जीवन वत्तृ -...

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1 जीवन- डॉ. राम गोपाल सह, Ph.D. ोफे सर, भाषा विान, अन िद विान, योजनम लक हदी, हदी भाषा और साहय, लनामक भारतीय भाषाएँ हदी विभाग जरात वियापीठ, अमदाबाद-380 014, जरात मोबाइल स.+919427490723 /+919687445448 रभाष स. (कायाालय) +91 79 40016287 E-mail :ramgopalsingh1913@gmail.com जमततथि: 7 मा, 1962 जम िान: गाँि : अकराबाद तसील : जलेसर जला : एटा (उ..) थायी एव डाक पता : 13, देिमागय बलोज, ए. पी. पेोल पप के पीछे , मोटेरा टेडियम रोि, मोटेरा, अमदाबाद 380 005 (ग जरात) मोबाइल स. : +919427490723 / +919687445448 सिा-दीा उपाधि वववयालय वष अययन Ph.D. हदली वििवियालय, हदली 1991 हदी (भाषाविान-हदी िय रना पर अेजी का भाि (1947 के बाद) M.Phil. हदली वििवियालय, हदली 1986 हदी (बकक ग हदी ियरना) C.C.T. हदली वििवियालय, हदली 1986 अन िद (अेजी से हदतिा विलोमतः) M.A. हदली वििवियालय, हदली 1985 हदी B.A. हदली वििवियालय, हदली 1983 हदी, अेजी, सक , अिाशार

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    जीवन-वतृ्त

    डॉ. राम गोपाल स िंह, Ph.D.

    प्रोफेसर, भाषा विज्ञान, अनुिाद विज्ञान, प्रयोजनमूलक ह िंदी, ह िंदी भाषा और साह त्य, तुलनात्मक भारतीय भाषाएँ ह िंदी विभाग गुजरात विद्यापीठ, अ मदाबाद-380 014, गुजरात मोबाइल सिं.+919427490723 /+919687445448 दरूभाष सिं. (कायाालय) +91 79 40016287

    E-mail :[email protected] जन्मततथि: 7 मार्ा, 1962 जन्म स्िान: गाँि : अकराबाद त सील : जलेसर जजला : एटा (उ.प्र.) स्थायी एविं डाक पता : 13, देिमािंगल्य बिंग्लोज, एर्. पी. पेट्रोल पिंप के पीछे, मोटेरा स्टेडियम रोि, मोटेरा, अ मदाबाद –380 005 (गुजरात) मोबाइल सिं. : +919427490723 / +919687445448

    सिक्षा-दीक्षा उपाधि ववश्वववद्यालय वर्ष अध्ययन –क्षेत्र Ph.D. हदल्ली विश्िविद्यालय, हदल्ली 1991 ह िंदी (भाषाविज्ञान-ह िंदी

    िाक्य रर्ना पर अिंगे्रजी का प्रभाि (1947 के बाद)

    M.Phil. हदल्ली विश्िविद्यालय, हदल्ली 1986 ह िंदी (बैंककिं ग ह िंदी िाक्यरर्ना) C.C.T. हदल्ली विश्िविद्यालय, हदल्ली 1986 अनुिाद (अिंगे्रजी से ह िंदी तिा विलोमतः) M.A. हदल्ली विश्िविद्यालय, हदल्ली 1985 ह िंदी B.A. हदल्ली विश्िविद्यालय, हदल्ली 1983 ह िंदी, अिंगे्रजी, सिंस्कृत, अिाशास्र

    mailto:[email protected]

  • 2

    कैररयर 01-01-2009 प्रोफेसर, ह िंदी विभाग, गुजरात विद्यापीठ, अ मदाबाद 23-03-2002 एसोससएट प्रोफेसर, ह िंदी विभाग, गुजरात विद्यापीठ, अ मदाबाद 20-07-1992 अससस्टेंट प्रोफेसर, ह िंदी विभाग, गुजरात विद्यापीठ, अ मदाबाद 29.3.1988 अनुिादक, आकाशिाणी, अ मदाबाद

    म्मान गुरूघासीदास साह त्य एििं सिंस्कृतत अकादमी, रायपुर, छत्तीसगढ़ प्रायोजजत अकादमी

    अिािा, 2004 अखिल भारतीय भाषा विकास सम्मेलन प्रायोजजत राजभाषा गौरि सम्मान, 2001 युिा साह त्य मिंिल, गाजजयाबाद प्रायोजजत राजभाषा विकास ेतु सम्मान, 2000 युिा साह त्य मिंिल, गाजजयाबाद प्रायोजजत 1999 का ह िंदी विकास विषय सम्मान म ािीर सेिा सिंस्िान प्रायोजजत ‘अनुिाद भारती’ एििं ‘शोध भारती’ पत्ररकाओिं के

    उत्कृष्ट सिंपादन काया ेतु 1999 का ‘साह त्य सशरोमखण सम्मान’ प्राप्त

    िोि ववर्यक रूधि के क्षेत्र भाषाविज्ञान, व्याकरण, अनुिाद के ससद्धािंत, प्रयोजनमूलक भाषाएँ, प्रशासतनक भाषा और ह िंदी साह त्य

    प्रकािन पुस्तकें

    ह िंदी िाक्य रर्ना पर अिंगे्रजी का प्रभाि (Impact of English on Hindi Syntax), पाश्िा प्रकाशन, अ मदाबाद, 1997

    तुलसी के काव्यादशा, पाश्िा प्रकाशन, अ मदाबाद, 1998 विश्ि की भाषाओँ का िगीकरण, विनय प्रकाशन, अ मदाबाद, 1999 , जनसिंर्ार माध्यम और अनुिाद, विनय प्रकाशन, अ मदाबाद, 1999 ,ह िंदी भाषा पर फारसी और उदूा का प्रभाि, विनय प्रकाशन, अ मदाबाद, 1999 अनुिाद विज्ञान : स्िरूप और समस्याएँ, पाश्िा प्रकाशन, अ मदाबाद, 1999 कबीर के काव्यादशा, विनय प्रकाशन, अ मदाबाद, 1999 कबीर के काव्य ससद्धािंत, पाश्िा प्रकाशन, अ मदाबाद, 1999 अनुिाद की परिंपरा, विनय प्रकाशन, अ मदाबाद, 2000 शैलीविज्ञानऔरअनुिाद, विनयप्रकाशन, अ मदाबाद, 2000 प्रयोजनमूलक भाषा और अनुिाद, पाश्िा प्रकाशन, अ मदाबाद, 2001 अनुिाद के विविध पक्ष, विनय प्रकाशन, अ मदाबाद, 2001

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    फूल और पिंिडुियाँ, भारतीय जनसभा प्रर्ार ससमतत, पुणे, 2001 समकालीन सिंदभा और रर्ना, विनय प्रकाशन, अ मदाबाद, 2003 अिंगद विशने की कविताएँ, उसमाला प्रकाशन, मुिंबई, 2001 पलाशिन, विनय प्रकाशन, अ मदाबाद, 2002 िेरिन, विनय प्रकाशन, अ मदाबाद, 2003 प्रयोजनमूलक ह िंदी, पाश्िा प्रकाशन, अ मदाबाद, 2005 परकाररता प्रसशक्षण, पाश्िा प्रकाशन, अ मदाबाद, 2005 ह िंदी में मीडिया लेिन और अनुिाद, पाश्िा प्रकाशन, अ मदाबाद, 2005 आधतुनक ह िंदी व्याकरण, पाश्िा प्रकाशन, अ मदाबाद, 2005 ह िंदी सशक्षण शास्र की प्रविथधयाँ, लता साह त्य सदन, गाजियाबाद, 2006, कुल

