दाफ़िउल बला - ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य्...

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Page 1: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

दाफिउल बला

लखकहज़रत मिज़ज़ा ग़लि अहिद क़मदयनी

िसीह िौऊद व िहदी िहद अलमहससलि

I

नि पसतक दमिउल बलName of book Dafeul Balaलखक हज़रत मिज़ज़ा ग़लि अहिद क़मदयनी िसीह िौऊद अलमहससलिWriter Hazrat Mirza Ghulam Ahmad Qadiani Masih Mauud Alaihissalam

अनवदक ड अनसर अहिद पीएचडी आनसज़ा इन अरमबकTranslator Dr Ansar Ahmad PhD Hons in Arabic टईमपग समटग नमदय परवज़Typing Setting Nadiya Pervezaससकरण तथ वरज़ा परथि ससकरण (महनदी) अगसत 2018 ई०Edition Year 1st Edition (Hindi) August 2018सखय Quantity 1000परकशक नज़रत नशर-व-इशअत क़मदयन 143516 मज़ल-गरदसपर (पजब)Publisher Nazarat Nashr-w-Ishaat Qadian 143516 Distt Gurdaspur (Punjab)िदरक िज़ल उिर मपरमटग परस क़मदयन 143516 मज़ल-गरदसपर (पजब)Printed at Fazl-e-Umar Printing Press Qadian 143516 Distt Gurdaspur (Punjab)

II

परकाशक की ओर स हज़रत मिज़ज़ा ग़लि अहिद समहब क़मदयनी िसीह िौऊद

व िहदी िहद अलमहससलि दर मलमखत पसतक क यह महनदी अनवद शरी डॉ० अनसर अहिद न मकय ह और ततपशत िकररि शख़ िजमहद अहिद शसती (सदर ररवयय किटी) िकररि िरहत अहिद आचयज़ा (इचजज़ा महनदी डसक) िकररि अली हसन एि ए और िकररि नसीरल हक़ आचयज़ा न इसकी परयि रीमडग और रीमवय आमद मकय ह अलह तआल इन सब को उतति परमतफल परदन कर

इस पसतक को हज़रत ख़लीितल िसीह ख़मिस अययदहलह तआल मबनमरिमहल अज़ीज़ (जिअत अहिमदय क वतज़ािन ख़लीि) की अनिमत स महनदी परथि ससकरण क रप ि परकमशत मकय ज रह ह मवनीत हमिज़ िख़दयि शरीि नमज़र नशर व इशअत क़मदयन

III

पसतक पररचयदाफिउल बला-व-मयार

अहफललइससतिायह पसतक आपन अपरल 1902 ई ि परकमशत की जबमक

पजब ि तऊन क बहत ज़ोर थ इस पसतक ि तऊन स सबमित आप न उन इलहिो क वणज़ान मकय ह मजन ि तऊन क सकिक रोग फलन क बर ि भमवषयवणी थी और यह भी बतय गय थ मक तऊन ससर ि इसमलए आई ह मक खद क िसीह क न कवल इनकर मकय गय अमपत उस दख मदय गय उस क़तल करन की योजनए बनई गई उसक नि कमिर और दजल रख गय और पहली मकतबो ि भमवषयवणी पई जती थी मक िसीह िौऊद क परदभज़ाव क सिय भयकर तऊन पडगी और िरिय मक उसक मनशशत उपचर तो यही ह मक इस िसीह को सच हदय और मनषकपटतपयवज़ाक सवीकर मकय जए और अपन जीवनो ि एक रहनी पररवतज़ान पद मकय जए तथ खद को इलहि क आिर पर आपन यह घोरण की -

खद तआल बहरहल जब तक मक तऊन ससर ि रह यदयमप सततर वरज़ा तक रह क़मदयन को उसकी भयकर तबही स सरमषित रखग

(इसी मजलद क पषठ-238)

और िरिय - IV

िर यही मनशन ह मक परतयक मवरोिी चह वह अिरोह ि रहत ह चह अितसर ि चह दहली ि चह कलकतत ि चह लहौर ि चह गोलड ि और चह बटल ि यमद वह क़सि ख कर कहग मक उसक अिक सथन तऊन स िकत रहग तो अवशय वह सथन तऊन ि गरसत हो जएग कयोमक उसन खद तआल क िकबल पर घषटत की (पषठ-238)

परनत मकसी मवरोिी को ऐसी घोरण करन क सहस न हआ और तऊन क सकिक रोग पहली मकतबो की भमवषयवमणयो क अनसर हज़रत िसीह िौऊद अलमहससलि की सचई क एक ज़बरदसत मनशन मसदध हआ

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दाफिउल बला

चतावनीजिस सनदश को हम इस समय अपनद दश क जरिय लोगो

क पास इस पसतक क दारा पहचाना चाहतद ह उसक बार म हम अजबया अलजहससलाम क परानद अनभव क अनसार यह जसदध ह जक इस समय हमारी सहानभजत की कदर यही होगी जक जिर ोबारा हम इसलाम क मौलजवयो और ईसाई धमम क पाररयो तथा जहन धमम क पजितो सद गाजलया सन और जभनन-जभनन रिकार की कषटायक उपाजधयो सद या जकए िाए हम पहलद सद भली भाजत जात ह जक ऐसा ही होगा परनत हमनद मानव िाजत की हमदी को इस बात सद अगरसर रखा ह जक सामानय गाजलयो सद हम सताए िाए कयोजक इसक बावि यह भी सभावना ह जक इन सकडो और हजारो गाजलया दनद वालो म सद कछ ऐसद भी पा हो िाए जक ऐसद समय म जक िब आकाश पर सद एक अगन की वराम हो रही ह अजपत अगलद िाड म तो और भी अजधक बरसनद की आशा ह इस पसतक को धयानपवमक पढ और अपनद इस नसीहत करनद वालद मदरहबान पर शीघर नाराज न हो और जिस नसखद को वह रिसतत करता ह उसद परख ल कयोजक इस हमदी क बलद म कोई मजरी या रिजतिल उन सद नही मागा गया कवल सची जनषकपटता और नदक नीयत सद मनषयो की िान छडानद क जलए एक परखा हआ तथा पजवतर रिसताव रिसतत जकया गया ह तो जिस हालत म रोगो म उपचार क जलए कछ िानवरो का मतर भी पी लदतद ह तथा बहत सी गनी वसतओ को इसतदमाल कर लदतद ह तो इस गसथजत म उनकी कया हाजन ह जक

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दाफिउल बला

अपनद रिाण बचानद क जलए अपनद जलए इस पजवतर उपचार को गरहण कर और यज वद नही करगद तब भी बहर हाल इस मकाबलद क समय एक जन उनह मालम होगा जक इन समसत धममो म सद कौन सा ऐसा धमम ह जिसका जसफाररश करना मनजी (मगति जलानद वाला) क महान शब का चररताथम होना जसदध हो सकता ह सची मगति जलानद वालद को हर वयगति चाहता ह और उस सद रिदम करता ह अतः जनससनदह अब जन आ गए ह जक जसदध हो जक सची मगति जलानद वाला कौन ह जनससनदह हम मसीह इबनद मरयम को एक सचा आमी िानतद ह िो अपनद यग क अजधकतरलोगो हाशिया - समरण रह यह िो हम नद कहा जक हजरत ईसा अलहससलाम अपनद यग क बहत सद लोगो की अपदका अचछ थद यह हमारा बयान कवल सधारणा क तौर पर ह अनयथा सभव ह जक हजरत ईसा अलजहससलाम क समय म खा तआला की पथवी पर कछ ईमानार अपनी ईमानारी और खा सद सबध म हजरत ईसा अलजहससलाम सद भी उचतम और शदषठतम हो कयोजक अलाह तआला नद उनक बार म फरमाया ह(आलदइमरान-46)

بی مقر

ال ومن خرۃ

وال ادلنیا ف وجیھا जिसक मायनद यद ह जक उस यग क साजनधय रिापत लोगो स सद यह भी एक थद इस सद यह जसदध नही होता जक वह सब साजनधय रिापत लोगो सद बढकर थद अजपत इस बात की सभावना जनकलती ह जक उनक यग क कछ साजनधयरिापत उन सद अचछ थद सपषट ह जक वह कवल बनी इसाईल की भदडो क जलए आए थद और सर दशो तथा कौमो सद उनको कछ सबध न था तो सभव अजपत अनमान क करीब ह जक कछ अजबया िो نقصــص म (अलमोजमन-79) لــم सगमजलत ह वद उन सद अचछ और अजधक शदषठ होगद और िसा जक हजरत मसा क मकाबलद पर अनततः एक इनसान जनकल आया जिसक बार म खा नद ــا م

ــا عل ن ــن دل م ــاہ फरमाया तो जिर हजरत ईसा (अलकहफ-66) علمن

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दाफिउल बला

सद अचछा था واہلل اعلم परनत वह वासतजवक मगति जलानद वाला नही था यह उस पर लाछन ह जक वह वासतजवक मगति जलानद िष हाशिया - क बार म िो मसा सद कमतर और उसक शरीअत क अनयायी थद और सवय कोई पणम शरीअत न लाए थद खतनः और जफकः क मामलद जवरासत सअर का जनरदध इतयाज म हजरत मसा की शरीअत क अधीन थद कयोकर कह सकतद ह जक वह अपनद समय क समसत सतयजनषठो सद बढकर थद जिन लोगो नद उनको खा बनाया ह िसद ईसाई या वद जिनहोनद उनह अकारण खाई जवशदरताए ी ह िसा जक हमार जवरोधी और खा क जवरोधी नाम क मसलमान वद यज उनको ऊपर उठातद-उठातद आकाश पर चढा या अशम पर जबठा या खा की तरह पजकयो का पा करनद वाला ठहराए तो उनको अजधकार ह मनषय िब शमम और लजा को छोड द तो िो चाह कह और िो चाह कर जकनत मसीह की ईमानारी अपनद यग म सर ईमानारो सद बढकर जसदध नही होती अजपत यहा नबी को इस पर एक शदषठता ह कयोजक वह शराब नही पीता था और कभी नही सना गया जक जकसी वशया सतरी नद आकर अपनी कमाई क माल सद उसक सर पर इतर मला था या हाथो और अपनद सर क बालो सद उसक शरीर को सपशम जकया था या कोई बदलगाव औरत उसकी सदवा करती थी इसी कारण सद खा नद कआमन म यहा का नाम हसर रखा परनत मसीह का यह नाम न रखा कयोजक ऐसद जकससद इस नाम क रखनद सद रोक थद जिर यह जक हजरत ईसा अलजहससलाम नद यहा क हाथ पर जिसद ईसाई यहनना कहतद ह िो बा म एजलया बनाया गया अपनद पापो सद तौबः की थी और उसक जवशदर मरीो म सगमजलत हए थद यह बात हजरत यहा की शदषठता की बडी सपषटता सद जसदध करती ह कयोजक इसक मकाबलद पर यह जसदध नही जकया गया जक यहा नद भी जकसी क हाथ पर तौबः की थी तो उसका मासम होना सपषट बात ह और मसलमानो म यह िो रिजसदध ह जक ईसा और उसकी मा शतान क सपशम सद पजवतर ह इसक मायनद मखम लोग नही समझतद असल बात यह ह जक गनद यहजयो नद हजरत ईसा और उन की मा

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दाफिउल बला

वाला था वासतजवक मगति जलानद वाला हमदशा और कयामत तक मगति का िल जखलानद वाला वह ह िो जहिाज की पथवी पर पा हआ था और समसत ससार और समसत यगो की मगति क जलए आया था और अब भी आया परनत जजल क तौर पर खदा उसकी बरकतो स सम परण थवी को लाभानवत कर आमीन

खाकसार - शमराण गलाम अहमद काशदयानी

िष हाशिया - पर बड ही गनद आरोप लगाए थद और ोनो क बार म नऊजजबलाह शतानी कायमो का आरोप लगातद थद अतः इस झठ का खणिन आवशयक था तो इस हीस क इस सद अजधक कोई मायनद नही जक यह गनद आरोप िो हजरत ईसा और उनकी मा पर लगाए गए ह यद सही नही ह अजपत वद इन अथमो सद शतान क सपशम सद पजवतर ह और इस रिकार क पजवतर होनद की घटना जकसी अनय नबी क सामनद नही आई इसी सद

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दाफिउल बला

शबनमलाशहररहमाशनररहीमनहमदह व नसली अला रसपशलशहलकरीम

ताऊनارکاشم زمشچ ا ی ب ہب زدخااطوعن ا وچآدم

انشم یہن رچاوعلمں افقس ے ا وتوخدوعلمین

ای اتس ثبخ ورتک الصح ووتق وتہب زامن

ااجنشم ی ن

م ن

ی ب ہن ربدبی وک ےسک

इस भयानक रोग क बार म िो दश म िलता िाता ह लोगो की जभनन-जभनन राय ह िॉकटर लोग जिन क जवचार कवल भौजतक उपायो तक सीजमत ह इस बात पर बल दतद ह जक पथवी म कवल रिाकजतक कारणो सद ऐसद कीटाण पा हो गए ह जक सवमरिथम चहो पर अपना षरिभाव पहचातद ह1और जिर मनषयो म मतय का जसलजसला िारी हो िाता ह और धाजममक जवचारो सद इस रोग का कछ सबध नही अजपत चाजहए जक अपनद घरो और नाजलयो को हर रिकार की गनगी और गमनध सद बचाए और सवचछ रख और जफनायल इतयाज सद पजवतर करतद रह और मकानो को आग सद गमम रख और ऐसा बनाए जक जिनम हवा भी पहच सक और रिकाश भी और जकसी मकान म

1 हाशिया - जचजकतसा क जनयमो क अनसार ताऊन क रोग की पहचान क जलए आवशयक ह जक जिस भामयशाली गाव या शहर या उसक जकसी भाग म यह घातक रोग िट पड उसम इस सद कई जन पवम मर हए चह पाए िाए तो यज उाहरण क तौर पर कवल जवर सद जकसी गाव म कछ मौत की घटनाए हो िाए और चह मरतद न दखद िाए तो वह ताऊन नही ह अजपत जवर क रिकारो म सद एक घातक जवर ह इसी सद

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दाफिउल बला

इतनद लोग न रह जक उन क मह की भाप और मल-मतर इतयाज सद कीटाण रिचर मातरा म पा हो िाए और भोिन न खाए और सब सद अचछा उपचार यह ह जक टीका लगवा ल और यज मकानो म माम चह पाए तो उन मकानो को छोड और उजचत ह जक बाहर खलद मानो म रह और मलद कचलद कपडो सद बच और यज कोई वयगति जकसी रिभाजवत या गरजसत मकान सद उनक शहर या गाव म आए तो उसको अनर न आनद और यज कोई ऐसद गाव या शहर का इस रोग सद बीमार हो िाए तो उसद बाहर जनकाल और उससद जमलनद-िलनद सद बच तो ताऊन का उपचार उन क नजीक िो कछ ह यही ह यद तो बजदधमान िॉकटरो और जचजकतसको की राय ह जिसद हम न तो एक पयामपत और सथायी उपचार क रग म समझतद ह और न कवल बदफाया ठहरातद ह पयामपत और सथायी उपचार इसजलए नही समझतद जक अनभव बता रहा ह जक कछ लोग बाहर जनकलनद सद भी मर ह और कछ सवचछता को अजनवायम रखतद-रखतद भी इस ससार सद कच कर गए तथा कछ नद बडी आशा सद टीका लगवाया और जिर कबर म िा पड तो कौन कह सकता ह या कौन हम सातवना द सकता ह जक यद समसत उपाय पयामपत उपचार ह अजपत इकरार करना पडता ह जक यदयजप यद समसत तरीक जकसी सीमा तक लाभरि ह परनत यह ऐसा उपाय नही ह जिसको ताऊन को दश सद र करनद क जलए पणम सिलता कह सक

इसी रिकार यद उपाय मातर बदफाया भी नही ह कयोजक िहा-िहा खा की इचछा ह वहा-वहा उसका फाया भी महसस हो रहा ह परनत वह फाया कछ अजधक रिशसनीय नही उाहरणतया यदयजप

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दाफिउल बला

यह सच ह जक िसद यज सौ लोगो नद टीका लगवाया ह और सर इतनद ही लोगो नद टीका नही लगवाया ह तो जिनहोनद टीका नही लगवाया उनम मौत अजधक पाई गई और टीका लगवानद वालो म कम परनत चजक टीक का रिभाव अजधक सद अजधक ो या तीन महीनद तक ह इसजलए टीक वाला भी बार-बार खतर म पडगा िब तक इस ससार सद कच न कर िाए अनतर कवल इतना ह जक िो लोग टीका नही लगवातद वद एक ऐसद िहाज पर सवार ह जक िो उाहरणतया चौबीस घट तक उनको ारल फना (मतय-गह) तक पहचा सकता ह वद िो लोग टीका लगवातद ह वद मानो ऐसद धीर चलनद वालद टटट पर चल रह ह िो चौबीस जन तक उसी सथान म पहचा दगा बहर हाल यद समसत उपाय िो िाकटरी तौर पर अपनाए गए ह न तो पयामपत और सतोरिनक ह और न मातर जनकमद और बदफाया ह और चजक ताऊन शीघर-शीघर दश को खाती िाती ह इसजलए मानव िाजत की हमदी इसी म ह जक जकसी अनय उपाय पर जवचार जकया िाए िो इस जवनाश सद बचा सक

और मसलमान लोग िसा जक जमया शसदीन सदकटरी अिमन जहमायत-ए-इसलाम लाहौर क जवजापन सद समझा िाता ह जिसद उनहोनद इसी माह अरिल 1902 ई म रिकाजशत जकया ह इस बात पर बल दतद ह जक मसलमानो क समसत जफकक जशया सननी मकगल और गर मकगल मानो म िाकर अपनद-अपनद धमम क जनयमानसार आए कर और एक ही जतजथ म एकतर होकर नमाज पढ तो बस यह ऐसा नसखा ह जक इस सद सहसा ताऊन र हो िाएगी परनत एकतर कसद हो इसका कोई उपाय नही बताया गया सपषट ह जक वहाबी समाय

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दाफिउल बला

क मतानसार तो फाजतहा खवानी क जबना नमाज रसत ही नही तो इस गसथजत म उनक साथ हनजफयो की नमाज कसद हो सकती ह कया परसपर उपदरव नही होगा इस क अजतररति जवजापन क जलखनद वालद नद यह वयति नही जकया जक जहन इस रोग क जनवारण क जलए कया कर कया उनको अनमजत ह या नही जक वद भी उस समय अपनी मजतमयो सद सहायता माग और ईसाई कौन सा तरीका अपनाए और िो जफकक हजरत हसन या अलीरजज को आवशयकताए पणम करनद वाला समझतद ह और महररम2

क महीनद म मनोकामनाओ क जलए हजारो रखवासत गजारा करतद ह या िो मसलमान सगय अबल काजर िीलानी की पिा करतद ह या िो शाह मार या सखी सवमर को पितद ह वद कया कर और कया अब यद समसत जफकक आए नही करतद अजपत रितयदक जफकाम भयभीत होकर अपनद-अपनद माब (उपासय) को पकार रहा ह जशयो क महलो म सर करो कोई ऐसा घर नही होगा जिसक रवाजद पर यह शदर जचपका हआ नही होगा -

الوباءالحاطمہ حر بھا اطفی خمسۃ ل

فاطمہمرتضی وابنا ھما وال

مصطفی وال

ال

2 हाशिया - यह महररम का महीना बडा मबारक महीना ह जतरजमजी म इसकी शदषठता क बार म आहजरत सललाह अलजह वसलम सद यह हीस जलखी ह जक

فیہ یوم تاب اہلل فیہ عل قوم ویتوب فیہ عل قوم اخرینअथामत महररम म एक ऐसा जन ह जिसम खा नद पहलद यग म एक कौम को बला सद मगति ी थी और ऐसा ही जनगचित ह जक इसी महीनद म एक बला सद एक और कौम को मगति जमलदगी कया आचियम जक इस बला सद ताऊन अजभरिाय हो और खा क मामर का आजापालन करक वह बला दश सद िाती रह इसी सद

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दाफिउल बला

मदर उसता एक बजगम जशया थद उनका कहना था जक वबा का इलाि कवल तवला और तबराम ह अथामत अहलद बत क रिदम को इबात की सीमा तक पहचा दना और सहाबा रजज को गाजलया दतद रहना इस सद उततम कोई इलाि नही और मनद सना ह जक बबई म िब ताऊन आरभ हई ह तो सवमरिथम लोगो म यही जवचार पा हआ था जक यह इमाम हसन का चमतकार ह कयोजक जिन जहनओ नद जशयो सद कछ जववा जकया था उनम ताऊन आरभ हो गई थी जिर िब इस रोग नद जशयो म भी कम रखा तब तो या हसन क नार समापत हो गए

यो तो मसलमानो क जवचार ह िो ताऊन को र करनद क जलए सोचद गए ह और ईसाइयो क जवचारो की अजभवयगति क जलए अभी एक जवजापन पारी वाइट बरदखत साजहब और उनकी अिमन की ओर सद जनकला ह और वह यह जक ताऊन को र करनद क जलए अनय कोई उपाय पयामपत नही जसवाए इसक जक हजरत मसीह को खा मान ल और उनक कफफारः पर ईमान लद आए

और जहनओ म सद आयममत क लोग पकार-पकार कर कह रह ह जक ताऊन की बला वद को तयाग ददनद क कारण ह समसत जफकमो को चाजहए जक वदो की सतय जवदया पर ईमान लाए और समसत नजबयो को नऊजजबलाह झठा ठहराए तब इस उपाय सद ताऊन र हो िाएगी

और जहनओ म िो सनातन धमम जफकाम (सरिाय) ह उसम ताऊन क जनवारण क बार म िो राय वयति की गई ह यज हम अखबार-ए-आम अखबार न पढतद तो शाय इस अदत राय सद

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दाफिउल बला

अनजमज रहतद और वह राय यह ह जक यह ताऊन की बला गाय क कारण आई ह यज सरकार यह कानन पास कर द जक इस दश म गाय काजप-काजप जजबह न की िाए तो जिर दजखए जक ताऊन कयोकर र हो िाती ह अजपत इस अखबार म एक सथान पर जलखा ह जक एक वयगति नद गाय को बोलतद सना जक वह कहती ह जक मदर कारण ही इस दश म ताऊन आई ह

अब ह पाठकगण सवय ही सोच लो जक इतनद जवजभनन कथनो और ावो सद जकस कथन को ससार क सामनद सपषट एव वयापक तौर पर फाया हो सकता ह यद समसत आसथागत बात ह और सवदनशील समय म िब तक जक ससार इन आसथाओ का जनणमय कर सवय ससार का जनणमय हो िाएगा इसजलए वह बात सवीकार करनद योय ह िो शीघर ही समझ म आ सकती ह और िो अपनद साथ कोई रिमाण रखती ह अतः वह बात म रिमाण सजहत रिसतत करता ह चार वरम हए जक मनद एक भजवषयवाणी रिकाजशत की थी जक पिाब म भयकर ताऊन आनद वाली ह और मनद इस दश म ताऊन क कालद वक दखद ह िो रितयदक शहर और गाव म लगाए गए ह यज लोग तौबः कर तो यद रोग ो िाडो सद अजधक नही हो सकता खा इसद र कर दगा परनत तौबः करनद की बिाए मझद गाजलया ी गई और सखत गाजलयो क जवजापन रिकाजशत जकए गए जिनका पररणाम ताऊन की यह हालत ह िो अब दख रह हो खा की वह पजवतर वही िो मझ पर उतरी उसकी इबात यह ह -

قریۃوامابانفسھ انہ اوی ال مابقوم حت بغی ان اہلل ل یغی

अथामत खा नद यह इराा जकया ह इस ताऊन की बला को

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दाफिउल बला

कदापि दर नही करगा जब तक लोग उन पिचारो को दर न कर जो उनक पदलो म ह अराथात जब तक ि खदा क मामर और रसल को सिवीकार न कर ल तब तक ताऊन दर नही होगवी और िह शकतिमान खदा कापदयान को ताऊन की तबाहवी3

स सरपषित रखगा तापक 3हाशिया - اوی (आिा) अरबवी शबद ह पजस क मायन ह तबाहवी और असत-वयसत होन स बचाना और अिनवी शरण म ल लना यह इस बात की ओर सकत ह पक ताऊन की पकसमो म स िह ताऊन बडवी पिनाशकारवी ह पजसका नाम ताऊन जारिफ ह अराथात झाड दन िालवी पजसस लोग जगह-जगह भागत ह और कतो की तरह मरत ह यह हालत इनसानवी सहनशवीलता स बढ जातवी ह तो इस खदाई कलाम म िादा ह पक यह हालत कभवी कापदयान िर नही आएगवी इसकी वयाखया यह दसरा इलहाम करता ह पक لوالاالکــرام لھلــک المقــام अराथात यपद मझ इस पसलपसल क सममान का िास न होता तो म कापदयान को भवी तबाह कर दता इस इलहाम स दो बात समझवी जातवी ह -(1) पररम यह पक कछ हापन नही पक इनसान की बदाथाशत की सवीमा तक कभवी कापदयान म भवी कोई घटना इकका-दकका तौर िर हो जाए जो पिनाशकारवी न हो और भागन एि असत-वयसत होन का कारण न हो कयोपक एक दो घटना न होन का आदश रखतवी ह(2) पवितवीय यह पक यह बात आिशयक ह पक पजन दहात और शहरो म कापदयान की अिषिा बहत उददणड दषट अतयाचारवी वयपभचारवी उिदरिवी और इस पसलपसल क खतरनाक शत रहत ह उनक शहरो या दहात म अिशय पिनाशकारवी ताऊन फट िडगवी यहा तक पक लोग बोखला कर हर ओर भागग हमन आिा क शबद जहा तक पिशाल ह उसक अनसार यह मायन कर पदए ह और हम दाि स पलखत ह पक कापदयान म कभवी ताऊन-जाररफ नही िडगवी जो गाि िवीरान करन िालवी और खा जान िालवी होतवी ह िरनत इसक मकाबल िर अनय शहरो और दहात म जो अतयाचारवी और उिदरिवी ह अिशय भयकर रि िदा होग समसत ससार म एक कापदयान ह पजसक पलए यह िादा हआ ــک ــی ذل ــدہلل ع इसवी स فالحم

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दाफिउल बला

तम समझो जक काजयान इसजलए सरजकत रखा गया जक वह खा का रसल और उसका मनोनीत काजयान म था अब दखो तीन वरम सद जसदध हो रहा ह जक वद ोनो पहल पर हो गए अथामत एक ओर समसत पिाब म ताऊन िल गई और सरी ओर इसक बावि जक काजयान क चारो ओर ो-ो मील की री पर ताऊन का जोर हो रहा ह परनत काजयान ताऊन सद पजवतर ह अजपत आि तक िो वयगति ताऊन सद गरसत बाहर सद काजयान म आया वह भी अचछा हो गया कया इस सद बढकर कोई और सबत होगा जक िो बात आि सद चार वरम पवम कही गई थी वद परी हो गई अजपत ताऊन की सचना आि सद बाईस वरम पवम बराहीन अहमजया म भी ी गई ह4और यह गब (परोक) का जान खा क अजतररति जकसी अनय की शगति म नही अतः इस रोग क जनवारण क जलए वह सनदश िो खा नद मझद जया ह वह यही ह जक लोग मझद सचद जल सद मसीह मौऊ मान ल यज मदरी ओर सद भी जबना जकसी रिमाण क कवल ावा

4हाशिया - आि सद स वरम पवम एक हर जवजापन म िो मदरी ओर सद रिका-जशत हआ था ताऊन की खबर ी गई थी और वह यह ह -

انمــا یبایعونــک اذلیــن باعینناووحینــاان الفلــک اصنــع ایدیــھ فــوق اہلل یــد اہلل یبایعــون

अथामत एक नौका मदर आदश और आखो क सामनद बना िो आनद वालद सकामक रोग बचाएगी िो लोग तझ सद बअत करतद ह वद मझ सद बअत करतद ह यह तदरा हाथ नही अजपत मदरा हाथ ह िो उनक हाथो पर रखा िाता ह इसी खा क कलाम का एक वाकय बराहीन अहमजया म बतौर भजवषयवाणी मौि ह और वह यह ह

ول تخاطبین ف اذلین ظلمواانھ مغرقونअथामत िो लोग जलम उदणिता वयजभचार और अवजा सद नही रकतद मदर आगद कछ जसिाररश न कर कयोजक वद िबाए िाएगद इसी सद

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दाफिउल बला

होता िसा जक जमया शसदीन सदकटरी जहमायत-ए-इसलाम लाहौर नद अपनद जवजापन म या पारी वाइट बरदखत साजहब नद अपनद जवजापन म जकया ह तो म भी उनकी तरह एक वयथमवाी ठहरता परनत मदरी वद बातद ह जिनको मनद समय सद पवम वणमन जकया और आि वद परी हो गई ततपचिात इन जनो म भी मझद खा नद खबर ी अतः अलाह तआला फरमाता ह -

القریۃ اوی انہ فیھ وانت لیعذبھ اہلل ماکان لولالکرام لھک المقام این اناالرحمن داف ال این ل یخاف من والوم اقوم الرسول مع این حفیظ این المرسلون دلی یلبسواایمانھ امنواولم اذلین ال تصنع النفوس یلوم بظلم اولئک لھ المن وھم مھتدون انانایت الرض ننکسھا جاثمی دارھم فاصبحواف اجھزالجیش این اطرافھا من الفاق وف انفسھ نصرمن اہلل وفتح مبی ایاتنا ف سنریھ مین انت اولدی5 بمنزۃل مین انت رب بایعین یایعتک این

5हाशिया - समरण रह जक खा तआला बदटो सद पजवतर ह न उसका कोई भागीार ह और न बदटा ह और न जकसी को अजधकार पहचता ह जक वह यह कह जक म खा ह या खा का बदटा ह परनत यह वाकय इस िगह अवासतजवक और रपक क वगम म सद ह खा तआला नद पजवतर कआमन म आहजरत सललाह अलजह वसलम को अपना हाथ बताया और फरमाया ایدھم فوق ऐसा ही बिाए (अलफतह-11) یعداہلل भी कहा और यह भी फरमायाیاعبادی क قل یاعباداہلل

اباءکم رکم اہلل کذک

فاذکر

तो खा क उस कलाम को होजशयारी और सावधानी सद पढो और उपमाओ क वगम म सद समझ कर ईमान लाओ और उसकी हालत म हसतकदप न करो और वासतजवकता खा क सपम कर ो और जवशास रखो जक खा

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दाफिउल बलाوانامنک عسی الن یبعثک ربک مقاما محمودا الفوق معک والحت مع اعدائک فاصرب حت یایت اہلل بامرہ یایت عل جھنم

زمان لیس فیھا احد अनवा ndash खा ऐसा नही जक काजयान क लोगो को अजाब

द हालाजक त उनम रहता ह वह इस गाव को ताऊन की लटमार और उसकी तबाही सद बचा लदगा यज मझद तदरा पास न होता और तदरा समान दगषटगत न होता तो म इस गाव को तबाह कर दता म याल ह िो ख को र करनद वाला ह मदर रसलो को मदर पास कछ भय और गम नही म जनगाह रखनद वाला ह म अपनद रसल क साथ खडा हगा और उसकी जनना करगा िो मदर रसल की जनना करता ह म अपनद समयो को जवभाजित कर गा जक वरम का कछ भाग तो म रितीका करगा अथामत ताऊन सद लोगो को मारगा और वरम का कछ भाग रोजा रखगा अथामत अमन रहगा और ताऊन कम हो िाएगी या जबलकल नही रहगी मदरा रिकोप भडक रहा ह बीमाररया िलगी और रिाणो की कजत होगी परनत वद लोग िो ईमान लाएगद और ईमान म कछ ोर नही होगा वद अमन म रहगद और उनकी मगति (छटकार) का मागम जमलद यह मत सोचो जक अपराधी बचद हए ह हम उनकी पथवी क जनकट आतद िातद ह म अनर ही अनर अपनी सदना तयार कर रहा ह अथामत ताउन क कीटाणओ का पोरण कर रहा ह अतः िष हाशिया - बदटा बनानद सद पजवतर ह तथाजप उपमाओ क रग म उसक कलाम म बहत कछ पाया िाता ह तो उपमाओ का अनकरण करनद सद बचो जक तबाह हो िाओ और मदर बार म सपषट तकमो म सद यह इलहाम ह िो बराहीन अहजमया म िम ह انما ال ثلکم یویح م انما انا بشر قل इसी सद الھکم اہل واحد الخیکہل ف القرآن

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दाफिउल बला

वद अपनद घरो म ऐसद सो िाएगद िसा जक एक ऊट मरा रह िाता ह हम उनको अपनद जनशान पहलद तो र-र क लोगो म जखाएगद और जिर सवय उनही म हमार जनशान रिकट होगद मनद तझ सद एक कय-जवकय जकया ह अथामत एक वसत मदरी थी त उसका माजलक बनाया गया और एक वसत तदरी थी जिस का म माजलक बन गया त भी उस कय-जवकय का इकरार कर और कह द जक खा नद मझ सद कय-जवकय जकया त मझ सद ऐसा ह िसा जक सनतान त मझ म सद ह और म तझ म सद ह वह समय समीप ह जक म तझद ऐसद मकाम पर खडा करगा जक ससार तदरी रिशसा और यशोगान करगा शदषठता तदर साथ ह और अधमता तदर शतरओ क साथ अतः सबर कर यहा तक जक वाद का जन आ िाए ताऊन पर एक ऐसा समय भी आनद वाला ह जक उसम कोई भी जगरफतार नही होगा अथामत अनततः भलाई और कशलता ह6

6हाशिया - पयामपत समय हआ जक इस सद पहलद खा नद मझद ताऊन क बार म सर की कहानी क तौर पर यह खबर ी थी یــا مســیح عدوانــا परनत आि 21 अरिल 1902 ई ह उसी इलहाम को पनः इस रिकार फरमाया गया یــا مســیح الخلــق عدوانالــن تــری مــن بعــد مرادنــا و فســادنا अथामत ह खा क मसीह िो मखलक की ओर भदिा गया हमारी शीघर खबर लद और हम अपनी जसफाररश सद बचा त इसक बा हमार पापी ततवो को नही दखदगा और न हमारा उपदरव कछ शदर रहगा अथामत हम सीधद हो िाएगद और गाजलया बकना तथा अपशब जनकालना छोड गद यह खा का कलाम बराहीन अहमजया क उस इलहाम क अनसार ह जक अगनतम जनो म हम लोगो पर ताऊन भदिगद िसा जक फरमाया- ــا عــل یوســف لنصــرف عنــہ الســوء والفحشــاء کذلــک مننअथामत हम ताऊन क साथ इस यसफ पर यह उपकार करगद जक गाजलया दनद वालद लोगो का मह बन कर गद ताजक वद िरकर गाजलयो सद रक िाए उनही जनो

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दाफिउल बला

अब इस सपणम वही सद तीन बात जसदध हई ह ndash(1) रिथम यह जक ताऊन ससार म इसजलए आई ह जक खा

क मसीह मौऊ सद न कवल इनकार जकया गया अजपत उसद ःख जया गया उसको कतल करनद क जलए योिनाए बनाई गई उसका नाम काजफर और जाल रखा गया तो खा नद न चाहा जक अपनद रसल को जबना गवाही क छोड द इसजलए उस नद आकाश और पथवी ोनो को उसकी सचाई का गवाह बना जया आकाश नद चनदर गरहण और सयम-गरहण सद गवाही ी िो रमजान म हए और पथवी नद ताऊन क साथ गवाही ी ताजक खा का वह कलाम परा हो िो बराहीन अहमजया म ह और वह यह ह ndash

قل عندی شھادۃ من اہلل فھل انتم تومنون قل عندی شھادۃمن اہلل فھل انتم تسلمون

अथामत मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम ईमान लाओगद या नही और म पनः कहता ह जक मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम सवीकार करोगद या नही पहली गवाही सद अजभरिाय आकाश की गवाही ह जिसम कोई िबर नही इसजलए इस म تو منون का शब रियोग जकया गया और सरी गवाही पथवी की ह अथामत ताऊन की जिसम िबर मौि ह जक भय दकर इस िमाअत म ाजखल करती ह इसजलए इसम تسلمون का शब रियोग जकया गयािष हाशिया - क बार म खा का यह कलाम ह जिसम जमीन क कलाम सद मझद सचना ी गई और वह यह ह- یــاول اہلل کنــت ل اعرفــکअथामत ह खा क वली म इस सद पहलद तझद नही पहचानती थी इसका जववरण यह ह जक कशफी तौर पर जमीन मददर सामनद की गई और उसनद यह कलाम जकया जक म अब तक तझद नही पहचानती थी जक त रहमान खा का वली ह इसी सद

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दाफिउल बला

(2) जदतीय बात िो इस वही सद जसदध हई वह यह ह जक यह ताऊन इस हालत म कम होगी जक िब लोग खा क चनद हए को सवीकार कर लगद और कम सद कम यह जक शरारत कषट दनद और गाली दनद सद रक िाएगद कयोजक बराहीन अहमजया म खा तआला फरमाता ह ndash जक म अगनतम जनो म ताऊन भदिगा ताजक म उन पाजपयो और षटो का मह बन कर िो मदर रसल को गाजलया दतद ह असल बात यह ह जक कवल इनकार इस बात का कारण नही हो ताजक एक रसल क इनकार सद ससार म कोई तबाही भदिी िाए अजपत यज लोग शालीनता और सभयतापवमक खा क रसलो का इनकार कर और अतयाचार तथा गाजलया न तो उनका णि कयामत म जनधामररत ह और ससार म रसलो की सहायता म जितना सकामक रोग भदिा गया ह वह कवल इनकार सद नही अजपत बराइयो का णि ह इसी रिकार अब भी िब लोग गाजलया अतयाचार अनयाय और अपनद पापो सद रक िाएगद और उनम सशील लोगो िसा वयवहार पा हो िाएगा तब यह चदतावनी समापत कर ी िाएगी परनत इस अवसर पर बहत सद भायशाली लोग खा क रसल को सवीकार कर लगद और आकाशीय बरकतो सद भाग लगद और पथवी भायशाजलयो सद भर िाएगी

(3) ततीय बात िो इस वही सद जसदध हई ह वह यह ह जक खा तआला बहरहाल िब तक जक ताऊन ससार म रह यदयजप सततर वरम तक रह काजयान को उसकी भयकर तबाही सद सरजकत रखदगा कयोजक यह उसक रसल का कनदर ह और यह समसत उमतो क जलए जनशान ह

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दाफिउल बला

अब यज खा तआला क इस रसल और इस जनशान सद जकसी को इनकार हआ और खयाल हो जक कवल रसमी नमाजो और आओ सद या मसीह की इबात (उपासना) सद या गाय क कारण या वदो क ईमान सद जवरोध शमनी और इस रसल की अवजा क बावि ताऊन र हो सकती ह तो यह जवचार जबना सबत सवीकार करनद योय नही तो िो वयगति इन समसत सरिायो म सद अपनद धमम की सचाई का सबत दना चाहता ह तो अब बहत उततम अवसर ह िसद खा की ओर सद समसत धममो की सचाई या झठ को पहचाननद क जलए एक रिशमनी सथल जनधामररत जकया गया ह और खा नद सवमरिथम अपनी ओर सद पहलद काजयान का नाम लद जया ह अब यज आयम लोग वद को सचा समझतद ह तो उनको चाजहए जक बनारस क बार म िो वद क पढानद का मल सथान ह एक भजवषयवाणी कर जक उनका परमदशर बनारस को ताऊन सद बचा लदगा और सनातन धमम वालो को चाजहए जक जकसी ऐसद शहर क बार म जिसम गाए बहत हो उाहरणतया अमतसर क बार म भजवषयवाणी कर जक गायो क कारण उसम ताऊन नही आएगी यज गाय अपना इतना चमतकार जखा द तो कछ आचियम नही जक इस चमतकारी िानवर क रिाणो को सरकार बचा द इसी रिकार ईसाइयो को चाजहए जक कलकतता क बार म भजवषयवाणी कर जक उसम ताऊन नही पडगी कयोजक जबरजटश भारत का बडा जबशप कलकतता म रहता ह इसी रिकार जमया शसदीन और उनकी अिमन जहमायत-ए-इसलाम क ससयो को चाजहए जक लाहौर क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगा और मशी इलाही बखश एकाउनटणट िो इलहाम का ावा

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दाफिउल बला

करतद ह उनक जलए भी यही अवसर ह जक अपनद इलहाम सद लाहौर क बार म भजवषयवाणी करक अिमन जहमायत-ए-इसलाम को म और उजचत ह जक अबल िबबार और अबल हक अमतसर शहर क बार म भजवषयवाणी कर और चजक वहाबी सरिाय की असल िड जली ह इजसलए उजचत ह जक नजीर हसन और महम हसन जली क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगी तो इस रिकार सद िसद समसत पिाब इस घातक रोग सद सरजकत हो िाएगा और सरकार को भी मफत म ाजयतव सद जनवजतत हो िाएगी और यज लोगो नद ऐसा न जकया तो जिर यही समझा िाएगा जक सचा खा वही खा ह जिसनद काजयान म अपना रसल भदिा

और अनततः समरण रह जक यज यद सब लोग जिन म मसलमानो क मलहम और आयमो क पजित और ईसाइयो क पारी सगमजलत ह चप रह तो जसदध हो िाएगा जक यद सब लोग झठ ह और एक जन आनद वाला ह जक काजयान सयम क समान चमक कर जखा दगा जक वह एक सचद का सथान ह अनत म जमया शसदीन साजहब को या रह जक आपनद िो अपनद जवजापन म आयत

(अननल - 63) مضطر ن یجیب ال ام

जलखी ह और इस सद आ की सवीकाररता की आशा की ह यह आशा सही नही ह कयोजक खा क कलाम म शब مضطر सद अजभरिाय वद हाजन-पीजडत ह िो कवल आजमायश क तौर पर हाजन-पीजडत हो न जक णि क तौर पर परनत िो लोग णि क तौर पर जकसी हाजन सद जनरनतर गरसत रहतद हो वद इस आयत क चररताथम नही ह अनयथा अजनवायम होता ह जक नह की कौम और लत की कौम

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दाफिउल बला

तथा जफरऔन की कौम इतयाज की आए उस आतरता (इजतरार) क समय म सवीकार की िाती परनत ऐसा नही हआ और खा क हाथ नद उन कौमो को मार जया और यज जमया शसदीन कह जक जिर उन क यथायोय कौन सी आयत ह तो हम कहतद ह जक यह आयत यथायोय ह(अलमोजमन-51) کفرین ال ف ضلل

وما دعـؤا ال

चजक सभावना ह जक कछ मबजदध सवभाव वालद लोग इस जवजापन का मल उददशय समझनद म गलती खाए इस जलए हम पनः अपनद बलानद क कततमवय को अजभवयति कर दतद ह और वह यह ह जक यह ताऊन िो दश म िल रही ह जकसी अनय कारण सद नही अजपत एक ही कारण ह और वह यह जक लोगो नद खा क उस मौऊ क माननद सद इनकार जकया ह िो समसत नजबयो की भजवषयवाणी क अनसार ससार क सातव हजार म रिकट हआ ह तथा लोगो नद न कवल इनकार जकया अजपत खा क इस मसीह को गाजलया ी काजफर कहा और कतल करना चाहा और िो कछ चाहा उस सद जकया इसजलए खा क सवाजभमान नद चाहा जक उनकी इस घषटता असभयता पर उन पर चदतावनी उतार और खा नद पहलद पजवतर लदखो म खबर ी थी जक लोगो क इनकार क कारण उन जनो म िब मसीह रिकट होगा दश म भयकर ताऊन पडगी इसजलए अवशय था जक ताऊन पडती और ताऊन का नाम ताऊन इसजलए रखा गया ह जक यह ताअन (कटाक) करनद वालो का उततर ह और बनी इसाईल म हमदशा ताअन क समय म ही पडती थी और ताऊन क अरबी शबकोश म अथम ह बहत ताअन (कटाक) करनद वाला यह इस

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दाफिउल बला

बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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दाफिउल बला

नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 2: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

नि पसतक दमिउल बलName of book Dafeul Balaलखक हज़रत मिज़ज़ा ग़लि अहिद क़मदयनी िसीह िौऊद अलमहससलिWriter Hazrat Mirza Ghulam Ahmad Qadiani Masih Mauud Alaihissalam

अनवदक ड अनसर अहिद पीएचडी आनसज़ा इन अरमबकTranslator Dr Ansar Ahmad PhD Hons in Arabic टईमपग समटग नमदय परवज़Typing Setting Nadiya Pervezaससकरण तथ वरज़ा परथि ससकरण (महनदी) अगसत 2018 ई०Edition Year 1st Edition (Hindi) August 2018सखय Quantity 1000परकशक नज़रत नशर-व-इशअत क़मदयन 143516 मज़ल-गरदसपर (पजब)Publisher Nazarat Nashr-w-Ishaat Qadian 143516 Distt Gurdaspur (Punjab)िदरक िज़ल उिर मपरमटग परस क़मदयन 143516 मज़ल-गरदसपर (पजब)Printed at Fazl-e-Umar Printing Press Qadian 143516 Distt Gurdaspur (Punjab)

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परकाशक की ओर स हज़रत मिज़ज़ा ग़लि अहिद समहब क़मदयनी िसीह िौऊद

व िहदी िहद अलमहससलि दर मलमखत पसतक क यह महनदी अनवद शरी डॉ० अनसर अहिद न मकय ह और ततपशत िकररि शख़ िजमहद अहिद शसती (सदर ररवयय किटी) िकररि िरहत अहिद आचयज़ा (इचजज़ा महनदी डसक) िकररि अली हसन एि ए और िकररि नसीरल हक़ आचयज़ा न इसकी परयि रीमडग और रीमवय आमद मकय ह अलह तआल इन सब को उतति परमतफल परदन कर

इस पसतक को हज़रत ख़लीितल िसीह ख़मिस अययदहलह तआल मबनमरिमहल अज़ीज़ (जिअत अहिमदय क वतज़ािन ख़लीि) की अनिमत स महनदी परथि ससकरण क रप ि परकमशत मकय ज रह ह मवनीत हमिज़ िख़दयि शरीि नमज़र नशर व इशअत क़मदयन

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पसतक पररचयदाफिउल बला-व-मयार

अहफललइससतिायह पसतक आपन अपरल 1902 ई ि परकमशत की जबमक

पजब ि तऊन क बहत ज़ोर थ इस पसतक ि तऊन स सबमित आप न उन इलहिो क वणज़ान मकय ह मजन ि तऊन क सकिक रोग फलन क बर ि भमवषयवणी थी और यह भी बतय गय थ मक तऊन ससर ि इसमलए आई ह मक खद क िसीह क न कवल इनकर मकय गय अमपत उस दख मदय गय उस क़तल करन की योजनए बनई गई उसक नि कमिर और दजल रख गय और पहली मकतबो ि भमवषयवणी पई जती थी मक िसीह िौऊद क परदभज़ाव क सिय भयकर तऊन पडगी और िरिय मक उसक मनशशत उपचर तो यही ह मक इस िसीह को सच हदय और मनषकपटतपयवज़ाक सवीकर मकय जए और अपन जीवनो ि एक रहनी पररवतज़ान पद मकय जए तथ खद को इलहि क आिर पर आपन यह घोरण की -

खद तआल बहरहल जब तक मक तऊन ससर ि रह यदयमप सततर वरज़ा तक रह क़मदयन को उसकी भयकर तबही स सरमषित रखग

(इसी मजलद क पषठ-238)

और िरिय - IV

िर यही मनशन ह मक परतयक मवरोिी चह वह अिरोह ि रहत ह चह अितसर ि चह दहली ि चह कलकतत ि चह लहौर ि चह गोलड ि और चह बटल ि यमद वह क़सि ख कर कहग मक उसक अिक सथन तऊन स िकत रहग तो अवशय वह सथन तऊन ि गरसत हो जएग कयोमक उसन खद तआल क िकबल पर घषटत की (पषठ-238)

परनत मकसी मवरोिी को ऐसी घोरण करन क सहस न हआ और तऊन क सकिक रोग पहली मकतबो की भमवषयवमणयो क अनसर हज़रत िसीह िौऊद अलमहससलि की सचई क एक ज़बरदसत मनशन मसदध हआ

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दाफिउल बला

चतावनीजिस सनदश को हम इस समय अपनद दश क जरिय लोगो

क पास इस पसतक क दारा पहचाना चाहतद ह उसक बार म हम अजबया अलजहससलाम क परानद अनभव क अनसार यह जसदध ह जक इस समय हमारी सहानभजत की कदर यही होगी जक जिर ोबारा हम इसलाम क मौलजवयो और ईसाई धमम क पाररयो तथा जहन धमम क पजितो सद गाजलया सन और जभनन-जभनन रिकार की कषटायक उपाजधयो सद या जकए िाए हम पहलद सद भली भाजत जात ह जक ऐसा ही होगा परनत हमनद मानव िाजत की हमदी को इस बात सद अगरसर रखा ह जक सामानय गाजलयो सद हम सताए िाए कयोजक इसक बावि यह भी सभावना ह जक इन सकडो और हजारो गाजलया दनद वालो म सद कछ ऐसद भी पा हो िाए जक ऐसद समय म जक िब आकाश पर सद एक अगन की वराम हो रही ह अजपत अगलद िाड म तो और भी अजधक बरसनद की आशा ह इस पसतक को धयानपवमक पढ और अपनद इस नसीहत करनद वालद मदरहबान पर शीघर नाराज न हो और जिस नसखद को वह रिसतत करता ह उसद परख ल कयोजक इस हमदी क बलद म कोई मजरी या रिजतिल उन सद नही मागा गया कवल सची जनषकपटता और नदक नीयत सद मनषयो की िान छडानद क जलए एक परखा हआ तथा पजवतर रिसताव रिसतत जकया गया ह तो जिस हालत म रोगो म उपचार क जलए कछ िानवरो का मतर भी पी लदतद ह तथा बहत सी गनी वसतओ को इसतदमाल कर लदतद ह तो इस गसथजत म उनकी कया हाजन ह जक

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दाफिउल बला

अपनद रिाण बचानद क जलए अपनद जलए इस पजवतर उपचार को गरहण कर और यज वद नही करगद तब भी बहर हाल इस मकाबलद क समय एक जन उनह मालम होगा जक इन समसत धममो म सद कौन सा ऐसा धमम ह जिसका जसफाररश करना मनजी (मगति जलानद वाला) क महान शब का चररताथम होना जसदध हो सकता ह सची मगति जलानद वालद को हर वयगति चाहता ह और उस सद रिदम करता ह अतः जनससनदह अब जन आ गए ह जक जसदध हो जक सची मगति जलानद वाला कौन ह जनससनदह हम मसीह इबनद मरयम को एक सचा आमी िानतद ह िो अपनद यग क अजधकतरलोगो हाशिया - समरण रह यह िो हम नद कहा जक हजरत ईसा अलहससलाम अपनद यग क बहत सद लोगो की अपदका अचछ थद यह हमारा बयान कवल सधारणा क तौर पर ह अनयथा सभव ह जक हजरत ईसा अलजहससलाम क समय म खा तआला की पथवी पर कछ ईमानार अपनी ईमानारी और खा सद सबध म हजरत ईसा अलजहससलाम सद भी उचतम और शदषठतम हो कयोजक अलाह तआला नद उनक बार म फरमाया ह(आलदइमरान-46)

بی مقر

ال ومن خرۃ

وال ادلنیا ف وجیھا जिसक मायनद यद ह जक उस यग क साजनधय रिापत लोगो स सद यह भी एक थद इस सद यह जसदध नही होता जक वह सब साजनधय रिापत लोगो सद बढकर थद अजपत इस बात की सभावना जनकलती ह जक उनक यग क कछ साजनधयरिापत उन सद अचछ थद सपषट ह जक वह कवल बनी इसाईल की भदडो क जलए आए थद और सर दशो तथा कौमो सद उनको कछ सबध न था तो सभव अजपत अनमान क करीब ह जक कछ अजबया िो نقصــص म (अलमोजमन-79) لــم सगमजलत ह वद उन सद अचछ और अजधक शदषठ होगद और िसा जक हजरत मसा क मकाबलद पर अनततः एक इनसान जनकल आया जिसक बार म खा नद ــا م

ــا عل ن ــن دل م ــاہ फरमाया तो जिर हजरत ईसा (अलकहफ-66) علمن

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दाफिउल बला

सद अचछा था واہلل اعلم परनत वह वासतजवक मगति जलानद वाला नही था यह उस पर लाछन ह जक वह वासतजवक मगति जलानद िष हाशिया - क बार म िो मसा सद कमतर और उसक शरीअत क अनयायी थद और सवय कोई पणम शरीअत न लाए थद खतनः और जफकः क मामलद जवरासत सअर का जनरदध इतयाज म हजरत मसा की शरीअत क अधीन थद कयोकर कह सकतद ह जक वह अपनद समय क समसत सतयजनषठो सद बढकर थद जिन लोगो नद उनको खा बनाया ह िसद ईसाई या वद जिनहोनद उनह अकारण खाई जवशदरताए ी ह िसा जक हमार जवरोधी और खा क जवरोधी नाम क मसलमान वद यज उनको ऊपर उठातद-उठातद आकाश पर चढा या अशम पर जबठा या खा की तरह पजकयो का पा करनद वाला ठहराए तो उनको अजधकार ह मनषय िब शमम और लजा को छोड द तो िो चाह कह और िो चाह कर जकनत मसीह की ईमानारी अपनद यग म सर ईमानारो सद बढकर जसदध नही होती अजपत यहा नबी को इस पर एक शदषठता ह कयोजक वह शराब नही पीता था और कभी नही सना गया जक जकसी वशया सतरी नद आकर अपनी कमाई क माल सद उसक सर पर इतर मला था या हाथो और अपनद सर क बालो सद उसक शरीर को सपशम जकया था या कोई बदलगाव औरत उसकी सदवा करती थी इसी कारण सद खा नद कआमन म यहा का नाम हसर रखा परनत मसीह का यह नाम न रखा कयोजक ऐसद जकससद इस नाम क रखनद सद रोक थद जिर यह जक हजरत ईसा अलजहससलाम नद यहा क हाथ पर जिसद ईसाई यहनना कहतद ह िो बा म एजलया बनाया गया अपनद पापो सद तौबः की थी और उसक जवशदर मरीो म सगमजलत हए थद यह बात हजरत यहा की शदषठता की बडी सपषटता सद जसदध करती ह कयोजक इसक मकाबलद पर यह जसदध नही जकया गया जक यहा नद भी जकसी क हाथ पर तौबः की थी तो उसका मासम होना सपषट बात ह और मसलमानो म यह िो रिजसदध ह जक ईसा और उसकी मा शतान क सपशम सद पजवतर ह इसक मायनद मखम लोग नही समझतद असल बात यह ह जक गनद यहजयो नद हजरत ईसा और उन की मा

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दाफिउल बला

वाला था वासतजवक मगति जलानद वाला हमदशा और कयामत तक मगति का िल जखलानद वाला वह ह िो जहिाज की पथवी पर पा हआ था और समसत ससार और समसत यगो की मगति क जलए आया था और अब भी आया परनत जजल क तौर पर खदा उसकी बरकतो स सम परण थवी को लाभानवत कर आमीन

खाकसार - शमराण गलाम अहमद काशदयानी

िष हाशिया - पर बड ही गनद आरोप लगाए थद और ोनो क बार म नऊजजबलाह शतानी कायमो का आरोप लगातद थद अतः इस झठ का खणिन आवशयक था तो इस हीस क इस सद अजधक कोई मायनद नही जक यह गनद आरोप िो हजरत ईसा और उनकी मा पर लगाए गए ह यद सही नही ह अजपत वद इन अथमो सद शतान क सपशम सद पजवतर ह और इस रिकार क पजवतर होनद की घटना जकसी अनय नबी क सामनद नही आई इसी सद

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शबनमलाशहररहमाशनररहीमनहमदह व नसली अला रसपशलशहलकरीम

ताऊनارکاشم زمشچ ا ی ب ہب زدخااطوعن ا وچآدم

انشم یہن رچاوعلمں افقس ے ا وتوخدوعلمین

ای اتس ثبخ ورتک الصح ووتق وتہب زامن

ااجنشم ی ن

م ن

ی ب ہن ربدبی وک ےسک

इस भयानक रोग क बार म िो दश म िलता िाता ह लोगो की जभनन-जभनन राय ह िॉकटर लोग जिन क जवचार कवल भौजतक उपायो तक सीजमत ह इस बात पर बल दतद ह जक पथवी म कवल रिाकजतक कारणो सद ऐसद कीटाण पा हो गए ह जक सवमरिथम चहो पर अपना षरिभाव पहचातद ह1और जिर मनषयो म मतय का जसलजसला िारी हो िाता ह और धाजममक जवचारो सद इस रोग का कछ सबध नही अजपत चाजहए जक अपनद घरो और नाजलयो को हर रिकार की गनगी और गमनध सद बचाए और सवचछ रख और जफनायल इतयाज सद पजवतर करतद रह और मकानो को आग सद गमम रख और ऐसा बनाए जक जिनम हवा भी पहच सक और रिकाश भी और जकसी मकान म

1 हाशिया - जचजकतसा क जनयमो क अनसार ताऊन क रोग की पहचान क जलए आवशयक ह जक जिस भामयशाली गाव या शहर या उसक जकसी भाग म यह घातक रोग िट पड उसम इस सद कई जन पवम मर हए चह पाए िाए तो यज उाहरण क तौर पर कवल जवर सद जकसी गाव म कछ मौत की घटनाए हो िाए और चह मरतद न दखद िाए तो वह ताऊन नही ह अजपत जवर क रिकारो म सद एक घातक जवर ह इसी सद

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इतनद लोग न रह जक उन क मह की भाप और मल-मतर इतयाज सद कीटाण रिचर मातरा म पा हो िाए और भोिन न खाए और सब सद अचछा उपचार यह ह जक टीका लगवा ल और यज मकानो म माम चह पाए तो उन मकानो को छोड और उजचत ह जक बाहर खलद मानो म रह और मलद कचलद कपडो सद बच और यज कोई वयगति जकसी रिभाजवत या गरजसत मकान सद उनक शहर या गाव म आए तो उसको अनर न आनद और यज कोई ऐसद गाव या शहर का इस रोग सद बीमार हो िाए तो उसद बाहर जनकाल और उससद जमलनद-िलनद सद बच तो ताऊन का उपचार उन क नजीक िो कछ ह यही ह यद तो बजदधमान िॉकटरो और जचजकतसको की राय ह जिसद हम न तो एक पयामपत और सथायी उपचार क रग म समझतद ह और न कवल बदफाया ठहरातद ह पयामपत और सथायी उपचार इसजलए नही समझतद जक अनभव बता रहा ह जक कछ लोग बाहर जनकलनद सद भी मर ह और कछ सवचछता को अजनवायम रखतद-रखतद भी इस ससार सद कच कर गए तथा कछ नद बडी आशा सद टीका लगवाया और जिर कबर म िा पड तो कौन कह सकता ह या कौन हम सातवना द सकता ह जक यद समसत उपाय पयामपत उपचार ह अजपत इकरार करना पडता ह जक यदयजप यद समसत तरीक जकसी सीमा तक लाभरि ह परनत यह ऐसा उपाय नही ह जिसको ताऊन को दश सद र करनद क जलए पणम सिलता कह सक

इसी रिकार यद उपाय मातर बदफाया भी नही ह कयोजक िहा-िहा खा की इचछा ह वहा-वहा उसका फाया भी महसस हो रहा ह परनत वह फाया कछ अजधक रिशसनीय नही उाहरणतया यदयजप

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दाफिउल बला

यह सच ह जक िसद यज सौ लोगो नद टीका लगवाया ह और सर इतनद ही लोगो नद टीका नही लगवाया ह तो जिनहोनद टीका नही लगवाया उनम मौत अजधक पाई गई और टीका लगवानद वालो म कम परनत चजक टीक का रिभाव अजधक सद अजधक ो या तीन महीनद तक ह इसजलए टीक वाला भी बार-बार खतर म पडगा िब तक इस ससार सद कच न कर िाए अनतर कवल इतना ह जक िो लोग टीका नही लगवातद वद एक ऐसद िहाज पर सवार ह जक िो उाहरणतया चौबीस घट तक उनको ारल फना (मतय-गह) तक पहचा सकता ह वद िो लोग टीका लगवातद ह वद मानो ऐसद धीर चलनद वालद टटट पर चल रह ह िो चौबीस जन तक उसी सथान म पहचा दगा बहर हाल यद समसत उपाय िो िाकटरी तौर पर अपनाए गए ह न तो पयामपत और सतोरिनक ह और न मातर जनकमद और बदफाया ह और चजक ताऊन शीघर-शीघर दश को खाती िाती ह इसजलए मानव िाजत की हमदी इसी म ह जक जकसी अनय उपाय पर जवचार जकया िाए िो इस जवनाश सद बचा सक

और मसलमान लोग िसा जक जमया शसदीन सदकटरी अिमन जहमायत-ए-इसलाम लाहौर क जवजापन सद समझा िाता ह जिसद उनहोनद इसी माह अरिल 1902 ई म रिकाजशत जकया ह इस बात पर बल दतद ह जक मसलमानो क समसत जफकक जशया सननी मकगल और गर मकगल मानो म िाकर अपनद-अपनद धमम क जनयमानसार आए कर और एक ही जतजथ म एकतर होकर नमाज पढ तो बस यह ऐसा नसखा ह जक इस सद सहसा ताऊन र हो िाएगी परनत एकतर कसद हो इसका कोई उपाय नही बताया गया सपषट ह जक वहाबी समाय

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क मतानसार तो फाजतहा खवानी क जबना नमाज रसत ही नही तो इस गसथजत म उनक साथ हनजफयो की नमाज कसद हो सकती ह कया परसपर उपदरव नही होगा इस क अजतररति जवजापन क जलखनद वालद नद यह वयति नही जकया जक जहन इस रोग क जनवारण क जलए कया कर कया उनको अनमजत ह या नही जक वद भी उस समय अपनी मजतमयो सद सहायता माग और ईसाई कौन सा तरीका अपनाए और िो जफकक हजरत हसन या अलीरजज को आवशयकताए पणम करनद वाला समझतद ह और महररम2

क महीनद म मनोकामनाओ क जलए हजारो रखवासत गजारा करतद ह या िो मसलमान सगय अबल काजर िीलानी की पिा करतद ह या िो शाह मार या सखी सवमर को पितद ह वद कया कर और कया अब यद समसत जफकक आए नही करतद अजपत रितयदक जफकाम भयभीत होकर अपनद-अपनद माब (उपासय) को पकार रहा ह जशयो क महलो म सर करो कोई ऐसा घर नही होगा जिसक रवाजद पर यह शदर जचपका हआ नही होगा -

الوباءالحاطمہ حر بھا اطفی خمسۃ ل

فاطمہمرتضی وابنا ھما وال

مصطفی وال

ال

2 हाशिया - यह महररम का महीना बडा मबारक महीना ह जतरजमजी म इसकी शदषठता क बार म आहजरत सललाह अलजह वसलम सद यह हीस जलखी ह जक

فیہ یوم تاب اہلل فیہ عل قوم ویتوب فیہ عل قوم اخرینअथामत महररम म एक ऐसा जन ह जिसम खा नद पहलद यग म एक कौम को बला सद मगति ी थी और ऐसा ही जनगचित ह जक इसी महीनद म एक बला सद एक और कौम को मगति जमलदगी कया आचियम जक इस बला सद ताऊन अजभरिाय हो और खा क मामर का आजापालन करक वह बला दश सद िाती रह इसी सद

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मदर उसता एक बजगम जशया थद उनका कहना था जक वबा का इलाि कवल तवला और तबराम ह अथामत अहलद बत क रिदम को इबात की सीमा तक पहचा दना और सहाबा रजज को गाजलया दतद रहना इस सद उततम कोई इलाि नही और मनद सना ह जक बबई म िब ताऊन आरभ हई ह तो सवमरिथम लोगो म यही जवचार पा हआ था जक यह इमाम हसन का चमतकार ह कयोजक जिन जहनओ नद जशयो सद कछ जववा जकया था उनम ताऊन आरभ हो गई थी जिर िब इस रोग नद जशयो म भी कम रखा तब तो या हसन क नार समापत हो गए

यो तो मसलमानो क जवचार ह िो ताऊन को र करनद क जलए सोचद गए ह और ईसाइयो क जवचारो की अजभवयगति क जलए अभी एक जवजापन पारी वाइट बरदखत साजहब और उनकी अिमन की ओर सद जनकला ह और वह यह जक ताऊन को र करनद क जलए अनय कोई उपाय पयामपत नही जसवाए इसक जक हजरत मसीह को खा मान ल और उनक कफफारः पर ईमान लद आए

और जहनओ म सद आयममत क लोग पकार-पकार कर कह रह ह जक ताऊन की बला वद को तयाग ददनद क कारण ह समसत जफकमो को चाजहए जक वदो की सतय जवदया पर ईमान लाए और समसत नजबयो को नऊजजबलाह झठा ठहराए तब इस उपाय सद ताऊन र हो िाएगी

और जहनओ म िो सनातन धमम जफकाम (सरिाय) ह उसम ताऊन क जनवारण क बार म िो राय वयति की गई ह यज हम अखबार-ए-आम अखबार न पढतद तो शाय इस अदत राय सद

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दाफिउल बला

अनजमज रहतद और वह राय यह ह जक यह ताऊन की बला गाय क कारण आई ह यज सरकार यह कानन पास कर द जक इस दश म गाय काजप-काजप जजबह न की िाए तो जिर दजखए जक ताऊन कयोकर र हो िाती ह अजपत इस अखबार म एक सथान पर जलखा ह जक एक वयगति नद गाय को बोलतद सना जक वह कहती ह जक मदर कारण ही इस दश म ताऊन आई ह

अब ह पाठकगण सवय ही सोच लो जक इतनद जवजभनन कथनो और ावो सद जकस कथन को ससार क सामनद सपषट एव वयापक तौर पर फाया हो सकता ह यद समसत आसथागत बात ह और सवदनशील समय म िब तक जक ससार इन आसथाओ का जनणमय कर सवय ससार का जनणमय हो िाएगा इसजलए वह बात सवीकार करनद योय ह िो शीघर ही समझ म आ सकती ह और िो अपनद साथ कोई रिमाण रखती ह अतः वह बात म रिमाण सजहत रिसतत करता ह चार वरम हए जक मनद एक भजवषयवाणी रिकाजशत की थी जक पिाब म भयकर ताऊन आनद वाली ह और मनद इस दश म ताऊन क कालद वक दखद ह िो रितयदक शहर और गाव म लगाए गए ह यज लोग तौबः कर तो यद रोग ो िाडो सद अजधक नही हो सकता खा इसद र कर दगा परनत तौबः करनद की बिाए मझद गाजलया ी गई और सखत गाजलयो क जवजापन रिकाजशत जकए गए जिनका पररणाम ताऊन की यह हालत ह िो अब दख रह हो खा की वह पजवतर वही िो मझ पर उतरी उसकी इबात यह ह -

قریۃوامابانفسھ انہ اوی ال مابقوم حت بغی ان اہلل ل یغی

अथामत खा नद यह इराा जकया ह इस ताऊन की बला को

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दाफिउल बला

कदापि दर नही करगा जब तक लोग उन पिचारो को दर न कर जो उनक पदलो म ह अराथात जब तक ि खदा क मामर और रसल को सिवीकार न कर ल तब तक ताऊन दर नही होगवी और िह शकतिमान खदा कापदयान को ताऊन की तबाहवी3

स सरपषित रखगा तापक 3हाशिया - اوی (आिा) अरबवी शबद ह पजस क मायन ह तबाहवी और असत-वयसत होन स बचाना और अिनवी शरण म ल लना यह इस बात की ओर सकत ह पक ताऊन की पकसमो म स िह ताऊन बडवी पिनाशकारवी ह पजसका नाम ताऊन जारिफ ह अराथात झाड दन िालवी पजसस लोग जगह-जगह भागत ह और कतो की तरह मरत ह यह हालत इनसानवी सहनशवीलता स बढ जातवी ह तो इस खदाई कलाम म िादा ह पक यह हालत कभवी कापदयान िर नही आएगवी इसकी वयाखया यह दसरा इलहाम करता ह पक لوالاالکــرام لھلــک المقــام अराथात यपद मझ इस पसलपसल क सममान का िास न होता तो म कापदयान को भवी तबाह कर दता इस इलहाम स दो बात समझवी जातवी ह -(1) पररम यह पक कछ हापन नही पक इनसान की बदाथाशत की सवीमा तक कभवी कापदयान म भवी कोई घटना इकका-दकका तौर िर हो जाए जो पिनाशकारवी न हो और भागन एि असत-वयसत होन का कारण न हो कयोपक एक दो घटना न होन का आदश रखतवी ह(2) पवितवीय यह पक यह बात आिशयक ह पक पजन दहात और शहरो म कापदयान की अिषिा बहत उददणड दषट अतयाचारवी वयपभचारवी उिदरिवी और इस पसलपसल क खतरनाक शत रहत ह उनक शहरो या दहात म अिशय पिनाशकारवी ताऊन फट िडगवी यहा तक पक लोग बोखला कर हर ओर भागग हमन आिा क शबद जहा तक पिशाल ह उसक अनसार यह मायन कर पदए ह और हम दाि स पलखत ह पक कापदयान म कभवी ताऊन-जाररफ नही िडगवी जो गाि िवीरान करन िालवी और खा जान िालवी होतवी ह िरनत इसक मकाबल िर अनय शहरो और दहात म जो अतयाचारवी और उिदरिवी ह अिशय भयकर रि िदा होग समसत ससार म एक कापदयान ह पजसक पलए यह िादा हआ ــک ــی ذل ــدہلل ع इसवी स فالحم

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दाफिउल बला

तम समझो जक काजयान इसजलए सरजकत रखा गया जक वह खा का रसल और उसका मनोनीत काजयान म था अब दखो तीन वरम सद जसदध हो रहा ह जक वद ोनो पहल पर हो गए अथामत एक ओर समसत पिाब म ताऊन िल गई और सरी ओर इसक बावि जक काजयान क चारो ओर ो-ो मील की री पर ताऊन का जोर हो रहा ह परनत काजयान ताऊन सद पजवतर ह अजपत आि तक िो वयगति ताऊन सद गरसत बाहर सद काजयान म आया वह भी अचछा हो गया कया इस सद बढकर कोई और सबत होगा जक िो बात आि सद चार वरम पवम कही गई थी वद परी हो गई अजपत ताऊन की सचना आि सद बाईस वरम पवम बराहीन अहमजया म भी ी गई ह4और यह गब (परोक) का जान खा क अजतररति जकसी अनय की शगति म नही अतः इस रोग क जनवारण क जलए वह सनदश िो खा नद मझद जया ह वह यही ह जक लोग मझद सचद जल सद मसीह मौऊ मान ल यज मदरी ओर सद भी जबना जकसी रिमाण क कवल ावा

4हाशिया - आि सद स वरम पवम एक हर जवजापन म िो मदरी ओर सद रिका-जशत हआ था ताऊन की खबर ी गई थी और वह यह ह -

انمــا یبایعونــک اذلیــن باعینناووحینــاان الفلــک اصنــع ایدیــھ فــوق اہلل یــد اہلل یبایعــون

अथामत एक नौका मदर आदश और आखो क सामनद बना िो आनद वालद सकामक रोग बचाएगी िो लोग तझ सद बअत करतद ह वद मझ सद बअत करतद ह यह तदरा हाथ नही अजपत मदरा हाथ ह िो उनक हाथो पर रखा िाता ह इसी खा क कलाम का एक वाकय बराहीन अहमजया म बतौर भजवषयवाणी मौि ह और वह यह ह

ول تخاطبین ف اذلین ظلمواانھ مغرقونअथामत िो लोग जलम उदणिता वयजभचार और अवजा सद नही रकतद मदर आगद कछ जसिाररश न कर कयोजक वद िबाए िाएगद इसी सद

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दाफिउल बला

होता िसा जक जमया शसदीन सदकटरी जहमायत-ए-इसलाम लाहौर नद अपनद जवजापन म या पारी वाइट बरदखत साजहब नद अपनद जवजापन म जकया ह तो म भी उनकी तरह एक वयथमवाी ठहरता परनत मदरी वद बातद ह जिनको मनद समय सद पवम वणमन जकया और आि वद परी हो गई ततपचिात इन जनो म भी मझद खा नद खबर ी अतः अलाह तआला फरमाता ह -

القریۃ اوی انہ فیھ وانت لیعذبھ اہلل ماکان لولالکرام لھک المقام این اناالرحمن داف ال این ل یخاف من والوم اقوم الرسول مع این حفیظ این المرسلون دلی یلبسواایمانھ امنواولم اذلین ال تصنع النفوس یلوم بظلم اولئک لھ المن وھم مھتدون انانایت الرض ننکسھا جاثمی دارھم فاصبحواف اجھزالجیش این اطرافھا من الفاق وف انفسھ نصرمن اہلل وفتح مبی ایاتنا ف سنریھ مین انت اولدی5 بمنزۃل مین انت رب بایعین یایعتک این

5हाशिया - समरण रह जक खा तआला बदटो सद पजवतर ह न उसका कोई भागीार ह और न बदटा ह और न जकसी को अजधकार पहचता ह जक वह यह कह जक म खा ह या खा का बदटा ह परनत यह वाकय इस िगह अवासतजवक और रपक क वगम म सद ह खा तआला नद पजवतर कआमन म आहजरत सललाह अलजह वसलम को अपना हाथ बताया और फरमाया ایدھم فوق ऐसा ही बिाए (अलफतह-11) یعداہلل भी कहा और यह भी फरमायाیاعبادی क قل یاعباداہلل

اباءکم رکم اہلل کذک

فاذکر

तो खा क उस कलाम को होजशयारी और सावधानी सद पढो और उपमाओ क वगम म सद समझ कर ईमान लाओ और उसकी हालत म हसतकदप न करो और वासतजवकता खा क सपम कर ो और जवशास रखो जक खा

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दाफिउल बलाوانامنک عسی الن یبعثک ربک مقاما محمودا الفوق معک والحت مع اعدائک فاصرب حت یایت اہلل بامرہ یایت عل جھنم

زمان لیس فیھا احد अनवा ndash खा ऐसा नही जक काजयान क लोगो को अजाब

द हालाजक त उनम रहता ह वह इस गाव को ताऊन की लटमार और उसकी तबाही सद बचा लदगा यज मझद तदरा पास न होता और तदरा समान दगषटगत न होता तो म इस गाव को तबाह कर दता म याल ह िो ख को र करनद वाला ह मदर रसलो को मदर पास कछ भय और गम नही म जनगाह रखनद वाला ह म अपनद रसल क साथ खडा हगा और उसकी जनना करगा िो मदर रसल की जनना करता ह म अपनद समयो को जवभाजित कर गा जक वरम का कछ भाग तो म रितीका करगा अथामत ताऊन सद लोगो को मारगा और वरम का कछ भाग रोजा रखगा अथामत अमन रहगा और ताऊन कम हो िाएगी या जबलकल नही रहगी मदरा रिकोप भडक रहा ह बीमाररया िलगी और रिाणो की कजत होगी परनत वद लोग िो ईमान लाएगद और ईमान म कछ ोर नही होगा वद अमन म रहगद और उनकी मगति (छटकार) का मागम जमलद यह मत सोचो जक अपराधी बचद हए ह हम उनकी पथवी क जनकट आतद िातद ह म अनर ही अनर अपनी सदना तयार कर रहा ह अथामत ताउन क कीटाणओ का पोरण कर रहा ह अतः िष हाशिया - बदटा बनानद सद पजवतर ह तथाजप उपमाओ क रग म उसक कलाम म बहत कछ पाया िाता ह तो उपमाओ का अनकरण करनद सद बचो जक तबाह हो िाओ और मदर बार म सपषट तकमो म सद यह इलहाम ह िो बराहीन अहजमया म िम ह انما ال ثلکم یویح م انما انا بشر قل इसी सद الھکم اہل واحد الخیکہل ف القرآن

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दाफिउल बला

वद अपनद घरो म ऐसद सो िाएगद िसा जक एक ऊट मरा रह िाता ह हम उनको अपनद जनशान पहलद तो र-र क लोगो म जखाएगद और जिर सवय उनही म हमार जनशान रिकट होगद मनद तझ सद एक कय-जवकय जकया ह अथामत एक वसत मदरी थी त उसका माजलक बनाया गया और एक वसत तदरी थी जिस का म माजलक बन गया त भी उस कय-जवकय का इकरार कर और कह द जक खा नद मझ सद कय-जवकय जकया त मझ सद ऐसा ह िसा जक सनतान त मझ म सद ह और म तझ म सद ह वह समय समीप ह जक म तझद ऐसद मकाम पर खडा करगा जक ससार तदरी रिशसा और यशोगान करगा शदषठता तदर साथ ह और अधमता तदर शतरओ क साथ अतः सबर कर यहा तक जक वाद का जन आ िाए ताऊन पर एक ऐसा समय भी आनद वाला ह जक उसम कोई भी जगरफतार नही होगा अथामत अनततः भलाई और कशलता ह6

6हाशिया - पयामपत समय हआ जक इस सद पहलद खा नद मझद ताऊन क बार म सर की कहानी क तौर पर यह खबर ी थी یــا مســیح عدوانــا परनत आि 21 अरिल 1902 ई ह उसी इलहाम को पनः इस रिकार फरमाया गया یــا مســیح الخلــق عدوانالــن تــری مــن بعــد مرادنــا و فســادنا अथामत ह खा क मसीह िो मखलक की ओर भदिा गया हमारी शीघर खबर लद और हम अपनी जसफाररश सद बचा त इसक बा हमार पापी ततवो को नही दखदगा और न हमारा उपदरव कछ शदर रहगा अथामत हम सीधद हो िाएगद और गाजलया बकना तथा अपशब जनकालना छोड गद यह खा का कलाम बराहीन अहमजया क उस इलहाम क अनसार ह जक अगनतम जनो म हम लोगो पर ताऊन भदिगद िसा जक फरमाया- ــا عــل یوســف لنصــرف عنــہ الســوء والفحشــاء کذلــک مننअथामत हम ताऊन क साथ इस यसफ पर यह उपकार करगद जक गाजलया दनद वालद लोगो का मह बन कर गद ताजक वद िरकर गाजलयो सद रक िाए उनही जनो

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दाफिउल बला

अब इस सपणम वही सद तीन बात जसदध हई ह ndash(1) रिथम यह जक ताऊन ससार म इसजलए आई ह जक खा

क मसीह मौऊ सद न कवल इनकार जकया गया अजपत उसद ःख जया गया उसको कतल करनद क जलए योिनाए बनाई गई उसका नाम काजफर और जाल रखा गया तो खा नद न चाहा जक अपनद रसल को जबना गवाही क छोड द इसजलए उस नद आकाश और पथवी ोनो को उसकी सचाई का गवाह बना जया आकाश नद चनदर गरहण और सयम-गरहण सद गवाही ी िो रमजान म हए और पथवी नद ताऊन क साथ गवाही ी ताजक खा का वह कलाम परा हो िो बराहीन अहमजया म ह और वह यह ह ndash

قل عندی شھادۃ من اہلل فھل انتم تومنون قل عندی شھادۃمن اہلل فھل انتم تسلمون

अथामत मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम ईमान लाओगद या नही और म पनः कहता ह जक मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम सवीकार करोगद या नही पहली गवाही सद अजभरिाय आकाश की गवाही ह जिसम कोई िबर नही इसजलए इस म تو منون का शब रियोग जकया गया और सरी गवाही पथवी की ह अथामत ताऊन की जिसम िबर मौि ह जक भय दकर इस िमाअत म ाजखल करती ह इसजलए इसम تسلمون का शब रियोग जकया गयािष हाशिया - क बार म खा का यह कलाम ह जिसम जमीन क कलाम सद मझद सचना ी गई और वह यह ह- یــاول اہلل کنــت ل اعرفــکअथामत ह खा क वली म इस सद पहलद तझद नही पहचानती थी इसका जववरण यह ह जक कशफी तौर पर जमीन मददर सामनद की गई और उसनद यह कलाम जकया जक म अब तक तझद नही पहचानती थी जक त रहमान खा का वली ह इसी सद

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दाफिउल बला

(2) जदतीय बात िो इस वही सद जसदध हई वह यह ह जक यह ताऊन इस हालत म कम होगी जक िब लोग खा क चनद हए को सवीकार कर लगद और कम सद कम यह जक शरारत कषट दनद और गाली दनद सद रक िाएगद कयोजक बराहीन अहमजया म खा तआला फरमाता ह ndash जक म अगनतम जनो म ताऊन भदिगा ताजक म उन पाजपयो और षटो का मह बन कर िो मदर रसल को गाजलया दतद ह असल बात यह ह जक कवल इनकार इस बात का कारण नही हो ताजक एक रसल क इनकार सद ससार म कोई तबाही भदिी िाए अजपत यज लोग शालीनता और सभयतापवमक खा क रसलो का इनकार कर और अतयाचार तथा गाजलया न तो उनका णि कयामत म जनधामररत ह और ससार म रसलो की सहायता म जितना सकामक रोग भदिा गया ह वह कवल इनकार सद नही अजपत बराइयो का णि ह इसी रिकार अब भी िब लोग गाजलया अतयाचार अनयाय और अपनद पापो सद रक िाएगद और उनम सशील लोगो िसा वयवहार पा हो िाएगा तब यह चदतावनी समापत कर ी िाएगी परनत इस अवसर पर बहत सद भायशाली लोग खा क रसल को सवीकार कर लगद और आकाशीय बरकतो सद भाग लगद और पथवी भायशाजलयो सद भर िाएगी

(3) ततीय बात िो इस वही सद जसदध हई ह वह यह ह जक खा तआला बहरहाल िब तक जक ताऊन ससार म रह यदयजप सततर वरम तक रह काजयान को उसकी भयकर तबाही सद सरजकत रखदगा कयोजक यह उसक रसल का कनदर ह और यह समसत उमतो क जलए जनशान ह

