about jayshankar prasad

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v/;k; % 1 ifjp; 1907 ईई- ईई ईईईई 1933 ईई ईई ईईई ईईईई ईईई ईईईईईई ईईईईईई ईई ईईईई ईईईई ईईई ईईई ईई ईईईईईई ईईईईईई ईई ईईईई ईईईई ईईईईईईईई ईई ईईई ईई ईई ईईई ईई ईईईईईईईईईई ईईईईईईईई ईईईईईई ईईईईईई ईईईईईईईई ईईईईईईई ईईईईईईई ईईईईईईई ईईईईईईई ईईईईई ईईईईईईईईईईई ईईईईई ईईईई ईईईईईईई ईईईई ईईईईईईई ईईईईईई ईईई ईई ईईई ईईई ईईईईईईईई ईई ईईई ईई ईई ईई ईईईईईई ईईईईईई ईईईईईईई ईईईईईईईईई ईईईईई ईईईईईईई ईईईईईईई ईईईईईईई ईईई ईई ईईई ईई ईईईईईईईई ईईईईईईईईईईई ईईईईईईईई ईईईईईईईई ईईईईईईईई ईई ईईई ईईईईई ईईई ईईईईईईईईई ईईईईई ईईई ईईई ईई ईईई ईईईईईईईईई ईईईईईईईई ईईईईई ईई ईईईईईईईई ईईईई ईईईई ईईईई ईई ईईईईईई ईई ईईईईई ईईईईईई ईई ईईईईईई ईई ईईई ईईईई ईई ईईईई ईई ईई ‘ईईईईईईई ईई ईई ईईईई ईई ईई ईईई ईईईईई ईई ईई ईई ईईईईईईईईईई ईई ईई ईईईईईईईई ईईई

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Jayshankar prasad

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Page 1: about Jayshankar Prasad

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1907 ईं- से� ले�कर 1933 ईं क� जिसे अवधि में� यशं�कर प्रसे�द क� ना�टक लिलेखे� गय� हैं� वहैं भा�रती�य इतितीहैं�से क� सेबसे� अधि क उ �ड़ब%ना क� सेमेंय हैं&। उसे य%ग क( तिवव�क�नान्द

र�मेंक* ष्ण परमेंहैं�से लिसेस्टर तिनाव�दिदती� अरतिवन्द दय�नान्द सेरस्वती� मेंहैं�त्में� ग�1 � रव�न्द्रना�थ ट&ग(र तितीलेक मेंहैं�त्में� फु% ले� मेंदनामें(हैंना में�लेव�य आदिद इसे रूप में� परिरभा�ति8ती कर रहैं� थ�

तिक हैंर ति9य� तिनाश्चय आन्द(लेना सेत्य�ग्रहैं लिसेतिवले ना�फुरमेंना� स्वद�शं� आन्द(लेना आदिद एक तीरफु और स्व� �नाती� स्वतीन्त्रती� स्वर�ज्य पर� �नाती� आत्मेंग@रव और स्वद�शं प्र�में आदिद

अव �रण�ए1 दूसेर� तीरफु से�थ हैं� से�थ आ �यत्मित्मेंक र�ना&तितीक ना&तितीक और क�ल्पतिनाक अथD द�ती� थE ना क� वले अथD क� दृधिG से� बल्किल्क स्वरूप क� दृधिG से� भा�। से�हैं� ना� लिलेखे� हैं& ‘ तिक छा�य�व�द क� हैंर रचना� एक हैं� से�थ ना&तितीक भा� हैं& और कल्पना�त्मेंक भा� और

र�ना&तितीक भा�। ( छाठव�1 दशंक-275) से�तिहैंत्य में� भा�रती�न्दु हैंरिरशंचन्द्र और अध्य�त्में में� तिवव�क�नान्द क� एक स्वर से� आयD से�म्रा�ज्य क� एकती� और आयD से�स्क* तिती क( नाG हैं(ना� से�

बच�ना� क� उसेक� तिवभिभान्न गणQ सेमें�Q और �ती�यती�ओं क( एक सेSत्र में� तिपर(ना� क� ‘ तिवव�क�व�दT और आनान्दव�दT द(नाQ प्रयत्ना चले रहैं� थ�। प्रसे�द क� ना�टकQ में� प्र�यभिश्चती से�

यहैं च�तीना� जिसे में%खेर रूप में� हैं( आती� हैं& उसेक� य%गभाSधिमें क� लिलेए द( सेन्दभाD पय�Dप्ती हैंQग�। 

‘‘ अब मेंहैं�घो(र क�ले उपस्थिXती हैं&। च�रQ ओर आग लेग� हुई हैं&। दरिरद्रती� क� में�र� द�शं ले� �ती� हैं&। अ�गर�Q से� ( ना@कर� बच �ती� हैं& उना पर में%सेलेमें�ना आदिद तिव में\ भारती� हैं(ती� �ती� हैं�। आमेंदना� व�भिणज्य क� थ� हैं� नाहैंE क� वले ना@कर� क� थ� से( भा� �र�- �र�

खिखेसेक�। ती( अब क& से� क�में चले�ग�। कद�लिचती ब्रा�ह्मण और ग(से�ई ले(ग कहैं� तिक हैंमेंक( ती( में%फ्ती क� धिमेंलेती� हैं& हैंमेंक( क्य� ? इसे पर हैंमें कहैंती� हैं� तिक तिवशं�8 उन्हैंE क� र(ना� हैं&। ( कर�ले क�ले चले� आती� हैं& उसेक( आ1खे खे(लेकर द�खे(। क% छा दिदना प�छा� आप ले(गQ क� में�नाना� व�ले� बहुती थ(ड़� हैं� रहैं�ग�। अब- सेब ले(ग एकत्र हैं(। तिहैंन्दू ना�में �र� व�द से� ले�कर

