bhashashuddhi by vd savarkar

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  • 8/19/2019 BhashaShuddhi by VD Savarkar

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     अनुमिणका  

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     अनुमिणका  

    भा  ा  ु ण  

    कृत ेेछोछदे ेभणु णने ंणकुा - तसंनेायथ यनचनु  थ तसिी । नपृवयाहााथ स तु णबुधभाा ंणतणनतु ं णनयुतोऽभदूणापृ णछपणतना ।। १ ।। 

    सोऽय ंणछपतेनुा  मूधणभणतय णनधाय मू्नथ अमायर घुनानामा  

    कोणत ाजवयहाको ।। २ ।। णपणसमंतयाय क यादणडंबनै । ोचते क मेाय मधुं कदीफ ।। ३ ।। 

    भााथ :- य आयव मलेछसेच अ   छे र वत द ाय थ रेयता वछीी आय व अयवगल य ान थ त र वय तल आञ रेलरी यवभषेय वचव अगी ल पय झलेय आय वरय वब धभषचे वराणयसठी बदरय  तस सतरृ लेल ाजयवदा ा अ  ेर रश राव, -  श

    ान थ त, य आञे , द ाजयवदारश ाच आदे. 

    वछसाय अेर थशा आि ञ षत सत असलेय यस ू लशरा दतसले ा यतस रिश भर नलश !  रतटे िय अ    तटल ध ा अ रेयच च रयअिसा ?

    शी घुनापंणडतकृत ाजवयहाकोाचा अ  पुोघात. 

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     अनुमिणका  

    भा  ा  ु ण  

    (हदु दय साट ा. ी साकांच ेभााुणणयक णनडक ेख) 

    (आृी दुसी) 

    महाा ाय णदन, ाणाहन संत १९०३ १ मे १९८१ 

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     अनुमिणका  

    काक  :

    दा ाय सदय सतरृ तळ, 

    ५ व जल, तलय, तबअ -४०००३२ 

    ✩ 

    ेखनाणधका  :

    © . बळाव सवारा  

    ✩ 

    मुक  :

    यवथर, सरय िलय, 

    वअ (ज. सा) 

    ✩ 

    म आृी  :

    रा सतत, रे १८७९ जेवा असव स १९५८ 

    ✩ 

    पुनमु  थि  :

    दा ाय   

    लवद सतव १९०३ १ े १९८१ 

    ✩ 

    मूलय  :

    र २०-०० 

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     अनुमिणका  

    भाषाशुीच मूलत   

    १. िगऱवण भषती सरचसेर संकृत   द सभंर आगण संकृतग अ तगळ, तेि  ते

    आसी, कीरी, िौड, गभ बोीपऱयंत य आय गंतक भष भिगी आहेत य सऱवतंी ळूच ेगंतक द हे सऱव आय रभषेय दकोचंे ूध, वकीय दचं ेभडंव होय. 

    २. आपय रीय दभडंरतं य वत ूंचे, गवचरचंे वचक द होते व आहेत वगऱय ं येतत य अऱथचे अ  ऱदू, अ ी भ   गृत परकीय द वप येत. र तसे परकीय दआपय पूवय गअ ीळ आपयतं ुसे असती तर यं हडकू कू कव. अतगवजची पगरभष व ेव ेसंकृत -कृतोप द पडू यतगवी वी. 

    ३. परंत य परदेी वत गअ यगद आपयकडे हय, यळ यं आपे वकीय े

    द सपंडत हत आगण यं यंय य परकीय दसंरखे ससीत वकीय द कण दु घ त अस े परकीय द आपय भषत सेच े तसे ुेयस यवय सव. स  :   बू, को,की, िब, गबी, बरिॅ, ेब, ेगस गअ यदी. तथगप अ य वत आपयकडे येतचंयं कोणी वकीय वं ेदेअ  ू त ळवू दखवी तर अ  च. 

    ४. यचण ितंी कोणयगह परकीय भषत र अ खेदी    ली व ियो व ोड ही सरसव चकदर वी तर तीगह आसत करयस आडकठी सवी. 

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     अनुमिणका  

    अनुमिणका  

    ( रतल दय ५० तयंय छेर -तर टरू लदलेय लेतचअ िर, १९२६ य े स झलेय ‘ाठ भषेच िरा ’  रत यिच, येथ 

    वषयवा छेर -तरि ल असू य ढल लेतच अ िर लेच तव आि ृयि ल आदे ... –रर) 

    णया अनुमिणका  

    तावना   ...................................................................................................................... 10

    ातावक   ..................................................................................................................... 16

    माठ भाच शक   [पवूरध] .......................................................................................... 24

    ममानच अश भााच नाह   .......................................................................................... 24

    अि ममानच अ  क भाा ह श्य सत नाह   ............................................................... 24

    अ  ऱसूच अ  प   ............................................................................................................. 25

    अ  ऱसू ह े वक त ण ीक त हस   ............................................................................... 26

    हसच सुत   .......................................................................................................... 26

    माठव म ंकट ण याचा म तका   .................................................................. 26माठव स ंकट ण याचा सा तका  ..................................................................... 27

    पकय शसच वकय शसव हत अ क घड   ............................................................ 27

    कायत नड   ................................................................................................................ 28

    णेच कऱतय ण याकड हा कच सऱ  ................................................................... 28

    ेया माठच वपऱयत कलपना ण ‘शाह ’ कवता   ............................................................ 29

    हा अ  िाससऱया शसाचा नाह त वचा णह  ................................................................. 30

    ममानच घातक महवाका   ........................................................................................ 30

    ाेवा गट – हस िकह अ  ऱसूच पपट कत णहत   ................................................. 31

    अ  ऱसूच ाय भाा ण पऱशयन पच ाय प का हाा ममानचा सभमान ............ 31

    श हस भाच पनजेवन  ............................................................................................ 32

    महााान माग ाहत कामा नय  ........................................................................................ 33

    माठ वाङमय ययतत बगंा वा हस वाङमयाहून हनत नाह   .................................................. 33

    हनूच ययामाच णपह शकाकड पचव पाहे  ............................................. 34

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     अनुमिणका  

    यक भात कह पकय शस अावयाचच  .......................................................................... 34

    सशसशच भभ न वशटपसाऱबरक शस पसश अलया कह यवाह नाह ......................... 34

    पक शसच अ  साह  .................................................................................................. 35

    कह शस पऱशयन भा त वसश णहत   ......................................................................... 36

    टकन बसा पाहे  ................................................................................................ 36

    ा हअ   प हूनच नऱरा सावा पाहे  .................................................................... 37

    माचा गोरळ   ........................................................................................................... 38

    शवाे ण चपळूक   ............................................................................................... 39

    अ   टंाच पू  ं ................................................................................................................. 39

    अभमानाचा अतक   ...................................................................................................... 40

    एपँटचा मायावपा   .................................................................................................... 40

    ‘ंक तमरनू शस घयायाह णप व णहत क काय ? ...................................................... 41

    ‘उऱसू भाा ह मऱस णह’  ................................................................................................. 41

    जयना यावन पंऱकानच माठ ेसा झा   ........................................................................ 41

    चंगताच ााजय ण वमाचा पाम यच वभव , यचा ाट ण यच पौ , जया भातनू य्त हत हत

    या णमया हस भाा यावन पंकनच काय या ब ण डौसा बनलया ह ह हायापस णह.  ..... 42

    ममान शसच अ  चबगड   ........................................................................................ 43अे शस माठत श्य त ण हतकाक अ त नवा अ  ं सअ  ू ं नय ............................. 43

    ाा हसयाळे   ........................................................................................................ 43

    नेाम ाजयत े माठ क णहत ण वऱहाडाकड अ  ऱसूया ावत जया माठ िक हाव ागत

    यन ह ावरग ठवच पाहे.  .................................................................................. 44

    य अवबं कयाचा यन ेा पऱूव हत अ ता णेका मळच हत ननू शाळा ण वापठ यत

    हतक त पढच त त या टन अयतं शचनय हत चा णह.................................. 45

    पाभाक शस   ........................................................................................................... 45मपानूच त ंक त भव कवा हसभा भव अनू तिस अ येयाच ावरानता यक िकन 

    ठव पाहे  ............................................................................................................. 46

