djsav vqs;lz - kopykitab.com · क ल् की शुआत ें ाष्ट्री गा...

16
IAS | BANKING | SSC| NDA/CDS| AND OTHER COMPETITIVE EXAMS eqæk&foghu vFkZO;oLFkk pØokr ojnk vyfonk vEek 1948 - 2016 jk"Vªxku vkSj lqçhe dksVZ djsaV vQs;lZ www.jagranjosh.com ( tuojh 2017 )

Upload: others

Post on 11-Oct-2019

3 views

Category:

Documents


0 download

TRANSCRIPT

  • IAS | BANKING | SSC| NDA/CDS| AND OTHER COMPETITIVE EXAMS

    eqæk&foghu vFkZO;oLFkk

    pØokr ojnk

    vyfonk vEek1948 - 2016

    jk"Vªxku vkSj lqçhe dksVZ

    djsaV vQs;lZwww.jagranjosh.com( tuojh 2017 )

  • Current Affairs December 2016 eBook 1

    www.jagranjosh.com 1

  • करेंट अफेयर्स जनवरी 2017 ई-बुक 4

    www.jagranjosh.com 4

    प्रस्तावना ............................................................................................. 6

    ववशेष .................................................................................................. 7

    राष्ट्रीय | भारत .................................................................................. 27

    अंतरराष्ट्रीय | ववश्व ........................................................................... 72

    अर्सव्यवस्र्ा ..................................................................................... 105

    ववज्ञान | तकनीक ............................................................................ 133

    पयासवरण | पाररस्स्र्ततकी .................................................................. 144

    कापोरेट ............................................................................................ 151

    रक्षा | र्ुरक्षा .................................................................................... 165

    दिवर् | वषस | र्प्ताह ....................................................................... 174

    राज्य ............................................................................................... 182

    खेल | खखलाड़ी ................................................................................. 206

    पुरस्कार|र्म्मान .............................................................................. 239

    तनयुस्तत .......................................................................................... 245

    तनधन .............................................................................................. 266

  • करेंट अफेयर्स जनवरी 2017 ई-बुक 5

    www.jagranjosh.com 5

    ववववध ............................................................................................. 281

    एक पंस्तत में ................................................................................... 289

    करेंट अफेयर्स स्तवज ........................................................................ 293

    र्रकारी नौकरी ................................................................................ 311

  • करेंट अफेयर्स जनवरी 2017 ई-बुक 6

    www.jagranjosh.com 6

    प्रस्तावना jagranjosh.com आपको आगामी प्रततयोगी परीक्षाओं के दृस्ष्ट्टकोण रे् दिर्म्बर 2016 माह में भारत एव ंवैस्श्वक स्तर पर ववभभन्न क्षेत्रों में घदटत घटनाओ ंपर आधाररत अत्यंत महत्वपणूस अध्ययन र्ामग्री 'करेंट अफ़ेयर्स जनवरी 2017 ई-बुक' उपलब्ध करा रहा है. 'करेंट अफ़ेयर्स जनवरी 2017 ई-बुक' (eBook) परीक्षा ववशेषज्ञों द्वारा तैयार अद्यतन अध्ययन र्ामग्री है. इर्में ववभभन्न ववषयों’ जरेै् - राष्ट्रीय, अतंरराष्ट्रीय, आर्र्सक, कॉपोरेट, ववज्ञान-तकनीक, खेल, पुरस्कार-र्म्मान, पाररस्स्र्ततकी-पयासवरण, ररपोर्टसर्- र्वेक्षण, पुस्तक-लेखक, आदि र्बंर्धत परीक्षा के दृस्ष्ट्टकोण रे् उपयोगी घटनाओ ं पर आधाररत अद्ववतीय करेंट अफ़ेयर्स का र्कंलन है.

