इंडियन रेि क्रास सोसायटी और सेंट ......म...

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1 इंडियन रेि ास सोसायटी और सट जॉन एमबस (इंडिया) की वािक आम सभा के वयावसाडयक सर ी जे.पी. ना, माननीय वाय एवं पिरवार कया मंरी, भारत सरकार तथा माननीय अय, इंडियन रेि ास सोसायटी और सट जॉन एमबस (इंडिया) का 18 नवंबर, 2014 को िआरिीओ भवन, नई दिी संबोधन

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इंडियन रेि क्रास सोसायटी और सेंट जॉन एम बु लेेंस (इंडिया)

की वार्षिक आम सभा

के

व यावसाडयक सर

में

श्री ज.ेपी. नड्डा,

माननीय स् वास् ् य एवं पिरवार क् याण म मंरी,

भारत सरकार

तथा

माननीय अध् यक्ष, इंडियन रेि क्रास सोसायटी और सेंट जॉन एम बु लेेंस

(इंडिया)

का

18 नवंबर, 2014

को

िीआरिीओ भवन, नई दि् लेी

में संबोधन

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डॉ (श्रीमती) कमला गिडवानी, सेंट जान एम्बुलेंस (इंडडया) के

उपाध्यक्ष,

डॉ एसपी अग्रवाल, महासगिव, इंडडयन रेड क्रॉस सोसायटी और

सेंट जॉन एम्बुलेंस (इंडडया)

प्रिय पुरस्कार प्रवजेताओं, िेक्षक , िणमान्य अततगिय ,

देप्रवयो और सज्जनो,

1. मैं अपना संबोधन शुरू करने से पहले इंडियन रेिक्रास

के अपने सभी साथियों और सेंट जॉन एम्बुलेंस (इंडिया) के

सदस्यों तिा स्वयंसेवकों की ओर से माननीय राष्ट्रपतत जी

का हृदय से आभार व्यक्त करता ह ूँ कक उन्होंने अपने व्यस्त

काययक्रम में से कुछ समय तनकालकर राष्ट्रपतत भवन के

सभागार में इन दोनों संगठनों की वार्षयक आम सभा के

औपचाररक सत्र की मेजबानी करने पर अपनी सहमतत दी, जो

हमारी मानवीय गततर्वथधयों में उनकी अत्यथधक रुथच को

दशायता है।

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2. आज कई स्वयं सेवकों तिा सदस्यों के साि-साि दोनों

संगठनों की शाखाओ ं ने र्वभभन्न व्यक्क्तगत और संयुक्त

प्रयासों द्वारा ककए गए उत्कृष्ट्ट कायों की मान्यता के रूप में

माननीय राष्ट्रपतत से पुरस्कार प्राप्त ककए हैं। मेरा र्वश्वास है

कक ये पुरस्कार र्वजेता द सरे लोगों को भी मानव सेवा के इस

महान ककन्तु मुक्श्कल कायय को करने के भलए पे्रररत और

प्रोत्साहहत करेंगे क्जसके भलए भारतवासी सहदयों से जाने जाते

हैं। स्वयंसेवक दोनों संगठनों के सबसे महत्वप र्य घटक हैं।

इनमें से ज्यादातर युवा लोग हैं और च ूँकक वे इंडियन रेि

क्रॉस और सेंट जॉन एम्बुलेंस (इंडिया) दोनों के संर्वधान में

तनहहत भसद्ांतों के आधार पर मानव सेवा के कायय को अपना

रहे हैं, इसभलए मुझे प रा र्वश्वास है कक देश का भर्वष्ट्य

सुरक्षित हािों में है।

3. इस औपचाररक सत्र में मैंने, मई 2013 में आयोक्जत

र्पछली आम सभा के बाद से दोनों संगठनों की कुछ सबसे

महत्वप र्य उपलक्धधयों को प्रस्तुत ककया िा। इन दो वषों में,

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भारत जो दतुनया के सवायथधक आपदा संभार्वत देशों में से

एक है, ने कई बड े और मध्यम स्तर की आपदाओ ं का

सामना ककया है क्जसने लाखों उपेक्षित लोगों के जीवन को

प्रभार्वत ककया है। इंडियन रेि क्रॉस सोसायटी, राज्यों और

संघ राज्य िेत्रों में फैली अपनी 700 से अथधक शाखाओ ंके

माध्यम से अनेक कायय करती है क्जनमें, आपदा प्रबंधन, रक्त

उपलधध कराना, तनिःशक्त व्यक्क्तयों को सेवा प्रदान करना,

व्यावसातयक प्रभशिर् देना तिा मात ृ एवं बाल कल्यार्

योजनाएं चलाना शाभमल है।

4. आईआरसीएस मुख्यालय प्रिम मेडिकल ररस्पान्िर

काययक्रम को और कई राज्यों एवं केन्र शाभसत प्रदेशों में

आगे बढाने में सिम हुआ है। वास्तव में अब 18 राज्यों एवं

केन्र शाभसत प्रदेशों की शाखाएं इस काययक्रम को कायायक्न्वत

कर रही हैं। इस काययक्रम के जररए आईआरसीएस का उदे्दश्य

इन राज्यों एवं केन्र शाभसत प्रदेशों के सबसे अथधक प्रभार्वत

क्जलों में एफएमआर का एक संवगय सकृ्जत करना है।

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एफएमआर, आईआरसीएस के बहु दिता प्राप्त स्वयंसेवक हैं

