ch-04assets.vmou.ac.in/ch04.pdf · 3 ch-04 रसायन jव£ान वध[मान...

193
1

Upload: others

Post on 30-Jul-2020

25 views

Category:

Documents


0 download

TRANSCRIPT

  • 1

  • 2

  • 3

    CH-04 रसायन व ान

    वधमान महावीर खुला व व व यालय, कोटा

    यो गक रसायन इकाई स ं इकाई पृ ठ सं. भाग 1 अकाब नक रसायन इकाई 1 : गणुा मक पर ण : मलूभूत अवधारणाएँ Qualitative Analysis :

    Basic Principles 6—16

    इकाई 2 : अ ल य मलूक (ऋणायन )का मब गणुा मक व लेषण Systematic Qualitative Analysis of Acid Radicals(Anions)

    17—33

    इकाई 3 : ारक य मूलक (धनायन ) का शु क पर ण (Dry Tests for Basic Radicals(Cations)

    34—45

    इकाई 4 : ारक य मलूक का आ पर ण के अनसुार वग करण व उनके आ पर ण (Classification of Basic Radicals According to their Wet Test and their Wet Test)

    46—76

    भाग 2 काब नक रसायन इकाई 5 : योगशाला तकनीक (Laboratory Techniqes) 77—86 इकाई 6 : त व का पर ण (Detection of Elements) 87—95 इकाई 7 : या मक समूह के पर ण (Tests of Functional Groups) 96—113 इकाई 8 : काब नक यौ गक का व श ट पर ण वारा अ भ नधारण एव ंउनके

    संभा वत यु प न (Special Test for Determination of Organic Compounds and Their Possible Derivatives)

    114—132

    भाग 3 भौ तक रसायन इकाई 9 : पृ ठ तनाव (Surface Tension) 133—140 इकाई 10 : व का सता (Viscosity) 141—148 इकाई 11 : रसाय नक बलग तक (Chemical Kinetics) 149—164 इकाई 12 : वतरण गणुाकं [Distribution(Partition)Coeffcient] 165—174 पा र श ट

    1. पर ा मे पछेू जाने वाले न (Oral Questions for Viva-Voice) 175—186 2. योगशाला मे यु त होने वाले अ भकमक को बनाना (Preparation

    of Reagents used in Laboratory) 187—193

  • 4

    पा य म अ भक प स म त अ य ो. (डॉ.) नरेश दाधीच

    कुलप त वधमान महावीर खुला व व व यालय कोटा(राज थान)

    संयोजक/ सम वयक एव ंसद य वषय सम वयक ो. सी. के. ओझा नदेशक अकाद मक महा मा गांधी इं ट यूट ऑफ ए लाइड साइसेंज, जयपरु (राज.)

    सद य स चव / सम वयक डॉ. अशोक शमा सह आचाय, राजनी त व ान वधमान महावीर खुला व व व यालय, कोटा

    सद य 1. ो. पी.एन. कपूर

    रसायन व ान वभाग द ल व व व यालय, द ल

    4. ो. वी.एन. पाठक रसायन व ान वभाग राज थान व व व यालय, जयपुर

    7. डॉ. रो मला करनावत रसायन व ान वभाग वै दक क या महा व यालय, जयपुर

    2. ो. रेणुका जनै रसायन व ान वभाग राज थान व व व यालय, जयपुर

    5. ो. पी.एस. वमा रसायन व ान वभाग राज थान व व व यालय, जयपुर

    8. डॉ. के.के. शमा सेवा नवृ त , उप ाचाय (कॉलेज श ा, राज. सरकार) अजमेर 3. ो. आर.सी. ीवा तव

    रसायन व ान वभाग लखनऊ व व व यालय, लखनऊ

    6. डॉ. आई. के. शमा रसायन व ान वभाग राज थान व व व यालय, जयपुर

    स पादन तथा पाठ लेखन स पादक

    ो. सी. के. ओझा नदेशक अकाद मक

    महा मा गांधी इं ट यूट ऑफ ए लाइड साइंसेज, जयपुर (राज.)

    लेखक डॉ. ( ीमती) अ नता शा त

    रसायन व ान वभाग वै दक क या महा व यालय,

    जयपुर

    लेखक डॉ. ( ीमती) शमा चौहान

    रसायन शा वभाग महा मा गांधी इं ट यूट ऑफ ए लाइड साइंसेज, जयपुर (राज.)

    अकाद मक एव ं शास नक यव था ो. नरेश दाधीच

    कुलप त वधमान महावीर खलुा व व व यालय,कोटा

    ो. अनाम जेटल नदेशक

    संकाय वभाग

    ो. पी. के. शमा नदेशक

    पा य साम ी उ पादन एव ं वतरण वभाग

    पा य म उ पादन योगे गोयल

    सहायक उ पादन अ धकार वधमान महावीर खुला व व व यालय, कोटा

    उ पादन दस बर 2007 इस साम ी के कसी भी अंश को व.म.ख.ु व. कोटा क ल खत अनुम त के बना कसी भी प म अथवा म मयो ाफ (च मु ण) वारा या अ य पनुः ततु करने क अनुम त नह ंहै। व.म.खु. व. कोटा के लये कुलस चव व.म.खु. व. कोटा (राज.) वारा मु त एवं का शत

  • 5

    तावना

    वधमान महावीर खलुा व व व यालय के थम वष व ान के व या थय के लए वशेष प से इस यो गक रसायन क पिु तका को लखा गया है। पु तक के लेखन मे जहाँ एक और व भ न योग के स ांतो को सरल भाषा मे समझाया गया है वह दसूर और उन योग को योगशाला मे

    बना कसी श क को वशेष सहायता से करने के मता का वकास करने का यास कया गया है। इकाई एक से चार तक अकाब नक अ ल य एव ं ार य मूलक और सामा य लवण एव ंम ण के व लेषण का सरल भाषा मे वणन कया गया है। व याथ पु तक मे दये गए मब ववरण से कसी भी लवण म ण मे उपि थत धनायन एव ंऋणायन का गणुा मक व लेषण कर सकता है इकाई पाचँ से आठ तक काब नक यो गक के मब गणुा मक व लेषण लो समझाया गया जय इकाई नौ से बारह तक भौ तक रसायन से संबि धत योग के स ा त एव ं योग का वणन कया गया है । पु तक मु यता यो गक रसायन से संबि धत होने के कारण इसमे अ त आव यकता सै ां तक ववेचना ह क गई है यो गक काय पर अ धक यान दया गया है ।

    संपादक

  • 6

    इकाई 1 गुणा मक पर ण : मूलभूत अवधारणाएँ

    Qualitative Analysis: Basic Principles इकाई क परेखा

    1.0 उ े य 1.1 तावना 1.2 आयनन का स ा त 1.3 वलेयता गणुनफल

    1.3.1 वलेयता गणुनफल के अनु योग 1.4 सम आयन भाव 1.5 संकुल आयन 1.6 साराशं 1.7 श दावल 1.8 संदभ थ

    1.0 उ े य (Objective) इस इकाई म आप अकाब नक म ण के व लेषण म यु त व भ न स ा त के वषय म न न जानकार ा त करगे: 1. अकाब नक म ण के अवयव वलयन म आयन के प म उपि थत रहते ह, िज ह

    अ भकमक से अ भ याओं वारा पहचाना जा सकता है । 2. अकाब नक गणुा मक व लेषण म वलेयता गणुनफल का वशेष मह व एव ंअव ेपण

    का स ा त । 3. गणुा मक व लेषण म सम आयन भाव का मह व । 4. संकुल आयन का गणुा मक व लेषण म मह व एव ंअनु योग ।

    1.1 तावना (Introduction) रासाय नक व लेषण दो कार के होते है- 1. गणुा मक व लेषण 2. मा ा मक व लेषण गणुा मक व लेषण - वह व ध िजसम पदाथ या उनके म ण म उपि थत अवयव क पहचान उनके गणु जसेै - रंग, वलेयता, न का सत गसै, गसै क गधं तथा रासाय नक अ भ याओं के आधार पर क जाती है उस व ध को गणुा मक व लेषण कहते है । मा ा मक व लेषण - वह व ध िजसमे पदाथ का व लेषण उसम उपि थत अवयव के आपे क अनपुात के आकलन म यु त होती है,उस व ध को मा ा मक व लेषण कहते है।

  • 7

    ाय: अकाब नक म ण वलयन म दो कार के आवे शत कण म वभ त हो जाता है, इ हे मूलक कहते है । मूलक समान या भ न भ न त व के परमाणुओं के समूह होते है । रासाय नक पर ण से इनक पहचान क जा सकती है । ये आवे शत होते है । अत: इनका वतं अि त व नह ंहोता है, जैसे लैड (pb2+), ए यू म नयम (A13+), लोराइड (CI-),

    काब नेट (CI32) एसीटेट (CH3COO-) आ द । मलूक दो कार के होत ेह:- 1. भाि मक मलूक या ारक य मलूक - ये ार से ा त धन आवे शत धातु आयन होते