    पषृ्ठ-144, ISBN- 978-81-902772-7-8 द्विभाषी लोकोजक्त कोश, निभारत प्रकाशन, हदल्ली, 2006, प्रिम सिंस्करण, कुल

    पषृ्ठ-144, ISBN-978-81-902756-4-X अनुिाद के विविध आयाम, निभारत प्रकाशन, हदल्ली, 2007, प्रिम सिंस्करण, कुल

    पषृ्ठ-287, ISBN-978-81-902756-8-2 बैंककिं ग ह िंदी िाक्य रर्ना और अनुिाद, निभारत प्रकाशन, हदल्ली, 2007, प्रिम

    सिंस्करण, कुल पषृ्ठ-412, ISBN-978-81-902756-6-6 आधतुनक शोध पद्धतत, साह त्य सिंस्िान, गाजियाबाद, 2008, प्रिम सिंस्करण, कुल

    पषृ्ठ-275, ISBN-978-81-89495-00-3 ह िंदी में मीडिया लेिन और अनुिाद, साह त्य सिंस्िान, गाजियाबाद, 2008, प्रिम

    सिंस्करण, कुल पषृ्ठ-160, ISBN-978-81-89495-16-X ह िंदी व्याकरण और रर्ना, साह त्य सिंस्िान, गाजियाबाद, 2009, कुल पषृ्ठ-376,

    ISBN-978-81-89495-42-8 अनुिाद के विविध पररप्रेक्ष्य, साह त्य सिंस्िान, गाजियाबाद, 2009, कुल पषृ्ठ-287,

    ISBN-978-81-89495-20-6 भावषक स्िरूप : सिंरर्ना और काया, निभारत प्रकाशन, हदल्ली, 2009, कुल पषृ्ठ-

    207, ISBN-978-81-908271-4-0 अनुिाद विज्ञान : स्िरूप और समस्याएँ, साह त्य सिंस्िान, गाजियाबाद, 2009, कुल

    पषृ्ठ-268, ISBN-978-81-89495-23-7 कम्प्यूटर के विविध आयाम, आकाश पजललशसा एिंि डिस्ट्रीलयुटसा, गाजियाबाद, 2009,

    कुल पषृ्ठ-112, ISBN-978-81-89482-29-9 आधतुनक शोध पद्धतत, साह त्य सिंस्िान, गाजियाबाद, 2010, कुल पषृ्ठ-275, ISBN-

    978-81-89495-39-8

  • 4

    प्रयोजनमूलक भाषा और अनुिाद, आकाश पजललशसा एिंि डिस्ट्रीलयुटसा, गाजियाबाद, 2010, कुल पषृ्ठ-286, ISBN-978-81-89482-37-4

    अनुिाद के विविध आयाम, लता साह त्य सदन, गाजियाबाद, 2011, कुल पषृ्ठ-272, ISBN-978-81-89462-00-4

    ह िंदी में मीडिया लेिन और अनुिाद, साह त्य सिंस्िान, गाजियाबाद, 2010, कुल पषृ्ठ-160, ISBN-978-81-89495-38-1

    अनुिाद विज्ञान, शािंतत प्रकाशन, अ मदाबाद, 2011, कुल पषृ्ठ-272, ISBN-978-93-81090-06-0

    आधतुनक ह िंदी का शोधपरक व्याकरण, शािंतत प्रकाशन, अ मदाबाद, 2011, कुल पषृ्ठ-296, ISBN-978-93-81090-11-4

    शोध पद्धतत (Research Methodology), शािंतत प्रकाशन, अ मदाबाद, 2011, कुल पषृ्ठ-271, ISBN-978-93-81090-07-7

    ह िंदी सशक्षण शास्र की प्रविथधयाँ, साह त्य सिंस्िान, गाजियाबाद, 2011, कुल पषृ्ठ-144, ISBN-978-93 8046-19-6

    शैलीविज्ञान और अनुिाद, शािंतत प्रकाशन, अ मदाबाद, 2011, कुल पषृ्ठ-106, ISBN-978-93-81090-23-7

    अनुिाद की परिंपरा, शािंतत प्रकाशन, अ मदाबाद, 2011, कुल पषृ्ठ-90, ISBN-978-93-81090-19-0

    भावषक स्िरूप : सिंरर्ना और काया, शािंतत प्रकाशन, अ मदाबाद, 2011, कुल पषृ्ठ-215, ISBN-978-93-81090-22-0

    अनुिाद के विविध आयाम, शािंतत प्रकाशन, अ मदाबाद, 2011,कुल पषृ्ठ-287, ISBN-978-93-81090-20-6

    प्रयोजनमूलक भाषा और अनुिाद, शािंतत प्रकाशन, अ मदाबाद, 2011, कुल पषृ्ठ-316, ISBN-978-93-81090-21-3

    समकालीन साह त्य : सजृन और समीक्षा (सिं.), नमन प्रकाशन, नई हदल्ली, 2012, कुल पषृ्ठ-400, ISBN-978-81-8129-431-9

    प्रायोथगक ह िंदी व्याकरण (C.D. के साि),विस्टा पजललशसा, जयपरु, 2013, कुल पषृ्ठ-316, ISBN-978-81-925667-0-2

    बैंककिं ग ह िंदी िाक्य रर्ना और अनुिाद, आकाश पजललशसा एिंि डिस्ट्रीलयुटसा, गाजियाबाद, 2012,कुल पषृ्ठ-288, ISBN-978-81-89482-78-7

    अनुिाद के ससद्धािंत (C.D. के साि), विस्टा पजललशसा, जयपुर, 2013, कुल पषृ्ठ-402, ISBN-978-93-82935-04-9

    परकाररता प्रसशक्षण, लता साह त्य सदन, गाजियाबाद, निीन सिंस्करण-2013, कुल पषृ्ठ-128, ISBN-978-81-902772-3-5

  • 5

    कबीर के काव्यादशा, निभारत प्रकाशन, हदल्ली, निीन सिंस्करण-2013, कुल पषृ्ठ-136, ISBN-978-9382119-04-3

    कबीर के काव्य ससद्धािंत, निभारत प्रकाशन, हदल्ली, निीन सिंस्करण-2013, कुल पषृ्ठ-151, ISBN-978-93-82119-03-6

    प्रयोजनमूलक ह िंदी, लता साह त्य सदन, गाजियाबाद, निीन सिंस्करण-2013, कुल पषृ्ठ-224, ISBN-978-93-80462-20-2

    ह िंदी भाषा का विकास, प्रभाि और जनसिंर्ारपरक पररप्रेक्ष्य, लता साह त्य सदन, गाजियाबाद, प्रिम सिंस्करण-2013, कुल पषृ्ठ-175, ISBN-978-93-80462-26-7

    अनूददत ग्रिंथ

    भारत में गौ त्या का अिंगे्रजी मूल (The British Origin of Cow Slaughter in India written by Dharm Pal in English), कुल पषृ्ठ-408, पुनरूत्िान ट्रस्ट, अ मदाबाद, 2007

    भारत की लूट एििं बदनामी (Despoliation and Defaming of India written by Dharm Pal in English), कुल पषृ्ठ-118, पुनरूत्िान ट्रस्ट, अ मदाबाद, 2007

