प्रशिक्षण...

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2020 शिण पुसका अनुसूचि जनजात और अन-परमपराग वन तनवासी (वन अचिकार की माना) अचितनम 2006

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  • 2020प्रशिक्षण पुस्तिका

    अनुसूचिति जनजातति और अन्य-परमपरागति वन तनवासी (वन अचिकारों की मान्यतिा)

    अचितन्यम 2006

  • प्रशिक्षण पुस्तिका 2019 अनुसूचित जनजातत और अन्य-परमपरागत वन तनवासी (वन अचिकारों की मान्यता) अचितन्यम 2006

  • 2020प्रशिक्षण पुस्तिका

    अनुसूचिति जनजातति और अन्य-परमपरागति वन तनवासी (वन अचिकारों की मान्यतिा)

    अचितन्यम 2006

  • प्रशिक्षण पुस्तिका 2019 अनुसूचित जनजातत और अन्य-परमपरागत वन तनवासी (वन अचिकारों की मान्यता) अचितन्यम 2006

  • प्रशिक्षण पुस्तिका 2019 अनुसूचित जनजातत और अन्य-परमपरागत वन तनवासी (वन अचिकारों की मान्यता) अचितन्यम 2006

    भाग 1 - पररपेक्ष

    1.1 वनभूमि और पहाड़ का जीवन 1.2 वन अमिकार क़ानून 2006- वनभूमि पर आिाररत लोगों को अमिकार

    भाग 2 - मूलभूति बातिें

    2.1 संक्षिपत पररचय 2.2 ककसके ललए है? 2.3 ककन अमिकारों को िानयता देता ह?ै 2.4 ककस भूमि के ललए? 2.5 ककसकी ज़िमिेदारी है? 2.6 कैसा वन अमिकार िानयता पत्र/टाइटल ददया जाएगा?

    भाग 3 - प्रतरि्या

    3.1 वन अमिकारों को िानयता मिलने की प्रकरिया 3.2 वन अमिकार दावा फ़ाि्म कैसे भरें? 3.3 वन अमिकार कानून के तहत अपील और सुनवाई की प्रकरिया 3.4 पररलिष्ट

    भाग 4 - भूचमका और ज़िममेदारर्याँ

    4.1 समिकतयों की भूमिकाए ंऔर ज़िमिेदाररयाँ: ग्ाि सभा; उप-िंडल सतरीय समिकत और ज़जला सतरीय समिकत की भूमिकाए ंऔर ज़िमिेदाररयाँ 4.2 वनों के सुरषिा, सरंषिण एवं प्रबंिन िें ग्ाि सभा की भूमिका और िलतियां

    तवष्य सूिी

  • भाग 5 - छोटी-छोटी मगर मोटी बातिें 5.1 घुिंतू पिुपालक और वन अमिकार कानून 5.2 िकहलाओं की भागेदारी और भूमिका 5.3 वनभूमि से बेदखली और वन अमिकार कानून के प्राविान 5.4 वनभूमि हसतांतरण एवं वन अमिकार क़ानून

    भाग 6 - अकसर पूछे जाने वाले सवाल

    6.1 वन अमिकार क़ानून की उपयुतिता 6.2 वन अमिकार कानून िें पात्रता 6.3 प्रकरिया 6.4 सािुदाकयक वन संसािन अमिकार 6.5 गौण वन उतपाद 6.6 जे.एफ़.एि समिकतयों की ससथिकत 6.7 कवकास और वन अमिकार कानून 6.8 कुछ और सवाल

  • प्रशिक्षण पुस्तिका 2019 अनुसूचित जनजातत और अन्य-परमपरागत वन तनवासी (वन अचिकारों की मान्यता) अचितन्यम 2006

  • 1.1 वनभूमि और पहाड़ का जीवन1.2 वन अमिकार क़ानून 2006- वनभूमि पर आिाररत लोगों को अमिकार

    01पररपेक्ष

  • प्रशिक्षण पुस्तिका 2019 अनुसूचित जनजातत और अन्य-परमपरागत वन तनवासी (वन अचिकारों की मान्यता) अचितन्यम 2006

    1.1 वनभूचम और पहाड़ का जीवन

    1.2 वन अचिकार कानून 2006 – वनभूचम पर आिाररति लोगों को अचिकार

    पहाड़ी भूगोल, सिाज और संसककृ कत िें जंगल की एक ख़ास जगह है - चाहे बड़ा भंगाल, भरिौर, ककन्ौर, लििला, कुललू या लाहौल के ऊंचे कंडे हों जहां घुिंतू पिुपालकों का पिुिन चरता है या िंडी, कांगड़ा और लसरिौर के बाण के बन तथिा घासणी हों जहां से औरतें घास, लकड़ी, पत्ों को लेकर आती हैं, चाहे िािलात या नदी के ककनारे चरागाह हो जहां जानवर चरते हैं । कहीं से कारीगर टोकरी बनाने के ललए बांस और ननंगाल लाते हैं तो कहीं से बुरांस के लाल फूल लाकर गांव के लोग चटनी और िरबत बनाते हैं। जड़ी-बूटी, जलाऊ लकड़ी,पूजा सथिल हों या िििान घाट, पहाड़ी लोगों का जीना-िरना वनभूमि और उससे उपजने वाले अलग-अलग उपहारों पर दटका है ज़जसके चलते वह आजीकवका और अससततव के ललए वनों पर कनभ्मर हैं। साथि ही पहाड़ी संसककृ कत,परमपराए,ं कला और जीवन िैली भी वन व वन संसािनों से अतयामिक प्रभाकवत हैं। पहाड़ी षिेत्रों िें सभी पहाड़ी वालसयों का वनों के साथि हिेिा से ही एक अक्भन् और घकनष्ठ ररशता रहा है। यह ररशता पारसपररक रूप से जंगल और जनता दोनों के ललए ही लाभकारी है।

    2

    अनुसूमचत जनजाकत और अनय- परमपरागत वन कनवासी (वन अमिकारों की िानयता)

    अमिकनयि (आितौर पर एफ.आर.ए. के रूप िें जाना जाता है), 2006 िें भारत की

    संसद द्ारा पाररत एक ऐकतहालसक कानून है। यह कानून वनभूमि पर कनभ्मर सिुदायों के

    िौजूदा वन अमिकारों को कानूनी िानयता देता है और ररकॉड्म/दसतवेजीकरण करता है।

    लोगों को वनभूमि पर व्यलतिगत और सािूकहक वन अमिकारों के साथि-साथि यह कानून

    वनों के रख रखाव का और वनभूमि पर सथिानीय कवकास का भी अमिकार देता है। इस

    कानून की सबसे ख़ास बात यह है कक अमिकारों की िानयता की पूरी कनण्मय प्रकरिया िें

    हर कदि पर लोगों और उनके सथिानीय प्रकतकनमियों की भागीदारी सुकनक्चित की गयी है।

    इस अमिकनयि से वनों पर कनभ्मर सभी सिुदायों व पररवारों िें वनभूमि और प्राककृ कतक

    संसािनों पर सवामितव और सुरषिा की भावना उतपन् हुई है। इस क़ानून के िाधयि से

    अनुसूमचत जनजाकतयों और अनय परमपरागत वन कनवालसयों के अमिकारों को पहली बार

    कानूनी िानयता दी जा रही है ज़जससे उनकी आजीकवका की सुरषिा हो रही है, साथि ही

    साथि यह सिुदायों को वनों की सुरषिा और संरषिण करने िें कानूनी तौर पर सिति बना

    रहा है।

  • यह प्रलिषिण पुससतका ग्ाि सभा के सदसयों और वन अमिकार समिकत के सदसयों को वन

    अमिकार अमिकनयि के बारे िें जागरूक करने व उनहें इस क़ानून के कवक्भन् प्राविानों और

    उसके अंतग्मत बनाए गए कनयिों और प्रकरियाओं के बारे िें जानकारी प्रदान करने हेतु है।

    वन अमिकार कानून 2006 की प्रसतावना स्ोत: जनजातीय िंत्ालय3

  • प्रशिक्षण पुस्तिका 2019 अनुसूचित जनजातत और अन्य-परमपरागत वन तनवासी (वन अचिकारों की मान्यता) अचितन्यम 2006

  • 2.1 संक्षिपत पररचय2.2 ककसके ललए है?2.3 ककन अमिकारों को िानयता देता है?2.4 ककस भूमि के ललए?2.5 ककसकी ज़िमिेदारी है?2.6 कैसा वन अमिकार िानयता पत्/टाइटल ददया जाएगा?

