ट्रैवेल फोटो जयपुर घूमनेकी ......स / घ अस व...

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ेस विति ैवेल फोटो जयप मने की इछा पर एक समारोह जयपुर फरवरी 2016 एक नई अंतरराीय आउटडोर फोटोाफी फे टटवल की शुआत होगी www.travelphotojaipur.com जयपुर, फरिरी 2016 : पहले ैिेल फोटो जयपुर का आयोजन गुलाबी नगरी 5-14 फरिरी 2016 के दौरान होने िला है। इसका उघाटन राजथान की मुयमंी माननीय ीमिी िसुंधरा राजे स ंधधया करगी। राजथान सरकार का पययटन विभाग इसके आयोजन साझेदारी कर रहा है और बला साट चेिक सीमेट उदारिा से इसका समथयन कर रहा है। ैिेल फोटो जयपुर एक खास िरह की फोटोाफी दसशयि की जाएगी और यह है ैिेल फोटोाफी। पहले फे टिल दुननया भर की 14 दशयननयां शासमल हगी। इसका दशयन शहर महिपूय जगह पर बे व ंट कया जाएगा। इनम हिा महल, अबटय हॉल युजयम और जिाहर कला शासमल ह। इनके जररए इस बाि पर रोशनी डाली जाएगी कै से विरासि समली जगह का उपयोग समकालीन कलामक उदेय के सलए कया जा सकिा है। समारोह के पहले सतिाह (5-7 फरिरी 2016) के दौरान चचाय और रीनन ंग की खला होगी। यह काययरम के भाग के ऱप होगा िफोटोाफी के शौकीन को जयपुर बुलाया जा सके । भाग लेने की पुटकर चुके पैनेसलट : युसम गोटो (सह-संथापक और यूरेटर, रीमाइंडसय फोटोाफी ांगहोड), गाइस टलोटसन (रॉयल एसशयाटटक सोसाइटी, लंदन के ऐके डेसमक और पूिय नदेशक, छॉमस सीसलग (यूरेटर, फोटो युजयम विटरहर, िजरलड), करटना समडेल (पुरकार ाति फोटोाफर, पेन), मॉरो बडोनी (पूिय फोटो एडडटर कलसय पबका), िसिो x िसिो (उदयपुर आधार िला अमेररकी फोटोाफर, रफल समलच (फोटोाफर और संथापक, पुिननक फोटोज) और पाबलो ओररज मोनासटेररओ (संथापक, सो डी ला इमेजन, मैसको डीएफ)फे टिल दो विशेष हिेप की पेशकश रहेगी। इनम एक ैिेसलंग फोटो टू डडयो होगा जसे डजाइनर और फोटोाफर अराधना सेठ ने थावपि कया है। इसके अलािा, कशनपोल बाजार पूिय जयपुर आटय को फोटोाफर अय महाजन ने अथायी दशयनी की जगह बदल टदया है।

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प्रेस विज्ञप्ति

टै्रवेल फोटो जयपुर

घूमने की इच्छा पर एक समारोह

जयपरु में फरवरी 2016 में एक नई अतंरराष्ट्ट्रीय आउटडोर फोटोग्राफी फेस्टटवल की शरुुआत होगी

www.travelphotojaipur.com

जयपरु, फरिरी 2016 : पहले टै्रिेल फोटो जयपरु का आयोजन गलुाबी नगरी में 5-14 फरिरी 2016 के दौरान

होने िाला है। इसका उद्घाटन राजस्थान की मखु्यमतं्री माननीय श्रीमिी िसुधंरा राजे ससधंधया करेंगी। राजस्थान सरकार का पययटन विभाग इसके आयोजन में साझेदारी कर रहा है और बबड़ला सम्राट चेिक सीमेन्ट

उदारिा से इसका समथयन कर रहा है।

टै्रिेल फोटो जयपरु में एक खास िरह की फोटोग्राफी प्रदसशयि की जाएगी और यह है टै्रिेल फोटोग्राफी। पहल े

फेप्स्टिल में दनुनया भर की 14 प्रदशयननया ंशासमल होंगी। इसका प्रदशयन शहर में कुछ महत्त्िपरू्य जगहों पर बड़ े

वप्रटं में ककया जाएगा। इनमें हिा महल, अल्बटय हॉल म्यपु्जयम और जिाहर कला कें द्र शासमल हैं। इनके जररए

इस बाि पर रोशनी डाली जाएगी कक कैस ेविरासि में समली जगहों का उपयोग समकालीन कलात्मक उद्देश्यों के सलए ककया जा सकिा है।

समारोह के पहल ेसतिाह (5-7 फरिरी 2016) के दौरान चचाय और स्रीननगं की श्ररखंला होगी। यह काययरम के

भाग के रूप में होगा िाकक फोटोग्राफी के शौकीनों को जयपरु बलुाया जा सके। भाग लेने की पपु्टट कर चुके कुछ

