वूमथनभस्काय इव लफ-व इट क प रक ळन दकम गम...

115

Upload: others

Post on 05-Oct-2020

21 views

Category:

Documents


0 download

TRANSCRIPT

  • 1

    ।।श्रीयाभवभथथ।।

    वूमथनभस्काय- वाधकों के लरए वुबाऴ बगलॊतयाल खडेकय

    आददत् मानाभशॊ षल णरु्जोतिषतऴाॊ यषलयॊळभुान | भयीषिभमरूताभस्मभ नषत्राणाभशॊ ळळी ||२१|| श्रीभद्भगलद्गीता अध् माम १० अददषत के फायश फेटों के फीि भ ैषलणु, आकाळ के ग्रशगोर वभशु के फीि भें भ ैवमूम, 49 लामदेुलता के फीि भरयिी भ,ै आकाळ भें तायों के वभशू के फीि िॊद्रभा भैं शी शूॉ.

    एक वलचाय ळराका नान ूऔय भनु के लरए वुबाआफा.

    श्रीवूमथस्थान वभथथ वलद्यायोग्म कें द्र, नालवक 'कालळलॊत‘, ऩाठीर रेन-४, कॉरेज योड, नालवक-४२२००५

    दयूध्लनी- +९१ २५३ २५७४२९३ भ्रभणबाऴ +९१ ९४०३९१४३७४ स्काईऩ- subhashkhardekar पेवफुक- facebook/suryasthan www.suryanamaskar.info

    गुगर भॅऩ ल गुगर+ वूमथनभस्काय प्राणामाभ प्रलळषण लगथ वॊमथान वदमम 'आयोग्म वॊऩदा' गुरूर्जोती रुग्णारम, नाषवक

    http://www.suryanamaskar.info/

  • 2

    ।।श्रीयाभवभथथ।।

    ||अऩथण ऩविका|| भेये वबी छात्र, उनके ऩतु्रऩौत्र, वमूमनभमकाय, दैषनक वाधना कयनेलारे, वबी वाधक, आऩके अॊगबतू- वमूमतेर्जोत-आत् भायाभको वादय वभषऩमत.

    ।।जम जम यघुलीय वभथथ।।

    वबीॊ अलधकाय वयुक्षषत श्रीसयूयस्थान समथय विद्यारोग्म कें द्र, नावसक

    „काविितं‟ पाटील लने-४,

    कॉलजे रोड, नावसक-४२२००५

  • 3

    ।।श्रीयाभवभथम।।

    वलऴम वूची 1. वमूथ नभस्काय- छािों के लरए. 2. अऩथणऩविका, 3. वलऴम वचूी 4. भुखऩषृ्ठ 5. रेखक के फाये भें 6. वॊदबथग्रॊथवूची 7. वॊस्थान के प्रकाळन 8. अॊगे्रजी ऩाठ्म ऩसु्तक जानकायी 9. नभन शयी-शय-आददत् मको 10. भेयी वलचाय धाया 11. वूमथनभस् काय- वाधकों के लरए 12. ॐ लभिाम नभः 13. ॐ यलमे नभ: 14. ॐ वमूाथम नभ: 15. ॐ बानले नभः 16. ॐ खगाम नभः 17. ॐ ऩषू् णेनभः 18. ॐ दशयण् मगबाथम नभः 19. ॐ भरयचमे नभः 20. ॐ आददत् माम नभः 21. ॐ ववलिे नभः 22. ॐ अकाथम नभः 23. ॐ बास् कयाम नभः 24. शयएक क्षस्थलत चाय बागों भें 25. फीजाषयभॊि 26. उत्कृष्टता के लरए ळवि-षभता ऩानेकी वललध 27. वूमथनभस्काय व्मलशारयक ददळालनदेळ

  • 4

    28. वूमथनभस्काय लनदेळ (प्राथलभक वेट) 29. प्रलळषण कामथळारा के प्रकाय 30. e-वूमथनभस्काय कामथळारा 31. लनभॊिण- वशबाग के लरए 32. भागथलनदेळ- वमूथदळथन-आशाय-ददनक्रभ 33. अऩनी तयक् की को ऩशचानो 34. आभॊिण- ळालभर शोने के लरए 35. प्रथभ वक्षमभलरत वॊस्थाओॊ की वचूी 36. भयाठी ऩाठ्म ऩसु्तक की जानकायी 37. इव लऴथ के रक्ष्म २०१६

    ऩयूी वभझ के वाथ रेख ऩद़ि ए. उवके भशत्ल का एशवाव कीस्र्जोतए. वमूमनभमकाय का दैषनक अभ्माव कीस्र्जोतए. वमूमनभमकाय का भखुऩत्र फषनए. वमूमनभमकाय का अभ्माव कयन ेके षरए दवूयों को प्ररेयत कीस्र्जोतए. रेख डाउनरोड कीस्र्जोतए. षप्रॊटआउट षनकाषर ए. अऩने दोमतों के फीि षलतरयत कीस्र्जोतए.

  • 5

    ।।श्रीयाभवभथम।। भुखऩषृ्ठ

    वमूमऩॊिामतन भें ऩाॉि देलता शैं- बगलान षलण,ु बगलान वमूमनायामण, बगलान ळॊबभूशादेल, आददळक् ती ऩालमती औय बगलान गणेळ. अऩनी अऩनी श्रध् दा औय आम थावे शभ वफ इन देलताकॊका ऩरू्जोतन कयते शैं. वॊऩणूम भानल र्जोताषत उनकी आमथा के अनवुाय षलबास्र्जोतत शै – र्जोतो वॊप्रदाम बगलान षलण ुकी ऩरू्जोता कयता शै उवको लैणल कशा र्जोताता शै, र्जोतो वॊप्रदाम बगलान वमूमनायामण की ऩरू्जोता कयता शै उवको वौय कशा र्जोताता शै. र्जोतो वॊप्रदाम बगलान ळॊकयर्जोती की ऩरू्जोता कयता शै उवको ळलै कशते शै.

    बगलान षलणु षलश्वकी धायणा कयते शै. वृ टीका षनभामण कयते शैं. उनके भकूुटभे भमयूऩॊख षलयास्र्जोतत शैं. वमूम बगलान वफका ऩोऴण कयते शैं. र्जोतीलप्रास्णमोंका, भनु मर्जोतातीका र्जोतीलन फनाए यखते शैं. ऩयेु ब्रह्ाॊडका वॊिारन कयत शै. बगलान षळलर्जोतीका प्रबाल र्जोतन् भ-भतृ् मकेु िरपरऩय शैं. उनका ताॊडल नतृ् म प्ररमॊकायी शोता शैं. उनके शाथ भे डभरू आलश् म देखनकेो षभरेगा. आददभामा/ आददळक् ती बगलानकी वरृ्जोतनकी ळक् ती शै. वाभ थ्म के वाथ ळक् तीका मोग शोना उत् ऩत् तीका कायण शैं. षत्रळरू आददभामा की षनळानी शै. बगलान गणेळ फषुिके देलता शैं औय ऩयभानन् द ऩयभवत् मका सान प्रदान कयते शैं.

    बगलानकी ऩरू्जोता-आयाधना मश धभमकामम शैं. बगलानने शभे षनस्ित रूऩवे र्जोतीलन का कुछ षभळन ददमा शै. मश कामम भनरगाकय कयना मशी बगलानकी आयाधना शै. वच् िे भनवे दकमा शुआ कामम उनको अऩमण कयना मशी बगलानकी ऩरू्जोता शै. कामम औय काममपरका बोग वभषऩमत कयना मशी धभममस शैं. कामम तीन प्रकायके भाने गम े शैं- षनत् मकभम, नषैभस्त्मक कभम औय स्मलकृत कभम. वमूमनभम काय षनत् मकभम शै. षनमषभतरुऩवे योर्जोताना शयएकको इव प्रकायका कामम कयना अषनलामम शैं. मदद

    आऩ न-कये, ना-भाने तो प्रकृती आऩको दॊड कयेगी. आऩके ळयीय भनको दॊड षभरेगा. आऩके वाथ शोनेलारोंकोबी दॊड षभरेगा. बोर्जोतन कयना मा यातको षनॊद रेना मश षनत् मकभम शैं. आयाभ कयनेके षरए भरुामभ षफम तय की र्जोतरूयत

  • 6

    नशीॊ शै. षनॊद आनेऩय ऩथयीरी र्जोतषभनऩय आयाभवे गशयी षनॊद रे वकते शैं. बखू रगनेऩय खानेमोग् म कौन वीबी िीर्जोत खाकय बकू षभटा वकते शै. कटोयीभे खाक मा वोनेकी प् रेटभे इववे कोई पयक नशी ऩडता. बोर्जोतन मा षनॊद के षफना आऩ फि नशी वकते. बखेू शो तो दकवीको वनु नशी ऩाकगे. कोई वभझानकेी कोषळळ कयेगा तो उवऩय गुम वा कयोगे. यातको षनॊद नशी औय ददनभे काय िराते शो तो वभझो वफ, कायके अॊदयलारे औय फाशयलारे, खतयेभे शैं.