तीन्त्र वर�च भा�8� ग्रन्थ में�नाना� व�ले� तीक सेब एक हैं(कर अब अपना� परमें मेंD यहैं रखे( तिक आयD �तिती में� एक� हैं(। इसे� में� मेंD क� रक्षा� हैं&। भा�तीर ती%म्हैं�र� च�हैं� ( भा�व और &से�

उप�सेना� हैं( ऊपर से� सेब आयD में�त्र एक रहैं(। मेंD सेम्बन्धी� उप�धि यQ क( छा(ड़कर प्रमें%खे मेंD क� उन्नतिती कर(। 

‘‘ भा�रतीव8D में� हैंमें�र� द( बड़� तिवघ्ना हैं�- एक हैं& प%र�ना� �र्मिमेंiक कट्टरती� और दूसेर� हैं& वतीDमें�ना य(र(प�य सेभ्यती�-तिवव�क�नान्द।

यशं�कर प्रसे�द क� लिलेखेना� शं%रू करना� क� पहैंले� हैं� ग�1 � क� तिहैंन्द स्वर�ज्य क� अव �रण� अवती�र ले� च%क� थ� और लिसेस्टर तिनाव�दिदती� तीथ� अरतिवन्द आदिद स्व� �नाती�

तीथ� स्वर�ज्य पर में�र्डDनारिरव्यूS ना�र�यण आदिद पतित्रक�ओं में� ले�खे लिलेखे रहैं� थ�। छा�य�व�द क� मेंना(भाSधिमें क� बना�वट क� तीत्वQ क� र�खे��कना करती� हुए तिवय द�व ना�र�यण से�हैं� ना� इसे�लिलेए द�शंDतिनाक में%द्र� तिवर�ट ना�टक�यती� तीथ� ना&तितीक और कल्पना�त्मेंक स्वप्न ले(कQ क�

Page 2: about Jayshankar Prasad

तिवलिशंG अना%प�ती में� सेत्मिम्मेंश्रण और भा�8� सेमेंस्य� ( से�स्क* ती शंब्द�वले� क� में�ध्यमें से� मेंना(भाSधिमें क( क्ले&लिसेकले और एब्स्ट्रै&क्ट बना�ना� क� क�यD करती� रहैं� हैं& क� उल्ले�खे तिकय�

हैं&।

इसे मेंना(भाSधिमें क� तिनामें�Dण में� श्र� र प�ठक में� व शं%क्ले अय(ध्य� सिंसेiहैं उप�ध्य�य हैंरिरऔ तिहैंती&8� र�मेंनार�शं तित्रप�ठs में�खेना ले�ले चती%वtदT गय�प्रसे�द शं%क्ले सेना�हैं� रूप ना�र�यण प�ण्र्ड�य और में&लिथले�शंरण ग%प्ती क� क* तितीयQ क� भा� मेंSधिमेंक� रहैं� हैं&। इसे य%ग क� रचना�ओं

‘ ‘ ‘ ‘ ‘में� ले(कसे�व� ले(क मेंD ले(कमेंय�Dद� ले(क हृदय क� पहैंच�ना ले(कमें�गले ले(क�खिwना ‘ ‘ ‘ ले(कना�तिती ले(ककल्य�ण ले(कव�द शंब्द क& नाना क� तीरहैं प्रय%क्त धिमेंलेती� हैं�। द�शं क� धिमेंट्टT प�ड़- प@ � पशं%- पक्षा� क�ड़�- मेंक(ड़� वनास्पतितीय�1 नादT ना�ले� पवDले- सेमें%द्र फुले- फुS ले स्त्र�-प%रु8

सेबक( खेड़� ब(ले� पद्य क� प्र�रल्कि|क से�घो8Dक�ले�ना द@र में� सेDना�त्मेंकती� क� तिव8य ‘ बना�कर ले�खेकQ और रचना�क�रQ ना� द�शं वत्सेलेती� और स्वद�शं�ना%र�ग क� आक8Dक

व्यूवस्थिXती ढाँ�1च� खेड़� कर दिदय� थ�। छा�य�व�द ना� इसे ढाँ�1च� में� मेंना%ष्यती� क� र�ग भार सेबक( में�नाव बना� दिदय�- में�नाव�क* ती कर दिदय�। भालिक्त क�ले में� &से� सेब क% छा र� �क* ष्णमेंय हैं(

गय� थ� व&से� हैं� प्रसे�द क� सेमेंय में� सेब क% छा में�नावमेंय और लिचन्मेंय हैं( गय�। क�नाtलिलेय� ‘ क� कल्य�ण� में� प�ड़- प@ Q क( य�द करना� भा�रतीव�लिसेयQ क( धि क्क�रना� और प्र�रिरती करना�

द(नाQ हैं&। 

‘ प्रसे�द � क� सेमेंय में� भा�रती�न्दु द्वा�र� तिवकलिसेती तिहैंन्दT र�गमें�च क� स्वतीन्त्र च�तीना� 9मेंशं� क्षा�ण हैं( च%क� थ� में� वशं%क्ले &से� ले(ग ना�टय सेधिमेंतितीयQ और र�में ले�ले� में�र्डलिलेयQ क(

�तिवती तिकए हुए थ� परन्ती% वहैं भा� प्रय�ग और कलेकत्ता� में� हैं�। उनाक� सेमेंय में� &से� तिक प्रसे�द� ना� लिलेखे� हैं& तिक ती�से बरसे पहैंले� (से�भावती) 1906 ई में�। ब क�शं� में� प�रसे�

र�गमें�च क� प्रबलेती� थ� तीब भा� में�ना� तिकसे� दभिक्षाण� ना�टक में�र्डले� द्वा�र� से�स्क* ती में*च्छकदिटक क� अभिभानाय द�खे� थ� उसेक� भा�रती�य तिवशं�8ती� अभा� में%झे� भाSले� नाहैंE हैं& ( द� र�गमें�च)।

र�मेंले�ले� र�सेले�ले� य�त्र� भा�1ड़ क� परिरहैं�से ले�ले� ना@ट�क� कथकले� आदिद भा�व में%द्र�ओं व�ले� ना*त्यQ आदिद ना� उत्तार भा�रती में� अभिभानाय�त्मेंक ह्रा�से क� य%ग में� चलेती�- तिफुरती� र�गमें�चQ और तिवमें�नाQ क� रक्षा� क� यहैं भा� उनाक� में�नाना� हैं& ( प�रसे� लिथय�टर से� भिभान्न परम्पर� क� ले(क स्व�क* तिती क� भा� प्रमें�ण हैं&। प्रसे�द � ना� यहैं भा� लिलेखे� हैं& तिक प�रसे� व्यूवसे�धिययQ ना�

पहैंले�- पहैंले नाय� र�गमें�च क� आय(ना� क�। भा�8� धिमेंभिश्रती थ� इन्द्र सेभा� लिचत्र बक�वले� चन्द्रवले� हैंरिरशंचन्द्र आदिद क� अभिभानाय हैं(ती� थ� अना%करण हैं(ती� थ� र�गमें�च में� शं�क्सेप�रिरयना

स्ट� क� ¼ द� प्रसे�द व�ङ्मय भा�ग 4 र�गमें�च½ । प�रसे� लिथय�टर क� द्वा�र� एक प्रक�र क� तिवक* ती रुलिच और भाQर्ड�पना क� प्रच�र तिकय� � रहैं� थ�।

  उसेमें� परिरवतीDना करक� भिभान्न- भिभान्न रुलिच व�ले� ले(गQ क� लिलेए सेभा� कले�ओं क� य(ग से� अभिभाना�ती ना�टक हैं� एक तिवद्य� य� में�ध्यमें से� रूप में� उन्हैं� स्व�क�र थ�। उपद�शं और मेंना(र�ना से� भा� व� उसे� बच�ना� च�हैंती� थ�। व� यथ�थDव�द क� इब्सेना�य रूप से� परिरलिचती थ�

और उसेक� आ �र पर भा�8� तीथ� से�में�जिक च�तीना� क� लिछान्न- भिभान्न हैं(कर तिबखेरना� क� क�रण व�दना� क� व*भित्ता क� प्रस्ती%तिती क( पभिश्चमें क� नाकले से� तिवकलिसेती यथ�थD क� क�रण

Page 3: about Jayshankar Prasad

आवश्यक नाहैंE में�नाती� थ�। उनाक( तिवश्वा�से थ� तिक अती�ती और वतीDमें�ना क� आ �र पर हैं� भातिवष्य क� तिनामें�Dण से|व हैं&। उन्हैंQना� लिलेखे� तिक क% छा ले(ग कहैंती� हैं� से�तिहैंत्यक�र क(

आदशंDव�दT हैं(ना� हैं� च�तिहैंए और लिसेद्धां��ती से� हैं� आदशंDव�दT �र्मिमेंiक प्रवचनाकती�D बना �ती� हैं&। वहैं सेमें� क( क& से� हैं(ना� च�तिहैंए यहैं� आद�शं करती� हैं&। और यथ�थDव�दT

लिसेद्धां��ती से� हैं� इतितीहैं�सेक�र से� अधि क क% छा नाहैंE ठहैंरती� क्यQतिक यथ�थDव�द इतितीहैं�से क� से�पभित्ता हैं&। वहैं लिचतित्रती करती� हैं& तिक सेमें� क& से� हैं& य� थ� किंकiती% से�तिहैंत्यक�र ना ती( इतितीहैं�से कती�D हैं& और ना मेंDशं�स्त्र प्रण�ती�। इना द(नाQ क� कत्ताDव्यू स्वती�त्र हैं�। से�तिहैंत्य इना

द(नाQ क� कमें� क( पSर� करना� क� क�में करती� हैं&-‘‘ उनाक� अना%से�र से�तिहैंत्य सेमेंय क� व�स्तीतिवक स्थिXतिती क्य� हैं& इसेक( दिदखे�ती� हुए भा� उसेमें� आदशंDव�द क� से�में�स्य स्थिXर

करती� हैं&। दु�खे दw गती और आना�दपSणD स्वगD क� एक�करण से�तिहैंत्य हैं&] इसे�लिलेए असेत्य अघोदिटती घोटना� पर कल्पना� क( व�ण� मेंहैंत्त्वपSणD X�ना द�ती� हैं& ( तिना� से@न्दयD क� क�रण सेत्य पथ पर प्रतितीधि�ती हैं(ती� हैं& उसेमें� तिवश्वामें�गले क� भा�वना� ओतीप्र(ती रहैंती� हैं&।

¼ प्रसे�द व�ङ्मय भा�ग 4½ 

इना उद्धांरणQ में� व्यू�प्ती तिवश्वादृधिG य� द�शंDतिनाक में%द्र� तीथ� ना&तितीक और कल्पना�त्मेंक तिवना क� सेमेंन्वय उनाक� सेमेंस्ती रचना�ओं में� अन्ती प्रव�तिहैंती रक्त क� तीरहैं हैं&। प@रु8 आनान्द