पनेैसलस्ट हैं : यसुम गोटो (सह-ससं्थापक और क्यरेूटर, रीमाइंडसय फोटोग्राफी स्ट्रांगहोल्ड), गाइल्स टटलोटसन

(रॉयल एसशयाटटक सोसाइटी, लदंन के ऐकेडसेमक और पिूय ननदेशक, छॉमस सीसलग (क्यरेूटर, फोटो म्यपु्जयम

विन्टरहर, प्स्िजरलैंड), करप्स्टना डड समड्डले (परुस्कार प्राति फोटोग्राफर, स्पेन), मॉरो बबडोनी (पिूय फोटो एडडटर कलसय पबत्रका), िासिो x िासिो (उदयपरु आधार िाला अमरेरकी फोटोग्राफर, रफल समलच

(फोटोग्राफर और ससं्थापक, स्पिुननक फोटोज) और पाबलो ओररत्ज मोनासटेररओ (ससं्थापक, सेंट्रो डी ला इमेजन, मपै्क्सको डीएफ)। फेप्स्टिल में दो विशषे हस्िक्षेप की पेशकश रहेगी। इनमें एक टै्रिसेलगं फोटो स्टूडडयो होगा प्जस ेडडजाइनर और फोटोग्राफर अराधना सेठ ने स्थावपि ककया है। इसके अलािा, ककशनपोल

बाजार में पिूय जयपरु आटय स्कूल को फोटोग्राफर अक्षय महाजन ने अस्थायी प्रदशयनी की जगह में बदल टदया है।

राजस्थान की मखु्यमतं्री माननीय श्रीमिी िसुधंरा राजे ससधंधया के नेिरत्ि में राज्य ने कई पहल की श्ररखंला शरुू की है िाकक सांस्कर निक पययटन को बेहिर ककया जा सके प्जसस ेकला के डपे्स्टनशेन के रूप में प्रदेश की ख्यानि मजबिू की जा सके। िसै ेिो कई राज्यों ने लबं ेसमय िक परंपरागि सशल्प और विरासि पर ध्यान

कें टद्रि रखा है पर राजस्थान समकालीन ससं्कर नि पर भी ध्यान दे रहा है। जयपरु को पहले से इसके िावषयक

साटहत्य समारोह के सलए जाना जािा है। इसमें हजारों लोग आि ेहैं। अब राज्यिार इस बाि के प्रयास ककए जा रहे

हैं कक समकालीन विजुअल आर्टयस, फोटोग्राफी और सगंीि के सलए एक सहायक माहौल महैुया कराया जा सके। इसके सलए विशषेज्ञों और सभन्न क्षेत्रों के सम्माननि पेशिेरों से सहयोग ककया जा रहा है।

टै्रिेल फोटो जयपरु के प्रोड्यसूर ननखखल पडगांिकर ने कहा, " समय के साथ, फोटोग्राफी के शौकीनों के सलए

फोटोग्राफी फेप्स्टिल का आकषयर् िही हो सकिा है जो जयपरु साटहत्य समारोह का साटहत्य प्रेसमयों के बीच है।

सभंािनाए ंअनिं हैं। ना ससफय इससलए कक माध्यम के रूप में साटहत्य के मकुाबले फोटोग्राफी बहुि आसान पहंुच

में है बप्ल्क इससलए भी कक जयपरु शहर में कई ऐसी जगहें हैं प्जस ेधचत्रों की प्रदशयनी के सलए अच्छे िेन्य ुमें बदला जा सकिा है।”

टै्रिेल फोटो जयपरु की आटटयप्स्टक डायरेक्टर लोला मकै डोउगल का कहना है, "जयपरु के अधधिासी भारि के

सबसे ज्यादा पययटकों िाले और जाने-माने शहर में रहि ेहैं। िे िस्िीरें उिरिाने के आदी हैं। टै्रिेल फोटो जयपरु के सगं अब प्स्थनि बदल गई है और अब उनकी बारी है कक िे दनुनया भर के फोटोग्राकफक अजूबे देखें।”

सपंादकों के ललए – फोटोग्राफसय और आयोजन

स्जयाओस्जयाओ जू, चीन, शी हुओ (2014)

फरिरी 2014 में जू ने पहली बार उत्तर पप्श्चम चीन का दौरा ककया। यह देश का रफ और अनजाना टहस्सा है। उसका मकसद ‘शी हुओ’ की िस्िीर उिारना था। यह सटदयों परुाना ग्रामीर् समारोह है प्जसका आयोजन

चीनी नि िषय के आस-पास होिा है। हुओ का मिलब होिा है “आग” जो बरुी िाकिों को भगािा है। ऐसी िाकिें जो परुानी पजूा, जाद ूटोना आटद से सकरय की जािी थीं। इस समारोह में कॉस्र्टयमू, उपकरर् और प्रॉतस आटद