    02मूलभूति बातिें

  • प्रशिक्षण पुस्तिका 2019 अनुसूचित जनजातत और अन्य-परमपरागत वन तनवासी (वन अचिकारों की मान्यता) अचितन्यम 2006

    अनुसमूचत जनजाकत को छोड़कर अनय सभी श्णेी के सदसय या सिुदायजो 13 ददसबंर 2005 स ेपवू्म कि स ेकि तिीन पीढि्यों (75 साल) स ेप्राथचमक रुप से वनभूचम पर तनवास** (भीतर या बाहर) करते आ रह ेहैं और अपनी आजीतवका की वा्तितवक जरूरतिों*** के ललय ेवन या वनभूमि पर कनभ्मर हैं

    कहिाचल के वह गरै-जनजातीय सिुदाय ज़जनके वन अमिकार राजसव व वन बंदोबसत िें दज्म हैं वो इस शे्णी िें आते हैं।

    2.1 संक्क्षपति पररि्य

    “अनुसूमचत जनजाकत और अनय परमपरागत वन कनवासी (वन अमिकारों की िानयता) अमिकनयि 2006 व कनयि 2008 व संिोमित कनयि 2012”, को संक्षिपत िें वन अमिकार कानून, 2006 (Forest Rights Act- FRA, 2006) के नाि से जाना जाता है।

    2006 29/12/ 2006 को भारतीय संसद द्ारा पाररत वन अमिकार अमिकनयि को राष्ट्रपकत की सवीककृ कत मिली

    2007 02/01/2007 को जन सूचना हेतु वन अमिकार कानून को भारत के राजपत्र िें प्रकालित ककया गया

    2008 01/01/2008 को वन अमिकार कनयि लागू हुए

    2012 06/09/2012 को इस क़ानून िें संिोिन कर संिोमित वन अमिकार कनयि लागू हुए

    2.2 तकसके शलए है?

    वन अमिकार कानून कनमन दो प्रकार के सिुदायों के ललये है:

    िारा 2 (ग)

    अनुसूमचत जनजाकत श्ेणी के सदसय या सिुदायजो 13 ददसमबर 2005 स ेपहल ेस ेप्राथचमक रुप से वनभूचम पर तनवास करते हों (भीतर या बाहर) और अपनी आजीतवका की वा्तितवक जरूरतिों के ललए वन या वनभूमि पर कनभ्मर हों

    कहिाचल िें अनुसमूचत जनजातीय षेित्र जसै ेककन्ौर, लाहौल-सपीती और चबंा के भरिौर और पांगी के जनजातीय सिुदाय ज़जनके अमिकार वन व राजसव बंदोबसत िें दज्म हैं और जनजातीय घुिंतू पिपुालक जसै ेगद्ी और गजुजर सिदुाय के लोग इसिें िामिल हैं।

    1. वन में तनवास करने वाली अनुसूचिति जनजातति [Forest Dwelling Scheduled Tribe- FDST]

    ••

    ••

    िारा 2 (ण)

    2. अन्य-परंपरागति वन तनवासी [Other Traditional Forest Dweller- OTFD]

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    *

    ***

  • * प्राथचमक रुप से तनवास का अथ्थ

    9 जून 2008 को भारत सरकार के जनजातीय िंत्रालय ने ‘प्राथिमिक रुप से कनवास’ के अथि्म को सपष्ट करते हुये कहा है की इसिें ऐसे अनुसूमचत जनजाकत और अनय परंपरागत वन कनवासी िामिल होंगे ज़जनका घर/कनवास (सथिायी या असथिायी) या खुद की खेती की जिीन वन िें या वनभूमि पर हो भले ही वह खुद वन के अनदर या बाहर रहते हों। इसीललये यह जरुरी नहीं है कक ऐसे वन कनवासी वन िें या वनभूमि पर रहते हों लेककन अपनी आजीकवका की वासतकवक जरुरतों के ललये उनका वनभूमि पर कनभ्मर होना जरुरी है। ऐसे सभी सिुदाय वन अमिकार कानून की िारा 2 (ग) और 2 (ण) िें ‘वन िें कनवास करने वाली अनुसू्मचत जनजाकत’ और ‘अनय परंपरागत वन कनवासी’ की पररभाषा के दायरे िें आयेंगे।

    ** तिीन पीढि्यों से प्राथचमक रूप से तनवास का अथ्थ

    ‘अनय परमपरागत वन कनवासी’ के सनदभ्म िें ‘प्राथिमिक रूप से कनवास’ का यह अथि्म कबलकुल नहीं है कक ज़जस भूमि पर दावा ककया जा रहा है उस पर दावेदार का 13 ददसंबर 2005 से 75 वष्म पहला का कबिा हो। इसका अथि्म यह हैं कक दावेदार या ऐसे सिुदाय जो 13 ददसंबर 2005 से 75 वष्म (तीन पीदियों) से पहले षिेत्र के वन या वनभूमि पर अपनी आजीकवका के ललए कनभ्मर हों। िारा 2(ण) िें पररभाकषत अनय परमपरागत वन कनवासी का सनदभ्म ‘ककसी सदसय या सिुदाय’ से है इसीललए कोई भी दावेदार व्यलतिगत या सिुदाय सतर पर इस कानून के तहत अनय परमपरागत वन कनवासी के रूप िें अपनी पात्रता सथिाकपत कर सकता है।

    स्ोत: Frequently Asked Questions on the FRA जनजातीय िंत्ालय द्ारा प्रकलित

    *** आजीतवका की वा्तितवक जरूरतिों का अथ्थ

    आजीकवका की वासतकवक जरुरतों का ितलब इस कानून की िारा 3(1) िें ददये गये अमिकारों िें से ककसी भी अमिकार के इसतेिाल द्ारा अपनी और अपने पररवार की जरूरतों को पूरा करने से है, ज़जसिें अकतररक्त उतपाद की कबक्ी भी िामिल है। उदाहरण के ललए वनभूमि के अंदर कनवास और खेती, जलावन की लकड़ी इकट्ा करना, पिुओं की चराई, गैर-इिारती वन उतपाद जैसे मचलगोजा और जड़ी-बूटी आदद का संग्रह और उपयुक्त यातायात के िाधयि से वन षिेत् के भीतर और बाहर पररवहन व कबक्ी व आजीकवका से जुड़े अनय सभी प्रकार के वन उपयोगों (वनय प्राक्णयों के लिकार को छोड़कर) को ‘आजीकवका की वासतकवक जरूरतें’ िाना जायेगा।

    स्ोत: अनुसूमचत जनजाकत और अनय परमपरागत वन कनवासी (वन अमिकारों की िानयता) कनयि, 2008 संिोमित कनयि 2012 के कनयि 2(1)(ख), 2(1)(घ)।

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  • प्रशिक्षण पुस्तिका 2019 अनुसूचित जनजातत और अन्य-परमपरागत वन तनवासी (वन अचिकारों की मान्यता) अचितन्यम 2006