उल्ले�से और श्र�यमेंय� प्र�य दृधिG उनाक� ना�टकQ में� स्वती�त्रती� क� क�मेंना� क� से�थ हैं� अना%स्यSती हैं&। उनाक� तिनाबन्धी एक प्रक�र से� उनाक� सेDना�त्मेंकती� क� व्यू�ख्य�ना हैं�। लेगती� हैं&

&से� व� उनाक� ना�टकQ क�व्यू ग्र�थQ और उपन्य�से कहैं�तिनायQ में� व्यू�प्ती आत्में� क� से�कल्पना�त्मेंकती� क( आले(चना� क� भा�8� में� रूप�न्तीरिरती करती� हैं�। उनाक� अन्तिन्तीमें अ Sर�

‘ ‘ ना�टक अखिwनाधिमेंत्र और अ Sर� उपन्य�से इर�वती� में� उनाक� तिनाब� रहैंस्यव�द यथ�थDव�द और ‘ ‘ छा�य�व�द क�व्यू और कले� और र�गमें�च क� अना�क X�पना�ओं क( अग्रग�धिमेंती� प्रद�ना

हुई हैं&। �वना क� तिवक�से इसे दु�खे पSणD ब%जिद्धांव�द क� बन्द(ग*हैं में� अवरुद्धां हैं&। उसे� आना�द पथ पर ले� चलेना� क� क्षामेंती� ती%मेंमें� अन्तीर्निनाiतिहैंती हैं&। दु�खेव�द क� तिनाद्र� छा(ड़कर आनान्द क�

�ग*तिती क� लिलेए में�नावती� च�चले हैं( रहैं� हैं&। यहैं सेब उसे� क� क्षा%द्र उपसेगD हैं� ती%में में�गलेपSणD से*धिG स्थिXतिती से�हैं�र तितीर(भा�व और अना%ग्रहैं क� प�च क* त्य करना� में� क% शंले लिचद�ना�दमेंय�

आत्मेंसेत्ता� में� तिवश्वा�से कर(। ( प्रसे�द व�ङ्मय भा�ग 4 प* 790-

अपना� सेमेंय क� दु�खेदwघोती� क� नारक क� पहैंच�ना करक� उसे गती क( श्रद्धां� सेगD क� ‘ ‘ कल्पना� में� रुप�न्तीरिरती करना� क� से�कल्पनात्मेंक अना%भाSतिती क� र�ज्यश्र� क� ले(कसे�व� व्रती

य� क�में�यना� क� आनान्दसेगD क� सेमेंरसे स्थिXतिती में� एक ल्किस्मेंतीर�खे� आले(क मेंय� मेंSर्नितीi क� तीरहैं व्यू�प्ती हैं&। अभिभानाय सेSत्र �र तिनायतितीनाटT र�गमें�च आदिद शंब्द प्रसे�द क� �वना दशंDना क� ‘ ब� शंब्द हैं& ( ना�टक क( ले�ले� क� अथD द�कर रचना�ओं क� आत्मेंसे�क्षा�त्क�र य�

आत्में(पलेल्कि� क� पय�Dय भा� बना� द�ती� हैं�। दूसेर� ओर मेंहैं�शंलिक्त क� में�ध्यमें से� आनान्द क� ‘ प्रती�तिती क� लिलेए ना�टक लिलेखेना� और से*धिG क� तिव �ना य� 9में क( एक ना�टक क� रूप में� द�खेना� एक से� अपना� सेमेंय क� पर� �नाती� से� में%लिक्त क� उप�य खे(ना� स्वती�त्रती� प्र�प्ती

Page 4: about Jayshankar Prasad

करना� और दूसेर� से� स्व- ती�त्रती� प्र�प्ती करना� एक से� स्वर�ज्य और दूसेर� से� स्व- र�ज्य में� तिवचरना� क� से�कल्प तिकतीना� मेंहैंत्त्वपSणD और तिकतीना� परस्पर तिवरुद्धां दिदखेती� हैं&। क�ले और

क�ले�ती�ती क� एक से�थ उपलेल्कि� ऋ%र�खे�य क�ले क� स्व�क�र क� से�थ हैं� क�ले क� अतिती9मेंण क� इच्छ� और अन्तीती� क�मेंना� स्क� दग%प्ती चन्द्रग%प्ती एक घोS1ट तिवशं�खे आदिद में�

उसे अतिती9मेंण क� प्रसे�द�न्ती सेक� ती प्रसे�द से� ना�टकQ क( इतितीहैं�से और सेमेंक�ले�ना अती�ती और वतीDमें�ना द(नाQ बना� द�ती� हैं�। एक हैं� से�थ इतितीहैं�से और ना�टक क� रचना�त्मेंक तिनाव�Dहैं भा� अन्तीती� एक प्रक�र क� तिवरुद्धांQ क� से�में�स्य हैं&। 

अती�ती प्रसे�द क� लिलेए प्रदत्ता य� प%र�तीत्व क� दृधिG से� खे(दकर तिनाक�ले� गय� में�त्र हैं� नाहैंE हैं& वहैं से�म्रा�ज्यव�द क� द@र में� हैंती दपD �तिती क� लिलेए से��स्क* तितीक स्तीर पर उत्ता�ना� और

‘प्र�रण� क� भा� तिव8य हैं&। प्रसे�द क� ना�टकQ में� भा�रती- भा�रती� क� आभ्य�तीरिरती रूप हैं� नाहैंE धिमेंलेती� हैं& वतीDमें�ना र�ष्ट्री�य शंलिक्त क� एक हैंद तीक में�नाव�य सेमेंस्य�ओं क� से�घो8D में� परम्पर�

क� खे( धिमेंलेती� हैं&। शंलिक्त क� तिवद्य%त्कणQ क� तीले�शं और सेमेंन्वय क� सेमेंक�ले�ना दृधिG क� अती�ती में� प्र�क्षापण हैं� स्क� दग%प्ती सिंसेiहैंरण अलेक� द�वसे�व� क�नाtलिलेय� मेंन्द�तिकना�

च�णक्य चन्द्रग%प्ती हैं8D ध्रु% वस्व�धिमेंना� आदिद चरिरत्रQ क� से*धिG करव�ती� हैं&। से*धिG इसेलिलेए तिक इतितीहैं�से क� अन्तीगDती य� रहैं� हैंQग�। 

ले�तिकना इसे रूप में� य� इना ना�टकQ क� ना&तितीकती� पर चढ़े� हुए अखिwनाव�ण हैं� हैं� जिसे� प्रसे�द ना� तिनार्मिमेंiती तिकय� हैं&- तिवशं�8 से�क� ती क� रूप में�। इतितीहैं�से सेन्दभाD और से�मेंग्र� द(नाQ हैं�। वहैं

उप�द�ना हैं& तिनाधिमेंत्ता नाहैंE तिनाधिमेंत्ता ती( मेंSलेती� तीत्क�ले�ना स्व� �नाती� क� आक��क्षा� और आत्में ‘ ग@रव क� प्र�न्तिप्ती हैं&। अ�तीशंत्र% क� कथ� प्रसे�ग और क�में�यना� क� आमें%खे में� प्रसे�द ना� अपना� इतितीहैं�से दृधिG क� से�क� ती तिकय� हैं&। व� इतितीहैं�से क( इतितीहैं�से से*धिG क� लिलेए प्रय(ग करना� च�हैंती� हैं� और ना�टकQ में� सेमेंन्तिन्वती इच्छ� शंलिक्त क� आत्में�ओं क� से�कल्पना�त्मेंक

अना%भाSतिती क� तिवश्वा�त्में� क� इच्छ� क� अना�क स्तीरQ पर प�ठक और श्र(ती� क� से�मेंना� घोदिटती क( घोटमें�ना क� रूप में� प्रय%क्त करती� हैं�। इतितीहैं�से क� यहैं द्वान्द्वा�त्मेंक च�तीना� हैं�ग�ले क�

र्ड�यले�स्थिक्टक और शं&व�गमेंदशंDना क� द्वान्द्वा से� धिमेंलेकर बना� हैं&। इसेक� मेंSले में� क�ले क� च9�य य� सेना�तीना दृधिG भा� हैं& परन्ती% वहैं सेना�तीनाती� कमेंD क� से� ना� क�तिना8� नाहैंE करती�

हैं& बल्किल्क से�कल्प�त्मेंक बना�ती� हैं&। द्वान्द्वा�त्मेंकती� क� क(8 में� से�कल्प�त्कती� क� यहैं व&च�रिरक ब��र(पण प्रसे�द क� लिलेए हैं� से�भाव थ�। अ�तीशंत्र% क� कथ�प्रसे�ग क� यहैं उद्धांरण

‘ ‘ क�में�य�ना� क� आमें%खे क� से�थ धिमेंले�कर द�खेना� पर ऐतितीहैं�लिसेक ना�टकQ क� अथDगभाD से�क� ती�त्मेंकती� और इतितीहैं�से दृधिG य� क�लेच�तीना� क� लिलेए क�फु� से�क� ती�त्मेंक हैं&।

‘‘ इतितीहैं�से में� घोटना�ओं क� प्र�य� प%नार�व*भित्ता हैं(ती� द�खे� �ती� हैं� इसेक� ती�त्पयD यहैं नाहैंE तिक इसेमें� क(ई नाय� घोटना� हैं(ती� हैं� नाहैंE तिकन्ती% असे� �रण नाय� घोटना� भा� भातिवष्यती में� तिफुर

हैं(ना� क� आशं� रखेती� हैं&। में�नाव सेमें� क� कल्पना� क� भा�र्ड�र अक्षाय हैं& क्यQतिक वहैं इच्छ� शंलिक्त क� तिवक�से हैं&। इना कल्पना�ओं और इच्छ�ओं क� मेंSले सेSत्र बहुती हैं� सेSक्ष्में और

अपरिरस्फु% ट हैं(ती� हैं&। ब वहैं इच्छ� शंलिक्त तिकसे� व्यूलिक्त य� �तिती में� क� न्द्रTभाSती हैं(कर अपना� सेफुले य� तिवकलिसेती रूप �रण करती� हैं& तीभा� इतितीहैं�से क� से*धिG हैं(ती� हैं&। तिवश्वा में�

Page 5: about Jayshankar Prasad

ब तीक कल्पना� इयत्ता� क( नाहैंE प्र�प्ती हैं(ती� तीब तीक वहैं रूप परिरवतीDना करती� हुई प%नार�व*भित्ता करती� हैं� �ती� हैं&। सेमें� क� अभिभाले�8� अना�ती स्रो(तीव�ले� हैं&। पSवD कल्पना� क�

पSणD हैं(ती� हैं(ती� एक नाय� कल्पना� उसेक� तिवर( करना� लेगती� हैं& और पSवD कल्पना� क% छा क�ले तीक ठहैंर कर तिफुर हैं(ना� क� लिलेय� अपना� क्षा�त्र प्रस्ती%ती करती� हैं& उ र इतितीहैं�से क� नाव�ना अध्य�य खे%लेना� लेगती� हैं&। में�नाव सेमें� क� इतितीहैं�से क� इसे� प्रक�र से�कलेना हैं(ती�

हैं&। अ�तीशंत्र% कथ� प्रसे�ग 

‘‘ आ क� मेंना%ष्य क� सेमें�प ती( उसेक� वतीDमें�ना से�स्क* तिती क� 9मेंपSणD इतितीहैं�से हैं� हैं(ती� हैं&] परन्ती% उसेक� इतितीहैं�से क� से�में� हैं�1 से� प्र�र| हैं(ती� हैं& ठsक उसे� क� पतिहैंले� से�मेंSतिहैंक च�तीना� क� दृढ़े और गहैंर� र�गQ क� र�खे�ओं से� ब�ती� हुई और भा� पहैंले� क� ब�तीQ क� उल्ले�खे स्में*तिती पट पर अधिमेंट रहैंती� हैं&] परन्ती% क% छा अतितीर�जिती से�। व� घोटना�ए1 आ तिवलिचत्रती� से� पSणD �ना पड़ती� हैं� से�भावती� इसे�लिलेए हैंमेंक( अपना� प्र�च�ना श्र%तितीयQ क�

तिनारुक्त क� द्वा�र� अथD करना� पड़ती� हैं& जिसेसे� तिक उना अथ� क� अपना� वतीDमें�ना रुलिच से� से�में�स्य तिकय� �य आ हैंमें सेत्य क� अथD घोटना� कर ले�ती� हैं�। तीब भा� उसेक� तितीलिथ

9में में�त्र क� सेन्ती%G ना हैं(कर मेंना(व&ज्ञा�तिनाक अन्व�8ण क� द्वा�र� इतितीहैं�से क� घोटना� क� भा�तीर क% छा द�खेना� च�हैंती� हैं�। उसेक� मेंSले में� क्य� रहैंस्य हैं& ? आत्में� क� अना%भाSतिती ! हैं�1 उसे� भा�व

क� रूपग्रहैंण क� च�G� सेत्य य� घोटना� बना कर प्रत्यक्षा हैं(ती� हैं&। तिफुर व� सेत्य घोटना�ए1 XSले और क्षाभिणक हैं(कर धिमेंथ्य� और अभा�व में� परिरणतिती हैं( �ती� हैं�। तिकन्ती% सेSक्ष्में अना%भाSतिती य� भा�व लिचर�तीना सेत्य क� रूप में� प्रतितीधि�ती रहैंती� हैं& जिसेक� द्वा�र� य%ग य%ग क� प%रु8Q क� और

प%रु8�थ� क� अभिभाव्यूलिक्त हैं(ती� रहैंती� हैं&। क�में�यना�`आमें%खे।

प्रसे�द क� इतितीहैं�से क� यहैं सेमेंक�ले�नाती� एक प्रक�र क� सेना�तीनात्व भा� लिलेय� हैं&। प%र�णQ से� ले� गई कथ�ओं क� भा�व क� रूप ग्रहैंण क� च�G� ( शं%द्धां वतीDमें�ना में� हैं(ती� हैं& सेत्य क� रूप

‘ ग्रहैंण करना� क� 9में में� रूपक क� अथD ले� ले�ती� हैं&। नामें�य क� ना�गयज्ञा में� जिसे� में� ना�टक�यती� क� दृधिG से� क�फु� अथDगभाD और मेंहैंत्त्वपSणD ना�टक में�नाती� हूँ1 में� यहैं रूपकत्व

द�व�से%र से�ग्र�में क� अन्तीतिनार्निहैंiती रूपकत्व &से� हैं� अथDव�ना हैं&। यहैं रूपकत्व उनाक� सेभा� ना�टकQ क� इतितीहैं�से क� घोटना� क� अथD क( वतीDमें�ना में� अन्तीरिरती करना� य� से�क� तितीक करना�

क� क�रण तिवद्यमें�ना हैं& व&से� रूपक ती( यहैं हैं& हैं�।

‘ प्रसे�द इतितीहैं�से और वतीDमें�ना क� प्रय(ग तिप्रतीच्छ�य� ( द� �यसे�-से�हैं�) अले�क�र क� तीरहैं करती� हैं�। &से� अपना� से�मेंना� रखे� हुए द( दपDण हैंQ लेगभाग। �यसे� क� पद्मा�वती क� तीरहैं

जिसेक� प्रसे�द बहुती सेम्में�ना क� से�थ ग�ले� क� प्रसे�ग में� उल्ले�खे करती� हैं� और यहैं प्रसे�द क� इतितीहैं�से दृधिG क( तिवशं�8कर ऐतितीहैं�लिसेक ना�टकQ क� ले(क और अले(क इतितीहैं�से और

स्वप्नले(क क� सेमें�ना हैं� रचती� हैं�। अले�उद्दीTना क� द्वा�र� र�खे क� हैं�थ में� उठ�ना� क� उल्ले�खे व� ‘ से�क� ती क� रूप में� करती� हैं�।

यशं�कर प्रसे�द क� इसे गहैंर� लिचन्तीनाशं�ले� ना� तिहैंन्दT ना�टकQ क( पहैंले� ब�र ब@जिद्धांक अथDवत्ता� प्रद�ना क�। उनाक� ना�टकQ क� भाSधिमेंक�ए1 हैं�1 एक ओर उनाक� अना%से� �ना परक

तीथ्य�न्व�8� दृधिG क� से�क� ती करती� हैं� वहैंE इतितीहैं�से क( एक अ�गरखे� भा� से� �ना परक तीथ्य�न्व�8Q दृधिG क� से�क� ती करती� हैं� वहैंE इतितीहैं�से क( एक अ�गरखे� भा� पहैंना�ती� हैं&।

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‘‘ यद्यतिप यशं�कर प्रसे�द � ना� स्क� दग%प्ती क� भाSधिमेंक� में� लिलेखे� हैं& तिक प�त्रQ क� ऐतितीहैं�लिसेकती� क� तिवरुद्धां चरिरत्र क� से*धिG हैं�1 तीक से|व हैं( सेक�। नाहैंE हैं(ना� दT गई हैं&।

