटया काम

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लगिा था परकाशि स पिथ ि अपिी रचिाए ि कीसी को पढिाि थ ि सिाि थ एक माि वयजति जो उिकी रचिाए परकामशि िोि स पिल पढ लिा था- िि थी उिकी पतिी सधा जी एक बार इलािाबाद क विदयाथी जीिि म उनिोि मिादिी जी क ndashअिीि क चलधचि- की समीकषा की जजसम जी खोलकर उसकी परशिसा की थी समीकषा एक अिगरजी पतरिका म परकामशि िई ककि ि उनिोि मिादिी जी को ि िो िि पतरिका हदखायी ि उसक बार म बाि िी की ि बिि सिकोची सिभाि क थ उनि यि भी पसिद ि था कक लोग उिका सममाि परमचिद का पि िोि क कारण कर सभाषमखोपाधयाय की पतिी गीिा जी मलखिी ि ndash अमि कलकतिा स इलािाबाद लौट रिा था ldquo एक यािी सजजि ि अपिी बटी को अमि क आरकषकषि बथथ पर बठ हदया था बार-बार अिरोध करि पर भी ि उस बथथ को छोडिा ििीि चािि थ और यि दािा कर रि थ कक िि उनिीि का ि मझ ऐसा लगा कक यहद मि कछ ििीि ककया िो अमि इििा सिकोची जीि ि कक िि फशथ पर बठ कर इलािाबाद िक चला जाएगा पर अपि बथथ की माग ििीि करगा मि उस रडबब म बठ मसाकफरो को जब बिाया कक य परमचिद क पि ि िो बड आदर क साथ उनिीि लोगो ि उसकी बथथ खाली करिाि म भममका निभाई थी rdquo27

अमिराय क हरदय म बचपि स िी अपि माि-वपिा क परनि अतयिि शरदधा एिि परम था परथम बार मािा-वपिा स दर इलािाबाद पढि जाि समय ि रो उठ थ ldquo बनि िो िम िीिो क पर छिा िआ रोिा िआगाडी स उिर गया rdquo28 अमिराय का बचपि का िाम बनि था बचपि स िी ि बड दयालसहरदय एिि सििदिशील थ उिकी मा मशिरािी दिी क शबदो म ndash मरी किारी का छोट बचचा आग म जल गया उसक सार बदि म मलिम पिा िआ था कपड भी गिद िो गय थ मरा छोटा बचचा बनि उस किीि बािर पा गया उस दखकर बनि को दया आई िि उस पचचो को जीि पर स दोिो िाथो का घोरा बिाकर अिदर लाया ldquo बोला ndashअममा इस कछ खाि को दो उस बचच का बदि दखकर मर रोगट खड िो गय rdquo29 बालक अमिराय क बचपि म िी उिक वपिा ि उि भविषय की सिभाििा दख ली

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थी ldquoयि लडका बडा दयािाि मालम िोिा ि भलाउस िि कस लाया ndash भगिाि इमस जीविि रख िम दखिा िमिारा राम यि रोशि करगा rdquo30

बालक जजस पाररिाररक पररिश म जनम लिा ि जजस चार दीिारी म उसका शशिबचपि एिि ककशोरािसथा बीििी ि ििा क िािािरण की सपषट छाप उसक वयजतिति पर आिचयक रप स अिककि िो जािी ि अमिराय ि अपि वयजतिति क बारम किा ि ldquo किा-किा स आदमी को तया-तया ममलिा ि लककि य ि कक म सचमच भीिर स बिि िी साधारण और सिज ि मर पास ि िो बिािट ि और िा म बिािटी लोगो को पसिद करिा ि rdquo31तयोकक ldquo रचिा अनििायथ रपण रचनयिा क वयजतिति स सिबदध िोिी ि rdquo32

अमिराय सबको बराबर मािकर चलििाल वयजति थ ि सियि किि ि ldquo लककि म बदककसमिी स ि िो ककसी को अपिा चला बिा सकिा ि और ि ककसी का चला बि सकिा ि मझको किल बराबरी का सिबिध आिा ि rdquo33 उिक जजिि भी ममि थ उिस उिक नििािि सिज पाररिाररक सिबिध थ ि अपि सहरदजिो का माि रखि क मलए जो उनि िापसिद िोिा िि भी कर लि थ गीिा जी मलखिी ि ldquo अमि और सधा दोिो शाखािारी थ पर िम खश करि क मलए अमि कभी-कभी मछली खा लिा उस यि पिा था कक सभाष मछली क तरबिा ििीि रप सकि िि भोजि बडी रची स करिा rdquo34 रािगय राघि स अपिी िलिा करि िए अमिराय ि अपि सिकोची सिभाि क विषय म सियि भी मलखा ि ldquo मर अपि मसमट ndashमसमट सििभाि स उसका मल ििीि बठिा था अपि को बािर फ क सकि औरो क साथ घला ndashममला दि क इस गण का म बिि आदर करिा ि rdquo35

ि अपि विचारो पर सदि दढ रि यहद कोई उिकी विचारघारा अथिा आसथा पर अिधचि आपकष लगािा ि िो ि उसका मििोड जिाब दि म सिकोच ििीि करि थ उनिोि मलखा ि ldquo म यो निजी मामलो म िो बिि शािनिपरमी आदमी ि थोडा दबकर भी बिि स झगडो दरगजर कर जािा

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ि लककि विचारो की दनिया म उपिी आसथाओि को विचिासो को जरा जयादा िी मजबिी स पकडिा ि इसमलए उस पर कोई आिमण ििीि सि सकिा और ि ििा पर ककसी िरि का समझौिा करिा मझ पसिद ि rdquo36 ऐस अिसरो पर दो-दो घिट लगािार भाषण द डालि थ अमभयोग का उतिर दि समय भी ि िसी हदललगी क साथ िलक-फलक अिदाज म िी भाषण हदया करि थ जजसस शरोिा भी आििदपिथक रस लकर उिकी बाि सिा करि थ यि उिक वयजतिति का बिि बडा िमशषय था ि ऐस निरमभमािी कलाकार थ जो दसरो की कला ि दसरो क गणो का बिि आदर करि थ डॉ रामविलास शमाथ ि उि पर िथा रािगय राघि रािल सािकतयायि आहद अिक परगनिशील लखको पर lsquoटटपजजया समाजिादीrsquo िोि का आकषप लगाया था ldquoसाहितय म सियति मोचाथ ndash पसिक मलखकर इसका उनिोि मििोड जिाब भी हदया था ककि ि ि शमाथ जी की इस एक कमी को सिीकार करि िए उिक अनय गणो की परशिसा करि थ rdquo37

13पवचारधाराएव परभाव

अमिराय ि अपिी कनियो पर िए विचारधारा क परभाि क सिदभथ म मलखा ि ldquoजजस िगथ स कलाकार जनम लिा ि उसक लौककक दजषटकोण क अिसार उसकी एक विचारधारा जनम स िी बि जािी ि अगर उसक सिरकषक भी उसी िगथ क िए िो िि मा क दध क साथ गरिण ककए िए अपि जीिि क दजषटकोण स परी िरि सििषट रिगा और उसको अपिी कनियो म अमभवयति करगा rdquo38परतयक साहितयकार पर परतयकष या परोकष रप स ककसी ि ककसी विचारधारा का पभाि अिचय िोिा िी ि अमिराय क शबदो म ldquo जिा रचिाकार को सचिि रप स अपिी विचारधारा का पिा ििीि िोिा ििा भी विचारधारा िो रििी िी ि रचिा पर अिजाि िी उसका समािश िो जािा ि विचारधारा किीि सििदिा बिकर आिी ि और किीि परसिगिः रचिाकार की माििीय परनिकिया बिकरrdquo

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131सामयवादी पवचारधारा

अमिराय ि निबिध lsquoविचारधारा और साहितयrsquo म सपसट सिीकर ककया ि कक ldquo मरी विचारधारा सामयिादी ि या यो कि लीजजए कक मझ पर सामयिादी विचारधारा का गिरा परभाि ि rdquo40 सि 1943 ई0 म उनिोि सामयिादी पाटी की सदसयिा गरिण की िथा मजदर ndashयनियि क मििी भी बि थ -बीज- उपनयास िथा ndashपारजाि क फल ndashआहद किानियो म उिकी सामयिादी विचारधारा सपसटिः सामि आई ि ककि ि ककसी भी विचारधारा या lsquoिादrsquo का अिधािसरण करि का ि विरोध करि ि ldquo जब-जब और जिा-जिा अिधािसरण की ऐसी कोई िीनि बरिी या अपिायी गयी ि विचार मर गया ि साहितय मरगया ि किल पररपाटी का रहढबदध लखि िआ ि rdquo41

सामयिादी पटी का सदसय रिि िए भी ि अपि ढिगस कछ अलग-अलग-सा भी सोचि रि और कदाधचि इसका कछ मलय भी उस चकािा पडा तयो कक सामदानयक धचििि परकतया मशविरबदधिा मागिा ि ि किि ि ldquo

मरा मि जसा कचछ बिा था िसी मसविरबदधिा मर मलए कभी सिभि ि िो पायी पर मझ कोई खद ििीि ि तयोकक मझ लगिा ि कक अिििः अपिा वििक िी सबस अचछा जीिि-सिचर िोिा ि rdquo42उनिोि मातसथिाद का गिि अधययि -मिि करक उस अपिी विचारधारा बिाया ि अपि समाज का अधययि करक अपि मिि-धचििि की कसौटी पर अचछी िरि परखकर और अपि मि क भीिर डबकर अचछी िरि टटोलकर जजस बाि को सिी जािि थ उसी को सिीकार करि थ उनिोि बािर क ककसी अिकश को कभी सिीकार ििीि ककया उिका मि ि ldquo यि अिशासि और अिकश रचिाकार क अपि वििक क भीिर स आिा चाहिए rdquo43

अमिराय ि कछ िषो क पचचाि सामयिादी पाटी स सिबिध िोड हदया था ककि ि सामयिाहद विचारधारा म उिका विचिास आजीिि रिा ि मलखि ि ldquo मर मलए विचारधारा कछ दसरी चीज ि उस आदमी मजबिी स

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पकडिा ि िि समपथण मािगिी ि उसक मलए निषठा चाहिए गिरा आििररक विचिास चाहिए उसी निषठा और गिर विचिास म स सब िरि क अभािकषट नििदाअपमािजलयाििा सब कछ सिि और जररि पडि पर अपि पराण िक द दि की िाकि आिी ि जिा य निषठा और समपथण और अकि ठ विचिास ििीि ि ििा कफर विचारधारा कसी जसी िई िस ि िई rdquo44

132गाधीवाद का परभाव

परारिभ म अमिरायकालीि समाजपर गाधीजी छाए िए थ अिः सपषट ि कक अमिराय की धचिििधारा पर गािधीिाद का गिरा परभाि लकषकषि िोिा सिाभाविक िी ि ldquo मरा िो काल (सि 1942-44) भयिकर गाधी भजति का था rdquo45 अिः उिकी रचिाओि म खासकर ndashबीज-उपनयास म मातसथिादी विचारधारा की गिराई म गाधीिादी विचारधारा क िति एिि सामाजजक मसदधािि जस मदयनिषध िगथ बद विरोध सिदशी राषरीय मशकषा वपछडो का उतथाि हदखाई दि ि

133मातससवादी चचतन का परभाव (वगस सघरस)

सि 1950 क उपरािि अमिराय मातसथिादी पाटी क सिीय सदसय बि गय मातसथिादी धचििि ि उि पर जाद कर हदया था इसमलए ि उस अधधक पसिद करि थ ldquo म मातसथिाद स पयार करि लगाथा rdquo46 ि उस जीििसमाज और सिसार बदलि का असि मािि ि ldquo मातसथिाद स अहदक जीिििअधधक िािनिकारी अधधक लोक कलयाणकारी मबलकअधधक सचचािाद दसरा ििीि rdquo47पररणामसिरप उिका परा साहितय मातसथिाद क दििदिातमक भौनिकिादी दशथि पर आधाररि ि सामयिादी और मातसथिादी दशथि समाज म समिा और नयाय की सथापिा कमलए िगथ सिघषथ को अनििायथ माििा ि िमार समाज म दो िगथ निरििर रि ि ndash एक शोषक िगथ और दसरा शोवषि िगथ अमिराय किि ि ldquoमटठी भर पजीपनियो दिारा लाखो ndashकरोडो लोगो का आधथथक शोषण एक भयिकर अनयाय ि और उसक

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विरदध परनििाद का सिर भरपर उठिा चाहिए इस अथथ-वयिसथा स सीध-सीध या परोकषिः जडी िई असिखय दसरी विषमिाए विकनियाअनयायदराचारएक स एक भयिकर अपराधजजिका एक फलिा-फलिा सामराजय ि और जजिको िम अपि आस-पास िरदम िोि दखि ि और जजिस िमारी माििीय सििदिा परकतया जडिी ि कषबध और आिदोमलि िोिी ि rdquo48उसक विरदध आिाज उठािा अनििायथ ि िमार समाज म सिी िगथ िथा अकलीि दमलि अथिा सिक िगथ सदा स िी शोवषि रिा ि अमिराय ि शोवषि िगथ को शोषण मति कराि क मलए िगथ-सिघषथ का आहिाि ककया ि ि सामाजजक नयाय क मलए रति िािनि को भी अनििायथ मािि ि ि किि ि ldquo समाज म नयाय ििीि ि और सििलि सब तरबगड गया ि और जिा समाज का सििलि तरबगडा िआ िो ििा वयजति का सििलि भी तरबगड तरबिा ििीि रि सकिा अपि दश भारि म यि सामाजजक नयाय सबस कम ि इसीमलए यिा का सििलि सबस िी अधधक तरबगडा िआ ि समाज सबस अजसथर ि अब यि सामाजजक अनयाय जि साधारण क मलए असहय िो गया ि और अब यि परािा ढचरा ककसी िरि चल ििीि सकिा अब या िो यि अनयाय की वयिसथा िधानिक िरीको स नयाय की हदशा म बदलगी या कफर रति-िािनि िोगी rdquo49

अमिराय ि अपि साहितय म शोषण क विरदध सिघषथ का सिर उठाया ि िथा आम आदमी को शोषण स मजति पाि िि सिघषथ करि की पररणा दी ि ि किि ि ldquo साहितय तयो जि चििा का परोधा ि बि उसकी नियिी ऐसी तयो िो िि वयजति क भीिर मसमट कर रि जाय rdquo50

134मानवतावाद

अमिराय की विचारधारा मलिः मािििािादी विचारधारा ि अमिराय क अिसार साहितय रचिा जीिि का यथािथय अिकि ििीि बजलक सचचा साहितय जिचििा का विधायक एिि सिघषथ का परोधा िोिा ि उिका कििा ि कक ldquoयिी जीिि दजषट मझ ndashहरगर- करिी ि यिी चीज जो उतपरररि करिी

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ि rdquo51ि सियि वयजति क कषटो को दर करि िथा उस उनिनि की हदशा म परररि करि क मलए कहटबदध मािि ि - ldquoएक भी किािी ऐसी ििीि ि जजसक भीिर मरा समगर धचति िा बोल रिा िो जो सिसार म अनयाय दखिा ि जो बराई दखिा ि िकलीफ दखिा ि और उसस रतिी भर आिदोमलि या विकषबध ििीि िोिा ि ऐसा लखि मरा ििीि ि मर भीिर लखि का सजि का रस जो निझथररि िोिा ि िि निझथररि िो िी ििीि सकिा जब िक कक उसक साथ किीि कोई सतयअसतयनयायअनयायसिदर असिदर य जो मलभि चीज ि इिका परचि िा जडा िो rdquo इसी मािििािादी विचारधारा ि अमि को ि किल साहितय सजि क मलए परररि ककया बजलक इनिीि माििीय मलयो की सथापिा क मलए उनिोि रासिा बिाया उिकी सामयिादी दशथि म अरडग आसथा का कारण भी यिी मािििािाद ि तयोकक मासथिाद अनििः एिि मलिः मािििािाद िी ि जजसका वििचि अमिराय ि अपि निबिध-गरिथ ndash विचारधारा और साहितय- म ककया ि मातसथ क विषय म ि किि ि ldquo उसकी यि माििीय सििदिा या माििीय सरोकार एक शबद म मािििािाद बिधा लोगो की आखो स ओझल िो जािा ि और उसका धयाि आि परिरिि एक रख ndashसख अथथशासि का रप सामि आकर खडा िो जािा ि जो लोग गलि जगि पर जोर द कर मातसथ को किल आधथथक उनिनि स िी बाद दिा चािि ि िो चाि या ि चाि जाि या ि जाि मातसथ क साथ घोर अनयाय करि ि rdquo53अमिराय मि ि कक मातसथ भौनिकिादी इस अथथ म ि कक िि ककसी हदवय शजति को सिीकार ि करक पदाथथ ( कषनिजलपािकगगिसमीर )की सतिा को िी सतय माििा ि अथथ (धि) का पजक िि कभी ििीि रिा उसि सियि आजीिि निधथििा म िी ऋवष-मनियो की भानि जीिि -यापि ककया अमिराय क साहितय म उिकी मािििािादी विचारधारा सिथि हदखाई पडिी ि ि सियि किि ि ldquo सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मािस को रिगा िमरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा rdquo54

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135यथाथसवाद और सहजता

अमिराय साहितय म यथाथथिाद क समथथक ि ि साहितय को शदध कला ििीि मािि ि िरि उस जीिि एिि समाज क मलए उपयोगी मािि ि उिक अिसार सचचा लखि िो ििी ि जोसमाज को कछ हदशा द सक ि किि ि ldquo आधनिक िो परािा िो सचचा लखि ििी ि जजसम लखक अपि दख िए अपि भोग िए को अपि कलातमक सामथयथ-भर अधधक स अधधक पणथिा क साथ धचतरिि करिा चाििा ि rdquo 55 ि साहितय म अिासिविक अथिा अयथाथथ रपिादी परयोगो को वयथथ मािि ि उिका कथि ि ldquo साहितय क अििगथि रप की अििलिा उसको िनिक भी इषट ििीि ि साहितय को माि अलिकरण या साज-सजजा ि मािि िए िम उस रचिा परकिया का अिग मािि ि और इस िाि उसको परा मिति दि ि पर िम कििा चािि ि कक रप का साथथक परयोग ििी ि जो िसि स सजीि सिदभथ म उसकी अधधवयजति की वििशिा स ककया गया ि lsquoशदधrsquo कला क फर म lsquoशदधrsquo रप क अविषकार म लगी िई परयोगशीलिा ििधया मसदध िोिी ि rdquo56

अमराय साहितय की उपयोधगिा पर विचार करि िए किि ि ldquo उसकी िासिविक साथथकिा इसम ि कक िि अिजाि िी आदमी की िजतियो का सिसकार करिा ि और जो साहितय जजििा िी शरषठ िोिा ि उिि जयादा अिजाि ढिग स अपिा काम करिा ि rdquoअिः लखक का यि किथवय ि कक िि साहितय का सजि अपि पररिश स जडकर कर ि िि कोरा आदशथिादी लखि कर ि िी ककसी ndashिाद- या ndashफशि- क चलि ऐसा यथाथथ धचतरिि कर जो सियि उसक समाज म अविदयमाि िो इसी को उनिोि सिज धरािल पर लखि किा ि किािी क कषि म ि सिज किािी क समथथक बि ि किि ि ldquo ियी किािी की खोज म सिज किािी खो गयी rdquo57ldquo सिज किािी स िमारा िातपयथ उस मल कथा-रस स ि जो किािी की अपिी खास चीज ि और जो बिि सी ndashियी- किी जाि िाली किानियो म एक मसर स ििीि ममलिा rdquo58

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इस परकार अमिराय की विचारधारा समाजिादी एिि मािििािादी ि ि लखि म यथाथथ ि सिजिा क परबल समथथक रि िथा अपिी रचिाओि म सब परकार क शोषण क विरदध विदरोि एिि सिघषथ क सिर को ऊचा उठाया ि

136अधययन एव जीवनानभवो का परभाव

अमिराय की विचारधारा क निमाथण म उिका गिि आधययिधचििि िथा जीििािभि भी उतिरदायी रिा ि शरषठ कथा मलखि का रासिा बिाि िए अमिराय किि ि ldquo म िो उसका एक िी ढिग जाििा ि बड किािीकारो को पढिा उस पढि स िी अचछी किािी का बोध उसकी कछ परसििी अपि भीिर छिकर धथरककरसिधचि िोिी रििी िोगी rdquo59 अिः उनिोि समकालीि साहितयकारो को िो खब पढा िी विगि मिाि लखको को उनिोि अपकषाकि फधधक पढा ndash सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मि को रिगा ि मरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा ि -(विचारधारा और साहितय अमिराय प-18) उनिोि मतसथ लनिि एिगलस सटामलि माओ लकास एिि कॉडिल को खब पढा साथ िी उिक सजि पर रिीिदरिाथ टगोर शरिचिदर चिोपाधयाय परमचिद दोसिोिसकी मोपासाि गोकी का असीम परभाि रिा

परमचिद किा करि थ ldquo िम जीिि म जो कछ दखि ि या जो कछ िम पर गजरिी ि ििी अिभिििी चोट कलपिा म पिचकर याहितय सजि की पररणा करिी ि rdquo60 अमिराय ि भी लखक पर अिभिो क सिज परभाि को सिाकारि िए मलखा ि ldquo जो भी मलखिा ि िि सबस पिल िो आदमी िआदमी की िरि स आदमी की जजिदगी जीिा ि िस िी उसक आसिग-परसिग िोि ि और सिबिध बिि ि जजिदगी उसी िरीक स टकरािी ि उसस आकर उसी िरि उसक अिदर बिि िरि स ररसपानसज आि ि और उि सब क मलए ndashहदए िि मलखिा ि rdquo61 अमिराय क कथा-साहितय म आए िए विचारो ि परसिगो का जजममदार अपि जीििािभिो एिि मि को मािि ि ldquo

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म किानिया मलखिा िजजिदगी क मल म िर दम कछ ि कछ िोिा रििा ि लोग मरि ि जीि ि ििसि ि रोि ि ममलि ि तरबछडि ि ठगि ि ठगजाि ि कछ बाि अपि पर बीििी ि कछ दसरो पर बीिि दखिा ि बिायी िई किानियो स जयादा जािदार और रिगीि किानिया िरदम आखो क सामि िोिी ि बस इििा ि कक अपि मि का रिग इििा चटक िो जाय कक एक बार डबोकर किािी को निकाल मलया जा सक इस किया म िि किािी जो दखी थी कछ की कछ िो जािी ि तयोकक मि क भीिर खद बिि सी किानिया सोयी रििी ि इसी िरि बिि सी किानियो क िायक-िानयकाए सडको पर पाको म मसाकफर खािो म कचिरी और दफिर की गदथ और बोसीदा फाइलो म टिलिनघसटि और रगि ममल जाि ि कभी जयो क तयो ममल जाि ि कभी चार को ममलाकर एक बििा ि और किीि एक को चार म नछिरा हदया जािा ि rdquo62

14 परगततिील आदोलन और अमतराय

अमिराय परगनिशील चििा परारिभ स िी परभाविि रि उिक वपिा परमचिद सियि एक परगनिशील सामाजजक यथाथथिादी लखक रि अमिराय की परािरिमभक रचिाओि यथा ndashिम रखल-मिशी जी मरसथल आहद किानियो म परगनिशील चििा क दशथि िोि ि उिकी किानियो म समाज क निमि और मधय िगथ क शोवषि-जीरडि वयजति िी िायक ि उनिोि उिक दःख-ददथ का यथाथथ धचिण ककया ि

सि 1942 ई0 िक ि मातसथिादी विचारधारा स पणथिः परभाविि िो चक थ और परगनिशील आिदोलि क सिीय कायथकिाथ िो बि गए थ सि 1942 ई0 स उनिोि- ििस- का सिपादि कायथ सिभाल मलया था और ndashििस- को परगनिशील आिदोलि का मख-पि बिा हदया था परयोगिादी परगनिशील किी धगररजा कमार माथर किि ि ndash य जो मिच बिा ििस और य एक वयापक परगनिशील चििा का मिच बिा किर कठमललापि िो बाद म आया उसका भी इनििास टतकर का जो ि िो बाद म आिा ि लककि य िो

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परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

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बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

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अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

29

अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

30

6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

31

इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

32

की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

33

उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

34

अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 8: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

8

य सारी सामगरी ओक की जािी थी rdquo 15 इस परकार ndashििस- भी िािनि का माधयम बिा

सि 1951 म ndashभारि सरकषा कािि- (जो बाद म अिध धोवषि ककया गया था) क अििगथि इलािाबाद म उनि पकड मलया गया और चार माि िक जल म रििा पडा था -बीज-उपनयास का बीज कारािास म िी अिकररि ि विकमसि िआ था बाद म धीर ndashधीर पाटी म गटबाजी िथा िचाररक सिकीणथिा स कषबध िोकर ि सिीय राजिीनि िथा पाटी स अलग िो गय दस की दररदरिाभरषटाचारराजिीनिजञो की सिाथथपरिा आहद दखकर उिका मि सदि आिोश स भर उठिा था जजसकी अमभवयजति उिकी रचिाओि म निरििर िई ि

साहितय सिा िी उिक जीिि का एक माि धयय बिा साहिजतयक पररिश िो उिको जनम स िी विरासि म परापि िआ था उिक ऊपर सिाथधधक परभाि अपि वपिा परमचिद का पडा इसक अनिररति अनय अिक साहितयकार एिि कलाकार उिक अमभनि ममि थ जिनदर जी परमचिद क जीिि काल म और उिकी मतय क बाद भी बिि हदिो िक उिक बिारस घर म िी रि ि मलखि ि ldquo िमार पररिार म उिकी जसथनि सिज िी बड भाई की सी िो गई थी अममा ि बड पयार स उिको अपिा सबस बडा लडका माि मलया था rdquo 16 मिादिी िमाथ का सिसगथ भी उनि लमब समय िक परापि िआ ि किि ि ldquo म िो सि 38 म इलािाबाद आ गया और मर छािािास क तरबलकल पास िी उिका घर था खब ममलिा बठिा शर िो गया rdquo 17 सधाजी स वििाि क बाद ि भी उिक निकट आ गय थ ि अजञय जी स क साथ भी रि उस समय 14 ििबर बजसटगस रोड पर जिा शरीपिराय रिि थ कई लोग साि रिि थ ldquoपरा गरप िी था बरिभषण अगरिालिममचिदर जिअचक भी आ कर रि थ परभाकर माचि थ आशा दा (डॉतटर आशा मकल दास) बउहद और उिक दो बट सभी लोग थ rdquo 18सि 1948 म जब शरीपि जी वििाि करक अलग अपि बिगल म चल गय िब य

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लोग अमिराय दिारा खरीदी गई 18 नयाय मागथ पर बिी इमारि म आ गए जजस बादम िोडिाकर अमि जी ि अपिा ndashधप-छाि ndash बगला बििाया था परिीक ndash जजसका सिपादि अजञय जी करि थ यिीि स निकलिा था अमिराय किि ि ldquo परिीक- म मर और उिक बीच जो िचाररक दरी थी िि भी सामि आयी और ndashसिािभि- को लकर मरी-उिकी बिस ndashििस- और ndashपरिीक- क सिपादकीयो म िई rdquo 19

अमिराय ि हििदी म परकामशि परमचिद की अिक आरिमभक लपिपराय रचिाओि अििादो िथा उिक पि-वयििार को खोज निकाला और परकामशि ककया लगभग 2500 पषठो की यि िई परमचिद-सामगरी जजस अमिराय ि परकामशि ककया निमिमललखि ि ndash 1 ndashगपिधि- शीषथक स परमचिद की आरिमभक किानिया 2 मिगलाचरण- शीषथक स परथम चार उपनयास 3 ndashधचटठी-पिी- शीषथक स पि िथा 4 ndashशब-ए-िार- शीषथक स मरीस मिरमलिक क िाटक ndashफोिामारा- का अििाद य रचिाए अमिराय क परयासो स िी हििदी जगि क सामि आयीि -सि 1936 क बाद कछ अतयिि सिघषथ पणथ िषो क बािजद शरीपि और अमि ि अदमय जजजजविषाआपसी समझदारी िथा वपिा की साहिजतयक विरासि को सिभालि की वयिसानयक सझ-बझ क बल पर िि सथावपि ककया जजस अचछ अथो म lsquoपरमचिद सामराजयrsquo किा जा सकिा ि ldquoआज परमचिद की जो खयीनि िउसक पीछ अिशिः शरीपि और अमि का योगदाि भी ि कक उनिोि अपि वपिा की पसिको को जीविि उपलबध और परसाररि रखा rdquo20

अमिराय को अपि जीिि की परौढािसथा म एक ककशोर पि क निधि का दारण शोक भी सििा पडा उिका अटठारि िषथ का छोटा पि अममि(ममथि) रति कनसर का मशकार िोकर आठ मिीि दारण कषठ झलकर जि 1966 ई0 म मतय को परापि िआ इस आघाि ि उनि हिलाकर रख हदया था ककि ि उिक कमथ जीिि म मशधथलिा ििीि आई

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उिक हरदय की अथाि पीडा उिक lsquoसख-दखrsquo िामक उपनयास म अमभवयति िई ि शोक-गीि जसा यि उपनयास अपि आपम एक अिठी रचिा ि

114पवदि यातरा

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश -यािाए की सि 1952 म ndashविचि शािनि सममलि ndash म भाग लि क मलए चीि-यािा की सि 1965 म जमथिीबलगररया और सोवियि सिध की यािा की सि 1972 म रमानियाििगरीसोवियि सिघइिगलड फािस और इटली की यािा की सि 1978 ई0 म पिः यरोप की यािा की

115परसकार एव सममान

अमिराय कोउिकी उललखिीय ि अिलिीय साहितय सिा एिि साधिा क मलए उनि अिक परसकारो स परसकि भी ककया गया सि 1957 ई0 म लखको क ऐनििामसक lsquoसाहितयकार सममलि rsquo का उनिोि आयोजि ककयाजजसम चार पीहढयो क लखको दिारा परनिनिधधति ककया गया इसी िषथ उनि lsquoसपाटथकसrsquo क हििदी अििाद lsquoआहद विदरोिी rsquo क मलए भारि सरकार क ndashिषथ क शरषठ अििादक परसकार स सममानिि ककया गया सि 1971 ई0 म उनि ndashसोवियि लड ििर -परसकार परापि िआ सि 1973 ई0 म ि साहितय अकादमी की सामानय सममनि और कायथ सममनि क सदसय बि इसी िषथ ि lsquoिशिल बक रसट क नयासीrsquo िथा lsquoसोवियि लड रिर परसकार सममनिrsquo क भी सदसय बिाय गय सि 1977 म समाज भाषा ितजञानिक शोध योजिा पर कायथ करि क मलए ििर फलोमशप स परसकि ककया गया सि 1987 ई0 म उतिर परदश हििदी सिसथाि दिारा ndashसिसथाि सममाि- िथा 1989 ई0 म भारिीय अििाद पररषद दिारा lsquoदवििागीश परसकारrsquo स उनि सममानिि ककया गया

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116मतय

सि 1996 ई0 म 75 िषथ की आय म लगभग दो माि िक पकषाघाि स गरसि रिि क बाद 14 अगसि क हदि इलािाबाद म साहितय का यि अिथक सिी कमथयोदधा रचिाकार अमिराय इस लौककक सिसार स सदा क मलए विदा लकर परलोक चल गय

वयकतततवndashसजथक वयजतिति क निमाथण म सिायक घटिाए जस पिथ सिसकार

बचपि क सिसकार पाररिाररक सामाजजक सािसकनिक आधथथक राजिीनिक धाममथक पररिश इतयादी का कलाकार एिि सजथक क वयजतिति पर गिरा परभाि पडिा ि वयजति अगर साहितयकार िो िो उसक वयजतिति म ककसी ि ककसी रप म उसक वयजतिति की झलक अिचय हदखाई दिी ि साहितय और साहितयकार दोि एक िी ििनिमाथण परकिया क दो पिल ि इस दजषट स साहितयकार कनिति क अधययि क मलए उसक वयजतिति का अधययि मितिपणथ िोिा ि

परािी पीढी क साहितयकार िोि िए भी सििितरयोतिर काल म पररिनिथि िए मलयो की सथापिा करक कई यगीि पररजसथनियो क अिसार वयजति और समाज का सिबिध कफर स सथावपि करि म विषण परभाकरजी का योगदाि विशष मितिपणथ रिा ि ि सामाजजक जीिि की विविध समसयाओि को लकर मलखििाल साहितयकार ि यथाथथ का सकषम निरीकषण

अिकि इिका लकषय रिा ि जजसम उिकी मािि क परनि सिािभनि भी बराबर बिी रिी ि उिक उपनयासो ि किानियो और समसि साहितय म वयजति और समाज इस परकार घल-ममल गए ि कक दोिो की पथक सतिा-सिीकनि कहठि ि उिक सजि का मल सिर मिषय की पिचाि और िर परकार क शोषण क लखलाफ आिाज उठाि का ि

ldquoवयजतिति शबद पसथिमलहट ( Parsonality ) लहटि शबद lsquo पसोिा lsquo

(Parsona ) स बिा िआ ि lsquo पसोिा lsquo का अथथ ि lsquo मखौटाlsquo गरीक कलाकर

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रिगमिच पर अपिी पिचाि नछपाि कमलए मखौट का परयोग ककया करि थ आग चलकर lsquoपसोिा lsquoशबद का अथथ बदल गया मिषय दसर को कसा हदखाई दिा ि इस अथथ म धीर-धीर पसोिा शबद का रपानिर पसथिॉमलहट अथाथि वयजतिति क रप म मलया जाि लगा rdquo21

ldquo वयजतिति शबद भाि िाचक सिजञा ि वयजति क कषि म जजि गणो या विशषिाओि का समािश िोिा िि सब वयजतिति क अििगथि आि ि अथाथि वयजति की मिति पणथ विशषिा उसका वयजतिति ि वयजति की ऐसी विशषिा उस दसरो स अलग बिािी ि ककसी वयजति की विशषिाओि का समदाय िी वयजतिति ि rdquo22

मािक हििदी शबद कोश क अिसार ndashldquo वयजतिति शबद वयजति क यगम स बिा ि जजसका अथथ ि- वयजति िोि की अिसथा या भाि rdquo 23 ककसी वयजति की निजी विमशषट कषमिाए गणपरिजतिया आहद जो उसक उददचयोकायो वयििारो आहद म परकट िोिी िऔर जजिस उस वयजति का सामाजजक रप जसथर िो जािा ि

वयजति क मिोभाि एिि विचार उसक कायथ िथा िाचक आिधगक कियाओि म िाि-भािो म परकट िोि ि साथ िी वयजति का मि सामाजजक सािसकनिक पररिश स सिसकाररि िोिा ि य सिसकार भी उसक किया कलाप

िाि-भािो म अिायास वयति िोिा ि वयजतिति वयजति क अनिरनिहिि गणो का परकामशि रप ि उस वयति करि की कषमिा को िी lsquo वयजतितिrsquo किा जािा ि

हििदी विचि कोश क अिसार- वयजतिति की अिधारणा इस परकार दी गई ि ldquoवयजतिति शबद ककसी वयजति क सामाजजक उददीपक मलयो क सचक रप म परयोग ककया जािा ि rdquo24 इसस िातपयथ उस सिपणथ परभाि स ि जो एक वयजति दसर वयजति पर डालिा ि उददीपक क रप म कियाओि का भी सिि परभाि पडिा िजजिका िि अनय वयजतियो क बीच उपिम करिा ि

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य पररणातमक शजतिया ऐस पररििथि उतपनि करिी िजो उसक अपि अनय वयजतियो और जसथनियो क परतयकषीकरण को परभाविि करि ि दसर शबदो म वयजति आतम पररकषण करिा ि िथा बाहय जीिि सिगठि एकिा और जसथरिा उतपनि करक अपिा अनिियजतिक सिभाि म अपिी आतमधारणा का विकास करिा ि

वयजतिति म अिक शारीररक एिि मािमसक विशषिाओि का समािश ककया जािा ि वयजतिति का वयापक िति ि अिः िि शरीर स लकर उसक माधयम स समसि कायो म वयापि रििा ि वयजतिति परमख रप स सामाजजक एिि जविक घटिाओि स सजजथि िोिा ि ठीक उसी परकार सामाजजक घटक ि पररिश वयजतिति निमाथण म सिायक िोि ि ििश और पाररिाररक जसथनियो का वयजतिति निमाथण म बिि बडा योगदाि िोिा ि वयजति का वयजतिति पररजसथनियो क परभाि स विकमसि िोििाली पररििथिशील ि गनिमाि परकिया ि सामाजजक एिि सािसकनिक िािािरण क परभाि स वयजतिति का विकास िोिा ि वयजतिति वयजति क समसि बाहय एिि आििररक गणदोषो का अमिथ रप ि इि गणो क समचचय का परकाशि उस वयजति क विचार और वयििार की विमशषट शमलया िथा जीिि क परनि उसक दजषटकोण स िोिा ि जजस परकार फलो म सगिध िोिी ि उसी परकार वयजति म वयजतिति अििभथि ि साधारम वयजतियो का वयजतिति उसकी मतय क पचचाि भी उिकी कनियो विचारो क दिारा यग-यगो िक छाप बिाय रखिा ि

सजथक वयजतिति ndashपरतयक सजथक वयजतिति म परनिभा मितिपमथ िोिी ि साहितय कनियो म साहितयकार का वयजतिति परसिगिः कछ मािा म अिायास परनितरबजमबि िोिा ि रचिाकार क अिम का सिसकार उसकी आतमामभवयजति क रप म वयति िोिा ि रचिाकार का अिम समाज क सामहिक अिम क साथ िादातमय िोकर उसक आिनद का कारण बििा ि रचिाकार का वयजतिति यग पररिश स परभाविि िोिा ि उपरोति सभी

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इकाइयो स ममल-जलकर हदवय परनिभा स निखरकर साहितयकार का वयजतिति विकमसि िोिा ि

वयजति क कछ बाहय एिि आििररक ितिो स वयजतिति का निमाथण िोिा ि इि ितिो को वििचि वयजतिति निरपण म अनिभथि ि लखक का पररिारपररिशसिभािपरिजतिया यगीि िािािरण जीिि म ममलििाल अिसर िाथ स कफसल िए सििर कषणकछ गलनिया कछ कमजोररया कछ कषमिाए कछ सबलिाएजीिि मलय दजषटआदशो क परभाि आहद अिभिो स बििए दजषटकोण स लखक का माििीय वयजतिति निमाथण िोिा ि यि वयजतिति समाज और साहिजतयक दानयति स परनिबदध सजग िोकर एक सािीतयकार का सजथक वयजतिति भी बिािा ि साहितयकार का निजी वयजतिति साहितयकार का वयजतिति क सामिजसय स बिा िआ एक विलकषण वयजतिति िोिा ि वयजतिति वयजति क गणो-अिगणो भािो-अभािो क साथ उसकी सिििि सतिा को सधचि करिा ि उसकी यि सिििि सतिा वयजतिति क निमाथण म सिायक िोिी ि वयजति अगर साहितय रचिाकार िो िो निचचय िी उसकी लखिी पर उसकी झलक सपषट रप स हदखाई दिी ि

अमिराय परमचिदोतिर पीढी क उि साहितय क उनिायको म स थ जो लगभग चौथ दशक स अिनिम दशक िक निरििर सजिशील थ 70 िषो क साहिजतयक जीिि म उनिोि हििदी साहितय क भणडार को अपिी अमलय रचिाओि स समदध ककया ि अमिराय ि जीिि को जसा जजया और दखा िसा िी धचतरिि ककया ि सदाबिार लखक िी ििीि बजलक सदा जीििि और सदा सजग लखक भी थ उिकी कीनिथ को कोई धममल ििीि कर सकिा उिका साहितय उिक जीिि का परनिरप ि जजसस उसम एक शजति एक ऊजाथ आ गयी ि यि उिकी विशषिा ि कक उिक वयजति और साहितयकार म अििविथरोध ििीि ि िासिि म यि एकरपिा साहितयकार को अमर बिािी ि यायािरी सिभाििाल अमिराय दश क कोि-कोि म निरििर भरमण करि िए जि समाज सिसकनि दश ि भाषा स एकाकार िोि क िम म

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निरििर सतय की खोज म सिलगि रि इस खोज क पीछ मािििा क कलयाण की भाििा सजनिहिि थी अपिी दीघथ रचिा - काल क कारण ि िर िई पीढी स जड रि उसस सीखि रि और सियि को बदलि रि साहितयकार का यि निरििर िया बि रििा और समाज की धडकिो को पिचाििा और समझिा उस जीििििा और साथथकिा परदाि करिा ि ियी पीढी और समकालीि रचिा- सिसार स अमिराय की इस सिबदधिा ि जिा उनि पविि उजजिल एिि मिगलमयी मनिथ क रप म लोकवपरय बिाया ििाि सतिा ndash परनिषठािो स दर रिकर ि अपि सिधषथशील चररि एिि शील को सरकषकषि रखि म सफल िए उिक इस वयजतिति ि उिक साहितय को भी उसी रप म सिघषथशील िथा मिगलमय बिाकर महिमामिरडि कर हदया ि अिः उिक वयजतिति एिि कनिति स अिगि िोिा अपि म एक अिभि ि

एक िलदशी निमथल जल सा खल वयजतिति का आलोक विसिार जसा गोरा-धचिा अकलिकछरिरा साफ आइि सा शरीर िस िी मति ठिाकदारििाओि िक गजािी िसी िसा िी निवयाथज वयििार एक पारदशी मिममथशीलआतमदाि भरा आचिजसि भाि िति पर िज-िराथर परनिकियाओि का ममजाज भी अििर का भरा ठिराि भी ldquo जस सिसकनि की अिक धाराए यिा आकर ममल गयी ि उसी िरि की सािसकनिक परिपरा और आधनिकिा सामाजजकिा और ियजतिकिा हििदी ndashउदथ और अिगरजी का ममलि तरबिदअमिराय का वयजतिति rdquo25 परकनि स उनि अटट परम था माहट का मोि उिक शबदो म दलखए ldquo म कभी कलपा िी ििीि कर पािा कक ककसी मिािगर म एक छोट ndashस अपाटथमट म ऊपर रि- छठ माल पर म ििीि रि सकिा िम िो एक छोटी सी कहटया फस की िी द दो लककि उसक साथ जरा-सी जमीि िो और ममिी िो rdquo26 इसमलए उिका विशाल बिगला ndashधप-छाि- सकडो िरि क लिा ndashकि ज फलपड-पौधो स आज भी नघरा िआ ि

उिका वयजतिति अििमथखी और बहिमथखी दोिो का समनिय था उनि अपिा परदशथि करिा या ककसी िरि की आतमचलाघा बिि घहटया काम

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लगिा था परकाशि स पिथ ि अपिी रचिाए ि कीसी को पढिाि थ ि सिाि थ एक माि वयजति जो उिकी रचिाए परकामशि िोि स पिल पढ लिा था- िि थी उिकी पतिी सधा जी एक बार इलािाबाद क विदयाथी जीिि म उनिोि मिादिी जी क ndashअिीि क चलधचि- की समीकषा की जजसम जी खोलकर उसकी परशिसा की थी समीकषा एक अिगरजी पतरिका म परकामशि िई ककि ि उनिोि मिादिी जी को ि िो िि पतरिका हदखायी ि उसक बार म बाि िी की ि बिि सिकोची सिभाि क थ उनि यि भी पसिद ि था कक लोग उिका सममाि परमचिद का पि िोि क कारण कर सभाषमखोपाधयाय की पतिी गीिा जी मलखिी ि ndash अमि कलकतिा स इलािाबाद लौट रिा था ldquo एक यािी सजजि ि अपिी बटी को अमि क आरकषकषि बथथ पर बठ हदया था बार-बार अिरोध करि पर भी ि उस बथथ को छोडिा ििीि चािि थ और यि दािा कर रि थ कक िि उनिीि का ि मझ ऐसा लगा कक यहद मि कछ ििीि ककया िो अमि इििा सिकोची जीि ि कक िि फशथ पर बठ कर इलािाबाद िक चला जाएगा पर अपि बथथ की माग ििीि करगा मि उस रडबब म बठ मसाकफरो को जब बिाया कक य परमचिद क पि ि िो बड आदर क साथ उनिीि लोगो ि उसकी बथथ खाली करिाि म भममका निभाई थी rdquo27

अमिराय क हरदय म बचपि स िी अपि माि-वपिा क परनि अतयिि शरदधा एिि परम था परथम बार मािा-वपिा स दर इलािाबाद पढि जाि समय ि रो उठ थ ldquo बनि िो िम िीिो क पर छिा िआ रोिा िआगाडी स उिर गया rdquo28 अमिराय का बचपि का िाम बनि था बचपि स िी ि बड दयालसहरदय एिि सििदिशील थ उिकी मा मशिरािी दिी क शबदो म ndash मरी किारी का छोट बचचा आग म जल गया उसक सार बदि म मलिम पिा िआ था कपड भी गिद िो गय थ मरा छोटा बचचा बनि उस किीि बािर पा गया उस दखकर बनि को दया आई िि उस पचचो को जीि पर स दोिो िाथो का घोरा बिाकर अिदर लाया ldquo बोला ndashअममा इस कछ खाि को दो उस बचच का बदि दखकर मर रोगट खड िो गय rdquo29 बालक अमिराय क बचपि म िी उिक वपिा ि उि भविषय की सिभाििा दख ली

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थी ldquoयि लडका बडा दयािाि मालम िोिा ि भलाउस िि कस लाया ndash भगिाि इमस जीविि रख िम दखिा िमिारा राम यि रोशि करगा rdquo30

बालक जजस पाररिाररक पररिश म जनम लिा ि जजस चार दीिारी म उसका शशिबचपि एिि ककशोरािसथा बीििी ि ििा क िािािरण की सपषट छाप उसक वयजतिति पर आिचयक रप स अिककि िो जािी ि अमिराय ि अपि वयजतिति क बारम किा ि ldquo किा-किा स आदमी को तया-तया ममलिा ि लककि य ि कक म सचमच भीिर स बिि िी साधारण और सिज ि मर पास ि िो बिािट ि और िा म बिािटी लोगो को पसिद करिा ि rdquo31तयोकक ldquo रचिा अनििायथ रपण रचनयिा क वयजतिति स सिबदध िोिी ि rdquo32

अमिराय सबको बराबर मािकर चलििाल वयजति थ ि सियि किि ि ldquo लककि म बदककसमिी स ि िो ककसी को अपिा चला बिा सकिा ि और ि ककसी का चला बि सकिा ि मझको किल बराबरी का सिबिध आिा ि rdquo33 उिक जजिि भी ममि थ उिस उिक नििािि सिज पाररिाररक सिबिध थ ि अपि सहरदजिो का माि रखि क मलए जो उनि िापसिद िोिा िि भी कर लि थ गीिा जी मलखिी ि ldquo अमि और सधा दोिो शाखािारी थ पर िम खश करि क मलए अमि कभी-कभी मछली खा लिा उस यि पिा था कक सभाष मछली क तरबिा ििीि रप सकि िि भोजि बडी रची स करिा rdquo34 रािगय राघि स अपिी िलिा करि िए अमिराय ि अपि सिकोची सिभाि क विषय म सियि भी मलखा ि ldquo मर अपि मसमट ndashमसमट सििभाि स उसका मल ििीि बठिा था अपि को बािर फ क सकि औरो क साथ घला ndashममला दि क इस गण का म बिि आदर करिा ि rdquo35

ि अपि विचारो पर सदि दढ रि यहद कोई उिकी विचारघारा अथिा आसथा पर अिधचि आपकष लगािा ि िो ि उसका मििोड जिाब दि म सिकोच ििीि करि थ उनिोि मलखा ि ldquo म यो निजी मामलो म िो बिि शािनिपरमी आदमी ि थोडा दबकर भी बिि स झगडो दरगजर कर जािा

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ि लककि विचारो की दनिया म उपिी आसथाओि को विचिासो को जरा जयादा िी मजबिी स पकडिा ि इसमलए उस पर कोई आिमण ििीि सि सकिा और ि ििा पर ककसी िरि का समझौिा करिा मझ पसिद ि rdquo36 ऐस अिसरो पर दो-दो घिट लगािार भाषण द डालि थ अमभयोग का उतिर दि समय भी ि िसी हदललगी क साथ िलक-फलक अिदाज म िी भाषण हदया करि थ जजसस शरोिा भी आििदपिथक रस लकर उिकी बाि सिा करि थ यि उिक वयजतिति का बिि बडा िमशषय था ि ऐस निरमभमािी कलाकार थ जो दसरो की कला ि दसरो क गणो का बिि आदर करि थ डॉ रामविलास शमाथ ि उि पर िथा रािगय राघि रािल सािकतयायि आहद अिक परगनिशील लखको पर lsquoटटपजजया समाजिादीrsquo िोि का आकषप लगाया था ldquoसाहितय म सियति मोचाथ ndash पसिक मलखकर इसका उनिोि मििोड जिाब भी हदया था ककि ि ि शमाथ जी की इस एक कमी को सिीकार करि िए उिक अनय गणो की परशिसा करि थ rdquo37

13पवचारधाराएव परभाव

अमिराय ि अपिी कनियो पर िए विचारधारा क परभाि क सिदभथ म मलखा ि ldquoजजस िगथ स कलाकार जनम लिा ि उसक लौककक दजषटकोण क अिसार उसकी एक विचारधारा जनम स िी बि जािी ि अगर उसक सिरकषक भी उसी िगथ क िए िो िि मा क दध क साथ गरिण ककए िए अपि जीिि क दजषटकोण स परी िरि सििषट रिगा और उसको अपिी कनियो म अमभवयति करगा rdquo38परतयक साहितयकार पर परतयकष या परोकष रप स ककसी ि ककसी विचारधारा का पभाि अिचय िोिा िी ि अमिराय क शबदो म ldquo जिा रचिाकार को सचिि रप स अपिी विचारधारा का पिा ििीि िोिा ििा भी विचारधारा िो रििी िी ि रचिा पर अिजाि िी उसका समािश िो जािा ि विचारधारा किीि सििदिा बिकर आिी ि और किीि परसिगिः रचिाकार की माििीय परनिकिया बिकरrdquo

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131सामयवादी पवचारधारा

अमिराय ि निबिध lsquoविचारधारा और साहितयrsquo म सपसट सिीकर ककया ि कक ldquo मरी विचारधारा सामयिादी ि या यो कि लीजजए कक मझ पर सामयिादी विचारधारा का गिरा परभाि ि rdquo40 सि 1943 ई0 म उनिोि सामयिादी पाटी की सदसयिा गरिण की िथा मजदर ndashयनियि क मििी भी बि थ -बीज- उपनयास िथा ndashपारजाि क फल ndashआहद किानियो म उिकी सामयिादी विचारधारा सपसटिः सामि आई ि ककि ि ककसी भी विचारधारा या lsquoिादrsquo का अिधािसरण करि का ि विरोध करि ि ldquo जब-जब और जिा-जिा अिधािसरण की ऐसी कोई िीनि बरिी या अपिायी गयी ि विचार मर गया ि साहितय मरगया ि किल पररपाटी का रहढबदध लखि िआ ि rdquo41

सामयिादी पटी का सदसय रिि िए भी ि अपि ढिगस कछ अलग-अलग-सा भी सोचि रि और कदाधचि इसका कछ मलय भी उस चकािा पडा तयो कक सामदानयक धचििि परकतया मशविरबदधिा मागिा ि ि किि ि ldquo

मरा मि जसा कचछ बिा था िसी मसविरबदधिा मर मलए कभी सिभि ि िो पायी पर मझ कोई खद ििीि ि तयोकक मझ लगिा ि कक अिििः अपिा वििक िी सबस अचछा जीिि-सिचर िोिा ि rdquo42उनिोि मातसथिाद का गिि अधययि -मिि करक उस अपिी विचारधारा बिाया ि अपि समाज का अधययि करक अपि मिि-धचििि की कसौटी पर अचछी िरि परखकर और अपि मि क भीिर डबकर अचछी िरि टटोलकर जजस बाि को सिी जािि थ उसी को सिीकार करि थ उनिोि बािर क ककसी अिकश को कभी सिीकार ििीि ककया उिका मि ि ldquo यि अिशासि और अिकश रचिाकार क अपि वििक क भीिर स आिा चाहिए rdquo43

अमिराय ि कछ िषो क पचचाि सामयिादी पाटी स सिबिध िोड हदया था ककि ि सामयिाहद विचारधारा म उिका विचिास आजीिि रिा ि मलखि ि ldquo मर मलए विचारधारा कछ दसरी चीज ि उस आदमी मजबिी स

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पकडिा ि िि समपथण मािगिी ि उसक मलए निषठा चाहिए गिरा आििररक विचिास चाहिए उसी निषठा और गिर विचिास म स सब िरि क अभािकषट नििदाअपमािजलयाििा सब कछ सिि और जररि पडि पर अपि पराण िक द दि की िाकि आिी ि जिा य निषठा और समपथण और अकि ठ विचिास ििीि ि ििा कफर विचारधारा कसी जसी िई िस ि िई rdquo44

132गाधीवाद का परभाव

परारिभ म अमिरायकालीि समाजपर गाधीजी छाए िए थ अिः सपषट ि कक अमिराय की धचिििधारा पर गािधीिाद का गिरा परभाि लकषकषि िोिा सिाभाविक िी ि ldquo मरा िो काल (सि 1942-44) भयिकर गाधी भजति का था rdquo45 अिः उिकी रचिाओि म खासकर ndashबीज-उपनयास म मातसथिादी विचारधारा की गिराई म गाधीिादी विचारधारा क िति एिि सामाजजक मसदधािि जस मदयनिषध िगथ बद विरोध सिदशी राषरीय मशकषा वपछडो का उतथाि हदखाई दि ि

133मातससवादी चचतन का परभाव (वगस सघरस)

सि 1950 क उपरािि अमिराय मातसथिादी पाटी क सिीय सदसय बि गय मातसथिादी धचििि ि उि पर जाद कर हदया था इसमलए ि उस अधधक पसिद करि थ ldquo म मातसथिाद स पयार करि लगाथा rdquo46 ि उस जीििसमाज और सिसार बदलि का असि मािि ि ldquo मातसथिाद स अहदक जीिििअधधक िािनिकारी अधधक लोक कलयाणकारी मबलकअधधक सचचािाद दसरा ििीि rdquo47पररणामसिरप उिका परा साहितय मातसथिाद क दििदिातमक भौनिकिादी दशथि पर आधाररि ि सामयिादी और मातसथिादी दशथि समाज म समिा और नयाय की सथापिा कमलए िगथ सिघषथ को अनििायथ माििा ि िमार समाज म दो िगथ निरििर रि ि ndash एक शोषक िगथ और दसरा शोवषि िगथ अमिराय किि ि ldquoमटठी भर पजीपनियो दिारा लाखो ndashकरोडो लोगो का आधथथक शोषण एक भयिकर अनयाय ि और उसक

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विरदध परनििाद का सिर भरपर उठिा चाहिए इस अथथ-वयिसथा स सीध-सीध या परोकषिः जडी िई असिखय दसरी विषमिाए विकनियाअनयायदराचारएक स एक भयिकर अपराधजजिका एक फलिा-फलिा सामराजय ि और जजिको िम अपि आस-पास िरदम िोि दखि ि और जजिस िमारी माििीय सििदिा परकतया जडिी ि कषबध और आिदोमलि िोिी ि rdquo48उसक विरदध आिाज उठािा अनििायथ ि िमार समाज म सिी िगथ िथा अकलीि दमलि अथिा सिक िगथ सदा स िी शोवषि रिा ि अमिराय ि शोवषि िगथ को शोषण मति कराि क मलए िगथ-सिघषथ का आहिाि ककया ि ि सामाजजक नयाय क मलए रति िािनि को भी अनििायथ मािि ि ि किि ि ldquo समाज म नयाय ििीि ि और सििलि सब तरबगड गया ि और जिा समाज का सििलि तरबगडा िआ िो ििा वयजति का सििलि भी तरबगड तरबिा ििीि रि सकिा अपि दश भारि म यि सामाजजक नयाय सबस कम ि इसीमलए यिा का सििलि सबस िी अधधक तरबगडा िआ ि समाज सबस अजसथर ि अब यि सामाजजक अनयाय जि साधारण क मलए असहय िो गया ि और अब यि परािा ढचरा ककसी िरि चल ििीि सकिा अब या िो यि अनयाय की वयिसथा िधानिक िरीको स नयाय की हदशा म बदलगी या कफर रति-िािनि िोगी rdquo49

अमिराय ि अपि साहितय म शोषण क विरदध सिघषथ का सिर उठाया ि िथा आम आदमी को शोषण स मजति पाि िि सिघषथ करि की पररणा दी ि ि किि ि ldquo साहितय तयो जि चििा का परोधा ि बि उसकी नियिी ऐसी तयो िो िि वयजति क भीिर मसमट कर रि जाय rdquo50

134मानवतावाद

अमिराय की विचारधारा मलिः मािििािादी विचारधारा ि अमिराय क अिसार साहितय रचिा जीिि का यथािथय अिकि ििीि बजलक सचचा साहितय जिचििा का विधायक एिि सिघषथ का परोधा िोिा ि उिका कििा ि कक ldquoयिी जीिि दजषट मझ ndashहरगर- करिी ि यिी चीज जो उतपरररि करिी