    राजय की ककसी भी िबदावली के अनुसार कववाददत भूमि जहाँ दावे कववाददत या लममबत हों पर अमिकार। िारा 3(1)(ि)सरकार या सथिानीय अमिकारी द्ारा लीि/ पट्ों/ अनुदान िे दी गयी भूमि को िसलकयत िें बदलने का अमिकार। िारा 3(1)(छ)सभी वन ग्ािों, पुराने आवासों, असववेक्षित (कबना सववे ककये गये) गावों और अनय गावं िे बसने एव पररवत्मन का अमिकार है भले ही उनकी गणना या पंजीकरण राजसव गावं के रुप िे हो या नहीं। िारा 3(1)(ज)जहाँ 13 ददसंबर 2005 से पहले लोगों को ककसी भी प्रकार की वनभूमि से कबना पुनवा्मस के गैरकानूनी रूप से बेदखल या कवसथिाकपत ककया गया हो वहां यथिावत पुनवा्मस का अमिकार। िारा 3(1)(ड)ऊपर ददये गये सभी अमिकारो के अलावा अनय कोई पारमपररक अमिकार यदद कोई हो। िारा 3(1)(ठ)

    वनभूमि, जो की व्यलतिगत या सािूकहक अमिभोग के अिीन हो, पर कनवास (घर) या आजीकवका के ललए सवयं खेती का अमिकार - ऐसी वनभूमि को िाररत करने और उसिें रहने का अमिकारिारा 3(1)(क)

    खेती से जुड़े काय्म जैसे पिु रखने, पछोरना और फसल कटाई के बाद के काि, चरि िें छोड़ी गई खाली भूमि, वकृषि उपज और उतपाद के भंडारण के ललए इसतेिाल सवयं खेती के अमिकार िें िामिल हैं तन्यम 12 क (8)

    अपनी वासतकवक जरूरतों के ललए 13 ददसंबर 2005 से पहले से ऐसी भूमि का उपयोग हो िारा 4(3)

    ऐसी भूमि वासतकवक उपयोग िे आ रहे षिेत्र तक सीमित होगी और ककसी भी ससथिकत िे इसका षिेत्रफल 4 हेकटेयर से जयादा ना हो िारा 4(6)

    1. व्यशतिगति वन अचिकार

    अन्य प्रकार के व्यशतिगति वन अचिकार

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    2.3 तकन अचिकारों को मान्यतिा देतिा है?

    वन अमिकार वनों पर कनभ्मर सिुदायों (FDST/ OTFD) के कनमन अमिकारों को कानूनी िानयता प्रदान करता है और उनिें कनकहत करता है-िारा 3(1)

    इस कानून के तिहति ऊपर ढद्ये ग्ये वन अचिकारों की मान्यतिा के शल्ये दावेदारों को दावा फ़ाम्थ ‘क’ भरना होगा। इसकी तव्तितृति जानकारी भाग 3 में दी ग्यी है।

  • सािुदाकयक अमिकार जैसे कनसतार जो राजाओं/जिींदारी/अंग्ेजों के सिय से चले आ रहे हों िारा 3(1)(ख)पारमपररक रुप से गावं की सीिा के भीतर या बाहर इकट्ा ककये गये गौण वन उतपाद पर िाललकाना, इकट्ा व उपयोग करने, उसे बेचने के ललये पहुंच का अमिकार िारा 3(1)(ग)खड्ड-नालों से िछली या अनय उतपादों का सािुदाकयक उपयोग करने का अमिकार िारा 3(1)(घ)राजय की ककसी भी िबदावली के अनुसार कववाददत भूमि जहाँ दावे कववाददत या लममबत हों पर अमिकार िारा 3(1)(ि)सभी वन ग्ािों, पुराने आवासों, असववेक्षित (कबना सववे ककये गये) गावों और अनय गावं िे बसने एवं पररवत्मन का अमिकार है भले ही उनकी गणना या पंजीकरण राजसव गावं के रुप िे हो या नहीं िारा 3(1)(ज)घुिनतु पिुपालकों को िौसिी व सथिायी चराई और पारमपररक िौसिी संसािनों तक पहुंच का अमिकार िारा 3(1)(घ)जैव-कवकविता तक पहुँच और सांसककृ कतक व जैव कवकविता से जुड़े पारमपररक ज्ान एवं बौज़धिक समपदा पर सािुदाकयक अमिकार। जैसे देव सथिलों एवं जड़ी-बूटी आदद िारा 3(1)(ट)ककसी भी वनय जीव का लिकार या अनय कोई नुकसान को छोड़कर बाक़ी सारे पारमपररक अमिकार ज़जनको ऊपर ददये अमिकारों िें िामिल न ककया गया हो। िारा 3(1)(ठ)ऐस ेअमिकार, ज़जनको राजय या सविासी ज़जला/ षिते्रीय पररषद के कानूनों के अनुसार िानयता दी गयी ह ैया ज़जनह ेराजय की ककसी पारमपररक कानून के तहत जनजाकतयों के अमिकारो के रुप िें सवीकार ककया गया ह।ैिारा 3(1)(ञ)

    अन्य प्रकार के सामुदाच्यक वन अचिकार

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    2. सामुदाच्यक वन अचिकार

    वन या वनभूमि पर सािुदाकयक उपयोग के अमिकार जैसे चराई, घास, लकड़ी, जड़ी-बूटी, देवसथिल, पानी के स्ोत, रासते, जैव-कवकविता आदद

    अपनी वासतकवक जरूरतों के ललए 13 ददसंबर 2005 से पहले से ऐसी भूमि का उपयोग हो िारा 4(3)

    इस कानून के तिहति ऊपर ढद्ये ग्ये वन अचिकारों की मान्यतिा के शल्ये दावेदारों को दावा फ़ाम्थ ‘ख’ भरना होगा। इसकी तव्तितृति जानकारी भाग 3 में दी ग्यी है।

  • प्रशिक्षण पुस्तिका 2019 अनुसूचित जनजातत और अन्य-परमपरागत वन तनवासी (वन अचिकारों की मान्यता) अचितन्यम 2006

    िारा 5

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    आस पास के जलागि षिेत्र, जल सत्रोत और अनय पाररससथिकतकीय रुप से संवेदनिील षिेत्र संरक्षित रखना

    यह सुकनक्चित करना की वन िे कनवास करने वाले सिुदायों का कनवास ककसी भी प्रकार की कवनािकारी गकतकवमियो से संरक्षित हो, जो उनकी सांसककृ कतक और प्राककृ कतक कवरासत को प्रभाकवत करती है

    यह सकुनक्चित करना की सािुदाकयक वन ससंािनों तक पहुचं को कनयमनत्रत करने और वन, वनय जीव और जवै-कवकवमिता को नुकसान करने वाली गकतकवमियों पर रोक लगाने के ललय ेग्ाि सभा द्ारा ललय ेगय ेकनण्मयों का पालन होवनय जीव, वनों और जैव कवकविता का सरंषिण करना

    वन या वनभूमि के संसािनों की रषिा, प्रबंिन, संरषिण और पुन्मजीकवत करने का अमिकार िारा 3(1)(झ)

    ऐसे वन संसािन ज़जसके सतत उपयोग के ललये सिुदाय परमपरागत रुप से सुरषिा व संरषिण करते आ रहे हैं

    3. सामुदाच्यक वन संसािनों की सुरक्षा एवं प्रबनिन का अचिकार

    सामुदाच्यक वन संसािनों की सुरक्षा एवं प्रबनिन के शल्ये हकदारों के कर््थव्य

    इस कानून के तहत ऊपर ददये गये वन अमिकारो की िानयता के ललये दावेदारों को दावा फ़ार्म ‘ग’ भरना होगा। इसकी कवसततृत जानकारी भाग 3 िें दी गयी है।

    वनभूमि 1 हेकटेयर से अमिक न हों और ज़जसिें 75 से अमिक पेड़ न कटें

    यूजर एजेंसी (ज़जमिेदार कवभाग जैसे सड़क कनिा्मण के ललये लोक कनिा्मण कवभाग) द्ारा प्रसताव तैयार ककया जायेगा

    ग्ाि सभा को प्रसताव पर अनापलत् प्रिाण पत्र देने का अमिकार

    1980 के वन सरंषिण कानून के प्राविानों के होते हुये भी वन अमिकार कानून के तहत (केनद्र सरकार की अनुिकत के कबना) 13 प्रकार की सरकारी कवकास योजनाओं के ललये वनभूमि का हसतांतरण ककया जा सकता है िारा 3(2) बितवे

