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व्या�करण बो�ध तथा� रचना�

वि�षया�ना�क्रमणिणक�

1. भा�षा� , व्या�करण और बोली�

2. वण� - विवचा�र

3. शब्द - विवचा�र

4. पद - विवचा�र

5. सं�ज्ञा� क� विवक�रक तत्व

6. वचान

7. क�रक

8. संव�न�म

9. विवश�षाण

10. वि�या�

11. क�ली

12. व�च्या

13. वि�या� - विवश�षाण

14. सं�बो�धबोधक अव्याया

15. संम"च्याबोधक अव्याया

16. विवस्मया�दिदबोधक अव्याया

17. शब्द - रचान�

18. प्रत्याया

19. सं�धिध

20. संम�सं

21. पद - परिरचाया

22. शब्द - ज्ञा�न

23. विवर�म - चिचाह्न

24. व�क्या - प्रकरण

25. अश"द्ध व�क्या, क� श"द्ध रूप

26. म"हा�वर� और लीकचि/या�0

27. सं�व�द ली�खन

28. कहा�न�-ली�खन

29. सं�र-ली�खन तथा� अपदि3त गद्यां��श

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30. पत्र ली�खन

31. विनबो�ध ली�खन

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अध्या�या 1

1.भा�ष�, व्या�करण और बो�ली�

परिरभा�षा�- भा�षा� अभिभाव्याचि/ क� एक ऐसं� संमथा� सं�धन हा: जि<संक� द्वा�र� मन"ष्या अपन� विवचा�र, क दूसंर, पर प्रकट कर संकत� हा: और दूसंर, क� विवचा�र <�न� संकत� हा:।सं�सं�र मB अन�क भा�षा�ए0 हाC। <:सं�-विहान्दE,सं�स्कF त,अ�ग्रे�<�, बो0गली�,ग"<र�त�,प�<�बो�,उदू�, त�ली"ग", मलीया�लीम,

कन्नड़, फ्रैंC चा, चा�न�, <म�न इत्या�दिद।

भा�षा� क� प्रक�र- भा�षा� द प्रक�र कM हात� हा:-1. मNखिखक भा�षा�।2. चिलीखिखत भा�षा�।आमन�-सं�मन� बो:3� व्याचि/ परस्पर बो�तचा�त करत� हाC अथाव� कई व्याचि/ भा�षाण आदिद द्वा�र� अपन� विवचा�र प्रकट करत� हा: त उसं� भा�षा� क� मNखिखक रूप कहात� हाC।<बो व्याचि/ विकसं� दूर बो:3� व्याचि/ क पत्र द्वा�र� अथाव� प"स्तक, एव� पत्र-पवित्रक�ओं मB ली�ख द्वा�र� अपन� विवचा�र प्रकट करत� हा: तबो उसं� भा�षा� क� चिलीखिखत रूप कहात� हाC।

व्या�करण

मन"ष्या मNखिखक एव� चिलीखिखत भा�षा� मB अपन� विवचा�र प्रकट कर संकत� हा: और करत� रहा� हा: विकन्त" इसंसं� भा�षा� क� कई विनभिTत एव� श"द्ध स्वरूप स्थिVर नहाW हा संकत�। भा�षा� क� श"द्ध और V�या� रूप क विनभिTत करन� क� चिलीए विनयामबोद्ध या<न� कM आवश्याकत� हात� हा: और उसं विनयामबोद्ध या<न� क हाम व्या�करण कहात� हाC।

परिरभा�षा�- व्या�करण वहा श�स्त्र हा: जि<संक� द्वा�र� विकसं� भा� भा�षा� क� शब्द, और व�क्या, क� श"द्ध स्वरूप, एव� श"द्ध प्रयाग, क� विवशद ज्ञा�न कर�या� <�त� हा:।भा�षा� और व्या�करण क� सं�बो�ध- कई भा� मन"ष्या श"द्ध भा�षा� क� पYण� ज्ञा�न व्या�करण क� विबोन� प्र�प्त नहाW कर संकत�। अत[ भा�षा� और व्या�करण क� घविनष्ठ सं�बो�ध हाC वहा भा�षा� मB उच्चा�रण, शब्द-प्रयाग, व�क्या-ग3न तथा� अथा_ क� प्रयाग क� रूप क विनभिTत करत� हा:।

व्या�करण क� विवभा�ग- व्या�करण क� चा�र अ�ग विनध��रिरत विकया� गया� हाC-1. वण�-विवचा�र।2. शब्द-विवचा�र।3. पद-विवचा�र।4. व�क्या विवचा�र।

बो�ली�

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भा�षा� क� क्षे�त्र�या रूप बोली� कहाली�त� हा:। अथा��तa द�श क� विवभिभान्न भा�ग, मB बोली� <�न� व�ली� भा�षा� बोली� कहाली�त� हा: और विकसं� भा� क्षे�त्र�या बोली� क� चिलीखिखत रूप मB स्थिVर सं�विहात्या वहा�0 कM भा�षा� कहाली�त� हा:।

लिलीवि�

विकसं� भा� भा�षा� क� चिलीखन� कM विवधिध क ‘ ’चिलीविप कहात� हाC। विहान्दE, न�प�ली� और सं�स्कF त भा�षा� कM चिलीविप क� न�म द�वन�गर� हा:। अ�ग्रे�<� भा�षा� कM चिलीविप ‘ ’रमन , उदू� भा�षा� कM चिलीविप फा�रसं�, और प�<�बो� भा�षा� कM चिलीविप ग"रुम"ख� हा:।

सा�वि�त्या

ज्ञा�न-र�चिश क� सं�चिचात कश हा� सं�विहात्या हा:। सं�विहात्या हा� विकसं� भा� द�श, <�वित और वग� क <�व�त रखन� क�- उसंक� अत�त रूप, क दश��न� क� एकम�त्र सं�क्ष्या हात� हा:। याहा म�नव कM अन"भाYवित क� विवभिभान्न पक्षे, क स्पष्ट

करत� हा: और प�3क, एव� श्रोत�ओं क� हृदया मB एक अलीNविकक अविनव�चान�या आन�द कM अन"भाYवित उत्पन्न

करत� हा:।

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अध्या�या 2

�ण -वि�च�र

परिरभा�षा�-विहान्दE भा�षा� मB प्रया"/ संबोसं� छोटE ध्वविन वण� कहाली�त� हा:। <:सं�-अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, कa , खa आदिद।

�ण म�ली�

वण_ क� संम"द�या क हा� वण�म�ली� कहात� हाC। विहान्दE वण�म�ली� मB 44 वण� हाC। उच्चा�रण और प्रयाग क� आध�र पर विहान्दE वण�म�ली� क� द भा�द विकए गए हाC-1. स्वर2. व्या�<न

स्�र

जि<न वण_ क� उच्चा�रण स्वत�त्र रूप सं� हात� हा और < व्या�<न, क� उच्चा�रण मB संहा�याक हा, व� स्वर कहाली�त� हा:। या� सं�ख्या� मB ग्या�रहा हाC-अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ।

उच्चा�रण क� संमया कM दृधिष्ट सं� स्वर क� त�न भा�द विकए गए हाC-1. ह्रस्व स्वर।2. दEघ� स्वर।3. प्ली"त स्वर।

1. ह्रस्� स्�र

जि<न स्वर, क� उच्चा�रण मB कम-सं�-कम संमया लीगत� हाC उन्हाB ह्रस्व स्वर कहात� हाC। या� चा�र हाC- अ, इ, उ, ऋ। इन्हाB मYली स्वर भा� कहात� हाC।

2. दी$र्घ स्�र

जि<न स्वर, क� उच्चा�रण मB ह्रस्व स्वर, सं� दुग"न� संमया लीगत� हा: उन्हाB दEघ� स्वर कहात� हाC। या� विहान्दE मB सं�त हाC- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ।विवश�षा- दEघ� स्वर, क ह्रस्व स्वर, क� दEघ� रूप नहाW संमझन� चा�विहाए। याहा�0 दEघ� शब्द क� प्रयाग उच्चा�रण मB लीगन� व�ली� संमया क आध�र म�नकर विकया� गया� हा:।

3. प्ली�त स्�र

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जि<न स्वर, क� उच्चा�रण मB दEघ� स्वर, सं� भा� अधिधक संमया लीगत� हा: उन्हाB प्ली"त स्वर कहात� हाC। प्र�या[ इनक� प्रयाग दूर सं� बो"ली�न� मB विकया� <�त� हा:।

म�त्रा�एँ)

स्वर, क� बोदली� हुए स्वरूप क म�त्र� कहात� हाC स्वर, कM म�त्र�ए0 विनम्नचिलीखिखत हाC-स्वर म�त्र�ए0 शब्दअ × कमआ ा� क�मइ िा विकसंलीयाई ा� ख�रउ ा" ग"ली�बोऊ ाY भाYलीऋ ाF तFणए ा� क� शऐ ा: हा:ओ ा चारऔ ाN चाNखटअ वण� (स्वर) कM कई म�त्र� नहाW हात�। व्या�<न, क� अपन� स्वरूप विनम्नचिलीखिखत हाC-कa चाa छोa <a झa तa थाa धa आदिद।अ लीगन� पर व्या�<न, क� न�चा� क� (हाली) चिचाह्न हाट <�त� हा:। तबो या� इसं प्रक�र चिलीख� <�त� हाC-क चा छो < झ त था ध आदिद।

व्या*जना

जि<न वण_ क� पYण� उच्चा�रण क� चिलीए स्वर, कM संहा�यात� ली� <�त� हा: व� व्या�<न कहाली�त� हाC। अथा��त व्या�<न

विबोन� स्वर, कM संहा�यात� क� बोली� हा� नहाW <� संकत�। या� सं�ख्या� मB 33 हाC। इसंक� विनम्नचिलीखिखत त�न भा�द हाC-1. स्पश�2. अ�त[V3. ऊष्म

1. स्पर्श

इन्हाB प�0चा वग_ मB रख� गया� हा: और हार वग� मB प�0चा-प�0चा व्या�<न हाC। हार वग� क� न�म पहाली� वग� क� अन"सं�र रख� गया� हा: <:सं�-कवग�- कa खa गa घa ड़्चावग�- चाa छोa <a झa ञ्a

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टवग�- टa 3a ड्a ढ्a णa (ड़् ढ़्)

तवग�- तa थाa दa धa नaपवग�- पa फाa बोa भाa मa

2. अ*त.स्थ

या� विनम्नचिलीखिखत चा�र हाC-याa रa लीa वa

3. ऊष्म

या� विनम्नचिलीखिखत चा�र हाC-शa षाa संa हाa 

व:सं� त <हा�0 भा� द अथाव� द सं� अधिधक व्या�<न धिमली <�त� हाC व� सं�या"/ व्या�<न कहाली�त� हाC, विकन्त" द�वन�गर� चिलीविप मB सं�याग क� बो�द रूप-परिरवत�न हा <�न� क� क�रण इन त�न क विगन�या� गया� हा:। या� द-द व्या�<न, सं� धिमलीकर बोन� हाC। <:सं�-क्षे=कa +षा अक्षेर, ज्ञा=<a+ञ् ज्ञा�न, त्र=तa+र नक्षेत्र क" छो लीग क्षेa त्रa और ज्ञाa क भा� विहान्दE वण�म�ली� मB विगनत� हाC, पर या� सं�या"/ व्या�<न हाC। अत[ इन्हाB वण�म�ली� मB विगनन� उचिचात प्रत�त नहाW हात�।

अना�स्��र

इसंक� प्रयाग प�चाम वण� क� V�न पर हात� हा:। इसंक� चिचान्हा (ा�) हा:। <:सं�- संम्भव=सं�भाव, संञ्जया=सं�<या,

गड़्ग�=ग�ग�।

वि�सार्ग

इसंक� उच्चा�रण हाa क� संम�न हात� हा:। इसंक� चिचाह्न (:) हा:। <:सं�-अत[, प्र�त[।

च*द्रबिंबो5दु

<बो विकसं� स्वर क� उच्चा�रण न�चिसंक� और म"ख दन, सं� विकया� <�त� हा: तबो उसंक� ऊपर चा�द्रबिंबो�दु (ा0) लीग� दिदया� <�त� हा:।याहा अन"न�चिसंक कहाली�त� हा:। <:सं�-हा0संन�, आ0ख।

विहान्दE वण�म�ली� मB 11 स्वर तथा� 33 व्या�<न विगन�ए <�त� हाC, परन्त" इनमB ड़्, ढ़् अ� तथा� अ[ <ड़न� पर विहान्दE क� वण_ कM क" ली सं�ख्या� 48 हा <�त� हा:।

�ली*त

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<बो कभा� व्या�<न क� प्रयाग स्वर सं� रविहात विकया� <�त� हा: तबो उसंक� न�चा� एक वितरछोE र�ख� (ाa) लीग� दE <�त� हा:। याहा र�ख� हाली कहाली�त� हा:। हालीया"/ व्या�<न हाली�त वण� कहाली�त� हा:। <:सं�-विवदa या�।

�ण7 क8 उच्चा�रण-स्थ�ना

म"ख क� जि<सं भा�ग सं� जि<सं वण� क� उच्चा�रण हात� हा: उसं� उसं वण� क� उच्चा�रण V�न कहात� हाC।

उच्चा�रण स्थ�ना त�लिलीक�

�म वण� उच्चा�रण श्रो�ण�

1. अ आ कa खa गa घa ड़् हाa विवसंग� क� 3 और <�भा क� विनचाली� भा�ग क� 3V

2. इ ई चाa छोa <a झa ञ्a याa श त�ली" और <�भा त�लीव्या

3. ऋ टa 3a ड्a ढ्a णa ड़् ढ़् रa षाa मYध�� और <�भा मYध�न्या

4. तa थाa दa धa नa लीa संa द�0त और <�भा द�त्या

5. उ ऊ पa फाa बोa भाa म दन, हा,3 ओष्ठ्य

6. ए ऐ क� 3 त�ली" और <�भा क� 3त�लीव्या

7. ओ औ द�0त <�भा और हा,3 क� 3ष्ठ्य

8. वa द�0त <�भा और हा,3 द�तषाa

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अध्या�या 3

र्शब्दी-वि�च�र

परिरभा�षा�- एक या� अधिधक वण_ सं� बोन� हुई स्वत�त्र सं�था�क ध्वविन शब्द कहाली�त� हा:। <:सं�- एक वण� सं� विनर्मिम�त

शब्द-न (नहाW) व (और) अन�क वण_ सं� विनर्मिम�त शब्द-क" त्ता�, श�र,कमली, नयान, प्र�सं�द, संव�व्या�प�, परम�त्म�।

र्शब्दी-भा8दी

व्या"त्पभित्ता (बोन�वट) क� आध�र पर शब्द-भा�द-

व्या"त्पभित्ता (बोन�वट) क� आध�र पर शब्द क� विनम्नचिलीखिखत त�न भा�द हाC-1. रूढ़2. याNविगक3. यागरूढ़

1. रूढ़

< शब्द विकन्हाW अन्या शब्द, क� याग सं� न बोन� हा, और विकसं� विवश�षा अथा� क प्रकट करत� हा, तथा� जि<नक� ट"कड़, क� कई अथा� नहाW हात�, व� रूढ़ कहाली�त� हाC। <:सं�-कली, पर। इनमB क, ली, प, र क� ट"कड़� करन� पर क" छो अथा� नहाW हाC। अत[ या� विनरथा�क हाC।

2. या?विर्गक

< शब्द कई सं�था�क शब्द, क� म�ली सं� बोन� हा,,व� याNविगक कहाली�त� हाC। <:सं�-द�व�लीया=द�व+आलीया,

र�<प"रुषा=र�<+प"रुषा, विहाम�लीया=विहाम+आलीया, द�वदूत=द�व+दूत आदिद। या� संभा� शब्द द सं�था�क शब्द, क� म�ली सं� बोन� हाC।

3. या�र्गरूढ़

व� शब्द, < याNविगक त हाC, विकन्त" सं�म�न्या अथा� क न प्रकट कर विकसं� विवश�षा अथा� क प्रकट करत� हाC, यागरूढ़ कहाली�त� हाC। <:सं�-प�क<, दश�नन आदिद। प�क<=प�क+< (कMचाड़ मB उत्पन्न हान� व�ली�) सं�म�न्या

अथा� मB प्रचाचिलीत न हाकर कमली क� अथा� मB रूढ़ हा गया� हा:। अत[ प�क< शब्द यागरूढ़ हा:। इसं� प्रक�र दश

(दसं) आनन (म"ख) व�ली� र�वण क� अथा� मB प्रचिसंद्ध हा:।

उत्�लि@ क8 आध�र �र र्शब्दी-भा8दी

उत्पभित्ता क� आध�र पर शब्द क� विनम्नचिलीखिखत चा�र भा�द हाC-

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1. तत्संम- < शब्द सं�स्कF त भा�षा� सं� विहान्दE मB विबोन� विकसं� परिरवत�न क� ली� चिलीए गए हाC व� तत्संम कहाली�त� हाC। <:सं�-अखिग्न, क्षे�त्र, व�या", र�वित्र, संYया� आदिद।2. तद्भव- < शब्द रूप बोदलीन� क� बो�द सं�स्कF त सं� विहान्दE मB आए हाC व� तद्भव कहाली�त� हाC। <:सं�-आग

(अखिग्न), ख�त(क्षे�त्र), र�त (र�वित्र), संYर< (संYया�) आदिद।3. द�श<- < शब्द क्षे�त्र�या प्रभा�व क� क�रण परिरस्थिVवित व आवश्याकत�न"सं�र बोनकर प्रचाचिलीत हा गए हाC व� द�श< कहाली�त� हाC। <:सं�-पगड़�, ग�ड़�, था:ली�, प�ट, खटखट�न� आदिद।4. विवद�श� या� विवद�श<- विवद�श� <�वितया, क� सं�पक� सं� उनकM भा�षा� क� बोहुत सं� शब्द विहान्दE मB प्रया"/ हान� लीग� हाC। ऐसं� शब्द विवद�श� अथाव� विवद�श< कहाली�त� हाC। <:सं�-स्कY ली, अन�र, आम, कC चा�,अचा�र, प"चिलीसं, ट�ली�फान,

रिरक्शा� आदिद। ऐसं� क" छो विवद�श� शब्द, कM संYचा� न�चा� दE <� रहा� हा:।अ�ग्रे�<�- क�ली�<, पCचिसंली, र�विड्या, ट�ली�विव<न, ड्�क्टर, ली:टरबोक्सं, प:न, दिटकट, मश�न, चिसंगर�ट, सं�इविकली,

बोतली आदिद।फा�रसं�- अन�र,चाश्म�, <मWद�र, दुक�न, दरबो�र, नमक, नमYन�, बो�म�र, बोरफा, रूम�ली, आदम�, चा"गलीखर, ग�दग�, चा�पलीYसं� आदिद।अरबो�- औली�द, अम�र, कत्ली, कलीम, क�नYन, खत, फाकMर, रिरश्वत, औरत, क: दE, म�चिलीक, गर�बो आदिद।त"क�- कC चा�, चा�कY , तप, बो�रूद, ली�श, द�रग�, बोहा�दुर आदिद।प"त�ग�ली�- अचा�र, आलीप�न, क�रतYसं, गमली�, चा�बो�, वित<र�, तNचिलीया�, फाMत�, सं�बो"न, त�बो�कY , क�फाM, कम�< आदिद।फ्रैं��सं�सं�- प"चिलीसं, क�टY�न, इ�<�विनयार, कर्फ्यूयाY�, विबोग"ली आदिद।चा�न�- तYफा�न, ली�चा�, चा�या, पट�ख� आदिद।याYन�न�- ट�ली�फान, ट�ली�ग्रे�फा, ऐटम, ड्�ल्ट� आदिद।<�प�न�- रिरक्शा� आदिद।