    ह जैसे – Pb2+, Cr3+, In2+आ द 2. अ ल य मलूक - ये से ा त ऋण आवे शत अधात ुआयन होते ह जसेै – C1-, Br, So-2-4

    आ द । अ ल य व ारक य मलूक के व लेषण के वषय म बताने से पवू, इस इकाई म, गणुा मक व लेषण म यु त होने वाले मलू स ा त के वषय म पढगे -

    गणुा मक व लेषण म यु त होने वाले मलू स ा त न न है -

    1.2 आयनन स ा त (Ionisation Theory) आयनन स ा त के अनसुार जब कसी व यतु अपघ य को जल म वलेय कया जाता है तो वह दो कार के वपर त आवे शत आयन म वभ त हो जाता है । धन आवे त (कैट आयन) िज हे ारक य मलूक (भाि मक) कहते है तथा ऋण आवे शत आयन (एन आयन) िज हे अ ल य मूलक कहते है । गणुा मक व लेषण का आधार आय नक अ भ याएँ है । इस स ा त के अनसुार अकाब नक म ण के अवयव वलयन म आयन के प म उपि थत रहत ेहै, िज हे व श ट अ भकमक से अ भ याओं वारा पहचाना जाता है । उदाहरणाथ स वर लवण के वलयन म स वर आयन क पहचान, व श ट अ भकमक HCI वारा स वर लोराइड के वेत अव ेप वारा क जाती है । अ भ या को न न आय नक समीकरण वारा लखा जा सकता है -

    Ag+ + CI AgCI वेत अव ेप

    गणुा मक व लेषण म व भ न अ ल य तथा ारक य मूलक क पहचान हेतु सभी अ भ याएँ आय नक अ भ याएँ होती है । य द आयन सकुंल आयन के प म हो तो वे साधारण आयन का पर ण नह ं देते । यह कारण है क पोटे शयम फैरोसाइनाइड K4Fe (CN) तथा पौटे शयम टै ाएमीन यू ेट मश: Fe3+व Cu2+आयन का पर ण नह ं देते है । इसी लए काबन टे ा लोराइड भी लोराइड आयन के सामा य पर ण नह ं देता, य क वह आय नत नह ंहोता है अत: लोराइड आयन ा त नह ं होते है ।

    1.3 वलेयता गुणनफल (Solubility Product) कसी वलेयशील व यतु अपघ य क ाम म वह मा ा जो नि चत ताप पर वलायक के एक ल टर आयतन म पणू वलेय हो उसक वलयेता कहलाती है । ि थर ताप पर वलायक

  • 8

    के एक ल टर आयतन म व यतु अपघ य क यह नि चत मा ा वलेय करने पर संतृ त वलयन बन जाता है । इस संतृ त वलयन म इसी ताप पर और अ धक व यतु अपघ य मलाने पर वह अ वलेय रहता है । इस अव था म अ वलेय व यतु अपघ य, अनाय नत व यतु अपघ य तथा आय नत व यतु अपघ य के आयन के म य एक सा य, न न कार था पत हो जाता है । य द व यतु अपघ य को AB से द शत कर तो -

    AB अ वलेय (ठोस)

    AB वलेय

    A+ + B-

    (आयन वलयन)

    दोन सा य म य अनपुाती या के नयम को लगाने पर

    सा य ि थरांक, k1 = [ ] [ ][ ( वलेय)

    ...... (i)

    और k2 = [ ] ( वलेय)]

    [ (ठोस)……………….(ii)

    जहाँ K1 और K2 मश: सा य ि थरांक है और K एक अ य ि थराकं है । चू ं क वलयन संतृ त है और ठोस व यतु अपघ य के स पक म होता है, अत: (AB (ठोस)) ि थर ताप पर एक ि थरांक होना चा हए । अत: [A+] [B-] = K x ि थरांक = Ksp यहाँ Ksp एक ि थरांक है िजसे वलेयता गणुनफल कहते है । अत: कसी नि चत ताप पर कसी व यतु अपघ य का वलेयता गणुनफल उसके संतृ त वलयन म आय नक सा ताओं का गणुनफल होता है । आय नक सा ताओं को ाम मोल त ल टर म य त कया जाता है । नि चत ताप पर कसी व यतु अपघ य का वलेयता

    गणुनफल का मान नि चत होता है । वलेयता गणुनफल तथा अव ेपण – जब वलयन संतृ त होता है तब आय नक गणुनफल और वलेयता गणुनफल बराबर होते है िजससे न न बात प ट होती है (i) जब आय नक गणुनफल वलेयता गणुनफल से अ धक हो जाता है तो वलयन अ त

    संतृ त होता है और अव ेपण हो जाता है । (ii) जब आय नक गणुनफल वलेयता गणुनफल से कम रहता है तो वलयन असंतृ त

    होता है और अव ेपण नह ं होता है । यह अव ेपण का स ा त कहलाता है और इसे न न कार सं ेप म कट कया जा सकता है । [A+] [B-]

    < Ksp असंतृ त वलयन ( वलेय)

    [A+] = Ksp संतृ त वलयन

  • 9

    [B-] [A+] [B-]

    > Ksp अ तसंतृ त वलयन (अव ेपण)

    1.3.1 वलेयता गणुनफल के अनु योग –

    गणुा मक व लेषण म वलेयता गणुनफल धारणा के अनेक अनु योग है । स ा त को समझने के लए अव ेपण के न न उदाहरण दये जा रहे है - समूह 1 के मूलक के लोराइड का अव ेपण समूह अ भकमक तन ुHCI के वारा Pb, Hg (अस) और स वर लोराइड अव े पत हो जाते है । जो सभी तन ुHCI म अ वलेय होत ेहै । इन मूलक के लोराइड के आय नक गणुनफल वलयन म मश: अपने वलेयता गणुनफल से अ धक होते है और इस लए इनका अव ेपण होता जाता है । इसके वप रत अ य लोराइड, उनके वलेयता गणुनफल काफ अ धक होने के कारण अव े पत नह ं होते । कुछ धाि वक लोराइड के वलेयता गणुनफल सारणी 1॰1 म दये गये है । सारणी 1॰1 298 K पर कुछ लोराइड के वलेयता गणुनफल

    यौ गक वलेयता गणुनफल PbCI2 2.4 x10-4 Hg2CI2 3.5 x 10-18 AgCI 1.5 x 10-10 Cu2CI2 1.0 x 10-6

    समूह II और IV के मूलक के स फाइड का अव ेपण गणुा मक व लेषण म समूह II के मलूक के स फाइड तन ुHCI क उपि थ त और समूह IV के मलूक के स फाइड केवल ार य मा यम म अव े पत होते है । समूह II के मलूक के स फाइड : वलयेता गणुनफल के आधार पर इन स फाइड को तीन े णय म वग कृत कया जाता है-

    (i) ऐसे धातु स फाइ स िजनके वलेयता गणुनफल बहु त ह कम होते है । जसेै HgS, Bi2S3,CuS

    (ii) ऐसे धातु स फाइ स िजनके वलयेता गणुनफल न तो बहु त कम ह होते है और न ह बहु त अ धक जैसे CdS ओर PbS

    3. ऐसे धातु स फाइ स िजनके वलयेता गणुनफल काफ अ धक होते है जसेै ZnS, MnS, NiS और CoS

    अव ेपण के नयम अनसुार य द आय नक सां ताओं का गणुनफल अथात ्(धनायन) x [S2-] धाि वक स फाइड के वलेयता गणुनफल से अ धक होता है तो अव ेपण हो जायेगा । य द

  • 10

    आय नक गणुनफल (धनायन) x [S2-] धाि वक स फाइड के वलेयता गणुनफल से कम होता है तो कोई अव ेपण नह ं होगा । कसी नि चत ताप पर संतृ त वलयन म (धनायन) x [S2-] ि थर होता है । अत: आय नक गणुनफल वलेयता गणुनफल से अ धक हो जाये तो यह आव यक है क कसी एक या दोनो आयन क सा ता को बढ़ाना होगा । धाि वक आयन क सा ता ाय: अ धक नह ं बदल जोती । इस लए यह उ चत होगा क स फाइड आयन क सा ता को ह बदला जाए िजससे क पया त स फाइड अव ेप ा त हो सके या कोई वशषे स फाइड वलयन म ह बना रहे। H2S एक दबुल अ ल है जो न न कार आय नत होता है

    2

    2

    H S H HS

    HS H S

    य अनपुाती या के नयम को लाग ूकरने पर 2

    H S का आय नक ि थराकं न न समीकरण वारा कट कया जाता है:

    2

    2

    2H X SH S

    = K ......(iv)

