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जैविक खेती एिं गैर-रसायविक खेती संबंधी टाक ोरसारा तत ारंवक पररटस संयोजक: डॉ. .के . संह सद ससिव: डॉ. कृ िं सद: ी आनंद अिर ी उम द ीमती कसवता कुऱगंती ी कसिल शाह डॉ. .के . संह जनवरी 2016 भारत सरकार कृ सि एवं सकसान काण मंालय कृसि, सहकाररता एवं सकसान काण सवभाग जैविक खेती एिं गैर-रसायविक खेती संबंधी टाक ोरस

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जैविक खेती एिं गैर-रसायविक खेती संबंधी टास् क ोरसस

द्वारा प्रस् तु त प्रारंव क परररटस

संयोजक:

डॉ. ए.के. ससंह

सदस्य ससिव:

डॉ. कृष्ण िंद्र

सदस्य:

श्री आनंद अिर

श्री उमेंद्र दत्त

श्रीमती कसवता कुरूगंती

श्री कसिल शाह

डॉ. ए.के. ससंह

जनवरी 2016

भारत सरकार

कृसि एवं सकसान कल्याण मंत्रालय

कृसि, सहकाररता एवं सकसान कल्याण सवभाग

जैविक खेती एिं गैर-रसायविक खेती संबंधी टास् क ोरसस

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जवैिक खतेी एि ंगैर-रसायविक खतेी संबधंी टास् क ोरसस द्वारा प्रस् तआत प्रारंव क परररटस

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द्वारा प्रस् तु त प्रारंव क परररटस

1. रृष् र मव

भारत सरकार का मानना है सक कृसि उत िादन के षेेतत्र में जैसवक तेती सवाासिक तेजी से सवकससत होने वाली

प्रणासलयो ंमें से एक है । िरंतु, देश में तेतीयोग्य षेेतत्र की तुलना करने िर जैसवक तेती का षेेतत्र बहुत कम

िाया गया है ।

कृसि का सवकास सिकाऊ तेती की िरंिराओ ंका समर्ान करता है तर्ा अनेक मंि िर जैसवक तेती को

सवशाल स् तर िर उन नत करने के सलए सविार सकया गया है । यह स्वीकार सकया गया है सक जैसवक सकसानो ं

और जैसवक षेेतत्र के सलए अवसर मौजूद हैं सजन्हें िहिानने की आवश्यकता है, और सार् ही मांग और

आिूसता के बीि महत्विूणा अंतर को िािने के सलए प्रभावी रणनीसत संबंिी सुझाव सदये जाने िासहए ।

स्पष्ट है सक जैसवक षेेतत्र की अिनी सवसशष् ि आव् यकताएं हैं और ननके सलए असतरर् त उिाय सकए जाने

होगें तासक सकसान द्वारा रूिांतरण की िंूजी लागत को िूरा करने के सार्-सार् सविणन तर्ा प्रोत साहन

कायाक्रमो ंको सहायता समल सके । कृसि एवं सकसान कल्याण मंत्रालय ने यह आवश्यक समझा सक नस षेेतत्र

में अभावो ंऔर िुनौसतयो ंके मदे्दनजर, जैसवक षेेतत्र के सवकास के सलए संभावनाओ ंका मूल् यॉंकन सकया जाए

। तदनुसार, कृसि एवं सकसान कल्याण मंत्रालय के अिीन कृसि, सहकाररता और सकसान कल्याण सवभाग ने

आदेश सदनांक 23 जून 2015 (फानल संख्या 7-3/ 2015-आगा एफएएमजी) द्वारा जैसवक और गैर-

रसायसनक तेती संबंिी एक िास्क फोसा का गठन सकया सजसके सलए सनम्नसलखतत सवसशष्ट शतें सनिााररत की

गईं –

(क) जैसवक उत्पादो ंके सलए बािाओ ंऔर उत्पादन, प्रसंस्करण, व्यािार और तित के बेहतर सवकास की

संभावना का सवशे्लिण करना;

(त) प्रमाणीकरण तर्ा लेबसलंग, िरंिराओ ं के िैकेज, ताद्य सुरषेता एवं सवसनयमन, अनुसंिान और

अंतरराष्टर ीय व्यािार ससहत जैसवक तेती के सवकास के सभी िहलुओ ंको ध् यान में रतते हुए, एक बाजार