प्रया�र्ग क8 आध�र �र र्शब्दी-भा8दी

प्रयाग क� आध�र पर शब्द क� विनम्नचिलीखिखत आ3 भा�द हा:-1. सं�ज्ञा�2. संव�न�म3. विवश�षाण4. वि�या�5. वि�या�-विवश�षाण6. सं�बो�धबोधक7. संम"च्चायाबोधक8. विवस्मया�दिदबोधक

इन उपया"�/ आ3 प्रक�र क� शब्द, क भा� विवक�र कM दृधिष्ट सं� द भा�ग, मB बो�0ट� <� संकत� हा:-

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1. विवक�र�2. अविवक�र�

1. वि�क�र� र्शब्दी

जि<न शब्द, क� रूप-परिरवत�न हात� रहात� हा: व� विवक�र� शब्द कहाली�त� हाC। <:सं�-क" त्ता�, क" त्ता�, क" त्ता,, मC म"झ�,हामB अच्छा�, अच्छा� ख�त� हा:, ख�त� हा:, ख�त� हाC। इनमB सं�ज्ञा�, संव�न�म, विवश�षाण और वि�या� विवक�र� शब्द हाC।

2. अवि�क�र� र्शब्दी

जि<न शब्द, क� रूप मB कभा� कई परिरवत�न नहाW हात� हा: व� अविवक�र� शब्द कहाली�त� हाC। <:सं�-याहा�0, विकन्त", विनत्या, और, हा� अर� आदिद। इनमB वि�या�-विवश�षाण, सं�बो�धबोधक, संम"च्चायाबोधक और विवस्मया�दिदबोधक आदिद

हाC।

अथा कC दृविE सा8 र्शब्दी-भा8दी

अथा� कM दृधिष्ट सं� शब्द क� द भा�द हाC-1. सं�था�क2. विनरथा�क

1. सा�था क र्शब्दी

जि<न शब्द, क� क" छो-न-क" छो अथा� हा व� शब्द सं�था�क शब्द कहाली�त� हाC। <:सं�-रटE, प�न�, ममत�, ड्�ड्� आदिद।

2. विनारथा क र्शब्दी

जि<न शब्द, क� कई अथा� नहाW हात� हा: व� शब्द विनरथा�क कहाली�त� हाC। <:सं�-रटE-वटE, प�न�-व�न�, ड्�ड्�-व�ड्� इनमB वटE, व�न�, व�ड्� आदिद विनरथा�क शब्द हाC।विवश�षा- विनरथा�क शब्द, पर व्या�करण मB कई विवचा�र नहाW विकया� <�त� हा:।

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अध्या�या 4

�दी-वि�च�र

सं�था�क वण�-संमYहा शब्द कहाली�त� हा:, पर <बो इसंक� प्रयाग व�क्या मB हात� हा: त वहा स्वत�त्र नहाW रहात� बोल्किल्क

व्या�करण क� विनयाम, मB बो0ध <�त� हा: और प्र�या[ इसंक� रूप भा� बोदली <�त� हा:। <बो कई शब्द व�क्या मB प्रया"/ हात� हा: त उसं� शब्द न कहाकर पद कहा� <�त� हा:।विहान्दE मB पद प�0चा प्रक�र क� हात� हाC-1. सं�ज्ञा�2. संव�न�म3. विवश�षाण4. वि�या�5. अव्याया

1. सा*ज्ञा�

विकसं� व्याचि/, V�न, वस्त" आदिद तथा� न�म क� ग"ण, धम�, स्वभा�व क� बोध कर�न� व�ली� शब्द सं�ज्ञा� कहाली�त� हाC। <:सं�-श्या�म, आम, धिम3�सं, हा�था� आदिद।सं�ज्ञा� क� प्रक�र- सं�ज्ञा� क� त�न भा�द हाC-1. व्याचि/व�चाक सं�ज्ञा�।2. <�वितव�चाक सं�ज्ञा�।3. भा�वव�चाक सं�ज्ञा�।

1. व्यालिG��चक सा*ज्ञा�

जि<सं सं�ज्ञा� शब्द सं� विकसं� विवश�षा, व्याचि/, प्र�ण�, वस्त" अथाव� V�न क� बोध हा उसं� व्याचि/व�चाक सं�ज्ञा� कहात� हाC। <:सं�-<याप्रक�श न�र�याण, श्रो�कF ष्ण, र�म�याण, त�<महाली, क" त"बोम�न�र, ली�लीविकली� विहाम�लीया

आदिद।

2. ज�वित��चक सा*ज्ञा�

जि<सं सं�ज्ञा� शब्द सं� उसंकM सं�पYण� <�वित क� बोध हा उसं� <�वितव�चाक सं�ज्ञा� कहात� हाC। <:सं�-मन"ष्या, नदE, नगर, पव�त, पश", पक्षे�, लीड़क�, क" त्ता�, ग�या, घड़�, भाCसं, बोकर�, न�र�, ग�0व आदिद।

3. भा����चक सा*ज्ञा�

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जि<सं सं�ज्ञा� शब्द सं� पद�था_ कM अवV�, ग"ण-दषा, धम� आदिद क� बोध हा उसं� भा�वव�चाक सं�ज्ञा� कहात� हाC। <:सं�-बो"ढ़�प�, धिम3�सं, बोचापन, मट�प�, चाढ़�ई, थाक�वट आदिद।विवश�षा व/व्या- क" छो विवद्वा�न अ�ग्रे�<� व्या�करण क� प्रभा�व क� क�रण सं�ज्ञा� शब्द क� द भा�द और बोतली�त� हाC-1. संम"द�याव�चाक सं�ज्ञा�।2. द्रव्याव�चाक सं�ज्ञा�।

1. साम�दी�या��चक सा*ज्ञा�

जि<न सं�ज्ञा� शब्द, सं� व्याचि/या,, वस्त"ओं आदिद क� संमYहा क� बोध हा उन्हाB संम"द�याव�चाक सं�ज्ञा� कहात� हाC। <:सं�-संभा�, कक्षे�, सं�न�, भा�ड़, प"स्तक�लीया दली आदिद।

2. द्रव्या��चक सा*ज्ञा�

जि<न सं�ज्ञा�-शब्द, सं� विकसं� ध�त", द्रव्या आदिद पद�था_ क� बोध हा उन्हाB द्रव्याव�चाक सं�ज्ञा� कहात� हाC। <:सं�-घ�, त�ली, संन�, चा�0दE,प�तली, चा�वली, ग�हूँ0, कयाली�, लीहा� आदिद।

इसं प्रक�र सं�ज्ञा� क� प�0चा भा�द हा गए, विकन्त" अन�क विवद्वा�न संम"द�याव�चाक और द्रव्याव�चाक सं�ज्ञा�ओं क <�वितव�चाक सं�ज्ञा� क� अ�तग�त हा� म�नत� हाC, और याहा� उचिचात भा� प्रत�त हात� हा:।भा�वव�चाक सं�ज्ञा� बोन�न�- भा�वव�चाक सं�ज्ञा�ए0 चा�र प्रक�र क� शब्द, सं� बोनत� हाC। <:सं�-

1. ज�वित��चक सा*ज्ञा�ओं सा8

द�सं द�संत�प�विड्त प��विड्त्या 

बो�ध" बो�ध"त्वक्षेवित्रया क्षेवित्रयात्वप"रुषा प"रुषात्व 

प्रभा" प्रभा"त�पश" पश"त�,पश"त्वब्रा�ह्मण ब्रा�ह्मणत्वधिमत्र धिमत्रत�बो�लीक बो�लीकपनबोच्चा� बोचापन 

न�र� न�र�त्व

2. सा� ना�म सा8

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अपन� अपन�पन, अपनत्व विन< विन<त्व,विन<त�पर�या� पर�या�पन 

स्व स्वत्वसंव� संव�स्वअहा� अहा�क�रमम ममत्व,ममत�

3. वि�र्श8षण सा8

म�3� धिम3�सं 

चात"र चा�त"या�, चात"र�ईमध"र म�ध"या� सं"�दर सं�दया�, सं"�दरत�विनबो�ली विनबो�लीत� संफा� द संफा� दEहार� हारिरया�ली� संफाली संफालीत�प्रव�ण प्रव�णत� म:ली� म:लीविनप"ण विनप"णत� खट्टा� खट�सं

4. विक्रया� सा8

ख�लीन� ख�ली 

थाकन� थाक�वट चिलीखन� ली�ख, चिलीख�ईहा0संन� हा0सं�ली�न�-द�न� ली�न-द�नपढ़न� पढ़�ईधिमलीन� म�लीचाढ़न� चाढ़�ई म"संक�न� म"संक�नकम�न� कम�ई उतरन� उतर�ई उड़न� उड़�नरहान�-संहान� रहान-संहान 

द�खन�-भा�लीन� द�ख-भा�ली

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अध्या�या 5

सा*ज्ञा� क8 वि�क�रक तत्�

जि<न तत्व, क� आध�र पर सं�ज्ञा� (सं�ज्ञा�, संव�न�म, विवश�षाण) क� रूप��तर हात� हा: व� विवक�रक तत्व कहाली�त� हाC।व�क्या मB शब्द, कM स्थिVवित क� आध�र पर हा� उनमB विवक�र आत� हाC। याहा विवक�र लिंली�ग, वचान और क�रक क� क�रण हा� हात� हा:। <:सं�-लीड़क� शब्द क� चा�र, रूप- 1.लीड़क�, 2.लीड़क� , 3.लीड़क,, 4.लीड़क-क� वली वचान

और क�रक, क� क�रण बोनत� हाC।लिंली�ग- जि<सं चिचाह्न सं� याहा बोध हात� हा विक अम"क शब्द प"रुषा <�वित क� हा: अथाव� स्त्र� <�वित क� वहा लिंली�ग

कहाली�त� हा:।परिरभा�षा�- शब्द क� जि<सं रूप सं� विकसं� व्याचि/, वस्त" आदिद क� प"रुषा <�वित अथाव� स्त्र� <�वित क� हान� क� ज्ञा�न

हा उसं� लिंली�ग कहात� हाC। <:सं�-लीड़क�, लीड़कM, नर, न�र� आदिद। इनमB ‘ ’लीड़क� और ‘ ’नर प"स्थिल्ली�ग तथा� लीड़कM और ‘ ’न�र� स्त्र�लिंली�ग हाC।

विहान्दE मB लिंली�ग क� द भा�द हाC-1. प"स्थिल्ली�ग।2. स्त्र�लिंली�ग।

1. ��ल्लिंJली*र्ग

जि<न सं�ज्ञा� शब्द, सं� प"रुषा <�वित क� बोध हा अथाव� < शब्द प"रुषा <�वित क� अ�तग�त म�न� <�त� हाC व� प"स्थिल्ली�ग

हाC। <:सं�-क" त्ता�, लीड़क�, प�ड़, लिंसं�हा, बो:ली, घर आदिद।

2. स्त्रा�लिंली5र्ग

जि<न सं�ज्ञा� शब्द, सं� स्त्र� <�वित क� बोध हा अथाव� < शब्द स्त्र� <�वित क� अ�तग�त म�न� <�त� हाC व� स्त्र�लिंली�ग हाC। <:सं�-ग�या, घड़�, लीड़कM, क" रसं�, छोड़�, न�र� आदिद।

��ल्लिंJली*र्ग कC ��च�ना

1. आ, आव, प�, पन न या� प्रत्याया जि<न शब्द, क� अ�त मB हा, व� प्र�या[ प"स्थिल्ली�ग हात� हाC। <:सं�- मट�, चाढ़�व,

बो"ढ़�प�, लीड़कपन ली�न-द�न।2. पव�त, म�सं, व�र और क" छो ग्रेहा, क� न�म प"स्थिल्ली�ग हात� हाC <:सं�-बिंव�ध्या�चाली, विहाम�लीया, व:श�ख, संYया�, चा�द्र,

म�गली, बो"ध, र�हु, क� त" (ग्रेहा)।3. प�ड़, क� न�म प"स्थिल्ली�ग हात� हाC। <:सं�-प�पली, न�म, आम, श�शम, सं�गNन, <�म"न, बोरगद आदिद।4. अन�<, क� न�म प"स्थिल्ली�ग हात� हाC। <:सं�-बो�<र�, ग�हूँ0, चा�वली, चान�, मटर, <N, उड़द आदिद।5. द्रव पद�था_ क� न�म प"स्थिल्ली�ग हात� हाC। <:सं�-प�न�, संन�, त�0बो�, लीहा�, घ�, त�ली आदिद।

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6. रत्न, क� न�म प"स्थिल्ली�ग हात� हाC। <:सं�-हा�र�, पन्न�, मY0ग�, मत� म�भिणक आदिद।7. द�हा क� अवयाव, क� न�म प"स्थिल्ली�ग हात� हाC। <:सं�-चिसंर, मस्तक, द�0त, म"ख, क�न, गली�, हा�था, प�0व, हा,3,

त�ली", नख, रम आदिद।8. <ली, V�न और भाYम�ड्ली क� भा�ग, क� न�म प"स्थिल्ली�ग हात� हाC। <:सं�-संम"द्र, भा�रत, द�श, नगर, द्वाEप, आक�श,

प�त�ली, घर, संरवर आदिद।9. वण�म�ली� क� अन�क अक्षेर, क� न�म प"स्थिल्ली�ग हात� हाC। <:सं�-अ,उ,ए,ओ,क,ख,ग,घ, चा,छो,या,र,ली,व,श

आदिद।

स्त्रा�लिंली5र्ग कC ��च�ना

1. जि<न सं�ज्ञा� शब्द, क� अ�त मB ख हात� हा:, व� स्त्र�लिंली�ग कहाली�त� हाC। <:सं�-ईख, भाYख, चाख, र�ख, कख, ली�ख,

द�खर�ख आदिद।2. जि<न भा�वव�चाक सं�ज्ञा�ओं क� अ�त मB ट, वट, या� हाट हात� हा:, व� स्त्र�लिंली�ग कहाली�त� हाC। <:सं�-झ�झट, आहाट,

चिचाकन�हाट, बोन�वट, सं<�वट आदिद।3. अन"स्व�र��त, ईक�र��त, ऊक�र��त, तक�र��त, संक�र��त सं�ज्ञा�ए0 स्त्र�लिंली�ग कहाली�त� हा:। <:सं�-रटE, टप�, नदE, चिचाट्ठीE, उद�सं�, र�त, बो�त, छोत, भा�त, लीY, बो�लीY, द�रू, संरसं,, खड़�ऊ0 , प्या�सं, व�सं, सं�0सं आदिद।4. भा�षा�, बोली� और चिलीविपया, क� न�म स्त्र�लिंली�ग हात� हाC। <:सं�-विहान्दE, सं�स्कF त, द�वन�गर�, पहा�ड़�, त�ली"ग" प�<�बो� ग"रुम"ख�।5. जि<न शब्द, क� अ�त मB इया� आत� हा: व� स्त्र�लिंली�ग हात� हाC। <:सं�-क" दिटया�, खदिटया�, चिचाविड़या� आदिद।6. नदिदया, क� न�म स्त्र�लिंली�ग हात� हाC। <:सं�-ग�ग�, याम"न�, गद�वर�, संरस्वत� आदिद।7. त�र�ख, और वितचिथाया, क� न�म स्त्र�लिंली�ग हात� हाC। <:सं�-पहाली�, दूसंर�, प्रवितपद�, पYर्णिण�म� आदिद।8. पFथ्व� ग्रेहा स्त्र�लिंली�ग हात� हाC।9. नक्षेत्र, क� न�म स्त्र�लिंली�ग हात� हाC। <:सं�-अभिश्वन�, भारण�, रविहाण� आदिद।

र्शब्दीL क� लिंली5र्ग-�रिर�त ना

प्रत्याया ��ल्लिंJली*र्ग स्त्रा�लिंली5र्ग

ई घड़� घड़�

द�व द�व�

द�द� द�दE

लीड़क� लीड़कM

ब्रा�ह्मण ब्रा�ह्मण�

नर न�र�

बोकर� बोकर�

इया� चाYहा� चा"विहाया�

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चिचाड़� चिचाविड़या�

बो�ट� विबोदिटया�

ग"ड्डा� ग"विड़या�

लीट� ली"दिटया�

इन म�ली� म�चिलीन

कहा�र कहा�रिरन

सं"न�र सं"न�रिरन

ली"हा�र ली"हा�रिरन

धबो� धविबोन

न� मर मरन�

हा�था� हा�चिथान

लिंसं�हा लिंसं�हान�

आन� नNकर नNकर�न�

चाNधर� चाNधर�न�

द�वर द�वर�न�

सं�3 सं�3�न�

<�3 <�3�न�

आइन प�विड्त प�विड्त�इन

3�क" र 3�क" र�इन

आ बो�ली बो�ली�

सं"त सं"त�

छो�त्र छो�त्र�

चिशष्या चिशष्या�

अक क इक� करक� प�3क प�दि3क�

अध्या�पक अध्या�विपक�

बो�लीक बो�चिलीक�

ली�खक ली�खिखक�

सं�वक सं�विवक�

इन� (इण�) तपस्व� तपल्किस्वन�

विहातक�र� विहातक�रिरन�

स्व�म� स्व�धिमन�

परपक�र� परपक�रिरन�

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क" छो विवश�षा शब्द < स्त्र�लिंली�ग मB विबोलीक" ली हा� बोदली <�त� हाC।प"स्थिल्ली�ग स्त्र�लिंली�ग

विपत� म�त�

भा�ई भा�भा�

नर म�द�

र�<� र�न�

संसं"र सं�सं

संम्रा�ट संम्रा�ज्ञा�

प"रुषा स्त्र�

बो:ली ग�या

या"वक या"वत�

विवश�षा व/व्या- < प्र�भिणव�चाक संद� शब्द हा� स्त्र�लिंली�ग हाC अथाव� < संद� हा� प"स्थिल्ली�ग हाC उनक� प"स्थिल्ली�ग ‘ ’ ‘ ’ अथाव� स्त्र�लिंली�ग <त�न� क� चिलीए उनक� सं�था नर व म�द� शब्द लीग� द�त� हाC। <:सं�-

स्त्र�लिंली�ग प"स्थिल्ली�ग

मक्ख� नर मक्ख�

कयाली नर कयाली

विगलीहार� नर विगलीहार�

म:न� नर म:न�

विततली� नर विततली�

बो�< म�द� बो�<

खटमली म�द� खटमली

चा�ली नर चा�ली

कछो"आ नर कछो"आ

कNआ नर कNआ

भा�विड़या� म�द� भा�विड़या�

उल्लीY म�द� उल्लीY

मच्छार म�द� मच्छार

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अध्या�या 6

�चना

परिरभा�षा�-शब्द क� जि<सं रूप सं� उसंक� एक अथाव� अन�क हान� क� बोध हा उसं� वचान कहात� हाC।विहान्दE मB वचान द हात� हाC-1. एकवचान2. बोहुवचान

एँक�चना

शब्द क� जि<सं रूप सं� एक हा� वस्त" क� बोध हा, उसं� एकवचान कहात� हाC। <:सं�-लीड़क�, ग�या, चिसंप�हा�, बोच्चा�, कपड़�, म�त�, म�ली�, प"स्तक, स्त्र�, टप� बो�दर, मर आदिद।

बोहु�चना

शब्द क� जि<सं रूप सं� अन�कत� क� बोध हा उसं� बोहुवचान कहात� हाC। <:सं�-लीड़क� , ग�याB, कपड़�, टविपया�0, म�ली�ए0, म�त�ए0, प"स्तकB , वध"ए0, ग"रु<न, रदिटया�0, स्त्रिस्त्रया�0, लीत�ए0, बो�ट� आदिद।