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दाफिउल बला

अब यज खा तआला क इस रसल और इस जनशान सद जकसी को इनकार हआ और खयाल हो जक कवल रसमी नमाजो और आओ सद या मसीह की इबात (उपासना) सद या गाय क कारण या वदो क ईमान सद जवरोध शमनी और इस रसल की अवजा क बावि ताऊन र हो सकती ह तो यह जवचार जबना सबत सवीकार करनद योय नही तो िो वयगति इन समसत सरिायो म सद अपनद धमम की सचाई का सबत दना चाहता ह तो अब बहत उततम अवसर ह िसद खा की ओर सद समसत धममो की सचाई या झठ को पहचाननद क जलए एक रिशमनी सथल जनधामररत जकया गया ह और खा नद सवमरिथम अपनी ओर सद पहलद काजयान का नाम लद जया ह अब यज आयम लोग वद को सचा समझतद ह तो उनको चाजहए जक बनारस क बार म िो वद क पढानद का मल सथान ह एक भजवषयवाणी कर जक उनका परमदशर बनारस को ताऊन सद बचा लदगा और सनातन धमम वालो को चाजहए जक जकसी ऐसद शहर क बार म जिसम गाए बहत हो उाहरणतया अमतसर क बार म भजवषयवाणी कर जक गायो क कारण उसम ताऊन नही आएगी यज गाय अपना इतना चमतकार जखा द तो कछ आचियम नही जक इस चमतकारी िानवर क रिाणो को सरकार बचा द इसी रिकार ईसाइयो को चाजहए जक कलकतता क बार म भजवषयवाणी कर जक उसम ताऊन नही पडगी कयोजक जबरजटश भारत का बडा जबशप कलकतता म रहता ह इसी रिकार जमया शसदीन और उनकी अिमन जहमायत-ए-इसलाम क ससयो को चाजहए जक लाहौर क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगा और मशी इलाही बखश एकाउनटणट िो इलहाम का ावा

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दाफिउल बला

करतद ह उनक जलए भी यही अवसर ह जक अपनद इलहाम सद लाहौर क बार म भजवषयवाणी करक अिमन जहमायत-ए-इसलाम को म और उजचत ह जक अबल िबबार और अबल हक अमतसर शहर क बार म भजवषयवाणी कर और चजक वहाबी सरिाय की असल िड जली ह इजसलए उजचत ह जक नजीर हसन और महम हसन जली क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगी तो इस रिकार सद िसद समसत पिाब इस घातक रोग सद सरजकत हो िाएगा और सरकार को भी मफत म ाजयतव सद जनवजतत हो िाएगी और यज लोगो नद ऐसा न जकया तो जिर यही समझा िाएगा जक सचा खा वही खा ह जिसनद काजयान म अपना रसल भदिा

और अनततः समरण रह जक यज यद सब लोग जिन म मसलमानो क मलहम और आयमो क पजित और ईसाइयो क पारी सगमजलत ह चप रह तो जसदध हो िाएगा जक यद सब लोग झठ ह और एक जन आनद वाला ह जक काजयान सयम क समान चमक कर जखा दगा जक वह एक सचद का सथान ह अनत म जमया शसदीन साजहब को या रह जक आपनद िो अपनद जवजापन म आयत

(अननल - 63) مضطر ن یجیب ال ام

जलखी ह और इस सद आ की सवीकाररता की आशा की ह यह आशा सही नही ह कयोजक खा क कलाम म शब مضطر सद अजभरिाय वद हाजन-पीजडत ह िो कवल आजमायश क तौर पर हाजन-पीजडत हो न जक णि क तौर पर परनत िो लोग णि क तौर पर जकसी हाजन सद जनरनतर गरसत रहतद हो वद इस आयत क चररताथम नही ह अनयथा अजनवायम होता ह जक नह की कौम और लत की कौम

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दाफिउल बला

तथा जफरऔन की कौम इतयाज की आए उस आतरता (इजतरार) क समय म सवीकार की िाती परनत ऐसा नही हआ और खा क हाथ नद उन कौमो को मार जया और यज जमया शसदीन कह जक जिर उन क यथायोय कौन सी आयत ह तो हम कहतद ह जक यह आयत यथायोय ह(अलमोजमन-51) کفرین ال ف ضلل

وما دعـؤا ال

चजक सभावना ह जक कछ मबजदध सवभाव वालद लोग इस जवजापन का मल उददशय समझनद म गलती खाए इस जलए हम पनः अपनद बलानद क कततमवय को अजभवयति कर दतद ह और वह यह ह जक यह ताऊन िो दश म िल रही ह जकसी अनय कारण सद नही अजपत एक ही कारण ह और वह यह जक लोगो नद खा क उस मौऊ क माननद सद इनकार जकया ह िो समसत नजबयो की भजवषयवाणी क अनसार ससार क सातव हजार म रिकट हआ ह तथा लोगो नद न कवल इनकार जकया अजपत खा क इस मसीह को गाजलया ी काजफर कहा और कतल करना चाहा और िो कछ चाहा उस सद जकया इसजलए खा क सवाजभमान नद चाहा जक उनकी इस घषटता असभयता पर उन पर चदतावनी उतार और खा नद पहलद पजवतर लदखो म खबर ी थी जक लोगो क इनकार क कारण उन जनो म िब मसीह रिकट होगा दश म भयकर ताऊन पडगी इसजलए अवशय था जक ताऊन पडती और ताऊन का नाम ताऊन इसजलए रखा गया ह जक यह ताअन (कटाक) करनद वालो का उततर ह और बनी इसाईल म हमदशा ताअन क समय म ही पडती थी और ताऊन क अरबी शबकोश म अथम ह बहत ताअन (कटाक) करनद वाला यह इस

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दाफिउल बला

बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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दाफिउल बला

नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 3: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

परकाशक की ओर स हज़रत मिज़ज़ा ग़लि अहिद समहब क़मदयनी िसीह िौऊद

व िहदी िहद अलमहससलि दर मलमखत पसतक क यह महनदी अनवद शरी डॉ० अनसर अहिद न मकय ह और ततपशत िकररि शख़ िजमहद अहिद शसती (सदर ररवयय किटी) िकररि िरहत अहिद आचयज़ा (इचजज़ा महनदी डसक) िकररि अली हसन एि ए और िकररि नसीरल हक़ आचयज़ा न इसकी परयि रीमडग और रीमवय आमद मकय ह अलह तआल इन सब को उतति परमतफल परदन कर

इस पसतक को हज़रत ख़लीितल िसीह ख़मिस अययदहलह तआल मबनमरिमहल अज़ीज़ (जिअत अहिमदय क वतज़ािन ख़लीि) की अनिमत स महनदी परथि ससकरण क रप ि परकमशत मकय ज रह ह मवनीत हमिज़ िख़दयि शरीि नमज़र नशर व इशअत क़मदयन

III

पसतक पररचयदाफिउल बला-व-मयार

अहफललइससतिायह पसतक आपन अपरल 1902 ई ि परकमशत की जबमक

पजब ि तऊन क बहत ज़ोर थ इस पसतक ि तऊन स सबमित आप न उन इलहिो क वणज़ान मकय ह मजन ि तऊन क सकिक रोग फलन क बर ि भमवषयवणी थी और यह भी बतय गय थ मक तऊन ससर ि इसमलए आई ह मक खद क िसीह क न कवल इनकर मकय गय अमपत उस दख मदय गय उस क़तल करन की योजनए बनई गई उसक नि कमिर और दजल रख गय और पहली मकतबो ि भमवषयवणी पई जती थी मक िसीह िौऊद क परदभज़ाव क सिय भयकर तऊन पडगी और िरिय मक उसक मनशशत उपचर तो यही ह मक इस िसीह को सच हदय और मनषकपटतपयवज़ाक सवीकर मकय जए और अपन जीवनो ि एक रहनी पररवतज़ान पद मकय जए तथ खद को इलहि क आिर पर आपन यह घोरण की -

खद तआल बहरहल जब तक मक तऊन ससर ि रह यदयमप सततर वरज़ा तक रह क़मदयन को उसकी भयकर तबही स सरमषित रखग

(इसी मजलद क पषठ-238)

और िरिय - IV

िर यही मनशन ह मक परतयक मवरोिी चह वह अिरोह ि रहत ह चह अितसर ि चह दहली ि चह कलकतत ि चह लहौर ि चह गोलड ि और चह बटल ि यमद वह क़सि ख कर कहग मक उसक अिक सथन तऊन स िकत रहग तो अवशय वह सथन तऊन ि गरसत हो जएग कयोमक उसन खद तआल क िकबल पर घषटत की (पषठ-238)

परनत मकसी मवरोिी को ऐसी घोरण करन क सहस न हआ और तऊन क सकिक रोग पहली मकतबो की भमवषयवमणयो क अनसर हज़रत िसीह िौऊद अलमहससलि की सचई क एक ज़बरदसत मनशन मसदध हआ

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दाफिउल बला

चतावनीजिस सनदश को हम इस समय अपनद दश क जरिय लोगो

क पास इस पसतक क दारा पहचाना चाहतद ह उसक बार म हम अजबया अलजहससलाम क परानद अनभव क अनसार यह जसदध ह जक इस समय हमारी सहानभजत की कदर यही होगी जक जिर ोबारा हम इसलाम क मौलजवयो और ईसाई धमम क पाररयो तथा जहन धमम क पजितो सद गाजलया सन और जभनन-जभनन रिकार की कषटायक उपाजधयो सद या जकए िाए हम पहलद सद भली भाजत जात ह जक ऐसा ही होगा परनत हमनद मानव िाजत की हमदी को इस बात सद अगरसर रखा ह जक सामानय गाजलयो सद हम सताए िाए कयोजक इसक बावि यह भी सभावना ह जक इन सकडो और हजारो गाजलया दनद वालो म सद कछ ऐसद भी पा हो िाए जक ऐसद समय म जक िब आकाश पर सद एक अगन की वराम हो रही ह अजपत अगलद िाड म तो और भी अजधक बरसनद की आशा ह इस पसतक को धयानपवमक पढ और अपनद इस नसीहत करनद वालद मदरहबान पर शीघर नाराज न हो और जिस नसखद को वह रिसतत करता ह उसद परख ल कयोजक इस हमदी क बलद म कोई मजरी या रिजतिल उन सद नही मागा गया कवल सची जनषकपटता और नदक नीयत सद मनषयो की िान छडानद क जलए एक परखा हआ तथा पजवतर रिसताव रिसतत जकया गया ह तो जिस हालत म रोगो म उपचार क जलए कछ िानवरो का मतर भी पी लदतद ह तथा बहत सी गनी वसतओ को इसतदमाल कर लदतद ह तो इस गसथजत म उनकी कया हाजन ह जक

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दाफिउल बला

अपनद रिाण बचानद क जलए अपनद जलए इस पजवतर उपचार को गरहण कर और यज वद नही करगद तब भी बहर हाल इस मकाबलद क समय एक जन उनह मालम होगा जक इन समसत धममो म सद कौन सा ऐसा धमम ह जिसका जसफाररश करना मनजी (मगति जलानद वाला) क महान शब का चररताथम होना जसदध हो सकता ह सची मगति जलानद वालद को हर वयगति चाहता ह और उस सद रिदम करता ह अतः जनससनदह अब जन आ गए ह जक जसदध हो जक सची मगति जलानद वाला कौन ह जनससनदह हम मसीह इबनद मरयम को एक सचा आमी िानतद ह िो अपनद यग क अजधकतरलोगो हाशिया - समरण रह यह िो हम नद कहा जक हजरत ईसा अलहससलाम अपनद यग क बहत सद लोगो की अपदका अचछ थद यह हमारा बयान कवल सधारणा क तौर पर ह अनयथा सभव ह जक हजरत ईसा अलजहससलाम क समय म खा तआला की पथवी पर कछ ईमानार अपनी ईमानारी और खा सद सबध म हजरत ईसा अलजहससलाम सद भी उचतम और शदषठतम हो कयोजक अलाह तआला नद उनक बार म फरमाया ह(आलदइमरान-46)

بی مقر

ال ومن خرۃ

وال ادلنیا ف وجیھا जिसक मायनद यद ह जक उस यग क साजनधय रिापत लोगो स सद यह भी एक थद इस सद यह जसदध नही होता जक वह सब साजनधय रिापत लोगो सद बढकर थद अजपत इस बात की सभावना जनकलती ह जक उनक यग क कछ साजनधयरिापत उन सद अचछ थद सपषट ह जक वह कवल बनी इसाईल की भदडो क जलए आए थद और सर दशो तथा कौमो सद उनको कछ सबध न था तो सभव अजपत अनमान क करीब ह जक कछ अजबया िो نقصــص म (अलमोजमन-79) لــم सगमजलत ह वद उन सद अचछ और अजधक शदषठ होगद और िसा जक हजरत मसा क मकाबलद पर अनततः एक इनसान जनकल आया जिसक बार म खा नद ــا م

ــا عل ن ــن دل م ــاہ फरमाया तो जिर हजरत ईसा (अलकहफ-66) علمن

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दाफिउल बला

सद अचछा था واہلل اعلم परनत वह वासतजवक मगति जलानद वाला नही था यह उस पर लाछन ह जक वह वासतजवक मगति जलानद िष हाशिया - क बार म िो मसा सद कमतर और उसक शरीअत क अनयायी थद और सवय कोई पणम शरीअत न लाए थद खतनः और जफकः क मामलद जवरासत सअर का जनरदध इतयाज म हजरत मसा की शरीअत क अधीन थद कयोकर कह सकतद ह जक वह अपनद समय क समसत सतयजनषठो सद बढकर थद जिन लोगो नद उनको खा बनाया ह िसद ईसाई या वद जिनहोनद उनह अकारण खाई जवशदरताए ी ह िसा जक हमार जवरोधी और खा क जवरोधी नाम क मसलमान वद यज उनको ऊपर उठातद-उठातद आकाश पर चढा या अशम पर जबठा या खा की तरह पजकयो का पा करनद वाला ठहराए तो उनको अजधकार ह मनषय िब शमम और लजा को छोड द तो िो चाह कह और िो चाह कर जकनत मसीह की ईमानारी अपनद यग म सर ईमानारो सद बढकर जसदध नही होती अजपत यहा नबी को इस पर एक शदषठता ह कयोजक वह शराब नही पीता था और कभी नही सना गया जक जकसी वशया सतरी नद आकर अपनी कमाई क माल सद उसक सर पर इतर मला था या हाथो और अपनद सर क बालो सद उसक शरीर को सपशम जकया था या कोई बदलगाव औरत उसकी सदवा करती थी इसी कारण सद खा नद कआमन म यहा का नाम हसर रखा परनत मसीह का यह नाम न रखा कयोजक ऐसद जकससद इस नाम क रखनद सद रोक थद जिर यह जक हजरत ईसा अलजहससलाम नद यहा क हाथ पर जिसद ईसाई यहनना कहतद ह िो बा म एजलया बनाया गया अपनद पापो सद तौबः की थी और उसक जवशदर मरीो म सगमजलत हए थद यह बात हजरत यहा की शदषठता की बडी सपषटता सद जसदध करती ह कयोजक इसक मकाबलद पर यह जसदध नही जकया गया जक यहा नद भी जकसी क हाथ पर तौबः की थी तो उसका मासम होना सपषट बात ह और मसलमानो म यह िो रिजसदध ह जक ईसा और उसकी मा शतान क सपशम सद पजवतर ह इसक मायनद मखम लोग नही समझतद असल बात यह ह जक गनद यहजयो नद हजरत ईसा और उन की मा

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दाफिउल बला

वाला था वासतजवक मगति जलानद वाला हमदशा और कयामत तक मगति का िल जखलानद वाला वह ह िो जहिाज की पथवी पर पा हआ था और समसत ससार और समसत यगो की मगति क जलए आया था और अब भी आया परनत जजल क तौर पर खदा उसकी बरकतो स सम परण थवी को लाभानवत कर आमीन

खाकसार - शमराण गलाम अहमद काशदयानी

िष हाशिया - पर बड ही गनद आरोप लगाए थद और ोनो क बार म नऊजजबलाह शतानी कायमो का आरोप लगातद थद अतः इस झठ का खणिन आवशयक था तो इस हीस क इस सद अजधक कोई मायनद नही जक यह गनद आरोप िो हजरत ईसा और उनकी मा पर लगाए गए ह यद सही नही ह अजपत वद इन अथमो सद शतान क सपशम सद पजवतर ह और इस रिकार क पजवतर होनद की घटना जकसी अनय नबी क सामनद नही आई इसी सद

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दाफिउल बला

शबनमलाशहररहमाशनररहीमनहमदह व नसली अला रसपशलशहलकरीम

ताऊनارکاشم زمشچ ا ی ب ہب زدخااطوعن ا وچآدم

انشم یہن رچاوعلمں افقس ے ا وتوخدوعلمین

ای اتس ثبخ ورتک الصح ووتق وتہب زامن

ااجنشم ی ن

م ن

ی ب ہن ربدبی وک ےسک

इस भयानक रोग क बार म िो दश म िलता िाता ह लोगो की जभनन-जभनन राय ह िॉकटर लोग जिन क जवचार कवल भौजतक उपायो तक सीजमत ह इस बात पर बल दतद ह जक पथवी म कवल रिाकजतक कारणो सद ऐसद कीटाण पा हो गए ह जक सवमरिथम चहो पर अपना षरिभाव पहचातद ह1और जिर मनषयो म मतय का जसलजसला िारी हो िाता ह और धाजममक जवचारो सद इस रोग का कछ सबध नही अजपत चाजहए जक अपनद घरो और नाजलयो को हर रिकार की गनगी और गमनध सद बचाए और सवचछ रख और जफनायल इतयाज सद पजवतर करतद रह और मकानो को आग सद गमम रख और ऐसा बनाए जक जिनम हवा भी पहच सक और रिकाश भी और जकसी मकान म

1 हाशिया - जचजकतसा क जनयमो क अनसार ताऊन क रोग की पहचान क जलए आवशयक ह जक जिस भामयशाली गाव या शहर या उसक जकसी भाग म यह घातक रोग िट पड उसम इस सद कई जन पवम मर हए चह पाए िाए तो यज उाहरण क तौर पर कवल जवर सद जकसी गाव म कछ मौत की घटनाए हो िाए और चह मरतद न दखद िाए तो वह ताऊन नही ह अजपत जवर क रिकारो म सद एक घातक जवर ह इसी सद

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दाफिउल बला

इतनद लोग न रह जक उन क मह की भाप और मल-मतर इतयाज सद कीटाण रिचर मातरा म पा हो िाए और भोिन न खाए और सब सद अचछा उपचार यह ह जक टीका लगवा ल और यज मकानो म माम चह पाए तो उन मकानो को छोड और उजचत ह जक बाहर खलद मानो म रह और मलद कचलद कपडो सद बच और यज कोई वयगति जकसी रिभाजवत या गरजसत मकान सद उनक शहर या गाव म आए तो उसको अनर न आनद और यज कोई ऐसद गाव या शहर का इस रोग सद बीमार हो िाए तो उसद बाहर जनकाल और उससद जमलनद-िलनद सद बच तो ताऊन का उपचार उन क नजीक िो कछ ह यही ह यद तो बजदधमान िॉकटरो और जचजकतसको की राय ह जिसद हम न तो एक पयामपत और सथायी उपचार क रग म समझतद ह और न कवल बदफाया ठहरातद ह पयामपत और सथायी उपचार इसजलए नही समझतद जक अनभव बता रहा ह जक कछ लोग बाहर जनकलनद सद भी मर ह और कछ सवचछता को अजनवायम रखतद-रखतद भी इस ससार सद कच कर गए तथा कछ नद बडी आशा सद टीका लगवाया और जिर कबर म िा पड तो कौन कह सकता ह या कौन हम सातवना द सकता ह जक यद समसत उपाय पयामपत उपचार ह अजपत इकरार करना पडता ह जक यदयजप यद समसत तरीक जकसी सीमा तक लाभरि ह परनत यह ऐसा उपाय नही ह जिसको ताऊन को दश सद र करनद क जलए पणम सिलता कह सक

इसी रिकार यद उपाय मातर बदफाया भी नही ह कयोजक िहा-िहा खा की इचछा ह वहा-वहा उसका फाया भी महसस हो रहा ह परनत वह फाया कछ अजधक रिशसनीय नही उाहरणतया यदयजप

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दाफिउल बला

यह सच ह जक िसद यज सौ लोगो नद टीका लगवाया ह और सर इतनद ही लोगो नद टीका नही लगवाया ह तो जिनहोनद टीका नही लगवाया उनम मौत अजधक पाई गई और टीका लगवानद वालो म कम परनत चजक टीक का रिभाव अजधक सद अजधक ो या तीन महीनद तक ह इसजलए टीक वाला भी बार-बार खतर म पडगा िब तक इस ससार सद कच न कर िाए अनतर कवल इतना ह जक िो लोग टीका नही लगवातद वद एक ऐसद िहाज पर सवार ह जक िो उाहरणतया चौबीस घट तक उनको ारल फना (मतय-गह) तक पहचा सकता ह वद िो लोग टीका लगवातद ह वद मानो ऐसद धीर चलनद वालद टटट पर चल रह ह िो चौबीस जन तक उसी सथान म पहचा दगा बहर हाल यद समसत उपाय िो िाकटरी तौर पर अपनाए गए ह न तो पयामपत और सतोरिनक ह और न मातर जनकमद और बदफाया ह और चजक ताऊन शीघर-शीघर दश को खाती िाती ह इसजलए मानव िाजत की हमदी इसी म ह जक जकसी अनय उपाय पर जवचार जकया िाए िो इस जवनाश सद बचा सक

और मसलमान लोग िसा जक जमया शसदीन सदकटरी अिमन जहमायत-ए-इसलाम लाहौर क जवजापन सद समझा िाता ह जिसद उनहोनद इसी माह अरिल 1902 ई म रिकाजशत जकया ह इस बात पर बल दतद ह जक मसलमानो क समसत जफकक जशया सननी मकगल और गर मकगल मानो म िाकर अपनद-अपनद धमम क जनयमानसार आए कर और एक ही जतजथ म एकतर होकर नमाज पढ तो बस यह ऐसा नसखा ह जक इस सद सहसा ताऊन र हो िाएगी परनत एकतर कसद हो इसका कोई उपाय नही बताया गया सपषट ह जक वहाबी समाय

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दाफिउल बला

क मतानसार तो फाजतहा खवानी क जबना नमाज रसत ही नही तो इस गसथजत म उनक साथ हनजफयो की नमाज कसद हो सकती ह कया परसपर उपदरव नही होगा इस क अजतररति जवजापन क जलखनद वालद नद यह वयति नही जकया जक जहन इस रोग क जनवारण क जलए कया कर कया उनको अनमजत ह या नही जक वद भी उस समय अपनी मजतमयो सद सहायता माग और ईसाई कौन सा तरीका अपनाए और िो जफकक हजरत हसन या अलीरजज को आवशयकताए पणम करनद वाला समझतद ह और महररम2

क महीनद म मनोकामनाओ क जलए हजारो रखवासत गजारा करतद ह या िो मसलमान सगय अबल काजर िीलानी की पिा करतद ह या िो शाह मार या सखी सवमर को पितद ह वद कया कर और कया अब यद समसत जफकक आए नही करतद अजपत रितयदक जफकाम भयभीत होकर अपनद-अपनद माब (उपासय) को पकार रहा ह जशयो क महलो म सर करो कोई ऐसा घर नही होगा जिसक रवाजद पर यह शदर जचपका हआ नही होगा -

الوباءالحاطمہ حر بھا اطفی خمسۃ ل

فاطمہمرتضی وابنا ھما وال

مصطفی وال

ال

2 हाशिया - यह महररम का महीना बडा मबारक महीना ह जतरजमजी म इसकी शदषठता क बार म आहजरत सललाह अलजह वसलम सद यह हीस जलखी ह जक

فیہ یوم تاب اہلل فیہ عل قوم ویتوب فیہ عل قوم اخرینअथामत महररम म एक ऐसा जन ह जिसम खा नद पहलद यग म एक कौम को बला सद मगति ी थी और ऐसा ही जनगचित ह जक इसी महीनद म एक बला सद एक और कौम को मगति जमलदगी कया आचियम जक इस बला सद ताऊन अजभरिाय हो और खा क मामर का आजापालन करक वह बला दश सद िाती रह इसी सद

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दाफिउल बला

मदर उसता एक बजगम जशया थद उनका कहना था जक वबा का इलाि कवल तवला और तबराम ह अथामत अहलद बत क रिदम को इबात की सीमा तक पहचा दना और सहाबा रजज को गाजलया दतद रहना इस सद उततम कोई इलाि नही और मनद सना ह जक बबई म िब ताऊन आरभ हई ह तो सवमरिथम लोगो म यही जवचार पा हआ था जक यह इमाम हसन का चमतकार ह कयोजक जिन जहनओ नद जशयो सद कछ जववा जकया था उनम ताऊन आरभ हो गई थी जिर िब इस रोग नद जशयो म भी कम रखा तब तो या हसन क नार समापत हो गए

यो तो मसलमानो क जवचार ह िो ताऊन को र करनद क जलए सोचद गए ह और ईसाइयो क जवचारो की अजभवयगति क जलए अभी एक जवजापन पारी वाइट बरदखत साजहब और उनकी अिमन की ओर सद जनकला ह और वह यह जक ताऊन को र करनद क जलए अनय कोई उपाय पयामपत नही जसवाए इसक जक हजरत मसीह को खा मान ल और उनक कफफारः पर ईमान लद आए

और जहनओ म सद आयममत क लोग पकार-पकार कर कह रह ह जक ताऊन की बला वद को तयाग ददनद क कारण ह समसत जफकमो को चाजहए जक वदो की सतय जवदया पर ईमान लाए और समसत नजबयो को नऊजजबलाह झठा ठहराए तब इस उपाय सद ताऊन र हो िाएगी

और जहनओ म िो सनातन धमम जफकाम (सरिाय) ह उसम ताऊन क जनवारण क बार म िो राय वयति की गई ह यज हम अखबार-ए-आम अखबार न पढतद तो शाय इस अदत राय सद

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दाफिउल बला

अनजमज रहतद और वह राय यह ह जक यह ताऊन की बला गाय क कारण आई ह यज सरकार यह कानन पास कर द जक इस दश म गाय काजप-काजप जजबह न की िाए तो जिर दजखए जक ताऊन कयोकर र हो िाती ह अजपत इस अखबार म एक सथान पर जलखा ह जक एक वयगति नद गाय को बोलतद सना जक वह कहती ह जक मदर कारण ही इस दश म ताऊन आई ह

अब ह पाठकगण सवय ही सोच लो जक इतनद जवजभनन कथनो और ावो सद जकस कथन को ससार क सामनद सपषट एव वयापक तौर पर फाया हो सकता ह यद समसत आसथागत बात ह और सवदनशील समय म िब तक जक ससार इन आसथाओ का जनणमय कर सवय ससार का जनणमय हो िाएगा इसजलए वह बात सवीकार करनद योय ह िो शीघर ही समझ म आ सकती ह और िो अपनद साथ कोई रिमाण रखती ह अतः वह बात म रिमाण सजहत रिसतत करता ह चार वरम हए जक मनद एक भजवषयवाणी रिकाजशत की थी जक पिाब म भयकर ताऊन आनद वाली ह और मनद इस दश म ताऊन क कालद वक दखद ह िो रितयदक शहर और गाव म लगाए गए ह यज लोग तौबः कर तो यद रोग ो िाडो सद अजधक नही हो सकता खा इसद र कर दगा परनत तौबः करनद की बिाए मझद गाजलया ी गई और सखत गाजलयो क जवजापन रिकाजशत जकए गए जिनका पररणाम ताऊन की यह हालत ह िो अब दख रह हो खा की वह पजवतर वही िो मझ पर उतरी उसकी इबात यह ह -

قریۃوامابانفسھ انہ اوی ال مابقوم حت بغی ان اہلل ل یغی

अथामत खा नद यह इराा जकया ह इस ताऊन की बला को

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दाफिउल बला

कदापि दर नही करगा जब तक लोग उन पिचारो को दर न कर जो उनक पदलो म ह अराथात जब तक ि खदा क मामर और रसल को सिवीकार न कर ल तब तक ताऊन दर नही होगवी और िह शकतिमान खदा कापदयान को ताऊन की तबाहवी3

स सरपषित रखगा तापक 3हाशिया - اوی (आिा) अरबवी शबद ह पजस क मायन ह तबाहवी और असत-वयसत होन स बचाना और अिनवी शरण म ल लना यह इस बात की ओर सकत ह पक ताऊन की पकसमो म स िह ताऊन बडवी पिनाशकारवी ह पजसका नाम ताऊन जारिफ ह अराथात झाड दन िालवी पजसस लोग जगह-जगह भागत ह और कतो की तरह मरत ह यह हालत इनसानवी सहनशवीलता स बढ जातवी ह तो इस खदाई कलाम म िादा ह पक यह हालत कभवी कापदयान िर नही आएगवी इसकी वयाखया यह दसरा इलहाम करता ह पक لوالاالکــرام لھلــک المقــام अराथात यपद मझ इस पसलपसल क सममान का िास न होता तो म कापदयान को भवी तबाह कर दता इस इलहाम स दो बात समझवी जातवी ह -(1) पररम यह पक कछ हापन नही पक इनसान की बदाथाशत की सवीमा तक कभवी कापदयान म भवी कोई घटना इकका-दकका तौर िर हो जाए जो पिनाशकारवी न हो और भागन एि असत-वयसत होन का कारण न हो कयोपक एक दो घटना न होन का आदश रखतवी ह(2) पवितवीय यह पक यह बात आिशयक ह पक पजन दहात और शहरो म कापदयान की अिषिा बहत उददणड दषट अतयाचारवी वयपभचारवी उिदरिवी और इस पसलपसल क खतरनाक शत रहत ह उनक शहरो या दहात म अिशय पिनाशकारवी ताऊन फट िडगवी यहा तक पक लोग बोखला कर हर ओर भागग हमन आिा क शबद जहा तक पिशाल ह उसक अनसार यह मायन कर पदए ह और हम दाि स पलखत ह पक कापदयान म कभवी ताऊन-जाररफ नही िडगवी जो गाि िवीरान करन िालवी और खा जान िालवी होतवी ह िरनत इसक मकाबल िर अनय शहरो और दहात म जो अतयाचारवी और उिदरिवी ह अिशय भयकर रि िदा होग समसत ससार म एक कापदयान ह पजसक पलए यह िादा हआ ــک ــی ذل ــدہلل ع इसवी स فالحم

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दाफिउल बला

तम समझो जक काजयान इसजलए सरजकत रखा गया जक वह खा का रसल और उसका मनोनीत काजयान म था अब दखो तीन वरम सद जसदध हो रहा ह जक वद ोनो पहल पर हो गए अथामत एक ओर समसत पिाब म ताऊन िल गई और सरी ओर इसक बावि जक काजयान क चारो ओर ो-ो मील की री पर ताऊन का जोर हो रहा ह परनत काजयान ताऊन सद पजवतर ह अजपत आि तक िो वयगति ताऊन सद गरसत बाहर सद काजयान म आया वह भी अचछा हो गया कया इस सद बढकर कोई और सबत होगा जक िो बात आि सद चार वरम पवम कही गई थी वद परी हो गई अजपत ताऊन की सचना आि सद बाईस वरम पवम बराहीन अहमजया म भी ी गई ह4और यह गब (परोक) का जान खा क अजतररति जकसी अनय की शगति म नही अतः इस रोग क जनवारण क जलए वह सनदश िो खा नद मझद जया ह वह यही ह जक लोग मझद सचद जल सद मसीह मौऊ मान ल यज मदरी ओर सद भी जबना जकसी रिमाण क कवल ावा

4हाशिया - आि सद स वरम पवम एक हर जवजापन म िो मदरी ओर सद रिका-जशत हआ था ताऊन की खबर ी गई थी और वह यह ह -

انمــا یبایعونــک اذلیــن باعینناووحینــاان الفلــک اصنــع ایدیــھ فــوق اہلل یــد اہلل یبایعــون

अथामत एक नौका मदर आदश और आखो क सामनद बना िो आनद वालद सकामक रोग बचाएगी िो लोग तझ सद बअत करतद ह वद मझ सद बअत करतद ह यह तदरा हाथ नही अजपत मदरा हाथ ह िो उनक हाथो पर रखा िाता ह इसी खा क कलाम का एक वाकय बराहीन अहमजया म बतौर भजवषयवाणी मौि ह और वह यह ह

ول تخاطبین ف اذلین ظلمواانھ مغرقونअथामत िो लोग जलम उदणिता वयजभचार और अवजा सद नही रकतद मदर आगद कछ जसिाररश न कर कयोजक वद िबाए िाएगद इसी सद

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दाफिउल बला

होता िसा जक जमया शसदीन सदकटरी जहमायत-ए-इसलाम लाहौर नद अपनद जवजापन म या पारी वाइट बरदखत साजहब नद अपनद जवजापन म जकया ह तो म भी उनकी तरह एक वयथमवाी ठहरता परनत मदरी वद बातद ह जिनको मनद समय सद पवम वणमन जकया और आि वद परी हो गई ततपचिात इन जनो म भी मझद खा नद खबर ी अतः अलाह तआला फरमाता ह -

القریۃ اوی انہ فیھ وانت لیعذبھ اہلل ماکان لولالکرام لھک المقام این اناالرحمن داف ال این ل یخاف من والوم اقوم الرسول مع این حفیظ این المرسلون دلی یلبسواایمانھ امنواولم اذلین ال تصنع النفوس یلوم بظلم اولئک لھ المن وھم مھتدون انانایت الرض ننکسھا جاثمی دارھم فاصبحواف اجھزالجیش این اطرافھا من الفاق وف انفسھ نصرمن اہلل وفتح مبی ایاتنا ف سنریھ مین انت اولدی5 بمنزۃل مین انت رب بایعین یایعتک این

5हाशिया - समरण रह जक खा तआला बदटो सद पजवतर ह न उसका कोई भागीार ह और न बदटा ह और न जकसी को अजधकार पहचता ह जक वह यह कह जक म खा ह या खा का बदटा ह परनत यह वाकय इस िगह अवासतजवक और रपक क वगम म सद ह खा तआला नद पजवतर कआमन म आहजरत सललाह अलजह वसलम को अपना हाथ बताया और फरमाया ایدھم فوق ऐसा ही बिाए (अलफतह-11) یعداہلل भी कहा और यह भी फरमायाیاعبادی क قل یاعباداہلل

اباءکم رکم اہلل کذک

فاذکر

तो खा क उस कलाम को होजशयारी और सावधानी सद पढो और उपमाओ क वगम म सद समझ कर ईमान लाओ और उसकी हालत म हसतकदप न करो और वासतजवकता खा क सपम कर ो और जवशास रखो जक खा

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दाफिउल बलाوانامنک عسی الن یبعثک ربک مقاما محمودا الفوق معک والحت مع اعدائک فاصرب حت یایت اہلل بامرہ یایت عل جھنم

زمان لیس فیھا احد अनवा ndash खा ऐसा नही जक काजयान क लोगो को अजाब

द हालाजक त उनम रहता ह वह इस गाव को ताऊन की लटमार और उसकी तबाही सद बचा लदगा यज मझद तदरा पास न होता और तदरा समान दगषटगत न होता तो म इस गाव को तबाह कर दता म याल ह िो ख को र करनद वाला ह मदर रसलो को मदर पास कछ भय और गम नही म जनगाह रखनद वाला ह म अपनद रसल क साथ खडा हगा और उसकी जनना करगा िो मदर रसल की जनना करता ह म अपनद समयो को जवभाजित कर गा जक वरम का कछ भाग तो म रितीका करगा अथामत ताऊन सद लोगो को मारगा और वरम का कछ भाग रोजा रखगा अथामत अमन रहगा और ताऊन कम हो िाएगी या जबलकल नही रहगी मदरा रिकोप भडक रहा ह बीमाररया िलगी और रिाणो की कजत होगी परनत वद लोग िो ईमान लाएगद और ईमान म कछ ोर नही होगा वद अमन म रहगद और उनकी मगति (छटकार) का मागम जमलद यह मत सोचो जक अपराधी बचद हए ह हम उनकी पथवी क जनकट आतद िातद ह म अनर ही अनर अपनी सदना तयार कर रहा ह अथामत ताउन क कीटाणओ का पोरण कर रहा ह अतः िष हाशिया - बदटा बनानद सद पजवतर ह तथाजप उपमाओ क रग म उसक कलाम म बहत कछ पाया िाता ह तो उपमाओ का अनकरण करनद सद बचो जक तबाह हो िाओ और मदर बार म सपषट तकमो म सद यह इलहाम ह िो बराहीन अहजमया म िम ह انما ال ثلکم یویح م انما انا بشر قل इसी सद الھکم اہل واحد الخیکہل ف القرآن

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दाफिउल बला

वद अपनद घरो म ऐसद सो िाएगद िसा जक एक ऊट मरा रह िाता ह हम उनको अपनद जनशान पहलद तो र-र क लोगो म जखाएगद और जिर सवय उनही म हमार जनशान रिकट होगद मनद तझ सद एक कय-जवकय जकया ह अथामत एक वसत मदरी थी त उसका माजलक बनाया गया और एक वसत तदरी थी जिस का म माजलक बन गया त भी उस कय-जवकय का इकरार कर और कह द जक खा नद मझ सद कय-जवकय जकया त मझ सद ऐसा ह िसा जक सनतान त मझ म सद ह और म तझ म सद ह वह समय समीप ह जक म तझद ऐसद मकाम पर खडा करगा जक ससार तदरी रिशसा और यशोगान करगा शदषठता तदर साथ ह और अधमता तदर शतरओ क साथ अतः सबर कर यहा तक जक वाद का जन आ िाए ताऊन पर एक ऐसा समय भी आनद वाला ह जक उसम कोई भी जगरफतार नही होगा अथामत अनततः भलाई और कशलता ह6

6हाशिया - पयामपत समय हआ जक इस सद पहलद खा नद मझद ताऊन क बार म सर की कहानी क तौर पर यह खबर ी थी یــا مســیح عدوانــا परनत आि 21 अरिल 1902 ई ह उसी इलहाम को पनः इस रिकार फरमाया गया یــا مســیح الخلــق عدوانالــن تــری مــن بعــد مرادنــا و فســادنا अथामत ह खा क मसीह िो मखलक की ओर भदिा गया हमारी शीघर खबर लद और हम अपनी जसफाररश सद बचा त इसक बा हमार पापी ततवो को नही दखदगा और न हमारा उपदरव कछ शदर रहगा अथामत हम सीधद हो िाएगद और गाजलया बकना तथा अपशब जनकालना छोड गद यह खा का कलाम बराहीन अहमजया क उस इलहाम क अनसार ह जक अगनतम जनो म हम लोगो पर ताऊन भदिगद िसा जक फरमाया- ــا عــل یوســف لنصــرف عنــہ الســوء والفحشــاء کذلــک مننअथामत हम ताऊन क साथ इस यसफ पर यह उपकार करगद जक गाजलया दनद वालद लोगो का मह बन कर गद ताजक वद िरकर गाजलयो सद रक िाए उनही जनो

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दाफिउल बला

अब इस सपणम वही सद तीन बात जसदध हई ह ndash(1) रिथम यह जक ताऊन ससार म इसजलए आई ह जक खा

क मसीह मौऊ सद न कवल इनकार जकया गया अजपत उसद ःख जया गया उसको कतल करनद क जलए योिनाए बनाई गई उसका नाम काजफर और जाल रखा गया तो खा नद न चाहा जक अपनद रसल को जबना गवाही क छोड द इसजलए उस नद आकाश और पथवी ोनो को उसकी सचाई का गवाह बना जया आकाश नद चनदर गरहण और सयम-गरहण सद गवाही ी िो रमजान म हए और पथवी नद ताऊन क साथ गवाही ी ताजक खा का वह कलाम परा हो िो बराहीन अहमजया म ह और वह यह ह ndash

قل عندی شھادۃ من اہلل فھل انتم تومنون قل عندی شھادۃمن اہلل فھل انتم تسلمون

अथामत मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम ईमान लाओगद या नही और म पनः कहता ह जक मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम सवीकार करोगद या नही पहली गवाही सद अजभरिाय आकाश की गवाही ह जिसम कोई िबर नही इसजलए इस म تو منون का शब रियोग जकया गया और सरी गवाही पथवी की ह अथामत ताऊन की जिसम िबर मौि ह जक भय दकर इस िमाअत म ाजखल करती ह इसजलए इसम تسلمون का शब रियोग जकया गयािष हाशिया - क बार म खा का यह कलाम ह जिसम जमीन क कलाम सद मझद सचना ी गई और वह यह ह- یــاول اہلل کنــت ل اعرفــکअथामत ह खा क वली म इस सद पहलद तझद नही पहचानती थी इसका जववरण यह ह जक कशफी तौर पर जमीन मददर सामनद की गई और उसनद यह कलाम जकया जक म अब तक तझद नही पहचानती थी जक त रहमान खा का वली ह इसी सद

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दाफिउल बला

(2) जदतीय बात िो इस वही सद जसदध हई वह यह ह जक यह ताऊन इस हालत म कम होगी जक िब लोग खा क चनद हए को सवीकार कर लगद और कम सद कम यह जक शरारत कषट दनद और गाली दनद सद रक िाएगद कयोजक बराहीन अहमजया म खा तआला फरमाता ह ndash जक म अगनतम जनो म ताऊन भदिगा ताजक म उन पाजपयो और षटो का मह बन कर िो मदर रसल को गाजलया दतद ह असल बात यह ह जक कवल इनकार इस बात का कारण नही हो ताजक एक रसल क इनकार सद ससार म कोई तबाही भदिी िाए अजपत यज लोग शालीनता और सभयतापवमक खा क रसलो का इनकार कर और अतयाचार तथा गाजलया न तो उनका णि कयामत म जनधामररत ह और ससार म रसलो की सहायता म जितना सकामक रोग भदिा गया ह वह कवल इनकार सद नही अजपत बराइयो का णि ह इसी रिकार अब भी िब लोग गाजलया अतयाचार अनयाय और अपनद पापो सद रक िाएगद और उनम सशील लोगो िसा वयवहार पा हो िाएगा तब यह चदतावनी समापत कर ी िाएगी परनत इस अवसर पर बहत सद भायशाली लोग खा क रसल को सवीकार कर लगद और आकाशीय बरकतो सद भाग लगद और पथवी भायशाजलयो सद भर िाएगी

(3) ततीय बात िो इस वही सद जसदध हई ह वह यह ह जक खा तआला बहरहाल िब तक जक ताऊन ससार म रह यदयजप सततर वरम तक रह काजयान को उसकी भयकर तबाही सद सरजकत रखदगा कयोजक यह उसक रसल का कनदर ह और यह समसत उमतो क जलए जनशान ह

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दाफिउल बला

अब यज खा तआला क इस रसल और इस जनशान सद जकसी को इनकार हआ और खयाल हो जक कवल रसमी नमाजो और आओ सद या मसीह की इबात (उपासना) सद या गाय क कारण या वदो क ईमान सद जवरोध शमनी और इस रसल की अवजा क बावि ताऊन र हो सकती ह तो यह जवचार जबना सबत सवीकार करनद योय नही तो िो वयगति इन समसत सरिायो म सद अपनद धमम की सचाई का सबत दना चाहता ह तो अब बहत उततम अवसर ह िसद खा की ओर सद समसत धममो की सचाई या झठ को पहचाननद क जलए एक रिशमनी सथल जनधामररत जकया गया ह और खा नद सवमरिथम अपनी ओर सद पहलद काजयान का नाम लद जया ह अब यज आयम लोग वद को सचा समझतद ह तो उनको चाजहए जक बनारस क बार म िो वद क पढानद का मल सथान ह एक भजवषयवाणी कर जक उनका परमदशर बनारस को ताऊन सद बचा लदगा और सनातन धमम वालो को चाजहए जक जकसी ऐसद शहर क बार म जिसम गाए बहत हो उाहरणतया अमतसर क बार म भजवषयवाणी कर जक गायो क कारण उसम ताऊन नही आएगी यज गाय अपना इतना चमतकार जखा द तो कछ आचियम नही जक इस चमतकारी िानवर क रिाणो को सरकार बचा द इसी रिकार ईसाइयो को चाजहए जक कलकतता क बार म भजवषयवाणी कर जक उसम ताऊन नही पडगी कयोजक जबरजटश भारत का बडा जबशप कलकतता म रहता ह इसी रिकार जमया शसदीन और उनकी अिमन जहमायत-ए-इसलाम क ससयो को चाजहए जक लाहौर क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगा और मशी इलाही बखश एकाउनटणट िो इलहाम का ावा

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दाफिउल बला

करतद ह उनक जलए भी यही अवसर ह जक अपनद इलहाम सद लाहौर क बार म भजवषयवाणी करक अिमन जहमायत-ए-इसलाम को म और उजचत ह जक अबल िबबार और अबल हक अमतसर शहर क बार म भजवषयवाणी कर और चजक वहाबी सरिाय की असल िड जली ह इजसलए उजचत ह जक नजीर हसन और महम हसन जली क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगी तो इस रिकार सद िसद समसत पिाब इस घातक रोग सद सरजकत हो िाएगा और सरकार को भी मफत म ाजयतव सद जनवजतत हो िाएगी और यज लोगो नद ऐसा न जकया तो जिर यही समझा िाएगा जक सचा खा वही खा ह जिसनद काजयान म अपना रसल भदिा

और अनततः समरण रह जक यज यद सब लोग जिन म मसलमानो क मलहम और आयमो क पजित और ईसाइयो क पारी सगमजलत ह चप रह तो जसदध हो िाएगा जक यद सब लोग झठ ह और एक जन आनद वाला ह जक काजयान सयम क समान चमक कर जखा दगा जक वह एक सचद का सथान ह अनत म जमया शसदीन साजहब को या रह जक आपनद िो अपनद जवजापन म आयत

(अननल - 63) مضطر ن یجیب ال ام

जलखी ह और इस सद आ की सवीकाररता की आशा की ह यह आशा सही नही ह कयोजक खा क कलाम म शब مضطر सद अजभरिाय वद हाजन-पीजडत ह िो कवल आजमायश क तौर पर हाजन-पीजडत हो न जक णि क तौर पर परनत िो लोग णि क तौर पर जकसी हाजन सद जनरनतर गरसत रहतद हो वद इस आयत क चररताथम नही ह अनयथा अजनवायम होता ह जक नह की कौम और लत की कौम

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दाफिउल बला

तथा जफरऔन की कौम इतयाज की आए उस आतरता (इजतरार) क समय म सवीकार की िाती परनत ऐसा नही हआ और खा क हाथ नद उन कौमो को मार जया और यज जमया शसदीन कह जक जिर उन क यथायोय कौन सी आयत ह तो हम कहतद ह जक यह आयत यथायोय ह(अलमोजमन-51) کفرین ال ف ضلل

وما دعـؤا ال

चजक सभावना ह जक कछ मबजदध सवभाव वालद लोग इस जवजापन का मल उददशय समझनद म गलती खाए इस जलए हम पनः अपनद बलानद क कततमवय को अजभवयति कर दतद ह और वह यह ह जक यह ताऊन िो दश म िल रही ह जकसी अनय कारण सद नही अजपत एक ही कारण ह और वह यह जक लोगो नद खा क उस मौऊ क माननद सद इनकार जकया ह िो समसत नजबयो की भजवषयवाणी क अनसार ससार क सातव हजार म रिकट हआ ह तथा लोगो नद न कवल इनकार जकया अजपत खा क इस मसीह को गाजलया ी काजफर कहा और कतल करना चाहा और िो कछ चाहा उस सद जकया इसजलए खा क सवाजभमान नद चाहा जक उनकी इस घषटता असभयता पर उन पर चदतावनी उतार और खा नद पहलद पजवतर लदखो म खबर ी थी जक लोगो क इनकार क कारण उन जनो म िब मसीह रिकट होगा दश म भयकर ताऊन पडगी इसजलए अवशय था जक ताऊन पडती और ताऊन का नाम ताऊन इसजलए रखा गया ह जक यह ताअन (कटाक) करनद वालो का उततर ह और बनी इसाईल म हमदशा ताअन क समय म ही पडती थी और ताऊन क अरबी शबकोश म अथम ह बहत ताअन (कटाक) करनद वाला यह इस

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दाफिउल बला

बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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दाफिउल बला

नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 4: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

पसतक पररचयदाफिउल बला-व-मयार

अहफललइससतिायह पसतक आपन अपरल 1902 ई ि परकमशत की जबमक

पजब ि तऊन क बहत ज़ोर थ इस पसतक ि तऊन स सबमित आप न उन इलहिो क वणज़ान मकय ह मजन ि तऊन क सकिक रोग फलन क बर ि भमवषयवणी थी और यह भी बतय गय थ मक तऊन ससर ि इसमलए आई ह मक खद क िसीह क न कवल इनकर मकय गय अमपत उस दख मदय गय उस क़तल करन की योजनए बनई गई उसक नि कमिर और दजल रख गय और पहली मकतबो ि भमवषयवणी पई जती थी मक िसीह िौऊद क परदभज़ाव क सिय भयकर तऊन पडगी और िरिय मक उसक मनशशत उपचर तो यही ह मक इस िसीह को सच हदय और मनषकपटतपयवज़ाक सवीकर मकय जए और अपन जीवनो ि एक रहनी पररवतज़ान पद मकय जए तथ खद को इलहि क आिर पर आपन यह घोरण की -

खद तआल बहरहल जब तक मक तऊन ससर ि रह यदयमप सततर वरज़ा तक रह क़मदयन को उसकी भयकर तबही स सरमषित रखग

(इसी मजलद क पषठ-238)

और िरिय - IV

िर यही मनशन ह मक परतयक मवरोिी चह वह अिरोह ि रहत ह चह अितसर ि चह दहली ि चह कलकतत ि चह लहौर ि चह गोलड ि और चह बटल ि यमद वह क़सि ख कर कहग मक उसक अिक सथन तऊन स िकत रहग तो अवशय वह सथन तऊन ि गरसत हो जएग कयोमक उसन खद तआल क िकबल पर घषटत की (पषठ-238)

परनत मकसी मवरोिी को ऐसी घोरण करन क सहस न हआ और तऊन क सकिक रोग पहली मकतबो की भमवषयवमणयो क अनसर हज़रत िसीह िौऊद अलमहससलि की सचई क एक ज़बरदसत मनशन मसदध हआ

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दाफिउल बला

चतावनीजिस सनदश को हम इस समय अपनद दश क जरिय लोगो

क पास इस पसतक क दारा पहचाना चाहतद ह उसक बार म हम अजबया अलजहससलाम क परानद अनभव क अनसार यह जसदध ह जक इस समय हमारी सहानभजत की कदर यही होगी जक जिर ोबारा हम इसलाम क मौलजवयो और ईसाई धमम क पाररयो तथा जहन धमम क पजितो सद गाजलया सन और जभनन-जभनन रिकार की कषटायक उपाजधयो सद या जकए िाए हम पहलद सद भली भाजत जात ह जक ऐसा ही होगा परनत हमनद मानव िाजत की हमदी को इस बात सद अगरसर रखा ह जक सामानय गाजलयो सद हम सताए िाए कयोजक इसक बावि यह भी सभावना ह जक इन सकडो और हजारो गाजलया दनद वालो म सद कछ ऐसद भी पा हो िाए जक ऐसद समय म जक िब आकाश पर सद एक अगन की वराम हो रही ह अजपत अगलद िाड म तो और भी अजधक बरसनद की आशा ह इस पसतक को धयानपवमक पढ और अपनद इस नसीहत करनद वालद मदरहबान पर शीघर नाराज न हो और जिस नसखद को वह रिसतत करता ह उसद परख ल कयोजक इस हमदी क बलद म कोई मजरी या रिजतिल उन सद नही मागा गया कवल सची जनषकपटता और नदक नीयत सद मनषयो की िान छडानद क जलए एक परखा हआ तथा पजवतर रिसताव रिसतत जकया गया ह तो जिस हालत म रोगो म उपचार क जलए कछ िानवरो का मतर भी पी लदतद ह तथा बहत सी गनी वसतओ को इसतदमाल कर लदतद ह तो इस गसथजत म उनकी कया हाजन ह जक

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दाफिउल बला

अपनद रिाण बचानद क जलए अपनद जलए इस पजवतर उपचार को गरहण कर और यज वद नही करगद तब भी बहर हाल इस मकाबलद क समय एक जन उनह मालम होगा जक इन समसत धममो म सद कौन सा ऐसा धमम ह जिसका जसफाररश करना मनजी (मगति जलानद वाला) क महान शब का चररताथम होना जसदध हो सकता ह सची मगति जलानद वालद को हर वयगति चाहता ह और उस सद रिदम करता ह अतः जनससनदह अब जन आ गए ह जक जसदध हो जक सची मगति जलानद वाला कौन ह जनससनदह हम मसीह इबनद मरयम को एक सचा आमी िानतद ह िो अपनद यग क अजधकतरलोगो हाशिया - समरण रह यह िो हम नद कहा जक हजरत ईसा अलहससलाम अपनद यग क बहत सद लोगो की अपदका अचछ थद यह हमारा बयान कवल सधारणा क तौर पर ह अनयथा सभव ह जक हजरत ईसा अलजहससलाम क समय म खा तआला की पथवी पर कछ ईमानार अपनी ईमानारी और खा सद सबध म हजरत ईसा अलजहससलाम सद भी उचतम और शदषठतम हो कयोजक अलाह तआला नद उनक बार म फरमाया ह(आलदइमरान-46)

بی مقر

ال ومن خرۃ

وال ادلنیا ف وجیھا जिसक मायनद यद ह जक उस यग क साजनधय रिापत लोगो स सद यह भी एक थद इस सद यह जसदध नही होता जक वह सब साजनधय रिापत लोगो सद बढकर थद अजपत इस बात की सभावना जनकलती ह जक उनक यग क कछ साजनधयरिापत उन सद अचछ थद सपषट ह जक वह कवल बनी इसाईल की भदडो क जलए आए थद और सर दशो तथा कौमो सद उनको कछ सबध न था तो सभव अजपत अनमान क करीब ह जक कछ अजबया िो نقصــص म (अलमोजमन-79) لــم सगमजलत ह वद उन सद अचछ और अजधक शदषठ होगद और िसा जक हजरत मसा क मकाबलद पर अनततः एक इनसान जनकल आया जिसक बार म खा नद ــا م

ــا عل ن ــن دل م ــاہ फरमाया तो जिर हजरत ईसा (अलकहफ-66) علمن

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दाफिउल बला

सद अचछा था واہلل اعلم परनत वह वासतजवक मगति जलानद वाला नही था यह उस पर लाछन ह जक वह वासतजवक मगति जलानद िष हाशिया - क बार म िो मसा सद कमतर और उसक शरीअत क अनयायी थद और सवय कोई पणम शरीअत न लाए थद खतनः और जफकः क मामलद जवरासत सअर का जनरदध इतयाज म हजरत मसा की शरीअत क अधीन थद कयोकर कह सकतद ह जक वह अपनद समय क समसत सतयजनषठो सद बढकर थद जिन लोगो नद उनको खा बनाया ह िसद ईसाई या वद जिनहोनद उनह अकारण खाई जवशदरताए ी ह िसा जक हमार जवरोधी और खा क जवरोधी नाम क मसलमान वद यज उनको ऊपर उठातद-उठातद आकाश पर चढा या अशम पर जबठा या खा की तरह पजकयो का पा करनद वाला ठहराए तो उनको अजधकार ह मनषय िब शमम और लजा को छोड द तो िो चाह कह और िो चाह कर जकनत मसीह की ईमानारी अपनद यग म सर ईमानारो सद बढकर जसदध नही होती अजपत यहा नबी को इस पर एक शदषठता ह कयोजक वह शराब नही पीता था और कभी नही सना गया जक जकसी वशया सतरी नद आकर अपनी कमाई क माल सद उसक सर पर इतर मला था या हाथो और अपनद सर क बालो सद उसक शरीर को सपशम जकया था या कोई बदलगाव औरत उसकी सदवा करती थी इसी कारण सद खा नद कआमन म यहा का नाम हसर रखा परनत मसीह का यह नाम न रखा कयोजक ऐसद जकससद इस नाम क रखनद सद रोक थद जिर यह जक हजरत ईसा अलजहससलाम नद यहा क हाथ पर जिसद ईसाई यहनना कहतद ह िो बा म एजलया बनाया गया अपनद पापो सद तौबः की थी और उसक जवशदर मरीो म सगमजलत हए थद यह बात हजरत यहा की शदषठता की बडी सपषटता सद जसदध करती ह कयोजक इसक मकाबलद पर यह जसदध नही जकया गया जक यहा नद भी जकसी क हाथ पर तौबः की थी तो उसका मासम होना सपषट बात ह और मसलमानो म यह िो रिजसदध ह जक ईसा और उसकी मा शतान क सपशम सद पजवतर ह इसक मायनद मखम लोग नही समझतद असल बात यह ह जक गनद यहजयो नद हजरत ईसा और उन की मा

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दाफिउल बला

वाला था वासतजवक मगति जलानद वाला हमदशा और कयामत तक मगति का िल जखलानद वाला वह ह िो जहिाज की पथवी पर पा हआ था और समसत ससार और समसत यगो की मगति क जलए आया था और अब भी आया परनत जजल क तौर पर खदा उसकी बरकतो स सम परण थवी को लाभानवत कर आमीन

खाकसार - शमराण गलाम अहमद काशदयानी

िष हाशिया - पर बड ही गनद आरोप लगाए थद और ोनो क बार म नऊजजबलाह शतानी कायमो का आरोप लगातद थद अतः इस झठ का खणिन आवशयक था तो इस हीस क इस सद अजधक कोई मायनद नही जक यह गनद आरोप िो हजरत ईसा और उनकी मा पर लगाए गए ह यद सही नही ह अजपत वद इन अथमो सद शतान क सपशम सद पजवतर ह और इस रिकार क पजवतर होनद की घटना जकसी अनय नबी क सामनद नही आई इसी सद

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दाफिउल बला

शबनमलाशहररहमाशनररहीमनहमदह व नसली अला रसपशलशहलकरीम

ताऊनارکاشم زمشچ ا ی ب ہب زدخااطوعن ا وچآدم

انشم یہن رچاوعلمں افقس ے ا وتوخدوعلمین

ای اتس ثبخ ورتک الصح ووتق وتہب زامن

ااجنشم ی ن

م ن

ی ب ہن ربدبی وک ےسک

इस भयानक रोग क बार म िो दश म िलता िाता ह लोगो की जभनन-जभनन राय ह िॉकटर लोग जिन क जवचार कवल भौजतक उपायो तक सीजमत ह इस बात पर बल दतद ह जक पथवी म कवल रिाकजतक कारणो सद ऐसद कीटाण पा हो गए ह जक सवमरिथम चहो पर अपना षरिभाव पहचातद ह1और जिर मनषयो म मतय का जसलजसला िारी हो िाता ह और धाजममक जवचारो सद इस रोग का कछ सबध नही अजपत चाजहए जक अपनद घरो और नाजलयो को हर रिकार की गनगी और गमनध सद बचाए और सवचछ रख और जफनायल इतयाज सद पजवतर करतद रह और मकानो को आग सद गमम रख और ऐसा बनाए जक जिनम हवा भी पहच सक और रिकाश भी और जकसी मकान म

1 हाशिया - जचजकतसा क जनयमो क अनसार ताऊन क रोग की पहचान क जलए आवशयक ह जक जिस भामयशाली गाव या शहर या उसक जकसी भाग म यह घातक रोग िट पड उसम इस सद कई जन पवम मर हए चह पाए िाए तो यज उाहरण क तौर पर कवल जवर सद जकसी गाव म कछ मौत की घटनाए हो िाए और चह मरतद न दखद िाए तो वह ताऊन नही ह अजपत जवर क रिकारो म सद एक घातक जवर ह इसी सद

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दाफिउल बला

इतनद लोग न रह जक उन क मह की भाप और मल-मतर इतयाज सद कीटाण रिचर मातरा म पा हो िाए और भोिन न खाए और सब सद अचछा उपचार यह ह जक टीका लगवा ल और यज मकानो म माम चह पाए तो उन मकानो को छोड और उजचत ह जक बाहर खलद मानो म रह और मलद कचलद कपडो सद बच और यज कोई वयगति जकसी रिभाजवत या गरजसत मकान सद उनक शहर या गाव म आए तो उसको अनर न आनद और यज कोई ऐसद गाव या शहर का इस रोग सद बीमार हो िाए तो उसद बाहर जनकाल और उससद जमलनद-िलनद सद बच तो ताऊन का उपचार उन क नजीक िो कछ ह यही ह यद तो बजदधमान िॉकटरो और जचजकतसको की राय ह जिसद हम न तो एक पयामपत और सथायी उपचार क रग म समझतद ह और न कवल बदफाया ठहरातद ह पयामपत और सथायी उपचार इसजलए नही समझतद जक अनभव बता रहा ह जक कछ लोग बाहर जनकलनद सद भी मर ह और कछ सवचछता को अजनवायम रखतद-रखतद भी इस ससार सद कच कर गए तथा कछ नद बडी आशा सद टीका लगवाया और जिर कबर म िा पड तो कौन कह सकता ह या कौन हम सातवना द सकता ह जक यद समसत उपाय पयामपत उपचार ह अजपत इकरार करना पडता ह जक यदयजप यद समसत तरीक जकसी सीमा तक लाभरि ह परनत यह ऐसा उपाय नही ह जिसको ताऊन को दश सद र करनद क जलए पणम सिलता कह सक

इसी रिकार यद उपाय मातर बदफाया भी नही ह कयोजक िहा-िहा खा की इचछा ह वहा-वहा उसका फाया भी महसस हो रहा ह परनत वह फाया कछ अजधक रिशसनीय नही उाहरणतया यदयजप

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दाफिउल बला

यह सच ह जक िसद यज सौ लोगो नद टीका लगवाया ह और सर इतनद ही लोगो नद टीका नही लगवाया ह तो जिनहोनद टीका नही लगवाया उनम मौत अजधक पाई गई और टीका लगवानद वालो म कम परनत चजक टीक का रिभाव अजधक सद अजधक ो या तीन महीनद तक ह इसजलए टीक वाला भी बार-बार खतर म पडगा िब तक इस ससार सद कच न कर िाए अनतर कवल इतना ह जक िो लोग टीका नही लगवातद वद एक ऐसद िहाज पर सवार ह जक िो उाहरणतया चौबीस घट तक उनको ारल फना (मतय-गह) तक पहचा सकता ह वद िो लोग टीका लगवातद ह वद मानो ऐसद धीर चलनद वालद टटट पर चल रह ह िो चौबीस जन तक उसी सथान म पहचा दगा बहर हाल यद समसत उपाय िो िाकटरी तौर पर अपनाए गए ह न तो पयामपत और सतोरिनक ह और न मातर जनकमद और बदफाया ह और चजक ताऊन शीघर-शीघर दश को खाती िाती ह इसजलए मानव िाजत की हमदी इसी म ह जक जकसी अनय उपाय पर जवचार जकया िाए िो इस जवनाश सद बचा सक

और मसलमान लोग िसा जक जमया शसदीन सदकटरी अिमन जहमायत-ए-इसलाम लाहौर क जवजापन सद समझा िाता ह जिसद उनहोनद इसी माह अरिल 1902 ई म रिकाजशत जकया ह इस बात पर बल दतद ह जक मसलमानो क समसत जफकक जशया सननी मकगल और गर मकगल मानो म िाकर अपनद-अपनद धमम क जनयमानसार आए कर और एक ही जतजथ म एकतर होकर नमाज पढ तो बस यह ऐसा नसखा ह जक इस सद सहसा ताऊन र हो िाएगी परनत एकतर कसद हो इसका कोई उपाय नही बताया गया सपषट ह जक वहाबी समाय

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दाफिउल बला

क मतानसार तो फाजतहा खवानी क जबना नमाज रसत ही नही तो इस गसथजत म उनक साथ हनजफयो की नमाज कसद हो सकती ह कया परसपर उपदरव नही होगा इस क अजतररति जवजापन क जलखनद वालद नद यह वयति नही जकया जक जहन इस रोग क जनवारण क जलए कया कर कया उनको अनमजत ह या नही जक वद भी उस समय अपनी मजतमयो सद सहायता माग और ईसाई कौन सा तरीका अपनाए और िो जफकक हजरत हसन या अलीरजज को आवशयकताए पणम करनद वाला समझतद ह और महररम2

क महीनद म मनोकामनाओ क जलए हजारो रखवासत गजारा करतद ह या िो मसलमान सगय अबल काजर िीलानी की पिा करतद ह या िो शाह मार या सखी सवमर को पितद ह वद कया कर और कया अब यद समसत जफकक आए नही करतद अजपत रितयदक जफकाम भयभीत होकर अपनद-अपनद माब (उपासय) को पकार रहा ह जशयो क महलो म सर करो कोई ऐसा घर नही होगा जिसक रवाजद पर यह शदर जचपका हआ नही होगा -

الوباءالحاطمہ حر بھا اطفی خمسۃ ل

فاطمہمرتضی وابنا ھما وال

مصطفی وال

ال

2 हाशिया - यह महररम का महीना बडा मबारक महीना ह जतरजमजी म इसकी शदषठता क बार म आहजरत सललाह अलजह वसलम सद यह हीस जलखी ह जक

فیہ یوم تاب اہلل فیہ عل قوم ویتوب فیہ عل قوم اخرینअथामत महररम म एक ऐसा जन ह जिसम खा नद पहलद यग म एक कौम को बला सद मगति ी थी और ऐसा ही जनगचित ह जक इसी महीनद म एक बला सद एक और कौम को मगति जमलदगी कया आचियम जक इस बला सद ताऊन अजभरिाय हो और खा क मामर का आजापालन करक वह बला दश सद िाती रह इसी सद

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दाफिउल बला

मदर उसता एक बजगम जशया थद उनका कहना था जक वबा का इलाि कवल तवला और तबराम ह अथामत अहलद बत क रिदम को इबात की सीमा तक पहचा दना और सहाबा रजज को गाजलया दतद रहना इस सद उततम कोई इलाि नही और मनद सना ह जक बबई म िब ताऊन आरभ हई ह तो सवमरिथम लोगो म यही जवचार पा हआ था जक यह इमाम हसन का चमतकार ह कयोजक जिन जहनओ नद जशयो सद कछ जववा जकया था उनम ताऊन आरभ हो गई थी जिर िब इस रोग नद जशयो म भी कम रखा तब तो या हसन क नार समापत हो गए

यो तो मसलमानो क जवचार ह िो ताऊन को र करनद क जलए सोचद गए ह और ईसाइयो क जवचारो की अजभवयगति क जलए अभी एक जवजापन पारी वाइट बरदखत साजहब और उनकी अिमन की ओर सद जनकला ह और वह यह जक ताऊन को र करनद क जलए अनय कोई उपाय पयामपत नही जसवाए इसक जक हजरत मसीह को खा मान ल और उनक कफफारः पर ईमान लद आए

और जहनओ म सद आयममत क लोग पकार-पकार कर कह रह ह जक ताऊन की बला वद को तयाग ददनद क कारण ह समसत जफकमो को चाजहए जक वदो की सतय जवदया पर ईमान लाए और समसत नजबयो को नऊजजबलाह झठा ठहराए तब इस उपाय सद ताऊन र हो िाएगी

और जहनओ म िो सनातन धमम जफकाम (सरिाय) ह उसम ताऊन क जनवारण क बार म िो राय वयति की गई ह यज हम अखबार-ए-आम अखबार न पढतद तो शाय इस अदत राय सद

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दाफिउल बला

अनजमज रहतद और वह राय यह ह जक यह ताऊन की बला गाय क कारण आई ह यज सरकार यह कानन पास कर द जक इस दश म गाय काजप-काजप जजबह न की िाए तो जिर दजखए जक ताऊन कयोकर र हो िाती ह अजपत इस अखबार म एक सथान पर जलखा ह जक एक वयगति नद गाय को बोलतद सना जक वह कहती ह जक मदर कारण ही इस दश म ताऊन आई ह

अब ह पाठकगण सवय ही सोच लो जक इतनद जवजभनन कथनो और ावो सद जकस कथन को ससार क सामनद सपषट एव वयापक तौर पर फाया हो सकता ह यद समसत आसथागत बात ह और सवदनशील समय म िब तक जक ससार इन आसथाओ का जनणमय कर सवय ससार का जनणमय हो िाएगा इसजलए वह बात सवीकार करनद योय ह िो शीघर ही समझ म आ सकती ह और िो अपनद साथ कोई रिमाण रखती ह अतः वह बात म रिमाण सजहत रिसतत करता ह चार वरम हए जक मनद एक भजवषयवाणी रिकाजशत की थी जक पिाब म भयकर ताऊन आनद वाली ह और मनद इस दश म ताऊन क कालद वक दखद ह िो रितयदक शहर और गाव म लगाए गए ह यज लोग तौबः कर तो यद रोग ो िाडो सद अजधक नही हो सकता खा इसद र कर दगा परनत तौबः करनद की बिाए मझद गाजलया ी गई और सखत गाजलयो क जवजापन रिकाजशत जकए गए जिनका पररणाम ताऊन की यह हालत ह िो अब दख रह हो खा की वह पजवतर वही िो मझ पर उतरी उसकी इबात यह ह -

قریۃوامابانفسھ انہ اوی ال مابقوم حت بغی ان اہلل ل یغی

अथामत खा नद यह इराा जकया ह इस ताऊन की बला को

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दाफिउल बला

कदापि दर नही करगा जब तक लोग उन पिचारो को दर न कर जो उनक पदलो म ह अराथात जब तक ि खदा क मामर और रसल को सिवीकार न कर ल तब तक ताऊन दर नही होगवी और िह शकतिमान खदा कापदयान को ताऊन की तबाहवी3

स सरपषित रखगा तापक 3हाशिया - اوی (आिा) अरबवी शबद ह पजस क मायन ह तबाहवी और असत-वयसत होन स बचाना और अिनवी शरण म ल लना यह इस बात की ओर सकत ह पक ताऊन की पकसमो म स िह ताऊन बडवी पिनाशकारवी ह पजसका नाम ताऊन जारिफ ह अराथात झाड दन िालवी पजसस लोग जगह-जगह भागत ह और कतो की तरह मरत ह यह हालत इनसानवी सहनशवीलता स बढ जातवी ह तो इस खदाई कलाम म िादा ह पक यह हालत कभवी कापदयान िर नही आएगवी इसकी वयाखया यह दसरा इलहाम करता ह पक لوالاالکــرام لھلــک المقــام अराथात यपद मझ इस पसलपसल क सममान का िास न होता तो म कापदयान को भवी तबाह कर दता इस इलहाम स दो बात समझवी जातवी ह -(1) पररम यह पक कछ हापन नही पक इनसान की बदाथाशत की सवीमा तक कभवी कापदयान म भवी कोई घटना इकका-दकका तौर िर हो जाए जो पिनाशकारवी न हो और भागन एि असत-वयसत होन का कारण न हो कयोपक एक दो घटना न होन का आदश रखतवी ह(2) पवितवीय यह पक यह बात आिशयक ह पक पजन दहात और शहरो म कापदयान की अिषिा बहत उददणड दषट अतयाचारवी वयपभचारवी उिदरिवी और इस पसलपसल क खतरनाक शत रहत ह उनक शहरो या दहात म अिशय पिनाशकारवी ताऊन फट िडगवी यहा तक पक लोग बोखला कर हर ओर भागग हमन आिा क शबद जहा तक पिशाल ह उसक अनसार यह मायन कर पदए ह और हम दाि स पलखत ह पक कापदयान म कभवी ताऊन-जाररफ नही िडगवी जो गाि िवीरान करन िालवी और खा जान िालवी होतवी ह िरनत इसक मकाबल िर अनय शहरो और दहात म जो अतयाचारवी और उिदरिवी ह अिशय भयकर रि िदा होग समसत ससार म एक कापदयान ह पजसक पलए यह िादा हआ ــک ــی ذل ــدہلل ع इसवी स فالحم

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दाफिउल बला

तम समझो जक काजयान इसजलए सरजकत रखा गया जक वह खा का रसल और उसका मनोनीत काजयान म था अब दखो तीन वरम सद जसदध हो रहा ह जक वद ोनो पहल पर हो गए अथामत एक ओर समसत पिाब म ताऊन िल गई और सरी ओर इसक बावि जक काजयान क चारो ओर ो-ो मील की री पर ताऊन का जोर हो रहा ह परनत काजयान ताऊन सद पजवतर ह अजपत आि तक िो वयगति ताऊन सद गरसत बाहर सद काजयान म आया वह भी अचछा हो गया कया इस सद बढकर कोई और सबत होगा जक िो बात आि सद चार वरम पवम कही गई थी वद परी हो गई अजपत ताऊन की सचना आि सद बाईस वरम पवम बराहीन अहमजया म भी ी गई ह4और यह गब (परोक) का जान खा क अजतररति जकसी अनय की शगति म नही अतः इस रोग क जनवारण क जलए वह सनदश िो खा नद मझद जया ह वह यही ह जक लोग मझद सचद जल सद मसीह मौऊ मान ल यज मदरी ओर सद भी जबना जकसी रिमाण क कवल ावा

4हाशिया - आि सद स वरम पवम एक हर जवजापन म िो मदरी ओर सद रिका-जशत हआ था ताऊन की खबर ी गई थी और वह यह ह -

انمــا یبایعونــک اذلیــن باعینناووحینــاان الفلــک اصنــع ایدیــھ فــوق اہلل یــد اہلل یبایعــون

अथामत एक नौका मदर आदश और आखो क सामनद बना िो आनद वालद सकामक रोग बचाएगी िो लोग तझ सद बअत करतद ह वद मझ सद बअत करतद ह यह तदरा हाथ नही अजपत मदरा हाथ ह िो उनक हाथो पर रखा िाता ह इसी खा क कलाम का एक वाकय बराहीन अहमजया म बतौर भजवषयवाणी मौि ह और वह यह ह

ول تخاطبین ف اذلین ظلمواانھ مغرقونअथामत िो लोग जलम उदणिता वयजभचार और अवजा सद नही रकतद मदर आगद कछ जसिाररश न कर कयोजक वद िबाए िाएगद इसी सद

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दाफिउल बला

होता िसा जक जमया शसदीन सदकटरी जहमायत-ए-इसलाम लाहौर नद अपनद जवजापन म या पारी वाइट बरदखत साजहब नद अपनद जवजापन म जकया ह तो म भी उनकी तरह एक वयथमवाी ठहरता परनत मदरी वद बातद ह जिनको मनद समय सद पवम वणमन जकया और आि वद परी हो गई ततपचिात इन जनो म भी मझद खा नद खबर ी अतः अलाह तआला फरमाता ह -

القریۃ اوی انہ فیھ وانت لیعذبھ اہلل ماکان لولالکرام لھک المقام این اناالرحمن داف ال این ل یخاف من والوم اقوم الرسول مع این حفیظ این المرسلون دلی یلبسواایمانھ امنواولم اذلین ال تصنع النفوس یلوم بظلم اولئک لھ المن وھم مھتدون انانایت الرض ننکسھا جاثمی دارھم فاصبحواف اجھزالجیش این اطرافھا من الفاق وف انفسھ نصرمن اہلل وفتح مبی ایاتنا ف سنریھ مین انت اولدی5 بمنزۃل مین انت رب بایعین یایعتک این

5हाशिया - समरण रह जक खा तआला बदटो सद पजवतर ह न उसका कोई भागीार ह और न बदटा ह और न जकसी को अजधकार पहचता ह जक वह यह कह जक म खा ह या खा का बदटा ह परनत यह वाकय इस िगह अवासतजवक और रपक क वगम म सद ह खा तआला नद पजवतर कआमन म आहजरत सललाह अलजह वसलम को अपना हाथ बताया और फरमाया ایدھم فوق ऐसा ही बिाए (अलफतह-11) یعداہلل भी कहा और यह भी फरमायाیاعبادی क قل یاعباداہلل

اباءکم رکم اہلل کذک

فاذکر

तो खा क उस कलाम को होजशयारी और सावधानी सद पढो और उपमाओ क वगम म सद समझ कर ईमान लाओ और उसकी हालत म हसतकदप न करो और वासतजवकता खा क सपम कर ो और जवशास रखो जक खा

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दाफिउल बलाوانامنک عسی الن یبعثک ربک مقاما محمودا الفوق معک والحت مع اعدائک فاصرب حت یایت اہلل بامرہ یایت عل جھنم

زمان لیس فیھا احد अनवा ndash खा ऐसा नही जक काजयान क लोगो को अजाब

द हालाजक त उनम रहता ह वह इस गाव को ताऊन की लटमार और उसकी तबाही सद बचा लदगा यज मझद तदरा पास न होता और तदरा समान दगषटगत न होता तो म इस गाव को तबाह कर दता म याल ह िो ख को र करनद वाला ह मदर रसलो को मदर पास कछ भय और गम नही म जनगाह रखनद वाला ह म अपनद रसल क साथ खडा हगा और उसकी जनना करगा िो मदर रसल की जनना करता ह म अपनद समयो को जवभाजित कर गा जक वरम का कछ भाग तो म रितीका करगा अथामत ताऊन सद लोगो को मारगा और वरम का कछ भाग रोजा रखगा अथामत अमन रहगा और ताऊन कम हो िाएगी या जबलकल नही रहगी मदरा रिकोप भडक रहा ह बीमाररया िलगी और रिाणो की कजत होगी परनत वद लोग िो ईमान लाएगद और ईमान म कछ ोर नही होगा वद अमन म रहगद और उनकी मगति (छटकार) का मागम जमलद यह मत सोचो जक अपराधी बचद हए ह हम उनकी पथवी क जनकट आतद िातद ह म अनर ही अनर अपनी सदना तयार कर रहा ह अथामत ताउन क कीटाणओ का पोरण कर रहा ह अतः िष हाशिया - बदटा बनानद सद पजवतर ह तथाजप उपमाओ क रग म उसक कलाम म बहत कछ पाया िाता ह तो उपमाओ का अनकरण करनद सद बचो जक तबाह हो िाओ और मदर बार म सपषट तकमो म सद यह इलहाम ह िो बराहीन अहजमया म िम ह انما ال ثلکم یویح م انما انا بشر قل इसी सद الھکم اہل واحد الخیکہل ف القرآن

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दाफिउल बला

वद अपनद घरो म ऐसद सो िाएगद िसा जक एक ऊट मरा रह िाता ह हम उनको अपनद जनशान पहलद तो र-र क लोगो म जखाएगद और जिर सवय उनही म हमार जनशान रिकट होगद मनद तझ सद एक कय-जवकय जकया ह अथामत एक वसत मदरी थी त उसका माजलक बनाया गया और एक वसत तदरी थी जिस का म माजलक बन गया त भी उस कय-जवकय का इकरार कर और कह द जक खा नद मझ सद कय-जवकय जकया त मझ सद ऐसा ह िसा जक सनतान त मझ म सद ह और म तझ म सद ह वह समय समीप ह जक म तझद ऐसद मकाम पर खडा करगा जक ससार तदरी रिशसा और यशोगान करगा शदषठता तदर साथ ह और अधमता तदर शतरओ क साथ अतः सबर कर यहा तक जक वाद का जन आ िाए ताऊन पर एक ऐसा समय भी आनद वाला ह जक उसम कोई भी जगरफतार नही होगा अथामत अनततः भलाई और कशलता ह6

6हाशिया - पयामपत समय हआ जक इस सद पहलद खा नद मझद ताऊन क बार म सर की कहानी क तौर पर यह खबर ी थी یــا مســیح عدوانــا परनत आि 21 अरिल 1902 ई ह उसी इलहाम को पनः इस रिकार फरमाया गया یــا مســیح الخلــق عدوانالــن تــری مــن بعــد مرادنــا و فســادنا अथामत ह खा क मसीह िो मखलक की ओर भदिा गया हमारी शीघर खबर लद और हम अपनी जसफाररश सद बचा त इसक बा हमार पापी ततवो को नही दखदगा और न हमारा उपदरव कछ शदर रहगा अथामत हम सीधद हो िाएगद और गाजलया बकना तथा अपशब जनकालना छोड गद यह खा का कलाम बराहीन अहमजया क उस इलहाम क अनसार ह जक अगनतम जनो म हम लोगो पर ताऊन भदिगद िसा जक फरमाया- ــا عــل یوســف لنصــرف عنــہ الســوء والفحشــاء کذلــک مننअथामत हम ताऊन क साथ इस यसफ पर यह उपकार करगद जक गाजलया दनद वालद लोगो का मह बन कर गद ताजक वद िरकर गाजलयो सद रक िाए उनही जनो

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दाफिउल बला

अब इस सपणम वही सद तीन बात जसदध हई ह ndash(1) रिथम यह जक ताऊन ससार म इसजलए आई ह जक खा

क मसीह मौऊ सद न कवल इनकार जकया गया अजपत उसद ःख जया गया उसको कतल करनद क जलए योिनाए बनाई गई उसका नाम काजफर और जाल रखा गया तो खा नद न चाहा जक अपनद रसल को जबना गवाही क छोड द इसजलए उस नद आकाश और पथवी ोनो को उसकी सचाई का गवाह बना जया आकाश नद चनदर गरहण और सयम-गरहण सद गवाही ी िो रमजान म हए और पथवी नद ताऊन क साथ गवाही ी ताजक खा का वह कलाम परा हो िो बराहीन अहमजया म ह और वह यह ह ndash

قل عندی شھادۃ من اہلل فھل انتم تومنون قل عندی شھادۃمن اہلل فھل انتم تسلمون

अथामत मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम ईमान लाओगद या नही और म पनः कहता ह जक मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम सवीकार करोगद या नही पहली गवाही सद अजभरिाय आकाश की गवाही ह जिसम कोई िबर नही इसजलए इस म تو منون का शब रियोग जकया गया और सरी गवाही पथवी की ह अथामत ताऊन की जिसम िबर मौि ह जक भय दकर इस िमाअत म ाजखल करती ह इसजलए इसम تسلمون का शब रियोग जकया गयािष हाशिया - क बार म खा का यह कलाम ह जिसम जमीन क कलाम सद मझद सचना ी गई और वह यह ह- یــاول اہلل کنــت ل اعرفــکअथामत ह खा क वली म इस सद पहलद तझद नही पहचानती थी इसका जववरण यह ह जक कशफी तौर पर जमीन मददर सामनद की गई और उसनद यह कलाम जकया जक म अब तक तझद नही पहचानती थी जक त रहमान खा का वली ह इसी सद

