designed by edited by nitin abhishek patidar ......और 1942 म जब ग ध न नण यक...

8
DESIGNED BY NITIN PATIDAR EDITED BY ABHISHEK PANDEY

Upload: others

Post on 26-Oct-2020

3 views

Category:

Documents


0 download

TRANSCRIPT

  • DESIGNED BYNITIN

    PATIDAR

    EDITED BYABHISHEK PANDEY

  • Total Pages : 7 Volume : 5 2019 Free Distribution

    आईपीएस एकेडमी को बे� परफॉम�स

    इं���ूट अवाड� से नवाजा गया मानव संसाधन िवकास मं�ालय ने एकेडमी को टॉप पांच परफॉिम�ग आईसीसी म� िदया �थान

    अभय शु�ाBAMC- 5th sem

    मानव संसाधन िवकास मं�ालय ने आईपीएस एकेडमी को

    बे� परफॉम�स इं���ूट अवाड� से नवाजा गया। देशभर के

    950 सं�थान िजसम� आईआईटी और एनआईटी भी शािमल

    है इसम� आईपीएस एकेडमी को टॉप 25 वे परफॉिम�ग

    आईआईसी म� �थान िमला है। िपछले माहआईसीआई आई

    हेड �ाट�र ऑिडटो�रयम िद�ी म� एमएचआरडी िमिन�र

    रमेश पोख�रयाल िनशांक और रा�मं�ी धो�े संजय

    शामराव ने यह स�ान िदया इस समारोह म� डॉ अिनल डी

    सह�बु�े चेयरमैन एआईसीपीआई एमपी पूिनया वाइस

    चेयरमैन एआईसीटीई डॉ डी.पी. िसंह अ�� यूसीजी आिद

    मौजूद रहे।

    मानव संसाधन िवकास मं�ालय ने देश भर म� कुछ

    चुिनंदा इं���ूट को आईसीसी का दजा� िदया है यह

    इं���ूट अपने यहां ब�ो ंम� आं��े�ोरिशप को �ो�ाहन

    देने के िलए अ�णी भूिमका िनभाते ह�। सं�थान के अ��

    आिक� टे� अंचल चौधरी ने बताया िक यह अवाड� हमारे

    आं��े�ोरिशप की िदशा म� िकए काय� की सराहना पर

    मोहर लगाता है, सं�था के �ाचाय� डॉ अच�ना कीित� चौधरी ने

    बताया िक सं�था म� कई ब�े अपने �ाट�अप डालने की राह

    पर चल रहे ह�। सं�था के इं���ूट ऑफ़ इंजीिनय�रंग एंड

    साइंस इंदौर के आईआईसी �भारी �ोफेसर रमेश दुबे ने

    कहा िक सं�था के िव�ाथ� �ाट� इंिडया हैकेथॉन म� अ�ल

    आने के साथ ही िसंगापुर इंिडया हैकेथॉन म� भी भारत का

    �ितिनिध� कर रहे ह�।

    मु�मं�ी �ारा भा�र एिमन�स अवाड� से स�ािनत

    एकेडमी के चेयरमैन अचल चौधरी सरिश�ा के �े� म� उ�ृ� �दश�न करने के मामले म� आईपीएस

    एकेडमी ने एक बार िफर बाजी मारी है, म� �देश के कई

    िव�िव�ालयो ं को पीछे छोड़ते �ए आईपीएस एकेडमी ने यह

    अवाड� हािसल िकया है, म� �देश के मु�मं�ी कमलनाथ ने

    काय��म के दौरान करीब 21 उ�ोगपित, �वसायी व िविभ�

    �े�ो ंम� सेवा देने वाले सव��े�ो ंको दैिनक भा�र एिमन�ट अवाड�

    2019 को अवाड� देकर स�ािनत िकया। इसम� िश�ा, कोिचंग,

    �रयल �ेट, कॉलोनाइजर, एनीमेशन आिद के �े� म� बेहतर काय�

    �दश�न करने वाले सं�थानो ंको यह अवाड� िदया जाता है

    भा�र �ारा आयोिजत इस समारोह म� म� �देश के

    मु�मं�ी कमलनाथ ने सं�था के अ�� आिक� टे� अचल चौधरी

    को यह अवाड� देते �ए कहा की �देश ही नही ंदेश भर के िलए गव�

    की बात है िक ऐसे सं�थान हमारे �देश म� संचािलत ह� जो िक कम

    समय म� अिधक उपल�� हािसल कर िश�ा के �े� म� उ�ृ�

    �दश�न कर रहे ह� उ�ोनें शुभकामनाएं देते �ए त�र काय� करने

    और हर संभव मदद करने की बात कही है।सं�था के अ��

    आिक� टे� अचल चौधरी ने कहा िक उनके िलए यह गव� की बात

    है िक ऐसे बेहतर सं�थान का �ितिनिध� कर रहे ह�, यह अवाड�

    िकसी एक िदन की मेहनत नही ंब�� बरसो ंसे िश�ा के �े� म�

    उ�ृ� �दश�न करने वाले सम� आईपीएस प�रवार की उपल��

    है, उ�ोनें कहा िक यह अवाड� हमारे उ�ृ� काय� की सराहना पर

    मोहर है यह अवाड� हम� और भी त�र एवं लगन शील होकर काय�

    करने की श�� देता है।

  • 2019 2Knowledge Village

    ब�े, बुजुग� और भारतीय सं�ृित