एकवचान क� V�न पर बोहुवचान क� प्रयाग(क) आदर क� चिलीए भा� बोहुवचान क� प्रयाग हात� हा:। <:सं�-(1) भा�ष्म विपत�महा त ब्राह्मचा�र� था�।(2) ग"रु<� आ< नहाW आया�।(3) चिशव�<� संच्चा� व�र था�।(ख) बोड़प्पन दश��न� क� चिलीए क" छो लीग वहा क� V�न पर व� और मC क� V�न हाम क� प्रयाग करत� हाC <:सं�-(1) म�चिलीक न� कम�चा�र� सं� कहा�, हाम म�टिंट�ग मB <� रहा� हाC।(2) आ< ग"रु<� आए त व� प्रसंन्न दिदख�ई द� रहा� था�।(ग) क� श, रम, अश्रो", प्र�ण, दश�न, लीग, दश�क, संम�चा�र, द�म, हाश, भा�ग्या आदिद ऐसं� शब्द हाC जि<नक�

प्रयाग बोहुध� बोहुवचान मB हा� हात� हा:। <:सं�-(1) त"म्हा�र� क� श बोड़� सं"न्दर हाC।(2) लीग कहात� हाC।

बोहुवचान क� V�न पर एकवचान क� प्रयाग(क) तY एकवचान हा: जि<संक� बोहुवचान हा: त"म विकन्त" संभ्या लीग आ<कली लीक- व्यावहा�र मB एकवचान क�

चिलीए त"म क� हा� प्रयाग करत� हाC <:सं�-(1) धिमत्र, त"म कबो आए।(2) क्या� त"मन� ख�न� ख� चिलीया�।(ख) वग�, वF�द, दली, गण, <�वित आदिद शब्द अन�कत� क प्रकट करन� व�ली� हाC, विकन्त" इनक� व्यावहा�र

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एकवचान क� संम�न हात� हा:। <:सं�-(1) सं:विनक दली शत्र" क� दमन कर रहा� हा:।(2) स्त्र� <�वित सं�घषा� कर रहा� हा:।(ग) <�वितव�चाक शब्द, क� प्रयाग एकवचान मB विकया� <� संकत� हा:। <:सं�-(1) संन� बोहुमYल्या वस्त" हा:।(2) म"�बोई क� आम स्व�दिदष्ट हात� हा:।

बोहुवचान बोन�न� क� विनयाम(1) अक�र��त स्त्र�लिंली�ग शब्द, क� अ�वितम अ क ए0 कर द�न� सं� शब्द बोहुवचान मB बोदली <�त� हाC। <:सं�-एकवचान बोहुवचान

आ0ख आ0खB

बोहान बोहानB

प"स्तक प"स्तकB

संड़क संड़क�

ग�या ग�याB

बो�त बो�तB

(2) ‘ ’ ‘ ’ आक�र��त प"स्थिल्ली�ग शब्द, क� अ�वितम आ क ए कर द�न� सं� शब्द बोहुवचान मB बोदली <�त� हाC। <:सं�-एकवचान बोहुवचान एकवचान बोहुवचान

घड़� घड़� कNआ कNए

क" त्ता� क" त्ता� गध� गध�

क� ली� क� ली� बो�ट� बो�ट�

(3) ‘ ’ ‘ ’ आक�र��त स्त्र�लिंली�ग शब्द, क� अ�वितम आ क� आग� ए0 लीग� द�न� सं� शब्द बोहुवचान मB बोदली <�त� हाC।<:सं�-एकवचान बोहुवचान एकवचान बोहुवचान

कन्या� कन्या�ए0 अध्या�विपक� अध्या�विपक�ए0

कली� कली�ए0 म�त� म�त�ए0

कविवत� कविवत�ए0 लीत� लीत�ए0

(4) ‘ ’ इक�र��त अथाव� ईक�र��त स्त्र�लिंली�ग शब्द, क� अ�त मB या�0 लीग� द�न� सं� और दEघ� ई क ह्रस्व इ कर द�न� सं� शब्द बोहुवचान मB बोदली <�त� हाC। <:सं�-

एकवचान बोहुवचान एकवचान बोहुवचान

बो"जिद्ध बो"जिद्धया�0 गवित गवितया�0

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कली� कचिलीया�0 न�वित न�वितया�0

क�प� क�विपया�0 लीड़कM लीड़विकया�0

था�ली� था�चिलीया�0 न�र� न�रिरया�0

(5) जि<न स्त्र�लिंली�ग शब्द, क� अ�त मB या� हा: उनक� अ�वितम आ क आ0 कर द�न� सं� व� बोहुवचान बोन <�त� हाC।<:सं�-एकवचान बोहुवचान एकवचान बोहुवचान

ग"विड़या� ग"विड़या�0 विबोदिटया� विबोदिटया�0

चा"विहाया� चा"विहाया�0 क" वितया� क" वितया�0

चिचाविड़या� चिचाविड़या�0 खदिटया� खदिटया�0

बो"दिढ़या� बो"दिढ़या�0 ग:या� ग:या�0

(6) क" छो शब्द, मB अ�वितम उ, ऊ और औ क� सं�था ए0 लीग� द�त� हाC और दEघ� ऊ क� सं�थान पर ह्रस्व उ हा <�त� हा:। <:सं�-

एकवचान बोहुवचान एकवचान बोहुवचान

गN गNए0 बोहूँ बोहूँए0

वधY वधYए0 वस्त" वस्त"ए0

ध�न" ध�न"ए0 ध�त" ध�त"ए0

(7) दली, वF�द, वग�, <न लीग, गण आदिद शब्द <ड़कर भा� शब्द, क� बोहुवचान बोन� द�त� हाC। <:सं�-एकवचान बोहुवचान एकवचान बोहुवचान

अध्या�पक अध्या�पकवF�द धिमत्र धिमत्रवग�

विवद्यां�था� विवद्यां�था�गण सं�न� सं�न�दली

आप आप लीग ग"रु ग"रु<न

श्रोत� श्रोत�<न गर�बो गर�बो लीग

(8) ‘ ’ ‘ ’ क" छो शब्द, क� रूप एकवचान और बोहुवचान दन मB संम�न हात� हाC। <:सं�-एकवचान बोहुवचान एकवचान बोहुवचान

क्षेम� क्षेम� न�त� न�त�

<ली <ली प्र�म प्र�म

विगरिर विगरिर �ध �ध

र�<� र�<� प�न� प�न�

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विवश�षा- (1) <बो सं�ज्ञा�ओं क� सं�था न�, क, सं� आदिद परसंग� लीग� हात� हाC त सं�ज्ञा�ओं क� बोहुवचान बोन�न� क� ‘ ’ चिलीए उनमB ओ लीग�या� <�त� हा:। <:सं�-

एकवचान बोहुवचान एकवचान बोहुवचान

लीड़क� क बो"ली�ओ लीड़क क बो"ली�ओ बोच्चा� न� ग�न� ग�या� बोच्चा, न� ग�न� ग�या�

नदE क� <ली 3�ड्� हा: नदिदया, क� <ली 3�ड्� हा: आदम� सं� पYछो ली आदधिमया, सं� पYछो ली

(2) सं�बोधन मB ‘ ’ओ <ड़कर बोहुवचान बोन�या� <�त� हा:। <:सं�-बोच्चा, ! ध्या�न सं� सं"न। भा�इया, ! म�हानत कर। बोहान ! अपन� कत�व्या विनभा�ओ।

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अध्या�या 7

क�रक

परिरभा�षा�-सं�ज्ञा� या� संव�न�म क� जि<सं रूप सं� उसंक� सं�ध� सं�बो�ध वि�या� क� सं�था ज्ञा�त हा वहा क�रक कहाली�त� हा:। <:सं�-ग�त� न� दूध प�या�। इसं व�क्या मB ‘ ’ग�त� प�न� वि�या� क� कत�� हा: और दूध उसंक� कम�। अत[ ‘ ’ग�त�

कत�� क�रक हा: और ‘ ’दूध कम� क�रक।क�रक विवभाचि/- सं�ज्ञा� अथाव� संव�न�म शब्द, क� बो�द ‘न�, क, सं�, क� ’चिलीए , आदिद < चिचाह्न लीगत� हाC व� चिचाह्न

क�रक विवभाचि/ कहाली�त� हाC।

विहान्दE मB आ3 क�रक हात� हाC। उन्हाB विवभाचि/ चिचाह्न, संविहात न�चा� द�ख� <� संकत� हा:-क�रक विवभाचि/ चिचाह्न (परसंग�)1. कत�� न�2. कम� क3. करण सं�, क� सं�था, क� द्वा�र�4. सं�प्रद�न क� चिलीए, क5. अप�द�न सं� (पFथाक)

6. सं�बो�ध क�, क� , कM7. अधिधकरण मB, पर8. सं�बोधन हा� ! हार� !क�रक चिचाह्न स्मरण करन� क� चिलीए इसं पद कM रचान� कM गई हाC-कत�� न� अरु कम� क, करण र�वित सं� <�न।सं�प्रद�न क, क� चिलीए, अप�द�न सं� म�न।।क�, क� , कM, सं�बो�ध हाC, अधिधकरण�दिदक मB म�न।र� ! हा� ! हा ! सं�बोधन, धिमत्र धरहु याहा ध्या�न।।विवश�षा-कत�� सं� अधिधकरण तक विवभाचि/ चिचाह्न (परसंग�) शब्द, क� अ�त मB लीग�ए <�त� हाC, विकन्त" सं�बोधन

क�रक क� चिचाह्न-हा�, र�, आदिद प्र�या[ शब्द सं� पYव� लीग�ए <�त� हाC।

1. कत� क�रक

जि<सं रूप सं� वि�या� (क�या�) क� करन� व�ली� क� बोध हात� हा: वहा ‘ ’कत�� क�रक कहाली�त� हा:। इसंक� विवभाचि/-

चिचाह्न ‘ ’न� हा:। इसं ‘ ’न� चिचाह्न क� वत�म�नक�ली और भाविवष्याक�ली मB प्रयाग नहाW हात� हा:। इसंक� संकम�क

ध�त"ओं क� सं�था भाYतक�ली मB प्रयाग हात� हा:। <:सं�- 1.र�म न� र�वण क म�र�। 2.लीड़कM स्कY ली <�त� हा:।

पहाली� व�क्या मB वि�या� क� कत�� र�म हा:। इसंमB ‘ ’न� कत�� क�रक क� विवभाचि/-चिचाह्न हा:। इसं व�क्या मB ‘ ’म�र�

भाYतक�ली कM वि�या� हा:। ‘ ’न� क� प्रयाग प्र�या[ भाYतक�ली मB हात� हा:। दूसंर� व�क्या मB वत�म�नक�ली कM वि�या� क�

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कत�� लीड़कM हा:। इसंमB ‘ ’न� विवभाचि/ क� प्रयाग नहाW हुआ हा:।

विवश�षा- (1) भाYतक�ली मB अकम�क वि�या� क� कत�� क� सं�था भा� न� परसंग� (विवभाचि/ चिचाह्न) नहाW लीगत� हा:। <:सं�-वहा हा0सं�।(2) वत�म�नक�ली व भाविवष्यातक�ली कM संकम�क वि�या� क� कत�� क� सं�था न� परसंग� क� प्रयाग नहाW हात� हा:। <:सं�-वहा फाली ख�त� हा:। वहा फाली ख�एग�।(3) कभा�-कभा� कत�� क� सं�था ‘ ’क तथा� ‘ ’सं क� प्रयाग भा� विकया� <�त� हा:। <:सं�-(अ) बो�लीक क सं <�न� चा�विहाए। (आ) सं�त� सं� प"स्तक पढ़E गई।(इ) रग� सं� चाली� भा� नहाW <�त�। (ई) उसंसं� शब्द चिलीख� नहाW गया�।

2. कम क�रक

वि�या� क� क�या� क� फाली जि<सं पर पड़त� हा:, वहा कम� क�रक कहाली�त� हा:। इसंक� विवभाचि/-चिचाह्न ‘ ’क हा:। याहा

चिचाह्न भा� बोहुत-सं� V�न, पर नहाW लीगत�। <:सं�- 1. महान न� सं�0प क म�र�। 2. लीड़कM न� पत्र चिलीख�। पहाली� व�क्या मB ‘ ’म�रन� कM वि�या� क� फाली सं�0प पर पड़� हा:। अत[ सं�0प कम� क�रक हा:। इसंक� सं�था परसंग� ‘ ’क

लीग� हा:।दूसंर� व�क्या मB ‘ ’चिलीखन� कM वि�या� क� फाली पत्र पर पड़�। अत[ पत्र कम� क�रक हा:। इसंमB कम� क�रक क� विवभाचि/ चिचाह्न ‘ ’क नहाW लीग�।

3. करण क�रक

सं�ज्ञा� आदिद शब्द, क� जि<सं रूप सं� वि�या� क� करन� क� सं�धन क� बोध हा अथा��तa जि<संकM संहा�यात� सं� क�या� सं�पन्न हा वहा करण क�रक कहाली�त� हा:। इसंक� विवभाचि/-चिचाह्न ‘ ’सं� क� ‘ ’द्वा�र� हा:। <:सं�- 1.अ<"�न न� <याद्रथा

क बो�ण सं� म�र�। 2.बो�लीक गBद सं� ख�ली रहा� हा:।पहाली� व�क्या मB कत�� अ<"�न न� म�रन� क� क�या� ‘ ’बो�ण सं� विकया�। अत[ ‘बो�ण ’सं� करण क�रक हा:। दूसंर� व�क्या

मB कत�� बो�लीक ख�लीन� क� क�या� ‘गBद ’सं� कर रहा� हाC। अत[ ‘गBद ’सं� करण क�रक हा:।

4. सा*प्रदी�ना क�रक

सं�प्रद�न क� अथा� हा:-द�न�। अथा��त कत�� जि<संक� चिलीए क" छो क�या� करत� हा:, अथाव� जि<सं� क" छो द�त� हा: उसं� व्या/

करन� व�ली� रूप क सं�प्रद�न क�रक कहात� हाC। इसंक� विवभाचि/ चिचाह्न ‘क� ’चिलीए क हाC।1.स्व�स्थ्या क� चिलीए संYया� क नमस्क�र कर। 2.ग"रु<� क फाली द।इन द व�क्या, मB ‘स्व�स्थ्या क� ’चिलीए और ‘ग"रु<� ’क सं�प्रद�न क�रक हाC।

5. अ��दी�ना क�रक

सं�ज्ञा� क� जि<सं रूप सं� एक वस्त" क� दूसंर� सं� अलीग हान� प�या� <�ए वहा अप�द�न क�रक कहाली�त� हा:। इसंक� विवभाचि/-चिचाह्न ‘ ’सं� हा:। <:सं�- 1.बोच्चा� छोत सं� विगर पड़�। 2.सं�ग�त� घड़� सं� विगर पड़�।

Page 25: hindi grammer

इन दन, व�क्या, मB ‘छोत ’सं� और घड़� ‘ ’सं� विगरन� मB अलीग हान� प्रकट हात� हा:। अत[ घड़� सं� और छोत सं� अप�द�न क�रक हाC।

6. सा*बो*ध क�रक

शब्द क� जि<सं रूप सं� विकसं� एक वस्त" क� दूसंर� वस्त" सं� सं�बो�ध प्रकट हा वहा सं�बो�ध क�रक कहाली�त� हा:। इसंक� विवभाचि/ चिचाह्न ‘ ’क� , ‘ ’क� , ‘ ’कM , ‘ ’र� , ‘ ’र� , ‘ ’र� हा:। <:सं�- 1.याहा र�ध�श्या�म क� बो�ट� हा:। 2.याहा कमली� कM ग�या हा:।इन दन, व�क्या, मB ‘र�ध�श्या�म क� ’बो�ट� सं� और ‘कमली� ’क� ग�या सं� सं�बो�ध प्रकट हा रहा� हा:। अत[ याहा�0 सं�बो�ध

क�रक हा:।

7. अलिधकरण क�रक

शब्द क� जि<सं रूप सं� वि�या� क� आध�र क� बोध हात� हा: उसं� अधिधकरण क�रक कहात� हाC। इसंक� विवभाचि/-

चिचाह्न ‘ ’मB , ‘ ’पर हाC। <:सं�- 1.भा0वर� फाY ली, पर म0ड्र� रहा� हा:। 2.कमर� मB टE.व�. रख� हा:।इन दन, व�क्या, मB ‘फाY ली, ’पर और ‘कमर� ’मB अधिधकरण क�रक हा:।

8. सा*बो�धना क�रक

जि<संसं� विकसं� क बो"ली�न� अथाव� संचा�त करन� क� भा�व प्रकट हा उसं� सं�बोधन क�रक कहात� हा: और सं�बोधन

चिचाह्न (!) लीग�या� <�त� हा:। <:सं�- 1.अर� भा:या� ! क्या, र रहा� हा ? 2.हा� गप�ली ! याहा�0 आओ।इन व�क्या, मB ‘अर� ’भा:या� और ‘हा� ’गप�ली ! सं�बोधन क�रक हा:।

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अध्या�या 8

सा� ना�म

संव�न�म-सं�ज्ञा� क� V�न पर प्रया"/ हान� व�ली� शब्द क संव�न�म कहात� हा:। सं�ज्ञा� कM प"नरुचि/ क दूर करन� क� चिलीए हा� संव�न�म क� प्रयाग विकया� <�त� हा:। <:सं�-मC, हाम, तY, त"म, वहा, याहा, आप, कNन, कई, < आदिद।संव�न�म क� भा�द- संव�न�म क� छोहा भा�द हाC-1. प"रुषाव�चाक संव�न�म।2. विनTयाव�चाक संव�न�म।3. अविनTयाव�चाक संव�न�म।4. सं�बो�धव�चाक संव�न�म।5. प्रश्नव�चाक संव�न�म।6. विन<व�चाक संव�न�म।

1. ��रुष��चक सा� ना�म

जि<सं संव�न�म क� प्रयाग व/� या� ली�खक स्वया� अपन� चिलीए अथाव� श्रोत� या� प�3क क� चिलीए अथाव� विकसं� अन्या क� चिलीए करत� हा: वहा प"रुषाव�चाक संव�न�म कहाली�त� हा:। प"रुषाव�चाक संव�न�म त�न प्रक�र क� हात� हाC-(1) उत्ताम प"रुषाव�चाक संव�न�म- जि<सं संव�न�म क� प्रयाग बोलीन� व�ली� अपन� चिलीए कर�, उसं� उत्ताम

प"रुषाव�चाक संव�न�म कहात� हाC। <:सं�-मC, हाम, म"झ�, हाम�र� आदिद।(2) मध्याम प"रुषाव�चाक संव�न�म- जि<सं संव�न�म क� प्रयाग बोलीन� व�ली� सं"नन� व�ली� क� चिलीए कर�, उसं� मध्याम

प"रुषाव�चाक संव�न�म कहात� हाC। <:सं�-तY, त"म,त"झ�, त"म्हा�र� आदिद।(3) अन्या प"रुषाव�चाक संव�न�म- जि<सं संव�न�म क� प्रयाग बोलीन� व�ली� सं"नन� व�ली� क� अवितरिर/ विकसं� अन्या

प"रुषा क� चिलीए कर� उसं� अन्या प"रुषाव�चाक संव�न�म कहात� हाC। <:सं�-वहा, व�, उसंन�, याहा, या�, इसंन�, आदिद।

2. विनाश्चया��चक सा� ना�म

< संव�न�म विकसं� व्याचि/ वस्त" आदिद कM ओर विनTयापYव�क सं�क� त करB व� विनTयाव�चाक संव�न�म कहाली�त� हाC। इनमB ‘ ’याहा , ‘ ’वहा , ‘ ’व� संव�न�म शब्द विकसं� विवश�षा व्याचि/ आदिद क� विनTयापYव�क बोध कर� रहा� हाC, अत[ या� विनTयाव�चाक संव�न�म हा:।

3. अविनाश्चया��चक सा� ना�म

जि<सं संव�न�म शब्द क� द्वा�र� विकसं� विनभिTत व्याचि/ अथाव� वस्त" क� बोध न हा व� अविनTयाव�चाक संव�न�म