    समूह II मे HCI भी उपि थत रहता है, जो न न कार आय नत होता है: HCI H CI

    HCI के आयनन के कारण H+ आयन क सा ता बढ़ जाती है और इस लए समीकरण (iv) के अनसुार स फाइड आयन क सा ता कम हो जाती है । फल व प केवल वे ह स फाइड अव े पत हो पाते है िजनके वलेयता गणुनफल कम होते है जैसे HgS, CuS, Bi2S3, PbS, CdS, As2S3, Sb2S3 और SnS2 आ द । अ य स फाइड जैसे Fe, Zn, Mn, Ni, और Co से स फाइड वलयन म ह रहते है य क उनके वलेयता गणुनफल अ धक होते है । स फाइड आयन क इतनी कम सा ता कभी कभी अ ल के आ ध य म CdS को अव े पत करने के लए अपया त रहती है । अत: ऐसी प रि थ त म कभी कभी वलयन को तन ुकरने के प चात H2S गसै से संतृ त करने पर अव ेप ा त होने मे सहायता मलती है । समूह IV मूलक के स फाइड समूह IV के स फाइड अमो नयमय मा यम म अव े पत होते है । इस समूह के स फाइड के वलयेता गणुनफल अ य धक ऊँचे होत ेहै और इस लए स फाइड आयन क काफ अ धक सा ता क आव यकता होती है । NH4OH न न कार वयोिजत होता है -

    4 4NH OH NH OH

    OH आयन H आयन (2

    H S ) के साथ संयोग कर जल के अ वयोिजत अणु बनाता है

    । इससे हाइ ोजन आयन क सा ता घट जाती है और समीकरण (iv)के अनसुार स फाइड आयन क सा ता अ या धक बढ़ जाती है िजसके फल व प समूह IV के मलूक के स फाइड का अव ेपण हो जाता है ।

  • 11

    कुछ स फाइड के वलेयता गणुनफल सारणी 1॰2 म दये गये ह । सारणी 1.2

    298 K पर स फाइड के वलेयता गणुनफल यौ गक वलेयता गणुनफल यौ गक वलेयता गणुनफल PbS PbS PbS 1.4 ×10

    CdS CdS CdS 1.5 ×10

    CuS CuS CuS 1.2 ×10

    HgS HgS HgS 1.4 ×10

    Bi2S3 Bi2S3 Bi2S3 3 ×10

    हाइ ो साइड के प म अव ेपण और NH4CI का उपयोग – स फाइड क भां त हाइ ा साइड को न नां कत े णय मे वग कृत कया जा सकता है - (i) कम वलेयता गणुनफल वाले धातुओं के हाइ ॉ साइड जैसे Fe, AI व Cr के हाइ ो साइड

    । (ii) कुछ अ धक वलेयता गणुनफल वाले धातुओं के हाइ ो साइड जैसे Zn, Fe (अस), Co,

    Ni और Mg के हाइ ो साइड (iii) काफ अ धक वलेयता गणुनफल वाले धातुओं के हाइ ो साइड जसेै Ca, Ba और Sr

    के हाइ ो साइड । ेणी (iii) के हाइ ो साइड हाइ ाि सल आयन क उ च सा ता क उपि थ त म भी अव े पत नह होते है ।

    ेणी (ii) के हाइ ो साइड के अव ेपण को रोका जा सकता है य द हाइ ाि सल आयन क सा ता काफ कम कर द जाए । अमो नयम हाइ ॉ साइड एक दबुल ार है और न न कार आय नत होता है

    4 4NH OH NH OH

    उपयु त सा य म य अनपुाती या का नयम लगाने पर –

    2

    4

    4

    NH OHK

    NH OH

    अमो नयम लोराइड एक बल अ ल का लवण होने के कारण एक बल व यतु अपघ य है और लगभग पणूत: न न कार वयोिजत हो जाता है

    4 4NH CI NH CI

    य द वलयन म 4NH CI और 4NH OH दोनो ह एक साथ मलाये जाएँ तो

    अमो नयम आयन क सा ता अ या धक बढ़ जायेगी और आय नक ि थरांक K का मान ि थर रखने के लए OH आयन क सा ता काफ घट जाएगी। अत: अमो नयम हाइ ॉ साइड से पवू अमो नयम लोराइड के मलाने से 4NH OH

    का

    आयनन इतना कम हो जाता है क मै नी शयम, िजकं आ द के हाइ ॉ साइड समूह III के

  • 12

    हाइ ॉ साइड के साथ अव े पत नह ंहोत ेहै । Fe, AI व Cr के हाइ ॉ साइड का वलेयता गणुनफल कम होने के कारण, इस प रि थ त म ये ह अव े पत हो पात ेहै । अत: उपयु त ववरण से यह प ट हो जाता है क अव पेण करने के लए आव यक हाइ ॉि सल आयन को ा त करने के लए एक बल व यतु अपघ य 4NH CI क उपि थ त म एक दबुल व यतु अपघ य 4NH OH का योग यो करते है । कुछ हाइ ॉ साइड के वलेयता गणुनफल सारणी 1.3 म दये गये है -

    सारणी 1.3 298 K पर कुछ हाइ ो साइड के वलेयता गणुनफल

    III. समूह के हाइ ो साइड वलेयता गणुनफल AI(OH)3 8.5 × 10-33

    Cr(OH3)3 2.9 × 10-29

    Fe(OH)3 3.8 × 10-38

    IV. समूह के हाइ ो साइड Zn(OH)2 8.7 × 10-19

    Mn(OH)2 4.0 × 10-14

    ततृीय समूह के व लेषण से पवू नाइ क अ ल का उपयोग – आयरन समूह (ततृीय समूह) के व लेषण से पवू वतीय समहू के छ नत म सा नाइ क अ ल मलाया जाता है । इसके मु य दो कारण है (i) यह फेरस आयन को फे रक अव था म ऑ सीकृत करता है । 4NH CI क

    उपि थ त म फेरस हाइ ॉ साइड पणूत: अव े पत नह ं होता, चूँ क इसका वलेयता गणुनफल (4.8 x 10-16) फे रक हाइ ॉ साइड के वलेयता गणुनफल (3. 8 x 10- 38) से कह ं अ धक होता है । अमो नयम लोराइड क उपि थ त म इतने हाइ ॉि सल आयन ा त नह ं होते क फेरस आयन और हाइ ॉि सल आयन क सा ता का गणुनफल Fe (OH)2 के वलेयता गणुनफल से अ धक हो जाए ।

    (ii) य द म ण म कोई काब नक यौ गक उपि थत हो तो नाइ क अ ल से उनका भी वघटन हो जाता है।

    पचंम समूह के धनायन का Ba2+, Sr2+, Ca2+ के म म अव ेपण- पचंम समहू के मूलक ोमेट के प म अव े पत होते है । क तु चतथु समूह के छ नत म k2 CrO4 डालने पर केवल BaCrO4 अव े पत होता है िजसका कारण उसके वलेयता गणुनफल के मान का कम होना है । पचंम समूह के ोमेट के वलेयता गणुनफल न न है -

    BaCrO4 ksp = 1. 17 x 10-10

    SrCrO4 ksp = 3. 75 x 10-5

    CaCrO4 ksp =7. 1 x 10-4

  • 13

    1.4 सम आयन भाव (Common Ion Effect) य द कसी दबुल व यतु अपघ य के वलयन म कोई ऐसा बल व यतु अपघ य डाला जाये िजसका एक आयन समान हो तो दबुल व यतु अपघ य के आयनन क मा ा म कमी आ जाती है । इसे ह समआयन भाव कहते है । जसेै - ए स टक अ ल का आयनन न न कार से होता है -

    3 3CH COOH CH COO H

    यानपुाती या के नयमानसुार

    वयोजन ि थरांक Ksp = 3

    3

    CH COO HCH COOH

    ए स टक अ ल म य द सो डयम ऐसीटेट मलाया जाये िजसका आयनन न न कार होता

    है - 3 3CH COONa CH COO Na

    वलयन म ऐसीटेट आयन ( 3CH COO ) क सा ता म वृ हो जायेगी । इस अव था

    म वयोजन ि थराकं Ksp को ि थर रखने के लए H+ आयन क सा ता म कमी होनी चा हए । ऐसा करने के लए ऐ स टक अ ल के आयनन म कमी हो जाती है । गणुा मक व लेषण म सम आयन भाव का बहु त मह व है तथा इसका खूब उपयोग कया जाता है । कुछ उदाहरण न न है (i) जैसे क हम पढ़ चकेु है क वतीय समूह के आयन को स फाइड के प म

    अव े पत करने के लए कम S2- आयन क आव यकता होती है । अत: अ ल य मा यम म H2S गसै वा हत करते है । अ ल (H+) क उपि थ त म दबुल व यतु अपघ य H2S का आयनन और कम हो जाता है तथा केवल वतीय समहू के आयन के लायक स फाइड आयन ा त होते है –

    22 2H S H S

    (कम आय नत)

    HCI H CI (अ या धक आय नत) (ii) इसी कार ततृीय समूह म 4NH OH के आयनन को कम करने के लए 4NH CI

    मलाते है िजससे केवल ततृीय समूह यो य OH-आयन ा त होत ेहै तथा ततृीय समूह के मूलक के हाइ ॉ साइड ह ा त होते है -

    4 4NH OH NH OH (कम आय नत)

    4 4NH CI NH CI (अ धक आय नत)