    करेंट अफ़ेयर्स ककर्ी भी तरह के प्रततयोगी एवं र्रकारी परीक्षाओं के भलए अत्यंत महत्वपूणस होता है. यह ककर्ी भी तरह के परीक्षाओं में आपको र्फलता दिलाने में मिि कर र्कता है. इर् भलहाज़ रे् इर्की महत्ता अपने आप बढ़ जाती है.

    'करेंट अफ़ेयर्स जनवरी 2017 ई-बुक' इर्ी ववचारों और भावनाओं के र्ार् तैयार की गयी है जो आपको ववभभन्न प्रततयोगी परीक्षाओं जरेै्- भर्ववल रे्वा मखु्य परीक्षा, एर्एर्र्ी र्यंुतत स्नातक स्तरीय परीक्षा टीयर 1 एवं टीयर 2, एर्एर्र्ी र्यंुतत उच्चतर माध्यभमक (10+2) स्तरीय परीक्षा, एर्बीआई पीओ परीक्षा, आईबीपीएर् पीओ परीक्षा, र्घं लोक रे्वा आयोग (यूपीएर्र्ी) द्वारा आयोस्जत भारतीय आर्र्सक/र्ांस्ख्यकी रे्वा परीक्षा, भ-ूवैज्ञानी परीक्षा आदि हेत ुअत्यंत उपयोगी र्ाबबत होगा. 'करेंट अफ़ेयर्स जनवरी 2017 ई-बुक' (eBook) में स्जन प्रमखु घटनाओं को र्मादहत ककया गया है, उनमें रे् प्रमखु हैं:

    • राष्ट्र गीत पर रु्प्रीम कोटस का फैर्ला • मुद्रा-ववहीन अर्सव्यवस्र्ा की चुनौततयााँ और प्रारूप • ववकलाांगता ववधेयक : एक र्ांक्षिप्त पररचय • वरदा चक्रवात

  • करेंट अफेयर्स जनवरी 2017 ई-बुक 7

    www.jagranjosh.com 7

    ववशेष

    राष्ट्र गीत पर र्ुप्रीम कोटस का फैर्ला: एक व्यापक और तुलनात्मक अध्ययन

    भारत के र्वोच्च न्यायालय ने 30 नवम्बर को एक तनणसय दिया कक भर्नेमा हाल में ककर्ी भी कफल्म की शुरुआत में राष्ट्रीय गान का प्रर्ारण अतनवायस है। र्वोच्च न्यायालय ने कहा कक राष्ट्रीय गान के र्मय परिे पर राष्ट्रीय ध्वज का होना भी अतनवायस है।

    र्वोच्च न्यायालय ने यह भी र्तुनस्श्चत ककया कक राष्ट्रीय गान तर्ा राष्ट्र ध्वज के प्रोटोकॉल का पालन करना भी अतनवायस रहेगा। र्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश र्जंय भमश्रा तर्ा अभमतव राय की खडंपीठ ने र्वंवधान के अनुच्छेि 32 के तहत िाखखल ररट यार्चका के अतंगसत यह तनणसय दिया।

    यह यार्चका श्याम नारायण चौकरे्, जो भोपाल के एक रे्वातनवतृ्त इन्जीनीयर है, ने िायर की र्ी। चौकरे् ने यह यार्चका मध्यप्रिेश उच्च न्यायालय में तब िायर की र्ी, जब उन्होंने कफल्म ‘कभी ख़ुशी कभी गम’ के तनमासता व तनिेशक कारण जौहर पर अपनी कफल्म के एक दृश्य में राष्ट्रीय गान के अपमान का आरोप लगाया र्ा ।

    चोकरे् ने अपनी यार्चका में यह भी िावा ककया कक भर्मेना हाल में राष्ट्रीय गान के प्रर्ारण के र्मय िशसक अपनी र्ीटो पर खड़ ेनहीं हुए रे्। तब न्यायाधीश भमश्रा ने यह फैर्ला दिया र्ा कक यह कफल्म र्भी भर्नेमाघरों रे् तब तक हटायी जाए जब तक कफल्म रे् वह दृश्य नहीं हटाया जाता है l इर्में राष्ट्रीय गान को राष्ट्ट की आचार र्दंहता तर्ा पववत्रता की र्वेंिनाओं के ववपरीत दिखाया गया है।

