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जल Ĥदूषण के दुçĤभाव

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  • जल दूषण केदु भाव

  • जल- जीवन का ोत है

  • Photo by Risab Jain

    पर दे खये हम उसक कैसी दुदशा

    कर रहे ह !

    Photo by Subijoy Dutta

  • Photo by Sudhanshu Malhotra

    या आप जानते ह

    क यह हम सभी को भा वत करता है?

  • ाकृ तक

    रासाय नक

    मनु य वारा उ प न

    जीवाणुओं वारा उ प न

    जल दूषण

  • ाकृ तक दूषणकुछ े के भूजल म कुछ अकाब नक रासाय नक यौ गक जैसे लोराइड, आस नक आ द चुर मा ा म होते ह।

    ये रसायन शर र म इक े होते जाते ह। ये आसानी से शर र से बाहर उ सिजत नह ं होत,े और य द उनके शर र म आने क दर उ सजन क दर से अ धक हो तो ये शर र म सं ह त होते जाते ह।

  • लोरो सस

    ©Ruhani Kaur/UNICEF India http://www.fannz.org.nz

    भारत म 20 रा य ऐसे ह िजनके भूजल म लोराइड चुर मा ा म है।

    दाँत क लोरो ससह डय क लोरो सस

    शर र म लोराइड क अ धक मा ा

    (1.5 – 2 पी पी एम से अ धक)

    ाकृ तक दूषण

  • लोरो सस लोग को कैसे भा वत करती है

    अपंगता सामािजक ब ह कार

    आजी वका का साधन खो देनागर बी

    इलाज का खच जो वे नह ं जुटा सकते

    http://gbgm-umc.org/nwo/99ja/india3.jpghttp://farm1.static.flickr.comhttp://www.heal.co.uk/images/child-labour-3.jpgA young girl living on the streets in India. Photograph: Rob Elliott/AFP/Getty Images

    भारत म सड़क पर रहने वाल एक छोट ब ची

  • आस नको सस के दु भाव

    यकृत को त(पी लया, सरो सस)

    नाड़ी संबंधी बीमा रयाँ न न अंग के कसर

    फेफड़े गुदा मू ाशय

    liver

    वचा

    ाकृ तक दूषण

  • मनु य वारा होने वाला जल दूषण

    रासाय नक

    जीवाणुओं वारा उ प न दूषण

    दु भाव:वा य

    जल जीवन अ य दु भाव

  • नाइ ेट• ोत

    – उवरक– अ व छ प रि थ तयाँ– रसाव– साफ-सफाई के त

    लापरवाह क आदत

    रासाय नक दूषण और उसके दु भाव

    नाइ ेट वारा दू षत पानी पीने के गंभीर प रणाम हो सकते ह वशेषकर नवजात शशुओं के लये यह ाणघातक भी हो सकता है।

    मनु य के शर र म नाइ ेट नाइ ाइट म प रव तत हो जाता है जो फर ह मो लो बन के साथ मल कर मैटह मो लो बन बनाता है जो र त म ऑ सीजन का तर घटा देता है यह नी लमा ( लू बेबी सं ोम) पैदा करता है और गंभीर मामल म यह मृ यु का कारण बन सकता है।

    मनु य वारा उ प न दूषण

  • रासाय नक दूषण और उसके दु भाव

    पारा: औ यो गक याओं और व भ न उ पाद (उदहारण बैटर , लप और थमामीटर) म यापक उपयोग

    ये यौ गक हमारे शर र म सं चत होते ह और हमारे वा य और जीवन के लये खतरनाक होते ह। इनम से कई कसर पैदा करते ह,

    व भ न अ नवाय अंग को भा वत करते ह और मृ यु का

    कारण बन सकते ह।

    मनु य वारा उ प न दूषण

    भार धातुय

    शीशा: बैटर नमाण के उ योग , रंग करने के वभाग वाले उ योग आ द से नकलने वाला औ यो गक ब ह वाह

    कैड मयम:: समु और वायुयान उ योग से; कुछ उवरक , ालक और पे ो लयम के शो धत

    उ पाद से

  • रासाय नक दूषण और उसके दु भावमनु य वारा उ प न दूषण

    लैड गुद , तं का और मि त क को त, ख़ून क कमी- प रणाम व प मृ यु। ब चे इसके लये सबसे अ धक संवेदनशील होते ह।

    कैड मयम: गुद को त पहु ँचाता है, आनुवां शक प रवतन पैदा करता है।

    पारा: मि त क और क य तं का तं को त पहु ँचाता है

  • रंजक

    रासाय नक दूषण और उसके दु भावमनु य वारा उ प न दूषण

    सं ले षत काब नक रसायनये यौ गक हमारे शर र म जमा होते ह और हमारे वा य और जीवन के लये घातक होते ह