आिाररत रणनीसत की ससफाररश करना, तासक जैसवक तेती के अिीन षेेतत्र में सव्ार के ल्ष्य को हाससल

करने के सार्-सार्, सनयाात और घरेलू बाजार में सहस् सेदारी में बोोतरी हो सके;

(ग) जैसवक तेती के सवकास और नसमें सहायतार्ा सविणन और उन् नसत कायाक्रमो ंकी प्रस् तुसत एवं उन िर

सविार करना;

(घ) सकसान संगठनो,ं सनसवष् ि (Input) सहायता सेवा प्रदाताओ,ं उद्योग संघो,ं ियाावरण समूहो,ं उिभोक्ता

संगठनो,ं आयात-सनयाात संघो ंआसद के सार् नंिरफेस के सलए नई संरिनाओ ंके सृजन हेतु सुझाव देना ।

अिने काया के अंश के रूि में, िास्क फोसा ने िास्क फोसा के सदस्यो ंके सलए प्र्ुसतयॉं करने के सलए

सवशेिज्ो ंको आमंसत्रत करने के अलावा सवसभन्न सहतिारको ं के सार् राष्टर ीय और षेेतत्रीय स् तर िर सविार-

सवमशा सकया। ऐसी प्रसक्रयाओ ंको शुरू करने के बाद और व्यािक सविार-सवमशा के ि् िात, तत्काल

कारावाई हेतु ससफाररशो ंके सार् सनम्न प्रारंसभक ररिोिा तैयार की गई -

तत्काल कारावाई के सलए तुरंत, मध्यम और लंबी अवसि के आव् यक उिाय ससफाररशो ंमें शासमल हैं ।

2. जैविक कृवि की रपर ािा

जैविक खेती एक अवद्वतीय उत्पादि प्रबंधि प्रणाली है जर जैि विविधता, जैविक चक्र और ृदा

जैविक गवतविवध सवहत कृवि-रापरस्स्िवतकी तंत्र के स्वास्थ्य कर बढाता है। यह कायस खेत के बाहर के

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स ी कृवत्र कृवि विविष् ट (Input) से हटकर, खेत रर ही कृवि, जैविक और यांवत्रक तरीकर ंका

उरयरग करके रमरा वकया जाता है।

जैसवक तेती स्पष्ट रूि से कृसत्रम उवारको,ं कीिनाशको ंऔर आनुवंसशक रूि से संशोसित जीवो ं(जीएमओ)

के उियोग को प्रसतबंसित करती है।

सकसानो ंके सलए लाभ का ध् यान रतते हुए, समट्टी की उत्पादकता और स्वास्थ्य को बनाए रतने के अलावा,

जलवायु के अनुकूल ताद्य उत्पादन हेतु जैसवक तेती की िरंिराओ ं में वतामान में उिलब् ि सवाशे्रष् ठ

व्यावहाररक मॉडल की व्यवस्र्ा है ।

3. क्र ं ारत ें जैविक खेती कर बढािा देिा चावहए?

एक तरफ, जैसवक तेती को बोावा देना आवश्यक है वही ंदूसरी ओर यह उभरते हुए षेेतत्र के रूि में ियााप्त

संभावनाओ ंसे िूणा है ।

असनवायाता :

• ियाावरणीय संसािनो ं(की सगरावि) की खस् र्सत

• हमारे भोजन और िानी में सविाक्त िदार्ों के सार् ताद्य सुरषेता सिंताएं

• जलवायु िररवतान: रासायसनक व गहन कृसि से जीएिजी उत्सजान,

• रासायसनक अवशेिो ंके कारण सनयाात तेि को रद्द करने के सार्-सार् व्यािार सुरषेता के मामले ।

• रासायसनक तेती करने के सलए सहायता के सार् सावाजसनक सवत्तिोिण बोझ में वृखि

सनसित सकारात्मक सबंदु :

• जैसवक तेती और ताद्य प्रणाली एक उभरते हुए षेेतत्र हैं । नस षेेतत्र में 25-30% YoY की प्रभावशाली वृखि

हुई है।

• अनुकूलन संभावना के असतरर् त काबान प्रच्छादन (sequestration) के सलए जैसवक तेती में संभावनाएं ।

• आत्मसनभारता और संप्रभुता (रासायसनक उवारको ंके सलए अन्य देशो ंिर सनभारता (कचे्च माल संबंिी)