    ेया अ  ऱसू शसच काय कावयाच ? ................................................................................... 46

    ामसाया ंत अ  ऱसू शस भपू णढळतात हनू अ  कान अ वरान ठकून स णह क  ................. 47

    ामसा अ  ऱसू वापत हनू मह वापतो अ ह हे ामसा कौपन कवा ामक पमहं अ  ग

    हडत हनूच मह अ  गच हडन अ हयााि हायापस णह ........................................... 47

    श्य त हे कठव   .................................................................................................. 47

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     अनुमिणका  

    या ेया अ  ऱसू वा अ े शसत े णप पऱूव ढ नलया वतूच वा कलपनच नसऱशक अत ण

    जय णप ेन वा नव शस नत त िनैव ाहू ावत ......................................................... 48

    शसपंचि ळू .......................................................................................................... 48

    कह अ  साह : पहा वऱग 

      ............................................................................................. 49

    सा वऱग   .................................................................................................................. 50

    ह फा कठ णह अश शकंा अान क वळ अ तक च यानत ठवाव क  ....................................... 50

    जया शकडो पन ह त अंगका णह या ऱवचा हाच अनभव णह क  .................................. 50

    अ  ऱसूचा डअ  ेडपा   ..................................................................................................... 51

    गमतच तया -वसश शसह वसश भातात   ................................................................... 51

    शंयापस फ टकळ अडचवह पा अ  पाय ण ंशयत शस का ओिळावा याचा नयम  ................ 52

    या याखयया नकऱानच पनू णह बहतक शस वापयाचा यन कतो  .................................. 52

    अतक याजय अनू वऱमयमच ा णह  ........................................................................ 53

    अतक नवडच भाग पड त   ........................................................................................ 53

    हाच बाटगा अतक   ....................................................................................................... 53

    सकान पाव व नवाच पाव अ े शस ण नवह अ यात घायाच मिूऱ िड  ............. 54

    ‘वसश नवन शस ढ ह महा कठ णह! ’ हनू हच क हतात  ....................................... 55

    व शा अ  ऱसू शसव क नहत ? ............................................................................... 56णह त पतनच अ  ऱसू शस बहकाऱय क भाग पड  ................................................... 56

    माठव अ  ऱसूच ंकट णच नाह अ हा  .................................................................. 57

    “अह ! भाा भा बळ पड ह नयतच णह !” ..................................................................... 57

    े े वसशय अनक कहतवरधक अ त मा याजय नाह  .................................................. 57

    हनू व बू  ंनका   .................................................................................................... 58

    यग कत ग हे णपणप ितनू शतना न शततनू अशतत ह शस पाझत ेात  ..... 58

    िकवस न शकवगध  ................................................................................................. 58

    त त ा ेश ेश वकयव पाव त त हेच पाटत   ................................................ 59

    या चऱचत भाग घाऱयच णभा मानून नप घतो  ..................................................................... 59

    भााशर न . क . कलहटक   .......................................................................................... 65

    प मग हाच याय अ  ऱसू शसह ाग ूनाह का ? .................................................................... 66

    ममान शसव बहका हे ममानचा दव ! ............................................................ 67

    . कलहटकव कलहटक   ...................................................................................... 69

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     अनुमिणका  

    या वराच मळू का सूत वंय   ..................................................................................... 70

    पंचवाऱक माचन  ....................................................................................................... 72

    ेया शसच पनजेवन  ............................................................................................... 77

    णमच ाभाा ण भााश र   ......................................................................................... 82

    अ  ऱसूनठ पाया णहान हसानचा नामनऱसश  .................................................................. 82

    हा ठाव अा डळमळत क झाा ? .................................................................................... 82

    ‘ंक तनठ’ ह वश क ावाव ागत? .......................................................................... 83

    महााय मडंळचा पढाका   ............................................................................................ 83

    अे ह ि वासक नह ! ............................................................................................. 83

    अ  काचा वेय अा त सऱयाचा पाेय िा नह   .............................................................. 84

    घटना भक न घात अ  ऱसूनठ ‘हसान ’च पाताळ यं चा ूझा ा ! ................................... 84

    माठया माेघतच काय चा णह ? ............................................................................. 84

    णि अ  क गंमत   ......................................................................................................... 86

    अ  ऱसूनठ हसतानया या गाव ामबा षर हे भााश ! ............................................. 86

    ळलया पकय शसच माका   ..................................................................................... 87

    अ  ऱसू न हस यत मभतू भस   ...................................................................................... 88

    भााशच ू........................................................................................................... 88

    यग पावा   .......................................................................................................... 89

    डॉ. घव   ................................................................................................................. 90

    ायापक ाग ण भााश र   ...................................................................................... 91

    भााशच मूू  ...................................................................................................... 92

    नवळ क भड   .............................................................................................................. 93

    हा ह ‘

    ेातवतं ’

     माठचा अभमान  .................................................................................. 94

    ेातवतं क – ह णह पाकतान माठ ! ...................................................................... 95

    भााश – शसकश   ...................................................................................................... 97

    पशट १  ...................................................................................................................111

    • • 

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     अनुमिणका  

    ताना  (सन १९५८ या आृीची  

    य रत आमदी वा सवारातय भष य वषयवाल रतद वर लेतच ि रा आदो. तल बद ेर लेतच र द सा ि आद े यव यलेतवषयीच ाठ वचरवगल विटा अभच आि आवयर य दश आदे. 

    यतद आत भष च द रेवळ ाठ भषे ाच य ादलले सू यलअल भाय व प झल आदे. द दच भाच ाभष य वी ठाल यवससूच द मिदज े रिश ?  सतरृ द री ब -फा - ‘ये द  ’?  दव वषेः अ   ा द थत रय चलू झल आद.े ाभष दल अ ज भ   ृ गााय भषअर च सत आि वचा् रायच ा ल सतरृवेाच अवल  तबू

    ादि अादय आदे. यसठ सतरृ व े व े ाभषर आि यवदार सदवध अ   भवू भषत वा ॉ. ान वाती आतल -द -स -रश य तवच अ  ेर व चतरशद र रेल आदे. ात यत अ   भवलेय सतरृ तवा आि सतरृेयववाद सय ् अ् वग द ततूद े सव  आ े् नअे  ू त लगल आदे री जे वासवाराती स १९२४ य वषी भष च चळवळ जेदत रटि दी नेल ेदतसू ाठभषेय िराय यती चलवलेय ध धयय चावा आय अ रे थ थनेणयत आलले ेदश.े य य आ े्तच अयत र , भव आि िारार य ा य यवळेी वा सवाराती लदलेय अेर लेतू जी लेली दशी ीच य ा ाभष जसतरृ द यवाद आज नेणयत ियेय आ े्तच े आलू ास   राणयसठी ाबिेसाी अ   यशगी िाी आदे. यव यतय य लेतल रतदी वर लेतच ििरा ाभषेय द आज आवयर झले आदे. 

    य वा सवाराती आय भष वाल दय रस ‘ाठ भषेच िरा ’ दतव ल दश थ यच रत यत भष य स ढ दिशा ाभष सतरृद लद ो व लगेल द ि सतगल दश. ‘ाठ भषेच िरा ’ द रदी आत  ळ झय ळ लेसतदत ातभीच दत छल आदे. [ृ १ े ५०.] ढ जेदत द द ाभषआय भाय ायनट ठाल आि वा सवाराती अे्यि द री ‘ये-द थ ’ 

    द व अ   थ झल ेदत यत वषयवाद यती वत ले लदले. यकरी अ  ेर दवच ले‘आच ाभष आि भष  ’ आमदी रत  [ृ ८३.] छल आदे. 

    भष ीय वा वा सवाराती लदलेय रयर लेतची भषता दीदथसूच स दश आलेली आदे. 

    भााुीया चीचा भा  

    आय भष अवयर ारय आि यतद अ   ू आि अ ज तच वा िराद गश आय वभस रल  तर लिवा आदे, भिूष ा देच दे स वृच भव

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     अनुमिणका  

    वा सवाराती स १९२४ य वषसू चलवलेय भष य ववधतग चळवळ ळ बदृदा जेय वा र अढळि ल आदे, आि य ळ ाठय सती रबदशल वरय तच भा लेल आदे च रतदी जिव य ढस यणेयसठी ूवीच अ  ेरश अ   िदा ा सतिग आवयर आदे आि र वे ा यपद दिशा आदे. 