    र्वोच्च न्यायालय ने 2004 में इर् तनणसय को वापर् ले भलया । इर्के उपरान्त चोकरे् ने 2004 में र्ुप्रीम कोटस में इर् फैर्ले के खखलाफ एक पुनयासर्चका िायर की। र्वोच्च न्यायालय ने

  • करेंट अफेयर्स जनवरी 2017 ई-बुक 8

    www.jagranjosh.com 8

    अपने फैर्ले पर पुनववसचार करते हुए ये स्वीकार ककया कक इर् मामले रे् जड़ु ेप्रश्नों पर करवायी की जायेगी।

    यार्चकाकतास का मखु्य तकस यह र्ा कक राष्ट्रीय गान बहुत ववववध पररस्स्र्ततयों में गाया जाता है जो जायज नहीं होत े है तर्ा कानून रे् र्मर्र्सत नहीं ककये जा र्कते है। र्पु्रीम कोटस ने यार्चका के तकस पर ववचार करते हुए यह कहा कक यह हर एक नागररक का कतसव्य है कक वह राष्ट्रीय गान का र्म्मान करे।

    हालांकक र्वोच्च न्यायालय के इर् तनणसय ने िेशभर के बुविजीवीवगस तर्ा कानून ववशेषज्ञों में एक बहर् छेड़ िी है। इर्के अलावा तनणसय के आशय तर्ा प्रकरण पर भी कुछ भ्ांततयााँ हैं । इन र्ब मर्लों को स्पष्ट्ट रूप रे् र्मझने के भलए हमने र्पु्रीम कोटस के फैर्ले को पांच बबन्िओुं में ववभास्जत ककया है। जो तनम्नभलखखत है :

  • करेंट अफेयर्स जनवरी 2017 ई-बुक 9

    www.jagranjosh.com 9

    1) भर्नेमा हाल में राष्ट्रीय गान बजने रे् पहले प्रवेश और तनकार् िरवाजे बंि होने चादहए ताकक राष्ट्रीय गान के प्रर्ारण में ककर्ी भी तरह का व्यवधान ना आये, जो कक राष्ट्रीय गान का एक तरह रे् अपमान होगा।

    2) राष्ट्रीय गान तर्ा इर्के ककर्ी भी भाग को इर् ढंग रे् प्रकाभशत करना जो इर्की प्रततष्ट्ठा को ककर्ी भी तरह रे् ठेर् पहुचाये, राष्ट्रीय गान का अपमान माना जायेगा।

    3) ववत्तीय लाभ के भलए राष्ट्रीय गान का ककर्ी भी तरह रे् व्यावर्ातयक िोहन प्रततबंर्धत है। राष्ट्टीय गान का उपयोग ककर्ी ऐरे् व्यस्तत द्वारा ककया जाना पूणसतया प्रततबरं्धत है स्जर्रे् उरे् ककर्ी भी तरह का व्यावर्ातयक लाभ हो।

    4) राष्ट्रीय गान का ककर्ी भी तरह का नाटकीय रूपांतरण, ककर्ी भी तरह के शो या रे्भमनार में नहीं ककया जा र्कता। यह इर्भलए है तयोकक जब राष्ट्रीय गान बजता है तो यह हर नागररक का कतसव्य है कक वह उर्का र्म्मान करे और राष्ट्रीय गान के नाटकीय रूपांतरण के बारे में र्ोचना पूणसतया अकल्पनीय है।