तिफुर भा� कल्पना� क� अवलेम्ब ले�ना� हैं� पड़� हैं& क� वले घोटना� क� परम्पर� ठsक करना� क� लिलेए। उन्हैंQना� भाSधिमेंक�ओं में� अना�क स्रो(तीQ क� द्वा�र� अपना� सेमेंक�ले�ना से�में�जिक र�ना&तितीक यथ�थD क� सेमेंरूप� खे(ना� क� से�भाव प्रयत्ना तिकय�। पर� �नाती� और पर� �नाती� से� में%लिक्त

क� हैं� सेमेंरूप� ना क� वले अती�ती में� खे(� गए बल्किल्क से��स्क* तितीक पर� �नाती� क� अना�क क�रणQ क� भा� सेमेंरूप� और सेमेंX�तिनाकQ क� पहैंच�ना करक� उन्हैं� वतीDमें�ना क� लिलेय� आ1खे� ‘ खे(लेना� व�ले� शंलिक्त से�च�रक क� रूप में� प्रस्ती%ती तिकय� गय�। चन्द्रग%प्ती क� भाSधिमेंक� ( चन्द्रग%प्ती ना�टक क� तीरहैं &से� क� प्र( र�मेंस्वरूप चती%वtदT ना� उल्ले�खे तिकय� हैं& कई ब�र

लिलेखे� गय� हैं& इसे से�दभाD में� अधि क मेंहैंत्त्वपSणD हैं&। प्र�यभिश्चती तिवशं�खे नामें�य क� ना�गयज्ञा आदिद ना�टकQ क� परिरचय और प्र�क्कथनाQ क� इसे दृधिG से� भा� तिवशं�8 मेंहैंत्त्व हैं&। �र्मिमेंiक

मेंतीव�द �तिती उप�तितीयQ क� झेगड़� से��प्रद�धियक सेमेंस्य�य� में�न्में�द द�शं क� छा(ट�-छा(ट� ट%कड़Q में� तिवभा�ना क� प्रव*भित्तायQ क� बहुपक्षा�य सेमें� �ना ना�टकQ में� खे(ना� क� प्रयत्ना

उनाक� तिवशं�8ती� हैं&। 

अपना� सेमेंय क( परिरभा�ति8ती करना� क� 9में में� अपना� अती�ती क� प्र�णतीत्त्व क( आत्मेंसे�ती करती� चलेना� उनाक� स्वभा�व थ�। तिवच�र भा�8� लिशंल्प यथ�थDव�द क( आत्मेंसे�ती करती� चलेना� उनाक� में�नाव�य च�तीना� द�शंDतिनाकती� र�गमें�च�यती� आदिद क� दृधिG से� व� सेतीती

�गरूक रचना�क�र हैं�। उवDशं� चम्पS से� ले�कर ध्रु% स्व�धिमेंना� तीक क� य�त्र� ना�टक क� दृधिG से� अनावरती तिवक�से और सेतीती �गरूकती� क� य�त्र� हैं&। 1909 ई- में� प्रक�लिशंती उवDशं�

‘ चम्पS क( उन्हैंQना� ब�ल्य रचना� में�नाती� हुए पद्य क� ब्रा भा�8� में� हैं(ना� पर प्रक�र�न्तीर से� एक तिहैंचक और कमें� क� अना%भाव तिकय� हैं&। रचना� में� भा� प्र�मेंतीत्त्व क� सेम्प्रे�8ण हैं&। क% छा कस्थिल्पती प्रसे�गQ क� अले�व� चम्पS में� व&च�रिरकती� और सेमेंक�ले�नाती� क� अभा�व हैं&

ना�टक�यती� क� तीत्त्व भा� कमें हैं�। सेज्जना प�1च दृश्यQ क� ना�ट्य प्रयत्ना हैं& जिसेमें� से�स्क* ती और प�रसे� लिथय�टर क� ना�ट्य रूदिढ़ेयQ क� प्रय(ग तिकय� गय� हैं&।

प्र�र| ना�न्द� प�ठ नाट क� प्रय(ग भारती व�क्य और प�रसे� लिथय�टर क� तीरहैं से� ग�ना�व�लिलेयQ क� प्रथमें दृश्य में� उपय(ग तीथ� ग�तीQ क� से�ग�ती�त्मेंक प्रय(ग धिमेंलेती� हैं&। प�चमें दृश्य में�

द्र(पदT य%धि धि�र क� क�व्यू�त्मेंक से�व�द क� शंव क� य�द दिदले�ती� हैं� ना�टक क� प्र�र| और अन्ती द(नाQ में� सेत्कतिवती� और सेज्जनाती� क� सेम्बन्धीQ क( र�खे��तिकती तिकय� गय� हैं&। य%धि धि�र

क� मेंDतिना�� और सेज्जनाती� क( एक मेंSल्य क� रूप में� प्रस्ती%ती करना� ले�खेक क� लेक्ष्य रहैं� ‘ हैं&। कल्य�ण� परिरणय 1912 ई- में� ना�गर� प्रच�रिरण� पतित्रक� में� प्रक�लिशंती हुआ थ� ब�द में� 1931 में� क% छा से�शं( नाQ क� से�थ चन्द्रग%प्ती में� सेमें�य(जिती कर लिलेय� गय�। इसे ना�टक में� पहैंले� ब�र पहैंले� दृश्य में� हैं� च�णक्य अन्धीक�र हैंट रहैं� गती �ग*ती हुआ क� द्वा�र�

प्रक* तिती और �गरण द(नाQ क� से�क� ती तिकय� गय� हैं&। ग�ती से�भिभाप्र�य प्रय%क्त हैं&। च�णक्य क� स्मेंरण भा� भा�रती क� ग@रवमेंय अती�ती क� स्मेंरण हैं& जिसेमें� क्य� से� क्य� हैं( गय� तिक

ध्वतिना हैं&।

इतीना� थ� से@हैं�दD सेभा� हैंमें एक थ�।

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एक अक� ले� हैंमेंE रहैं� ना अना�क थ�।।

करुण� क� थ� र�ज्य प्र�में हैं� मेंD थ�

य%द्धां�नान्द तिवना(द एक हैं� कमेंD थ�

ना थ� तिकसे� में� में(हैं कभा� ना तिवव�द थ�

धिमेंलेती� अतिवरती स्वच्छ से% � क� स्व�द थ�

भा�ती शं�ती क� भा� ना में�गD क� मेंन्त्रण�

यहैं क% च9 मेंय च�ले ना थ� ना क% मेंन्त्रण�

प्रसे�द ना� इसे� ना�टक में� क�नाtलिलेय�` ‘ एक तिवद�शं� मेंतिहैंले� क� में%खे से� भा�रती भाSधिमें क� ‘ प्रशं�से� करव�ई हैं&। चन्द्रग%प्ती में� यहैं अधि क सेDना�त्मेंक और आत्में�यती� य%क्त हैं&। इसेमें� प्रय%क्त यहैं व�क्य तिक भा�रती क� पतिवत्र भाSधिमें क� वले हैंत्य� लेSट रक्त और य%द्धां से� व�भात्से बना�य� � रहैं� हैं&। व�हैं क& से� से%न्दर द�शं हैं&। में%झे� इसे भाSधिमें से� न्में भाSधिमें से� प्र�में हैं(ती� �

रहैं� हैं& स्वद�शं�ना%र�ग क� व*जिद्धां क� दृधिG से� मेंहैंत्त्वपSणD हैं& ना�टक में� चरिरत्र��कना व्यूलिक्तत्व क� अना%कS ले नाहैंE हैं&। प्र�यभिश्चती ( 1914 में� इन्दु में� प्रक�लिशंती हुआ थ� एक दृधिG से� यशं�कर

प्रसे�द क� प्र�रल्कि|क रुझे�नाQ से� भा� प्र�यभिश्चती हैं&। यहैं ना�टक प्रसे�द � क� जिसेमें� र�ष्ट्री प्र�में क( मेंSल्य में�नाकर द�शंद्र(हैं क� प्र�यभिश्चती आत्मेंव में�ना� गय� हैं&। इसेमें� भा�वना� क�

एक��ग�पना अधि क हैं& ना�टक में� उसे प्रक�र क� ब@जिद्धांकती� नाहैंE हैं&। &से� स्कन्धीग%प्ती चन्द्रग%प्ती आदिद में� धिमेंलेती� हैं&। चरिरत्रQ में� अन्तीद्वाDन्द्वा और आत्मेंसे�घो8D क� शं%रूआती अवश्य

हैं&। प�त्र भा� अधि क नाहैंE हैं& यद्यतिप तिक ति9य� व्यू�प�र और वस्ती% तिवन्य�से तिवखेर� हुआ हैं&। क% ले छा� दृश्यQ क� ना�टक हैं&। 

प्र�यभिश्चती में� प्र�र| में� द( तिवद्य� �रिरय�1 आती� हैं� ( लेगभाग प�रसे� लिथय�टर क� शं&ले� में� ना�टक क� क�यD व्यू�प�र क� सेSचना� द�ना� क� से�थ हैं� से�थ तिहैंन्दू से�म्रा�ज्य क� सेSयD क� अस्ती

हैं(ना� और आयD से�म्रा�ज्य क� ना�शं क� क�रणQ क� उल्लेखे� करती� हुई यहैं भा� कहैंती� हैं� तिक क्य� यहैं तिकसे� ना�च भा�रतीव�से� क� क�यD हैं&। ना�टक क� प्र�र�भा क� इसे से�व�द क�

तिनाम्नालिलेखिखेती अ�शं मेंहैंत्त्वपSणD हैं& ( एक प्रक�र से� ना�टक क� से�द�शं भार� हैं&। प्रतितीकिंहैंiसे� क� प्रसे�द ब�द क� ना�टकQ में� अच्छ� नाहैंE में�नाती� हैं� परन्ती% अकिंहैंiसे� क( व� ग%ले�में� क� क�रण अवश्य में�नाती� हैं�। उनाक� उपन्य�सेQ और प्र�रल्कि|क क�व्यूQ से� भा� ऐसे� तीरुण से�घोQ क� सेमेंथDना क� भा�व धिमेंलेती� हैं& ( द�शं क( र�ना&तितीक और से��स्क* तितीक दृधिG से� सेम्पन्न करना�

च�हैंती� हैं� स्कन्दग%प्ती च�णक्य और चन्द्रग%प्ती में� हैं� नाहैंE क� क�ले तितीतीले� और इर�वती� में� भा� इसेक� प्रयत्ना हैं&। 

प�- सेखे� ! किंहैंiसे� क& से� ब%र� वस्ती% हैं&। द�खे इसेना� क& से� भाय�कर क�यD तिकय�।

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दू- ‘ से� �। इसे रहैं� सेहैं� प्रतितीकिंहैंiसे� क( भा� भा�रतीव�लिसेयQ क� लिलेय� ईश्वार क� दय� सेमेंझे। जिसे दिदना इसेक� ले(प हैं(ग� उसे दिदना से� ती( इनाक� भा�wय में� द�सेत्य करना� लिलेखे� हैं&।