जो प्रभार्वत समुदायों से आत ेहैं। राज्य द्वारा तिा राष्ट्रीय

स्तर के प्रभशिकों द्वारा तनयभमत प्रभशिर्ों के माध्यम से ये

स्वयं सेवक आपदाओ ंके प्रबंधन के भलए तुरन्त तत्पर होकर

उन समुदायों को सहयोग प्रदान करत ेहैं क्जन समुदायों से वे

संबंथधत होत ेहैं। मुझे यह स थचत करत े हुए गवय महस स हो

रहा है कक ये एफएमआर वषय 2013 में और इस वषय

उत्तराखण्ि, ओडिशा, आन्र प्रदेश, जम्म एवं कश्मीर, बबहार,

छत्तीसगढ, उत्तर प्रदेश, असम आहद राज्यों में उत्पन्न

आपदाओ ं के बाद राहत एवं बचाव कायय में सबसे आगे िे।

हाल ही में जम्म एवं कश्मीर में अचानक आयी भयानक बाढ

के बाद इन एफएमआर स्वयंसेवकों ने उत्कृष्ट्ट कायय ककया।

इक्ण्ियन रेि क्रॉस एफएमआर और स्वयंसेवक से राहत राहत

सामग्री के र्वतरर् तिा टेन्ट कॉलोनी बसाने, ढ ढने एवं बचाव

कायय, नौका सुर्वधा उपलधध कराने, लोगों का मनोबल बढाने

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तिा बाढ पीडडतों को स्वस्छ पेयजल उपलधध कराने में

अग्रर्ी भ भमका तनभाई।

उनके प्रयासों की स्िानीय सरकार और संचार माध्यमों

द्वारा सराहना की गई है। अब इस बात का प्रयास ककया जा

रहा है कक उन्हें आपदा की अवथध के अलावा पेयजल,

स्वच्छता एवं स्वास््य संवधयन जैसे काययक्रमों के साि भी

जोडा जाए। इन राज्यों एवं केन्र शाभसत प्रदेशों में 6500 से

अथधक एफएमआर हैं। इनके अलावा, 180 इंस्रक्टर और

अनुभवी प्रभशिक भी हैं जो इन स्वयंसेवकों को प्रभशिर् देते

हैं।

5. आईआरसीएस में जल शुर्द्करर् मशीनों की संख्या भी

बढाई गई है। इनमें से 8 मशीने हाल ही में जम्म एवं

कश्मीर के र्वभभन्न स्िानों में लगायी गई हैं, क्जनसे

जरूरतमंद लोगों को प्रततहदन 150,000 लीटर से अथधक

स्वस्च्छ पेयजल उपलधध कराया जा रहा है।

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6. आईआरसीएस देश के र्वभभन्न भागों में हाल में आयी

आपदाओ ंके दौरान अपने तनजी संसाधनों में वरृ्द् करत ेहुए

टेन्ट, ततरपाल, रसोई से संबंथधत सामग्री आहद जैसी गैर-खाद्य

सामाग्री उपलधध कराई है।

7. आईआरसीएस, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एवं राष्ट्रीय

आपदा वैटसन प्रबंधन दलों के भलए स्वयंसेवकों को प्रभशक्षित

करता है, क्जन्हें आपदाओ ंके दौरान र्वशेष सेवा प्रदान करने

के भलए तैनात ककया जाता है। गत वषय हमने बहादरुगढ,

अराकोन्नम और कोलकाता भण्िारग्रहों में संचाभलत प्रभशिर्ों

से 31 नए एनिीआरटी सदस्यों को शाभमल ककया है। इन

प्रभशिर्ों में संभारतंत्र (लॉक्जक्स्टक्स) पर र्वशेष जोर हदया

गया। इसके अततररक्त सोसायटी ने इन्रप्रस्ि र्वश्वर्वद्यालय,

नई हदल्ली से संबद् आपदा प्रबंधन की तैयारी एवं पुनयवास के

संबंध में एक वषय का स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू

ककया है और 8 बैचों से लगभग 300 योग्य आपदा प्रबंधकों

को प्रभशक्षित ककया गया है। इस पाठ्यक्रम के 9वें बैच में

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दाखखला हो चुका है और किाएं शुरू हो चुकी हैं। यह