    4. तवकास का अचिकार

  • ककसी भी प्रकार की भूमि जो ककसी भी वन * षिेत्र िें पड़ती हो –अवगगीककृ त / अघोकषत वन (अनकलासीफाइड फोरेसट), अलसिांककत वन (UF), िौजदूा या सिझ ेगय ेवन, सरंक्षित वनों (PF), आरक्षित वन (ररजव्म फोरेसट- RF), अभयारणय (सैंकचुअरी) और राष्ट्रीय उद्ान (नेिनल पाक्म )

    11

    13 प्रकार की तवकास ्योजना्यें

    सकूल/ कवद्ालय

    आंगनबाड़ी

    टंककयां और अनय लघु जलािय

    ससंचाईं के ललए लघु/ छोटी िोटी नहरें

    कौिल या व्यावसाकयक प्रलिषिण कें द्र

    सािुदाकयक कें द्र

    प्राथिमिक मचककतसालय/ उपचार कें द्र

    कवद्ुत और दूरसंचार लाइनें

    जल और बाररि का पानी जिा करने के ढाँचे

    उमचत कीित की दुकानें

    पेय जल की आपूरतं और जल पाइपलाइनें

    अपारमपररक ऊजा्म सत्रोत

    सड़कें

    ••••••

    * वन अचिकार कानून में ‘वनभूचम’ का अथ्थवन अमिकार कानून िे ‘वनभूमि’ का ितलब है ऐसी ककसी भी प्रकार की भूमि जो ककसी भी वन षिेत्र िें आती हो और वनभूमि के रूप िें सरकार के दसतावेजों िें दि्म हो। सुप्रीि कोट्म द्ारा गोदावि्मन केस िें ददए आदेि के अनुसार वन सरंषिण क़ानून, 1980 की िारा 2(घ) िें ज़जरि की गयी वनभूमि का अथि्म केवल मडकिनरी (िबदकोि) िें बताये गए वन से नहीं बसलक उन सभी भूमि से है जो सरकारी दसतावेजों िें वनभूमि की श्ेणी िें दि्म है भले ही उन पर िाललकाना हक ककसी का भी हो।

    स्ोत : Frequently Asked Questions on the FRA जनजातीय िंत्ालय द्ारा प्रकालित

    2.4 तकस भूचम के शलए? कहिाचल िें

    कुल भौगोललक षिेत्रफल की

    दो कतहाई भूमि वनभूमि की

    श्ेणी िें दज्म है

  • प्रशिक्षण पुस्तिका 2019 अनुसूचित जनजातत और अन्य-परमपरागत वन तनवासी (वन अचिकारों की मान्यता) अचितन्यम 2006

    उप-िंडल अमिकारी - समिकत अधयषिवन कवभाग का कोई भी अमिकारी जो उप-िंडल सतर पर प्रभारी हो जनजातीय कवभाग का अमिकारी या अनय अमिकारी ज़जनके पास उप-िंडल सतर पर जन जातीय िािलों का ज़िमिा हो जसै े कहिाचल िें तहसीलदार (गरै जन जातीय षेित्रों िें) तथिा जन जातीय कवभाग के अमिकारी (जन जातीय षेित्रों िें)तीन सदसय: ज़िला पंचायत/पररषद चुने गये बलॉक पंचायत समिकत के सदसय - ज़जसिें दो सदसय अनुसूमचत जनजाकत सिुदाय के हों (और जहाँ अनुसूमचत जनजाकत नहीं है वहां दो सदसय अनय परमपरागत वन कनवासी हो सकते हैं ) और एक िकहला सदसय होनी चाकहए

    राजय सरकार द्ारा उप-िंडल सतर पर गदित 6 सदसयों की समिकत ज़जसिें-•••

    2. उप-मंडल ्तिरी्य सचमतति Sub Divisional Level Committee (SDLC)

    ग्ाम सभा- गावं/ िुहाल/ तोक/ हेिलेट सतर पर बनी ग्ाि सभा ज़जसिे 18 साल से बड़े सब लोग िामिल हैं। इस कानून को प्रभावी और सहभागी बनाने के ललये ग्ाि सभा को अहि भूमिका दी गयी है।- ग्ाि सभा का कोरि तभी पूरा िाना जायेगा जब 50% से जयादा व्यसक सदसय उपससथित हों और उसिें से एक कतहाई िकहलाए ंहों

    वन अचिकार सचमतति (Forest Rights Committee- FRC)- ग्ाि सभा द्ारा गदित समिकत जो कानून को लाग ूकरने िें ग्ाि सभा की सहायता करेगी। ग्ाि सभा द्ारा 10-15 लोग इसके सदसय चुने जाते हैं।- इसिें से 2/3 जनजातीय सिुदाय से होंगे और जहां जनजाकत न हों तो अनय परमपरागत कनवासी के सदसय होंगे । समिकत िें 1/3 िकहला सदसयों का होना आवशयक है ।

    1. ग्ाम सभा और वन अचिकार सचमतति

    2.5 तकसकी ज़िममेदारी है?

    वन अमिकार क़ानून को लाग ू करने िें कनमन समिकतयों/ संसथिाओं/ कवभागों की ज़िमिेदारी है:

    12

  • वन अमिकार कानून के प्रभावी करियानवयन के ललये राजय सरकार के सभी कवभागों को इस कानून की

    पूरी जानकारी होना आवशयक है

    मडपटी कमिश्नर/ ज़जलािीि - समिकत अधयषि ज़जला सतर पर जो भी डी.ऍफ़.ओ ज़जमिेदार होजनजातीय कवभाग का अमिकारी या अनय अमिकारी ज़जनके पास ज़िला सतर पर जनजातीय िािलों का ज़िमिा हो जैसे कहिाचल िें ए.डी.सी. (अकतररति ज़जला उपायुति)/ ए.डी.एि. (अकतररति ज़जला दंड अमिकारी) (गैर जनजातीय षिेत्रों िें) तथिा पररयोजना अमिकारी ए. ज. जा. कव. प. (जनजातीय षिेत्रों िें)ज़जला पंचायत द्ारा चुने गये तीन ज़जला पररषद ्के सदसय ज़जसिें दो सदसय अनुसूमचत जनजाकत सिुदाय के हों (और जहाँ अनुसूमचत जनजाकत नहीं है वहां दो सदसय अनय परमपरागत वन कनवासी हो सकते हैं ) और एक िकहला सदसय होनी चाकहए

    राजय सरकार द्ारा ज़जला सतर पर गदित 6 सदसयों की समिकत ज़जसिें-

    •••

    3. ज़जला ्तिरी्य सचमतति District Level Committee (DLC)

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  • प्रशिक्षण पुस्तिका 2019 अनुसूचित जनजातत और अन्य-परमपरागत वन तनवासी (वन अचिकारों की मान्यता) अचितन्यम 2006

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    •••••••

    ग्ाम सभा व अन्य सभी सचमतति्यों की ज़जममेदारी व भूचमका जानने के शलए इस तकतिाब का पतृष्ठ 86-89 देखें

    तकन तवभागों की जवाबदारी

    जनजातिी्य मंत्ाल्य (Ministry of Tribal Affairs- MoTA) - कें द्र सतर पर आदेि, कनण्मय और सपष्टीकरण जारी करने की ज़जमिेदारीजनजातिी्य तवभाग – राजय सतर पर इस कानून के ललए नोडल कवभागपंिा्यतिी राज तवभाग – प्रलिषिण व् अनय ििीनी सिथि्मनवन तवभाग- दावों की जांच, सतयापन व अमिकारों का दसतावेजीकरणराज्व तवभाग- दावों की जांच, सतयापन व अमिकारो का दसतावेजीकरण

    ••••

    प्रिुख समचव, सरकार कहिाचल प्रदेि - समिकत अधयषिसमचव - राजसव कवभागसमचव- जनजातीय या सािाज़जक कलयाण कवभागसमचव - वन कवभागसमचव- पंचायती राज कवभागप्रिान िुखय अरणयपालजनजातीय सलाहकार पररषद ्के तीन अनुसूमचत जनजाकत सदसय ज़जनहें राजय सरकार चुनती हैकमिश्नर- जनजातीय कवभाग या उनके बराबर का कोई अमिकारी- जो इस समिकत के समचव होंगे

    सरकार द्ारा राजय सतर पर गदित समिकत ज़जसिें-

    4. राज्य ्तिरी्य तनगरानी सचमतति (State Level Monitoring Committee- SLMC)

  • • • • • • • •

    2.6 कैसा वन अचिकार मान्यतिा पत् (टाइटल) ढद्या जाएगा ?