• सभी के सलए सुरसषेतत (और िौसष्टक) भोजन ।

• छोिे सकसानो,ं आसदवासी सकसानो,ं मसहला सकसानो ं आसद के सामासजक-आसर्ाक सशखक्तकरण हेतु

जैसवक तेती में संभावनाएं ।

• कम जोखतम, कम जेब-तिा, कम ऋणता और कम संकि के सार् कम लागत वाली तेती

4. उदे्दश्य तक रहंचिे के वलए ागस एिं हत्वरमणस रणिीवत

िास्क फोसा ने ससफाररश की है सक सरकार 2025 तक एक महत्वाकांषेती तर्ा यर्ार्ावादी ल्ष्य के रूि में

तेती षेेतत्र के कम से कम 10% षेेतत्र को भारत के प्रते्यक राज्य में जैसवक षेेतत्र में िररवसतात करने के ल्ष्य को

अिनाएगी । नस प्रकार के लक्ष् य की प्राखत त के सलए भारत में घरेलू उत्पादन और तित का कम से कम

10% जैसवक रूि में होना िासहए ।

हम नसे एक महत्वाकांषेती योजना कहते हैं ् योसंक भारत की कृसि भूसम का 1% से कम वतामान में जैसवक

तेती के अंतगात है; हम नस िर यर्ार्ावादी सविार रतते हैं ् योसंक िरंिरागत कृसि सवकास योजना (PKVY)

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के रूि में िहली अनन्य राष्टर ीय जैसवक तेती िररयोजना िर बहुत ही उत्साहजनक प्रसतसक्रया प्राप्त हुई है ।

और नन विों में भारत में प्रमासणत जैसवक भूसम नस योजना के तहत कायाान्वयन के अिने िहले साल में ही

"जैसवक की ओर" षेेतत्र में लाई जा सकी है ।

हमारा सव् वास है सक यह संभव है, यसद ऐसे षेेतत्रो ंमें जहॉं जैसवक तेती गहनता से की जा रही है और विाा

आिाररत षेेतत्रो ं िर ध्यान कें सद्रत करने की रणनीसत अिनाई गई है1, वहॉं उत िादकता में वृखि के प्रमाण

समलते हैं । नसके असतरर् त, वन-सनभारता वाले आसदवासी षेेतत्रो ंतर्ा ियाावरण के प्रसत संवेदनशील षेेतत्र में

भी, जो नाजुक खस्र्सत में हैं, िरंतु संसािन संिन्न हैं, वहॉं संरषेतण रणनीसत के रूि में जैसवक तेती को

अिनाना िासहए ।

राज्यो ंको, अिनाई जाने वाली रणनीसत के रूि में, ियन कृसि िाररखस्र्सतक षेेतत्रो/ंसजलो/ंब्लॉक/तालुका का

ियन करते हुए उनकी घोिणा करनी िासहए तासक जैसवक रूि में िररवतान का प्रशासन संबंिी कायाक्रम

सरल हो जाए ।

सभी राज्यो ंको अगले दो विों के भीतर सभी सहतिारको ंके सार् िरामशी प्रसक्रयाओ ंके माध्यम से अिने

ही राज्य-सवशेि की जैसवक तेती नीसतयो ंको तैयार करने के सलए प्रोत्सासहत सकया जाना िासहए ।

उले्लतनीय है सक भारत में 10% तेती योग्य षेेतत्र जैसवक रूि में िररवसतात करने के ल्ष्य प्राप्त करने के

नस रोड-मैि के सलए सभी ्र िर जागरुक मानव संसािन आिार का सनमााण महत्विूणा है तासक जैसवक

तेती से संबंसित काया के सलए उत्पादन और सविणन की जरूरतो ंको िूरा सकया जा सके ।

नस रोड-मैि में, जैसवक तेती से जुडे सकसान स् वम महत्विूणा संसािनो ं के रूि में सवकससत हो सकें गे

सजसका महत व यह है सक जैसवक तेती की से्कसलंग जैसी ज्ान कें सद्रत प्रसक्रयाओ ंके सलए तकनीकी अभाव

(last mile extension gap) को समाप्त सकया जा सकेगा ।

5. जैविक खेती कर बढािा देिे के प्र ु ख रहलु ओ ंके संबंध ें विविष्ट वसोापरिें

5.1 कृसि सशषेता, अनुसंिान एवं प्रलेतन

• भारतीय कृसि अनुसंिान िररिद/कृसि अनुसंिान एवं सशषेता सवभाग (DARE) के अिीन कें द्रीय जैसवक