    वमूमनभम काय षनत् मकभम शै. शभ वफ उववे दयू र्जोता यशे शै. शभाया म लाम ् म खतयेभे शै. मश खतया घयलारोंकी षिॊता फढाता शै. वमूमनभम काय/ फरोऩावना का अबाल मश शयएक षफभायीका कायण शै. मदी म लम थ-ळाॊत यशना शो, दला-दारुव ेछुटकाया िाशते शो तो वमूम नभमकाय अऩनाक. वमूमऩॊिामतनकी ऩरू्जोता कयनलेारे म त्री-ऩरुूऴ, अषभय-गयीफ, शयएक र्जोताती, बाऴा, ऩॊथ, प्रदेळ- वबी रोगोंन े वफुश वमूमनभम काय कयना िादशए. वमूमनभम काय मश एक वाधना शै स्र्जोतववे शभ वमूमस्मथत बगलान षल ण ूमा वमूमस्मथत बोरे ळॊकयर्जोतीका अिमन कय वकते शै. मश आददळक् ती की उऩावना शै, वौयळक्ती की उऩावना शै. श्रीदावफोधभे षरखा शै-

    ऩळुऩलत श्रीऩलत आणी गबव ती|

    माॊच् मा दळथने दोऴ जाती | तैवाची नभाला भारुती| लनत् म नेभे वलळेऴ

    ||(दावफोध ४-६-६)

    ।।र्जोतम र्जोतम यघलुीय वभथम।।

  • 7

    रेखक ऩरयचम

    खडेकय वबुाऴ बगलॊतयाल बी.ए; बी.एड; एम.ए.

    वूमथनभस्काय वाधक श्री डी. डी. षफटको फॉइर्जोत शामम कूर औय र्जोतषूनमय कॉरेर्जोत नाषवक. उऩप्रािामम ऩदवे वेलाषनलतृ्त। वेलाषनलषृत्त के फाद मलमॊ को वमूमनभमकाय ऩणूमकाषरक काममकताम घोषऴत दकमा। वमूमनभमकाय कयने के षरए, छात्रों एलॊ वाधकों को प्रेरयत कयने के षरए www.suryanamaskar.info इव लेफ-वाइट का प्रकाळन दकमा गमा शै। ई-ऩमुतक लेफ-वाइट का अरग दशमवा शै। ई-ऩमुतक भयाठी, दशन्दी, अॊगे्रर्जोती बाऴा भें शैं। इनका डाउनरोड कयना षन्ळलु्क शैं। देळ-षलदेळ के फशुत वे रोग इव लेफ-वाइट को देखकय वमूमनभमकाय का दैषनक अभ्माव कयते शैं। फदश्ळार षळषण भॊडर, वाषलत्रीफाई ऩणेु षलद्याऩीठ, ऩणेु---'वूममनभमकाय औय मलाम्म' इव षलऴम का ऩॊर्जोतीकृत रेक्ियय शै। ऩयूी स्लास््म की जभानत ऩॊद्रश लभनट के बीतय. शय ददन. मश वमूमनभमकाय का नाया शै। मश घोऴलाक्म व्मलशाय भें राने के षरए श्रीवमूथस्थान वभथथ वलद्यायोग् म कें द्र, नालवक इव धभामथम ऩॊर्जोतीकृत वॊमथान की मथाऩना की शै। वमूमनभमकाय औय वॊमकृत बाऴा वॊमथान का भखु्म आधाय शैं। इव भाध्मभवे वबी आम ुलगम के ऩरुुऴ औय भदशराकॊ के वलाांगीण षलकाव कयनकेे षरए औय प्रािीन बायतीम षलसान-खेर-करा को फढाला देनकेे षरए वॊमथा काममयत शै। वार बय शय वप्ताश भें ऩाॊि ददन की वमूथनभस्काय प्राणामाभ प्रलळषण कामथळारा वॊमथान आमोर्जोतन कयती शै। प्रषळषण काममळारा के षरए भयाठी ऩाठ्म ऩमुतक वूमथनभस्काय एक वाधना कामथऩकु्षस्तका (वाधकाॊवाठी पक्त) दावनलभी 2012 के ळबु ददन ऩय प्रकाषळत दकमा गमा शै। मश दकताफ ऩयभ ऩालन भाननीम बऴूण

  • 8

    मलाभी, याष्डगरू वभथम याभदाव मलाभी भशायार्जोत के लॊळर्जोत के शाथों वे प्रकाषळत दकमा गमा शै। वबी आम ुलगम के वाधकोंकों को वमूमनभमकाय वाधना भे प्रषळषण देन ेका कामम षऩछर ेतेयश वार वे ळरुू शै। इव ऩमुतक का प्राथषभक उदे्दश्म शै दषुनमा के वबी वमूमनभमकाय वाधकों को षलषधऩलूमक औय व्मलस्मथत वमूमनभमकाय वीखन ेके षरए प्रबाषलत कयना। उन्शे ऩयेू ब्रह्ाॊड भें वमूमनभमकाय का वॊदेळ प्रवारयत कयन ेके षरए प्ररेयत कयना। इव वभम भेये षरए वफवे भशत्लऩणूम व्मषक्त आऩ शो। भैं आऩके वमूमनभमकाय के अनबुल र्जोतानने के षरए उत्वकु शूॉ। अफ मश शभाया वॊमकु्त उत्तयदाषमत्ल शैं की दषुनमा भें वबी ऩरयलाय वमूमनभमकाय का प्रषळषण केन्द्र फने औय शय गशृमथी का शय एक वदमम मश वाधना औयों को ऩारयत कये। वमूमनभमकाय वाधना के भाध्मभ वे आऩ के वबी इच्छाकॊ की ऩषूतम शो इवषरए प्रब ुयाभिॊद्रवे प्राथमना कयता शूॉ।

    ।।र्जोतम र्जोतम यघलुीय वभथम।।

  • 9

    ।।श्रीयाभवभथम।।

    वॊदबथग्रॊथवचूी श्रीभद्भगलद्गीता (14) गीताप्रेव, गो यखऩयु- 273 005 आॉठला वॊम कयण वॊ. 2054

    अध् मात् भ ् मोषतऴ षलिाय श. न.े काटले. षनत् मकभम-ऩरू्जोताप्रकाळ (592) गीताप्रेव, गो यखऩयु- 273 005 तीवलॉ ॊ वॊम कयण

    वॊ. 2060 मोग वाधना म लाभी याभदेल. ददव् मप्रकाळन, ददव् म मोग भॊददय ्रसम ट, कृऩार ुफागआश्रभ, कनखर, शरयद्वाय- 249 408 उत् तयािर्जोत. भे 2006

    र्जोतीलन-वधुाश्रीवभथम षलद्याऩीठ, श्रीवुॊदय भठ, षळलथयघऱ. भािम 2006 षलकृषतषलसान यानडे ऩयाॊर्जोतऩ ेवाठे. प्रकाळक-को.द. नाॊदयुकय, अनभोर प्रकाळन,

    683 फधुलायऩेठ, ऩणेु- 411 030 ऩनुमभदु्रण- भािम 1982

    भाझा वाषात् कायी रृदयोग अबम फॊग. प्रकाळक- ददरीऩ भार्जोतगालकय. यार्जोतशॊव प्रकाळन, 1025, वदाषळल ऩेठ, ऩणेु- 411 030 ऑगम ट 2006

    अॎक् मपु्रेळय एक लयदान श्री. गोकुऱ वाऱुॊखे. प्रकाळक- अषनर यघनुाथ पडके. भनो यभा प्रकाळन, 102 वी, भाधललाडी, खोरी नॊ. 19, भुॊफई भयाठी ग्रथवॊग्रशारम भागम, दादय (भध् म येल् ले) म टेळन वभोय, दादय, भुॊफई- 400 014 र्जोतुर ै2006

    Sooryanamaskar Dr. Shriram Risbood Published by Dr Shriram Risbood, 2/ 32, Chittaranjan

    Nagar, (M.I.G.), Rajwadi] Mumbai- 400 077 Suryanamaskar An Elixir of Life Dr. Chetan Chitalia Published by Anil Raghunath Phadke, Manorama Prakashan, 102/C Madhavwadi, Room No. 11, Mumbai Marathi Granthasangrhalaya Marg, Opp. Dadar (Central Railway) Station Dadar, Mumbai- 400 014 July 2004

  • 10

    वमूमनभम काय शरय षलनामक दात् मे. प्रकाळक- फरलॊत ळॊकय दाते, 1847, वदाषळल ऩेठ, ऩणेु- 411 030 र्जोतुर ै1995

    वमूाांक 53 लऴमका षलळेऴाॊक (791) गीताप्रवे, गो यखऩयु- 273 005 र्जोतान.े 1979 वमूमनभम कायम लाभी वत् मानॊद वयम लती. प्रकाळक- मोग ऩस्लरकेळन ्रसम ट, भुॊगेय,