    .किव ि�ितज

    BAMC 1ST SEM

    वो कोई कामयाबी नही ंजो िबना काम के

    िमली हो वो कोई खुशी नही ंजो खुशी खुशी

    िमली हो मेहनत वही ं िजसम� हम सोए पूरी

    रात नही ंवो बात ही �ा िजसम� कोई बात

    नहीवंो िज़�गी बेकार है िजसम� अड़चने ना हो

    वो अड़चने बेकार है जो बड़ी न हो और वो

    बड़ी बेकार है िजसम� खुशी न हो और वो खुशी

    तो बेकार ही है जो खुशी खुशी िमली हो बुलंद

    रहो जबतक सुधरते अ�े हालत नही ंवो बात

    ही �ा िजसम� कोई बात नही ंवो जीत ही �ा

    िजसम� िज़द न हो वो िज़द ही �ा जो तु�ारी

    िज़�गी न बनाए और वो िज़�गी ही �ा जो

    तुमने न बनाई हो अरे वही करो जो तु�े भाता

    नही ंवो बात ही �ा िजसम� कोई बात नही ं

    अिहंसा के 150 साल

    अिभषेक पा�ेय

    BAMC 3rd SEM

    आज घरो ं म� ब�े, बुजुग� और भारतीय

    सं�ृित यह तीनो ंिवपरीत िदशाओ मे जाती

    नज़र आरही है और इन तीनो को एक�

    रखना भारतीय सं�ृित को बढ़ावा देना

    माना जाएगा। जैसा की हम देख सकते ह�

    वत�मान म� हमारे आसपास, कॉलोिनयो म�,

    समाज म�, ब�ो ंको बुजुग� से कई �कार से

    दूर रखा जाता है जैसे ब�ो ंको पढ़ाई के िलए

    कही बाहर या िवदेश भेज िदया जाता है,

    कही ंजगह तो बुजुग� घर मे अकेले छो सभी

    लोग कही और जगह रहने चले जाते है या

    बुजुग� को वृ� आ�म म� छोड़ िदया जाता है।

    इस सब कारणो ंसे आज के ब�े भारतीय

    सं�ृित से परे होते जा रहे हैa |आज के ब�ो ं

    को आधुिनक सुिवधाओ ंका आिद बना िदया

    गया है। ब�ो ंपर बुजुग� का आशीवा�द बना

    रहे या ब�े अपने पू� दादाजी और दादीजी

    के सम� रहे तो वे ब�े भारतीय सं�ृित के

    ब�त ही नज़दीक रह�गे। बुजुग� के �ित यह

    �वहार शहरो म� �ादा नज़र आता है।

    शहरो ंम� कई जगह तो ब�े बुजुग�a aaके �ित

    अपमािनत भवनाओ ंसे पेश आते है �ोिंक

    जो ब�े इस �कार पेश आते है उनके माता

    िपता का भी बुजुग� के �ित वही �वहार

    होगा। बुजुग� और ब�ो ंके बीच जो �ार एवं

    �ेह का �वहार है वो हमे गांव और िपछड़े

    इलाको ंजहाँ सभी लोग ज़मी से जुड़े होते है

    वही ंिदखाई देता है। असल मे देखा जाए तो

    वही ंलोग �ादा सा�र माने जा सकते है और

    वही ंलोग भारतीय सं�ृित के नज़दीक रहते

    �ोिंक उन ब�ो ं को अपने दादाजी और

    दादीजी से उस �कार का �ान �ा� है।

    शहरो ंम� ठीक इसके िवपरीत दशा िदखाई

    पड़ती है �ोिंक वहां के ब�ो ंको न ही कोई

    �ोहार का पूण� �ान होता है न ही कोई

    सं�ृित काय� मे �िच रहती है। आज के

    ब�ो ंपर िश�ा का अ�ंत दबाव के चलते वे

    ब�े अपने घर के मनोरंजन और अपने घर

    के बुजुग� का �ार िकताबो तले दबाते जा रहे

    है। कही ंतो अ�िधक और आधुिनक िश�ा

    ही ब�ो ंको घर के बुजुग� से और भारतीय

    सं�ृित से पढ़ाई के बहाने दूर करते जा रही ं

    है। आज से कुछ समय पहले हर एक िव�ाथ�

    ��ेक परी�ा प�ात �ी� ऋतु अवकाश

    मनाने अपने निनहाल जाते थे, जहाँ अपने

    नाना नानी से कई �ान की बाते होती थी था

    पुरातन सं�ृित से ब�ो ंका प�रचय होता था

    पंरतु आज वे िश�ा के बोझ म� उन सब चीजो ं

    से वंिचत रहते जा रहे है, ठीक इसी �कार

    �ोहारो ंपर भी अ�िधक अवकाश िमलने

    पर अपने दादाजी रहते जा रहे है, ठीक इसी

    �कार �ोहारो ंपर भी अ�िधक अवकाश

    िमलने पर अपने दादाजी दादीजी से उस

    �ोहार के िवषय मे दादाजी दादीजी से उस

    �ोहार के िवषय मे िव�ृत जानका�रयां

    �ा� करते थे िजसम� दादाजी दादीजी का

    भी मनोरंजन होता था पर�ु अब यह �ान

    आधुिनक तकनीक तले दबे चुका है। पहले