    1.5 संकुल आयन Complex Ions एक साधारण आयन के उदासीन अणुओं अथवा वपर त आवेश वाले आयन क अ भ या से बनने वाले आयन को संकुल आयन कहते है, उदाहरणाथ

    Ag+ + 2NH3 [Ag (NH3)2]+

  • 14

    संकुल आयन Ag+ + 2CN- [Ag (CN) 2]-

    Cd2+ + 4CN- [Cd (CN) 4]2-

    संकुल आयन साधारणत: सामा य अथवा सकुंल आयन अथवा उदासीन अणुओं म वयोिजत होते है।

    [Ag (NH3)2]+ Ag+ + 2HN) 3

    [Cd (CN4)]2- Cd2+ + 4CN)- यानपुाती या के नयमानसुार

    42

    2

    4( )sp

    Cd CNK

    Cd CN

    यह spK आयनन ि थरांक है िजसे सकुंल आयन का था य व ि थराकं भी कहते है । संकुल आयन का गणुा मक व लेषण म अनु योग: कुछ मह वपणू संकुल आयन का गणुा मक व लेषण म अनु योग न न उदाहरण म बताया गया (i) अमो नया संकुल-

    AgCI के वेत अव ेप का NH4OH के आ ध य म वलेय होना, संकुल आयन के बनने का एक मुख उदाहरण है

    4 3 2 2( ) 2AgCI NH OH Ag NH CI H O

    कॉपर धातु या आयन के वलयन म NH4OH मलाने पर पहले यू क हाइ ॉ साइड का ह का नीला अव ेप आता है, जो NH4OH के आ ध य म मलाने पर संकुल आयन बनने के कारण वलेय हो जाता है तथा नीले रंग का वलयन ा त होता है । Cu2+ + 2NH4OH- Cu (OH)2 + 2NH4 Cu (OH) 2 + 4NH4OH [Cu (NH3)4]2+ + 4H2O+ 2OH-

    संकुल आयन (नीला रंग) (ii) स फाइड सकुंल

    As, Sb तथा Sn के स फाइड पीले अमो नयम स फाइड म सकुंल आयन बनाने के कारण वलेय होते है । समूह IIA व IIB के मूलक का पथृ करण इसी गणु पर आधा रत है । AS2S3 +3S22- 2AsS43- + S Sb2S3 + 3S2- 2SbS43- + S SnS + S22- SnS22-

    (iii) हाइ ॉ साइड संकुल -

  • 15

    Al, ZN धातुओं के हाइ ॉ साइड NaOH के आ ध य म सकुंल आयन बनने के कारण वलेय होते है । Al (OH) 3 + OH- [Al (OH) 4]- Zn (OH) 2- + OH- [Zn (OH) 4]- ये संकुल आयन जल, अणुओं को याग कर सरल ऋणायन बनाते है - [Al (OH) 4]- Al2- + 2H2O ऐलु मनेट आयन [Zn(OH)4]2- ZnO22-+2H2O िजंकेट आयन इसी कार कुछ अ भकमक भी हाइ ॉ साइड संकुल आयन नमाण के उदाहरण है जैसे - सो डयम टैनाइट वलयन । SnCl2 + 2NaOH Sn (OH) 2 + 2NaCl Sn (OH) 2 + 2NaOH Na2SnO2

    (iv) सायनाइड सकुंल - Cu+2 तथा Cd+2 आयन के पथृ करण म सायनाइड संकुल का वशेष मह व है । Cu+2 तथा Cd2+ आयन के वलयन म KCN आ ध य म मलाने पर दोनो CN- से या कर संकुल बनाते है । Cu2+ + 4CN- [Cu (CN) 4]2- Cd2+ + 4CN- [Cd (CN) 4]2- इसम कैड मयम सकुंल आयन क पर संकुल आयन क अपे ा कम थायी होता है । अत: H2S वा हत करने पर कैड मयम सकुंल का वघटन होने के कारण CdS का पीला अप ेप ा त होता है, जब क कॉपर सकुंल का वघटन नह ं होने के कारण CuS का अव ेप ा त नह ंहो पाता है । [Cd (CN) 4]2- + H2S CdS +4CN- + 2H+ पीला अव ेप

    (v) pH का मान वलयन क कृ त pH पर नभर करती है । वलयन का pH मान 7 होने पर उदासीन, 7 से कम होने पर अ ल य तथा 7 से अ धक होने पर वलयन ार य होता है । वलयन के समायोजन वारा ह - (i) व श ट मलूक का पणू अव ेपण (ii) एक समहू के मूलक के साथ दसूरे समूह के मूलक के अव पेण म बाधा

    उ प न करना स भव है । उदाहरणाथ -

  • 16

    वतीय समूह के मलूक को तन ुHCL वारा िजसक सा ता 0.2 - 0.3 N समायोिजत करके H2S वा हत करने पर उनके स फाइड पणू प से अव े पत हो जाते है । वलयन क अ लता 0.3N से अ धक होने पर Pb व Ca के स फाइड पणू प से अव े पत नह ंहोते । वलयन के बहु त अ लय होने पर वतीय समूह के मूलक के साथ चतथु समूह के मूलक के स फाइड का भी अव ेपण हो जाता है ।

    1.6 इकाई सारांश (Summary) इस इकाई म आपने गणुा मक व लेषण से यु त व भ न स ा त जसेै आयनन का स ा त, वलेयता गणुनफल, सम आयन भाव आ द को व तार से समझा । आगे आने वाल इकाइय म आप अ ल य व ारक य मलूक के व लेषण म इन सभी स ा त के शान क उपयो गता को समझ सकगे इस लए मलूक के समूह पर ण व यि तगत पर ण पढने से पहले इन स ा त को आ मसात ्करना अ यतं आव यक है ।

    1.7 श दावल (Glossary) अ भकमक Electrolytes व यतु अपघ य Solubility Product वलेयता गणुनफल Ionic Product आय नक गणुनफल Common Ions Effect समआयन भाव Low of mass action

    यानपुाती का नयम Complex ions संकुल आयन Electrolytes

    1.8 संदभ थ (Reference Books) 1. Vogel’s Qualitative Inorganic Analysis, revised Svehla, Orient

    Longman 2. Advanced Practical Inorganic Cheamistry by Gurdeep Harish.

  • 17

    इकाई 2 अ ल य मूलक (ऋणायन ) का मब गणुा मक व लेषण Systematic Qualitative Analysis of Acid Radicals

    (Anions) इकाई क परेखा 2.0 उ े य 2.1 तावना 2.2 अ ल य मूलक का वग करण 2.3 सो डयम काब नेट न कष 2.4 अ ल य मूलक के पर ण 2.4.1 समूह ‘A' के अ ल य मूलक के पर ण 2.4.2 समूह 'B' के अ ल य मलूक क रासाय नक अ भ याएँ 2.4.3 समूह 'A' के अ ल य मलूक के पर ण 2.4.4 समूह 'B' के अ ल य मलूक क रासाय नक अ भ याएँ 2.4.4 समूह 'C' के अ ल य मलूक के पर ण व रासाय नक अ भ याएँ 2.5 अ ल य मूलक के ा पक म ण के वशषे पर ण 2.6 इकाई साराशं 2.7 श दावल 2.8 संदभ थ

    2.0 उ े य (Objective) इस इकाई के अ ययन के प चात ्आप अकाब नक म ण म अ ल य मलूक के पर ण के न न ब द ुसमझ पायगे - 1. अ ल य मूलक का मब अ ययन 2. अ ल य मूलक का वग करण 3. अ ल य मूलक क पहचान 4. अ ल य मूलक के व भ न अ भकमक के त यवहार 5. अ ल य मलूक के कुछ ा पक संयोग एव ंउनक पहचान के लए व श ट पर ण ।

    2.1 तावना (Introduction) अ ल य मलूक (ऋणायन ) का पर ण अकाब नक म ण के व लेषण का एक मह वपणू ह सा है । अ ल य मूलक का मब अ ययन और पहचान, व भ न अ भकमक के त

  • 18

    उनके यवहार पर आधा रत ह । कभी-कभी कुछ मूलक एक साथ म ण म उपि थत रहने पर, एक दसूरे के पर ण म बाधा पहु ँचाते ह । इस प रि थ त म ा पी संयोगो के व श ट पर ण वारा उनका अ भ नधारण कया जाता है ।

    2.2 अ ल य मूलक का वग करण (Classification of Acid Radicals) अ ल य मलूक को उनके व भ न अ भकमक के त यवहार के आधार पर न न तीन समूह म वग कृत कया जा सकता है - समूह 'A' - तन ुH2SO4 वारा अपघ टत होने वाले अ ल य मलूक इस समूह म रखे गए ह । इसे तन ुस यू रक अ ल समहू भी कहते ह । काब नेट (CO32-), स फाइड (S2-), स फाइट (SO32-), नाइ ाइट (NO2-) एव ंऐसीटेट (CH3COO-) इस समहू के अ तगत आत ेह । समूह 'B' - वे अ ल य समूह जो सा H2SO4 वारा अपघ टत होते ह, इस समहू म रखे गए ह । इसे सा स यू रक अ ल समूह भी कहत ेह । लोराइड (Cl-), ोमाइड (Br-), आयोडाइड (I-), लुओराइड (F-), नाइ ेट (NO3-) एव ंआ सेलेट (C2O42-) मूलक इस समहू म रखे गए है । समूह 'C' - अ य अ ल य मलूक, जो क तन ुया सा H2SO4 वारा अपघ टत नह ं होत,े इस समूह के अ तगत आते ह । इस समूह के कुछ अ ल य मलूक स फेट (SO42-), फा फेट (PO43-) एव ंबोरेट (BO33-) ह ।