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दाफिउल बला

(2) जदतीय बात िो इस वही सद जसदध हई वह यह ह जक यह ताऊन इस हालत म कम होगी जक िब लोग खा क चनद हए को सवीकार कर लगद और कम सद कम यह जक शरारत कषट दनद और गाली दनद सद रक िाएगद कयोजक बराहीन अहमजया म खा तआला फरमाता ह ndash जक म अगनतम जनो म ताऊन भदिगा ताजक म उन पाजपयो और षटो का मह बन कर िो मदर रसल को गाजलया दतद ह असल बात यह ह जक कवल इनकार इस बात का कारण नही हो ताजक एक रसल क इनकार सद ससार म कोई तबाही भदिी िाए अजपत यज लोग शालीनता और सभयतापवमक खा क रसलो का इनकार कर और अतयाचार तथा गाजलया न तो उनका णि कयामत म जनधामररत ह और ससार म रसलो की सहायता म जितना सकामक रोग भदिा गया ह वह कवल इनकार सद नही अजपत बराइयो का णि ह इसी रिकार अब भी िब लोग गाजलया अतयाचार अनयाय और अपनद पापो सद रक िाएगद और उनम सशील लोगो िसा वयवहार पा हो िाएगा तब यह चदतावनी समापत कर ी िाएगी परनत इस अवसर पर बहत सद भायशाली लोग खा क रसल को सवीकार कर लगद और आकाशीय बरकतो सद भाग लगद और पथवी भायशाजलयो सद भर िाएगी

(3) ततीय बात िो इस वही सद जसदध हई ह वह यह ह जक खा तआला बहरहाल िब तक जक ताऊन ससार म रह यदयजप सततर वरम तक रह काजयान को उसकी भयकर तबाही सद सरजकत रखदगा कयोजक यह उसक रसल का कनदर ह और यह समसत उमतो क जलए जनशान ह

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दाफिउल बला

अब यज खा तआला क इस रसल और इस जनशान सद जकसी को इनकार हआ और खयाल हो जक कवल रसमी नमाजो और आओ सद या मसीह की इबात (उपासना) सद या गाय क कारण या वदो क ईमान सद जवरोध शमनी और इस रसल की अवजा क बावि ताऊन र हो सकती ह तो यह जवचार जबना सबत सवीकार करनद योय नही तो िो वयगति इन समसत सरिायो म सद अपनद धमम की सचाई का सबत दना चाहता ह तो अब बहत उततम अवसर ह िसद खा की ओर सद समसत धममो की सचाई या झठ को पहचाननद क जलए एक रिशमनी सथल जनधामररत जकया गया ह और खा नद सवमरिथम अपनी ओर सद पहलद काजयान का नाम लद जया ह अब यज आयम लोग वद को सचा समझतद ह तो उनको चाजहए जक बनारस क बार म िो वद क पढानद का मल सथान ह एक भजवषयवाणी कर जक उनका परमदशर बनारस को ताऊन सद बचा लदगा और सनातन धमम वालो को चाजहए जक जकसी ऐसद शहर क बार म जिसम गाए बहत हो उाहरणतया अमतसर क बार म भजवषयवाणी कर जक गायो क कारण उसम ताऊन नही आएगी यज गाय अपना इतना चमतकार जखा द तो कछ आचियम नही जक इस चमतकारी िानवर क रिाणो को सरकार बचा द इसी रिकार ईसाइयो को चाजहए जक कलकतता क बार म भजवषयवाणी कर जक उसम ताऊन नही पडगी कयोजक जबरजटश भारत का बडा जबशप कलकतता म रहता ह इसी रिकार जमया शसदीन और उनकी अिमन जहमायत-ए-इसलाम क ससयो को चाजहए जक लाहौर क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगा और मशी इलाही बखश एकाउनटणट िो इलहाम का ावा

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दाफिउल बला

करतद ह उनक जलए भी यही अवसर ह जक अपनद इलहाम सद लाहौर क बार म भजवषयवाणी करक अिमन जहमायत-ए-इसलाम को म और उजचत ह जक अबल िबबार और अबल हक अमतसर शहर क बार म भजवषयवाणी कर और चजक वहाबी सरिाय की असल िड जली ह इजसलए उजचत ह जक नजीर हसन और महम हसन जली क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगी तो इस रिकार सद िसद समसत पिाब इस घातक रोग सद सरजकत हो िाएगा और सरकार को भी मफत म ाजयतव सद जनवजतत हो िाएगी और यज लोगो नद ऐसा न जकया तो जिर यही समझा िाएगा जक सचा खा वही खा ह जिसनद काजयान म अपना रसल भदिा

और अनततः समरण रह जक यज यद सब लोग जिन म मसलमानो क मलहम और आयमो क पजित और ईसाइयो क पारी सगमजलत ह चप रह तो जसदध हो िाएगा जक यद सब लोग झठ ह और एक जन आनद वाला ह जक काजयान सयम क समान चमक कर जखा दगा जक वह एक सचद का सथान ह अनत म जमया शसदीन साजहब को या रह जक आपनद िो अपनद जवजापन म आयत

(अननल - 63) مضطر ن یجیب ال ام

जलखी ह और इस सद आ की सवीकाररता की आशा की ह यह आशा सही नही ह कयोजक खा क कलाम म शब مضطر सद अजभरिाय वद हाजन-पीजडत ह िो कवल आजमायश क तौर पर हाजन-पीजडत हो न जक णि क तौर पर परनत िो लोग णि क तौर पर जकसी हाजन सद जनरनतर गरसत रहतद हो वद इस आयत क चररताथम नही ह अनयथा अजनवायम होता ह जक नह की कौम और लत की कौम

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दाफिउल बला

तथा जफरऔन की कौम इतयाज की आए उस आतरता (इजतरार) क समय म सवीकार की िाती परनत ऐसा नही हआ और खा क हाथ नद उन कौमो को मार जया और यज जमया शसदीन कह जक जिर उन क यथायोय कौन सी आयत ह तो हम कहतद ह जक यह आयत यथायोय ह(अलमोजमन-51) کفرین ال ف ضلل

وما دعـؤا ال

चजक सभावना ह जक कछ मबजदध सवभाव वालद लोग इस जवजापन का मल उददशय समझनद म गलती खाए इस जलए हम पनः अपनद बलानद क कततमवय को अजभवयति कर दतद ह और वह यह ह जक यह ताऊन िो दश म िल रही ह जकसी अनय कारण सद नही अजपत एक ही कारण ह और वह यह जक लोगो नद खा क उस मौऊ क माननद सद इनकार जकया ह िो समसत नजबयो की भजवषयवाणी क अनसार ससार क सातव हजार म रिकट हआ ह तथा लोगो नद न कवल इनकार जकया अजपत खा क इस मसीह को गाजलया ी काजफर कहा और कतल करना चाहा और िो कछ चाहा उस सद जकया इसजलए खा क सवाजभमान नद चाहा जक उनकी इस घषटता असभयता पर उन पर चदतावनी उतार और खा नद पहलद पजवतर लदखो म खबर ी थी जक लोगो क इनकार क कारण उन जनो म िब मसीह रिकट होगा दश म भयकर ताऊन पडगी इसजलए अवशय था जक ताऊन पडती और ताऊन का नाम ताऊन इसजलए रखा गया ह जक यह ताअन (कटाक) करनद वालो का उततर ह और बनी इसाईल म हमदशा ताअन क समय म ही पडती थी और ताऊन क अरबी शबकोश म अथम ह बहत ताअन (कटाक) करनद वाला यह इस

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दाफिउल बला

बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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दाफिउल बला

नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 5: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

िर यही मनशन ह मक परतयक मवरोिी चह वह अिरोह ि रहत ह चह अितसर ि चह दहली ि चह कलकतत ि चह लहौर ि चह गोलड ि और चह बटल ि यमद वह क़सि ख कर कहग मक उसक अिक सथन तऊन स िकत रहग तो अवशय वह सथन तऊन ि गरसत हो जएग कयोमक उसन खद तआल क िकबल पर घषटत की (पषठ-238)

परनत मकसी मवरोिी को ऐसी घोरण करन क सहस न हआ और तऊन क सकिक रोग पहली मकतबो की भमवषयवमणयो क अनसर हज़रत िसीह िौऊद अलमहससलि की सचई क एक ज़बरदसत मनशन मसदध हआ

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दाफिउल बला

चतावनीजिस सनदश को हम इस समय अपनद दश क जरिय लोगो

क पास इस पसतक क दारा पहचाना चाहतद ह उसक बार म हम अजबया अलजहससलाम क परानद अनभव क अनसार यह जसदध ह जक इस समय हमारी सहानभजत की कदर यही होगी जक जिर ोबारा हम इसलाम क मौलजवयो और ईसाई धमम क पाररयो तथा जहन धमम क पजितो सद गाजलया सन और जभनन-जभनन रिकार की कषटायक उपाजधयो सद या जकए िाए हम पहलद सद भली भाजत जात ह जक ऐसा ही होगा परनत हमनद मानव िाजत की हमदी को इस बात सद अगरसर रखा ह जक सामानय गाजलयो सद हम सताए िाए कयोजक इसक बावि यह भी सभावना ह जक इन सकडो और हजारो गाजलया दनद वालो म सद कछ ऐसद भी पा हो िाए जक ऐसद समय म जक िब आकाश पर सद एक अगन की वराम हो रही ह अजपत अगलद िाड म तो और भी अजधक बरसनद की आशा ह इस पसतक को धयानपवमक पढ और अपनद इस नसीहत करनद वालद मदरहबान पर शीघर नाराज न हो और जिस नसखद को वह रिसतत करता ह उसद परख ल कयोजक इस हमदी क बलद म कोई मजरी या रिजतिल उन सद नही मागा गया कवल सची जनषकपटता और नदक नीयत सद मनषयो की िान छडानद क जलए एक परखा हआ तथा पजवतर रिसताव रिसतत जकया गया ह तो जिस हालत म रोगो म उपचार क जलए कछ िानवरो का मतर भी पी लदतद ह तथा बहत सी गनी वसतओ को इसतदमाल कर लदतद ह तो इस गसथजत म उनकी कया हाजन ह जक

2

दाफिउल बला

अपनद रिाण बचानद क जलए अपनद जलए इस पजवतर उपचार को गरहण कर और यज वद नही करगद तब भी बहर हाल इस मकाबलद क समय एक जन उनह मालम होगा जक इन समसत धममो म सद कौन सा ऐसा धमम ह जिसका जसफाररश करना मनजी (मगति जलानद वाला) क महान शब का चररताथम होना जसदध हो सकता ह सची मगति जलानद वालद को हर वयगति चाहता ह और उस सद रिदम करता ह अतः जनससनदह अब जन आ गए ह जक जसदध हो जक सची मगति जलानद वाला कौन ह जनससनदह हम मसीह इबनद मरयम को एक सचा आमी िानतद ह िो अपनद यग क अजधकतरलोगो हाशिया - समरण रह यह िो हम नद कहा जक हजरत ईसा अलहससलाम अपनद यग क बहत सद लोगो की अपदका अचछ थद यह हमारा बयान कवल सधारणा क तौर पर ह अनयथा सभव ह जक हजरत ईसा अलजहससलाम क समय म खा तआला की पथवी पर कछ ईमानार अपनी ईमानारी और खा सद सबध म हजरत ईसा अलजहससलाम सद भी उचतम और शदषठतम हो कयोजक अलाह तआला नद उनक बार म फरमाया ह(आलदइमरान-46)

بی مقر

ال ومن خرۃ

وال ادلنیا ف وجیھا जिसक मायनद यद ह जक उस यग क साजनधय रिापत लोगो स सद यह भी एक थद इस सद यह जसदध नही होता जक वह सब साजनधय रिापत लोगो सद बढकर थद अजपत इस बात की सभावना जनकलती ह जक उनक यग क कछ साजनधयरिापत उन सद अचछ थद सपषट ह जक वह कवल बनी इसाईल की भदडो क जलए आए थद और सर दशो तथा कौमो सद उनको कछ सबध न था तो सभव अजपत अनमान क करीब ह जक कछ अजबया िो نقصــص म (अलमोजमन-79) لــم सगमजलत ह वद उन सद अचछ और अजधक शदषठ होगद और िसा जक हजरत मसा क मकाबलद पर अनततः एक इनसान जनकल आया जिसक बार म खा नद ــا م

ــا عل ن ــن دل م ــاہ फरमाया तो जिर हजरत ईसा (अलकहफ-66) علمن

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दाफिउल बला

सद अचछा था واہلل اعلم परनत वह वासतजवक मगति जलानद वाला नही था यह उस पर लाछन ह जक वह वासतजवक मगति जलानद िष हाशिया - क बार म िो मसा सद कमतर और उसक शरीअत क अनयायी थद और सवय कोई पणम शरीअत न लाए थद खतनः और जफकः क मामलद जवरासत सअर का जनरदध इतयाज म हजरत मसा की शरीअत क अधीन थद कयोकर कह सकतद ह जक वह अपनद समय क समसत सतयजनषठो सद बढकर थद जिन लोगो नद उनको खा बनाया ह िसद ईसाई या वद जिनहोनद उनह अकारण खाई जवशदरताए ी ह िसा जक हमार जवरोधी और खा क जवरोधी नाम क मसलमान वद यज उनको ऊपर उठातद-उठातद आकाश पर चढा या अशम पर जबठा या खा की तरह पजकयो का पा करनद वाला ठहराए तो उनको अजधकार ह मनषय िब शमम और लजा को छोड द तो िो चाह कह और िो चाह कर जकनत मसीह की ईमानारी अपनद यग म सर ईमानारो सद बढकर जसदध नही होती अजपत यहा नबी को इस पर एक शदषठता ह कयोजक वह शराब नही पीता था और कभी नही सना गया जक जकसी वशया सतरी नद आकर अपनी कमाई क माल सद उसक सर पर इतर मला था या हाथो और अपनद सर क बालो सद उसक शरीर को सपशम जकया था या कोई बदलगाव औरत उसकी सदवा करती थी इसी कारण सद खा नद कआमन म यहा का नाम हसर रखा परनत मसीह का यह नाम न रखा कयोजक ऐसद जकससद इस नाम क रखनद सद रोक थद जिर यह जक हजरत ईसा अलजहससलाम नद यहा क हाथ पर जिसद ईसाई यहनना कहतद ह िो बा म एजलया बनाया गया अपनद पापो सद तौबः की थी और उसक जवशदर मरीो म सगमजलत हए थद यह बात हजरत यहा की शदषठता की बडी सपषटता सद जसदध करती ह कयोजक इसक मकाबलद पर यह जसदध नही जकया गया जक यहा नद भी जकसी क हाथ पर तौबः की थी तो उसका मासम होना सपषट बात ह और मसलमानो म यह िो रिजसदध ह जक ईसा और उसकी मा शतान क सपशम सद पजवतर ह इसक मायनद मखम लोग नही समझतद असल बात यह ह जक गनद यहजयो नद हजरत ईसा और उन की मा

4

दाफिउल बला

वाला था वासतजवक मगति जलानद वाला हमदशा और कयामत तक मगति का िल जखलानद वाला वह ह िो जहिाज की पथवी पर पा हआ था और समसत ससार और समसत यगो की मगति क जलए आया था और अब भी आया परनत जजल क तौर पर खदा उसकी बरकतो स सम परण थवी को लाभानवत कर आमीन

खाकसार - शमराण गलाम अहमद काशदयानी

िष हाशिया - पर बड ही गनद आरोप लगाए थद और ोनो क बार म नऊजजबलाह शतानी कायमो का आरोप लगातद थद अतः इस झठ का खणिन आवशयक था तो इस हीस क इस सद अजधक कोई मायनद नही जक यह गनद आरोप िो हजरत ईसा और उनकी मा पर लगाए गए ह यद सही नही ह अजपत वद इन अथमो सद शतान क सपशम सद पजवतर ह और इस रिकार क पजवतर होनद की घटना जकसी अनय नबी क सामनद नही आई इसी सद

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दाफिउल बला

शबनमलाशहररहमाशनररहीमनहमदह व नसली अला रसपशलशहलकरीम

ताऊनارکاشم زمشچ ا ی ب ہب زدخااطوعن ا وچآدم

انشم یہن رچاوعلمں افقس ے ا وتوخدوعلمین

ای اتس ثبخ ورتک الصح ووتق وتہب زامن

ااجنشم ی ن

م ن

ی ب ہن ربدبی وک ےسک

इस भयानक रोग क बार म िो दश म िलता िाता ह लोगो की जभनन-जभनन राय ह िॉकटर लोग जिन क जवचार कवल भौजतक उपायो तक सीजमत ह इस बात पर बल दतद ह जक पथवी म कवल रिाकजतक कारणो सद ऐसद कीटाण पा हो गए ह जक सवमरिथम चहो पर अपना षरिभाव पहचातद ह1और जिर मनषयो म मतय का जसलजसला िारी हो िाता ह और धाजममक जवचारो सद इस रोग का कछ सबध नही अजपत चाजहए जक अपनद घरो और नाजलयो को हर रिकार की गनगी और गमनध सद बचाए और सवचछ रख और जफनायल इतयाज सद पजवतर करतद रह और मकानो को आग सद गमम रख और ऐसा बनाए जक जिनम हवा भी पहच सक और रिकाश भी और जकसी मकान म

1 हाशिया - जचजकतसा क जनयमो क अनसार ताऊन क रोग की पहचान क जलए आवशयक ह जक जिस भामयशाली गाव या शहर या उसक जकसी भाग म यह घातक रोग िट पड उसम इस सद कई जन पवम मर हए चह पाए िाए तो यज उाहरण क तौर पर कवल जवर सद जकसी गाव म कछ मौत की घटनाए हो िाए और चह मरतद न दखद िाए तो वह ताऊन नही ह अजपत जवर क रिकारो म सद एक घातक जवर ह इसी सद

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दाफिउल बला

इतनद लोग न रह जक उन क मह की भाप और मल-मतर इतयाज सद कीटाण रिचर मातरा म पा हो िाए और भोिन न खाए और सब सद अचछा उपचार यह ह जक टीका लगवा ल और यज मकानो म माम चह पाए तो उन मकानो को छोड और उजचत ह जक बाहर खलद मानो म रह और मलद कचलद कपडो सद बच और यज कोई वयगति जकसी रिभाजवत या गरजसत मकान सद उनक शहर या गाव म आए तो उसको अनर न आनद और यज कोई ऐसद गाव या शहर का इस रोग सद बीमार हो िाए तो उसद बाहर जनकाल और उससद जमलनद-िलनद सद बच तो ताऊन का उपचार उन क नजीक िो कछ ह यही ह यद तो बजदधमान िॉकटरो और जचजकतसको की राय ह जिसद हम न तो एक पयामपत और सथायी उपचार क रग म समझतद ह और न कवल बदफाया ठहरातद ह पयामपत और सथायी उपचार इसजलए नही समझतद जक अनभव बता रहा ह जक कछ लोग बाहर जनकलनद सद भी मर ह और कछ सवचछता को अजनवायम रखतद-रखतद भी इस ससार सद कच कर गए तथा कछ नद बडी आशा सद टीका लगवाया और जिर कबर म िा पड तो कौन कह सकता ह या कौन हम सातवना द सकता ह जक यद समसत उपाय पयामपत उपचार ह अजपत इकरार करना पडता ह जक यदयजप यद समसत तरीक जकसी सीमा तक लाभरि ह परनत यह ऐसा उपाय नही ह जिसको ताऊन को दश सद र करनद क जलए पणम सिलता कह सक

इसी रिकार यद उपाय मातर बदफाया भी नही ह कयोजक िहा-िहा खा की इचछा ह वहा-वहा उसका फाया भी महसस हो रहा ह परनत वह फाया कछ अजधक रिशसनीय नही उाहरणतया यदयजप

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दाफिउल बला

यह सच ह जक िसद यज सौ लोगो नद टीका लगवाया ह और सर इतनद ही लोगो नद टीका नही लगवाया ह तो जिनहोनद टीका नही लगवाया उनम मौत अजधक पाई गई और टीका लगवानद वालो म कम परनत चजक टीक का रिभाव अजधक सद अजधक ो या तीन महीनद तक ह इसजलए टीक वाला भी बार-बार खतर म पडगा िब तक इस ससार सद कच न कर िाए अनतर कवल इतना ह जक िो लोग टीका नही लगवातद वद एक ऐसद िहाज पर सवार ह जक िो उाहरणतया चौबीस घट तक उनको ारल फना (मतय-गह) तक पहचा सकता ह वद िो लोग टीका लगवातद ह वद मानो ऐसद धीर चलनद वालद टटट पर चल रह ह िो चौबीस जन तक उसी सथान म पहचा दगा बहर हाल यद समसत उपाय िो िाकटरी तौर पर अपनाए गए ह न तो पयामपत और सतोरिनक ह और न मातर जनकमद और बदफाया ह और चजक ताऊन शीघर-शीघर दश को खाती िाती ह इसजलए मानव िाजत की हमदी इसी म ह जक जकसी अनय उपाय पर जवचार जकया िाए िो इस जवनाश सद बचा सक

और मसलमान लोग िसा जक जमया शसदीन सदकटरी अिमन जहमायत-ए-इसलाम लाहौर क जवजापन सद समझा िाता ह जिसद उनहोनद इसी माह अरिल 1902 ई म रिकाजशत जकया ह इस बात पर बल दतद ह जक मसलमानो क समसत जफकक जशया सननी मकगल और गर मकगल मानो म िाकर अपनद-अपनद धमम क जनयमानसार आए कर और एक ही जतजथ म एकतर होकर नमाज पढ तो बस यह ऐसा नसखा ह जक इस सद सहसा ताऊन र हो िाएगी परनत एकतर कसद हो इसका कोई उपाय नही बताया गया सपषट ह जक वहाबी समाय

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दाफिउल बला

क मतानसार तो फाजतहा खवानी क जबना नमाज रसत ही नही तो इस गसथजत म उनक साथ हनजफयो की नमाज कसद हो सकती ह कया परसपर उपदरव नही होगा इस क अजतररति जवजापन क जलखनद वालद नद यह वयति नही जकया जक जहन इस रोग क जनवारण क जलए कया कर कया उनको अनमजत ह या नही जक वद भी उस समय अपनी मजतमयो सद सहायता माग और ईसाई कौन सा तरीका अपनाए और िो जफकक हजरत हसन या अलीरजज को आवशयकताए पणम करनद वाला समझतद ह और महररम2

क महीनद म मनोकामनाओ क जलए हजारो रखवासत गजारा करतद ह या िो मसलमान सगय अबल काजर िीलानी की पिा करतद ह या िो शाह मार या सखी सवमर को पितद ह वद कया कर और कया अब यद समसत जफकक आए नही करतद अजपत रितयदक जफकाम भयभीत होकर अपनद-अपनद माब (उपासय) को पकार रहा ह जशयो क महलो म सर करो कोई ऐसा घर नही होगा जिसक रवाजद पर यह शदर जचपका हआ नही होगा -

الوباءالحاطمہ حر بھا اطفی خمسۃ ل

فاطمہمرتضی وابنا ھما وال

مصطفی وال

ال

2 हाशिया - यह महररम का महीना बडा मबारक महीना ह जतरजमजी म इसकी शदषठता क बार म आहजरत सललाह अलजह वसलम सद यह हीस जलखी ह जक

فیہ یوم تاب اہلل فیہ عل قوم ویتوب فیہ عل قوم اخرینअथामत महररम म एक ऐसा जन ह जिसम खा नद पहलद यग म एक कौम को बला सद मगति ी थी और ऐसा ही जनगचित ह जक इसी महीनद म एक बला सद एक और कौम को मगति जमलदगी कया आचियम जक इस बला सद ताऊन अजभरिाय हो और खा क मामर का आजापालन करक वह बला दश सद िाती रह इसी सद

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दाफिउल बला

मदर उसता एक बजगम जशया थद उनका कहना था जक वबा का इलाि कवल तवला और तबराम ह अथामत अहलद बत क रिदम को इबात की सीमा तक पहचा दना और सहाबा रजज को गाजलया दतद रहना इस सद उततम कोई इलाि नही और मनद सना ह जक बबई म िब ताऊन आरभ हई ह तो सवमरिथम लोगो म यही जवचार पा हआ था जक यह इमाम हसन का चमतकार ह कयोजक जिन जहनओ नद जशयो सद कछ जववा जकया था उनम ताऊन आरभ हो गई थी जिर िब इस रोग नद जशयो म भी कम रखा तब तो या हसन क नार समापत हो गए

यो तो मसलमानो क जवचार ह िो ताऊन को र करनद क जलए सोचद गए ह और ईसाइयो क जवचारो की अजभवयगति क जलए अभी एक जवजापन पारी वाइट बरदखत साजहब और उनकी अिमन की ओर सद जनकला ह और वह यह जक ताऊन को र करनद क जलए अनय कोई उपाय पयामपत नही जसवाए इसक जक हजरत मसीह को खा मान ल और उनक कफफारः पर ईमान लद आए

और जहनओ म सद आयममत क लोग पकार-पकार कर कह रह ह जक ताऊन की बला वद को तयाग ददनद क कारण ह समसत जफकमो को चाजहए जक वदो की सतय जवदया पर ईमान लाए और समसत नजबयो को नऊजजबलाह झठा ठहराए तब इस उपाय सद ताऊन र हो िाएगी

और जहनओ म िो सनातन धमम जफकाम (सरिाय) ह उसम ताऊन क जनवारण क बार म िो राय वयति की गई ह यज हम अखबार-ए-आम अखबार न पढतद तो शाय इस अदत राय सद

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दाफिउल बला

अनजमज रहतद और वह राय यह ह जक यह ताऊन की बला गाय क कारण आई ह यज सरकार यह कानन पास कर द जक इस दश म गाय काजप-काजप जजबह न की िाए तो जिर दजखए जक ताऊन कयोकर र हो िाती ह अजपत इस अखबार म एक सथान पर जलखा ह जक एक वयगति नद गाय को बोलतद सना जक वह कहती ह जक मदर कारण ही इस दश म ताऊन आई ह

अब ह पाठकगण सवय ही सोच लो जक इतनद जवजभनन कथनो और ावो सद जकस कथन को ससार क सामनद सपषट एव वयापक तौर पर फाया हो सकता ह यद समसत आसथागत बात ह और सवदनशील समय म िब तक जक ससार इन आसथाओ का जनणमय कर सवय ससार का जनणमय हो िाएगा इसजलए वह बात सवीकार करनद योय ह िो शीघर ही समझ म आ सकती ह और िो अपनद साथ कोई रिमाण रखती ह अतः वह बात म रिमाण सजहत रिसतत करता ह चार वरम हए जक मनद एक भजवषयवाणी रिकाजशत की थी जक पिाब म भयकर ताऊन आनद वाली ह और मनद इस दश म ताऊन क कालद वक दखद ह िो रितयदक शहर और गाव म लगाए गए ह यज लोग तौबः कर तो यद रोग ो िाडो सद अजधक नही हो सकता खा इसद र कर दगा परनत तौबः करनद की बिाए मझद गाजलया ी गई और सखत गाजलयो क जवजापन रिकाजशत जकए गए जिनका पररणाम ताऊन की यह हालत ह िो अब दख रह हो खा की वह पजवतर वही िो मझ पर उतरी उसकी इबात यह ह -

قریۃوامابانفسھ انہ اوی ال مابقوم حت بغی ان اہلل ل یغی

अथामत खा नद यह इराा जकया ह इस ताऊन की बला को

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दाफिउल बला

कदापि दर नही करगा जब तक लोग उन पिचारो को दर न कर जो उनक पदलो म ह अराथात जब तक ि खदा क मामर और रसल को सिवीकार न कर ल तब तक ताऊन दर नही होगवी और िह शकतिमान खदा कापदयान को ताऊन की तबाहवी3

स सरपषित रखगा तापक 3हाशिया - اوی (आिा) अरबवी शबद ह पजस क मायन ह तबाहवी और असत-वयसत होन स बचाना और अिनवी शरण म ल लना यह इस बात की ओर सकत ह पक ताऊन की पकसमो म स िह ताऊन बडवी पिनाशकारवी ह पजसका नाम ताऊन जारिफ ह अराथात झाड दन िालवी पजसस लोग जगह-जगह भागत ह और कतो की तरह मरत ह यह हालत इनसानवी सहनशवीलता स बढ जातवी ह तो इस खदाई कलाम म िादा ह पक यह हालत कभवी कापदयान िर नही आएगवी इसकी वयाखया यह दसरा इलहाम करता ह पक لوالاالکــرام لھلــک المقــام अराथात यपद मझ इस पसलपसल क सममान का िास न होता तो म कापदयान को भवी तबाह कर दता इस इलहाम स दो बात समझवी जातवी ह -(1) पररम यह पक कछ हापन नही पक इनसान की बदाथाशत की सवीमा तक कभवी कापदयान म भवी कोई घटना इकका-दकका तौर िर हो जाए जो पिनाशकारवी न हो और भागन एि असत-वयसत होन का कारण न हो कयोपक एक दो घटना न होन का आदश रखतवी ह(2) पवितवीय यह पक यह बात आिशयक ह पक पजन दहात और शहरो म कापदयान की अिषिा बहत उददणड दषट अतयाचारवी वयपभचारवी उिदरिवी और इस पसलपसल क खतरनाक शत रहत ह उनक शहरो या दहात म अिशय पिनाशकारवी ताऊन फट िडगवी यहा तक पक लोग बोखला कर हर ओर भागग हमन आिा क शबद जहा तक पिशाल ह उसक अनसार यह मायन कर पदए ह और हम दाि स पलखत ह पक कापदयान म कभवी ताऊन-जाररफ नही िडगवी जो गाि िवीरान करन िालवी और खा जान िालवी होतवी ह िरनत इसक मकाबल िर अनय शहरो और दहात म जो अतयाचारवी और उिदरिवी ह अिशय भयकर रि िदा होग समसत ससार म एक कापदयान ह पजसक पलए यह िादा हआ ــک ــی ذل ــدہلل ع इसवी स فالحم

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दाफिउल बला

तम समझो जक काजयान इसजलए सरजकत रखा गया जक वह खा का रसल और उसका मनोनीत काजयान म था अब दखो तीन वरम सद जसदध हो रहा ह जक वद ोनो पहल पर हो गए अथामत एक ओर समसत पिाब म ताऊन िल गई और सरी ओर इसक बावि जक काजयान क चारो ओर ो-ो मील की री पर ताऊन का जोर हो रहा ह परनत काजयान ताऊन सद पजवतर ह अजपत आि तक िो वयगति ताऊन सद गरसत बाहर सद काजयान म आया वह भी अचछा हो गया कया इस सद बढकर कोई और सबत होगा जक िो बात आि सद चार वरम पवम कही गई थी वद परी हो गई अजपत ताऊन की सचना आि सद बाईस वरम पवम बराहीन अहमजया म भी ी गई ह4और यह गब (परोक) का जान खा क अजतररति जकसी अनय की शगति म नही अतः इस रोग क जनवारण क जलए वह सनदश िो खा नद मझद जया ह वह यही ह जक लोग मझद सचद जल सद मसीह मौऊ मान ल यज मदरी ओर सद भी जबना जकसी रिमाण क कवल ावा

4हाशिया - आि सद स वरम पवम एक हर जवजापन म िो मदरी ओर सद रिका-जशत हआ था ताऊन की खबर ी गई थी और वह यह ह -

انمــا یبایعونــک اذلیــن باعینناووحینــاان الفلــک اصنــع ایدیــھ فــوق اہلل یــد اہلل یبایعــون

अथामत एक नौका मदर आदश और आखो क सामनद बना िो आनद वालद सकामक रोग बचाएगी िो लोग तझ सद बअत करतद ह वद मझ सद बअत करतद ह यह तदरा हाथ नही अजपत मदरा हाथ ह िो उनक हाथो पर रखा िाता ह इसी खा क कलाम का एक वाकय बराहीन अहमजया म बतौर भजवषयवाणी मौि ह और वह यह ह

ول تخاطبین ف اذلین ظلمواانھ مغرقونअथामत िो लोग जलम उदणिता वयजभचार और अवजा सद नही रकतद मदर आगद कछ जसिाररश न कर कयोजक वद िबाए िाएगद इसी सद

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दाफिउल बला

होता िसा जक जमया शसदीन सदकटरी जहमायत-ए-इसलाम लाहौर नद अपनद जवजापन म या पारी वाइट बरदखत साजहब नद अपनद जवजापन म जकया ह तो म भी उनकी तरह एक वयथमवाी ठहरता परनत मदरी वद बातद ह जिनको मनद समय सद पवम वणमन जकया और आि वद परी हो गई ततपचिात इन जनो म भी मझद खा नद खबर ी अतः अलाह तआला फरमाता ह -

القریۃ اوی انہ فیھ وانت لیعذبھ اہلل ماکان لولالکرام لھک المقام این اناالرحمن داف ال این ل یخاف من والوم اقوم الرسول مع این حفیظ این المرسلون دلی یلبسواایمانھ امنواولم اذلین ال تصنع النفوس یلوم بظلم اولئک لھ المن وھم مھتدون انانایت الرض ننکسھا جاثمی دارھم فاصبحواف اجھزالجیش این اطرافھا من الفاق وف انفسھ نصرمن اہلل وفتح مبی ایاتنا ف سنریھ مین انت اولدی5 بمنزۃل مین انت رب بایعین یایعتک این

5हाशिया - समरण रह जक खा तआला बदटो सद पजवतर ह न उसका कोई भागीार ह और न बदटा ह और न जकसी को अजधकार पहचता ह जक वह यह कह जक म खा ह या खा का बदटा ह परनत यह वाकय इस िगह अवासतजवक और रपक क वगम म सद ह खा तआला नद पजवतर कआमन म आहजरत सललाह अलजह वसलम को अपना हाथ बताया और फरमाया ایدھم فوق ऐसा ही बिाए (अलफतह-11) یعداہلل भी कहा और यह भी फरमायाیاعبادی क قل یاعباداہلل

اباءکم رکم اہلل کذک

فاذکر

तो खा क उस कलाम को होजशयारी और सावधानी सद पढो और उपमाओ क वगम म सद समझ कर ईमान लाओ और उसकी हालत म हसतकदप न करो और वासतजवकता खा क सपम कर ो और जवशास रखो जक खा

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दाफिउल बलाوانامنک عسی الن یبعثک ربک مقاما محمودا الفوق معک والحت مع اعدائک فاصرب حت یایت اہلل بامرہ یایت عل جھنم

زمان لیس فیھا احد अनवा ndash खा ऐसा नही जक काजयान क लोगो को अजाब

द हालाजक त उनम रहता ह वह इस गाव को ताऊन की लटमार और उसकी तबाही सद बचा लदगा यज मझद तदरा पास न होता और तदरा समान दगषटगत न होता तो म इस गाव को तबाह कर दता म याल ह िो ख को र करनद वाला ह मदर रसलो को मदर पास कछ भय और गम नही म जनगाह रखनद वाला ह म अपनद रसल क साथ खडा हगा और उसकी जनना करगा िो मदर रसल की जनना करता ह म अपनद समयो को जवभाजित कर गा जक वरम का कछ भाग तो म रितीका करगा अथामत ताऊन सद लोगो को मारगा और वरम का कछ भाग रोजा रखगा अथामत अमन रहगा और ताऊन कम हो िाएगी या जबलकल नही रहगी मदरा रिकोप भडक रहा ह बीमाररया िलगी और रिाणो की कजत होगी परनत वद लोग िो ईमान लाएगद और ईमान म कछ ोर नही होगा वद अमन म रहगद और उनकी मगति (छटकार) का मागम जमलद यह मत सोचो जक अपराधी बचद हए ह हम उनकी पथवी क जनकट आतद िातद ह म अनर ही अनर अपनी सदना तयार कर रहा ह अथामत ताउन क कीटाणओ का पोरण कर रहा ह अतः िष हाशिया - बदटा बनानद सद पजवतर ह तथाजप उपमाओ क रग म उसक कलाम म बहत कछ पाया िाता ह तो उपमाओ का अनकरण करनद सद बचो जक तबाह हो िाओ और मदर बार म सपषट तकमो म सद यह इलहाम ह िो बराहीन अहजमया म िम ह انما ال ثلکم یویح م انما انا بشر قل इसी सद الھکم اہل واحد الخیکہل ف القرآن

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दाफिउल बला

वद अपनद घरो म ऐसद सो िाएगद िसा जक एक ऊट मरा रह िाता ह हम उनको अपनद जनशान पहलद तो र-र क लोगो म जखाएगद और जिर सवय उनही म हमार जनशान रिकट होगद मनद तझ सद एक कय-जवकय जकया ह अथामत एक वसत मदरी थी त उसका माजलक बनाया गया और एक वसत तदरी थी जिस का म माजलक बन गया त भी उस कय-जवकय का इकरार कर और कह द जक खा नद मझ सद कय-जवकय जकया त मझ सद ऐसा ह िसा जक सनतान त मझ म सद ह और म तझ म सद ह वह समय समीप ह जक म तझद ऐसद मकाम पर खडा करगा जक ससार तदरी रिशसा और यशोगान करगा शदषठता तदर साथ ह और अधमता तदर शतरओ क साथ अतः सबर कर यहा तक जक वाद का जन आ िाए ताऊन पर एक ऐसा समय भी आनद वाला ह जक उसम कोई भी जगरफतार नही होगा अथामत अनततः भलाई और कशलता ह6

6हाशिया - पयामपत समय हआ जक इस सद पहलद खा नद मझद ताऊन क बार म सर की कहानी क तौर पर यह खबर ी थी یــا مســیح عدوانــا परनत आि 21 अरिल 1902 ई ह उसी इलहाम को पनः इस रिकार फरमाया गया یــا مســیح الخلــق عدوانالــن تــری مــن بعــد مرادنــا و فســادنا अथामत ह खा क मसीह िो मखलक की ओर भदिा गया हमारी शीघर खबर लद और हम अपनी जसफाररश सद बचा त इसक बा हमार पापी ततवो को नही दखदगा और न हमारा उपदरव कछ शदर रहगा अथामत हम सीधद हो िाएगद और गाजलया बकना तथा अपशब जनकालना छोड गद यह खा का कलाम बराहीन अहमजया क उस इलहाम क अनसार ह जक अगनतम जनो म हम लोगो पर ताऊन भदिगद िसा जक फरमाया- ــا عــل یوســف لنصــرف عنــہ الســوء والفحشــاء کذلــک مننअथामत हम ताऊन क साथ इस यसफ पर यह उपकार करगद जक गाजलया दनद वालद लोगो का मह बन कर गद ताजक वद िरकर गाजलयो सद रक िाए उनही जनो

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दाफिउल बला

अब इस सपणम वही सद तीन बात जसदध हई ह ndash(1) रिथम यह जक ताऊन ससार म इसजलए आई ह जक खा

क मसीह मौऊ सद न कवल इनकार जकया गया अजपत उसद ःख जया गया उसको कतल करनद क जलए योिनाए बनाई गई उसका नाम काजफर और जाल रखा गया तो खा नद न चाहा जक अपनद रसल को जबना गवाही क छोड द इसजलए उस नद आकाश और पथवी ोनो को उसकी सचाई का गवाह बना जया आकाश नद चनदर गरहण और सयम-गरहण सद गवाही ी िो रमजान म हए और पथवी नद ताऊन क साथ गवाही ी ताजक खा का वह कलाम परा हो िो बराहीन अहमजया म ह और वह यह ह ndash

قل عندی شھادۃ من اہلل فھل انتم تومنون قل عندی شھادۃمن اہلل فھل انتم تسلمون

अथामत मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम ईमान लाओगद या नही और म पनः कहता ह जक मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम सवीकार करोगद या नही पहली गवाही सद अजभरिाय आकाश की गवाही ह जिसम कोई िबर नही इसजलए इस म تو منون का शब रियोग जकया गया और सरी गवाही पथवी की ह अथामत ताऊन की जिसम िबर मौि ह जक भय दकर इस िमाअत म ाजखल करती ह इसजलए इसम تسلمون का शब रियोग जकया गयािष हाशिया - क बार म खा का यह कलाम ह जिसम जमीन क कलाम सद मझद सचना ी गई और वह यह ह- یــاول اہلل کنــت ل اعرفــکअथामत ह खा क वली म इस सद पहलद तझद नही पहचानती थी इसका जववरण यह ह जक कशफी तौर पर जमीन मददर सामनद की गई और उसनद यह कलाम जकया जक म अब तक तझद नही पहचानती थी जक त रहमान खा का वली ह इसी सद

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दाफिउल बला

(2) जदतीय बात िो इस वही सद जसदध हई वह यह ह जक यह ताऊन इस हालत म कम होगी जक िब लोग खा क चनद हए को सवीकार कर लगद और कम सद कम यह जक शरारत कषट दनद और गाली दनद सद रक िाएगद कयोजक बराहीन अहमजया म खा तआला फरमाता ह ndash जक म अगनतम जनो म ताऊन भदिगा ताजक म उन पाजपयो और षटो का मह बन कर िो मदर रसल को गाजलया दतद ह असल बात यह ह जक कवल इनकार इस बात का कारण नही हो ताजक एक रसल क इनकार सद ससार म कोई तबाही भदिी िाए अजपत यज लोग शालीनता और सभयतापवमक खा क रसलो का इनकार कर और अतयाचार तथा गाजलया न तो उनका णि कयामत म जनधामररत ह और ससार म रसलो की सहायता म जितना सकामक रोग भदिा गया ह वह कवल इनकार सद नही अजपत बराइयो का णि ह इसी रिकार अब भी िब लोग गाजलया अतयाचार अनयाय और अपनद पापो सद रक िाएगद और उनम सशील लोगो िसा वयवहार पा हो िाएगा तब यह चदतावनी समापत कर ी िाएगी परनत इस अवसर पर बहत सद भायशाली लोग खा क रसल को सवीकार कर लगद और आकाशीय बरकतो सद भाग लगद और पथवी भायशाजलयो सद भर िाएगी

(3) ततीय बात िो इस वही सद जसदध हई ह वह यह ह जक खा तआला बहरहाल िब तक जक ताऊन ससार म रह यदयजप सततर वरम तक रह काजयान को उसकी भयकर तबाही सद सरजकत रखदगा कयोजक यह उसक रसल का कनदर ह और यह समसत उमतो क जलए जनशान ह

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दाफिउल बला

अब यज खा तआला क इस रसल और इस जनशान सद जकसी को इनकार हआ और खयाल हो जक कवल रसमी नमाजो और आओ सद या मसीह की इबात (उपासना) सद या गाय क कारण या वदो क ईमान सद जवरोध शमनी और इस रसल की अवजा क बावि ताऊन र हो सकती ह तो यह जवचार जबना सबत सवीकार करनद योय नही तो िो वयगति इन समसत सरिायो म सद अपनद धमम की सचाई का सबत दना चाहता ह तो अब बहत उततम अवसर ह िसद खा की ओर सद समसत धममो की सचाई या झठ को पहचाननद क जलए एक रिशमनी सथल जनधामररत जकया गया ह और खा नद सवमरिथम अपनी ओर सद पहलद काजयान का नाम लद जया ह अब यज आयम लोग वद को सचा समझतद ह तो उनको चाजहए जक बनारस क बार म िो वद क पढानद का मल सथान ह एक भजवषयवाणी कर जक उनका परमदशर बनारस को ताऊन सद बचा लदगा और सनातन धमम वालो को चाजहए जक जकसी ऐसद शहर क बार म जिसम गाए बहत हो उाहरणतया अमतसर क बार म भजवषयवाणी कर जक गायो क कारण उसम ताऊन नही आएगी यज गाय अपना इतना चमतकार जखा द तो कछ आचियम नही जक इस चमतकारी िानवर क रिाणो को सरकार बचा द इसी रिकार ईसाइयो को चाजहए जक कलकतता क बार म भजवषयवाणी कर जक उसम ताऊन नही पडगी कयोजक जबरजटश भारत का बडा जबशप कलकतता म रहता ह इसी रिकार जमया शसदीन और उनकी अिमन जहमायत-ए-इसलाम क ससयो को चाजहए जक लाहौर क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगा और मशी इलाही बखश एकाउनटणट िो इलहाम का ावा

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दाफिउल बला

करतद ह उनक जलए भी यही अवसर ह जक अपनद इलहाम सद लाहौर क बार म भजवषयवाणी करक अिमन जहमायत-ए-इसलाम को म और उजचत ह जक अबल िबबार और अबल हक अमतसर शहर क बार म भजवषयवाणी कर और चजक वहाबी सरिाय की असल िड जली ह इजसलए उजचत ह जक नजीर हसन और महम हसन जली क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगी तो इस रिकार सद िसद समसत पिाब इस घातक रोग सद सरजकत हो िाएगा और सरकार को भी मफत म ाजयतव सद जनवजतत हो िाएगी और यज लोगो नद ऐसा न जकया तो जिर यही समझा िाएगा जक सचा खा वही खा ह जिसनद काजयान म अपना रसल भदिा

और अनततः समरण रह जक यज यद सब लोग जिन म मसलमानो क मलहम और आयमो क पजित और ईसाइयो क पारी सगमजलत ह चप रह तो जसदध हो िाएगा जक यद सब लोग झठ ह और एक जन आनद वाला ह जक काजयान सयम क समान चमक कर जखा दगा जक वह एक सचद का सथान ह अनत म जमया शसदीन साजहब को या रह जक आपनद िो अपनद जवजापन म आयत

(अननल - 63) مضطر ن یجیب ال ام

जलखी ह और इस सद आ की सवीकाररता की आशा की ह यह आशा सही नही ह कयोजक खा क कलाम म शब مضطر सद अजभरिाय वद हाजन-पीजडत ह िो कवल आजमायश क तौर पर हाजन-पीजडत हो न जक णि क तौर पर परनत िो लोग णि क तौर पर जकसी हाजन सद जनरनतर गरसत रहतद हो वद इस आयत क चररताथम नही ह अनयथा अजनवायम होता ह जक नह की कौम और लत की कौम

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दाफिउल बला

तथा जफरऔन की कौम इतयाज की आए उस आतरता (इजतरार) क समय म सवीकार की िाती परनत ऐसा नही हआ और खा क हाथ नद उन कौमो को मार जया और यज जमया शसदीन कह जक जिर उन क यथायोय कौन सी आयत ह तो हम कहतद ह जक यह आयत यथायोय ह(अलमोजमन-51) کفرین ال ف ضلل

وما دعـؤا ال

चजक सभावना ह जक कछ मबजदध सवभाव वालद लोग इस जवजापन का मल उददशय समझनद म गलती खाए इस जलए हम पनः अपनद बलानद क कततमवय को अजभवयति कर दतद ह और वह यह ह जक यह ताऊन िो दश म िल रही ह जकसी अनय कारण सद नही अजपत एक ही कारण ह और वह यह जक लोगो नद खा क उस मौऊ क माननद सद इनकार जकया ह िो समसत नजबयो की भजवषयवाणी क अनसार ससार क सातव हजार म रिकट हआ ह तथा लोगो नद न कवल इनकार जकया अजपत खा क इस मसीह को गाजलया ी काजफर कहा और कतल करना चाहा और िो कछ चाहा उस सद जकया इसजलए खा क सवाजभमान नद चाहा जक उनकी इस घषटता असभयता पर उन पर चदतावनी उतार और खा नद पहलद पजवतर लदखो म खबर ी थी जक लोगो क इनकार क कारण उन जनो म िब मसीह रिकट होगा दश म भयकर ताऊन पडगी इसजलए अवशय था जक ताऊन पडती और ताऊन का नाम ताऊन इसजलए रखा गया ह जक यह ताअन (कटाक) करनद वालो का उततर ह और बनी इसाईल म हमदशा ताअन क समय म ही पडती थी और ताऊन क अरबी शबकोश म अथम ह बहत ताअन (कटाक) करनद वाला यह इस

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दाफिउल बला

बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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दाफिउल बला

नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 6: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

चतावनीजिस सनदश को हम इस समय अपनद दश क जरिय लोगो

क पास इस पसतक क दारा पहचाना चाहतद ह उसक बार म हम अजबया अलजहससलाम क परानद अनभव क अनसार यह जसदध ह जक इस समय हमारी सहानभजत की कदर यही होगी जक जिर ोबारा हम इसलाम क मौलजवयो और ईसाई धमम क पाररयो तथा जहन धमम क पजितो सद गाजलया सन और जभनन-जभनन रिकार की कषटायक उपाजधयो सद या जकए िाए हम पहलद सद भली भाजत जात ह जक ऐसा ही होगा परनत हमनद मानव िाजत की हमदी को इस बात सद अगरसर रखा ह जक सामानय गाजलयो सद हम सताए िाए कयोजक इसक बावि यह भी सभावना ह जक इन सकडो और हजारो गाजलया दनद वालो म सद कछ ऐसद भी पा हो िाए जक ऐसद समय म जक िब आकाश पर सद एक अगन की वराम हो रही ह अजपत अगलद िाड म तो और भी अजधक बरसनद की आशा ह इस पसतक को धयानपवमक पढ और अपनद इस नसीहत करनद वालद मदरहबान पर शीघर नाराज न हो और जिस नसखद को वह रिसतत करता ह उसद परख ल कयोजक इस हमदी क बलद म कोई मजरी या रिजतिल उन सद नही मागा गया कवल सची जनषकपटता और नदक नीयत सद मनषयो की िान छडानद क जलए एक परखा हआ तथा पजवतर रिसताव रिसतत जकया गया ह तो जिस हालत म रोगो म उपचार क जलए कछ िानवरो का मतर भी पी लदतद ह तथा बहत सी गनी वसतओ को इसतदमाल कर लदतद ह तो इस गसथजत म उनकी कया हाजन ह जक

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दाफिउल बला

अपनद रिाण बचानद क जलए अपनद जलए इस पजवतर उपचार को गरहण कर और यज वद नही करगद तब भी बहर हाल इस मकाबलद क समय एक जन उनह मालम होगा जक इन समसत धममो म सद कौन सा ऐसा धमम ह जिसका जसफाररश करना मनजी (मगति जलानद वाला) क महान शब का चररताथम होना जसदध हो सकता ह सची मगति जलानद वालद को हर वयगति चाहता ह और उस सद रिदम करता ह अतः जनससनदह अब जन आ गए ह जक जसदध हो जक सची मगति जलानद वाला कौन ह जनससनदह हम मसीह इबनद मरयम को एक सचा आमी िानतद ह िो अपनद यग क अजधकतरलोगो हाशिया - समरण रह यह िो हम नद कहा जक हजरत ईसा अलहससलाम अपनद यग क बहत सद लोगो की अपदका अचछ थद यह हमारा बयान कवल सधारणा क तौर पर ह अनयथा सभव ह जक हजरत ईसा अलजहससलाम क समय म खा तआला की पथवी पर कछ ईमानार अपनी ईमानारी और खा सद सबध म हजरत ईसा अलजहससलाम सद भी उचतम और शदषठतम हो कयोजक अलाह तआला नद उनक बार म फरमाया ह(आलदइमरान-46)

بی مقر

ال ومن خرۃ

وال ادلنیا ف وجیھا जिसक मायनद यद ह जक उस यग क साजनधय रिापत लोगो स सद यह भी एक थद इस सद यह जसदध नही होता जक वह सब साजनधय रिापत लोगो सद बढकर थद अजपत इस बात की सभावना जनकलती ह जक उनक यग क कछ साजनधयरिापत उन सद अचछ थद सपषट ह जक वह कवल बनी इसाईल की भदडो क जलए आए थद और सर दशो तथा कौमो सद उनको कछ सबध न था तो सभव अजपत अनमान क करीब ह जक कछ अजबया िो نقصــص म (अलमोजमन-79) لــم सगमजलत ह वद उन सद अचछ और अजधक शदषठ होगद और िसा जक हजरत मसा क मकाबलद पर अनततः एक इनसान जनकल आया जिसक बार म खा नद ــا م

ــا عل ن ــن دل م ــاہ फरमाया तो जिर हजरत ईसा (अलकहफ-66) علمن

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दाफिउल बला

सद अचछा था واہلل اعلم परनत वह वासतजवक मगति जलानद वाला नही था यह उस पर लाछन ह जक वह वासतजवक मगति जलानद िष हाशिया - क बार म िो मसा सद कमतर और उसक शरीअत क अनयायी थद और सवय कोई पणम शरीअत न लाए थद खतनः और जफकः क मामलद जवरासत सअर का जनरदध इतयाज म हजरत मसा की शरीअत क अधीन थद कयोकर कह सकतद ह जक वह अपनद समय क समसत सतयजनषठो सद बढकर थद जिन लोगो नद उनको खा बनाया ह िसद ईसाई या वद जिनहोनद उनह अकारण खाई जवशदरताए ी ह िसा जक हमार जवरोधी और खा क जवरोधी नाम क मसलमान वद यज उनको ऊपर उठातद-उठातद आकाश पर चढा या अशम पर जबठा या खा की तरह पजकयो का पा करनद वाला ठहराए तो उनको अजधकार ह मनषय िब शमम और लजा को छोड द तो िो चाह कह और िो चाह कर जकनत मसीह की ईमानारी अपनद यग म सर ईमानारो सद बढकर जसदध नही होती अजपत यहा नबी को इस पर एक शदषठता ह कयोजक वह शराब नही पीता था और कभी नही सना गया जक जकसी वशया सतरी नद आकर अपनी कमाई क माल सद उसक सर पर इतर मला था या हाथो और अपनद सर क बालो सद उसक शरीर को सपशम जकया था या कोई बदलगाव औरत उसकी सदवा करती थी इसी कारण सद खा नद कआमन म यहा का नाम हसर रखा परनत मसीह का यह नाम न रखा कयोजक ऐसद जकससद इस नाम क रखनद सद रोक थद जिर यह जक हजरत ईसा अलजहससलाम नद यहा क हाथ पर जिसद ईसाई यहनना कहतद ह िो बा म एजलया बनाया गया अपनद पापो सद तौबः की थी और उसक जवशदर मरीो म सगमजलत हए थद यह बात हजरत यहा की शदषठता की बडी सपषटता सद जसदध करती ह कयोजक इसक मकाबलद पर यह जसदध नही जकया गया जक यहा नद भी जकसी क हाथ पर तौबः की थी तो उसका मासम होना सपषट बात ह और मसलमानो म यह िो रिजसदध ह जक ईसा और उसकी मा शतान क सपशम सद पजवतर ह इसक मायनद मखम लोग नही समझतद असल बात यह ह जक गनद यहजयो नद हजरत ईसा और उन की मा

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दाफिउल बला

वाला था वासतजवक मगति जलानद वाला हमदशा और कयामत तक मगति का िल जखलानद वाला वह ह िो जहिाज की पथवी पर पा हआ था और समसत ससार और समसत यगो की मगति क जलए आया था और अब भी आया परनत जजल क तौर पर खदा उसकी बरकतो स सम परण थवी को लाभानवत कर आमीन

खाकसार - शमराण गलाम अहमद काशदयानी

िष हाशिया - पर बड ही गनद आरोप लगाए थद और ोनो क बार म नऊजजबलाह शतानी कायमो का आरोप लगातद थद अतः इस झठ का खणिन आवशयक था तो इस हीस क इस सद अजधक कोई मायनद नही जक यह गनद आरोप िो हजरत ईसा और उनकी मा पर लगाए गए ह यद सही नही ह अजपत वद इन अथमो सद शतान क सपशम सद पजवतर ह और इस रिकार क पजवतर होनद की घटना जकसी अनय नबी क सामनद नही आई इसी सद

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दाफिउल बला

शबनमलाशहररहमाशनररहीमनहमदह व नसली अला रसपशलशहलकरीम

ताऊनارکاشم زمشچ ا ی ب ہب زدخااطوعن ا وچآدم

انشم یہن رچاوعلمں افقس ے ا وتوخدوعلمین

ای اتس ثبخ ورتک الصح ووتق وتہب زامن

ااجنشم ی ن

م ن

ی ب ہن ربدبی وک ےسک

इस भयानक रोग क बार म िो दश म िलता िाता ह लोगो की जभनन-जभनन राय ह िॉकटर लोग जिन क जवचार कवल भौजतक उपायो तक सीजमत ह इस बात पर बल दतद ह जक पथवी म कवल रिाकजतक कारणो सद ऐसद कीटाण पा हो गए ह जक सवमरिथम चहो पर अपना षरिभाव पहचातद ह1और जिर मनषयो म मतय का जसलजसला िारी हो िाता ह और धाजममक जवचारो सद इस रोग का कछ सबध नही अजपत चाजहए जक अपनद घरो और नाजलयो को हर रिकार की गनगी और गमनध सद बचाए और सवचछ रख और जफनायल इतयाज सद पजवतर करतद रह और मकानो को आग सद गमम रख और ऐसा बनाए जक जिनम हवा भी पहच सक और रिकाश भी और जकसी मकान म

1 हाशिया - जचजकतसा क जनयमो क अनसार ताऊन क रोग की पहचान क जलए आवशयक ह जक जिस भामयशाली गाव या शहर या उसक जकसी भाग म यह घातक रोग िट पड उसम इस सद कई जन पवम मर हए चह पाए िाए तो यज उाहरण क तौर पर कवल जवर सद जकसी गाव म कछ मौत की घटनाए हो िाए और चह मरतद न दखद िाए तो वह ताऊन नही ह अजपत जवर क रिकारो म सद एक घातक जवर ह इसी सद

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दाफिउल बला

इतनद लोग न रह जक उन क मह की भाप और मल-मतर इतयाज सद कीटाण रिचर मातरा म पा हो िाए और भोिन न खाए और सब सद अचछा उपचार यह ह जक टीका लगवा ल और यज मकानो म माम चह पाए तो उन मकानो को छोड और उजचत ह जक बाहर खलद मानो म रह और मलद कचलद कपडो सद बच और यज कोई वयगति जकसी रिभाजवत या गरजसत मकान सद उनक शहर या गाव म आए तो उसको अनर न आनद और यज कोई ऐसद गाव या शहर का इस रोग सद बीमार हो िाए तो उसद बाहर जनकाल और उससद जमलनद-िलनद सद बच तो ताऊन का उपचार उन क नजीक िो कछ ह यही ह यद तो बजदधमान िॉकटरो और जचजकतसको की राय ह जिसद हम न तो एक पयामपत और सथायी उपचार क रग म समझतद ह और न कवल बदफाया ठहरातद ह पयामपत और सथायी उपचार इसजलए नही समझतद जक अनभव बता रहा ह जक कछ लोग बाहर जनकलनद सद भी मर ह और कछ सवचछता को अजनवायम रखतद-रखतद भी इस ससार सद कच कर गए तथा कछ नद बडी आशा सद टीका लगवाया और जिर कबर म िा पड तो कौन कह सकता ह या कौन हम सातवना द सकता ह जक यद समसत उपाय पयामपत उपचार ह अजपत इकरार करना पडता ह जक यदयजप यद समसत तरीक जकसी सीमा तक लाभरि ह परनत यह ऐसा उपाय नही ह जिसको ताऊन को दश सद र करनद क जलए पणम सिलता कह सक

इसी रिकार यद उपाय मातर बदफाया भी नही ह कयोजक िहा-िहा खा की इचछा ह वहा-वहा उसका फाया भी महसस हो रहा ह परनत वह फाया कछ अजधक रिशसनीय नही उाहरणतया यदयजप

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दाफिउल बला

यह सच ह जक िसद यज सौ लोगो नद टीका लगवाया ह और सर इतनद ही लोगो नद टीका नही लगवाया ह तो जिनहोनद टीका नही लगवाया उनम मौत अजधक पाई गई और टीका लगवानद वालो म कम परनत चजक टीक का रिभाव अजधक सद अजधक ो या तीन महीनद तक ह इसजलए टीक वाला भी बार-बार खतर म पडगा िब तक इस ससार सद कच न कर िाए अनतर कवल इतना ह जक िो लोग टीका नही लगवातद वद एक ऐसद िहाज पर सवार ह जक िो उाहरणतया चौबीस घट तक उनको ारल फना (मतय-गह) तक पहचा सकता ह वद िो लोग टीका लगवातद ह वद मानो ऐसद धीर चलनद वालद टटट पर चल रह ह िो चौबीस जन तक उसी सथान म पहचा दगा बहर हाल यद समसत उपाय िो िाकटरी तौर पर अपनाए गए ह न तो पयामपत और सतोरिनक ह और न मातर जनकमद और बदफाया ह और चजक ताऊन शीघर-शीघर दश को खाती िाती ह इसजलए मानव िाजत की हमदी इसी म ह जक जकसी अनय उपाय पर जवचार जकया िाए िो इस जवनाश सद बचा सक

और मसलमान लोग िसा जक जमया शसदीन सदकटरी अिमन जहमायत-ए-इसलाम लाहौर क जवजापन सद समझा िाता ह जिसद उनहोनद इसी माह अरिल 1902 ई म रिकाजशत जकया ह इस बात पर बल दतद ह जक मसलमानो क समसत जफकक जशया सननी मकगल और गर मकगल मानो म िाकर अपनद-अपनद धमम क जनयमानसार आए कर और एक ही जतजथ म एकतर होकर नमाज पढ तो बस यह ऐसा नसखा ह जक इस सद सहसा ताऊन र हो िाएगी परनत एकतर कसद हो इसका कोई उपाय नही बताया गया सपषट ह जक वहाबी समाय

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दाफिउल बला

क मतानसार तो फाजतहा खवानी क जबना नमाज रसत ही नही तो इस गसथजत म उनक साथ हनजफयो की नमाज कसद हो सकती ह कया परसपर उपदरव नही होगा इस क अजतररति जवजापन क जलखनद वालद नद यह वयति नही जकया जक जहन इस रोग क जनवारण क जलए कया कर कया उनको अनमजत ह या नही जक वद भी उस समय अपनी मजतमयो सद सहायता माग और ईसाई कौन सा तरीका अपनाए और िो जफकक हजरत हसन या अलीरजज को आवशयकताए पणम करनद वाला समझतद ह और महररम2

क महीनद म मनोकामनाओ क जलए हजारो रखवासत गजारा करतद ह या िो मसलमान सगय अबल काजर िीलानी की पिा करतद ह या िो शाह मार या सखी सवमर को पितद ह वद कया कर और कया अब यद समसत जफकक आए नही करतद अजपत रितयदक जफकाम भयभीत होकर अपनद-अपनद माब (उपासय) को पकार रहा ह जशयो क महलो म सर करो कोई ऐसा घर नही होगा जिसक रवाजद पर यह शदर जचपका हआ नही होगा -

الوباءالحاطمہ حر بھا اطفی خمسۃ ل

فاطمہمرتضی وابنا ھما وال

مصطفی وال

ال

2 हाशिया - यह महररम का महीना बडा मबारक महीना ह जतरजमजी म इसकी शदषठता क बार म आहजरत सललाह अलजह वसलम सद यह हीस जलखी ह जक

فیہ یوم تاب اہلل فیہ عل قوم ویتوب فیہ عل قوم اخرینअथामत महररम म एक ऐसा जन ह जिसम खा नद पहलद यग म एक कौम को बला सद मगति ी थी और ऐसा ही जनगचित ह जक इसी महीनद म एक बला सद एक और कौम को मगति जमलदगी कया आचियम जक इस बला सद ताऊन अजभरिाय हो और खा क मामर का आजापालन करक वह बला दश सद िाती रह इसी सद

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दाफिउल बला

मदर उसता एक बजगम जशया थद उनका कहना था जक वबा का इलाि कवल तवला और तबराम ह अथामत अहलद बत क रिदम को इबात की सीमा तक पहचा दना और सहाबा रजज को गाजलया दतद रहना इस सद उततम कोई इलाि नही और मनद सना ह जक बबई म िब ताऊन आरभ हई ह तो सवमरिथम लोगो म यही जवचार पा हआ था जक यह इमाम हसन का चमतकार ह कयोजक जिन जहनओ नद जशयो सद कछ जववा जकया था उनम ताऊन आरभ हो गई थी जिर िब इस रोग नद जशयो म भी कम रखा तब तो या हसन क नार समापत हो गए

यो तो मसलमानो क जवचार ह िो ताऊन को र करनद क जलए सोचद गए ह और ईसाइयो क जवचारो की अजभवयगति क जलए अभी एक जवजापन पारी वाइट बरदखत साजहब और उनकी अिमन की ओर सद जनकला ह और वह यह जक ताऊन को र करनद क जलए अनय कोई उपाय पयामपत नही जसवाए इसक जक हजरत मसीह को खा मान ल और उनक कफफारः पर ईमान लद आए

और जहनओ म सद आयममत क लोग पकार-पकार कर कह रह ह जक ताऊन की बला वद को तयाग ददनद क कारण ह समसत जफकमो को चाजहए जक वदो की सतय जवदया पर ईमान लाए और समसत नजबयो को नऊजजबलाह झठा ठहराए तब इस उपाय सद ताऊन र हो िाएगी

और जहनओ म िो सनातन धमम जफकाम (सरिाय) ह उसम ताऊन क जनवारण क बार म िो राय वयति की गई ह यज हम अखबार-ए-आम अखबार न पढतद तो शाय इस अदत राय सद

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दाफिउल बला

अनजमज रहतद और वह राय यह ह जक यह ताऊन की बला गाय क कारण आई ह यज सरकार यह कानन पास कर द जक इस दश म गाय काजप-काजप जजबह न की िाए तो जिर दजखए जक ताऊन कयोकर र हो िाती ह अजपत इस अखबार म एक सथान पर जलखा ह जक एक वयगति नद गाय को बोलतद सना जक वह कहती ह जक मदर कारण ही इस दश म ताऊन आई ह

अब ह पाठकगण सवय ही सोच लो जक इतनद जवजभनन कथनो और ावो सद जकस कथन को ससार क सामनद सपषट एव वयापक तौर पर फाया हो सकता ह यद समसत आसथागत बात ह और सवदनशील समय म िब तक जक ससार इन आसथाओ का जनणमय कर सवय ससार का जनणमय हो िाएगा इसजलए वह बात सवीकार करनद योय ह िो शीघर ही समझ म आ सकती ह और िो अपनद साथ कोई रिमाण रखती ह अतः वह बात म रिमाण सजहत रिसतत करता ह चार वरम हए जक मनद एक भजवषयवाणी रिकाजशत की थी जक पिाब म भयकर ताऊन आनद वाली ह और मनद इस दश म ताऊन क कालद वक दखद ह िो रितयदक शहर और गाव म लगाए गए ह यज लोग तौबः कर तो यद रोग ो िाडो सद अजधक नही हो सकता खा इसद र कर दगा परनत तौबः करनद की बिाए मझद गाजलया ी गई और सखत गाजलयो क जवजापन रिकाजशत जकए गए जिनका पररणाम ताऊन की यह हालत ह िो अब दख रह हो खा की वह पजवतर वही िो मझ पर उतरी उसकी इबात यह ह -

قریۃوامابانفسھ انہ اوی ال مابقوم حت بغی ان اہلل ل یغی

अथामत खा नद यह इराा जकया ह इस ताऊन की बला को

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दाफिउल बला

कदापि दर नही करगा जब तक लोग उन पिचारो को दर न कर जो उनक पदलो म ह अराथात जब तक ि खदा क मामर और रसल को सिवीकार न कर ल तब तक ताऊन दर नही होगवी और िह शकतिमान खदा कापदयान को ताऊन की तबाहवी3

स सरपषित रखगा तापक 3हाशिया - اوی (आिा) अरबवी शबद ह पजस क मायन ह तबाहवी और असत-वयसत होन स बचाना और अिनवी शरण म ल लना यह इस बात की ओर सकत ह पक ताऊन की पकसमो म स िह ताऊन बडवी पिनाशकारवी ह पजसका नाम ताऊन जारिफ ह अराथात झाड दन िालवी पजसस लोग जगह-जगह भागत ह और कतो की तरह मरत ह यह हालत इनसानवी सहनशवीलता स बढ जातवी ह तो इस खदाई कलाम म िादा ह पक यह हालत कभवी कापदयान िर नही आएगवी इसकी वयाखया यह दसरा इलहाम करता ह पक لوالاالکــرام لھلــک المقــام अराथात यपद मझ इस पसलपसल क सममान का िास न होता तो म कापदयान को भवी तबाह कर दता इस इलहाम स दो बात समझवी जातवी ह -(1) पररम यह पक कछ हापन नही पक इनसान की बदाथाशत की सवीमा तक कभवी कापदयान म भवी कोई घटना इकका-दकका तौर िर हो जाए जो पिनाशकारवी न हो और भागन एि असत-वयसत होन का कारण न हो कयोपक एक दो घटना न होन का आदश रखतवी ह(2) पवितवीय यह पक यह बात आिशयक ह पक पजन दहात और शहरो म कापदयान की अिषिा बहत उददणड दषट अतयाचारवी वयपभचारवी उिदरिवी और इस पसलपसल क खतरनाक शत रहत ह उनक शहरो या दहात म अिशय पिनाशकारवी ताऊन फट िडगवी यहा तक पक लोग बोखला कर हर ओर भागग हमन आिा क शबद जहा तक पिशाल ह उसक अनसार यह मायन कर पदए ह और हम दाि स पलखत ह पक कापदयान म कभवी ताऊन-जाररफ नही िडगवी जो गाि िवीरान करन िालवी और खा जान िालवी होतवी ह िरनत इसक मकाबल िर अनय शहरो और दहात म जो अतयाचारवी और उिदरिवी ह अिशय भयकर रि िदा होग समसत ससार म एक कापदयान ह पजसक पलए यह िादा हआ ــک ــی ذل ــدہلل ع इसवी स فالحم

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दाफिउल बला

तम समझो जक काजयान इसजलए सरजकत रखा गया जक वह खा का रसल और उसका मनोनीत काजयान म था अब दखो तीन वरम सद जसदध हो रहा ह जक वद ोनो पहल पर हो गए अथामत एक ओर समसत पिाब म ताऊन िल गई और सरी ओर इसक बावि जक काजयान क चारो ओर ो-ो मील की री पर ताऊन का जोर हो रहा ह परनत काजयान ताऊन सद पजवतर ह अजपत आि तक िो वयगति ताऊन सद गरसत बाहर सद काजयान म आया वह भी अचछा हो गया कया इस सद बढकर कोई और सबत होगा जक िो बात आि सद चार वरम पवम कही गई थी वद परी हो गई अजपत ताऊन की सचना आि सद बाईस वरम पवम बराहीन अहमजया म भी ी गई ह4और यह गब (परोक) का जान खा क अजतररति जकसी अनय की शगति म नही अतः इस रोग क जनवारण क जलए वह सनदश िो खा नद मझद जया ह वह यही ह जक लोग मझद सचद जल सद मसीह मौऊ मान ल यज मदरी ओर सद भी जबना जकसी रिमाण क कवल ावा

4हाशिया - आि सद स वरम पवम एक हर जवजापन म िो मदरी ओर सद रिका-जशत हआ था ताऊन की खबर ी गई थी और वह यह ह -

انمــا یبایعونــک اذلیــن باعینناووحینــاان الفلــک اصنــع ایدیــھ فــوق اہلل یــد اہلل یبایعــون

अथामत एक नौका मदर आदश और आखो क सामनद बना िो आनद वालद सकामक रोग बचाएगी िो लोग तझ सद बअत करतद ह वद मझ सद बअत करतद ह यह तदरा हाथ नही अजपत मदरा हाथ ह िो उनक हाथो पर रखा िाता ह इसी खा क कलाम का एक वाकय बराहीन अहमजया म बतौर भजवषयवाणी मौि ह और वह यह ह

ول تخاطبین ف اذلین ظلمواانھ مغرقونअथामत िो लोग जलम उदणिता वयजभचार और अवजा सद नही रकतद मदर आगद कछ जसिाररश न कर कयोजक वद िबाए िाएगद इसी सद

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दाफिउल बला

होता िसा जक जमया शसदीन सदकटरी जहमायत-ए-इसलाम लाहौर नद अपनद जवजापन म या पारी वाइट बरदखत साजहब नद अपनद जवजापन म जकया ह तो म भी उनकी तरह एक वयथमवाी ठहरता परनत मदरी वद बातद ह जिनको मनद समय सद पवम वणमन जकया और आि वद परी हो गई ततपचिात इन जनो म भी मझद खा नद खबर ी अतः अलाह तआला फरमाता ह -

القریۃ اوی انہ فیھ وانت لیعذبھ اہلل ماکان لولالکرام لھک المقام این اناالرحمن داف ال این ل یخاف من والوم اقوم الرسول مع این حفیظ این المرسلون دلی یلبسواایمانھ امنواولم اذلین ال تصنع النفوس یلوم بظلم اولئک لھ المن وھم مھتدون انانایت الرض ننکسھا جاثمی دارھم فاصبحواف اجھزالجیش این اطرافھا من الفاق وف انفسھ نصرمن اہلل وفتح مبی ایاتنا ف سنریھ مین انت اولدی5 بمنزۃل مین انت رب بایعین یایعتک این

5हाशिया - समरण रह जक खा तआला बदटो सद पजवतर ह न उसका कोई भागीार ह और न बदटा ह और न जकसी को अजधकार पहचता ह जक वह यह कह जक म खा ह या खा का बदटा ह परनत यह वाकय इस िगह अवासतजवक और रपक क वगम म सद ह खा तआला नद पजवतर कआमन म आहजरत सललाह अलजह वसलम को अपना हाथ बताया और फरमाया ایدھم فوق ऐसा ही बिाए (अलफतह-11) یعداہلل भी कहा और यह भी फरमायाیاعبادی क قل یاعباداہلل

اباءکم رکم اہلل کذک

فاذکر

तो खा क उस कलाम को होजशयारी और सावधानी सद पढो और उपमाओ क वगम म सद समझ कर ईमान लाओ और उसकी हालत म हसतकदप न करो और वासतजवकता खा क सपम कर ो और जवशास रखो जक खा

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दाफिउल बलाوانامنک عسی الن یبعثک ربک مقاما محمودا الفوق معک والحت مع اعدائک فاصرب حت یایت اہلل بامرہ یایت عل جھنم

زمان لیس فیھا احد अनवा ndash खा ऐसा नही जक काजयान क लोगो को अजाब

द हालाजक त उनम रहता ह वह इस गाव को ताऊन की लटमार और उसकी तबाही सद बचा लदगा यज मझद तदरा पास न होता और तदरा समान दगषटगत न होता तो म इस गाव को तबाह कर दता म याल ह िो ख को र करनद वाला ह मदर रसलो को मदर पास कछ भय और गम नही म जनगाह रखनद वाला ह म अपनद रसल क साथ खडा हगा और उसकी जनना करगा िो मदर रसल की जनना करता ह म अपनद समयो को जवभाजित कर गा जक वरम का कछ भाग तो म रितीका करगा अथामत ताऊन सद लोगो को मारगा और वरम का कछ भाग रोजा रखगा अथामत अमन रहगा और ताऊन कम हो िाएगी या जबलकल नही रहगी मदरा रिकोप भडक रहा ह बीमाररया िलगी और रिाणो की कजत होगी परनत वद लोग िो ईमान लाएगद और ईमान म कछ ोर नही होगा वद अमन म रहगद और उनकी मगति (छटकार) का मागम जमलद यह मत सोचो जक अपराधी बचद हए ह हम उनकी पथवी क जनकट आतद िातद ह म अनर ही अनर अपनी सदना तयार कर रहा ह अथामत ताउन क कीटाणओ का पोरण कर रहा ह अतः िष हाशिया - बदटा बनानद सद पजवतर ह तथाजप उपमाओ क रग म उसक कलाम म बहत कछ पाया िाता ह तो उपमाओ का अनकरण करनद सद बचो जक तबाह हो िाओ और मदर बार म सपषट तकमो म सद यह इलहाम ह िो बराहीन अहजमया म िम ह انما ال ثلکم یویح م انما انا بشر قل इसी सद الھکم اہل واحد الخیکہل ف القرآن

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दाफिउल बला

वद अपनद घरो म ऐसद सो िाएगद िसा जक एक ऊट मरा रह िाता ह हम उनको अपनद जनशान पहलद तो र-र क लोगो म जखाएगद और जिर सवय उनही म हमार जनशान रिकट होगद मनद तझ सद एक कय-जवकय जकया ह अथामत एक वसत मदरी थी त उसका माजलक बनाया गया और एक वसत तदरी थी जिस का म माजलक बन गया त भी उस कय-जवकय का इकरार कर और कह द जक खा नद मझ सद कय-जवकय जकया त मझ सद ऐसा ह िसा जक सनतान त मझ म सद ह और म तझ म सद ह वह समय समीप ह जक म तझद ऐसद मकाम पर खडा करगा जक ससार तदरी रिशसा और यशोगान करगा शदषठता तदर साथ ह और अधमता तदर शतरओ क साथ अतः सबर कर यहा तक जक वाद का जन आ िाए ताऊन पर एक ऐसा समय भी आनद वाला ह जक उसम कोई भी जगरफतार नही होगा अथामत अनततः भलाई और कशलता ह6

6हाशिया - पयामपत समय हआ जक इस सद पहलद खा नद मझद ताऊन क बार म सर की कहानी क तौर पर यह खबर ी थी یــا مســیح عدوانــا परनत आि 21 अरिल 1902 ई ह उसी इलहाम को पनः इस रिकार फरमाया गया یــا مســیح الخلــق عدوانالــن تــری مــن بعــد مرادنــا و فســادنا अथामत ह खा क मसीह िो मखलक की ओर भदिा गया हमारी शीघर खबर लद और हम अपनी जसफाररश सद बचा त इसक बा हमार पापी ततवो को नही दखदगा और न हमारा उपदरव कछ शदर रहगा अथामत हम सीधद हो िाएगद और गाजलया बकना तथा अपशब जनकालना छोड गद यह खा का कलाम बराहीन अहमजया क उस इलहाम क अनसार ह जक अगनतम जनो म हम लोगो पर ताऊन भदिगद िसा जक फरमाया- ــا عــل یوســف لنصــرف عنــہ الســوء والفحشــاء کذلــک مننअथामत हम ताऊन क साथ इस यसफ पर यह उपकार करगद जक गाजलया दनद वालद लोगो का मह बन कर गद ताजक वद िरकर गाजलयो सद रक िाए उनही जनो

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दाफिउल बला

अब इस सपणम वही सद तीन बात जसदध हई ह ndash(1) रिथम यह जक ताऊन ससार म इसजलए आई ह जक खा

क मसीह मौऊ सद न कवल इनकार जकया गया अजपत उसद ःख जया गया उसको कतल करनद क जलए योिनाए बनाई गई उसका नाम काजफर और जाल रखा गया तो खा नद न चाहा जक अपनद रसल को जबना गवाही क छोड द इसजलए उस नद आकाश और पथवी ोनो को उसकी सचाई का गवाह बना जया आकाश नद चनदर गरहण और सयम-गरहण सद गवाही ी िो रमजान म हए और पथवी नद ताऊन क साथ गवाही ी ताजक खा का वह कलाम परा हो िो बराहीन अहमजया म ह और वह यह ह ndash

قل عندی شھادۃ من اہلل فھل انتم تومنون قل عندی شھادۃمن اہلل فھل انتم تسلمون

अथामत मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम ईमान लाओगद या नही और म पनः कहता ह जक मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम सवीकार करोगद या नही पहली गवाही सद अजभरिाय आकाश की गवाही ह जिसम कोई िबर नही इसजलए इस म تو منون का शब रियोग जकया गया और सरी गवाही पथवी की ह अथामत ताऊन की जिसम िबर मौि ह जक भय दकर इस िमाअत म ाजखल करती ह इसजलए इसम تسلمون का शब रियोग जकया गयािष हाशिया - क बार म खा का यह कलाम ह जिसम जमीन क कलाम सद मझद सचना ी गई और वह यह ह- یــاول اہلل کنــت ل اعرفــکअथामत ह खा क वली म इस सद पहलद तझद नही पहचानती थी इसका जववरण यह ह जक कशफी तौर पर जमीन मददर सामनद की गई और उसनद यह कलाम जकया जक म अब तक तझद नही पहचानती थी जक त रहमान खा का वली ह इसी सद

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दाफिउल बला

(2) जदतीय बात िो इस वही सद जसदध हई वह यह ह जक यह ताऊन इस हालत म कम होगी जक िब लोग खा क चनद हए को सवीकार कर लगद और कम सद कम यह जक शरारत कषट दनद और गाली दनद सद रक िाएगद कयोजक बराहीन अहमजया म खा तआला फरमाता ह ndash जक म अगनतम जनो म ताऊन भदिगा ताजक म उन पाजपयो और षटो का मह बन कर िो मदर रसल को गाजलया दतद ह असल बात यह ह जक कवल इनकार इस बात का कारण नही हो ताजक एक रसल क इनकार सद ससार म कोई तबाही भदिी िाए अजपत यज लोग शालीनता और सभयतापवमक खा क रसलो का इनकार कर और अतयाचार तथा गाजलया न तो उनका णि कयामत म जनधामररत ह और ससार म रसलो की सहायता म जितना सकामक रोग भदिा गया ह वह कवल इनकार सद नही अजपत बराइयो का णि ह इसी रिकार अब भी िब लोग गाजलया अतयाचार अनयाय और अपनद पापो सद रक िाएगद और उनम सशील लोगो िसा वयवहार पा हो िाएगा तब यह चदतावनी समापत कर ी िाएगी परनत इस अवसर पर बहत सद भायशाली लोग खा क रसल को सवीकार कर लगद और आकाशीय बरकतो सद भाग लगद और पथवी भायशाजलयो सद भर िाएगी

(3) ततीय बात िो इस वही सद जसदध हई ह वह यह ह जक खा तआला बहरहाल िब तक जक ताऊन ससार म रह यदयजप सततर वरम तक रह काजयान को उसकी भयकर तबाही सद सरजकत रखदगा कयोजक यह उसक रसल का कनदर ह और यह समसत उमतो क जलए जनशान ह

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अब यज खा तआला क इस रसल और इस जनशान सद जकसी को इनकार हआ और खयाल हो जक कवल रसमी नमाजो और आओ सद या मसीह की इबात (उपासना) सद या गाय क कारण या वदो क ईमान सद जवरोध शमनी और इस रसल की अवजा क बावि ताऊन र हो सकती ह तो यह जवचार जबना सबत सवीकार करनद योय नही तो िो वयगति इन समसत सरिायो म सद अपनद धमम की सचाई का सबत दना चाहता ह तो अब बहत उततम अवसर ह िसद खा की ओर सद समसत धममो की सचाई या झठ को पहचाननद क जलए एक रिशमनी सथल जनधामररत जकया गया ह और खा नद सवमरिथम अपनी ओर सद पहलद काजयान का नाम लद जया ह अब यज आयम लोग वद को सचा समझतद ह तो उनको चाजहए जक बनारस क बार म िो वद क पढानद का मल सथान ह एक भजवषयवाणी कर जक उनका परमदशर बनारस को ताऊन सद बचा लदगा और सनातन धमम वालो को चाजहए जक जकसी ऐसद शहर क बार म जिसम गाए बहत हो उाहरणतया अमतसर क बार म भजवषयवाणी कर जक गायो क कारण उसम ताऊन नही आएगी यज गाय अपना इतना चमतकार जखा द तो कछ आचियम नही जक इस चमतकारी िानवर क रिाणो को सरकार बचा द इसी रिकार ईसाइयो को चाजहए जक कलकतता क बार म भजवषयवाणी कर जक उसम ताऊन नही पडगी कयोजक जबरजटश भारत का बडा जबशप कलकतता म रहता ह इसी रिकार जमया शसदीन और उनकी अिमन जहमायत-ए-इसलाम क ससयो को चाजहए जक लाहौर क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगा और मशी इलाही बखश एकाउनटणट िो इलहाम का ावा

