आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना,...

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आिमक यु� को समझना , और दो बीज� किलन के नोस I. पहला िव�ोह : वगदूतका पृ� 2 II. मनुय का �वेश पृ� 3 III. दूसरा िव�ोह : मनुय का पृ� 4 IV. �ी का पहला बीज पृ� 5 V. �ी के पहले बीजपर शैतान के बड़े हमले का प�रणाम जल�लय था 8 VI. उ�ारकता क� वंशावली को दूिषत करने का �यास पृ� 11 VII. दो जाितय� के समूह का यु� आज तेज़ी से फ़ैल रहा है पृ� 14 VIII. अिधक प�ता देनेवाले पद पृ� 14 IX. हमारे �भु यीशु मसीह क� महान िवजय पृ� 18 X. अंत समय म� जीना पृ� 19 XI. िव�ािसयका बड़ा िनगमन पृ� 21 XII. लेश पृ� 25 XIII. पृवी पर लेश ले�कन वग मआनंद पृ� 26 1. मसीह का याय �संहासन 2. मेमने का िववाह भोज XIV. यीशु मसीह का दूसरा आगमन पृ� 28 सब िव�ासी, उसक� कलीिसया, उसक� दुहन, उसके पास लौट आएँगे पशु और झूठे भिवयव�ा का िवनाश शैतान को एक हज़ार वष के िलए बंदी बनाया जाना सब िव�ासी यीशु के साथ राज कर�गे के वल हज़ार वष तक नह� बिक सदा के िलए यह हज़ार वष� के राज को �भु के �दनके नाम से जाना जाता है XV. अंितम याय परमे�र का बड़ा �ेत �संहासन पृ� 30 XVI. नया आकाश और नई पृवी पृ� 32

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Page 1: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

आितमक य को समझना और ldquoदो बीजrdquo किलन क नोटस

I पहला िवोह सवगरदत का प 2 II मनषय का वश प 3 III दसरा िवोह मनषय का प 4 IV ी का पहला बीज प 5 V ldquoी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परणाम जललय था 8 VI उारकतार क वशावली को दिषत करन का यास प 11 VII दो जाितय क समह का य आज तज़ी स फ़ल रहा ह प 14 VIII अिधक सपता दनवाल पद प 14 IX हमार भ यीश मसीह क महान िवजय प 18 X अत समय म जीना प 19 XI िवािसय का बड़ा िनगरमन प 21 XII कलश प 25 XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद प 26

1 मसीह का नयाय सहासन 2 ममन का िववाह भोज

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन प 28 bull सब िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग bull पश और झठ भिवषयवा का िवनाश bull शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना bull सब िवासी यीश क साथ राज करग bull कवल हज़ार वषर तक नह बिलक सदा क िलए bull यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन प 30

XVI नया आकाश और नई पथवी प 32

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I पहला िवोह सवगरदत का यशायाह 1412-15 ldquoह भोर क चमकनवाल तार (ldquoचमकनवालrdquo यह स लिसफ़र का नाम आता ह) त कस आकाश स िगर पड़ा ह त जो जाित जाित को हरा दता था त अब कस काटकर भिम पर िगराया गया ह 13 त मन म कहता तो था lsquoम सवगर पर चढ़गा म अपन सहासन को ईश वर क तारागण स अिधक ऊचा कगा और उर दशा क छोर पर सभा क पवरत पर िवराजगा 14 म मघ स भी ऊच ऊच सथान क ऊपर चढ़गा म परमधान क तलय हो जाऊगाrsquo 15 परनत त अधोलोक म उस गड़ह क तह तक उतारा जाएगा bull अययब 38 बताता ह क भोर क तार और परमर क प mdash सवगरदत क दो िभ कार ह mdash जो परमर

क साथ उस समय थ जब उसन पथवी क रचना क

अययब 384-7 ldquoजब म न पथवी क नव डाली तब त कहा था hellip जब क भोर क तार एक सग आननद स गात थ और परमश वर क सब प जयजयकार करत थ यह इस बात को दशारता ह क सवगरदत क सि पथवी क सि स पहल ई थी

फर बाद म पथवी क सि क बाद भोर क इस तार या लिसफ़र न िवोह कया और उस काटकर भिम पर िगराया गया तथा उसस उन सब िवशषािधकार को छीन िलया जो उसक पास सवगर म थ म न तझ अपिव जानकर परमश वर क पवरत पर स उतारा

य ldquoपरमर क पrdquo उतपि छह म दबारा कट हग

यहजकल 2811-20 लिसफर का िवोह हम यह कट करता ह क वह अपन िगराए जान स पहल वह परमश वर क अदन नामक बारी म था और वहा एक याजक था कयक उसन वह सब बमलय पतथर पहन थ जो बाद म महायाजक हान न अपन सीनाबद पर पहन थ यद ldquoवाटकाrdquo पथवी पर थी या कह और या परमर क अदन नामक कई वाटकाए थ य सप नह ह परमश वर यहोवा य कहता ह त तो उम स भी उम ह त पणरता पर छाप दता ह त बि स भरपर और सवाग सनदर ह 13 त परमश वर क अदन नामक बारी म था तर पास आभषण मािणक पराग हीरा फरोज़ा सलमानी मिण यशब नीलमिण मरकद और लाल सब भाित क मिण और सोन क पिहराव थ तर डफ और बासिलया तझी म बनाई गई थ िजस दन त िसरजा गया था उस दन व भी तयार क गई थ 14 त छानवाला अिभिषक त कब था म न तझ ऐसा ठहराया क त परमश वर क पिव पवरत पर रहता था त आग सरीख चमकनवाल मिणय क बीच चलता फरता था 15 िजस दन स त िसरजा गया और िजस दन तक तझ म कटलता न पाई गई उस समय तक त अपनी सारी चालचलन म िनदष रहा 16 परनत लन-दन क बतायत क कारण त उपव स भरकर पापी हो गया इसी स म न तझ

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अपिव जानकर परमश वर क पवरत पर स उतारा और ह छानवाल कब म न तझ आग सरीख चमकनवाल मिणय क बीच स नष ट कया ह 17 सनदरता क कारण तरा मन फल उठा था और वभव क कारण तरी बि िबगड़ गई थी म न तझ भिम पर पटक दया और राजा क सामन तझ रखा क व तझ को दख 18 तर अधमर क काम क बतायत स और तर लन-दन क कटलता स तर पिवसथान अपिव हो गए इसिलय म न तझ म स ऐसी आग उतप क िजस स त भसम आ और म न तझ सब दखनवाल क सामन भिम पर भसम कर डाला ह 19 दश दश क लोग म स िजतन तझ जानत ह सब तर कारण िविसमत ए त भय का कारण आ ह और फर कभी पाया न जाएगाrdquo bull इस पढ़कर ऐसा लगता ह मानो उनक िवोह क समय परमश वर क अदन नामक बारी पथवी पर नह बिलक

कह और थी और फर बाद म उस आदम और हववा क रहन और उस पर राज करन क िलए उस लाया गया या सजा गया था उतपि 28 यहोवा परमश वर न पवर क ओर अदन म एक वाटका लगाई और वहा आदम को िजस उसन रचा था रख दया यह आज पथवी पर पाई नह जाती उतपि 324

bull म न तझ भिम पर पटक दया और शतान न सोचा क वह पथवी का शासक ह लकन फर मनषय का वश होता ह और उस राज करन का अिधकार दया जाता ह अब शतान का नया श ह

II मनषय का वश उतपि 126-28 फर परमश वर न कहा ldquoहम मनषय को अपन सवप क अनसार अपनी समानता म बनाए और व सम क मछिलय और आकाश क पिकषय और घरल पश और सारी पथवी पर और सब रगनवाल जनत पर जो पथवी पर रगत ह अिधकार रखrdquo 27 तब परमश वर न मनषय को अपन सवप क अनसार उतप कया अपन ही सवप क अनसार परमश वर न उसको उतप कया नर और नारी करक उसन मनषय क सिष ट क और परमश वर न उनको आशीष दी और उनस कहा ldquoफलो-फलो और पथवी म भर जाओ और उसको अपन वश म कर लो और सम क मछिलय तथा आकाश क पिकषय और पथवी पर रगनवाल सब जनत पर अिधकार रखोrdquo bull कछ ऐसा जो िबलकल नया था और िजस पहल कभी नह दखा था वह नर और नारी करक उसन मनषय

क सिष ट क और परमश वर न उनको आशीष दी और उनस कहा ldquoफलो-फलोrdquo

bull इफसय 311 उस सनातन मनसा क अनसार जो उसन हमार भ मसीह यीश म क थी

bull मानवजाित क िलए यह परमर क योजना थी mdash एक पष एक ी mdash दो का एक हो जाना mdash ससार

पर सतान उतप करना और धामरकता क साथ राज करना

4

bull अब शतान न परमर क साथ अपन य को िवसतत कया और उसम समसत मानवजाित को शािमल कया उसन हर सभव यास कया क पष और ी को ब उतप करन स रोक ताक व पथवी पर फल-फल नह और न उस पर राज कर हम आज जब पष को पष स और ी को ी स िववाह करत दखत ह तो इसका सप परणाम दखत ह कोई ब नह

III दसरा िवोह मनषय का

उतपि 31-7 अब सपर न ी स कहा ldquoकया सच ह क परमश वर न कहा तम िनश चय न मरोग hellip उस ी न खाया hellip उसक पित न भी खाया 14 तब यहोवा परमश वर न सपर स कहा hellip 15 म तर और इस ी क बीच म और तर वश (सतान) और इसक वश (सतान) क बीच म बर (घणा) उतप कगा वह तर िसर को कचल डालगा और त उसक एड़ी को डसगा bull बाइबल क अनय कई भिवषयवािणय क समान इस भिवषयवाणी म भी वतरमान और भिवषय क पतर ह

वतरमान म शतान और ी क सतान क बीच घणा भिवषय भ यीश मसीह और मसीह-िवरोधी

bull तर िसर को कचल डालगा तोड़ना कचलना या तीकातमक प स िवजय पाना एड़ी को डसगा एक हलका घाव जो चलन क गित को धीम कर सकता ह

bull ldquoवशrdquo का तातपयर सतान या वश स ह उतप 2217 वयवसथाववरण 1015 यशायाह 5310

रोमय 413 और 16 गलातय 329 और बर क िलए दख परकाशतवाकय 1217

bull आदम न परमर पर और इस भिवषयवाणी पर िवास कया क उसक पी क सतान हगी और उसन अपनी पी का नाम हववा रखा िजसका अथर ह ldquoिजतन मनषय जीिवत ह उन सब क आदमाताrdquo और उसन यह भी िवास कया क उसक एक सतान सपर को परािजत कर दगा

bull हववा िजतन मनषय जीिवत ह उन सब क आदमाता ह इसिलए ldquoशतान का वशrdquo कवल हववा या उसक

पिय क ारा ही अिसततव म आ सकता था

bull य तज़ी पकड़ता ह शतान अब जान जाता ह क उस ldquoी काrdquo एक वशज एक बालक उस परािजत करगा इसिलए उसका यह मख उशय बन जाता ह क वह इस बालक को न कर द या अपन वश अपनी सतान को उतप करन क ारा उस बालक क जनम को रोक परमर क लोग को और शायद उस ी क वश को भी और न कर द जो एक दन उसक िसर को कचल डालगा

bull पर परान िनयम और नए िनयम क कई सवाल िजनह हम बाद म दखग उनक उर क सप समझ क

िलए इस साई को जानना बत महतवपणर ह

bull शतान क वश या सतान ह िजनक पि हम भ क उस कथन स हो जाती ह जो उसन जगली बीज क

5

दानत म और अनय सथान पर दया था

मी 1337-43 अचछ बीज का बोनवाला मनषय का प ह hellip अचछा बीज राजय क सनतान ह और

जगली बीज दष ट क सनतान ह िजस श न उनको बोया वह शतान ह कटनी जगत का अनत ह और काटनवाल सवगरदत ह 40 अत जस जगली दान बटोर जात और जलाए जात ह वसा ही जगत क अनत म होगा 41 मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा और व उसक राजय म स सब ठोकर क कारण को और ककमर करनवाल को इका करग 42 और उनह आग क कणड म डालग जहा रोना और दात पीसना होगा 43 उस समय धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग िजसक कान ह वह सन ल

bull और यहा 844 तम अपन िपता शतान स हो और अपन िपता क लालसा को परा करना चाहत

हो स -gt यनानी ldquoἐκ (ऐक)rdquo म स उतप मल

bull रत क काम 137-10 म पौलस इनम स एक को ldquoशतान क सनतानrdquo कहकर पकारता ह ह सार कपट और सब चतराई स भर ए शतान क सनतान

bull इस साई क िवषय म और भी कई पद ह

IV ी का पहला बीज

उतपि 41-2 जब आदम अपनी पी हववा क पास गया तब उस न गभरवती होकर कन को जनम दया और कहा ldquoम न यहोवा क सहायता स एक पष पाया हrdquo 2 फर उसन उसक भाई हािबल को भी जनम दया हािबल भड़-बकरय का चरवाहा बन गया परनत कन भिम पर खती करन वाला कसान बना bull मानव इितहास म कन पहला प था और उसक बाद हािबल आ उतपि 315 क भिवषयवाणी क कारण

व शतान क उन यास का क बन गए क वह उनह कर द या मार डाल

bull इन बालक न िनय ही अपन िपता आदम स जो परमर क साथ-साथ वाटका म चलता था सही और गलत क बार म बत कछ सना होगा 43 कन यहोवा क पास भिम क उपज म स कछ भट ल आया उस भिम स जो शािपत थी और यह हमार अपन कायर और य को अथारत ldquoधमरrdquo को दशारता था उसन परमर का या अपन िपता क िशकषा का आदर नह कया यह एक कार का िवोह था जो कवल सवय पर अपन माग और इचछा पर किनत था 44 और हािबल भी अपनी भड़-बकरय क कई एक पहलौठ बच च भट चढ़ान ल आया और उनक चब भट चढ़ाई तब यहोवा न हािबल और उसक भट को तो हण कया

46-7 तब यहोवा न कन स कहा ldquoत कय ोिधत आ hellip और यद त भला न कर तो पाप ार पर

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िछपा रहता ह और उसक लालसा तरी ओर होगी और तझ उस पर भता करनी हrdquo

bull पहली हतया कन पर दया क गई लकन उसन परमर क वचन को तचछ जाना और िवोह कया तथा अपन भाई हािबल को मार डाला यह उस कार क वचन थ जस यीश न अाहम क कछ सतान (बीज) क िलए कह थ

यहा 837 मरा वचन तमहार दय म जगह नह पाता

bull शतान न एक और य जीता जब उसन एक प को मार दया और दसर को अपन वश म कर िलया

उतपि 49 तब यहोवा न कन स पछा ldquoतरा भाई हािबल कहा हrdquo उसन कहा ldquoमालम नह कया म अपन भाई का रखवाला rdquo पहला झठा मनषय जो अपन आितमक िपता शतान क तरह था ldquoतम िनश चय न मरोगrdquo यह मझ वह समरण कराता ह जो यीश न अिवािसय क समह स कहा था यहा 844-45 तम अपन िपता शतान स हो और अपन िपता क लालसा को परा करना चाहत हो वह तो आरमभ स हतयारा ह और सतय पर िसथर न रहा कयक सतय उसम ह ही नह जब वह झठ बोलता तो अपन सवभाव ही स बोलता ह कयक वह झठा ह वरन झठ का िपता ह

bull झठ बोलना शतान स ह जब कोई सा िवासी झठ बोलता ह तो वह शतान क ार खोल दता ह क वह

आकर उसक जीवन को और अिधक भािवत कर इफिसय 425 और 27

1 यहा 311-12 hellip हम एक दसर स म रख और कन क समान न बन जो उस दष ट स (ek))) था और िजसन अपन भाई को घात कया और उस कस कारण घात कया इस कारण क उसक काम बर थ और उसक भाई क काम धमर क थ उनक फल स तम उनह पहचान लोग मी 716

स -gt यनानी ldquoekrdquo उम क सथान क ओर सकत करता ह जहा स या का आरमभ आ -gt वह दषट कन शतान का ldquoबीजrdquo उसक सनतान था

नीकदमस स बात करत ए यीश न उतपि 315 और ldquoदो बीजrdquo क तथय क पि क

यहा 33-8 यीश न उसको उर दया ldquoम तझ स सच सच कहता यद कोई नय िसर स न जनम

(anwqen)) ndash अरशः ऊपर स या आरमभ स) तो परमश वर का राजय दख (idein ndash दखना या समझना) नह

सकताrdquo (वश नह लकन दखना)

7

(4) नीकदमस न उस स कहा ldquoमनषय जब बढ़ा हो गया तो कस जनम ल सकता ह कया वह अपनी माता क गभर म

दसरी बार वश करक जनम ल सकता हrdquo

bull नीकदमस इस बात म सही था क यीश ldquoसवाभािवक जनमrdquo क बात कर रहा था लकन उसन यह गलत समझा क यीश मनषय क सवाभािवक जनम क उम क बार कह रहा ह नीकदमस का कथन यीश क शबद का सही अथर नह बताता बिलक यही दशारता ह क वह उसक बात को समझन म असफल रहा

bull बाइबल म अकसर लोग यीश को गलत समझ नीकदमस ारा गलत अथर लगान को हम पद 10 म सप प स दख सकत ह यीश न उसस कहा ldquoत इाएिलय का ग होकर भी कया इन बात को नह समझता

ldquoफर सrdquo क िलए शबद ह (palin - पािलन) और इसका इसतमाल नए िनयम म 171 बार आ ह

इस पद म शबद (palin) का योग नह आ बिलक शबद (a v vnwqen) का आ ह

यद (a v vnwqen) का अनवाद इस परचछद म अपन िनयिमत अथर क साथ होता तो नए िनयम म कसी भी सथान पर उसका अनवाद ldquoफर सrdquo क प म होता

bull शबद (a v vnwqen) को ldquoफर सrdquo क प म अनवाद करना शबदाथर स भटकना और अटकलबाजी करना ह

बाइबल हम बताती ह क इस ससार म लोग क कई उम होत ह अथारत सब परमर ldquoसrdquo उतप नह होत

यहनना 112-13 परनत िजतन न उस हण कया उसन उनह परमश वर क सनतान होन का अिधकार

दया अथारत उनह जो उसक नाम पर िवश वास रखत ह 13 व (1) न तो ल स (2) न शरीर क इचछा स (3) न मनषय क इचछा स परनत (4) परमश वर स उतप ए ह

bull 1 2 और 3 सवाभािवक जनम क बात करत ह अतः अनवाद क िनयम क अनसार नमबर 4 भी सवाभािवक जनम क बात करता ह आितमक जनम क नह

होना एओरसट या म ह ऐसी या जो हो चक ह और बोलन क समय स पवर वह समा हो गई थी

इस या का मखय अथर होना आरमभ करना ह अथारत अिसततव म आना या कवल होना (from The Complete Word Study Dictionary New Testament copy 1992 by AMG International Inc Revised Edition 1993) दी अपोलोजटकस सटडी बाइबल इस म सहमत ह क होना सही अनवाद ह न क ldquoबननाrdquo जो उस समय या होन को लाता ह जब ि िवास करता ह यह एक धमर-वजञािनक मानयता ह और सटीक अनवाद नह

8

bull सवरशिमान भ परमर िपता ह और उसन अपनी सतान को उनक परवार को जगत क उतपि स पहल चन िलया ह इफसय 14

bull उसक सतान न िवास कया कयक व परमर स उतप ए ह उसक बीज स

उतप 416 तब कन यहोवा क सममख स िनकल गया और नोद नामक दश म जो अदन क पवर क ओर

ह रहन लगा bull कन न अपनी पीठ फर ली और परमर स दर चला गया

bull पद 17ndash24 कन क वशावली स बताता ह क लमक न दो िया बयाह ल जो परमर ारा ठहराए गए िनयम ldquoएक पष और एक ीrdquo (उतपि 224) का थम उललघन ह लमक ब-िववाह था का जनमदाता ह और उसन अपन पवरज कन क तरह एक ि का घात कया और इस कार उसन इस वश क दता को कट कया

उतप 425-26 आदम अपनी पी क पास फर गया और उसन एक प को जनम दया और उसका नाम

यह कह क शत रखा ldquoपरमश वर न मर िलय हािबल क बदल िजसको कन न घात कया एक और वश (अकषरशः बीज) ठहरा दया हrdquo 26 शत क भी एक प उतप आ और उसन उसका नाम एनोश रखा

उसी समय स लोग यहोवा स ाथरना करन लग

bull आदम शत और उसका प एनोश यह वशावली यहोवा स ाथरना करन लगी

यह चनी ई वशावली या बीज ह िजसस वह िवजयी उारकतार आएगा जो सपर का िसर कचल दगा

bull अब हमार पास दो वशावली ह पथवी पर दो पष क वशावली एक जो परमर स फरकर दर चला गया और दसरा जो परमर क ओर आया

bull उतपि 425 स लकर अधयाय 532 तक हम आदम स शत और उसस नह तक क वशावली िमलती ह और हर

वशज क नाम क साथ यह वाकयाश जड़ा ह उसक और भी बट बटया उतप तो पथवी पर आबादी बढ़ गई

bull आदम स नह तक 1556 वष क अविध थी और नह पाच सौ वषर का आ और नह स शम और हाम और यपत का जनम आ

V ldquoी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परणाम जललय था उतप 61-14 फर जब मनषय भिम क ऊपर बत बढ़न लग (आदम स नह तक 1556 वषर) और उनक

9

बटया उतप 2तब परमश वर क प न (परान िनयम म यह शबद सदव सवदरत क िलए इसतमाल होत ह अययब 16 21 387) मनषय क पिय को दखा क व सनदर ह (उनक ित वासना स भर गए) और उनहन िजस िजसको चाहा उनस िववाह कर िलया (लमक क पदिचहन पर जो पहला ब-िववाही था िजसन दो पिया बयाही थ उतपि 419) 4उन दन म पथवी पर दानव (अथारत नपीली लोग) रहत थ और इसक पश चात जब परमश वर क प मनषय क पिय क पास गए तब उनक ारा जो प उतप ए व (नपीली प) शरवीर (योा िनरकश या दानव) होत थ िजनक कतर ाचीनकाल स चिलत ह bull य ldquoपरमर क पrdquo परमर ारा सज गए सवगरदत थ िजनह नीच िगराया गया था कयक उनहन ldquoलिसफरrdquo

क साथ िमलकर परमर क िव िवोह कया था (यहजकल 2812-19) उनका एक ही उशय था क उन सब का नाश करना िजनह परमर न सजा ह और िजनस वह म रखता ह िवशषकर लोग जो उसक सवप म रच गए थ

bull यदा 6-7 फर िजन सवगरदत न अपन पद (या अिधकार कष) को िसथर न रखा वरन अपन िनज िनवास (या िनवासस थान) (मनषय क पिय क लालसा स रत होकर) को छोड़ दया उसन उनको भी उस भीषण दन क नयाय क िलय अनधकार म जो सदा काल क िलय ह बनधन म रखा ह िजस रीित स सदोम और अमोरा और उनक आसपास क नगर जो इन क समान िभचारी हो गए थ और पराय शरीर क पीछ लग गए थ आग क अननत दणड म पड़कर दष टानत (परमर इस िवकित स कतना घणा करता ह) ठहर ह

शतान जो इन िगराए ए दत का नता था उसन उनस कहा क व िजस िजसको चाह उनस िववाह कर ल िजसस मनषय का ल उसका वश डीएनए या आनवािशक म दिषत हो जाए और ी का वश तथा उसक िसर कचल जान क भिवषयवाणी को रोका जा सक

bull इन िगराए ए दत क पास िय को गभरवती करन और ब उतप करन क शि थी जसा उतपि छह

कहती ह तो इसका अथर यह ह क मनषय क वशाण हो गए यह ी क बीज को दिषत करन का एक और हमला था o वह सपर शतान पथवी पर ldquoअपन बीजrdquo अपनी सतान को बढ़ान म लगा ह ताक परमर क लोग को ी

क बीज को और न कर द मनषय को अपन जाल म फसान क िलए उसका हिथयार लिगक आनद था यह य समसत िव म सप प स दखा जा सकता ह हर मसीही को यह जानन क ज़रत ह और अवशय ह क वह जवानी क अिभलाषा स भाग और जो श मन स भ का नाम लत ह उनक साथ धमर और

िवश वास और म और मलिमलाप का पीछा कर 2 तीमिथयस 222-23 bull य सतान व हो सकती ह िजनक िवषय म भ न कहा क व उस द क सतान ह या व जगली बीज ह िजनह

शतान न बोया मी 1337-39 अचछ बीज का बोनवाला मनषय का प ह hellip अचछा बीज राजय क सनतान और जगली बीज दष ट क सनतान ह िजस श न उनको बोया वह शतान ह और यहा 844 तम अपन िपता शतान स हो और अपन िपता क लालसा को परा करना चाहत हो

bull रत क काम 137-10 म पौलस इनम स एक को ldquoशतान क सतानrdquo कहकर पकारता ह ह सार कपट और सब चतराई स भर ए शतान क सनतान

10

उतपि 6 पर वापस आत ह 5 यहोवा न दखा क मनषय क बराई पथवी पर बढ़ गई ह और उनक मन क िवचार म जो कछ उतप होता ह वह िनरनतर बरा ही होता ह 6 और यहोवा पथवी पर मनषय को बनान स पछताया और वह मन म अित खदत आ 7 तब यहोवा न कहा ldquoम मनषय को िजसक म न सिष ट क ह पथवी क ऊपर स िमटा दगा कया मनषय कया पश कया रगनवाल जनत कया आकाश क पकषी सब को िमटा दगा कयक म उनक बनान स पछताता rdquo 8 परनत यहोवा क अनह क दिष ट नह पर बनी रही 9 नह क वशावली यह ह नह धम पष और अपन समय क लोग म खरा था और नह परमश वर ही क साथ साथ चलता रहा और नह स शम और हाम और यपत नामक तीन प उतप ए 11 उस समय पथवी परमश वर क दिष ट म िबगड़ गई थी और उपव स भर गई थी 12 और परमश वर न पथवी पर जो दिष ट क तो कया दखा क वह िबगड़ी ई ह कयक सब ािणय न पथवी पर अपना अपना चाल-चलन िबगाड़ िलया था 13 तब परमश वर न नह स कहा ldquoसब ािणय क अनत करन का मर सामन आ गया ह कयक उनक कारण पथवी उपव स भर गई ह इसिलय म उनको पथवी समत नष ट कर डालगा

bull नपीली लोग स इतनी तज़ी स नितक िगरावट आई क उनक (मनषय क) मन क िवचार म जो कछ उतप होता ह वह िनरनतर बरा ही होता ह

bull सब ािणय न पथवी पर अपना अपना चाल-चलन िबगाड़ िलया था यह बची ई मानवजाित क अिसततव पर और ी क बीज क भिवषयवाणी पर गभीर हमला था

bull नपीली लोग का डीएनए आधा मनषय और आधा पितत सवगरदत का था इसका परणाम दता और बर

सवभाव क ती वि म आ इसिलए जललय न शतान क इस ष को नाकाम कर दया

bull परनत एक मनषय बचा था 9 नह धम पष और अपन समय क लोग म खरा था और नह परमश वर ही

क साथ साथ चलता रहा 13 तब परमश वर न नह स कहा ldquoसब ािणय क अनत करन का मर सामन आ गया ह कयक उनक कारण पथवी उपव स भर गई ह इसिलय म उनको पथवी समत नष ट कर डालगा

bull नह उसी शत क वशावली स था आदम का प था hellip और आदम क ारा उसक समानता म उस ही क सवप क अनसार एक प उतप आ उसन उसका नाम शत रखा उतपि 53

bull जल लय क तीन उशय थ (1) नपीली जाित को न करना (2) उन लोग को न करना िजनका डीएनए हो चका था और (3) उन सब को िजनहन अपन माग को कर दया था

bull जब य नपीली दानव जललय म मर फर या बाद म उनक आतमाए अपनी दह स अलग होकर पथवी

11

पर दसरी दह क तलाश म भटकन लगी ताक व उनम वास कर और समसत मानवजाित म उसी अनितक िवकत लिगक आचरण को बढ़ावा द यीश न मी 1243-45 म इसक पि क ldquoजब अश आतमा मनषय म स िनकल जाती ह (यनानी एकसखमाईएकसािससम) तो सखी जगह म िवाम ढढ़ती फरती ह और पाती नह तब कहती ह lsquoम अपन उसी घर म जहा स िनकली थी लौट जाऊगीrsquo और लौटकर उस सना झाड़ा-बहारा और सजा-सजाया पाती ह तब वह जाकर अपन स और बरी सात आतमा को अपन साथ ल आती ह और व उसम पठकर वहा वास करती ह और उस मनषय क िपछली दशा पहल स भी बरी हो जाती ह इस यग क बर लोग क दशा भी ऐसी ही होगीrdquo

bull व सवगरदत िजनहन िय क लालसा क और उनस सतान उतप क उनह आनद दड

भगतना पड़ा o सवगरदत को बयाह करन क अनमित नह ह मी 2230

यदा 5-6 भ न एक कल को िम दश स छड़ान क बाद िवश वास न लानवाल को नष ट कर दया फर िजन सवगरदत न अपन पद को िसथर न रखा वरन अपन िनज िनवास को छोड़ दया उसन उनको भी उस भीषण दन क नयाय क िलय अनधकार म जो सदा काल क िलय ह बनधन म रखा ह

1 पतरस 319 यीश न जाकर कदी आतमा (सवगरदत या परमर क प) को भी चार कया 20

िजनहन उस बीत समय म आजञा न मानी जब परमश वर नह क दन म धीरज धरकर ठहरा रहा और वह जहाज बन रहा था

समरण रख यीश न हम चतावनी दी ह मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा

य द अश आतमाए अब भी इस पथवी पर ह व जललय म मारी नह ग व कवल उन शरीर म स िनकल गई थ िजनम उनका वास था सब आतमाए अनत होती ह अनतकाल क आग या अनतकाल का जीवन य द अश आतमाए कसी भी ि म समान का अवसर ढढ़ती ह क िवकत लिगक आचरण और अनितकता को बढ़ावा द

VI उारकतार क वशावली को दिषत करन का यास एा 91-4 जब य काम हो चक तब हाकम मर पास आकर कहन लग ldquoन तो इाएली लोग न याजक न लवीय इस ओर क दश क लोग स अलग ए वरन उनक स अथारत कनािनय िहिय परिय

12

यबिसय अममोिनय मोआिबय िमिय और एमोरय क स िघनौन काम करत ह (कय) 2 कयक

उनहन उनक बटय म स अपन और अपन बट क िलय िया कर ली ह और पिव वश (अकषरशः

बीज) इस ओर क दश क लोग म िमल गया ह वरन हाकम और सरदार इस िवश वासघात म मखय ए हrdquo 3 यह बात सनकर म न अपन व और बाग को फाड़ा और अपन िसर और दाढ़ी क बाल नोच और िविसमत होकर बठा रहा 4 तब िजतन लोग इाएल क परमश वर क वचन सनकर बधआई स आए ए लोग क िवश वासघात क कारण थरथरात थ सब मर पास इक ए और म साझ क भट क समय तक िविसमत होकर बठा रहा

bull कनानी और अनय सब जाितया नह क प हाम क वश स थ िजसन अपन िपता क नगपन को दखा था हाम

लिगक अनितकता क नपीली आतमा स रत था या वह उसम समाई थी याद कर जललय स पहल हाम नपीली और पितत सवगरदत क साथ था

bull उसक भाई शम और यपत न उस नगपन को नह दखा व नपीली अनितक आतमा स म थ

bull नह न हाम क प कनान को ाप दया और उसस यबसी एमोरी िगगारशी िहबबी और अनय जाितया िनकल (उतपि 922-25 1015-20)

bull कनान क वश क सब लोग ldquoशतान क बीजrdquo और लिगक अनितकता को िलए ए थ इसी कारण परमर न

कहा िनगरमन 2320-33 22 hellip म तर श का श और तर ोिहय का ोही बनगा 23 इस रीित मरा दत तर आग आग चलकर तझ एमोरी िही परी कनानी िहबबी और यबसी लोग क यहा पचाएगा और म उनका सतयानाश कर डालगा 24 उनक दवता को दणडवत न करना और न उनक उपासना करना और न उनक स काम करना वरन उन मरत का परी रीित स सतयानाश कर डालना और उन लोग क लाट को टकड़ टकड़ कर दना

bull हम अब समझ लना चािहए क परमर न कय कहा म उनका सतयानाश कर डालगा

bull यशायाह 345 कयक मरी तलवार आकाश म पीकर तप त ई ह दखो वह नयाय करन को एदोम पर

और िजन पर मरा शाप ह उन पर पड़गी इस समझन का एकमा उपाय यह ह

bull परमर ldquoी क बीजrdquo को बनाए रखन और उसक वश को दिषत होन स बचान क िलए जो कछ आवशयक ह वह करगा यहा तक क वह ldquoसपर क बीजrdquo जस शिशाली श का भी सतयानाश कर दगाrdquo

इसका सप उदाहरण ह 1 शमएल 151-3 तब शमएल न शाऊल स कहा ldquoयहोवा न मझ भजा था क उसक जा इाएल पर राजा होन क िलए म तरा अिभषक क इसिलए अब यहोवा क वचन को सन सना का यहोवा यह कहता ह lsquoइाएल क साथ अमालक न जो कछ कया था उसक िलए म उसको दणड

13

दगा कयक जब इाएल िम स िनकल कर आ रहा था तब अमालक न उसक मागर म उसका कस कार िवरोध कया था अब जा और अमालक पर चढ़ाई करक उसका जो कछ ह वह सब पणरतया नाश कर द और उसको भी मत छोड़ना परनत पष ी बालक िशश गाय-बल भड़-बकरी ऊट-गदहा सबको सतयानाश कर दनाrsquordquo कय

bull अमालक ldquoशतान क बीजrdquo का वशज था एसाव क प एलीपज क िता नामक एक रखल थी िजसन

एलीपज क ारा अमालक को जनम दया उतपि 3612

और जसा मलाक 13 म और रोिमय 913 म बताया ह म न याक़ब स म कया परनत एसाव को अिय जाना कय परमर जानता था क वह उस द ldquoसrdquo ह

यह यहा 112 का उदाहरण ह परनत िजतन न उस हण कया उसन उनह परमश वर क सनतान होन का अिधकार दया (उस कौन हण करत ह) अथारत उनह जो उसक नाम पर िवश वास रखत ह (कौन उस पर

िवास करत ह व) 13 व (1) न तो ल स (2) न शरीर क इचछा स (3) न मनषय क इचछा स परनत (4) परमश वर स उतप ए ह (wwwtreasurehiswordcom प 3 पर दख ldquoऊपर स जनमrdquo क नोटस) o यद 1 2 और 3 सवाभािवक जनम क बात करत ह तो अनवाद क िनयम क अनसार नमबर 4 भी

सवाभािवक जनम क बात करता ह

bull एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह जो एक बार फर सप प स आज ससार पर दो वश क ोत को दशारता ह

bull याकब और एसाव इसहाक और रबका क जड़वा थ उतपि 2523-24 तब यहोवा न उसस कहाldquoतर गभर म दो

जाितया ह (दो अलग-अलग जाितया) और तरी कोख स िनकलत ही दो राजय क लोग अलग अलग हग (दो अलग-

अलग वश) और एक राजय क लोग दसर स अिधक सामथ हग और बड़ा बटा छोट क अधीन होगाrdquo जब उसक

सव का समय आया तब कया गट आ क उसक गभर म जड़व बालक ह

o दो जाितया याकब परमश वर स उतप था o एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था

एक और उदाहरण उतपि 163-4 अाम क ी सार न अपनी िमी दासी हािजरा को लकर अपन पित अाम को दया क वह उसक पी हो 4 वह हािजरा क पास गया और वह गभरवती ई 11 और यहोवा क दत न उसस कहा ldquoदख त गभरवती ह और प जनगी त उसका नाम इशमाएल रखना कयक यहोवा न तर दख का हाल (परमर क कणा) सन िलया ह 12 और वह मनषय बनल गदह क समान होगा उसका हाथ सब क िव उठगा और सब क हाथ उसक िव उठ ग और वह अपन सब भाई-बनध क मधय म

14

बसा रहगाrdquo

bull इशमाएल शरीर क इचछा और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह यह एक बार फर इस ससार म लोग क दो ोत या वश को दशारता ह

bull इसहाक का जनम परमर स आ था

bull गलाितय 422-29 यह िलखा ह क अाहम क दो प ए एक दासी स और एक सवत ी स 23 परनत जो दासी स आ वह शारीरक रीित स जनमा और जो सवत ी स आ वह ितजञा क अनसार जनमा 24इन बात म दष टानत ह य िया मानो दो वाचाए ह एक तो सीन पहाड़ क िजसस दास ही उतप होत ह और वह हािजरा ह 26पर ऊपर क यशलम सवत ह और वह हमारी माता ह 28 ह भाइयो हम इसहाक क समान ितजञा क सनतान ह 29 और जसा उस समय शरीर क अनसार जनमा आ (एसाव) आतमा क अनसार जनम ए (याकब) को सताता था वसा ही अब भी होता ह

bull 1 यहा 38 -10 जो कोई पाप करता ह वह शतान क ओर स ह जो कोई परमश वर स जनमा ह वह

पाप नह करता कयक उसका बीज उसम बना रहता ह और वह पाप कर ही नह सकता (कयक कोई समय आएगा जब वह िवास करगा) कयक परमश वर स जनमा ह (10) इसी स परमश वर क सनतान और शतान क सनतान जान जात ह जो कोई धमर क काम नह करता वह परमश वर स नह और न वह जो अपन भाई स म नह रखता

यह सब ldquoबीजrdquo क वशावली क िवषय म ह इस परी बाइबल म अनक वशाविलय म दखा जा सकता ह उतपि 9 और 10 स और मी 11-17 तथा लका 323-38 तक

VII दो जाितय क समह का य आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा इफिसय 610-13 इसिलय भ म और उसक शिक त क भाव म बलवनत बनो 11 परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम शतान क यिक तय क सामन खड़ रह सको 12 कयक हमारा यह मल लय ल और मास स नह (यह परमर क िज़ममदारी ह) परनत (हमारा य) धान स और अिधकारय स और इस ससार क अनधकार क हाकम स और उस दष टता क आितमक सना स ह जो आकाश म ह 13

इसिलय परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम बर दन म सामना कर सको और सब कछ परा करक िसथर रह सको hellip 16 िसथर रहो कयक यीश न कहा

जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा

VIII और अिधक सपता दनवाल पि करनवाल वचन वसथािववरण 1015 तौभी यहोवा न तर पवरज स स नह और म रखा और उनक बाद तम लोग को

15

जो उनक सनतान (अकषरशः बीज) हो सब दश क लोग क मधय म स चन िलया जसा क आज क दन कट ह यशायाह 5310 तौभी यहोवा को यही भाया क उस कचल उसी न उसको रोगी कर दया जब वह

अपना ाण दोषबिल कर तब वह अपना वश (अकषरशः बीज) दखन पाएगा रोिमय 413 कयक यह ितजञा क वह जगत का वारस होगा न अाहम को न उसक वश (अकषरशः उसक बीज) को वसथा क ारा दी गई थी परनत िवश वास क धामरकता क ारा िमली पद 16 इसी कारण ितजञा िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर हो क वह उसक सब वशज (अकषरशः बीज) क िलय दढ़ हो न क कवल उसक िलय जो वसथावाला ह वरन उनक िलय भी जो

अाहम क समान िवश वासवाल ह वही तो हम सब का िपता ह

bull िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर ndashgt शािबदक यनानी पठन अनह मफत वरदान ह यह फर इस बात को कट करता ह क िवास अनह क ारा मफत वरदान ह

गलाितय 323-27 पर िवश वास क आन स पहल वसथा क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी और उस िवश वास क आन तक जो गट होनवाला था हम उसी क बनधन म (सिनित) रह 24

इसिलय वसथा मसीह तक पचान क िलय हमारी िशकषक ई ह क हम िवश वास स धम ठहर 25 परनत जब िवश वास आ चका तो हम अब िशकषक क अधीन न रह ब क समान

bull यह बताता ह क हम िवास क आन स पहल भी उसक सतान थ और हमार िवास करन तक वसथा

क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी

bull यद िवास आता ह तो इसका अथर ह क वह हम स उतप नह होता यह अनह का वरदान ह

bull दख 1 पतरस 1 1-3 पतरस hellip उन परदिशय (परदशी नागरक नह) क नाम जो परमश वर िपता क

भिवषय जञान क अनसार चन गए ह 21 िजसन अपनी बड़ी दया स हम जीिवत आशा क िलय नया जनम दया 21 उसक ारा तम उस परमश वर पर िवश वास करत हो 23 क तम न नाशवान (मानवीय ससार का) नह पर अिवनाशी बीज (सवगय) स परमश वर क जीवत और सदा ठहरनवाल वचन क ारा नया जनम पाया ह

bull 2 पतरस 11 उनह िलखा hellip िजनहन हमार समान बमलय िवश वास ाप त कया ह

16

गलाितय 326 कयक तम सब उस िवश वास क ारा जो मसीह यीश पर ह परमश वर क सनतान हो

bull इसस पहल क हमारा सवाभािवक जनम होता हम परमर क सतान थ और उस समय तक रह जब हमार पास ldquoिवास आयाrdquo और हमन ldquoउस िवास को हण कया और िवास कयाrdquo फर उस बद पर हम परमर क प हो गए कवल सतान ही नह रह कयक पिव आतमा हमार ldquoभीतरrdquo था क हम िसखाए और हम समझ द

गलाितय 3 29 और यद तम मसीह क हो (कछ नह ह लकन इसस पहल क हमारा जनम होता हम उसक ह कयक उसन हम जगत क उतपि स पहल स ही चन रखा था) तो अाहम क वश (बीज) और ितजञा क अनसार (क वह कई जाितय का िपता होगा) वारस भी हो गलाितय 41 म यह कहता क वारस जब तक बालक (परमर का) ह यिप सब वसत का सवामी ह तौभी उसम और दास म कोई भद नह 2 परनत िपता क ठहराए ए समय तक सरकषक और बनधक क वश म (वसथा) रहता ह 3

वस ही हम भी जब बालक थ (नया जनम पान स पहल) तो ससार क आद िशकषा क वश म होकर दास बन ए थ 4 परनत जब समय परा आ तो परमश वर न अपन प को भजा जो ी स जनमा और वसथा क अधीन उतप आ 5 ताक वसथा क अधीन को मोल लकर छड़ा ल और हम को लपालक होन का पद िमल

bull यनानी शबद िजसका अनवाद ldquoलपालकrdquo आ ह उसका शािबदक अथर ldquoवयसक प को सथान दनाrdquo ह जस यदी परमपरा बार-िमतसवाह म होता था जहा प जब 14 वषर क आय म पचता था तो उस वयसक माना जाता था

bull ldquoलपालक पrdquo यनानी शबद ui(oqesian (हवी-ओथ-एसी-आ) स आता ह जो दो शबद स बना ह

ui(o$ - प और tiqhmi ndash रखना या सथािपत करना

bull इसिलए इसका शािबदक अनवाद ऐसा ह हम सतान थ लकन िपता ारा िनधाररत समय पर हम प क प म सथािपत कया गया- वयसक प या पिया जब हमन िवश वास कया और हम सब बात दखान और िसखान क िलए पिव आतमा हमार भीतर आया था

bull हम हमशा उसक ब थ परमर क सतान िजनह उसन जगत क उतपि स पहल ही चन िलया था और हम कभी शतान क बीज नह थ हम कभी गोद (लपालक) नह िलया गया जसा आज ससार म इसका अथर समझा जाता ह

bull लपालक का अनवाद गलत धमरवजञािनक पकष को दखाता ह और यह यनानी शबद का सटीक अनवाद नह ह

bull बाइबल अनवाद म िगत हसतकषप एक ऐसा मामला ह िजसस 1611 क KJV भी अछती नह थी कयक तब िवान को राजा क दशा िनदश क अनसार पिवशा म काटा-छाटी करनी पड़ी थी ndash इन

17

म स एक यह था क KJV िबशप क बाइबल का खडन नह कर सकती थी

bull लपालक क परभाषा यह ह ldquoकसी दसर माता-िपता क ब को सवचछा स अपन क प म अपना

लनाrdquo bull स िवासी कभी भी शतान क बीज नह थ

गलातय 46 और तम जो प हो ndash तम परमशवर क हो

bull ldquoपरमर स उतपrdquo यहनना 113

bull ldquoऊपर स जनमrdquo अकषरशः यनानी यहनना 33

bull अाहम का बीज उसक वश (यनानी उसका बीज) रोमय 413 और 16

इसिलय परमश वर न अपन प क आतमा को जो lsquoह अबबा ह िपताrsquo कहकर पकारता ह हमार दय म (जब हमारा नया जनम आ) भजा ह 7 इसिलय त अब दास नह (ससार क मल वसत क अधीन बदी) परनत प ह (परप प या पी) और जब प आ तो परमश वर क ारा वारस भी आ

इफिसय 13-6 हमार भ यीश मसीह क परमश वर और िपता का धनयवाद हो क उसन हम मसीह म सवगय सथान म सब कार क आितमक आशीष दी ह 4 जसा उसन हम जगत क उतपि स पहल उसम चन िलया क हम उसक िनकट म म पिव और िनदष ह 5 और अपनी इचछा क भल अिभाय क अनसार हम अपन िलय पहल स ठहराया क यीश मसीह क ारा हम उसक ldquoप क प म िनयrdquo ह (सही अनवाद लपालक नह) 6 क उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

हम वह ह जो हम ह सौ ितशत उसक अनह क ारा ह और इसम हमारी योगयता यास या कायर का कछ लना-दना नह ह

उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

1 यहा 31-3 दखो िपता न हम स कसा म कया ह क हम परमश वर क सनतान कहलाए और हम ह भी इस कारण ससार हम नह जानता कयक उसन उस भी नह जाना 2 ह ियो अब (अवसथातर या बल दन का यािवशषण) हम परमश वर क सनतान ह और अभी तक यह गट नह आ क हम कया कछ हग इतना जानत ह क जब वह गट होगा तो हम उसक समान हग कयक उसको वसा ही दखग जसा वह ह 3 और जो कोई उस पर यह आशा रखता ह वह अपन आप को वसा ही पिव करता ह जसा वह पिव ह

18

धनयवाद हो िपता हम बत आभारी ह

IX हमार भ यीश मसीह क महान िवजय वह भिवषयवाणी ldquoी का बीज जो सपर क िसर को कचल डालगाrdquo

उसक िवजय का आरमभ तब आ जब उसन अपन को दीन कया और अपना सवगय सहासन अपना मकट अपन अिधकार और सवगर तयागकर सवय को शनय कर दया और मानव प म इस पथवी पर आ गया

फिलिपपय 26-11 िजसन परमश वर क सवप म होकर भी परमश वर क तलय होन को अपन वश म रखन क वसत न समझा 7 वरन अपन आप को ऐसा शनय कर दया और दास का सवप धारण कयाऔर मनषय क समानता म हो गया 8 और मनषय क प म गट होकर अपन आप को दीन कया

और यहा तक आजञाकारी रहा क मतय हा स क मतय भी सह ली 9 इस कारण परमश वर न उसको अित महान भी कया और उसको वह नाम दया जो सब नाम म ष ठ ह 10 क जो सवगर म और

पथवी पर और पथवी क नीच ह व सब यीश क नाम पर घटना टक 11 और परमश वर िपता क मिहमा क िलय हर एक जीभ अगीकर कर ल क यीश मसीह ही भ ह

कलिससय 213-15 उसन तमह भी जो अपन अपराध और अपन शरीर क खतनारिहत दशा म मदार थ उसक साथ िजलाया और हमार सब अपराध को कषमा कया (कस) 14 और िविधय का वह लख जो हमार नाम पर और हमार िवरोध म था िमटा डाला और उस स पर कल स जड़कर सामन स हटा दया ह (इसका परणाम यह आ) और उसन धानता और अिधकार को ऊपर स उतारकर उनका खल लमखल ला तमाशा बनाया और स क ारा उन पर जय-जयकार क धविन सनाई

यीश मसीह क स उसक मतय गाड़ जान और जी उठन न ldquoसपर क िसर को कचल डालाrdquo

1 करिनथय 28-9 इस ससार क हाकम म स कसी न नह जाना कयक यद व जानत तो तजोमय भ को स पर न चढ़ात इािनय 13-4 वह पाप को धोकर ऊच सथान पर महामिहमन क दािहन जा बठा

bull पाप और शतान पर परी िवजय ा क गई और यह समपणर थी

इािनय 1012-14 पाप क बदल एक ही बिलदान सवरदा क िलय चढ़ाकर वह परमश वर क दािहन जा

बठा 13 और उसी समय स इसक बाट जोह रहा ह क उसक बरी उसक पाव क नीच क पीढ़ी

19

बन 14 कयक उसन एक ही चढ़ाव क ारा उनह जो पिव कए जात ह सवरदा क िलय िस कर दया ह

bull उसका काम तो समा ह वह हमारी तीकषा कर रहा ह क हम उस कायर को समा कर जो उसन हम सपा ह

मी 2414 और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा रोमय 1620 शािनत का परमर शतान को तमहार पाव स शी कचलवा दगा उस अिधकार और सामथयर क ारा जो हम दी गई ह अब हम दन ित दन ldquoसपर का िसर कचलनrdquo म भागीदार होत ह

X अत समय म जीना इाएल का पिव और उसका सिकतार यहोवा य कहता हः ldquoमरी सनतान पर घटत होनवाली घटना क िवषय म मझ स पछो और मर हाथ क काय को मझ पर ही छोड़ दो यशायाह 4511

रोिमय 1311- समय को पिहचान कर ऐसा ही करो इसिलय क अब तमहार िलय नद स जाग उठन (वासतिवकता क िलए जाग उठना आितमक वासतिवकता) क घड़ी आ पची ह कयक िजस समय हम न िवश वास कया था उस समय क िवचार स अब हमारा उार (इस वतरमान पापी यग स छटकारा) िनकट ह (12) रात बत बीत गई ह और दन (भ का दन) िनकलन पर ह इसिलय हम अनधकार क काम को तयाग कर जयोित क हिथयार बाध ल (13) जसा दन को शोभा दता ह वसा ही हम सीधी चाल चल न क लीला-ड़ा (रगरली) और िपयक कड़पन म न िभचार और लचपन (कामकता और अनितकता) म और न झगड़ और डाह म (14) वरन भ यीश मसीह को पिहन लो और शरीर क अिभलाषा को परा

करन का उपाय न करो

हम आितमक य क समय म जी रह ह और हम इससाकार क प क तरह बनना चािहए

इितहास 1223 फर लोग लड़न क िलय हिथयार बाध ए होन म दाऊद क पास इसिलय आए क यहोवा क वचन क अनसार शाऊल का राजय उसक हाथ म कर द (32) इससाकारय म स जो समय को पहचानत थ क इाएल को (परमर क लोग को) कया करना उिचत ह

bull िसपाही जो भली कार स िशिकषत अनशािसत और लय किनत होत ह व सवामी क इचछा को

20

जानत ह और साथ ही दशमन क चाल को भी समझत ह पणर समपरत यहा तक क मतय तक भी

2 तीमिथयस 31-5 पर यह समरण रख क अिनतम दन म कठन समय आएग (2) कयक मनषय सवाथ लोभी डगमार अिभमानी िननदक माता-िपता क आजञा टालनवाल कत अपिव (3) दयारिहत कषमारिहत दोष लगानवाल असयमी कठोर भल क बरी (4) िवश वासघाती ढीठ घमणडी और परमश वर क नह वरन सखिवलास ही क चाहनवाल हग (5) व भिक त का भष तो धरग पर उसक शिक त को न मानग ऐस स पर रहना 2 पतरस 33-4 पहल यह जान लो क अिनतम दन म हसी ठा करनवाल आएग जो अपनी ही अिभलाषा क अनसार चलग (4) और कहग ldquoउसक आन क ितजञा कहा गई कयक जब स बापदाद सो गए ह सब कछ वसा ही ह जसा सिष ट क आरमभ स था मी 244-14 सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए (5) कयक बत स ऐस हग जो मर नाम स आकर कहग lsquoम मसीह rsquo और बत को भरमाएग (6) तम लड़ाइय और लड़ाइय क चचार सनोग तो घबरा न जाना कयक इन का होना अवशय ह परनत उस समय अनत न होगा (7) कयक जाित पर जाित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भकमप हग (8) य सब बात पीड़ा का आरमभ हगी (9) तब व कलश दन क िलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाितय क लोग तम स बर रखग (यह बात बत लमब समय स इाएल क िलए सी ठहरी ह और साथ ही िहनद और इसलामी दश म रहनवाल िवािसय क िलए भी) (10) तब बत स ठोकर खाएग और एक दसर को पकड़वाएग और एक दसर स बर रखग (11) बत स झठ भिवषया उठ खड़ हग और बत को भरमाएग (12) अधमर क बढ़न स बत का म ठणडा पड़ जाएगा (13) परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उार होगा (14) और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा मी 2433 इसी रीित स जब तम इन सब बात को दखो तो जान लो क वह िनकट ह वरन ार ही पर ह मी 2434 म तम स सच कहता क जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक इस पीढ़ी का अनत नह होगा

उपरो पद आज क समय क बार म बतात ह िजसम हम रह रह ह हम जानना चािहए और सदा समरण रखना चािहए क

bull जस यीश ससार नह ह वस ही हम भी ससार क नह ह (यहा 1716)

21

bull परनत हमारी नागरकता सवगर क ह जहा स हम उारकतार भ यीश मसीह क आगमन क तीकषा

उतसकता स कर रह ह (फिलिपपय 321)

bull हम पथवी पर परदशी और पराए ह (इािनय 1113)

bull हम मसीह क राजदत ह जो पराए दश म रह रह ह2 कर 520

bull हमारा िमशन उस कायर को समा करना ह िजसक िलए यीश इस जगत म आया खोए को ढढन और बचान मी 2414 2818-20 नमक और जयोित क समान होनndash मी 513

समय क िचहन को दखकर ऐसा लगता ह मानो हम ldquoअितम दनrdquo क ार पर ह यह समय कलश का समय होगा परनत इसस पहल कलश का समय श हो कछ अदभत होगा

XI िवािसय का बड़ा िनगरमन

2 िथससलनीकय 21-2 ह भाइयो अब हम अपन भ यीश मसीह क आन और उसक पास अपन इक होन क िवषय म तम स िवनती करत ह (2) क कसी आतमा या वचन या पी क ारा जो क मानो हमारी ओर स हो यह समझकर क भ का दन आ पचा ह तमहारा मन अचानक अिसथर न हो जाए और न तम घबराओ

bull िथससलनीकय क िवासी ऐस कठन समय म रह रह थ क उनहन सोचा क ldquoभ का दनrdquo आ

चका ह और व ldquoउसक पास अपन इका होनrdquo स चक गए ह

bull य पौलस क उस िशकषा क ओर सकत करता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल िवासी ldquoभ क पास उठा िलए जाएगrdquo और उनह यह समझान क िलए क ldquoभ का दनrdquo अभी नह आया ह पौलस कहता ह

पद 3-4 कसी रीित स कसी क धोख म न आना कयक वह दन (भ का दन) न आएगा जब तक धमर का तयाग (िवास स बहक) न हो ल और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो

bull 1 तीमिथयस 41-2 परनत आतमा सपष टता स कहता ह क आनवाल समय म कतन लोग

भरमानवाली आतमा और दष टातमा क िशकषा पर मन लगाकर िवश वास स बहक जाएग (दख 1 यहा 217-19 2 पतरस 220-22)

22

और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो (4) जो िवरोध करता ह और हर एक स जो ईश वर या पजय कहलाता ह अपन आप को बड़ा ठहराता ह यहा तक क वह परमश वर क मिनदर म बठकर अपन आप को ईश वर ठहराता ह

bull य सब नह आ था और यह सप ह क यह होन स पहल स िवासी ldquoउसक पास इका कए

जाएगrdquo दािनययल 121 hellip तब ऐस सकट का समय होगा जसा कसी जाित क उतप होन क समय स लकर अब तक कभी न आ न होगा परनत उस समय तर लोग म स िजतन क नाम परमश वर क पसतक म िलख ए ह व बच िनकलग

ऐसा तीत होता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल अथारत पथवी पर महकलश क समय स पहल भ यीश मसीह क कलीिसया mdash समसत िवासीmdashइस ससार स िनकाल िलए जाएग

bull भ का दन यशायाह 136+ यहजकल 303 योएल 115 21 11 31 314 आमोस 518-20 सपनयाह 114-18 मलाक 45 रत 220 1 िथससलनीकय 52 2 पतरस 310

मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा (38) कयक जस जल-लय

स पहल क दन म िजस दन तक क नह जहाज पर न चढ़ा (दड स पहल) उस दन तक लोग खात-

पीत थ और उनम िववाह होत थ (39) और जब तक जल-लय आकर उन सब को बहा न ल गया तब

तक उनको कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क प का आना भी होगा (40) उस समय दो जन खत

म हग एक ल िलया जाएगा और दसरा छोड़ दया जाएगा (41) दो िया चक क पीसती रहगी एक

ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी

नह क दन क समान हम भी अपना जहाज़ तयार करत रहना चािहए िवश वास ही स नह न उन बात क िवषय म जो उस समय दखाई न पड़ती थ चतावनी पाकर भिक त क साथ अपन घरान क बचाव क िलय जहाज बनाया इािनय 117 नह और उसक परवार न जहाज़ म वश कया और परमर न जहाज़ का ार बद कर दया कवल वही थ जो परमर ारा बचाए गए या दड अथारत कलश स बचाए गए

उनहन अवशय दड को दखा उसम स गए और उस अनभव कया लकन सरिकषत सथान स जहा

23

स व ldquoअत तक सरिकषत रह और बचाए गएrdquo

लका भी नह क िवषय म िलखता ह और फर िनिलिखत भी जोड़ दता ह लका 1728-31 और जसा लत क दन म आ था क लोग खात-पीत लन-दन करत पड़ लगात और घर बनात थ (29) परनत िजस दन लत सदोम स िनकला उस दन आग और गनधक आकाश स बरसी और सब को नष ट कर दया (30) मनषय क प क गट होन क दन भी ऐसा ही होगा

समरण कर mdash परमर न कहा था क वह सदोम को न नह करगा यद वह धम लोग हग (उतपि 1826-33) तो इस अितम िवनाश म भी धम लोग को पहल ही िनकाल िलया जाएगा

उतपि 1929 और ऐसा आ क जब परमश वर न उस तराई क नगर को िजनम लत रहता था उलट-पलट कर नष ट कया तब उसन अाहम को याद करक लत को उस घटना स (इसस पहल वह घटती) बचा िलया

परमर न अपन चन को िम म दड और िवपिय स बचाया और फर उसन अितम दड स पहल अदभत रीित स लाल सम को दो भाग करक उनह िम स बाहर िनकाला था

अतः हम िनिलिखत वचन स य समझ सकत ह क सभी स िवासी महाकलश क समय स पहल ldquoिनकाल िलए जाएगrdquo कछ लोग इस ldquoरपचरrdquo भी कहत ह (ldquoरपचरrdquo शबद बाइबल का नह ह यह एक लाितनी शबद ह िजसका अथर ह ldquoहवा म उठाया जानाrdquo) कािशतवाकय 310 त न मर धीरज क वचन को थामा ह इसिलय म भी तझ परीकषा क उस समय बचा रखगा जो पथवी पर रहनवाल क परखन क िलय सार ससार पर आनवाला ह

1 िथससलनीकय 413-18 कयक यद हम िवश वास करत ह क यीश मरा और जी भी उठा तो वस ही परमश वर उनह भी जो यीश म सो गए ह (व िवासी जो मर चक ह और तब स व आतमा म भ क साथ ह) उसी क साथ ल आएगा (15) कयक हम भ क वचन क अनसार तम स यह कहत ह क हम जो जीिवत ह और भ क आन तक बच रहग सोए (मर ) स कभी आग न बढ़ग (16) कयक भ आप ही सवगर स उतरगा उस समय ललकार और धान दत का शबद सनाई दगा और परमश वर क तरही फक जाएगी और जो मसीह म मर ह व पहल जी उठग (दह का पनतथान जो अपनी-अपनी उन आतमा स जा िमलगी जो भ क साथ थ) (17) तब हम जो जीिवत और बच रहग उनक साथ बादल पर उठा िलय जाएग क हवा म भ स िमल और इस रीित स हम सदा भ क साथ रहग (18) इस कार इन बात स एक दसर को शािनत दया करो

24

य परचछद आग भी जारी ह अधयाय 51-11

पर ह भाइयो इसका योजन नह क समय और काल क िवषय म तमहार पास कछ िलखा जाए (2) कयक तम आप ठीक जानत हो क जसा रात को चोर आता ह वसा ही भ का दन (महान अितम नयाय) आनवाला ह (3) जब लोग कहत हग ldquoकशल ह और कछ भय नहrdquo तो उन पर एकाएक िवनाश आ

पड़गा िजस कार गभरवती पर पीड़ा और व कसी रीित स न बचग (4) पर ह भाइयो तम तो अनधकार म नह हो क वह दन तम पर चोर क समान आ पड़ (5) कयक तम सब जयोित क सनतान और दन क सनतान हो हम न रात क ह न अनधकार क ह (6) पर जागत और सावधान रह hellip (8) hellip िवश वास और म क िझलम पिहनकर और उार क आशा का टोप पिहनकर सावधान रह (9)

कयक परमश वर न हम ोध क िलय नह (ोध अितम नयाय का ह िवासी वहा नह हग)

परनत इसिलय ठहराया ह क हम अपन भ यीश मसीह क ारा उार ाप त कर (10) वह हमार

िलय इस कारण मरा क हम चाह जागत ह चाह सोत ह सब िमलकर उसी क साथ जीए (11) इस कारण एक दसर को शािनत दो और एक दसर क उित का कारण बनो जसा क तम करत भी हो 1 करिनथय 1550-54 भी अलौकक घटना का वणरन करता ह दखो म तम स भद क बात कहता हम सब नह सोएग (सब नह मरग) परनत सब बदल जाएग (52) और यह कषण भर म पलक मारत ही अिनतम तरही फकत ही होगा कयक तरही फक जाएगी और मद (िवािसय क मत दह उनक आतमा भ क साथ थी 2 कर 58) अिवनाशी दशा म उठाए जाएग और हम (जो पथवी पर जीिवत ह) बदल जाएग (53) कयक अवशय ह क यह नाशवान दह अिवनाश (पनितथत दह) को पिहन ल और यह मरनहार दह अमरता को पिहन ल (54) और जब यह नाशवान अिवनाश को पिहन लगा और यह मरनहार अमरता को पिहन लगा तब वह वचन जो िलखा ह परा हो जाएगा ldquoजय न मतय को िनगल िलया य िनिलिखत पद दह क पनतथान को समझन म सहायक ह 1 करिनथय 1542-45 मद का जी उठना भी ऐसा ही ह शरीर नाशवान दशा म बोया जाता ह और अिवनाशी प म जी उठता ह (43) वह अनादर क साथ बोया जाता ह और तज क साथ जी उठता ह िनबरलता क साथ बोया जाता ह और सामथयर क साथ जी उठता ह (44) सवाभािवक दह बोई जाती ह और आितमक दह जी उठती ह जबक सवाभािवक दह ह तो आितमक दह भी ह

तरही क फकन पर mdash हम पलक झपकत ही कषण भर म भ क साथ हवा म जा िमलग और इस कार हम सदा भ क साथ हगrdquo

25

XII कलश मी 2415-28 ldquoइसिलय जब तम उस उजाड़नवाली घिणत वसत को िजसक चचार दािनययल भिवषयक ता क ारा ई थी पिवसथान म खड़ी ई दखो (जो पढ़ वह समझ) (16) तब जो यदया म ह व पहाड़ पर भाग जाए (17) जो छत पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर (18) और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट (19) ldquoउन दन म जो गभरवती और दध िपलाती हगी उन क िलय हाय हाय (20) ाथरना कया करो क तमह जाड़ म या सबत क दन भागना न पड़

(21) कयक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक आ और न कभी होगा (22) यद व दन घटाए न जात तो कोई ाणी न बचता परनत चन (जो कलश क समय िवास म आए ह) क कारण व दन घटाए जाएग (23) उस समय यद कोई तम स कह lsquoदखो मसीह यहा हrsquo या lsquoवहा हrsquo तो िवश वास न करना (24) ldquoकयक झठ मसीह और झठ भिवषयक ता उठ खड़ हग और बड़ िचहन और अदभत काम दखाएग क यद हो सक तो चन को भी भरमा द (25) दखो म न पहल स तम स यह सब कछ कह दया ह (26) इसिलय यद व तम स कह lsquoदखो वह जगल म हrsquo तो बाहर न िनकल जाना या lsquoदखो वह कोठरय म हrsquo तो िवश वास न करना (27) ldquoकयक जस िबजली पवर स िनकलकर पिश चम तक चमकती ह वस ही मनषय क प का भी आना होगा

bull दसर शबद म mdash कोई भी उसक आगमन स चक नह सकता

कािशतवाकय 132 जो पश म न दखा वह चीत क समान था hellip (6) उसन परमश वर क िननदा करन क िलय मह खोला क उसक नाम और उसक तमब अथारत सवगर क रहनवाल क िननदा कर (7) उस यह भी अिधकार दया गया क पिव लोग स लड़ और उन पर जय पाए और उस हर एक कल और लोग और भाषा और जाित पर अिधकार दया गया (8) पथवी क व सब रहनवाल िजनक नाम उस म क जीवन क पसतक म िलख नह गए जो जगत क उतपि क समय स घात आ ह उस पश क पजा करग 9िजसक कान ह वह सन (11) फर म न एक और पश को पथवी म स िनकलत ए दखा hellip (12) वह उस पहल पश का सारा अिधकार उसक सामन काम म लाता था और पथवी और उसक रहनवाल स उस पहल पश क िजसका ाण-घातक घाव अचछा हो गया था पजा कराता था (13) वह बड़-बड़ िचहन दखाता था यहा तक क मनषय क सामन सवगर स पथवी पर आग बरसा दता था (14) उन िचहन क कारण िजनह उस पश क सामन दखान का अिधकार उस दया गया था वह पथवी क रहनवाल को भरमाता था और पथवी क रहनवाल स कहता था क िजस पश क तलवार लगी थी वह जी गया ह उसक मतर बनाओ (15) उस उस पश क मतर म ाण डालन का अिधकार दया गया क पश क मतर बोलन लग और िजतन लोग उस पश क मतर क पजा न कर उनह मरवा डाल (16) उसन छोट-बड़ धनी-कगाल सवत-दास सब क दािहन हाथ या उनक माथ पर एक एक छाप करा दी (17) क उसको छोड़

26

िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 2: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

2

I पहला िवोह सवगरदत का यशायाह 1412-15 ldquoह भोर क चमकनवाल तार (ldquoचमकनवालrdquo यह स लिसफ़र का नाम आता ह) त कस आकाश स िगर पड़ा ह त जो जाित जाित को हरा दता था त अब कस काटकर भिम पर िगराया गया ह 13 त मन म कहता तो था lsquoम सवगर पर चढ़गा म अपन सहासन को ईश वर क तारागण स अिधक ऊचा कगा और उर दशा क छोर पर सभा क पवरत पर िवराजगा 14 म मघ स भी ऊच ऊच सथान क ऊपर चढ़गा म परमधान क तलय हो जाऊगाrsquo 15 परनत त अधोलोक म उस गड़ह क तह तक उतारा जाएगा bull अययब 38 बताता ह क भोर क तार और परमर क प mdash सवगरदत क दो िभ कार ह mdash जो परमर

क साथ उस समय थ जब उसन पथवी क रचना क

अययब 384-7 ldquoजब म न पथवी क नव डाली तब त कहा था hellip जब क भोर क तार एक सग आननद स गात थ और परमश वर क सब प जयजयकार करत थ यह इस बात को दशारता ह क सवगरदत क सि पथवी क सि स पहल ई थी

फर बाद म पथवी क सि क बाद भोर क इस तार या लिसफ़र न िवोह कया और उस काटकर भिम पर िगराया गया तथा उसस उन सब िवशषािधकार को छीन िलया जो उसक पास सवगर म थ म न तझ अपिव जानकर परमश वर क पवरत पर स उतारा

य ldquoपरमर क पrdquo उतपि छह म दबारा कट हग

यहजकल 2811-20 लिसफर का िवोह हम यह कट करता ह क वह अपन िगराए जान स पहल वह परमश वर क अदन नामक बारी म था और वहा एक याजक था कयक उसन वह सब बमलय पतथर पहन थ जो बाद म महायाजक हान न अपन सीनाबद पर पहन थ यद ldquoवाटकाrdquo पथवी पर थी या कह और या परमर क अदन नामक कई वाटकाए थ य सप नह ह परमश वर यहोवा य कहता ह त तो उम स भी उम ह त पणरता पर छाप दता ह त बि स भरपर और सवाग सनदर ह 13 त परमश वर क अदन नामक बारी म था तर पास आभषण मािणक पराग हीरा फरोज़ा सलमानी मिण यशब नीलमिण मरकद और लाल सब भाित क मिण और सोन क पिहराव थ तर डफ और बासिलया तझी म बनाई गई थ िजस दन त िसरजा गया था उस दन व भी तयार क गई थ 14 त छानवाला अिभिषक त कब था म न तझ ऐसा ठहराया क त परमश वर क पिव पवरत पर रहता था त आग सरीख चमकनवाल मिणय क बीच चलता फरता था 15 िजस दन स त िसरजा गया और िजस दन तक तझ म कटलता न पाई गई उस समय तक त अपनी सारी चालचलन म िनदष रहा 16 परनत लन-दन क बतायत क कारण त उपव स भरकर पापी हो गया इसी स म न तझ

3

अपिव जानकर परमश वर क पवरत पर स उतारा और ह छानवाल कब म न तझ आग सरीख चमकनवाल मिणय क बीच स नष ट कया ह 17 सनदरता क कारण तरा मन फल उठा था और वभव क कारण तरी बि िबगड़ गई थी म न तझ भिम पर पटक दया और राजा क सामन तझ रखा क व तझ को दख 18 तर अधमर क काम क बतायत स और तर लन-दन क कटलता स तर पिवसथान अपिव हो गए इसिलय म न तझ म स ऐसी आग उतप क िजस स त भसम आ और म न तझ सब दखनवाल क सामन भिम पर भसम कर डाला ह 19 दश दश क लोग म स िजतन तझ जानत ह सब तर कारण िविसमत ए त भय का कारण आ ह और फर कभी पाया न जाएगाrdquo bull इस पढ़कर ऐसा लगता ह मानो उनक िवोह क समय परमश वर क अदन नामक बारी पथवी पर नह बिलक

कह और थी और फर बाद म उस आदम और हववा क रहन और उस पर राज करन क िलए उस लाया गया या सजा गया था उतपि 28 यहोवा परमश वर न पवर क ओर अदन म एक वाटका लगाई और वहा आदम को िजस उसन रचा था रख दया यह आज पथवी पर पाई नह जाती उतपि 324

bull म न तझ भिम पर पटक दया और शतान न सोचा क वह पथवी का शासक ह लकन फर मनषय का वश होता ह और उस राज करन का अिधकार दया जाता ह अब शतान का नया श ह

II मनषय का वश उतपि 126-28 फर परमश वर न कहा ldquoहम मनषय को अपन सवप क अनसार अपनी समानता म बनाए और व सम क मछिलय और आकाश क पिकषय और घरल पश और सारी पथवी पर और सब रगनवाल जनत पर जो पथवी पर रगत ह अिधकार रखrdquo 27 तब परमश वर न मनषय को अपन सवप क अनसार उतप कया अपन ही सवप क अनसार परमश वर न उसको उतप कया नर और नारी करक उसन मनषय क सिष ट क और परमश वर न उनको आशीष दी और उनस कहा ldquoफलो-फलो और पथवी म भर जाओ और उसको अपन वश म कर लो और सम क मछिलय तथा आकाश क पिकषय और पथवी पर रगनवाल सब जनत पर अिधकार रखोrdquo bull कछ ऐसा जो िबलकल नया था और िजस पहल कभी नह दखा था वह नर और नारी करक उसन मनषय

क सिष ट क और परमश वर न उनको आशीष दी और उनस कहा ldquoफलो-फलोrdquo

bull इफसय 311 उस सनातन मनसा क अनसार जो उसन हमार भ मसीह यीश म क थी

bull मानवजाित क िलए यह परमर क योजना थी mdash एक पष एक ी mdash दो का एक हो जाना mdash ससार

पर सतान उतप करना और धामरकता क साथ राज करना

4

bull अब शतान न परमर क साथ अपन य को िवसतत कया और उसम समसत मानवजाित को शािमल कया उसन हर सभव यास कया क पष और ी को ब उतप करन स रोक ताक व पथवी पर फल-फल नह और न उस पर राज कर हम आज जब पष को पष स और ी को ी स िववाह करत दखत ह तो इसका सप परणाम दखत ह कोई ब नह

III दसरा िवोह मनषय का

उतपि 31-7 अब सपर न ी स कहा ldquoकया सच ह क परमश वर न कहा तम िनश चय न मरोग hellip उस ी न खाया hellip उसक पित न भी खाया 14 तब यहोवा परमश वर न सपर स कहा hellip 15 म तर और इस ी क बीच म और तर वश (सतान) और इसक वश (सतान) क बीच म बर (घणा) उतप कगा वह तर िसर को कचल डालगा और त उसक एड़ी को डसगा bull बाइबल क अनय कई भिवषयवािणय क समान इस भिवषयवाणी म भी वतरमान और भिवषय क पतर ह

वतरमान म शतान और ी क सतान क बीच घणा भिवषय भ यीश मसीह और मसीह-िवरोधी

bull तर िसर को कचल डालगा तोड़ना कचलना या तीकातमक प स िवजय पाना एड़ी को डसगा एक हलका घाव जो चलन क गित को धीम कर सकता ह

bull ldquoवशrdquo का तातपयर सतान या वश स ह उतप 2217 वयवसथाववरण 1015 यशायाह 5310

रोमय 413 और 16 गलातय 329 और बर क िलए दख परकाशतवाकय 1217

bull आदम न परमर पर और इस भिवषयवाणी पर िवास कया क उसक पी क सतान हगी और उसन अपनी पी का नाम हववा रखा िजसका अथर ह ldquoिजतन मनषय जीिवत ह उन सब क आदमाताrdquo और उसन यह भी िवास कया क उसक एक सतान सपर को परािजत कर दगा

bull हववा िजतन मनषय जीिवत ह उन सब क आदमाता ह इसिलए ldquoशतान का वशrdquo कवल हववा या उसक

पिय क ारा ही अिसततव म आ सकता था

bull य तज़ी पकड़ता ह शतान अब जान जाता ह क उस ldquoी काrdquo एक वशज एक बालक उस परािजत करगा इसिलए उसका यह मख उशय बन जाता ह क वह इस बालक को न कर द या अपन वश अपनी सतान को उतप करन क ारा उस बालक क जनम को रोक परमर क लोग को और शायद उस ी क वश को भी और न कर द जो एक दन उसक िसर को कचल डालगा

bull पर परान िनयम और नए िनयम क कई सवाल िजनह हम बाद म दखग उनक उर क सप समझ क

िलए इस साई को जानना बत महतवपणर ह

bull शतान क वश या सतान ह िजनक पि हम भ क उस कथन स हो जाती ह जो उसन जगली बीज क

5

दानत म और अनय सथान पर दया था

मी 1337-43 अचछ बीज का बोनवाला मनषय का प ह hellip अचछा बीज राजय क सनतान ह और

जगली बीज दष ट क सनतान ह िजस श न उनको बोया वह शतान ह कटनी जगत का अनत ह और काटनवाल सवगरदत ह 40 अत जस जगली दान बटोर जात और जलाए जात ह वसा ही जगत क अनत म होगा 41 मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा और व उसक राजय म स सब ठोकर क कारण को और ककमर करनवाल को इका करग 42 और उनह आग क कणड म डालग जहा रोना और दात पीसना होगा 43 उस समय धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग िजसक कान ह वह सन ल

bull और यहा 844 तम अपन िपता शतान स हो और अपन िपता क लालसा को परा करना चाहत

हो स -gt यनानी ldquoἐκ (ऐक)rdquo म स उतप मल

bull रत क काम 137-10 म पौलस इनम स एक को ldquoशतान क सनतानrdquo कहकर पकारता ह ह सार कपट और सब चतराई स भर ए शतान क सनतान

bull इस साई क िवषय म और भी कई पद ह

IV ी का पहला बीज

उतपि 41-2 जब आदम अपनी पी हववा क पास गया तब उस न गभरवती होकर कन को जनम दया और कहा ldquoम न यहोवा क सहायता स एक पष पाया हrdquo 2 फर उसन उसक भाई हािबल को भी जनम दया हािबल भड़-बकरय का चरवाहा बन गया परनत कन भिम पर खती करन वाला कसान बना bull मानव इितहास म कन पहला प था और उसक बाद हािबल आ उतपि 315 क भिवषयवाणी क कारण

व शतान क उन यास का क बन गए क वह उनह कर द या मार डाल

bull इन बालक न िनय ही अपन िपता आदम स जो परमर क साथ-साथ वाटका म चलता था सही और गलत क बार म बत कछ सना होगा 43 कन यहोवा क पास भिम क उपज म स कछ भट ल आया उस भिम स जो शािपत थी और यह हमार अपन कायर और य को अथारत ldquoधमरrdquo को दशारता था उसन परमर का या अपन िपता क िशकषा का आदर नह कया यह एक कार का िवोह था जो कवल सवय पर अपन माग और इचछा पर किनत था 44 और हािबल भी अपनी भड़-बकरय क कई एक पहलौठ बच च भट चढ़ान ल आया और उनक चब भट चढ़ाई तब यहोवा न हािबल और उसक भट को तो हण कया

46-7 तब यहोवा न कन स कहा ldquoत कय ोिधत आ hellip और यद त भला न कर तो पाप ार पर

6

िछपा रहता ह और उसक लालसा तरी ओर होगी और तझ उस पर भता करनी हrdquo

bull पहली हतया कन पर दया क गई लकन उसन परमर क वचन को तचछ जाना और िवोह कया तथा अपन भाई हािबल को मार डाला यह उस कार क वचन थ जस यीश न अाहम क कछ सतान (बीज) क िलए कह थ

यहा 837 मरा वचन तमहार दय म जगह नह पाता

bull शतान न एक और य जीता जब उसन एक प को मार दया और दसर को अपन वश म कर िलया

उतपि 49 तब यहोवा न कन स पछा ldquoतरा भाई हािबल कहा हrdquo उसन कहा ldquoमालम नह कया म अपन भाई का रखवाला rdquo पहला झठा मनषय जो अपन आितमक िपता शतान क तरह था ldquoतम िनश चय न मरोगrdquo यह मझ वह समरण कराता ह जो यीश न अिवािसय क समह स कहा था यहा 844-45 तम अपन िपता शतान स हो और अपन िपता क लालसा को परा करना चाहत हो वह तो आरमभ स हतयारा ह और सतय पर िसथर न रहा कयक सतय उसम ह ही नह जब वह झठ बोलता तो अपन सवभाव ही स बोलता ह कयक वह झठा ह वरन झठ का िपता ह

bull झठ बोलना शतान स ह जब कोई सा िवासी झठ बोलता ह तो वह शतान क ार खोल दता ह क वह

आकर उसक जीवन को और अिधक भािवत कर इफिसय 425 और 27

1 यहा 311-12 hellip हम एक दसर स म रख और कन क समान न बन जो उस दष ट स (ek))) था और िजसन अपन भाई को घात कया और उस कस कारण घात कया इस कारण क उसक काम बर थ और उसक भाई क काम धमर क थ उनक फल स तम उनह पहचान लोग मी 716

स -gt यनानी ldquoekrdquo उम क सथान क ओर सकत करता ह जहा स या का आरमभ आ -gt वह दषट कन शतान का ldquoबीजrdquo उसक सनतान था

नीकदमस स बात करत ए यीश न उतपि 315 और ldquoदो बीजrdquo क तथय क पि क

यहा 33-8 यीश न उसको उर दया ldquoम तझ स सच सच कहता यद कोई नय िसर स न जनम

(anwqen)) ndash अरशः ऊपर स या आरमभ स) तो परमश वर का राजय दख (idein ndash दखना या समझना) नह

सकताrdquo (वश नह लकन दखना)

7

(4) नीकदमस न उस स कहा ldquoमनषय जब बढ़ा हो गया तो कस जनम ल सकता ह कया वह अपनी माता क गभर म

दसरी बार वश करक जनम ल सकता हrdquo

bull नीकदमस इस बात म सही था क यीश ldquoसवाभािवक जनमrdquo क बात कर रहा था लकन उसन यह गलत समझा क यीश मनषय क सवाभािवक जनम क उम क बार कह रहा ह नीकदमस का कथन यीश क शबद का सही अथर नह बताता बिलक यही दशारता ह क वह उसक बात को समझन म असफल रहा

bull बाइबल म अकसर लोग यीश को गलत समझ नीकदमस ारा गलत अथर लगान को हम पद 10 म सप प स दख सकत ह यीश न उसस कहा ldquoत इाएिलय का ग होकर भी कया इन बात को नह समझता

ldquoफर सrdquo क िलए शबद ह (palin - पािलन) और इसका इसतमाल नए िनयम म 171 बार आ ह

इस पद म शबद (palin) का योग नह आ बिलक शबद (a v vnwqen) का आ ह

यद (a v vnwqen) का अनवाद इस परचछद म अपन िनयिमत अथर क साथ होता तो नए िनयम म कसी भी सथान पर उसका अनवाद ldquoफर सrdquo क प म होता

bull शबद (a v vnwqen) को ldquoफर सrdquo क प म अनवाद करना शबदाथर स भटकना और अटकलबाजी करना ह

बाइबल हम बताती ह क इस ससार म लोग क कई उम होत ह अथारत सब परमर ldquoसrdquo उतप नह होत

यहनना 112-13 परनत िजतन न उस हण कया उसन उनह परमश वर क सनतान होन का अिधकार

दया अथारत उनह जो उसक नाम पर िवश वास रखत ह 13 व (1) न तो ल स (2) न शरीर क इचछा स (3) न मनषय क इचछा स परनत (4) परमश वर स उतप ए ह

bull 1 2 और 3 सवाभािवक जनम क बात करत ह अतः अनवाद क िनयम क अनसार नमबर 4 भी सवाभािवक जनम क बात करता ह आितमक जनम क नह

होना एओरसट या म ह ऐसी या जो हो चक ह और बोलन क समय स पवर वह समा हो गई थी

इस या का मखय अथर होना आरमभ करना ह अथारत अिसततव म आना या कवल होना (from The Complete Word Study Dictionary New Testament copy 1992 by AMG International Inc Revised Edition 1993) दी अपोलोजटकस सटडी बाइबल इस म सहमत ह क होना सही अनवाद ह न क ldquoबननाrdquo जो उस समय या होन को लाता ह जब ि िवास करता ह यह एक धमर-वजञािनक मानयता ह और सटीक अनवाद नह

8

bull सवरशिमान भ परमर िपता ह और उसन अपनी सतान को उनक परवार को जगत क उतपि स पहल चन िलया ह इफसय 14

bull उसक सतान न िवास कया कयक व परमर स उतप ए ह उसक बीज स

उतप 416 तब कन यहोवा क सममख स िनकल गया और नोद नामक दश म जो अदन क पवर क ओर

ह रहन लगा bull कन न अपनी पीठ फर ली और परमर स दर चला गया

bull पद 17ndash24 कन क वशावली स बताता ह क लमक न दो िया बयाह ल जो परमर ारा ठहराए गए िनयम ldquoएक पष और एक ीrdquo (उतपि 224) का थम उललघन ह लमक ब-िववाह था का जनमदाता ह और उसन अपन पवरज कन क तरह एक ि का घात कया और इस कार उसन इस वश क दता को कट कया

उतप 425-26 आदम अपनी पी क पास फर गया और उसन एक प को जनम दया और उसका नाम

यह कह क शत रखा ldquoपरमश वर न मर िलय हािबल क बदल िजसको कन न घात कया एक और वश (अकषरशः बीज) ठहरा दया हrdquo 26 शत क भी एक प उतप आ और उसन उसका नाम एनोश रखा

उसी समय स लोग यहोवा स ाथरना करन लग

bull आदम शत और उसका प एनोश यह वशावली यहोवा स ाथरना करन लगी

यह चनी ई वशावली या बीज ह िजसस वह िवजयी उारकतार आएगा जो सपर का िसर कचल दगा

bull अब हमार पास दो वशावली ह पथवी पर दो पष क वशावली एक जो परमर स फरकर दर चला गया और दसरा जो परमर क ओर आया

bull उतपि 425 स लकर अधयाय 532 तक हम आदम स शत और उसस नह तक क वशावली िमलती ह और हर

वशज क नाम क साथ यह वाकयाश जड़ा ह उसक और भी बट बटया उतप तो पथवी पर आबादी बढ़ गई

bull आदम स नह तक 1556 वष क अविध थी और नह पाच सौ वषर का आ और नह स शम और हाम और यपत का जनम आ

V ldquoी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परणाम जललय था उतप 61-14 फर जब मनषय भिम क ऊपर बत बढ़न लग (आदम स नह तक 1556 वषर) और उनक

9

बटया उतप 2तब परमश वर क प न (परान िनयम म यह शबद सदव सवदरत क िलए इसतमाल होत ह अययब 16 21 387) मनषय क पिय को दखा क व सनदर ह (उनक ित वासना स भर गए) और उनहन िजस िजसको चाहा उनस िववाह कर िलया (लमक क पदिचहन पर जो पहला ब-िववाही था िजसन दो पिया बयाही थ उतपि 419) 4उन दन म पथवी पर दानव (अथारत नपीली लोग) रहत थ और इसक पश चात जब परमश वर क प मनषय क पिय क पास गए तब उनक ारा जो प उतप ए व (नपीली प) शरवीर (योा िनरकश या दानव) होत थ िजनक कतर ाचीनकाल स चिलत ह bull य ldquoपरमर क पrdquo परमर ारा सज गए सवगरदत थ िजनह नीच िगराया गया था कयक उनहन ldquoलिसफरrdquo

क साथ िमलकर परमर क िव िवोह कया था (यहजकल 2812-19) उनका एक ही उशय था क उन सब का नाश करना िजनह परमर न सजा ह और िजनस वह म रखता ह िवशषकर लोग जो उसक सवप म रच गए थ

bull यदा 6-7 फर िजन सवगरदत न अपन पद (या अिधकार कष) को िसथर न रखा वरन अपन िनज िनवास (या िनवासस थान) (मनषय क पिय क लालसा स रत होकर) को छोड़ दया उसन उनको भी उस भीषण दन क नयाय क िलय अनधकार म जो सदा काल क िलय ह बनधन म रखा ह िजस रीित स सदोम और अमोरा और उनक आसपास क नगर जो इन क समान िभचारी हो गए थ और पराय शरीर क पीछ लग गए थ आग क अननत दणड म पड़कर दष टानत (परमर इस िवकित स कतना घणा करता ह) ठहर ह

शतान जो इन िगराए ए दत का नता था उसन उनस कहा क व िजस िजसको चाह उनस िववाह कर ल िजसस मनषय का ल उसका वश डीएनए या आनवािशक म दिषत हो जाए और ी का वश तथा उसक िसर कचल जान क भिवषयवाणी को रोका जा सक

bull इन िगराए ए दत क पास िय को गभरवती करन और ब उतप करन क शि थी जसा उतपि छह

कहती ह तो इसका अथर यह ह क मनषय क वशाण हो गए यह ी क बीज को दिषत करन का एक और हमला था o वह सपर शतान पथवी पर ldquoअपन बीजrdquo अपनी सतान को बढ़ान म लगा ह ताक परमर क लोग को ी

क बीज को और न कर द मनषय को अपन जाल म फसान क िलए उसका हिथयार लिगक आनद था यह य समसत िव म सप प स दखा जा सकता ह हर मसीही को यह जानन क ज़रत ह और अवशय ह क वह जवानी क अिभलाषा स भाग और जो श मन स भ का नाम लत ह उनक साथ धमर और

िवश वास और म और मलिमलाप का पीछा कर 2 तीमिथयस 222-23 bull य सतान व हो सकती ह िजनक िवषय म भ न कहा क व उस द क सतान ह या व जगली बीज ह िजनह

शतान न बोया मी 1337-39 अचछ बीज का बोनवाला मनषय का प ह hellip अचछा बीज राजय क सनतान और जगली बीज दष ट क सनतान ह िजस श न उनको बोया वह शतान ह और यहा 844 तम अपन िपता शतान स हो और अपन िपता क लालसा को परा करना चाहत हो

bull रत क काम 137-10 म पौलस इनम स एक को ldquoशतान क सतानrdquo कहकर पकारता ह ह सार कपट और सब चतराई स भर ए शतान क सनतान

10

उतपि 6 पर वापस आत ह 5 यहोवा न दखा क मनषय क बराई पथवी पर बढ़ गई ह और उनक मन क िवचार म जो कछ उतप होता ह वह िनरनतर बरा ही होता ह 6 और यहोवा पथवी पर मनषय को बनान स पछताया और वह मन म अित खदत आ 7 तब यहोवा न कहा ldquoम मनषय को िजसक म न सिष ट क ह पथवी क ऊपर स िमटा दगा कया मनषय कया पश कया रगनवाल जनत कया आकाश क पकषी सब को िमटा दगा कयक म उनक बनान स पछताता rdquo 8 परनत यहोवा क अनह क दिष ट नह पर बनी रही 9 नह क वशावली यह ह नह धम पष और अपन समय क लोग म खरा था और नह परमश वर ही क साथ साथ चलता रहा और नह स शम और हाम और यपत नामक तीन प उतप ए 11 उस समय पथवी परमश वर क दिष ट म िबगड़ गई थी और उपव स भर गई थी 12 और परमश वर न पथवी पर जो दिष ट क तो कया दखा क वह िबगड़ी ई ह कयक सब ािणय न पथवी पर अपना अपना चाल-चलन िबगाड़ िलया था 13 तब परमश वर न नह स कहा ldquoसब ािणय क अनत करन का मर सामन आ गया ह कयक उनक कारण पथवी उपव स भर गई ह इसिलय म उनको पथवी समत नष ट कर डालगा

bull नपीली लोग स इतनी तज़ी स नितक िगरावट आई क उनक (मनषय क) मन क िवचार म जो कछ उतप होता ह वह िनरनतर बरा ही होता ह

bull सब ािणय न पथवी पर अपना अपना चाल-चलन िबगाड़ िलया था यह बची ई मानवजाित क अिसततव पर और ी क बीज क भिवषयवाणी पर गभीर हमला था

bull नपीली लोग का डीएनए आधा मनषय और आधा पितत सवगरदत का था इसका परणाम दता और बर

सवभाव क ती वि म आ इसिलए जललय न शतान क इस ष को नाकाम कर दया

bull परनत एक मनषय बचा था 9 नह धम पष और अपन समय क लोग म खरा था और नह परमश वर ही

क साथ साथ चलता रहा 13 तब परमश वर न नह स कहा ldquoसब ािणय क अनत करन का मर सामन आ गया ह कयक उनक कारण पथवी उपव स भर गई ह इसिलय म उनको पथवी समत नष ट कर डालगा

bull नह उसी शत क वशावली स था आदम का प था hellip और आदम क ारा उसक समानता म उस ही क सवप क अनसार एक प उतप आ उसन उसका नाम शत रखा उतपि 53

bull जल लय क तीन उशय थ (1) नपीली जाित को न करना (2) उन लोग को न करना िजनका डीएनए हो चका था और (3) उन सब को िजनहन अपन माग को कर दया था

bull जब य नपीली दानव जललय म मर फर या बाद म उनक आतमाए अपनी दह स अलग होकर पथवी

11

पर दसरी दह क तलाश म भटकन लगी ताक व उनम वास कर और समसत मानवजाित म उसी अनितक िवकत लिगक आचरण को बढ़ावा द यीश न मी 1243-45 म इसक पि क ldquoजब अश आतमा मनषय म स िनकल जाती ह (यनानी एकसखमाईएकसािससम) तो सखी जगह म िवाम ढढ़ती फरती ह और पाती नह तब कहती ह lsquoम अपन उसी घर म जहा स िनकली थी लौट जाऊगीrsquo और लौटकर उस सना झाड़ा-बहारा और सजा-सजाया पाती ह तब वह जाकर अपन स और बरी सात आतमा को अपन साथ ल आती ह और व उसम पठकर वहा वास करती ह और उस मनषय क िपछली दशा पहल स भी बरी हो जाती ह इस यग क बर लोग क दशा भी ऐसी ही होगीrdquo

bull व सवगरदत िजनहन िय क लालसा क और उनस सतान उतप क उनह आनद दड

भगतना पड़ा o सवगरदत को बयाह करन क अनमित नह ह मी 2230

यदा 5-6 भ न एक कल को िम दश स छड़ान क बाद िवश वास न लानवाल को नष ट कर दया फर िजन सवगरदत न अपन पद को िसथर न रखा वरन अपन िनज िनवास को छोड़ दया उसन उनको भी उस भीषण दन क नयाय क िलय अनधकार म जो सदा काल क िलय ह बनधन म रखा ह

1 पतरस 319 यीश न जाकर कदी आतमा (सवगरदत या परमर क प) को भी चार कया 20

िजनहन उस बीत समय म आजञा न मानी जब परमश वर नह क दन म धीरज धरकर ठहरा रहा और वह जहाज बन रहा था

समरण रख यीश न हम चतावनी दी ह मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा

य द अश आतमाए अब भी इस पथवी पर ह व जललय म मारी नह ग व कवल उन शरीर म स िनकल गई थ िजनम उनका वास था सब आतमाए अनत होती ह अनतकाल क आग या अनतकाल का जीवन य द अश आतमाए कसी भी ि म समान का अवसर ढढ़ती ह क िवकत लिगक आचरण और अनितकता को बढ़ावा द

VI उारकतार क वशावली को दिषत करन का यास एा 91-4 जब य काम हो चक तब हाकम मर पास आकर कहन लग ldquoन तो इाएली लोग न याजक न लवीय इस ओर क दश क लोग स अलग ए वरन उनक स अथारत कनािनय िहिय परिय

12

यबिसय अममोिनय मोआिबय िमिय और एमोरय क स िघनौन काम करत ह (कय) 2 कयक

उनहन उनक बटय म स अपन और अपन बट क िलय िया कर ली ह और पिव वश (अकषरशः

बीज) इस ओर क दश क लोग म िमल गया ह वरन हाकम और सरदार इस िवश वासघात म मखय ए हrdquo 3 यह बात सनकर म न अपन व और बाग को फाड़ा और अपन िसर और दाढ़ी क बाल नोच और िविसमत होकर बठा रहा 4 तब िजतन लोग इाएल क परमश वर क वचन सनकर बधआई स आए ए लोग क िवश वासघात क कारण थरथरात थ सब मर पास इक ए और म साझ क भट क समय तक िविसमत होकर बठा रहा

bull कनानी और अनय सब जाितया नह क प हाम क वश स थ िजसन अपन िपता क नगपन को दखा था हाम

लिगक अनितकता क नपीली आतमा स रत था या वह उसम समाई थी याद कर जललय स पहल हाम नपीली और पितत सवगरदत क साथ था

bull उसक भाई शम और यपत न उस नगपन को नह दखा व नपीली अनितक आतमा स म थ

bull नह न हाम क प कनान को ाप दया और उसस यबसी एमोरी िगगारशी िहबबी और अनय जाितया िनकल (उतपि 922-25 1015-20)

bull कनान क वश क सब लोग ldquoशतान क बीजrdquo और लिगक अनितकता को िलए ए थ इसी कारण परमर न

कहा िनगरमन 2320-33 22 hellip म तर श का श और तर ोिहय का ोही बनगा 23 इस रीित मरा दत तर आग आग चलकर तझ एमोरी िही परी कनानी िहबबी और यबसी लोग क यहा पचाएगा और म उनका सतयानाश कर डालगा 24 उनक दवता को दणडवत न करना और न उनक उपासना करना और न उनक स काम करना वरन उन मरत का परी रीित स सतयानाश कर डालना और उन लोग क लाट को टकड़ टकड़ कर दना

bull हम अब समझ लना चािहए क परमर न कय कहा म उनका सतयानाश कर डालगा

bull यशायाह 345 कयक मरी तलवार आकाश म पीकर तप त ई ह दखो वह नयाय करन को एदोम पर

और िजन पर मरा शाप ह उन पर पड़गी इस समझन का एकमा उपाय यह ह

bull परमर ldquoी क बीजrdquo को बनाए रखन और उसक वश को दिषत होन स बचान क िलए जो कछ आवशयक ह वह करगा यहा तक क वह ldquoसपर क बीजrdquo जस शिशाली श का भी सतयानाश कर दगाrdquo

इसका सप उदाहरण ह 1 शमएल 151-3 तब शमएल न शाऊल स कहा ldquoयहोवा न मझ भजा था क उसक जा इाएल पर राजा होन क िलए म तरा अिभषक क इसिलए अब यहोवा क वचन को सन सना का यहोवा यह कहता ह lsquoइाएल क साथ अमालक न जो कछ कया था उसक िलए म उसको दणड

13

दगा कयक जब इाएल िम स िनकल कर आ रहा था तब अमालक न उसक मागर म उसका कस कार िवरोध कया था अब जा और अमालक पर चढ़ाई करक उसका जो कछ ह वह सब पणरतया नाश कर द और उसको भी मत छोड़ना परनत पष ी बालक िशश गाय-बल भड़-बकरी ऊट-गदहा सबको सतयानाश कर दनाrsquordquo कय

bull अमालक ldquoशतान क बीजrdquo का वशज था एसाव क प एलीपज क िता नामक एक रखल थी िजसन

एलीपज क ारा अमालक को जनम दया उतपि 3612

और जसा मलाक 13 म और रोिमय 913 म बताया ह म न याक़ब स म कया परनत एसाव को अिय जाना कय परमर जानता था क वह उस द ldquoसrdquo ह

यह यहा 112 का उदाहरण ह परनत िजतन न उस हण कया उसन उनह परमश वर क सनतान होन का अिधकार दया (उस कौन हण करत ह) अथारत उनह जो उसक नाम पर िवश वास रखत ह (कौन उस पर

िवास करत ह व) 13 व (1) न तो ल स (2) न शरीर क इचछा स (3) न मनषय क इचछा स परनत (4) परमश वर स उतप ए ह (wwwtreasurehiswordcom प 3 पर दख ldquoऊपर स जनमrdquo क नोटस) o यद 1 2 और 3 सवाभािवक जनम क बात करत ह तो अनवाद क िनयम क अनसार नमबर 4 भी

सवाभािवक जनम क बात करता ह

bull एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह जो एक बार फर सप प स आज ससार पर दो वश क ोत को दशारता ह

bull याकब और एसाव इसहाक और रबका क जड़वा थ उतपि 2523-24 तब यहोवा न उसस कहाldquoतर गभर म दो

जाितया ह (दो अलग-अलग जाितया) और तरी कोख स िनकलत ही दो राजय क लोग अलग अलग हग (दो अलग-

अलग वश) और एक राजय क लोग दसर स अिधक सामथ हग और बड़ा बटा छोट क अधीन होगाrdquo जब उसक

सव का समय आया तब कया गट आ क उसक गभर म जड़व बालक ह

o दो जाितया याकब परमश वर स उतप था o एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था

एक और उदाहरण उतपि 163-4 अाम क ी सार न अपनी िमी दासी हािजरा को लकर अपन पित अाम को दया क वह उसक पी हो 4 वह हािजरा क पास गया और वह गभरवती ई 11 और यहोवा क दत न उसस कहा ldquoदख त गभरवती ह और प जनगी त उसका नाम इशमाएल रखना कयक यहोवा न तर दख का हाल (परमर क कणा) सन िलया ह 12 और वह मनषय बनल गदह क समान होगा उसका हाथ सब क िव उठगा और सब क हाथ उसक िव उठ ग और वह अपन सब भाई-बनध क मधय म

14

बसा रहगाrdquo

bull इशमाएल शरीर क इचछा और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह यह एक बार फर इस ससार म लोग क दो ोत या वश को दशारता ह

bull इसहाक का जनम परमर स आ था

bull गलाितय 422-29 यह िलखा ह क अाहम क दो प ए एक दासी स और एक सवत ी स 23 परनत जो दासी स आ वह शारीरक रीित स जनमा और जो सवत ी स आ वह ितजञा क अनसार जनमा 24इन बात म दष टानत ह य िया मानो दो वाचाए ह एक तो सीन पहाड़ क िजसस दास ही उतप होत ह और वह हािजरा ह 26पर ऊपर क यशलम सवत ह और वह हमारी माता ह 28 ह भाइयो हम इसहाक क समान ितजञा क सनतान ह 29 और जसा उस समय शरीर क अनसार जनमा आ (एसाव) आतमा क अनसार जनम ए (याकब) को सताता था वसा ही अब भी होता ह

bull 1 यहा 38 -10 जो कोई पाप करता ह वह शतान क ओर स ह जो कोई परमश वर स जनमा ह वह

पाप नह करता कयक उसका बीज उसम बना रहता ह और वह पाप कर ही नह सकता (कयक कोई समय आएगा जब वह िवास करगा) कयक परमश वर स जनमा ह (10) इसी स परमश वर क सनतान और शतान क सनतान जान जात ह जो कोई धमर क काम नह करता वह परमश वर स नह और न वह जो अपन भाई स म नह रखता

यह सब ldquoबीजrdquo क वशावली क िवषय म ह इस परी बाइबल म अनक वशाविलय म दखा जा सकता ह उतपि 9 और 10 स और मी 11-17 तथा लका 323-38 तक

VII दो जाितय क समह का य आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा इफिसय 610-13 इसिलय भ म और उसक शिक त क भाव म बलवनत बनो 11 परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम शतान क यिक तय क सामन खड़ रह सको 12 कयक हमारा यह मल लय ल और मास स नह (यह परमर क िज़ममदारी ह) परनत (हमारा य) धान स और अिधकारय स और इस ससार क अनधकार क हाकम स और उस दष टता क आितमक सना स ह जो आकाश म ह 13

इसिलय परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम बर दन म सामना कर सको और सब कछ परा करक िसथर रह सको hellip 16 िसथर रहो कयक यीश न कहा

जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा

VIII और अिधक सपता दनवाल पि करनवाल वचन वसथािववरण 1015 तौभी यहोवा न तर पवरज स स नह और म रखा और उनक बाद तम लोग को

15

जो उनक सनतान (अकषरशः बीज) हो सब दश क लोग क मधय म स चन िलया जसा क आज क दन कट ह यशायाह 5310 तौभी यहोवा को यही भाया क उस कचल उसी न उसको रोगी कर दया जब वह

अपना ाण दोषबिल कर तब वह अपना वश (अकषरशः बीज) दखन पाएगा रोिमय 413 कयक यह ितजञा क वह जगत का वारस होगा न अाहम को न उसक वश (अकषरशः उसक बीज) को वसथा क ारा दी गई थी परनत िवश वास क धामरकता क ारा िमली पद 16 इसी कारण ितजञा िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर हो क वह उसक सब वशज (अकषरशः बीज) क िलय दढ़ हो न क कवल उसक िलय जो वसथावाला ह वरन उनक िलय भी जो

अाहम क समान िवश वासवाल ह वही तो हम सब का िपता ह

bull िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर ndashgt शािबदक यनानी पठन अनह मफत वरदान ह यह फर इस बात को कट करता ह क िवास अनह क ारा मफत वरदान ह

गलाितय 323-27 पर िवश वास क आन स पहल वसथा क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी और उस िवश वास क आन तक जो गट होनवाला था हम उसी क बनधन म (सिनित) रह 24

इसिलय वसथा मसीह तक पचान क िलय हमारी िशकषक ई ह क हम िवश वास स धम ठहर 25 परनत जब िवश वास आ चका तो हम अब िशकषक क अधीन न रह ब क समान

bull यह बताता ह क हम िवास क आन स पहल भी उसक सतान थ और हमार िवास करन तक वसथा

क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी

bull यद िवास आता ह तो इसका अथर ह क वह हम स उतप नह होता यह अनह का वरदान ह

bull दख 1 पतरस 1 1-3 पतरस hellip उन परदिशय (परदशी नागरक नह) क नाम जो परमश वर िपता क

भिवषय जञान क अनसार चन गए ह 21 िजसन अपनी बड़ी दया स हम जीिवत आशा क िलय नया जनम दया 21 उसक ारा तम उस परमश वर पर िवश वास करत हो 23 क तम न नाशवान (मानवीय ससार का) नह पर अिवनाशी बीज (सवगय) स परमश वर क जीवत और सदा ठहरनवाल वचन क ारा नया जनम पाया ह

bull 2 पतरस 11 उनह िलखा hellip िजनहन हमार समान बमलय िवश वास ाप त कया ह

16

गलाितय 326 कयक तम सब उस िवश वास क ारा जो मसीह यीश पर ह परमश वर क सनतान हो

bull इसस पहल क हमारा सवाभािवक जनम होता हम परमर क सतान थ और उस समय तक रह जब हमार पास ldquoिवास आयाrdquo और हमन ldquoउस िवास को हण कया और िवास कयाrdquo फर उस बद पर हम परमर क प हो गए कवल सतान ही नह रह कयक पिव आतमा हमार ldquoभीतरrdquo था क हम िसखाए और हम समझ द

गलाितय 3 29 और यद तम मसीह क हो (कछ नह ह लकन इसस पहल क हमारा जनम होता हम उसक ह कयक उसन हम जगत क उतपि स पहल स ही चन रखा था) तो अाहम क वश (बीज) और ितजञा क अनसार (क वह कई जाितय का िपता होगा) वारस भी हो गलाितय 41 म यह कहता क वारस जब तक बालक (परमर का) ह यिप सब वसत का सवामी ह तौभी उसम और दास म कोई भद नह 2 परनत िपता क ठहराए ए समय तक सरकषक और बनधक क वश म (वसथा) रहता ह 3

वस ही हम भी जब बालक थ (नया जनम पान स पहल) तो ससार क आद िशकषा क वश म होकर दास बन ए थ 4 परनत जब समय परा आ तो परमश वर न अपन प को भजा जो ी स जनमा और वसथा क अधीन उतप आ 5 ताक वसथा क अधीन को मोल लकर छड़ा ल और हम को लपालक होन का पद िमल

bull यनानी शबद िजसका अनवाद ldquoलपालकrdquo आ ह उसका शािबदक अथर ldquoवयसक प को सथान दनाrdquo ह जस यदी परमपरा बार-िमतसवाह म होता था जहा प जब 14 वषर क आय म पचता था तो उस वयसक माना जाता था

bull ldquoलपालक पrdquo यनानी शबद ui(oqesian (हवी-ओथ-एसी-आ) स आता ह जो दो शबद स बना ह

ui(o$ - प और tiqhmi ndash रखना या सथािपत करना

bull इसिलए इसका शािबदक अनवाद ऐसा ह हम सतान थ लकन िपता ारा िनधाररत समय पर हम प क प म सथािपत कया गया- वयसक प या पिया जब हमन िवश वास कया और हम सब बात दखान और िसखान क िलए पिव आतमा हमार भीतर आया था

bull हम हमशा उसक ब थ परमर क सतान िजनह उसन जगत क उतपि स पहल ही चन िलया था और हम कभी शतान क बीज नह थ हम कभी गोद (लपालक) नह िलया गया जसा आज ससार म इसका अथर समझा जाता ह

bull लपालक का अनवाद गलत धमरवजञािनक पकष को दखाता ह और यह यनानी शबद का सटीक अनवाद नह ह

bull बाइबल अनवाद म िगत हसतकषप एक ऐसा मामला ह िजसस 1611 क KJV भी अछती नह थी कयक तब िवान को राजा क दशा िनदश क अनसार पिवशा म काटा-छाटी करनी पड़ी थी ndash इन

17

म स एक यह था क KJV िबशप क बाइबल का खडन नह कर सकती थी

bull लपालक क परभाषा यह ह ldquoकसी दसर माता-िपता क ब को सवचछा स अपन क प म अपना

लनाrdquo bull स िवासी कभी भी शतान क बीज नह थ

गलातय 46 और तम जो प हो ndash तम परमशवर क हो

bull ldquoपरमर स उतपrdquo यहनना 113

bull ldquoऊपर स जनमrdquo अकषरशः यनानी यहनना 33

bull अाहम का बीज उसक वश (यनानी उसका बीज) रोमय 413 और 16

इसिलय परमश वर न अपन प क आतमा को जो lsquoह अबबा ह िपताrsquo कहकर पकारता ह हमार दय म (जब हमारा नया जनम आ) भजा ह 7 इसिलय त अब दास नह (ससार क मल वसत क अधीन बदी) परनत प ह (परप प या पी) और जब प आ तो परमश वर क ारा वारस भी आ

इफिसय 13-6 हमार भ यीश मसीह क परमश वर और िपता का धनयवाद हो क उसन हम मसीह म सवगय सथान म सब कार क आितमक आशीष दी ह 4 जसा उसन हम जगत क उतपि स पहल उसम चन िलया क हम उसक िनकट म म पिव और िनदष ह 5 और अपनी इचछा क भल अिभाय क अनसार हम अपन िलय पहल स ठहराया क यीश मसीह क ारा हम उसक ldquoप क प म िनयrdquo ह (सही अनवाद लपालक नह) 6 क उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

हम वह ह जो हम ह सौ ितशत उसक अनह क ारा ह और इसम हमारी योगयता यास या कायर का कछ लना-दना नह ह

उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

1 यहा 31-3 दखो िपता न हम स कसा म कया ह क हम परमश वर क सनतान कहलाए और हम ह भी इस कारण ससार हम नह जानता कयक उसन उस भी नह जाना 2 ह ियो अब (अवसथातर या बल दन का यािवशषण) हम परमश वर क सनतान ह और अभी तक यह गट नह आ क हम कया कछ हग इतना जानत ह क जब वह गट होगा तो हम उसक समान हग कयक उसको वसा ही दखग जसा वह ह 3 और जो कोई उस पर यह आशा रखता ह वह अपन आप को वसा ही पिव करता ह जसा वह पिव ह

18

धनयवाद हो िपता हम बत आभारी ह

IX हमार भ यीश मसीह क महान िवजय वह भिवषयवाणी ldquoी का बीज जो सपर क िसर को कचल डालगाrdquo

उसक िवजय का आरमभ तब आ जब उसन अपन को दीन कया और अपना सवगय सहासन अपना मकट अपन अिधकार और सवगर तयागकर सवय को शनय कर दया और मानव प म इस पथवी पर आ गया

फिलिपपय 26-11 िजसन परमश वर क सवप म होकर भी परमश वर क तलय होन को अपन वश म रखन क वसत न समझा 7 वरन अपन आप को ऐसा शनय कर दया और दास का सवप धारण कयाऔर मनषय क समानता म हो गया 8 और मनषय क प म गट होकर अपन आप को दीन कया

और यहा तक आजञाकारी रहा क मतय हा स क मतय भी सह ली 9 इस कारण परमश वर न उसको अित महान भी कया और उसको वह नाम दया जो सब नाम म ष ठ ह 10 क जो सवगर म और

पथवी पर और पथवी क नीच ह व सब यीश क नाम पर घटना टक 11 और परमश वर िपता क मिहमा क िलय हर एक जीभ अगीकर कर ल क यीश मसीह ही भ ह

कलिससय 213-15 उसन तमह भी जो अपन अपराध और अपन शरीर क खतनारिहत दशा म मदार थ उसक साथ िजलाया और हमार सब अपराध को कषमा कया (कस) 14 और िविधय का वह लख जो हमार नाम पर और हमार िवरोध म था िमटा डाला और उस स पर कल स जड़कर सामन स हटा दया ह (इसका परणाम यह आ) और उसन धानता और अिधकार को ऊपर स उतारकर उनका खल लमखल ला तमाशा बनाया और स क ारा उन पर जय-जयकार क धविन सनाई

यीश मसीह क स उसक मतय गाड़ जान और जी उठन न ldquoसपर क िसर को कचल डालाrdquo

1 करिनथय 28-9 इस ससार क हाकम म स कसी न नह जाना कयक यद व जानत तो तजोमय भ को स पर न चढ़ात इािनय 13-4 वह पाप को धोकर ऊच सथान पर महामिहमन क दािहन जा बठा

bull पाप और शतान पर परी िवजय ा क गई और यह समपणर थी

इािनय 1012-14 पाप क बदल एक ही बिलदान सवरदा क िलय चढ़ाकर वह परमश वर क दािहन जा

बठा 13 और उसी समय स इसक बाट जोह रहा ह क उसक बरी उसक पाव क नीच क पीढ़ी

19

बन 14 कयक उसन एक ही चढ़ाव क ारा उनह जो पिव कए जात ह सवरदा क िलय िस कर दया ह

bull उसका काम तो समा ह वह हमारी तीकषा कर रहा ह क हम उस कायर को समा कर जो उसन हम सपा ह

मी 2414 और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा रोमय 1620 शािनत का परमर शतान को तमहार पाव स शी कचलवा दगा उस अिधकार और सामथयर क ारा जो हम दी गई ह अब हम दन ित दन ldquoसपर का िसर कचलनrdquo म भागीदार होत ह

X अत समय म जीना इाएल का पिव और उसका सिकतार यहोवा य कहता हः ldquoमरी सनतान पर घटत होनवाली घटना क िवषय म मझ स पछो और मर हाथ क काय को मझ पर ही छोड़ दो यशायाह 4511

रोिमय 1311- समय को पिहचान कर ऐसा ही करो इसिलय क अब तमहार िलय नद स जाग उठन (वासतिवकता क िलए जाग उठना आितमक वासतिवकता) क घड़ी आ पची ह कयक िजस समय हम न िवश वास कया था उस समय क िवचार स अब हमारा उार (इस वतरमान पापी यग स छटकारा) िनकट ह (12) रात बत बीत गई ह और दन (भ का दन) िनकलन पर ह इसिलय हम अनधकार क काम को तयाग कर जयोित क हिथयार बाध ल (13) जसा दन को शोभा दता ह वसा ही हम सीधी चाल चल न क लीला-ड़ा (रगरली) और िपयक कड़पन म न िभचार और लचपन (कामकता और अनितकता) म और न झगड़ और डाह म (14) वरन भ यीश मसीह को पिहन लो और शरीर क अिभलाषा को परा

करन का उपाय न करो

हम आितमक य क समय म जी रह ह और हम इससाकार क प क तरह बनना चािहए

इितहास 1223 फर लोग लड़न क िलय हिथयार बाध ए होन म दाऊद क पास इसिलय आए क यहोवा क वचन क अनसार शाऊल का राजय उसक हाथ म कर द (32) इससाकारय म स जो समय को पहचानत थ क इाएल को (परमर क लोग को) कया करना उिचत ह

bull िसपाही जो भली कार स िशिकषत अनशािसत और लय किनत होत ह व सवामी क इचछा को

20

जानत ह और साथ ही दशमन क चाल को भी समझत ह पणर समपरत यहा तक क मतय तक भी

2 तीमिथयस 31-5 पर यह समरण रख क अिनतम दन म कठन समय आएग (2) कयक मनषय सवाथ लोभी डगमार अिभमानी िननदक माता-िपता क आजञा टालनवाल कत अपिव (3) दयारिहत कषमारिहत दोष लगानवाल असयमी कठोर भल क बरी (4) िवश वासघाती ढीठ घमणडी और परमश वर क नह वरन सखिवलास ही क चाहनवाल हग (5) व भिक त का भष तो धरग पर उसक शिक त को न मानग ऐस स पर रहना 2 पतरस 33-4 पहल यह जान लो क अिनतम दन म हसी ठा करनवाल आएग जो अपनी ही अिभलाषा क अनसार चलग (4) और कहग ldquoउसक आन क ितजञा कहा गई कयक जब स बापदाद सो गए ह सब कछ वसा ही ह जसा सिष ट क आरमभ स था मी 244-14 सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए (5) कयक बत स ऐस हग जो मर नाम स आकर कहग lsquoम मसीह rsquo और बत को भरमाएग (6) तम लड़ाइय और लड़ाइय क चचार सनोग तो घबरा न जाना कयक इन का होना अवशय ह परनत उस समय अनत न होगा (7) कयक जाित पर जाित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भकमप हग (8) य सब बात पीड़ा का आरमभ हगी (9) तब व कलश दन क िलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाितय क लोग तम स बर रखग (यह बात बत लमब समय स इाएल क िलए सी ठहरी ह और साथ ही िहनद और इसलामी दश म रहनवाल िवािसय क िलए भी) (10) तब बत स ठोकर खाएग और एक दसर को पकड़वाएग और एक दसर स बर रखग (11) बत स झठ भिवषया उठ खड़ हग और बत को भरमाएग (12) अधमर क बढ़न स बत का म ठणडा पड़ जाएगा (13) परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उार होगा (14) और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा मी 2433 इसी रीित स जब तम इन सब बात को दखो तो जान लो क वह िनकट ह वरन ार ही पर ह मी 2434 म तम स सच कहता क जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक इस पीढ़ी का अनत नह होगा

उपरो पद आज क समय क बार म बतात ह िजसम हम रह रह ह हम जानना चािहए और सदा समरण रखना चािहए क

bull जस यीश ससार नह ह वस ही हम भी ससार क नह ह (यहा 1716)

21

bull परनत हमारी नागरकता सवगर क ह जहा स हम उारकतार भ यीश मसीह क आगमन क तीकषा

उतसकता स कर रह ह (फिलिपपय 321)

bull हम पथवी पर परदशी और पराए ह (इािनय 1113)

bull हम मसीह क राजदत ह जो पराए दश म रह रह ह2 कर 520

bull हमारा िमशन उस कायर को समा करना ह िजसक िलए यीश इस जगत म आया खोए को ढढन और बचान मी 2414 2818-20 नमक और जयोित क समान होनndash मी 513

समय क िचहन को दखकर ऐसा लगता ह मानो हम ldquoअितम दनrdquo क ार पर ह यह समय कलश का समय होगा परनत इसस पहल कलश का समय श हो कछ अदभत होगा

XI िवािसय का बड़ा िनगरमन

2 िथससलनीकय 21-2 ह भाइयो अब हम अपन भ यीश मसीह क आन और उसक पास अपन इक होन क िवषय म तम स िवनती करत ह (2) क कसी आतमा या वचन या पी क ारा जो क मानो हमारी ओर स हो यह समझकर क भ का दन आ पचा ह तमहारा मन अचानक अिसथर न हो जाए और न तम घबराओ

bull िथससलनीकय क िवासी ऐस कठन समय म रह रह थ क उनहन सोचा क ldquoभ का दनrdquo आ

चका ह और व ldquoउसक पास अपन इका होनrdquo स चक गए ह

bull य पौलस क उस िशकषा क ओर सकत करता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल िवासी ldquoभ क पास उठा िलए जाएगrdquo और उनह यह समझान क िलए क ldquoभ का दनrdquo अभी नह आया ह पौलस कहता ह

पद 3-4 कसी रीित स कसी क धोख म न आना कयक वह दन (भ का दन) न आएगा जब तक धमर का तयाग (िवास स बहक) न हो ल और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो

bull 1 तीमिथयस 41-2 परनत आतमा सपष टता स कहता ह क आनवाल समय म कतन लोग

भरमानवाली आतमा और दष टातमा क िशकषा पर मन लगाकर िवश वास स बहक जाएग (दख 1 यहा 217-19 2 पतरस 220-22)

22

और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो (4) जो िवरोध करता ह और हर एक स जो ईश वर या पजय कहलाता ह अपन आप को बड़ा ठहराता ह यहा तक क वह परमश वर क मिनदर म बठकर अपन आप को ईश वर ठहराता ह

bull य सब नह आ था और यह सप ह क यह होन स पहल स िवासी ldquoउसक पास इका कए

जाएगrdquo दािनययल 121 hellip तब ऐस सकट का समय होगा जसा कसी जाित क उतप होन क समय स लकर अब तक कभी न आ न होगा परनत उस समय तर लोग म स िजतन क नाम परमश वर क पसतक म िलख ए ह व बच िनकलग

ऐसा तीत होता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल अथारत पथवी पर महकलश क समय स पहल भ यीश मसीह क कलीिसया mdash समसत िवासीmdashइस ससार स िनकाल िलए जाएग

bull भ का दन यशायाह 136+ यहजकल 303 योएल 115 21 11 31 314 आमोस 518-20 सपनयाह 114-18 मलाक 45 रत 220 1 िथससलनीकय 52 2 पतरस 310

मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा (38) कयक जस जल-लय

स पहल क दन म िजस दन तक क नह जहाज पर न चढ़ा (दड स पहल) उस दन तक लोग खात-

पीत थ और उनम िववाह होत थ (39) और जब तक जल-लय आकर उन सब को बहा न ल गया तब

तक उनको कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क प का आना भी होगा (40) उस समय दो जन खत

म हग एक ल िलया जाएगा और दसरा छोड़ दया जाएगा (41) दो िया चक क पीसती रहगी एक

ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी

नह क दन क समान हम भी अपना जहाज़ तयार करत रहना चािहए िवश वास ही स नह न उन बात क िवषय म जो उस समय दखाई न पड़ती थ चतावनी पाकर भिक त क साथ अपन घरान क बचाव क िलय जहाज बनाया इािनय 117 नह और उसक परवार न जहाज़ म वश कया और परमर न जहाज़ का ार बद कर दया कवल वही थ जो परमर ारा बचाए गए या दड अथारत कलश स बचाए गए

उनहन अवशय दड को दखा उसम स गए और उस अनभव कया लकन सरिकषत सथान स जहा

23

स व ldquoअत तक सरिकषत रह और बचाए गएrdquo

लका भी नह क िवषय म िलखता ह और फर िनिलिखत भी जोड़ दता ह लका 1728-31 और जसा लत क दन म आ था क लोग खात-पीत लन-दन करत पड़ लगात और घर बनात थ (29) परनत िजस दन लत सदोम स िनकला उस दन आग और गनधक आकाश स बरसी और सब को नष ट कर दया (30) मनषय क प क गट होन क दन भी ऐसा ही होगा

समरण कर mdash परमर न कहा था क वह सदोम को न नह करगा यद वह धम लोग हग (उतपि 1826-33) तो इस अितम िवनाश म भी धम लोग को पहल ही िनकाल िलया जाएगा

उतपि 1929 और ऐसा आ क जब परमश वर न उस तराई क नगर को िजनम लत रहता था उलट-पलट कर नष ट कया तब उसन अाहम को याद करक लत को उस घटना स (इसस पहल वह घटती) बचा िलया

परमर न अपन चन को िम म दड और िवपिय स बचाया और फर उसन अितम दड स पहल अदभत रीित स लाल सम को दो भाग करक उनह िम स बाहर िनकाला था

अतः हम िनिलिखत वचन स य समझ सकत ह क सभी स िवासी महाकलश क समय स पहल ldquoिनकाल िलए जाएगrdquo कछ लोग इस ldquoरपचरrdquo भी कहत ह (ldquoरपचरrdquo शबद बाइबल का नह ह यह एक लाितनी शबद ह िजसका अथर ह ldquoहवा म उठाया जानाrdquo) कािशतवाकय 310 त न मर धीरज क वचन को थामा ह इसिलय म भी तझ परीकषा क उस समय बचा रखगा जो पथवी पर रहनवाल क परखन क िलय सार ससार पर आनवाला ह

1 िथससलनीकय 413-18 कयक यद हम िवश वास करत ह क यीश मरा और जी भी उठा तो वस ही परमश वर उनह भी जो यीश म सो गए ह (व िवासी जो मर चक ह और तब स व आतमा म भ क साथ ह) उसी क साथ ल आएगा (15) कयक हम भ क वचन क अनसार तम स यह कहत ह क हम जो जीिवत ह और भ क आन तक बच रहग सोए (मर ) स कभी आग न बढ़ग (16) कयक भ आप ही सवगर स उतरगा उस समय ललकार और धान दत का शबद सनाई दगा और परमश वर क तरही फक जाएगी और जो मसीह म मर ह व पहल जी उठग (दह का पनतथान जो अपनी-अपनी उन आतमा स जा िमलगी जो भ क साथ थ) (17) तब हम जो जीिवत और बच रहग उनक साथ बादल पर उठा िलय जाएग क हवा म भ स िमल और इस रीित स हम सदा भ क साथ रहग (18) इस कार इन बात स एक दसर को शािनत दया करो

24

य परचछद आग भी जारी ह अधयाय 51-11

पर ह भाइयो इसका योजन नह क समय और काल क िवषय म तमहार पास कछ िलखा जाए (2) कयक तम आप ठीक जानत हो क जसा रात को चोर आता ह वसा ही भ का दन (महान अितम नयाय) आनवाला ह (3) जब लोग कहत हग ldquoकशल ह और कछ भय नहrdquo तो उन पर एकाएक िवनाश आ

पड़गा िजस कार गभरवती पर पीड़ा और व कसी रीित स न बचग (4) पर ह भाइयो तम तो अनधकार म नह हो क वह दन तम पर चोर क समान आ पड़ (5) कयक तम सब जयोित क सनतान और दन क सनतान हो हम न रात क ह न अनधकार क ह (6) पर जागत और सावधान रह hellip (8) hellip िवश वास और म क िझलम पिहनकर और उार क आशा का टोप पिहनकर सावधान रह (9)

कयक परमश वर न हम ोध क िलय नह (ोध अितम नयाय का ह िवासी वहा नह हग)

परनत इसिलय ठहराया ह क हम अपन भ यीश मसीह क ारा उार ाप त कर (10) वह हमार

िलय इस कारण मरा क हम चाह जागत ह चाह सोत ह सब िमलकर उसी क साथ जीए (11) इस कारण एक दसर को शािनत दो और एक दसर क उित का कारण बनो जसा क तम करत भी हो 1 करिनथय 1550-54 भी अलौकक घटना का वणरन करता ह दखो म तम स भद क बात कहता हम सब नह सोएग (सब नह मरग) परनत सब बदल जाएग (52) और यह कषण भर म पलक मारत ही अिनतम तरही फकत ही होगा कयक तरही फक जाएगी और मद (िवािसय क मत दह उनक आतमा भ क साथ थी 2 कर 58) अिवनाशी दशा म उठाए जाएग और हम (जो पथवी पर जीिवत ह) बदल जाएग (53) कयक अवशय ह क यह नाशवान दह अिवनाश (पनितथत दह) को पिहन ल और यह मरनहार दह अमरता को पिहन ल (54) और जब यह नाशवान अिवनाश को पिहन लगा और यह मरनहार अमरता को पिहन लगा तब वह वचन जो िलखा ह परा हो जाएगा ldquoजय न मतय को िनगल िलया य िनिलिखत पद दह क पनतथान को समझन म सहायक ह 1 करिनथय 1542-45 मद का जी उठना भी ऐसा ही ह शरीर नाशवान दशा म बोया जाता ह और अिवनाशी प म जी उठता ह (43) वह अनादर क साथ बोया जाता ह और तज क साथ जी उठता ह िनबरलता क साथ बोया जाता ह और सामथयर क साथ जी उठता ह (44) सवाभािवक दह बोई जाती ह और आितमक दह जी उठती ह जबक सवाभािवक दह ह तो आितमक दह भी ह

तरही क फकन पर mdash हम पलक झपकत ही कषण भर म भ क साथ हवा म जा िमलग और इस कार हम सदा भ क साथ हगrdquo

25

XII कलश मी 2415-28 ldquoइसिलय जब तम उस उजाड़नवाली घिणत वसत को िजसक चचार दािनययल भिवषयक ता क ारा ई थी पिवसथान म खड़ी ई दखो (जो पढ़ वह समझ) (16) तब जो यदया म ह व पहाड़ पर भाग जाए (17) जो छत पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर (18) और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट (19) ldquoउन दन म जो गभरवती और दध िपलाती हगी उन क िलय हाय हाय (20) ाथरना कया करो क तमह जाड़ म या सबत क दन भागना न पड़

(21) कयक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक आ और न कभी होगा (22) यद व दन घटाए न जात तो कोई ाणी न बचता परनत चन (जो कलश क समय िवास म आए ह) क कारण व दन घटाए जाएग (23) उस समय यद कोई तम स कह lsquoदखो मसीह यहा हrsquo या lsquoवहा हrsquo तो िवश वास न करना (24) ldquoकयक झठ मसीह और झठ भिवषयक ता उठ खड़ हग और बड़ िचहन और अदभत काम दखाएग क यद हो सक तो चन को भी भरमा द (25) दखो म न पहल स तम स यह सब कछ कह दया ह (26) इसिलय यद व तम स कह lsquoदखो वह जगल म हrsquo तो बाहर न िनकल जाना या lsquoदखो वह कोठरय म हrsquo तो िवश वास न करना (27) ldquoकयक जस िबजली पवर स िनकलकर पिश चम तक चमकती ह वस ही मनषय क प का भी आना होगा

bull दसर शबद म mdash कोई भी उसक आगमन स चक नह सकता

कािशतवाकय 132 जो पश म न दखा वह चीत क समान था hellip (6) उसन परमश वर क िननदा करन क िलय मह खोला क उसक नाम और उसक तमब अथारत सवगर क रहनवाल क िननदा कर (7) उस यह भी अिधकार दया गया क पिव लोग स लड़ और उन पर जय पाए और उस हर एक कल और लोग और भाषा और जाित पर अिधकार दया गया (8) पथवी क व सब रहनवाल िजनक नाम उस म क जीवन क पसतक म िलख नह गए जो जगत क उतपि क समय स घात आ ह उस पश क पजा करग 9िजसक कान ह वह सन (11) फर म न एक और पश को पथवी म स िनकलत ए दखा hellip (12) वह उस पहल पश का सारा अिधकार उसक सामन काम म लाता था और पथवी और उसक रहनवाल स उस पहल पश क िजसका ाण-घातक घाव अचछा हो गया था पजा कराता था (13) वह बड़-बड़ िचहन दखाता था यहा तक क मनषय क सामन सवगर स पथवी पर आग बरसा दता था (14) उन िचहन क कारण िजनह उस पश क सामन दखान का अिधकार उस दया गया था वह पथवी क रहनवाल को भरमाता था और पथवी क रहनवाल स कहता था क िजस पश क तलवार लगी थी वह जी गया ह उसक मतर बनाओ (15) उस उस पश क मतर म ाण डालन का अिधकार दया गया क पश क मतर बोलन लग और िजतन लोग उस पश क मतर क पजा न कर उनह मरवा डाल (16) उसन छोट-बड़ धनी-कगाल सवत-दास सब क दािहन हाथ या उनक माथ पर एक एक छाप करा दी (17) क उसको छोड़

26

िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 3: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

3

अपिव जानकर परमश वर क पवरत पर स उतारा और ह छानवाल कब म न तझ आग सरीख चमकनवाल मिणय क बीच स नष ट कया ह 17 सनदरता क कारण तरा मन फल उठा था और वभव क कारण तरी बि िबगड़ गई थी म न तझ भिम पर पटक दया और राजा क सामन तझ रखा क व तझ को दख 18 तर अधमर क काम क बतायत स और तर लन-दन क कटलता स तर पिवसथान अपिव हो गए इसिलय म न तझ म स ऐसी आग उतप क िजस स त भसम आ और म न तझ सब दखनवाल क सामन भिम पर भसम कर डाला ह 19 दश दश क लोग म स िजतन तझ जानत ह सब तर कारण िविसमत ए त भय का कारण आ ह और फर कभी पाया न जाएगाrdquo bull इस पढ़कर ऐसा लगता ह मानो उनक िवोह क समय परमश वर क अदन नामक बारी पथवी पर नह बिलक

कह और थी और फर बाद म उस आदम और हववा क रहन और उस पर राज करन क िलए उस लाया गया या सजा गया था उतपि 28 यहोवा परमश वर न पवर क ओर अदन म एक वाटका लगाई और वहा आदम को िजस उसन रचा था रख दया यह आज पथवी पर पाई नह जाती उतपि 324

bull म न तझ भिम पर पटक दया और शतान न सोचा क वह पथवी का शासक ह लकन फर मनषय का वश होता ह और उस राज करन का अिधकार दया जाता ह अब शतान का नया श ह

II मनषय का वश उतपि 126-28 फर परमश वर न कहा ldquoहम मनषय को अपन सवप क अनसार अपनी समानता म बनाए और व सम क मछिलय और आकाश क पिकषय और घरल पश और सारी पथवी पर और सब रगनवाल जनत पर जो पथवी पर रगत ह अिधकार रखrdquo 27 तब परमश वर न मनषय को अपन सवप क अनसार उतप कया अपन ही सवप क अनसार परमश वर न उसको उतप कया नर और नारी करक उसन मनषय क सिष ट क और परमश वर न उनको आशीष दी और उनस कहा ldquoफलो-फलो और पथवी म भर जाओ और उसको अपन वश म कर लो और सम क मछिलय तथा आकाश क पिकषय और पथवी पर रगनवाल सब जनत पर अिधकार रखोrdquo bull कछ ऐसा जो िबलकल नया था और िजस पहल कभी नह दखा था वह नर और नारी करक उसन मनषय

क सिष ट क और परमश वर न उनको आशीष दी और उनस कहा ldquoफलो-फलोrdquo

bull इफसय 311 उस सनातन मनसा क अनसार जो उसन हमार भ मसीह यीश म क थी

bull मानवजाित क िलए यह परमर क योजना थी mdash एक पष एक ी mdash दो का एक हो जाना mdash ससार

पर सतान उतप करना और धामरकता क साथ राज करना

4

bull अब शतान न परमर क साथ अपन य को िवसतत कया और उसम समसत मानवजाित को शािमल कया उसन हर सभव यास कया क पष और ी को ब उतप करन स रोक ताक व पथवी पर फल-फल नह और न उस पर राज कर हम आज जब पष को पष स और ी को ी स िववाह करत दखत ह तो इसका सप परणाम दखत ह कोई ब नह

III दसरा िवोह मनषय का

उतपि 31-7 अब सपर न ी स कहा ldquoकया सच ह क परमश वर न कहा तम िनश चय न मरोग hellip उस ी न खाया hellip उसक पित न भी खाया 14 तब यहोवा परमश वर न सपर स कहा hellip 15 म तर और इस ी क बीच म और तर वश (सतान) और इसक वश (सतान) क बीच म बर (घणा) उतप कगा वह तर िसर को कचल डालगा और त उसक एड़ी को डसगा bull बाइबल क अनय कई भिवषयवािणय क समान इस भिवषयवाणी म भी वतरमान और भिवषय क पतर ह

वतरमान म शतान और ी क सतान क बीच घणा भिवषय भ यीश मसीह और मसीह-िवरोधी

bull तर िसर को कचल डालगा तोड़ना कचलना या तीकातमक प स िवजय पाना एड़ी को डसगा एक हलका घाव जो चलन क गित को धीम कर सकता ह

bull ldquoवशrdquo का तातपयर सतान या वश स ह उतप 2217 वयवसथाववरण 1015 यशायाह 5310

रोमय 413 और 16 गलातय 329 और बर क िलए दख परकाशतवाकय 1217

bull आदम न परमर पर और इस भिवषयवाणी पर िवास कया क उसक पी क सतान हगी और उसन अपनी पी का नाम हववा रखा िजसका अथर ह ldquoिजतन मनषय जीिवत ह उन सब क आदमाताrdquo और उसन यह भी िवास कया क उसक एक सतान सपर को परािजत कर दगा

bull हववा िजतन मनषय जीिवत ह उन सब क आदमाता ह इसिलए ldquoशतान का वशrdquo कवल हववा या उसक

पिय क ारा ही अिसततव म आ सकता था

bull य तज़ी पकड़ता ह शतान अब जान जाता ह क उस ldquoी काrdquo एक वशज एक बालक उस परािजत करगा इसिलए उसका यह मख उशय बन जाता ह क वह इस बालक को न कर द या अपन वश अपनी सतान को उतप करन क ारा उस बालक क जनम को रोक परमर क लोग को और शायद उस ी क वश को भी और न कर द जो एक दन उसक िसर को कचल डालगा

bull पर परान िनयम और नए िनयम क कई सवाल िजनह हम बाद म दखग उनक उर क सप समझ क

िलए इस साई को जानना बत महतवपणर ह

bull शतान क वश या सतान ह िजनक पि हम भ क उस कथन स हो जाती ह जो उसन जगली बीज क

5

दानत म और अनय सथान पर दया था

मी 1337-43 अचछ बीज का बोनवाला मनषय का प ह hellip अचछा बीज राजय क सनतान ह और

जगली बीज दष ट क सनतान ह िजस श न उनको बोया वह शतान ह कटनी जगत का अनत ह और काटनवाल सवगरदत ह 40 अत जस जगली दान बटोर जात और जलाए जात ह वसा ही जगत क अनत म होगा 41 मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा और व उसक राजय म स सब ठोकर क कारण को और ककमर करनवाल को इका करग 42 और उनह आग क कणड म डालग जहा रोना और दात पीसना होगा 43 उस समय धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग िजसक कान ह वह सन ल

bull और यहा 844 तम अपन िपता शतान स हो और अपन िपता क लालसा को परा करना चाहत

हो स -gt यनानी ldquoἐκ (ऐक)rdquo म स उतप मल

bull रत क काम 137-10 म पौलस इनम स एक को ldquoशतान क सनतानrdquo कहकर पकारता ह ह सार कपट और सब चतराई स भर ए शतान क सनतान

bull इस साई क िवषय म और भी कई पद ह

IV ी का पहला बीज

उतपि 41-2 जब आदम अपनी पी हववा क पास गया तब उस न गभरवती होकर कन को जनम दया और कहा ldquoम न यहोवा क सहायता स एक पष पाया हrdquo 2 फर उसन उसक भाई हािबल को भी जनम दया हािबल भड़-बकरय का चरवाहा बन गया परनत कन भिम पर खती करन वाला कसान बना bull मानव इितहास म कन पहला प था और उसक बाद हािबल आ उतपि 315 क भिवषयवाणी क कारण

व शतान क उन यास का क बन गए क वह उनह कर द या मार डाल

bull इन बालक न िनय ही अपन िपता आदम स जो परमर क साथ-साथ वाटका म चलता था सही और गलत क बार म बत कछ सना होगा 43 कन यहोवा क पास भिम क उपज म स कछ भट ल आया उस भिम स जो शािपत थी और यह हमार अपन कायर और य को अथारत ldquoधमरrdquo को दशारता था उसन परमर का या अपन िपता क िशकषा का आदर नह कया यह एक कार का िवोह था जो कवल सवय पर अपन माग और इचछा पर किनत था 44 और हािबल भी अपनी भड़-बकरय क कई एक पहलौठ बच च भट चढ़ान ल आया और उनक चब भट चढ़ाई तब यहोवा न हािबल और उसक भट को तो हण कया

46-7 तब यहोवा न कन स कहा ldquoत कय ोिधत आ hellip और यद त भला न कर तो पाप ार पर

6

िछपा रहता ह और उसक लालसा तरी ओर होगी और तझ उस पर भता करनी हrdquo

bull पहली हतया कन पर दया क गई लकन उसन परमर क वचन को तचछ जाना और िवोह कया तथा अपन भाई हािबल को मार डाला यह उस कार क वचन थ जस यीश न अाहम क कछ सतान (बीज) क िलए कह थ

यहा 837 मरा वचन तमहार दय म जगह नह पाता

bull शतान न एक और य जीता जब उसन एक प को मार दया और दसर को अपन वश म कर िलया

उतपि 49 तब यहोवा न कन स पछा ldquoतरा भाई हािबल कहा हrdquo उसन कहा ldquoमालम नह कया म अपन भाई का रखवाला rdquo पहला झठा मनषय जो अपन आितमक िपता शतान क तरह था ldquoतम िनश चय न मरोगrdquo यह मझ वह समरण कराता ह जो यीश न अिवािसय क समह स कहा था यहा 844-45 तम अपन िपता शतान स हो और अपन िपता क लालसा को परा करना चाहत हो वह तो आरमभ स हतयारा ह और सतय पर िसथर न रहा कयक सतय उसम ह ही नह जब वह झठ बोलता तो अपन सवभाव ही स बोलता ह कयक वह झठा ह वरन झठ का िपता ह

bull झठ बोलना शतान स ह जब कोई सा िवासी झठ बोलता ह तो वह शतान क ार खोल दता ह क वह

आकर उसक जीवन को और अिधक भािवत कर इफिसय 425 और 27

1 यहा 311-12 hellip हम एक दसर स म रख और कन क समान न बन जो उस दष ट स (ek))) था और िजसन अपन भाई को घात कया और उस कस कारण घात कया इस कारण क उसक काम बर थ और उसक भाई क काम धमर क थ उनक फल स तम उनह पहचान लोग मी 716

स -gt यनानी ldquoekrdquo उम क सथान क ओर सकत करता ह जहा स या का आरमभ आ -gt वह दषट कन शतान का ldquoबीजrdquo उसक सनतान था

नीकदमस स बात करत ए यीश न उतपि 315 और ldquoदो बीजrdquo क तथय क पि क

यहा 33-8 यीश न उसको उर दया ldquoम तझ स सच सच कहता यद कोई नय िसर स न जनम

(anwqen)) ndash अरशः ऊपर स या आरमभ स) तो परमश वर का राजय दख (idein ndash दखना या समझना) नह

सकताrdquo (वश नह लकन दखना)

7

(4) नीकदमस न उस स कहा ldquoमनषय जब बढ़ा हो गया तो कस जनम ल सकता ह कया वह अपनी माता क गभर म

दसरी बार वश करक जनम ल सकता हrdquo

bull नीकदमस इस बात म सही था क यीश ldquoसवाभािवक जनमrdquo क बात कर रहा था लकन उसन यह गलत समझा क यीश मनषय क सवाभािवक जनम क उम क बार कह रहा ह नीकदमस का कथन यीश क शबद का सही अथर नह बताता बिलक यही दशारता ह क वह उसक बात को समझन म असफल रहा

bull बाइबल म अकसर लोग यीश को गलत समझ नीकदमस ारा गलत अथर लगान को हम पद 10 म सप प स दख सकत ह यीश न उसस कहा ldquoत इाएिलय का ग होकर भी कया इन बात को नह समझता

ldquoफर सrdquo क िलए शबद ह (palin - पािलन) और इसका इसतमाल नए िनयम म 171 बार आ ह

इस पद म शबद (palin) का योग नह आ बिलक शबद (a v vnwqen) का आ ह

यद (a v vnwqen) का अनवाद इस परचछद म अपन िनयिमत अथर क साथ होता तो नए िनयम म कसी भी सथान पर उसका अनवाद ldquoफर सrdquo क प म होता

bull शबद (a v vnwqen) को ldquoफर सrdquo क प म अनवाद करना शबदाथर स भटकना और अटकलबाजी करना ह

बाइबल हम बताती ह क इस ससार म लोग क कई उम होत ह अथारत सब परमर ldquoसrdquo उतप नह होत

यहनना 112-13 परनत िजतन न उस हण कया उसन उनह परमश वर क सनतान होन का अिधकार

दया अथारत उनह जो उसक नाम पर िवश वास रखत ह 13 व (1) न तो ल स (2) न शरीर क इचछा स (3) न मनषय क इचछा स परनत (4) परमश वर स उतप ए ह

bull 1 2 और 3 सवाभािवक जनम क बात करत ह अतः अनवाद क िनयम क अनसार नमबर 4 भी सवाभािवक जनम क बात करता ह आितमक जनम क नह

होना एओरसट या म ह ऐसी या जो हो चक ह और बोलन क समय स पवर वह समा हो गई थी

इस या का मखय अथर होना आरमभ करना ह अथारत अिसततव म आना या कवल होना (from The Complete Word Study Dictionary New Testament copy 1992 by AMG International Inc Revised Edition 1993) दी अपोलोजटकस सटडी बाइबल इस म सहमत ह क होना सही अनवाद ह न क ldquoबननाrdquo जो उस समय या होन को लाता ह जब ि िवास करता ह यह एक धमर-वजञािनक मानयता ह और सटीक अनवाद नह

8

bull सवरशिमान भ परमर िपता ह और उसन अपनी सतान को उनक परवार को जगत क उतपि स पहल चन िलया ह इफसय 14

bull उसक सतान न िवास कया कयक व परमर स उतप ए ह उसक बीज स

उतप 416 तब कन यहोवा क सममख स िनकल गया और नोद नामक दश म जो अदन क पवर क ओर

ह रहन लगा bull कन न अपनी पीठ फर ली और परमर स दर चला गया

bull पद 17ndash24 कन क वशावली स बताता ह क लमक न दो िया बयाह ल जो परमर ारा ठहराए गए िनयम ldquoएक पष और एक ीrdquo (उतपि 224) का थम उललघन ह लमक ब-िववाह था का जनमदाता ह और उसन अपन पवरज कन क तरह एक ि का घात कया और इस कार उसन इस वश क दता को कट कया

उतप 425-26 आदम अपनी पी क पास फर गया और उसन एक प को जनम दया और उसका नाम

यह कह क शत रखा ldquoपरमश वर न मर िलय हािबल क बदल िजसको कन न घात कया एक और वश (अकषरशः बीज) ठहरा दया हrdquo 26 शत क भी एक प उतप आ और उसन उसका नाम एनोश रखा

उसी समय स लोग यहोवा स ाथरना करन लग

bull आदम शत और उसका प एनोश यह वशावली यहोवा स ाथरना करन लगी

यह चनी ई वशावली या बीज ह िजसस वह िवजयी उारकतार आएगा जो सपर का िसर कचल दगा

bull अब हमार पास दो वशावली ह पथवी पर दो पष क वशावली एक जो परमर स फरकर दर चला गया और दसरा जो परमर क ओर आया

bull उतपि 425 स लकर अधयाय 532 तक हम आदम स शत और उसस नह तक क वशावली िमलती ह और हर

वशज क नाम क साथ यह वाकयाश जड़ा ह उसक और भी बट बटया उतप तो पथवी पर आबादी बढ़ गई

bull आदम स नह तक 1556 वष क अविध थी और नह पाच सौ वषर का आ और नह स शम और हाम और यपत का जनम आ

V ldquoी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परणाम जललय था उतप 61-14 फर जब मनषय भिम क ऊपर बत बढ़न लग (आदम स नह तक 1556 वषर) और उनक

9

बटया उतप 2तब परमश वर क प न (परान िनयम म यह शबद सदव सवदरत क िलए इसतमाल होत ह अययब 16 21 387) मनषय क पिय को दखा क व सनदर ह (उनक ित वासना स भर गए) और उनहन िजस िजसको चाहा उनस िववाह कर िलया (लमक क पदिचहन पर जो पहला ब-िववाही था िजसन दो पिया बयाही थ उतपि 419) 4उन दन म पथवी पर दानव (अथारत नपीली लोग) रहत थ और इसक पश चात जब परमश वर क प मनषय क पिय क पास गए तब उनक ारा जो प उतप ए व (नपीली प) शरवीर (योा िनरकश या दानव) होत थ िजनक कतर ाचीनकाल स चिलत ह bull य ldquoपरमर क पrdquo परमर ारा सज गए सवगरदत थ िजनह नीच िगराया गया था कयक उनहन ldquoलिसफरrdquo

क साथ िमलकर परमर क िव िवोह कया था (यहजकल 2812-19) उनका एक ही उशय था क उन सब का नाश करना िजनह परमर न सजा ह और िजनस वह म रखता ह िवशषकर लोग जो उसक सवप म रच गए थ

bull यदा 6-7 फर िजन सवगरदत न अपन पद (या अिधकार कष) को िसथर न रखा वरन अपन िनज िनवास (या िनवासस थान) (मनषय क पिय क लालसा स रत होकर) को छोड़ दया उसन उनको भी उस भीषण दन क नयाय क िलय अनधकार म जो सदा काल क िलय ह बनधन म रखा ह िजस रीित स सदोम और अमोरा और उनक आसपास क नगर जो इन क समान िभचारी हो गए थ और पराय शरीर क पीछ लग गए थ आग क अननत दणड म पड़कर दष टानत (परमर इस िवकित स कतना घणा करता ह) ठहर ह

शतान जो इन िगराए ए दत का नता था उसन उनस कहा क व िजस िजसको चाह उनस िववाह कर ल िजसस मनषय का ल उसका वश डीएनए या आनवािशक म दिषत हो जाए और ी का वश तथा उसक िसर कचल जान क भिवषयवाणी को रोका जा सक

bull इन िगराए ए दत क पास िय को गभरवती करन और ब उतप करन क शि थी जसा उतपि छह

कहती ह तो इसका अथर यह ह क मनषय क वशाण हो गए यह ी क बीज को दिषत करन का एक और हमला था o वह सपर शतान पथवी पर ldquoअपन बीजrdquo अपनी सतान को बढ़ान म लगा ह ताक परमर क लोग को ी

क बीज को और न कर द मनषय को अपन जाल म फसान क िलए उसका हिथयार लिगक आनद था यह य समसत िव म सप प स दखा जा सकता ह हर मसीही को यह जानन क ज़रत ह और अवशय ह क वह जवानी क अिभलाषा स भाग और जो श मन स भ का नाम लत ह उनक साथ धमर और

िवश वास और म और मलिमलाप का पीछा कर 2 तीमिथयस 222-23 bull य सतान व हो सकती ह िजनक िवषय म भ न कहा क व उस द क सतान ह या व जगली बीज ह िजनह

शतान न बोया मी 1337-39 अचछ बीज का बोनवाला मनषय का प ह hellip अचछा बीज राजय क सनतान और जगली बीज दष ट क सनतान ह िजस श न उनको बोया वह शतान ह और यहा 844 तम अपन िपता शतान स हो और अपन िपता क लालसा को परा करना चाहत हो

bull रत क काम 137-10 म पौलस इनम स एक को ldquoशतान क सतानrdquo कहकर पकारता ह ह सार कपट और सब चतराई स भर ए शतान क सनतान

10

उतपि 6 पर वापस आत ह 5 यहोवा न दखा क मनषय क बराई पथवी पर बढ़ गई ह और उनक मन क िवचार म जो कछ उतप होता ह वह िनरनतर बरा ही होता ह 6 और यहोवा पथवी पर मनषय को बनान स पछताया और वह मन म अित खदत आ 7 तब यहोवा न कहा ldquoम मनषय को िजसक म न सिष ट क ह पथवी क ऊपर स िमटा दगा कया मनषय कया पश कया रगनवाल जनत कया आकाश क पकषी सब को िमटा दगा कयक म उनक बनान स पछताता rdquo 8 परनत यहोवा क अनह क दिष ट नह पर बनी रही 9 नह क वशावली यह ह नह धम पष और अपन समय क लोग म खरा था और नह परमश वर ही क साथ साथ चलता रहा और नह स शम और हाम और यपत नामक तीन प उतप ए 11 उस समय पथवी परमश वर क दिष ट म िबगड़ गई थी और उपव स भर गई थी 12 और परमश वर न पथवी पर जो दिष ट क तो कया दखा क वह िबगड़ी ई ह कयक सब ािणय न पथवी पर अपना अपना चाल-चलन िबगाड़ िलया था 13 तब परमश वर न नह स कहा ldquoसब ािणय क अनत करन का मर सामन आ गया ह कयक उनक कारण पथवी उपव स भर गई ह इसिलय म उनको पथवी समत नष ट कर डालगा

bull नपीली लोग स इतनी तज़ी स नितक िगरावट आई क उनक (मनषय क) मन क िवचार म जो कछ उतप होता ह वह िनरनतर बरा ही होता ह

bull सब ािणय न पथवी पर अपना अपना चाल-चलन िबगाड़ िलया था यह बची ई मानवजाित क अिसततव पर और ी क बीज क भिवषयवाणी पर गभीर हमला था

bull नपीली लोग का डीएनए आधा मनषय और आधा पितत सवगरदत का था इसका परणाम दता और बर

सवभाव क ती वि म आ इसिलए जललय न शतान क इस ष को नाकाम कर दया

bull परनत एक मनषय बचा था 9 नह धम पष और अपन समय क लोग म खरा था और नह परमश वर ही

क साथ साथ चलता रहा 13 तब परमश वर न नह स कहा ldquoसब ािणय क अनत करन का मर सामन आ गया ह कयक उनक कारण पथवी उपव स भर गई ह इसिलय म उनको पथवी समत नष ट कर डालगा

bull नह उसी शत क वशावली स था आदम का प था hellip और आदम क ारा उसक समानता म उस ही क सवप क अनसार एक प उतप आ उसन उसका नाम शत रखा उतपि 53

bull जल लय क तीन उशय थ (1) नपीली जाित को न करना (2) उन लोग को न करना िजनका डीएनए हो चका था और (3) उन सब को िजनहन अपन माग को कर दया था

bull जब य नपीली दानव जललय म मर फर या बाद म उनक आतमाए अपनी दह स अलग होकर पथवी

11

पर दसरी दह क तलाश म भटकन लगी ताक व उनम वास कर और समसत मानवजाित म उसी अनितक िवकत लिगक आचरण को बढ़ावा द यीश न मी 1243-45 म इसक पि क ldquoजब अश आतमा मनषय म स िनकल जाती ह (यनानी एकसखमाईएकसािससम) तो सखी जगह म िवाम ढढ़ती फरती ह और पाती नह तब कहती ह lsquoम अपन उसी घर म जहा स िनकली थी लौट जाऊगीrsquo और लौटकर उस सना झाड़ा-बहारा और सजा-सजाया पाती ह तब वह जाकर अपन स और बरी सात आतमा को अपन साथ ल आती ह और व उसम पठकर वहा वास करती ह और उस मनषय क िपछली दशा पहल स भी बरी हो जाती ह इस यग क बर लोग क दशा भी ऐसी ही होगीrdquo

bull व सवगरदत िजनहन िय क लालसा क और उनस सतान उतप क उनह आनद दड

भगतना पड़ा o सवगरदत को बयाह करन क अनमित नह ह मी 2230

यदा 5-6 भ न एक कल को िम दश स छड़ान क बाद िवश वास न लानवाल को नष ट कर दया फर िजन सवगरदत न अपन पद को िसथर न रखा वरन अपन िनज िनवास को छोड़ दया उसन उनको भी उस भीषण दन क नयाय क िलय अनधकार म जो सदा काल क िलय ह बनधन म रखा ह

1 पतरस 319 यीश न जाकर कदी आतमा (सवगरदत या परमर क प) को भी चार कया 20

िजनहन उस बीत समय म आजञा न मानी जब परमश वर नह क दन म धीरज धरकर ठहरा रहा और वह जहाज बन रहा था

समरण रख यीश न हम चतावनी दी ह मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा

य द अश आतमाए अब भी इस पथवी पर ह व जललय म मारी नह ग व कवल उन शरीर म स िनकल गई थ िजनम उनका वास था सब आतमाए अनत होती ह अनतकाल क आग या अनतकाल का जीवन य द अश आतमाए कसी भी ि म समान का अवसर ढढ़ती ह क िवकत लिगक आचरण और अनितकता को बढ़ावा द

VI उारकतार क वशावली को दिषत करन का यास एा 91-4 जब य काम हो चक तब हाकम मर पास आकर कहन लग ldquoन तो इाएली लोग न याजक न लवीय इस ओर क दश क लोग स अलग ए वरन उनक स अथारत कनािनय िहिय परिय

12

यबिसय अममोिनय मोआिबय िमिय और एमोरय क स िघनौन काम करत ह (कय) 2 कयक

उनहन उनक बटय म स अपन और अपन बट क िलय िया कर ली ह और पिव वश (अकषरशः

बीज) इस ओर क दश क लोग म िमल गया ह वरन हाकम और सरदार इस िवश वासघात म मखय ए हrdquo 3 यह बात सनकर म न अपन व और बाग को फाड़ा और अपन िसर और दाढ़ी क बाल नोच और िविसमत होकर बठा रहा 4 तब िजतन लोग इाएल क परमश वर क वचन सनकर बधआई स आए ए लोग क िवश वासघात क कारण थरथरात थ सब मर पास इक ए और म साझ क भट क समय तक िविसमत होकर बठा रहा

bull कनानी और अनय सब जाितया नह क प हाम क वश स थ िजसन अपन िपता क नगपन को दखा था हाम

लिगक अनितकता क नपीली आतमा स रत था या वह उसम समाई थी याद कर जललय स पहल हाम नपीली और पितत सवगरदत क साथ था

bull उसक भाई शम और यपत न उस नगपन को नह दखा व नपीली अनितक आतमा स म थ

bull नह न हाम क प कनान को ाप दया और उसस यबसी एमोरी िगगारशी िहबबी और अनय जाितया िनकल (उतपि 922-25 1015-20)

bull कनान क वश क सब लोग ldquoशतान क बीजrdquo और लिगक अनितकता को िलए ए थ इसी कारण परमर न

कहा िनगरमन 2320-33 22 hellip म तर श का श और तर ोिहय का ोही बनगा 23 इस रीित मरा दत तर आग आग चलकर तझ एमोरी िही परी कनानी िहबबी और यबसी लोग क यहा पचाएगा और म उनका सतयानाश कर डालगा 24 उनक दवता को दणडवत न करना और न उनक उपासना करना और न उनक स काम करना वरन उन मरत का परी रीित स सतयानाश कर डालना और उन लोग क लाट को टकड़ टकड़ कर दना

bull हम अब समझ लना चािहए क परमर न कय कहा म उनका सतयानाश कर डालगा

bull यशायाह 345 कयक मरी तलवार आकाश म पीकर तप त ई ह दखो वह नयाय करन को एदोम पर

और िजन पर मरा शाप ह उन पर पड़गी इस समझन का एकमा उपाय यह ह

bull परमर ldquoी क बीजrdquo को बनाए रखन और उसक वश को दिषत होन स बचान क िलए जो कछ आवशयक ह वह करगा यहा तक क वह ldquoसपर क बीजrdquo जस शिशाली श का भी सतयानाश कर दगाrdquo

इसका सप उदाहरण ह 1 शमएल 151-3 तब शमएल न शाऊल स कहा ldquoयहोवा न मझ भजा था क उसक जा इाएल पर राजा होन क िलए म तरा अिभषक क इसिलए अब यहोवा क वचन को सन सना का यहोवा यह कहता ह lsquoइाएल क साथ अमालक न जो कछ कया था उसक िलए म उसको दणड

13

दगा कयक जब इाएल िम स िनकल कर आ रहा था तब अमालक न उसक मागर म उसका कस कार िवरोध कया था अब जा और अमालक पर चढ़ाई करक उसका जो कछ ह वह सब पणरतया नाश कर द और उसको भी मत छोड़ना परनत पष ी बालक िशश गाय-बल भड़-बकरी ऊट-गदहा सबको सतयानाश कर दनाrsquordquo कय

bull अमालक ldquoशतान क बीजrdquo का वशज था एसाव क प एलीपज क िता नामक एक रखल थी िजसन

एलीपज क ारा अमालक को जनम दया उतपि 3612

और जसा मलाक 13 म और रोिमय 913 म बताया ह म न याक़ब स म कया परनत एसाव को अिय जाना कय परमर जानता था क वह उस द ldquoसrdquo ह

यह यहा 112 का उदाहरण ह परनत िजतन न उस हण कया उसन उनह परमश वर क सनतान होन का अिधकार दया (उस कौन हण करत ह) अथारत उनह जो उसक नाम पर िवश वास रखत ह (कौन उस पर

िवास करत ह व) 13 व (1) न तो ल स (2) न शरीर क इचछा स (3) न मनषय क इचछा स परनत (4) परमश वर स उतप ए ह (wwwtreasurehiswordcom प 3 पर दख ldquoऊपर स जनमrdquo क नोटस) o यद 1 2 और 3 सवाभािवक जनम क बात करत ह तो अनवाद क िनयम क अनसार नमबर 4 भी

सवाभािवक जनम क बात करता ह

bull एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह जो एक बार फर सप प स आज ससार पर दो वश क ोत को दशारता ह

bull याकब और एसाव इसहाक और रबका क जड़वा थ उतपि 2523-24 तब यहोवा न उसस कहाldquoतर गभर म दो

जाितया ह (दो अलग-अलग जाितया) और तरी कोख स िनकलत ही दो राजय क लोग अलग अलग हग (दो अलग-

अलग वश) और एक राजय क लोग दसर स अिधक सामथ हग और बड़ा बटा छोट क अधीन होगाrdquo जब उसक

सव का समय आया तब कया गट आ क उसक गभर म जड़व बालक ह

o दो जाितया याकब परमश वर स उतप था o एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था

एक और उदाहरण उतपि 163-4 अाम क ी सार न अपनी िमी दासी हािजरा को लकर अपन पित अाम को दया क वह उसक पी हो 4 वह हािजरा क पास गया और वह गभरवती ई 11 और यहोवा क दत न उसस कहा ldquoदख त गभरवती ह और प जनगी त उसका नाम इशमाएल रखना कयक यहोवा न तर दख का हाल (परमर क कणा) सन िलया ह 12 और वह मनषय बनल गदह क समान होगा उसका हाथ सब क िव उठगा और सब क हाथ उसक िव उठ ग और वह अपन सब भाई-बनध क मधय म

14

बसा रहगाrdquo

bull इशमाएल शरीर क इचछा और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह यह एक बार फर इस ससार म लोग क दो ोत या वश को दशारता ह

bull इसहाक का जनम परमर स आ था

bull गलाितय 422-29 यह िलखा ह क अाहम क दो प ए एक दासी स और एक सवत ी स 23 परनत जो दासी स आ वह शारीरक रीित स जनमा और जो सवत ी स आ वह ितजञा क अनसार जनमा 24इन बात म दष टानत ह य िया मानो दो वाचाए ह एक तो सीन पहाड़ क िजसस दास ही उतप होत ह और वह हािजरा ह 26पर ऊपर क यशलम सवत ह और वह हमारी माता ह 28 ह भाइयो हम इसहाक क समान ितजञा क सनतान ह 29 और जसा उस समय शरीर क अनसार जनमा आ (एसाव) आतमा क अनसार जनम ए (याकब) को सताता था वसा ही अब भी होता ह

bull 1 यहा 38 -10 जो कोई पाप करता ह वह शतान क ओर स ह जो कोई परमश वर स जनमा ह वह

पाप नह करता कयक उसका बीज उसम बना रहता ह और वह पाप कर ही नह सकता (कयक कोई समय आएगा जब वह िवास करगा) कयक परमश वर स जनमा ह (10) इसी स परमश वर क सनतान और शतान क सनतान जान जात ह जो कोई धमर क काम नह करता वह परमश वर स नह और न वह जो अपन भाई स म नह रखता

यह सब ldquoबीजrdquo क वशावली क िवषय म ह इस परी बाइबल म अनक वशाविलय म दखा जा सकता ह उतपि 9 और 10 स और मी 11-17 तथा लका 323-38 तक

VII दो जाितय क समह का य आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा इफिसय 610-13 इसिलय भ म और उसक शिक त क भाव म बलवनत बनो 11 परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम शतान क यिक तय क सामन खड़ रह सको 12 कयक हमारा यह मल लय ल और मास स नह (यह परमर क िज़ममदारी ह) परनत (हमारा य) धान स और अिधकारय स और इस ससार क अनधकार क हाकम स और उस दष टता क आितमक सना स ह जो आकाश म ह 13

इसिलय परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम बर दन म सामना कर सको और सब कछ परा करक िसथर रह सको hellip 16 िसथर रहो कयक यीश न कहा

जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा

VIII और अिधक सपता दनवाल पि करनवाल वचन वसथािववरण 1015 तौभी यहोवा न तर पवरज स स नह और म रखा और उनक बाद तम लोग को

15

जो उनक सनतान (अकषरशः बीज) हो सब दश क लोग क मधय म स चन िलया जसा क आज क दन कट ह यशायाह 5310 तौभी यहोवा को यही भाया क उस कचल उसी न उसको रोगी कर दया जब वह

अपना ाण दोषबिल कर तब वह अपना वश (अकषरशः बीज) दखन पाएगा रोिमय 413 कयक यह ितजञा क वह जगत का वारस होगा न अाहम को न उसक वश (अकषरशः उसक बीज) को वसथा क ारा दी गई थी परनत िवश वास क धामरकता क ारा िमली पद 16 इसी कारण ितजञा िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर हो क वह उसक सब वशज (अकषरशः बीज) क िलय दढ़ हो न क कवल उसक िलय जो वसथावाला ह वरन उनक िलय भी जो

अाहम क समान िवश वासवाल ह वही तो हम सब का िपता ह

bull िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर ndashgt शािबदक यनानी पठन अनह मफत वरदान ह यह फर इस बात को कट करता ह क िवास अनह क ारा मफत वरदान ह

गलाितय 323-27 पर िवश वास क आन स पहल वसथा क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी और उस िवश वास क आन तक जो गट होनवाला था हम उसी क बनधन म (सिनित) रह 24

इसिलय वसथा मसीह तक पचान क िलय हमारी िशकषक ई ह क हम िवश वास स धम ठहर 25 परनत जब िवश वास आ चका तो हम अब िशकषक क अधीन न रह ब क समान

bull यह बताता ह क हम िवास क आन स पहल भी उसक सतान थ और हमार िवास करन तक वसथा

क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी

bull यद िवास आता ह तो इसका अथर ह क वह हम स उतप नह होता यह अनह का वरदान ह

bull दख 1 पतरस 1 1-3 पतरस hellip उन परदिशय (परदशी नागरक नह) क नाम जो परमश वर िपता क

भिवषय जञान क अनसार चन गए ह 21 िजसन अपनी बड़ी दया स हम जीिवत आशा क िलय नया जनम दया 21 उसक ारा तम उस परमश वर पर िवश वास करत हो 23 क तम न नाशवान (मानवीय ससार का) नह पर अिवनाशी बीज (सवगय) स परमश वर क जीवत और सदा ठहरनवाल वचन क ारा नया जनम पाया ह

bull 2 पतरस 11 उनह िलखा hellip िजनहन हमार समान बमलय िवश वास ाप त कया ह

16

गलाितय 326 कयक तम सब उस िवश वास क ारा जो मसीह यीश पर ह परमश वर क सनतान हो

bull इसस पहल क हमारा सवाभािवक जनम होता हम परमर क सतान थ और उस समय तक रह जब हमार पास ldquoिवास आयाrdquo और हमन ldquoउस िवास को हण कया और िवास कयाrdquo फर उस बद पर हम परमर क प हो गए कवल सतान ही नह रह कयक पिव आतमा हमार ldquoभीतरrdquo था क हम िसखाए और हम समझ द

गलाितय 3 29 और यद तम मसीह क हो (कछ नह ह लकन इसस पहल क हमारा जनम होता हम उसक ह कयक उसन हम जगत क उतपि स पहल स ही चन रखा था) तो अाहम क वश (बीज) और ितजञा क अनसार (क वह कई जाितय का िपता होगा) वारस भी हो गलाितय 41 म यह कहता क वारस जब तक बालक (परमर का) ह यिप सब वसत का सवामी ह तौभी उसम और दास म कोई भद नह 2 परनत िपता क ठहराए ए समय तक सरकषक और बनधक क वश म (वसथा) रहता ह 3

वस ही हम भी जब बालक थ (नया जनम पान स पहल) तो ससार क आद िशकषा क वश म होकर दास बन ए थ 4 परनत जब समय परा आ तो परमश वर न अपन प को भजा जो ी स जनमा और वसथा क अधीन उतप आ 5 ताक वसथा क अधीन को मोल लकर छड़ा ल और हम को लपालक होन का पद िमल

bull यनानी शबद िजसका अनवाद ldquoलपालकrdquo आ ह उसका शािबदक अथर ldquoवयसक प को सथान दनाrdquo ह जस यदी परमपरा बार-िमतसवाह म होता था जहा प जब 14 वषर क आय म पचता था तो उस वयसक माना जाता था

bull ldquoलपालक पrdquo यनानी शबद ui(oqesian (हवी-ओथ-एसी-आ) स आता ह जो दो शबद स बना ह

ui(o$ - प और tiqhmi ndash रखना या सथािपत करना

bull इसिलए इसका शािबदक अनवाद ऐसा ह हम सतान थ लकन िपता ारा िनधाररत समय पर हम प क प म सथािपत कया गया- वयसक प या पिया जब हमन िवश वास कया और हम सब बात दखान और िसखान क िलए पिव आतमा हमार भीतर आया था

bull हम हमशा उसक ब थ परमर क सतान िजनह उसन जगत क उतपि स पहल ही चन िलया था और हम कभी शतान क बीज नह थ हम कभी गोद (लपालक) नह िलया गया जसा आज ससार म इसका अथर समझा जाता ह

bull लपालक का अनवाद गलत धमरवजञािनक पकष को दखाता ह और यह यनानी शबद का सटीक अनवाद नह ह

bull बाइबल अनवाद म िगत हसतकषप एक ऐसा मामला ह िजसस 1611 क KJV भी अछती नह थी कयक तब िवान को राजा क दशा िनदश क अनसार पिवशा म काटा-छाटी करनी पड़ी थी ndash इन

17

म स एक यह था क KJV िबशप क बाइबल का खडन नह कर सकती थी

bull लपालक क परभाषा यह ह ldquoकसी दसर माता-िपता क ब को सवचछा स अपन क प म अपना

लनाrdquo bull स िवासी कभी भी शतान क बीज नह थ

गलातय 46 और तम जो प हो ndash तम परमशवर क हो

bull ldquoपरमर स उतपrdquo यहनना 113

bull ldquoऊपर स जनमrdquo अकषरशः यनानी यहनना 33

bull अाहम का बीज उसक वश (यनानी उसका बीज) रोमय 413 और 16

इसिलय परमश वर न अपन प क आतमा को जो lsquoह अबबा ह िपताrsquo कहकर पकारता ह हमार दय म (जब हमारा नया जनम आ) भजा ह 7 इसिलय त अब दास नह (ससार क मल वसत क अधीन बदी) परनत प ह (परप प या पी) और जब प आ तो परमश वर क ारा वारस भी आ

इफिसय 13-6 हमार भ यीश मसीह क परमश वर और िपता का धनयवाद हो क उसन हम मसीह म सवगय सथान म सब कार क आितमक आशीष दी ह 4 जसा उसन हम जगत क उतपि स पहल उसम चन िलया क हम उसक िनकट म म पिव और िनदष ह 5 और अपनी इचछा क भल अिभाय क अनसार हम अपन िलय पहल स ठहराया क यीश मसीह क ारा हम उसक ldquoप क प म िनयrdquo ह (सही अनवाद लपालक नह) 6 क उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

हम वह ह जो हम ह सौ ितशत उसक अनह क ारा ह और इसम हमारी योगयता यास या कायर का कछ लना-दना नह ह

उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

1 यहा 31-3 दखो िपता न हम स कसा म कया ह क हम परमश वर क सनतान कहलाए और हम ह भी इस कारण ससार हम नह जानता कयक उसन उस भी नह जाना 2 ह ियो अब (अवसथातर या बल दन का यािवशषण) हम परमश वर क सनतान ह और अभी तक यह गट नह आ क हम कया कछ हग इतना जानत ह क जब वह गट होगा तो हम उसक समान हग कयक उसको वसा ही दखग जसा वह ह 3 और जो कोई उस पर यह आशा रखता ह वह अपन आप को वसा ही पिव करता ह जसा वह पिव ह

18

धनयवाद हो िपता हम बत आभारी ह

IX हमार भ यीश मसीह क महान िवजय वह भिवषयवाणी ldquoी का बीज जो सपर क िसर को कचल डालगाrdquo

उसक िवजय का आरमभ तब आ जब उसन अपन को दीन कया और अपना सवगय सहासन अपना मकट अपन अिधकार और सवगर तयागकर सवय को शनय कर दया और मानव प म इस पथवी पर आ गया

फिलिपपय 26-11 िजसन परमश वर क सवप म होकर भी परमश वर क तलय होन को अपन वश म रखन क वसत न समझा 7 वरन अपन आप को ऐसा शनय कर दया और दास का सवप धारण कयाऔर मनषय क समानता म हो गया 8 और मनषय क प म गट होकर अपन आप को दीन कया

और यहा तक आजञाकारी रहा क मतय हा स क मतय भी सह ली 9 इस कारण परमश वर न उसको अित महान भी कया और उसको वह नाम दया जो सब नाम म ष ठ ह 10 क जो सवगर म और

पथवी पर और पथवी क नीच ह व सब यीश क नाम पर घटना टक 11 और परमश वर िपता क मिहमा क िलय हर एक जीभ अगीकर कर ल क यीश मसीह ही भ ह

कलिससय 213-15 उसन तमह भी जो अपन अपराध और अपन शरीर क खतनारिहत दशा म मदार थ उसक साथ िजलाया और हमार सब अपराध को कषमा कया (कस) 14 और िविधय का वह लख जो हमार नाम पर और हमार िवरोध म था िमटा डाला और उस स पर कल स जड़कर सामन स हटा दया ह (इसका परणाम यह आ) और उसन धानता और अिधकार को ऊपर स उतारकर उनका खल लमखल ला तमाशा बनाया और स क ारा उन पर जय-जयकार क धविन सनाई

यीश मसीह क स उसक मतय गाड़ जान और जी उठन न ldquoसपर क िसर को कचल डालाrdquo

1 करिनथय 28-9 इस ससार क हाकम म स कसी न नह जाना कयक यद व जानत तो तजोमय भ को स पर न चढ़ात इािनय 13-4 वह पाप को धोकर ऊच सथान पर महामिहमन क दािहन जा बठा

bull पाप और शतान पर परी िवजय ा क गई और यह समपणर थी

इािनय 1012-14 पाप क बदल एक ही बिलदान सवरदा क िलय चढ़ाकर वह परमश वर क दािहन जा

बठा 13 और उसी समय स इसक बाट जोह रहा ह क उसक बरी उसक पाव क नीच क पीढ़ी

19

बन 14 कयक उसन एक ही चढ़ाव क ारा उनह जो पिव कए जात ह सवरदा क िलय िस कर दया ह

bull उसका काम तो समा ह वह हमारी तीकषा कर रहा ह क हम उस कायर को समा कर जो उसन हम सपा ह

मी 2414 और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा रोमय 1620 शािनत का परमर शतान को तमहार पाव स शी कचलवा दगा उस अिधकार और सामथयर क ारा जो हम दी गई ह अब हम दन ित दन ldquoसपर का िसर कचलनrdquo म भागीदार होत ह

X अत समय म जीना इाएल का पिव और उसका सिकतार यहोवा य कहता हः ldquoमरी सनतान पर घटत होनवाली घटना क िवषय म मझ स पछो और मर हाथ क काय को मझ पर ही छोड़ दो यशायाह 4511

रोिमय 1311- समय को पिहचान कर ऐसा ही करो इसिलय क अब तमहार िलय नद स जाग उठन (वासतिवकता क िलए जाग उठना आितमक वासतिवकता) क घड़ी आ पची ह कयक िजस समय हम न िवश वास कया था उस समय क िवचार स अब हमारा उार (इस वतरमान पापी यग स छटकारा) िनकट ह (12) रात बत बीत गई ह और दन (भ का दन) िनकलन पर ह इसिलय हम अनधकार क काम को तयाग कर जयोित क हिथयार बाध ल (13) जसा दन को शोभा दता ह वसा ही हम सीधी चाल चल न क लीला-ड़ा (रगरली) और िपयक कड़पन म न िभचार और लचपन (कामकता और अनितकता) म और न झगड़ और डाह म (14) वरन भ यीश मसीह को पिहन लो और शरीर क अिभलाषा को परा

करन का उपाय न करो

हम आितमक य क समय म जी रह ह और हम इससाकार क प क तरह बनना चािहए

इितहास 1223 फर लोग लड़न क िलय हिथयार बाध ए होन म दाऊद क पास इसिलय आए क यहोवा क वचन क अनसार शाऊल का राजय उसक हाथ म कर द (32) इससाकारय म स जो समय को पहचानत थ क इाएल को (परमर क लोग को) कया करना उिचत ह

bull िसपाही जो भली कार स िशिकषत अनशािसत और लय किनत होत ह व सवामी क इचछा को

20

जानत ह और साथ ही दशमन क चाल को भी समझत ह पणर समपरत यहा तक क मतय तक भी

2 तीमिथयस 31-5 पर यह समरण रख क अिनतम दन म कठन समय आएग (2) कयक मनषय सवाथ लोभी डगमार अिभमानी िननदक माता-िपता क आजञा टालनवाल कत अपिव (3) दयारिहत कषमारिहत दोष लगानवाल असयमी कठोर भल क बरी (4) िवश वासघाती ढीठ घमणडी और परमश वर क नह वरन सखिवलास ही क चाहनवाल हग (5) व भिक त का भष तो धरग पर उसक शिक त को न मानग ऐस स पर रहना 2 पतरस 33-4 पहल यह जान लो क अिनतम दन म हसी ठा करनवाल आएग जो अपनी ही अिभलाषा क अनसार चलग (4) और कहग ldquoउसक आन क ितजञा कहा गई कयक जब स बापदाद सो गए ह सब कछ वसा ही ह जसा सिष ट क आरमभ स था मी 244-14 सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए (5) कयक बत स ऐस हग जो मर नाम स आकर कहग lsquoम मसीह rsquo और बत को भरमाएग (6) तम लड़ाइय और लड़ाइय क चचार सनोग तो घबरा न जाना कयक इन का होना अवशय ह परनत उस समय अनत न होगा (7) कयक जाित पर जाित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भकमप हग (8) य सब बात पीड़ा का आरमभ हगी (9) तब व कलश दन क िलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाितय क लोग तम स बर रखग (यह बात बत लमब समय स इाएल क िलए सी ठहरी ह और साथ ही िहनद और इसलामी दश म रहनवाल िवािसय क िलए भी) (10) तब बत स ठोकर खाएग और एक दसर को पकड़वाएग और एक दसर स बर रखग (11) बत स झठ भिवषया उठ खड़ हग और बत को भरमाएग (12) अधमर क बढ़न स बत का म ठणडा पड़ जाएगा (13) परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उार होगा (14) और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा मी 2433 इसी रीित स जब तम इन सब बात को दखो तो जान लो क वह िनकट ह वरन ार ही पर ह मी 2434 म तम स सच कहता क जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक इस पीढ़ी का अनत नह होगा

उपरो पद आज क समय क बार म बतात ह िजसम हम रह रह ह हम जानना चािहए और सदा समरण रखना चािहए क

bull जस यीश ससार नह ह वस ही हम भी ससार क नह ह (यहा 1716)

21

bull परनत हमारी नागरकता सवगर क ह जहा स हम उारकतार भ यीश मसीह क आगमन क तीकषा

उतसकता स कर रह ह (फिलिपपय 321)

bull हम पथवी पर परदशी और पराए ह (इािनय 1113)

bull हम मसीह क राजदत ह जो पराए दश म रह रह ह2 कर 520

bull हमारा िमशन उस कायर को समा करना ह िजसक िलए यीश इस जगत म आया खोए को ढढन और बचान मी 2414 2818-20 नमक और जयोित क समान होनndash मी 513

समय क िचहन को दखकर ऐसा लगता ह मानो हम ldquoअितम दनrdquo क ार पर ह यह समय कलश का समय होगा परनत इसस पहल कलश का समय श हो कछ अदभत होगा

XI िवािसय का बड़ा िनगरमन

2 िथससलनीकय 21-2 ह भाइयो अब हम अपन भ यीश मसीह क आन और उसक पास अपन इक होन क िवषय म तम स िवनती करत ह (2) क कसी आतमा या वचन या पी क ारा जो क मानो हमारी ओर स हो यह समझकर क भ का दन आ पचा ह तमहारा मन अचानक अिसथर न हो जाए और न तम घबराओ

bull िथससलनीकय क िवासी ऐस कठन समय म रह रह थ क उनहन सोचा क ldquoभ का दनrdquo आ

चका ह और व ldquoउसक पास अपन इका होनrdquo स चक गए ह

bull य पौलस क उस िशकषा क ओर सकत करता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल िवासी ldquoभ क पास उठा िलए जाएगrdquo और उनह यह समझान क िलए क ldquoभ का दनrdquo अभी नह आया ह पौलस कहता ह

पद 3-4 कसी रीित स कसी क धोख म न आना कयक वह दन (भ का दन) न आएगा जब तक धमर का तयाग (िवास स बहक) न हो ल और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो

bull 1 तीमिथयस 41-2 परनत आतमा सपष टता स कहता ह क आनवाल समय म कतन लोग

भरमानवाली आतमा और दष टातमा क िशकषा पर मन लगाकर िवश वास स बहक जाएग (दख 1 यहा 217-19 2 पतरस 220-22)

22

और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो (4) जो िवरोध करता ह और हर एक स जो ईश वर या पजय कहलाता ह अपन आप को बड़ा ठहराता ह यहा तक क वह परमश वर क मिनदर म बठकर अपन आप को ईश वर ठहराता ह

bull य सब नह आ था और यह सप ह क यह होन स पहल स िवासी ldquoउसक पास इका कए

जाएगrdquo दािनययल 121 hellip तब ऐस सकट का समय होगा जसा कसी जाित क उतप होन क समय स लकर अब तक कभी न आ न होगा परनत उस समय तर लोग म स िजतन क नाम परमश वर क पसतक म िलख ए ह व बच िनकलग

ऐसा तीत होता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल अथारत पथवी पर महकलश क समय स पहल भ यीश मसीह क कलीिसया mdash समसत िवासीmdashइस ससार स िनकाल िलए जाएग

bull भ का दन यशायाह 136+ यहजकल 303 योएल 115 21 11 31 314 आमोस 518-20 सपनयाह 114-18 मलाक 45 रत 220 1 िथससलनीकय 52 2 पतरस 310

मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा (38) कयक जस जल-लय

स पहल क दन म िजस दन तक क नह जहाज पर न चढ़ा (दड स पहल) उस दन तक लोग खात-

पीत थ और उनम िववाह होत थ (39) और जब तक जल-लय आकर उन सब को बहा न ल गया तब

तक उनको कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क प का आना भी होगा (40) उस समय दो जन खत

म हग एक ल िलया जाएगा और दसरा छोड़ दया जाएगा (41) दो िया चक क पीसती रहगी एक

ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी

नह क दन क समान हम भी अपना जहाज़ तयार करत रहना चािहए िवश वास ही स नह न उन बात क िवषय म जो उस समय दखाई न पड़ती थ चतावनी पाकर भिक त क साथ अपन घरान क बचाव क िलय जहाज बनाया इािनय 117 नह और उसक परवार न जहाज़ म वश कया और परमर न जहाज़ का ार बद कर दया कवल वही थ जो परमर ारा बचाए गए या दड अथारत कलश स बचाए गए

उनहन अवशय दड को दखा उसम स गए और उस अनभव कया लकन सरिकषत सथान स जहा

23

स व ldquoअत तक सरिकषत रह और बचाए गएrdquo

लका भी नह क िवषय म िलखता ह और फर िनिलिखत भी जोड़ दता ह लका 1728-31 और जसा लत क दन म आ था क लोग खात-पीत लन-दन करत पड़ लगात और घर बनात थ (29) परनत िजस दन लत सदोम स िनकला उस दन आग और गनधक आकाश स बरसी और सब को नष ट कर दया (30) मनषय क प क गट होन क दन भी ऐसा ही होगा

समरण कर mdash परमर न कहा था क वह सदोम को न नह करगा यद वह धम लोग हग (उतपि 1826-33) तो इस अितम िवनाश म भी धम लोग को पहल ही िनकाल िलया जाएगा

उतपि 1929 और ऐसा आ क जब परमश वर न उस तराई क नगर को िजनम लत रहता था उलट-पलट कर नष ट कया तब उसन अाहम को याद करक लत को उस घटना स (इसस पहल वह घटती) बचा िलया

परमर न अपन चन को िम म दड और िवपिय स बचाया और फर उसन अितम दड स पहल अदभत रीित स लाल सम को दो भाग करक उनह िम स बाहर िनकाला था

अतः हम िनिलिखत वचन स य समझ सकत ह क सभी स िवासी महाकलश क समय स पहल ldquoिनकाल िलए जाएगrdquo कछ लोग इस ldquoरपचरrdquo भी कहत ह (ldquoरपचरrdquo शबद बाइबल का नह ह यह एक लाितनी शबद ह िजसका अथर ह ldquoहवा म उठाया जानाrdquo) कािशतवाकय 310 त न मर धीरज क वचन को थामा ह इसिलय म भी तझ परीकषा क उस समय बचा रखगा जो पथवी पर रहनवाल क परखन क िलय सार ससार पर आनवाला ह

1 िथससलनीकय 413-18 कयक यद हम िवश वास करत ह क यीश मरा और जी भी उठा तो वस ही परमश वर उनह भी जो यीश म सो गए ह (व िवासी जो मर चक ह और तब स व आतमा म भ क साथ ह) उसी क साथ ल आएगा (15) कयक हम भ क वचन क अनसार तम स यह कहत ह क हम जो जीिवत ह और भ क आन तक बच रहग सोए (मर ) स कभी आग न बढ़ग (16) कयक भ आप ही सवगर स उतरगा उस समय ललकार और धान दत का शबद सनाई दगा और परमश वर क तरही फक जाएगी और जो मसीह म मर ह व पहल जी उठग (दह का पनतथान जो अपनी-अपनी उन आतमा स जा िमलगी जो भ क साथ थ) (17) तब हम जो जीिवत और बच रहग उनक साथ बादल पर उठा िलय जाएग क हवा म भ स िमल और इस रीित स हम सदा भ क साथ रहग (18) इस कार इन बात स एक दसर को शािनत दया करो

24

य परचछद आग भी जारी ह अधयाय 51-11

पर ह भाइयो इसका योजन नह क समय और काल क िवषय म तमहार पास कछ िलखा जाए (2) कयक तम आप ठीक जानत हो क जसा रात को चोर आता ह वसा ही भ का दन (महान अितम नयाय) आनवाला ह (3) जब लोग कहत हग ldquoकशल ह और कछ भय नहrdquo तो उन पर एकाएक िवनाश आ

पड़गा िजस कार गभरवती पर पीड़ा और व कसी रीित स न बचग (4) पर ह भाइयो तम तो अनधकार म नह हो क वह दन तम पर चोर क समान आ पड़ (5) कयक तम सब जयोित क सनतान और दन क सनतान हो हम न रात क ह न अनधकार क ह (6) पर जागत और सावधान रह hellip (8) hellip िवश वास और म क िझलम पिहनकर और उार क आशा का टोप पिहनकर सावधान रह (9)

कयक परमश वर न हम ोध क िलय नह (ोध अितम नयाय का ह िवासी वहा नह हग)

परनत इसिलय ठहराया ह क हम अपन भ यीश मसीह क ारा उार ाप त कर (10) वह हमार

िलय इस कारण मरा क हम चाह जागत ह चाह सोत ह सब िमलकर उसी क साथ जीए (11) इस कारण एक दसर को शािनत दो और एक दसर क उित का कारण बनो जसा क तम करत भी हो 1 करिनथय 1550-54 भी अलौकक घटना का वणरन करता ह दखो म तम स भद क बात कहता हम सब नह सोएग (सब नह मरग) परनत सब बदल जाएग (52) और यह कषण भर म पलक मारत ही अिनतम तरही फकत ही होगा कयक तरही फक जाएगी और मद (िवािसय क मत दह उनक आतमा भ क साथ थी 2 कर 58) अिवनाशी दशा म उठाए जाएग और हम (जो पथवी पर जीिवत ह) बदल जाएग (53) कयक अवशय ह क यह नाशवान दह अिवनाश (पनितथत दह) को पिहन ल और यह मरनहार दह अमरता को पिहन ल (54) और जब यह नाशवान अिवनाश को पिहन लगा और यह मरनहार अमरता को पिहन लगा तब वह वचन जो िलखा ह परा हो जाएगा ldquoजय न मतय को िनगल िलया य िनिलिखत पद दह क पनतथान को समझन म सहायक ह 1 करिनथय 1542-45 मद का जी उठना भी ऐसा ही ह शरीर नाशवान दशा म बोया जाता ह और अिवनाशी प म जी उठता ह (43) वह अनादर क साथ बोया जाता ह और तज क साथ जी उठता ह िनबरलता क साथ बोया जाता ह और सामथयर क साथ जी उठता ह (44) सवाभािवक दह बोई जाती ह और आितमक दह जी उठती ह जबक सवाभािवक दह ह तो आितमक दह भी ह

तरही क फकन पर mdash हम पलक झपकत ही कषण भर म भ क साथ हवा म जा िमलग और इस कार हम सदा भ क साथ हगrdquo

25

XII कलश मी 2415-28 ldquoइसिलय जब तम उस उजाड़नवाली घिणत वसत को िजसक चचार दािनययल भिवषयक ता क ारा ई थी पिवसथान म खड़ी ई दखो (जो पढ़ वह समझ) (16) तब जो यदया म ह व पहाड़ पर भाग जाए (17) जो छत पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर (18) और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट (19) ldquoउन दन म जो गभरवती और दध िपलाती हगी उन क िलय हाय हाय (20) ाथरना कया करो क तमह जाड़ म या सबत क दन भागना न पड़

(21) कयक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक आ और न कभी होगा (22) यद व दन घटाए न जात तो कोई ाणी न बचता परनत चन (जो कलश क समय िवास म आए ह) क कारण व दन घटाए जाएग (23) उस समय यद कोई तम स कह lsquoदखो मसीह यहा हrsquo या lsquoवहा हrsquo तो िवश वास न करना (24) ldquoकयक झठ मसीह और झठ भिवषयक ता उठ खड़ हग और बड़ िचहन और अदभत काम दखाएग क यद हो सक तो चन को भी भरमा द (25) दखो म न पहल स तम स यह सब कछ कह दया ह (26) इसिलय यद व तम स कह lsquoदखो वह जगल म हrsquo तो बाहर न िनकल जाना या lsquoदखो वह कोठरय म हrsquo तो िवश वास न करना (27) ldquoकयक जस िबजली पवर स िनकलकर पिश चम तक चमकती ह वस ही मनषय क प का भी आना होगा

bull दसर शबद म mdash कोई भी उसक आगमन स चक नह सकता

कािशतवाकय 132 जो पश म न दखा वह चीत क समान था hellip (6) उसन परमश वर क िननदा करन क िलय मह खोला क उसक नाम और उसक तमब अथारत सवगर क रहनवाल क िननदा कर (7) उस यह भी अिधकार दया गया क पिव लोग स लड़ और उन पर जय पाए और उस हर एक कल और लोग और भाषा और जाित पर अिधकार दया गया (8) पथवी क व सब रहनवाल िजनक नाम उस म क जीवन क पसतक म िलख नह गए जो जगत क उतपि क समय स घात आ ह उस पश क पजा करग 9िजसक कान ह वह सन (11) फर म न एक और पश को पथवी म स िनकलत ए दखा hellip (12) वह उस पहल पश का सारा अिधकार उसक सामन काम म लाता था और पथवी और उसक रहनवाल स उस पहल पश क िजसका ाण-घातक घाव अचछा हो गया था पजा कराता था (13) वह बड़-बड़ िचहन दखाता था यहा तक क मनषय क सामन सवगर स पथवी पर आग बरसा दता था (14) उन िचहन क कारण िजनह उस पश क सामन दखान का अिधकार उस दया गया था वह पथवी क रहनवाल को भरमाता था और पथवी क रहनवाल स कहता था क िजस पश क तलवार लगी थी वह जी गया ह उसक मतर बनाओ (15) उस उस पश क मतर म ाण डालन का अिधकार दया गया क पश क मतर बोलन लग और िजतन लोग उस पश क मतर क पजा न कर उनह मरवा डाल (16) उसन छोट-बड़ धनी-कगाल सवत-दास सब क दािहन हाथ या उनक माथ पर एक एक छाप करा दी (17) क उसको छोड़

26

िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 4: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

4

bull अब शतान न परमर क साथ अपन य को िवसतत कया और उसम समसत मानवजाित को शािमल कया उसन हर सभव यास कया क पष और ी को ब उतप करन स रोक ताक व पथवी पर फल-फल नह और न उस पर राज कर हम आज जब पष को पष स और ी को ी स िववाह करत दखत ह तो इसका सप परणाम दखत ह कोई ब नह

III दसरा िवोह मनषय का

उतपि 31-7 अब सपर न ी स कहा ldquoकया सच ह क परमश वर न कहा तम िनश चय न मरोग hellip उस ी न खाया hellip उसक पित न भी खाया 14 तब यहोवा परमश वर न सपर स कहा hellip 15 म तर और इस ी क बीच म और तर वश (सतान) और इसक वश (सतान) क बीच म बर (घणा) उतप कगा वह तर िसर को कचल डालगा और त उसक एड़ी को डसगा bull बाइबल क अनय कई भिवषयवािणय क समान इस भिवषयवाणी म भी वतरमान और भिवषय क पतर ह

वतरमान म शतान और ी क सतान क बीच घणा भिवषय भ यीश मसीह और मसीह-िवरोधी

bull तर िसर को कचल डालगा तोड़ना कचलना या तीकातमक प स िवजय पाना एड़ी को डसगा एक हलका घाव जो चलन क गित को धीम कर सकता ह

bull ldquoवशrdquo का तातपयर सतान या वश स ह उतप 2217 वयवसथाववरण 1015 यशायाह 5310

रोमय 413 और 16 गलातय 329 और बर क िलए दख परकाशतवाकय 1217

bull आदम न परमर पर और इस भिवषयवाणी पर िवास कया क उसक पी क सतान हगी और उसन अपनी पी का नाम हववा रखा िजसका अथर ह ldquoिजतन मनषय जीिवत ह उन सब क आदमाताrdquo और उसन यह भी िवास कया क उसक एक सतान सपर को परािजत कर दगा

bull हववा िजतन मनषय जीिवत ह उन सब क आदमाता ह इसिलए ldquoशतान का वशrdquo कवल हववा या उसक

पिय क ारा ही अिसततव म आ सकता था

bull य तज़ी पकड़ता ह शतान अब जान जाता ह क उस ldquoी काrdquo एक वशज एक बालक उस परािजत करगा इसिलए उसका यह मख उशय बन जाता ह क वह इस बालक को न कर द या अपन वश अपनी सतान को उतप करन क ारा उस बालक क जनम को रोक परमर क लोग को और शायद उस ी क वश को भी और न कर द जो एक दन उसक िसर को कचल डालगा

bull पर परान िनयम और नए िनयम क कई सवाल िजनह हम बाद म दखग उनक उर क सप समझ क

िलए इस साई को जानना बत महतवपणर ह

bull शतान क वश या सतान ह िजनक पि हम भ क उस कथन स हो जाती ह जो उसन जगली बीज क

5

दानत म और अनय सथान पर दया था

मी 1337-43 अचछ बीज का बोनवाला मनषय का प ह hellip अचछा बीज राजय क सनतान ह और

जगली बीज दष ट क सनतान ह िजस श न उनको बोया वह शतान ह कटनी जगत का अनत ह और काटनवाल सवगरदत ह 40 अत जस जगली दान बटोर जात और जलाए जात ह वसा ही जगत क अनत म होगा 41 मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा और व उसक राजय म स सब ठोकर क कारण को और ककमर करनवाल को इका करग 42 और उनह आग क कणड म डालग जहा रोना और दात पीसना होगा 43 उस समय धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग िजसक कान ह वह सन ल

bull और यहा 844 तम अपन िपता शतान स हो और अपन िपता क लालसा को परा करना चाहत

हो स -gt यनानी ldquoἐκ (ऐक)rdquo म स उतप मल

bull रत क काम 137-10 म पौलस इनम स एक को ldquoशतान क सनतानrdquo कहकर पकारता ह ह सार कपट और सब चतराई स भर ए शतान क सनतान

bull इस साई क िवषय म और भी कई पद ह

IV ी का पहला बीज

उतपि 41-2 जब आदम अपनी पी हववा क पास गया तब उस न गभरवती होकर कन को जनम दया और कहा ldquoम न यहोवा क सहायता स एक पष पाया हrdquo 2 फर उसन उसक भाई हािबल को भी जनम दया हािबल भड़-बकरय का चरवाहा बन गया परनत कन भिम पर खती करन वाला कसान बना bull मानव इितहास म कन पहला प था और उसक बाद हािबल आ उतपि 315 क भिवषयवाणी क कारण

व शतान क उन यास का क बन गए क वह उनह कर द या मार डाल

bull इन बालक न िनय ही अपन िपता आदम स जो परमर क साथ-साथ वाटका म चलता था सही और गलत क बार म बत कछ सना होगा 43 कन यहोवा क पास भिम क उपज म स कछ भट ल आया उस भिम स जो शािपत थी और यह हमार अपन कायर और य को अथारत ldquoधमरrdquo को दशारता था उसन परमर का या अपन िपता क िशकषा का आदर नह कया यह एक कार का िवोह था जो कवल सवय पर अपन माग और इचछा पर किनत था 44 और हािबल भी अपनी भड़-बकरय क कई एक पहलौठ बच च भट चढ़ान ल आया और उनक चब भट चढ़ाई तब यहोवा न हािबल और उसक भट को तो हण कया

46-7 तब यहोवा न कन स कहा ldquoत कय ोिधत आ hellip और यद त भला न कर तो पाप ार पर

6

िछपा रहता ह और उसक लालसा तरी ओर होगी और तझ उस पर भता करनी हrdquo

bull पहली हतया कन पर दया क गई लकन उसन परमर क वचन को तचछ जाना और िवोह कया तथा अपन भाई हािबल को मार डाला यह उस कार क वचन थ जस यीश न अाहम क कछ सतान (बीज) क िलए कह थ

यहा 837 मरा वचन तमहार दय म जगह नह पाता

bull शतान न एक और य जीता जब उसन एक प को मार दया और दसर को अपन वश म कर िलया

उतपि 49 तब यहोवा न कन स पछा ldquoतरा भाई हािबल कहा हrdquo उसन कहा ldquoमालम नह कया म अपन भाई का रखवाला rdquo पहला झठा मनषय जो अपन आितमक िपता शतान क तरह था ldquoतम िनश चय न मरोगrdquo यह मझ वह समरण कराता ह जो यीश न अिवािसय क समह स कहा था यहा 844-45 तम अपन िपता शतान स हो और अपन िपता क लालसा को परा करना चाहत हो वह तो आरमभ स हतयारा ह और सतय पर िसथर न रहा कयक सतय उसम ह ही नह जब वह झठ बोलता तो अपन सवभाव ही स बोलता ह कयक वह झठा ह वरन झठ का िपता ह

bull झठ बोलना शतान स ह जब कोई सा िवासी झठ बोलता ह तो वह शतान क ार खोल दता ह क वह

आकर उसक जीवन को और अिधक भािवत कर इफिसय 425 और 27

1 यहा 311-12 hellip हम एक दसर स म रख और कन क समान न बन जो उस दष ट स (ek))) था और िजसन अपन भाई को घात कया और उस कस कारण घात कया इस कारण क उसक काम बर थ और उसक भाई क काम धमर क थ उनक फल स तम उनह पहचान लोग मी 716

स -gt यनानी ldquoekrdquo उम क सथान क ओर सकत करता ह जहा स या का आरमभ आ -gt वह दषट कन शतान का ldquoबीजrdquo उसक सनतान था

नीकदमस स बात करत ए यीश न उतपि 315 और ldquoदो बीजrdquo क तथय क पि क

यहा 33-8 यीश न उसको उर दया ldquoम तझ स सच सच कहता यद कोई नय िसर स न जनम

(anwqen)) ndash अरशः ऊपर स या आरमभ स) तो परमश वर का राजय दख (idein ndash दखना या समझना) नह

सकताrdquo (वश नह लकन दखना)

7

(4) नीकदमस न उस स कहा ldquoमनषय जब बढ़ा हो गया तो कस जनम ल सकता ह कया वह अपनी माता क गभर म

दसरी बार वश करक जनम ल सकता हrdquo

bull नीकदमस इस बात म सही था क यीश ldquoसवाभािवक जनमrdquo क बात कर रहा था लकन उसन यह गलत समझा क यीश मनषय क सवाभािवक जनम क उम क बार कह रहा ह नीकदमस का कथन यीश क शबद का सही अथर नह बताता बिलक यही दशारता ह क वह उसक बात को समझन म असफल रहा

bull बाइबल म अकसर लोग यीश को गलत समझ नीकदमस ारा गलत अथर लगान को हम पद 10 म सप प स दख सकत ह यीश न उसस कहा ldquoत इाएिलय का ग होकर भी कया इन बात को नह समझता

ldquoफर सrdquo क िलए शबद ह (palin - पािलन) और इसका इसतमाल नए िनयम म 171 बार आ ह

इस पद म शबद (palin) का योग नह आ बिलक शबद (a v vnwqen) का आ ह

यद (a v vnwqen) का अनवाद इस परचछद म अपन िनयिमत अथर क साथ होता तो नए िनयम म कसी भी सथान पर उसका अनवाद ldquoफर सrdquo क प म होता

bull शबद (a v vnwqen) को ldquoफर सrdquo क प म अनवाद करना शबदाथर स भटकना और अटकलबाजी करना ह

बाइबल हम बताती ह क इस ससार म लोग क कई उम होत ह अथारत सब परमर ldquoसrdquo उतप नह होत

यहनना 112-13 परनत िजतन न उस हण कया उसन उनह परमश वर क सनतान होन का अिधकार

दया अथारत उनह जो उसक नाम पर िवश वास रखत ह 13 व (1) न तो ल स (2) न शरीर क इचछा स (3) न मनषय क इचछा स परनत (4) परमश वर स उतप ए ह

bull 1 2 और 3 सवाभािवक जनम क बात करत ह अतः अनवाद क िनयम क अनसार नमबर 4 भी सवाभािवक जनम क बात करता ह आितमक जनम क नह

होना एओरसट या म ह ऐसी या जो हो चक ह और बोलन क समय स पवर वह समा हो गई थी

इस या का मखय अथर होना आरमभ करना ह अथारत अिसततव म आना या कवल होना (from The Complete Word Study Dictionary New Testament copy 1992 by AMG International Inc Revised Edition 1993) दी अपोलोजटकस सटडी बाइबल इस म सहमत ह क होना सही अनवाद ह न क ldquoबननाrdquo जो उस समय या होन को लाता ह जब ि िवास करता ह यह एक धमर-वजञािनक मानयता ह और सटीक अनवाद नह

8

bull सवरशिमान भ परमर िपता ह और उसन अपनी सतान को उनक परवार को जगत क उतपि स पहल चन िलया ह इफसय 14

bull उसक सतान न िवास कया कयक व परमर स उतप ए ह उसक बीज स

उतप 416 तब कन यहोवा क सममख स िनकल गया और नोद नामक दश म जो अदन क पवर क ओर

ह रहन लगा bull कन न अपनी पीठ फर ली और परमर स दर चला गया

bull पद 17ndash24 कन क वशावली स बताता ह क लमक न दो िया बयाह ल जो परमर ारा ठहराए गए िनयम ldquoएक पष और एक ीrdquo (उतपि 224) का थम उललघन ह लमक ब-िववाह था का जनमदाता ह और उसन अपन पवरज कन क तरह एक ि का घात कया और इस कार उसन इस वश क दता को कट कया

उतप 425-26 आदम अपनी पी क पास फर गया और उसन एक प को जनम दया और उसका नाम

यह कह क शत रखा ldquoपरमश वर न मर िलय हािबल क बदल िजसको कन न घात कया एक और वश (अकषरशः बीज) ठहरा दया हrdquo 26 शत क भी एक प उतप आ और उसन उसका नाम एनोश रखा

उसी समय स लोग यहोवा स ाथरना करन लग

bull आदम शत और उसका प एनोश यह वशावली यहोवा स ाथरना करन लगी

यह चनी ई वशावली या बीज ह िजसस वह िवजयी उारकतार आएगा जो सपर का िसर कचल दगा

bull अब हमार पास दो वशावली ह पथवी पर दो पष क वशावली एक जो परमर स फरकर दर चला गया और दसरा जो परमर क ओर आया

bull उतपि 425 स लकर अधयाय 532 तक हम आदम स शत और उसस नह तक क वशावली िमलती ह और हर

वशज क नाम क साथ यह वाकयाश जड़ा ह उसक और भी बट बटया उतप तो पथवी पर आबादी बढ़ गई

bull आदम स नह तक 1556 वष क अविध थी और नह पाच सौ वषर का आ और नह स शम और हाम और यपत का जनम आ

V ldquoी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परणाम जललय था उतप 61-14 फर जब मनषय भिम क ऊपर बत बढ़न लग (आदम स नह तक 1556 वषर) और उनक

9

बटया उतप 2तब परमश वर क प न (परान िनयम म यह शबद सदव सवदरत क िलए इसतमाल होत ह अययब 16 21 387) मनषय क पिय को दखा क व सनदर ह (उनक ित वासना स भर गए) और उनहन िजस िजसको चाहा उनस िववाह कर िलया (लमक क पदिचहन पर जो पहला ब-िववाही था िजसन दो पिया बयाही थ उतपि 419) 4उन दन म पथवी पर दानव (अथारत नपीली लोग) रहत थ और इसक पश चात जब परमश वर क प मनषय क पिय क पास गए तब उनक ारा जो प उतप ए व (नपीली प) शरवीर (योा िनरकश या दानव) होत थ िजनक कतर ाचीनकाल स चिलत ह bull य ldquoपरमर क पrdquo परमर ारा सज गए सवगरदत थ िजनह नीच िगराया गया था कयक उनहन ldquoलिसफरrdquo

क साथ िमलकर परमर क िव िवोह कया था (यहजकल 2812-19) उनका एक ही उशय था क उन सब का नाश करना िजनह परमर न सजा ह और िजनस वह म रखता ह िवशषकर लोग जो उसक सवप म रच गए थ

bull यदा 6-7 फर िजन सवगरदत न अपन पद (या अिधकार कष) को िसथर न रखा वरन अपन िनज िनवास (या िनवासस थान) (मनषय क पिय क लालसा स रत होकर) को छोड़ दया उसन उनको भी उस भीषण दन क नयाय क िलय अनधकार म जो सदा काल क िलय ह बनधन म रखा ह िजस रीित स सदोम और अमोरा और उनक आसपास क नगर जो इन क समान िभचारी हो गए थ और पराय शरीर क पीछ लग गए थ आग क अननत दणड म पड़कर दष टानत (परमर इस िवकित स कतना घणा करता ह) ठहर ह

शतान जो इन िगराए ए दत का नता था उसन उनस कहा क व िजस िजसको चाह उनस िववाह कर ल िजसस मनषय का ल उसका वश डीएनए या आनवािशक म दिषत हो जाए और ी का वश तथा उसक िसर कचल जान क भिवषयवाणी को रोका जा सक

bull इन िगराए ए दत क पास िय को गभरवती करन और ब उतप करन क शि थी जसा उतपि छह

कहती ह तो इसका अथर यह ह क मनषय क वशाण हो गए यह ी क बीज को दिषत करन का एक और हमला था o वह सपर शतान पथवी पर ldquoअपन बीजrdquo अपनी सतान को बढ़ान म लगा ह ताक परमर क लोग को ी

क बीज को और न कर द मनषय को अपन जाल म फसान क िलए उसका हिथयार लिगक आनद था यह य समसत िव म सप प स दखा जा सकता ह हर मसीही को यह जानन क ज़रत ह और अवशय ह क वह जवानी क अिभलाषा स भाग और जो श मन स भ का नाम लत ह उनक साथ धमर और

िवश वास और म और मलिमलाप का पीछा कर 2 तीमिथयस 222-23 bull य सतान व हो सकती ह िजनक िवषय म भ न कहा क व उस द क सतान ह या व जगली बीज ह िजनह

शतान न बोया मी 1337-39 अचछ बीज का बोनवाला मनषय का प ह hellip अचछा बीज राजय क सनतान और जगली बीज दष ट क सनतान ह िजस श न उनको बोया वह शतान ह और यहा 844 तम अपन िपता शतान स हो और अपन िपता क लालसा को परा करना चाहत हो

bull रत क काम 137-10 म पौलस इनम स एक को ldquoशतान क सतानrdquo कहकर पकारता ह ह सार कपट और सब चतराई स भर ए शतान क सनतान

10

उतपि 6 पर वापस आत ह 5 यहोवा न दखा क मनषय क बराई पथवी पर बढ़ गई ह और उनक मन क िवचार म जो कछ उतप होता ह वह िनरनतर बरा ही होता ह 6 और यहोवा पथवी पर मनषय को बनान स पछताया और वह मन म अित खदत आ 7 तब यहोवा न कहा ldquoम मनषय को िजसक म न सिष ट क ह पथवी क ऊपर स िमटा दगा कया मनषय कया पश कया रगनवाल जनत कया आकाश क पकषी सब को िमटा दगा कयक म उनक बनान स पछताता rdquo 8 परनत यहोवा क अनह क दिष ट नह पर बनी रही 9 नह क वशावली यह ह नह धम पष और अपन समय क लोग म खरा था और नह परमश वर ही क साथ साथ चलता रहा और नह स शम और हाम और यपत नामक तीन प उतप ए 11 उस समय पथवी परमश वर क दिष ट म िबगड़ गई थी और उपव स भर गई थी 12 और परमश वर न पथवी पर जो दिष ट क तो कया दखा क वह िबगड़ी ई ह कयक सब ािणय न पथवी पर अपना अपना चाल-चलन िबगाड़ िलया था 13 तब परमश वर न नह स कहा ldquoसब ािणय क अनत करन का मर सामन आ गया ह कयक उनक कारण पथवी उपव स भर गई ह इसिलय म उनको पथवी समत नष ट कर डालगा

bull नपीली लोग स इतनी तज़ी स नितक िगरावट आई क उनक (मनषय क) मन क िवचार म जो कछ उतप होता ह वह िनरनतर बरा ही होता ह

bull सब ािणय न पथवी पर अपना अपना चाल-चलन िबगाड़ िलया था यह बची ई मानवजाित क अिसततव पर और ी क बीज क भिवषयवाणी पर गभीर हमला था

bull नपीली लोग का डीएनए आधा मनषय और आधा पितत सवगरदत का था इसका परणाम दता और बर

सवभाव क ती वि म आ इसिलए जललय न शतान क इस ष को नाकाम कर दया

bull परनत एक मनषय बचा था 9 नह धम पष और अपन समय क लोग म खरा था और नह परमश वर ही

क साथ साथ चलता रहा 13 तब परमश वर न नह स कहा ldquoसब ािणय क अनत करन का मर सामन आ गया ह कयक उनक कारण पथवी उपव स भर गई ह इसिलय म उनको पथवी समत नष ट कर डालगा

bull नह उसी शत क वशावली स था आदम का प था hellip और आदम क ारा उसक समानता म उस ही क सवप क अनसार एक प उतप आ उसन उसका नाम शत रखा उतपि 53

bull जल लय क तीन उशय थ (1) नपीली जाित को न करना (2) उन लोग को न करना िजनका डीएनए हो चका था और (3) उन सब को िजनहन अपन माग को कर दया था

bull जब य नपीली दानव जललय म मर फर या बाद म उनक आतमाए अपनी दह स अलग होकर पथवी

11

पर दसरी दह क तलाश म भटकन लगी ताक व उनम वास कर और समसत मानवजाित म उसी अनितक िवकत लिगक आचरण को बढ़ावा द यीश न मी 1243-45 म इसक पि क ldquoजब अश आतमा मनषय म स िनकल जाती ह (यनानी एकसखमाईएकसािससम) तो सखी जगह म िवाम ढढ़ती फरती ह और पाती नह तब कहती ह lsquoम अपन उसी घर म जहा स िनकली थी लौट जाऊगीrsquo और लौटकर उस सना झाड़ा-बहारा और सजा-सजाया पाती ह तब वह जाकर अपन स और बरी सात आतमा को अपन साथ ल आती ह और व उसम पठकर वहा वास करती ह और उस मनषय क िपछली दशा पहल स भी बरी हो जाती ह इस यग क बर लोग क दशा भी ऐसी ही होगीrdquo

bull व सवगरदत िजनहन िय क लालसा क और उनस सतान उतप क उनह आनद दड

भगतना पड़ा o सवगरदत को बयाह करन क अनमित नह ह मी 2230

यदा 5-6 भ न एक कल को िम दश स छड़ान क बाद िवश वास न लानवाल को नष ट कर दया फर िजन सवगरदत न अपन पद को िसथर न रखा वरन अपन िनज िनवास को छोड़ दया उसन उनको भी उस भीषण दन क नयाय क िलय अनधकार म जो सदा काल क िलय ह बनधन म रखा ह

1 पतरस 319 यीश न जाकर कदी आतमा (सवगरदत या परमर क प) को भी चार कया 20

िजनहन उस बीत समय म आजञा न मानी जब परमश वर नह क दन म धीरज धरकर ठहरा रहा और वह जहाज बन रहा था

समरण रख यीश न हम चतावनी दी ह मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा

य द अश आतमाए अब भी इस पथवी पर ह व जललय म मारी नह ग व कवल उन शरीर म स िनकल गई थ िजनम उनका वास था सब आतमाए अनत होती ह अनतकाल क आग या अनतकाल का जीवन य द अश आतमाए कसी भी ि म समान का अवसर ढढ़ती ह क िवकत लिगक आचरण और अनितकता को बढ़ावा द

VI उारकतार क वशावली को दिषत करन का यास एा 91-4 जब य काम हो चक तब हाकम मर पास आकर कहन लग ldquoन तो इाएली लोग न याजक न लवीय इस ओर क दश क लोग स अलग ए वरन उनक स अथारत कनािनय िहिय परिय

12

यबिसय अममोिनय मोआिबय िमिय और एमोरय क स िघनौन काम करत ह (कय) 2 कयक

उनहन उनक बटय म स अपन और अपन बट क िलय िया कर ली ह और पिव वश (अकषरशः

बीज) इस ओर क दश क लोग म िमल गया ह वरन हाकम और सरदार इस िवश वासघात म मखय ए हrdquo 3 यह बात सनकर म न अपन व और बाग को फाड़ा और अपन िसर और दाढ़ी क बाल नोच और िविसमत होकर बठा रहा 4 तब िजतन लोग इाएल क परमश वर क वचन सनकर बधआई स आए ए लोग क िवश वासघात क कारण थरथरात थ सब मर पास इक ए और म साझ क भट क समय तक िविसमत होकर बठा रहा

bull कनानी और अनय सब जाितया नह क प हाम क वश स थ िजसन अपन िपता क नगपन को दखा था हाम

लिगक अनितकता क नपीली आतमा स रत था या वह उसम समाई थी याद कर जललय स पहल हाम नपीली और पितत सवगरदत क साथ था

bull उसक भाई शम और यपत न उस नगपन को नह दखा व नपीली अनितक आतमा स म थ

bull नह न हाम क प कनान को ाप दया और उसस यबसी एमोरी िगगारशी िहबबी और अनय जाितया िनकल (उतपि 922-25 1015-20)

bull कनान क वश क सब लोग ldquoशतान क बीजrdquo और लिगक अनितकता को िलए ए थ इसी कारण परमर न

कहा िनगरमन 2320-33 22 hellip म तर श का श और तर ोिहय का ोही बनगा 23 इस रीित मरा दत तर आग आग चलकर तझ एमोरी िही परी कनानी िहबबी और यबसी लोग क यहा पचाएगा और म उनका सतयानाश कर डालगा 24 उनक दवता को दणडवत न करना और न उनक उपासना करना और न उनक स काम करना वरन उन मरत का परी रीित स सतयानाश कर डालना और उन लोग क लाट को टकड़ टकड़ कर दना

bull हम अब समझ लना चािहए क परमर न कय कहा म उनका सतयानाश कर डालगा

bull यशायाह 345 कयक मरी तलवार आकाश म पीकर तप त ई ह दखो वह नयाय करन को एदोम पर

और िजन पर मरा शाप ह उन पर पड़गी इस समझन का एकमा उपाय यह ह

bull परमर ldquoी क बीजrdquo को बनाए रखन और उसक वश को दिषत होन स बचान क िलए जो कछ आवशयक ह वह करगा यहा तक क वह ldquoसपर क बीजrdquo जस शिशाली श का भी सतयानाश कर दगाrdquo

इसका सप उदाहरण ह 1 शमएल 151-3 तब शमएल न शाऊल स कहा ldquoयहोवा न मझ भजा था क उसक जा इाएल पर राजा होन क िलए म तरा अिभषक क इसिलए अब यहोवा क वचन को सन सना का यहोवा यह कहता ह lsquoइाएल क साथ अमालक न जो कछ कया था उसक िलए म उसको दणड

13

दगा कयक जब इाएल िम स िनकल कर आ रहा था तब अमालक न उसक मागर म उसका कस कार िवरोध कया था अब जा और अमालक पर चढ़ाई करक उसका जो कछ ह वह सब पणरतया नाश कर द और उसको भी मत छोड़ना परनत पष ी बालक िशश गाय-बल भड़-बकरी ऊट-गदहा सबको सतयानाश कर दनाrsquordquo कय

bull अमालक ldquoशतान क बीजrdquo का वशज था एसाव क प एलीपज क िता नामक एक रखल थी िजसन

एलीपज क ारा अमालक को जनम दया उतपि 3612

और जसा मलाक 13 म और रोिमय 913 म बताया ह म न याक़ब स म कया परनत एसाव को अिय जाना कय परमर जानता था क वह उस द ldquoसrdquo ह

यह यहा 112 का उदाहरण ह परनत िजतन न उस हण कया उसन उनह परमश वर क सनतान होन का अिधकार दया (उस कौन हण करत ह) अथारत उनह जो उसक नाम पर िवश वास रखत ह (कौन उस पर

िवास करत ह व) 13 व (1) न तो ल स (2) न शरीर क इचछा स (3) न मनषय क इचछा स परनत (4) परमश वर स उतप ए ह (wwwtreasurehiswordcom प 3 पर दख ldquoऊपर स जनमrdquo क नोटस) o यद 1 2 और 3 सवाभािवक जनम क बात करत ह तो अनवाद क िनयम क अनसार नमबर 4 भी

सवाभािवक जनम क बात करता ह

bull एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह जो एक बार फर सप प स आज ससार पर दो वश क ोत को दशारता ह

bull याकब और एसाव इसहाक और रबका क जड़वा थ उतपि 2523-24 तब यहोवा न उसस कहाldquoतर गभर म दो

जाितया ह (दो अलग-अलग जाितया) और तरी कोख स िनकलत ही दो राजय क लोग अलग अलग हग (दो अलग-

अलग वश) और एक राजय क लोग दसर स अिधक सामथ हग और बड़ा बटा छोट क अधीन होगाrdquo जब उसक

सव का समय आया तब कया गट आ क उसक गभर म जड़व बालक ह

o दो जाितया याकब परमश वर स उतप था o एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था

एक और उदाहरण उतपि 163-4 अाम क ी सार न अपनी िमी दासी हािजरा को लकर अपन पित अाम को दया क वह उसक पी हो 4 वह हािजरा क पास गया और वह गभरवती ई 11 और यहोवा क दत न उसस कहा ldquoदख त गभरवती ह और प जनगी त उसका नाम इशमाएल रखना कयक यहोवा न तर दख का हाल (परमर क कणा) सन िलया ह 12 और वह मनषय बनल गदह क समान होगा उसका हाथ सब क िव उठगा और सब क हाथ उसक िव उठ ग और वह अपन सब भाई-बनध क मधय म