    ब�े और आज भी कई इलाको ंम� ब�े रोज़

    अपनी पाठशाला ख� कर अपने दादाजी

    दादीजी तथा माता िपता के सम� कई �कार

    के �ान का आदान �दान करते थे और करते

    है, और कई �कार के खेल भी खेले जाते थे

    और है परंतु शहरो ंम� यह सब मनोरंजन उ�

    िश�ा बोझ और यातायात बोझ तले दब चुका

    है। आज शहरो ंम� कई घर ऐसे है जहाँ बुजुग�

    की अ�ंत कमी खलती है �ोिंक िजस घर मे

    बुजुग� होते है। उस घर मे टी.वी, मोबाइल

    आिद जैसे य� �ादा उपयोिगक नही रहते

    है �ोिंक उन घरो ंम� बुजुग� और ब�ो ंके

    बीच इतना ठोस तालमेल रहा है िजसे कोई

    दूर नही कर सकता िजन घरो ंम� बुजुग� रहते

    है उन घरो ंम� ब�े टी.वी और मोबाइल से

    �ादा अपने पू� दादाजी दादीजी �ारा

    कहािनयो ंऔर कई के बैठक खेलो ंम� अपना

    समय �तीत करते है। जो िक उन ब�ो ंके

    िलए सेहत म� हो सकता है।यह िवषय

    समाज के िलए िचंताजनक है कृपया इस

    िवषय पर िवचार करे और सुधार के �य�

    कर�।

    आयुष ि�वेदी

    BAMC 1ST SEM

    यह दुिनया ऐसी कभी ना होती अगर यह

    महामानव इस धरती पर ना आए होते, ना होती

    इंसािनयत के मायने, ना होते िजंदगी के ऐसे

    मायने, ना होती सोच ऐसी और ना ही ऐसी

    संवेदना। यह कहानी िकसी इंसान की नही ंहै

    ब�� 150 साल पहले बने इितहास की है

    और ऐसा इितहास जो कभी अितथ ही नही ं

    �आ। यह कहानी िसयासत के सबसे बड़े संत

    की है यह कहानी सबसे �ारी आंधी की है,

    हमारे महा�ा गांधी की है। कुछ कज� की

    अदायगीया कभी मुनािसब नही ं होती हम

    कभी उऋण नही ं हो पाते और नाही होना

    चाहते ह� लेिकन एक ऐसा ही खूबसूरत कज़�

    इस दुिनया पर चढ़ा था साल 1869 म�। 2

    अ�ूबर 1869 को एक मां ने अपने वंश का

    िचराग देखा था लेिकन उस िचराग को तो पूरी

    दुिनया को रोशन करना था। 4G 5G पर

    मचलती दुिनया की िवनाशकारी उ�ि�ओ ं

    की आपदा म� अपने आप म� खोज तो नही ंबन

    रहे गांधी। अगर गूगल पर आप सच� कर� गे तो

    गांधी के नाम का 21 करोड़ 40 लाख प�ो ंका

    सा�ा� आ जाता है आइं�ाइन ने सच ही

    कहा था िक आने वाली न�� या भूल जाएंगे िक

    दुिनया म� शायद ही कोई ऐसा फकीर आया

    था। गांधी �तं�ता के सू�धार थे लेिकन इससे

    ब�त आगे का सच है िक गांधी नेतृ� की

    सफलतम पाठशाला थे। इस देश ने पहली

    और आखरी बार जाना है िक िबना िकसी को

    तोड़कर जोड़ा भी जा सकता है, अ�ाय का

    िवरोध करने के िलए उस भावुकता को

    हिथयार बनाया िजसे दुिनया पहले कमजोरी

    समझती थी। रौलट ए� के �खलाफ गांधी ने

    अपील ही तो की थी िक सारे �ूल, कॉलेज,

    कारखाने बंद हो गए उस व� नैितक बल के

    दम पर गांधी जी ने व�ैितक बल के दम पर

    गांधी जी ने दुिनया को न चिकत कर िदया था।

    कदम से कदम िमलाकर चलना इस देश ने

    गांधी से ही सीखा है , उनके अनुसार �जा तब

    तक ही गुलाम रह सकती है जब तक �जा

    राजा की अनुयाई हो। गांधी ने बताया िक बटे

    �ए लोग बटी �ई भाषाओ ंसे काम नही ंचलेगा,

    सवण� को अपनी �े�ता छोड़नी होगी, सू�ो ं

    को ितर�ार छोड़ना होगा। गांधी का अखंड

    जीवन संघष� म� ही बीता गांधी बापू हो चुके थे

    उनकी सांसे देश का भा� िलख रही थी वे इस

    बात की िज�ेदारी समझते थे लगातार संघष�

    और 1942 म� जब गांधी ने िनणा�यक लड़ाई

    छेड़ी करो या मरो उस व� उ�ोनें आजादी

    की नीवं रखी और देखते ही देखते यह िव� का

    सबसे बड़ा आंदोलन बन गया, िवदेश की

    धरती से सुभाष चं� बोस ने गांधी को रा�िपता �कहा। सन 1948 म� गांधी की ह�ा के साथ ही