    5) भारत के र्भी भर्नेमा हॉल के भलए ककर्ी भी कफल्म के शरुू होने रे् पहले राष्ट्रीय गान बजाना अतनवायस है तर्ा भर्नेमा हॉल में उपस्स्र्त र्भी लोगों का राष्ट्रीय गान के र्म्मान में खड़ा होना भी अतनवायस है।

    इर् तरह के भलए गए तनणसयों का इततहार्

    जरै्ा कक हमें ज्ञात है भारत का राष्ट्रीय गान भारत के पहले नोबेल पुरस्कार ववजेता रबबन्रनार् टैगोर ने 1911 में भलखा र्ा। 1950 में इर्के पहले पांच छंिों को भारत के राष्ट्रीय गान के रूप में ग्रहण ककया गया ।

    र्वोच्च न्यायालय का राष्ट्रीय गान रे् र्म्बंर्धत आखखरी तनणसय 1962 के चीन के र्ार् युि के र्मय आया र्ा। र्पु्रीम कोटस ने तब र्भी भर्नेमा हॉल में राष्ट्रीय गान अतनवायस ककया र्ा।

  • करेंट अफेयर्स जनवरी 2017 ई-बुक 10

    www.jagranjosh.com 10

    लेककन र्पु्रीम कोटस ने यह फैर्ला 1975 में वापर् ले भलया र्ा तयोंकक बहुत र्ारे िशसकों ने इरे् नजरअिंाज कर दिया र्ा।

    हाल ही के तनणसय में र्वोच्च न्यायालय की बेंच ने कहा कक यह हर एक नागररक का कतसव्य है कक वह राष्ट्रीय गान का र्म्मान करें। इर्का उल्लेख ‘राष्ट्रीय अस्स्मता के अपमान रे् र्रुक्षा अर्धतनयम’-1971 (Prevention of Insults to National Honour Act) के तहत ककया गया है। अभी तक भारत में मौजिूा कानूनों में राष्ट्रीय गान के वक़्त खड़ ेन होने को िंडडत करने का प्रावधान नहीं है।

    राष्ट्रीय अस्स्मता के अपमान रे् र्रुक्षा अर्धतनयम’-1971 के अनुर्ार अगर कोई भी जानबुझ कर राष्ट्रीय गान के प्रर्ारण में बाधा उत्पन्न करता है या ऐर्ी अर्ेंबली को बार्धत करता है तो उर्के भलए 3 र्ाल के कारावार् या जमुासना या िोनों का प्रावधान है।

    राष्ट्रीय गान रे् र्म्बंर्धत र्बरे् प्रमखु मामला केरल का है, जहााँ 1986 में 3 स्कूल के छात्रो को राष्ट्रीय गान न गाने के कारण स्कूल रे् तनलबंबत कर दिया गया र्ा। तब र्पु्रीम कोटस ने यह फैर्ला दिया र्ा कक अगर कोई नागररक राष्ट्रीय गान के र्मय खड़ा रहता है परन्तु वह गाता नहीं है तो यह राष्ट्रीय गान का अपमान नहीं है तर्ा उर्के खखलाफ कोई कानून भी नहीं है।

    महाराष्ट्ट अर्ेंबली ने 2003 में ककर्ी भी कफल्म की शुरुआत में राष्ट्रीय गान के प्रर्ारण को अतनवायस ककया र्ा। 2015 में गहृ मतं्रालय ने एक आिेश दिया र्ा कक जब भी राष्ट्रीय गान प्रर्ाररत ककया जाता है तो िशसको के भलए खड़ा होना आवश्यक है परन्तु अगर ककर्ी कफल्म के अन्िर राष्ट्रीय गान चलता है तो िशसको के भलए खड़ा होना आवश्यक नहीं है तयोंकक इर्के प्रबंधन में दितकत आ र्कती है जो अव्यवस्र्ा फैला र्कता है और यह राष्ट्रीय गान की प्रततष्ट्ठा के अनुकूल नहीं होगा।