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करतद ह उनक जलए भी यही अवसर ह जक अपनद इलहाम सद लाहौर क बार म भजवषयवाणी करक अिमन जहमायत-ए-इसलाम को म और उजचत ह जक अबल िबबार और अबल हक अमतसर शहर क बार म भजवषयवाणी कर और चजक वहाबी सरिाय की असल िड जली ह इजसलए उजचत ह जक नजीर हसन और महम हसन जली क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगी तो इस रिकार सद िसद समसत पिाब इस घातक रोग सद सरजकत हो िाएगा और सरकार को भी मफत म ाजयतव सद जनवजतत हो िाएगी और यज लोगो नद ऐसा न जकया तो जिर यही समझा िाएगा जक सचा खा वही खा ह जिसनद काजयान म अपना रसल भदिा

और अनततः समरण रह जक यज यद सब लोग जिन म मसलमानो क मलहम और आयमो क पजित और ईसाइयो क पारी सगमजलत ह चप रह तो जसदध हो िाएगा जक यद सब लोग झठ ह और एक जन आनद वाला ह जक काजयान सयम क समान चमक कर जखा दगा जक वह एक सचद का सथान ह अनत म जमया शसदीन साजहब को या रह जक आपनद िो अपनद जवजापन म आयत

(अननल - 63) مضطر ن یجیب ال ام

जलखी ह और इस सद आ की सवीकाररता की आशा की ह यह आशा सही नही ह कयोजक खा क कलाम म शब مضطر सद अजभरिाय वद हाजन-पीजडत ह िो कवल आजमायश क तौर पर हाजन-पीजडत हो न जक णि क तौर पर परनत िो लोग णि क तौर पर जकसी हाजन सद जनरनतर गरसत रहतद हो वद इस आयत क चररताथम नही ह अनयथा अजनवायम होता ह जक नह की कौम और लत की कौम

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दाफिउल बला

तथा जफरऔन की कौम इतयाज की आए उस आतरता (इजतरार) क समय म सवीकार की िाती परनत ऐसा नही हआ और खा क हाथ नद उन कौमो को मार जया और यज जमया शसदीन कह जक जिर उन क यथायोय कौन सी आयत ह तो हम कहतद ह जक यह आयत यथायोय ह(अलमोजमन-51) کفرین ال ف ضلل

وما دعـؤا ال

चजक सभावना ह जक कछ मबजदध सवभाव वालद लोग इस जवजापन का मल उददशय समझनद म गलती खाए इस जलए हम पनः अपनद बलानद क कततमवय को अजभवयति कर दतद ह और वह यह ह जक यह ताऊन िो दश म िल रही ह जकसी अनय कारण सद नही अजपत एक ही कारण ह और वह यह जक लोगो नद खा क उस मौऊ क माननद सद इनकार जकया ह िो समसत नजबयो की भजवषयवाणी क अनसार ससार क सातव हजार म रिकट हआ ह तथा लोगो नद न कवल इनकार जकया अजपत खा क इस मसीह को गाजलया ी काजफर कहा और कतल करना चाहा और िो कछ चाहा उस सद जकया इसजलए खा क सवाजभमान नद चाहा जक उनकी इस घषटता असभयता पर उन पर चदतावनी उतार और खा नद पहलद पजवतर लदखो म खबर ी थी जक लोगो क इनकार क कारण उन जनो म िब मसीह रिकट होगा दश म भयकर ताऊन पडगी इसजलए अवशय था जक ताऊन पडती और ताऊन का नाम ताऊन इसजलए रखा गया ह जक यह ताअन (कटाक) करनद वालो का उततर ह और बनी इसाईल म हमदशा ताअन क समय म ही पडती थी और ताऊन क अरबी शबकोश म अथम ह बहत ताअन (कटाक) करनद वाला यह इस

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दाफिउल बला

बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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दाफिउल बला

नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 7: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

अपनद रिाण बचानद क जलए अपनद जलए इस पजवतर उपचार को गरहण कर और यज वद नही करगद तब भी बहर हाल इस मकाबलद क समय एक जन उनह मालम होगा जक इन समसत धममो म सद कौन सा ऐसा धमम ह जिसका जसफाररश करना मनजी (मगति जलानद वाला) क महान शब का चररताथम होना जसदध हो सकता ह सची मगति जलानद वालद को हर वयगति चाहता ह और उस सद रिदम करता ह अतः जनससनदह अब जन आ गए ह जक जसदध हो जक सची मगति जलानद वाला कौन ह जनससनदह हम मसीह इबनद मरयम को एक सचा आमी िानतद ह िो अपनद यग क अजधकतरलोगो हाशिया - समरण रह यह िो हम नद कहा जक हजरत ईसा अलहससलाम अपनद यग क बहत सद लोगो की अपदका अचछ थद यह हमारा बयान कवल सधारणा क तौर पर ह अनयथा सभव ह जक हजरत ईसा अलजहससलाम क समय म खा तआला की पथवी पर कछ ईमानार अपनी ईमानारी और खा सद सबध म हजरत ईसा अलजहससलाम सद भी उचतम और शदषठतम हो कयोजक अलाह तआला नद उनक बार म फरमाया ह(आलदइमरान-46)

بی مقر

ال ومن خرۃ

وال ادلنیا ف وجیھا जिसक मायनद यद ह जक उस यग क साजनधय रिापत लोगो स सद यह भी एक थद इस सद यह जसदध नही होता जक वह सब साजनधय रिापत लोगो सद बढकर थद अजपत इस बात की सभावना जनकलती ह जक उनक यग क कछ साजनधयरिापत उन सद अचछ थद सपषट ह जक वह कवल बनी इसाईल की भदडो क जलए आए थद और सर दशो तथा कौमो सद उनको कछ सबध न था तो सभव अजपत अनमान क करीब ह जक कछ अजबया िो نقصــص म (अलमोजमन-79) لــم सगमजलत ह वद उन सद अचछ और अजधक शदषठ होगद और िसा जक हजरत मसा क मकाबलद पर अनततः एक इनसान जनकल आया जिसक बार म खा नद ــا م

ــا عل ن ــن دل م ــاہ फरमाया तो जिर हजरत ईसा (अलकहफ-66) علمن

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दाफिउल बला

सद अचछा था واہلل اعلم परनत वह वासतजवक मगति जलानद वाला नही था यह उस पर लाछन ह जक वह वासतजवक मगति जलानद िष हाशिया - क बार म िो मसा सद कमतर और उसक शरीअत क अनयायी थद और सवय कोई पणम शरीअत न लाए थद खतनः और जफकः क मामलद जवरासत सअर का जनरदध इतयाज म हजरत मसा की शरीअत क अधीन थद कयोकर कह सकतद ह जक वह अपनद समय क समसत सतयजनषठो सद बढकर थद जिन लोगो नद उनको खा बनाया ह िसद ईसाई या वद जिनहोनद उनह अकारण खाई जवशदरताए ी ह िसा जक हमार जवरोधी और खा क जवरोधी नाम क मसलमान वद यज उनको ऊपर उठातद-उठातद आकाश पर चढा या अशम पर जबठा या खा की तरह पजकयो का पा करनद वाला ठहराए तो उनको अजधकार ह मनषय िब शमम और लजा को छोड द तो िो चाह कह और िो चाह कर जकनत मसीह की ईमानारी अपनद यग म सर ईमानारो सद बढकर जसदध नही होती अजपत यहा नबी को इस पर एक शदषठता ह कयोजक वह शराब नही पीता था और कभी नही सना गया जक जकसी वशया सतरी नद आकर अपनी कमाई क माल सद उसक सर पर इतर मला था या हाथो और अपनद सर क बालो सद उसक शरीर को सपशम जकया था या कोई बदलगाव औरत उसकी सदवा करती थी इसी कारण सद खा नद कआमन म यहा का नाम हसर रखा परनत मसीह का यह नाम न रखा कयोजक ऐसद जकससद इस नाम क रखनद सद रोक थद जिर यह जक हजरत ईसा अलजहससलाम नद यहा क हाथ पर जिसद ईसाई यहनना कहतद ह िो बा म एजलया बनाया गया अपनद पापो सद तौबः की थी और उसक जवशदर मरीो म सगमजलत हए थद यह बात हजरत यहा की शदषठता की बडी सपषटता सद जसदध करती ह कयोजक इसक मकाबलद पर यह जसदध नही जकया गया जक यहा नद भी जकसी क हाथ पर तौबः की थी तो उसका मासम होना सपषट बात ह और मसलमानो म यह िो रिजसदध ह जक ईसा और उसकी मा शतान क सपशम सद पजवतर ह इसक मायनद मखम लोग नही समझतद असल बात यह ह जक गनद यहजयो नद हजरत ईसा और उन की मा

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दाफिउल बला

वाला था वासतजवक मगति जलानद वाला हमदशा और कयामत तक मगति का िल जखलानद वाला वह ह िो जहिाज की पथवी पर पा हआ था और समसत ससार और समसत यगो की मगति क जलए आया था और अब भी आया परनत जजल क तौर पर खदा उसकी बरकतो स सम परण थवी को लाभानवत कर आमीन

खाकसार - शमराण गलाम अहमद काशदयानी

िष हाशिया - पर बड ही गनद आरोप लगाए थद और ोनो क बार म नऊजजबलाह शतानी कायमो का आरोप लगातद थद अतः इस झठ का खणिन आवशयक था तो इस हीस क इस सद अजधक कोई मायनद नही जक यह गनद आरोप िो हजरत ईसा और उनकी मा पर लगाए गए ह यद सही नही ह अजपत वद इन अथमो सद शतान क सपशम सद पजवतर ह और इस रिकार क पजवतर होनद की घटना जकसी अनय नबी क सामनद नही आई इसी सद

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दाफिउल बला

शबनमलाशहररहमाशनररहीमनहमदह व नसली अला रसपशलशहलकरीम

ताऊनارکاشم زمشچ ا ی ب ہب زدخااطوعن ا وچآدم

انشم یہن رچاوعلمں افقس ے ا وتوخدوعلمین

ای اتس ثبخ ورتک الصح ووتق وتہب زامن

ااجنشم ی ن

م ن

ی ب ہن ربدبی وک ےسک

इस भयानक रोग क बार म िो दश म िलता िाता ह लोगो की जभनन-जभनन राय ह िॉकटर लोग जिन क जवचार कवल भौजतक उपायो तक सीजमत ह इस बात पर बल दतद ह जक पथवी म कवल रिाकजतक कारणो सद ऐसद कीटाण पा हो गए ह जक सवमरिथम चहो पर अपना षरिभाव पहचातद ह1और जिर मनषयो म मतय का जसलजसला िारी हो िाता ह और धाजममक जवचारो सद इस रोग का कछ सबध नही अजपत चाजहए जक अपनद घरो और नाजलयो को हर रिकार की गनगी और गमनध सद बचाए और सवचछ रख और जफनायल इतयाज सद पजवतर करतद रह और मकानो को आग सद गमम रख और ऐसा बनाए जक जिनम हवा भी पहच सक और रिकाश भी और जकसी मकान म

1 हाशिया - जचजकतसा क जनयमो क अनसार ताऊन क रोग की पहचान क जलए आवशयक ह जक जिस भामयशाली गाव या शहर या उसक जकसी भाग म यह घातक रोग िट पड उसम इस सद कई जन पवम मर हए चह पाए िाए तो यज उाहरण क तौर पर कवल जवर सद जकसी गाव म कछ मौत की घटनाए हो िाए और चह मरतद न दखद िाए तो वह ताऊन नही ह अजपत जवर क रिकारो म सद एक घातक जवर ह इसी सद

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दाफिउल बला

इतनद लोग न रह जक उन क मह की भाप और मल-मतर इतयाज सद कीटाण रिचर मातरा म पा हो िाए और भोिन न खाए और सब सद अचछा उपचार यह ह जक टीका लगवा ल और यज मकानो म माम चह पाए तो उन मकानो को छोड और उजचत ह जक बाहर खलद मानो म रह और मलद कचलद कपडो सद बच और यज कोई वयगति जकसी रिभाजवत या गरजसत मकान सद उनक शहर या गाव म आए तो उसको अनर न आनद और यज कोई ऐसद गाव या शहर का इस रोग सद बीमार हो िाए तो उसद बाहर जनकाल और उससद जमलनद-िलनद सद बच तो ताऊन का उपचार उन क नजीक िो कछ ह यही ह यद तो बजदधमान िॉकटरो और जचजकतसको की राय ह जिसद हम न तो एक पयामपत और सथायी उपचार क रग म समझतद ह और न कवल बदफाया ठहरातद ह पयामपत और सथायी उपचार इसजलए नही समझतद जक अनभव बता रहा ह जक कछ लोग बाहर जनकलनद सद भी मर ह और कछ सवचछता को अजनवायम रखतद-रखतद भी इस ससार सद कच कर गए तथा कछ नद बडी आशा सद टीका लगवाया और जिर कबर म िा पड तो कौन कह सकता ह या कौन हम सातवना द सकता ह जक यद समसत उपाय पयामपत उपचार ह अजपत इकरार करना पडता ह जक यदयजप यद समसत तरीक जकसी सीमा तक लाभरि ह परनत यह ऐसा उपाय नही ह जिसको ताऊन को दश सद र करनद क जलए पणम सिलता कह सक

इसी रिकार यद उपाय मातर बदफाया भी नही ह कयोजक िहा-िहा खा की इचछा ह वहा-वहा उसका फाया भी महसस हो रहा ह परनत वह फाया कछ अजधक रिशसनीय नही उाहरणतया यदयजप

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दाफिउल बला

यह सच ह जक िसद यज सौ लोगो नद टीका लगवाया ह और सर इतनद ही लोगो नद टीका नही लगवाया ह तो जिनहोनद टीका नही लगवाया उनम मौत अजधक पाई गई और टीका लगवानद वालो म कम परनत चजक टीक का रिभाव अजधक सद अजधक ो या तीन महीनद तक ह इसजलए टीक वाला भी बार-बार खतर म पडगा िब तक इस ससार सद कच न कर िाए अनतर कवल इतना ह जक िो लोग टीका नही लगवातद वद एक ऐसद िहाज पर सवार ह जक िो उाहरणतया चौबीस घट तक उनको ारल फना (मतय-गह) तक पहचा सकता ह वद िो लोग टीका लगवातद ह वद मानो ऐसद धीर चलनद वालद टटट पर चल रह ह िो चौबीस जन तक उसी सथान म पहचा दगा बहर हाल यद समसत उपाय िो िाकटरी तौर पर अपनाए गए ह न तो पयामपत और सतोरिनक ह और न मातर जनकमद और बदफाया ह और चजक ताऊन शीघर-शीघर दश को खाती िाती ह इसजलए मानव िाजत की हमदी इसी म ह जक जकसी अनय उपाय पर जवचार जकया िाए िो इस जवनाश सद बचा सक

और मसलमान लोग िसा जक जमया शसदीन सदकटरी अिमन जहमायत-ए-इसलाम लाहौर क जवजापन सद समझा िाता ह जिसद उनहोनद इसी माह अरिल 1902 ई म रिकाजशत जकया ह इस बात पर बल दतद ह जक मसलमानो क समसत जफकक जशया सननी मकगल और गर मकगल मानो म िाकर अपनद-अपनद धमम क जनयमानसार आए कर और एक ही जतजथ म एकतर होकर नमाज पढ तो बस यह ऐसा नसखा ह जक इस सद सहसा ताऊन र हो िाएगी परनत एकतर कसद हो इसका कोई उपाय नही बताया गया सपषट ह जक वहाबी समाय

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दाफिउल बला

क मतानसार तो फाजतहा खवानी क जबना नमाज रसत ही नही तो इस गसथजत म उनक साथ हनजफयो की नमाज कसद हो सकती ह कया परसपर उपदरव नही होगा इस क अजतररति जवजापन क जलखनद वालद नद यह वयति नही जकया जक जहन इस रोग क जनवारण क जलए कया कर कया उनको अनमजत ह या नही जक वद भी उस समय अपनी मजतमयो सद सहायता माग और ईसाई कौन सा तरीका अपनाए और िो जफकक हजरत हसन या अलीरजज को आवशयकताए पणम करनद वाला समझतद ह और महररम2

क महीनद म मनोकामनाओ क जलए हजारो रखवासत गजारा करतद ह या िो मसलमान सगय अबल काजर िीलानी की पिा करतद ह या िो शाह मार या सखी सवमर को पितद ह वद कया कर और कया अब यद समसत जफकक आए नही करतद अजपत रितयदक जफकाम भयभीत होकर अपनद-अपनद माब (उपासय) को पकार रहा ह जशयो क महलो म सर करो कोई ऐसा घर नही होगा जिसक रवाजद पर यह शदर जचपका हआ नही होगा -

الوباءالحاطمہ حر بھا اطفی خمسۃ ل

فاطمہمرتضی وابنا ھما وال

مصطفی وال

ال

2 हाशिया - यह महररम का महीना बडा मबारक महीना ह जतरजमजी म इसकी शदषठता क बार म आहजरत सललाह अलजह वसलम सद यह हीस जलखी ह जक

فیہ یوم تاب اہلل فیہ عل قوم ویتوب فیہ عل قوم اخرینअथामत महररम म एक ऐसा जन ह जिसम खा नद पहलद यग म एक कौम को बला सद मगति ी थी और ऐसा ही जनगचित ह जक इसी महीनद म एक बला सद एक और कौम को मगति जमलदगी कया आचियम जक इस बला सद ताऊन अजभरिाय हो और खा क मामर का आजापालन करक वह बला दश सद िाती रह इसी सद

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दाफिउल बला

मदर उसता एक बजगम जशया थद उनका कहना था जक वबा का इलाि कवल तवला और तबराम ह अथामत अहलद बत क रिदम को इबात की सीमा तक पहचा दना और सहाबा रजज को गाजलया दतद रहना इस सद उततम कोई इलाि नही और मनद सना ह जक बबई म िब ताऊन आरभ हई ह तो सवमरिथम लोगो म यही जवचार पा हआ था जक यह इमाम हसन का चमतकार ह कयोजक जिन जहनओ नद जशयो सद कछ जववा जकया था उनम ताऊन आरभ हो गई थी जिर िब इस रोग नद जशयो म भी कम रखा तब तो या हसन क नार समापत हो गए

यो तो मसलमानो क जवचार ह िो ताऊन को र करनद क जलए सोचद गए ह और ईसाइयो क जवचारो की अजभवयगति क जलए अभी एक जवजापन पारी वाइट बरदखत साजहब और उनकी अिमन की ओर सद जनकला ह और वह यह जक ताऊन को र करनद क जलए अनय कोई उपाय पयामपत नही जसवाए इसक जक हजरत मसीह को खा मान ल और उनक कफफारः पर ईमान लद आए

और जहनओ म सद आयममत क लोग पकार-पकार कर कह रह ह जक ताऊन की बला वद को तयाग ददनद क कारण ह समसत जफकमो को चाजहए जक वदो की सतय जवदया पर ईमान लाए और समसत नजबयो को नऊजजबलाह झठा ठहराए तब इस उपाय सद ताऊन र हो िाएगी

और जहनओ म िो सनातन धमम जफकाम (सरिाय) ह उसम ताऊन क जनवारण क बार म िो राय वयति की गई ह यज हम अखबार-ए-आम अखबार न पढतद तो शाय इस अदत राय सद

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दाफिउल बला

अनजमज रहतद और वह राय यह ह जक यह ताऊन की बला गाय क कारण आई ह यज सरकार यह कानन पास कर द जक इस दश म गाय काजप-काजप जजबह न की िाए तो जिर दजखए जक ताऊन कयोकर र हो िाती ह अजपत इस अखबार म एक सथान पर जलखा ह जक एक वयगति नद गाय को बोलतद सना जक वह कहती ह जक मदर कारण ही इस दश म ताऊन आई ह

अब ह पाठकगण सवय ही सोच लो जक इतनद जवजभनन कथनो और ावो सद जकस कथन को ससार क सामनद सपषट एव वयापक तौर पर फाया हो सकता ह यद समसत आसथागत बात ह और सवदनशील समय म िब तक जक ससार इन आसथाओ का जनणमय कर सवय ससार का जनणमय हो िाएगा इसजलए वह बात सवीकार करनद योय ह िो शीघर ही समझ म आ सकती ह और िो अपनद साथ कोई रिमाण रखती ह अतः वह बात म रिमाण सजहत रिसतत करता ह चार वरम हए जक मनद एक भजवषयवाणी रिकाजशत की थी जक पिाब म भयकर ताऊन आनद वाली ह और मनद इस दश म ताऊन क कालद वक दखद ह िो रितयदक शहर और गाव म लगाए गए ह यज लोग तौबः कर तो यद रोग ो िाडो सद अजधक नही हो सकता खा इसद र कर दगा परनत तौबः करनद की बिाए मझद गाजलया ी गई और सखत गाजलयो क जवजापन रिकाजशत जकए गए जिनका पररणाम ताऊन की यह हालत ह िो अब दख रह हो खा की वह पजवतर वही िो मझ पर उतरी उसकी इबात यह ह -

قریۃوامابانفسھ انہ اوی ال مابقوم حت بغی ان اہلل ل یغی

अथामत खा नद यह इराा जकया ह इस ताऊन की बला को

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दाफिउल बला

कदापि दर नही करगा जब तक लोग उन पिचारो को दर न कर जो उनक पदलो म ह अराथात जब तक ि खदा क मामर और रसल को सिवीकार न कर ल तब तक ताऊन दर नही होगवी और िह शकतिमान खदा कापदयान को ताऊन की तबाहवी3

स सरपषित रखगा तापक 3हाशिया - اوی (आिा) अरबवी शबद ह पजस क मायन ह तबाहवी और असत-वयसत होन स बचाना और अिनवी शरण म ल लना यह इस बात की ओर सकत ह पक ताऊन की पकसमो म स िह ताऊन बडवी पिनाशकारवी ह पजसका नाम ताऊन जारिफ ह अराथात झाड दन िालवी पजसस लोग जगह-जगह भागत ह और कतो की तरह मरत ह यह हालत इनसानवी सहनशवीलता स बढ जातवी ह तो इस खदाई कलाम म िादा ह पक यह हालत कभवी कापदयान िर नही आएगवी इसकी वयाखया यह दसरा इलहाम करता ह पक لوالاالکــرام لھلــک المقــام अराथात यपद मझ इस पसलपसल क सममान का िास न होता तो म कापदयान को भवी तबाह कर दता इस इलहाम स दो बात समझवी जातवी ह -(1) पररम यह पक कछ हापन नही पक इनसान की बदाथाशत की सवीमा तक कभवी कापदयान म भवी कोई घटना इकका-दकका तौर िर हो जाए जो पिनाशकारवी न हो और भागन एि असत-वयसत होन का कारण न हो कयोपक एक दो घटना न होन का आदश रखतवी ह(2) पवितवीय यह पक यह बात आिशयक ह पक पजन दहात और शहरो म कापदयान की अिषिा बहत उददणड दषट अतयाचारवी वयपभचारवी उिदरिवी और इस पसलपसल क खतरनाक शत रहत ह उनक शहरो या दहात म अिशय पिनाशकारवी ताऊन फट िडगवी यहा तक पक लोग बोखला कर हर ओर भागग हमन आिा क शबद जहा तक पिशाल ह उसक अनसार यह मायन कर पदए ह और हम दाि स पलखत ह पक कापदयान म कभवी ताऊन-जाररफ नही िडगवी जो गाि िवीरान करन िालवी और खा जान िालवी होतवी ह िरनत इसक मकाबल िर अनय शहरो और दहात म जो अतयाचारवी और उिदरिवी ह अिशय भयकर रि िदा होग समसत ससार म एक कापदयान ह पजसक पलए यह िादा हआ ــک ــی ذل ــدہلل ع इसवी स فالحم

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दाफिउल बला

तम समझो जक काजयान इसजलए सरजकत रखा गया जक वह खा का रसल और उसका मनोनीत काजयान म था अब दखो तीन वरम सद जसदध हो रहा ह जक वद ोनो पहल पर हो गए अथामत एक ओर समसत पिाब म ताऊन िल गई और सरी ओर इसक बावि जक काजयान क चारो ओर ो-ो मील की री पर ताऊन का जोर हो रहा ह परनत काजयान ताऊन सद पजवतर ह अजपत आि तक िो वयगति ताऊन सद गरसत बाहर सद काजयान म आया वह भी अचछा हो गया कया इस सद बढकर कोई और सबत होगा जक िो बात आि सद चार वरम पवम कही गई थी वद परी हो गई अजपत ताऊन की सचना आि सद बाईस वरम पवम बराहीन अहमजया म भी ी गई ह4और यह गब (परोक) का जान खा क अजतररति जकसी अनय की शगति म नही अतः इस रोग क जनवारण क जलए वह सनदश िो खा नद मझद जया ह वह यही ह जक लोग मझद सचद जल सद मसीह मौऊ मान ल यज मदरी ओर सद भी जबना जकसी रिमाण क कवल ावा

4हाशिया - आि सद स वरम पवम एक हर जवजापन म िो मदरी ओर सद रिका-जशत हआ था ताऊन की खबर ी गई थी और वह यह ह -

انمــا یبایعونــک اذلیــن باعینناووحینــاان الفلــک اصنــع ایدیــھ فــوق اہلل یــد اہلل یبایعــون

अथामत एक नौका मदर आदश और आखो क सामनद बना िो आनद वालद सकामक रोग बचाएगी िो लोग तझ सद बअत करतद ह वद मझ सद बअत करतद ह यह तदरा हाथ नही अजपत मदरा हाथ ह िो उनक हाथो पर रखा िाता ह इसी खा क कलाम का एक वाकय बराहीन अहमजया म बतौर भजवषयवाणी मौि ह और वह यह ह

ول تخاطبین ف اذلین ظلمواانھ مغرقونअथामत िो लोग जलम उदणिता वयजभचार और अवजा सद नही रकतद मदर आगद कछ जसिाररश न कर कयोजक वद िबाए िाएगद इसी सद

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दाफिउल बला

होता िसा जक जमया शसदीन सदकटरी जहमायत-ए-इसलाम लाहौर नद अपनद जवजापन म या पारी वाइट बरदखत साजहब नद अपनद जवजापन म जकया ह तो म भी उनकी तरह एक वयथमवाी ठहरता परनत मदरी वद बातद ह जिनको मनद समय सद पवम वणमन जकया और आि वद परी हो गई ततपचिात इन जनो म भी मझद खा नद खबर ी अतः अलाह तआला फरमाता ह -

القریۃ اوی انہ فیھ وانت لیعذبھ اہلل ماکان لولالکرام لھک المقام این اناالرحمن داف ال این ل یخاف من والوم اقوم الرسول مع این حفیظ این المرسلون دلی یلبسواایمانھ امنواولم اذلین ال تصنع النفوس یلوم بظلم اولئک لھ المن وھم مھتدون انانایت الرض ننکسھا جاثمی دارھم فاصبحواف اجھزالجیش این اطرافھا من الفاق وف انفسھ نصرمن اہلل وفتح مبی ایاتنا ف سنریھ مین انت اولدی5 بمنزۃل مین انت رب بایعین یایعتک این

5हाशिया - समरण रह जक खा तआला बदटो सद पजवतर ह न उसका कोई भागीार ह और न बदटा ह और न जकसी को अजधकार पहचता ह जक वह यह कह जक म खा ह या खा का बदटा ह परनत यह वाकय इस िगह अवासतजवक और रपक क वगम म सद ह खा तआला नद पजवतर कआमन म आहजरत सललाह अलजह वसलम को अपना हाथ बताया और फरमाया ایدھم فوق ऐसा ही बिाए (अलफतह-11) یعداہلل भी कहा और यह भी फरमायाیاعبادی क قل یاعباداہلل

اباءکم رکم اہلل کذک

فاذکر

तो खा क उस कलाम को होजशयारी और सावधानी सद पढो और उपमाओ क वगम म सद समझ कर ईमान लाओ और उसकी हालत म हसतकदप न करो और वासतजवकता खा क सपम कर ो और जवशास रखो जक खा

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दाफिउल बलाوانامنک عسی الن یبعثک ربک مقاما محمودا الفوق معک والحت مع اعدائک فاصرب حت یایت اہلل بامرہ یایت عل جھنم

زمان لیس فیھا احد अनवा ndash खा ऐसा नही जक काजयान क लोगो को अजाब

द हालाजक त उनम रहता ह वह इस गाव को ताऊन की लटमार और उसकी तबाही सद बचा लदगा यज मझद तदरा पास न होता और तदरा समान दगषटगत न होता तो म इस गाव को तबाह कर दता म याल ह िो ख को र करनद वाला ह मदर रसलो को मदर पास कछ भय और गम नही म जनगाह रखनद वाला ह म अपनद रसल क साथ खडा हगा और उसकी जनना करगा िो मदर रसल की जनना करता ह म अपनद समयो को जवभाजित कर गा जक वरम का कछ भाग तो म रितीका करगा अथामत ताऊन सद लोगो को मारगा और वरम का कछ भाग रोजा रखगा अथामत अमन रहगा और ताऊन कम हो िाएगी या जबलकल नही रहगी मदरा रिकोप भडक रहा ह बीमाररया िलगी और रिाणो की कजत होगी परनत वद लोग िो ईमान लाएगद और ईमान म कछ ोर नही होगा वद अमन म रहगद और उनकी मगति (छटकार) का मागम जमलद यह मत सोचो जक अपराधी बचद हए ह हम उनकी पथवी क जनकट आतद िातद ह म अनर ही अनर अपनी सदना तयार कर रहा ह अथामत ताउन क कीटाणओ का पोरण कर रहा ह अतः िष हाशिया - बदटा बनानद सद पजवतर ह तथाजप उपमाओ क रग म उसक कलाम म बहत कछ पाया िाता ह तो उपमाओ का अनकरण करनद सद बचो जक तबाह हो िाओ और मदर बार म सपषट तकमो म सद यह इलहाम ह िो बराहीन अहजमया म िम ह انما ال ثلکم یویح م انما انا بشر قل इसी सद الھکم اہل واحد الخیکہل ف القرآن

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दाफिउल बला

वद अपनद घरो म ऐसद सो िाएगद िसा जक एक ऊट मरा रह िाता ह हम उनको अपनद जनशान पहलद तो र-र क लोगो म जखाएगद और जिर सवय उनही म हमार जनशान रिकट होगद मनद तझ सद एक कय-जवकय जकया ह अथामत एक वसत मदरी थी त उसका माजलक बनाया गया और एक वसत तदरी थी जिस का म माजलक बन गया त भी उस कय-जवकय का इकरार कर और कह द जक खा नद मझ सद कय-जवकय जकया त मझ सद ऐसा ह िसा जक सनतान त मझ म सद ह और म तझ म सद ह वह समय समीप ह जक म तझद ऐसद मकाम पर खडा करगा जक ससार तदरी रिशसा और यशोगान करगा शदषठता तदर साथ ह और अधमता तदर शतरओ क साथ अतः सबर कर यहा तक जक वाद का जन आ िाए ताऊन पर एक ऐसा समय भी आनद वाला ह जक उसम कोई भी जगरफतार नही होगा अथामत अनततः भलाई और कशलता ह6

6हाशिया - पयामपत समय हआ जक इस सद पहलद खा नद मझद ताऊन क बार म सर की कहानी क तौर पर यह खबर ी थी یــا مســیح عدوانــا परनत आि 21 अरिल 1902 ई ह उसी इलहाम को पनः इस रिकार फरमाया गया یــا مســیح الخلــق عدوانالــن تــری مــن بعــد مرادنــا و فســادنا अथामत ह खा क मसीह िो मखलक की ओर भदिा गया हमारी शीघर खबर लद और हम अपनी जसफाररश सद बचा त इसक बा हमार पापी ततवो को नही दखदगा और न हमारा उपदरव कछ शदर रहगा अथामत हम सीधद हो िाएगद और गाजलया बकना तथा अपशब जनकालना छोड गद यह खा का कलाम बराहीन अहमजया क उस इलहाम क अनसार ह जक अगनतम जनो म हम लोगो पर ताऊन भदिगद िसा जक फरमाया- ــا عــل یوســف لنصــرف عنــہ الســوء والفحشــاء کذلــک مننअथामत हम ताऊन क साथ इस यसफ पर यह उपकार करगद जक गाजलया दनद वालद लोगो का मह बन कर गद ताजक वद िरकर गाजलयो सद रक िाए उनही जनो

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दाफिउल बला

अब इस सपणम वही सद तीन बात जसदध हई ह ndash(1) रिथम यह जक ताऊन ससार म इसजलए आई ह जक खा

क मसीह मौऊ सद न कवल इनकार जकया गया अजपत उसद ःख जया गया उसको कतल करनद क जलए योिनाए बनाई गई उसका नाम काजफर और जाल रखा गया तो खा नद न चाहा जक अपनद रसल को जबना गवाही क छोड द इसजलए उस नद आकाश और पथवी ोनो को उसकी सचाई का गवाह बना जया आकाश नद चनदर गरहण और सयम-गरहण सद गवाही ी िो रमजान म हए और पथवी नद ताऊन क साथ गवाही ी ताजक खा का वह कलाम परा हो िो बराहीन अहमजया म ह और वह यह ह ndash

قل عندی شھادۃ من اہلل فھل انتم تومنون قل عندی شھادۃمن اہلل فھل انتم تسلمون

अथामत मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम ईमान लाओगद या नही और म पनः कहता ह जक मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम सवीकार करोगद या नही पहली गवाही सद अजभरिाय आकाश की गवाही ह जिसम कोई िबर नही इसजलए इस म تو منون का शब रियोग जकया गया और सरी गवाही पथवी की ह अथामत ताऊन की जिसम िबर मौि ह जक भय दकर इस िमाअत म ाजखल करती ह इसजलए इसम تسلمون का शब रियोग जकया गयािष हाशिया - क बार म खा का यह कलाम ह जिसम जमीन क कलाम सद मझद सचना ी गई और वह यह ह- یــاول اہلل کنــت ل اعرفــکअथामत ह खा क वली म इस सद पहलद तझद नही पहचानती थी इसका जववरण यह ह जक कशफी तौर पर जमीन मददर सामनद की गई और उसनद यह कलाम जकया जक म अब तक तझद नही पहचानती थी जक त रहमान खा का वली ह इसी सद

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दाफिउल बला

(2) जदतीय बात िो इस वही सद जसदध हई वह यह ह जक यह ताऊन इस हालत म कम होगी जक िब लोग खा क चनद हए को सवीकार कर लगद और कम सद कम यह जक शरारत कषट दनद और गाली दनद सद रक िाएगद कयोजक बराहीन अहमजया म खा तआला फरमाता ह ndash जक म अगनतम जनो म ताऊन भदिगा ताजक म उन पाजपयो और षटो का मह बन कर िो मदर रसल को गाजलया दतद ह असल बात यह ह जक कवल इनकार इस बात का कारण नही हो ताजक एक रसल क इनकार सद ससार म कोई तबाही भदिी िाए अजपत यज लोग शालीनता और सभयतापवमक खा क रसलो का इनकार कर और अतयाचार तथा गाजलया न तो उनका णि कयामत म जनधामररत ह और ससार म रसलो की सहायता म जितना सकामक रोग भदिा गया ह वह कवल इनकार सद नही अजपत बराइयो का णि ह इसी रिकार अब भी िब लोग गाजलया अतयाचार अनयाय और अपनद पापो सद रक िाएगद और उनम सशील लोगो िसा वयवहार पा हो िाएगा तब यह चदतावनी समापत कर ी िाएगी परनत इस अवसर पर बहत सद भायशाली लोग खा क रसल को सवीकार कर लगद और आकाशीय बरकतो सद भाग लगद और पथवी भायशाजलयो सद भर िाएगी

(3) ततीय बात िो इस वही सद जसदध हई ह वह यह ह जक खा तआला बहरहाल िब तक जक ताऊन ससार म रह यदयजप सततर वरम तक रह काजयान को उसकी भयकर तबाही सद सरजकत रखदगा कयोजक यह उसक रसल का कनदर ह और यह समसत उमतो क जलए जनशान ह

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दाफिउल बला

अब यज खा तआला क इस रसल और इस जनशान सद जकसी को इनकार हआ और खयाल हो जक कवल रसमी नमाजो और आओ सद या मसीह की इबात (उपासना) सद या गाय क कारण या वदो क ईमान सद जवरोध शमनी और इस रसल की अवजा क बावि ताऊन र हो सकती ह तो यह जवचार जबना सबत सवीकार करनद योय नही तो िो वयगति इन समसत सरिायो म सद अपनद धमम की सचाई का सबत दना चाहता ह तो अब बहत उततम अवसर ह िसद खा की ओर सद समसत धममो की सचाई या झठ को पहचाननद क जलए एक रिशमनी सथल जनधामररत जकया गया ह और खा नद सवमरिथम अपनी ओर सद पहलद काजयान का नाम लद जया ह अब यज आयम लोग वद को सचा समझतद ह तो उनको चाजहए जक बनारस क बार म िो वद क पढानद का मल सथान ह एक भजवषयवाणी कर जक उनका परमदशर बनारस को ताऊन सद बचा लदगा और सनातन धमम वालो को चाजहए जक जकसी ऐसद शहर क बार म जिसम गाए बहत हो उाहरणतया अमतसर क बार म भजवषयवाणी कर जक गायो क कारण उसम ताऊन नही आएगी यज गाय अपना इतना चमतकार जखा द तो कछ आचियम नही जक इस चमतकारी िानवर क रिाणो को सरकार बचा द इसी रिकार ईसाइयो को चाजहए जक कलकतता क बार म भजवषयवाणी कर जक उसम ताऊन नही पडगी कयोजक जबरजटश भारत का बडा जबशप कलकतता म रहता ह इसी रिकार जमया शसदीन और उनकी अिमन जहमायत-ए-इसलाम क ससयो को चाजहए जक लाहौर क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगा और मशी इलाही बखश एकाउनटणट िो इलहाम का ावा

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दाफिउल बला

करतद ह उनक जलए भी यही अवसर ह जक अपनद इलहाम सद लाहौर क बार म भजवषयवाणी करक अिमन जहमायत-ए-इसलाम को म और उजचत ह जक अबल िबबार और अबल हक अमतसर शहर क बार म भजवषयवाणी कर और चजक वहाबी सरिाय की असल िड जली ह इजसलए उजचत ह जक नजीर हसन और महम हसन जली क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगी तो इस रिकार सद िसद समसत पिाब इस घातक रोग सद सरजकत हो िाएगा और सरकार को भी मफत म ाजयतव सद जनवजतत हो िाएगी और यज लोगो नद ऐसा न जकया तो जिर यही समझा िाएगा जक सचा खा वही खा ह जिसनद काजयान म अपना रसल भदिा

और अनततः समरण रह जक यज यद सब लोग जिन म मसलमानो क मलहम और आयमो क पजित और ईसाइयो क पारी सगमजलत ह चप रह तो जसदध हो िाएगा जक यद सब लोग झठ ह और एक जन आनद वाला ह जक काजयान सयम क समान चमक कर जखा दगा जक वह एक सचद का सथान ह अनत म जमया शसदीन साजहब को या रह जक आपनद िो अपनद जवजापन म आयत

(अननल - 63) مضطر ن یجیب ال ام

जलखी ह और इस सद आ की सवीकाररता की आशा की ह यह आशा सही नही ह कयोजक खा क कलाम म शब مضطر सद अजभरिाय वद हाजन-पीजडत ह िो कवल आजमायश क तौर पर हाजन-पीजडत हो न जक णि क तौर पर परनत िो लोग णि क तौर पर जकसी हाजन सद जनरनतर गरसत रहतद हो वद इस आयत क चररताथम नही ह अनयथा अजनवायम होता ह जक नह की कौम और लत की कौम

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दाफिउल बला

तथा जफरऔन की कौम इतयाज की आए उस आतरता (इजतरार) क समय म सवीकार की िाती परनत ऐसा नही हआ और खा क हाथ नद उन कौमो को मार जया और यज जमया शसदीन कह जक जिर उन क यथायोय कौन सी आयत ह तो हम कहतद ह जक यह आयत यथायोय ह(अलमोजमन-51) کفرین ال ف ضلل

وما دعـؤا ال

चजक सभावना ह जक कछ मबजदध सवभाव वालद लोग इस जवजापन का मल उददशय समझनद म गलती खाए इस जलए हम पनः अपनद बलानद क कततमवय को अजभवयति कर दतद ह और वह यह ह जक यह ताऊन िो दश म िल रही ह जकसी अनय कारण सद नही अजपत एक ही कारण ह और वह यह जक लोगो नद खा क उस मौऊ क माननद सद इनकार जकया ह िो समसत नजबयो की भजवषयवाणी क अनसार ससार क सातव हजार म रिकट हआ ह तथा लोगो नद न कवल इनकार जकया अजपत खा क इस मसीह को गाजलया ी काजफर कहा और कतल करना चाहा और िो कछ चाहा उस सद जकया इसजलए खा क सवाजभमान नद चाहा जक उनकी इस घषटता असभयता पर उन पर चदतावनी उतार और खा नद पहलद पजवतर लदखो म खबर ी थी जक लोगो क इनकार क कारण उन जनो म िब मसीह रिकट होगा दश म भयकर ताऊन पडगी इसजलए अवशय था जक ताऊन पडती और ताऊन का नाम ताऊन इसजलए रखा गया ह जक यह ताअन (कटाक) करनद वालो का उततर ह और बनी इसाईल म हमदशा ताअन क समय म ही पडती थी और ताऊन क अरबी शबकोश म अथम ह बहत ताअन (कटाक) करनद वाला यह इस

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दाफिउल बला

बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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दाफिउल बला

नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 8: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

सद अचछा था واہلل اعلم परनत वह वासतजवक मगति जलानद वाला नही था यह उस पर लाछन ह जक वह वासतजवक मगति जलानद िष हाशिया - क बार म िो मसा सद कमतर और उसक शरीअत क अनयायी थद और सवय कोई पणम शरीअत न लाए थद खतनः और जफकः क मामलद जवरासत सअर का जनरदध इतयाज म हजरत मसा की शरीअत क अधीन थद कयोकर कह सकतद ह जक वह अपनद समय क समसत सतयजनषठो सद बढकर थद जिन लोगो नद उनको खा बनाया ह िसद ईसाई या वद जिनहोनद उनह अकारण खाई जवशदरताए ी ह िसा जक हमार जवरोधी और खा क जवरोधी नाम क मसलमान वद यज उनको ऊपर उठातद-उठातद आकाश पर चढा या अशम पर जबठा या खा की तरह पजकयो का पा करनद वाला ठहराए तो उनको अजधकार ह मनषय िब शमम और लजा को छोड द तो िो चाह कह और िो चाह कर जकनत मसीह की ईमानारी अपनद यग म सर ईमानारो सद बढकर जसदध नही होती अजपत यहा नबी को इस पर एक शदषठता ह कयोजक वह शराब नही पीता था और कभी नही सना गया जक जकसी वशया सतरी नद आकर अपनी कमाई क माल सद उसक सर पर इतर मला था या हाथो और अपनद सर क बालो सद उसक शरीर को सपशम जकया था या कोई बदलगाव औरत उसकी सदवा करती थी इसी कारण सद खा नद कआमन म यहा का नाम हसर रखा परनत मसीह का यह नाम न रखा कयोजक ऐसद जकससद इस नाम क रखनद सद रोक थद जिर यह जक हजरत ईसा अलजहससलाम नद यहा क हाथ पर जिसद ईसाई यहनना कहतद ह िो बा म एजलया बनाया गया अपनद पापो सद तौबः की थी और उसक जवशदर मरीो म सगमजलत हए थद यह बात हजरत यहा की शदषठता की बडी सपषटता सद जसदध करती ह कयोजक इसक मकाबलद पर यह जसदध नही जकया गया जक यहा नद भी जकसी क हाथ पर तौबः की थी तो उसका मासम होना सपषट बात ह और मसलमानो म यह िो रिजसदध ह जक ईसा और उसकी मा शतान क सपशम सद पजवतर ह इसक मायनद मखम लोग नही समझतद असल बात यह ह जक गनद यहजयो नद हजरत ईसा और उन की मा

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दाफिउल बला

वाला था वासतजवक मगति जलानद वाला हमदशा और कयामत तक मगति का िल जखलानद वाला वह ह िो जहिाज की पथवी पर पा हआ था और समसत ससार और समसत यगो की मगति क जलए आया था और अब भी आया परनत जजल क तौर पर खदा उसकी बरकतो स सम परण थवी को लाभानवत कर आमीन

खाकसार - शमराण गलाम अहमद काशदयानी

िष हाशिया - पर बड ही गनद आरोप लगाए थद और ोनो क बार म नऊजजबलाह शतानी कायमो का आरोप लगातद थद अतः इस झठ का खणिन आवशयक था तो इस हीस क इस सद अजधक कोई मायनद नही जक यह गनद आरोप िो हजरत ईसा और उनकी मा पर लगाए गए ह यद सही नही ह अजपत वद इन अथमो सद शतान क सपशम सद पजवतर ह और इस रिकार क पजवतर होनद की घटना जकसी अनय नबी क सामनद नही आई इसी सद

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दाफिउल बला

शबनमलाशहररहमाशनररहीमनहमदह व नसली अला रसपशलशहलकरीम

ताऊनارکاشم زمشچ ا ی ب ہب زدخااطوعن ا وچآدم

انشم یہن رچاوعلمں افقس ے ا وتوخدوعلمین

ای اتس ثبخ ورتک الصح ووتق وتہب زامن

ااجنشم ی ن

م ن

ی ب ہن ربدبی وک ےسک

इस भयानक रोग क बार म िो दश म िलता िाता ह लोगो की जभनन-जभनन राय ह िॉकटर लोग जिन क जवचार कवल भौजतक उपायो तक सीजमत ह इस बात पर बल दतद ह जक पथवी म कवल रिाकजतक कारणो सद ऐसद कीटाण पा हो गए ह जक सवमरिथम चहो पर अपना षरिभाव पहचातद ह1और जिर मनषयो म मतय का जसलजसला िारी हो िाता ह और धाजममक जवचारो सद इस रोग का कछ सबध नही अजपत चाजहए जक अपनद घरो और नाजलयो को हर रिकार की गनगी और गमनध सद बचाए और सवचछ रख और जफनायल इतयाज सद पजवतर करतद रह और मकानो को आग सद गमम रख और ऐसा बनाए जक जिनम हवा भी पहच सक और रिकाश भी और जकसी मकान म

1 हाशिया - जचजकतसा क जनयमो क अनसार ताऊन क रोग की पहचान क जलए आवशयक ह जक जिस भामयशाली गाव या शहर या उसक जकसी भाग म यह घातक रोग िट पड उसम इस सद कई जन पवम मर हए चह पाए िाए तो यज उाहरण क तौर पर कवल जवर सद जकसी गाव म कछ मौत की घटनाए हो िाए और चह मरतद न दखद िाए तो वह ताऊन नही ह अजपत जवर क रिकारो म सद एक घातक जवर ह इसी सद

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दाफिउल बला

इतनद लोग न रह जक उन क मह की भाप और मल-मतर इतयाज सद कीटाण रिचर मातरा म पा हो िाए और भोिन न खाए और सब सद अचछा उपचार यह ह जक टीका लगवा ल और यज मकानो म माम चह पाए तो उन मकानो को छोड और उजचत ह जक बाहर खलद मानो म रह और मलद कचलद कपडो सद बच और यज कोई वयगति जकसी रिभाजवत या गरजसत मकान सद उनक शहर या गाव म आए तो उसको अनर न आनद और यज कोई ऐसद गाव या शहर का इस रोग सद बीमार हो िाए तो उसद बाहर जनकाल और उससद जमलनद-िलनद सद बच तो ताऊन का उपचार उन क नजीक िो कछ ह यही ह यद तो बजदधमान िॉकटरो और जचजकतसको की राय ह जिसद हम न तो एक पयामपत और सथायी उपचार क रग म समझतद ह और न कवल बदफाया ठहरातद ह पयामपत और सथायी उपचार इसजलए नही समझतद जक अनभव बता रहा ह जक कछ लोग बाहर जनकलनद सद भी मर ह और कछ सवचछता को अजनवायम रखतद-रखतद भी इस ससार सद कच कर गए तथा कछ नद बडी आशा सद टीका लगवाया और जिर कबर म िा पड तो कौन कह सकता ह या कौन हम सातवना द सकता ह जक यद समसत उपाय पयामपत उपचार ह अजपत इकरार करना पडता ह जक यदयजप यद समसत तरीक जकसी सीमा तक लाभरि ह परनत यह ऐसा उपाय नही ह जिसको ताऊन को दश सद र करनद क जलए पणम सिलता कह सक

इसी रिकार यद उपाय मातर बदफाया भी नही ह कयोजक िहा-िहा खा की इचछा ह वहा-वहा उसका फाया भी महसस हो रहा ह परनत वह फाया कछ अजधक रिशसनीय नही उाहरणतया यदयजप

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दाफिउल बला

यह सच ह जक िसद यज सौ लोगो नद टीका लगवाया ह और सर इतनद ही लोगो नद टीका नही लगवाया ह तो जिनहोनद टीका नही लगवाया उनम मौत अजधक पाई गई और टीका लगवानद वालो म कम परनत चजक टीक का रिभाव अजधक सद अजधक ो या तीन महीनद तक ह इसजलए टीक वाला भी बार-बार खतर म पडगा िब तक इस ससार सद कच न कर िाए अनतर कवल इतना ह जक िो लोग टीका नही लगवातद वद एक ऐसद िहाज पर सवार ह जक िो उाहरणतया चौबीस घट तक उनको ारल फना (मतय-गह) तक पहचा सकता ह वद िो लोग टीका लगवातद ह वद मानो ऐसद धीर चलनद वालद टटट पर चल रह ह िो चौबीस जन तक उसी सथान म पहचा दगा बहर हाल यद समसत उपाय िो िाकटरी तौर पर अपनाए गए ह न तो पयामपत और सतोरिनक ह और न मातर जनकमद और बदफाया ह और चजक ताऊन शीघर-शीघर दश को खाती िाती ह इसजलए मानव िाजत की हमदी इसी म ह जक जकसी अनय उपाय पर जवचार जकया िाए िो इस जवनाश सद बचा सक

और मसलमान लोग िसा जक जमया शसदीन सदकटरी अिमन जहमायत-ए-इसलाम लाहौर क जवजापन सद समझा िाता ह जिसद उनहोनद इसी माह अरिल 1902 ई म रिकाजशत जकया ह इस बात पर बल दतद ह जक मसलमानो क समसत जफकक जशया सननी मकगल और गर मकगल मानो म िाकर अपनद-अपनद धमम क जनयमानसार आए कर और एक ही जतजथ म एकतर होकर नमाज पढ तो बस यह ऐसा नसखा ह जक इस सद सहसा ताऊन र हो िाएगी परनत एकतर कसद हो इसका कोई उपाय नही बताया गया सपषट ह जक वहाबी समाय

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दाफिउल बला

क मतानसार तो फाजतहा खवानी क जबना नमाज रसत ही नही तो इस गसथजत म उनक साथ हनजफयो की नमाज कसद हो सकती ह कया परसपर उपदरव नही होगा इस क अजतररति जवजापन क जलखनद वालद नद यह वयति नही जकया जक जहन इस रोग क जनवारण क जलए कया कर कया उनको अनमजत ह या नही जक वद भी उस समय अपनी मजतमयो सद सहायता माग और ईसाई कौन सा तरीका अपनाए और िो जफकक हजरत हसन या अलीरजज को आवशयकताए पणम करनद वाला समझतद ह और महररम2

क महीनद म मनोकामनाओ क जलए हजारो रखवासत गजारा करतद ह या िो मसलमान सगय अबल काजर िीलानी की पिा करतद ह या िो शाह मार या सखी सवमर को पितद ह वद कया कर और कया अब यद समसत जफकक आए नही करतद अजपत रितयदक जफकाम भयभीत होकर अपनद-अपनद माब (उपासय) को पकार रहा ह जशयो क महलो म सर करो कोई ऐसा घर नही होगा जिसक रवाजद पर यह शदर जचपका हआ नही होगा -

الوباءالحاطمہ حر بھا اطفی خمسۃ ل

فاطمہمرتضی وابنا ھما وال

مصطفی وال

ال

2 हाशिया - यह महररम का महीना बडा मबारक महीना ह जतरजमजी म इसकी शदषठता क बार म आहजरत सललाह अलजह वसलम सद यह हीस जलखी ह जक

فیہ یوم تاب اہلل فیہ عل قوم ویتوب فیہ عل قوم اخرینअथामत महररम म एक ऐसा जन ह जिसम खा नद पहलद यग म एक कौम को बला सद मगति ी थी और ऐसा ही जनगचित ह जक इसी महीनद म एक बला सद एक और कौम को मगति जमलदगी कया आचियम जक इस बला सद ताऊन अजभरिाय हो और खा क मामर का आजापालन करक वह बला दश सद िाती रह इसी सद

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दाफिउल बला

मदर उसता एक बजगम जशया थद उनका कहना था जक वबा का इलाि कवल तवला और तबराम ह अथामत अहलद बत क रिदम को इबात की सीमा तक पहचा दना और सहाबा रजज को गाजलया दतद रहना इस सद उततम कोई इलाि नही और मनद सना ह जक बबई म िब ताऊन आरभ हई ह तो सवमरिथम लोगो म यही जवचार पा हआ था जक यह इमाम हसन का चमतकार ह कयोजक जिन जहनओ नद जशयो सद कछ जववा जकया था उनम ताऊन आरभ हो गई थी जिर िब इस रोग नद जशयो म भी कम रखा तब तो या हसन क नार समापत हो गए

यो तो मसलमानो क जवचार ह िो ताऊन को र करनद क जलए सोचद गए ह और ईसाइयो क जवचारो की अजभवयगति क जलए अभी एक जवजापन पारी वाइट बरदखत साजहब और उनकी अिमन की ओर सद जनकला ह और वह यह जक ताऊन को र करनद क जलए अनय कोई उपाय पयामपत नही जसवाए इसक जक हजरत मसीह को खा मान ल और उनक कफफारः पर ईमान लद आए

और जहनओ म सद आयममत क लोग पकार-पकार कर कह रह ह जक ताऊन की बला वद को तयाग ददनद क कारण ह समसत जफकमो को चाजहए जक वदो की सतय जवदया पर ईमान लाए और समसत नजबयो को नऊजजबलाह झठा ठहराए तब इस उपाय सद ताऊन र हो िाएगी

और जहनओ म िो सनातन धमम जफकाम (सरिाय) ह उसम ताऊन क जनवारण क बार म िो राय वयति की गई ह यज हम अखबार-ए-आम अखबार न पढतद तो शाय इस अदत राय सद

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दाफिउल बला

अनजमज रहतद और वह राय यह ह जक यह ताऊन की बला गाय क कारण आई ह यज सरकार यह कानन पास कर द जक इस दश म गाय काजप-काजप जजबह न की िाए तो जिर दजखए जक ताऊन कयोकर र हो िाती ह अजपत इस अखबार म एक सथान पर जलखा ह जक एक वयगति नद गाय को बोलतद सना जक वह कहती ह जक मदर कारण ही इस दश म ताऊन आई ह

अब ह पाठकगण सवय ही सोच लो जक इतनद जवजभनन कथनो और ावो सद जकस कथन को ससार क सामनद सपषट एव वयापक तौर पर फाया हो सकता ह यद समसत आसथागत बात ह और सवदनशील समय म िब तक जक ससार इन आसथाओ का जनणमय कर सवय ससार का जनणमय हो िाएगा इसजलए वह बात सवीकार करनद योय ह िो शीघर ही समझ म आ सकती ह और िो अपनद साथ कोई रिमाण रखती ह अतः वह बात म रिमाण सजहत रिसतत करता ह चार वरम हए जक मनद एक भजवषयवाणी रिकाजशत की थी जक पिाब म भयकर ताऊन आनद वाली ह और मनद इस दश म ताऊन क कालद वक दखद ह िो रितयदक शहर और गाव म लगाए गए ह यज लोग तौबः कर तो यद रोग ो िाडो सद अजधक नही हो सकता खा इसद र कर दगा परनत तौबः करनद की बिाए मझद गाजलया ी गई और सखत गाजलयो क जवजापन रिकाजशत जकए गए जिनका पररणाम ताऊन की यह हालत ह िो अब दख रह हो खा की वह पजवतर वही िो मझ पर उतरी उसकी इबात यह ह -

قریۃوامابانفسھ انہ اوی ال مابقوم حت بغی ان اہلل ل یغی

अथामत खा नद यह इराा जकया ह इस ताऊन की बला को

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दाफिउल बला

कदापि दर नही करगा जब तक लोग उन पिचारो को दर न कर जो उनक पदलो म ह अराथात जब तक ि खदा क मामर और रसल को सिवीकार न कर ल तब तक ताऊन दर नही होगवी और िह शकतिमान खदा कापदयान को ताऊन की तबाहवी3

स सरपषित रखगा तापक 3हाशिया - اوی (आिा) अरबवी शबद ह पजस क मायन ह तबाहवी और असत-वयसत होन स बचाना और अिनवी शरण म ल लना यह इस बात की ओर सकत ह पक ताऊन की पकसमो म स िह ताऊन बडवी पिनाशकारवी ह पजसका नाम ताऊन जारिफ ह अराथात झाड दन िालवी पजसस लोग जगह-जगह भागत ह और कतो की तरह मरत ह यह हालत इनसानवी सहनशवीलता स बढ जातवी ह तो इस खदाई कलाम म िादा ह पक यह हालत कभवी कापदयान िर नही आएगवी इसकी वयाखया यह दसरा इलहाम करता ह पक لوالاالکــرام لھلــک المقــام अराथात यपद मझ इस पसलपसल क सममान का िास न होता तो म कापदयान को भवी तबाह कर दता इस इलहाम स दो बात समझवी जातवी ह -(1) पररम यह पक कछ हापन नही पक इनसान की बदाथाशत की सवीमा तक कभवी कापदयान म भवी कोई घटना इकका-दकका तौर िर हो जाए जो पिनाशकारवी न हो और भागन एि असत-वयसत होन का कारण न हो कयोपक एक दो घटना न होन का आदश रखतवी ह(2) पवितवीय यह पक यह बात आिशयक ह पक पजन दहात और शहरो म कापदयान की अिषिा बहत उददणड दषट अतयाचारवी वयपभचारवी उिदरिवी और इस पसलपसल क खतरनाक शत रहत ह उनक शहरो या दहात म अिशय पिनाशकारवी ताऊन फट िडगवी यहा तक पक लोग बोखला कर हर ओर भागग हमन आिा क शबद जहा तक पिशाल ह उसक अनसार यह मायन कर पदए ह और हम दाि स पलखत ह पक कापदयान म कभवी ताऊन-जाररफ नही िडगवी जो गाि िवीरान करन िालवी और खा जान िालवी होतवी ह िरनत इसक मकाबल िर अनय शहरो और दहात म जो अतयाचारवी और उिदरिवी ह अिशय भयकर रि िदा होग समसत ससार म एक कापदयान ह पजसक पलए यह िादा हआ ــک ــی ذل ــدہلل ع इसवी स فالحم

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दाफिउल बला

तम समझो जक काजयान इसजलए सरजकत रखा गया जक वह खा का रसल और उसका मनोनीत काजयान म था अब दखो तीन वरम सद जसदध हो रहा ह जक वद ोनो पहल पर हो गए अथामत एक ओर समसत पिाब म ताऊन िल गई और सरी ओर इसक बावि जक काजयान क चारो ओर ो-ो मील की री पर ताऊन का जोर हो रहा ह परनत काजयान ताऊन सद पजवतर ह अजपत आि तक िो वयगति ताऊन सद गरसत बाहर सद काजयान म आया वह भी अचछा हो गया कया इस सद बढकर कोई और सबत होगा जक िो बात आि सद चार वरम पवम कही गई थी वद परी हो गई अजपत ताऊन की सचना आि सद बाईस वरम पवम बराहीन अहमजया म भी ी गई ह4और यह गब (परोक) का जान खा क अजतररति जकसी अनय की शगति म नही अतः इस रोग क जनवारण क जलए वह सनदश िो खा नद मझद जया ह वह यही ह जक लोग मझद सचद जल सद मसीह मौऊ मान ल यज मदरी ओर सद भी जबना जकसी रिमाण क कवल ावा

4हाशिया - आि सद स वरम पवम एक हर जवजापन म िो मदरी ओर सद रिका-जशत हआ था ताऊन की खबर ी गई थी और वह यह ह -

انمــا یبایعونــک اذلیــن باعینناووحینــاان الفلــک اصنــع ایدیــھ فــوق اہلل یــد اہلل یبایعــون

अथामत एक नौका मदर आदश और आखो क सामनद बना िो आनद वालद सकामक रोग बचाएगी िो लोग तझ सद बअत करतद ह वद मझ सद बअत करतद ह यह तदरा हाथ नही अजपत मदरा हाथ ह िो उनक हाथो पर रखा िाता ह इसी खा क कलाम का एक वाकय बराहीन अहमजया म बतौर भजवषयवाणी मौि ह और वह यह ह

ول تخاطبین ف اذلین ظلمواانھ مغرقونअथामत िो लोग जलम उदणिता वयजभचार और अवजा सद नही रकतद मदर आगद कछ जसिाररश न कर कयोजक वद िबाए िाएगद इसी सद

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दाफिउल बला

होता िसा जक जमया शसदीन सदकटरी जहमायत-ए-इसलाम लाहौर नद अपनद जवजापन म या पारी वाइट बरदखत साजहब नद अपनद जवजापन म जकया ह तो म भी उनकी तरह एक वयथमवाी ठहरता परनत मदरी वद बातद ह जिनको मनद समय सद पवम वणमन जकया और आि वद परी हो गई ततपचिात इन जनो म भी मझद खा नद खबर ी अतः अलाह तआला फरमाता ह -

القریۃ اوی انہ فیھ وانت لیعذبھ اہلل ماکان لولالکرام لھک المقام این اناالرحمن داف ال این ل یخاف من والوم اقوم الرسول مع این حفیظ این المرسلون دلی یلبسواایمانھ امنواولم اذلین ال تصنع النفوس یلوم بظلم اولئک لھ المن وھم مھتدون انانایت الرض ننکسھا جاثمی دارھم فاصبحواف اجھزالجیش این اطرافھا من الفاق وف انفسھ نصرمن اہلل وفتح مبی ایاتنا ف سنریھ مین انت اولدی5 بمنزۃل مین انت رب بایعین یایعتک این

5हाशिया - समरण रह जक खा तआला बदटो सद पजवतर ह न उसका कोई भागीार ह और न बदटा ह और न जकसी को अजधकार पहचता ह जक वह यह कह जक म खा ह या खा का बदटा ह परनत यह वाकय इस िगह अवासतजवक और रपक क वगम म सद ह खा तआला नद पजवतर कआमन म आहजरत सललाह अलजह वसलम को अपना हाथ बताया और फरमाया ایدھم فوق ऐसा ही बिाए (अलफतह-11) یعداہلل भी कहा और यह भी फरमायाیاعبادی क قل یاعباداہلل

اباءکم رکم اہلل کذک

فاذکر

तो खा क उस कलाम को होजशयारी और सावधानी सद पढो और उपमाओ क वगम म सद समझ कर ईमान लाओ और उसकी हालत म हसतकदप न करो और वासतजवकता खा क सपम कर ो और जवशास रखो जक खा

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दाफिउल बलाوانامنک عسی الن یبعثک ربک مقاما محمودا الفوق معک والحت مع اعدائک فاصرب حت یایت اہلل بامرہ یایت عل جھنم

زمان لیس فیھا احد अनवा ndash खा ऐसा नही जक काजयान क लोगो को अजाब

द हालाजक त उनम रहता ह वह इस गाव को ताऊन की लटमार और उसकी तबाही सद बचा लदगा यज मझद तदरा पास न होता और तदरा समान दगषटगत न होता तो म इस गाव को तबाह कर दता म याल ह िो ख को र करनद वाला ह मदर रसलो को मदर पास कछ भय और गम नही म जनगाह रखनद वाला ह म अपनद रसल क साथ खडा हगा और उसकी जनना करगा िो मदर रसल की जनना करता ह म अपनद समयो को जवभाजित कर गा जक वरम का कछ भाग तो म रितीका करगा अथामत ताऊन सद लोगो को मारगा और वरम का कछ भाग रोजा रखगा अथामत अमन रहगा और ताऊन कम हो िाएगी या जबलकल नही रहगी मदरा रिकोप भडक रहा ह बीमाररया िलगी और रिाणो की कजत होगी परनत वद लोग िो ईमान लाएगद और ईमान म कछ ोर नही होगा वद अमन म रहगद और उनकी मगति (छटकार) का मागम जमलद यह मत सोचो जक अपराधी बचद हए ह हम उनकी पथवी क जनकट आतद िातद ह म अनर ही अनर अपनी सदना तयार कर रहा ह अथामत ताउन क कीटाणओ का पोरण कर रहा ह अतः िष हाशिया - बदटा बनानद सद पजवतर ह तथाजप उपमाओ क रग म उसक कलाम म बहत कछ पाया िाता ह तो उपमाओ का अनकरण करनद सद बचो जक तबाह हो िाओ और मदर बार म सपषट तकमो म सद यह इलहाम ह िो बराहीन अहजमया म िम ह انما ال ثلکم یویح م انما انا بشر قل इसी सद الھکم اہل واحد الخیکہل ف القرآن

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दाफिउल बला

वद अपनद घरो म ऐसद सो िाएगद िसा जक एक ऊट मरा रह िाता ह हम उनको अपनद जनशान पहलद तो र-र क लोगो म जखाएगद और जिर सवय उनही म हमार जनशान रिकट होगद मनद तझ सद एक कय-जवकय जकया ह अथामत एक वसत मदरी थी त उसका माजलक बनाया गया और एक वसत तदरी थी जिस का म माजलक बन गया त भी उस कय-जवकय का इकरार कर और कह द जक खा नद मझ सद कय-जवकय जकया त मझ सद ऐसा ह िसा जक सनतान त मझ म सद ह और म तझ म सद ह वह समय समीप ह जक म तझद ऐसद मकाम पर खडा करगा जक ससार तदरी रिशसा और यशोगान करगा शदषठता तदर साथ ह और अधमता तदर शतरओ क साथ अतः सबर कर यहा तक जक वाद का जन आ िाए ताऊन पर एक ऐसा समय भी आनद वाला ह जक उसम कोई भी जगरफतार नही होगा अथामत अनततः भलाई और कशलता ह6

6हाशिया - पयामपत समय हआ जक इस सद पहलद खा नद मझद ताऊन क बार म सर की कहानी क तौर पर यह खबर ी थी یــا مســیح عدوانــا परनत आि 21 अरिल 1902 ई ह उसी इलहाम को पनः इस रिकार फरमाया गया یــا مســیح الخلــق عدوانالــن تــری مــن بعــد مرادنــا و فســادنا अथामत ह खा क मसीह िो मखलक की ओर भदिा गया हमारी शीघर खबर लद और हम अपनी जसफाररश सद बचा त इसक बा हमार पापी ततवो को नही दखदगा और न हमारा उपदरव कछ शदर रहगा अथामत हम सीधद हो िाएगद और गाजलया बकना तथा अपशब जनकालना छोड गद यह खा का कलाम बराहीन अहमजया क उस इलहाम क अनसार ह जक अगनतम जनो म हम लोगो पर ताऊन भदिगद िसा जक फरमाया- ــا عــل یوســف لنصــرف عنــہ الســوء والفحشــاء کذلــک مننअथामत हम ताऊन क साथ इस यसफ पर यह उपकार करगद जक गाजलया दनद वालद लोगो का मह बन कर गद ताजक वद िरकर गाजलयो सद रक िाए उनही जनो

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दाफिउल बला

अब इस सपणम वही सद तीन बात जसदध हई ह ndash(1) रिथम यह जक ताऊन ससार म इसजलए आई ह जक खा

क मसीह मौऊ सद न कवल इनकार जकया गया अजपत उसद ःख जया गया उसको कतल करनद क जलए योिनाए बनाई गई उसका नाम काजफर और जाल रखा गया तो खा नद न चाहा जक अपनद रसल को जबना गवाही क छोड द इसजलए उस नद आकाश और पथवी ोनो को उसकी सचाई का गवाह बना जया आकाश नद चनदर गरहण और सयम-गरहण सद गवाही ी िो रमजान म हए और पथवी नद ताऊन क साथ गवाही ी ताजक खा का वह कलाम परा हो िो बराहीन अहमजया म ह और वह यह ह ndash

قل عندی شھادۃ من اہلل فھل انتم تومنون قل عندی شھادۃمن اہلل فھل انتم تسلمون

अथामत मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम ईमान लाओगद या नही और म पनः कहता ह जक मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम सवीकार करोगद या नही पहली गवाही सद अजभरिाय आकाश की गवाही ह जिसम कोई िबर नही इसजलए इस म تو منون का शब रियोग जकया गया और सरी गवाही पथवी की ह अथामत ताऊन की जिसम िबर मौि ह जक भय दकर इस िमाअत म ाजखल करती ह इसजलए इसम تسلمون का शब रियोग जकया गयािष हाशिया - क बार म खा का यह कलाम ह जिसम जमीन क कलाम सद मझद सचना ी गई और वह यह ह- یــاول اہلل کنــت ل اعرفــکअथामत ह खा क वली म इस सद पहलद तझद नही पहचानती थी इसका जववरण यह ह जक कशफी तौर पर जमीन मददर सामनद की गई और उसनद यह कलाम जकया जक म अब तक तझद नही पहचानती थी जक त रहमान खा का वली ह इसी सद

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(2) जदतीय बात िो इस वही सद जसदध हई वह यह ह जक यह ताऊन इस हालत म कम होगी जक िब लोग खा क चनद हए को सवीकार कर लगद और कम सद कम यह जक शरारत कषट दनद और गाली दनद सद रक िाएगद कयोजक बराहीन अहमजया म खा तआला फरमाता ह ndash जक म अगनतम जनो म ताऊन भदिगा ताजक म उन पाजपयो और षटो का मह बन कर िो मदर रसल को गाजलया दतद ह असल बात यह ह जक कवल इनकार इस बात का कारण नही हो ताजक एक रसल क इनकार सद ससार म कोई तबाही भदिी िाए अजपत यज लोग शालीनता और सभयतापवमक खा क रसलो का इनकार कर और अतयाचार तथा गाजलया न तो उनका णि कयामत म जनधामररत ह और ससार म रसलो की सहायता म जितना सकामक रोग भदिा गया ह वह कवल इनकार सद नही अजपत बराइयो का णि ह इसी रिकार अब भी िब लोग गाजलया अतयाचार अनयाय और अपनद पापो सद रक िाएगद और उनम सशील लोगो िसा वयवहार पा हो िाएगा तब यह चदतावनी समापत कर ी िाएगी परनत इस अवसर पर बहत सद भायशाली लोग खा क रसल को सवीकार कर लगद और आकाशीय बरकतो सद भाग लगद और पथवी भायशाजलयो सद भर िाएगी

(3) ततीय बात िो इस वही सद जसदध हई ह वह यह ह जक खा तआला बहरहाल िब तक जक ताऊन ससार म रह यदयजप सततर वरम तक रह काजयान को उसकी भयकर तबाही सद सरजकत रखदगा कयोजक यह उसक रसल का कनदर ह और यह समसत उमतो क जलए जनशान ह

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दाफिउल बला

अब यज खा तआला क इस रसल और इस जनशान सद जकसी को इनकार हआ और खयाल हो जक कवल रसमी नमाजो और आओ सद या मसीह की इबात (उपासना) सद या गाय क कारण या वदो क ईमान सद जवरोध शमनी और इस रसल की अवजा क बावि ताऊन र हो सकती ह तो यह जवचार जबना सबत सवीकार करनद योय नही तो िो वयगति इन समसत सरिायो म सद अपनद धमम की सचाई का सबत दना चाहता ह तो अब बहत उततम अवसर ह िसद खा की ओर सद समसत धममो की सचाई या झठ को पहचाननद क जलए एक रिशमनी सथल जनधामररत जकया गया ह और खा नद सवमरिथम अपनी ओर सद पहलद काजयान का नाम लद जया ह अब यज आयम लोग वद को सचा समझतद ह तो उनको चाजहए जक बनारस क बार म िो वद क पढानद का मल सथान ह एक भजवषयवाणी कर जक उनका परमदशर बनारस को ताऊन सद बचा लदगा और सनातन धमम वालो को चाजहए जक जकसी ऐसद शहर क बार म जिसम गाए बहत हो उाहरणतया अमतसर क बार म भजवषयवाणी कर जक गायो क कारण उसम ताऊन नही आएगी यज गाय अपना इतना चमतकार जखा द तो कछ आचियम नही जक इस चमतकारी िानवर क रिाणो को सरकार बचा द इसी रिकार ईसाइयो को चाजहए जक कलकतता क बार म भजवषयवाणी कर जक उसम ताऊन नही पडगी कयोजक जबरजटश भारत का बडा जबशप कलकतता म रहता ह इसी रिकार जमया शसदीन और उनकी अिमन जहमायत-ए-इसलाम क ससयो को चाजहए जक लाहौर क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगा और मशी इलाही बखश एकाउनटणट िो इलहाम का ावा

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करतद ह उनक जलए भी यही अवसर ह जक अपनद इलहाम सद लाहौर क बार म भजवषयवाणी करक अिमन जहमायत-ए-इसलाम को म और उजचत ह जक अबल िबबार और अबल हक अमतसर शहर क बार म भजवषयवाणी कर और चजक वहाबी सरिाय की असल िड जली ह इजसलए उजचत ह जक नजीर हसन और महम हसन जली क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगी तो इस रिकार सद िसद समसत पिाब इस घातक रोग सद सरजकत हो िाएगा और सरकार को भी मफत म ाजयतव सद जनवजतत हो िाएगी और यज लोगो नद ऐसा न जकया तो जिर यही समझा िाएगा जक सचा खा वही खा ह जिसनद काजयान म अपना रसल भदिा

और अनततः समरण रह जक यज यद सब लोग जिन म मसलमानो क मलहम और आयमो क पजित और ईसाइयो क पारी सगमजलत ह चप रह तो जसदध हो िाएगा जक यद सब लोग झठ ह और एक जन आनद वाला ह जक काजयान सयम क समान चमक कर जखा दगा जक वह एक सचद का सथान ह अनत म जमया शसदीन साजहब को या रह जक आपनद िो अपनद जवजापन म आयत

(अननल - 63) مضطر ن یجیب ال ام

जलखी ह और इस सद आ की सवीकाररता की आशा की ह यह आशा सही नही ह कयोजक खा क कलाम म शब مضطر सद अजभरिाय वद हाजन-पीजडत ह िो कवल आजमायश क तौर पर हाजन-पीजडत हो न जक णि क तौर पर परनत िो लोग णि क तौर पर जकसी हाजन सद जनरनतर गरसत रहतद हो वद इस आयत क चररताथम नही ह अनयथा अजनवायम होता ह जक नह की कौम और लत की कौम

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तथा जफरऔन की कौम इतयाज की आए उस आतरता (इजतरार) क समय म सवीकार की िाती परनत ऐसा नही हआ और खा क हाथ नद उन कौमो को मार जया और यज जमया शसदीन कह जक जिर उन क यथायोय कौन सी आयत ह तो हम कहतद ह जक यह आयत यथायोय ह(अलमोजमन-51) کفرین ال ف ضلل

وما دعـؤا ال

चजक सभावना ह जक कछ मबजदध सवभाव वालद लोग इस जवजापन का मल उददशय समझनद म गलती खाए इस जलए हम पनः अपनद बलानद क कततमवय को अजभवयति कर दतद ह और वह यह ह जक यह ताऊन िो दश म िल रही ह जकसी अनय कारण सद नही अजपत एक ही कारण ह और वह यह जक लोगो नद खा क उस मौऊ क माननद सद इनकार जकया ह िो समसत नजबयो की भजवषयवाणी क अनसार ससार क सातव हजार म रिकट हआ ह तथा लोगो नद न कवल इनकार जकया अजपत खा क इस मसीह को गाजलया ी काजफर कहा और कतल करना चाहा और िो कछ चाहा उस सद जकया इसजलए खा क सवाजभमान नद चाहा जक उनकी इस घषटता असभयता पर उन पर चदतावनी उतार और खा नद पहलद पजवतर लदखो म खबर ी थी जक लोगो क इनकार क कारण उन जनो म िब मसीह रिकट होगा दश म भयकर ताऊन पडगी इसजलए अवशय था जक ताऊन पडती और ताऊन का नाम ताऊन इसजलए रखा गया ह जक यह ताअन (कटाक) करनद वालो का उततर ह और बनी इसाईल म हमदशा ताअन क समय म ही पडती थी और ताऊन क अरबी शबकोश म अथम ह बहत ताअन (कटाक) करनद वाला यह इस

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दाफिउल बला

बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

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قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 9: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

वाला था वासतजवक मगति जलानद वाला हमदशा और कयामत तक मगति का िल जखलानद वाला वह ह िो जहिाज की पथवी पर पा हआ था और समसत ससार और समसत यगो की मगति क जलए आया था और अब भी आया परनत जजल क तौर पर खदा उसकी बरकतो स सम परण थवी को लाभानवत कर आमीन

खाकसार - शमराण गलाम अहमद काशदयानी

िष हाशिया - पर बड ही गनद आरोप लगाए थद और ोनो क बार म नऊजजबलाह शतानी कायमो का आरोप लगातद थद अतः इस झठ का खणिन आवशयक था तो इस हीस क इस सद अजधक कोई मायनद नही जक यह गनद आरोप िो हजरत ईसा और उनकी मा पर लगाए गए ह यद सही नही ह अजपत वद इन अथमो सद शतान क सपशम सद पजवतर ह और इस रिकार क पजवतर होनद की घटना जकसी अनय नबी क सामनद नही आई इसी सद

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दाफिउल बला

शबनमलाशहररहमाशनररहीमनहमदह व नसली अला रसपशलशहलकरीम

ताऊनارکاشم زمشچ ا ی ب ہب زدخااطوعن ا وچآدم

انشم یہن رچاوعلمں افقس ے ا وتوخدوعلمین

ای اتس ثبخ ورتک الصح ووتق وتہب زامن

ااجنشم ی ن

م ن

ی ب ہن ربدبی وک ےسک

इस भयानक रोग क बार म िो दश म िलता िाता ह लोगो की जभनन-जभनन राय ह िॉकटर लोग जिन क जवचार कवल भौजतक उपायो तक सीजमत ह इस बात पर बल दतद ह जक पथवी म कवल रिाकजतक कारणो सद ऐसद कीटाण पा हो गए ह जक सवमरिथम चहो पर अपना षरिभाव पहचातद ह1और जिर मनषयो म मतय का जसलजसला िारी हो िाता ह और धाजममक जवचारो सद इस रोग का कछ सबध नही अजपत चाजहए जक अपनद घरो और नाजलयो को हर रिकार की गनगी और गमनध सद बचाए और सवचछ रख और जफनायल इतयाज सद पजवतर करतद रह और मकानो को आग सद गमम रख और ऐसा बनाए जक जिनम हवा भी पहच सक और रिकाश भी और जकसी मकान म

1 हाशिया - जचजकतसा क जनयमो क अनसार ताऊन क रोग की पहचान क जलए आवशयक ह जक जिस भामयशाली गाव या शहर या उसक जकसी भाग म यह घातक रोग िट पड उसम इस सद कई जन पवम मर हए चह पाए िाए तो यज उाहरण क तौर पर कवल जवर सद जकसी गाव म कछ मौत की घटनाए हो िाए और चह मरतद न दखद िाए तो वह ताऊन नही ह अजपत जवर क रिकारो म सद एक घातक जवर ह इसी सद

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दाफिउल बला

इतनद लोग न रह जक उन क मह की भाप और मल-मतर इतयाज सद कीटाण रिचर मातरा म पा हो िाए और भोिन न खाए और सब सद अचछा उपचार यह ह जक टीका लगवा ल और यज मकानो म माम चह पाए तो उन मकानो को छोड और उजचत ह जक बाहर खलद मानो म रह और मलद कचलद कपडो सद बच और यज कोई वयगति जकसी रिभाजवत या गरजसत मकान सद उनक शहर या गाव म आए तो उसको अनर न आनद और यज कोई ऐसद गाव या शहर का इस रोग सद बीमार हो िाए तो उसद बाहर जनकाल और उससद जमलनद-िलनद सद बच तो ताऊन का उपचार उन क नजीक िो कछ ह यही ह यद तो बजदधमान िॉकटरो और जचजकतसको की राय ह जिसद हम न तो एक पयामपत और सथायी उपचार क रग म समझतद ह और न कवल बदफाया ठहरातद ह पयामपत और सथायी उपचार इसजलए नही समझतद जक अनभव बता रहा ह जक कछ लोग बाहर जनकलनद सद भी मर ह और कछ सवचछता को अजनवायम रखतद-रखतद भी इस ससार सद कच कर गए तथा कछ नद बडी आशा सद टीका लगवाया और जिर कबर म िा पड तो कौन कह सकता ह या कौन हम सातवना द सकता ह जक यद समसत उपाय पयामपत उपचार ह अजपत इकरार करना पडता ह जक यदयजप यद समसत तरीक जकसी सीमा तक लाभरि ह परनत यह ऐसा उपाय नही ह जिसको ताऊन को दश सद र करनद क जलए पणम सिलता कह सक

इसी रिकार यद उपाय मातर बदफाया भी नही ह कयोजक िहा-िहा खा की इचछा ह वहा-वहा उसका फाया भी महसस हो रहा ह परनत वह फाया कछ अजधक रिशसनीय नही उाहरणतया यदयजप