    18िीिं शतालदी में भारत में विज्ञान एििं तिंरज्ञान (Indian Science and Technology in the 18th Century written by Dharm Pal in English), कुल पषृ्ठ-292, पुनरूत्िान ट्रस्ट, अ मदाबाद, 2007

    र्ारण कवि र्ररत (िेतससिं नारण गढ़िी द्िारा गुजराती में सलखित), साह त्य सिंस्िान, गाजियाबाद, कुल पषृ्ठ-206, ISBN-978-81-89495-50-3

    कवि की आिाज (प्रिीण गढ़िी द्िारा गुजराती में सलखित), आकाश पजललशसा एिंि डिस्ट्रीलयुटसा, गाजियाबाद, 2011, कुल पषृ्ठ-120, ISBN-978-81-89482-43-5

    गुजराती दसलत एकािंककयाँ ( रीश मिंगलम द्िारा गुजराती में सिंपाहदत), साह त्य सिंस्िान, गाजियाबाद, 2011, कुल पषृ्ठ-151, ISBN-978-81-89495-57-2

    मनुष्यत्ि की सशक्षा : नई तालीम (श्री मनसुि सल्ला द्िारा गुजराती में सलखित), ग्लोबल ररसर्ा पजललकेशन, नई हदल्ली, 2012, कुल पषृ्ठ-243, ISBN-978-81-89630-54-6

    िब्दकोि द्विभाषी लोकोजक्त कोश (ह िंदी-अिंगे्रजी), साह त्य सिंस्िान, गाजियाबाद, 2011, कुल

    पषृ्ठ-144, ISBN-978-81-89482-62-6 द्विभाषी मु ािरा कोश (ह िंदी-अिंगे्रजी), साह त्य सिंस्िान, गाजियाबाद, 2014, कुल

    पषृ्ठ-272, ISBN-978-81-89495-94-7

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    ग्रिंथों में प्रकासित अध्याय/लेख विज्ञान के क्षेर में ह िंदी के प्रयोग की सिंभािनाएँ, (पुस्तक – व्यािसातयक क्षेरों में

    ह िंदी के प्रयोग, िॉ. एस. पी. शमाा द्िारा सिंपाहदत), शािंतत प्रकाशन, अ मदाबाद, 2009, कुल पषृ्ठ-202, ISBN-978-81-88652-54-9

    ह िंदी तनबिंध : साह त्य – स्िरूप (पुस्तक – आधतुनक ह िंदी तनबिंध साह त्य, िॉ. एस.पी. शमाा द्िारा सिंपाहदत), शािंतत प्रकाशन, अ मदाबाद, 2010, कुल पषृ्ठ-200, ISBN-978-81-88652-30-6

    देिनागरी सलवप : उद्भि और विकास (पुस्तक – देिनागरी विमशा, िॉ. शैलेन्र कुमार शमाा द्िारा सिंपाहदत), मालि नागरी सलवप अनुसिंधान कें र, उज्जैन, 2003

    गुजरात में अनुिाद परिंपरा : विविध पररप्रेक्ष्य में (पुस्तक – ीरक जयिंती स्मतृत ग्रिंि गुजरातह िंदी – ह िंदसु्तानी प्रर्ार ससमतत), गुजरात विद्यापीठ, अ मदाबाद, 2006

    तुलसी काव्य : सिंप्रेषण के भावषक आयाम (पसु्तक – गुजरात विद्यापीठ ह िंदी प्रर्ार मिंिल द्िारा स्मतृत ग्रिंि), गुजरात विद्यापीठ, अ मदाबाद, 2009

    ह िंदी जनसिंर्ार माध्यम : भाषािैज्ञातनक र्नुौततयाँ (पुस्तक – जनसिंर्ार माध्यमों में ह िंदी की दशा और हदशा, िॉ. प्रज्ञा िापक द्िारा सिंपाहदत), GGPUM, उज्जैन, 2006

    ववश्वववद्यालय/ववद्यालय बोडष-पाठ्य पुस्तकों में प्रकासित अध्याय/इकाइयााँ

    ह िंदी भाषा एििं प्रयोजनमूलक ह िंदी, दो इकाइयाँ, HD-06, िधामान म ािीर िलुा विश्िविद्यालय, कोटा, 2009, कुल पषृ्ठ-342, ISBN-978-81-8496-135-5

    ह िंदी (प्रिम भाषा), कक्षा- 10, गुजरात राज्य पाठय पुस्तक मिंिल, गािंधीनगर, 2006 ह िंदी (दसूरी भाषा), कक्षा- 10, गुजरात राज्य पाठय पुस्तक मिंिल, गािंधीनगर, 2006

    ग्रिंथों की भूसमका/आमुख लेखन कायष

    नागाजुान के आिंर्सलक उपन्यास, िॉ. भान ुएम. र्ौधरी, र्ौधरी प्रकाशन, अ मदाबाद, 2008, कुल पषृ्ठ-164, ISBN-978-93-81062-52-4

    ह िंदी साह त्य : अनुिाद के झरोिे से, िॉ. अशोक िमाा, आकाश पजललशसा एिंि डिस्ट्रीलयुटसा, गाजियाबाद, 2009, कुल पषृ्ठ-272, ISBN-978-81-89482-25-1

    ह िंदी अनुिाद परिंपरा : एक अनुशीलन, िॉ. ककशोरीलाल कलिार, निभारत प्रकाशन, हदल्ली, 2009, कुल पषृ्ठ-417, ISBN-978-81-908271-9-5

    ह िंदी कविता में दसलत र्तेना : एक अनुशीलन, िॉ. जयिंतीलाल माकडिया, आकाश पजललशसा एिंि डिस्ट्रीलयुटसा, गाजियाबाद, 2009, कुल पषृ्ठ-303, ISBN-978-81-89482-27-5

  • 7

    ह िंदी भाषा के विकास में पर-पत्ररकाओिं का योगदान, िॉ. अताउल्ला िान यूसुफजई, साह त्य सिंस्िान, गाजियाबाद, 2009, कुल पषृ्ठ-392, ISBN-978-81-908281-6-1

    ह िंदी के पुनरूक्त शलदों का भाषािैज्ञातनक अध्ययन, िॉ. गेलजी भाहटया, गुजरात विद्यापीठ, अ मदाबाद, 2009, कुल पषृ्ठ-106, ISBN-978-81-89854-36-2

    ह िंदी परकाररता : स्िरूप और व्याजप्त, िॉ. प्रिीण र्ौधरी, लता साह त्य सदन, गाजियाबाद, 2010, कुल पषृ्ठ-176, ISBN-978-93-80462-04-2

    िॉ. फ़ादर कासमल बुल्के की ह िंदी सेिा, मोतनका छतिानी, आकाश पजललशसा एिंि डिस्ट्रीलयुटसा, गाजियाबाद, 2010, कुल पषृ्ठ-198, ISBN-978-81-89482-32-9

    ििी बोली गद्य के विकास में फोटा विसलयम कॉलेज का योगदान, िॉ. साह ल शमाा, लता साह त्य सदन, गाजियाबाद, 2010, कुल पषृ्ठ-103, ISBN-978-93-80462-17-2

    लक्ष्मीनारायण लाल का किा साह त्य, िॉ. ज्योतत लाम्बा, आकाश पजललशसा एिंि डिस्ट्रीलयुटसा, गाजियाबाद, 2010, कुल पषृ्ठ-159, ISBN-978-81-89482-39-8

    िॉ. लक्ष्मीनारायण लाल के नाटकों में व्यक्त सामाजजक र्तेना, िॉ. शैलेश पटेल, लता साह त्य सदन, गाजियाबाद, 2010, कुल पषृ्ठ-231, ISBN-978-93-80462-06-6