    दुिनया की एक शांत और �ारी आंधी का अंत

    हो गया। यह इस मु� का मुक�र है िक यहां

    गांधी पैदा �ए।

  • 2019 3Campus Buzz

    Former Union Minister Yashwant Sinha's brief speech on Indian economy

    The need of the hour is to increase the d e m a n d , w h i c h h a s c a u s e d unprecedented slowdown in the state. The simple solution is to reduce the cost of capital. At this time the rate of inflation is very low and hence there is no problem in losing interest rate" said Former Union Finance Minister Mr. Yashwant Sinha at Institute of B u s i n e s s M a n a g e m e n t a n d Research (IBMR) and Institute of Engineering and Services (IES) IPS. The academy expressed in the Karyakaram organized under the joint aegis of Indore. The program commenced with wreaths and lamp lighting at the Saraswati statue. Shri Yashwant Sinha said that the merger decision of banks is correct but this decision has not been taken at the right time. Because of this, the maximum time of employees will be spent in administrative work, whereas the need is that banks should make effort to accelerate the economy. Expressing his opinion on the decision of demonetisation, Sinha said that its main objective was to

    curb black money. The government

    was of the view that black money of 4-5K crores existing in the economy will not be returned. But about 99.3 percent of the money was returned to the banks, rendering i ts main objective fruitless.Answering a question about the Reserve Bank of India, he said that due to several steps of the government, a serious question mark has been placed on the autonomy of the bank which is not in the interest of the country in any

    way. The President of the Academy Mr. Achal Chaudhary said that at present changes are taking place in every field at a rapid pace. Our success depends on how quickly and well we imbibe those changes. On the occasion of Engineers Day Mr. Sinha garlanded the statue of Bharat Ratna Sir Mokshagundam Visvesvaraya and honored Dr. AN Patel, Senior Pro fessor in sub jec t o f C iv i l Engineering.IES Director Dr. Archana Kirti Chaudhary highlighted the importance of Engineers Day Dr. S.L. kaale IPS Introduced the Academy. A vote of thanks was given by Dr. Satyakam Dubey. Dr. Vivek Singh K u s h w a h a , D i r e c t o r o f t h e organization welcomed the guests. On this occasion, the management members of the organization, Mr. Rajesh Chaudhary, Dr. Kapur, Dr. Anil Kothari. Dr. ML Sharma, and several heads of departments, professors were present.The ceremony was conducted by student Muskan Barkia and Mayur Pillai.

    CIVILIPSA organized National Seminar SRUJAN 2019

    Vivek KutheyGaurav SharmaRahil Mirza Infrastructure Projects in India” is a sizzling theme in these times of modern architectural and civil engineering awe inspiring structures. These projects very rightly attract a major part of country’s budget as development of infrastructure plays a crucial role in the development of Nation. Civilipsa’s one week seminar SRUJAN 2019 (14-19 Oct., 2019) is inaugurated. This is the eleventh year of Srujan and silver jubilee year of IPS Academy. Around 500 students of various institutes were present in the seminar. The event was illuminated by the presence of honorable guests Dr. A.N. Patel and Dr. H.S. Moondra. Principal Dr. Archana Keerti Chowdhary told that this one week national seminar will provide attitude in the field of Infrastructure Development which helps to cultivate the Nation. Dr. A.N. Patel, Emeritus Professor SGSITS Indore emphasized on real-life problems related to the civil engineering field using examples which students were able to relate to easily. Dr. H.S. Moondra, Emeritus Professor BITS Pilani enlightened the significance of innovations and also talked about how to transform young ideas into revolutions. He also stressed on the importance of all the subjects of civil engineering stating applications of each and how they can contribute to beautiful innovations and unbelievable designs.The seminar unfolded various events like Instridge, Start-ups, Case Study, Panel Discussion, Treasure Hunt & Plantech. While the event Instridge involved students making models of bridges using popsticks to be tested by applying load, the event Plantech saw students competing each other by m a k i n g

    plans for residential buildings. Students also presented various mind blowing ideas which have the potential to be commercialized in the event. Start-ups and informative discussions were held between students and experts Prof. R. B. Chaturvedi and Prof. Amit Sharma on crucial topics like Metro Rail, BRTS, Statue of Unity and many more.The event was further more lit up by the poster launch of Civilipsa’s another annual event NEEV 2020, a national level paper presentation symposium. In the presence of all the faculties and students of Civilipsa, welcome speech was delivered by HOD, Prof. Swatilekha Guha and Prof. Lalitesh Sinha gave the vote of thanks. To motivate the students for their efforts they were awarded with certificates and success trophies at the valedictory function which was hosted by Prof. Pratyush Motwani and Prof. Anjuri Shrivastava.