14

बसा रहगाrdquo

bull इशमाएल शरीर क इचछा और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह यह एक बार फर इस ससार म लोग क दो ोत या वश को दशारता ह

bull इसहाक का जनम परमर स आ था

bull गलाितय 422-29 यह िलखा ह क अाहम क दो प ए एक दासी स और एक सवत ी स 23 परनत जो दासी स आ वह शारीरक रीित स जनमा और जो सवत ी स आ वह ितजञा क अनसार जनमा 24इन बात म दष टानत ह य िया मानो दो वाचाए ह एक तो सीन पहाड़ क िजसस दास ही उतप होत ह और वह हािजरा ह 26पर ऊपर क यशलम सवत ह और वह हमारी माता ह 28 ह भाइयो हम इसहाक क समान ितजञा क सनतान ह 29 और जसा उस समय शरीर क अनसार जनमा आ (एसाव) आतमा क अनसार जनम ए (याकब) को सताता था वसा ही अब भी होता ह

bull 1 यहा 38 -10 जो कोई पाप करता ह वह शतान क ओर स ह जो कोई परमश वर स जनमा ह वह

पाप नह करता कयक उसका बीज उसम बना रहता ह और वह पाप कर ही नह सकता (कयक कोई समय आएगा जब वह िवास करगा) कयक परमश वर स जनमा ह (10) इसी स परमश वर क सनतान और शतान क सनतान जान जात ह जो कोई धमर क काम नह करता वह परमश वर स नह और न वह जो अपन भाई स म नह रखता

यह सब ldquoबीजrdquo क वशावली क िवषय म ह इस परी बाइबल म अनक वशाविलय म दखा जा सकता ह उतपि 9 और 10 स और मी 11-17 तथा लका 323-38 तक

VII दो जाितय क समह का य आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा इफिसय 610-13 इसिलय भ म और उसक शिक त क भाव म बलवनत बनो 11 परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम शतान क यिक तय क सामन खड़ रह सको 12 कयक हमारा यह मल लय ल और मास स नह (यह परमर क िज़ममदारी ह) परनत (हमारा य) धान स और अिधकारय स और इस ससार क अनधकार क हाकम स और उस दष टता क आितमक सना स ह जो आकाश म ह 13

इसिलय परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम बर दन म सामना कर सको और सब कछ परा करक िसथर रह सको hellip 16 िसथर रहो कयक यीश न कहा

जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा

VIII और अिधक सपता दनवाल पि करनवाल वचन वसथािववरण 1015 तौभी यहोवा न तर पवरज स स नह और म रखा और उनक बाद तम लोग को

15

जो उनक सनतान (अकषरशः बीज) हो सब दश क लोग क मधय म स चन िलया जसा क आज क दन कट ह यशायाह 5310 तौभी यहोवा को यही भाया क उस कचल उसी न उसको रोगी कर दया जब वह

अपना ाण दोषबिल कर तब वह अपना वश (अकषरशः बीज) दखन पाएगा रोिमय 413 कयक यह ितजञा क वह जगत का वारस होगा न अाहम को न उसक वश (अकषरशः उसक बीज) को वसथा क ारा दी गई थी परनत िवश वास क धामरकता क ारा िमली पद 16 इसी कारण ितजञा िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर हो क वह उसक सब वशज (अकषरशः बीज) क िलय दढ़ हो न क कवल उसक िलय जो वसथावाला ह वरन उनक िलय भी जो

अाहम क समान िवश वासवाल ह वही तो हम सब का िपता ह

bull िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर ndashgt शािबदक यनानी पठन अनह मफत वरदान ह यह फर इस बात को कट करता ह क िवास अनह क ारा मफत वरदान ह

गलाितय 323-27 पर िवश वास क आन स पहल वसथा क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी और उस िवश वास क आन तक जो गट होनवाला था हम उसी क बनधन म (सिनित) रह 24

इसिलय वसथा मसीह तक पचान क िलय हमारी िशकषक ई ह क हम िवश वास स धम ठहर 25 परनत जब िवश वास आ चका तो हम अब िशकषक क अधीन न रह ब क समान

bull यह बताता ह क हम िवास क आन स पहल भी उसक सतान थ और हमार िवास करन तक वसथा

क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी

bull यद िवास आता ह तो इसका अथर ह क वह हम स उतप नह होता यह अनह का वरदान ह

bull दख 1 पतरस 1 1-3 पतरस hellip उन परदिशय (परदशी नागरक नह) क नाम जो परमश वर िपता क

भिवषय जञान क अनसार चन गए ह 21 िजसन अपनी बड़ी दया स हम जीिवत आशा क िलय नया जनम दया 21 उसक ारा तम उस परमश वर पर िवश वास करत हो 23 क तम न नाशवान (मानवीय ससार का) नह पर अिवनाशी बीज (सवगय) स परमश वर क जीवत और सदा ठहरनवाल वचन क ारा नया जनम पाया ह

bull 2 पतरस 11 उनह िलखा hellip िजनहन हमार समान बमलय िवश वास ाप त कया ह

16

गलाितय 326 कयक तम सब उस िवश वास क ारा जो मसीह यीश पर ह परमश वर क सनतान हो

bull इसस पहल क हमारा सवाभािवक जनम होता हम परमर क सतान थ और उस समय तक रह जब हमार पास ldquoिवास आयाrdquo और हमन ldquoउस िवास को हण कया और िवास कयाrdquo फर उस बद पर हम परमर क प हो गए कवल सतान ही नह रह कयक पिव आतमा हमार ldquoभीतरrdquo था क हम िसखाए और हम समझ द

गलाितय 3 29 और यद तम मसीह क हो (कछ नह ह लकन इसस पहल क हमारा जनम होता हम उसक ह कयक उसन हम जगत क उतपि स पहल स ही चन रखा था) तो अाहम क वश (बीज) और ितजञा क अनसार (क वह कई जाितय का िपता होगा) वारस भी हो गलाितय 41 म यह कहता क वारस जब तक बालक (परमर का) ह यिप सब वसत का सवामी ह तौभी उसम और दास म कोई भद नह 2 परनत िपता क ठहराए ए समय तक सरकषक और बनधक क वश म (वसथा) रहता ह 3

वस ही हम भी जब बालक थ (नया जनम पान स पहल) तो ससार क आद िशकषा क वश म होकर दास बन ए थ 4 परनत जब समय परा आ तो परमश वर न अपन प को भजा जो ी स जनमा और वसथा क अधीन उतप आ 5 ताक वसथा क अधीन को मोल लकर छड़ा ल और हम को लपालक होन का पद िमल

bull यनानी शबद िजसका अनवाद ldquoलपालकrdquo आ ह उसका शािबदक अथर ldquoवयसक प को सथान दनाrdquo ह जस यदी परमपरा बार-िमतसवाह म होता था जहा प जब 14 वषर क आय म पचता था तो उस वयसक माना जाता था

bull ldquoलपालक पrdquo यनानी शबद ui(oqesian (हवी-ओथ-एसी-आ) स आता ह जो दो शबद स बना ह

ui(o$ - प और tiqhmi ndash रखना या सथािपत करना

bull इसिलए इसका शािबदक अनवाद ऐसा ह हम सतान थ लकन िपता ारा िनधाररत समय पर हम प क प म सथािपत कया गया- वयसक प या पिया जब हमन िवश वास कया और हम सब बात दखान और िसखान क िलए पिव आतमा हमार भीतर आया था

bull हम हमशा उसक ब थ परमर क सतान िजनह उसन जगत क उतपि स पहल ही चन िलया था और हम कभी शतान क बीज नह थ हम कभी गोद (लपालक) नह िलया गया जसा आज ससार म इसका अथर समझा जाता ह

bull लपालक का अनवाद गलत धमरवजञािनक पकष को दखाता ह और यह यनानी शबद का सटीक अनवाद नह ह

bull बाइबल अनवाद म िगत हसतकषप एक ऐसा मामला ह िजसस 1611 क KJV भी अछती नह थी कयक तब िवान को राजा क दशा िनदश क अनसार पिवशा म काटा-छाटी करनी पड़ी थी ndash इन

17

म स एक यह था क KJV िबशप क बाइबल का खडन नह कर सकती थी

bull लपालक क परभाषा यह ह ldquoकसी दसर माता-िपता क ब को सवचछा स अपन क प म अपना

लनाrdquo bull स िवासी कभी भी शतान क बीज नह थ

गलातय 46 और तम जो प हो ndash तम परमशवर क हो

bull ldquoपरमर स उतपrdquo यहनना 113

bull ldquoऊपर स जनमrdquo अकषरशः यनानी यहनना 33

bull अाहम का बीज उसक वश (यनानी उसका बीज) रोमय 413 और 16

इसिलय परमश वर न अपन प क आतमा को जो lsquoह अबबा ह िपताrsquo कहकर पकारता ह हमार दय म (जब हमारा नया जनम आ) भजा ह 7 इसिलय त अब दास नह (ससार क मल वसत क अधीन बदी) परनत प ह (परप प या पी) और जब प आ तो परमश वर क ारा वारस भी आ

इफिसय 13-6 हमार भ यीश मसीह क परमश वर और िपता का धनयवाद हो क उसन हम मसीह म सवगय सथान म सब कार क आितमक आशीष दी ह 4 जसा उसन हम जगत क उतपि स पहल उसम चन िलया क हम उसक िनकट म म पिव और िनदष ह 5 और अपनी इचछा क भल अिभाय क अनसार हम अपन िलय पहल स ठहराया क यीश मसीह क ारा हम उसक ldquoप क प म िनयrdquo ह (सही अनवाद लपालक नह) 6 क उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

हम वह ह जो हम ह सौ ितशत उसक अनह क ारा ह और इसम हमारी योगयता यास या कायर का कछ लना-दना नह ह

उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

1 यहा 31-3 दखो िपता न हम स कसा म कया ह क हम परमश वर क सनतान कहलाए और हम ह भी इस कारण ससार हम नह जानता कयक उसन उस भी नह जाना 2 ह ियो अब (अवसथातर या बल दन का यािवशषण) हम परमश वर क सनतान ह और अभी तक यह गट नह आ क हम कया कछ हग इतना जानत ह क जब वह गट होगा तो हम उसक समान हग कयक उसको वसा ही दखग जसा वह ह 3 और जो कोई उस पर यह आशा रखता ह वह अपन आप को वसा ही पिव करता ह जसा वह पिव ह

18

धनयवाद हो िपता हम बत आभारी ह

IX हमार भ यीश मसीह क महान िवजय वह भिवषयवाणी ldquoी का बीज जो सपर क िसर को कचल डालगाrdquo

उसक िवजय का आरमभ तब आ जब उसन अपन को दीन कया और अपना सवगय सहासन अपना मकट अपन अिधकार और सवगर तयागकर सवय को शनय कर दया और मानव प म इस पथवी पर आ गया

फिलिपपय 26-11 िजसन परमश वर क सवप म होकर भी परमश वर क तलय होन को अपन वश म रखन क वसत न समझा 7 वरन अपन आप को ऐसा शनय कर दया और दास का सवप धारण कयाऔर मनषय क समानता म हो गया 8 और मनषय क प म गट होकर अपन आप को दीन कया

और यहा तक आजञाकारी रहा क मतय हा स क मतय भी सह ली 9 इस कारण परमश वर न उसको अित महान भी कया और उसको वह नाम दया जो सब नाम म ष ठ ह 10 क जो सवगर म और

पथवी पर और पथवी क नीच ह व सब यीश क नाम पर घटना टक 11 और परमश वर िपता क मिहमा क िलय हर एक जीभ अगीकर कर ल क यीश मसीह ही भ ह

कलिससय 213-15 उसन तमह भी जो अपन अपराध और अपन शरीर क खतनारिहत दशा म मदार थ उसक साथ िजलाया और हमार सब अपराध को कषमा कया (कस) 14 और िविधय का वह लख जो हमार नाम पर और हमार िवरोध म था िमटा डाला और उस स पर कल स जड़कर सामन स हटा दया ह (इसका परणाम यह आ) और उसन धानता और अिधकार को ऊपर स उतारकर उनका खल लमखल ला तमाशा बनाया और स क ारा उन पर जय-जयकार क धविन सनाई

यीश मसीह क स उसक मतय गाड़ जान और जी उठन न ldquoसपर क िसर को कचल डालाrdquo

1 करिनथय 28-9 इस ससार क हाकम म स कसी न नह जाना कयक यद व जानत तो तजोमय भ को स पर न चढ़ात इािनय 13-4 वह पाप को धोकर ऊच सथान पर महामिहमन क दािहन जा बठा

bull पाप और शतान पर परी िवजय ा क गई और यह समपणर थी

इािनय 1012-14 पाप क बदल एक ही बिलदान सवरदा क िलय चढ़ाकर वह परमश वर क दािहन जा

बठा 13 और उसी समय स इसक बाट जोह रहा ह क उसक बरी उसक पाव क नीच क पीढ़ी

19

बन 14 कयक उसन एक ही चढ़ाव क ारा उनह जो पिव कए जात ह सवरदा क िलय िस कर दया ह

bull उसका काम तो समा ह वह हमारी तीकषा कर रहा ह क हम उस कायर को समा कर जो उसन हम सपा ह

मी 2414 और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा रोमय 1620 शािनत का परमर शतान को तमहार पाव स शी कचलवा दगा उस अिधकार और सामथयर क ारा जो हम दी गई ह अब हम दन ित दन ldquoसपर का िसर कचलनrdquo म भागीदार होत ह

X अत समय म जीना इाएल का पिव और उसका सिकतार यहोवा य कहता हः ldquoमरी सनतान पर घटत होनवाली घटना क िवषय म मझ स पछो और मर हाथ क काय को मझ पर ही छोड़ दो यशायाह 4511

रोिमय 1311- समय को पिहचान कर ऐसा ही करो इसिलय क अब तमहार िलय नद स जाग उठन (वासतिवकता क िलए जाग उठना आितमक वासतिवकता) क घड़ी आ पची ह कयक िजस समय हम न िवश वास कया था उस समय क िवचार स अब हमारा उार (इस वतरमान पापी यग स छटकारा) िनकट ह (12) रात बत बीत गई ह और दन (भ का दन) िनकलन पर ह इसिलय हम अनधकार क काम को तयाग कर जयोित क हिथयार बाध ल (13) जसा दन को शोभा दता ह वसा ही हम सीधी चाल चल न क लीला-ड़ा (रगरली) और िपयक कड़पन म न िभचार और लचपन (कामकता और अनितकता) म और न झगड़ और डाह म (14) वरन भ यीश मसीह को पिहन लो और शरीर क अिभलाषा को परा

करन का उपाय न करो

हम आितमक य क समय म जी रह ह और हम इससाकार क प क तरह बनना चािहए

इितहास 1223 फर लोग लड़न क िलय हिथयार बाध ए होन म दाऊद क पास इसिलय आए क यहोवा क वचन क अनसार शाऊल का राजय उसक हाथ म कर द (32) इससाकारय म स जो समय को पहचानत थ क इाएल को (परमर क लोग को) कया करना उिचत ह

bull िसपाही जो भली कार स िशिकषत अनशािसत और लय किनत होत ह व सवामी क इचछा को

20

जानत ह और साथ ही दशमन क चाल को भी समझत ह पणर समपरत यहा तक क मतय तक भी

2 तीमिथयस 31-5 पर यह समरण रख क अिनतम दन म कठन समय आएग (2) कयक मनषय सवाथ लोभी डगमार अिभमानी िननदक माता-िपता क आजञा टालनवाल कत अपिव (3) दयारिहत कषमारिहत दोष लगानवाल असयमी कठोर भल क बरी (4) िवश वासघाती ढीठ घमणडी और परमश वर क नह वरन सखिवलास ही क चाहनवाल हग (5) व भिक त का भष तो धरग पर उसक शिक त को न मानग ऐस स पर रहना 2 पतरस 33-4 पहल यह जान लो क अिनतम दन म हसी ठा करनवाल आएग जो अपनी ही अिभलाषा क अनसार चलग (4) और कहग ldquoउसक आन क ितजञा कहा गई कयक जब स बापदाद सो गए ह सब कछ वसा ही ह जसा सिष ट क आरमभ स था मी 244-14 सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए (5) कयक बत स ऐस हग जो मर नाम स आकर कहग lsquoम मसीह rsquo और बत को भरमाएग (6) तम लड़ाइय और लड़ाइय क चचार सनोग तो घबरा न जाना कयक इन का होना अवशय ह परनत उस समय अनत न होगा (7) कयक जाित पर जाित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भकमप हग (8) य सब बात पीड़ा का आरमभ हगी (9) तब व कलश दन क िलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाितय क लोग तम स बर रखग (यह बात बत लमब समय स इाएल क िलए सी ठहरी ह और साथ ही िहनद और इसलामी दश म रहनवाल िवािसय क िलए भी) (10) तब बत स ठोकर खाएग और एक दसर को पकड़वाएग और एक दसर स बर रखग (11) बत स झठ भिवषया उठ खड़ हग और बत को भरमाएग (12) अधमर क बढ़न स बत का म ठणडा पड़ जाएगा (13) परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उार होगा (14) और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा मी 2433 इसी रीित स जब तम इन सब बात को दखो तो जान लो क वह िनकट ह वरन ार ही पर ह मी 2434 म तम स सच कहता क जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक इस पीढ़ी का अनत नह होगा

उपरो पद आज क समय क बार म बतात ह िजसम हम रह रह ह हम जानना चािहए और सदा समरण रखना चािहए क

bull जस यीश ससार नह ह वस ही हम भी ससार क नह ह (यहा 1716)

21

bull परनत हमारी नागरकता सवगर क ह जहा स हम उारकतार भ यीश मसीह क आगमन क तीकषा

उतसकता स कर रह ह (फिलिपपय 321)

bull हम पथवी पर परदशी और पराए ह (इािनय 1113)

bull हम मसीह क राजदत ह जो पराए दश म रह रह ह2 कर 520

bull हमारा िमशन उस कायर को समा करना ह िजसक िलए यीश इस जगत म आया खोए को ढढन और बचान मी 2414 2818-20 नमक और जयोित क समान होनndash मी 513

समय क िचहन को दखकर ऐसा लगता ह मानो हम ldquoअितम दनrdquo क ार पर ह यह समय कलश का समय होगा परनत इसस पहल कलश का समय श हो कछ अदभत होगा

XI िवािसय का बड़ा िनगरमन

2 िथससलनीकय 21-2 ह भाइयो अब हम अपन भ यीश मसीह क आन और उसक पास अपन इक होन क िवषय म तम स िवनती करत ह (2) क कसी आतमा या वचन या पी क ारा जो क मानो हमारी ओर स हो यह समझकर क भ का दन आ पचा ह तमहारा मन अचानक अिसथर न हो जाए और न तम घबराओ

bull िथससलनीकय क िवासी ऐस कठन समय म रह रह थ क उनहन सोचा क ldquoभ का दनrdquo आ

चका ह और व ldquoउसक पास अपन इका होनrdquo स चक गए ह

bull य पौलस क उस िशकषा क ओर सकत करता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल िवासी ldquoभ क पास उठा िलए जाएगrdquo और उनह यह समझान क िलए क ldquoभ का दनrdquo अभी नह आया ह पौलस कहता ह

पद 3-4 कसी रीित स कसी क धोख म न आना कयक वह दन (भ का दन) न आएगा जब तक धमर का तयाग (िवास स बहक) न हो ल और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो

bull 1 तीमिथयस 41-2 परनत आतमा सपष टता स कहता ह क आनवाल समय म कतन लोग

भरमानवाली आतमा और दष टातमा क िशकषा पर मन लगाकर िवश वास स बहक जाएग (दख 1 यहा 217-19 2 पतरस 220-22)

22

और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो (4) जो िवरोध करता ह और हर एक स जो ईश वर या पजय कहलाता ह अपन आप को बड़ा ठहराता ह यहा तक क वह परमश वर क मिनदर म बठकर अपन आप को ईश वर ठहराता ह

bull य सब नह आ था और यह सप ह क यह होन स पहल स िवासी ldquoउसक पास इका कए

जाएगrdquo दािनययल 121 hellip तब ऐस सकट का समय होगा जसा कसी जाित क उतप होन क समय स लकर अब तक कभी न आ न होगा परनत उस समय तर लोग म स िजतन क नाम परमश वर क पसतक म िलख ए ह व बच िनकलग

ऐसा तीत होता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल अथारत पथवी पर महकलश क समय स पहल भ यीश मसीह क कलीिसया mdash समसत िवासीmdashइस ससार स िनकाल िलए जाएग

bull भ का दन यशायाह 136+ यहजकल 303 योएल 115 21 11 31 314 आमोस 518-20 सपनयाह 114-18 मलाक 45 रत 220 1 िथससलनीकय 52 2 पतरस 310

मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा (38) कयक जस जल-लय

स पहल क दन म िजस दन तक क नह जहाज पर न चढ़ा (दड स पहल) उस दन तक लोग खात-

पीत थ और उनम िववाह होत थ (39) और जब तक जल-लय आकर उन सब को बहा न ल गया तब

तक उनको कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क प का आना भी होगा (40) उस समय दो जन खत

म हग एक ल िलया जाएगा और दसरा छोड़ दया जाएगा (41) दो िया चक क पीसती रहगी एक

ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी

नह क दन क समान हम भी अपना जहाज़ तयार करत रहना चािहए िवश वास ही स नह न उन बात क िवषय म जो उस समय दखाई न पड़ती थ चतावनी पाकर भिक त क साथ अपन घरान क बचाव क िलय जहाज बनाया इािनय 117 नह और उसक परवार न जहाज़ म वश कया और परमर न जहाज़ का ार बद कर दया कवल वही थ जो परमर ारा बचाए गए या दड अथारत कलश स बचाए गए

उनहन अवशय दड को दखा उसम स गए और उस अनभव कया लकन सरिकषत सथान स जहा

23

स व ldquoअत तक सरिकषत रह और बचाए गएrdquo

लका भी नह क िवषय म िलखता ह और फर िनिलिखत भी जोड़ दता ह लका 1728-31 और जसा लत क दन म आ था क लोग खात-पीत लन-दन करत पड़ लगात और घर बनात थ (29) परनत िजस दन लत सदोम स िनकला उस दन आग और गनधक आकाश स बरसी और सब को नष ट कर दया (30) मनषय क प क गट होन क दन भी ऐसा ही होगा

समरण कर mdash परमर न कहा था क वह सदोम को न नह करगा यद वह धम लोग हग (उतपि 1826-33) तो इस अितम िवनाश म भी धम लोग को पहल ही िनकाल िलया जाएगा

उतपि 1929 और ऐसा आ क जब परमश वर न उस तराई क नगर को िजनम लत रहता था उलट-पलट कर नष ट कया तब उसन अाहम को याद करक लत को उस घटना स (इसस पहल वह घटती) बचा िलया

परमर न अपन चन को िम म दड और िवपिय स बचाया और फर उसन अितम दड स पहल अदभत रीित स लाल सम को दो भाग करक उनह िम स बाहर िनकाला था

अतः हम िनिलिखत वचन स य समझ सकत ह क सभी स िवासी महाकलश क समय स पहल ldquoिनकाल िलए जाएगrdquo कछ लोग इस ldquoरपचरrdquo भी कहत ह (ldquoरपचरrdquo शबद बाइबल का नह ह यह एक लाितनी शबद ह िजसका अथर ह ldquoहवा म उठाया जानाrdquo) कािशतवाकय 310 त न मर धीरज क वचन को थामा ह इसिलय म भी तझ परीकषा क उस समय बचा रखगा जो पथवी पर रहनवाल क परखन क िलय सार ससार पर आनवाला ह

1 िथससलनीकय 413-18 कयक यद हम िवश वास करत ह क यीश मरा और जी भी उठा तो वस ही परमश वर उनह भी जो यीश म सो गए ह (व िवासी जो मर चक ह और तब स व आतमा म भ क साथ ह) उसी क साथ ल आएगा (15) कयक हम भ क वचन क अनसार तम स यह कहत ह क हम जो जीिवत ह और भ क आन तक बच रहग सोए (मर ) स कभी आग न बढ़ग (16) कयक भ आप ही सवगर स उतरगा उस समय ललकार और धान दत का शबद सनाई दगा और परमश वर क तरही फक जाएगी और जो मसीह म मर ह व पहल जी उठग (दह का पनतथान जो अपनी-अपनी उन आतमा स जा िमलगी जो भ क साथ थ) (17) तब हम जो जीिवत और बच रहग उनक साथ बादल पर उठा िलय जाएग क हवा म भ स िमल और इस रीित स हम सदा भ क साथ रहग (18) इस कार इन बात स एक दसर को शािनत दया करो

24

य परचछद आग भी जारी ह अधयाय 51-11

पर ह भाइयो इसका योजन नह क समय और काल क िवषय म तमहार पास कछ िलखा जाए (2) कयक तम आप ठीक जानत हो क जसा रात को चोर आता ह वसा ही भ का दन (महान अितम नयाय) आनवाला ह (3) जब लोग कहत हग ldquoकशल ह और कछ भय नहrdquo तो उन पर एकाएक िवनाश आ

पड़गा िजस कार गभरवती पर पीड़ा और व कसी रीित स न बचग (4) पर ह भाइयो तम तो अनधकार म नह हो क वह दन तम पर चोर क समान आ पड़ (5) कयक तम सब जयोित क सनतान और दन क सनतान हो हम न रात क ह न अनधकार क ह (6) पर जागत और सावधान रह hellip (8) hellip िवश वास और म क िझलम पिहनकर और उार क आशा का टोप पिहनकर सावधान रह (9)

कयक परमश वर न हम ोध क िलय नह (ोध अितम नयाय का ह िवासी वहा नह हग)

परनत इसिलय ठहराया ह क हम अपन भ यीश मसीह क ारा उार ाप त कर (10) वह हमार

िलय इस कारण मरा क हम चाह जागत ह चाह सोत ह सब िमलकर उसी क साथ जीए (11) इस कारण एक दसर को शािनत दो और एक दसर क उित का कारण बनो जसा क तम करत भी हो 1 करिनथय 1550-54 भी अलौकक घटना का वणरन करता ह दखो म तम स भद क बात कहता हम सब नह सोएग (सब नह मरग) परनत सब बदल जाएग (52) और यह कषण भर म पलक मारत ही अिनतम तरही फकत ही होगा कयक तरही फक जाएगी और मद (िवािसय क मत दह उनक आतमा भ क साथ थी 2 कर 58) अिवनाशी दशा म उठाए जाएग और हम (जो पथवी पर जीिवत ह) बदल जाएग (53) कयक अवशय ह क यह नाशवान दह अिवनाश (पनितथत दह) को पिहन ल और यह मरनहार दह अमरता को पिहन ल (54) और जब यह नाशवान अिवनाश को पिहन लगा और यह मरनहार अमरता को पिहन लगा तब वह वचन जो िलखा ह परा हो जाएगा ldquoजय न मतय को िनगल िलया य िनिलिखत पद दह क पनतथान को समझन म सहायक ह 1 करिनथय 1542-45 मद का जी उठना भी ऐसा ही ह शरीर नाशवान दशा म बोया जाता ह और अिवनाशी प म जी उठता ह (43) वह अनादर क साथ बोया जाता ह और तज क साथ जी उठता ह िनबरलता क साथ बोया जाता ह और सामथयर क साथ जी उठता ह (44) सवाभािवक दह बोई जाती ह और आितमक दह जी उठती ह जबक सवाभािवक दह ह तो आितमक दह भी ह

तरही क फकन पर mdash हम पलक झपकत ही कषण भर म भ क साथ हवा म जा िमलग और इस कार हम सदा भ क साथ हगrdquo

25

XII कलश मी 2415-28 ldquoइसिलय जब तम उस उजाड़नवाली घिणत वसत को िजसक चचार दािनययल भिवषयक ता क ारा ई थी पिवसथान म खड़ी ई दखो (जो पढ़ वह समझ) (16) तब जो यदया म ह व पहाड़ पर भाग जाए (17) जो छत पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर (18) और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट (19) ldquoउन दन म जो गभरवती और दध िपलाती हगी उन क िलय हाय हाय (20) ाथरना कया करो क तमह जाड़ म या सबत क दन भागना न पड़

(21) कयक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक आ और न कभी होगा (22) यद व दन घटाए न जात तो कोई ाणी न बचता परनत चन (जो कलश क समय िवास म आए ह) क कारण व दन घटाए जाएग (23) उस समय यद कोई तम स कह lsquoदखो मसीह यहा हrsquo या lsquoवहा हrsquo तो िवश वास न करना (24) ldquoकयक झठ मसीह और झठ भिवषयक ता उठ खड़ हग और बड़ िचहन और अदभत काम दखाएग क यद हो सक तो चन को भी भरमा द (25) दखो म न पहल स तम स यह सब कछ कह दया ह (26) इसिलय यद व तम स कह lsquoदखो वह जगल म हrsquo तो बाहर न िनकल जाना या lsquoदखो वह कोठरय म हrsquo तो िवश वास न करना (27) ldquoकयक जस िबजली पवर स िनकलकर पिश चम तक चमकती ह वस ही मनषय क प का भी आना होगा

bull दसर शबद म mdash कोई भी उसक आगमन स चक नह सकता

कािशतवाकय 132 जो पश म न दखा वह चीत क समान था hellip (6) उसन परमश वर क िननदा करन क िलय मह खोला क उसक नाम और उसक तमब अथारत सवगर क रहनवाल क िननदा कर (7) उस यह भी अिधकार दया गया क पिव लोग स लड़ और उन पर जय पाए और उस हर एक कल और लोग और भाषा और जाित पर अिधकार दया गया (8) पथवी क व सब रहनवाल िजनक नाम उस म क जीवन क पसतक म िलख नह गए जो जगत क उतपि क समय स घात आ ह उस पश क पजा करग 9िजसक कान ह वह सन (11) फर म न एक और पश को पथवी म स िनकलत ए दखा hellip (12) वह उस पहल पश का सारा अिधकार उसक सामन काम म लाता था और पथवी और उसक रहनवाल स उस पहल पश क िजसका ाण-घातक घाव अचछा हो गया था पजा कराता था (13) वह बड़-बड़ िचहन दखाता था यहा तक क मनषय क सामन सवगर स पथवी पर आग बरसा दता था (14) उन िचहन क कारण िजनह उस पश क सामन दखान का अिधकार उस दया गया था वह पथवी क रहनवाल को भरमाता था और पथवी क रहनवाल स कहता था क िजस पश क तलवार लगी थी वह जी गया ह उसक मतर बनाओ (15) उस उस पश क मतर म ाण डालन का अिधकार दया गया क पश क मतर बोलन लग और िजतन लोग उस पश क मतर क पजा न कर उनह मरवा डाल (16) उसन छोट-बड़ धनी-कगाल सवत-दास सब क दािहन हाथ या उनक माथ पर एक एक छाप करा दी (17) क उसको छोड़

26

िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 5: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

5

दानत म और अनय सथान पर दया था

मी 1337-43 अचछ बीज का बोनवाला मनषय का प ह hellip अचछा बीज राजय क सनतान ह और

जगली बीज दष ट क सनतान ह िजस श न उनको बोया वह शतान ह कटनी जगत का अनत ह और काटनवाल सवगरदत ह 40 अत जस जगली दान बटोर जात और जलाए जात ह वसा ही जगत क अनत म होगा 41 मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा और व उसक राजय म स सब ठोकर क कारण को और ककमर करनवाल को इका करग 42 और उनह आग क कणड म डालग जहा रोना और दात पीसना होगा 43 उस समय धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग िजसक कान ह वह सन ल

bull और यहा 844 तम अपन िपता शतान स हो और अपन िपता क लालसा को परा करना चाहत

हो स -gt यनानी ldquoἐκ (ऐक)rdquo म स उतप मल

bull रत क काम 137-10 म पौलस इनम स एक को ldquoशतान क सनतानrdquo कहकर पकारता ह ह सार कपट और सब चतराई स भर ए शतान क सनतान

bull इस साई क िवषय म और भी कई पद ह

IV ी का पहला बीज

उतपि 41-2 जब आदम अपनी पी हववा क पास गया तब उस न गभरवती होकर कन को जनम दया और कहा ldquoम न यहोवा क सहायता स एक पष पाया हrdquo 2 फर उसन उसक भाई हािबल को भी जनम दया हािबल भड़-बकरय का चरवाहा बन गया परनत कन भिम पर खती करन वाला कसान बना bull मानव इितहास म कन पहला प था और उसक बाद हािबल आ उतपि 315 क भिवषयवाणी क कारण

व शतान क उन यास का क बन गए क वह उनह कर द या मार डाल

bull इन बालक न िनय ही अपन िपता आदम स जो परमर क साथ-साथ वाटका म चलता था सही और गलत क बार म बत कछ सना होगा 43 कन यहोवा क पास भिम क उपज म स कछ भट ल आया उस भिम स जो शािपत थी और यह हमार अपन कायर और य को अथारत ldquoधमरrdquo को दशारता था उसन परमर का या अपन िपता क िशकषा का आदर नह कया यह एक कार का िवोह था जो कवल सवय पर अपन माग और इचछा पर किनत था 44 और हािबल भी अपनी भड़-बकरय क कई एक पहलौठ बच च भट चढ़ान ल आया और उनक चब भट चढ़ाई तब यहोवा न हािबल और उसक भट को तो हण कया

46-7 तब यहोवा न कन स कहा ldquoत कय ोिधत आ hellip और यद त भला न कर तो पाप ार पर

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िछपा रहता ह और उसक लालसा तरी ओर होगी और तझ उस पर भता करनी हrdquo

bull पहली हतया कन पर दया क गई लकन उसन परमर क वचन को तचछ जाना और िवोह कया तथा अपन भाई हािबल को मार डाला यह उस कार क वचन थ जस यीश न अाहम क कछ सतान (बीज) क िलए कह थ

यहा 837 मरा वचन तमहार दय म जगह नह पाता

bull शतान न एक और य जीता जब उसन एक प को मार दया और दसर को अपन वश म कर िलया

उतपि 49 तब यहोवा न कन स पछा ldquoतरा भाई हािबल कहा हrdquo उसन कहा ldquoमालम नह कया म अपन भाई का रखवाला rdquo पहला झठा मनषय जो अपन आितमक िपता शतान क तरह था ldquoतम िनश चय न मरोगrdquo यह मझ वह समरण कराता ह जो यीश न अिवािसय क समह स कहा था यहा 844-45 तम अपन िपता शतान स हो और अपन िपता क लालसा को परा करना चाहत हो वह तो आरमभ स हतयारा ह और सतय पर िसथर न रहा कयक सतय उसम ह ही नह जब वह झठ बोलता तो अपन सवभाव ही स बोलता ह कयक वह झठा ह वरन झठ का िपता ह

bull झठ बोलना शतान स ह जब कोई सा िवासी झठ बोलता ह तो वह शतान क ार खोल दता ह क वह

आकर उसक जीवन को और अिधक भािवत कर इफिसय 425 और 27

1 यहा 311-12 hellip हम एक दसर स म रख और कन क समान न बन जो उस दष ट स (ek))) था और िजसन अपन भाई को घात कया और उस कस कारण घात कया इस कारण क उसक काम बर थ और उसक भाई क काम धमर क थ उनक फल स तम उनह पहचान लोग मी 716

स -gt यनानी ldquoekrdquo उम क सथान क ओर सकत करता ह जहा स या का आरमभ आ -gt वह दषट कन शतान का ldquoबीजrdquo उसक सनतान था

नीकदमस स बात करत ए यीश न उतपि 315 और ldquoदो बीजrdquo क तथय क पि क

यहा 33-8 यीश न उसको उर दया ldquoम तझ स सच सच कहता यद कोई नय िसर स न जनम

(anwqen)) ndash अरशः ऊपर स या आरमभ स) तो परमश वर का राजय दख (idein ndash दखना या समझना) नह

सकताrdquo (वश नह लकन दखना)

7

(4) नीकदमस न उस स कहा ldquoमनषय जब बढ़ा हो गया तो कस जनम ल सकता ह कया वह अपनी माता क गभर म

दसरी बार वश करक जनम ल सकता हrdquo

bull नीकदमस इस बात म सही था क यीश ldquoसवाभािवक जनमrdquo क बात कर रहा था लकन उसन यह गलत समझा क यीश मनषय क सवाभािवक जनम क उम क बार कह रहा ह नीकदमस का कथन यीश क शबद का सही अथर नह बताता बिलक यही दशारता ह क वह उसक बात को समझन म असफल रहा

bull बाइबल म अकसर लोग यीश को गलत समझ नीकदमस ारा गलत अथर लगान को हम पद 10 म सप प स दख सकत ह यीश न उसस कहा ldquoत इाएिलय का ग होकर भी कया इन बात को नह समझता

ldquoफर सrdquo क िलए शबद ह (palin - पािलन) और इसका इसतमाल नए िनयम म 171 बार आ ह

इस पद म शबद (palin) का योग नह आ बिलक शबद (a v vnwqen) का आ ह

यद (a v vnwqen) का अनवाद इस परचछद म अपन िनयिमत अथर क साथ होता तो नए िनयम म कसी भी सथान पर उसका अनवाद ldquoफर सrdquo क प म होता

bull शबद (a v vnwqen) को ldquoफर सrdquo क प म अनवाद करना शबदाथर स भटकना और अटकलबाजी करना ह

बाइबल हम बताती ह क इस ससार म लोग क कई उम होत ह अथारत सब परमर ldquoसrdquo उतप नह होत

यहनना 112-13 परनत िजतन न उस हण कया उसन उनह परमश वर क सनतान होन का अिधकार

दया अथारत उनह जो उसक नाम पर िवश वास रखत ह 13 व (1) न तो ल स (2) न शरीर क इचछा स (3) न मनषय क इचछा स परनत (4) परमश वर स उतप ए ह

bull 1 2 और 3 सवाभािवक जनम क बात करत ह अतः अनवाद क िनयम क अनसार नमबर 4 भी सवाभािवक जनम क बात करता ह आितमक जनम क नह

होना एओरसट या म ह ऐसी या जो हो चक ह और बोलन क समय स पवर वह समा हो गई थी

इस या का मखय अथर होना आरमभ करना ह अथारत अिसततव म आना या कवल होना (from The Complete Word Study Dictionary New Testament copy 1992 by AMG International Inc Revised Edition 1993) दी अपोलोजटकस सटडी बाइबल इस म सहमत ह क होना सही अनवाद ह न क ldquoबननाrdquo जो उस समय या होन को लाता ह जब ि िवास करता ह यह एक धमर-वजञािनक मानयता ह और सटीक अनवाद नह

8

bull सवरशिमान भ परमर िपता ह और उसन अपनी सतान को उनक परवार को जगत क उतपि स पहल चन िलया ह इफसय 14

bull उसक सतान न िवास कया कयक व परमर स उतप ए ह उसक बीज स

उतप 416 तब कन यहोवा क सममख स िनकल गया और नोद नामक दश म जो अदन क पवर क ओर

ह रहन लगा bull कन न अपनी पीठ फर ली और परमर स दर चला गया

bull पद 17ndash24 कन क वशावली स बताता ह क लमक न दो िया बयाह ल जो परमर ारा ठहराए गए िनयम ldquoएक पष और एक ीrdquo (उतपि 224) का थम उललघन ह लमक ब-िववाह था का जनमदाता ह और उसन अपन पवरज कन क तरह एक ि का घात कया और इस कार उसन इस वश क दता को कट कया

उतप 425-26 आदम अपनी पी क पास फर गया और उसन एक प को जनम दया और उसका नाम

यह कह क शत रखा ldquoपरमश वर न मर िलय हािबल क बदल िजसको कन न घात कया एक और वश (अकषरशः बीज) ठहरा दया हrdquo 26 शत क भी एक प उतप आ और उसन उसका नाम एनोश रखा

उसी समय स लोग यहोवा स ाथरना करन लग

bull आदम शत और उसका प एनोश यह वशावली यहोवा स ाथरना करन लगी

यह चनी ई वशावली या बीज ह िजसस वह िवजयी उारकतार आएगा जो सपर का िसर कचल दगा

bull अब हमार पास दो वशावली ह पथवी पर दो पष क वशावली एक जो परमर स फरकर दर चला गया और दसरा जो परमर क ओर आया

bull उतपि 425 स लकर अधयाय 532 तक हम आदम स शत और उसस नह तक क वशावली िमलती ह और हर

वशज क नाम क साथ यह वाकयाश जड़ा ह उसक और भी बट बटया उतप तो पथवी पर आबादी बढ़ गई

bull आदम स नह तक 1556 वष क अविध थी और नह पाच सौ वषर का आ और नह स शम और हाम और यपत का जनम आ

V ldquoी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परणाम जललय था उतप 61-14 फर जब मनषय भिम क ऊपर बत बढ़न लग (आदम स नह तक 1556 वषर) और उनक

9

बटया उतप 2तब परमश वर क प न (परान िनयम म यह शबद सदव सवदरत क िलए इसतमाल होत ह अययब 16 21 387) मनषय क पिय को दखा क व सनदर ह (उनक ित वासना स भर गए) और उनहन िजस िजसको चाहा उनस िववाह कर िलया (लमक क पदिचहन पर जो पहला ब-िववाही था िजसन दो पिया बयाही थ उतपि 419) 4उन दन म पथवी पर दानव (अथारत नपीली लोग) रहत थ और इसक पश चात जब परमश वर क प मनषय क पिय क पास गए तब उनक ारा जो प उतप ए व (नपीली प) शरवीर (योा िनरकश या दानव) होत थ िजनक कतर ाचीनकाल स चिलत ह bull य ldquoपरमर क पrdquo परमर ारा सज गए सवगरदत थ िजनह नीच िगराया गया था कयक उनहन ldquoलिसफरrdquo

क साथ िमलकर परमर क िव िवोह कया था (यहजकल 2812-19) उनका एक ही उशय था क उन सब का नाश करना िजनह परमर न सजा ह और िजनस वह म रखता ह िवशषकर लोग जो उसक सवप म रच गए थ

bull यदा 6-7 फर िजन सवगरदत न अपन पद (या अिधकार कष) को िसथर न रखा वरन अपन िनज िनवास (या िनवासस थान) (मनषय क पिय क लालसा स रत होकर) को छोड़ दया उसन उनको भी उस भीषण दन क नयाय क िलय अनधकार म जो सदा काल क िलय ह बनधन म रखा ह िजस रीित स सदोम और अमोरा और उनक आसपास क नगर जो इन क समान िभचारी हो गए थ और पराय शरीर क पीछ लग गए थ आग क अननत दणड म पड़कर दष टानत (परमर इस िवकित स कतना घणा करता ह) ठहर ह

शतान जो इन िगराए ए दत का नता था उसन उनस कहा क व िजस िजसको चाह उनस िववाह कर ल िजसस मनषय का ल उसका वश डीएनए या आनवािशक म दिषत हो जाए और ी का वश तथा उसक िसर कचल जान क भिवषयवाणी को रोका जा सक

bull इन िगराए ए दत क पास िय को गभरवती करन और ब उतप करन क शि थी जसा उतपि छह

कहती ह तो इसका अथर यह ह क मनषय क वशाण हो गए यह ी क बीज को दिषत करन का एक और हमला था o वह सपर शतान पथवी पर ldquoअपन बीजrdquo अपनी सतान को बढ़ान म लगा ह ताक परमर क लोग को ी

क बीज को और न कर द मनषय को अपन जाल म फसान क िलए उसका हिथयार लिगक आनद था यह य समसत िव म सप प स दखा जा सकता ह हर मसीही को यह जानन क ज़रत ह और अवशय ह क वह जवानी क अिभलाषा स भाग और जो श मन स भ का नाम लत ह उनक साथ धमर और

िवश वास और म और मलिमलाप का पीछा कर 2 तीमिथयस 222-23 bull य सतान व हो सकती ह िजनक िवषय म भ न कहा क व उस द क सतान ह या व जगली बीज ह िजनह

शतान न बोया मी 1337-39 अचछ बीज का बोनवाला मनषय का प ह hellip अचछा बीज राजय क सनतान और जगली बीज दष ट क सनतान ह िजस श न उनको बोया वह शतान ह और यहा 844 तम अपन िपता शतान स हो और अपन िपता क लालसा को परा करना चाहत हो

bull रत क काम 137-10 म पौलस इनम स एक को ldquoशतान क सतानrdquo कहकर पकारता ह ह सार कपट और सब चतराई स भर ए शतान क सनतान

10

उतपि 6 पर वापस आत ह 5 यहोवा न दखा क मनषय क बराई पथवी पर बढ़ गई ह और उनक मन क िवचार म जो कछ उतप होता ह वह िनरनतर बरा ही होता ह 6 और यहोवा पथवी पर मनषय को बनान स पछताया और वह मन म अित खदत आ 7 तब यहोवा न कहा ldquoम मनषय को िजसक म न सिष ट क ह पथवी क ऊपर स िमटा दगा कया मनषय कया पश कया रगनवाल जनत कया आकाश क पकषी सब को िमटा दगा कयक म उनक बनान स पछताता rdquo 8 परनत यहोवा क अनह क दिष ट नह पर बनी रही 9 नह क वशावली यह ह नह धम पष और अपन समय क लोग म खरा था और नह परमश वर ही क साथ साथ चलता रहा और नह स शम और हाम और यपत नामक तीन प उतप ए 11 उस समय पथवी परमश वर क दिष ट म िबगड़ गई थी और उपव स भर गई थी 12 और परमश वर न पथवी पर जो दिष ट क तो कया दखा क वह िबगड़ी ई ह कयक सब ािणय न पथवी पर अपना अपना चाल-चलन िबगाड़ िलया था 13 तब परमश वर न नह स कहा ldquoसब ािणय क अनत करन का मर सामन आ गया ह कयक उनक कारण पथवी उपव स भर गई ह इसिलय म उनको पथवी समत नष ट कर डालगा

bull नपीली लोग स इतनी तज़ी स नितक िगरावट आई क उनक (मनषय क) मन क िवचार म जो कछ उतप होता ह वह िनरनतर बरा ही होता ह

bull सब ािणय न पथवी पर अपना अपना चाल-चलन िबगाड़ िलया था यह बची ई मानवजाित क अिसततव पर और ी क बीज क भिवषयवाणी पर गभीर हमला था

bull नपीली लोग का डीएनए आधा मनषय और आधा पितत सवगरदत का था इसका परणाम दता और बर

सवभाव क ती वि म आ इसिलए जललय न शतान क इस ष को नाकाम कर दया

bull परनत एक मनषय बचा था 9 नह धम पष और अपन समय क लोग म खरा था और नह परमश वर ही

क साथ साथ चलता रहा 13 तब परमश वर न नह स कहा ldquoसब ािणय क अनत करन का मर सामन आ गया ह कयक उनक कारण पथवी उपव स भर गई ह इसिलय म उनको पथवी समत नष ट कर डालगा

bull नह उसी शत क वशावली स था आदम का प था hellip और आदम क ारा उसक समानता म उस ही क सवप क अनसार एक प उतप आ उसन उसका नाम शत रखा उतपि 53

bull जल लय क तीन उशय थ (1) नपीली जाित को न करना (2) उन लोग को न करना िजनका डीएनए हो चका था और (3) उन सब को िजनहन अपन माग को कर दया था

bull जब य नपीली दानव जललय म मर फर या बाद म उनक आतमाए अपनी दह स अलग होकर पथवी

11

पर दसरी दह क तलाश म भटकन लगी ताक व उनम वास कर और समसत मानवजाित म उसी अनितक िवकत लिगक आचरण को बढ़ावा द यीश न मी 1243-45 म इसक पि क ldquoजब अश आतमा मनषय म स िनकल जाती ह (यनानी एकसखमाईएकसािससम) तो सखी जगह म िवाम ढढ़ती फरती ह और पाती नह तब कहती ह lsquoम अपन उसी घर म जहा स िनकली थी लौट जाऊगीrsquo और लौटकर उस सना झाड़ा-बहारा और सजा-सजाया पाती ह तब वह जाकर अपन स और बरी सात आतमा को अपन साथ ल आती ह और व उसम पठकर वहा वास करती ह और उस मनषय क िपछली दशा पहल स भी बरी हो जाती ह इस यग क बर लोग क दशा भी ऐसी ही होगीrdquo

bull व सवगरदत िजनहन िय क लालसा क और उनस सतान उतप क उनह आनद दड

भगतना पड़ा o सवगरदत को बयाह करन क अनमित नह ह मी 2230

यदा 5-6 भ न एक कल को िम दश स छड़ान क बाद िवश वास न लानवाल को नष ट कर दया फर िजन सवगरदत न अपन पद को िसथर न रखा वरन अपन िनज िनवास को छोड़ दया उसन उनको भी उस भीषण दन क नयाय क िलय अनधकार म जो सदा काल क िलय ह बनधन म रखा ह

1 पतरस 319 यीश न जाकर कदी आतमा (सवगरदत या परमर क प) को भी चार कया 20

िजनहन उस बीत समय म आजञा न मानी जब परमश वर नह क दन म धीरज धरकर ठहरा रहा और वह जहाज बन रहा था

समरण रख यीश न हम चतावनी दी ह मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा

य द अश आतमाए अब भी इस पथवी पर ह व जललय म मारी नह ग व कवल उन शरीर म स िनकल गई थ िजनम उनका वास था सब आतमाए अनत होती ह अनतकाल क आग या अनतकाल का जीवन य द अश आतमाए कसी भी ि म समान का अवसर ढढ़ती ह क िवकत लिगक आचरण और अनितकता को बढ़ावा द

VI उारकतार क वशावली को दिषत करन का यास एा 91-4 जब य काम हो चक तब हाकम मर पास आकर कहन लग ldquoन तो इाएली लोग न याजक न लवीय इस ओर क दश क लोग स अलग ए वरन उनक स अथारत कनािनय िहिय परिय

12

यबिसय अममोिनय मोआिबय िमिय और एमोरय क स िघनौन काम करत ह (कय) 2 कयक

उनहन उनक बटय म स अपन और अपन बट क िलय िया कर ली ह और पिव वश (अकषरशः

बीज) इस ओर क दश क लोग म िमल गया ह वरन हाकम और सरदार इस िवश वासघात म मखय ए हrdquo 3 यह बात सनकर म न अपन व और बाग को फाड़ा और अपन िसर और दाढ़ी क बाल नोच और िविसमत होकर बठा रहा 4 तब िजतन लोग इाएल क परमश वर क वचन सनकर बधआई स आए ए लोग क िवश वासघात क कारण थरथरात थ सब मर पास इक ए और म साझ क भट क समय तक िविसमत होकर बठा रहा

bull कनानी और अनय सब जाितया नह क प हाम क वश स थ िजसन अपन िपता क नगपन को दखा था हाम

लिगक अनितकता क नपीली आतमा स रत था या वह उसम समाई थी याद कर जललय स पहल हाम नपीली और पितत सवगरदत क साथ था

bull उसक भाई शम और यपत न उस नगपन को नह दखा व नपीली अनितक आतमा स म थ

bull नह न हाम क प कनान को ाप दया और उसस यबसी एमोरी िगगारशी िहबबी और अनय जाितया िनकल (उतपि 922-25 1015-20)

bull कनान क वश क सब लोग ldquoशतान क बीजrdquo और लिगक अनितकता को िलए ए थ इसी कारण परमर न

कहा िनगरमन 2320-33 22 hellip म तर श का श और तर ोिहय का ोही बनगा 23 इस रीित मरा दत तर आग आग चलकर तझ एमोरी िही परी कनानी िहबबी और यबसी लोग क यहा पचाएगा और म उनका सतयानाश कर डालगा 24 उनक दवता को दणडवत न करना और न उनक उपासना करना और न उनक स काम करना वरन उन मरत का परी रीित स सतयानाश कर डालना और उन लोग क लाट को टकड़ टकड़ कर दना

bull हम अब समझ लना चािहए क परमर न कय कहा म उनका सतयानाश कर डालगा

bull यशायाह 345 कयक मरी तलवार आकाश म पीकर तप त ई ह दखो वह नयाय करन को एदोम पर

और िजन पर मरा शाप ह उन पर पड़गी इस समझन का एकमा उपाय यह ह

bull परमर ldquoी क बीजrdquo को बनाए रखन और उसक वश को दिषत होन स बचान क िलए जो कछ आवशयक ह वह करगा यहा तक क वह ldquoसपर क बीजrdquo जस शिशाली श का भी सतयानाश कर दगाrdquo

इसका सप उदाहरण ह 1 शमएल 151-3 तब शमएल न शाऊल स कहा ldquoयहोवा न मझ भजा था क उसक जा इाएल पर राजा होन क िलए म तरा अिभषक क इसिलए अब यहोवा क वचन को सन सना का यहोवा यह कहता ह lsquoइाएल क साथ अमालक न जो कछ कया था उसक िलए म उसको दणड

13

दगा कयक जब इाएल िम स िनकल कर आ रहा था तब अमालक न उसक मागर म उसका कस कार िवरोध कया था अब जा और अमालक पर चढ़ाई करक उसका जो कछ ह वह सब पणरतया नाश कर द और उसको भी मत छोड़ना परनत पष ी बालक िशश गाय-बल भड़-बकरी ऊट-गदहा सबको सतयानाश कर दनाrsquordquo कय

bull अमालक ldquoशतान क बीजrdquo का वशज था एसाव क प एलीपज क िता नामक एक रखल थी िजसन

एलीपज क ारा अमालक को जनम दया उतपि 3612

और जसा मलाक 13 म और रोिमय 913 म बताया ह म न याक़ब स म कया परनत एसाव को अिय जाना कय परमर जानता था क वह उस द ldquoसrdquo ह

यह यहा 112 का उदाहरण ह परनत िजतन न उस हण कया उसन उनह परमश वर क सनतान होन का अिधकार दया (उस कौन हण करत ह) अथारत उनह जो उसक नाम पर िवश वास रखत ह (कौन उस पर

िवास करत ह व) 13 व (1) न तो ल स (2) न शरीर क इचछा स (3) न मनषय क इचछा स परनत (4) परमश वर स उतप ए ह (wwwtreasurehiswordcom प 3 पर दख ldquoऊपर स जनमrdquo क नोटस) o यद 1 2 और 3 सवाभािवक जनम क बात करत ह तो अनवाद क िनयम क अनसार नमबर 4 भी

सवाभािवक जनम क बात करता ह

bull एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह जो एक बार फर सप प स आज ससार पर दो वश क ोत को दशारता ह

bull याकब और एसाव इसहाक और रबका क जड़वा थ उतपि 2523-24 तब यहोवा न उसस कहाldquoतर गभर म दो

जाितया ह (दो अलग-अलग जाितया) और तरी कोख स िनकलत ही दो राजय क लोग अलग अलग हग (दो अलग-

अलग वश) और एक राजय क लोग दसर स अिधक सामथ हग और बड़ा बटा छोट क अधीन होगाrdquo जब उसक

सव का समय आया तब कया गट आ क उसक गभर म जड़व बालक ह

o दो जाितया याकब परमश वर स उतप था o एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था

एक और उदाहरण उतपि 163-4 अाम क ी सार न अपनी िमी दासी हािजरा को लकर अपन पित अाम को दया क वह उसक पी हो 4 वह हािजरा क पास गया और वह गभरवती ई 11 और यहोवा क दत न उसस कहा ldquoदख त गभरवती ह और प जनगी त उसका नाम इशमाएल रखना कयक यहोवा न तर दख का हाल (परमर क कणा) सन िलया ह 12 और वह मनषय बनल गदह क समान होगा उसका हाथ सब क िव उठगा और सब क हाथ उसक िव उठ ग और वह अपन सब भाई-बनध क मधय म

14

बसा रहगाrdquo

bull इशमाएल शरीर क इचछा और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह यह एक बार फर इस ससार म लोग क दो ोत या वश को दशारता ह

bull इसहाक का जनम परमर स आ था

bull गलाितय 422-29 यह िलखा ह क अाहम क दो प ए एक दासी स और एक सवत ी स 23 परनत जो दासी स आ वह शारीरक रीित स जनमा और जो सवत ी स आ वह ितजञा क अनसार जनमा 24इन बात म दष टानत ह य िया मानो दो वाचाए ह एक तो सीन पहाड़ क िजसस दास ही उतप होत ह और वह हािजरा ह 26पर ऊपर क यशलम सवत ह और वह हमारी माता ह 28 ह भाइयो हम इसहाक क समान ितजञा क सनतान ह 29 और जसा उस समय शरीर क अनसार जनमा आ (एसाव) आतमा क अनसार जनम ए (याकब) को सताता था वसा ही अब भी होता ह

bull 1 यहा 38 -10 जो कोई पाप करता ह वह शतान क ओर स ह जो कोई परमश वर स जनमा ह वह

पाप नह करता कयक उसका बीज उसम बना रहता ह और वह पाप कर ही नह सकता (कयक कोई समय आएगा जब वह िवास करगा) कयक परमश वर स जनमा ह (10) इसी स परमश वर क सनतान और शतान क सनतान जान जात ह जो कोई धमर क काम नह करता वह परमश वर स नह और न वह जो अपन भाई स म नह रखता

यह सब ldquoबीजrdquo क वशावली क िवषय म ह इस परी बाइबल म अनक वशाविलय म दखा जा सकता ह उतपि 9 और 10 स और मी 11-17 तथा लका 323-38 तक

VII दो जाितय क समह का य आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा इफिसय 610-13 इसिलय भ म और उसक शिक त क भाव म बलवनत बनो 11 परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम शतान क यिक तय क सामन खड़ रह सको 12 कयक हमारा यह मल लय ल और मास स नह (यह परमर क िज़ममदारी ह) परनत (हमारा य) धान स और अिधकारय स और इस ससार क अनधकार क हाकम स और उस दष टता क आितमक सना स ह जो आकाश म ह 13

इसिलय परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम बर दन म सामना कर सको और सब कछ परा करक िसथर रह सको hellip 16 िसथर रहो कयक यीश न कहा

जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा

VIII और अिधक सपता दनवाल पि करनवाल वचन वसथािववरण 1015 तौभी यहोवा न तर पवरज स स नह और म रखा और उनक बाद तम लोग को

15

जो उनक सनतान (अकषरशः बीज) हो सब दश क लोग क मधय म स चन िलया जसा क आज क दन कट ह यशायाह 5310 तौभी यहोवा को यही भाया क उस कचल उसी न उसको रोगी कर दया जब वह

अपना ाण दोषबिल कर तब वह अपना वश (अकषरशः बीज) दखन पाएगा रोिमय 413 कयक यह ितजञा क वह जगत का वारस होगा न अाहम को न उसक वश (अकषरशः उसक बीज) को वसथा क ारा दी गई थी परनत िवश वास क धामरकता क ारा िमली पद 16 इसी कारण ितजञा िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर हो क वह उसक सब वशज (अकषरशः बीज) क िलय दढ़ हो न क कवल उसक िलय जो वसथावाला ह वरन उनक िलय भी जो

अाहम क समान िवश वासवाल ह वही तो हम सब का िपता ह

bull िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर ndashgt शािबदक यनानी पठन अनह मफत वरदान ह यह फर इस बात को कट करता ह क िवास अनह क ारा मफत वरदान ह

गलाितय 323-27 पर िवश वास क आन स पहल वसथा क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी और उस िवश वास क आन तक जो गट होनवाला था हम उसी क बनधन म (सिनित) रह 24

इसिलय वसथा मसीह तक पचान क िलय हमारी िशकषक ई ह क हम िवश वास स धम ठहर 25 परनत जब िवश वास आ चका तो हम अब िशकषक क अधीन न रह ब क समान

bull यह बताता ह क हम िवास क आन स पहल भी उसक सतान थ और हमार िवास करन तक वसथा

क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी

bull यद िवास आता ह तो इसका अथर ह क वह हम स उतप नह होता यह अनह का वरदान ह

bull दख 1 पतरस 1 1-3 पतरस hellip उन परदिशय (परदशी नागरक नह) क नाम जो परमश वर िपता क

भिवषय जञान क अनसार चन गए ह 21 िजसन अपनी बड़ी दया स हम जीिवत आशा क िलय नया जनम दया 21 उसक ारा तम उस परमश वर पर िवश वास करत हो 23 क तम न नाशवान (मानवीय ससार का) नह पर अिवनाशी बीज (सवगय) स परमश वर क जीवत और सदा ठहरनवाल वचन क ारा नया जनम पाया ह

bull 2 पतरस 11 उनह िलखा hellip िजनहन हमार समान बमलय िवश वास ाप त कया ह

16

गलाितय 326 कयक तम सब उस िवश वास क ारा जो मसीह यीश पर ह परमश वर क सनतान हो

bull इसस पहल क हमारा सवाभािवक जनम होता हम परमर क सतान थ और उस समय तक रह जब हमार पास ldquoिवास आयाrdquo और हमन ldquoउस िवास को हण कया और िवास कयाrdquo फर उस बद पर हम परमर क प हो गए कवल सतान ही नह रह कयक पिव आतमा हमार ldquoभीतरrdquo था क हम िसखाए और हम समझ द

गलाितय 3 29 और यद तम मसीह क हो (कछ नह ह लकन इसस पहल क हमारा जनम होता हम उसक ह कयक उसन हम जगत क उतपि स पहल स ही चन रखा था) तो अाहम क वश (बीज) और ितजञा क अनसार (क वह कई जाितय का िपता होगा) वारस भी हो गलाितय 41 म यह कहता क वारस जब तक बालक (परमर का) ह यिप सब वसत का सवामी ह तौभी उसम और दास म कोई भद नह 2 परनत िपता क ठहराए ए समय तक सरकषक और बनधक क वश म (वसथा) रहता ह 3

वस ही हम भी जब बालक थ (नया जनम पान स पहल) तो ससार क आद िशकषा क वश म होकर दास बन ए थ 4 परनत जब समय परा आ तो परमश वर न अपन प को भजा जो ी स जनमा और वसथा क अधीन उतप आ 5 ताक वसथा क अधीन को मोल लकर छड़ा ल और हम को लपालक होन का पद िमल

bull यनानी शबद िजसका अनवाद ldquoलपालकrdquo आ ह उसका शािबदक अथर ldquoवयसक प को सथान दनाrdquo ह जस यदी परमपरा बार-िमतसवाह म होता था जहा प जब 14 वषर क आय म पचता था तो उस वयसक माना जाता था

bull ldquoलपालक पrdquo यनानी शबद ui(oqesian (हवी-ओथ-एसी-आ) स आता ह जो दो शबद स बना ह

ui(o$ - प और tiqhmi ndash रखना या सथािपत करना

bull इसिलए इसका शािबदक अनवाद ऐसा ह हम सतान थ लकन िपता ारा िनधाररत समय पर हम प क प म सथािपत कया गया- वयसक प या पिया जब हमन िवश वास कया और हम सब बात दखान और िसखान क िलए पिव आतमा हमार भीतर आया था

bull हम हमशा उसक ब थ परमर क सतान िजनह उसन जगत क उतपि स पहल ही चन िलया था और हम कभी शतान क बीज नह थ हम कभी गोद (लपालक) नह िलया गया जसा आज ससार म इसका अथर समझा जाता ह

bull लपालक का अनवाद गलत धमरवजञािनक पकष को दखाता ह और यह यनानी शबद का सटीक अनवाद नह ह

bull बाइबल अनवाद म िगत हसतकषप एक ऐसा मामला ह िजसस 1611 क KJV भी अछती नह थी कयक तब िवान को राजा क दशा िनदश क अनसार पिवशा म काटा-छाटी करनी पड़ी थी ndash इन

17

म स एक यह था क KJV िबशप क बाइबल का खडन नह कर सकती थी

bull लपालक क परभाषा यह ह ldquoकसी दसर माता-िपता क ब को सवचछा स अपन क प म अपना

लनाrdquo bull स िवासी कभी भी शतान क बीज नह थ

गलातय 46 और तम जो प हो ndash तम परमशवर क हो

bull ldquoपरमर स उतपrdquo यहनना 113

bull ldquoऊपर स जनमrdquo अकषरशः यनानी यहनना 33

bull अाहम का बीज उसक वश (यनानी उसका बीज) रोमय 413 और 16

इसिलय परमश वर न अपन प क आतमा को जो lsquoह अबबा ह िपताrsquo कहकर पकारता ह हमार दय म (जब हमारा नया जनम आ) भजा ह 7 इसिलय त अब दास नह (ससार क मल वसत क अधीन बदी) परनत प ह (परप प या पी) और जब प आ तो परमश वर क ारा वारस भी आ

इफिसय 13-6 हमार भ यीश मसीह क परमश वर और िपता का धनयवाद हो क उसन हम मसीह म सवगय सथान म सब कार क आितमक आशीष दी ह 4 जसा उसन हम जगत क उतपि स पहल उसम चन िलया क हम उसक िनकट म म पिव और िनदष ह 5 और अपनी इचछा क भल अिभाय क अनसार हम अपन िलय पहल स ठहराया क यीश मसीह क ारा हम उसक ldquoप क प म िनयrdquo ह (सही अनवाद लपालक नह) 6 क उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

हम वह ह जो हम ह सौ ितशत उसक अनह क ारा ह और इसम हमारी योगयता यास या कायर का कछ लना-दना नह ह

उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

1 यहा 31-3 दखो िपता न हम स कसा म कया ह क हम परमश वर क सनतान कहलाए और हम ह भी इस कारण ससार हम नह जानता कयक उसन उस भी नह जाना 2 ह ियो अब (अवसथातर या बल दन का यािवशषण) हम परमश वर क सनतान ह और अभी तक यह गट नह आ क हम कया कछ हग इतना जानत ह क जब वह गट होगा तो हम उसक समान हग कयक उसको वसा ही दखग जसा वह ह 3 और जो कोई उस पर यह आशा रखता ह वह अपन आप को वसा ही पिव करता ह जसा वह पिव ह

18

धनयवाद हो िपता हम बत आभारी ह

IX हमार भ यीश मसीह क महान िवजय वह भिवषयवाणी ldquoी का बीज जो सपर क िसर को कचल डालगाrdquo

उसक िवजय का आरमभ तब आ जब उसन अपन को दीन कया और अपना सवगय सहासन अपना मकट अपन अिधकार और सवगर तयागकर सवय को शनय कर दया और मानव प म इस पथवी पर आ गया

फिलिपपय 26-11 िजसन परमश वर क सवप म होकर भी परमश वर क तलय होन को अपन वश म रखन क वसत न समझा 7 वरन अपन आप को ऐसा शनय कर दया और दास का सवप धारण कयाऔर मनषय क समानता म हो गया 8 और मनषय क प म गट होकर अपन आप को दीन कया

और यहा तक आजञाकारी रहा क मतय हा स क मतय भी सह ली 9 इस कारण परमश वर न उसको अित महान भी कया और उसको वह नाम दया जो सब नाम म ष ठ ह 10 क जो सवगर म और

पथवी पर और पथवी क नीच ह व सब यीश क नाम पर घटना टक 11 और परमश वर िपता क मिहमा क िलय हर एक जीभ अगीकर कर ल क यीश मसीह ही भ ह

कलिससय 213-15 उसन तमह भी जो अपन अपराध और अपन शरीर क खतनारिहत दशा म मदार थ उसक साथ िजलाया और हमार सब अपराध को कषमा कया (कस) 14 और िविधय का वह लख जो हमार नाम पर और हमार िवरोध म था िमटा डाला और उस स पर कल स जड़कर सामन स हटा दया ह (इसका परणाम यह आ) और उसन धानता और अिधकार को ऊपर स उतारकर उनका खल लमखल ला तमाशा बनाया और स क ारा उन पर जय-जयकार क धविन सनाई

यीश मसीह क स उसक मतय गाड़ जान और जी उठन न ldquoसपर क िसर को कचल डालाrdquo

1 करिनथय 28-9 इस ससार क हाकम म स कसी न नह जाना कयक यद व जानत तो तजोमय भ को स पर न चढ़ात इािनय 13-4 वह पाप को धोकर ऊच सथान पर महामिहमन क दािहन जा बठा

bull पाप और शतान पर परी िवजय ा क गई और यह समपणर थी

इािनय 1012-14 पाप क बदल एक ही बिलदान सवरदा क िलय चढ़ाकर वह परमश वर क दािहन जा

बठा 13 और उसी समय स इसक बाट जोह रहा ह क उसक बरी उसक पाव क नीच क पीढ़ी

19

बन 14 कयक उसन एक ही चढ़ाव क ारा उनह जो पिव कए जात ह सवरदा क िलय िस कर दया ह

bull उसका काम तो समा ह वह हमारी तीकषा कर रहा ह क हम उस कायर को समा कर जो उसन हम सपा ह

मी 2414 और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा रोमय 1620 शािनत का परमर शतान को तमहार पाव स शी कचलवा दगा उस अिधकार और सामथयर क ारा जो हम दी गई ह अब हम दन ित दन ldquoसपर का िसर कचलनrdquo म भागीदार होत ह

X अत समय म जीना इाएल का पिव और उसका सिकतार यहोवा य कहता हः ldquoमरी सनतान पर घटत होनवाली घटना क िवषय म मझ स पछो और मर हाथ क काय को मझ पर ही छोड़ दो यशायाह 4511

रोिमय 1311- समय को पिहचान कर ऐसा ही करो इसिलय क अब तमहार िलय नद स जाग उठन (वासतिवकता क िलए जाग उठना आितमक वासतिवकता) क घड़ी आ पची ह कयक िजस समय हम न िवश वास कया था उस समय क िवचार स अब हमारा उार (इस वतरमान पापी यग स छटकारा) िनकट ह (12) रात बत बीत गई ह और दन (भ का दन) िनकलन पर ह इसिलय हम अनधकार क काम को तयाग कर जयोित क हिथयार बाध ल (13) जसा दन को शोभा दता ह वसा ही हम सीधी चाल चल न क लीला-ड़ा (रगरली) और िपयक कड़पन म न िभचार और लचपन (कामकता और अनितकता) म और न झगड़ और डाह म (14) वरन भ यीश मसीह को पिहन लो और शरीर क अिभलाषा को परा

करन का उपाय न करो

हम आितमक य क समय म जी रह ह और हम इससाकार क प क तरह बनना चािहए

इितहास 1223 फर लोग लड़न क िलय हिथयार बाध ए होन म दाऊद क पास इसिलय आए क यहोवा क वचन क अनसार शाऊल का राजय उसक हाथ म कर द (32) इससाकारय म स जो समय को पहचानत थ क इाएल को (परमर क लोग को) कया करना उिचत ह

bull िसपाही जो भली कार स िशिकषत अनशािसत और लय किनत होत ह व सवामी क इचछा को

20

जानत ह और साथ ही दशमन क चाल को भी समझत ह पणर समपरत यहा तक क मतय तक भी

2 तीमिथयस 31-5 पर यह समरण रख क अिनतम दन म कठन समय आएग (2) कयक मनषय सवाथ लोभी डगमार अिभमानी िननदक माता-िपता क आजञा टालनवाल कत अपिव (3) दयारिहत कषमारिहत दोष लगानवाल असयमी कठोर भल क बरी (4) िवश वासघाती ढीठ घमणडी और परमश वर क नह वरन सखिवलास ही क चाहनवाल हग (5) व भिक त का भष तो धरग पर उसक शिक त को न मानग ऐस स पर रहना 2 पतरस 33-4 पहल यह जान लो क अिनतम दन म हसी ठा करनवाल आएग जो अपनी ही अिभलाषा क अनसार चलग (4) और कहग ldquoउसक आन क ितजञा कहा गई कयक जब स बापदाद सो गए ह सब कछ वसा ही ह जसा सिष ट क आरमभ स था मी 244-14 सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए (5) कयक बत स ऐस हग जो मर नाम स आकर कहग lsquoम मसीह rsquo और बत को भरमाएग (6) तम लड़ाइय और लड़ाइय क चचार सनोग तो घबरा न जाना कयक इन का होना अवशय ह परनत उस समय अनत न होगा (7) कयक जाित पर जाित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भकमप हग (8) य सब बात पीड़ा का आरमभ हगी (9) तब व कलश दन क िलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाितय क लोग तम स बर रखग (यह बात बत लमब समय स इाएल क िलए सी ठहरी ह और साथ ही िहनद और इसलामी दश म रहनवाल िवािसय क िलए भी) (10) तब बत स ठोकर खाएग और एक दसर को पकड़वाएग और एक दसर स बर रखग (11) बत स झठ भिवषया उठ खड़ हग और बत को भरमाएग (12) अधमर क बढ़न स बत का म ठणडा पड़ जाएगा (13) परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उार होगा (14) और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा मी 2433 इसी रीित स जब तम इन सब बात को दखो तो जान लो क वह िनकट ह वरन ार ही पर ह मी 2434 म तम स सच कहता क जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक इस पीढ़ी का अनत नह होगा

उपरो पद आज क समय क बार म बतात ह िजसम हम रह रह ह हम जानना चािहए और सदा समरण रखना चािहए क

bull जस यीश ससार नह ह वस ही हम भी ससार क नह ह (यहा 1716)

21

bull परनत हमारी नागरकता सवगर क ह जहा स हम उारकतार भ यीश मसीह क आगमन क तीकषा

उतसकता स कर रह ह (फिलिपपय 321)

bull हम पथवी पर परदशी और पराए ह (इािनय 1113)

bull हम मसीह क राजदत ह जो पराए दश म रह रह ह2 कर 520

bull हमारा िमशन उस कायर को समा करना ह िजसक िलए यीश इस जगत म आया खोए को ढढन और बचान मी 2414 2818-20 नमक और जयोित क समान होनndash मी 513

समय क िचहन को दखकर ऐसा लगता ह मानो हम ldquoअितम दनrdquo क ार पर ह यह समय कलश का समय होगा परनत इसस पहल कलश का समय श हो कछ अदभत होगा

XI िवािसय का बड़ा िनगरमन

2 िथससलनीकय 21-2 ह भाइयो अब हम अपन भ यीश मसीह क आन और उसक पास अपन इक होन क िवषय म तम स िवनती करत ह (2) क कसी आतमा या वचन या पी क ारा जो क मानो हमारी ओर स हो यह समझकर क भ का दन आ पचा ह तमहारा मन अचानक अिसथर न हो जाए और न तम घबराओ

bull िथससलनीकय क िवासी ऐस कठन समय म रह रह थ क उनहन सोचा क ldquoभ का दनrdquo आ

चका ह और व ldquoउसक पास अपन इका होनrdquo स चक गए ह

bull य पौलस क उस िशकषा क ओर सकत करता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल िवासी ldquoभ क पास उठा िलए जाएगrdquo और उनह यह समझान क िलए क ldquoभ का दनrdquo अभी नह आया ह पौलस कहता ह

पद 3-4 कसी रीित स कसी क धोख म न आना कयक वह दन (भ का दन) न आएगा जब तक धमर का तयाग (िवास स बहक) न हो ल और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो

bull 1 तीमिथयस 41-2 परनत आतमा सपष टता स कहता ह क आनवाल समय म कतन लोग

भरमानवाली आतमा और दष टातमा क िशकषा पर मन लगाकर िवश वास स बहक जाएग (दख 1 यहा 217-19 2 पतरस 220-22)

22

और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो (4) जो िवरोध करता ह और हर एक स जो ईश वर या पजय कहलाता ह अपन आप को बड़ा ठहराता ह यहा तक क वह परमश वर क मिनदर म बठकर अपन आप को ईश वर ठहराता ह

bull य सब नह आ था और यह सप ह क यह होन स पहल स िवासी ldquoउसक पास इका कए

जाएगrdquo दािनययल 121 hellip तब ऐस सकट का समय होगा जसा कसी जाित क उतप होन क समय स लकर अब तक कभी न आ न होगा परनत उस समय तर लोग म स िजतन क नाम परमश वर क पसतक म िलख ए ह व बच िनकलग

ऐसा तीत होता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल अथारत पथवी पर महकलश क समय स पहल भ यीश मसीह क कलीिसया mdash समसत िवासीmdashइस ससार स िनकाल िलए जाएग

bull भ का दन यशायाह 136+ यहजकल 303 योएल 115 21 11 31 314 आमोस 518-20 सपनयाह 114-18 मलाक 45 रत 220 1 िथससलनीकय 52 2 पतरस 310

मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा (38) कयक जस जल-लय

स पहल क दन म िजस दन तक क नह जहाज पर न चढ़ा (दड स पहल) उस दन तक लोग खात-

पीत थ और उनम िववाह होत थ (39) और जब तक जल-लय आकर उन सब को बहा न ल गया तब

तक उनको कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क प का आना भी होगा (40) उस समय दो जन खत

म हग एक ल िलया जाएगा और दसरा छोड़ दया जाएगा (41) दो िया चक क पीसती रहगी एक

ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी

नह क दन क समान हम भी अपना जहाज़ तयार करत रहना चािहए िवश वास ही स नह न उन बात क िवषय म जो उस समय दखाई न पड़ती थ चतावनी पाकर भिक त क साथ अपन घरान क बचाव क िलय जहाज बनाया इािनय 117 नह और उसक परवार न जहाज़ म वश कया और परमर न जहाज़ का ार बद कर दया कवल वही थ जो परमर ारा बचाए गए या दड अथारत कलश स बचाए गए

उनहन अवशय दड को दखा उसम स गए और उस अनभव कया लकन सरिकषत सथान स जहा

23

स व ldquoअत तक सरिकषत रह और बचाए गएrdquo

लका भी नह क िवषय म िलखता ह और फर िनिलिखत भी जोड़ दता ह लका 1728-31 और जसा लत क दन म आ था क लोग खात-पीत लन-दन करत पड़ लगात और घर बनात थ (29) परनत िजस दन लत सदोम स िनकला उस दन आग और गनधक आकाश स बरसी और सब को नष ट कर दया (30) मनषय क प क गट होन क दन भी ऐसा ही होगा

समरण कर mdash परमर न कहा था क वह सदोम को न नह करगा यद वह धम लोग हग (उतपि 1826-33) तो इस अितम िवनाश म भी धम लोग को पहल ही िनकाल िलया जाएगा

उतपि 1929 और ऐसा आ क जब परमश वर न उस तराई क नगर को िजनम लत रहता था उलट-पलट कर नष ट कया तब उसन अाहम को याद करक लत को उस घटना स (इसस पहल वह घटती) बचा िलया

परमर न अपन चन को िम म दड और िवपिय स बचाया और फर उसन अितम दड स पहल अदभत रीित स लाल सम को दो भाग करक उनह िम स बाहर िनकाला था

अतः हम िनिलिखत वचन स य समझ सकत ह क सभी स िवासी महाकलश क समय स पहल ldquoिनकाल िलए जाएगrdquo कछ लोग इस ldquoरपचरrdquo भी कहत ह (ldquoरपचरrdquo शबद बाइबल का नह ह यह एक लाितनी शबद ह िजसका अथर ह ldquoहवा म उठाया जानाrdquo) कािशतवाकय 310 त न मर धीरज क वचन को थामा ह इसिलय म भी तझ परीकषा क उस समय बचा रखगा जो पथवी पर रहनवाल क परखन क िलय सार ससार पर आनवाला ह

1 िथससलनीकय 413-18 कयक यद हम िवश वास करत ह क यीश मरा और जी भी उठा तो वस ही परमश वर उनह भी जो यीश म सो गए ह (व िवासी जो मर चक ह और तब स व आतमा म भ क साथ ह) उसी क साथ ल आएगा (15) कयक हम भ क वचन क अनसार तम स यह कहत ह क हम जो जीिवत ह और भ क आन तक बच रहग सोए (मर ) स कभी आग न बढ़ग (16) कयक भ आप ही सवगर स उतरगा उस समय ललकार और धान दत का शबद सनाई दगा और परमश वर क तरही फक जाएगी और जो मसीह म मर ह व पहल जी उठग (दह का पनतथान जो अपनी-अपनी उन आतमा स जा िमलगी जो भ क साथ थ) (17) तब हम जो जीिवत और बच रहग उनक साथ बादल पर उठा िलय जाएग क हवा म भ स िमल और इस रीित स हम सदा भ क साथ रहग (18) इस कार इन बात स एक दसर को शािनत दया करो

24

य परचछद आग भी जारी ह अधयाय 51-11

पर ह भाइयो इसका योजन नह क समय और काल क िवषय म तमहार पास कछ िलखा जाए (2) कयक तम आप ठीक जानत हो क जसा रात को चोर आता ह वसा ही भ का दन (महान अितम नयाय) आनवाला ह (3) जब लोग कहत हग ldquoकशल ह और कछ भय नहrdquo तो उन पर एकाएक िवनाश आ

पड़गा िजस कार गभरवती पर पीड़ा और व कसी रीित स न बचग (4) पर ह भाइयो तम तो अनधकार म नह हो क वह दन तम पर चोर क समान आ पड़ (5) कयक तम सब जयोित क सनतान और दन क सनतान हो हम न रात क ह न अनधकार क ह (6) पर जागत और सावधान रह hellip (8) hellip िवश वास और म क िझलम पिहनकर और उार क आशा का टोप पिहनकर सावधान रह (9)

कयक परमश वर न हम ोध क िलय नह (ोध अितम नयाय का ह िवासी वहा नह हग)

परनत इसिलय ठहराया ह क हम अपन भ यीश मसीह क ारा उार ाप त कर (10) वह हमार

िलय इस कारण मरा क हम चाह जागत ह चाह सोत ह सब िमलकर उसी क साथ जीए (11) इस कारण एक दसर को शािनत दो और एक दसर क उित का कारण बनो जसा क तम करत भी हो 1 करिनथय 1550-54 भी अलौकक घटना का वणरन करता ह दखो म तम स भद क बात कहता हम सब नह सोएग (सब नह मरग) परनत सब बदल जाएग (52) और यह कषण भर म पलक मारत ही अिनतम तरही फकत ही होगा कयक तरही फक जाएगी और मद (िवािसय क मत दह उनक आतमा भ क साथ थी 2 कर 58) अिवनाशी दशा म उठाए जाएग और हम (जो पथवी पर जीिवत ह) बदल जाएग (53) कयक अवशय ह क यह नाशवान दह अिवनाश (पनितथत दह) को पिहन ल और यह मरनहार दह अमरता को पिहन ल (54) और जब यह नाशवान अिवनाश को पिहन लगा और यह मरनहार अमरता को पिहन लगा तब वह वचन जो िलखा ह परा हो जाएगा ldquoजय न मतय को िनगल िलया य िनिलिखत पद दह क पनतथान को समझन म सहायक ह 1 करिनथय 1542-45 मद का जी उठना भी ऐसा ही ह शरीर नाशवान दशा म बोया जाता ह और अिवनाशी प म जी उठता ह (43) वह अनादर क साथ बोया जाता ह और तज क साथ जी उठता ह िनबरलता क साथ बोया जाता ह और सामथयर क साथ जी उठता ह (44) सवाभािवक दह बोई जाती ह और आितमक दह जी उठती ह जबक सवाभािवक दह ह तो आितमक दह भी ह

तरही क फकन पर mdash हम पलक झपकत ही कषण भर म भ क साथ हवा म जा िमलग और इस कार हम सदा भ क साथ हगrdquo

25

XII कलश मी 2415-28 ldquoइसिलय जब तम उस उजाड़नवाली घिणत वसत को िजसक चचार दािनययल भिवषयक ता क ारा ई थी पिवसथान म खड़ी ई दखो (जो पढ़ वह समझ) (16) तब जो यदया म ह व पहाड़ पर भाग जाए (17) जो छत पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर (18) और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट (19) ldquoउन दन म जो गभरवती और दध िपलाती हगी उन क िलय हाय हाय (20) ाथरना कया करो क तमह जाड़ म या सबत क दन भागना न पड़

(21) कयक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक आ और न कभी होगा (22) यद व दन घटाए न जात तो कोई ाणी न बचता परनत चन (जो कलश क समय िवास म आए ह) क कारण व दन घटाए जाएग (23) उस समय यद कोई तम स कह lsquoदखो मसीह यहा हrsquo या lsquoवहा हrsquo तो िवश वास न करना (24) ldquoकयक झठ मसीह और झठ भिवषयक ता उठ खड़ हग और बड़ िचहन और अदभत काम दखाएग क यद हो सक तो चन को भी भरमा द (25) दखो म न पहल स तम स यह सब कछ कह दया ह (26) इसिलय यद व तम स कह lsquoदखो वह जगल म हrsquo तो बाहर न िनकल जाना या lsquoदखो वह कोठरय म हrsquo तो िवश वास न करना (27) ldquoकयक जस िबजली पवर स िनकलकर पिश चम तक चमकती ह वस ही मनषय क प का भी आना होगा

bull दसर शबद म mdash कोई भी उसक आगमन स चक नह सकता

कािशतवाकय 132 जो पश म न दखा वह चीत क समान था hellip (6) उसन परमश वर क िननदा करन क िलय मह खोला क उसक नाम और उसक तमब अथारत सवगर क रहनवाल क िननदा कर (7) उस यह भी अिधकार दया गया क पिव लोग स लड़ और उन पर जय पाए और उस हर एक कल और लोग और भाषा और जाित पर अिधकार दया गया (8) पथवी क व सब रहनवाल िजनक नाम उस म क जीवन क पसतक म िलख नह गए जो जगत क उतपि क समय स घात आ ह उस पश क पजा करग 9िजसक कान ह वह सन (11) फर म न एक और पश को पथवी म स िनकलत ए दखा hellip (12) वह उस पहल पश का सारा अिधकार उसक सामन काम म लाता था और पथवी और उसक रहनवाल स उस पहल पश क िजसका ाण-घातक घाव अचछा हो गया था पजा कराता था (13) वह बड़-बड़ िचहन दखाता था यहा तक क मनषय क सामन सवगर स पथवी पर आग बरसा दता था (14) उन िचहन क कारण िजनह उस पश क सामन दखान का अिधकार उस दया गया था वह पथवी क रहनवाल को भरमाता था और पथवी क रहनवाल स कहता था क िजस पश क तलवार लगी थी वह जी गया ह उसक मतर बनाओ (15) उस उस पश क मतर म ाण डालन का अिधकार दया गया क पश क मतर बोलन लग और िजतन लोग उस पश क मतर क पजा न कर उनह मरवा डाल (16) उसन छोट-बड़ धनी-कगाल सवत-दास सब क दािहन हाथ या उनक माथ पर एक एक छाप करा दी (17) क उसको छोड़

26

िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 6: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

6

िछपा रहता ह और उसक लालसा तरी ओर होगी और तझ उस पर भता करनी हrdquo

bull पहली हतया कन पर दया क गई लकन उसन परमर क वचन को तचछ जाना और िवोह कया तथा अपन भाई हािबल को मार डाला यह उस कार क वचन थ जस यीश न अाहम क कछ सतान (बीज) क िलए कह थ

यहा 837 मरा वचन तमहार दय म जगह नह पाता

bull शतान न एक और य जीता जब उसन एक प को मार दया और दसर को अपन वश म कर िलया

उतपि 49 तब यहोवा न कन स पछा ldquoतरा भाई हािबल कहा हrdquo उसन कहा ldquoमालम नह कया म अपन भाई का रखवाला rdquo पहला झठा मनषय जो अपन आितमक िपता शतान क तरह था ldquoतम िनश चय न मरोगrdquo यह मझ वह समरण कराता ह जो यीश न अिवािसय क समह स कहा था यहा 844-45 तम अपन िपता शतान स हो और अपन िपता क लालसा को परा करना चाहत हो वह तो आरमभ स हतयारा ह और सतय पर िसथर न रहा कयक सतय उसम ह ही नह जब वह झठ बोलता तो अपन सवभाव ही स बोलता ह कयक वह झठा ह वरन झठ का िपता ह

bull झठ बोलना शतान स ह जब कोई सा िवासी झठ बोलता ह तो वह शतान क ार खोल दता ह क वह

आकर उसक जीवन को और अिधक भािवत कर इफिसय 425 और 27

1 यहा 311-12 hellip हम एक दसर स म रख और कन क समान न बन जो उस दष ट स (ek))) था और िजसन अपन भाई को घात कया और उस कस कारण घात कया इस कारण क उसक काम बर थ और उसक भाई क काम धमर क थ उनक फल स तम उनह पहचान लोग मी 716

स -gt यनानी ldquoekrdquo उम क सथान क ओर सकत करता ह जहा स या का आरमभ आ -gt वह दषट कन शतान का ldquoबीजrdquo उसक सनतान था

नीकदमस स बात करत ए यीश न उतपि 315 और ldquoदो बीजrdquo क तथय क पि क

यहा 33-8 यीश न उसको उर दया ldquoम तझ स सच सच कहता यद कोई नय िसर स न जनम

(anwqen)) ndash अरशः ऊपर स या आरमभ स) तो परमश वर का राजय दख (idein ndash दखना या समझना) नह

सकताrdquo (वश नह लकन दखना)

7

(4) नीकदमस न उस स कहा ldquoमनषय जब बढ़ा हो गया तो कस जनम ल सकता ह कया वह अपनी माता क गभर म

दसरी बार वश करक जनम ल सकता हrdquo

bull नीकदमस इस बात म सही था क यीश ldquoसवाभािवक जनमrdquo क बात कर रहा था लकन उसन यह गलत समझा क यीश मनषय क सवाभािवक जनम क उम क बार कह रहा ह नीकदमस का कथन यीश क शबद का सही अथर नह बताता बिलक यही दशारता ह क वह उसक बात को समझन म असफल रहा

bull बाइबल म अकसर लोग यीश को गलत समझ नीकदमस ारा गलत अथर लगान को हम पद 10 म सप प स दख सकत ह यीश न उसस कहा ldquoत इाएिलय का ग होकर भी कया इन बात को नह समझता

ldquoफर सrdquo क िलए शबद ह (palin - पािलन) और इसका इसतमाल नए िनयम म 171 बार आ ह

इस पद म शबद (palin) का योग नह आ बिलक शबद (a v vnwqen) का आ ह

यद (a v vnwqen) का अनवाद इस परचछद म अपन िनयिमत अथर क साथ होता तो नए िनयम म कसी भी सथान पर उसका अनवाद ldquoफर सrdquo क प म होता

bull शबद (a v vnwqen) को ldquoफर सrdquo क प म अनवाद करना शबदाथर स भटकना और अटकलबाजी करना ह

बाइबल हम बताती ह क इस ससार म लोग क कई उम होत ह अथारत सब परमर ldquoसrdquo उतप नह होत

यहनना 112-13 परनत िजतन न उस हण कया उसन उनह परमश वर क सनतान होन का अिधकार

दया अथारत उनह जो उसक नाम पर िवश वास रखत ह 13 व (1) न तो ल स (2) न शरीर क इचछा स (3) न मनषय क इचछा स परनत (4) परमश वर स उतप ए ह

bull 1 2 और 3 सवाभािवक जनम क बात करत ह अतः अनवाद क िनयम क अनसार नमबर 4 भी सवाभािवक जनम क बात करता ह आितमक जनम क नह

होना एओरसट या म ह ऐसी या जो हो चक ह और बोलन क समय स पवर वह समा हो गई थी

इस या का मखय अथर होना आरमभ करना ह अथारत अिसततव म आना या कवल होना (from The Complete Word Study Dictionary New Testament copy 1992 by AMG International Inc Revised Edition 1993) दी अपोलोजटकस सटडी बाइबल इस म सहमत ह क होना सही अनवाद ह न क ldquoबननाrdquo जो उस समय या होन को लाता ह जब ि िवास करता ह यह एक धमर-वजञािनक मानयता ह और सटीक अनवाद नह

8

bull सवरशिमान भ परमर िपता ह और उसन अपनी सतान को उनक परवार को जगत क उतपि स पहल चन िलया ह इफसय 14

bull उसक सतान न िवास कया कयक व परमर स उतप ए ह उसक बीज स

उतप 416 तब कन यहोवा क सममख स िनकल गया और नोद नामक दश म जो अदन क पवर क ओर

ह रहन लगा bull कन न अपनी पीठ फर ली और परमर स दर चला गया

bull पद 17ndash24 कन क वशावली स बताता ह क लमक न दो िया बयाह ल जो परमर ारा ठहराए गए िनयम ldquoएक पष और एक ीrdquo (उतपि 224) का थम उललघन ह लमक ब-िववाह था का जनमदाता ह और उसन अपन पवरज कन क तरह एक ि का घात कया और इस कार उसन इस वश क दता को कट कया

उतप 425-26 आदम अपनी पी क पास फर गया और उसन एक प को जनम दया और उसका नाम

यह कह क शत रखा ldquoपरमश वर न मर िलय हािबल क बदल िजसको कन न घात कया एक और वश (अकषरशः बीज) ठहरा दया हrdquo 26 शत क भी एक प उतप आ और उसन उसका नाम एनोश रखा

उसी समय स लोग यहोवा स ाथरना करन लग

bull आदम शत और उसका प एनोश यह वशावली यहोवा स ाथरना करन लगी

यह चनी ई वशावली या बीज ह िजसस वह िवजयी उारकतार आएगा जो सपर का िसर कचल दगा

bull अब हमार पास दो वशावली ह पथवी पर दो पष क वशावली एक जो परमर स फरकर दर चला गया और दसरा जो परमर क ओर आया

bull उतपि 425 स लकर अधयाय 532 तक हम आदम स शत और उसस नह तक क वशावली िमलती ह और हर

वशज क नाम क साथ यह वाकयाश जड़ा ह उसक और भी बट बटया उतप तो पथवी पर आबादी बढ़ गई

bull आदम स नह तक 1556 वष क अविध थी और नह पाच सौ वषर का आ और नह स शम और हाम और यपत का जनम आ

V ldquoी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परणाम जललय था उतप 61-14 फर जब मनषय भिम क ऊपर बत बढ़न लग (आदम स नह तक 1556 वषर) और उनक

9

बटया उतप 2तब परमश वर क प न (परान िनयम म यह शबद सदव सवदरत क िलए इसतमाल होत ह अययब 16 21 387) मनषय क पिय को दखा क व सनदर ह (उनक ित वासना स भर गए) और उनहन िजस िजसको चाहा उनस िववाह कर िलया (लमक क पदिचहन पर जो पहला ब-िववाही था िजसन दो पिया बयाही थ उतपि 419) 4उन दन म पथवी पर दानव (अथारत नपीली लोग) रहत थ और इसक पश चात जब परमश वर क प मनषय क पिय क पास गए तब उनक ारा जो प उतप ए व (नपीली प) शरवीर (योा िनरकश या दानव) होत थ िजनक कतर ाचीनकाल स चिलत ह bull य ldquoपरमर क पrdquo परमर ारा सज गए सवगरदत थ िजनह नीच िगराया गया था कयक उनहन ldquoलिसफरrdquo

क साथ िमलकर परमर क िव िवोह कया था (यहजकल 2812-19) उनका एक ही उशय था क उन सब का नाश करना िजनह परमर न सजा ह और िजनस वह म रखता ह िवशषकर लोग जो उसक सवप म रच गए थ

bull यदा 6-7 फर िजन सवगरदत न अपन पद (या अिधकार कष) को िसथर न रखा वरन अपन िनज िनवास (या िनवासस थान) (मनषय क पिय क लालसा स रत होकर) को छोड़ दया उसन उनको भी उस भीषण दन क नयाय क िलय अनधकार म जो सदा काल क िलय ह बनधन म रखा ह िजस रीित स सदोम और अमोरा और उनक आसपास क नगर जो इन क समान िभचारी हो गए थ और पराय शरीर क पीछ लग गए थ आग क अननत दणड म पड़कर दष टानत (परमर इस िवकित स कतना घणा करता ह) ठहर ह

शतान जो इन िगराए ए दत का नता था उसन उनस कहा क व िजस िजसको चाह उनस िववाह कर ल िजसस मनषय का ल उसका वश डीएनए या आनवािशक म दिषत हो जाए और ी का वश तथा उसक िसर कचल जान क भिवषयवाणी को रोका जा सक

bull इन िगराए ए दत क पास िय को गभरवती करन और ब उतप करन क शि थी जसा उतपि छह

कहती ह तो इसका अथर यह ह क मनषय क वशाण हो गए यह ी क बीज को दिषत करन का एक और हमला था o वह सपर शतान पथवी पर ldquoअपन बीजrdquo अपनी सतान को बढ़ान म लगा ह ताक परमर क लोग को ी

क बीज को और न कर द मनषय को अपन जाल म फसान क िलए उसका हिथयार लिगक आनद था यह य समसत िव म सप प स दखा जा सकता ह हर मसीही को यह जानन क ज़रत ह और अवशय ह क वह जवानी क अिभलाषा स भाग और जो श मन स भ का नाम लत ह उनक साथ धमर और

िवश वास और म और मलिमलाप का पीछा कर 2 तीमिथयस 222-23 bull य सतान व हो सकती ह िजनक िवषय म भ न कहा क व उस द क सतान ह या व जगली बीज ह िजनह

शतान न बोया मी 1337-39 अचछ बीज का बोनवाला मनषय का प ह hellip अचछा बीज राजय क सनतान और जगली बीज दष ट क सनतान ह िजस श न उनको बोया वह शतान ह और यहा 844 तम अपन िपता शतान स हो और अपन िपता क लालसा को परा करना चाहत हो

bull रत क काम 137-10 म पौलस इनम स एक को ldquoशतान क सतानrdquo कहकर पकारता ह ह सार कपट और सब चतराई स भर ए शतान क सनतान

10

उतपि 6 पर वापस आत ह 5 यहोवा न दखा क मनषय क बराई पथवी पर बढ़ गई ह और उनक मन क िवचार म जो कछ उतप होता ह वह िनरनतर बरा ही होता ह 6 और यहोवा पथवी पर मनषय को बनान स पछताया और वह मन म अित खदत आ 7 तब यहोवा न कहा ldquoम मनषय को िजसक म न सिष ट क ह पथवी क ऊपर स िमटा दगा कया मनषय कया पश कया रगनवाल जनत कया आकाश क पकषी सब को िमटा दगा कयक म उनक बनान स पछताता rdquo 8 परनत यहोवा क अनह क दिष ट नह पर बनी रही 9 नह क वशावली यह ह नह धम पष और अपन समय क लोग म खरा था और नह परमश वर ही क साथ साथ चलता रहा और नह स शम और हाम और यपत नामक तीन प उतप ए 11 उस समय पथवी परमश वर क दिष ट म िबगड़ गई थी और उपव स भर गई थी 12 और परमश वर न पथवी पर जो दिष ट क तो कया दखा क वह िबगड़ी ई ह कयक सब ािणय न पथवी पर अपना अपना चाल-चलन िबगाड़ िलया था 13 तब परमश वर न नह स कहा ldquoसब ािणय क अनत करन का मर सामन आ गया ह कयक उनक कारण पथवी उपव स भर गई ह इसिलय म उनको पथवी समत नष ट कर डालगा

bull नपीली लोग स इतनी तज़ी स नितक िगरावट आई क उनक (मनषय क) मन क िवचार म जो कछ उतप होता ह वह िनरनतर बरा ही होता ह

bull सब ािणय न पथवी पर अपना अपना चाल-चलन िबगाड़ िलया था यह बची ई मानवजाित क अिसततव पर और ी क बीज क भिवषयवाणी पर गभीर हमला था

bull नपीली लोग का डीएनए आधा मनषय और आधा पितत सवगरदत का था इसका परणाम दता और बर

सवभाव क ती वि म आ इसिलए जललय न शतान क इस ष को नाकाम कर दया

bull परनत एक मनषय बचा था 9 नह धम पष और अपन समय क लोग म खरा था और नह परमश वर ही

क साथ साथ चलता रहा 13 तब परमश वर न नह स कहा ldquoसब ािणय क अनत करन का मर सामन आ गया ह कयक उनक कारण पथवी उपव स भर गई ह इसिलय म उनको पथवी समत नष ट कर डालगा

bull नह उसी शत क वशावली स था आदम का प था hellip और आदम क ारा उसक समानता म उस ही क सवप क अनसार एक प उतप आ उसन उसका नाम शत रखा उतपि 53

bull जल लय क तीन उशय थ (1) नपीली जाित को न करना (2) उन लोग को न करना िजनका डीएनए हो चका था और (3) उन सब को िजनहन अपन माग को कर दया था

bull जब य नपीली दानव जललय म मर फर या बाद म उनक आतमाए अपनी दह स अलग होकर पथवी

11

पर दसरी दह क तलाश म भटकन लगी ताक व उनम वास कर और समसत मानवजाित म उसी अनितक िवकत लिगक आचरण को बढ़ावा द यीश न मी 1243-45 म इसक पि क ldquoजब अश आतमा मनषय म स िनकल जाती ह (यनानी एकसखमाईएकसािससम) तो सखी जगह म िवाम ढढ़ती फरती ह और पाती नह तब कहती ह lsquoम अपन उसी घर म जहा स िनकली थी लौट जाऊगीrsquo और लौटकर उस सना झाड़ा-बहारा और सजा-सजाया पाती ह तब वह जाकर अपन स और बरी सात आतमा को अपन साथ ल आती ह और व उसम पठकर वहा वास करती ह और उस मनषय क िपछली दशा पहल स भी बरी हो जाती ह इस यग क बर लोग क दशा भी ऐसी ही होगीrdquo

bull व सवगरदत िजनहन िय क लालसा क और उनस सतान उतप क उनह आनद दड

भगतना पड़ा o सवगरदत को बयाह करन क अनमित नह ह मी 2230

यदा 5-6 भ न एक कल को िम दश स छड़ान क बाद िवश वास न लानवाल को नष ट कर दया फर िजन सवगरदत न अपन पद को िसथर न रखा वरन अपन िनज िनवास को छोड़ दया उसन उनको भी उस भीषण दन क नयाय क िलय अनधकार म जो सदा काल क िलय ह बनधन म रखा ह

1 पतरस 319 यीश न जाकर कदी आतमा (सवगरदत या परमर क प) को भी चार कया 20

िजनहन उस बीत समय म आजञा न मानी जब परमश वर नह क दन म धीरज धरकर ठहरा रहा और वह जहाज बन रहा था

समरण रख यीश न हम चतावनी दी ह मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा

य द अश आतमाए अब भी इस पथवी पर ह व जललय म मारी नह ग व कवल उन शरीर म स िनकल गई थ िजनम उनका वास था सब आतमाए अनत होती ह अनतकाल क आग या अनतकाल का जीवन य द अश आतमाए कसी भी ि म समान का अवसर ढढ़ती ह क िवकत लिगक आचरण और अनितकता को बढ़ावा द

VI उारकतार क वशावली को दिषत करन का यास एा 91-4 जब य काम हो चक तब हाकम मर पास आकर कहन लग ldquoन तो इाएली लोग न याजक न लवीय इस ओर क दश क लोग स अलग ए वरन उनक स अथारत कनािनय िहिय परिय

12

यबिसय अममोिनय मोआिबय िमिय और एमोरय क स िघनौन काम करत ह (कय) 2 कयक

उनहन उनक बटय म स अपन और अपन बट क िलय िया कर ली ह और पिव वश (अकषरशः

बीज) इस ओर क दश क लोग म िमल गया ह वरन हाकम और सरदार इस िवश वासघात म मखय ए हrdquo 3 यह बात सनकर म न अपन व और बाग को फाड़ा और अपन िसर और दाढ़ी क बाल नोच और िविसमत होकर बठा रहा 4 तब िजतन लोग इाएल क परमश वर क वचन सनकर बधआई स आए ए लोग क िवश वासघात क कारण थरथरात थ सब मर पास इक ए और म साझ क भट क समय तक िविसमत होकर बठा रहा

bull कनानी और अनय सब जाितया नह क प हाम क वश स थ िजसन अपन िपता क नगपन को दखा था हाम

लिगक अनितकता क नपीली आतमा स रत था या वह उसम समाई थी याद कर जललय स पहल हाम नपीली और पितत सवगरदत क साथ था

bull उसक भाई शम और यपत न उस नगपन को नह दखा व नपीली अनितक आतमा स म थ

bull नह न हाम क प कनान को ाप दया और उसस यबसी एमोरी िगगारशी िहबबी और अनय जाितया िनकल (उतपि 922-25 1015-20)

bull कनान क वश क सब लोग ldquoशतान क बीजrdquo और लिगक अनितकता को िलए ए थ इसी कारण परमर न

कहा िनगरमन 2320-33 22 hellip म तर श का श और तर ोिहय का ोही बनगा 23 इस रीित मरा दत तर आग आग चलकर तझ एमोरी िही परी कनानी िहबबी और यबसी लोग क यहा पचाएगा और म उनका सतयानाश कर डालगा 24 उनक दवता को दणडवत न करना और न उनक उपासना करना और न उनक स काम करना वरन उन मरत का परी रीित स सतयानाश कर डालना और उन लोग क लाट को टकड़ टकड़ कर दना

bull हम अब समझ लना चािहए क परमर न कय कहा म उनका सतयानाश कर डालगा

bull यशायाह 345 कयक मरी तलवार आकाश म पीकर तप त ई ह दखो वह नयाय करन को एदोम पर

और िजन पर मरा शाप ह उन पर पड़गी इस समझन का एकमा उपाय यह ह

bull परमर ldquoी क बीजrdquo को बनाए रखन और उसक वश को दिषत होन स बचान क िलए जो कछ आवशयक ह वह करगा यहा तक क वह ldquoसपर क बीजrdquo जस शिशाली श का भी सतयानाश कर दगाrdquo

इसका सप उदाहरण ह 1 शमएल 151-3 तब शमएल न शाऊल स कहा ldquoयहोवा न मझ भजा था क उसक जा इाएल पर राजा होन क िलए म तरा अिभषक क इसिलए अब यहोवा क वचन को सन सना का यहोवा यह कहता ह lsquoइाएल क साथ अमालक न जो कछ कया था उसक िलए म उसको दणड

13

दगा कयक जब इाएल िम स िनकल कर आ रहा था तब अमालक न उसक मागर म उसका कस कार िवरोध कया था अब जा और अमालक पर चढ़ाई करक उसका जो कछ ह वह सब पणरतया नाश कर द और उसको भी मत छोड़ना परनत पष ी बालक िशश गाय-बल भड़-बकरी ऊट-गदहा सबको सतयानाश कर दनाrsquordquo कय

bull अमालक ldquoशतान क बीजrdquo का वशज था एसाव क प एलीपज क िता नामक एक रखल थी िजसन

एलीपज क ारा अमालक को जनम दया उतपि 3612

और जसा मलाक 13 म और रोिमय 913 म बताया ह म न याक़ब स म कया परनत एसाव को अिय जाना कय परमर जानता था क वह उस द ldquoसrdquo ह

यह यहा 112 का उदाहरण ह परनत िजतन न उस हण कया उसन उनह परमश वर क सनतान होन का अिधकार दया (उस कौन हण करत ह) अथारत उनह जो उसक नाम पर िवश वास रखत ह (कौन उस पर

िवास करत ह व) 13 व (1) न तो ल स (2) न शरीर क इचछा स (3) न मनषय क इचछा स परनत (4) परमश वर स उतप ए ह (wwwtreasurehiswordcom प 3 पर दख ldquoऊपर स जनमrdquo क नोटस) o यद 1 2 और 3 सवाभािवक जनम क बात करत ह तो अनवाद क िनयम क अनसार नमबर 4 भी

सवाभािवक जनम क बात करता ह

bull एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह जो एक बार फर सप प स आज ससार पर दो वश क ोत को दशारता ह

bull याकब और एसाव इसहाक और रबका क जड़वा थ उतपि 2523-24 तब यहोवा न उसस कहाldquoतर गभर म दो

जाितया ह (दो अलग-अलग जाितया) और तरी कोख स िनकलत ही दो राजय क लोग अलग अलग हग (दो अलग-

अलग वश) और एक राजय क लोग दसर स अिधक सामथ हग और बड़ा बटा छोट क अधीन होगाrdquo जब उसक

सव का समय आया तब कया गट आ क उसक गभर म जड़व बालक ह

o दो जाितया याकब परमश वर स उतप था o एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था

एक और उदाहरण उतपि 163-4 अाम क ी सार न अपनी िमी दासी हािजरा को लकर अपन पित अाम को दया क वह उसक पी हो 4 वह हािजरा क पास गया और वह गभरवती ई 11 और यहोवा क दत न उसस कहा ldquoदख त गभरवती ह और प जनगी त उसका नाम इशमाएल रखना कयक यहोवा न तर दख का हाल (परमर क कणा) सन िलया ह 12 और वह मनषय बनल गदह क समान होगा उसका हाथ सब क िव उठगा और सब क हाथ उसक िव उठ ग और वह अपन सब भाई-बनध क मधय म

14

बसा रहगाrdquo

bull इशमाएल शरीर क इचछा और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह यह एक बार फर इस ससार म लोग क दो ोत या वश को दशारता ह

bull इसहाक का जनम परमर स आ था

bull गलाितय 422-29 यह िलखा ह क अाहम क दो प ए एक दासी स और एक सवत ी स 23 परनत जो दासी स आ वह शारीरक रीित स जनमा और जो सवत ी स आ वह ितजञा क अनसार जनमा 24इन बात म दष टानत ह य िया मानो दो वाचाए ह एक तो सीन पहाड़ क िजसस दास ही उतप होत ह और वह हािजरा ह 26पर ऊपर क यशलम सवत ह और वह हमारी माता ह 28 ह भाइयो हम इसहाक क समान ितजञा क सनतान ह 29 और जसा उस समय शरीर क अनसार जनमा आ (एसाव) आतमा क अनसार जनम ए (याकब) को सताता था वसा ही अब भी होता ह

bull 1 यहा 38 -10 जो कोई पाप करता ह वह शतान क ओर स ह जो कोई परमश वर स जनमा ह वह

पाप नह करता कयक उसका बीज उसम बना रहता ह और वह पाप कर ही नह सकता (कयक कोई समय आएगा जब वह िवास करगा) कयक परमश वर स जनमा ह (10) इसी स परमश वर क सनतान और शतान क सनतान जान जात ह जो कोई धमर क काम नह करता वह परमश वर स नह और न वह जो अपन भाई स म नह रखता

यह सब ldquoबीजrdquo क वशावली क िवषय म ह इस परी बाइबल म अनक वशाविलय म दखा जा सकता ह उतपि 9 और 10 स और मी 11-17 तथा लका 323-38 तक