    बायत. ऩनुमभदु्रण- 2007 आवन प्रणामाभ भदु्राफॊधम लाभी वत् मानॊद वयम लती. प्रकाळक- मोग ऩस्लरकेळन

    ्रसम ट, भुॊगेय, बायत. वप् तदळ वॊम कयण- 2005 वमूमनभम कायश्री. षलश्वाव भॊडरीक. प्रकाळक- „मोग ितैन् म‟ प्रकाळन षलबाग,

    कल् ऩना नगय, नाषवक- 400 005 ततृीम आलतृ् ती- 2006

    वमूमनभम कायकै; बलानयाल ऩॊतप्रषतषनषध यारे्जोतवाशेफ, वॊम थान औध भदु्रक ल प्रकाळक- श्री लवॊत गणेळ देलकुऱे. व् मलम थाऩक- षित्रळाऱा प्रेव, 562 वदाषळल ऩेठ, ऩणेु- 411 030 दावनलभी 1891

    वमूामव नभम काय श्रीभॊत फाऱावाशेफ ऩॊत वॊम थान औॊध. भदु्रक ल प्रकाळक- श्री लवॊत गणेळ देलकुऱे. व् मलम थाऩक-षित्रळाऱा प्रेव, 562 वदाषळल ऩठे, ऩणेु- 411 030

    वमूमनभम कायआप् ऩा ऩॊत. भयाठी अनलुाद- र्जोत.अ. कुरकणी, प्रकाळक- वौ. वषलता र्जोतोळी. उत् कऴम ऩकाळन, 701, डेक् कन स्र्जोतभखाना, ऩणेु- 411 004 वशाली आलतृ् ती- 2006

    Know Your BodyA Reader‟s Digest Guide. RDI Print and Publishing Pvt. Ltd. Orient House, Adi Marzban Path, Mumbai- 400 001 2nd edition.

    YOGAVivekanand Kendra Prakashan Trust, 5. Singarachari Street, Triplicane, Chennai-600005 Reprint- July 2006 Research paper- ENERGY COST AND CARDIORESPIRATORY CHANGES DURING THE PRACTICE OF SURYA NAMASKAR By Defence Institute of Physiology & Allied Science, Lucknow Road, Timarpur, DELHI – 110 054

  • 11

    ।।श्रीयाभवभथथ।।

    श्रीवमूथस् थान वभथथ वलद्यायोग् म कें द्र नालवक. 'कालळलॊत' ऩाटीर रेन- ४, कॉरेज याड, नालवक- ४२२००५ भशायाष् र

    www.suryanamaskar.info Face Book- Suryasthan Samarth

    Google + & Map Suryanamaskar Pranayam…. [email protected] [email protected]ैै भ्रभणबाऴ- 0९४०३९१४३७४ Skype- subhashkhardekar दयूध्लनी-०२५३ २५७४२९३

    वॊस्थान के प्रकाळन Website--- www.suryanamaskar.info वलनाभूल्म E-Book --- (English) वलनाभूल्म E-Book --- (भयाठी) वलनाभूल्म E-Book --- (दशॊदी) वलनाभूल्म SURYANAMASKAR SAADHANA (A Manual for Practitioners) ` ५००+ ४० SURYANAMASKAR SAADHANA --do-- Outside- $70.00 (Postage)

    Pages- 425, Photographs-10, Diagrams- 37 COPYRIGHT (ISBN) 978-81-92424-1-9 वूमथनभस्काय एक वाधना, कामथऩुक्षस्तका (वाधकाॊवाठी पि) `२५०+४० पोस्टेज

    ऩषृ्ठवॊख्मा -३८२, यॊगीत लचिे-०८, आकृत्मा-३७, कॉऩीयाईट(ISBN) 978-81-924424-0-2 Power Point Presentation (Marathi, Hindi, English) ` १५०+४० Postage

    भेदलदृ्धीतून भुिता ` १५०+४० ऩोस्टेज श्ववनवलकायातून भुिी ` १५०+४० ऩोस्टेज भन-फुद्धी-स्भयणळक् ती ` १५०+४० ऩोस्टेज वूमथनभस्काय लबॊती तिा (भयाठी, इॊग्रजी, दशॊदी ) ` २५.०० वूमथनभस्काय प्राणामाभ प्रलळषण लगथ वभाप्ती वाधना ऑदडओ कॅवेट- लेऱ- ८५ लभलनटे, वीडी ऩुस्तक ऩषृ्ठवॊख्मा १००+वश ISBN- 978-81-924424-2-6 भयाठी

    `१००+ ४० ऩोस्टेज SuryaNamaskar Pranayam Prashikshan Workshop Concluding Saadhana Audio CD

    Time- 85 Min. With a CD Book of 100+ Slides (978-81-924424-3-3 English `१००+ ४० ऩोस्टेज

    वूमथनभस्काय प्राणामाभ प्रलळषण कामथळारा वभाऩन वाधना ऑदडमो वी डी (वीडी ऩुस्तक ऩषृ्ठवॊख्मा १००+वश के वाथ दशॊदी.) ` १००+ ४० ऩोस्टेज

    वूमथनभस् काय-प्राणामाभ प्रलळषण लगथ वभाक्ष त वाधना श्राव्म वान्द्द्रभुदद्रका (वाद्रभुदद्रका ऩुस् तक ऩषृ्ठः १००+ वदशता वॊस्कृत.) ` १००+ ४०ऩोस्टेज

    SuryaNamaskar (A Scientific Way to Get Healthy) To be published ` ५००+४०

    mailto:[email protected]://www.suryanamaskar.info/

  • 12

    "ऩषृ्ठ दान मोर्जोतना" (एक ऩषृ्ठ के षरए रुऩए एक शर्जोताय भात्र.) भें बाग रीस्र्जोतए. वशबाषगमों की वूिी अगरे प्रकाळन भें ळाषभर की र्जोताएगी औय आऩ को प्रकाषळत दकताफ की एक काऩी भुफ्त भे षभरेगी.

    चॊदा बेजने के लरए- फित फैंक खाता रपरभाॊक - 600 634 54 976 IFSC:MAHB 0000214 फित खाता- श्री वूमथस्थान वभथथ वलद्यायोग्म कें न्द्द्र नालवक फॅंक ऑप भशायाष्ड, कॉरेज कॅं ऩव ळाखा, कॉरेज योड, नालवक-४२२००५

    खाते भें याषळ र्जोतभा कयने लारेका नाभ षरखने की माद खर्जोताॊिी को दीस्र्जोतए. प्रकाषळत दकताफ की प्रत ऩॊर्जोतीकृत डाक ऩावमर द्वाया बेर्जोतने के षरए आऩ का ऩूया डाक-ऩता, षऩन कोड औय भोफाइर / पोन नॊ के वाथ बेर्जोतने की कृऩा कये. आऩ को वूममनभमकाय वाधना के षरए ळुबकाभनाएॉ.

    आऩका वाधक भ्राता, श्री वूमथस्थान वभथथ वलद्यायोग्म कें न्द्द्र नालवक

    www.suryanamaskar.info

    ||जम जम यघलुीय वभथथ||

    http://www.suryanamaskar.info/

  • 13

    ShriRamSamarth||

    SURYANAMASKAR SAADHANA (A Manual for Practitioners)

    By- Subhash Bhagwantrao Khardekar

    To be Published & distributed by-

    Shri SuryaSthan Samarth Vidyarogya Kendra, Nashik. (F-11934) “Kashiwant” Patil Lane 4, College Road,Nashik- 422005

    Phone: 0253 2574293, Mobile: +91 9403914374

    www.suryanamaskar.info E-mail: [email protected] [email protected]

    Size of the Book- 14 X 22 cm, Pages- 370 approx, 3Photographs-08, Diagrams- 37

    Book Service- Rupees. 500.00 + 40.00 Postage in India COPY RIGHTS / (ISBN) 978-81-924424-1-9

    PART FIRST A Gateway to Mental and Physical well-being It Contains the Spiritual base of SuryaNamaskar Sadhana. It is a help to the mind to accept SuryaNamaskar Sadhana wholeheartedly. The empowered mind, in turn, gives support to the body to perform this PHYSICAL SuryoPasana regularly.

    PART SECOND A Manual for Practitioners This part contains guided exercises to worship gross Body and subtle Chaitanya. It is a sort of training to the Body to use muscle-power and mental strength to perform SuryaNamaskar. Each physical posture of SuryaNamaskar is explained in four parts-

    General method of performing each Aasana.

    Different skills of performing every Aasana.

    Various reflections experienced on the body, if incorrect method is used.

    To develop total awareness to receive only the positive, life rejuvenating experiences of SuryaNamaskar Sadhana. SURYA NAMASKAR NITYAKARMA This is the concluding Practice Session of the SuryaNamaskar Pranayam Prashikshan Workshop. It is the practical of how to use fifteen minutes, after taking bath, to ensure total health everyday. PART THIRD A Key to Personality Development This part explicates that SuryaNamaskar is unique of its type to ward off all physical and mental diseases and to attain all sided Personality Development. It contains the basic information to help the mind to go deep into the intellectual problems in the SuryaNamaskar Sadhana. It is a help to the brain to recollect the

    http://www.suryanamaskar.info/mailto:[email protected]:[email protected]

  • 14

    forgotten memory of SuryaNamaskar Sadhana. The union of mind-n-brain is a great help to the Sadhak to remain steadfast in the Sadhana.