कहाली�त� हाC। इनमB ‘ ’कई और ‘ ’क" छो संव�न�म शब्द, सं� विकसं� विवश�षा व्याचि/ अथाव� वस्त" क� विनTया नहाW हा रहा� हा:। अत[ ऐसं� शब्द अविनTयाव�चाक संव�न�म कहाली�त� हाC।

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4. सा*बो*ध��चक सा� ना�म

परस्पर एक-दूसंर� बो�त क� सं�बो�ध बोतली�न� क� चिलीए जि<न संव�न�म, क� प्रयाग हात� हा: उन्हाB सं�बो�धव�चाक

संव�न�म कहात� हाC। इनमB ‘ ’< , ‘ ’वहा , ‘ ’जि<संकM , ‘ ’उसंकM , ‘ ’<:सं� , ‘ ’व:सं� -या� द-द शब्द परस्पर सं�बो�ध क� बोध कर� रहा� हाC। ऐसं� शब्द सं�बो�धव�चाक संव�न�म कहाली�त� हाC।

5. प्रश्न��चक सा� ना�म

< संव�न�म सं�ज्ञा� शब्द, क� V�न पर त आत� हा� हा:, विकन्त" व�क्या क प्रश्नव�चाक भा� बोन�त� हाC व� प्रश्नव�चाक

संव�न�म कहाली�त� हाC। <:सं�-क्या�, कNन आदिद। इनमB ‘ ’क्या� और ‘ ’कNन शब्द प्रश्नव�चाक संव�न�म हाC, क्या,विक

इन संव�न�म, क� द्वा�र� व�क्या प्रश्नव�चाक बोन <�त� हाC।

6. विनाज��चक सा� ना�म

<हा�0 अपन� चिलीए ‘ ’आप शब्द ‘ ’अपन� शब्द अथाव� ‘ ’अपन� ‘ ’आप शब्द क� प्रयाग हा वहा�0 विन<व�चाक

संव�न�म हात� हा:। इनमB ‘ ’अपन� और ‘ ’आप शब्द उत्ताम, प"रुषा मध्याम प"रुषा और अन्या प"रुषा क� (स्वया� क�) अपन� आप क� बोध कर� रहा� हाC। ऐसं� शब्द विन<व�चाक संव�न�म कहाली�त� हाC।विवश�षा-<हा�0 क� वली ‘ ’आप शब्द क� प्रयाग श्रोत� क� चिलीए हा वहा�0 याहा आदर-संYचाक मध्याम प"रुषा हात� हा: और <हा�0 ‘ ’आप शब्द क� प्रयाग अपन� चिलीए हा वहा�0 विन<व�चाक हात� हा:।संव�न�म शब्द, क� विवश�षा प्रयाग(1) आप, व�, या�, हाम, त"म शब्द बोहुवचान क� रूप मB हाC, विकन्त" आदर प्रकट करन� क� चिलीए इनक� प्रयाग एक

व्याचि/ क� चिलीए भा� हात� हा:।(2) ‘ ’आप शब्द स्वया� क� अथा� मB भा� प्रया"/ हा <�त� हा:। <:सं�-मC याहा क�या� आप हा� कर लीY0ग�।

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अध्या�या 9

वि�र्श8षण

विवश�षाण कM परिरभा�षा�- सं�ज्ञा� अथाव� संव�न�म शब्द, कM विवश�षात� (ग"ण, दषा, सं�ख्या�, परिरम�ण आदिद) बोत�न� व�ली� शब्द ‘ ’विवश�षाण कहाली�त� हाC। <:सं�-बोड़�, क�ली�, ली�बो�, दया�ली", भा�र�, सं"न्दर, क�यार, ट�ढ़�-म�ढ़�, एक, द आदिद।विवश�ष्या- जि<सं सं�ज्ञा� अथाव� संव�न�म शब्द कM विवश�षात� बोत�ई <�ए वहा विवश�ष्या कहाली�त� हा:। याथा�- ग�त� सं"न्दर हा:। इसंमB ‘ ’सं"न्दर विवश�षाण हा: और ‘ ’ग�त� विवश�ष्या हा:। विवश�षाण शब्द विवश�ष्या सं� पYव� भा� आत� हाC और उसंक� बो�द भा�।पYव� मB, <:सं�- (1) थाड़�-सं� <ली ली�ओ। (2) एक म�टर कपड़� ली� आन�।बो�द मB, <:सं�- (1) याहा र�स्त� ली�बो� हा:। (2) ख�र� कड़व� हा:।विवश�षाण क� भा�द- विवश�षाण क� चा�र भा�द हाC-1. ग"णव�चाक।2. परिरम�णव�चाक।3. सं�ख्या�व�चाक।4. सं�क� तव�चाक अथाव� सं�व�न�धिमक।

1. र्ग�ण��चक वि�र्श8षण

जि<न विवश�षाण शब्द, सं� सं�ज्ञा� अथाव� संव�न�म शब्द, क� ग"ण-दषा क� बोध हा व� ग"णव�चाक विवश�षाण कहाली�त� हाC। <:सं�-(1) भा�व- अच्छा�, बो"र�, क�यार, व�र, ड्रपक आदिद।(2) र�ग- ली�ली, हार�, प�ली�, संफा� द, क�ली�, चामकMली�, फाMक� आदिद।(3) दश�- पतली�, मट�, संYख�, ग�ढ़�, विपघली�, भा�र�, ग�ली�, गर�बो, अम�र, रग�, स्वV, प�लीतY आदिद।(4) आक�र- गली, सं"ड्Nली, न"कMली�, संम�न, पली� आदिद।(5) संमया- अगली�, विपछोली�, दपहार, सं�ध्या�, संव�र� आदिद।(6) V�न- भा�तर�, बो�हार�, प�<�बो�, <�प�न�, प"र�न�, त�<�, आग�म� आदिद।(7) ग"ण- भाली�, बो"र�, सं"न्दर, म�3�, खट्टा�, द�न�,संचा, झY3, सं�ध� आदिद।(8) दिदश�- उत्तार�, दभिक्षेण�, पYव�, पभिTम� आदिद।

2. �रिरम�ण��चक वि�र्श8षण

जि<न विवश�षाण शब्द, सं� सं�ज्ञा� या� संव�न�म कM म�त्र� अथाव� न�प-तली क� ज्ञा�न हा व� परिरम�णव�चाक विवश�षाण

कहाली�त� हाC।परिरम�णव�चाक विवश�षाण क� द उपभा�द हा:-

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(1) विनभिTत परिरम�णव�चाक विवश�षाण- जि<न विवश�षाण शब्द, सं� वस्त" कM विनभिTत म�त्र� क� ज्ञा�न हा। <:सं�-(क) म�र� संYट मB सं�ढ़� त�न म�टर कपड़� लीग�ग�।(ख) दसं विकली चा�न� ली� आओ।(ग) द चिलीटर दूध गरम कर।(2) अविनभिTत परिरम�णव�चाक विवश�षाण- जि<न विवश�षाण शब्द, सं� वस्त" कM अविनभिTत म�त्र� क� ज्ञा�न हा। <:सं�-(क) थाड़�-सं� नमकMन वस्त" ली� आओ।(ख) क" छो आम द� द।(ग) थाड़�-सं� दूध गरम कर द।

3. सा*ख्या���चक वि�र्श8षण

जि<न विवश�षाण शब्द, सं� सं�ज्ञा� या� संव�न�म कM सं�ख्या� क� बोध हा व� सं�ख्या�व�चाक विवश�षाण कहाली�त� हाC। <:सं�-एक, द, विद्वात�या, दुग"न�, चाNग"न�, प�0चा, आदिद।सं�ख्या�व�चाक विवश�षाण क� द उपभा�द हाC-(1) विनभिTत सं�ख्या�व�चाक विवश�षाण- जि<न विवश�षाण शब्द, सं� विनभिTत सं�ख्या� क� बोध हा। <:सं�-द प"स्तकB म�र� चिलीए ली� आन�।विनभिTत सं�ख्या�व�चाक क� विनम्नचिलीखिखत चा�र भा�द हाC-(क) गणव�चाक- जि<न शब्द, क� द्वा�र� विगनत� क� बोध हा। <:सं�-(1) एक लीड़क� स्कY ली <� रहा� हा:।(2) पच्चा�सं रुपया� दEजि<ए।(3) कली म�र� याहा�0 द धिमत्र आए0ग�।(4) चा�र आम ली�ओ।(ख) �मव�चाक- जि<न शब्द, क� द्वा�र� सं�ख्या� क� �म क� बोध हा। <:सं�-(1) पहाली� लीड़क� याहा�0 आए।(2) दूसंर� लीड़क� वहा�0 बो:3� ।(3) र�म कक्षे� मB प्रथाम रहा�।(4) श्या�म विद्वात�या श्रो�ण� मB प�सं हुआ हा:।(ग) आवFभित्ताव�चाक- जि<न शब्द, क� द्वा�र� क� वली आवFभित्ता क� बोध हा। <:सं�-(1) महान त"मसं� चाNग"न� क�म करत� हा:।(2) गप�ली त"मसं� दुग"न� मट� हा:।(घ) संम"द�याव�चाक- जि<न शब्द, क� द्वा�र� क� वली सं�मYविहाक सं�ख्या� क� बोध हा। <:सं�-(1) त"म त�न, क <�न� पड़�ग�।(2) याहा�0 सं� चा�र, चाली� <�ओ।(2) अविनभिTत सं�ख्या�व�चाक विवश�षाण- जि<न विवश�षाण शब्द, सं� विनभिTत सं�ख्या� क� बोध न हा। <:सं�-क" छो बोच्चा� प�क� मB ख�ली रहा� हाC।

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4. सा*क8 त��चक (विनादीSर्शक) वि�र्श8षण

< संव�न�म सं�क� त द्वा�र� सं�ज्ञा� या� संव�न�म कM विवश�षात� बोतली�त� हाC व� सं�क� तव�चाक विवश�षाण कहाली�त� हाC।विवश�षा-क्या,विक सं�क� तव�चाक विवश�षाण संव�न�म शब्द, सं� बोनत� हाC, अत[ या� सं�व�न�धिमक विवश�षाण कहाली�त� हाC। इन्हाB विनद�शक भा� कहात� हाC।(1) परिरम�णव�चाक विवश�षाण और सं�ख्या�व�चाक विवश�षाण मB अ�तर- जि<न वस्त"ओं कM न�प-तली कM <� संक� उनक� व�चाक शब्द परिरम�णव�चाक विवश�षाण कहाली�त� हाC। <:सं�-‘क" छो दूध ’ली�ओ । इसंमB ‘ ’क" छो शब्द तली क� चिलीए आया� हा:। इसंचिलीए याहा परिरम�णव�चाक विवश�षाण हा:। 2.जि<न वस्त"ओं कM विगनत� कM <� संक� उनक� व�चाक शब्द सं�ख्या�व�चाक विवश�षाण कहाली�त� हाC। <:सं�-क" छो बोच्चा� इधर आओ। याहा�0 पर ‘ ’क" छो बोच्चा, कM विगनत� क� चिलीए आया� हा:। इसंचिलीए याहा सं�ख्या�व�चाक विवश�षाण हा:। परिरम�णव�चाक विवश�षाण, क� बो�द द्रव्या

अथाव� पद�था�व�चाक सं�ज्ञा�ए0 आए0ग� <बोविक सं�ख्या�व�चाक विवश�षाण, क� बो�द <�वितव�चाक सं�ज्ञा�ए0 आत� हाC।(2) संव�न�म और सं�व�न�धिमक विवश�षाण मB अ�तर- जि<सं शब्द क� प्रयाग सं�ज्ञा� शब्द क� V�न पर हा उसं� संव�न�म कहात� हाC। <:सं�-वहा म"�बोई गया�। इसं व�क्या मB वहा संव�न�म हा:। जि<सं शब्द क� प्रयाग सं�ज्ञा� सं� पYव� अथाव� बो�द मB विवश�षाण क� रूप मB विकया� गया� हा उसं� सं�व�न�धिमक विवश�षाण कहात� हाC। <:सं�-वहा रथा आ रहा� हा:। इसंमB वहा शब्द रथा क� विवश�षाण हा:। अत[ याहा सं�व�न�धिमक विवश�षाण हा:।

वि�र्श8षण कC अ�स्थ�एँ)

विवश�षाण शब्द विकसं� सं�ज्ञा� या� संव�न�म कM विवश�षात� बोतली�त� हाC। विवश�षात� बोत�ई <�न� व�ली� वस्त"ओं क� ग"ण-

दषा कम-ज्या�द� हात� हाC। ग"ण-दषा, क� इसं कम-ज्या�द� हान� क त"लीन�त्मक ढ्�ग सं� हा� <�न� <� संकत� हा:। त"लीन� कM दृधिष्ट सं� विवश�षाण, कM विनम्नचिलीखिखत त�न अवV�ए0 हात� हाC-(1) मYली�वV�(2) उत्तार�वV�(3) उत्ताम�वV�

(1) मTली��स्थ�

मYली�वV� मB विवश�षाण क� त"लीन�त्मक रूप नहाW हात� हा:। वहा क� वली सं�म�न्या विवश�षात� हा� प्रकट करत� हा:। <:सं�- 1.सं�विवत्र� सं"�दर लीड़कM हा:। 2.सं"र�श अच्छा� लीड़क� हा:। 3.संYया� त�<स्व� हा:।

(2) उ@र��स्थ�

<बो द व्याचि/या, या� वस्त"ओं क� ग"ण-दषा, कM त"लीन� कM <�त� हा: तबो विवश�षाण उत्तार�वV� मB प्रया"/ हात� हा:। <:सं�- 1.रव�न्द्र चा�तन सं� अधिधक बो"जिद्धम�न हा:। 2.संविवत� रम� कM अप�क्षे� अधिधक सं"न्दर हा:।

(3) उ@म��स्थ�

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उत्ताम�वV� मB द सं� अधिधक व्याचि/या, एव� वस्त"ओं कM त"लीन� करक� विकसं� एक क संबोसं� अधिधक अथाव� संबोसं� कम बोत�या� गया� हा:। <:सं�- 1. प�<�बो मB अधिधकतम अन्न हात� हा:। 2. सं�दEप विनकF ष्टतम बो�लीक हा:।

विवश�षा- क� वली ग"णव�चाक एव� अविनभिTत सं�ख्या�व�चाक तथा� विनभिTत परिरम�णव�चाक विवश�षाण, कM हा� या� त"लीन�त्मक अवV�ए0 हात� हाC, अन्या विवश�षाण, कM नहाW। अवV�ओं क� रूप-

(1) अधिधक और संबोसं� अधिधक शब्द, क� प्रयाग करक� उत्तार�वV� और उत्ताम�वV� क� रूप बोन�ए <� संकत� हाC। <:सं�-

मYली�वV� उत्तार�वV� उत्ताम�वV� अच्छाE अधिधक अच्छाE संबोसं� अच्छाE

चात"र अधिधक चात"र संबोसं� अधिधक चात"र बो"जिद्धम�न अधिधक बो"जिद्धम�न संबोसं� अधिधक बो"जिद्धम�न

बोलीव�न अधिधक बोलीव�न संबोसं� अधिधक बोलीव�न इसं� प्रक�र दूसंर� विवश�षाण शब्द, क� रूप भा� बोन�ए <� संकत� हाC।

(2) तत्संम शब्द, मB मYली�वV� मB विवश�षाण क� मYली रूप, ‘ ’ ‘ ’ उत्तार�वV� मB तर और उत्ताम�वV� मB तम क� प्रयाग हात� हा:। <:सं�-

मYली�वV� उत्तार�वV� उत्ताम�वV�

उच्चा उच्चातर उच्चातम

क3र क3रतर क3रतम

ग"रु ग"रुतर ग"रुतम

महा�न, महा�नतर महात्तार, महा�नतम महात्ताम

न्याYन न्याYनतर न्यानYतम

लीघ" लीघ"तर लीघ"तम

त�व्र त�व्रतर त�व्रतम

विवश�ली विवश�लीतर विवश�लीतम

उत्कF ष्ट उत्कF ष्टर उत्कF ट्ठीतम

सं"�दर सं"�दरतर सं"�दरतम

मध"र मध"रतर मध"तरतम

वि�र्श8षणL कC रचना�

क" छो शब्द मYलीरूप मB हा� विवश�षाण हात� हाC, विकन्त" क" छो विवश�षाण शब्द, कM रचान� सं�ज्ञा�, संव�न�म एव� वि�या� शब्द, सं� कM <�त� हा:-

(1) सं�ज्ञा� सं� विवश�षाण बोन�न�

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प्रत्याया सं�ज्ञा� विवश�षाण सं�ज्ञा� विवश�षाण

क अ�श आ�चिशक धम� ध�र्मिम�क

अली�क�र आली�क�रिरक न�वित न:वितक

अथा� आर्थिथा�क दिदन द:विनक

इवितहा�सं ऐवितहा�चिसंक द�व द:विवक

इत अ�क अ�विकत क" सं"म क" सं"धिमत

सं"रभिभा सं"रभिभात ध्वविन ध्वविनत

क्षे"ध� क्षे"धिधत तर�ग तर�विगत

इली <ट� <दिटली प�क प�विकली

फा� न फा� विनली उर्मिम� उर्मिम�ली

इम स्वण� स्वर्णिण�म र/ रचि/म

ई रग रग� भाग भाग�

ईन,ईण क" ली क" ली�न ग्रे�म ग्रे�म�ण

ईया आत्म� आत्म�या <�वित <�त�या

आली" श्रोद्ध� श्रोद्ध�ली" ईष्या�� ईष्या��ली"

व� मनसं मनस्व� तपसं तपस्व�

मया सं"ख सं"खमया दुख दुखमया

व�न रूप रूपव�न ग"ण ग"णव�न

वत�(स्त्र�) ग"ण ग"णवत� प"त्र प"त्रवत�

म�न बो"जिद्ध बो"जिद्धम�न श्रो� श्रो�म�न

मत� (स्त्र�) श्रो� श्रो�मत� बो"जिद्ध बो"जिद्धमत�

रत धम� धम�रत कम� कम�रत

V संम�प संम�पV द�हा द�हाV

विनष्ठ धम� धम�विनष्ठ कम� कम�विनष्ठ

(2) संव�न�म सं� विवश�षाण बोन�न�संव�न�म विवश�षाण संव�न�म विवश�षाण

वहा व:सं� याहा ऐसं�

(3) वि�या� सं� विवश�षाण बोन�न�वि�या� विवश�षाण वि�या� विवश�षाण

पत पवितत पY< पY<न�या

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प3 पदि3त व�द व�दन�या

भा�गन� भा�गन� व�ली� प�लीन� प�लीन� व�ली�

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अध्या�या 10

विक्रया�

वि�या�- जि<सं शब्द अथाव� शब्द-संमYहा क� द्वा�र� विकसं� क�या� क� हान� अथाव� करन� क� बोध हा उसं� वि�या� कहात� हाC। <:सं�-(1) ग�त� न�चा रहा� हा:।(2) बोच्चा� दूध प� रहा� हा:।(3) र�क� श क�ली�< <� रहा� हा:।(4) गNरव बो"जिद्धम�न हा:।(5) चिशव�<� बोहुत व�र था�।इनमB ‘न�चा रहा� ’हा: , ‘प� रहा� ’हा: , ‘<� रहा� ’हा: शब्द क�या�-व्या�प�र क� बोध कर� रहा� हाC। <बोविक ‘ ’हा: , ‘ ’था� शब्द हान� क�। इन संभा� सं� विकसं� क�या� क� करन� अथाव� हान� क� बोध हा रहा� हा:। अत[ या� वि�या�ए0 हाC।

ध�त�

वि�या� क� मYली रूप ध�त" कहाली�त� हा:। <:सं�-चिलीख, पढ़, <�, ख�, ग�, र, प� आदिद। इन्हाW ध�त"ओं सं� चिलीखत�, पढ़त�, आदिद वि�या�ए0 बोनत� हाC।वि�या� क� भा�द- वि�या� क� द भा�द हाC-(1) अकम�क वि�या�।(2) संकम�क वि�या�।