    दय -राच उिदा ‘लया ’ ‘आि ’ ‘ाीग ’  श अ ज तच नअे  ू त. अजाय चलू झयता आयरे थ शठश गातू   आि ता लदसद गतवतयतदव राची तथलय आि वचलय नली ात रतदी अती अ   य सतथतय सअल तवचे यथथि शभ अ त सज ळ आि रतदी अती आवयर अ अ जसतथतच अ िरा रात अगी अवयर अी यतची दी अ ल तव ठवेली गेय ळ य बद रेतथलयतस वचलयत ‘ेटद जाल लया ’, ‘जाल लया ’  रव ‘ाीग  ’  दीचअली तव सव वाली ज अस. गूा वभस त सय बदृ दातल मबअ साय

    द गासू ो अगी रोिरतय वग यसाय‘ल र 

    ’ गतवतयत वचलय रव तथलयमदटल री यवा ‘ेटद जाल लया ’  रव ‘जाल लया ’ अ वृ फलरच ाशभिूष

    दटरू टतगलेल असे. च ि य बद ेर वचलयतय १९२४ यय वृतू रिशलददवयस ळेल. ात य ता जे अवयर ारय ेय श रे ळ वालेज यतयत दी अ ज तचद अतभव र यवा वा सवारातय टरेच ादशअ  ू त  लगल. ढ वा सवारातय ागादू झलेय स टरेता यतच े ा े द थभा चलूझले. य शयतू अरे ठरिी यत शठश गातधल ‘जाल लयय ’  रव ‘ाीगमस ’  सतथतचे व जेदत  जेदत  ेणयत ये ेदत  ेदत  आय ले अभयत ययत दी तव बदर य सतथत ‘तथलय’, ‘ रलये’  रव ‘वचलय’ अी वरय

    तव ठवेवी अस  ेआद स चव चलल.े ात  स स वषतय ज य सतथतची ारय असलीाी ज टि ळ अधढ अधरृ विटाी ी तव लिट द अ  ेर सदस राणयसा यसतथत ज वट.े दळ दळू जेय वा भष च जसजस भव गले सस दतवा बदरा नलू ठरठरिय तथलयती आि वचलयती आली वाल वरय तव वाणयच य रेल. िाी आज गूा वभसद सय बृद दातल  तबअ  सायदगासू ो रशिरतल वग य यतय ल र गवतयत जरे दल रे ‘तथलय ’,‘वचलय ’  अ सतरृ तवय झळर आदे. वग यच तवच नल मिदू ददसतगू टरो री अलरेच सजय झलेय अ  रे दशसवचे छल वृत वा सवारातय

    आेि जाल लयाच तव लटू गावचलय अस तव ठवेल गले अस अ   ेरेलेल आदे. 

    माठी भाेया दसंपत भााुीन टाकेी बहुमो भ  

    भष य आतशल ळ जश सा लभ झल श मिदज े स े ज े न सलले े अरेअवयर ारय बदराले गलेे अ र च सू व ारय वषेः अ   ू आि अजत, आय भष सदस लेरवगरू वे ळेस झल. य ारय तचे ठयी व ेव ेवरय ू े वाणयच जि अददर चलू झल. भष च े झ तजा ध ातधावसशभणयसाच व य वरय व ी वा सवाराती टरवल आदे द रतदी

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     अनुमिणका  

    सतगल दजे अस दी. थ यच अ  ेर फट अ   िदा मिदू आय चटसृीयआजय वरय सतरृ सतचेच अे  ू त. 

    स १९२४ यत आयरे चसृी रूटतचच रल चलू दश. आि

    अटादलसाय यतद बद ध अ ज च वाणयत ये दश.े 

    ‘साकी टाकंसा ’ 

    ता स १९३७ य वषी वा सवारातच ागाय थलबू स टर झल. अथागाल असत स १९२४ य वषी यती भष च ज चळवळ रटि आातभल च सचा बा वष  ा दाभा ोयत दशअ  ू गेल दश. थ थ वा सवाराती लेयत वाशध वग ‘सवारा टतरसळील ’  मिदू अ   ाशध मिद अस. ात बा वषत श

    वाशध वग जसजस दबल दश गेल सस सवाराती लेय ी लशरतवा आिलेरतवा रळ रळ अर भव अेर िराी शद ल री यच ‘सवाराटतरसळ ’च यतवा े य तची अ  ेर अधरृ अल  त रृच सजल जअ  ू लगल दश.आमदतल अ र अ  रे वचारात  रव सतथेरात  रढू मिदू सवारातर े वधगणय ये. भष च अ र भव े ागादू स १९३७ य स टले यचे आधीचवढलले दश. ागादू स टर दशतच वा सवारा  तबअ रे येत थः रशदूालअ   ाले. यतच े सवे आचय अे . सयवरा देद दशे. आचय अे यतच भष सअ रल दश. रशद ात वा सवारातय वगथ गारत रढलेय ािवरूच,सभतच, तच   अय रय चललेल असतच रशद ातल ‘दतस चस ’  स स

    चट सतथेय चलरतय वतव वा सवाराती य सतथेसद भेट ल य सतथेयभवत य टरतच थे  जरे रे लवलेय अ ज तरे वा सवारातच ल् गलेअथच यती चलरत भष य वचाल री ‘आअ   ट’, ‘अ ’  सू ो‘गेट ’यत वालेय तवाल अ ज रढू ाठ वायस रतद ददशअ ल र ?  ेदत  चलरती झलेय सतभिषत द झल री यतल बदरे रेवळचट सतथतू ढ ळ आि अ ज वाणयत रतदी वषे चा असश अ यवेळीद थभा बशरळलेय सवसधिा लशर ळे अ ज त लवय गेलेय दशय आिरतदी अज त ाठ रिश लले े व स चवलले े द े मिदू य 

    लवलेय दशय. चच चल असत य स व, रलवत वभषभ चलरवग वेटीवा सवाराततच अ   लट वत रेल री जा आि वः सव तत आय वरय भषलतव स चव असल ा आमदी ीच य तवा अवय लवू त आि यतच चाद राणयय यआत रत ेदत  य रशद ातल अ ा सवजर सभतय भिषतय गबीच वासवाराती चट सतथतू यरळी चल असलेय अ अरे अ ज त जे ाठ ागास असतच यशजले दशे े आि रतदी व लले ेअस ेटू टपि ‘दतसचस ’ य चलरत ल. य टिीले बद ेर ाठ य तळी अ रे आवले रीयती े वःय सतथे वाणयच ा य रेलच ात रतदी रळता द थतल सवचट सतथतद य तच ाचय दव आि य सतथतूद े वाले जवे मिदू वः अ  रे

    द र रढू   ााय चट सतथत धू ल. स १९३७ धल द

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     अनुमिणका  

    थ यच अ  ेर नअ   र ावद सतगत यअे ल. श द री स १९२४ य मिदजे भष चचळवळ वा सवारात चलू राणयय आधीय ाठ वङय य तच थर अवचयः आढिळा द. 

    साकीय दको  

    य अ राय वध सतरृ त य अ   भवू रव ज यत दत चातिआू ाठ भषेय ाराच सदयच त वा सवाराती वढवलेल आदे यतचजिव सवसय वचरत दव आि जञसतू बदरय अ ारय त दे सवारा ि झटर सतवे व आमदी रतदी सवाराय तच अ  ेर ‘भष रश ’  रत ल आदे. 

    रय वेटी अ  रे ात भष य ाचलेय रतदी लदशरशतच ाचयद र लेल आदे. 

    डॉ. घुीाचंा महाको हाच आणख हदु-भाा -सघंान आता ंभााुीचा अणधकृत को मानाा  

    वाल ाय जे लन रश आमदी अ   ेले आदे े य य े्त जा आजद अ   य आदे थ आत भष च आतशल द आल ाभष ज सतरृ द यी गझल असय ळ आि मिदू द अल भाय दव वल असय ळ य ढ आल सतरृ

    ाभष ज द च सा भा आय बल रत धतवा वदूत रेल आि च सा जगरचाथ आय सतू चलवू त रेल अस जश रिशच रश असेल शच भष य अधरृ आधाभू रश ल गेल दजे. स कव आज अस अ  ेर सतरृ दरश तवा ॉ. ान वातय ा सद झलेल आदे. 