    तनणसय की र्ंवैधातनक वैधता

  • करेंट अफेयर्स जनवरी 2017 ई-बुक 11

    www.jagranjosh.com 11

    हाल का तनणसय र्वोच्च न्यायालय के न्यायमतूत स िीपक भमश्र, तर्ा अभमतव रॉय की बेंच ने र्वंवधान के अनुच्छेि 32 के तहत िायर की गई यार्चका के आधार पर दिया र्ा। यह दिशा तनिेश मातभृभूम के भलए प्यार तर्ा र्म्मान के आधार पर दिए गए हैं । कोटस ने यह उल्लेख ककया है कक राष्ट्रीय गान तर्ा राष्ट्रीय ध्वज के प्रतत प्यार और र्म्मान िेश के प्रतत प्यार और र्म्मान को िशासता है। इर्के अलावा यह िेशभस्तत तर्ा राष्ट्रवाि की भावना का भी र्चंार करता है।

    र्वंवधान के अनुच्छेि 51(A)(a) के तहत यह प्रत्येक नागररक का कतसव्य है कक वह भारतीय र्वंवधान का पालन करे तर्ा र्वंवधान के आिशो तर्ा र्सं्र्ाओं,राष्ट्रीय गान तर्ा राष्ट्रीय ध्वज का र्म्मान करे। यह भारत के र्वंवधान में भलखखत है इर्ीभलए यह हर एक भारतीय का तनजी कतसव्य है।

    कानून ववशेषज्ञों के मत

    र्वोच्च न्यायालय के राष्ट्रीय गान रे् र्म्बंर्धत तनणसय के ववषय में कानून ववशेषज्ञों के भमर्श्रत ववचार हैं। कुछ कानून ववशेषज्ञों का मानना है कक लोगों को भर्नेमा हॉल में राष्ट्रीय गान के प्रर्ारण के र्मय खड़ ेहोने पर बाध्य नहीं ककया जा र्कता। कुछ का यह मानना है कक ककर्ी ‘X’ शे्रणी की कफल्म रे् पहले राष्ट्रीय गान का प्रर्ारण अजीब होगा।

    कुछ ववशेषज्ञ यह भी मानते है कक ककर्ी िेश के प्रतत प्यार तर्ा र्म्मान की भावना ककर्ी भी नागररक के अन्तःमन रे् आनी चादहए ना कक ककर्ी बाहरी स्रोत रे् और राष्ट्रीय गान जरै्ी पववत्र भावना ककर्ी खार् मौके पर ही र्चंाभलत होनी चादहए।

    कुछ ववशेषज्ञों ने र्वोच्च न्यायालय के इर् तनणसय को “न्यायतंत्र का अततउत्र्कुतावाि” कहा है, जबकक कुछ ववशेषज्ञ ने ये भी माना है कक राष्ट्रीय गान के प्रर्ारण रे् ककर्ी तरह की हातन नहीं है। र्वोच्च न्यायालय कायसपाभलका को ककर्ी कानून में र्शंोधन करने का तनिेश िे र्कती है परन्तु वह नागररको को कुछ करने का तनिेश नहीं िे र्कती। पूवस महान्यायवािी और वररष्ट्ठ

  • करेंट अफेयर्स जनवरी 2017 ई-बुक 12

    www.jagranjosh.com 12

    वकील र्ोली र्ोराबजी ने र्पु्रीम कोटस के इर् तनणसय पर यह दटप्पणी की कक न्यायालय जनता को खड़ ेहोने या ऐर्ा कोई भी आिेश नहीं िे र्कती है।

    यह भी एक मत रहा है कक इर् तनणसय रे् कई तरह की अव्यवस्र्ायें उत्पन्न हो जाएंगी, इर्रे् बुजगुस, बच्चो तर्ा शारीररक रूप रे् ववकलांग लोगो को दितकतें हो र्कती हैं। इर्के अलावा कुछ ववशेषज्ञों की राय यह भी है कक र्पु्रीम कोटस का यह तनणसय पहले रे् ही राष्ट्रीय अस्स्मता के अपमान रे् र्रुक्षा अर्धतनयम’-1971 में उल्लेखखत है।