VII दो जाितय क समह का य आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा इफिसय 610-13 इसिलय भ म और उसक शिक त क भाव म बलवनत बनो 11 परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम शतान क यिक तय क सामन खड़ रह सको 12 कयक हमारा यह मल लय ल और मास स नह (यह परमर क िज़ममदारी ह) परनत (हमारा य) धान स और अिधकारय स और इस ससार क अनधकार क हाकम स और उस दष टता क आितमक सना स ह जो आकाश म ह 13

इसिलय परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम बर दन म सामना कर सको और सब कछ परा करक िसथर रह सको hellip 16 िसथर रहो कयक यीश न कहा

जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा

VIII और अिधक सपता दनवाल पि करनवाल वचन वसथािववरण 1015 तौभी यहोवा न तर पवरज स स नह और म रखा और उनक बाद तम लोग को

15

जो उनक सनतान (अकषरशः बीज) हो सब दश क लोग क मधय म स चन िलया जसा क आज क दन कट ह यशायाह 5310 तौभी यहोवा को यही भाया क उस कचल उसी न उसको रोगी कर दया जब वह

अपना ाण दोषबिल कर तब वह अपना वश (अकषरशः बीज) दखन पाएगा रोिमय 413 कयक यह ितजञा क वह जगत का वारस होगा न अाहम को न उसक वश (अकषरशः उसक बीज) को वसथा क ारा दी गई थी परनत िवश वास क धामरकता क ारा िमली पद 16 इसी कारण ितजञा िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर हो क वह उसक सब वशज (अकषरशः बीज) क िलय दढ़ हो न क कवल उसक िलय जो वसथावाला ह वरन उनक िलय भी जो

अाहम क समान िवश वासवाल ह वही तो हम सब का िपता ह

bull िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर ndashgt शािबदक यनानी पठन अनह मफत वरदान ह यह फर इस बात को कट करता ह क िवास अनह क ारा मफत वरदान ह

गलाितय 323-27 पर िवश वास क आन स पहल वसथा क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी और उस िवश वास क आन तक जो गट होनवाला था हम उसी क बनधन म (सिनित) रह 24

इसिलय वसथा मसीह तक पचान क िलय हमारी िशकषक ई ह क हम िवश वास स धम ठहर 25 परनत जब िवश वास आ चका तो हम अब िशकषक क अधीन न रह ब क समान

bull यह बताता ह क हम िवास क आन स पहल भी उसक सतान थ और हमार िवास करन तक वसथा

क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी

bull यद िवास आता ह तो इसका अथर ह क वह हम स उतप नह होता यह अनह का वरदान ह

bull दख 1 पतरस 1 1-3 पतरस hellip उन परदिशय (परदशी नागरक नह) क नाम जो परमश वर िपता क

भिवषय जञान क अनसार चन गए ह 21 िजसन अपनी बड़ी दया स हम जीिवत आशा क िलय नया जनम दया 21 उसक ारा तम उस परमश वर पर िवश वास करत हो 23 क तम न नाशवान (मानवीय ससार का) नह पर अिवनाशी बीज (सवगय) स परमश वर क जीवत और सदा ठहरनवाल वचन क ारा नया जनम पाया ह

bull 2 पतरस 11 उनह िलखा hellip िजनहन हमार समान बमलय िवश वास ाप त कया ह

16

गलाितय 326 कयक तम सब उस िवश वास क ारा जो मसीह यीश पर ह परमश वर क सनतान हो

bull इसस पहल क हमारा सवाभािवक जनम होता हम परमर क सतान थ और उस समय तक रह जब हमार पास ldquoिवास आयाrdquo और हमन ldquoउस िवास को हण कया और िवास कयाrdquo फर उस बद पर हम परमर क प हो गए कवल सतान ही नह रह कयक पिव आतमा हमार ldquoभीतरrdquo था क हम िसखाए और हम समझ द

गलाितय 3 29 और यद तम मसीह क हो (कछ नह ह लकन इसस पहल क हमारा जनम होता हम उसक ह कयक उसन हम जगत क उतपि स पहल स ही चन रखा था) तो अाहम क वश (बीज) और ितजञा क अनसार (क वह कई जाितय का िपता होगा) वारस भी हो गलाितय 41 म यह कहता क वारस जब तक बालक (परमर का) ह यिप सब वसत का सवामी ह तौभी उसम और दास म कोई भद नह 2 परनत िपता क ठहराए ए समय तक सरकषक और बनधक क वश म (वसथा) रहता ह 3

वस ही हम भी जब बालक थ (नया जनम पान स पहल) तो ससार क आद िशकषा क वश म होकर दास बन ए थ 4 परनत जब समय परा आ तो परमश वर न अपन प को भजा जो ी स जनमा और वसथा क अधीन उतप आ 5 ताक वसथा क अधीन को मोल लकर छड़ा ल और हम को लपालक होन का पद िमल

bull यनानी शबद िजसका अनवाद ldquoलपालकrdquo आ ह उसका शािबदक अथर ldquoवयसक प को सथान दनाrdquo ह जस यदी परमपरा बार-िमतसवाह म होता था जहा प जब 14 वषर क आय म पचता था तो उस वयसक माना जाता था

bull ldquoलपालक पrdquo यनानी शबद ui(oqesian (हवी-ओथ-एसी-आ) स आता ह जो दो शबद स बना ह

ui(o$ - प और tiqhmi ndash रखना या सथािपत करना

bull इसिलए इसका शािबदक अनवाद ऐसा ह हम सतान थ लकन िपता ारा िनधाररत समय पर हम प क प म सथािपत कया गया- वयसक प या पिया जब हमन िवश वास कया और हम सब बात दखान और िसखान क िलए पिव आतमा हमार भीतर आया था

bull हम हमशा उसक ब थ परमर क सतान िजनह उसन जगत क उतपि स पहल ही चन िलया था और हम कभी शतान क बीज नह थ हम कभी गोद (लपालक) नह िलया गया जसा आज ससार म इसका अथर समझा जाता ह

bull लपालक का अनवाद गलत धमरवजञािनक पकष को दखाता ह और यह यनानी शबद का सटीक अनवाद नह ह

bull बाइबल अनवाद म िगत हसतकषप एक ऐसा मामला ह िजसस 1611 क KJV भी अछती नह थी कयक तब िवान को राजा क दशा िनदश क अनसार पिवशा म काटा-छाटी करनी पड़ी थी ndash इन

17

म स एक यह था क KJV िबशप क बाइबल का खडन नह कर सकती थी

bull लपालक क परभाषा यह ह ldquoकसी दसर माता-िपता क ब को सवचछा स अपन क प म अपना

लनाrdquo bull स िवासी कभी भी शतान क बीज नह थ

गलातय 46 और तम जो प हो ndash तम परमशवर क हो

bull ldquoपरमर स उतपrdquo यहनना 113

bull ldquoऊपर स जनमrdquo अकषरशः यनानी यहनना 33

bull अाहम का बीज उसक वश (यनानी उसका बीज) रोमय 413 और 16

इसिलय परमश वर न अपन प क आतमा को जो lsquoह अबबा ह िपताrsquo कहकर पकारता ह हमार दय म (जब हमारा नया जनम आ) भजा ह 7 इसिलय त अब दास नह (ससार क मल वसत क अधीन बदी) परनत प ह (परप प या पी) और जब प आ तो परमश वर क ारा वारस भी आ

इफिसय 13-6 हमार भ यीश मसीह क परमश वर और िपता का धनयवाद हो क उसन हम मसीह म सवगय सथान म सब कार क आितमक आशीष दी ह 4 जसा उसन हम जगत क उतपि स पहल उसम चन िलया क हम उसक िनकट म म पिव और िनदष ह 5 और अपनी इचछा क भल अिभाय क अनसार हम अपन िलय पहल स ठहराया क यीश मसीह क ारा हम उसक ldquoप क प म िनयrdquo ह (सही अनवाद लपालक नह) 6 क उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

हम वह ह जो हम ह सौ ितशत उसक अनह क ारा ह और इसम हमारी योगयता यास या कायर का कछ लना-दना नह ह

उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

1 यहा 31-3 दखो िपता न हम स कसा म कया ह क हम परमश वर क सनतान कहलाए और हम ह भी इस कारण ससार हम नह जानता कयक उसन उस भी नह जाना 2 ह ियो अब (अवसथातर या बल दन का यािवशषण) हम परमश वर क सनतान ह और अभी तक यह गट नह आ क हम कया कछ हग इतना जानत ह क जब वह गट होगा तो हम उसक समान हग कयक उसको वसा ही दखग जसा वह ह 3 और जो कोई उस पर यह आशा रखता ह वह अपन आप को वसा ही पिव करता ह जसा वह पिव ह

18

धनयवाद हो िपता हम बत आभारी ह

IX हमार भ यीश मसीह क महान िवजय वह भिवषयवाणी ldquoी का बीज जो सपर क िसर को कचल डालगाrdquo

उसक िवजय का आरमभ तब आ जब उसन अपन को दीन कया और अपना सवगय सहासन अपना मकट अपन अिधकार और सवगर तयागकर सवय को शनय कर दया और मानव प म इस पथवी पर आ गया

फिलिपपय 26-11 िजसन परमश वर क सवप म होकर भी परमश वर क तलय होन को अपन वश म रखन क वसत न समझा 7 वरन अपन आप को ऐसा शनय कर दया और दास का सवप धारण कयाऔर मनषय क समानता म हो गया 8 और मनषय क प म गट होकर अपन आप को दीन कया

और यहा तक आजञाकारी रहा क मतय हा स क मतय भी सह ली 9 इस कारण परमश वर न उसको अित महान भी कया और उसको वह नाम दया जो सब नाम म ष ठ ह 10 क जो सवगर म और

पथवी पर और पथवी क नीच ह व सब यीश क नाम पर घटना टक 11 और परमश वर िपता क मिहमा क िलय हर एक जीभ अगीकर कर ल क यीश मसीह ही भ ह

कलिससय 213-15 उसन तमह भी जो अपन अपराध और अपन शरीर क खतनारिहत दशा म मदार थ उसक साथ िजलाया और हमार सब अपराध को कषमा कया (कस) 14 और िविधय का वह लख जो हमार नाम पर और हमार िवरोध म था िमटा डाला और उस स पर कल स जड़कर सामन स हटा दया ह (इसका परणाम यह आ) और उसन धानता और अिधकार को ऊपर स उतारकर उनका खल लमखल ला तमाशा बनाया और स क ारा उन पर जय-जयकार क धविन सनाई

यीश मसीह क स उसक मतय गाड़ जान और जी उठन न ldquoसपर क िसर को कचल डालाrdquo

1 करिनथय 28-9 इस ससार क हाकम म स कसी न नह जाना कयक यद व जानत तो तजोमय भ को स पर न चढ़ात इािनय 13-4 वह पाप को धोकर ऊच सथान पर महामिहमन क दािहन जा बठा

bull पाप और शतान पर परी िवजय ा क गई और यह समपणर थी

इािनय 1012-14 पाप क बदल एक ही बिलदान सवरदा क िलय चढ़ाकर वह परमश वर क दािहन जा

बठा 13 और उसी समय स इसक बाट जोह रहा ह क उसक बरी उसक पाव क नीच क पीढ़ी

19

बन 14 कयक उसन एक ही चढ़ाव क ारा उनह जो पिव कए जात ह सवरदा क िलय िस कर दया ह

bull उसका काम तो समा ह वह हमारी तीकषा कर रहा ह क हम उस कायर को समा कर जो उसन हम सपा ह

मी 2414 और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा रोमय 1620 शािनत का परमर शतान को तमहार पाव स शी कचलवा दगा उस अिधकार और सामथयर क ारा जो हम दी गई ह अब हम दन ित दन ldquoसपर का िसर कचलनrdquo म भागीदार होत ह

X अत समय म जीना इाएल का पिव और उसका सिकतार यहोवा य कहता हः ldquoमरी सनतान पर घटत होनवाली घटना क िवषय म मझ स पछो और मर हाथ क काय को मझ पर ही छोड़ दो यशायाह 4511

रोिमय 1311- समय को पिहचान कर ऐसा ही करो इसिलय क अब तमहार िलय नद स जाग उठन (वासतिवकता क िलए जाग उठना आितमक वासतिवकता) क घड़ी आ पची ह कयक िजस समय हम न िवश वास कया था उस समय क िवचार स अब हमारा उार (इस वतरमान पापी यग स छटकारा) िनकट ह (12) रात बत बीत गई ह और दन (भ का दन) िनकलन पर ह इसिलय हम अनधकार क काम को तयाग कर जयोित क हिथयार बाध ल (13) जसा दन को शोभा दता ह वसा ही हम सीधी चाल चल न क लीला-ड़ा (रगरली) और िपयक कड़पन म न िभचार और लचपन (कामकता और अनितकता) म और न झगड़ और डाह म (14) वरन भ यीश मसीह को पिहन लो और शरीर क अिभलाषा को परा

करन का उपाय न करो

हम आितमक य क समय म जी रह ह और हम इससाकार क प क तरह बनना चािहए

इितहास 1223 फर लोग लड़न क िलय हिथयार बाध ए होन म दाऊद क पास इसिलय आए क यहोवा क वचन क अनसार शाऊल का राजय उसक हाथ म कर द (32) इससाकारय म स जो समय को पहचानत थ क इाएल को (परमर क लोग को) कया करना उिचत ह

bull िसपाही जो भली कार स िशिकषत अनशािसत और लय किनत होत ह व सवामी क इचछा को

20

जानत ह और साथ ही दशमन क चाल को भी समझत ह पणर समपरत यहा तक क मतय तक भी

2 तीमिथयस 31-5 पर यह समरण रख क अिनतम दन म कठन समय आएग (2) कयक मनषय सवाथ लोभी डगमार अिभमानी िननदक माता-िपता क आजञा टालनवाल कत अपिव (3) दयारिहत कषमारिहत दोष लगानवाल असयमी कठोर भल क बरी (4) िवश वासघाती ढीठ घमणडी और परमश वर क नह वरन सखिवलास ही क चाहनवाल हग (5) व भिक त का भष तो धरग पर उसक शिक त को न मानग ऐस स पर रहना 2 पतरस 33-4 पहल यह जान लो क अिनतम दन म हसी ठा करनवाल आएग जो अपनी ही अिभलाषा क अनसार चलग (4) और कहग ldquoउसक आन क ितजञा कहा गई कयक जब स बापदाद सो गए ह सब कछ वसा ही ह जसा सिष ट क आरमभ स था मी 244-14 सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए (5) कयक बत स ऐस हग जो मर नाम स आकर कहग lsquoम मसीह rsquo और बत को भरमाएग (6) तम लड़ाइय और लड़ाइय क चचार सनोग तो घबरा न जाना कयक इन का होना अवशय ह परनत उस समय अनत न होगा (7) कयक जाित पर जाित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भकमप हग (8) य सब बात पीड़ा का आरमभ हगी (9) तब व कलश दन क िलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाितय क लोग तम स बर रखग (यह बात बत लमब समय स इाएल क िलए सी ठहरी ह और साथ ही िहनद और इसलामी दश म रहनवाल िवािसय क िलए भी) (10) तब बत स ठोकर खाएग और एक दसर को पकड़वाएग और एक दसर स बर रखग (11) बत स झठ भिवषया उठ खड़ हग और बत को भरमाएग (12) अधमर क बढ़न स बत का म ठणडा पड़ जाएगा (13) परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उार होगा (14) और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा मी 2433 इसी रीित स जब तम इन सब बात को दखो तो जान लो क वह िनकट ह वरन ार ही पर ह मी 2434 म तम स सच कहता क जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक इस पीढ़ी का अनत नह होगा

उपरो पद आज क समय क बार म बतात ह िजसम हम रह रह ह हम जानना चािहए और सदा समरण रखना चािहए क

bull जस यीश ससार नह ह वस ही हम भी ससार क नह ह (यहा 1716)

21

bull परनत हमारी नागरकता सवगर क ह जहा स हम उारकतार भ यीश मसीह क आगमन क तीकषा

उतसकता स कर रह ह (फिलिपपय 321)

bull हम पथवी पर परदशी और पराए ह (इािनय 1113)

bull हम मसीह क राजदत ह जो पराए दश म रह रह ह2 कर 520

bull हमारा िमशन उस कायर को समा करना ह िजसक िलए यीश इस जगत म आया खोए को ढढन और बचान मी 2414 2818-20 नमक और जयोित क समान होनndash मी 513

समय क िचहन को दखकर ऐसा लगता ह मानो हम ldquoअितम दनrdquo क ार पर ह यह समय कलश का समय होगा परनत इसस पहल कलश का समय श हो कछ अदभत होगा

XI िवािसय का बड़ा िनगरमन

2 िथससलनीकय 21-2 ह भाइयो अब हम अपन भ यीश मसीह क आन और उसक पास अपन इक होन क िवषय म तम स िवनती करत ह (2) क कसी आतमा या वचन या पी क ारा जो क मानो हमारी ओर स हो यह समझकर क भ का दन आ पचा ह तमहारा मन अचानक अिसथर न हो जाए और न तम घबराओ

bull िथससलनीकय क िवासी ऐस कठन समय म रह रह थ क उनहन सोचा क ldquoभ का दनrdquo आ

चका ह और व ldquoउसक पास अपन इका होनrdquo स चक गए ह

bull य पौलस क उस िशकषा क ओर सकत करता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल िवासी ldquoभ क पास उठा िलए जाएगrdquo और उनह यह समझान क िलए क ldquoभ का दनrdquo अभी नह आया ह पौलस कहता ह

पद 3-4 कसी रीित स कसी क धोख म न आना कयक वह दन (भ का दन) न आएगा जब तक धमर का तयाग (िवास स बहक) न हो ल और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो

bull 1 तीमिथयस 41-2 परनत आतमा सपष टता स कहता ह क आनवाल समय म कतन लोग

भरमानवाली आतमा और दष टातमा क िशकषा पर मन लगाकर िवश वास स बहक जाएग (दख 1 यहा 217-19 2 पतरस 220-22)

22

और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो (4) जो िवरोध करता ह और हर एक स जो ईश वर या पजय कहलाता ह अपन आप को बड़ा ठहराता ह यहा तक क वह परमश वर क मिनदर म बठकर अपन आप को ईश वर ठहराता ह

bull य सब नह आ था और यह सप ह क यह होन स पहल स िवासी ldquoउसक पास इका कए

जाएगrdquo दािनययल 121 hellip तब ऐस सकट का समय होगा जसा कसी जाित क उतप होन क समय स लकर अब तक कभी न आ न होगा परनत उस समय तर लोग म स िजतन क नाम परमश वर क पसतक म िलख ए ह व बच िनकलग

ऐसा तीत होता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल अथारत पथवी पर महकलश क समय स पहल भ यीश मसीह क कलीिसया mdash समसत िवासीmdashइस ससार स िनकाल िलए जाएग

bull भ का दन यशायाह 136+ यहजकल 303 योएल 115 21 11 31 314 आमोस 518-20 सपनयाह 114-18 मलाक 45 रत 220 1 िथससलनीकय 52 2 पतरस 310

मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा (38) कयक जस जल-लय

स पहल क दन म िजस दन तक क नह जहाज पर न चढ़ा (दड स पहल) उस दन तक लोग खात-

पीत थ और उनम िववाह होत थ (39) और जब तक जल-लय आकर उन सब को बहा न ल गया तब

तक उनको कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क प का आना भी होगा (40) उस समय दो जन खत

म हग एक ल िलया जाएगा और दसरा छोड़ दया जाएगा (41) दो िया चक क पीसती रहगी एक

ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी

नह क दन क समान हम भी अपना जहाज़ तयार करत रहना चािहए िवश वास ही स नह न उन बात क िवषय म जो उस समय दखाई न पड़ती थ चतावनी पाकर भिक त क साथ अपन घरान क बचाव क िलय जहाज बनाया इािनय 117 नह और उसक परवार न जहाज़ म वश कया और परमर न जहाज़ का ार बद कर दया कवल वही थ जो परमर ारा बचाए गए या दड अथारत कलश स बचाए गए

उनहन अवशय दड को दखा उसम स गए और उस अनभव कया लकन सरिकषत सथान स जहा

23

स व ldquoअत तक सरिकषत रह और बचाए गएrdquo

लका भी नह क िवषय म िलखता ह और फर िनिलिखत भी जोड़ दता ह लका 1728-31 और जसा लत क दन म आ था क लोग खात-पीत लन-दन करत पड़ लगात और घर बनात थ (29) परनत िजस दन लत सदोम स िनकला उस दन आग और गनधक आकाश स बरसी और सब को नष ट कर दया (30) मनषय क प क गट होन क दन भी ऐसा ही होगा

समरण कर mdash परमर न कहा था क वह सदोम को न नह करगा यद वह धम लोग हग (उतपि 1826-33) तो इस अितम िवनाश म भी धम लोग को पहल ही िनकाल िलया जाएगा

उतपि 1929 और ऐसा आ क जब परमश वर न उस तराई क नगर को िजनम लत रहता था उलट-पलट कर नष ट कया तब उसन अाहम को याद करक लत को उस घटना स (इसस पहल वह घटती) बचा िलया

परमर न अपन चन को िम म दड और िवपिय स बचाया और फर उसन अितम दड स पहल अदभत रीित स लाल सम को दो भाग करक उनह िम स बाहर िनकाला था

अतः हम िनिलिखत वचन स य समझ सकत ह क सभी स िवासी महाकलश क समय स पहल ldquoिनकाल िलए जाएगrdquo कछ लोग इस ldquoरपचरrdquo भी कहत ह (ldquoरपचरrdquo शबद बाइबल का नह ह यह एक लाितनी शबद ह िजसका अथर ह ldquoहवा म उठाया जानाrdquo) कािशतवाकय 310 त न मर धीरज क वचन को थामा ह इसिलय म भी तझ परीकषा क उस समय बचा रखगा जो पथवी पर रहनवाल क परखन क िलय सार ससार पर आनवाला ह

1 िथससलनीकय 413-18 कयक यद हम िवश वास करत ह क यीश मरा और जी भी उठा तो वस ही परमश वर उनह भी जो यीश म सो गए ह (व िवासी जो मर चक ह और तब स व आतमा म भ क साथ ह) उसी क साथ ल आएगा (15) कयक हम भ क वचन क अनसार तम स यह कहत ह क हम जो जीिवत ह और भ क आन तक बच रहग सोए (मर ) स कभी आग न बढ़ग (16) कयक भ आप ही सवगर स उतरगा उस समय ललकार और धान दत का शबद सनाई दगा और परमश वर क तरही फक जाएगी और जो मसीह म मर ह व पहल जी उठग (दह का पनतथान जो अपनी-अपनी उन आतमा स जा िमलगी जो भ क साथ थ) (17) तब हम जो जीिवत और बच रहग उनक साथ बादल पर उठा िलय जाएग क हवा म भ स िमल और इस रीित स हम सदा भ क साथ रहग (18) इस कार इन बात स एक दसर को शािनत दया करो

24

य परचछद आग भी जारी ह अधयाय 51-11

पर ह भाइयो इसका योजन नह क समय और काल क िवषय म तमहार पास कछ िलखा जाए (2) कयक तम आप ठीक जानत हो क जसा रात को चोर आता ह वसा ही भ का दन (महान अितम नयाय) आनवाला ह (3) जब लोग कहत हग ldquoकशल ह और कछ भय नहrdquo तो उन पर एकाएक िवनाश आ

पड़गा िजस कार गभरवती पर पीड़ा और व कसी रीित स न बचग (4) पर ह भाइयो तम तो अनधकार म नह हो क वह दन तम पर चोर क समान आ पड़ (5) कयक तम सब जयोित क सनतान और दन क सनतान हो हम न रात क ह न अनधकार क ह (6) पर जागत और सावधान रह hellip (8) hellip िवश वास और म क िझलम पिहनकर और उार क आशा का टोप पिहनकर सावधान रह (9)

कयक परमश वर न हम ोध क िलय नह (ोध अितम नयाय का ह िवासी वहा नह हग)

परनत इसिलय ठहराया ह क हम अपन भ यीश मसीह क ारा उार ाप त कर (10) वह हमार

िलय इस कारण मरा क हम चाह जागत ह चाह सोत ह सब िमलकर उसी क साथ जीए (11) इस कारण एक दसर को शािनत दो और एक दसर क उित का कारण बनो जसा क तम करत भी हो 1 करिनथय 1550-54 भी अलौकक घटना का वणरन करता ह दखो म तम स भद क बात कहता हम सब नह सोएग (सब नह मरग) परनत सब बदल जाएग (52) और यह कषण भर म पलक मारत ही अिनतम तरही फकत ही होगा कयक तरही फक जाएगी और मद (िवािसय क मत दह उनक आतमा भ क साथ थी 2 कर 58) अिवनाशी दशा म उठाए जाएग और हम (जो पथवी पर जीिवत ह) बदल जाएग (53) कयक अवशय ह क यह नाशवान दह अिवनाश (पनितथत दह) को पिहन ल और यह मरनहार दह अमरता को पिहन ल (54) और जब यह नाशवान अिवनाश को पिहन लगा और यह मरनहार अमरता को पिहन लगा तब वह वचन जो िलखा ह परा हो जाएगा ldquoजय न मतय को िनगल िलया य िनिलिखत पद दह क पनतथान को समझन म सहायक ह 1 करिनथय 1542-45 मद का जी उठना भी ऐसा ही ह शरीर नाशवान दशा म बोया जाता ह और अिवनाशी प म जी उठता ह (43) वह अनादर क साथ बोया जाता ह और तज क साथ जी उठता ह िनबरलता क साथ बोया जाता ह और सामथयर क साथ जी उठता ह (44) सवाभािवक दह बोई जाती ह और आितमक दह जी उठती ह जबक सवाभािवक दह ह तो आितमक दह भी ह

तरही क फकन पर mdash हम पलक झपकत ही कषण भर म भ क साथ हवा म जा िमलग और इस कार हम सदा भ क साथ हगrdquo

25

XII कलश मी 2415-28 ldquoइसिलय जब तम उस उजाड़नवाली घिणत वसत को िजसक चचार दािनययल भिवषयक ता क ारा ई थी पिवसथान म खड़ी ई दखो (जो पढ़ वह समझ) (16) तब जो यदया म ह व पहाड़ पर भाग जाए (17) जो छत पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर (18) और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट (19) ldquoउन दन म जो गभरवती और दध िपलाती हगी उन क िलय हाय हाय (20) ाथरना कया करो क तमह जाड़ म या सबत क दन भागना न पड़

(21) कयक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक आ और न कभी होगा (22) यद व दन घटाए न जात तो कोई ाणी न बचता परनत चन (जो कलश क समय िवास म आए ह) क कारण व दन घटाए जाएग (23) उस समय यद कोई तम स कह lsquoदखो मसीह यहा हrsquo या lsquoवहा हrsquo तो िवश वास न करना (24) ldquoकयक झठ मसीह और झठ भिवषयक ता उठ खड़ हग और बड़ िचहन और अदभत काम दखाएग क यद हो सक तो चन को भी भरमा द (25) दखो म न पहल स तम स यह सब कछ कह दया ह (26) इसिलय यद व तम स कह lsquoदखो वह जगल म हrsquo तो बाहर न िनकल जाना या lsquoदखो वह कोठरय म हrsquo तो िवश वास न करना (27) ldquoकयक जस िबजली पवर स िनकलकर पिश चम तक चमकती ह वस ही मनषय क प का भी आना होगा

bull दसर शबद म mdash कोई भी उसक आगमन स चक नह सकता

कािशतवाकय 132 जो पश म न दखा वह चीत क समान था hellip (6) उसन परमश वर क िननदा करन क िलय मह खोला क उसक नाम और उसक तमब अथारत सवगर क रहनवाल क िननदा कर (7) उस यह भी अिधकार दया गया क पिव लोग स लड़ और उन पर जय पाए और उस हर एक कल और लोग और भाषा और जाित पर अिधकार दया गया (8) पथवी क व सब रहनवाल िजनक नाम उस म क जीवन क पसतक म िलख नह गए जो जगत क उतपि क समय स घात आ ह उस पश क पजा करग 9िजसक कान ह वह सन (11) फर म न एक और पश को पथवी म स िनकलत ए दखा hellip (12) वह उस पहल पश का सारा अिधकार उसक सामन काम म लाता था और पथवी और उसक रहनवाल स उस पहल पश क िजसका ाण-घातक घाव अचछा हो गया था पजा कराता था (13) वह बड़-बड़ िचहन दखाता था यहा तक क मनषय क सामन सवगर स पथवी पर आग बरसा दता था (14) उन िचहन क कारण िजनह उस पश क सामन दखान का अिधकार उस दया गया था वह पथवी क रहनवाल को भरमाता था और पथवी क रहनवाल स कहता था क िजस पश क तलवार लगी थी वह जी गया ह उसक मतर बनाओ (15) उस उस पश क मतर म ाण डालन का अिधकार दया गया क पश क मतर बोलन लग और िजतन लोग उस पश क मतर क पजा न कर उनह मरवा डाल (16) उसन छोट-बड़ धनी-कगाल सवत-दास सब क दािहन हाथ या उनक माथ पर एक एक छाप करा दी (17) क उसको छोड़

26

िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 7: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

7

(4) नीकदमस न उस स कहा ldquoमनषय जब बढ़ा हो गया तो कस जनम ल सकता ह कया वह अपनी माता क गभर म

दसरी बार वश करक जनम ल सकता हrdquo

bull नीकदमस इस बात म सही था क यीश ldquoसवाभािवक जनमrdquo क बात कर रहा था लकन उसन यह गलत समझा क यीश मनषय क सवाभािवक जनम क उम क बार कह रहा ह नीकदमस का कथन यीश क शबद का सही अथर नह बताता बिलक यही दशारता ह क वह उसक बात को समझन म असफल रहा

bull बाइबल म अकसर लोग यीश को गलत समझ नीकदमस ारा गलत अथर लगान को हम पद 10 म सप प स दख सकत ह यीश न उसस कहा ldquoत इाएिलय का ग होकर भी कया इन बात को नह समझता

ldquoफर सrdquo क िलए शबद ह (palin - पािलन) और इसका इसतमाल नए िनयम म 171 बार आ ह

इस पद म शबद (palin) का योग नह आ बिलक शबद (a v vnwqen) का आ ह

यद (a v vnwqen) का अनवाद इस परचछद म अपन िनयिमत अथर क साथ होता तो नए िनयम म कसी भी सथान पर उसका अनवाद ldquoफर सrdquo क प म होता

bull शबद (a v vnwqen) को ldquoफर सrdquo क प म अनवाद करना शबदाथर स भटकना और अटकलबाजी करना ह

बाइबल हम बताती ह क इस ससार म लोग क कई उम होत ह अथारत सब परमर ldquoसrdquo उतप नह होत

यहनना 112-13 परनत िजतन न उस हण कया उसन उनह परमश वर क सनतान होन का अिधकार

दया अथारत उनह जो उसक नाम पर िवश वास रखत ह 13 व (1) न तो ल स (2) न शरीर क इचछा स (3) न मनषय क इचछा स परनत (4) परमश वर स उतप ए ह

bull 1 2 और 3 सवाभािवक जनम क बात करत ह अतः अनवाद क िनयम क अनसार नमबर 4 भी सवाभािवक जनम क बात करता ह आितमक जनम क नह

होना एओरसट या म ह ऐसी या जो हो चक ह और बोलन क समय स पवर वह समा हो गई थी

इस या का मखय अथर होना आरमभ करना ह अथारत अिसततव म आना या कवल होना (from The Complete Word Study Dictionary New Testament copy 1992 by AMG International Inc Revised Edition 1993) दी अपोलोजटकस सटडी बाइबल इस म सहमत ह क होना सही अनवाद ह न क ldquoबननाrdquo जो उस समय या होन को लाता ह जब ि िवास करता ह यह एक धमर-वजञािनक मानयता ह और सटीक अनवाद नह

8

bull सवरशिमान भ परमर िपता ह और उसन अपनी सतान को उनक परवार को जगत क उतपि स पहल चन िलया ह इफसय 14

bull उसक सतान न िवास कया कयक व परमर स उतप ए ह उसक बीज स

उतप 416 तब कन यहोवा क सममख स िनकल गया और नोद नामक दश म जो अदन क पवर क ओर

ह रहन लगा bull कन न अपनी पीठ फर ली और परमर स दर चला गया

bull पद 17ndash24 कन क वशावली स बताता ह क लमक न दो िया बयाह ल जो परमर ारा ठहराए गए िनयम ldquoएक पष और एक ीrdquo (उतपि 224) का थम उललघन ह लमक ब-िववाह था का जनमदाता ह और उसन अपन पवरज कन क तरह एक ि का घात कया और इस कार उसन इस वश क दता को कट कया

उतप 425-26 आदम अपनी पी क पास फर गया और उसन एक प को जनम दया और उसका नाम

यह कह क शत रखा ldquoपरमश वर न मर िलय हािबल क बदल िजसको कन न घात कया एक और वश (अकषरशः बीज) ठहरा दया हrdquo 26 शत क भी एक प उतप आ और उसन उसका नाम एनोश रखा

उसी समय स लोग यहोवा स ाथरना करन लग

bull आदम शत और उसका प एनोश यह वशावली यहोवा स ाथरना करन लगी

यह चनी ई वशावली या बीज ह िजसस वह िवजयी उारकतार आएगा जो सपर का िसर कचल दगा

bull अब हमार पास दो वशावली ह पथवी पर दो पष क वशावली एक जो परमर स फरकर दर चला गया और दसरा जो परमर क ओर आया

bull उतपि 425 स लकर अधयाय 532 तक हम आदम स शत और उसस नह तक क वशावली िमलती ह और हर

वशज क नाम क साथ यह वाकयाश जड़ा ह उसक और भी बट बटया उतप तो पथवी पर आबादी बढ़ गई

bull आदम स नह तक 1556 वष क अविध थी और नह पाच सौ वषर का आ और नह स शम और हाम और यपत का जनम आ

V ldquoी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परणाम जललय था उतप 61-14 फर जब मनषय भिम क ऊपर बत बढ़न लग (आदम स नह तक 1556 वषर) और उनक

9

बटया उतप 2तब परमश वर क प न (परान िनयम म यह शबद सदव सवदरत क िलए इसतमाल होत ह अययब 16 21 387) मनषय क पिय को दखा क व सनदर ह (उनक ित वासना स भर गए) और उनहन िजस िजसको चाहा उनस िववाह कर िलया (लमक क पदिचहन पर जो पहला ब-िववाही था िजसन दो पिया बयाही थ उतपि 419) 4उन दन म पथवी पर दानव (अथारत नपीली लोग) रहत थ और इसक पश चात जब परमश वर क प मनषय क पिय क पास गए तब उनक ारा जो प उतप ए व (नपीली प) शरवीर (योा िनरकश या दानव) होत थ िजनक कतर ाचीनकाल स चिलत ह bull य ldquoपरमर क पrdquo परमर ारा सज गए सवगरदत थ िजनह नीच िगराया गया था कयक उनहन ldquoलिसफरrdquo

क साथ िमलकर परमर क िव िवोह कया था (यहजकल 2812-19) उनका एक ही उशय था क उन सब का नाश करना िजनह परमर न सजा ह और िजनस वह म रखता ह िवशषकर लोग जो उसक सवप म रच गए थ

bull यदा 6-7 फर िजन सवगरदत न अपन पद (या अिधकार कष) को िसथर न रखा वरन अपन िनज िनवास (या िनवासस थान) (मनषय क पिय क लालसा स रत होकर) को छोड़ दया उसन उनको भी उस भीषण दन क नयाय क िलय अनधकार म जो सदा काल क िलय ह बनधन म रखा ह िजस रीित स सदोम और अमोरा और उनक आसपास क नगर जो इन क समान िभचारी हो गए थ और पराय शरीर क पीछ लग गए थ आग क अननत दणड म पड़कर दष टानत (परमर इस िवकित स कतना घणा करता ह) ठहर ह

शतान जो इन िगराए ए दत का नता था उसन उनस कहा क व िजस िजसको चाह उनस िववाह कर ल िजसस मनषय का ल उसका वश डीएनए या आनवािशक म दिषत हो जाए और ी का वश तथा उसक िसर कचल जान क भिवषयवाणी को रोका जा सक

bull इन िगराए ए दत क पास िय को गभरवती करन और ब उतप करन क शि थी जसा उतपि छह

कहती ह तो इसका अथर यह ह क मनषय क वशाण हो गए यह ी क बीज को दिषत करन का एक और हमला था o वह सपर शतान पथवी पर ldquoअपन बीजrdquo अपनी सतान को बढ़ान म लगा ह ताक परमर क लोग को ी

क बीज को और न कर द मनषय को अपन जाल म फसान क िलए उसका हिथयार लिगक आनद था यह य समसत िव म सप प स दखा जा सकता ह हर मसीही को यह जानन क ज़रत ह और अवशय ह क वह जवानी क अिभलाषा स भाग और जो श मन स भ का नाम लत ह उनक साथ धमर और

िवश वास और म और मलिमलाप का पीछा कर 2 तीमिथयस 222-23 bull य सतान व हो सकती ह िजनक िवषय म भ न कहा क व उस द क सतान ह या व जगली बीज ह िजनह

शतान न बोया मी 1337-39 अचछ बीज का बोनवाला मनषय का प ह hellip अचछा बीज राजय क सनतान और जगली बीज दष ट क सनतान ह िजस श न उनको बोया वह शतान ह और यहा 844 तम अपन िपता शतान स हो और अपन िपता क लालसा को परा करना चाहत हो

bull रत क काम 137-10 म पौलस इनम स एक को ldquoशतान क सतानrdquo कहकर पकारता ह ह सार कपट और सब चतराई स भर ए शतान क सनतान

10

उतपि 6 पर वापस आत ह 5 यहोवा न दखा क मनषय क बराई पथवी पर बढ़ गई ह और उनक मन क िवचार म जो कछ उतप होता ह वह िनरनतर बरा ही होता ह 6 और यहोवा पथवी पर मनषय को बनान स पछताया और वह मन म अित खदत आ 7 तब यहोवा न कहा ldquoम मनषय को िजसक म न सिष ट क ह पथवी क ऊपर स िमटा दगा कया मनषय कया पश कया रगनवाल जनत कया आकाश क पकषी सब को िमटा दगा कयक म उनक बनान स पछताता rdquo 8 परनत यहोवा क अनह क दिष ट नह पर बनी रही 9 नह क वशावली यह ह नह धम पष और अपन समय क लोग म खरा था और नह परमश वर ही क साथ साथ चलता रहा और नह स शम और हाम और यपत नामक तीन प उतप ए 11 उस समय पथवी परमश वर क दिष ट म िबगड़ गई थी और उपव स भर गई थी 12 और परमश वर न पथवी पर जो दिष ट क तो कया दखा क वह िबगड़ी ई ह कयक सब ािणय न पथवी पर अपना अपना चाल-चलन िबगाड़ िलया था 13 तब परमश वर न नह स कहा ldquoसब ािणय क अनत करन का मर सामन आ गया ह कयक उनक कारण पथवी उपव स भर गई ह इसिलय म उनको पथवी समत नष ट कर डालगा

bull नपीली लोग स इतनी तज़ी स नितक िगरावट आई क उनक (मनषय क) मन क िवचार म जो कछ उतप होता ह वह िनरनतर बरा ही होता ह

bull सब ािणय न पथवी पर अपना अपना चाल-चलन िबगाड़ िलया था यह बची ई मानवजाित क अिसततव पर और ी क बीज क भिवषयवाणी पर गभीर हमला था

bull नपीली लोग का डीएनए आधा मनषय और आधा पितत सवगरदत का था इसका परणाम दता और बर

सवभाव क ती वि म आ इसिलए जललय न शतान क इस ष को नाकाम कर दया

bull परनत एक मनषय बचा था 9 नह धम पष और अपन समय क लोग म खरा था और नह परमश वर ही

क साथ साथ चलता रहा 13 तब परमश वर न नह स कहा ldquoसब ािणय क अनत करन का मर सामन आ गया ह कयक उनक कारण पथवी उपव स भर गई ह इसिलय म उनको पथवी समत नष ट कर डालगा

bull नह उसी शत क वशावली स था आदम का प था hellip और आदम क ारा उसक समानता म उस ही क सवप क अनसार एक प उतप आ उसन उसका नाम शत रखा उतपि 53

bull जल लय क तीन उशय थ (1) नपीली जाित को न करना (2) उन लोग को न करना िजनका डीएनए हो चका था और (3) उन सब को िजनहन अपन माग को कर दया था

bull जब य नपीली दानव जललय म मर फर या बाद म उनक आतमाए अपनी दह स अलग होकर पथवी

11

पर दसरी दह क तलाश म भटकन लगी ताक व उनम वास कर और समसत मानवजाित म उसी अनितक िवकत लिगक आचरण को बढ़ावा द यीश न मी 1243-45 म इसक पि क ldquoजब अश आतमा मनषय म स िनकल जाती ह (यनानी एकसखमाईएकसािससम) तो सखी जगह म िवाम ढढ़ती फरती ह और पाती नह तब कहती ह lsquoम अपन उसी घर म जहा स िनकली थी लौट जाऊगीrsquo और लौटकर उस सना झाड़ा-बहारा और सजा-सजाया पाती ह तब वह जाकर अपन स और बरी सात आतमा को अपन साथ ल आती ह और व उसम पठकर वहा वास करती ह और उस मनषय क िपछली दशा पहल स भी बरी हो जाती ह इस यग क बर लोग क दशा भी ऐसी ही होगीrdquo

bull व सवगरदत िजनहन िय क लालसा क और उनस सतान उतप क उनह आनद दड

भगतना पड़ा o सवगरदत को बयाह करन क अनमित नह ह मी 2230

यदा 5-6 भ न एक कल को िम दश स छड़ान क बाद िवश वास न लानवाल को नष ट कर दया फर िजन सवगरदत न अपन पद को िसथर न रखा वरन अपन िनज िनवास को छोड़ दया उसन उनको भी उस भीषण दन क नयाय क िलय अनधकार म जो सदा काल क िलय ह बनधन म रखा ह

1 पतरस 319 यीश न जाकर कदी आतमा (सवगरदत या परमर क प) को भी चार कया 20

िजनहन उस बीत समय म आजञा न मानी जब परमश वर नह क दन म धीरज धरकर ठहरा रहा और वह जहाज बन रहा था

समरण रख यीश न हम चतावनी दी ह मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा

य द अश आतमाए अब भी इस पथवी पर ह व जललय म मारी नह ग व कवल उन शरीर म स िनकल गई थ िजनम उनका वास था सब आतमाए अनत होती ह अनतकाल क आग या अनतकाल का जीवन य द अश आतमाए कसी भी ि म समान का अवसर ढढ़ती ह क िवकत लिगक आचरण और अनितकता को बढ़ावा द

VI उारकतार क वशावली को दिषत करन का यास एा 91-4 जब य काम हो चक तब हाकम मर पास आकर कहन लग ldquoन तो इाएली लोग न याजक न लवीय इस ओर क दश क लोग स अलग ए वरन उनक स अथारत कनािनय िहिय परिय

12

यबिसय अममोिनय मोआिबय िमिय और एमोरय क स िघनौन काम करत ह (कय) 2 कयक

उनहन उनक बटय म स अपन और अपन बट क िलय िया कर ली ह और पिव वश (अकषरशः

बीज) इस ओर क दश क लोग म िमल गया ह वरन हाकम और सरदार इस िवश वासघात म मखय ए हrdquo 3 यह बात सनकर म न अपन व और बाग को फाड़ा और अपन िसर और दाढ़ी क बाल नोच और िविसमत होकर बठा रहा 4 तब िजतन लोग इाएल क परमश वर क वचन सनकर बधआई स आए ए लोग क िवश वासघात क कारण थरथरात थ सब मर पास इक ए और म साझ क भट क समय तक िविसमत होकर बठा रहा

bull कनानी और अनय सब जाितया नह क प हाम क वश स थ िजसन अपन िपता क नगपन को दखा था हाम

लिगक अनितकता क नपीली आतमा स रत था या वह उसम समाई थी याद कर जललय स पहल हाम नपीली और पितत सवगरदत क साथ था

bull उसक भाई शम और यपत न उस नगपन को नह दखा व नपीली अनितक आतमा स म थ

bull नह न हाम क प कनान को ाप दया और उसस यबसी एमोरी िगगारशी िहबबी और अनय जाितया िनकल (उतपि 922-25 1015-20)

bull कनान क वश क सब लोग ldquoशतान क बीजrdquo और लिगक अनितकता को िलए ए थ इसी कारण परमर न

कहा िनगरमन 2320-33 22 hellip म तर श का श और तर ोिहय का ोही बनगा 23 इस रीित मरा दत तर आग आग चलकर तझ एमोरी िही परी कनानी िहबबी और यबसी लोग क यहा पचाएगा और म उनका सतयानाश कर डालगा 24 उनक दवता को दणडवत न करना और न उनक उपासना करना और न उनक स काम करना वरन उन मरत का परी रीित स सतयानाश कर डालना और उन लोग क लाट को टकड़ टकड़ कर दना

bull हम अब समझ लना चािहए क परमर न कय कहा म उनका सतयानाश कर डालगा

bull यशायाह 345 कयक मरी तलवार आकाश म पीकर तप त ई ह दखो वह नयाय करन को एदोम पर

और िजन पर मरा शाप ह उन पर पड़गी इस समझन का एकमा उपाय यह ह

bull परमर ldquoी क बीजrdquo को बनाए रखन और उसक वश को दिषत होन स बचान क िलए जो कछ आवशयक ह वह करगा यहा तक क वह ldquoसपर क बीजrdquo जस शिशाली श का भी सतयानाश कर दगाrdquo

इसका सप उदाहरण ह 1 शमएल 151-3 तब शमएल न शाऊल स कहा ldquoयहोवा न मझ भजा था क उसक जा इाएल पर राजा होन क िलए म तरा अिभषक क इसिलए अब यहोवा क वचन को सन सना का यहोवा यह कहता ह lsquoइाएल क साथ अमालक न जो कछ कया था उसक िलए म उसको दणड

13

दगा कयक जब इाएल िम स िनकल कर आ रहा था तब अमालक न उसक मागर म उसका कस कार िवरोध कया था अब जा और अमालक पर चढ़ाई करक उसका जो कछ ह वह सब पणरतया नाश कर द और उसको भी मत छोड़ना परनत पष ी बालक िशश गाय-बल भड़-बकरी ऊट-गदहा सबको सतयानाश कर दनाrsquordquo कय

bull अमालक ldquoशतान क बीजrdquo का वशज था एसाव क प एलीपज क िता नामक एक रखल थी िजसन

एलीपज क ारा अमालक को जनम दया उतपि 3612

और जसा मलाक 13 म और रोिमय 913 म बताया ह म न याक़ब स म कया परनत एसाव को अिय जाना कय परमर जानता था क वह उस द ldquoसrdquo ह

यह यहा 112 का उदाहरण ह परनत िजतन न उस हण कया उसन उनह परमश वर क सनतान होन का अिधकार दया (उस कौन हण करत ह) अथारत उनह जो उसक नाम पर िवश वास रखत ह (कौन उस पर

िवास करत ह व) 13 व (1) न तो ल स (2) न शरीर क इचछा स (3) न मनषय क इचछा स परनत (4) परमश वर स उतप ए ह (wwwtreasurehiswordcom प 3 पर दख ldquoऊपर स जनमrdquo क नोटस) o यद 1 2 और 3 सवाभािवक जनम क बात करत ह तो अनवाद क िनयम क अनसार नमबर 4 भी

सवाभािवक जनम क बात करता ह

bull एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह जो एक बार फर सप प स आज ससार पर दो वश क ोत को दशारता ह

bull याकब और एसाव इसहाक और रबका क जड़वा थ उतपि 2523-24 तब यहोवा न उसस कहाldquoतर गभर म दो

जाितया ह (दो अलग-अलग जाितया) और तरी कोख स िनकलत ही दो राजय क लोग अलग अलग हग (दो अलग-

अलग वश) और एक राजय क लोग दसर स अिधक सामथ हग और बड़ा बटा छोट क अधीन होगाrdquo जब उसक

सव का समय आया तब कया गट आ क उसक गभर म जड़व बालक ह

o दो जाितया याकब परमश वर स उतप था o एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था

एक और उदाहरण उतपि 163-4 अाम क ी सार न अपनी िमी दासी हािजरा को लकर अपन पित अाम को दया क वह उसक पी हो 4 वह हािजरा क पास गया और वह गभरवती ई 11 और यहोवा क दत न उसस कहा ldquoदख त गभरवती ह और प जनगी त उसका नाम इशमाएल रखना कयक यहोवा न तर दख का हाल (परमर क कणा) सन िलया ह 12 और वह मनषय बनल गदह क समान होगा उसका हाथ सब क िव उठगा और सब क हाथ उसक िव उठ ग और वह अपन सब भाई-बनध क मधय म

14

बसा रहगाrdquo

bull इशमाएल शरीर क इचछा और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह यह एक बार फर इस ससार म लोग क दो ोत या वश को दशारता ह

bull इसहाक का जनम परमर स आ था

bull गलाितय 422-29 यह िलखा ह क अाहम क दो प ए एक दासी स और एक सवत ी स 23 परनत जो दासी स आ वह शारीरक रीित स जनमा और जो सवत ी स आ वह ितजञा क अनसार जनमा 24इन बात म दष टानत ह य िया मानो दो वाचाए ह एक तो सीन पहाड़ क िजसस दास ही उतप होत ह और वह हािजरा ह 26पर ऊपर क यशलम सवत ह और वह हमारी माता ह 28 ह भाइयो हम इसहाक क समान ितजञा क सनतान ह 29 और जसा उस समय शरीर क अनसार जनमा आ (एसाव) आतमा क अनसार जनम ए (याकब) को सताता था वसा ही अब भी होता ह

bull 1 यहा 38 -10 जो कोई पाप करता ह वह शतान क ओर स ह जो कोई परमश वर स जनमा ह वह

पाप नह करता कयक उसका बीज उसम बना रहता ह और वह पाप कर ही नह सकता (कयक कोई समय आएगा जब वह िवास करगा) कयक परमश वर स जनमा ह (10) इसी स परमश वर क सनतान और शतान क सनतान जान जात ह जो कोई धमर क काम नह करता वह परमश वर स नह और न वह जो अपन भाई स म नह रखता

यह सब ldquoबीजrdquo क वशावली क िवषय म ह इस परी बाइबल म अनक वशाविलय म दखा जा सकता ह उतपि 9 और 10 स और मी 11-17 तथा लका 323-38 तक

VII दो जाितय क समह का य आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा इफिसय 610-13 इसिलय भ म और उसक शिक त क भाव म बलवनत बनो 11 परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम शतान क यिक तय क सामन खड़ रह सको 12 कयक हमारा यह मल लय ल और मास स नह (यह परमर क िज़ममदारी ह) परनत (हमारा य) धान स और अिधकारय स और इस ससार क अनधकार क हाकम स और उस दष टता क आितमक सना स ह जो आकाश म ह 13

इसिलय परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम बर दन म सामना कर सको और सब कछ परा करक िसथर रह सको hellip 16 िसथर रहो कयक यीश न कहा

जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा

VIII और अिधक सपता दनवाल पि करनवाल वचन वसथािववरण 1015 तौभी यहोवा न तर पवरज स स नह और म रखा और उनक बाद तम लोग को

15

जो उनक सनतान (अकषरशः बीज) हो सब दश क लोग क मधय म स चन िलया जसा क आज क दन कट ह यशायाह 5310 तौभी यहोवा को यही भाया क उस कचल उसी न उसको रोगी कर दया जब वह

अपना ाण दोषबिल कर तब वह अपना वश (अकषरशः बीज) दखन पाएगा रोिमय 413 कयक यह ितजञा क वह जगत का वारस होगा न अाहम को न उसक वश (अकषरशः उसक बीज) को वसथा क ारा दी गई थी परनत िवश वास क धामरकता क ारा िमली पद 16 इसी कारण ितजञा िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर हो क वह उसक सब वशज (अकषरशः बीज) क िलय दढ़ हो न क कवल उसक िलय जो वसथावाला ह वरन उनक िलय भी जो

अाहम क समान िवश वासवाल ह वही तो हम सब का िपता ह

bull िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर ndashgt शािबदक यनानी पठन अनह मफत वरदान ह यह फर इस बात को कट करता ह क िवास अनह क ारा मफत वरदान ह

गलाितय 323-27 पर िवश वास क आन स पहल वसथा क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी और उस िवश वास क आन तक जो गट होनवाला था हम उसी क बनधन म (सिनित) रह 24

इसिलय वसथा मसीह तक पचान क िलय हमारी िशकषक ई ह क हम िवश वास स धम ठहर 25 परनत जब िवश वास आ चका तो हम अब िशकषक क अधीन न रह ब क समान

bull यह बताता ह क हम िवास क आन स पहल भी उसक सतान थ और हमार िवास करन तक वसथा

क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी

bull यद िवास आता ह तो इसका अथर ह क वह हम स उतप नह होता यह अनह का वरदान ह

bull दख 1 पतरस 1 1-3 पतरस hellip उन परदिशय (परदशी नागरक नह) क नाम जो परमश वर िपता क

भिवषय जञान क अनसार चन गए ह 21 िजसन अपनी बड़ी दया स हम जीिवत आशा क िलय नया जनम दया 21 उसक ारा तम उस परमश वर पर िवश वास करत हो 23 क तम न नाशवान (मानवीय ससार का) नह पर अिवनाशी बीज (सवगय) स परमश वर क जीवत और सदा ठहरनवाल वचन क ारा नया जनम पाया ह

bull 2 पतरस 11 उनह िलखा hellip िजनहन हमार समान बमलय िवश वास ाप त कया ह

16

गलाितय 326 कयक तम सब उस िवश वास क ारा जो मसीह यीश पर ह परमश वर क सनतान हो

bull इसस पहल क हमारा सवाभािवक जनम होता हम परमर क सतान थ और उस समय तक रह जब हमार पास ldquoिवास आयाrdquo और हमन ldquoउस िवास को हण कया और िवास कयाrdquo फर उस बद पर हम परमर क प हो गए कवल सतान ही नह रह कयक पिव आतमा हमार ldquoभीतरrdquo था क हम िसखाए और हम समझ द

गलाितय 3 29 और यद तम मसीह क हो (कछ नह ह लकन इसस पहल क हमारा जनम होता हम उसक ह कयक उसन हम जगत क उतपि स पहल स ही चन रखा था) तो अाहम क वश (बीज) और ितजञा क अनसार (क वह कई जाितय का िपता होगा) वारस भी हो गलाितय 41 म यह कहता क वारस जब तक बालक (परमर का) ह यिप सब वसत का सवामी ह तौभी उसम और दास म कोई भद नह 2 परनत िपता क ठहराए ए समय तक सरकषक और बनधक क वश म (वसथा) रहता ह 3

वस ही हम भी जब बालक थ (नया जनम पान स पहल) तो ससार क आद िशकषा क वश म होकर दास बन ए थ 4 परनत जब समय परा आ तो परमश वर न अपन प को भजा जो ी स जनमा और वसथा क अधीन उतप आ 5 ताक वसथा क अधीन को मोल लकर छड़ा ल और हम को लपालक होन का पद िमल

bull यनानी शबद िजसका अनवाद ldquoलपालकrdquo आ ह उसका शािबदक अथर ldquoवयसक प को सथान दनाrdquo ह जस यदी परमपरा बार-िमतसवाह म होता था जहा प जब 14 वषर क आय म पचता था तो उस वयसक माना जाता था

bull ldquoलपालक पrdquo यनानी शबद ui(oqesian (हवी-ओथ-एसी-आ) स आता ह जो दो शबद स बना ह

ui(o$ - प और tiqhmi ndash रखना या सथािपत करना

bull इसिलए इसका शािबदक अनवाद ऐसा ह हम सतान थ लकन िपता ारा िनधाररत समय पर हम प क प म सथािपत कया गया- वयसक प या पिया जब हमन िवश वास कया और हम सब बात दखान और िसखान क िलए पिव आतमा हमार भीतर आया था

bull हम हमशा उसक ब थ परमर क सतान िजनह उसन जगत क उतपि स पहल ही चन िलया था और हम कभी शतान क बीज नह थ हम कभी गोद (लपालक) नह िलया गया जसा आज ससार म इसका अथर समझा जाता ह

bull लपालक का अनवाद गलत धमरवजञािनक पकष को दखाता ह और यह यनानी शबद का सटीक अनवाद नह ह

bull बाइबल अनवाद म िगत हसतकषप एक ऐसा मामला ह िजसस 1611 क KJV भी अछती नह थी कयक तब िवान को राजा क दशा िनदश क अनसार पिवशा म काटा-छाटी करनी पड़ी थी ndash इन

17

म स एक यह था क KJV िबशप क बाइबल का खडन नह कर सकती थी

bull लपालक क परभाषा यह ह ldquoकसी दसर माता-िपता क ब को सवचछा स अपन क प म अपना

लनाrdquo bull स िवासी कभी भी शतान क बीज नह थ

गलातय 46 और तम जो प हो ndash तम परमशवर क हो

bull ldquoपरमर स उतपrdquo यहनना 113

bull ldquoऊपर स जनमrdquo अकषरशः यनानी यहनना 33

bull अाहम का बीज उसक वश (यनानी उसका बीज) रोमय 413 और 16

इसिलय परमश वर न अपन प क आतमा को जो lsquoह अबबा ह िपताrsquo कहकर पकारता ह हमार दय म (जब हमारा नया जनम आ) भजा ह 7 इसिलय त अब दास नह (ससार क मल वसत क अधीन बदी) परनत प ह (परप प या पी) और जब प आ तो परमश वर क ारा वारस भी आ

इफिसय 13-6 हमार भ यीश मसीह क परमश वर और िपता का धनयवाद हो क उसन हम मसीह म सवगय सथान म सब कार क आितमक आशीष दी ह 4 जसा उसन हम जगत क उतपि स पहल उसम चन िलया क हम उसक िनकट म म पिव और िनदष ह 5 और अपनी इचछा क भल अिभाय क अनसार हम अपन िलय पहल स ठहराया क यीश मसीह क ारा हम उसक ldquoप क प म िनयrdquo ह (सही अनवाद लपालक नह) 6 क उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

हम वह ह जो हम ह सौ ितशत उसक अनह क ारा ह और इसम हमारी योगयता यास या कायर का कछ लना-दना नह ह

उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

1 यहा 31-3 दखो िपता न हम स कसा म कया ह क हम परमश वर क सनतान कहलाए और हम ह भी इस कारण ससार हम नह जानता कयक उसन उस भी नह जाना 2 ह ियो अब (अवसथातर या बल दन का यािवशषण) हम परमश वर क सनतान ह और अभी तक यह गट नह आ क हम कया कछ हग इतना जानत ह क जब वह गट होगा तो हम उसक समान हग कयक उसको वसा ही दखग जसा वह ह 3 और जो कोई उस पर यह आशा रखता ह वह अपन आप को वसा ही पिव करता ह जसा वह पिव ह

18

धनयवाद हो िपता हम बत आभारी ह

IX हमार भ यीश मसीह क महान िवजय वह भिवषयवाणी ldquoी का बीज जो सपर क िसर को कचल डालगाrdquo

उसक िवजय का आरमभ तब आ जब उसन अपन को दीन कया और अपना सवगय सहासन अपना मकट अपन अिधकार और सवगर तयागकर सवय को शनय कर दया और मानव प म इस पथवी पर आ गया

फिलिपपय 26-11 िजसन परमश वर क सवप म होकर भी परमश वर क तलय होन को अपन वश म रखन क वसत न समझा 7 वरन अपन आप को ऐसा शनय कर दया और दास का सवप धारण कयाऔर मनषय क समानता म हो गया 8 और मनषय क प म गट होकर अपन आप को दीन कया

और यहा तक आजञाकारी रहा क मतय हा स क मतय भी सह ली 9 इस कारण परमश वर न उसको अित महान भी कया और उसको वह नाम दया जो सब नाम म ष ठ ह 10 क जो सवगर म और

पथवी पर और पथवी क नीच ह व सब यीश क नाम पर घटना टक 11 और परमश वर िपता क मिहमा क िलय हर एक जीभ अगीकर कर ल क यीश मसीह ही भ ह

कलिससय 213-15 उसन तमह भी जो अपन अपराध और अपन शरीर क खतनारिहत दशा म मदार थ उसक साथ िजलाया और हमार सब अपराध को कषमा कया (कस) 14 और िविधय का वह लख जो हमार नाम पर और हमार िवरोध म था िमटा डाला और उस स पर कल स जड़कर सामन स हटा दया ह (इसका परणाम यह आ) और उसन धानता और अिधकार को ऊपर स उतारकर उनका खल लमखल ला तमाशा बनाया और स क ारा उन पर जय-जयकार क धविन सनाई

यीश मसीह क स उसक मतय गाड़ जान और जी उठन न ldquoसपर क िसर को कचल डालाrdquo

1 करिनथय 28-9 इस ससार क हाकम म स कसी न नह जाना कयक यद व जानत तो तजोमय भ को स पर न चढ़ात इािनय 13-4 वह पाप को धोकर ऊच सथान पर महामिहमन क दािहन जा बठा

bull पाप और शतान पर परी िवजय ा क गई और यह समपणर थी

इािनय 1012-14 पाप क बदल एक ही बिलदान सवरदा क िलय चढ़ाकर वह परमश वर क दािहन जा

बठा 13 और उसी समय स इसक बाट जोह रहा ह क उसक बरी उसक पाव क नीच क पीढ़ी

19

बन 14 कयक उसन एक ही चढ़ाव क ारा उनह जो पिव कए जात ह सवरदा क िलय िस कर दया ह

bull उसका काम तो समा ह वह हमारी तीकषा कर रहा ह क हम उस कायर को समा कर जो उसन हम सपा ह

मी 2414 और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा रोमय 1620 शािनत का परमर शतान को तमहार पाव स शी कचलवा दगा उस अिधकार और सामथयर क ारा जो हम दी गई ह अब हम दन ित दन ldquoसपर का िसर कचलनrdquo म भागीदार होत ह

X अत समय म जीना इाएल का पिव और उसका सिकतार यहोवा य कहता हः ldquoमरी सनतान पर घटत होनवाली घटना क िवषय म मझ स पछो और मर हाथ क काय को मझ पर ही छोड़ दो यशायाह 4511

रोिमय 1311- समय को पिहचान कर ऐसा ही करो इसिलय क अब तमहार िलय नद स जाग उठन (वासतिवकता क िलए जाग उठना आितमक वासतिवकता) क घड़ी आ पची ह कयक िजस समय हम न िवश वास कया था उस समय क िवचार स अब हमारा उार (इस वतरमान पापी यग स छटकारा) िनकट ह (12) रात बत बीत गई ह और दन (भ का दन) िनकलन पर ह इसिलय हम अनधकार क काम को तयाग कर जयोित क हिथयार बाध ल (13) जसा दन को शोभा दता ह वसा ही हम सीधी चाल चल न क लीला-ड़ा (रगरली) और िपयक कड़पन म न िभचार और लचपन (कामकता और अनितकता) म और न झगड़ और डाह म (14) वरन भ यीश मसीह को पिहन लो और शरीर क अिभलाषा को परा

करन का उपाय न करो

हम आितमक य क समय म जी रह ह और हम इससाकार क प क तरह बनना चािहए

इितहास 1223 फर लोग लड़न क िलय हिथयार बाध ए होन म दाऊद क पास इसिलय आए क यहोवा क वचन क अनसार शाऊल का राजय उसक हाथ म कर द (32) इससाकारय म स जो समय को पहचानत थ क इाएल को (परमर क लोग को) कया करना उिचत ह

bull िसपाही जो भली कार स िशिकषत अनशािसत और लय किनत होत ह व सवामी क इचछा को

20

जानत ह और साथ ही दशमन क चाल को भी समझत ह पणर समपरत यहा तक क मतय तक भी

2 तीमिथयस 31-5 पर यह समरण रख क अिनतम दन म कठन समय आएग (2) कयक मनषय सवाथ लोभी डगमार अिभमानी िननदक माता-िपता क आजञा टालनवाल कत अपिव (3) दयारिहत कषमारिहत दोष लगानवाल असयमी कठोर भल क बरी (4) िवश वासघाती ढीठ घमणडी और परमश वर क नह वरन सखिवलास ही क चाहनवाल हग (5) व भिक त का भष तो धरग पर उसक शिक त को न मानग ऐस स पर रहना 2 पतरस 33-4 पहल यह जान लो क अिनतम दन म हसी ठा करनवाल आएग जो अपनी ही अिभलाषा क अनसार चलग (4) और कहग ldquoउसक आन क ितजञा कहा गई कयक जब स बापदाद सो गए ह सब कछ वसा ही ह जसा सिष ट क आरमभ स था मी 244-14 सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए (5) कयक बत स ऐस हग जो मर नाम स आकर कहग lsquoम मसीह rsquo और बत को भरमाएग (6) तम लड़ाइय और लड़ाइय क चचार सनोग तो घबरा न जाना कयक इन का होना अवशय ह परनत उस समय अनत न होगा (7) कयक जाित पर जाित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भकमप हग (8) य सब बात पीड़ा का आरमभ हगी (9) तब व कलश दन क िलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाितय क लोग तम स बर रखग (यह बात बत लमब समय स इाएल क िलए सी ठहरी ह और साथ ही िहनद और इसलामी दश म रहनवाल िवािसय क िलए भी) (10) तब बत स ठोकर खाएग और एक दसर को पकड़वाएग और एक दसर स बर रखग (11) बत स झठ भिवषया उठ खड़ हग और बत को भरमाएग (12) अधमर क बढ़न स बत का म ठणडा पड़ जाएगा (13) परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उार होगा (14) और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा मी 2433 इसी रीित स जब तम इन सब बात को दखो तो जान लो क वह िनकट ह वरन ार ही पर ह मी 2434 म तम स सच कहता क जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक इस पीढ़ी का अनत नह होगा

उपरो पद आज क समय क बार म बतात ह िजसम हम रह रह ह हम जानना चािहए और सदा समरण रखना चािहए क

bull जस यीश ससार नह ह वस ही हम भी ससार क नह ह (यहा 1716)

21

bull परनत हमारी नागरकता सवगर क ह जहा स हम उारकतार भ यीश मसीह क आगमन क तीकषा

उतसकता स कर रह ह (फिलिपपय 321)

bull हम पथवी पर परदशी और पराए ह (इािनय 1113)

bull हम मसीह क राजदत ह जो पराए दश म रह रह ह2 कर 520

bull हमारा िमशन उस कायर को समा करना ह िजसक िलए यीश इस जगत म आया खोए को ढढन और बचान मी 2414 2818-20 नमक और जयोित क समान होनndash मी 513

समय क िचहन को दखकर ऐसा लगता ह मानो हम ldquoअितम दनrdquo क ार पर ह यह समय कलश का समय होगा परनत इसस पहल कलश का समय श हो कछ अदभत होगा

XI िवािसय का बड़ा िनगरमन

2 िथससलनीकय 21-2 ह भाइयो अब हम अपन भ यीश मसीह क आन और उसक पास अपन इक होन क िवषय म तम स िवनती करत ह (2) क कसी आतमा या वचन या पी क ारा जो क मानो हमारी ओर स हो यह समझकर क भ का दन आ पचा ह तमहारा मन अचानक अिसथर न हो जाए और न तम घबराओ

bull िथससलनीकय क िवासी ऐस कठन समय म रह रह थ क उनहन सोचा क ldquoभ का दनrdquo आ

चका ह और व ldquoउसक पास अपन इका होनrdquo स चक गए ह

bull य पौलस क उस िशकषा क ओर सकत करता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल िवासी ldquoभ क पास उठा िलए जाएगrdquo और उनह यह समझान क िलए क ldquoभ का दनrdquo अभी नह आया ह पौलस कहता ह

पद 3-4 कसी रीित स कसी क धोख म न आना कयक वह दन (भ का दन) न आएगा जब तक धमर का तयाग (िवास स बहक) न हो ल और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो

bull 1 तीमिथयस 41-2 परनत आतमा सपष टता स कहता ह क आनवाल समय म कतन लोग

भरमानवाली आतमा और दष टातमा क िशकषा पर मन लगाकर िवश वास स बहक जाएग (दख 1 यहा 217-19 2 पतरस 220-22)

22

और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो (4) जो िवरोध करता ह और हर एक स जो ईश वर या पजय कहलाता ह अपन आप को बड़ा ठहराता ह यहा तक क वह परमश वर क मिनदर म बठकर अपन आप को ईश वर ठहराता ह

bull य सब नह आ था और यह सप ह क यह होन स पहल स िवासी ldquoउसक पास इका कए

जाएगrdquo दािनययल 121 hellip तब ऐस सकट का समय होगा जसा कसी जाित क उतप होन क समय स लकर अब तक कभी न आ न होगा परनत उस समय तर लोग म स िजतन क नाम परमश वर क पसतक म िलख ए ह व बच िनकलग

ऐसा तीत होता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल अथारत पथवी पर महकलश क समय स पहल भ यीश मसीह क कलीिसया mdash समसत िवासीmdashइस ससार स िनकाल िलए जाएग

bull भ का दन यशायाह 136+ यहजकल 303 योएल 115 21 11 31 314 आमोस 518-20 सपनयाह 114-18 मलाक 45 रत 220 1 िथससलनीकय 52 2 पतरस 310

मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा (38) कयक जस जल-लय

स पहल क दन म िजस दन तक क नह जहाज पर न चढ़ा (दड स पहल) उस दन तक लोग खात-

पीत थ और उनम िववाह होत थ (39) और जब तक जल-लय आकर उन सब को बहा न ल गया तब

तक उनको कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क प का आना भी होगा (40) उस समय दो जन खत

म हग एक ल िलया जाएगा और दसरा छोड़ दया जाएगा (41) दो िया चक क पीसती रहगी एक

ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी

नह क दन क समान हम भी अपना जहाज़ तयार करत रहना चािहए िवश वास ही स नह न उन बात क िवषय म जो उस समय दखाई न पड़ती थ चतावनी पाकर भिक त क साथ अपन घरान क बचाव क िलय जहाज बनाया इािनय 117 नह और उसक परवार न जहाज़ म वश कया और परमर न जहाज़ का ार बद कर दया कवल वही थ जो परमर ारा बचाए गए या दड अथारत कलश स बचाए गए

उनहन अवशय दड को दखा उसम स गए और उस अनभव कया लकन सरिकषत सथान स जहा

23

स व ldquoअत तक सरिकषत रह और बचाए गएrdquo

लका भी नह क िवषय म िलखता ह और फर िनिलिखत भी जोड़ दता ह लका 1728-31 और जसा लत क दन म आ था क लोग खात-पीत लन-दन करत पड़ लगात और घर बनात थ (29) परनत िजस दन लत सदोम स िनकला उस दन आग और गनधक आकाश स बरसी और सब को नष ट कर दया (30) मनषय क प क गट होन क दन भी ऐसा ही होगा

समरण कर mdash परमर न कहा था क वह सदोम को न नह करगा यद वह धम लोग हग (उतपि 1826-33) तो इस अितम िवनाश म भी धम लोग को पहल ही िनकाल िलया जाएगा

उतपि 1929 और ऐसा आ क जब परमश वर न उस तराई क नगर को िजनम लत रहता था उलट-पलट कर नष ट कया तब उसन अाहम को याद करक लत को उस घटना स (इसस पहल वह घटती) बचा िलया

परमर न अपन चन को िम म दड और िवपिय स बचाया और फर उसन अितम दड स पहल अदभत रीित स लाल सम को दो भाग करक उनह िम स बाहर िनकाला था

अतः हम िनिलिखत वचन स य समझ सकत ह क सभी स िवासी महाकलश क समय स पहल ldquoिनकाल िलए जाएगrdquo कछ लोग इस ldquoरपचरrdquo भी कहत ह (ldquoरपचरrdquo शबद बाइबल का नह ह यह एक लाितनी शबद ह िजसका अथर ह ldquoहवा म उठाया जानाrdquo) कािशतवाकय 310 त न मर धीरज क वचन को थामा ह इसिलय म भी तझ परीकषा क उस समय बचा रखगा जो पथवी पर रहनवाल क परखन क िलय सार ससार पर आनवाला ह

1 िथससलनीकय 413-18 कयक यद हम िवश वास करत ह क यीश मरा और जी भी उठा तो वस ही परमश वर उनह भी जो यीश म सो गए ह (व िवासी जो मर चक ह और तब स व आतमा म भ क साथ ह) उसी क साथ ल आएगा (15) कयक हम भ क वचन क अनसार तम स यह कहत ह क हम जो जीिवत ह और भ क आन तक बच रहग सोए (मर ) स कभी आग न बढ़ग (16) कयक भ आप ही सवगर स उतरगा उस समय ललकार और धान दत का शबद सनाई दगा और परमश वर क तरही फक जाएगी और जो मसीह म मर ह व पहल जी उठग (दह का पनतथान जो अपनी-अपनी उन आतमा स जा िमलगी जो भ क साथ थ) (17) तब हम जो जीिवत और बच रहग उनक साथ बादल पर उठा िलय जाएग क हवा म भ स िमल और इस रीित स हम सदा भ क साथ रहग (18) इस कार इन बात स एक दसर को शािनत दया करो

24

य परचछद आग भी जारी ह अधयाय 51-11

पर ह भाइयो इसका योजन नह क समय और काल क िवषय म तमहार पास कछ िलखा जाए (2) कयक तम आप ठीक जानत हो क जसा रात को चोर आता ह वसा ही भ का दन (महान अितम नयाय) आनवाला ह (3) जब लोग कहत हग ldquoकशल ह और कछ भय नहrdquo तो उन पर एकाएक िवनाश आ

पड़गा िजस कार गभरवती पर पीड़ा और व कसी रीित स न बचग (4) पर ह भाइयो तम तो अनधकार म नह हो क वह दन तम पर चोर क समान आ पड़ (5) कयक तम सब जयोित क सनतान और दन क सनतान हो हम न रात क ह न अनधकार क ह (6) पर जागत और सावधान रह hellip (8) hellip िवश वास और म क िझलम पिहनकर और उार क आशा का टोप पिहनकर सावधान रह (9)

कयक परमश वर न हम ोध क िलय नह (ोध अितम नयाय का ह िवासी वहा नह हग)

परनत इसिलय ठहराया ह क हम अपन भ यीश मसीह क ारा उार ाप त कर (10) वह हमार

िलय इस कारण मरा क हम चाह जागत ह चाह सोत ह सब िमलकर उसी क साथ जीए (11) इस कारण एक दसर को शािनत दो और एक दसर क उित का कारण बनो जसा क तम करत भी हो 1 करिनथय 1550-54 भी अलौकक घटना का वणरन करता ह दखो म तम स भद क बात कहता हम सब नह सोएग (सब नह मरग) परनत सब बदल जाएग (52) और यह कषण भर म पलक मारत ही अिनतम तरही फकत ही होगा कयक तरही फक जाएगी और मद (िवािसय क मत दह उनक आतमा भ क साथ थी 2 कर 58) अिवनाशी दशा म उठाए जाएग और हम (जो पथवी पर जीिवत ह) बदल जाएग (53) कयक अवशय ह क यह नाशवान दह अिवनाश (पनितथत दह) को पिहन ल और यह मरनहार दह अमरता को पिहन ल (54) और जब यह नाशवान अिवनाश को पिहन लगा और यह मरनहार अमरता को पिहन लगा तब वह वचन जो िलखा ह परा हो जाएगा ldquoजय न मतय को िनगल िलया य िनिलिखत पद दह क पनतथान को समझन म सहायक ह 1 करिनथय 1542-45 मद का जी उठना भी ऐसा ही ह शरीर नाशवान दशा म बोया जाता ह और अिवनाशी प म जी उठता ह (43) वह अनादर क साथ बोया जाता ह और तज क साथ जी उठता ह िनबरलता क साथ बोया जाता ह और सामथयर क साथ जी उठता ह (44) सवाभािवक दह बोई जाती ह और आितमक दह जी उठती ह जबक सवाभािवक दह ह तो आितमक दह भी ह

तरही क फकन पर mdash हम पलक झपकत ही कषण भर म भ क साथ हवा म जा िमलग और इस कार हम सदा भ क साथ हगrdquo

25

XII कलश मी 2415-28 ldquoइसिलय जब तम उस उजाड़नवाली घिणत वसत को िजसक चचार दािनययल भिवषयक ता क ारा ई थी पिवसथान म खड़ी ई दखो (जो पढ़ वह समझ) (16) तब जो यदया म ह व पहाड़ पर भाग जाए (17) जो छत पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर (18) और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट (19) ldquoउन दन म जो गभरवती और दध िपलाती हगी उन क िलय हाय हाय (20) ाथरना कया करो क तमह जाड़ म या सबत क दन भागना न पड़

(21) कयक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक आ और न कभी होगा (22) यद व दन घटाए न जात तो कोई ाणी न बचता परनत चन (जो कलश क समय िवास म आए ह) क कारण व दन घटाए जाएग (23) उस समय यद कोई तम स कह lsquoदखो मसीह यहा हrsquo या lsquoवहा हrsquo तो िवश वास न करना (24) ldquoकयक झठ मसीह और झठ भिवषयक ता उठ खड़ हग और बड़ िचहन और अदभत काम दखाएग क यद हो सक तो चन को भी भरमा द (25) दखो म न पहल स तम स यह सब कछ कह दया ह (26) इसिलय यद व तम स कह lsquoदखो वह जगल म हrsquo तो बाहर न िनकल जाना या lsquoदखो वह कोठरय म हrsquo तो िवश वास न करना (27) ldquoकयक जस िबजली पवर स िनकलकर पिश चम तक चमकती ह वस ही मनषय क प का भी आना होगा

bull दसर शबद म mdash कोई भी उसक आगमन स चक नह सकता

कािशतवाकय 132 जो पश म न दखा वह चीत क समान था hellip (6) उसन परमश वर क िननदा करन क िलय मह खोला क उसक नाम और उसक तमब अथारत सवगर क रहनवाल क िननदा कर (7) उस यह भी अिधकार दया गया क पिव लोग स लड़ और उन पर जय पाए और उस हर एक कल और लोग और भाषा और जाित पर अिधकार दया गया (8) पथवी क व सब रहनवाल िजनक नाम उस म क जीवन क पसतक म िलख नह गए जो जगत क उतपि क समय स घात आ ह उस पश क पजा करग 9िजसक कान ह वह सन (11) फर म न एक और पश को पथवी म स िनकलत ए दखा hellip (12) वह उस पहल पश का सारा अिधकार उसक सामन काम म लाता था और पथवी और उसक रहनवाल स उस पहल पश क िजसका ाण-घातक घाव अचछा हो गया था पजा कराता था (13) वह बड़-बड़ िचहन दखाता था यहा तक क मनषय क सामन सवगर स पथवी पर आग बरसा दता था (14) उन िचहन क कारण िजनह उस पश क सामन दखान का अिधकार उस दया गया था वह पथवी क रहनवाल को भरमाता था और पथवी क रहनवाल स कहता था क िजस पश क तलवार लगी थी वह जी गया ह उसक मतर बनाओ (15) उस उस पश क मतर म ाण डालन का अिधकार दया गया क पश क मतर बोलन लग और िजतन लोग उस पश क मतर क पजा न कर उनह मरवा डाल (16) उसन छोट-बड़ धनी-कगाल सवत-दास सब क दािहन हाथ या उनक माथ पर एक एक छाप करा दी (17) क उसको छोड़

26

िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 8: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

8

bull सवरशिमान भ परमर िपता ह और उसन अपनी सतान को उनक परवार को जगत क उतपि स पहल चन िलया ह इफसय 14

bull उसक सतान न िवास कया कयक व परमर स उतप ए ह उसक बीज स

उतप 416 तब कन यहोवा क सममख स िनकल गया और नोद नामक दश म जो अदन क पवर क ओर

ह रहन लगा bull कन न अपनी पीठ फर ली और परमर स दर चला गया

bull पद 17ndash24 कन क वशावली स बताता ह क लमक न दो िया बयाह ल जो परमर ारा ठहराए गए िनयम ldquoएक पष और एक ीrdquo (उतपि 224) का थम उललघन ह लमक ब-िववाह था का जनमदाता ह और उसन अपन पवरज कन क तरह एक ि का घात कया और इस कार उसन इस वश क दता को कट कया

उतप 425-26 आदम अपनी पी क पास फर गया और उसन एक प को जनम दया और उसका नाम

यह कह क शत रखा ldquoपरमश वर न मर िलय हािबल क बदल िजसको कन न घात कया एक और वश (अकषरशः बीज) ठहरा दया हrdquo 26 शत क भी एक प उतप आ और उसन उसका नाम एनोश रखा

उसी समय स लोग यहोवा स ाथरना करन लग

bull आदम शत और उसका प एनोश यह वशावली यहोवा स ाथरना करन लगी

यह चनी ई वशावली या बीज ह िजसस वह िवजयी उारकतार आएगा जो सपर का िसर कचल दगा

bull अब हमार पास दो वशावली ह पथवी पर दो पष क वशावली एक जो परमर स फरकर दर चला गया और दसरा जो परमर क ओर आया

bull उतपि 425 स लकर अधयाय 532 तक हम आदम स शत और उसस नह तक क वशावली िमलती ह और हर

वशज क नाम क साथ यह वाकयाश जड़ा ह उसक और भी बट बटया उतप तो पथवी पर आबादी बढ़ गई

bull आदम स नह तक 1556 वष क अविध थी और नह पाच सौ वषर का आ और नह स शम और हाम और यपत का जनम आ

V ldquoी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परणाम जललय था उतप 61-14 फर जब मनषय भिम क ऊपर बत बढ़न लग (आदम स नह तक 1556 वषर) और उनक

9

बटया उतप 2तब परमश वर क प न (परान िनयम म यह शबद सदव सवदरत क िलए इसतमाल होत ह अययब 16 21 387) मनषय क पिय को दखा क व सनदर ह (उनक ित वासना स भर गए) और उनहन िजस िजसको चाहा उनस िववाह कर िलया (लमक क पदिचहन पर जो पहला ब-िववाही था िजसन दो पिया बयाही थ उतपि 419) 4उन दन म पथवी पर दानव (अथारत नपीली लोग) रहत थ और इसक पश चात जब परमश वर क प मनषय क पिय क पास गए तब उनक ारा जो प उतप ए व (नपीली प) शरवीर (योा िनरकश या दानव) होत थ िजनक कतर ाचीनकाल स चिलत ह bull य ldquoपरमर क पrdquo परमर ारा सज गए सवगरदत थ िजनह नीच िगराया गया था कयक उनहन ldquoलिसफरrdquo

क साथ िमलकर परमर क िव िवोह कया था (यहजकल 2812-19) उनका एक ही उशय था क उन सब का नाश करना िजनह परमर न सजा ह और िजनस वह म रखता ह िवशषकर लोग जो उसक सवप म रच गए थ

bull यदा 6-7 फर िजन सवगरदत न अपन पद (या अिधकार कष) को िसथर न रखा वरन अपन िनज िनवास (या िनवासस थान) (मनषय क पिय क लालसा स रत होकर) को छोड़ दया उसन उनको भी उस भीषण दन क नयाय क िलय अनधकार म जो सदा काल क िलय ह बनधन म रखा ह िजस रीित स सदोम और अमोरा और उनक आसपास क नगर जो इन क समान िभचारी हो गए थ और पराय शरीर क पीछ लग गए थ आग क अननत दणड म पड़कर दष टानत (परमर इस िवकित स कतना घणा करता ह) ठहर ह

शतान जो इन िगराए ए दत का नता था उसन उनस कहा क व िजस िजसको चाह उनस िववाह कर ल िजसस मनषय का ल उसका वश डीएनए या आनवािशक म दिषत हो जाए और ी का वश तथा उसक िसर कचल जान क भिवषयवाणी को रोका जा सक

bull इन िगराए ए दत क पास िय को गभरवती करन और ब उतप करन क शि थी जसा उतपि छह

कहती ह तो इसका अथर यह ह क मनषय क वशाण हो गए यह ी क बीज को दिषत करन का एक और हमला था o वह सपर शतान पथवी पर ldquoअपन बीजrdquo अपनी सतान को बढ़ान म लगा ह ताक परमर क लोग को ी

क बीज को और न कर द मनषय को अपन जाल म फसान क िलए उसका हिथयार लिगक आनद था यह य समसत िव म सप प स दखा जा सकता ह हर मसीही को यह जानन क ज़रत ह और अवशय ह क वह जवानी क अिभलाषा स भाग और जो श मन स भ का नाम लत ह उनक साथ धमर और

िवश वास और म और मलिमलाप का पीछा कर 2 तीमिथयस 222-23 bull य सतान व हो सकती ह िजनक िवषय म भ न कहा क व उस द क सतान ह या व जगली बीज ह िजनह

शतान न बोया मी 1337-39 अचछ बीज का बोनवाला मनषय का प ह hellip अचछा बीज राजय क सनतान और जगली बीज दष ट क सनतान ह िजस श न उनको बोया वह शतान ह और यहा 844 तम अपन िपता शतान स हो और अपन िपता क लालसा को परा करना चाहत हो

bull रत क काम 137-10 म पौलस इनम स एक को ldquoशतान क सतानrdquo कहकर पकारता ह ह सार कपट और सब चतराई स भर ए शतान क सनतान

10

उतपि 6 पर वापस आत ह 5 यहोवा न दखा क मनषय क बराई पथवी पर बढ़ गई ह और उनक मन क िवचार म जो कछ उतप होता ह वह िनरनतर बरा ही होता ह 6 और यहोवा पथवी पर मनषय को बनान स पछताया और वह मन म अित खदत आ 7 तब यहोवा न कहा ldquoम मनषय को िजसक म न सिष ट क ह पथवी क ऊपर स िमटा दगा कया मनषय कया पश कया रगनवाल जनत कया आकाश क पकषी सब को िमटा दगा कयक म उनक बनान स पछताता rdquo 8 परनत यहोवा क अनह क दिष ट नह पर बनी रही 9 नह क वशावली यह ह नह धम पष और अपन समय क लोग म खरा था और नह परमश वर ही क साथ साथ चलता रहा और नह स शम और हाम और यपत नामक तीन प उतप ए 11 उस समय पथवी परमश वर क दिष ट म िबगड़ गई थी और उपव स भर गई थी 12 और परमश वर न पथवी पर जो दिष ट क तो कया दखा क वह िबगड़ी ई ह कयक सब ािणय न पथवी पर अपना अपना चाल-चलन िबगाड़ िलया था 13 तब परमश वर न नह स कहा ldquoसब ािणय क अनत करन का मर सामन आ गया ह कयक उनक कारण पथवी उपव स भर गई ह इसिलय म उनको पथवी समत नष ट कर डालगा

bull नपीली लोग स इतनी तज़ी स नितक िगरावट आई क उनक (मनषय क) मन क िवचार म जो कछ उतप होता ह वह िनरनतर बरा ही होता ह

bull सब ािणय न पथवी पर अपना अपना चाल-चलन िबगाड़ िलया था यह बची ई मानवजाित क अिसततव पर और ी क बीज क भिवषयवाणी पर गभीर हमला था

bull नपीली लोग का डीएनए आधा मनषय और आधा पितत सवगरदत का था इसका परणाम दता और बर

सवभाव क ती वि म आ इसिलए जललय न शतान क इस ष को नाकाम कर दया

bull परनत एक मनषय बचा था 9 नह धम पष और अपन समय क लोग म खरा था और नह परमश वर ही

क साथ साथ चलता रहा 13 तब परमश वर न नह स कहा ldquoसब ािणय क अनत करन का मर सामन आ गया ह कयक उनक कारण पथवी उपव स भर गई ह इसिलय म उनको पथवी समत नष ट कर डालगा

bull नह उसी शत क वशावली स था आदम का प था hellip और आदम क ारा उसक समानता म उस ही क सवप क अनसार एक प उतप आ उसन उसका नाम शत रखा उतपि 53

bull जल लय क तीन उशय थ (1) नपीली जाित को न करना (2) उन लोग को न करना िजनका डीएनए हो चका था और (3) उन सब को िजनहन अपन माग को कर दया था

bull जब य नपीली दानव जललय म मर फर या बाद म उनक आतमाए अपनी दह स अलग होकर पथवी

11

पर दसरी दह क तलाश म भटकन लगी ताक व उनम वास कर और समसत मानवजाित म उसी अनितक िवकत लिगक आचरण को बढ़ावा द यीश न मी 1243-45 म इसक पि क ldquoजब अश आतमा मनषय म स िनकल जाती ह (यनानी एकसखमाईएकसािससम) तो सखी जगह म िवाम ढढ़ती फरती ह और पाती नह तब कहती ह lsquoम अपन उसी घर म जहा स िनकली थी लौट जाऊगीrsquo और लौटकर उस सना झाड़ा-बहारा और सजा-सजाया पाती ह तब वह जाकर अपन स और बरी सात आतमा को अपन साथ ल आती ह और व उसम पठकर वहा वास करती ह और उस मनषय क िपछली दशा पहल स भी बरी हो जाती ह इस यग क बर लोग क दशा भी ऐसी ही होगीrdquo

bull व सवगरदत िजनहन िय क लालसा क और उनस सतान उतप क उनह आनद दड

भगतना पड़ा o सवगरदत को बयाह करन क अनमित नह ह मी 2230

यदा 5-6 भ न एक कल को िम दश स छड़ान क बाद िवश वास न लानवाल को नष ट कर दया फर िजन सवगरदत न अपन पद को िसथर न रखा वरन अपन िनज िनवास को छोड़ दया उसन उनको भी उस भीषण दन क नयाय क िलय अनधकार म जो सदा काल क िलय ह बनधन म रखा ह

1 पतरस 319 यीश न जाकर कदी आतमा (सवगरदत या परमर क प) को भी चार कया 20

िजनहन उस बीत समय म आजञा न मानी जब परमश वर नह क दन म धीरज धरकर ठहरा रहा और वह जहाज बन रहा था

समरण रख यीश न हम चतावनी दी ह मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा

य द अश आतमाए अब भी इस पथवी पर ह व जललय म मारी नह ग व कवल उन शरीर म स िनकल गई थ िजनम उनका वास था सब आतमाए अनत होती ह अनतकाल क आग या अनतकाल का जीवन य द अश आतमाए कसी भी ि म समान का अवसर ढढ़ती ह क िवकत लिगक आचरण और अनितकता को बढ़ावा द

VI उारकतार क वशावली को दिषत करन का यास एा 91-4 जब य काम हो चक तब हाकम मर पास आकर कहन लग ldquoन तो इाएली लोग न याजक न लवीय इस ओर क दश क लोग स अलग ए वरन उनक स अथारत कनािनय िहिय परिय

12

यबिसय अममोिनय मोआिबय िमिय और एमोरय क स िघनौन काम करत ह (कय) 2 कयक

उनहन उनक बटय म स अपन और अपन बट क िलय िया कर ली ह और पिव वश (अकषरशः

बीज) इस ओर क दश क लोग म िमल गया ह वरन हाकम और सरदार इस िवश वासघात म मखय ए हrdquo 3 यह बात सनकर म न अपन व और बाग को फाड़ा और अपन िसर और दाढ़ी क बाल नोच और िविसमत होकर बठा रहा 4 तब िजतन लोग इाएल क परमश वर क वचन सनकर बधआई स आए ए लोग क िवश वासघात क कारण थरथरात थ सब मर पास इक ए और म साझ क भट क समय तक िविसमत होकर बठा रहा

bull कनानी और अनय सब जाितया नह क प हाम क वश स थ िजसन अपन िपता क नगपन को दखा था हाम

लिगक अनितकता क नपीली आतमा स रत था या वह उसम समाई थी याद कर जललय स पहल हाम नपीली और पितत सवगरदत क साथ था

bull उसक भाई शम और यपत न उस नगपन को नह दखा व नपीली अनितक आतमा स म थ

bull नह न हाम क प कनान को ाप दया और उसस यबसी एमोरी िगगारशी िहबबी और अनय जाितया िनकल (उतपि 922-25 1015-20)

bull कनान क वश क सब लोग ldquoशतान क बीजrdquo और लिगक अनितकता को िलए ए थ इसी कारण परमर न

कहा िनगरमन 2320-33 22 hellip म तर श का श और तर ोिहय का ोही बनगा 23 इस रीित मरा दत तर आग आग चलकर तझ एमोरी िही परी कनानी िहबबी और यबसी लोग क यहा पचाएगा और म उनका सतयानाश कर डालगा 24 उनक दवता को दणडवत न करना और न उनक उपासना करना और न उनक स काम करना वरन उन मरत का परी रीित स सतयानाश कर डालना और उन लोग क लाट को टकड़ टकड़ कर दना

bull हम अब समझ लना चािहए क परमर न कय कहा म उनका सतयानाश कर डालगा

bull यशायाह 345 कयक मरी तलवार आकाश म पीकर तप त ई ह दखो वह नयाय करन को एदोम पर

और िजन पर मरा शाप ह उन पर पड़गी इस समझन का एकमा उपाय यह ह

bull परमर ldquoी क बीजrdquo को बनाए रखन और उसक वश को दिषत होन स बचान क िलए जो कछ आवशयक ह वह करगा यहा तक क वह ldquoसपर क बीजrdquo जस शिशाली श का भी सतयानाश कर दगाrdquo

इसका सप उदाहरण ह 1 शमएल 151-3 तब शमएल न शाऊल स कहा ldquoयहोवा न मझ भजा था क उसक जा इाएल पर राजा होन क िलए म तरा अिभषक क इसिलए अब यहोवा क वचन को सन सना का यहोवा यह कहता ह lsquoइाएल क साथ अमालक न जो कछ कया था उसक िलए म उसको दणड

13

दगा कयक जब इाएल िम स िनकल कर आ रहा था तब अमालक न उसक मागर म उसका कस कार िवरोध कया था अब जा और अमालक पर चढ़ाई करक उसका जो कछ ह वह सब पणरतया नाश कर द और उसको भी मत छोड़ना परनत पष ी बालक िशश गाय-बल भड़-बकरी ऊट-गदहा सबको सतयानाश कर दनाrsquordquo कय

bull अमालक ldquoशतान क बीजrdquo का वशज था एसाव क प एलीपज क िता नामक एक रखल थी िजसन

एलीपज क ारा अमालक को जनम दया उतपि 3612

और जसा मलाक 13 म और रोिमय 913 म बताया ह म न याक़ब स म कया परनत एसाव को अिय जाना कय परमर जानता था क वह उस द ldquoसrdquo ह

यह यहा 112 का उदाहरण ह परनत िजतन न उस हण कया उसन उनह परमश वर क सनतान होन का अिधकार दया (उस कौन हण करत ह) अथारत उनह जो उसक नाम पर िवश वास रखत ह (कौन उस पर

िवास करत ह व) 13 व (1) न तो ल स (2) न शरीर क इचछा स (3) न मनषय क इचछा स परनत (4) परमश वर स उतप ए ह (wwwtreasurehiswordcom प 3 पर दख ldquoऊपर स जनमrdquo क नोटस) o यद 1 2 और 3 सवाभािवक जनम क बात करत ह तो अनवाद क िनयम क अनसार नमबर 4 भी

सवाभािवक जनम क बात करता ह

bull एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह जो एक बार फर सप प स आज ससार पर दो वश क ोत को दशारता ह

bull याकब और एसाव इसहाक और रबका क जड़वा थ उतपि 2523-24 तब यहोवा न उसस कहाldquoतर गभर म दो

जाितया ह (दो अलग-अलग जाितया) और तरी कोख स िनकलत ही दो राजय क लोग अलग अलग हग (दो अलग-

अलग वश) और एक राजय क लोग दसर स अिधक सामथ हग और बड़ा बटा छोट क अधीन होगाrdquo जब उसक

सव का समय आया तब कया गट आ क उसक गभर म जड़व बालक ह

o दो जाितया याकब परमश वर स उतप था o एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था

एक और उदाहरण उतपि 163-4 अाम क ी सार न अपनी िमी दासी हािजरा को लकर अपन पित अाम को दया क वह उसक पी हो 4 वह हािजरा क पास गया और वह गभरवती ई 11 और यहोवा क दत न उसस कहा ldquoदख त गभरवती ह और प जनगी त उसका नाम इशमाएल रखना कयक यहोवा न तर दख का हाल (परमर क कणा) सन िलया ह 12 और वह मनषय बनल गदह क समान होगा उसका हाथ सब क िव उठगा और सब क हाथ उसक िव उठ ग और वह अपन सब भाई-बनध क मधय म

14

बसा रहगाrdquo

bull इशमाएल शरीर क इचछा और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह यह एक बार फर इस ससार म लोग क दो ोत या वश को दशारता ह

bull इसहाक का जनम परमर स आ था

bull गलाितय 422-29 यह िलखा ह क अाहम क दो प ए एक दासी स और एक सवत ी स 23 परनत जो दासी स आ वह शारीरक रीित स जनमा और जो सवत ी स आ वह ितजञा क अनसार जनमा 24इन बात म दष टानत ह य िया मानो दो वाचाए ह एक तो सीन पहाड़ क िजसस दास ही उतप होत ह और वह हािजरा ह 26पर ऊपर क यशलम सवत ह और वह हमारी माता ह 28 ह भाइयो हम इसहाक क समान ितजञा क सनतान ह 29 और जसा उस समय शरीर क अनसार जनमा आ (एसाव) आतमा क अनसार जनम ए (याकब) को सताता था वसा ही अब भी होता ह

bull 1 यहा 38 -10 जो कोई पाप करता ह वह शतान क ओर स ह जो कोई परमश वर स जनमा ह वह

पाप नह करता कयक उसका बीज उसम बना रहता ह और वह पाप कर ही नह सकता (कयक कोई समय आएगा जब वह िवास करगा) कयक परमश वर स जनमा ह (10) इसी स परमश वर क सनतान और शतान क सनतान जान जात ह जो कोई धमर क काम नह करता वह परमश वर स नह और न वह जो अपन भाई स म नह रखता

यह सब ldquoबीजrdquo क वशावली क िवषय म ह इस परी बाइबल म अनक वशाविलय म दखा जा सकता ह उतपि 9 और 10 स और मी 11-17 तथा लका 323-38 तक

VII दो जाितय क समह का य आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा इफिसय 610-13 इसिलय भ म और उसक शिक त क भाव म बलवनत बनो 11 परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम शतान क यिक तय क सामन खड़ रह सको 12 कयक हमारा यह मल लय ल और मास स नह (यह परमर क िज़ममदारी ह) परनत (हमारा य) धान स और अिधकारय स और इस ससार क अनधकार क हाकम स और उस दष टता क आितमक सना स ह जो आकाश म ह 13

इसिलय परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम बर दन म सामना कर सको और सब कछ परा करक िसथर रह सको hellip 16 िसथर रहो कयक यीश न कहा

जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा

VIII और अिधक सपता दनवाल पि करनवाल वचन वसथािववरण 1015 तौभी यहोवा न तर पवरज स स नह और म रखा और उनक बाद तम लोग को

15

जो उनक सनतान (अकषरशः बीज) हो सब दश क लोग क मधय म स चन िलया जसा क आज क दन कट ह यशायाह 5310 तौभी यहोवा को यही भाया क उस कचल उसी न उसको रोगी कर दया जब वह

अपना ाण दोषबिल कर तब वह अपना वश (अकषरशः बीज) दखन पाएगा रोिमय 413 कयक यह ितजञा क वह जगत का वारस होगा न अाहम को न उसक वश (अकषरशः उसक बीज) को वसथा क ारा दी गई थी परनत िवश वास क धामरकता क ारा िमली पद 16 इसी कारण ितजञा िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर हो क वह उसक सब वशज (अकषरशः बीज) क िलय दढ़ हो न क कवल उसक िलय जो वसथावाला ह वरन उनक िलय भी जो

अाहम क समान िवश वासवाल ह वही तो हम सब का िपता ह

bull िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर ndashgt शािबदक यनानी पठन अनह मफत वरदान ह यह फर इस बात को कट करता ह क िवास अनह क ारा मफत वरदान ह

गलाितय 323-27 पर िवश वास क आन स पहल वसथा क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी और उस िवश वास क आन तक जो गट होनवाला था हम उसी क बनधन म (सिनित) रह 24

इसिलय वसथा मसीह तक पचान क िलय हमारी िशकषक ई ह क हम िवश वास स धम ठहर 25 परनत जब िवश वास आ चका तो हम अब िशकषक क अधीन न रह ब क समान

bull यह बताता ह क हम िवास क आन स पहल भी उसक सतान थ और हमार िवास करन तक वसथा

क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी

bull यद िवास आता ह तो इसका अथर ह क वह हम स उतप नह होता यह अनह का वरदान ह

bull दख 1 पतरस 1 1-3 पतरस hellip उन परदिशय (परदशी नागरक नह) क नाम जो परमश वर िपता क

भिवषय जञान क अनसार चन गए ह 21 िजसन अपनी बड़ी दया स हम जीिवत आशा क िलय नया जनम दया 21 उसक ारा तम उस परमश वर पर िवश वास करत हो 23 क तम न नाशवान (मानवीय ससार का) नह पर अिवनाशी बीज (सवगय) स परमश वर क जीवत और सदा ठहरनवाल वचन क ारा नया जनम पाया ह

bull 2 पतरस 11 उनह िलखा hellip िजनहन हमार समान बमलय िवश वास ाप त कया ह

16

गलाितय 326 कयक तम सब उस िवश वास क ारा जो मसीह यीश पर ह परमश वर क सनतान हो

bull इसस पहल क हमारा सवाभािवक जनम होता हम परमर क सतान थ और उस समय तक रह जब हमार पास ldquoिवास आयाrdquo और हमन ldquoउस िवास को हण कया और िवास कयाrdquo फर उस बद पर हम परमर क प हो गए कवल सतान ही नह रह कयक पिव आतमा हमार ldquoभीतरrdquo था क हम िसखाए और हम समझ द

गलाितय 3 29 और यद तम मसीह क हो (कछ नह ह लकन इसस पहल क हमारा जनम होता हम उसक ह कयक उसन हम जगत क उतपि स पहल स ही चन रखा था) तो अाहम क वश (बीज) और ितजञा क अनसार (क वह कई जाितय का िपता होगा) वारस भी हो गलाितय 41 म यह कहता क वारस जब तक बालक (परमर का) ह यिप सब वसत का सवामी ह तौभी उसम और दास म कोई भद नह 2 परनत िपता क ठहराए ए समय तक सरकषक और बनधक क वश म (वसथा) रहता ह 3

वस ही हम भी जब बालक थ (नया जनम पान स पहल) तो ससार क आद िशकषा क वश म होकर दास बन ए थ 4 परनत जब समय परा आ तो परमश वर न अपन प को भजा जो ी स जनमा और वसथा क अधीन उतप आ 5 ताक वसथा क अधीन को मोल लकर छड़ा ल और हम को लपालक होन का पद िमल

bull यनानी शबद िजसका अनवाद ldquoलपालकrdquo आ ह उसका शािबदक अथर ldquoवयसक प को सथान दनाrdquo ह जस यदी परमपरा बार-िमतसवाह म होता था जहा प जब 14 वषर क आय म पचता था तो उस वयसक माना जाता था

bull ldquoलपालक पrdquo यनानी शबद ui(oqesian (हवी-ओथ-एसी-आ) स आता ह जो दो शबद स बना ह

ui(o$ - प और tiqhmi ndash रखना या सथािपत करना

bull इसिलए इसका शािबदक अनवाद ऐसा ह हम सतान थ लकन िपता ारा िनधाररत समय पर हम प क प म सथािपत कया गया- वयसक प या पिया जब हमन िवश वास कया और हम सब बात दखान और िसखान क िलए पिव आतमा हमार भीतर आया था

bull हम हमशा उसक ब थ परमर क सतान िजनह उसन जगत क उतपि स पहल ही चन िलया था और हम कभी शतान क बीज नह थ हम कभी गोद (लपालक) नह िलया गया जसा आज ससार म इसका अथर समझा जाता ह

bull लपालक का अनवाद गलत धमरवजञािनक पकष को दखाता ह और यह यनानी शबद का सटीक अनवाद नह ह

bull बाइबल अनवाद म िगत हसतकषप एक ऐसा मामला ह िजसस 1611 क KJV भी अछती नह थी कयक तब िवान को राजा क दशा िनदश क अनसार पिवशा म काटा-छाटी करनी पड़ी थी ndash इन

17

म स एक यह था क KJV िबशप क बाइबल का खडन नह कर सकती थी

bull लपालक क परभाषा यह ह ldquoकसी दसर माता-िपता क ब को सवचछा स अपन क प म अपना

लनाrdquo bull स िवासी कभी भी शतान क बीज नह थ

गलातय 46 और तम जो प हो ndash तम परमशवर क हो

bull ldquoपरमर स उतपrdquo यहनना 113

bull ldquoऊपर स जनमrdquo अकषरशः यनानी यहनना 33

bull अाहम का बीज उसक वश (यनानी उसका बीज) रोमय 413 और 16

इसिलय परमश वर न अपन प क आतमा को जो lsquoह अबबा ह िपताrsquo कहकर पकारता ह हमार दय म (जब हमारा नया जनम आ) भजा ह 7 इसिलय त अब दास नह (ससार क मल वसत क अधीन बदी) परनत प ह (परप प या पी) और जब प आ तो परमश वर क ारा वारस भी आ

इफिसय 13-6 हमार भ यीश मसीह क परमश वर और िपता का धनयवाद हो क उसन हम मसीह म सवगय सथान म सब कार क आितमक आशीष दी ह 4 जसा उसन हम जगत क उतपि स पहल उसम चन िलया क हम उसक िनकट म म पिव और िनदष ह 5 और अपनी इचछा क भल अिभाय क अनसार हम अपन िलय पहल स ठहराया क यीश मसीह क ारा हम उसक ldquoप क प म िनयrdquo ह (सही अनवाद लपालक नह) 6 क उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

हम वह ह जो हम ह सौ ितशत उसक अनह क ारा ह और इसम हमारी योगयता यास या कायर का कछ लना-दना नह ह

उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

1 यहा 31-3 दखो िपता न हम स कसा म कया ह क हम परमश वर क सनतान कहलाए और हम ह भी इस कारण ससार हम नह जानता कयक उसन उस भी नह जाना 2 ह ियो अब (अवसथातर या बल दन का यािवशषण) हम परमश वर क सनतान ह और अभी तक यह गट नह आ क हम कया कछ हग इतना जानत ह क जब वह गट होगा तो हम उसक समान हग कयक उसको वसा ही दखग जसा वह ह 3 और जो कोई उस पर यह आशा रखता ह वह अपन आप को वसा ही पिव करता ह जसा वह पिव ह

18

धनयवाद हो िपता हम बत आभारी ह

IX हमार भ यीश मसीह क महान िवजय वह भिवषयवाणी ldquoी का बीज जो सपर क िसर को कचल डालगाrdquo

उसक िवजय का आरमभ तब आ जब उसन अपन को दीन कया और अपना सवगय सहासन अपना मकट अपन अिधकार और सवगर तयागकर सवय को शनय कर दया और मानव प म इस पथवी पर आ गया

फिलिपपय 26-11 िजसन परमश वर क सवप म होकर भी परमश वर क तलय होन को अपन वश म रखन क वसत न समझा 7 वरन अपन आप को ऐसा शनय कर दया और दास का सवप धारण कयाऔर मनषय क समानता म हो गया 8 और मनषय क प म गट होकर अपन आप को दीन कया

और यहा तक आजञाकारी रहा क मतय हा स क मतय भी सह ली 9 इस कारण परमश वर न उसको अित महान भी कया और उसको वह नाम दया जो सब नाम म ष ठ ह 10 क जो सवगर म और

पथवी पर और पथवी क नीच ह व सब यीश क नाम पर घटना टक 11 और परमश वर िपता क मिहमा क िलय हर एक जीभ अगीकर कर ल क यीश मसीह ही भ ह

कलिससय 213-15 उसन तमह भी जो अपन अपराध और अपन शरीर क खतनारिहत दशा म मदार थ उसक साथ िजलाया और हमार सब अपराध को कषमा कया (कस) 14 और िविधय का वह लख जो हमार नाम पर और हमार िवरोध म था िमटा डाला और उस स पर कल स जड़कर सामन स हटा दया ह (इसका परणाम यह आ) और उसन धानता और अिधकार को ऊपर स उतारकर उनका खल लमखल ला तमाशा बनाया और स क ारा उन पर जय-जयकार क धविन सनाई

यीश मसीह क स उसक मतय गाड़ जान और जी उठन न ldquoसपर क िसर को कचल डालाrdquo

1 करिनथय 28-9 इस ससार क हाकम म स कसी न नह जाना कयक यद व जानत तो तजोमय भ को स पर न चढ़ात इािनय 13-4 वह पाप को धोकर ऊच सथान पर महामिहमन क दािहन जा बठा

bull पाप और शतान पर परी िवजय ा क गई और यह समपणर थी

इािनय 1012-14 पाप क बदल एक ही बिलदान सवरदा क िलय चढ़ाकर वह परमश वर क दािहन जा

बठा 13 और उसी समय स इसक बाट जोह रहा ह क उसक बरी उसक पाव क नीच क पीढ़ी

19

बन 14 कयक उसन एक ही चढ़ाव क ारा उनह जो पिव कए जात ह सवरदा क िलय िस कर दया ह

bull उसका काम तो समा ह वह हमारी तीकषा कर रहा ह क हम उस कायर को समा कर जो उसन हम सपा ह

मी 2414 और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा रोमय 1620 शािनत का परमर शतान को तमहार पाव स शी कचलवा दगा उस अिधकार और सामथयर क ारा जो हम दी गई ह अब हम दन ित दन ldquoसपर का िसर कचलनrdquo म भागीदार होत ह

X अत समय म जीना इाएल का पिव और उसका सिकतार यहोवा य कहता हः ldquoमरी सनतान पर घटत होनवाली घटना क िवषय म मझ स पछो और मर हाथ क काय को मझ पर ही छोड़ दो यशायाह 4511