सोसायटी आयुष र्वभाग के सहयोग से आयुवेद और योग के

जररए स् वास् ् य को बढाने वाले लोकर्प्रय प्रमार्पत्र पाठ्यक्रम

का भी संचालन करती है क्जसके 15 बैच प रे हो चुके हैं।

8. मैं िॉ. एस.पी. अग्रवाल, महा सथचव को बधाई देता ह ं

क्जन् होंने अपनी पषृ्ट् ठभ भम, रुथच व र्वशेषज्ञता के कारर्

स् वास् ् य के िेत्र में अनेक पहलें प्रारंभ की हैं। इंडियन

रेिक्रॉस सोसायटी प रे देश में अपने 166 ध लि बैंकों और

हदल् ली में एक रक् त संग्रह में 10 प्रततशत मािल ध लि बैंक के

जररए कुल रक् तदान के 10 प्रततशत का योगदान दे रही है।

इनमें 90 प्रततशत से अथधक रक् तदान स् वैक्च्छक आधार पर

ककया जाता है। एनएचक् य में ध लि बैंक ने कुल 29000 य तनट

रक् त एकत्र ककया क्जसमें से लगभग 90 प्रततशत रक् त

स् वैक्च्छक रक् तदान द्वारा एकत्र ककया गया िा। एकबत्रत रक् त

में 85 प्रततशत रक् त सरकारी अस् पतालों में रोथगयों और 900

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से अथधक िैभलसीभमया के रोथगयों को तन:शुल् क हदया जाता है

जो हदल् ली में 50 प्रततशत हैं।

9. इंडियन रेिक्रॉस सोसायटी 5 राज् यों में तपेहदक तनयंत्रर्

प्रयास काययक्रम के जररए स् वास् ् य और पररवार कल् यार्

मंत्रालय के प्रयासों में भी योगदान दे रही है। र्पछली एपीएम

के बाद से इस काययक्रम में 1635 रोथगयों को शाभमल ककया

गया है। वषय 2009 से इस काययक्रम के द्वारा इंडियन रेिक्रॉस

सोसायटी ने उन 3000 रोथगयों को उपचार करने के भलए

काययक्रम में पुन: शाभमल ककया है क्जन् होंने िॉ स िेरेपी को

छोड हदया िा तिा यह सुतनक्श्चत ककया कक वे इस कोसय को

प रा करेंगे। ऐसा करके कम से कम 500 रोथगयों को घातक

एमिीआर टीबी होने से बचाया गया क्जसके उपचार में प्रतत

रोगी 2 लाख रुपए का खचय आता है और इसके कारर्

रोथगयों की संख् या और मतृ् यु दर बढ जाती है। इस काययक्रम

से लगभग 12000 पररवारों और 3 लाख सामुदातयक सदस् यों

को लाभ भमला है।

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10. देश में सैकडों स् क लों और कॉलेजों में इडियन रेि

क्रॉस सोसायटी की ज तनयर और य ि र्वगं मौज द है। देशभर

में ज तनयर और य ि कैं प आयोक्जत ककए गए जात ेहैं, जहां

युवाओ ं को रेि क्रास के भसद्ांतों, प्रािभमक थचककत् सा, सडक

सुरिा, जलवायु पररवतयन, एचआईवी/एड्स संबंधी जानकारी

मानवीय म ल् यों आहद के संबंध में प्रभशक्षित ककया जाता है।

इन र्वगं के सदस् यों ने पोभलयो अभभयान, स् वच् छता संवधयन

अभभयान जैसे हाि धोना, पुरी उत् सव एवं गंगा-सागर मेला

आहद में पाररवाररक संबंध बहाल करने जैसी र्वर्वध

सामुदातयक गततर्वथधयों में भाग भलया है।

देप्रवयो और सज् जनो,

11. इंडियन रेि क्रॉस सोसायटी भारत में सबसे र्वशाल

सांर्वथधक मानवीय संगठन है और सेंट जोन एंबुलेंस (इंडिया)

की राज् य/संघ राज् य िेत्रों के सैकडों िेत्रीय, क्जला और

स् िानीय केन् रों सहहत प रे भारत में व् यापक पहंुच है। दोनों

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संगठन व् यावसातयकों को सांर्वथधक प्रािभमक थचककत् सा और