    ह िंदी एििं गुजराती का तुलनात्मक विश्लेषण और सूर्ना प्रौद्योथगकी, प्रभुनाि अ ीर, साह त्य सिंस्िान, गाजियाबाद, 2010, कुल पषृ्ठ-126, ISBN-978-81-89495-47-3

    समकालीन ह िंदी समीक्षा और िॉ. विनय कुमार पाठक, िॉ. नारायण ससिं राि, आकाश पजललशसा एिंि डिस्ट्रीलयुटसा, गाजियाबाद, 2011, कुल पषृ्ठ-209, ISBN-978-81-89482-50-3

    मदृलुा गगा के उपन्यासों में नर-नारी सिंबिंध, िॉ. हदनशे गो ेल, 2011, कुल पषृ्ठ-157, ISBN-978-81-920201-8-1

    ह िंदी रिंगमिंर् और मो न राकेश के नाटकों की रिंगमिंर्ीयता, िॉ. हदनेश गो ेल, आकाश पजललशसा, गाजियाबाद, 2011, कुल पषृ्ठ-128, ISBN-978-81-89482-71-8

    रसिान और उनका काव्य, िॉ. ककशोरीलाल कलिार, साह त्य सिंस्िान, गाजियाबाद, 2011, कुल पषृ्ठ-88, ISBN-978-81-902772-0-0

    ह िंदी लघु किा : एक अनुशीलन, िॉ. म ेश पटेल, साह त्य सिंस्िान, गाजियाबाद, 2011, कुल पषृ्ठ-256, ISBN-978-81-902772-0-8

    गािंधी की आत्मकिा का अनुिाद की दृजष्ट के अध्ययन, िॉ. विष्णु जोगराना, साह त्य सिंस्िान, गाजियाबाद, 2011, कुल पषृ्ठ-160, ISBN-978-81-902772-3-5

    ह िंदी-गुजराती िाक्य रर्ना का तुलनात्मक अध्ययन, िॉ. गेलजी भाहटया, साह त्य सिंस्िान, गाजियाबाद, 2011, कुल पषृ्ठ-92, ISBN-978-81-902772-9-4

  • 8

    ह िंदी-गुजराती शलदों का भाषािैज्ञातनक अध्ययन, िॉ. गेलजी भाहटया, साह त्य सिंस्िान, 2011, कुल पषृ्ठ-60, ISBN-978-81-902772-5-1

    श्रीकािंत िमाा की क ातनयों में समाज, आशा र्ौधरी, साह त्य सिंस्िान, गाजियाबाद, 2011, कुल पषृ्ठ-120, ISBN-978-81-89482-63-3

    ‘मैला आँर्ल’ और ‘लीलुिी धरती’ के पारों का तुलनात्मक अध्ययन, िॉ. हदनेश गो ेल, साह त्य सिंस्िान, गाजियाबाद, 2011, कुल पषृ्ठ-168, ISBN-978-81-89495-79-4

    मशीनी अनुिाद : किया का रूपात्मक सजाक, समसलिंद बी. पाहटल, विनय प्रकाशन, अ मदाबाद, 2012, कुल पषृ्ठ-90, ISBN-978-81-89495-63-3

    ह िंदी परकाररता के विविध रूप, िॉ. प्रिीण एम. र्ौधरी, विनय प्रकाशन, अ मदाबाद, 2012, कुल पषृ्ठ-100, ISBN-978-81-89482-80-0

    कायाालयी भाषा और अनिुाद, िॉ. प्रिीण एम. र्ौधरी, विनय प्रकाशन, अ मदाबाद, 2012, कुल पषृ्ठ-75, ISBN-978-81-98495-84-8

    नागाजुान के उपन्यासों में नारी, िॉ. भान ुर्ौधरी, विनय प्रकाशन, अ मदाबाद, 2012, कुल पषृ्ठ-98, ISBN-978-81-89495-45-9

    स्िातिंत्र्योत्तर नाटककार भीष्म सा नी, रेणु टी. समश्रा, विनय प्रकाशन, अ मदाबाद, 2012, कुल पषृ्ठ-102, ISBN-978-93-80462-20-2

    मदृलुा गगा की क ातनयों का सिंबिंधगत अनुशीलन, िॉ. आशा सी. र्ौधरी, विनय प्रकाशन, अ मदाबाद, 2012, कुल पषृ्ठ-120, ISBN-978-81-89482-78-7

    जनसिंर्ार माध्यमों में ह िंदी साह त्य, दशाना जी. िैश्य, विनय प्रकाशन, अ मदाबाद, 2013, कुल पषृ्ठ-102, ISBN-978-81-924101-0-4

    दरूदशान की ह िंदी, मुकेश एन. मकिाणा, विनय प्रकाशन, अ मदाबाद, 2013, कुल पषृ्ठ-110, ISBN-978-81-924101-1-1

    ह िंदी में सिंर्ार माध्यम लेिन, वििम आई. भिाणीया, विनय प्रकाशन, अ मदाबाद, 2013, कुल पषृ्ठ-104, ISBN-978-81-924101-2-8

    जैनेन्र के उपन्यासों में नारी र्तेना, िॉ. जगमाल आर. जादि, विनय प्रकाशन, अ मदाबाद, 2013, कुल पषृ्ठ-104, ISBN-978-81-924101-3-5

    मौसलक िोिालेख

    साह जत्यक अनुिाद की समस्याएँ, विद्यापीठ पत्ररका, गुजरात विद्यापीठ, अ मदाबाद, अिंक सिं.188, मई-अगस्त, 1994

    विश्ि की भाषाओँ का िगीकरण-1, विद्यापीठ, गुजरात विद्यापीठ, अ मदाबाद, अिंक सिं.189, ससतम्बर-हदसिंबर, 1994

  • 9

    विश्ि की भाषाओँ का िगीकरण-2, विद्यापीठ, गुजरात विद्यापीठ, अ मदाबाद, अिंक सिं.190, जनिरी-अप्रैल, 1995

    ह िंदी और गुजराती के सिंख्यािार्क शलदों का तुलनात्मक अध्ययन, विद्यापीठ, गुजरात विद्यापीठ, अ मदाबाद, अिंक सिं.199, जनिरी-अप्रैल, 1999

    अनुिाद में तनह त िसुधिै कुटुम्बकम की भािना, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.1-4, 1996

    शैलीविज्ञान और अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.1-4, 1996

    अनुिाद प्रकिया, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.1-4, 1996

    साह जत्यक अनुिाद की समस्याएँ, अनुिादभारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.1-4, 1996

    अनुिाद, अनुिादक और अनुिाद धमा, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.5, अप्रैल-जून, 1996

    अनुिाद के प्रकार, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.5, अप्रैल-जून, 1996

    असभज्ञान शाकुिं तलम के एक श्लोक के बार अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.5, अप्रैल-जून, 1996

    अनुिाद का परिंपरागत पररप्रेक्ष्य-1, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.5, 1996

    ह िंदी शलद सामर्थया, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.6-7, जुलाई-हदसिंबर, 1996

    िैज्ञातनक और प्रौद्योथगकी साह त्य, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.6-7, जुलाई-हदसिंबर, 1996

    अनुिाद का परिंपरागत पररप्रेक्ष्य-2, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.6-7, जुलाई-हदसिंबर, 1996

    शैली और अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.8, जनिरी-मार्ा, 1997

    भाषा विर्लन और अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.8, जनिरी-मार्ा, 1997