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दाफिउल बला

यह सच ह जक िसद यज सौ लोगो नद टीका लगवाया ह और सर इतनद ही लोगो नद टीका नही लगवाया ह तो जिनहोनद टीका नही लगवाया उनम मौत अजधक पाई गई और टीका लगवानद वालो म कम परनत चजक टीक का रिभाव अजधक सद अजधक ो या तीन महीनद तक ह इसजलए टीक वाला भी बार-बार खतर म पडगा िब तक इस ससार सद कच न कर िाए अनतर कवल इतना ह जक िो लोग टीका नही लगवातद वद एक ऐसद िहाज पर सवार ह जक िो उाहरणतया चौबीस घट तक उनको ारल फना (मतय-गह) तक पहचा सकता ह वद िो लोग टीका लगवातद ह वद मानो ऐसद धीर चलनद वालद टटट पर चल रह ह िो चौबीस जन तक उसी सथान म पहचा दगा बहर हाल यद समसत उपाय िो िाकटरी तौर पर अपनाए गए ह न तो पयामपत और सतोरिनक ह और न मातर जनकमद और बदफाया ह और चजक ताऊन शीघर-शीघर दश को खाती िाती ह इसजलए मानव िाजत की हमदी इसी म ह जक जकसी अनय उपाय पर जवचार जकया िाए िो इस जवनाश सद बचा सक

और मसलमान लोग िसा जक जमया शसदीन सदकटरी अिमन जहमायत-ए-इसलाम लाहौर क जवजापन सद समझा िाता ह जिसद उनहोनद इसी माह अरिल 1902 ई म रिकाजशत जकया ह इस बात पर बल दतद ह जक मसलमानो क समसत जफकक जशया सननी मकगल और गर मकगल मानो म िाकर अपनद-अपनद धमम क जनयमानसार आए कर और एक ही जतजथ म एकतर होकर नमाज पढ तो बस यह ऐसा नसखा ह जक इस सद सहसा ताऊन र हो िाएगी परनत एकतर कसद हो इसका कोई उपाय नही बताया गया सपषट ह जक वहाबी समाय

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दाफिउल बला

क मतानसार तो फाजतहा खवानी क जबना नमाज रसत ही नही तो इस गसथजत म उनक साथ हनजफयो की नमाज कसद हो सकती ह कया परसपर उपदरव नही होगा इस क अजतररति जवजापन क जलखनद वालद नद यह वयति नही जकया जक जहन इस रोग क जनवारण क जलए कया कर कया उनको अनमजत ह या नही जक वद भी उस समय अपनी मजतमयो सद सहायता माग और ईसाई कौन सा तरीका अपनाए और िो जफकक हजरत हसन या अलीरजज को आवशयकताए पणम करनद वाला समझतद ह और महररम2

क महीनद म मनोकामनाओ क जलए हजारो रखवासत गजारा करतद ह या िो मसलमान सगय अबल काजर िीलानी की पिा करतद ह या िो शाह मार या सखी सवमर को पितद ह वद कया कर और कया अब यद समसत जफकक आए नही करतद अजपत रितयदक जफकाम भयभीत होकर अपनद-अपनद माब (उपासय) को पकार रहा ह जशयो क महलो म सर करो कोई ऐसा घर नही होगा जिसक रवाजद पर यह शदर जचपका हआ नही होगा -

الوباءالحاطمہ حر بھا اطفی خمسۃ ل

فاطمہمرتضی وابنا ھما وال

مصطفی وال

ال

2 हाशिया - यह महररम का महीना बडा मबारक महीना ह जतरजमजी म इसकी शदषठता क बार म आहजरत सललाह अलजह वसलम सद यह हीस जलखी ह जक

فیہ یوم تاب اہلل فیہ عل قوم ویتوب فیہ عل قوم اخرینअथामत महररम म एक ऐसा जन ह जिसम खा नद पहलद यग म एक कौम को बला सद मगति ी थी और ऐसा ही जनगचित ह जक इसी महीनद म एक बला सद एक और कौम को मगति जमलदगी कया आचियम जक इस बला सद ताऊन अजभरिाय हो और खा क मामर का आजापालन करक वह बला दश सद िाती रह इसी सद

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दाफिउल बला

मदर उसता एक बजगम जशया थद उनका कहना था जक वबा का इलाि कवल तवला और तबराम ह अथामत अहलद बत क रिदम को इबात की सीमा तक पहचा दना और सहाबा रजज को गाजलया दतद रहना इस सद उततम कोई इलाि नही और मनद सना ह जक बबई म िब ताऊन आरभ हई ह तो सवमरिथम लोगो म यही जवचार पा हआ था जक यह इमाम हसन का चमतकार ह कयोजक जिन जहनओ नद जशयो सद कछ जववा जकया था उनम ताऊन आरभ हो गई थी जिर िब इस रोग नद जशयो म भी कम रखा तब तो या हसन क नार समापत हो गए

यो तो मसलमानो क जवचार ह िो ताऊन को र करनद क जलए सोचद गए ह और ईसाइयो क जवचारो की अजभवयगति क जलए अभी एक जवजापन पारी वाइट बरदखत साजहब और उनकी अिमन की ओर सद जनकला ह और वह यह जक ताऊन को र करनद क जलए अनय कोई उपाय पयामपत नही जसवाए इसक जक हजरत मसीह को खा मान ल और उनक कफफारः पर ईमान लद आए

और जहनओ म सद आयममत क लोग पकार-पकार कर कह रह ह जक ताऊन की बला वद को तयाग ददनद क कारण ह समसत जफकमो को चाजहए जक वदो की सतय जवदया पर ईमान लाए और समसत नजबयो को नऊजजबलाह झठा ठहराए तब इस उपाय सद ताऊन र हो िाएगी

और जहनओ म िो सनातन धमम जफकाम (सरिाय) ह उसम ताऊन क जनवारण क बार म िो राय वयति की गई ह यज हम अखबार-ए-आम अखबार न पढतद तो शाय इस अदत राय सद

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दाफिउल बला

अनजमज रहतद और वह राय यह ह जक यह ताऊन की बला गाय क कारण आई ह यज सरकार यह कानन पास कर द जक इस दश म गाय काजप-काजप जजबह न की िाए तो जिर दजखए जक ताऊन कयोकर र हो िाती ह अजपत इस अखबार म एक सथान पर जलखा ह जक एक वयगति नद गाय को बोलतद सना जक वह कहती ह जक मदर कारण ही इस दश म ताऊन आई ह

अब ह पाठकगण सवय ही सोच लो जक इतनद जवजभनन कथनो और ावो सद जकस कथन को ससार क सामनद सपषट एव वयापक तौर पर फाया हो सकता ह यद समसत आसथागत बात ह और सवदनशील समय म िब तक जक ससार इन आसथाओ का जनणमय कर सवय ससार का जनणमय हो िाएगा इसजलए वह बात सवीकार करनद योय ह िो शीघर ही समझ म आ सकती ह और िो अपनद साथ कोई रिमाण रखती ह अतः वह बात म रिमाण सजहत रिसतत करता ह चार वरम हए जक मनद एक भजवषयवाणी रिकाजशत की थी जक पिाब म भयकर ताऊन आनद वाली ह और मनद इस दश म ताऊन क कालद वक दखद ह िो रितयदक शहर और गाव म लगाए गए ह यज लोग तौबः कर तो यद रोग ो िाडो सद अजधक नही हो सकता खा इसद र कर दगा परनत तौबः करनद की बिाए मझद गाजलया ी गई और सखत गाजलयो क जवजापन रिकाजशत जकए गए जिनका पररणाम ताऊन की यह हालत ह िो अब दख रह हो खा की वह पजवतर वही िो मझ पर उतरी उसकी इबात यह ह -

قریۃوامابانفسھ انہ اوی ال مابقوم حت بغی ان اہلل ل یغی

अथामत खा नद यह इराा जकया ह इस ताऊन की बला को

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दाफिउल बला

कदापि दर नही करगा जब तक लोग उन पिचारो को दर न कर जो उनक पदलो म ह अराथात जब तक ि खदा क मामर और रसल को सिवीकार न कर ल तब तक ताऊन दर नही होगवी और िह शकतिमान खदा कापदयान को ताऊन की तबाहवी3

स सरपषित रखगा तापक 3हाशिया - اوی (आिा) अरबवी शबद ह पजस क मायन ह तबाहवी और असत-वयसत होन स बचाना और अिनवी शरण म ल लना यह इस बात की ओर सकत ह पक ताऊन की पकसमो म स िह ताऊन बडवी पिनाशकारवी ह पजसका नाम ताऊन जारिफ ह अराथात झाड दन िालवी पजसस लोग जगह-जगह भागत ह और कतो की तरह मरत ह यह हालत इनसानवी सहनशवीलता स बढ जातवी ह तो इस खदाई कलाम म िादा ह पक यह हालत कभवी कापदयान िर नही आएगवी इसकी वयाखया यह दसरा इलहाम करता ह पक لوالاالکــرام لھلــک المقــام अराथात यपद मझ इस पसलपसल क सममान का िास न होता तो म कापदयान को भवी तबाह कर दता इस इलहाम स दो बात समझवी जातवी ह -(1) पररम यह पक कछ हापन नही पक इनसान की बदाथाशत की सवीमा तक कभवी कापदयान म भवी कोई घटना इकका-दकका तौर िर हो जाए जो पिनाशकारवी न हो और भागन एि असत-वयसत होन का कारण न हो कयोपक एक दो घटना न होन का आदश रखतवी ह(2) पवितवीय यह पक यह बात आिशयक ह पक पजन दहात और शहरो म कापदयान की अिषिा बहत उददणड दषट अतयाचारवी वयपभचारवी उिदरिवी और इस पसलपसल क खतरनाक शत रहत ह उनक शहरो या दहात म अिशय पिनाशकारवी ताऊन फट िडगवी यहा तक पक लोग बोखला कर हर ओर भागग हमन आिा क शबद जहा तक पिशाल ह उसक अनसार यह मायन कर पदए ह और हम दाि स पलखत ह पक कापदयान म कभवी ताऊन-जाररफ नही िडगवी जो गाि िवीरान करन िालवी और खा जान िालवी होतवी ह िरनत इसक मकाबल िर अनय शहरो और दहात म जो अतयाचारवी और उिदरिवी ह अिशय भयकर रि िदा होग समसत ससार म एक कापदयान ह पजसक पलए यह िादा हआ ــک ــی ذل ــدہلل ع इसवी स فالحم

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दाफिउल बला

तम समझो जक काजयान इसजलए सरजकत रखा गया जक वह खा का रसल और उसका मनोनीत काजयान म था अब दखो तीन वरम सद जसदध हो रहा ह जक वद ोनो पहल पर हो गए अथामत एक ओर समसत पिाब म ताऊन िल गई और सरी ओर इसक बावि जक काजयान क चारो ओर ो-ो मील की री पर ताऊन का जोर हो रहा ह परनत काजयान ताऊन सद पजवतर ह अजपत आि तक िो वयगति ताऊन सद गरसत बाहर सद काजयान म आया वह भी अचछा हो गया कया इस सद बढकर कोई और सबत होगा जक िो बात आि सद चार वरम पवम कही गई थी वद परी हो गई अजपत ताऊन की सचना आि सद बाईस वरम पवम बराहीन अहमजया म भी ी गई ह4और यह गब (परोक) का जान खा क अजतररति जकसी अनय की शगति म नही अतः इस रोग क जनवारण क जलए वह सनदश िो खा नद मझद जया ह वह यही ह जक लोग मझद सचद जल सद मसीह मौऊ मान ल यज मदरी ओर सद भी जबना जकसी रिमाण क कवल ावा

4हाशिया - आि सद स वरम पवम एक हर जवजापन म िो मदरी ओर सद रिका-जशत हआ था ताऊन की खबर ी गई थी और वह यह ह -

انمــا یبایعونــک اذلیــن باعینناووحینــاان الفلــک اصنــع ایدیــھ فــوق اہلل یــد اہلل یبایعــون

अथामत एक नौका मदर आदश और आखो क सामनद बना िो आनद वालद सकामक रोग बचाएगी िो लोग तझ सद बअत करतद ह वद मझ सद बअत करतद ह यह तदरा हाथ नही अजपत मदरा हाथ ह िो उनक हाथो पर रखा िाता ह इसी खा क कलाम का एक वाकय बराहीन अहमजया म बतौर भजवषयवाणी मौि ह और वह यह ह

ول تخاطبین ف اذلین ظلمواانھ مغرقونअथामत िो लोग जलम उदणिता वयजभचार और अवजा सद नही रकतद मदर आगद कछ जसिाररश न कर कयोजक वद िबाए िाएगद इसी सद

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दाफिउल बला

होता िसा जक जमया शसदीन सदकटरी जहमायत-ए-इसलाम लाहौर नद अपनद जवजापन म या पारी वाइट बरदखत साजहब नद अपनद जवजापन म जकया ह तो म भी उनकी तरह एक वयथमवाी ठहरता परनत मदरी वद बातद ह जिनको मनद समय सद पवम वणमन जकया और आि वद परी हो गई ततपचिात इन जनो म भी मझद खा नद खबर ी अतः अलाह तआला फरमाता ह -

القریۃ اوی انہ فیھ وانت لیعذبھ اہلل ماکان لولالکرام لھک المقام این اناالرحمن داف ال این ل یخاف من والوم اقوم الرسول مع این حفیظ این المرسلون دلی یلبسواایمانھ امنواولم اذلین ال تصنع النفوس یلوم بظلم اولئک لھ المن وھم مھتدون انانایت الرض ننکسھا جاثمی دارھم فاصبحواف اجھزالجیش این اطرافھا من الفاق وف انفسھ نصرمن اہلل وفتح مبی ایاتنا ف سنریھ مین انت اولدی5 بمنزۃل مین انت رب بایعین یایعتک این

5हाशिया - समरण रह जक खा तआला बदटो सद पजवतर ह न उसका कोई भागीार ह और न बदटा ह और न जकसी को अजधकार पहचता ह जक वह यह कह जक म खा ह या खा का बदटा ह परनत यह वाकय इस िगह अवासतजवक और रपक क वगम म सद ह खा तआला नद पजवतर कआमन म आहजरत सललाह अलजह वसलम को अपना हाथ बताया और फरमाया ایدھم فوق ऐसा ही बिाए (अलफतह-11) یعداہلل भी कहा और यह भी फरमायाیاعبادی क قل یاعباداہلل

اباءکم رکم اہلل کذک

فاذکر

तो खा क उस कलाम को होजशयारी और सावधानी सद पढो और उपमाओ क वगम म सद समझ कर ईमान लाओ और उसकी हालत म हसतकदप न करो और वासतजवकता खा क सपम कर ो और जवशास रखो जक खा

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दाफिउल बलाوانامنک عسی الن یبعثک ربک مقاما محمودا الفوق معک والحت مع اعدائک فاصرب حت یایت اہلل بامرہ یایت عل جھنم

زمان لیس فیھا احد अनवा ndash खा ऐसा नही जक काजयान क लोगो को अजाब

द हालाजक त उनम रहता ह वह इस गाव को ताऊन की लटमार और उसकी तबाही सद बचा लदगा यज मझद तदरा पास न होता और तदरा समान दगषटगत न होता तो म इस गाव को तबाह कर दता म याल ह िो ख को र करनद वाला ह मदर रसलो को मदर पास कछ भय और गम नही म जनगाह रखनद वाला ह म अपनद रसल क साथ खडा हगा और उसकी जनना करगा िो मदर रसल की जनना करता ह म अपनद समयो को जवभाजित कर गा जक वरम का कछ भाग तो म रितीका करगा अथामत ताऊन सद लोगो को मारगा और वरम का कछ भाग रोजा रखगा अथामत अमन रहगा और ताऊन कम हो िाएगी या जबलकल नही रहगी मदरा रिकोप भडक रहा ह बीमाररया िलगी और रिाणो की कजत होगी परनत वद लोग िो ईमान लाएगद और ईमान म कछ ोर नही होगा वद अमन म रहगद और उनकी मगति (छटकार) का मागम जमलद यह मत सोचो जक अपराधी बचद हए ह हम उनकी पथवी क जनकट आतद िातद ह म अनर ही अनर अपनी सदना तयार कर रहा ह अथामत ताउन क कीटाणओ का पोरण कर रहा ह अतः िष हाशिया - बदटा बनानद सद पजवतर ह तथाजप उपमाओ क रग म उसक कलाम म बहत कछ पाया िाता ह तो उपमाओ का अनकरण करनद सद बचो जक तबाह हो िाओ और मदर बार म सपषट तकमो म सद यह इलहाम ह िो बराहीन अहजमया म िम ह انما ال ثلکم یویح م انما انا بشر قل इसी सद الھکم اہل واحد الخیکہل ف القرآن

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दाफिउल बला

वद अपनद घरो म ऐसद सो िाएगद िसा जक एक ऊट मरा रह िाता ह हम उनको अपनद जनशान पहलद तो र-र क लोगो म जखाएगद और जिर सवय उनही म हमार जनशान रिकट होगद मनद तझ सद एक कय-जवकय जकया ह अथामत एक वसत मदरी थी त उसका माजलक बनाया गया और एक वसत तदरी थी जिस का म माजलक बन गया त भी उस कय-जवकय का इकरार कर और कह द जक खा नद मझ सद कय-जवकय जकया त मझ सद ऐसा ह िसा जक सनतान त मझ म सद ह और म तझ म सद ह वह समय समीप ह जक म तझद ऐसद मकाम पर खडा करगा जक ससार तदरी रिशसा और यशोगान करगा शदषठता तदर साथ ह और अधमता तदर शतरओ क साथ अतः सबर कर यहा तक जक वाद का जन आ िाए ताऊन पर एक ऐसा समय भी आनद वाला ह जक उसम कोई भी जगरफतार नही होगा अथामत अनततः भलाई और कशलता ह6

6हाशिया - पयामपत समय हआ जक इस सद पहलद खा नद मझद ताऊन क बार म सर की कहानी क तौर पर यह खबर ी थी یــا مســیح عدوانــا परनत आि 21 अरिल 1902 ई ह उसी इलहाम को पनः इस रिकार फरमाया गया یــا مســیح الخلــق عدوانالــن تــری مــن بعــد مرادنــا و فســادنا अथामत ह खा क मसीह िो मखलक की ओर भदिा गया हमारी शीघर खबर लद और हम अपनी जसफाररश सद बचा त इसक बा हमार पापी ततवो को नही दखदगा और न हमारा उपदरव कछ शदर रहगा अथामत हम सीधद हो िाएगद और गाजलया बकना तथा अपशब जनकालना छोड गद यह खा का कलाम बराहीन अहमजया क उस इलहाम क अनसार ह जक अगनतम जनो म हम लोगो पर ताऊन भदिगद िसा जक फरमाया- ــا عــل یوســف لنصــرف عنــہ الســوء والفحشــاء کذلــک مننअथामत हम ताऊन क साथ इस यसफ पर यह उपकार करगद जक गाजलया दनद वालद लोगो का मह बन कर गद ताजक वद िरकर गाजलयो सद रक िाए उनही जनो

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दाफिउल बला

अब इस सपणम वही सद तीन बात जसदध हई ह ndash(1) रिथम यह जक ताऊन ससार म इसजलए आई ह जक खा

क मसीह मौऊ सद न कवल इनकार जकया गया अजपत उसद ःख जया गया उसको कतल करनद क जलए योिनाए बनाई गई उसका नाम काजफर और जाल रखा गया तो खा नद न चाहा जक अपनद रसल को जबना गवाही क छोड द इसजलए उस नद आकाश और पथवी ोनो को उसकी सचाई का गवाह बना जया आकाश नद चनदर गरहण और सयम-गरहण सद गवाही ी िो रमजान म हए और पथवी नद ताऊन क साथ गवाही ी ताजक खा का वह कलाम परा हो िो बराहीन अहमजया म ह और वह यह ह ndash

قل عندی شھادۃ من اہلل فھل انتم تومنون قل عندی شھادۃمن اہلل فھل انتم تسلمون

अथामत मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम ईमान लाओगद या नही और म पनः कहता ह जक मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम सवीकार करोगद या नही पहली गवाही सद अजभरिाय आकाश की गवाही ह जिसम कोई िबर नही इसजलए इस म تو منون का शब रियोग जकया गया और सरी गवाही पथवी की ह अथामत ताऊन की जिसम िबर मौि ह जक भय दकर इस िमाअत म ाजखल करती ह इसजलए इसम تسلمون का शब रियोग जकया गयािष हाशिया - क बार म खा का यह कलाम ह जिसम जमीन क कलाम सद मझद सचना ी गई और वह यह ह- یــاول اہلل کنــت ل اعرفــکअथामत ह खा क वली म इस सद पहलद तझद नही पहचानती थी इसका जववरण यह ह जक कशफी तौर पर जमीन मददर सामनद की गई और उसनद यह कलाम जकया जक म अब तक तझद नही पहचानती थी जक त रहमान खा का वली ह इसी सद

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दाफिउल बला

(2) जदतीय बात िो इस वही सद जसदध हई वह यह ह जक यह ताऊन इस हालत म कम होगी जक िब लोग खा क चनद हए को सवीकार कर लगद और कम सद कम यह जक शरारत कषट दनद और गाली दनद सद रक िाएगद कयोजक बराहीन अहमजया म खा तआला फरमाता ह ndash जक म अगनतम जनो म ताऊन भदिगा ताजक म उन पाजपयो और षटो का मह बन कर िो मदर रसल को गाजलया दतद ह असल बात यह ह जक कवल इनकार इस बात का कारण नही हो ताजक एक रसल क इनकार सद ससार म कोई तबाही भदिी िाए अजपत यज लोग शालीनता और सभयतापवमक खा क रसलो का इनकार कर और अतयाचार तथा गाजलया न तो उनका णि कयामत म जनधामररत ह और ससार म रसलो की सहायता म जितना सकामक रोग भदिा गया ह वह कवल इनकार सद नही अजपत बराइयो का णि ह इसी रिकार अब भी िब लोग गाजलया अतयाचार अनयाय और अपनद पापो सद रक िाएगद और उनम सशील लोगो िसा वयवहार पा हो िाएगा तब यह चदतावनी समापत कर ी िाएगी परनत इस अवसर पर बहत सद भायशाली लोग खा क रसल को सवीकार कर लगद और आकाशीय बरकतो सद भाग लगद और पथवी भायशाजलयो सद भर िाएगी

(3) ततीय बात िो इस वही सद जसदध हई ह वह यह ह जक खा तआला बहरहाल िब तक जक ताऊन ससार म रह यदयजप सततर वरम तक रह काजयान को उसकी भयकर तबाही सद सरजकत रखदगा कयोजक यह उसक रसल का कनदर ह और यह समसत उमतो क जलए जनशान ह

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दाफिउल बला

अब यज खा तआला क इस रसल और इस जनशान सद जकसी को इनकार हआ और खयाल हो जक कवल रसमी नमाजो और आओ सद या मसीह की इबात (उपासना) सद या गाय क कारण या वदो क ईमान सद जवरोध शमनी और इस रसल की अवजा क बावि ताऊन र हो सकती ह तो यह जवचार जबना सबत सवीकार करनद योय नही तो िो वयगति इन समसत सरिायो म सद अपनद धमम की सचाई का सबत दना चाहता ह तो अब बहत उततम अवसर ह िसद खा की ओर सद समसत धममो की सचाई या झठ को पहचाननद क जलए एक रिशमनी सथल जनधामररत जकया गया ह और खा नद सवमरिथम अपनी ओर सद पहलद काजयान का नाम लद जया ह अब यज आयम लोग वद को सचा समझतद ह तो उनको चाजहए जक बनारस क बार म िो वद क पढानद का मल सथान ह एक भजवषयवाणी कर जक उनका परमदशर बनारस को ताऊन सद बचा लदगा और सनातन धमम वालो को चाजहए जक जकसी ऐसद शहर क बार म जिसम गाए बहत हो उाहरणतया अमतसर क बार म भजवषयवाणी कर जक गायो क कारण उसम ताऊन नही आएगी यज गाय अपना इतना चमतकार जखा द तो कछ आचियम नही जक इस चमतकारी िानवर क रिाणो को सरकार बचा द इसी रिकार ईसाइयो को चाजहए जक कलकतता क बार म भजवषयवाणी कर जक उसम ताऊन नही पडगी कयोजक जबरजटश भारत का बडा जबशप कलकतता म रहता ह इसी रिकार जमया शसदीन और उनकी अिमन जहमायत-ए-इसलाम क ससयो को चाजहए जक लाहौर क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगा और मशी इलाही बखश एकाउनटणट िो इलहाम का ावा

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दाफिउल बला

करतद ह उनक जलए भी यही अवसर ह जक अपनद इलहाम सद लाहौर क बार म भजवषयवाणी करक अिमन जहमायत-ए-इसलाम को म और उजचत ह जक अबल िबबार और अबल हक अमतसर शहर क बार म भजवषयवाणी कर और चजक वहाबी सरिाय की असल िड जली ह इजसलए उजचत ह जक नजीर हसन और महम हसन जली क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगी तो इस रिकार सद िसद समसत पिाब इस घातक रोग सद सरजकत हो िाएगा और सरकार को भी मफत म ाजयतव सद जनवजतत हो िाएगी और यज लोगो नद ऐसा न जकया तो जिर यही समझा िाएगा जक सचा खा वही खा ह जिसनद काजयान म अपना रसल भदिा

और अनततः समरण रह जक यज यद सब लोग जिन म मसलमानो क मलहम और आयमो क पजित और ईसाइयो क पारी सगमजलत ह चप रह तो जसदध हो िाएगा जक यद सब लोग झठ ह और एक जन आनद वाला ह जक काजयान सयम क समान चमक कर जखा दगा जक वह एक सचद का सथान ह अनत म जमया शसदीन साजहब को या रह जक आपनद िो अपनद जवजापन म आयत

(अननल - 63) مضطر ن یجیب ال ام

जलखी ह और इस सद आ की सवीकाररता की आशा की ह यह आशा सही नही ह कयोजक खा क कलाम म शब مضطر सद अजभरिाय वद हाजन-पीजडत ह िो कवल आजमायश क तौर पर हाजन-पीजडत हो न जक णि क तौर पर परनत िो लोग णि क तौर पर जकसी हाजन सद जनरनतर गरसत रहतद हो वद इस आयत क चररताथम नही ह अनयथा अजनवायम होता ह जक नह की कौम और लत की कौम

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दाफिउल बला

तथा जफरऔन की कौम इतयाज की आए उस आतरता (इजतरार) क समय म सवीकार की िाती परनत ऐसा नही हआ और खा क हाथ नद उन कौमो को मार जया और यज जमया शसदीन कह जक जिर उन क यथायोय कौन सी आयत ह तो हम कहतद ह जक यह आयत यथायोय ह(अलमोजमन-51) کفرین ال ف ضلل

وما دعـؤا ال

चजक सभावना ह जक कछ मबजदध सवभाव वालद लोग इस जवजापन का मल उददशय समझनद म गलती खाए इस जलए हम पनः अपनद बलानद क कततमवय को अजभवयति कर दतद ह और वह यह ह जक यह ताऊन िो दश म िल रही ह जकसी अनय कारण सद नही अजपत एक ही कारण ह और वह यह जक लोगो नद खा क उस मौऊ क माननद सद इनकार जकया ह िो समसत नजबयो की भजवषयवाणी क अनसार ससार क सातव हजार म रिकट हआ ह तथा लोगो नद न कवल इनकार जकया अजपत खा क इस मसीह को गाजलया ी काजफर कहा और कतल करना चाहा और िो कछ चाहा उस सद जकया इसजलए खा क सवाजभमान नद चाहा जक उनकी इस घषटता असभयता पर उन पर चदतावनी उतार और खा नद पहलद पजवतर लदखो म खबर ी थी जक लोगो क इनकार क कारण उन जनो म िब मसीह रिकट होगा दश म भयकर ताऊन पडगी इसजलए अवशय था जक ताऊन पडती और ताऊन का नाम ताऊन इसजलए रखा गया ह जक यह ताअन (कटाक) करनद वालो का उततर ह और बनी इसाईल म हमदशा ताअन क समय म ही पडती थी और ताऊन क अरबी शबकोश म अथम ह बहत ताअन (कटाक) करनद वाला यह इस

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दाफिउल बला

बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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दाफिउल बला

नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 10: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

शबनमलाशहररहमाशनररहीमनहमदह व नसली अला रसपशलशहलकरीम

ताऊनارکاشم زمشچ ا ی ب ہب زدخااطوعن ا وچآدم

انشم یہن رچاوعلمں افقس ے ا وتوخدوعلمین

ای اتس ثبخ ورتک الصح ووتق وتہب زامن

ااجنشم ی ن

م ن

ی ب ہن ربدبی وک ےسک

इस भयानक रोग क बार म िो दश म िलता िाता ह लोगो की जभनन-जभनन राय ह िॉकटर लोग जिन क जवचार कवल भौजतक उपायो तक सीजमत ह इस बात पर बल दतद ह जक पथवी म कवल रिाकजतक कारणो सद ऐसद कीटाण पा हो गए ह जक सवमरिथम चहो पर अपना षरिभाव पहचातद ह1और जिर मनषयो म मतय का जसलजसला िारी हो िाता ह और धाजममक जवचारो सद इस रोग का कछ सबध नही अजपत चाजहए जक अपनद घरो और नाजलयो को हर रिकार की गनगी और गमनध सद बचाए और सवचछ रख और जफनायल इतयाज सद पजवतर करतद रह और मकानो को आग सद गमम रख और ऐसा बनाए जक जिनम हवा भी पहच सक और रिकाश भी और जकसी मकान म

1 हाशिया - जचजकतसा क जनयमो क अनसार ताऊन क रोग की पहचान क जलए आवशयक ह जक जिस भामयशाली गाव या शहर या उसक जकसी भाग म यह घातक रोग िट पड उसम इस सद कई जन पवम मर हए चह पाए िाए तो यज उाहरण क तौर पर कवल जवर सद जकसी गाव म कछ मौत की घटनाए हो िाए और चह मरतद न दखद िाए तो वह ताऊन नही ह अजपत जवर क रिकारो म सद एक घातक जवर ह इसी सद

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दाफिउल बला

इतनद लोग न रह जक उन क मह की भाप और मल-मतर इतयाज सद कीटाण रिचर मातरा म पा हो िाए और भोिन न खाए और सब सद अचछा उपचार यह ह जक टीका लगवा ल और यज मकानो म माम चह पाए तो उन मकानो को छोड और उजचत ह जक बाहर खलद मानो म रह और मलद कचलद कपडो सद बच और यज कोई वयगति जकसी रिभाजवत या गरजसत मकान सद उनक शहर या गाव म आए तो उसको अनर न आनद और यज कोई ऐसद गाव या शहर का इस रोग सद बीमार हो िाए तो उसद बाहर जनकाल और उससद जमलनद-िलनद सद बच तो ताऊन का उपचार उन क नजीक िो कछ ह यही ह यद तो बजदधमान िॉकटरो और जचजकतसको की राय ह जिसद हम न तो एक पयामपत और सथायी उपचार क रग म समझतद ह और न कवल बदफाया ठहरातद ह पयामपत और सथायी उपचार इसजलए नही समझतद जक अनभव बता रहा ह जक कछ लोग बाहर जनकलनद सद भी मर ह और कछ सवचछता को अजनवायम रखतद-रखतद भी इस ससार सद कच कर गए तथा कछ नद बडी आशा सद टीका लगवाया और जिर कबर म िा पड तो कौन कह सकता ह या कौन हम सातवना द सकता ह जक यद समसत उपाय पयामपत उपचार ह अजपत इकरार करना पडता ह जक यदयजप यद समसत तरीक जकसी सीमा तक लाभरि ह परनत यह ऐसा उपाय नही ह जिसको ताऊन को दश सद र करनद क जलए पणम सिलता कह सक

इसी रिकार यद उपाय मातर बदफाया भी नही ह कयोजक िहा-िहा खा की इचछा ह वहा-वहा उसका फाया भी महसस हो रहा ह परनत वह फाया कछ अजधक रिशसनीय नही उाहरणतया यदयजप

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दाफिउल बला

यह सच ह जक िसद यज सौ लोगो नद टीका लगवाया ह और सर इतनद ही लोगो नद टीका नही लगवाया ह तो जिनहोनद टीका नही लगवाया उनम मौत अजधक पाई गई और टीका लगवानद वालो म कम परनत चजक टीक का रिभाव अजधक सद अजधक ो या तीन महीनद तक ह इसजलए टीक वाला भी बार-बार खतर म पडगा िब तक इस ससार सद कच न कर िाए अनतर कवल इतना ह जक िो लोग टीका नही लगवातद वद एक ऐसद िहाज पर सवार ह जक िो उाहरणतया चौबीस घट तक उनको ारल फना (मतय-गह) तक पहचा सकता ह वद िो लोग टीका लगवातद ह वद मानो ऐसद धीर चलनद वालद टटट पर चल रह ह िो चौबीस जन तक उसी सथान म पहचा दगा बहर हाल यद समसत उपाय िो िाकटरी तौर पर अपनाए गए ह न तो पयामपत और सतोरिनक ह और न मातर जनकमद और बदफाया ह और चजक ताऊन शीघर-शीघर दश को खाती िाती ह इसजलए मानव िाजत की हमदी इसी म ह जक जकसी अनय उपाय पर जवचार जकया िाए िो इस जवनाश सद बचा सक

और मसलमान लोग िसा जक जमया शसदीन सदकटरी अिमन जहमायत-ए-इसलाम लाहौर क जवजापन सद समझा िाता ह जिसद उनहोनद इसी माह अरिल 1902 ई म रिकाजशत जकया ह इस बात पर बल दतद ह जक मसलमानो क समसत जफकक जशया सननी मकगल और गर मकगल मानो म िाकर अपनद-अपनद धमम क जनयमानसार आए कर और एक ही जतजथ म एकतर होकर नमाज पढ तो बस यह ऐसा नसखा ह जक इस सद सहसा ताऊन र हो िाएगी परनत एकतर कसद हो इसका कोई उपाय नही बताया गया सपषट ह जक वहाबी समाय

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दाफिउल बला

क मतानसार तो फाजतहा खवानी क जबना नमाज रसत ही नही तो इस गसथजत म उनक साथ हनजफयो की नमाज कसद हो सकती ह कया परसपर उपदरव नही होगा इस क अजतररति जवजापन क जलखनद वालद नद यह वयति नही जकया जक जहन इस रोग क जनवारण क जलए कया कर कया उनको अनमजत ह या नही जक वद भी उस समय अपनी मजतमयो सद सहायता माग और ईसाई कौन सा तरीका अपनाए और िो जफकक हजरत हसन या अलीरजज को आवशयकताए पणम करनद वाला समझतद ह और महररम2

क महीनद म मनोकामनाओ क जलए हजारो रखवासत गजारा करतद ह या िो मसलमान सगय अबल काजर िीलानी की पिा करतद ह या िो शाह मार या सखी सवमर को पितद ह वद कया कर और कया अब यद समसत जफकक आए नही करतद अजपत रितयदक जफकाम भयभीत होकर अपनद-अपनद माब (उपासय) को पकार रहा ह जशयो क महलो म सर करो कोई ऐसा घर नही होगा जिसक रवाजद पर यह शदर जचपका हआ नही होगा -

الوباءالحاطمہ حر بھا اطفی خمسۃ ل

فاطمہمرتضی وابنا ھما وال

مصطفی وال

ال

2 हाशिया - यह महररम का महीना बडा मबारक महीना ह जतरजमजी म इसकी शदषठता क बार म आहजरत सललाह अलजह वसलम सद यह हीस जलखी ह जक

فیہ یوم تاب اہلل فیہ عل قوم ویتوب فیہ عل قوم اخرینअथामत महररम म एक ऐसा जन ह जिसम खा नद पहलद यग म एक कौम को बला सद मगति ी थी और ऐसा ही जनगचित ह जक इसी महीनद म एक बला सद एक और कौम को मगति जमलदगी कया आचियम जक इस बला सद ताऊन अजभरिाय हो और खा क मामर का आजापालन करक वह बला दश सद िाती रह इसी सद

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दाफिउल बला

मदर उसता एक बजगम जशया थद उनका कहना था जक वबा का इलाि कवल तवला और तबराम ह अथामत अहलद बत क रिदम को इबात की सीमा तक पहचा दना और सहाबा रजज को गाजलया दतद रहना इस सद उततम कोई इलाि नही और मनद सना ह जक बबई म िब ताऊन आरभ हई ह तो सवमरिथम लोगो म यही जवचार पा हआ था जक यह इमाम हसन का चमतकार ह कयोजक जिन जहनओ नद जशयो सद कछ जववा जकया था उनम ताऊन आरभ हो गई थी जिर िब इस रोग नद जशयो म भी कम रखा तब तो या हसन क नार समापत हो गए

यो तो मसलमानो क जवचार ह िो ताऊन को र करनद क जलए सोचद गए ह और ईसाइयो क जवचारो की अजभवयगति क जलए अभी एक जवजापन पारी वाइट बरदखत साजहब और उनकी अिमन की ओर सद जनकला ह और वह यह जक ताऊन को र करनद क जलए अनय कोई उपाय पयामपत नही जसवाए इसक जक हजरत मसीह को खा मान ल और उनक कफफारः पर ईमान लद आए

और जहनओ म सद आयममत क लोग पकार-पकार कर कह रह ह जक ताऊन की बला वद को तयाग ददनद क कारण ह समसत जफकमो को चाजहए जक वदो की सतय जवदया पर ईमान लाए और समसत नजबयो को नऊजजबलाह झठा ठहराए तब इस उपाय सद ताऊन र हो िाएगी

और जहनओ म िो सनातन धमम जफकाम (सरिाय) ह उसम ताऊन क जनवारण क बार म िो राय वयति की गई ह यज हम अखबार-ए-आम अखबार न पढतद तो शाय इस अदत राय सद

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दाफिउल बला

अनजमज रहतद और वह राय यह ह जक यह ताऊन की बला गाय क कारण आई ह यज सरकार यह कानन पास कर द जक इस दश म गाय काजप-काजप जजबह न की िाए तो जिर दजखए जक ताऊन कयोकर र हो िाती ह अजपत इस अखबार म एक सथान पर जलखा ह जक एक वयगति नद गाय को बोलतद सना जक वह कहती ह जक मदर कारण ही इस दश म ताऊन आई ह

अब ह पाठकगण सवय ही सोच लो जक इतनद जवजभनन कथनो और ावो सद जकस कथन को ससार क सामनद सपषट एव वयापक तौर पर फाया हो सकता ह यद समसत आसथागत बात ह और सवदनशील समय म िब तक जक ससार इन आसथाओ का जनणमय कर सवय ससार का जनणमय हो िाएगा इसजलए वह बात सवीकार करनद योय ह िो शीघर ही समझ म आ सकती ह और िो अपनद साथ कोई रिमाण रखती ह अतः वह बात म रिमाण सजहत रिसतत करता ह चार वरम हए जक मनद एक भजवषयवाणी रिकाजशत की थी जक पिाब म भयकर ताऊन आनद वाली ह और मनद इस दश म ताऊन क कालद वक दखद ह िो रितयदक शहर और गाव म लगाए गए ह यज लोग तौबः कर तो यद रोग ो िाडो सद अजधक नही हो सकता खा इसद र कर दगा परनत तौबः करनद की बिाए मझद गाजलया ी गई और सखत गाजलयो क जवजापन रिकाजशत जकए गए जिनका पररणाम ताऊन की यह हालत ह िो अब दख रह हो खा की वह पजवतर वही िो मझ पर उतरी उसकी इबात यह ह -

قریۃوامابانفسھ انہ اوی ال مابقوم حت بغی ان اہلل ل یغی

अथामत खा नद यह इराा जकया ह इस ताऊन की बला को

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दाफिउल बला

कदापि दर नही करगा जब तक लोग उन पिचारो को दर न कर जो उनक पदलो म ह अराथात जब तक ि खदा क मामर और रसल को सिवीकार न कर ल तब तक ताऊन दर नही होगवी और िह शकतिमान खदा कापदयान को ताऊन की तबाहवी3

स सरपषित रखगा तापक 3हाशिया - اوی (आिा) अरबवी शबद ह पजस क मायन ह तबाहवी और असत-वयसत होन स बचाना और अिनवी शरण म ल लना यह इस बात की ओर सकत ह पक ताऊन की पकसमो म स िह ताऊन बडवी पिनाशकारवी ह पजसका नाम ताऊन जारिफ ह अराथात झाड दन िालवी पजसस लोग जगह-जगह भागत ह और कतो की तरह मरत ह यह हालत इनसानवी सहनशवीलता स बढ जातवी ह तो इस खदाई कलाम म िादा ह पक यह हालत कभवी कापदयान िर नही आएगवी इसकी वयाखया यह दसरा इलहाम करता ह पक لوالاالکــرام لھلــک المقــام अराथात यपद मझ इस पसलपसल क सममान का िास न होता तो म कापदयान को भवी तबाह कर दता इस इलहाम स दो बात समझवी जातवी ह -(1) पररम यह पक कछ हापन नही पक इनसान की बदाथाशत की सवीमा तक कभवी कापदयान म भवी कोई घटना इकका-दकका तौर िर हो जाए जो पिनाशकारवी न हो और भागन एि असत-वयसत होन का कारण न हो कयोपक एक दो घटना न होन का आदश रखतवी ह(2) पवितवीय यह पक यह बात आिशयक ह पक पजन दहात और शहरो म कापदयान की अिषिा बहत उददणड दषट अतयाचारवी वयपभचारवी उिदरिवी और इस पसलपसल क खतरनाक शत रहत ह उनक शहरो या दहात म अिशय पिनाशकारवी ताऊन फट िडगवी यहा तक पक लोग बोखला कर हर ओर भागग हमन आिा क शबद जहा तक पिशाल ह उसक अनसार यह मायन कर पदए ह और हम दाि स पलखत ह पक कापदयान म कभवी ताऊन-जाररफ नही िडगवी जो गाि िवीरान करन िालवी और खा जान िालवी होतवी ह िरनत इसक मकाबल िर अनय शहरो और दहात म जो अतयाचारवी और उिदरिवी ह अिशय भयकर रि िदा होग समसत ससार म एक कापदयान ह पजसक पलए यह िादा हआ ــک ــی ذل ــدہلل ع इसवी स فالحم

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दाफिउल बला

तम समझो जक काजयान इसजलए सरजकत रखा गया जक वह खा का रसल और उसका मनोनीत काजयान म था अब दखो तीन वरम सद जसदध हो रहा ह जक वद ोनो पहल पर हो गए अथामत एक ओर समसत पिाब म ताऊन िल गई और सरी ओर इसक बावि जक काजयान क चारो ओर ो-ो मील की री पर ताऊन का जोर हो रहा ह परनत काजयान ताऊन सद पजवतर ह अजपत आि तक िो वयगति ताऊन सद गरसत बाहर सद काजयान म आया वह भी अचछा हो गया कया इस सद बढकर कोई और सबत होगा जक िो बात आि सद चार वरम पवम कही गई थी वद परी हो गई अजपत ताऊन की सचना आि सद बाईस वरम पवम बराहीन अहमजया म भी ी गई ह4और यह गब (परोक) का जान खा क अजतररति जकसी अनय की शगति म नही अतः इस रोग क जनवारण क जलए वह सनदश िो खा नद मझद जया ह वह यही ह जक लोग मझद सचद जल सद मसीह मौऊ मान ल यज मदरी ओर सद भी जबना जकसी रिमाण क कवल ावा

4हाशिया - आि सद स वरम पवम एक हर जवजापन म िो मदरी ओर सद रिका-जशत हआ था ताऊन की खबर ी गई थी और वह यह ह -

انمــا یبایعونــک اذلیــن باعینناووحینــاان الفلــک اصنــع ایدیــھ فــوق اہلل یــد اہلل یبایعــون

अथामत एक नौका मदर आदश और आखो क सामनद बना िो आनद वालद सकामक रोग बचाएगी िो लोग तझ सद बअत करतद ह वद मझ सद बअत करतद ह यह तदरा हाथ नही अजपत मदरा हाथ ह िो उनक हाथो पर रखा िाता ह इसी खा क कलाम का एक वाकय बराहीन अहमजया म बतौर भजवषयवाणी मौि ह और वह यह ह

ول تخاطبین ف اذلین ظلمواانھ مغرقونअथामत िो लोग जलम उदणिता वयजभचार और अवजा सद नही रकतद मदर आगद कछ जसिाररश न कर कयोजक वद िबाए िाएगद इसी सद

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दाफिउल बला

होता िसा जक जमया शसदीन सदकटरी जहमायत-ए-इसलाम लाहौर नद अपनद जवजापन म या पारी वाइट बरदखत साजहब नद अपनद जवजापन म जकया ह तो म भी उनकी तरह एक वयथमवाी ठहरता परनत मदरी वद बातद ह जिनको मनद समय सद पवम वणमन जकया और आि वद परी हो गई ततपचिात इन जनो म भी मझद खा नद खबर ी अतः अलाह तआला फरमाता ह -

القریۃ اوی انہ فیھ وانت لیعذبھ اہلل ماکان لولالکرام لھک المقام این اناالرحمن داف ال این ل یخاف من والوم اقوم الرسول مع این حفیظ این المرسلون دلی یلبسواایمانھ امنواولم اذلین ال تصنع النفوس یلوم بظلم اولئک لھ المن وھم مھتدون انانایت الرض ننکسھا جاثمی دارھم فاصبحواف اجھزالجیش این اطرافھا من الفاق وف انفسھ نصرمن اہلل وفتح مبی ایاتنا ف سنریھ مین انت اولدی5 بمنزۃل مین انت رب بایعین یایعتک این

5हाशिया - समरण रह जक खा तआला बदटो सद पजवतर ह न उसका कोई भागीार ह और न बदटा ह और न जकसी को अजधकार पहचता ह जक वह यह कह जक म खा ह या खा का बदटा ह परनत यह वाकय इस िगह अवासतजवक और रपक क वगम म सद ह खा तआला नद पजवतर कआमन म आहजरत सललाह अलजह वसलम को अपना हाथ बताया और फरमाया ایدھم فوق ऐसा ही बिाए (अलफतह-11) یعداہلل भी कहा और यह भी फरमायाیاعبادی क قل یاعباداہلل

اباءکم رکم اہلل کذک

فاذکر

तो खा क उस कलाम को होजशयारी और सावधानी सद पढो और उपमाओ क वगम म सद समझ कर ईमान लाओ और उसकी हालत म हसतकदप न करो और वासतजवकता खा क सपम कर ो और जवशास रखो जक खा

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दाफिउल बलाوانامنک عسی الن یبعثک ربک مقاما محمودا الفوق معک والحت مع اعدائک فاصرب حت یایت اہلل بامرہ یایت عل جھنم

زمان لیس فیھا احد अनवा ndash खा ऐसा नही जक काजयान क लोगो को अजाब

द हालाजक त उनम रहता ह वह इस गाव को ताऊन की लटमार और उसकी तबाही सद बचा लदगा यज मझद तदरा पास न होता और तदरा समान दगषटगत न होता तो म इस गाव को तबाह कर दता म याल ह िो ख को र करनद वाला ह मदर रसलो को मदर पास कछ भय और गम नही म जनगाह रखनद वाला ह म अपनद रसल क साथ खडा हगा और उसकी जनना करगा िो मदर रसल की जनना करता ह म अपनद समयो को जवभाजित कर गा जक वरम का कछ भाग तो म रितीका करगा अथामत ताऊन सद लोगो को मारगा और वरम का कछ भाग रोजा रखगा अथामत अमन रहगा और ताऊन कम हो िाएगी या जबलकल नही रहगी मदरा रिकोप भडक रहा ह बीमाररया िलगी और रिाणो की कजत होगी परनत वद लोग िो ईमान लाएगद और ईमान म कछ ोर नही होगा वद अमन म रहगद और उनकी मगति (छटकार) का मागम जमलद यह मत सोचो जक अपराधी बचद हए ह हम उनकी पथवी क जनकट आतद िातद ह म अनर ही अनर अपनी सदना तयार कर रहा ह अथामत ताउन क कीटाणओ का पोरण कर रहा ह अतः िष हाशिया - बदटा बनानद सद पजवतर ह तथाजप उपमाओ क रग म उसक कलाम म बहत कछ पाया िाता ह तो उपमाओ का अनकरण करनद सद बचो जक तबाह हो िाओ और मदर बार म सपषट तकमो म सद यह इलहाम ह िो बराहीन अहजमया म िम ह انما ال ثلکم یویح م انما انا بشر قل इसी सद الھکم اہل واحد الخیکہل ف القرآن

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दाफिउल बला

वद अपनद घरो म ऐसद सो िाएगद िसा जक एक ऊट मरा रह िाता ह हम उनको अपनद जनशान पहलद तो र-र क लोगो म जखाएगद और जिर सवय उनही म हमार जनशान रिकट होगद मनद तझ सद एक कय-जवकय जकया ह अथामत एक वसत मदरी थी त उसका माजलक बनाया गया और एक वसत तदरी थी जिस का म माजलक बन गया त भी उस कय-जवकय का इकरार कर और कह द जक खा नद मझ सद कय-जवकय जकया त मझ सद ऐसा ह िसा जक सनतान त मझ म सद ह और म तझ म सद ह वह समय समीप ह जक म तझद ऐसद मकाम पर खडा करगा जक ससार तदरी रिशसा और यशोगान करगा शदषठता तदर साथ ह और अधमता तदर शतरओ क साथ अतः सबर कर यहा तक जक वाद का जन आ िाए ताऊन पर एक ऐसा समय भी आनद वाला ह जक उसम कोई भी जगरफतार नही होगा अथामत अनततः भलाई और कशलता ह6

6हाशिया - पयामपत समय हआ जक इस सद पहलद खा नद मझद ताऊन क बार म सर की कहानी क तौर पर यह खबर ी थी یــا مســیح عدوانــا परनत आि 21 अरिल 1902 ई ह उसी इलहाम को पनः इस रिकार फरमाया गया یــا مســیح الخلــق عدوانالــن تــری مــن بعــد مرادنــا و فســادنا अथामत ह खा क मसीह िो मखलक की ओर भदिा गया हमारी शीघर खबर लद और हम अपनी जसफाररश सद बचा त इसक बा हमार पापी ततवो को नही दखदगा और न हमारा उपदरव कछ शदर रहगा अथामत हम सीधद हो िाएगद और गाजलया बकना तथा अपशब जनकालना छोड गद यह खा का कलाम बराहीन अहमजया क उस इलहाम क अनसार ह जक अगनतम जनो म हम लोगो पर ताऊन भदिगद िसा जक फरमाया- ــا عــل یوســف لنصــرف عنــہ الســوء والفحشــاء کذلــک مننअथामत हम ताऊन क साथ इस यसफ पर यह उपकार करगद जक गाजलया दनद वालद लोगो का मह बन कर गद ताजक वद िरकर गाजलयो सद रक िाए उनही जनो

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दाफिउल बला

अब इस सपणम वही सद तीन बात जसदध हई ह ndash(1) रिथम यह जक ताऊन ससार म इसजलए आई ह जक खा

क मसीह मौऊ सद न कवल इनकार जकया गया अजपत उसद ःख जया गया उसको कतल करनद क जलए योिनाए बनाई गई उसका नाम काजफर और जाल रखा गया तो खा नद न चाहा जक अपनद रसल को जबना गवाही क छोड द इसजलए उस नद आकाश और पथवी ोनो को उसकी सचाई का गवाह बना जया आकाश नद चनदर गरहण और सयम-गरहण सद गवाही ी िो रमजान म हए और पथवी नद ताऊन क साथ गवाही ी ताजक खा का वह कलाम परा हो िो बराहीन अहमजया म ह और वह यह ह ndash

قل عندی شھادۃ من اہلل فھل انتم تومنون قل عندی شھادۃمن اہلل فھل انتم تسلمون

अथामत मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम ईमान लाओगद या नही और म पनः कहता ह जक मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम सवीकार करोगद या नही पहली गवाही सद अजभरिाय आकाश की गवाही ह जिसम कोई िबर नही इसजलए इस म تو منون का शब रियोग जकया गया और सरी गवाही पथवी की ह अथामत ताऊन की जिसम िबर मौि ह जक भय दकर इस िमाअत म ाजखल करती ह इसजलए इसम تسلمون का शब रियोग जकया गयािष हाशिया - क बार म खा का यह कलाम ह जिसम जमीन क कलाम सद मझद सचना ी गई और वह यह ह- یــاول اہلل کنــت ل اعرفــکअथामत ह खा क वली म इस सद पहलद तझद नही पहचानती थी इसका जववरण यह ह जक कशफी तौर पर जमीन मददर सामनद की गई और उसनद यह कलाम जकया जक म अब तक तझद नही पहचानती थी जक त रहमान खा का वली ह इसी सद

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(2) जदतीय बात िो इस वही सद जसदध हई वह यह ह जक यह ताऊन इस हालत म कम होगी जक िब लोग खा क चनद हए को सवीकार कर लगद और कम सद कम यह जक शरारत कषट दनद और गाली दनद सद रक िाएगद कयोजक बराहीन अहमजया म खा तआला फरमाता ह ndash जक म अगनतम जनो म ताऊन भदिगा ताजक म उन पाजपयो और षटो का मह बन कर िो मदर रसल को गाजलया दतद ह असल बात यह ह जक कवल इनकार इस बात का कारण नही हो ताजक एक रसल क इनकार सद ससार म कोई तबाही भदिी िाए अजपत यज लोग शालीनता और सभयतापवमक खा क रसलो का इनकार कर और अतयाचार तथा गाजलया न तो उनका णि कयामत म जनधामररत ह और ससार म रसलो की सहायता म जितना सकामक रोग भदिा गया ह वह कवल इनकार सद नही अजपत बराइयो का णि ह इसी रिकार अब भी िब लोग गाजलया अतयाचार अनयाय और अपनद पापो सद रक िाएगद और उनम सशील लोगो िसा वयवहार पा हो िाएगा तब यह चदतावनी समापत कर ी िाएगी परनत इस अवसर पर बहत सद भायशाली लोग खा क रसल को सवीकार कर लगद और आकाशीय बरकतो सद भाग लगद और पथवी भायशाजलयो सद भर िाएगी

(3) ततीय बात िो इस वही सद जसदध हई ह वह यह ह जक खा तआला बहरहाल िब तक जक ताऊन ससार म रह यदयजप सततर वरम तक रह काजयान को उसकी भयकर तबाही सद सरजकत रखदगा कयोजक यह उसक रसल का कनदर ह और यह समसत उमतो क जलए जनशान ह

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दाफिउल बला

अब यज खा तआला क इस रसल और इस जनशान सद जकसी को इनकार हआ और खयाल हो जक कवल रसमी नमाजो और आओ सद या मसीह की इबात (उपासना) सद या गाय क कारण या वदो क ईमान सद जवरोध शमनी और इस रसल की अवजा क बावि ताऊन र हो सकती ह तो यह जवचार जबना सबत सवीकार करनद योय नही तो िो वयगति इन समसत सरिायो म सद अपनद धमम की सचाई का सबत दना चाहता ह तो अब बहत उततम अवसर ह िसद खा की ओर सद समसत धममो की सचाई या झठ को पहचाननद क जलए एक रिशमनी सथल जनधामररत जकया गया ह और खा नद सवमरिथम अपनी ओर सद पहलद काजयान का नाम लद जया ह अब यज आयम लोग वद को सचा समझतद ह तो उनको चाजहए जक बनारस क बार म िो वद क पढानद का मल सथान ह एक भजवषयवाणी कर जक उनका परमदशर बनारस को ताऊन सद बचा लदगा और सनातन धमम वालो को चाजहए जक जकसी ऐसद शहर क बार म जिसम गाए बहत हो उाहरणतया अमतसर क बार म भजवषयवाणी कर जक गायो क कारण उसम ताऊन नही आएगी यज गाय अपना इतना चमतकार जखा द तो कछ आचियम नही जक इस चमतकारी िानवर क रिाणो को सरकार बचा द इसी रिकार ईसाइयो को चाजहए जक कलकतता क बार म भजवषयवाणी कर जक उसम ताऊन नही पडगी कयोजक जबरजटश भारत का बडा जबशप कलकतता म रहता ह इसी रिकार जमया शसदीन और उनकी अिमन जहमायत-ए-इसलाम क ससयो को चाजहए जक लाहौर क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगा और मशी इलाही बखश एकाउनटणट िो इलहाम का ावा

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करतद ह उनक जलए भी यही अवसर ह जक अपनद इलहाम सद लाहौर क बार म भजवषयवाणी करक अिमन जहमायत-ए-इसलाम को म और उजचत ह जक अबल िबबार और अबल हक अमतसर शहर क बार म भजवषयवाणी कर और चजक वहाबी सरिाय की असल िड जली ह इजसलए उजचत ह जक नजीर हसन और महम हसन जली क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगी तो इस रिकार सद िसद समसत पिाब इस घातक रोग सद सरजकत हो िाएगा और सरकार को भी मफत म ाजयतव सद जनवजतत हो िाएगी और यज लोगो नद ऐसा न जकया तो जिर यही समझा िाएगा जक सचा खा वही खा ह जिसनद काजयान म अपना रसल भदिा

और अनततः समरण रह जक यज यद सब लोग जिन म मसलमानो क मलहम और आयमो क पजित और ईसाइयो क पारी सगमजलत ह चप रह तो जसदध हो िाएगा जक यद सब लोग झठ ह और एक जन आनद वाला ह जक काजयान सयम क समान चमक कर जखा दगा जक वह एक सचद का सथान ह अनत म जमया शसदीन साजहब को या रह जक आपनद िो अपनद जवजापन म आयत

(अननल - 63) مضطر ن یجیب ال ام

जलखी ह और इस सद आ की सवीकाररता की आशा की ह यह आशा सही नही ह कयोजक खा क कलाम म शब مضطر सद अजभरिाय वद हाजन-पीजडत ह िो कवल आजमायश क तौर पर हाजन-पीजडत हो न जक णि क तौर पर परनत िो लोग णि क तौर पर जकसी हाजन सद जनरनतर गरसत रहतद हो वद इस आयत क चररताथम नही ह अनयथा अजनवायम होता ह जक नह की कौम और लत की कौम

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तथा जफरऔन की कौम इतयाज की आए उस आतरता (इजतरार) क समय म सवीकार की िाती परनत ऐसा नही हआ और खा क हाथ नद उन कौमो को मार जया और यज जमया शसदीन कह जक जिर उन क यथायोय कौन सी आयत ह तो हम कहतद ह जक यह आयत यथायोय ह(अलमोजमन-51) کفرین ال ف ضلل

وما دعـؤا ال

चजक सभावना ह जक कछ मबजदध सवभाव वालद लोग इस जवजापन का मल उददशय समझनद म गलती खाए इस जलए हम पनः अपनद बलानद क कततमवय को अजभवयति कर दतद ह और वह यह ह जक यह ताऊन िो दश म िल रही ह जकसी अनय कारण सद नही अजपत एक ही कारण ह और वह यह जक लोगो नद खा क उस मौऊ क माननद सद इनकार जकया ह िो समसत नजबयो की भजवषयवाणी क अनसार ससार क सातव हजार म रिकट हआ ह तथा लोगो नद न कवल इनकार जकया अजपत खा क इस मसीह को गाजलया ी काजफर कहा और कतल करना चाहा और िो कछ चाहा उस सद जकया इसजलए खा क सवाजभमान नद चाहा जक उनकी इस घषटता असभयता पर उन पर चदतावनी उतार और खा नद पहलद पजवतर लदखो म खबर ी थी जक लोगो क इनकार क कारण उन जनो म िब मसीह रिकट होगा दश म भयकर ताऊन पडगी इसजलए अवशय था जक ताऊन पडती और ताऊन का नाम ताऊन इसजलए रखा गया ह जक यह ताअन (कटाक) करनद वालो का उततर ह और बनी इसाईल म हमदशा ताअन क समय म ही पडती थी और ताऊन क अरबी शबकोश म अथम ह बहत ताअन (कटाक) करनद वाला यह इस

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दाफिउल बला

बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

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قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 11: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

इतनद लोग न रह जक उन क मह की भाप और मल-मतर इतयाज सद कीटाण रिचर मातरा म पा हो िाए और भोिन न खाए और सब सद अचछा उपचार यह ह जक टीका लगवा ल और यज मकानो म माम चह पाए तो उन मकानो को छोड और उजचत ह जक बाहर खलद मानो म रह और मलद कचलद कपडो सद बच और यज कोई वयगति जकसी रिभाजवत या गरजसत मकान सद उनक शहर या गाव म आए तो उसको अनर न आनद और यज कोई ऐसद गाव या शहर का इस रोग सद बीमार हो िाए तो उसद बाहर जनकाल और उससद जमलनद-िलनद सद बच तो ताऊन का उपचार उन क नजीक िो कछ ह यही ह यद तो बजदधमान िॉकटरो और जचजकतसको की राय ह जिसद हम न तो एक पयामपत और सथायी उपचार क रग म समझतद ह और न कवल बदफाया ठहरातद ह पयामपत और सथायी उपचार इसजलए नही समझतद जक अनभव बता रहा ह जक कछ लोग बाहर जनकलनद सद भी मर ह और कछ सवचछता को अजनवायम रखतद-रखतद भी इस ससार सद कच कर गए तथा कछ नद बडी आशा सद टीका लगवाया और जिर कबर म िा पड तो कौन कह सकता ह या कौन हम सातवना द सकता ह जक यद समसत उपाय पयामपत उपचार ह अजपत इकरार करना पडता ह जक यदयजप यद समसत तरीक जकसी सीमा तक लाभरि ह परनत यह ऐसा उपाय नही ह जिसको ताऊन को दश सद र करनद क जलए पणम सिलता कह सक

इसी रिकार यद उपाय मातर बदफाया भी नही ह कयोजक िहा-िहा खा की इचछा ह वहा-वहा उसका फाया भी महसस हो रहा ह परनत वह फाया कछ अजधक रिशसनीय नही उाहरणतया यदयजप

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दाफिउल बला

यह सच ह जक िसद यज सौ लोगो नद टीका लगवाया ह और सर इतनद ही लोगो नद टीका नही लगवाया ह तो जिनहोनद टीका नही लगवाया उनम मौत अजधक पाई गई और टीका लगवानद वालो म कम परनत चजक टीक का रिभाव अजधक सद अजधक ो या तीन महीनद तक ह इसजलए टीक वाला भी बार-बार खतर म पडगा िब तक इस ससार सद कच न कर िाए अनतर कवल इतना ह जक िो लोग टीका नही लगवातद वद एक ऐसद िहाज पर सवार ह जक िो उाहरणतया चौबीस घट तक उनको ारल फना (मतय-गह) तक पहचा सकता ह वद िो लोग टीका लगवातद ह वद मानो ऐसद धीर चलनद वालद टटट पर चल रह ह िो चौबीस जन तक उसी सथान म पहचा दगा बहर हाल यद समसत उपाय िो िाकटरी तौर पर अपनाए गए ह न तो पयामपत और सतोरिनक ह और न मातर जनकमद और बदफाया ह और चजक ताऊन शीघर-शीघर दश को खाती िाती ह इसजलए मानव िाजत की हमदी इसी म ह जक जकसी अनय उपाय पर जवचार जकया िाए िो इस जवनाश सद बचा सक

और मसलमान लोग िसा जक जमया शसदीन सदकटरी अिमन जहमायत-ए-इसलाम लाहौर क जवजापन सद समझा िाता ह जिसद उनहोनद इसी माह अरिल 1902 ई म रिकाजशत जकया ह इस बात पर बल दतद ह जक मसलमानो क समसत जफकक जशया सननी मकगल और गर मकगल मानो म िाकर अपनद-अपनद धमम क जनयमानसार आए कर और एक ही जतजथ म एकतर होकर नमाज पढ तो बस यह ऐसा नसखा ह जक इस सद सहसा ताऊन र हो िाएगी परनत एकतर कसद हो इसका कोई उपाय नही बताया गया सपषट ह जक वहाबी समाय

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दाफिउल बला

क मतानसार तो फाजतहा खवानी क जबना नमाज रसत ही नही तो इस गसथजत म उनक साथ हनजफयो की नमाज कसद हो सकती ह कया परसपर उपदरव नही होगा इस क अजतररति जवजापन क जलखनद वालद नद यह वयति नही जकया जक जहन इस रोग क जनवारण क जलए कया कर कया उनको अनमजत ह या नही जक वद भी उस समय अपनी मजतमयो सद सहायता माग और ईसाई कौन सा तरीका अपनाए और िो जफकक हजरत हसन या अलीरजज को आवशयकताए पणम करनद वाला समझतद ह और महररम2

क महीनद म मनोकामनाओ क जलए हजारो रखवासत गजारा करतद ह या िो मसलमान सगय अबल काजर िीलानी की पिा करतद ह या िो शाह मार या सखी सवमर को पितद ह वद कया कर और कया अब यद समसत जफकक आए नही करतद अजपत रितयदक जफकाम भयभीत होकर अपनद-अपनद माब (उपासय) को पकार रहा ह जशयो क महलो म सर करो कोई ऐसा घर नही होगा जिसक रवाजद पर यह शदर जचपका हआ नही होगा -

الوباءالحاطمہ حر بھا اطفی خمسۃ ل

فاطمہمرتضی وابنا ھما وال

مصطفی وال

ال

2 हाशिया - यह महररम का महीना बडा मबारक महीना ह जतरजमजी म इसकी शदषठता क बार म आहजरत सललाह अलजह वसलम सद यह हीस जलखी ह जक

فیہ یوم تاب اہلل فیہ عل قوم ویتوب فیہ عل قوم اخرینअथामत महररम म एक ऐसा जन ह जिसम खा नद पहलद यग म एक कौम को बला सद मगति ी थी और ऐसा ही जनगचित ह जक इसी महीनद म एक बला सद एक और कौम को मगति जमलदगी कया आचियम जक इस बला सद ताऊन अजभरिाय हो और खा क मामर का आजापालन करक वह बला दश सद िाती रह इसी सद

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दाफिउल बला

मदर उसता एक बजगम जशया थद उनका कहना था जक वबा का इलाि कवल तवला और तबराम ह अथामत अहलद बत क रिदम को इबात की सीमा तक पहचा दना और सहाबा रजज को गाजलया दतद रहना इस सद उततम कोई इलाि नही और मनद सना ह जक बबई म िब ताऊन आरभ हई ह तो सवमरिथम लोगो म यही जवचार पा हआ था जक यह इमाम हसन का चमतकार ह कयोजक जिन जहनओ नद जशयो सद कछ जववा जकया था उनम ताऊन आरभ हो गई थी जिर िब इस रोग नद जशयो म भी कम रखा तब तो या हसन क नार समापत हो गए

यो तो मसलमानो क जवचार ह िो ताऊन को र करनद क जलए सोचद गए ह और ईसाइयो क जवचारो की अजभवयगति क जलए अभी एक जवजापन पारी वाइट बरदखत साजहब और उनकी अिमन की ओर सद जनकला ह और वह यह जक ताऊन को र करनद क जलए अनय कोई उपाय पयामपत नही जसवाए इसक जक हजरत मसीह को खा मान ल और उनक कफफारः पर ईमान लद आए

और जहनओ म सद आयममत क लोग पकार-पकार कर कह रह ह जक ताऊन की बला वद को तयाग ददनद क कारण ह समसत जफकमो को चाजहए जक वदो की सतय जवदया पर ईमान लाए और समसत नजबयो को नऊजजबलाह झठा ठहराए तब इस उपाय सद ताऊन र हो िाएगी

और जहनओ म िो सनातन धमम जफकाम (सरिाय) ह उसम ताऊन क जनवारण क बार म िो राय वयति की गई ह यज हम अखबार-ए-आम अखबार न पढतद तो शाय इस अदत राय सद

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दाफिउल बला

अनजमज रहतद और वह राय यह ह जक यह ताऊन की बला गाय क कारण आई ह यज सरकार यह कानन पास कर द जक इस दश म गाय काजप-काजप जजबह न की िाए तो जिर दजखए जक ताऊन कयोकर र हो िाती ह अजपत इस अखबार म एक सथान पर जलखा ह जक एक वयगति नद गाय को बोलतद सना जक वह कहती ह जक मदर कारण ही इस दश म ताऊन आई ह

अब ह पाठकगण सवय ही सोच लो जक इतनद जवजभनन कथनो और ावो सद जकस कथन को ससार क सामनद सपषट एव वयापक तौर पर फाया हो सकता ह यद समसत आसथागत बात ह और सवदनशील समय म िब तक जक ससार इन आसथाओ का जनणमय कर सवय ससार का जनणमय हो िाएगा इसजलए वह बात सवीकार करनद योय ह िो शीघर ही समझ म आ सकती ह और िो अपनद साथ कोई रिमाण रखती ह अतः वह बात म रिमाण सजहत रिसतत करता ह चार वरम हए जक मनद एक भजवषयवाणी रिकाजशत की थी जक पिाब म भयकर ताऊन आनद वाली ह और मनद इस दश म ताऊन क कालद वक दखद ह िो रितयदक शहर और गाव म लगाए गए ह यज लोग तौबः कर तो यद रोग ो िाडो सद अजधक नही हो सकता खा इसद र कर दगा परनत तौबः करनद की बिाए मझद गाजलया ी गई और सखत गाजलयो क जवजापन रिकाजशत जकए गए जिनका पररणाम ताऊन की यह हालत ह िो अब दख रह हो खा की वह पजवतर वही िो मझ पर उतरी उसकी इबात यह ह -

قریۃوامابانفسھ انہ اوی ال مابقوم حت بغی ان اہلل ل یغی

अथामत खा नद यह इराा जकया ह इस ताऊन की बला को

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दाफिउल बला

कदापि दर नही करगा जब तक लोग उन पिचारो को दर न कर जो उनक पदलो म ह अराथात जब तक ि खदा क मामर और रसल को सिवीकार न कर ल तब तक ताऊन दर नही होगवी और िह शकतिमान खदा कापदयान को ताऊन की तबाहवी3

स सरपषित रखगा तापक 3हाशिया - اوی (आिा) अरबवी शबद ह पजस क मायन ह तबाहवी और असत-वयसत होन स बचाना और अिनवी शरण म ल लना यह इस बात की ओर सकत ह पक ताऊन की पकसमो म स िह ताऊन बडवी पिनाशकारवी ह पजसका नाम ताऊन जारिफ ह अराथात झाड दन िालवी पजसस लोग जगह-जगह भागत ह और कतो की तरह मरत ह यह हालत इनसानवी सहनशवीलता स बढ जातवी ह तो इस खदाई कलाम म िादा ह पक यह हालत कभवी कापदयान िर नही आएगवी इसकी वयाखया यह दसरा इलहाम करता ह पक لوالاالکــرام لھلــک المقــام अराथात यपद मझ इस पसलपसल क सममान का िास न होता तो म कापदयान को भवी तबाह कर दता इस इलहाम स दो बात समझवी जातवी ह -(1) पररम यह पक कछ हापन नही पक इनसान की बदाथाशत की सवीमा तक कभवी कापदयान म भवी कोई घटना इकका-दकका तौर िर हो जाए जो पिनाशकारवी न हो और भागन एि असत-वयसत होन का कारण न हो कयोपक एक दो घटना न होन का आदश रखतवी ह(2) पवितवीय यह पक यह बात आिशयक ह पक पजन दहात और शहरो म कापदयान की अिषिा बहत उददणड दषट अतयाचारवी वयपभचारवी उिदरिवी और इस पसलपसल क खतरनाक शत रहत ह उनक शहरो या दहात म अिशय पिनाशकारवी ताऊन फट िडगवी यहा तक पक लोग बोखला कर हर ओर भागग हमन आिा क शबद जहा तक पिशाल ह उसक अनसार यह मायन कर पदए ह और हम दाि स पलखत ह पक कापदयान म कभवी ताऊन-जाररफ नही िडगवी जो गाि िवीरान करन िालवी और खा जान िालवी होतवी ह िरनत इसक मकाबल िर अनय शहरो और दहात म जो अतयाचारवी और उिदरिवी ह अिशय भयकर रि िदा होग समसत ससार म एक कापदयान ह पजसक पलए यह िादा हआ ــک ــی ذل ــدہلل ع इसवी स فالحم

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दाफिउल बला

तम समझो जक काजयान इसजलए सरजकत रखा गया जक वह खा का रसल और उसका मनोनीत काजयान म था अब दखो तीन वरम सद जसदध हो रहा ह जक वद ोनो पहल पर हो गए अथामत एक ओर समसत पिाब म ताऊन िल गई और सरी ओर इसक बावि जक काजयान क चारो ओर ो-ो मील की री पर ताऊन का जोर हो रहा ह परनत काजयान ताऊन सद पजवतर ह अजपत आि तक िो वयगति ताऊन सद गरसत बाहर सद काजयान म आया वह भी अचछा हो गया कया इस सद बढकर कोई और सबत होगा जक िो बात आि सद चार वरम पवम कही गई थी वद परी हो गई अजपत ताऊन की सचना आि सद बाईस वरम पवम बराहीन अहमजया म भी ी गई ह4और यह गब (परोक) का जान खा क अजतररति जकसी अनय की शगति म नही अतः इस रोग क जनवारण क जलए वह सनदश िो खा नद मझद जया ह वह यही ह जक लोग मझद सचद जल सद मसीह मौऊ मान ल यज मदरी ओर सद भी जबना जकसी रिमाण क कवल ावा

4हाशिया - आि सद स वरम पवम एक हर जवजापन म िो मदरी ओर सद रिका-जशत हआ था ताऊन की खबर ी गई थी और वह यह ह -

انمــا یبایعونــک اذلیــن باعینناووحینــاان الفلــک اصنــع ایدیــھ فــوق اہلل یــد اہلل یبایعــون

अथामत एक नौका मदर आदश और आखो क सामनद बना िो आनद वालद सकामक रोग बचाएगी िो लोग तझ सद बअत करतद ह वद मझ सद बअत करतद ह यह तदरा हाथ नही अजपत मदरा हाथ ह िो उनक हाथो पर रखा िाता ह इसी खा क कलाम का एक वाकय बराहीन अहमजया म बतौर भजवषयवाणी मौि ह और वह यह ह

ول تخاطبین ف اذلین ظلمواانھ مغرقونअथामत िो लोग जलम उदणिता वयजभचार और अवजा सद नही रकतद मदर आगद कछ जसिाररश न कर कयोजक वद िबाए िाएगद इसी सद

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दाफिउल बला

होता िसा जक जमया शसदीन सदकटरी जहमायत-ए-इसलाम लाहौर नद अपनद जवजापन म या पारी वाइट बरदखत साजहब नद अपनद जवजापन म जकया ह तो म भी उनकी तरह एक वयथमवाी ठहरता परनत मदरी वद बातद ह जिनको मनद समय सद पवम वणमन जकया और आि वद परी हो गई ततपचिात इन जनो म भी मझद खा नद खबर ी अतः अलाह तआला फरमाता ह -

القریۃ اوی انہ فیھ وانت لیعذبھ اہلل ماکان لولالکرام لھک المقام این اناالرحمن داف ال این ل یخاف من والوم اقوم الرسول مع این حفیظ این المرسلون دلی یلبسواایمانھ امنواولم اذلین ال تصنع النفوس یلوم بظلم اولئک لھ المن وھم مھتدون انانایت الرض ننکسھا جاثمی دارھم فاصبحواف اجھزالجیش این اطرافھا من الفاق وف انفسھ نصرمن اہلل وفتح مبی ایاتنا ف سنریھ مین انت اولدی5 بمنزۃل مین انت رب بایعین یایعتک این

5हाशिया - समरण रह जक खा तआला बदटो सद पजवतर ह न उसका कोई भागीार ह और न बदटा ह और न जकसी को अजधकार पहचता ह जक वह यह कह जक म खा ह या खा का बदटा ह परनत यह वाकय इस िगह अवासतजवक और रपक क वगम म सद ह खा तआला नद पजवतर कआमन म आहजरत सललाह अलजह वसलम को अपना हाथ बताया और फरमाया ایدھم فوق ऐसा ही बिाए (अलफतह-11) یعداہلل भी कहा और यह भी फरमायाیاعبادی क قل یاعباداہلل

اباءکم رکم اہلل کذک

فاذکر

तो खा क उस कलाम को होजशयारी और सावधानी सद पढो और उपमाओ क वगम म सद समझ कर ईमान लाओ और उसकी हालत म हसतकदप न करो और वासतजवकता खा क सपम कर ो और जवशास रखो जक खा

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दाफिउल बलाوانامنک عسی الن یبعثک ربک مقاما محمودا الفوق معک والحت مع اعدائک فاصرب حت یایت اہلل بامرہ یایت عل جھنم

زمان لیس فیھا احد अनवा ndash खा ऐसा नही जक काजयान क लोगो को अजाब

द हालाजक त उनम रहता ह वह इस गाव को ताऊन की लटमार और उसकी तबाही सद बचा लदगा यज मझद तदरा पास न होता और तदरा समान दगषटगत न होता तो म इस गाव को तबाह कर दता म याल ह िो ख को र करनद वाला ह मदर रसलो को मदर पास कछ भय और गम नही म जनगाह रखनद वाला ह म अपनद रसल क साथ खडा हगा और उसकी जनना करगा िो मदर रसल की जनना करता ह म अपनद समयो को जवभाजित कर गा जक वरम का कछ भाग तो म रितीका करगा अथामत ताऊन सद लोगो को मारगा और वरम का कछ भाग रोजा रखगा अथामत अमन रहगा और ताऊन कम हो िाएगी या जबलकल नही रहगी मदरा रिकोप भडक रहा ह बीमाररया िलगी और रिाणो की कजत होगी परनत वद लोग िो ईमान लाएगद और ईमान म कछ ोर नही होगा वद अमन म रहगद और उनकी मगति (छटकार) का मागम जमलद यह मत सोचो जक अपराधी बचद हए ह हम उनकी पथवी क जनकट आतद िातद ह म अनर ही अनर अपनी सदना तयार कर रहा ह अथामत ताउन क कीटाणओ का पोरण कर रहा ह अतः िष हाशिया - बदटा बनानद सद पजवतर ह तथाजप उपमाओ क रग म उसक कलाम म बहत कछ पाया िाता ह तो उपमाओ का अनकरण करनद सद बचो जक तबाह हो िाओ और मदर बार म सपषट तकमो म सद यह इलहाम ह िो बराहीन अहजमया म िम ह انما ال ثلکم یویح م انما انا بشر قل इसी सद الھکم اہل واحد الخیکہل ف القرآن

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दाफिउल बला

वद अपनद घरो म ऐसद सो िाएगद िसा जक एक ऊट मरा रह िाता ह हम उनको अपनद जनशान पहलद तो र-र क लोगो म जखाएगद और जिर सवय उनही म हमार जनशान रिकट होगद मनद तझ सद एक कय-जवकय जकया ह अथामत एक वसत मदरी थी त उसका माजलक बनाया गया और एक वसत तदरी थी जिस का म माजलक बन गया त भी उस कय-जवकय का इकरार कर और कह द जक खा नद मझ सद कय-जवकय जकया त मझ सद ऐसा ह िसा जक सनतान त मझ म सद ह और म तझ म सद ह वह समय समीप ह जक म तझद ऐसद मकाम पर खडा करगा जक ससार तदरी रिशसा और यशोगान करगा शदषठता तदर साथ ह और अधमता तदर शतरओ क साथ अतः सबर कर यहा तक जक वाद का जन आ िाए ताऊन पर एक ऐसा समय भी आनद वाला ह जक उसम कोई भी जगरफतार नही होगा अथामत अनततः भलाई और कशलता ह6

6हाशिया - पयामपत समय हआ जक इस सद पहलद खा नद मझद ताऊन क बार म सर की कहानी क तौर पर यह खबर ी थी یــا مســیح عدوانــا परनत आि 21 अरिल 1902 ई ह उसी इलहाम को पनः इस रिकार फरमाया गया یــا مســیح الخلــق عدوانالــن تــری مــن بعــد مرادنــا و فســادنا अथामत ह खा क मसीह िो मखलक की ओर भदिा गया हमारी शीघर खबर लद और हम अपनी जसफाररश सद बचा त इसक बा हमार पापी ततवो को नही दखदगा और न हमारा उपदरव कछ शदर रहगा अथामत हम सीधद हो िाएगद और गाजलया बकना तथा अपशब जनकालना छोड गद यह खा का कलाम बराहीन अहमजया क उस इलहाम क अनसार ह जक अगनतम जनो म हम लोगो पर ताऊन भदिगद िसा जक फरमाया- ــا عــل یوســف لنصــرف عنــہ الســوء والفحشــاء کذلــک مننअथामत हम ताऊन क साथ इस यसफ पर यह उपकार करगद जक गाजलया दनद वालद लोगो का मह बन कर गद ताजक वद िरकर गाजलयो सद रक िाए उनही जनो

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दाफिउल बला

अब इस सपणम वही सद तीन बात जसदध हई ह ndash(1) रिथम यह जक ताऊन ससार म इसजलए आई ह जक खा

क मसीह मौऊ सद न कवल इनकार जकया गया अजपत उसद ःख जया गया उसको कतल करनद क जलए योिनाए बनाई गई उसका नाम काजफर और जाल रखा गया तो खा नद न चाहा जक अपनद रसल को जबना गवाही क छोड द इसजलए उस नद आकाश और पथवी ोनो को उसकी सचाई का गवाह बना जया आकाश नद चनदर गरहण और सयम-गरहण सद गवाही ी िो रमजान म हए और पथवी नद ताऊन क साथ गवाही ी ताजक खा का वह कलाम परा हो िो बराहीन अहमजया म ह और वह यह ह ndash

قل عندی شھادۃ من اہلل فھل انتم تومنون قل عندی شھادۃمن اہلل فھل انتم تسلمون

अथामत मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम ईमान लाओगद या नही और म पनः कहता ह जक मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम सवीकार करोगद या नही पहली गवाही सद अजभरिाय आकाश की गवाही ह जिसम कोई िबर नही इसजलए इस म تو منون का शब रियोग जकया गया और सरी गवाही पथवी की ह अथामत ताऊन की जिसम िबर मौि ह जक भय दकर इस िमाअत म ाजखल करती ह इसजलए इसम تسلمون का शब रियोग जकया गयािष हाशिया - क बार म खा का यह कलाम ह जिसम जमीन क कलाम सद मझद सचना ी गई और वह यह ह- یــاول اہلل کنــت ل اعرفــکअथामत ह खा क वली म इस सद पहलद तझद नही पहचानती थी इसका जववरण यह ह जक कशफी तौर पर जमीन मददर सामनद की गई और उसनद यह कलाम जकया जक म अब तक तझद नही पहचानती थी जक त रहमान खा का वली ह इसी सद