    अन्य िेशों की राष्ट्रीय गान तर्ा ध्वज रे् र्म्बंर्धत कानून :

    र्वोच्च न्यायालय के इर् तनणसय द्वारा जो ववभ्ास्न्तया उत्पन्न हुयी है उन्हें कुछ अन्य िेशो के र्म्बंर्धत कानूनों पर ववचार कर के र्मझा जा र्कता है।

    अमेररका

    अमेररका की र्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्र,राष्ट्रीय गान तर्ा राष्ट्रीय ध्वज पर ककर्ी भी तरह की अपववत्रता रे् जड़ु ेमदु्दों के र्न्िभस में 1989 में एक तनणसय दिया। स्जर्के तहत र्रकार राष्ट्रीय आिर तर्ा र्म्मान रे् जड़ु ेबहुर्खं्यक मतों को न मानने वालों पर आपरार्धकरण का केर् िायर नहीं कर र्कती। कोटस ने यह माना कक यह अर्धतनयम र्वंवधान के पहले र्शंोधन द्वारा र्रंक्षक्षत हैं जो नागररको के बोलने की स्वतंत्रता पर आधाररत है। अमेररकी कानून में इन स्वतंत्रताओ को ले कर के “उर्चत प्रततबंध” जरै्ा कोई खंड नहीं है। जबकक यह भारतीय कानून में है। अमेररका में कानून कहता है कक जब भी राष्ट्रीय गान चलाया जा रहा हो तो हर एक नागररक को अपना िायां हार् अपने ह्रिय पर रख के राष्ट्रीय गान पर ध्यान िेना चादहए। अगर ऐरे् मौके पर रास्रीय ध्वज मौजिू नहीं है तो नागररको को राष्ट्रीय गान के स्रोत की तरफ ध्यान िेना चादहए। पर अमेररका में ककर्ी को इर् मामले में िस्डडत करने का कोई प्रावधान नहीं है।

    इटली

  • करेंट अफेयर्स जनवरी 2017 ई-बुक 13

    www.jagranjosh.com 13

    इटली राष्ट्रीय गान को ले के र्ावसजातनक रूप में कठोर नहीं है। इटली में राष्ट्टगान केवल कुछ खार् मौकों जरेै् कक राज्य र्मारोह, खेल कायसक्रमों तर्ा र्ावसजातनक रैभलयो में ही र्चंाभलत ककया जाता है। इटली में ना ही राष्ट्रीय गान को गाने को ले के कोई प्रावधान है ना ही राष्ट्रगान के र्मय ककर्ी खार् तरह के व््वहार रे् र्म्बंर्धत कोई प्रावधान है। नागररक केवल राष्ट्रीय गान के वक़्त खड़ ेहोने तर्ा रास्रीय गान का र्म्मान करने के भलए आपेक्षक्षत हैं।

    मेक्सर्को

    मेस्तर्को में कानूनी तौर पर यह अतनवायस है कक स्कूल तर्ा ववश्वववद्यालयों में प्रत्येक र्ोमवार र्बुह राष्ट्र ध्वज फहराया जायेगा। स्कूल के शुरू होने रे् पहले तर्ा ख़त्म होने के बाि राष्ट्रीय गान जरूरी है। इर्के अलवा मेस्तर्को के कुछ राज्यों में यह भी तनयम है कक र्ोमवार को छात्र एक अलग पोशाक( र्फ़ेि) में स्कूल जायेंगे।