  • 2019 4ARTICLE

    ठंडे ब�े म� िश�ा ANJALI PATEL

    BAMC 5th SEM

    िश�ा यह श� सुनने म� तो ब�त ही छोटा है

    पर इसका अथ� उतना ही बड़ा है ब�े ज� से

    ही िश�ा लेता है वह प�रवार से बाद म� आस

    पास से पड़ोिसयो ंसे और समाज से िफर वह

    �ूल जाना शु� करता है और िकताबी �ान

    लेना शु� करता है लेिकन वत�मान म� ऐसी

    ��थित है िक मजबूत कड़ी कही ंजाने वाली

    िश�ा �व�था जो आज एक िन� �र पर

    िदखाई दे रही ह�, साथ ही ंिश�ा �े� के उन

    सम� चुनौितयो ंिक िजनके वजह से �ूल म�

    बैठ� ब�े िश�क की रहा देखने को मजबूर

    है। आज �ूल म� िश�को ंकी अनुप��थित

    और िगरता �आ िश�ा का �र ठंडे ब�े म�

    चला गया है, िश�ा की इन सम� चुनौितयो ं

    पर ना शासन �ान दे रहा, ना ही �शासन

    �ान दे पा रहा। िश�ा एक ऐसा साधन है|

    जो रा� की सामािजक और आिथ�क ��थित म� �सुधार लाने म� जीवंत भूिमका िनभा सकता है,

    यह नाग�रको ंकी िव�ेषण �मता के साथ-

    साथ उनका सश��करण भी करता है, साथ

    ही उनके आ�िव�ास का �र बेहतर बनाता

    है, िश�ा म� केवल पा�पु�क के लेखो ंको

    सीखना शािमल नही ंहै ब�� इसम� से मू�

    कौशल और �मता म� वृ�� की जा सकती है

    । यह बात िकसी से िछपी नही ंहै िक, िश�ा

    भिव� िनमा�ण और �गित मू�ो ंके साथ-

    साथ एक नया समाज बनाने म� बड़ी भूिमका

    िनभाती है, खास बात ये है िक िश�ा समाज

    म� बदलाव लाने का काय� िकया करती है,

    िश�ा का वा�िवक उ�े� लोगो ंको िशि�त

    करना मा� नही ंहै, ब�� इसके कई और

    अहम फायदे ह�, हम इसके सहारे सामािजक

    और आिथ�क चुनौितयो ं से बेहतर ढंग से

    िनपट सकते है। संयु� रा� के अ�यन के �मुतािबक दुिनया भर म� करीब 4 अरब लोग

    सा�र ह�, तो दूसरी ओर आज भी 77 करोड

    से �ादा लोग िनर�र ह�, सा�रो ं की इस

    आबादी म� दो ितहाई मिहलाएं सािमल ह�,

    लगभग तीन चौथाई िनर�र आबादी दुिनया

    के िसफ� 10 देशो ंम� रहती है। इसका मतलब

    यह है िक हर पांच म� से एक ��� िनर�र

    है, दुिनया के 35 देशो ंम� आज भी सा�रता

    दर 25 फ़ीसदी से कम है। िवशेष तौर पर

    अगर हम भारत म� सा�रता दर की बात कर�

    तो यह गत वष� अपने आंकड़ो ंम� बढ़कर 74

    फ़ीसदी पर प�ंच गई है, इसम� पु�षो ंकी

    सा�रता दर जहां 82 फ़ीसदी रही वही ं

    मिहलाओ ंकी सा�रता दर 65 फ़ीसदी थी,

    लेिकन अभी भी िव� की औसत सा�रता दर

    84 फ़ीसदी से काफी कम है, यह ठीक है िक

    वत�मान म� �ूलो ंम� ब�ो ंकी उप��थित दर

    75 फ़ीसदी ज़�र है, लेिकन �ूल छोड़ने

    वाले ब�ो की दर भी 40 फ़ीसदी तक प�ंच

    गई है।देश के �ादातर �ाथिमक �ूलो ंके

    बुरे हाल ह�। इन �ूलो ं की मु� सम�ा

    िव�ािथ�यो ंके अनुपात म� िश�क का न होना

    है। अगर िश�क ह� भी, तो वे कािबल नही।ं

    िश�को ं की तो बात ही छोड़ दीिजए,

    �ादातर �ूलो ंम� बुिनयादी सुिवधाएं भी न

    के बराबर ह�। कही ं�ूल का भवन ही नही ंहै,

    अगर भवन ह� भी तो उसमे अ� कई

    बुिनयादी सुिवधाएं ही नही ंह�। और अगर यह

    सब कही ह�, तो वहां िश�क नही ंह�। िश�ा

    अिधकार अिधिनयम के मुतािबक �ूलो ंको

    सुिवधाएं मुहैया कराने के िलए सरकार �ारा

    2015 तक का व� तय िकया गया था।

    गुणव�ा संबंधी शत� पूरी करने के िलए 2017

    तक की समय-सीमा रखी गई। पर�ु कानून

    के मुतािबक न तो �ूलो ं म� िश�को ं की

    िनयु�� �ई है, और न ही बुिनयादी

    सुिवधाओ ंका िव�ार �आ है। इससे समझा

    जा सकता है िक िश�ा अिधकार अिधिनयम

    को हमारी सरकारो ं ने िकतनी गंभीरता से

    िलया है। रा�ो म� िश�ा का अिधकार लागू

    होने के पांच साल बाद भी शालाओ ं की

