पास्टर और अगुवों के कार्य · है, पर इन...

18
1 पाटर और अग व के काय कलीन के नोस शााह 5:13 इसललए मेरी जा के लोग अपनी अानता के कारण बधुवाई (उघाड़ना, नन ककए जाना) म जाते ह ; उनके तठित पुष भूखे मरते और उनके जनसाधारण ास से ाक ल होते ह। होशे 4:6 अानता के कारण मेरी जा नाश (मूखय िहरना, असफल होना ा बरबाद होना) हो जाती है। ह बह त चता का ववष है और सब पाटर और सब अग व तथा सब ववालस के ललए बड़ी चता का ववष होना ाहए। कक : शैतान आप भी ोतमय वगयदूत का प धारण करता है। (2 क र. 11:14) और केवल चोरी करने और घात करने और नट करने को आता है। (ूहना 10:10) तुहारा ववरोधी शैतान गजयनेवाले लसह की नाई इस खोज म रहता है , कस को फाड़ खाए। (1 पतरस 5:8) हम ेतावनी लमली है : शैतान को अवसर न दो। (इकफ. 4:27) पाप न के वल शैतान को अवसर देता है बक उसे वैध अचधकार भी देता है (लूका 22:31-32) ह ेक पाटर, ेक अग वे, और ेक लशक की जमेवारी है कक उनसे लशा पा रहे लोग को ह बताए। ाक ब 3:1 हे मेरे भाइ, तुम म से बह त उपदेशक न बन , क जानते हो क हम उपदेशक और भी दोषी िहरगे। ेररत के काम 20:27-32 क म परमेवर की सारी मनसा को तुह पूरी रीत से बताने को नही झििका। 28 इसलले अपनी और पूरे िुड की ौकसी करो, जसके म पवव आमा ने तुह अ िहराा है, क तुम परमेवर की उस कलीलसा की रखवाली करो, जसे उस ने अपने लह से मोल ला है। (29) म जानता ह , क ... फाड़ खानेवाले भेड़े तुहारे म आएगे , जो िड को न छोड़गे। (30) तुहारे ही बी म से भी ऐसे मनुठ उि खड़े हगे , जो ेल को अपने पीछे खी लेने के लए टेढी मेढी बात करगे। (31) इसलले जागते रहो ... 1 पतरस 5:1-4 तुम म जो ाीन ह , म ... उह ह समिाता ह क परमेवर के उस िुड की, जो तुहारे बी म है, रखवाली करो, और ह दबाव से नही , परतु परमेवर की इछा के अनुसार आनद से , और नी-कमाई के लले नही , पर मन लगा कर (3) और जो लोग तुह सपे गए ह , उन पर अचधकार न जताओ, वरन िुड के लले आदशय बनो। (4) और जब धान रखवाला गट

Upload: others

Post on 21-Jul-2020

8 views

Category:

Documents


0 download

TRANSCRIPT

  • 1

    पास्टर और अगुवों के कार्य फ्रैं कलीन के नोट्स

    र्शार्ाह 5:13 इसललए मेरी प्रजा के लोग अपनी अज्ञानता के कारण बन्धुवाई (उघाड़ना, नग्न ककए जाना) में जात ेहैं; उनके प्रततष्ठित परुुष भखूे मरत ेऔर उनके जनसाधारण प्र्ास से व्र्ाकुल होत ेहैं।

    होश े4:6 अज्ञानता के कारण मेरी प्रजा नाश (मखूय िहरना, असफल होना र्ा बरबाद होना) हो जाती है।

    र्ह बहुत च िंता का ववषर् है और सब पास्टरों और सब अगुवों तथा सब ववश्वालसर्ों के ललए बड़ी च िंता का ववषर् होना ाहहए। क्र्ोंकक :

    शतैान आप भी ज्र्ोततमर्य स् वगयदतू का ूपप धारण करता है। (2 कुरर. 11:14) और केवल चोरी करने और घात करने और नष्ट करने को आता है। (र्हून्ना 10:10) तमु्हारा ववरोधी शतैान गजयनेवाले लस िंह की नाई इस खोज में रहता है, कक ककस को फाड़ खाए। (1 पतरस 5:8) हमें तेावनी लमली है : शैतान को अवसर न दो। (इकफ. 4:27) पाप न केवल शतैान को अवसर देता है बष्कक उसे वधै अचधकार भी देता है (लकूा 22:31-32) र्ह प्रत्रे्क पास्टर, प्रत्रे्क अगुवे, और प्रत्रे्क लशक्षक की ष्जम्मेवारी है कक उनसे

    लशक्षा पा रहे लोगों को र्ह बताएिं।

    र्ाकूब 3:1 हे मेरे भाइर्ों, तमु में से बहुत उपदेशक न बनें, क् र्ोंकक जानत ेहो कक हम उपदेशक और भी दोषी िहरेंगे।

    प्रेररतों के काम 20:27-32 क्र्ोंकक मैं परमेश्वर की सारी मनसा को तमु्हें परूी रीतत से बताने को नहीिं झििका। 28 इसललरे् अपनी और परेू िुिंड की ौकसी करो, ष्जसके मध्र् पववत्र आत्मा ने तमु्हें अध्र्क्ष िहरार्ा है, कक तमु परमेश्वर की उस कलीलसर्ा की रखवाली करो, ष्जसे उस ने अपने लहू से मोल ललर्ा है। (29) मैं जानता हूिं, कक ... फाड़ खानेवाल ेभेड़ड़रे् तमु्हारे मध्र् आएिंगे, जो िुिंड को न छोड़ेंगे। (30) तमु्हारे ही बी में से भी ऐसे मनठुर् उि खड़ ेहोंगे, जो ेलों को अपने पीछे खीिं लेने के ललए टेढी मेढी बातें करेंगे। (31) इसललरे् जागत ेरहो ...