का उपयोग विस्िरि प्रदशयन की श्ररंखला के भाग के रूप में होिा है। इस ेइस िरह डडजाइन ककया जािा है कक नए

साल में अच्छी फसल हो और भविटय अच्छा रहे। अपने फोटो ननबधं में उन्होंने कोसशश की है कक इस लोक

कला से जुड़ी उत्सकुिा, झकुाि, पररकथा, रहस्य और जडु़ाि को कैद ककया जाए। उन्होंने बहुि कम उम्र में चीन में रहना छोड़ टदया था। फोटो से िे अपनी पहचान जान पािी हैं। इस श्ररंखला की िस्िीरें उसी अन्िेषर् की खोज हैं। www.xiaoxiaoxu.com

सेरेना चोपडा, इंडडया, दद एनसीयटं भटूान डायरीज (2002-2006)

सेरेना चोपड़ा 12 साल से ज्यादा समय से भटूान जािी रही है और एक ऐसे समाज की िस्िीरें उिारिी रही ंहैं जो अपनी ससं्कर नि की रक्षा करिा हुआ आधुननकिा की ओर खखसकिा मसससू कर रहा है। विशषे परसमट के

साथ िे टे्रक करके दरूदराज और प्रनिबधंधि क्षते्रों में जा चुकी हैं क्योंकक दरू-दराज के इन गांिों और यायािर समदुाय में आने के सलए कोई सड़क नही ंथी। सेरेना को सभन्न ग्रामीर्ों के जीिन का करीबी अनभुि था।

क्योंकक बार-बार के अपने दौरों के दौरान िह इनलोगों के साथ रह चुकी थी। सशु्री चोपड़ा ने इिने िषों में मानिीय भािनाओ ंका अकायइि बनाया है जो देश की यात्रा के दौरान देखा गया है और प्जसे “राटट्रीय खुशी” की िलाश के रूप में पाररभावषि ककया गया है और जो बहुि मशहूर हुआ है। कई िस्िीरों में आनटुठाननक मखुौटों को खास प्रमखुिा दी गई है जो सभन्न देिी-देििाओ ंका प्रनिननधधत्ि करि ेहैं। छोटे आकार के के भटूानी मखुौटे

पहनने िाले के चेहरे को नाक िक ही ढंकि ेहैं और इसके साथ उन जगहों को खुला रखा जािा है जहा ंदेिी-देििाओ ंकी आखंों का धचत्रर् ककया जािा है। इससे यह सनुनप्श्चि होिा है कक जो भी मखुौटा पहनिा है िह

फोटोग्राफर को उसी जगह से देखिा है जो मुहं के सलए खुली होिी है। इससे एक अलग िरह की दृप्टट कैद होिी है। दरू का एक देश जो दरू होकर भी पास है, उसकी यह खोज एक अलग िगय में रखी गई है और इससे भटूान के

लोगों के जीिन के बारे में जानकारी समलिी है। www.sepiaeye.com/serena-chopra

जॉजज ओसोडी, नाईजीररया मोनार्कसज (2012-जारी)

पिूय औपननिेसशक नाईजीररया में कई राजाओं के राज थ ेप्जनका भविटय अगं्रेजों के आने से बदल गया। 1963

में जब नाईजीररया राटट्रमडंल में गर्राज्य बना िो राजव्यिस्था औपचाररक िौर पर खत्म कर दी गई। हालांकक शाही पररिार राजननैिक पररदृश्य पर प्रासधंगक बने रहे। अक्सर अपने समाज और राजनीनिज्ञों के

बीच मध्यस्थ की भसूमका ननभाि ेरहे। उन्हें अभी भी आम जनिा का सम्मान समलिा है और उनका दजाय ईश्िर जैसा है। खास हप्स्ियों को छोड़कर, फैशन की उनकी समझ आकषयक भौनिकिा िाली ससं्कर नि के बारे में जानकारी महैुया करािी है। इन िस्िीरों के जररए हम फोटोग्राफर जॉजय ओसोडी द्िारा अपने देश की उनकी खोज और नाईजीररया के राजा जो ककसी सिंधैाननक पद पर नहीं होने के बाद भी शानंि के साथ-साथ एक

महत्त्िपरू्य सांस्कर निक विरासि का रखिाला होिा है। प्जग्गी गोप्ल्डगं ने क्यरेूट ककया है। www.nigeriamonachs.com

लॉरेन्ट चेहेरे, फ्ांस, दद फ्लाइंग हाउसेज (2007-जारी)

लॉरेन्ट चेहेरे परुाने पेररस की काव्यात्मक दृप्टट से प्रेररि हैं और पेररस की सीमा के आस-पास प्स्थि सामान्य