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ि rdquo51ि सियि वयजति क कषटो को दर करि िथा उस उनिनि की हदशा म परररि करि क मलए कहटबदध मािि ि - ldquoएक भी किािी ऐसी ििीि ि जजसक भीिर मरा समगर धचति िा बोल रिा िो जो सिसार म अनयाय दखिा ि जो बराई दखिा ि िकलीफ दखिा ि और उसस रतिी भर आिदोमलि या विकषबध ििीि िोिा ि ऐसा लखि मरा ििीि ि मर भीिर लखि का सजि का रस जो निझथररि िोिा ि िि निझथररि िो िी ििीि सकिा जब िक कक उसक साथ किीि कोई सतयअसतयनयायअनयायसिदर असिदर य जो मलभि चीज ि इिका परचि िा जडा िो rdquo इसी मािििािादी विचारधारा ि अमि को ि किल साहितय सजि क मलए परररि ककया बजलक इनिीि माििीय मलयो की सथापिा क मलए उनिोि रासिा बिाया उिकी सामयिादी दशथि म अरडग आसथा का कारण भी यिी मािििािाद ि तयोकक मासथिाद अनििः एिि मलिः मािििािाद िी ि जजसका वििचि अमिराय ि अपि निबिध-गरिथ ndash विचारधारा और साहितय- म ककया ि मातसथ क विषय म ि किि ि ldquo उसकी यि माििीय सििदिा या माििीय सरोकार एक शबद म मािििािाद बिधा लोगो की आखो स ओझल िो जािा ि और उसका धयाि आि परिरिि एक रख ndashसख अथथशासि का रप सामि आकर खडा िो जािा ि जो लोग गलि जगि पर जोर द कर मातसथ को किल आधथथक उनिनि स िी बाद दिा चािि ि िो चाि या ि चाि जाि या ि जाि मातसथ क साथ घोर अनयाय करि ि rdquo53अमिराय मि ि कक मातसथ भौनिकिादी इस अथथ म ि कक िि ककसी हदवय शजति को सिीकार ि करक पदाथथ ( कषनिजलपािकगगिसमीर )की सतिा को िी सतय माििा ि अथथ (धि) का पजक िि कभी ििीि रिा उसि सियि आजीिि निधथििा म िी ऋवष-मनियो की भानि जीिि -यापि ककया अमिराय क साहितय म उिकी मािििािादी विचारधारा सिथि हदखाई पडिी ि ि सियि किि ि ldquo सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मािस को रिगा िमरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा rdquo54

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135यथाथसवाद और सहजता

अमिराय साहितय म यथाथथिाद क समथथक ि ि साहितय को शदध कला ििीि मािि ि िरि उस जीिि एिि समाज क मलए उपयोगी मािि ि उिक अिसार सचचा लखि िो ििी ि जोसमाज को कछ हदशा द सक ि किि ि ldquo आधनिक िो परािा िो सचचा लखि ििी ि जजसम लखक अपि दख िए अपि भोग िए को अपि कलातमक सामथयथ-भर अधधक स अधधक पणथिा क साथ धचतरिि करिा चाििा ि rdquo 55 ि साहितय म अिासिविक अथिा अयथाथथ रपिादी परयोगो को वयथथ मािि ि उिका कथि ि ldquo साहितय क अििगथि रप की अििलिा उसको िनिक भी इषट ििीि ि साहितय को माि अलिकरण या साज-सजजा ि मािि िए िम उस रचिा परकिया का अिग मािि ि और इस िाि उसको परा मिति दि ि पर िम कििा चािि ि कक रप का साथथक परयोग ििी ि जो िसि स सजीि सिदभथ म उसकी अधधवयजति की वििशिा स ककया गया ि lsquoशदधrsquo कला क फर म lsquoशदधrsquo रप क अविषकार म लगी िई परयोगशीलिा ििधया मसदध िोिी ि rdquo56

अमराय साहितय की उपयोधगिा पर विचार करि िए किि ि ldquo उसकी िासिविक साथथकिा इसम ि कक िि अिजाि िी आदमी की िजतियो का सिसकार करिा ि और जो साहितय जजििा िी शरषठ िोिा ि उिि जयादा अिजाि ढिग स अपिा काम करिा ि rdquoअिः लखक का यि किथवय ि कक िि साहितय का सजि अपि पररिश स जडकर कर ि िि कोरा आदशथिादी लखि कर ि िी ककसी ndashिाद- या ndashफशि- क चलि ऐसा यथाथथ धचतरिि कर जो सियि उसक समाज म अविदयमाि िो इसी को उनिोि सिज धरािल पर लखि किा ि किािी क कषि म ि सिज किािी क समथथक बि ि किि ि ldquo ियी किािी की खोज म सिज किािी खो गयी rdquo57ldquo सिज किािी स िमारा िातपयथ उस मल कथा-रस स ि जो किािी की अपिी खास चीज ि और जो बिि सी ndashियी- किी जाि िाली किानियो म एक मसर स ििीि ममलिा rdquo58

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इस परकार अमिराय की विचारधारा समाजिादी एिि मािििािादी ि ि लखि म यथाथथ ि सिजिा क परबल समथथक रि िथा अपिी रचिाओि म सब परकार क शोषण क विरदध विदरोि एिि सिघषथ क सिर को ऊचा उठाया ि

136अधययन एव जीवनानभवो का परभाव

अमिराय की विचारधारा क निमाथण म उिका गिि आधययिधचििि िथा जीििािभि भी उतिरदायी रिा ि शरषठ कथा मलखि का रासिा बिाि िए अमिराय किि ि ldquo म िो उसका एक िी ढिग जाििा ि बड किािीकारो को पढिा उस पढि स िी अचछी किािी का बोध उसकी कछ परसििी अपि भीिर छिकर धथरककरसिधचि िोिी रििी िोगी rdquo59 अिः उनिोि समकालीि साहितयकारो को िो खब पढा िी विगि मिाि लखको को उनिोि अपकषाकि फधधक पढा ndash सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मि को रिगा ि मरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा ि -(विचारधारा और साहितय अमिराय प-18) उनिोि मतसथ लनिि एिगलस सटामलि माओ लकास एिि कॉडिल को खब पढा साथ िी उिक सजि पर रिीिदरिाथ टगोर शरिचिदर चिोपाधयाय परमचिद दोसिोिसकी मोपासाि गोकी का असीम परभाि रिा

परमचिद किा करि थ ldquo िम जीिि म जो कछ दखि ि या जो कछ िम पर गजरिी ि ििी अिभिििी चोट कलपिा म पिचकर याहितय सजि की पररणा करिी ि rdquo60 अमिराय ि भी लखक पर अिभिो क सिज परभाि को सिाकारि िए मलखा ि ldquo जो भी मलखिा ि िि सबस पिल िो आदमी िआदमी की िरि स आदमी की जजिदगी जीिा ि िस िी उसक आसिग-परसिग िोि ि और सिबिध बिि ि जजिदगी उसी िरीक स टकरािी ि उसस आकर उसी िरि उसक अिदर बिि िरि स ररसपानसज आि ि और उि सब क मलए ndashहदए िि मलखिा ि rdquo61 अमिराय क कथा-साहितय म आए िए विचारो ि परसिगो का जजममदार अपि जीििािभिो एिि मि को मािि ि ldquo

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म किानिया मलखिा िजजिदगी क मल म िर दम कछ ि कछ िोिा रििा ि लोग मरि ि जीि ि ििसि ि रोि ि ममलि ि तरबछडि ि ठगि ि ठगजाि ि कछ बाि अपि पर बीििी ि कछ दसरो पर बीिि दखिा ि बिायी िई किानियो स जयादा जािदार और रिगीि किानिया िरदम आखो क सामि िोिी ि बस इििा ि कक अपि मि का रिग इििा चटक िो जाय कक एक बार डबोकर किािी को निकाल मलया जा सक इस किया म िि किािी जो दखी थी कछ की कछ िो जािी ि तयोकक मि क भीिर खद बिि सी किानिया सोयी रििी ि इसी िरि बिि सी किानियो क िायक-िानयकाए सडको पर पाको म मसाकफर खािो म कचिरी और दफिर की गदथ और बोसीदा फाइलो म टिलिनघसटि और रगि ममल जाि ि कभी जयो क तयो ममल जाि ि कभी चार को ममलाकर एक बििा ि और किीि एक को चार म नछिरा हदया जािा ि rdquo62

14 परगततिील आदोलन और अमतराय

अमिराय परगनिशील चििा परारिभ स िी परभाविि रि उिक वपिा परमचिद सियि एक परगनिशील सामाजजक यथाथथिादी लखक रि अमिराय की परािरिमभक रचिाओि यथा ndashिम रखल-मिशी जी मरसथल आहद किानियो म परगनिशील चििा क दशथि िोि ि उिकी किानियो म समाज क निमि और मधय िगथ क शोवषि-जीरडि वयजति िी िायक ि उनिोि उिक दःख-ददथ का यथाथथ धचिण ककया ि

सि 1942 ई0 िक ि मातसथिादी विचारधारा स पणथिः परभाविि िो चक थ और परगनिशील आिदोलि क सिीय कायथकिाथ िो बि गए थ सि 1942 ई0 स उनिोि- ििस- का सिपादि कायथ सिभाल मलया था और ndashििस- को परगनिशील आिदोलि का मख-पि बिा हदया था परयोगिादी परगनिशील किी धगररजा कमार माथर किि ि ndash य जो मिच बिा ििस और य एक वयापक परगनिशील चििा का मिच बिा किर कठमललापि िो बाद म आया उसका भी इनििास टतकर का जो ि िो बाद म आिा ि लककि य िो

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परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

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बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

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अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

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अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

30

6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

31

इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

32

की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

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उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

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अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

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lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 9: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

9

लोग अमिराय दिारा खरीदी गई 18 नयाय मागथ पर बिी इमारि म आ गए जजस बादम िोडिाकर अमि जी ि अपिा ndashधप-छाि ndash बगला बििाया था परिीक ndash जजसका सिपादि अजञय जी करि थ यिीि स निकलिा था अमिराय किि ि ldquo परिीक- म मर और उिक बीच जो िचाररक दरी थी िि भी सामि आयी और ndashसिािभि- को लकर मरी-उिकी बिस ndashििस- और ndashपरिीक- क सिपादकीयो म िई rdquo 19

अमिराय ि हििदी म परकामशि परमचिद की अिक आरिमभक लपिपराय रचिाओि अििादो िथा उिक पि-वयििार को खोज निकाला और परकामशि ककया लगभग 2500 पषठो की यि िई परमचिद-सामगरी जजस अमिराय ि परकामशि ककया निमिमललखि ि ndash 1 ndashगपिधि- शीषथक स परमचिद की आरिमभक किानिया 2 मिगलाचरण- शीषथक स परथम चार उपनयास 3 ndashधचटठी-पिी- शीषथक स पि िथा 4 ndashशब-ए-िार- शीषथक स मरीस मिरमलिक क िाटक ndashफोिामारा- का अििाद य रचिाए अमिराय क परयासो स िी हििदी जगि क सामि आयीि -सि 1936 क बाद कछ अतयिि सिघषथ पणथ िषो क बािजद शरीपि और अमि ि अदमय जजजजविषाआपसी समझदारी िथा वपिा की साहिजतयक विरासि को सिभालि की वयिसानयक सझ-बझ क बल पर िि सथावपि ककया जजस अचछ अथो म lsquoपरमचिद सामराजयrsquo किा जा सकिा ि ldquoआज परमचिद की जो खयीनि िउसक पीछ अिशिः शरीपि और अमि का योगदाि भी ि कक उनिोि अपि वपिा की पसिको को जीविि उपलबध और परसाररि रखा rdquo20

अमिराय को अपि जीिि की परौढािसथा म एक ककशोर पि क निधि का दारण शोक भी सििा पडा उिका अटठारि िषथ का छोटा पि अममि(ममथि) रति कनसर का मशकार िोकर आठ मिीि दारण कषठ झलकर जि 1966 ई0 म मतय को परापि िआ इस आघाि ि उनि हिलाकर रख हदया था ककि ि उिक कमथ जीिि म मशधथलिा ििीि आई

10

उिक हरदय की अथाि पीडा उिक lsquoसख-दखrsquo िामक उपनयास म अमभवयति िई ि शोक-गीि जसा यि उपनयास अपि आपम एक अिठी रचिा ि

114पवदि यातरा

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश -यािाए की सि 1952 म ndashविचि शािनि सममलि ndash म भाग लि क मलए चीि-यािा की सि 1965 म जमथिीबलगररया और सोवियि सिध की यािा की सि 1972 म रमानियाििगरीसोवियि सिघइिगलड फािस और इटली की यािा की सि 1978 ई0 म पिः यरोप की यािा की

115परसकार एव सममान

अमिराय कोउिकी उललखिीय ि अिलिीय साहितय सिा एिि साधिा क मलए उनि अिक परसकारो स परसकि भी ककया गया सि 1957 ई0 म लखको क ऐनििामसक lsquoसाहितयकार सममलि rsquo का उनिोि आयोजि ककयाजजसम चार पीहढयो क लखको दिारा परनिनिधधति ककया गया इसी िषथ उनि lsquoसपाटथकसrsquo क हििदी अििाद lsquoआहद विदरोिी rsquo क मलए भारि सरकार क ndashिषथ क शरषठ अििादक परसकार स सममानिि ककया गया सि 1971 ई0 म उनि ndashसोवियि लड ििर -परसकार परापि िआ सि 1973 ई0 म ि साहितय अकादमी की सामानय सममनि और कायथ सममनि क सदसय बि इसी िषथ ि lsquoिशिल बक रसट क नयासीrsquo िथा lsquoसोवियि लड रिर परसकार सममनिrsquo क भी सदसय बिाय गय सि 1977 म समाज भाषा ितजञानिक शोध योजिा पर कायथ करि क मलए ििर फलोमशप स परसकि ककया गया सि 1987 ई0 म उतिर परदश हििदी सिसथाि दिारा ndashसिसथाि सममाि- िथा 1989 ई0 म भारिीय अििाद पररषद दिारा lsquoदवििागीश परसकारrsquo स उनि सममानिि ककया गया

11

116मतय

सि 1996 ई0 म 75 िषथ की आय म लगभग दो माि िक पकषाघाि स गरसि रिि क बाद 14 अगसि क हदि इलािाबाद म साहितय का यि अिथक सिी कमथयोदधा रचिाकार अमिराय इस लौककक सिसार स सदा क मलए विदा लकर परलोक चल गय

वयकतततवndashसजथक वयजतिति क निमाथण म सिायक घटिाए जस पिथ सिसकार

बचपि क सिसकार पाररिाररक सामाजजक सािसकनिक आधथथक राजिीनिक धाममथक पररिश इतयादी का कलाकार एिि सजथक क वयजतिति पर गिरा परभाि पडिा ि वयजति अगर साहितयकार िो िो उसक वयजतिति म ककसी ि ककसी रप म उसक वयजतिति की झलक अिचय हदखाई दिी ि साहितय और साहितयकार दोि एक िी ििनिमाथण परकिया क दो पिल ि इस दजषट स साहितयकार कनिति क अधययि क मलए उसक वयजतिति का अधययि मितिपणथ िोिा ि

परािी पीढी क साहितयकार िोि िए भी सििितरयोतिर काल म पररिनिथि िए मलयो की सथापिा करक कई यगीि पररजसथनियो क अिसार वयजति और समाज का सिबिध कफर स सथावपि करि म विषण परभाकरजी का योगदाि विशष मितिपणथ रिा ि ि सामाजजक जीिि की विविध समसयाओि को लकर मलखििाल साहितयकार ि यथाथथ का सकषम निरीकषण

अिकि इिका लकषय रिा ि जजसम उिकी मािि क परनि सिािभनि भी बराबर बिी रिी ि उिक उपनयासो ि किानियो और समसि साहितय म वयजति और समाज इस परकार घल-ममल गए ि कक दोिो की पथक सतिा-सिीकनि कहठि ि उिक सजि का मल सिर मिषय की पिचाि और िर परकार क शोषण क लखलाफ आिाज उठाि का ि

ldquoवयजतिति शबद पसथिमलहट ( Parsonality ) लहटि शबद lsquo पसोिा lsquo

(Parsona ) स बिा िआ ि lsquo पसोिा lsquo का अथथ ि lsquo मखौटाlsquo गरीक कलाकर

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रिगमिच पर अपिी पिचाि नछपाि कमलए मखौट का परयोग ककया करि थ आग चलकर lsquoपसोिा lsquoशबद का अथथ बदल गया मिषय दसर को कसा हदखाई दिा ि इस अथथ म धीर-धीर पसोिा शबद का रपानिर पसथिॉमलहट अथाथि वयजतिति क रप म मलया जाि लगा rdquo21

ldquo वयजतिति शबद भाि िाचक सिजञा ि वयजति क कषि म जजि गणो या विशषिाओि का समािश िोिा िि सब वयजतिति क अििगथि आि ि अथाथि वयजति की मिति पणथ विशषिा उसका वयजतिति ि वयजति की ऐसी विशषिा उस दसरो स अलग बिािी ि ककसी वयजति की विशषिाओि का समदाय िी वयजतिति ि rdquo22

मािक हििदी शबद कोश क अिसार ndashldquo वयजतिति शबद वयजति क यगम स बिा ि जजसका अथथ ि- वयजति िोि की अिसथा या भाि rdquo 23 ककसी वयजति की निजी विमशषट कषमिाए गणपरिजतिया आहद जो उसक उददचयोकायो वयििारो आहद म परकट िोिी िऔर जजिस उस वयजति का सामाजजक रप जसथर िो जािा ि

वयजति क मिोभाि एिि विचार उसक कायथ िथा िाचक आिधगक कियाओि म िाि-भािो म परकट िोि ि साथ िी वयजति का मि सामाजजक सािसकनिक पररिश स सिसकाररि िोिा ि य सिसकार भी उसक किया कलाप

िाि-भािो म अिायास वयति िोिा ि वयजतिति वयजति क अनिरनिहिि गणो का परकामशि रप ि उस वयति करि की कषमिा को िी lsquo वयजतितिrsquo किा जािा ि

हििदी विचि कोश क अिसार- वयजतिति की अिधारणा इस परकार दी गई ि ldquoवयजतिति शबद ककसी वयजति क सामाजजक उददीपक मलयो क सचक रप म परयोग ककया जािा ि rdquo24 इसस िातपयथ उस सिपणथ परभाि स ि जो एक वयजति दसर वयजति पर डालिा ि उददीपक क रप म कियाओि का भी सिि परभाि पडिा िजजिका िि अनय वयजतियो क बीच उपिम करिा ि

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य पररणातमक शजतिया ऐस पररििथि उतपनि करिी िजो उसक अपि अनय वयजतियो और जसथनियो क परतयकषीकरण को परभाविि करि ि दसर शबदो म वयजति आतम पररकषण करिा ि िथा बाहय जीिि सिगठि एकिा और जसथरिा उतपनि करक अपिा अनिियजतिक सिभाि म अपिी आतमधारणा का विकास करिा ि

वयजतिति म अिक शारीररक एिि मािमसक विशषिाओि का समािश ककया जािा ि वयजतिति का वयापक िति ि अिः िि शरीर स लकर उसक माधयम स समसि कायो म वयापि रििा ि वयजतिति परमख रप स सामाजजक एिि जविक घटिाओि स सजजथि िोिा ि ठीक उसी परकार सामाजजक घटक ि पररिश वयजतिति निमाथण म सिायक िोि ि ििश और पाररिाररक जसथनियो का वयजतिति निमाथण म बिि बडा योगदाि िोिा ि वयजति का वयजतिति पररजसथनियो क परभाि स विकमसि िोििाली पररििथिशील ि गनिमाि परकिया ि सामाजजक एिि सािसकनिक िािािरण क परभाि स वयजतिति का विकास िोिा ि वयजतिति वयजति क समसि बाहय एिि आििररक गणदोषो का अमिथ रप ि इि गणो क समचचय का परकाशि उस वयजति क विचार और वयििार की विमशषट शमलया िथा जीिि क परनि उसक दजषटकोण स िोिा ि जजस परकार फलो म सगिध िोिी ि उसी परकार वयजति म वयजतिति अििभथि ि साधारम वयजतियो का वयजतिति उसकी मतय क पचचाि भी उिकी कनियो विचारो क दिारा यग-यगो िक छाप बिाय रखिा ि

सजथक वयजतिति ndashपरतयक सजथक वयजतिति म परनिभा मितिपमथ िोिी ि साहितय कनियो म साहितयकार का वयजतिति परसिगिः कछ मािा म अिायास परनितरबजमबि िोिा ि रचिाकार क अिम का सिसकार उसकी आतमामभवयजति क रप म वयति िोिा ि रचिाकार का अिम समाज क सामहिक अिम क साथ िादातमय िोकर उसक आिनद का कारण बििा ि रचिाकार का वयजतिति यग पररिश स परभाविि िोिा ि उपरोति सभी

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इकाइयो स ममल-जलकर हदवय परनिभा स निखरकर साहितयकार का वयजतिति विकमसि िोिा ि

वयजति क कछ बाहय एिि आििररक ितिो स वयजतिति का निमाथण िोिा ि इि ितिो को वििचि वयजतिति निरपण म अनिभथि ि लखक का पररिारपररिशसिभािपरिजतिया यगीि िािािरण जीिि म ममलििाल अिसर िाथ स कफसल िए सििर कषणकछ गलनिया कछ कमजोररया कछ कषमिाए कछ सबलिाएजीिि मलय दजषटआदशो क परभाि आहद अिभिो स बििए दजषटकोण स लखक का माििीय वयजतिति निमाथण िोिा ि यि वयजतिति समाज और साहिजतयक दानयति स परनिबदध सजग िोकर एक सािीतयकार का सजथक वयजतिति भी बिािा ि साहितयकार का निजी वयजतिति साहितयकार का वयजतिति क सामिजसय स बिा िआ एक विलकषण वयजतिति िोिा ि वयजतिति वयजति क गणो-अिगणो भािो-अभािो क साथ उसकी सिििि सतिा को सधचि करिा ि उसकी यि सिििि सतिा वयजतिति क निमाथण म सिायक िोिी ि वयजति अगर साहितय रचिाकार िो िो निचचय िी उसकी लखिी पर उसकी झलक सपषट रप स हदखाई दिी ि

अमिराय परमचिदोतिर पीढी क उि साहितय क उनिायको म स थ जो लगभग चौथ दशक स अिनिम दशक िक निरििर सजिशील थ 70 िषो क साहिजतयक जीिि म उनिोि हििदी साहितय क भणडार को अपिी अमलय रचिाओि स समदध ककया ि अमिराय ि जीिि को जसा जजया और दखा िसा िी धचतरिि ककया ि सदाबिार लखक िी ििीि बजलक सदा जीििि और सदा सजग लखक भी थ उिकी कीनिथ को कोई धममल ििीि कर सकिा उिका साहितय उिक जीिि का परनिरप ि जजसस उसम एक शजति एक ऊजाथ आ गयी ि यि उिकी विशषिा ि कक उिक वयजति और साहितयकार म अििविथरोध ििीि ि िासिि म यि एकरपिा साहितयकार को अमर बिािी ि यायािरी सिभाििाल अमिराय दश क कोि-कोि म निरििर भरमण करि िए जि समाज सिसकनि दश ि भाषा स एकाकार िोि क िम म

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निरििर सतय की खोज म सिलगि रि इस खोज क पीछ मािििा क कलयाण की भाििा सजनिहिि थी अपिी दीघथ रचिा - काल क कारण ि िर िई पीढी स जड रि उसस सीखि रि और सियि को बदलि रि साहितयकार का यि निरििर िया बि रििा और समाज की धडकिो को पिचाििा और समझिा उस जीििििा और साथथकिा परदाि करिा ि ियी पीढी और समकालीि रचिा- सिसार स अमिराय की इस सिबदधिा ि जिा उनि पविि उजजिल एिि मिगलमयी मनिथ क रप म लोकवपरय बिाया ििाि सतिा ndash परनिषठािो स दर रिकर ि अपि सिधषथशील चररि एिि शील को सरकषकषि रखि म सफल िए उिक इस वयजतिति ि उिक साहितय को भी उसी रप म सिघषथशील िथा मिगलमय बिाकर महिमामिरडि कर हदया ि अिः उिक वयजतिति एिि कनिति स अिगि िोिा अपि म एक अिभि ि

एक िलदशी निमथल जल सा खल वयजतिति का आलोक विसिार जसा गोरा-धचिा अकलिकछरिरा साफ आइि सा शरीर िस िी मति ठिाकदारििाओि िक गजािी िसी िसा िी निवयाथज वयििार एक पारदशी मिममथशीलआतमदाि भरा आचिजसि भाि िति पर िज-िराथर परनिकियाओि का ममजाज भी अििर का भरा ठिराि भी ldquo जस सिसकनि की अिक धाराए यिा आकर ममल गयी ि उसी िरि की सािसकनिक परिपरा और आधनिकिा सामाजजकिा और ियजतिकिा हििदी ndashउदथ और अिगरजी का ममलि तरबिदअमिराय का वयजतिति rdquo25 परकनि स उनि अटट परम था माहट का मोि उिक शबदो म दलखए ldquo म कभी कलपा िी ििीि कर पािा कक ककसी मिािगर म एक छोट ndashस अपाटथमट म ऊपर रि- छठ माल पर म ििीि रि सकिा िम िो एक छोटी सी कहटया फस की िी द दो लककि उसक साथ जरा-सी जमीि िो और ममिी िो rdquo26 इसमलए उिका विशाल बिगला ndashधप-छाि- सकडो िरि क लिा ndashकि ज फलपड-पौधो स आज भी नघरा िआ ि

उिका वयजतिति अििमथखी और बहिमथखी दोिो का समनिय था उनि अपिा परदशथि करिा या ककसी िरि की आतमचलाघा बिि घहटया काम

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लगिा था परकाशि स पिथ ि अपिी रचिाए ि कीसी को पढिाि थ ि सिाि थ एक माि वयजति जो उिकी रचिाए परकामशि िोि स पिल पढ लिा था- िि थी उिकी पतिी सधा जी एक बार इलािाबाद क विदयाथी जीिि म उनिोि मिादिी जी क ndashअिीि क चलधचि- की समीकषा की जजसम जी खोलकर उसकी परशिसा की थी समीकषा एक अिगरजी पतरिका म परकामशि िई ककि ि उनिोि मिादिी जी को ि िो िि पतरिका हदखायी ि उसक बार म बाि िी की ि बिि सिकोची सिभाि क थ उनि यि भी पसिद ि था कक लोग उिका सममाि परमचिद का पि िोि क कारण कर सभाषमखोपाधयाय की पतिी गीिा जी मलखिी ि ndash अमि कलकतिा स इलािाबाद लौट रिा था ldquo एक यािी सजजि ि अपिी बटी को अमि क आरकषकषि बथथ पर बठ हदया था बार-बार अिरोध करि पर भी ि उस बथथ को छोडिा ििीि चािि थ और यि दािा कर रि थ कक िि उनिीि का ि मझ ऐसा लगा कक यहद मि कछ ििीि ककया िो अमि इििा सिकोची जीि ि कक िि फशथ पर बठ कर इलािाबाद िक चला जाएगा पर अपि बथथ की माग ििीि करगा मि उस रडबब म बठ मसाकफरो को जब बिाया कक य परमचिद क पि ि िो बड आदर क साथ उनिीि लोगो ि उसकी बथथ खाली करिाि म भममका निभाई थी rdquo27

अमिराय क हरदय म बचपि स िी अपि माि-वपिा क परनि अतयिि शरदधा एिि परम था परथम बार मािा-वपिा स दर इलािाबाद पढि जाि समय ि रो उठ थ ldquo बनि िो िम िीिो क पर छिा िआ रोिा िआगाडी स उिर गया rdquo28 अमिराय का बचपि का िाम बनि था बचपि स िी ि बड दयालसहरदय एिि सििदिशील थ उिकी मा मशिरािी दिी क शबदो म ndash मरी किारी का छोट बचचा आग म जल गया उसक सार बदि म मलिम पिा िआ था कपड भी गिद िो गय थ मरा छोटा बचचा बनि उस किीि बािर पा गया उस दखकर बनि को दया आई िि उस पचचो को जीि पर स दोिो िाथो का घोरा बिाकर अिदर लाया ldquo बोला ndashअममा इस कछ खाि को दो उस बचच का बदि दखकर मर रोगट खड िो गय rdquo29 बालक अमिराय क बचपि म िी उिक वपिा ि उि भविषय की सिभाििा दख ली

17

थी ldquoयि लडका बडा दयािाि मालम िोिा ि भलाउस िि कस लाया ndash भगिाि इमस जीविि रख िम दखिा िमिारा राम यि रोशि करगा rdquo30

बालक जजस पाररिाररक पररिश म जनम लिा ि जजस चार दीिारी म उसका शशिबचपि एिि ककशोरािसथा बीििी ि ििा क िािािरण की सपषट छाप उसक वयजतिति पर आिचयक रप स अिककि िो जािी ि अमिराय ि अपि वयजतिति क बारम किा ि ldquo किा-किा स आदमी को तया-तया ममलिा ि लककि य ि कक म सचमच भीिर स बिि िी साधारण और सिज ि मर पास ि िो बिािट ि और िा म बिािटी लोगो को पसिद करिा ि rdquo31तयोकक ldquo रचिा अनििायथ रपण रचनयिा क वयजतिति स सिबदध िोिी ि rdquo32

अमिराय सबको बराबर मािकर चलििाल वयजति थ ि सियि किि ि ldquo लककि म बदककसमिी स ि िो ककसी को अपिा चला बिा सकिा ि और ि ककसी का चला बि सकिा ि मझको किल बराबरी का सिबिध आिा ि rdquo33 उिक जजिि भी ममि थ उिस उिक नििािि सिज पाररिाररक सिबिध थ ि अपि सहरदजिो का माि रखि क मलए जो उनि िापसिद िोिा िि भी कर लि थ गीिा जी मलखिी ि ldquo अमि और सधा दोिो शाखािारी थ पर िम खश करि क मलए अमि कभी-कभी मछली खा लिा उस यि पिा था कक सभाष मछली क तरबिा ििीि रप सकि िि भोजि बडी रची स करिा rdquo34 रािगय राघि स अपिी िलिा करि िए अमिराय ि अपि सिकोची सिभाि क विषय म सियि भी मलखा ि ldquo मर अपि मसमट ndashमसमट सििभाि स उसका मल ििीि बठिा था अपि को बािर फ क सकि औरो क साथ घला ndashममला दि क इस गण का म बिि आदर करिा ि rdquo35

ि अपि विचारो पर सदि दढ रि यहद कोई उिकी विचारघारा अथिा आसथा पर अिधचि आपकष लगािा ि िो ि उसका मििोड जिाब दि म सिकोच ििीि करि थ उनिोि मलखा ि ldquo म यो निजी मामलो म िो बिि शािनिपरमी आदमी ि थोडा दबकर भी बिि स झगडो दरगजर कर जािा

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ि लककि विचारो की दनिया म उपिी आसथाओि को विचिासो को जरा जयादा िी मजबिी स पकडिा ि इसमलए उस पर कोई आिमण ििीि सि सकिा और ि ििा पर ककसी िरि का समझौिा करिा मझ पसिद ि rdquo36 ऐस अिसरो पर दो-दो घिट लगािार भाषण द डालि थ अमभयोग का उतिर दि समय भी ि िसी हदललगी क साथ िलक-फलक अिदाज म िी भाषण हदया करि थ जजसस शरोिा भी आििदपिथक रस लकर उिकी बाि सिा करि थ यि उिक वयजतिति का बिि बडा िमशषय था ि ऐस निरमभमािी कलाकार थ जो दसरो की कला ि दसरो क गणो का बिि आदर करि थ डॉ रामविलास शमाथ ि उि पर िथा रािगय राघि रािल सािकतयायि आहद अिक परगनिशील लखको पर lsquoटटपजजया समाजिादीrsquo िोि का आकषप लगाया था ldquoसाहितय म सियति मोचाथ ndash पसिक मलखकर इसका उनिोि मििोड जिाब भी हदया था ककि ि ि शमाथ जी की इस एक कमी को सिीकार करि िए उिक अनय गणो की परशिसा करि थ rdquo37

13पवचारधाराएव परभाव

अमिराय ि अपिी कनियो पर िए विचारधारा क परभाि क सिदभथ म मलखा ि ldquoजजस िगथ स कलाकार जनम लिा ि उसक लौककक दजषटकोण क अिसार उसकी एक विचारधारा जनम स िी बि जािी ि अगर उसक सिरकषक भी उसी िगथ क िए िो िि मा क दध क साथ गरिण ककए िए अपि जीिि क दजषटकोण स परी िरि सििषट रिगा और उसको अपिी कनियो म अमभवयति करगा rdquo38परतयक साहितयकार पर परतयकष या परोकष रप स ककसी ि ककसी विचारधारा का पभाि अिचय िोिा िी ि अमिराय क शबदो म ldquo जिा रचिाकार को सचिि रप स अपिी विचारधारा का पिा ििीि िोिा ििा भी विचारधारा िो रििी िी ि रचिा पर अिजाि िी उसका समािश िो जािा ि विचारधारा किीि सििदिा बिकर आिी ि और किीि परसिगिः रचिाकार की माििीय परनिकिया बिकरrdquo

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131सामयवादी पवचारधारा

अमिराय ि निबिध lsquoविचारधारा और साहितयrsquo म सपसट सिीकर ककया ि कक ldquo मरी विचारधारा सामयिादी ि या यो कि लीजजए कक मझ पर सामयिादी विचारधारा का गिरा परभाि ि rdquo40 सि 1943 ई0 म उनिोि सामयिादी पाटी की सदसयिा गरिण की िथा मजदर ndashयनियि क मििी भी बि थ -बीज- उपनयास िथा ndashपारजाि क फल ndashआहद किानियो म उिकी सामयिादी विचारधारा सपसटिः सामि आई ि ककि ि ककसी भी विचारधारा या lsquoिादrsquo का अिधािसरण करि का ि विरोध करि ि ldquo जब-जब और जिा-जिा अिधािसरण की ऐसी कोई िीनि बरिी या अपिायी गयी ि विचार मर गया ि साहितय मरगया ि किल पररपाटी का रहढबदध लखि िआ ि rdquo41

सामयिादी पटी का सदसय रिि िए भी ि अपि ढिगस कछ अलग-अलग-सा भी सोचि रि और कदाधचि इसका कछ मलय भी उस चकािा पडा तयो कक सामदानयक धचििि परकतया मशविरबदधिा मागिा ि ि किि ि ldquo

मरा मि जसा कचछ बिा था िसी मसविरबदधिा मर मलए कभी सिभि ि िो पायी पर मझ कोई खद ििीि ि तयोकक मझ लगिा ि कक अिििः अपिा वििक िी सबस अचछा जीिि-सिचर िोिा ि rdquo42उनिोि मातसथिाद का गिि अधययि -मिि करक उस अपिी विचारधारा बिाया ि अपि समाज का अधययि करक अपि मिि-धचििि की कसौटी पर अचछी िरि परखकर और अपि मि क भीिर डबकर अचछी िरि टटोलकर जजस बाि को सिी जािि थ उसी को सिीकार करि थ उनिोि बािर क ककसी अिकश को कभी सिीकार ििीि ककया उिका मि ि ldquo यि अिशासि और अिकश रचिाकार क अपि वििक क भीिर स आिा चाहिए rdquo43

अमिराय ि कछ िषो क पचचाि सामयिादी पाटी स सिबिध िोड हदया था ककि ि सामयिाहद विचारधारा म उिका विचिास आजीिि रिा ि मलखि ि ldquo मर मलए विचारधारा कछ दसरी चीज ि उस आदमी मजबिी स

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पकडिा ि िि समपथण मािगिी ि उसक मलए निषठा चाहिए गिरा आििररक विचिास चाहिए उसी निषठा और गिर विचिास म स सब िरि क अभािकषट नििदाअपमािजलयाििा सब कछ सिि और जररि पडि पर अपि पराण िक द दि की िाकि आिी ि जिा य निषठा और समपथण और अकि ठ विचिास ििीि ि ििा कफर विचारधारा कसी जसी िई िस ि िई rdquo44

132गाधीवाद का परभाव

परारिभ म अमिरायकालीि समाजपर गाधीजी छाए िए थ अिः सपषट ि कक अमिराय की धचिििधारा पर गािधीिाद का गिरा परभाि लकषकषि िोिा सिाभाविक िी ि ldquo मरा िो काल (सि 1942-44) भयिकर गाधी भजति का था rdquo45 अिः उिकी रचिाओि म खासकर ndashबीज-उपनयास म मातसथिादी विचारधारा की गिराई म गाधीिादी विचारधारा क िति एिि सामाजजक मसदधािि जस मदयनिषध िगथ बद विरोध सिदशी राषरीय मशकषा वपछडो का उतथाि हदखाई दि ि

133मातससवादी चचतन का परभाव (वगस सघरस)

सि 1950 क उपरािि अमिराय मातसथिादी पाटी क सिीय सदसय बि गय मातसथिादी धचििि ि उि पर जाद कर हदया था इसमलए ि उस अधधक पसिद करि थ ldquo म मातसथिाद स पयार करि लगाथा rdquo46 ि उस जीििसमाज और सिसार बदलि का असि मािि ि ldquo मातसथिाद स अहदक जीिििअधधक िािनिकारी अधधक लोक कलयाणकारी मबलकअधधक सचचािाद दसरा ििीि rdquo47पररणामसिरप उिका परा साहितय मातसथिाद क दििदिातमक भौनिकिादी दशथि पर आधाररि ि सामयिादी और मातसथिादी दशथि समाज म समिा और नयाय की सथापिा कमलए िगथ सिघषथ को अनििायथ माििा ि िमार समाज म दो िगथ निरििर रि ि ndash एक शोषक िगथ और दसरा शोवषि िगथ अमिराय किि ि ldquoमटठी भर पजीपनियो दिारा लाखो ndashकरोडो लोगो का आधथथक शोषण एक भयिकर अनयाय ि और उसक

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विरदध परनििाद का सिर भरपर उठिा चाहिए इस अथथ-वयिसथा स सीध-सीध या परोकषिः जडी िई असिखय दसरी विषमिाए विकनियाअनयायदराचारएक स एक भयिकर अपराधजजिका एक फलिा-फलिा सामराजय ि और जजिको िम अपि आस-पास िरदम िोि दखि ि और जजिस िमारी माििीय सििदिा परकतया जडिी ि कषबध और आिदोमलि िोिी ि rdquo48उसक विरदध आिाज उठािा अनििायथ ि िमार समाज म सिी िगथ िथा अकलीि दमलि अथिा सिक िगथ सदा स िी शोवषि रिा ि अमिराय ि शोवषि िगथ को शोषण मति कराि क मलए िगथ-सिघषथ का आहिाि ककया ि ि सामाजजक नयाय क मलए रति िािनि को भी अनििायथ मािि ि ि किि ि ldquo समाज म नयाय ििीि ि और सििलि सब तरबगड गया ि और जिा समाज का सििलि तरबगडा िआ िो ििा वयजति का सििलि भी तरबगड तरबिा ििीि रि सकिा अपि दश भारि म यि सामाजजक नयाय सबस कम ि इसीमलए यिा का सििलि सबस िी अधधक तरबगडा िआ ि समाज सबस अजसथर ि अब यि सामाजजक अनयाय जि साधारण क मलए असहय िो गया ि और अब यि परािा ढचरा ककसी िरि चल ििीि सकिा अब या िो यि अनयाय की वयिसथा िधानिक िरीको स नयाय की हदशा म बदलगी या कफर रति-िािनि िोगी rdquo49

अमिराय ि अपि साहितय म शोषण क विरदध सिघषथ का सिर उठाया ि िथा आम आदमी को शोषण स मजति पाि िि सिघषथ करि की पररणा दी ि ि किि ि ldquo साहितय तयो जि चििा का परोधा ि बि उसकी नियिी ऐसी तयो िो िि वयजति क भीिर मसमट कर रि जाय rdquo50

134मानवतावाद

अमिराय की विचारधारा मलिः मािििािादी विचारधारा ि अमिराय क अिसार साहितय रचिा जीिि का यथािथय अिकि ििीि बजलक सचचा साहितय जिचििा का विधायक एिि सिघषथ का परोधा िोिा ि उिका कििा ि कक ldquoयिी जीिि दजषट मझ ndashहरगर- करिी ि यिी चीज जो उतपरररि करिी

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ि rdquo51ि सियि वयजति क कषटो को दर करि िथा उस उनिनि की हदशा म परररि करि क मलए कहटबदध मािि ि - ldquoएक भी किािी ऐसी ििीि ि जजसक भीिर मरा समगर धचति िा बोल रिा िो जो सिसार म अनयाय दखिा ि जो बराई दखिा ि िकलीफ दखिा ि और उसस रतिी भर आिदोमलि या विकषबध ििीि िोिा ि ऐसा लखि मरा ििीि ि मर भीिर लखि का सजि का रस जो निझथररि िोिा ि िि निझथररि िो िी ििीि सकिा जब िक कक उसक साथ किीि कोई सतयअसतयनयायअनयायसिदर असिदर य जो मलभि चीज ि इिका परचि िा जडा िो rdquo इसी मािििािादी विचारधारा ि अमि को ि किल साहितय सजि क मलए परररि ककया बजलक इनिीि माििीय मलयो की सथापिा क मलए उनिोि रासिा बिाया उिकी सामयिादी दशथि म अरडग आसथा का कारण भी यिी मािििािाद ि तयोकक मासथिाद अनििः एिि मलिः मािििािाद िी ि जजसका वििचि अमिराय ि अपि निबिध-गरिथ ndash विचारधारा और साहितय- म ककया ि मातसथ क विषय म ि किि ि ldquo उसकी यि माििीय सििदिा या माििीय सरोकार एक शबद म मािििािाद बिधा लोगो की आखो स ओझल िो जािा ि और उसका धयाि आि परिरिि एक रख ndashसख अथथशासि का रप सामि आकर खडा िो जािा ि जो लोग गलि जगि पर जोर द कर मातसथ को किल आधथथक उनिनि स िी बाद दिा चािि ि िो चाि या ि चाि जाि या ि जाि मातसथ क साथ घोर अनयाय करि ि rdquo53अमिराय मि ि कक मातसथ भौनिकिादी इस अथथ म ि कक िि ककसी हदवय शजति को सिीकार ि करक पदाथथ ( कषनिजलपािकगगिसमीर )की सतिा को िी सतय माििा ि अथथ (धि) का पजक िि कभी ििीि रिा उसि सियि आजीिि निधथििा म िी ऋवष-मनियो की भानि जीिि -यापि ककया अमिराय क साहितय म उिकी मािििािादी विचारधारा सिथि हदखाई पडिी ि ि सियि किि ि ldquo सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मािस को रिगा िमरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा rdquo54

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135यथाथसवाद और सहजता

अमिराय साहितय म यथाथथिाद क समथथक ि ि साहितय को शदध कला ििीि मािि ि िरि उस जीिि एिि समाज क मलए उपयोगी मािि ि उिक अिसार सचचा लखि िो ििी ि जोसमाज को कछ हदशा द सक ि किि ि ldquo आधनिक िो परािा िो सचचा लखि ििी ि जजसम लखक अपि दख िए अपि भोग िए को अपि कलातमक सामथयथ-भर अधधक स अधधक पणथिा क साथ धचतरिि करिा चाििा ि rdquo 55 ि साहितय म अिासिविक अथिा अयथाथथ रपिादी परयोगो को वयथथ मािि ि उिका कथि ि ldquo साहितय क अििगथि रप की अििलिा उसको िनिक भी इषट ििीि ि साहितय को माि अलिकरण या साज-सजजा ि मािि िए िम उस रचिा परकिया का अिग मािि ि और इस िाि उसको परा मिति दि ि पर िम कििा चािि ि कक रप का साथथक परयोग ििी ि जो िसि स सजीि सिदभथ म उसकी अधधवयजति की वििशिा स ककया गया ि lsquoशदधrsquo कला क फर म lsquoशदधrsquo रप क अविषकार म लगी िई परयोगशीलिा ििधया मसदध िोिी ि rdquo56

अमराय साहितय की उपयोधगिा पर विचार करि िए किि ि ldquo उसकी िासिविक साथथकिा इसम ि कक िि अिजाि िी आदमी की िजतियो का सिसकार करिा ि और जो साहितय जजििा िी शरषठ िोिा ि उिि जयादा अिजाि ढिग स अपिा काम करिा ि rdquoअिः लखक का यि किथवय ि कक िि साहितय का सजि अपि पररिश स जडकर कर ि िि कोरा आदशथिादी लखि कर ि िी ककसी ndashिाद- या ndashफशि- क चलि ऐसा यथाथथ धचतरिि कर जो सियि उसक समाज म अविदयमाि िो इसी को उनिोि सिज धरािल पर लखि किा ि किािी क कषि म ि सिज किािी क समथथक बि ि किि ि ldquo ियी किािी की खोज म सिज किािी खो गयी rdquo57ldquo सिज किािी स िमारा िातपयथ उस मल कथा-रस स ि जो किािी की अपिी खास चीज ि और जो बिि सी ndashियी- किी जाि िाली किानियो म एक मसर स ििीि ममलिा rdquo58

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इस परकार अमिराय की विचारधारा समाजिादी एिि मािििािादी ि ि लखि म यथाथथ ि सिजिा क परबल समथथक रि िथा अपिी रचिाओि म सब परकार क शोषण क विरदध विदरोि एिि सिघषथ क सिर को ऊचा उठाया ि

136अधययन एव जीवनानभवो का परभाव

अमिराय की विचारधारा क निमाथण म उिका गिि आधययिधचििि िथा जीििािभि भी उतिरदायी रिा ि शरषठ कथा मलखि का रासिा बिाि िए अमिराय किि ि ldquo म िो उसका एक िी ढिग जाििा ि बड किािीकारो को पढिा उस पढि स िी अचछी किािी का बोध उसकी कछ परसििी अपि भीिर छिकर धथरककरसिधचि िोिी रििी िोगी rdquo59 अिः उनिोि समकालीि साहितयकारो को िो खब पढा िी विगि मिाि लखको को उनिोि अपकषाकि फधधक पढा ndash सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मि को रिगा ि मरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा ि -(विचारधारा और साहितय अमिराय प-18) उनिोि मतसथ लनिि एिगलस सटामलि माओ लकास एिि कॉडिल को खब पढा साथ िी उिक सजि पर रिीिदरिाथ टगोर शरिचिदर चिोपाधयाय परमचिद दोसिोिसकी मोपासाि गोकी का असीम परभाि रिा

परमचिद किा करि थ ldquo िम जीिि म जो कछ दखि ि या जो कछ िम पर गजरिी ि ििी अिभिििी चोट कलपिा म पिचकर याहितय सजि की पररणा करिी ि rdquo60 अमिराय ि भी लखक पर अिभिो क सिज परभाि को सिाकारि िए मलखा ि ldquo जो भी मलखिा ि िि सबस पिल िो आदमी िआदमी की िरि स आदमी की जजिदगी जीिा ि िस िी उसक आसिग-परसिग िोि ि और सिबिध बिि ि जजिदगी उसी िरीक स टकरािी ि उसस आकर उसी िरि उसक अिदर बिि िरि स ररसपानसज आि ि और उि सब क मलए ndashहदए िि मलखिा ि rdquo61 अमिराय क कथा-साहितय म आए िए विचारो ि परसिगो का जजममदार अपि जीििािभिो एिि मि को मािि ि ldquo

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म किानिया मलखिा िजजिदगी क मल म िर दम कछ ि कछ िोिा रििा ि लोग मरि ि जीि ि ििसि ि रोि ि ममलि ि तरबछडि ि ठगि ि ठगजाि ि कछ बाि अपि पर बीििी ि कछ दसरो पर बीिि दखिा ि बिायी िई किानियो स जयादा जािदार और रिगीि किानिया िरदम आखो क सामि िोिी ि बस इििा ि कक अपि मि का रिग इििा चटक िो जाय कक एक बार डबोकर किािी को निकाल मलया जा सक इस किया म िि किािी जो दखी थी कछ की कछ िो जािी ि तयोकक मि क भीिर खद बिि सी किानिया सोयी रििी ि इसी िरि बिि सी किानियो क िायक-िानयकाए सडको पर पाको म मसाकफर खािो म कचिरी और दफिर की गदथ और बोसीदा फाइलो म टिलिनघसटि और रगि ममल जाि ि कभी जयो क तयो ममल जाि ि कभी चार को ममलाकर एक बििा ि और किीि एक को चार म नछिरा हदया जािा ि rdquo62

14 परगततिील आदोलन और अमतराय

अमिराय परगनिशील चििा परारिभ स िी परभाविि रि उिक वपिा परमचिद सियि एक परगनिशील सामाजजक यथाथथिादी लखक रि अमिराय की परािरिमभक रचिाओि यथा ndashिम रखल-मिशी जी मरसथल आहद किानियो म परगनिशील चििा क दशथि िोि ि उिकी किानियो म समाज क निमि और मधय िगथ क शोवषि-जीरडि वयजति िी िायक ि उनिोि उिक दःख-ददथ का यथाथथ धचिण ककया ि

सि 1942 ई0 िक ि मातसथिादी विचारधारा स पणथिः परभाविि िो चक थ और परगनिशील आिदोलि क सिीय कायथकिाथ िो बि गए थ सि 1942 ई0 स उनिोि- ििस- का सिपादि कायथ सिभाल मलया था और ndashििस- को परगनिशील आिदोलि का मख-पि बिा हदया था परयोगिादी परगनिशील किी धगररजा कमार माथर किि ि ndash य जो मिच बिा ििस और य एक वयापक परगनिशील चििा का मिच बिा किर कठमललापि िो बाद म आया उसका भी इनििास टतकर का जो ि िो बाद म आिा ि लककि य िो

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परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

27

बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

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अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

29

अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

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6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

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इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

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की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

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उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

34

अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

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सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 10: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

10

उिक हरदय की अथाि पीडा उिक lsquoसख-दखrsquo िामक उपनयास म अमभवयति िई ि शोक-गीि जसा यि उपनयास अपि आपम एक अिठी रचिा ि

114पवदि यातरा

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश -यािाए की सि 1952 म ndashविचि शािनि सममलि ndash म भाग लि क मलए चीि-यािा की सि 1965 म जमथिीबलगररया और सोवियि सिध की यािा की सि 1972 म रमानियाििगरीसोवियि सिघइिगलड फािस और इटली की यािा की सि 1978 ई0 म पिः यरोप की यािा की

115परसकार एव सममान

अमिराय कोउिकी उललखिीय ि अिलिीय साहितय सिा एिि साधिा क मलए उनि अिक परसकारो स परसकि भी ककया गया सि 1957 ई0 म लखको क ऐनििामसक lsquoसाहितयकार सममलि rsquo का उनिोि आयोजि ककयाजजसम चार पीहढयो क लखको दिारा परनिनिधधति ककया गया इसी िषथ उनि lsquoसपाटथकसrsquo क हििदी अििाद lsquoआहद विदरोिी rsquo क मलए भारि सरकार क ndashिषथ क शरषठ अििादक परसकार स सममानिि ककया गया सि 1971 ई0 म उनि ndashसोवियि लड ििर -परसकार परापि िआ सि 1973 ई0 म ि साहितय अकादमी की सामानय सममनि और कायथ सममनि क सदसय बि इसी िषथ ि lsquoिशिल बक रसट क नयासीrsquo िथा lsquoसोवियि लड रिर परसकार सममनिrsquo क भी सदसय बिाय गय सि 1977 म समाज भाषा ितजञानिक शोध योजिा पर कायथ करि क मलए ििर फलोमशप स परसकि ककया गया सि 1987 ई0 म उतिर परदश हििदी सिसथाि दिारा ndashसिसथाि सममाि- िथा 1989 ई0 म भारिीय अििाद पररषद दिारा lsquoदवििागीश परसकारrsquo स उनि सममानिि ककया गया

11

116मतय

सि 1996 ई0 म 75 िषथ की आय म लगभग दो माि िक पकषाघाि स गरसि रिि क बाद 14 अगसि क हदि इलािाबाद म साहितय का यि अिथक सिी कमथयोदधा रचिाकार अमिराय इस लौककक सिसार स सदा क मलए विदा लकर परलोक चल गय

वयकतततवndashसजथक वयजतिति क निमाथण म सिायक घटिाए जस पिथ सिसकार

बचपि क सिसकार पाररिाररक सामाजजक सािसकनिक आधथथक राजिीनिक धाममथक पररिश इतयादी का कलाकार एिि सजथक क वयजतिति पर गिरा परभाि पडिा ि वयजति अगर साहितयकार िो िो उसक वयजतिति म ककसी ि ककसी रप म उसक वयजतिति की झलक अिचय हदखाई दिी ि साहितय और साहितयकार दोि एक िी ििनिमाथण परकिया क दो पिल ि इस दजषट स साहितयकार कनिति क अधययि क मलए उसक वयजतिति का अधययि मितिपणथ िोिा ि

परािी पीढी क साहितयकार िोि िए भी सििितरयोतिर काल म पररिनिथि िए मलयो की सथापिा करक कई यगीि पररजसथनियो क अिसार वयजति और समाज का सिबिध कफर स सथावपि करि म विषण परभाकरजी का योगदाि विशष मितिपणथ रिा ि ि सामाजजक जीिि की विविध समसयाओि को लकर मलखििाल साहितयकार ि यथाथथ का सकषम निरीकषण

अिकि इिका लकषय रिा ि जजसम उिकी मािि क परनि सिािभनि भी बराबर बिी रिी ि उिक उपनयासो ि किानियो और समसि साहितय म वयजति और समाज इस परकार घल-ममल गए ि कक दोिो की पथक सतिा-सिीकनि कहठि ि उिक सजि का मल सिर मिषय की पिचाि और िर परकार क शोषण क लखलाफ आिाज उठाि का ि

ldquoवयजतिति शबद पसथिमलहट ( Parsonality ) लहटि शबद lsquo पसोिा lsquo

(Parsona ) स बिा िआ ि lsquo पसोिा lsquo का अथथ ि lsquo मखौटाlsquo गरीक कलाकर

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रिगमिच पर अपिी पिचाि नछपाि कमलए मखौट का परयोग ककया करि थ आग चलकर lsquoपसोिा lsquoशबद का अथथ बदल गया मिषय दसर को कसा हदखाई दिा ि इस अथथ म धीर-धीर पसोिा शबद का रपानिर पसथिॉमलहट अथाथि वयजतिति क रप म मलया जाि लगा rdquo21

ldquo वयजतिति शबद भाि िाचक सिजञा ि वयजति क कषि म जजि गणो या विशषिाओि का समािश िोिा िि सब वयजतिति क अििगथि आि ि अथाथि वयजति की मिति पणथ विशषिा उसका वयजतिति ि वयजति की ऐसी विशषिा उस दसरो स अलग बिािी ि ककसी वयजति की विशषिाओि का समदाय िी वयजतिति ि rdquo22

मािक हििदी शबद कोश क अिसार ndashldquo वयजतिति शबद वयजति क यगम स बिा ि जजसका अथथ ि- वयजति िोि की अिसथा या भाि rdquo 23 ककसी वयजति की निजी विमशषट कषमिाए गणपरिजतिया आहद जो उसक उददचयोकायो वयििारो आहद म परकट िोिी िऔर जजिस उस वयजति का सामाजजक रप जसथर िो जािा ि

वयजति क मिोभाि एिि विचार उसक कायथ िथा िाचक आिधगक कियाओि म िाि-भािो म परकट िोि ि साथ िी वयजति का मि सामाजजक सािसकनिक पररिश स सिसकाररि िोिा ि य सिसकार भी उसक किया कलाप

िाि-भािो म अिायास वयति िोिा ि वयजतिति वयजति क अनिरनिहिि गणो का परकामशि रप ि उस वयति करि की कषमिा को िी lsquo वयजतितिrsquo किा जािा ि

हििदी विचि कोश क अिसार- वयजतिति की अिधारणा इस परकार दी गई ि ldquoवयजतिति शबद ककसी वयजति क सामाजजक उददीपक मलयो क सचक रप म परयोग ककया जािा ि rdquo24 इसस िातपयथ उस सिपणथ परभाि स ि जो एक वयजति दसर वयजति पर डालिा ि उददीपक क रप म कियाओि का भी सिि परभाि पडिा िजजिका िि अनय वयजतियो क बीच उपिम करिा ि

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य पररणातमक शजतिया ऐस पररििथि उतपनि करिी िजो उसक अपि अनय वयजतियो और जसथनियो क परतयकषीकरण को परभाविि करि ि दसर शबदो म वयजति आतम पररकषण करिा ि िथा बाहय जीिि सिगठि एकिा और जसथरिा उतपनि करक अपिा अनिियजतिक सिभाि म अपिी आतमधारणा का विकास करिा ि

वयजतिति म अिक शारीररक एिि मािमसक विशषिाओि का समािश ककया जािा ि वयजतिति का वयापक िति ि अिः िि शरीर स लकर उसक माधयम स समसि कायो म वयापि रििा ि वयजतिति परमख रप स सामाजजक एिि जविक घटिाओि स सजजथि िोिा ि ठीक उसी परकार सामाजजक घटक ि पररिश वयजतिति निमाथण म सिायक िोि ि ििश और पाररिाररक जसथनियो का वयजतिति निमाथण म बिि बडा योगदाि िोिा ि वयजति का वयजतिति पररजसथनियो क परभाि स विकमसि िोििाली पररििथिशील ि गनिमाि परकिया ि सामाजजक एिि सािसकनिक िािािरण क परभाि स वयजतिति का विकास िोिा ि वयजतिति वयजति क समसि बाहय एिि आििररक गणदोषो का अमिथ रप ि इि गणो क समचचय का परकाशि उस वयजति क विचार और वयििार की विमशषट शमलया िथा जीिि क परनि उसक दजषटकोण स िोिा ि जजस परकार फलो म सगिध िोिी ि उसी परकार वयजति म वयजतिति अििभथि ि साधारम वयजतियो का वयजतिति उसकी मतय क पचचाि भी उिकी कनियो विचारो क दिारा यग-यगो िक छाप बिाय रखिा ि

सजथक वयजतिति ndashपरतयक सजथक वयजतिति म परनिभा मितिपमथ िोिी ि साहितय कनियो म साहितयकार का वयजतिति परसिगिः कछ मािा म अिायास परनितरबजमबि िोिा ि रचिाकार क अिम का सिसकार उसकी आतमामभवयजति क रप म वयति िोिा ि रचिाकार का अिम समाज क सामहिक अिम क साथ िादातमय िोकर उसक आिनद का कारण बििा ि रचिाकार का वयजतिति यग पररिश स परभाविि िोिा ि उपरोति सभी