    य रशय दववषयी आि वकवषयी रतदी चच य रल ‘आच ाभषआि भष ी ’ य लेत वा सवाराती रेलेलच आदे आि यच लेत दद सतगल आदे रीसतरृ द वाल अ   ू दय आिस ो अे  ू आि दिू णयच ज रठि

    रय आितस ा वयच आदे य रयी दरशच आितस अशल सदय दिशा आदे.रिा जगतल सय ग भषती टा ेअ  ू त रेल, आच सव अव वकञर आि यवदाराभष भष आय त य रत रेल अस सय आय सतरृ द ाभषिआणयच ॉ. ान वातचद दवरत् असय ळ यतय रशत सव अवयर वे तआि यतद अ   ू अज त धा बदर यती अ ल भषल अगी अव सदूल सतरृ -रृ असचे वरय लेले आदे. 

    य भष चे आ वर वा सवारा गेली ४० वष सत चा रा आल ेआदे यभष य वच द वजय आदे, यतय ातच द सफय आदे. 

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     अनुमिणका  

    ेदत  आत  ॉ. ान वातय दरशसच अधरृ आधा ू यतल वकञर यवदार रेवळ ाभष दच दे ा सव द भष सतनत धाूवर विा दयेर सतरृ द भषसतनयतच रय आदे. 

    र. म. जोी  

    जानेाी १९५८ मधी म आृीची ताना  

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     अनुमिणका  

    बद सतय लशर – आयल ेशधल लिवय लशरतच, उजवरू वर े लदल जिाल अद आल ल सज !

    सवारातय लेव असे से र, यत भष च अादय उा ेल

     -चळवळवच भाल. य सतदल दयच ले सवारात य सयच ेरथ रेलेआदे. उा द थल लशर जगृ दशऊ ब -फा साे वचेू रढ अस,ाठ भषे , वज दाजतयसा शदा से  ेवषवूच दशऊ गेल असूद अ रे चळस ा ब -फा भिे ादवे, यचे सवारात वकषमय विटे अगसदजर दशे. यू यत ाजरय रयसू रद रळ स े अलप ादव े लगय,ेभष आि अृशा य श चळवळवाच ल् र रा आले. 

    सवारातच वभव द जस रारच आदे, सच श रेल साय से ेा

    दरदचद आदे. ए गश यत द नेल मिदजे‘यय 

    ’,

    ‘यवदय व अयवदय

    ’ यतचवचा े रा बस स. भष य बब रय, र व चळवळय बब रय,

    ‘अय ’  द सवारातय रश द !  “ वा र श ढ झलच”  “अेर ययचा आले, ा अेा चतगल े चे टरल ” य सा यतच आद सूे दल मिदजे यतचअद रय ल् येे. ि भष द य वदिे वःच वट रे. टिविेरृ टबतू वद द. य ळ े सवारातय साय, अय द च द सलेय,ेशलय -स वालस ढ रढू लव य अेर अिच आय यदणयसाय आदे. 

    सवारातयूव भष च झलेल य य जा वज दाजतच ाययवदारश द असल, ा य ताद राभाय भषेरा वभषेल रश राणयच े य झललेेआदे. ैवच गश मिदजे, दाजतय ततळल वय त ान थत िदते यतचरशद आजय वलयतू आि तथळतू फास आढळ द. य वेरा एरय तथलय ाययवदा रशच चर रेल अस, ेथल वधा तथधरयेय ढ े अवच सारा े रावलले ‘ रश ’  िआू ठवेल ! ा ययवदा रशयआयं रेवळ श आवृयच नय आदे द गशद अ भसूचर आद.े एर आवृ रे १८०२ये मिदज ेइ. स. १८८० य ेनलले आदे; ा सा इ.स. १९५६ ये नलेल आदे. द सा

    आवृ णय -

    तबईय ए स व सतथेे रढलेल असेल अ आल र सदजरचदशे, ि द स ता आवृ, उू  आि ेलग ू भषे े वढेलेय ‘ाठव सदय ाषे’ े रढललेआद!े यत र साराय ‘्ि तलयरे’ य सतबतध वत रेल दश. ात  “ ्ितलये य र आल असथ रट रेल. तर D – 2772 – M – 2/23, November1955”. ाठव सदय ाषे े वस वषूव रढलेय य आवृल . ाचत गशव रटेयतच उय वद आदे. य य आवृ ळे ा द ऐदसर दवच रश सव वलय ेआि वठे यतय सतद आि वा असव, अ सदजरच अे् दशे. ि व थ वै े द. 

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     अनुमिणका  

    य ताच असच ाज - ारृ य मिदज े वय वे ाे त सयजावगयरव यतय शसदे थ झलेय रश तळच य दशय. द य रेवळदा ा सू अल भाल उय अस आदे. य रशचे व‘सयजसर ’. य इतज, ग जा, ाठ, सतरृ, उू , फास, द आि बतगल

    अ आठ भषतल स एर ढ े एर ल े आदे. य तथच उय वगेळ सतगणयचगाजच द. अ देच य य ूवद झल द आि यताद य शच झलेल द.ान थत िदतयतच रश आि सयजदाज - ारृ रश यतच े य वक मिदज ेशदरशत सशेिल आि स टस टिल लेले धय दे दशय. सयजदाज - ारृ तथआराे आि ृ सतथे ेचत आदे. यच व सदजरच ग जा आदे. मदटले आदे... 

    “लतब श ेबल ेटतूर श ेसतगश थ अतर आव आयश छे; रिा रे यवदात े ढ थवत  साळ े छ.े” ा न थततय रशयेद स गेल धय ेणयचे  देच धिशा

    अवल  त बलले ेसले. ैवे द आि बतगल भषत झलेय य चळवळ ेस गले धयले द. ‘वदा ’ य ऐवज ‘सतव ’, ‘स ’ य ऐवज ‘यशग ’, ‘से ’  रव ‘सकय ’ यऐवज ‘वद ’ द, (रयेर सतरृञतसद झटर सिजा !) , य साे ेरो ल भष य े बतगल व द तत आआय ळय स ग भषत िआू सशले. यतजा वज दाजतच ाजयवदा रश आि सयजाव दाजतच ‘स -र ’ शय ढे ठेवल अस ा य शदद भष सय लशरतय ो सदज ळय असय. ि ेरदद असले ा ाययवदारा श वय ायरय रावू नेलले े द े रशअदे आज यतर ेबवलले ेज ेल ढ राणयच य दश आदे श अ आदे.जे स ग द, े ढ दशणयच सतभव सश. 

    सवारातय शयत ढे असलेल सा द य ‘अ र ’  रल यतच दश.सवारा आि रल यतय यवल आि ाल समय शिधे शातजर दशईल.य शनतकर सवारा दचे अधर य आि स सतरृ दशे. रल य वयसतगसतबतधयच चारा लॉ राॉ मिदश, - 

    “Kemal’s own cultural background was scrappy. He had studied subjects ad-hoc, in

    periodic bursts of concentration-skimming  through them, on occasion, to rationalize some

    intuitive preconceived notion. But he had never acquired the habit of systematic reading.” 

    यल रद िवच सवारात लग ूदशणयसाे आदे. सवाराद आले वयतफू वचासवय राणयराच वच रा. ि यतच ळूच ब अयत आि यसतग दश. रल, सट अरबािे, भशवल त गशळ र यतयरू आयल दव े ेञ ओाबूनेणय ाबजे दश ! यय भशवल गशळ झलेय तत श ् दशे. एर ्, ‘ र भष सशरेल मिदज ेझले’ अस मििदा दश, ा सा ् ‘ र भषेल ब -फास रढू टरूयतय जग व े र या र यशजवे ’  अस े मििदा दश. वः रल भष यबजचू दश. ि यस अ भव वेगळच आल. यच चारा लॉ र ाॉस मिदश,- 

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     अनुमिणका  

    “In time he realised that his linguistic operations were leading the Turkish language

    into a blind alley. It threatened to become a ‘mandarin’ language as artificial and

    incomprehensible to the ordinary Turk as that of the old ottoman ruling class. A halt was

    finally called...” 