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दाफिउल बला

(2) जदतीय बात िो इस वही सद जसदध हई वह यह ह जक यह ताऊन इस हालत म कम होगी जक िब लोग खा क चनद हए को सवीकार कर लगद और कम सद कम यह जक शरारत कषट दनद और गाली दनद सद रक िाएगद कयोजक बराहीन अहमजया म खा तआला फरमाता ह ndash जक म अगनतम जनो म ताऊन भदिगा ताजक म उन पाजपयो और षटो का मह बन कर िो मदर रसल को गाजलया दतद ह असल बात यह ह जक कवल इनकार इस बात का कारण नही हो ताजक एक रसल क इनकार सद ससार म कोई तबाही भदिी िाए अजपत यज लोग शालीनता और सभयतापवमक खा क रसलो का इनकार कर और अतयाचार तथा गाजलया न तो उनका णि कयामत म जनधामररत ह और ससार म रसलो की सहायता म जितना सकामक रोग भदिा गया ह वह कवल इनकार सद नही अजपत बराइयो का णि ह इसी रिकार अब भी िब लोग गाजलया अतयाचार अनयाय और अपनद पापो सद रक िाएगद और उनम सशील लोगो िसा वयवहार पा हो िाएगा तब यह चदतावनी समापत कर ी िाएगी परनत इस अवसर पर बहत सद भायशाली लोग खा क रसल को सवीकार कर लगद और आकाशीय बरकतो सद भाग लगद और पथवी भायशाजलयो सद भर िाएगी

(3) ततीय बात िो इस वही सद जसदध हई ह वह यह ह जक खा तआला बहरहाल िब तक जक ताऊन ससार म रह यदयजप सततर वरम तक रह काजयान को उसकी भयकर तबाही सद सरजकत रखदगा कयोजक यह उसक रसल का कनदर ह और यह समसत उमतो क जलए जनशान ह

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दाफिउल बला

अब यज खा तआला क इस रसल और इस जनशान सद जकसी को इनकार हआ और खयाल हो जक कवल रसमी नमाजो और आओ सद या मसीह की इबात (उपासना) सद या गाय क कारण या वदो क ईमान सद जवरोध शमनी और इस रसल की अवजा क बावि ताऊन र हो सकती ह तो यह जवचार जबना सबत सवीकार करनद योय नही तो िो वयगति इन समसत सरिायो म सद अपनद धमम की सचाई का सबत दना चाहता ह तो अब बहत उततम अवसर ह िसद खा की ओर सद समसत धममो की सचाई या झठ को पहचाननद क जलए एक रिशमनी सथल जनधामररत जकया गया ह और खा नद सवमरिथम अपनी ओर सद पहलद काजयान का नाम लद जया ह अब यज आयम लोग वद को सचा समझतद ह तो उनको चाजहए जक बनारस क बार म िो वद क पढानद का मल सथान ह एक भजवषयवाणी कर जक उनका परमदशर बनारस को ताऊन सद बचा लदगा और सनातन धमम वालो को चाजहए जक जकसी ऐसद शहर क बार म जिसम गाए बहत हो उाहरणतया अमतसर क बार म भजवषयवाणी कर जक गायो क कारण उसम ताऊन नही आएगी यज गाय अपना इतना चमतकार जखा द तो कछ आचियम नही जक इस चमतकारी िानवर क रिाणो को सरकार बचा द इसी रिकार ईसाइयो को चाजहए जक कलकतता क बार म भजवषयवाणी कर जक उसम ताऊन नही पडगी कयोजक जबरजटश भारत का बडा जबशप कलकतता म रहता ह इसी रिकार जमया शसदीन और उनकी अिमन जहमायत-ए-इसलाम क ससयो को चाजहए जक लाहौर क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगा और मशी इलाही बखश एकाउनटणट िो इलहाम का ावा

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दाफिउल बला

करतद ह उनक जलए भी यही अवसर ह जक अपनद इलहाम सद लाहौर क बार म भजवषयवाणी करक अिमन जहमायत-ए-इसलाम को म और उजचत ह जक अबल िबबार और अबल हक अमतसर शहर क बार म भजवषयवाणी कर और चजक वहाबी सरिाय की असल िड जली ह इजसलए उजचत ह जक नजीर हसन और महम हसन जली क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगी तो इस रिकार सद िसद समसत पिाब इस घातक रोग सद सरजकत हो िाएगा और सरकार को भी मफत म ाजयतव सद जनवजतत हो िाएगी और यज लोगो नद ऐसा न जकया तो जिर यही समझा िाएगा जक सचा खा वही खा ह जिसनद काजयान म अपना रसल भदिा

और अनततः समरण रह जक यज यद सब लोग जिन म मसलमानो क मलहम और आयमो क पजित और ईसाइयो क पारी सगमजलत ह चप रह तो जसदध हो िाएगा जक यद सब लोग झठ ह और एक जन आनद वाला ह जक काजयान सयम क समान चमक कर जखा दगा जक वह एक सचद का सथान ह अनत म जमया शसदीन साजहब को या रह जक आपनद िो अपनद जवजापन म आयत

(अननल - 63) مضطر ن یجیب ال ام

जलखी ह और इस सद आ की सवीकाररता की आशा की ह यह आशा सही नही ह कयोजक खा क कलाम म शब مضطر सद अजभरिाय वद हाजन-पीजडत ह िो कवल आजमायश क तौर पर हाजन-पीजडत हो न जक णि क तौर पर परनत िो लोग णि क तौर पर जकसी हाजन सद जनरनतर गरसत रहतद हो वद इस आयत क चररताथम नही ह अनयथा अजनवायम होता ह जक नह की कौम और लत की कौम

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दाफिउल बला

तथा जफरऔन की कौम इतयाज की आए उस आतरता (इजतरार) क समय म सवीकार की िाती परनत ऐसा नही हआ और खा क हाथ नद उन कौमो को मार जया और यज जमया शसदीन कह जक जिर उन क यथायोय कौन सी आयत ह तो हम कहतद ह जक यह आयत यथायोय ह(अलमोजमन-51) کفرین ال ف ضلل

وما دعـؤا ال

चजक सभावना ह जक कछ मबजदध सवभाव वालद लोग इस जवजापन का मल उददशय समझनद म गलती खाए इस जलए हम पनः अपनद बलानद क कततमवय को अजभवयति कर दतद ह और वह यह ह जक यह ताऊन िो दश म िल रही ह जकसी अनय कारण सद नही अजपत एक ही कारण ह और वह यह जक लोगो नद खा क उस मौऊ क माननद सद इनकार जकया ह िो समसत नजबयो की भजवषयवाणी क अनसार ससार क सातव हजार म रिकट हआ ह तथा लोगो नद न कवल इनकार जकया अजपत खा क इस मसीह को गाजलया ी काजफर कहा और कतल करना चाहा और िो कछ चाहा उस सद जकया इसजलए खा क सवाजभमान नद चाहा जक उनकी इस घषटता असभयता पर उन पर चदतावनी उतार और खा नद पहलद पजवतर लदखो म खबर ी थी जक लोगो क इनकार क कारण उन जनो म िब मसीह रिकट होगा दश म भयकर ताऊन पडगी इसजलए अवशय था जक ताऊन पडती और ताऊन का नाम ताऊन इसजलए रखा गया ह जक यह ताअन (कटाक) करनद वालो का उततर ह और बनी इसाईल म हमदशा ताअन क समय म ही पडती थी और ताऊन क अरबी शबकोश म अथम ह बहत ताअन (कटाक) करनद वाला यह इस

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दाफिउल बला

बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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दाफिउल बला

नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 12: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

यह सच ह जक िसद यज सौ लोगो नद टीका लगवाया ह और सर इतनद ही लोगो नद टीका नही लगवाया ह तो जिनहोनद टीका नही लगवाया उनम मौत अजधक पाई गई और टीका लगवानद वालो म कम परनत चजक टीक का रिभाव अजधक सद अजधक ो या तीन महीनद तक ह इसजलए टीक वाला भी बार-बार खतर म पडगा िब तक इस ससार सद कच न कर िाए अनतर कवल इतना ह जक िो लोग टीका नही लगवातद वद एक ऐसद िहाज पर सवार ह जक िो उाहरणतया चौबीस घट तक उनको ारल फना (मतय-गह) तक पहचा सकता ह वद िो लोग टीका लगवातद ह वद मानो ऐसद धीर चलनद वालद टटट पर चल रह ह िो चौबीस जन तक उसी सथान म पहचा दगा बहर हाल यद समसत उपाय िो िाकटरी तौर पर अपनाए गए ह न तो पयामपत और सतोरिनक ह और न मातर जनकमद और बदफाया ह और चजक ताऊन शीघर-शीघर दश को खाती िाती ह इसजलए मानव िाजत की हमदी इसी म ह जक जकसी अनय उपाय पर जवचार जकया िाए िो इस जवनाश सद बचा सक

और मसलमान लोग िसा जक जमया शसदीन सदकटरी अिमन जहमायत-ए-इसलाम लाहौर क जवजापन सद समझा िाता ह जिसद उनहोनद इसी माह अरिल 1902 ई म रिकाजशत जकया ह इस बात पर बल दतद ह जक मसलमानो क समसत जफकक जशया सननी मकगल और गर मकगल मानो म िाकर अपनद-अपनद धमम क जनयमानसार आए कर और एक ही जतजथ म एकतर होकर नमाज पढ तो बस यह ऐसा नसखा ह जक इस सद सहसा ताऊन र हो िाएगी परनत एकतर कसद हो इसका कोई उपाय नही बताया गया सपषट ह जक वहाबी समाय

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दाफिउल बला

क मतानसार तो फाजतहा खवानी क जबना नमाज रसत ही नही तो इस गसथजत म उनक साथ हनजफयो की नमाज कसद हो सकती ह कया परसपर उपदरव नही होगा इस क अजतररति जवजापन क जलखनद वालद नद यह वयति नही जकया जक जहन इस रोग क जनवारण क जलए कया कर कया उनको अनमजत ह या नही जक वद भी उस समय अपनी मजतमयो सद सहायता माग और ईसाई कौन सा तरीका अपनाए और िो जफकक हजरत हसन या अलीरजज को आवशयकताए पणम करनद वाला समझतद ह और महररम2

क महीनद म मनोकामनाओ क जलए हजारो रखवासत गजारा करतद ह या िो मसलमान सगय अबल काजर िीलानी की पिा करतद ह या िो शाह मार या सखी सवमर को पितद ह वद कया कर और कया अब यद समसत जफकक आए नही करतद अजपत रितयदक जफकाम भयभीत होकर अपनद-अपनद माब (उपासय) को पकार रहा ह जशयो क महलो म सर करो कोई ऐसा घर नही होगा जिसक रवाजद पर यह शदर जचपका हआ नही होगा -

الوباءالحاطمہ حر بھا اطفی خمسۃ ل

فاطمہمرتضی وابنا ھما وال

مصطفی وال

ال

2 हाशिया - यह महररम का महीना बडा मबारक महीना ह जतरजमजी म इसकी शदषठता क बार म आहजरत सललाह अलजह वसलम सद यह हीस जलखी ह जक

فیہ یوم تاب اہلل فیہ عل قوم ویتوب فیہ عل قوم اخرینअथामत महररम म एक ऐसा जन ह जिसम खा नद पहलद यग म एक कौम को बला सद मगति ी थी और ऐसा ही जनगचित ह जक इसी महीनद म एक बला सद एक और कौम को मगति जमलदगी कया आचियम जक इस बला सद ताऊन अजभरिाय हो और खा क मामर का आजापालन करक वह बला दश सद िाती रह इसी सद

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दाफिउल बला

मदर उसता एक बजगम जशया थद उनका कहना था जक वबा का इलाि कवल तवला और तबराम ह अथामत अहलद बत क रिदम को इबात की सीमा तक पहचा दना और सहाबा रजज को गाजलया दतद रहना इस सद उततम कोई इलाि नही और मनद सना ह जक बबई म िब ताऊन आरभ हई ह तो सवमरिथम लोगो म यही जवचार पा हआ था जक यह इमाम हसन का चमतकार ह कयोजक जिन जहनओ नद जशयो सद कछ जववा जकया था उनम ताऊन आरभ हो गई थी जिर िब इस रोग नद जशयो म भी कम रखा तब तो या हसन क नार समापत हो गए

यो तो मसलमानो क जवचार ह िो ताऊन को र करनद क जलए सोचद गए ह और ईसाइयो क जवचारो की अजभवयगति क जलए अभी एक जवजापन पारी वाइट बरदखत साजहब और उनकी अिमन की ओर सद जनकला ह और वह यह जक ताऊन को र करनद क जलए अनय कोई उपाय पयामपत नही जसवाए इसक जक हजरत मसीह को खा मान ल और उनक कफफारः पर ईमान लद आए

और जहनओ म सद आयममत क लोग पकार-पकार कर कह रह ह जक ताऊन की बला वद को तयाग ददनद क कारण ह समसत जफकमो को चाजहए जक वदो की सतय जवदया पर ईमान लाए और समसत नजबयो को नऊजजबलाह झठा ठहराए तब इस उपाय सद ताऊन र हो िाएगी

और जहनओ म िो सनातन धमम जफकाम (सरिाय) ह उसम ताऊन क जनवारण क बार म िो राय वयति की गई ह यज हम अखबार-ए-आम अखबार न पढतद तो शाय इस अदत राय सद

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दाफिउल बला

अनजमज रहतद और वह राय यह ह जक यह ताऊन की बला गाय क कारण आई ह यज सरकार यह कानन पास कर द जक इस दश म गाय काजप-काजप जजबह न की िाए तो जिर दजखए जक ताऊन कयोकर र हो िाती ह अजपत इस अखबार म एक सथान पर जलखा ह जक एक वयगति नद गाय को बोलतद सना जक वह कहती ह जक मदर कारण ही इस दश म ताऊन आई ह

अब ह पाठकगण सवय ही सोच लो जक इतनद जवजभनन कथनो और ावो सद जकस कथन को ससार क सामनद सपषट एव वयापक तौर पर फाया हो सकता ह यद समसत आसथागत बात ह और सवदनशील समय म िब तक जक ससार इन आसथाओ का जनणमय कर सवय ससार का जनणमय हो िाएगा इसजलए वह बात सवीकार करनद योय ह िो शीघर ही समझ म आ सकती ह और िो अपनद साथ कोई रिमाण रखती ह अतः वह बात म रिमाण सजहत रिसतत करता ह चार वरम हए जक मनद एक भजवषयवाणी रिकाजशत की थी जक पिाब म भयकर ताऊन आनद वाली ह और मनद इस दश म ताऊन क कालद वक दखद ह िो रितयदक शहर और गाव म लगाए गए ह यज लोग तौबः कर तो यद रोग ो िाडो सद अजधक नही हो सकता खा इसद र कर दगा परनत तौबः करनद की बिाए मझद गाजलया ी गई और सखत गाजलयो क जवजापन रिकाजशत जकए गए जिनका पररणाम ताऊन की यह हालत ह िो अब दख रह हो खा की वह पजवतर वही िो मझ पर उतरी उसकी इबात यह ह -

قریۃوامابانفسھ انہ اوی ال مابقوم حت بغی ان اہلل ل یغی

अथामत खा नद यह इराा जकया ह इस ताऊन की बला को

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दाफिउल बला

कदापि दर नही करगा जब तक लोग उन पिचारो को दर न कर जो उनक पदलो म ह अराथात जब तक ि खदा क मामर और रसल को सिवीकार न कर ल तब तक ताऊन दर नही होगवी और िह शकतिमान खदा कापदयान को ताऊन की तबाहवी3

स सरपषित रखगा तापक 3हाशिया - اوی (आिा) अरबवी शबद ह पजस क मायन ह तबाहवी और असत-वयसत होन स बचाना और अिनवी शरण म ल लना यह इस बात की ओर सकत ह पक ताऊन की पकसमो म स िह ताऊन बडवी पिनाशकारवी ह पजसका नाम ताऊन जारिफ ह अराथात झाड दन िालवी पजसस लोग जगह-जगह भागत ह और कतो की तरह मरत ह यह हालत इनसानवी सहनशवीलता स बढ जातवी ह तो इस खदाई कलाम म िादा ह पक यह हालत कभवी कापदयान िर नही आएगवी इसकी वयाखया यह दसरा इलहाम करता ह पक لوالاالکــرام لھلــک المقــام अराथात यपद मझ इस पसलपसल क सममान का िास न होता तो म कापदयान को भवी तबाह कर दता इस इलहाम स दो बात समझवी जातवी ह -(1) पररम यह पक कछ हापन नही पक इनसान की बदाथाशत की सवीमा तक कभवी कापदयान म भवी कोई घटना इकका-दकका तौर िर हो जाए जो पिनाशकारवी न हो और भागन एि असत-वयसत होन का कारण न हो कयोपक एक दो घटना न होन का आदश रखतवी ह(2) पवितवीय यह पक यह बात आिशयक ह पक पजन दहात और शहरो म कापदयान की अिषिा बहत उददणड दषट अतयाचारवी वयपभचारवी उिदरिवी और इस पसलपसल क खतरनाक शत रहत ह उनक शहरो या दहात म अिशय पिनाशकारवी ताऊन फट िडगवी यहा तक पक लोग बोखला कर हर ओर भागग हमन आिा क शबद जहा तक पिशाल ह उसक अनसार यह मायन कर पदए ह और हम दाि स पलखत ह पक कापदयान म कभवी ताऊन-जाररफ नही िडगवी जो गाि िवीरान करन िालवी और खा जान िालवी होतवी ह िरनत इसक मकाबल िर अनय शहरो और दहात म जो अतयाचारवी और उिदरिवी ह अिशय भयकर रि िदा होग समसत ससार म एक कापदयान ह पजसक पलए यह िादा हआ ــک ــی ذل ــدہلل ع इसवी स فالحم

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दाफिउल बला

तम समझो जक काजयान इसजलए सरजकत रखा गया जक वह खा का रसल और उसका मनोनीत काजयान म था अब दखो तीन वरम सद जसदध हो रहा ह जक वद ोनो पहल पर हो गए अथामत एक ओर समसत पिाब म ताऊन िल गई और सरी ओर इसक बावि जक काजयान क चारो ओर ो-ो मील की री पर ताऊन का जोर हो रहा ह परनत काजयान ताऊन सद पजवतर ह अजपत आि तक िो वयगति ताऊन सद गरसत बाहर सद काजयान म आया वह भी अचछा हो गया कया इस सद बढकर कोई और सबत होगा जक िो बात आि सद चार वरम पवम कही गई थी वद परी हो गई अजपत ताऊन की सचना आि सद बाईस वरम पवम बराहीन अहमजया म भी ी गई ह4और यह गब (परोक) का जान खा क अजतररति जकसी अनय की शगति म नही अतः इस रोग क जनवारण क जलए वह सनदश िो खा नद मझद जया ह वह यही ह जक लोग मझद सचद जल सद मसीह मौऊ मान ल यज मदरी ओर सद भी जबना जकसी रिमाण क कवल ावा

4हाशिया - आि सद स वरम पवम एक हर जवजापन म िो मदरी ओर सद रिका-जशत हआ था ताऊन की खबर ी गई थी और वह यह ह -

انمــا یبایعونــک اذلیــن باعینناووحینــاان الفلــک اصنــع ایدیــھ فــوق اہلل یــد اہلل یبایعــون

अथामत एक नौका मदर आदश और आखो क सामनद बना िो आनद वालद सकामक रोग बचाएगी िो लोग तझ सद बअत करतद ह वद मझ सद बअत करतद ह यह तदरा हाथ नही अजपत मदरा हाथ ह िो उनक हाथो पर रखा िाता ह इसी खा क कलाम का एक वाकय बराहीन अहमजया म बतौर भजवषयवाणी मौि ह और वह यह ह

ول تخاطبین ف اذلین ظلمواانھ مغرقونअथामत िो लोग जलम उदणिता वयजभचार और अवजा सद नही रकतद मदर आगद कछ जसिाररश न कर कयोजक वद िबाए िाएगद इसी सद

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दाफिउल बला

होता िसा जक जमया शसदीन सदकटरी जहमायत-ए-इसलाम लाहौर नद अपनद जवजापन म या पारी वाइट बरदखत साजहब नद अपनद जवजापन म जकया ह तो म भी उनकी तरह एक वयथमवाी ठहरता परनत मदरी वद बातद ह जिनको मनद समय सद पवम वणमन जकया और आि वद परी हो गई ततपचिात इन जनो म भी मझद खा नद खबर ी अतः अलाह तआला फरमाता ह -

القریۃ اوی انہ فیھ وانت لیعذبھ اہلل ماکان لولالکرام لھک المقام این اناالرحمن داف ال این ل یخاف من والوم اقوم الرسول مع این حفیظ این المرسلون دلی یلبسواایمانھ امنواولم اذلین ال تصنع النفوس یلوم بظلم اولئک لھ المن وھم مھتدون انانایت الرض ننکسھا جاثمی دارھم فاصبحواف اجھزالجیش این اطرافھا من الفاق وف انفسھ نصرمن اہلل وفتح مبی ایاتنا ف سنریھ مین انت اولدی5 بمنزۃل مین انت رب بایعین یایعتک این

5हाशिया - समरण रह जक खा तआला बदटो सद पजवतर ह न उसका कोई भागीार ह और न बदटा ह और न जकसी को अजधकार पहचता ह जक वह यह कह जक म खा ह या खा का बदटा ह परनत यह वाकय इस िगह अवासतजवक और रपक क वगम म सद ह खा तआला नद पजवतर कआमन म आहजरत सललाह अलजह वसलम को अपना हाथ बताया और फरमाया ایدھم فوق ऐसा ही बिाए (अलफतह-11) یعداہلل भी कहा और यह भी फरमायाیاعبادی क قل یاعباداہلل

اباءکم رکم اہلل کذک

فاذکر

तो खा क उस कलाम को होजशयारी और सावधानी सद पढो और उपमाओ क वगम म सद समझ कर ईमान लाओ और उसकी हालत म हसतकदप न करो और वासतजवकता खा क सपम कर ो और जवशास रखो जक खा

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दाफिउल बलाوانامنک عسی الن یبعثک ربک مقاما محمودا الفوق معک والحت مع اعدائک فاصرب حت یایت اہلل بامرہ یایت عل جھنم

زمان لیس فیھا احد अनवा ndash खा ऐसा नही जक काजयान क लोगो को अजाब

द हालाजक त उनम रहता ह वह इस गाव को ताऊन की लटमार और उसकी तबाही सद बचा लदगा यज मझद तदरा पास न होता और तदरा समान दगषटगत न होता तो म इस गाव को तबाह कर दता म याल ह िो ख को र करनद वाला ह मदर रसलो को मदर पास कछ भय और गम नही म जनगाह रखनद वाला ह म अपनद रसल क साथ खडा हगा और उसकी जनना करगा िो मदर रसल की जनना करता ह म अपनद समयो को जवभाजित कर गा जक वरम का कछ भाग तो म रितीका करगा अथामत ताऊन सद लोगो को मारगा और वरम का कछ भाग रोजा रखगा अथामत अमन रहगा और ताऊन कम हो िाएगी या जबलकल नही रहगी मदरा रिकोप भडक रहा ह बीमाररया िलगी और रिाणो की कजत होगी परनत वद लोग िो ईमान लाएगद और ईमान म कछ ोर नही होगा वद अमन म रहगद और उनकी मगति (छटकार) का मागम जमलद यह मत सोचो जक अपराधी बचद हए ह हम उनकी पथवी क जनकट आतद िातद ह म अनर ही अनर अपनी सदना तयार कर रहा ह अथामत ताउन क कीटाणओ का पोरण कर रहा ह अतः िष हाशिया - बदटा बनानद सद पजवतर ह तथाजप उपमाओ क रग म उसक कलाम म बहत कछ पाया िाता ह तो उपमाओ का अनकरण करनद सद बचो जक तबाह हो िाओ और मदर बार म सपषट तकमो म सद यह इलहाम ह िो बराहीन अहजमया म िम ह انما ال ثلکم یویح م انما انا بشر قل इसी सद الھکم اہل واحد الخیکہل ف القرآن

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दाफिउल बला

वद अपनद घरो म ऐसद सो िाएगद िसा जक एक ऊट मरा रह िाता ह हम उनको अपनद जनशान पहलद तो र-र क लोगो म जखाएगद और जिर सवय उनही म हमार जनशान रिकट होगद मनद तझ सद एक कय-जवकय जकया ह अथामत एक वसत मदरी थी त उसका माजलक बनाया गया और एक वसत तदरी थी जिस का म माजलक बन गया त भी उस कय-जवकय का इकरार कर और कह द जक खा नद मझ सद कय-जवकय जकया त मझ सद ऐसा ह िसा जक सनतान त मझ म सद ह और म तझ म सद ह वह समय समीप ह जक म तझद ऐसद मकाम पर खडा करगा जक ससार तदरी रिशसा और यशोगान करगा शदषठता तदर साथ ह और अधमता तदर शतरओ क साथ अतः सबर कर यहा तक जक वाद का जन आ िाए ताऊन पर एक ऐसा समय भी आनद वाला ह जक उसम कोई भी जगरफतार नही होगा अथामत अनततः भलाई और कशलता ह6

6हाशिया - पयामपत समय हआ जक इस सद पहलद खा नद मझद ताऊन क बार म सर की कहानी क तौर पर यह खबर ी थी یــا مســیح عدوانــا परनत आि 21 अरिल 1902 ई ह उसी इलहाम को पनः इस रिकार फरमाया गया یــا مســیح الخلــق عدوانالــن تــری مــن بعــد مرادنــا و فســادنا अथामत ह खा क मसीह िो मखलक की ओर भदिा गया हमारी शीघर खबर लद और हम अपनी जसफाररश सद बचा त इसक बा हमार पापी ततवो को नही दखदगा और न हमारा उपदरव कछ शदर रहगा अथामत हम सीधद हो िाएगद और गाजलया बकना तथा अपशब जनकालना छोड गद यह खा का कलाम बराहीन अहमजया क उस इलहाम क अनसार ह जक अगनतम जनो म हम लोगो पर ताऊन भदिगद िसा जक फरमाया- ــا عــل یوســف لنصــرف عنــہ الســوء والفحشــاء کذلــک مننअथामत हम ताऊन क साथ इस यसफ पर यह उपकार करगद जक गाजलया दनद वालद लोगो का मह बन कर गद ताजक वद िरकर गाजलयो सद रक िाए उनही जनो

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दाफिउल बला

अब इस सपणम वही सद तीन बात जसदध हई ह ndash(1) रिथम यह जक ताऊन ससार म इसजलए आई ह जक खा

क मसीह मौऊ सद न कवल इनकार जकया गया अजपत उसद ःख जया गया उसको कतल करनद क जलए योिनाए बनाई गई उसका नाम काजफर और जाल रखा गया तो खा नद न चाहा जक अपनद रसल को जबना गवाही क छोड द इसजलए उस नद आकाश और पथवी ोनो को उसकी सचाई का गवाह बना जया आकाश नद चनदर गरहण और सयम-गरहण सद गवाही ी िो रमजान म हए और पथवी नद ताऊन क साथ गवाही ी ताजक खा का वह कलाम परा हो िो बराहीन अहमजया म ह और वह यह ह ndash

قل عندی شھادۃ من اہلل فھل انتم تومنون قل عندی شھادۃمن اہلل فھل انتم تسلمون

अथामत मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम ईमान लाओगद या नही और म पनः कहता ह जक मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम सवीकार करोगद या नही पहली गवाही सद अजभरिाय आकाश की गवाही ह जिसम कोई िबर नही इसजलए इस म تو منون का शब रियोग जकया गया और सरी गवाही पथवी की ह अथामत ताऊन की जिसम िबर मौि ह जक भय दकर इस िमाअत म ाजखल करती ह इसजलए इसम تسلمون का शब रियोग जकया गयािष हाशिया - क बार म खा का यह कलाम ह जिसम जमीन क कलाम सद मझद सचना ी गई और वह यह ह- یــاول اہلل کنــت ل اعرفــکअथामत ह खा क वली म इस सद पहलद तझद नही पहचानती थी इसका जववरण यह ह जक कशफी तौर पर जमीन मददर सामनद की गई और उसनद यह कलाम जकया जक म अब तक तझद नही पहचानती थी जक त रहमान खा का वली ह इसी सद

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दाफिउल बला

(2) जदतीय बात िो इस वही सद जसदध हई वह यह ह जक यह ताऊन इस हालत म कम होगी जक िब लोग खा क चनद हए को सवीकार कर लगद और कम सद कम यह जक शरारत कषट दनद और गाली दनद सद रक िाएगद कयोजक बराहीन अहमजया म खा तआला फरमाता ह ndash जक म अगनतम जनो म ताऊन भदिगा ताजक म उन पाजपयो और षटो का मह बन कर िो मदर रसल को गाजलया दतद ह असल बात यह ह जक कवल इनकार इस बात का कारण नही हो ताजक एक रसल क इनकार सद ससार म कोई तबाही भदिी िाए अजपत यज लोग शालीनता और सभयतापवमक खा क रसलो का इनकार कर और अतयाचार तथा गाजलया न तो उनका णि कयामत म जनधामररत ह और ससार म रसलो की सहायता म जितना सकामक रोग भदिा गया ह वह कवल इनकार सद नही अजपत बराइयो का णि ह इसी रिकार अब भी िब लोग गाजलया अतयाचार अनयाय और अपनद पापो सद रक िाएगद और उनम सशील लोगो िसा वयवहार पा हो िाएगा तब यह चदतावनी समापत कर ी िाएगी परनत इस अवसर पर बहत सद भायशाली लोग खा क रसल को सवीकार कर लगद और आकाशीय बरकतो सद भाग लगद और पथवी भायशाजलयो सद भर िाएगी

(3) ततीय बात िो इस वही सद जसदध हई ह वह यह ह जक खा तआला बहरहाल िब तक जक ताऊन ससार म रह यदयजप सततर वरम तक रह काजयान को उसकी भयकर तबाही सद सरजकत रखदगा कयोजक यह उसक रसल का कनदर ह और यह समसत उमतो क जलए जनशान ह

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अब यज खा तआला क इस रसल और इस जनशान सद जकसी को इनकार हआ और खयाल हो जक कवल रसमी नमाजो और आओ सद या मसीह की इबात (उपासना) सद या गाय क कारण या वदो क ईमान सद जवरोध शमनी और इस रसल की अवजा क बावि ताऊन र हो सकती ह तो यह जवचार जबना सबत सवीकार करनद योय नही तो िो वयगति इन समसत सरिायो म सद अपनद धमम की सचाई का सबत दना चाहता ह तो अब बहत उततम अवसर ह िसद खा की ओर सद समसत धममो की सचाई या झठ को पहचाननद क जलए एक रिशमनी सथल जनधामररत जकया गया ह और खा नद सवमरिथम अपनी ओर सद पहलद काजयान का नाम लद जया ह अब यज आयम लोग वद को सचा समझतद ह तो उनको चाजहए जक बनारस क बार म िो वद क पढानद का मल सथान ह एक भजवषयवाणी कर जक उनका परमदशर बनारस को ताऊन सद बचा लदगा और सनातन धमम वालो को चाजहए जक जकसी ऐसद शहर क बार म जिसम गाए बहत हो उाहरणतया अमतसर क बार म भजवषयवाणी कर जक गायो क कारण उसम ताऊन नही आएगी यज गाय अपना इतना चमतकार जखा द तो कछ आचियम नही जक इस चमतकारी िानवर क रिाणो को सरकार बचा द इसी रिकार ईसाइयो को चाजहए जक कलकतता क बार म भजवषयवाणी कर जक उसम ताऊन नही पडगी कयोजक जबरजटश भारत का बडा जबशप कलकतता म रहता ह इसी रिकार जमया शसदीन और उनकी अिमन जहमायत-ए-इसलाम क ससयो को चाजहए जक लाहौर क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगा और मशी इलाही बखश एकाउनटणट िो इलहाम का ावा

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करतद ह उनक जलए भी यही अवसर ह जक अपनद इलहाम सद लाहौर क बार म भजवषयवाणी करक अिमन जहमायत-ए-इसलाम को म और उजचत ह जक अबल िबबार और अबल हक अमतसर शहर क बार म भजवषयवाणी कर और चजक वहाबी सरिाय की असल िड जली ह इजसलए उजचत ह जक नजीर हसन और महम हसन जली क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगी तो इस रिकार सद िसद समसत पिाब इस घातक रोग सद सरजकत हो िाएगा और सरकार को भी मफत म ाजयतव सद जनवजतत हो िाएगी और यज लोगो नद ऐसा न जकया तो जिर यही समझा िाएगा जक सचा खा वही खा ह जिसनद काजयान म अपना रसल भदिा

और अनततः समरण रह जक यज यद सब लोग जिन म मसलमानो क मलहम और आयमो क पजित और ईसाइयो क पारी सगमजलत ह चप रह तो जसदध हो िाएगा जक यद सब लोग झठ ह और एक जन आनद वाला ह जक काजयान सयम क समान चमक कर जखा दगा जक वह एक सचद का सथान ह अनत म जमया शसदीन साजहब को या रह जक आपनद िो अपनद जवजापन म आयत

(अननल - 63) مضطر ن یجیب ال ام

जलखी ह और इस सद आ की सवीकाररता की आशा की ह यह आशा सही नही ह कयोजक खा क कलाम म शब مضطر सद अजभरिाय वद हाजन-पीजडत ह िो कवल आजमायश क तौर पर हाजन-पीजडत हो न जक णि क तौर पर परनत िो लोग णि क तौर पर जकसी हाजन सद जनरनतर गरसत रहतद हो वद इस आयत क चररताथम नही ह अनयथा अजनवायम होता ह जक नह की कौम और लत की कौम

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दाफिउल बला

तथा जफरऔन की कौम इतयाज की आए उस आतरता (इजतरार) क समय म सवीकार की िाती परनत ऐसा नही हआ और खा क हाथ नद उन कौमो को मार जया और यज जमया शसदीन कह जक जिर उन क यथायोय कौन सी आयत ह तो हम कहतद ह जक यह आयत यथायोय ह(अलमोजमन-51) کفرین ال ف ضلل

وما دعـؤا ال

चजक सभावना ह जक कछ मबजदध सवभाव वालद लोग इस जवजापन का मल उददशय समझनद म गलती खाए इस जलए हम पनः अपनद बलानद क कततमवय को अजभवयति कर दतद ह और वह यह ह जक यह ताऊन िो दश म िल रही ह जकसी अनय कारण सद नही अजपत एक ही कारण ह और वह यह जक लोगो नद खा क उस मौऊ क माननद सद इनकार जकया ह िो समसत नजबयो की भजवषयवाणी क अनसार ससार क सातव हजार म रिकट हआ ह तथा लोगो नद न कवल इनकार जकया अजपत खा क इस मसीह को गाजलया ी काजफर कहा और कतल करना चाहा और िो कछ चाहा उस सद जकया इसजलए खा क सवाजभमान नद चाहा जक उनकी इस घषटता असभयता पर उन पर चदतावनी उतार और खा नद पहलद पजवतर लदखो म खबर ी थी जक लोगो क इनकार क कारण उन जनो म िब मसीह रिकट होगा दश म भयकर ताऊन पडगी इसजलए अवशय था जक ताऊन पडती और ताऊन का नाम ताऊन इसजलए रखा गया ह जक यह ताअन (कटाक) करनद वालो का उततर ह और बनी इसाईल म हमदशा ताअन क समय म ही पडती थी और ताऊन क अरबी शबकोश म अथम ह बहत ताअन (कटाक) करनद वाला यह इस

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दाफिउल बला

बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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दाफिउल बला

नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 13: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

क मतानसार तो फाजतहा खवानी क जबना नमाज रसत ही नही तो इस गसथजत म उनक साथ हनजफयो की नमाज कसद हो सकती ह कया परसपर उपदरव नही होगा इस क अजतररति जवजापन क जलखनद वालद नद यह वयति नही जकया जक जहन इस रोग क जनवारण क जलए कया कर कया उनको अनमजत ह या नही जक वद भी उस समय अपनी मजतमयो सद सहायता माग और ईसाई कौन सा तरीका अपनाए और िो जफकक हजरत हसन या अलीरजज को आवशयकताए पणम करनद वाला समझतद ह और महररम2

क महीनद म मनोकामनाओ क जलए हजारो रखवासत गजारा करतद ह या िो मसलमान सगय अबल काजर िीलानी की पिा करतद ह या िो शाह मार या सखी सवमर को पितद ह वद कया कर और कया अब यद समसत जफकक आए नही करतद अजपत रितयदक जफकाम भयभीत होकर अपनद-अपनद माब (उपासय) को पकार रहा ह जशयो क महलो म सर करो कोई ऐसा घर नही होगा जिसक रवाजद पर यह शदर जचपका हआ नही होगा -

الوباءالحاطمہ حر بھا اطفی خمسۃ ل

فاطمہمرتضی وابنا ھما وال

مصطفی وال

ال

2 हाशिया - यह महररम का महीना बडा मबारक महीना ह जतरजमजी म इसकी शदषठता क बार म आहजरत सललाह अलजह वसलम सद यह हीस जलखी ह जक

فیہ یوم تاب اہلل فیہ عل قوم ویتوب فیہ عل قوم اخرینअथामत महररम म एक ऐसा जन ह जिसम खा नद पहलद यग म एक कौम को बला सद मगति ी थी और ऐसा ही जनगचित ह जक इसी महीनद म एक बला सद एक और कौम को मगति जमलदगी कया आचियम जक इस बला सद ताऊन अजभरिाय हो और खा क मामर का आजापालन करक वह बला दश सद िाती रह इसी सद

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दाफिउल बला

मदर उसता एक बजगम जशया थद उनका कहना था जक वबा का इलाि कवल तवला और तबराम ह अथामत अहलद बत क रिदम को इबात की सीमा तक पहचा दना और सहाबा रजज को गाजलया दतद रहना इस सद उततम कोई इलाि नही और मनद सना ह जक बबई म िब ताऊन आरभ हई ह तो सवमरिथम लोगो म यही जवचार पा हआ था जक यह इमाम हसन का चमतकार ह कयोजक जिन जहनओ नद जशयो सद कछ जववा जकया था उनम ताऊन आरभ हो गई थी जिर िब इस रोग नद जशयो म भी कम रखा तब तो या हसन क नार समापत हो गए

यो तो मसलमानो क जवचार ह िो ताऊन को र करनद क जलए सोचद गए ह और ईसाइयो क जवचारो की अजभवयगति क जलए अभी एक जवजापन पारी वाइट बरदखत साजहब और उनकी अिमन की ओर सद जनकला ह और वह यह जक ताऊन को र करनद क जलए अनय कोई उपाय पयामपत नही जसवाए इसक जक हजरत मसीह को खा मान ल और उनक कफफारः पर ईमान लद आए

और जहनओ म सद आयममत क लोग पकार-पकार कर कह रह ह जक ताऊन की बला वद को तयाग ददनद क कारण ह समसत जफकमो को चाजहए जक वदो की सतय जवदया पर ईमान लाए और समसत नजबयो को नऊजजबलाह झठा ठहराए तब इस उपाय सद ताऊन र हो िाएगी

और जहनओ म िो सनातन धमम जफकाम (सरिाय) ह उसम ताऊन क जनवारण क बार म िो राय वयति की गई ह यज हम अखबार-ए-आम अखबार न पढतद तो शाय इस अदत राय सद

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दाफिउल बला

अनजमज रहतद और वह राय यह ह जक यह ताऊन की बला गाय क कारण आई ह यज सरकार यह कानन पास कर द जक इस दश म गाय काजप-काजप जजबह न की िाए तो जिर दजखए जक ताऊन कयोकर र हो िाती ह अजपत इस अखबार म एक सथान पर जलखा ह जक एक वयगति नद गाय को बोलतद सना जक वह कहती ह जक मदर कारण ही इस दश म ताऊन आई ह

अब ह पाठकगण सवय ही सोच लो जक इतनद जवजभनन कथनो और ावो सद जकस कथन को ससार क सामनद सपषट एव वयापक तौर पर फाया हो सकता ह यद समसत आसथागत बात ह और सवदनशील समय म िब तक जक ससार इन आसथाओ का जनणमय कर सवय ससार का जनणमय हो िाएगा इसजलए वह बात सवीकार करनद योय ह िो शीघर ही समझ म आ सकती ह और िो अपनद साथ कोई रिमाण रखती ह अतः वह बात म रिमाण सजहत रिसतत करता ह चार वरम हए जक मनद एक भजवषयवाणी रिकाजशत की थी जक पिाब म भयकर ताऊन आनद वाली ह और मनद इस दश म ताऊन क कालद वक दखद ह िो रितयदक शहर और गाव म लगाए गए ह यज लोग तौबः कर तो यद रोग ो िाडो सद अजधक नही हो सकता खा इसद र कर दगा परनत तौबः करनद की बिाए मझद गाजलया ी गई और सखत गाजलयो क जवजापन रिकाजशत जकए गए जिनका पररणाम ताऊन की यह हालत ह िो अब दख रह हो खा की वह पजवतर वही िो मझ पर उतरी उसकी इबात यह ह -

قریۃوامابانفسھ انہ اوی ال مابقوم حت بغی ان اہلل ل یغی

अथामत खा नद यह इराा जकया ह इस ताऊन की बला को

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दाफिउल बला

कदापि दर नही करगा जब तक लोग उन पिचारो को दर न कर जो उनक पदलो म ह अराथात जब तक ि खदा क मामर और रसल को सिवीकार न कर ल तब तक ताऊन दर नही होगवी और िह शकतिमान खदा कापदयान को ताऊन की तबाहवी3

स सरपषित रखगा तापक 3हाशिया - اوی (आिा) अरबवी शबद ह पजस क मायन ह तबाहवी और असत-वयसत होन स बचाना और अिनवी शरण म ल लना यह इस बात की ओर सकत ह पक ताऊन की पकसमो म स िह ताऊन बडवी पिनाशकारवी ह पजसका नाम ताऊन जारिफ ह अराथात झाड दन िालवी पजसस लोग जगह-जगह भागत ह और कतो की तरह मरत ह यह हालत इनसानवी सहनशवीलता स बढ जातवी ह तो इस खदाई कलाम म िादा ह पक यह हालत कभवी कापदयान िर नही आएगवी इसकी वयाखया यह दसरा इलहाम करता ह पक لوالاالکــرام لھلــک المقــام अराथात यपद मझ इस पसलपसल क सममान का िास न होता तो म कापदयान को भवी तबाह कर दता इस इलहाम स दो बात समझवी जातवी ह -(1) पररम यह पक कछ हापन नही पक इनसान की बदाथाशत की सवीमा तक कभवी कापदयान म भवी कोई घटना इकका-दकका तौर िर हो जाए जो पिनाशकारवी न हो और भागन एि असत-वयसत होन का कारण न हो कयोपक एक दो घटना न होन का आदश रखतवी ह(2) पवितवीय यह पक यह बात आिशयक ह पक पजन दहात और शहरो म कापदयान की अिषिा बहत उददणड दषट अतयाचारवी वयपभचारवी उिदरिवी और इस पसलपसल क खतरनाक शत रहत ह उनक शहरो या दहात म अिशय पिनाशकारवी ताऊन फट िडगवी यहा तक पक लोग बोखला कर हर ओर भागग हमन आिा क शबद जहा तक पिशाल ह उसक अनसार यह मायन कर पदए ह और हम दाि स पलखत ह पक कापदयान म कभवी ताऊन-जाररफ नही िडगवी जो गाि िवीरान करन िालवी और खा जान िालवी होतवी ह िरनत इसक मकाबल िर अनय शहरो और दहात म जो अतयाचारवी और उिदरिवी ह अिशय भयकर रि िदा होग समसत ससार म एक कापदयान ह पजसक पलए यह िादा हआ ــک ــی ذل ــدہلل ع इसवी स فالحم

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दाफिउल बला

तम समझो जक काजयान इसजलए सरजकत रखा गया जक वह खा का रसल और उसका मनोनीत काजयान म था अब दखो तीन वरम सद जसदध हो रहा ह जक वद ोनो पहल पर हो गए अथामत एक ओर समसत पिाब म ताऊन िल गई और सरी ओर इसक बावि जक काजयान क चारो ओर ो-ो मील की री पर ताऊन का जोर हो रहा ह परनत काजयान ताऊन सद पजवतर ह अजपत आि तक िो वयगति ताऊन सद गरसत बाहर सद काजयान म आया वह भी अचछा हो गया कया इस सद बढकर कोई और सबत होगा जक िो बात आि सद चार वरम पवम कही गई थी वद परी हो गई अजपत ताऊन की सचना आि सद बाईस वरम पवम बराहीन अहमजया म भी ी गई ह4और यह गब (परोक) का जान खा क अजतररति जकसी अनय की शगति म नही अतः इस रोग क जनवारण क जलए वह सनदश िो खा नद मझद जया ह वह यही ह जक लोग मझद सचद जल सद मसीह मौऊ मान ल यज मदरी ओर सद भी जबना जकसी रिमाण क कवल ावा

4हाशिया - आि सद स वरम पवम एक हर जवजापन म िो मदरी ओर सद रिका-जशत हआ था ताऊन की खबर ी गई थी और वह यह ह -

انمــا یبایعونــک اذلیــن باعینناووحینــاان الفلــک اصنــع ایدیــھ فــوق اہلل یــد اہلل یبایعــون

अथामत एक नौका मदर आदश और आखो क सामनद बना िो आनद वालद सकामक रोग बचाएगी िो लोग तझ सद बअत करतद ह वद मझ सद बअत करतद ह यह तदरा हाथ नही अजपत मदरा हाथ ह िो उनक हाथो पर रखा िाता ह इसी खा क कलाम का एक वाकय बराहीन अहमजया म बतौर भजवषयवाणी मौि ह और वह यह ह

ول تخاطبین ف اذلین ظلمواانھ مغرقونअथामत िो लोग जलम उदणिता वयजभचार और अवजा सद नही रकतद मदर आगद कछ जसिाररश न कर कयोजक वद िबाए िाएगद इसी सद

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दाफिउल बला

होता िसा जक जमया शसदीन सदकटरी जहमायत-ए-इसलाम लाहौर नद अपनद जवजापन म या पारी वाइट बरदखत साजहब नद अपनद जवजापन म जकया ह तो म भी उनकी तरह एक वयथमवाी ठहरता परनत मदरी वद बातद ह जिनको मनद समय सद पवम वणमन जकया और आि वद परी हो गई ततपचिात इन जनो म भी मझद खा नद खबर ी अतः अलाह तआला फरमाता ह -

القریۃ اوی انہ فیھ وانت لیعذبھ اہلل ماکان لولالکرام لھک المقام این اناالرحمن داف ال این ل یخاف من والوم اقوم الرسول مع این حفیظ این المرسلون دلی یلبسواایمانھ امنواولم اذلین ال تصنع النفوس یلوم بظلم اولئک لھ المن وھم مھتدون انانایت الرض ننکسھا جاثمی دارھم فاصبحواف اجھزالجیش این اطرافھا من الفاق وف انفسھ نصرمن اہلل وفتح مبی ایاتنا ف سنریھ مین انت اولدی5 بمنزۃل مین انت رب بایعین یایعتک این

5हाशिया - समरण रह जक खा तआला बदटो सद पजवतर ह न उसका कोई भागीार ह और न बदटा ह और न जकसी को अजधकार पहचता ह जक वह यह कह जक म खा ह या खा का बदटा ह परनत यह वाकय इस िगह अवासतजवक और रपक क वगम म सद ह खा तआला नद पजवतर कआमन म आहजरत सललाह अलजह वसलम को अपना हाथ बताया और फरमाया ایدھم فوق ऐसा ही बिाए (अलफतह-11) یعداہلل भी कहा और यह भी फरमायाیاعبادی क قل یاعباداہلل

اباءکم رکم اہلل کذک

فاذکر

तो खा क उस कलाम को होजशयारी और सावधानी सद पढो और उपमाओ क वगम म सद समझ कर ईमान लाओ और उसकी हालत म हसतकदप न करो और वासतजवकता खा क सपम कर ो और जवशास रखो जक खा

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दाफिउल बलाوانامنک عسی الن یبعثک ربک مقاما محمودا الفوق معک والحت مع اعدائک فاصرب حت یایت اہلل بامرہ یایت عل جھنم

زمان لیس فیھا احد अनवा ndash खा ऐसा नही जक काजयान क लोगो को अजाब

द हालाजक त उनम रहता ह वह इस गाव को ताऊन की लटमार और उसकी तबाही सद बचा लदगा यज मझद तदरा पास न होता और तदरा समान दगषटगत न होता तो म इस गाव को तबाह कर दता म याल ह िो ख को र करनद वाला ह मदर रसलो को मदर पास कछ भय और गम नही म जनगाह रखनद वाला ह म अपनद रसल क साथ खडा हगा और उसकी जनना करगा िो मदर रसल की जनना करता ह म अपनद समयो को जवभाजित कर गा जक वरम का कछ भाग तो म रितीका करगा अथामत ताऊन सद लोगो को मारगा और वरम का कछ भाग रोजा रखगा अथामत अमन रहगा और ताऊन कम हो िाएगी या जबलकल नही रहगी मदरा रिकोप भडक रहा ह बीमाररया िलगी और रिाणो की कजत होगी परनत वद लोग िो ईमान लाएगद और ईमान म कछ ोर नही होगा वद अमन म रहगद और उनकी मगति (छटकार) का मागम जमलद यह मत सोचो जक अपराधी बचद हए ह हम उनकी पथवी क जनकट आतद िातद ह म अनर ही अनर अपनी सदना तयार कर रहा ह अथामत ताउन क कीटाणओ का पोरण कर रहा ह अतः िष हाशिया - बदटा बनानद सद पजवतर ह तथाजप उपमाओ क रग म उसक कलाम म बहत कछ पाया िाता ह तो उपमाओ का अनकरण करनद सद बचो जक तबाह हो िाओ और मदर बार म सपषट तकमो म सद यह इलहाम ह िो बराहीन अहजमया म िम ह انما ال ثلکم یویح م انما انا بشر قل इसी सद الھکم اہل واحد الخیکہل ف القرآن

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दाफिउल बला

वद अपनद घरो म ऐसद सो िाएगद िसा जक एक ऊट मरा रह िाता ह हम उनको अपनद जनशान पहलद तो र-र क लोगो म जखाएगद और जिर सवय उनही म हमार जनशान रिकट होगद मनद तझ सद एक कय-जवकय जकया ह अथामत एक वसत मदरी थी त उसका माजलक बनाया गया और एक वसत तदरी थी जिस का म माजलक बन गया त भी उस कय-जवकय का इकरार कर और कह द जक खा नद मझ सद कय-जवकय जकया त मझ सद ऐसा ह िसा जक सनतान त मझ म सद ह और म तझ म सद ह वह समय समीप ह जक म तझद ऐसद मकाम पर खडा करगा जक ससार तदरी रिशसा और यशोगान करगा शदषठता तदर साथ ह और अधमता तदर शतरओ क साथ अतः सबर कर यहा तक जक वाद का जन आ िाए ताऊन पर एक ऐसा समय भी आनद वाला ह जक उसम कोई भी जगरफतार नही होगा अथामत अनततः भलाई और कशलता ह6

6हाशिया - पयामपत समय हआ जक इस सद पहलद खा नद मझद ताऊन क बार म सर की कहानी क तौर पर यह खबर ी थी یــا مســیح عدوانــا परनत आि 21 अरिल 1902 ई ह उसी इलहाम को पनः इस रिकार फरमाया गया یــا مســیح الخلــق عدوانالــن تــری مــن بعــد مرادنــا و فســادنا अथामत ह खा क मसीह िो मखलक की ओर भदिा गया हमारी शीघर खबर लद और हम अपनी जसफाररश सद बचा त इसक बा हमार पापी ततवो को नही दखदगा और न हमारा उपदरव कछ शदर रहगा अथामत हम सीधद हो िाएगद और गाजलया बकना तथा अपशब जनकालना छोड गद यह खा का कलाम बराहीन अहमजया क उस इलहाम क अनसार ह जक अगनतम जनो म हम लोगो पर ताऊन भदिगद िसा जक फरमाया- ــا عــل یوســف لنصــرف عنــہ الســوء والفحشــاء کذلــک مننअथामत हम ताऊन क साथ इस यसफ पर यह उपकार करगद जक गाजलया दनद वालद लोगो का मह बन कर गद ताजक वद िरकर गाजलयो सद रक िाए उनही जनो

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दाफिउल बला

अब इस सपणम वही सद तीन बात जसदध हई ह ndash(1) रिथम यह जक ताऊन ससार म इसजलए आई ह जक खा

क मसीह मौऊ सद न कवल इनकार जकया गया अजपत उसद ःख जया गया उसको कतल करनद क जलए योिनाए बनाई गई उसका नाम काजफर और जाल रखा गया तो खा नद न चाहा जक अपनद रसल को जबना गवाही क छोड द इसजलए उस नद आकाश और पथवी ोनो को उसकी सचाई का गवाह बना जया आकाश नद चनदर गरहण और सयम-गरहण सद गवाही ी िो रमजान म हए और पथवी नद ताऊन क साथ गवाही ी ताजक खा का वह कलाम परा हो िो बराहीन अहमजया म ह और वह यह ह ndash

قل عندی شھادۃ من اہلل فھل انتم تومنون قل عندی شھادۃمن اہلل فھل انتم تسلمون

अथामत मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम ईमान लाओगद या नही और म पनः कहता ह जक मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम सवीकार करोगद या नही पहली गवाही सद अजभरिाय आकाश की गवाही ह जिसम कोई िबर नही इसजलए इस म تو منون का शब रियोग जकया गया और सरी गवाही पथवी की ह अथामत ताऊन की जिसम िबर मौि ह जक भय दकर इस िमाअत म ाजखल करती ह इसजलए इसम تسلمون का शब रियोग जकया गयािष हाशिया - क बार म खा का यह कलाम ह जिसम जमीन क कलाम सद मझद सचना ी गई और वह यह ह- یــاول اہلل کنــت ل اعرفــکअथामत ह खा क वली म इस सद पहलद तझद नही पहचानती थी इसका जववरण यह ह जक कशफी तौर पर जमीन मददर सामनद की गई और उसनद यह कलाम जकया जक म अब तक तझद नही पहचानती थी जक त रहमान खा का वली ह इसी सद

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दाफिउल बला

(2) जदतीय बात िो इस वही सद जसदध हई वह यह ह जक यह ताऊन इस हालत म कम होगी जक िब लोग खा क चनद हए को सवीकार कर लगद और कम सद कम यह जक शरारत कषट दनद और गाली दनद सद रक िाएगद कयोजक बराहीन अहमजया म खा तआला फरमाता ह ndash जक म अगनतम जनो म ताऊन भदिगा ताजक म उन पाजपयो और षटो का मह बन कर िो मदर रसल को गाजलया दतद ह असल बात यह ह जक कवल इनकार इस बात का कारण नही हो ताजक एक रसल क इनकार सद ससार म कोई तबाही भदिी िाए अजपत यज लोग शालीनता और सभयतापवमक खा क रसलो का इनकार कर और अतयाचार तथा गाजलया न तो उनका णि कयामत म जनधामररत ह और ससार म रसलो की सहायता म जितना सकामक रोग भदिा गया ह वह कवल इनकार सद नही अजपत बराइयो का णि ह इसी रिकार अब भी िब लोग गाजलया अतयाचार अनयाय और अपनद पापो सद रक िाएगद और उनम सशील लोगो िसा वयवहार पा हो िाएगा तब यह चदतावनी समापत कर ी िाएगी परनत इस अवसर पर बहत सद भायशाली लोग खा क रसल को सवीकार कर लगद और आकाशीय बरकतो सद भाग लगद और पथवी भायशाजलयो सद भर िाएगी

(3) ततीय बात िो इस वही सद जसदध हई ह वह यह ह जक खा तआला बहरहाल िब तक जक ताऊन ससार म रह यदयजप सततर वरम तक रह काजयान को उसकी भयकर तबाही सद सरजकत रखदगा कयोजक यह उसक रसल का कनदर ह और यह समसत उमतो क जलए जनशान ह

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दाफिउल बला

अब यज खा तआला क इस रसल और इस जनशान सद जकसी को इनकार हआ और खयाल हो जक कवल रसमी नमाजो और आओ सद या मसीह की इबात (उपासना) सद या गाय क कारण या वदो क ईमान सद जवरोध शमनी और इस रसल की अवजा क बावि ताऊन र हो सकती ह तो यह जवचार जबना सबत सवीकार करनद योय नही तो िो वयगति इन समसत सरिायो म सद अपनद धमम की सचाई का सबत दना चाहता ह तो अब बहत उततम अवसर ह िसद खा की ओर सद समसत धममो की सचाई या झठ को पहचाननद क जलए एक रिशमनी सथल जनधामररत जकया गया ह और खा नद सवमरिथम अपनी ओर सद पहलद काजयान का नाम लद जया ह अब यज आयम लोग वद को सचा समझतद ह तो उनको चाजहए जक बनारस क बार म िो वद क पढानद का मल सथान ह एक भजवषयवाणी कर जक उनका परमदशर बनारस को ताऊन सद बचा लदगा और सनातन धमम वालो को चाजहए जक जकसी ऐसद शहर क बार म जिसम गाए बहत हो उाहरणतया अमतसर क बार म भजवषयवाणी कर जक गायो क कारण उसम ताऊन नही आएगी यज गाय अपना इतना चमतकार जखा द तो कछ आचियम नही जक इस चमतकारी िानवर क रिाणो को सरकार बचा द इसी रिकार ईसाइयो को चाजहए जक कलकतता क बार म भजवषयवाणी कर जक उसम ताऊन नही पडगी कयोजक जबरजटश भारत का बडा जबशप कलकतता म रहता ह इसी रिकार जमया शसदीन और उनकी अिमन जहमायत-ए-इसलाम क ससयो को चाजहए जक लाहौर क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगा और मशी इलाही बखश एकाउनटणट िो इलहाम का ावा

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दाफिउल बला

करतद ह उनक जलए भी यही अवसर ह जक अपनद इलहाम सद लाहौर क बार म भजवषयवाणी करक अिमन जहमायत-ए-इसलाम को म और उजचत ह जक अबल िबबार और अबल हक अमतसर शहर क बार म भजवषयवाणी कर और चजक वहाबी सरिाय की असल िड जली ह इजसलए उजचत ह जक नजीर हसन और महम हसन जली क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगी तो इस रिकार सद िसद समसत पिाब इस घातक रोग सद सरजकत हो िाएगा और सरकार को भी मफत म ाजयतव सद जनवजतत हो िाएगी और यज लोगो नद ऐसा न जकया तो जिर यही समझा िाएगा जक सचा खा वही खा ह जिसनद काजयान म अपना रसल भदिा

और अनततः समरण रह जक यज यद सब लोग जिन म मसलमानो क मलहम और आयमो क पजित और ईसाइयो क पारी सगमजलत ह चप रह तो जसदध हो िाएगा जक यद सब लोग झठ ह और एक जन आनद वाला ह जक काजयान सयम क समान चमक कर जखा दगा जक वह एक सचद का सथान ह अनत म जमया शसदीन साजहब को या रह जक आपनद िो अपनद जवजापन म आयत

(अननल - 63) مضطر ن یجیب ال ام

जलखी ह और इस सद आ की सवीकाररता की आशा की ह यह आशा सही नही ह कयोजक खा क कलाम म शब مضطر सद अजभरिाय वद हाजन-पीजडत ह िो कवल आजमायश क तौर पर हाजन-पीजडत हो न जक णि क तौर पर परनत िो लोग णि क तौर पर जकसी हाजन सद जनरनतर गरसत रहतद हो वद इस आयत क चररताथम नही ह अनयथा अजनवायम होता ह जक नह की कौम और लत की कौम

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दाफिउल बला

तथा जफरऔन की कौम इतयाज की आए उस आतरता (इजतरार) क समय म सवीकार की िाती परनत ऐसा नही हआ और खा क हाथ नद उन कौमो को मार जया और यज जमया शसदीन कह जक जिर उन क यथायोय कौन सी आयत ह तो हम कहतद ह जक यह आयत यथायोय ह(अलमोजमन-51) کفرین ال ف ضلل

وما دعـؤا ال

चजक सभावना ह जक कछ मबजदध सवभाव वालद लोग इस जवजापन का मल उददशय समझनद म गलती खाए इस जलए हम पनः अपनद बलानद क कततमवय को अजभवयति कर दतद ह और वह यह ह जक यह ताऊन िो दश म िल रही ह जकसी अनय कारण सद नही अजपत एक ही कारण ह और वह यह जक लोगो नद खा क उस मौऊ क माननद सद इनकार जकया ह िो समसत नजबयो की भजवषयवाणी क अनसार ससार क सातव हजार म रिकट हआ ह तथा लोगो नद न कवल इनकार जकया अजपत खा क इस मसीह को गाजलया ी काजफर कहा और कतल करना चाहा और िो कछ चाहा उस सद जकया इसजलए खा क सवाजभमान नद चाहा जक उनकी इस घषटता असभयता पर उन पर चदतावनी उतार और खा नद पहलद पजवतर लदखो म खबर ी थी जक लोगो क इनकार क कारण उन जनो म िब मसीह रिकट होगा दश म भयकर ताऊन पडगी इसजलए अवशय था जक ताऊन पडती और ताऊन का नाम ताऊन इसजलए रखा गया ह जक यह ताअन (कटाक) करनद वालो का उततर ह और बनी इसाईल म हमदशा ताअन क समय म ही पडती थी और ताऊन क अरबी शबकोश म अथम ह बहत ताअन (कटाक) करनद वाला यह इस

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दाफिउल बला

बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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दाफिउल बला

नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 14: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

मदर उसता एक बजगम जशया थद उनका कहना था जक वबा का इलाि कवल तवला और तबराम ह अथामत अहलद बत क रिदम को इबात की सीमा तक पहचा दना और सहाबा रजज को गाजलया दतद रहना इस सद उततम कोई इलाि नही और मनद सना ह जक बबई म िब ताऊन आरभ हई ह तो सवमरिथम लोगो म यही जवचार पा हआ था जक यह इमाम हसन का चमतकार ह कयोजक जिन जहनओ नद जशयो सद कछ जववा जकया था उनम ताऊन आरभ हो गई थी जिर िब इस रोग नद जशयो म भी कम रखा तब तो या हसन क नार समापत हो गए

यो तो मसलमानो क जवचार ह िो ताऊन को र करनद क जलए सोचद गए ह और ईसाइयो क जवचारो की अजभवयगति क जलए अभी एक जवजापन पारी वाइट बरदखत साजहब और उनकी अिमन की ओर सद जनकला ह और वह यह जक ताऊन को र करनद क जलए अनय कोई उपाय पयामपत नही जसवाए इसक जक हजरत मसीह को खा मान ल और उनक कफफारः पर ईमान लद आए

और जहनओ म सद आयममत क लोग पकार-पकार कर कह रह ह जक ताऊन की बला वद को तयाग ददनद क कारण ह समसत जफकमो को चाजहए जक वदो की सतय जवदया पर ईमान लाए और समसत नजबयो को नऊजजबलाह झठा ठहराए तब इस उपाय सद ताऊन र हो िाएगी

और जहनओ म िो सनातन धमम जफकाम (सरिाय) ह उसम ताऊन क जनवारण क बार म िो राय वयति की गई ह यज हम अखबार-ए-आम अखबार न पढतद तो शाय इस अदत राय सद

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दाफिउल बला

अनजमज रहतद और वह राय यह ह जक यह ताऊन की बला गाय क कारण आई ह यज सरकार यह कानन पास कर द जक इस दश म गाय काजप-काजप जजबह न की िाए तो जिर दजखए जक ताऊन कयोकर र हो िाती ह अजपत इस अखबार म एक सथान पर जलखा ह जक एक वयगति नद गाय को बोलतद सना जक वह कहती ह जक मदर कारण ही इस दश म ताऊन आई ह

अब ह पाठकगण सवय ही सोच लो जक इतनद जवजभनन कथनो और ावो सद जकस कथन को ससार क सामनद सपषट एव वयापक तौर पर फाया हो सकता ह यद समसत आसथागत बात ह और सवदनशील समय म िब तक जक ससार इन आसथाओ का जनणमय कर सवय ससार का जनणमय हो िाएगा इसजलए वह बात सवीकार करनद योय ह िो शीघर ही समझ म आ सकती ह और िो अपनद साथ कोई रिमाण रखती ह अतः वह बात म रिमाण सजहत रिसतत करता ह चार वरम हए जक मनद एक भजवषयवाणी रिकाजशत की थी जक पिाब म भयकर ताऊन आनद वाली ह और मनद इस दश म ताऊन क कालद वक दखद ह िो रितयदक शहर और गाव म लगाए गए ह यज लोग तौबः कर तो यद रोग ो िाडो सद अजधक नही हो सकता खा इसद र कर दगा परनत तौबः करनद की बिाए मझद गाजलया ी गई और सखत गाजलयो क जवजापन रिकाजशत जकए गए जिनका पररणाम ताऊन की यह हालत ह िो अब दख रह हो खा की वह पजवतर वही िो मझ पर उतरी उसकी इबात यह ह -

قریۃوامابانفسھ انہ اوی ال مابقوم حت بغی ان اہلل ل یغی

अथामत खा नद यह इराा जकया ह इस ताऊन की बला को

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दाफिउल बला

कदापि दर नही करगा जब तक लोग उन पिचारो को दर न कर जो उनक पदलो म ह अराथात जब तक ि खदा क मामर और रसल को सिवीकार न कर ल तब तक ताऊन दर नही होगवी और िह शकतिमान खदा कापदयान को ताऊन की तबाहवी3

स सरपषित रखगा तापक 3हाशिया - اوی (आिा) अरबवी शबद ह पजस क मायन ह तबाहवी और असत-वयसत होन स बचाना और अिनवी शरण म ल लना यह इस बात की ओर सकत ह पक ताऊन की पकसमो म स िह ताऊन बडवी पिनाशकारवी ह पजसका नाम ताऊन जारिफ ह अराथात झाड दन िालवी पजसस लोग जगह-जगह भागत ह और कतो की तरह मरत ह यह हालत इनसानवी सहनशवीलता स बढ जातवी ह तो इस खदाई कलाम म िादा ह पक यह हालत कभवी कापदयान िर नही आएगवी इसकी वयाखया यह दसरा इलहाम करता ह पक لوالاالکــرام لھلــک المقــام अराथात यपद मझ इस पसलपसल क सममान का िास न होता तो म कापदयान को भवी तबाह कर दता इस इलहाम स दो बात समझवी जातवी ह -(1) पररम यह पक कछ हापन नही पक इनसान की बदाथाशत की सवीमा तक कभवी कापदयान म भवी कोई घटना इकका-दकका तौर िर हो जाए जो पिनाशकारवी न हो और भागन एि असत-वयसत होन का कारण न हो कयोपक एक दो घटना न होन का आदश रखतवी ह(2) पवितवीय यह पक यह बात आिशयक ह पक पजन दहात और शहरो म कापदयान की अिषिा बहत उददणड दषट अतयाचारवी वयपभचारवी उिदरिवी और इस पसलपसल क खतरनाक शत रहत ह उनक शहरो या दहात म अिशय पिनाशकारवी ताऊन फट िडगवी यहा तक पक लोग बोखला कर हर ओर भागग हमन आिा क शबद जहा तक पिशाल ह उसक अनसार यह मायन कर पदए ह और हम दाि स पलखत ह पक कापदयान म कभवी ताऊन-जाररफ नही िडगवी जो गाि िवीरान करन िालवी और खा जान िालवी होतवी ह िरनत इसक मकाबल िर अनय शहरो और दहात म जो अतयाचारवी और उिदरिवी ह अिशय भयकर रि िदा होग समसत ससार म एक कापदयान ह पजसक पलए यह िादा हआ ــک ــی ذل ــدہلل ع इसवी स فالحم

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दाफिउल बला

तम समझो जक काजयान इसजलए सरजकत रखा गया जक वह खा का रसल और उसका मनोनीत काजयान म था अब दखो तीन वरम सद जसदध हो रहा ह जक वद ोनो पहल पर हो गए अथामत एक ओर समसत पिाब म ताऊन िल गई और सरी ओर इसक बावि जक काजयान क चारो ओर ो-ो मील की री पर ताऊन का जोर हो रहा ह परनत काजयान ताऊन सद पजवतर ह अजपत आि तक िो वयगति ताऊन सद गरसत बाहर सद काजयान म आया वह भी अचछा हो गया कया इस सद बढकर कोई और सबत होगा जक िो बात आि सद चार वरम पवम कही गई थी वद परी हो गई अजपत ताऊन की सचना आि सद बाईस वरम पवम बराहीन अहमजया म भी ी गई ह4और यह गब (परोक) का जान खा क अजतररति जकसी अनय की शगति म नही अतः इस रोग क जनवारण क जलए वह सनदश िो खा नद मझद जया ह वह यही ह जक लोग मझद सचद जल सद मसीह मौऊ मान ल यज मदरी ओर सद भी जबना जकसी रिमाण क कवल ावा

4हाशिया - आि सद स वरम पवम एक हर जवजापन म िो मदरी ओर सद रिका-जशत हआ था ताऊन की खबर ी गई थी और वह यह ह -

انمــا یبایعونــک اذلیــن باعینناووحینــاان الفلــک اصنــع ایدیــھ فــوق اہلل یــد اہلل یبایعــون

अथामत एक नौका मदर आदश और आखो क सामनद बना िो आनद वालद सकामक रोग बचाएगी िो लोग तझ सद बअत करतद ह वद मझ सद बअत करतद ह यह तदरा हाथ नही अजपत मदरा हाथ ह िो उनक हाथो पर रखा िाता ह इसी खा क कलाम का एक वाकय बराहीन अहमजया म बतौर भजवषयवाणी मौि ह और वह यह ह

ول تخاطبین ف اذلین ظلمواانھ مغرقونअथामत िो लोग जलम उदणिता वयजभचार और अवजा सद नही रकतद मदर आगद कछ जसिाररश न कर कयोजक वद िबाए िाएगद इसी सद

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दाफिउल बला

होता िसा जक जमया शसदीन सदकटरी जहमायत-ए-इसलाम लाहौर नद अपनद जवजापन म या पारी वाइट बरदखत साजहब नद अपनद जवजापन म जकया ह तो म भी उनकी तरह एक वयथमवाी ठहरता परनत मदरी वद बातद ह जिनको मनद समय सद पवम वणमन जकया और आि वद परी हो गई ततपचिात इन जनो म भी मझद खा नद खबर ी अतः अलाह तआला फरमाता ह -

القریۃ اوی انہ فیھ وانت لیعذبھ اہلل ماکان لولالکرام لھک المقام این اناالرحمن داف ال این ل یخاف من والوم اقوم الرسول مع این حفیظ این المرسلون دلی یلبسواایمانھ امنواولم اذلین ال تصنع النفوس یلوم بظلم اولئک لھ المن وھم مھتدون انانایت الرض ننکسھا جاثمی دارھم فاصبحواف اجھزالجیش این اطرافھا من الفاق وف انفسھ نصرمن اہلل وفتح مبی ایاتنا ف سنریھ مین انت اولدی5 بمنزۃل مین انت رب بایعین یایعتک این

5हाशिया - समरण रह जक खा तआला बदटो सद पजवतर ह न उसका कोई भागीार ह और न बदटा ह और न जकसी को अजधकार पहचता ह जक वह यह कह जक म खा ह या खा का बदटा ह परनत यह वाकय इस िगह अवासतजवक और रपक क वगम म सद ह खा तआला नद पजवतर कआमन म आहजरत सललाह अलजह वसलम को अपना हाथ बताया और फरमाया ایدھم فوق ऐसा ही बिाए (अलफतह-11) یعداہلل भी कहा और यह भी फरमायाیاعبادی क قل یاعباداہلل

اباءکم رکم اہلل کذک

فاذکر

तो खा क उस कलाम को होजशयारी और सावधानी सद पढो और उपमाओ क वगम म सद समझ कर ईमान लाओ और उसकी हालत म हसतकदप न करो और वासतजवकता खा क सपम कर ो और जवशास रखो जक खा

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दाफिउल बलाوانامنک عسی الن یبعثک ربک مقاما محمودا الفوق معک والحت مع اعدائک فاصرب حت یایت اہلل بامرہ یایت عل جھنم

زمان لیس فیھا احد अनवा ndash खा ऐसा नही जक काजयान क लोगो को अजाब

द हालाजक त उनम रहता ह वह इस गाव को ताऊन की लटमार और उसकी तबाही सद बचा लदगा यज मझद तदरा पास न होता और तदरा समान दगषटगत न होता तो म इस गाव को तबाह कर दता म याल ह िो ख को र करनद वाला ह मदर रसलो को मदर पास कछ भय और गम नही म जनगाह रखनद वाला ह म अपनद रसल क साथ खडा हगा और उसकी जनना करगा िो मदर रसल की जनना करता ह म अपनद समयो को जवभाजित कर गा जक वरम का कछ भाग तो म रितीका करगा अथामत ताऊन सद लोगो को मारगा और वरम का कछ भाग रोजा रखगा अथामत अमन रहगा और ताऊन कम हो िाएगी या जबलकल नही रहगी मदरा रिकोप भडक रहा ह बीमाररया िलगी और रिाणो की कजत होगी परनत वद लोग िो ईमान लाएगद और ईमान म कछ ोर नही होगा वद अमन म रहगद और उनकी मगति (छटकार) का मागम जमलद यह मत सोचो जक अपराधी बचद हए ह हम उनकी पथवी क जनकट आतद िातद ह म अनर ही अनर अपनी सदना तयार कर रहा ह अथामत ताउन क कीटाणओ का पोरण कर रहा ह अतः िष हाशिया - बदटा बनानद सद पजवतर ह तथाजप उपमाओ क रग म उसक कलाम म बहत कछ पाया िाता ह तो उपमाओ का अनकरण करनद सद बचो जक तबाह हो िाओ और मदर बार म सपषट तकमो म सद यह इलहाम ह िो बराहीन अहजमया म िम ह انما ال ثلکم یویح م انما انا بشر قل इसी सद الھکم اہل واحد الخیکہل ف القرآن

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दाफिउल बला

वद अपनद घरो म ऐसद सो िाएगद िसा जक एक ऊट मरा रह िाता ह हम उनको अपनद जनशान पहलद तो र-र क लोगो म जखाएगद और जिर सवय उनही म हमार जनशान रिकट होगद मनद तझ सद एक कय-जवकय जकया ह अथामत एक वसत मदरी थी त उसका माजलक बनाया गया और एक वसत तदरी थी जिस का म माजलक बन गया त भी उस कय-जवकय का इकरार कर और कह द जक खा नद मझ सद कय-जवकय जकया त मझ सद ऐसा ह िसा जक सनतान त मझ म सद ह और म तझ म सद ह वह समय समीप ह जक म तझद ऐसद मकाम पर खडा करगा जक ससार तदरी रिशसा और यशोगान करगा शदषठता तदर साथ ह और अधमता तदर शतरओ क साथ अतः सबर कर यहा तक जक वाद का जन आ िाए ताऊन पर एक ऐसा समय भी आनद वाला ह जक उसम कोई भी जगरफतार नही होगा अथामत अनततः भलाई और कशलता ह6

6हाशिया - पयामपत समय हआ जक इस सद पहलद खा नद मझद ताऊन क बार म सर की कहानी क तौर पर यह खबर ी थी یــا مســیح عدوانــا परनत आि 21 अरिल 1902 ई ह उसी इलहाम को पनः इस रिकार फरमाया गया یــا مســیح الخلــق عدوانالــن تــری مــن بعــد مرادنــا و فســادنا अथामत ह खा क मसीह िो मखलक की ओर भदिा गया हमारी शीघर खबर लद और हम अपनी जसफाररश सद बचा त इसक बा हमार पापी ततवो को नही दखदगा और न हमारा उपदरव कछ शदर रहगा अथामत हम सीधद हो िाएगद और गाजलया बकना तथा अपशब जनकालना छोड गद यह खा का कलाम बराहीन अहमजया क उस इलहाम क अनसार ह जक अगनतम जनो म हम लोगो पर ताऊन भदिगद िसा जक फरमाया- ــا عــل یوســف لنصــرف عنــہ الســوء والفحشــاء کذلــک مننअथामत हम ताऊन क साथ इस यसफ पर यह उपकार करगद जक गाजलया दनद वालद लोगो का मह बन कर गद ताजक वद िरकर गाजलयो सद रक िाए उनही जनो

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अब इस सपणम वही सद तीन बात जसदध हई ह ndash(1) रिथम यह जक ताऊन ससार म इसजलए आई ह जक खा

क मसीह मौऊ सद न कवल इनकार जकया गया अजपत उसद ःख जया गया उसको कतल करनद क जलए योिनाए बनाई गई उसका नाम काजफर और जाल रखा गया तो खा नद न चाहा जक अपनद रसल को जबना गवाही क छोड द इसजलए उस नद आकाश और पथवी ोनो को उसकी सचाई का गवाह बना जया आकाश नद चनदर गरहण और सयम-गरहण सद गवाही ी िो रमजान म हए और पथवी नद ताऊन क साथ गवाही ी ताजक खा का वह कलाम परा हो िो बराहीन अहमजया म ह और वह यह ह ndash

قل عندی شھادۃ من اہلل فھل انتم تومنون قل عندی شھادۃمن اہلل فھل انتم تسلمون

अथामत मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम ईमान लाओगद या नही और म पनः कहता ह जक मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम सवीकार करोगद या नही पहली गवाही सद अजभरिाय आकाश की गवाही ह जिसम कोई िबर नही इसजलए इस म تو منون का शब रियोग जकया गया और सरी गवाही पथवी की ह अथामत ताऊन की जिसम िबर मौि ह जक भय दकर इस िमाअत म ाजखल करती ह इसजलए इसम تسلمون का शब रियोग जकया गयािष हाशिया - क बार म खा का यह कलाम ह जिसम जमीन क कलाम सद मझद सचना ी गई और वह यह ह- یــاول اہلل کنــت ل اعرفــکअथामत ह खा क वली म इस सद पहलद तझद नही पहचानती थी इसका जववरण यह ह जक कशफी तौर पर जमीन मददर सामनद की गई और उसनद यह कलाम जकया जक म अब तक तझद नही पहचानती थी जक त रहमान खा का वली ह इसी सद

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दाफिउल बला

(2) जदतीय बात िो इस वही सद जसदध हई वह यह ह जक यह ताऊन इस हालत म कम होगी जक िब लोग खा क चनद हए को सवीकार कर लगद और कम सद कम यह जक शरारत कषट दनद और गाली दनद सद रक िाएगद कयोजक बराहीन अहमजया म खा तआला फरमाता ह ndash जक म अगनतम जनो म ताऊन भदिगा ताजक म उन पाजपयो और षटो का मह बन कर िो मदर रसल को गाजलया दतद ह असल बात यह ह जक कवल इनकार इस बात का कारण नही हो ताजक एक रसल क इनकार सद ससार म कोई तबाही भदिी िाए अजपत यज लोग शालीनता और सभयतापवमक खा क रसलो का इनकार कर और अतयाचार तथा गाजलया न तो उनका णि कयामत म जनधामररत ह और ससार म रसलो की सहायता म जितना सकामक रोग भदिा गया ह वह कवल इनकार सद नही अजपत बराइयो का णि ह इसी रिकार अब भी िब लोग गाजलया अतयाचार अनयाय और अपनद पापो सद रक िाएगद और उनम सशील लोगो िसा वयवहार पा हो िाएगा तब यह चदतावनी समापत कर ी िाएगी परनत इस अवसर पर बहत सद भायशाली लोग खा क रसल को सवीकार कर लगद और आकाशीय बरकतो सद भाग लगद और पथवी भायशाजलयो सद भर िाएगी

(3) ततीय बात िो इस वही सद जसदध हई ह वह यह ह जक खा तआला बहरहाल िब तक जक ताऊन ससार म रह यदयजप सततर वरम तक रह काजयान को उसकी भयकर तबाही सद सरजकत रखदगा कयोजक यह उसक रसल का कनदर ह और यह समसत उमतो क जलए जनशान ह

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अब यज खा तआला क इस रसल और इस जनशान सद जकसी को इनकार हआ और खयाल हो जक कवल रसमी नमाजो और आओ सद या मसीह की इबात (उपासना) सद या गाय क कारण या वदो क ईमान सद जवरोध शमनी और इस रसल की अवजा क बावि ताऊन र हो सकती ह तो यह जवचार जबना सबत सवीकार करनद योय नही तो िो वयगति इन समसत सरिायो म सद अपनद धमम की सचाई का सबत दना चाहता ह तो अब बहत उततम अवसर ह िसद खा की ओर सद समसत धममो की सचाई या झठ को पहचाननद क जलए एक रिशमनी सथल जनधामररत जकया गया ह और खा नद सवमरिथम अपनी ओर सद पहलद काजयान का नाम लद जया ह अब यज आयम लोग वद को सचा समझतद ह तो उनको चाजहए जक बनारस क बार म िो वद क पढानद का मल सथान ह एक भजवषयवाणी कर जक उनका परमदशर बनारस को ताऊन सद बचा लदगा और सनातन धमम वालो को चाजहए जक जकसी ऐसद शहर क बार म जिसम गाए बहत हो उाहरणतया अमतसर क बार म भजवषयवाणी कर जक गायो क कारण उसम ताऊन नही आएगी यज गाय अपना इतना चमतकार जखा द तो कछ आचियम नही जक इस चमतकारी िानवर क रिाणो को सरकार बचा द इसी रिकार ईसाइयो को चाजहए जक कलकतता क बार म भजवषयवाणी कर जक उसम ताऊन नही पडगी कयोजक जबरजटश भारत का बडा जबशप कलकतता म रहता ह इसी रिकार जमया शसदीन और उनकी अिमन जहमायत-ए-इसलाम क ससयो को चाजहए जक लाहौर क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगा और मशी इलाही बखश एकाउनटणट िो इलहाम का ावा