घरों को शानदार इमारिों में बदलि ेहैं और ऐसे प्रस्ििु करि ेहैं जैस ेहिा में प्स्थर जीिन हो। अपने शहरी सदंभय और सड़की के अनजानेपन से अलग ये इमारिें इन रहने िालों की ननजी और अलग-अलग कहानी सनुािी हैं। दरू से ये घर अस्िव्यस्ि और केयरफ्री लगि ेहैं पर नजदीक से देखन ेपर इनका वििरर् एक जटटल कहानी का खुलासा करिा है। इस अनियथाथय िाले विश्ि में अचल सपंवत्त बबल्कुल अलग बन जािी है। पररिहन का एक

साधन जो हमें याद टदलािा है कक कई बार यात्रा शरुू करने के सलए ससफय सदंभय बदलने की जरूरि होिी है। www.laurentchehere.com.

गगडऑेन मेनडल, दक्षिण अफ्ीका / यकेू, ड्राउननगं वर्लडज (2007-जारी)

नौ साल िक दनुनया घमूने और बाढ़ की फोटोग्राफी करने के बाद दक्षक्षर् अफ्रीका में जन्म लदंन में रहने िाले

फोटोग्राफर धगडऑेन मेनडले को पिा है कक दो बाढ़ एक जसैी नहीं होिी है। इसकी शरुुआि 2007 में हुई थी जब मेनडल ने कुछ ही हफ्ि ेके अदंर आई दो बाढ़ की िस्िीर खींची। एक बाढ़ यकेू की थी और दसूरी भारि

की। उन्होंने बमपु्श्कल यह उम्मीद की होगी कक उनकी िस्िीरें जलिाय ुपररिियन के बारे में सबसे स्पटट

फोटोग्राकफक स्टेटमेंट बन जाएंगी और उन्हें प्रनिटठा िाला 2015 वप्रक्स वपकटेट समलगेा। इन िस्िीरों और

करीबी िस्िीरों की खाससयि यह है कक इसमें जो लोग टदखाए गए हैं िे ऐसे पोज कर रहे हैं जैस े ककसी परंपरागि पोटे्रट के सलए पर सच यह होिा है कक उनका पररिेश सामान्य होने से िधंचि कर टदया गया है। मेनडल के घमुिं ूस्िभाि ने उन्हें बाढ़ के परुाने कारर्ों, खाससयिों और दनुनया भर की असरुक्षक्षि प्स्थनि को जानने समझने के सलए प्रेररि ककया है। www.gideonmendel.com

एटोर लाला, टपेन, टावर ऑफ साइलेंस (2005-2008)

एटोर लारा ने उजबेककस्िान की यात्रा की िाकक स्पनैनश राजदिू रुई डी क्लाविजो के मागय का अनसुरर् ककया जा सके जो 1403 से 1406 के बीच मध्यम एसशया से गजुरे थे। लारा का उद्देश्य राजननयक के इनिहास की िलुना एक ऐसे देश की समकालीन प्स्थनि से करने की थी जो सोवियि सघं के विखडंन के बाद भारी बदलाि

से गजुर रहा था। दोनों ही यात्री िसै ेिो समय के सलहाज से अलग हैं पर उनका इरादा समान रूप से गभंीर है

और यह उस अिधारर्ा को िलाशना है प्जसने लगािार एसशया को जानने की कोसशश की है शायद इस

स्िीकारोप्क्ि के रूप में कक ईसाइयि से अनछुई ससं्कर नि में अकल्पनीय अजबेू हैं। www.aitorlara.com

यनुनस अडोनो, मसै्र्कसको, दद फ्लावर वीमेन (2012)

फ्लािर िीमेन उन ईसाई मटहलाओं के एक समहू के जीिन की कहाननयों का परीक्षर् है प्जन्होंने यनुनस अडोनो को मपै्क्सको के डुरंगो और ओन्डा जकाटेकास क्षते्रों में अपने समाज के अदंर अिंरंग क्षर्ों और दैननक अनभुिों िक पहंुच महैुया कराई। ये िस्िीरें ईसाई ससं्कर नि की धारर्ाओं को बबगाड़कर रूटढ़िादी और कठोर बना टदया। इसके सलए इन मटहलाओं के भािनात्मक सबंधंों और इनके जीिन के सद्भािों पर रोशनी डाली। फोटोग्राफर ने

इन मटहलाओं से या िो स्पनैनश में या कफर जमयन भाषा में बाि की जो इस समाज में बोली जािी है। इसके

अलािा इशारों में भी बाि हुई और उन सकेंिों का उपयोग ककया गया जो दनुनया भर में समत्रिा, राज, खुशी आटद व्यक्ि करने के सलए उपयोग में लाए जाि ेहैं। ये िस्िीरें एक िरह से उसी चचाय और उससे जुड़ाि का विस्िार हैं। अडोनो की राटट्रीयिा िो िही है पर उन्होंने एक ऐसी ससं्कर नि के बीच काम करने की कोसशश की है