    दावेदार को वनभूमि पर उपयोग का कानूनी अमिकार मिलता हैवन अमिकार िानयता पत्र/टाइटल एक हसताषिररत दसतावेज हैपकत-पतनी दोनों के नाि पर पंजीककृ त होगाराजसव व वन कवभाग के दसतावेजों (जैसे जिाबंदी) िें दज्म होगाप्रापत वन अमिकार पीिी दर पीिी कवरासत िें जाएगंे िारा 4(4)प्रापत वन अमिकार ककसी को बेचे या हसतांतररत नहीं ककये जा सकते िारा 4(4)प्रापत वन अमिकार िानयता पत्र/टाइटल िें ििीन की सीिाओं के अलावा खसरा और खतौनी नमबर की कवसतकृत जानकारी होना िरूरी है

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  • प्रशिक्षण पुस्तिका 2019 अनुसूचित जनजातत और अन्य-परमपरागत वन तनवासी (वन अचिकारों की मान्यता) अचितन्यम 2006

  • 3.1 वन अमिकारों को िानयता मिलने की प्रकक्या3.2 वन अमिकार दावा फ़ाि्म कैसे भरें?3.3 वन अमिकार कानून के तहत अपील और सुनवाई की प्रकक्या3.4 पररलिष्ट

    03प्रतरि्या

  • प्रशिक्षण पुस्तिका 2019 अनुसूचित जनजातत और अन्य-परमपरागत वन तनवासी (वन अचिकारों की मान्यता) अचितन्यम 2006

    3.1 वन अचिकारों के मान्यतिा चमलने की प्रतरि्या

    इस उप-भाग िें ‘वन अचिकारों के मान्यतिा की प्रतरि्या’ को 9 चरणों िें सिझाया गया है।इसिें तीनों प्रकार के ‘वन अचिकारों के मान्यतिा की प्रतरि्या’ को एक साथि बताया गया है। हर चरण िें ककये जाने वाले प्रसताव और काय्मवाही के निूने उप-भाग 3.4 िें सूचीवार ददए गए हैं।

    •••

    18

    प्रकरिया के हर चरण िें काय्मवाही के साथि ज़िमिेदार व्यलति/संसथिा की कवसतकृत जानकारी दी गयी है।

    काय्मवाही के िीक नीचे ददए गए ‘धयान रहे’ भाग को देखना न भूलें।

    अगले चरण िें जाने से पहले कपछले चरण की काय्मवाही पूरी कर लें।

  • 19

    इस मचत् िें वन अमिकारों को िानयता मिलने की प्रकक्या के 9 चरणों को संक्षिपत िें दिा्मया गया है

    भाग 3 - प्रकरिया

  • प्रशिक्षण पुस्तिका 2019 अनुसूचित जनजातत और अन्य-परमपरागत वन तनवासी (वन अचिकारों की मान्यता) अचितन्यम 2006

    ग्ाम पंिा्यति बैठकग्ाम सभा का गठन

    राजय सरकार यह सुकनक्चित करेगी कक वन अमिकार क़ानून की प्रकरिया को िुरू व करियानवयन करने के ललए हर पंचायत अपने षिेत्रीय सीिा िें इस कानून के अंतग्मत ग्ाि सभा का गिन करे।

    रि.सं. का्य्थवाही भूचमका / ज़िममेदारी

    पंचायत अपनी बैिक िें यह कनण्मय लेगी कक पंचायत िें गाँव या तोक सतर (हेिलेट) पर या एक से अमिक गांवों को मिलाकर (जहाँ जनसंखया बहुत कि हो) ककतनी ग्ाि सभाओं का गिन करना है। हर प्रसताकवत ग्ाि सभा की बैिक की कतलथि व जगह तय करके इसका प्रसताव पंचायत काय्मवाही रज़जसटर िें ललखेगी और पाररत करेगी। तन्यम-2क (क)(प्र्तिाव का नमूना: पररशिष्ट-1)

    सभी ग्ाि पंचायत प्रकतकनमि जैसे प्रिान, उपप्रिान, वाड्म सदसय और पंचायत समचव उपससथित होंगे।

    1.

    2.

    3.

    4.

    पंचायत समचव, वाड्म सदसय, उप-प्रिान की ज़जमिेदारी है कक अपनी-अपनी ग्ाि सभा िें बैिक का आयोजन करेंगे और सूची को ग्ाि सभा से पाररत करवाएगंे।

    प्रसताव की एक प्रकतललकप उप-िंडल सतरीय समिकत को भेजेगी। तन्यम-2क (क)

    नोदटस कनकालेगी और गाँव के लोगों को ग्ाि सभा बैिक की सूचना देगी।(नोढटस का नमूना: पररशिष्ट-2)

    प्रतयेक चयकनत ग्ाि सभा को काय्मवाही ललखने के ललए अलग रज़जसटर उपलबि कराएगी।

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    वन अमिकार कानून के तहत बनने वाली ग्ाि सभा पंचायत सतर पर बनने वाली ग्ाि सभा से अलग होगी। पहले इसका गिन गाँव/ तोक सतर (हेिलेट)/ िुहाल सतर पर होगा ज़जसके सभी व्यसक सदसय (िकहला और पुरुष) ग्ाि सभा के सदसय होंगे।

    ध्यान रहे

    1.

    1

  • पहली ग्ाम सभा बैठकवन अचिकार सचमतति का गठन

    रि.सं. का्य्थवाही भूचमका / ज़िममेदारी

    ग्ाि सभा के सभी व्यसक सदसय उपससथित रह सकते हैं व पंचायत समचव बैिक की काय्मवाही ललखेगा/गी।

    ग्ाि सभा की पहली बैिक प्रिान या वाड्म सदसय की अधयषिता िें आयोज़जत होगी ज़जसिें कनमन प्रसताव करने होंगे। (प्र्तिाव का नमूना : पररशिष्ट - 3)

    1.

    बैिक की काय्मवाही का प्रसताव उप-िंडल सतरीय समिकत को भेज दें।

    सुकनक्चित करें कक पहली ग्ाि सभा का नोदटस जारी हो चुका है और गाँव के साव्मजकनक सथिलों पर लगा ददया है।

    अगले कदम से पहले तनमन का्य्थवाही को िरूर पूरा कर लें

    21

    2

    कहिाचल िें ऐसी ग्ाि सभा बैिक करा कर वन अमिकार समिकतयों का गिन ककया जा चुका है। इस संदभ्म िें पंचायत समचव से वन अमिकार समिकत के सदसयों की सूची और ग्ाि सभा का प्रसताव रज़जसटर ललया जा सकता है।

    ग्ाि सभा को अपने गाँव िें वन अमिकार की प्रकरिया को िुरु करने के ललए अगले चरण िें दी गयी “पहली ग्ाि सभा बैिक” की काय्मवाही पूरी करनी होगी।

    2.

    3.