    1 पतरस 5:1-4 तमु में जो प्रा ीन हैं, मैं ... उन्हें र्ह समिाता हूिं कक परमेश्वर के उस िुिंड की, जो तमु्हारे बी में है, रखवाली करो, और र्ह दबाव स ेनहीिं, परन्त ुपरमेश्वर की इच्छा के अनसुार आनन्द से, और नी -कमाई के ललरे् नहीिं, पर मन लगा कर (3) और जो लोग तमु्हें सौंपे गए हैं, उन पर अचधकार न जताओ, वरन िुिंड के ललरे् आदशय बनो। (4) और जब प्रधान रखवाला प्रगट

  • 2

    होगा, तो तमु्हें महहमा का मकुुट हदर्ा जाएगा, जो कभी नहीिं मरुिाएगा। (देखें प्रकालशतवाक्र् 3:11) र्हद आप व न और उदाहरण द्वारा लशक्षा दे रहे हैं, तो आप परमेश्वर के लोगों को अिंधकार से तथा उससे जो “ ोरी और घात करने आता है” (र्ूहन्ना 10:10), छुड़ा लेगा और उन्हें स्वतिंत्रता की महहमामर् ज्र्ोतत और परमेश्वर की आशीषों में ले जाएगा।

    तर्मयर्ाह 29:11-14 र्होवा कहता है कक मैं उन योजनाओ ंको जानता हूिं ष्जन्हें मैंने तमु्हारे ललए बनाई हैं ऐसी र्ोजनाएिं जो हानन की नहीिं परन्त ुतमु्हारे कुशल की हैं, कक तमु्हें उज्जवल भववष्य और आशा दूिं। 12 तब तमु मिुे पकुारोगे और मेरे पास आकर मिु से प्रार्थना करोगे और मैं तमु्हारी सनु गंा। 13 तमु मिु ेढ ंढ़ोगे और पाओग ेक्र्ोंकक सम्प र्थ हृदय से मझुे ढ ंढ़ोगे। 14 र्होवा कहता है कक मैं तमु्हें लमल जाऊंगा।”

    अपनी हर सिंतान के ललए हमारे स्वगीर् वपता के पास उनके कुशल की र्ोजनाएिं हैं। इब्रानी शब्द “शालोम” का अथय है – स्वास््र्, सम्पन्नता, शािंतत।

    और वे हातन की नहीिं हैं – ऐसा कुछ नहीिं जो बरुा है तमु्हें उज्जवल भववठर् और आशा देने के ललए – ष्जससे आपको अनिंतता तक लिंबा आशीवषत

    जीवन लमले। जब आप इस ेपह ान जाएँगे, तो कफर ... 12 तब तमु मिुे पकुारोगे और मेरे पास आकर मिु से प्रार्थना करोग ेऔर मैं तमु्हारी सनु गंा। 13 तमु मझुे ढ ंढ़ोगे और पाओगे क्योंकक सम्प र्थ हृदय से मझुे ढ ंढ़ोगे।

    14 र्होवा कहता है कक मैं तमु्हें लमल जाऊंगा। उसका वार्दा है।

    अपन ेललए उसकी र्ोजनाओिं को जानने, उनको प्राप्त करने और उनका आनिंद उिाने के ललए, हमें अपने सम्पूणय ह्रदर् से उससे प्राथयना करनी ाहहए – उसको ढँूढना ाहहए – उसे देखना ाहहए।

    र्ह हर एक पास्टर, हर एक अगुवे का काम है, उसका लक्ष्र् है और ष्जम्मेवारी है – कक वह अपन ेलोगों की ऐसी अगुवाई करे ताकक वे “परमेश्वर को अपने सम्पूणय ह्रदर् से देखें”

    र्ह हर एक बच् े के ललए उसके माता वपता का लक्ष्र् और ष्जम्मेवारी है।

    प्रश्न है – “परमेश्वर को अपन ेसम्पूणय ह्रदर् से ढँूढने” की क्र्ा पे्ररणा है?

  • 3

    इसका उत्तर र्हून्ना 3:16 में है :

    क् र्ोंकक परमेश्वर ने जगत से ऐसा पे्रम रखा कक उस ने अपना एकलौता पुत्र दे हदर्ा ...

    हम इसललरे् पे्रम करते हैं, कक पहहले उस ने हम से प्रेम ककर्ा। 1 र्हून्ना 4:19

    इसकी प्रेरर्ा प्रेम है। हमारी सारी लशक्षाएिं, प्रलशक्षण और कार्य करने के सभी उद्देश्र् अपने लोगों को र्ीश ुमसीह के महान और बड़ े पे्रम की ओर लाने के ललए होना ाहहए।

    प्रेम ---> देता है ---> हमारे प्रेम का स्तर इस बात से पता लता है कक हम कैसे और क्र्ा देत ेहै !

    अपने आप को > अपना समर् > अपना धन

    जहािं तेरा धन है वहािं तेरा मन भी लगा रहेगा। मत्ती 6:21

    परमेश्वर का मन अपने धन -> अपन ेलोगों पर लगा रहता।

    उसके धन का म ल्य इस बात से आँका जा सकता है कक उसने उसको खरीदने के ललए क्या दाम चकुाया है। (प्रकालशतवाक्र् 5:9)

    लूका 19:10 मनुठर् का पुत्र खोए हुओिं को ढूिंढने और उन का उद्धार करने आर्ा है। लोग!

    पे्रम पीछे पीछे आता है -> अनुसरण करने का स्तर हमारे पे्रम से तनधायररत होता है।

    ष्जतना अचधक आप अपने लोगों को प्रभ ुर्ीश ुके पास उससे पे्रम करने के ललए लाएिंगे, उतना ही अधधक व ेअपने सम्प र्थ मन से उसका पीछा करेंगे।

    बहुत आवश्र्क बात :

    पास्टर और अगुवे होने के नात ेहमें र्ह पह ानना है कक केवल पे्रम हमें इस बात के योग्य ठहराता है कक हम परमेश्वर के झुंड की रखवाली करें।

  • 4

    र्हून्ना 21:15-17 भोजन करने के बाद र्ीश ुने शमौन पतरस से कहा, हे शमौन, र्हून्ना के पतु्र, क्र्ा त ूइन से बढकर मिु से पे्रम रखता है? उस ने उस से कहा, “हािं प्रभ ुत ूतो जानता है, कक मैं तिु से प्रीतत रखता हूिं।“ उस ने उस से कहा, मेरे मेमनों को रा। (16) उस ने कफर दसूरी बार .... क्र्ा त ूमिु से पे्रम रखता है? ... मेरी भेड़ों की रखवाली कर। (17) उस ने तीसरी बार उस से कहा, क्र्ा त ूमिु से प्रीतत रखता है? ... मेरी भेड़ों को रा। पे्रम पास्टरों की और लशक्षा देने की पे्ररणा होनी ाहहए।

    ष्जतना अचधक आप अपने लोगों को प्रभ ुर्ीश ुके पास उससे पे्रम करने के ललए लाएिंगे, उतना ही अधधक व ेअपने सम्प र्थ मन से उसका पीछा करेंगे।