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इकाइयो स ममल-जलकर हदवय परनिभा स निखरकर साहितयकार का वयजतिति विकमसि िोिा ि

वयजति क कछ बाहय एिि आििररक ितिो स वयजतिति का निमाथण िोिा ि इि ितिो को वििचि वयजतिति निरपण म अनिभथि ि लखक का पररिारपररिशसिभािपरिजतिया यगीि िािािरण जीिि म ममलििाल अिसर िाथ स कफसल िए सििर कषणकछ गलनिया कछ कमजोररया कछ कषमिाए कछ सबलिाएजीिि मलय दजषटआदशो क परभाि आहद अिभिो स बििए दजषटकोण स लखक का माििीय वयजतिति निमाथण िोिा ि यि वयजतिति समाज और साहिजतयक दानयति स परनिबदध सजग िोकर एक सािीतयकार का सजथक वयजतिति भी बिािा ि साहितयकार का निजी वयजतिति साहितयकार का वयजतिति क सामिजसय स बिा िआ एक विलकषण वयजतिति िोिा ि वयजतिति वयजति क गणो-अिगणो भािो-अभािो क साथ उसकी सिििि सतिा को सधचि करिा ि उसकी यि सिििि सतिा वयजतिति क निमाथण म सिायक िोिी ि वयजति अगर साहितय रचिाकार िो िो निचचय िी उसकी लखिी पर उसकी झलक सपषट रप स हदखाई दिी ि

अमिराय परमचिदोतिर पीढी क उि साहितय क उनिायको म स थ जो लगभग चौथ दशक स अिनिम दशक िक निरििर सजिशील थ 70 िषो क साहिजतयक जीिि म उनिोि हििदी साहितय क भणडार को अपिी अमलय रचिाओि स समदध ककया ि अमिराय ि जीिि को जसा जजया और दखा िसा िी धचतरिि ककया ि सदाबिार लखक िी ििीि बजलक सदा जीििि और सदा सजग लखक भी थ उिकी कीनिथ को कोई धममल ििीि कर सकिा उिका साहितय उिक जीिि का परनिरप ि जजसस उसम एक शजति एक ऊजाथ आ गयी ि यि उिकी विशषिा ि कक उिक वयजति और साहितयकार म अििविथरोध ििीि ि िासिि म यि एकरपिा साहितयकार को अमर बिािी ि यायािरी सिभाििाल अमिराय दश क कोि-कोि म निरििर भरमण करि िए जि समाज सिसकनि दश ि भाषा स एकाकार िोि क िम म

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निरििर सतय की खोज म सिलगि रि इस खोज क पीछ मािििा क कलयाण की भाििा सजनिहिि थी अपिी दीघथ रचिा - काल क कारण ि िर िई पीढी स जड रि उसस सीखि रि और सियि को बदलि रि साहितयकार का यि निरििर िया बि रििा और समाज की धडकिो को पिचाििा और समझिा उस जीििििा और साथथकिा परदाि करिा ि ियी पीढी और समकालीि रचिा- सिसार स अमिराय की इस सिबदधिा ि जिा उनि पविि उजजिल एिि मिगलमयी मनिथ क रप म लोकवपरय बिाया ििाि सतिा ndash परनिषठािो स दर रिकर ि अपि सिधषथशील चररि एिि शील को सरकषकषि रखि म सफल िए उिक इस वयजतिति ि उिक साहितय को भी उसी रप म सिघषथशील िथा मिगलमय बिाकर महिमामिरडि कर हदया ि अिः उिक वयजतिति एिि कनिति स अिगि िोिा अपि म एक अिभि ि

एक िलदशी निमथल जल सा खल वयजतिति का आलोक विसिार जसा गोरा-धचिा अकलिकछरिरा साफ आइि सा शरीर िस िी मति ठिाकदारििाओि िक गजािी िसी िसा िी निवयाथज वयििार एक पारदशी मिममथशीलआतमदाि भरा आचिजसि भाि िति पर िज-िराथर परनिकियाओि का ममजाज भी अििर का भरा ठिराि भी ldquo जस सिसकनि की अिक धाराए यिा आकर ममल गयी ि उसी िरि की सािसकनिक परिपरा और आधनिकिा सामाजजकिा और ियजतिकिा हििदी ndashउदथ और अिगरजी का ममलि तरबिदअमिराय का वयजतिति rdquo25 परकनि स उनि अटट परम था माहट का मोि उिक शबदो म दलखए ldquo म कभी कलपा िी ििीि कर पािा कक ककसी मिािगर म एक छोट ndashस अपाटथमट म ऊपर रि- छठ माल पर म ििीि रि सकिा िम िो एक छोटी सी कहटया फस की िी द दो लककि उसक साथ जरा-सी जमीि िो और ममिी िो rdquo26 इसमलए उिका विशाल बिगला ndashधप-छाि- सकडो िरि क लिा ndashकि ज फलपड-पौधो स आज भी नघरा िआ ि

उिका वयजतिति अििमथखी और बहिमथखी दोिो का समनिय था उनि अपिा परदशथि करिा या ककसी िरि की आतमचलाघा बिि घहटया काम

16

लगिा था परकाशि स पिथ ि अपिी रचिाए ि कीसी को पढिाि थ ि सिाि थ एक माि वयजति जो उिकी रचिाए परकामशि िोि स पिल पढ लिा था- िि थी उिकी पतिी सधा जी एक बार इलािाबाद क विदयाथी जीिि म उनिोि मिादिी जी क ndashअिीि क चलधचि- की समीकषा की जजसम जी खोलकर उसकी परशिसा की थी समीकषा एक अिगरजी पतरिका म परकामशि िई ककि ि उनिोि मिादिी जी को ि िो िि पतरिका हदखायी ि उसक बार म बाि िी की ि बिि सिकोची सिभाि क थ उनि यि भी पसिद ि था कक लोग उिका सममाि परमचिद का पि िोि क कारण कर सभाषमखोपाधयाय की पतिी गीिा जी मलखिी ि ndash अमि कलकतिा स इलािाबाद लौट रिा था ldquo एक यािी सजजि ि अपिी बटी को अमि क आरकषकषि बथथ पर बठ हदया था बार-बार अिरोध करि पर भी ि उस बथथ को छोडिा ििीि चािि थ और यि दािा कर रि थ कक िि उनिीि का ि मझ ऐसा लगा कक यहद मि कछ ििीि ककया िो अमि इििा सिकोची जीि ि कक िि फशथ पर बठ कर इलािाबाद िक चला जाएगा पर अपि बथथ की माग ििीि करगा मि उस रडबब म बठ मसाकफरो को जब बिाया कक य परमचिद क पि ि िो बड आदर क साथ उनिीि लोगो ि उसकी बथथ खाली करिाि म भममका निभाई थी rdquo27

अमिराय क हरदय म बचपि स िी अपि माि-वपिा क परनि अतयिि शरदधा एिि परम था परथम बार मािा-वपिा स दर इलािाबाद पढि जाि समय ि रो उठ थ ldquo बनि िो िम िीिो क पर छिा िआ रोिा िआगाडी स उिर गया rdquo28 अमिराय का बचपि का िाम बनि था बचपि स िी ि बड दयालसहरदय एिि सििदिशील थ उिकी मा मशिरािी दिी क शबदो म ndash मरी किारी का छोट बचचा आग म जल गया उसक सार बदि म मलिम पिा िआ था कपड भी गिद िो गय थ मरा छोटा बचचा बनि उस किीि बािर पा गया उस दखकर बनि को दया आई िि उस पचचो को जीि पर स दोिो िाथो का घोरा बिाकर अिदर लाया ldquo बोला ndashअममा इस कछ खाि को दो उस बचच का बदि दखकर मर रोगट खड िो गय rdquo29 बालक अमिराय क बचपि म िी उिक वपिा ि उि भविषय की सिभाििा दख ली

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थी ldquoयि लडका बडा दयािाि मालम िोिा ि भलाउस िि कस लाया ndash भगिाि इमस जीविि रख िम दखिा िमिारा राम यि रोशि करगा rdquo30

बालक जजस पाररिाररक पररिश म जनम लिा ि जजस चार दीिारी म उसका शशिबचपि एिि ककशोरािसथा बीििी ि ििा क िािािरण की सपषट छाप उसक वयजतिति पर आिचयक रप स अिककि िो जािी ि अमिराय ि अपि वयजतिति क बारम किा ि ldquo किा-किा स आदमी को तया-तया ममलिा ि लककि य ि कक म सचमच भीिर स बिि िी साधारण और सिज ि मर पास ि िो बिािट ि और िा म बिािटी लोगो को पसिद करिा ि rdquo31तयोकक ldquo रचिा अनििायथ रपण रचनयिा क वयजतिति स सिबदध िोिी ि rdquo32

अमिराय सबको बराबर मािकर चलििाल वयजति थ ि सियि किि ि ldquo लककि म बदककसमिी स ि िो ककसी को अपिा चला बिा सकिा ि और ि ककसी का चला बि सकिा ि मझको किल बराबरी का सिबिध आिा ि rdquo33 उिक जजिि भी ममि थ उिस उिक नििािि सिज पाररिाररक सिबिध थ ि अपि सहरदजिो का माि रखि क मलए जो उनि िापसिद िोिा िि भी कर लि थ गीिा जी मलखिी ि ldquo अमि और सधा दोिो शाखािारी थ पर िम खश करि क मलए अमि कभी-कभी मछली खा लिा उस यि पिा था कक सभाष मछली क तरबिा ििीि रप सकि िि भोजि बडी रची स करिा rdquo34 रािगय राघि स अपिी िलिा करि िए अमिराय ि अपि सिकोची सिभाि क विषय म सियि भी मलखा ि ldquo मर अपि मसमट ndashमसमट सििभाि स उसका मल ििीि बठिा था अपि को बािर फ क सकि औरो क साथ घला ndashममला दि क इस गण का म बिि आदर करिा ि rdquo35

ि अपि विचारो पर सदि दढ रि यहद कोई उिकी विचारघारा अथिा आसथा पर अिधचि आपकष लगािा ि िो ि उसका मििोड जिाब दि म सिकोच ििीि करि थ उनिोि मलखा ि ldquo म यो निजी मामलो म िो बिि शािनिपरमी आदमी ि थोडा दबकर भी बिि स झगडो दरगजर कर जािा

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ि लककि विचारो की दनिया म उपिी आसथाओि को विचिासो को जरा जयादा िी मजबिी स पकडिा ि इसमलए उस पर कोई आिमण ििीि सि सकिा और ि ििा पर ककसी िरि का समझौिा करिा मझ पसिद ि rdquo36 ऐस अिसरो पर दो-दो घिट लगािार भाषण द डालि थ अमभयोग का उतिर दि समय भी ि िसी हदललगी क साथ िलक-फलक अिदाज म िी भाषण हदया करि थ जजसस शरोिा भी आििदपिथक रस लकर उिकी बाि सिा करि थ यि उिक वयजतिति का बिि बडा िमशषय था ि ऐस निरमभमािी कलाकार थ जो दसरो की कला ि दसरो क गणो का बिि आदर करि थ डॉ रामविलास शमाथ ि उि पर िथा रािगय राघि रािल सािकतयायि आहद अिक परगनिशील लखको पर lsquoटटपजजया समाजिादीrsquo िोि का आकषप लगाया था ldquoसाहितय म सियति मोचाथ ndash पसिक मलखकर इसका उनिोि मििोड जिाब भी हदया था ककि ि ि शमाथ जी की इस एक कमी को सिीकार करि िए उिक अनय गणो की परशिसा करि थ rdquo37

13पवचारधाराएव परभाव

अमिराय ि अपिी कनियो पर िए विचारधारा क परभाि क सिदभथ म मलखा ि ldquoजजस िगथ स कलाकार जनम लिा ि उसक लौककक दजषटकोण क अिसार उसकी एक विचारधारा जनम स िी बि जािी ि अगर उसक सिरकषक भी उसी िगथ क िए िो िि मा क दध क साथ गरिण ककए िए अपि जीिि क दजषटकोण स परी िरि सििषट रिगा और उसको अपिी कनियो म अमभवयति करगा rdquo38परतयक साहितयकार पर परतयकष या परोकष रप स ककसी ि ककसी विचारधारा का पभाि अिचय िोिा िी ि अमिराय क शबदो म ldquo जिा रचिाकार को सचिि रप स अपिी विचारधारा का पिा ििीि िोिा ििा भी विचारधारा िो रििी िी ि रचिा पर अिजाि िी उसका समािश िो जािा ि विचारधारा किीि सििदिा बिकर आिी ि और किीि परसिगिः रचिाकार की माििीय परनिकिया बिकरrdquo

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131सामयवादी पवचारधारा

अमिराय ि निबिध lsquoविचारधारा और साहितयrsquo म सपसट सिीकर ककया ि कक ldquo मरी विचारधारा सामयिादी ि या यो कि लीजजए कक मझ पर सामयिादी विचारधारा का गिरा परभाि ि rdquo40 सि 1943 ई0 म उनिोि सामयिादी पाटी की सदसयिा गरिण की िथा मजदर ndashयनियि क मििी भी बि थ -बीज- उपनयास िथा ndashपारजाि क फल ndashआहद किानियो म उिकी सामयिादी विचारधारा सपसटिः सामि आई ि ककि ि ककसी भी विचारधारा या lsquoिादrsquo का अिधािसरण करि का ि विरोध करि ि ldquo जब-जब और जिा-जिा अिधािसरण की ऐसी कोई िीनि बरिी या अपिायी गयी ि विचार मर गया ि साहितय मरगया ि किल पररपाटी का रहढबदध लखि िआ ि rdquo41

सामयिादी पटी का सदसय रिि िए भी ि अपि ढिगस कछ अलग-अलग-सा भी सोचि रि और कदाधचि इसका कछ मलय भी उस चकािा पडा तयो कक सामदानयक धचििि परकतया मशविरबदधिा मागिा ि ि किि ि ldquo

मरा मि जसा कचछ बिा था िसी मसविरबदधिा मर मलए कभी सिभि ि िो पायी पर मझ कोई खद ििीि ि तयोकक मझ लगिा ि कक अिििः अपिा वििक िी सबस अचछा जीिि-सिचर िोिा ि rdquo42उनिोि मातसथिाद का गिि अधययि -मिि करक उस अपिी विचारधारा बिाया ि अपि समाज का अधययि करक अपि मिि-धचििि की कसौटी पर अचछी िरि परखकर और अपि मि क भीिर डबकर अचछी िरि टटोलकर जजस बाि को सिी जािि थ उसी को सिीकार करि थ उनिोि बािर क ककसी अिकश को कभी सिीकार ििीि ककया उिका मि ि ldquo यि अिशासि और अिकश रचिाकार क अपि वििक क भीिर स आिा चाहिए rdquo43

अमिराय ि कछ िषो क पचचाि सामयिादी पाटी स सिबिध िोड हदया था ककि ि सामयिाहद विचारधारा म उिका विचिास आजीिि रिा ि मलखि ि ldquo मर मलए विचारधारा कछ दसरी चीज ि उस आदमी मजबिी स

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पकडिा ि िि समपथण मािगिी ि उसक मलए निषठा चाहिए गिरा आििररक विचिास चाहिए उसी निषठा और गिर विचिास म स सब िरि क अभािकषट नििदाअपमािजलयाििा सब कछ सिि और जररि पडि पर अपि पराण िक द दि की िाकि आिी ि जिा य निषठा और समपथण और अकि ठ विचिास ििीि ि ििा कफर विचारधारा कसी जसी िई िस ि िई rdquo44

132गाधीवाद का परभाव

परारिभ म अमिरायकालीि समाजपर गाधीजी छाए िए थ अिः सपषट ि कक अमिराय की धचिििधारा पर गािधीिाद का गिरा परभाि लकषकषि िोिा सिाभाविक िी ि ldquo मरा िो काल (सि 1942-44) भयिकर गाधी भजति का था rdquo45 अिः उिकी रचिाओि म खासकर ndashबीज-उपनयास म मातसथिादी विचारधारा की गिराई म गाधीिादी विचारधारा क िति एिि सामाजजक मसदधािि जस मदयनिषध िगथ बद विरोध सिदशी राषरीय मशकषा वपछडो का उतथाि हदखाई दि ि

133मातससवादी चचतन का परभाव (वगस सघरस)

सि 1950 क उपरािि अमिराय मातसथिादी पाटी क सिीय सदसय बि गय मातसथिादी धचििि ि उि पर जाद कर हदया था इसमलए ि उस अधधक पसिद करि थ ldquo म मातसथिाद स पयार करि लगाथा rdquo46 ि उस जीििसमाज और सिसार बदलि का असि मािि ि ldquo मातसथिाद स अहदक जीिििअधधक िािनिकारी अधधक लोक कलयाणकारी मबलकअधधक सचचािाद दसरा ििीि rdquo47पररणामसिरप उिका परा साहितय मातसथिाद क दििदिातमक भौनिकिादी दशथि पर आधाररि ि सामयिादी और मातसथिादी दशथि समाज म समिा और नयाय की सथापिा कमलए िगथ सिघषथ को अनििायथ माििा ि िमार समाज म दो िगथ निरििर रि ि ndash एक शोषक िगथ और दसरा शोवषि िगथ अमिराय किि ि ldquoमटठी भर पजीपनियो दिारा लाखो ndashकरोडो लोगो का आधथथक शोषण एक भयिकर अनयाय ि और उसक

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विरदध परनििाद का सिर भरपर उठिा चाहिए इस अथथ-वयिसथा स सीध-सीध या परोकषिः जडी िई असिखय दसरी विषमिाए विकनियाअनयायदराचारएक स एक भयिकर अपराधजजिका एक फलिा-फलिा सामराजय ि और जजिको िम अपि आस-पास िरदम िोि दखि ि और जजिस िमारी माििीय सििदिा परकतया जडिी ि कषबध और आिदोमलि िोिी ि rdquo48उसक विरदध आिाज उठािा अनििायथ ि िमार समाज म सिी िगथ िथा अकलीि दमलि अथिा सिक िगथ सदा स िी शोवषि रिा ि अमिराय ि शोवषि िगथ को शोषण मति कराि क मलए िगथ-सिघषथ का आहिाि ककया ि ि सामाजजक नयाय क मलए रति िािनि को भी अनििायथ मािि ि ि किि ि ldquo समाज म नयाय ििीि ि और सििलि सब तरबगड गया ि और जिा समाज का सििलि तरबगडा िआ िो ििा वयजति का सििलि भी तरबगड तरबिा ििीि रि सकिा अपि दश भारि म यि सामाजजक नयाय सबस कम ि इसीमलए यिा का सििलि सबस िी अधधक तरबगडा िआ ि समाज सबस अजसथर ि अब यि सामाजजक अनयाय जि साधारण क मलए असहय िो गया ि और अब यि परािा ढचरा ककसी िरि चल ििीि सकिा अब या िो यि अनयाय की वयिसथा िधानिक िरीको स नयाय की हदशा म बदलगी या कफर रति-िािनि िोगी rdquo49

अमिराय ि अपि साहितय म शोषण क विरदध सिघषथ का सिर उठाया ि िथा आम आदमी को शोषण स मजति पाि िि सिघषथ करि की पररणा दी ि ि किि ि ldquo साहितय तयो जि चििा का परोधा ि बि उसकी नियिी ऐसी तयो िो िि वयजति क भीिर मसमट कर रि जाय rdquo50

134मानवतावाद

अमिराय की विचारधारा मलिः मािििािादी विचारधारा ि अमिराय क अिसार साहितय रचिा जीिि का यथािथय अिकि ििीि बजलक सचचा साहितय जिचििा का विधायक एिि सिघषथ का परोधा िोिा ि उिका कििा ि कक ldquoयिी जीिि दजषट मझ ndashहरगर- करिी ि यिी चीज जो उतपरररि करिी

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ि rdquo51ि सियि वयजति क कषटो को दर करि िथा उस उनिनि की हदशा म परररि करि क मलए कहटबदध मािि ि - ldquoएक भी किािी ऐसी ििीि ि जजसक भीिर मरा समगर धचति िा बोल रिा िो जो सिसार म अनयाय दखिा ि जो बराई दखिा ि िकलीफ दखिा ि और उसस रतिी भर आिदोमलि या विकषबध ििीि िोिा ि ऐसा लखि मरा ििीि ि मर भीिर लखि का सजि का रस जो निझथररि िोिा ि िि निझथररि िो िी ििीि सकिा जब िक कक उसक साथ किीि कोई सतयअसतयनयायअनयायसिदर असिदर य जो मलभि चीज ि इिका परचि िा जडा िो rdquo इसी मािििािादी विचारधारा ि अमि को ि किल साहितय सजि क मलए परररि ककया बजलक इनिीि माििीय मलयो की सथापिा क मलए उनिोि रासिा बिाया उिकी सामयिादी दशथि म अरडग आसथा का कारण भी यिी मािििािाद ि तयोकक मासथिाद अनििः एिि मलिः मािििािाद िी ि जजसका वििचि अमिराय ि अपि निबिध-गरिथ ndash विचारधारा और साहितय- म ककया ि मातसथ क विषय म ि किि ि ldquo उसकी यि माििीय सििदिा या माििीय सरोकार एक शबद म मािििािाद बिधा लोगो की आखो स ओझल िो जािा ि और उसका धयाि आि परिरिि एक रख ndashसख अथथशासि का रप सामि आकर खडा िो जािा ि जो लोग गलि जगि पर जोर द कर मातसथ को किल आधथथक उनिनि स िी बाद दिा चािि ि िो चाि या ि चाि जाि या ि जाि मातसथ क साथ घोर अनयाय करि ि rdquo53अमिराय मि ि कक मातसथ भौनिकिादी इस अथथ म ि कक िि ककसी हदवय शजति को सिीकार ि करक पदाथथ ( कषनिजलपािकगगिसमीर )की सतिा को िी सतय माििा ि अथथ (धि) का पजक िि कभी ििीि रिा उसि सियि आजीिि निधथििा म िी ऋवष-मनियो की भानि जीिि -यापि ककया अमिराय क साहितय म उिकी मािििािादी विचारधारा सिथि हदखाई पडिी ि ि सियि किि ि ldquo सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मािस को रिगा िमरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा rdquo54

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135यथाथसवाद और सहजता

अमिराय साहितय म यथाथथिाद क समथथक ि ि साहितय को शदध कला ििीि मािि ि िरि उस जीिि एिि समाज क मलए उपयोगी मािि ि उिक अिसार सचचा लखि िो ििी ि जोसमाज को कछ हदशा द सक ि किि ि ldquo आधनिक िो परािा िो सचचा लखि ििी ि जजसम लखक अपि दख िए अपि भोग िए को अपि कलातमक सामथयथ-भर अधधक स अधधक पणथिा क साथ धचतरिि करिा चाििा ि rdquo 55 ि साहितय म अिासिविक अथिा अयथाथथ रपिादी परयोगो को वयथथ मािि ि उिका कथि ि ldquo साहितय क अििगथि रप की अििलिा उसको िनिक भी इषट ििीि ि साहितय को माि अलिकरण या साज-सजजा ि मािि िए िम उस रचिा परकिया का अिग मािि ि और इस िाि उसको परा मिति दि ि पर िम कििा चािि ि कक रप का साथथक परयोग ििी ि जो िसि स सजीि सिदभथ म उसकी अधधवयजति की वििशिा स ककया गया ि lsquoशदधrsquo कला क फर म lsquoशदधrsquo रप क अविषकार म लगी िई परयोगशीलिा ििधया मसदध िोिी ि rdquo56

अमराय साहितय की उपयोधगिा पर विचार करि िए किि ि ldquo उसकी िासिविक साथथकिा इसम ि कक िि अिजाि िी आदमी की िजतियो का सिसकार करिा ि और जो साहितय जजििा िी शरषठ िोिा ि उिि जयादा अिजाि ढिग स अपिा काम करिा ि rdquoअिः लखक का यि किथवय ि कक िि साहितय का सजि अपि पररिश स जडकर कर ि िि कोरा आदशथिादी लखि कर ि िी ककसी ndashिाद- या ndashफशि- क चलि ऐसा यथाथथ धचतरिि कर जो सियि उसक समाज म अविदयमाि िो इसी को उनिोि सिज धरािल पर लखि किा ि किािी क कषि म ि सिज किािी क समथथक बि ि किि ि ldquo ियी किािी की खोज म सिज किािी खो गयी rdquo57ldquo सिज किािी स िमारा िातपयथ उस मल कथा-रस स ि जो किािी की अपिी खास चीज ि और जो बिि सी ndashियी- किी जाि िाली किानियो म एक मसर स ििीि ममलिा rdquo58

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इस परकार अमिराय की विचारधारा समाजिादी एिि मािििािादी ि ि लखि म यथाथथ ि सिजिा क परबल समथथक रि िथा अपिी रचिाओि म सब परकार क शोषण क विरदध विदरोि एिि सिघषथ क सिर को ऊचा उठाया ि

136अधययन एव जीवनानभवो का परभाव

अमिराय की विचारधारा क निमाथण म उिका गिि आधययिधचििि िथा जीििािभि भी उतिरदायी रिा ि शरषठ कथा मलखि का रासिा बिाि िए अमिराय किि ि ldquo म िो उसका एक िी ढिग जाििा ि बड किािीकारो को पढिा उस पढि स िी अचछी किािी का बोध उसकी कछ परसििी अपि भीिर छिकर धथरककरसिधचि िोिी रििी िोगी rdquo59 अिः उनिोि समकालीि साहितयकारो को िो खब पढा िी विगि मिाि लखको को उनिोि अपकषाकि फधधक पढा ndash सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मि को रिगा ि मरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा ि -(विचारधारा और साहितय अमिराय प-18) उनिोि मतसथ लनिि एिगलस सटामलि माओ लकास एिि कॉडिल को खब पढा साथ िी उिक सजि पर रिीिदरिाथ टगोर शरिचिदर चिोपाधयाय परमचिद दोसिोिसकी मोपासाि गोकी का असीम परभाि रिा

परमचिद किा करि थ ldquo िम जीिि म जो कछ दखि ि या जो कछ िम पर गजरिी ि ििी अिभिििी चोट कलपिा म पिचकर याहितय सजि की पररणा करिी ि rdquo60 अमिराय ि भी लखक पर अिभिो क सिज परभाि को सिाकारि िए मलखा ि ldquo जो भी मलखिा ि िि सबस पिल िो आदमी िआदमी की िरि स आदमी की जजिदगी जीिा ि िस िी उसक आसिग-परसिग िोि ि और सिबिध बिि ि जजिदगी उसी िरीक स टकरािी ि उसस आकर उसी िरि उसक अिदर बिि िरि स ररसपानसज आि ि और उि सब क मलए ndashहदए िि मलखिा ि rdquo61 अमिराय क कथा-साहितय म आए िए विचारो ि परसिगो का जजममदार अपि जीििािभिो एिि मि को मािि ि ldquo

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म किानिया मलखिा िजजिदगी क मल म िर दम कछ ि कछ िोिा रििा ि लोग मरि ि जीि ि ििसि ि रोि ि ममलि ि तरबछडि ि ठगि ि ठगजाि ि कछ बाि अपि पर बीििी ि कछ दसरो पर बीिि दखिा ि बिायी िई किानियो स जयादा जािदार और रिगीि किानिया िरदम आखो क सामि िोिी ि बस इििा ि कक अपि मि का रिग इििा चटक िो जाय कक एक बार डबोकर किािी को निकाल मलया जा सक इस किया म िि किािी जो दखी थी कछ की कछ िो जािी ि तयोकक मि क भीिर खद बिि सी किानिया सोयी रििी ि इसी िरि बिि सी किानियो क िायक-िानयकाए सडको पर पाको म मसाकफर खािो म कचिरी और दफिर की गदथ और बोसीदा फाइलो म टिलिनघसटि और रगि ममल जाि ि कभी जयो क तयो ममल जाि ि कभी चार को ममलाकर एक बििा ि और किीि एक को चार म नछिरा हदया जािा ि rdquo62

14 परगततिील आदोलन और अमतराय

अमिराय परगनिशील चििा परारिभ स िी परभाविि रि उिक वपिा परमचिद सियि एक परगनिशील सामाजजक यथाथथिादी लखक रि अमिराय की परािरिमभक रचिाओि यथा ndashिम रखल-मिशी जी मरसथल आहद किानियो म परगनिशील चििा क दशथि िोि ि उिकी किानियो म समाज क निमि और मधय िगथ क शोवषि-जीरडि वयजति िी िायक ि उनिोि उिक दःख-ददथ का यथाथथ धचिण ककया ि

सि 1942 ई0 िक ि मातसथिादी विचारधारा स पणथिः परभाविि िो चक थ और परगनिशील आिदोलि क सिीय कायथकिाथ िो बि गए थ सि 1942 ई0 स उनिोि- ििस- का सिपादि कायथ सिभाल मलया था और ndashििस- को परगनिशील आिदोलि का मख-पि बिा हदया था परयोगिादी परगनिशील किी धगररजा कमार माथर किि ि ndash य जो मिच बिा ििस और य एक वयापक परगनिशील चििा का मिच बिा किर कठमललापि िो बाद म आया उसका भी इनििास टतकर का जो ि िो बाद म आिा ि लककि य िो

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परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

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बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

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अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

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अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

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6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

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इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

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की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

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उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

34

अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 11: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

11

116मतय

सि 1996 ई0 म 75 िषथ की आय म लगभग दो माि िक पकषाघाि स गरसि रिि क बाद 14 अगसि क हदि इलािाबाद म साहितय का यि अिथक सिी कमथयोदधा रचिाकार अमिराय इस लौककक सिसार स सदा क मलए विदा लकर परलोक चल गय

वयकतततवndashसजथक वयजतिति क निमाथण म सिायक घटिाए जस पिथ सिसकार

बचपि क सिसकार पाररिाररक सामाजजक सािसकनिक आधथथक राजिीनिक धाममथक पररिश इतयादी का कलाकार एिि सजथक क वयजतिति पर गिरा परभाि पडिा ि वयजति अगर साहितयकार िो िो उसक वयजतिति म ककसी ि ककसी रप म उसक वयजतिति की झलक अिचय हदखाई दिी ि साहितय और साहितयकार दोि एक िी ििनिमाथण परकिया क दो पिल ि इस दजषट स साहितयकार कनिति क अधययि क मलए उसक वयजतिति का अधययि मितिपणथ िोिा ि

परािी पीढी क साहितयकार िोि िए भी सििितरयोतिर काल म पररिनिथि िए मलयो की सथापिा करक कई यगीि पररजसथनियो क अिसार वयजति और समाज का सिबिध कफर स सथावपि करि म विषण परभाकरजी का योगदाि विशष मितिपणथ रिा ि ि सामाजजक जीिि की विविध समसयाओि को लकर मलखििाल साहितयकार ि यथाथथ का सकषम निरीकषण

अिकि इिका लकषय रिा ि जजसम उिकी मािि क परनि सिािभनि भी बराबर बिी रिी ि उिक उपनयासो ि किानियो और समसि साहितय म वयजति और समाज इस परकार घल-ममल गए ि कक दोिो की पथक सतिा-सिीकनि कहठि ि उिक सजि का मल सिर मिषय की पिचाि और िर परकार क शोषण क लखलाफ आिाज उठाि का ि

ldquoवयजतिति शबद पसथिमलहट ( Parsonality ) लहटि शबद lsquo पसोिा lsquo

(Parsona ) स बिा िआ ि lsquo पसोिा lsquo का अथथ ि lsquo मखौटाlsquo गरीक कलाकर

12

रिगमिच पर अपिी पिचाि नछपाि कमलए मखौट का परयोग ककया करि थ आग चलकर lsquoपसोिा lsquoशबद का अथथ बदल गया मिषय दसर को कसा हदखाई दिा ि इस अथथ म धीर-धीर पसोिा शबद का रपानिर पसथिॉमलहट अथाथि वयजतिति क रप म मलया जाि लगा rdquo21

ldquo वयजतिति शबद भाि िाचक सिजञा ि वयजति क कषि म जजि गणो या विशषिाओि का समािश िोिा िि सब वयजतिति क अििगथि आि ि अथाथि वयजति की मिति पणथ विशषिा उसका वयजतिति ि वयजति की ऐसी विशषिा उस दसरो स अलग बिािी ि ककसी वयजति की विशषिाओि का समदाय िी वयजतिति ि rdquo22

मािक हििदी शबद कोश क अिसार ndashldquo वयजतिति शबद वयजति क यगम स बिा ि जजसका अथथ ि- वयजति िोि की अिसथा या भाि rdquo 23 ककसी वयजति की निजी विमशषट कषमिाए गणपरिजतिया आहद जो उसक उददचयोकायो वयििारो आहद म परकट िोिी िऔर जजिस उस वयजति का सामाजजक रप जसथर िो जािा ि

वयजति क मिोभाि एिि विचार उसक कायथ िथा िाचक आिधगक कियाओि म िाि-भािो म परकट िोि ि साथ िी वयजति का मि सामाजजक सािसकनिक पररिश स सिसकाररि िोिा ि य सिसकार भी उसक किया कलाप

िाि-भािो म अिायास वयति िोिा ि वयजतिति वयजति क अनिरनिहिि गणो का परकामशि रप ि उस वयति करि की कषमिा को िी lsquo वयजतितिrsquo किा जािा ि

हििदी विचि कोश क अिसार- वयजतिति की अिधारणा इस परकार दी गई ि ldquoवयजतिति शबद ककसी वयजति क सामाजजक उददीपक मलयो क सचक रप म परयोग ककया जािा ि rdquo24 इसस िातपयथ उस सिपणथ परभाि स ि जो एक वयजति दसर वयजति पर डालिा ि उददीपक क रप म कियाओि का भी सिि परभाि पडिा िजजिका िि अनय वयजतियो क बीच उपिम करिा ि

13

य पररणातमक शजतिया ऐस पररििथि उतपनि करिी िजो उसक अपि अनय वयजतियो और जसथनियो क परतयकषीकरण को परभाविि करि ि दसर शबदो म वयजति आतम पररकषण करिा ि िथा बाहय जीिि सिगठि एकिा और जसथरिा उतपनि करक अपिा अनिियजतिक सिभाि म अपिी आतमधारणा का विकास करिा ि

वयजतिति म अिक शारीररक एिि मािमसक विशषिाओि का समािश ककया जािा ि वयजतिति का वयापक िति ि अिः िि शरीर स लकर उसक माधयम स समसि कायो म वयापि रििा ि वयजतिति परमख रप स सामाजजक एिि जविक घटिाओि स सजजथि िोिा ि ठीक उसी परकार सामाजजक घटक ि पररिश वयजतिति निमाथण म सिायक िोि ि ििश और पाररिाररक जसथनियो का वयजतिति निमाथण म बिि बडा योगदाि िोिा ि वयजति का वयजतिति पररजसथनियो क परभाि स विकमसि िोििाली पररििथिशील ि गनिमाि परकिया ि सामाजजक एिि सािसकनिक िािािरण क परभाि स वयजतिति का विकास िोिा ि वयजतिति वयजति क समसि बाहय एिि आििररक गणदोषो का अमिथ रप ि इि गणो क समचचय का परकाशि उस वयजति क विचार और वयििार की विमशषट शमलया िथा जीिि क परनि उसक दजषटकोण स िोिा ि जजस परकार फलो म सगिध िोिी ि उसी परकार वयजति म वयजतिति अििभथि ि साधारम वयजतियो का वयजतिति उसकी मतय क पचचाि भी उिकी कनियो विचारो क दिारा यग-यगो िक छाप बिाय रखिा ि

सजथक वयजतिति ndashपरतयक सजथक वयजतिति म परनिभा मितिपमथ िोिी ि साहितय कनियो म साहितयकार का वयजतिति परसिगिः कछ मािा म अिायास परनितरबजमबि िोिा ि रचिाकार क अिम का सिसकार उसकी आतमामभवयजति क रप म वयति िोिा ि रचिाकार का अिम समाज क सामहिक अिम क साथ िादातमय िोकर उसक आिनद का कारण बििा ि रचिाकार का वयजतिति यग पररिश स परभाविि िोिा ि उपरोति सभी

14

इकाइयो स ममल-जलकर हदवय परनिभा स निखरकर साहितयकार का वयजतिति विकमसि िोिा ि

वयजति क कछ बाहय एिि आििररक ितिो स वयजतिति का निमाथण िोिा ि इि ितिो को वििचि वयजतिति निरपण म अनिभथि ि लखक का पररिारपररिशसिभािपरिजतिया यगीि िािािरण जीिि म ममलििाल अिसर िाथ स कफसल िए सििर कषणकछ गलनिया कछ कमजोररया कछ कषमिाए कछ सबलिाएजीिि मलय दजषटआदशो क परभाि आहद अिभिो स बििए दजषटकोण स लखक का माििीय वयजतिति निमाथण िोिा ि यि वयजतिति समाज और साहिजतयक दानयति स परनिबदध सजग िोकर एक सािीतयकार का सजथक वयजतिति भी बिािा ि साहितयकार का निजी वयजतिति साहितयकार का वयजतिति क सामिजसय स बिा िआ एक विलकषण वयजतिति िोिा ि वयजतिति वयजति क गणो-अिगणो भािो-अभािो क साथ उसकी सिििि सतिा को सधचि करिा ि उसकी यि सिििि सतिा वयजतिति क निमाथण म सिायक िोिी ि वयजति अगर साहितय रचिाकार िो िो निचचय िी उसकी लखिी पर उसकी झलक सपषट रप स हदखाई दिी ि

अमिराय परमचिदोतिर पीढी क उि साहितय क उनिायको म स थ जो लगभग चौथ दशक स अिनिम दशक िक निरििर सजिशील थ 70 िषो क साहिजतयक जीिि म उनिोि हििदी साहितय क भणडार को अपिी अमलय रचिाओि स समदध ककया ि अमिराय ि जीिि को जसा जजया और दखा िसा िी धचतरिि ककया ि सदाबिार लखक िी ििीि बजलक सदा जीििि और सदा सजग लखक भी थ उिकी कीनिथ को कोई धममल ििीि कर सकिा उिका साहितय उिक जीिि का परनिरप ि जजसस उसम एक शजति एक ऊजाथ आ गयी ि यि उिकी विशषिा ि कक उिक वयजति और साहितयकार म अििविथरोध ििीि ि िासिि म यि एकरपिा साहितयकार को अमर बिािी ि यायािरी सिभाििाल अमिराय दश क कोि-कोि म निरििर भरमण करि िए जि समाज सिसकनि दश ि भाषा स एकाकार िोि क िम म

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निरििर सतय की खोज म सिलगि रि इस खोज क पीछ मािििा क कलयाण की भाििा सजनिहिि थी अपिी दीघथ रचिा - काल क कारण ि िर िई पीढी स जड रि उसस सीखि रि और सियि को बदलि रि साहितयकार का यि निरििर िया बि रििा और समाज की धडकिो को पिचाििा और समझिा उस जीििििा और साथथकिा परदाि करिा ि ियी पीढी और समकालीि रचिा- सिसार स अमिराय की इस सिबदधिा ि जिा उनि पविि उजजिल एिि मिगलमयी मनिथ क रप म लोकवपरय बिाया ििाि सतिा ndash परनिषठािो स दर रिकर ि अपि सिधषथशील चररि एिि शील को सरकषकषि रखि म सफल िए उिक इस वयजतिति ि उिक साहितय को भी उसी रप म सिघषथशील िथा मिगलमय बिाकर महिमामिरडि कर हदया ि अिः उिक वयजतिति एिि कनिति स अिगि िोिा अपि म एक अिभि ि

एक िलदशी निमथल जल सा खल वयजतिति का आलोक विसिार जसा गोरा-धचिा अकलिकछरिरा साफ आइि सा शरीर िस िी मति ठिाकदारििाओि िक गजािी िसी िसा िी निवयाथज वयििार एक पारदशी मिममथशीलआतमदाि भरा आचिजसि भाि िति पर िज-िराथर परनिकियाओि का ममजाज भी अििर का भरा ठिराि भी ldquo जस सिसकनि की अिक धाराए यिा आकर ममल गयी ि उसी िरि की सािसकनिक परिपरा और आधनिकिा सामाजजकिा और ियजतिकिा हििदी ndashउदथ और अिगरजी का ममलि तरबिदअमिराय का वयजतिति rdquo25 परकनि स उनि अटट परम था माहट का मोि उिक शबदो म दलखए ldquo म कभी कलपा िी ििीि कर पािा कक ककसी मिािगर म एक छोट ndashस अपाटथमट म ऊपर रि- छठ माल पर म ििीि रि सकिा िम िो एक छोटी सी कहटया फस की िी द दो लककि उसक साथ जरा-सी जमीि िो और ममिी िो rdquo26 इसमलए उिका विशाल बिगला ndashधप-छाि- सकडो िरि क लिा ndashकि ज फलपड-पौधो स आज भी नघरा िआ ि

उिका वयजतिति अििमथखी और बहिमथखी दोिो का समनिय था उनि अपिा परदशथि करिा या ककसी िरि की आतमचलाघा बिि घहटया काम

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लगिा था परकाशि स पिथ ि अपिी रचिाए ि कीसी को पढिाि थ ि सिाि थ एक माि वयजति जो उिकी रचिाए परकामशि िोि स पिल पढ लिा था- िि थी उिकी पतिी सधा जी एक बार इलािाबाद क विदयाथी जीिि म उनिोि मिादिी जी क ndashअिीि क चलधचि- की समीकषा की जजसम जी खोलकर उसकी परशिसा की थी समीकषा एक अिगरजी पतरिका म परकामशि िई ककि ि उनिोि मिादिी जी को ि िो िि पतरिका हदखायी ि उसक बार म बाि िी की ि बिि सिकोची सिभाि क थ उनि यि भी पसिद ि था कक लोग उिका सममाि परमचिद का पि िोि क कारण कर सभाषमखोपाधयाय की पतिी गीिा जी मलखिी ि ndash अमि कलकतिा स इलािाबाद लौट रिा था ldquo एक यािी सजजि ि अपिी बटी को अमि क आरकषकषि बथथ पर बठ हदया था बार-बार अिरोध करि पर भी ि उस बथथ को छोडिा ििीि चािि थ और यि दािा कर रि थ कक िि उनिीि का ि मझ ऐसा लगा कक यहद मि कछ ििीि ककया िो अमि इििा सिकोची जीि ि कक िि फशथ पर बठ कर इलािाबाद िक चला जाएगा पर अपि बथथ की माग ििीि करगा मि उस रडबब म बठ मसाकफरो को जब बिाया कक य परमचिद क पि ि िो बड आदर क साथ उनिीि लोगो ि उसकी बथथ खाली करिाि म भममका निभाई थी rdquo27

अमिराय क हरदय म बचपि स िी अपि माि-वपिा क परनि अतयिि शरदधा एिि परम था परथम बार मािा-वपिा स दर इलािाबाद पढि जाि समय ि रो उठ थ ldquo बनि िो िम िीिो क पर छिा िआ रोिा िआगाडी स उिर गया rdquo28 अमिराय का बचपि का िाम बनि था बचपि स िी ि बड दयालसहरदय एिि सििदिशील थ उिकी मा मशिरािी दिी क शबदो म ndash मरी किारी का छोट बचचा आग म जल गया उसक सार बदि म मलिम पिा िआ था कपड भी गिद िो गय थ मरा छोटा बचचा बनि उस किीि बािर पा गया उस दखकर बनि को दया आई िि उस पचचो को जीि पर स दोिो िाथो का घोरा बिाकर अिदर लाया ldquo बोला ndashअममा इस कछ खाि को दो उस बचच का बदि दखकर मर रोगट खड िो गय rdquo29 बालक अमिराय क बचपि म िी उिक वपिा ि उि भविषय की सिभाििा दख ली

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थी ldquoयि लडका बडा दयािाि मालम िोिा ि भलाउस िि कस लाया ndash भगिाि इमस जीविि रख िम दखिा िमिारा राम यि रोशि करगा rdquo30

बालक जजस पाररिाररक पररिश म जनम लिा ि जजस चार दीिारी म उसका शशिबचपि एिि ककशोरािसथा बीििी ि ििा क िािािरण की सपषट छाप उसक वयजतिति पर आिचयक रप स अिककि िो जािी ि अमिराय ि अपि वयजतिति क बारम किा ि ldquo किा-किा स आदमी को तया-तया ममलिा ि लककि य ि कक म सचमच भीिर स बिि िी साधारण और सिज ि मर पास ि िो बिािट ि और िा म बिािटी लोगो को पसिद करिा ि rdquo31तयोकक ldquo रचिा अनििायथ रपण रचनयिा क वयजतिति स सिबदध िोिी ि rdquo32

अमिराय सबको बराबर मािकर चलििाल वयजति थ ि सियि किि ि ldquo लककि म बदककसमिी स ि िो ककसी को अपिा चला बिा सकिा ि और ि ककसी का चला बि सकिा ि मझको किल बराबरी का सिबिध आिा ि rdquo33 उिक जजिि भी ममि थ उिस उिक नििािि सिज पाररिाररक सिबिध थ ि अपि सहरदजिो का माि रखि क मलए जो उनि िापसिद िोिा िि भी कर लि थ गीिा जी मलखिी ि ldquo अमि और सधा दोिो शाखािारी थ पर िम खश करि क मलए अमि कभी-कभी मछली खा लिा उस यि पिा था कक सभाष मछली क तरबिा ििीि रप सकि िि भोजि बडी रची स करिा rdquo34 रािगय राघि स अपिी िलिा करि िए अमिराय ि अपि सिकोची सिभाि क विषय म सियि भी मलखा ि ldquo मर अपि मसमट ndashमसमट सििभाि स उसका मल ििीि बठिा था अपि को बािर फ क सकि औरो क साथ घला ndashममला दि क इस गण का म बिि आदर करिा ि rdquo35

ि अपि विचारो पर सदि दढ रि यहद कोई उिकी विचारघारा अथिा आसथा पर अिधचि आपकष लगािा ि िो ि उसका मििोड जिाब दि म सिकोच ििीि करि थ उनिोि मलखा ि ldquo म यो निजी मामलो म िो बिि शािनिपरमी आदमी ि थोडा दबकर भी बिि स झगडो दरगजर कर जािा

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ि लककि विचारो की दनिया म उपिी आसथाओि को विचिासो को जरा जयादा िी मजबिी स पकडिा ि इसमलए उस पर कोई आिमण ििीि सि सकिा और ि ििा पर ककसी िरि का समझौिा करिा मझ पसिद ि rdquo36 ऐस अिसरो पर दो-दो घिट लगािार भाषण द डालि थ अमभयोग का उतिर दि समय भी ि िसी हदललगी क साथ िलक-फलक अिदाज म िी भाषण हदया करि थ जजसस शरोिा भी आििदपिथक रस लकर उिकी बाि सिा करि थ यि उिक वयजतिति का बिि बडा िमशषय था ि ऐस निरमभमािी कलाकार थ जो दसरो की कला ि दसरो क गणो का बिि आदर करि थ डॉ रामविलास शमाथ ि उि पर िथा रािगय राघि रािल सािकतयायि आहद अिक परगनिशील लखको पर lsquoटटपजजया समाजिादीrsquo िोि का आकषप लगाया था ldquoसाहितय म सियति मोचाथ ndash पसिक मलखकर इसका उनिोि मििोड जिाब भी हदया था ककि ि ि शमाथ जी की इस एक कमी को सिीकार करि िए उिक अनय गणो की परशिसा करि थ rdquo37

13पवचारधाराएव परभाव

अमिराय ि अपिी कनियो पर िए विचारधारा क परभाि क सिदभथ म मलखा ि ldquoजजस िगथ स कलाकार जनम लिा ि उसक लौककक दजषटकोण क अिसार उसकी एक विचारधारा जनम स िी बि जािी ि अगर उसक सिरकषक भी उसी िगथ क िए िो िि मा क दध क साथ गरिण ककए िए अपि जीिि क दजषटकोण स परी िरि सििषट रिगा और उसको अपिी कनियो म अमभवयति करगा rdquo38परतयक साहितयकार पर परतयकष या परोकष रप स ककसी ि ककसी विचारधारा का पभाि अिचय िोिा िी ि अमिराय क शबदो म ldquo जिा रचिाकार को सचिि रप स अपिी विचारधारा का पिा ििीि िोिा ििा भी विचारधारा िो रििी िी ि रचिा पर अिजाि िी उसका समािश िो जािा ि विचारधारा किीि सििदिा बिकर आिी ि और किीि परसिगिः रचिाकार की माििीय परनिकिया बिकरrdquo

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131सामयवादी पवचारधारा

अमिराय ि निबिध lsquoविचारधारा और साहितयrsquo म सपसट सिीकर ककया ि कक ldquo मरी विचारधारा सामयिादी ि या यो कि लीजजए कक मझ पर सामयिादी विचारधारा का गिरा परभाि ि rdquo40 सि 1943 ई0 म उनिोि सामयिादी पाटी की सदसयिा गरिण की िथा मजदर ndashयनियि क मििी भी बि थ -बीज- उपनयास िथा ndashपारजाि क फल ndashआहद किानियो म उिकी सामयिादी विचारधारा सपसटिः सामि आई ि ककि ि ककसी भी विचारधारा या lsquoिादrsquo का अिधािसरण करि का ि विरोध करि ि ldquo जब-जब और जिा-जिा अिधािसरण की ऐसी कोई िीनि बरिी या अपिायी गयी ि विचार मर गया ि साहितय मरगया ि किल पररपाटी का रहढबदध लखि िआ ि rdquo41

सामयिादी पटी का सदसय रिि िए भी ि अपि ढिगस कछ अलग-अलग-सा भी सोचि रि और कदाधचि इसका कछ मलय भी उस चकािा पडा तयो कक सामदानयक धचििि परकतया मशविरबदधिा मागिा ि ि किि ि ldquo

मरा मि जसा कचछ बिा था िसी मसविरबदधिा मर मलए कभी सिभि ि िो पायी पर मझ कोई खद ििीि ि तयोकक मझ लगिा ि कक अिििः अपिा वििक िी सबस अचछा जीिि-सिचर िोिा ि rdquo42उनिोि मातसथिाद का गिि अधययि -मिि करक उस अपिी विचारधारा बिाया ि अपि समाज का अधययि करक अपि मिि-धचििि की कसौटी पर अचछी िरि परखकर और अपि मि क भीिर डबकर अचछी िरि टटोलकर जजस बाि को सिी जािि थ उसी को सिीकार करि थ उनिोि बािर क ककसी अिकश को कभी सिीकार ििीि ककया उिका मि ि ldquo यि अिशासि और अिकश रचिाकार क अपि वििक क भीिर स आिा चाहिए rdquo43

अमिराय ि कछ िषो क पचचाि सामयिादी पाटी स सिबिध िोड हदया था ककि ि सामयिाहद विचारधारा म उिका विचिास आजीिि रिा ि मलखि ि ldquo मर मलए विचारधारा कछ दसरी चीज ि उस आदमी मजबिी स

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पकडिा ि िि समपथण मािगिी ि उसक मलए निषठा चाहिए गिरा आििररक विचिास चाहिए उसी निषठा और गिर विचिास म स सब िरि क अभािकषट नििदाअपमािजलयाििा सब कछ सिि और जररि पडि पर अपि पराण िक द दि की िाकि आिी ि जिा य निषठा और समपथण और अकि ठ विचिास ििीि ि ििा कफर विचारधारा कसी जसी िई िस ि िई rdquo44

132गाधीवाद का परभाव

परारिभ म अमिरायकालीि समाजपर गाधीजी छाए िए थ अिः सपषट ि कक अमिराय की धचिििधारा पर गािधीिाद का गिरा परभाि लकषकषि िोिा सिाभाविक िी ि ldquo मरा िो काल (सि 1942-44) भयिकर गाधी भजति का था rdquo45 अिः उिकी रचिाओि म खासकर ndashबीज-उपनयास म मातसथिादी विचारधारा की गिराई म गाधीिादी विचारधारा क िति एिि सामाजजक मसदधािि जस मदयनिषध िगथ बद विरोध सिदशी राषरीय मशकषा वपछडो का उतथाि हदखाई दि ि

133मातससवादी चचतन का परभाव (वगस सघरस)

सि 1950 क उपरािि अमिराय मातसथिादी पाटी क सिीय सदसय बि गय मातसथिादी धचििि ि उि पर जाद कर हदया था इसमलए ि उस अधधक पसिद करि थ ldquo म मातसथिाद स पयार करि लगाथा rdquo46 ि उस जीििसमाज और सिसार बदलि का असि मािि ि ldquo मातसथिाद स अहदक जीिििअधधक िािनिकारी अधधक लोक कलयाणकारी मबलकअधधक सचचािाद दसरा ििीि rdquo47पररणामसिरप उिका परा साहितय मातसथिाद क दििदिातमक भौनिकिादी दशथि पर आधाररि ि सामयिादी और मातसथिादी दशथि समाज म समिा और नयाय की सथापिा कमलए िगथ सिघषथ को अनििायथ माििा ि िमार समाज म दो िगथ निरििर रि ि ndash एक शोषक िगथ और दसरा शोवषि िगथ अमिराय किि ि ldquoमटठी भर पजीपनियो दिारा लाखो ndashकरोडो लोगो का आधथथक शोषण एक भयिकर अनयाय ि और उसक

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विरदध परनििाद का सिर भरपर उठिा चाहिए इस अथथ-वयिसथा स सीध-सीध या परोकषिः जडी िई असिखय दसरी विषमिाए विकनियाअनयायदराचारएक स एक भयिकर अपराधजजिका एक फलिा-फलिा सामराजय ि और जजिको िम अपि आस-पास िरदम िोि दखि ि और जजिस िमारी माििीय सििदिा परकतया जडिी ि कषबध और आिदोमलि िोिी ि rdquo48उसक विरदध आिाज उठािा अनििायथ ि िमार समाज म सिी िगथ िथा अकलीि दमलि अथिा सिक िगथ सदा स िी शोवषि रिा ि अमिराय ि शोवषि िगथ को शोषण मति कराि क मलए िगथ-सिघषथ का आहिाि ककया ि ि सामाजजक नयाय क मलए रति िािनि को भी अनििायथ मािि ि ि किि ि ldquo समाज म नयाय ििीि ि और सििलि सब तरबगड गया ि और जिा समाज का सििलि तरबगडा िआ िो ििा वयजति का सििलि भी तरबगड तरबिा ििीि रि सकिा अपि दश भारि म यि सामाजजक नयाय सबस कम ि इसीमलए यिा का सििलि सबस िी अधधक तरबगडा िआ ि समाज सबस अजसथर ि अब यि सामाजजक अनयाय जि साधारण क मलए असहय िो गया ि और अब यि परािा ढचरा ककसी िरि चल ििीि सकिा अब या िो यि अनयाय की वयिसथा िधानिक िरीको स नयाय की हदशा म बदलगी या कफर रति-िािनि िोगी rdquo49

अमिराय ि अपि साहितय म शोषण क विरदध सिघषथ का सिर उठाया ि िथा आम आदमी को शोषण स मजति पाि िि सिघषथ करि की पररणा दी ि ि किि ि ldquo साहितय तयो जि चििा का परोधा ि बि उसकी नियिी ऐसी तयो िो िि वयजति क भीिर मसमट कर रि जाय rdquo50

134मानवतावाद

अमिराय की विचारधारा मलिः मािििािादी विचारधारा ि अमिराय क अिसार साहितय रचिा जीिि का यथािथय अिकि ििीि बजलक सचचा साहितय जिचििा का विधायक एिि सिघषथ का परोधा िोिा ि उिका कििा ि कक ldquoयिी जीिि दजषट मझ ndashहरगर- करिी ि यिी चीज जो उतपरररि करिी

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ि rdquo51ि सियि वयजति क कषटो को दर करि िथा उस उनिनि की हदशा म परररि करि क मलए कहटबदध मािि ि - ldquoएक भी किािी ऐसी ििीि ि जजसक भीिर मरा समगर धचति िा बोल रिा िो जो सिसार म अनयाय दखिा ि जो बराई दखिा ि िकलीफ दखिा ि और उसस रतिी भर आिदोमलि या विकषबध ििीि िोिा ि ऐसा लखि मरा ििीि ि मर भीिर लखि का सजि का रस जो निझथररि िोिा ि िि निझथररि िो िी ििीि सकिा जब िक कक उसक साथ किीि कोई सतयअसतयनयायअनयायसिदर असिदर य जो मलभि चीज ि इिका परचि िा जडा िो rdquo इसी मािििािादी विचारधारा ि अमि को ि किल साहितय सजि क मलए परररि ककया बजलक इनिीि माििीय मलयो की सथापिा क मलए उनिोि रासिा बिाया उिकी सामयिादी दशथि म अरडग आसथा का कारण भी यिी मािििािाद ि तयोकक मासथिाद अनििः एिि मलिः मािििािाद िी ि जजसका वििचि अमिराय ि अपि निबिध-गरिथ ndash विचारधारा और साहितय- म ककया ि मातसथ क विषय म ि किि ि ldquo उसकी यि माििीय सििदिा या माििीय सरोकार एक शबद म मािििािाद बिधा लोगो की आखो स ओझल िो जािा ि और उसका धयाि आि परिरिि एक रख ndashसख अथथशासि का रप सामि आकर खडा िो जािा ि जो लोग गलि जगि पर जोर द कर मातसथ को किल आधथथक उनिनि स िी बाद दिा चािि ि िो चाि या ि चाि जाि या ि जाि मातसथ क साथ घोर अनयाय करि ि rdquo53अमिराय मि ि कक मातसथ भौनिकिादी इस अथथ म ि कक िि ककसी हदवय शजति को सिीकार ि करक पदाथथ ( कषनिजलपािकगगिसमीर )की सतिा को िी सतय माििा ि अथथ (धि) का पजक िि कभी ििीि रिा उसि सियि आजीिि निधथििा म िी ऋवष-मनियो की भानि जीिि -यापि ककया अमिराय क साहितय म उिकी मािििािादी विचारधारा सिथि हदखाई पडिी ि ि सियि किि ि ldquo सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मािस को रिगा िमरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा rdquo54