    भाग 3 - प्रकरिया

  • प्रशिक्षण पुस्तिका 2019 अनुसूचित जनजातत और अन्य-परमपरागत वन तनवासी (वन अचिकारों की मान्यता) अचितन्यम 2006

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    रि.सं. का्य्थवाही भूचमका / ज़िममेदारी

    इस बैिक िें ग्ाि सभा वन अमिकार समिकत के 10 से 15 सदसय चुनेगी। समिकत के सदसय अपने बीच िें से वन अमिकार समिकत के प्रिान व समचव का चयन करेंगे।तन्यम-3(1),(2)

    पंचायत समचव वन अमिकार समिकत के सदसयों की सचूी का प्रसताव उप-िंडल सतरीय समिकत को भेजगेा/गी।

    2.

    3.

    4.

    5.

    उप-िंडल सतरीय समिकत की ज़िमिेदारी है कक ककसी अमिकारी को ग्ाि सभा िें भेजे, जो ग्ाि सभा को कनमन जानकारी दे:

    कानून िें ललखखत उदे्शय व प्रकरिया के बारे िें,

    ग्ाि सभा, उप-िंडल सतरीय समिकत व वन अमिकार समिकत की ज़िमिेदारी के बार ेिें,

    जीव-जंतु के संरषिण व सुरषिा के बारे िें लोगों का दाकयतवअमिकारी ग्ाि सभा सदसयों को कन:िुलक दावा फ़ाि्म उपलबि करायेतन्यम-6(क),(ट),(ठ)

    वन अमिकार समिकत की ज़िमिेदारी हैं कक कनमन दसतावेिों जैसे ितदाता सूची, नकिे, नकिा-हक-बत्मन, वाज़जब-उल-अि्म और जिाबंदी की िाँग उप-िंडल सतरीय समिकत से करे।तन्यम-6(ख), तन्यम-12(4) (आवेदन-पत् का नमूना: पररशिष्ट 4)

    दूसरे प्रसताव िें, ग्ाि सभा सदसयों से दावे आिंकत्रत करेगी और वन अमिकार समिकत को कानून अनुसार तीन िहीने की अवमि िें दावे सवीकार करने के ललए अमिककृ त करेगी। दावे संलगन फ़ाि्म और कनयि 13 िें ददए गए साक्यों िें से कि से कि 2 साक्य के साथि सवीकार ककये जायेंगे (यदद आवशयकता लगे तो उमचत कारण देते हुए तीन िहीने की अवमि को बिा भी सकते हैं)। तन्यम-11(1)(क)

    तीसरे प्रसताव िें, ग्ाि सभा वन अमिकार समिकत को पूरे गाँव की तरफ से सािूकहक वन अमिकार और सािुदाकयक वन संसािन अमिकार के दावे तैयार करने के ललए अमिककृ त करेगी ज़जसके ललए िरूरी दसतावेिों को प्रापत करेगी और व्यलतिगत दावों को प्रापत करेगी। तन्यम-11(4)

    चौथिे प्रसताव िें, ग्ाि सभा सािुदाकयक वन संसािनों को कनिा्मररत करने की प्रकरिया को िुरू करने की तारीख तय करेगी और साथि

  • 23

    6.

    वन अमिकार समिकत साथि लगती ग्ाि सभा और उप-िंडल सतरीय समिकत, दोनों को सूमचत करेगी।

    लगती वन अमिकार समिकतयों (ज़जनके साथि साझे सािुदाकयक हक़ बत्मन हैं) को सूचना देने व सािुदाकयक अमिकारों पर सहिकत बनाने के ललए अमिककृ त करेगी। तन्यम-11(1)(ख)

    प्रसताव की एक प्रकतललकप उप-िंडल सतरीय समिकत को भेजेगी। तन्यम-11(1)(ख

    वन अमिकार कानून के अंतग्मत ग्ाि सभा का कोरि तभी पूरा िाना जायेगा जब 50% से जयादा व्यसक सदसय बैिक िें उपससथित होंगे और उसिें से एक कतहाई िकहलाओं का होना आवशयक है। प्रसतावों

    को िौजूदा सदसयों द्ारा बहुित देकर पास ककया जाएगा। तन्यम-4(2)

    वन अमिकार समिकत िें कि से कि 10 और अमिकति 15 सदसय होंगे इसिें से 2/3 जनजातीय सिुदाय से होंगे और जहां जनजाकत न हों तो अनय परमपरागत कनवासी के सदसय होंगे । समिकत िें 1/3 िकहला सदसयों का होना आवशयक है । उदाहरण के ललए 15 सदसयों की समिकत िें कि से कि 5 सदसय िकहलाए ंव 10 सदसय अनुसूमचत जनजाकत से होना अकनवाय्म है। तन्यम-3(1)

    अगर उप-िंडल सतरीय समिकत से कोई अमिकारी ग्ाि सभा िें नहीं आता तो वन अमिकार समिकत के प्रिान व समचव उप-िंडल सतरीय समिकत से दावा फ़ाि्म और अनय दसतावेज जैसे ितदाता सूची, नक़िे, नकिा-हक-बत्मन, वाज़जब-उल-अि्म और जिाबंदी की िाँग करेंगे और उप-िंडल सतरीय समिकत की ज़िमिेदारी है की वह वन अमिकार समिकत को यह दसतावेज उपलबि कराये।तन्यम-6(ख) व तन्यम-12(4)

    वन अमिकार समिकत उप-िंडल सतरीय समिकत से दावा फ़ाम्थ ‘क’, ‘ख’, ‘ग’ प्रापत होने के बाद दावा फ़ाि्म ‘क’ व्यलतिगत दावेदारों को उपलबि कराएगी। तन्यम 6 (ठ)

    बैिक के उपरानत पंचायत समचव द्ारा वन अमिकार समिकत का रज़जसटर ग्ाि सभा को सौंप ददया जाएगा।

    ध्यान रहे

    1.

    2.

    3.

    4.

    5.

    स्ोति- संख्या:पी.सी.एि एि.ए(14)4/2006-10402-93 ढदनांक: 02/02/2019

    भाग 3 - प्रकरिया

  • प्रशिक्षण पुस्तिका 2019 अनुसूचित जनजातत और अन्य-परमपरागत वन तनवासी (वन अचिकारों की मान्यता) अचितन्यम 2006

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    सुकनक्चित करें कक पंचायत समचव ने वन अमिकार समिकत के सदसयों की सूची उप-िंडल अमिकारी को प्रेकषत कर दी है।

    वन अमिकार समिकत ने उप-िंडल सतरीय समिकत से दावा फ़ाम्थ ‘क’, ‘ख’, और

    ‘ग’ और अनय दसतावेिों के ललए आवेदन कर ददया है।

    वन अमिकार समिकत को दावा फ़ाि्म प्रापत होने के बाद दावा फ़ाम्थ ‘क’ व्यलतिगत दावेदारों को दे ददया गया हैं।

    फ़ाम्थ ‘ख’ और ‘ग’ भरने के ललए जरूरी दसतावेि प्रापत कर ललए हैं।

    अगले कदम से पहले तनमन का्य्थवाही को िरूर पूरा कर लें

    वन अचिकार सचमतति की बैठकसामूतहक वन अचिकार दावों को तिै्यार करने की प्रतरि्या िुरू

    वन अमिकार समिकत के अधयषि की अधयषिता िें बैिक होगी ज़जसिें समिकत द्ारा नीचे ददए काय्म ककये जायेंगे। (प्र्तिाव का नमूना: पररशिष्ट-5)

    वन अमिकार समिकत दावा फ़ाम्थ ‘ख’ व ‘ग’ को भरने का काय्म करेगी ज़जसके तहत गाँव के दावेदारों की सूची के ललए दावेदार रज़जसटर बनाएगी। (दावा फ़ाम्थ ‘ख’ व ‘ग’ कैसे भरना है यह जानकारी पकृष्ठ 49 से 54 पर देखें) तन्यम- 4(1)(ख) व तन्यम- 11(2)(ii)

    दावा फ़ाम्थ ‘ग’ के ललए अपना सािुदाकयक वन संसािन षिेत्र (वह वन संसािन षिेत्र है ज़जसे सतत उपयोग केललये सिुदाय परमपरागत रुप से सुरक्षित व संरक्षित करते आ रहे हैं) की सीिा का नकिा बनाएगी ज़जसिें सरंषिण व प्रबंिन के अमिकार के ललए दावा ककया जाएगा। तन्यम- 12(1) (छ)

    ज़जन ग्ाि सभाओं के साथि साझा हक है उनके साथि साझी बैिक की तारीख तय करेगी।(नोढटस का नमूना: पररशिष्ट- 6) तन्यम- 12(3)

    सभी वन अमिकारसमिकत सदसय। बैिक की काय्मवाही वन अमिकार समचव ललखेगा/गी।

    वन अमिकार समिकत सदसय।

    वन अमिकार समिकत सदसय व गाँव के बुजग्म और वनों के बारे िें जानकार लोग।

    वन अमिकार समिकत समचव सूचना देगा।

    1.