प्जसमें िे हमेशा एक बाहरी ही रहेंगी। www.euniceadorno.net

लइुस गोन्जालेज पलमा, ग्वाएटमाला

श्ररंखला, टद एन्यसुसएशन (ग्रेससएला डी ओसलिेरा के साथ 2007 का एक गठजोड़) असल में एक अध्ययन है जो एक क्लाससकल िेस्टनय पेंटटगं्स के हाथों का अध्ययन है। इसके जररए िप्जयन से एंजल गबैियल की उस घोषर्ा की प्जर ककया गया है कक िे जीजस की मां बनेंगी। हम हाथ की पटेटगं का फोटग्राफी के इस पररटकर ि बदलाि

को पढ़ना चाहि ेहैं जो हाथ के कुछ इशारों की एकरूपिा के परािियन के रूप में होगा। जब हम ककसी ऐसी जगह

में होि ेहैं जहा ंकी भाषा अनजानी होिी है िो हाथ के इशारे अपने आप सचंार के पहल ेसाधन बन जाि ेहैं। ‘िाया 7’ (2008) में घरूना नीचे की िरफ बढ़िा है और हमारे सलए पशे होिी है जूिों की िस्िीरें। ये बड़ ेपमैाने

पर बनाए जाने िाले कामकाजी िगय के लोगों के जूि ेहैं और िब िक उपयोग में लाए जाि ेहैं जब िक टूट कर बबखर न जाएं। ये उनलोगों के होि ेहैं जो अपने दैननक जीिन की मपु्श्कलों में इस िरह फंसे होि ेहैं कक िे यात्रा करने का सपना भर देख सकि ेहैं। इससे हमें याद आिा है कक यह ऐसी लक्जरी है जो कई लोगों की पहंुच से

बाहर है। www.gonzalezpalma.com

अन्ना फॉर्कस, यनूाइटेड ककंगडम, दद पलुलकली टाइगसज (2011-2012)

पसुलकली नाटक (मलयालम में ‘पसुल’ का मिलब होिा है चीिा या शरे जबकक ‘कली’ नाटक के सलए है) एक

ररिाजी बदलाि है जो आमिौर पर ओर्म के दौरान ककया जािा है। यह केरल में हर साल मनाया जािा है और फसल कटन ेके बाद खुशी मनाने के सलए मनाया जािा है। फॉक्स ने अपने बड़ ेफॉमटै के कैमरे और एक आग्रह

के साथ पलुीज से सपंकय ककया इन्हें शटू करने से ठीक पहल ेऔर उन्होंने उनस ेएक डासं पोज देने के सलए कहा जो स्टूडडयो की फोटो की एकरसिा का जिाब हो और इसमें प्रदशयन की बेहिरी भी हो। उन्होंने टाइगर परफॉमयसय से अपने मखुौटे हटाने के सलए भी कहा िाकक कल्पना और िास्िविकिा के अिंर का खुलासा ककया जा सके। फॉक्स एक टै्रिेलर फोटोग्राफर हैं और भारि के सलए उनके मन में एक हल्का झुकाि है। िे पहली बार 1984 में भारि आई थी ंऔर उसके बाद से कई दफा आ चकुी हैं। www.annafox.co.uk

कैथररन बलेट, फ्ांस, लकुकंग फॉर दद माटटसज इन ररकाडोज गोर्लडन शजू (2013-2015)

कुछ साल पहल ेगमी के एक टदन पेररस के एक कैफे में कैथररन बलैेट अपने समत्र ररकाडो के साथ सबुह का नाश्िा कर रही थीं। अचनाक उन्हें अपने समत्र के बारे में ख्याल आया कक िह मशहरू वपकासो जैस ेलगा रहा है। िसैा ही जैसा रॉबटय डोइसन्य ूने उन्हें धचबत्रि ककया है। िकरीबन खेल रहे बच्चों की िरह दोनों में सहमनि हुई

कक मशहूर धचत्र को कफर से ियैार ककया जाए। इसके बाद “सचय फॉर टद मास्टसय” की शरुुआि हुई। यह एक ऐसी श्ररंखला है प्जसमें आज 110 िस्िीरें हैं। इस े 2016 में देिी लेविस प्रकासशि करेंगे। इस िरह, सत्तर िषीय

ररकाडो फोटोग्राफर के सलए कला के कें द्र, एक कररश्माई ससटर बन गए प्जनका इन नई कर नियों में योगदान

रहा और इसमें उनके जीिन का एक टहस्सा था : टद गोल्डन शजू। ये जूि ेजल्दी ही लीटमोटटफ बन गए प्जसस े

फोटोग्राफी के यादगार क्षर्ों को कफर से याद ककया जाना था। 1839 के एक सेल्फ पोटे्रएट से समकलानी प्रिरवत्तयों िक। बहुि ही समकालीन व्यिहार, उपयकु्ििा का उपयोग करि ेहुए फोटोग्राफी के इनिहास के जररए