    ध्ितनगत शैलीविज्ञान और अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.8,अप्रैल-जून, 1997

    भाषा र्यन और अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.8, जनिरी-मार्ा, 1997

  • 10

    भाषा समानािंतरता और अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.8, जनिरी-मार्ा, 1997

    भाषा अप्रस्तुत विधान और अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.9, अप्रैल-जून, 1997

    अनुिाद में सलप्यिंकन और सलप्यिंतरण, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.9, अप्रैल-जून, 1997

    अनुिाद का परिंपरागत पररप्रेक्ष्य-3, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.9, अप्रैल-जून, 1997

    शाजलदक अिा ीनता और अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.10-11, जुलाई-हदसिंबर, 1997

    प्रततक प्रकिया और अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.10-11, जुलाई-हदसिंबर, 1997

    शलदीय ब ुअिाता और अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.10-11, जुलाई-हदसिंबर, 1997

    त्रबम्ब प्रकिया और अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.10-11, जुलाई-हदसिंबर, 1997

    अनुिाद का परिंपरागत पररप्रेक्ष्य-4, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.10-11, जुलाई-हदसिंबर, 1997

    पाररभावषक शलदािली तनमााण, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.12-13, जनिरी-जून, 1998

    पाररभावषक शलदािली का स्िरूप, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.12-13, जनिरी-जून, 1998

    पाररभावषक शलदािली - विसभन्न सिंप्रदाय, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.12-13, जनिरी-जून, 1998

    सिंघषा के मोती, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.14-15, जुलाई-हदसिंबर, 1998

    प्रयोजनमूलक भाषा और अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.14-15, जुलाई-हदसिंबर, 1998

    अनुिाद और दभुावषये का उज्जिल भविष्य, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.14-15, जुलाई-हदसिंबर, 1998

    अनुिादक और दभुावषया, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.14-15, जुलाई-हदसिंबर, 1998

    अनुिाद का परिंपरागत पररप्रेक्ष्य-5, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.14-15, जुलाई-हदसिंबर, 1998

  • 11

    जनसिंर्ार माध्यम और अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.16-17, जनिरी-जून, 1999

    मुरण माध्यम और अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.16-17, जनिरी-जून, 1999

    मुरण माध्यम : समार्ार पर एििं पत्रराकाएँ, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.16-17, जनिरी-जून, 1999

    विदेशों में ह िंदी परकाररता, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.16-17, जनिरी-जून, 1999

    आकाशिाणी का विकास, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.16-17, जनिरी-जून, 1999

    आकाशिाणी की भाषा और अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.16-17, जनिरी-जून, 1999

    सूर्ना माध्यम और अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.16-17, जनिरी-जून, 1999

    दरूदशान की भाषा और अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.16-17, जनिरी-जून, 1999

    जनसिंर्ार माध्यम और अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.16-17, जनिरी-जून, 1999

    जनसिंर्ार माध्यम और देिनागरी ितानी का मानकीकरण, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.16-17, जनिरी-जून, 1999

    रिीन्र साह त्य के अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.18-19, जुलाई-हदसिंबर, 1999

    रिीन्रनाि टैगोर साह त्य के अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.18-19, जुलाई-हदसिंबर, जुलाई-हदसिंबर, 1999

    अनुिाद का परिंपरागत पररप्रेक्ष्य-6, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.18-19, जुलाई-हदसिंबर, 1999

    प्रयोजनमूलक भाषा और इक्कीसिीिं सदी, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.20-21, जनिरी-जून, 2000

    प्रयोजनमूलक भाषा का स्िरूप और सरकारी अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.20-21, जनिरी-जून, 2000

    िैज्ञातनक एििं प्रौद्योथगकी साह त्य के अनुिाद की समस्याएँ, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.20-21, जनिरी-जून, 2000

    बैंककिं ग ह िंदी का स्िरूप और अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.20-21, जनिरी-जून, 2000

  • 12

    कायाालयी भाषा और समेककत प्रशासतनक शलदािली, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.20-21, जनिरी-जून, 2000

    विज्ञापन की भाषा और उसके अनुिाद की समस्याएँ, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.20-21, जनिरी-जून, 2000

    बािार भाि की भाषा और अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.20-21, जनिरी-जून, 2000

    िेलकूद की भाषा और अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद्, अ मदाबाद, अिंक सिं.20-21, जनिरी-जून, 2000

    भारत की भािात्मक एकता और ह िंदी, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक-प्रिेशािंक, जुलाई-ससतम्बर, 1998

    विश्ि भाषाएँ और ह िंदी, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक-प्रिेशािंक, जुलाई-ससतम्बर, 1998

    प्रणाम की मह मा, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक-प्रिेशािंक, जुलाई-ससतम्बर, 1998

    समकालीन कविता के प्रमुि स्िर, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक-प्रिेशािंक, जुलाई-ससतम्बर, 1998

    ह िंदी तनबिंध साह त्य और स्िरूप, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक-प्रिेशािंक, जुलाई-ससतम्बर, 1998

    ह िंदी साह त्येतत ास के पुनलेिन की आिश्यकता, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.2, अक्टूबर-हदसिंबर, 1998

    साह त्य की पीिा, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंकसिं.2, अक्टूबर-हदसिंबर, 1998

    ह िंदी कविता – दतुनया के प्रतत, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.2, अक्टूबर-हदसिंबर, 1998

    दस लघु किाएँ, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.2, अक्टूबर-हदसिंबर, 1998

    ह िंदी कविता – सशक्षक, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.2, अक्टूबर-हदसिंबर, 1998

    भारत सिंघ की राजभाषा नीतत, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.2, अक्टूबर-हदसम्बर, 1998

    भारतीय अिंकों का अिंतरराष्ट्रीय रूप, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.2, अक्टूबर-हदसिंबर, 1998

    ह िंदी कविता – तुम क्या बनोगे समर, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.2, अक्टूबर-हदसम्बर, 1998

  • 13

    साह त्य की पीिा, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.3-4, जनिरी-जून, 1999

    विश्ि की भाषाओँ का िगीकरण, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.3-4, जनिरी-जून, 1999

    ददुाशा, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.5-6, जुलाई-हदसिंबर, 1999

    सिंत कबीर : व्यजक्तत्ि, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.5-6, जुलाई-हदसिंबर, 1999

    सिंत कबीर : कृततत्ि, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.5-6, जुलाई-हदसम्बर, 1999

    साह त्य की मो ताज इक्कीसिीिं सदी, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.7, जनिरी-मार्ा, 2000

    तुलसी की काव्यभाषा, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.7, जनिरी-मार्ा, 2000

    तनराला की काव्यभाषा, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.7, जनिरी-मार्ा, 2000

    ह िंदी साह त्यकार श्री अविनाश, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.7, जनिरी-मार्ा, 2000

    स्नातकोत्तरह िंदीपाठ्यिमोंकीएकरूपताकाप्रश्न : एकमानकप्रारूप, शोधभारती, अखिलभारतीयअनुिादपररषद, अ मदाबाद, अिंकसिं.7, जनिरी-मार्ा, 2000

    ास्य-व्यिंग्य : सभी मजों का अर्कू उपर्ार, ास्य-व्यिंग्य भारती, अखिल भारतीय ह िंदी भाषा साह त्य शोध पररषद, अिंक-प्रिेशािंक, जनिरी-मार्ा, 2000

