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Mantra For Pitra Dosh Nivaran & Pitra Shanti

पि�तृ�दो�ष और पि�तृ�शां� पितृ के� लि�ए मं त्र :-

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पि�तृ�दो�ष क्या� है और कै से� है�तृ� है :- जब पिकेसी� भी� व्यलि� के� के� ड�� के� नवमं �र जब सी!र्य# और र�हू के� र्य�पितृ हो� रहो� हो� तृ� र्यहो सीमंझा� ज�तृ� हो' पिके उसीके� पि�तृ� दो�ष र्य�ग बन रहो� हो' | भी�रतृ�र्य सी स्के� पितृ मं+ ��र�णों- और शां�स्त्र- के� अन�सी�र सी!र्य# तृथा� र�हू जिजसी भी� भी�व मं+ ब'ठतृ� हो',  उसी भी�व के� सीभी� फ� नष्ट हो� ज�तृ� हो' | र्यहो र्य�ग व्यलि� के� के� ण्ड�� मं+ एके ऎसी� दो�ष हो' ज� सीभी� प्रके�र के� दु:खों- के� एके सी�था दो�न� के� क्षमंतृ� रखोंतृ� हो', इसी दो�ष के� पि�तृ� दो�ष के� न�मं सी� ज�न� ज�तृ� हो' |

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व्यलि� के� के� न्ड�� के� नवमं< भी�व अथाव� घर धमं# के� सी!चके हो' तृथा� र्यहो पि�तृ� के� घर भी� हो�तृ� हो' | इसीलि�ए अगर पिकेसी� के� के� ड�� मं+ नवमं< घर मं+ ग्रहो- पिके स्थिBपितृ ठCके नहोD हो' अथा�#तृ खोंर�ब ग्रहो- सी� ग्रलिसीतृ हो' तृ� इसीके� तृ�त्�र्य# हो' पिके ज�तृके के� �!व#ज- के� इच्छा�र्य+ अध!र� रहो गर्यD था� अतृ: इसी प्रके�र के� ज�तृके होमं�शां� तृन�व मं+ रहोतृ� हो' एव उसी� मं�नलिसीके, शां�र�रिरके तृथा� भीHपितृके सीमंस्र्य�ओं और सी केटों- के� सी�मंन� के�रणों �डतृ� हो' |अतृ: सी�ष्ट हो' पिके ज�तृके के� नव� भी�व र्य� नव+ भी�व के� मं�लि�के र�हु र्य� के� तृ� सी� ग्रलिसीतृ हो' तृ� र्यहो सीH प्रपितृशांतृ पि�तृ�दो�ष के� के�रणों- मं+ मं�न� ज�तृ� हो' |

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मं�ख्र्यतृर्य�: पि�तृ�दो�ष इसी आध�पिनके र्य�ग मं+ पि�तृर- के� प्रपितृ अनदो�खों� और खों!न के� रिरश्तृ� के� हो�केर भी� उन्हो+ भी���न� ज'सी� आज के� इसी स्व�था#व�दोP सीभ्र्यतृ� पिके दो�न हो' | आजके� के� इसी आध�पिनकेरणों के� र्य�ग मं+ न ज�न� पिकेतृन� हो� ��ग र�ज अके�� मं�त्र्य� के� लिशांके�र हो� ज�तृ� हो' अतृ: इसी प्रके�र के� के� ग�� मं+ सीमं�र्य� हुए �रिरजन- के� इच्छा�ए अध!र� रहो ज�तृ� हो' और व� मं�त्र्य���के के� ब धन सी� मं�� नहोD हो�केर र्यहो� भीटोंकेतृ� रहोतृ� हो' और र्यहो आशां� केरतृ� हो' पिके उनके� �रिरजन उनके� लि�ए श्रा�द्धकेमं# तृथा� तृ�#णों�दिदो केर उनके� इसी ब धन सी� मं�� केर�एUग� | �र जब उनके� �रिरजन- द्वा�र� उनके� तृ�#णों व श्रा�द्ध नहोD पिकेर्य� ज�तृ� हो' और र्यहो�U तृके उन्हो+ र्य�दो केरन� तृके के� सीमंर्य भी� उनके� ��सी नहोD हो�तृ� हो' तृब भीटोंकेतृ� हुए �रिरजन- अथा�#तृ पि�तृर- के� सी�था खों!न के� रिरश्तृ� हो�न� फ�स्वरू� भी� उनके� पितृरस्के�र केरन� के� फ� उन्हो+ इसी पि�तृ�दो�ष के� रू� मं+ प्र�प्तृ हो�तृ� हो' |

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पि�तृ�दो�ष पि�वा�रण पि�तृ�शां��पितृ कै� उ��या  :-

पि�तृ�दो�ष और पि�तृ�शां� पितृ के� लि�र्य� श्रा�मंद्भगवद्गीPतृ� के� ��ठ केरन� सीबसी� उत्तमं रहोतृ� हो' तृथा� पि�तृ�दो�ष और पि�तृ�शां� पितृ के� लि�ए श्रा� के� ष्णों चरिरत्र केथा� श्रा�मंद्भ�गवतृ मंहो���र�णों के� ��ठ पिवद्वा�न ब्रा�ह्मणों- सी� केरव�न� च�पिहोए |और सी�था हो� पि�तृ� �!ज� भी� केरव�न� च�पिहोए |

पि�तृ�दो�ष और पि�तृ�शां� पितृ के� लि�र्य� सीबसी� �हो�� श्रा� के� ष्णों के� �!ज� केरन� च�पिहोए और भीगवद्गीPतृ� के� 12 व+ और 13व+ अध्र्य�र्य के� ��ठ, सी केल्� के� सी�था केरन� च�पिहोए और इसी ��ठ के� पि�तृर- के� सीमंर्पि�cतृ केरन� च�पिहोए |

इसी� तृरहो ग्रहोशां� पितृ र्य�  सीभी� ग्रहो- के� शां� पितृ के� लि�ए पिनच� लि�खों� इसी मं त्र के� 1008 आहुपितृर्य�U दो�न� च�पिहोए :-

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In Hindi:-

"ओमं< नमं� भीगवतृ� व�सी�दो�व�र्य"

In English:-

"Ohm Namo Bhagawate Vasudeway"

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पि�तृ�दो�ष पिनव�रणों पि�तृ�शां� पितृ के� उ��र्य के� लि�ए इसी मं त्र के� भी� पि�तृर- के� लिचत्र के� सीम्मं�खों ब'ठकेर श्रा�द्ध� और भीलि� के� सी�था होवन केर� और इसी मं त्र के� ज�� केर� |

In Hindi:-

ऊँU श्रा� सीव#पि�तृ� दो�ष पिनव�रणों�र्य के��शांमं< हो हो सी�खों शां� पितृमं< दो�पिहो फटोंस्व�हो�: |

In English:-

Ohm Shree Sarva Pitra Dosh Nivarnaay Kaleshm Han Han Sukh Shantim Dehi Fat Svahaa: |

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इन दो�न- मंन्त्र- के� र्यज्ञ र्य� होवन मं+ आहुपितृर्य�U दो�न� च�पिहोए व प्रपितृदिदोन सी ध्र्य�के�� मं+ इसी मं त्र के� ज�� केरन� सी� आ�के� जन्मं के� ड�� मं+ स्थिBतृ अपिनष्टके�रके ग्रहो भी� आ�के� के� छ भी� अपिनष्ट नहोD केर+ग� | 

(जर्य व�सी�दो�व�र्य नमंi )

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