तेती अनुसंिान संस्र्ान की स् र्ािना करना । यह संस्र्ान हाल ही में सव्ार के बाद मौजूदा बीस

एआईसीआरिी केन्द्ो ंके सार् काम शुरू कर सकता है ।

• सभी अनुसंिान संस्र्ानो,ं कृसि सवज्ान केन्द् और अनुसंिान से्टशन, और भारत के राज्य फामा सनगम के

सभी राज्य फामा में असनवाया रूि से स्र्ानीय ्र िर औसत तेत के आकार का कम से कम एक मॉडल

जैसवक कृसि फामा होना िासहए। नस फामा का िूणा प्रलेतन सकया जाना िासहए।

• सरकार द्वारा असिमानतः कम से कम प्रसत ब्लॉक एक प्रदशान तेत की स्र्ािना के सलए संसािनो ं के

अलग आबंिन की आव् यकता है सजसमें गैर-सरकारी संगठनो ंऔर अन्य लोगो ं के सलए सहायता भी

शासमल हैं।

• सभी राज्य कृसि सवश्वसवद्यालयो ंमें जैसवक तेती िर सवशेि िाठ्यक्रम संिालन हेतु, जैसवक तेती के सलए

एक सवभाग होना िासहए । नस तरह के प्रयास से उत्पन्न मानव संसािन और वैज्ासनक साक्ष् य जैसवक तेती

के भसवष्य के सव्ार के सलए आवश्यक और उियोगी होगा।

1 यह सा्ष्य आईसीएआर के ऑल नंसडया नेिवका प्रोजेक्टआन आगेसनक फासमंग में भी मौजूद है ।

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• िरंिरा िैकेज (िीओिी) जो तेती-प्रणासलयो ंिर आिाररत हैं, प्रलेतन और सत्यािन द्वारा अग्रणी जैसवक

सकसानो ंके तेतो ंसे उत्पन्न सकये जाने िासहए।

"और, यसद हम मानव और प्रकृसत के बीि सामंजस्य को बहाल करना िाहते हैं तो हमें िरंिरागत ज्ान

का िूणा रूि से दोहन करना िासहए। िूरे संसार में, समाज ने ससदयो ंसे ज्ान एकत्र करके नस संिदा का

सवकास सकया है। और, वे अिनी अनेक समस्याओ ंसे संबंसित आसर्ाक, कुशल और ियाावरण के अनुकूल

समािान प्राप्त कर िुके हैं । लेसकन, आज वे हमारे भूमंडलीकृत संसान में सवलुप्त होने के कगार िर हैं।

िारंिररक ज्ान की तरह, सवज्ान ने भी मानव अनुभवो ंऔर प्रकृसत की तोज के माध्यम से सवकास सकया

गया है। नस प्रकार हमें यह स्वीकार करना होगा सक सवज्ान, जैसा हम नसे देतते हैं, दुसनया के बारे में

अनुभवजन्य ज्ान का ही रूि नही ंहै। और सार् ही, हमें िरंिरागत ज्ान और आिुसनक सवज्ान के बीि

की दूरी को िािना िासहए तासक अिनी िुनौसतयो ंका सामना करने के सलए स्र्ानीय और असिक स्र्ायी

समािान प्राप्त कर सकें । "

-103 वी ंभारतीय सवज्ान कांगे्रस, मैसूर में भारत के प्रिानमंत्री द्वारा उद घािन संबोिन 03/01/2016

• अनुकरणीय मामलो ं के अध्ययन, नवािारो,ं जैसवक सकसानो ंकी राज्यवार सनदेसशका, ननिुि प्रदाताओ,ं

तुदरा सवके्रताओ ंऔर सवतरको,ं प्रोसेसर, व्यािाररयो/ंसनयाातको ं नत्यासद के प्रलेतन का काया भी हार् में

सलया जाना िासहए जो जैसवक तेती के प्रसार में संसािन सामग्री के रूि में सहायता करेगा। छोिे सकसानो ं

व मसहलाओ ंिर सवशेि ध्यान देने की आवश्यकता है सजनका उदाहरण दूसरो ं के सलए प्र्ुत सकया जा

सके।

• सू्कल िाठ्यक्रम में भी जैसवक तेती सशषेता को शासमल करना िासहए सजससे दीघाकासलक खस्र्रता के सलए