    ास्य-व्यिंग्य : सात लघकुिाएँ, ास्य-व्यिंग्य भारती, अखिल भारतीय ह िंदी भाषा साह त्य शोध पररषद, अिंक-प्रिेशािंक, जनिरी-मार्ा, 2000

    ास्य-व्यिंग्य : ह िंदी का ास्य-व्यिंग्य साह त्य, ास्य-व्यिंग्य भारती, अखिल भारतीय ह िंदी भाषा साह त्य शोध पररषद, अिंक-प्रिेशािंक, जनिरी-मार्ा, 2000

    ास्य-व्यिंग्य : तुम क्या बनोगे समर – कविता, काव्यकुिं ज, के.िी. ििसर, अिंक सिं.1, ससतम्बर, 1998

    ास्य-व्यिंग्य : एक िा गधा – कविता, काव्यकुिं ज, के.िी. ििसर, अिंक सिं.2, ससतम्बर, 1998

    ास्य-व्यिंग्य : तनयिंता – कविता, काव्यकुिं ज, के.िी. ििसर, अिंक सिं.2, ससतम्बर, 1998

  • 14

    प्रसाद की कालजयी कृतत कामायनी : अनुिाद के झरोिे से, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.22-23, जुलाई-हदसिंबर, 2000

    त्रबम्ब विधान और अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.22-23, जुलाई-हदसिंबर, 2000

    रिीन्र साह त्य मिंहदर के अिंगे्रजी अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.22-23, जुलाई-हदसिंबर, 2000

    नािेल पुरस्कार विजेता साह त्यकार, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.22-23, जुलाई-हदसिंबर, 2000

    अनुिाद की कसौटी, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.24-25, जनिरी-जून, 2001

    भाषागत विरामथर्ह्न व्यिस्िा और अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.24-25, जनिरी-जून, 2001

    भाषागत अनुिाद पर उपाथध सापेक्ष्य शोधकाया, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.24-25, जनिरी-जून, 2001

    प्रणाम की मह मा, ास्य-व्यिंग्य भारती, अखिल भारतीय ह िंदी भाषा साह त्य शोध पररषद, अिंक सिं.2-3, अप्रैल-ससतम्बर, 2000

    साह त्य की मो ताज इक्कीसिी सदी, ास्य-व्यिंग्य भारती, अखिल भारतीय ह िंदी भाषा साह त्य शोध पररषद, अिंक सिं.2-3, अप्रैल-ससतम्बर, 2000

    छेिछाि (व्यिंग्य), ास्य-व्यिंग्य भारती, अखिल भारतीय ह िंदी भाषा साह त्य शोध पररषद, अिंक सिं.2-3, अप्रैल-ससतम्बर, 2000

    कविता के धतृराष्ट्र, ास्य-व्यिंग्य भारती, अखिल भारतीय ह िंदी भाषा साह त्य शोध पररषद, अिंक सिं.4-5, अक्टूबर-हदसिंबर, 2000

    सत्सिंग की मह मा, ास्य-व्यिंग्य भारती, अखिल भारतीय ह िंदी भाषा साह त्य शोध पररषद, अिंक सिं.4-5, अक्टूबर-हदसिंबर, 2000

    साह त्य की पीिा, ास्य-व्यिंग्य भारती, अखिल भारतीय ह िंदी भाषा साह त्य शोध पररषद, अिंक सिं.6-7, अप्रैल-ससतम्बर, 2001

    दस लघुकिाएँ, ास्य-व्यिंग्य भारती, अखिल भारतीय ह िंदी भाषा साह त्य शोध पररषद, अिंक सिं.6-7, अप्रैल-ससतम्बर, 2001

    गुत्िी, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अिंक सिं.8-9, अप्रैल-ससतम्बर, 2000

    छायािाद : उद्भि और विकास, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अिंक सिं.8-9, अप्रैल-ससतम्बर, 2000

  • 15

    गुजरात में मीडिया की सेिा, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अिंक सिं.8-9, अप्रैल-ससतम्बर, 2000

    ‘ििंशिेसल’ उपन्यास : एक असभनि प्रयोग, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अिंक सिं.8-9,अप्रैल-ससतम्बर, 2000

    ‘बस, पिंडितजी, बस,’, ास्य-व्यिंग्य भारती, अखिल भारतीय ह िंदी भाषा साह त्य शोध पररषद, अिंक सिं.6-7, अप्रैल-ससतम्बर, 2001

    कम्प्यूटर में ह िंदी, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अिंक सिं.10-11, अप्रैल-ससतम्बर, 2000

    ह िंदी और गुजराती के सिंख्यािार्क शलदों का तुलनात्मक अध्ययन, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अिंक सिं.10-11, अक्टूबर-मार्ा, 2001

    र्लती का नाम गािी, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अिंक सिं.10-11, अक्टूबर-मार्ा, 2001

    ह िंदी साह त्येतत ास के पुनलेिन की आिश्यकता, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अिंक सिं.12-13, अक्टूबर-मार्ा, 2001

    ह िंदी पदबिंध, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद्, अिंक सिं.12-13, अक्टूबर-मार्ा, 2001

    भारतीय अिंकों का अिंतरराष्ट्रीय रूप, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अिंक सिं.15-19, जनिरी-मार्ा, 2003

    ह िंदी प्रेमी विदेशी विद्िान और उनके ह िंदी साह त्येतत ास विषयक काया, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अिंक सिं.15-19, जनिरी-मार्ा, 2003

    िॉ. सुधा कालरा का ‘ह िंदी िाक्य विन्यास’ विषयक काया, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अिंक सिं.15-19, जनिरी-मार्ा, 2003

    ास्य-व्यिंग्य सूजक्तयाँ, ास्य-व्यिंग्य भारती, अखिल भारतीय ह िंदी भाषा साह त्य शोध पररषद, अिंक सिं.8-13, अक्टूबर-मार्ा, 2013

    , िदृ्धजन-कविता, ास्य-व्यिंग्य भारती, अखिल भारतीय ह िंदी भाषा साह त्य शोध पररषद, अिंक सिं.8-13, अक्टूबर-मार्ा, 2013

    ह िंदी साह त्य की प्राणिायु व्यिंग्य, ास्य-व्यिंग्य भारती, अखिल भारतीय ह िंदी भाषा साह त्य शोध पररषद. अिंक सिं.8-13, अक्टूबर-मार्ा, 2013

    ह िंदी व्यिंग्य : स्िरूप और भाषा, ास्य-व्यिंग्य भारती, अखिल भारतीय ह िंदी भाषा साह त्य शोध पररषद, अिंक सिं.8-13, अक्टूबर-मार्ा, 2013

    ह िंदी शलद सामर्थया, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.26-28, जुलाई-मार्ा, 2002

    साह जत्यक अनुिाद की समस्याएँ, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.26-28, जुलाई-मार्ा, 2002

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    शैलीविज्ञान की अनुिाद में उपयोथगता, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.26-28, जुलाई-मार्ा, 2002

    भाषा सिंस्कार, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद,अिंक सिं.32-33, जनिरी-जून, 2003

    कुछ पुरस्कृत प्रततजष्ठत मह ला अनुिादक, लेिक एििं ससद्धािंतकार, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.32-33, जनिरी-जून, 2003

    ह िंदी के प्रयोजनमूलक पररप्रेक्ष्य, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.32-33, जनिरी-जून, 2003

    ह िंदी-गुजराती व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन : एक वििेर्न, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.32-33, जनिरी-जून, 2003

    सिंघ की सरकारीभाषा नीतत, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.34-35, जुलाई-हदसिंबर, 2003