    र्हाँ एक अच्छा उदाहरण है :

    लूका 7: 36-50 फरीसी और पावपन स्त्री

    पद 36-38 उसने ऐसा क्यों ककया? वह प्रभ ुसे पे्रम करती र्ी।

    उसने ववश्वास ककर्ा कक र्ीश ुही परमेश्वर का पतु्र मसीहा है। उसने जाना कक वह पापी है वह जानती थी कक जो कुछ वह दे और कर रही है, र्ीश ुउस सब के र्ोग्र् है।

    उसके प्रेम ने उसके कार्य को प्रेररत ककर्ा और उस ेइन बातों की ओर अिंधा कर हदर्ा

    (1) इस बात का भर् कक उसके बारे में लोग क्र्ा सो ेंगे।

    लसद्ध पे्रम भर् को दरू कर देता है। 1 र्हून्ना 4:18

    और (2) धन, वस्तओुिं और भववठर् के प्रबिंधों की च िंता र्ा उनके प्रतत प्रेम।

    वह केवल एक से पे्रम करती र्ी और उसी को देख रही र्ी – प्रभ ुयीश ुमसीह

    पद 39-46

    इसमें इन बातों का ववरोधाभास है : (1) एक किोर, धालमयक ह्रदर् और (2) एक पे्रम करनेवाला धन्र्वादी ह्रदर् जो आराधना, समर्, और धन देता है।

    पद 47-50 ... उस ने स्त्री से कहा, तरेे ववश्वास ने तिुे ब ा ललर्ा है।

  • 5

    यीश ुके प्रनत उसके प्रेम की प्रेरर्ा उसका ववश्वास र्ा।

    प्रेम द्वारा ववश्वास कार्य करता है। गलततर्ों 5:6 तथा र्ाकूब 2:20, 26

    जजतना हमारा ववश्वास बढ़ता है – उतना ही हमारा प्रमे भी बढ़ता है

    ष्जतना अचधक हम र्ह जानत ेहैं कक हम ककतने पापी हैं, उतने अचधक हम आभारी होत ेहैं, और उतना ही अधधक यीश ुके ललए हमारा पे्रम बढ़ जाता है

    प्रेम द्वारा पे्रररत होकर - ववश्वास और कमथ एक सार् कायथ करत ेहैं। र्ाकूब 2:20, 26

    सबसे महत्वपणूय और प्राथलमक बात र्ह है - > र्ीश ुके प्रतत हमारा पे्रम

    पास्टर अपने लोगों के बी में जो भी च िंता र्ा समस्र्ा का सामना करता है, र्ीशु का प्रेम उन सब बातों का समाधान करता है।

    और र्ीशु के प्रतत हमारा प्रेम इस बात से तनधायररत होता है कक

    (1) ककतनी स्पठटता से हम उसके कू्रस और उसके उस प्रेम को देखते हैं जो उसे वहािं ले गर्ा और ष्जसके कारण वह हमारे पापों की क्षमा के ललए वहािं टिंगा रहा।

    (2) और हम अपने पाप को ककतनी स्पठटता से देखते हैं।

    यीश ुके प्रनत हमारे पे्रम का माप इस बात पर ननधाथररत होता है :

    1. हम ककतने पश् ातापी हैं। (1 चथस्सलनुीककर्ों 1:9) (हम ककतने पाप से मन कफरात ेहैं और र्ीश ुके पास क्षमा के ललए आत ेहैं)

    2. दसूरों के समक्ष हम ककतने तनभीक हैं। (वह बहुत तनभीक थी)

    3. हमारी आराधना ककतनी अचधक है। (उसकी आराधना बहुत अचधक थी)

    4. हम ककतना अधधक देते हैं

  • 6

    हमारा प्रेम ककतना अचधक है र्ह - > हमारे देन ेसे मालमु पड़ता है

    ष्जस तरह से कोई आराधना और सराहना में दान देता हैं, उसे देखकर आप बता सकत ेहैं कक वह एक आभारी पापी है

    दसूरों के प्रतत हमारे पे्रम/ हमारी सराहना का पता इस बात से लता है कक हम उनके ललए क्र्ा करते हैं।

    प्रभ ु... और ... अपने पतत / पत्नी, दोनों के ललए

    मत्ती 7:20 आप उन्हें उनके फल से जानेंगे।

    जब हम र्ह समिने में लोगों की सहार्ता करते हैं कक र्ीशु उनसे ककतना पे्रम करता है – और वे ककतने अचधक मूकर्वान हैं – तो वे परमेश्वर को ढूिंढेंगे।

    1 रू्हन्ना 4:19 हम इसललए पे्रम करते हैं, क्र्ोंकक उसने पहहले हमसे पे्रम ककर्ा।

    अत: प्रश्न है : वह हमसे ककतना प्र्ार करता है।

    कफललष्प्पर्ों 2:2-11 कुलुष्स्सर्ों 2:13-15

    2 कुररष्न्थर्ों 5:18 – 21 प्रकालशतवाक्र् 5:9

    र्शार्ाह 53 पववत्र आत्मा की अगुवाई में उन्हें धीरे धीरे और गहराई में लसखाएिं। ष्जतना हम इस बात को समिते हैं, उतना ही र्ह हमारे मन और मष्स्तठक पर छा जाता है, और हम परमेश्वर को ढूिंढें गे और उससे पे्रम करेंगे। 2 कुररष्न्थर्ों 5:14-15 क्र्ोंकक मसीह का प्रेम हमें ननयतं्रित करता है (हम पर छा जाता है, वववश करता है) ष्जस से र्ह ननष्कर्थ ननकलता है (हमें इस तनठकषय पर आना ज़ूपरी है) कक जब एक सब के ललए

  • 7

    मरा, तो सब मर गए। 15 और वह सब के ललए मरा कक वे जो जीववत हैं आग ेको अपने ललए न जीएिं परन्त ुउसके ललए जीएिं, जो उनके ललए मरा और कफर जी उिा।

    र्ह हर एक पास्टर और अगुवे के ललए ुनौती है, लक्ष्र् है – कक वह वो सब करे ष्जससे उसके लोग र्ीशु के पे्रम के ललए अपने हृदर्ों को खोल सकें । र्ह लशठर् बनाने का कार्य है।

    तर्मयर्ाह 29:13 तमु मिुे ढूिंढोगे और पाओगे क्र्ोंकक सम्प र्थ हृदय से मझुे ढ ंढ़ोगे। 14 र्होवा कहता है कक मैं तमु्हें लमल जाऊंगा।”

    बहुत कम ववश्वासी “सम्पूणय ह्रदर् से परमेश्वर को ढूिंढते हैं”। क्यों ?