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करतद ह उनक जलए भी यही अवसर ह जक अपनद इलहाम सद लाहौर क बार म भजवषयवाणी करक अिमन जहमायत-ए-इसलाम को म और उजचत ह जक अबल िबबार और अबल हक अमतसर शहर क बार म भजवषयवाणी कर और चजक वहाबी सरिाय की असल िड जली ह इजसलए उजचत ह जक नजीर हसन और महम हसन जली क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगी तो इस रिकार सद िसद समसत पिाब इस घातक रोग सद सरजकत हो िाएगा और सरकार को भी मफत म ाजयतव सद जनवजतत हो िाएगी और यज लोगो नद ऐसा न जकया तो जिर यही समझा िाएगा जक सचा खा वही खा ह जिसनद काजयान म अपना रसल भदिा

और अनततः समरण रह जक यज यद सब लोग जिन म मसलमानो क मलहम और आयमो क पजित और ईसाइयो क पारी सगमजलत ह चप रह तो जसदध हो िाएगा जक यद सब लोग झठ ह और एक जन आनद वाला ह जक काजयान सयम क समान चमक कर जखा दगा जक वह एक सचद का सथान ह अनत म जमया शसदीन साजहब को या रह जक आपनद िो अपनद जवजापन म आयत

(अननल - 63) مضطر ن یجیب ال ام

जलखी ह और इस सद आ की सवीकाररता की आशा की ह यह आशा सही नही ह कयोजक खा क कलाम म शब مضطر सद अजभरिाय वद हाजन-पीजडत ह िो कवल आजमायश क तौर पर हाजन-पीजडत हो न जक णि क तौर पर परनत िो लोग णि क तौर पर जकसी हाजन सद जनरनतर गरसत रहतद हो वद इस आयत क चररताथम नही ह अनयथा अजनवायम होता ह जक नह की कौम और लत की कौम

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तथा जफरऔन की कौम इतयाज की आए उस आतरता (इजतरार) क समय म सवीकार की िाती परनत ऐसा नही हआ और खा क हाथ नद उन कौमो को मार जया और यज जमया शसदीन कह जक जिर उन क यथायोय कौन सी आयत ह तो हम कहतद ह जक यह आयत यथायोय ह(अलमोजमन-51) کفرین ال ف ضلل

وما دعـؤا ال

चजक सभावना ह जक कछ मबजदध सवभाव वालद लोग इस जवजापन का मल उददशय समझनद म गलती खाए इस जलए हम पनः अपनद बलानद क कततमवय को अजभवयति कर दतद ह और वह यह ह जक यह ताऊन िो दश म िल रही ह जकसी अनय कारण सद नही अजपत एक ही कारण ह और वह यह जक लोगो नद खा क उस मौऊ क माननद सद इनकार जकया ह िो समसत नजबयो की भजवषयवाणी क अनसार ससार क सातव हजार म रिकट हआ ह तथा लोगो नद न कवल इनकार जकया अजपत खा क इस मसीह को गाजलया ी काजफर कहा और कतल करना चाहा और िो कछ चाहा उस सद जकया इसजलए खा क सवाजभमान नद चाहा जक उनकी इस घषटता असभयता पर उन पर चदतावनी उतार और खा नद पहलद पजवतर लदखो म खबर ी थी जक लोगो क इनकार क कारण उन जनो म िब मसीह रिकट होगा दश म भयकर ताऊन पडगी इसजलए अवशय था जक ताऊन पडती और ताऊन का नाम ताऊन इसजलए रखा गया ह जक यह ताअन (कटाक) करनद वालो का उततर ह और बनी इसाईल म हमदशा ताअन क समय म ही पडती थी और ताऊन क अरबी शबकोश म अथम ह बहत ताअन (कटाक) करनद वाला यह इस

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बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 15: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

अनजमज रहतद और वह राय यह ह जक यह ताऊन की बला गाय क कारण आई ह यज सरकार यह कानन पास कर द जक इस दश म गाय काजप-काजप जजबह न की िाए तो जिर दजखए जक ताऊन कयोकर र हो िाती ह अजपत इस अखबार म एक सथान पर जलखा ह जक एक वयगति नद गाय को बोलतद सना जक वह कहती ह जक मदर कारण ही इस दश म ताऊन आई ह

अब ह पाठकगण सवय ही सोच लो जक इतनद जवजभनन कथनो और ावो सद जकस कथन को ससार क सामनद सपषट एव वयापक तौर पर फाया हो सकता ह यद समसत आसथागत बात ह और सवदनशील समय म िब तक जक ससार इन आसथाओ का जनणमय कर सवय ससार का जनणमय हो िाएगा इसजलए वह बात सवीकार करनद योय ह िो शीघर ही समझ म आ सकती ह और िो अपनद साथ कोई रिमाण रखती ह अतः वह बात म रिमाण सजहत रिसतत करता ह चार वरम हए जक मनद एक भजवषयवाणी रिकाजशत की थी जक पिाब म भयकर ताऊन आनद वाली ह और मनद इस दश म ताऊन क कालद वक दखद ह िो रितयदक शहर और गाव म लगाए गए ह यज लोग तौबः कर तो यद रोग ो िाडो सद अजधक नही हो सकता खा इसद र कर दगा परनत तौबः करनद की बिाए मझद गाजलया ी गई और सखत गाजलयो क जवजापन रिकाजशत जकए गए जिनका पररणाम ताऊन की यह हालत ह िो अब दख रह हो खा की वह पजवतर वही िो मझ पर उतरी उसकी इबात यह ह -

قریۃوامابانفسھ انہ اوی ال مابقوم حت بغی ان اہلل ل یغی

अथामत खा नद यह इराा जकया ह इस ताऊन की बला को

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दाफिउल बला

कदापि दर नही करगा जब तक लोग उन पिचारो को दर न कर जो उनक पदलो म ह अराथात जब तक ि खदा क मामर और रसल को सिवीकार न कर ल तब तक ताऊन दर नही होगवी और िह शकतिमान खदा कापदयान को ताऊन की तबाहवी3

स सरपषित रखगा तापक 3हाशिया - اوی (आिा) अरबवी शबद ह पजस क मायन ह तबाहवी और असत-वयसत होन स बचाना और अिनवी शरण म ल लना यह इस बात की ओर सकत ह पक ताऊन की पकसमो म स िह ताऊन बडवी पिनाशकारवी ह पजसका नाम ताऊन जारिफ ह अराथात झाड दन िालवी पजसस लोग जगह-जगह भागत ह और कतो की तरह मरत ह यह हालत इनसानवी सहनशवीलता स बढ जातवी ह तो इस खदाई कलाम म िादा ह पक यह हालत कभवी कापदयान िर नही आएगवी इसकी वयाखया यह दसरा इलहाम करता ह पक لوالاالکــرام لھلــک المقــام अराथात यपद मझ इस पसलपसल क सममान का िास न होता तो म कापदयान को भवी तबाह कर दता इस इलहाम स दो बात समझवी जातवी ह -(1) पररम यह पक कछ हापन नही पक इनसान की बदाथाशत की सवीमा तक कभवी कापदयान म भवी कोई घटना इकका-दकका तौर िर हो जाए जो पिनाशकारवी न हो और भागन एि असत-वयसत होन का कारण न हो कयोपक एक दो घटना न होन का आदश रखतवी ह(2) पवितवीय यह पक यह बात आिशयक ह पक पजन दहात और शहरो म कापदयान की अिषिा बहत उददणड दषट अतयाचारवी वयपभचारवी उिदरिवी और इस पसलपसल क खतरनाक शत रहत ह उनक शहरो या दहात म अिशय पिनाशकारवी ताऊन फट िडगवी यहा तक पक लोग बोखला कर हर ओर भागग हमन आिा क शबद जहा तक पिशाल ह उसक अनसार यह मायन कर पदए ह और हम दाि स पलखत ह पक कापदयान म कभवी ताऊन-जाररफ नही िडगवी जो गाि िवीरान करन िालवी और खा जान िालवी होतवी ह िरनत इसक मकाबल िर अनय शहरो और दहात म जो अतयाचारवी और उिदरिवी ह अिशय भयकर रि िदा होग समसत ससार म एक कापदयान ह पजसक पलए यह िादा हआ ــک ــی ذل ــدہلل ع इसवी स فالحم

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दाफिउल बला

तम समझो जक काजयान इसजलए सरजकत रखा गया जक वह खा का रसल और उसका मनोनीत काजयान म था अब दखो तीन वरम सद जसदध हो रहा ह जक वद ोनो पहल पर हो गए अथामत एक ओर समसत पिाब म ताऊन िल गई और सरी ओर इसक बावि जक काजयान क चारो ओर ो-ो मील की री पर ताऊन का जोर हो रहा ह परनत काजयान ताऊन सद पजवतर ह अजपत आि तक िो वयगति ताऊन सद गरसत बाहर सद काजयान म आया वह भी अचछा हो गया कया इस सद बढकर कोई और सबत होगा जक िो बात आि सद चार वरम पवम कही गई थी वद परी हो गई अजपत ताऊन की सचना आि सद बाईस वरम पवम बराहीन अहमजया म भी ी गई ह4और यह गब (परोक) का जान खा क अजतररति जकसी अनय की शगति म नही अतः इस रोग क जनवारण क जलए वह सनदश िो खा नद मझद जया ह वह यही ह जक लोग मझद सचद जल सद मसीह मौऊ मान ल यज मदरी ओर सद भी जबना जकसी रिमाण क कवल ावा

4हाशिया - आि सद स वरम पवम एक हर जवजापन म िो मदरी ओर सद रिका-जशत हआ था ताऊन की खबर ी गई थी और वह यह ह -

انمــا یبایعونــک اذلیــن باعینناووحینــاان الفلــک اصنــع ایدیــھ فــوق اہلل یــد اہلل یبایعــون

अथामत एक नौका मदर आदश और आखो क सामनद बना िो आनद वालद सकामक रोग बचाएगी िो लोग तझ सद बअत करतद ह वद मझ सद बअत करतद ह यह तदरा हाथ नही अजपत मदरा हाथ ह िो उनक हाथो पर रखा िाता ह इसी खा क कलाम का एक वाकय बराहीन अहमजया म बतौर भजवषयवाणी मौि ह और वह यह ह

ول تخاطبین ف اذلین ظلمواانھ مغرقونअथामत िो लोग जलम उदणिता वयजभचार और अवजा सद नही रकतद मदर आगद कछ जसिाररश न कर कयोजक वद िबाए िाएगद इसी सद

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दाफिउल बला

होता िसा जक जमया शसदीन सदकटरी जहमायत-ए-इसलाम लाहौर नद अपनद जवजापन म या पारी वाइट बरदखत साजहब नद अपनद जवजापन म जकया ह तो म भी उनकी तरह एक वयथमवाी ठहरता परनत मदरी वद बातद ह जिनको मनद समय सद पवम वणमन जकया और आि वद परी हो गई ततपचिात इन जनो म भी मझद खा नद खबर ी अतः अलाह तआला फरमाता ह -

القریۃ اوی انہ فیھ وانت لیعذبھ اہلل ماکان لولالکرام لھک المقام این اناالرحمن داف ال این ل یخاف من والوم اقوم الرسول مع این حفیظ این المرسلون دلی یلبسواایمانھ امنواولم اذلین ال تصنع النفوس یلوم بظلم اولئک لھ المن وھم مھتدون انانایت الرض ننکسھا جاثمی دارھم فاصبحواف اجھزالجیش این اطرافھا من الفاق وف انفسھ نصرمن اہلل وفتح مبی ایاتنا ف سنریھ مین انت اولدی5 بمنزۃل مین انت رب بایعین یایعتک این

5हाशिया - समरण रह जक खा तआला बदटो सद पजवतर ह न उसका कोई भागीार ह और न बदटा ह और न जकसी को अजधकार पहचता ह जक वह यह कह जक म खा ह या खा का बदटा ह परनत यह वाकय इस िगह अवासतजवक और रपक क वगम म सद ह खा तआला नद पजवतर कआमन म आहजरत सललाह अलजह वसलम को अपना हाथ बताया और फरमाया ایدھم فوق ऐसा ही बिाए (अलफतह-11) یعداہلل भी कहा और यह भी फरमायाیاعبادی क قل یاعباداہلل

اباءکم رکم اہلل کذک

فاذکر

तो खा क उस कलाम को होजशयारी और सावधानी सद पढो और उपमाओ क वगम म सद समझ कर ईमान लाओ और उसकी हालत म हसतकदप न करो और वासतजवकता खा क सपम कर ो और जवशास रखो जक खा

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दाफिउल बलाوانامنک عسی الن یبعثک ربک مقاما محمودا الفوق معک والحت مع اعدائک فاصرب حت یایت اہلل بامرہ یایت عل جھنم

زمان لیس فیھا احد अनवा ndash खा ऐसा नही जक काजयान क लोगो को अजाब

द हालाजक त उनम रहता ह वह इस गाव को ताऊन की लटमार और उसकी तबाही सद बचा लदगा यज मझद तदरा पास न होता और तदरा समान दगषटगत न होता तो म इस गाव को तबाह कर दता म याल ह िो ख को र करनद वाला ह मदर रसलो को मदर पास कछ भय और गम नही म जनगाह रखनद वाला ह म अपनद रसल क साथ खडा हगा और उसकी जनना करगा िो मदर रसल की जनना करता ह म अपनद समयो को जवभाजित कर गा जक वरम का कछ भाग तो म रितीका करगा अथामत ताऊन सद लोगो को मारगा और वरम का कछ भाग रोजा रखगा अथामत अमन रहगा और ताऊन कम हो िाएगी या जबलकल नही रहगी मदरा रिकोप भडक रहा ह बीमाररया िलगी और रिाणो की कजत होगी परनत वद लोग िो ईमान लाएगद और ईमान म कछ ोर नही होगा वद अमन म रहगद और उनकी मगति (छटकार) का मागम जमलद यह मत सोचो जक अपराधी बचद हए ह हम उनकी पथवी क जनकट आतद िातद ह म अनर ही अनर अपनी सदना तयार कर रहा ह अथामत ताउन क कीटाणओ का पोरण कर रहा ह अतः िष हाशिया - बदटा बनानद सद पजवतर ह तथाजप उपमाओ क रग म उसक कलाम म बहत कछ पाया िाता ह तो उपमाओ का अनकरण करनद सद बचो जक तबाह हो िाओ और मदर बार म सपषट तकमो म सद यह इलहाम ह िो बराहीन अहजमया म िम ह انما ال ثلکم یویح م انما انا بشر قل इसी सद الھکم اہل واحد الخیکہل ف القرآن

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दाफिउल बला

वद अपनद घरो म ऐसद सो िाएगद िसा जक एक ऊट मरा रह िाता ह हम उनको अपनद जनशान पहलद तो र-र क लोगो म जखाएगद और जिर सवय उनही म हमार जनशान रिकट होगद मनद तझ सद एक कय-जवकय जकया ह अथामत एक वसत मदरी थी त उसका माजलक बनाया गया और एक वसत तदरी थी जिस का म माजलक बन गया त भी उस कय-जवकय का इकरार कर और कह द जक खा नद मझ सद कय-जवकय जकया त मझ सद ऐसा ह िसा जक सनतान त मझ म सद ह और म तझ म सद ह वह समय समीप ह जक म तझद ऐसद मकाम पर खडा करगा जक ससार तदरी रिशसा और यशोगान करगा शदषठता तदर साथ ह और अधमता तदर शतरओ क साथ अतः सबर कर यहा तक जक वाद का जन आ िाए ताऊन पर एक ऐसा समय भी आनद वाला ह जक उसम कोई भी जगरफतार नही होगा अथामत अनततः भलाई और कशलता ह6

6हाशिया - पयामपत समय हआ जक इस सद पहलद खा नद मझद ताऊन क बार म सर की कहानी क तौर पर यह खबर ी थी یــا مســیح عدوانــا परनत आि 21 अरिल 1902 ई ह उसी इलहाम को पनः इस रिकार फरमाया गया یــا مســیح الخلــق عدوانالــن تــری مــن بعــد مرادنــا و فســادنا अथामत ह खा क मसीह िो मखलक की ओर भदिा गया हमारी शीघर खबर लद और हम अपनी जसफाररश सद बचा त इसक बा हमार पापी ततवो को नही दखदगा और न हमारा उपदरव कछ शदर रहगा अथामत हम सीधद हो िाएगद और गाजलया बकना तथा अपशब जनकालना छोड गद यह खा का कलाम बराहीन अहमजया क उस इलहाम क अनसार ह जक अगनतम जनो म हम लोगो पर ताऊन भदिगद िसा जक फरमाया- ــا عــل یوســف لنصــرف عنــہ الســوء والفحشــاء کذلــک مننअथामत हम ताऊन क साथ इस यसफ पर यह उपकार करगद जक गाजलया दनद वालद लोगो का मह बन कर गद ताजक वद िरकर गाजलयो सद रक िाए उनही जनो

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दाफिउल बला

अब इस सपणम वही सद तीन बात जसदध हई ह ndash(1) रिथम यह जक ताऊन ससार म इसजलए आई ह जक खा

क मसीह मौऊ सद न कवल इनकार जकया गया अजपत उसद ःख जया गया उसको कतल करनद क जलए योिनाए बनाई गई उसका नाम काजफर और जाल रखा गया तो खा नद न चाहा जक अपनद रसल को जबना गवाही क छोड द इसजलए उस नद आकाश और पथवी ोनो को उसकी सचाई का गवाह बना जया आकाश नद चनदर गरहण और सयम-गरहण सद गवाही ी िो रमजान म हए और पथवी नद ताऊन क साथ गवाही ी ताजक खा का वह कलाम परा हो िो बराहीन अहमजया म ह और वह यह ह ndash

قل عندی شھادۃ من اہلل فھل انتم تومنون قل عندی شھادۃمن اہلل فھل انتم تسلمون

अथामत मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम ईमान लाओगद या नही और म पनः कहता ह जक मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम सवीकार करोगद या नही पहली गवाही सद अजभरिाय आकाश की गवाही ह जिसम कोई िबर नही इसजलए इस म تو منون का शब रियोग जकया गया और सरी गवाही पथवी की ह अथामत ताऊन की जिसम िबर मौि ह जक भय दकर इस िमाअत म ाजखल करती ह इसजलए इसम تسلمون का शब रियोग जकया गयािष हाशिया - क बार म खा का यह कलाम ह जिसम जमीन क कलाम सद मझद सचना ी गई और वह यह ह- یــاول اہلل کنــت ل اعرفــکअथामत ह खा क वली म इस सद पहलद तझद नही पहचानती थी इसका जववरण यह ह जक कशफी तौर पर जमीन मददर सामनद की गई और उसनद यह कलाम जकया जक म अब तक तझद नही पहचानती थी जक त रहमान खा का वली ह इसी सद

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दाफिउल बला

(2) जदतीय बात िो इस वही सद जसदध हई वह यह ह जक यह ताऊन इस हालत म कम होगी जक िब लोग खा क चनद हए को सवीकार कर लगद और कम सद कम यह जक शरारत कषट दनद और गाली दनद सद रक िाएगद कयोजक बराहीन अहमजया म खा तआला फरमाता ह ndash जक म अगनतम जनो म ताऊन भदिगा ताजक म उन पाजपयो और षटो का मह बन कर िो मदर रसल को गाजलया दतद ह असल बात यह ह जक कवल इनकार इस बात का कारण नही हो ताजक एक रसल क इनकार सद ससार म कोई तबाही भदिी िाए अजपत यज लोग शालीनता और सभयतापवमक खा क रसलो का इनकार कर और अतयाचार तथा गाजलया न तो उनका णि कयामत म जनधामररत ह और ससार म रसलो की सहायता म जितना सकामक रोग भदिा गया ह वह कवल इनकार सद नही अजपत बराइयो का णि ह इसी रिकार अब भी िब लोग गाजलया अतयाचार अनयाय और अपनद पापो सद रक िाएगद और उनम सशील लोगो िसा वयवहार पा हो िाएगा तब यह चदतावनी समापत कर ी िाएगी परनत इस अवसर पर बहत सद भायशाली लोग खा क रसल को सवीकार कर लगद और आकाशीय बरकतो सद भाग लगद और पथवी भायशाजलयो सद भर िाएगी

(3) ततीय बात िो इस वही सद जसदध हई ह वह यह ह जक खा तआला बहरहाल िब तक जक ताऊन ससार म रह यदयजप सततर वरम तक रह काजयान को उसकी भयकर तबाही सद सरजकत रखदगा कयोजक यह उसक रसल का कनदर ह और यह समसत उमतो क जलए जनशान ह

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दाफिउल बला

अब यज खा तआला क इस रसल और इस जनशान सद जकसी को इनकार हआ और खयाल हो जक कवल रसमी नमाजो और आओ सद या मसीह की इबात (उपासना) सद या गाय क कारण या वदो क ईमान सद जवरोध शमनी और इस रसल की अवजा क बावि ताऊन र हो सकती ह तो यह जवचार जबना सबत सवीकार करनद योय नही तो िो वयगति इन समसत सरिायो म सद अपनद धमम की सचाई का सबत दना चाहता ह तो अब बहत उततम अवसर ह िसद खा की ओर सद समसत धममो की सचाई या झठ को पहचाननद क जलए एक रिशमनी सथल जनधामररत जकया गया ह और खा नद सवमरिथम अपनी ओर सद पहलद काजयान का नाम लद जया ह अब यज आयम लोग वद को सचा समझतद ह तो उनको चाजहए जक बनारस क बार म िो वद क पढानद का मल सथान ह एक भजवषयवाणी कर जक उनका परमदशर बनारस को ताऊन सद बचा लदगा और सनातन धमम वालो को चाजहए जक जकसी ऐसद शहर क बार म जिसम गाए बहत हो उाहरणतया अमतसर क बार म भजवषयवाणी कर जक गायो क कारण उसम ताऊन नही आएगी यज गाय अपना इतना चमतकार जखा द तो कछ आचियम नही जक इस चमतकारी िानवर क रिाणो को सरकार बचा द इसी रिकार ईसाइयो को चाजहए जक कलकतता क बार म भजवषयवाणी कर जक उसम ताऊन नही पडगी कयोजक जबरजटश भारत का बडा जबशप कलकतता म रहता ह इसी रिकार जमया शसदीन और उनकी अिमन जहमायत-ए-इसलाम क ससयो को चाजहए जक लाहौर क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगा और मशी इलाही बखश एकाउनटणट िो इलहाम का ावा

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दाफिउल बला

करतद ह उनक जलए भी यही अवसर ह जक अपनद इलहाम सद लाहौर क बार म भजवषयवाणी करक अिमन जहमायत-ए-इसलाम को म और उजचत ह जक अबल िबबार और अबल हक अमतसर शहर क बार म भजवषयवाणी कर और चजक वहाबी सरिाय की असल िड जली ह इजसलए उजचत ह जक नजीर हसन और महम हसन जली क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगी तो इस रिकार सद िसद समसत पिाब इस घातक रोग सद सरजकत हो िाएगा और सरकार को भी मफत म ाजयतव सद जनवजतत हो िाएगी और यज लोगो नद ऐसा न जकया तो जिर यही समझा िाएगा जक सचा खा वही खा ह जिसनद काजयान म अपना रसल भदिा

और अनततः समरण रह जक यज यद सब लोग जिन म मसलमानो क मलहम और आयमो क पजित और ईसाइयो क पारी सगमजलत ह चप रह तो जसदध हो िाएगा जक यद सब लोग झठ ह और एक जन आनद वाला ह जक काजयान सयम क समान चमक कर जखा दगा जक वह एक सचद का सथान ह अनत म जमया शसदीन साजहब को या रह जक आपनद िो अपनद जवजापन म आयत

(अननल - 63) مضطر ن یجیب ال ام

जलखी ह और इस सद आ की सवीकाररता की आशा की ह यह आशा सही नही ह कयोजक खा क कलाम म शब مضطر सद अजभरिाय वद हाजन-पीजडत ह िो कवल आजमायश क तौर पर हाजन-पीजडत हो न जक णि क तौर पर परनत िो लोग णि क तौर पर जकसी हाजन सद जनरनतर गरसत रहतद हो वद इस आयत क चररताथम नही ह अनयथा अजनवायम होता ह जक नह की कौम और लत की कौम

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दाफिउल बला

तथा जफरऔन की कौम इतयाज की आए उस आतरता (इजतरार) क समय म सवीकार की िाती परनत ऐसा नही हआ और खा क हाथ नद उन कौमो को मार जया और यज जमया शसदीन कह जक जिर उन क यथायोय कौन सी आयत ह तो हम कहतद ह जक यह आयत यथायोय ह(अलमोजमन-51) کفرین ال ف ضلل

وما دعـؤا ال

चजक सभावना ह जक कछ मबजदध सवभाव वालद लोग इस जवजापन का मल उददशय समझनद म गलती खाए इस जलए हम पनः अपनद बलानद क कततमवय को अजभवयति कर दतद ह और वह यह ह जक यह ताऊन िो दश म िल रही ह जकसी अनय कारण सद नही अजपत एक ही कारण ह और वह यह जक लोगो नद खा क उस मौऊ क माननद सद इनकार जकया ह िो समसत नजबयो की भजवषयवाणी क अनसार ससार क सातव हजार म रिकट हआ ह तथा लोगो नद न कवल इनकार जकया अजपत खा क इस मसीह को गाजलया ी काजफर कहा और कतल करना चाहा और िो कछ चाहा उस सद जकया इसजलए खा क सवाजभमान नद चाहा जक उनकी इस घषटता असभयता पर उन पर चदतावनी उतार और खा नद पहलद पजवतर लदखो म खबर ी थी जक लोगो क इनकार क कारण उन जनो म िब मसीह रिकट होगा दश म भयकर ताऊन पडगी इसजलए अवशय था जक ताऊन पडती और ताऊन का नाम ताऊन इसजलए रखा गया ह जक यह ताअन (कटाक) करनद वालो का उततर ह और बनी इसाईल म हमदशा ताअन क समय म ही पडती थी और ताऊन क अरबी शबकोश म अथम ह बहत ताअन (कटाक) करनद वाला यह इस

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दाफिउल बला

बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 16: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

कदापि दर नही करगा जब तक लोग उन पिचारो को दर न कर जो उनक पदलो म ह अराथात जब तक ि खदा क मामर और रसल को सिवीकार न कर ल तब तक ताऊन दर नही होगवी और िह शकतिमान खदा कापदयान को ताऊन की तबाहवी3

स सरपषित रखगा तापक 3हाशिया - اوی (आिा) अरबवी शबद ह पजस क मायन ह तबाहवी और असत-वयसत होन स बचाना और अिनवी शरण म ल लना यह इस बात की ओर सकत ह पक ताऊन की पकसमो म स िह ताऊन बडवी पिनाशकारवी ह पजसका नाम ताऊन जारिफ ह अराथात झाड दन िालवी पजसस लोग जगह-जगह भागत ह और कतो की तरह मरत ह यह हालत इनसानवी सहनशवीलता स बढ जातवी ह तो इस खदाई कलाम म िादा ह पक यह हालत कभवी कापदयान िर नही आएगवी इसकी वयाखया यह दसरा इलहाम करता ह पक لوالاالکــرام لھلــک المقــام अराथात यपद मझ इस पसलपसल क सममान का िास न होता तो म कापदयान को भवी तबाह कर दता इस इलहाम स दो बात समझवी जातवी ह -(1) पररम यह पक कछ हापन नही पक इनसान की बदाथाशत की सवीमा तक कभवी कापदयान म भवी कोई घटना इकका-दकका तौर िर हो जाए जो पिनाशकारवी न हो और भागन एि असत-वयसत होन का कारण न हो कयोपक एक दो घटना न होन का आदश रखतवी ह(2) पवितवीय यह पक यह बात आिशयक ह पक पजन दहात और शहरो म कापदयान की अिषिा बहत उददणड दषट अतयाचारवी वयपभचारवी उिदरिवी और इस पसलपसल क खतरनाक शत रहत ह उनक शहरो या दहात म अिशय पिनाशकारवी ताऊन फट िडगवी यहा तक पक लोग बोखला कर हर ओर भागग हमन आिा क शबद जहा तक पिशाल ह उसक अनसार यह मायन कर पदए ह और हम दाि स पलखत ह पक कापदयान म कभवी ताऊन-जाररफ नही िडगवी जो गाि िवीरान करन िालवी और खा जान िालवी होतवी ह िरनत इसक मकाबल िर अनय शहरो और दहात म जो अतयाचारवी और उिदरिवी ह अिशय भयकर रि िदा होग समसत ससार म एक कापदयान ह पजसक पलए यह िादा हआ ــک ــی ذل ــدہلل ع इसवी स فالحم

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दाफिउल बला

तम समझो जक काजयान इसजलए सरजकत रखा गया जक वह खा का रसल और उसका मनोनीत काजयान म था अब दखो तीन वरम सद जसदध हो रहा ह जक वद ोनो पहल पर हो गए अथामत एक ओर समसत पिाब म ताऊन िल गई और सरी ओर इसक बावि जक काजयान क चारो ओर ो-ो मील की री पर ताऊन का जोर हो रहा ह परनत काजयान ताऊन सद पजवतर ह अजपत आि तक िो वयगति ताऊन सद गरसत बाहर सद काजयान म आया वह भी अचछा हो गया कया इस सद बढकर कोई और सबत होगा जक िो बात आि सद चार वरम पवम कही गई थी वद परी हो गई अजपत ताऊन की सचना आि सद बाईस वरम पवम बराहीन अहमजया म भी ी गई ह4और यह गब (परोक) का जान खा क अजतररति जकसी अनय की शगति म नही अतः इस रोग क जनवारण क जलए वह सनदश िो खा नद मझद जया ह वह यही ह जक लोग मझद सचद जल सद मसीह मौऊ मान ल यज मदरी ओर सद भी जबना जकसी रिमाण क कवल ावा

4हाशिया - आि सद स वरम पवम एक हर जवजापन म िो मदरी ओर सद रिका-जशत हआ था ताऊन की खबर ी गई थी और वह यह ह -

انمــا یبایعونــک اذلیــن باعینناووحینــاان الفلــک اصنــع ایدیــھ فــوق اہلل یــد اہلل یبایعــون

अथामत एक नौका मदर आदश और आखो क सामनद बना िो आनद वालद सकामक रोग बचाएगी िो लोग तझ सद बअत करतद ह वद मझ सद बअत करतद ह यह तदरा हाथ नही अजपत मदरा हाथ ह िो उनक हाथो पर रखा िाता ह इसी खा क कलाम का एक वाकय बराहीन अहमजया म बतौर भजवषयवाणी मौि ह और वह यह ह

ول تخاطبین ف اذلین ظلمواانھ مغرقونअथामत िो लोग जलम उदणिता वयजभचार और अवजा सद नही रकतद मदर आगद कछ जसिाररश न कर कयोजक वद िबाए िाएगद इसी सद

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दाफिउल बला

होता िसा जक जमया शसदीन सदकटरी जहमायत-ए-इसलाम लाहौर नद अपनद जवजापन म या पारी वाइट बरदखत साजहब नद अपनद जवजापन म जकया ह तो म भी उनकी तरह एक वयथमवाी ठहरता परनत मदरी वद बातद ह जिनको मनद समय सद पवम वणमन जकया और आि वद परी हो गई ततपचिात इन जनो म भी मझद खा नद खबर ी अतः अलाह तआला फरमाता ह -

القریۃ اوی انہ فیھ وانت لیعذبھ اہلل ماکان لولالکرام لھک المقام این اناالرحمن داف ال این ل یخاف من والوم اقوم الرسول مع این حفیظ این المرسلون دلی یلبسواایمانھ امنواولم اذلین ال تصنع النفوس یلوم بظلم اولئک لھ المن وھم مھتدون انانایت الرض ننکسھا جاثمی دارھم فاصبحواف اجھزالجیش این اطرافھا من الفاق وف انفسھ نصرمن اہلل وفتح مبی ایاتنا ف سنریھ مین انت اولدی5 بمنزۃل مین انت رب بایعین یایعتک این

5हाशिया - समरण रह जक खा तआला बदटो सद पजवतर ह न उसका कोई भागीार ह और न बदटा ह और न जकसी को अजधकार पहचता ह जक वह यह कह जक म खा ह या खा का बदटा ह परनत यह वाकय इस िगह अवासतजवक और रपक क वगम म सद ह खा तआला नद पजवतर कआमन म आहजरत सललाह अलजह वसलम को अपना हाथ बताया और फरमाया ایدھم فوق ऐसा ही बिाए (अलफतह-11) یعداہلل भी कहा और यह भी फरमायाیاعبادی क قل یاعباداہلل

اباءکم رکم اہلل کذک

فاذکر

तो खा क उस कलाम को होजशयारी और सावधानी सद पढो और उपमाओ क वगम म सद समझ कर ईमान लाओ और उसकी हालत म हसतकदप न करो और वासतजवकता खा क सपम कर ो और जवशास रखो जक खा

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दाफिउल बलाوانامنک عسی الن یبعثک ربک مقاما محمودا الفوق معک والحت مع اعدائک فاصرب حت یایت اہلل بامرہ یایت عل جھنم

زمان لیس فیھا احد अनवा ndash खा ऐसा नही जक काजयान क लोगो को अजाब

द हालाजक त उनम रहता ह वह इस गाव को ताऊन की लटमार और उसकी तबाही सद बचा लदगा यज मझद तदरा पास न होता और तदरा समान दगषटगत न होता तो म इस गाव को तबाह कर दता म याल ह िो ख को र करनद वाला ह मदर रसलो को मदर पास कछ भय और गम नही म जनगाह रखनद वाला ह म अपनद रसल क साथ खडा हगा और उसकी जनना करगा िो मदर रसल की जनना करता ह म अपनद समयो को जवभाजित कर गा जक वरम का कछ भाग तो म रितीका करगा अथामत ताऊन सद लोगो को मारगा और वरम का कछ भाग रोजा रखगा अथामत अमन रहगा और ताऊन कम हो िाएगी या जबलकल नही रहगी मदरा रिकोप भडक रहा ह बीमाररया िलगी और रिाणो की कजत होगी परनत वद लोग िो ईमान लाएगद और ईमान म कछ ोर नही होगा वद अमन म रहगद और उनकी मगति (छटकार) का मागम जमलद यह मत सोचो जक अपराधी बचद हए ह हम उनकी पथवी क जनकट आतद िातद ह म अनर ही अनर अपनी सदना तयार कर रहा ह अथामत ताउन क कीटाणओ का पोरण कर रहा ह अतः िष हाशिया - बदटा बनानद सद पजवतर ह तथाजप उपमाओ क रग म उसक कलाम म बहत कछ पाया िाता ह तो उपमाओ का अनकरण करनद सद बचो जक तबाह हो िाओ और मदर बार म सपषट तकमो म सद यह इलहाम ह िो बराहीन अहजमया म िम ह انما ال ثلکم یویح م انما انا بشر قل इसी सद الھکم اہل واحد الخیکہل ف القرآن

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दाफिउल बला

वद अपनद घरो म ऐसद सो िाएगद िसा जक एक ऊट मरा रह िाता ह हम उनको अपनद जनशान पहलद तो र-र क लोगो म जखाएगद और जिर सवय उनही म हमार जनशान रिकट होगद मनद तझ सद एक कय-जवकय जकया ह अथामत एक वसत मदरी थी त उसका माजलक बनाया गया और एक वसत तदरी थी जिस का म माजलक बन गया त भी उस कय-जवकय का इकरार कर और कह द जक खा नद मझ सद कय-जवकय जकया त मझ सद ऐसा ह िसा जक सनतान त मझ म सद ह और म तझ म सद ह वह समय समीप ह जक म तझद ऐसद मकाम पर खडा करगा जक ससार तदरी रिशसा और यशोगान करगा शदषठता तदर साथ ह और अधमता तदर शतरओ क साथ अतः सबर कर यहा तक जक वाद का जन आ िाए ताऊन पर एक ऐसा समय भी आनद वाला ह जक उसम कोई भी जगरफतार नही होगा अथामत अनततः भलाई और कशलता ह6

6हाशिया - पयामपत समय हआ जक इस सद पहलद खा नद मझद ताऊन क बार म सर की कहानी क तौर पर यह खबर ी थी یــا مســیح عدوانــا परनत आि 21 अरिल 1902 ई ह उसी इलहाम को पनः इस रिकार फरमाया गया یــا مســیح الخلــق عدوانالــن تــری مــن بعــد مرادنــا و فســادنا अथामत ह खा क मसीह िो मखलक की ओर भदिा गया हमारी शीघर खबर लद और हम अपनी जसफाररश सद बचा त इसक बा हमार पापी ततवो को नही दखदगा और न हमारा उपदरव कछ शदर रहगा अथामत हम सीधद हो िाएगद और गाजलया बकना तथा अपशब जनकालना छोड गद यह खा का कलाम बराहीन अहमजया क उस इलहाम क अनसार ह जक अगनतम जनो म हम लोगो पर ताऊन भदिगद िसा जक फरमाया- ــا عــل یوســف لنصــرف عنــہ الســوء والفحشــاء کذلــک مننअथामत हम ताऊन क साथ इस यसफ पर यह उपकार करगद जक गाजलया दनद वालद लोगो का मह बन कर गद ताजक वद िरकर गाजलयो सद रक िाए उनही जनो

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दाफिउल बला

अब इस सपणम वही सद तीन बात जसदध हई ह ndash(1) रिथम यह जक ताऊन ससार म इसजलए आई ह जक खा

क मसीह मौऊ सद न कवल इनकार जकया गया अजपत उसद ःख जया गया उसको कतल करनद क जलए योिनाए बनाई गई उसका नाम काजफर और जाल रखा गया तो खा नद न चाहा जक अपनद रसल को जबना गवाही क छोड द इसजलए उस नद आकाश और पथवी ोनो को उसकी सचाई का गवाह बना जया आकाश नद चनदर गरहण और सयम-गरहण सद गवाही ी िो रमजान म हए और पथवी नद ताऊन क साथ गवाही ी ताजक खा का वह कलाम परा हो िो बराहीन अहमजया म ह और वह यह ह ndash

قل عندی شھادۃ من اہلل فھل انتم تومنون قل عندی شھادۃمن اہلل فھل انتم تسلمون

अथामत मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम ईमान लाओगद या नही और म पनः कहता ह जक मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम सवीकार करोगद या नही पहली गवाही सद अजभरिाय आकाश की गवाही ह जिसम कोई िबर नही इसजलए इस म تو منون का शब रियोग जकया गया और सरी गवाही पथवी की ह अथामत ताऊन की जिसम िबर मौि ह जक भय दकर इस िमाअत म ाजखल करती ह इसजलए इसम تسلمون का शब रियोग जकया गयािष हाशिया - क बार म खा का यह कलाम ह जिसम जमीन क कलाम सद मझद सचना ी गई और वह यह ह- یــاول اہلل کنــت ل اعرفــکअथामत ह खा क वली म इस सद पहलद तझद नही पहचानती थी इसका जववरण यह ह जक कशफी तौर पर जमीन मददर सामनद की गई और उसनद यह कलाम जकया जक म अब तक तझद नही पहचानती थी जक त रहमान खा का वली ह इसी सद

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दाफिउल बला

(2) जदतीय बात िो इस वही सद जसदध हई वह यह ह जक यह ताऊन इस हालत म कम होगी जक िब लोग खा क चनद हए को सवीकार कर लगद और कम सद कम यह जक शरारत कषट दनद और गाली दनद सद रक िाएगद कयोजक बराहीन अहमजया म खा तआला फरमाता ह ndash जक म अगनतम जनो म ताऊन भदिगा ताजक म उन पाजपयो और षटो का मह बन कर िो मदर रसल को गाजलया दतद ह असल बात यह ह जक कवल इनकार इस बात का कारण नही हो ताजक एक रसल क इनकार सद ससार म कोई तबाही भदिी िाए अजपत यज लोग शालीनता और सभयतापवमक खा क रसलो का इनकार कर और अतयाचार तथा गाजलया न तो उनका णि कयामत म जनधामररत ह और ससार म रसलो की सहायता म जितना सकामक रोग भदिा गया ह वह कवल इनकार सद नही अजपत बराइयो का णि ह इसी रिकार अब भी िब लोग गाजलया अतयाचार अनयाय और अपनद पापो सद रक िाएगद और उनम सशील लोगो िसा वयवहार पा हो िाएगा तब यह चदतावनी समापत कर ी िाएगी परनत इस अवसर पर बहत सद भायशाली लोग खा क रसल को सवीकार कर लगद और आकाशीय बरकतो सद भाग लगद और पथवी भायशाजलयो सद भर िाएगी

(3) ततीय बात िो इस वही सद जसदध हई ह वह यह ह जक खा तआला बहरहाल िब तक जक ताऊन ससार म रह यदयजप सततर वरम तक रह काजयान को उसकी भयकर तबाही सद सरजकत रखदगा कयोजक यह उसक रसल का कनदर ह और यह समसत उमतो क जलए जनशान ह

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दाफिउल बला

अब यज खा तआला क इस रसल और इस जनशान सद जकसी को इनकार हआ और खयाल हो जक कवल रसमी नमाजो और आओ सद या मसीह की इबात (उपासना) सद या गाय क कारण या वदो क ईमान सद जवरोध शमनी और इस रसल की अवजा क बावि ताऊन र हो सकती ह तो यह जवचार जबना सबत सवीकार करनद योय नही तो िो वयगति इन समसत सरिायो म सद अपनद धमम की सचाई का सबत दना चाहता ह तो अब बहत उततम अवसर ह िसद खा की ओर सद समसत धममो की सचाई या झठ को पहचाननद क जलए एक रिशमनी सथल जनधामररत जकया गया ह और खा नद सवमरिथम अपनी ओर सद पहलद काजयान का नाम लद जया ह अब यज आयम लोग वद को सचा समझतद ह तो उनको चाजहए जक बनारस क बार म िो वद क पढानद का मल सथान ह एक भजवषयवाणी कर जक उनका परमदशर बनारस को ताऊन सद बचा लदगा और सनातन धमम वालो को चाजहए जक जकसी ऐसद शहर क बार म जिसम गाए बहत हो उाहरणतया अमतसर क बार म भजवषयवाणी कर जक गायो क कारण उसम ताऊन नही आएगी यज गाय अपना इतना चमतकार जखा द तो कछ आचियम नही जक इस चमतकारी िानवर क रिाणो को सरकार बचा द इसी रिकार ईसाइयो को चाजहए जक कलकतता क बार म भजवषयवाणी कर जक उसम ताऊन नही पडगी कयोजक जबरजटश भारत का बडा जबशप कलकतता म रहता ह इसी रिकार जमया शसदीन और उनकी अिमन जहमायत-ए-इसलाम क ससयो को चाजहए जक लाहौर क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगा और मशी इलाही बखश एकाउनटणट िो इलहाम का ावा

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दाफिउल बला

करतद ह उनक जलए भी यही अवसर ह जक अपनद इलहाम सद लाहौर क बार म भजवषयवाणी करक अिमन जहमायत-ए-इसलाम को म और उजचत ह जक अबल िबबार और अबल हक अमतसर शहर क बार म भजवषयवाणी कर और चजक वहाबी सरिाय की असल िड जली ह इजसलए उजचत ह जक नजीर हसन और महम हसन जली क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगी तो इस रिकार सद िसद समसत पिाब इस घातक रोग सद सरजकत हो िाएगा और सरकार को भी मफत म ाजयतव सद जनवजतत हो िाएगी और यज लोगो नद ऐसा न जकया तो जिर यही समझा िाएगा जक सचा खा वही खा ह जिसनद काजयान म अपना रसल भदिा

और अनततः समरण रह जक यज यद सब लोग जिन म मसलमानो क मलहम और आयमो क पजित और ईसाइयो क पारी सगमजलत ह चप रह तो जसदध हो िाएगा जक यद सब लोग झठ ह और एक जन आनद वाला ह जक काजयान सयम क समान चमक कर जखा दगा जक वह एक सचद का सथान ह अनत म जमया शसदीन साजहब को या रह जक आपनद िो अपनद जवजापन म आयत

(अननल - 63) مضطر ن یجیب ال ام

जलखी ह और इस सद आ की सवीकाररता की आशा की ह यह आशा सही नही ह कयोजक खा क कलाम म शब مضطر सद अजभरिाय वद हाजन-पीजडत ह िो कवल आजमायश क तौर पर हाजन-पीजडत हो न जक णि क तौर पर परनत िो लोग णि क तौर पर जकसी हाजन सद जनरनतर गरसत रहतद हो वद इस आयत क चररताथम नही ह अनयथा अजनवायम होता ह जक नह की कौम और लत की कौम

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दाफिउल बला

तथा जफरऔन की कौम इतयाज की आए उस आतरता (इजतरार) क समय म सवीकार की िाती परनत ऐसा नही हआ और खा क हाथ नद उन कौमो को मार जया और यज जमया शसदीन कह जक जिर उन क यथायोय कौन सी आयत ह तो हम कहतद ह जक यह आयत यथायोय ह(अलमोजमन-51) کفرین ال ف ضلل

وما دعـؤا ال

चजक सभावना ह जक कछ मबजदध सवभाव वालद लोग इस जवजापन का मल उददशय समझनद म गलती खाए इस जलए हम पनः अपनद बलानद क कततमवय को अजभवयति कर दतद ह और वह यह ह जक यह ताऊन िो दश म िल रही ह जकसी अनय कारण सद नही अजपत एक ही कारण ह और वह यह जक लोगो नद खा क उस मौऊ क माननद सद इनकार जकया ह िो समसत नजबयो की भजवषयवाणी क अनसार ससार क सातव हजार म रिकट हआ ह तथा लोगो नद न कवल इनकार जकया अजपत खा क इस मसीह को गाजलया ी काजफर कहा और कतल करना चाहा और िो कछ चाहा उस सद जकया इसजलए खा क सवाजभमान नद चाहा जक उनकी इस घषटता असभयता पर उन पर चदतावनी उतार और खा नद पहलद पजवतर लदखो म खबर ी थी जक लोगो क इनकार क कारण उन जनो म िब मसीह रिकट होगा दश म भयकर ताऊन पडगी इसजलए अवशय था जक ताऊन पडती और ताऊन का नाम ताऊन इसजलए रखा गया ह जक यह ताअन (कटाक) करनद वालो का उततर ह और बनी इसाईल म हमदशा ताअन क समय म ही पडती थी और ताऊन क अरबी शबकोश म अथम ह बहत ताअन (कटाक) करनद वाला यह इस

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दाफिउल बला

बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 17: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

तम समझो जक काजयान इसजलए सरजकत रखा गया जक वह खा का रसल और उसका मनोनीत काजयान म था अब दखो तीन वरम सद जसदध हो रहा ह जक वद ोनो पहल पर हो गए अथामत एक ओर समसत पिाब म ताऊन िल गई और सरी ओर इसक बावि जक काजयान क चारो ओर ो-ो मील की री पर ताऊन का जोर हो रहा ह परनत काजयान ताऊन सद पजवतर ह अजपत आि तक िो वयगति ताऊन सद गरसत बाहर सद काजयान म आया वह भी अचछा हो गया कया इस सद बढकर कोई और सबत होगा जक िो बात आि सद चार वरम पवम कही गई थी वद परी हो गई अजपत ताऊन की सचना आि सद बाईस वरम पवम बराहीन अहमजया म भी ी गई ह4और यह गब (परोक) का जान खा क अजतररति जकसी अनय की शगति म नही अतः इस रोग क जनवारण क जलए वह सनदश िो खा नद मझद जया ह वह यही ह जक लोग मझद सचद जल सद मसीह मौऊ मान ल यज मदरी ओर सद भी जबना जकसी रिमाण क कवल ावा

4हाशिया - आि सद स वरम पवम एक हर जवजापन म िो मदरी ओर सद रिका-जशत हआ था ताऊन की खबर ी गई थी और वह यह ह -

انمــا یبایعونــک اذلیــن باعینناووحینــاان الفلــک اصنــع ایدیــھ فــوق اہلل یــد اہلل یبایعــون

अथामत एक नौका मदर आदश और आखो क सामनद बना िो आनद वालद सकामक रोग बचाएगी िो लोग तझ सद बअत करतद ह वद मझ सद बअत करतद ह यह तदरा हाथ नही अजपत मदरा हाथ ह िो उनक हाथो पर रखा िाता ह इसी खा क कलाम का एक वाकय बराहीन अहमजया म बतौर भजवषयवाणी मौि ह और वह यह ह

ول تخاطبین ف اذلین ظلمواانھ مغرقونअथामत िो लोग जलम उदणिता वयजभचार और अवजा सद नही रकतद मदर आगद कछ जसिाररश न कर कयोजक वद िबाए िाएगद इसी सद

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दाफिउल बला

होता िसा जक जमया शसदीन सदकटरी जहमायत-ए-इसलाम लाहौर नद अपनद जवजापन म या पारी वाइट बरदखत साजहब नद अपनद जवजापन म जकया ह तो म भी उनकी तरह एक वयथमवाी ठहरता परनत मदरी वद बातद ह जिनको मनद समय सद पवम वणमन जकया और आि वद परी हो गई ततपचिात इन जनो म भी मझद खा नद खबर ी अतः अलाह तआला फरमाता ह -

القریۃ اوی انہ فیھ وانت لیعذبھ اہلل ماکان لولالکرام لھک المقام این اناالرحمن داف ال این ل یخاف من والوم اقوم الرسول مع این حفیظ این المرسلون دلی یلبسواایمانھ امنواولم اذلین ال تصنع النفوس یلوم بظلم اولئک لھ المن وھم مھتدون انانایت الرض ننکسھا جاثمی دارھم فاصبحواف اجھزالجیش این اطرافھا من الفاق وف انفسھ نصرمن اہلل وفتح مبی ایاتنا ف سنریھ مین انت اولدی5 بمنزۃل مین انت رب بایعین یایعتک این

5हाशिया - समरण रह जक खा तआला बदटो सद पजवतर ह न उसका कोई भागीार ह और न बदटा ह और न जकसी को अजधकार पहचता ह जक वह यह कह जक म खा ह या खा का बदटा ह परनत यह वाकय इस िगह अवासतजवक और रपक क वगम म सद ह खा तआला नद पजवतर कआमन म आहजरत सललाह अलजह वसलम को अपना हाथ बताया और फरमाया ایدھم فوق ऐसा ही बिाए (अलफतह-11) یعداہلل भी कहा और यह भी फरमायाیاعبادی क قل یاعباداہلل

اباءکم رکم اہلل کذک

فاذکر

तो खा क उस कलाम को होजशयारी और सावधानी सद पढो और उपमाओ क वगम म सद समझ कर ईमान लाओ और उसकी हालत म हसतकदप न करो और वासतजवकता खा क सपम कर ो और जवशास रखो जक खा

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दाफिउल बलाوانامنک عسی الن یبعثک ربک مقاما محمودا الفوق معک والحت مع اعدائک فاصرب حت یایت اہلل بامرہ یایت عل جھنم

زمان لیس فیھا احد अनवा ndash खा ऐसा नही जक काजयान क लोगो को अजाब

द हालाजक त उनम रहता ह वह इस गाव को ताऊन की लटमार और उसकी तबाही सद बचा लदगा यज मझद तदरा पास न होता और तदरा समान दगषटगत न होता तो म इस गाव को तबाह कर दता म याल ह िो ख को र करनद वाला ह मदर रसलो को मदर पास कछ भय और गम नही म जनगाह रखनद वाला ह म अपनद रसल क साथ खडा हगा और उसकी जनना करगा िो मदर रसल की जनना करता ह म अपनद समयो को जवभाजित कर गा जक वरम का कछ भाग तो म रितीका करगा अथामत ताऊन सद लोगो को मारगा और वरम का कछ भाग रोजा रखगा अथामत अमन रहगा और ताऊन कम हो िाएगी या जबलकल नही रहगी मदरा रिकोप भडक रहा ह बीमाररया िलगी और रिाणो की कजत होगी परनत वद लोग िो ईमान लाएगद और ईमान म कछ ोर नही होगा वद अमन म रहगद और उनकी मगति (छटकार) का मागम जमलद यह मत सोचो जक अपराधी बचद हए ह हम उनकी पथवी क जनकट आतद िातद ह म अनर ही अनर अपनी सदना तयार कर रहा ह अथामत ताउन क कीटाणओ का पोरण कर रहा ह अतः िष हाशिया - बदटा बनानद सद पजवतर ह तथाजप उपमाओ क रग म उसक कलाम म बहत कछ पाया िाता ह तो उपमाओ का अनकरण करनद सद बचो जक तबाह हो िाओ और मदर बार म सपषट तकमो म सद यह इलहाम ह िो बराहीन अहजमया म िम ह انما ال ثلکم یویح م انما انا بشر قل इसी सद الھکم اہل واحد الخیکہل ف القرآن

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दाफिउल बला

वद अपनद घरो म ऐसद सो िाएगद िसा जक एक ऊट मरा रह िाता ह हम उनको अपनद जनशान पहलद तो र-र क लोगो म जखाएगद और जिर सवय उनही म हमार जनशान रिकट होगद मनद तझ सद एक कय-जवकय जकया ह अथामत एक वसत मदरी थी त उसका माजलक बनाया गया और एक वसत तदरी थी जिस का म माजलक बन गया त भी उस कय-जवकय का इकरार कर और कह द जक खा नद मझ सद कय-जवकय जकया त मझ सद ऐसा ह िसा जक सनतान त मझ म सद ह और म तझ म सद ह वह समय समीप ह जक म तझद ऐसद मकाम पर खडा करगा जक ससार तदरी रिशसा और यशोगान करगा शदषठता तदर साथ ह और अधमता तदर शतरओ क साथ अतः सबर कर यहा तक जक वाद का जन आ िाए ताऊन पर एक ऐसा समय भी आनद वाला ह जक उसम कोई भी जगरफतार नही होगा अथामत अनततः भलाई और कशलता ह6

6हाशिया - पयामपत समय हआ जक इस सद पहलद खा नद मझद ताऊन क बार म सर की कहानी क तौर पर यह खबर ी थी یــا مســیح عدوانــا परनत आि 21 अरिल 1902 ई ह उसी इलहाम को पनः इस रिकार फरमाया गया یــا مســیح الخلــق عدوانالــن تــری مــن بعــد مرادنــا و فســادنا अथामत ह खा क मसीह िो मखलक की ओर भदिा गया हमारी शीघर खबर लद और हम अपनी जसफाररश सद बचा त इसक बा हमार पापी ततवो को नही दखदगा और न हमारा उपदरव कछ शदर रहगा अथामत हम सीधद हो िाएगद और गाजलया बकना तथा अपशब जनकालना छोड गद यह खा का कलाम बराहीन अहमजया क उस इलहाम क अनसार ह जक अगनतम जनो म हम लोगो पर ताऊन भदिगद िसा जक फरमाया- ــا عــل یوســف لنصــرف عنــہ الســوء والفحشــاء کذلــک مننअथामत हम ताऊन क साथ इस यसफ पर यह उपकार करगद जक गाजलया दनद वालद लोगो का मह बन कर गद ताजक वद िरकर गाजलयो सद रक िाए उनही जनो

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दाफिउल बला

अब इस सपणम वही सद तीन बात जसदध हई ह ndash(1) रिथम यह जक ताऊन ससार म इसजलए आई ह जक खा

क मसीह मौऊ सद न कवल इनकार जकया गया अजपत उसद ःख जया गया उसको कतल करनद क जलए योिनाए बनाई गई उसका नाम काजफर और जाल रखा गया तो खा नद न चाहा जक अपनद रसल को जबना गवाही क छोड द इसजलए उस नद आकाश और पथवी ोनो को उसकी सचाई का गवाह बना जया आकाश नद चनदर गरहण और सयम-गरहण सद गवाही ी िो रमजान म हए और पथवी नद ताऊन क साथ गवाही ी ताजक खा का वह कलाम परा हो िो बराहीन अहमजया म ह और वह यह ह ndash

قل عندی شھادۃ من اہلل فھل انتم تومنون قل عندی شھادۃمن اہلل فھل انتم تسلمون

अथामत मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम ईमान लाओगद या नही और म पनः कहता ह जक मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम सवीकार करोगद या नही पहली गवाही सद अजभरिाय आकाश की गवाही ह जिसम कोई िबर नही इसजलए इस म تو منون का शब रियोग जकया गया और सरी गवाही पथवी की ह अथामत ताऊन की जिसम िबर मौि ह जक भय दकर इस िमाअत म ाजखल करती ह इसजलए इसम تسلمون का शब रियोग जकया गयािष हाशिया - क बार म खा का यह कलाम ह जिसम जमीन क कलाम सद मझद सचना ी गई और वह यह ह- یــاول اہلل کنــت ل اعرفــکअथामत ह खा क वली म इस सद पहलद तझद नही पहचानती थी इसका जववरण यह ह जक कशफी तौर पर जमीन मददर सामनद की गई और उसनद यह कलाम जकया जक म अब तक तझद नही पहचानती थी जक त रहमान खा का वली ह इसी सद

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दाफिउल बला

(2) जदतीय बात िो इस वही सद जसदध हई वह यह ह जक यह ताऊन इस हालत म कम होगी जक िब लोग खा क चनद हए को सवीकार कर लगद और कम सद कम यह जक शरारत कषट दनद और गाली दनद सद रक िाएगद कयोजक बराहीन अहमजया म खा तआला फरमाता ह ndash जक म अगनतम जनो म ताऊन भदिगा ताजक म उन पाजपयो और षटो का मह बन कर िो मदर रसल को गाजलया दतद ह असल बात यह ह जक कवल इनकार इस बात का कारण नही हो ताजक एक रसल क इनकार सद ससार म कोई तबाही भदिी िाए अजपत यज लोग शालीनता और सभयतापवमक खा क रसलो का इनकार कर और अतयाचार तथा गाजलया न तो उनका णि कयामत म जनधामररत ह और ससार म रसलो की सहायता म जितना सकामक रोग भदिा गया ह वह कवल इनकार सद नही अजपत बराइयो का णि ह इसी रिकार अब भी िब लोग गाजलया अतयाचार अनयाय और अपनद पापो सद रक िाएगद और उनम सशील लोगो िसा वयवहार पा हो िाएगा तब यह चदतावनी समापत कर ी िाएगी परनत इस अवसर पर बहत सद भायशाली लोग खा क रसल को सवीकार कर लगद और आकाशीय बरकतो सद भाग लगद और पथवी भायशाजलयो सद भर िाएगी

(3) ततीय बात िो इस वही सद जसदध हई ह वह यह ह जक खा तआला बहरहाल िब तक जक ताऊन ससार म रह यदयजप सततर वरम तक रह काजयान को उसकी भयकर तबाही सद सरजकत रखदगा कयोजक यह उसक रसल का कनदर ह और यह समसत उमतो क जलए जनशान ह

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दाफिउल बला

अब यज खा तआला क इस रसल और इस जनशान सद जकसी को इनकार हआ और खयाल हो जक कवल रसमी नमाजो और आओ सद या मसीह की इबात (उपासना) सद या गाय क कारण या वदो क ईमान सद जवरोध शमनी और इस रसल की अवजा क बावि ताऊन र हो सकती ह तो यह जवचार जबना सबत सवीकार करनद योय नही तो िो वयगति इन समसत सरिायो म सद अपनद धमम की सचाई का सबत दना चाहता ह तो अब बहत उततम अवसर ह िसद खा की ओर सद समसत धममो की सचाई या झठ को पहचाननद क जलए एक रिशमनी सथल जनधामररत जकया गया ह और खा नद सवमरिथम अपनी ओर सद पहलद काजयान का नाम लद जया ह अब यज आयम लोग वद को सचा समझतद ह तो उनको चाजहए जक बनारस क बार म िो वद क पढानद का मल सथान ह एक भजवषयवाणी कर जक उनका परमदशर बनारस को ताऊन सद बचा लदगा और सनातन धमम वालो को चाजहए जक जकसी ऐसद शहर क बार म जिसम गाए बहत हो उाहरणतया अमतसर क बार म भजवषयवाणी कर जक गायो क कारण उसम ताऊन नही आएगी यज गाय अपना इतना चमतकार जखा द तो कछ आचियम नही जक इस चमतकारी िानवर क रिाणो को सरकार बचा द इसी रिकार ईसाइयो को चाजहए जक कलकतता क बार म भजवषयवाणी कर जक उसम ताऊन नही पडगी कयोजक जबरजटश भारत का बडा जबशप कलकतता म रहता ह इसी रिकार जमया शसदीन और उनकी अिमन जहमायत-ए-इसलाम क ससयो को चाजहए जक लाहौर क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगा और मशी इलाही बखश एकाउनटणट िो इलहाम का ावा

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दाफिउल बला

करतद ह उनक जलए भी यही अवसर ह जक अपनद इलहाम सद लाहौर क बार म भजवषयवाणी करक अिमन जहमायत-ए-इसलाम को म और उजचत ह जक अबल िबबार और अबल हक अमतसर शहर क बार म भजवषयवाणी कर और चजक वहाबी सरिाय की असल िड जली ह इजसलए उजचत ह जक नजीर हसन और महम हसन जली क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगी तो इस रिकार सद िसद समसत पिाब इस घातक रोग सद सरजकत हो िाएगा और सरकार को भी मफत म ाजयतव सद जनवजतत हो िाएगी और यज लोगो नद ऐसा न जकया तो जिर यही समझा िाएगा जक सचा खा वही खा ह जिसनद काजयान म अपना रसल भदिा

और अनततः समरण रह जक यज यद सब लोग जिन म मसलमानो क मलहम और आयमो क पजित और ईसाइयो क पारी सगमजलत ह चप रह तो जसदध हो िाएगा जक यद सब लोग झठ ह और एक जन आनद वाला ह जक काजयान सयम क समान चमक कर जखा दगा जक वह एक सचद का सथान ह अनत म जमया शसदीन साजहब को या रह जक आपनद िो अपनद जवजापन म आयत

(अननल - 63) مضطر ن یجیب ال ام

जलखी ह और इस सद आ की सवीकाररता की आशा की ह यह आशा सही नही ह कयोजक खा क कलाम म शब مضطر सद अजभरिाय वद हाजन-पीजडत ह िो कवल आजमायश क तौर पर हाजन-पीजडत हो न जक णि क तौर पर परनत िो लोग णि क तौर पर जकसी हाजन सद जनरनतर गरसत रहतद हो वद इस आयत क चररताथम नही ह अनयथा अजनवायम होता ह जक नह की कौम और लत की कौम

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दाफिउल बला

तथा जफरऔन की कौम इतयाज की आए उस आतरता (इजतरार) क समय म सवीकार की िाती परनत ऐसा नही हआ और खा क हाथ नद उन कौमो को मार जया और यज जमया शसदीन कह जक जिर उन क यथायोय कौन सी आयत ह तो हम कहतद ह जक यह आयत यथायोय ह(अलमोजमन-51) کفرین ال ف ضلل

وما دعـؤا ال

चजक सभावना ह जक कछ मबजदध सवभाव वालद लोग इस जवजापन का मल उददशय समझनद म गलती खाए इस जलए हम पनः अपनद बलानद क कततमवय को अजभवयति कर दतद ह और वह यह ह जक यह ताऊन िो दश म िल रही ह जकसी अनय कारण सद नही अजपत एक ही कारण ह और वह यह जक लोगो नद खा क उस मौऊ क माननद सद इनकार जकया ह िो समसत नजबयो की भजवषयवाणी क अनसार ससार क सातव हजार म रिकट हआ ह तथा लोगो नद न कवल इनकार जकया अजपत खा क इस मसीह को गाजलया ी काजफर कहा और कतल करना चाहा और िो कछ चाहा उस सद जकया इसजलए खा क सवाजभमान नद चाहा जक उनकी इस घषटता असभयता पर उन पर चदतावनी उतार और खा नद पहलद पजवतर लदखो म खबर ी थी जक लोगो क इनकार क कारण उन जनो म िब मसीह रिकट होगा दश म भयकर ताऊन पडगी इसजलए अवशय था जक ताऊन पडती और ताऊन का नाम ताऊन इसजलए रखा गया ह जक यह ताअन (कटाक) करनद वालो का उततर ह और बनी इसाईल म हमदशा ताअन क समय म ही पडती थी और ताऊन क अरबी शबकोश म अथम ह बहत ताअन (कटाक) करनद वाला यह इस

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दाफिउल बला

बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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दाफिउल बला

नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 18: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

होता िसा जक जमया शसदीन सदकटरी जहमायत-ए-इसलाम लाहौर नद अपनद जवजापन म या पारी वाइट बरदखत साजहब नद अपनद जवजापन म जकया ह तो म भी उनकी तरह एक वयथमवाी ठहरता परनत मदरी वद बातद ह जिनको मनद समय सद पवम वणमन जकया और आि वद परी हो गई ततपचिात इन जनो म भी मझद खा नद खबर ी अतः अलाह तआला फरमाता ह -

القریۃ اوی انہ فیھ وانت لیعذبھ اہلل ماکان لولالکرام لھک المقام این اناالرحمن داف ال این ل یخاف من والوم اقوم الرسول مع این حفیظ این المرسلون دلی یلبسواایمانھ امنواولم اذلین ال تصنع النفوس یلوم بظلم اولئک لھ المن وھم مھتدون انانایت الرض ننکسھا جاثمی دارھم فاصبحواف اجھزالجیش این اطرافھا من الفاق وف انفسھ نصرمن اہلل وفتح مبی ایاتنا ف سنریھ مین انت اولدی5 بمنزۃل مین انت رب بایعین یایعتک این

5हाशिया - समरण रह जक खा तआला बदटो सद पजवतर ह न उसका कोई भागीार ह और न बदटा ह और न जकसी को अजधकार पहचता ह जक वह यह कह जक म खा ह या खा का बदटा ह परनत यह वाकय इस िगह अवासतजवक और रपक क वगम म सद ह खा तआला नद पजवतर कआमन म आहजरत सललाह अलजह वसलम को अपना हाथ बताया और फरमाया ایدھم فوق ऐसा ही बिाए (अलफतह-11) یعداہلل भी कहा और यह भी फरमायाیاعبادی क قل یاعباداہلل

اباءکم رکم اہلل کذک

فاذکر

तो खा क उस कलाम को होजशयारी और सावधानी सद पढो और उपमाओ क वगम म सद समझ कर ईमान लाओ और उसकी हालत म हसतकदप न करो और वासतजवकता खा क सपम कर ो और जवशास रखो जक खा

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दाफिउल बलाوانامنک عسی الن یبعثک ربک مقاما محمودا الفوق معک والحت مع اعدائک فاصرب حت یایت اہلل بامرہ یایت عل جھنم

زمان لیس فیھا احد अनवा ndash खा ऐसा नही जक काजयान क लोगो को अजाब

द हालाजक त उनम रहता ह वह इस गाव को ताऊन की लटमार और उसकी तबाही सद बचा लदगा यज मझद तदरा पास न होता और तदरा समान दगषटगत न होता तो म इस गाव को तबाह कर दता म याल ह िो ख को र करनद वाला ह मदर रसलो को मदर पास कछ भय और गम नही म जनगाह रखनद वाला ह म अपनद रसल क साथ खडा हगा और उसकी जनना करगा िो मदर रसल की जनना करता ह म अपनद समयो को जवभाजित कर गा जक वरम का कछ भाग तो म रितीका करगा अथामत ताऊन सद लोगो को मारगा और वरम का कछ भाग रोजा रखगा अथामत अमन रहगा और ताऊन कम हो िाएगी या जबलकल नही रहगी मदरा रिकोप भडक रहा ह बीमाररया िलगी और रिाणो की कजत होगी परनत वद लोग िो ईमान लाएगद और ईमान म कछ ोर नही होगा वद अमन म रहगद और उनकी मगति (छटकार) का मागम जमलद यह मत सोचो जक अपराधी बचद हए ह हम उनकी पथवी क जनकट आतद िातद ह म अनर ही अनर अपनी सदना तयार कर रहा ह अथामत ताउन क कीटाणओ का पोरण कर रहा ह अतः िष हाशिया - बदटा बनानद सद पजवतर ह तथाजप उपमाओ क रग म उसक कलाम म बहत कछ पाया िाता ह तो उपमाओ का अनकरण करनद सद बचो जक तबाह हो िाओ और मदर बार म सपषट तकमो म सद यह इलहाम ह िो बराहीन अहजमया म िम ह انما ال ثلکم یویح م انما انا بشر قل इसी सद الھکم اہل واحد الخیکہل ف القرآن

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दाफिउल बला

वद अपनद घरो म ऐसद सो िाएगद िसा जक एक ऊट मरा रह िाता ह हम उनको अपनद जनशान पहलद तो र-र क लोगो म जखाएगद और जिर सवय उनही म हमार जनशान रिकट होगद मनद तझ सद एक कय-जवकय जकया ह अथामत एक वसत मदरी थी त उसका माजलक बनाया गया और एक वसत तदरी थी जिस का म माजलक बन गया त भी उस कय-जवकय का इकरार कर और कह द जक खा नद मझ सद कय-जवकय जकया त मझ सद ऐसा ह िसा जक सनतान त मझ म सद ह और म तझ म सद ह वह समय समीप ह जक म तझद ऐसद मकाम पर खडा करगा जक ससार तदरी रिशसा और यशोगान करगा शदषठता तदर साथ ह और अधमता तदर शतरओ क साथ अतः सबर कर यहा तक जक वाद का जन आ िाए ताऊन पर एक ऐसा समय भी आनद वाला ह जक उसम कोई भी जगरफतार नही होगा अथामत अनततः भलाई और कशलता ह6

6हाशिया - पयामपत समय हआ जक इस सद पहलद खा नद मझद ताऊन क बार म सर की कहानी क तौर पर यह खबर ी थी یــا مســیح عدوانــا परनत आि 21 अरिल 1902 ई ह उसी इलहाम को पनः इस रिकार फरमाया गया یــا مســیح الخلــق عدوانالــن تــری مــن بعــد مرادنــا و فســادنا अथामत ह खा क मसीह िो मखलक की ओर भदिा गया हमारी शीघर खबर लद और हम अपनी जसफाररश सद बचा त इसक बा हमार पापी ततवो को नही दखदगा और न हमारा उपदरव कछ शदर रहगा अथामत हम सीधद हो िाएगद और गाजलया बकना तथा अपशब जनकालना छोड गद यह खा का कलाम बराहीन अहमजया क उस इलहाम क अनसार ह जक अगनतम जनो म हम लोगो पर ताऊन भदिगद िसा जक फरमाया- ــا عــل یوســف لنصــرف عنــہ الســوء والفحشــاء کذلــک مننअथामत हम ताऊन क साथ इस यसफ पर यह उपकार करगद जक गाजलया दनद वालद लोगो का मह बन कर गद ताजक वद िरकर गाजलयो सद रक िाए उनही जनो

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दाफिउल बला

अब इस सपणम वही सद तीन बात जसदध हई ह ndash(1) रिथम यह जक ताऊन ससार म इसजलए आई ह जक खा

क मसीह मौऊ सद न कवल इनकार जकया गया अजपत उसद ःख जया गया उसको कतल करनद क जलए योिनाए बनाई गई उसका नाम काजफर और जाल रखा गया तो खा नद न चाहा जक अपनद रसल को जबना गवाही क छोड द इसजलए उस नद आकाश और पथवी ोनो को उसकी सचाई का गवाह बना जया आकाश नद चनदर गरहण और सयम-गरहण सद गवाही ी िो रमजान म हए और पथवी नद ताऊन क साथ गवाही ी ताजक खा का वह कलाम परा हो िो बराहीन अहमजया म ह और वह यह ह ndash

قل عندی شھادۃ من اہلل فھل انتم تومنون قل عندی شھادۃمن اہلل فھل انتم تسلمون

अथामत मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम ईमान लाओगद या नही और म पनः कहता ह जक मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम सवीकार करोगद या नही पहली गवाही सद अजभरिाय आकाश की गवाही ह जिसम कोई िबर नही इसजलए इस म تو منون का शब रियोग जकया गया और सरी गवाही पथवी की ह अथामत ताऊन की जिसम िबर मौि ह जक भय दकर इस िमाअत म ाजखल करती ह इसजलए इसम تسلمون का शब रियोग जकया गयािष हाशिया - क बार म खा का यह कलाम ह जिसम जमीन क कलाम सद मझद सचना ी गई और वह यह ह- یــاول اہلل کنــت ل اعرفــکअथामत ह खा क वली म इस सद पहलद तझद नही पहचानती थी इसका जववरण यह ह जक कशफी तौर पर जमीन मददर सामनद की गई और उसनद यह कलाम जकया जक म अब तक तझद नही पहचानती थी जक त रहमान खा का वली ह इसी सद

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दाफिउल बला

(2) जदतीय बात िो इस वही सद जसदध हई वह यह ह जक यह ताऊन इस हालत म कम होगी जक िब लोग खा क चनद हए को सवीकार कर लगद और कम सद कम यह जक शरारत कषट दनद और गाली दनद सद रक िाएगद कयोजक बराहीन अहमजया म खा तआला फरमाता ह ndash जक म अगनतम जनो म ताऊन भदिगा ताजक म उन पाजपयो और षटो का मह बन कर िो मदर रसल को गाजलया दतद ह असल बात यह ह जक कवल इनकार इस बात का कारण नही हो ताजक एक रसल क इनकार सद ससार म कोई तबाही भदिी िाए अजपत यज लोग शालीनता और सभयतापवमक खा क रसलो का इनकार कर और अतयाचार तथा गाजलया न तो उनका णि कयामत म जनधामररत ह और ससार म रसलो की सहायता म जितना सकामक रोग भदिा गया ह वह कवल इनकार सद नही अजपत बराइयो का णि ह इसी रिकार अब भी िब लोग गाजलया अतयाचार अनयाय और अपनद पापो सद रक िाएगद और उनम सशील लोगो िसा वयवहार पा हो िाएगा तब यह चदतावनी समापत कर ी िाएगी परनत इस अवसर पर बहत सद भायशाली लोग खा क रसल को सवीकार कर लगद और आकाशीय बरकतो सद भाग लगद और पथवी भायशाजलयो सद भर िाएगी

(3) ततीय बात िो इस वही सद जसदध हई ह वह यह ह जक खा तआला बहरहाल िब तक जक ताऊन ससार म रह यदयजप सततर वरम तक रह काजयान को उसकी भयकर तबाही सद सरजकत रखदगा कयोजक यह उसक रसल का कनदर ह और यह समसत उमतो क जलए जनशान ह

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दाफिउल बला

अब यज खा तआला क इस रसल और इस जनशान सद जकसी को इनकार हआ और खयाल हो जक कवल रसमी नमाजो और आओ सद या मसीह की इबात (उपासना) सद या गाय क कारण या वदो क ईमान सद जवरोध शमनी और इस रसल की अवजा क बावि ताऊन र हो सकती ह तो यह जवचार जबना सबत सवीकार करनद योय नही तो िो वयगति इन समसत सरिायो म सद अपनद धमम की सचाई का सबत दना चाहता ह तो अब बहत उततम अवसर ह िसद खा की ओर सद समसत धममो की सचाई या झठ को पहचाननद क जलए एक रिशमनी सथल जनधामररत जकया गया ह और खा नद सवमरिथम अपनी ओर सद पहलद काजयान का नाम लद जया ह अब यज आयम लोग वद को सचा समझतद ह तो उनको चाजहए जक बनारस क बार म िो वद क पढानद का मल सथान ह एक भजवषयवाणी कर जक उनका परमदशर बनारस को ताऊन सद बचा लदगा और सनातन धमम वालो को चाजहए जक जकसी ऐसद शहर क बार म जिसम गाए बहत हो उाहरणतया अमतसर क बार म भजवषयवाणी कर जक गायो क कारण उसम ताऊन नही आएगी यज गाय अपना इतना चमतकार जखा द तो कछ आचियम नही जक इस चमतकारी िानवर क रिाणो को सरकार बचा द इसी रिकार ईसाइयो को चाजहए जक कलकतता क बार म भजवषयवाणी कर जक उसम ताऊन नही पडगी कयोजक जबरजटश भारत का बडा जबशप कलकतता म रहता ह इसी रिकार जमया शसदीन और उनकी अिमन जहमायत-ए-इसलाम क ससयो को चाजहए जक लाहौर क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगा और मशी इलाही बखश एकाउनटणट िो इलहाम का ावा

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दाफिउल बला

करतद ह उनक जलए भी यही अवसर ह जक अपनद इलहाम सद लाहौर क बार म भजवषयवाणी करक अिमन जहमायत-ए-इसलाम को म और उजचत ह जक अबल िबबार और अबल हक अमतसर शहर क बार म भजवषयवाणी कर और चजक वहाबी सरिाय की असल िड जली ह इजसलए उजचत ह जक नजीर हसन और महम हसन जली क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगी तो इस रिकार सद िसद समसत पिाब इस घातक रोग सद सरजकत हो िाएगा और सरकार को भी मफत म ाजयतव सद जनवजतत हो िाएगी और यज लोगो नद ऐसा न जकया तो जिर यही समझा िाएगा जक सचा खा वही खा ह जिसनद काजयान म अपना रसल भदिा

और अनततः समरण रह जक यज यद सब लोग जिन म मसलमानो क मलहम और आयमो क पजित और ईसाइयो क पारी सगमजलत ह चप रह तो जसदध हो िाएगा जक यद सब लोग झठ ह और एक जन आनद वाला ह जक काजयान सयम क समान चमक कर जखा दगा जक वह एक सचद का सथान ह अनत म जमया शसदीन साजहब को या रह जक आपनद िो अपनद जवजापन म आयत

(अननल - 63) مضطر ن یجیب ال ام

जलखी ह और इस सद आ की सवीकाररता की आशा की ह यह आशा सही नही ह कयोजक खा क कलाम म शब مضطر सद अजभरिाय वद हाजन-पीजडत ह िो कवल आजमायश क तौर पर हाजन-पीजडत हो न जक णि क तौर पर परनत िो लोग णि क तौर पर जकसी हाजन सद जनरनतर गरसत रहतद हो वद इस आयत क चररताथम नही ह अनयथा अजनवायम होता ह जक नह की कौम और लत की कौम

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दाफिउल बला

तथा जफरऔन की कौम इतयाज की आए उस आतरता (इजतरार) क समय म सवीकार की िाती परनत ऐसा नही हआ और खा क हाथ नद उन कौमो को मार जया और यज जमया शसदीन कह जक जिर उन क यथायोय कौन सी आयत ह तो हम कहतद ह जक यह आयत यथायोय ह(अलमोजमन-51) کفرین ال ف ضلل

وما دعـؤا ال

चजक सभावना ह जक कछ मबजदध सवभाव वालद लोग इस जवजापन का मल उददशय समझनद म गलती खाए इस जलए हम पनः अपनद बलानद क कततमवय को अजभवयति कर दतद ह और वह यह ह जक यह ताऊन िो दश म िल रही ह जकसी अनय कारण सद नही अजपत एक ही कारण ह और वह यह जक लोगो नद खा क उस मौऊ क माननद सद इनकार जकया ह िो समसत नजबयो की भजवषयवाणी क अनसार ससार क सातव हजार म रिकट हआ ह तथा लोगो नद न कवल इनकार जकया अजपत खा क इस मसीह को गाजलया ी काजफर कहा और कतल करना चाहा और िो कछ चाहा उस सद जकया इसजलए खा क सवाजभमान नद चाहा जक उनकी इस घषटता असभयता पर उन पर चदतावनी उतार और खा नद पहलद पजवतर लदखो म खबर ी थी जक लोगो क इनकार क कारण उन जनो म िब मसीह रिकट होगा दश म भयकर ताऊन पडगी इसजलए अवशय था जक ताऊन पडती और ताऊन का नाम ताऊन इसजलए रखा गया ह जक यह ताअन (कटाक) करनद वालो का उततर ह और बनी इसाईल म हमदशा ताअन क समय म ही पडती थी और ताऊन क अरबी शबकोश म अथम ह बहत ताअन (कटाक) करनद वाला यह इस

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दाफिउल बला

बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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दाफिउल बला

नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 19: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बलाوانامنک عسی الن یبعثک ربک مقاما محمودا الفوق معک والحت مع اعدائک فاصرب حت یایت اہلل بامرہ یایت عل جھنم

زمان لیس فیھا احد अनवा ndash खा ऐसा नही जक काजयान क लोगो को अजाब

द हालाजक त उनम रहता ह वह इस गाव को ताऊन की लटमार और उसकी तबाही सद बचा लदगा यज मझद तदरा पास न होता और तदरा समान दगषटगत न होता तो म इस गाव को तबाह कर दता म याल ह िो ख को र करनद वाला ह मदर रसलो को मदर पास कछ भय और गम नही म जनगाह रखनद वाला ह म अपनद रसल क साथ खडा हगा और उसकी जनना करगा िो मदर रसल की जनना करता ह म अपनद समयो को जवभाजित कर गा जक वरम का कछ भाग तो म रितीका करगा अथामत ताऊन सद लोगो को मारगा और वरम का कछ भाग रोजा रखगा अथामत अमन रहगा और ताऊन कम हो िाएगी या जबलकल नही रहगी मदरा रिकोप भडक रहा ह बीमाररया िलगी और रिाणो की कजत होगी परनत वद लोग िो ईमान लाएगद और ईमान म कछ ोर नही होगा वद अमन म रहगद और उनकी मगति (छटकार) का मागम जमलद यह मत सोचो जक अपराधी बचद हए ह हम उनकी पथवी क जनकट आतद िातद ह म अनर ही अनर अपनी सदना तयार कर रहा ह अथामत ताउन क कीटाणओ का पोरण कर रहा ह अतः िष हाशिया - बदटा बनानद सद पजवतर ह तथाजप उपमाओ क रग म उसक कलाम म बहत कछ पाया िाता ह तो उपमाओ का अनकरण करनद सद बचो जक तबाह हो िाओ और मदर बार म सपषट तकमो म सद यह इलहाम ह िो बराहीन अहजमया म िम ह انما ال ثلکم یویح م انما انا بشر قل इसी सद الھکم اہل واحد الخیکہل ف القرآن

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दाफिउल बला

वद अपनद घरो म ऐसद सो िाएगद िसा जक एक ऊट मरा रह िाता ह हम उनको अपनद जनशान पहलद तो र-र क लोगो म जखाएगद और जिर सवय उनही म हमार जनशान रिकट होगद मनद तझ सद एक कय-जवकय जकया ह अथामत एक वसत मदरी थी त उसका माजलक बनाया गया और एक वसत तदरी थी जिस का म माजलक बन गया त भी उस कय-जवकय का इकरार कर और कह द जक खा नद मझ सद कय-जवकय जकया त मझ सद ऐसा ह िसा जक सनतान त मझ म सद ह और म तझ म सद ह वह समय समीप ह जक म तझद ऐसद मकाम पर खडा करगा जक ससार तदरी रिशसा और यशोगान करगा शदषठता तदर साथ ह और अधमता तदर शतरओ क साथ अतः सबर कर यहा तक जक वाद का जन आ िाए ताऊन पर एक ऐसा समय भी आनद वाला ह जक उसम कोई भी जगरफतार नही होगा अथामत अनततः भलाई और कशलता ह6