    A CALL TO HELP THE CAUSE OF SURYANAMASKAR

    Please donate, before 25th April 2013, Rupees one thousand only to include your name in the list of A Page Print Sponsorship. The list will be included in the book and you will get a free copy of the book too.

    You can also send 500 + 40 = 540 (Registered Post Parcel In India) to book one copy of the book in advance.

    Please send the amount in the name of ShriSuryaSthan Samarth Vidyarogya Kendra, Nashik. by Crossed Cheque / Demand Draft to-

    ShriSuryaSthan Samarth Vidyarogya Kendra, Nashik. “Kashiwant” Patil Lane, College Road, Nashik- 422005

    Phone: 0253 2574293 Mobile: +91 9403914374

    FOR E-MAIL TRANSACTION- Title of the A/C- ShriSuryaSthan Samarth Vidyarogya Kendra, Nashik Saving Bank

    Account No- 600 634 54 976 IFSC: MAHB 0000214

    Bank of Maharashtra, College Campus Branch, Nashik- 422005 Please remind and insist the Bank Cashier to mention the name of the party crediting the amount to the account.

    To send you the copy of the book by Registered Post Parcel, submit your complete Postal Address with the PINCODE and the Mobile / Phone No

    Wish you all the happy efforts in the practice of suryanamaskar sadhana.

    Yours Brotherly,

    ShriSuryaSthan Samarth Vidyarogya Kendra, Nashik..

    [email protected]

    ।।जम जम यघुलीय वभथथ।।

    mailto:[email protected]

  • 15

    ।।श्रीयाभवभथथ।।

    नभन शयी-शय-आददत् मको

    अरॊकायः वप्रमो वलष् णु जरधाया लळल प्रीमाः नभस् कायः वप्रमो बान ुराहामणोणो भधयुः प्रीमा ||

    भतरफ: बगलान षलणकुी ऩरू्जोता गशनोंवे शोती शै. बगलान षळलकी ऩरू्जोता र्जोतराषबऴकेवे शोती शै. वमूम बगलानकी ऩरू्जोता वमूम नभमकायवे शोती शै. औय षभठाईवे ब्राह्णको प्माय शोता शै. भशत्ल:

    बगलान षलण ुकी ऩरू्जोता अऩने काममवे शोती शै. मश 'स्मलकृत कामम' फडी श्रिा ळषुिता वच्िाई वे कयना िादशए. ऩरू्जोताकी वफ िीर्जोतें वाप औय ळधु् द शोनी िादशए. तुम् शाया काममबी वलूणम के रुऩभें ळधु् द शोना िादशए. वबी रोगोंके षरए आकऴमक औय उत् कृ ट शोना िादशए. अग् नीवे वोना ळधु् द शोता शै. वमूमतेर्जोत षलिाय औय कभमकी अळसु्ध्दमोंको शटाता शै क् मोदक अग् नी वमूम का शी रूऩ शै. ऩषलत्र कामम ददर रगाकय ऩयूी षभतावे कीस्र्जोतए. मळ-दकती-वखु का अनबूल कीस्र्जोतए. मश वखु औय वभधु् दी बगलानको अषऩमत कय दीस्र्जोतए. वच् िामी की फनुीमादऩय कभामा धन / आबऴूण बगलानको वभषऩमत कय दीस्र्जोतए.

    शय काभ भें उत्कृष्टता प्राप्त कयने भें आऩका प्रमाव ऩानी के प्रलाश की तयश शोना िादशए. आऩकी प्रगती प्रलाशळीर नदी के फशाल की तयश गॊतव्म की कय शभेळा िरती यशे. ऩानीका दवुया नाभ र्जोतीलन शै. ऩानी र्जोतीलन ळषक्त शै. अऩने काममवे दवुयोंको र्जोतीलन षभरे. अऩने प्रगतीके वबीॊ प्रमाव ऩानीके तयश ठॊ डे ददरवे कयो. ऩानी औय ळीतरता एकरूऩ शै. उनको अरग कय शी नशीॊ वकते. अच् छा कामम कयते शो तो भनभे कोई तनाल नशी शै. ऩरयणाभके फायेभे षिॊता नशीॊ शै. बगलानऩय षलश्वाव यखो. तनाल-षिॊता उवऩय छोडो. काममके ऩरयणाभम लरूऩ मळ उवे शी वभषऩमत कयो. षनत् म म लम थ ळाॊत यशो. आगे फढते यशो. बानकुा अथम शै तेर्जोत. वमूमतेर्जोत. वमूमतेर्जोतशी शभाया प्राण शै. वमूमतेर्जोतके अबालवे शभाया ळयीय ठॊडा ऩडेगा. मश ळयीय एक षभट्टी के फतमन की तयश शै. उवे

  • 16

    वमूमतेर्जोतभे, वमूम की गभी भें वेंकना. वमूमतेर्जोत बायी भात्रा भें अऩने ळयीय भें प्राप्त कयने के षरए कोषळळ कयना. वमूमतेर्जोत आऩके ळयीयको भर्जोतफतू औय फरलान फनाएगा. ऩयभात्भा द्वाया वौंऩा शयएक कामम दृढताऩलूमक कय ऩाकगे. इवषरए वफुश वफुश योर्जोत वमूमनभम काय का अभ् माव कयो. वमूमनभम काय वमूमनायामणकी अवरी ऩरू्जोता शै. वमूमबगलान ऊर्जोताम ळषक्तका म त्रोत शै. फरलान फननकेे षरए वमूमनभम काय वाधना कयो. वमूमबगलानका आषळऴ ऩानेके षरए उवकी आयाधना वमूमनभम कायव ेकयो.

    र्जोतो ब्रह् र्जोतानता शै उवे ब्राह्ण कशा र्जोताता शै. ब्रह्तत् त् ल / ऩयभब्रह् षलश्वव् माप् त शै. मदश ऩयभात् भा वॊऩणूम ब्रह्ाॊडका वॊिारन-बयण-ऩोऴण कयता शै. शभाये ळयीयभें र्जोतो उर्जोताम-ितैन् म-प्राण शैं लश वमूमम लरूऩ शै. ऩयब्रह्का षनलाव शभाया ळयीय शै. शयएक र्जोतीलभें उवका षनलाव शै. र्जोतो इन फातों को र्जोतानता शै लश ब्राह्ण शै. लश वफको अभतृानॊद षलतरयत कयता शै. उवकी लाणीभे षभठाव शोती शै. लश वफवे न् माया औय प् माया व् मषक्त शोता शै. वफ रोग उवे िाशते शै. उवका आदय वत् काय कयते शै. उवे षभठाईमॉ बेट कयते शै.

    ।।र्जोतम र्जोतम यघुलीय वभथम।।

  • 17

    ।।श्रीयाभवभथथ।।

    भेयी वलचाय धाया षप्रम वमूमनभमकाय वाधक, मश एक अच्छी तयश वे सात त्म शै दक वमूमनभमकाय वबीॊ, र्जोतलान औय फ़ेूि, ऩरुुऴों औय भदशराकॊ के षरए एक िौतयपा व्मामाभ शै. मश वि वयूर्जोत के वयीखा वत औय म ऩ ट शै. वमूमनभम काय का प्रबाल वाषफत कयन े के षरए उवका प्रिाय-प्रवाय कयना कदाषऩ आलश् मक नशी शै. ऩयुी र्जोतानकायी के वाथ वमूमनभम काय का लामतषलक- मथात् म अभ्माव एकशी ददन कयो. आऩको वफतू षभर र्जोताएगा. वमूमनभम काय आऩकी ळयीय ऩषुष्ट कैवे कयता शै उवका वफक षभरेगा. आऩकी इच् छा ळक्ती औय वाधनाभे उषित भागमदळमन इवके षरए अषनलामम शै.