    क्र्ोंकक पास्टर और लशक्षक के ूपप में हमारा केन्रण एक मुख्र् बात पर नहीिं है -> पे्रम

    1 कुररष्न्थर्ों 13 पद 8 प्रेम कभी टलता नहीिं पद 13 पर अब ववश्वास, आशा, प्रेम थे तीनों स्थाई है, पर इन में सब से बड़ा प्रेम है।

    रू्हन्ना बपततस्मा देनेवाले का उदाहरण :

    र्हून्ना 1:35 दसूरे हदन कफर र्हून्ना और उसके ेलों में से दो जन खड़ ेहुए थे।

    पद 1 केवल दो लशष्य ! र्ूहन्ना ने तो बहुत से लोगों को बपततस्मा हदर्ा था (लूका 3:10)

    दो ही क्यों ??? बाकी कहा ँरे् ???

    इन दो लशठर्ों के ललए, उनकी प्रर्म प्रार्लमकता र्ीशु मसीह को ढँूढने तथा उसके बारे में और अचधक जानने की थी।

    र्ीश ुने हमें बीज बोनेवाले के दृठटािंत में बतार्ा कक क्यों केवल र्ोड़ ेही लोग होत ेहैं : मरकुस 4:19 से आग े

    बीज = परमेश्वर का व न और ार प्रकार के लोग :

    मागय के ककनारे – शतैान तरुिंत आकर व न को उिा ले जाता है

  • 8

    पत्र्रीली भलूम – क्लेश र्ा उपद्रव होता है और तरुिंत चगर जात ेहैं। कँटीली िाड़ी – सिंसार की धचतंा, धन का धोखा और वस्तओु ंका लोभ (सखु ववलास लकूा 8:14)

    व न को दबा देता है। अच्छी भ लम – व न सनुकर ग्रहण करत ेहैं, फल लात ेहैं, 30, 60, और 100 गनुा।

    धचतंाएं : व न को दबा देती हैं मत्ती 6:25-33 इस कारण मैं तमुसे कहता हूिं कक अपने प्राण के ललए र्ह धचन्ता न करना कक हम क्र्ा खाएिंग ेर्ा क्र्ा पीएिंगे; और न ही ... कक क्र्ा पहहनेंगे। 31 इसललए र्ह कह कर धचन्ता न करो, .. पर तमु्हारा स्वगीर् वपता जानता है कक तमु्हें इन सब वस्तओुिं की आवश्र्कता है। 33 परन्त ुतमु पहले परमेश्वर के राज्र् और उसकी धालमयकता की खोज में लगे रहो तो ये सब वस्तएंु तमु्हें दे दी जाएंगी।

    कफललष्प्पर्ों 4:6-7 ककसी भी बात की धचन्ता न करो, परन्त ुप्रत्रे्क बात में प्राथयना और तनवेदन के द्वारा तमु्हारी ववनती धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मखु प्रस्ततु की जाए। (7) तब परमेश्वर की शाष्न्त, जो समि से परे है, तमु्हारे हृदय और तमु्हारे ववचारों को मसीह र्ीश ुमें सरुक्षक्षत रखेगी।

    तीतसु 2:11-12 क्र्ोंकक परमेश्वर का अनगु्रह प्रगट है, ... और हमें च ताता है, कक हम अभष्क्त और सांसाररक अलभलार्ाओ ंसे मन फेरकर इस र्गु में सयंम और धमथ और भजक्त से जीवन बबताएिं।

    धन : व न को दबा देता है लकूा 16:1, 10 – 15 तमु परमेश्वर और धन दोनों की सेवा नहीिं कर सकत।े 1 तीमचुथर्सु 6:9 पर जो धनी होना चाहत ेहैं, वे ऐसी परीक्षा, और फंदे और बहुतरेे व्र्थय और हाननकारक लालसाओ ंमें फिं सत ेहैं, जो मनठुर्ों को त्रबगाड़ देती हैं और ववनाश के समरु में डूबा देती हैं।

    इब्रातनर्ों 13:5 तमु्हारा स्वभाव लोभरहहत हो, और जो तमु्हारे पास है, उसी पर सतंोर् ककया करो 1 तीमचुथर्सु 3:3; 6:10 वस्तुएँ / सुख ववलास (ल का 8:14) व न को दबा देते हैं

    1 र्हून्ना 2:15 तमु न तो सिंसार से और न सिंसार में की वस्तओु ंस ेप्रेम रखो

    1 तीमचुथर्सु 6:8 र्हद हमारे पास खाने और पहनने को हो, तो इन्हीिं पर सन्तोर् करना ाहहए।

    पौलुस का ह्रदय : कफललष्प्पर्ों 3:7-9 परन्त ुजो जो बातें मेरे लाभ की थीिं, उन्हीिं को मैं ने मसीह के कारण हानन समि ललर्ा है। (8) वरन मैं अपने प्रभ ुमसीह यीश ुकी पहचान की उत्तमता के कारण सब

  • 9

    बातों को हातन समिता हूिं: ष्जस के कारण मैं ने सब वस्तओुिं की हातन उिाई, और उन्हें कूड़ा समिता हूिं, ष्जस से मैं मसीह को प्राप्त करं । (9) और उस में (र्ा उसके साथ) पार्ा जाऊिं अपने एक भजन “when I survey the wondrous cross” में आइसकै वात्ट्स इन “बातों” के जाल को पह ानत ेहुए ललखत ेहैं : ऐसा न हो कक मैं घमिंड कूँप – लसवार् अपने राजा मसीह की सलीब में – और जो कुछ व्यर्थ बातें मझुे लभुाती हैं – उन्हें मैं द र करके, लसफथ क्र स से ललपटा रहता ह ँ।

    र्ह समस्र्ा है – जो बातें लभुाती हैं ... जो हमारा समर् और ध्र्ान आकवषयत करती हैं यह हृदय / प्रार्लमकताओं / का मामला है, जो आपके ललए महत्व को रखती है।

    क्र्ोंकक जहािं तरेा धन है वहािं तरेा मन भी लगा रहेगा। मत्ती 6:21 यही कारर् है कक क्यों हमेशा > केवल कुछ ही होते हैं ल का 17:11-19 क्या दसों शुद्ध न हुए तो कफर वे नौ कहां हैं?