1. अकम क विक्रया�

जि<न वि�या�ओं क� फाली सं�ध� कत�� पर हा� पड़� व� अकम�क वि�या� कहाली�त� हाC। ऐसं� अकम�क वि�या�ओं क कम� कM आवश्याकत� नहाW हात�। अकम�क वि�या�ओं क� अन्या उद�हारण हाC-(1) गNरव रत� हा:।(2) सं�0प रBगत� हा:।(3) र�लीग�ड़� चालीत� हा:।क" छो अकम�क वि�या�ए0- ली<�न�, हान�, बोढ़न�, संन�, ख�लीन�, अकड़न�, ड्रन�, बो:3न�, हा0संन�, उगन�, <�न�, दNड़न�, रन�, 3हारन�, चामकन�, ड्लीन�, मरन�, घटन�, फा�0दन�, <�गन�, बोरसंन�, उछोलीन�, कY दन� आदिद।

2. साकम क विक्रया�

जि<न वि�या�ओं क� फाली (कत�� क छोड़कर) कम� पर पड़त� हा: व� संकम�क वि�या� कहाली�त� हाC। इन वि�या�ओं मB कम� क� हान� आवश्याक हाC, संकम�क वि�या�ओं क� अन्या उद�हारण हाC-(1) मC ली�ख चिलीखत� हूँ0। 

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(2) रम�श धिम3�ई ख�त� हा:।(3) संविवत� फाली ली�त� हा:। (4) भा0वर� फाY ली, क� रसं प�त� हा:।3.विद्वाकम�क वि�या�- जि<न वि�या�ओं क� द कम� हात� हाC, व� विद्वाकम�क वि�या�ए0 कहाली�त� हाC। विद्वाकम�क वि�या�ओं

क� उद�हारण हाC-(1) मCन� श्या�म क प"स्तक दE।(2) सं�त� न� र�ध� क रुपया� दिदए।ऊपर क� व�क्या, मB ‘ ’द�न� वि�या� क� द कम� हाC। अत[ द�न� विद्वाकम�क वि�या� हाC।

प्रया�र्ग कC दृविE सा8 विक्रया� क8 भा8दी

प्रयाग कM दृधिष्ट सं� वि�या� क� विनम्नचिलीखिखत प�0चा भा�द हाC-1.सं�म�न्या वि�या�- <हा�0 क� वली एक वि�या� क� प्रयाग हात� हा: वहा सं�म�न्या वि�या� कहाली�त� हा:। <:सं�-1. आप आए। 2.वहा नहा�या� आदिद।2.सं�या"/ वि�या�- <हा�0 द अथाव� अधिधक वि�या�ओं क� सं�था-सं�था प्रयाग हा व� सं�या"/ वि�या� कहाली�त� हाC। <:सं�-1.संविवत� महा�भा�रत पढ़न� लीग�। 2.वहा ख� चा"क�।3.न�मध�त" वि�या�- सं�ज्ञा�, संव�न�म अथाव� विवश�षाण शब्द, सं� बोन� वि�या�पद न�मध�त" वि�या� कहाली�त� हाC। <:सं�-हाचिथाया�न�, शरम�न�, अपन�न�, ली<�न�, चिचाकन�न�, झ"3ली�न� आदिद।4.प्र�रण�था�क वि�या�- जि<सं वि�या� सं� पत� चाली� विक कत�� स्वया� क�या� क न करक� विकसं� अन्या क उसं क�या� क करन� कM प्र�रण� द�त� हा: वहा प्र�रण�था�क वि�या� कहाली�त� हा:। ऐसं� वि�या�ओं क� द कत�� हात� हाC- (1) प्र�रक

कत��- प्र�रण� प्रद�न करन� व�ली�। (2) प्र�रिरत कत��-प्र�रण� ली�न� व�ली�। <:सं�-श्या�म� र�ध� सं� पत्र चिलीखव�त� हा:। इसंमB व�स्तव मB पत्र त र�ध� चिलीखत� हा:, विकन्त" उसंक चिलीखन� कM प्र�रण� द�त� हा: श्या�म�। अत[ ‘ ’चिलीखव�न�

वि�या� प्र�रण�था�क वि�या� हा:। इसं व�क्या मB श्या�म� प्र�रक कत�� हा: और र�ध� प्र�रिरत कत��।5.पYव�क�चिलीक वि�या�- विकसं� वि�या� सं� पYव� यादिद कई दूसंर� वि�या� प्रया"/ हा त वहा पYव�क�चिलीक वि�या� कहाली�त� हा:। <:सं�- मC अभा� संकर उ3� हूँ0। इसंमB ‘उ3� ’हूँ0 वि�या� सं� पYव� ‘ ’संकर वि�या� क� प्रयाग हुआ हा:। अत[ ‘ ’संकर पYव�क�चिलीक वि�या� हा:।विवश�षा- पYव�क�चिलीक वि�या� या� त वि�या� क� सं�म�न्या रूप मB प्रया"/ हात� हा: अथाव� ध�त" क� अ�त मB ‘ ’कर

अथाव� ‘ ’करक� लीग� द�न� सं� पYव�क�चिलीक वि�या� बोन <�त� हा:। <:सं�-(1) बोच्चा� दूध प�त� हा� सं गया�। (2) लीड़विकया�0 प"स्तकB पढ़कर <�ए0ग�।

अ�Tण विक्रया�

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कई बो�र व�क्या मB वि�या� क� हात� हुए भा� उसंक� अथा� स्पष्ट नहाW हा प�त�। ऐसं� वि�या�ए0 अपYण� वि�या� कहाली�त� हाC। <:सं�-ग�0ध�<� था�। त"म हा। या� वि�या�ए0 अपYण� वि�या�ए0 हा:। अबो इन्हाW व�क्या, क विफार सं� पदिढ़ए-

ग��ध�<� र�ष्ट्रविपत� था�। त"म बो"जिद्धम�न हा।इन व�क्या, मB �मश[ ‘ ’र�ष्ट्रविपत� और ‘ ’बो"जिद्धम�न शब्द, क� प्रयाग सं� स्पष्टत� आ गई। या� संभा� शब्द ‘ ’पYरक

हाC।अपYण� वि�या� क� अथा� क पYर� करन� क� चिलीए जि<न शब्द, क� प्रयाग विकया� <�त� हा: उन्हाB पYरक कहात� हाC।

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अध्या�या 11

क�ली

क�ली

वि�या� क� जि<सं रूप सं� क�या� सं�पन्न हान� क� संमया (क�ली) ज्ञा�त हा वहा क�ली कहाली�त� हा:। क�ली क� विनम्नचिलीखिखत त�न भा�द हाC-1. भाYतक�ली।2. वत�म�नक�ली।3. भाविवष्याक�ली।

1. भाTतक�ली

वि�या� क� जि<सं रूप सं� बो�त� हुए संमया (अत�त) मB क�या� सं�पन्न हान� क� बोध हा वहा भाYतक�ली कहाली�त� हा:। <:सं�-(1) बोच्चा� गया�। (2) बोच्चा� गया� हा:। (3) बोच्चा� <� चा"क� था�।या� संबो भाYतक�ली कM वि�या�ए0 हाC, क्या,विक ‘ ’गया� , ‘गया� ’हा: , ‘<� चा"क� ’था� , वि�या�ए0 भाYतक�ली क� बोध कर�त� हा:।भाYतक�ली क� विनम्नचिलीखिखत छोहा भा�द हाC-1. सं�म�न्या भाYत।2. आसंन्न भाYत।3. अपYण� भाYत।4. पYण� भाYत।5. सं�दिदग्ध भाYत।6. हा�त"हा�त"मद भाYत।1.सं�म�न्या भाYत- वि�या� क� जि<सं रूप सं� बो�त� हुए संमया मB क�या� क� हान� क� बोध हा विकन्त" 3¤क संमया क� ज्ञा�न न हा, वहा�0 सं�म�न्या भाYत हात� हा:। <:सं�-(1) बोच्चा� गया�। (2) श्या�म न� पत्र चिलीख�। (3) कमली आया�।2.आसंन्न भाYत- वि�या� क� जि<सं रूप सं� अभा�-अभा� विनकट भाYतक�ली मB वि�या� क� हान� प्रकट हा, वहा�0 आसंन्न

भाYत हात� हा:। <:सं�-(1) बोच्चा� आया� हा:। 

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(2) श्या�न न� पत्र चिलीख� हा:।(3) कमली गया� हा:।3.अपYण� भाYत- वि�या� क� जि<सं रूप सं� क�या� क� हान� बो�त� संमया मB प्रकट हा, पर पYर� हान� प्रकट न हा वहा�0 अपYण� भाYत हात� हा:। <:सं�-(1) बोच्चा� आ रहा� था�। (2) श्या�म पत्र चिलीख रहा� था�।(3) कमली <� रहा� था�।4.पYण� भाYत- वि�या� क� जि<सं रूप सं� याहा ज्ञा�त हा विक क�या� संम�प्त हुए बोहुत संमया बो�त चा"क� हा: उसं� पYण� भाYत

कहात� हाC। <:सं�-(1) श्या�म न� पत्र चिलीख� था�।(2) बोच्चा� आया� था�। (3) कमली गया� था�।5.सं�दिदग्ध भाYत- वि�या� क� जि<सं रूप सं� भाYतक�ली क� बोध त हा विकन्त" क�या� क� हान� मB सं�द�हा हा वहा�0 सं�दिदग्ध

भाYत हात� हा:। <:सं�-(1) बोच्चा� आया� हाग�।(2) श्या�म न� पत्र चिलीख� हाग�।(3) कमली गया� हाग�।6.हा�त"हा�त"मद भाYत- वि�या� क� जि<सं रूप सं� बो�त� संमया मB एक वि�या� क� हान� पर दूसंर� वि�या� क� हान� आभिश्रोत

हा अथाव� एक वि�या� क� न हान� पर दूसंर� वि�या� क� न हान� आभिश्रोत हा वहा�0 हा�त"हा�त"मद भाYत हात� हा:। <:सं�-(1) यादिद श्या�म न� पत्र चिलीख� हात� त मC अवश्या आत�।(2) यादिद वषा�� हात� त फासंली अच्छाE हात�।

2. �त म�ना क�ली

वि�या� क� जि<सं रूप सं� क�या� क� वत�म�न क�ली मB हान� प�या� <�ए उसं� वत�म�न क�ली कहात� हाC। <:सं�- (1) म"विन म�ली� फा� रत� हा:। (2) श्या�म पत्र चिलीखत� हाग�। इन संबो मB वत�म�न क�ली कM वि�या�ए0 हाC, क्या,विक ‘फा� रत� ’हा: , ‘चिलीखत� ’हाग� , वि�या�ए0 वत�म�न क�ली क� बोध

कर�त� हाC।इसंक� विनम्नचिलीखिखत त�न भा�द हाC-(1) सं�म�न्या वत�म�न।(2) अपYण� वत�म�न।(3) सं�दिदग्ध वत�म�न।1.सं�म�न्या वत�म�न- वि�या� क� जि<सं रूप सं� याहा बोध हा विक क�या� वत�म�न क�ली मB सं�म�न्या रूप सं� हात� हा: वहा�0 सं�म�न्या वत�म�न हात� हा:। <:सं�-(1) बोच्चा� रत� हा:। 

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(2) श्या�म पत्र चिलीखत� हा:।(3) कमली आत� हा:।2.अपYण� वत�म�न- वि�या� क� जि<सं रूप सं� याहा बोध हा विक क�या� अभा� चाली हा� रहा� हा:, संम�प्त नहाW हुआ हा: वहा�0 अपYण� वत�म�न हात� हा:। <:सं�-(1) बोच्चा� र रहा� हा:। (2) श्या�म पत्र चिलीख रहा� हा:।(3) कमली आ रहा� हा:।3.सं�दिदग्ध वत�म�न- वि�या� क� जि<सं रूप सं� वत�म�न मB क�या� क� हान� मB सं�द�हा क� बोध हा वहा�0 सं�दिदग्ध वत�म�न

हात� हा:। <:सं�-(1) अबो बोच्चा� रत� हाग�। (2) श्या�म इसं संमया पत्र चिलीखत� हाग�।

3. भावि�ष्यात क�ली

वि�या� क� जि<सं रूप सं� याहा ज्ञा�त हा विक क�या� भाविवष्या मB हाग� वहा भाविवष्यात क�ली कहाली�त� हा:। <:सं�- (1)

श्या�म पत्र चिलीख�ग�। (2) श�याद आ< सं�ध्या� क वहा आए।इन दन, मB भाविवष्यात क�ली कM वि�या�ए0 हाC, क्या,विक चिलीख�ग� और आए वि�या�ए0 भाविवष्यात क�ली क� बोध

कर�त� हाC।इसंक� विनम्नचिलीखिखत द भा�द हाC-1. सं�म�न्या भाविवष्यात।2. सं�भा�व्या भाविवष्यात।1.सं�म�न्या भाविवष्यात- वि�या� क� जि<सं रूप सं� क�या� क� भाविवष्या मB हान� क� बोध हा उसं� सं�म�न्या भाविवष्यात

कहात� हाC। <:सं�- (1) श्या�म पत्र चिलीख�ग�।(2) हाम घYमन� <�ए0ग�।2.सं�भा�व्या भाविवष्यात- वि�या� क� जि<सं रूप सं� क�या� क� भाविवष्या मB हान� कM सं�भा�वन� क� बोध हा वहा�0 सं�भा�व्या

भाविवष्यात हात� हा: <:सं�-(1) श�याद आ< वहा आए। (2) सं�भाव हा: श्या�म पत्र चिलीख�। (3) कद�चिचात सं�ध्या� तक प�न� पड़�।

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अध्या�या 12

��च्या

व�च्या-वि�या� क� जि<सं रूप सं� याहा ज्ञा�त हा विक व�क्या मB वि�या� द्वा�र� सं�प�दिदत विवध�न क� विवषाया कत�� हा:, कम� हा:, अथाव� भा�व हा:, उसं� व�च्या कहात� हाC।व�च्या क� त�न प्रक�र हाC-1. कतF�व�च्या।2. कम�व�च्या।3. भा�वव�च्या।1.कतF�व�च्या- वि�या� क� जि<सं रूप सं� व�क्या क� उद्दे�श्या (वि�या� क� कत��) क� बोध हा, वहा कतF�व�च्या कहाली�त� हा:। इसंमB लिंली�ग एव� वचान प्र�या[ कत�� क� अन"सं�र हात� हाC। <:सं�- 1.बोच्चा� ख�लीत� हा:। 2.घड़� भा�गत� हा:।इन व�क्या, मB ‘ ’बोच्चा� , ‘ ’घड़� कत�� हाC तथा� व�क्या, मB कत�� कM हा� प्रध�नत� हा:। अत[ ‘ख�लीत� ’हा: , ‘भा�गत� ’हा: या� कतF�व�च्या हाC।

2.कम�व�च्या- वि�या� क� जि<सं रूप सं� व�क्या क� उद्दे�श्या ‘ ’कम� प्रध�न हा उसं� कम�व�च्या कहात� हाC। <:सं�- 1.भा�रत-प�क या"द्ध मB संहास्रों, सं:विनक म�र� गए। 2.छो�त्र, द्वा�र� न�टक प्रस्त"त विकया� <� रहा� हा:। 3.प"स्तक म�र� द्वा�र� पढ़E गई। 4.बोच्चा, क� द्वा�र� विनबो�ध पढ़� गए। इन व�क्या, मB वि�या�ओं मB ‘ ’कम� कM प्रध�नत� दश��ई गई हा:। उनकM रूप-रचान� भा� कम� क� लिंली�ग, वचान और प"रुषा क� अन"सं�र हुई हा:। वि�या� क� ऐसं� रूप ‘ ’कम�व�च्या कहाली�त� हाC।3.भा�वव�च्या-वि�या� क� जि<सं रूप सं� व�क्या क� उद्दे�श्या क� वली भा�व (वि�या� क� अथा�) हा� <�न� <�ए वहा�0 भा�वव�च्या हात� हा:। इसंमB कत�� या� कम� कM प्रध�नत� नहाW हात� हा:। इसंमB म"ख्यात[ अकम�क वि�या� क� हा� प्रयाग हात� हा: और सं�था हा� प्र�या[ विनषा�ध�था�क व�क्या हा� भा�वव�च्या मB प्रया"/ हात� हाC। इसंमB वि�या� संद:व

प"स्थिल्ली�ग, अन्या प"रुषा क� एक वचान कM हात� हा:।

प्रया�र्ग

प्रयाग त�न प्रक�र क� हात� हाC-1. कत�रिर प्रयाग।2. कम�भिण प्रयाग।3. भा�व� प्रयाग।1.कत�रिर प्रयाग- <बो कत�� क� लिंली�ग, वचान और प"रुषा क� अन"रूप वि�या� हा त वहा ‘कत�रिर ’प्रयाग कहाली�त� हा:। <:सं�- 

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1.लीड़क� पत्र चिलीखत� हा:। 2.लीड़विकया�0 पत्र चिलीखत� हा:।इन व�क्या, मB ‘ ’लीड़क� एकवचान, प"स्थिल्ली�ग और अन्या प"रुषा हा: और उसंक� सं�था वि�या� भा� ‘चिलीखत� ’हा: एकवचान, प"स्थिल्ली�ग और अन्या प"रुषा हा:। इसं� तरहा ‘लीड़विकया�0 पत्र चिलीखत� ’हाC दूसंर� व�क्या मB कत�� बोहुवचान,

स्त्र�लिंली�ग और अन्या प"रुषा हा: तथा� उसंकM वि�या� भा� ‘चिलीखत� ’हाC बोहुवचान स्त्र�लिंली�ग और अन्या प"रुषा हा:।2.कम�भिण प्रयाग- <बो वि�या� कम� क� लिंली�ग, वचान और प"रुषा क� अन"रूप हा त वहा ‘कम�भिण ’प्रयाग कहाली�त� हा:। <:सं�- 1.उपन्या�सं म�र� द्वा�र� पढ़� गया�। 2.छो�त्र, सं� विनबो�ध चिलीख� गए। 3.या"द्ध मB हा<�र, सं:विनक म�र� गए। इन व�क्या, मB ‘ ’उपन्या�सं , ‘ ’सं:विनक , कम� कत�� कM स्थिVवित मB हाC अत[ उनकM प्रध�नत� हा:। इनमB वि�या� क� रूप

कम� क� लिंली�ग, वचान और प"रुषा क� अन"रूप बोदली� हा:, अत[ याहा�0 ‘कम�भिण ’प्रयाग हा:।3.भा�व� प्रयाग- कत�रिर व�च्या कM संकम�क वि�या�ए0, <बो उनक� कत�� और कम� दन, विवभाचि/या"/ हा, त व� ‘भा�व� ’प्रयाग क� अ�तग�त आत� हाC। इसं� प्रक�र भा�वव�च्या कM संभा� वि�या�ए0 भा� भा�व� प्रयाग मB म�न� <�त� हा:। <:सं�- 1.अन�त� न� बो�ली क संWचा�। 2.लीड़क, न� पत्र, क द�ख� हा:। 3.लीड़विकया, न� प"स्तक, क पढ़� हा:। 4.अबो उसंसं� चाली� नहाW <�त� हा:। इन व�क्या, कM वि�या�ओं क� लिंली�ग, वचान और प"रुषा न कत�� क� अन"सं�र हाC और न हा� कम� क� अन"सं�र, अविपत" व� एकवचान, प"स्थिल्ली�ग और अन्या प"रुषा हाC। इसं प्रक�र क� ‘प्रयाग ’भा�व� प्रयाग कहाली�त� हाC।