    श्री ळरे्जोतलऱ वय भेये षळषक थे. िौशत्तय लऴमकी अलमथा भे उनका प्रात:वभम भे वमूमनभम काय का अभ् माव दैनॊददन व् मलशाय था. उनकी षळषा भेये वमूमनभम काय काममके प्रेयणा का म त्रोत शै. भेया ऩदशरा प्रमाव था ऩोषतमोंको वमूमनभम काय षवखानेका. रेदकन ऩशरे शी ददन भेये असानका भझु े अशवाव शुऑॊ. वमूमनभम काय का अभ् माव फढाक, ऩढाई कयो, वोिो, वभझो, वाधना फढाक मश भेयी ऩशरी वीख थी. ऩोषतमोंके वलार, दकताफ ेऩ़िना, उवऩय षलिाय ऩनुषलमिाय कयना ळरुू शुआ. वीखने की मश प्रदरपरमा फशुतशी प्रबालळारी थी. भेये र्जोतीलन ळरैी भे कापी फदराल आमा. आर्जोतवे तेयश वार ऩशरे भैं वमूमनभमकाय का ऩणूमकाषरक काममकताम फन गमा। वमूमउऩावना षलश्वभान् म शै. वफ धभमभें इव उऩावना को प्रथभ भान् मता शै. वमूम नभमकाय वबी आम ु लगम के वबी म त्री-ऩरुूऴ रोगों के षरए वफवे अच्छा व्मामाभ शै. मश शभाये ळयीय आत्भा औय भन का मलाम्म शय ददन फनाए यखन ेके षरए एक लामतषलक प्रषळषण शै। वमूम नभमकाय का दैषनक अभ्माव कयन ेके षरए आऩ को प्रेरयत कयने शेतु इव भफु्त लेफ वाइट का www.suryanamaskar.info षनभामण दकमा शै. यथवप् तभी २००७ के ळबु ददन ऩय इवका प्रकाळन दकमा था. लतमभान लेफवाइट का उिाटन यथवप् तभी २०१६ को शो यशा शै. आऩ के भशत्लऩणूम वझुाल औय वमूमनभमकाय के षेत्र भें वॊमथान की प्रगषत इवका रेखाषित्र इवभे ळाषभर शैं।

  • 18

    श्रीभद्भलदगीता का प्रधान षलऴम वॊघऴम-भकुाफरा-झगडा-रडाई-मिु शै. इव आध्मास्त्भक ग्रॊथका षलऴम र्जोतीत औय शाय शै. मश खुळी औय गभ का िरपर शय व्मषक्त के वाथ मथामी रुऩवे षनयन्तय िर यशा शै. श्रीभद्ज्सानशे्वयी मश बी एक आध्मास्त्भक ग्रॊथ शै. आध्मास्त्भक वॊदबम भें र्जोतम औय ऩयार्जोतम का प्रमोर्जोतन इवभे मऩ ट रुऩवे दकमा शै. याष्डगुरु वभथम याभदाव मलाभी भशायार्जोत ने ग्रॊथयाज दावफोध भें 'वॊघऴम' का व्मलशायत् वभथमन मऩष्ट दकमा शै. र्जोतीलन की र्जोतदटर ऩरयस्मथषतमों भें भन की षलर्जोतम फनाए यखन ेभें उऩमकु्त आध्मास्त्भक सान इव ग्रॊथ भे शै. वमूमउऩावना के ढेय वाये प्रकाय शैं. र्जोतीलन कार के दौयान शभे वखु-मलाम्म प्राप्त कयन े के षरए इवका प्रमोर्जोतन शै. वमूमनभमकाय वमूमउऩावने का अषबन्न अॊग शै. वभम के दौयान मश वाधना प्राणशीन शुअी थी. उवे ऩनुम्र्जोतीषलत कयनकेा ददव्मकामम वभथम याभदाव मलाषभर्जोती न ेआगय टाकऱी नाषवक (भशायाष्ड) वे ळरुू दकमा। शभाये ळयीय भें यशने लार ेर्जोतीलात्भा मश वाधना शभे ऩ़िाते शै. आत्भायाभ वे वमूमनभमकाय की तारीभ रेनेके षरए कुछ फषुनमादी कौळर की र्जोतरूयत शोती शैं । इव आधायबतू कुळरता का ऩरयिम अॊगे्रर्जोती, भयाठी औय दशॊदी ई-ऩमुतक भें उऩरलध शैं.

    षनत्म वमूमनभम काय का अभ् माव कयनेके षरए षनम्नषरस्खत उऩमोगी औय उऩमकु्त र्जोतानकायी इव वाइटऩय उऩरलध शै. फायश वमूमभॊत्र औय आकाळस्मथत वमूम की िे टा इनकी र्जोतानकायी औय वॊफॊध, शभाये ळयीय के वप्त िरपर, उनका ळयीय भें म थान, उनका भरुतत् ल का अषध ठान, वमूमनभम काय आवन भें उनका प्रबाल, ळयीयऩय शोनेलारा अवय, ळयीय म लाम ् म ऩय उनका प्रबाल इत् मादद फतामा गमा शैं. उर्जोतामिरपर प्रत् मके आवन का प्रषतषनषधत् ल कयता शै. इवऩय ध् मान एकाग्र कयना शै. इवको र्जोतगाना शै. ळयीय के षलळेऴ अॊग भें दफाल मा स्खॊिाल भशववू कयना शै. उर्जोतामिरपर औय िाऩ-स्खिाल म ेवमूमनभम काय के दो भागमदळमक तत्ल शैं. उनके वझुालों का ध्मान यस्ख ए. आऩको वपरता र्जोतरूय षभरेगी. वमूम नभम काय वे वॊफषधत व् मामाभ प्रकाय, वाव-अभ्माव, फीर्जोताषय भॊत्र, वमूमनभम काय भागमषनदेळ, व्मालशारयक वझुाल इत् मादद र्जोतानकायी मशा ळाषभर शैं. इववे आऩका वमूम नभम काय का अभ् माव षनदिऴ यशेगा. वमूमनभम काय वाधना भें

  • 19

    आऩकी वपरता देखनेके षरए ऩॊर्जोतीकयण पॉभम औय भाषवक रयऩोटम पाभम ळाषभर दकमा शैं.

    वमूमनभम काय कुर षभराकय फायश स्मथषत का शैं. शयएक क्षस्थलत चाय बागों भें षलबास्र्जोतत कयके उवका म ऩ टीकयण ददमा शैं. शय एक का उदे्दळ षनम् न प्रकाय शैं. १. आवनके इव ळयीय स्मथतीभें षलषळ ट भाॊवऩषेळमों ऩय दफाल-तणाल अनबुल कयना. फाकी ळयीय भे आयाभ-ळाॊती भशववू कयना. २ श्ववन प्रणारी ऩय ध् मान रगाकय आवन स्मिषत की उच् ितभ अलम था तक ऩशुॉिना. ३. आवन स्मथषत भें ळाषभर उर्जोतामिरपर ऩय ध् मान रगाकय आवन स्मथती की उच् ितभ अलम था तक ऩशूॉिना. ४. वाॉवरेना मा छोडना औय आवन स्मथषत कयना म े दोनोंकी गषत औय तार फनाए यखना. वॊकेतमथर www.suryanamaskar.info के प्रकाळन के ऩशरे शी ददन वे वमूमनभमकाय षलद्याथी /वाधककों वे प्रषतदरपरमा षभर यशी शै. भेयी वाधना प्रषतददन वभिृ शो यशी शै. भेये वॊऩन्न वाधना के तीन प्रभखु स्रोत शैं-- १. षलषबन्न प्रकाय के प्रषतदरपरमाकॊका र्जोतफाफ देना, २. शय वप्ताशभे ऩाि ददनकी काममळारा का वॊिारन कयना औय ३. भेयी अऩनी दैषनक वाधना. वमूमनभमकाय वाधना भे तयक़्ही का एशवाव शोना मश लामतल भें फशुत शी अद्भतु शै. ऩणूम मलाम्म प्रदान कयन े लारी मश वाधना ऩारयत कयने के षरए अनन्त भानली श्रृॊखरा तमाय कयनी शै. इव उदे्दळ वे गुरूऩौस्णमभा के ळबु ददन ऩय एक ऩॊर्जोतीकृत धभामथम वॊमथान की मथाऩना की शै. वॊमथान का नाभ श्री वमूममथान वभथम षलद्यायोग्म केन्द्र , नाषवक शै. वॊमथान के वदममों औय वमूमनभमकाय वाधककों के वशामता वे कई ऩरयमोर्जोतना वपरताऩलूमक वॊऩन्न शो गमी शै. वमूमनभमकाय प्राणामाभ काममळारा की अॊगे्रर्जोती ऩाठ्म ऩमुतक SURYANAMASKAR SAADHANA (A Manual for Practitioners) प्रकाषळत शुआ शै। मश दकताफ लेफवाइट की वॊळोषधत वॊमकयण शै. इव ४२५+ ऩषृ्ठों की दकताफ भें ऩाॉि ददनकी काममळारा के वबीॊ विैाॊषतक औय प्रामोषगक अभ्माव षलमततृ रूऩ वे मऩष्ट दकमे शै. वमूमनभमकाय प्राणामाभ काममळारा की भयाठी ऩाठ्म ऩमुतक वमूथनभस्काय एक वाधना, कामथऩकु्षस्तका (वाधकाॊवाठी पक्त) प्रकाषळत शुआ शै. वमूमनभमकाय प्राणामाभ प्रषळषण काममळारा, वभाऩन वाधना की ऑदडमो वीडी अॊगे्रर्जोती, भयाठी, दशॊदी औय वॊमकृत