    2.3 सो डयम काब नेट न कष तैयार करना (Preparation of Sodium Carbonate Extract) सो डयम धातु लगभग सभी ऋणायन के साथ या करके जल मे वलय लवण बनाता है । अत: य द दया गया अकाब नक म ण जल म अ प- वलेय या पणू प से अ वलेय है तो ऋणायन क पहचान हेतु इसका सो डयम काब नेट न कष बनाना अ य त आव यक है । सो.का. न. बनाने के लए एक ाम अकाब नक म ण तथा 3 ाम सो डयम काब नेट एक पोस लन याल मे लेत ेह । इसम लगभग 20 मल . आसतु जल मलाकर 10 से 15 मनट तक उबालते ह । अब वलयन -को ठ डा करके छान लेते ह । इस कार ा त छ नत को सो डयम काब नेट न कष'' कहते ह । स ा त - सो डयम धातु के सभी लवण जल म वलेय ह । क तु अ य धातओंु के काब नेट साधारणतया अ वलेय रहते ह । कसी धातु लवण (लैड लोराइड) को सो डयम काब नेट के साथ उबालने पर अ वलेय धातु काब नेट अव े पत हो जाता है, जब क लवण का ऋणायन Na+ से संयोग कर अ य धक वलेय सो डयम लवण बना लेता है ।

    2 MX + Na2CO3 M2CO3 + 2NaX

  • 19

    MX2 + Na2CO3 MCO3 + 2NaX PbCl2 + Na2CO3 PbCO3 + 2NaCl आ ध य अ वलेय

    इस कार मूल पदाथ के वलयन म अ ल य मलूक क सा ता बढ़ जाती है तथा धाि वक आयन धातु काब नेट अव ेप के प म अलग कर दए जात ेह । सो डयम काब नेट न कष बनाने के लाभ कुछ धनायन ऋणायन क पहचान म क ठनाई उ प न करते ह । चू ं क इनके काब ने स जल एव ंतन ुअ ल म अ वलेय होत ेह, अत: इ ह सो.का. न कष बना कर वलयन म से आसानी से पथृक कया जा सकता है । इसके अ त र त कुछ ऋणायन जो क अ वलेय लवण के अंश होते ह, उ ह भी सो डयम काब नेट न कष बनाकर वलयन प म लाया जा सकता है और आसानी से पर ण कया जा सकता है । क ठनाइयाँ : 1. काब नेट के पर ण के लए सो.का. न का उपयोग नह ं कया सकता है । 2. कुछ धाि वक आयन (जैसे Cu2+,As3+, Sb3+ तथा Cr3+) सो डयम काब नेट से संयोग

    कर वलेय ज टल यौ गक बनाते ह, िजसके कारण सो डयम काब नेट न कष रंगीन बनता है । रंगीन वलयन म अ ल य मलूक का पर ण करना क ठन होता है । अत: रंगीन न कष को तन ुHCl वारा अ ल य करने के प चात उसम H2S वा हत करते ह, िजसके कारण उपयु त धात ुउनके स फाइड के प म अव े पत हो जाते ह । इनको छान कर दरू कर देत ेह । छ नत को उबालकर H2S नकलाने के प चात ्उसे Cl- तथा S2- के अ त र त अ य अ ल य मूलक के पर ण के लए यु त कया जा सकता है ।

    3. कभी-कभी लवण (जसेै Zn2+, Ca2+ तथा Sb3+) के स फाइड सो डयम काब नेट वारा व छे दत नह ं हो पाते ह, अत: इनका पर ण मलू पदाथ से करना चा हए ।

    4. पर ण अ भकमक मलाने से पवू सो डयम काब नेट न कष को अ छ तरह से अ ल य तथा CO2 को पणू प से न का सत कर देना चा हए ।

    सो डयम काब नेट ह ऐसा लवण है जो सोडा न कष म काम म लेत ेह । सो डयम लवण जैसे - सो डयम लोराइड, सो डयम नाइ ेट, सो डयम ऑ सलेट, सो डयम फॉ फेट या सो डयम बाइकाब नेट आ द का उपयोग नह ं करते ह य क सो डयम लोराइड व सो डयम बाइकाब नेट आ द का उपयोग नह ं करते ह य क सो डयम लोराइड व सो डयम नाइ ेट अनेक साधारण धातओंु से या करके अ वलेय लवण न बनाकर वलेय लवण बनात ेह तथा इनका तन ुअ ल से शी अपघटन नह ं होता है । सो डयम ऑ सलेट फॉ फेट का उपयोग करने से बाधक मूलक फ ट रत म चला जाता है । इसी कार सो डयम बाइकाब नेट का अनपुयोग करने से अनेक धात ुआयन के बाइकाब नेट जल म वलेय होकर छ नत म चले जाते ह ।

  • 20

    2.4.1 समहू 'A' के अ ल य मूलक का पर ण (Analysis of Acidic Radicals of Group ‘A’)

    पर ण - एक शु क परखनल म 0.5- 1.0 ाम म ण लेकर उसम कर ब 2.0 मल , तनु H2SO4 डालत ेह तथा अ भ या के फल व प पहले ठ डे म फर म ण को गम करने पर नकलने वाल गसै या वा प के रंग व गधं का े ण करके उपि थत मूलक का अनमुान न न सारणी क सहायता से लगाते ह और न चया मक पर ण करके म ण म उसक उपि थ त नि चत करते ह । सारणी – 2.1

    (A) तन ुH2SO4 वारा वघ टत ऋणायन े ण अनमुान न चया मक पर ण

    1. ठंडे वलयन म तेज बदुबदाहट के साथ गह न और गधंह न गसै नकलती है ।

    काब नेट (CO32-)

    i. न का सत गसै नकास नल वारा चूने के पानी म वा हत करने पर वह दू धया हो जाता है ।

    ii. अ धक देर तक वा हत करने पर दू धया रंग गायब हो जाता है।

    2. गम करने पर सड़े हु ए अ डे जसैी गधं वाल रंगह न गसै नकलती है।

    स फाइड (S2-)

    i. न का सत गसै लैडऐसीटेट वलयन से भीगे फ टर प को काला देती है।

    ii. एक परखनल म 20 म ल. सो डयम काब नेट न कष लेकर उसमे सो डयम नाइ ोपसुाइड क 4-5 बूँदे डालने पर वलयन का रंग बगनी हो जाता है ।

    3. गम करने पर रंगह न जलती हु ई गधंक जैसी गधं यु त दम घोटने वाल गसै नकलती है ।

    स फाइट (SO32-)

    i. न का सत गसै अ ल य पोटे शयम डाइ ोमेट से भीगे फ टर प को हरा कर देती है ।

    ii. न का सत गसै को चूने के पानी म वा हत करने पर कैि सयम स फाइट

    बनने के कारण दू धया हो जाता है । iii. सो डयम काब नेट न कष को तन ुHCl

    से उदासीन करते ह तथा 2-4 बूँदे फु सीन अ भकमक मलाते ह । फु सीन अ भकमक का रंगह न हो जाना स फाइट क पिु ट करता है । (नोट - यह पर ण स फाइड वारा उ प न H2S गसै भी देती है । अत: स फाइड क उपि थ त म ये पर ण

  • 21

    नह ं कया जा सकता है) 4. ठ डे वलयन म ती

    गधं वाल ह के भूरे रंग क गसै नकलती है ।

    नाई ाइट (No2-)

    i. न का सत गसै अ ल य टाच पोटे शयम आयाडाइड से भीगे फ टर प को नीला कर देती है ।

    ii. सो डयम काब नेट को तन ुH2SO4 से अ ल कृत कर उसम ताजा FeSO4 का वलयन डालने पर पणू वलयन नाइ ोसो फैरस स फेट (FeSO4-No) बनने के कारण काला हो जाता है ।

    iii. 1 मल . जल य वलयन म 4- 5 बूँदे पोटे शयम लोराइड (2 M) वलयन मलाकर उसम 4-5 बूँदे कोबा ट नाइ ेट (0.5M) वलयन तथा 2-4 बूँदे लै षयल ऐसी टक अ ल क मलाकर धीरे-धीरे गम करने पर पीला अव ेप बनता है ।