    जापान

    जापान ने 1999 में एक कानून पार् ककया स्जर्के तहत इर्ने अपना राष्ट्रीय ध्वज तर्ा राष्ट्रीय गान स्र्ावपत ककया है। इर् कानून में राष्ट्रीय गान तर्ा राष्ट्रीय ध्वज रे् र्बंर्धत कोई ववशेष प्रावधान नहीं है। स्र्ानीय क्षेत्र के प्रतततनर्ध इर्रे् र्म्बंर्धत अपने ववतनयमन लाग ूकर र्कते हैं । इर्की एक वजह जापान के द्ववतीय ववश्व युि के र्मय राष्ट्रवाि का िषु्ट्पररणाम भी हो र्कता है।

    र्ाईलैंड

    र्ाईलैंड में राष्ट्रगान टेलीववजन पर रोज र्बुह 8 बजे तर्ा शाम को 6 बजे प्रर्ाररत ककया जाता है। र्ाईलैंड में र्भी छात्र र्बुह 8 बजे राष्ट्रीय ध्वज के र्ामने खड़ ेहोने तर्ा राष्ट्रगान गाने के भलए अपेक्षक्षत हैं । राष्ट्रीय गान र्रकारी िफ्तरों तर्ा भर्नेमा घरो में तनयभमत रूप रे् प्रर्ाररत ककया जाता है। लेककन र्ाईलैंड का राष्ट्रीय गान रे् र्म्बंर्धत कोई कानून नहीं है।

    मुद्रा-ववहीन अर्सव्यवस्र्ा की चुनौततयााँ और प्रारूप

  • करेंट अफेयर्स जनवरी 2017 ई-बुक 14

    www.jagranjosh.com 14

    एक मरुा-ववहीन या मरुा रदहत अर्सव्यवस्र्ा (Cashless Economy) का तात्पयस ऐर्ी अर्सव्यवस्र्ा रे् है, जहााँ मरुा का इस्तेमाल नहीं होता है या न्यूनतम होता है। एक मरुा-ववहीन अर्सव्यवस्र्ा में मरुा की जगह डडस्जटल पैरे् का इस्तेमाल ककया जाता है, तर्ा लेनिेन व भगुतान डडस्जटल यंत्रो जरेै् की मोबाइल, एटीएम आदि द्वारा ककया जाता है।

    मरुा-ववहीन अर्सव्यवस्र्ा प्राचीन र्मय में भी चलन में र्ी। तब यह वस्तु ववतनमय प्रणाली पर आधाररत हुआ करता र्ा, स्जरे् बाटसर प्रणाली के नाम रे् जाना जाता र्ा। “बबटकोइन (Bitcoin) “ के आने रे् मरुा-ववहीन अर्सव्यवस्र्ाओं को और अर्धक बल भमला।

    हाल ही में भारत र्रकार के ववमरुीकरण के फैर्ले ने भारत में मरुा के महत्त्व को लेकर कुछ र्वाल पैिा ककये है। और डडस्जटल परेै् को एक र्माधान के रूप में िेखा गया है।

    भारत र्रकार भी मरुा-ववहीन भगुतानों को प्रोत्र्ाहन िे रही है। और आखखर के कुछ र्ालो में र्रकार ने कुछ योजनाओं के तहत ई- भगुतान तर्ा डडस्जटल भगुतानों को बढ़ावा दिया है। भारतीय र्रकार की मरुा-ववहीन अर्सव्यवस्र्ा के भलए ककये गए प्रयार् तनस्म्लखखत है:

    1. जनधन योजना , आधार तर्ा मोबाइल : भारत र्रकार द्वारा शुरू की गई योजनायें जनधन रे् ले कर जनधन मोबाइल तर्ा अन्य पहलों जरेै् की मरुा बैंक (Micro Units Development & Refinance Agency Ltd-MUDRA) का एक उद्देश्य मरुा-ववहीन अर्सव्यवस्र्ा भी रहा है।

    आधार काडस र्रकार और जनता के बीच एक महत्वपूणस र्पंकस है। इर्की वजह रे् जनता को भ्ष्ट्ट अर्धकाररक चीजों रे् ज्यािा मतलब नही ं रहेगा, और वो बबना ककर्ी रुकावट के अपना काम कर र्कें गे।