    लाि टक

    क टनाशक

    इनसे कसर होता है, नायु तं , जनन तं , अंतः ावी तं को त पहु ँचाते ह

  • जै वक आवधन

    जैसे-जैसे हम खा य ृ ंखला म ऊपर जाते ह, इन यौ गक

    का संचयन बढ़ता जाता है

    खा य ृ ंखला म ऊपर आने वाले जीव अलग-अलग ोत से आये दूषण के दु भाव भोगते ह

  • मनामाटा रोगउवरक और अ य रसायन का नमाण करने वाले चसो काप रेशन से नकलने वाला औ यो गक अप श ट वाला गंदा पानी जापान क मनामाटा खाड़ी म छोड़ा जाता था।

    इस गंदे पानी म मथाईल म यूर क अ तशय मा ा थी।

    उस े म पायी जाने वाल शैल फश मछल म पारे क मा ा बढ़ गई।

    लोग शैल फश मछल को खाते थे और बचा-खुचा बि लयाँ खातीं थीं।

    मनु य वारा उ प न दूषण

  • व च घटनाय घटने लगी-ं बि लय को दौरे पड़ और वे मर ग , कौवे आकाश से गरने लगे, मर मछ लयाँ पानी म उतराने लगी ं

    छोटे-छोटे ब च को दौरे पड़ते और चलने और बोलने म द कत होती

    लोग मरने लगे

    जांच से इसका कारण कॉब नक पारे से होने वाला वषाि तकरण पाया गया जो तं का तं को भा वत कर रहा था

    सव थम 1956 म खोजी गईइस मामले म मुकदमे और दावे आज तक जार

    मनामाटा रोगमनु य वारा उ प न दूषण

  • पानी से फैलने वाल जल सं ामक बीमा रयाँ

    दू षत पानी से नहान-ेधोने के

    कारण होने वाल बीमा रयाँ

    पानी पर आधा रत बीमा रयाँ

    पानी से संबं धत वाहक वारा फैलने वाल बीमा रयाँ

    पानी के जीवाणु दूषण के कारण वा य पर पड़ने वाले दु भाव

    मनु य वारा उ प न दूषण

  • पानी से फैलने वाल जल सं ामक बीमा रयाँ (तथा दू षत पानी से नहाने-धोने के कारण होने वाल ं और खाने से फैलने वाल बीमा रयाँ भी)

    मनु य और पशुओं के मल-मू वारा दू षत पानी, िजसम रोग जनक जीवाणु होते ह, को पीने से होने वाल बीमा रया ँहैजा (कोलेरा)

    • द त क बीमा रयाँ (पे चश)• मोतीझरा (टाइफॉइड)• सं ामक पी लया• पो लयो• गोलकृ म

  • मानव मल के एक ाम म हो सकते ह:

    • 10,000,000 वायरस

    • 1,000,000 जीवाणु

    • 1,000 परजीवी कृ मकोष

    • 100 परजीवी अंडे

    ोत: संयु त रा का बाल कोष, सै नटेशन फॉर ऑल : मो टंग डग नट एंड यूमन राइ स, यूनीसेफ, यूयॉक, 2000

    मल – सबसे खतरनाक दूषक

    मल से मु ँह तक बीमार के पहु ँचने का माग

  • आहार

    मल

    हाथजल मि खयाँ

    मु ँह

    मल से मु ँह तक बीमार के पहु ँचने का माग

  • द तावर बीमा रयाँवकासशील देश म ब चे सबसे यादा भा वतये हर साल 70 लाख लोग क मृ यु के लए िज़ मेदार ह(WHO, 2004) 1999 म भारत म 7 लाख से यादा लोग क मृ यु हु ई(लगभग 1600 त दन) (World Bank, 1999)

    असुर त पानी, अ व छता और गंद आदत से होने वाल मौत

    WSH मौत/दसलाख म

    सभी अनुमान ड यूएचओ के वारा

  • दू षत पाने से नहाने-धोने के कारण होने वाले रोग

    यि त क शार रक अ व छता और दू षत पानी के वचा और आँख

    से संपक म आने कारण होने वाल बीमा रयाँ

    • कैबीज़ (खुजल )• वचा के फोड़े फंुसी और घाव• कु ठ रोग• जुएँ और टाइफस• ैकोमा (रोहा)• कंजेि टवाइ टस (ने लेष ला)• पे चश (र त पे चश)• ऐ के रया सस• पैराटाइफॉइड

    ैकोमा (रोहा) कैसे फैलता है

  • दू षत पाने से नहाने-धोने के कारण होने वाले रोग

    कैबीज़

    ैकोमा (रोहा)