  • 20

    बाऴा भें प्रकाषळत शुअी शै. वौ वे अषधक मराइड का ई-फकु इव भे ळाषभर दकमा गमा शै. वबी ऑदडमो षनदेळ औय उनका षललयण (र्जोतशाॊ आलश्मक शै) ददमा गमा शैं. वीडी का वभम ऩिावी षभनट का शै. भेदलदृ्धीतून भिुी, श्ववनवलकायातून भिुी, भन-फदु्धी-स्भयणळक् ती इन षतन भयाठी दकताफों भें ळयीय की भखु्म तीन प्रणारी (ऩािन प्रणारी - श्ववन प्रणारी - वॊलेदी प्रणारी) ऩय वमूमनभमकाय का क्मा आवय शोता शै इव षलऴमके फायेभे षललेिन दकमा शै. प्रणारी के वॊफॊषधत वबीॊ अलमल प्राणतत्त्लवे बारयत कयके वबीॊ फीभारयमों को योकन े के षरए वमूमनभमकाय की षलधी कैवी शोनी िादशए इवका भागमदळमन मशा ददमा शै. दैषनक वमूमनभमकाय का अभ्माव वशी तयीके वे कयनकेे षरए भयाठी, दशॊदी औय अॊगे्रर्जोती बाऴा भें वमूमनभमकाय दीलाय िाटम शैं. वमूमनभमकाय षलऴमऩय व्माख्मान देने के षरए ऩालय प्लाइॊट प्रमतुषत भयाठी, दशॊदी औय अॊगे्रर्जोती बाऴा भें उऩरलध शै. वॊमथान शय वप्ताशभे ऩाॊि ददन का वमूमनभमकाय प्राणामाभ प्रषळषण काममळारा का आमोर्जोतन कयती शै ।मश प्रषळषण अषबमािना दकए र्जोताने ऩय अन्म मथानोऩय आमोस्र्जोतत दकमा र्जोताता शैं. देळ-षलदेळ के रोग वूममनभमकायके फायेभे ऩछू-ताछ, भागमदळमन, वॊदेश के रूऩ भें ई-भेर बेर्जोतते शैं. उनको र्जोतफाफ देना वमूमनभमकाय की र्जोतानकायी देना र्जोतायी शैं. SURYANAMASKAR (A Scientific Way to Get Healthy) इव ऩमुतक के रेखन का कामम प्रगषत ऩथ ऩय शै. वमूमनभमकाय के वबी लसैाषनक गुणों को ळयीय की प्रमोगळारा भें वाषफत कयन े के षरए इव दकताफ भे ददळा षनदेळ ळाषभर शैं. र्जोतरद षलकाव आधषुनक वभम का नाया शै. शय व् मषक्त को अऩना भलू् म म थाषऩत कयने के षरए फडा प्रमाव कयना ऩडता शै. बाग-दौड के षरए ददनका वभम ऩयूा नशीॊ शोता तो यातकी षनॊद औय ळाॊती का वभम इवभें शी रगा देते शै. र्जोतीषलत यशनकेे षरए कुछ काभ-धॊदा तो कयना ऩडता शै. काभ कैवा बी शो, शय प्रकायका उत्तयदाषमत्ल औय भयणाॊतक प्रषतमोषगता का फोझ षवयऩय रेकय फडी यफ्ताय वे दौड कयनी ऩडती शै. इववे ळयीय म लाम ् म कभ शोता र्जोताता शै औय कई षफभारयमों को फ़िाला षभरता शैं. षफभारयमों की विूी फशुतशी रॊफी शै. उवे भैं दोशयाना नशीॊ िाशता. रेदकन दालेके वाथ कशता शूॉ दक वमूमनभम काय की दैषनक वाधनाव ेआऩ मलमथ औय खुळ यशते शै, वफ षलकाय-व् माधी आऩवे दयू

  • 21

    यशती शैं, आनॊद औय वपरता का याम ता प्राप् त शोता शैं. इव वच्िाई का आऩ खुद अनबुल कय वकते शैं. कभ वे कभ एक भशीन ेके षरए योर्जोताना, नशानकेे फाद, ऩॊधया षभनट भें तीन वमूम नभम काय का अभ् माव फडी वालधानीवे, वॊथ गतीवे, ऩरयणाभका अनबुल रेते शुए कीस्र्जोतए. अभ् माव अनबुल फ़िनेके वाथ वमूम नभम काय की वॊख् मा बी फ़ेिगी- फाया तक ऩशॎुिेगी. भाव ऩयुा शोनेवे ऩशरे शी वमूमनभम काय वे आऩको प् माय शो र्जोताएगा! वदा वदा के षरए !!

    मश एक षन:ळलु् क लेफ वाइट शै. आऩ वबी षलद्याथी/ वाधक वमूमनभम काय का अभ् माव अऩनाएॉ, मशी भेयी आकाॊवा शैं. भैं आऩ को षभत्रऩरयलायवदशत वमूमनभमकाय के अभ् माव भें वपरता की काभना कयता शूॉ. वमूम नभम काय अध् ममन भें मदद आऩको कोई वभममा शै तो दकवी बी वभम वॊमथान वे वॊऩकम कयो. वमूम नभम काय दैषनक वाधना वे आऩ वबीको म लाम ् म, खुळी औय शय षेत्र भें वपरता षभरे मशी भेयी प्रबयुाभवे प्राथमना शै.

    वमूमनभमकाय के फाये भें भेयी ऩोषतमों की ( कु. लदेैशी वारकाडे, भानवी श्रोषत्रम) भौषरक ऩछू-ताछ लेफवाइट के फषुनमादी स्रोत शै। मश वॊकेत म थर षलकषवत कयनकेे षरए स्र्जोतन् शोंने प्रत्मष मा ऩयोष भदद की, प्रोत् वादशत दकमा उन वबी को अषबलादन कयता शूॉ, उनका ऋण व् मक् त कयता शूॉ.

    मश लेफ वाइट आऩके षरए षलकषवत की शै. इवे अषधक उऩमोगी फनान ेके षरए आऩकी दटऩण् णी, वझुाल, ळॊका, अनबुल र्जोतरूय बेरे्जोत. इव वे वबीरोगोंको राब शोगा, अषधक भागमदळमन षभरेगा. इव लेफ वाइट का भलू् माॊकन कयनकेे षरए मश एकशी याम ता शै. आऩको आश्वाषवत कयता शूॉ दक वाइट को प्रबाली फनानेके षरए आऩके वझुालोंको इवभें ळाषभर दकमा र्जोताएगा. इव वॊकेतमथर को अषधक वभिृळारी फनान ेभे शभाया वशमोग कय इव प्रमाव को गौयन्लादकत कये. धन्मलाद. यथवप्तभी-२०१६ आऩक वाधक भ्राता

    श्रीवमूथस्थन वभथथ वलद्यायोग्म कें द्र, नालवक

  • 22

    ।।श्रीयाभवभथम।।

    वूमथनभस् काय ऩयुानी फात शै. रगबग छश शर्जोताय वार ऩशरे आऩ की उम्रके (आठ

    वारवे फीवऩच् िीव वारके) फच् िे अऩने गुरू के षनलावऩय षळषा ग्रशन कयन ेर्जोताते थे. गुरूकुर भें ळाशी औय धनलान ऩरयलायके तथा वाभान् म ऩरयर्जोतनों के फच् िें षळषा रेते थे. गुरूकुर भें वबी ळाम त्र, करा औय व् मालवाषमक ऩाठ्मरपरभ ऩढाए र्जोताते थे. ऩाठ्म ऩमु तक के रूऩ भें धभमळाम त्र की दकताफें थी. षळषा का अॊषतभ रक्ष्म था ‘दषुनमा का अच् छा नागरयक’ फनाना. उन ददनों भें --- छश शर्जोताय वार ऩयुाने कार भें ऩशुॉिने की कोषळळ कयो. अऩने ऩरयलायक के षप्रम औय वम् भाननीम रयश् तेदाय, ळबुषिॊतक कौन थे? उनका नाभ क् मा था? उनके कायनाभें क् मा थे? इन वफकी माद कयने की कोषळळ कयो. अऩने दादा-दादी मा उनके दादा-दादी तक शभे थोडी र्जोतानकायी शोती शैं. वो-डेढवो वारका वभम शभ थोडाफशुत माद कय वकते शै. इवके ऩशरेका वभम शभायी वोि के फाशय शै. रेदकन तुम् शाये षऩतार्जोती शर्जोतायो वार ऩयुाने आऩके कुर के भरुऩरुूऴ को र्जोतानते शै. आऩके ऩरयलायका गोत्र औय गोत्रके प्रलय आऩके कुरगुरू तथा कुर के आदद ऩरुूऴ इनके फायेभें ऩुयी र्जोतानकायी देते शैं. इन गुरूकॊ औय उनके ऩलूमर्जोतों न ेलेदोंका ग् मान भखुोद्गत दकमा, औय उवे अगरी ऩीढी के ददभाग भें वॊ यस्षत दकमा. मश षवरषवरा आर्जोत बी िार ू शै. इवी कायण शभ लेद लस्णमत ‘िौदश षलद्या औय िौवठ करा’ को र्जोतान ऩाते शैं. शभ वफ इन षलद्वानों के ऋण भें शैं. उनके म भतृी को श्रध् दा-वम् भान के वाथ वे ळत ळत प्रणाभ कयते शैं.