    बदहाली की कहानी यही ंनही ं�कती। एक

    तरफ जहां िश�क िवहीन िव�ालय ह�, वही ं

    लगभग 18 हजार िव�ालय ऐसे ह�, जो एक

    िश�क के भरोसे चल रहे ह�। वही ंअनुमािनत

    65 हजार िव�ालयो ंम� तो मिहला िश�क ही

    नही ं है। भारत म� िश�ा अिभयानो ं से जुड़े

    ब�त से नीित- िनमा�ता ये मानते ह�, िक

    �ाथिमक िश�ा की हालत म� सुधार के िलए

    अभी भारत को आने वाले सालो ंम� किठन

    चुनौितयो ंका सामना करना है। चुकी ं बचपन

    अमू� है और जीवन म� कुछ �ार��क वष�

    के िलए ही यह �ा� होता है, इसिलए ब�े

    का भार कम रखकर ब�ो ंको बचपन का

    आनंद लेने व सामािजक िवकास करने का

    पया�� अवसर देना चािहए। सरकारी

    िव�ालयो ं म� सुधार व �ाथिमक िश�ा

    �णाली को मजबूत बनाने के िलए दो-

    आयामी रणनीित होनी चािहए। समाज या

    रा� अपना अिधकतम िवकास करने म�

    तभी स�म होगा, जब समाज का ��ेक

    ��� अपनी �मता म� वृ�� कर पाएगा।

    और इन सम� गतिविधयो ंके साथ ही इन

    नविनहलो का जीवन सुरि�त हो सकता है।

    �� भारत �� इंदौर

    ABHAY SHUKLA

    BAMC 5th SEM

    लालिकले पर 2 अ�ूबर का वो िदन रा�िपता �की 145 वी ंजयंती के साथ साथ भारत के

    इितहास का ब�त ही ख़ास िदन था।जी

    हाँ!अवसर था �धान सेवक �ारा �� भारत

    अिभयान की शु�आत का जो की क� �

    सरकार की मह�कां�ी प�रयोजना म� से एक

    है।मूल उ�े� इस अिभयान का यही है िक

    दुिनया की नज़रो ंम� भारत को एक �� और

    ��थ देश का तमगा िदलवाना और देश के

    125 करोड़ भारतवासी को इस अिभयान म�

    शािमल कर एक रा��रीय आंदोलन से �जोड़ना।क� � सरकार की ग�गी मु� भारत

    की यह संक�ना ब�त अ�ी थी और

    शु�आती �यास भी सराहनीय थे,पर बात

    िसफ� आंदोलन की नही ं थी लोगो को

    जाग�क भी करना था,पुरानी आदतो ं को

    बदलना था लोगो को इस आंदोलन के �ित

    गंभीर करना था,सरकार को बजट का भी

    �ान रखना था।तमाम तरह की किठनाईया है

    पर देश को �� और ��थ बनाने का सपना

    भी ब�त बड़ा है और लोगो से जोड़ने एवं

    जाग�क करने के िलए िजसका सबसे

    मह�पूण� योगदान रहा वह है इंटरनेट,इसी के

    ज�रये देश के नाग�रको ंको इस अिभयान से

    अवगत कराना और बापू के सपने को साकार

    करना है,इ�रनेट के �ारा ही हम देश की

    ग�गी से िनपटने के िलए कारगर �यास कर

    पाए और कर भी रहे है �धानमं�ीजी ने भी

    संबोिधत करते �ए यही कहा था िक जहाँ भी

    ग�गी है वहाँ की फोटो डाले एवं उस जगह

    को साफ़ करते �ए वीिडयो भी पो� करे

    उ�ोनें शु�आती दौर म� ि�टर पर सफाई के

    िलए बड़ी बड़ी ह��यो ंके नाम भी नामांिकत

    िकये िजसके िलए ि�टर ह�डल भी बनाया गया

    िजसे नाम िदया �ीन इंिडया ि�टर के साथ

    सारी साइटो पर इस अिभयान को जोड़ा

    गया, यह सारी बात तो हो गयी संकीण�

    शु�आत की अब हम बात करते है इंदौर

    शहर की जो की अपनी ज��थली है, �ोिंक

    सफाई की बात हो और इंदौर का नाम ना आये

    यह तो नामुमिकन है, अजी यह तो वही बात हो

    जाती की आप भारतीय ि�केट क�ानी की

    चचा� कर रहे है और मह�� िसंह धोनी का

    आपने िज़� नही ं करा इंदौर को भी इस

    आंदोलन म� एक ऐसी ही क�ानी भागीदारी

    का �ेय जाता है अब जाये भी �ो ंन और बात

    हो भी �ो ंना इंदौर ही एकमा� शहर है जो

    अिभयान शु� होने के बाद लगातार दो बार

    नं.1 आया है और सव��े� क�ान का ताज

    अपने शीश पहना है और इंदौर के नं.1आने

    का ब�त बड़ा योगदान जाता है इंटरनेट

    को,इ�रनेट की ही ब�त अहम भागीदारी

    रही जो हम सव��े� चुने गए िफर वही बात आ

    गयी की आपने धोनी की क�ानी की बात कर