    5. सरके जसैी (एसी टक अ ल के समान) गधं आती

    ऐसीटेट (CH3COO-)

    i. 1. लवण के जल य वलयन या सोका न कष को तन ुHCl से उदासीन कर उसम धीरे- धीरे FeCl3 का उदासीन वलयन डालत ेहै।ह, रंग गहरा लाल हो जाता है जो गम करने पर बे सक फै रक एसीटेट बनने के कारण भूरा अव ेप देता है ।

    ii. ठोस म ण तथा ऑ से लक अ ल को 1:2 के अनपुात म हथेल पर लेकर दो-तीन बूँदे जल क मलाकर रगड़ने पर सरके जसैी ग ध आती है ।

    iii. एक परखनल म थोड़ा सा म ण लेकर उसम 20 मल . ए थल एसीटेट तथा 5 बूँदे सा H2SO4 क डालकर गम करत ेह । ए थल एसीटेट बनने के कारण फल जैसी गधं आती है ।

  • 22

    2.4.2 समूह 'A’ के अ ल य मलूक क रासाय नक अ भ याएँ (Chemical Reaction of Acidic Radicals of Group ‘A’)

    काब नेट 1. सभी काब नेटस ्अ ल के साथ या करके CO2 गसै देते है जो अ वलेय CaCO3 बनने

    के कारण चूने के पानी को दू धया कर देती है ।

    CaCO3 + 2 HCl CaCl2 + H2O + CO2 Ca (OH) 2 + CO3 CaCO3 + H2O

    2. य द गसै देर तक वा हत क जाए तो वलेयशीलCa(HCO3)2 बनने के कारण दू धयापन न ट हो जाता है । CaCO3 + H2O +CO2 Ca (HCO3)2 (आ ध य म)

    ट पणी: 1. यह पर ण SO32- भी देता है । 2. नकल, कोबा ट और ो मयम के काब नेट कुछ क ठनाई से अपघ टत होते है, अत: इनके

    लए पदाथ क मा ा अ धक लेनी चा हए । स फाइट

    1. सभी स फाइट अ ल से या कर SO2 गसै उ प न करत ेह । CaSO3 + H2SO4 CaSO4 + H2O + SO2

    2. स फर डाइऑ साइड गसै अ ल य डाइ ोमेट को हरे ो मयम लवण म अपच यत कर देती है 3SO2 + K2Cr2O7 + H2SO4 K2SO4 + Cr2 (SO4)3 + H2O

    (हरा) 3. स फर डाइऑ साइड गसै चूने के पानी को दू धया कर देती है ।

    Ca (O4) 2 + SO2 CaSO3 + H2O स फाइड

    1. स काइडस तन ुH2SO4 के साथ H2S मु त करते ह । FeS + H2SO4 FeSO4 + H2S

    2. H2S लैड ऐसीटेट वलयन से भीगे प को PbS बनने के कारण काला कर देती है Pb (CH3COO) 2 + H2S PbS + 2CH2COOH

    काला 3. नाइ ो सुाइड पर ण

    Na2S + Na2 [Fe (CN) 2NO] Na2 [Fe (CN) 5NOS] सो डयम नाइ ोपसुाइड सो डयम थायोनाइ ोपसुाइड बगनी

    नाइ ाइट

  • 23

    1. सभी नाइ ाइ स तन ुअ ल के साथ ठ डे म या धीरे-धीरे गम करने पर नाइ ोजन के ऑ साइड के भूरे वा प देत ेह । 2KNO2 + H2SO4 K2SO4 + H2O + NO +NO2

    2. उ प न गसै. टाच आयोडाइट प को नीला कर देती है । इसका कारण है आयोडीन का टाच के साथ संयोग कर एक ज टल यौ गक बनाना ।

    2KI + 2HNO2 + H2SO4 K2SO4 + I2 + 2NO + 2H2O12 I2 + टाच टाच अयोडाइड संकुल (नीला रंग)

    3. नाइ ाइट के जल य वलयन म फेरस स फेट के ताजा बने वलयन को डालने पर FeSO4.NO बनने के कारण काला रंग आ जाता है । FeSO4 +NO FeSO4.NO नाइ ोसोफेरस स फेट

    ऐसीटेट 1. सभी ऐसीटे स अ ल से या कर ऐसी टक अ ल बनाते ह

    2CH3COONa + H2SO4 Na4SO4 + 2CH3COOH 2. लवण के जल य वलयन म उदासीन FeCl3 वलयन डालने पर फे रक ऐसीटेट बनने से

    लाल रंग आता है जो गम करने पर बे सक ऐसीटेट बनने के कारण भरूा अव ेप देता है । 3CH3COONA + FeCl3 (CH3COO) 3Fe + 3NaCl (CH3COO) 3Fe + 2H2O (CH3COO).Fe (OH) 2 + 2CH3COOH फे रक ऐसीटेट

    3. हथेल पर म ण तथा ऑ से लक अ ल 1:2 अनपुात म रगड़ने पर ऐसी टक अ ल बनने से सरके जैसी गधं आती है । 2CH3COONA + H2C2O4 Na2C2O4 + 2CH3COOH

    4. म ण सां H2SO4 तथा ए थल ऐ कोहॉल मलाकर गम करने पर ए थल ऐसीटेट बनने के कारण फलो जसैी गधं आती है । 2CH3COONA + H2SO4 C2H5OH 2CH3COOC2H5 + Na2SO4 + 2H2O

    2.4.3 समहू 'B' के अ ल य मूलक का पर ण (Analysis of Acidic Radicals of Group ‘B’)

    एक शु क परखनल म 0.3-0.5 ाम म ण लेकर उसमे कर ब 2 मल . सा H2SO4 मलाते है तथा अ भ या के फल व प पहले ठ डे म फर म ण को गम करने पर नकलने वाल गसै या वा प के रंग और ग ध के े ण के आधार पर म ण म उपि थत मलूक का

  • 24

    अनमुान लगा लेत ेह इसके प चात ्न चया मक पर ण करके म ण म मलूक क उपि थ त नि चत करते है ।

    सारणी – 2.2 (B) सा H2SO4 वारा वघ टत ऋणायन

    े ण अनमुान न चया मक पर ण 1. रंगह न व ती ण गधं

    वाल गसै नकलती है । H4OH म डूबी काँच क छड़ पास लाने पर गहरे वेत धूम देती है

    अनमुान लोराइड

    (Cl-)

    1. अ भ या म ण म चुटक भर MnO2 डालकर गम करने पर दम घोटने वाल पीले ह रत रंग क गसै नकलती है ।

    2. ो मल लोराइड पर ण - एक शु क परखनल म .5 ाम म ण, .5 ाम K2Cr2O7 तथा 2.0 मल . सा

    H2SO4 डालकर गम करते ह । गाढ़े लाल रंग क वा प नकास नल वारा 5.0 मल . NaOH वलयन म वा हत करते ह । ह के पीले रंग का वलयन ा त होता

    है । इस वलयन को CH3COOHसे अ ल कृत करके लैड ऐसीटेट वलयन डालत ेह । पीला अव ेप ा त होता है जो NaOH म वलेय है ।

    3. स वर नाइ ेट पर ण - सो डयम काब नेट न कष को तन,ु HNO3 से उदासीन कर कुछ AgNO3 वलयन को मलाने पर AgCl का सफेद अव ेप ा त होता हे जो NH4OH म पणू वलेय हो जाता है तथा HNO3 मलाने से पनु: वेत अव ेप ा त होता है ।

    2. तीखी गधं यु त भूरे लाल रंग क गसै नकलती है तथा वलयन लाल हो जाता है।

    ोमाइड (Br-)

    1. अ भ या म ण म एक चुटक MnO2 क डाल कर गम करो भूरे लाल रंग के धमू क मा ा बढ़ जाती है ।

    2. स वर नाइ ेट पर ण - सो डयम काब नेट न कष को तन ुHNO3 से उदासीन करके उसम 5-6 बूँदे AgNO3 वलयन क डालने पर AgBr का ह का पीले रंग का अव ेप ा त होता है जो NH4OH म अ प वलेय होता है तथा सा NH4OH म वलेय है ।

    3. लोरोफॉम तह पर ण - सो डयम काब नेट न कष को तन ुNH4OH से उदासीन करके 1 मल . लोरोफाम (या CCl4) डालकर इसम धीरे-धीरे लोर न जल मलाकर वलयन को अ छ तरह हलाते ह । लोरोफाम क तह का रंग पीला या भूरा हो जाता है ।

    3. तीखी ग ध वाल बगनी रंग क वा प

    आयोडाइड(I-) 1. अ भ या म ण म एक चुटक MnO4 मलाओ और गम करो,बगनी वा प और बढ़ जाते ह जो टाच प को

  • 25

    नकलती है जो परखनल क द वार पर इक ी हो जाती है ।

    नीला करते ह । 2. स वर नाइ ेट पर ण – HNO3 वारा अ ल य कये

    गये सो डयम काब नेट न कष म AgNO3 वलयन मलाओ । एक पीला अव ेप ा त होता है जो NH4OH मे अ वलेय है ।

    3. लोरोफॉम तह पर ण - सो डयम काब नेट न कष म 1 मल . लोरोफाम या CCl4 मलाओ तथा लोर न जल का आ ध य मलाकर खूब हलाओ । परखनल क तल म तह का रंग बगनी ह जाता है ।