रोिमय 1311- समय को पिहचान कर ऐसा ही करो इसिलय क अब तमहार िलय नद स जाग उठन (वासतिवकता क िलए जाग उठना आितमक वासतिवकता) क घड़ी आ पची ह कयक िजस समय हम न िवश वास कया था उस समय क िवचार स अब हमारा उार (इस वतरमान पापी यग स छटकारा) िनकट ह (12) रात बत बीत गई ह और दन (भ का दन) िनकलन पर ह इसिलय हम अनधकार क काम को तयाग कर जयोित क हिथयार बाध ल (13) जसा दन को शोभा दता ह वसा ही हम सीधी चाल चल न क लीला-ड़ा (रगरली) और िपयक कड़पन म न िभचार और लचपन (कामकता और अनितकता) म और न झगड़ और डाह म (14) वरन भ यीश मसीह को पिहन लो और शरीर क अिभलाषा को परा

करन का उपाय न करो

हम आितमक य क समय म जी रह ह और हम इससाकार क प क तरह बनना चािहए

इितहास 1223 फर लोग लड़न क िलय हिथयार बाध ए होन म दाऊद क पास इसिलय आए क यहोवा क वचन क अनसार शाऊल का राजय उसक हाथ म कर द (32) इससाकारय म स जो समय को पहचानत थ क इाएल को (परमर क लोग को) कया करना उिचत ह

bull िसपाही जो भली कार स िशिकषत अनशािसत और लय किनत होत ह व सवामी क इचछा को

20

जानत ह और साथ ही दशमन क चाल को भी समझत ह पणर समपरत यहा तक क मतय तक भी

2 तीमिथयस 31-5 पर यह समरण रख क अिनतम दन म कठन समय आएग (2) कयक मनषय सवाथ लोभी डगमार अिभमानी िननदक माता-िपता क आजञा टालनवाल कत अपिव (3) दयारिहत कषमारिहत दोष लगानवाल असयमी कठोर भल क बरी (4) िवश वासघाती ढीठ घमणडी और परमश वर क नह वरन सखिवलास ही क चाहनवाल हग (5) व भिक त का भष तो धरग पर उसक शिक त को न मानग ऐस स पर रहना 2 पतरस 33-4 पहल यह जान लो क अिनतम दन म हसी ठा करनवाल आएग जो अपनी ही अिभलाषा क अनसार चलग (4) और कहग ldquoउसक आन क ितजञा कहा गई कयक जब स बापदाद सो गए ह सब कछ वसा ही ह जसा सिष ट क आरमभ स था मी 244-14 सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए (5) कयक बत स ऐस हग जो मर नाम स आकर कहग lsquoम मसीह rsquo और बत को भरमाएग (6) तम लड़ाइय और लड़ाइय क चचार सनोग तो घबरा न जाना कयक इन का होना अवशय ह परनत उस समय अनत न होगा (7) कयक जाित पर जाित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भकमप हग (8) य सब बात पीड़ा का आरमभ हगी (9) तब व कलश दन क िलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाितय क लोग तम स बर रखग (यह बात बत लमब समय स इाएल क िलए सी ठहरी ह और साथ ही िहनद और इसलामी दश म रहनवाल िवािसय क िलए भी) (10) तब बत स ठोकर खाएग और एक दसर को पकड़वाएग और एक दसर स बर रखग (11) बत स झठ भिवषया उठ खड़ हग और बत को भरमाएग (12) अधमर क बढ़न स बत का म ठणडा पड़ जाएगा (13) परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उार होगा (14) और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा मी 2433 इसी रीित स जब तम इन सब बात को दखो तो जान लो क वह िनकट ह वरन ार ही पर ह मी 2434 म तम स सच कहता क जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक इस पीढ़ी का अनत नह होगा

उपरो पद आज क समय क बार म बतात ह िजसम हम रह रह ह हम जानना चािहए और सदा समरण रखना चािहए क

bull जस यीश ससार नह ह वस ही हम भी ससार क नह ह (यहा 1716)

21

bull परनत हमारी नागरकता सवगर क ह जहा स हम उारकतार भ यीश मसीह क आगमन क तीकषा

उतसकता स कर रह ह (फिलिपपय 321)

bull हम पथवी पर परदशी और पराए ह (इािनय 1113)

bull हम मसीह क राजदत ह जो पराए दश म रह रह ह2 कर 520

bull हमारा िमशन उस कायर को समा करना ह िजसक िलए यीश इस जगत म आया खोए को ढढन और बचान मी 2414 2818-20 नमक और जयोित क समान होनndash मी 513

समय क िचहन को दखकर ऐसा लगता ह मानो हम ldquoअितम दनrdquo क ार पर ह यह समय कलश का समय होगा परनत इसस पहल कलश का समय श हो कछ अदभत होगा

XI िवािसय का बड़ा िनगरमन

2 िथससलनीकय 21-2 ह भाइयो अब हम अपन भ यीश मसीह क आन और उसक पास अपन इक होन क िवषय म तम स िवनती करत ह (2) क कसी आतमा या वचन या पी क ारा जो क मानो हमारी ओर स हो यह समझकर क भ का दन आ पचा ह तमहारा मन अचानक अिसथर न हो जाए और न तम घबराओ

bull िथससलनीकय क िवासी ऐस कठन समय म रह रह थ क उनहन सोचा क ldquoभ का दनrdquo आ

चका ह और व ldquoउसक पास अपन इका होनrdquo स चक गए ह

bull य पौलस क उस िशकषा क ओर सकत करता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल िवासी ldquoभ क पास उठा िलए जाएगrdquo और उनह यह समझान क िलए क ldquoभ का दनrdquo अभी नह आया ह पौलस कहता ह

पद 3-4 कसी रीित स कसी क धोख म न आना कयक वह दन (भ का दन) न आएगा जब तक धमर का तयाग (िवास स बहक) न हो ल और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो

bull 1 तीमिथयस 41-2 परनत आतमा सपष टता स कहता ह क आनवाल समय म कतन लोग

भरमानवाली आतमा और दष टातमा क िशकषा पर मन लगाकर िवश वास स बहक जाएग (दख 1 यहा 217-19 2 पतरस 220-22)

22

और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो (4) जो िवरोध करता ह और हर एक स जो ईश वर या पजय कहलाता ह अपन आप को बड़ा ठहराता ह यहा तक क वह परमश वर क मिनदर म बठकर अपन आप को ईश वर ठहराता ह

bull य सब नह आ था और यह सप ह क यह होन स पहल स िवासी ldquoउसक पास इका कए

जाएगrdquo दािनययल 121 hellip तब ऐस सकट का समय होगा जसा कसी जाित क उतप होन क समय स लकर अब तक कभी न आ न होगा परनत उस समय तर लोग म स िजतन क नाम परमश वर क पसतक म िलख ए ह व बच िनकलग

ऐसा तीत होता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल अथारत पथवी पर महकलश क समय स पहल भ यीश मसीह क कलीिसया mdash समसत िवासीmdashइस ससार स िनकाल िलए जाएग

bull भ का दन यशायाह 136+ यहजकल 303 योएल 115 21 11 31 314 आमोस 518-20 सपनयाह 114-18 मलाक 45 रत 220 1 िथससलनीकय 52 2 पतरस 310

मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा (38) कयक जस जल-लय

स पहल क दन म िजस दन तक क नह जहाज पर न चढ़ा (दड स पहल) उस दन तक लोग खात-

पीत थ और उनम िववाह होत थ (39) और जब तक जल-लय आकर उन सब को बहा न ल गया तब

तक उनको कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क प का आना भी होगा (40) उस समय दो जन खत

म हग एक ल िलया जाएगा और दसरा छोड़ दया जाएगा (41) दो िया चक क पीसती रहगी एक

ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी

नह क दन क समान हम भी अपना जहाज़ तयार करत रहना चािहए िवश वास ही स नह न उन बात क िवषय म जो उस समय दखाई न पड़ती थ चतावनी पाकर भिक त क साथ अपन घरान क बचाव क िलय जहाज बनाया इािनय 117 नह और उसक परवार न जहाज़ म वश कया और परमर न जहाज़ का ार बद कर दया कवल वही थ जो परमर ारा बचाए गए या दड अथारत कलश स बचाए गए

उनहन अवशय दड को दखा उसम स गए और उस अनभव कया लकन सरिकषत सथान स जहा

23

स व ldquoअत तक सरिकषत रह और बचाए गएrdquo

लका भी नह क िवषय म िलखता ह और फर िनिलिखत भी जोड़ दता ह लका 1728-31 और जसा लत क दन म आ था क लोग खात-पीत लन-दन करत पड़ लगात और घर बनात थ (29) परनत िजस दन लत सदोम स िनकला उस दन आग और गनधक आकाश स बरसी और सब को नष ट कर दया (30) मनषय क प क गट होन क दन भी ऐसा ही होगा

समरण कर mdash परमर न कहा था क वह सदोम को न नह करगा यद वह धम लोग हग (उतपि 1826-33) तो इस अितम िवनाश म भी धम लोग को पहल ही िनकाल िलया जाएगा

उतपि 1929 और ऐसा आ क जब परमश वर न उस तराई क नगर को िजनम लत रहता था उलट-पलट कर नष ट कया तब उसन अाहम को याद करक लत को उस घटना स (इसस पहल वह घटती) बचा िलया

परमर न अपन चन को िम म दड और िवपिय स बचाया और फर उसन अितम दड स पहल अदभत रीित स लाल सम को दो भाग करक उनह िम स बाहर िनकाला था

अतः हम िनिलिखत वचन स य समझ सकत ह क सभी स िवासी महाकलश क समय स पहल ldquoिनकाल िलए जाएगrdquo कछ लोग इस ldquoरपचरrdquo भी कहत ह (ldquoरपचरrdquo शबद बाइबल का नह ह यह एक लाितनी शबद ह िजसका अथर ह ldquoहवा म उठाया जानाrdquo) कािशतवाकय 310 त न मर धीरज क वचन को थामा ह इसिलय म भी तझ परीकषा क उस समय बचा रखगा जो पथवी पर रहनवाल क परखन क िलय सार ससार पर आनवाला ह

1 िथससलनीकय 413-18 कयक यद हम िवश वास करत ह क यीश मरा और जी भी उठा तो वस ही परमश वर उनह भी जो यीश म सो गए ह (व िवासी जो मर चक ह और तब स व आतमा म भ क साथ ह) उसी क साथ ल आएगा (15) कयक हम भ क वचन क अनसार तम स यह कहत ह क हम जो जीिवत ह और भ क आन तक बच रहग सोए (मर ) स कभी आग न बढ़ग (16) कयक भ आप ही सवगर स उतरगा उस समय ललकार और धान दत का शबद सनाई दगा और परमश वर क तरही फक जाएगी और जो मसीह म मर ह व पहल जी उठग (दह का पनतथान जो अपनी-अपनी उन आतमा स जा िमलगी जो भ क साथ थ) (17) तब हम जो जीिवत और बच रहग उनक साथ बादल पर उठा िलय जाएग क हवा म भ स िमल और इस रीित स हम सदा भ क साथ रहग (18) इस कार इन बात स एक दसर को शािनत दया करो

24

य परचछद आग भी जारी ह अधयाय 51-11

पर ह भाइयो इसका योजन नह क समय और काल क िवषय म तमहार पास कछ िलखा जाए (2) कयक तम आप ठीक जानत हो क जसा रात को चोर आता ह वसा ही भ का दन (महान अितम नयाय) आनवाला ह (3) जब लोग कहत हग ldquoकशल ह और कछ भय नहrdquo तो उन पर एकाएक िवनाश आ

पड़गा िजस कार गभरवती पर पीड़ा और व कसी रीित स न बचग (4) पर ह भाइयो तम तो अनधकार म नह हो क वह दन तम पर चोर क समान आ पड़ (5) कयक तम सब जयोित क सनतान और दन क सनतान हो हम न रात क ह न अनधकार क ह (6) पर जागत और सावधान रह hellip (8) hellip िवश वास और म क िझलम पिहनकर और उार क आशा का टोप पिहनकर सावधान रह (9)

कयक परमश वर न हम ोध क िलय नह (ोध अितम नयाय का ह िवासी वहा नह हग)

परनत इसिलय ठहराया ह क हम अपन भ यीश मसीह क ारा उार ाप त कर (10) वह हमार

िलय इस कारण मरा क हम चाह जागत ह चाह सोत ह सब िमलकर उसी क साथ जीए (11) इस कारण एक दसर को शािनत दो और एक दसर क उित का कारण बनो जसा क तम करत भी हो 1 करिनथय 1550-54 भी अलौकक घटना का वणरन करता ह दखो म तम स भद क बात कहता हम सब नह सोएग (सब नह मरग) परनत सब बदल जाएग (52) और यह कषण भर म पलक मारत ही अिनतम तरही फकत ही होगा कयक तरही फक जाएगी और मद (िवािसय क मत दह उनक आतमा भ क साथ थी 2 कर 58) अिवनाशी दशा म उठाए जाएग और हम (जो पथवी पर जीिवत ह) बदल जाएग (53) कयक अवशय ह क यह नाशवान दह अिवनाश (पनितथत दह) को पिहन ल और यह मरनहार दह अमरता को पिहन ल (54) और जब यह नाशवान अिवनाश को पिहन लगा और यह मरनहार अमरता को पिहन लगा तब वह वचन जो िलखा ह परा हो जाएगा ldquoजय न मतय को िनगल िलया य िनिलिखत पद दह क पनतथान को समझन म सहायक ह 1 करिनथय 1542-45 मद का जी उठना भी ऐसा ही ह शरीर नाशवान दशा म बोया जाता ह और अिवनाशी प म जी उठता ह (43) वह अनादर क साथ बोया जाता ह और तज क साथ जी उठता ह िनबरलता क साथ बोया जाता ह और सामथयर क साथ जी उठता ह (44) सवाभािवक दह बोई जाती ह और आितमक दह जी उठती ह जबक सवाभािवक दह ह तो आितमक दह भी ह

तरही क फकन पर mdash हम पलक झपकत ही कषण भर म भ क साथ हवा म जा िमलग और इस कार हम सदा भ क साथ हगrdquo

25

XII कलश मी 2415-28 ldquoइसिलय जब तम उस उजाड़नवाली घिणत वसत को िजसक चचार दािनययल भिवषयक ता क ारा ई थी पिवसथान म खड़ी ई दखो (जो पढ़ वह समझ) (16) तब जो यदया म ह व पहाड़ पर भाग जाए (17) जो छत पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर (18) और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट (19) ldquoउन दन म जो गभरवती और दध िपलाती हगी उन क िलय हाय हाय (20) ाथरना कया करो क तमह जाड़ म या सबत क दन भागना न पड़

(21) कयक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक आ और न कभी होगा (22) यद व दन घटाए न जात तो कोई ाणी न बचता परनत चन (जो कलश क समय िवास म आए ह) क कारण व दन घटाए जाएग (23) उस समय यद कोई तम स कह lsquoदखो मसीह यहा हrsquo या lsquoवहा हrsquo तो िवश वास न करना (24) ldquoकयक झठ मसीह और झठ भिवषयक ता उठ खड़ हग और बड़ िचहन और अदभत काम दखाएग क यद हो सक तो चन को भी भरमा द (25) दखो म न पहल स तम स यह सब कछ कह दया ह (26) इसिलय यद व तम स कह lsquoदखो वह जगल म हrsquo तो बाहर न िनकल जाना या lsquoदखो वह कोठरय म हrsquo तो िवश वास न करना (27) ldquoकयक जस िबजली पवर स िनकलकर पिश चम तक चमकती ह वस ही मनषय क प का भी आना होगा

bull दसर शबद म mdash कोई भी उसक आगमन स चक नह सकता

कािशतवाकय 132 जो पश म न दखा वह चीत क समान था hellip (6) उसन परमश वर क िननदा करन क िलय मह खोला क उसक नाम और उसक तमब अथारत सवगर क रहनवाल क िननदा कर (7) उस यह भी अिधकार दया गया क पिव लोग स लड़ और उन पर जय पाए और उस हर एक कल और लोग और भाषा और जाित पर अिधकार दया गया (8) पथवी क व सब रहनवाल िजनक नाम उस म क जीवन क पसतक म िलख नह गए जो जगत क उतपि क समय स घात आ ह उस पश क पजा करग 9िजसक कान ह वह सन (11) फर म न एक और पश को पथवी म स िनकलत ए दखा hellip (12) वह उस पहल पश का सारा अिधकार उसक सामन काम म लाता था और पथवी और उसक रहनवाल स उस पहल पश क िजसका ाण-घातक घाव अचछा हो गया था पजा कराता था (13) वह बड़-बड़ िचहन दखाता था यहा तक क मनषय क सामन सवगर स पथवी पर आग बरसा दता था (14) उन िचहन क कारण िजनह उस पश क सामन दखान का अिधकार उस दया गया था वह पथवी क रहनवाल को भरमाता था और पथवी क रहनवाल स कहता था क िजस पश क तलवार लगी थी वह जी गया ह उसक मतर बनाओ (15) उस उस पश क मतर म ाण डालन का अिधकार दया गया क पश क मतर बोलन लग और िजतन लोग उस पश क मतर क पजा न कर उनह मरवा डाल (16) उसन छोट-बड़ धनी-कगाल सवत-दास सब क दािहन हाथ या उनक माथ पर एक एक छाप करा दी (17) क उसको छोड़

26

िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 9: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

9

बटया उतप 2तब परमश वर क प न (परान िनयम म यह शबद सदव सवदरत क िलए इसतमाल होत ह अययब 16 21 387) मनषय क पिय को दखा क व सनदर ह (उनक ित वासना स भर गए) और उनहन िजस िजसको चाहा उनस िववाह कर िलया (लमक क पदिचहन पर जो पहला ब-िववाही था िजसन दो पिया बयाही थ उतपि 419) 4उन दन म पथवी पर दानव (अथारत नपीली लोग) रहत थ और इसक पश चात जब परमश वर क प मनषय क पिय क पास गए तब उनक ारा जो प उतप ए व (नपीली प) शरवीर (योा िनरकश या दानव) होत थ िजनक कतर ाचीनकाल स चिलत ह bull य ldquoपरमर क पrdquo परमर ारा सज गए सवगरदत थ िजनह नीच िगराया गया था कयक उनहन ldquoलिसफरrdquo

क साथ िमलकर परमर क िव िवोह कया था (यहजकल 2812-19) उनका एक ही उशय था क उन सब का नाश करना िजनह परमर न सजा ह और िजनस वह म रखता ह िवशषकर लोग जो उसक सवप म रच गए थ

bull यदा 6-7 फर िजन सवगरदत न अपन पद (या अिधकार कष) को िसथर न रखा वरन अपन िनज िनवास (या िनवासस थान) (मनषय क पिय क लालसा स रत होकर) को छोड़ दया उसन उनको भी उस भीषण दन क नयाय क िलय अनधकार म जो सदा काल क िलय ह बनधन म रखा ह िजस रीित स सदोम और अमोरा और उनक आसपास क नगर जो इन क समान िभचारी हो गए थ और पराय शरीर क पीछ लग गए थ आग क अननत दणड म पड़कर दष टानत (परमर इस िवकित स कतना घणा करता ह) ठहर ह

शतान जो इन िगराए ए दत का नता था उसन उनस कहा क व िजस िजसको चाह उनस िववाह कर ल िजसस मनषय का ल उसका वश डीएनए या आनवािशक म दिषत हो जाए और ी का वश तथा उसक िसर कचल जान क भिवषयवाणी को रोका जा सक

bull इन िगराए ए दत क पास िय को गभरवती करन और ब उतप करन क शि थी जसा उतपि छह

कहती ह तो इसका अथर यह ह क मनषय क वशाण हो गए यह ी क बीज को दिषत करन का एक और हमला था o वह सपर शतान पथवी पर ldquoअपन बीजrdquo अपनी सतान को बढ़ान म लगा ह ताक परमर क लोग को ी

क बीज को और न कर द मनषय को अपन जाल म फसान क िलए उसका हिथयार लिगक आनद था यह य समसत िव म सप प स दखा जा सकता ह हर मसीही को यह जानन क ज़रत ह और अवशय ह क वह जवानी क अिभलाषा स भाग और जो श मन स भ का नाम लत ह उनक साथ धमर और

िवश वास और म और मलिमलाप का पीछा कर 2 तीमिथयस 222-23 bull य सतान व हो सकती ह िजनक िवषय म भ न कहा क व उस द क सतान ह या व जगली बीज ह िजनह

शतान न बोया मी 1337-39 अचछ बीज का बोनवाला मनषय का प ह hellip अचछा बीज राजय क सनतान और जगली बीज दष ट क सनतान ह िजस श न उनको बोया वह शतान ह और यहा 844 तम अपन िपता शतान स हो और अपन िपता क लालसा को परा करना चाहत हो

bull रत क काम 137-10 म पौलस इनम स एक को ldquoशतान क सतानrdquo कहकर पकारता ह ह सार कपट और सब चतराई स भर ए शतान क सनतान

10

उतपि 6 पर वापस आत ह 5 यहोवा न दखा क मनषय क बराई पथवी पर बढ़ गई ह और उनक मन क िवचार म जो कछ उतप होता ह वह िनरनतर बरा ही होता ह 6 और यहोवा पथवी पर मनषय को बनान स पछताया और वह मन म अित खदत आ 7 तब यहोवा न कहा ldquoम मनषय को िजसक म न सिष ट क ह पथवी क ऊपर स िमटा दगा कया मनषय कया पश कया रगनवाल जनत कया आकाश क पकषी सब को िमटा दगा कयक म उनक बनान स पछताता rdquo 8 परनत यहोवा क अनह क दिष ट नह पर बनी रही 9 नह क वशावली यह ह नह धम पष और अपन समय क लोग म खरा था और नह परमश वर ही क साथ साथ चलता रहा और नह स शम और हाम और यपत नामक तीन प उतप ए 11 उस समय पथवी परमश वर क दिष ट म िबगड़ गई थी और उपव स भर गई थी 12 और परमश वर न पथवी पर जो दिष ट क तो कया दखा क वह िबगड़ी ई ह कयक सब ािणय न पथवी पर अपना अपना चाल-चलन िबगाड़ िलया था 13 तब परमश वर न नह स कहा ldquoसब ािणय क अनत करन का मर सामन आ गया ह कयक उनक कारण पथवी उपव स भर गई ह इसिलय म उनको पथवी समत नष ट कर डालगा

bull नपीली लोग स इतनी तज़ी स नितक िगरावट आई क उनक (मनषय क) मन क िवचार म जो कछ उतप होता ह वह िनरनतर बरा ही होता ह

bull सब ािणय न पथवी पर अपना अपना चाल-चलन िबगाड़ िलया था यह बची ई मानवजाित क अिसततव पर और ी क बीज क भिवषयवाणी पर गभीर हमला था

bull नपीली लोग का डीएनए आधा मनषय और आधा पितत सवगरदत का था इसका परणाम दता और बर

सवभाव क ती वि म आ इसिलए जललय न शतान क इस ष को नाकाम कर दया

bull परनत एक मनषय बचा था 9 नह धम पष और अपन समय क लोग म खरा था और नह परमश वर ही

क साथ साथ चलता रहा 13 तब परमश वर न नह स कहा ldquoसब ािणय क अनत करन का मर सामन आ गया ह कयक उनक कारण पथवी उपव स भर गई ह इसिलय म उनको पथवी समत नष ट कर डालगा

bull नह उसी शत क वशावली स था आदम का प था hellip और आदम क ारा उसक समानता म उस ही क सवप क अनसार एक प उतप आ उसन उसका नाम शत रखा उतपि 53

bull जल लय क तीन उशय थ (1) नपीली जाित को न करना (2) उन लोग को न करना िजनका डीएनए हो चका था और (3) उन सब को िजनहन अपन माग को कर दया था

bull जब य नपीली दानव जललय म मर फर या बाद म उनक आतमाए अपनी दह स अलग होकर पथवी

11

पर दसरी दह क तलाश म भटकन लगी ताक व उनम वास कर और समसत मानवजाित म उसी अनितक िवकत लिगक आचरण को बढ़ावा द यीश न मी 1243-45 म इसक पि क ldquoजब अश आतमा मनषय म स िनकल जाती ह (यनानी एकसखमाईएकसािससम) तो सखी जगह म िवाम ढढ़ती फरती ह और पाती नह तब कहती ह lsquoम अपन उसी घर म जहा स िनकली थी लौट जाऊगीrsquo और लौटकर उस सना झाड़ा-बहारा और सजा-सजाया पाती ह तब वह जाकर अपन स और बरी सात आतमा को अपन साथ ल आती ह और व उसम पठकर वहा वास करती ह और उस मनषय क िपछली दशा पहल स भी बरी हो जाती ह इस यग क बर लोग क दशा भी ऐसी ही होगीrdquo

bull व सवगरदत िजनहन िय क लालसा क और उनस सतान उतप क उनह आनद दड

भगतना पड़ा o सवगरदत को बयाह करन क अनमित नह ह मी 2230

यदा 5-6 भ न एक कल को िम दश स छड़ान क बाद िवश वास न लानवाल को नष ट कर दया फर िजन सवगरदत न अपन पद को िसथर न रखा वरन अपन िनज िनवास को छोड़ दया उसन उनको भी उस भीषण दन क नयाय क िलय अनधकार म जो सदा काल क िलय ह बनधन म रखा ह

1 पतरस 319 यीश न जाकर कदी आतमा (सवगरदत या परमर क प) को भी चार कया 20

िजनहन उस बीत समय म आजञा न मानी जब परमश वर नह क दन म धीरज धरकर ठहरा रहा और वह जहाज बन रहा था

समरण रख यीश न हम चतावनी दी ह मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा

य द अश आतमाए अब भी इस पथवी पर ह व जललय म मारी नह ग व कवल उन शरीर म स िनकल गई थ िजनम उनका वास था सब आतमाए अनत होती ह अनतकाल क आग या अनतकाल का जीवन य द अश आतमाए कसी भी ि म समान का अवसर ढढ़ती ह क िवकत लिगक आचरण और अनितकता को बढ़ावा द

VI उारकतार क वशावली को दिषत करन का यास एा 91-4 जब य काम हो चक तब हाकम मर पास आकर कहन लग ldquoन तो इाएली लोग न याजक न लवीय इस ओर क दश क लोग स अलग ए वरन उनक स अथारत कनािनय िहिय परिय

12

यबिसय अममोिनय मोआिबय िमिय और एमोरय क स िघनौन काम करत ह (कय) 2 कयक

उनहन उनक बटय म स अपन और अपन बट क िलय िया कर ली ह और पिव वश (अकषरशः

बीज) इस ओर क दश क लोग म िमल गया ह वरन हाकम और सरदार इस िवश वासघात म मखय ए हrdquo 3 यह बात सनकर म न अपन व और बाग को फाड़ा और अपन िसर और दाढ़ी क बाल नोच और िविसमत होकर बठा रहा 4 तब िजतन लोग इाएल क परमश वर क वचन सनकर बधआई स आए ए लोग क िवश वासघात क कारण थरथरात थ सब मर पास इक ए और म साझ क भट क समय तक िविसमत होकर बठा रहा

bull कनानी और अनय सब जाितया नह क प हाम क वश स थ िजसन अपन िपता क नगपन को दखा था हाम

लिगक अनितकता क नपीली आतमा स रत था या वह उसम समाई थी याद कर जललय स पहल हाम नपीली और पितत सवगरदत क साथ था

bull उसक भाई शम और यपत न उस नगपन को नह दखा व नपीली अनितक आतमा स म थ

bull नह न हाम क प कनान को ाप दया और उसस यबसी एमोरी िगगारशी िहबबी और अनय जाितया िनकल (उतपि 922-25 1015-20)

bull कनान क वश क सब लोग ldquoशतान क बीजrdquo और लिगक अनितकता को िलए ए थ इसी कारण परमर न

कहा िनगरमन 2320-33 22 hellip म तर श का श और तर ोिहय का ोही बनगा 23 इस रीित मरा दत तर आग आग चलकर तझ एमोरी िही परी कनानी िहबबी और यबसी लोग क यहा पचाएगा और म उनका सतयानाश कर डालगा 24 उनक दवता को दणडवत न करना और न उनक उपासना करना और न उनक स काम करना वरन उन मरत का परी रीित स सतयानाश कर डालना और उन लोग क लाट को टकड़ टकड़ कर दना

bull हम अब समझ लना चािहए क परमर न कय कहा म उनका सतयानाश कर डालगा

bull यशायाह 345 कयक मरी तलवार आकाश म पीकर तप त ई ह दखो वह नयाय करन को एदोम पर

और िजन पर मरा शाप ह उन पर पड़गी इस समझन का एकमा उपाय यह ह

bull परमर ldquoी क बीजrdquo को बनाए रखन और उसक वश को दिषत होन स बचान क िलए जो कछ आवशयक ह वह करगा यहा तक क वह ldquoसपर क बीजrdquo जस शिशाली श का भी सतयानाश कर दगाrdquo

इसका सप उदाहरण ह 1 शमएल 151-3 तब शमएल न शाऊल स कहा ldquoयहोवा न मझ भजा था क उसक जा इाएल पर राजा होन क िलए म तरा अिभषक क इसिलए अब यहोवा क वचन को सन सना का यहोवा यह कहता ह lsquoइाएल क साथ अमालक न जो कछ कया था उसक िलए म उसको दणड

13

दगा कयक जब इाएल िम स िनकल कर आ रहा था तब अमालक न उसक मागर म उसका कस कार िवरोध कया था अब जा और अमालक पर चढ़ाई करक उसका जो कछ ह वह सब पणरतया नाश कर द और उसको भी मत छोड़ना परनत पष ी बालक िशश गाय-बल भड़-बकरी ऊट-गदहा सबको सतयानाश कर दनाrsquordquo कय

bull अमालक ldquoशतान क बीजrdquo का वशज था एसाव क प एलीपज क िता नामक एक रखल थी िजसन

एलीपज क ारा अमालक को जनम दया उतपि 3612

और जसा मलाक 13 म और रोिमय 913 म बताया ह म न याक़ब स म कया परनत एसाव को अिय जाना कय परमर जानता था क वह उस द ldquoसrdquo ह

यह यहा 112 का उदाहरण ह परनत िजतन न उस हण कया उसन उनह परमश वर क सनतान होन का अिधकार दया (उस कौन हण करत ह) अथारत उनह जो उसक नाम पर िवश वास रखत ह (कौन उस पर

िवास करत ह व) 13 व (1) न तो ल स (2) न शरीर क इचछा स (3) न मनषय क इचछा स परनत (4) परमश वर स उतप ए ह (wwwtreasurehiswordcom प 3 पर दख ldquoऊपर स जनमrdquo क नोटस) o यद 1 2 और 3 सवाभािवक जनम क बात करत ह तो अनवाद क िनयम क अनसार नमबर 4 भी

सवाभािवक जनम क बात करता ह

bull एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह जो एक बार फर सप प स आज ससार पर दो वश क ोत को दशारता ह

bull याकब और एसाव इसहाक और रबका क जड़वा थ उतपि 2523-24 तब यहोवा न उसस कहाldquoतर गभर म दो

जाितया ह (दो अलग-अलग जाितया) और तरी कोख स िनकलत ही दो राजय क लोग अलग अलग हग (दो अलग-

अलग वश) और एक राजय क लोग दसर स अिधक सामथ हग और बड़ा बटा छोट क अधीन होगाrdquo जब उसक

सव का समय आया तब कया गट आ क उसक गभर म जड़व बालक ह

o दो जाितया याकब परमश वर स उतप था o एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था

एक और उदाहरण उतपि 163-4 अाम क ी सार न अपनी िमी दासी हािजरा को लकर अपन पित अाम को दया क वह उसक पी हो 4 वह हािजरा क पास गया और वह गभरवती ई 11 और यहोवा क दत न उसस कहा ldquoदख त गभरवती ह और प जनगी त उसका नाम इशमाएल रखना कयक यहोवा न तर दख का हाल (परमर क कणा) सन िलया ह 12 और वह मनषय बनल गदह क समान होगा उसका हाथ सब क िव उठगा और सब क हाथ उसक िव उठ ग और वह अपन सब भाई-बनध क मधय म

14

बसा रहगाrdquo

bull इशमाएल शरीर क इचछा और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह यह एक बार फर इस ससार म लोग क दो ोत या वश को दशारता ह

bull इसहाक का जनम परमर स आ था

bull गलाितय 422-29 यह िलखा ह क अाहम क दो प ए एक दासी स और एक सवत ी स 23 परनत जो दासी स आ वह शारीरक रीित स जनमा और जो सवत ी स आ वह ितजञा क अनसार जनमा 24इन बात म दष टानत ह य िया मानो दो वाचाए ह एक तो सीन पहाड़ क िजसस दास ही उतप होत ह और वह हािजरा ह 26पर ऊपर क यशलम सवत ह और वह हमारी माता ह 28 ह भाइयो हम इसहाक क समान ितजञा क सनतान ह 29 और जसा उस समय शरीर क अनसार जनमा आ (एसाव) आतमा क अनसार जनम ए (याकब) को सताता था वसा ही अब भी होता ह

bull 1 यहा 38 -10 जो कोई पाप करता ह वह शतान क ओर स ह जो कोई परमश वर स जनमा ह वह

पाप नह करता कयक उसका बीज उसम बना रहता ह और वह पाप कर ही नह सकता (कयक कोई समय आएगा जब वह िवास करगा) कयक परमश वर स जनमा ह (10) इसी स परमश वर क सनतान और शतान क सनतान जान जात ह जो कोई धमर क काम नह करता वह परमश वर स नह और न वह जो अपन भाई स म नह रखता

यह सब ldquoबीजrdquo क वशावली क िवषय म ह इस परी बाइबल म अनक वशाविलय म दखा जा सकता ह उतपि 9 और 10 स और मी 11-17 तथा लका 323-38 तक

VII दो जाितय क समह का य आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा इफिसय 610-13 इसिलय भ म और उसक शिक त क भाव म बलवनत बनो 11 परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम शतान क यिक तय क सामन खड़ रह सको 12 कयक हमारा यह मल लय ल और मास स नह (यह परमर क िज़ममदारी ह) परनत (हमारा य) धान स और अिधकारय स और इस ससार क अनधकार क हाकम स और उस दष टता क आितमक सना स ह जो आकाश म ह 13

इसिलय परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम बर दन म सामना कर सको और सब कछ परा करक िसथर रह सको hellip 16 िसथर रहो कयक यीश न कहा

जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा

VIII और अिधक सपता दनवाल पि करनवाल वचन वसथािववरण 1015 तौभी यहोवा न तर पवरज स स नह और म रखा और उनक बाद तम लोग को

15

जो उनक सनतान (अकषरशः बीज) हो सब दश क लोग क मधय म स चन िलया जसा क आज क दन कट ह यशायाह 5310 तौभी यहोवा को यही भाया क उस कचल उसी न उसको रोगी कर दया जब वह

अपना ाण दोषबिल कर तब वह अपना वश (अकषरशः बीज) दखन पाएगा रोिमय 413 कयक यह ितजञा क वह जगत का वारस होगा न अाहम को न उसक वश (अकषरशः उसक बीज) को वसथा क ारा दी गई थी परनत िवश वास क धामरकता क ारा िमली पद 16 इसी कारण ितजञा िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर हो क वह उसक सब वशज (अकषरशः बीज) क िलय दढ़ हो न क कवल उसक िलय जो वसथावाला ह वरन उनक िलय भी जो

अाहम क समान िवश वासवाल ह वही तो हम सब का िपता ह

bull िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर ndashgt शािबदक यनानी पठन अनह मफत वरदान ह यह फर इस बात को कट करता ह क िवास अनह क ारा मफत वरदान ह

गलाितय 323-27 पर िवश वास क आन स पहल वसथा क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी और उस िवश वास क आन तक जो गट होनवाला था हम उसी क बनधन म (सिनित) रह 24

इसिलय वसथा मसीह तक पचान क िलय हमारी िशकषक ई ह क हम िवश वास स धम ठहर 25 परनत जब िवश वास आ चका तो हम अब िशकषक क अधीन न रह ब क समान

bull यह बताता ह क हम िवास क आन स पहल भी उसक सतान थ और हमार िवास करन तक वसथा

क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी

bull यद िवास आता ह तो इसका अथर ह क वह हम स उतप नह होता यह अनह का वरदान ह

bull दख 1 पतरस 1 1-3 पतरस hellip उन परदिशय (परदशी नागरक नह) क नाम जो परमश वर िपता क

भिवषय जञान क अनसार चन गए ह 21 िजसन अपनी बड़ी दया स हम जीिवत आशा क िलय नया जनम दया 21 उसक ारा तम उस परमश वर पर िवश वास करत हो 23 क तम न नाशवान (मानवीय ससार का) नह पर अिवनाशी बीज (सवगय) स परमश वर क जीवत और सदा ठहरनवाल वचन क ारा नया जनम पाया ह

bull 2 पतरस 11 उनह िलखा hellip िजनहन हमार समान बमलय िवश वास ाप त कया ह

16

गलाितय 326 कयक तम सब उस िवश वास क ारा जो मसीह यीश पर ह परमश वर क सनतान हो

bull इसस पहल क हमारा सवाभािवक जनम होता हम परमर क सतान थ और उस समय तक रह जब हमार पास ldquoिवास आयाrdquo और हमन ldquoउस िवास को हण कया और िवास कयाrdquo फर उस बद पर हम परमर क प हो गए कवल सतान ही नह रह कयक पिव आतमा हमार ldquoभीतरrdquo था क हम िसखाए और हम समझ द

गलाितय 3 29 और यद तम मसीह क हो (कछ नह ह लकन इसस पहल क हमारा जनम होता हम उसक ह कयक उसन हम जगत क उतपि स पहल स ही चन रखा था) तो अाहम क वश (बीज) और ितजञा क अनसार (क वह कई जाितय का िपता होगा) वारस भी हो गलाितय 41 म यह कहता क वारस जब तक बालक (परमर का) ह यिप सब वसत का सवामी ह तौभी उसम और दास म कोई भद नह 2 परनत िपता क ठहराए ए समय तक सरकषक और बनधक क वश म (वसथा) रहता ह 3

वस ही हम भी जब बालक थ (नया जनम पान स पहल) तो ससार क आद िशकषा क वश म होकर दास बन ए थ 4 परनत जब समय परा आ तो परमश वर न अपन प को भजा जो ी स जनमा और वसथा क अधीन उतप आ 5 ताक वसथा क अधीन को मोल लकर छड़ा ल और हम को लपालक होन का पद िमल

bull यनानी शबद िजसका अनवाद ldquoलपालकrdquo आ ह उसका शािबदक अथर ldquoवयसक प को सथान दनाrdquo ह जस यदी परमपरा बार-िमतसवाह म होता था जहा प जब 14 वषर क आय म पचता था तो उस वयसक माना जाता था

bull ldquoलपालक पrdquo यनानी शबद ui(oqesian (हवी-ओथ-एसी-आ) स आता ह जो दो शबद स बना ह

ui(o$ - प और tiqhmi ndash रखना या सथािपत करना

bull इसिलए इसका शािबदक अनवाद ऐसा ह हम सतान थ लकन िपता ारा िनधाररत समय पर हम प क प म सथािपत कया गया- वयसक प या पिया जब हमन िवश वास कया और हम सब बात दखान और िसखान क िलए पिव आतमा हमार भीतर आया था

bull हम हमशा उसक ब थ परमर क सतान िजनह उसन जगत क उतपि स पहल ही चन िलया था और हम कभी शतान क बीज नह थ हम कभी गोद (लपालक) नह िलया गया जसा आज ससार म इसका अथर समझा जाता ह

bull लपालक का अनवाद गलत धमरवजञािनक पकष को दखाता ह और यह यनानी शबद का सटीक अनवाद नह ह

bull बाइबल अनवाद म िगत हसतकषप एक ऐसा मामला ह िजसस 1611 क KJV भी अछती नह थी कयक तब िवान को राजा क दशा िनदश क अनसार पिवशा म काटा-छाटी करनी पड़ी थी ndash इन

17

म स एक यह था क KJV िबशप क बाइबल का खडन नह कर सकती थी

bull लपालक क परभाषा यह ह ldquoकसी दसर माता-िपता क ब को सवचछा स अपन क प म अपना

लनाrdquo bull स िवासी कभी भी शतान क बीज नह थ

गलातय 46 और तम जो प हो ndash तम परमशवर क हो

bull ldquoपरमर स उतपrdquo यहनना 113

bull ldquoऊपर स जनमrdquo अकषरशः यनानी यहनना 33

bull अाहम का बीज उसक वश (यनानी उसका बीज) रोमय 413 और 16

इसिलय परमश वर न अपन प क आतमा को जो lsquoह अबबा ह िपताrsquo कहकर पकारता ह हमार दय म (जब हमारा नया जनम आ) भजा ह 7 इसिलय त अब दास नह (ससार क मल वसत क अधीन बदी) परनत प ह (परप प या पी) और जब प आ तो परमश वर क ारा वारस भी आ

इफिसय 13-6 हमार भ यीश मसीह क परमश वर और िपता का धनयवाद हो क उसन हम मसीह म सवगय सथान म सब कार क आितमक आशीष दी ह 4 जसा उसन हम जगत क उतपि स पहल उसम चन िलया क हम उसक िनकट म म पिव और िनदष ह 5 और अपनी इचछा क भल अिभाय क अनसार हम अपन िलय पहल स ठहराया क यीश मसीह क ारा हम उसक ldquoप क प म िनयrdquo ह (सही अनवाद लपालक नह) 6 क उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

हम वह ह जो हम ह सौ ितशत उसक अनह क ारा ह और इसम हमारी योगयता यास या कायर का कछ लना-दना नह ह

उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

1 यहा 31-3 दखो िपता न हम स कसा म कया ह क हम परमश वर क सनतान कहलाए और हम ह भी इस कारण ससार हम नह जानता कयक उसन उस भी नह जाना 2 ह ियो अब (अवसथातर या बल दन का यािवशषण) हम परमश वर क सनतान ह और अभी तक यह गट नह आ क हम कया कछ हग इतना जानत ह क जब वह गट होगा तो हम उसक समान हग कयक उसको वसा ही दखग जसा वह ह 3 और जो कोई उस पर यह आशा रखता ह वह अपन आप को वसा ही पिव करता ह जसा वह पिव ह

18

धनयवाद हो िपता हम बत आभारी ह

IX हमार भ यीश मसीह क महान िवजय वह भिवषयवाणी ldquoी का बीज जो सपर क िसर को कचल डालगाrdquo

उसक िवजय का आरमभ तब आ जब उसन अपन को दीन कया और अपना सवगय सहासन अपना मकट अपन अिधकार और सवगर तयागकर सवय को शनय कर दया और मानव प म इस पथवी पर आ गया

फिलिपपय 26-11 िजसन परमश वर क सवप म होकर भी परमश वर क तलय होन को अपन वश म रखन क वसत न समझा 7 वरन अपन आप को ऐसा शनय कर दया और दास का सवप धारण कयाऔर मनषय क समानता म हो गया 8 और मनषय क प म गट होकर अपन आप को दीन कया

और यहा तक आजञाकारी रहा क मतय हा स क मतय भी सह ली 9 इस कारण परमश वर न उसको अित महान भी कया और उसको वह नाम दया जो सब नाम म ष ठ ह 10 क जो सवगर म और

पथवी पर और पथवी क नीच ह व सब यीश क नाम पर घटना टक 11 और परमश वर िपता क मिहमा क िलय हर एक जीभ अगीकर कर ल क यीश मसीह ही भ ह

कलिससय 213-15 उसन तमह भी जो अपन अपराध और अपन शरीर क खतनारिहत दशा म मदार थ उसक साथ िजलाया और हमार सब अपराध को कषमा कया (कस) 14 और िविधय का वह लख जो हमार नाम पर और हमार िवरोध म था िमटा डाला और उस स पर कल स जड़कर सामन स हटा दया ह (इसका परणाम यह आ) और उसन धानता और अिधकार को ऊपर स उतारकर उनका खल लमखल ला तमाशा बनाया और स क ारा उन पर जय-जयकार क धविन सनाई

यीश मसीह क स उसक मतय गाड़ जान और जी उठन न ldquoसपर क िसर को कचल डालाrdquo

1 करिनथय 28-9 इस ससार क हाकम म स कसी न नह जाना कयक यद व जानत तो तजोमय भ को स पर न चढ़ात इािनय 13-4 वह पाप को धोकर ऊच सथान पर महामिहमन क दािहन जा बठा

bull पाप और शतान पर परी िवजय ा क गई और यह समपणर थी

इािनय 1012-14 पाप क बदल एक ही बिलदान सवरदा क िलय चढ़ाकर वह परमश वर क दािहन जा

बठा 13 और उसी समय स इसक बाट जोह रहा ह क उसक बरी उसक पाव क नीच क पीढ़ी

19

बन 14 कयक उसन एक ही चढ़ाव क ारा उनह जो पिव कए जात ह सवरदा क िलय िस कर दया ह

bull उसका काम तो समा ह वह हमारी तीकषा कर रहा ह क हम उस कायर को समा कर जो उसन हम सपा ह

मी 2414 और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा रोमय 1620 शािनत का परमर शतान को तमहार पाव स शी कचलवा दगा उस अिधकार और सामथयर क ारा जो हम दी गई ह अब हम दन ित दन ldquoसपर का िसर कचलनrdquo म भागीदार होत ह

X अत समय म जीना इाएल का पिव और उसका सिकतार यहोवा य कहता हः ldquoमरी सनतान पर घटत होनवाली घटना क िवषय म मझ स पछो और मर हाथ क काय को मझ पर ही छोड़ दो यशायाह 4511

रोिमय 1311- समय को पिहचान कर ऐसा ही करो इसिलय क अब तमहार िलय नद स जाग उठन (वासतिवकता क िलए जाग उठना आितमक वासतिवकता) क घड़ी आ पची ह कयक िजस समय हम न िवश वास कया था उस समय क िवचार स अब हमारा उार (इस वतरमान पापी यग स छटकारा) िनकट ह (12) रात बत बीत गई ह और दन (भ का दन) िनकलन पर ह इसिलय हम अनधकार क काम को तयाग कर जयोित क हिथयार बाध ल (13) जसा दन को शोभा दता ह वसा ही हम सीधी चाल चल न क लीला-ड़ा (रगरली) और िपयक कड़पन म न िभचार और लचपन (कामकता और अनितकता) म और न झगड़ और डाह म (14) वरन भ यीश मसीह को पिहन लो और शरीर क अिभलाषा को परा

करन का उपाय न करो

हम आितमक य क समय म जी रह ह और हम इससाकार क प क तरह बनना चािहए

इितहास 1223 फर लोग लड़न क िलय हिथयार बाध ए होन म दाऊद क पास इसिलय आए क यहोवा क वचन क अनसार शाऊल का राजय उसक हाथ म कर द (32) इससाकारय म स जो समय को पहचानत थ क इाएल को (परमर क लोग को) कया करना उिचत ह

bull िसपाही जो भली कार स िशिकषत अनशािसत और लय किनत होत ह व सवामी क इचछा को

20

जानत ह और साथ ही दशमन क चाल को भी समझत ह पणर समपरत यहा तक क मतय तक भी

2 तीमिथयस 31-5 पर यह समरण रख क अिनतम दन म कठन समय आएग (2) कयक मनषय सवाथ लोभी डगमार अिभमानी िननदक माता-िपता क आजञा टालनवाल कत अपिव (3) दयारिहत कषमारिहत दोष लगानवाल असयमी कठोर भल क बरी (4) िवश वासघाती ढीठ घमणडी और परमश वर क नह वरन सखिवलास ही क चाहनवाल हग (5) व भिक त का भष तो धरग पर उसक शिक त को न मानग ऐस स पर रहना 2 पतरस 33-4 पहल यह जान लो क अिनतम दन म हसी ठा करनवाल आएग जो अपनी ही अिभलाषा क अनसार चलग (4) और कहग ldquoउसक आन क ितजञा कहा गई कयक जब स बापदाद सो गए ह सब कछ वसा ही ह जसा सिष ट क आरमभ स था मी 244-14 सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए (5) कयक बत स ऐस हग जो मर नाम स आकर कहग lsquoम मसीह rsquo और बत को भरमाएग (6) तम लड़ाइय और लड़ाइय क चचार सनोग तो घबरा न जाना कयक इन का होना अवशय ह परनत उस समय अनत न होगा (7) कयक जाित पर जाित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भकमप हग (8) य सब बात पीड़ा का आरमभ हगी (9) तब व कलश दन क िलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाितय क लोग तम स बर रखग (यह बात बत लमब समय स इाएल क िलए सी ठहरी ह और साथ ही िहनद और इसलामी दश म रहनवाल िवािसय क िलए भी) (10) तब बत स ठोकर खाएग और एक दसर को पकड़वाएग और एक दसर स बर रखग (11) बत स झठ भिवषया उठ खड़ हग और बत को भरमाएग (12) अधमर क बढ़न स बत का म ठणडा पड़ जाएगा (13) परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उार होगा (14) और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा मी 2433 इसी रीित स जब तम इन सब बात को दखो तो जान लो क वह िनकट ह वरन ार ही पर ह मी 2434 म तम स सच कहता क जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक इस पीढ़ी का अनत नह होगा

उपरो पद आज क समय क बार म बतात ह िजसम हम रह रह ह हम जानना चािहए और सदा समरण रखना चािहए क

bull जस यीश ससार नह ह वस ही हम भी ससार क नह ह (यहा 1716)

21

bull परनत हमारी नागरकता सवगर क ह जहा स हम उारकतार भ यीश मसीह क आगमन क तीकषा

उतसकता स कर रह ह (फिलिपपय 321)

bull हम पथवी पर परदशी और पराए ह (इािनय 1113)

bull हम मसीह क राजदत ह जो पराए दश म रह रह ह2 कर 520

bull हमारा िमशन उस कायर को समा करना ह िजसक िलए यीश इस जगत म आया खोए को ढढन और बचान मी 2414 2818-20 नमक और जयोित क समान होनndash मी 513

समय क िचहन को दखकर ऐसा लगता ह मानो हम ldquoअितम दनrdquo क ार पर ह यह समय कलश का समय होगा परनत इसस पहल कलश का समय श हो कछ अदभत होगा

XI िवािसय का बड़ा िनगरमन

2 िथससलनीकय 21-2 ह भाइयो अब हम अपन भ यीश मसीह क आन और उसक पास अपन इक होन क िवषय म तम स िवनती करत ह (2) क कसी आतमा या वचन या पी क ारा जो क मानो हमारी ओर स हो यह समझकर क भ का दन आ पचा ह तमहारा मन अचानक अिसथर न हो जाए और न तम घबराओ

bull िथससलनीकय क िवासी ऐस कठन समय म रह रह थ क उनहन सोचा क ldquoभ का दनrdquo आ

चका ह और व ldquoउसक पास अपन इका होनrdquo स चक गए ह

bull य पौलस क उस िशकषा क ओर सकत करता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल िवासी ldquoभ क पास उठा िलए जाएगrdquo और उनह यह समझान क िलए क ldquoभ का दनrdquo अभी नह आया ह पौलस कहता ह

पद 3-4 कसी रीित स कसी क धोख म न आना कयक वह दन (भ का दन) न आएगा जब तक धमर का तयाग (िवास स बहक) न हो ल और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो

bull 1 तीमिथयस 41-2 परनत आतमा सपष टता स कहता ह क आनवाल समय म कतन लोग

भरमानवाली आतमा और दष टातमा क िशकषा पर मन लगाकर िवश वास स बहक जाएग (दख 1 यहा 217-19 2 पतरस 220-22)

22

और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो (4) जो िवरोध करता ह और हर एक स जो ईश वर या पजय कहलाता ह अपन आप को बड़ा ठहराता ह यहा तक क वह परमश वर क मिनदर म बठकर अपन आप को ईश वर ठहराता ह

bull य सब नह आ था और यह सप ह क यह होन स पहल स िवासी ldquoउसक पास इका कए

जाएगrdquo दािनययल 121 hellip तब ऐस सकट का समय होगा जसा कसी जाित क उतप होन क समय स लकर अब तक कभी न आ न होगा परनत उस समय तर लोग म स िजतन क नाम परमश वर क पसतक म िलख ए ह व बच िनकलग

ऐसा तीत होता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल अथारत पथवी पर महकलश क समय स पहल भ यीश मसीह क कलीिसया mdash समसत िवासीmdashइस ससार स िनकाल िलए जाएग

bull भ का दन यशायाह 136+ यहजकल 303 योएल 115 21 11 31 314 आमोस 518-20 सपनयाह 114-18 मलाक 45 रत 220 1 िथससलनीकय 52 2 पतरस 310

मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा (38) कयक जस जल-लय

स पहल क दन म िजस दन तक क नह जहाज पर न चढ़ा (दड स पहल) उस दन तक लोग खात-

पीत थ और उनम िववाह होत थ (39) और जब तक जल-लय आकर उन सब को बहा न ल गया तब

तक उनको कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क प का आना भी होगा (40) उस समय दो जन खत

म हग एक ल िलया जाएगा और दसरा छोड़ दया जाएगा (41) दो िया चक क पीसती रहगी एक

ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी

नह क दन क समान हम भी अपना जहाज़ तयार करत रहना चािहए िवश वास ही स नह न उन बात क िवषय म जो उस समय दखाई न पड़ती थ चतावनी पाकर भिक त क साथ अपन घरान क बचाव क िलय जहाज बनाया इािनय 117 नह और उसक परवार न जहाज़ म वश कया और परमर न जहाज़ का ार बद कर दया कवल वही थ जो परमर ारा बचाए गए या दड अथारत कलश स बचाए गए

उनहन अवशय दड को दखा उसम स गए और उस अनभव कया लकन सरिकषत सथान स जहा

23

स व ldquoअत तक सरिकषत रह और बचाए गएrdquo

लका भी नह क िवषय म िलखता ह और फर िनिलिखत भी जोड़ दता ह लका 1728-31 और जसा लत क दन म आ था क लोग खात-पीत लन-दन करत पड़ लगात और घर बनात थ (29) परनत िजस दन लत सदोम स िनकला उस दन आग और गनधक आकाश स बरसी और सब को नष ट कर दया (30) मनषय क प क गट होन क दन भी ऐसा ही होगा

समरण कर mdash परमर न कहा था क वह सदोम को न नह करगा यद वह धम लोग हग (उतपि 1826-33) तो इस अितम िवनाश म भी धम लोग को पहल ही िनकाल िलया जाएगा

उतपि 1929 और ऐसा आ क जब परमश वर न उस तराई क नगर को िजनम लत रहता था उलट-पलट कर नष ट कया तब उसन अाहम को याद करक लत को उस घटना स (इसस पहल वह घटती) बचा िलया

परमर न अपन चन को िम म दड और िवपिय स बचाया और फर उसन अितम दड स पहल अदभत रीित स लाल सम को दो भाग करक उनह िम स बाहर िनकाला था

अतः हम िनिलिखत वचन स य समझ सकत ह क सभी स िवासी महाकलश क समय स पहल ldquoिनकाल िलए जाएगrdquo कछ लोग इस ldquoरपचरrdquo भी कहत ह (ldquoरपचरrdquo शबद बाइबल का नह ह यह एक लाितनी शबद ह िजसका अथर ह ldquoहवा म उठाया जानाrdquo) कािशतवाकय 310 त न मर धीरज क वचन को थामा ह इसिलय म भी तझ परीकषा क उस समय बचा रखगा जो पथवी पर रहनवाल क परखन क िलय सार ससार पर आनवाला ह

1 िथससलनीकय 413-18 कयक यद हम िवश वास करत ह क यीश मरा और जी भी उठा तो वस ही परमश वर उनह भी जो यीश म सो गए ह (व िवासी जो मर चक ह और तब स व आतमा म भ क साथ ह) उसी क साथ ल आएगा (15) कयक हम भ क वचन क अनसार तम स यह कहत ह क हम जो जीिवत ह और भ क आन तक बच रहग सोए (मर ) स कभी आग न बढ़ग (16) कयक भ आप ही सवगर स उतरगा उस समय ललकार और धान दत का शबद सनाई दगा और परमश वर क तरही फक जाएगी और जो मसीह म मर ह व पहल जी उठग (दह का पनतथान जो अपनी-अपनी उन आतमा स जा िमलगी जो भ क साथ थ) (17) तब हम जो जीिवत और बच रहग उनक साथ बादल पर उठा िलय जाएग क हवा म भ स िमल और इस रीित स हम सदा भ क साथ रहग (18) इस कार इन बात स एक दसर को शािनत दया करो

24

य परचछद आग भी जारी ह अधयाय 51-11

पर ह भाइयो इसका योजन नह क समय और काल क िवषय म तमहार पास कछ िलखा जाए (2) कयक तम आप ठीक जानत हो क जसा रात को चोर आता ह वसा ही भ का दन (महान अितम नयाय) आनवाला ह (3) जब लोग कहत हग ldquoकशल ह और कछ भय नहrdquo तो उन पर एकाएक िवनाश आ

पड़गा िजस कार गभरवती पर पीड़ा और व कसी रीित स न बचग (4) पर ह भाइयो तम तो अनधकार म नह हो क वह दन तम पर चोर क समान आ पड़ (5) कयक तम सब जयोित क सनतान और दन क सनतान हो हम न रात क ह न अनधकार क ह (6) पर जागत और सावधान रह hellip (8) hellip िवश वास और म क िझलम पिहनकर और उार क आशा का टोप पिहनकर सावधान रह (9)

कयक परमश वर न हम ोध क िलय नह (ोध अितम नयाय का ह िवासी वहा नह हग)

परनत इसिलय ठहराया ह क हम अपन भ यीश मसीह क ारा उार ाप त कर (10) वह हमार

िलय इस कारण मरा क हम चाह जागत ह चाह सोत ह सब िमलकर उसी क साथ जीए (11) इस कारण एक दसर को शािनत दो और एक दसर क उित का कारण बनो जसा क तम करत भी हो 1 करिनथय 1550-54 भी अलौकक घटना का वणरन करता ह दखो म तम स भद क बात कहता हम सब नह सोएग (सब नह मरग) परनत सब बदल जाएग (52) और यह कषण भर म पलक मारत ही अिनतम तरही फकत ही होगा कयक तरही फक जाएगी और मद (िवािसय क मत दह उनक आतमा भ क साथ थी 2 कर 58) अिवनाशी दशा म उठाए जाएग और हम (जो पथवी पर जीिवत ह) बदल जाएग (53) कयक अवशय ह क यह नाशवान दह अिवनाश (पनितथत दह) को पिहन ल और यह मरनहार दह अमरता को पिहन ल (54) और जब यह नाशवान अिवनाश को पिहन लगा और यह मरनहार अमरता को पिहन लगा तब वह वचन जो िलखा ह परा हो जाएगा ldquoजय न मतय को िनगल िलया य िनिलिखत पद दह क पनतथान को समझन म सहायक ह 1 करिनथय 1542-45 मद का जी उठना भी ऐसा ही ह शरीर नाशवान दशा म बोया जाता ह और अिवनाशी प म जी उठता ह (43) वह अनादर क साथ बोया जाता ह और तज क साथ जी उठता ह िनबरलता क साथ बोया जाता ह और सामथयर क साथ जी उठता ह (44) सवाभािवक दह बोई जाती ह और आितमक दह जी उठती ह जबक सवाभािवक दह ह तो आितमक दह भी ह

तरही क फकन पर mdash हम पलक झपकत ही कषण भर म भ क साथ हवा म जा िमलग और इस कार हम सदा भ क साथ हगrdquo

25

XII कलश मी 2415-28 ldquoइसिलय जब तम उस उजाड़नवाली घिणत वसत को िजसक चचार दािनययल भिवषयक ता क ारा ई थी पिवसथान म खड़ी ई दखो (जो पढ़ वह समझ) (16) तब जो यदया म ह व पहाड़ पर भाग जाए (17) जो छत पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर (18) और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट (19) ldquoउन दन म जो गभरवती और दध िपलाती हगी उन क िलय हाय हाय (20) ाथरना कया करो क तमह जाड़ म या सबत क दन भागना न पड़

(21) कयक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक आ और न कभी होगा (22) यद व दन घटाए न जात तो कोई ाणी न बचता परनत चन (जो कलश क समय िवास म आए ह) क कारण व दन घटाए जाएग (23) उस समय यद कोई तम स कह lsquoदखो मसीह यहा हrsquo या lsquoवहा हrsquo तो िवश वास न करना (24) ldquoकयक झठ मसीह और झठ भिवषयक ता उठ खड़ हग और बड़ िचहन और अदभत काम दखाएग क यद हो सक तो चन को भी भरमा द (25) दखो म न पहल स तम स यह सब कछ कह दया ह (26) इसिलय यद व तम स कह lsquoदखो वह जगल म हrsquo तो बाहर न िनकल जाना या lsquoदखो वह कोठरय म हrsquo तो िवश वास न करना (27) ldquoकयक जस िबजली पवर स िनकलकर पिश चम तक चमकती ह वस ही मनषय क प का भी आना होगा

bull दसर शबद म mdash कोई भी उसक आगमन स चक नह सकता

कािशतवाकय 132 जो पश म न दखा वह चीत क समान था hellip (6) उसन परमश वर क िननदा करन क िलय मह खोला क उसक नाम और उसक तमब अथारत सवगर क रहनवाल क िननदा कर (7) उस यह भी अिधकार दया गया क पिव लोग स लड़ और उन पर जय पाए और उस हर एक कल और लोग और भाषा और जाित पर अिधकार दया गया (8) पथवी क व सब रहनवाल िजनक नाम उस म क जीवन क पसतक म िलख नह गए जो जगत क उतपि क समय स घात आ ह उस पश क पजा करग 9िजसक कान ह वह सन (11) फर म न एक और पश को पथवी म स िनकलत ए दखा hellip (12) वह उस पहल पश का सारा अिधकार उसक सामन काम म लाता था और पथवी और उसक रहनवाल स उस पहल पश क िजसका ाण-घातक घाव अचछा हो गया था पजा कराता था (13) वह बड़-बड़ िचहन दखाता था यहा तक क मनषय क सामन सवगर स पथवी पर आग बरसा दता था (14) उन िचहन क कारण िजनह उस पश क सामन दखान का अिधकार उस दया गया था वह पथवी क रहनवाल को भरमाता था और पथवी क रहनवाल स कहता था क िजस पश क तलवार लगी थी वह जी गया ह उसक मतर बनाओ (15) उस उस पश क मतर म ाण डालन का अिधकार दया गया क पश क मतर बोलन लग और िजतन लोग उस पश क मतर क पजा न कर उनह मरवा डाल (16) उसन छोट-बड़ धनी-कगाल सवत-दास सब क दािहन हाथ या उनक माथ पर एक एक छाप करा दी (17) क उसको छोड़

26

िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 10: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

10

उतपि 6 पर वापस आत ह 5 यहोवा न दखा क मनषय क बराई पथवी पर बढ़ गई ह और उनक मन क िवचार म जो कछ उतप होता ह वह िनरनतर बरा ही होता ह 6 और यहोवा पथवी पर मनषय को बनान स पछताया और वह मन म अित खदत आ 7 तब यहोवा न कहा ldquoम मनषय को िजसक म न सिष ट क ह पथवी क ऊपर स िमटा दगा कया मनषय कया पश कया रगनवाल जनत कया आकाश क पकषी सब को िमटा दगा कयक म उनक बनान स पछताता rdquo 8 परनत यहोवा क अनह क दिष ट नह पर बनी रही 9 नह क वशावली यह ह नह धम पष और अपन समय क लोग म खरा था और नह परमश वर ही क साथ साथ चलता रहा और नह स शम और हाम और यपत नामक तीन प उतप ए 11 उस समय पथवी परमश वर क दिष ट म िबगड़ गई थी और उपव स भर गई थी 12 और परमश वर न पथवी पर जो दिष ट क तो कया दखा क वह िबगड़ी ई ह कयक सब ािणय न पथवी पर अपना अपना चाल-चलन िबगाड़ िलया था 13 तब परमश वर न नह स कहा ldquoसब ािणय क अनत करन का मर सामन आ गया ह कयक उनक कारण पथवी उपव स भर गई ह इसिलय म उनको पथवी समत नष ट कर डालगा

bull नपीली लोग स इतनी तज़ी स नितक िगरावट आई क उनक (मनषय क) मन क िवचार म जो कछ उतप होता ह वह िनरनतर बरा ही होता ह

bull सब ािणय न पथवी पर अपना अपना चाल-चलन िबगाड़ िलया था यह बची ई मानवजाित क अिसततव पर और ी क बीज क भिवषयवाणी पर गभीर हमला था

bull नपीली लोग का डीएनए आधा मनषय और आधा पितत सवगरदत का था इसका परणाम दता और बर

सवभाव क ती वि म आ इसिलए जललय न शतान क इस ष को नाकाम कर दया

bull परनत एक मनषय बचा था 9 नह धम पष और अपन समय क लोग म खरा था और नह परमश वर ही

क साथ साथ चलता रहा 13 तब परमश वर न नह स कहा ldquoसब ािणय क अनत करन का मर सामन आ गया ह कयक उनक कारण पथवी उपव स भर गई ह इसिलय म उनको पथवी समत नष ट कर डालगा

bull नह उसी शत क वशावली स था आदम का प था hellip और आदम क ारा उसक समानता म उस ही क सवप क अनसार एक प उतप आ उसन उसका नाम शत रखा उतपि 53

bull जल लय क तीन उशय थ (1) नपीली जाित को न करना (2) उन लोग को न करना िजनका डीएनए हो चका था और (3) उन सब को िजनहन अपन माग को कर दया था

bull जब य नपीली दानव जललय म मर फर या बाद म उनक आतमाए अपनी दह स अलग होकर पथवी

11

पर दसरी दह क तलाश म भटकन लगी ताक व उनम वास कर और समसत मानवजाित म उसी अनितक िवकत लिगक आचरण को बढ़ावा द यीश न मी 1243-45 म इसक पि क ldquoजब अश आतमा मनषय म स िनकल जाती ह (यनानी एकसखमाईएकसािससम) तो सखी जगह म िवाम ढढ़ती फरती ह और पाती नह तब कहती ह lsquoम अपन उसी घर म जहा स िनकली थी लौट जाऊगीrsquo और लौटकर उस सना झाड़ा-बहारा और सजा-सजाया पाती ह तब वह जाकर अपन स और बरी सात आतमा को अपन साथ ल आती ह और व उसम पठकर वहा वास करती ह और उस मनषय क िपछली दशा पहल स भी बरी हो जाती ह इस यग क बर लोग क दशा भी ऐसी ही होगीrdquo

bull व सवगरदत िजनहन िय क लालसा क और उनस सतान उतप क उनह आनद दड

भगतना पड़ा o सवगरदत को बयाह करन क अनमित नह ह मी 2230

यदा 5-6 भ न एक कल को िम दश स छड़ान क बाद िवश वास न लानवाल को नष ट कर दया फर िजन सवगरदत न अपन पद को िसथर न रखा वरन अपन िनज िनवास को छोड़ दया उसन उनको भी उस भीषण दन क नयाय क िलय अनधकार म जो सदा काल क िलय ह बनधन म रखा ह

1 पतरस 319 यीश न जाकर कदी आतमा (सवगरदत या परमर क प) को भी चार कया 20

िजनहन उस बीत समय म आजञा न मानी जब परमश वर नह क दन म धीरज धरकर ठहरा रहा और वह जहाज बन रहा था

समरण रख यीश न हम चतावनी दी ह मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा

य द अश आतमाए अब भी इस पथवी पर ह व जललय म मारी नह ग व कवल उन शरीर म स िनकल गई थ िजनम उनका वास था सब आतमाए अनत होती ह अनतकाल क आग या अनतकाल का जीवन य द अश आतमाए कसी भी ि म समान का अवसर ढढ़ती ह क िवकत लिगक आचरण और अनितकता को बढ़ावा द

VI उारकतार क वशावली को दिषत करन का यास एा 91-4 जब य काम हो चक तब हाकम मर पास आकर कहन लग ldquoन तो इाएली लोग न याजक न लवीय इस ओर क दश क लोग स अलग ए वरन उनक स अथारत कनािनय िहिय परिय

12

यबिसय अममोिनय मोआिबय िमिय और एमोरय क स िघनौन काम करत ह (कय) 2 कयक

उनहन उनक बटय म स अपन और अपन बट क िलय िया कर ली ह और पिव वश (अकषरशः

बीज) इस ओर क दश क लोग म िमल गया ह वरन हाकम और सरदार इस िवश वासघात म मखय ए हrdquo 3 यह बात सनकर म न अपन व और बाग को फाड़ा और अपन िसर और दाढ़ी क बाल नोच और िविसमत होकर बठा रहा 4 तब िजतन लोग इाएल क परमश वर क वचन सनकर बधआई स आए ए लोग क िवश वासघात क कारण थरथरात थ सब मर पास इक ए और म साझ क भट क समय तक िविसमत होकर बठा रहा

bull कनानी और अनय सब जाितया नह क प हाम क वश स थ िजसन अपन िपता क नगपन को दखा था हाम

लिगक अनितकता क नपीली आतमा स रत था या वह उसम समाई थी याद कर जललय स पहल हाम नपीली और पितत सवगरदत क साथ था

bull उसक भाई शम और यपत न उस नगपन को नह दखा व नपीली अनितक आतमा स म थ

bull नह न हाम क प कनान को ाप दया और उसस यबसी एमोरी िगगारशी िहबबी और अनय जाितया िनकल (उतपि 922-25 1015-20)

bull कनान क वश क सब लोग ldquoशतान क बीजrdquo और लिगक अनितकता को िलए ए थ इसी कारण परमर न

कहा िनगरमन 2320-33 22 hellip म तर श का श और तर ोिहय का ोही बनगा 23 इस रीित मरा दत तर आग आग चलकर तझ एमोरी िही परी कनानी िहबबी और यबसी लोग क यहा पचाएगा और म उनका सतयानाश कर डालगा 24 उनक दवता को दणडवत न करना और न उनक उपासना करना और न उनक स काम करना वरन उन मरत का परी रीित स सतयानाश कर डालना और उन लोग क लाट को टकड़ टकड़ कर दना

bull हम अब समझ लना चािहए क परमर न कय कहा म उनका सतयानाश कर डालगा

bull यशायाह 345 कयक मरी तलवार आकाश म पीकर तप त ई ह दखो वह नयाय करन को एदोम पर

और िजन पर मरा शाप ह उन पर पड़गी इस समझन का एकमा उपाय यह ह

bull परमर ldquoी क बीजrdquo को बनाए रखन और उसक वश को दिषत होन स बचान क िलए जो कछ आवशयक ह वह करगा यहा तक क वह ldquoसपर क बीजrdquo जस शिशाली श का भी सतयानाश कर दगाrdquo

इसका सप उदाहरण ह 1 शमएल 151-3 तब शमएल न शाऊल स कहा ldquoयहोवा न मझ भजा था क उसक जा इाएल पर राजा होन क िलए म तरा अिभषक क इसिलए अब यहोवा क वचन को सन सना का यहोवा यह कहता ह lsquoइाएल क साथ अमालक न जो कछ कया था उसक िलए म उसको दणड

13

दगा कयक जब इाएल िम स िनकल कर आ रहा था तब अमालक न उसक मागर म उसका कस कार िवरोध कया था अब जा और अमालक पर चढ़ाई करक उसका जो कछ ह वह सब पणरतया नाश कर द और उसको भी मत छोड़ना परनत पष ी बालक िशश गाय-बल भड़-बकरी ऊट-गदहा सबको सतयानाश कर दनाrsquordquo कय

bull अमालक ldquoशतान क बीजrdquo का वशज था एसाव क प एलीपज क िता नामक एक रखल थी िजसन

एलीपज क ारा अमालक को जनम दया उतपि 3612

और जसा मलाक 13 म और रोिमय 913 म बताया ह म न याक़ब स म कया परनत एसाव को अिय जाना कय परमर जानता था क वह उस द ldquoसrdquo ह

यह यहा 112 का उदाहरण ह परनत िजतन न उस हण कया उसन उनह परमश वर क सनतान होन का अिधकार दया (उस कौन हण करत ह) अथारत उनह जो उसक नाम पर िवश वास रखत ह (कौन उस पर

िवास करत ह व) 13 व (1) न तो ल स (2) न शरीर क इचछा स (3) न मनषय क इचछा स परनत (4) परमश वर स उतप ए ह (wwwtreasurehiswordcom प 3 पर दख ldquoऊपर स जनमrdquo क नोटस) o यद 1 2 और 3 सवाभािवक जनम क बात करत ह तो अनवाद क िनयम क अनसार नमबर 4 भी

सवाभािवक जनम क बात करता ह

bull एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह जो एक बार फर सप प स आज ससार पर दो वश क ोत को दशारता ह

bull याकब और एसाव इसहाक और रबका क जड़वा थ उतपि 2523-24 तब यहोवा न उसस कहाldquoतर गभर म दो

जाितया ह (दो अलग-अलग जाितया) और तरी कोख स िनकलत ही दो राजय क लोग अलग अलग हग (दो अलग-

अलग वश) और एक राजय क लोग दसर स अिधक सामथ हग और बड़ा बटा छोट क अधीन होगाrdquo जब उसक

सव का समय आया तब कया गट आ क उसक गभर म जड़व बालक ह

o दो जाितया याकब परमश वर स उतप था o एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था

एक और उदाहरण उतपि 163-4 अाम क ी सार न अपनी िमी दासी हािजरा को लकर अपन पित अाम को दया क वह उसक पी हो 4 वह हािजरा क पास गया और वह गभरवती ई 11 और यहोवा क दत न उसस कहा ldquoदख त गभरवती ह और प जनगी त उसका नाम इशमाएल रखना कयक यहोवा न तर दख का हाल (परमर क कणा) सन िलया ह 12 और वह मनषय बनल गदह क समान होगा उसका हाथ सब क िव उठगा और सब क हाथ उसक िव उठ ग और वह अपन सब भाई-बनध क मधय म

14

बसा रहगाrdquo

bull इशमाएल शरीर क इचछा और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह यह एक बार फर इस ससार म लोग क दो ोत या वश को दशारता ह

bull इसहाक का जनम परमर स आ था

bull गलाितय 422-29 यह िलखा ह क अाहम क दो प ए एक दासी स और एक सवत ी स 23 परनत जो दासी स आ वह शारीरक रीित स जनमा और जो सवत ी स आ वह ितजञा क अनसार जनमा 24इन बात म दष टानत ह य िया मानो दो वाचाए ह एक तो सीन पहाड़ क िजसस दास ही उतप होत ह और वह हािजरा ह 26पर ऊपर क यशलम सवत ह और वह हमारी माता ह 28 ह भाइयो हम इसहाक क समान ितजञा क सनतान ह 29 और जसा उस समय शरीर क अनसार जनमा आ (एसाव) आतमा क अनसार जनम ए (याकब) को सताता था वसा ही अब भी होता ह

bull 1 यहा 38 -10 जो कोई पाप करता ह वह शतान क ओर स ह जो कोई परमश वर स जनमा ह वह

पाप नह करता कयक उसका बीज उसम बना रहता ह और वह पाप कर ही नह सकता (कयक कोई समय आएगा जब वह िवास करगा) कयक परमश वर स जनमा ह (10) इसी स परमश वर क सनतान और शतान क सनतान जान जात ह जो कोई धमर क काम नह करता वह परमश वर स नह और न वह जो अपन भाई स म नह रखता

यह सब ldquoबीजrdquo क वशावली क िवषय म ह इस परी बाइबल म अनक वशाविलय म दखा जा सकता ह उतपि 9 और 10 स और मी 11-17 तथा लका 323-38 तक

VII दो जाितय क समह का य आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा इफिसय 610-13 इसिलय भ म और उसक शिक त क भाव म बलवनत बनो 11 परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम शतान क यिक तय क सामन खड़ रह सको 12 कयक हमारा यह मल लय ल और मास स नह (यह परमर क िज़ममदारी ह) परनत (हमारा य) धान स और अिधकारय स और इस ससार क अनधकार क हाकम स और उस दष टता क आितमक सना स ह जो आकाश म ह 13

इसिलय परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम बर दन म सामना कर सको और सब कछ परा करक िसथर रह सको hellip 16 िसथर रहो कयक यीश न कहा

जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा

VIII और अिधक सपता दनवाल पि करनवाल वचन वसथािववरण 1015 तौभी यहोवा न तर पवरज स स नह और म रखा और उनक बाद तम लोग को

15

जो उनक सनतान (अकषरशः बीज) हो सब दश क लोग क मधय म स चन िलया जसा क आज क दन कट ह यशायाह 5310 तौभी यहोवा को यही भाया क उस कचल उसी न उसको रोगी कर दया जब वह

अपना ाण दोषबिल कर तब वह अपना वश (अकषरशः बीज) दखन पाएगा रोिमय 413 कयक यह ितजञा क वह जगत का वारस होगा न अाहम को न उसक वश (अकषरशः उसक बीज) को वसथा क ारा दी गई थी परनत िवश वास क धामरकता क ारा िमली पद 16 इसी कारण ितजञा िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर हो क वह उसक सब वशज (अकषरशः बीज) क िलय दढ़ हो न क कवल उसक िलय जो वसथावाला ह वरन उनक िलय भी जो

अाहम क समान िवश वासवाल ह वही तो हम सब का िपता ह

bull िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर ndashgt शािबदक यनानी पठन अनह मफत वरदान ह यह फर इस बात को कट करता ह क िवास अनह क ारा मफत वरदान ह

गलाितय 323-27 पर िवश वास क आन स पहल वसथा क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी और उस िवश वास क आन तक जो गट होनवाला था हम उसी क बनधन म (सिनित) रह 24

इसिलय वसथा मसीह तक पचान क िलय हमारी िशकषक ई ह क हम िवश वास स धम ठहर 25 परनत जब िवश वास आ चका तो हम अब िशकषक क अधीन न रह ब क समान

bull यह बताता ह क हम िवास क आन स पहल भी उसक सतान थ और हमार िवास करन तक वसथा

क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी

bull यद िवास आता ह तो इसका अथर ह क वह हम स उतप नह होता यह अनह का वरदान ह

bull दख 1 पतरस 1 1-3 पतरस hellip उन परदिशय (परदशी नागरक नह) क नाम जो परमश वर िपता क

भिवषय जञान क अनसार चन गए ह 21 िजसन अपनी बड़ी दया स हम जीिवत आशा क िलय नया जनम दया 21 उसक ारा तम उस परमश वर पर िवश वास करत हो 23 क तम न नाशवान (मानवीय ससार का) नह पर अिवनाशी बीज (सवगय) स परमश वर क जीवत और सदा ठहरनवाल वचन क ारा नया जनम पाया ह

bull 2 पतरस 11 उनह िलखा hellip िजनहन हमार समान बमलय िवश वास ाप त कया ह

16

गलाितय 326 कयक तम सब उस िवश वास क ारा जो मसीह यीश पर ह परमश वर क सनतान हो

bull इसस पहल क हमारा सवाभािवक जनम होता हम परमर क सतान थ और उस समय तक रह जब हमार पास ldquoिवास आयाrdquo और हमन ldquoउस िवास को हण कया और िवास कयाrdquo फर उस बद पर हम परमर क प हो गए कवल सतान ही नह रह कयक पिव आतमा हमार ldquoभीतरrdquo था क हम िसखाए और हम समझ द

गलाितय 3 29 और यद तम मसीह क हो (कछ नह ह लकन इसस पहल क हमारा जनम होता हम उसक ह कयक उसन हम जगत क उतपि स पहल स ही चन रखा था) तो अाहम क वश (बीज) और ितजञा क अनसार (क वह कई जाितय का िपता होगा) वारस भी हो गलाितय 41 म यह कहता क वारस जब तक बालक (परमर का) ह यिप सब वसत का सवामी ह तौभी उसम और दास म कोई भद नह 2 परनत िपता क ठहराए ए समय तक सरकषक और बनधक क वश म (वसथा) रहता ह 3

वस ही हम भी जब बालक थ (नया जनम पान स पहल) तो ससार क आद िशकषा क वश म होकर दास बन ए थ 4 परनत जब समय परा आ तो परमश वर न अपन प को भजा जो ी स जनमा और वसथा क अधीन उतप आ 5 ताक वसथा क अधीन को मोल लकर छड़ा ल और हम को लपालक होन का पद िमल

bull यनानी शबद िजसका अनवाद ldquoलपालकrdquo आ ह उसका शािबदक अथर ldquoवयसक प को सथान दनाrdquo ह जस यदी परमपरा बार-िमतसवाह म होता था जहा प जब 14 वषर क आय म पचता था तो उस वयसक माना जाता था

bull ldquoलपालक पrdquo यनानी शबद ui(oqesian (हवी-ओथ-एसी-आ) स आता ह जो दो शबद स बना ह

ui(o$ - प और tiqhmi ndash रखना या सथािपत करना

bull इसिलए इसका शािबदक अनवाद ऐसा ह हम सतान थ लकन िपता ारा िनधाररत समय पर हम प क प म सथािपत कया गया- वयसक प या पिया जब हमन िवश वास कया और हम सब बात दखान और िसखान क िलए पिव आतमा हमार भीतर आया था

bull हम हमशा उसक ब थ परमर क सतान िजनह उसन जगत क उतपि स पहल ही चन िलया था और हम कभी शतान क बीज नह थ हम कभी गोद (लपालक) नह िलया गया जसा आज ससार म इसका अथर समझा जाता ह

bull लपालक का अनवाद गलत धमरवजञािनक पकष को दखाता ह और यह यनानी शबद का सटीक अनवाद नह ह

bull बाइबल अनवाद म िगत हसतकषप एक ऐसा मामला ह िजसस 1611 क KJV भी अछती नह थी कयक तब िवान को राजा क दशा िनदश क अनसार पिवशा म काटा-छाटी करनी पड़ी थी ndash इन

17

म स एक यह था क KJV िबशप क बाइबल का खडन नह कर सकती थी

bull लपालक क परभाषा यह ह ldquoकसी दसर माता-िपता क ब को सवचछा स अपन क प म अपना

लनाrdquo bull स िवासी कभी भी शतान क बीज नह थ

गलातय 46 और तम जो प हो ndash तम परमशवर क हो

bull ldquoपरमर स उतपrdquo यहनना 113

bull ldquoऊपर स जनमrdquo अकषरशः यनानी यहनना 33

bull अाहम का बीज उसक वश (यनानी उसका बीज) रोमय 413 और 16

इसिलय परमश वर न अपन प क आतमा को जो lsquoह अबबा ह िपताrsquo कहकर पकारता ह हमार दय म (जब हमारा नया जनम आ) भजा ह 7 इसिलय त अब दास नह (ससार क मल वसत क अधीन बदी) परनत प ह (परप प या पी) और जब प आ तो परमश वर क ारा वारस भी आ

इफिसय 13-6 हमार भ यीश मसीह क परमश वर और िपता का धनयवाद हो क उसन हम मसीह म सवगय सथान म सब कार क आितमक आशीष दी ह 4 जसा उसन हम जगत क उतपि स पहल उसम चन िलया क हम उसक िनकट म म पिव और िनदष ह 5 और अपनी इचछा क भल अिभाय क अनसार हम अपन िलय पहल स ठहराया क यीश मसीह क ारा हम उसक ldquoप क प म िनयrdquo ह (सही अनवाद लपालक नह) 6 क उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

हम वह ह जो हम ह सौ ितशत उसक अनह क ारा ह और इसम हमारी योगयता यास या कायर का कछ लना-दना नह ह

उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

1 यहा 31-3 दखो िपता न हम स कसा म कया ह क हम परमश वर क सनतान कहलाए और हम ह भी इस कारण ससार हम नह जानता कयक उसन उस भी नह जाना 2 ह ियो अब (अवसथातर या बल दन का यािवशषण) हम परमश वर क सनतान ह और अभी तक यह गट नह आ क हम कया कछ हग इतना जानत ह क जब वह गट होगा तो हम उसक समान हग कयक उसको वसा ही दखग जसा वह ह 3 और जो कोई उस पर यह आशा रखता ह वह अपन आप को वसा ही पिव करता ह जसा वह पिव ह

18

धनयवाद हो िपता हम बत आभारी ह

IX हमार भ यीश मसीह क महान िवजय वह भिवषयवाणी ldquoी का बीज जो सपर क िसर को कचल डालगाrdquo

उसक िवजय का आरमभ तब आ जब उसन अपन को दीन कया और अपना सवगय सहासन अपना मकट अपन अिधकार और सवगर तयागकर सवय को शनय कर दया और मानव प म इस पथवी पर आ गया

फिलिपपय 26-11 िजसन परमश वर क सवप म होकर भी परमश वर क तलय होन को अपन वश म रखन क वसत न समझा 7 वरन अपन आप को ऐसा शनय कर दया और दास का सवप धारण कयाऔर मनषय क समानता म हो गया 8 और मनषय क प म गट होकर अपन आप को दीन कया

और यहा तक आजञाकारी रहा क मतय हा स क मतय भी सह ली 9 इस कारण परमश वर न उसको अित महान भी कया और उसको वह नाम दया जो सब नाम म ष ठ ह 10 क जो सवगर म और

पथवी पर और पथवी क नीच ह व सब यीश क नाम पर घटना टक 11 और परमश वर िपता क मिहमा क िलय हर एक जीभ अगीकर कर ल क यीश मसीह ही भ ह

कलिससय 213-15 उसन तमह भी जो अपन अपराध और अपन शरीर क खतनारिहत दशा म मदार थ उसक साथ िजलाया और हमार सब अपराध को कषमा कया (कस) 14 और िविधय का वह लख जो हमार नाम पर और हमार िवरोध म था िमटा डाला और उस स पर कल स जड़कर सामन स हटा दया ह (इसका परणाम यह आ) और उसन धानता और अिधकार को ऊपर स उतारकर उनका खल लमखल ला तमाशा बनाया और स क ारा उन पर जय-जयकार क धविन सनाई

यीश मसीह क स उसक मतय गाड़ जान और जी उठन न ldquoसपर क िसर को कचल डालाrdquo

1 करिनथय 28-9 इस ससार क हाकम म स कसी न नह जाना कयक यद व जानत तो तजोमय भ को स पर न चढ़ात इािनय 13-4 वह पाप को धोकर ऊच सथान पर महामिहमन क दािहन जा बठा

bull पाप और शतान पर परी िवजय ा क गई और यह समपणर थी

इािनय 1012-14 पाप क बदल एक ही बिलदान सवरदा क िलय चढ़ाकर वह परमश वर क दािहन जा

बठा 13 और उसी समय स इसक बाट जोह रहा ह क उसक बरी उसक पाव क नीच क पीढ़ी

19

बन 14 कयक उसन एक ही चढ़ाव क ारा उनह जो पिव कए जात ह सवरदा क िलय िस कर दया ह

bull उसका काम तो समा ह वह हमारी तीकषा कर रहा ह क हम उस कायर को समा कर जो उसन हम सपा ह

मी 2414 और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा रोमय 1620 शािनत का परमर शतान को तमहार पाव स शी कचलवा दगा उस अिधकार और सामथयर क ारा जो हम दी गई ह अब हम दन ित दन ldquoसपर का िसर कचलनrdquo म भागीदार होत ह

X अत समय म जीना इाएल का पिव और उसका सिकतार यहोवा य कहता हः ldquoमरी सनतान पर घटत होनवाली घटना क िवषय म मझ स पछो और मर हाथ क काय को मझ पर ही छोड़ दो यशायाह 4511

रोिमय 1311- समय को पिहचान कर ऐसा ही करो इसिलय क अब तमहार िलय नद स जाग उठन (वासतिवकता क िलए जाग उठना आितमक वासतिवकता) क घड़ी आ पची ह कयक िजस समय हम न िवश वास कया था उस समय क िवचार स अब हमारा उार (इस वतरमान पापी यग स छटकारा) िनकट ह (12) रात बत बीत गई ह और दन (भ का दन) िनकलन पर ह इसिलय हम अनधकार क काम को तयाग कर जयोित क हिथयार बाध ल (13) जसा दन को शोभा दता ह वसा ही हम सीधी चाल चल न क लीला-ड़ा (रगरली) और िपयक कड़पन म न िभचार और लचपन (कामकता और अनितकता) म और न झगड़ और डाह म (14) वरन भ यीश मसीह को पिहन लो और शरीर क अिभलाषा को परा

करन का उपाय न करो

हम आितमक य क समय म जी रह ह और हम इससाकार क प क तरह बनना चािहए

इितहास 1223 फर लोग लड़न क िलय हिथयार बाध ए होन म दाऊद क पास इसिलय आए क यहोवा क वचन क अनसार शाऊल का राजय उसक हाथ म कर द (32) इससाकारय म स जो समय को पहचानत थ क इाएल को (परमर क लोग को) कया करना उिचत ह

bull िसपाही जो भली कार स िशिकषत अनशािसत और लय किनत होत ह व सवामी क इचछा को

20

जानत ह और साथ ही दशमन क चाल को भी समझत ह पणर समपरत यहा तक क मतय तक भी

2 तीमिथयस 31-5 पर यह समरण रख क अिनतम दन म कठन समय आएग (2) कयक मनषय सवाथ लोभी डगमार अिभमानी िननदक माता-िपता क आजञा टालनवाल कत अपिव (3) दयारिहत कषमारिहत दोष लगानवाल असयमी कठोर भल क बरी (4) िवश वासघाती ढीठ घमणडी और परमश वर क नह वरन सखिवलास ही क चाहनवाल हग (5) व भिक त का भष तो धरग पर उसक शिक त को न मानग ऐस स पर रहना 2 पतरस 33-4 पहल यह जान लो क अिनतम दन म हसी ठा करनवाल आएग जो अपनी ही अिभलाषा क अनसार चलग (4) और कहग ldquoउसक आन क ितजञा कहा गई कयक जब स बापदाद सो गए ह सब कछ वसा ही ह जसा सिष ट क आरमभ स था मी 244-14 सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए (5) कयक बत स ऐस हग जो मर नाम स आकर कहग lsquoम मसीह rsquo और बत को भरमाएग (6) तम लड़ाइय और लड़ाइय क चचार सनोग तो घबरा न जाना कयक इन का होना अवशय ह परनत उस समय अनत न होगा (7) कयक जाित पर जाित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भकमप हग (8) य सब बात पीड़ा का आरमभ हगी (9) तब व कलश दन क िलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाितय क लोग तम स बर रखग (यह बात बत लमब समय स इाएल क िलए सी ठहरी ह और साथ ही िहनद और इसलामी दश म रहनवाल िवािसय क िलए भी) (10) तब बत स ठोकर खाएग और एक दसर को पकड़वाएग और एक दसर स बर रखग (11) बत स झठ भिवषया उठ खड़ हग और बत को भरमाएग (12) अधमर क बढ़न स बत का म ठणडा पड़ जाएगा (13) परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उार होगा (14) और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा मी 2433 इसी रीित स जब तम इन सब बात को दखो तो जान लो क वह िनकट ह वरन ार ही पर ह मी 2434 म तम स सच कहता क जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक इस पीढ़ी का अनत नह होगा

उपरो पद आज क समय क बार म बतात ह िजसम हम रह रह ह हम जानना चािहए और सदा समरण रखना चािहए क

bull जस यीश ससार नह ह वस ही हम भी ससार क नह ह (यहा 1716)

21

bull परनत हमारी नागरकता सवगर क ह जहा स हम उारकतार भ यीश मसीह क आगमन क तीकषा

उतसकता स कर रह ह (फिलिपपय 321)

bull हम पथवी पर परदशी और पराए ह (इािनय 1113)

bull हम मसीह क राजदत ह जो पराए दश म रह रह ह2 कर 520

bull हमारा िमशन उस कायर को समा करना ह िजसक िलए यीश इस जगत म आया खोए को ढढन और बचान मी 2414 2818-20 नमक और जयोित क समान होनndash मी 513

समय क िचहन को दखकर ऐसा लगता ह मानो हम ldquoअितम दनrdquo क ार पर ह यह समय कलश का समय होगा परनत इसस पहल कलश का समय श हो कछ अदभत होगा

XI िवािसय का बड़ा िनगरमन

2 िथससलनीकय 21-2 ह भाइयो अब हम अपन भ यीश मसीह क आन और उसक पास अपन इक होन क िवषय म तम स िवनती करत ह (2) क कसी आतमा या वचन या पी क ारा जो क मानो हमारी ओर स हो यह समझकर क भ का दन आ पचा ह तमहारा मन अचानक अिसथर न हो जाए और न तम घबराओ

bull िथससलनीकय क िवासी ऐस कठन समय म रह रह थ क उनहन सोचा क ldquoभ का दनrdquo आ

चका ह और व ldquoउसक पास अपन इका होनrdquo स चक गए ह

bull य पौलस क उस िशकषा क ओर सकत करता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल िवासी ldquoभ क पास उठा िलए जाएगrdquo और उनह यह समझान क िलए क ldquoभ का दनrdquo अभी नह आया ह पौलस कहता ह

पद 3-4 कसी रीित स कसी क धोख म न आना कयक वह दन (भ का दन) न आएगा जब तक धमर का तयाग (िवास स बहक) न हो ल और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो

bull 1 तीमिथयस 41-2 परनत आतमा सपष टता स कहता ह क आनवाल समय म कतन लोग

भरमानवाली आतमा और दष टातमा क िशकषा पर मन लगाकर िवश वास स बहक जाएग (दख 1 यहा 217-19 2 पतरस 220-22)

22

और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो (4) जो िवरोध करता ह और हर एक स जो ईश वर या पजय कहलाता ह अपन आप को बड़ा ठहराता ह यहा तक क वह परमश वर क मिनदर म बठकर अपन आप को ईश वर ठहराता ह

bull य सब नह आ था और यह सप ह क यह होन स पहल स िवासी ldquoउसक पास इका कए

जाएगrdquo दािनययल 121 hellip तब ऐस सकट का समय होगा जसा कसी जाित क उतप होन क समय स लकर अब तक कभी न आ न होगा परनत उस समय तर लोग म स िजतन क नाम परमश वर क पसतक म िलख ए ह व बच िनकलग

ऐसा तीत होता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल अथारत पथवी पर महकलश क समय स पहल भ यीश मसीह क कलीिसया mdash समसत िवासीmdashइस ससार स िनकाल िलए जाएग

bull भ का दन यशायाह 136+ यहजकल 303 योएल 115 21 11 31 314 आमोस 518-20 सपनयाह 114-18 मलाक 45 रत 220 1 िथससलनीकय 52 2 पतरस 310

मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा (38) कयक जस जल-लय

स पहल क दन म िजस दन तक क नह जहाज पर न चढ़ा (दड स पहल) उस दन तक लोग खात-

पीत थ और उनम िववाह होत थ (39) और जब तक जल-लय आकर उन सब को बहा न ल गया तब

तक उनको कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क प का आना भी होगा (40) उस समय दो जन खत

म हग एक ल िलया जाएगा और दसरा छोड़ दया जाएगा (41) दो िया चक क पीसती रहगी एक

ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी

नह क दन क समान हम भी अपना जहाज़ तयार करत रहना चािहए िवश वास ही स नह न उन बात क िवषय म जो उस समय दखाई न पड़ती थ चतावनी पाकर भिक त क साथ अपन घरान क बचाव क िलय जहाज बनाया इािनय 117 नह और उसक परवार न जहाज़ म वश कया और परमर न जहाज़ का ार बद कर दया कवल वही थ जो परमर ारा बचाए गए या दड अथारत कलश स बचाए गए

उनहन अवशय दड को दखा उसम स गए और उस अनभव कया लकन सरिकषत सथान स जहा

23

स व ldquoअत तक सरिकषत रह और बचाए गएrdquo

लका भी नह क िवषय म िलखता ह और फर िनिलिखत भी जोड़ दता ह लका 1728-31 और जसा लत क दन म आ था क लोग खात-पीत लन-दन करत पड़ लगात और घर बनात थ (29) परनत िजस दन लत सदोम स िनकला उस दन आग और गनधक आकाश स बरसी और सब को नष ट कर दया (30) मनषय क प क गट होन क दन भी ऐसा ही होगा

समरण कर mdash परमर न कहा था क वह सदोम को न नह करगा यद वह धम लोग हग (उतपि 1826-33) तो इस अितम िवनाश म भी धम लोग को पहल ही िनकाल िलया जाएगा

उतपि 1929 और ऐसा आ क जब परमश वर न उस तराई क नगर को िजनम लत रहता था उलट-पलट कर नष ट कया तब उसन अाहम को याद करक लत को उस घटना स (इसस पहल वह घटती) बचा िलया

परमर न अपन चन को िम म दड और िवपिय स बचाया और फर उसन अितम दड स पहल अदभत रीित स लाल सम को दो भाग करक उनह िम स बाहर िनकाला था

अतः हम िनिलिखत वचन स य समझ सकत ह क सभी स िवासी महाकलश क समय स पहल ldquoिनकाल िलए जाएगrdquo कछ लोग इस ldquoरपचरrdquo भी कहत ह (ldquoरपचरrdquo शबद बाइबल का नह ह यह एक लाितनी शबद ह िजसका अथर ह ldquoहवा म उठाया जानाrdquo) कािशतवाकय 310 त न मर धीरज क वचन को थामा ह इसिलय म भी तझ परीकषा क उस समय बचा रखगा जो पथवी पर रहनवाल क परखन क िलय सार ससार पर आनवाला ह

1 िथससलनीकय 413-18 कयक यद हम िवश वास करत ह क यीश मरा और जी भी उठा तो वस ही परमश वर उनह भी जो यीश म सो गए ह (व िवासी जो मर चक ह और तब स व आतमा म भ क साथ ह) उसी क साथ ल आएगा (15) कयक हम भ क वचन क अनसार तम स यह कहत ह क हम जो जीिवत ह और भ क आन तक बच रहग सोए (मर ) स कभी आग न बढ़ग (16) कयक भ आप ही सवगर स उतरगा उस समय ललकार और धान दत का शबद सनाई दगा और परमश वर क तरही फक जाएगी और जो मसीह म मर ह व पहल जी उठग (दह का पनतथान जो अपनी-अपनी उन आतमा स जा िमलगी जो भ क साथ थ) (17) तब हम जो जीिवत और बच रहग उनक साथ बादल पर उठा िलय जाएग क हवा म भ स िमल और इस रीित स हम सदा भ क साथ रहग (18) इस कार इन बात स एक दसर को शािनत दया करो

24

य परचछद आग भी जारी ह अधयाय 51-11

पर ह भाइयो इसका योजन नह क समय और काल क िवषय म तमहार पास कछ िलखा जाए (2) कयक तम आप ठीक जानत हो क जसा रात को चोर आता ह वसा ही भ का दन (महान अितम नयाय) आनवाला ह (3) जब लोग कहत हग ldquoकशल ह और कछ भय नहrdquo तो उन पर एकाएक िवनाश आ

पड़गा िजस कार गभरवती पर पीड़ा और व कसी रीित स न बचग (4) पर ह भाइयो तम तो अनधकार म नह हो क वह दन तम पर चोर क समान आ पड़ (5) कयक तम सब जयोित क सनतान और दन क सनतान हो हम न रात क ह न अनधकार क ह (6) पर जागत और सावधान रह hellip (8) hellip िवश वास और म क िझलम पिहनकर और उार क आशा का टोप पिहनकर सावधान रह (9)

कयक परमश वर न हम ोध क िलय नह (ोध अितम नयाय का ह िवासी वहा नह हग)

परनत इसिलय ठहराया ह क हम अपन भ यीश मसीह क ारा उार ाप त कर (10) वह हमार

िलय इस कारण मरा क हम चाह जागत ह चाह सोत ह सब िमलकर उसी क साथ जीए (11) इस कारण एक दसर को शािनत दो और एक दसर क उित का कारण बनो जसा क तम करत भी हो 1 करिनथय 1550-54 भी अलौकक घटना का वणरन करता ह दखो म तम स भद क बात कहता हम सब नह सोएग (सब नह मरग) परनत सब बदल जाएग (52) और यह कषण भर म पलक मारत ही अिनतम तरही फकत ही होगा कयक तरही फक जाएगी और मद (िवािसय क मत दह उनक आतमा भ क साथ थी 2 कर 58) अिवनाशी दशा म उठाए जाएग और हम (जो पथवी पर जीिवत ह) बदल जाएग (53) कयक अवशय ह क यह नाशवान दह अिवनाश (पनितथत दह) को पिहन ल और यह मरनहार दह अमरता को पिहन ल (54) और जब यह नाशवान अिवनाश को पिहन लगा और यह मरनहार अमरता को पिहन लगा तब वह वचन जो िलखा ह परा हो जाएगा ldquoजय न मतय को िनगल िलया य िनिलिखत पद दह क पनतथान को समझन म सहायक ह 1 करिनथय 1542-45 मद का जी उठना भी ऐसा ही ह शरीर नाशवान दशा म बोया जाता ह और अिवनाशी प म जी उठता ह (43) वह अनादर क साथ बोया जाता ह और तज क साथ जी उठता ह िनबरलता क साथ बोया जाता ह और सामथयर क साथ जी उठता ह (44) सवाभािवक दह बोई जाती ह और आितमक दह जी उठती ह जबक सवाभािवक दह ह तो आितमक दह भी ह

तरही क फकन पर mdash हम पलक झपकत ही कषण भर म भ क साथ हवा म जा िमलग और इस कार हम सदा भ क साथ हगrdquo

25

XII कलश मी 2415-28 ldquoइसिलय जब तम उस उजाड़नवाली घिणत वसत को िजसक चचार दािनययल भिवषयक ता क ारा ई थी पिवसथान म खड़ी ई दखो (जो पढ़ वह समझ) (16) तब जो यदया म ह व पहाड़ पर भाग जाए (17) जो छत पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर (18) और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट (19) ldquoउन दन म जो गभरवती और दध िपलाती हगी उन क िलय हाय हाय (20) ाथरना कया करो क तमह जाड़ म या सबत क दन भागना न पड़

(21) कयक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक आ और न कभी होगा (22) यद व दन घटाए न जात तो कोई ाणी न बचता परनत चन (जो कलश क समय िवास म आए ह) क कारण व दन घटाए जाएग (23) उस समय यद कोई तम स कह lsquoदखो मसीह यहा हrsquo या lsquoवहा हrsquo तो िवश वास न करना (24) ldquoकयक झठ मसीह और झठ भिवषयक ता उठ खड़ हग और बड़ िचहन और अदभत काम दखाएग क यद हो सक तो चन को भी भरमा द (25) दखो म न पहल स तम स यह सब कछ कह दया ह (26) इसिलय यद व तम स कह lsquoदखो वह जगल म हrsquo तो बाहर न िनकल जाना या lsquoदखो वह कोठरय म हrsquo तो िवश वास न करना (27) ldquoकयक जस िबजली पवर स िनकलकर पिश चम तक चमकती ह वस ही मनषय क प का भी आना होगा

bull दसर शबद म mdash कोई भी उसक आगमन स चक नह सकता

कािशतवाकय 132 जो पश म न दखा वह चीत क समान था hellip (6) उसन परमश वर क िननदा करन क िलय मह खोला क उसक नाम और उसक तमब अथारत सवगर क रहनवाल क िननदा कर (7) उस यह भी अिधकार दया गया क पिव लोग स लड़ और उन पर जय पाए और उस हर एक कल और लोग और भाषा और जाित पर अिधकार दया गया (8) पथवी क व सब रहनवाल िजनक नाम उस म क जीवन क पसतक म िलख नह गए जो जगत क उतपि क समय स घात आ ह उस पश क पजा करग 9िजसक कान ह वह सन (11) फर म न एक और पश को पथवी म स िनकलत ए दखा hellip (12) वह उस पहल पश का सारा अिधकार उसक सामन काम म लाता था और पथवी और उसक रहनवाल स उस पहल पश क िजसका ाण-घातक घाव अचछा हो गया था पजा कराता था (13) वह बड़-बड़ िचहन दखाता था यहा तक क मनषय क सामन सवगर स पथवी पर आग बरसा दता था (14) उन िचहन क कारण िजनह उस पश क सामन दखान का अिधकार उस दया गया था वह पथवी क रहनवाल को भरमाता था और पथवी क रहनवाल स कहता था क िजस पश क तलवार लगी थी वह जी गया ह उसक मतर बनाओ (15) उस उस पश क मतर म ाण डालन का अिधकार दया गया क पश क मतर बोलन लग और िजतन लोग उस पश क मतर क पजा न कर उनह मरवा डाल (16) उसन छोट-बड़ धनी-कगाल सवत-दास सब क दािहन हाथ या उनक माथ पर एक एक छाप करा दी (17) क उसको छोड़

26

िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 11: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

11

पर दसरी दह क तलाश म भटकन लगी ताक व उनम वास कर और समसत मानवजाित म उसी अनितक िवकत लिगक आचरण को बढ़ावा द यीश न मी 1243-45 म इसक पि क ldquoजब अश आतमा मनषय म स िनकल जाती ह (यनानी एकसखमाईएकसािससम) तो सखी जगह म िवाम ढढ़ती फरती ह और पाती नह तब कहती ह lsquoम अपन उसी घर म जहा स िनकली थी लौट जाऊगीrsquo और लौटकर उस सना झाड़ा-बहारा और सजा-सजाया पाती ह तब वह जाकर अपन स और बरी सात आतमा को अपन साथ ल आती ह और व उसम पठकर वहा वास करती ह और उस मनषय क िपछली दशा पहल स भी बरी हो जाती ह इस यग क बर लोग क दशा भी ऐसी ही होगीrdquo

bull व सवगरदत िजनहन िय क लालसा क और उनस सतान उतप क उनह आनद दड

भगतना पड़ा o सवगरदत को बयाह करन क अनमित नह ह मी 2230

यदा 5-6 भ न एक कल को िम दश स छड़ान क बाद िवश वास न लानवाल को नष ट कर दया फर िजन सवगरदत न अपन पद को िसथर न रखा वरन अपन िनज िनवास को छोड़ दया उसन उनको भी उस भीषण दन क नयाय क िलय अनधकार म जो सदा काल क िलय ह बनधन म रखा ह

1 पतरस 319 यीश न जाकर कदी आतमा (सवगरदत या परमर क प) को भी चार कया 20

िजनहन उस बीत समय म आजञा न मानी जब परमश वर नह क दन म धीरज धरकर ठहरा रहा और वह जहाज बन रहा था

समरण रख यीश न हम चतावनी दी ह मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा

य द अश आतमाए अब भी इस पथवी पर ह व जललय म मारी नह ग व कवल उन शरीर म स िनकल गई थ िजनम उनका वास था सब आतमाए अनत होती ह अनतकाल क आग या अनतकाल का जीवन य द अश आतमाए कसी भी ि म समान का अवसर ढढ़ती ह क िवकत लिगक आचरण और अनितकता को बढ़ावा द

VI उारकतार क वशावली को दिषत करन का यास एा 91-4 जब य काम हो चक तब हाकम मर पास आकर कहन लग ldquoन तो इाएली लोग न याजक न लवीय इस ओर क दश क लोग स अलग ए वरन उनक स अथारत कनािनय िहिय परिय

12

यबिसय अममोिनय मोआिबय िमिय और एमोरय क स िघनौन काम करत ह (कय) 2 कयक

उनहन उनक बटय म स अपन और अपन बट क िलय िया कर ली ह और पिव वश (अकषरशः

बीज) इस ओर क दश क लोग म िमल गया ह वरन हाकम और सरदार इस िवश वासघात म मखय ए हrdquo 3 यह बात सनकर म न अपन व और बाग को फाड़ा और अपन िसर और दाढ़ी क बाल नोच और िविसमत होकर बठा रहा 4 तब िजतन लोग इाएल क परमश वर क वचन सनकर बधआई स आए ए लोग क िवश वासघात क कारण थरथरात थ सब मर पास इक ए और म साझ क भट क समय तक िविसमत होकर बठा रहा

bull कनानी और अनय सब जाितया नह क प हाम क वश स थ िजसन अपन िपता क नगपन को दखा था हाम

लिगक अनितकता क नपीली आतमा स रत था या वह उसम समाई थी याद कर जललय स पहल हाम नपीली और पितत सवगरदत क साथ था

bull उसक भाई शम और यपत न उस नगपन को नह दखा व नपीली अनितक आतमा स म थ

bull नह न हाम क प कनान को ाप दया और उसस यबसी एमोरी िगगारशी िहबबी और अनय जाितया िनकल (उतपि 922-25 1015-20)

bull कनान क वश क सब लोग ldquoशतान क बीजrdquo और लिगक अनितकता को िलए ए थ इसी कारण परमर न

कहा िनगरमन 2320-33 22 hellip म तर श का श और तर ोिहय का ोही बनगा 23 इस रीित मरा दत तर आग आग चलकर तझ एमोरी िही परी कनानी िहबबी और यबसी लोग क यहा पचाएगा और म उनका सतयानाश कर डालगा 24 उनक दवता को दणडवत न करना और न उनक उपासना करना और न उनक स काम करना वरन उन मरत का परी रीित स सतयानाश कर डालना और उन लोग क लाट को टकड़ टकड़ कर दना

bull हम अब समझ लना चािहए क परमर न कय कहा म उनका सतयानाश कर डालगा

bull यशायाह 345 कयक मरी तलवार आकाश म पीकर तप त ई ह दखो वह नयाय करन को एदोम पर

और िजन पर मरा शाप ह उन पर पड़गी इस समझन का एकमा उपाय यह ह

bull परमर ldquoी क बीजrdquo को बनाए रखन और उसक वश को दिषत होन स बचान क िलए जो कछ आवशयक ह वह करगा यहा तक क वह ldquoसपर क बीजrdquo जस शिशाली श का भी सतयानाश कर दगाrdquo