    ली पर उनकी ब�ेबाजी और शांत �भाव

    का िज़� ही नही ंकरा इंदौर के �ादा से

    �ादा लोगो को इ�रनेट से जोड़ा गया और

    सफाई को नैितक मूल बनाने के िलए भरसक

    �यास िकया गया,ब�त तरह के ऐप लॉ�

    िकए गए और उन एप पर आयी िशकायतो ंको

    ज� से ज� सुलझाना शु� िकया गया,धोनी

    के छ�े के जैसे तुरंत और गित के साथ

    काय�वाई की गयी।

  • 2019 5CAMPUS

    �ीन केमे�� ी: ओनंसेट ऑफ बेटर िलिवंगआईपीएस एकेडमी, इंदौर के िस�र जुबली

    ईयर के अवसर पर रसायन शा� िवभाग

    �ारा "�ीन केमे�� ी: ओनंसेट ऑफ बेटर

    िलिवंग" िवषय पर एक अ�रा�ीय सेिमनार �का आयोजन िकया गया। सेिमनार का

    शुभारंभ माँ सर�ती की �ितमा को

    मा�ाप�ण एवं दीप ��लन कर िकया।

    अितिथ �ी राम मोहन का �ागत �चाय� डॉ

    �ेमलता गु�ा ने पु� गु� भ�ट िकया।इस

    अ�रा�ीय सेिमनार म� �मुख व�ा �अमे�रका की इिलनोइस वेसिलयान

    िव�िव�ालय के व�र� वै�ािनक डॉ राम

    मोहन रहे। सेिमनार को स�ोिधत करते �ए

    डॉ राम मोहन ने बताया िक िकस �कार �ीन

    केमे�� ी के उपयोग से मानवो को बेहतर

    जीवन हेतु सुरि�त एवं �� वातावरण �ा�

    होता है। सेमीनार म� िवषय की ग�ीरता को

    ��ुत करते �ए �ी राम मोहन ने पय�वरण

    �दूषण के कारण िव� म� �ई िविभ�

    �ासिदयो ं को उदाहरण के �प म� ��ुत

    िकया। िसिलकोिसस नामक बीमारी के बारे

    म� बताते �ए उ�ोनें कहा िक िसिलका ड�

    से होनें वाली इस बीमारी म� भारत के एक

    करोड़ लोग �भािवत है एवं अलीराजपुर एवं

    धार िजलो ं म� िपछले कुछ महीनो ं म� इस

    बीमारी के कारण 550 से �ादा लोगो की

    मृ�ु हो गई। �ी मोहन ने बताया िक भारतीय

    जनता को िजतना खतरा पािक�ान से नही है

    उससे कही ं�ादा खतरा पया�वरण �दूषण

    से है। �ीन केमे�� ी को समझाते �ए �ी राम

    मोहन ने बताया िक यह 12 ि�ंिसपल पर

    आधा�रत है िजसका मु� उ�े� ऐसी

    तकनीको ं का िवकास करना िजससे कम

    कीमत पर सुरि�त रसायन उपल� हो सके।

    उ�ोनें �योगशाला म� कम हािनकारक

    रसायनो ंका �योग करने पर जोर देकर कहा

    िक इस तरह हम देश के करोड़ो �पये बचा

    सकते है। �ा��क से होने वाले �दूषण के

    बारे म� चचा� करते �ए �ी राम मोहन ने कहा

    िक 1950 से अब तक करीब 900 करोड़ टन

    �ा��क उ�ादन हो चुका है जो िक

    बायोिड�ेडेबल नही है और पा�र��थितक तं�

    को �भािवत कर रहा है। कीटनाशको ंका

    �योग पर वे कहते है िक देश मे क� सर का

    सबसे कारण कीटनाशक ही है आप ने

    ऑग�नोफो�ेट का उपयोग कम से कम

    करने पर जोर िदया। आभार रसायन शा�

    िवभाग की िवभागा�� �ीमती �िच

    �ीवा�व ने ��ुत िकया।

    NITIN PATIDAR

    BAMC 5th sem

    Envisage 2019I P S A c a d e m y, I n s t i t u t e o f Engineering & Science, Department of Computer Science & Engineering, Indore is organizing “ENVISAGE-19” : A Nat ional Seminar on “Essent ia l At t r ibutes of good software Professionals” on 19th October, 2019.The keynote speaker o f t h e p r o g r a m i s D r . E . Balagurusamy, Chairman of EBG Foundation, Coimbatore and the President of Coimbatore Academy of

    Sciences. Dr. E. Balagurusamy has authored 42 books and received 26 prestigious awards. He was formerly

    Chairman of the Consortium for Educational Communications, New Delhi, Member of Union Public Service Commission, New Delhi, Vice Chancellor of Anna University, Chennai, IT Advisor of Government of Andhra Pradesh, Member of the Planning Commission, Tamil Nadu.