    ि रल ढल सय सवारातय ढल सयतदू फाच बरट दशय. भाभष िराल सतरृच ज ठ आदे. भाल सतरृर वङय सतरृ आद.ेआि गा उफ बळबशध ल य वङयच ल मिदू अेर रे वल आदे. बचयरल े ारय उटू रढल े ा ारय लू यच स टर द. ि शसवारातयिे अदिे वःच ग चशिळा दश. ायतचच ल घयवयच, ा गाश ल घयव, असे ये ठावले. रिा ययशगे यचे गसलेले र ा अयत ढालेयमिदू वय अ य ाशय ा-रट तब जऊ ल दश दशे!  रले रेलेल द ल -

    स धिा दा, य े, आत े, यत ा राणयचे रिा द. दाे ा गा अथवबळबशध ल दच आल वङय ल अेर रतसू ठावलेल आदे. ि ्िय भषतच ेरय ? ा कयरा ेल जेथे बतगल आि ग जा आय लपय सशवयस या द,थे ेळ, लेग,ू यळ य भष आय लपय सशयल रसय या दश !

    ि ल -स धिाेद सवारात ल् नले असले, ा य लच द. भष - च द अेास ारय , -  वषेः ारय ायरयच े , -  वभषेू रढूटरणयरा व बवणयच ठाश. य ारय त वरय उलध आदे, यतचच द ि यत ळू भषे द, यतयरा व े या राणयच द य

    ठाश. दे या रा ाठचे ाठि आि यय भषेचे सशेि िरा ेदेयल य य दशय. स ारय नलवल आि यय ऐवज सतरृ रश आि यिरायतय बळवा व बवल, एवे िराचे  णय ा ले, अस े दे! भषेचे ळूविळ सश व े या िराे दे अलबय गलबयतचे र दे, दे सय वसायस भषेचथ रय दशे, दे आजय व भषेव श से. येर इतज रव फास लअग यच वच, - रधरध ा यच उाल जवळच – या रेलच दजे, द दलेरतच आद रस द. उिदाथ, Survey यल ‘सव् ि ’ द या राणयळू इतज य जवळ जणयच दय उया रिशेच उ स द ! ाठ

    ा सय ‘दि ’ े य वच ‘सव् ि ’चे र भगेल. दल रद व बवलेले ा बधद आदे आि अ द आदे. उिदाथ  ‘उ -अभयत ’ द दव. दल गश मिदजे य सतध राणयच जग असूद सतध रेलेल द ; आि वय, उायबाशबा अथ ल्ये द, दे वेगळेच. िआ ए चरार गश मिदजे, रिशद उसग रशठेद लवू आयलदय य अथच बव येईल र र ! उिदाथ ‘अध -य ’ द द वा असलले द. द By-laws अथ या रेलेल सश. ि ‘अध ’ य उसगच अथ यथे ेअे्असलेय अथय अग व आदे. द तत रदद रेले ा ाठ वृत े लगचेउचलणयचे रिा द. ि आज वृ स आदे. यय ळ, रबद य  -यतय स प , एर र आदे;  मिदजे  सव सतरृश भव भषत चे चलू

    िरा!े  य ेल ेर भष य आि वङयसत भष आदे. यत

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     अनुमिणका  

    एरेरीयजवळ ओढणयय य य सवचेच आि ल बनिा असेल, ा फयसतय ादल आि शट ा ेल !  अवच ाठ गल टळर, चिळूरा, दवेवा गशळे, गरा, रेळरा, फरे, अे, तेरा य तय भषभ व ेज ेवभवर, ि अथवद आले आदे, े द आि बतगल य शनीद द. बतगल उ जच ेलल आि वकचार

    सदय आदे. ि ाठ गच कसगरि यल द. आजय दच थद च आदे. आिदल उचलणयय वृ ळे ाठच आि ‘ाठि ’  दश आद.े सध ‘वगय ’ द घय. द श ‘वगथ ’  अथे वा. ाठ श स विाे दय आदे. 

    वय य सये येथे यदू अधर ा ये द. ि वे  या िराे दे ळच णय आदे आि श रिशद अ लेर र रश ’  य रेे अलरय ाठग थक नल े आदे!  य धशयसतबतध भष य शन दब आि सथ  वरतारय बदरृ राणयइरच रळज नेल अस, ा द धशर टळल अस. 

    ि य सतभ लेरतचे आि भष – – वरतचे    कलसतबतधच ेवचा, आदे – यदूअधर रर आि सू दवे. द े वचा भष य रळय ूवसूच असवे रे द. “भष अल  तरार आि सतरृ च ा असले, ाच ल    कल आदे. आि सध, साळ,टशरा असेल, ा ल    कल द ” अ र ाठ गेय श ा ढ आदे.‘टळरतच ेवचा जेव दश ेि रेळरातयिे यत    कल द ’ [ एख पगंडते यय गवहीत गदेे सदलवे आळे गळक ेख संह (ॲकॅडी परकृत) तकघतीथघ  णी ोी यंी गगहेी संदर तव हे यचे 

    एक उदहरण होय.]   द सजू ाठ रयेर वष  ढ आदे, आि ः ः य रेल ज आद.े   कलसतबतधच द र रृेरेच झ िरा आदे. आि ेजवेल र दव िेा आदे.

    जेव आि लाि य शदोच े एर वय चिळूरातय भषे आढळ.े ि रधरधवचातचे व यतय गल रळरळचे दव एवढे असे र अल  तरार द यतय सतग वसतगचठाे. टळरतच जग अल  तरार अस ा इर िारार ादलच स, असे  ेलमिद येईल. सधेि, ळळ आि टशरा यशज यतचे दव आय टररात ाघयव ेरे ल् नेलेले द. य बबल बे जॉस  [ बे ॉनस  [१५७२ ते १६३७ ]] यचे सू ल्नेणयसा ेआदे. श मिदश, 

    “We must not be too frequent with the mint nor fetch words from the extreme and

    utmost ages; but the eldest of the present and newest of the past language is best. ” 

    बे जॉस च ेद ेसू स ाे चा रतूवच ेव मिदू रल मिदव,े ा अग अलरेअेारेल ॲसशसएटे ेसे आय रातसठ जे ‘टइल ब र ’  स रेले आदे, यदेर य सूवाच भा ल आद.े “सवसधिािे जश सव सजश श य राव.” यवाभय रा णयय ‘सरळ ’ े मदटले आदे, “ ल, बशज, बध रश, ि यरेवळ ध यद रश. ध ा रल गश लग, ि आयल जे सतगवयच ेआद ेेयू भवि ेय दश सले, ा थश वळे रल आत णेयलर ेयू रदद सयदश द. बे जॉस आि अेार असशसएटे ेसचे अग अलरचे ‘टइल ब र य शदोद

    य झलले े व ल् नेल,े ा टळरतच भष द आ  भष ठाे. श ल   ्यगलेेय य सयर ेयथे ेल् वधेणयचे य रिा मिदजे ारय दरलणयय ेरे य

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     अनुमिणका  

    वरेच ल  ् दशणयच धशर आदे. अ राचे ल  ् आजय दे सव ज रेले आदे. िदल जसेय से उचलणयरे आजय ाठ लेरतच वषे रल सू येश ! आयरे विूयतय रळसू ‘टर ’  द ‘टसझ ’  अथ वाल गेल आदे. रृि रशदटरा, ासद चि रेळरा, व दा जश यतद द ाेस सर

    वट असे. यय ऐवज ‘स् ’ ‘वष’ – ‘आलशच ’ दे रेवळ द वा मिदू आमदवाणयस स व रेल !  ‘रतबा ’  द िरध ा आि इदस -सत ाठ ढ अस,दल ‘उयस ’  द सतय वाणयरे आज रयेरतच रल आदे. व िराेअथव अय भषे रेलेल सच उचिल,े य वृर े भष च आढव ने ल्वधेयवय गयता द. मिदूच, य च एवढ वा राव लगल. रिा ाे विाे एवढच रय श भषेसतबतधच ग द दशय अ र झयेच वा वलेले भषर शषवढ आदे. 