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    3.

    4.

    3रि.सं. का्य्थवाही भूचमका / ज़िममेदारी

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    5. सभी वन अमिकार समिकत सदसय।

    तय की गयी तारीख से व्यलतिगत दावेदारों द्ारा भरे दावा फ़ाि्म ‘क’ लेने के ललए वन अमिकार समिकत के अधयषि व समचव को ज़िमिेदारी देगी और उनहें दावा फ़ाि्म भरने िें सहायता करेगी। तन्यम- 11(2)(i)(दावा फ़ाि्म ‘क’ कैसे भरना है यह जानकारी पकृष्ठ 45 से 48 पर देखें)

    दावेदारों की सूची “ितदाता सूची” से या पररवार रज़जसटर से देखकर बनायी जा सकती है । दावा फ़ाम्थ ‘ख’ और ‘ग’ के ललए दावेदारों की एक ही सूची बनाए ँज़जसिें ग्ाि सभा के सभी पात्र व्यसक सदसयों के नाि श्ेणी वार –‘अनुसूमचत जनजाकत’ या ‘अनय परमपरागत वन कनवासी’- ललखे जायेंगे ।

    ज़जन षिेत्रों/ज़जलों िें नकिा-हक-बत्मन दसतावेि उपलबि है वहां फ़ाम्थ ‘ख’ इसी दसतावेि के कहसाब से भरें कयोंकक इसिें खसरा संखया, षिेत्रफल और वन अमिकार ललखे हुए हैं।

    ज़जन ज़िलों िें नकिा-हक-बत्मन नहीं है वहां वाज़िब-उल-अि्म और वन बंदोबसत ररपोट्म से वन अमिकारों की जानकारी फ़ाम्थ ‘ख’ िें भर सकते हैं। साथि ही गाँव की जिाबंदी से खसरा संखया व षिेत्रफल भर सकते हैं। फ़ाम्थ ‘ख’ िें घुिंतू पिु पालकों की जानकारी, पूजा सथिान, जैव कवकविता और पारमपररक ज्ान की जानकारी अलग से भरें ।

    फ़ाम्थ ‘ग’ िें गांव के सािुदाकयक वन संसािनों के पारमपररक उपयोग की सीिा को नकिे के िाधयि से दिा्मना है और यह नकिा गाँव के जानकार लोगों के साथि मिलकर हाथि से बनाया जा सकता है या राजसव कवभाग या वन कवभाग से प्रापत नकिों का भी इसतेिाल कर सकते हैं या उनहें पत्राचार द्ारा तन्यम 12(4) के तहत सहायता के ललए बुलाया जा सकता है ।

    फ़ाम्थ ‘क’ हर व्यलतिगत दावेदार को सवयं भरना होगा और साक्य जुटाने होंगे। दावा फ़ाि्म भरने के बाद कि से कि दो साक्यों सकहत फ़ाम्थ ‘क’ वन अमिकार समिकत समचव को जिा कराए ँऔर रसीद अवशय ले लें ।

    जो भी सदसय व्यलतिगत दाव ेभर रह ेहैं उनहें पटवारी या अनय राजसव अमिकारी द्ारा जारी परचा ततीिा फ़ाम्थ ‘क’ के साथि सलंगन करने को कहें नहीं तो जांच पड़ताल के सिय दावा षेित्र का िापन करना पड़ेगा ज़जसिें बहुत सिय लग सकता ह।ै

    ध्यान रहे

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    भाग 3 - प्रकरिया

  • प्रशिक्षण पुस्तिका 2019 अनुसूचित जनजातत और अन्य-परमपरागत वन तनवासी (वन अचिकारों की मान्यता) अचितन्यम 2006

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    इस बैिक िें वन अमिकार समिकत के सभी सदसयों की उपससथिकत सुकनक्चित करें।

    दावा फ़ाम्थ ‘क’,‘ख’ व ‘ग’ कैसे भरना है यह जानकारी पकृष्ठ 45 से 54 िें कवसतकृत रूप से दी गयी है।

    सुकनक्चित करें कक फ़ाम्थ ‘ख’ और ‘ग’ भर ललये गये हैं।

    साथि लगती ग्ाि सभाओं को साझी बैिक कक तारीख की सूचना मिल चुकी है।

    अगले कदम से पहले तनमन का्य्थवाही को िरूर पूरा कर लें

    साझी ग्ाम सभाओं के वन अचिकार सचमतति के सद््यों की बैठकसाझे वन अचिकारों पर सहमतति

    ज़जन ग्ाि सभाओं के साथि वनभूमि पर साझे हक़-बत्मन हैं उनकी वन अमिकार समिकतयों के सदसयों की साझी बैिक होगी। तन्यम- 12(3)

    वन अमिकारों और उसकी सीिाओं पर सहिकत बनाना और प्रसताव पाररत करना।(सहमतति प्र्तिाव का नमूना: पररशिष्ट-7)

    सभी सबंंमित वन अमिकार समिकतयों के सदसय।

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    अगर साझी बैिक िें वन अमिकार समिकतयों की आपसी सहिकत ककनही कारणों से नहीं बन पाती है तो समबंमित ग्ाि सभा उति काय्मवाही ललखखत रूप िें दज्म करेगी और उसे उप-िंडल सतरीय समिकत को भेजेगी। तन्यम- 12(3)

    उप-िंडल सतरीय समिकत ग्ाि सभाओं के बीच सिझौता कराएगी और अगर सिझौता नहीं होता तो उमचत आदेि पाररत करेगी।तन्यम- 6(ि) व तन्यम- 14(7)

    ध्यान रहे

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    रि.सं. का्य्थवाही भूचमका / ज़िममेदारी

  • 01

    साझी ग्ाि सभाओं से सहिती पत्र प्रापत हो चुका है।

    वन अमिकार समिकत को सुकनक्चित करना चाकहये कक सभी व्यलतिगत दावेदारों ने अपना दावा-पत्र (फ़ाम्थ ‘क’) प्रसतुत कर ददया है।

    दावों का संकलन अगली वन अमिकार समिकत की बैिक िें ककया जाएगा। पर यह बैिक ग्ाि सभा द्ारा तय दावा पत्रों को सवीकार करने की अंकति कतलथि के बाद ही होगी।

    अगले कदम से पहले तनमन का्य्थवाही को िरूर पूरा कर लें

    वन अचिकार सचमतति की अगली बैठकदावों का संकलन और जांि पड़तिाल की सूिना

    बैिक िें सािूकहक और व्यलतिगत दावों का संकलन ककया जाएगा और प्रापत दावों की जांच पड़ताल हेतु तारीख व सिय तय ककया जाएगा।(प्र्तिाव का नमूना: पररशिष्ट-8)

    वन अमिकार समिकत प्रापत दावों की जांच पड़ताल की सूचना का नोदटस जारी करेगी और इसकी चार प्रकतयाँ तैयार करेगी। सूचना का नोदटस गाँव के साव्मजाकनक सथिलों पर लगाया जाएगा।(नोढटस का नमूना: पररशिष्ट-9)

    वन अमिकार समिकत के सभी सदसय।

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    सुकनक्चित करना कक जांच पड़ताल की तारीख एवं सिय सभी दावेदारों के ललए अनुकूल हो।