संबद् प्रभशिर् प्रदान कर रहे हैं। प्रािभमक थचककत् सा और

संबद् र्वषयों में प्रभशिर् छात्रों सहहत आम जनता को भी

प्रदान ककया जाता है। इसके अलावा, सेंट जोन एसोभसएशन

अपनी बबगे्रि र्वगं के माध् यम से प्रािभमक थचककत् सा और

एंबुलेंस सेवाएं भी प्रदान करती हैं।

मुझे बताया गया है कक इंडियन रेि क्रॉस और द सेंट

जोन एंबुलेंस ने र्पछली एजीएम के बाद से अभी तक

प्रािभमक थचककत् सा में छात्रों सहहत लगभग 6 लाख

व् यावसा तयकों और आम जनता को प्रमार्-पत्र हदए हैं। मुझे

इस बात की खुशी है कक इंडियन रेि-क्रर ास ने बेक्ल्जयम रेि

क्रॉस के सहयोग से साक्ष् य आधाररत भारतीय प्रािभमक

थचककत् सा हदशा-तनदेश बनाए हैं जो आने वाले समय में

प्रािभमक थचककत् सा तनयमावली के नए संस् करर् का आधार

बनेगा।

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12. सेंट जोन एंबुलेस (इंडिया) अपने हजारों प्रभशक्षित

स् वयंसेवकों की बडी संख् या में स् िार्पत बेगेि डिवीजनों के

माध् यम से अपने काययकलाप भली-भांतत चला रहा है। सेंट

जॉन एंबुलेंस द्वारा दघुयटना, धाभमयक समागमों और रैभलयों के

दौरान, समय पर मदद पहंुचाकर बहुम ल् य मानव जीवन को

बचाना तनस् वािय सेवा के उत् तम उदाहरर्ों मे से एक है। वे

प रे देश में स् वतंत्रता हदवस और गर्तंत्र हदवस समारोहों के

दौरान प्रािभमक थचककत् सा केन् र और एंबुलेंस सेवाओ ं की

स् िापना करके सेवा प्रदान कर रही हैं।

13. मैं आप सभी को तिा दोनों संगठनों के अन् य सदस् यों,

जो आज यहां उपक्स्ित नहीं हैं, से स् वैक्च्छक सेवा के भाग के

रूप में स् वच् छ भारत अभभयान में शाभमल होने का आहवान

करता ह ूँ। आपको स् वैक्च्छक रक् तदान को प्रोत् साहहत करने में

भी भाग लेना चाहहए क्जससे हम अपने देश में 100 प्रततशत

स् वैक्च्छक रक् तदान के माध् यम से पयायप् त रक् त एकत्र करने

के लक्ष् य को प रा कर सकें । इसके अततररक् त, ककसी भी

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आपदा की क्स्ितत में लोगों को उबारने की शक्क्त को बढाने

के भलए सामुदातयक स् तर पर तैयारी को सुृढढ करने की

आवश् यकता है।

देप्रवयो और सज् जनो,

14. अंत में, मैं महासथचव और उनके दल को इंडियन रेि

क्रॉस और सेंट जॉन एंबुलेंस (इंडिया) के र्वभभन् न महत् वप र्य

िेत्रों में ककए गए उत् कृष्ट् ट कायय के भलए बधाई देना चाह ंगा।

मैं उन भागीदारों का भी धन् यवाद करना चाह ंगा जो इन

संगठनों में काययक्रम को लाग करने में सहायता प्रदान की है।

मैं पुन: सभी पुरस् कार र्वजेताओ ंको बधाई देता ह ं तिा सभी

शाखाओ ंएवं स् वयसंसेवकों को जरूरतमंद लोगों की सहायता

करने के भलए रोजाना ककए जा रहे इस शानदार और

बेहतरीन कायय के भलए हृदय से धन् यवाद देता ह ं।

जय हहन् द ।

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बुलेट बबदं ु

1. आरंभभक हटप् पखर्यां

2. रेि क्रॉस और सेंट जॉन एंबुलेंस के भलए स् वेच् छा से अपनी

सेवा प्रदान करने के भलए प्रोत् साहहत करना।

3. इंडियन रेि-क्रॉस सोसायटी (आईआरसीएस) के बारे में।

4. आईआरसीएस - प्रािभमक थचककत् सा रेस् पांिर काययक्रम।

5. आईआरसीएस - जल शोधक इकाइयां

6. आईआरसीएस – राहत

7. आईआरसीएस प्रभशिर्

8. आईआरसीएस – स् वास् ् य से संबंथधत कक्रयाकलाप (रक् त

संबंधी सेवाएं)

9. आईआरसीएस – स् वास् ् य से संबंथधत कक्रयाकलाप

(तपेहदक काययक्रम)

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10. आईआरसीएस – ज तनयर एवं य ि रेि क्रास

11. सेंट जान एंबलुेंस और आईआरसीएस प्रािभमक थचककत् सा

प्रभशिर्

12. सेंट जान एंबुलेंस (इंडिया) के बारे में

13. “स् वच् छ भारत अभभयान” और स् वैक्च्छक रक् तदान में

शाभमल होने के भलए दोनों संगठनों के सदस् यों और

स् वयसेवकों को प्रोत् साहहत करना।

14. समापन हटप् पखर्यां ।

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