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135यथाथसवाद और सहजता

अमिराय साहितय म यथाथथिाद क समथथक ि ि साहितय को शदध कला ििीि मािि ि िरि उस जीिि एिि समाज क मलए उपयोगी मािि ि उिक अिसार सचचा लखि िो ििी ि जोसमाज को कछ हदशा द सक ि किि ि ldquo आधनिक िो परािा िो सचचा लखि ििी ि जजसम लखक अपि दख िए अपि भोग िए को अपि कलातमक सामथयथ-भर अधधक स अधधक पणथिा क साथ धचतरिि करिा चाििा ि rdquo 55 ि साहितय म अिासिविक अथिा अयथाथथ रपिादी परयोगो को वयथथ मािि ि उिका कथि ि ldquo साहितय क अििगथि रप की अििलिा उसको िनिक भी इषट ििीि ि साहितय को माि अलिकरण या साज-सजजा ि मािि िए िम उस रचिा परकिया का अिग मािि ि और इस िाि उसको परा मिति दि ि पर िम कििा चािि ि कक रप का साथथक परयोग ििी ि जो िसि स सजीि सिदभथ म उसकी अधधवयजति की वििशिा स ककया गया ि lsquoशदधrsquo कला क फर म lsquoशदधrsquo रप क अविषकार म लगी िई परयोगशीलिा ििधया मसदध िोिी ि rdquo56

अमराय साहितय की उपयोधगिा पर विचार करि िए किि ि ldquo उसकी िासिविक साथथकिा इसम ि कक िि अिजाि िी आदमी की िजतियो का सिसकार करिा ि और जो साहितय जजििा िी शरषठ िोिा ि उिि जयादा अिजाि ढिग स अपिा काम करिा ि rdquoअिः लखक का यि किथवय ि कक िि साहितय का सजि अपि पररिश स जडकर कर ि िि कोरा आदशथिादी लखि कर ि िी ककसी ndashिाद- या ndashफशि- क चलि ऐसा यथाथथ धचतरिि कर जो सियि उसक समाज म अविदयमाि िो इसी को उनिोि सिज धरािल पर लखि किा ि किािी क कषि म ि सिज किािी क समथथक बि ि किि ि ldquo ियी किािी की खोज म सिज किािी खो गयी rdquo57ldquo सिज किािी स िमारा िातपयथ उस मल कथा-रस स ि जो किािी की अपिी खास चीज ि और जो बिि सी ndashियी- किी जाि िाली किानियो म एक मसर स ििीि ममलिा rdquo58

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इस परकार अमिराय की विचारधारा समाजिादी एिि मािििािादी ि ि लखि म यथाथथ ि सिजिा क परबल समथथक रि िथा अपिी रचिाओि म सब परकार क शोषण क विरदध विदरोि एिि सिघषथ क सिर को ऊचा उठाया ि

136अधययन एव जीवनानभवो का परभाव

अमिराय की विचारधारा क निमाथण म उिका गिि आधययिधचििि िथा जीििािभि भी उतिरदायी रिा ि शरषठ कथा मलखि का रासिा बिाि िए अमिराय किि ि ldquo म िो उसका एक िी ढिग जाििा ि बड किािीकारो को पढिा उस पढि स िी अचछी किािी का बोध उसकी कछ परसििी अपि भीिर छिकर धथरककरसिधचि िोिी रििी िोगी rdquo59 अिः उनिोि समकालीि साहितयकारो को िो खब पढा िी विगि मिाि लखको को उनिोि अपकषाकि फधधक पढा ndash सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मि को रिगा ि मरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा ि -(विचारधारा और साहितय अमिराय प-18) उनिोि मतसथ लनिि एिगलस सटामलि माओ लकास एिि कॉडिल को खब पढा साथ िी उिक सजि पर रिीिदरिाथ टगोर शरिचिदर चिोपाधयाय परमचिद दोसिोिसकी मोपासाि गोकी का असीम परभाि रिा

परमचिद किा करि थ ldquo िम जीिि म जो कछ दखि ि या जो कछ िम पर गजरिी ि ििी अिभिििी चोट कलपिा म पिचकर याहितय सजि की पररणा करिी ि rdquo60 अमिराय ि भी लखक पर अिभिो क सिज परभाि को सिाकारि िए मलखा ि ldquo जो भी मलखिा ि िि सबस पिल िो आदमी िआदमी की िरि स आदमी की जजिदगी जीिा ि िस िी उसक आसिग-परसिग िोि ि और सिबिध बिि ि जजिदगी उसी िरीक स टकरािी ि उसस आकर उसी िरि उसक अिदर बिि िरि स ररसपानसज आि ि और उि सब क मलए ndashहदए िि मलखिा ि rdquo61 अमिराय क कथा-साहितय म आए िए विचारो ि परसिगो का जजममदार अपि जीििािभिो एिि मि को मािि ि ldquo

25

म किानिया मलखिा िजजिदगी क मल म िर दम कछ ि कछ िोिा रििा ि लोग मरि ि जीि ि ििसि ि रोि ि ममलि ि तरबछडि ि ठगि ि ठगजाि ि कछ बाि अपि पर बीििी ि कछ दसरो पर बीिि दखिा ि बिायी िई किानियो स जयादा जािदार और रिगीि किानिया िरदम आखो क सामि िोिी ि बस इििा ि कक अपि मि का रिग इििा चटक िो जाय कक एक बार डबोकर किािी को निकाल मलया जा सक इस किया म िि किािी जो दखी थी कछ की कछ िो जािी ि तयोकक मि क भीिर खद बिि सी किानिया सोयी रििी ि इसी िरि बिि सी किानियो क िायक-िानयकाए सडको पर पाको म मसाकफर खािो म कचिरी और दफिर की गदथ और बोसीदा फाइलो म टिलिनघसटि और रगि ममल जाि ि कभी जयो क तयो ममल जाि ि कभी चार को ममलाकर एक बििा ि और किीि एक को चार म नछिरा हदया जािा ि rdquo62

14 परगततिील आदोलन और अमतराय

अमिराय परगनिशील चििा परारिभ स िी परभाविि रि उिक वपिा परमचिद सियि एक परगनिशील सामाजजक यथाथथिादी लखक रि अमिराय की परािरिमभक रचिाओि यथा ndashिम रखल-मिशी जी मरसथल आहद किानियो म परगनिशील चििा क दशथि िोि ि उिकी किानियो म समाज क निमि और मधय िगथ क शोवषि-जीरडि वयजति िी िायक ि उनिोि उिक दःख-ददथ का यथाथथ धचिण ककया ि

सि 1942 ई0 िक ि मातसथिादी विचारधारा स पणथिः परभाविि िो चक थ और परगनिशील आिदोलि क सिीय कायथकिाथ िो बि गए थ सि 1942 ई0 स उनिोि- ििस- का सिपादि कायथ सिभाल मलया था और ndashििस- को परगनिशील आिदोलि का मख-पि बिा हदया था परयोगिादी परगनिशील किी धगररजा कमार माथर किि ि ndash य जो मिच बिा ििस और य एक वयापक परगनिशील चििा का मिच बिा किर कठमललापि िो बाद म आया उसका भी इनििास टतकर का जो ि िो बाद म आिा ि लककि य िो

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परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

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बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

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अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

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अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

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6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

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इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

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की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

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उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

34

अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

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सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 12: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

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रिगमिच पर अपिी पिचाि नछपाि कमलए मखौट का परयोग ककया करि थ आग चलकर lsquoपसोिा lsquoशबद का अथथ बदल गया मिषय दसर को कसा हदखाई दिा ि इस अथथ म धीर-धीर पसोिा शबद का रपानिर पसथिॉमलहट अथाथि वयजतिति क रप म मलया जाि लगा rdquo21

ldquo वयजतिति शबद भाि िाचक सिजञा ि वयजति क कषि म जजि गणो या विशषिाओि का समािश िोिा िि सब वयजतिति क अििगथि आि ि अथाथि वयजति की मिति पणथ विशषिा उसका वयजतिति ि वयजति की ऐसी विशषिा उस दसरो स अलग बिािी ि ककसी वयजति की विशषिाओि का समदाय िी वयजतिति ि rdquo22

मािक हििदी शबद कोश क अिसार ndashldquo वयजतिति शबद वयजति क यगम स बिा ि जजसका अथथ ि- वयजति िोि की अिसथा या भाि rdquo 23 ककसी वयजति की निजी विमशषट कषमिाए गणपरिजतिया आहद जो उसक उददचयोकायो वयििारो आहद म परकट िोिी िऔर जजिस उस वयजति का सामाजजक रप जसथर िो जािा ि

वयजति क मिोभाि एिि विचार उसक कायथ िथा िाचक आिधगक कियाओि म िाि-भािो म परकट िोि ि साथ िी वयजति का मि सामाजजक सािसकनिक पररिश स सिसकाररि िोिा ि य सिसकार भी उसक किया कलाप

िाि-भािो म अिायास वयति िोिा ि वयजतिति वयजति क अनिरनिहिि गणो का परकामशि रप ि उस वयति करि की कषमिा को िी lsquo वयजतितिrsquo किा जािा ि

हििदी विचि कोश क अिसार- वयजतिति की अिधारणा इस परकार दी गई ि ldquoवयजतिति शबद ककसी वयजति क सामाजजक उददीपक मलयो क सचक रप म परयोग ककया जािा ि rdquo24 इसस िातपयथ उस सिपणथ परभाि स ि जो एक वयजति दसर वयजति पर डालिा ि उददीपक क रप म कियाओि का भी सिि परभाि पडिा िजजिका िि अनय वयजतियो क बीच उपिम करिा ि

13

य पररणातमक शजतिया ऐस पररििथि उतपनि करिी िजो उसक अपि अनय वयजतियो और जसथनियो क परतयकषीकरण को परभाविि करि ि दसर शबदो म वयजति आतम पररकषण करिा ि िथा बाहय जीिि सिगठि एकिा और जसथरिा उतपनि करक अपिा अनिियजतिक सिभाि म अपिी आतमधारणा का विकास करिा ि

वयजतिति म अिक शारीररक एिि मािमसक विशषिाओि का समािश ककया जािा ि वयजतिति का वयापक िति ि अिः िि शरीर स लकर उसक माधयम स समसि कायो म वयापि रििा ि वयजतिति परमख रप स सामाजजक एिि जविक घटिाओि स सजजथि िोिा ि ठीक उसी परकार सामाजजक घटक ि पररिश वयजतिति निमाथण म सिायक िोि ि ििश और पाररिाररक जसथनियो का वयजतिति निमाथण म बिि बडा योगदाि िोिा ि वयजति का वयजतिति पररजसथनियो क परभाि स विकमसि िोििाली पररििथिशील ि गनिमाि परकिया ि सामाजजक एिि सािसकनिक िािािरण क परभाि स वयजतिति का विकास िोिा ि वयजतिति वयजति क समसि बाहय एिि आििररक गणदोषो का अमिथ रप ि इि गणो क समचचय का परकाशि उस वयजति क विचार और वयििार की विमशषट शमलया िथा जीिि क परनि उसक दजषटकोण स िोिा ि जजस परकार फलो म सगिध िोिी ि उसी परकार वयजति म वयजतिति अििभथि ि साधारम वयजतियो का वयजतिति उसकी मतय क पचचाि भी उिकी कनियो विचारो क दिारा यग-यगो िक छाप बिाय रखिा ि

सजथक वयजतिति ndashपरतयक सजथक वयजतिति म परनिभा मितिपमथ िोिी ि साहितय कनियो म साहितयकार का वयजतिति परसिगिः कछ मािा म अिायास परनितरबजमबि िोिा ि रचिाकार क अिम का सिसकार उसकी आतमामभवयजति क रप म वयति िोिा ि रचिाकार का अिम समाज क सामहिक अिम क साथ िादातमय िोकर उसक आिनद का कारण बििा ि रचिाकार का वयजतिति यग पररिश स परभाविि िोिा ि उपरोति सभी

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इकाइयो स ममल-जलकर हदवय परनिभा स निखरकर साहितयकार का वयजतिति विकमसि िोिा ि

वयजति क कछ बाहय एिि आििररक ितिो स वयजतिति का निमाथण िोिा ि इि ितिो को वििचि वयजतिति निरपण म अनिभथि ि लखक का पररिारपररिशसिभािपरिजतिया यगीि िािािरण जीिि म ममलििाल अिसर िाथ स कफसल िए सििर कषणकछ गलनिया कछ कमजोररया कछ कषमिाए कछ सबलिाएजीिि मलय दजषटआदशो क परभाि आहद अिभिो स बििए दजषटकोण स लखक का माििीय वयजतिति निमाथण िोिा ि यि वयजतिति समाज और साहिजतयक दानयति स परनिबदध सजग िोकर एक सािीतयकार का सजथक वयजतिति भी बिािा ि साहितयकार का निजी वयजतिति साहितयकार का वयजतिति क सामिजसय स बिा िआ एक विलकषण वयजतिति िोिा ि वयजतिति वयजति क गणो-अिगणो भािो-अभािो क साथ उसकी सिििि सतिा को सधचि करिा ि उसकी यि सिििि सतिा वयजतिति क निमाथण म सिायक िोिी ि वयजति अगर साहितय रचिाकार िो िो निचचय िी उसकी लखिी पर उसकी झलक सपषट रप स हदखाई दिी ि

अमिराय परमचिदोतिर पीढी क उि साहितय क उनिायको म स थ जो लगभग चौथ दशक स अिनिम दशक िक निरििर सजिशील थ 70 िषो क साहिजतयक जीिि म उनिोि हििदी साहितय क भणडार को अपिी अमलय रचिाओि स समदध ककया ि अमिराय ि जीिि को जसा जजया और दखा िसा िी धचतरिि ककया ि सदाबिार लखक िी ििीि बजलक सदा जीििि और सदा सजग लखक भी थ उिकी कीनिथ को कोई धममल ििीि कर सकिा उिका साहितय उिक जीिि का परनिरप ि जजसस उसम एक शजति एक ऊजाथ आ गयी ि यि उिकी विशषिा ि कक उिक वयजति और साहितयकार म अििविथरोध ििीि ि िासिि म यि एकरपिा साहितयकार को अमर बिािी ि यायािरी सिभाििाल अमिराय दश क कोि-कोि म निरििर भरमण करि िए जि समाज सिसकनि दश ि भाषा स एकाकार िोि क िम म

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निरििर सतय की खोज म सिलगि रि इस खोज क पीछ मािििा क कलयाण की भाििा सजनिहिि थी अपिी दीघथ रचिा - काल क कारण ि िर िई पीढी स जड रि उसस सीखि रि और सियि को बदलि रि साहितयकार का यि निरििर िया बि रििा और समाज की धडकिो को पिचाििा और समझिा उस जीििििा और साथथकिा परदाि करिा ि ियी पीढी और समकालीि रचिा- सिसार स अमिराय की इस सिबदधिा ि जिा उनि पविि उजजिल एिि मिगलमयी मनिथ क रप म लोकवपरय बिाया ििाि सतिा ndash परनिषठािो स दर रिकर ि अपि सिधषथशील चररि एिि शील को सरकषकषि रखि म सफल िए उिक इस वयजतिति ि उिक साहितय को भी उसी रप म सिघषथशील िथा मिगलमय बिाकर महिमामिरडि कर हदया ि अिः उिक वयजतिति एिि कनिति स अिगि िोिा अपि म एक अिभि ि

एक िलदशी निमथल जल सा खल वयजतिति का आलोक विसिार जसा गोरा-धचिा अकलिकछरिरा साफ आइि सा शरीर िस िी मति ठिाकदारििाओि िक गजािी िसी िसा िी निवयाथज वयििार एक पारदशी मिममथशीलआतमदाि भरा आचिजसि भाि िति पर िज-िराथर परनिकियाओि का ममजाज भी अििर का भरा ठिराि भी ldquo जस सिसकनि की अिक धाराए यिा आकर ममल गयी ि उसी िरि की सािसकनिक परिपरा और आधनिकिा सामाजजकिा और ियजतिकिा हििदी ndashउदथ और अिगरजी का ममलि तरबिदअमिराय का वयजतिति rdquo25 परकनि स उनि अटट परम था माहट का मोि उिक शबदो म दलखए ldquo म कभी कलपा िी ििीि कर पािा कक ककसी मिािगर म एक छोट ndashस अपाटथमट म ऊपर रि- छठ माल पर म ििीि रि सकिा िम िो एक छोटी सी कहटया फस की िी द दो लककि उसक साथ जरा-सी जमीि िो और ममिी िो rdquo26 इसमलए उिका विशाल बिगला ndashधप-छाि- सकडो िरि क लिा ndashकि ज फलपड-पौधो स आज भी नघरा िआ ि

उिका वयजतिति अििमथखी और बहिमथखी दोिो का समनिय था उनि अपिा परदशथि करिा या ककसी िरि की आतमचलाघा बिि घहटया काम

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लगिा था परकाशि स पिथ ि अपिी रचिाए ि कीसी को पढिाि थ ि सिाि थ एक माि वयजति जो उिकी रचिाए परकामशि िोि स पिल पढ लिा था- िि थी उिकी पतिी सधा जी एक बार इलािाबाद क विदयाथी जीिि म उनिोि मिादिी जी क ndashअिीि क चलधचि- की समीकषा की जजसम जी खोलकर उसकी परशिसा की थी समीकषा एक अिगरजी पतरिका म परकामशि िई ककि ि उनिोि मिादिी जी को ि िो िि पतरिका हदखायी ि उसक बार म बाि िी की ि बिि सिकोची सिभाि क थ उनि यि भी पसिद ि था कक लोग उिका सममाि परमचिद का पि िोि क कारण कर सभाषमखोपाधयाय की पतिी गीिा जी मलखिी ि ndash अमि कलकतिा स इलािाबाद लौट रिा था ldquo एक यािी सजजि ि अपिी बटी को अमि क आरकषकषि बथथ पर बठ हदया था बार-बार अिरोध करि पर भी ि उस बथथ को छोडिा ििीि चािि थ और यि दािा कर रि थ कक िि उनिीि का ि मझ ऐसा लगा कक यहद मि कछ ििीि ककया िो अमि इििा सिकोची जीि ि कक िि फशथ पर बठ कर इलािाबाद िक चला जाएगा पर अपि बथथ की माग ििीि करगा मि उस रडबब म बठ मसाकफरो को जब बिाया कक य परमचिद क पि ि िो बड आदर क साथ उनिीि लोगो ि उसकी बथथ खाली करिाि म भममका निभाई थी rdquo27

अमिराय क हरदय म बचपि स िी अपि माि-वपिा क परनि अतयिि शरदधा एिि परम था परथम बार मािा-वपिा स दर इलािाबाद पढि जाि समय ि रो उठ थ ldquo बनि िो िम िीिो क पर छिा िआ रोिा िआगाडी स उिर गया rdquo28 अमिराय का बचपि का िाम बनि था बचपि स िी ि बड दयालसहरदय एिि सििदिशील थ उिकी मा मशिरािी दिी क शबदो म ndash मरी किारी का छोट बचचा आग म जल गया उसक सार बदि म मलिम पिा िआ था कपड भी गिद िो गय थ मरा छोटा बचचा बनि उस किीि बािर पा गया उस दखकर बनि को दया आई िि उस पचचो को जीि पर स दोिो िाथो का घोरा बिाकर अिदर लाया ldquo बोला ndashअममा इस कछ खाि को दो उस बचच का बदि दखकर मर रोगट खड िो गय rdquo29 बालक अमिराय क बचपि म िी उिक वपिा ि उि भविषय की सिभाििा दख ली

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थी ldquoयि लडका बडा दयािाि मालम िोिा ि भलाउस िि कस लाया ndash भगिाि इमस जीविि रख िम दखिा िमिारा राम यि रोशि करगा rdquo30

बालक जजस पाररिाररक पररिश म जनम लिा ि जजस चार दीिारी म उसका शशिबचपि एिि ककशोरािसथा बीििी ि ििा क िािािरण की सपषट छाप उसक वयजतिति पर आिचयक रप स अिककि िो जािी ि अमिराय ि अपि वयजतिति क बारम किा ि ldquo किा-किा स आदमी को तया-तया ममलिा ि लककि य ि कक म सचमच भीिर स बिि िी साधारण और सिज ि मर पास ि िो बिािट ि और िा म बिािटी लोगो को पसिद करिा ि rdquo31तयोकक ldquo रचिा अनििायथ रपण रचनयिा क वयजतिति स सिबदध िोिी ि rdquo32

अमिराय सबको बराबर मािकर चलििाल वयजति थ ि सियि किि ि ldquo लककि म बदककसमिी स ि िो ककसी को अपिा चला बिा सकिा ि और ि ककसी का चला बि सकिा ि मझको किल बराबरी का सिबिध आिा ि rdquo33 उिक जजिि भी ममि थ उिस उिक नििािि सिज पाररिाररक सिबिध थ ि अपि सहरदजिो का माि रखि क मलए जो उनि िापसिद िोिा िि भी कर लि थ गीिा जी मलखिी ि ldquo अमि और सधा दोिो शाखािारी थ पर िम खश करि क मलए अमि कभी-कभी मछली खा लिा उस यि पिा था कक सभाष मछली क तरबिा ििीि रप सकि िि भोजि बडी रची स करिा rdquo34 रािगय राघि स अपिी िलिा करि िए अमिराय ि अपि सिकोची सिभाि क विषय म सियि भी मलखा ि ldquo मर अपि मसमट ndashमसमट सििभाि स उसका मल ििीि बठिा था अपि को बािर फ क सकि औरो क साथ घला ndashममला दि क इस गण का म बिि आदर करिा ि rdquo35

ि अपि विचारो पर सदि दढ रि यहद कोई उिकी विचारघारा अथिा आसथा पर अिधचि आपकष लगािा ि िो ि उसका मििोड जिाब दि म सिकोच ििीि करि थ उनिोि मलखा ि ldquo म यो निजी मामलो म िो बिि शािनिपरमी आदमी ि थोडा दबकर भी बिि स झगडो दरगजर कर जािा

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ि लककि विचारो की दनिया म उपिी आसथाओि को विचिासो को जरा जयादा िी मजबिी स पकडिा ि इसमलए उस पर कोई आिमण ििीि सि सकिा और ि ििा पर ककसी िरि का समझौिा करिा मझ पसिद ि rdquo36 ऐस अिसरो पर दो-दो घिट लगािार भाषण द डालि थ अमभयोग का उतिर दि समय भी ि िसी हदललगी क साथ िलक-फलक अिदाज म िी भाषण हदया करि थ जजसस शरोिा भी आििदपिथक रस लकर उिकी बाि सिा करि थ यि उिक वयजतिति का बिि बडा िमशषय था ि ऐस निरमभमािी कलाकार थ जो दसरो की कला ि दसरो क गणो का बिि आदर करि थ डॉ रामविलास शमाथ ि उि पर िथा रािगय राघि रािल सािकतयायि आहद अिक परगनिशील लखको पर lsquoटटपजजया समाजिादीrsquo िोि का आकषप लगाया था ldquoसाहितय म सियति मोचाथ ndash पसिक मलखकर इसका उनिोि मििोड जिाब भी हदया था ककि ि ि शमाथ जी की इस एक कमी को सिीकार करि िए उिक अनय गणो की परशिसा करि थ rdquo37

13पवचारधाराएव परभाव

अमिराय ि अपिी कनियो पर िए विचारधारा क परभाि क सिदभथ म मलखा ि ldquoजजस िगथ स कलाकार जनम लिा ि उसक लौककक दजषटकोण क अिसार उसकी एक विचारधारा जनम स िी बि जािी ि अगर उसक सिरकषक भी उसी िगथ क िए िो िि मा क दध क साथ गरिण ककए िए अपि जीिि क दजषटकोण स परी िरि सििषट रिगा और उसको अपिी कनियो म अमभवयति करगा rdquo38परतयक साहितयकार पर परतयकष या परोकष रप स ककसी ि ककसी विचारधारा का पभाि अिचय िोिा िी ि अमिराय क शबदो म ldquo जिा रचिाकार को सचिि रप स अपिी विचारधारा का पिा ििीि िोिा ििा भी विचारधारा िो रििी िी ि रचिा पर अिजाि िी उसका समािश िो जािा ि विचारधारा किीि सििदिा बिकर आिी ि और किीि परसिगिः रचिाकार की माििीय परनिकिया बिकरrdquo

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131सामयवादी पवचारधारा

अमिराय ि निबिध lsquoविचारधारा और साहितयrsquo म सपसट सिीकर ककया ि कक ldquo मरी विचारधारा सामयिादी ि या यो कि लीजजए कक मझ पर सामयिादी विचारधारा का गिरा परभाि ि rdquo40 सि 1943 ई0 म उनिोि सामयिादी पाटी की सदसयिा गरिण की िथा मजदर ndashयनियि क मििी भी बि थ -बीज- उपनयास िथा ndashपारजाि क फल ndashआहद किानियो म उिकी सामयिादी विचारधारा सपसटिः सामि आई ि ककि ि ककसी भी विचारधारा या lsquoिादrsquo का अिधािसरण करि का ि विरोध करि ि ldquo जब-जब और जिा-जिा अिधािसरण की ऐसी कोई िीनि बरिी या अपिायी गयी ि विचार मर गया ि साहितय मरगया ि किल पररपाटी का रहढबदध लखि िआ ि rdquo41

सामयिादी पटी का सदसय रिि िए भी ि अपि ढिगस कछ अलग-अलग-सा भी सोचि रि और कदाधचि इसका कछ मलय भी उस चकािा पडा तयो कक सामदानयक धचििि परकतया मशविरबदधिा मागिा ि ि किि ि ldquo

मरा मि जसा कचछ बिा था िसी मसविरबदधिा मर मलए कभी सिभि ि िो पायी पर मझ कोई खद ििीि ि तयोकक मझ लगिा ि कक अिििः अपिा वििक िी सबस अचछा जीिि-सिचर िोिा ि rdquo42उनिोि मातसथिाद का गिि अधययि -मिि करक उस अपिी विचारधारा बिाया ि अपि समाज का अधययि करक अपि मिि-धचििि की कसौटी पर अचछी िरि परखकर और अपि मि क भीिर डबकर अचछी िरि टटोलकर जजस बाि को सिी जािि थ उसी को सिीकार करि थ उनिोि बािर क ककसी अिकश को कभी सिीकार ििीि ककया उिका मि ि ldquo यि अिशासि और अिकश रचिाकार क अपि वििक क भीिर स आिा चाहिए rdquo43

अमिराय ि कछ िषो क पचचाि सामयिादी पाटी स सिबिध िोड हदया था ककि ि सामयिाहद विचारधारा म उिका विचिास आजीिि रिा ि मलखि ि ldquo मर मलए विचारधारा कछ दसरी चीज ि उस आदमी मजबिी स

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पकडिा ि िि समपथण मािगिी ि उसक मलए निषठा चाहिए गिरा आििररक विचिास चाहिए उसी निषठा और गिर विचिास म स सब िरि क अभािकषट नििदाअपमािजलयाििा सब कछ सिि और जररि पडि पर अपि पराण िक द दि की िाकि आिी ि जिा य निषठा और समपथण और अकि ठ विचिास ििीि ि ििा कफर विचारधारा कसी जसी िई िस ि िई rdquo44

132गाधीवाद का परभाव

परारिभ म अमिरायकालीि समाजपर गाधीजी छाए िए थ अिः सपषट ि कक अमिराय की धचिििधारा पर गािधीिाद का गिरा परभाि लकषकषि िोिा सिाभाविक िी ि ldquo मरा िो काल (सि 1942-44) भयिकर गाधी भजति का था rdquo45 अिः उिकी रचिाओि म खासकर ndashबीज-उपनयास म मातसथिादी विचारधारा की गिराई म गाधीिादी विचारधारा क िति एिि सामाजजक मसदधािि जस मदयनिषध िगथ बद विरोध सिदशी राषरीय मशकषा वपछडो का उतथाि हदखाई दि ि

133मातससवादी चचतन का परभाव (वगस सघरस)

सि 1950 क उपरािि अमिराय मातसथिादी पाटी क सिीय सदसय बि गय मातसथिादी धचििि ि उि पर जाद कर हदया था इसमलए ि उस अधधक पसिद करि थ ldquo म मातसथिाद स पयार करि लगाथा rdquo46 ि उस जीििसमाज और सिसार बदलि का असि मािि ि ldquo मातसथिाद स अहदक जीिििअधधक िािनिकारी अधधक लोक कलयाणकारी मबलकअधधक सचचािाद दसरा ििीि rdquo47पररणामसिरप उिका परा साहितय मातसथिाद क दििदिातमक भौनिकिादी दशथि पर आधाररि ि सामयिादी और मातसथिादी दशथि समाज म समिा और नयाय की सथापिा कमलए िगथ सिघषथ को अनििायथ माििा ि िमार समाज म दो िगथ निरििर रि ि ndash एक शोषक िगथ और दसरा शोवषि िगथ अमिराय किि ि ldquoमटठी भर पजीपनियो दिारा लाखो ndashकरोडो लोगो का आधथथक शोषण एक भयिकर अनयाय ि और उसक

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विरदध परनििाद का सिर भरपर उठिा चाहिए इस अथथ-वयिसथा स सीध-सीध या परोकषिः जडी िई असिखय दसरी विषमिाए विकनियाअनयायदराचारएक स एक भयिकर अपराधजजिका एक फलिा-फलिा सामराजय ि और जजिको िम अपि आस-पास िरदम िोि दखि ि और जजिस िमारी माििीय सििदिा परकतया जडिी ि कषबध और आिदोमलि िोिी ि rdquo48उसक विरदध आिाज उठािा अनििायथ ि िमार समाज म सिी िगथ िथा अकलीि दमलि अथिा सिक िगथ सदा स िी शोवषि रिा ि अमिराय ि शोवषि िगथ को शोषण मति कराि क मलए िगथ-सिघषथ का आहिाि ककया ि ि सामाजजक नयाय क मलए रति िािनि को भी अनििायथ मािि ि ि किि ि ldquo समाज म नयाय ििीि ि और सििलि सब तरबगड गया ि और जिा समाज का सििलि तरबगडा िआ िो ििा वयजति का सििलि भी तरबगड तरबिा ििीि रि सकिा अपि दश भारि म यि सामाजजक नयाय सबस कम ि इसीमलए यिा का सििलि सबस िी अधधक तरबगडा िआ ि समाज सबस अजसथर ि अब यि सामाजजक अनयाय जि साधारण क मलए असहय िो गया ि और अब यि परािा ढचरा ककसी िरि चल ििीि सकिा अब या िो यि अनयाय की वयिसथा िधानिक िरीको स नयाय की हदशा म बदलगी या कफर रति-िािनि िोगी rdquo49

अमिराय ि अपि साहितय म शोषण क विरदध सिघषथ का सिर उठाया ि िथा आम आदमी को शोषण स मजति पाि िि सिघषथ करि की पररणा दी ि ि किि ि ldquo साहितय तयो जि चििा का परोधा ि बि उसकी नियिी ऐसी तयो िो िि वयजति क भीिर मसमट कर रि जाय rdquo50

134मानवतावाद

अमिराय की विचारधारा मलिः मािििािादी विचारधारा ि अमिराय क अिसार साहितय रचिा जीिि का यथािथय अिकि ििीि बजलक सचचा साहितय जिचििा का विधायक एिि सिघषथ का परोधा िोिा ि उिका कििा ि कक ldquoयिी जीिि दजषट मझ ndashहरगर- करिी ि यिी चीज जो उतपरररि करिी

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ि rdquo51ि सियि वयजति क कषटो को दर करि िथा उस उनिनि की हदशा म परररि करि क मलए कहटबदध मािि ि - ldquoएक भी किािी ऐसी ििीि ि जजसक भीिर मरा समगर धचति िा बोल रिा िो जो सिसार म अनयाय दखिा ि जो बराई दखिा ि िकलीफ दखिा ि और उसस रतिी भर आिदोमलि या विकषबध ििीि िोिा ि ऐसा लखि मरा ििीि ि मर भीिर लखि का सजि का रस जो निझथररि िोिा ि िि निझथररि िो िी ििीि सकिा जब िक कक उसक साथ किीि कोई सतयअसतयनयायअनयायसिदर असिदर य जो मलभि चीज ि इिका परचि िा जडा िो rdquo इसी मािििािादी विचारधारा ि अमि को ि किल साहितय सजि क मलए परररि ककया बजलक इनिीि माििीय मलयो की सथापिा क मलए उनिोि रासिा बिाया उिकी सामयिादी दशथि म अरडग आसथा का कारण भी यिी मािििािाद ि तयोकक मासथिाद अनििः एिि मलिः मािििािाद िी ि जजसका वििचि अमिराय ि अपि निबिध-गरिथ ndash विचारधारा और साहितय- म ककया ि मातसथ क विषय म ि किि ि ldquo उसकी यि माििीय सििदिा या माििीय सरोकार एक शबद म मािििािाद बिधा लोगो की आखो स ओझल िो जािा ि और उसका धयाि आि परिरिि एक रख ndashसख अथथशासि का रप सामि आकर खडा िो जािा ि जो लोग गलि जगि पर जोर द कर मातसथ को किल आधथथक उनिनि स िी बाद दिा चािि ि िो चाि या ि चाि जाि या ि जाि मातसथ क साथ घोर अनयाय करि ि rdquo53अमिराय मि ि कक मातसथ भौनिकिादी इस अथथ म ि कक िि ककसी हदवय शजति को सिीकार ि करक पदाथथ ( कषनिजलपािकगगिसमीर )की सतिा को िी सतय माििा ि अथथ (धि) का पजक िि कभी ििीि रिा उसि सियि आजीिि निधथििा म िी ऋवष-मनियो की भानि जीिि -यापि ककया अमिराय क साहितय म उिकी मािििािादी विचारधारा सिथि हदखाई पडिी ि ि सियि किि ि ldquo सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मािस को रिगा िमरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा rdquo54

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135यथाथसवाद और सहजता

अमिराय साहितय म यथाथथिाद क समथथक ि ि साहितय को शदध कला ििीि मािि ि िरि उस जीिि एिि समाज क मलए उपयोगी मािि ि उिक अिसार सचचा लखि िो ििी ि जोसमाज को कछ हदशा द सक ि किि ि ldquo आधनिक िो परािा िो सचचा लखि ििी ि जजसम लखक अपि दख िए अपि भोग िए को अपि कलातमक सामथयथ-भर अधधक स अधधक पणथिा क साथ धचतरिि करिा चाििा ि rdquo 55 ि साहितय म अिासिविक अथिा अयथाथथ रपिादी परयोगो को वयथथ मािि ि उिका कथि ि ldquo साहितय क अििगथि रप की अििलिा उसको िनिक भी इषट ििीि ि साहितय को माि अलिकरण या साज-सजजा ि मािि िए िम उस रचिा परकिया का अिग मािि ि और इस िाि उसको परा मिति दि ि पर िम कििा चािि ि कक रप का साथथक परयोग ििी ि जो िसि स सजीि सिदभथ म उसकी अधधवयजति की वििशिा स ककया गया ि lsquoशदधrsquo कला क फर म lsquoशदधrsquo रप क अविषकार म लगी िई परयोगशीलिा ििधया मसदध िोिी ि rdquo56

अमराय साहितय की उपयोधगिा पर विचार करि िए किि ि ldquo उसकी िासिविक साथथकिा इसम ि कक िि अिजाि िी आदमी की िजतियो का सिसकार करिा ि और जो साहितय जजििा िी शरषठ िोिा ि उिि जयादा अिजाि ढिग स अपिा काम करिा ि rdquoअिः लखक का यि किथवय ि कक िि साहितय का सजि अपि पररिश स जडकर कर ि िि कोरा आदशथिादी लखि कर ि िी ककसी ndashिाद- या ndashफशि- क चलि ऐसा यथाथथ धचतरिि कर जो सियि उसक समाज म अविदयमाि िो इसी को उनिोि सिज धरािल पर लखि किा ि किािी क कषि म ि सिज किािी क समथथक बि ि किि ि ldquo ियी किािी की खोज म सिज किािी खो गयी rdquo57ldquo सिज किािी स िमारा िातपयथ उस मल कथा-रस स ि जो किािी की अपिी खास चीज ि और जो बिि सी ndashियी- किी जाि िाली किानियो म एक मसर स ििीि ममलिा rdquo58

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इस परकार अमिराय की विचारधारा समाजिादी एिि मािििािादी ि ि लखि म यथाथथ ि सिजिा क परबल समथथक रि िथा अपिी रचिाओि म सब परकार क शोषण क विरदध विदरोि एिि सिघषथ क सिर को ऊचा उठाया ि

136अधययन एव जीवनानभवो का परभाव

अमिराय की विचारधारा क निमाथण म उिका गिि आधययिधचििि िथा जीििािभि भी उतिरदायी रिा ि शरषठ कथा मलखि का रासिा बिाि िए अमिराय किि ि ldquo म िो उसका एक िी ढिग जाििा ि बड किािीकारो को पढिा उस पढि स िी अचछी किािी का बोध उसकी कछ परसििी अपि भीिर छिकर धथरककरसिधचि िोिी रििी िोगी rdquo59 अिः उनिोि समकालीि साहितयकारो को िो खब पढा िी विगि मिाि लखको को उनिोि अपकषाकि फधधक पढा ndash सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मि को रिगा ि मरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा ि -(विचारधारा और साहितय अमिराय प-18) उनिोि मतसथ लनिि एिगलस सटामलि माओ लकास एिि कॉडिल को खब पढा साथ िी उिक सजि पर रिीिदरिाथ टगोर शरिचिदर चिोपाधयाय परमचिद दोसिोिसकी मोपासाि गोकी का असीम परभाि रिा

परमचिद किा करि थ ldquo िम जीिि म जो कछ दखि ि या जो कछ िम पर गजरिी ि ििी अिभिििी चोट कलपिा म पिचकर याहितय सजि की पररणा करिी ि rdquo60 अमिराय ि भी लखक पर अिभिो क सिज परभाि को सिाकारि िए मलखा ि ldquo जो भी मलखिा ि िि सबस पिल िो आदमी िआदमी की िरि स आदमी की जजिदगी जीिा ि िस िी उसक आसिग-परसिग िोि ि और सिबिध बिि ि जजिदगी उसी िरीक स टकरािी ि उसस आकर उसी िरि उसक अिदर बिि िरि स ररसपानसज आि ि और उि सब क मलए ndashहदए िि मलखिा ि rdquo61 अमिराय क कथा-साहितय म आए िए विचारो ि परसिगो का जजममदार अपि जीििािभिो एिि मि को मािि ि ldquo

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म किानिया मलखिा िजजिदगी क मल म िर दम कछ ि कछ िोिा रििा ि लोग मरि ि जीि ि ििसि ि रोि ि ममलि ि तरबछडि ि ठगि ि ठगजाि ि कछ बाि अपि पर बीििी ि कछ दसरो पर बीिि दखिा ि बिायी िई किानियो स जयादा जािदार और रिगीि किानिया िरदम आखो क सामि िोिी ि बस इििा ि कक अपि मि का रिग इििा चटक िो जाय कक एक बार डबोकर किािी को निकाल मलया जा सक इस किया म िि किािी जो दखी थी कछ की कछ िो जािी ि तयोकक मि क भीिर खद बिि सी किानिया सोयी रििी ि इसी िरि बिि सी किानियो क िायक-िानयकाए सडको पर पाको म मसाकफर खािो म कचिरी और दफिर की गदथ और बोसीदा फाइलो म टिलिनघसटि और रगि ममल जाि ि कभी जयो क तयो ममल जाि ि कभी चार को ममलाकर एक बििा ि और किीि एक को चार म नछिरा हदया जािा ि rdquo62

14 परगततिील आदोलन और अमतराय

अमिराय परगनिशील चििा परारिभ स िी परभाविि रि उिक वपिा परमचिद सियि एक परगनिशील सामाजजक यथाथथिादी लखक रि अमिराय की परािरिमभक रचिाओि यथा ndashिम रखल-मिशी जी मरसथल आहद किानियो म परगनिशील चििा क दशथि िोि ि उिकी किानियो म समाज क निमि और मधय िगथ क शोवषि-जीरडि वयजति िी िायक ि उनिोि उिक दःख-ददथ का यथाथथ धचिण ककया ि

सि 1942 ई0 िक ि मातसथिादी विचारधारा स पणथिः परभाविि िो चक थ और परगनिशील आिदोलि क सिीय कायथकिाथ िो बि गए थ सि 1942 ई0 स उनिोि- ििस- का सिपादि कायथ सिभाल मलया था और ndashििस- को परगनिशील आिदोलि का मख-पि बिा हदया था परयोगिादी परगनिशील किी धगररजा कमार माथर किि ि ndash य जो मिच बिा ििस और य एक वयापक परगनिशील चििा का मिच बिा किर कठमललापि िो बाद म आया उसका भी इनििास टतकर का जो ि िो बाद म आिा ि लककि य िो

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परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

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बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

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अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

29

अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

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6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

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इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

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की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

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उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

34

अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 13: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

13

य पररणातमक शजतिया ऐस पररििथि उतपनि करिी िजो उसक अपि अनय वयजतियो और जसथनियो क परतयकषीकरण को परभाविि करि ि दसर शबदो म वयजति आतम पररकषण करिा ि िथा बाहय जीिि सिगठि एकिा और जसथरिा उतपनि करक अपिा अनिियजतिक सिभाि म अपिी आतमधारणा का विकास करिा ि

वयजतिति म अिक शारीररक एिि मािमसक विशषिाओि का समािश ककया जािा ि वयजतिति का वयापक िति ि अिः िि शरीर स लकर उसक माधयम स समसि कायो म वयापि रििा ि वयजतिति परमख रप स सामाजजक एिि जविक घटिाओि स सजजथि िोिा ि ठीक उसी परकार सामाजजक घटक ि पररिश वयजतिति निमाथण म सिायक िोि ि ििश और पाररिाररक जसथनियो का वयजतिति निमाथण म बिि बडा योगदाि िोिा ि वयजति का वयजतिति पररजसथनियो क परभाि स विकमसि िोििाली पररििथिशील ि गनिमाि परकिया ि सामाजजक एिि सािसकनिक िािािरण क परभाि स वयजतिति का विकास िोिा ि वयजतिति वयजति क समसि बाहय एिि आििररक गणदोषो का अमिथ रप ि इि गणो क समचचय का परकाशि उस वयजति क विचार और वयििार की विमशषट शमलया िथा जीिि क परनि उसक दजषटकोण स िोिा ि जजस परकार फलो म सगिध िोिी ि उसी परकार वयजति म वयजतिति अििभथि ि साधारम वयजतियो का वयजतिति उसकी मतय क पचचाि भी उिकी कनियो विचारो क दिारा यग-यगो िक छाप बिाय रखिा ि

सजथक वयजतिति ndashपरतयक सजथक वयजतिति म परनिभा मितिपमथ िोिी ि साहितय कनियो म साहितयकार का वयजतिति परसिगिः कछ मािा म अिायास परनितरबजमबि िोिा ि रचिाकार क अिम का सिसकार उसकी आतमामभवयजति क रप म वयति िोिा ि रचिाकार का अिम समाज क सामहिक अिम क साथ िादातमय िोकर उसक आिनद का कारण बििा ि रचिाकार का वयजतिति यग पररिश स परभाविि िोिा ि उपरोति सभी

14

इकाइयो स ममल-जलकर हदवय परनिभा स निखरकर साहितयकार का वयजतिति विकमसि िोिा ि

वयजति क कछ बाहय एिि आििररक ितिो स वयजतिति का निमाथण िोिा ि इि ितिो को वििचि वयजतिति निरपण म अनिभथि ि लखक का पररिारपररिशसिभािपरिजतिया यगीि िािािरण जीिि म ममलििाल अिसर िाथ स कफसल िए सििर कषणकछ गलनिया कछ कमजोररया कछ कषमिाए कछ सबलिाएजीिि मलय दजषटआदशो क परभाि आहद अिभिो स बििए दजषटकोण स लखक का माििीय वयजतिति निमाथण िोिा ि यि वयजतिति समाज और साहिजतयक दानयति स परनिबदध सजग िोकर एक सािीतयकार का सजथक वयजतिति भी बिािा ि साहितयकार का निजी वयजतिति साहितयकार का वयजतिति क सामिजसय स बिा िआ एक विलकषण वयजतिति िोिा ि वयजतिति वयजति क गणो-अिगणो भािो-अभािो क साथ उसकी सिििि सतिा को सधचि करिा ि उसकी यि सिििि सतिा वयजतिति क निमाथण म सिायक िोिी ि वयजति अगर साहितय रचिाकार िो िो निचचय िी उसकी लखिी पर उसकी झलक सपषट रप स हदखाई दिी ि

अमिराय परमचिदोतिर पीढी क उि साहितय क उनिायको म स थ जो लगभग चौथ दशक स अिनिम दशक िक निरििर सजिशील थ 70 िषो क साहिजतयक जीिि म उनिोि हििदी साहितय क भणडार को अपिी अमलय रचिाओि स समदध ककया ि अमिराय ि जीिि को जसा जजया और दखा िसा िी धचतरिि ककया ि सदाबिार लखक िी ििीि बजलक सदा जीििि और सदा सजग लखक भी थ उिकी कीनिथ को कोई धममल ििीि कर सकिा उिका साहितय उिक जीिि का परनिरप ि जजसस उसम एक शजति एक ऊजाथ आ गयी ि यि उिकी विशषिा ि कक उिक वयजति और साहितयकार म अििविथरोध ििीि ि िासिि म यि एकरपिा साहितयकार को अमर बिािी ि यायािरी सिभाििाल अमिराय दश क कोि-कोि म निरििर भरमण करि िए जि समाज सिसकनि दश ि भाषा स एकाकार िोि क िम म

15

निरििर सतय की खोज म सिलगि रि इस खोज क पीछ मािििा क कलयाण की भाििा सजनिहिि थी अपिी दीघथ रचिा - काल क कारण ि िर िई पीढी स जड रि उसस सीखि रि और सियि को बदलि रि साहितयकार का यि निरििर िया बि रििा और समाज की धडकिो को पिचाििा और समझिा उस जीििििा और साथथकिा परदाि करिा ि ियी पीढी और समकालीि रचिा- सिसार स अमिराय की इस सिबदधिा ि जिा उनि पविि उजजिल एिि मिगलमयी मनिथ क रप म लोकवपरय बिाया ििाि सतिा ndash परनिषठािो स दर रिकर ि अपि सिधषथशील चररि एिि शील को सरकषकषि रखि म सफल िए उिक इस वयजतिति ि उिक साहितय को भी उसी रप म सिघषथशील िथा मिगलमय बिाकर महिमामिरडि कर हदया ि अिः उिक वयजतिति एिि कनिति स अिगि िोिा अपि म एक अिभि ि

एक िलदशी निमथल जल सा खल वयजतिति का आलोक विसिार जसा गोरा-धचिा अकलिकछरिरा साफ आइि सा शरीर िस िी मति ठिाकदारििाओि िक गजािी िसी िसा िी निवयाथज वयििार एक पारदशी मिममथशीलआतमदाि भरा आचिजसि भाि िति पर िज-िराथर परनिकियाओि का ममजाज भी अििर का भरा ठिराि भी ldquo जस सिसकनि की अिक धाराए यिा आकर ममल गयी ि उसी िरि की सािसकनिक परिपरा और आधनिकिा सामाजजकिा और ियजतिकिा हििदी ndashउदथ और अिगरजी का ममलि तरबिदअमिराय का वयजतिति rdquo25 परकनि स उनि अटट परम था माहट का मोि उिक शबदो म दलखए ldquo म कभी कलपा िी ििीि कर पािा कक ककसी मिािगर म एक छोट ndashस अपाटथमट म ऊपर रि- छठ माल पर म ििीि रि सकिा िम िो एक छोटी सी कहटया फस की िी द दो लककि उसक साथ जरा-सी जमीि िो और ममिी िो rdquo26 इसमलए उिका विशाल बिगला ndashधप-छाि- सकडो िरि क लिा ndashकि ज फलपड-पौधो स आज भी नघरा िआ ि

उिका वयजतिति अििमथखी और बहिमथखी दोिो का समनिय था उनि अपिा परदशथि करिा या ककसी िरि की आतमचलाघा बिि घहटया काम

16

लगिा था परकाशि स पिथ ि अपिी रचिाए ि कीसी को पढिाि थ ि सिाि थ एक माि वयजति जो उिकी रचिाए परकामशि िोि स पिल पढ लिा था- िि थी उिकी पतिी सधा जी एक बार इलािाबाद क विदयाथी जीिि म उनिोि मिादिी जी क ndashअिीि क चलधचि- की समीकषा की जजसम जी खोलकर उसकी परशिसा की थी समीकषा एक अिगरजी पतरिका म परकामशि िई ककि ि उनिोि मिादिी जी को ि िो िि पतरिका हदखायी ि उसक बार म बाि िी की ि बिि सिकोची सिभाि क थ उनि यि भी पसिद ि था कक लोग उिका सममाि परमचिद का पि िोि क कारण कर सभाषमखोपाधयाय की पतिी गीिा जी मलखिी ि ndash अमि कलकतिा स इलािाबाद लौट रिा था ldquo एक यािी सजजि ि अपिी बटी को अमि क आरकषकषि बथथ पर बठ हदया था बार-बार अिरोध करि पर भी ि उस बथथ को छोडिा ििीि चािि थ और यि दािा कर रि थ कक िि उनिीि का ि मझ ऐसा लगा कक यहद मि कछ ििीि ककया िो अमि इििा सिकोची जीि ि कक िि फशथ पर बठ कर इलािाबाद िक चला जाएगा पर अपि बथथ की माग ििीि करगा मि उस रडबब म बठ मसाकफरो को जब बिाया कक य परमचिद क पि ि िो बड आदर क साथ उनिीि लोगो ि उसकी बथथ खाली करिाि म भममका निभाई थी rdquo27

अमिराय क हरदय म बचपि स िी अपि माि-वपिा क परनि अतयिि शरदधा एिि परम था परथम बार मािा-वपिा स दर इलािाबाद पढि जाि समय ि रो उठ थ ldquo बनि िो िम िीिो क पर छिा िआ रोिा िआगाडी स उिर गया rdquo28 अमिराय का बचपि का िाम बनि था बचपि स िी ि बड दयालसहरदय एिि सििदिशील थ उिकी मा मशिरािी दिी क शबदो म ndash मरी किारी का छोट बचचा आग म जल गया उसक सार बदि म मलिम पिा िआ था कपड भी गिद िो गय थ मरा छोटा बचचा बनि उस किीि बािर पा गया उस दखकर बनि को दया आई िि उस पचचो को जीि पर स दोिो िाथो का घोरा बिाकर अिदर लाया ldquo बोला ndashअममा इस कछ खाि को दो उस बचच का बदि दखकर मर रोगट खड िो गय rdquo29 बालक अमिराय क बचपि म िी उिक वपिा ि उि भविषय की सिभाििा दख ली

17

थी ldquoयि लडका बडा दयािाि मालम िोिा ि भलाउस िि कस लाया ndash भगिाि इमस जीविि रख िम दखिा िमिारा राम यि रोशि करगा rdquo30

बालक जजस पाररिाररक पररिश म जनम लिा ि जजस चार दीिारी म उसका शशिबचपि एिि ककशोरािसथा बीििी ि ििा क िािािरण की सपषट छाप उसक वयजतिति पर आिचयक रप स अिककि िो जािी ि अमिराय ि अपि वयजतिति क बारम किा ि ldquo किा-किा स आदमी को तया-तया ममलिा ि लककि य ि कक म सचमच भीिर स बिि िी साधारण और सिज ि मर पास ि िो बिािट ि और िा म बिािटी लोगो को पसिद करिा ि rdquo31तयोकक ldquo रचिा अनििायथ रपण रचनयिा क वयजतिति स सिबदध िोिी ि rdquo32

अमिराय सबको बराबर मािकर चलििाल वयजति थ ि सियि किि ि ldquo लककि म बदककसमिी स ि िो ककसी को अपिा चला बिा सकिा ि और ि ककसी का चला बि सकिा ि मझको किल बराबरी का सिबिध आिा ि rdquo33 उिक जजिि भी ममि थ उिस उिक नििािि सिज पाररिाररक सिबिध थ ि अपि सहरदजिो का माि रखि क मलए जो उनि िापसिद िोिा िि भी कर लि थ गीिा जी मलखिी ि ldquo अमि और सधा दोिो शाखािारी थ पर िम खश करि क मलए अमि कभी-कभी मछली खा लिा उस यि पिा था कक सभाष मछली क तरबिा ििीि रप सकि िि भोजि बडी रची स करिा rdquo34 रािगय राघि स अपिी िलिा करि िए अमिराय ि अपि सिकोची सिभाि क विषय म सियि भी मलखा ि ldquo मर अपि मसमट ndashमसमट सििभाि स उसका मल ििीि बठिा था अपि को बािर फ क सकि औरो क साथ घला ndashममला दि क इस गण का म बिि आदर करिा ि rdquo35

ि अपि विचारो पर सदि दढ रि यहद कोई उिकी विचारघारा अथिा आसथा पर अिधचि आपकष लगािा ि िो ि उसका मििोड जिाब दि म सिकोच ििीि करि थ उनिोि मलखा ि ldquo म यो निजी मामलो म िो बिि शािनिपरमी आदमी ि थोडा दबकर भी बिि स झगडो दरगजर कर जािा

18

ि लककि विचारो की दनिया म उपिी आसथाओि को विचिासो को जरा जयादा िी मजबिी स पकडिा ि इसमलए उस पर कोई आिमण ििीि सि सकिा और ि ििा पर ककसी िरि का समझौिा करिा मझ पसिद ि rdquo36 ऐस अिसरो पर दो-दो घिट लगािार भाषण द डालि थ अमभयोग का उतिर दि समय भी ि िसी हदललगी क साथ िलक-फलक अिदाज म िी भाषण हदया करि थ जजसस शरोिा भी आििदपिथक रस लकर उिकी बाि सिा करि थ यि उिक वयजतिति का बिि बडा िमशषय था ि ऐस निरमभमािी कलाकार थ जो दसरो की कला ि दसरो क गणो का बिि आदर करि थ डॉ रामविलास शमाथ ि उि पर िथा रािगय राघि रािल सािकतयायि आहद अिक परगनिशील लखको पर lsquoटटपजजया समाजिादीrsquo िोि का आकषप लगाया था ldquoसाहितय म सियति मोचाथ ndash पसिक मलखकर इसका उनिोि मििोड जिाब भी हदया था ककि ि ि शमाथ जी की इस एक कमी को सिीकार करि िए उिक अनय गणो की परशिसा करि थ rdquo37

13पवचारधाराएव परभाव

अमिराय ि अपिी कनियो पर िए विचारधारा क परभाि क सिदभथ म मलखा ि ldquoजजस िगथ स कलाकार जनम लिा ि उसक लौककक दजषटकोण क अिसार उसकी एक विचारधारा जनम स िी बि जािी ि अगर उसक सिरकषक भी उसी िगथ क िए िो िि मा क दध क साथ गरिण ककए िए अपि जीिि क दजषटकोण स परी िरि सििषट रिगा और उसको अपिी कनियो म अमभवयति करगा rdquo38परतयक साहितयकार पर परतयकष या परोकष रप स ककसी ि ककसी विचारधारा का पभाि अिचय िोिा िी ि अमिराय क शबदो म ldquo जिा रचिाकार को सचिि रप स अपिी विचारधारा का पिा ििीि िोिा ििा भी विचारधारा िो रििी िी ि रचिा पर अिजाि िी उसका समािश िो जािा ि विचारधारा किीि सििदिा बिकर आिी ि और किीि परसिगिः रचिाकार की माििीय परनिकिया बिकरrdquo

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131सामयवादी पवचारधारा

अमिराय ि निबिध lsquoविचारधारा और साहितयrsquo म सपसट सिीकर ककया ि कक ldquo मरी विचारधारा सामयिादी ि या यो कि लीजजए कक मझ पर सामयिादी विचारधारा का गिरा परभाि ि rdquo40 सि 1943 ई0 म उनिोि सामयिादी पाटी की सदसयिा गरिण की िथा मजदर ndashयनियि क मििी भी बि थ -बीज- उपनयास िथा ndashपारजाि क फल ndashआहद किानियो म उिकी सामयिादी विचारधारा सपसटिः सामि आई ि ककि ि ककसी भी विचारधारा या lsquoिादrsquo का अिधािसरण करि का ि विरोध करि ि ldquo जब-जब और जिा-जिा अिधािसरण की ऐसी कोई िीनि बरिी या अपिायी गयी ि विचार मर गया ि साहितय मरगया ि किल पररपाटी का रहढबदध लखि िआ ि rdquo41

सामयिादी पटी का सदसय रिि िए भी ि अपि ढिगस कछ अलग-अलग-सा भी सोचि रि और कदाधचि इसका कछ मलय भी उस चकािा पडा तयो कक सामदानयक धचििि परकतया मशविरबदधिा मागिा ि ि किि ि ldquo

मरा मि जसा कचछ बिा था िसी मसविरबदधिा मर मलए कभी सिभि ि िो पायी पर मझ कोई खद ििीि ि तयोकक मझ लगिा ि कक अिििः अपिा वििक िी सबस अचछा जीिि-सिचर िोिा ि rdquo42उनिोि मातसथिाद का गिि अधययि -मिि करक उस अपिी विचारधारा बिाया ि अपि समाज का अधययि करक अपि मिि-धचििि की कसौटी पर अचछी िरि परखकर और अपि मि क भीिर डबकर अचछी िरि टटोलकर जजस बाि को सिी जािि थ उसी को सिीकार करि थ उनिोि बािर क ककसी अिकश को कभी सिीकार ििीि ककया उिका मि ि ldquo यि अिशासि और अिकश रचिाकार क अपि वििक क भीिर स आिा चाहिए rdquo43

अमिराय ि कछ िषो क पचचाि सामयिादी पाटी स सिबिध िोड हदया था ककि ि सामयिाहद विचारधारा म उिका विचिास आजीिि रिा ि मलखि ि ldquo मर मलए विचारधारा कछ दसरी चीज ि उस आदमी मजबिी स