6हाशिया - पयामपत समय हआ जक इस सद पहलद खा नद मझद ताऊन क बार म सर की कहानी क तौर पर यह खबर ी थी یــا مســیح عدوانــا परनत आि 21 अरिल 1902 ई ह उसी इलहाम को पनः इस रिकार फरमाया गया یــا مســیح الخلــق عدوانالــن تــری مــن بعــد مرادنــا و فســادنا अथामत ह खा क मसीह िो मखलक की ओर भदिा गया हमारी शीघर खबर लद और हम अपनी जसफाररश सद बचा त इसक बा हमार पापी ततवो को नही दखदगा और न हमारा उपदरव कछ शदर रहगा अथामत हम सीधद हो िाएगद और गाजलया बकना तथा अपशब जनकालना छोड गद यह खा का कलाम बराहीन अहमजया क उस इलहाम क अनसार ह जक अगनतम जनो म हम लोगो पर ताऊन भदिगद िसा जक फरमाया- ــا عــل یوســف لنصــرف عنــہ الســوء والفحشــاء کذلــک مننअथामत हम ताऊन क साथ इस यसफ पर यह उपकार करगद जक गाजलया दनद वालद लोगो का मह बन कर गद ताजक वद िरकर गाजलयो सद रक िाए उनही जनो

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दाफिउल बला

अब इस सपणम वही सद तीन बात जसदध हई ह ndash(1) रिथम यह जक ताऊन ससार म इसजलए आई ह जक खा

क मसीह मौऊ सद न कवल इनकार जकया गया अजपत उसद ःख जया गया उसको कतल करनद क जलए योिनाए बनाई गई उसका नाम काजफर और जाल रखा गया तो खा नद न चाहा जक अपनद रसल को जबना गवाही क छोड द इसजलए उस नद आकाश और पथवी ोनो को उसकी सचाई का गवाह बना जया आकाश नद चनदर गरहण और सयम-गरहण सद गवाही ी िो रमजान म हए और पथवी नद ताऊन क साथ गवाही ी ताजक खा का वह कलाम परा हो िो बराहीन अहमजया म ह और वह यह ह ndash

قل عندی شھادۃ من اہلل فھل انتم تومنون قل عندی شھادۃمن اہلل فھل انتم تسلمون

अथामत मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम ईमान लाओगद या नही और म पनः कहता ह जक मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम सवीकार करोगद या नही पहली गवाही सद अजभरिाय आकाश की गवाही ह जिसम कोई िबर नही इसजलए इस म تو منون का शब रियोग जकया गया और सरी गवाही पथवी की ह अथामत ताऊन की जिसम िबर मौि ह जक भय दकर इस िमाअत म ाजखल करती ह इसजलए इसम تسلمون का शब रियोग जकया गयािष हाशिया - क बार म खा का यह कलाम ह जिसम जमीन क कलाम सद मझद सचना ी गई और वह यह ह- یــاول اہلل کنــت ل اعرفــکअथामत ह खा क वली म इस सद पहलद तझद नही पहचानती थी इसका जववरण यह ह जक कशफी तौर पर जमीन मददर सामनद की गई और उसनद यह कलाम जकया जक म अब तक तझद नही पहचानती थी जक त रहमान खा का वली ह इसी सद

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दाफिउल बला

(2) जदतीय बात िो इस वही सद जसदध हई वह यह ह जक यह ताऊन इस हालत म कम होगी जक िब लोग खा क चनद हए को सवीकार कर लगद और कम सद कम यह जक शरारत कषट दनद और गाली दनद सद रक िाएगद कयोजक बराहीन अहमजया म खा तआला फरमाता ह ndash जक म अगनतम जनो म ताऊन भदिगा ताजक म उन पाजपयो और षटो का मह बन कर िो मदर रसल को गाजलया दतद ह असल बात यह ह जक कवल इनकार इस बात का कारण नही हो ताजक एक रसल क इनकार सद ससार म कोई तबाही भदिी िाए अजपत यज लोग शालीनता और सभयतापवमक खा क रसलो का इनकार कर और अतयाचार तथा गाजलया न तो उनका णि कयामत म जनधामररत ह और ससार म रसलो की सहायता म जितना सकामक रोग भदिा गया ह वह कवल इनकार सद नही अजपत बराइयो का णि ह इसी रिकार अब भी िब लोग गाजलया अतयाचार अनयाय और अपनद पापो सद रक िाएगद और उनम सशील लोगो िसा वयवहार पा हो िाएगा तब यह चदतावनी समापत कर ी िाएगी परनत इस अवसर पर बहत सद भायशाली लोग खा क रसल को सवीकार कर लगद और आकाशीय बरकतो सद भाग लगद और पथवी भायशाजलयो सद भर िाएगी

(3) ततीय बात िो इस वही सद जसदध हई ह वह यह ह जक खा तआला बहरहाल िब तक जक ताऊन ससार म रह यदयजप सततर वरम तक रह काजयान को उसकी भयकर तबाही सद सरजकत रखदगा कयोजक यह उसक रसल का कनदर ह और यह समसत उमतो क जलए जनशान ह

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दाफिउल बला

अब यज खा तआला क इस रसल और इस जनशान सद जकसी को इनकार हआ और खयाल हो जक कवल रसमी नमाजो और आओ सद या मसीह की इबात (उपासना) सद या गाय क कारण या वदो क ईमान सद जवरोध शमनी और इस रसल की अवजा क बावि ताऊन र हो सकती ह तो यह जवचार जबना सबत सवीकार करनद योय नही तो िो वयगति इन समसत सरिायो म सद अपनद धमम की सचाई का सबत दना चाहता ह तो अब बहत उततम अवसर ह िसद खा की ओर सद समसत धममो की सचाई या झठ को पहचाननद क जलए एक रिशमनी सथल जनधामररत जकया गया ह और खा नद सवमरिथम अपनी ओर सद पहलद काजयान का नाम लद जया ह अब यज आयम लोग वद को सचा समझतद ह तो उनको चाजहए जक बनारस क बार म िो वद क पढानद का मल सथान ह एक भजवषयवाणी कर जक उनका परमदशर बनारस को ताऊन सद बचा लदगा और सनातन धमम वालो को चाजहए जक जकसी ऐसद शहर क बार म जिसम गाए बहत हो उाहरणतया अमतसर क बार म भजवषयवाणी कर जक गायो क कारण उसम ताऊन नही आएगी यज गाय अपना इतना चमतकार जखा द तो कछ आचियम नही जक इस चमतकारी िानवर क रिाणो को सरकार बचा द इसी रिकार ईसाइयो को चाजहए जक कलकतता क बार म भजवषयवाणी कर जक उसम ताऊन नही पडगी कयोजक जबरजटश भारत का बडा जबशप कलकतता म रहता ह इसी रिकार जमया शसदीन और उनकी अिमन जहमायत-ए-इसलाम क ससयो को चाजहए जक लाहौर क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगा और मशी इलाही बखश एकाउनटणट िो इलहाम का ावा

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दाफिउल बला

करतद ह उनक जलए भी यही अवसर ह जक अपनद इलहाम सद लाहौर क बार म भजवषयवाणी करक अिमन जहमायत-ए-इसलाम को म और उजचत ह जक अबल िबबार और अबल हक अमतसर शहर क बार म भजवषयवाणी कर और चजक वहाबी सरिाय की असल िड जली ह इजसलए उजचत ह जक नजीर हसन और महम हसन जली क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगी तो इस रिकार सद िसद समसत पिाब इस घातक रोग सद सरजकत हो िाएगा और सरकार को भी मफत म ाजयतव सद जनवजतत हो िाएगी और यज लोगो नद ऐसा न जकया तो जिर यही समझा िाएगा जक सचा खा वही खा ह जिसनद काजयान म अपना रसल भदिा

और अनततः समरण रह जक यज यद सब लोग जिन म मसलमानो क मलहम और आयमो क पजित और ईसाइयो क पारी सगमजलत ह चप रह तो जसदध हो िाएगा जक यद सब लोग झठ ह और एक जन आनद वाला ह जक काजयान सयम क समान चमक कर जखा दगा जक वह एक सचद का सथान ह अनत म जमया शसदीन साजहब को या रह जक आपनद िो अपनद जवजापन म आयत

(अननल - 63) مضطر ن یجیب ال ام

जलखी ह और इस सद आ की सवीकाररता की आशा की ह यह आशा सही नही ह कयोजक खा क कलाम म शब مضطر सद अजभरिाय वद हाजन-पीजडत ह िो कवल आजमायश क तौर पर हाजन-पीजडत हो न जक णि क तौर पर परनत िो लोग णि क तौर पर जकसी हाजन सद जनरनतर गरसत रहतद हो वद इस आयत क चररताथम नही ह अनयथा अजनवायम होता ह जक नह की कौम और लत की कौम

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दाफिउल बला

तथा जफरऔन की कौम इतयाज की आए उस आतरता (इजतरार) क समय म सवीकार की िाती परनत ऐसा नही हआ और खा क हाथ नद उन कौमो को मार जया और यज जमया शसदीन कह जक जिर उन क यथायोय कौन सी आयत ह तो हम कहतद ह जक यह आयत यथायोय ह(अलमोजमन-51) کفرین ال ف ضلل

وما دعـؤا ال

चजक सभावना ह जक कछ मबजदध सवभाव वालद लोग इस जवजापन का मल उददशय समझनद म गलती खाए इस जलए हम पनः अपनद बलानद क कततमवय को अजभवयति कर दतद ह और वह यह ह जक यह ताऊन िो दश म िल रही ह जकसी अनय कारण सद नही अजपत एक ही कारण ह और वह यह जक लोगो नद खा क उस मौऊ क माननद सद इनकार जकया ह िो समसत नजबयो की भजवषयवाणी क अनसार ससार क सातव हजार म रिकट हआ ह तथा लोगो नद न कवल इनकार जकया अजपत खा क इस मसीह को गाजलया ी काजफर कहा और कतल करना चाहा और िो कछ चाहा उस सद जकया इसजलए खा क सवाजभमान नद चाहा जक उनकी इस घषटता असभयता पर उन पर चदतावनी उतार और खा नद पहलद पजवतर लदखो म खबर ी थी जक लोगो क इनकार क कारण उन जनो म िब मसीह रिकट होगा दश म भयकर ताऊन पडगी इसजलए अवशय था जक ताऊन पडती और ताऊन का नाम ताऊन इसजलए रखा गया ह जक यह ताअन (कटाक) करनद वालो का उततर ह और बनी इसाईल म हमदशा ताअन क समय म ही पडती थी और ताऊन क अरबी शबकोश म अथम ह बहत ताअन (कटाक) करनद वाला यह इस

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दाफिउल बला

बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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दाफिउल बला

नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 20: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

वद अपनद घरो म ऐसद सो िाएगद िसा जक एक ऊट मरा रह िाता ह हम उनको अपनद जनशान पहलद तो र-र क लोगो म जखाएगद और जिर सवय उनही म हमार जनशान रिकट होगद मनद तझ सद एक कय-जवकय जकया ह अथामत एक वसत मदरी थी त उसका माजलक बनाया गया और एक वसत तदरी थी जिस का म माजलक बन गया त भी उस कय-जवकय का इकरार कर और कह द जक खा नद मझ सद कय-जवकय जकया त मझ सद ऐसा ह िसा जक सनतान त मझ म सद ह और म तझ म सद ह वह समय समीप ह जक म तझद ऐसद मकाम पर खडा करगा जक ससार तदरी रिशसा और यशोगान करगा शदषठता तदर साथ ह और अधमता तदर शतरओ क साथ अतः सबर कर यहा तक जक वाद का जन आ िाए ताऊन पर एक ऐसा समय भी आनद वाला ह जक उसम कोई भी जगरफतार नही होगा अथामत अनततः भलाई और कशलता ह6

6हाशिया - पयामपत समय हआ जक इस सद पहलद खा नद मझद ताऊन क बार म सर की कहानी क तौर पर यह खबर ी थी یــا مســیح عدوانــا परनत आि 21 अरिल 1902 ई ह उसी इलहाम को पनः इस रिकार फरमाया गया یــا مســیح الخلــق عدوانالــن تــری مــن بعــد مرادنــا و فســادنا अथामत ह खा क मसीह िो मखलक की ओर भदिा गया हमारी शीघर खबर लद और हम अपनी जसफाररश सद बचा त इसक बा हमार पापी ततवो को नही दखदगा और न हमारा उपदरव कछ शदर रहगा अथामत हम सीधद हो िाएगद और गाजलया बकना तथा अपशब जनकालना छोड गद यह खा का कलाम बराहीन अहमजया क उस इलहाम क अनसार ह जक अगनतम जनो म हम लोगो पर ताऊन भदिगद िसा जक फरमाया- ــا عــل یوســف لنصــرف عنــہ الســوء والفحشــاء کذلــک مننअथामत हम ताऊन क साथ इस यसफ पर यह उपकार करगद जक गाजलया दनद वालद लोगो का मह बन कर गद ताजक वद िरकर गाजलयो सद रक िाए उनही जनो

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दाफिउल बला

अब इस सपणम वही सद तीन बात जसदध हई ह ndash(1) रिथम यह जक ताऊन ससार म इसजलए आई ह जक खा

क मसीह मौऊ सद न कवल इनकार जकया गया अजपत उसद ःख जया गया उसको कतल करनद क जलए योिनाए बनाई गई उसका नाम काजफर और जाल रखा गया तो खा नद न चाहा जक अपनद रसल को जबना गवाही क छोड द इसजलए उस नद आकाश और पथवी ोनो को उसकी सचाई का गवाह बना जया आकाश नद चनदर गरहण और सयम-गरहण सद गवाही ी िो रमजान म हए और पथवी नद ताऊन क साथ गवाही ी ताजक खा का वह कलाम परा हो िो बराहीन अहमजया म ह और वह यह ह ndash

قل عندی شھادۃ من اہلل فھل انتم تومنون قل عندی شھادۃمن اہلل فھل انتم تسلمون

अथामत मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम ईमान लाओगद या नही और म पनः कहता ह जक मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम सवीकार करोगद या नही पहली गवाही सद अजभरिाय आकाश की गवाही ह जिसम कोई िबर नही इसजलए इस म تو منون का शब रियोग जकया गया और सरी गवाही पथवी की ह अथामत ताऊन की जिसम िबर मौि ह जक भय दकर इस िमाअत म ाजखल करती ह इसजलए इसम تسلمون का शब रियोग जकया गयािष हाशिया - क बार म खा का यह कलाम ह जिसम जमीन क कलाम सद मझद सचना ी गई और वह यह ह- یــاول اہلل کنــت ل اعرفــکअथामत ह खा क वली म इस सद पहलद तझद नही पहचानती थी इसका जववरण यह ह जक कशफी तौर पर जमीन मददर सामनद की गई और उसनद यह कलाम जकया जक म अब तक तझद नही पहचानती थी जक त रहमान खा का वली ह इसी सद

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दाफिउल बला

(2) जदतीय बात िो इस वही सद जसदध हई वह यह ह जक यह ताऊन इस हालत म कम होगी जक िब लोग खा क चनद हए को सवीकार कर लगद और कम सद कम यह जक शरारत कषट दनद और गाली दनद सद रक िाएगद कयोजक बराहीन अहमजया म खा तआला फरमाता ह ndash जक म अगनतम जनो म ताऊन भदिगा ताजक म उन पाजपयो और षटो का मह बन कर िो मदर रसल को गाजलया दतद ह असल बात यह ह जक कवल इनकार इस बात का कारण नही हो ताजक एक रसल क इनकार सद ससार म कोई तबाही भदिी िाए अजपत यज लोग शालीनता और सभयतापवमक खा क रसलो का इनकार कर और अतयाचार तथा गाजलया न तो उनका णि कयामत म जनधामररत ह और ससार म रसलो की सहायता म जितना सकामक रोग भदिा गया ह वह कवल इनकार सद नही अजपत बराइयो का णि ह इसी रिकार अब भी िब लोग गाजलया अतयाचार अनयाय और अपनद पापो सद रक िाएगद और उनम सशील लोगो िसा वयवहार पा हो िाएगा तब यह चदतावनी समापत कर ी िाएगी परनत इस अवसर पर बहत सद भायशाली लोग खा क रसल को सवीकार कर लगद और आकाशीय बरकतो सद भाग लगद और पथवी भायशाजलयो सद भर िाएगी

(3) ततीय बात िो इस वही सद जसदध हई ह वह यह ह जक खा तआला बहरहाल िब तक जक ताऊन ससार म रह यदयजप सततर वरम तक रह काजयान को उसकी भयकर तबाही सद सरजकत रखदगा कयोजक यह उसक रसल का कनदर ह और यह समसत उमतो क जलए जनशान ह

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दाफिउल बला

अब यज खा तआला क इस रसल और इस जनशान सद जकसी को इनकार हआ और खयाल हो जक कवल रसमी नमाजो और आओ सद या मसीह की इबात (उपासना) सद या गाय क कारण या वदो क ईमान सद जवरोध शमनी और इस रसल की अवजा क बावि ताऊन र हो सकती ह तो यह जवचार जबना सबत सवीकार करनद योय नही तो िो वयगति इन समसत सरिायो म सद अपनद धमम की सचाई का सबत दना चाहता ह तो अब बहत उततम अवसर ह िसद खा की ओर सद समसत धममो की सचाई या झठ को पहचाननद क जलए एक रिशमनी सथल जनधामररत जकया गया ह और खा नद सवमरिथम अपनी ओर सद पहलद काजयान का नाम लद जया ह अब यज आयम लोग वद को सचा समझतद ह तो उनको चाजहए जक बनारस क बार म िो वद क पढानद का मल सथान ह एक भजवषयवाणी कर जक उनका परमदशर बनारस को ताऊन सद बचा लदगा और सनातन धमम वालो को चाजहए जक जकसी ऐसद शहर क बार म जिसम गाए बहत हो उाहरणतया अमतसर क बार म भजवषयवाणी कर जक गायो क कारण उसम ताऊन नही आएगी यज गाय अपना इतना चमतकार जखा द तो कछ आचियम नही जक इस चमतकारी िानवर क रिाणो को सरकार बचा द इसी रिकार ईसाइयो को चाजहए जक कलकतता क बार म भजवषयवाणी कर जक उसम ताऊन नही पडगी कयोजक जबरजटश भारत का बडा जबशप कलकतता म रहता ह इसी रिकार जमया शसदीन और उनकी अिमन जहमायत-ए-इसलाम क ससयो को चाजहए जक लाहौर क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगा और मशी इलाही बखश एकाउनटणट िो इलहाम का ावा

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दाफिउल बला

करतद ह उनक जलए भी यही अवसर ह जक अपनद इलहाम सद लाहौर क बार म भजवषयवाणी करक अिमन जहमायत-ए-इसलाम को म और उजचत ह जक अबल िबबार और अबल हक अमतसर शहर क बार म भजवषयवाणी कर और चजक वहाबी सरिाय की असल िड जली ह इजसलए उजचत ह जक नजीर हसन और महम हसन जली क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगी तो इस रिकार सद िसद समसत पिाब इस घातक रोग सद सरजकत हो िाएगा और सरकार को भी मफत म ाजयतव सद जनवजतत हो िाएगी और यज लोगो नद ऐसा न जकया तो जिर यही समझा िाएगा जक सचा खा वही खा ह जिसनद काजयान म अपना रसल भदिा

और अनततः समरण रह जक यज यद सब लोग जिन म मसलमानो क मलहम और आयमो क पजित और ईसाइयो क पारी सगमजलत ह चप रह तो जसदध हो िाएगा जक यद सब लोग झठ ह और एक जन आनद वाला ह जक काजयान सयम क समान चमक कर जखा दगा जक वह एक सचद का सथान ह अनत म जमया शसदीन साजहब को या रह जक आपनद िो अपनद जवजापन म आयत

(अननल - 63) مضطر ن یجیب ال ام

जलखी ह और इस सद आ की सवीकाररता की आशा की ह यह आशा सही नही ह कयोजक खा क कलाम म शब مضطر सद अजभरिाय वद हाजन-पीजडत ह िो कवल आजमायश क तौर पर हाजन-पीजडत हो न जक णि क तौर पर परनत िो लोग णि क तौर पर जकसी हाजन सद जनरनतर गरसत रहतद हो वद इस आयत क चररताथम नही ह अनयथा अजनवायम होता ह जक नह की कौम और लत की कौम

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दाफिउल बला

तथा जफरऔन की कौम इतयाज की आए उस आतरता (इजतरार) क समय म सवीकार की िाती परनत ऐसा नही हआ और खा क हाथ नद उन कौमो को मार जया और यज जमया शसदीन कह जक जिर उन क यथायोय कौन सी आयत ह तो हम कहतद ह जक यह आयत यथायोय ह(अलमोजमन-51) کفرین ال ف ضلل

وما دعـؤا ال

चजक सभावना ह जक कछ मबजदध सवभाव वालद लोग इस जवजापन का मल उददशय समझनद म गलती खाए इस जलए हम पनः अपनद बलानद क कततमवय को अजभवयति कर दतद ह और वह यह ह जक यह ताऊन िो दश म िल रही ह जकसी अनय कारण सद नही अजपत एक ही कारण ह और वह यह जक लोगो नद खा क उस मौऊ क माननद सद इनकार जकया ह िो समसत नजबयो की भजवषयवाणी क अनसार ससार क सातव हजार म रिकट हआ ह तथा लोगो नद न कवल इनकार जकया अजपत खा क इस मसीह को गाजलया ी काजफर कहा और कतल करना चाहा और िो कछ चाहा उस सद जकया इसजलए खा क सवाजभमान नद चाहा जक उनकी इस घषटता असभयता पर उन पर चदतावनी उतार और खा नद पहलद पजवतर लदखो म खबर ी थी जक लोगो क इनकार क कारण उन जनो म िब मसीह रिकट होगा दश म भयकर ताऊन पडगी इसजलए अवशय था जक ताऊन पडती और ताऊन का नाम ताऊन इसजलए रखा गया ह जक यह ताअन (कटाक) करनद वालो का उततर ह और बनी इसाईल म हमदशा ताअन क समय म ही पडती थी और ताऊन क अरबी शबकोश म अथम ह बहत ताअन (कटाक) करनद वाला यह इस

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दाफिउल बला

बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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दाफिउल बला

नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 21: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

अब इस सपणम वही सद तीन बात जसदध हई ह ndash(1) रिथम यह जक ताऊन ससार म इसजलए आई ह जक खा

क मसीह मौऊ सद न कवल इनकार जकया गया अजपत उसद ःख जया गया उसको कतल करनद क जलए योिनाए बनाई गई उसका नाम काजफर और जाल रखा गया तो खा नद न चाहा जक अपनद रसल को जबना गवाही क छोड द इसजलए उस नद आकाश और पथवी ोनो को उसकी सचाई का गवाह बना जया आकाश नद चनदर गरहण और सयम-गरहण सद गवाही ी िो रमजान म हए और पथवी नद ताऊन क साथ गवाही ी ताजक खा का वह कलाम परा हो िो बराहीन अहमजया म ह और वह यह ह ndash

قل عندی شھادۃ من اہلل فھل انتم تومنون قل عندی شھادۃمن اہلل فھل انتم تسلمون

अथामत मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम ईमान लाओगद या नही और म पनः कहता ह जक मदर पास खा की गवाही ह तो कया तम सवीकार करोगद या नही पहली गवाही सद अजभरिाय आकाश की गवाही ह जिसम कोई िबर नही इसजलए इस म تو منون का शब रियोग जकया गया और सरी गवाही पथवी की ह अथामत ताऊन की जिसम िबर मौि ह जक भय दकर इस िमाअत म ाजखल करती ह इसजलए इसम تسلمون का शब रियोग जकया गयािष हाशिया - क बार म खा का यह कलाम ह जिसम जमीन क कलाम सद मझद सचना ी गई और वह यह ह- یــاول اہلل کنــت ل اعرفــکअथामत ह खा क वली म इस सद पहलद तझद नही पहचानती थी इसका जववरण यह ह जक कशफी तौर पर जमीन मददर सामनद की गई और उसनद यह कलाम जकया जक म अब तक तझद नही पहचानती थी जक त रहमान खा का वली ह इसी सद

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दाफिउल बला

(2) जदतीय बात िो इस वही सद जसदध हई वह यह ह जक यह ताऊन इस हालत म कम होगी जक िब लोग खा क चनद हए को सवीकार कर लगद और कम सद कम यह जक शरारत कषट दनद और गाली दनद सद रक िाएगद कयोजक बराहीन अहमजया म खा तआला फरमाता ह ndash जक म अगनतम जनो म ताऊन भदिगा ताजक म उन पाजपयो और षटो का मह बन कर िो मदर रसल को गाजलया दतद ह असल बात यह ह जक कवल इनकार इस बात का कारण नही हो ताजक एक रसल क इनकार सद ससार म कोई तबाही भदिी िाए अजपत यज लोग शालीनता और सभयतापवमक खा क रसलो का इनकार कर और अतयाचार तथा गाजलया न तो उनका णि कयामत म जनधामररत ह और ससार म रसलो की सहायता म जितना सकामक रोग भदिा गया ह वह कवल इनकार सद नही अजपत बराइयो का णि ह इसी रिकार अब भी िब लोग गाजलया अतयाचार अनयाय और अपनद पापो सद रक िाएगद और उनम सशील लोगो िसा वयवहार पा हो िाएगा तब यह चदतावनी समापत कर ी िाएगी परनत इस अवसर पर बहत सद भायशाली लोग खा क रसल को सवीकार कर लगद और आकाशीय बरकतो सद भाग लगद और पथवी भायशाजलयो सद भर िाएगी

(3) ततीय बात िो इस वही सद जसदध हई ह वह यह ह जक खा तआला बहरहाल िब तक जक ताऊन ससार म रह यदयजप सततर वरम तक रह काजयान को उसकी भयकर तबाही सद सरजकत रखदगा कयोजक यह उसक रसल का कनदर ह और यह समसत उमतो क जलए जनशान ह

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दाफिउल बला

अब यज खा तआला क इस रसल और इस जनशान सद जकसी को इनकार हआ और खयाल हो जक कवल रसमी नमाजो और आओ सद या मसीह की इबात (उपासना) सद या गाय क कारण या वदो क ईमान सद जवरोध शमनी और इस रसल की अवजा क बावि ताऊन र हो सकती ह तो यह जवचार जबना सबत सवीकार करनद योय नही तो िो वयगति इन समसत सरिायो म सद अपनद धमम की सचाई का सबत दना चाहता ह तो अब बहत उततम अवसर ह िसद खा की ओर सद समसत धममो की सचाई या झठ को पहचाननद क जलए एक रिशमनी सथल जनधामररत जकया गया ह और खा नद सवमरिथम अपनी ओर सद पहलद काजयान का नाम लद जया ह अब यज आयम लोग वद को सचा समझतद ह तो उनको चाजहए जक बनारस क बार म िो वद क पढानद का मल सथान ह एक भजवषयवाणी कर जक उनका परमदशर बनारस को ताऊन सद बचा लदगा और सनातन धमम वालो को चाजहए जक जकसी ऐसद शहर क बार म जिसम गाए बहत हो उाहरणतया अमतसर क बार म भजवषयवाणी कर जक गायो क कारण उसम ताऊन नही आएगी यज गाय अपना इतना चमतकार जखा द तो कछ आचियम नही जक इस चमतकारी िानवर क रिाणो को सरकार बचा द इसी रिकार ईसाइयो को चाजहए जक कलकतता क बार म भजवषयवाणी कर जक उसम ताऊन नही पडगी कयोजक जबरजटश भारत का बडा जबशप कलकतता म रहता ह इसी रिकार जमया शसदीन और उनकी अिमन जहमायत-ए-इसलाम क ससयो को चाजहए जक लाहौर क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगा और मशी इलाही बखश एकाउनटणट िो इलहाम का ावा

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दाफिउल बला

करतद ह उनक जलए भी यही अवसर ह जक अपनद इलहाम सद लाहौर क बार म भजवषयवाणी करक अिमन जहमायत-ए-इसलाम को म और उजचत ह जक अबल िबबार और अबल हक अमतसर शहर क बार म भजवषयवाणी कर और चजक वहाबी सरिाय की असल िड जली ह इजसलए उजचत ह जक नजीर हसन और महम हसन जली क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगी तो इस रिकार सद िसद समसत पिाब इस घातक रोग सद सरजकत हो िाएगा और सरकार को भी मफत म ाजयतव सद जनवजतत हो िाएगी और यज लोगो नद ऐसा न जकया तो जिर यही समझा िाएगा जक सचा खा वही खा ह जिसनद काजयान म अपना रसल भदिा

और अनततः समरण रह जक यज यद सब लोग जिन म मसलमानो क मलहम और आयमो क पजित और ईसाइयो क पारी सगमजलत ह चप रह तो जसदध हो िाएगा जक यद सब लोग झठ ह और एक जन आनद वाला ह जक काजयान सयम क समान चमक कर जखा दगा जक वह एक सचद का सथान ह अनत म जमया शसदीन साजहब को या रह जक आपनद िो अपनद जवजापन म आयत

(अननल - 63) مضطر ن یجیب ال ام

जलखी ह और इस सद आ की सवीकाररता की आशा की ह यह आशा सही नही ह कयोजक खा क कलाम म शब مضطر सद अजभरिाय वद हाजन-पीजडत ह िो कवल आजमायश क तौर पर हाजन-पीजडत हो न जक णि क तौर पर परनत िो लोग णि क तौर पर जकसी हाजन सद जनरनतर गरसत रहतद हो वद इस आयत क चररताथम नही ह अनयथा अजनवायम होता ह जक नह की कौम और लत की कौम

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दाफिउल बला

तथा जफरऔन की कौम इतयाज की आए उस आतरता (इजतरार) क समय म सवीकार की िाती परनत ऐसा नही हआ और खा क हाथ नद उन कौमो को मार जया और यज जमया शसदीन कह जक जिर उन क यथायोय कौन सी आयत ह तो हम कहतद ह जक यह आयत यथायोय ह(अलमोजमन-51) کفرین ال ف ضلل

وما دعـؤا ال

चजक सभावना ह जक कछ मबजदध सवभाव वालद लोग इस जवजापन का मल उददशय समझनद म गलती खाए इस जलए हम पनः अपनद बलानद क कततमवय को अजभवयति कर दतद ह और वह यह ह जक यह ताऊन िो दश म िल रही ह जकसी अनय कारण सद नही अजपत एक ही कारण ह और वह यह जक लोगो नद खा क उस मौऊ क माननद सद इनकार जकया ह िो समसत नजबयो की भजवषयवाणी क अनसार ससार क सातव हजार म रिकट हआ ह तथा लोगो नद न कवल इनकार जकया अजपत खा क इस मसीह को गाजलया ी काजफर कहा और कतल करना चाहा और िो कछ चाहा उस सद जकया इसजलए खा क सवाजभमान नद चाहा जक उनकी इस घषटता असभयता पर उन पर चदतावनी उतार और खा नद पहलद पजवतर लदखो म खबर ी थी जक लोगो क इनकार क कारण उन जनो म िब मसीह रिकट होगा दश म भयकर ताऊन पडगी इसजलए अवशय था जक ताऊन पडती और ताऊन का नाम ताऊन इसजलए रखा गया ह जक यह ताअन (कटाक) करनद वालो का उततर ह और बनी इसाईल म हमदशा ताअन क समय म ही पडती थी और ताऊन क अरबी शबकोश म अथम ह बहत ताअन (कटाक) करनद वाला यह इस

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दाफिउल बला

बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 22: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

(2) जदतीय बात िो इस वही सद जसदध हई वह यह ह जक यह ताऊन इस हालत म कम होगी जक िब लोग खा क चनद हए को सवीकार कर लगद और कम सद कम यह जक शरारत कषट दनद और गाली दनद सद रक िाएगद कयोजक बराहीन अहमजया म खा तआला फरमाता ह ndash जक म अगनतम जनो म ताऊन भदिगा ताजक म उन पाजपयो और षटो का मह बन कर िो मदर रसल को गाजलया दतद ह असल बात यह ह जक कवल इनकार इस बात का कारण नही हो ताजक एक रसल क इनकार सद ससार म कोई तबाही भदिी िाए अजपत यज लोग शालीनता और सभयतापवमक खा क रसलो का इनकार कर और अतयाचार तथा गाजलया न तो उनका णि कयामत म जनधामररत ह और ससार म रसलो की सहायता म जितना सकामक रोग भदिा गया ह वह कवल इनकार सद नही अजपत बराइयो का णि ह इसी रिकार अब भी िब लोग गाजलया अतयाचार अनयाय और अपनद पापो सद रक िाएगद और उनम सशील लोगो िसा वयवहार पा हो िाएगा तब यह चदतावनी समापत कर ी िाएगी परनत इस अवसर पर बहत सद भायशाली लोग खा क रसल को सवीकार कर लगद और आकाशीय बरकतो सद भाग लगद और पथवी भायशाजलयो सद भर िाएगी

(3) ततीय बात िो इस वही सद जसदध हई ह वह यह ह जक खा तआला बहरहाल िब तक जक ताऊन ससार म रह यदयजप सततर वरम तक रह काजयान को उसकी भयकर तबाही सद सरजकत रखदगा कयोजक यह उसक रसल का कनदर ह और यह समसत उमतो क जलए जनशान ह

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दाफिउल बला

अब यज खा तआला क इस रसल और इस जनशान सद जकसी को इनकार हआ और खयाल हो जक कवल रसमी नमाजो और आओ सद या मसीह की इबात (उपासना) सद या गाय क कारण या वदो क ईमान सद जवरोध शमनी और इस रसल की अवजा क बावि ताऊन र हो सकती ह तो यह जवचार जबना सबत सवीकार करनद योय नही तो िो वयगति इन समसत सरिायो म सद अपनद धमम की सचाई का सबत दना चाहता ह तो अब बहत उततम अवसर ह िसद खा की ओर सद समसत धममो की सचाई या झठ को पहचाननद क जलए एक रिशमनी सथल जनधामररत जकया गया ह और खा नद सवमरिथम अपनी ओर सद पहलद काजयान का नाम लद जया ह अब यज आयम लोग वद को सचा समझतद ह तो उनको चाजहए जक बनारस क बार म िो वद क पढानद का मल सथान ह एक भजवषयवाणी कर जक उनका परमदशर बनारस को ताऊन सद बचा लदगा और सनातन धमम वालो को चाजहए जक जकसी ऐसद शहर क बार म जिसम गाए बहत हो उाहरणतया अमतसर क बार म भजवषयवाणी कर जक गायो क कारण उसम ताऊन नही आएगी यज गाय अपना इतना चमतकार जखा द तो कछ आचियम नही जक इस चमतकारी िानवर क रिाणो को सरकार बचा द इसी रिकार ईसाइयो को चाजहए जक कलकतता क बार म भजवषयवाणी कर जक उसम ताऊन नही पडगी कयोजक जबरजटश भारत का बडा जबशप कलकतता म रहता ह इसी रिकार जमया शसदीन और उनकी अिमन जहमायत-ए-इसलाम क ससयो को चाजहए जक लाहौर क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगा और मशी इलाही बखश एकाउनटणट िो इलहाम का ावा

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दाफिउल बला

करतद ह उनक जलए भी यही अवसर ह जक अपनद इलहाम सद लाहौर क बार म भजवषयवाणी करक अिमन जहमायत-ए-इसलाम को म और उजचत ह जक अबल िबबार और अबल हक अमतसर शहर क बार म भजवषयवाणी कर और चजक वहाबी सरिाय की असल िड जली ह इजसलए उजचत ह जक नजीर हसन और महम हसन जली क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगी तो इस रिकार सद िसद समसत पिाब इस घातक रोग सद सरजकत हो िाएगा और सरकार को भी मफत म ाजयतव सद जनवजतत हो िाएगी और यज लोगो नद ऐसा न जकया तो जिर यही समझा िाएगा जक सचा खा वही खा ह जिसनद काजयान म अपना रसल भदिा

और अनततः समरण रह जक यज यद सब लोग जिन म मसलमानो क मलहम और आयमो क पजित और ईसाइयो क पारी सगमजलत ह चप रह तो जसदध हो िाएगा जक यद सब लोग झठ ह और एक जन आनद वाला ह जक काजयान सयम क समान चमक कर जखा दगा जक वह एक सचद का सथान ह अनत म जमया शसदीन साजहब को या रह जक आपनद िो अपनद जवजापन म आयत

(अननल - 63) مضطر ن یجیب ال ام

जलखी ह और इस सद आ की सवीकाररता की आशा की ह यह आशा सही नही ह कयोजक खा क कलाम म शब مضطر सद अजभरिाय वद हाजन-पीजडत ह िो कवल आजमायश क तौर पर हाजन-पीजडत हो न जक णि क तौर पर परनत िो लोग णि क तौर पर जकसी हाजन सद जनरनतर गरसत रहतद हो वद इस आयत क चररताथम नही ह अनयथा अजनवायम होता ह जक नह की कौम और लत की कौम

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दाफिउल बला

तथा जफरऔन की कौम इतयाज की आए उस आतरता (इजतरार) क समय म सवीकार की िाती परनत ऐसा नही हआ और खा क हाथ नद उन कौमो को मार जया और यज जमया शसदीन कह जक जिर उन क यथायोय कौन सी आयत ह तो हम कहतद ह जक यह आयत यथायोय ह(अलमोजमन-51) کفرین ال ف ضلل

وما دعـؤا ال

चजक सभावना ह जक कछ मबजदध सवभाव वालद लोग इस जवजापन का मल उददशय समझनद म गलती खाए इस जलए हम पनः अपनद बलानद क कततमवय को अजभवयति कर दतद ह और वह यह ह जक यह ताऊन िो दश म िल रही ह जकसी अनय कारण सद नही अजपत एक ही कारण ह और वह यह जक लोगो नद खा क उस मौऊ क माननद सद इनकार जकया ह िो समसत नजबयो की भजवषयवाणी क अनसार ससार क सातव हजार म रिकट हआ ह तथा लोगो नद न कवल इनकार जकया अजपत खा क इस मसीह को गाजलया ी काजफर कहा और कतल करना चाहा और िो कछ चाहा उस सद जकया इसजलए खा क सवाजभमान नद चाहा जक उनकी इस घषटता असभयता पर उन पर चदतावनी उतार और खा नद पहलद पजवतर लदखो म खबर ी थी जक लोगो क इनकार क कारण उन जनो म िब मसीह रिकट होगा दश म भयकर ताऊन पडगी इसजलए अवशय था जक ताऊन पडती और ताऊन का नाम ताऊन इसजलए रखा गया ह जक यह ताअन (कटाक) करनद वालो का उततर ह और बनी इसाईल म हमदशा ताअन क समय म ही पडती थी और ताऊन क अरबी शबकोश म अथम ह बहत ताअन (कटाक) करनद वाला यह इस

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दाफिउल बला

बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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दाफिउल बला

नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 23: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

अब यज खा तआला क इस रसल और इस जनशान सद जकसी को इनकार हआ और खयाल हो जक कवल रसमी नमाजो और आओ सद या मसीह की इबात (उपासना) सद या गाय क कारण या वदो क ईमान सद जवरोध शमनी और इस रसल की अवजा क बावि ताऊन र हो सकती ह तो यह जवचार जबना सबत सवीकार करनद योय नही तो िो वयगति इन समसत सरिायो म सद अपनद धमम की सचाई का सबत दना चाहता ह तो अब बहत उततम अवसर ह िसद खा की ओर सद समसत धममो की सचाई या झठ को पहचाननद क जलए एक रिशमनी सथल जनधामररत जकया गया ह और खा नद सवमरिथम अपनी ओर सद पहलद काजयान का नाम लद जया ह अब यज आयम लोग वद को सचा समझतद ह तो उनको चाजहए जक बनारस क बार म िो वद क पढानद का मल सथान ह एक भजवषयवाणी कर जक उनका परमदशर बनारस को ताऊन सद बचा लदगा और सनातन धमम वालो को चाजहए जक जकसी ऐसद शहर क बार म जिसम गाए बहत हो उाहरणतया अमतसर क बार म भजवषयवाणी कर जक गायो क कारण उसम ताऊन नही आएगी यज गाय अपना इतना चमतकार जखा द तो कछ आचियम नही जक इस चमतकारी िानवर क रिाणो को सरकार बचा द इसी रिकार ईसाइयो को चाजहए जक कलकतता क बार म भजवषयवाणी कर जक उसम ताऊन नही पडगी कयोजक जबरजटश भारत का बडा जबशप कलकतता म रहता ह इसी रिकार जमया शसदीन और उनकी अिमन जहमायत-ए-इसलाम क ससयो को चाजहए जक लाहौर क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगा और मशी इलाही बखश एकाउनटणट िो इलहाम का ावा

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दाफिउल बला

करतद ह उनक जलए भी यही अवसर ह जक अपनद इलहाम सद लाहौर क बार म भजवषयवाणी करक अिमन जहमायत-ए-इसलाम को म और उजचत ह जक अबल िबबार और अबल हक अमतसर शहर क बार म भजवषयवाणी कर और चजक वहाबी सरिाय की असल िड जली ह इजसलए उजचत ह जक नजीर हसन और महम हसन जली क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगी तो इस रिकार सद िसद समसत पिाब इस घातक रोग सद सरजकत हो िाएगा और सरकार को भी मफत म ाजयतव सद जनवजतत हो िाएगी और यज लोगो नद ऐसा न जकया तो जिर यही समझा िाएगा जक सचा खा वही खा ह जिसनद काजयान म अपना रसल भदिा

और अनततः समरण रह जक यज यद सब लोग जिन म मसलमानो क मलहम और आयमो क पजित और ईसाइयो क पारी सगमजलत ह चप रह तो जसदध हो िाएगा जक यद सब लोग झठ ह और एक जन आनद वाला ह जक काजयान सयम क समान चमक कर जखा दगा जक वह एक सचद का सथान ह अनत म जमया शसदीन साजहब को या रह जक आपनद िो अपनद जवजापन म आयत

(अननल - 63) مضطر ن یجیب ال ام

जलखी ह और इस सद आ की सवीकाररता की आशा की ह यह आशा सही नही ह कयोजक खा क कलाम म शब مضطر सद अजभरिाय वद हाजन-पीजडत ह िो कवल आजमायश क तौर पर हाजन-पीजडत हो न जक णि क तौर पर परनत िो लोग णि क तौर पर जकसी हाजन सद जनरनतर गरसत रहतद हो वद इस आयत क चररताथम नही ह अनयथा अजनवायम होता ह जक नह की कौम और लत की कौम

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दाफिउल बला

तथा जफरऔन की कौम इतयाज की आए उस आतरता (इजतरार) क समय म सवीकार की िाती परनत ऐसा नही हआ और खा क हाथ नद उन कौमो को मार जया और यज जमया शसदीन कह जक जिर उन क यथायोय कौन सी आयत ह तो हम कहतद ह जक यह आयत यथायोय ह(अलमोजमन-51) کفرین ال ف ضلل

وما دعـؤا ال

चजक सभावना ह जक कछ मबजदध सवभाव वालद लोग इस जवजापन का मल उददशय समझनद म गलती खाए इस जलए हम पनः अपनद बलानद क कततमवय को अजभवयति कर दतद ह और वह यह ह जक यह ताऊन िो दश म िल रही ह जकसी अनय कारण सद नही अजपत एक ही कारण ह और वह यह जक लोगो नद खा क उस मौऊ क माननद सद इनकार जकया ह िो समसत नजबयो की भजवषयवाणी क अनसार ससार क सातव हजार म रिकट हआ ह तथा लोगो नद न कवल इनकार जकया अजपत खा क इस मसीह को गाजलया ी काजफर कहा और कतल करना चाहा और िो कछ चाहा उस सद जकया इसजलए खा क सवाजभमान नद चाहा जक उनकी इस घषटता असभयता पर उन पर चदतावनी उतार और खा नद पहलद पजवतर लदखो म खबर ी थी जक लोगो क इनकार क कारण उन जनो म िब मसीह रिकट होगा दश म भयकर ताऊन पडगी इसजलए अवशय था जक ताऊन पडती और ताऊन का नाम ताऊन इसजलए रखा गया ह जक यह ताअन (कटाक) करनद वालो का उततर ह और बनी इसाईल म हमदशा ताअन क समय म ही पडती थी और ताऊन क अरबी शबकोश म अथम ह बहत ताअन (कटाक) करनद वाला यह इस

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दाफिउल बला

बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 24: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

करतद ह उनक जलए भी यही अवसर ह जक अपनद इलहाम सद लाहौर क बार म भजवषयवाणी करक अिमन जहमायत-ए-इसलाम को म और उजचत ह जक अबल िबबार और अबल हक अमतसर शहर क बार म भजवषयवाणी कर और चजक वहाबी सरिाय की असल िड जली ह इजसलए उजचत ह जक नजीर हसन और महम हसन जली क बार म भजवषयवाणी कर जक वह ताऊन सद सरजकत रहगी तो इस रिकार सद िसद समसत पिाब इस घातक रोग सद सरजकत हो िाएगा और सरकार को भी मफत म ाजयतव सद जनवजतत हो िाएगी और यज लोगो नद ऐसा न जकया तो जिर यही समझा िाएगा जक सचा खा वही खा ह जिसनद काजयान म अपना रसल भदिा

और अनततः समरण रह जक यज यद सब लोग जिन म मसलमानो क मलहम और आयमो क पजित और ईसाइयो क पारी सगमजलत ह चप रह तो जसदध हो िाएगा जक यद सब लोग झठ ह और एक जन आनद वाला ह जक काजयान सयम क समान चमक कर जखा दगा जक वह एक सचद का सथान ह अनत म जमया शसदीन साजहब को या रह जक आपनद िो अपनद जवजापन म आयत

(अननल - 63) مضطر ن یجیب ال ام

जलखी ह और इस सद आ की सवीकाररता की आशा की ह यह आशा सही नही ह कयोजक खा क कलाम म शब مضطر सद अजभरिाय वद हाजन-पीजडत ह िो कवल आजमायश क तौर पर हाजन-पीजडत हो न जक णि क तौर पर परनत िो लोग णि क तौर पर जकसी हाजन सद जनरनतर गरसत रहतद हो वद इस आयत क चररताथम नही ह अनयथा अजनवायम होता ह जक नह की कौम और लत की कौम

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दाफिउल बला

तथा जफरऔन की कौम इतयाज की आए उस आतरता (इजतरार) क समय म सवीकार की िाती परनत ऐसा नही हआ और खा क हाथ नद उन कौमो को मार जया और यज जमया शसदीन कह जक जिर उन क यथायोय कौन सी आयत ह तो हम कहतद ह जक यह आयत यथायोय ह(अलमोजमन-51) کفرین ال ف ضلل

وما دعـؤا ال

चजक सभावना ह जक कछ मबजदध सवभाव वालद लोग इस जवजापन का मल उददशय समझनद म गलती खाए इस जलए हम पनः अपनद बलानद क कततमवय को अजभवयति कर दतद ह और वह यह ह जक यह ताऊन िो दश म िल रही ह जकसी अनय कारण सद नही अजपत एक ही कारण ह और वह यह जक लोगो नद खा क उस मौऊ क माननद सद इनकार जकया ह िो समसत नजबयो की भजवषयवाणी क अनसार ससार क सातव हजार म रिकट हआ ह तथा लोगो नद न कवल इनकार जकया अजपत खा क इस मसीह को गाजलया ी काजफर कहा और कतल करना चाहा और िो कछ चाहा उस सद जकया इसजलए खा क सवाजभमान नद चाहा जक उनकी इस घषटता असभयता पर उन पर चदतावनी उतार और खा नद पहलद पजवतर लदखो म खबर ी थी जक लोगो क इनकार क कारण उन जनो म िब मसीह रिकट होगा दश म भयकर ताऊन पडगी इसजलए अवशय था जक ताऊन पडती और ताऊन का नाम ताऊन इसजलए रखा गया ह जक यह ताअन (कटाक) करनद वालो का उततर ह और बनी इसाईल म हमदशा ताअन क समय म ही पडती थी और ताऊन क अरबी शबकोश म अथम ह बहत ताअन (कटाक) करनद वाला यह इस

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दाफिउल बला

बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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दाफिउल बला

नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 25: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

तथा जफरऔन की कौम इतयाज की आए उस आतरता (इजतरार) क समय म सवीकार की िाती परनत ऐसा नही हआ और खा क हाथ नद उन कौमो को मार जया और यज जमया शसदीन कह जक जिर उन क यथायोय कौन सी आयत ह तो हम कहतद ह जक यह आयत यथायोय ह(अलमोजमन-51) کفرین ال ف ضلل

وما دعـؤا ال

चजक सभावना ह जक कछ मबजदध सवभाव वालद लोग इस जवजापन का मल उददशय समझनद म गलती खाए इस जलए हम पनः अपनद बलानद क कततमवय को अजभवयति कर दतद ह और वह यह ह जक यह ताऊन िो दश म िल रही ह जकसी अनय कारण सद नही अजपत एक ही कारण ह और वह यह जक लोगो नद खा क उस मौऊ क माननद सद इनकार जकया ह िो समसत नजबयो की भजवषयवाणी क अनसार ससार क सातव हजार म रिकट हआ ह तथा लोगो नद न कवल इनकार जकया अजपत खा क इस मसीह को गाजलया ी काजफर कहा और कतल करना चाहा और िो कछ चाहा उस सद जकया इसजलए खा क सवाजभमान नद चाहा जक उनकी इस घषटता असभयता पर उन पर चदतावनी उतार और खा नद पहलद पजवतर लदखो म खबर ी थी जक लोगो क इनकार क कारण उन जनो म िब मसीह रिकट होगा दश म भयकर ताऊन पडगी इसजलए अवशय था जक ताऊन पडती और ताऊन का नाम ताऊन इसजलए रखा गया ह जक यह ताअन (कटाक) करनद वालो का उततर ह और बनी इसाईल म हमदशा ताअन क समय म ही पडती थी और ताऊन क अरबी शबकोश म अथम ह बहत ताअन (कटाक) करनद वाला यह इस

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दाफिउल बला

बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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दाफिउल बला

नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 26: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

बात की ओर सकत ह जक यह ताऊन वयग और कटाक की रिारजभक हालत म नही पडती अजपत िब खा क मामर और मसमल को सीमा सद अजधक सताया िाता ह और अनार जकया िाता ह तो उस समय पडती ह इसजलए ह जरियिनो इसका इसक अजतररति कोई उपचार नही जक इस मसीह को सचद हय और जनषकपटतापवमक सवीकार कर जलया िाए यह तो जनगचित उपचार ह और इस सद जनचलद सतर का उपचार यह ह जक उसक इनकार सद मह बन कर जलया िाए और गाजलया दनद सद िीभ को रोका िाए और हय म उसकी रिजतषठा जबठाई िाए म सच-सच कहता ह जक वह समय आता ह अजपत करीब ह जक लोग यह कहतद हए जक عدوانا الخلق مسیح یا मदरी ओर ौडगद यह िो मनद वणमन जकया ह यह खा का कलाम ह इसक मायनद यद ह जक ह िो सगषट (मखलक) क जलए मसीह करक भदिा गया ह हमार इस घातक रोग क जलए जसिाररश कर तम जनगचित समझो जक आि तहार जलए इस मसीह क अजतररति अनय कोई जसफाररश (अनशसा) करनद वाला (शफीअ) नही बगलक इसकी जशफाअत आहजरत सललाह अलजह वसलम की ही जसफाररश (अनशसा) ह ह ईसाई जमशनररयो अब مسیح

मत कहो और ربناال

दखो जक आि तम म एक ह िो उस मसीह सद बढकर ह और ह जशया की कौम इस पर आगरह मत करो जक हसन तहारा मगति जलानद वाला ह कयोजक म सच-सच कहता ह जक आि तम म सद एक ह िो उस हसन सद बढ कर ह और अगर म अपनी ओर सद यह बात कहता ह तो म झठा ह परनत अगर म उसक साथ खा की गवाही रखता ह तो तम खा सद मकाबला मत करो ऐसा न हो जक तम उस सद लडनद

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दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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दाफिउल बला

नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 27: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

22

दाफिउल बला

वालद ठहरो अब मदरी ओर ौडो जक समय ह िो वयगति इस समय मदरी ओर ौडता ह म उसद इस सद उपमा दता ह जक िो ठीक तफान क समय िहाज पर बठ गया परनत िो वयगति मझद नही मानता म दख रहा ह जक वह सवय को तफान म िाल रहा ह और उसक पास बचनद का कोई सामान नही सचा शफीअ (अनशसक) म ह िो उस महान शफीअ (अनशसक) का रिजतजबब ह और उसका जजल जिसद इस यग क अनधो नद सवीकार न जकया और उसका बहत ही जतरसकार जकया अथामत हजरत महम मसतफा सललाह अलजह वसलम इसजलए खा नद इस गनाह का एक ही शब क साथ पाररयो सद बला लद जलया कयोजक ईसाई जमशनररयो नद ईसा इबनद मरयम को खा बनाया और हमार सगय-व-मौला वासतजवक शफीअ (अनशसक) को गाजलया ी और गाजलयो की पसतको सद पथवी को अपजवतर कर जया इसजलए उस मसीह क मकाबलद पर जिसका नाम खा रखा गया खा नद इस उमत म सद मसीह मौऊ भदिा िो उस पहलद मसीह सद अपनी सपणम शान म बहत बढकर ह और उसनद इस सर मसीह का नाम गलाम अहम रखा ताजक यह सकत हो जक ईसाइयो का मसीह कसा खा ह िो अहम क तचछ ास सद भी मकाबला नही कर सकता अथामत वह कसा मसीह ह िो अपनद साजनधय और अनशसा क प म अहम क गलाम (ास) सद भी बहत कम ह ह पयारो यह बात कोध करनद की नही यज इस अहम क गलाम को िो मसीह मौऊ करक भदिा गया ह तम उस पहलद मसीह सद महानतम नही समझतद और उसी को शफीअ और मगति जलानद वाला बतातद हो तो अब अपनद इस ावद

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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दाफिउल बला

नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 28: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

का सबत ो और िसा जक इस अहम क गलाम क बार म खा नद फरमाया-المقام لھلک لولالکرام القریۃ जिसक मायनद اوی यद ह जक खा नद उस शफीअ का समान वयति करनद क जलए इस गाव काजयान को ताऊन सद सरजकत रखा िसा जक दखतद हो जक वह पाच-छः वरम सद सरजकत चला आता ह और फरमाया जक यज म इस अहम क गलाम की महानता और समान रिकट न करना चाहता तो आि काजयान म भी तबाही िाल दता ऐसा ही आप भी यज मसीह इबनद मरयम को वासतव म सचा शफीअ और मगति जलानद वाला ठहरातद ह तो काजयान क मकाबलद पर आप पिाब क शहरो म सद जकसी अनय शहर का नाम7

लद जक अमक शहर हमार खा वन मसीह की बरकत और जसफाररश सद ताऊन सद पजवतर रहगा और यज ऐसा न कर सक तो जिर आप सोच ल जक जिस मनषय की इसी ससार म जसफाररश जसदध नही वह सर लोक (परलोक) म कयोकर जसफाररश करगा और जमया शसदीन साजहब समरण रख जक उनका जवजापन कवल बदफाया ह और उसका कोई लाभ नही होगा और उपचार यही ह िो हमनद जलखा ह वह या कर जक इस सद पवम इनसानी सरकार म वह और उनकी अिमन मदरा मकाबला करक अपमान उठा चकी ह जक उनहोनद उमहातलमोजमनीन क बार म सरकार सद णि चाहा था और मनद इस सद मना जकया अनततः मदरी राय ही सही हई इसी रिकार अब भी िो कछ उनहोनद आकाशीय सरकार म मदमोररयल भदिना चाहा ह वह भी मातर बदफाया जनरथमक और रिभावहीन ह िसा जक पहला मदमोररयल था सचा मदमोररयल 7 िसद नारोवाल या बटाला का नाम लद इसी सद

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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दाफिउल बला

नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 29: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

यही ह िो मनद जलखा ह अनततः आपको यही मानना पडगाروسایئ زامکل ا دعب لی ں دا ان دنک داان رہہچ

इस सथान पर मौलवी अहम हसन साजहब अमरोही को हमार मकाबलद क जलए अचछा अवसर जमल गया ह हमनद सना ह जक वह भी अनय मौलजवयो की तरह अपनद मजशको वाली आसथा की सहायता म जक ताजक जकसी रिकार हजरत मसीह इबनद मरयम को मौत सद बचा ल और ोबारा उतार कर खातमलअजबया बना बडी ौड-धप सद कोजशश कर रह ह और उनह बरा मालम होता ह जक सरह नर क आशय क अनसार और सही बखारी की हीस की امکم منکم क अनसार और मगसलम की हीस امامکم منکمदगषट सद इसी उमत-ए-महरमा म सद मसीह मौऊ पा हो ताजक मसवी जसलजसलद क मसीह क मकाबलद पर महमी जसलजसलद का मसीह रिकट होकर नबववत-ए-महमी की शान को ससार म चमका द अजपत यह मौलवी साजहब अपनद सर भाइयो की तरह यही चाहतद ह जक वही इबनद मरयम जिसको खा बना कर लगभग पचास करोड इनसान गमराही क लल म िटबा हआ ह ोबारा फररशतो क कधो पर हाथ रखद हए उतर और खाई का एक नवीन दशय जखा कर पचास करोड क साथ पचास करोड और जमला द कयोजक आकाश पर चढतद हए तो जकसी नद नही दखा था वही कहावत थी जक

पीरा न म पररन मरीा मद परानन(पीर तो नही उडतद मरी उनह उडातद ह)

परनत अब तो समसत ससार फररशतो क साथ उतरतद दखदगा और पारी लोग आकर मौलजवयो का गला पकड लगद जक कया हम

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दाफिउल बला

नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 30: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

नही कहतद थद जक यही खा ह उस मनहस (अशभ) जन म इसलाम का कया हाल होगा कया इसलाम ससार म होगा झठो पर खा की लानत िो वयगति शीनगर कशमीर महला खानयार म फन हो चका ह उसद अकारण आकाश पर जबठाया गया जकतना (बडा) अनयाय ह खा तो अपनद वाो की पाबनी सद हर चीज पर सामथयमवान ह परनत ऐसद वयगति को जकसी रिकार ोबारा ससार मदद नही ला सकता जिसक पहलद जफतनः नद ही ससार को तबाह कर जया ह यद मौलवी इसलाम क मखम जमतर कया िानतद ह जक ऐसी आसथाओ सद ईसाइयो को जकतनी सहायता पहच चकी ह अब खा तआला इबनद मरयम को कोई नई शदषठता दना नही चाहता अजपत यहा तक जक जितना इस सद पवम हजरत मसीह क बार म बढा चढाकर रिशसा की गई ह वह भी खा को बहत बरा लगा ह इसी कारण उसद कहना पडा -(अलमाइह-117( ت للناس

ءانت قل

अब आकाश की ओर दखना जक कब आकाश सद इबनद मरयम उतरता ह बहत बडी मखमता ह परनत मझ सद पहलद िो उलदमा अपनी जववदचनातमक गलती सद ऐसा जवचार करतद रह जक इबनद मरयम आकाश सद आएगा वह खा क नजीक असमथम ह उनको बरा नही कहना चाजहए उनकी नीयतो म जवकार नही था मनषय होनद क कारण भल गए खा उनह कमा कर कयोजक उनह जान नही जया गया था और उनकी जववदचनातमक गलती ऐसी थी िसा जक ाऊ नद गनमल कौम क मामलद म जववदचनातमक गलती की थी परनत उनक बदट सलदमान को खा नद जववदक रिान कर जया था िसा जक इसक बार म बराहीन अहमजया म आि सद बाईस वरम पवम यह इलहाम ففھمناھاسلیمان

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

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انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 31: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

पसतक क अगनतम पषठ पर मौि ह इसक मायनद यद ह िसा जक बराहीन अहमजया क उपरोति इलहामो सद रिकट होता ह जक लोग यह ऐतराज करतद ह जक कया यद मायनद कआमन और हीसो क िो तम करतद हो हमार पहलद उलदमा और बजगमो को मालम न थद और तह मालम हो गए इसका उततर अलाह तआला यह दता ह जक हा वासतव म यही हआ परनत ऐसा होना असभव नही ह तहार उलदमा तो कोई नबी नही थद परनत ाऊ नद नबी होकर एक फसला दनद म गलती की और खा नद उसक बदट सलदमान को सचद फसलद का उपाय समझा जया तो यह सलदमान िो मसीह मौऊ बनाया गया ह इसी रिकार तहार बजगमो क मकाबलद पर सचाई पर ह जिस रिकार सलदमान नबी उस फसलद म अपनद जपता ाऊ क मकाबलद म सचाई पर था

यज मौलवी अहम हसन साजहब जकसी रिकार नही रकतद तो अब समय आ गया ह जक उनह वासतव म मझद झठा समझतद ह और मदर इलहामो को इनसानो का गढा हआ झठ समझतद ह न जक खा का कलाम तो आसान तरीका यह ह जक जिस रिकार मनद खा तआला सद इलहाम पाकर कहा ह

مقام ام لھلک ال

ر

ک

قریۃ لول ال

انہ اوی ال

वह امروھا اوی जलख मोजमनो की आ तो खा انہ सनता ह वह मनषय कसा मोजमन ह जक उसक मकाबलद पर ऐसद वयगति की आ तो सनी िाती जिसका नाम उसनद जाल और बदईमान और मफतरी रखा ह परनत उसकी अपनी आ नही सनी िाती तो जिस हालत म मदरी आ सवीकार करक अलाह तआला नद फरमा

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

30

दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

31

दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

32

दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

33

दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 32: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

जया जक म काजयान को इस तबाही सद सरजकत रखगा जवशदर तौर पर ऐसी तबाही सद जक लोग ताऊन क कारण कततो की तरह मर यहा तक जक भागनद और असत-वयसत होनद की नौबत आए इसी रिकार मौलवी अहम हसन साजहब को चाजहए जक अपनद खा सद जिस रिकार हो सक अमरोहा क बार म आ सवीकार करा ल जक वह ताऊन सद पजवतर रहगा और अब तक यह आ अनमान क करीब भी ह कयोजक अभी तक अमरोहा ताऊन सद ो सौ कोस की री पर ह परनत काजयान सद ताऊन चारो ओर सद ो कोस की री पर आग लगा रही ह यह एक ऐसा साि-साि मकाबला ह जक इसम लोगो की भलाई भी ह और सच तथा झठ की पहचान भी कयोजक यज मौलवी अहम हसन साजहब खा की लानत का मकाबला करक ससार सद गजर गए तो इस सद अमरोहा को कया लाभ होगा परनत यज उनहोनद अपनद कालपजनक मसीह क जलए आ सवीकार करा कर खा सद यह बात सवीकार करा ली जक अमरोहा म ताऊन नही पडगी तो इस गसथजत म न कवल उनकी जविय होगी अजपत समसत अमरोहा पर उनका ऐसा उपकार होगा जक लोग इसका धनयवा नही कर सकगद और उजचत ह जक ऐसद मबाहलद का लदख इस जवजापन क रिकाजशत होनद सद पनदरह जन तक छपद हए जवजापन दारा ससार म रिसाररत कर जिस का यह जवरय हो जक म यह जवजापन जमजाम गलाम अहम क मकाबलद पर रिकाजशत करता ह जिनहोनद मसीह मौऊ होनद का ावा जकया ह और म िो मोजमन ह आ की सवीकाररता पर भरोसा करक या इलहाम पाकर या सवपन दख कर यह जवजापन दता ह जक अमरोहा पर अवशय-अवशय ही ताऊन की तबाही पडगी लदजकन

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

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ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

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दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 33: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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दाफिउल बला

काजयान म तबाही पडगी कयोजक मफतरी का जनवास सथान ह इस जवजापन सद सभवतः आगामी िाड तक िसला हो िाएगा या अजधक सद अजधक सर तीसर िाड तक और यदयजप अब मई क महीनद सद खा क जनयमानसार दश म ताऊन कम होती िाएगी और खाई रोजद क जन आतद िाएगद परनत आशा ह जक जिर रिारभ नवबर 1902 ई सद खा तआला अपना रोजा खोलदगा उस समय जात हो िाएगा जक इस इफतार क समय कौन-कौन मौत क फररशतद क कबजद म आया चजक मसीह मौऊ क जनवास सथान क समीपतर पिाब ह और मसीह मौऊ की नजर का पहला महल पिाबी ह इसजलए सवमरिथम यह काररवाई पिाब म आरभ हई परनत अमरोहा भी मसीह मौऊ क साहस क ररया सद र नही ह इसजलए इस मसीह की काजफरो को मारनद वाली िक अमरोहा तक भी अवशय पहचदगी यही हमारी ओर सद ावा ह यज मौलवी अहम वह कसम क साथ रिकाजशत होनद क बा जिसद वह कसम क साथ रिकाजशत करगा अमरोहा को ताऊन सद बचा सका और कम सद कम तीन िाड अमनपपमक गजर गए तो म खा तआला की ओर सद नही अब इस सद बढकर और कया फसला होगा म भी खा तआला की कसम खा कर कहता ह जक म मसीह मौऊ ह और वही ह जिसका नजबयो नद वाा जया ह और मदरी पजवतर कआमन म खबर मौि ह जक उस समय आकाश पर चनदर-गरहण और सयम-गरहण होगा और पथवी पर भयकर ताऊन पडगी और मदरा यही जनशान ह जक रितयदक जवरोधी चाह वह अमरोहा म रहता ह चाह अमतसर म और चाह जली म चाह कलकतता म चाह लाहौर म चाह गोलडा म और चाह बटाला म यज वह कसम खा कर कहगा

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दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

37

दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

38

दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 34: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

29

दाफिउल बला

जक उसका अमक सथान ताऊन सद पजवतर रहगा तो वह सथान अवशय ताऊन म जगरफतार हो िाएगा कयोजक उसनद खा तआला क मकाबलद पर गसताखी की और यह बात कछ मौलवी अहम हसन साजहब तक सीजमत नही अजपत अब तो आकाश सद सामानय मकाबलद का समय आ गया और जितनद लोग मझद झठा समझतद ह िसद शदख महम हसन बटालवी िो मौलवी करक रिजसदध ह और पीर मदहर अली शाह गोलडवी जिसनद बहत सद लोगो को खा क मागम सद रोका हआ ह और अबल िबबार अबलहक अबल वाजह गजनवी िो मौलवी अबलाह साजहब की िमाअत म सद मलहम कहलातद ह और मशी इलाही बखश साजहब एकाउनटणट जिनहोनद मदर जवपरीत इलहाम का ावा करक मौलवी अबलाह साजहब को सगय बना जया ह और इतनद सपषट झठ सद नफरत नही की और ऐसा ही नजीर हसन दहलवी िो अतयाचारी रिकजत और कफर क ितवद की बजनया रखनद वाला ह इन सब को चाजहए जक ऐसद अवसर पर अपनद इलहामो तथा अपनद ईमान का पास रख ल और अपनद-अपनद सथान क बार म जवजापन द जक वह ताऊन सद बचाया िाएगा इसम सगषट की सवमथा भलाई और सरकार की हमदी ह और इन लोगो की महानता जसदध होगी और वली समझद िाएगद अनयथा वद अपनद झठ और मफतरी होनद पर महर लगा गद और हम शीघर ही इनशा अलाह इस बार म एक जवसतत जवजापन रिकाजशत करगद

والسالم عل من اتبع الھدی

30

दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

का जवशदर ताि अपनद जलए रखा اک

ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

31

दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

32

दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

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ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

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दाफिउल बला

जममप शनवासी शचरागदीन नामक एक वयनति क बार म अनी समपरण जमाअत को एक

सामाय सपचनाचजक इस वयगति नद हमार जसलजसलद क समथमन का ावा करक

और इस बात को अजभवयति करक जक म अहमजया सम ाय म सद ह िो बअत कर चका ह ताऊन क बार म शाय एक या ो जवजापन रिकाजशत जकए ह और मनद सरसरी तौर पर उनका कछ भाग सना था और आपजततिनक भाग अभी सना नही था इसजलए मनद अनमजत ी थी जक इसक छपनद म कछ हाजन नही परनत अफसोस जक कछ खतरनाक शब और बदहा ावद िो उसक हाजशए म थद उसको म लोगो की रिचरता तथा अनय खयालो क कारण सन न सका और कवल नदक नीयत क साथ उनक छपनद क जलए अनमजत द ी गई अब रात िो इसी वयगति जचरागीन का एक और जनबनध पढा गया तो जात हआ जक वह जनबनध बडा खतरनाक जहरीला और इसलाम क जलए हाजनरि ह और सर सद पर तक जनरथमक और झठी बातो सद भरा हआ ह इसम जलखा ह जक म रसल ह और रसल भी दढ रिजतज और अपना कायम यद जलखा ह ताजक ईसाइयो और मसलमानो म सलह कराए तथा कआमन और इिील की परसपर िट र कर द और इबनद मरयम का एक हवारी बन कर यह सदवा कर और रसल कहलाए रितयदक वयगति िानता ह जक पजवतर कआमन नद कभी यह ावा नही जकया जक वह इिील या तौरात सद सलह करगा अजपत इन जकताबो को अकरातररत पररवजतमत अधरी और अपणम ठहराया ह और ت لکم دینکم

مل

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ह और हमारा ईमान ह जक यद सब जकताब इिील तौरात पजवतर कआमन

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की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

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خی کہل ف ال

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दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

33

दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

34

दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

35

दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

36

दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

37

दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

38

दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 36: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

31

दाफिउल बला

की तलना म कछ भी नही अपणम अकरातररत और पररवजतमत ह और सपणम भलाई कआमन म ह िसा जक आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म यह इलहाम मौि ह -

انما الھکم اہل واحد انما انا بشر مثلکم یویح القل

ون

ر مطھہ ال ال قران ل یمس

خی کہل ف ال

وال

दखो बराहीन अहमजया पषठ-511 अथामत उन को कह द जक म तहार िसा एक आमी ह मझ पर यह वही होती ह जक खा एक ह उसका कोई भागीार नही और सपणम भलाई कआमन म ह और पजवतर हय वालद लोग इसकी वासतजवकता समझतद ह तो हम कआमन को छोड कर और जकस जकताब को तलाश कर और उसद कयोकर अपणम समझ ल खा नद हम तो यह बताया ह जक ईसाई धमम जबलकल मर गया ह और इिील एक माम और अपणम कलाम (वाणी) ह जिर िीजवत को माम सद कया िोड ईसाई धमम सद हमारी कोई सलह नही वह सब का सब रदी और खजित ह और आि आकाश क नीचद पजवतर कआमन क अजतररति अनय कोई जकताब नही आि सद बाईस वरम पहलद बराहीन अहमजया म खा तआला की ओर सद मदर बार म यह इलहाम िम ह िो उसक पषठ 241 म दखोगद और वह यह ह -

ہل بنی

قوا

یھود ول النصاری وخر

ولن ترضی عنک ال

یو ولم یدل لم الصمد اہلل احد ھواہلل قل علم بغی وبنات کفوا احد ویمکرون ویمکر اہلل واہلل خی لک ولم یکن ہلقل و اولوالعزم صرب کما فاصرب ھھنا الفتنۃ الماکرین

رب ادخلین مد خل صدق

32

दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

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दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

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दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

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ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

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ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

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दाफिउल बला

अथामत तदरी और यहजयो तथा ईसाइयो की कभी परसपर सलह नही होगी और वद कभी तझ सद राजी नही होगद (नसारा सद अजभरिाय पारी और इिीलो क सहायक ह) और जिर फरमाया जक इन लोगो नद अकारण अपनद जल सद खा क जलए बददट और बदजटया बना रखी ह और नही िानतद जक इबनद मरयम एक जवनीत इनसान था यज खा चाह तो ईसा इबनद मरयम क समान कोई अनय आमी पा कर द या उस सद अचछा िसा जक उसनद जकया परनत वह खा तो एक और भागीार रजहत ह िो मौत और पा होदनद सद पजवतर ह उसक कोई समान नही यह इस बात की ओर सकत ह जक ईसाइयो नद शोर मचा रखा था जक मसीह भी अपनद साजनधय और रिजतषठा क अनसार भागीार रजहत एक ह अब खा बताता ह जक दखो म उसक समान सरा पा करगा िो उस सद भी उततम ह िो गलाम अहम ह अथामत अहम सललाह अलजह व सलम का गलाम ह

जजनगी बखश िाम अहम हकया ही पयारा यह नाम अहम ह

लाख हो अजबया मगर बखासब सद बढकर मकामद अहम ह

बागद अहम सद हमनद िल खायामदरा बसता कलामद अहम ह

इबनद मरयम क जजक को छोडोउस सद बदहतर गलाम अहम ह

33

दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

35

दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

36

दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

37

दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

38

दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 38: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

33

दाफिउल बला

यद बात शाइराना नही अजपत वासतजवक ह और यज अनभव की दगषट सद खा का समथमन मसीह इबनद मरयम सद बढकर मदर साथ न हो तो म झठा ह खा नद ऐसा जकया न मदर जलए बगलक अपनद नबी क जलए अतयाचार-पीजडत क जलए शदर अनवा इस इलहाम का यह ह जक ईसाई लोग कषट पहचानद क जलए मक करगद और खा भी मक करगा और वद जन आजमायश क जन होगद और कह मदर खा मझद पजवतर जमीन म सथान द यह एक रहानी तरीक की जहिरत (रिवास) ह और िसा जक अब तक म समझता ह इसक मायनद यद ह जक अनततः पथवी म पररवतमन पा हो िाएगा और पथवी ईमानारी और सचाई सद चमक उठगी अब सोच लो जक हम म और ईसाइयो म जकतना अजधक अनतर ह जिस पजवतर अगसततव को हम सपणम सगषट सद उततम समझतद ह उसद यद मफतरी ठहरातद ह सलह तो इस हालत म होती ह जक िब ोनो पक कछ-कछ छोडना चाह जकनत जिस हालत म हमारा धमम और हमारी जकताब ईसाई धमम को सर सद पर तक अपजवतर और मजलन समझती ह और वासतव म ऐसा ही ह तो जिर हम जकस बात पर सलह कर इतनद धाजममक जवरोध का अिाम सलह काजप नही ह अजपत अिाम यह ह जक झठा धमम सवमथा समापत हो िाएगा और पथवी क समसत साचारी लोग सचाई को सवीकार करगद तब इस ससार का अनत होगा हमारा ईसाइयो सद धाजममक रग म कोई भी जमलाप नही अजपत हमारा उततर इन लोगो को यही ह -

ل اعبد ما تعبدون ون

کفر یایھا ال

قل

(अलकाजफरन-23) तो यह कसी अपजवतर ररसालत ह जिसका जचरागीन नद ावा

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

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सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

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दाफिउल बला

जकया ह लजािनक बात ह जक एक वयगति मदरा मरी कहला कर यद अपजवतर बात मह पर लाए जक म मसीह इबनद मरयम की ओर सद रसल ह ताजक इन ोनो धममो की सलह कराऊ लानतलाजह अलल काजफरीन ईसाइयत वह धमम ह जिसक बार म अलाह तआला पजवतर कआमन म फरमाता ह जक करीब ह जक उसकी बराई सद पथवी िट िाए आकाश टकड-टकड हो िाए कया उस सद सलह जिर अपणम बजदध अपणम रिजतभा और अपणम पजवतरता क बावि यह भी कहना जक म खा का रसल ह यह खा क पजवतर जसलजसलद का अपमान ह िसा ररसालत और नबववत बचो का जखलौना ह मखमता क कारण यह नही समझता जक यदयजप पहलद यगो म कछ रसलो क समथमन म उनक यग म और रसल भी हए थद िसा जक हजरत मसा क साथ हारन परनत खातमल अजबया और खातमल औजलया इस ढग सद अपवा ह और िसा जक आहजरत सललाह अलजह वसलम क साथ अनय कोई मामर और रसल नही था और समसत सहाबा एक ही हाी (पथ-रिशमक) क अनयायी थद इसी रिकार यहा भी एक ही हाी क सब अनयायी ह जकसी को ावा नही पहचता जक वह नऊजजबलाह रसल कहलाए

और हमारा आना ो फररशतो क साथ नही अजपत हजारो फररशतो क साथ ह और खा क नजीक वद लोग रिशसनीय ह िो लबद वरमो सद मदरी सहायता म वयसत ह और मदर नजीक और मदर खा क नजीक उनकी सहायता जसदध हो चकी ह परनत जचरागीन नद कौन सी सहायता की उसका तो होना न होना बराबर ह लगभग तीस वरम सद यह जसलजसला िारी ह परनत उसनद कवल कछ माह सद िनम जलया ह और म उसकी शकल भी अचछी तरह नही पहचान

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दाफिउल बला

सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

والسالم عل من اتبع الھدی शवजानदाता - शवनीत शमराण गलाम अहमद काशदयान

23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

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सकता जक वह कौन ह और न वह हमारी सगत म रहा और म नही िानता जक वह जकस बात म मझद सहायता दना चाहता ह कया अरबी जलखनद क जनशान म या कआमनी मआररफ क वणमन करनद म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरा सहायक होगा या उन सकम बहसो म मदरी सहायता करगा िो भौजतक और शमन शासतर क रग म ईसाइयो तथा अनय सरिायो सद सामनद आती ह म तो िानता ह जक वह इन समसत कचो सद वजचत ह और तामजसक वजतत की गलती नद उसद आतम रिशसा पर ततपर जकया ह अतः आि की जतजथ सद वह हमारी िमाअत सद कटा हआ ह िब तक जवसतत तौर पर अपना तौबः नामा रिकाजशत न कर और इस अपजवतर ररसालत क ावद सद हमिा क जलए तयागपतर दनद वाला न हो िाए

अफसोस जक उसनद अकारण अपनी शदखी सद हमार सचद सहायको का अमान जकया और ईसाइयो क गमनध यति धमम क मकाबलद पर इसलाम को एक समान शदणी का धमम समझ जलया इसजलए ऐसद वयगति की हम कछ परवाह नही ऐसद लोग हमारा कछ भी नही जबगाड सकतद औऱ न लाभ पहचा सकतद ह हमारी िमाअत को चाजहए जक ऐसद इनसान सद सवणथा बच उसक लदखो सद हम पणमरप सद पता नही था इसजलए रिकाजशत करनद की अनमजत ी थी अब ऐसद लदखो को फाड दना चाजहए

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23 अपरल 1902 ईरिकाशक जजआउल इसलाम काजयान सखया - 500

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दाफिउल बला

हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

37

दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

درگ زے ن ی چ انن کشخ ز دی

ت ی ز ن ی چ امدئہ

رنہ ےب ے ا کشخ رہزگابندشانن وخردین

رکم زرہمو ا دبدنہ راامدئہ دواتسں

مہ ز ن

ین

را ااگنن ی ب انن کشخ اہےئ اپرہ

38

दाफिउल बलाادنگف ےم انن کشخ آں اگسن

شی چ مہ ز

نی

ن

ربدن ےم ن زان

زعی ش

ی چ اہ فطل ز ا امدئہ

ابش رفزاہن نک راوہش انں کشخ ای نک رتک

ابش واہن دی امدئہ آں ےئپ رخددنمی رگ

इसी सद

Page 41: दाफ़िउल बला - Ahmadiyya · न केवल इनक्मकर य् गय् अमपतु उसे दुख मदय् गय्, उसे क़तल

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हाशिया न 1जचरागीन क बार म म यह जनबध जलख रहा था जक थोडी

सी ऊघ होकर मझ को खा तआला की ओर सद यह इलहाम हआ جبزی بہ अथामत उस पर िबीज उतरा और इसी को نزل उसनद इलहाम या सवपन समझ जलया िबीज वासतव म खशक और जनसवा रोटी को कहतद ह जिसम कोई जमठास न हो और मगशकल सद हलक (कठ) सद उतर सक और कपण और किस परर को भी कहतद ह जिसक सवभाव म कमीनापन नीचता और किसी का भाग अजधक हो इस सथान पर िबीज सद अजभरिाय वह हीसननफस (जल म आई हई बात) और असत-वयसत सवपन ह जिनक साथ आकाशीय रिकाश नही और किसी क लकण मौि ह और ऐसद जवचार खशक घोर पररशम (तपसयाओ) का पररणाम या मनोकामना और इचछा क समय शतानी इलका होता ह या खशकी और वात सबधी मवा क कारण कभी इलहामी इचछा क समय ऐसद जवचारो का हय पर इलका हो िाता ह और चजक उनक नीचद कोई रहाजनयत नही होती इसजलए खाई पररभारा म ऐसद जवचारो का नाम िबीज ह और उपचार तौबः कमा याचना और ऐसद जवचारो सद पणमरप सद जवमख होना ह अनयथा िबीज की रिचरता सद पागलपन का खतरा ह खा रितयदक को इस बला सद सरकत रखद

इसी सद

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दाफिउल बला

हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

اصحاب الصفہ وماادراک ماصحاب الصفۃ और िबीज उस सखी रोटी को कहतद ह जक जिसद ात तोड न

सक और वह ात को तोड और हलक (कठ) सद मगशकल सद उतर और आतो को िाड तथा आतरशल पा कर तो इस शब सद बताया जक जचरागीन की यह ररसालत और यह इलहाम कवल िबीज और उसक जलए घातक ह परनत सर साथी जिन का अपमान करता ह उन पर माइः उतर रहा ह और उनको खा की या सद बडा जहससा ह

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हाशिया न 2रात को ठीक चनदर-गरहण क समय मझद जचरागीन क बार

म मझद यह इलहाम हआ این اذیب من یریب म फना कर गा म फना कर गा म नषट कर गा म रिकोप उतारगा यज उसनद सनदह जकया और उस पर ईमान न लाया तथा ररसालत और मामर होनद क ावद सद तौबः न की और खा क अनसार (सहायक िो वरमो सद सदवा और सहायता म वयसत और जन-रात सगत म रहतद ह उन सद कोताही की मािी न कराई कयोजक उसनद िमाअत क समसत जनषकपट लोगो का अपमान जकया हालाजक खा नद बार-बार बराहीन अहमजया म उनकी रिशसा की और उनको सब सद पहलद ईमान लानद वालद लोग ठहराया और कहा -

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