नीवं रती जा सके।

• कृसि अनुसंिान आवंिन का कम से कम 30% भाग जैसवक तेती के सलए अलग सकया जाना िासहए।

• जैसवक तेती के सलए बीज प्रजनन का काया प्रार्समकता के आिार िर सकया जाना िासहए सजसमें सहभागी

सवसविता ियन (participatory varietal selection और सहभागी प्रजनन सवसियॉं (participatory

breeding methodologies) भी सखिसलत हैं ।

5.2 प्रोत्साहन एवं सव्ार

• देश में जैसवक तेती से संबंसित ऑंकडे (केवल जैसवक प्रमासणत ऑंकडे ही नही)ं एक व्यािक, प्रामासणक

और सिीक तस्वीर उभरने के सलए और प्रगसत की समीषेता करने के सलए िूरी तरह से सुव्यवखस्र्त होने

िासहए । वतामान में, नस तरह के ऑंकडो ंकी स्पष्ट कमी है ।

• िूरे भारत में कम से कम 1000 जैसवक सू्कल (संसािन कें द्र के रूि में) की जैसवक तेती करने वाले

सकसानो ंके तेतो ंमें स्र्ािना द्वारा शुरूआत की जानी िासहए तासक ये सकसान सशषुेतता के सार्, सनयसमत

रूि से वा्सवक समय में/िूणा सत्र वाले लंबे िाठ्यक्रम िला सकें ।

• तकनीकी सहायता (Last mile extension support) सामुदासयक संसािन व्यखक्तयो ंके रूि में प्रसशसषेतत

व जैसवक तेती करने वाले सकसानो ंके माध्यम से प्रदान की जानी िासहए । यह एक बडा कदम होगा सजससे

बडे िैमाने िर िाररखस्र्सतक कृसि िररयोजनाओ ंमें देती जाने वाली शीघ्रता से हुन वृखि जैसी सुसविा प्रात त

होगी ।

• यह भी देता गया है सक संिूणा िहल को, रासायसनक/जीएमओ (GMO) तेती के नकारात्मक िहलुओ ं

तर्ा जैसवक तेती की आव् यकता एवं लाभ, दोनो ं के बारे में, बडे िैमाने जागरूकता असभयान की

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शुरूआत व संिालन द्वारा सहायता समलनी िासहए । नस प्रकार के असभयान के सलए सवसभन् न प्रकार के

उिलब् ि जन संिार माध् यम का प्रयोग सकया जाना िासहए सजसमें िारंिाररक जन संिार माध् यम से लेकर

लोक मीसडया व नये संिार माध् यम का उियोग सखिसलत है ।

5.3 जैव ननिुि उत्पादन एवं आिूसता

• जैसवक तेती को बोावा देने के एक प्रमुत घिक के रूि में िूरे भारत में सरकार द्वारा स्र्ानीय ्र िर

अिनाई गई बीज की सकस्ो ं के जैसवक बीज उत्पादन और आिूसता शंृ्रतला के सवकास िर ध्यान कें सद्रत

करना िासहए। वतामान में, जैसवक बीज की उिलब्धता अनेक सकसानो ंके सलए एक बडी बािा है।

• स्र्ानीय बीज जमाप्लाज्म/सकस्ो ंको िुनजीसवत करने िर भी बल सदया जाना िासहए।

उिायु् त दोनो ं ही खस् र्सत में जैसवक सकसानो ंऔर उनके समूहो/ंसंगठनो ंको शासमल सकया जाना िासहए

सजसमें मसहलाओ ंिर सवशेि ध्यान देने की आव् यकता है, जो िारंिररक रूि से सकसान समुदाय में बीज

संरषेतक का काया करती हैं ।

• ताद उत्पादन (गौशाला, फसल अवशेिो ंके आिार िर, िशु अिसशष्ट आिाररत कंिोस् ि) के सलए कई

प्रोत्साहन देने की जरूरत है। नसी तरह, जैव उवारक, जैव सनयंत्रण, बायोगैस और बायो-गारा और जैव

सवकास प्रमोिरो ंके उत्पादन के सलए सवशेि प्रोत्साहन होना िासहए, ् योसंक नस प्रकार अन्य ऊजाा स्रोतो ंकी

बित हो सकेगी ।

• जैसवक तेती में, और वह भी एकीकृत जैसवक तेती मॉडल में िशुिन के महत्व िर बार-बार जोर देने की