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पकडिा ि िि समपथण मािगिी ि उसक मलए निषठा चाहिए गिरा आििररक विचिास चाहिए उसी निषठा और गिर विचिास म स सब िरि क अभािकषट नििदाअपमािजलयाििा सब कछ सिि और जररि पडि पर अपि पराण िक द दि की िाकि आिी ि जिा य निषठा और समपथण और अकि ठ विचिास ििीि ि ििा कफर विचारधारा कसी जसी िई िस ि िई rdquo44

132गाधीवाद का परभाव

परारिभ म अमिरायकालीि समाजपर गाधीजी छाए िए थ अिः सपषट ि कक अमिराय की धचिििधारा पर गािधीिाद का गिरा परभाि लकषकषि िोिा सिाभाविक िी ि ldquo मरा िो काल (सि 1942-44) भयिकर गाधी भजति का था rdquo45 अिः उिकी रचिाओि म खासकर ndashबीज-उपनयास म मातसथिादी विचारधारा की गिराई म गाधीिादी विचारधारा क िति एिि सामाजजक मसदधािि जस मदयनिषध िगथ बद विरोध सिदशी राषरीय मशकषा वपछडो का उतथाि हदखाई दि ि

133मातससवादी चचतन का परभाव (वगस सघरस)

सि 1950 क उपरािि अमिराय मातसथिादी पाटी क सिीय सदसय बि गय मातसथिादी धचििि ि उि पर जाद कर हदया था इसमलए ि उस अधधक पसिद करि थ ldquo म मातसथिाद स पयार करि लगाथा rdquo46 ि उस जीििसमाज और सिसार बदलि का असि मािि ि ldquo मातसथिाद स अहदक जीिििअधधक िािनिकारी अधधक लोक कलयाणकारी मबलकअधधक सचचािाद दसरा ििीि rdquo47पररणामसिरप उिका परा साहितय मातसथिाद क दििदिातमक भौनिकिादी दशथि पर आधाररि ि सामयिादी और मातसथिादी दशथि समाज म समिा और नयाय की सथापिा कमलए िगथ सिघषथ को अनििायथ माििा ि िमार समाज म दो िगथ निरििर रि ि ndash एक शोषक िगथ और दसरा शोवषि िगथ अमिराय किि ि ldquoमटठी भर पजीपनियो दिारा लाखो ndashकरोडो लोगो का आधथथक शोषण एक भयिकर अनयाय ि और उसक

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विरदध परनििाद का सिर भरपर उठिा चाहिए इस अथथ-वयिसथा स सीध-सीध या परोकषिः जडी िई असिखय दसरी विषमिाए विकनियाअनयायदराचारएक स एक भयिकर अपराधजजिका एक फलिा-फलिा सामराजय ि और जजिको िम अपि आस-पास िरदम िोि दखि ि और जजिस िमारी माििीय सििदिा परकतया जडिी ि कषबध और आिदोमलि िोिी ि rdquo48उसक विरदध आिाज उठािा अनििायथ ि िमार समाज म सिी िगथ िथा अकलीि दमलि अथिा सिक िगथ सदा स िी शोवषि रिा ि अमिराय ि शोवषि िगथ को शोषण मति कराि क मलए िगथ-सिघषथ का आहिाि ककया ि ि सामाजजक नयाय क मलए रति िािनि को भी अनििायथ मािि ि ि किि ि ldquo समाज म नयाय ििीि ि और सििलि सब तरबगड गया ि और जिा समाज का सििलि तरबगडा िआ िो ििा वयजति का सििलि भी तरबगड तरबिा ििीि रि सकिा अपि दश भारि म यि सामाजजक नयाय सबस कम ि इसीमलए यिा का सििलि सबस िी अधधक तरबगडा िआ ि समाज सबस अजसथर ि अब यि सामाजजक अनयाय जि साधारण क मलए असहय िो गया ि और अब यि परािा ढचरा ककसी िरि चल ििीि सकिा अब या िो यि अनयाय की वयिसथा िधानिक िरीको स नयाय की हदशा म बदलगी या कफर रति-िािनि िोगी rdquo49

अमिराय ि अपि साहितय म शोषण क विरदध सिघषथ का सिर उठाया ि िथा आम आदमी को शोषण स मजति पाि िि सिघषथ करि की पररणा दी ि ि किि ि ldquo साहितय तयो जि चििा का परोधा ि बि उसकी नियिी ऐसी तयो िो िि वयजति क भीिर मसमट कर रि जाय rdquo50

134मानवतावाद

अमिराय की विचारधारा मलिः मािििािादी विचारधारा ि अमिराय क अिसार साहितय रचिा जीिि का यथािथय अिकि ििीि बजलक सचचा साहितय जिचििा का विधायक एिि सिघषथ का परोधा िोिा ि उिका कििा ि कक ldquoयिी जीिि दजषट मझ ndashहरगर- करिी ि यिी चीज जो उतपरररि करिी

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ि rdquo51ि सियि वयजति क कषटो को दर करि िथा उस उनिनि की हदशा म परररि करि क मलए कहटबदध मािि ि - ldquoएक भी किािी ऐसी ििीि ि जजसक भीिर मरा समगर धचति िा बोल रिा िो जो सिसार म अनयाय दखिा ि जो बराई दखिा ि िकलीफ दखिा ि और उसस रतिी भर आिदोमलि या विकषबध ििीि िोिा ि ऐसा लखि मरा ििीि ि मर भीिर लखि का सजि का रस जो निझथररि िोिा ि िि निझथररि िो िी ििीि सकिा जब िक कक उसक साथ किीि कोई सतयअसतयनयायअनयायसिदर असिदर य जो मलभि चीज ि इिका परचि िा जडा िो rdquo इसी मािििािादी विचारधारा ि अमि को ि किल साहितय सजि क मलए परररि ककया बजलक इनिीि माििीय मलयो की सथापिा क मलए उनिोि रासिा बिाया उिकी सामयिादी दशथि म अरडग आसथा का कारण भी यिी मािििािाद ि तयोकक मासथिाद अनििः एिि मलिः मािििािाद िी ि जजसका वििचि अमिराय ि अपि निबिध-गरिथ ndash विचारधारा और साहितय- म ककया ि मातसथ क विषय म ि किि ि ldquo उसकी यि माििीय सििदिा या माििीय सरोकार एक शबद म मािििािाद बिधा लोगो की आखो स ओझल िो जािा ि और उसका धयाि आि परिरिि एक रख ndashसख अथथशासि का रप सामि आकर खडा िो जािा ि जो लोग गलि जगि पर जोर द कर मातसथ को किल आधथथक उनिनि स िी बाद दिा चािि ि िो चाि या ि चाि जाि या ि जाि मातसथ क साथ घोर अनयाय करि ि rdquo53अमिराय मि ि कक मातसथ भौनिकिादी इस अथथ म ि कक िि ककसी हदवय शजति को सिीकार ि करक पदाथथ ( कषनिजलपािकगगिसमीर )की सतिा को िी सतय माििा ि अथथ (धि) का पजक िि कभी ििीि रिा उसि सियि आजीिि निधथििा म िी ऋवष-मनियो की भानि जीिि -यापि ककया अमिराय क साहितय म उिकी मािििािादी विचारधारा सिथि हदखाई पडिी ि ि सियि किि ि ldquo सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मािस को रिगा िमरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा rdquo54

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135यथाथसवाद और सहजता

अमिराय साहितय म यथाथथिाद क समथथक ि ि साहितय को शदध कला ििीि मािि ि िरि उस जीिि एिि समाज क मलए उपयोगी मािि ि उिक अिसार सचचा लखि िो ििी ि जोसमाज को कछ हदशा द सक ि किि ि ldquo आधनिक िो परािा िो सचचा लखि ििी ि जजसम लखक अपि दख िए अपि भोग िए को अपि कलातमक सामथयथ-भर अधधक स अधधक पणथिा क साथ धचतरिि करिा चाििा ि rdquo 55 ि साहितय म अिासिविक अथिा अयथाथथ रपिादी परयोगो को वयथथ मािि ि उिका कथि ि ldquo साहितय क अििगथि रप की अििलिा उसको िनिक भी इषट ििीि ि साहितय को माि अलिकरण या साज-सजजा ि मािि िए िम उस रचिा परकिया का अिग मािि ि और इस िाि उसको परा मिति दि ि पर िम कििा चािि ि कक रप का साथथक परयोग ििी ि जो िसि स सजीि सिदभथ म उसकी अधधवयजति की वििशिा स ककया गया ि lsquoशदधrsquo कला क फर म lsquoशदधrsquo रप क अविषकार म लगी िई परयोगशीलिा ििधया मसदध िोिी ि rdquo56

अमराय साहितय की उपयोधगिा पर विचार करि िए किि ि ldquo उसकी िासिविक साथथकिा इसम ि कक िि अिजाि िी आदमी की िजतियो का सिसकार करिा ि और जो साहितय जजििा िी शरषठ िोिा ि उिि जयादा अिजाि ढिग स अपिा काम करिा ि rdquoअिः लखक का यि किथवय ि कक िि साहितय का सजि अपि पररिश स जडकर कर ि िि कोरा आदशथिादी लखि कर ि िी ककसी ndashिाद- या ndashफशि- क चलि ऐसा यथाथथ धचतरिि कर जो सियि उसक समाज म अविदयमाि िो इसी को उनिोि सिज धरािल पर लखि किा ि किािी क कषि म ि सिज किािी क समथथक बि ि किि ि ldquo ियी किािी की खोज म सिज किािी खो गयी rdquo57ldquo सिज किािी स िमारा िातपयथ उस मल कथा-रस स ि जो किािी की अपिी खास चीज ि और जो बिि सी ndashियी- किी जाि िाली किानियो म एक मसर स ििीि ममलिा rdquo58

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इस परकार अमिराय की विचारधारा समाजिादी एिि मािििािादी ि ि लखि म यथाथथ ि सिजिा क परबल समथथक रि िथा अपिी रचिाओि म सब परकार क शोषण क विरदध विदरोि एिि सिघषथ क सिर को ऊचा उठाया ि

136अधययन एव जीवनानभवो का परभाव

अमिराय की विचारधारा क निमाथण म उिका गिि आधययिधचििि िथा जीििािभि भी उतिरदायी रिा ि शरषठ कथा मलखि का रासिा बिाि िए अमिराय किि ि ldquo म िो उसका एक िी ढिग जाििा ि बड किािीकारो को पढिा उस पढि स िी अचछी किािी का बोध उसकी कछ परसििी अपि भीिर छिकर धथरककरसिधचि िोिी रििी िोगी rdquo59 अिः उनिोि समकालीि साहितयकारो को िो खब पढा िी विगि मिाि लखको को उनिोि अपकषाकि फधधक पढा ndash सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मि को रिगा ि मरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा ि -(विचारधारा और साहितय अमिराय प-18) उनिोि मतसथ लनिि एिगलस सटामलि माओ लकास एिि कॉडिल को खब पढा साथ िी उिक सजि पर रिीिदरिाथ टगोर शरिचिदर चिोपाधयाय परमचिद दोसिोिसकी मोपासाि गोकी का असीम परभाि रिा

परमचिद किा करि थ ldquo िम जीिि म जो कछ दखि ि या जो कछ िम पर गजरिी ि ििी अिभिििी चोट कलपिा म पिचकर याहितय सजि की पररणा करिी ि rdquo60 अमिराय ि भी लखक पर अिभिो क सिज परभाि को सिाकारि िए मलखा ि ldquo जो भी मलखिा ि िि सबस पिल िो आदमी िआदमी की िरि स आदमी की जजिदगी जीिा ि िस िी उसक आसिग-परसिग िोि ि और सिबिध बिि ि जजिदगी उसी िरीक स टकरािी ि उसस आकर उसी िरि उसक अिदर बिि िरि स ररसपानसज आि ि और उि सब क मलए ndashहदए िि मलखिा ि rdquo61 अमिराय क कथा-साहितय म आए िए विचारो ि परसिगो का जजममदार अपि जीििािभिो एिि मि को मािि ि ldquo

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म किानिया मलखिा िजजिदगी क मल म िर दम कछ ि कछ िोिा रििा ि लोग मरि ि जीि ि ििसि ि रोि ि ममलि ि तरबछडि ि ठगि ि ठगजाि ि कछ बाि अपि पर बीििी ि कछ दसरो पर बीिि दखिा ि बिायी िई किानियो स जयादा जािदार और रिगीि किानिया िरदम आखो क सामि िोिी ि बस इििा ि कक अपि मि का रिग इििा चटक िो जाय कक एक बार डबोकर किािी को निकाल मलया जा सक इस किया म िि किािी जो दखी थी कछ की कछ िो जािी ि तयोकक मि क भीिर खद बिि सी किानिया सोयी रििी ि इसी िरि बिि सी किानियो क िायक-िानयकाए सडको पर पाको म मसाकफर खािो म कचिरी और दफिर की गदथ और बोसीदा फाइलो म टिलिनघसटि और रगि ममल जाि ि कभी जयो क तयो ममल जाि ि कभी चार को ममलाकर एक बििा ि और किीि एक को चार म नछिरा हदया जािा ि rdquo62

14 परगततिील आदोलन और अमतराय

अमिराय परगनिशील चििा परारिभ स िी परभाविि रि उिक वपिा परमचिद सियि एक परगनिशील सामाजजक यथाथथिादी लखक रि अमिराय की परािरिमभक रचिाओि यथा ndashिम रखल-मिशी जी मरसथल आहद किानियो म परगनिशील चििा क दशथि िोि ि उिकी किानियो म समाज क निमि और मधय िगथ क शोवषि-जीरडि वयजति िी िायक ि उनिोि उिक दःख-ददथ का यथाथथ धचिण ककया ि

सि 1942 ई0 िक ि मातसथिादी विचारधारा स पणथिः परभाविि िो चक थ और परगनिशील आिदोलि क सिीय कायथकिाथ िो बि गए थ सि 1942 ई0 स उनिोि- ििस- का सिपादि कायथ सिभाल मलया था और ndashििस- को परगनिशील आिदोलि का मख-पि बिा हदया था परयोगिादी परगनिशील किी धगररजा कमार माथर किि ि ndash य जो मिच बिा ििस और य एक वयापक परगनिशील चििा का मिच बिा किर कठमललापि िो बाद म आया उसका भी इनििास टतकर का जो ि िो बाद म आिा ि लककि य िो

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परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

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बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

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अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

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अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

30

6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

31

इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

32

की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

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उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

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अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

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lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 14: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

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इकाइयो स ममल-जलकर हदवय परनिभा स निखरकर साहितयकार का वयजतिति विकमसि िोिा ि

वयजति क कछ बाहय एिि आििररक ितिो स वयजतिति का निमाथण िोिा ि इि ितिो को वििचि वयजतिति निरपण म अनिभथि ि लखक का पररिारपररिशसिभािपरिजतिया यगीि िािािरण जीिि म ममलििाल अिसर िाथ स कफसल िए सििर कषणकछ गलनिया कछ कमजोररया कछ कषमिाए कछ सबलिाएजीिि मलय दजषटआदशो क परभाि आहद अिभिो स बििए दजषटकोण स लखक का माििीय वयजतिति निमाथण िोिा ि यि वयजतिति समाज और साहिजतयक दानयति स परनिबदध सजग िोकर एक सािीतयकार का सजथक वयजतिति भी बिािा ि साहितयकार का निजी वयजतिति साहितयकार का वयजतिति क सामिजसय स बिा िआ एक विलकषण वयजतिति िोिा ि वयजतिति वयजति क गणो-अिगणो भािो-अभािो क साथ उसकी सिििि सतिा को सधचि करिा ि उसकी यि सिििि सतिा वयजतिति क निमाथण म सिायक िोिी ि वयजति अगर साहितय रचिाकार िो िो निचचय िी उसकी लखिी पर उसकी झलक सपषट रप स हदखाई दिी ि

अमिराय परमचिदोतिर पीढी क उि साहितय क उनिायको म स थ जो लगभग चौथ दशक स अिनिम दशक िक निरििर सजिशील थ 70 िषो क साहिजतयक जीिि म उनिोि हििदी साहितय क भणडार को अपिी अमलय रचिाओि स समदध ककया ि अमिराय ि जीिि को जसा जजया और दखा िसा िी धचतरिि ककया ि सदाबिार लखक िी ििीि बजलक सदा जीििि और सदा सजग लखक भी थ उिकी कीनिथ को कोई धममल ििीि कर सकिा उिका साहितय उिक जीिि का परनिरप ि जजसस उसम एक शजति एक ऊजाथ आ गयी ि यि उिकी विशषिा ि कक उिक वयजति और साहितयकार म अििविथरोध ििीि ि िासिि म यि एकरपिा साहितयकार को अमर बिािी ि यायािरी सिभाििाल अमिराय दश क कोि-कोि म निरििर भरमण करि िए जि समाज सिसकनि दश ि भाषा स एकाकार िोि क िम म

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निरििर सतय की खोज म सिलगि रि इस खोज क पीछ मािििा क कलयाण की भाििा सजनिहिि थी अपिी दीघथ रचिा - काल क कारण ि िर िई पीढी स जड रि उसस सीखि रि और सियि को बदलि रि साहितयकार का यि निरििर िया बि रििा और समाज की धडकिो को पिचाििा और समझिा उस जीििििा और साथथकिा परदाि करिा ि ियी पीढी और समकालीि रचिा- सिसार स अमिराय की इस सिबदधिा ि जिा उनि पविि उजजिल एिि मिगलमयी मनिथ क रप म लोकवपरय बिाया ििाि सतिा ndash परनिषठािो स दर रिकर ि अपि सिधषथशील चररि एिि शील को सरकषकषि रखि म सफल िए उिक इस वयजतिति ि उिक साहितय को भी उसी रप म सिघषथशील िथा मिगलमय बिाकर महिमामिरडि कर हदया ि अिः उिक वयजतिति एिि कनिति स अिगि िोिा अपि म एक अिभि ि

एक िलदशी निमथल जल सा खल वयजतिति का आलोक विसिार जसा गोरा-धचिा अकलिकछरिरा साफ आइि सा शरीर िस िी मति ठिाकदारििाओि िक गजािी िसी िसा िी निवयाथज वयििार एक पारदशी मिममथशीलआतमदाि भरा आचिजसि भाि िति पर िज-िराथर परनिकियाओि का ममजाज भी अििर का भरा ठिराि भी ldquo जस सिसकनि की अिक धाराए यिा आकर ममल गयी ि उसी िरि की सािसकनिक परिपरा और आधनिकिा सामाजजकिा और ियजतिकिा हििदी ndashउदथ और अिगरजी का ममलि तरबिदअमिराय का वयजतिति rdquo25 परकनि स उनि अटट परम था माहट का मोि उिक शबदो म दलखए ldquo म कभी कलपा िी ििीि कर पािा कक ककसी मिािगर म एक छोट ndashस अपाटथमट म ऊपर रि- छठ माल पर म ििीि रि सकिा िम िो एक छोटी सी कहटया फस की िी द दो लककि उसक साथ जरा-सी जमीि िो और ममिी िो rdquo26 इसमलए उिका विशाल बिगला ndashधप-छाि- सकडो िरि क लिा ndashकि ज फलपड-पौधो स आज भी नघरा िआ ि

उिका वयजतिति अििमथखी और बहिमथखी दोिो का समनिय था उनि अपिा परदशथि करिा या ककसी िरि की आतमचलाघा बिि घहटया काम

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लगिा था परकाशि स पिथ ि अपिी रचिाए ि कीसी को पढिाि थ ि सिाि थ एक माि वयजति जो उिकी रचिाए परकामशि िोि स पिल पढ लिा था- िि थी उिकी पतिी सधा जी एक बार इलािाबाद क विदयाथी जीिि म उनिोि मिादिी जी क ndashअिीि क चलधचि- की समीकषा की जजसम जी खोलकर उसकी परशिसा की थी समीकषा एक अिगरजी पतरिका म परकामशि िई ककि ि उनिोि मिादिी जी को ि िो िि पतरिका हदखायी ि उसक बार म बाि िी की ि बिि सिकोची सिभाि क थ उनि यि भी पसिद ि था कक लोग उिका सममाि परमचिद का पि िोि क कारण कर सभाषमखोपाधयाय की पतिी गीिा जी मलखिी ि ndash अमि कलकतिा स इलािाबाद लौट रिा था ldquo एक यािी सजजि ि अपिी बटी को अमि क आरकषकषि बथथ पर बठ हदया था बार-बार अिरोध करि पर भी ि उस बथथ को छोडिा ििीि चािि थ और यि दािा कर रि थ कक िि उनिीि का ि मझ ऐसा लगा कक यहद मि कछ ििीि ककया िो अमि इििा सिकोची जीि ि कक िि फशथ पर बठ कर इलािाबाद िक चला जाएगा पर अपि बथथ की माग ििीि करगा मि उस रडबब म बठ मसाकफरो को जब बिाया कक य परमचिद क पि ि िो बड आदर क साथ उनिीि लोगो ि उसकी बथथ खाली करिाि म भममका निभाई थी rdquo27

अमिराय क हरदय म बचपि स िी अपि माि-वपिा क परनि अतयिि शरदधा एिि परम था परथम बार मािा-वपिा स दर इलािाबाद पढि जाि समय ि रो उठ थ ldquo बनि िो िम िीिो क पर छिा िआ रोिा िआगाडी स उिर गया rdquo28 अमिराय का बचपि का िाम बनि था बचपि स िी ि बड दयालसहरदय एिि सििदिशील थ उिकी मा मशिरािी दिी क शबदो म ndash मरी किारी का छोट बचचा आग म जल गया उसक सार बदि म मलिम पिा िआ था कपड भी गिद िो गय थ मरा छोटा बचचा बनि उस किीि बािर पा गया उस दखकर बनि को दया आई िि उस पचचो को जीि पर स दोिो िाथो का घोरा बिाकर अिदर लाया ldquo बोला ndashअममा इस कछ खाि को दो उस बचच का बदि दखकर मर रोगट खड िो गय rdquo29 बालक अमिराय क बचपि म िी उिक वपिा ि उि भविषय की सिभाििा दख ली

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थी ldquoयि लडका बडा दयािाि मालम िोिा ि भलाउस िि कस लाया ndash भगिाि इमस जीविि रख िम दखिा िमिारा राम यि रोशि करगा rdquo30

बालक जजस पाररिाररक पररिश म जनम लिा ि जजस चार दीिारी म उसका शशिबचपि एिि ककशोरािसथा बीििी ि ििा क िािािरण की सपषट छाप उसक वयजतिति पर आिचयक रप स अिककि िो जािी ि अमिराय ि अपि वयजतिति क बारम किा ि ldquo किा-किा स आदमी को तया-तया ममलिा ि लककि य ि कक म सचमच भीिर स बिि िी साधारण और सिज ि मर पास ि िो बिािट ि और िा म बिािटी लोगो को पसिद करिा ि rdquo31तयोकक ldquo रचिा अनििायथ रपण रचनयिा क वयजतिति स सिबदध िोिी ि rdquo32

अमिराय सबको बराबर मािकर चलििाल वयजति थ ि सियि किि ि ldquo लककि म बदककसमिी स ि िो ककसी को अपिा चला बिा सकिा ि और ि ककसी का चला बि सकिा ि मझको किल बराबरी का सिबिध आिा ि rdquo33 उिक जजिि भी ममि थ उिस उिक नििािि सिज पाररिाररक सिबिध थ ि अपि सहरदजिो का माि रखि क मलए जो उनि िापसिद िोिा िि भी कर लि थ गीिा जी मलखिी ि ldquo अमि और सधा दोिो शाखािारी थ पर िम खश करि क मलए अमि कभी-कभी मछली खा लिा उस यि पिा था कक सभाष मछली क तरबिा ििीि रप सकि िि भोजि बडी रची स करिा rdquo34 रािगय राघि स अपिी िलिा करि िए अमिराय ि अपि सिकोची सिभाि क विषय म सियि भी मलखा ि ldquo मर अपि मसमट ndashमसमट सििभाि स उसका मल ििीि बठिा था अपि को बािर फ क सकि औरो क साथ घला ndashममला दि क इस गण का म बिि आदर करिा ि rdquo35

ि अपि विचारो पर सदि दढ रि यहद कोई उिकी विचारघारा अथिा आसथा पर अिधचि आपकष लगािा ि िो ि उसका मििोड जिाब दि म सिकोच ििीि करि थ उनिोि मलखा ि ldquo म यो निजी मामलो म िो बिि शािनिपरमी आदमी ि थोडा दबकर भी बिि स झगडो दरगजर कर जािा

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ि लककि विचारो की दनिया म उपिी आसथाओि को विचिासो को जरा जयादा िी मजबिी स पकडिा ि इसमलए उस पर कोई आिमण ििीि सि सकिा और ि ििा पर ककसी िरि का समझौिा करिा मझ पसिद ि rdquo36 ऐस अिसरो पर दो-दो घिट लगािार भाषण द डालि थ अमभयोग का उतिर दि समय भी ि िसी हदललगी क साथ िलक-फलक अिदाज म िी भाषण हदया करि थ जजसस शरोिा भी आििदपिथक रस लकर उिकी बाि सिा करि थ यि उिक वयजतिति का बिि बडा िमशषय था ि ऐस निरमभमािी कलाकार थ जो दसरो की कला ि दसरो क गणो का बिि आदर करि थ डॉ रामविलास शमाथ ि उि पर िथा रािगय राघि रािल सािकतयायि आहद अिक परगनिशील लखको पर lsquoटटपजजया समाजिादीrsquo िोि का आकषप लगाया था ldquoसाहितय म सियति मोचाथ ndash पसिक मलखकर इसका उनिोि मििोड जिाब भी हदया था ककि ि ि शमाथ जी की इस एक कमी को सिीकार करि िए उिक अनय गणो की परशिसा करि थ rdquo37

13पवचारधाराएव परभाव

अमिराय ि अपिी कनियो पर िए विचारधारा क परभाि क सिदभथ म मलखा ि ldquoजजस िगथ स कलाकार जनम लिा ि उसक लौककक दजषटकोण क अिसार उसकी एक विचारधारा जनम स िी बि जािी ि अगर उसक सिरकषक भी उसी िगथ क िए िो िि मा क दध क साथ गरिण ककए िए अपि जीिि क दजषटकोण स परी िरि सििषट रिगा और उसको अपिी कनियो म अमभवयति करगा rdquo38परतयक साहितयकार पर परतयकष या परोकष रप स ककसी ि ककसी विचारधारा का पभाि अिचय िोिा िी ि अमिराय क शबदो म ldquo जिा रचिाकार को सचिि रप स अपिी विचारधारा का पिा ििीि िोिा ििा भी विचारधारा िो रििी िी ि रचिा पर अिजाि िी उसका समािश िो जािा ि विचारधारा किीि सििदिा बिकर आिी ि और किीि परसिगिः रचिाकार की माििीय परनिकिया बिकरrdquo

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131सामयवादी पवचारधारा

अमिराय ि निबिध lsquoविचारधारा और साहितयrsquo म सपसट सिीकर ककया ि कक ldquo मरी विचारधारा सामयिादी ि या यो कि लीजजए कक मझ पर सामयिादी विचारधारा का गिरा परभाि ि rdquo40 सि 1943 ई0 म उनिोि सामयिादी पाटी की सदसयिा गरिण की िथा मजदर ndashयनियि क मििी भी बि थ -बीज- उपनयास िथा ndashपारजाि क फल ndashआहद किानियो म उिकी सामयिादी विचारधारा सपसटिः सामि आई ि ककि ि ककसी भी विचारधारा या lsquoिादrsquo का अिधािसरण करि का ि विरोध करि ि ldquo जब-जब और जिा-जिा अिधािसरण की ऐसी कोई िीनि बरिी या अपिायी गयी ि विचार मर गया ि साहितय मरगया ि किल पररपाटी का रहढबदध लखि िआ ि rdquo41

सामयिादी पटी का सदसय रिि िए भी ि अपि ढिगस कछ अलग-अलग-सा भी सोचि रि और कदाधचि इसका कछ मलय भी उस चकािा पडा तयो कक सामदानयक धचििि परकतया मशविरबदधिा मागिा ि ि किि ि ldquo

मरा मि जसा कचछ बिा था िसी मसविरबदधिा मर मलए कभी सिभि ि िो पायी पर मझ कोई खद ििीि ि तयोकक मझ लगिा ि कक अिििः अपिा वििक िी सबस अचछा जीिि-सिचर िोिा ि rdquo42उनिोि मातसथिाद का गिि अधययि -मिि करक उस अपिी विचारधारा बिाया ि अपि समाज का अधययि करक अपि मिि-धचििि की कसौटी पर अचछी िरि परखकर और अपि मि क भीिर डबकर अचछी िरि टटोलकर जजस बाि को सिी जािि थ उसी को सिीकार करि थ उनिोि बािर क ककसी अिकश को कभी सिीकार ििीि ककया उिका मि ि ldquo यि अिशासि और अिकश रचिाकार क अपि वििक क भीिर स आिा चाहिए rdquo43

अमिराय ि कछ िषो क पचचाि सामयिादी पाटी स सिबिध िोड हदया था ककि ि सामयिाहद विचारधारा म उिका विचिास आजीिि रिा ि मलखि ि ldquo मर मलए विचारधारा कछ दसरी चीज ि उस आदमी मजबिी स

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पकडिा ि िि समपथण मािगिी ि उसक मलए निषठा चाहिए गिरा आििररक विचिास चाहिए उसी निषठा और गिर विचिास म स सब िरि क अभािकषट नििदाअपमािजलयाििा सब कछ सिि और जररि पडि पर अपि पराण िक द दि की िाकि आिी ि जिा य निषठा और समपथण और अकि ठ विचिास ििीि ि ििा कफर विचारधारा कसी जसी िई िस ि िई rdquo44

132गाधीवाद का परभाव

परारिभ म अमिरायकालीि समाजपर गाधीजी छाए िए थ अिः सपषट ि कक अमिराय की धचिििधारा पर गािधीिाद का गिरा परभाि लकषकषि िोिा सिाभाविक िी ि ldquo मरा िो काल (सि 1942-44) भयिकर गाधी भजति का था rdquo45 अिः उिकी रचिाओि म खासकर ndashबीज-उपनयास म मातसथिादी विचारधारा की गिराई म गाधीिादी विचारधारा क िति एिि सामाजजक मसदधािि जस मदयनिषध िगथ बद विरोध सिदशी राषरीय मशकषा वपछडो का उतथाि हदखाई दि ि

133मातससवादी चचतन का परभाव (वगस सघरस)

सि 1950 क उपरािि अमिराय मातसथिादी पाटी क सिीय सदसय बि गय मातसथिादी धचििि ि उि पर जाद कर हदया था इसमलए ि उस अधधक पसिद करि थ ldquo म मातसथिाद स पयार करि लगाथा rdquo46 ि उस जीििसमाज और सिसार बदलि का असि मािि ि ldquo मातसथिाद स अहदक जीिििअधधक िािनिकारी अधधक लोक कलयाणकारी मबलकअधधक सचचािाद दसरा ििीि rdquo47पररणामसिरप उिका परा साहितय मातसथिाद क दििदिातमक भौनिकिादी दशथि पर आधाररि ि सामयिादी और मातसथिादी दशथि समाज म समिा और नयाय की सथापिा कमलए िगथ सिघषथ को अनििायथ माििा ि िमार समाज म दो िगथ निरििर रि ि ndash एक शोषक िगथ और दसरा शोवषि िगथ अमिराय किि ि ldquoमटठी भर पजीपनियो दिारा लाखो ndashकरोडो लोगो का आधथथक शोषण एक भयिकर अनयाय ि और उसक

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विरदध परनििाद का सिर भरपर उठिा चाहिए इस अथथ-वयिसथा स सीध-सीध या परोकषिः जडी िई असिखय दसरी विषमिाए विकनियाअनयायदराचारएक स एक भयिकर अपराधजजिका एक फलिा-फलिा सामराजय ि और जजिको िम अपि आस-पास िरदम िोि दखि ि और जजिस िमारी माििीय सििदिा परकतया जडिी ि कषबध और आिदोमलि िोिी ि rdquo48उसक विरदध आिाज उठािा अनििायथ ि िमार समाज म सिी िगथ िथा अकलीि दमलि अथिा सिक िगथ सदा स िी शोवषि रिा ि अमिराय ि शोवषि िगथ को शोषण मति कराि क मलए िगथ-सिघषथ का आहिाि ककया ि ि सामाजजक नयाय क मलए रति िािनि को भी अनििायथ मािि ि ि किि ि ldquo समाज म नयाय ििीि ि और सििलि सब तरबगड गया ि और जिा समाज का सििलि तरबगडा िआ िो ििा वयजति का सििलि भी तरबगड तरबिा ििीि रि सकिा अपि दश भारि म यि सामाजजक नयाय सबस कम ि इसीमलए यिा का सििलि सबस िी अधधक तरबगडा िआ ि समाज सबस अजसथर ि अब यि सामाजजक अनयाय जि साधारण क मलए असहय िो गया ि और अब यि परािा ढचरा ककसी िरि चल ििीि सकिा अब या िो यि अनयाय की वयिसथा िधानिक िरीको स नयाय की हदशा म बदलगी या कफर रति-िािनि िोगी rdquo49

अमिराय ि अपि साहितय म शोषण क विरदध सिघषथ का सिर उठाया ि िथा आम आदमी को शोषण स मजति पाि िि सिघषथ करि की पररणा दी ि ि किि ि ldquo साहितय तयो जि चििा का परोधा ि बि उसकी नियिी ऐसी तयो िो िि वयजति क भीिर मसमट कर रि जाय rdquo50

134मानवतावाद

अमिराय की विचारधारा मलिः मािििािादी विचारधारा ि अमिराय क अिसार साहितय रचिा जीिि का यथािथय अिकि ििीि बजलक सचचा साहितय जिचििा का विधायक एिि सिघषथ का परोधा िोिा ि उिका कििा ि कक ldquoयिी जीिि दजषट मझ ndashहरगर- करिी ि यिी चीज जो उतपरररि करिी

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ि rdquo51ि सियि वयजति क कषटो को दर करि िथा उस उनिनि की हदशा म परररि करि क मलए कहटबदध मािि ि - ldquoएक भी किािी ऐसी ििीि ि जजसक भीिर मरा समगर धचति िा बोल रिा िो जो सिसार म अनयाय दखिा ि जो बराई दखिा ि िकलीफ दखिा ि और उसस रतिी भर आिदोमलि या विकषबध ििीि िोिा ि ऐसा लखि मरा ििीि ि मर भीिर लखि का सजि का रस जो निझथररि िोिा ि िि निझथररि िो िी ििीि सकिा जब िक कक उसक साथ किीि कोई सतयअसतयनयायअनयायसिदर असिदर य जो मलभि चीज ि इिका परचि िा जडा िो rdquo इसी मािििािादी विचारधारा ि अमि को ि किल साहितय सजि क मलए परररि ककया बजलक इनिीि माििीय मलयो की सथापिा क मलए उनिोि रासिा बिाया उिकी सामयिादी दशथि म अरडग आसथा का कारण भी यिी मािििािाद ि तयोकक मासथिाद अनििः एिि मलिः मािििािाद िी ि जजसका वििचि अमिराय ि अपि निबिध-गरिथ ndash विचारधारा और साहितय- म ककया ि मातसथ क विषय म ि किि ि ldquo उसकी यि माििीय सििदिा या माििीय सरोकार एक शबद म मािििािाद बिधा लोगो की आखो स ओझल िो जािा ि और उसका धयाि आि परिरिि एक रख ndashसख अथथशासि का रप सामि आकर खडा िो जािा ि जो लोग गलि जगि पर जोर द कर मातसथ को किल आधथथक उनिनि स िी बाद दिा चािि ि िो चाि या ि चाि जाि या ि जाि मातसथ क साथ घोर अनयाय करि ि rdquo53अमिराय मि ि कक मातसथ भौनिकिादी इस अथथ म ि कक िि ककसी हदवय शजति को सिीकार ि करक पदाथथ ( कषनिजलपािकगगिसमीर )की सतिा को िी सतय माििा ि अथथ (धि) का पजक िि कभी ििीि रिा उसि सियि आजीिि निधथििा म िी ऋवष-मनियो की भानि जीिि -यापि ककया अमिराय क साहितय म उिकी मािििािादी विचारधारा सिथि हदखाई पडिी ि ि सियि किि ि ldquo सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मािस को रिगा िमरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा rdquo54

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135यथाथसवाद और सहजता

अमिराय साहितय म यथाथथिाद क समथथक ि ि साहितय को शदध कला ििीि मािि ि िरि उस जीिि एिि समाज क मलए उपयोगी मािि ि उिक अिसार सचचा लखि िो ििी ि जोसमाज को कछ हदशा द सक ि किि ि ldquo आधनिक िो परािा िो सचचा लखि ििी ि जजसम लखक अपि दख िए अपि भोग िए को अपि कलातमक सामथयथ-भर अधधक स अधधक पणथिा क साथ धचतरिि करिा चाििा ि rdquo 55 ि साहितय म अिासिविक अथिा अयथाथथ रपिादी परयोगो को वयथथ मािि ि उिका कथि ि ldquo साहितय क अििगथि रप की अििलिा उसको िनिक भी इषट ििीि ि साहितय को माि अलिकरण या साज-सजजा ि मािि िए िम उस रचिा परकिया का अिग मािि ि और इस िाि उसको परा मिति दि ि पर िम कििा चािि ि कक रप का साथथक परयोग ििी ि जो िसि स सजीि सिदभथ म उसकी अधधवयजति की वििशिा स ककया गया ि lsquoशदधrsquo कला क फर म lsquoशदधrsquo रप क अविषकार म लगी िई परयोगशीलिा ििधया मसदध िोिी ि rdquo56

अमराय साहितय की उपयोधगिा पर विचार करि िए किि ि ldquo उसकी िासिविक साथथकिा इसम ि कक िि अिजाि िी आदमी की िजतियो का सिसकार करिा ि और जो साहितय जजििा िी शरषठ िोिा ि उिि जयादा अिजाि ढिग स अपिा काम करिा ि rdquoअिः लखक का यि किथवय ि कक िि साहितय का सजि अपि पररिश स जडकर कर ि िि कोरा आदशथिादी लखि कर ि िी ककसी ndashिाद- या ndashफशि- क चलि ऐसा यथाथथ धचतरिि कर जो सियि उसक समाज म अविदयमाि िो इसी को उनिोि सिज धरािल पर लखि किा ि किािी क कषि म ि सिज किािी क समथथक बि ि किि ि ldquo ियी किािी की खोज म सिज किािी खो गयी rdquo57ldquo सिज किािी स िमारा िातपयथ उस मल कथा-रस स ि जो किािी की अपिी खास चीज ि और जो बिि सी ndashियी- किी जाि िाली किानियो म एक मसर स ििीि ममलिा rdquo58

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इस परकार अमिराय की विचारधारा समाजिादी एिि मािििािादी ि ि लखि म यथाथथ ि सिजिा क परबल समथथक रि िथा अपिी रचिाओि म सब परकार क शोषण क विरदध विदरोि एिि सिघषथ क सिर को ऊचा उठाया ि

136अधययन एव जीवनानभवो का परभाव

अमिराय की विचारधारा क निमाथण म उिका गिि आधययिधचििि िथा जीििािभि भी उतिरदायी रिा ि शरषठ कथा मलखि का रासिा बिाि िए अमिराय किि ि ldquo म िो उसका एक िी ढिग जाििा ि बड किािीकारो को पढिा उस पढि स िी अचछी किािी का बोध उसकी कछ परसििी अपि भीिर छिकर धथरककरसिधचि िोिी रििी िोगी rdquo59 अिः उनिोि समकालीि साहितयकारो को िो खब पढा िी विगि मिाि लखको को उनिोि अपकषाकि फधधक पढा ndash सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मि को रिगा ि मरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा ि -(विचारधारा और साहितय अमिराय प-18) उनिोि मतसथ लनिि एिगलस सटामलि माओ लकास एिि कॉडिल को खब पढा साथ िी उिक सजि पर रिीिदरिाथ टगोर शरिचिदर चिोपाधयाय परमचिद दोसिोिसकी मोपासाि गोकी का असीम परभाि रिा

परमचिद किा करि थ ldquo िम जीिि म जो कछ दखि ि या जो कछ िम पर गजरिी ि ििी अिभिििी चोट कलपिा म पिचकर याहितय सजि की पररणा करिी ि rdquo60 अमिराय ि भी लखक पर अिभिो क सिज परभाि को सिाकारि िए मलखा ि ldquo जो भी मलखिा ि िि सबस पिल िो आदमी िआदमी की िरि स आदमी की जजिदगी जीिा ि िस िी उसक आसिग-परसिग िोि ि और सिबिध बिि ि जजिदगी उसी िरीक स टकरािी ि उसस आकर उसी िरि उसक अिदर बिि िरि स ररसपानसज आि ि और उि सब क मलए ndashहदए िि मलखिा ि rdquo61 अमिराय क कथा-साहितय म आए िए विचारो ि परसिगो का जजममदार अपि जीििािभिो एिि मि को मािि ि ldquo

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म किानिया मलखिा िजजिदगी क मल म िर दम कछ ि कछ िोिा रििा ि लोग मरि ि जीि ि ििसि ि रोि ि ममलि ि तरबछडि ि ठगि ि ठगजाि ि कछ बाि अपि पर बीििी ि कछ दसरो पर बीिि दखिा ि बिायी िई किानियो स जयादा जािदार और रिगीि किानिया िरदम आखो क सामि िोिी ि बस इििा ि कक अपि मि का रिग इििा चटक िो जाय कक एक बार डबोकर किािी को निकाल मलया जा सक इस किया म िि किािी जो दखी थी कछ की कछ िो जािी ि तयोकक मि क भीिर खद बिि सी किानिया सोयी रििी ि इसी िरि बिि सी किानियो क िायक-िानयकाए सडको पर पाको म मसाकफर खािो म कचिरी और दफिर की गदथ और बोसीदा फाइलो म टिलिनघसटि और रगि ममल जाि ि कभी जयो क तयो ममल जाि ि कभी चार को ममलाकर एक बििा ि और किीि एक को चार म नछिरा हदया जािा ि rdquo62

14 परगततिील आदोलन और अमतराय

अमिराय परगनिशील चििा परारिभ स िी परभाविि रि उिक वपिा परमचिद सियि एक परगनिशील सामाजजक यथाथथिादी लखक रि अमिराय की परािरिमभक रचिाओि यथा ndashिम रखल-मिशी जी मरसथल आहद किानियो म परगनिशील चििा क दशथि िोि ि उिकी किानियो म समाज क निमि और मधय िगथ क शोवषि-जीरडि वयजति िी िायक ि उनिोि उिक दःख-ददथ का यथाथथ धचिण ककया ि

सि 1942 ई0 िक ि मातसथिादी विचारधारा स पणथिः परभाविि िो चक थ और परगनिशील आिदोलि क सिीय कायथकिाथ िो बि गए थ सि 1942 ई0 स उनिोि- ििस- का सिपादि कायथ सिभाल मलया था और ndashििस- को परगनिशील आिदोलि का मख-पि बिा हदया था परयोगिादी परगनिशील किी धगररजा कमार माथर किि ि ndash य जो मिच बिा ििस और य एक वयापक परगनिशील चििा का मिच बिा किर कठमललापि िो बाद म आया उसका भी इनििास टतकर का जो ि िो बाद म आिा ि लककि य िो

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परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

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बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

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अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

29

अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

30

6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

31

इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

32

की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

33

उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

34

अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 15: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

15

निरििर सतय की खोज म सिलगि रि इस खोज क पीछ मािििा क कलयाण की भाििा सजनिहिि थी अपिी दीघथ रचिा - काल क कारण ि िर िई पीढी स जड रि उसस सीखि रि और सियि को बदलि रि साहितयकार का यि निरििर िया बि रििा और समाज की धडकिो को पिचाििा और समझिा उस जीििििा और साथथकिा परदाि करिा ि ियी पीढी और समकालीि रचिा- सिसार स अमिराय की इस सिबदधिा ि जिा उनि पविि उजजिल एिि मिगलमयी मनिथ क रप म लोकवपरय बिाया ििाि सतिा ndash परनिषठािो स दर रिकर ि अपि सिधषथशील चररि एिि शील को सरकषकषि रखि म सफल िए उिक इस वयजतिति ि उिक साहितय को भी उसी रप म सिघषथशील िथा मिगलमय बिाकर महिमामिरडि कर हदया ि अिः उिक वयजतिति एिि कनिति स अिगि िोिा अपि म एक अिभि ि

एक िलदशी निमथल जल सा खल वयजतिति का आलोक विसिार जसा गोरा-धचिा अकलिकछरिरा साफ आइि सा शरीर िस िी मति ठिाकदारििाओि िक गजािी िसी िसा िी निवयाथज वयििार एक पारदशी मिममथशीलआतमदाि भरा आचिजसि भाि िति पर िज-िराथर परनिकियाओि का ममजाज भी अििर का भरा ठिराि भी ldquo जस सिसकनि की अिक धाराए यिा आकर ममल गयी ि उसी िरि की सािसकनिक परिपरा और आधनिकिा सामाजजकिा और ियजतिकिा हििदी ndashउदथ और अिगरजी का ममलि तरबिदअमिराय का वयजतिति rdquo25 परकनि स उनि अटट परम था माहट का मोि उिक शबदो म दलखए ldquo म कभी कलपा िी ििीि कर पािा कक ककसी मिािगर म एक छोट ndashस अपाटथमट म ऊपर रि- छठ माल पर म ििीि रि सकिा िम िो एक छोटी सी कहटया फस की िी द दो लककि उसक साथ जरा-सी जमीि िो और ममिी िो rdquo26 इसमलए उिका विशाल बिगला ndashधप-छाि- सकडो िरि क लिा ndashकि ज फलपड-पौधो स आज भी नघरा िआ ि

उिका वयजतिति अििमथखी और बहिमथखी दोिो का समनिय था उनि अपिा परदशथि करिा या ककसी िरि की आतमचलाघा बिि घहटया काम

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लगिा था परकाशि स पिथ ि अपिी रचिाए ि कीसी को पढिाि थ ि सिाि थ एक माि वयजति जो उिकी रचिाए परकामशि िोि स पिल पढ लिा था- िि थी उिकी पतिी सधा जी एक बार इलािाबाद क विदयाथी जीिि म उनिोि मिादिी जी क ndashअिीि क चलधचि- की समीकषा की जजसम जी खोलकर उसकी परशिसा की थी समीकषा एक अिगरजी पतरिका म परकामशि िई ककि ि उनिोि मिादिी जी को ि िो िि पतरिका हदखायी ि उसक बार म बाि िी की ि बिि सिकोची सिभाि क थ उनि यि भी पसिद ि था कक लोग उिका सममाि परमचिद का पि िोि क कारण कर सभाषमखोपाधयाय की पतिी गीिा जी मलखिी ि ndash अमि कलकतिा स इलािाबाद लौट रिा था ldquo एक यािी सजजि ि अपिी बटी को अमि क आरकषकषि बथथ पर बठ हदया था बार-बार अिरोध करि पर भी ि उस बथथ को छोडिा ििीि चािि थ और यि दािा कर रि थ कक िि उनिीि का ि मझ ऐसा लगा कक यहद मि कछ ििीि ककया िो अमि इििा सिकोची जीि ि कक िि फशथ पर बठ कर इलािाबाद िक चला जाएगा पर अपि बथथ की माग ििीि करगा मि उस रडबब म बठ मसाकफरो को जब बिाया कक य परमचिद क पि ि िो बड आदर क साथ उनिीि लोगो ि उसकी बथथ खाली करिाि म भममका निभाई थी rdquo27

अमिराय क हरदय म बचपि स िी अपि माि-वपिा क परनि अतयिि शरदधा एिि परम था परथम बार मािा-वपिा स दर इलािाबाद पढि जाि समय ि रो उठ थ ldquo बनि िो िम िीिो क पर छिा िआ रोिा िआगाडी स उिर गया rdquo28 अमिराय का बचपि का िाम बनि था बचपि स िी ि बड दयालसहरदय एिि सििदिशील थ उिकी मा मशिरािी दिी क शबदो म ndash मरी किारी का छोट बचचा आग म जल गया उसक सार बदि म मलिम पिा िआ था कपड भी गिद िो गय थ मरा छोटा बचचा बनि उस किीि बािर पा गया उस दखकर बनि को दया आई िि उस पचचो को जीि पर स दोिो िाथो का घोरा बिाकर अिदर लाया ldquo बोला ndashअममा इस कछ खाि को दो उस बचच का बदि दखकर मर रोगट खड िो गय rdquo29 बालक अमिराय क बचपि म िी उिक वपिा ि उि भविषय की सिभाििा दख ली

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थी ldquoयि लडका बडा दयािाि मालम िोिा ि भलाउस िि कस लाया ndash भगिाि इमस जीविि रख िम दखिा िमिारा राम यि रोशि करगा rdquo30

बालक जजस पाररिाररक पररिश म जनम लिा ि जजस चार दीिारी म उसका शशिबचपि एिि ककशोरािसथा बीििी ि ििा क िािािरण की सपषट छाप उसक वयजतिति पर आिचयक रप स अिककि िो जािी ि अमिराय ि अपि वयजतिति क बारम किा ि ldquo किा-किा स आदमी को तया-तया ममलिा ि लककि य ि कक म सचमच भीिर स बिि िी साधारण और सिज ि मर पास ि िो बिािट ि और िा म बिािटी लोगो को पसिद करिा ि rdquo31तयोकक ldquo रचिा अनििायथ रपण रचनयिा क वयजतिति स सिबदध िोिी ि rdquo32

अमिराय सबको बराबर मािकर चलििाल वयजति थ ि सियि किि ि ldquo लककि म बदककसमिी स ि िो ककसी को अपिा चला बिा सकिा ि और ि ककसी का चला बि सकिा ि मझको किल बराबरी का सिबिध आिा ि rdquo33 उिक जजिि भी ममि थ उिस उिक नििािि सिज पाररिाररक सिबिध थ ि अपि सहरदजिो का माि रखि क मलए जो उनि िापसिद िोिा िि भी कर लि थ गीिा जी मलखिी ि ldquo अमि और सधा दोिो शाखािारी थ पर िम खश करि क मलए अमि कभी-कभी मछली खा लिा उस यि पिा था कक सभाष मछली क तरबिा ििीि रप सकि िि भोजि बडी रची स करिा rdquo34 रािगय राघि स अपिी िलिा करि िए अमिराय ि अपि सिकोची सिभाि क विषय म सियि भी मलखा ि ldquo मर अपि मसमट ndashमसमट सििभाि स उसका मल ििीि बठिा था अपि को बािर फ क सकि औरो क साथ घला ndashममला दि क इस गण का म बिि आदर करिा ि rdquo35

ि अपि विचारो पर सदि दढ रि यहद कोई उिकी विचारघारा अथिा आसथा पर अिधचि आपकष लगािा ि िो ि उसका मििोड जिाब दि म सिकोच ििीि करि थ उनिोि मलखा ि ldquo म यो निजी मामलो म िो बिि शािनिपरमी आदमी ि थोडा दबकर भी बिि स झगडो दरगजर कर जािा

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ि लककि विचारो की दनिया म उपिी आसथाओि को विचिासो को जरा जयादा िी मजबिी स पकडिा ि इसमलए उस पर कोई आिमण ििीि सि सकिा और ि ििा पर ककसी िरि का समझौिा करिा मझ पसिद ि rdquo36 ऐस अिसरो पर दो-दो घिट लगािार भाषण द डालि थ अमभयोग का उतिर दि समय भी ि िसी हदललगी क साथ िलक-फलक अिदाज म िी भाषण हदया करि थ जजसस शरोिा भी आििदपिथक रस लकर उिकी बाि सिा करि थ यि उिक वयजतिति का बिि बडा िमशषय था ि ऐस निरमभमािी कलाकार थ जो दसरो की कला ि दसरो क गणो का बिि आदर करि थ डॉ रामविलास शमाथ ि उि पर िथा रािगय राघि रािल सािकतयायि आहद अिक परगनिशील लखको पर lsquoटटपजजया समाजिादीrsquo िोि का आकषप लगाया था ldquoसाहितय म सियति मोचाथ ndash पसिक मलखकर इसका उनिोि मििोड जिाब भी हदया था ककि ि ि शमाथ जी की इस एक कमी को सिीकार करि िए उिक अनय गणो की परशिसा करि थ rdquo37

13पवचारधाराएव परभाव

अमिराय ि अपिी कनियो पर िए विचारधारा क परभाि क सिदभथ म मलखा ि ldquoजजस िगथ स कलाकार जनम लिा ि उसक लौककक दजषटकोण क अिसार उसकी एक विचारधारा जनम स िी बि जािी ि अगर उसक सिरकषक भी उसी िगथ क िए िो िि मा क दध क साथ गरिण ककए िए अपि जीिि क दजषटकोण स परी िरि सििषट रिगा और उसको अपिी कनियो म अमभवयति करगा rdquo38परतयक साहितयकार पर परतयकष या परोकष रप स ककसी ि ककसी विचारधारा का पभाि अिचय िोिा िी ि अमिराय क शबदो म ldquo जिा रचिाकार को सचिि रप स अपिी विचारधारा का पिा ििीि िोिा ििा भी विचारधारा िो रििी िी ि रचिा पर अिजाि िी उसका समािश िो जािा ि विचारधारा किीि सििदिा बिकर आिी ि और किीि परसिगिः रचिाकार की माििीय परनिकिया बिकरrdquo

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131सामयवादी पवचारधारा

अमिराय ि निबिध lsquoविचारधारा और साहितयrsquo म सपसट सिीकर ककया ि कक ldquo मरी विचारधारा सामयिादी ि या यो कि लीजजए कक मझ पर सामयिादी विचारधारा का गिरा परभाि ि rdquo40 सि 1943 ई0 म उनिोि सामयिादी पाटी की सदसयिा गरिण की िथा मजदर ndashयनियि क मििी भी बि थ -बीज- उपनयास िथा ndashपारजाि क फल ndashआहद किानियो म उिकी सामयिादी विचारधारा सपसटिः सामि आई ि ककि ि ककसी भी विचारधारा या lsquoिादrsquo का अिधािसरण करि का ि विरोध करि ि ldquo जब-जब और जिा-जिा अिधािसरण की ऐसी कोई िीनि बरिी या अपिायी गयी ि विचार मर गया ि साहितय मरगया ि किल पररपाटी का रहढबदध लखि िआ ि rdquo41

सामयिादी पटी का सदसय रिि िए भी ि अपि ढिगस कछ अलग-अलग-सा भी सोचि रि और कदाधचि इसका कछ मलय भी उस चकािा पडा तयो कक सामदानयक धचििि परकतया मशविरबदधिा मागिा ि ि किि ि ldquo

मरा मि जसा कचछ बिा था िसी मसविरबदधिा मर मलए कभी सिभि ि िो पायी पर मझ कोई खद ििीि ि तयोकक मझ लगिा ि कक अिििः अपिा वििक िी सबस अचछा जीिि-सिचर िोिा ि rdquo42उनिोि मातसथिाद का गिि अधययि -मिि करक उस अपिी विचारधारा बिाया ि अपि समाज का अधययि करक अपि मिि-धचििि की कसौटी पर अचछी िरि परखकर और अपि मि क भीिर डबकर अचछी िरि टटोलकर जजस बाि को सिी जािि थ उसी को सिीकार करि थ उनिोि बािर क ककसी अिकश को कभी सिीकार ििीि ककया उिका मि ि ldquo यि अिशासि और अिकश रचिाकार क अपि वििक क भीिर स आिा चाहिए rdquo43

अमिराय ि कछ िषो क पचचाि सामयिादी पाटी स सिबिध िोड हदया था ककि ि सामयिाहद विचारधारा म उिका विचिास आजीिि रिा ि मलखि ि ldquo मर मलए विचारधारा कछ दसरी चीज ि उस आदमी मजबिी स

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पकडिा ि िि समपथण मािगिी ि उसक मलए निषठा चाहिए गिरा आििररक विचिास चाहिए उसी निषठा और गिर विचिास म स सब िरि क अभािकषट नििदाअपमािजलयाििा सब कछ सिि और जररि पडि पर अपि पराण िक द दि की िाकि आिी ि जिा य निषठा और समपथण और अकि ठ विचिास ििीि ि ििा कफर विचारधारा कसी जसी िई िस ि िई rdquo44

132गाधीवाद का परभाव

परारिभ म अमिरायकालीि समाजपर गाधीजी छाए िए थ अिः सपषट ि कक अमिराय की धचिििधारा पर गािधीिाद का गिरा परभाि लकषकषि िोिा सिाभाविक िी ि ldquo मरा िो काल (सि 1942-44) भयिकर गाधी भजति का था rdquo45 अिः उिकी रचिाओि म खासकर ndashबीज-उपनयास म मातसथिादी विचारधारा की गिराई म गाधीिादी विचारधारा क िति एिि सामाजजक मसदधािि जस मदयनिषध िगथ बद विरोध सिदशी राषरीय मशकषा वपछडो का उतथाि हदखाई दि ि

133मातससवादी चचतन का परभाव (वगस सघरस)

सि 1950 क उपरािि अमिराय मातसथिादी पाटी क सिीय सदसय बि गय मातसथिादी धचििि ि उि पर जाद कर हदया था इसमलए ि उस अधधक पसिद करि थ ldquo म मातसथिाद स पयार करि लगाथा rdquo46 ि उस जीििसमाज और सिसार बदलि का असि मािि ि ldquo मातसथिाद स अहदक जीिििअधधक िािनिकारी अधधक लोक कलयाणकारी मबलकअधधक सचचािाद दसरा ििीि rdquo47पररणामसिरप उिका परा साहितय मातसथिाद क दििदिातमक भौनिकिादी दशथि पर आधाररि ि सामयिादी और मातसथिादी दशथि समाज म समिा और नयाय की सथापिा कमलए िगथ सिघषथ को अनििायथ माििा ि िमार समाज म दो िगथ निरििर रि ि ndash एक शोषक िगथ और दसरा शोवषि िगथ अमिराय किि ि ldquoमटठी भर पजीपनियो दिारा लाखो ndashकरोडो लोगो का आधथथक शोषण एक भयिकर अनयाय ि और उसक