यह यात्रा याददाश्ि के बारे में हमारी समझ पर सिाल उठािी है और हमें यह सोचने पर मजबरू करिी है कक

कोई िस्िीर कैस ेयादगार बनिी है। www.catherinebalet.com

ननशांत शरु्कला, भारत, ब्रीफ एनकाउंटसज (2008-2009)I

आज की िारीख िक भारि में लबंी दरूी की यात्रा के सलए सबसे पसदंीदा साधन रेलगाड़ी ही बनी हुई है। और एक थीम के रूप में यात्रा ने फोटग्राफर ननशांि शकु्ला को कुच िषों िक व्यस्ि रखा है। 2008 में शकु्ला ने

जम्म ूििी से कन्याकुमारी की एक टे्रन यात्रा की और 2009 में ओखा से गिुाहाटी की। इस िरह, उन्होंने रेलिे

के मौजूदा धग्रड की पनुव्यायख्या अपने ननजी अनभुि से की। निीजा उन लोगों के पोटे्रट की श्ररखंला है प्जनसे

उनकी मलुाकाि यात्रा के दौरान हुई। इस कोसशश के बारे में शकु्ला कहि े हैं, “लगािार टे्रन की एक जैसी परटठभसूम में अलग िरह के लोगों की ररकॉडडिंग करके कैमरे ने मझुे लोगों से चचाय करने और यात्रा के दौरान

अपने साधथयों को घरूने का लाइसेंस दे टदया।” www.nishantshukla.com

लसया लसहं अकोई, भारत, दद डॉग शो प्रोजेर्कट (2009-2010)

2009-10 की सटदययों में ससया ससहं अकोई ने डॉग शोज के रॉस कंट्री टुअर की शरुुआि की। इसके िहि

चंडीगढ़ और चेन्नई के बीच 12 शहरों का दौरा ककया। छोटी बारीककयों के प्रनि भी दशयकों का ध्यान आकवषयि

करने और सामने खड़ ेअपने सबजेक्र्टस को अपने बारे में ज्यादा जागरूक अहसास कराने के सलए ससया ससहं ने

यात्रा के दौरान अपने साथ कपड़ ेका बना 9×9 फीट का अस्थायी स्टूडडयो भी रखा। ससया ससहं अकोई डॉग

शोज की िाखर्प्ज्यक प्रकर नि का जानने की इच्छुक थीं। उनका मानना था कक कुत्तों के प्रजनन का बाजार ‘मनटुय और उसके कुते्त’ के बीच सबंधं बदल रहा है। िे कारोबारी टहिों से बनने िाल े इस नए सबंधं की बारीककयों को जानने की इच्छुक थीं। कुछ फोटो ननबधं ऐसे हैं जो देखन ेिाले में उन पररप्स्थनियों को लेकर एक उत्सकुिा जगाि ेहैं जब ये िस्िीरें उिारी गई थीं। यही नहीं, फोटोग्राफर की यात्रा को समझने की भी इच्छा होिी है। ससहं अकोई की श्ररखंला ऐसा ही एक उदाहरर् है प्जसमें यात्रा करने के उनके दृढ़ ननश्चय, कई बार अपने सबजेक्ट की िस्िीर उिारने के सलए से उन्नोंने मपु्श्कल प्स्थनियों में भी यात्रा की है। इससे हरेक पोटे्रट

रेखांककि होिा है। अकोई खदु कुत्ता प्रेमी हैं और अपने आठ कुत्तों को कभी ककसी शो में परेड नहीं कराया है। उनका कहना है, “मेरे कुते्त कॉलर नहीं पहनि ेहैं और पर्टटे में बधं कर चलना नहीं जानि ेहैं।” और, “ममुककन है,

मेरा सबसे हैंडसम िाला ननर्ाययक को ही काट खाएगा।”

MAfIA, अजेनटीना, एर्लटो माचज 2014

िल्डय टूररज्म ऑगयनाइजेशन के मिुाबबक फुसयि में समय गजुारना यात्रा का मखु्य मकसद होिा है और यह

करीब 60 प्रनिशि पययटकों के मामल ेमें है। 19िी ंसदी के दसूरे टहस्स ेमें जब पहली बार बड़ ेपमैाने पर पययटन

का मामला सामने आया िो समदु्र का ककनारा पययटकों के घमूने के सलहाज से सशखर की जगह के रूप में उभरा। सयंोग से इसी अिधध में फोटोग्राफी का भी िजेी से विकास हुआ और यह कोई िाज्जबु की बाि नहीं है कक दोनों में एक खास ककस्म का सबंधं बन गया है और िस्िीरों से पययटन के अनभुिों की पपु्टट होिी है या उन्हें िधैिा समलिी है। अजेनटीना के िटीय शहर मर डले तलाटा में 1950 के दशक से लेकर 1970 के दशक िक ननमायर्