��च्या �रिर�त ना

1.कतF�व�च्या सं� कम�व�च्या बोन�न�-(1) कतF�व�च्या कM वि�या� क सं�म�न्या भाYतक�ली मB बोदलीन� चा�विहाए।(2) उसं परिरवर्तित�त वि�या�-रूप क� सं�था क�ली, प"रुषा, वचान और लिंली�ग क� अन"रूप <�न� वि�या� क� रूप

<ड़न� चा�विहाए।(3) इनमB ‘ ’सं� अथाव� ‘क� ’द्वा�र� क� प्रयाग करन� चा�विहाए। <:सं�-कतF�व�च्या कम�व�च्या1.श्या�म� उपन्या�सं चिलीखत� हा:। श्या�म� सं� उपन्या�सं चिलीख� <�त� हा:।2.श्या�म� न� उपन्या�सं चिलीख�। श्या�म� सं� उपन्या�सं चिलीख� गया�।3.श्या�म� उपन्या�सं चिलीख�ग�। श्या�म� सं� (क� द्वा�र�) उपन्या�सं चिलीख� <�एग�।2.कतF�व�च्या सं� भा�वव�च्या बोन�न�-(1) इसंक� चिलीए वि�या� अन्या प"रुषा और एकवचान मB रखन� चा�विहाए।(2) कत�� मB करण क�रक कM विवभाचि/ लीग�न� चा�विहाए।(3) वि�या� क सं�म�न्या भाYतक�ली मB ली�कर उसंक� क�ली क� अन"रूप <�न� वि�या� क� रूप <ड़न� चा�विहाए।

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(4) आवश्याकत�न"सं�र विनषा�धसंYचाक ‘ ’नहाW क� प्रयाग करन� चा�विहाए। <:सं�-कतF�व�च्या भा�वव�च्या1.बोच्चा� नहाW दNड़त�। बोच्चा, सं� दNड़� नहाW <�त�।2.पक्षे� नहाW उड़त�। पभिक्षेया, सं� उड़� नहाW <�त�।3.बोच्चा� नहाW संया�। बोच्चा� सं� संया� नहाW <�त�।

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अध्या�या 13

विक्रया�-वि�र्श8षण

वि�या�-विवश�षाण- < शब्द वि�या� कM विवश�षात� प्रकट करत� हाC व� वि�या�-विवश�षाण कहाली�त� हाC। <:सं�- 1.संहान

सं"�दर चिलीखत� हा:। 2.गNरव याहा�0 रहात� हा:। 3.सं�ग�त� प्रवितदिदन पढ़त� हा:। इन व�क्या, मB ‘ ’सं"न्दर , ‘ ’याहा�0 और ‘ ’प्रवितदिदन शब्द वि�या� कM विवश�षात� बोतली� रहा� हाC। अत[ या� शब्द वि�या�-विवश�षाण हाC।अथा��न"सं�र वि�या�-विवश�षाण क� विनम्नचिलीखिखत चा�र भा�द हाC-1. क�लीव�चाक वि�या�-विवश�षाण।2. V�नव�चाक वि�या�-विवश�षाण।3. परिरम�णव�चाक वि�या�-विवश�षाण।4. र�वितव�चाक वि�या�-विवश�षाण।1.क�लीव�चाक वि�या�-विवश�षाण- जि<सं वि�या�-विवश�षाण शब्द सं� क�या� क� हान� क� संमया ज्ञा�त हा वहा

क�लीव�चाक वि�या�-विवश�षाण कहाली�त� हा:। इसंमB बोहुध� या� शब्द प्रयाग मB आत� हाC- याद�, कद�, <बो, तबो,

हाम�श�, तभा�, तत्क�ली, विनर�तर, श�घ्र, पYव�, बो�द, प�छो�, घड़�-घड़�, अबो, तत्पT�तa, तदन�तर, कली, कई बो�र, अभा� विफार कभा� आदिद।2.V�नव�चाक वि�या�-विवश�षाण- जि<सं वि�या�-विवश�षाण शब्द द्वा�र� वि�या� क� हान� क� V�न क� बोध हा वहा

V�नव�चाक वि�या�-विवश�षाण कहाली�त� हा:। इसंमB बोहुध� या� शब्द प्रयाग मB आत� हाC- भा�तर, बो�हार, अ�दर, याहा�0, वहा�0, विकधर, उधर, इधर, कहा�0, <हा�0, प�सं, दूर, अन्यात्र, इसं ओर, उसं ओर, द�ए0, बो�ए0, ऊपर, न�चा� आदिद।3.परिरम�णव�चाक वि�या�-विवश�षाण-< शब्द वि�या� क� परिरम�ण बोतली�त� हाC व� ‘परिरम�णव�चाक वि�या�-

’विवश�षाण कहाली�त� हाC। इसंमB बोहुध� थाड़�-थाड़�, अत्या�त, अधिधक, अल्प, बोहुत, क" छो, पया��प्त, प्रभाYत, कम,

न्याYन, बोY0द-बोY0द, स्वल्प, क� वली, प्र�या[ अन"म�नत[, संव�था� आदिद शब्द प्रयाग मB आत� हाC।क" छो शब्द, क� प्रयाग परिरम�णव�चाक विवश�षाण और परिरम�णव�चाक वि�या�-विवश�षाण दन, मB संम�न रूप सं� विकया� <�त� हा:। <:सं�-थाड़�, कम, क" छो क�फाM आदिद।4.र�वितव�चाक वि�या�-विवश�षाण- जि<न शब्द, क� द्वा�र� वि�या� क� सं�पन्न हान� कM र�वित क� बोध हात� हा: व� ‘र�वितव�चाक वि�या�- ’विवश�षाण कहाली�त� हाC। इनमB बोहुध� या� शब्द प्रयाग मB आत� हाC- अचा�नक, संहासं�, एक�एक, झटपट, आप हा�, ध्या�नपYव�क, धड़�धड़, याथा�, तथा�, 3¤क, संचाम"चा, अवश्या, व�स्तव मB, विनस्सं�द�हा,

बो�शक, श�याद, सं�भाव हाC, कद�चिचातa, बोहुत करक� , हा�0, 3¤क, संचा, <�, <रूर, अतएव, विकसंचिलीए, क्या,विक,

नहाW, न, मत, कभा� नहाW, कद�विप नहाW आदिद।

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अध्या�या 14

सा*बो*धबो�धक अव्याया

सं�बो�धबोधक अव्याया- जि<न अव्याया शब्द, सं� सं�ज्ञा� अथाव� संव�न�म क� व�क्या क� दूसंर� शब्द, क� सं�था सं�बो�ध

<�न� <�त� हा:, व� सं�बो�धबोधक अव्याया कहाली�त� हाC। <:सं�- 1. उसंक� सं�था छोड़ दEजि<ए। 2.म�र� सं�मन� सं� हाट

<�। 3.ली�लीविकली� पर वितर�ग� लीहार� रहा� हा:। 4.व�र अभिभामन्या" अ�त तक शत्र" सं� लीहा� ली�त� रहा�। इनमB ‘ ’सं�था ,

‘ ’सं�मन� , ‘ ’पर , ‘ ’तक शब्द सं�ज्ञा� अथाव� संव�न�म शब्द, क� सं�था आकर उनक� सं�बो�ध व�क्या क� दूसंर� शब्द, क� सं�था बोत� रहा� हाC। अत[ व� सं�बो�धबोधक अव्याया हा:।अथा� क� अन"सं�र सं�बो�धबोधक अव्याया क� विनम्नचिलीखिखत भा�द हाC-1. क�लीव�चाक- पहाली�, बो�द, आग�, प�छो�।2. V�नव�चाक- बो�हार, भा�तर, बो�चा, ऊपर, न�चा�।3. दिदश�व�चाक- विनकट, संम�प, ओर, सं�मन�।4. सं�धनव�चाक- विनधिमत्ता, द्वा�र�, <रिरया�।5. विवरधसंYचाक- उलीट�, विवरुद्ध, प्रवितकY ली।6. संमत�संYचाक- अन"सं�र, संदृश, संम�न, त"ल्या, तरहा।7. हा�त"व�चाक- रविहात, अथाव�, चिसंव�, अवितरिर/।8. संहाचारसंYचाक- संम�त, सं�ग, सं�था।9. विवषायाव�चाक- विवषाया, बो�बोत, ली�ख।10. सं�ग्रेव�चाक- संम�त, भार, तक।

विक्रया�-वि�र्श8षण और सा*बो*धबो�धक अव्याया मV अ*तर

<बो इनक� प्रयाग सं�ज्ञा� अथाव� संव�न�म क� सं�था हात� हा: तबो या� सं�बो�धबोधक अव्याया हात� हाC और <बो या� वि�या� कM विवश�षात� प्रकट करत� हाC तबो वि�या�-विवश�षाण हात� हाC। <:सं�-(1) अ�दर <�ओ। (वि�या� विवश�षाण)

(2) दुक�न क� भा�तर <�ओ। (सं�बो�धबोधक अव्याया)

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अध्या�या 15

साम�च्चायाबो�धक अव्याया

संम"च्चायाबोधक अव्याया- द शब्द,, व�क्या��श, या� व�क्या, क धिमली�न� व�ली� अव्याया संम"च्चायाबोधक अव्याया

कहाली�त� हाC। इन्हाB ‘ ’या<क भा� कहात� हाC। <:सं�-(1) श्रो"वित और ग"�<न पढ़ रहा� हाC।(2) म"झ� ट�परिरक�ड्�र या� घड़� चा�विहाए।(3) सं�त� न� बोहुत म�हानत कM विकन्त" विफार भा� संफाली न हा संकM।(4) बो�शक वहा धनव�न हा: परन्त" हा: क� <Yसं।इनमB ‘ ’और , ‘ ’या� , ‘ ’विकन्त" , ‘ ’परन्त" शब्द आए हाC <विक द शब्द, अथाव� द व�क्या, क धिमली� रहा� हाC। अत[ या� संम"च्चायाबोधक अव्याया हाC।संम"च्चायाबोधक क� द भा�द हाC-1. संम�न�धिधकरण संम"च्चायाबोधक।2. व्याधिधकरण संम"च्चायाबोधक।

1. साम�ना�लिधकरण साम�च्चायाबो�धक

जि<न संम"च्चायाबोधक शब्द, क� द्वा�र� द संम�न व�क्या��श, पद, और व�क्या, क परस्पर <ड़� <�त� हा:, उन्हाB संम�न�धिधकरण संम"च्चायाबोधक कहात� हाC। <:सं�- 1.सं"न�द� खड़� था� और अलीक� बो:3¤ था�। 2.ऋत�श ग�एग� त ऋत" तबोली� बो<�एग�। इन व�क्या, मB और, त संम"च्चायाबोधक शब्द, द्वा�र� द संम�न शब्द और व�क्या परस्पर <"ड़� हाC।संम�न�धिधकरण संम"च्चायाबोधक क� भा�द- संम�न�धिधकरण संम"च्चायाबोधक चा�र प्रक�र क� हात� हाC-(क) सं�या<क।(ख) विवभा�<क। (ग) विवरधसंYचाक। (घ) परिरण�मसंYचाक।

(क) सं�या<क- < शब्द,, व�क्या��श, और उपव�क्या, क परस्पर <ड़न� व�ली� शब्द सं�या<क कहाली�त� हाC। और, तथा�, एव� व आदिद सं�या<क शब्द हाC।(ख) विवभा�<क- शब्द,, व�क्या��श, और उपव�क्या, मB परस्पर विवभा�<न और विवकल्प प्रकट करन� व�ली� शब्द

विवभा�<क या� विवकल्पक कहाली�त� हाC। <:सं�-या�, चा�हा� अथाव�, अन्याथा�, व� आदिद।(ग) विवरधसंYचाक- द परस्पर विवरध� कथान, और उपव�क्या, क <ड़न� व�ली� शब्द विवरधसंYचाक कहाली�त� हाC। <:सं�-परन्त", पर, विकन्त", मगर, बोल्किल्क, ली�विकन आदिद।(घ) परिरण�मसंYचाक- द उपव�क्या, क परस्पर <ड़कर परिरण�म क दश��न� व�ली� शब्द परिरण�मसंYचाक

कहाली�त� हाC। <:सं�-फालीत[, परिरण�मस्वरूप, इसंचिलीए, अत[, अतएव, फालीस्वरूप, अन्याथा� आदिद।

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2. व्यालिधकरण साम�च्चायाबो�धक

विकसं� व�क्या क� प्रध�न और आभिश्रोत उपव�क्या, क परस्पर <ड़न� व�ली� शब्द व्याधिधकरण संम"च्चायाबोधक

कहाली�त� हाC।व्याधिधकरण संम"च्चायाबोधक क� भा�द- व्याधिधकरण संम"च्चायाबोधक चा�र प्रक�र क� हात� हाC-(क) क�रणसंYचाक। (ख) सं�क� तसंYचाक। (ग) उद्दे�श्यासंYचाक। (घ) स्वरूपसंYचाक।(क) क�रणसंYचाक- द उपव�क्या, क परस्पर <ड़कर हान� व�ली� क�या� क� क�रण स्पष्ट करन� व�ली� शब्द, क क�रणसंYचाक कहात� हाC। <:सं�- विक, क्या,विक, इसंचिलीए, चाY0विक, त�विक आदिद।(ख) सं�क� तसंYचाक- < द या<क शब्द द उपव�क्या, क <ड़न� क� क�या� करत� हाC, उन्हाB सं�क� तसंYचाक कहात� हाC। <:सं�- यादिद....त, <�...त, याद्यांविप....तथा�विप, याद्यांविप...परन्त" आदिद।(ग) उद�श्यासंYचाक- द उपव�क्या, क परस्पर <ड़कर उनक� उद्दे�श्या स्पष्ट करन� व�ली� शब्द उद्दे�श्यासंYचाक

कहाली�त� हाC। <:सं�- इसंचिलीए विक, त�विक, जि<संसं� विक आदिद।(घ) स्वरूपसंYचाक- म"ख्या उपव�क्या क� अथा� स्पष्ट करन� व�ली� शब्द स्वरूपसंYचाक कहाली�त� हाC। <:सं�-या�न�, म�न, विक, अथा��तa आदिद।

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अध्या�या 16

वि�स्मया�दिदीबो�धक अव्याया

विवस्मया�दिदबोधक अव्याया- जि<न शब्द, मB हाषा�, शक, विवस्मया, ग्ली�विन, घFण�, लीज्जा� आदिद भा�व प्रकट हात� हाC व� विवस्मया�दिदबोधक अव्याया कहाली�त� हाC। इन्हाB ‘ ’द्यांतक भा� कहात� हाC। <:सं�- 1.अहा� ! क्या� मNसंम हा:।2.उफा ! विकतन� गरम� पड़ रहा� हा:। 3. अर� ! आप आ गए ? 

4.बो�प र� बो�प ! याहा क्या� कर ड्�ली� ? 

5.चिछो[-चिछो[ ! धिधक्क�र हा: त"म्हा�र� न�म क।इनमB ‘ ’अहा� , ‘ ’उफा , ‘ ’अर� , ‘बो�प-र�- ’बो�प , ‘चिछो[- ’चिछो[ शब्द आए हाC। या� संभा� अन�क भा�व, क व्या/ कर रहा� हाC। अत[ या� विवस्मया�दिदबोधक अव्याया हा:। इन शब्द, क� बो�द विवस्मया�दिदबोधक चिचाह्न (!) लीगत� हा:।प्रकट हान� व�ली� भा�व क� आध�र पर इसंक� विनम्नचिलीखिखत भा�द हाC-(1) हाषा�बोधक- अहा� ! धन्या !, व�हा-व�हा !, ओहा ! व�हा ! श�बो�श !

(2) शकबोधक- आहा !, हा�या !, हा�या-हा�या !, हा�, त्र�विहा-त्र�विहा !, बो�प र� !(3) विवस्मया�दिदबोधक- हाC !, ऐं !, ओहा !, अर�, व�हा !

(4) वितरस्क�रबोधक- चिछो[ !, हाट !, धिधकa , धतa !, चिछो[ चिछो[ !, चा"प !

(5) स्व�कF वितबोधक- हा�0-हा�0 !, अच्छा� !, 3¤क !, <� हा�0 !, बोहुत अच्छा� !(6) सं�बोधनबोधक- र� !, र� !, अर� !, अर� !, ओ !, अ<� !, हा:ली !(7) आश�व��दबोधक- दEघ��या" हा !, <�त� रहा !

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अध्या�या 17

र्शब्दी-रचना�

शब्द-रचान�-हाम स्वभा�वत[ भा�षा�-व्यावहा�र मB कम-सं�-कम शब्द, क� प्रयाग करक� अधिधक-सं�-अधिधक क�म

चाली�न� चा�हात� हाC। अत[ शब्द, क� आर�भा अथाव� अ�त मB क" छो <ड़कर अथाव� उनकM म�त्र�ओं या� स्वर मB क" छो

परिरवत�न करक� नव�न-सं�-नव�न अथा�-बोध कर�न� चा�हात� हाC। कभा�-कभा� द अथाव� अधिधक शब्द��श, क <ड़कर नए अथा�-बोध क स्व�क�रत� हाC। इसं तरहा एक शब्द सं� कई अथा_ कM अभिभाव्याचि/ हा�त" < नए-नए

शब्द बोन�ए <�त� हाC उसं� शब्द-रचान� कहात� हाC।शब्द रचान� क� चा�र प्रक�र हाC-1. उपसंग� लीग�कर2. प्रत्याया लीग�कर3. सं�धिध द्वा�र�4. संम�सं द्वा�र�

उ�सार्ग

व� शब्द��श < विकसं� शब्द क� आर�भा मB लीगकर उनक� अथा� मB विवश�षात� ली� द�त� हाC अथाव� उसंक� अथा� क बोदली द�त� हाC, उपसंग� कहाली�त� हाC। <:सं�-पर�-पर��म, पर�<या, पर�भाव, पर�ध�न, पर�भाYत।उपसंग_ क चा�र भा�ग, मB बो�0ट� <� संकत� हाC-(क) सं�स्कF त क� उपसंग�(ख) विहान्दE क� उपसंग�(ग) उदू� क� उपसंग�(घ) उपसंग� कM तरहा प्रया"/ हान� व�ली� सं�स्कF त क� अव्याया

(क) सा*स्कX त क8 उ�सार्ग

उपसंग� अथा� (मB) शब्द-रूप

अवित अधिधक, ऊपर अत्या�त, अत्या"त्ताम, अवितरिर/

अधिध ऊपर, प्रध�नत� अधिधक�र, अध्याक्षे, अधिधपवित

अन" प�छो�, संम�न अन"रूप, अन"<, अन"करण

अप बो"र�, हा�न अपम�न, अपयाश, अपक�र

अभिभा सं�मन�, अधिधक प�सं अभिभायाग, अभिभाम�न, अभिभाभा�वक

अव बो"र�, न�चा� अवनवित, अवग"ण, अवश�षा

आ तक सं�, ली�कर, उलीट� आ<न्म, आगमन, आक�श

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उतa ऊपर, श्रो�ष्ठ उत्क� 3�, उत्कषा�, उत्पन्न