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विरदध परनििाद का सिर भरपर उठिा चाहिए इस अथथ-वयिसथा स सीध-सीध या परोकषिः जडी िई असिखय दसरी विषमिाए विकनियाअनयायदराचारएक स एक भयिकर अपराधजजिका एक फलिा-फलिा सामराजय ि और जजिको िम अपि आस-पास िरदम िोि दखि ि और जजिस िमारी माििीय सििदिा परकतया जडिी ि कषबध और आिदोमलि िोिी ि rdquo48उसक विरदध आिाज उठािा अनििायथ ि िमार समाज म सिी िगथ िथा अकलीि दमलि अथिा सिक िगथ सदा स िी शोवषि रिा ि अमिराय ि शोवषि िगथ को शोषण मति कराि क मलए िगथ-सिघषथ का आहिाि ककया ि ि सामाजजक नयाय क मलए रति िािनि को भी अनििायथ मािि ि ि किि ि ldquo समाज म नयाय ििीि ि और सििलि सब तरबगड गया ि और जिा समाज का सििलि तरबगडा िआ िो ििा वयजति का सििलि भी तरबगड तरबिा ििीि रि सकिा अपि दश भारि म यि सामाजजक नयाय सबस कम ि इसीमलए यिा का सििलि सबस िी अधधक तरबगडा िआ ि समाज सबस अजसथर ि अब यि सामाजजक अनयाय जि साधारण क मलए असहय िो गया ि और अब यि परािा ढचरा ककसी िरि चल ििीि सकिा अब या िो यि अनयाय की वयिसथा िधानिक िरीको स नयाय की हदशा म बदलगी या कफर रति-िािनि िोगी rdquo49

अमिराय ि अपि साहितय म शोषण क विरदध सिघषथ का सिर उठाया ि िथा आम आदमी को शोषण स मजति पाि िि सिघषथ करि की पररणा दी ि ि किि ि ldquo साहितय तयो जि चििा का परोधा ि बि उसकी नियिी ऐसी तयो िो िि वयजति क भीिर मसमट कर रि जाय rdquo50

134मानवतावाद

अमिराय की विचारधारा मलिः मािििािादी विचारधारा ि अमिराय क अिसार साहितय रचिा जीिि का यथािथय अिकि ििीि बजलक सचचा साहितय जिचििा का विधायक एिि सिघषथ का परोधा िोिा ि उिका कििा ि कक ldquoयिी जीिि दजषट मझ ndashहरगर- करिी ि यिी चीज जो उतपरररि करिी

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ि rdquo51ि सियि वयजति क कषटो को दर करि िथा उस उनिनि की हदशा म परररि करि क मलए कहटबदध मािि ि - ldquoएक भी किािी ऐसी ििीि ि जजसक भीिर मरा समगर धचति िा बोल रिा िो जो सिसार म अनयाय दखिा ि जो बराई दखिा ि िकलीफ दखिा ि और उसस रतिी भर आिदोमलि या विकषबध ििीि िोिा ि ऐसा लखि मरा ििीि ि मर भीिर लखि का सजि का रस जो निझथररि िोिा ि िि निझथररि िो िी ििीि सकिा जब िक कक उसक साथ किीि कोई सतयअसतयनयायअनयायसिदर असिदर य जो मलभि चीज ि इिका परचि िा जडा िो rdquo इसी मािििािादी विचारधारा ि अमि को ि किल साहितय सजि क मलए परररि ककया बजलक इनिीि माििीय मलयो की सथापिा क मलए उनिोि रासिा बिाया उिकी सामयिादी दशथि म अरडग आसथा का कारण भी यिी मािििािाद ि तयोकक मासथिाद अनििः एिि मलिः मािििािाद िी ि जजसका वििचि अमिराय ि अपि निबिध-गरिथ ndash विचारधारा और साहितय- म ककया ि मातसथ क विषय म ि किि ि ldquo उसकी यि माििीय सििदिा या माििीय सरोकार एक शबद म मािििािाद बिधा लोगो की आखो स ओझल िो जािा ि और उसका धयाि आि परिरिि एक रख ndashसख अथथशासि का रप सामि आकर खडा िो जािा ि जो लोग गलि जगि पर जोर द कर मातसथ को किल आधथथक उनिनि स िी बाद दिा चािि ि िो चाि या ि चाि जाि या ि जाि मातसथ क साथ घोर अनयाय करि ि rdquo53अमिराय मि ि कक मातसथ भौनिकिादी इस अथथ म ि कक िि ककसी हदवय शजति को सिीकार ि करक पदाथथ ( कषनिजलपािकगगिसमीर )की सतिा को िी सतय माििा ि अथथ (धि) का पजक िि कभी ििीि रिा उसि सियि आजीिि निधथििा म िी ऋवष-मनियो की भानि जीिि -यापि ककया अमिराय क साहितय म उिकी मािििािादी विचारधारा सिथि हदखाई पडिी ि ि सियि किि ि ldquo सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मािस को रिगा िमरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा rdquo54

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135यथाथसवाद और सहजता

अमिराय साहितय म यथाथथिाद क समथथक ि ि साहितय को शदध कला ििीि मािि ि िरि उस जीिि एिि समाज क मलए उपयोगी मािि ि उिक अिसार सचचा लखि िो ििी ि जोसमाज को कछ हदशा द सक ि किि ि ldquo आधनिक िो परािा िो सचचा लखि ििी ि जजसम लखक अपि दख िए अपि भोग िए को अपि कलातमक सामथयथ-भर अधधक स अधधक पणथिा क साथ धचतरिि करिा चाििा ि rdquo 55 ि साहितय म अिासिविक अथिा अयथाथथ रपिादी परयोगो को वयथथ मािि ि उिका कथि ि ldquo साहितय क अििगथि रप की अििलिा उसको िनिक भी इषट ििीि ि साहितय को माि अलिकरण या साज-सजजा ि मािि िए िम उस रचिा परकिया का अिग मािि ि और इस िाि उसको परा मिति दि ि पर िम कििा चािि ि कक रप का साथथक परयोग ििी ि जो िसि स सजीि सिदभथ म उसकी अधधवयजति की वििशिा स ककया गया ि lsquoशदधrsquo कला क फर म lsquoशदधrsquo रप क अविषकार म लगी िई परयोगशीलिा ििधया मसदध िोिी ि rdquo56

अमराय साहितय की उपयोधगिा पर विचार करि िए किि ि ldquo उसकी िासिविक साथथकिा इसम ि कक िि अिजाि िी आदमी की िजतियो का सिसकार करिा ि और जो साहितय जजििा िी शरषठ िोिा ि उिि जयादा अिजाि ढिग स अपिा काम करिा ि rdquoअिः लखक का यि किथवय ि कक िि साहितय का सजि अपि पररिश स जडकर कर ि िि कोरा आदशथिादी लखि कर ि िी ककसी ndashिाद- या ndashफशि- क चलि ऐसा यथाथथ धचतरिि कर जो सियि उसक समाज म अविदयमाि िो इसी को उनिोि सिज धरािल पर लखि किा ि किािी क कषि म ि सिज किािी क समथथक बि ि किि ि ldquo ियी किािी की खोज म सिज किािी खो गयी rdquo57ldquo सिज किािी स िमारा िातपयथ उस मल कथा-रस स ि जो किािी की अपिी खास चीज ि और जो बिि सी ndashियी- किी जाि िाली किानियो म एक मसर स ििीि ममलिा rdquo58

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इस परकार अमिराय की विचारधारा समाजिादी एिि मािििािादी ि ि लखि म यथाथथ ि सिजिा क परबल समथथक रि िथा अपिी रचिाओि म सब परकार क शोषण क विरदध विदरोि एिि सिघषथ क सिर को ऊचा उठाया ि

136अधययन एव जीवनानभवो का परभाव

अमिराय की विचारधारा क निमाथण म उिका गिि आधययिधचििि िथा जीििािभि भी उतिरदायी रिा ि शरषठ कथा मलखि का रासिा बिाि िए अमिराय किि ि ldquo म िो उसका एक िी ढिग जाििा ि बड किािीकारो को पढिा उस पढि स िी अचछी किािी का बोध उसकी कछ परसििी अपि भीिर छिकर धथरककरसिधचि िोिी रििी िोगी rdquo59 अिः उनिोि समकालीि साहितयकारो को िो खब पढा िी विगि मिाि लखको को उनिोि अपकषाकि फधधक पढा ndash सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मि को रिगा ि मरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा ि -(विचारधारा और साहितय अमिराय प-18) उनिोि मतसथ लनिि एिगलस सटामलि माओ लकास एिि कॉडिल को खब पढा साथ िी उिक सजि पर रिीिदरिाथ टगोर शरिचिदर चिोपाधयाय परमचिद दोसिोिसकी मोपासाि गोकी का असीम परभाि रिा

परमचिद किा करि थ ldquo िम जीिि म जो कछ दखि ि या जो कछ िम पर गजरिी ि ििी अिभिििी चोट कलपिा म पिचकर याहितय सजि की पररणा करिी ि rdquo60 अमिराय ि भी लखक पर अिभिो क सिज परभाि को सिाकारि िए मलखा ि ldquo जो भी मलखिा ि िि सबस पिल िो आदमी िआदमी की िरि स आदमी की जजिदगी जीिा ि िस िी उसक आसिग-परसिग िोि ि और सिबिध बिि ि जजिदगी उसी िरीक स टकरािी ि उसस आकर उसी िरि उसक अिदर बिि िरि स ररसपानसज आि ि और उि सब क मलए ndashहदए िि मलखिा ि rdquo61 अमिराय क कथा-साहितय म आए िए विचारो ि परसिगो का जजममदार अपि जीििािभिो एिि मि को मािि ि ldquo

25

म किानिया मलखिा िजजिदगी क मल म िर दम कछ ि कछ िोिा रििा ि लोग मरि ि जीि ि ििसि ि रोि ि ममलि ि तरबछडि ि ठगि ि ठगजाि ि कछ बाि अपि पर बीििी ि कछ दसरो पर बीिि दखिा ि बिायी िई किानियो स जयादा जािदार और रिगीि किानिया िरदम आखो क सामि िोिी ि बस इििा ि कक अपि मि का रिग इििा चटक िो जाय कक एक बार डबोकर किािी को निकाल मलया जा सक इस किया म िि किािी जो दखी थी कछ की कछ िो जािी ि तयोकक मि क भीिर खद बिि सी किानिया सोयी रििी ि इसी िरि बिि सी किानियो क िायक-िानयकाए सडको पर पाको म मसाकफर खािो म कचिरी और दफिर की गदथ और बोसीदा फाइलो म टिलिनघसटि और रगि ममल जाि ि कभी जयो क तयो ममल जाि ि कभी चार को ममलाकर एक बििा ि और किीि एक को चार म नछिरा हदया जािा ि rdquo62

14 परगततिील आदोलन और अमतराय

अमिराय परगनिशील चििा परारिभ स िी परभाविि रि उिक वपिा परमचिद सियि एक परगनिशील सामाजजक यथाथथिादी लखक रि अमिराय की परािरिमभक रचिाओि यथा ndashिम रखल-मिशी जी मरसथल आहद किानियो म परगनिशील चििा क दशथि िोि ि उिकी किानियो म समाज क निमि और मधय िगथ क शोवषि-जीरडि वयजति िी िायक ि उनिोि उिक दःख-ददथ का यथाथथ धचिण ककया ि

सि 1942 ई0 िक ि मातसथिादी विचारधारा स पणथिः परभाविि िो चक थ और परगनिशील आिदोलि क सिीय कायथकिाथ िो बि गए थ सि 1942 ई0 स उनिोि- ििस- का सिपादि कायथ सिभाल मलया था और ndashििस- को परगनिशील आिदोलि का मख-पि बिा हदया था परयोगिादी परगनिशील किी धगररजा कमार माथर किि ि ndash य जो मिच बिा ििस और य एक वयापक परगनिशील चििा का मिच बिा किर कठमललापि िो बाद म आया उसका भी इनििास टतकर का जो ि िो बाद म आिा ि लककि य िो

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परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

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बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

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अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

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अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

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6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

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इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

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की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

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उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

34

अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 16: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

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लगिा था परकाशि स पिथ ि अपिी रचिाए ि कीसी को पढिाि थ ि सिाि थ एक माि वयजति जो उिकी रचिाए परकामशि िोि स पिल पढ लिा था- िि थी उिकी पतिी सधा जी एक बार इलािाबाद क विदयाथी जीिि म उनिोि मिादिी जी क ndashअिीि क चलधचि- की समीकषा की जजसम जी खोलकर उसकी परशिसा की थी समीकषा एक अिगरजी पतरिका म परकामशि िई ककि ि उनिोि मिादिी जी को ि िो िि पतरिका हदखायी ि उसक बार म बाि िी की ि बिि सिकोची सिभाि क थ उनि यि भी पसिद ि था कक लोग उिका सममाि परमचिद का पि िोि क कारण कर सभाषमखोपाधयाय की पतिी गीिा जी मलखिी ि ndash अमि कलकतिा स इलािाबाद लौट रिा था ldquo एक यािी सजजि ि अपिी बटी को अमि क आरकषकषि बथथ पर बठ हदया था बार-बार अिरोध करि पर भी ि उस बथथ को छोडिा ििीि चािि थ और यि दािा कर रि थ कक िि उनिीि का ि मझ ऐसा लगा कक यहद मि कछ ििीि ककया िो अमि इििा सिकोची जीि ि कक िि फशथ पर बठ कर इलािाबाद िक चला जाएगा पर अपि बथथ की माग ििीि करगा मि उस रडबब म बठ मसाकफरो को जब बिाया कक य परमचिद क पि ि िो बड आदर क साथ उनिीि लोगो ि उसकी बथथ खाली करिाि म भममका निभाई थी rdquo27

अमिराय क हरदय म बचपि स िी अपि माि-वपिा क परनि अतयिि शरदधा एिि परम था परथम बार मािा-वपिा स दर इलािाबाद पढि जाि समय ि रो उठ थ ldquo बनि िो िम िीिो क पर छिा िआ रोिा िआगाडी स उिर गया rdquo28 अमिराय का बचपि का िाम बनि था बचपि स िी ि बड दयालसहरदय एिि सििदिशील थ उिकी मा मशिरािी दिी क शबदो म ndash मरी किारी का छोट बचचा आग म जल गया उसक सार बदि म मलिम पिा िआ था कपड भी गिद िो गय थ मरा छोटा बचचा बनि उस किीि बािर पा गया उस दखकर बनि को दया आई िि उस पचचो को जीि पर स दोिो िाथो का घोरा बिाकर अिदर लाया ldquo बोला ndashअममा इस कछ खाि को दो उस बचच का बदि दखकर मर रोगट खड िो गय rdquo29 बालक अमिराय क बचपि म िी उिक वपिा ि उि भविषय की सिभाििा दख ली

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थी ldquoयि लडका बडा दयािाि मालम िोिा ि भलाउस िि कस लाया ndash भगिाि इमस जीविि रख िम दखिा िमिारा राम यि रोशि करगा rdquo30

बालक जजस पाररिाररक पररिश म जनम लिा ि जजस चार दीिारी म उसका शशिबचपि एिि ककशोरािसथा बीििी ि ििा क िािािरण की सपषट छाप उसक वयजतिति पर आिचयक रप स अिककि िो जािी ि अमिराय ि अपि वयजतिति क बारम किा ि ldquo किा-किा स आदमी को तया-तया ममलिा ि लककि य ि कक म सचमच भीिर स बिि िी साधारण और सिज ि मर पास ि िो बिािट ि और िा म बिािटी लोगो को पसिद करिा ि rdquo31तयोकक ldquo रचिा अनििायथ रपण रचनयिा क वयजतिति स सिबदध िोिी ि rdquo32

अमिराय सबको बराबर मािकर चलििाल वयजति थ ि सियि किि ि ldquo लककि म बदककसमिी स ि िो ककसी को अपिा चला बिा सकिा ि और ि ककसी का चला बि सकिा ि मझको किल बराबरी का सिबिध आिा ि rdquo33 उिक जजिि भी ममि थ उिस उिक नििािि सिज पाररिाररक सिबिध थ ि अपि सहरदजिो का माि रखि क मलए जो उनि िापसिद िोिा िि भी कर लि थ गीिा जी मलखिी ि ldquo अमि और सधा दोिो शाखािारी थ पर िम खश करि क मलए अमि कभी-कभी मछली खा लिा उस यि पिा था कक सभाष मछली क तरबिा ििीि रप सकि िि भोजि बडी रची स करिा rdquo34 रािगय राघि स अपिी िलिा करि िए अमिराय ि अपि सिकोची सिभाि क विषय म सियि भी मलखा ि ldquo मर अपि मसमट ndashमसमट सििभाि स उसका मल ििीि बठिा था अपि को बािर फ क सकि औरो क साथ घला ndashममला दि क इस गण का म बिि आदर करिा ि rdquo35

ि अपि विचारो पर सदि दढ रि यहद कोई उिकी विचारघारा अथिा आसथा पर अिधचि आपकष लगािा ि िो ि उसका मििोड जिाब दि म सिकोच ििीि करि थ उनिोि मलखा ि ldquo म यो निजी मामलो म िो बिि शािनिपरमी आदमी ि थोडा दबकर भी बिि स झगडो दरगजर कर जािा

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ि लककि विचारो की दनिया म उपिी आसथाओि को विचिासो को जरा जयादा िी मजबिी स पकडिा ि इसमलए उस पर कोई आिमण ििीि सि सकिा और ि ििा पर ककसी िरि का समझौिा करिा मझ पसिद ि rdquo36 ऐस अिसरो पर दो-दो घिट लगािार भाषण द डालि थ अमभयोग का उतिर दि समय भी ि िसी हदललगी क साथ िलक-फलक अिदाज म िी भाषण हदया करि थ जजसस शरोिा भी आििदपिथक रस लकर उिकी बाि सिा करि थ यि उिक वयजतिति का बिि बडा िमशषय था ि ऐस निरमभमािी कलाकार थ जो दसरो की कला ि दसरो क गणो का बिि आदर करि थ डॉ रामविलास शमाथ ि उि पर िथा रािगय राघि रािल सािकतयायि आहद अिक परगनिशील लखको पर lsquoटटपजजया समाजिादीrsquo िोि का आकषप लगाया था ldquoसाहितय म सियति मोचाथ ndash पसिक मलखकर इसका उनिोि मििोड जिाब भी हदया था ककि ि ि शमाथ जी की इस एक कमी को सिीकार करि िए उिक अनय गणो की परशिसा करि थ rdquo37

13पवचारधाराएव परभाव

अमिराय ि अपिी कनियो पर िए विचारधारा क परभाि क सिदभथ म मलखा ि ldquoजजस िगथ स कलाकार जनम लिा ि उसक लौककक दजषटकोण क अिसार उसकी एक विचारधारा जनम स िी बि जािी ि अगर उसक सिरकषक भी उसी िगथ क िए िो िि मा क दध क साथ गरिण ककए िए अपि जीिि क दजषटकोण स परी िरि सििषट रिगा और उसको अपिी कनियो म अमभवयति करगा rdquo38परतयक साहितयकार पर परतयकष या परोकष रप स ककसी ि ककसी विचारधारा का पभाि अिचय िोिा िी ि अमिराय क शबदो म ldquo जिा रचिाकार को सचिि रप स अपिी विचारधारा का पिा ििीि िोिा ििा भी विचारधारा िो रििी िी ि रचिा पर अिजाि िी उसका समािश िो जािा ि विचारधारा किीि सििदिा बिकर आिी ि और किीि परसिगिः रचिाकार की माििीय परनिकिया बिकरrdquo

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131सामयवादी पवचारधारा

अमिराय ि निबिध lsquoविचारधारा और साहितयrsquo म सपसट सिीकर ककया ि कक ldquo मरी विचारधारा सामयिादी ि या यो कि लीजजए कक मझ पर सामयिादी विचारधारा का गिरा परभाि ि rdquo40 सि 1943 ई0 म उनिोि सामयिादी पाटी की सदसयिा गरिण की िथा मजदर ndashयनियि क मििी भी बि थ -बीज- उपनयास िथा ndashपारजाि क फल ndashआहद किानियो म उिकी सामयिादी विचारधारा सपसटिः सामि आई ि ककि ि ककसी भी विचारधारा या lsquoिादrsquo का अिधािसरण करि का ि विरोध करि ि ldquo जब-जब और जिा-जिा अिधािसरण की ऐसी कोई िीनि बरिी या अपिायी गयी ि विचार मर गया ि साहितय मरगया ि किल पररपाटी का रहढबदध लखि िआ ि rdquo41

सामयिादी पटी का सदसय रिि िए भी ि अपि ढिगस कछ अलग-अलग-सा भी सोचि रि और कदाधचि इसका कछ मलय भी उस चकािा पडा तयो कक सामदानयक धचििि परकतया मशविरबदधिा मागिा ि ि किि ि ldquo

मरा मि जसा कचछ बिा था िसी मसविरबदधिा मर मलए कभी सिभि ि िो पायी पर मझ कोई खद ििीि ि तयोकक मझ लगिा ि कक अिििः अपिा वििक िी सबस अचछा जीिि-सिचर िोिा ि rdquo42उनिोि मातसथिाद का गिि अधययि -मिि करक उस अपिी विचारधारा बिाया ि अपि समाज का अधययि करक अपि मिि-धचििि की कसौटी पर अचछी िरि परखकर और अपि मि क भीिर डबकर अचछी िरि टटोलकर जजस बाि को सिी जािि थ उसी को सिीकार करि थ उनिोि बािर क ककसी अिकश को कभी सिीकार ििीि ककया उिका मि ि ldquo यि अिशासि और अिकश रचिाकार क अपि वििक क भीिर स आिा चाहिए rdquo43

अमिराय ि कछ िषो क पचचाि सामयिादी पाटी स सिबिध िोड हदया था ककि ि सामयिाहद विचारधारा म उिका विचिास आजीिि रिा ि मलखि ि ldquo मर मलए विचारधारा कछ दसरी चीज ि उस आदमी मजबिी स

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पकडिा ि िि समपथण मािगिी ि उसक मलए निषठा चाहिए गिरा आििररक विचिास चाहिए उसी निषठा और गिर विचिास म स सब िरि क अभािकषट नििदाअपमािजलयाििा सब कछ सिि और जररि पडि पर अपि पराण िक द दि की िाकि आिी ि जिा य निषठा और समपथण और अकि ठ विचिास ििीि ि ििा कफर विचारधारा कसी जसी िई िस ि िई rdquo44

132गाधीवाद का परभाव

परारिभ म अमिरायकालीि समाजपर गाधीजी छाए िए थ अिः सपषट ि कक अमिराय की धचिििधारा पर गािधीिाद का गिरा परभाि लकषकषि िोिा सिाभाविक िी ि ldquo मरा िो काल (सि 1942-44) भयिकर गाधी भजति का था rdquo45 अिः उिकी रचिाओि म खासकर ndashबीज-उपनयास म मातसथिादी विचारधारा की गिराई म गाधीिादी विचारधारा क िति एिि सामाजजक मसदधािि जस मदयनिषध िगथ बद विरोध सिदशी राषरीय मशकषा वपछडो का उतथाि हदखाई दि ि

133मातससवादी चचतन का परभाव (वगस सघरस)

सि 1950 क उपरािि अमिराय मातसथिादी पाटी क सिीय सदसय बि गय मातसथिादी धचििि ि उि पर जाद कर हदया था इसमलए ि उस अधधक पसिद करि थ ldquo म मातसथिाद स पयार करि लगाथा rdquo46 ि उस जीििसमाज और सिसार बदलि का असि मािि ि ldquo मातसथिाद स अहदक जीिििअधधक िािनिकारी अधधक लोक कलयाणकारी मबलकअधधक सचचािाद दसरा ििीि rdquo47पररणामसिरप उिका परा साहितय मातसथिाद क दििदिातमक भौनिकिादी दशथि पर आधाररि ि सामयिादी और मातसथिादी दशथि समाज म समिा और नयाय की सथापिा कमलए िगथ सिघषथ को अनििायथ माििा ि िमार समाज म दो िगथ निरििर रि ि ndash एक शोषक िगथ और दसरा शोवषि िगथ अमिराय किि ि ldquoमटठी भर पजीपनियो दिारा लाखो ndashकरोडो लोगो का आधथथक शोषण एक भयिकर अनयाय ि और उसक

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विरदध परनििाद का सिर भरपर उठिा चाहिए इस अथथ-वयिसथा स सीध-सीध या परोकषिः जडी िई असिखय दसरी विषमिाए विकनियाअनयायदराचारएक स एक भयिकर अपराधजजिका एक फलिा-फलिा सामराजय ि और जजिको िम अपि आस-पास िरदम िोि दखि ि और जजिस िमारी माििीय सििदिा परकतया जडिी ि कषबध और आिदोमलि िोिी ि rdquo48उसक विरदध आिाज उठािा अनििायथ ि िमार समाज म सिी िगथ िथा अकलीि दमलि अथिा सिक िगथ सदा स िी शोवषि रिा ि अमिराय ि शोवषि िगथ को शोषण मति कराि क मलए िगथ-सिघषथ का आहिाि ककया ि ि सामाजजक नयाय क मलए रति िािनि को भी अनििायथ मािि ि ि किि ि ldquo समाज म नयाय ििीि ि और सििलि सब तरबगड गया ि और जिा समाज का सििलि तरबगडा िआ िो ििा वयजति का सििलि भी तरबगड तरबिा ििीि रि सकिा अपि दश भारि म यि सामाजजक नयाय सबस कम ि इसीमलए यिा का सििलि सबस िी अधधक तरबगडा िआ ि समाज सबस अजसथर ि अब यि सामाजजक अनयाय जि साधारण क मलए असहय िो गया ि और अब यि परािा ढचरा ककसी िरि चल ििीि सकिा अब या िो यि अनयाय की वयिसथा िधानिक िरीको स नयाय की हदशा म बदलगी या कफर रति-िािनि िोगी rdquo49

अमिराय ि अपि साहितय म शोषण क विरदध सिघषथ का सिर उठाया ि िथा आम आदमी को शोषण स मजति पाि िि सिघषथ करि की पररणा दी ि ि किि ि ldquo साहितय तयो जि चििा का परोधा ि बि उसकी नियिी ऐसी तयो िो िि वयजति क भीिर मसमट कर रि जाय rdquo50

134मानवतावाद

अमिराय की विचारधारा मलिः मािििािादी विचारधारा ि अमिराय क अिसार साहितय रचिा जीिि का यथािथय अिकि ििीि बजलक सचचा साहितय जिचििा का विधायक एिि सिघषथ का परोधा िोिा ि उिका कििा ि कक ldquoयिी जीिि दजषट मझ ndashहरगर- करिी ि यिी चीज जो उतपरररि करिी

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ि rdquo51ि सियि वयजति क कषटो को दर करि िथा उस उनिनि की हदशा म परररि करि क मलए कहटबदध मािि ि - ldquoएक भी किािी ऐसी ििीि ि जजसक भीिर मरा समगर धचति िा बोल रिा िो जो सिसार म अनयाय दखिा ि जो बराई दखिा ि िकलीफ दखिा ि और उसस रतिी भर आिदोमलि या विकषबध ििीि िोिा ि ऐसा लखि मरा ििीि ि मर भीिर लखि का सजि का रस जो निझथररि िोिा ि िि निझथररि िो िी ििीि सकिा जब िक कक उसक साथ किीि कोई सतयअसतयनयायअनयायसिदर असिदर य जो मलभि चीज ि इिका परचि िा जडा िो rdquo इसी मािििािादी विचारधारा ि अमि को ि किल साहितय सजि क मलए परररि ककया बजलक इनिीि माििीय मलयो की सथापिा क मलए उनिोि रासिा बिाया उिकी सामयिादी दशथि म अरडग आसथा का कारण भी यिी मािििािाद ि तयोकक मासथिाद अनििः एिि मलिः मािििािाद िी ि जजसका वििचि अमिराय ि अपि निबिध-गरिथ ndash विचारधारा और साहितय- म ककया ि मातसथ क विषय म ि किि ि ldquo उसकी यि माििीय सििदिा या माििीय सरोकार एक शबद म मािििािाद बिधा लोगो की आखो स ओझल िो जािा ि और उसका धयाि आि परिरिि एक रख ndashसख अथथशासि का रप सामि आकर खडा िो जािा ि जो लोग गलि जगि पर जोर द कर मातसथ को किल आधथथक उनिनि स िी बाद दिा चािि ि िो चाि या ि चाि जाि या ि जाि मातसथ क साथ घोर अनयाय करि ि rdquo53अमिराय मि ि कक मातसथ भौनिकिादी इस अथथ म ि कक िि ककसी हदवय शजति को सिीकार ि करक पदाथथ ( कषनिजलपािकगगिसमीर )की सतिा को िी सतय माििा ि अथथ (धि) का पजक िि कभी ििीि रिा उसि सियि आजीिि निधथििा म िी ऋवष-मनियो की भानि जीिि -यापि ककया अमिराय क साहितय म उिकी मािििािादी विचारधारा सिथि हदखाई पडिी ि ि सियि किि ि ldquo सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मािस को रिगा िमरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा rdquo54

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135यथाथसवाद और सहजता

अमिराय साहितय म यथाथथिाद क समथथक ि ि साहितय को शदध कला ििीि मािि ि िरि उस जीिि एिि समाज क मलए उपयोगी मािि ि उिक अिसार सचचा लखि िो ििी ि जोसमाज को कछ हदशा द सक ि किि ि ldquo आधनिक िो परािा िो सचचा लखि ििी ि जजसम लखक अपि दख िए अपि भोग िए को अपि कलातमक सामथयथ-भर अधधक स अधधक पणथिा क साथ धचतरिि करिा चाििा ि rdquo 55 ि साहितय म अिासिविक अथिा अयथाथथ रपिादी परयोगो को वयथथ मािि ि उिका कथि ि ldquo साहितय क अििगथि रप की अििलिा उसको िनिक भी इषट ििीि ि साहितय को माि अलिकरण या साज-सजजा ि मािि िए िम उस रचिा परकिया का अिग मािि ि और इस िाि उसको परा मिति दि ि पर िम कििा चािि ि कक रप का साथथक परयोग ििी ि जो िसि स सजीि सिदभथ म उसकी अधधवयजति की वििशिा स ककया गया ि lsquoशदधrsquo कला क फर म lsquoशदधrsquo रप क अविषकार म लगी िई परयोगशीलिा ििधया मसदध िोिी ि rdquo56

अमराय साहितय की उपयोधगिा पर विचार करि िए किि ि ldquo उसकी िासिविक साथथकिा इसम ि कक िि अिजाि िी आदमी की िजतियो का सिसकार करिा ि और जो साहितय जजििा िी शरषठ िोिा ि उिि जयादा अिजाि ढिग स अपिा काम करिा ि rdquoअिः लखक का यि किथवय ि कक िि साहितय का सजि अपि पररिश स जडकर कर ि िि कोरा आदशथिादी लखि कर ि िी ककसी ndashिाद- या ndashफशि- क चलि ऐसा यथाथथ धचतरिि कर जो सियि उसक समाज म अविदयमाि िो इसी को उनिोि सिज धरािल पर लखि किा ि किािी क कषि म ि सिज किािी क समथथक बि ि किि ि ldquo ियी किािी की खोज म सिज किािी खो गयी rdquo57ldquo सिज किािी स िमारा िातपयथ उस मल कथा-रस स ि जो किािी की अपिी खास चीज ि और जो बिि सी ndashियी- किी जाि िाली किानियो म एक मसर स ििीि ममलिा rdquo58

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इस परकार अमिराय की विचारधारा समाजिादी एिि मािििािादी ि ि लखि म यथाथथ ि सिजिा क परबल समथथक रि िथा अपिी रचिाओि म सब परकार क शोषण क विरदध विदरोि एिि सिघषथ क सिर को ऊचा उठाया ि

136अधययन एव जीवनानभवो का परभाव

अमिराय की विचारधारा क निमाथण म उिका गिि आधययिधचििि िथा जीििािभि भी उतिरदायी रिा ि शरषठ कथा मलखि का रासिा बिाि िए अमिराय किि ि ldquo म िो उसका एक िी ढिग जाििा ि बड किािीकारो को पढिा उस पढि स िी अचछी किािी का बोध उसकी कछ परसििी अपि भीिर छिकर धथरककरसिधचि िोिी रििी िोगी rdquo59 अिः उनिोि समकालीि साहितयकारो को िो खब पढा िी विगि मिाि लखको को उनिोि अपकषाकि फधधक पढा ndash सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मि को रिगा ि मरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा ि -(विचारधारा और साहितय अमिराय प-18) उनिोि मतसथ लनिि एिगलस सटामलि माओ लकास एिि कॉडिल को खब पढा साथ िी उिक सजि पर रिीिदरिाथ टगोर शरिचिदर चिोपाधयाय परमचिद दोसिोिसकी मोपासाि गोकी का असीम परभाि रिा

परमचिद किा करि थ ldquo िम जीिि म जो कछ दखि ि या जो कछ िम पर गजरिी ि ििी अिभिििी चोट कलपिा म पिचकर याहितय सजि की पररणा करिी ि rdquo60 अमिराय ि भी लखक पर अिभिो क सिज परभाि को सिाकारि िए मलखा ि ldquo जो भी मलखिा ि िि सबस पिल िो आदमी िआदमी की िरि स आदमी की जजिदगी जीिा ि िस िी उसक आसिग-परसिग िोि ि और सिबिध बिि ि जजिदगी उसी िरीक स टकरािी ि उसस आकर उसी िरि उसक अिदर बिि िरि स ररसपानसज आि ि और उि सब क मलए ndashहदए िि मलखिा ि rdquo61 अमिराय क कथा-साहितय म आए िए विचारो ि परसिगो का जजममदार अपि जीििािभिो एिि मि को मािि ि ldquo

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म किानिया मलखिा िजजिदगी क मल म िर दम कछ ि कछ िोिा रििा ि लोग मरि ि जीि ि ििसि ि रोि ि ममलि ि तरबछडि ि ठगि ि ठगजाि ि कछ बाि अपि पर बीििी ि कछ दसरो पर बीिि दखिा ि बिायी िई किानियो स जयादा जािदार और रिगीि किानिया िरदम आखो क सामि िोिी ि बस इििा ि कक अपि मि का रिग इििा चटक िो जाय कक एक बार डबोकर किािी को निकाल मलया जा सक इस किया म िि किािी जो दखी थी कछ की कछ िो जािी ि तयोकक मि क भीिर खद बिि सी किानिया सोयी रििी ि इसी िरि बिि सी किानियो क िायक-िानयकाए सडको पर पाको म मसाकफर खािो म कचिरी और दफिर की गदथ और बोसीदा फाइलो म टिलिनघसटि और रगि ममल जाि ि कभी जयो क तयो ममल जाि ि कभी चार को ममलाकर एक बििा ि और किीि एक को चार म नछिरा हदया जािा ि rdquo62

14 परगततिील आदोलन और अमतराय

अमिराय परगनिशील चििा परारिभ स िी परभाविि रि उिक वपिा परमचिद सियि एक परगनिशील सामाजजक यथाथथिादी लखक रि अमिराय की परािरिमभक रचिाओि यथा ndashिम रखल-मिशी जी मरसथल आहद किानियो म परगनिशील चििा क दशथि िोि ि उिकी किानियो म समाज क निमि और मधय िगथ क शोवषि-जीरडि वयजति िी िायक ि उनिोि उिक दःख-ददथ का यथाथथ धचिण ककया ि

सि 1942 ई0 िक ि मातसथिादी विचारधारा स पणथिः परभाविि िो चक थ और परगनिशील आिदोलि क सिीय कायथकिाथ िो बि गए थ सि 1942 ई0 स उनिोि- ििस- का सिपादि कायथ सिभाल मलया था और ndashििस- को परगनिशील आिदोलि का मख-पि बिा हदया था परयोगिादी परगनिशील किी धगररजा कमार माथर किि ि ndash य जो मिच बिा ििस और य एक वयापक परगनिशील चििा का मिच बिा किर कठमललापि िो बाद म आया उसका भी इनििास टतकर का जो ि िो बाद म आिा ि लककि य िो

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परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

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बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

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अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

29

अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

30

6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

31

इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

32

की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

33

उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

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अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 17: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

17

थी ldquoयि लडका बडा दयािाि मालम िोिा ि भलाउस िि कस लाया ndash भगिाि इमस जीविि रख िम दखिा िमिारा राम यि रोशि करगा rdquo30

बालक जजस पाररिाररक पररिश म जनम लिा ि जजस चार दीिारी म उसका शशिबचपि एिि ककशोरािसथा बीििी ि ििा क िािािरण की सपषट छाप उसक वयजतिति पर आिचयक रप स अिककि िो जािी ि अमिराय ि अपि वयजतिति क बारम किा ि ldquo किा-किा स आदमी को तया-तया ममलिा ि लककि य ि कक म सचमच भीिर स बिि िी साधारण और सिज ि मर पास ि िो बिािट ि और िा म बिािटी लोगो को पसिद करिा ि rdquo31तयोकक ldquo रचिा अनििायथ रपण रचनयिा क वयजतिति स सिबदध िोिी ि rdquo32

अमिराय सबको बराबर मािकर चलििाल वयजति थ ि सियि किि ि ldquo लककि म बदककसमिी स ि िो ककसी को अपिा चला बिा सकिा ि और ि ककसी का चला बि सकिा ि मझको किल बराबरी का सिबिध आिा ि rdquo33 उिक जजिि भी ममि थ उिस उिक नििािि सिज पाररिाररक सिबिध थ ि अपि सहरदजिो का माि रखि क मलए जो उनि िापसिद िोिा िि भी कर लि थ गीिा जी मलखिी ि ldquo अमि और सधा दोिो शाखािारी थ पर िम खश करि क मलए अमि कभी-कभी मछली खा लिा उस यि पिा था कक सभाष मछली क तरबिा ििीि रप सकि िि भोजि बडी रची स करिा rdquo34 रािगय राघि स अपिी िलिा करि िए अमिराय ि अपि सिकोची सिभाि क विषय म सियि भी मलखा ि ldquo मर अपि मसमट ndashमसमट सििभाि स उसका मल ििीि बठिा था अपि को बािर फ क सकि औरो क साथ घला ndashममला दि क इस गण का म बिि आदर करिा ि rdquo35

ि अपि विचारो पर सदि दढ रि यहद कोई उिकी विचारघारा अथिा आसथा पर अिधचि आपकष लगािा ि िो ि उसका मििोड जिाब दि म सिकोच ििीि करि थ उनिोि मलखा ि ldquo म यो निजी मामलो म िो बिि शािनिपरमी आदमी ि थोडा दबकर भी बिि स झगडो दरगजर कर जािा

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ि लककि विचारो की दनिया म उपिी आसथाओि को विचिासो को जरा जयादा िी मजबिी स पकडिा ि इसमलए उस पर कोई आिमण ििीि सि सकिा और ि ििा पर ककसी िरि का समझौिा करिा मझ पसिद ि rdquo36 ऐस अिसरो पर दो-दो घिट लगािार भाषण द डालि थ अमभयोग का उतिर दि समय भी ि िसी हदललगी क साथ िलक-फलक अिदाज म िी भाषण हदया करि थ जजसस शरोिा भी आििदपिथक रस लकर उिकी बाि सिा करि थ यि उिक वयजतिति का बिि बडा िमशषय था ि ऐस निरमभमािी कलाकार थ जो दसरो की कला ि दसरो क गणो का बिि आदर करि थ डॉ रामविलास शमाथ ि उि पर िथा रािगय राघि रािल सािकतयायि आहद अिक परगनिशील लखको पर lsquoटटपजजया समाजिादीrsquo िोि का आकषप लगाया था ldquoसाहितय म सियति मोचाथ ndash पसिक मलखकर इसका उनिोि मििोड जिाब भी हदया था ककि ि ि शमाथ जी की इस एक कमी को सिीकार करि िए उिक अनय गणो की परशिसा करि थ rdquo37

13पवचारधाराएव परभाव

अमिराय ि अपिी कनियो पर िए विचारधारा क परभाि क सिदभथ म मलखा ि ldquoजजस िगथ स कलाकार जनम लिा ि उसक लौककक दजषटकोण क अिसार उसकी एक विचारधारा जनम स िी बि जािी ि अगर उसक सिरकषक भी उसी िगथ क िए िो िि मा क दध क साथ गरिण ककए िए अपि जीिि क दजषटकोण स परी िरि सििषट रिगा और उसको अपिी कनियो म अमभवयति करगा rdquo38परतयक साहितयकार पर परतयकष या परोकष रप स ककसी ि ककसी विचारधारा का पभाि अिचय िोिा िी ि अमिराय क शबदो म ldquo जिा रचिाकार को सचिि रप स अपिी विचारधारा का पिा ििीि िोिा ििा भी विचारधारा िो रििी िी ि रचिा पर अिजाि िी उसका समािश िो जािा ि विचारधारा किीि सििदिा बिकर आिी ि और किीि परसिगिः रचिाकार की माििीय परनिकिया बिकरrdquo

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131सामयवादी पवचारधारा

अमिराय ि निबिध lsquoविचारधारा और साहितयrsquo म सपसट सिीकर ककया ि कक ldquo मरी विचारधारा सामयिादी ि या यो कि लीजजए कक मझ पर सामयिादी विचारधारा का गिरा परभाि ि rdquo40 सि 1943 ई0 म उनिोि सामयिादी पाटी की सदसयिा गरिण की िथा मजदर ndashयनियि क मििी भी बि थ -बीज- उपनयास िथा ndashपारजाि क फल ndashआहद किानियो म उिकी सामयिादी विचारधारा सपसटिः सामि आई ि ककि ि ककसी भी विचारधारा या lsquoिादrsquo का अिधािसरण करि का ि विरोध करि ि ldquo जब-जब और जिा-जिा अिधािसरण की ऐसी कोई िीनि बरिी या अपिायी गयी ि विचार मर गया ि साहितय मरगया ि किल पररपाटी का रहढबदध लखि िआ ि rdquo41

सामयिादी पटी का सदसय रिि िए भी ि अपि ढिगस कछ अलग-अलग-सा भी सोचि रि और कदाधचि इसका कछ मलय भी उस चकािा पडा तयो कक सामदानयक धचििि परकतया मशविरबदधिा मागिा ि ि किि ि ldquo

मरा मि जसा कचछ बिा था िसी मसविरबदधिा मर मलए कभी सिभि ि िो पायी पर मझ कोई खद ििीि ि तयोकक मझ लगिा ि कक अिििः अपिा वििक िी सबस अचछा जीिि-सिचर िोिा ि rdquo42उनिोि मातसथिाद का गिि अधययि -मिि करक उस अपिी विचारधारा बिाया ि अपि समाज का अधययि करक अपि मिि-धचििि की कसौटी पर अचछी िरि परखकर और अपि मि क भीिर डबकर अचछी िरि टटोलकर जजस बाि को सिी जािि थ उसी को सिीकार करि थ उनिोि बािर क ककसी अिकश को कभी सिीकार ििीि ककया उिका मि ि ldquo यि अिशासि और अिकश रचिाकार क अपि वििक क भीिर स आिा चाहिए rdquo43

अमिराय ि कछ िषो क पचचाि सामयिादी पाटी स सिबिध िोड हदया था ककि ि सामयिाहद विचारधारा म उिका विचिास आजीिि रिा ि मलखि ि ldquo मर मलए विचारधारा कछ दसरी चीज ि उस आदमी मजबिी स

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पकडिा ि िि समपथण मािगिी ि उसक मलए निषठा चाहिए गिरा आििररक विचिास चाहिए उसी निषठा और गिर विचिास म स सब िरि क अभािकषट नििदाअपमािजलयाििा सब कछ सिि और जररि पडि पर अपि पराण िक द दि की िाकि आिी ि जिा य निषठा और समपथण और अकि ठ विचिास ििीि ि ििा कफर विचारधारा कसी जसी िई िस ि िई rdquo44

132गाधीवाद का परभाव

परारिभ म अमिरायकालीि समाजपर गाधीजी छाए िए थ अिः सपषट ि कक अमिराय की धचिििधारा पर गािधीिाद का गिरा परभाि लकषकषि िोिा सिाभाविक िी ि ldquo मरा िो काल (सि 1942-44) भयिकर गाधी भजति का था rdquo45 अिः उिकी रचिाओि म खासकर ndashबीज-उपनयास म मातसथिादी विचारधारा की गिराई म गाधीिादी विचारधारा क िति एिि सामाजजक मसदधािि जस मदयनिषध िगथ बद विरोध सिदशी राषरीय मशकषा वपछडो का उतथाि हदखाई दि ि

133मातससवादी चचतन का परभाव (वगस सघरस)

सि 1950 क उपरािि अमिराय मातसथिादी पाटी क सिीय सदसय बि गय मातसथिादी धचििि ि उि पर जाद कर हदया था इसमलए ि उस अधधक पसिद करि थ ldquo म मातसथिाद स पयार करि लगाथा rdquo46 ि उस जीििसमाज और सिसार बदलि का असि मािि ि ldquo मातसथिाद स अहदक जीिििअधधक िािनिकारी अधधक लोक कलयाणकारी मबलकअधधक सचचािाद दसरा ििीि rdquo47पररणामसिरप उिका परा साहितय मातसथिाद क दििदिातमक भौनिकिादी दशथि पर आधाररि ि सामयिादी और मातसथिादी दशथि समाज म समिा और नयाय की सथापिा कमलए िगथ सिघषथ को अनििायथ माििा ि िमार समाज म दो िगथ निरििर रि ि ndash एक शोषक िगथ और दसरा शोवषि िगथ अमिराय किि ि ldquoमटठी भर पजीपनियो दिारा लाखो ndashकरोडो लोगो का आधथथक शोषण एक भयिकर अनयाय ि और उसक

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विरदध परनििाद का सिर भरपर उठिा चाहिए इस अथथ-वयिसथा स सीध-सीध या परोकषिः जडी िई असिखय दसरी विषमिाए विकनियाअनयायदराचारएक स एक भयिकर अपराधजजिका एक फलिा-फलिा सामराजय ि और जजिको िम अपि आस-पास िरदम िोि दखि ि और जजिस िमारी माििीय सििदिा परकतया जडिी ि कषबध और आिदोमलि िोिी ि rdquo48उसक विरदध आिाज उठािा अनििायथ ि िमार समाज म सिी िगथ िथा अकलीि दमलि अथिा सिक िगथ सदा स िी शोवषि रिा ि अमिराय ि शोवषि िगथ को शोषण मति कराि क मलए िगथ-सिघषथ का आहिाि ककया ि ि सामाजजक नयाय क मलए रति िािनि को भी अनििायथ मािि ि ि किि ि ldquo समाज म नयाय ििीि ि और सििलि सब तरबगड गया ि और जिा समाज का सििलि तरबगडा िआ िो ििा वयजति का सििलि भी तरबगड तरबिा ििीि रि सकिा अपि दश भारि म यि सामाजजक नयाय सबस कम ि इसीमलए यिा का सििलि सबस िी अधधक तरबगडा िआ ि समाज सबस अजसथर ि अब यि सामाजजक अनयाय जि साधारण क मलए असहय िो गया ि और अब यि परािा ढचरा ककसी िरि चल ििीि सकिा अब या िो यि अनयाय की वयिसथा िधानिक िरीको स नयाय की हदशा म बदलगी या कफर रति-िािनि िोगी rdquo49

अमिराय ि अपि साहितय म शोषण क विरदध सिघषथ का सिर उठाया ि िथा आम आदमी को शोषण स मजति पाि िि सिघषथ करि की पररणा दी ि ि किि ि ldquo साहितय तयो जि चििा का परोधा ि बि उसकी नियिी ऐसी तयो िो िि वयजति क भीिर मसमट कर रि जाय rdquo50

134मानवतावाद

अमिराय की विचारधारा मलिः मािििािादी विचारधारा ि अमिराय क अिसार साहितय रचिा जीिि का यथािथय अिकि ििीि बजलक सचचा साहितय जिचििा का विधायक एिि सिघषथ का परोधा िोिा ि उिका कििा ि कक ldquoयिी जीिि दजषट मझ ndashहरगर- करिी ि यिी चीज जो उतपरररि करिी

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ि rdquo51ि सियि वयजति क कषटो को दर करि िथा उस उनिनि की हदशा म परररि करि क मलए कहटबदध मािि ि - ldquoएक भी किािी ऐसी ििीि ि जजसक भीिर मरा समगर धचति िा बोल रिा िो जो सिसार म अनयाय दखिा ि जो बराई दखिा ि िकलीफ दखिा ि और उसस रतिी भर आिदोमलि या विकषबध ििीि िोिा ि ऐसा लखि मरा ििीि ि मर भीिर लखि का सजि का रस जो निझथररि िोिा ि िि निझथररि िो िी ििीि सकिा जब िक कक उसक साथ किीि कोई सतयअसतयनयायअनयायसिदर असिदर य जो मलभि चीज ि इिका परचि िा जडा िो rdquo इसी मािििािादी विचारधारा ि अमि को ि किल साहितय सजि क मलए परररि ककया बजलक इनिीि माििीय मलयो की सथापिा क मलए उनिोि रासिा बिाया उिकी सामयिादी दशथि म अरडग आसथा का कारण भी यिी मािििािाद ि तयोकक मासथिाद अनििः एिि मलिः मािििािाद िी ि जजसका वििचि अमिराय ि अपि निबिध-गरिथ ndash विचारधारा और साहितय- म ककया ि मातसथ क विषय म ि किि ि ldquo उसकी यि माििीय सििदिा या माििीय सरोकार एक शबद म मािििािाद बिधा लोगो की आखो स ओझल िो जािा ि और उसका धयाि आि परिरिि एक रख ndashसख अथथशासि का रप सामि आकर खडा िो जािा ि जो लोग गलि जगि पर जोर द कर मातसथ को किल आधथथक उनिनि स िी बाद दिा चािि ि िो चाि या ि चाि जाि या ि जाि मातसथ क साथ घोर अनयाय करि ि rdquo53अमिराय मि ि कक मातसथ भौनिकिादी इस अथथ म ि कक िि ककसी हदवय शजति को सिीकार ि करक पदाथथ ( कषनिजलपािकगगिसमीर )की सतिा को िी सतय माििा ि अथथ (धि) का पजक िि कभी ििीि रिा उसि सियि आजीिि निधथििा म िी ऋवष-मनियो की भानि जीिि -यापि ककया अमिराय क साहितय म उिकी मािििािादी विचारधारा सिथि हदखाई पडिी ि ि सियि किि ि ldquo सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मािस को रिगा िमरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा rdquo54

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135यथाथसवाद और सहजता

अमिराय साहितय म यथाथथिाद क समथथक ि ि साहितय को शदध कला ििीि मािि ि िरि उस जीिि एिि समाज क मलए उपयोगी मािि ि उिक अिसार सचचा लखि िो ििी ि जोसमाज को कछ हदशा द सक ि किि ि ldquo आधनिक िो परािा िो सचचा लखि ििी ि जजसम लखक अपि दख िए अपि भोग िए को अपि कलातमक सामथयथ-भर अधधक स अधधक पणथिा क साथ धचतरिि करिा चाििा ि rdquo 55 ि साहितय म अिासिविक अथिा अयथाथथ रपिादी परयोगो को वयथथ मािि ि उिका कथि ि ldquo साहितय क अििगथि रप की अििलिा उसको िनिक भी इषट ििीि ि साहितय को माि अलिकरण या साज-सजजा ि मािि िए िम उस रचिा परकिया का अिग मािि ि और इस िाि उसको परा मिति दि ि पर िम कििा चािि ि कक रप का साथथक परयोग ििी ि जो िसि स सजीि सिदभथ म उसकी अधधवयजति की वििशिा स ककया गया ि lsquoशदधrsquo कला क फर म lsquoशदधrsquo रप क अविषकार म लगी िई परयोगशीलिा ििधया मसदध िोिी ि rdquo56

अमराय साहितय की उपयोधगिा पर विचार करि िए किि ि ldquo उसकी िासिविक साथथकिा इसम ि कक िि अिजाि िी आदमी की िजतियो का सिसकार करिा ि और जो साहितय जजििा िी शरषठ िोिा ि उिि जयादा अिजाि ढिग स अपिा काम करिा ि rdquoअिः लखक का यि किथवय ि कक िि साहितय का सजि अपि पररिश स जडकर कर ि िि कोरा आदशथिादी लखि कर ि िी ककसी ndashिाद- या ndashफशि- क चलि ऐसा यथाथथ धचतरिि कर जो सियि उसक समाज म अविदयमाि िो इसी को उनिोि सिज धरािल पर लखि किा ि किािी क कषि म ि सिज किािी क समथथक बि ि किि ि ldquo ियी किािी की खोज म सिज किािी खो गयी rdquo57ldquo सिज किािी स िमारा िातपयथ उस मल कथा-रस स ि जो किािी की अपिी खास चीज ि और जो बिि सी ndashियी- किी जाि िाली किानियो म एक मसर स ििीि ममलिा rdquo58

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इस परकार अमिराय की विचारधारा समाजिादी एिि मािििािादी ि ि लखि म यथाथथ ि सिजिा क परबल समथथक रि िथा अपिी रचिाओि म सब परकार क शोषण क विरदध विदरोि एिि सिघषथ क सिर को ऊचा उठाया ि

136अधययन एव जीवनानभवो का परभाव

अमिराय की विचारधारा क निमाथण म उिका गिि आधययिधचििि िथा जीििािभि भी उतिरदायी रिा ि शरषठ कथा मलखि का रासिा बिाि िए अमिराय किि ि ldquo म िो उसका एक िी ढिग जाििा ि बड किािीकारो को पढिा उस पढि स िी अचछी किािी का बोध उसकी कछ परसििी अपि भीिर छिकर धथरककरसिधचि िोिी रििी िोगी rdquo59 अिः उनिोि समकालीि साहितयकारो को िो खब पढा िी विगि मिाि लखको को उनिोि अपकषाकि फधधक पढा ndash सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मि को रिगा ि मरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा ि -(विचारधारा और साहितय अमिराय प-18) उनिोि मतसथ लनिि एिगलस सटामलि माओ लकास एिि कॉडिल को खब पढा साथ िी उिक सजि पर रिीिदरिाथ टगोर शरिचिदर चिोपाधयाय परमचिद दोसिोिसकी मोपासाि गोकी का असीम परभाि रिा

परमचिद किा करि थ ldquo िम जीिि म जो कछ दखि ि या जो कछ िम पर गजरिी ि ििी अिभिििी चोट कलपिा म पिचकर याहितय सजि की पररणा करिी ि rdquo60 अमिराय ि भी लखक पर अिभिो क सिज परभाि को सिाकारि िए मलखा ि ldquo जो भी मलखिा ि िि सबस पिल िो आदमी िआदमी की िरि स आदमी की जजिदगी जीिा ि िस िी उसक आसिग-परसिग िोि ि और सिबिध बिि ि जजिदगी उसी िरीक स टकरािी ि उसस आकर उसी िरि उसक अिदर बिि िरि स ररसपानसज आि ि और उि सब क मलए ndashहदए िि मलखिा ि rdquo61 अमिराय क कथा-साहितय म आए िए विचारो ि परसिगो का जजममदार अपि जीििािभिो एिि मि को मािि ि ldquo

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म किानिया मलखिा िजजिदगी क मल म िर दम कछ ि कछ िोिा रििा ि लोग मरि ि जीि ि ििसि ि रोि ि ममलि ि तरबछडि ि ठगि ि ठगजाि ि कछ बाि अपि पर बीििी ि कछ दसरो पर बीिि दखिा ि बिायी िई किानियो स जयादा जािदार और रिगीि किानिया िरदम आखो क सामि िोिी ि बस इििा ि कक अपि मि का रिग इििा चटक िो जाय कक एक बार डबोकर किािी को निकाल मलया जा सक इस किया म िि किािी जो दखी थी कछ की कछ िो जािी ि तयोकक मि क भीिर खद बिि सी किानिया सोयी रििी ि इसी िरि बिि सी किानियो क िायक-िानयकाए सडको पर पाको म मसाकफर खािो म कचिरी और दफिर की गदथ और बोसीदा फाइलो म टिलिनघसटि और रगि ममल जाि ि कभी जयो क तयो ममल जाि ि कभी चार को ममलाकर एक बििा ि और किीि एक को चार म नछिरा हदया जािा ि rdquo62

14 परगततिील आदोलन और अमतराय

अमिराय परगनिशील चििा परारिभ स िी परभाविि रि उिक वपिा परमचिद सियि एक परगनिशील सामाजजक यथाथथिादी लखक रि अमिराय की परािरिमभक रचिाओि यथा ndashिम रखल-मिशी जी मरसथल आहद किानियो म परगनिशील चििा क दशथि िोि ि उिकी किानियो म समाज क निमि और मधय िगथ क शोवषि-जीरडि वयजति िी िायक ि उनिोि उिक दःख-ददथ का यथाथथ धचिण ककया ि

सि 1942 ई0 िक ि मातसथिादी विचारधारा स पणथिः परभाविि िो चक थ और परगनिशील आिदोलि क सिीय कायथकिाथ िो बि गए थ सि 1942 ई0 स उनिोि- ििस- का सिपादि कायथ सिभाल मलया था और ndashििस- को परगनिशील आिदोलि का मख-पि बिा हदया था परयोगिादी परगनिशील किी धगररजा कमार माथर किि ि ndash य जो मिच बिा ििस और य एक वयापक परगनिशील चििा का मिच बिा किर कठमललापि िो बाद म आया उसका भी इनििास टतकर का जो ि िो बाद म आिा ि लककि य िो

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परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

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बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

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अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

29

अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

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6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

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इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

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की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

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उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

34

अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 18: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