इसका सप उदाहरण ह 1 शमएल 151-3 तब शमएल न शाऊल स कहा ldquoयहोवा न मझ भजा था क उसक जा इाएल पर राजा होन क िलए म तरा अिभषक क इसिलए अब यहोवा क वचन को सन सना का यहोवा यह कहता ह lsquoइाएल क साथ अमालक न जो कछ कया था उसक िलए म उसको दणड

13

दगा कयक जब इाएल िम स िनकल कर आ रहा था तब अमालक न उसक मागर म उसका कस कार िवरोध कया था अब जा और अमालक पर चढ़ाई करक उसका जो कछ ह वह सब पणरतया नाश कर द और उसको भी मत छोड़ना परनत पष ी बालक िशश गाय-बल भड़-बकरी ऊट-गदहा सबको सतयानाश कर दनाrsquordquo कय

bull अमालक ldquoशतान क बीजrdquo का वशज था एसाव क प एलीपज क िता नामक एक रखल थी िजसन

एलीपज क ारा अमालक को जनम दया उतपि 3612

और जसा मलाक 13 म और रोिमय 913 म बताया ह म न याक़ब स म कया परनत एसाव को अिय जाना कय परमर जानता था क वह उस द ldquoसrdquo ह

यह यहा 112 का उदाहरण ह परनत िजतन न उस हण कया उसन उनह परमश वर क सनतान होन का अिधकार दया (उस कौन हण करत ह) अथारत उनह जो उसक नाम पर िवश वास रखत ह (कौन उस पर

िवास करत ह व) 13 व (1) न तो ल स (2) न शरीर क इचछा स (3) न मनषय क इचछा स परनत (4) परमश वर स उतप ए ह (wwwtreasurehiswordcom प 3 पर दख ldquoऊपर स जनमrdquo क नोटस) o यद 1 2 और 3 सवाभािवक जनम क बात करत ह तो अनवाद क िनयम क अनसार नमबर 4 भी

सवाभािवक जनम क बात करता ह

bull एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह जो एक बार फर सप प स आज ससार पर दो वश क ोत को दशारता ह

bull याकब और एसाव इसहाक और रबका क जड़वा थ उतपि 2523-24 तब यहोवा न उसस कहाldquoतर गभर म दो

जाितया ह (दो अलग-अलग जाितया) और तरी कोख स िनकलत ही दो राजय क लोग अलग अलग हग (दो अलग-

अलग वश) और एक राजय क लोग दसर स अिधक सामथ हग और बड़ा बटा छोट क अधीन होगाrdquo जब उसक

सव का समय आया तब कया गट आ क उसक गभर म जड़व बालक ह

o दो जाितया याकब परमश वर स उतप था o एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था

एक और उदाहरण उतपि 163-4 अाम क ी सार न अपनी िमी दासी हािजरा को लकर अपन पित अाम को दया क वह उसक पी हो 4 वह हािजरा क पास गया और वह गभरवती ई 11 और यहोवा क दत न उसस कहा ldquoदख त गभरवती ह और प जनगी त उसका नाम इशमाएल रखना कयक यहोवा न तर दख का हाल (परमर क कणा) सन िलया ह 12 और वह मनषय बनल गदह क समान होगा उसका हाथ सब क िव उठगा और सब क हाथ उसक िव उठ ग और वह अपन सब भाई-बनध क मधय म

14

बसा रहगाrdquo

bull इशमाएल शरीर क इचछा और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह यह एक बार फर इस ससार म लोग क दो ोत या वश को दशारता ह

bull इसहाक का जनम परमर स आ था

bull गलाितय 422-29 यह िलखा ह क अाहम क दो प ए एक दासी स और एक सवत ी स 23 परनत जो दासी स आ वह शारीरक रीित स जनमा और जो सवत ी स आ वह ितजञा क अनसार जनमा 24इन बात म दष टानत ह य िया मानो दो वाचाए ह एक तो सीन पहाड़ क िजसस दास ही उतप होत ह और वह हािजरा ह 26पर ऊपर क यशलम सवत ह और वह हमारी माता ह 28 ह भाइयो हम इसहाक क समान ितजञा क सनतान ह 29 और जसा उस समय शरीर क अनसार जनमा आ (एसाव) आतमा क अनसार जनम ए (याकब) को सताता था वसा ही अब भी होता ह

bull 1 यहा 38 -10 जो कोई पाप करता ह वह शतान क ओर स ह जो कोई परमश वर स जनमा ह वह

पाप नह करता कयक उसका बीज उसम बना रहता ह और वह पाप कर ही नह सकता (कयक कोई समय आएगा जब वह िवास करगा) कयक परमश वर स जनमा ह (10) इसी स परमश वर क सनतान और शतान क सनतान जान जात ह जो कोई धमर क काम नह करता वह परमश वर स नह और न वह जो अपन भाई स म नह रखता

यह सब ldquoबीजrdquo क वशावली क िवषय म ह इस परी बाइबल म अनक वशाविलय म दखा जा सकता ह उतपि 9 और 10 स और मी 11-17 तथा लका 323-38 तक

VII दो जाितय क समह का य आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा इफिसय 610-13 इसिलय भ म और उसक शिक त क भाव म बलवनत बनो 11 परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम शतान क यिक तय क सामन खड़ रह सको 12 कयक हमारा यह मल लय ल और मास स नह (यह परमर क िज़ममदारी ह) परनत (हमारा य) धान स और अिधकारय स और इस ससार क अनधकार क हाकम स और उस दष टता क आितमक सना स ह जो आकाश म ह 13

इसिलय परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम बर दन म सामना कर सको और सब कछ परा करक िसथर रह सको hellip 16 िसथर रहो कयक यीश न कहा

जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा

VIII और अिधक सपता दनवाल पि करनवाल वचन वसथािववरण 1015 तौभी यहोवा न तर पवरज स स नह और म रखा और उनक बाद तम लोग को

15

जो उनक सनतान (अकषरशः बीज) हो सब दश क लोग क मधय म स चन िलया जसा क आज क दन कट ह यशायाह 5310 तौभी यहोवा को यही भाया क उस कचल उसी न उसको रोगी कर दया जब वह

अपना ाण दोषबिल कर तब वह अपना वश (अकषरशः बीज) दखन पाएगा रोिमय 413 कयक यह ितजञा क वह जगत का वारस होगा न अाहम को न उसक वश (अकषरशः उसक बीज) को वसथा क ारा दी गई थी परनत िवश वास क धामरकता क ारा िमली पद 16 इसी कारण ितजञा िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर हो क वह उसक सब वशज (अकषरशः बीज) क िलय दढ़ हो न क कवल उसक िलय जो वसथावाला ह वरन उनक िलय भी जो

अाहम क समान िवश वासवाल ह वही तो हम सब का िपता ह

bull िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर ndashgt शािबदक यनानी पठन अनह मफत वरदान ह यह फर इस बात को कट करता ह क िवास अनह क ारा मफत वरदान ह

गलाितय 323-27 पर िवश वास क आन स पहल वसथा क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी और उस िवश वास क आन तक जो गट होनवाला था हम उसी क बनधन म (सिनित) रह 24

इसिलय वसथा मसीह तक पचान क िलय हमारी िशकषक ई ह क हम िवश वास स धम ठहर 25 परनत जब िवश वास आ चका तो हम अब िशकषक क अधीन न रह ब क समान

bull यह बताता ह क हम िवास क आन स पहल भी उसक सतान थ और हमार िवास करन तक वसथा

क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी

bull यद िवास आता ह तो इसका अथर ह क वह हम स उतप नह होता यह अनह का वरदान ह

bull दख 1 पतरस 1 1-3 पतरस hellip उन परदिशय (परदशी नागरक नह) क नाम जो परमश वर िपता क

भिवषय जञान क अनसार चन गए ह 21 िजसन अपनी बड़ी दया स हम जीिवत आशा क िलय नया जनम दया 21 उसक ारा तम उस परमश वर पर िवश वास करत हो 23 क तम न नाशवान (मानवीय ससार का) नह पर अिवनाशी बीज (सवगय) स परमश वर क जीवत और सदा ठहरनवाल वचन क ारा नया जनम पाया ह

bull 2 पतरस 11 उनह िलखा hellip िजनहन हमार समान बमलय िवश वास ाप त कया ह

16

गलाितय 326 कयक तम सब उस िवश वास क ारा जो मसीह यीश पर ह परमश वर क सनतान हो

bull इसस पहल क हमारा सवाभािवक जनम होता हम परमर क सतान थ और उस समय तक रह जब हमार पास ldquoिवास आयाrdquo और हमन ldquoउस िवास को हण कया और िवास कयाrdquo फर उस बद पर हम परमर क प हो गए कवल सतान ही नह रह कयक पिव आतमा हमार ldquoभीतरrdquo था क हम िसखाए और हम समझ द

गलाितय 3 29 और यद तम मसीह क हो (कछ नह ह लकन इसस पहल क हमारा जनम होता हम उसक ह कयक उसन हम जगत क उतपि स पहल स ही चन रखा था) तो अाहम क वश (बीज) और ितजञा क अनसार (क वह कई जाितय का िपता होगा) वारस भी हो गलाितय 41 म यह कहता क वारस जब तक बालक (परमर का) ह यिप सब वसत का सवामी ह तौभी उसम और दास म कोई भद नह 2 परनत िपता क ठहराए ए समय तक सरकषक और बनधक क वश म (वसथा) रहता ह 3

वस ही हम भी जब बालक थ (नया जनम पान स पहल) तो ससार क आद िशकषा क वश म होकर दास बन ए थ 4 परनत जब समय परा आ तो परमश वर न अपन प को भजा जो ी स जनमा और वसथा क अधीन उतप आ 5 ताक वसथा क अधीन को मोल लकर छड़ा ल और हम को लपालक होन का पद िमल

bull यनानी शबद िजसका अनवाद ldquoलपालकrdquo आ ह उसका शािबदक अथर ldquoवयसक प को सथान दनाrdquo ह जस यदी परमपरा बार-िमतसवाह म होता था जहा प जब 14 वषर क आय म पचता था तो उस वयसक माना जाता था

bull ldquoलपालक पrdquo यनानी शबद ui(oqesian (हवी-ओथ-एसी-आ) स आता ह जो दो शबद स बना ह

ui(o$ - प और tiqhmi ndash रखना या सथािपत करना

bull इसिलए इसका शािबदक अनवाद ऐसा ह हम सतान थ लकन िपता ारा िनधाररत समय पर हम प क प म सथािपत कया गया- वयसक प या पिया जब हमन िवश वास कया और हम सब बात दखान और िसखान क िलए पिव आतमा हमार भीतर आया था

bull हम हमशा उसक ब थ परमर क सतान िजनह उसन जगत क उतपि स पहल ही चन िलया था और हम कभी शतान क बीज नह थ हम कभी गोद (लपालक) नह िलया गया जसा आज ससार म इसका अथर समझा जाता ह

bull लपालक का अनवाद गलत धमरवजञािनक पकष को दखाता ह और यह यनानी शबद का सटीक अनवाद नह ह

bull बाइबल अनवाद म िगत हसतकषप एक ऐसा मामला ह िजसस 1611 क KJV भी अछती नह थी कयक तब िवान को राजा क दशा िनदश क अनसार पिवशा म काटा-छाटी करनी पड़ी थी ndash इन

17

म स एक यह था क KJV िबशप क बाइबल का खडन नह कर सकती थी

bull लपालक क परभाषा यह ह ldquoकसी दसर माता-िपता क ब को सवचछा स अपन क प म अपना

लनाrdquo bull स िवासी कभी भी शतान क बीज नह थ

गलातय 46 और तम जो प हो ndash तम परमशवर क हो

bull ldquoपरमर स उतपrdquo यहनना 113

bull ldquoऊपर स जनमrdquo अकषरशः यनानी यहनना 33

bull अाहम का बीज उसक वश (यनानी उसका बीज) रोमय 413 और 16

इसिलय परमश वर न अपन प क आतमा को जो lsquoह अबबा ह िपताrsquo कहकर पकारता ह हमार दय म (जब हमारा नया जनम आ) भजा ह 7 इसिलय त अब दास नह (ससार क मल वसत क अधीन बदी) परनत प ह (परप प या पी) और जब प आ तो परमश वर क ारा वारस भी आ

इफिसय 13-6 हमार भ यीश मसीह क परमश वर और िपता का धनयवाद हो क उसन हम मसीह म सवगय सथान म सब कार क आितमक आशीष दी ह 4 जसा उसन हम जगत क उतपि स पहल उसम चन िलया क हम उसक िनकट म म पिव और िनदष ह 5 और अपनी इचछा क भल अिभाय क अनसार हम अपन िलय पहल स ठहराया क यीश मसीह क ारा हम उसक ldquoप क प म िनयrdquo ह (सही अनवाद लपालक नह) 6 क उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

हम वह ह जो हम ह सौ ितशत उसक अनह क ारा ह और इसम हमारी योगयता यास या कायर का कछ लना-दना नह ह

उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

1 यहा 31-3 दखो िपता न हम स कसा म कया ह क हम परमश वर क सनतान कहलाए और हम ह भी इस कारण ससार हम नह जानता कयक उसन उस भी नह जाना 2 ह ियो अब (अवसथातर या बल दन का यािवशषण) हम परमश वर क सनतान ह और अभी तक यह गट नह आ क हम कया कछ हग इतना जानत ह क जब वह गट होगा तो हम उसक समान हग कयक उसको वसा ही दखग जसा वह ह 3 और जो कोई उस पर यह आशा रखता ह वह अपन आप को वसा ही पिव करता ह जसा वह पिव ह

18

धनयवाद हो िपता हम बत आभारी ह

IX हमार भ यीश मसीह क महान िवजय वह भिवषयवाणी ldquoी का बीज जो सपर क िसर को कचल डालगाrdquo

उसक िवजय का आरमभ तब आ जब उसन अपन को दीन कया और अपना सवगय सहासन अपना मकट अपन अिधकार और सवगर तयागकर सवय को शनय कर दया और मानव प म इस पथवी पर आ गया

फिलिपपय 26-11 िजसन परमश वर क सवप म होकर भी परमश वर क तलय होन को अपन वश म रखन क वसत न समझा 7 वरन अपन आप को ऐसा शनय कर दया और दास का सवप धारण कयाऔर मनषय क समानता म हो गया 8 और मनषय क प म गट होकर अपन आप को दीन कया

और यहा तक आजञाकारी रहा क मतय हा स क मतय भी सह ली 9 इस कारण परमश वर न उसको अित महान भी कया और उसको वह नाम दया जो सब नाम म ष ठ ह 10 क जो सवगर म और

पथवी पर और पथवी क नीच ह व सब यीश क नाम पर घटना टक 11 और परमश वर िपता क मिहमा क िलय हर एक जीभ अगीकर कर ल क यीश मसीह ही भ ह

कलिससय 213-15 उसन तमह भी जो अपन अपराध और अपन शरीर क खतनारिहत दशा म मदार थ उसक साथ िजलाया और हमार सब अपराध को कषमा कया (कस) 14 और िविधय का वह लख जो हमार नाम पर और हमार िवरोध म था िमटा डाला और उस स पर कल स जड़कर सामन स हटा दया ह (इसका परणाम यह आ) और उसन धानता और अिधकार को ऊपर स उतारकर उनका खल लमखल ला तमाशा बनाया और स क ारा उन पर जय-जयकार क धविन सनाई

यीश मसीह क स उसक मतय गाड़ जान और जी उठन न ldquoसपर क िसर को कचल डालाrdquo

1 करिनथय 28-9 इस ससार क हाकम म स कसी न नह जाना कयक यद व जानत तो तजोमय भ को स पर न चढ़ात इािनय 13-4 वह पाप को धोकर ऊच सथान पर महामिहमन क दािहन जा बठा

bull पाप और शतान पर परी िवजय ा क गई और यह समपणर थी

इािनय 1012-14 पाप क बदल एक ही बिलदान सवरदा क िलय चढ़ाकर वह परमश वर क दािहन जा

बठा 13 और उसी समय स इसक बाट जोह रहा ह क उसक बरी उसक पाव क नीच क पीढ़ी

19

बन 14 कयक उसन एक ही चढ़ाव क ारा उनह जो पिव कए जात ह सवरदा क िलय िस कर दया ह

bull उसका काम तो समा ह वह हमारी तीकषा कर रहा ह क हम उस कायर को समा कर जो उसन हम सपा ह

मी 2414 और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा रोमय 1620 शािनत का परमर शतान को तमहार पाव स शी कचलवा दगा उस अिधकार और सामथयर क ारा जो हम दी गई ह अब हम दन ित दन ldquoसपर का िसर कचलनrdquo म भागीदार होत ह

X अत समय म जीना इाएल का पिव और उसका सिकतार यहोवा य कहता हः ldquoमरी सनतान पर घटत होनवाली घटना क िवषय म मझ स पछो और मर हाथ क काय को मझ पर ही छोड़ दो यशायाह 4511

रोिमय 1311- समय को पिहचान कर ऐसा ही करो इसिलय क अब तमहार िलय नद स जाग उठन (वासतिवकता क िलए जाग उठना आितमक वासतिवकता) क घड़ी आ पची ह कयक िजस समय हम न िवश वास कया था उस समय क िवचार स अब हमारा उार (इस वतरमान पापी यग स छटकारा) िनकट ह (12) रात बत बीत गई ह और दन (भ का दन) िनकलन पर ह इसिलय हम अनधकार क काम को तयाग कर जयोित क हिथयार बाध ल (13) जसा दन को शोभा दता ह वसा ही हम सीधी चाल चल न क लीला-ड़ा (रगरली) और िपयक कड़पन म न िभचार और लचपन (कामकता और अनितकता) म और न झगड़ और डाह म (14) वरन भ यीश मसीह को पिहन लो और शरीर क अिभलाषा को परा

करन का उपाय न करो

हम आितमक य क समय म जी रह ह और हम इससाकार क प क तरह बनना चािहए

इितहास 1223 फर लोग लड़न क िलय हिथयार बाध ए होन म दाऊद क पास इसिलय आए क यहोवा क वचन क अनसार शाऊल का राजय उसक हाथ म कर द (32) इससाकारय म स जो समय को पहचानत थ क इाएल को (परमर क लोग को) कया करना उिचत ह

bull िसपाही जो भली कार स िशिकषत अनशािसत और लय किनत होत ह व सवामी क इचछा को

20

जानत ह और साथ ही दशमन क चाल को भी समझत ह पणर समपरत यहा तक क मतय तक भी

2 तीमिथयस 31-5 पर यह समरण रख क अिनतम दन म कठन समय आएग (2) कयक मनषय सवाथ लोभी डगमार अिभमानी िननदक माता-िपता क आजञा टालनवाल कत अपिव (3) दयारिहत कषमारिहत दोष लगानवाल असयमी कठोर भल क बरी (4) िवश वासघाती ढीठ घमणडी और परमश वर क नह वरन सखिवलास ही क चाहनवाल हग (5) व भिक त का भष तो धरग पर उसक शिक त को न मानग ऐस स पर रहना 2 पतरस 33-4 पहल यह जान लो क अिनतम दन म हसी ठा करनवाल आएग जो अपनी ही अिभलाषा क अनसार चलग (4) और कहग ldquoउसक आन क ितजञा कहा गई कयक जब स बापदाद सो गए ह सब कछ वसा ही ह जसा सिष ट क आरमभ स था मी 244-14 सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए (5) कयक बत स ऐस हग जो मर नाम स आकर कहग lsquoम मसीह rsquo और बत को भरमाएग (6) तम लड़ाइय और लड़ाइय क चचार सनोग तो घबरा न जाना कयक इन का होना अवशय ह परनत उस समय अनत न होगा (7) कयक जाित पर जाित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भकमप हग (8) य सब बात पीड़ा का आरमभ हगी (9) तब व कलश दन क िलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाितय क लोग तम स बर रखग (यह बात बत लमब समय स इाएल क िलए सी ठहरी ह और साथ ही िहनद और इसलामी दश म रहनवाल िवािसय क िलए भी) (10) तब बत स ठोकर खाएग और एक दसर को पकड़वाएग और एक दसर स बर रखग (11) बत स झठ भिवषया उठ खड़ हग और बत को भरमाएग (12) अधमर क बढ़न स बत का म ठणडा पड़ जाएगा (13) परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उार होगा (14) और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा मी 2433 इसी रीित स जब तम इन सब बात को दखो तो जान लो क वह िनकट ह वरन ार ही पर ह मी 2434 म तम स सच कहता क जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक इस पीढ़ी का अनत नह होगा

उपरो पद आज क समय क बार म बतात ह िजसम हम रह रह ह हम जानना चािहए और सदा समरण रखना चािहए क

bull जस यीश ससार नह ह वस ही हम भी ससार क नह ह (यहा 1716)

21

bull परनत हमारी नागरकता सवगर क ह जहा स हम उारकतार भ यीश मसीह क आगमन क तीकषा

उतसकता स कर रह ह (फिलिपपय 321)

bull हम पथवी पर परदशी और पराए ह (इािनय 1113)

bull हम मसीह क राजदत ह जो पराए दश म रह रह ह2 कर 520

bull हमारा िमशन उस कायर को समा करना ह िजसक िलए यीश इस जगत म आया खोए को ढढन और बचान मी 2414 2818-20 नमक और जयोित क समान होनndash मी 513

समय क िचहन को दखकर ऐसा लगता ह मानो हम ldquoअितम दनrdquo क ार पर ह यह समय कलश का समय होगा परनत इसस पहल कलश का समय श हो कछ अदभत होगा

XI िवािसय का बड़ा िनगरमन

2 िथससलनीकय 21-2 ह भाइयो अब हम अपन भ यीश मसीह क आन और उसक पास अपन इक होन क िवषय म तम स िवनती करत ह (2) क कसी आतमा या वचन या पी क ारा जो क मानो हमारी ओर स हो यह समझकर क भ का दन आ पचा ह तमहारा मन अचानक अिसथर न हो जाए और न तम घबराओ

bull िथससलनीकय क िवासी ऐस कठन समय म रह रह थ क उनहन सोचा क ldquoभ का दनrdquo आ

चका ह और व ldquoउसक पास अपन इका होनrdquo स चक गए ह

bull य पौलस क उस िशकषा क ओर सकत करता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल िवासी ldquoभ क पास उठा िलए जाएगrdquo और उनह यह समझान क िलए क ldquoभ का दनrdquo अभी नह आया ह पौलस कहता ह

पद 3-4 कसी रीित स कसी क धोख म न आना कयक वह दन (भ का दन) न आएगा जब तक धमर का तयाग (िवास स बहक) न हो ल और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो

bull 1 तीमिथयस 41-2 परनत आतमा सपष टता स कहता ह क आनवाल समय म कतन लोग

भरमानवाली आतमा और दष टातमा क िशकषा पर मन लगाकर िवश वास स बहक जाएग (दख 1 यहा 217-19 2 पतरस 220-22)

22

और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो (4) जो िवरोध करता ह और हर एक स जो ईश वर या पजय कहलाता ह अपन आप को बड़ा ठहराता ह यहा तक क वह परमश वर क मिनदर म बठकर अपन आप को ईश वर ठहराता ह

bull य सब नह आ था और यह सप ह क यह होन स पहल स िवासी ldquoउसक पास इका कए

जाएगrdquo दािनययल 121 hellip तब ऐस सकट का समय होगा जसा कसी जाित क उतप होन क समय स लकर अब तक कभी न आ न होगा परनत उस समय तर लोग म स िजतन क नाम परमश वर क पसतक म िलख ए ह व बच िनकलग

ऐसा तीत होता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल अथारत पथवी पर महकलश क समय स पहल भ यीश मसीह क कलीिसया mdash समसत िवासीmdashइस ससार स िनकाल िलए जाएग

bull भ का दन यशायाह 136+ यहजकल 303 योएल 115 21 11 31 314 आमोस 518-20 सपनयाह 114-18 मलाक 45 रत 220 1 िथससलनीकय 52 2 पतरस 310

मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा (38) कयक जस जल-लय

स पहल क दन म िजस दन तक क नह जहाज पर न चढ़ा (दड स पहल) उस दन तक लोग खात-

पीत थ और उनम िववाह होत थ (39) और जब तक जल-लय आकर उन सब को बहा न ल गया तब

तक उनको कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क प का आना भी होगा (40) उस समय दो जन खत

म हग एक ल िलया जाएगा और दसरा छोड़ दया जाएगा (41) दो िया चक क पीसती रहगी एक

ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी

नह क दन क समान हम भी अपना जहाज़ तयार करत रहना चािहए िवश वास ही स नह न उन बात क िवषय म जो उस समय दखाई न पड़ती थ चतावनी पाकर भिक त क साथ अपन घरान क बचाव क िलय जहाज बनाया इािनय 117 नह और उसक परवार न जहाज़ म वश कया और परमर न जहाज़ का ार बद कर दया कवल वही थ जो परमर ारा बचाए गए या दड अथारत कलश स बचाए गए

उनहन अवशय दड को दखा उसम स गए और उस अनभव कया लकन सरिकषत सथान स जहा

23

स व ldquoअत तक सरिकषत रह और बचाए गएrdquo

लका भी नह क िवषय म िलखता ह और फर िनिलिखत भी जोड़ दता ह लका 1728-31 और जसा लत क दन म आ था क लोग खात-पीत लन-दन करत पड़ लगात और घर बनात थ (29) परनत िजस दन लत सदोम स िनकला उस दन आग और गनधक आकाश स बरसी और सब को नष ट कर दया (30) मनषय क प क गट होन क दन भी ऐसा ही होगा

समरण कर mdash परमर न कहा था क वह सदोम को न नह करगा यद वह धम लोग हग (उतपि 1826-33) तो इस अितम िवनाश म भी धम लोग को पहल ही िनकाल िलया जाएगा

उतपि 1929 और ऐसा आ क जब परमश वर न उस तराई क नगर को िजनम लत रहता था उलट-पलट कर नष ट कया तब उसन अाहम को याद करक लत को उस घटना स (इसस पहल वह घटती) बचा िलया

परमर न अपन चन को िम म दड और िवपिय स बचाया और फर उसन अितम दड स पहल अदभत रीित स लाल सम को दो भाग करक उनह िम स बाहर िनकाला था

अतः हम िनिलिखत वचन स य समझ सकत ह क सभी स िवासी महाकलश क समय स पहल ldquoिनकाल िलए जाएगrdquo कछ लोग इस ldquoरपचरrdquo भी कहत ह (ldquoरपचरrdquo शबद बाइबल का नह ह यह एक लाितनी शबद ह िजसका अथर ह ldquoहवा म उठाया जानाrdquo) कािशतवाकय 310 त न मर धीरज क वचन को थामा ह इसिलय म भी तझ परीकषा क उस समय बचा रखगा जो पथवी पर रहनवाल क परखन क िलय सार ससार पर आनवाला ह

1 िथससलनीकय 413-18 कयक यद हम िवश वास करत ह क यीश मरा और जी भी उठा तो वस ही परमश वर उनह भी जो यीश म सो गए ह (व िवासी जो मर चक ह और तब स व आतमा म भ क साथ ह) उसी क साथ ल आएगा (15) कयक हम भ क वचन क अनसार तम स यह कहत ह क हम जो जीिवत ह और भ क आन तक बच रहग सोए (मर ) स कभी आग न बढ़ग (16) कयक भ आप ही सवगर स उतरगा उस समय ललकार और धान दत का शबद सनाई दगा और परमश वर क तरही फक जाएगी और जो मसीह म मर ह व पहल जी उठग (दह का पनतथान जो अपनी-अपनी उन आतमा स जा िमलगी जो भ क साथ थ) (17) तब हम जो जीिवत और बच रहग उनक साथ बादल पर उठा िलय जाएग क हवा म भ स िमल और इस रीित स हम सदा भ क साथ रहग (18) इस कार इन बात स एक दसर को शािनत दया करो

24

य परचछद आग भी जारी ह अधयाय 51-11

पर ह भाइयो इसका योजन नह क समय और काल क िवषय म तमहार पास कछ िलखा जाए (2) कयक तम आप ठीक जानत हो क जसा रात को चोर आता ह वसा ही भ का दन (महान अितम नयाय) आनवाला ह (3) जब लोग कहत हग ldquoकशल ह और कछ भय नहrdquo तो उन पर एकाएक िवनाश आ

पड़गा िजस कार गभरवती पर पीड़ा और व कसी रीित स न बचग (4) पर ह भाइयो तम तो अनधकार म नह हो क वह दन तम पर चोर क समान आ पड़ (5) कयक तम सब जयोित क सनतान और दन क सनतान हो हम न रात क ह न अनधकार क ह (6) पर जागत और सावधान रह hellip (8) hellip िवश वास और म क िझलम पिहनकर और उार क आशा का टोप पिहनकर सावधान रह (9)

कयक परमश वर न हम ोध क िलय नह (ोध अितम नयाय का ह िवासी वहा नह हग)

परनत इसिलय ठहराया ह क हम अपन भ यीश मसीह क ारा उार ाप त कर (10) वह हमार

िलय इस कारण मरा क हम चाह जागत ह चाह सोत ह सब िमलकर उसी क साथ जीए (11) इस कारण एक दसर को शािनत दो और एक दसर क उित का कारण बनो जसा क तम करत भी हो 1 करिनथय 1550-54 भी अलौकक घटना का वणरन करता ह दखो म तम स भद क बात कहता हम सब नह सोएग (सब नह मरग) परनत सब बदल जाएग (52) और यह कषण भर म पलक मारत ही अिनतम तरही फकत ही होगा कयक तरही फक जाएगी और मद (िवािसय क मत दह उनक आतमा भ क साथ थी 2 कर 58) अिवनाशी दशा म उठाए जाएग और हम (जो पथवी पर जीिवत ह) बदल जाएग (53) कयक अवशय ह क यह नाशवान दह अिवनाश (पनितथत दह) को पिहन ल और यह मरनहार दह अमरता को पिहन ल (54) और जब यह नाशवान अिवनाश को पिहन लगा और यह मरनहार अमरता को पिहन लगा तब वह वचन जो िलखा ह परा हो जाएगा ldquoजय न मतय को िनगल िलया य िनिलिखत पद दह क पनतथान को समझन म सहायक ह 1 करिनथय 1542-45 मद का जी उठना भी ऐसा ही ह शरीर नाशवान दशा म बोया जाता ह और अिवनाशी प म जी उठता ह (43) वह अनादर क साथ बोया जाता ह और तज क साथ जी उठता ह िनबरलता क साथ बोया जाता ह और सामथयर क साथ जी उठता ह (44) सवाभािवक दह बोई जाती ह और आितमक दह जी उठती ह जबक सवाभािवक दह ह तो आितमक दह भी ह

तरही क फकन पर mdash हम पलक झपकत ही कषण भर म भ क साथ हवा म जा िमलग और इस कार हम सदा भ क साथ हगrdquo

25

XII कलश मी 2415-28 ldquoइसिलय जब तम उस उजाड़नवाली घिणत वसत को िजसक चचार दािनययल भिवषयक ता क ारा ई थी पिवसथान म खड़ी ई दखो (जो पढ़ वह समझ) (16) तब जो यदया म ह व पहाड़ पर भाग जाए (17) जो छत पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर (18) और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट (19) ldquoउन दन म जो गभरवती और दध िपलाती हगी उन क िलय हाय हाय (20) ाथरना कया करो क तमह जाड़ म या सबत क दन भागना न पड़

(21) कयक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक आ और न कभी होगा (22) यद व दन घटाए न जात तो कोई ाणी न बचता परनत चन (जो कलश क समय िवास म आए ह) क कारण व दन घटाए जाएग (23) उस समय यद कोई तम स कह lsquoदखो मसीह यहा हrsquo या lsquoवहा हrsquo तो िवश वास न करना (24) ldquoकयक झठ मसीह और झठ भिवषयक ता उठ खड़ हग और बड़ िचहन और अदभत काम दखाएग क यद हो सक तो चन को भी भरमा द (25) दखो म न पहल स तम स यह सब कछ कह दया ह (26) इसिलय यद व तम स कह lsquoदखो वह जगल म हrsquo तो बाहर न िनकल जाना या lsquoदखो वह कोठरय म हrsquo तो िवश वास न करना (27) ldquoकयक जस िबजली पवर स िनकलकर पिश चम तक चमकती ह वस ही मनषय क प का भी आना होगा

bull दसर शबद म mdash कोई भी उसक आगमन स चक नह सकता

कािशतवाकय 132 जो पश म न दखा वह चीत क समान था hellip (6) उसन परमश वर क िननदा करन क िलय मह खोला क उसक नाम और उसक तमब अथारत सवगर क रहनवाल क िननदा कर (7) उस यह भी अिधकार दया गया क पिव लोग स लड़ और उन पर जय पाए और उस हर एक कल और लोग और भाषा और जाित पर अिधकार दया गया (8) पथवी क व सब रहनवाल िजनक नाम उस म क जीवन क पसतक म िलख नह गए जो जगत क उतपि क समय स घात आ ह उस पश क पजा करग 9िजसक कान ह वह सन (11) फर म न एक और पश को पथवी म स िनकलत ए दखा hellip (12) वह उस पहल पश का सारा अिधकार उसक सामन काम म लाता था और पथवी और उसक रहनवाल स उस पहल पश क िजसका ाण-घातक घाव अचछा हो गया था पजा कराता था (13) वह बड़-बड़ िचहन दखाता था यहा तक क मनषय क सामन सवगर स पथवी पर आग बरसा दता था (14) उन िचहन क कारण िजनह उस पश क सामन दखान का अिधकार उस दया गया था वह पथवी क रहनवाल को भरमाता था और पथवी क रहनवाल स कहता था क िजस पश क तलवार लगी थी वह जी गया ह उसक मतर बनाओ (15) उस उस पश क मतर म ाण डालन का अिधकार दया गया क पश क मतर बोलन लग और िजतन लोग उस पश क मतर क पजा न कर उनह मरवा डाल (16) उसन छोट-बड़ धनी-कगाल सवत-दास सब क दािहन हाथ या उनक माथ पर एक एक छाप करा दी (17) क उसको छोड़

26

िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 12: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

12

यबिसय अममोिनय मोआिबय िमिय और एमोरय क स िघनौन काम करत ह (कय) 2 कयक

उनहन उनक बटय म स अपन और अपन बट क िलय िया कर ली ह और पिव वश (अकषरशः

बीज) इस ओर क दश क लोग म िमल गया ह वरन हाकम और सरदार इस िवश वासघात म मखय ए हrdquo 3 यह बात सनकर म न अपन व और बाग को फाड़ा और अपन िसर और दाढ़ी क बाल नोच और िविसमत होकर बठा रहा 4 तब िजतन लोग इाएल क परमश वर क वचन सनकर बधआई स आए ए लोग क िवश वासघात क कारण थरथरात थ सब मर पास इक ए और म साझ क भट क समय तक िविसमत होकर बठा रहा

bull कनानी और अनय सब जाितया नह क प हाम क वश स थ िजसन अपन िपता क नगपन को दखा था हाम

लिगक अनितकता क नपीली आतमा स रत था या वह उसम समाई थी याद कर जललय स पहल हाम नपीली और पितत सवगरदत क साथ था

bull उसक भाई शम और यपत न उस नगपन को नह दखा व नपीली अनितक आतमा स म थ

bull नह न हाम क प कनान को ाप दया और उसस यबसी एमोरी िगगारशी िहबबी और अनय जाितया िनकल (उतपि 922-25 1015-20)

bull कनान क वश क सब लोग ldquoशतान क बीजrdquo और लिगक अनितकता को िलए ए थ इसी कारण परमर न

कहा िनगरमन 2320-33 22 hellip म तर श का श और तर ोिहय का ोही बनगा 23 इस रीित मरा दत तर आग आग चलकर तझ एमोरी िही परी कनानी िहबबी और यबसी लोग क यहा पचाएगा और म उनका सतयानाश कर डालगा 24 उनक दवता को दणडवत न करना और न उनक उपासना करना और न उनक स काम करना वरन उन मरत का परी रीित स सतयानाश कर डालना और उन लोग क लाट को टकड़ टकड़ कर दना

bull हम अब समझ लना चािहए क परमर न कय कहा म उनका सतयानाश कर डालगा

bull यशायाह 345 कयक मरी तलवार आकाश म पीकर तप त ई ह दखो वह नयाय करन को एदोम पर

और िजन पर मरा शाप ह उन पर पड़गी इस समझन का एकमा उपाय यह ह

bull परमर ldquoी क बीजrdquo को बनाए रखन और उसक वश को दिषत होन स बचान क िलए जो कछ आवशयक ह वह करगा यहा तक क वह ldquoसपर क बीजrdquo जस शिशाली श का भी सतयानाश कर दगाrdquo

इसका सप उदाहरण ह 1 शमएल 151-3 तब शमएल न शाऊल स कहा ldquoयहोवा न मझ भजा था क उसक जा इाएल पर राजा होन क िलए म तरा अिभषक क इसिलए अब यहोवा क वचन को सन सना का यहोवा यह कहता ह lsquoइाएल क साथ अमालक न जो कछ कया था उसक िलए म उसको दणड

13

दगा कयक जब इाएल िम स िनकल कर आ रहा था तब अमालक न उसक मागर म उसका कस कार िवरोध कया था अब जा और अमालक पर चढ़ाई करक उसका जो कछ ह वह सब पणरतया नाश कर द और उसको भी मत छोड़ना परनत पष ी बालक िशश गाय-बल भड़-बकरी ऊट-गदहा सबको सतयानाश कर दनाrsquordquo कय

bull अमालक ldquoशतान क बीजrdquo का वशज था एसाव क प एलीपज क िता नामक एक रखल थी िजसन

एलीपज क ारा अमालक को जनम दया उतपि 3612

और जसा मलाक 13 म और रोिमय 913 म बताया ह म न याक़ब स म कया परनत एसाव को अिय जाना कय परमर जानता था क वह उस द ldquoसrdquo ह

यह यहा 112 का उदाहरण ह परनत िजतन न उस हण कया उसन उनह परमश वर क सनतान होन का अिधकार दया (उस कौन हण करत ह) अथारत उनह जो उसक नाम पर िवश वास रखत ह (कौन उस पर

िवास करत ह व) 13 व (1) न तो ल स (2) न शरीर क इचछा स (3) न मनषय क इचछा स परनत (4) परमश वर स उतप ए ह (wwwtreasurehiswordcom प 3 पर दख ldquoऊपर स जनमrdquo क नोटस) o यद 1 2 और 3 सवाभािवक जनम क बात करत ह तो अनवाद क िनयम क अनसार नमबर 4 भी

सवाभािवक जनम क बात करता ह

bull एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह जो एक बार फर सप प स आज ससार पर दो वश क ोत को दशारता ह

bull याकब और एसाव इसहाक और रबका क जड़वा थ उतपि 2523-24 तब यहोवा न उसस कहाldquoतर गभर म दो

जाितया ह (दो अलग-अलग जाितया) और तरी कोख स िनकलत ही दो राजय क लोग अलग अलग हग (दो अलग-

अलग वश) और एक राजय क लोग दसर स अिधक सामथ हग और बड़ा बटा छोट क अधीन होगाrdquo जब उसक

सव का समय आया तब कया गट आ क उसक गभर म जड़व बालक ह

o दो जाितया याकब परमश वर स उतप था o एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था

एक और उदाहरण उतपि 163-4 अाम क ी सार न अपनी िमी दासी हािजरा को लकर अपन पित अाम को दया क वह उसक पी हो 4 वह हािजरा क पास गया और वह गभरवती ई 11 और यहोवा क दत न उसस कहा ldquoदख त गभरवती ह और प जनगी त उसका नाम इशमाएल रखना कयक यहोवा न तर दख का हाल (परमर क कणा) सन िलया ह 12 और वह मनषय बनल गदह क समान होगा उसका हाथ सब क िव उठगा और सब क हाथ उसक िव उठ ग और वह अपन सब भाई-बनध क मधय म

14

बसा रहगाrdquo

bull इशमाएल शरीर क इचछा और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह यह एक बार फर इस ससार म लोग क दो ोत या वश को दशारता ह

bull इसहाक का जनम परमर स आ था

bull गलाितय 422-29 यह िलखा ह क अाहम क दो प ए एक दासी स और एक सवत ी स 23 परनत जो दासी स आ वह शारीरक रीित स जनमा और जो सवत ी स आ वह ितजञा क अनसार जनमा 24इन बात म दष टानत ह य िया मानो दो वाचाए ह एक तो सीन पहाड़ क िजसस दास ही उतप होत ह और वह हािजरा ह 26पर ऊपर क यशलम सवत ह और वह हमारी माता ह 28 ह भाइयो हम इसहाक क समान ितजञा क सनतान ह 29 और जसा उस समय शरीर क अनसार जनमा आ (एसाव) आतमा क अनसार जनम ए (याकब) को सताता था वसा ही अब भी होता ह

bull 1 यहा 38 -10 जो कोई पाप करता ह वह शतान क ओर स ह जो कोई परमश वर स जनमा ह वह

पाप नह करता कयक उसका बीज उसम बना रहता ह और वह पाप कर ही नह सकता (कयक कोई समय आएगा जब वह िवास करगा) कयक परमश वर स जनमा ह (10) इसी स परमश वर क सनतान और शतान क सनतान जान जात ह जो कोई धमर क काम नह करता वह परमश वर स नह और न वह जो अपन भाई स म नह रखता

यह सब ldquoबीजrdquo क वशावली क िवषय म ह इस परी बाइबल म अनक वशाविलय म दखा जा सकता ह उतपि 9 और 10 स और मी 11-17 तथा लका 323-38 तक

VII दो जाितय क समह का य आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा इफिसय 610-13 इसिलय भ म और उसक शिक त क भाव म बलवनत बनो 11 परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम शतान क यिक तय क सामन खड़ रह सको 12 कयक हमारा यह मल लय ल और मास स नह (यह परमर क िज़ममदारी ह) परनत (हमारा य) धान स और अिधकारय स और इस ससार क अनधकार क हाकम स और उस दष टता क आितमक सना स ह जो आकाश म ह 13

इसिलय परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम बर दन म सामना कर सको और सब कछ परा करक िसथर रह सको hellip 16 िसथर रहो कयक यीश न कहा

जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा

VIII और अिधक सपता दनवाल पि करनवाल वचन वसथािववरण 1015 तौभी यहोवा न तर पवरज स स नह और म रखा और उनक बाद तम लोग को

15

जो उनक सनतान (अकषरशः बीज) हो सब दश क लोग क मधय म स चन िलया जसा क आज क दन कट ह यशायाह 5310 तौभी यहोवा को यही भाया क उस कचल उसी न उसको रोगी कर दया जब वह

अपना ाण दोषबिल कर तब वह अपना वश (अकषरशः बीज) दखन पाएगा रोिमय 413 कयक यह ितजञा क वह जगत का वारस होगा न अाहम को न उसक वश (अकषरशः उसक बीज) को वसथा क ारा दी गई थी परनत िवश वास क धामरकता क ारा िमली पद 16 इसी कारण ितजञा िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर हो क वह उसक सब वशज (अकषरशः बीज) क िलय दढ़ हो न क कवल उसक िलय जो वसथावाला ह वरन उनक िलय भी जो

अाहम क समान िवश वासवाल ह वही तो हम सब का िपता ह

bull िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर ndashgt शािबदक यनानी पठन अनह मफत वरदान ह यह फर इस बात को कट करता ह क िवास अनह क ारा मफत वरदान ह

गलाितय 323-27 पर िवश वास क आन स पहल वसथा क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी और उस िवश वास क आन तक जो गट होनवाला था हम उसी क बनधन म (सिनित) रह 24

इसिलय वसथा मसीह तक पचान क िलय हमारी िशकषक ई ह क हम िवश वास स धम ठहर 25 परनत जब िवश वास आ चका तो हम अब िशकषक क अधीन न रह ब क समान

bull यह बताता ह क हम िवास क आन स पहल भी उसक सतान थ और हमार िवास करन तक वसथा

क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी

bull यद िवास आता ह तो इसका अथर ह क वह हम स उतप नह होता यह अनह का वरदान ह

bull दख 1 पतरस 1 1-3 पतरस hellip उन परदिशय (परदशी नागरक नह) क नाम जो परमश वर िपता क

भिवषय जञान क अनसार चन गए ह 21 िजसन अपनी बड़ी दया स हम जीिवत आशा क िलय नया जनम दया 21 उसक ारा तम उस परमश वर पर िवश वास करत हो 23 क तम न नाशवान (मानवीय ससार का) नह पर अिवनाशी बीज (सवगय) स परमश वर क जीवत और सदा ठहरनवाल वचन क ारा नया जनम पाया ह

bull 2 पतरस 11 उनह िलखा hellip िजनहन हमार समान बमलय िवश वास ाप त कया ह

16

गलाितय 326 कयक तम सब उस िवश वास क ारा जो मसीह यीश पर ह परमश वर क सनतान हो

bull इसस पहल क हमारा सवाभािवक जनम होता हम परमर क सतान थ और उस समय तक रह जब हमार पास ldquoिवास आयाrdquo और हमन ldquoउस िवास को हण कया और िवास कयाrdquo फर उस बद पर हम परमर क प हो गए कवल सतान ही नह रह कयक पिव आतमा हमार ldquoभीतरrdquo था क हम िसखाए और हम समझ द

गलाितय 3 29 और यद तम मसीह क हो (कछ नह ह लकन इसस पहल क हमारा जनम होता हम उसक ह कयक उसन हम जगत क उतपि स पहल स ही चन रखा था) तो अाहम क वश (बीज) और ितजञा क अनसार (क वह कई जाितय का िपता होगा) वारस भी हो गलाितय 41 म यह कहता क वारस जब तक बालक (परमर का) ह यिप सब वसत का सवामी ह तौभी उसम और दास म कोई भद नह 2 परनत िपता क ठहराए ए समय तक सरकषक और बनधक क वश म (वसथा) रहता ह 3

वस ही हम भी जब बालक थ (नया जनम पान स पहल) तो ससार क आद िशकषा क वश म होकर दास बन ए थ 4 परनत जब समय परा आ तो परमश वर न अपन प को भजा जो ी स जनमा और वसथा क अधीन उतप आ 5 ताक वसथा क अधीन को मोल लकर छड़ा ल और हम को लपालक होन का पद िमल

bull यनानी शबद िजसका अनवाद ldquoलपालकrdquo आ ह उसका शािबदक अथर ldquoवयसक प को सथान दनाrdquo ह जस यदी परमपरा बार-िमतसवाह म होता था जहा प जब 14 वषर क आय म पचता था तो उस वयसक माना जाता था

bull ldquoलपालक पrdquo यनानी शबद ui(oqesian (हवी-ओथ-एसी-आ) स आता ह जो दो शबद स बना ह

ui(o$ - प और tiqhmi ndash रखना या सथािपत करना

bull इसिलए इसका शािबदक अनवाद ऐसा ह हम सतान थ लकन िपता ारा िनधाररत समय पर हम प क प म सथािपत कया गया- वयसक प या पिया जब हमन िवश वास कया और हम सब बात दखान और िसखान क िलए पिव आतमा हमार भीतर आया था

bull हम हमशा उसक ब थ परमर क सतान िजनह उसन जगत क उतपि स पहल ही चन िलया था और हम कभी शतान क बीज नह थ हम कभी गोद (लपालक) नह िलया गया जसा आज ससार म इसका अथर समझा जाता ह

bull लपालक का अनवाद गलत धमरवजञािनक पकष को दखाता ह और यह यनानी शबद का सटीक अनवाद नह ह

bull बाइबल अनवाद म िगत हसतकषप एक ऐसा मामला ह िजसस 1611 क KJV भी अछती नह थी कयक तब िवान को राजा क दशा िनदश क अनसार पिवशा म काटा-छाटी करनी पड़ी थी ndash इन

17

म स एक यह था क KJV िबशप क बाइबल का खडन नह कर सकती थी

bull लपालक क परभाषा यह ह ldquoकसी दसर माता-िपता क ब को सवचछा स अपन क प म अपना

लनाrdquo bull स िवासी कभी भी शतान क बीज नह थ

गलातय 46 और तम जो प हो ndash तम परमशवर क हो

bull ldquoपरमर स उतपrdquo यहनना 113

bull ldquoऊपर स जनमrdquo अकषरशः यनानी यहनना 33

bull अाहम का बीज उसक वश (यनानी उसका बीज) रोमय 413 और 16

इसिलय परमश वर न अपन प क आतमा को जो lsquoह अबबा ह िपताrsquo कहकर पकारता ह हमार दय म (जब हमारा नया जनम आ) भजा ह 7 इसिलय त अब दास नह (ससार क मल वसत क अधीन बदी) परनत प ह (परप प या पी) और जब प आ तो परमश वर क ारा वारस भी आ

इफिसय 13-6 हमार भ यीश मसीह क परमश वर और िपता का धनयवाद हो क उसन हम मसीह म सवगय सथान म सब कार क आितमक आशीष दी ह 4 जसा उसन हम जगत क उतपि स पहल उसम चन िलया क हम उसक िनकट म म पिव और िनदष ह 5 और अपनी इचछा क भल अिभाय क अनसार हम अपन िलय पहल स ठहराया क यीश मसीह क ारा हम उसक ldquoप क प म िनयrdquo ह (सही अनवाद लपालक नह) 6 क उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

हम वह ह जो हम ह सौ ितशत उसक अनह क ारा ह और इसम हमारी योगयता यास या कायर का कछ लना-दना नह ह

उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

1 यहा 31-3 दखो िपता न हम स कसा म कया ह क हम परमश वर क सनतान कहलाए और हम ह भी इस कारण ससार हम नह जानता कयक उसन उस भी नह जाना 2 ह ियो अब (अवसथातर या बल दन का यािवशषण) हम परमश वर क सनतान ह और अभी तक यह गट नह आ क हम कया कछ हग इतना जानत ह क जब वह गट होगा तो हम उसक समान हग कयक उसको वसा ही दखग जसा वह ह 3 और जो कोई उस पर यह आशा रखता ह वह अपन आप को वसा ही पिव करता ह जसा वह पिव ह

18

धनयवाद हो िपता हम बत आभारी ह

IX हमार भ यीश मसीह क महान िवजय वह भिवषयवाणी ldquoी का बीज जो सपर क िसर को कचल डालगाrdquo

उसक िवजय का आरमभ तब आ जब उसन अपन को दीन कया और अपना सवगय सहासन अपना मकट अपन अिधकार और सवगर तयागकर सवय को शनय कर दया और मानव प म इस पथवी पर आ गया

फिलिपपय 26-11 िजसन परमश वर क सवप म होकर भी परमश वर क तलय होन को अपन वश म रखन क वसत न समझा 7 वरन अपन आप को ऐसा शनय कर दया और दास का सवप धारण कयाऔर मनषय क समानता म हो गया 8 और मनषय क प म गट होकर अपन आप को दीन कया

और यहा तक आजञाकारी रहा क मतय हा स क मतय भी सह ली 9 इस कारण परमश वर न उसको अित महान भी कया और उसको वह नाम दया जो सब नाम म ष ठ ह 10 क जो सवगर म और

पथवी पर और पथवी क नीच ह व सब यीश क नाम पर घटना टक 11 और परमश वर िपता क मिहमा क िलय हर एक जीभ अगीकर कर ल क यीश मसीह ही भ ह

कलिससय 213-15 उसन तमह भी जो अपन अपराध और अपन शरीर क खतनारिहत दशा म मदार थ उसक साथ िजलाया और हमार सब अपराध को कषमा कया (कस) 14 और िविधय का वह लख जो हमार नाम पर और हमार िवरोध म था िमटा डाला और उस स पर कल स जड़कर सामन स हटा दया ह (इसका परणाम यह आ) और उसन धानता और अिधकार को ऊपर स उतारकर उनका खल लमखल ला तमाशा बनाया और स क ारा उन पर जय-जयकार क धविन सनाई

यीश मसीह क स उसक मतय गाड़ जान और जी उठन न ldquoसपर क िसर को कचल डालाrdquo

1 करिनथय 28-9 इस ससार क हाकम म स कसी न नह जाना कयक यद व जानत तो तजोमय भ को स पर न चढ़ात इािनय 13-4 वह पाप को धोकर ऊच सथान पर महामिहमन क दािहन जा बठा

bull पाप और शतान पर परी िवजय ा क गई और यह समपणर थी

इािनय 1012-14 पाप क बदल एक ही बिलदान सवरदा क िलय चढ़ाकर वह परमश वर क दािहन जा

बठा 13 और उसी समय स इसक बाट जोह रहा ह क उसक बरी उसक पाव क नीच क पीढ़ी

19

बन 14 कयक उसन एक ही चढ़ाव क ारा उनह जो पिव कए जात ह सवरदा क िलय िस कर दया ह

bull उसका काम तो समा ह वह हमारी तीकषा कर रहा ह क हम उस कायर को समा कर जो उसन हम सपा ह

मी 2414 और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा रोमय 1620 शािनत का परमर शतान को तमहार पाव स शी कचलवा दगा उस अिधकार और सामथयर क ारा जो हम दी गई ह अब हम दन ित दन ldquoसपर का िसर कचलनrdquo म भागीदार होत ह

X अत समय म जीना इाएल का पिव और उसका सिकतार यहोवा य कहता हः ldquoमरी सनतान पर घटत होनवाली घटना क िवषय म मझ स पछो और मर हाथ क काय को मझ पर ही छोड़ दो यशायाह 4511

रोिमय 1311- समय को पिहचान कर ऐसा ही करो इसिलय क अब तमहार िलय नद स जाग उठन (वासतिवकता क िलए जाग उठना आितमक वासतिवकता) क घड़ी आ पची ह कयक िजस समय हम न िवश वास कया था उस समय क िवचार स अब हमारा उार (इस वतरमान पापी यग स छटकारा) िनकट ह (12) रात बत बीत गई ह और दन (भ का दन) िनकलन पर ह इसिलय हम अनधकार क काम को तयाग कर जयोित क हिथयार बाध ल (13) जसा दन को शोभा दता ह वसा ही हम सीधी चाल चल न क लीला-ड़ा (रगरली) और िपयक कड़पन म न िभचार और लचपन (कामकता और अनितकता) म और न झगड़ और डाह म (14) वरन भ यीश मसीह को पिहन लो और शरीर क अिभलाषा को परा

करन का उपाय न करो

हम आितमक य क समय म जी रह ह और हम इससाकार क प क तरह बनना चािहए

इितहास 1223 फर लोग लड़न क िलय हिथयार बाध ए होन म दाऊद क पास इसिलय आए क यहोवा क वचन क अनसार शाऊल का राजय उसक हाथ म कर द (32) इससाकारय म स जो समय को पहचानत थ क इाएल को (परमर क लोग को) कया करना उिचत ह

bull िसपाही जो भली कार स िशिकषत अनशािसत और लय किनत होत ह व सवामी क इचछा को

20

जानत ह और साथ ही दशमन क चाल को भी समझत ह पणर समपरत यहा तक क मतय तक भी

2 तीमिथयस 31-5 पर यह समरण रख क अिनतम दन म कठन समय आएग (2) कयक मनषय सवाथ लोभी डगमार अिभमानी िननदक माता-िपता क आजञा टालनवाल कत अपिव (3) दयारिहत कषमारिहत दोष लगानवाल असयमी कठोर भल क बरी (4) िवश वासघाती ढीठ घमणडी और परमश वर क नह वरन सखिवलास ही क चाहनवाल हग (5) व भिक त का भष तो धरग पर उसक शिक त को न मानग ऐस स पर रहना 2 पतरस 33-4 पहल यह जान लो क अिनतम दन म हसी ठा करनवाल आएग जो अपनी ही अिभलाषा क अनसार चलग (4) और कहग ldquoउसक आन क ितजञा कहा गई कयक जब स बापदाद सो गए ह सब कछ वसा ही ह जसा सिष ट क आरमभ स था मी 244-14 सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए (5) कयक बत स ऐस हग जो मर नाम स आकर कहग lsquoम मसीह rsquo और बत को भरमाएग (6) तम लड़ाइय और लड़ाइय क चचार सनोग तो घबरा न जाना कयक इन का होना अवशय ह परनत उस समय अनत न होगा (7) कयक जाित पर जाित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भकमप हग (8) य सब बात पीड़ा का आरमभ हगी (9) तब व कलश दन क िलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाितय क लोग तम स बर रखग (यह बात बत लमब समय स इाएल क िलए सी ठहरी ह और साथ ही िहनद और इसलामी दश म रहनवाल िवािसय क िलए भी) (10) तब बत स ठोकर खाएग और एक दसर को पकड़वाएग और एक दसर स बर रखग (11) बत स झठ भिवषया उठ खड़ हग और बत को भरमाएग (12) अधमर क बढ़न स बत का म ठणडा पड़ जाएगा (13) परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उार होगा (14) और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा मी 2433 इसी रीित स जब तम इन सब बात को दखो तो जान लो क वह िनकट ह वरन ार ही पर ह मी 2434 म तम स सच कहता क जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक इस पीढ़ी का अनत नह होगा

उपरो पद आज क समय क बार म बतात ह िजसम हम रह रह ह हम जानना चािहए और सदा समरण रखना चािहए क

bull जस यीश ससार नह ह वस ही हम भी ससार क नह ह (यहा 1716)

21

bull परनत हमारी नागरकता सवगर क ह जहा स हम उारकतार भ यीश मसीह क आगमन क तीकषा

उतसकता स कर रह ह (फिलिपपय 321)

bull हम पथवी पर परदशी और पराए ह (इािनय 1113)

bull हम मसीह क राजदत ह जो पराए दश म रह रह ह2 कर 520

bull हमारा िमशन उस कायर को समा करना ह िजसक िलए यीश इस जगत म आया खोए को ढढन और बचान मी 2414 2818-20 नमक और जयोित क समान होनndash मी 513

समय क िचहन को दखकर ऐसा लगता ह मानो हम ldquoअितम दनrdquo क ार पर ह यह समय कलश का समय होगा परनत इसस पहल कलश का समय श हो कछ अदभत होगा

XI िवािसय का बड़ा िनगरमन

2 िथससलनीकय 21-2 ह भाइयो अब हम अपन भ यीश मसीह क आन और उसक पास अपन इक होन क िवषय म तम स िवनती करत ह (2) क कसी आतमा या वचन या पी क ारा जो क मानो हमारी ओर स हो यह समझकर क भ का दन आ पचा ह तमहारा मन अचानक अिसथर न हो जाए और न तम घबराओ

bull िथससलनीकय क िवासी ऐस कठन समय म रह रह थ क उनहन सोचा क ldquoभ का दनrdquo आ

चका ह और व ldquoउसक पास अपन इका होनrdquo स चक गए ह

bull य पौलस क उस िशकषा क ओर सकत करता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल िवासी ldquoभ क पास उठा िलए जाएगrdquo और उनह यह समझान क िलए क ldquoभ का दनrdquo अभी नह आया ह पौलस कहता ह

पद 3-4 कसी रीित स कसी क धोख म न आना कयक वह दन (भ का दन) न आएगा जब तक धमर का तयाग (िवास स बहक) न हो ल और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो

bull 1 तीमिथयस 41-2 परनत आतमा सपष टता स कहता ह क आनवाल समय म कतन लोग

भरमानवाली आतमा और दष टातमा क िशकषा पर मन लगाकर िवश वास स बहक जाएग (दख 1 यहा 217-19 2 पतरस 220-22)

22

और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो (4) जो िवरोध करता ह और हर एक स जो ईश वर या पजय कहलाता ह अपन आप को बड़ा ठहराता ह यहा तक क वह परमश वर क मिनदर म बठकर अपन आप को ईश वर ठहराता ह

bull य सब नह आ था और यह सप ह क यह होन स पहल स िवासी ldquoउसक पास इका कए

जाएगrdquo दािनययल 121 hellip तब ऐस सकट का समय होगा जसा कसी जाित क उतप होन क समय स लकर अब तक कभी न आ न होगा परनत उस समय तर लोग म स िजतन क नाम परमश वर क पसतक म िलख ए ह व बच िनकलग

ऐसा तीत होता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल अथारत पथवी पर महकलश क समय स पहल भ यीश मसीह क कलीिसया mdash समसत िवासीmdashइस ससार स िनकाल िलए जाएग

bull भ का दन यशायाह 136+ यहजकल 303 योएल 115 21 11 31 314 आमोस 518-20 सपनयाह 114-18 मलाक 45 रत 220 1 िथससलनीकय 52 2 पतरस 310

मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा (38) कयक जस जल-लय

स पहल क दन म िजस दन तक क नह जहाज पर न चढ़ा (दड स पहल) उस दन तक लोग खात-

पीत थ और उनम िववाह होत थ (39) और जब तक जल-लय आकर उन सब को बहा न ल गया तब

तक उनको कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क प का आना भी होगा (40) उस समय दो जन खत

म हग एक ल िलया जाएगा और दसरा छोड़ दया जाएगा (41) दो िया चक क पीसती रहगी एक

ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी

नह क दन क समान हम भी अपना जहाज़ तयार करत रहना चािहए िवश वास ही स नह न उन बात क िवषय म जो उस समय दखाई न पड़ती थ चतावनी पाकर भिक त क साथ अपन घरान क बचाव क िलय जहाज बनाया इािनय 117 नह और उसक परवार न जहाज़ म वश कया और परमर न जहाज़ का ार बद कर दया कवल वही थ जो परमर ारा बचाए गए या दड अथारत कलश स बचाए गए

उनहन अवशय दड को दखा उसम स गए और उस अनभव कया लकन सरिकषत सथान स जहा

23

स व ldquoअत तक सरिकषत रह और बचाए गएrdquo

लका भी नह क िवषय म िलखता ह और फर िनिलिखत भी जोड़ दता ह लका 1728-31 और जसा लत क दन म आ था क लोग खात-पीत लन-दन करत पड़ लगात और घर बनात थ (29) परनत िजस दन लत सदोम स िनकला उस दन आग और गनधक आकाश स बरसी और सब को नष ट कर दया (30) मनषय क प क गट होन क दन भी ऐसा ही होगा

समरण कर mdash परमर न कहा था क वह सदोम को न नह करगा यद वह धम लोग हग (उतपि 1826-33) तो इस अितम िवनाश म भी धम लोग को पहल ही िनकाल िलया जाएगा

उतपि 1929 और ऐसा आ क जब परमश वर न उस तराई क नगर को िजनम लत रहता था उलट-पलट कर नष ट कया तब उसन अाहम को याद करक लत को उस घटना स (इसस पहल वह घटती) बचा िलया

परमर न अपन चन को िम म दड और िवपिय स बचाया और फर उसन अितम दड स पहल अदभत रीित स लाल सम को दो भाग करक उनह िम स बाहर िनकाला था

अतः हम िनिलिखत वचन स य समझ सकत ह क सभी स िवासी महाकलश क समय स पहल ldquoिनकाल िलए जाएगrdquo कछ लोग इस ldquoरपचरrdquo भी कहत ह (ldquoरपचरrdquo शबद बाइबल का नह ह यह एक लाितनी शबद ह िजसका अथर ह ldquoहवा म उठाया जानाrdquo) कािशतवाकय 310 त न मर धीरज क वचन को थामा ह इसिलय म भी तझ परीकषा क उस समय बचा रखगा जो पथवी पर रहनवाल क परखन क िलय सार ससार पर आनवाला ह

1 िथससलनीकय 413-18 कयक यद हम िवश वास करत ह क यीश मरा और जी भी उठा तो वस ही परमश वर उनह भी जो यीश म सो गए ह (व िवासी जो मर चक ह और तब स व आतमा म भ क साथ ह) उसी क साथ ल आएगा (15) कयक हम भ क वचन क अनसार तम स यह कहत ह क हम जो जीिवत ह और भ क आन तक बच रहग सोए (मर ) स कभी आग न बढ़ग (16) कयक भ आप ही सवगर स उतरगा उस समय ललकार और धान दत का शबद सनाई दगा और परमश वर क तरही फक जाएगी और जो मसीह म मर ह व पहल जी उठग (दह का पनतथान जो अपनी-अपनी उन आतमा स जा िमलगी जो भ क साथ थ) (17) तब हम जो जीिवत और बच रहग उनक साथ बादल पर उठा िलय जाएग क हवा म भ स िमल और इस रीित स हम सदा भ क साथ रहग (18) इस कार इन बात स एक दसर को शािनत दया करो

24

य परचछद आग भी जारी ह अधयाय 51-11

पर ह भाइयो इसका योजन नह क समय और काल क िवषय म तमहार पास कछ िलखा जाए (2) कयक तम आप ठीक जानत हो क जसा रात को चोर आता ह वसा ही भ का दन (महान अितम नयाय) आनवाला ह (3) जब लोग कहत हग ldquoकशल ह और कछ भय नहrdquo तो उन पर एकाएक िवनाश आ

पड़गा िजस कार गभरवती पर पीड़ा और व कसी रीित स न बचग (4) पर ह भाइयो तम तो अनधकार म नह हो क वह दन तम पर चोर क समान आ पड़ (5) कयक तम सब जयोित क सनतान और दन क सनतान हो हम न रात क ह न अनधकार क ह (6) पर जागत और सावधान रह hellip (8) hellip िवश वास और म क िझलम पिहनकर और उार क आशा का टोप पिहनकर सावधान रह (9)

कयक परमश वर न हम ोध क िलय नह (ोध अितम नयाय का ह िवासी वहा नह हग)

परनत इसिलय ठहराया ह क हम अपन भ यीश मसीह क ारा उार ाप त कर (10) वह हमार

िलय इस कारण मरा क हम चाह जागत ह चाह सोत ह सब िमलकर उसी क साथ जीए (11) इस कारण एक दसर को शािनत दो और एक दसर क उित का कारण बनो जसा क तम करत भी हो 1 करिनथय 1550-54 भी अलौकक घटना का वणरन करता ह दखो म तम स भद क बात कहता हम सब नह सोएग (सब नह मरग) परनत सब बदल जाएग (52) और यह कषण भर म पलक मारत ही अिनतम तरही फकत ही होगा कयक तरही फक जाएगी और मद (िवािसय क मत दह उनक आतमा भ क साथ थी 2 कर 58) अिवनाशी दशा म उठाए जाएग और हम (जो पथवी पर जीिवत ह) बदल जाएग (53) कयक अवशय ह क यह नाशवान दह अिवनाश (पनितथत दह) को पिहन ल और यह मरनहार दह अमरता को पिहन ल (54) और जब यह नाशवान अिवनाश को पिहन लगा और यह मरनहार अमरता को पिहन लगा तब वह वचन जो िलखा ह परा हो जाएगा ldquoजय न मतय को िनगल िलया य िनिलिखत पद दह क पनतथान को समझन म सहायक ह 1 करिनथय 1542-45 मद का जी उठना भी ऐसा ही ह शरीर नाशवान दशा म बोया जाता ह और अिवनाशी प म जी उठता ह (43) वह अनादर क साथ बोया जाता ह और तज क साथ जी उठता ह िनबरलता क साथ बोया जाता ह और सामथयर क साथ जी उठता ह (44) सवाभािवक दह बोई जाती ह और आितमक दह जी उठती ह जबक सवाभािवक दह ह तो आितमक दह भी ह

तरही क फकन पर mdash हम पलक झपकत ही कषण भर म भ क साथ हवा म जा िमलग और इस कार हम सदा भ क साथ हगrdquo

25

XII कलश मी 2415-28 ldquoइसिलय जब तम उस उजाड़नवाली घिणत वसत को िजसक चचार दािनययल भिवषयक ता क ारा ई थी पिवसथान म खड़ी ई दखो (जो पढ़ वह समझ) (16) तब जो यदया म ह व पहाड़ पर भाग जाए (17) जो छत पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर (18) और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट (19) ldquoउन दन म जो गभरवती और दध िपलाती हगी उन क िलय हाय हाय (20) ाथरना कया करो क तमह जाड़ म या सबत क दन भागना न पड़

(21) कयक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक आ और न कभी होगा (22) यद व दन घटाए न जात तो कोई ाणी न बचता परनत चन (जो कलश क समय िवास म आए ह) क कारण व दन घटाए जाएग (23) उस समय यद कोई तम स कह lsquoदखो मसीह यहा हrsquo या lsquoवहा हrsquo तो िवश वास न करना (24) ldquoकयक झठ मसीह और झठ भिवषयक ता उठ खड़ हग और बड़ िचहन और अदभत काम दखाएग क यद हो सक तो चन को भी भरमा द (25) दखो म न पहल स तम स यह सब कछ कह दया ह (26) इसिलय यद व तम स कह lsquoदखो वह जगल म हrsquo तो बाहर न िनकल जाना या lsquoदखो वह कोठरय म हrsquo तो िवश वास न करना (27) ldquoकयक जस िबजली पवर स िनकलकर पिश चम तक चमकती ह वस ही मनषय क प का भी आना होगा

bull दसर शबद म mdash कोई भी उसक आगमन स चक नह सकता

कािशतवाकय 132 जो पश म न दखा वह चीत क समान था hellip (6) उसन परमश वर क िननदा करन क िलय मह खोला क उसक नाम और उसक तमब अथारत सवगर क रहनवाल क िननदा कर (7) उस यह भी अिधकार दया गया क पिव लोग स लड़ और उन पर जय पाए और उस हर एक कल और लोग और भाषा और जाित पर अिधकार दया गया (8) पथवी क व सब रहनवाल िजनक नाम उस म क जीवन क पसतक म िलख नह गए जो जगत क उतपि क समय स घात आ ह उस पश क पजा करग 9िजसक कान ह वह सन (11) फर म न एक और पश को पथवी म स िनकलत ए दखा hellip (12) वह उस पहल पश का सारा अिधकार उसक सामन काम म लाता था और पथवी और उसक रहनवाल स उस पहल पश क िजसका ाण-घातक घाव अचछा हो गया था पजा कराता था (13) वह बड़-बड़ िचहन दखाता था यहा तक क मनषय क सामन सवगर स पथवी पर आग बरसा दता था (14) उन िचहन क कारण िजनह उस पश क सामन दखान का अिधकार उस दया गया था वह पथवी क रहनवाल को भरमाता था और पथवी क रहनवाल स कहता था क िजस पश क तलवार लगी थी वह जी गया ह उसक मतर बनाओ (15) उस उस पश क मतर म ाण डालन का अिधकार दया गया क पश क मतर बोलन लग और िजतन लोग उस पश क मतर क पजा न कर उनह मरवा डाल (16) उसन छोट-बड़ धनी-कगाल सवत-दास सब क दािहन हाथ या उनक माथ पर एक एक छाप करा दी (17) क उसको छोड़

26

िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 13: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

13

दगा कयक जब इाएल िम स िनकल कर आ रहा था तब अमालक न उसक मागर म उसका कस कार िवरोध कया था अब जा और अमालक पर चढ़ाई करक उसका जो कछ ह वह सब पणरतया नाश कर द और उसको भी मत छोड़ना परनत पष ी बालक िशश गाय-बल भड़-बकरी ऊट-गदहा सबको सतयानाश कर दनाrsquordquo कय

bull अमालक ldquoशतान क बीजrdquo का वशज था एसाव क प एलीपज क िता नामक एक रखल थी िजसन

एलीपज क ारा अमालक को जनम दया उतपि 3612

और जसा मलाक 13 म और रोिमय 913 म बताया ह म न याक़ब स म कया परनत एसाव को अिय जाना कय परमर जानता था क वह उस द ldquoसrdquo ह

यह यहा 112 का उदाहरण ह परनत िजतन न उस हण कया उसन उनह परमश वर क सनतान होन का अिधकार दया (उस कौन हण करत ह) अथारत उनह जो उसक नाम पर िवश वास रखत ह (कौन उस पर

िवास करत ह व) 13 व (1) न तो ल स (2) न शरीर क इचछा स (3) न मनषय क इचछा स परनत (4) परमश वर स उतप ए ह (wwwtreasurehiswordcom प 3 पर दख ldquoऊपर स जनमrdquo क नोटस) o यद 1 2 और 3 सवाभािवक जनम क बात करत ह तो अनवाद क िनयम क अनसार नमबर 4 भी

सवाभािवक जनम क बात करता ह

bull एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह जो एक बार फर सप प स आज ससार पर दो वश क ोत को दशारता ह

bull याकब और एसाव इसहाक और रबका क जड़वा थ उतपि 2523-24 तब यहोवा न उसस कहाldquoतर गभर म दो

जाितया ह (दो अलग-अलग जाितया) और तरी कोख स िनकलत ही दो राजय क लोग अलग अलग हग (दो अलग-

अलग वश) और एक राजय क लोग दसर स अिधक सामथ हग और बड़ा बटा छोट क अधीन होगाrdquo जब उसक

सव का समय आया तब कया गट आ क उसक गभर म जड़व बालक ह

o दो जाितया याकब परमश वर स उतप था o एसाव शरीर क इचछा स और मनषय क इचछा स उतप आ था

एक और उदाहरण उतपि 163-4 अाम क ी सार न अपनी िमी दासी हािजरा को लकर अपन पित अाम को दया क वह उसक पी हो 4 वह हािजरा क पास गया और वह गभरवती ई 11 और यहोवा क दत न उसस कहा ldquoदख त गभरवती ह और प जनगी त उसका नाम इशमाएल रखना कयक यहोवा न तर दख का हाल (परमर क कणा) सन िलया ह 12 और वह मनषय बनल गदह क समान होगा उसका हाथ सब क िव उठगा और सब क हाथ उसक िव उठ ग और वह अपन सब भाई-बनध क मधय म

14

बसा रहगाrdquo

bull इशमाएल शरीर क इचछा और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह यह एक बार फर इस ससार म लोग क दो ोत या वश को दशारता ह

bull इसहाक का जनम परमर स आ था

bull गलाितय 422-29 यह िलखा ह क अाहम क दो प ए एक दासी स और एक सवत ी स 23 परनत जो दासी स आ वह शारीरक रीित स जनमा और जो सवत ी स आ वह ितजञा क अनसार जनमा 24इन बात म दष टानत ह य िया मानो दो वाचाए ह एक तो सीन पहाड़ क िजसस दास ही उतप होत ह और वह हािजरा ह 26पर ऊपर क यशलम सवत ह और वह हमारी माता ह 28 ह भाइयो हम इसहाक क समान ितजञा क सनतान ह 29 और जसा उस समय शरीर क अनसार जनमा आ (एसाव) आतमा क अनसार जनम ए (याकब) को सताता था वसा ही अब भी होता ह

bull 1 यहा 38 -10 जो कोई पाप करता ह वह शतान क ओर स ह जो कोई परमश वर स जनमा ह वह

पाप नह करता कयक उसका बीज उसम बना रहता ह और वह पाप कर ही नह सकता (कयक कोई समय आएगा जब वह िवास करगा) कयक परमश वर स जनमा ह (10) इसी स परमश वर क सनतान और शतान क सनतान जान जात ह जो कोई धमर क काम नह करता वह परमश वर स नह और न वह जो अपन भाई स म नह रखता

यह सब ldquoबीजrdquo क वशावली क िवषय म ह इस परी बाइबल म अनक वशाविलय म दखा जा सकता ह उतपि 9 और 10 स और मी 11-17 तथा लका 323-38 तक

VII दो जाितय क समह का य आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा इफिसय 610-13 इसिलय भ म और उसक शिक त क भाव म बलवनत बनो 11 परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम शतान क यिक तय क सामन खड़ रह सको 12 कयक हमारा यह मल लय ल और मास स नह (यह परमर क िज़ममदारी ह) परनत (हमारा य) धान स और अिधकारय स और इस ससार क अनधकार क हाकम स और उस दष टता क आितमक सना स ह जो आकाश म ह 13

इसिलय परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम बर दन म सामना कर सको और सब कछ परा करक िसथर रह सको hellip 16 िसथर रहो कयक यीश न कहा

जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा

VIII और अिधक सपता दनवाल पि करनवाल वचन वसथािववरण 1015 तौभी यहोवा न तर पवरज स स नह और म रखा और उनक बाद तम लोग को

15

जो उनक सनतान (अकषरशः बीज) हो सब दश क लोग क मधय म स चन िलया जसा क आज क दन कट ह यशायाह 5310 तौभी यहोवा को यही भाया क उस कचल उसी न उसको रोगी कर दया जब वह

अपना ाण दोषबिल कर तब वह अपना वश (अकषरशः बीज) दखन पाएगा रोिमय 413 कयक यह ितजञा क वह जगत का वारस होगा न अाहम को न उसक वश (अकषरशः उसक बीज) को वसथा क ारा दी गई थी परनत िवश वास क धामरकता क ारा िमली पद 16 इसी कारण ितजञा िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर हो क वह उसक सब वशज (अकषरशः बीज) क िलय दढ़ हो न क कवल उसक िलय जो वसथावाला ह वरन उनक िलय भी जो

अाहम क समान िवश वासवाल ह वही तो हम सब का िपता ह

bull िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर ndashgt शािबदक यनानी पठन अनह मफत वरदान ह यह फर इस बात को कट करता ह क िवास अनह क ारा मफत वरदान ह

गलाितय 323-27 पर िवश वास क आन स पहल वसथा क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी और उस िवश वास क आन तक जो गट होनवाला था हम उसी क बनधन म (सिनित) रह 24

इसिलय वसथा मसीह तक पचान क िलय हमारी िशकषक ई ह क हम िवश वास स धम ठहर 25 परनत जब िवश वास आ चका तो हम अब िशकषक क अधीन न रह ब क समान

bull यह बताता ह क हम िवास क आन स पहल भी उसक सतान थ और हमार िवास करन तक वसथा

क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी

bull यद िवास आता ह तो इसका अथर ह क वह हम स उतप नह होता यह अनह का वरदान ह

bull दख 1 पतरस 1 1-3 पतरस hellip उन परदिशय (परदशी नागरक नह) क नाम जो परमश वर िपता क

भिवषय जञान क अनसार चन गए ह 21 िजसन अपनी बड़ी दया स हम जीिवत आशा क िलय नया जनम दया 21 उसक ारा तम उस परमश वर पर िवश वास करत हो 23 क तम न नाशवान (मानवीय ससार का) नह पर अिवनाशी बीज (सवगय) स परमश वर क जीवत और सदा ठहरनवाल वचन क ारा नया जनम पाया ह

bull 2 पतरस 11 उनह िलखा hellip िजनहन हमार समान बमलय िवश वास ाप त कया ह

16

गलाितय 326 कयक तम सब उस िवश वास क ारा जो मसीह यीश पर ह परमश वर क सनतान हो

bull इसस पहल क हमारा सवाभािवक जनम होता हम परमर क सतान थ और उस समय तक रह जब हमार पास ldquoिवास आयाrdquo और हमन ldquoउस िवास को हण कया और िवास कयाrdquo फर उस बद पर हम परमर क प हो गए कवल सतान ही नह रह कयक पिव आतमा हमार ldquoभीतरrdquo था क हम िसखाए और हम समझ द

गलाितय 3 29 और यद तम मसीह क हो (कछ नह ह लकन इसस पहल क हमारा जनम होता हम उसक ह कयक उसन हम जगत क उतपि स पहल स ही चन रखा था) तो अाहम क वश (बीज) और ितजञा क अनसार (क वह कई जाितय का िपता होगा) वारस भी हो गलाितय 41 म यह कहता क वारस जब तक बालक (परमर का) ह यिप सब वसत का सवामी ह तौभी उसम और दास म कोई भद नह 2 परनत िपता क ठहराए ए समय तक सरकषक और बनधक क वश म (वसथा) रहता ह 3

वस ही हम भी जब बालक थ (नया जनम पान स पहल) तो ससार क आद िशकषा क वश म होकर दास बन ए थ 4 परनत जब समय परा आ तो परमश वर न अपन प को भजा जो ी स जनमा और वसथा क अधीन उतप आ 5 ताक वसथा क अधीन को मोल लकर छड़ा ल और हम को लपालक होन का पद िमल

bull यनानी शबद िजसका अनवाद ldquoलपालकrdquo आ ह उसका शािबदक अथर ldquoवयसक प को सथान दनाrdquo ह जस यदी परमपरा बार-िमतसवाह म होता था जहा प जब 14 वषर क आय म पचता था तो उस वयसक माना जाता था

bull ldquoलपालक पrdquo यनानी शबद ui(oqesian (हवी-ओथ-एसी-आ) स आता ह जो दो शबद स बना ह

ui(o$ - प और tiqhmi ndash रखना या सथािपत करना

bull इसिलए इसका शािबदक अनवाद ऐसा ह हम सतान थ लकन िपता ारा िनधाररत समय पर हम प क प म सथािपत कया गया- वयसक प या पिया जब हमन िवश वास कया और हम सब बात दखान और िसखान क िलए पिव आतमा हमार भीतर आया था

bull हम हमशा उसक ब थ परमर क सतान िजनह उसन जगत क उतपि स पहल ही चन िलया था और हम कभी शतान क बीज नह थ हम कभी गोद (लपालक) नह िलया गया जसा आज ससार म इसका अथर समझा जाता ह

bull लपालक का अनवाद गलत धमरवजञािनक पकष को दखाता ह और यह यनानी शबद का सटीक अनवाद नह ह

bull बाइबल अनवाद म िगत हसतकषप एक ऐसा मामला ह िजसस 1611 क KJV भी अछती नह थी कयक तब िवान को राजा क दशा िनदश क अनसार पिवशा म काटा-छाटी करनी पड़ी थी ndash इन

17

म स एक यह था क KJV िबशप क बाइबल का खडन नह कर सकती थी

bull लपालक क परभाषा यह ह ldquoकसी दसर माता-िपता क ब को सवचछा स अपन क प म अपना

लनाrdquo bull स िवासी कभी भी शतान क बीज नह थ

गलातय 46 और तम जो प हो ndash तम परमशवर क हो

bull ldquoपरमर स उतपrdquo यहनना 113

bull ldquoऊपर स जनमrdquo अकषरशः यनानी यहनना 33

bull अाहम का बीज उसक वश (यनानी उसका बीज) रोमय 413 और 16

इसिलय परमश वर न अपन प क आतमा को जो lsquoह अबबा ह िपताrsquo कहकर पकारता ह हमार दय म (जब हमारा नया जनम आ) भजा ह 7 इसिलय त अब दास नह (ससार क मल वसत क अधीन बदी) परनत प ह (परप प या पी) और जब प आ तो परमश वर क ारा वारस भी आ

इफिसय 13-6 हमार भ यीश मसीह क परमश वर और िपता का धनयवाद हो क उसन हम मसीह म सवगय सथान म सब कार क आितमक आशीष दी ह 4 जसा उसन हम जगत क उतपि स पहल उसम चन िलया क हम उसक िनकट म म पिव और िनदष ह 5 और अपनी इचछा क भल अिभाय क अनसार हम अपन िलय पहल स ठहराया क यीश मसीह क ारा हम उसक ldquoप क प म िनयrdquo ह (सही अनवाद लपालक नह) 6 क उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

हम वह ह जो हम ह सौ ितशत उसक अनह क ारा ह और इसम हमारी योगयता यास या कायर का कछ लना-दना नह ह

उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

1 यहा 31-3 दखो िपता न हम स कसा म कया ह क हम परमश वर क सनतान कहलाए और हम ह भी इस कारण ससार हम नह जानता कयक उसन उस भी नह जाना 2 ह ियो अब (अवसथातर या बल दन का यािवशषण) हम परमश वर क सनतान ह और अभी तक यह गट नह आ क हम कया कछ हग इतना जानत ह क जब वह गट होगा तो हम उसक समान हग कयक उसको वसा ही दखग जसा वह ह 3 और जो कोई उस पर यह आशा रखता ह वह अपन आप को वसा ही पिव करता ह जसा वह पिव ह

18

धनयवाद हो िपता हम बत आभारी ह

IX हमार भ यीश मसीह क महान िवजय वह भिवषयवाणी ldquoी का बीज जो सपर क िसर को कचल डालगाrdquo

उसक िवजय का आरमभ तब आ जब उसन अपन को दीन कया और अपना सवगय सहासन अपना मकट अपन अिधकार और सवगर तयागकर सवय को शनय कर दया और मानव प म इस पथवी पर आ गया

फिलिपपय 26-11 िजसन परमश वर क सवप म होकर भी परमश वर क तलय होन को अपन वश म रखन क वसत न समझा 7 वरन अपन आप को ऐसा शनय कर दया और दास का सवप धारण कयाऔर मनषय क समानता म हो गया 8 और मनषय क प म गट होकर अपन आप को दीन कया

और यहा तक आजञाकारी रहा क मतय हा स क मतय भी सह ली 9 इस कारण परमश वर न उसको अित महान भी कया और उसको वह नाम दया जो सब नाम म ष ठ ह 10 क जो सवगर म और

पथवी पर और पथवी क नीच ह व सब यीश क नाम पर घटना टक 11 और परमश वर िपता क मिहमा क िलय हर एक जीभ अगीकर कर ल क यीश मसीह ही भ ह

कलिससय 213-15 उसन तमह भी जो अपन अपराध और अपन शरीर क खतनारिहत दशा म मदार थ उसक साथ िजलाया और हमार सब अपराध को कषमा कया (कस) 14 और िविधय का वह लख जो हमार नाम पर और हमार िवरोध म था िमटा डाला और उस स पर कल स जड़कर सामन स हटा दया ह (इसका परणाम यह आ) और उसन धानता और अिधकार को ऊपर स उतारकर उनका खल लमखल ला तमाशा बनाया और स क ारा उन पर जय-जयकार क धविन सनाई

यीश मसीह क स उसक मतय गाड़ जान और जी उठन न ldquoसपर क िसर को कचल डालाrdquo

1 करिनथय 28-9 इस ससार क हाकम म स कसी न नह जाना कयक यद व जानत तो तजोमय भ को स पर न चढ़ात इािनय 13-4 वह पाप को धोकर ऊच सथान पर महामिहमन क दािहन जा बठा

bull पाप और शतान पर परी िवजय ा क गई और यह समपणर थी

इािनय 1012-14 पाप क बदल एक ही बिलदान सवरदा क िलय चढ़ाकर वह परमश वर क दािहन जा

बठा 13 और उसी समय स इसक बाट जोह रहा ह क उसक बरी उसक पाव क नीच क पीढ़ी

19

बन 14 कयक उसन एक ही चढ़ाव क ारा उनह जो पिव कए जात ह सवरदा क िलय िस कर दया ह

bull उसका काम तो समा ह वह हमारी तीकषा कर रहा ह क हम उस कायर को समा कर जो उसन हम सपा ह

मी 2414 और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा रोमय 1620 शािनत का परमर शतान को तमहार पाव स शी कचलवा दगा उस अिधकार और सामथयर क ारा जो हम दी गई ह अब हम दन ित दन ldquoसपर का िसर कचलनrdquo म भागीदार होत ह

X अत समय म जीना इाएल का पिव और उसका सिकतार यहोवा य कहता हः ldquoमरी सनतान पर घटत होनवाली घटना क िवषय म मझ स पछो और मर हाथ क काय को मझ पर ही छोड़ दो यशायाह 4511

रोिमय 1311- समय को पिहचान कर ऐसा ही करो इसिलय क अब तमहार िलय नद स जाग उठन (वासतिवकता क िलए जाग उठना आितमक वासतिवकता) क घड़ी आ पची ह कयक िजस समय हम न िवश वास कया था उस समय क िवचार स अब हमारा उार (इस वतरमान पापी यग स छटकारा) िनकट ह (12) रात बत बीत गई ह और दन (भ का दन) िनकलन पर ह इसिलय हम अनधकार क काम को तयाग कर जयोित क हिथयार बाध ल (13) जसा दन को शोभा दता ह वसा ही हम सीधी चाल चल न क लीला-ड़ा (रगरली) और िपयक कड़पन म न िभचार और लचपन (कामकता और अनितकता) म और न झगड़ और डाह म (14) वरन भ यीश मसीह को पिहन लो और शरीर क अिभलाषा को परा

करन का उपाय न करो

हम आितमक य क समय म जी रह ह और हम इससाकार क प क तरह बनना चािहए

इितहास 1223 फर लोग लड़न क िलय हिथयार बाध ए होन म दाऊद क पास इसिलय आए क यहोवा क वचन क अनसार शाऊल का राजय उसक हाथ म कर द (32) इससाकारय म स जो समय को पहचानत थ क इाएल को (परमर क लोग को) कया करना उिचत ह

bull िसपाही जो भली कार स िशिकषत अनशािसत और लय किनत होत ह व सवामी क इचछा को

20

जानत ह और साथ ही दशमन क चाल को भी समझत ह पणर समपरत यहा तक क मतय तक भी

2 तीमिथयस 31-5 पर यह समरण रख क अिनतम दन म कठन समय आएग (2) कयक मनषय सवाथ लोभी डगमार अिभमानी िननदक माता-िपता क आजञा टालनवाल कत अपिव (3) दयारिहत कषमारिहत दोष लगानवाल असयमी कठोर भल क बरी (4) िवश वासघाती ढीठ घमणडी और परमश वर क नह वरन सखिवलास ही क चाहनवाल हग (5) व भिक त का भष तो धरग पर उसक शिक त को न मानग ऐस स पर रहना 2 पतरस 33-4 पहल यह जान लो क अिनतम दन म हसी ठा करनवाल आएग जो अपनी ही अिभलाषा क अनसार चलग (4) और कहग ldquoउसक आन क ितजञा कहा गई कयक जब स बापदाद सो गए ह सब कछ वसा ही ह जसा सिष ट क आरमभ स था मी 244-14 सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए (5) कयक बत स ऐस हग जो मर नाम स आकर कहग lsquoम मसीह rsquo और बत को भरमाएग (6) तम लड़ाइय और लड़ाइय क चचार सनोग तो घबरा न जाना कयक इन का होना अवशय ह परनत उस समय अनत न होगा (7) कयक जाित पर जाित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भकमप हग (8) य सब बात पीड़ा का आरमभ हगी (9) तब व कलश दन क िलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाितय क लोग तम स बर रखग (यह बात बत लमब समय स इाएल क िलए सी ठहरी ह और साथ ही िहनद और इसलामी दश म रहनवाल िवािसय क िलए भी) (10) तब बत स ठोकर खाएग और एक दसर को पकड़वाएग और एक दसर स बर रखग (11) बत स झठ भिवषया उठ खड़ हग और बत को भरमाएग (12) अधमर क बढ़न स बत का म ठणडा पड़ जाएगा (13) परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उार होगा (14) और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा मी 2433 इसी रीित स जब तम इन सब बात को दखो तो जान लो क वह िनकट ह वरन ार ही पर ह मी 2434 म तम स सच कहता क जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक इस पीढ़ी का अनत नह होगा

उपरो पद आज क समय क बार म बतात ह िजसम हम रह रह ह हम जानना चािहए और सदा समरण रखना चािहए क

bull जस यीश ससार नह ह वस ही हम भी ससार क नह ह (यहा 1716)

21

bull परनत हमारी नागरकता सवगर क ह जहा स हम उारकतार भ यीश मसीह क आगमन क तीकषा

उतसकता स कर रह ह (फिलिपपय 321)

bull हम पथवी पर परदशी और पराए ह (इािनय 1113)

bull हम मसीह क राजदत ह जो पराए दश म रह रह ह2 कर 520

bull हमारा िमशन उस कायर को समा करना ह िजसक िलए यीश इस जगत म आया खोए को ढढन और बचान मी 2414 2818-20 नमक और जयोित क समान होनndash मी 513

समय क िचहन को दखकर ऐसा लगता ह मानो हम ldquoअितम दनrdquo क ार पर ह यह समय कलश का समय होगा परनत इसस पहल कलश का समय श हो कछ अदभत होगा

XI िवािसय का बड़ा िनगरमन

2 िथससलनीकय 21-2 ह भाइयो अब हम अपन भ यीश मसीह क आन और उसक पास अपन इक होन क िवषय म तम स िवनती करत ह (2) क कसी आतमा या वचन या पी क ारा जो क मानो हमारी ओर स हो यह समझकर क भ का दन आ पचा ह तमहारा मन अचानक अिसथर न हो जाए और न तम घबराओ

bull िथससलनीकय क िवासी ऐस कठन समय म रह रह थ क उनहन सोचा क ldquoभ का दनrdquo आ

चका ह और व ldquoउसक पास अपन इका होनrdquo स चक गए ह

bull य पौलस क उस िशकषा क ओर सकत करता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल िवासी ldquoभ क पास उठा िलए जाएगrdquo और उनह यह समझान क िलए क ldquoभ का दनrdquo अभी नह आया ह पौलस कहता ह

पद 3-4 कसी रीित स कसी क धोख म न आना कयक वह दन (भ का दन) न आएगा जब तक धमर का तयाग (िवास स बहक) न हो ल और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो

bull 1 तीमिथयस 41-2 परनत आतमा सपष टता स कहता ह क आनवाल समय म कतन लोग

भरमानवाली आतमा और दष टातमा क िशकषा पर मन लगाकर िवश वास स बहक जाएग (दख 1 यहा 217-19 2 पतरस 220-22)

22

और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो (4) जो िवरोध करता ह और हर एक स जो ईश वर या पजय कहलाता ह अपन आप को बड़ा ठहराता ह यहा तक क वह परमश वर क मिनदर म बठकर अपन आप को ईश वर ठहराता ह

bull य सब नह आ था और यह सप ह क यह होन स पहल स िवासी ldquoउसक पास इका कए

जाएगrdquo दािनययल 121 hellip तब ऐस सकट का समय होगा जसा कसी जाित क उतप होन क समय स लकर अब तक कभी न आ न होगा परनत उस समय तर लोग म स िजतन क नाम परमश वर क पसतक म िलख ए ह व बच िनकलग

ऐसा तीत होता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल अथारत पथवी पर महकलश क समय स पहल भ यीश मसीह क कलीिसया mdash समसत िवासीmdashइस ससार स िनकाल िलए जाएग

bull भ का दन यशायाह 136+ यहजकल 303 योएल 115 21 11 31 314 आमोस 518-20 सपनयाह 114-18 मलाक 45 रत 220 1 िथससलनीकय 52 2 पतरस 310

मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा (38) कयक जस जल-लय

स पहल क दन म िजस दन तक क नह जहाज पर न चढ़ा (दड स पहल) उस दन तक लोग खात-

पीत थ और उनम िववाह होत थ (39) और जब तक जल-लय आकर उन सब को बहा न ल गया तब

तक उनको कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क प का आना भी होगा (40) उस समय दो जन खत

म हग एक ल िलया जाएगा और दसरा छोड़ दया जाएगा (41) दो िया चक क पीसती रहगी एक

ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी

नह क दन क समान हम भी अपना जहाज़ तयार करत रहना चािहए िवश वास ही स नह न उन बात क िवषय म जो उस समय दखाई न पड़ती थ चतावनी पाकर भिक त क साथ अपन घरान क बचाव क िलय जहाज बनाया इािनय 117 नह और उसक परवार न जहाज़ म वश कया और परमर न जहाज़ का ार बद कर दया कवल वही थ जो परमर ारा बचाए गए या दड अथारत कलश स बचाए गए

उनहन अवशय दड को दखा उसम स गए और उस अनभव कया लकन सरिकषत सथान स जहा

23

स व ldquoअत तक सरिकषत रह और बचाए गएrdquo

लका भी नह क िवषय म िलखता ह और फर िनिलिखत भी जोड़ दता ह लका 1728-31 और जसा लत क दन म आ था क लोग खात-पीत लन-दन करत पड़ लगात और घर बनात थ (29) परनत िजस दन लत सदोम स िनकला उस दन आग और गनधक आकाश स बरसी और सब को नष ट कर दया (30) मनषय क प क गट होन क दन भी ऐसा ही होगा

समरण कर mdash परमर न कहा था क वह सदोम को न नह करगा यद वह धम लोग हग (उतपि 1826-33) तो इस अितम िवनाश म भी धम लोग को पहल ही िनकाल िलया जाएगा

उतपि 1929 और ऐसा आ क जब परमश वर न उस तराई क नगर को िजनम लत रहता था उलट-पलट कर नष ट कया तब उसन अाहम को याद करक लत को उस घटना स (इसस पहल वह घटती) बचा िलया

परमर न अपन चन को िम म दड और िवपिय स बचाया और फर उसन अितम दड स पहल अदभत रीित स लाल सम को दो भाग करक उनह िम स बाहर िनकाला था

अतः हम िनिलिखत वचन स य समझ सकत ह क सभी स िवासी महाकलश क समय स पहल ldquoिनकाल िलए जाएगrdquo कछ लोग इस ldquoरपचरrdquo भी कहत ह (ldquoरपचरrdquo शबद बाइबल का नह ह यह एक लाितनी शबद ह िजसका अथर ह ldquoहवा म उठाया जानाrdquo) कािशतवाकय 310 त न मर धीरज क वचन को थामा ह इसिलय म भी तझ परीकषा क उस समय बचा रखगा जो पथवी पर रहनवाल क परखन क िलय सार ससार पर आनवाला ह

1 िथससलनीकय 413-18 कयक यद हम िवश वास करत ह क यीश मरा और जी भी उठा तो वस ही परमश वर उनह भी जो यीश म सो गए ह (व िवासी जो मर चक ह और तब स व आतमा म भ क साथ ह) उसी क साथ ल आएगा (15) कयक हम भ क वचन क अनसार तम स यह कहत ह क हम जो जीिवत ह और भ क आन तक बच रहग सोए (मर ) स कभी आग न बढ़ग (16) कयक भ आप ही सवगर स उतरगा उस समय ललकार और धान दत का शबद सनाई दगा और परमश वर क तरही फक जाएगी और जो मसीह म मर ह व पहल जी उठग (दह का पनतथान जो अपनी-अपनी उन आतमा स जा िमलगी जो भ क साथ थ) (17) तब हम जो जीिवत और बच रहग उनक साथ बादल पर उठा िलय जाएग क हवा म भ स िमल और इस रीित स हम सदा भ क साथ रहग (18) इस कार इन बात स एक दसर को शािनत दया करो

24

य परचछद आग भी जारी ह अधयाय 51-11

पर ह भाइयो इसका योजन नह क समय और काल क िवषय म तमहार पास कछ िलखा जाए (2) कयक तम आप ठीक जानत हो क जसा रात को चोर आता ह वसा ही भ का दन (महान अितम नयाय) आनवाला ह (3) जब लोग कहत हग ldquoकशल ह और कछ भय नहrdquo तो उन पर एकाएक िवनाश आ

पड़गा िजस कार गभरवती पर पीड़ा और व कसी रीित स न बचग (4) पर ह भाइयो तम तो अनधकार म नह हो क वह दन तम पर चोर क समान आ पड़ (5) कयक तम सब जयोित क सनतान और दन क सनतान हो हम न रात क ह न अनधकार क ह (6) पर जागत और सावधान रह hellip (8) hellip िवश वास और म क िझलम पिहनकर और उार क आशा का टोप पिहनकर सावधान रह (9)

कयक परमश वर न हम ोध क िलय नह (ोध अितम नयाय का ह िवासी वहा नह हग)

परनत इसिलय ठहराया ह क हम अपन भ यीश मसीह क ारा उार ाप त कर (10) वह हमार

िलय इस कारण मरा क हम चाह जागत ह चाह सोत ह सब िमलकर उसी क साथ जीए (11) इस कारण एक दसर को शािनत दो और एक दसर क उित का कारण बनो जसा क तम करत भी हो 1 करिनथय 1550-54 भी अलौकक घटना का वणरन करता ह दखो म तम स भद क बात कहता हम सब नह सोएग (सब नह मरग) परनत सब बदल जाएग (52) और यह कषण भर म पलक मारत ही अिनतम तरही फकत ही होगा कयक तरही फक जाएगी और मद (िवािसय क मत दह उनक आतमा भ क साथ थी 2 कर 58) अिवनाशी दशा म उठाए जाएग और हम (जो पथवी पर जीिवत ह) बदल जाएग (53) कयक अवशय ह क यह नाशवान दह अिवनाश (पनितथत दह) को पिहन ल और यह मरनहार दह अमरता को पिहन ल (54) और जब यह नाशवान अिवनाश को पिहन लगा और यह मरनहार अमरता को पिहन लगा तब वह वचन जो िलखा ह परा हो जाएगा ldquoजय न मतय को िनगल िलया य िनिलिखत पद दह क पनतथान को समझन म सहायक ह 1 करिनथय 1542-45 मद का जी उठना भी ऐसा ही ह शरीर नाशवान दशा म बोया जाता ह और अिवनाशी प म जी उठता ह (43) वह अनादर क साथ बोया जाता ह और तज क साथ जी उठता ह िनबरलता क साथ बोया जाता ह और सामथयर क साथ जी उठता ह (44) सवाभािवक दह बोई जाती ह और आितमक दह जी उठती ह जबक सवाभािवक दह ह तो आितमक दह भी ह

तरही क फकन पर mdash हम पलक झपकत ही कषण भर म भ क साथ हवा म जा िमलग और इस कार हम सदा भ क साथ हगrdquo

25

XII कलश मी 2415-28 ldquoइसिलय जब तम उस उजाड़नवाली घिणत वसत को िजसक चचार दािनययल भिवषयक ता क ारा ई थी पिवसथान म खड़ी ई दखो (जो पढ़ वह समझ) (16) तब जो यदया म ह व पहाड़ पर भाग जाए (17) जो छत पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर (18) और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट (19) ldquoउन दन म जो गभरवती और दध िपलाती हगी उन क िलय हाय हाय (20) ाथरना कया करो क तमह जाड़ म या सबत क दन भागना न पड़

(21) कयक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक आ और न कभी होगा (22) यद व दन घटाए न जात तो कोई ाणी न बचता परनत चन (जो कलश क समय िवास म आए ह) क कारण व दन घटाए जाएग (23) उस समय यद कोई तम स कह lsquoदखो मसीह यहा हrsquo या lsquoवहा हrsquo तो िवश वास न करना (24) ldquoकयक झठ मसीह और झठ भिवषयक ता उठ खड़ हग और बड़ िचहन और अदभत काम दखाएग क यद हो सक तो चन को भी भरमा द (25) दखो म न पहल स तम स यह सब कछ कह दया ह (26) इसिलय यद व तम स कह lsquoदखो वह जगल म हrsquo तो बाहर न िनकल जाना या lsquoदखो वह कोठरय म हrsquo तो िवश वास न करना (27) ldquoकयक जस िबजली पवर स िनकलकर पिश चम तक चमकती ह वस ही मनषय क प का भी आना होगा

bull दसर शबद म mdash कोई भी उसक आगमन स चक नह सकता

कािशतवाकय 132 जो पश म न दखा वह चीत क समान था hellip (6) उसन परमश वर क िननदा करन क िलय मह खोला क उसक नाम और उसक तमब अथारत सवगर क रहनवाल क िननदा कर (7) उस यह भी अिधकार दया गया क पिव लोग स लड़ और उन पर जय पाए और उस हर एक कल और लोग और भाषा और जाित पर अिधकार दया गया (8) पथवी क व सब रहनवाल िजनक नाम उस म क जीवन क पसतक म िलख नह गए जो जगत क उतपि क समय स घात आ ह उस पश क पजा करग 9िजसक कान ह वह सन (11) फर म न एक और पश को पथवी म स िनकलत ए दखा hellip (12) वह उस पहल पश का सारा अिधकार उसक सामन काम म लाता था और पथवी और उसक रहनवाल स उस पहल पश क िजसका ाण-घातक घाव अचछा हो गया था पजा कराता था (13) वह बड़-बड़ िचहन दखाता था यहा तक क मनषय क सामन सवगर स पथवी पर आग बरसा दता था (14) उन िचहन क कारण िजनह उस पश क सामन दखान का अिधकार उस दया गया था वह पथवी क रहनवाल को भरमाता था और पथवी क रहनवाल स कहता था क िजस पश क तलवार लगी थी वह जी गया ह उसक मतर बनाओ (15) उस उस पश क मतर म ाण डालन का अिधकार दया गया क पश क मतर बोलन लग और िजतन लोग उस पश क मतर क पजा न कर उनह मरवा डाल (16) उसन छोट-बड़ धनी-कगाल सवत-दास सब क दािहन हाथ या उनक माथ पर एक एक छाप करा दी (17) क उसको छोड़

26

िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 14: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

14

बसा रहगाrdquo

bull इशमाएल शरीर क इचछा और मनषय क इचछा स उतप आ था परमर स नह यह एक बार फर इस ससार म लोग क दो ोत या वश को दशारता ह

bull इसहाक का जनम परमर स आ था

bull गलाितय 422-29 यह िलखा ह क अाहम क दो प ए एक दासी स और एक सवत ी स 23 परनत जो दासी स आ वह शारीरक रीित स जनमा और जो सवत ी स आ वह ितजञा क अनसार जनमा 24इन बात म दष टानत ह य िया मानो दो वाचाए ह एक तो सीन पहाड़ क िजसस दास ही उतप होत ह और वह हािजरा ह 26पर ऊपर क यशलम सवत ह और वह हमारी माता ह 28 ह भाइयो हम इसहाक क समान ितजञा क सनतान ह 29 और जसा उस समय शरीर क अनसार जनमा आ (एसाव) आतमा क अनसार जनम ए (याकब) को सताता था वसा ही अब भी होता ह

bull 1 यहा 38 -10 जो कोई पाप करता ह वह शतान क ओर स ह जो कोई परमश वर स जनमा ह वह

पाप नह करता कयक उसका बीज उसम बना रहता ह और वह पाप कर ही नह सकता (कयक कोई समय आएगा जब वह िवास करगा) कयक परमश वर स जनमा ह (10) इसी स परमश वर क सनतान और शतान क सनतान जान जात ह जो कोई धमर क काम नह करता वह परमश वर स नह और न वह जो अपन भाई स म नह रखता

यह सब ldquoबीजrdquo क वशावली क िवषय म ह इस परी बाइबल म अनक वशाविलय म दखा जा सकता ह उतपि 9 और 10 स और मी 11-17 तथा लका 323-38 तक

VII दो जाितय क समह का य आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा इफिसय 610-13 इसिलय भ म और उसक शिक त क भाव म बलवनत बनो 11 परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम शतान क यिक तय क सामन खड़ रह सको 12 कयक हमारा यह मल लय ल और मास स नह (यह परमर क िज़ममदारी ह) परनत (हमारा य) धान स और अिधकारय स और इस ससार क अनधकार क हाकम स और उस दष टता क आितमक सना स ह जो आकाश म ह 13

इसिलय परमश वर क सार हिथयार बाध लो क तम बर दन म सामना कर सको और सब कछ परा करक िसथर रह सको hellip 16 िसथर रहो कयक यीश न कहा

जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा

VIII और अिधक सपता दनवाल पि करनवाल वचन वसथािववरण 1015 तौभी यहोवा न तर पवरज स स नह और म रखा और उनक बाद तम लोग को

15

जो उनक सनतान (अकषरशः बीज) हो सब दश क लोग क मधय म स चन िलया जसा क आज क दन कट ह यशायाह 5310 तौभी यहोवा को यही भाया क उस कचल उसी न उसको रोगी कर दया जब वह

अपना ाण दोषबिल कर तब वह अपना वश (अकषरशः बीज) दखन पाएगा रोिमय 413 कयक यह ितजञा क वह जगत का वारस होगा न अाहम को न उसक वश (अकषरशः उसक बीज) को वसथा क ारा दी गई थी परनत िवश वास क धामरकता क ारा िमली पद 16 इसी कारण ितजञा िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर हो क वह उसक सब वशज (अकषरशः बीज) क िलय दढ़ हो न क कवल उसक िलय जो वसथावाला ह वरन उनक िलय भी जो

अाहम क समान िवश वासवाल ह वही तो हम सब का िपता ह

bull िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर ndashgt शािबदक यनानी पठन अनह मफत वरदान ह यह फर इस बात को कट करता ह क िवास अनह क ारा मफत वरदान ह

गलाितय 323-27 पर िवश वास क आन स पहल वसथा क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी और उस िवश वास क आन तक जो गट होनवाला था हम उसी क बनधन म (सिनित) रह 24

इसिलय वसथा मसीह तक पचान क िलय हमारी िशकषक ई ह क हम िवश वास स धम ठहर 25 परनत जब िवश वास आ चका तो हम अब िशकषक क अधीन न रह ब क समान

bull यह बताता ह क हम िवास क आन स पहल भी उसक सतान थ और हमार िवास करन तक वसथा

क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी

bull यद िवास आता ह तो इसका अथर ह क वह हम स उतप नह होता यह अनह का वरदान ह

bull दख 1 पतरस 1 1-3 पतरस hellip उन परदिशय (परदशी नागरक नह) क नाम जो परमश वर िपता क

भिवषय जञान क अनसार चन गए ह 21 िजसन अपनी बड़ी दया स हम जीिवत आशा क िलय नया जनम दया 21 उसक ारा तम उस परमश वर पर िवश वास करत हो 23 क तम न नाशवान (मानवीय ससार का) नह पर अिवनाशी बीज (सवगय) स परमश वर क जीवत और सदा ठहरनवाल वचन क ारा नया जनम पाया ह

bull 2 पतरस 11 उनह िलखा hellip िजनहन हमार समान बमलय िवश वास ाप त कया ह

16

गलाितय 326 कयक तम सब उस िवश वास क ारा जो मसीह यीश पर ह परमश वर क सनतान हो

bull इसस पहल क हमारा सवाभािवक जनम होता हम परमर क सतान थ और उस समय तक रह जब हमार पास ldquoिवास आयाrdquo और हमन ldquoउस िवास को हण कया और िवास कयाrdquo फर उस बद पर हम परमर क प हो गए कवल सतान ही नह रह कयक पिव आतमा हमार ldquoभीतरrdquo था क हम िसखाए और हम समझ द

गलाितय 3 29 और यद तम मसीह क हो (कछ नह ह लकन इसस पहल क हमारा जनम होता हम उसक ह कयक उसन हम जगत क उतपि स पहल स ही चन रखा था) तो अाहम क वश (बीज) और ितजञा क अनसार (क वह कई जाितय का िपता होगा) वारस भी हो गलाितय 41 म यह कहता क वारस जब तक बालक (परमर का) ह यिप सब वसत का सवामी ह तौभी उसम और दास म कोई भद नह 2 परनत िपता क ठहराए ए समय तक सरकषक और बनधक क वश म (वसथा) रहता ह 3