आव् यकता है । स्वदेशी िशु नस्ल के रतरताव हेतु प्रोत्साहन प्रदान करने की आवश्यकता है जोसक

गौशाला व स्वयं सेवा समूहो ंआसद को सदया जा सकता है ।

• सभी जैसवक ननिुि उत्पादन नकानयो ंको सबक्री कर, वैि, सेवा कर, जीएसिी आसद से िैक्स छूि समलनी

िासहए ।

5.4 जैसवक उत्पादो ंकी माकेसिंग

• मौजूदा ताद्य योजनाओ ं के तहत, आंगनबाडी, सू्कलो,ं अस्पतालो ंआसद में संबंसित योजना के भीतर

भुगतान के कम से कम 10% प्रीसमयम मूल्य के सार् स्र्ानीय एफिीओ से जैसवक ताद्य की तरीद असनवाया

सकया जाना िासहए । नससे जैसवक सकसानो ंके सलए स् र्ानीय बाजार उिलब्ध कराने के सार्-सार्, कमजोर

वगों में, ्निान कराने वाली और गभावती मसहलाओ ंससहत बच्चो ंऔर मरीजो ंको सुरसषेतत और िौसष्टक

भोजन प्रात त हो सकेगा । नसी तरह, देश के गरीब उिभोक्ताओ ंके सलए मुख्य रूि से सावाजसनक सवतरण

प्रणाली (िीडीएस) के तहत भी जैसवक ताद्य आिूसता प्रणाली होनी िासहए ।

• अलग जैसवक बाजार तर्ा सविणन के आउिलेि र्ोडी-र्ोडी दूरी िर बडे िैमाने िर स्र्ासित सकए जाने

की जरूरत है, ् योसंक एकीकृत आिूसता शंृ्रतला की कमी के कारण तुदरा रूि में जैसवक उत्पादो ंकी ऊंिी

कीमत वतामान में एक प्रमुत कारण है । यह अक्सर गरीब उिभोक्ताओ ंको जैसवक उत िाद की तरीद से

दूर रतता है । जैसवक बाजार षेेतत्र और दुकानो ंकी स्र्ािना करके आिूसता शंृ्रतला को व्यवखस्र्त बनाने से

जैसवक उत्पादको ंव उिभोक्ताओ ंदोनो ंको लाभ होगा।

• जैसवक एफिीओ (सकसान उत्पादक संगठनो)ं के सलए भंडारण, प्रसंस्करण नकानयो ंआसद के सलए सनवेश

की आव् यकता है तासक रासायसनक आिूसता शंृ्रतला के सार् उत्पादन के बाद के ्र िर संदूिण के सबना

अलगाव व अच्छी तरह िहिान करना संभव हो सके । सरकार की ओर से सकसान बाजारो,ं मेलो,ं हाि

आसद जैसे प्रत्यषेत सविणन िर भी िररव्यय (outlay) होना िासहए ।

• यह भी ससफाररश की जाती है सक उिभोक्ताओ ंमें सवश्वास को बोाने के सलए ब्ांडेड जैसवक उत्पादो ंिर

िीजीएस सिह्न असनवाया रूि से होना िासहए, और ऐसे उत िादो ंकी िहिान सुसनख् ित की जानी िासहए

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सजससे नसकी जैसवकता 'organicity' भी सुसनख् ित हो सके । हालांसक, सकसानो ंको ब्ांसडंग के सबना सबक्री

के माध्यम से अन्य बाजार समल रहे हैं, सजनके सलए सिह्न आव् यक नही ंहैं ।

• यह महत्विूणा है सक जैसवक एफिीओ व्यवसायो ंको 10 साल के सलए 100% िैक्स छूि के माध्यम से

प्रोत्सासहत सकया जाए, जबसक गैर एफिीओ जैसवक व्यवसायो ं के सलए 50% िै् स छूि प्रदान की जानी

िासहए ।

6. प्रस् तावित प्ररसाहाहि

ऊियुा् त उिायो ंके सार्, आव् यक िररव्यय के अलावा सवसभन्न अन्य प्रोत्साहनो ंके माध्यम से भी जैसवक

तेती को प्रोत्सासहत करने की जरूरत है। नस सदशा में िास्क फोसा की ससफाररशो ंमें से कुछ सनम् न हैं:

• जैसवक तेती के प्रोत्साहन के सलए िाररखस्र्सतकी तंत्र सेवाओ ंके सलए भुगतान:

- मृदा जैसवक काबान (soil organic carbon enhancement) वृखि के आिार िर

- अिनाया गए संरषेतण के उिायो ंकी बहुलता (जल, जैव सवसविता, ऊजाा उियोग) के आिार िर

- एकीकृत तेती प्रणाली के आिार िर

यह ऊिर सदए गए सवसभन्न मािदंडो ंके आिार िर एक सनख् ित रासश हो सकती है सजसका मूल्यांकन और

सत यािन, वतामान में उिलब् ि प्रौद्योसगकी आिाररत पे्लिफामा के प्रयोग द्वारा, और जैसवक सकसानो ं को

उनके द्वारा िहले से ही अिनाई गई प्रर्ाओ ंऔर उत्पादो ंसे संबंसित कागजी कारावाई के माध् यम से भली

प्रकार प्रलेखतत सकया गया है - नस तथ्य का उियोग करके, हो सकता है।

• जैसवक रसोई बागानो ंके सार् सू्कलो ंको वासिाक रूि से सनसित रासश द्वारा प्रोत्सासहत सकया जाना िासहए।

• िूूँसक जैसवक तेती स्पष्ट रूि से एक िररवार आिाररत उद्यम है अत: लाभासर्ायो ं को डीबीिी (DBT)

भागीदार सकसान और िसत या ित्नी के संयुक्त बैंक तातो ंमें या उियुक्त मामलो ंमें िररवार के सकसी अन्य

सदस्य को जानी िासहए । नससे यह भी सुसनसित सकया जा सकेगा सक मसहला सकसानो ंका योगदान जो

आम तौर िर सवसभन्न कारणो ंसे अदृश्य रहता है, को स्पष्ट रूि से मान्यता समल सके, और उन् हें मुआवजा

सदया जा सके ।

• मसहलाओ ंसकसान, काश्तकार और अनुसूसित जासत/अनुसूसित जनजासत के सकसानो ंको जैसवक तेती के

सलए योजनाओ ंऔर योजना घिको ंमें 10% असतरर् त सखसिडडी/सहायता के रूि में असतररक्त प्रोत्साहन

समलना िासहए।

• िूरी तरह से जैसवक राज्यो ंको कें द्र से कम से कम 20% असिक िररव्यय प्रदान सकया जाना िासहए । नसी

तरह, िूरी तरह से जैसवक गांवो,ं जैसवक ब्लॉक और जैसवक सजलो ंको भी िररव् यय प्रदान सकया जाना िासहए

। नस स् र्ान िर, रासायसनक आदानो ंऔर जीएमओ के लानसेंस बंद सकये जा सकते हैं। नसी तरह, बीज

समनी सकि जैसे कायाक्रम, सजनका सवतरण संबि रसायनो ंआसद के सार् सकया जाता है, रोके जाने िासहए ।

• जैसवक आईएफएस (एकीकृत कृसि प्रणाली) आिाररत घरो ं के सलए, सजन् हें िीओिी (गरीब से गरीब,

बेसहारा एकल मसहलाओ ंआसद) के रूि में वगीकृत सकया जा सकता है, महत्वाकांषेती ल्ष्य के सार् एक

अलग व्यािक योजना होनी िासहए, तासक सबसे कमजोर िररवार जैसवक तेती से लाभाखन् वत हो सकें ।

• ियाावरण के प्रसत संवेदनशील षेेतत्रो ंमें सकसानो ंको सवशेि रूि से जैसवक तेती अिनाने के सलए प्रोत्सासहत

सकया जाना िासहए।

• योजनाएं (सवशेि रूि से संसािन केन्द्ो ं के रूि में षेतमता सनमााण के घिको ं के सलए) अलग-अलग

सकसानो ंके सार्-सार् सकसान समूह और गैर-सरकारी संगठनो ंको ध् यान में रतकर बनाई जानी िासहए ।

Page 8: ज 9विक ख 8ती एिं ग 9 ाविक ख 8ती ंबंी टास् क ोर स द्वाा ...ums.rvskvv.net/TaskForce/Prilimnary_report_hindi.pdfसदस्य

जवैिक खतेी एि ंगैर-रसायविक खतेी संबधंी टास् क ोरसस द्वारा प्रस् तआत प्रारंव क परररटस

8

• यह देतते हुए सक जैसवक तेती में जोखतम कम है, जैसवक सकसानो ंको संक्रमणकालीन नुकसान भी सहना