    वे नौ जन र्ीश ुके साथ सम्बन्ध बनाने को नहीिं बष्कक केवल अपनी िंगाई के बारे में च िंततत थे। केवल एक बात जो वे ाहत ेथे वह थी कक वे िंग ेहो जाएिं।

    ककतनी बार ऐसा होता है कक हम आशीषें प्राप्त करके आनिंद स ेअपने मागय में ले जात ेहैं।

    र्ीशु ने ववशाल जनसमूह को लशक्षा दी > परन्तु उन में से कौन वास्तव में उसके पीछे आए?

    र्ूहन्ना 6:2 और एक बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली क्र्ोंकक वे उन को आश् र्यकमय देखते थे जो वह बीमारों पर हदखाता था। र्ूहन्ना 6:26 र्ीशु ने उन्हें उत्तर हदर्ा, कक मैं तुम से स स कहता हूिं, तुम मुि ेइसललरे् नहीिं ढूिंढते हो कक तुम ने आश् र्यकमय देखे हैं, परन्त ुइसललरे् कक तुम रोहटर्ािं खाकर तपृ्त हुए। उसने बारह लशठर्ों को बलुार्ा – परन्त ुकुछ लशठर् दसूरों की तलुना में र्ीश ुके अचधक तनकट थ।े 12 लशठर्ों में से > 3 लशठर् बाकी लशठर्ों से अचधक र्ीशु के पीछे ले

  • 10

    इन 3 लशठर्ों में से > 1 ऐसा था जो बाकी से अचधक र्ीशु के पीछे ला : य हन्ना 13:21 + र्हून्ना के इन दो लशष्यों के ललए – उनकी इच्छा / बाकी वस्तओुिं से पहले उनकी प्राथलमकता / उनकी भखू और प्र्ास > उसे और अचधक घतनठिता से जानने की थी ! बार बार समय समय पर यीशु ने हमसे प्रनतज्ञा की : व्र्वस्थावववरण 4:29 परन्त ुवहािं तमु अपने परमेश्वर र्होवा की खोज करोग,े और र्हद तमु अपने सारे

    मन और अपने सारे प्रार् से उसकी खोज करो तो वह तमु को लमल जाएगा। 1 इततहास 22:19 अब त ूअपने हृदय और प्रार् को अपने परमेश्वर र्होवा की खोज में लगा; 2 इततहास 12:14 उसने वह कार्य ककर्ा जो बरुा है, अथायत ्उसने अपने मन को र्होवा की खोज में

    न लगार्ा। भजन सिंहहता 34:10 र्होवा के खोजजयों को ककसी भली वस्त ुकी घटी न होगी। भजन सिंहहता 105:4 र्होवा और उसके साम्र्य को खोजो; तनरन्तर उसके दशयन के खोजी बने रहो। नीततव न 28:5 जो र्होवा की खोज में रहत ेहैं, वे सब कुछ समझत ेहैं। र्शार्ाह 55:6 जब तक र्होवा लमल सकता है तब तक उसकी खोज में रहो, जब तक वह

    ननकट है तब तक उसे पकुारो। वह अभी आप के बहुत तनकट है ! हदन प्रतत हदन वह जा रहा है .. क्र्ा आप उसके पीछे जाएँगे र्ा कँटीली िाड़ड़र्ों में उलिे रहेंगे? र्ह एक परीक्षा है (कक आप ककससे अचधक पे्रम करते हैं) > एक अवसर > आप क्र्ा करेंगे? र्हून्ना 1:36-37 और उसने र्ीश ुपर जो जा रहा था, दृष्ठट करके कहा, “देखो, र्ह परमेश्वर का मेमना है।” (37) तब वे दोनों ेले उसकी र्ह सनुकर यीश ुके पीछे हो ललए।

    र्ह लशठर्ता है > र्ीशु को खोजने और अनुसरण करने के ललए हृदर्ों को तैर्ार करना

    य हन्ना 1:38 यीश ुने मड़ुकर उन्हें अपने पीछे आत ेदेखा और उनसे कहा, “तमु ककसकी खोज में हो?” उन्होंने कहा, “हे रब्बी (अथायत ्हे गरुु), त ूकहाँ रहता है?”

    और र्ीश ुने मड़ुकर - आप इस प्रकार उसका ध्र्ान आकवषयत कर सकत ेहैं। उसके साथ घतनठि सम्बन्ध को खोजने, बनाने और पीछा करने की ाह रखना शूुप करें। उसके पीछे हो लें।

  • 11

    वे र्ीश ुके आमने सामने / आखँों के सामने। र्ह कैसा होगा?

    और र्ीश ुने उनसे एक प्रश्न ककर्ा – र्ही प्रश्न वह हम से बार बार पछूता है :

    तमु ककसकी खोज में हो? – तमु क्या ढ ँढ रहे हो? आपको क्या चाहहए / आपकी क्या इच्छा है?

    o वह आपका ह्रदर् देखता है। आपको उसे स स बताना ाहहए

    उनके पास एक अच्छा जवाब था – त ूकहाँ रहता है? वे उसके सार् रहना ाहत ेथे / उसके

    साथ बसना ाहत ेथे। o र्हून्ना 15:7 यहद तमु मझु में बने रहो और मेरा वचन तमु में बना रहे, तो जो

    ाहो माँगो ... इस तरह हमें अपनी प्राथयनाओिं का जवाब लमलता है !

    o क्र्ोंकक : वह ... अपने खोजनेवालों को प्रनतफल देता है। इब्रातनर्ों 11:6

    आपकी इच्छा क्या है?

    आप ककसका अनुसरर् कर हैं ? आपको ककसकी धनु है?