उप विनकट, गNण उपक�र, उपद�श, उपचा�र, उप�ध्याक्षे

दुरa बो"र�, कदि3न दु<�न, दुद�श�, दुग�म

दुसंa बो"र� दुTरिरत्र, दुस्सं�हासं, दुग�म

विन अभा�व, विवश�षा विनया"/, विनबो�ध, विनमग्न

विनरa विबोन� विनव��हा, विनम�ली, विन<�न

विनसंa विबोन� विनTली, विनश्छोली, विनभिTत

पर� प�छो�, उलीट� पर�मश�, पर�ध�न, पर��म

परिर संबो ओर परिरपYण�, परिर<न, परिरवत�न

प्र आग�, अधिधक, उत्कF ष्ट प्रयात्न, प्रबोली, प्रचिसंद्ध

प्रवित सं�मन�, उलीट�, हारएक प्रवितकY ली, प्रत्या�क, प्रत्याक्षे

विव हा�नत�, विवश�षा विवयाग, विवश�षा, विवधव�

संमa पYण�, अच्छा� सं�चाया, सं�गवित, सं�स्क�र

सं" अच्छा�, संरली सं"गम, सं"याश, स्व�गत

(ख) वि�न्दी$ क8 उ�सार्ग

या8 प्र�या. सा*स्कX त उ�सार्ग7 क8 अ�भ्रं*र्श म�त्रा �� �\।

उपसंग� अथा� (मB) शब्द-रूप

अ अभा�व, विनषा�ध अ<र, अछोYत, अक�ली

अन रविहात अनपढ़, अनबोन, अन<�न

अध आध� अधमर�, अधखिखली�, अधपक�

औ रविहात औग"न, औत�र, औघट

क" बो"र�ई क" सं�ग, क" कम�, क" मवित

विन अभा�व विनड्र, विनहात्था�, विनकम्म�

(र्ग) उर्दू क8 उ�सार्ग

उपसंग� अथा� (मB) शब्द-रूप

कम थाड़� कमबोख्त, कम<र, कमचिसंन

ख"श प्रसंन्न, अच्छा� ख"शबोY, ख"शदिदली, ख"शधिम<�<

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ग:र विनषा�ध ग:रहा�जि<र, ग:रक�नYन�, ग:रकNम

दर मB दरअसंली, दरक�र, दरधिमया�न

न� विनषा�ध न�ली�याक, न�पसं�द, न�म"मविकन

बो� अन"सं�र बो�मNक�, बो�क�याद�, बो�इज्जात

बोद बो"र� बोदन�म, बोदम�श, बोदचालीन

बो� विबोन� बो�ईम�न, बो�चा�र�, बो�अक्ली

ली� रविहात ली�परव�हा, ली�चा�र, ली�व�रिरसं

संर म"ख्या संरक�र, संरद�र, संरप�चा

हाम सं�था हामदद¬, हामर�<, हामदम

हार प्रवित हारदिदन, हारएक,हारसं�ली

(र्घ) उ�सार्ग कC तर� प्रया�G ��ना8 ��ली8 सा*स्कX त अव्याया

उपसंग� अथा� (मB) शब्द-रूप

अ (व्या�<न, सं� पYव�) विनषा�ध अज्ञा�न, अभा�व, अचा�त

अनa (स्वर, सं� पYव�) विनषा�ध अन�गत, अनथा�, अन�दिद

सं संविहात सं<ली, संकली, संहाषा�

अध[ न�चा� अध[पतन, अधगवित, अधम"ख

चिचार बोहुत द�र चिचार�या", चिचारक�ली, चिचार�तन

अ�तर भा�तर अ�तर�त्म�, अ�तर��ष्ट्र�या, अ�त<��त�या

प"न[ विफार प"नग�मन, प"न<�न्म, प"नर्मिम�लीन

प"र� प"र�न� प"र�तत्व, प"र�तन

प"रसंa आग� प"रस्क�र, प"रस्कF त

वितरसंa बो"र�, हा�न वितरस्क�र, वितरभा�व

संतa श्रो�ष्ठ संत्क�र, संज्जान, संत्क�या�

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अध्या�या 18

प्रत्याया

प्रत्याया- < शब्द��श शब्द, क� अ�त मB लीगकर उनक� अथा� क बोदली द�त� हाC व� प्रत्याया कहाली�त� हाC। <:सं�-<ली<,

प�क< आदिद। <ली=प�न� तथा� <=<न्म ली�न� व�ली�। प�न� मB <न्म ली�न� व�ली� अथा��तa कमली। इसं� प्रक�र प�क

शब्द मB < प्रत्याया लीगकर प�क< अथा��त कमली कर द�त� हा:। प्रत्याया द प्रक�र क� हात� हाC-1. कF त प्रत्याया।2. तजिद्धत प्रत्याया।

1. कX त प्रत्याया

< प्रत्याया ध�त"ओं क� अ�त मB लीगत� हाC व� कF त प्रत्याया कहाली�त� हाC। कF त प्रत्याया क� याग सं� बोन� शब्द, क(कF त+अ�त) कF द�त कहात� हाC। <:सं�-र�खन+हा�र�=र�खनहा�र�, घट+इया�=घदिटया�, चिलीख+आवट= चिलीख�वटआदिद।(क) कतF�व�चाक कF द�त- जि<सं प्रत्याया सं� बोन� शब्द सं� क�या� करन� व�ली� अथा��त कत�� क� बोध हा, वहा

कतF�व�चाक कF द�त कहाली�त� हा:। <:सं�-‘ ’ पढ़न� । इसं सं�म�न्या वि�या� क� सं�था व�ली� प्रत्याया लीग�न� सं�‘ ’ पढ़न�व�ली� शब्द बोन�।प्रत्याया शब्द-रूप प्रत्याया शब्द-रूप

व�ली� पढ़न�व�ली�, चिलीखन�व�ली�,रखव�ली� हा�र� र�खनहा�र�, ख�वनहा�र�, प�लीनहा�र�

आऊ विबोक�ऊ, दिटक�ऊ, चाली�ऊ आक त:र�क

आक� लीड़क�, धड़�क�, धम�क� आड़� अन�ड़�, खिखली�ड़�, अग�ड़�

आलीY आली", झगड़�लीY, दया�ली", कF प�ली" ऊ उड़�ऊ, कम�ऊ, ख�ऊ

एर� ली"ट�र�, संप�र� इया� बोदिढ़या�, घदिटया�

ऐया� गव:या�, रख:या�, ली"ट:या� अक ध�वक, संहा�याक, प�लीक

(ख) कम�व�चाक कF द�त- जि<सं प्रत्याया सं� बोन� शब्द सं� विकसं� कम� क� बोध हा वहा कम�व�चाक कF द�त कहाली�त� हा:। <:सं�- ग� मB न� प्रत्याया लीग�न� सं� ग�न�, संY0घ मB न� प्रत्याया लीग�न� सं� संY0घन� और विबोछो मB औन�

प्रत्याया लीग�न� सं� विबोछोNन� बोन� हा:।(ग) करणव�चाक कF द�त- जि<सं प्रत्याया सं� बोन� शब्द सं� वि�या� क� सं�धन अथा��त करण क� बोध हा वहा

करणव�चाक कF द�त कहाली�त� हा:। <:सं�- र�त मB ई प्रत्याया लीग�न� सं� र�त� बोन�।प्रत्याया शब्द-रूप प्रत्याया शब्द-रूप

आ भाटक�, भाYली�, झYली� ई र�त�, फा�0सं�, भा�र�

ऊ झ�­ड़ू न बो�लीन, झ�ड़न, बो�धन

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न� ध�कन� करतन�, सं"धिमरन�

(घ) भा�वव�चाक कF द�त- जि<सं प्रत्याया सं� बोन� शब्द सं� भा�व अथा��तa वि�या� क� व्या�प�र क� बोध हा वहा भा�वव�चाक कF द�त कहाली�त� हा:। <:सं�- सं<� मB आवट प्रत्याया लीग�न� सं� सं<�वट बोन�।

प्रत्याया शब्द-रूप प्रत्याया शब्द-रूप

अन चालीन, मनन, धिमलीन औत� मनNत�, विफारNत�, चा"नNत�

आव� भा"ली�व�,छोली�व�, दिदख�व� अ�त भिभाड़�त, गढ़�त

आई कम�ई, चाढ़�ई, लीड़�ई आवट सं<�वट, बोन�वट, रुक�वट

आहाट घबोर�हाट,चिचाल्ली�हाट

(ड़) वि�या�व�चाक कF द�त- जि<सं प्रत्याया सं� बोन� शब्द सं� वि�या� क� हान� क� भा�व प्रकट हा वहा वि�या�व�चाक कF द�त कहाली�त� हा:। <:सं�- भा�गत� हुआ, चिलीखत� हुआ आदिद। इसंमB मYली ध�त" क� सं�था त� लीग�कर बो�द मB हुआ लीग� द�न� सं� वत�म�नक�चिलीक वि�या�व�चाक कF द�त बोन <�त� हा:। वि�या�व�चाक कF द�त क� वली प"स्थिल्ली�ग और एकवचान मB प्रया"/ हात� हा:।

प्रत्याया शब्द-रूप प्रत्याया शब्द-रूप

त� ड्Yबोत�, बोहात�, रमत�, चालीत� त� हुआ आत� हुआ, पढ़त� हुआ

या� खया�, बोया� आ संYख�, भाYली�, बो:3�

कर <�कर, द�खकर न� दNड़न�, संन�

2. तणि_त प्रत्याया

< प्रत्याया सं�ज्ञा�, संव�न�म अथाव� विवश�षाण क� अ�त मB लीगकर नए शब्द बोन�त� हाC तजिद्धत प्रत्याया कहाली�त� ‘ ’ हाC। इनक� याग सं� बोन� शब्द, क तजिद्धत��त अथाव� तजिद्धत शब्द कहात� हाC। <:सं�-अपन�+पन=अपन�पन,

द�नव+त�= द�नवत� आदिद।(क) कतF�व�चाक तजिद्धत- जि<संसं� विकसं� क�या� क� करन� व�ली� क� बोध हा। <:सं�- सं"न�र, कहा�र आदिद।प्रत्याया शब्द-रूप प्रत्याया शब्द-रूप

क प�3क, ली�खक, चिलीविपक आर सं"न�र, ली"हा�र, कहा�र

क�र पत्रक�र, कली�क�र, चिचात्रक�र इया� सं"विवध�, दुखिखया�, आढ़वितया�

एर� संप�र�, 33� र�, चिचात�र� आ मछो"आ, ग�रुआ, 3ली"आ

व�ली� टप�व�ली� घरव�ली�, ग�ड़�व�ली� द�र ईम�नद�र, दुक�नद�र, क<�द�र

हा�र� लीकड़हा�र�, पविनहा�र�, मविनहा�र चा� मश�लीचा�, ख<�नचा�, मचा�

गर क�र�गर, बो�<�गर, <�दूगर

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(ख) भा�वव�चाक तजिद्धत- जि<संसं� भा�व व्या/ हा। <:सं�-संर��फा�, बो"ढ़�प�, सं�गत, प्रभा"त� आदिद।प्रत्याया शब्द-रूप प्रत्याया शब्द-रूप

पन बोचापन, लीड़कपन, बो�लीपन आ बो"ली�व�, संर��फा�

आई भाली�ई, बो"र�ई, दिढ्3�ई आहाट चिचाकन�हाट, कड़व�हाट, घबोर�हाट

इम� ली�चिलीम�, मविहाम�, अरुभिणम� प� बो"ढ़�प�, मट�प�

ई गरम�, संरदE,गर�बो� औत� बोपNत�

(ग) सं�बो�धव�चाक तजिद्धत- जि<संसं� सं�बो�ध क� बोध हा। <:सं�-संसं"र�ली, भात�<�, चाचा�र� आदिद।प्रत्याया शब्द-रूप प्रत्याया शब्द-रूप

आली संसं"र�ली, नविनहा�ली एर� मम�र�,चाचा�र�, फा" फा� र�

<� भा�न<�, भात�<� इक न:वितक, ध�र्मिम�क, आर्थिथा�क

(घ) ऊनत� (लीघ"त�) व�चाक तजिद्धत- जि<संसं� लीघ"त� क� बोध हा। <:सं�-ली"दिटया�।प्रत्यायाया शब्द-रूप प्रत्याया शब्द-रूप

इया� ली"दिटया�, विड्विबोया�, खदिटया� ई क3र�, टकन�, ढ्लीकM

टE, ट� ली0गटE, कछोNटE,कलीYट� ड़�, ड़� पगड़�, ट"कड़�, बोछोड़�

(ड़) गणन�व�चाक तद्धवित- जि<संसं� सं�ख्या� क� बोध हा। <:सं�-इकहार�, पहाली�, प�0चाव�0 आदिद।प्रत्याया शब्द-रूप प्रत्याया शब्द-रूप

हार� इकहार�, दुहार�, वितहार� ली� पहाली�

र� दूसंर�, त�संर� था� चाNथा�

(चा) सं�दृश्याव�चाक तजिद्धत- जि<संसं� संमत� क� बोध हा। <:सं�-सं"नहार�।प्रत्याया शब्द-रूप प्रत्याया शब्द-रूप

सं� प�ली�-सं�, न�ली�-सं�, क�ली�-सं� हार� सं"नहार�, रुपहार�

(छो) ग"णव�चाक तद्धवित- जि<संसं� विकसं� ग"ण क� बोध हा। <:सं�-भाYख, विवषा:ली�, क" लीव�त आदिद।प्रत्याया शब्द-रूप प्रत्याया शब्द-रूप

आ भाYख�, प्या�सं�, 3�ड्�,म�3� ई धन�, लीभा�, �ध�

ईया व��छोन�या, अन"करण�या ईली� र�ग�ली�, सं<�ली�

ऐली� विवषा:ली�, कसं:ली� ली" कF प�ली", दया�ली"

Page 54: hindi grammer

व�त दया�व�त, क" लीव�त व�न ग"णव�न, रूपव�न

(<) V�नव�चाक तद्धवित- जि<संसं� V�न क� बोध हा. <:सं�-प�<�बो�, <बोलीप"रिरया�, दिदल्ली�व�ली� आदिद।प्रत्याया शब्द-रूप प्रत्याया शब्द-रूप

ई प�<�बो�, बो�ग�ली�, ग"<र�त� इया� कलीकवितया�, <बोलीप"रिरया�

व�ली व�ली� ड्�र�व�ली�, दिदल्ली�व�ली�

कX त प्रत्याया और तणि_त प्रत्याया मV अ*तर

कF त प्रत्याया- < प्रत्याया ध�त" या� वि�या� क� अ�त मB <"ड़कर नया� शब्द बोन�त� हाC कF त प्रत्याया कहाली�त� हाC। <:सं�-चिलीखन�, चिलीख�ई, चिलीख�वट।तजिद्धत प्रत्याया- < प्रत्याया सं�ज्ञा�, संव�न�म या� विवश�षाण मB <"ड़कर नया� शब्द बोन�त� हा� व� तजिद्धत प्रत्याया

कहाली�त� हाC। <:सं�-न�वित-न:वितक, क�ली�-क�चिलीम�, र�ष्ट्र-र�ष्ट्र�यात� आदिद।

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अध्या�या 19

सा*लिध

सं�धिध-सं�धिध शब्द क� अथा� हा: म�ली। द विनकटवत� वण_ क� परस्पर म�ली सं� < विवक�र (परिरवत�न) हात� हा: वहा

सं�धिध कहाली�त� हा:। <:सं�-संमa+तषा=सं�तषा। द�व+इ�द्र=द�वBद्र। भा�न"+उदया=भा�नYदया।सं�धिध क� भा�द-सं�धिध त�न प्रक�र कM हात� हाC-1. स्वर सं�धिध।2. व्या�<न सं�धिध।3. विवसंग� सं�धिध।

1. स्�र सा*लिध

द स्वर, क� म�ली सं� हान� व�ली� विवक�र (परिरवत�न) क स्वर-सं�धिध कहात� हाC। <:सं�-विवद्यां�+आलीया=विवद्यां�लीया।स्वर-सं�धिध प�0चा प्रक�र कM हात� हाC-

(क) दी$र्घ सा*लिध

ह्रस्व या� दEघ� अ, इ, उ क� बो�द यादिद ह्रस्व या� दEघ� अ, इ, उ आ <�ए0 त दन, धिमलीकर दEघ� आ, ई, और ऊ हा <�त� हाC। <:सं�-(क) अ+अ=आ धम�+अथा�=धम��था�, अ+आ=आ-विहाम+आलीया=विहाम�लीया।आ+अ=आ आ विवद्यां�+अथा�=विवद्यां�था� आ+आ=आ-विवद्यां�+आलीया=विवद्यां�लीया।(ख) इ और ई कM सं�धिध-

इ+इ=ई- रविव+इ�द्र=रवWद्र, म"विन+इ�द्र=म"नWद्र।इ+ई=ई- विगरिर+ईश=विगर�श म"विन+ईश=म"न�श।ई+इ=ई- महा�+इ�द्र=महाWद्र न�र�+इ�दु=न�रWदुई+ई=ई- नदE+ईश=नदEश महा�+ईश=महा�श(ग) उ और ऊ कM सं�धिध-

उ+उ=ऊ- भा�न"+उदया=भा�नYदया विवध"+उदया=विवधYदयाउ+ऊ=ऊ- लीघ"+ऊर्मिम�=लीघYर्मिम� चिसंध"+ऊर्मिम�=लिंसं�धYर्मिम�ऊ+उ=ऊ- वधY+उत्संव=वधYत्संव वधY+उल्ली�ख=वधYल्ली�खऊ+ऊ=ऊ- भाY+ऊध्व�=भाYध्व� वधY+ऊ<��=वधY<��

(ख) र्ग�ण सा*लिध

इसंमB अ, आ क� आग� इ, ई हा त ए, उ, ऊ हा त ओ, तथा� ऋ हा त अरa हा <�त� हा:। इसं� ग"ण-सं�धिध कहात� हाC <:सं�-

Page 56: hindi grammer

(क) अ+इ=ए- नर+इ�द्र=नरBद्र अ+ई=ए- नर+ईश=नर�शआ+इ=ए- महा�+इ�द्र=महाBद्र आ+ई=ए महा�+ईश=महा�श(ख) अ+ई=ओ ज्ञा�न+उपद�श=ज्ञा�नपद�श आ+उ=ओ महा�+उत्संव=महात्संवअ+ऊ=ओ <ली+ऊर्मिम�=<लीर्मिम� आ+ऊ=ओ महा�+ऊर्मिम�=महार्मिम�(ग) अ+ऋ=अरa द�व+ऋविषा=द�वर्तिषा�(घ) आ+ऋ=अरa महा�+ऋविषा=महार्तिषा�

(र्ग) �Xणि_ सा*लिध

अ आ क� ए ऐ सं� म�ली हान� पर ऐ अ आ क� ओ, औ सं� म�ली हान� पर औ हा <�त� हा:। इसं� वFजिद्ध सं�धिध कहात� हाC। <:सं�-(क) अ+ए=ऐ एक+एक=एक: क अ+ऐ=ऐ मत+ऐक्या=मत:क्याआ+ए=ऐ संद�+एव=संद:व आ+ऐ=ऐ महा�+ऐश्वया�=महा:श्वया�(ख) अ+ओ=औ वन+ओषाधिध=वनNषाधिध आ+ओ=औ महा�+औषाध=महाNषाधिधअ+औ=औ परम+औषाध=परमNषाध आ+औ=औ महा�+औषाध=महाNषाध

(र्घ) याण सा*लिध

(क) इ, ई क� आग� कई विव<�त�या (असंम�न) स्वर हान� पर इ ई क ‘ ’याa हा <�त� हा:। (ख) उ, ऊ क� आग� विकसं� विव<�त�या स्वर क� आन� पर उ ऊ क ‘ ’वa हा <�त� हा:। (ग) ‘ ’ऋ क� आग� विकसं� विव<�त�या स्वर क� आन� पर ऋ क ‘ ’रa हा <�त� हा:। इन्हाB याण-सं�धिध कहात� हाC।इ+अ=याa+अ यादिद+अविप=याद्यांविप ई+आ=याa+आ इवित+आदिद=इत्या�दिद।ई+अ=याa+अ नदE+अप�ण=नद्यांप�ण ई+आ=याa+आ द�व�+आगमन=द�व्या�गमन(घ) उ+अ=वa+अ अन"+अया=अन्वया उ+आ=वa+आ सं"+आगत=स्व�गतउ+ए=वa+ए अन"+एषाण=अन्व�षाण ऋ+अ=रa+आ विपतF+आज्ञा�=विपत्र�ज्ञा�(ड़) अया�दिद सं�धिध- ए, ऐ और ओ औ सं� पर� विकसं� भा� स्वर क� हान� पर �मश[ अयाa, आयाa, अवa और आवa हा <�त� हा:। इसं� अया�दिद सं�धिध कहात� हाC।(क) ए+अ=अयाa+अ न�+अन+नयान (ख) ऐ+अ=आयाa+अ ग:+अक=ग�याक(ग) ओ+अ=अवa+अ प+अन=पवन (घ) औ+अ=आवa+अ पN+अक=प�वकऔ+इ=आवa+इ नN+इक=न�विवक