    बे जॉसय सूल आजय ाठ ा े ढल े येईल. भष च सय दरेवळ ाजरय राच सय दे र सतरृ ततरे सशवणयचद रगाद दे.यल भषेय  -वकसतबतध आि ाताेसतबतध दळ वा जिव आदे, शच अवय ेथे यशय या र रेल.  मिदजे द वेच आि ारयतय राच सू, भषवषयरदळवािच रव Sensitivityच आदे. ारय यतय रव अँलश -इतय अतलातयभषेल आि दस दशश, े यतय भषे ारय दशे मिदू दे, ा यतय भषचे ेविळचारय दशे मिदू दशय. ाठच ाठि सय सतद द ; ा एरत ा विळ आदे, यसयच वचा िराे मिदजे भष - च षेध दे, ा भष च वा दशय. 

    भष - य चळवळ भष ेाजद रद चळवळ ाय. य भष लाशाच आवयर आदे र द, यचद फेा वचा दवयस दव. दल रव बतगलल जसेय सचे नेणये अल भाच एर भष ि राणयस दशईल, द रयकरच दशय. आल ळू भष य चळवळे ल रव ‘अाठ ’ दश असल ा अय भायभषतल घयवे र रय, द वचा राणयसा आदे. रद लशरतच र ाइर ढ े धव े र, रद रळ े ेर भष ल प दशऊ द थ एरच भष उाले !  अयतच वे आ असे. द थसाय तय े ेर भष ािदाच ;  द े य ािदेइद आदे. ‘बा रशसवा भष बले’ अ एर ज मिद आदे. आि यवेळ वस -सधे र

    दश आि र वगेव दश, य वळेा य मिदल सय आजयदू रा टी अधरअ भवस ये अस,े दे भषर आि भगशलर सय आदे. ‘एरायव ’ रद अगयचे असले ाभगशलर व थव े उि र िरा द. य े आतातय यवदाच एर भषअवय दव – दे द द ज भष अेर रे आदेद, ि यच अथ  भष ेर भषतचजग नेऊ रेल अस दे. य ाशत आय एर श जएवढे ेद आय भष व आलेवङय ज रा स व े ाद आदे. सज आि ाजरय फयरा ेरभषतच बळ ेणयचे ठावले, ा य आज आदे य वङयचे आि रय िराा ! र यचदबळ िेा ? अल भातल ाययवदारा रव अ   अयरा एरच भष ठेवणयचर ‘अ  ेाटँश ’सा रृ भष ि राणयइरच दय आदे. ेर भष जव

    ादूद आतातय यवदारा दच उयशग अादय आदे. आज इतजचे थ आि रद

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     अनुमिणका  

    रूव सतरृचे थ वत ा े ा चे दश.े ि सतरृ तत रव इतज -्तेर भष राणयचे येय रधच सशा ठेवले द. दय अभयतद े येय सशाठेवलेले द. 

    य सवय ूळ एर लूभू भषर आदे. भष द तत बववयच अस,े रय वदि े आशआ विळ ने असे?  ॉ. ान वा यत भषेरे रेवळ यतर ेदले असे ेे मिदवे लगे. रचेाय एर शल बसू, सतरृ रश आि यिरा ेजाठेवू या रेलेले रिशयच भषेचे दिशा द ! ध सतरृचेद द, दचेद द,आि ाठ -ग जाथ य साय स ेर भषतचेद द. यतय ले ळ े आिरृे ळ े ेढ दशणयच सतभव बेचच आि ढ झलेच ा य भषतच ेसय वढवणयऐवजरच वढवणयचे रय े राल. 

    िआ एर धशर अेर वू ेणय आल आदे. ूळ भषे स ता, ढ वे असूद, य उसद व या राणयच व दू उचलणयच सशस गलेरद वष  वढ आदे!  ‘चाजव ’  ढ आि िर-ध ा असूद यऐवज ‘स  ’;  ‘थ ’  दरयर अ्तसेल ाच असूद यऐवज ‘ज ’  विाे; ा े्य  -रे ‘ ढल तचे यिरा सतग ’  मिदणय ऐवज ‘म -ल तचे यिरा सतग ’  अस ेलिदे, ‘सातभ ’  य ऐवज ‘साशद ’, ‘सजा झल ’  य ऐवज ‘सत झल ’, असय वयेाठ भष स ता दश आदे र बन आदे, यच वचा वय आि अ िरा यत य वे ेआिवसा चललश आदश. अल भा तच भष रध रळ एर दिशे य आदे असे  गदृ धालेाद, आय इदस स भष ल आि र िराे ्मय िठाा द. 

    य भष - य आढय भष य गल ररतचद वचा िराे अादय झले. भष चे वर वतयवा सवारा आि ॉ. धवाव टवध द ेशन े जरे ब रेच आद दशे. ॲलशथय य िे एर ाशग बा रा सा ए ाशगउभवणयच धशर उन शयत रा, च यतच रय- दश. एर ऐदसर ूा रा अस इा रद भषर शटे झले ा यच दे उभय व ् बळग स.य यतय वभव जस एर ा दश सेच अय रद धशरेद दशे. य धशयतच वचारेयवय ाठल भष च आढव ूि  दिशा द. ि मिदजे यच अथ  सवारातय

    धचे आि र ब चे भषेय े्ल रय  रिश र लेल   अस दे. य ले -

    सतदल एरेर ले मिदजे िज ूजळ ल आदे. यल े रिशद भषयसरलआय तच आि सजूीच वचा राव लगेल. ाठ भषेल, चळवळल जेवढेझ तजा े े लभल े वेढ े द थल अय रिशयद भषले चच लभल े असल. आिलल धसाय ध छय वाल फू िेा, भाल अेर ‘धत ’  रयवेू ले ठिवा, रय णयवाल अतधा रशठद भवा दरय लिदा दअसय वा, अतू स स टर दशच ए भषेय यरल शभव अ चळवळयच एरिे द नेश, द एर वल्ि चराच व लगेल ! वज दाज, ले,रल यतय साे अेरतग ेचे वाच सवारातय लेसठ आठवव ेलगल, आि

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     अनुमिणका  

    अ असय रारतय रृ वद सवारातच े रृ व असय ठाेल. भष यसलशचय े सवारातय ऐदसर र ृवचदे िा झयवय ादिा द. 

    सवारातय भष - वषयर लेतचे  ि र ‘सदय सतरृ तळ ’ े रेवळ

    भष - य रयलच दभा लवल आदे असे  दे, ा एर असय दाय वायचाच े ःिा र ले आदे. यबल सदय सतरृ तळच ेअभत िरा ेजा आद.ेयतय णयर यतय दल द लवणयच सतध ल यत ल यबल यतच आभाआदे. 

    ३ शदेमबा १९७७.  िे वठ ासा,  ि े७. 

    शीकृि के. ीसार  

    •• 

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     अनुमिणका  

    माठी भाेच ुीकि  

    [पूधथ]

    १. गेय अच-  वषत मिदज े ाठ भषेय अ  कदसर रलत यवा बटूजणयच सतग, भष बशिलय लशरतवा बटू जणयच थ सतग रशसळल ेदतच आल दश.अअ   लज ्ि े जरयता सल ध द लशरतस आले रतिआणयच न व सतग ूा य जेदत रा चलल व जेदत  यय अधचतय अतध र अ   जेतद ायस आल वस वळल द सू यअे  ू च मल झल ेदतच सलभष द भषेसद आले रत िआणयच य रत लगल. 

    मुसमानाचंी अी भााच नाह  

    २. सलती द थत वःच अ रिशद भष िआल दी. सल दे रतदीअल लशरतसाे अ  रेच ाचे लशर सय यतच सवतच ळू ळी अ  ेर भष अदच. ठि, र, आाब, अ ाि अ य य अेर ज व ा वळेशवळे द थत वयर आली यतय , अ ाि अय ााय भष दशय. अ र च दे ा य भषताा ेष व ारा ाठ अ ज भषतय ेवस आद ेयदू अधर वस दश. अस सतगरी, दत कगतबारे अ  ेरत अ  रे ाेय य आल. दत आाब भष वचाल, ‘ू त रिश ?’ य भष अ   ा ल “ अ  रे ठि आद. आच े अािय लरे आदे.” दतस य

    ठिचे े रत व नशगाे अ  करू व े सजय थश च येअ  ू श मिदल, “य अ ! दच ारतल भष !” 