    कायथ करने के ललए आप ककससे प्रेररत होते हैं? लोगों को ष्जस भी बात की धनु होगी, उसी बात का अनसुरण करेंगे

    1. य हन्ना 17:24 यीशु की धनु / प्रेरणा

    2. ल का 10:38-42 माथाय : बहुत सी बातों स ेववचललत – धचनंतत – व्याकुल हो गयी – कँटीली िाड़ी। मररर्म “केवल एक बात”

    3. भजन सहंहता 27:4 दाऊद की धनु :

    प्रेररतों के काम 13:22 मिु ेएक मनठुर्, तर्श ैका पतु्र दाऊद, मेरे मन के अनसुार लमल गर्ा है, वही मेरी सारी इच्छा परूी करेगा।

  • 12

    4. ननगथमन 33:7-11 र्होशु की धनु : पर र्होश ूनामक एक जवान, .. तम्ब ूसे बाहर न तनकलता था।

    मसूा के साथ लमस्र से तनकले सभी जवानों में, केवल एक ऐसा था जो स म ु परमेश्वर की बातों के पीछे लता था :

    सभी जवानों में, केवल एक था – ष्जसने केवल एक ही बात ... की इच्छा रखी। अन्र् लोग क्र्ों नहीिं थे? 2 तीमचुथर्सु 3:1-5 पर र्ह स्मरण रख कक अष्न्तम हदनों में कहिन समर् आएँगे। (2) क्र्ोंकक मनठुर् स्वार्ी, लोभी, ... ननन्दक ... कृतघ्न, अपववि, (3) दयारहहत, ... असयंमी ... (4) ... और परमेश्वर के नहीं वरन ्सखुववलास ही के चाहनेवाले होंगे। 2 इततहास 16:9 देख, र्होवा की दृष्ठट सारी पृ् वी पर इसललरे् कफरती रहती है कक जजनका मन उसकी ओर ननष्कपट रहता है, उनकी सहायता में वह अपनी साम्र्य हदखाए। य हन्ना 1:39 उसने उनस ेकहा, “आओ और देख लो।” तब उन्होंने जाकर उसके रहने का स्थान देखा, और उस हदन उसके साथ रहे। र्ह दसवें घिंटे के लगभग था।

    र्हून्ना 11:40 र्ीश ुने उस से कहा, “... र्हद त ूववश्वास करेगी तो परमेश्वर की महहमा देखेगी?”

    लकूा 4:18 र्ीश ुअिंधों को दृष्ठट देने के ललए आर्ा। यीशु ने हम सबसे कहता है : आओ और देख लो”। र्ह बबलकुल स है।

    र्ीश ुको देखने की पे्ररणा के साथ र्त्न से र्ीश ुका अनसुरण करने का एक अच्छा उदाहरण : मत्ती 9:27 – 30 जब र्ीश ुवहािं से आगे बढा तो दो अधें उसके पीछे र्ह च कलात ेऔर पकुारत ेहुए ले, “हे दाऊद की सन्तान, हम पर दर्ा कर!” (28) और जब वह घर में प्रवेश कर कुा तो वे अिंधे उसके पास आए। र्ीश ुने उनसे कहा, “क्र्ा तमु ववश्वास करत ेहो कक मैं र्ह कर सकता हूिं?” उन्होंने उस से कहा, “हािं, प्रभ।ु” (29) तब उसने र्ह कहत ेहुए उनकी आिंखों को स्पशय ककर्ा, “तमु्हारे ववश्वास के अनसुार तमु्हारे ललए हो जाए।” (30) और उनकी आखंें खुल गईं।

  • 13

    लकूा 24:13 -35 इम्माऊस के रास्त ेपर दो लोग (15) र्ीश ुस्वर्िं वहािं आकर उनके सार् लने लगा, (16) परन्त ुउसे पहचानने को उनकी आखंें बन्द कर दी गई र्ीं। (17) उसने उनसे कहा, “तमु लत ेहुए परस्पर रे् सब क्र्ा बातें कर रहे हो?” (27) तब उसने मसूा से प्रारम्भ करके सब नबबर्ों और समस्त पववत्र शास्त्र में से अपने सम्बन्ध की बातों का अथय उन्हें समिा हदर्ा। (28) जब वे उस गािंव के तनकट पहँु े जहािं जा रहे थ ेतो उसने ऐसा हदखार्ा मानो कक आगे बढ जाना ाहता हो। (29) उन्होंने आग्रह कर के कहा, “हमारे सार् ठहर जा, क्र्ोंकक सन्ध्र्ा हो रही है और हदन लगभग ढल ुका है।” वह उनके साथ िहरने के ललए भीतर गर्ा। (30) तब ऐसा हुआ कक जब वह उनके साथ भोजन करने बिैा तो उसने रोटी लकेर धन्र्वाद हदर्ा, और तोड़कर उन्हें देने लगा। तब उनकी आखंें खुल गईं और उन्होंने उसे पह ान ललर्ा। र्हून्ना 9 जन्म के अिंधे व्र्ष्क्त की िंगाई। पद 7 जा शीलोह के कुण् ड में धो ल,े सो उस ने जाकर धोर्ा, और देखता हुआ लौट आर्ा।

    - आओ और देख लो – य हन्ना 1:40 – 51 उन दोनों में से जो र्ूहन्ना की बात सुनकर र्ीशु के पीछे हो ललए थे, एक तो शमौन पतरस का भाई अष्न्रर्ास था। (41) उस ने पहहले अपने सगे भाईं शमौन से लमलकर उस से कहा, कक हम को झिस्त अथायत ्मसीह लमल गर्ा। (42) वह उसे यीशु के पास लाया:

    जो लोग प्रभ ुकी उपष्स्थतत में समर् बबतात ेहैं, वे आनदं से अन्र् लोगों को ढूिंढत ेऔर उन्हें बतात ेहैं।

    (43) दसूरे हदन र्ीश ुने गलील को जाना ाहा; और कफललप्पसु स ेलमलकर कहा, मेरे पीछे हो ले। (44) कफललप्पसु तो अष्न्रर्ास और पतरस के नगर बतैसदैा का तनवासी था। (45) कफललप्पसु ने नतनएल से लमलकर उस से कहा, कक ष्जस का वणयन मसूा ने व्र्वस्था में और भववठर्द्वक्ताओिं ने ककर्ा है, वह हम को लमल गया; वह र्सूफु का पतु्र, यीश ुनासरी है। (46) नतनएल ने उस से कहा, क्र्ा कोई अच्छी वस्त ुभी नासरत से तनकल सकती है? कफललप्पसु ने उस से कहा, चलकर देख ले। (47) र्ीश ुने नतनएल को अपनी ओर आत ेदेखकर उसके ववषर् में कहा, देखो, र्ह स म ु इस्त्राएली है: इस में कपट नहीिं। (48) नतनएल ने उस से कहा, त ूमिुे कहािं से जानता है? र्ीश ुने उस को उत्तर हदर्ा; उस से पहहले कक कफललप्पसु ने तिुे बलुार्ा, जब त ूअिंजीर के पेड़ के तले था, तब मैं ने तझुे देखा र्ा।