की िजेी रही और इसके बाद चली ‘विकास’ की आधंधयों ने इस ेअजेनटीना के सबसे बड़ ेबीच रेसॉटय में बदल

टदया है। एक टदसबंर 2013 से 26 जनिरी 2014 के बीच के दो महीने से भी कम समय में करीब 2 समसलयन

(20 लाख) पययटकों ने मर डले तलाटा का दौरा ककया है। यह सखं्या इस शहर की कुल आबादी के चार गनुा से

ज्यादा है। इन िस्िीरों में अजेनटीना के लोग समदु्र स्नान करने िालों की भीड़ के बीच ननबायध रूप से अपने

शरीर का प्रदशयन करि ेहैं। फ्लशै का उपयोग स्टूडडयो का सा अहसास करािा है और मामले को सदंभय से अलग

करिा लगिा है। इसका यह असर होिा है कक प्जसकी िस्िीर उिारी जा रही है उस ेखास बना टदया जािा है। इस बाि के बािजूद कक उसके आस-पास मनटुयों का सागर होिा है और इसके साथ ही यह सिाल िो रहिा ही है कक बाकी सब का क्या हुआ tourism.www.somosmafia.com.ar

रफल लमलच, पोलैंड, इन दद कार ववद आर (2010)

‘इन टद कार विद आर’ एक पसु्िक पररयोजना थी जो एक पोसलश फोटोग्राफर रफल समलच की सड़क यात्रा के

पररर्ामस्िरूप ियैार हुई थी। यह यात्रा आईसलैंड के लखेक हलडर िेप्ज्डकफरोड के साथ 2010 में की गई थी। “टू डू टद ररगं” आईसलैंड की एक असभव्यप्क्ि है। प्जसका मिलब मागय 1 का दौरा है। यह िह हाईि ेहै जो देश

को घेरिा है। यह ऐसी यात्रा है जो आईसलैंड के लोग अपने जीिन में कभी ना कभी करि ेहैं। इस कोसशश भले

ही ऊपर से कुछ खास नहीं टदखाई देिा है पर लेखक हमें चिेािनी देि ेहैं कक यह चक्कर खिरों से भरा है। इस

सड़क पर बहुि सी यात्राओं का अिं िलाक या गभयधारर् में हुआ है। दसूरों के साथ यात्रा करने के ये खिरे और गभंीर हो जाि ेहैं जब यात्री अपनी सभन्न पसदं के कारर् अलग ररद्म और रफ्िार अपनाि ेहैं। “फोटोग्राफर के

साथ यात्रा करना काफी कुछ गलयफ्रें ड के साथ शॉवपगं करने की िरह है। जो सभी कपड़ ेदेखना और आजमाना चाहिी है – कभी ना खत्म होने िाला काम है।” ‘इन टद कार विद आर’ एक ऐसी यात्रा का टदलचस्प िर्यन है जो गलिफहसमयों के बािजूद एक दसूरे से जुड़ ेके दो अलग िरीके बना देिा है। “जब घमूने और (फोटोग्राफी की?)

की बाि हो िो आप क्या देखि े हैं उसका मिलब होिा है और इसका कम कक आप इसे कैस े देखि े हैं।” www.rafalmilach.com

कोलटैरल एर्कजीबबशन : करेन नोर, इंडडया सांग : करेन नोर की फोटोग्राफी सांस्कर निक विरासि और आदशय से

जुड़ी उसकी खाससयिों का पिा लगािी है। औपननिेशीकरर् के बाद की प्स्थनियों से जडु़ ेसिाल और सौंदयय से

इसके सबंधं 1980 के बाद से उनकी फोटोग्राकफक कर नियों के मलू में रहे हैं। उनकी कर नि इंडडया सांग में भारि

से जुड़ी कहाननयों और समथकों पर अनसुधंान है। इसके िहि पशओु ंकी फोटोग्राफी की गई है और उन्हें उत्तर प्रदेश, राजस्थान, कनायटक, िसमलनाडु और महाराटट्र के मटंदरों और महलों में स्थावपि ककया गया और इसमें िास्िविकिा िथा कल्पना के बीच के अिंर को धुंधला कर टदया गया है। करेन नोर ने 2011 का िी इंटरनेशनल फोटोग्राफी वपलर ससटोलर प्राइज जीिा था। उन्हें ड्यशू बोसे के सलए 2011 और 2012 में िथा वप्रक्स वपकटेट के सलए 2012 में नामांककि ककया जा चुका है। उनके कायय दनुनया भर के सगं्रह में शासमल हैं। इनमें टेट म्यपु्जयम और पोमवपडोऊ म्यपु्जयम भी हैं। http://karenknorr.com. प्रदशयनी सौजन्य : िस्िीर आर्टयस .www.tasveerarts.com.