    ३. आाब, अ ाि, अ य भषत अ र व असतद आाब द सलतयधतथच -रािच -भष असय व राि रेवळ आाबीच   वचल जव, अथ रळल ा आाबी वचल जव, अ र च दे ा यच भषता िरा व विच शद रािवचयथली वर दशअ  ू त र दी, य थ ेवस ोच दी, अस मििदाे व रतदी ा रािचभषता िरा आदे अस  िराा ेलव अजूद रती सदती जवत असय

    सलतय सव भषतवा आाबच ग बाच बसलेल दश. बथतू सल जेदत अाित न सले सव अ ािभा आय धच फक लव रतदी लवा, रतदी आष रतदीअ   े रा, यती अ ाि सलय र टरल ेदत अ ाितल रवलेय ा स ता अाि भषे आाब भषेवा धर े् सशू अ ा सव वषयत आल िू वचव थरेल . 

    अणख मुसमानाचंी अ  ेक भाा िहो य णदसत नाह  

    ४. य व बय य श भषत  आजरलय सल ातल य भष दश.

    सल सतरृच े दे श आधातभ दश. ात   लॅट व र य श भष जा य ाशय

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     अनुमिणका  

    सतरृय य आधा आदे ा य ाशच अ  ेर भष आदे अस जस मिदत  ये दी सच सलतच मिदू अ  ेर भष आदे व दश दद आाब व य भष यतच सतरृ य झलेलआदे मिदू मिदत  ये दी. यतद ूवच धवे भव सतू आत ा य भवचे अ   यजसजस दश ज आदे सस य य सल ास आआय ाय भषेच अभ

    आाबे्तद अधर वट आदे. रथ ा र भषवेाल आाब भषेच वचव झ गाणयचअ   न ञ रेल असू ळू आाब रिव बयच अती बत रेल आदे. अफगिथदआल ाजरय ल य व आाबी ठेवणयच बत र ू त ठेवणयस स ाव रेल आदे.अ ा सव सलतच अ  ेर भष अ रधीच द द जर ा आदे र च दद ा आदेरी, दशअ  ू सव सल आाबसच आल अ  रे भष राल द य दी. द ‘ॅअल ’ धवे आ सफळ दशणयच य ढ ा ळीच चद स दी. 

    अ  ऱुदूची अ  ुपण  

    ५. सलतस यतच अ रिशच अ  ेर भष सय यतय टशय व सकय जेदत द थत था दशअ  ू त लगले व ाय थूत लगले ेदत ेथल लशरतय भषती यतय टशयतयभ भष भेसळ दशअ  ू त लगय. रिशयद  ास ज ात ाय चलवणयसठी अवय अिसाेवचातचे िळविळ श ाीी रात येे. एर ा ज ावा आल भष लू रव आियतच भष रू. सलतसाय ठूभा लशरती य ेत था वसद रेय,यतयत य िभा येथल द सजतल धतचच असय व यतय सतरृी व भष द सतरृवा व भषेवा ूि वचव थणयअर बळ व ेव ळतच सय यतस द लशरतचच भष रू यथे ाय राव लगल . 

    ात आज अल लशरतचे ना चरा िराय बबजीच भषेयवषयी ज थ दशेअच थ सलत रलेय दू तय भषेच झल. बबज लशरत बशलत सदबे दीचबशल, ि विेष ेवढी अ ज ू े, सच सलती द शराती बशलतद भष आय आाब, य व र भषल व वेिष न सू ली. ययशग जअजसू ‘बबज अल ’ अ   झल यचि द भषेसू अ   ू भष अ   झल. अ   ूय वच य भषेय ेचा रृच बशध दशश. सल लशर, थ सल सकर सतन,द थत न सय यतय सकयबात दजाो द शराचरा सस यतय सतनट द

    भषेच चा दशअ  ू आि यतच बशलत बशलत  ब व य यशगतच, तच व विेषतच भाू वरृ द अवत आल ;  “छिवील द,” मिदजेच अ   ू दे तव वल. रिा अ   ूय च र अथ लरा -से अस आदे. अलय ‘दश ’ द द यतचच ता दशअ  ून सल आदे 

    सल लशर थः तजबय व सधय बजसू न सू ी थावय यतर े अयत सधिा असलेल द भष अथ दय य रळय ूववतच रवलगल. मिदू आजरल सल द थत ज भष बशल ववर दच आदे. अ   ाद थत रसू वा शठश िह ततचे नाीद बयरतशातयत द लशरतच दच

    ृभष असय यत द सतगव  लग दी री सल ज भष बशल दच, द

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     अनुमिणका  

    लशरतचच, दशय. ात आय ्िेरे द लशर ाठ व र आ भष बशल असयअ  रे सल रेदत  रेदत  द बशलू त   लगल ा आयतल रो लशरत वट े री दच“ सल भष ” दशय. ि द फा शठ चरू आद,े “अधा आओ, अ   धा जओ ” द सल भषसू दूच द भष दशय. 

    अ  ऱुदू िहज ेणकृत आिण छीकृत हदी  

    ६. ा दत  अ   ू द ेल भष सू द भषचे अ  ेर वरृ आदे. अ   ूच ेसववभ यय, बद ेर विेष, सव ध सध, लगवचा, मिद, वय ाच, सव यिराअगी द आदे. रेवळ यत सूयल ‘आफब ’  मिदल, ायतल ‘अरलब ’  मिदल,ग ल ‘अ    ’ मिदल. मिदजे रतदी विेष ेवढी ारय आाब व य आदे. ीदअगी अलर े सलत द सतरृय व जेदत  ाद अ   दशअ  ू त  लगल ेदतसू

    जिूब जू न सणयत यअे  ू त लगली. आत जदील सल ववलयत ा अ   लू दभषेसू जर ूा वेवले र णेयच भगाथ य स झलले आदे! ात द आतययबजसू झलेय झल बयतल ाेचे रद नल ा झ जवत ादलशयत द आतयचच ािदा द अ   न आदे. 

    हदीची दुैती  

    ७. थ द भषेय ब ी द बय ाेच नल जणयच द अ  ेरसाचलू तच ादल ा द भष लवराच िाश दशअ ल द अ   न आदे. तजबत, अ   ाद थत व सधय द ेसतरट य य भषतच गळ रस व र न ब झल द य य भषतूर ५० वा बय व य व र व य तय यतू स टणयच यरातद रल ढयतस श सध दी वच अ   न दश. अस रयेर आयसज ढाआदे री, यतय तू तजब व द भषेस य बय भषेय दयतू वतचवव व द भष ः ‘ िरा ’, र घयव अस आद.े ात  दे िराचे वचाद े रट रावयस गलेेरी यच बय तस िा ानयव यतस अ  ेर वयद लदत ये दी द यअ   ल ली ! रे द ल ा ठा ाल गेल ! सधय ाियसा धर लशर वचव गेच सध टर िठ रा, ि य ‘अलेफ ब,े ’े य ली !! गा व अय द

    ल स ्तय सदत अ  ेरलच ओळत यअे ल, लद ा अ  ेरलद ियेा दी. 

    माठीी म सकंट आिण याचा म णतका  

    ८. दच थ अअ   लज ्ि आयता ्िय द  भषचे झल अस,जवळ जवळ दशद आल दश. ात वायतय वायथेय य ज द जवजवच लट अ   झल ी व ययशग द ःसद थ सतू ाठवाच दल ेसतरट टळल.दाजतीद ान थ ततराव ाययवदा रश ाचवू, ाजल ाठी ठेववयस ातभरावू सतरृ भषेय अयसस अ   ेज ेअ  ू ाठस सल रचटीू सशवणयच यरेल. यच ािद दळू दळू दशअ  ू सदेब ेयतय अ   ा द थतल त व अती

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     अनुमिणका  

    अथ टर ‘दे लर ’ मिदू बसश. लर मिदजे ध, व भ.ू अथ अस ेसशे, आटशसाव स ता वरय असू ग य ारय तच अ र ाजशा आमदी रय मिदू चलू त  व !