वस ही हम भी जब बालक थ (नया जनम पान स पहल) तो ससार क आद िशकषा क वश म होकर दास बन ए थ 4 परनत जब समय परा आ तो परमश वर न अपन प को भजा जो ी स जनमा और वसथा क अधीन उतप आ 5 ताक वसथा क अधीन को मोल लकर छड़ा ल और हम को लपालक होन का पद िमल

bull यनानी शबद िजसका अनवाद ldquoलपालकrdquo आ ह उसका शािबदक अथर ldquoवयसक प को सथान दनाrdquo ह जस यदी परमपरा बार-िमतसवाह म होता था जहा प जब 14 वषर क आय म पचता था तो उस वयसक माना जाता था

bull ldquoलपालक पrdquo यनानी शबद ui(oqesian (हवी-ओथ-एसी-आ) स आता ह जो दो शबद स बना ह

ui(o$ - प और tiqhmi ndash रखना या सथािपत करना

bull इसिलए इसका शािबदक अनवाद ऐसा ह हम सतान थ लकन िपता ारा िनधाररत समय पर हम प क प म सथािपत कया गया- वयसक प या पिया जब हमन िवश वास कया और हम सब बात दखान और िसखान क िलए पिव आतमा हमार भीतर आया था

bull हम हमशा उसक ब थ परमर क सतान िजनह उसन जगत क उतपि स पहल ही चन िलया था और हम कभी शतान क बीज नह थ हम कभी गोद (लपालक) नह िलया गया जसा आज ससार म इसका अथर समझा जाता ह

bull लपालक का अनवाद गलत धमरवजञािनक पकष को दखाता ह और यह यनानी शबद का सटीक अनवाद नह ह

bull बाइबल अनवाद म िगत हसतकषप एक ऐसा मामला ह िजसस 1611 क KJV भी अछती नह थी कयक तब िवान को राजा क दशा िनदश क अनसार पिवशा म काटा-छाटी करनी पड़ी थी ndash इन

17

म स एक यह था क KJV िबशप क बाइबल का खडन नह कर सकती थी

bull लपालक क परभाषा यह ह ldquoकसी दसर माता-िपता क ब को सवचछा स अपन क प म अपना

लनाrdquo bull स िवासी कभी भी शतान क बीज नह थ

गलातय 46 और तम जो प हो ndash तम परमशवर क हो

bull ldquoपरमर स उतपrdquo यहनना 113

bull ldquoऊपर स जनमrdquo अकषरशः यनानी यहनना 33

bull अाहम का बीज उसक वश (यनानी उसका बीज) रोमय 413 और 16

इसिलय परमश वर न अपन प क आतमा को जो lsquoह अबबा ह िपताrsquo कहकर पकारता ह हमार दय म (जब हमारा नया जनम आ) भजा ह 7 इसिलय त अब दास नह (ससार क मल वसत क अधीन बदी) परनत प ह (परप प या पी) और जब प आ तो परमश वर क ारा वारस भी आ

इफिसय 13-6 हमार भ यीश मसीह क परमश वर और िपता का धनयवाद हो क उसन हम मसीह म सवगय सथान म सब कार क आितमक आशीष दी ह 4 जसा उसन हम जगत क उतपि स पहल उसम चन िलया क हम उसक िनकट म म पिव और िनदष ह 5 और अपनी इचछा क भल अिभाय क अनसार हम अपन िलय पहल स ठहराया क यीश मसीह क ारा हम उसक ldquoप क प म िनयrdquo ह (सही अनवाद लपालक नह) 6 क उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

हम वह ह जो हम ह सौ ितशत उसक अनह क ारा ह और इसम हमारी योगयता यास या कायर का कछ लना-दना नह ह

उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

1 यहा 31-3 दखो िपता न हम स कसा म कया ह क हम परमश वर क सनतान कहलाए और हम ह भी इस कारण ससार हम नह जानता कयक उसन उस भी नह जाना 2 ह ियो अब (अवसथातर या बल दन का यािवशषण) हम परमश वर क सनतान ह और अभी तक यह गट नह आ क हम कया कछ हग इतना जानत ह क जब वह गट होगा तो हम उसक समान हग कयक उसको वसा ही दखग जसा वह ह 3 और जो कोई उस पर यह आशा रखता ह वह अपन आप को वसा ही पिव करता ह जसा वह पिव ह

18

धनयवाद हो िपता हम बत आभारी ह

IX हमार भ यीश मसीह क महान िवजय वह भिवषयवाणी ldquoी का बीज जो सपर क िसर को कचल डालगाrdquo

उसक िवजय का आरमभ तब आ जब उसन अपन को दीन कया और अपना सवगय सहासन अपना मकट अपन अिधकार और सवगर तयागकर सवय को शनय कर दया और मानव प म इस पथवी पर आ गया

फिलिपपय 26-11 िजसन परमश वर क सवप म होकर भी परमश वर क तलय होन को अपन वश म रखन क वसत न समझा 7 वरन अपन आप को ऐसा शनय कर दया और दास का सवप धारण कयाऔर मनषय क समानता म हो गया 8 और मनषय क प म गट होकर अपन आप को दीन कया

और यहा तक आजञाकारी रहा क मतय हा स क मतय भी सह ली 9 इस कारण परमश वर न उसको अित महान भी कया और उसको वह नाम दया जो सब नाम म ष ठ ह 10 क जो सवगर म और

पथवी पर और पथवी क नीच ह व सब यीश क नाम पर घटना टक 11 और परमश वर िपता क मिहमा क िलय हर एक जीभ अगीकर कर ल क यीश मसीह ही भ ह

कलिससय 213-15 उसन तमह भी जो अपन अपराध और अपन शरीर क खतनारिहत दशा म मदार थ उसक साथ िजलाया और हमार सब अपराध को कषमा कया (कस) 14 और िविधय का वह लख जो हमार नाम पर और हमार िवरोध म था िमटा डाला और उस स पर कल स जड़कर सामन स हटा दया ह (इसका परणाम यह आ) और उसन धानता और अिधकार को ऊपर स उतारकर उनका खल लमखल ला तमाशा बनाया और स क ारा उन पर जय-जयकार क धविन सनाई

यीश मसीह क स उसक मतय गाड़ जान और जी उठन न ldquoसपर क िसर को कचल डालाrdquo

1 करिनथय 28-9 इस ससार क हाकम म स कसी न नह जाना कयक यद व जानत तो तजोमय भ को स पर न चढ़ात इािनय 13-4 वह पाप को धोकर ऊच सथान पर महामिहमन क दािहन जा बठा

bull पाप और शतान पर परी िवजय ा क गई और यह समपणर थी

इािनय 1012-14 पाप क बदल एक ही बिलदान सवरदा क िलय चढ़ाकर वह परमश वर क दािहन जा

बठा 13 और उसी समय स इसक बाट जोह रहा ह क उसक बरी उसक पाव क नीच क पीढ़ी

19

बन 14 कयक उसन एक ही चढ़ाव क ारा उनह जो पिव कए जात ह सवरदा क िलय िस कर दया ह

bull उसका काम तो समा ह वह हमारी तीकषा कर रहा ह क हम उस कायर को समा कर जो उसन हम सपा ह

मी 2414 और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा रोमय 1620 शािनत का परमर शतान को तमहार पाव स शी कचलवा दगा उस अिधकार और सामथयर क ारा जो हम दी गई ह अब हम दन ित दन ldquoसपर का िसर कचलनrdquo म भागीदार होत ह

X अत समय म जीना इाएल का पिव और उसका सिकतार यहोवा य कहता हः ldquoमरी सनतान पर घटत होनवाली घटना क िवषय म मझ स पछो और मर हाथ क काय को मझ पर ही छोड़ दो यशायाह 4511

रोिमय 1311- समय को पिहचान कर ऐसा ही करो इसिलय क अब तमहार िलय नद स जाग उठन (वासतिवकता क िलए जाग उठना आितमक वासतिवकता) क घड़ी आ पची ह कयक िजस समय हम न िवश वास कया था उस समय क िवचार स अब हमारा उार (इस वतरमान पापी यग स छटकारा) िनकट ह (12) रात बत बीत गई ह और दन (भ का दन) िनकलन पर ह इसिलय हम अनधकार क काम को तयाग कर जयोित क हिथयार बाध ल (13) जसा दन को शोभा दता ह वसा ही हम सीधी चाल चल न क लीला-ड़ा (रगरली) और िपयक कड़पन म न िभचार और लचपन (कामकता और अनितकता) म और न झगड़ और डाह म (14) वरन भ यीश मसीह को पिहन लो और शरीर क अिभलाषा को परा

करन का उपाय न करो

हम आितमक य क समय म जी रह ह और हम इससाकार क प क तरह बनना चािहए

इितहास 1223 फर लोग लड़न क िलय हिथयार बाध ए होन म दाऊद क पास इसिलय आए क यहोवा क वचन क अनसार शाऊल का राजय उसक हाथ म कर द (32) इससाकारय म स जो समय को पहचानत थ क इाएल को (परमर क लोग को) कया करना उिचत ह

bull िसपाही जो भली कार स िशिकषत अनशािसत और लय किनत होत ह व सवामी क इचछा को

20

जानत ह और साथ ही दशमन क चाल को भी समझत ह पणर समपरत यहा तक क मतय तक भी

2 तीमिथयस 31-5 पर यह समरण रख क अिनतम दन म कठन समय आएग (2) कयक मनषय सवाथ लोभी डगमार अिभमानी िननदक माता-िपता क आजञा टालनवाल कत अपिव (3) दयारिहत कषमारिहत दोष लगानवाल असयमी कठोर भल क बरी (4) िवश वासघाती ढीठ घमणडी और परमश वर क नह वरन सखिवलास ही क चाहनवाल हग (5) व भिक त का भष तो धरग पर उसक शिक त को न मानग ऐस स पर रहना 2 पतरस 33-4 पहल यह जान लो क अिनतम दन म हसी ठा करनवाल आएग जो अपनी ही अिभलाषा क अनसार चलग (4) और कहग ldquoउसक आन क ितजञा कहा गई कयक जब स बापदाद सो गए ह सब कछ वसा ही ह जसा सिष ट क आरमभ स था मी 244-14 सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए (5) कयक बत स ऐस हग जो मर नाम स आकर कहग lsquoम मसीह rsquo और बत को भरमाएग (6) तम लड़ाइय और लड़ाइय क चचार सनोग तो घबरा न जाना कयक इन का होना अवशय ह परनत उस समय अनत न होगा (7) कयक जाित पर जाित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भकमप हग (8) य सब बात पीड़ा का आरमभ हगी (9) तब व कलश दन क िलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाितय क लोग तम स बर रखग (यह बात बत लमब समय स इाएल क िलए सी ठहरी ह और साथ ही िहनद और इसलामी दश म रहनवाल िवािसय क िलए भी) (10) तब बत स ठोकर खाएग और एक दसर को पकड़वाएग और एक दसर स बर रखग (11) बत स झठ भिवषया उठ खड़ हग और बत को भरमाएग (12) अधमर क बढ़न स बत का म ठणडा पड़ जाएगा (13) परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उार होगा (14) और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा मी 2433 इसी रीित स जब तम इन सब बात को दखो तो जान लो क वह िनकट ह वरन ार ही पर ह मी 2434 म तम स सच कहता क जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक इस पीढ़ी का अनत नह होगा

उपरो पद आज क समय क बार म बतात ह िजसम हम रह रह ह हम जानना चािहए और सदा समरण रखना चािहए क

bull जस यीश ससार नह ह वस ही हम भी ससार क नह ह (यहा 1716)

21

bull परनत हमारी नागरकता सवगर क ह जहा स हम उारकतार भ यीश मसीह क आगमन क तीकषा

उतसकता स कर रह ह (फिलिपपय 321)

bull हम पथवी पर परदशी और पराए ह (इािनय 1113)

bull हम मसीह क राजदत ह जो पराए दश म रह रह ह2 कर 520

bull हमारा िमशन उस कायर को समा करना ह िजसक िलए यीश इस जगत म आया खोए को ढढन और बचान मी 2414 2818-20 नमक और जयोित क समान होनndash मी 513

समय क िचहन को दखकर ऐसा लगता ह मानो हम ldquoअितम दनrdquo क ार पर ह यह समय कलश का समय होगा परनत इसस पहल कलश का समय श हो कछ अदभत होगा

XI िवािसय का बड़ा िनगरमन

2 िथससलनीकय 21-2 ह भाइयो अब हम अपन भ यीश मसीह क आन और उसक पास अपन इक होन क िवषय म तम स िवनती करत ह (2) क कसी आतमा या वचन या पी क ारा जो क मानो हमारी ओर स हो यह समझकर क भ का दन आ पचा ह तमहारा मन अचानक अिसथर न हो जाए और न तम घबराओ

bull िथससलनीकय क िवासी ऐस कठन समय म रह रह थ क उनहन सोचा क ldquoभ का दनrdquo आ

चका ह और व ldquoउसक पास अपन इका होनrdquo स चक गए ह

bull य पौलस क उस िशकषा क ओर सकत करता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल िवासी ldquoभ क पास उठा िलए जाएगrdquo और उनह यह समझान क िलए क ldquoभ का दनrdquo अभी नह आया ह पौलस कहता ह

पद 3-4 कसी रीित स कसी क धोख म न आना कयक वह दन (भ का दन) न आएगा जब तक धमर का तयाग (िवास स बहक) न हो ल और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो

bull 1 तीमिथयस 41-2 परनत आतमा सपष टता स कहता ह क आनवाल समय म कतन लोग

भरमानवाली आतमा और दष टातमा क िशकषा पर मन लगाकर िवश वास स बहक जाएग (दख 1 यहा 217-19 2 पतरस 220-22)

22

और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो (4) जो िवरोध करता ह और हर एक स जो ईश वर या पजय कहलाता ह अपन आप को बड़ा ठहराता ह यहा तक क वह परमश वर क मिनदर म बठकर अपन आप को ईश वर ठहराता ह

bull य सब नह आ था और यह सप ह क यह होन स पहल स िवासी ldquoउसक पास इका कए

जाएगrdquo दािनययल 121 hellip तब ऐस सकट का समय होगा जसा कसी जाित क उतप होन क समय स लकर अब तक कभी न आ न होगा परनत उस समय तर लोग म स िजतन क नाम परमश वर क पसतक म िलख ए ह व बच िनकलग

ऐसा तीत होता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल अथारत पथवी पर महकलश क समय स पहल भ यीश मसीह क कलीिसया mdash समसत िवासीmdashइस ससार स िनकाल िलए जाएग

bull भ का दन यशायाह 136+ यहजकल 303 योएल 115 21 11 31 314 आमोस 518-20 सपनयाह 114-18 मलाक 45 रत 220 1 िथससलनीकय 52 2 पतरस 310

मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा (38) कयक जस जल-लय

स पहल क दन म िजस दन तक क नह जहाज पर न चढ़ा (दड स पहल) उस दन तक लोग खात-

पीत थ और उनम िववाह होत थ (39) और जब तक जल-लय आकर उन सब को बहा न ल गया तब

तक उनको कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क प का आना भी होगा (40) उस समय दो जन खत

म हग एक ल िलया जाएगा और दसरा छोड़ दया जाएगा (41) दो िया चक क पीसती रहगी एक

ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी

नह क दन क समान हम भी अपना जहाज़ तयार करत रहना चािहए िवश वास ही स नह न उन बात क िवषय म जो उस समय दखाई न पड़ती थ चतावनी पाकर भिक त क साथ अपन घरान क बचाव क िलय जहाज बनाया इािनय 117 नह और उसक परवार न जहाज़ म वश कया और परमर न जहाज़ का ार बद कर दया कवल वही थ जो परमर ारा बचाए गए या दड अथारत कलश स बचाए गए

उनहन अवशय दड को दखा उसम स गए और उस अनभव कया लकन सरिकषत सथान स जहा

23

स व ldquoअत तक सरिकषत रह और बचाए गएrdquo

लका भी नह क िवषय म िलखता ह और फर िनिलिखत भी जोड़ दता ह लका 1728-31 और जसा लत क दन म आ था क लोग खात-पीत लन-दन करत पड़ लगात और घर बनात थ (29) परनत िजस दन लत सदोम स िनकला उस दन आग और गनधक आकाश स बरसी और सब को नष ट कर दया (30) मनषय क प क गट होन क दन भी ऐसा ही होगा

समरण कर mdash परमर न कहा था क वह सदोम को न नह करगा यद वह धम लोग हग (उतपि 1826-33) तो इस अितम िवनाश म भी धम लोग को पहल ही िनकाल िलया जाएगा

उतपि 1929 और ऐसा आ क जब परमश वर न उस तराई क नगर को िजनम लत रहता था उलट-पलट कर नष ट कया तब उसन अाहम को याद करक लत को उस घटना स (इसस पहल वह घटती) बचा िलया

परमर न अपन चन को िम म दड और िवपिय स बचाया और फर उसन अितम दड स पहल अदभत रीित स लाल सम को दो भाग करक उनह िम स बाहर िनकाला था

अतः हम िनिलिखत वचन स य समझ सकत ह क सभी स िवासी महाकलश क समय स पहल ldquoिनकाल िलए जाएगrdquo कछ लोग इस ldquoरपचरrdquo भी कहत ह (ldquoरपचरrdquo शबद बाइबल का नह ह यह एक लाितनी शबद ह िजसका अथर ह ldquoहवा म उठाया जानाrdquo) कािशतवाकय 310 त न मर धीरज क वचन को थामा ह इसिलय म भी तझ परीकषा क उस समय बचा रखगा जो पथवी पर रहनवाल क परखन क िलय सार ससार पर आनवाला ह

1 िथससलनीकय 413-18 कयक यद हम िवश वास करत ह क यीश मरा और जी भी उठा तो वस ही परमश वर उनह भी जो यीश म सो गए ह (व िवासी जो मर चक ह और तब स व आतमा म भ क साथ ह) उसी क साथ ल आएगा (15) कयक हम भ क वचन क अनसार तम स यह कहत ह क हम जो जीिवत ह और भ क आन तक बच रहग सोए (मर ) स कभी आग न बढ़ग (16) कयक भ आप ही सवगर स उतरगा उस समय ललकार और धान दत का शबद सनाई दगा और परमश वर क तरही फक जाएगी और जो मसीह म मर ह व पहल जी उठग (दह का पनतथान जो अपनी-अपनी उन आतमा स जा िमलगी जो भ क साथ थ) (17) तब हम जो जीिवत और बच रहग उनक साथ बादल पर उठा िलय जाएग क हवा म भ स िमल और इस रीित स हम सदा भ क साथ रहग (18) इस कार इन बात स एक दसर को शािनत दया करो

24

य परचछद आग भी जारी ह अधयाय 51-11

पर ह भाइयो इसका योजन नह क समय और काल क िवषय म तमहार पास कछ िलखा जाए (2) कयक तम आप ठीक जानत हो क जसा रात को चोर आता ह वसा ही भ का दन (महान अितम नयाय) आनवाला ह (3) जब लोग कहत हग ldquoकशल ह और कछ भय नहrdquo तो उन पर एकाएक िवनाश आ

पड़गा िजस कार गभरवती पर पीड़ा और व कसी रीित स न बचग (4) पर ह भाइयो तम तो अनधकार म नह हो क वह दन तम पर चोर क समान आ पड़ (5) कयक तम सब जयोित क सनतान और दन क सनतान हो हम न रात क ह न अनधकार क ह (6) पर जागत और सावधान रह hellip (8) hellip िवश वास और म क िझलम पिहनकर और उार क आशा का टोप पिहनकर सावधान रह (9)

कयक परमश वर न हम ोध क िलय नह (ोध अितम नयाय का ह िवासी वहा नह हग)

परनत इसिलय ठहराया ह क हम अपन भ यीश मसीह क ारा उार ाप त कर (10) वह हमार

िलय इस कारण मरा क हम चाह जागत ह चाह सोत ह सब िमलकर उसी क साथ जीए (11) इस कारण एक दसर को शािनत दो और एक दसर क उित का कारण बनो जसा क तम करत भी हो 1 करिनथय 1550-54 भी अलौकक घटना का वणरन करता ह दखो म तम स भद क बात कहता हम सब नह सोएग (सब नह मरग) परनत सब बदल जाएग (52) और यह कषण भर म पलक मारत ही अिनतम तरही फकत ही होगा कयक तरही फक जाएगी और मद (िवािसय क मत दह उनक आतमा भ क साथ थी 2 कर 58) अिवनाशी दशा म उठाए जाएग और हम (जो पथवी पर जीिवत ह) बदल जाएग (53) कयक अवशय ह क यह नाशवान दह अिवनाश (पनितथत दह) को पिहन ल और यह मरनहार दह अमरता को पिहन ल (54) और जब यह नाशवान अिवनाश को पिहन लगा और यह मरनहार अमरता को पिहन लगा तब वह वचन जो िलखा ह परा हो जाएगा ldquoजय न मतय को िनगल िलया य िनिलिखत पद दह क पनतथान को समझन म सहायक ह 1 करिनथय 1542-45 मद का जी उठना भी ऐसा ही ह शरीर नाशवान दशा म बोया जाता ह और अिवनाशी प म जी उठता ह (43) वह अनादर क साथ बोया जाता ह और तज क साथ जी उठता ह िनबरलता क साथ बोया जाता ह और सामथयर क साथ जी उठता ह (44) सवाभािवक दह बोई जाती ह और आितमक दह जी उठती ह जबक सवाभािवक दह ह तो आितमक दह भी ह

तरही क फकन पर mdash हम पलक झपकत ही कषण भर म भ क साथ हवा म जा िमलग और इस कार हम सदा भ क साथ हगrdquo

25

XII कलश मी 2415-28 ldquoइसिलय जब तम उस उजाड़नवाली घिणत वसत को िजसक चचार दािनययल भिवषयक ता क ारा ई थी पिवसथान म खड़ी ई दखो (जो पढ़ वह समझ) (16) तब जो यदया म ह व पहाड़ पर भाग जाए (17) जो छत पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर (18) और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट (19) ldquoउन दन म जो गभरवती और दध िपलाती हगी उन क िलय हाय हाय (20) ाथरना कया करो क तमह जाड़ म या सबत क दन भागना न पड़

(21) कयक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक आ और न कभी होगा (22) यद व दन घटाए न जात तो कोई ाणी न बचता परनत चन (जो कलश क समय िवास म आए ह) क कारण व दन घटाए जाएग (23) उस समय यद कोई तम स कह lsquoदखो मसीह यहा हrsquo या lsquoवहा हrsquo तो िवश वास न करना (24) ldquoकयक झठ मसीह और झठ भिवषयक ता उठ खड़ हग और बड़ िचहन और अदभत काम दखाएग क यद हो सक तो चन को भी भरमा द (25) दखो म न पहल स तम स यह सब कछ कह दया ह (26) इसिलय यद व तम स कह lsquoदखो वह जगल म हrsquo तो बाहर न िनकल जाना या lsquoदखो वह कोठरय म हrsquo तो िवश वास न करना (27) ldquoकयक जस िबजली पवर स िनकलकर पिश चम तक चमकती ह वस ही मनषय क प का भी आना होगा

bull दसर शबद म mdash कोई भी उसक आगमन स चक नह सकता

कािशतवाकय 132 जो पश म न दखा वह चीत क समान था hellip (6) उसन परमश वर क िननदा करन क िलय मह खोला क उसक नाम और उसक तमब अथारत सवगर क रहनवाल क िननदा कर (7) उस यह भी अिधकार दया गया क पिव लोग स लड़ और उन पर जय पाए और उस हर एक कल और लोग और भाषा और जाित पर अिधकार दया गया (8) पथवी क व सब रहनवाल िजनक नाम उस म क जीवन क पसतक म िलख नह गए जो जगत क उतपि क समय स घात आ ह उस पश क पजा करग 9िजसक कान ह वह सन (11) फर म न एक और पश को पथवी म स िनकलत ए दखा hellip (12) वह उस पहल पश का सारा अिधकार उसक सामन काम म लाता था और पथवी और उसक रहनवाल स उस पहल पश क िजसका ाण-घातक घाव अचछा हो गया था पजा कराता था (13) वह बड़-बड़ िचहन दखाता था यहा तक क मनषय क सामन सवगर स पथवी पर आग बरसा दता था (14) उन िचहन क कारण िजनह उस पश क सामन दखान का अिधकार उस दया गया था वह पथवी क रहनवाल को भरमाता था और पथवी क रहनवाल स कहता था क िजस पश क तलवार लगी थी वह जी गया ह उसक मतर बनाओ (15) उस उस पश क मतर म ाण डालन का अिधकार दया गया क पश क मतर बोलन लग और िजतन लोग उस पश क मतर क पजा न कर उनह मरवा डाल (16) उसन छोट-बड़ धनी-कगाल सवत-दास सब क दािहन हाथ या उनक माथ पर एक एक छाप करा दी (17) क उसको छोड़

26

िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 15: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

15

जो उनक सनतान (अकषरशः बीज) हो सब दश क लोग क मधय म स चन िलया जसा क आज क दन कट ह यशायाह 5310 तौभी यहोवा को यही भाया क उस कचल उसी न उसको रोगी कर दया जब वह

अपना ाण दोषबिल कर तब वह अपना वश (अकषरशः बीज) दखन पाएगा रोिमय 413 कयक यह ितजञा क वह जगत का वारस होगा न अाहम को न उसक वश (अकषरशः उसक बीज) को वसथा क ारा दी गई थी परनत िवश वास क धामरकता क ारा िमली पद 16 इसी कारण ितजञा िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर हो क वह उसक सब वशज (अकषरशः बीज) क िलय दढ़ हो न क कवल उसक िलय जो वसथावाला ह वरन उनक िलय भी जो

अाहम क समान िवश वासवाल ह वही तो हम सब का िपता ह

bull िवश वास पर आधारत ह क अनह क रीित पर ndashgt शािबदक यनानी पठन अनह मफत वरदान ह यह फर इस बात को कट करता ह क िवास अनह क ारा मफत वरदान ह

गलाितय 323-27 पर िवश वास क आन स पहल वसथा क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी और उस िवश वास क आन तक जो गट होनवाला था हम उसी क बनधन म (सिनित) रह 24

इसिलय वसथा मसीह तक पचान क िलय हमारी िशकषक ई ह क हम िवश वास स धम ठहर 25 परनत जब िवश वास आ चका तो हम अब िशकषक क अधीन न रह ब क समान

bull यह बताता ह क हम िवास क आन स पहल भी उसक सतान थ और हमार िवास करन तक वसथा

क अधीनता म हमारी रखवाली होती थी

bull यद िवास आता ह तो इसका अथर ह क वह हम स उतप नह होता यह अनह का वरदान ह

bull दख 1 पतरस 1 1-3 पतरस hellip उन परदिशय (परदशी नागरक नह) क नाम जो परमश वर िपता क

भिवषय जञान क अनसार चन गए ह 21 िजसन अपनी बड़ी दया स हम जीिवत आशा क िलय नया जनम दया 21 उसक ारा तम उस परमश वर पर िवश वास करत हो 23 क तम न नाशवान (मानवीय ससार का) नह पर अिवनाशी बीज (सवगय) स परमश वर क जीवत और सदा ठहरनवाल वचन क ारा नया जनम पाया ह

bull 2 पतरस 11 उनह िलखा hellip िजनहन हमार समान बमलय िवश वास ाप त कया ह

16

गलाितय 326 कयक तम सब उस िवश वास क ारा जो मसीह यीश पर ह परमश वर क सनतान हो

bull इसस पहल क हमारा सवाभािवक जनम होता हम परमर क सतान थ और उस समय तक रह जब हमार पास ldquoिवास आयाrdquo और हमन ldquoउस िवास को हण कया और िवास कयाrdquo फर उस बद पर हम परमर क प हो गए कवल सतान ही नह रह कयक पिव आतमा हमार ldquoभीतरrdquo था क हम िसखाए और हम समझ द

गलाितय 3 29 और यद तम मसीह क हो (कछ नह ह लकन इसस पहल क हमारा जनम होता हम उसक ह कयक उसन हम जगत क उतपि स पहल स ही चन रखा था) तो अाहम क वश (बीज) और ितजञा क अनसार (क वह कई जाितय का िपता होगा) वारस भी हो गलाितय 41 म यह कहता क वारस जब तक बालक (परमर का) ह यिप सब वसत का सवामी ह तौभी उसम और दास म कोई भद नह 2 परनत िपता क ठहराए ए समय तक सरकषक और बनधक क वश म (वसथा) रहता ह 3

वस ही हम भी जब बालक थ (नया जनम पान स पहल) तो ससार क आद िशकषा क वश म होकर दास बन ए थ 4 परनत जब समय परा आ तो परमश वर न अपन प को भजा जो ी स जनमा और वसथा क अधीन उतप आ 5 ताक वसथा क अधीन को मोल लकर छड़ा ल और हम को लपालक होन का पद िमल

bull यनानी शबद िजसका अनवाद ldquoलपालकrdquo आ ह उसका शािबदक अथर ldquoवयसक प को सथान दनाrdquo ह जस यदी परमपरा बार-िमतसवाह म होता था जहा प जब 14 वषर क आय म पचता था तो उस वयसक माना जाता था

bull ldquoलपालक पrdquo यनानी शबद ui(oqesian (हवी-ओथ-एसी-आ) स आता ह जो दो शबद स बना ह

ui(o$ - प और tiqhmi ndash रखना या सथािपत करना

bull इसिलए इसका शािबदक अनवाद ऐसा ह हम सतान थ लकन िपता ारा िनधाररत समय पर हम प क प म सथािपत कया गया- वयसक प या पिया जब हमन िवश वास कया और हम सब बात दखान और िसखान क िलए पिव आतमा हमार भीतर आया था

bull हम हमशा उसक ब थ परमर क सतान िजनह उसन जगत क उतपि स पहल ही चन िलया था और हम कभी शतान क बीज नह थ हम कभी गोद (लपालक) नह िलया गया जसा आज ससार म इसका अथर समझा जाता ह

bull लपालक का अनवाद गलत धमरवजञािनक पकष को दखाता ह और यह यनानी शबद का सटीक अनवाद नह ह

bull बाइबल अनवाद म िगत हसतकषप एक ऐसा मामला ह िजसस 1611 क KJV भी अछती नह थी कयक तब िवान को राजा क दशा िनदश क अनसार पिवशा म काटा-छाटी करनी पड़ी थी ndash इन

17

म स एक यह था क KJV िबशप क बाइबल का खडन नह कर सकती थी

bull लपालक क परभाषा यह ह ldquoकसी दसर माता-िपता क ब को सवचछा स अपन क प म अपना

लनाrdquo bull स िवासी कभी भी शतान क बीज नह थ

गलातय 46 और तम जो प हो ndash तम परमशवर क हो

bull ldquoपरमर स उतपrdquo यहनना 113

bull ldquoऊपर स जनमrdquo अकषरशः यनानी यहनना 33

bull अाहम का बीज उसक वश (यनानी उसका बीज) रोमय 413 और 16

इसिलय परमश वर न अपन प क आतमा को जो lsquoह अबबा ह िपताrsquo कहकर पकारता ह हमार दय म (जब हमारा नया जनम आ) भजा ह 7 इसिलय त अब दास नह (ससार क मल वसत क अधीन बदी) परनत प ह (परप प या पी) और जब प आ तो परमश वर क ारा वारस भी आ

इफिसय 13-6 हमार भ यीश मसीह क परमश वर और िपता का धनयवाद हो क उसन हम मसीह म सवगय सथान म सब कार क आितमक आशीष दी ह 4 जसा उसन हम जगत क उतपि स पहल उसम चन िलया क हम उसक िनकट म म पिव और िनदष ह 5 और अपनी इचछा क भल अिभाय क अनसार हम अपन िलय पहल स ठहराया क यीश मसीह क ारा हम उसक ldquoप क प म िनयrdquo ह (सही अनवाद लपालक नह) 6 क उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

हम वह ह जो हम ह सौ ितशत उसक अनह क ारा ह और इसम हमारी योगयता यास या कायर का कछ लना-दना नह ह

उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

1 यहा 31-3 दखो िपता न हम स कसा म कया ह क हम परमश वर क सनतान कहलाए और हम ह भी इस कारण ससार हम नह जानता कयक उसन उस भी नह जाना 2 ह ियो अब (अवसथातर या बल दन का यािवशषण) हम परमश वर क सनतान ह और अभी तक यह गट नह आ क हम कया कछ हग इतना जानत ह क जब वह गट होगा तो हम उसक समान हग कयक उसको वसा ही दखग जसा वह ह 3 और जो कोई उस पर यह आशा रखता ह वह अपन आप को वसा ही पिव करता ह जसा वह पिव ह

18

धनयवाद हो िपता हम बत आभारी ह

IX हमार भ यीश मसीह क महान िवजय वह भिवषयवाणी ldquoी का बीज जो सपर क िसर को कचल डालगाrdquo

उसक िवजय का आरमभ तब आ जब उसन अपन को दीन कया और अपना सवगय सहासन अपना मकट अपन अिधकार और सवगर तयागकर सवय को शनय कर दया और मानव प म इस पथवी पर आ गया

फिलिपपय 26-11 िजसन परमश वर क सवप म होकर भी परमश वर क तलय होन को अपन वश म रखन क वसत न समझा 7 वरन अपन आप को ऐसा शनय कर दया और दास का सवप धारण कयाऔर मनषय क समानता म हो गया 8 और मनषय क प म गट होकर अपन आप को दीन कया

और यहा तक आजञाकारी रहा क मतय हा स क मतय भी सह ली 9 इस कारण परमश वर न उसको अित महान भी कया और उसको वह नाम दया जो सब नाम म ष ठ ह 10 क जो सवगर म और

पथवी पर और पथवी क नीच ह व सब यीश क नाम पर घटना टक 11 और परमश वर िपता क मिहमा क िलय हर एक जीभ अगीकर कर ल क यीश मसीह ही भ ह

कलिससय 213-15 उसन तमह भी जो अपन अपराध और अपन शरीर क खतनारिहत दशा म मदार थ उसक साथ िजलाया और हमार सब अपराध को कषमा कया (कस) 14 और िविधय का वह लख जो हमार नाम पर और हमार िवरोध म था िमटा डाला और उस स पर कल स जड़कर सामन स हटा दया ह (इसका परणाम यह आ) और उसन धानता और अिधकार को ऊपर स उतारकर उनका खल लमखल ला तमाशा बनाया और स क ारा उन पर जय-जयकार क धविन सनाई

यीश मसीह क स उसक मतय गाड़ जान और जी उठन न ldquoसपर क िसर को कचल डालाrdquo

1 करिनथय 28-9 इस ससार क हाकम म स कसी न नह जाना कयक यद व जानत तो तजोमय भ को स पर न चढ़ात इािनय 13-4 वह पाप को धोकर ऊच सथान पर महामिहमन क दािहन जा बठा

bull पाप और शतान पर परी िवजय ा क गई और यह समपणर थी

इािनय 1012-14 पाप क बदल एक ही बिलदान सवरदा क िलय चढ़ाकर वह परमश वर क दािहन जा

बठा 13 और उसी समय स इसक बाट जोह रहा ह क उसक बरी उसक पाव क नीच क पीढ़ी

19

बन 14 कयक उसन एक ही चढ़ाव क ारा उनह जो पिव कए जात ह सवरदा क िलय िस कर दया ह

bull उसका काम तो समा ह वह हमारी तीकषा कर रहा ह क हम उस कायर को समा कर जो उसन हम सपा ह

मी 2414 और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा रोमय 1620 शािनत का परमर शतान को तमहार पाव स शी कचलवा दगा उस अिधकार और सामथयर क ारा जो हम दी गई ह अब हम दन ित दन ldquoसपर का िसर कचलनrdquo म भागीदार होत ह

X अत समय म जीना इाएल का पिव और उसका सिकतार यहोवा य कहता हः ldquoमरी सनतान पर घटत होनवाली घटना क िवषय म मझ स पछो और मर हाथ क काय को मझ पर ही छोड़ दो यशायाह 4511

रोिमय 1311- समय को पिहचान कर ऐसा ही करो इसिलय क अब तमहार िलय नद स जाग उठन (वासतिवकता क िलए जाग उठना आितमक वासतिवकता) क घड़ी आ पची ह कयक िजस समय हम न िवश वास कया था उस समय क िवचार स अब हमारा उार (इस वतरमान पापी यग स छटकारा) िनकट ह (12) रात बत बीत गई ह और दन (भ का दन) िनकलन पर ह इसिलय हम अनधकार क काम को तयाग कर जयोित क हिथयार बाध ल (13) जसा दन को शोभा दता ह वसा ही हम सीधी चाल चल न क लीला-ड़ा (रगरली) और िपयक कड़पन म न िभचार और लचपन (कामकता और अनितकता) म और न झगड़ और डाह म (14) वरन भ यीश मसीह को पिहन लो और शरीर क अिभलाषा को परा

करन का उपाय न करो

हम आितमक य क समय म जी रह ह और हम इससाकार क प क तरह बनना चािहए

इितहास 1223 फर लोग लड़न क िलय हिथयार बाध ए होन म दाऊद क पास इसिलय आए क यहोवा क वचन क अनसार शाऊल का राजय उसक हाथ म कर द (32) इससाकारय म स जो समय को पहचानत थ क इाएल को (परमर क लोग को) कया करना उिचत ह

bull िसपाही जो भली कार स िशिकषत अनशािसत और लय किनत होत ह व सवामी क इचछा को

20

जानत ह और साथ ही दशमन क चाल को भी समझत ह पणर समपरत यहा तक क मतय तक भी

2 तीमिथयस 31-5 पर यह समरण रख क अिनतम दन म कठन समय आएग (2) कयक मनषय सवाथ लोभी डगमार अिभमानी िननदक माता-िपता क आजञा टालनवाल कत अपिव (3) दयारिहत कषमारिहत दोष लगानवाल असयमी कठोर भल क बरी (4) िवश वासघाती ढीठ घमणडी और परमश वर क नह वरन सखिवलास ही क चाहनवाल हग (5) व भिक त का भष तो धरग पर उसक शिक त को न मानग ऐस स पर रहना 2 पतरस 33-4 पहल यह जान लो क अिनतम दन म हसी ठा करनवाल आएग जो अपनी ही अिभलाषा क अनसार चलग (4) और कहग ldquoउसक आन क ितजञा कहा गई कयक जब स बापदाद सो गए ह सब कछ वसा ही ह जसा सिष ट क आरमभ स था मी 244-14 सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए (5) कयक बत स ऐस हग जो मर नाम स आकर कहग lsquoम मसीह rsquo और बत को भरमाएग (6) तम लड़ाइय और लड़ाइय क चचार सनोग तो घबरा न जाना कयक इन का होना अवशय ह परनत उस समय अनत न होगा (7) कयक जाित पर जाित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भकमप हग (8) य सब बात पीड़ा का आरमभ हगी (9) तब व कलश दन क िलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाितय क लोग तम स बर रखग (यह बात बत लमब समय स इाएल क िलए सी ठहरी ह और साथ ही िहनद और इसलामी दश म रहनवाल िवािसय क िलए भी) (10) तब बत स ठोकर खाएग और एक दसर को पकड़वाएग और एक दसर स बर रखग (11) बत स झठ भिवषया उठ खड़ हग और बत को भरमाएग (12) अधमर क बढ़न स बत का म ठणडा पड़ जाएगा (13) परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उार होगा (14) और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा मी 2433 इसी रीित स जब तम इन सब बात को दखो तो जान लो क वह िनकट ह वरन ार ही पर ह मी 2434 म तम स सच कहता क जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक इस पीढ़ी का अनत नह होगा

उपरो पद आज क समय क बार म बतात ह िजसम हम रह रह ह हम जानना चािहए और सदा समरण रखना चािहए क

bull जस यीश ससार नह ह वस ही हम भी ससार क नह ह (यहा 1716)

21

bull परनत हमारी नागरकता सवगर क ह जहा स हम उारकतार भ यीश मसीह क आगमन क तीकषा

उतसकता स कर रह ह (फिलिपपय 321)

bull हम पथवी पर परदशी और पराए ह (इािनय 1113)

bull हम मसीह क राजदत ह जो पराए दश म रह रह ह2 कर 520

bull हमारा िमशन उस कायर को समा करना ह िजसक िलए यीश इस जगत म आया खोए को ढढन और बचान मी 2414 2818-20 नमक और जयोित क समान होनndash मी 513

समय क िचहन को दखकर ऐसा लगता ह मानो हम ldquoअितम दनrdquo क ार पर ह यह समय कलश का समय होगा परनत इसस पहल कलश का समय श हो कछ अदभत होगा

XI िवािसय का बड़ा िनगरमन

2 िथससलनीकय 21-2 ह भाइयो अब हम अपन भ यीश मसीह क आन और उसक पास अपन इक होन क िवषय म तम स िवनती करत ह (2) क कसी आतमा या वचन या पी क ारा जो क मानो हमारी ओर स हो यह समझकर क भ का दन आ पचा ह तमहारा मन अचानक अिसथर न हो जाए और न तम घबराओ

bull िथससलनीकय क िवासी ऐस कठन समय म रह रह थ क उनहन सोचा क ldquoभ का दनrdquo आ

चका ह और व ldquoउसक पास अपन इका होनrdquo स चक गए ह

bull य पौलस क उस िशकषा क ओर सकत करता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल िवासी ldquoभ क पास उठा िलए जाएगrdquo और उनह यह समझान क िलए क ldquoभ का दनrdquo अभी नह आया ह पौलस कहता ह

पद 3-4 कसी रीित स कसी क धोख म न आना कयक वह दन (भ का दन) न आएगा जब तक धमर का तयाग (िवास स बहक) न हो ल और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो

bull 1 तीमिथयस 41-2 परनत आतमा सपष टता स कहता ह क आनवाल समय म कतन लोग

भरमानवाली आतमा और दष टातमा क िशकषा पर मन लगाकर िवश वास स बहक जाएग (दख 1 यहा 217-19 2 पतरस 220-22)

22

और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो (4) जो िवरोध करता ह और हर एक स जो ईश वर या पजय कहलाता ह अपन आप को बड़ा ठहराता ह यहा तक क वह परमश वर क मिनदर म बठकर अपन आप को ईश वर ठहराता ह

bull य सब नह आ था और यह सप ह क यह होन स पहल स िवासी ldquoउसक पास इका कए

जाएगrdquo दािनययल 121 hellip तब ऐस सकट का समय होगा जसा कसी जाित क उतप होन क समय स लकर अब तक कभी न आ न होगा परनत उस समय तर लोग म स िजतन क नाम परमश वर क पसतक म िलख ए ह व बच िनकलग

ऐसा तीत होता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल अथारत पथवी पर महकलश क समय स पहल भ यीश मसीह क कलीिसया mdash समसत िवासीmdashइस ससार स िनकाल िलए जाएग

bull भ का दन यशायाह 136+ यहजकल 303 योएल 115 21 11 31 314 आमोस 518-20 सपनयाह 114-18 मलाक 45 रत 220 1 िथससलनीकय 52 2 पतरस 310

मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा (38) कयक जस जल-लय

स पहल क दन म िजस दन तक क नह जहाज पर न चढ़ा (दड स पहल) उस दन तक लोग खात-

पीत थ और उनम िववाह होत थ (39) और जब तक जल-लय आकर उन सब को बहा न ल गया तब

तक उनको कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क प का आना भी होगा (40) उस समय दो जन खत

म हग एक ल िलया जाएगा और दसरा छोड़ दया जाएगा (41) दो िया चक क पीसती रहगी एक

ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी

नह क दन क समान हम भी अपना जहाज़ तयार करत रहना चािहए िवश वास ही स नह न उन बात क िवषय म जो उस समय दखाई न पड़ती थ चतावनी पाकर भिक त क साथ अपन घरान क बचाव क िलय जहाज बनाया इािनय 117 नह और उसक परवार न जहाज़ म वश कया और परमर न जहाज़ का ार बद कर दया कवल वही थ जो परमर ारा बचाए गए या दड अथारत कलश स बचाए गए

उनहन अवशय दड को दखा उसम स गए और उस अनभव कया लकन सरिकषत सथान स जहा

23

स व ldquoअत तक सरिकषत रह और बचाए गएrdquo

लका भी नह क िवषय म िलखता ह और फर िनिलिखत भी जोड़ दता ह लका 1728-31 और जसा लत क दन म आ था क लोग खात-पीत लन-दन करत पड़ लगात और घर बनात थ (29) परनत िजस दन लत सदोम स िनकला उस दन आग और गनधक आकाश स बरसी और सब को नष ट कर दया (30) मनषय क प क गट होन क दन भी ऐसा ही होगा

समरण कर mdash परमर न कहा था क वह सदोम को न नह करगा यद वह धम लोग हग (उतपि 1826-33) तो इस अितम िवनाश म भी धम लोग को पहल ही िनकाल िलया जाएगा

उतपि 1929 और ऐसा आ क जब परमश वर न उस तराई क नगर को िजनम लत रहता था उलट-पलट कर नष ट कया तब उसन अाहम को याद करक लत को उस घटना स (इसस पहल वह घटती) बचा िलया

परमर न अपन चन को िम म दड और िवपिय स बचाया और फर उसन अितम दड स पहल अदभत रीित स लाल सम को दो भाग करक उनह िम स बाहर िनकाला था

अतः हम िनिलिखत वचन स य समझ सकत ह क सभी स िवासी महाकलश क समय स पहल ldquoिनकाल िलए जाएगrdquo कछ लोग इस ldquoरपचरrdquo भी कहत ह (ldquoरपचरrdquo शबद बाइबल का नह ह यह एक लाितनी शबद ह िजसका अथर ह ldquoहवा म उठाया जानाrdquo) कािशतवाकय 310 त न मर धीरज क वचन को थामा ह इसिलय म भी तझ परीकषा क उस समय बचा रखगा जो पथवी पर रहनवाल क परखन क िलय सार ससार पर आनवाला ह

1 िथससलनीकय 413-18 कयक यद हम िवश वास करत ह क यीश मरा और जी भी उठा तो वस ही परमश वर उनह भी जो यीश म सो गए ह (व िवासी जो मर चक ह और तब स व आतमा म भ क साथ ह) उसी क साथ ल आएगा (15) कयक हम भ क वचन क अनसार तम स यह कहत ह क हम जो जीिवत ह और भ क आन तक बच रहग सोए (मर ) स कभी आग न बढ़ग (16) कयक भ आप ही सवगर स उतरगा उस समय ललकार और धान दत का शबद सनाई दगा और परमश वर क तरही फक जाएगी और जो मसीह म मर ह व पहल जी उठग (दह का पनतथान जो अपनी-अपनी उन आतमा स जा िमलगी जो भ क साथ थ) (17) तब हम जो जीिवत और बच रहग उनक साथ बादल पर उठा िलय जाएग क हवा म भ स िमल और इस रीित स हम सदा भ क साथ रहग (18) इस कार इन बात स एक दसर को शािनत दया करो

24

य परचछद आग भी जारी ह अधयाय 51-11

पर ह भाइयो इसका योजन नह क समय और काल क िवषय म तमहार पास कछ िलखा जाए (2) कयक तम आप ठीक जानत हो क जसा रात को चोर आता ह वसा ही भ का दन (महान अितम नयाय) आनवाला ह (3) जब लोग कहत हग ldquoकशल ह और कछ भय नहrdquo तो उन पर एकाएक िवनाश आ

पड़गा िजस कार गभरवती पर पीड़ा और व कसी रीित स न बचग (4) पर ह भाइयो तम तो अनधकार म नह हो क वह दन तम पर चोर क समान आ पड़ (5) कयक तम सब जयोित क सनतान और दन क सनतान हो हम न रात क ह न अनधकार क ह (6) पर जागत और सावधान रह hellip (8) hellip िवश वास और म क िझलम पिहनकर और उार क आशा का टोप पिहनकर सावधान रह (9)

कयक परमश वर न हम ोध क िलय नह (ोध अितम नयाय का ह िवासी वहा नह हग)

परनत इसिलय ठहराया ह क हम अपन भ यीश मसीह क ारा उार ाप त कर (10) वह हमार

िलय इस कारण मरा क हम चाह जागत ह चाह सोत ह सब िमलकर उसी क साथ जीए (11) इस कारण एक दसर को शािनत दो और एक दसर क उित का कारण बनो जसा क तम करत भी हो 1 करिनथय 1550-54 भी अलौकक घटना का वणरन करता ह दखो म तम स भद क बात कहता हम सब नह सोएग (सब नह मरग) परनत सब बदल जाएग (52) और यह कषण भर म पलक मारत ही अिनतम तरही फकत ही होगा कयक तरही फक जाएगी और मद (िवािसय क मत दह उनक आतमा भ क साथ थी 2 कर 58) अिवनाशी दशा म उठाए जाएग और हम (जो पथवी पर जीिवत ह) बदल जाएग (53) कयक अवशय ह क यह नाशवान दह अिवनाश (पनितथत दह) को पिहन ल और यह मरनहार दह अमरता को पिहन ल (54) और जब यह नाशवान अिवनाश को पिहन लगा और यह मरनहार अमरता को पिहन लगा तब वह वचन जो िलखा ह परा हो जाएगा ldquoजय न मतय को िनगल िलया य िनिलिखत पद दह क पनतथान को समझन म सहायक ह 1 करिनथय 1542-45 मद का जी उठना भी ऐसा ही ह शरीर नाशवान दशा म बोया जाता ह और अिवनाशी प म जी उठता ह (43) वह अनादर क साथ बोया जाता ह और तज क साथ जी उठता ह िनबरलता क साथ बोया जाता ह और सामथयर क साथ जी उठता ह (44) सवाभािवक दह बोई जाती ह और आितमक दह जी उठती ह जबक सवाभािवक दह ह तो आितमक दह भी ह

तरही क फकन पर mdash हम पलक झपकत ही कषण भर म भ क साथ हवा म जा िमलग और इस कार हम सदा भ क साथ हगrdquo

25

XII कलश मी 2415-28 ldquoइसिलय जब तम उस उजाड़नवाली घिणत वसत को िजसक चचार दािनययल भिवषयक ता क ारा ई थी पिवसथान म खड़ी ई दखो (जो पढ़ वह समझ) (16) तब जो यदया म ह व पहाड़ पर भाग जाए (17) जो छत पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर (18) और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट (19) ldquoउन दन म जो गभरवती और दध िपलाती हगी उन क िलय हाय हाय (20) ाथरना कया करो क तमह जाड़ म या सबत क दन भागना न पड़

(21) कयक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक आ और न कभी होगा (22) यद व दन घटाए न जात तो कोई ाणी न बचता परनत चन (जो कलश क समय िवास म आए ह) क कारण व दन घटाए जाएग (23) उस समय यद कोई तम स कह lsquoदखो मसीह यहा हrsquo या lsquoवहा हrsquo तो िवश वास न करना (24) ldquoकयक झठ मसीह और झठ भिवषयक ता उठ खड़ हग और बड़ िचहन और अदभत काम दखाएग क यद हो सक तो चन को भी भरमा द (25) दखो म न पहल स तम स यह सब कछ कह दया ह (26) इसिलय यद व तम स कह lsquoदखो वह जगल म हrsquo तो बाहर न िनकल जाना या lsquoदखो वह कोठरय म हrsquo तो िवश वास न करना (27) ldquoकयक जस िबजली पवर स िनकलकर पिश चम तक चमकती ह वस ही मनषय क प का भी आना होगा

bull दसर शबद म mdash कोई भी उसक आगमन स चक नह सकता

कािशतवाकय 132 जो पश म न दखा वह चीत क समान था hellip (6) उसन परमश वर क िननदा करन क िलय मह खोला क उसक नाम और उसक तमब अथारत सवगर क रहनवाल क िननदा कर (7) उस यह भी अिधकार दया गया क पिव लोग स लड़ और उन पर जय पाए और उस हर एक कल और लोग और भाषा और जाित पर अिधकार दया गया (8) पथवी क व सब रहनवाल िजनक नाम उस म क जीवन क पसतक म िलख नह गए जो जगत क उतपि क समय स घात आ ह उस पश क पजा करग 9िजसक कान ह वह सन (11) फर म न एक और पश को पथवी म स िनकलत ए दखा hellip (12) वह उस पहल पश का सारा अिधकार उसक सामन काम म लाता था और पथवी और उसक रहनवाल स उस पहल पश क िजसका ाण-घातक घाव अचछा हो गया था पजा कराता था (13) वह बड़-बड़ िचहन दखाता था यहा तक क मनषय क सामन सवगर स पथवी पर आग बरसा दता था (14) उन िचहन क कारण िजनह उस पश क सामन दखान का अिधकार उस दया गया था वह पथवी क रहनवाल को भरमाता था और पथवी क रहनवाल स कहता था क िजस पश क तलवार लगी थी वह जी गया ह उसक मतर बनाओ (15) उस उस पश क मतर म ाण डालन का अिधकार दया गया क पश क मतर बोलन लग और िजतन लोग उस पश क मतर क पजा न कर उनह मरवा डाल (16) उसन छोट-बड़ धनी-कगाल सवत-दास सब क दािहन हाथ या उनक माथ पर एक एक छाप करा दी (17) क उसको छोड़

26

िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 16: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

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गलाितय 326 कयक तम सब उस िवश वास क ारा जो मसीह यीश पर ह परमश वर क सनतान हो

bull इसस पहल क हमारा सवाभािवक जनम होता हम परमर क सतान थ और उस समय तक रह जब हमार पास ldquoिवास आयाrdquo और हमन ldquoउस िवास को हण कया और िवास कयाrdquo फर उस बद पर हम परमर क प हो गए कवल सतान ही नह रह कयक पिव आतमा हमार ldquoभीतरrdquo था क हम िसखाए और हम समझ द

गलाितय 3 29 और यद तम मसीह क हो (कछ नह ह लकन इसस पहल क हमारा जनम होता हम उसक ह कयक उसन हम जगत क उतपि स पहल स ही चन रखा था) तो अाहम क वश (बीज) और ितजञा क अनसार (क वह कई जाितय का िपता होगा) वारस भी हो गलाितय 41 म यह कहता क वारस जब तक बालक (परमर का) ह यिप सब वसत का सवामी ह तौभी उसम और दास म कोई भद नह 2 परनत िपता क ठहराए ए समय तक सरकषक और बनधक क वश म (वसथा) रहता ह 3

वस ही हम भी जब बालक थ (नया जनम पान स पहल) तो ससार क आद िशकषा क वश म होकर दास बन ए थ 4 परनत जब समय परा आ तो परमश वर न अपन प को भजा जो ी स जनमा और वसथा क अधीन उतप आ 5 ताक वसथा क अधीन को मोल लकर छड़ा ल और हम को लपालक होन का पद िमल

bull यनानी शबद िजसका अनवाद ldquoलपालकrdquo आ ह उसका शािबदक अथर ldquoवयसक प को सथान दनाrdquo ह जस यदी परमपरा बार-िमतसवाह म होता था जहा प जब 14 वषर क आय म पचता था तो उस वयसक माना जाता था

bull ldquoलपालक पrdquo यनानी शबद ui(oqesian (हवी-ओथ-एसी-आ) स आता ह जो दो शबद स बना ह

ui(o$ - प और tiqhmi ndash रखना या सथािपत करना

bull इसिलए इसका शािबदक अनवाद ऐसा ह हम सतान थ लकन िपता ारा िनधाररत समय पर हम प क प म सथािपत कया गया- वयसक प या पिया जब हमन िवश वास कया और हम सब बात दखान और िसखान क िलए पिव आतमा हमार भीतर आया था

bull हम हमशा उसक ब थ परमर क सतान िजनह उसन जगत क उतपि स पहल ही चन िलया था और हम कभी शतान क बीज नह थ हम कभी गोद (लपालक) नह िलया गया जसा आज ससार म इसका अथर समझा जाता ह

bull लपालक का अनवाद गलत धमरवजञािनक पकष को दखाता ह और यह यनानी शबद का सटीक अनवाद नह ह

bull बाइबल अनवाद म िगत हसतकषप एक ऐसा मामला ह िजसस 1611 क KJV भी अछती नह थी कयक तब िवान को राजा क दशा िनदश क अनसार पिवशा म काटा-छाटी करनी पड़ी थी ndash इन

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म स एक यह था क KJV िबशप क बाइबल का खडन नह कर सकती थी

bull लपालक क परभाषा यह ह ldquoकसी दसर माता-िपता क ब को सवचछा स अपन क प म अपना

लनाrdquo bull स िवासी कभी भी शतान क बीज नह थ

गलातय 46 और तम जो प हो ndash तम परमशवर क हो

bull ldquoपरमर स उतपrdquo यहनना 113

bull ldquoऊपर स जनमrdquo अकषरशः यनानी यहनना 33

bull अाहम का बीज उसक वश (यनानी उसका बीज) रोमय 413 और 16

इसिलय परमश वर न अपन प क आतमा को जो lsquoह अबबा ह िपताrsquo कहकर पकारता ह हमार दय म (जब हमारा नया जनम आ) भजा ह 7 इसिलय त अब दास नह (ससार क मल वसत क अधीन बदी) परनत प ह (परप प या पी) और जब प आ तो परमश वर क ारा वारस भी आ

इफिसय 13-6 हमार भ यीश मसीह क परमश वर और िपता का धनयवाद हो क उसन हम मसीह म सवगय सथान म सब कार क आितमक आशीष दी ह 4 जसा उसन हम जगत क उतपि स पहल उसम चन िलया क हम उसक िनकट म म पिव और िनदष ह 5 और अपनी इचछा क भल अिभाय क अनसार हम अपन िलय पहल स ठहराया क यीश मसीह क ारा हम उसक ldquoप क प म िनयrdquo ह (सही अनवाद लपालक नह) 6 क उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

हम वह ह जो हम ह सौ ितशत उसक अनह क ारा ह और इसम हमारी योगयता यास या कायर का कछ लना-दना नह ह

उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

1 यहा 31-3 दखो िपता न हम स कसा म कया ह क हम परमश वर क सनतान कहलाए और हम ह भी इस कारण ससार हम नह जानता कयक उसन उस भी नह जाना 2 ह ियो अब (अवसथातर या बल दन का यािवशषण) हम परमश वर क सनतान ह और अभी तक यह गट नह आ क हम कया कछ हग इतना जानत ह क जब वह गट होगा तो हम उसक समान हग कयक उसको वसा ही दखग जसा वह ह 3 और जो कोई उस पर यह आशा रखता ह वह अपन आप को वसा ही पिव करता ह जसा वह पिव ह

18

धनयवाद हो िपता हम बत आभारी ह

IX हमार भ यीश मसीह क महान िवजय वह भिवषयवाणी ldquoी का बीज जो सपर क िसर को कचल डालगाrdquo

उसक िवजय का आरमभ तब आ जब उसन अपन को दीन कया और अपना सवगय सहासन अपना मकट अपन अिधकार और सवगर तयागकर सवय को शनय कर दया और मानव प म इस पथवी पर आ गया

फिलिपपय 26-11 िजसन परमश वर क सवप म होकर भी परमश वर क तलय होन को अपन वश म रखन क वसत न समझा 7 वरन अपन आप को ऐसा शनय कर दया और दास का सवप धारण कयाऔर मनषय क समानता म हो गया 8 और मनषय क प म गट होकर अपन आप को दीन कया

और यहा तक आजञाकारी रहा क मतय हा स क मतय भी सह ली 9 इस कारण परमश वर न उसको अित महान भी कया और उसको वह नाम दया जो सब नाम म ष ठ ह 10 क जो सवगर म और

पथवी पर और पथवी क नीच ह व सब यीश क नाम पर घटना टक 11 और परमश वर िपता क मिहमा क िलय हर एक जीभ अगीकर कर ल क यीश मसीह ही भ ह

कलिससय 213-15 उसन तमह भी जो अपन अपराध और अपन शरीर क खतनारिहत दशा म मदार थ उसक साथ िजलाया और हमार सब अपराध को कषमा कया (कस) 14 और िविधय का वह लख जो हमार नाम पर और हमार िवरोध म था िमटा डाला और उस स पर कल स जड़कर सामन स हटा दया ह (इसका परणाम यह आ) और उसन धानता और अिधकार को ऊपर स उतारकर उनका खल लमखल ला तमाशा बनाया और स क ारा उन पर जय-जयकार क धविन सनाई

यीश मसीह क स उसक मतय गाड़ जान और जी उठन न ldquoसपर क िसर को कचल डालाrdquo

1 करिनथय 28-9 इस ससार क हाकम म स कसी न नह जाना कयक यद व जानत तो तजोमय भ को स पर न चढ़ात इािनय 13-4 वह पाप को धोकर ऊच सथान पर महामिहमन क दािहन जा बठा

bull पाप और शतान पर परी िवजय ा क गई और यह समपणर थी

इािनय 1012-14 पाप क बदल एक ही बिलदान सवरदा क िलय चढ़ाकर वह परमश वर क दािहन जा

बठा 13 और उसी समय स इसक बाट जोह रहा ह क उसक बरी उसक पाव क नीच क पीढ़ी

19

बन 14 कयक उसन एक ही चढ़ाव क ारा उनह जो पिव कए जात ह सवरदा क िलय िस कर दया ह

bull उसका काम तो समा ह वह हमारी तीकषा कर रहा ह क हम उस कायर को समा कर जो उसन हम सपा ह

मी 2414 और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा रोमय 1620 शािनत का परमर शतान को तमहार पाव स शी कचलवा दगा उस अिधकार और सामथयर क ारा जो हम दी गई ह अब हम दन ित दन ldquoसपर का िसर कचलनrdquo म भागीदार होत ह

X अत समय म जीना इाएल का पिव और उसका सिकतार यहोवा य कहता हः ldquoमरी सनतान पर घटत होनवाली घटना क िवषय म मझ स पछो और मर हाथ क काय को मझ पर ही छोड़ दो यशायाह 4511

रोिमय 1311- समय को पिहचान कर ऐसा ही करो इसिलय क अब तमहार िलय नद स जाग उठन (वासतिवकता क िलए जाग उठना आितमक वासतिवकता) क घड़ी आ पची ह कयक िजस समय हम न िवश वास कया था उस समय क िवचार स अब हमारा उार (इस वतरमान पापी यग स छटकारा) िनकट ह (12) रात बत बीत गई ह और दन (भ का दन) िनकलन पर ह इसिलय हम अनधकार क काम को तयाग कर जयोित क हिथयार बाध ल (13) जसा दन को शोभा दता ह वसा ही हम सीधी चाल चल न क लीला-ड़ा (रगरली) और िपयक कड़पन म न िभचार और लचपन (कामकता और अनितकता) म और न झगड़ और डाह म (14) वरन भ यीश मसीह को पिहन लो और शरीर क अिभलाषा को परा

करन का उपाय न करो

हम आितमक य क समय म जी रह ह और हम इससाकार क प क तरह बनना चािहए

इितहास 1223 फर लोग लड़न क िलय हिथयार बाध ए होन म दाऊद क पास इसिलय आए क यहोवा क वचन क अनसार शाऊल का राजय उसक हाथ म कर द (32) इससाकारय म स जो समय को पहचानत थ क इाएल को (परमर क लोग को) कया करना उिचत ह

bull िसपाही जो भली कार स िशिकषत अनशािसत और लय किनत होत ह व सवामी क इचछा को

20

जानत ह और साथ ही दशमन क चाल को भी समझत ह पणर समपरत यहा तक क मतय तक भी

2 तीमिथयस 31-5 पर यह समरण रख क अिनतम दन म कठन समय आएग (2) कयक मनषय सवाथ लोभी डगमार अिभमानी िननदक माता-िपता क आजञा टालनवाल कत अपिव (3) दयारिहत कषमारिहत दोष लगानवाल असयमी कठोर भल क बरी (4) िवश वासघाती ढीठ घमणडी और परमश वर क नह वरन सखिवलास ही क चाहनवाल हग (5) व भिक त का भष तो धरग पर उसक शिक त को न मानग ऐस स पर रहना 2 पतरस 33-4 पहल यह जान लो क अिनतम दन म हसी ठा करनवाल आएग जो अपनी ही अिभलाषा क अनसार चलग (4) और कहग ldquoउसक आन क ितजञा कहा गई कयक जब स बापदाद सो गए ह सब कछ वसा ही ह जसा सिष ट क आरमभ स था मी 244-14 सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए (5) कयक बत स ऐस हग जो मर नाम स आकर कहग lsquoम मसीह rsquo और बत को भरमाएग (6) तम लड़ाइय और लड़ाइय क चचार सनोग तो घबरा न जाना कयक इन का होना अवशय ह परनत उस समय अनत न होगा (7) कयक जाित पर जाित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भकमप हग (8) य सब बात पीड़ा का आरमभ हगी (9) तब व कलश दन क िलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाितय क लोग तम स बर रखग (यह बात बत लमब समय स इाएल क िलए सी ठहरी ह और साथ ही िहनद और इसलामी दश म रहनवाल िवािसय क िलए भी) (10) तब बत स ठोकर खाएग और एक दसर को पकड़वाएग और एक दसर स बर रखग (11) बत स झठ भिवषया उठ खड़ हग और बत को भरमाएग (12) अधमर क बढ़न स बत का म ठणडा पड़ जाएगा (13) परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उार होगा (14) और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा मी 2433 इसी रीित स जब तम इन सब बात को दखो तो जान लो क वह िनकट ह वरन ार ही पर ह मी 2434 म तम स सच कहता क जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक इस पीढ़ी का अनत नह होगा

उपरो पद आज क समय क बार म बतात ह िजसम हम रह रह ह हम जानना चािहए और सदा समरण रखना चािहए क

bull जस यीश ससार नह ह वस ही हम भी ससार क नह ह (यहा 1716)

21

bull परनत हमारी नागरकता सवगर क ह जहा स हम उारकतार भ यीश मसीह क आगमन क तीकषा

उतसकता स कर रह ह (फिलिपपय 321)

bull हम पथवी पर परदशी और पराए ह (इािनय 1113)

bull हम मसीह क राजदत ह जो पराए दश म रह रह ह2 कर 520

bull हमारा िमशन उस कायर को समा करना ह िजसक िलए यीश इस जगत म आया खोए को ढढन और बचान मी 2414 2818-20 नमक और जयोित क समान होनndash मी 513

समय क िचहन को दखकर ऐसा लगता ह मानो हम ldquoअितम दनrdquo क ार पर ह यह समय कलश का समय होगा परनत इसस पहल कलश का समय श हो कछ अदभत होगा

XI िवािसय का बड़ा िनगरमन

2 िथससलनीकय 21-2 ह भाइयो अब हम अपन भ यीश मसीह क आन और उसक पास अपन इक होन क िवषय म तम स िवनती करत ह (2) क कसी आतमा या वचन या पी क ारा जो क मानो हमारी ओर स हो यह समझकर क भ का दन आ पचा ह तमहारा मन अचानक अिसथर न हो जाए और न तम घबराओ

bull िथससलनीकय क िवासी ऐस कठन समय म रह रह थ क उनहन सोचा क ldquoभ का दनrdquo आ

चका ह और व ldquoउसक पास अपन इका होनrdquo स चक गए ह

bull य पौलस क उस िशकषा क ओर सकत करता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल िवासी ldquoभ क पास उठा िलए जाएगrdquo और उनह यह समझान क िलए क ldquoभ का दनrdquo अभी नह आया ह पौलस कहता ह

पद 3-4 कसी रीित स कसी क धोख म न आना कयक वह दन (भ का दन) न आएगा जब तक धमर का तयाग (िवास स बहक) न हो ल और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो

bull 1 तीमिथयस 41-2 परनत आतमा सपष टता स कहता ह क आनवाल समय म कतन लोग

भरमानवाली आतमा और दष टातमा क िशकषा पर मन लगाकर िवश वास स बहक जाएग (दख 1 यहा 217-19 2 पतरस 220-22)

22

और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो (4) जो िवरोध करता ह और हर एक स जो ईश वर या पजय कहलाता ह अपन आप को बड़ा ठहराता ह यहा तक क वह परमश वर क मिनदर म बठकर अपन आप को ईश वर ठहराता ह

bull य सब नह आ था और यह सप ह क यह होन स पहल स िवासी ldquoउसक पास इका कए

जाएगrdquo दािनययल 121 hellip तब ऐस सकट का समय होगा जसा कसी जाित क उतप होन क समय स लकर अब तक कभी न आ न होगा परनत उस समय तर लोग म स िजतन क नाम परमश वर क पसतक म िलख ए ह व बच िनकलग

ऐसा तीत होता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल अथारत पथवी पर महकलश क समय स पहल भ यीश मसीह क कलीिसया mdash समसत िवासीmdashइस ससार स िनकाल िलए जाएग

bull भ का दन यशायाह 136+ यहजकल 303 योएल 115 21 11 31 314 आमोस 518-20 सपनयाह 114-18 मलाक 45 रत 220 1 िथससलनीकय 52 2 पतरस 310

मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा (38) कयक जस जल-लय

स पहल क दन म िजस दन तक क नह जहाज पर न चढ़ा (दड स पहल) उस दन तक लोग खात-

पीत थ और उनम िववाह होत थ (39) और जब तक जल-लय आकर उन सब को बहा न ल गया तब

तक उनको कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क प का आना भी होगा (40) उस समय दो जन खत

म हग एक ल िलया जाएगा और दसरा छोड़ दया जाएगा (41) दो िया चक क पीसती रहगी एक

ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी

नह क दन क समान हम भी अपना जहाज़ तयार करत रहना चािहए िवश वास ही स नह न उन बात क िवषय म जो उस समय दखाई न पड़ती थ चतावनी पाकर भिक त क साथ अपन घरान क बचाव क िलय जहाज बनाया इािनय 117 नह और उसक परवार न जहाज़ म वश कया और परमर न जहाज़ का ार बद कर दया कवल वही थ जो परमर ारा बचाए गए या दड अथारत कलश स बचाए गए

उनहन अवशय दड को दखा उसम स गए और उस अनभव कया लकन सरिकषत सथान स जहा

23

स व ldquoअत तक सरिकषत रह और बचाए गएrdquo

लका भी नह क िवषय म िलखता ह और फर िनिलिखत भी जोड़ दता ह लका 1728-31 और जसा लत क दन म आ था क लोग खात-पीत लन-दन करत पड़ लगात और घर बनात थ (29) परनत िजस दन लत सदोम स िनकला उस दन आग और गनधक आकाश स बरसी और सब को नष ट कर दया (30) मनषय क प क गट होन क दन भी ऐसा ही होगा

समरण कर mdash परमर न कहा था क वह सदोम को न नह करगा यद वह धम लोग हग (उतपि 1826-33) तो इस अितम िवनाश म भी धम लोग को पहल ही िनकाल िलया जाएगा

उतपि 1929 और ऐसा आ क जब परमश वर न उस तराई क नगर को िजनम लत रहता था उलट-पलट कर नष ट कया तब उसन अाहम को याद करक लत को उस घटना स (इसस पहल वह घटती) बचा िलया

परमर न अपन चन को िम म दड और िवपिय स बचाया और फर उसन अितम दड स पहल अदभत रीित स लाल सम को दो भाग करक उनह िम स बाहर िनकाला था

अतः हम िनिलिखत वचन स य समझ सकत ह क सभी स िवासी महाकलश क समय स पहल ldquoिनकाल िलए जाएगrdquo कछ लोग इस ldquoरपचरrdquo भी कहत ह (ldquoरपचरrdquo शबद बाइबल का नह ह यह एक लाितनी शबद ह िजसका अथर ह ldquoहवा म उठाया जानाrdquo) कािशतवाकय 310 त न मर धीरज क वचन को थामा ह इसिलय म भी तझ परीकषा क उस समय बचा रखगा जो पथवी पर रहनवाल क परखन क िलय सार ससार पर आनवाला ह

1 िथससलनीकय 413-18 कयक यद हम िवश वास करत ह क यीश मरा और जी भी उठा तो वस ही परमश वर उनह भी जो यीश म सो गए ह (व िवासी जो मर चक ह और तब स व आतमा म भ क साथ ह) उसी क साथ ल आएगा (15) कयक हम भ क वचन क अनसार तम स यह कहत ह क हम जो जीिवत ह और भ क आन तक बच रहग सोए (मर ) स कभी आग न बढ़ग (16) कयक भ आप ही सवगर स उतरगा उस समय ललकार और धान दत का शबद सनाई दगा और परमश वर क तरही फक जाएगी और जो मसीह म मर ह व पहल जी उठग (दह का पनतथान जो अपनी-अपनी उन आतमा स जा िमलगी जो भ क साथ थ) (17) तब हम जो जीिवत और बच रहग उनक साथ बादल पर उठा िलय जाएग क हवा म भ स िमल और इस रीित स हम सदा भ क साथ रहग (18) इस कार इन बात स एक दसर को शािनत दया करो

24

य परचछद आग भी जारी ह अधयाय 51-11

पर ह भाइयो इसका योजन नह क समय और काल क िवषय म तमहार पास कछ िलखा जाए (2) कयक तम आप ठीक जानत हो क जसा रात को चोर आता ह वसा ही भ का दन (महान अितम नयाय) आनवाला ह (3) जब लोग कहत हग ldquoकशल ह और कछ भय नहrdquo तो उन पर एकाएक िवनाश आ

पड़गा िजस कार गभरवती पर पीड़ा और व कसी रीित स न बचग (4) पर ह भाइयो तम तो अनधकार म नह हो क वह दन तम पर चोर क समान आ पड़ (5) कयक तम सब जयोित क सनतान और दन क सनतान हो हम न रात क ह न अनधकार क ह (6) पर जागत और सावधान रह hellip (8) hellip िवश वास और म क िझलम पिहनकर और उार क आशा का टोप पिहनकर सावधान रह (9)

कयक परमश वर न हम ोध क िलय नह (ोध अितम नयाय का ह िवासी वहा नह हग)

परनत इसिलय ठहराया ह क हम अपन भ यीश मसीह क ारा उार ाप त कर (10) वह हमार

िलय इस कारण मरा क हम चाह जागत ह चाह सोत ह सब िमलकर उसी क साथ जीए (11) इस कारण एक दसर को शािनत दो और एक दसर क उित का कारण बनो जसा क तम करत भी हो 1 करिनथय 1550-54 भी अलौकक घटना का वणरन करता ह दखो म तम स भद क बात कहता हम सब नह सोएग (सब नह मरग) परनत सब बदल जाएग (52) और यह कषण भर म पलक मारत ही अिनतम तरही फकत ही होगा कयक तरही फक जाएगी और मद (िवािसय क मत दह उनक आतमा भ क साथ थी 2 कर 58) अिवनाशी दशा म उठाए जाएग और हम (जो पथवी पर जीिवत ह) बदल जाएग (53) कयक अवशय ह क यह नाशवान दह अिवनाश (पनितथत दह) को पिहन ल और यह मरनहार दह अमरता को पिहन ल (54) और जब यह नाशवान अिवनाश को पिहन लगा और यह मरनहार अमरता को पिहन लगा तब वह वचन जो िलखा ह परा हो जाएगा ldquoजय न मतय को िनगल िलया य िनिलिखत पद दह क पनतथान को समझन म सहायक ह 1 करिनथय 1542-45 मद का जी उठना भी ऐसा ही ह शरीर नाशवान दशा म बोया जाता ह और अिवनाशी प म जी उठता ह (43) वह अनादर क साथ बोया जाता ह और तज क साथ जी उठता ह िनबरलता क साथ बोया जाता ह और सामथयर क साथ जी उठता ह (44) सवाभािवक दह बोई जाती ह और आितमक दह जी उठती ह जबक सवाभािवक दह ह तो आितमक दह भी ह

तरही क फकन पर mdash हम पलक झपकत ही कषण भर म भ क साथ हवा म जा िमलग और इस कार हम सदा भ क साथ हगrdquo

25

XII कलश मी 2415-28 ldquoइसिलय जब तम उस उजाड़नवाली घिणत वसत को िजसक चचार दािनययल भिवषयक ता क ारा ई थी पिवसथान म खड़ी ई दखो (जो पढ़ वह समझ) (16) तब जो यदया म ह व पहाड़ पर भाग जाए (17) जो छत पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर (18) और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट (19) ldquoउन दन म जो गभरवती और दध िपलाती हगी उन क िलय हाय हाय (20) ाथरना कया करो क तमह जाड़ म या सबत क दन भागना न पड़

(21) कयक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक आ और न कभी होगा (22) यद व दन घटाए न जात तो कोई ाणी न बचता परनत चन (जो कलश क समय िवास म आए ह) क कारण व दन घटाए जाएग (23) उस समय यद कोई तम स कह lsquoदखो मसीह यहा हrsquo या lsquoवहा हrsquo तो िवश वास न करना (24) ldquoकयक झठ मसीह और झठ भिवषयक ता उठ खड़ हग और बड़ िचहन और अदभत काम दखाएग क यद हो सक तो चन को भी भरमा द (25) दखो म न पहल स तम स यह सब कछ कह दया ह (26) इसिलय यद व तम स कह lsquoदखो वह जगल म हrsquo तो बाहर न िनकल जाना या lsquoदखो वह कोठरय म हrsquo तो िवश वास न करना (27) ldquoकयक जस िबजली पवर स िनकलकर पिश चम तक चमकती ह वस ही मनषय क प का भी आना होगा

bull दसर शबद म mdash कोई भी उसक आगमन स चक नह सकता

कािशतवाकय 132 जो पश म न दखा वह चीत क समान था hellip (6) उसन परमश वर क िननदा करन क िलय मह खोला क उसक नाम और उसक तमब अथारत सवगर क रहनवाल क िननदा कर (7) उस यह भी अिधकार दया गया क पिव लोग स लड़ और उन पर जय पाए और उस हर एक कल और लोग और भाषा और जाित पर अिधकार दया गया (8) पथवी क व सब रहनवाल िजनक नाम उस म क जीवन क पसतक म िलख नह गए जो जगत क उतपि क समय स घात आ ह उस पश क पजा करग 9िजसक कान ह वह सन (11) फर म न एक और पश को पथवी म स िनकलत ए दखा hellip (12) वह उस पहल पश का सारा अिधकार उसक सामन काम म लाता था और पथवी और उसक रहनवाल स उस पहल पश क िजसका ाण-घातक घाव अचछा हो गया था पजा कराता था (13) वह बड़-बड़ िचहन दखाता था यहा तक क मनषय क सामन सवगर स पथवी पर आग बरसा दता था (14) उन िचहन क कारण िजनह उस पश क सामन दखान का अिधकार उस दया गया था वह पथवी क रहनवाल को भरमाता था और पथवी क रहनवाल स कहता था क िजस पश क तलवार लगी थी वह जी गया ह उसक मतर बनाओ (15) उस उस पश क मतर म ाण डालन का अिधकार दया गया क पश क मतर बोलन लग और िजतन लोग उस पश क मतर क पजा न कर उनह मरवा डाल (16) उसन छोट-बड़ धनी-कगाल सवत-दास सब क दािहन हाथ या उनक माथ पर एक एक छाप करा दी (17) क उसको छोड़

26

िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 17: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

17

म स एक यह था क KJV िबशप क बाइबल का खडन नह कर सकती थी

bull लपालक क परभाषा यह ह ldquoकसी दसर माता-िपता क ब को सवचछा स अपन क प म अपना

लनाrdquo bull स िवासी कभी भी शतान क बीज नह थ

गलातय 46 और तम जो प हो ndash तम परमशवर क हो

bull ldquoपरमर स उतपrdquo यहनना 113

bull ldquoऊपर स जनमrdquo अकषरशः यनानी यहनना 33

bull अाहम का बीज उसक वश (यनानी उसका बीज) रोमय 413 और 16

इसिलय परमश वर न अपन प क आतमा को जो lsquoह अबबा ह िपताrsquo कहकर पकारता ह हमार दय म (जब हमारा नया जनम आ) भजा ह 7 इसिलय त अब दास नह (ससार क मल वसत क अधीन बदी) परनत प ह (परप प या पी) और जब प आ तो परमश वर क ारा वारस भी आ

इफिसय 13-6 हमार भ यीश मसीह क परमश वर और िपता का धनयवाद हो क उसन हम मसीह म सवगय सथान म सब कार क आितमक आशीष दी ह 4 जसा उसन हम जगत क उतपि स पहल उसम चन िलया क हम उसक िनकट म म पिव और िनदष ह 5 और अपनी इचछा क भल अिभाय क अनसार हम अपन िलय पहल स ठहराया क यीश मसीह क ारा हम उसक ldquoप क प म िनयrdquo ह (सही अनवाद लपालक नह) 6 क उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

हम वह ह जो हम ह सौ ितशत उसक अनह क ारा ह और इसम हमारी योगयता यास या कायर का कछ लना-दना नह ह

उसक उस अनह क मिहमा क सतित हो िजस उसन हम उस िय म सतमत दया

1 यहा 31-3 दखो िपता न हम स कसा म कया ह क हम परमश वर क सनतान कहलाए और हम ह भी इस कारण ससार हम नह जानता कयक उसन उस भी नह जाना 2 ह ियो अब (अवसथातर या बल दन का यािवशषण) हम परमश वर क सनतान ह और अभी तक यह गट नह आ क हम कया कछ हग इतना जानत ह क जब वह गट होगा तो हम उसक समान हग कयक उसको वसा ही दखग जसा वह ह 3 और जो कोई उस पर यह आशा रखता ह वह अपन आप को वसा ही पिव करता ह जसा वह पिव ह

18

धनयवाद हो िपता हम बत आभारी ह

IX हमार भ यीश मसीह क महान िवजय वह भिवषयवाणी ldquoी का बीज जो सपर क िसर को कचल डालगाrdquo

उसक िवजय का आरमभ तब आ जब उसन अपन को दीन कया और अपना सवगय सहासन अपना मकट अपन अिधकार और सवगर तयागकर सवय को शनय कर दया और मानव प म इस पथवी पर आ गया

फिलिपपय 26-11 िजसन परमश वर क सवप म होकर भी परमश वर क तलय होन को अपन वश म रखन क वसत न समझा 7 वरन अपन आप को ऐसा शनय कर दया और दास का सवप धारण कयाऔर मनषय क समानता म हो गया 8 और मनषय क प म गट होकर अपन आप को दीन कया

और यहा तक आजञाकारी रहा क मतय हा स क मतय भी सह ली 9 इस कारण परमश वर न उसको अित महान भी कया और उसको वह नाम दया जो सब नाम म ष ठ ह 10 क जो सवगर म और

पथवी पर और पथवी क नीच ह व सब यीश क नाम पर घटना टक 11 और परमश वर िपता क मिहमा क िलय हर एक जीभ अगीकर कर ल क यीश मसीह ही भ ह

कलिससय 213-15 उसन तमह भी जो अपन अपराध और अपन शरीर क खतनारिहत दशा म मदार थ उसक साथ िजलाया और हमार सब अपराध को कषमा कया (कस) 14 और िविधय का वह लख जो हमार नाम पर और हमार िवरोध म था िमटा डाला और उस स पर कल स जड़कर सामन स हटा दया ह (इसका परणाम यह आ) और उसन धानता और अिधकार को ऊपर स उतारकर उनका खल लमखल ला तमाशा बनाया और स क ारा उन पर जय-जयकार क धविन सनाई

यीश मसीह क स उसक मतय गाड़ जान और जी उठन न ldquoसपर क िसर को कचल डालाrdquo

1 करिनथय 28-9 इस ससार क हाकम म स कसी न नह जाना कयक यद व जानत तो तजोमय भ को स पर न चढ़ात इािनय 13-4 वह पाप को धोकर ऊच सथान पर महामिहमन क दािहन जा बठा

bull पाप और शतान पर परी िवजय ा क गई और यह समपणर थी

इािनय 1012-14 पाप क बदल एक ही बिलदान सवरदा क िलय चढ़ाकर वह परमश वर क दािहन जा

बठा 13 और उसी समय स इसक बाट जोह रहा ह क उसक बरी उसक पाव क नीच क पीढ़ी

19

बन 14 कयक उसन एक ही चढ़ाव क ारा उनह जो पिव कए जात ह सवरदा क िलय िस कर दया ह

bull उसका काम तो समा ह वह हमारी तीकषा कर रहा ह क हम उस कायर को समा कर जो उसन हम सपा ह

मी 2414 और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा रोमय 1620 शािनत का परमर शतान को तमहार पाव स शी कचलवा दगा उस अिधकार और सामथयर क ारा जो हम दी गई ह अब हम दन ित दन ldquoसपर का िसर कचलनrdquo म भागीदार होत ह

X अत समय म जीना इाएल का पिव और उसका सिकतार यहोवा य कहता हः ldquoमरी सनतान पर घटत होनवाली घटना क िवषय म मझ स पछो और मर हाथ क काय को मझ पर ही छोड़ दो यशायाह 4511

रोिमय 1311- समय को पिहचान कर ऐसा ही करो इसिलय क अब तमहार िलय नद स जाग उठन (वासतिवकता क िलए जाग उठना आितमक वासतिवकता) क घड़ी आ पची ह कयक िजस समय हम न िवश वास कया था उस समय क िवचार स अब हमारा उार (इस वतरमान पापी यग स छटकारा) िनकट ह (12) रात बत बीत गई ह और दन (भ का दन) िनकलन पर ह इसिलय हम अनधकार क काम को तयाग कर जयोित क हिथयार बाध ल (13) जसा दन को शोभा दता ह वसा ही हम सीधी चाल चल न क लीला-ड़ा (रगरली) और िपयक कड़पन म न िभचार और लचपन (कामकता और अनितकता) म और न झगड़ और डाह म (14) वरन भ यीश मसीह को पिहन लो और शरीर क अिभलाषा को परा

करन का उपाय न करो

हम आितमक य क समय म जी रह ह और हम इससाकार क प क तरह बनना चािहए

इितहास 1223 फर लोग लड़न क िलय हिथयार बाध ए होन म दाऊद क पास इसिलय आए क यहोवा क वचन क अनसार शाऊल का राजय उसक हाथ म कर द (32) इससाकारय म स जो समय को पहचानत थ क इाएल को (परमर क लोग को) कया करना उिचत ह

bull िसपाही जो भली कार स िशिकषत अनशािसत और लय किनत होत ह व सवामी क इचछा को

20

जानत ह और साथ ही दशमन क चाल को भी समझत ह पणर समपरत यहा तक क मतय तक भी

2 तीमिथयस 31-5 पर यह समरण रख क अिनतम दन म कठन समय आएग (2) कयक मनषय सवाथ लोभी डगमार अिभमानी िननदक माता-िपता क आजञा टालनवाल कत अपिव (3) दयारिहत कषमारिहत दोष लगानवाल असयमी कठोर भल क बरी (4) िवश वासघाती ढीठ घमणडी और परमश वर क नह वरन सखिवलास ही क चाहनवाल हग (5) व भिक त का भष तो धरग पर उसक शिक त को न मानग ऐस स पर रहना 2 पतरस 33-4 पहल यह जान लो क अिनतम दन म हसी ठा करनवाल आएग जो अपनी ही अिभलाषा क अनसार चलग (4) और कहग ldquoउसक आन क ितजञा कहा गई कयक जब स बापदाद सो गए ह सब कछ वसा ही ह जसा सिष ट क आरमभ स था मी 244-14 सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए (5) कयक बत स ऐस हग जो मर नाम स आकर कहग lsquoम मसीह rsquo और बत को भरमाएग (6) तम लड़ाइय और लड़ाइय क चचार सनोग तो घबरा न जाना कयक इन का होना अवशय ह परनत उस समय अनत न होगा (7) कयक जाित पर जाित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भकमप हग (8) य सब बात पीड़ा का आरमभ हगी (9) तब व कलश दन क िलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाितय क लोग तम स बर रखग (यह बात बत लमब समय स इाएल क िलए सी ठहरी ह और साथ ही िहनद और इसलामी दश म रहनवाल िवािसय क िलए भी) (10) तब बत स ठोकर खाएग और एक दसर को पकड़वाएग और एक दसर स बर रखग (11) बत स झठ भिवषया उठ खड़ हग और बत को भरमाएग (12) अधमर क बढ़न स बत का म ठणडा पड़ जाएगा (13) परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उार होगा (14) और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा मी 2433 इसी रीित स जब तम इन सब बात को दखो तो जान लो क वह िनकट ह वरन ार ही पर ह मी 2434 म तम स सच कहता क जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक इस पीढ़ी का अनत नह होगा

उपरो पद आज क समय क बार म बतात ह िजसम हम रह रह ह हम जानना चािहए और सदा समरण रखना चािहए क

bull जस यीश ससार नह ह वस ही हम भी ससार क नह ह (यहा 1716)

21

bull परनत हमारी नागरकता सवगर क ह जहा स हम उारकतार भ यीश मसीह क आगमन क तीकषा

उतसकता स कर रह ह (फिलिपपय 321)

bull हम पथवी पर परदशी और पराए ह (इािनय 1113)

bull हम मसीह क राजदत ह जो पराए दश म रह रह ह2 कर 520

bull हमारा िमशन उस कायर को समा करना ह िजसक िलए यीश इस जगत म आया खोए को ढढन और बचान मी 2414 2818-20 नमक और जयोित क समान होनndash मी 513

समय क िचहन को दखकर ऐसा लगता ह मानो हम ldquoअितम दनrdquo क ार पर ह यह समय कलश का समय होगा परनत इसस पहल कलश का समय श हो कछ अदभत होगा

XI िवािसय का बड़ा िनगरमन

2 िथससलनीकय 21-2 ह भाइयो अब हम अपन भ यीश मसीह क आन और उसक पास अपन इक होन क िवषय म तम स िवनती करत ह (2) क कसी आतमा या वचन या पी क ारा जो क मानो हमारी ओर स हो यह समझकर क भ का दन आ पचा ह तमहारा मन अचानक अिसथर न हो जाए और न तम घबराओ

bull िथससलनीकय क िवासी ऐस कठन समय म रह रह थ क उनहन सोचा क ldquoभ का दनrdquo आ

चका ह और व ldquoउसक पास अपन इका होनrdquo स चक गए ह

bull य पौलस क उस िशकषा क ओर सकत करता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल िवासी ldquoभ क पास उठा िलए जाएगrdquo और उनह यह समझान क िलए क ldquoभ का दनrdquo अभी नह आया ह पौलस कहता ह

पद 3-4 कसी रीित स कसी क धोख म न आना कयक वह दन (भ का दन) न आएगा जब तक धमर का तयाग (िवास स बहक) न हो ल और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो

bull 1 तीमिथयस 41-2 परनत आतमा सपष टता स कहता ह क आनवाल समय म कतन लोग

भरमानवाली आतमा और दष टातमा क िशकषा पर मन लगाकर िवश वास स बहक जाएग (दख 1 यहा 217-19 2 पतरस 220-22)

22

और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो (4) जो िवरोध करता ह और हर एक स जो ईश वर या पजय कहलाता ह अपन आप को बड़ा ठहराता ह यहा तक क वह परमश वर क मिनदर म बठकर अपन आप को ईश वर ठहराता ह

bull य सब नह आ था और यह सप ह क यह होन स पहल स िवासी ldquoउसक पास इका कए

जाएगrdquo दािनययल 121 hellip तब ऐस सकट का समय होगा जसा कसी जाित क उतप होन क समय स लकर अब तक कभी न आ न होगा परनत उस समय तर लोग म स िजतन क नाम परमश वर क पसतक म िलख ए ह व बच िनकलग

ऐसा तीत होता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल अथारत पथवी पर महकलश क समय स पहल भ यीश मसीह क कलीिसया mdash समसत िवासीmdashइस ससार स िनकाल िलए जाएग

bull भ का दन यशायाह 136+ यहजकल 303 योएल 115 21 11 31 314 आमोस 518-20 सपनयाह 114-18 मलाक 45 रत 220 1 िथससलनीकय 52 2 पतरस 310

मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा (38) कयक जस जल-लय

स पहल क दन म िजस दन तक क नह जहाज पर न चढ़ा (दड स पहल) उस दन तक लोग खात-

पीत थ और उनम िववाह होत थ (39) और जब तक जल-लय आकर उन सब को बहा न ल गया तब

तक उनको कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क प का आना भी होगा (40) उस समय दो जन खत

म हग एक ल िलया जाएगा और दसरा छोड़ दया जाएगा (41) दो िया चक क पीसती रहगी एक

ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी

नह क दन क समान हम भी अपना जहाज़ तयार करत रहना चािहए िवश वास ही स नह न उन बात क िवषय म जो उस समय दखाई न पड़ती थ चतावनी पाकर भिक त क साथ अपन घरान क बचाव क िलय जहाज बनाया इािनय 117 नह और उसक परवार न जहाज़ म वश कया और परमर न जहाज़ का ार बद कर दया कवल वही थ जो परमर ारा बचाए गए या दड अथारत कलश स बचाए गए

उनहन अवशय दड को दखा उसम स गए और उस अनभव कया लकन सरिकषत सथान स जहा

23

स व ldquoअत तक सरिकषत रह और बचाए गएrdquo

लका भी नह क िवषय म िलखता ह और फर िनिलिखत भी जोड़ दता ह लका 1728-31 और जसा लत क दन म आ था क लोग खात-पीत लन-दन करत पड़ लगात और घर बनात थ (29) परनत िजस दन लत सदोम स िनकला उस दन आग और गनधक आकाश स बरसी और सब को नष ट कर दया (30) मनषय क प क गट होन क दन भी ऐसा ही होगा

समरण कर mdash परमर न कहा था क वह सदोम को न नह करगा यद वह धम लोग हग (उतपि 1826-33) तो इस अितम िवनाश म भी धम लोग को पहल ही िनकाल िलया जाएगा

उतपि 1929 और ऐसा आ क जब परमश वर न उस तराई क नगर को िजनम लत रहता था उलट-पलट कर नष ट कया तब उसन अाहम को याद करक लत को उस घटना स (इसस पहल वह घटती) बचा िलया

परमर न अपन चन को िम म दड और िवपिय स बचाया और फर उसन अितम दड स पहल अदभत रीित स लाल सम को दो भाग करक उनह िम स बाहर िनकाला था

अतः हम िनिलिखत वचन स य समझ सकत ह क सभी स िवासी महाकलश क समय स पहल ldquoिनकाल िलए जाएगrdquo कछ लोग इस ldquoरपचरrdquo भी कहत ह (ldquoरपचरrdquo शबद बाइबल का नह ह यह एक लाितनी शबद ह िजसका अथर ह ldquoहवा म उठाया जानाrdquo) कािशतवाकय 310 त न मर धीरज क वचन को थामा ह इसिलय म भी तझ परीकषा क उस समय बचा रखगा जो पथवी पर रहनवाल क परखन क िलय सार ससार पर आनवाला ह

1 िथससलनीकय 413-18 कयक यद हम िवश वास करत ह क यीश मरा और जी भी उठा तो वस ही परमश वर उनह भी जो यीश म सो गए ह (व िवासी जो मर चक ह और तब स व आतमा म भ क साथ ह) उसी क साथ ल आएगा (15) कयक हम भ क वचन क अनसार तम स यह कहत ह क हम जो जीिवत ह और भ क आन तक बच रहग सोए (मर ) स कभी आग न बढ़ग (16) कयक भ आप ही सवगर स उतरगा उस समय ललकार और धान दत का शबद सनाई दगा और परमश वर क तरही फक जाएगी और जो मसीह म मर ह व पहल जी उठग (दह का पनतथान जो अपनी-अपनी उन आतमा स जा िमलगी जो भ क साथ थ) (17) तब हम जो जीिवत और बच रहग उनक साथ बादल पर उठा िलय जाएग क हवा म भ स िमल और इस रीित स हम सदा भ क साथ रहग (18) इस कार इन बात स एक दसर को शािनत दया करो

24

य परचछद आग भी जारी ह अधयाय 51-11

पर ह भाइयो इसका योजन नह क समय और काल क िवषय म तमहार पास कछ िलखा जाए (2) कयक तम आप ठीक जानत हो क जसा रात को चोर आता ह वसा ही भ का दन (महान अितम नयाय) आनवाला ह (3) जब लोग कहत हग ldquoकशल ह और कछ भय नहrdquo तो उन पर एकाएक िवनाश आ

पड़गा िजस कार गभरवती पर पीड़ा और व कसी रीित स न बचग (4) पर ह भाइयो तम तो अनधकार म नह हो क वह दन तम पर चोर क समान आ पड़ (5) कयक तम सब जयोित क सनतान और दन क सनतान हो हम न रात क ह न अनधकार क ह (6) पर जागत और सावधान रह hellip (8) hellip िवश वास और म क िझलम पिहनकर और उार क आशा का टोप पिहनकर सावधान रह (9)

कयक परमश वर न हम ोध क िलय नह (ोध अितम नयाय का ह िवासी वहा नह हग)

परनत इसिलय ठहराया ह क हम अपन भ यीश मसीह क ारा उार ाप त कर (10) वह हमार

िलय इस कारण मरा क हम चाह जागत ह चाह सोत ह सब िमलकर उसी क साथ जीए (11) इस कारण एक दसर को शािनत दो और एक दसर क उित का कारण बनो जसा क तम करत भी हो 1 करिनथय 1550-54 भी अलौकक घटना का वणरन करता ह दखो म तम स भद क बात कहता हम सब नह सोएग (सब नह मरग) परनत सब बदल जाएग (52) और यह कषण भर म पलक मारत ही अिनतम तरही फकत ही होगा कयक तरही फक जाएगी और मद (िवािसय क मत दह उनक आतमा भ क साथ थी 2 कर 58) अिवनाशी दशा म उठाए जाएग और हम (जो पथवी पर जीिवत ह) बदल जाएग (53) कयक अवशय ह क यह नाशवान दह अिवनाश (पनितथत दह) को पिहन ल और यह मरनहार दह अमरता को पिहन ल (54) और जब यह नाशवान अिवनाश को पिहन लगा और यह मरनहार अमरता को पिहन लगा तब वह वचन जो िलखा ह परा हो जाएगा ldquoजय न मतय को िनगल िलया य िनिलिखत पद दह क पनतथान को समझन म सहायक ह 1 करिनथय 1542-45 मद का जी उठना भी ऐसा ही ह शरीर नाशवान दशा म बोया जाता ह और अिवनाशी प म जी उठता ह (43) वह अनादर क साथ बोया जाता ह और तज क साथ जी उठता ह िनबरलता क साथ बोया जाता ह और सामथयर क साथ जी उठता ह (44) सवाभािवक दह बोई जाती ह और आितमक दह जी उठती ह जबक सवाभािवक दह ह तो आितमक दह भी ह

तरही क फकन पर mdash हम पलक झपकत ही कषण भर म भ क साथ हवा म जा िमलग और इस कार हम सदा भ क साथ हगrdquo

25

XII कलश मी 2415-28 ldquoइसिलय जब तम उस उजाड़नवाली घिणत वसत को िजसक चचार दािनययल भिवषयक ता क ारा ई थी पिवसथान म खड़ी ई दखो (जो पढ़ वह समझ) (16) तब जो यदया म ह व पहाड़ पर भाग जाए (17) जो छत पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर (18) और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट (19) ldquoउन दन म जो गभरवती और दध िपलाती हगी उन क िलय हाय हाय (20) ाथरना कया करो क तमह जाड़ म या सबत क दन भागना न पड़

(21) कयक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक आ और न कभी होगा (22) यद व दन घटाए न जात तो कोई ाणी न बचता परनत चन (जो कलश क समय िवास म आए ह) क कारण व दन घटाए जाएग (23) उस समय यद कोई तम स कह lsquoदखो मसीह यहा हrsquo या lsquoवहा हrsquo तो िवश वास न करना (24) ldquoकयक झठ मसीह और झठ भिवषयक ता उठ खड़ हग और बड़ िचहन और अदभत काम दखाएग क यद हो सक तो चन को भी भरमा द (25) दखो म न पहल स तम स यह सब कछ कह दया ह (26) इसिलय यद व तम स कह lsquoदखो वह जगल म हrsquo तो बाहर न िनकल जाना या lsquoदखो वह कोठरय म हrsquo तो िवश वास न करना (27) ldquoकयक जस िबजली पवर स िनकलकर पिश चम तक चमकती ह वस ही मनषय क प का भी आना होगा

bull दसर शबद म mdash कोई भी उसक आगमन स चक नह सकता

कािशतवाकय 132 जो पश म न दखा वह चीत क समान था hellip (6) उसन परमश वर क िननदा करन क िलय मह खोला क उसक नाम और उसक तमब अथारत सवगर क रहनवाल क िननदा कर (7) उस यह भी अिधकार दया गया क पिव लोग स लड़ और उन पर जय पाए और उस हर एक कल और लोग और भाषा और जाित पर अिधकार दया गया (8) पथवी क व सब रहनवाल िजनक नाम उस म क जीवन क पसतक म िलख नह गए जो जगत क उतपि क समय स घात आ ह उस पश क पजा करग 9िजसक कान ह वह सन (11) फर म न एक और पश को पथवी म स िनकलत ए दखा hellip (12) वह उस पहल पश का सारा अिधकार उसक सामन काम म लाता था और पथवी और उसक रहनवाल स उस पहल पश क िजसका ाण-घातक घाव अचछा हो गया था पजा कराता था (13) वह बड़-बड़ िचहन दखाता था यहा तक क मनषय क सामन सवगर स पथवी पर आग बरसा दता था (14) उन िचहन क कारण िजनह उस पश क सामन दखान का अिधकार उस दया गया था वह पथवी क रहनवाल को भरमाता था और पथवी क रहनवाल स कहता था क िजस पश क तलवार लगी थी वह जी गया ह उसक मतर बनाओ (15) उस उस पश क मतर म ाण डालन का अिधकार दया गया क पश क मतर बोलन लग और िजतन लोग उस पश क मतर क पजा न कर उनह मरवा डाल (16) उसन छोट-बड़ धनी-कगाल सवत-दास सब क दािहन हाथ या उनक माथ पर एक एक छाप करा दी (17) क उसको छोड़

26

िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 18: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

18

धनयवाद हो िपता हम बत आभारी ह

IX हमार भ यीश मसीह क महान िवजय वह भिवषयवाणी ldquoी का बीज जो सपर क िसर को कचल डालगाrdquo

उसक िवजय का आरमभ तब आ जब उसन अपन को दीन कया और अपना सवगय सहासन अपना मकट अपन अिधकार और सवगर तयागकर सवय को शनय कर दया और मानव प म इस पथवी पर आ गया

फिलिपपय 26-11 िजसन परमश वर क सवप म होकर भी परमश वर क तलय होन को अपन वश म रखन क वसत न समझा 7 वरन अपन आप को ऐसा शनय कर दया और दास का सवप धारण कयाऔर मनषय क समानता म हो गया 8 और मनषय क प म गट होकर अपन आप को दीन कया

और यहा तक आजञाकारी रहा क मतय हा स क मतय भी सह ली 9 इस कारण परमश वर न उसको अित महान भी कया और उसको वह नाम दया जो सब नाम म ष ठ ह 10 क जो सवगर म और

पथवी पर और पथवी क नीच ह व सब यीश क नाम पर घटना टक 11 और परमश वर िपता क मिहमा क िलय हर एक जीभ अगीकर कर ल क यीश मसीह ही भ ह

कलिससय 213-15 उसन तमह भी जो अपन अपराध और अपन शरीर क खतनारिहत दशा म मदार थ उसक साथ िजलाया और हमार सब अपराध को कषमा कया (कस) 14 और िविधय का वह लख जो हमार नाम पर और हमार िवरोध म था िमटा डाला और उस स पर कल स जड़कर सामन स हटा दया ह (इसका परणाम यह आ) और उसन धानता और अिधकार को ऊपर स उतारकर उनका खल लमखल ला तमाशा बनाया और स क ारा उन पर जय-जयकार क धविन सनाई

यीश मसीह क स उसक मतय गाड़ जान और जी उठन न ldquoसपर क िसर को कचल डालाrdquo

1 करिनथय 28-9 इस ससार क हाकम म स कसी न नह जाना कयक यद व जानत तो तजोमय भ को स पर न चढ़ात इािनय 13-4 वह पाप को धोकर ऊच सथान पर महामिहमन क दािहन जा बठा

bull पाप और शतान पर परी िवजय ा क गई और यह समपणर थी

इािनय 1012-14 पाप क बदल एक ही बिलदान सवरदा क िलय चढ़ाकर वह परमश वर क दािहन जा

बठा 13 और उसी समय स इसक बाट जोह रहा ह क उसक बरी उसक पाव क नीच क पीढ़ी

19

बन 14 कयक उसन एक ही चढ़ाव क ारा उनह जो पिव कए जात ह सवरदा क िलय िस कर दया ह

bull उसका काम तो समा ह वह हमारी तीकषा कर रहा ह क हम उस कायर को समा कर जो उसन हम सपा ह

मी 2414 और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा रोमय 1620 शािनत का परमर शतान को तमहार पाव स शी कचलवा दगा उस अिधकार और सामथयर क ारा जो हम दी गई ह अब हम दन ित दन ldquoसपर का िसर कचलनrdquo म भागीदार होत ह

X अत समय म जीना इाएल का पिव और उसका सिकतार यहोवा य कहता हः ldquoमरी सनतान पर घटत होनवाली घटना क िवषय म मझ स पछो और मर हाथ क काय को मझ पर ही छोड़ दो यशायाह 4511

रोिमय 1311- समय को पिहचान कर ऐसा ही करो इसिलय क अब तमहार िलय नद स जाग उठन (वासतिवकता क िलए जाग उठना आितमक वासतिवकता) क घड़ी आ पची ह कयक िजस समय हम न िवश वास कया था उस समय क िवचार स अब हमारा उार (इस वतरमान पापी यग स छटकारा) िनकट ह (12) रात बत बीत गई ह और दन (भ का दन) िनकलन पर ह इसिलय हम अनधकार क काम को तयाग कर जयोित क हिथयार बाध ल (13) जसा दन को शोभा दता ह वसा ही हम सीधी चाल चल न क लीला-ड़ा (रगरली) और िपयक कड़पन म न िभचार और लचपन (कामकता और अनितकता) म और न झगड़ और डाह म (14) वरन भ यीश मसीह को पिहन लो और शरीर क अिभलाषा को परा

करन का उपाय न करो

हम आितमक य क समय म जी रह ह और हम इससाकार क प क तरह बनना चािहए

इितहास 1223 फर लोग लड़न क िलय हिथयार बाध ए होन म दाऊद क पास इसिलय आए क यहोवा क वचन क अनसार शाऊल का राजय उसक हाथ म कर द (32) इससाकारय म स जो समय को पहचानत थ क इाएल को (परमर क लोग को) कया करना उिचत ह

bull िसपाही जो भली कार स िशिकषत अनशािसत और लय किनत होत ह व सवामी क इचछा को

20

जानत ह और साथ ही दशमन क चाल को भी समझत ह पणर समपरत यहा तक क मतय तक भी

2 तीमिथयस 31-5 पर यह समरण रख क अिनतम दन म कठन समय आएग (2) कयक मनषय सवाथ लोभी डगमार अिभमानी िननदक माता-िपता क आजञा टालनवाल कत अपिव (3) दयारिहत कषमारिहत दोष लगानवाल असयमी कठोर भल क बरी (4) िवश वासघाती ढीठ घमणडी और परमश वर क नह वरन सखिवलास ही क चाहनवाल हग (5) व भिक त का भष तो धरग पर उसक शिक त को न मानग ऐस स पर रहना 2 पतरस 33-4 पहल यह जान लो क अिनतम दन म हसी ठा करनवाल आएग जो अपनी ही अिभलाषा क अनसार चलग (4) और कहग ldquoउसक आन क ितजञा कहा गई कयक जब स बापदाद सो गए ह सब कछ वसा ही ह जसा सिष ट क आरमभ स था मी 244-14 सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए (5) कयक बत स ऐस हग जो मर नाम स आकर कहग lsquoम मसीह rsquo और बत को भरमाएग (6) तम लड़ाइय और लड़ाइय क चचार सनोग तो घबरा न जाना कयक इन का होना अवशय ह परनत उस समय अनत न होगा (7) कयक जाित पर जाित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भकमप हग (8) य सब बात पीड़ा का आरमभ हगी (9) तब व कलश दन क िलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाितय क लोग तम स बर रखग (यह बात बत लमब समय स इाएल क िलए सी ठहरी ह और साथ ही िहनद और इसलामी दश म रहनवाल िवािसय क िलए भी) (10) तब बत स ठोकर खाएग और एक दसर को पकड़वाएग और एक दसर स बर रखग (11) बत स झठ भिवषया उठ खड़ हग और बत को भरमाएग (12) अधमर क बढ़न स बत का म ठणडा पड़ जाएगा (13) परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उार होगा (14) और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा मी 2433 इसी रीित स जब तम इन सब बात को दखो तो जान लो क वह िनकट ह वरन ार ही पर ह मी 2434 म तम स सच कहता क जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक इस पीढ़ी का अनत नह होगा

उपरो पद आज क समय क बार म बतात ह िजसम हम रह रह ह हम जानना चािहए और सदा समरण रखना चािहए क

bull जस यीश ससार नह ह वस ही हम भी ससार क नह ह (यहा 1716)

21

bull परनत हमारी नागरकता सवगर क ह जहा स हम उारकतार भ यीश मसीह क आगमन क तीकषा

उतसकता स कर रह ह (फिलिपपय 321)

bull हम पथवी पर परदशी और पराए ह (इािनय 1113)

bull हम मसीह क राजदत ह जो पराए दश म रह रह ह2 कर 520

bull हमारा िमशन उस कायर को समा करना ह िजसक िलए यीश इस जगत म आया खोए को ढढन और बचान मी 2414 2818-20 नमक और जयोित क समान होनndash मी 513

समय क िचहन को दखकर ऐसा लगता ह मानो हम ldquoअितम दनrdquo क ार पर ह यह समय कलश का समय होगा परनत इसस पहल कलश का समय श हो कछ अदभत होगा