    अतंरासष्ट्रीय कम्पनी मडूी की एक ररपोटस ने यह दिखाया है कक डडस्जटल भगुतान रे् उभरती अर्सव्यवस्र्ाओ को 0.8% फायिा होगा जबकक यह ववकभर्त अर्सव्यवस्र्ाओ के भलए 0.3% है।

  • करेंट अफेयर्स जनवरी 2017 ई-बुक 15

    www.jagranjosh.com 15

    डडस्जटल लेनिेन का एक फायिा यह भी है की यह आर्ानी रे् नजर रखी जा र्कती है। र्ाडी लेन-िेन की प्रकक्रया र्ही और र्तुनस्श्चत ढंग रे् होगी|

    मरुा-ववहीन अर्सव्यवस्र्ा के ओर बढ़ने के अन्य भी कई उपकरण है जरेै् कक Unified Payments Interface (UIP), एटीऍम, Aadhaar-enabled payment system (AEPS ), Unstructured Supplementary Service Data (USSD) पर आधाररत मोबाइल बैंककंग तर्ा ई-बटुवा आदि।

    2. ऑनलाइन भगुतान को बढ़ावा: करेंर्ी नोटों के ववमरुीकरण, भारतीय अर्सव्यवस्र्ा को मरुा-ववहीन अर्सव्यवस्र्ा की ओर बढ़ने पर र्हायक र्ाबबत होंगे। ववमरुीकरण के घोषणा के तीन मखु्य प्रभाव होंगे । पहला , डडस्जटल भगुतान में घातीय ववृिस होगी। िरू्रा, वे ई- वाखणस्ज्यक लेनिेन जो र्पुुिसगी पर अिायगी के माध्यम रे् होते रे् उनमें भारी र्गरावट आयेगी । तीर्रा, के्रडडट कार्डसर् के र्ंख्या में बढ़ोत्तरी होगी।

    पहले आयकर ववभाग के ववतनयमन के अनुर्ार के्रडडट काडस रे् एक र्ाल में २ लाख रुपयों रे् ऊपर के लेन-िेन की र्मीक्षा िेना जरूरी र्ा, और ग्राहक डडस्जटल भगुतान करने के भलए अतनच्छुक रे्। अब यह २ लाख की र्ीमा आगे बढ़ाई जायेगी। भारतीय भगुतान पररषद् ने एक बयान जारी ककया स्जर्मे ये कहा गया कक डडस्जटल भगुतान की कुल ववकार् िर अलग अलग उद्पािों में 40-70% तक रही है। डबेबट काडस की ववकार् िर 40% , के्रडडट काडस की ववकार् िर 15-20% है। परन्तु इर्के र्ार् र्ार् कुल भगुतान में मरुा द्वारा ककये गए भगुतान में भी विृी हुयी है।

    अभी यह मरुा-ववहीन अर्सव्यवस्र्ा के एक नए िौर की शरुुवात है और मरुववहीन उद्योग की ववकार् िर आने वाले 2 र्ालो में 100% रहने की उम्मीि है। भारत की अर्सव्यवस्र्ा के भलए यह मदु्र्ववहीन दिशा में बढ़ने के भलए एक र्कारात्मक र्चूक है।

    3. डडक्जटल भारत का ववचार: जरै्ा की हमें ज्ञात है, भारत की 70 फीर्िी आबािी ग्रामीण प्रष्ट्ठभभूम में रहती है। इर्ीभलए ग्रामीण इलाको में भी आवश्यक डडस्जटल आधाररत र्रंचना का

  • 2017

    Publisher : Jagran Josh Author : Jagran Josh

    Type the URL : http://www.kopykitab.com/product/10337

    Get this eBook

    http://www.kopykitab.com/index.php?route=product/product&product_id=10337

    करंट अफेयर्स जनवरी 2017