    Lalit ChouhanAditya Malviya

    150 वी ंगांधी जयंती 150 वी ं गाँधी जयंती के

    अवसर पर ICSR, IPSA

    ने िविभ� गितिविधयो ं का

    संचालन िकया, िजसमे से

    �मुख �ा��क मु�

    भारत की शपथ,

    जाग�कता रैली, पो�र

    मेिकंग, �ॉग राइिटंग,

    िनबंध �ितयोिगता, गायन

    �ितयोिगता, किवता पाठ

    जैसी िविभ� गितिविधयो ं

    का आयोजन िकया गया.

    �ेिसड�ट �ी अचल चौधरी

    के अनुसार आईपीएस

    अकादमी का ��ेक छा�

    इस देश का एक अनमोल

    िह�ा है, और उनके

    समाज के �ित कुछ दािय�

    है िजसकी पहल हम अपने

    घर से शु� करते ह�, इसी

    भावना को रखते �ए हम

    अकादमी म� हमेशा कई

    �कार की गितिविधयाँ

    करवाते है. गाँधी जयंती

    एक रा�ीय पव� है, िजसे ���ेक भारत वासी को िमल

    कर मनाना चािहए. �ोिंक

    गाँधी जी सदैव ही हमारे

    �ेरणा �ोत रहे है. उनके

    िस�ांत छा�ो ंको �ेरणा देते

    है

    YASH SHARMA BAMC 3rd SEM

    COLOURS OF ETHNIC Ethnic Represents colours of your long and cher ished culture.On october 4, 2019 Mass communication students o f I P S a c a d e m y I n d o r e celebrated Ethnic day with full of enthusiasm on the occasion of Navratr i . Whole Mass communication Department turned out in Beautiful ethnic wear to celebrate this day.The ce leb ra t i on s ta r ted w i th Saraswati Vandana and the energy was taken to the next l e v e l w i t h a m a z i n g performance by the students. The day wouldn't be called as ethnic day ,if there weren't any ethnic performances,beautiful traditional dances and songs w e r e s u n g b y t h e s t u d e n t s , a d d i n g t o t h e p r o g r a m m e m a r v e l o u s standup comedy and Ramp walk was held. At last Prizes were also distributed by the

    faculty of IPS .This cultural program came to an end with all the students and teachers dancing to the vibrating rhythm of Garba and DJ music. A wonderful Song performance was done by students of first year students and beautiful childhood dance performance was done Soumya Rao, Vani Gupta, Disha Tiwari. ABHISHEK PANDEY BAMC 3rd SEM

  • 2019 6Activity

    Celebrating 25 years of Excellence in Education Teachers Day was celebrated in IPS Academy

    Inauguration of IPS Academy, School of Architecture International Conference with the theme Revisiting Patrick

    Geddes - Welcoming Guests

    On 15 October 2019, an Open mic session was held by ICSR/NSS, IPS Academy, where students welcomed people from old age homes and engaged them. The subject of Open Mic was global warming, water

    preservation and how the legacy given by the old can support nature. The old present in the program felt happiness and overlooking their

    distresses and sang melodies and moved in bliss, after several performances of poetry and magic

    Inaugural Event”VAYAM - The Painting Exhibition 2019 Kala Srot Art Gallery, Lucknow UPChief Guest- Mrs. Sanyukta Bhatia, Mayor of Lucknow UP Honourable Guest- Mr.

    Sanjeev Kumar Gautam, Principal of Art College, Lucknow UP Distinguished Guest- Mrs. Pooja Sakera, Founder Chairman Mission Sashakt (Wife of IG UP Police) Organiser Artist

    NAVEENA GANJOO, HOD Painting, School of Fine Arts, IPS Academy Indore MP

    A wonderful trip to Maheshwar was organized by Mass Communication Department.

    Ethnic Day was Celebrated By Mass Communication in Navaratri.

    Dept. Of Fire Technology & Safety Engg. organized various demonstrational activities where students successfully demonstrated their knowledge and skills. Various activities organized were live fire

    entry, fire fighting operation of fire tender, chlorine gas leakage control and triple action branch demo.

  • 2019 7

    DESIGNED BY NITIN PATIDAR

    EDITED BY ABHISHEK PANDEY

    Published by Department of Journalism and Mass Communication, IPSA, Knowledge Village, Rajendra Nagar, Indore. Editor: Prof Amin Qureshi Tel No 0731 4014599 Mobile No 8989898802 Email : [email protected]

    Published for Practical purpose only

    CAMPUS

    Page 1Page 2Page 3Page 4Page 5Page 6Page 7Page 8