XI िवािसय का बड़ा िनगरमन

2 िथससलनीकय 21-2 ह भाइयो अब हम अपन भ यीश मसीह क आन और उसक पास अपन इक होन क िवषय म तम स िवनती करत ह (2) क कसी आतमा या वचन या पी क ारा जो क मानो हमारी ओर स हो यह समझकर क भ का दन आ पचा ह तमहारा मन अचानक अिसथर न हो जाए और न तम घबराओ

bull िथससलनीकय क िवासी ऐस कठन समय म रह रह थ क उनहन सोचा क ldquoभ का दनrdquo आ

चका ह और व ldquoउसक पास अपन इका होनrdquo स चक गए ह

bull य पौलस क उस िशकषा क ओर सकत करता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल िवासी ldquoभ क पास उठा िलए जाएगrdquo और उनह यह समझान क िलए क ldquoभ का दनrdquo अभी नह आया ह पौलस कहता ह

पद 3-4 कसी रीित स कसी क धोख म न आना कयक वह दन (भ का दन) न आएगा जब तक धमर का तयाग (िवास स बहक) न हो ल और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो

bull 1 तीमिथयस 41-2 परनत आतमा सपष टता स कहता ह क आनवाल समय म कतन लोग

भरमानवाली आतमा और दष टातमा क िशकषा पर मन लगाकर िवश वास स बहक जाएग (दख 1 यहा 217-19 2 पतरस 220-22)

22

और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो (4) जो िवरोध करता ह और हर एक स जो ईश वर या पजय कहलाता ह अपन आप को बड़ा ठहराता ह यहा तक क वह परमश वर क मिनदर म बठकर अपन आप को ईश वर ठहराता ह

bull य सब नह आ था और यह सप ह क यह होन स पहल स िवासी ldquoउसक पास इका कए

जाएगrdquo दािनययल 121 hellip तब ऐस सकट का समय होगा जसा कसी जाित क उतप होन क समय स लकर अब तक कभी न आ न होगा परनत उस समय तर लोग म स िजतन क नाम परमश वर क पसतक म िलख ए ह व बच िनकलग

ऐसा तीत होता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल अथारत पथवी पर महकलश क समय स पहल भ यीश मसीह क कलीिसया mdash समसत िवासीmdashइस ससार स िनकाल िलए जाएग

bull भ का दन यशायाह 136+ यहजकल 303 योएल 115 21 11 31 314 आमोस 518-20 सपनयाह 114-18 मलाक 45 रत 220 1 िथससलनीकय 52 2 पतरस 310

मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा (38) कयक जस जल-लय

स पहल क दन म िजस दन तक क नह जहाज पर न चढ़ा (दड स पहल) उस दन तक लोग खात-

पीत थ और उनम िववाह होत थ (39) और जब तक जल-लय आकर उन सब को बहा न ल गया तब

तक उनको कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क प का आना भी होगा (40) उस समय दो जन खत

म हग एक ल िलया जाएगा और दसरा छोड़ दया जाएगा (41) दो िया चक क पीसती रहगी एक

ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी

नह क दन क समान हम भी अपना जहाज़ तयार करत रहना चािहए िवश वास ही स नह न उन बात क िवषय म जो उस समय दखाई न पड़ती थ चतावनी पाकर भिक त क साथ अपन घरान क बचाव क िलय जहाज बनाया इािनय 117 नह और उसक परवार न जहाज़ म वश कया और परमर न जहाज़ का ार बद कर दया कवल वही थ जो परमर ारा बचाए गए या दड अथारत कलश स बचाए गए

उनहन अवशय दड को दखा उसम स गए और उस अनभव कया लकन सरिकषत सथान स जहा

23

स व ldquoअत तक सरिकषत रह और बचाए गएrdquo

लका भी नह क िवषय म िलखता ह और फर िनिलिखत भी जोड़ दता ह लका 1728-31 और जसा लत क दन म आ था क लोग खात-पीत लन-दन करत पड़ लगात और घर बनात थ (29) परनत िजस दन लत सदोम स िनकला उस दन आग और गनधक आकाश स बरसी और सब को नष ट कर दया (30) मनषय क प क गट होन क दन भी ऐसा ही होगा

समरण कर mdash परमर न कहा था क वह सदोम को न नह करगा यद वह धम लोग हग (उतपि 1826-33) तो इस अितम िवनाश म भी धम लोग को पहल ही िनकाल िलया जाएगा

उतपि 1929 और ऐसा आ क जब परमश वर न उस तराई क नगर को िजनम लत रहता था उलट-पलट कर नष ट कया तब उसन अाहम को याद करक लत को उस घटना स (इसस पहल वह घटती) बचा िलया

परमर न अपन चन को िम म दड और िवपिय स बचाया और फर उसन अितम दड स पहल अदभत रीित स लाल सम को दो भाग करक उनह िम स बाहर िनकाला था

अतः हम िनिलिखत वचन स य समझ सकत ह क सभी स िवासी महाकलश क समय स पहल ldquoिनकाल िलए जाएगrdquo कछ लोग इस ldquoरपचरrdquo भी कहत ह (ldquoरपचरrdquo शबद बाइबल का नह ह यह एक लाितनी शबद ह िजसका अथर ह ldquoहवा म उठाया जानाrdquo) कािशतवाकय 310 त न मर धीरज क वचन को थामा ह इसिलय म भी तझ परीकषा क उस समय बचा रखगा जो पथवी पर रहनवाल क परखन क िलय सार ससार पर आनवाला ह

1 िथससलनीकय 413-18 कयक यद हम िवश वास करत ह क यीश मरा और जी भी उठा तो वस ही परमश वर उनह भी जो यीश म सो गए ह (व िवासी जो मर चक ह और तब स व आतमा म भ क साथ ह) उसी क साथ ल आएगा (15) कयक हम भ क वचन क अनसार तम स यह कहत ह क हम जो जीिवत ह और भ क आन तक बच रहग सोए (मर ) स कभी आग न बढ़ग (16) कयक भ आप ही सवगर स उतरगा उस समय ललकार और धान दत का शबद सनाई दगा और परमश वर क तरही फक जाएगी और जो मसीह म मर ह व पहल जी उठग (दह का पनतथान जो अपनी-अपनी उन आतमा स जा िमलगी जो भ क साथ थ) (17) तब हम जो जीिवत और बच रहग उनक साथ बादल पर उठा िलय जाएग क हवा म भ स िमल और इस रीित स हम सदा भ क साथ रहग (18) इस कार इन बात स एक दसर को शािनत दया करो

24

य परचछद आग भी जारी ह अधयाय 51-11

पर ह भाइयो इसका योजन नह क समय और काल क िवषय म तमहार पास कछ िलखा जाए (2) कयक तम आप ठीक जानत हो क जसा रात को चोर आता ह वसा ही भ का दन (महान अितम नयाय) आनवाला ह (3) जब लोग कहत हग ldquoकशल ह और कछ भय नहrdquo तो उन पर एकाएक िवनाश आ

पड़गा िजस कार गभरवती पर पीड़ा और व कसी रीित स न बचग (4) पर ह भाइयो तम तो अनधकार म नह हो क वह दन तम पर चोर क समान आ पड़ (5) कयक तम सब जयोित क सनतान और दन क सनतान हो हम न रात क ह न अनधकार क ह (6) पर जागत और सावधान रह hellip (8) hellip िवश वास और म क िझलम पिहनकर और उार क आशा का टोप पिहनकर सावधान रह (9)

कयक परमश वर न हम ोध क िलय नह (ोध अितम नयाय का ह िवासी वहा नह हग)

परनत इसिलय ठहराया ह क हम अपन भ यीश मसीह क ारा उार ाप त कर (10) वह हमार

िलय इस कारण मरा क हम चाह जागत ह चाह सोत ह सब िमलकर उसी क साथ जीए (11) इस कारण एक दसर को शािनत दो और एक दसर क उित का कारण बनो जसा क तम करत भी हो 1 करिनथय 1550-54 भी अलौकक घटना का वणरन करता ह दखो म तम स भद क बात कहता हम सब नह सोएग (सब नह मरग) परनत सब बदल जाएग (52) और यह कषण भर म पलक मारत ही अिनतम तरही फकत ही होगा कयक तरही फक जाएगी और मद (िवािसय क मत दह उनक आतमा भ क साथ थी 2 कर 58) अिवनाशी दशा म उठाए जाएग और हम (जो पथवी पर जीिवत ह) बदल जाएग (53) कयक अवशय ह क यह नाशवान दह अिवनाश (पनितथत दह) को पिहन ल और यह मरनहार दह अमरता को पिहन ल (54) और जब यह नाशवान अिवनाश को पिहन लगा और यह मरनहार अमरता को पिहन लगा तब वह वचन जो िलखा ह परा हो जाएगा ldquoजय न मतय को िनगल िलया य िनिलिखत पद दह क पनतथान को समझन म सहायक ह 1 करिनथय 1542-45 मद का जी उठना भी ऐसा ही ह शरीर नाशवान दशा म बोया जाता ह और अिवनाशी प म जी उठता ह (43) वह अनादर क साथ बोया जाता ह और तज क साथ जी उठता ह िनबरलता क साथ बोया जाता ह और सामथयर क साथ जी उठता ह (44) सवाभािवक दह बोई जाती ह और आितमक दह जी उठती ह जबक सवाभािवक दह ह तो आितमक दह भी ह

तरही क फकन पर mdash हम पलक झपकत ही कषण भर म भ क साथ हवा म जा िमलग और इस कार हम सदा भ क साथ हगrdquo

25

XII कलश मी 2415-28 ldquoइसिलय जब तम उस उजाड़नवाली घिणत वसत को िजसक चचार दािनययल भिवषयक ता क ारा ई थी पिवसथान म खड़ी ई दखो (जो पढ़ वह समझ) (16) तब जो यदया म ह व पहाड़ पर भाग जाए (17) जो छत पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर (18) और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट (19) ldquoउन दन म जो गभरवती और दध िपलाती हगी उन क िलय हाय हाय (20) ाथरना कया करो क तमह जाड़ म या सबत क दन भागना न पड़

(21) कयक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक आ और न कभी होगा (22) यद व दन घटाए न जात तो कोई ाणी न बचता परनत चन (जो कलश क समय िवास म आए ह) क कारण व दन घटाए जाएग (23) उस समय यद कोई तम स कह lsquoदखो मसीह यहा हrsquo या lsquoवहा हrsquo तो िवश वास न करना (24) ldquoकयक झठ मसीह और झठ भिवषयक ता उठ खड़ हग और बड़ िचहन और अदभत काम दखाएग क यद हो सक तो चन को भी भरमा द (25) दखो म न पहल स तम स यह सब कछ कह दया ह (26) इसिलय यद व तम स कह lsquoदखो वह जगल म हrsquo तो बाहर न िनकल जाना या lsquoदखो वह कोठरय म हrsquo तो िवश वास न करना (27) ldquoकयक जस िबजली पवर स िनकलकर पिश चम तक चमकती ह वस ही मनषय क प का भी आना होगा

bull दसर शबद म mdash कोई भी उसक आगमन स चक नह सकता

कािशतवाकय 132 जो पश म न दखा वह चीत क समान था hellip (6) उसन परमश वर क िननदा करन क िलय मह खोला क उसक नाम और उसक तमब अथारत सवगर क रहनवाल क िननदा कर (7) उस यह भी अिधकार दया गया क पिव लोग स लड़ और उन पर जय पाए और उस हर एक कल और लोग और भाषा और जाित पर अिधकार दया गया (8) पथवी क व सब रहनवाल िजनक नाम उस म क जीवन क पसतक म िलख नह गए जो जगत क उतपि क समय स घात आ ह उस पश क पजा करग 9िजसक कान ह वह सन (11) फर म न एक और पश को पथवी म स िनकलत ए दखा hellip (12) वह उस पहल पश का सारा अिधकार उसक सामन काम म लाता था और पथवी और उसक रहनवाल स उस पहल पश क िजसका ाण-घातक घाव अचछा हो गया था पजा कराता था (13) वह बड़-बड़ िचहन दखाता था यहा तक क मनषय क सामन सवगर स पथवी पर आग बरसा दता था (14) उन िचहन क कारण िजनह उस पश क सामन दखान का अिधकार उस दया गया था वह पथवी क रहनवाल को भरमाता था और पथवी क रहनवाल स कहता था क िजस पश क तलवार लगी थी वह जी गया ह उसक मतर बनाओ (15) उस उस पश क मतर म ाण डालन का अिधकार दया गया क पश क मतर बोलन लग और िजतन लोग उस पश क मतर क पजा न कर उनह मरवा डाल (16) उसन छोट-बड़ धनी-कगाल सवत-दास सब क दािहन हाथ या उनक माथ पर एक एक छाप करा दी (17) क उसको छोड़

26

िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 19: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

19

बन 14 कयक उसन एक ही चढ़ाव क ारा उनह जो पिव कए जात ह सवरदा क िलय िस कर दया ह

bull उसका काम तो समा ह वह हमारी तीकषा कर रहा ह क हम उस कायर को समा कर जो उसन हम सपा ह

मी 2414 और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा रोमय 1620 शािनत का परमर शतान को तमहार पाव स शी कचलवा दगा उस अिधकार और सामथयर क ारा जो हम दी गई ह अब हम दन ित दन ldquoसपर का िसर कचलनrdquo म भागीदार होत ह

X अत समय म जीना इाएल का पिव और उसका सिकतार यहोवा य कहता हः ldquoमरी सनतान पर घटत होनवाली घटना क िवषय म मझ स पछो और मर हाथ क काय को मझ पर ही छोड़ दो यशायाह 4511

रोिमय 1311- समय को पिहचान कर ऐसा ही करो इसिलय क अब तमहार िलय नद स जाग उठन (वासतिवकता क िलए जाग उठना आितमक वासतिवकता) क घड़ी आ पची ह कयक िजस समय हम न िवश वास कया था उस समय क िवचार स अब हमारा उार (इस वतरमान पापी यग स छटकारा) िनकट ह (12) रात बत बीत गई ह और दन (भ का दन) िनकलन पर ह इसिलय हम अनधकार क काम को तयाग कर जयोित क हिथयार बाध ल (13) जसा दन को शोभा दता ह वसा ही हम सीधी चाल चल न क लीला-ड़ा (रगरली) और िपयक कड़पन म न िभचार और लचपन (कामकता और अनितकता) म और न झगड़ और डाह म (14) वरन भ यीश मसीह को पिहन लो और शरीर क अिभलाषा को परा

करन का उपाय न करो

हम आितमक य क समय म जी रह ह और हम इससाकार क प क तरह बनना चािहए

इितहास 1223 फर लोग लड़न क िलय हिथयार बाध ए होन म दाऊद क पास इसिलय आए क यहोवा क वचन क अनसार शाऊल का राजय उसक हाथ म कर द (32) इससाकारय म स जो समय को पहचानत थ क इाएल को (परमर क लोग को) कया करना उिचत ह

bull िसपाही जो भली कार स िशिकषत अनशािसत और लय किनत होत ह व सवामी क इचछा को

20

जानत ह और साथ ही दशमन क चाल को भी समझत ह पणर समपरत यहा तक क मतय तक भी

2 तीमिथयस 31-5 पर यह समरण रख क अिनतम दन म कठन समय आएग (2) कयक मनषय सवाथ लोभी डगमार अिभमानी िननदक माता-िपता क आजञा टालनवाल कत अपिव (3) दयारिहत कषमारिहत दोष लगानवाल असयमी कठोर भल क बरी (4) िवश वासघाती ढीठ घमणडी और परमश वर क नह वरन सखिवलास ही क चाहनवाल हग (5) व भिक त का भष तो धरग पर उसक शिक त को न मानग ऐस स पर रहना 2 पतरस 33-4 पहल यह जान लो क अिनतम दन म हसी ठा करनवाल आएग जो अपनी ही अिभलाषा क अनसार चलग (4) और कहग ldquoउसक आन क ितजञा कहा गई कयक जब स बापदाद सो गए ह सब कछ वसा ही ह जसा सिष ट क आरमभ स था मी 244-14 सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए (5) कयक बत स ऐस हग जो मर नाम स आकर कहग lsquoम मसीह rsquo और बत को भरमाएग (6) तम लड़ाइय और लड़ाइय क चचार सनोग तो घबरा न जाना कयक इन का होना अवशय ह परनत उस समय अनत न होगा (7) कयक जाित पर जाित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भकमप हग (8) य सब बात पीड़ा का आरमभ हगी (9) तब व कलश दन क िलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाितय क लोग तम स बर रखग (यह बात बत लमब समय स इाएल क िलए सी ठहरी ह और साथ ही िहनद और इसलामी दश म रहनवाल िवािसय क िलए भी) (10) तब बत स ठोकर खाएग और एक दसर को पकड़वाएग और एक दसर स बर रखग (11) बत स झठ भिवषया उठ खड़ हग और बत को भरमाएग (12) अधमर क बढ़न स बत का म ठणडा पड़ जाएगा (13) परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उार होगा (14) और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा मी 2433 इसी रीित स जब तम इन सब बात को दखो तो जान लो क वह िनकट ह वरन ार ही पर ह मी 2434 म तम स सच कहता क जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक इस पीढ़ी का अनत नह होगा

उपरो पद आज क समय क बार म बतात ह िजसम हम रह रह ह हम जानना चािहए और सदा समरण रखना चािहए क

bull जस यीश ससार नह ह वस ही हम भी ससार क नह ह (यहा 1716)

21

bull परनत हमारी नागरकता सवगर क ह जहा स हम उारकतार भ यीश मसीह क आगमन क तीकषा

उतसकता स कर रह ह (फिलिपपय 321)

bull हम पथवी पर परदशी और पराए ह (इािनय 1113)

bull हम मसीह क राजदत ह जो पराए दश म रह रह ह2 कर 520

bull हमारा िमशन उस कायर को समा करना ह िजसक िलए यीश इस जगत म आया खोए को ढढन और बचान मी 2414 2818-20 नमक और जयोित क समान होनndash मी 513

समय क िचहन को दखकर ऐसा लगता ह मानो हम ldquoअितम दनrdquo क ार पर ह यह समय कलश का समय होगा परनत इसस पहल कलश का समय श हो कछ अदभत होगा

XI िवािसय का बड़ा िनगरमन

2 िथससलनीकय 21-2 ह भाइयो अब हम अपन भ यीश मसीह क आन और उसक पास अपन इक होन क िवषय म तम स िवनती करत ह (2) क कसी आतमा या वचन या पी क ारा जो क मानो हमारी ओर स हो यह समझकर क भ का दन आ पचा ह तमहारा मन अचानक अिसथर न हो जाए और न तम घबराओ

bull िथससलनीकय क िवासी ऐस कठन समय म रह रह थ क उनहन सोचा क ldquoभ का दनrdquo आ

चका ह और व ldquoउसक पास अपन इका होनrdquo स चक गए ह

bull य पौलस क उस िशकषा क ओर सकत करता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल िवासी ldquoभ क पास उठा िलए जाएगrdquo और उनह यह समझान क िलए क ldquoभ का दनrdquo अभी नह आया ह पौलस कहता ह

पद 3-4 कसी रीित स कसी क धोख म न आना कयक वह दन (भ का दन) न आएगा जब तक धमर का तयाग (िवास स बहक) न हो ल और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो

bull 1 तीमिथयस 41-2 परनत आतमा सपष टता स कहता ह क आनवाल समय म कतन लोग

भरमानवाली आतमा और दष टातमा क िशकषा पर मन लगाकर िवश वास स बहक जाएग (दख 1 यहा 217-19 2 पतरस 220-22)

22

और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो (4) जो िवरोध करता ह और हर एक स जो ईश वर या पजय कहलाता ह अपन आप को बड़ा ठहराता ह यहा तक क वह परमश वर क मिनदर म बठकर अपन आप को ईश वर ठहराता ह

bull य सब नह आ था और यह सप ह क यह होन स पहल स िवासी ldquoउसक पास इका कए

जाएगrdquo दािनययल 121 hellip तब ऐस सकट का समय होगा जसा कसी जाित क उतप होन क समय स लकर अब तक कभी न आ न होगा परनत उस समय तर लोग म स िजतन क नाम परमश वर क पसतक म िलख ए ह व बच िनकलग

ऐसा तीत होता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल अथारत पथवी पर महकलश क समय स पहल भ यीश मसीह क कलीिसया mdash समसत िवासीmdashइस ससार स िनकाल िलए जाएग

bull भ का दन यशायाह 136+ यहजकल 303 योएल 115 21 11 31 314 आमोस 518-20 सपनयाह 114-18 मलाक 45 रत 220 1 िथससलनीकय 52 2 पतरस 310

मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा (38) कयक जस जल-लय

स पहल क दन म िजस दन तक क नह जहाज पर न चढ़ा (दड स पहल) उस दन तक लोग खात-

पीत थ और उनम िववाह होत थ (39) और जब तक जल-लय आकर उन सब को बहा न ल गया तब

तक उनको कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क प का आना भी होगा (40) उस समय दो जन खत

म हग एक ल िलया जाएगा और दसरा छोड़ दया जाएगा (41) दो िया चक क पीसती रहगी एक

ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी

नह क दन क समान हम भी अपना जहाज़ तयार करत रहना चािहए िवश वास ही स नह न उन बात क िवषय म जो उस समय दखाई न पड़ती थ चतावनी पाकर भिक त क साथ अपन घरान क बचाव क िलय जहाज बनाया इािनय 117 नह और उसक परवार न जहाज़ म वश कया और परमर न जहाज़ का ार बद कर दया कवल वही थ जो परमर ारा बचाए गए या दड अथारत कलश स बचाए गए

उनहन अवशय दड को दखा उसम स गए और उस अनभव कया लकन सरिकषत सथान स जहा

23

स व ldquoअत तक सरिकषत रह और बचाए गएrdquo

लका भी नह क िवषय म िलखता ह और फर िनिलिखत भी जोड़ दता ह लका 1728-31 और जसा लत क दन म आ था क लोग खात-पीत लन-दन करत पड़ लगात और घर बनात थ (29) परनत िजस दन लत सदोम स िनकला उस दन आग और गनधक आकाश स बरसी और सब को नष ट कर दया (30) मनषय क प क गट होन क दन भी ऐसा ही होगा

समरण कर mdash परमर न कहा था क वह सदोम को न नह करगा यद वह धम लोग हग (उतपि 1826-33) तो इस अितम िवनाश म भी धम लोग को पहल ही िनकाल िलया जाएगा

उतपि 1929 और ऐसा आ क जब परमश वर न उस तराई क नगर को िजनम लत रहता था उलट-पलट कर नष ट कया तब उसन अाहम को याद करक लत को उस घटना स (इसस पहल वह घटती) बचा िलया

परमर न अपन चन को िम म दड और िवपिय स बचाया और फर उसन अितम दड स पहल अदभत रीित स लाल सम को दो भाग करक उनह िम स बाहर िनकाला था

अतः हम िनिलिखत वचन स य समझ सकत ह क सभी स िवासी महाकलश क समय स पहल ldquoिनकाल िलए जाएगrdquo कछ लोग इस ldquoरपचरrdquo भी कहत ह (ldquoरपचरrdquo शबद बाइबल का नह ह यह एक लाितनी शबद ह िजसका अथर ह ldquoहवा म उठाया जानाrdquo) कािशतवाकय 310 त न मर धीरज क वचन को थामा ह इसिलय म भी तझ परीकषा क उस समय बचा रखगा जो पथवी पर रहनवाल क परखन क िलय सार ससार पर आनवाला ह

1 िथससलनीकय 413-18 कयक यद हम िवश वास करत ह क यीश मरा और जी भी उठा तो वस ही परमश वर उनह भी जो यीश म सो गए ह (व िवासी जो मर चक ह और तब स व आतमा म भ क साथ ह) उसी क साथ ल आएगा (15) कयक हम भ क वचन क अनसार तम स यह कहत ह क हम जो जीिवत ह और भ क आन तक बच रहग सोए (मर ) स कभी आग न बढ़ग (16) कयक भ आप ही सवगर स उतरगा उस समय ललकार और धान दत का शबद सनाई दगा और परमश वर क तरही फक जाएगी और जो मसीह म मर ह व पहल जी उठग (दह का पनतथान जो अपनी-अपनी उन आतमा स जा िमलगी जो भ क साथ थ) (17) तब हम जो जीिवत और बच रहग उनक साथ बादल पर उठा िलय जाएग क हवा म भ स िमल और इस रीित स हम सदा भ क साथ रहग (18) इस कार इन बात स एक दसर को शािनत दया करो

24

य परचछद आग भी जारी ह अधयाय 51-11

पर ह भाइयो इसका योजन नह क समय और काल क िवषय म तमहार पास कछ िलखा जाए (2) कयक तम आप ठीक जानत हो क जसा रात को चोर आता ह वसा ही भ का दन (महान अितम नयाय) आनवाला ह (3) जब लोग कहत हग ldquoकशल ह और कछ भय नहrdquo तो उन पर एकाएक िवनाश आ

पड़गा िजस कार गभरवती पर पीड़ा और व कसी रीित स न बचग (4) पर ह भाइयो तम तो अनधकार म नह हो क वह दन तम पर चोर क समान आ पड़ (5) कयक तम सब जयोित क सनतान और दन क सनतान हो हम न रात क ह न अनधकार क ह (6) पर जागत और सावधान रह hellip (8) hellip िवश वास और म क िझलम पिहनकर और उार क आशा का टोप पिहनकर सावधान रह (9)

कयक परमश वर न हम ोध क िलय नह (ोध अितम नयाय का ह िवासी वहा नह हग)

परनत इसिलय ठहराया ह क हम अपन भ यीश मसीह क ारा उार ाप त कर (10) वह हमार

िलय इस कारण मरा क हम चाह जागत ह चाह सोत ह सब िमलकर उसी क साथ जीए (11) इस कारण एक दसर को शािनत दो और एक दसर क उित का कारण बनो जसा क तम करत भी हो 1 करिनथय 1550-54 भी अलौकक घटना का वणरन करता ह दखो म तम स भद क बात कहता हम सब नह सोएग (सब नह मरग) परनत सब बदल जाएग (52) और यह कषण भर म पलक मारत ही अिनतम तरही फकत ही होगा कयक तरही फक जाएगी और मद (िवािसय क मत दह उनक आतमा भ क साथ थी 2 कर 58) अिवनाशी दशा म उठाए जाएग और हम (जो पथवी पर जीिवत ह) बदल जाएग (53) कयक अवशय ह क यह नाशवान दह अिवनाश (पनितथत दह) को पिहन ल और यह मरनहार दह अमरता को पिहन ल (54) और जब यह नाशवान अिवनाश को पिहन लगा और यह मरनहार अमरता को पिहन लगा तब वह वचन जो िलखा ह परा हो जाएगा ldquoजय न मतय को िनगल िलया य िनिलिखत पद दह क पनतथान को समझन म सहायक ह 1 करिनथय 1542-45 मद का जी उठना भी ऐसा ही ह शरीर नाशवान दशा म बोया जाता ह और अिवनाशी प म जी उठता ह (43) वह अनादर क साथ बोया जाता ह और तज क साथ जी उठता ह िनबरलता क साथ बोया जाता ह और सामथयर क साथ जी उठता ह (44) सवाभािवक दह बोई जाती ह और आितमक दह जी उठती ह जबक सवाभािवक दह ह तो आितमक दह भी ह

तरही क फकन पर mdash हम पलक झपकत ही कषण भर म भ क साथ हवा म जा िमलग और इस कार हम सदा भ क साथ हगrdquo

25

XII कलश मी 2415-28 ldquoइसिलय जब तम उस उजाड़नवाली घिणत वसत को िजसक चचार दािनययल भिवषयक ता क ारा ई थी पिवसथान म खड़ी ई दखो (जो पढ़ वह समझ) (16) तब जो यदया म ह व पहाड़ पर भाग जाए (17) जो छत पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर (18) और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट (19) ldquoउन दन म जो गभरवती और दध िपलाती हगी उन क िलय हाय हाय (20) ाथरना कया करो क तमह जाड़ म या सबत क दन भागना न पड़

(21) कयक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक आ और न कभी होगा (22) यद व दन घटाए न जात तो कोई ाणी न बचता परनत चन (जो कलश क समय िवास म आए ह) क कारण व दन घटाए जाएग (23) उस समय यद कोई तम स कह lsquoदखो मसीह यहा हrsquo या lsquoवहा हrsquo तो िवश वास न करना (24) ldquoकयक झठ मसीह और झठ भिवषयक ता उठ खड़ हग और बड़ िचहन और अदभत काम दखाएग क यद हो सक तो चन को भी भरमा द (25) दखो म न पहल स तम स यह सब कछ कह दया ह (26) इसिलय यद व तम स कह lsquoदखो वह जगल म हrsquo तो बाहर न िनकल जाना या lsquoदखो वह कोठरय म हrsquo तो िवश वास न करना (27) ldquoकयक जस िबजली पवर स िनकलकर पिश चम तक चमकती ह वस ही मनषय क प का भी आना होगा

bull दसर शबद म mdash कोई भी उसक आगमन स चक नह सकता

कािशतवाकय 132 जो पश म न दखा वह चीत क समान था hellip (6) उसन परमश वर क िननदा करन क िलय मह खोला क उसक नाम और उसक तमब अथारत सवगर क रहनवाल क िननदा कर (7) उस यह भी अिधकार दया गया क पिव लोग स लड़ और उन पर जय पाए और उस हर एक कल और लोग और भाषा और जाित पर अिधकार दया गया (8) पथवी क व सब रहनवाल िजनक नाम उस म क जीवन क पसतक म िलख नह गए जो जगत क उतपि क समय स घात आ ह उस पश क पजा करग 9िजसक कान ह वह सन (11) फर म न एक और पश को पथवी म स िनकलत ए दखा hellip (12) वह उस पहल पश का सारा अिधकार उसक सामन काम म लाता था और पथवी और उसक रहनवाल स उस पहल पश क िजसका ाण-घातक घाव अचछा हो गया था पजा कराता था (13) वह बड़-बड़ िचहन दखाता था यहा तक क मनषय क सामन सवगर स पथवी पर आग बरसा दता था (14) उन िचहन क कारण िजनह उस पश क सामन दखान का अिधकार उस दया गया था वह पथवी क रहनवाल को भरमाता था और पथवी क रहनवाल स कहता था क िजस पश क तलवार लगी थी वह जी गया ह उसक मतर बनाओ (15) उस उस पश क मतर म ाण डालन का अिधकार दया गया क पश क मतर बोलन लग और िजतन लोग उस पश क मतर क पजा न कर उनह मरवा डाल (16) उसन छोट-बड़ धनी-कगाल सवत-दास सब क दािहन हाथ या उनक माथ पर एक एक छाप करा दी (17) क उसको छोड़

26

िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 20: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

20

जानत ह और साथ ही दशमन क चाल को भी समझत ह पणर समपरत यहा तक क मतय तक भी

2 तीमिथयस 31-5 पर यह समरण रख क अिनतम दन म कठन समय आएग (2) कयक मनषय सवाथ लोभी डगमार अिभमानी िननदक माता-िपता क आजञा टालनवाल कत अपिव (3) दयारिहत कषमारिहत दोष लगानवाल असयमी कठोर भल क बरी (4) िवश वासघाती ढीठ घमणडी और परमश वर क नह वरन सखिवलास ही क चाहनवाल हग (5) व भिक त का भष तो धरग पर उसक शिक त को न मानग ऐस स पर रहना 2 पतरस 33-4 पहल यह जान लो क अिनतम दन म हसी ठा करनवाल आएग जो अपनी ही अिभलाषा क अनसार चलग (4) और कहग ldquoउसक आन क ितजञा कहा गई कयक जब स बापदाद सो गए ह सब कछ वसा ही ह जसा सिष ट क आरमभ स था मी 244-14 सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए (5) कयक बत स ऐस हग जो मर नाम स आकर कहग lsquoम मसीह rsquo और बत को भरमाएग (6) तम लड़ाइय और लड़ाइय क चचार सनोग तो घबरा न जाना कयक इन का होना अवशय ह परनत उस समय अनत न होगा (7) कयक जाित पर जाित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भकमप हग (8) य सब बात पीड़ा का आरमभ हगी (9) तब व कलश दन क िलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाितय क लोग तम स बर रखग (यह बात बत लमब समय स इाएल क िलए सी ठहरी ह और साथ ही िहनद और इसलामी दश म रहनवाल िवािसय क िलए भी) (10) तब बत स ठोकर खाएग और एक दसर को पकड़वाएग और एक दसर स बर रखग (11) बत स झठ भिवषया उठ खड़ हग और बत को भरमाएग (12) अधमर क बढ़न स बत का म ठणडा पड़ जाएगा (13) परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उार होगा (14) और राजय का यह ससमाचार सार जगत म चार कया जाएगा क सब जाितय पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा मी 2433 इसी रीित स जब तम इन सब बात को दखो तो जान लो क वह िनकट ह वरन ार ही पर ह मी 2434 म तम स सच कहता क जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक इस पीढ़ी का अनत नह होगा

उपरो पद आज क समय क बार म बतात ह िजसम हम रह रह ह हम जानना चािहए और सदा समरण रखना चािहए क

bull जस यीश ससार नह ह वस ही हम भी ससार क नह ह (यहा 1716)

21

bull परनत हमारी नागरकता सवगर क ह जहा स हम उारकतार भ यीश मसीह क आगमन क तीकषा

उतसकता स कर रह ह (फिलिपपय 321)

bull हम पथवी पर परदशी और पराए ह (इािनय 1113)

bull हम मसीह क राजदत ह जो पराए दश म रह रह ह2 कर 520

bull हमारा िमशन उस कायर को समा करना ह िजसक िलए यीश इस जगत म आया खोए को ढढन और बचान मी 2414 2818-20 नमक और जयोित क समान होनndash मी 513

समय क िचहन को दखकर ऐसा लगता ह मानो हम ldquoअितम दनrdquo क ार पर ह यह समय कलश का समय होगा परनत इसस पहल कलश का समय श हो कछ अदभत होगा

XI िवािसय का बड़ा िनगरमन

2 िथससलनीकय 21-2 ह भाइयो अब हम अपन भ यीश मसीह क आन और उसक पास अपन इक होन क िवषय म तम स िवनती करत ह (2) क कसी आतमा या वचन या पी क ारा जो क मानो हमारी ओर स हो यह समझकर क भ का दन आ पचा ह तमहारा मन अचानक अिसथर न हो जाए और न तम घबराओ

bull िथससलनीकय क िवासी ऐस कठन समय म रह रह थ क उनहन सोचा क ldquoभ का दनrdquo आ

चका ह और व ldquoउसक पास अपन इका होनrdquo स चक गए ह

bull य पौलस क उस िशकषा क ओर सकत करता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल िवासी ldquoभ क पास उठा िलए जाएगrdquo और उनह यह समझान क िलए क ldquoभ का दनrdquo अभी नह आया ह पौलस कहता ह

पद 3-4 कसी रीित स कसी क धोख म न आना कयक वह दन (भ का दन) न आएगा जब तक धमर का तयाग (िवास स बहक) न हो ल और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो

bull 1 तीमिथयस 41-2 परनत आतमा सपष टता स कहता ह क आनवाल समय म कतन लोग

भरमानवाली आतमा और दष टातमा क िशकषा पर मन लगाकर िवश वास स बहक जाएग (दख 1 यहा 217-19 2 पतरस 220-22)

22

और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो (4) जो िवरोध करता ह और हर एक स जो ईश वर या पजय कहलाता ह अपन आप को बड़ा ठहराता ह यहा तक क वह परमश वर क मिनदर म बठकर अपन आप को ईश वर ठहराता ह

bull य सब नह आ था और यह सप ह क यह होन स पहल स िवासी ldquoउसक पास इका कए

जाएगrdquo दािनययल 121 hellip तब ऐस सकट का समय होगा जसा कसी जाित क उतप होन क समय स लकर अब तक कभी न आ न होगा परनत उस समय तर लोग म स िजतन क नाम परमश वर क पसतक म िलख ए ह व बच िनकलग

ऐसा तीत होता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल अथारत पथवी पर महकलश क समय स पहल भ यीश मसीह क कलीिसया mdash समसत िवासीmdashइस ससार स िनकाल िलए जाएग

bull भ का दन यशायाह 136+ यहजकल 303 योएल 115 21 11 31 314 आमोस 518-20 सपनयाह 114-18 मलाक 45 रत 220 1 िथससलनीकय 52 2 पतरस 310

मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा (38) कयक जस जल-लय

स पहल क दन म िजस दन तक क नह जहाज पर न चढ़ा (दड स पहल) उस दन तक लोग खात-

पीत थ और उनम िववाह होत थ (39) और जब तक जल-लय आकर उन सब को बहा न ल गया तब

तक उनको कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क प का आना भी होगा (40) उस समय दो जन खत

म हग एक ल िलया जाएगा और दसरा छोड़ दया जाएगा (41) दो िया चक क पीसती रहगी एक

ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी

नह क दन क समान हम भी अपना जहाज़ तयार करत रहना चािहए िवश वास ही स नह न उन बात क िवषय म जो उस समय दखाई न पड़ती थ चतावनी पाकर भिक त क साथ अपन घरान क बचाव क िलय जहाज बनाया इािनय 117 नह और उसक परवार न जहाज़ म वश कया और परमर न जहाज़ का ार बद कर दया कवल वही थ जो परमर ारा बचाए गए या दड अथारत कलश स बचाए गए

उनहन अवशय दड को दखा उसम स गए और उस अनभव कया लकन सरिकषत सथान स जहा

23

स व ldquoअत तक सरिकषत रह और बचाए गएrdquo

लका भी नह क िवषय म िलखता ह और फर िनिलिखत भी जोड़ दता ह लका 1728-31 और जसा लत क दन म आ था क लोग खात-पीत लन-दन करत पड़ लगात और घर बनात थ (29) परनत िजस दन लत सदोम स िनकला उस दन आग और गनधक आकाश स बरसी और सब को नष ट कर दया (30) मनषय क प क गट होन क दन भी ऐसा ही होगा

समरण कर mdash परमर न कहा था क वह सदोम को न नह करगा यद वह धम लोग हग (उतपि 1826-33) तो इस अितम िवनाश म भी धम लोग को पहल ही िनकाल िलया जाएगा

उतपि 1929 और ऐसा आ क जब परमश वर न उस तराई क नगर को िजनम लत रहता था उलट-पलट कर नष ट कया तब उसन अाहम को याद करक लत को उस घटना स (इसस पहल वह घटती) बचा िलया

परमर न अपन चन को िम म दड और िवपिय स बचाया और फर उसन अितम दड स पहल अदभत रीित स लाल सम को दो भाग करक उनह िम स बाहर िनकाला था

अतः हम िनिलिखत वचन स य समझ सकत ह क सभी स िवासी महाकलश क समय स पहल ldquoिनकाल िलए जाएगrdquo कछ लोग इस ldquoरपचरrdquo भी कहत ह (ldquoरपचरrdquo शबद बाइबल का नह ह यह एक लाितनी शबद ह िजसका अथर ह ldquoहवा म उठाया जानाrdquo) कािशतवाकय 310 त न मर धीरज क वचन को थामा ह इसिलय म भी तझ परीकषा क उस समय बचा रखगा जो पथवी पर रहनवाल क परखन क िलय सार ससार पर आनवाला ह

1 िथससलनीकय 413-18 कयक यद हम िवश वास करत ह क यीश मरा और जी भी उठा तो वस ही परमश वर उनह भी जो यीश म सो गए ह (व िवासी जो मर चक ह और तब स व आतमा म भ क साथ ह) उसी क साथ ल आएगा (15) कयक हम भ क वचन क अनसार तम स यह कहत ह क हम जो जीिवत ह और भ क आन तक बच रहग सोए (मर ) स कभी आग न बढ़ग (16) कयक भ आप ही सवगर स उतरगा उस समय ललकार और धान दत का शबद सनाई दगा और परमश वर क तरही फक जाएगी और जो मसीह म मर ह व पहल जी उठग (दह का पनतथान जो अपनी-अपनी उन आतमा स जा िमलगी जो भ क साथ थ) (17) तब हम जो जीिवत और बच रहग उनक साथ बादल पर उठा िलय जाएग क हवा म भ स िमल और इस रीित स हम सदा भ क साथ रहग (18) इस कार इन बात स एक दसर को शािनत दया करो

24

य परचछद आग भी जारी ह अधयाय 51-11

पर ह भाइयो इसका योजन नह क समय और काल क िवषय म तमहार पास कछ िलखा जाए (2) कयक तम आप ठीक जानत हो क जसा रात को चोर आता ह वसा ही भ का दन (महान अितम नयाय) आनवाला ह (3) जब लोग कहत हग ldquoकशल ह और कछ भय नहrdquo तो उन पर एकाएक िवनाश आ

पड़गा िजस कार गभरवती पर पीड़ा और व कसी रीित स न बचग (4) पर ह भाइयो तम तो अनधकार म नह हो क वह दन तम पर चोर क समान आ पड़ (5) कयक तम सब जयोित क सनतान और दन क सनतान हो हम न रात क ह न अनधकार क ह (6) पर जागत और सावधान रह hellip (8) hellip िवश वास और म क िझलम पिहनकर और उार क आशा का टोप पिहनकर सावधान रह (9)

कयक परमश वर न हम ोध क िलय नह (ोध अितम नयाय का ह िवासी वहा नह हग)

परनत इसिलय ठहराया ह क हम अपन भ यीश मसीह क ारा उार ाप त कर (10) वह हमार

िलय इस कारण मरा क हम चाह जागत ह चाह सोत ह सब िमलकर उसी क साथ जीए (11) इस कारण एक दसर को शािनत दो और एक दसर क उित का कारण बनो जसा क तम करत भी हो 1 करिनथय 1550-54 भी अलौकक घटना का वणरन करता ह दखो म तम स भद क बात कहता हम सब नह सोएग (सब नह मरग) परनत सब बदल जाएग (52) और यह कषण भर म पलक मारत ही अिनतम तरही फकत ही होगा कयक तरही फक जाएगी और मद (िवािसय क मत दह उनक आतमा भ क साथ थी 2 कर 58) अिवनाशी दशा म उठाए जाएग और हम (जो पथवी पर जीिवत ह) बदल जाएग (53) कयक अवशय ह क यह नाशवान दह अिवनाश (पनितथत दह) को पिहन ल और यह मरनहार दह अमरता को पिहन ल (54) और जब यह नाशवान अिवनाश को पिहन लगा और यह मरनहार अमरता को पिहन लगा तब वह वचन जो िलखा ह परा हो जाएगा ldquoजय न मतय को िनगल िलया य िनिलिखत पद दह क पनतथान को समझन म सहायक ह 1 करिनथय 1542-45 मद का जी उठना भी ऐसा ही ह शरीर नाशवान दशा म बोया जाता ह और अिवनाशी प म जी उठता ह (43) वह अनादर क साथ बोया जाता ह और तज क साथ जी उठता ह िनबरलता क साथ बोया जाता ह और सामथयर क साथ जी उठता ह (44) सवाभािवक दह बोई जाती ह और आितमक दह जी उठती ह जबक सवाभािवक दह ह तो आितमक दह भी ह

तरही क फकन पर mdash हम पलक झपकत ही कषण भर म भ क साथ हवा म जा िमलग और इस कार हम सदा भ क साथ हगrdquo

25

XII कलश मी 2415-28 ldquoइसिलय जब तम उस उजाड़नवाली घिणत वसत को िजसक चचार दािनययल भिवषयक ता क ारा ई थी पिवसथान म खड़ी ई दखो (जो पढ़ वह समझ) (16) तब जो यदया म ह व पहाड़ पर भाग जाए (17) जो छत पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर (18) और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट (19) ldquoउन दन म जो गभरवती और दध िपलाती हगी उन क िलय हाय हाय (20) ाथरना कया करो क तमह जाड़ म या सबत क दन भागना न पड़

(21) कयक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक आ और न कभी होगा (22) यद व दन घटाए न जात तो कोई ाणी न बचता परनत चन (जो कलश क समय िवास म आए ह) क कारण व दन घटाए जाएग (23) उस समय यद कोई तम स कह lsquoदखो मसीह यहा हrsquo या lsquoवहा हrsquo तो िवश वास न करना (24) ldquoकयक झठ मसीह और झठ भिवषयक ता उठ खड़ हग और बड़ िचहन और अदभत काम दखाएग क यद हो सक तो चन को भी भरमा द (25) दखो म न पहल स तम स यह सब कछ कह दया ह (26) इसिलय यद व तम स कह lsquoदखो वह जगल म हrsquo तो बाहर न िनकल जाना या lsquoदखो वह कोठरय म हrsquo तो िवश वास न करना (27) ldquoकयक जस िबजली पवर स िनकलकर पिश चम तक चमकती ह वस ही मनषय क प का भी आना होगा

bull दसर शबद म mdash कोई भी उसक आगमन स चक नह सकता

कािशतवाकय 132 जो पश म न दखा वह चीत क समान था hellip (6) उसन परमश वर क िननदा करन क िलय मह खोला क उसक नाम और उसक तमब अथारत सवगर क रहनवाल क िननदा कर (7) उस यह भी अिधकार दया गया क पिव लोग स लड़ और उन पर जय पाए और उस हर एक कल और लोग और भाषा और जाित पर अिधकार दया गया (8) पथवी क व सब रहनवाल िजनक नाम उस म क जीवन क पसतक म िलख नह गए जो जगत क उतपि क समय स घात आ ह उस पश क पजा करग 9िजसक कान ह वह सन (11) फर म न एक और पश को पथवी म स िनकलत ए दखा hellip (12) वह उस पहल पश का सारा अिधकार उसक सामन काम म लाता था और पथवी और उसक रहनवाल स उस पहल पश क िजसका ाण-घातक घाव अचछा हो गया था पजा कराता था (13) वह बड़-बड़ िचहन दखाता था यहा तक क मनषय क सामन सवगर स पथवी पर आग बरसा दता था (14) उन िचहन क कारण िजनह उस पश क सामन दखान का अिधकार उस दया गया था वह पथवी क रहनवाल को भरमाता था और पथवी क रहनवाल स कहता था क िजस पश क तलवार लगी थी वह जी गया ह उसक मतर बनाओ (15) उस उस पश क मतर म ाण डालन का अिधकार दया गया क पश क मतर बोलन लग और िजतन लोग उस पश क मतर क पजा न कर उनह मरवा डाल (16) उसन छोट-बड़ धनी-कगाल सवत-दास सब क दािहन हाथ या उनक माथ पर एक एक छाप करा दी (17) क उसको छोड़

26

िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 21: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

21

bull परनत हमारी नागरकता सवगर क ह जहा स हम उारकतार भ यीश मसीह क आगमन क तीकषा

उतसकता स कर रह ह (फिलिपपय 321)

bull हम पथवी पर परदशी और पराए ह (इािनय 1113)

bull हम मसीह क राजदत ह जो पराए दश म रह रह ह2 कर 520

bull हमारा िमशन उस कायर को समा करना ह िजसक िलए यीश इस जगत म आया खोए को ढढन और बचान मी 2414 2818-20 नमक और जयोित क समान होनndash मी 513

समय क िचहन को दखकर ऐसा लगता ह मानो हम ldquoअितम दनrdquo क ार पर ह यह समय कलश का समय होगा परनत इसस पहल कलश का समय श हो कछ अदभत होगा

XI िवािसय का बड़ा िनगरमन

2 िथससलनीकय 21-2 ह भाइयो अब हम अपन भ यीश मसीह क आन और उसक पास अपन इक होन क िवषय म तम स िवनती करत ह (2) क कसी आतमा या वचन या पी क ारा जो क मानो हमारी ओर स हो यह समझकर क भ का दन आ पचा ह तमहारा मन अचानक अिसथर न हो जाए और न तम घबराओ

bull िथससलनीकय क िवासी ऐस कठन समय म रह रह थ क उनहन सोचा क ldquoभ का दनrdquo आ

चका ह और व ldquoउसक पास अपन इका होनrdquo स चक गए ह

bull य पौलस क उस िशकषा क ओर सकत करता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल िवासी ldquoभ क पास उठा िलए जाएगrdquo और उनह यह समझान क िलए क ldquoभ का दनrdquo अभी नह आया ह पौलस कहता ह

पद 3-4 कसी रीित स कसी क धोख म न आना कयक वह दन (भ का दन) न आएगा जब तक धमर का तयाग (िवास स बहक) न हो ल और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो

bull 1 तीमिथयस 41-2 परनत आतमा सपष टता स कहता ह क आनवाल समय म कतन लोग

भरमानवाली आतमा और दष टातमा क िशकषा पर मन लगाकर िवश वास स बहक जाएग (दख 1 यहा 217-19 2 पतरस 220-22)

22

और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो (4) जो िवरोध करता ह और हर एक स जो ईश वर या पजय कहलाता ह अपन आप को बड़ा ठहराता ह यहा तक क वह परमश वर क मिनदर म बठकर अपन आप को ईश वर ठहराता ह

bull य सब नह आ था और यह सप ह क यह होन स पहल स िवासी ldquoउसक पास इका कए

जाएगrdquo दािनययल 121 hellip तब ऐस सकट का समय होगा जसा कसी जाित क उतप होन क समय स लकर अब तक कभी न आ न होगा परनत उस समय तर लोग म स िजतन क नाम परमश वर क पसतक म िलख ए ह व बच िनकलग

ऐसा तीत होता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल अथारत पथवी पर महकलश क समय स पहल भ यीश मसीह क कलीिसया mdash समसत िवासीmdashइस ससार स िनकाल िलए जाएग

bull भ का दन यशायाह 136+ यहजकल 303 योएल 115 21 11 31 314 आमोस 518-20 सपनयाह 114-18 मलाक 45 रत 220 1 िथससलनीकय 52 2 पतरस 310

मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा (38) कयक जस जल-लय

स पहल क दन म िजस दन तक क नह जहाज पर न चढ़ा (दड स पहल) उस दन तक लोग खात-

पीत थ और उनम िववाह होत थ (39) और जब तक जल-लय आकर उन सब को बहा न ल गया तब

तक उनको कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क प का आना भी होगा (40) उस समय दो जन खत

म हग एक ल िलया जाएगा और दसरा छोड़ दया जाएगा (41) दो िया चक क पीसती रहगी एक

ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी

नह क दन क समान हम भी अपना जहाज़ तयार करत रहना चािहए िवश वास ही स नह न उन बात क िवषय म जो उस समय दखाई न पड़ती थ चतावनी पाकर भिक त क साथ अपन घरान क बचाव क िलय जहाज बनाया इािनय 117 नह और उसक परवार न जहाज़ म वश कया और परमर न जहाज़ का ार बद कर दया कवल वही थ जो परमर ारा बचाए गए या दड अथारत कलश स बचाए गए

उनहन अवशय दड को दखा उसम स गए और उस अनभव कया लकन सरिकषत सथान स जहा

23

स व ldquoअत तक सरिकषत रह और बचाए गएrdquo

लका भी नह क िवषय म िलखता ह और फर िनिलिखत भी जोड़ दता ह लका 1728-31 और जसा लत क दन म आ था क लोग खात-पीत लन-दन करत पड़ लगात और घर बनात थ (29) परनत िजस दन लत सदोम स िनकला उस दन आग और गनधक आकाश स बरसी और सब को नष ट कर दया (30) मनषय क प क गट होन क दन भी ऐसा ही होगा

समरण कर mdash परमर न कहा था क वह सदोम को न नह करगा यद वह धम लोग हग (उतपि 1826-33) तो इस अितम िवनाश म भी धम लोग को पहल ही िनकाल िलया जाएगा

उतपि 1929 और ऐसा आ क जब परमश वर न उस तराई क नगर को िजनम लत रहता था उलट-पलट कर नष ट कया तब उसन अाहम को याद करक लत को उस घटना स (इसस पहल वह घटती) बचा िलया

परमर न अपन चन को िम म दड और िवपिय स बचाया और फर उसन अितम दड स पहल अदभत रीित स लाल सम को दो भाग करक उनह िम स बाहर िनकाला था

अतः हम िनिलिखत वचन स य समझ सकत ह क सभी स िवासी महाकलश क समय स पहल ldquoिनकाल िलए जाएगrdquo कछ लोग इस ldquoरपचरrdquo भी कहत ह (ldquoरपचरrdquo शबद बाइबल का नह ह यह एक लाितनी शबद ह िजसका अथर ह ldquoहवा म उठाया जानाrdquo) कािशतवाकय 310 त न मर धीरज क वचन को थामा ह इसिलय म भी तझ परीकषा क उस समय बचा रखगा जो पथवी पर रहनवाल क परखन क िलय सार ससार पर आनवाला ह

1 िथससलनीकय 413-18 कयक यद हम िवश वास करत ह क यीश मरा और जी भी उठा तो वस ही परमश वर उनह भी जो यीश म सो गए ह (व िवासी जो मर चक ह और तब स व आतमा म भ क साथ ह) उसी क साथ ल आएगा (15) कयक हम भ क वचन क अनसार तम स यह कहत ह क हम जो जीिवत ह और भ क आन तक बच रहग सोए (मर ) स कभी आग न बढ़ग (16) कयक भ आप ही सवगर स उतरगा उस समय ललकार और धान दत का शबद सनाई दगा और परमश वर क तरही फक जाएगी और जो मसीह म मर ह व पहल जी उठग (दह का पनतथान जो अपनी-अपनी उन आतमा स जा िमलगी जो भ क साथ थ) (17) तब हम जो जीिवत और बच रहग उनक साथ बादल पर उठा िलय जाएग क हवा म भ स िमल और इस रीित स हम सदा भ क साथ रहग (18) इस कार इन बात स एक दसर को शािनत दया करो

24

य परचछद आग भी जारी ह अधयाय 51-11

पर ह भाइयो इसका योजन नह क समय और काल क िवषय म तमहार पास कछ िलखा जाए (2) कयक तम आप ठीक जानत हो क जसा रात को चोर आता ह वसा ही भ का दन (महान अितम नयाय) आनवाला ह (3) जब लोग कहत हग ldquoकशल ह और कछ भय नहrdquo तो उन पर एकाएक िवनाश आ

पड़गा िजस कार गभरवती पर पीड़ा और व कसी रीित स न बचग (4) पर ह भाइयो तम तो अनधकार म नह हो क वह दन तम पर चोर क समान आ पड़ (5) कयक तम सब जयोित क सनतान और दन क सनतान हो हम न रात क ह न अनधकार क ह (6) पर जागत और सावधान रह hellip (8) hellip िवश वास और म क िझलम पिहनकर और उार क आशा का टोप पिहनकर सावधान रह (9)

कयक परमश वर न हम ोध क िलय नह (ोध अितम नयाय का ह िवासी वहा नह हग)

परनत इसिलय ठहराया ह क हम अपन भ यीश मसीह क ारा उार ाप त कर (10) वह हमार

िलय इस कारण मरा क हम चाह जागत ह चाह सोत ह सब िमलकर उसी क साथ जीए (11) इस कारण एक दसर को शािनत दो और एक दसर क उित का कारण बनो जसा क तम करत भी हो 1 करिनथय 1550-54 भी अलौकक घटना का वणरन करता ह दखो म तम स भद क बात कहता हम सब नह सोएग (सब नह मरग) परनत सब बदल जाएग (52) और यह कषण भर म पलक मारत ही अिनतम तरही फकत ही होगा कयक तरही फक जाएगी और मद (िवािसय क मत दह उनक आतमा भ क साथ थी 2 कर 58) अिवनाशी दशा म उठाए जाएग और हम (जो पथवी पर जीिवत ह) बदल जाएग (53) कयक अवशय ह क यह नाशवान दह अिवनाश (पनितथत दह) को पिहन ल और यह मरनहार दह अमरता को पिहन ल (54) और जब यह नाशवान अिवनाश को पिहन लगा और यह मरनहार अमरता को पिहन लगा तब वह वचन जो िलखा ह परा हो जाएगा ldquoजय न मतय को िनगल िलया य िनिलिखत पद दह क पनतथान को समझन म सहायक ह 1 करिनथय 1542-45 मद का जी उठना भी ऐसा ही ह शरीर नाशवान दशा म बोया जाता ह और अिवनाशी प म जी उठता ह (43) वह अनादर क साथ बोया जाता ह और तज क साथ जी उठता ह िनबरलता क साथ बोया जाता ह और सामथयर क साथ जी उठता ह (44) सवाभािवक दह बोई जाती ह और आितमक दह जी उठती ह जबक सवाभािवक दह ह तो आितमक दह भी ह

तरही क फकन पर mdash हम पलक झपकत ही कषण भर म भ क साथ हवा म जा िमलग और इस कार हम सदा भ क साथ हगrdquo

25

XII कलश मी 2415-28 ldquoइसिलय जब तम उस उजाड़नवाली घिणत वसत को िजसक चचार दािनययल भिवषयक ता क ारा ई थी पिवसथान म खड़ी ई दखो (जो पढ़ वह समझ) (16) तब जो यदया म ह व पहाड़ पर भाग जाए (17) जो छत पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर (18) और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट (19) ldquoउन दन म जो गभरवती और दध िपलाती हगी उन क िलय हाय हाय (20) ाथरना कया करो क तमह जाड़ म या सबत क दन भागना न पड़

(21) कयक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक आ और न कभी होगा (22) यद व दन घटाए न जात तो कोई ाणी न बचता परनत चन (जो कलश क समय िवास म आए ह) क कारण व दन घटाए जाएग (23) उस समय यद कोई तम स कह lsquoदखो मसीह यहा हrsquo या lsquoवहा हrsquo तो िवश वास न करना (24) ldquoकयक झठ मसीह और झठ भिवषयक ता उठ खड़ हग और बड़ िचहन और अदभत काम दखाएग क यद हो सक तो चन को भी भरमा द (25) दखो म न पहल स तम स यह सब कछ कह दया ह (26) इसिलय यद व तम स कह lsquoदखो वह जगल म हrsquo तो बाहर न िनकल जाना या lsquoदखो वह कोठरय म हrsquo तो िवश वास न करना (27) ldquoकयक जस िबजली पवर स िनकलकर पिश चम तक चमकती ह वस ही मनषय क प का भी आना होगा

bull दसर शबद म mdash कोई भी उसक आगमन स चक नह सकता

कािशतवाकय 132 जो पश म न दखा वह चीत क समान था hellip (6) उसन परमश वर क िननदा करन क िलय मह खोला क उसक नाम और उसक तमब अथारत सवगर क रहनवाल क िननदा कर (7) उस यह भी अिधकार दया गया क पिव लोग स लड़ और उन पर जय पाए और उस हर एक कल और लोग और भाषा और जाित पर अिधकार दया गया (8) पथवी क व सब रहनवाल िजनक नाम उस म क जीवन क पसतक म िलख नह गए जो जगत क उतपि क समय स घात आ ह उस पश क पजा करग 9िजसक कान ह वह सन (11) फर म न एक और पश को पथवी म स िनकलत ए दखा hellip (12) वह उस पहल पश का सारा अिधकार उसक सामन काम म लाता था और पथवी और उसक रहनवाल स उस पहल पश क िजसका ाण-घातक घाव अचछा हो गया था पजा कराता था (13) वह बड़-बड़ िचहन दखाता था यहा तक क मनषय क सामन सवगर स पथवी पर आग बरसा दता था (14) उन िचहन क कारण िजनह उस पश क सामन दखान का अिधकार उस दया गया था वह पथवी क रहनवाल को भरमाता था और पथवी क रहनवाल स कहता था क िजस पश क तलवार लगी थी वह जी गया ह उसक मतर बनाओ (15) उस उस पश क मतर म ाण डालन का अिधकार दया गया क पश क मतर बोलन लग और िजतन लोग उस पश क मतर क पजा न कर उनह मरवा डाल (16) उसन छोट-बड़ धनी-कगाल सवत-दास सब क दािहन हाथ या उनक माथ पर एक एक छाप करा दी (17) क उसको छोड़

26

िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 22: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

22

और वह पाप का पष अथारत िवनाश का प गट न हो (4) जो िवरोध करता ह और हर एक स जो ईश वर या पजय कहलाता ह अपन आप को बड़ा ठहराता ह यहा तक क वह परमश वर क मिनदर म बठकर अपन आप को ईश वर ठहराता ह

bull य सब नह आ था और यह सप ह क यह होन स पहल स िवासी ldquoउसक पास इका कए

जाएगrdquo दािनययल 121 hellip तब ऐस सकट का समय होगा जसा कसी जाित क उतप होन क समय स लकर अब तक कभी न आ न होगा परनत उस समय तर लोग म स िजतन क नाम परमश वर क पसतक म िलख ए ह व बच िनकलग

ऐसा तीत होता ह क ldquoभ का दनrdquo आन स पहल अथारत पथवी पर महकलश क समय स पहल भ यीश मसीह क कलीिसया mdash समसत िवासीmdashइस ससार स िनकाल िलए जाएग

bull भ का दन यशायाह 136+ यहजकल 303 योएल 115 21 11 31 314 आमोस 518-20 सपनयाह 114-18 मलाक 45 रत 220 1 िथससलनीकय 52 2 पतरस 310

मी 2437 जस नह क दन थ वसा ही मनषय क प का आना भी होगा (38) कयक जस जल-लय

स पहल क दन म िजस दन तक क नह जहाज पर न चढ़ा (दड स पहल) उस दन तक लोग खात-

पीत थ और उनम िववाह होत थ (39) और जब तक जल-लय आकर उन सब को बहा न ल गया तब

तक उनको कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क प का आना भी होगा (40) उस समय दो जन खत

म हग एक ल िलया जाएगा और दसरा छोड़ दया जाएगा (41) दो िया चक क पीसती रहगी एक

ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी

नह क दन क समान हम भी अपना जहाज़ तयार करत रहना चािहए िवश वास ही स नह न उन बात क िवषय म जो उस समय दखाई न पड़ती थ चतावनी पाकर भिक त क साथ अपन घरान क बचाव क िलय जहाज बनाया इािनय 117 नह और उसक परवार न जहाज़ म वश कया और परमर न जहाज़ का ार बद कर दया कवल वही थ जो परमर ारा बचाए गए या दड अथारत कलश स बचाए गए

उनहन अवशय दड को दखा उसम स गए और उस अनभव कया लकन सरिकषत सथान स जहा

23

स व ldquoअत तक सरिकषत रह और बचाए गएrdquo

लका भी नह क िवषय म िलखता ह और फर िनिलिखत भी जोड़ दता ह लका 1728-31 और जसा लत क दन म आ था क लोग खात-पीत लन-दन करत पड़ लगात और घर बनात थ (29) परनत िजस दन लत सदोम स िनकला उस दन आग और गनधक आकाश स बरसी और सब को नष ट कर दया (30) मनषय क प क गट होन क दन भी ऐसा ही होगा

समरण कर mdash परमर न कहा था क वह सदोम को न नह करगा यद वह धम लोग हग (उतपि 1826-33) तो इस अितम िवनाश म भी धम लोग को पहल ही िनकाल िलया जाएगा

उतपि 1929 और ऐसा आ क जब परमश वर न उस तराई क नगर को िजनम लत रहता था उलट-पलट कर नष ट कया तब उसन अाहम को याद करक लत को उस घटना स (इसस पहल वह घटती) बचा िलया

परमर न अपन चन को िम म दड और िवपिय स बचाया और फर उसन अितम दड स पहल अदभत रीित स लाल सम को दो भाग करक उनह िम स बाहर िनकाला था

अतः हम िनिलिखत वचन स य समझ सकत ह क सभी स िवासी महाकलश क समय स पहल ldquoिनकाल िलए जाएगrdquo कछ लोग इस ldquoरपचरrdquo भी कहत ह (ldquoरपचरrdquo शबद बाइबल का नह ह यह एक लाितनी शबद ह िजसका अथर ह ldquoहवा म उठाया जानाrdquo) कािशतवाकय 310 त न मर धीरज क वचन को थामा ह इसिलय म भी तझ परीकषा क उस समय बचा रखगा जो पथवी पर रहनवाल क परखन क िलय सार ससार पर आनवाला ह

1 िथससलनीकय 413-18 कयक यद हम िवश वास करत ह क यीश मरा और जी भी उठा तो वस ही परमश वर उनह भी जो यीश म सो गए ह (व िवासी जो मर चक ह और तब स व आतमा म भ क साथ ह) उसी क साथ ल आएगा (15) कयक हम भ क वचन क अनसार तम स यह कहत ह क हम जो जीिवत ह और भ क आन तक बच रहग सोए (मर ) स कभी आग न बढ़ग (16) कयक भ आप ही सवगर स उतरगा उस समय ललकार और धान दत का शबद सनाई दगा और परमश वर क तरही फक जाएगी और जो मसीह म मर ह व पहल जी उठग (दह का पनतथान जो अपनी-अपनी उन आतमा स जा िमलगी जो भ क साथ थ) (17) तब हम जो जीिवत और बच रहग उनक साथ बादल पर उठा िलय जाएग क हवा म भ स िमल और इस रीित स हम सदा भ क साथ रहग (18) इस कार इन बात स एक दसर को शािनत दया करो

24

य परचछद आग भी जारी ह अधयाय 51-11

पर ह भाइयो इसका योजन नह क समय और काल क िवषय म तमहार पास कछ िलखा जाए (2) कयक तम आप ठीक जानत हो क जसा रात को चोर आता ह वसा ही भ का दन (महान अितम नयाय) आनवाला ह (3) जब लोग कहत हग ldquoकशल ह और कछ भय नहrdquo तो उन पर एकाएक िवनाश आ

पड़गा िजस कार गभरवती पर पीड़ा और व कसी रीित स न बचग (4) पर ह भाइयो तम तो अनधकार म नह हो क वह दन तम पर चोर क समान आ पड़ (5) कयक तम सब जयोित क सनतान और दन क सनतान हो हम न रात क ह न अनधकार क ह (6) पर जागत और सावधान रह hellip (8) hellip िवश वास और म क िझलम पिहनकर और उार क आशा का टोप पिहनकर सावधान रह (9)

कयक परमश वर न हम ोध क िलय नह (ोध अितम नयाय का ह िवासी वहा नह हग)

परनत इसिलय ठहराया ह क हम अपन भ यीश मसीह क ारा उार ाप त कर (10) वह हमार

िलय इस कारण मरा क हम चाह जागत ह चाह सोत ह सब िमलकर उसी क साथ जीए (11) इस कारण एक दसर को शािनत दो और एक दसर क उित का कारण बनो जसा क तम करत भी हो 1 करिनथय 1550-54 भी अलौकक घटना का वणरन करता ह दखो म तम स भद क बात कहता हम सब नह सोएग (सब नह मरग) परनत सब बदल जाएग (52) और यह कषण भर म पलक मारत ही अिनतम तरही फकत ही होगा कयक तरही फक जाएगी और मद (िवािसय क मत दह उनक आतमा भ क साथ थी 2 कर 58) अिवनाशी दशा म उठाए जाएग और हम (जो पथवी पर जीिवत ह) बदल जाएग (53) कयक अवशय ह क यह नाशवान दह अिवनाश (पनितथत दह) को पिहन ल और यह मरनहार दह अमरता को पिहन ल (54) और जब यह नाशवान अिवनाश को पिहन लगा और यह मरनहार अमरता को पिहन लगा तब वह वचन जो िलखा ह परा हो जाएगा ldquoजय न मतय को िनगल िलया य िनिलिखत पद दह क पनतथान को समझन म सहायक ह 1 करिनथय 1542-45 मद का जी उठना भी ऐसा ही ह शरीर नाशवान दशा म बोया जाता ह और अिवनाशी प म जी उठता ह (43) वह अनादर क साथ बोया जाता ह और तज क साथ जी उठता ह िनबरलता क साथ बोया जाता ह और सामथयर क साथ जी उठता ह (44) सवाभािवक दह बोई जाती ह और आितमक दह जी उठती ह जबक सवाभािवक दह ह तो आितमक दह भी ह

तरही क फकन पर mdash हम पलक झपकत ही कषण भर म भ क साथ हवा म जा िमलग और इस कार हम सदा भ क साथ हगrdquo

25

XII कलश मी 2415-28 ldquoइसिलय जब तम उस उजाड़नवाली घिणत वसत को िजसक चचार दािनययल भिवषयक ता क ारा ई थी पिवसथान म खड़ी ई दखो (जो पढ़ वह समझ) (16) तब जो यदया म ह व पहाड़ पर भाग जाए (17) जो छत पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर (18) और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट (19) ldquoउन दन म जो गभरवती और दध िपलाती हगी उन क िलय हाय हाय (20) ाथरना कया करो क तमह जाड़ म या सबत क दन भागना न पड़

(21) कयक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक आ और न कभी होगा (22) यद व दन घटाए न जात तो कोई ाणी न बचता परनत चन (जो कलश क समय िवास म आए ह) क कारण व दन घटाए जाएग (23) उस समय यद कोई तम स कह lsquoदखो मसीह यहा हrsquo या lsquoवहा हrsquo तो िवश वास न करना (24) ldquoकयक झठ मसीह और झठ भिवषयक ता उठ खड़ हग और बड़ िचहन और अदभत काम दखाएग क यद हो सक तो चन को भी भरमा द (25) दखो म न पहल स तम स यह सब कछ कह दया ह (26) इसिलय यद व तम स कह lsquoदखो वह जगल म हrsquo तो बाहर न िनकल जाना या lsquoदखो वह कोठरय म हrsquo तो िवश वास न करना (27) ldquoकयक जस िबजली पवर स िनकलकर पिश चम तक चमकती ह वस ही मनषय क प का भी आना होगा

bull दसर शबद म mdash कोई भी उसक आगमन स चक नह सकता

कािशतवाकय 132 जो पश म न दखा वह चीत क समान था hellip (6) उसन परमश वर क िननदा करन क िलय मह खोला क उसक नाम और उसक तमब अथारत सवगर क रहनवाल क िननदा कर (7) उस यह भी अिधकार दया गया क पिव लोग स लड़ और उन पर जय पाए और उस हर एक कल और लोग और भाषा और जाित पर अिधकार दया गया (8) पथवी क व सब रहनवाल िजनक नाम उस म क जीवन क पसतक म िलख नह गए जो जगत क उतपि क समय स घात आ ह उस पश क पजा करग 9िजसक कान ह वह सन (11) फर म न एक और पश को पथवी म स िनकलत ए दखा hellip (12) वह उस पहल पश का सारा अिधकार उसक सामन काम म लाता था और पथवी और उसक रहनवाल स उस पहल पश क िजसका ाण-घातक घाव अचछा हो गया था पजा कराता था (13) वह बड़-बड़ िचहन दखाता था यहा तक क मनषय क सामन सवगर स पथवी पर आग बरसा दता था (14) उन िचहन क कारण िजनह उस पश क सामन दखान का अिधकार उस दया गया था वह पथवी क रहनवाल को भरमाता था और पथवी क रहनवाल स कहता था क िजस पश क तलवार लगी थी वह जी गया ह उसक मतर बनाओ (15) उस उस पश क मतर म ाण डालन का अिधकार दया गया क पश क मतर बोलन लग और िजतन लोग उस पश क मतर क पजा न कर उनह मरवा डाल (16) उसन छोट-बड़ धनी-कगाल सवत-दास सब क दािहन हाथ या उनक माथ पर एक एक छाप करा दी (17) क उसको छोड़

26

िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 23: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

23

स व ldquoअत तक सरिकषत रह और बचाए गएrdquo

लका भी नह क िवषय म िलखता ह और फर िनिलिखत भी जोड़ दता ह लका 1728-31 और जसा लत क दन म आ था क लोग खात-पीत लन-दन करत पड़ लगात और घर बनात थ (29) परनत िजस दन लत सदोम स िनकला उस दन आग और गनधक आकाश स बरसी और सब को नष ट कर दया (30) मनषय क प क गट होन क दन भी ऐसा ही होगा

समरण कर mdash परमर न कहा था क वह सदोम को न नह करगा यद वह धम लोग हग (उतपि 1826-33) तो इस अितम िवनाश म भी धम लोग को पहल ही िनकाल िलया जाएगा

उतपि 1929 और ऐसा आ क जब परमश वर न उस तराई क नगर को िजनम लत रहता था उलट-पलट कर नष ट कया तब उसन अाहम को याद करक लत को उस घटना स (इसस पहल वह घटती) बचा िलया

परमर न अपन चन को िम म दड और िवपिय स बचाया और फर उसन अितम दड स पहल अदभत रीित स लाल सम को दो भाग करक उनह िम स बाहर िनकाला था

अतः हम िनिलिखत वचन स य समझ सकत ह क सभी स िवासी महाकलश क समय स पहल ldquoिनकाल िलए जाएगrdquo कछ लोग इस ldquoरपचरrdquo भी कहत ह (ldquoरपचरrdquo शबद बाइबल का नह ह यह एक लाितनी शबद ह िजसका अथर ह ldquoहवा म उठाया जानाrdquo) कािशतवाकय 310 त न मर धीरज क वचन को थामा ह इसिलय म भी तझ परीकषा क उस समय बचा रखगा जो पथवी पर रहनवाल क परखन क िलय सार ससार पर आनवाला ह

1 िथससलनीकय 413-18 कयक यद हम िवश वास करत ह क यीश मरा और जी भी उठा तो वस ही परमश वर उनह भी जो यीश म सो गए ह (व िवासी जो मर चक ह और तब स व आतमा म भ क साथ ह) उसी क साथ ल आएगा (15) कयक हम भ क वचन क अनसार तम स यह कहत ह क हम जो जीिवत ह और भ क आन तक बच रहग सोए (मर ) स कभी आग न बढ़ग (16) कयक भ आप ही सवगर स उतरगा उस समय ललकार और धान दत का शबद सनाई दगा और परमश वर क तरही फक जाएगी और जो मसीह म मर ह व पहल जी उठग (दह का पनतथान जो अपनी-अपनी उन आतमा स जा िमलगी जो भ क साथ थ) (17) तब हम जो जीिवत और बच रहग उनक साथ बादल पर उठा िलय जाएग क हवा म भ स िमल और इस रीित स हम सदा भ क साथ रहग (18) इस कार इन बात स एक दसर को शािनत दया करो

24

य परचछद आग भी जारी ह अधयाय 51-11

पर ह भाइयो इसका योजन नह क समय और काल क िवषय म तमहार पास कछ िलखा जाए (2) कयक तम आप ठीक जानत हो क जसा रात को चोर आता ह वसा ही भ का दन (महान अितम नयाय) आनवाला ह (3) जब लोग कहत हग ldquoकशल ह और कछ भय नहrdquo तो उन पर एकाएक िवनाश आ

पड़गा िजस कार गभरवती पर पीड़ा और व कसी रीित स न बचग (4) पर ह भाइयो तम तो अनधकार म नह हो क वह दन तम पर चोर क समान आ पड़ (5) कयक तम सब जयोित क सनतान और दन क सनतान हो हम न रात क ह न अनधकार क ह (6) पर जागत और सावधान रह hellip (8) hellip िवश वास और म क िझलम पिहनकर और उार क आशा का टोप पिहनकर सावधान रह (9)

कयक परमश वर न हम ोध क िलय नह (ोध अितम नयाय का ह िवासी वहा नह हग)

परनत इसिलय ठहराया ह क हम अपन भ यीश मसीह क ारा उार ाप त कर (10) वह हमार

िलय इस कारण मरा क हम चाह जागत ह चाह सोत ह सब िमलकर उसी क साथ जीए (11) इस कारण एक दसर को शािनत दो और एक दसर क उित का कारण बनो जसा क तम करत भी हो 1 करिनथय 1550-54 भी अलौकक घटना का वणरन करता ह दखो म तम स भद क बात कहता हम सब नह सोएग (सब नह मरग) परनत सब बदल जाएग (52) और यह कषण भर म पलक मारत ही अिनतम तरही फकत ही होगा कयक तरही फक जाएगी और मद (िवािसय क मत दह उनक आतमा भ क साथ थी 2 कर 58) अिवनाशी दशा म उठाए जाएग और हम (जो पथवी पर जीिवत ह) बदल जाएग (53) कयक अवशय ह क यह नाशवान दह अिवनाश (पनितथत दह) को पिहन ल और यह मरनहार दह अमरता को पिहन ल (54) और जब यह नाशवान अिवनाश को पिहन लगा और यह मरनहार अमरता को पिहन लगा तब वह वचन जो िलखा ह परा हो जाएगा ldquoजय न मतय को िनगल िलया य िनिलिखत पद दह क पनतथान को समझन म सहायक ह 1 करिनथय 1542-45 मद का जी उठना भी ऐसा ही ह शरीर नाशवान दशा म बोया जाता ह और अिवनाशी प म जी उठता ह (43) वह अनादर क साथ बोया जाता ह और तज क साथ जी उठता ह िनबरलता क साथ बोया जाता ह और सामथयर क साथ जी उठता ह (44) सवाभािवक दह बोई जाती ह और आितमक दह जी उठती ह जबक सवाभािवक दह ह तो आितमक दह भी ह

तरही क फकन पर mdash हम पलक झपकत ही कषण भर म भ क साथ हवा म जा िमलग और इस कार हम सदा भ क साथ हगrdquo

25

XII कलश मी 2415-28 ldquoइसिलय जब तम उस उजाड़नवाली घिणत वसत को िजसक चचार दािनययल भिवषयक ता क ारा ई थी पिवसथान म खड़ी ई दखो (जो पढ़ वह समझ) (16) तब जो यदया म ह व पहाड़ पर भाग जाए (17) जो छत पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर (18) और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट (19) ldquoउन दन म जो गभरवती और दध िपलाती हगी उन क िलय हाय हाय (20) ाथरना कया करो क तमह जाड़ म या सबत क दन भागना न पड़

(21) कयक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक आ और न कभी होगा (22) यद व दन घटाए न जात तो कोई ाणी न बचता परनत चन (जो कलश क समय िवास म आए ह) क कारण व दन घटाए जाएग (23) उस समय यद कोई तम स कह lsquoदखो मसीह यहा हrsquo या lsquoवहा हrsquo तो िवश वास न करना (24) ldquoकयक झठ मसीह और झठ भिवषयक ता उठ खड़ हग और बड़ िचहन और अदभत काम दखाएग क यद हो सक तो चन को भी भरमा द (25) दखो म न पहल स तम स यह सब कछ कह दया ह (26) इसिलय यद व तम स कह lsquoदखो वह जगल म हrsquo तो बाहर न िनकल जाना या lsquoदखो वह कोठरय म हrsquo तो िवश वास न करना (27) ldquoकयक जस िबजली पवर स िनकलकर पिश चम तक चमकती ह वस ही मनषय क प का भी आना होगा

bull दसर शबद म mdash कोई भी उसक आगमन स चक नह सकता

कािशतवाकय 132 जो पश म न दखा वह चीत क समान था hellip (6) उसन परमश वर क िननदा करन क िलय मह खोला क उसक नाम और उसक तमब अथारत सवगर क रहनवाल क िननदा कर (7) उस यह भी अिधकार दया गया क पिव लोग स लड़ और उन पर जय पाए और उस हर एक कल और लोग और भाषा और जाित पर अिधकार दया गया (8) पथवी क व सब रहनवाल िजनक नाम उस म क जीवन क पसतक म िलख नह गए जो जगत क उतपि क समय स घात आ ह उस पश क पजा करग 9िजसक कान ह वह सन (11) फर म न एक और पश को पथवी म स िनकलत ए दखा hellip (12) वह उस पहल पश का सारा अिधकार उसक सामन काम म लाता था और पथवी और उसक रहनवाल स उस पहल पश क िजसका ाण-घातक घाव अचछा हो गया था पजा कराता था (13) वह बड़-बड़ िचहन दखाता था यहा तक क मनषय क सामन सवगर स पथवी पर आग बरसा दता था (14) उन िचहन क कारण िजनह उस पश क सामन दखान का अिधकार उस दया गया था वह पथवी क रहनवाल को भरमाता था और पथवी क रहनवाल स कहता था क िजस पश क तलवार लगी थी वह जी गया ह उसक मतर बनाओ (15) उस उस पश क मतर म ाण डालन का अिधकार दया गया क पश क मतर बोलन लग और िजतन लोग उस पश क मतर क पजा न कर उनह मरवा डाल (16) उसन छोट-बड़ धनी-कगाल सवत-दास सब क दािहन हाथ या उनक माथ पर एक एक छाप करा दी (17) क उसको छोड़

26

िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 24: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

24

य परचछद आग भी जारी ह अधयाय 51-11

पर ह भाइयो इसका योजन नह क समय और काल क िवषय म तमहार पास कछ िलखा जाए (2) कयक तम आप ठीक जानत हो क जसा रात को चोर आता ह वसा ही भ का दन (महान अितम नयाय) आनवाला ह (3) जब लोग कहत हग ldquoकशल ह और कछ भय नहrdquo तो उन पर एकाएक िवनाश आ

पड़गा िजस कार गभरवती पर पीड़ा और व कसी रीित स न बचग (4) पर ह भाइयो तम तो अनधकार म नह हो क वह दन तम पर चोर क समान आ पड़ (5) कयक तम सब जयोित क सनतान और दन क सनतान हो हम न रात क ह न अनधकार क ह (6) पर जागत और सावधान रह hellip (8) hellip िवश वास और म क िझलम पिहनकर और उार क आशा का टोप पिहनकर सावधान रह (9)

कयक परमश वर न हम ोध क िलय नह (ोध अितम नयाय का ह िवासी वहा नह हग)

परनत इसिलय ठहराया ह क हम अपन भ यीश मसीह क ारा उार ाप त कर (10) वह हमार

िलय इस कारण मरा क हम चाह जागत ह चाह सोत ह सब िमलकर उसी क साथ जीए (11) इस कारण एक दसर को शािनत दो और एक दसर क उित का कारण बनो जसा क तम करत भी हो 1 करिनथय 1550-54 भी अलौकक घटना का वणरन करता ह दखो म तम स भद क बात कहता हम सब नह सोएग (सब नह मरग) परनत सब बदल जाएग (52) और यह कषण भर म पलक मारत ही अिनतम तरही फकत ही होगा कयक तरही फक जाएगी और मद (िवािसय क मत दह उनक आतमा भ क साथ थी 2 कर 58) अिवनाशी दशा म उठाए जाएग और हम (जो पथवी पर जीिवत ह) बदल जाएग (53) कयक अवशय ह क यह नाशवान दह अिवनाश (पनितथत दह) को पिहन ल और यह मरनहार दह अमरता को पिहन ल (54) और जब यह नाशवान अिवनाश को पिहन लगा और यह मरनहार अमरता को पिहन लगा तब वह वचन जो िलखा ह परा हो जाएगा ldquoजय न मतय को िनगल िलया य िनिलिखत पद दह क पनतथान को समझन म सहायक ह 1 करिनथय 1542-45 मद का जी उठना भी ऐसा ही ह शरीर नाशवान दशा म बोया जाता ह और अिवनाशी प म जी उठता ह (43) वह अनादर क साथ बोया जाता ह और तज क साथ जी उठता ह िनबरलता क साथ बोया जाता ह और सामथयर क साथ जी उठता ह (44) सवाभािवक दह बोई जाती ह और आितमक दह जी उठती ह जबक सवाभािवक दह ह तो आितमक दह भी ह

तरही क फकन पर mdash हम पलक झपकत ही कषण भर म भ क साथ हवा म जा िमलग और इस कार हम सदा भ क साथ हगrdquo

25

XII कलश मी 2415-28 ldquoइसिलय जब तम उस उजाड़नवाली घिणत वसत को िजसक चचार दािनययल भिवषयक ता क ारा ई थी पिवसथान म खड़ी ई दखो (जो पढ़ वह समझ) (16) तब जो यदया म ह व पहाड़ पर भाग जाए (17) जो छत पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर (18) और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट (19) ldquoउन दन म जो गभरवती और दध िपलाती हगी उन क िलय हाय हाय (20) ाथरना कया करो क तमह जाड़ म या सबत क दन भागना न पड़

(21) कयक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक आ और न कभी होगा (22) यद व दन घटाए न जात तो कोई ाणी न बचता परनत चन (जो कलश क समय िवास म आए ह) क कारण व दन घटाए जाएग (23) उस समय यद कोई तम स कह lsquoदखो मसीह यहा हrsquo या lsquoवहा हrsquo तो िवश वास न करना (24) ldquoकयक झठ मसीह और झठ भिवषयक ता उठ खड़ हग और बड़ िचहन और अदभत काम दखाएग क यद हो सक तो चन को भी भरमा द (25) दखो म न पहल स तम स यह सब कछ कह दया ह (26) इसिलय यद व तम स कह lsquoदखो वह जगल म हrsquo तो बाहर न िनकल जाना या lsquoदखो वह कोठरय म हrsquo तो िवश वास न करना (27) ldquoकयक जस िबजली पवर स िनकलकर पिश चम तक चमकती ह वस ही मनषय क प का भी आना होगा

bull दसर शबद म mdash कोई भी उसक आगमन स चक नह सकता

कािशतवाकय 132 जो पश म न दखा वह चीत क समान था hellip (6) उसन परमश वर क िननदा करन क िलय मह खोला क उसक नाम और उसक तमब अथारत सवगर क रहनवाल क िननदा कर (7) उस यह भी अिधकार दया गया क पिव लोग स लड़ और उन पर जय पाए और उस हर एक कल और लोग और भाषा और जाित पर अिधकार दया गया (8) पथवी क व सब रहनवाल िजनक नाम उस म क जीवन क पसतक म िलख नह गए जो जगत क उतपि क समय स घात आ ह उस पश क पजा करग 9िजसक कान ह वह सन (11) फर म न एक और पश को पथवी म स िनकलत ए दखा hellip (12) वह उस पहल पश का सारा अिधकार उसक सामन काम म लाता था और पथवी और उसक रहनवाल स उस पहल पश क िजसका ाण-घातक घाव अचछा हो गया था पजा कराता था (13) वह बड़-बड़ िचहन दखाता था यहा तक क मनषय क सामन सवगर स पथवी पर आग बरसा दता था (14) उन िचहन क कारण िजनह उस पश क सामन दखान का अिधकार उस दया गया था वह पथवी क रहनवाल को भरमाता था और पथवी क रहनवाल स कहता था क िजस पश क तलवार लगी थी वह जी गया ह उसक मतर बनाओ (15) उस उस पश क मतर म ाण डालन का अिधकार दया गया क पश क मतर बोलन लग और िजतन लोग उस पश क मतर क पजा न कर उनह मरवा डाल (16) उसन छोट-बड़ धनी-कगाल सवत-दास सब क दािहन हाथ या उनक माथ पर एक एक छाप करा दी (17) क उसको छोड़

26

िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 25: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

25

XII कलश मी 2415-28 ldquoइसिलय जब तम उस उजाड़नवाली घिणत वसत को िजसक चचार दािनययल भिवषयक ता क ारा ई थी पिवसथान म खड़ी ई दखो (जो पढ़ वह समझ) (16) तब जो यदया म ह व पहाड़ पर भाग जाए (17) जो छत पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर (18) और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट (19) ldquoउन दन म जो गभरवती और दध िपलाती हगी उन क िलय हाय हाय (20) ाथरना कया करो क तमह जाड़ म या सबत क दन भागना न पड़

(21) कयक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक आ और न कभी होगा (22) यद व दन घटाए न जात तो कोई ाणी न बचता परनत चन (जो कलश क समय िवास म आए ह) क कारण व दन घटाए जाएग (23) उस समय यद कोई तम स कह lsquoदखो मसीह यहा हrsquo या lsquoवहा हrsquo तो िवश वास न करना (24) ldquoकयक झठ मसीह और झठ भिवषयक ता उठ खड़ हग और बड़ िचहन और अदभत काम दखाएग क यद हो सक तो चन को भी भरमा द (25) दखो म न पहल स तम स यह सब कछ कह दया ह (26) इसिलय यद व तम स कह lsquoदखो वह जगल म हrsquo तो बाहर न िनकल जाना या lsquoदखो वह कोठरय म हrsquo तो िवश वास न करना (27) ldquoकयक जस िबजली पवर स िनकलकर पिश चम तक चमकती ह वस ही मनषय क प का भी आना होगा

bull दसर शबद म mdash कोई भी उसक आगमन स चक नह सकता

कािशतवाकय 132 जो पश म न दखा वह चीत क समान था hellip (6) उसन परमश वर क िननदा करन क िलय मह खोला क उसक नाम और उसक तमब अथारत सवगर क रहनवाल क िननदा कर (7) उस यह भी अिधकार दया गया क पिव लोग स लड़ और उन पर जय पाए और उस हर एक कल और लोग और भाषा और जाित पर अिधकार दया गया (8) पथवी क व सब रहनवाल िजनक नाम उस म क जीवन क पसतक म िलख नह गए जो जगत क उतपि क समय स घात आ ह उस पश क पजा करग 9िजसक कान ह वह सन (11) फर म न एक और पश को पथवी म स िनकलत ए दखा hellip (12) वह उस पहल पश का सारा अिधकार उसक सामन काम म लाता था और पथवी और उसक रहनवाल स उस पहल पश क िजसका ाण-घातक घाव अचछा हो गया था पजा कराता था (13) वह बड़-बड़ िचहन दखाता था यहा तक क मनषय क सामन सवगर स पथवी पर आग बरसा दता था (14) उन िचहन क कारण िजनह उस पश क सामन दखान का अिधकार उस दया गया था वह पथवी क रहनवाल को भरमाता था और पथवी क रहनवाल स कहता था क िजस पश क तलवार लगी थी वह जी गया ह उसक मतर बनाओ (15) उस उस पश क मतर म ाण डालन का अिधकार दया गया क पश क मतर बोलन लग और िजतन लोग उस पश क मतर क पजा न कर उनह मरवा डाल (16) उसन छोट-बड़ धनी-कगाल सवत-दास सब क दािहन हाथ या उनक माथ पर एक एक छाप करा दी (17) क उसको छोड़

26

िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 26: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

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िजस पर छाप अथारत उस पश का नाम या उसक नाम का अक हो अनय कोई लन-दन न कर सक (18) जञान इसी म ह िजस बि हो वह इस पश का अक जोड़ ल कयक वह मनषय का अक ह और उसका अक छ सौ िछयासठ ह कािशतवाकय 149-13 जो कोई उस पश और उसक मतर क पजा कर और अपन माथ या अपन हाथ पर उसक छाप ल (10) वह परमश वर क कोप क िनरी मदरा जो उसक ोध क कटोर म डाली गई ह पीएगा और पिव सवगरदत क सामन और म क सामन आग और गनधक क पीड़ा म पड़गा (11) उनक पीड़ा का धआ यगानयग उठता रहगा और जो उस पश और उसक मतर क पजा करत ह और जो उसक नाम क छाप लत ह उनको रात दन चन न िमलगा (12) पिव लोग का धीरज इसी म ह जो परमश वर क आजञा को मानत और यीश पर िवश वास रखत ह

XIII पथवी पर कलश लकन सवगर म आनद

1 मसीह का नयाय आसन

रोिमय 1410 हम सब क सब परमश वर क नयाय सहासन क सामन खड़ हग (12) इसिलय हम म स हर एक परमश वर को अपना अपना लखा दगा

मसीह का नयाय आसन सवगर म वश पान का मा नह ह पाप का दड स पर पहल ही चकाया जा चका ह (रोिमय 81-3) कवल स िवासी ही भ क सामन खड़ हग

यह परमर क सवक क प म हम ितफल दए जान का िवषय ह

2 करिनथय 510 कयक अवशय ह क हम सब का हाल मसीह क नयाय आसन क सामन खल जाए क हर एक िक त अपन अपन भल बर काम का बदला जो उसन दह क ारा कए ह पाए

1 करिनथय 313-15 तो हर एक का काम गट हो जाएगा कयक वह दन उस बताएगा इसिलय क आग क साथ गट होगा और वह आग हर एक का काम परखगी क कसा ह (14)

िजसका काम उस पर बना आ िसथर रहगा वह मजदरी पाएगा (15) यद कसी का काम जल जाएगा तो वह हािन उठाएगा पर वह आप बच जाएगा परनत जलत-जलत

27

इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 27: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

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इन बात क िलए ितफल दया जाएगा

1 राजय म हमार लगान और सचन का परम करना (1 कर 38) 2 मसीह क खाितर सताव और नदा सहना (मी 511-12) 3 धम जीवन जीना दखाव का नह (मी 61) 4 गरीब को दना दखाव क िलए नह (मी 63-4) 5 ग म ाथरना करना (मी 66) 6 ग म उपवास रखना (मी 618) 7 उसक सवक का सवागत करना (मी 1041) 8 सवा क िलए कछ भी दना चाह वह पानी का गलास हो (मी 1042) 9 अपन श स म रखना भला करना उधार दना (लका 635) 10 ससमाचार का चार करना (1कर 916-18) 11 जो कछ भी करना ख़शी स करना मानो भ क िलए हो (कल 323-24) 12 मसीह क िलए नदत होन को बड़ा धन समझना (इा 1126)

2 यहा 8 अपन िवषय म चौकस रहो क जो परम हम न कया ह उसको तम गवा न दो

वरन उसका परा ितफल पाओ

कािशतवाकय 2212 ldquoदख म शी आनवाला और हर एक क काम क अनसार बदला दन क िलय ितफल मर पास ह

हम भी मकट दया जाएगा

1 परीकषा म िसथर रहन और िनरतर भ स म रखन क िलए (याकब 112) 2 सब बात म आतम-सयम रहन क िलए (1 कर 925) 3 उन लोग क िलए िजनह हमन जीता ह और िशषय बनाया ह (1 िथसस 219) 4 िवासयोगय बन रहन अपनी दौड़ को परा करन उसस म रखन क िलए (2 तीम 47-8)

कािशतवाकय 311 म शी ही आनवाला जो कछ तर पास ह उस थाम रह क कोई तरा मकट छीन न ल

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 28: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

28

2 ममन का िववाह भोज

कािशतवाकय 197-10 आओ हम आनिनदत और मगन ह और उसक सतित कर कयक म का िववाह आ पचा ह और उसक दिलहन न अपन आप को तयार कर िलया ह (8) उसको श और चमकदार महीन मलमल पिहनन का अिधकार दया गयाrdquo- कयक उस महीन मलमल का अथर पिव लोग क धमर क काम ह (9) तब सवगरदत न मझ स कहा ldquoयह िलख क धनय व ह जो म क िववाह क भोज म बलाए गए हrdquo फर उसन मझ स कहा ldquoय वचन परमश वर क सतय वचन हrdquo

XIV यीश मसीह का दसरा आगमन

मी 2429-31 उन दन क कलश क तरनत बाद सयर अिनधयारा हो जाएगा और चनमा का काश

जाता रहगा और तार आकाश स िगर पड़ग और आकाश क शिक तया िहलाई जाएगी (30) तब मनषय क प का िचहन आकाश म दखाई दगा और तब पथवी क सब कल क लोग छाती पीटग और मनषय क प को बड़ी सामथयर और ऐश वयर क साथ आकाश क बादल पर आत दखग (31) वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दत को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चार दशा स उसक चन को इका करग

bull यहा ldquoचन एrdquo इाएल और अनयजाितय क व लोग ह जो कलश क समय िवास म आए थ

कािशतवाकय 1911-21 फर म न सवगर को खला आ दखा और दखता क एक श वत घोड़ा ह और

उस पर एक सवार ह जो िवश वासयोगय और सतय कहलाता ह और वह धमर क साथ नयाय और य करता ह (12) उसक आख आग क जवाला ह और उसक िसर पर बत स राजमकट ह उस पर एक नाम िलखा ह िजस उसको छोड़ और कोई नह जानता (13) वह ल िछड़का आ व पिहन ह और उसका

नाम परमश वर का वचन ह

सभी िवासी उसक कलीिसया उसक दलहन उसक पास लौट आएग

(14) सवगर क सना श वत घोड़ पर सवार और श वत और श मलमल पिहन ए उसक पीछ पीछ ह (15) जाित जाित को मारन क िलय उसक मह स एक चोखी तलवार िनकलती ह वह लोह का राजदणड िलय ए उन पर राजय करगा और सवरशिक तमान परमश वर क भयानक कोप क जलजलाहट क मदरा क कड

म दाख रदगा (16) उसक व और जाघ पर यह नाम िलखा ह ldquoराजा का राजा और भ का भrdquo (19) फर म न उस पश और पथवी क राजा और उनक सना को उस घोड़ क सवार और उसक सना

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

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कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

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रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 29: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

29

स लड़न क िलय इक दखा

पश और झठ भिवषयवा का िवनाश

(20) वह पश और उसक साथ वह झठा भिवषयक ता पकड़ा गया िजसन उसक सामन ऐस िचहन दखाए थ िजनक ारा उसन उनको भरमाया िजन पर उस पश क छाप थी और जो उसक मतर क पजा करत थ य दोन जीत जी उस आग क झील म जो गनधक स जलती ह डाल गए (21) शष लोग उस घोड़ क सवार क तलवार स जो उसक मह स िनकलती थी मार डाल गए और सब पकषी उनक मास स तप त हो गए शतान को एक हज़ार वषर क िलए बदी बनाया जाना

(201) फर म न एक सवगरदत को सवगर स उतरत दखा िजसक हाथ म अथाह-कड क कजी और एक बड़ी जजीर थी (2) उस न उस अजगर अथारत परान साप को जो इबलीस और शतान ह पकड़ क हज़ार वषर क िलय बाध दया (3) और उस अथाह-कड म डालकर बनद कर दया और उस पर महर लगा दी क वह हज़ार वषर क पर होन तक जाित जाित क लोग को फर न भरमाए इसक बाद अवशय ह क वह थोड़ी दर क िलय फर खोला जाए (4) फर म न सहासन दख और उन पर लोग बठ गए (कािशतवाकय 321) और उनको नयाय करन का अिधकार दया गया म न उनक आतमा को भी दखा िजनक िसर यीश क गवाही दन और परमश वर क वचन क कारण काट गए थ और िजनहन न उस पश क और न उसक मतर क पजा क थी और न उसक छाप अपन माथ और हाथ पर ली थी व जीिवत होकर (उनक पनितथत दह िजलाई गई) मसीह क साथ हज़ार वषर तक राजय करत (5) जब तक य हज़ार वषर पर न ए तब तक शष मर ए न जी उठ यह तो पहला पनतथान ह (6) धनय और पिव वह ह जो इस पहल पनतथान का भागी ह ऐस पर दसरी मतय का कछ भी अिधकार नह पर व परमश वर और मसीह क याजक हग और उसक साथ हज़ार वषर तक राजय करग

सब िवासी यीश क साथ राज कर ग

कािशतवाकय 59-10 त इस पसतक क लन और उसक महर खोलन क योगय ह कयक त न वध होकर अपन ल स तयक कल भाषा लोग और जाित म स परमर क िलए लोग को मोल िलया ह और उनह हमार परमर क िलए एक राजय और याजक बनाया और व पथवी पर राजय करग

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
Page 30: आित्मक यु को समझना और ...€¦ · यु को समझना, और “दो बीज” किलन के नोट्स. i. पहला

30

कवल हज़ार वषर क िलए नह बिलक सदा क िलए

कािशतवाकय 225 फर कोई रात न होगी उनह न दीपक न सयर क काश क आवशयकता होगी कयक भ परमर उनह काश दगा और व यगानयग राजय करग

पथवी पर हमारा परा समय भ क साथ भिवषय म राज करन क ित हम तयार करन क उशय क िलए ह

ह मर भाइयो जब तम िविभ परीकषा का सामना करत हो तो इस बड़ आननद क बात समझो

याकब 12 आइए हम यीश ारा बताए इस दानत को दख

लका 1912-14 एक धनी मनषय (यीश मसीह) दर दश को चला ताक राजपद पाकर लौट आए (यीश वापस सवगर म लौट गए ह) उसन अपन दास म स दस को (सबको नह) बलाकर उनह दस महर (वरदान और योगयताए) द और उनस कहा lsquoमर लौट आन तक लन-दन करना (15-19) जब वह राजपद पाकर लौटा तो ऐसा आ क उसन अपन दास को िजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया (रपचर) ताक मालम कर क उनहन लन-दन स कया-कया कमाया तब पहल न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स दस और महर कमाई हrsquo उसन उसस कहा lsquoधनय ह उम दास त बत ही थोड़ म िवासयोगय िनकला अब दस नगर पर अिधकार रखrsquo दसर न आकर कहा lsquoह सवामी तरी महर स पाच और महर कमाई हrsquo उसन उसस भी कहा lsquoत भी पाच नगर पर हाकम हो जाrsquo

यह हज़ार वष क राज को ldquoभ क दनrdquo क नाम स जाना जाता ह

2 पतरस 38 ह ियो यह बात तम स िछपी न रह क भ क यहा एक दन हजार वषर क

बराबर ह और हजार वषर एक दन क बराबर ह

XV अितम नयाय ndash परमर का बड़ा त सहासन 2 पतरस 25 धमर क चारक नह समत आठ िय को बचा िलया (7-8) और धम लत को जो अधमरय क अश चालचलन स बत दःखी था छटकारा दया (8) (कयक वह धम उनक बीच म रहत ए और उनक अधमर क काम को दख दखकर और सन सनकर हर दन अपन स मन को पीिड़त करता था) (9-10) तो भ भ को परीकषा म स िनकाल लना और अधमरय को नयाय क दन तक दणड क दशा म

31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

33

पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
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31

रखना भी जानता ह (10) िवशष करक उनह जो अश अिभलाषा क पीछ शरीर क अनसार चलत और भता को तचछ जानत ह 2 पतरस 37 पर वतरमान काल क आकाश और पथवी उसी वचन क ारा इसिलय रख गए ह क जलाए जाए और य भिहीन मनषय क नयाय और न होन क दन तक ऐस ही रख रहग hellip (10) परनत भ का दन चोर क समान आ जाएगा उस दन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट क शबद स जाता रहगा और ततव बत

ही त होकर िपघल जाएग और पथवी और उस पर क काम जल जाएग (11) जबक य सब वसतए इस

रीित स िपघलनवाली ह तो तमह पिव चाल-चलन और भि म कस मनषय होना चािहए

(12) और परमर क उस दन क बाट कस रीित स जोहना चािहए और उसक जलद आन क िलय कसा य करना चािहए िजसक कारण आकाश आग स िपघल जाएग और आकाश क गण बत ही त होकर गल जाएग (13) पर उसक ितजञा क अनसार हम एक नए आकाश और नई पथवी क आस दखत ह िजनम धामरकता वास करगी (14) इसिलय ह ियो जब क तम इन बात क आस दखत हो तो य करो क तम शािनत स उसक सामन िनषकलक और िनदष ठहरो

कािशतवाकय 2011-216 फर म न एक बड़ा त सहासन और उसको जो उस पर बठा आ ह दखा उसक सामन स पथवी और आकाश भाग गए और उनक िलय जगह न िमली (12) फर म न छोट बड़ सब मर को सहासन क सामन खड़ ए दखा और पसतक खोली ग और फर एक और पसतक

खोली गई अथारत जीवन क पसतक और जसा उन पसतक म िलखा आ था वस ही उनक काम क अनसार मर का नयाय कया गया (13) सम न उन मर को जो उसम थ द दया और मतय और अधोलोक न उन मर को जो उनम थ द दया और उन म स हर एक क काम क अनसार उनका नयाय कया गया (14) मतय और अधोलोक आग क झील म डाल गए यह आग क झील दसरी मतय ह (15) और िजस कसी का नाम जीवन क पसतक म िलखा आ न िमला वह आग क झील म डाला गया मी इन बात को इस कार स समझता ह

मी 2531-42 जब मनषय का प अपनी मिहमा म आएगा और सब सवगरदत उसक साथ आएग तो वह

अपनी मिहमा क सहासन पर िवराजमान होगा (32) और सब जाितया (सब जाितय समह) उसक सामन इका क जाएगी और जस चरवाहा भड़ को बकरय स अलग कर दता ह वस ही वह उनह एक दसर स अलग करगा (33) वह भड़ को अपनी दािहनी ओर और बकरय को बा ओर खड़ा करगा (34) तब राजा अपनी दािहनी ओर वाल स कहगा lsquoह मर िपता क धनय लोगो आओ उस राजय क अिधकारी हो जाओ जो जगत क आद स तमहार िलय तयार कया गया ह (35) कयक म भखा था और तम न मझ

32

खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

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पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
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खान को दया म पयासा था और तमन मझ पानी िपलाया म परदशी था और तम न मझ अपन घर म ठहराया (36 म नगा था और तमन मझ कपड़ पिहनाए म बीमार था और तमन मरी सिध ली म बनदीगह म था और तम मझ िमलन आएrsquo

(40) तब राजा उनह उर दगा lsquoम तम स सच कहता क तमन जो मर इन छोट स छोट भाइय म स कसी एक क साथ कया वह मर ही साथ कयाrsquo (41) ldquoतब वह बा ओर वाल स कहगा lsquoह शािपत लोगो मर सामन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दत क िलय तयार क गई ह

bull कपया धयान द भड़ और बकरय को अलग करना हमारा काम नह ह

यह भी क उन लोग क िलए अनत आग कय िजनहन िसफर िवास ही नह कया कया अनत आग म डालन का यह पयार कारण ह इसका उर िवसतत ह और इस फर स जगली बीज क दानत म समझाया गया ह व कवल ldquoन िवास करनवालrdquo ही नह ह बिलक व ldquoद क बीजrdquo ह शतान न उनह बोया ह ताक परमर क योजना को िवफल कर और जस भी समभव हो ldquoउसक बीजrdquo उसक सतान को हािन पचाए पहल जललय और अत म अनत आग

मी 13 38-43 hellip अचछ बीज राजय क सनतान ह जगली बीज द क सनतान ह (39) और श िजसन उनह बोया वह शतान ह कटनी इस यग का अनत ह और फसल काटन वाल सवगरदत ह (40) िजस कार जगली घास बटोरकर आग म जला दी जाती ह उसी कार यग क अनत म भी होगा (41) मनषय का प अपन सवगरदत को भजगा जो उसक राजय म स सब ठोकर क कारण तथा ककमरय को एकित करग (42) और उनह आग क भ म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा (43) तब धम अपन िपता क राजय म सयर क समान चमक ग

1 करिनथय 1524-28 इसक बाद अनत होगा उस समय वह सारी धानता और सारा अिधकार और सामथयर का अनत करक राजय को परमश वर िपता क हाथ म सप दगा (25) कयक जब तक वह अपन बरय को अपन पाव तल न ल आए तब तक उसका राजय करना अवशय ह (26) सबस अिनतम बरी जो नष ट कया जाएगा वह मतय ह (27) कयक ldquoपरमश वर न सब कछ उसक पाव तल कर दया हrdquo परनत जब वह कहता ह क सब कछ उसक अधीन कर दया गया ह तो तयकष ह क िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया वह आप अलग रहा (28) और जब सब कछ उसक अधीन हो जाएगा तो प आप भी उसक

अधीन हो जाएगा िजसन सब कछ उसक अधीन कर दया ताक सब म परमश वर ही सब कछ हो

XVI नया आकाश और नई पथवी कािशतवाकय 21 फर म न नय आकाश और नयी पथवी को दखा कयक पहला आकाश और पहली

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पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी
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पथवी जाती रही थी और सम भी न रहा (2) फर म न पिव नगर नय यशलम को सवगर स परमर क पास स उतरत दखा वह उस दिलहन क समान थी जो अपन पित क िलय सगार कए हो (3) फर म न सहासन म स कसी को ऊच शबद स यह कहत ए सना ldquoदख परमर का डरा मनषय क बीच म ह वह उनक साथ डरा करगा और व उसक लोग हग और परमर आप उनक साथ रहगा और उनका परमर होगा (4) वह उनक आख स सब आस पछ डालगा और इसक बाद मतय न रहगी और न शोक न िवलाप न पीड़ा रहगी पहली बात जाती रहrdquo (5) जो सहासन पर बठा था उसन कहा ldquoदख म सब कछ नया कर दता rdquo फर उसन कहा ldquoिलख ल कयक य वचन िवास क योगय और सतय हrdquo

(5) फर उसन मझ स कहा

ldquoय बात परी हो गई ह म अलफा और ओमगा आद और अनत

  • I पहला विदरोह सवरगदतो का पषठ 2
  • II मनषय का परवश पषठ 3
  • III दसरा विदरोह मनषय का पषठ 4
  • IV सतरी का पहला बीज पषठ 5
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था 8
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास पषठ 11
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह पषठ 14
  • VIII अधिक सपषटता दनवाल पद पषठ 14
  • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय पषठ 18
  • X अत समय म जीना पषठ 19
  • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन पषठ 21
  • XII कलश पषठ 25
  • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद पषठ 26
  • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन पषठ 28
  • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन पषठ 30
  • XVI नया आकाश और नई पथवी पषठ 32
  • I पहला विदरोह सवरगदतो का
  • II मनषय का परवश
  • III दसरा विदरोह मनषय का
  • IV सतरी का पहला बीज
  • V ldquoसतरी क पहल बीजrdquo पर शतान क बड़ हमल का परिणाम जलपरलय था
  • VI उदधारकरता की वशावली को दषित करन का परयास
  • VII दो जातियो क समह का यदध आज तज़ी स फ़ल रहा ह और भयकर होगा
  • VIII और अधिक सपषटता दनवाल पषटि करनवाल वचन
    • धनयवाद हो पिता हम बहत आभारी ह
      • IX हमार परभ यीश मसीह की महान विजय वह भविषयवाणी ldquoसतरी का बीज जो सरप क सिर को कचल डालगाrdquo
      • X अत समय म जीना
      • XI विशवासियो का बड़ा निरगमन
      • XII कलश
      • XIII पथवी पर कलश लकिन सवरग म आनद
        • इन बातो क लिए परतिफल दिया जाएगा
          • XIV यीश मसीह का दसरा आगमन
            • पथवी पर हमारा परा समय परभ क साथ भविषय म राज करन क परति हम तयार करन क उददशय क लिए ह
              • XV अतिम नयाय ndash परमशवर का बड़ा शवत सिहासन
              • XVI नया आकाश और नई पथवी