    इससे पहले कक आप उस ेदेखत,े उसने आपको देख ललया था। वह अपनों की तनगरानी करता है।

  • 14

    उसने हमें जगत की उत्पवत्त से पहले उसमें ुन ललर्ा। इकफलसर्ों 1:4 (49) नतनएल ने उस को उत्तर हदर्ा, कक हे रब्बी, त ूपरमेश्वर का पतु्र है; त ूइस्त्राएल का महाराजा है। (50) र्ीश ुने उस को उत्तर हदर्ा; मैं ने जो तिु से कहा, कक में ने तिुे अिंजीर के पेड़ के तले देखा, क्र्ा त ूइसी ललरे् ववश्वास करता है? त इस से बड़ ेबड़ ेकाम देखगेा। (51) कफर उस से कहा, “मैं तमु से स स कहता हँू कक तमु स्वगय को खुला हुआ, और परमेश्वर के स्वगयदतूों को मनठुर् के पतु्र के ऊपर उतरत ेऔर ऊपर जात ेदेखोगे।” पद 50 में आपके ललए एक वायदा है : ष्जतना अचधक आप उसके साथ समर् बबताएँगे, उतना ही अचधक आप बड़ ेबड़ ेकाम देख पाएँगे ... स्वप्न / दशयन / प्रकाशन

    हमारा ुनाव : बड़ ेबड़ ेकाम ... र्ा ... इस सिंसार की बातें हे वपता, मैं ाहता हँू कक ष्जन्हें त ूने मिु ेहदर्ा है, जहाँ मैं हँू वहाँ वे भी मेरे सार् हों, कक वे मेरी उस महहमा को देखें जो त ूने मिुे दी है। र्हून्ना 17:24

    देखो, आज ही वह उद्धार का हदन है। 2 कुरर 6:2

    ताकक आप र्ह तनणयर् लें कक आपके ललए क्र्ा महत्वपणूय है। ताकक आप र्ह तनणयर् लें कक आप क्र्ा खोजेंगे ताकक आप अपनी प्राथलमकताओिं की हदशा बदलें

    र्ह ऐसा है मानो, हमारे पास अपना पासपोटय है – हमारे पास अपना हटकट है – हमें नए और ऊिं ेस्थानों पर जाने के ललए टलमयनल में प्रवेश भी लमल गर्ा है – लेककन ... र्ह ऐसा है मानो हम एअरपोटय पर समान रखने के हहिंडोले (BAGGAGE CAROUSEL) पर बिैकर गोल गोल घमू रहे हों। और उन सभी दखुों और तनराशाओिं के साथ – अपने अतीत के सारे सामानों को इकट्िा करके – और उन सभी वस्तओुिं को देखकर हम आगे बढने से रुक रहे हैं। र्ीश ुऊपर स्व ाललत सीहढर्ों पर खड़ा होकर हमें ऊपर आने के ललए बलुा रहा है > एक अलग सिंसार में ताकक हम आकर उसके साथ उड़ जाएँ। परमेश्वर के राज्र् में प्रवेश करें और वहािं रहें। जहाँ सारी वस्तुए ँहमें लमलेंगी ... और बड़ी बड़ी काम हमें हदखाई देंगी।

  • 15

    र्ीश ुके ललए उसे छोड़ दें / त्र्ाग दें / पीछे फें क दें / दरू हो जाएिं। अपने ध्र्ान कें र को बदले / अपनी खोज को बदलें / अपनी प्राथलमकताओिं को बदलें।

    मत्ती 11:28 – 30 “हे सब पररश्रम करनेवालो और बोझ से दबे हुए लोगो, मेरे पास आओ; मैं तमु्हें ववश्राम दूँगा। मेरा जआू (सिंसार का नहीिं) अपने ऊपर उिा लो, और मझु से सीखो; क्र्ोंकक मैं नम्र और मन में दीन हँू : और तुम अपने मन में ववश्राम पाओगे। क्र्ोंकक मेरा जआू सहज और मेरा बोि हलका है।” अत: इसमें एक बात की ज़ूपरत है – हमें “कँटीली िाड़ी” को काटना है ताकक हम उसके साथ समर् बबता सकें । उसके साथ समर् बबताने का आरम्भ तब होता है जब हम उसके कहे गए व नों में समर् बबताते हैं।

    भजन सिंहहता 1 क्र्ा ही धन्य है वह पूुपष जो दठुटों की र्षु्क्त पर नहीं चलता, और न पावपर्ों के मागय में खड़ा होता; और न िट्िा करनेवालों की मण्डली में बठैता है। (क्रम पर ध्र्ान दें : लना, खड़ा होना, बिैना) (2) परन्त ुवह तो र्होवा की व्र्वस्था से प्रसन्न रहता; और उसकी व्यवस्र्ा पर रात हदन ध्यान करता रहता है। (3) वह उस वकृ्ष के समान है, जो बहती नाललर्ों के ककनारे लगार्ा गर्ा है। और अपनी ऋत ुमें फलता है, और ष्जसके पते्त कभी मरुिात ेनहीिं। इसललरे् जो कुछ वह परुर् करे वह सफल होता है।।

    र्ीशु के साथ घननष्ठ सम्बन्ध के ललए सुनना और बोलना बहुत ज़ूपरी और अत्र्िंत महत्वपूणय है। इसके ललए इच्छा – खोज – प्रभु के साथ संगनत की आवश्र्कता है। र्ीशु मनुठर् बना – हम में से एक की तरह रहा – तो ...

    उसने अपने वपता के साथ कब सिंगतत की ???

    मरकुस 1:35 भोर को जब अन्धेरा ही र्ा वह उिा और बाहर तनकल कर एकान्त में गर्ा और वहािं प्राथयना करने लगा।

  • 16

    1. वह समय जो यीशु चाहता है – भोर का समय

    2. वह अपनी लशक्षा कब आरंभ करता र्ा? लकूा 21:38 और भोर को तड़के सब लोग उसकी सनुने के ललये मष्न्दर में उसके पास आर्ा करत ेथे।

    3. पुनरुष्त्थत र्ीशु को सबसे पहले देखने वाली? र्हून्ना 20:1 और 14 सप्ताह के पहले हदन मररर्म मगदलीनी भोर को अधेंरा रहत ेही कब्र पर आई

    4. आदम के सार् परमेश्वर कब चलता र्ा? उत्पवत्त 3:8 कफर उन्हें हदन के ठंड ेसमय वाहटका में र्होवा परमेश्वर के लने का शब्द सनुाई हदर्ा

    5. मन्ना का पाठ तनगयमन 16:12-14, 18, 21 और भोर को तमु रोटी से तपृ्त हो जाओगे; और तमु र्ह जान लोगे कक मैं तमु्हारा परमेश् वर र्होवा हँू।”