18

ि लककि विचारो की दनिया म उपिी आसथाओि को विचिासो को जरा जयादा िी मजबिी स पकडिा ि इसमलए उस पर कोई आिमण ििीि सि सकिा और ि ििा पर ककसी िरि का समझौिा करिा मझ पसिद ि rdquo36 ऐस अिसरो पर दो-दो घिट लगािार भाषण द डालि थ अमभयोग का उतिर दि समय भी ि िसी हदललगी क साथ िलक-फलक अिदाज म िी भाषण हदया करि थ जजसस शरोिा भी आििदपिथक रस लकर उिकी बाि सिा करि थ यि उिक वयजतिति का बिि बडा िमशषय था ि ऐस निरमभमािी कलाकार थ जो दसरो की कला ि दसरो क गणो का बिि आदर करि थ डॉ रामविलास शमाथ ि उि पर िथा रािगय राघि रािल सािकतयायि आहद अिक परगनिशील लखको पर lsquoटटपजजया समाजिादीrsquo िोि का आकषप लगाया था ldquoसाहितय म सियति मोचाथ ndash पसिक मलखकर इसका उनिोि मििोड जिाब भी हदया था ककि ि ि शमाथ जी की इस एक कमी को सिीकार करि िए उिक अनय गणो की परशिसा करि थ rdquo37

13पवचारधाराएव परभाव

अमिराय ि अपिी कनियो पर िए विचारधारा क परभाि क सिदभथ म मलखा ि ldquoजजस िगथ स कलाकार जनम लिा ि उसक लौककक दजषटकोण क अिसार उसकी एक विचारधारा जनम स िी बि जािी ि अगर उसक सिरकषक भी उसी िगथ क िए िो िि मा क दध क साथ गरिण ककए िए अपि जीिि क दजषटकोण स परी िरि सििषट रिगा और उसको अपिी कनियो म अमभवयति करगा rdquo38परतयक साहितयकार पर परतयकष या परोकष रप स ककसी ि ककसी विचारधारा का पभाि अिचय िोिा िी ि अमिराय क शबदो म ldquo जिा रचिाकार को सचिि रप स अपिी विचारधारा का पिा ििीि िोिा ििा भी विचारधारा िो रििी िी ि रचिा पर अिजाि िी उसका समािश िो जािा ि विचारधारा किीि सििदिा बिकर आिी ि और किीि परसिगिः रचिाकार की माििीय परनिकिया बिकरrdquo

19

131सामयवादी पवचारधारा

अमिराय ि निबिध lsquoविचारधारा और साहितयrsquo म सपसट सिीकर ककया ि कक ldquo मरी विचारधारा सामयिादी ि या यो कि लीजजए कक मझ पर सामयिादी विचारधारा का गिरा परभाि ि rdquo40 सि 1943 ई0 म उनिोि सामयिादी पाटी की सदसयिा गरिण की िथा मजदर ndashयनियि क मििी भी बि थ -बीज- उपनयास िथा ndashपारजाि क फल ndashआहद किानियो म उिकी सामयिादी विचारधारा सपसटिः सामि आई ि ककि ि ककसी भी विचारधारा या lsquoिादrsquo का अिधािसरण करि का ि विरोध करि ि ldquo जब-जब और जिा-जिा अिधािसरण की ऐसी कोई िीनि बरिी या अपिायी गयी ि विचार मर गया ि साहितय मरगया ि किल पररपाटी का रहढबदध लखि िआ ि rdquo41

सामयिादी पटी का सदसय रिि िए भी ि अपि ढिगस कछ अलग-अलग-सा भी सोचि रि और कदाधचि इसका कछ मलय भी उस चकािा पडा तयो कक सामदानयक धचििि परकतया मशविरबदधिा मागिा ि ि किि ि ldquo

मरा मि जसा कचछ बिा था िसी मसविरबदधिा मर मलए कभी सिभि ि िो पायी पर मझ कोई खद ििीि ि तयोकक मझ लगिा ि कक अिििः अपिा वििक िी सबस अचछा जीिि-सिचर िोिा ि rdquo42उनिोि मातसथिाद का गिि अधययि -मिि करक उस अपिी विचारधारा बिाया ि अपि समाज का अधययि करक अपि मिि-धचििि की कसौटी पर अचछी िरि परखकर और अपि मि क भीिर डबकर अचछी िरि टटोलकर जजस बाि को सिी जािि थ उसी को सिीकार करि थ उनिोि बािर क ककसी अिकश को कभी सिीकार ििीि ककया उिका मि ि ldquo यि अिशासि और अिकश रचिाकार क अपि वििक क भीिर स आिा चाहिए rdquo43

अमिराय ि कछ िषो क पचचाि सामयिादी पाटी स सिबिध िोड हदया था ककि ि सामयिाहद विचारधारा म उिका विचिास आजीिि रिा ि मलखि ि ldquo मर मलए विचारधारा कछ दसरी चीज ि उस आदमी मजबिी स

20

पकडिा ि िि समपथण मािगिी ि उसक मलए निषठा चाहिए गिरा आििररक विचिास चाहिए उसी निषठा और गिर विचिास म स सब िरि क अभािकषट नििदाअपमािजलयाििा सब कछ सिि और जररि पडि पर अपि पराण िक द दि की िाकि आिी ि जिा य निषठा और समपथण और अकि ठ विचिास ििीि ि ििा कफर विचारधारा कसी जसी िई िस ि िई rdquo44

132गाधीवाद का परभाव

परारिभ म अमिरायकालीि समाजपर गाधीजी छाए िए थ अिः सपषट ि कक अमिराय की धचिििधारा पर गािधीिाद का गिरा परभाि लकषकषि िोिा सिाभाविक िी ि ldquo मरा िो काल (सि 1942-44) भयिकर गाधी भजति का था rdquo45 अिः उिकी रचिाओि म खासकर ndashबीज-उपनयास म मातसथिादी विचारधारा की गिराई म गाधीिादी विचारधारा क िति एिि सामाजजक मसदधािि जस मदयनिषध िगथ बद विरोध सिदशी राषरीय मशकषा वपछडो का उतथाि हदखाई दि ि

133मातससवादी चचतन का परभाव (वगस सघरस)

सि 1950 क उपरािि अमिराय मातसथिादी पाटी क सिीय सदसय बि गय मातसथिादी धचििि ि उि पर जाद कर हदया था इसमलए ि उस अधधक पसिद करि थ ldquo म मातसथिाद स पयार करि लगाथा rdquo46 ि उस जीििसमाज और सिसार बदलि का असि मािि ि ldquo मातसथिाद स अहदक जीिििअधधक िािनिकारी अधधक लोक कलयाणकारी मबलकअधधक सचचािाद दसरा ििीि rdquo47पररणामसिरप उिका परा साहितय मातसथिाद क दििदिातमक भौनिकिादी दशथि पर आधाररि ि सामयिादी और मातसथिादी दशथि समाज म समिा और नयाय की सथापिा कमलए िगथ सिघषथ को अनििायथ माििा ि िमार समाज म दो िगथ निरििर रि ि ndash एक शोषक िगथ और दसरा शोवषि िगथ अमिराय किि ि ldquoमटठी भर पजीपनियो दिारा लाखो ndashकरोडो लोगो का आधथथक शोषण एक भयिकर अनयाय ि और उसक

21

विरदध परनििाद का सिर भरपर उठिा चाहिए इस अथथ-वयिसथा स सीध-सीध या परोकषिः जडी िई असिखय दसरी विषमिाए विकनियाअनयायदराचारएक स एक भयिकर अपराधजजिका एक फलिा-फलिा सामराजय ि और जजिको िम अपि आस-पास िरदम िोि दखि ि और जजिस िमारी माििीय सििदिा परकतया जडिी ि कषबध और आिदोमलि िोिी ि rdquo48उसक विरदध आिाज उठािा अनििायथ ि िमार समाज म सिी िगथ िथा अकलीि दमलि अथिा सिक िगथ सदा स िी शोवषि रिा ि अमिराय ि शोवषि िगथ को शोषण मति कराि क मलए िगथ-सिघषथ का आहिाि ककया ि ि सामाजजक नयाय क मलए रति िािनि को भी अनििायथ मािि ि ि किि ि ldquo समाज म नयाय ििीि ि और सििलि सब तरबगड गया ि और जिा समाज का सििलि तरबगडा िआ िो ििा वयजति का सििलि भी तरबगड तरबिा ििीि रि सकिा अपि दश भारि म यि सामाजजक नयाय सबस कम ि इसीमलए यिा का सििलि सबस िी अधधक तरबगडा िआ ि समाज सबस अजसथर ि अब यि सामाजजक अनयाय जि साधारण क मलए असहय िो गया ि और अब यि परािा ढचरा ककसी िरि चल ििीि सकिा अब या िो यि अनयाय की वयिसथा िधानिक िरीको स नयाय की हदशा म बदलगी या कफर रति-िािनि िोगी rdquo49

अमिराय ि अपि साहितय म शोषण क विरदध सिघषथ का सिर उठाया ि िथा आम आदमी को शोषण स मजति पाि िि सिघषथ करि की पररणा दी ि ि किि ि ldquo साहितय तयो जि चििा का परोधा ि बि उसकी नियिी ऐसी तयो िो िि वयजति क भीिर मसमट कर रि जाय rdquo50

134मानवतावाद

अमिराय की विचारधारा मलिः मािििािादी विचारधारा ि अमिराय क अिसार साहितय रचिा जीिि का यथािथय अिकि ििीि बजलक सचचा साहितय जिचििा का विधायक एिि सिघषथ का परोधा िोिा ि उिका कििा ि कक ldquoयिी जीिि दजषट मझ ndashहरगर- करिी ि यिी चीज जो उतपरररि करिी

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ि rdquo51ि सियि वयजति क कषटो को दर करि िथा उस उनिनि की हदशा म परररि करि क मलए कहटबदध मािि ि - ldquoएक भी किािी ऐसी ििीि ि जजसक भीिर मरा समगर धचति िा बोल रिा िो जो सिसार म अनयाय दखिा ि जो बराई दखिा ि िकलीफ दखिा ि और उसस रतिी भर आिदोमलि या विकषबध ििीि िोिा ि ऐसा लखि मरा ििीि ि मर भीिर लखि का सजि का रस जो निझथररि िोिा ि िि निझथररि िो िी ििीि सकिा जब िक कक उसक साथ किीि कोई सतयअसतयनयायअनयायसिदर असिदर य जो मलभि चीज ि इिका परचि िा जडा िो rdquo इसी मािििािादी विचारधारा ि अमि को ि किल साहितय सजि क मलए परररि ककया बजलक इनिीि माििीय मलयो की सथापिा क मलए उनिोि रासिा बिाया उिकी सामयिादी दशथि म अरडग आसथा का कारण भी यिी मािििािाद ि तयोकक मासथिाद अनििः एिि मलिः मािििािाद िी ि जजसका वििचि अमिराय ि अपि निबिध-गरिथ ndash विचारधारा और साहितय- म ककया ि मातसथ क विषय म ि किि ि ldquo उसकी यि माििीय सििदिा या माििीय सरोकार एक शबद म मािििािाद बिधा लोगो की आखो स ओझल िो जािा ि और उसका धयाि आि परिरिि एक रख ndashसख अथथशासि का रप सामि आकर खडा िो जािा ि जो लोग गलि जगि पर जोर द कर मातसथ को किल आधथथक उनिनि स िी बाद दिा चािि ि िो चाि या ि चाि जाि या ि जाि मातसथ क साथ घोर अनयाय करि ि rdquo53अमिराय मि ि कक मातसथ भौनिकिादी इस अथथ म ि कक िि ककसी हदवय शजति को सिीकार ि करक पदाथथ ( कषनिजलपािकगगिसमीर )की सतिा को िी सतय माििा ि अथथ (धि) का पजक िि कभी ििीि रिा उसि सियि आजीिि निधथििा म िी ऋवष-मनियो की भानि जीिि -यापि ककया अमिराय क साहितय म उिकी मािििािादी विचारधारा सिथि हदखाई पडिी ि ि सियि किि ि ldquo सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मािस को रिगा िमरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा rdquo54

23

135यथाथसवाद और सहजता

अमिराय साहितय म यथाथथिाद क समथथक ि ि साहितय को शदध कला ििीि मािि ि िरि उस जीिि एिि समाज क मलए उपयोगी मािि ि उिक अिसार सचचा लखि िो ििी ि जोसमाज को कछ हदशा द सक ि किि ि ldquo आधनिक िो परािा िो सचचा लखि ििी ि जजसम लखक अपि दख िए अपि भोग िए को अपि कलातमक सामथयथ-भर अधधक स अधधक पणथिा क साथ धचतरिि करिा चाििा ि rdquo 55 ि साहितय म अिासिविक अथिा अयथाथथ रपिादी परयोगो को वयथथ मािि ि उिका कथि ि ldquo साहितय क अििगथि रप की अििलिा उसको िनिक भी इषट ििीि ि साहितय को माि अलिकरण या साज-सजजा ि मािि िए िम उस रचिा परकिया का अिग मािि ि और इस िाि उसको परा मिति दि ि पर िम कििा चािि ि कक रप का साथथक परयोग ििी ि जो िसि स सजीि सिदभथ म उसकी अधधवयजति की वििशिा स ककया गया ि lsquoशदधrsquo कला क फर म lsquoशदधrsquo रप क अविषकार म लगी िई परयोगशीलिा ििधया मसदध िोिी ि rdquo56

अमराय साहितय की उपयोधगिा पर विचार करि िए किि ि ldquo उसकी िासिविक साथथकिा इसम ि कक िि अिजाि िी आदमी की िजतियो का सिसकार करिा ि और जो साहितय जजििा िी शरषठ िोिा ि उिि जयादा अिजाि ढिग स अपिा काम करिा ि rdquoअिः लखक का यि किथवय ि कक िि साहितय का सजि अपि पररिश स जडकर कर ि िि कोरा आदशथिादी लखि कर ि िी ककसी ndashिाद- या ndashफशि- क चलि ऐसा यथाथथ धचतरिि कर जो सियि उसक समाज म अविदयमाि िो इसी को उनिोि सिज धरािल पर लखि किा ि किािी क कषि म ि सिज किािी क समथथक बि ि किि ि ldquo ियी किािी की खोज म सिज किािी खो गयी rdquo57ldquo सिज किािी स िमारा िातपयथ उस मल कथा-रस स ि जो किािी की अपिी खास चीज ि और जो बिि सी ndashियी- किी जाि िाली किानियो म एक मसर स ििीि ममलिा rdquo58

24

इस परकार अमिराय की विचारधारा समाजिादी एिि मािििािादी ि ि लखि म यथाथथ ि सिजिा क परबल समथथक रि िथा अपिी रचिाओि म सब परकार क शोषण क विरदध विदरोि एिि सिघषथ क सिर को ऊचा उठाया ि

136अधययन एव जीवनानभवो का परभाव

अमिराय की विचारधारा क निमाथण म उिका गिि आधययिधचििि िथा जीििािभि भी उतिरदायी रिा ि शरषठ कथा मलखि का रासिा बिाि िए अमिराय किि ि ldquo म िो उसका एक िी ढिग जाििा ि बड किािीकारो को पढिा उस पढि स िी अचछी किािी का बोध उसकी कछ परसििी अपि भीिर छिकर धथरककरसिधचि िोिी रििी िोगी rdquo59 अिः उनिोि समकालीि साहितयकारो को िो खब पढा िी विगि मिाि लखको को उनिोि अपकषाकि फधधक पढा ndash सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मि को रिगा ि मरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा ि -(विचारधारा और साहितय अमिराय प-18) उनिोि मतसथ लनिि एिगलस सटामलि माओ लकास एिि कॉडिल को खब पढा साथ िी उिक सजि पर रिीिदरिाथ टगोर शरिचिदर चिोपाधयाय परमचिद दोसिोिसकी मोपासाि गोकी का असीम परभाि रिा

परमचिद किा करि थ ldquo िम जीिि म जो कछ दखि ि या जो कछ िम पर गजरिी ि ििी अिभिििी चोट कलपिा म पिचकर याहितय सजि की पररणा करिी ि rdquo60 अमिराय ि भी लखक पर अिभिो क सिज परभाि को सिाकारि िए मलखा ि ldquo जो भी मलखिा ि िि सबस पिल िो आदमी िआदमी की िरि स आदमी की जजिदगी जीिा ि िस िी उसक आसिग-परसिग िोि ि और सिबिध बिि ि जजिदगी उसी िरीक स टकरािी ि उसस आकर उसी िरि उसक अिदर बिि िरि स ररसपानसज आि ि और उि सब क मलए ndashहदए िि मलखिा ि rdquo61 अमिराय क कथा-साहितय म आए िए विचारो ि परसिगो का जजममदार अपि जीििािभिो एिि मि को मािि ि ldquo

25

म किानिया मलखिा िजजिदगी क मल म िर दम कछ ि कछ िोिा रििा ि लोग मरि ि जीि ि ििसि ि रोि ि ममलि ि तरबछडि ि ठगि ि ठगजाि ि कछ बाि अपि पर बीििी ि कछ दसरो पर बीिि दखिा ि बिायी िई किानियो स जयादा जािदार और रिगीि किानिया िरदम आखो क सामि िोिी ि बस इििा ि कक अपि मि का रिग इििा चटक िो जाय कक एक बार डबोकर किािी को निकाल मलया जा सक इस किया म िि किािी जो दखी थी कछ की कछ िो जािी ि तयोकक मि क भीिर खद बिि सी किानिया सोयी रििी ि इसी िरि बिि सी किानियो क िायक-िानयकाए सडको पर पाको म मसाकफर खािो म कचिरी और दफिर की गदथ और बोसीदा फाइलो म टिलिनघसटि और रगि ममल जाि ि कभी जयो क तयो ममल जाि ि कभी चार को ममलाकर एक बििा ि और किीि एक को चार म नछिरा हदया जािा ि rdquo62

14 परगततिील आदोलन और अमतराय

अमिराय परगनिशील चििा परारिभ स िी परभाविि रि उिक वपिा परमचिद सियि एक परगनिशील सामाजजक यथाथथिादी लखक रि अमिराय की परािरिमभक रचिाओि यथा ndashिम रखल-मिशी जी मरसथल आहद किानियो म परगनिशील चििा क दशथि िोि ि उिकी किानियो म समाज क निमि और मधय िगथ क शोवषि-जीरडि वयजति िी िायक ि उनिोि उिक दःख-ददथ का यथाथथ धचिण ककया ि

सि 1942 ई0 िक ि मातसथिादी विचारधारा स पणथिः परभाविि िो चक थ और परगनिशील आिदोलि क सिीय कायथकिाथ िो बि गए थ सि 1942 ई0 स उनिोि- ििस- का सिपादि कायथ सिभाल मलया था और ndashििस- को परगनिशील आिदोलि का मख-पि बिा हदया था परयोगिादी परगनिशील किी धगररजा कमार माथर किि ि ndash य जो मिच बिा ििस और य एक वयापक परगनिशील चििा का मिच बिा किर कठमललापि िो बाद म आया उसका भी इनििास टतकर का जो ि िो बाद म आिा ि लककि य िो

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परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

27

बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

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अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

29

अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

30

6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

31

इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

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की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

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उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

34

अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

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लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 19: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

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131सामयवादी पवचारधारा

अमिराय ि निबिध lsquoविचारधारा और साहितयrsquo म सपसट सिीकर ककया ि कक ldquo मरी विचारधारा सामयिादी ि या यो कि लीजजए कक मझ पर सामयिादी विचारधारा का गिरा परभाि ि rdquo40 सि 1943 ई0 म उनिोि सामयिादी पाटी की सदसयिा गरिण की िथा मजदर ndashयनियि क मििी भी बि थ -बीज- उपनयास िथा ndashपारजाि क फल ndashआहद किानियो म उिकी सामयिादी विचारधारा सपसटिः सामि आई ि ककि ि ककसी भी विचारधारा या lsquoिादrsquo का अिधािसरण करि का ि विरोध करि ि ldquo जब-जब और जिा-जिा अिधािसरण की ऐसी कोई िीनि बरिी या अपिायी गयी ि विचार मर गया ि साहितय मरगया ि किल पररपाटी का रहढबदध लखि िआ ि rdquo41

सामयिादी पटी का सदसय रिि िए भी ि अपि ढिगस कछ अलग-अलग-सा भी सोचि रि और कदाधचि इसका कछ मलय भी उस चकािा पडा तयो कक सामदानयक धचििि परकतया मशविरबदधिा मागिा ि ि किि ि ldquo

मरा मि जसा कचछ बिा था िसी मसविरबदधिा मर मलए कभी सिभि ि िो पायी पर मझ कोई खद ििीि ि तयोकक मझ लगिा ि कक अिििः अपिा वििक िी सबस अचछा जीिि-सिचर िोिा ि rdquo42उनिोि मातसथिाद का गिि अधययि -मिि करक उस अपिी विचारधारा बिाया ि अपि समाज का अधययि करक अपि मिि-धचििि की कसौटी पर अचछी िरि परखकर और अपि मि क भीिर डबकर अचछी िरि टटोलकर जजस बाि को सिी जािि थ उसी को सिीकार करि थ उनिोि बािर क ककसी अिकश को कभी सिीकार ििीि ककया उिका मि ि ldquo यि अिशासि और अिकश रचिाकार क अपि वििक क भीिर स आिा चाहिए rdquo43

अमिराय ि कछ िषो क पचचाि सामयिादी पाटी स सिबिध िोड हदया था ककि ि सामयिाहद विचारधारा म उिका विचिास आजीिि रिा ि मलखि ि ldquo मर मलए विचारधारा कछ दसरी चीज ि उस आदमी मजबिी स

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पकडिा ि िि समपथण मािगिी ि उसक मलए निषठा चाहिए गिरा आििररक विचिास चाहिए उसी निषठा और गिर विचिास म स सब िरि क अभािकषट नििदाअपमािजलयाििा सब कछ सिि और जररि पडि पर अपि पराण िक द दि की िाकि आिी ि जिा य निषठा और समपथण और अकि ठ विचिास ििीि ि ििा कफर विचारधारा कसी जसी िई िस ि िई rdquo44

132गाधीवाद का परभाव

परारिभ म अमिरायकालीि समाजपर गाधीजी छाए िए थ अिः सपषट ि कक अमिराय की धचिििधारा पर गािधीिाद का गिरा परभाि लकषकषि िोिा सिाभाविक िी ि ldquo मरा िो काल (सि 1942-44) भयिकर गाधी भजति का था rdquo45 अिः उिकी रचिाओि म खासकर ndashबीज-उपनयास म मातसथिादी विचारधारा की गिराई म गाधीिादी विचारधारा क िति एिि सामाजजक मसदधािि जस मदयनिषध िगथ बद विरोध सिदशी राषरीय मशकषा वपछडो का उतथाि हदखाई दि ि

133मातससवादी चचतन का परभाव (वगस सघरस)

सि 1950 क उपरािि अमिराय मातसथिादी पाटी क सिीय सदसय बि गय मातसथिादी धचििि ि उि पर जाद कर हदया था इसमलए ि उस अधधक पसिद करि थ ldquo म मातसथिाद स पयार करि लगाथा rdquo46 ि उस जीििसमाज और सिसार बदलि का असि मािि ि ldquo मातसथिाद स अहदक जीिििअधधक िािनिकारी अधधक लोक कलयाणकारी मबलकअधधक सचचािाद दसरा ििीि rdquo47पररणामसिरप उिका परा साहितय मातसथिाद क दििदिातमक भौनिकिादी दशथि पर आधाररि ि सामयिादी और मातसथिादी दशथि समाज म समिा और नयाय की सथापिा कमलए िगथ सिघषथ को अनििायथ माििा ि िमार समाज म दो िगथ निरििर रि ि ndash एक शोषक िगथ और दसरा शोवषि िगथ अमिराय किि ि ldquoमटठी भर पजीपनियो दिारा लाखो ndashकरोडो लोगो का आधथथक शोषण एक भयिकर अनयाय ि और उसक

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विरदध परनििाद का सिर भरपर उठिा चाहिए इस अथथ-वयिसथा स सीध-सीध या परोकषिः जडी िई असिखय दसरी विषमिाए विकनियाअनयायदराचारएक स एक भयिकर अपराधजजिका एक फलिा-फलिा सामराजय ि और जजिको िम अपि आस-पास िरदम िोि दखि ि और जजिस िमारी माििीय सििदिा परकतया जडिी ि कषबध और आिदोमलि िोिी ि rdquo48उसक विरदध आिाज उठािा अनििायथ ि िमार समाज म सिी िगथ िथा अकलीि दमलि अथिा सिक िगथ सदा स िी शोवषि रिा ि अमिराय ि शोवषि िगथ को शोषण मति कराि क मलए िगथ-सिघषथ का आहिाि ककया ि ि सामाजजक नयाय क मलए रति िािनि को भी अनििायथ मािि ि ि किि ि ldquo समाज म नयाय ििीि ि और सििलि सब तरबगड गया ि और जिा समाज का सििलि तरबगडा िआ िो ििा वयजति का सििलि भी तरबगड तरबिा ििीि रि सकिा अपि दश भारि म यि सामाजजक नयाय सबस कम ि इसीमलए यिा का सििलि सबस िी अधधक तरबगडा िआ ि समाज सबस अजसथर ि अब यि सामाजजक अनयाय जि साधारण क मलए असहय िो गया ि और अब यि परािा ढचरा ककसी िरि चल ििीि सकिा अब या िो यि अनयाय की वयिसथा िधानिक िरीको स नयाय की हदशा म बदलगी या कफर रति-िािनि िोगी rdquo49

अमिराय ि अपि साहितय म शोषण क विरदध सिघषथ का सिर उठाया ि िथा आम आदमी को शोषण स मजति पाि िि सिघषथ करि की पररणा दी ि ि किि ि ldquo साहितय तयो जि चििा का परोधा ि बि उसकी नियिी ऐसी तयो िो िि वयजति क भीिर मसमट कर रि जाय rdquo50

134मानवतावाद

अमिराय की विचारधारा मलिः मािििािादी विचारधारा ि अमिराय क अिसार साहितय रचिा जीिि का यथािथय अिकि ििीि बजलक सचचा साहितय जिचििा का विधायक एिि सिघषथ का परोधा िोिा ि उिका कििा ि कक ldquoयिी जीिि दजषट मझ ndashहरगर- करिी ि यिी चीज जो उतपरररि करिी

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ि rdquo51ि सियि वयजति क कषटो को दर करि िथा उस उनिनि की हदशा म परररि करि क मलए कहटबदध मािि ि - ldquoएक भी किािी ऐसी ििीि ि जजसक भीिर मरा समगर धचति िा बोल रिा िो जो सिसार म अनयाय दखिा ि जो बराई दखिा ि िकलीफ दखिा ि और उसस रतिी भर आिदोमलि या विकषबध ििीि िोिा ि ऐसा लखि मरा ििीि ि मर भीिर लखि का सजि का रस जो निझथररि िोिा ि िि निझथररि िो िी ििीि सकिा जब िक कक उसक साथ किीि कोई सतयअसतयनयायअनयायसिदर असिदर य जो मलभि चीज ि इिका परचि िा जडा िो rdquo इसी मािििािादी विचारधारा ि अमि को ि किल साहितय सजि क मलए परररि ककया बजलक इनिीि माििीय मलयो की सथापिा क मलए उनिोि रासिा बिाया उिकी सामयिादी दशथि म अरडग आसथा का कारण भी यिी मािििािाद ि तयोकक मासथिाद अनििः एिि मलिः मािििािाद िी ि जजसका वििचि अमिराय ि अपि निबिध-गरिथ ndash विचारधारा और साहितय- म ककया ि मातसथ क विषय म ि किि ि ldquo उसकी यि माििीय सििदिा या माििीय सरोकार एक शबद म मािििािाद बिधा लोगो की आखो स ओझल िो जािा ि और उसका धयाि आि परिरिि एक रख ndashसख अथथशासि का रप सामि आकर खडा िो जािा ि जो लोग गलि जगि पर जोर द कर मातसथ को किल आधथथक उनिनि स िी बाद दिा चािि ि िो चाि या ि चाि जाि या ि जाि मातसथ क साथ घोर अनयाय करि ि rdquo53अमिराय मि ि कक मातसथ भौनिकिादी इस अथथ म ि कक िि ककसी हदवय शजति को सिीकार ि करक पदाथथ ( कषनिजलपािकगगिसमीर )की सतिा को िी सतय माििा ि अथथ (धि) का पजक िि कभी ििीि रिा उसि सियि आजीिि निधथििा म िी ऋवष-मनियो की भानि जीिि -यापि ककया अमिराय क साहितय म उिकी मािििािादी विचारधारा सिथि हदखाई पडिी ि ि सियि किि ि ldquo सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मािस को रिगा िमरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा rdquo54

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135यथाथसवाद और सहजता

अमिराय साहितय म यथाथथिाद क समथथक ि ि साहितय को शदध कला ििीि मािि ि िरि उस जीिि एिि समाज क मलए उपयोगी मािि ि उिक अिसार सचचा लखि िो ििी ि जोसमाज को कछ हदशा द सक ि किि ि ldquo आधनिक िो परािा िो सचचा लखि ििी ि जजसम लखक अपि दख िए अपि भोग िए को अपि कलातमक सामथयथ-भर अधधक स अधधक पणथिा क साथ धचतरिि करिा चाििा ि rdquo 55 ि साहितय म अिासिविक अथिा अयथाथथ रपिादी परयोगो को वयथथ मािि ि उिका कथि ि ldquo साहितय क अििगथि रप की अििलिा उसको िनिक भी इषट ििीि ि साहितय को माि अलिकरण या साज-सजजा ि मािि िए िम उस रचिा परकिया का अिग मािि ि और इस िाि उसको परा मिति दि ि पर िम कििा चािि ि कक रप का साथथक परयोग ििी ि जो िसि स सजीि सिदभथ म उसकी अधधवयजति की वििशिा स ककया गया ि lsquoशदधrsquo कला क फर म lsquoशदधrsquo रप क अविषकार म लगी िई परयोगशीलिा ििधया मसदध िोिी ि rdquo56

अमराय साहितय की उपयोधगिा पर विचार करि िए किि ि ldquo उसकी िासिविक साथथकिा इसम ि कक िि अिजाि िी आदमी की िजतियो का सिसकार करिा ि और जो साहितय जजििा िी शरषठ िोिा ि उिि जयादा अिजाि ढिग स अपिा काम करिा ि rdquoअिः लखक का यि किथवय ि कक िि साहितय का सजि अपि पररिश स जडकर कर ि िि कोरा आदशथिादी लखि कर ि िी ककसी ndashिाद- या ndashफशि- क चलि ऐसा यथाथथ धचतरिि कर जो सियि उसक समाज म अविदयमाि िो इसी को उनिोि सिज धरािल पर लखि किा ि किािी क कषि म ि सिज किािी क समथथक बि ि किि ि ldquo ियी किािी की खोज म सिज किािी खो गयी rdquo57ldquo सिज किािी स िमारा िातपयथ उस मल कथा-रस स ि जो किािी की अपिी खास चीज ि और जो बिि सी ndashियी- किी जाि िाली किानियो म एक मसर स ििीि ममलिा rdquo58

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इस परकार अमिराय की विचारधारा समाजिादी एिि मािििािादी ि ि लखि म यथाथथ ि सिजिा क परबल समथथक रि िथा अपिी रचिाओि म सब परकार क शोषण क विरदध विदरोि एिि सिघषथ क सिर को ऊचा उठाया ि

136अधययन एव जीवनानभवो का परभाव

अमिराय की विचारधारा क निमाथण म उिका गिि आधययिधचििि िथा जीििािभि भी उतिरदायी रिा ि शरषठ कथा मलखि का रासिा बिाि िए अमिराय किि ि ldquo म िो उसका एक िी ढिग जाििा ि बड किािीकारो को पढिा उस पढि स िी अचछी किािी का बोध उसकी कछ परसििी अपि भीिर छिकर धथरककरसिधचि िोिी रििी िोगी rdquo59 अिः उनिोि समकालीि साहितयकारो को िो खब पढा िी विगि मिाि लखको को उनिोि अपकषाकि फधधक पढा ndash सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मि को रिगा ि मरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा ि -(विचारधारा और साहितय अमिराय प-18) उनिोि मतसथ लनिि एिगलस सटामलि माओ लकास एिि कॉडिल को खब पढा साथ िी उिक सजि पर रिीिदरिाथ टगोर शरिचिदर चिोपाधयाय परमचिद दोसिोिसकी मोपासाि गोकी का असीम परभाि रिा

परमचिद किा करि थ ldquo िम जीिि म जो कछ दखि ि या जो कछ िम पर गजरिी ि ििी अिभिििी चोट कलपिा म पिचकर याहितय सजि की पररणा करिी ि rdquo60 अमिराय ि भी लखक पर अिभिो क सिज परभाि को सिाकारि िए मलखा ि ldquo जो भी मलखिा ि िि सबस पिल िो आदमी िआदमी की िरि स आदमी की जजिदगी जीिा ि िस िी उसक आसिग-परसिग िोि ि और सिबिध बिि ि जजिदगी उसी िरीक स टकरािी ि उसस आकर उसी िरि उसक अिदर बिि िरि स ररसपानसज आि ि और उि सब क मलए ndashहदए िि मलखिा ि rdquo61 अमिराय क कथा-साहितय म आए िए विचारो ि परसिगो का जजममदार अपि जीििािभिो एिि मि को मािि ि ldquo

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म किानिया मलखिा िजजिदगी क मल म िर दम कछ ि कछ िोिा रििा ि लोग मरि ि जीि ि ििसि ि रोि ि ममलि ि तरबछडि ि ठगि ि ठगजाि ि कछ बाि अपि पर बीििी ि कछ दसरो पर बीिि दखिा ि बिायी िई किानियो स जयादा जािदार और रिगीि किानिया िरदम आखो क सामि िोिी ि बस इििा ि कक अपि मि का रिग इििा चटक िो जाय कक एक बार डबोकर किािी को निकाल मलया जा सक इस किया म िि किािी जो दखी थी कछ की कछ िो जािी ि तयोकक मि क भीिर खद बिि सी किानिया सोयी रििी ि इसी िरि बिि सी किानियो क िायक-िानयकाए सडको पर पाको म मसाकफर खािो म कचिरी और दफिर की गदथ और बोसीदा फाइलो म टिलिनघसटि और रगि ममल जाि ि कभी जयो क तयो ममल जाि ि कभी चार को ममलाकर एक बििा ि और किीि एक को चार म नछिरा हदया जािा ि rdquo62

14 परगततिील आदोलन और अमतराय

अमिराय परगनिशील चििा परारिभ स िी परभाविि रि उिक वपिा परमचिद सियि एक परगनिशील सामाजजक यथाथथिादी लखक रि अमिराय की परािरिमभक रचिाओि यथा ndashिम रखल-मिशी जी मरसथल आहद किानियो म परगनिशील चििा क दशथि िोि ि उिकी किानियो म समाज क निमि और मधय िगथ क शोवषि-जीरडि वयजति िी िायक ि उनिोि उिक दःख-ददथ का यथाथथ धचिण ककया ि

सि 1942 ई0 िक ि मातसथिादी विचारधारा स पणथिः परभाविि िो चक थ और परगनिशील आिदोलि क सिीय कायथकिाथ िो बि गए थ सि 1942 ई0 स उनिोि- ििस- का सिपादि कायथ सिभाल मलया था और ndashििस- को परगनिशील आिदोलि का मख-पि बिा हदया था परयोगिादी परगनिशील किी धगररजा कमार माथर किि ि ndash य जो मिच बिा ििस और य एक वयापक परगनिशील चििा का मिच बिा किर कठमललापि िो बाद म आया उसका भी इनििास टतकर का जो ि िो बाद म आिा ि लककि य िो

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परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

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बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

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अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

29

अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

30

6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

31

इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

32

की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

33

उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

34

अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 20: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

20

पकडिा ि िि समपथण मािगिी ि उसक मलए निषठा चाहिए गिरा आििररक विचिास चाहिए उसी निषठा और गिर विचिास म स सब िरि क अभािकषट नििदाअपमािजलयाििा सब कछ सिि और जररि पडि पर अपि पराण िक द दि की िाकि आिी ि जिा य निषठा और समपथण और अकि ठ विचिास ििीि ि ििा कफर विचारधारा कसी जसी िई िस ि िई rdquo44

132गाधीवाद का परभाव

परारिभ म अमिरायकालीि समाजपर गाधीजी छाए िए थ अिः सपषट ि कक अमिराय की धचिििधारा पर गािधीिाद का गिरा परभाि लकषकषि िोिा सिाभाविक िी ि ldquo मरा िो काल (सि 1942-44) भयिकर गाधी भजति का था rdquo45 अिः उिकी रचिाओि म खासकर ndashबीज-उपनयास म मातसथिादी विचारधारा की गिराई म गाधीिादी विचारधारा क िति एिि सामाजजक मसदधािि जस मदयनिषध िगथ बद विरोध सिदशी राषरीय मशकषा वपछडो का उतथाि हदखाई दि ि

133मातससवादी चचतन का परभाव (वगस सघरस)

सि 1950 क उपरािि अमिराय मातसथिादी पाटी क सिीय सदसय बि गय मातसथिादी धचििि ि उि पर जाद कर हदया था इसमलए ि उस अधधक पसिद करि थ ldquo म मातसथिाद स पयार करि लगाथा rdquo46 ि उस जीििसमाज और सिसार बदलि का असि मािि ि ldquo मातसथिाद स अहदक जीिििअधधक िािनिकारी अधधक लोक कलयाणकारी मबलकअधधक सचचािाद दसरा ििीि rdquo47पररणामसिरप उिका परा साहितय मातसथिाद क दििदिातमक भौनिकिादी दशथि पर आधाररि ि सामयिादी और मातसथिादी दशथि समाज म समिा और नयाय की सथापिा कमलए िगथ सिघषथ को अनििायथ माििा ि िमार समाज म दो िगथ निरििर रि ि ndash एक शोषक िगथ और दसरा शोवषि िगथ अमिराय किि ि ldquoमटठी भर पजीपनियो दिारा लाखो ndashकरोडो लोगो का आधथथक शोषण एक भयिकर अनयाय ि और उसक

21

विरदध परनििाद का सिर भरपर उठिा चाहिए इस अथथ-वयिसथा स सीध-सीध या परोकषिः जडी िई असिखय दसरी विषमिाए विकनियाअनयायदराचारएक स एक भयिकर अपराधजजिका एक फलिा-फलिा सामराजय ि और जजिको िम अपि आस-पास िरदम िोि दखि ि और जजिस िमारी माििीय सििदिा परकतया जडिी ि कषबध और आिदोमलि िोिी ि rdquo48उसक विरदध आिाज उठािा अनििायथ ि िमार समाज म सिी िगथ िथा अकलीि दमलि अथिा सिक िगथ सदा स िी शोवषि रिा ि अमिराय ि शोवषि िगथ को शोषण मति कराि क मलए िगथ-सिघषथ का आहिाि ककया ि ि सामाजजक नयाय क मलए रति िािनि को भी अनििायथ मािि ि ि किि ि ldquo समाज म नयाय ििीि ि और सििलि सब तरबगड गया ि और जिा समाज का सििलि तरबगडा िआ िो ििा वयजति का सििलि भी तरबगड तरबिा ििीि रि सकिा अपि दश भारि म यि सामाजजक नयाय सबस कम ि इसीमलए यिा का सििलि सबस िी अधधक तरबगडा िआ ि समाज सबस अजसथर ि अब यि सामाजजक अनयाय जि साधारण क मलए असहय िो गया ि और अब यि परािा ढचरा ककसी िरि चल ििीि सकिा अब या िो यि अनयाय की वयिसथा िधानिक िरीको स नयाय की हदशा म बदलगी या कफर रति-िािनि िोगी rdquo49

अमिराय ि अपि साहितय म शोषण क विरदध सिघषथ का सिर उठाया ि िथा आम आदमी को शोषण स मजति पाि िि सिघषथ करि की पररणा दी ि ि किि ि ldquo साहितय तयो जि चििा का परोधा ि बि उसकी नियिी ऐसी तयो िो िि वयजति क भीिर मसमट कर रि जाय rdquo50

134मानवतावाद

अमिराय की विचारधारा मलिः मािििािादी विचारधारा ि अमिराय क अिसार साहितय रचिा जीिि का यथािथय अिकि ििीि बजलक सचचा साहितय जिचििा का विधायक एिि सिघषथ का परोधा िोिा ि उिका कििा ि कक ldquoयिी जीिि दजषट मझ ndashहरगर- करिी ि यिी चीज जो उतपरररि करिी

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ि rdquo51ि सियि वयजति क कषटो को दर करि िथा उस उनिनि की हदशा म परररि करि क मलए कहटबदध मािि ि - ldquoएक भी किािी ऐसी ििीि ि जजसक भीिर मरा समगर धचति िा बोल रिा िो जो सिसार म अनयाय दखिा ि जो बराई दखिा ि िकलीफ दखिा ि और उसस रतिी भर आिदोमलि या विकषबध ििीि िोिा ि ऐसा लखि मरा ििीि ि मर भीिर लखि का सजि का रस जो निझथररि िोिा ि िि निझथररि िो िी ििीि सकिा जब िक कक उसक साथ किीि कोई सतयअसतयनयायअनयायसिदर असिदर य जो मलभि चीज ि इिका परचि िा जडा िो rdquo इसी मािििािादी विचारधारा ि अमि को ि किल साहितय सजि क मलए परररि ककया बजलक इनिीि माििीय मलयो की सथापिा क मलए उनिोि रासिा बिाया उिकी सामयिादी दशथि म अरडग आसथा का कारण भी यिी मािििािाद ि तयोकक मासथिाद अनििः एिि मलिः मािििािाद िी ि जजसका वििचि अमिराय ि अपि निबिध-गरिथ ndash विचारधारा और साहितय- म ककया ि मातसथ क विषय म ि किि ि ldquo उसकी यि माििीय सििदिा या माििीय सरोकार एक शबद म मािििािाद बिधा लोगो की आखो स ओझल िो जािा ि और उसका धयाि आि परिरिि एक रख ndashसख अथथशासि का रप सामि आकर खडा िो जािा ि जो लोग गलि जगि पर जोर द कर मातसथ को किल आधथथक उनिनि स िी बाद दिा चािि ि िो चाि या ि चाि जाि या ि जाि मातसथ क साथ घोर अनयाय करि ि rdquo53अमिराय मि ि कक मातसथ भौनिकिादी इस अथथ म ि कक िि ककसी हदवय शजति को सिीकार ि करक पदाथथ ( कषनिजलपािकगगिसमीर )की सतिा को िी सतय माििा ि अथथ (धि) का पजक िि कभी ििीि रिा उसि सियि आजीिि निधथििा म िी ऋवष-मनियो की भानि जीिि -यापि ककया अमिराय क साहितय म उिकी मािििािादी विचारधारा सिथि हदखाई पडिी ि ि सियि किि ि ldquo सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मािस को रिगा िमरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा rdquo54

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135यथाथसवाद और सहजता

अमिराय साहितय म यथाथथिाद क समथथक ि ि साहितय को शदध कला ििीि मािि ि िरि उस जीिि एिि समाज क मलए उपयोगी मािि ि उिक अिसार सचचा लखि िो ििी ि जोसमाज को कछ हदशा द सक ि किि ि ldquo आधनिक िो परािा िो सचचा लखि ििी ि जजसम लखक अपि दख िए अपि भोग िए को अपि कलातमक सामथयथ-भर अधधक स अधधक पणथिा क साथ धचतरिि करिा चाििा ि rdquo 55 ि साहितय म अिासिविक अथिा अयथाथथ रपिादी परयोगो को वयथथ मािि ि उिका कथि ि ldquo साहितय क अििगथि रप की अििलिा उसको िनिक भी इषट ििीि ि साहितय को माि अलिकरण या साज-सजजा ि मािि िए िम उस रचिा परकिया का अिग मािि ि और इस िाि उसको परा मिति दि ि पर िम कििा चािि ि कक रप का साथथक परयोग ििी ि जो िसि स सजीि सिदभथ म उसकी अधधवयजति की वििशिा स ककया गया ि lsquoशदधrsquo कला क फर म lsquoशदधrsquo रप क अविषकार म लगी िई परयोगशीलिा ििधया मसदध िोिी ि rdquo56

अमराय साहितय की उपयोधगिा पर विचार करि िए किि ि ldquo उसकी िासिविक साथथकिा इसम ि कक िि अिजाि िी आदमी की िजतियो का सिसकार करिा ि और जो साहितय जजििा िी शरषठ िोिा ि उिि जयादा अिजाि ढिग स अपिा काम करिा ि rdquoअिः लखक का यि किथवय ि कक िि साहितय का सजि अपि पररिश स जडकर कर ि िि कोरा आदशथिादी लखि कर ि िी ककसी ndashिाद- या ndashफशि- क चलि ऐसा यथाथथ धचतरिि कर जो सियि उसक समाज म अविदयमाि िो इसी को उनिोि सिज धरािल पर लखि किा ि किािी क कषि म ि सिज किािी क समथथक बि ि किि ि ldquo ियी किािी की खोज म सिज किािी खो गयी rdquo57ldquo सिज किािी स िमारा िातपयथ उस मल कथा-रस स ि जो किािी की अपिी खास चीज ि और जो बिि सी ndashियी- किी जाि िाली किानियो म एक मसर स ििीि ममलिा rdquo58

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इस परकार अमिराय की विचारधारा समाजिादी एिि मािििािादी ि ि लखि म यथाथथ ि सिजिा क परबल समथथक रि िथा अपिी रचिाओि म सब परकार क शोषण क विरदध विदरोि एिि सिघषथ क सिर को ऊचा उठाया ि

136अधययन एव जीवनानभवो का परभाव

अमिराय की विचारधारा क निमाथण म उिका गिि आधययिधचििि िथा जीििािभि भी उतिरदायी रिा ि शरषठ कथा मलखि का रासिा बिाि िए अमिराय किि ि ldquo म िो उसका एक िी ढिग जाििा ि बड किािीकारो को पढिा उस पढि स िी अचछी किािी का बोध उसकी कछ परसििी अपि भीिर छिकर धथरककरसिधचि िोिी रििी िोगी rdquo59 अिः उनिोि समकालीि साहितयकारो को िो खब पढा िी विगि मिाि लखको को उनिोि अपकषाकि फधधक पढा ndash सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मि को रिगा ि मरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा ि -(विचारधारा और साहितय अमिराय प-18) उनिोि मतसथ लनिि एिगलस सटामलि माओ लकास एिि कॉडिल को खब पढा साथ िी उिक सजि पर रिीिदरिाथ टगोर शरिचिदर चिोपाधयाय परमचिद दोसिोिसकी मोपासाि गोकी का असीम परभाि रिा

परमचिद किा करि थ ldquo िम जीिि म जो कछ दखि ि या जो कछ िम पर गजरिी ि ििी अिभिििी चोट कलपिा म पिचकर याहितय सजि की पररणा करिी ि rdquo60 अमिराय ि भी लखक पर अिभिो क सिज परभाि को सिाकारि िए मलखा ि ldquo जो भी मलखिा ि िि सबस पिल िो आदमी िआदमी की िरि स आदमी की जजिदगी जीिा ि िस िी उसक आसिग-परसिग िोि ि और सिबिध बिि ि जजिदगी उसी िरीक स टकरािी ि उसस आकर उसी िरि उसक अिदर बिि िरि स ररसपानसज आि ि और उि सब क मलए ndashहदए िि मलखिा ि rdquo61 अमिराय क कथा-साहितय म आए िए विचारो ि परसिगो का जजममदार अपि जीििािभिो एिि मि को मािि ि ldquo

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म किानिया मलखिा िजजिदगी क मल म िर दम कछ ि कछ िोिा रििा ि लोग मरि ि जीि ि ििसि ि रोि ि ममलि ि तरबछडि ि ठगि ि ठगजाि ि कछ बाि अपि पर बीििी ि कछ दसरो पर बीिि दखिा ि बिायी िई किानियो स जयादा जािदार और रिगीि किानिया िरदम आखो क सामि िोिी ि बस इििा ि कक अपि मि का रिग इििा चटक िो जाय कक एक बार डबोकर किािी को निकाल मलया जा सक इस किया म िि किािी जो दखी थी कछ की कछ िो जािी ि तयोकक मि क भीिर खद बिि सी किानिया सोयी रििी ि इसी िरि बिि सी किानियो क िायक-िानयकाए सडको पर पाको म मसाकफर खािो म कचिरी और दफिर की गदथ और बोसीदा फाइलो म टिलिनघसटि और रगि ममल जाि ि कभी जयो क तयो ममल जाि ि कभी चार को ममलाकर एक बििा ि और किीि एक को चार म नछिरा हदया जािा ि rdquo62

14 परगततिील आदोलन और अमतराय

अमिराय परगनिशील चििा परारिभ स िी परभाविि रि उिक वपिा परमचिद सियि एक परगनिशील सामाजजक यथाथथिादी लखक रि अमिराय की परािरिमभक रचिाओि यथा ndashिम रखल-मिशी जी मरसथल आहद किानियो म परगनिशील चििा क दशथि िोि ि उिकी किानियो म समाज क निमि और मधय िगथ क शोवषि-जीरडि वयजति िी िायक ि उनिोि उिक दःख-ददथ का यथाथथ धचिण ककया ि

सि 1942 ई0 िक ि मातसथिादी विचारधारा स पणथिः परभाविि िो चक थ और परगनिशील आिदोलि क सिीय कायथकिाथ िो बि गए थ सि 1942 ई0 स उनिोि- ििस- का सिपादि कायथ सिभाल मलया था और ndashििस- को परगनिशील आिदोलि का मख-पि बिा हदया था परयोगिादी परगनिशील किी धगररजा कमार माथर किि ि ndash य जो मिच बिा ििस और य एक वयापक परगनिशील चििा का मिच बिा किर कठमललापि िो बाद म आया उसका भी इनििास टतकर का जो ि िो बाद म आिा ि लककि य िो

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परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

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बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

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अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

29

अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

30

6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

31

इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

32

की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

33

उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

34

अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 21: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

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विरदध परनििाद का सिर भरपर उठिा चाहिए इस अथथ-वयिसथा स सीध-सीध या परोकषिः जडी िई असिखय दसरी विषमिाए विकनियाअनयायदराचारएक स एक भयिकर अपराधजजिका एक फलिा-फलिा सामराजय ि और जजिको िम अपि आस-पास िरदम िोि दखि ि और जजिस िमारी माििीय सििदिा परकतया जडिी ि कषबध और आिदोमलि िोिी ि rdquo48उसक विरदध आिाज उठािा अनििायथ ि िमार समाज म सिी िगथ िथा अकलीि दमलि अथिा सिक िगथ सदा स िी शोवषि रिा ि अमिराय ि शोवषि िगथ को शोषण मति कराि क मलए िगथ-सिघषथ का आहिाि ककया ि ि सामाजजक नयाय क मलए रति िािनि को भी अनििायथ मािि ि ि किि ि ldquo समाज म नयाय ििीि ि और सििलि सब तरबगड गया ि और जिा समाज का सििलि तरबगडा िआ िो ििा वयजति का सििलि भी तरबगड तरबिा ििीि रि सकिा अपि दश भारि म यि सामाजजक नयाय सबस कम ि इसीमलए यिा का सििलि सबस िी अधधक तरबगडा िआ ि समाज सबस अजसथर ि अब यि सामाजजक अनयाय जि साधारण क मलए असहय िो गया ि और अब यि परािा ढचरा ककसी िरि चल ििीि सकिा अब या िो यि अनयाय की वयिसथा िधानिक िरीको स नयाय की हदशा म बदलगी या कफर रति-िािनि िोगी rdquo49

अमिराय ि अपि साहितय म शोषण क विरदध सिघषथ का सिर उठाया ि िथा आम आदमी को शोषण स मजति पाि िि सिघषथ करि की पररणा दी ि ि किि ि ldquo साहितय तयो जि चििा का परोधा ि बि उसकी नियिी ऐसी तयो िो िि वयजति क भीिर मसमट कर रि जाय rdquo50

134मानवतावाद

अमिराय की विचारधारा मलिः मािििािादी विचारधारा ि अमिराय क अिसार साहितय रचिा जीिि का यथािथय अिकि ििीि बजलक सचचा साहितय जिचििा का विधायक एिि सिघषथ का परोधा िोिा ि उिका कििा ि कक ldquoयिी जीिि दजषट मझ ndashहरगर- करिी ि यिी चीज जो उतपरररि करिी

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ि rdquo51ि सियि वयजति क कषटो को दर करि िथा उस उनिनि की हदशा म परररि करि क मलए कहटबदध मािि ि - ldquoएक भी किािी ऐसी ििीि ि जजसक भीिर मरा समगर धचति िा बोल रिा िो जो सिसार म अनयाय दखिा ि जो बराई दखिा ि िकलीफ दखिा ि और उसस रतिी भर आिदोमलि या विकषबध ििीि िोिा ि ऐसा लखि मरा ििीि ि मर भीिर लखि का सजि का रस जो निझथररि िोिा ि िि निझथररि िो िी ििीि सकिा जब िक कक उसक साथ किीि कोई सतयअसतयनयायअनयायसिदर असिदर य जो मलभि चीज ि इिका परचि िा जडा िो rdquo इसी मािििािादी विचारधारा ि अमि को ि किल साहितय सजि क मलए परररि ककया बजलक इनिीि माििीय मलयो की सथापिा क मलए उनिोि रासिा बिाया उिकी सामयिादी दशथि म अरडग आसथा का कारण भी यिी मािििािाद ि तयोकक मासथिाद अनििः एिि मलिः मािििािाद िी ि जजसका वििचि अमिराय ि अपि निबिध-गरिथ ndash विचारधारा और साहितय- म ककया ि मातसथ क विषय म ि किि ि ldquo उसकी यि माििीय सििदिा या माििीय सरोकार एक शबद म मािििािाद बिधा लोगो की आखो स ओझल िो जािा ि और उसका धयाि आि परिरिि एक रख ndashसख अथथशासि का रप सामि आकर खडा िो जािा ि जो लोग गलि जगि पर जोर द कर मातसथ को किल आधथथक उनिनि स िी बाद दिा चािि ि िो चाि या ि चाि जाि या ि जाि मातसथ क साथ घोर अनयाय करि ि rdquo53अमिराय मि ि कक मातसथ भौनिकिादी इस अथथ म ि कक िि ककसी हदवय शजति को सिीकार ि करक पदाथथ ( कषनिजलपािकगगिसमीर )की सतिा को िी सतय माििा ि अथथ (धि) का पजक िि कभी ििीि रिा उसि सियि आजीिि निधथििा म िी ऋवष-मनियो की भानि जीिि -यापि ककया अमिराय क साहितय म उिकी मािििािादी विचारधारा सिथि हदखाई पडिी ि ि सियि किि ि ldquo सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मािस को रिगा िमरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा rdquo54

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135यथाथसवाद और सहजता

अमिराय साहितय म यथाथथिाद क समथथक ि ि साहितय को शदध कला ििीि मािि ि िरि उस जीिि एिि समाज क मलए उपयोगी मािि ि उिक अिसार सचचा लखि िो ििी ि जोसमाज को कछ हदशा द सक ि किि ि ldquo आधनिक िो परािा िो सचचा लखि ििी ि जजसम लखक अपि दख िए अपि भोग िए को अपि कलातमक सामथयथ-भर अधधक स अधधक पणथिा क साथ धचतरिि करिा चाििा ि rdquo 55 ि साहितय म अिासिविक अथिा अयथाथथ रपिादी परयोगो को वयथथ मािि ि उिका कथि ि ldquo साहितय क अििगथि रप की अििलिा उसको िनिक भी इषट ििीि ि साहितय को माि अलिकरण या साज-सजजा ि मािि िए िम उस रचिा परकिया का अिग मािि ि और इस िाि उसको परा मिति दि ि पर िम कििा चािि ि कक रप का साथथक परयोग ििी ि जो िसि स सजीि सिदभथ म उसकी अधधवयजति की वििशिा स ककया गया ि lsquoशदधrsquo कला क फर म lsquoशदधrsquo रप क अविषकार म लगी िई परयोगशीलिा ििधया मसदध िोिी ि rdquo56

अमराय साहितय की उपयोधगिा पर विचार करि िए किि ि ldquo उसकी िासिविक साथथकिा इसम ि कक िि अिजाि िी आदमी की िजतियो का सिसकार करिा ि और जो साहितय जजििा िी शरषठ िोिा ि उिि जयादा अिजाि ढिग स अपिा काम करिा ि rdquoअिः लखक का यि किथवय ि कक िि साहितय का सजि अपि पररिश स जडकर कर ि िि कोरा आदशथिादी लखि कर ि िी ककसी ndashिाद- या ndashफशि- क चलि ऐसा यथाथथ धचतरिि कर जो सियि उसक समाज म अविदयमाि िो इसी को उनिोि सिज धरािल पर लखि किा ि किािी क कषि म ि सिज किािी क समथथक बि ि किि ि ldquo ियी किािी की खोज म सिज किािी खो गयी rdquo57ldquo सिज किािी स िमारा िातपयथ उस मल कथा-रस स ि जो किािी की अपिी खास चीज ि और जो बिि सी ndashियी- किी जाि िाली किानियो म एक मसर स ििीि ममलिा rdquo58

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इस परकार अमिराय की विचारधारा समाजिादी एिि मािििािादी ि ि लखि म यथाथथ ि सिजिा क परबल समथथक रि िथा अपिी रचिाओि म सब परकार क शोषण क विरदध विदरोि एिि सिघषथ क सिर को ऊचा उठाया ि

136अधययन एव जीवनानभवो का परभाव

अमिराय की विचारधारा क निमाथण म उिका गिि आधययिधचििि िथा जीििािभि भी उतिरदायी रिा ि शरषठ कथा मलखि का रासिा बिाि िए अमिराय किि ि ldquo म िो उसका एक िी ढिग जाििा ि बड किािीकारो को पढिा उस पढि स िी अचछी किािी का बोध उसकी कछ परसििी अपि भीिर छिकर धथरककरसिधचि िोिी रििी िोगी rdquo59 अिः उनिोि समकालीि साहितयकारो को िो खब पढा िी विगि मिाि लखको को उनिोि अपकषाकि फधधक पढा ndash सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मि को रिगा ि मरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा ि -(विचारधारा और साहितय अमिराय प-18) उनिोि मतसथ लनिि एिगलस सटामलि माओ लकास एिि कॉडिल को खब पढा साथ िी उिक सजि पर रिीिदरिाथ टगोर शरिचिदर चिोपाधयाय परमचिद दोसिोिसकी मोपासाि गोकी का असीम परभाि रिा