    उन ददनों भें गरुूकुर के छात्रों का ददन वमूिदमवे ऩशरे ळरुू शोता था. उनका अध् ममन वत्र वमूम नभम काय (वमूम बगलानकी ऩरू्जोता), वॊध् मा षलधी औय गामत्री र्जोतऩवे ळरुू शोता था. आर्जोत शभ वमूमनभम काय के फायेभें कुछ र्जोतानकायी रेने लारे शैं. वमूमनभम काय क् मा शै, कैवे औय कफ कयते शैं इवकी र्जोतानकायी रपरभळ: षलबागळ: रेनकेी कोषळळ कयेंगे.

  • 23

    वूमथ बगलान की प्राथथना- वफुश शोन ेलारी शै. वयूर्जोत स्षषतर्जोत ऩय ि़ि यशा शै. आऩ नशाकय तैमाय शै. वफुश की ठॊडी शला आऩको ऩरुदकत कयती शै, तार्जोतगी देती शै. आऩके वीन ेभें वफुश की तार्जोतगी धीभे गतीवे, ऩयुी तयश बय रो. ‘ळवि-षभता ऩानेकी वललध’ इव अध् माम भें ळरुू भें ददमा शुआ श्ववन व् मामाभ प्रकाय का अभ् माव कयो.

    आयाभवे वीधे खडे यशो. नभम काय भदु्रा भें शात र्जोतोडो. ळयीय ऩय कशीॊ बी कोई तनाल नशीॊ शैं. आऩके षवय औय फार ऩय तनाल नशीॊ शैं. िेशयेऩय- भाथे, नाक, गार, ठो़िी, कान- ऩय कोई तनाल नशी शैं. आऩके गदमन ऩय कोई तनाल मा दफाल नशीॊ शैं. गदमन, कॊ धा, कराई, कोशनीमो, शथेषरमों, उॉगषरमो इनऩय कुछ तनाल शैं तो उवे षनकारो. ऩेट, ऩीठ की भाॊवऩषेळमों को ढीरा यखो. र्जोताॊघों, घटुनों, एदडमों, शाथ, ऩयै की उॊगषरमों भें कोई दफाल मा तनाल नशीॊ शैं. ऩयूी ळयीयभें एक आयाभ की स्मथषत अऩनाक.

    वॊकल्ऩ का श्लोक आचम म प्राणानामम म || वलष् णुवलथष् णुवलथष् णःु || अद्यऩलूोच् मारयत एलॊगणुवलळेऴण वललळष् टामाॊ ळबुऩणु् मलतथ || भभ ळयीये आयोग् मता प्रा त् मथथ श्रीववलतावमूथनायामण वप्रत् मथथ (वमूमनभमकाय की वॊख्मा) वमूथनभस् कायन करयष् मे ||

  • 24

    आचभन: दादशनी शथेरी खोरो. अॎगूठा औय षबॊडी थोडी दयू यखो. फाकी तीन अॊगषुरमों को इकठ्ठा कयके उन् शें थोडा उऩय उठाक. उॊगषरमों के षन िे म कूऩ फन गमा शै. इवभें एक िम् भि ऩानी डारो. मश ऩानी कराइ वे शोते शुले अऩने भुॉश भें छोडो.

    व् मालशारयक भशत् ल: वमूम नभम काय वे ळरयय भें गभी औय उर्जोताम उत् ऩन्न शोती शैं. वॉ ॊव गशयी औय रॊफी शोती शै. आिभन गरेको वखूा शोनेवे फिाता शै. अन् न औय श्ववन भागम षिकना, गीरा औय वाप यखता शैं.

    प्राणामाभ: वाभान् म रूऩवे वाॉव ऩय षनमॊत्रण यखना मशी प्राणामाभकी षलधी शै. शभायी वॊऩणूम गषतषलषधमॉ ॊ, ळायीरयक-भानषवक, वॉ ॊव ऩय आधारयत शैं. प्राणतत् ल/ र्जोतीलनळषक्त वॉ ॊव के भाध् मभ वे ळयीय भें अॊदय रेना शै. ऩयेु लामभुॊडर भें मश प्राण तत् ल/लसै्श्वक ळक् ती भौर्जोतदू शैं. गशयी औय रॊफी वॉ ॊव बय रो. आदशम ते आदशम ते इवे फाशय षनकार दो. वॉ ॊव रेनभेें स्र्जोततना वभम रगता शै उववे र्जोतादा वभम वॉ ॊव फाशय छोडनेभें रगना िादशमे. वॉ ॊव फाशय छोडते वभम ऩेटका अस्खयी दशम वा लाम ू वे खारी शो यशा शै मश भशववू कयनेवे वॉ ॊव छोडनेका वभम आवा नी वे फढ र्जोताएगा. व् मालशारयक भशत् ल: श्वाव को षनमॊषत्रत कयने की, प्राणामाभ की मश ळरुूआत शै. वमूम नभम काय अभ् माव भें ळयीय अॊदोरन औय श्वाव की तार एक शी यफ्ताय भें राना मश अॊषतभ रष शै. वलष् णुवलथष् णुवलथष् णुथ: बगलान षल ण ूका नाभ तीन फाय दोशयामा शें. ऩशरे उच् िाय भें फडी आतमता औय अषधयतावे उवको ऩकुायना शै, उवे षनभॊषत्रत कयना शै. दवुये उच् िाय भें फडी प्रवन् नतावे उवका शाददमक म लागत कयना शै. षतवये उच् िाय भें उवका फडी धभुधाभवे र्जोतोळऩणूम र्जोतमर्जोतमकाय कयना शै. व् मालशारयक भशत् ल: शभाया मश भाॊव का ळयीय बगलान षल णु की देन शै. बगलान षल ण ुऩयभ-आत् भा शै. षल ण ुळल द का अथम शै- ऩयेु षलश्व भे वॊऩणूम वस्र्जोतल-षनर्जोतील के आत् भा के रूऩ भें ऩणूमरूऩवे, रगाताय, वफ र्जोतगश, वफ वभमऩय उऩस्मथत यशने लारा. िाशे इवे ळक् ती कशो मा वॊकल् ऩना, बगलान कशो मा गॉड. शभाया मश ळयीय ऩॉि तत् लों वे फना शैं- ऩृ् ली, अस्ग्न, लाम,ु आकाळ

  • 25

    औय ऩानी. मश ऩाॉि भरूतत् ल का षनभामण कामम बी बगलानका शैं. शभ उवके शी ऩतु्र शैं. इवषरए शभ ऩाॊि भरूतत् ल के अषधन नशी, इन तत् लों वे ऩये शैं. लशी बगलान ऩणूम रूऩवे इव देश भें षनलाव कयता शैं. मश वफ शभें माद ददरानकेे षरए षल ण ूका तीन फाय उच् िायण कयते शैं. बगलान कशते शैं- वफ वस्र्जोतल-षनर्जोतील षलश्व को र्जोतन् भ देनेलारा, उनका बयण-ऩोऴण-षलकाव कयनेलारा, उनको फसु्ध्द औय वाशव प्रदान कयनेलारा म त्रोत भैं शूॉ. (बगलद् गीता अघ् माम 07 श्लोक 10) अथाथत: वमूम नभम काय/वमूम वाधना अनाददकार वे आर्जोततक र्जोतनभानव ने अऩनाइ शैं मशी उवकी षलळेऴता शै. भेये ळयीय को म लम थ फनाने के षरए इव ळबु ददन ऩय भैं वमूमनभम काय का अभ् माव कयता शूॉ. बगलान वमूमनायामण के वम् भान भें मश भेया प्रमाव शै. ---- व् मालशारयक भशत् ल: मश वॊकल् ऩ शै. आऩ कुछ कामम कयन ेर्जोता यशे शै इव फात का ऩक् का षनणमम शै. मश कामम कयनकेे षरए वबीॊ सानसे्न्द्रम औय कभसे्न्द्रम भनवे वर्जोतग शोते शैं. वॊकल् ऩ कयनेवे शयएक कामम कयनेभें फिुी, लाणी औय कामा इनका ऩयूा वशमोग षभरता शैं. इववे अॊषतभ ध् ममे तक ऩशुॉिने का याम ता षभरता शै, मळ वषुनस्ित शोता शै. घयवे फाशय षनकरते शै तो कशाॉ र्जोताना शै, क् मा कयना शै मश तम कयना आलश् मक शैं. अन् मथा आऩ कशाॉ र्जोताकॊगे? वमूम नभम काय का अभ् माव भेये भाता-षऩता, दादा-दादी औय वबीॊ ऩलूमर्जोतों न ेदकमा शैं. षऩछरे कई र्जोतनभ वे भैं मश अभ् माव कयता यशा शुॉ. दकमा शैं. वमूमबगलान की ऩरू्जोता भेये ळयीय, भन औय आत् भा का दशम वा फन गमा शैं. मश भेये व् मषक्तत् ल का दशव वा फन गमा शैं. वमूम नभम काय की वाधना बगलान को षप्रम शै. मश वाधना भैं वमूमबगलान के वम् भान भें कयता शूॉ. वाधक, वाधन औय वाध् म वफ वमूमबगलान शी शैं. भैं-भझु-ेभेया इव आत् भ बालको प्रषतगाभी भोड ऩय आदशम ते आदशम ते राना शैं. अशॊ वे भषुक्त ऩाना शै. वूमथनायामण की प्राथथना- ई