    र्ीश ुने हमें प्राथयना करना लसखार्ा : हे वपता ... ‘हमारी हदन भर की रोटी हर हदन हमें हदर्ा कर। लकूा 11:3

    र्हून्ना 6:35 र्ीश ुने उनसे कहा, “जीवन की रोटी मैं ह ँ : जो मेरे पास आता है वह कभी भखूा न होगा, और जो मिु पर ववश्वास करता है वह कभी प्र्ासा न होगा।

    (16) प्रत्येक जन अपनी आवश्यकता के अनसुार खाने के ललए बटोर ले। (18) न तो अचधक बटोरने वाले का अचधक, और न कम बटोरने वाले का कम तनकला। प्रत्रे्क मनठुर् ने अपने खाने के अनसुार ही बटोरा।

    आप “जीवन की रोटी” ष्जतनी ाहे ले सकत ेहो

    (19) मसूा ने उनसे कहा, “कोई भी व्र्ष्क्त भोर तक इसमें से कुछ न रख छोड़।े” (20) परन्त ुउन्होंने मसूा की बात न मानी, वरन ्कुछ ने उसमें से भोर के ललए रख छोड़ा, अत: उसमें कीड़ ेपड़ गए और वह सड़ गर्ा। इस पर मसूा उन पर क्रोचधत हुआ। (21) और वे भोर को अपने अपने खाने के अनसुार प्रनतहदन बटोर लेत ेर्;े परन्त ुध प तज़े होत ेही वह गल जाता र्ा। 6. ध प की वेदी। धूप हमारी प्राथयनाओिं को दशायती है।

  • 17

    तनगयमन 30:7-8 और उसी वेदी पर हाूपन सगुष्न्धत धूप जलाया करे; प्रनतहदन भोर को जब वह दीपक को िीक करे तब वह धूप जलाए ... र्ह धूप र्होवा के सामने तमु्हारी पीढी पीढी में तनत्र् जलार्ा जाए।

    प्रकालशतवाक्र् 8:3-4 कफर एक और स्वगयदतू सोने का धूपदान ललरे् हुए आर्ा, ... और उसको बहुत ध प हदया गया कक सब पववत्र लोगों की प्रार्थनाओ ंके साथ सोने की उस वेदी पर, जो लसिंहासन के सामने है ढाएँ। (4) उस धूप का धुआ ँपववत्र लोगों की प्राथयनाओिं सहहत स्वगयदतू के हाथ से परमेश्वर के सामने पहँु गर्ा।

    7. याजक आग को प री तरह जलाए रखता र्ा। लवैव्र्वस्था 6:12-13 वेदी पर अजग्न जलती रहे, और कभी बझुने न पाए; और याजक प्रनतहदन भोर को उस पर लकड डयाँ जलाकर होम बलल के टुकडो िं को उसके ऊपर सजाकर धर दे, और उसके ऊपर मेल बललर्ों की रबी को जलार्ा करे। (14) वदेी पर आग लगातार जलती रहे; वह कभी बझुने न पाए।

    मत्ती 3:11 वह तमु्हें पववत्र आत्मा और आग से बपततस्मा देगा।

    8. प्रर्म फल परमेश्वर का है। नीततव न 3:9 अपनी सारी उपज के प्रथम फल से तथा अपनी सम्पवत्त के द्वारा र्होवा का आदर करना।

    9. दाऊद परमेश्वर के मन के अनुसार र्ा। क्यों? भजन सिंहहता 5:3 हे र्होवा, भोर को मेरी वाणी तिु ेसनुाई देगी, मैं भोर को प्राथयना करके तरेी बाट जोहँूगा। भजन सिंहहता 57:8 हे मेरे प्राण, जाग उि! हे सारिंगी, हे वीणा, जाग उिो! मैं भोर को भी जगा उिाऊिं गा। भजन सिंहहता 63:1 हे परमशे्वर, त ूमेरा परमेश्वर है, मैं तझु ेभोर को ढ ँ ढ़ँगा; सखूी और तनजयल ऊसर भलूम पर, मेरा मन तरेा प्र्ासा है, मेरा शरीर तरेा अतत अलभलाषी है। भजन सिंहहता 90:14 भोर को हमें अपनी करुर्ा से तपृ्त कर, कक हम जीवन भर जर्जर्कार और आनन्द करत ेरहें। भजन सिंहहता 119:147 भोर होने से पहले ही उठकर मैं सहार्ता के ललए तिुे पकुारता हूिं; मैं तरेे व नों की आस लगाए हूिं।

    10. शे्रष््गीत 7:12 आओ हम सवेरे जल्दी उठें ...

    शे्रठि गीत 7:12 कफर सबेरे उठकर दाख की बाररर्ों में लें, और देखें कक दाखलता में कललर्ा ँलगी हैं कक नहीिं, कक दाख के फूल झखले हैं र्ा नहीिं, और अनार फूले हैं र्ा नहीं। वहाँ मैं तझु को अपना प्रेम हदखाऊँगी।

  • 18

    वह आपको बगी ेमें बलुा रहा है ... वह हर सबुह आपके साथ लना ाहता है, जैसे वह आदम और हव्वा के साथ लता था। वह आपको अपना पे्रम देना ाहता है। आप कैसे जवाब देंगे?

    आप क्र्ा करेंगे? आप क्र्ा ाहत ेहैं?

    वह हर सबुह आपका इिंतज़ार करता है।

    आपके ललए मेरी प्राथयना : इकफलसर्ों 1:15 – 21

    इस कारर्, मैं भी उस ववश्वास का समाचार सुनकर जो तुम लोगों का प्रभु यीश ुपर है और सब पववि लोगों पर प्रकट है, (16) तुम्हारे ललये धन्यवाद करना नहीं छोड़ता, और अपनी प्रार्थनाओ ंमें तुम्हें स्मरर् ककया करता ह ं (17) कक हमारे प्रभु यीश ुमसीह का परमेश्वर जो महहमा का वपता है, तुम्हें अपनी पहचान में, ज्ञान और प्रकाशन का आत्मा दे। (18) और तुम्हारे मन की आखंें ज्योनतमथय हों ताकक तुम जान लो कक उसके बुलाने से क्या आशा उत्पन्न होती है, और पववि लोगों में उस की मीरास की महहमा का धन क्या है। (19) और उसका सामर्थयथ हमारी ओर जो ववश्वास करते हैं, ककतना महान है।