    साफ-सफाई के लये पया त पानी न होना

  • Water based diseases• श टोसो मया सस• ैकुनकु लया सस { गनी कृ म (नह आ)} रोग}

    Life Cycle of guinea worm infection

    पू रे संसार म 20 करोड़ से अ धक श टोसो मया सस से भा वत होते ह िजनम से 8.8 करोड़ 15 वष क आयु से भी कम के ब चे ह

    जल आधा रत बीमा रयाँ

    गनी कृ म सं मण ( ैकुनकु लया सस) का जीवन च

    परजीवी सं मण िजनके लये जल य और अधजल य घ घे म यवत परपोषी के प म काय करते ह

    मनु य बना छना पानी पीते ह िजसम एल3 लावा लये हु ए

    कोपीपोड जंतु होते ह

    कोपीपोड के भीतर लावा दो बार नम चन करते ह और

    एल3 अव था आती है

    कोपीपोड जंतु एल1 लावा को खा लेते ह

    सं मण के 1 साल बाद मादा कृ म वचा से बाहर नकलने

    लगती है

    बाहर नकलती हु ई मादा कृ म वारा छोड़े जा रहे एल1 लावा

    नषेचन के बाद मादा कृ म वचा क सतह पर आ जातीहै, एक फफोला

    पैदा करती है और उसम से लावा को बाहर छोड़ती है

    सं ामक अव था

    नदानयो य अव था

    कोपीपोड के मरने के बाद लावा नकलते ह। फर ये लावा मनु य के आमाशय

    और आँत क भि त को भेद कर उसम वेश करते ह। वहाँ वे वृ और जनन

    करते ह।

  • पानी से संबं धत वाहक वारा फैलनेवाले रोगऐसे क ड़ , िजनम अप रप व जल य अव थाय पायी जाती ह, के वारा

    रोग का सारण

    • डगू• फाइले रया सस• मले रया• ओंकोसर सया सस• पेनोसो मया सस• यलो फ वर

    मले रया का वतरण

  • http://www.worldwater.org/drinkwat.gif

    ऐसे जनसं या समूह िज ह पीने का सुर त पानी उपल ध नह ं है

    जनसं या का वह तशत िजसे पीने का सुर त पानी उपल ध नह ं है

    ऐसे जनसं या समूह िज ह पीने का सुर त पानी उपल ध नह ं है

    व स वॉटर से ताज़े पानी पर बनी ववष य रपोट ( लेक 1998)

  • मनु य वारा होने वाले जल दूषण का मीठे पानी म पाये जाने वाले जीव-जंतुओं पर भावझील म कचरे / गंदे पानी और कॉब नक दूषण से यू ो फकेशन होता है(झील के

    सभी जीव-जंतु मर जाते ह)

    न दय म डाले गये औ यो गक ब ह वाह से मछ लयाँ मर जाती हऔर पानी के नीचे क वन प त न ट हो जाती ह

  • मनु य वारा होने वाले जल दूषण का व वध समु जीव-जंतुओं पर दु भाव

    • महासागर म तेल का रसाव – व वध समु जीव-जंतुओं को भार त• महासागर म कचरा – समु जंतु उस कचरे को भोजन समझ कर खा लेते ह।

    उससे वे मर जाते ह।

    • रासाय नक दूषण– भू सतह के जल ोत से आने वाला रासाय नक दूषण व भ न समु जीव-जँतुओं को त पहु ँचाता है

    http://sxmprivateeye.com/node/255

  • अ ल वषा

    • मछ लय के अंड से ब च के नकलने क या को भा वत करती है।

    • पाँच से कम पीएच वय क मछ लय को मार सकता है।• अ ल वषा ने क ड़ और मछ लय क कुछ जा तय को ख़ म कर

    दया है।• म ी म पाये जाने वाले सू म जीव को मार देती है और म ी क

    रासाय नक संरचना को बदल देती है।

    अ ल वषा – ऐसी वषा िजसम SO2, नाइ ोजन के ऑ साइड, लोर न, CO2 आ द घुले रहते ह

  • अ ल वषा

    अ धक ऊंचाई पर ि थत वन यादा भा वत होते ह य क वे अ सर बादल और कोहरे से घरे रहते ह जो ऐसी वषा से भी अ धक अ ल य होते ह।

    अ ल वषा – ऐसी वषा िजसम SO2 और नाइ ोजन के ऑ साइड घुले रहते ह

    यह इमारत और ऐ तहा सक मारक को त पहु ँचाती है

    अ ल वषा के जल म उपि थत सल यू रक अ ल प थर जैसे चूना, बलुवा प थर , संगमरमर और ेनाइट के कैि शयम यौ गक के साथ रासाय नक अ भ या करता है और िज सम बनाता है जो फर पपड़ी के प म झड़ जाता है