    4. सो डयम काब नेट न कष म HgCL2, वलयन मलाने पर स दरू रंग का अव ेप ा त होता है ।

    4. तीखी ग ध वाल ह के भूरे रंग क गसै नकलती है

    नाइ ेट (NO3-)

    1. अ भ या म ण म ताँबे क छ लन डालकर गम करो । भरेू वा प और अ धक बनने लगते ह ।

    2. रगं पर ण - म ण का जल य वलयन एक परखनल म लो और ताजा बना हुआ फेरस स फेट का सा वलयन डालो । व छ वलयन म परखनल क द वार के सहारे सा H2SO4 धीरे-धीरे डालो िजससे क म ण के नीचे अ ल क तह बन जाए । दोन व के मलने - क सतह पर एक. भरेू-काले रंग का छ ला-सा बन जाता है । (नाइ ेट के इस पर ण म आयोडाइड ोमाइड तथा नाइ ाइट क उपि थ त बाधा उ प न

    करती है) ।

    2.4.4.समहू 'B' के अ ल य मलूक क रासाय नक अ भ याएँ (Chemical Reactions of Acidic Radicals of Group ‘B’)

    लोराइड (1) लोराइ स को जब सा H2SO4 के साथ गम करते है तो HCI गसै नकलती है जो NH4CI

    के साथ वेत धूम बनाती है । NaCI + H2 SO4 NaHSO4 + HCI NH4 OH + HCI NH4 CI + H2O

    (2) जब लोराइड लवण को सा H2SO4 MnO2, के साथ गम करते है तो हर -पील लोर न गसै उ प न होती है ।

    (3) ो मल लोराइड पर ण K2Cr2O7 + 4NaCI + 6H2SO4

    2CrO2CI2 + 2KHSO4 + 4NaHSO4 +3H2O

    ो मल लोराइड

  • 26

    2CrO2CI2 + NaOH

    Na2 CrO4 + 2HCI

    Na2 + CrO4 + Pb(CH3 COO)2

    Pb CrO4 + 2CH3 COOH पीला अव ेप

    (4) स वर नाइ ेट पर ण

    AgNO3 + NaCI AgCI + NaNO3 वेत अव ेप AgCI + NH3 [Ag(NH3)]CI [Ag(NH3)2] CI+ 2HNO3 AgCI + 2NH4NO3 वेत अव ेप

    ोमाइड 1. जब ोमाइड लवण को सा H2SO4 के साथ गम करते है तो लाल-भूर ोमीन गसै उ प न

    होती है KBr + H2SO4 KHSO4 HBr + 2HBr + H2SO4 Br2 SO2 + 2H2O

    2. ोमाइड लवण MnO2 तथा H2SO4 के साथ गम करने पर ोमीन के लाल-भूरे वा प देते है ।

    2 2NaBr + 2H2SO4 + MnO2 Br + Na2SO4 + MnSO4 + MnSO4 + MnSO4 2H2O

    3. स वर नाइ ेट पर ण AgBr का ह का पीला अव ेप ा त होता है जो त त4० त म अ प वलेय है NaBr + AgNO3 AgBr NaNO3

    लोरोफॉम पर ण वलयन म ोमाइडस लोर न जल से या कर ोमीन गसै देते है जो लोरोफॉम या काबन टे ा लोराइड म घलुकर तह को भरूा रंग दान करते है ।

    2NaBr CL 2NaCl + Br2 (CHCI3 मे वलेय)

    आयोडाइड (1) आयोडाइड लवण को जब सा H2SO4 के साथ गम करते है तो आयोडीन के बगनी वा प उ प न

    होते है । KI + H2SO4 KHSO4 + HI 2HI + H2SO4 I2 + SO2 2H2O

    (2) जब अयोडाइड लवण म सा H2SO4 और एक चुटक 1ऐ91rईा1०2 डालते है और गम करत ेहै तो बगनी वा प और अ धक बढ़ जाती है ।

  • 27

    2NaI + 2H2SO4 + MnO Na2SO4 + MnSO4 + 2H2O + I2 (3) स वर नाइ ेट पर ण

    Agl का पीला अव ेप बनता है जो NH4OH म अ वलेय होता है । NaI+ AgNO3 AgI + NaNO3

    (4) लोरोफाम पर ण वलेयशील आयोडाइ स लोर न से या करते है और आयोडीन मु त होती है जो लोरोफॉम या काबन टे ा लोराइड म घलुकर तह का रंग बगनी कर देती है - 2 NaI + CI2 NaCI + I2 (CHCI3 म वलेय)

    नाइ ेट (1) जब नाइ ेटस सा H2SO4 के साथ गम कये जाते है तो NO2 के ह के भूरे रंग क वा प नकलती

    है जो अ भ या म ण को ताँबे क छ लन के साथ गम करने पर बढ़ जाते है । NaNO3 + H2SO4 NaHSO4 + HNO3 4HNO3 4NO2 + 2H2O + O2 Cu + HNO3 Cu (NO3)3 + NO2 O2

    रगं पर ण - ताजा बने FeSO4 वलयन मलाने से दो व क सतह के सगंम पर भरूा छ ला बन जाता है । NaNO3 + H2SO4 NAHSO4 HNO3. 6FESO4 + 2HNO3 + H2 SO4 Fe2 (SO4)3 + 2NO +4H2O FeSO4 + NO FeSO4.NO

    भूरा छ ला

    2.4.5 समूह 'C' के अ ल य मलूक का पर ण Analysis of Acidic Radical of Group 'C' स फेट (SO42-) का पर ण –

    सो डयम काब नेट न कष म तन ुकर HCI से उदासीन कर BaCI2 वलयन डालो । एक वेत अव ेप जो गम जल, सा HNO3 और ऐ वारेिजया म अ वलेय है, का बनना स फेट क उपि थ त द शत करता है ।

    Na2 SO4 + BaCI2 2NaCI + BASO4 वेत अव ेप

    2.5 अ ल य मूलक के ा पक म ण का वशेष पर ण (Special tests for Typical Combination of Acidic Radical) जब म ण म कुछ अ ल य मूलक साथ-साथ दये जात ेहै, तो कभी-कभी एक क उपि थ त म दसूरे का पर ण करना क ठन हो जाता है । अत: ऐसे अ ल य मूलक क पहचान सामा य

  • 28

    पर ण से नह ं क जा सकती । अत: उनक पहचान कुछ वशेष पर ण से क जाती है । इस अ याय म ऐसी ह कुछ अ ल य मूलक के ा पी संयोगो के वशेष पर ण दये गये है । कुछ ा पक संयोग न न है । (1) स फाइट क उपि थ त म काब नेट (2) नाइ ाइट क उपि थ त म नाइ ेट (3) स फाइड, स फाइट तथा स फेट तीन एक साथ या इनम से कोई दो एक साथ (4) ोमाइड तथा / अथवा आयोडाइड क उपि थ त म नाइ ेट (5) लोराइड, ोमाइड तथा आयोडाइड तीन एक साथ या इनम से कोई दो एक साथ। (1) स फाइट क उपि थ त म काब नेट य द म ण म स फाइट तथा काब नेट दोन ह उपि थत है तो ये तन ुH2SO4 से

    या करके बदुबदुाहट के साथ रंगह न गसै मश : SO2 व CO2 देते ह । दोन ह चूने के पानी को दू धया कर देत ेह तथा अ धक देर तक गसै वा हत करने पर बाइस फाइट Ca(HSO)3 बनने के कारण दू धयापन समा त हो जाता है ।

    SO2 + Ca (OH) 2 CaSO3 H2O कैि सयम स फाइट (जल म अ वलेय)

    CaSO3 + SO2 + H2O Ca (HSO3)2 वलेय

    CO2 + SO2 + H2O CaCO3 + H2O A' वलेय

    CaCO3 + CO2 + H2O Ca (HCO3)2 वलेय

    स फाइट के डाइ ोमेट पर ण म काब नेट बाधा उ प न नह करता । अत: स फाइट क उपि थ त म काब नेट के पर ण न न ल खत म म करते है - एक परखनल म म ण व K2Cr2O7 को बराबर मा ा म लेकर उसम तन ुH2SO4 डालकर गम करते है । नकलने वाल गसै को चूने के पानी म वा हत करने पर य द चूने का पानी दू धया हो जाता है तो काब नेट उपि थत होने क पिु ट होती है । य द परखनल के वलयन का रंग नारंगी से हरा हो जाता है तो स फाइट नि चत है ।

    k2CrO7 + H2SO4 + 3 SO2 K2SO4+Cr2 (SO4)3 + H2O हरा रंग

    CO2 + Ca (OH) 2 CaCO3 + H2 (2) नाइ ाइट क उपि थ त म नाइ ेट - नाइ ाइड क उपि थ त म नाइ ाइट, तन ुख नज अ ल से या करने तथा टाच - KI फ टर-प क सहायता से सुगमता से पहचाना जा सकता है । पर तु नाइ ाइट क उपि थ त म नाइ ेट नह पहचाना जा सकता है । पर त ुनाइ ाइट वे सभी पर ण देता है जो मु यत:

  • 29

    नाइ ेट के पर ण है । अत: पहले नाइ ेट को, नाइ ाइट से अप चत कर और फर उसका पर ण कर । इस लए नाइ ेट का पर ण करने से पहले यह देखना आव यक है क वलयन म नाइ ाइट उपि थ त है या नह । य द नाइ ाइट उपि थत हो तो पर ण वलयन को पहले यू रया या अमो नयम लोराइड के साथ बार बार गम करके न ट कर देना चा हए । य द नाइ ाइट NO-3 पणूत: न ट हो गया हो तो परखनल के मु ँह पर टाच तथा KI प लाने से वह नीला नह होगा । व ध - लवण के जल य न कष म यू रया या अमो नयम लोराइड डालो तथा गम करो ।

    NaNO2 + NH4CI NaCI + NH4NO2 NH4NO2 N2 + 2H2 O

    या NaNO2 + H2SO4 NaHSO4 + HNO2 2HNO2 + H2 NCONH2 2N2 + 2N2 + 3H2 + CO2

    नाइ ाइट, नाइ ोजन के प म प रव तत हो जाती है । नाइ ाइट के न कासन के बाद नाइ ेट का पर ण न न ल खत कसी भी पर ण से कर लो । वलयन को चार भाग म वभािजत कर . (i) एक भाग म ताँबे क छ लन या फ टर प के टुकड़ ेतथा सा H2SO4 डालो NO2

    क भरेू धमू नकलता NO-3 क उपि थ त द शत करता है । (ii) वतीय भाग म ताजा तैयार कया हुआ FeSO4 का वलयन तथा एक बूँद सा

    H2SO4 क डालो । दो व के मलने के थान पर एक भूर वलय का बनना NO-3 क उपि थ त को नि चत करता

    (iii) ततृीय भाग म Zn धूल तथा तन ुH2SO4 डालो, नाइ ेट का नाइ ाइट म अपचयन हो जाता है । भूरे धमू नाइ ेट क उपि थ त को स करते है । नकले हु ए धमू से टाच आयोडाइड प नीला हो जाएगा । KNO3 + H2SO4 + Zn ZnSO4 + KHO2 + H2O KNO2 + H2SO4 KHSO4 + HNO2 2HNO2 + 2HI I2 + 2NO + 2H2O

    (iv) चौथे भाग म Zn धलू तथा NaOH वलयन डालो तथा गम कर । अ भ या म बनी नवजात हाइ ोजन ने नाइ ेट का अमो नया म अपचयन हो जाता है । अमो नया क ग ध नाइ ेट क उपि थ त को मा णत करती है ।

    3 3 2 2 24 7 4 2NaOH Zn NaOH NH Na ZnO H O ट पणी : य द अमो नयम मूलक उपि थत हो तो Zn, धूल डालने से पहले इसको केवल

    NaOH के साथ गम करके न का सत कर देना चा हए । (3) स फाइड, स फाइट तथा स फेट अथवा इनम से कोई भी दो - स फाइड का पर ण सामा यत: लैड ऐसीटेट प क सहायता से या सो डयम नाइ ोपसुाइड पर ण से सुगमता से कया जा सकता है । स फाइट तथा स फेट इन पर ण म व न

  • 30

    नह डालते ह । तथा प य द स फाइड उपि थत है तो यह अ य दोनो के पर ण म क ठनाई उ प न करता है । थम तो H2S तथा SO2 दोनो ह अपचायक है, अत: अ ल य पौटे शयम डाइ ोमेट प को हरा करत ेह । दसूरा, BaCI2 वलयन, तीन के वलयन के साथ वेत अव ेप देता है । इन प रि थ तय म सबसे पहले म ण के वलयन म से स फाइड को हटाना आव यक है । स फाइड का न कासन : सो डयम काब नेट न कष म कैड मयम काब नेट (CdCO3) या लैड काब नेट (PbCO3) डालकर उबालने पर CdS का पीला PbS का काला अव ेप ा त होगा ।

    CdCO3 + Na2S CdS + Na2 CO3 PbCO3 + Na2S Pb + Na CO3

    स फेट का पर ण CdS या PbS के अव ेप को छानकर छ नत म तन ुHCI तथा बे रयम लोराइड का वलयन मलाने पर BaSO3 व BaSO4 का सफेद अव ेप ा त होता है ।

    इस अव ेप म सा HCI का आ ध य मलाने पर य द अव पे पणूतया नह ं घलेु तो स फेट उपि थत है ।

    Na2SO3 + BaCI2 BaSO3 + NaCI (सा HCl मे वलेय)

    Na2SO4 + BaCI2 BaSO4 + 2NaCI (सा HCI मे अ वलेय)

    स फाइट का पर ण अव ेप को छान कर वलेय छ नत म ोमीन जल या 2-3 बूँदे सा HNO3 अथवा H2 O2 डालकर गम करने पर वेत अव ेप क पनु: ाि त स फाइट मूलक क संपिु ट करता है ।

    BaSO3+H2O+Br 2HBr + BaSO4 वेत अव ेप

    (4) ोमाइड या आयोडाइड क उपि थ त म नाइ ेट - ोमाइड या आयोडाइड क उपि थ त म नाइ ेट का वलय पर ण नह कया जा

    सकता । य क सा H2SO4 डालने से ोमाइड या आयोडाइड से मु त ोमीन या आयोडीन नकलती है जो क अपने रंग के कारण नाइ ेट के पर ण म बाधा उ प न करती है । अत: नाइ ेट का पर ण न न व धय वारा करते है -

    (i) नाइ ेट का अमो नया म अपचयन - य द म ण म NH4+ मूलक उपि थत है तो म ण के जल य वलयन को NaOH के साथ उबालकर NH4+ मलूक का पणू न कासन करत ेह । अब इस वलयन म िजंक चूण तथा NaOH डालकर गम करते ह । अमो नया गसै क गधं आना नाइ ेट क संपिु ट करता है । इस पर ण म ोमाइड या आयोडाइड बाधा उ प न नह करत े।

    NH4CI+ NaOH NaCI + H2O + NH3

  • 31

    Zn + 2NaOH Na2ZnO2 + 2H सो डयम िजंकेट

    NaNO3 + 8H NaOH + 2H2+ NH3 (ii) नाइ ेट का नाइ ाइट म अपचयन -

    2-3 म.ल . जल य वलयन लेकर इसम तन ुH2SO4 मलाओ । अब थोड़ा ठोस पोटे शयम आयोडाइड 1 म.ल . टाच वलयन तथा िजंक का टुकड़ा डालकर ह का गम करते है । नीले रंग का आना नाइ ेट क संपिु ट करता है । KNO3+ Zn + H2SO4 ZnSO4 + KHO2 + H2O 2KI + 2KNO2 + 2H2SO4 2K2SO4+ 2NO+I2 2H2O. I2 + टाच नीले रंग का ज टल यौ गक

    (iii) म ण मे उपि थत हैलाइ स को सतंृ त अमो नयम स वर स फेट वलयन से अव े पत करो । हैलाइ स के पीले अव ेप को छान कर पथृक करो तथा छ नत म पणू प से अव ेपण करने के लए थोड़े से Ag2SO4 वलयन से पर ण कर । छ नत म से Ag2SO4 के आ ध य को NaCO3 मलाकर हटाते ह ।

    2KBr + Ag2SO4 K2SO4 + 2AgBr 2KI+ Ag2SO4 K2SO4 + 2AgI Ag2SO4 + Na2CO3 Ag2CO3 + Na2SO4

    छ नत म नाइ ेट उपि थत होगा, अत: नाइ ेट का कोई भी पर ण छ नत म कर लो । ोमाइड तथा आयोडाइड का पर ण HHCI3 या CCI4 से सामा य र त से कया जा सकता

    है । इन पर ण म बाधा नह ं डालता है । (5) लोराइड, ोमाइड तथा आयोडाइड या इनम से कोई भी दो -

    य द लोराइड, ोमाइड तथा आयेडाइड पथृक-पथृक दये गये ह तो इनक पहचान म कोई क ठनाई नह होती है । क त ुजब ये तीन या इनम से कोई दो साथ-साथ दये गये ह तो न न ल खत क ठनाइयाँ आती है

    (i) सा H2SO4 के साथ गम करने से पदाथ से नकले हु ए वा प एक दसूरे के रंग को छपा लेते है।

    (ii) सो डयम काब नेट न कष को तन ुHNO3 से उदासीन करने के बाद उसम AgNO3 वलयन डालने से, AgCI 1 का वेत अव ेप तथा AgBr का ह का पीला अव ेप AgI के गहरे पीले अव ेप म छप जात ेह । अत: जब यह साथ दये जात ेहै तो उनक पहचान के लए न न व ध काम म लेत ेहै -

    व ध : सो डयम काब नेट न कष को तन ुH2SO4 से उदासीन करो । इसम कुछ लोरोफाम या काबन टे ा लोराइड डालो तथा बूदँ-बूँद लोर न जल डालकर हलाओ । य द लो