    च थ ‘ज ’  च दशय. अ र लशर ज झले य वयत ज

    रढवयच मदटल ा यल टर स च द !  ज मिदज े नयळ, व्. जमिदजे नव, ्, ि द सतगयवाद श ोतूच द े ा लेिीूद ज दी.ाियसाय धतथय भषतातूद “ाचतय ध यसू स टलेय अशन ा यकयल जबा ज झल !” असली धेग जा वय सास ये अस. अ र य जेचज ाठय तसत शल गलेले आद.े सा अ   िदा “दव ” य च ! य दवे ाठच सवविवा अगी ूष र टरल आद.े विवाच द ेि ि ेल ! रिा रठलद िरस आदे द नल री, दव द ध वू यच ेठस लगलच मिदू सजव ! र े्च दवि रस आदे मिदू धतद वचात अ  करू त ये, ‘दवलट राणयसठ व दव

    णयसठी ’ अी वय धचयतय ठीूच दे ा तूद बळ र बसललेी स. यदवणयच िा आय ाठय आाशयवा अ र वअ ट झल आदे री, ‘दव ’ य चे 

    थळी ‘वय ’ द नलतच च ि अ   ज. दव णयस गेल असत च सशछ वसठर चलश, ि वय   णयस चल अस  मदटल री सशछ वसच य आये तभ दशअ  ूजे !

    कावयातं नड  

    ११. असे रो सल आजयत आय ाठ भष अ रे बळ दशऊ बसले

    आदे री, यच अथचे जे आले ूवीचे दशे यतच यती गसू ेल अ   त ल दी. बा देजे व ि ारय भष ढ दशऊ बसले े बद ध आय भषेय ढिस व वभवसअरे अाच व आाशय आदे री, यवदातू सदयत य ठेवतच यतची व्प अ   नरसयेे. यती यती चल वषयतवा रव राणयच य रेल असले यतस द अिच र ेद ठअ  ूर असेल. रव ‘दव ’  रद ातध   ू नेल ा रतदी रेय बस दी. ‘ाज ’ नेल दवचा रत लगव ा ाजेच ूळ ल प झलेल व अगत र ि ध दशऊ बसलेल ाज रतदी रेय रवेय रशल रृस िा असय चू बसू य वचाचच ‘ाज ’ घयव लगे!  गादयसाय वेतय रत जा “हवय ”  द आि अ   नि

    वत रो ा रव  -य र अढ व धेग जा सेल द सतगवयस रशच. आमदतलअस अ भव आदे री, अेर वेळत  यवदात “य, दजा ”  अय सल य अथ ढझलेले आदे श अथ रव य िरा अगी रठि दशअ  ू बस. सल यव रवसे व द ; थर वरय सतरृ नल ा थव वचरतस सज दी. 

    आजच कऱतवय आिण याकडे िहोा ोकाचं दुऱ  

    १२. अ थ द तग ि नलवणयस ाठ भषेय िराच वज दाजतीआातभलले, शाशतरत सथलेल लराती वलले च द रय ढ चलवूवभषल ादलसदल नि ध वू रढणयसठी  झिट द येर वभषेवा े िराय षतच

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     अनुमिणका  

    रय आदे. ि आयच गश अ री, आजरल ाठ भष अ ज न सू णेयच यजा बाच स सतगि चलल आदे ा रिा न सलेय व आत अग ाजशा दशअ  ू बसलेय सल तच नि न वू रढणयरे रिशचच ल् ज दी. अ र च द ा य त िज  त रय रतदी अभ त भालले आद े अस सजू यतच अ   यशग राणयत रयेर भिूष ू त

    लगल ेआदे. 

    जुया माठीची णपऱयत कलपना आिण ‘ाणही ’ कणता  

    १३. ूव सल ाजस न सलले ेज ेमलछ ेवअ ी आढळ दशे, ात स कवजे यता ल पय दशअ  ू गेले व थर ळूच ेव व ेस ता ः ढ झले, े मलछ दजिूब जू “ज ाठ ” मिदू अ   र रढू आजय ाठी न सणयच रतदी लशर जश यरा आदे श दू दतसव री ाव द सज दी. यच वय रे ेा झलले ‘दा

    रव ’ मिदू अ  रे व बत जू त द आदे. ज य शवतय धचच, दे-

     ्मय, च य ददश-ा यतल मलछूष भषचेद अ िरा राणयतच दतव ध यत आि रतदी अयरा आदो अस सज जश आजरल रयेर ठरिी सा चललेल आदे, श अ र सशणयत येअ ल र बा. 

    “दा ” रव ज अ  रे राच अ  कट व जवति सू येश श ील मलछ तच ेयशग आलेल दी. श य वळेय ाजरय आय यय जवति े आलले आद.े अ  कट यत सू यतल िवय असलेय अथत आदे. यत जे ष जश ा गजव यतचृच ी रव अ  करतत स अ   ेज व अ   फू रा ज. ययशग ी रव यवर

    ासभा वटतू लग, जवत स. यतल मलछ ती ी ी स दी. अ   लट दे मल छ यतल वतयासच वाासच रेदत रेदत ा थशस भतगच रा. रिा यलढअ चे शवत भा वजयचे रयत जेदत  सल तच ा रतवा दशअ  ू त लगश ेदत  सल शफतच ा ाठ धारयी बत रेय विटा रृथ थश अ ाच वटतू लग.े 

    ाद य जवत रळस  सव शभ दश. ि आत  जवत ाजरिा ेय श वाासरेवळ य तय जशावा ूिि िआू त  दि वेेिच दशअ ल. जेद जरशज चढयावासद िात चलू नेल ेदत  यचे अतगवाल आनयनत ाबतबळ व गि

    झललेी वद शभ व दशी ; ि मिदू जा अ  ेर िेय यवा ी व ीच आि चढवबसतू ा श जरशज दशत  रेवळ यच जव ळच रय श दशअ ल. ाद ज य ाठचय र स टस टि, सरसि व सेशि आि अ राणयच य रत च रत . ि शज य ाठच ;  सल ाठच दे. 

    ज य “दा ”  रव असलेले सल य रे वू रढू टरणयचे थली, य रवचे लतछ -जा य ेजत ल प दशअ  ू ज ा सू टरणयच ेथली, िजू त रय े च च भिूष, , द ेजव आद,े अस सजू यच अ िरा िरा व य ेलेयस ः जवत िरा द ाठ भषेवा गलेले ेसतरट फ आियसा दिशा आदे. 

  • 8/19/2019 BhashaShuddhi by VD Savarkar

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     अनुमिणका  

    “दा ” द द ययच आदे. दा मिदजे रव. ेदत दा रव यच अथ रवीचरव ! दा मिदू य व सतयच बशध राणयत येश शच बशध भट व गोधळ य तूिि य दशश. जा श अथ रिशस य दश दीस वटल ा श रेवळ सतवयच िाआदे. शचा वषत य ज य ती शच बशध येरस दशअ  ू त लगेल. 

    हा न अ ेखाददुसऱया दाचा नाह त ृीचा आह े

    १४. द य वृ रो मलछ ाठी ाजशा दशअ  ू ादले आदे व “दा ” रवेय ढू अ िराच े भात ेलले े जवत दशअ  ू त द आदे, य च रलेय “वृच ” दशय. दवृ जोवा अजू वच आद े ोच य िासू ाठच सतिा् राणयसठी द ज िराच चळवळ स िरा ः प आदे. 

    मुसमानाचंी घातक महाकांा  

    १५. िआ अ  ेर रिारात ाठय च चळवळ आज अगी अवय दशअ  ू बसलआदे. ग आमदी सतगलच आद ेरी, य भषसे ्ि  आि ‘ सल ’ भष मिदू मिदो सल सू ‘द ’  मिदजे य द थतच जलले, वढलले व सलती दू तसूरलेल अ  रे द भष दशय. ात  च भष ेवगा ली लदणयचे थली ाय यली लदणयच भयतरा सल ायत य व य ल ाज शालसाय ा द राभयसू ो लल लजायसाय अवच लेरतयत अ   ाद थतल दजाो द लेरती दे ूवर व य मिदू अ   चलू धाय  व सलतयसदवस यत ब, फास व र निल मिदजे लेरय श वेच िरादशय, द र व ढ बळव गे