    देिनागरी सलवप : उद्भि और विकास, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.34-35, जुलाई-हदसिंबर, 2003

    िॉ. रामनाि त्ररपाठी के उपन्यास ‘रामगािा’ का गुजराती अनुिाद, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.34-35, जुलाई-हदसिंबर, 2003

    तुलनात्मक साह त्य के अध्ययन में अनुिाद की उपयोथगता, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.24-27, अप्रैल-मार्ा, 2005

    समीक्षा-ह िंदी (ब ृतकाव्य), शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.24-27, अप्रैल-मार्ा, 2005

    समीक्षा-भारत की सिंस्कृतत और विश्ि, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.24-27, अप्रैल-मार्ा, 2005

    समीक्षा-गिंगा यमुनी सभ्यता, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.24-27, अप्रैल-मार्ा, 2005

    सिंघ का राजकीय काया ह िंदी में करने के सलए राजभाषा विभाग, भारत सरकार का िावषाक कायािम, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.47, हदसिंबर,2006

    कम्प्यूटर में ह िंदी, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.47, हदसम्बर,2006

    कम्प्यूटर एििं ह िंदी सॉफ्टिेयर, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.47, हदसिंबर,2006

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    समीक्षा- िॉ. ब्रजेश के दो मानक ग्रिंि, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अिंक सिं.47, हदसिंबर,2006

    समीक्षा- िॉ. विनय कुमार पाठक के तीन मौसलक ग्रिंि, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.47, हदसिंबर,2006

    समीक्षा- प्रयोजनमूलक क्षेर के मील के पत्िर स्िरुप तीन ग्रिंि, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.47, हदसिंबर,2006

    ह िंदी काव्य पर गािंधी जी का प्रभाि, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.34 हदसिंबर,2006

    प्रगततिाद की दाशातनक एििं िैर्ाररक पषृ्ठभूसम, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अिंक सिं.34, हदसिंबर,2006

    मैथिलीशरण गुप्त की काव्यभाषा की विकासयारा के प्रमुि सोपान, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अिंक सिं.34, हदसिंबर,2006

    व्यिंग्य के उपकरण, ास्य-व्यिंग्य भारती, अखिल भारतीय ह िंदी भाषा साह त्य शोध पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.29, जनिरी-मार्ा,2001

    राष्ट्रीय ज्ञान आयोग द्िारा प्रस्तुत िावषाक ररपोटा, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अिंक सिं.48-49, जनिरी-जून, 2007

    अनुिादों के विविध पररप्रेक्ष्यों पर शोधकायों की माह ती आिश्यकता, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.48-49, जनिरी-जून, 2007

    आज के कुछ अनूहदत ह िंदी नाटक, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अिंक सिं.48-49, जनिरी-जून, 2007

    िैज्ञातनक एििं तकनीकी शलदािली तनमााण के विविध सिंप्रदाय, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.48-49, जनिरी-जून, 2007

    अनुिाद पर मेरे मागादशान में सिंपन्न उपाथध सापेक्ष्य शोधकाया-1, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अिंक सिं.48-49, जनिरी-जून, 2007

    अनुिाद समीक्षा- ‘ राभरा आकाश’, गुजराती उपन्यास, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.48-49, जनिरी-जून, 2007

    अनुिाद-स्िरूप और सिंकल्पना, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.48-49, जनिरी-जून, 2007

    अनुिाद के मूल तत्त्ि, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.50-51, जुलाई-हदसिंबर, 2007

    अनुिाद मूल्यािंकन के सोपान और पद्धततयाँ, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.50-51, जुलाई-हदसिंबर, 2007

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    अनुिाद मूल्यािंकन के ससद्धािंत, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.50-51, जुलाई-हदसिंबर, 2007

    कायाालयी ह िंदी के प्रकृतत और मु ािरा, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.50-51, जुलाई-हदसिंबर, 2007

    अनुिाद की परिंपरा : फोटा विसलयम कॉलेज, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.50-51, जुलाई-हदसिंबर, 2007

    अनुिाद की परिंपरा : श्री रामपुर, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.50-51, जुलाई-हदसिंबर, 2007

    समीक्षा-‘एकोत्तरशती’, अनुिाद भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.50-51, जुलाई-हदसिंबर, 2007

    ह िंदी जनसिंर्ार माध्यम : भाषािैज्ञातनक र्नुौततयाँ, पुस्तक- जनसिंर्ार माध्यमों में ह िंदी की दशा और हदशा, सिंपादक- िॉ. प्रज्ञा िापक, सरकारी स्नात्तकोतर बासलका म ाविद्यालय, उज्जैन

    सिंघ की राजभाषा नीतत, अिंकुर, नगर राजभाषा कायाान्ियन ससमतत, आयकर कायाालय, अ मदाबाद, 2003-04

    तेर लघुकिाएँ, अिंकुर, नगर राजभाषा कायाान्ियन ससमतत, आयकर कायाालय, अ मदाबाद, 2003-04

    समीक्षा- अनुिाद : प्रकिया और स्िरूप, नगर राजभाषा कायाान्ियन ससमतत, आयकर कायाालय, अ मदाबाद, 2003-04

    भारतीय अिंकों का अिंतरराष्ट्रीय रूप, अिंकुर, नगर राजभाषा कायाान्ियन ससमतत, आयकर कायाालय, अ मदाबाद, 2003-04

    कम्प्यूटर में ह िंदी, अिंकुर, नगर राजभाषा कायाान्ियन ससमतत, आयकर कायाालय, अ मदाबाद, 2004-05

    व्याकरण बोध, राजभाषा, भाषा तनदेशक, गािंधीनगर, िषा-1,अिंक सिं.9, अगस्त, 2007

    विज्ञापन की भाषा, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.39, मार्ा, 2008

    समीक्षा-अनिंत यारा, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.39, मार्ा, 2008

    समीक्षा-तुलनात्मक अध्ययन के क्षेर में सिंपन्न शोधकाया-2, शोध भारती, अखिल भारतीय अनुिाद पररषद, अ मदाबाद, अिंक सिं.39, मार्ा, 2008

    ह िंदी साह त्य प्रेमी एििं अनुिादक फ़ादर कासमल बुल्के, समकालीन भारतीय साह त्य, साह त्य अकादमी, हदल्ली, िषा-29,अिंक सिं.143, मई-जून, 2009

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    िैज्ञातनक एििं तकनीकी शलदािली तनमााण के विविध सिंप्रदाय, विकल्प, भारतीय पेट्रोसलयम सिंस्िान, दे रादनू, अिंक सिं.22, जुलाई-हदसम्बर, 2012

    ससिं राम गोपाल, समकालीन ह िंदी समीक्षा और िॉ. विनय कुमार पाठक, विकास सिंस्कृतत, ISSN-2231-5993, िषा-7, अिंक-27, जुलाई-2013 अखिल भारतीयविकास सिंस्कृतत साह त्य सिंस्िान, त्रबलासपुर

    प्रयोजनमूलक ह िंदी, सिंपका पत्ररका, ISSN-2347-7296,िषा-36, अिंक सिं.47, फरिरी, 2014, गुजरात ह िंदी-ह िंदसु्तानी प्रर्ार ससमतत, गुजरात विद्यापीठ, अ मदाबाद

    िॉ. नगेन्र का अनुिाद ससद्धािंतगत प्रदेय, शोधसमालोर्न, ISSN-2348-5639, िषा-1, अिंक-2, जून, 2014, शलद-शलद सिंघषा, गाजियाबाद