    ध् मेम: वदाववलत ृभॊडर भध् मलतती नायामण: वयलवजावनवक्षन्द्नवलष् ट:।। केमूयलान भकय कुॊ डरलान दकयीटी

  • 26

    शायी दशयण् मभमलऩुधृथत ळॊखचक्र:।। भतरफ: शे प्रबो! वमूमनायामणा! आऩ ब्रह्ाॊड का षतरक शै, आऩ कभरावनऩय स्मथत शै. आऩ के भाथे ऩय भकूुट, शाथों भें गशनें, कानो भें भकयाकृती कुॊ डर शैं. आऩ वफ भगृभरयिी के म लाभी तथा षनभामता शैं. आऩका यॊग-रूऩ ळघु् द वलूणम काॊती का शैं. आऩ के शाथों भें ळॊख-िरपर शैं. शे प्रबो वमूमनायामणा भेये वाये दरपरमा-कभम, वा ये प्रमाव आऩ र्जोतैवे तेर्जोतम ली औय उ् लर फने इवषरए मश प्राथमना कयता शूॉ. (वमूमनभम काय का अभ् माव कयता शूॉ.) व् मालशारयक भशत् ल: आगे वबीॊ ऩृ ठों भें इव प्राथमना का व् मालशारयक भशत् लप्रषतऩाददत दकमा गमा शै.

    ॐलभिाम नभ:

    ॐलभिाम नभ:वयूर्जोत शभाया वच् िा दोम त शै, र्जोतगनषभत्र शै. एक वच् िे वाथी की तयश शभवे ऩ माय कयता शै. शभेळा शभाये वाथ यशता शै. शभऩय खषुळमॉ ॊ फयवाता शै. उवके अनऩुस्मथती भें शभ उवको फशुत माद कयते शैं. मदद वयूर्जोत आकाळ भें नशीॊ शैं तो शभ ऩयेळान शोते शैं. ळयीयीक औय भानषवक रूऩवे शभ उदाव शोते शैं. कोई कामम कय नशीॊ ऩाते. लक् त आगे फढता शी नशीॊ. शभ बखू खो फठैते शै. शभायी ददरकी धडकन फढती शै , घफयाशट शोती शै. भन उल् शषवत शोन ेके षरए, ळयीय भें र्जोतोळ रानकेे षरए शभ दोम तों को इकट्ठा कयते शैं. गभम ऩेम रेते शै. गभम ऩदाथोंका वेलन कयते शै. गप् ऩें रडाते शैं. अऩिन मा फदन ददम के षरए डॉक् टय के ऩाव र्जोताते शै तो लशा बी ळयीय गभम यखने के षरए, योग र्जोतॊत ूदयू कयने के षरए दला षभरती शैं. फादर फयव गमे औय आकाळ भें वयूर्जोत षनकरते शी षनर्जोती प्रकृती औय लसै्श्वक प्रकृती तयुॊत फदर र्जोताती शैं. वफ दषुनमा प्रभोददत शो उठती शैं. अफ आऩ वभझ वकते शै ऩयदेळवे मशॉ ॊ- बायत भें वमूमम नान के षरए रोग क् मो आते शैं. वमूिदम औय वमूामम त की योळनी शभाये ळयीय ऩय गशया प्रबाल डारती शै. मश वमूमबगलान के प् माय का र्जोतादईु मऩळम शै. भॉ ॊ का प् मायबया केलर म ऩळम शी योते शुए फारक को तुयॊत ळाॊत कयता शै. लवेै शी वमूमबगलान की भामा शभाये ळायीरयक औय भानषवक षिॊताकॊ को षभटा देती शैं. बगलान श्रीकृ ण औय अर्जोतुमन का र्जोतो नय-नायामण का नाता शै लशी शभाया औय वमूमबगलान का शै.

  • 27

    लशी शभाये र्जोतीलनका वायथी शै. बगलान श्रीकृ ण वयूर्जोत के रूऩभें शभाया वाय् म कय यशे शै. उव वायथी को, र्जोतगस्न्भत्र वमूमनायामणको इव आवन भें प्रणाभ कयना शै.

    प्रणाभावन: श्वाव-प्रश्वाव प्रकाय :अऩनी वाॉवफयकयाय यखें. (कुॊ बक) उर्जोतामिरपर का नाभ : अनाशत िरपर. इव िरपर का यॊग : उगते वयूर्जोत की तयश ऩीरा. मथान : छाती के कें द्र भें. भरूतत् ल का अषधम ठान : शला, लाम.ु ळयीय दरपरमा का वॊफॊध : म ऩळम. प्रबाषलत ळयीय अलमल : त्लिा. आवन का उदे्दळ: वीने की रोि भें लषृि कयना. योग योको-स् लास् ् म फढाओ: ऩॊि सानेंस्न्द्रम भें कोई प्राथषभक षलकाय, घफयाशट, दपटव लगैये शैं तो इवभें मश प्रबाली उऩाम शो वकता शै. फडी भात्रा भें प्राणतत् ल ळयीय भें रेनेके षरए वीन ेकी षभता फढती शै. ळयीय भें प्राणतत् ल की भात्रा फढनेवे वबी भाॊवऩेळी वदरपरम शोती शैं. इववे ळयीय को अषधक उर्जोताम षभरती शै. शभ म लम थ ळयीय औय ळाॊत भन शोकय खुळी का अनबुल कयते शै.

    वीधे खडे यदशए. ऩयै के ऩॊरे्जोत औय एडी एक दवुये वे षभरा दीस्र्जोतए. दोनों शाथ नभम काय की स्मथषत भें राइए. शात की उॊगषरमॉ ॊ फॊद यखो. शाथ के ऩॊरे्जोत एक दवुयेऩय फॊद कीस्र्जोतए. शथेषरमों की स्मथषत र्जोतषभनवे 90 अॊळ भें यस्खए. अॊगु टभरू छाती के भध् म बाग भें यस्खए. कराइवे कोशनी तक दोनो शात षवधे राइनभें यस्खए. वीना तानो, उवको फढाला दीस्र्जोतए. दोनो कोऩय ळयीय के वाथ यस्खए. दोनो कॊ धे नीिे खीॊषिए.

  • 28

    अऩनी नाक ऩय दृ टी यस्खए.

    ॐयलमे नभ: ॐयलमे नभ: यली ळल द का भतरफ शै तेर्जोत. िभक. छा क. वॊत-वाध,ु

    अच् छा फतामल कयन ेलारे वच् िे इन्वान के िेशये ऩय मश तेर्जोत ददखाई देता शै. मश देन वमूमबगलान की शी शै. इन भशाऩरुूऴोंका आळीलामद प्राप् त कयन ेके षरए शभ उनकें ऩाॊल छुते शैं. िाॉद औय षवतायों की योळनी, आग औय मस कुॊ ड की गभी वमूम बगलान का शी तेर्जोत शै. शभाये ळयीय की गभी, ऩेट भें र्जोतठयास्ग्न म ेवफ वमूम बगलानकी उऩस्मथती का षनदेळ कयते शैं. र्जोतठयास्ग्न खाना शर्जोतभ कयती शै. अगय आऩकी ऩािन दरपरमा आर्जोत ठीक नशी शै तो िाय फरे्जोतके फाद कुछ भत खाक. ददन के वभम वमूम बगलान की उऩस्मथषत आऩका ददनबयका खाना अच् छी तयशव ेशर्जोतभ कयेगी. शभाये ळयीय के वात उर्जोतामिरपर वमूमबगलानका प्रषतषनषधत् ल कयते शैं. मश उर्जोतामिरपर शभायी ऩयुी गषतषलषधमों को- भानषवक तथा ळायीरयक- उर्जोताम प्रदान कयते शैं. उनका वॊिारन कयते शैं. शभाये ळयीय भें वमूमतेर्जोत न शो तो शभ ठॊ डे ऩडेंगे. शभाया र्जोतीषलत यशना अवॊबलषनम शोगा. शभा ये ळयीय भें वमूमके रूऩभें फवने लारे ऩयभ तेर्जोत को इव आवन भें प्रणाभ कयना शै. उध् लथशस् तावन श्वाव-प्रश्वाव प्रकाय : वाॉवरो. उर्जोतामिरपर का नाभ : षलळधु् द िरपर. इव िरपर का यॊग : धमु्रयॊग. मथान : गदमन के भरू ऩय. भरूतत् ल का अषधम ठान : अॊतरयष. ळयीय दरपरमा का वॊफॊध : ध्लषन औय ळल द. प्रबाषलत ळयीय अलमल