परमचिद किा करि थ ldquo िम जीिि म जो कछ दखि ि या जो कछ िम पर गजरिी ि ििी अिभिििी चोट कलपिा म पिचकर याहितय सजि की पररणा करिी ि rdquo60 अमिराय ि भी लखक पर अिभिो क सिज परभाि को सिाकारि िए मलखा ि ldquo जो भी मलखिा ि िि सबस पिल िो आदमी िआदमी की िरि स आदमी की जजिदगी जीिा ि िस िी उसक आसिग-परसिग िोि ि और सिबिध बिि ि जजिदगी उसी िरीक स टकरािी ि उसस आकर उसी िरि उसक अिदर बिि िरि स ररसपानसज आि ि और उि सब क मलए ndashहदए िि मलखिा ि rdquo61 अमिराय क कथा-साहितय म आए िए विचारो ि परसिगो का जजममदार अपि जीििािभिो एिि मि को मािि ि ldquo

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म किानिया मलखिा िजजिदगी क मल म िर दम कछ ि कछ िोिा रििा ि लोग मरि ि जीि ि ििसि ि रोि ि ममलि ि तरबछडि ि ठगि ि ठगजाि ि कछ बाि अपि पर बीििी ि कछ दसरो पर बीिि दखिा ि बिायी िई किानियो स जयादा जािदार और रिगीि किानिया िरदम आखो क सामि िोिी ि बस इििा ि कक अपि मि का रिग इििा चटक िो जाय कक एक बार डबोकर किािी को निकाल मलया जा सक इस किया म िि किािी जो दखी थी कछ की कछ िो जािी ि तयोकक मि क भीिर खद बिि सी किानिया सोयी रििी ि इसी िरि बिि सी किानियो क िायक-िानयकाए सडको पर पाको म मसाकफर खािो म कचिरी और दफिर की गदथ और बोसीदा फाइलो म टिलिनघसटि और रगि ममल जाि ि कभी जयो क तयो ममल जाि ि कभी चार को ममलाकर एक बििा ि और किीि एक को चार म नछिरा हदया जािा ि rdquo62

14 परगततिील आदोलन और अमतराय

अमिराय परगनिशील चििा परारिभ स िी परभाविि रि उिक वपिा परमचिद सियि एक परगनिशील सामाजजक यथाथथिादी लखक रि अमिराय की परािरिमभक रचिाओि यथा ndashिम रखल-मिशी जी मरसथल आहद किानियो म परगनिशील चििा क दशथि िोि ि उिकी किानियो म समाज क निमि और मधय िगथ क शोवषि-जीरडि वयजति िी िायक ि उनिोि उिक दःख-ददथ का यथाथथ धचिण ककया ि

सि 1942 ई0 िक ि मातसथिादी विचारधारा स पणथिः परभाविि िो चक थ और परगनिशील आिदोलि क सिीय कायथकिाथ िो बि गए थ सि 1942 ई0 स उनिोि- ििस- का सिपादि कायथ सिभाल मलया था और ndashििस- को परगनिशील आिदोलि का मख-पि बिा हदया था परयोगिादी परगनिशील किी धगररजा कमार माथर किि ि ndash य जो मिच बिा ििस और य एक वयापक परगनिशील चििा का मिच बिा किर कठमललापि िो बाद म आया उसका भी इनििास टतकर का जो ि िो बाद म आिा ि लककि य िो

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परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

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बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

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अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

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अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

30

6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

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इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

32

की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

33

उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

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अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 22: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

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ि rdquo51ि सियि वयजति क कषटो को दर करि िथा उस उनिनि की हदशा म परररि करि क मलए कहटबदध मािि ि - ldquoएक भी किािी ऐसी ििीि ि जजसक भीिर मरा समगर धचति िा बोल रिा िो जो सिसार म अनयाय दखिा ि जो बराई दखिा ि िकलीफ दखिा ि और उसस रतिी भर आिदोमलि या विकषबध ििीि िोिा ि ऐसा लखि मरा ििीि ि मर भीिर लखि का सजि का रस जो निझथररि िोिा ि िि निझथररि िो िी ििीि सकिा जब िक कक उसक साथ किीि कोई सतयअसतयनयायअनयायसिदर असिदर य जो मलभि चीज ि इिका परचि िा जडा िो rdquo इसी मािििािादी विचारधारा ि अमि को ि किल साहितय सजि क मलए परररि ककया बजलक इनिीि माििीय मलयो की सथापिा क मलए उनिोि रासिा बिाया उिकी सामयिादी दशथि म अरडग आसथा का कारण भी यिी मािििािाद ि तयोकक मासथिाद अनििः एिि मलिः मािििािाद िी ि जजसका वििचि अमिराय ि अपि निबिध-गरिथ ndash विचारधारा और साहितय- म ककया ि मातसथ क विषय म ि किि ि ldquo उसकी यि माििीय सििदिा या माििीय सरोकार एक शबद म मािििािाद बिधा लोगो की आखो स ओझल िो जािा ि और उसका धयाि आि परिरिि एक रख ndashसख अथथशासि का रप सामि आकर खडा िो जािा ि जो लोग गलि जगि पर जोर द कर मातसथ को किल आधथथक उनिनि स िी बाद दिा चािि ि िो चाि या ि चाि जाि या ि जाि मातसथ क साथ घोर अनयाय करि ि rdquo53अमिराय मि ि कक मातसथ भौनिकिादी इस अथथ म ि कक िि ककसी हदवय शजति को सिीकार ि करक पदाथथ ( कषनिजलपािकगगिसमीर )की सतिा को िी सतय माििा ि अथथ (धि) का पजक िि कभी ििीि रिा उसि सियि आजीिि निधथििा म िी ऋवष-मनियो की भानि जीिि -यापि ककया अमिराय क साहितय म उिकी मािििािादी विचारधारा सिथि हदखाई पडिी ि ि सियि किि ि ldquo सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मािस को रिगा िमरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा rdquo54

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135यथाथसवाद और सहजता

अमिराय साहितय म यथाथथिाद क समथथक ि ि साहितय को शदध कला ििीि मािि ि िरि उस जीिि एिि समाज क मलए उपयोगी मािि ि उिक अिसार सचचा लखि िो ििी ि जोसमाज को कछ हदशा द सक ि किि ि ldquo आधनिक िो परािा िो सचचा लखि ििी ि जजसम लखक अपि दख िए अपि भोग िए को अपि कलातमक सामथयथ-भर अधधक स अधधक पणथिा क साथ धचतरिि करिा चाििा ि rdquo 55 ि साहितय म अिासिविक अथिा अयथाथथ रपिादी परयोगो को वयथथ मािि ि उिका कथि ि ldquo साहितय क अििगथि रप की अििलिा उसको िनिक भी इषट ििीि ि साहितय को माि अलिकरण या साज-सजजा ि मािि िए िम उस रचिा परकिया का अिग मािि ि और इस िाि उसको परा मिति दि ि पर िम कििा चािि ि कक रप का साथथक परयोग ििी ि जो िसि स सजीि सिदभथ म उसकी अधधवयजति की वििशिा स ककया गया ि lsquoशदधrsquo कला क फर म lsquoशदधrsquo रप क अविषकार म लगी िई परयोगशीलिा ििधया मसदध िोिी ि rdquo56

अमराय साहितय की उपयोधगिा पर विचार करि िए किि ि ldquo उसकी िासिविक साथथकिा इसम ि कक िि अिजाि िी आदमी की िजतियो का सिसकार करिा ि और जो साहितय जजििा िी शरषठ िोिा ि उिि जयादा अिजाि ढिग स अपिा काम करिा ि rdquoअिः लखक का यि किथवय ि कक िि साहितय का सजि अपि पररिश स जडकर कर ि िि कोरा आदशथिादी लखि कर ि िी ककसी ndashिाद- या ndashफशि- क चलि ऐसा यथाथथ धचतरिि कर जो सियि उसक समाज म अविदयमाि िो इसी को उनिोि सिज धरािल पर लखि किा ि किािी क कषि म ि सिज किािी क समथथक बि ि किि ि ldquo ियी किािी की खोज म सिज किािी खो गयी rdquo57ldquo सिज किािी स िमारा िातपयथ उस मल कथा-रस स ि जो किािी की अपिी खास चीज ि और जो बिि सी ndashियी- किी जाि िाली किानियो म एक मसर स ििीि ममलिा rdquo58

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इस परकार अमिराय की विचारधारा समाजिादी एिि मािििािादी ि ि लखि म यथाथथ ि सिजिा क परबल समथथक रि िथा अपिी रचिाओि म सब परकार क शोषण क विरदध विदरोि एिि सिघषथ क सिर को ऊचा उठाया ि

136अधययन एव जीवनानभवो का परभाव

अमिराय की विचारधारा क निमाथण म उिका गिि आधययिधचििि िथा जीििािभि भी उतिरदायी रिा ि शरषठ कथा मलखि का रासिा बिाि िए अमिराय किि ि ldquo म िो उसका एक िी ढिग जाििा ि बड किािीकारो को पढिा उस पढि स िी अचछी किािी का बोध उसकी कछ परसििी अपि भीिर छिकर धथरककरसिधचि िोिी रििी िोगी rdquo59 अिः उनिोि समकालीि साहितयकारो को िो खब पढा िी विगि मिाि लखको को उनिोि अपकषाकि फधधक पढा ndash सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मि को रिगा ि मरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा ि -(विचारधारा और साहितय अमिराय प-18) उनिोि मतसथ लनिि एिगलस सटामलि माओ लकास एिि कॉडिल को खब पढा साथ िी उिक सजि पर रिीिदरिाथ टगोर शरिचिदर चिोपाधयाय परमचिद दोसिोिसकी मोपासाि गोकी का असीम परभाि रिा

परमचिद किा करि थ ldquo िम जीिि म जो कछ दखि ि या जो कछ िम पर गजरिी ि ििी अिभिििी चोट कलपिा म पिचकर याहितय सजि की पररणा करिी ि rdquo60 अमिराय ि भी लखक पर अिभिो क सिज परभाि को सिाकारि िए मलखा ि ldquo जो भी मलखिा ि िि सबस पिल िो आदमी िआदमी की िरि स आदमी की जजिदगी जीिा ि िस िी उसक आसिग-परसिग िोि ि और सिबिध बिि ि जजिदगी उसी िरीक स टकरािी ि उसस आकर उसी िरि उसक अिदर बिि िरि स ररसपानसज आि ि और उि सब क मलए ndashहदए िि मलखिा ि rdquo61 अमिराय क कथा-साहितय म आए िए विचारो ि परसिगो का जजममदार अपि जीििािभिो एिि मि को मािि ि ldquo

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म किानिया मलखिा िजजिदगी क मल म िर दम कछ ि कछ िोिा रििा ि लोग मरि ि जीि ि ििसि ि रोि ि ममलि ि तरबछडि ि ठगि ि ठगजाि ि कछ बाि अपि पर बीििी ि कछ दसरो पर बीिि दखिा ि बिायी िई किानियो स जयादा जािदार और रिगीि किानिया िरदम आखो क सामि िोिी ि बस इििा ि कक अपि मि का रिग इििा चटक िो जाय कक एक बार डबोकर किािी को निकाल मलया जा सक इस किया म िि किािी जो दखी थी कछ की कछ िो जािी ि तयोकक मि क भीिर खद बिि सी किानिया सोयी रििी ि इसी िरि बिि सी किानियो क िायक-िानयकाए सडको पर पाको म मसाकफर खािो म कचिरी और दफिर की गदथ और बोसीदा फाइलो म टिलिनघसटि और रगि ममल जाि ि कभी जयो क तयो ममल जाि ि कभी चार को ममलाकर एक बििा ि और किीि एक को चार म नछिरा हदया जािा ि rdquo62

14 परगततिील आदोलन और अमतराय

अमिराय परगनिशील चििा परारिभ स िी परभाविि रि उिक वपिा परमचिद सियि एक परगनिशील सामाजजक यथाथथिादी लखक रि अमिराय की परािरिमभक रचिाओि यथा ndashिम रखल-मिशी जी मरसथल आहद किानियो म परगनिशील चििा क दशथि िोि ि उिकी किानियो म समाज क निमि और मधय िगथ क शोवषि-जीरडि वयजति िी िायक ि उनिोि उिक दःख-ददथ का यथाथथ धचिण ककया ि

सि 1942 ई0 िक ि मातसथिादी विचारधारा स पणथिः परभाविि िो चक थ और परगनिशील आिदोलि क सिीय कायथकिाथ िो बि गए थ सि 1942 ई0 स उनिोि- ििस- का सिपादि कायथ सिभाल मलया था और ndashििस- को परगनिशील आिदोलि का मख-पि बिा हदया था परयोगिादी परगनिशील किी धगररजा कमार माथर किि ि ndash य जो मिच बिा ििस और य एक वयापक परगनिशील चििा का मिच बिा किर कठमललापि िो बाद म आया उसका भी इनििास टतकर का जो ि िो बाद म आिा ि लककि य िो

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परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

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बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

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अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

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अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

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6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

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इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

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की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

33

उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

34

अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 23: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

23

135यथाथसवाद और सहजता

अमिराय साहितय म यथाथथिाद क समथथक ि ि साहितय को शदध कला ििीि मािि ि िरि उस जीिि एिि समाज क मलए उपयोगी मािि ि उिक अिसार सचचा लखि िो ििी ि जोसमाज को कछ हदशा द सक ि किि ि ldquo आधनिक िो परािा िो सचचा लखि ििी ि जजसम लखक अपि दख िए अपि भोग िए को अपि कलातमक सामथयथ-भर अधधक स अधधक पणथिा क साथ धचतरिि करिा चाििा ि rdquo 55 ि साहितय म अिासिविक अथिा अयथाथथ रपिादी परयोगो को वयथथ मािि ि उिका कथि ि ldquo साहितय क अििगथि रप की अििलिा उसको िनिक भी इषट ििीि ि साहितय को माि अलिकरण या साज-सजजा ि मािि िए िम उस रचिा परकिया का अिग मािि ि और इस िाि उसको परा मिति दि ि पर िम कििा चािि ि कक रप का साथथक परयोग ििी ि जो िसि स सजीि सिदभथ म उसकी अधधवयजति की वििशिा स ककया गया ि lsquoशदधrsquo कला क फर म lsquoशदधrsquo रप क अविषकार म लगी िई परयोगशीलिा ििधया मसदध िोिी ि rdquo56

अमराय साहितय की उपयोधगिा पर विचार करि िए किि ि ldquo उसकी िासिविक साथथकिा इसम ि कक िि अिजाि िी आदमी की िजतियो का सिसकार करिा ि और जो साहितय जजििा िी शरषठ िोिा ि उिि जयादा अिजाि ढिग स अपिा काम करिा ि rdquoअिः लखक का यि किथवय ि कक िि साहितय का सजि अपि पररिश स जडकर कर ि िि कोरा आदशथिादी लखि कर ि िी ककसी ndashिाद- या ndashफशि- क चलि ऐसा यथाथथ धचतरिि कर जो सियि उसक समाज म अविदयमाि िो इसी को उनिोि सिज धरािल पर लखि किा ि किािी क कषि म ि सिज किािी क समथथक बि ि किि ि ldquo ियी किािी की खोज म सिज किािी खो गयी rdquo57ldquo सिज किािी स िमारा िातपयथ उस मल कथा-रस स ि जो किािी की अपिी खास चीज ि और जो बिि सी ndashियी- किी जाि िाली किानियो म एक मसर स ििीि ममलिा rdquo58

24

इस परकार अमिराय की विचारधारा समाजिादी एिि मािििािादी ि ि लखि म यथाथथ ि सिजिा क परबल समथथक रि िथा अपिी रचिाओि म सब परकार क शोषण क विरदध विदरोि एिि सिघषथ क सिर को ऊचा उठाया ि

136अधययन एव जीवनानभवो का परभाव

अमिराय की विचारधारा क निमाथण म उिका गिि आधययिधचििि िथा जीििािभि भी उतिरदायी रिा ि शरषठ कथा मलखि का रासिा बिाि िए अमिराय किि ि ldquo म िो उसका एक िी ढिग जाििा ि बड किािीकारो को पढिा उस पढि स िी अचछी किािी का बोध उसकी कछ परसििी अपि भीिर छिकर धथरककरसिधचि िोिी रििी िोगी rdquo59 अिः उनिोि समकालीि साहितयकारो को िो खब पढा िी विगि मिाि लखको को उनिोि अपकषाकि फधधक पढा ndash सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मि को रिगा ि मरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा ि -(विचारधारा और साहितय अमिराय प-18) उनिोि मतसथ लनिि एिगलस सटामलि माओ लकास एिि कॉडिल को खब पढा साथ िी उिक सजि पर रिीिदरिाथ टगोर शरिचिदर चिोपाधयाय परमचिद दोसिोिसकी मोपासाि गोकी का असीम परभाि रिा

परमचिद किा करि थ ldquo िम जीिि म जो कछ दखि ि या जो कछ िम पर गजरिी ि ििी अिभिििी चोट कलपिा म पिचकर याहितय सजि की पररणा करिी ि rdquo60 अमिराय ि भी लखक पर अिभिो क सिज परभाि को सिाकारि िए मलखा ि ldquo जो भी मलखिा ि िि सबस पिल िो आदमी िआदमी की िरि स आदमी की जजिदगी जीिा ि िस िी उसक आसिग-परसिग िोि ि और सिबिध बिि ि जजिदगी उसी िरीक स टकरािी ि उसस आकर उसी िरि उसक अिदर बिि िरि स ररसपानसज आि ि और उि सब क मलए ndashहदए िि मलखिा ि rdquo61 अमिराय क कथा-साहितय म आए िए विचारो ि परसिगो का जजममदार अपि जीििािभिो एिि मि को मािि ि ldquo

25

म किानिया मलखिा िजजिदगी क मल म िर दम कछ ि कछ िोिा रििा ि लोग मरि ि जीि ि ििसि ि रोि ि ममलि ि तरबछडि ि ठगि ि ठगजाि ि कछ बाि अपि पर बीििी ि कछ दसरो पर बीिि दखिा ि बिायी िई किानियो स जयादा जािदार और रिगीि किानिया िरदम आखो क सामि िोिी ि बस इििा ि कक अपि मि का रिग इििा चटक िो जाय कक एक बार डबोकर किािी को निकाल मलया जा सक इस किया म िि किािी जो दखी थी कछ की कछ िो जािी ि तयोकक मि क भीिर खद बिि सी किानिया सोयी रििी ि इसी िरि बिि सी किानियो क िायक-िानयकाए सडको पर पाको म मसाकफर खािो म कचिरी और दफिर की गदथ और बोसीदा फाइलो म टिलिनघसटि और रगि ममल जाि ि कभी जयो क तयो ममल जाि ि कभी चार को ममलाकर एक बििा ि और किीि एक को चार म नछिरा हदया जािा ि rdquo62

14 परगततिील आदोलन और अमतराय

अमिराय परगनिशील चििा परारिभ स िी परभाविि रि उिक वपिा परमचिद सियि एक परगनिशील सामाजजक यथाथथिादी लखक रि अमिराय की परािरिमभक रचिाओि यथा ndashिम रखल-मिशी जी मरसथल आहद किानियो म परगनिशील चििा क दशथि िोि ि उिकी किानियो म समाज क निमि और मधय िगथ क शोवषि-जीरडि वयजति िी िायक ि उनिोि उिक दःख-ददथ का यथाथथ धचिण ककया ि

सि 1942 ई0 िक ि मातसथिादी विचारधारा स पणथिः परभाविि िो चक थ और परगनिशील आिदोलि क सिीय कायथकिाथ िो बि गए थ सि 1942 ई0 स उनिोि- ििस- का सिपादि कायथ सिभाल मलया था और ndashििस- को परगनिशील आिदोलि का मख-पि बिा हदया था परयोगिादी परगनिशील किी धगररजा कमार माथर किि ि ndash य जो मिच बिा ििस और य एक वयापक परगनिशील चििा का मिच बिा किर कठमललापि िो बाद म आया उसका भी इनििास टतकर का जो ि िो बाद म आिा ि लककि य िो

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परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

27

बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

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अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

29

अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

30

6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

31

इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

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की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

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उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

34

अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 24: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

24

इस परकार अमिराय की विचारधारा समाजिादी एिि मािििािादी ि ि लखि म यथाथथ ि सिजिा क परबल समथथक रि िथा अपिी रचिाओि म सब परकार क शोषण क विरदध विदरोि एिि सिघषथ क सिर को ऊचा उठाया ि

136अधययन एव जीवनानभवो का परभाव

अमिराय की विचारधारा क निमाथण म उिका गिि आधययिधचििि िथा जीििािभि भी उतिरदायी रिा ि शरषठ कथा मलखि का रासिा बिाि िए अमिराय किि ि ldquo म िो उसका एक िी ढिग जाििा ि बड किािीकारो को पढिा उस पढि स िी अचछी किािी का बोध उसकी कछ परसििी अपि भीिर छिकर धथरककरसिधचि िोिी रििी िोगी rdquo59 अिः उनिोि समकालीि साहितयकारो को िो खब पढा िी विगि मिाि लखको को उनिोि अपकषाकि फधधक पढा ndash सिसार क शरषठिम मािििािादी साहितय ि मर मि को रिगा ि मरी साहिजतयक रधचयो को सिसकारो को बिाया ि और उनिीि की रोशिी म मझस जो कछ बि सका मि मलखा ि -(विचारधारा और साहितय अमिराय प-18) उनिोि मतसथ लनिि एिगलस सटामलि माओ लकास एिि कॉडिल को खब पढा साथ िी उिक सजि पर रिीिदरिाथ टगोर शरिचिदर चिोपाधयाय परमचिद दोसिोिसकी मोपासाि गोकी का असीम परभाि रिा

परमचिद किा करि थ ldquo िम जीिि म जो कछ दखि ि या जो कछ िम पर गजरिी ि ििी अिभिििी चोट कलपिा म पिचकर याहितय सजि की पररणा करिी ि rdquo60 अमिराय ि भी लखक पर अिभिो क सिज परभाि को सिाकारि िए मलखा ि ldquo जो भी मलखिा ि िि सबस पिल िो आदमी िआदमी की िरि स आदमी की जजिदगी जीिा ि िस िी उसक आसिग-परसिग िोि ि और सिबिध बिि ि जजिदगी उसी िरीक स टकरािी ि उसस आकर उसी िरि उसक अिदर बिि िरि स ररसपानसज आि ि और उि सब क मलए ndashहदए िि मलखिा ि rdquo61 अमिराय क कथा-साहितय म आए िए विचारो ि परसिगो का जजममदार अपि जीििािभिो एिि मि को मािि ि ldquo

25

म किानिया मलखिा िजजिदगी क मल म िर दम कछ ि कछ िोिा रििा ि लोग मरि ि जीि ि ििसि ि रोि ि ममलि ि तरबछडि ि ठगि ि ठगजाि ि कछ बाि अपि पर बीििी ि कछ दसरो पर बीिि दखिा ि बिायी िई किानियो स जयादा जािदार और रिगीि किानिया िरदम आखो क सामि िोिी ि बस इििा ि कक अपि मि का रिग इििा चटक िो जाय कक एक बार डबोकर किािी को निकाल मलया जा सक इस किया म िि किािी जो दखी थी कछ की कछ िो जािी ि तयोकक मि क भीिर खद बिि सी किानिया सोयी रििी ि इसी िरि बिि सी किानियो क िायक-िानयकाए सडको पर पाको म मसाकफर खािो म कचिरी और दफिर की गदथ और बोसीदा फाइलो म टिलिनघसटि और रगि ममल जाि ि कभी जयो क तयो ममल जाि ि कभी चार को ममलाकर एक बििा ि और किीि एक को चार म नछिरा हदया जािा ि rdquo62

14 परगततिील आदोलन और अमतराय

अमिराय परगनिशील चििा परारिभ स िी परभाविि रि उिक वपिा परमचिद सियि एक परगनिशील सामाजजक यथाथथिादी लखक रि अमिराय की परािरिमभक रचिाओि यथा ndashिम रखल-मिशी जी मरसथल आहद किानियो म परगनिशील चििा क दशथि िोि ि उिकी किानियो म समाज क निमि और मधय िगथ क शोवषि-जीरडि वयजति िी िायक ि उनिोि उिक दःख-ददथ का यथाथथ धचिण ककया ि

सि 1942 ई0 िक ि मातसथिादी विचारधारा स पणथिः परभाविि िो चक थ और परगनिशील आिदोलि क सिीय कायथकिाथ िो बि गए थ सि 1942 ई0 स उनिोि- ििस- का सिपादि कायथ सिभाल मलया था और ndashििस- को परगनिशील आिदोलि का मख-पि बिा हदया था परयोगिादी परगनिशील किी धगररजा कमार माथर किि ि ndash य जो मिच बिा ििस और य एक वयापक परगनिशील चििा का मिच बिा किर कठमललापि िो बाद म आया उसका भी इनििास टतकर का जो ि िो बाद म आिा ि लककि य िो

26

परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

27

बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

28

अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

29

अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

30

6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

31

इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

32

की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

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उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

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अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 25: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

25

म किानिया मलखिा िजजिदगी क मल म िर दम कछ ि कछ िोिा रििा ि लोग मरि ि जीि ि ििसि ि रोि ि ममलि ि तरबछडि ि ठगि ि ठगजाि ि कछ बाि अपि पर बीििी ि कछ दसरो पर बीिि दखिा ि बिायी िई किानियो स जयादा जािदार और रिगीि किानिया िरदम आखो क सामि िोिी ि बस इििा ि कक अपि मि का रिग इििा चटक िो जाय कक एक बार डबोकर किािी को निकाल मलया जा सक इस किया म िि किािी जो दखी थी कछ की कछ िो जािी ि तयोकक मि क भीिर खद बिि सी किानिया सोयी रििी ि इसी िरि बिि सी किानियो क िायक-िानयकाए सडको पर पाको म मसाकफर खािो म कचिरी और दफिर की गदथ और बोसीदा फाइलो म टिलिनघसटि और रगि ममल जाि ि कभी जयो क तयो ममल जाि ि कभी चार को ममलाकर एक बििा ि और किीि एक को चार म नछिरा हदया जािा ि rdquo62

14 परगततिील आदोलन और अमतराय

अमिराय परगनिशील चििा परारिभ स िी परभाविि रि उिक वपिा परमचिद सियि एक परगनिशील सामाजजक यथाथथिादी लखक रि अमिराय की परािरिमभक रचिाओि यथा ndashिम रखल-मिशी जी मरसथल आहद किानियो म परगनिशील चििा क दशथि िोि ि उिकी किानियो म समाज क निमि और मधय िगथ क शोवषि-जीरडि वयजति िी िायक ि उनिोि उिक दःख-ददथ का यथाथथ धचिण ककया ि

सि 1942 ई0 िक ि मातसथिादी विचारधारा स पणथिः परभाविि िो चक थ और परगनिशील आिदोलि क सिीय कायथकिाथ िो बि गए थ सि 1942 ई0 स उनिोि- ििस- का सिपादि कायथ सिभाल मलया था और ndashििस- को परगनिशील आिदोलि का मख-पि बिा हदया था परयोगिादी परगनिशील किी धगररजा कमार माथर किि ि ndash य जो मिच बिा ििस और य एक वयापक परगनिशील चििा का मिच बिा किर कठमललापि िो बाद म आया उसका भी इनििास टतकर का जो ि िो बाद म आिा ि लककि य िो

26

परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

27

बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

28

अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

29

अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

30

6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

31

इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

32

की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

33

उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

34

अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 26: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

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परा सथावपि िो चका था कक ििस एक ियी सामाजजक परयोगधमी चििा का मिच ि जजसक सिपाि ििस क सिपादक अमिराय थ उस समय िरोतिम िागर भी थ -63

अमिराय परगनिशील आिदोलि क उि परसकिाथओि म अगरगणय ि जो िासिि म परगनिशीलिा क पकषधर थ ऐसी परगनिशीलिा जजसम मािि माि को परगनिशील बिाया जा सक जब उनिोि िि-मि-धि स परगनिशील आिदोलि को आग बढाि म सियोग हदया उस समय उसम कोई सिकीणथ विचार धारा ि थी अमिराय स साकषातकार करि िएधगररजा कमार माथर किि ि ndash जो िमिारा समय था और जीिि दजषट की बाि जो म ि पिल की ि य परगनिशील आिदोलि म एक ियी सामाजजक चििा का मोड था इसम कलािाद और सौदयथिाद और परगनििाद और मातसथिाद और राजिीनि ऐसी कोई विभाजि की रखा ििीि थी -64

अमिराय सियि किि ि ndashldquoमारी य जो समझ थी कक परगनिशीलिा को वयापक दजषट स िी दखिा ठीक ि िब िी सब लोगो को जयादा स जयादा लोगो को आप अपि साथ समच सकि ि rdquo -65उनिोि परगनिशील आिदोलि स अिक लोगो को जोडा जबलपर म परगनिशील लखक सिघ की शाखा खोलि और उसकी अधयकष सभदरा कमारी चौिाि को बिाि क उददचय स िी ि 1943 म जबलपर गए थ सभदरा जी कमयनिसटो स सखि िाराज थी ककि ि अमिराय क कायथ विचार और सपषटीकरण स सििषट िोकर माि गयी थीि

धगररजा कमार माथर सामाजजक चििा की परगनिशील धारा क विकास म अमिराय स साकषातकार करि िए किि ि ndash दशी ममहि की उपज क रप म सामाजजक चििा की परगनिशीलधारा आरिभ िई थी और चली बिि बढकर समदधसिर िक पिची सि 40 स लकर सि 48 क बीच म उसम ििस का और िमिारा बिि बडा योगदाि रिा ि -66 सि 1948 क बाद धीर -धीर परगनिशील आिदोलि िामपिथी राजिीनि क सिकीणथ चौकट म

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बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

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अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

29

अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

30

6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

31

इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

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की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

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उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

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अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 27: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

27

बिद िोि गा जजसस कषबद िोकर अमिराय ि परगनिशील लखक सिघ स ककिारा कर मलया ककि ि वयापक परगनिशील विचारधारा स ि आजीिि पथक ि िो सक

अमिराय की सभी किानियो िथा उपनयासो म उिकी परगनिशील चििा हदखायी दिी ि सिीयो पर िोििाल अतयाचार अनयाय ि शोषण का यथाथथ धचिण करि िए ि जि मािस म इसक विरदध समाििा ि नयाय की भाििा भरि का परयति करि हदखाई पडि ि इसी परकारनिमि िगथ अथिा निधथि िगथ की समसयाओि एिि उसक शोषण का यथाथथ धचि खीिचकर ि उिकी मजति का आविाि करि ि

अपिी रचिाओि क माधयम स अमिराय समाजिादी विचारधारा ि सामयिादी समाज-वयिसथा लाि की पररणा दि ि उिक कथा ndashसाहितय म परनिकियािाद जानििादधाममथक किरिा और सडी-गली रहढयो क विरदध विदरोि का सिर सिाई दिा ि इस परकार ndashपरगनिशील लखक सिघ ndashकी पररणा स हििदी म जो परगनिशील आिदोलि चला उस बढाि और उसक लकषय क अिरप साहितय-सजथि कर दश क जि मािस को उस हदशा म उनमख करि का कायथ अमिराय ि बडी ईमािदारी और निषठा क साथ ककया ि

15कतततव

151उपनयास-साहहतय

अमिराय ि कल साि उपनयासो का सजि ककया ि उिका परथम उपनयास ndashबीज- सि 1952 ई म परकामशि िआ ितपचचाि ndashिागफिी का दश- (1952) -िाथी क दाि ndash(1956)-जिगल(1969)-सख-दख-(1969)भहटयाली-(1969) और ndashधआ-(1976)उपनयास परकामशि िए

28

अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

29

अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

30

6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

31

इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

32

की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

33

उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

34

अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 28: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

28

अमतराय क उपनयासो का रचनाकाल

1 बीज - 1952

2 िागफिी का दश ndash 1952

3 िाथी क दाि - 1953

4 जिगल - 1969

5 सख-दख - 1969

6 भहटयाली - 1969

7 धआ - 1976

अमिराय जमीि स जड रचिाकार ि उिक सािो उपनयास सामाजजक उपनयास की शरणी म आि ि

डॉशमशभषण मसििल ि सामाजजक उपनयास की पररभाषा इस परकार की ि ndashldquo सामाजजक उपनयास समाज क विमभनि कषिो ndashसिी-परष क रनि सिबिधो पररिार जानिसिपरदाय िगथ राषर अथथ-दशा रीनिधमथसभयिा सिसकनि आहद का धचिण करि िए उिक लकषय िथा उिकी समसयाओि का निरपण करिा ि सामाजजक उपनयाससामाजजक जीिि ndashपरिाि िथा उसकी समसयाओि स बाधकर चलि क कारण कालािधध म गनिशील रििा ि rdquo -67

सामजजक उपनयासो म वयजति की सामाजजक समसयाओि का आलोचिातमक वििचि िोिा ि अिः वयजति क समयक विकास म सामाजजक उपनयास मितिपणथ भममका का नििाथि करि ि रचिाकार समाज की पीडा शोषण िथा बिि तरबगडि जीिि मलयो को अपिी कनियो म वयति करिा ि परमसदध आलोचक डॉ िामिरमसिि का मि ि ldquo परतयक कनि एक समगर -एक राउणडड िोल- िोिी ि चाि कोई उपनयास िो या कोई मिाकावय जस मि किा कक आहद मधय और अिि िोिा ि सिरचिा और बिािट नियम ि इस बिािट म एक निजचचि जीिि दजषट िोिी ि जीिि दजषट क अिसार िम विधाि करि ि परा rdquo68

29

अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

30

6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

31

इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

32

की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

33

उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

34

अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 29: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

29

अमिराय की गिि जीििािभनि मािि मि को समझि की कषमिा िथा विमशषट परनिभा सामाजजक समसयओि को माििीय दजषटकोण स दखिी ि और उिक समाधाि क सिकि करिी चलिी ि सिसथ धचििि सकषम दजषट िथा जीिि क वयापक अिभि क साथ समाज क सजग वयजति क रप म उनिोि वयजति और समाज क सिबिधो को परखि की चषटा की ि उिकी साहिजतयक चििा पर सामयिादी दजषट का सिसथ परभाि पररलकषकषि िोिा ि इसी सामाजजक चििा क कारण उिक उपनयासो म समाज का सिदर-असिदर परनितरबिब अधधक यथाथथ रप म धचतरिि िआ ि

152कहानी -साहहतय

अमिराय ि डढ सौ स अधधक किानियो की रचिा की ि उिकी किानिया विमभनि सिगरिो म सिकमलि ि उिका परथम किािी सिगरि lsquoजीिि क पिलrsquo 1946 म परकामशि िआ था बादम इसका शीषथक lsquoपनि-पतिीrsquo कर हदया गया था उसक पचिाि lsquoइनििासrsquo( 1947) lsquoकसब का एक हदिrsquo (1949)-लाल धरिी 1950 -भोर स पिल (1953) lsquoकटघरrsquo (1954) lsquoगीली ममिीrsquo (1957)rsquoधचि फलकrsquo (1960)rsquoसरगम lsquo(1977)lsquoविदरोिrsquo (1992) िथा lsquoघायल की गनि घायल जािrsquo (1992) किािी सिगरि परकामसि िए इि सभी सिगरिो म अमिराय की विविधिणी सामाजजक किानिया सिकमलि ि lsquoसरगमrsquo उिकी चिी िई पचास शरषठ किानियो का सिगरि ि

अमतराय क कहानी ndashसगरहो का रचनाकाल

1 जीिि क पिल (पनि-पतिी)ndash 1946

2इनििास - 1947

3कसब का एक हदि - 1949

4लाल धरिी - 1950

5भोर स पिल - 1953

30

6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

31

इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

32

की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

33

उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

34

अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 30: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

30

6कठघर - 1954

7गीली ममिी - 1957

8धचि फलक - 1960

9चिरिग - 1976

10सरगम - 1977

11आििदम - 1977

12विदरोि - 1992

13 घायल की गनि घायल जाि- 1992

अमिराय का कथा साहितय मखयिः मधयिगीय जीिि को िी अपिा विषय बिािा ि परिि इस विमशषट कषि की पररधध अतयिि विसिि ि उसका कषकषनिज अिक समसयाओि को समाहिि ककए िआ ि उसम िाररयो की वयथा-कथा यिा छाि िगथ की पररिशगि समसयाएबवदधजीिी िगथ का ऊिापोि िथा मधयिगीय वयजति क आधथथक कषटो का लखा-जोखा ि

153जीवनी

अमिराय ि सि 1962 म lsquoकलम का मसपािीrsquo शीषथक स परमचिद की परामालणक जीििी की रचिा की इसकी रचिा क मलए परामालणक सामगरी-सिचयि म उनि बडा पररशरम करिा पडा इसम उनिोि परमचिद क जीिि की ियजतिक पाररिाररक और सामाजजक हदिचयाथ को जजििी अििरिगिा क साथ धचतरिि ककया ि उििी िी िटसथिा क साथ विचलवषि भी ककया ि यि जीििी एक मिाकावयातमक विशाल उपनयास क समाि ि अमिराय दिारा रधचि यि जीििी हििदी साहितय की अमलय निधध ि तयोकक इसम परमचिद की जीििी को अपि दश और अपि समाज की सिजीििी की एक इकाई क रप म वििधचि ककया गया ि यि कनि अपि यग अपि पररिश अपि पररपरकषय अपि दश और समाज की गाथा बि गयी ि सिििििा-पिथ का

31

इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

32

की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

33

उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

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अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 31: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

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इनििास अपि विमभनि अििविथरोधो और अििः सिबिधो क साथ छोट-छोट दचयो म मािो धचिपट पर टाक हदया गया िो इसम अमिराय ि परमचिद क वयजतिति को विमभनि बाधाओि क बीच डबि ndashउिराि िए हदखाकर विकमसि िोिा िआ हदखाया ि उनि परारिभ स िी मिाि ििीि बिा हदया ि अमिराय को जीििी-लखि म अदभि सफलिा परापि िई ि

कलम का मसपािी- म अमिराय ि समसि उपलबध सामगरी को पाठको क समकष अपिी अथथगमभथि एिि निषकषथ ndashवयिजक हटपपलणयो क साथ इस परकार परसिि ककया ि कक सिजिा और सिाभाविकिा का निरििर नििाथि िो सका ि विचिसिीयिा और परामालणकिा क साथ िी सलझी िई वयिजिातमक शली उदथ-हििदी ममधशरि हििदसिािी भाषा जागरक वििक दजषट िथा परिािमयिा ndashकलम का मसपािी ndash की विशषिा ि इस कनि पर अमिराय को ndashसाहितय अकादमी ndashका परसकार परापि िआ ि

154नाटक

अमिराय ि िीि िाटको की रचिा की ि lsquo धचिहदयो की एक झालरrsquo(1969) lsquoशिाबदीrsquo(1971)िथा ndashlsquoिमलोगrsquo (1972) उिक य िीिो िाटक सि 1973 ई म lsquoआट अभीrsquo शीषथक सिगरि म एक साथ परकामशि िए य िीिो िाटक अलग-अलग ि ककि ि समसामनयक समसयाओि का धचिण करि िथा सिदभथ एक िोि क कारण िीिो ममलकर एक बितिम िाटक का सिजचलषट करि ि इसम आज का बिरिगी ि बिसिरीय सामाजजक यथाथथ धचतरिि िआ ि लखक ि इि िीिो िाटको म आज क सामाजजक यथाथथ को िीि मभनि कोणो स दखि ि समझि का परयास ककया ि

lsquoधचिहदयो की एक झालरrsquo म सिाधीििा क पचचीस िषो बाद क समय म आए जीिि मलयो क हरास को रखािककि ककया गया ि जिा ििदि जस सचच और ईमािदार लोग जजनिोि सिाधीििा ndashसिगराम म आग बढकर भाग मलया था उनि आज कड की टोकरी म फ क हदया ि अब ि विगि जीिि

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की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

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उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

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अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

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lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

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लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

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िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

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लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

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की समनियो क सिार हदि काट रि ि बडी हरदय विदारक जसथनि ि कक उिका अपिा िी बटा उिक जीिि मलयो की लखलली उडािा ि

अमिराय क दसर िाटक lsquoशिाबदीrsquo म ियी पीढी क विदरोि को रपानयि ककया गया ि जो विदरोि िो ि पर िािनि ििीि ि तयोकक ििा माि विसफोट ि वििक ििीि हदशािीिअराजक विदरोि वििकिीििा क कारण अिििः आतमिििा बि जािा ि

अमिराय का िीसरा िाटक-मिलोग- एक परिसि ि इसम लखक ि यि हदखलाया ि कक िमलोग जजिि आलसी कामचोरढोगी ककि ि बडबोल ि जो ििथमाि समाजरपी रलगाडी क एक अधर रडबब म बठ ि और आपस म निरथथक िािाथलाप कर रि ि अधर की मशकायि करिा सब जािि ि पर रोशिी क मलए िाथ पाि हिलाि को कोई ियार ििीि ि

155तनबध और आलोचना

अमिराय ि अिक परकार क निबिध मलख ि -जस- पसिक समीकषातमक निबिधविचारातमक निबिध सदधािनिक निबिध एिि आलोचिातमक निबिध आहद उिक निबिध गरिथ ि lsquo ियी समीकषाrsquo (1948)rsquoसिधचिििrsquo (1969) lsquoआधनिक भाि बोध की सिजञाrsquo (1973)rsquoविचारधारा और साहितय lsquo(1984)rsquo परमचिद की परासिधगकिाrsquo (1985) िथा lsquoसाहितय म सियति मोचाथrsquo

अपि निबिध म अमिराय ि अिक साहिजतयक समसयाओि पर सििििि विचार वयति ककय ि उिकी आलोचिा का आधार उिका सिििि धचििि रिा ि उिकी आलोचिा म विदितिापणथ िकथ -वििकथ िो िोि िपर परायः ि ककसी अनय आलोचिा अथिा विदिाि स ििीि मलय जाि िरि ि सजिशील लखक क अिभि स परापि एक सजथक कलाकार क िकथ िोि ि अमिराय की आलोचिा म भी उिक कथा-लखक की आलोचिा दजषट परापि िोिी ि जो अपि अिभि एिि वििक स िथय का विचलषण कर सतय का अिसिधाि करिी ि और अपि िको क साथ उस निभीकिा स वयति करिी ि

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उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

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अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

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lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

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लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

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िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

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लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

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सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

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उिकी आलोचिा बोलझल ि िोकर सिज रोचक एिि मौमलक ि आलोचिा का मातसथिादी आधार - िसि और रप आधनिक भािबोध की सिजञा यथाथथिाद की समसयाए परनिबदधिा आहद उिक शरषठ आलोचिातमक एिि सदधािनिक निबिध ि उिकी आलोचिा अपि भीिर अिक विषयो को समटि िए चलिी ि जस किािी का विकाससिज किािी परमचिद का साहितय यशपाल की सतस दजषट आहद lsquoिमारा हििदी परमrsquo rsquoअिगरजी-हििदी का सिाल lsquo lsquoउदथ कषिीय भाषा की मागrsquo lsquoसामपरदानयकिा का सिालrsquo आहद मितिपणथ निबिधो म आलोचिा एिि सिििि धचििि का सिगम हदखायी दिा ि

156वयगय

कथाकार अमिराय क वयिगय निबिधो का मलय और मिति सामाजजक अथथितिा की दजषट स ककसी परकार नयि ििीि ि उनिोि पाच वयिगय िीबिध सिगरिो की रचिा की lsquo रमयाrsquo (1970) rsquoबिरसrsquo (1972) rsquoआििदमrsquo (1977) rsquoविजजट इिरडयाrsquo (1982) िथा lsquoबायसकोपrsquo (1983)

lsquoआििदमrsquoम चालीस लमलि निबिध अथिा िासय-वयिगयमय रखधचि ि परथम लख lsquoििदमािरमlsquo दशपरम की भाििाओि की आज जो विडिबिापणथ जसथनि ि उस पर चोट करिा ि इसम उनिोि राषर म फली परदमशक दभाथििा पर करारी चपट लगायी ि lsquoकाल करिि आज rsquo lsquoिति की पाबिदीrsquolsquoलाल निकोणrsquo lsquoगािधीटोपीrsquo rsquoडॉग शोrsquo lsquoिोटरrsquoआहद अिकािक पररधचि विषयो पर लखिी चलाकर उनिोि इि साधारण विषयो को भी असाधारण बिाहदया ि

-विजजय इिरडया- म कलपिा की गयी ि कक विदश स आि िाल ककसी अजञाििाम पयथटि को भारि आि सपिल कछ हिदायि एिि कछ जािकारी दकर कछ मािमसक lsquoपिथ ियारीrsquo करयी जािी ि इसम कछ ऐस मजदार परसिग ि बस पढि िी बिि ि lsquoपलटफामथ क मज lsquo तरबजली यािी तरबजली बस माि बयसकोपजाि-पाि जजिदाबादआहद अतयिि सफल वयिगय ि

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अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 34: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

34

अमिराय की वयिगय रचिाओि म एक जागरक परगनिशील राषरपरमी मिषयमाि क मलए कलयाणकारी उदार धमथ निरपकष सचची जििादी दजषट सिथि परापि िोिी ि उिका वयिगय मधर और सििीय ि तयोकक ि सदा अपि ऊपर वयिगय करि जाि ि ि सिियि को जिसाधारण स पथक अथिा शरषठिर ििीि मािि ि

157अनवाद

अमिराय ि अिक विचि परमसदध कनियो का हििदी म उतकषट अििाद ककया उिकी अिहदि कनिया ि-फासी क िखि स (1952)खौफ की पररछाइया (1952) अजगिदीकषा(1954) आहद विदरोिी(1955) िमलट(1964) समरगाथा(1967) शिीदिामा(1989) आहद

lsquoफासीक िखि सrsquo शीषथक स उनिोि चकोसलोिाककया क शिीद पिकार जमलयस फधचक क उपनयास ndashिोस फॉम द गलोज- का अििाद ककया ndashखौफ की पररछाइया-बिोलड बरखि क साि लघ िाटको क सिगरि का अििाद ि फासी क िखि स ndashम फामसजम की बबथरिाओि का बयौरिार िणथि इस पसिक म िजजसम फधचक पािटािस जल म हिटलरी जललादो क खौफ की छाया की गिरी काली परछाइया ि जो आम जििा को घर िए ि

निकोलाई आसिोिसकी क ndashिाउ द सटीलिॉज टमपडथ- का अििाद उनिोि ndashअजगिदीकषा-शीषथक स ककया इसम पािल कोचथगि जो जीिि भर कहठिाइयो स जझिा रिा उसकी टकराि की दढिाउतसािअदमय शजति आज भी मिषय माि क मलए पररणा परद ि

िािडथफासट अमिराय का सबस वपरय लखक रिा ि तयोकक िि सिघषथशील एिि मािििािादी लखक था अमिराय ि िािडथ फासट क िीि उपनयासो का सफल अििाद ककया सपाटथकस का lsquoआहदविदरोिीrsquo शीषथक स ककया lsquo आहदविदरोिीrsquo क अििाद पर उनि परसकार भी परापि िआ और यि सपाटथकस की िरि सिाथधधक तरबकििाली अिहदि पसिक बिी

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 35: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

35

lsquoमाईगलोररयस बरदसथrsquo का अििाद उनिोि ndashसमरगाथा- िाम स ककया lsquoद पजि आफ सको एिड िजजटीrsquo का अििाद ndashशिीदिामा- शीषथक स ककया lsquoआहदविदरोिीrsquo म लगभग एक शिाबदी ईसा पिथ क रोम और उसकी पाशविक गलाम परथा की गाथा ि lsquoसमरगाथाrsquo म ईसा स डढ ndashदो सौ पिथ क इजरायली पाच भाइयो की किािी ि जजनिोि गरीब भयभीि ककसािो का सिगठि ककया िथा िीस िषथ िक अपिी मािभमम की सिाधीििा क मलए मतयिजय यदध ककया उसी क मलए जजय और उसी क मलए मर भी

शतसवपयर क सिाथधधक खयानिलबध िाटक ndashिमलट-का अििाद भी उनिोि सफलिा पिथक ककया जजसम उनिोि उपयतििम भावषक सिरचिा पर बिि धयाि हदया ि

अमिराय ि ndashरिीिदरिाथ क निबिध दवििीय खिड- का भी बिगला स हििदी म lsquoरिीिदरनिबिधािलीrsquo शीषथक स सफल अििाद ककया अमिराय एक सफल अििादक रि उिक अििाद माि अििाद ििीि िरि पिसथजि ि

158सपादन

यहद अमिराय चािि िो बडी आसािी स उस समय क दश की सिोचच सिा ndashआई सी0 एस0 म जा सकि थ जजसक मलए अिक लोगो ि उनि परररि भी ककया ककि ि ि उसकी परीकषा म बठ िी ििीि ि किि ि ldquo मि बि चका था मर दादावपिा बिि िौकरी ---कर चक थ िो इसमलए मि बि चका था और य था कक म किीि िौकरी ििीि करगाrdquo 69 बचपि स िी ि जजस पररिाररक िािािरण म पल थ यदयवप ििा आधथथक सिपनििा कभी ििीि रिी िथावप िभि सिपनि जीिि जीि क मलए उनि कोई सरकारी िौकरी आकवषथि ििीि कर सकी उनिोि निचचय कर मलया था कक ldquo अखबार निकालग पटी म काम करग ककिाब छापग मलखग और ककसी िरि स जजिदगी बिि कम खच म कट जायगी rdquondash70 िासिि म उििोि ििी ककया भी अधययि पणथ करक ि बिारस लौट आय और -ििस- का सिपादि करि

36

लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

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सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

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21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

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43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

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65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

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लग उस समय ndashििस- की ndashआधथथक जसथनि बिि पषट ििीि थी लककि चल िो रिा िी था और अपिा काम भी कर रिा थाrdquo 71

सि 1942 ई स 1952 िक उििोि ndashििस- पतरिका का सिपादि ककया डॉ कषण तरबिारी ममशर क अिसार ldquoपिकाररिा क कषि म भी अमिराय का कायथ उललखिीय ि एक लमब अस िक उनिोि ndashििस- कासिपादि करि िए हििदी क परगनिशील आिदोलि को गनि और शजति दी उनिोि आज क अिक परौढ लखक-ललखकाओि की यिा काल की रचिाओि को ndashििस-म परकामशि कर उिका उतसाि-िधथि ककया राजकमल परकाशि ि जब lsquoिई किानियाrsquo पतरिका को बिद करि का पसला ककया िो अमिराय ि उस परकामशि ककय रखि का बीडा उठाया और अिक िषो िक उस हििहद की एक लोकवपरय पतरिका क रप म जीविि रखा rdquo72

सिपादि क कषि म उनिोि कभी िचाररक सिकीणथिा सिीकार ििीि की उिक सिपादि काल म परगनिशील लखको की सौदयथ विषयक कवििाए भी निकलिी थीि उनिोि ndashििस और ियी किानिया- का सिपादि कर क हििदी किािी की सिसथ परिपरा को आग बढाया और सामाजजक ndashराजिीनिक सिदभो पर मलख गए लखि को परोतसाहिि ककया

159यातरावततात

अमिराय ि अपि जीिि म अिक बार विदश यािाए की थीि चीिजमथिी बलगररयासोवियि सिघरमानिया ििगरीइिगलडफॉनसइटलीआदी दशो की अपिी यािा क रोचक ितिािि उनिोि lsquoसबि क रिगrsquoशीषथक स परकामशि ककया

1510ससमरण

अमिराय क पनदरि उतकषट सिसमरणो का सिकलि सि 1992 ई म ndashजजिकी याद िमशा रिगी िरी ndashशीषथक स परकामशि िआ इसम अमिलाल

37

िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

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िागर कशि चिदर जिदर निराला परमचिदफादर बलकमकबल कफदा िसिमिादिी िमाथरािगयराघि राधाकषण ऊफथ लाल बाब रािल सािकतयायि सतयजीि राय सभाष मखोपाधयाय सममिाििदि पिि िथा सिल अजीमाबादी की समनियो को सिजोया गया ि

1511िोध

lsquoए िाउस रडिाइडडrsquo शीषथक स अिगरजी म मलखा गया उिका शोध परबिध सि 1984 ई म परकामशि िआ ndashििर फलोमशप ndash क अििगथि कायथ करि िए उनिोि हििदी ndashउदथ समसया पर यि मितिपणथ गरिथ मलखा इस आतसफडथ यनििमसथटी परस ि परकामशि ककया ि भाषा समसया पर विदितिा और सपषटिा क साथ मलखा गया उिका यि परबिध उिकी परखर परनिभा का पररचायक ि

16 तनषकरस

अमिराय क जीिि ndashचररि िथा उिक साहितय क पररपरकषय म किा जा सकिा ि कक उिका वयजतिति बिमखी परनिभा स सिपनि ि अमिराय क पास अिभिो का विशाल भिडार रिा ि उनिोि अपि जीिि म काफी यािाए कीिऔर उनिोि पाररिाररकसामाजजक िथा राजिीनिक अिक उिार-चढािो को दखा ि जजस पररिश ि उनि जजस पडाि िक पिचाया ि उसी पररिश ि उनि सिामभमाि बराई क परनि विदरोि कमजोरो क परजज सिािभनि आहद गण परदाि ककए ि अमिराय किािी समराय परमचिद क सपि िोि क कारण साहिजतयक सिसकार उनि विरासि म ममली और अिभिो की सामगरी पास िोि क कारण उिक साहितय म कलपिा की उडाि कम और य़थाथथ की ठोस जमीि अधधक ि पररणामसिरप उिक साहितय का पररिश िासिि िोकर उभरिा ि अमिराय सिििििा पिथ एिि सििििािा की समसि गनिविधधयो स पररधचि थ उि पर मातसथिाद एिि परगनिशील धचििि का गिरा परभाि रिा ि उिक कथा साहितय म विविधिा क रिगो क दशथि िोि ि अमिराय की

38

लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

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सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

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21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

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65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

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लखिी को उपनयास किािी िथा निबिध इि िीिो विधाओि पर सफलिा पिथक अधधकार परपि ि उिकी समसि रचिाए माििीय सििदिाओि सिबिधो ररचिो जि-चििा जागनि सामाजजक नयायअमभजातय एिि पजीिादी सामिििादी िगथ क दमिशोषण भरषटाचार क विरदध सिघषथ का परनिनिधधति करिी ि उिक कथा साहितय म विषयो पािो समसयाओि की इििी विविधिा ि कक जजसक कई आयाम निरवपि ककए जा सकि ि

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सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

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21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

Page 39: प्रथम अध्याय अमतृराय का ......आल *कर य ए अमम । छ *ट अमम क स 1966 म रत क न सर क क रण

39

सदभस गरथ-सची

1 िई समीकषाअमिरायप-48

2 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-263

3 कलम का मसपािी ndash अमिराय- प 463

4 परमचिद घर म ndashमशिरािी दिी प-43

5 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-43

6 कलम का मसपािी ndash अमिराय-प-359

7 कलाकार राजदर यादिएक लखकीय वयजतितिचिरभाि सोििण प-15

8 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-62

9 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-17

10 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-19

11 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-14

12 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप-30

13 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 31

14 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 43

15 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 48)

16 जजिकी याद िमशा रिगी िरी ndash सििी भाई जिनदर जी ndashअमिराय प-17

17 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 34

18एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 58

19 एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 59

20जररि अमिराय को पढि की ि विषण खर ndashििस- अतिबर 1996 प- 26

40

21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

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21बाल विकास आलण सिबिधधि कषि ndash सौ मीिा सनिल गणारकर प-15

22 हदिकर का वयजतिति - परममला प-9

23 मािक हििदी कोशरमचनदर िमाथ पाचिा खणड-प-124

24 हििदी विचि कोश-परथम सिसकरण खणड प- 150

25 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-11

26 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-13

27 िागाथथ ndashअतिबर-1996 प -38

28 परमचिद घर म -मशिािी प-46

29 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

30 परमचिद घर म -मशिािी दिी प-79

31 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-14

32 िरदर कोिली विचार और वयिगय डॉसरश काििप-107

33 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-61

34 िागाथथ-अतिबर1996प-38

35 जजिकी याद िमशा रिगी िरी अमिराय प-63

36 जजिकी याद िमशा रिगी िरी - अमिराय प-34

37 एक अििरिग बािचीि अमि स- धगररजा कमार माथरप-55-56

38 िई समीकषा अमिरायप-9

39 विचारधारा और मसहितय अमिरायप-64

40 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-21

42 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

41

43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

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43 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-19

44 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-23

45 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथरप-30

46 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजाकमार माथरप-29

47 िई समीकषाअमिरायप-150

48 विचारधारा और साहितय-अमिराय प-53

49 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-43

50 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-135

51 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-29-30

52 एक अििरिग बिािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-28

53 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-30

54 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-18

55 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-26

56 विचारधारा और साहितय- अमिरायप-118

57 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-29

58 आधनिक भाि बोध की सिजञा ndashअमिरायप-94

59 मायामसििबर1976प-91

60 िई समीकषाअमिरायप-82

61 एक अििरिग बािचीि अमि सधगररजा कमार माथरप-47

62 सिधचिििअमिरायप-40

63 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-46

64 एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-47

42

65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9

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65एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-49

66एक अििरिग बािचीि अमि स धगररजा कमार माथर प-48

67हििदी उपनयास की परिजतिया-डॉ शमशभषण मसििलप-14

68 डॉ िामिरमसिि िसधा अिक-54प-18

69एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

70एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

71एक अििरिग बािचीि अमि स ndash धगररजा कमार माथरप- 32

72कनि साहितयकार अमिराय डॉकषण तरबिारी ममशरप-9