    मेरे मागषदिषन में िंपन्न एम. फिल. के लघुिोिप्रबिंि (उपाधि प्रदत) जैनेन्र के उपन्यासों में व्यक्त सामाजजक र्तेना, जगमाल जादि, 1995-96 नागाजुान के आिंर्सलक उपन्यासों में व्यक्त सामाजजक र्तेना, थगरीश दिे, 1995-

    96 रािंगेय राघि की भाषा का शैलीिैज्ञातनक अध्ययन, प्रदीप रणधीर, 1995-96 ह िंदी-गुजराती िाक्य रर्ना का तुलनात्मक अध्ययन, गेलजी भाहटया, 1996-97 ह िंदी मु ािरों एििं लोकोजक्तयों की आिी सिंरर्ना, नीलेश गो ेल, 1996-97 ह िंदी भाषा का आधुतनकीकरण, भरत राठोि, 1996-97 जैनेन्र के उपन्यासों का सशल्प विधान, बीना मछार, 1997-98 स्िामीनारायण सिंप्रदाय में ब्रह्मानिंद का योगदान, इला घडिया, 1997-98 नागाजुान के उपन्यासों में नारी, भानु र्ौधरी, 1997-98 ह िंदी भाषा में प्रयुजक्तयों के विविध धरातल, अताउल्ला िान यूसुफजई, 1997-

    98 यशपाल के उपन्यासों में नारी, गिंगाब न िाघेला, 1998-99 भगितीर्रण िमाा के उपन्यासों में व्यक्त सामाजजक र्तेना, राजश्री अमसलयार,

    1998-99 ह िंदी तनबिंध और पिंडित विद्यातनिास समश्र, दशरि राित, 1998-99 गुजरात की स्िातिंत्र्योत्तर ह िंदी क ानी, जयिंती माकडिया, 1999-2000 गुजरात का स्िातिंत्र्योत्तर ह िंदी उपन्यास, भरत िाकी, 1999-2000 कवि अविनाश की रर्नाधसमाता, पूिी पटेल, 1999-2000 िॉ. गोिधान शमाा : व्यजक्तत्ि और कृततत्ि, सुमती पटेल, 2000-01 मो न राकेश की क ातनयों में युगबोध, िषाा िी. रािल, 2000-01

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    िॉ. रािंगेय राघि के उपन्यासों में व्यक्त सामाजजक मूल्य, प्रद्युमन िाघेला, 2001-02

    िॉ. कुबेरनाि राय के लसलत तनबिंधों का सिंिेदना एििं सशल्पगत अध्ययन, म ेश पटेल, 2001-02

    ‘मैला आँर्ल’ और ‘लीलिुी धरती’ के पारों का तलुनात्मक अध्ययन, हदनेशकुमार गो ेल, 2002-2003

    ‘ध्रिुस्िासमनी’ एििं ‘ध्रिुस्िासमनी देिी’ के पारों का तुलनात्मक अध्ययन, मीर एस. िाढेल, 2002-2003

    ‘परती पररकिा’ एििं ‘उपरिास किारयी’ के पारों का तुलनात्मक अध्ययन, ह तेश कुमार सोलिंकी, 2002-03

    बैंकों में प्रयुक्त प्रयोजनमलूक ह िंदी, रिीन्रकुमार र्ौधरी, 2003-04 श्रीमती सुर्ररता रूप के काव्य में व्यक्त समकालीन बोध, शीतल र्ौधरी, 2004-

    05 ह िंदी व्यिंग्य उपन्यास समीक्षा में िॉ. निंदलाल कल्ला का योगदान, अतनल पटेल,

    2004-05 ह िंदी परकाररता और प्रमुि परकार, तरुलता परमार, 2005-06 नरेन्र को ली की व्यिंग्य दृजष्ट, नारायण ससिं राि, 2005-06 ह िंदी परकाररता के विविध रूप : एक अनुशीलन, प्रिीण र्ौधरी, 2005-06 िॉ. सुदशान मजीहठया का व्यिंग्य साह त्य : एक अनुशीलन, जनक परासलया,

    2006-07 ह िंदी का क्षेरीय लोक साह त्य : एक अनुशीलन, कौशल्या र्ौधरी, 2006-07 इसाई समशनररयों की ह िंदी सेिा : एक अनुशीलन, साह ल शमाा, 2006-07 गािंधी जी की आत्मकिा ‘सत्य ना प्रयोगो’ के ह िंदी अनुिाद ‘सत्य के प्रयोग’ का

    अनुिाद की दृजष्ट से तुलनात्मक अध्ययन, विष्णु जोगराना, 2007-08 सशिशिंकर पटनायक की क ातनयों में व्यक्त सामाजजक र्तेना, हदनकर पटेल,

    2007-08 मीडिया की भाषा और अनुिाद, पुष्पलता र्तुिेदी, 2007-08 मीडिया की भाषा और अनुिाद की समस्याएँ, रजश्मका र्ौधरी, 2007-08 िॉ. फ़ादर कासमल बुल्के की ह िंदी सेिा, मोतनका छतिानी, 2008-09 इलार्िंद जोशी के उपन्यासों में व्यक्त सामाजजक र्तेना, कमलेश रािल, 2008-

    09 श्रीकािंत िमाा की क ातनयों में समाज, आशा र्ौधरी, 2008-09 सशिानी के उपन्यासों में व्यक्त सामाजजक र्ेतना के विविध धरातल, नीत ू

    माकडिया, 2009-10

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    शमशरे की कविता के विसभन्न स्िर, असमत पटेल, 2009-10 आयकर कायाालय अ मदाबाद में राजभाषा ह िंदी का कायाान्ियन : एक अनुशीलन,

    सायबा सतोल, 2010-11 कें र सरकार के कासमाकों का सेिाकालीन ह िंदी प्रसशक्षण, ककरण िोडिया, 2010-11 रामर्ररत मानस के प्रमुि नारी पारों का अनुशीलन, सुरतनभाई िसािा, 2014

    मेरे मागषदिषन में पीएि. डी. के िोिप्रबिंि (उपाधि प्रदत)

    ह िंदी अनुिाद : सिंकल्पना और स्िरूप, िॉ. थगरीश सोलिंकी, 1998 ह िंदी के पुनरुक्त शलदों का भाषािैज्ञातनक अध्ययन, िॉ. गेलजी भाहटया, 2000 ह िंदी के आिंर्सलक उपन्यास और नागाजुान, िॉ. भानु र्ौधरी, 2001 ह िंदी भाषा और साह त्य के विकास में पर-पत्ररकाओिं का योगदान, िॉ. अताउल्ला

    िान यूसुफजई, 2002 ह िंदी मु ािरों की सिंरर्ना, िॉ. नीलेश गो ेल, 2002 समकालीन कविता और िॉ. इन्रब ादरु ससिं का कविकमा, िॉ. राजेश्िरी

    अमसलयार, 2002 िॉ. विजय पाल ससिं की रर्नाधसमाता, िॉ. गिंगाब न िाघेला, 2002 गुजराती-ह िंदी अनुिाद परिंपरा : एक अनुशीलन, िॉ. ककशोरीलाल कलिार, 2006 ह िंदी लघुकिा : एक अनुशीलन, िॉ. म ेशकुमार पटेल, 2007 प्रयोजनमूलक ह िंदी के विविध सिंदभा : एक अनुशीलन, िॉ. शीतल र्ौधरी, 2007 जबरनाि पुरोह त का भाषा साह त्य के क्षेर में प्रदेय, िॉ. प्र