होता है, जैसवक सकसानो ं के सलए फसल बीमा प्रीसमयम कम से कम 30% से कम होना िासहए, तासक

संक्रमण काल में उन् हें सहायता समल सके ।

7. अव िि और स वरसत संस्िागत दृवष्टकरण आिश् यक है

यह माना जाता है सक जैसवक तेती का प्रसार नस प्रयोजन के सलए स् र्ासित 'संस्र्ागत मशीनरी' या

'संस्र्ागत िाररखस्र्सतकी तंत्र' िर काफी सनभार करता है । िास्क फोसा की नस आशय संबंिी सनम्न

ससफाररशें हैं:

• जैसवक तेती के सलए सवशेि रूि से कृसि एवं सकसान कल् याण मंत्रालय में एक नोडल सवभाग की स् र्ािना

की जाए सजसकी अध्यषेतता एक संयुक्त ससिव (जैसवक तेती) के सार्, अिर ससिव (जैसवक तेती) करें गे

और राष् िर ीय जैसवक तेती केन् द्र/ षेेतत्रीय जैसवक तेती केन् द्र की मशीनरी सार् में काया करेगी।

• नसकी स् र्ािना एक एकल खतडकी तंत्र के रूि में, सभी मंत्रालयो ंके मध्य, राष् िर ीय जैसवक तेती केन् द्र

(NCOF) में नस प्रयोजन के सलए स् र्ासित एक ससमसत के माध् यम से सुसनख् ित सकया जाने वाले अंतर-

मंत्रालयी और अंतर-सवभागीय असभसरण (convergence) के सार्, की जानी िासहए । िररयोजना के

कायाान्वयन, मूल्यांकन और प्र्ावो ं के अनुमोदन का काया राष् िर ीय जैसवक तेती केन् द्र (NCOF) खस् र्त

ससमसत को सौिंा जाना िासहए। िन की दो अलग-अलग शाताऐ-ं एक राज्य सरकारो ंऔर दूसरी, सकसी

अन्य के सलए शुरू की जानी िासहए। फंड जारी करने और सनगरानी का काया, जैसा उियुक्त हो, राष् िर ीय

जैसवक तेती केन् द्र (NCOF) और षेेतत्रीय जैसवक तेती केन् द्र (RCOFs) द्वारा सकया जा सकता है।

• सभी राज्य सवभागो ंमें अंसतम छोर तक समसिात ए् िेंशन कसमायो ं(extension personnel) के सार्, एक

संयुक्त सनदेशक की अध्यषेतता में एक अलग जैसवक प्रकोष् ठ होना िासहए ।

• नसके अलावा, सभी संबंसित सवभागो ं में वैज्ासनको ंऔर सवभाग के असिकाररयो ं को जैसवक तेती से

संबंसित तकनीकी षेतमता सनमााण और असनवाया असभसवन्यास/जागरुकता मॉडू्यल से िररसित कराया जाना

िासहए ।

• जमीनी ्र िर, उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संविान, सविणन आसद जैसी सामूसहक गसतसवसियो ंके सलए

िन के सीिे ह्ांतरण की सुसविा ससहत जैसवक एफिीओ का सनमााण सकया जाना िासहए। एफिीओ का

आकार 100 सकसानो ंके सार् शुरू सकया सकता है । सार् ही सकसी भी प्रबंिनीय और व्यवहाया ्र तक

जा सकते हैं । यसद एफिीओ बडा है तो नए प्र्ावो ंके अनुसार संभव िररयोजनाओ ंकी सहायता की जानी

िासहए ।

• िहल सकए गऐ सभी कायाक्रमो ंकी सनगरानी हेतु, िोरी, भ्रष्टािार आसद से बिने के सलए वेबसानि िर

िारदशी जानकारी साझा करने के अलावा, मोबानल आिाररत एत लीकेशन ससहत प्रौद्योसगकी पे्लिफामों की

व्यािक मदद लेना िासहए ।

• देश में जैसवक तेती को बोावा देने के सलए एक अलग सवत्तीय संस्र्ा की आवश्यकता है ।

• यह भी ध् यान में आया है सक जैसवक तेती के सलए योजनाऐ ंवतामान में मंत्रालयो ंभर में मौजूद हैं और ननके

असभसरण और उियुक्त सविलन की तत्काल आवश्यकता ह।ै