विशषे हस्िक्षेप

दद मचेन्ट ऑफ इमजेज : जयपरु एडडशन

परुस्कार विजेिा प्रोडक्शन डडजाइनर / कला ननदेशक और फोटोग्राफर अराधना ससहं (Aradhana Seth)

दनुनया घमूने िाला अपना फोटो स्टूडडयो लकेर जयपरु आई हैं और मशहूर हिा महल में रह रही है। सेठ के

पोटयफोसलयो में दीपा मेहिा की कफल्म अथय में प्रोडक्शन डडजाइन और िेस एंडरसन की दाप्जयसलगं सलसमटेड में कला ननदेशन शासमल है। अराधना ने इस प्रोजेक्ट की सरुुआि अपने होम स्टूडडयो में की थी और पहली बार इस ेजनिा के सलए िैंकूिर, कनाडा में होने िाले इंडडयन समर फेप्स्टिल में पेश ककया। जहां इसने शहर की कल्पनाशीलिा को कैद ककया। जयपरु एडडशन में एक खास परटठभसूम है। इस ेराजस्थान के पेन्टर के समहू ने

ियैार ककया है और इसमें जनिा को आमबंत्रि ककया जाएगा कक िे पययटकों की िरह धचबत्रि ककए जाएं। आपको बस इिना करना है कक इस गठजोड़ िाली पररयोजना के भाग बनें। इसके सलए रुकें और अपनी फोटो उिरिाएं। यह 'टदल्ली आई लि य'ू और 'टद मचेन्ट ऑफ इमेजेज स्टूडडयो' (बौद्धधक सपंदा खास डडजाइन की गाड़ी) के

साथ समलकर हो। स्थाना : हिा महल शरुिार 5 और शननिार 6 I समय : 10.00 - 12.30 / 14.00 - 16.30 I

प्रिेश : ननशलु्क

आपके बारे में सोचना (Thinking of You)

स्थान के सलहाज से खास फोटोग्राकफक हस्िक्षेप अक्षय महाजन द्िारा। व्हार्टसऐतप, इंस्टाग्राम और र्टिीटर के

जमाने में हम नाम से ही परुाने, “पोस्टकाडय” को याद करि ेहैं। अक्षय ने ककशनपोल बाजार प्स्थि परुाने जयपरु आटय स्कूल को ननयतं्रर् में ले सलया है और उस जगह पर एक खास प्रदशयनी ियैार की है और यह परुाने हो चुके

पोस्टकाडय, इसके सदेंशों और कैस ेयह सभन्न यात्राओं की दृप्टट को आकार देिा था - के सम्मान और याद में है। उस ेश्रद्धांजसल देने के सलए है। इस ेस्थानीय रंग देने के सलए हम इसमें स्थानीय रंग डाल रहे हैं और यह

मेला स्थल पर मौजूदा राजस्थान के फोटोग्राफर के सौजन्य से ककया जाएगा जैसा फोटोग्राफर अराधना सेठ ने

दजय ककया है। हमसे जुडड़ए और अपनी याद “काश मैं भी यहां होिा” के रूप में सलखखए। मौसम की चचाय कीप्जए। शे्रय : रंगीन फोटो अराधना सेठ। श्िेि श्याम में कुछ िस्िीरें अराधना सठे के सगं्रह से हैं जबकक अन्य

अक्षय महाजन के अनसुधंान के पररर्ामस्िरूप हैं।

स्थान : परुाना जयपरु आटय स्कूल, ककशनपोल बाजार I समय : 10:00 - 16:30 I प्रिेश : ननशलु्क

बबन््स टै्रवलेलगं फोटोबकु लाइब्रेरी

बबन्ड फोटो पसु्िकों का एक सगं्रह ियैार करेगा जो टै्रिल के थीम पर कें टद्रि होगा। इसमें भारि और दनुनया भर में फोटोग्राफी के इनिहास से सबंधंधि कायों के साथ-साथ समकालीन प्रकाशनों का मेल रहेगा। फोटो पसु्िकों को देखन ेके सलए 5 से 7 फरिरी िक रखा जाएगा।

स्थान : जिाहर कला कें द्र I समय : शरुिार 5 फरिरी शाम 16:00 - 19:30 I शननिार 6 फरिरी 10.30 -

14.00 / 16.00 - 19:30 I रवििार 7 फरिरी 10.30 - 14.00. http://bindcollective.in/

टै्रवेल फोटो जयपरु के बारे में आग ेकी जानकारी और उच्च ररजोर्लयशून वाली तटवीरों के ललए कृपया सपंकज करें मेघना दत्ता, अकाउंट डायरेर्कटर स्फ्लटं पीआर, ई मले : [email protected] मोबाइल: +91

9711167343; ऑकफस: +91 11 4711 9815 / िेबसाइट : www.flint-pr.com