    सुकनक्चित करना कक सूचना का नोदटस जारी होने की तारीख और जांच पड़ताल की तारीख के बीच िें कि से कि 10-15 ददनों का अंतर हो।

    जांच पड़ताल की सूचना की नोदटस िें जांच पड़ताल का उदे्शय, तारीख, सिय व सथिान सपष्ट ककया जायेगा।

    वन अमिकार समिकत सूचना-नोदटस की एक प्रकतललकप उप-िंडल अमिकारी, डी.ऍफ़.ओ/रेंजर, तहसीलदार को भेजेगी और रसीद प्रापत करेगी।वन अमिकार समिकत सुकनक्चित करेगी की सभी व्यलतिगत दावेदरों को जाँच पड़ताल की तारीख, सथिान और सिय की जानकारी मिले।

    ध्यान रहे

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    रि.सं. का्य्थवाही भूचमका / ज़िममेदारी

    भाग 3 - प्रकरिया

  • प्रशिक्षण पुस्तिका 2019 अनुसूचित जनजातत और अन्य-परमपरागत वन तनवासी (वन अचिकारों की मान्यता) अचितन्यम 2006

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    सुकनक्चित करें की जांच पड़ताल की सूचना जारी हो चुकी है और दावेदारों तथिा उप-िंडल अमिकारी, डी.ऍफ़.ओ / रेंजर, तहसीलदार को मिल चुकी है।

    सुकनक्चित करना की वन अमिकार समिकत, सािूकहक वन अमिकार की दावा फाइलों की कि से कि तीन प्रकतयाँ बनाएगी ज़जनिे से एक एस .डी. ऍि को , एक सथिानीय आर.ओ को और एक ग्ाि सभा सवयं अपने पास सुरक्षित रखेगी ।

    अगले कदम से पहले तनमन का्य्थवाही को िरूर पूरा कर लें

    जांि पड़तिाल की का्य्थवाहीदावों के ्वरूप, तव्तिार और साक््यों की जांि/सत्यापन

    जांच पड़ताल की काय्मवाही िें सभी वन अमिकार समिकत के सदसय, दावेदार और राजसव व वन कवभाग के अमिकारी िामिल हो सकते हैं। काय्मवाही िें िामिल सदसयों और अमिकाररयों के नाि और हसताषिर काय्मवाही रज़जसटर िें दज्म होंगे। तन्यम 12(क)(1)

    जांच पड़ताल के ललए तय तारीख के ददन अगर राजसव व वन कवभाग के अमिकारी नहीं पहुँचते तो वन अमिकार समिकत कबना अमिकाररयों की िौजूदगी के भी दावों की जांच सवयं कर सकती है।

    ज़जस भूमि का दावा ककया गया है, वन अमिकार समिकत उस जगह जाएगी और जांच पड़ताल िें कनमन 3 कबनदुओं की जांच करेगी:

    दावा ककसके ललए ककया है (सवरुप)दावा ककतनी भूमि के ललए है (कवसतार)दावों के सिथि्मन िें लगे सबूत कया सही और पया्मपत हैं (साक्य)

    समिकत जांच पड़ताल के दौरान कनकले कवचारों-कनषकषषों की ररपोट्म काय्मवाही रज़जसटर िें दज्म करेगी। तन्यम-12(1)(क) व तन्यम-13(3)(जांि पड़तिाल का्य्थवाही का नमूना: पररशिष्ट- 10)

    वन अमिकार समिकत हर व्यलतिगत दावे का िौके पर एक निरी नकिा बनाएगी और उसिें आसानी

    वन अमिकार समिकत सदसय, सभी दावदेार, राजसव व वन कवभाग के अमिकारी।

    वन अमिकार समिकत जांच पड़ताल ररपोट्म फाइनल करगेी।

    वन अमिकार समिकत।

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    रि.सं. का्य्थवाही भूचमका / ज़िममेदारी

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    वन अमिकार समिकत समचव।

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    से पहचाने जाने वाले मचनह जैसे घर, रोड, खड्ड, खेत इतयादद को ददखाएगी। तन्यम-12(1)(ङ)(निरी नक़िे का नमूना: पररशिष्ट- 11)

    वन अमिकार समिकत द्ारा जांच पड़ताल ररपोट्म को ग्ाि सभा िें प्रसतुत ककया जाएगा। समिकत ग्ाि सभा को इस बैिक के आयोजन की सूचना जारी करेगी ज़जसकी प्रकतललकप उप-िंडल सतरीय समिकत को भेजी जाएगी। तन्यम-12(2)(नोढटस का नमूना: पररशिष्ट- 12)

    वन अमिकार समिकत जांच पड़ताल ररपोट्म िें कनमन 3 कबनदुओं को जांच कर, कनषकष्म ललखेगी:

    दावा तकसके शलए तक्या है (्वरुप): कया दावा उसी भूमि पर है जो दावा फ़ाि्म िें बताई गयी है? कया ज़जस भूमि पर दावा ककया है वह वनभूमि है? कया दावे फ़ाि्म िें भूमि का जो उपयोग बताया गया है िौके पर वही पाया गया? उपयोग का कववरण दें।

    दावा तकतिनी भूचम के शलए है (तव्तिार): कया ज़जतना षिेत्रफल दावा फ़ाि्म िें बताया गया है, िौके पर वही पाया गया? पटवारी द्ारा जारी परचा ततीिा लगा है तो उसको आिार िान सकते हैं वरना िौके पर भूमि की नपाई की जाएगी।

    दावों के समथ्थन में लगे सबूति क्या सही और प्या्थपति हैं (साक््य): दावदेार ने अपनी पात्रता समबनिी कया सबूत लगाय ेहैं?13 ददसमबर 2005 से पहले का भूमि उपयोग ददखाने के ललए कया साक्य लगाये हैं?

    कया व्यलतिगत दावेदार के दावे के ककसी भी षिेत्र िें गावं के अनय सदसयों के जल स्ोत और रासते के भी अमिकार हैं ? अगर हैं तो जाँच पड़ताल ररपोट्म िें दज्म करें और उस षिेत्र को नजरी नकिा िें ददखायें ज़जस पर ग्ाि सभा कनण्मय लेगी।

    इनहीं कबनदुओं पर सािूकहक दावा फ़ाम्थ ‘ख’ और ‘ग’ को भी जांचेगी ज़जसिें यह जांचेगी की दावों का सवरूप और षिेत्रफल नकिा-हक-

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    भाग 3 - प्रकरिया

  • प्रशिक्षण पुस्तिका 2019 अनुसूचित जनजातत और अन्य-परमपरागत वन तनवासी (वन अचिकारों की मान्यता) अचितन्यम 2006

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    बत्मन / वाज़जब-उल-अि्म / वन बंदोबसत / जिाबंदी के कहसाब से भरा है और सिथि्मन के साक्य िें कौन से दसतावेज लगायें हैं।

    अगर वन अमिकार समिकत के कोई भी सदसय खुद दावेदार हैं तो वे यह बात समिकत को बतायेंगे और अपने दावे की जांच पड़ताल के सिय जांच िें िामिल नहीं होंगे। तन्यम-3(3)

    इस काय्मवाही के दौरान दावेदार या उनका कोई प्रकतकनमि, वन कवभाग की ओर से फॉरेसट गाड्म और राजसव कवभाग से पटवारी भी िामिल होंगे व काय्मवाही पर अपने पदभार, ददनांक और दटपपक्णयों के साथि हसताषिर करेंगे।तन्यम-12क(1)

    जांच पड़ताल के ललए तय तारीख के ददन अगर राजसव व वन कवभाग के अमिकारी नहीं पहुँचते तो वन अमिकार समिकत कबना अमिकाररयों की िौजूदगी के भी दावों की जांच सवयं कर ररपोट्म ललख सकती है। अगर ग्ाि सभा द्ारा पाररत दावों पर वन कवभाग और राजसव कवभाग अपने अमिकाररयों की जांच पड़ताल िें अनुपससथित