2. व्या*जना सा*लिध

व्या�<न क� व्या�<न सं� अथाव� विकसं� स्वर सं� म�ली हान� पर < परिरवत�न हात� हा: उसं� व्या�<न सं�धिध कहात� हाC। <:सं�-शरतa+चा�द्र=शरच्चा�द्र।(क) विकसं� वग� क� पहाली� वण� कa , चाa, टa, तa, पa क� म�ली विकसं� वग� क� त�संर� अथाव� चाNथा� वण� या� याa, रa, लीa, वa, हा या� विकसं� स्वर सं� हा <�ए त कa क गa चाa क <a, टa क ड्a और पa क बोa हा <�त� हा:। <:सं�-

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कa +ग=ग्ग दिदकa +ग<=दिदग्ग<। कa +ई=ग� व�कa +ईश=व�ग�शचाa+अ=<a अचाa+अ�त=अ<�त टa+आ=ड्� षाटa+आनन=षाड्�ननप+<+ब्< अपa+<=अब्<(ख) यादिद विकसं� वग� क� पहाली� वण� (कa , चाa, टa, तa, पa) क� म�ली नa या� मa वण� सं� हा त उसंक� V�न पर उसं� वग� क� प�0चाव�0 वण� हा <�त� हा:। <:सं�-कa +म=ड़् व�कa +मया=व�ड़्मया चाa+न=ञ्a अचाa+न�श=अञ्न�शटa+म=णa षाटa+म�सं=षाण्म�सं तa+न=नa उतa+नयान=उन्नयानपa+मa=मa अपa+मया=अम्मया(ग) तa क� म�ली ग, घ, द, ध, बो, भा, या, र, व या� विकसं� स्वर सं� हा <�ए त दa हा <�त� हा:। <:सं�-तa+भा=द्भ संतa+भा�वन�=संद्भ�वन� तa+ई=दE <गतa+ईश=<गदEशतa+भा=द्भ भागवतa+भाचि/=भागवद्भचि/ तa+र=द्र ततa+रूप=तद्रूपतa+ध=द्ध संतa+धम�=संद्धम�(घ) तa सं� पर� चाa या� छोa हान� पर चा, <a या� झa हान� पर <a, टa या� 3a हान� पर टa, ड्a या� ढ्a हान� पर ड्a और ली हान� पर लीa हा <�त� हा:। <:सं�-तa+चा=च्चा उतa+चा�रण=उच्चा�रण तa+<=ज्जा संतa+<न=संज्जानतa+झ=ज्झ उतa+झदिटक�=उज्झदिटक� तa+ट=ट्टा ततa+टEक�=तट्टाEक�तa+ड्=ड्डा उतa+ड्यान=उड्डायान तa+ली=ल्ली उतa+ली�सं=उल्ली�सं(ड़) तa क� म�ली यादिद शa सं� हा त तa क चाa और शa क� छोa बोन <�त� हा:। <:सं�-तa+शa=च्छा उतa+श्व�सं=उच्छ्व�सं तa+श=च्छा उतa+चिशष्ट=उस्थिच्छाष्टतa+श=च्छा संतa+श�स्त्र=संच्छा�स्त्र(चा) तa क� म�ली यादिद हाa सं� हा त तa क� दa और हाa क� धa हा <�त� हा:। <:सं�-तa+हा=द्ध उतa+हा�र=उद्ध�र तa+हा=द्ध उतa+हारण=उद्धरणतa+हा=द्ध ततa+विहात=तजिद्धत(छो) स्वर क� बो�द यादिद छोa वण� आ <�ए त छोa सं� पहाली� चाa वण� बोढ़� दिदया� <�त� हा:। <:सं�-अ+छो=अच्छा स्व+छो�द=स्वच्छा�द आ+छो=आच्छा आ+छो�दन=आच्छा�दनइ+छो=इच्छा सं�धिध+छो�द=सं�धिधच्छा�द उ+छो=उच्छा अन"+छो�द=अन"च्छा�द(<) यादिद मa क� बो�द कa सं� मa तक कई व्या�<न हा त मa अन"स्व�र मB बोदली <�त� हा:। <:सं�-मa+चाa=ा� विकमa+चिचात=बिंक�चिचात मa+क=ा� विकमa+कर=बिंक�करमa+क=ा� संमa+कल्प=सं�कल्प मa+चा=ा� संमa+चाया=सं�चायामa+त=ा� संमa+तषा=सं�तषा मa+बो=ा� संमa+बो�ध=सं�बो�धमa+प=ा� संमa+पYण�=सं�पYण�(झ) मa क� बो�द म क� विद्वात्व हा <�त� हा:। <:सं�-मa+म=म्म संमa+मवित=संम्मवित मa+म=म्म संमa+म�न=संम्म�न(ञ्) मa क� बो�द याa, रa, लीa, वa, शa, षाa, संa, हाa मB सं� कई व्या�<न हान� पर मa क� अन"स्व�र हा <�त� हा:। <:सं�-मa+या=ा� संमa+याग=सं�याग मa+र=ा� संमa+रक्षेण=सं�रक्षेणमa+व=ा� संमa+विवध�न=सं�विवध�न मa+व=ा� संमa+व�द=सं�व�द

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मa+श=ा� संमa+शया=सं�शया मa+ली=ा� संमa+लीग्न=सं�लीग्नमa+सं=ा� संमa+सं�र=सं�सं�र(ट) ऋ,रa, षाa सं� पर� नa क� णa हा <�त� हा:। परन्त" चावग�, टवग�, तवग�, श और सं क� व्यावध�न हा <�न� पर नa क� णa नहाW हात�। <:सं�-रa+न=ण परिर+न�म=परिरण�म रa+म=ण प्र+म�न=प्रम�ण(3) संa सं� पहाली� अ, आ सं� भिभान्न कई स्वर आ <�ए त संa क षा हा <�त� हा:। <:सं�-भाa+संa=षा अभिभा+सं�क=अभिभाषा�क विन+चिसंद्ध=विनविषाद्ध विव+संम+विवषाम

3. वि�सार्ग -सा*लिध

विवसंग� (:) क� बो�द स्वर या� व्या�<न आन� पर विवसंग� मB < विवक�र हात� हा: उसं� विवसंग�-सं�धिध कहात� हाC। <:सं�-मन[+अन"कY ली=मनन"कY ली।

(क) विवसंग� क� पहाली� यादिद ‘ ’अ और बो�द मB भा� ‘ ’अ अथाव� वग_ क� त�संर�, चाNथा� प�0चावB वण�, अथाव� या, र, ली, व हा त विवसंग� क� ओ हा <�त� हा:। <:सं�-मन[+अन"कY ली=मनन"कY ली अध[+गवित=अधगवित मन[+बोली=मनबोली

(ख) विवसंग� सं� पहाली� अ, आ क छोड़कर कई स्वर हा और बो�द मB कई स्वर हा, वग� क� त�संर�, चाNथा�, प�0चावB वण� अथाव� याa, र, ली, व, हा मB सं� कई हा त विवसंग� क� र या� रa हा <�त� हा:। <:सं�-विन[+आहा�र=विनर�हा�र विन[+आश�=विनर�श� विन[+धन=विनध�न

(ग) विवसंग� सं� पहाली� कई स्वर हा और बो�द मB चा, छो या� श हा त विवसंग� क� श हा <�त� हा:। <:सं�-विन[+चाली=विनTली विन[+छोली=विनश्छोली दु[+श�संन=दुश्श�संन

(घ)विवसंग� क� बो�द यादिद त या� सं हा त विवसंग� संa बोन <�त� हा:। <:सं�-नम[+त�=नमस्त� विन[+सं�त�न=विनस्सं�त�न दु[+सं�हासं=दुस्सं�हासं

(ड़) विवसंग� सं� पहाली� इ, उ और बो�द मB क, ख, ट, 3, प, फा मB सं� कई वण� हा त विवसंग� क� षा हा <�त� हा:। <:सं�-विन[+कली�क=विनष्कली�क चात"[+प�द=चात"ष्प�द विन[+फाली=विनष्फाली

(ड्)विवसंग� सं� पहाली� अ, आ हा और बो�द मB कई भिभान्न स्वर हा त विवसंग� क� लीप हा <�त� हा:। <:सं�-विन[+रग=विनरग विन[+रसं=न�रसं

(छो) विवसंग� क� बो�द क, ख अथाव� प, फा हान� पर विवसंग� मB कई परिरवत�न नहाW हात�। <:सं�-अ�त[+करण=अ�त[करण

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अध्या�या 20

साम�सा

संम�सं क� त�त्पया� हा: ‘ ’सं�भिक्षेप्त�करण । द या� द सं� अधिधक शब्द, सं� धिमलीकर बोन� हुए एक नव�न एव� सं�था�क

शब्द क संम�सं कहात� हाC। <:सं�-‘रसंई क� चिलीए ’घर इसं� हाम ‘ ’रसंईघर भा� कहा संकत� हाC।सं�म�चिसंक शब्द- संम�सं क� विनयाम, सं� विनर्मिम�त शब्द सं�म�चिसंक शब्द कहाली�त� हा:। इसं� संमस्तपद भा� कहात� हाC। संम�सं हान� क� बो�द विवभाचि/या, क� चिचाह्न (परसंग�) ली"प्त हा <�त� हाC। <:सं�-र�<प"त्र।संम�सं-विवग्रेहा- सं�म�चिसंक शब्द, क� बो�चा क� सं�बो�ध क स्पष्ट करन� संम�सं-विवग्रेहा कहाली�त� हा:। <:सं�-र�<प"त्र-

र�<� क� प"त्र।पYव�पद और उत्तारपद- संम�सं मB द पद (शब्द) हात� हाC। पहाली� पद क पYव�पद और दूसंर� पद क उत्तारपद

कहात� हाC। <:सं�-ग�ग�<ली। इसंमB ग�ग� पYव�पद और <ली उत्तारपद हा:।

साम�सा क8 भा8दी

संम�सं क� चा�र भा�द हाC-1. अव्याया�भा�व संम�सं।2. तत्प"रुषा संम�सं।3. द्वा�द्वा संम�सं।4. बोहुव्र�विहा संम�सं।

1. अव्याया�भा�� साम�सा

जि<सं संम�सं क� पहाली� पद प्रध�न हा और वहा अव्याया हा उसं� अव्याया�भा�व संम�सं कहात� हाC। <:सं�-याथा�मवित

(मवित क� अन"सं�र), आमरण (मFत्या" कर) इनमB याथा� और आ अव्याया हाC।क" छो अन्या उद�हारण-

आ<�वन - <�वन-भार, याथा�सं�मथ्या� - सं�मथ्या� क� अन"सं�रयाथा�शचि/ - शचि/ क� अन"सं�र, याथा�विवधिध विवधिध क� अन"सं�रयाथा��म - �म क� अन"सं�र, भारप�ट प�ट भारकरहाररज़ - रज़-रज़, हा�था,हा�था - हा�था हा� हा�था मBर�त,र�त - र�त हा� र�त मB, प्रवितदिदन - प्रत्या�क दिदनबो�शक - शक क� विबोन�, विनड्र - ड्र क� विबोन�विनस्सं�द�हा - सं�द�हा क� विबोन�, हारसं�ली - हार�क सं�लीअव्याया�भा�व संम�सं कM पहाचा�न- इसंमB संमस्त पद अव्याया बोन <�त� हा: अथा��त संम�सं हान� क� बो�द उसंक� रूप कभा� नहाW बोदलीत� हा:। इसंक� सं�था विवभाचि/ चिचाह्न भा� नहाW लीगत�। <:सं�-ऊपर क� संमस्त शब्द हा:।

2. तत्��रुष साम�सा

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जि<सं संम�सं क� उत्तारपद प्रध�न हा और पYव�पद गNण हा उसं� तत्प"रुषा संम�सं कहात� हाC। <:सं�-त"लीसं�द�संकF त=त"लीसं� द्वा�र� कF त (रचिचात)

ज्ञा�तव्या- विवग्रेहा मB < क�रक प्रकट हा उसं� क�रक व�ली� वहा संम�सं हात� हा:। विवभाचि/या, क� न�म क� अन"सं�र इसंक� छोहा भा�द हाC-(1) कम� तत्प"रुषा विगरहाकट विगरहा क क�टन� व�ली�(2) करण तत्प"रुषा मनचा�हा� मन सं� चा�हा�(3) सं�प्रद�न तत्प"रुषा रसंईघर रसंई क� चिलीए घर(4) अप�द�न तत्प"रुषा द�शविनक�ली� द�श सं� विनक�ली�(5) सं�बो�ध तत्प"रुषा ग�ग�<ली ग�ग� क� <ली(6) अधिधकरण तत्प"रुषा नगरव�सं नगर मB व�सं

(क) नाञ तत्��रुष साम�सा

जि<सं संम�सं मB पहाली� पद विनषा�ध�त्मक हा उसं� नञ् तत्प"रुषा संम�सं कहात� हाC। <:सं�-संमस्त पद संम�सं-विवग्रेहा संमस्त पद संम�सं-विवग्रेहाअसंभ्या न संभ्या अन�त न अ�तअन�दिद न आदिद असं�भाव न सं�भाव

(ख) कम ध�रया साम�सा

जि<सं संम�सं क� उत्तारपद प्रध�न हा और पYव�वद व उत्तारपद मB विवश�षाण- विवश�ष्या अथाव� उपम�न- उपम�या क� सं�बो�ध हा वहा कम�ध�रया संम�सं कहाली�त� हा:। <:सं�-

संमस्त पद संम�सं-विवग्रेहा संमस्त पद संम�त विवग्रेहा

चा�द्रम"ख चा�द्र <:सं� म"ख कमलीनयान कमली क� संम�न नयान

द�हालीत� द�हा रूप� लीत� दहा�बोड़� दहा� मB ड्Yबो� बोड़�

न�लीकमली न�ली� कमली प�त��बोर प�ली� अ�बोर (वस्त्र)

संज्जान संतa (अच्छा�) <न नरलिंसं�हा नर, मB लिंसं�हा क� संम�न

(र्ग) विaर्ग� साम�सा

जि<सं संम�सं क� पYव�पद सं�ख्या�व�चाक विवश�षाण हा उसं� विद्वाग" संम�सं कहात� हाC। इसंसं� संमYहा अथाव� संम�हा�र क� बोध हात� हा:। <:सं�-

संमस्त पद संम�त-विवग्रेहा संमस्त पद संम�सं विवग्रेहा

नवग्रेहा नN ग्रेहा, क� मसंYहा दपहार द पहार, क� संम�हा�र

वित्रलीक त�न, लीक, क� संम�हा�र चाNम�सं� चा�र म�सं, क� संमYहा

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नवर�त्र नN र�वित्रया, क� संमYहा शत�ब्दE संN अब्द (सं�ली,) क� संमYहा

अ3न्न� आ3 आन, क� संमYहा

3. a*a साम�सा

‘ ’जि<सं संम�सं क� दन, पद प्रध�न हात� हाC तथा� विवग्रेहा करन� पर और , अथाव�, ‘ ’या� , एव� लीगत� हा:, वहा द्वा�द्वा

संम�सं कहाली�त� हा:। <:सं�-संमस्त पद संम�सं-विवग्रेहा संमस्त पद संम�सं-विवग्रेहा

प�प-प"ण्या प�प और प"ण्या अन्न-<ली अन्न और <ली

सं�त�-र�म सं�त� और र�म खर�-खट� खर� और खट�

ऊ0 चा-न�चा ऊ0 चा और न�चा र�ध�-कF ष्ण र�ध� और कF ष्ण

4. बोहुव्री�वि� साम�सा

जि<सं संम�सं क� दन, पद अप्रध�न हा, और संमस्तपद क� अथा� क� अवितरिर/ कई सं��क� वितक अथा� प्रध�न हा उसं� बोहुव्र�विहा संम�सं कहात� हाC। <:सं�-

संमस्त पद संम�सं-विवग्रेहा

दश�नन दश हा: आनन (म"ख) जि<संक� अथा��तa र�वण

न�लीक� 3 न�ली� हा: क� 3 जि<संक� अथा��तa चिशव

सं"लीचान� सं"�दर हा: लीचान जि<संक� अथा��तa म�घन�द कM पत्न�

प�त��बोर प�ली� हा: अम्बोर (वस्त्र) जि<संक� अथा��तa श्रो�कF ष्ण

ली�बोदर ली�बो� हा: उदर (प�ट) जि<संक� अथा��तa गण�श<�

दुर�त्म� बो"र� आत्म� व�ली� (कई दुष्ट)

श्व�त��बोर श्व�त हा: जि<संक� अ�बोर (वस्त्र) अथा��तa संरस्वत�

सा*लिध और साम�सा मV अ*तर

सं�धिध वण_ मB हात� हा:। इसंमB विवभाचि/ या� शब्द क� लीप नहाW हात� हा:। <:सं�-द�व+आलीया=द�व�लीया। संम�सं द पद, मB हात� हा:। संम�सं हान� पर विवभाचि/ या� शब्द, क� लीप भा� हा <�त� हा:। <:सं�-म�त�-विपत�=म�त� और विपत�।कम�ध�रया और बोहुव्र�विहा संम�सं मB अ�तर- कम�ध�रया मB संमस्त-पद क� एक पद दूसंर� क� विवश�षाण हात� हा:। इसंमB शब्द�था� प्रध�न हात� हा:। <:सं�-न�लीक� 3=न�ली� क� 3। बोहुव्र�विहा मB संमस्त पद क� दन, पद, मB विवश�षाण-

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विवश�ष्या क� सं�बो�ध नहाW हात� अविपत" वहा संमस्त पद हा� विकसं� अन्या सं�ज्ञा�दिद क� विवश�षाण हात� हा:। इसंक� सं�था

हा� शब्द�था� गNण हात� हा: और कई भिभान्न�था� हा� प्रध�न हा <�त� हा:। <:सं�-न�ली+क� 3=न�ली� हा: क� 3 जि<संक� अथा��त चिशव।

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अध्या�या 21

�दी-�रिरचया

पद-परिरचाया- व�क्यागत शब्द, क� रूप और उनक� प�रस्परिरक सं�बो�ध बोत�न� मB जि<सं प्रवि�या� कM आवश्याकत� पड़त� हा: वहा पद-परिरचाया या� शब्दबोध कहाली�त� हा:।परिरभा�षा�-व�क्यागत प्रत्या�क पद (शब्द) क� व्या�करण कM दृधिष्ट सं� पYण� परिरचाया द�न� हा� पद-परिरचाया कहाली�त� हा:।शब्द आ3 प्रक�र क� हात� हाC-1.सं�ज्ञा�- भा�द, लिंली�ग, वचान, क�रक, वि�या� अथाव� अन्या शब्द, सं� सं�बो�ध।2.संव�न�म- भा�द, प"रुषा, लिंली�ग, वचान, क�रक, वि�या� अथाव� अन्या शब्द, सं� सं�बो�ध। विकसं सं�ज्ञा� क� V�न पर आया� हा: (यादिद पत� हा)।3.वि�या�- भा�द, लिंली�ग, वचान, प्रयाग, ध�त", क�ली, व�च्या, कत�� और कम� सं� सं�बो�ध।4.विवश�षाण- भा�द, लिंली�ग, वचान और विवश�ष्या कM विवश�षात�।5.वि�या�-विवश�षाण- भा�द, जि<सं वि�या� कM विवश�षात� बोत�ई गई हा उसंक� बो�र� मB विनद�श।6.सं�बो�धबोधक- भा�द, जि<संसं� सं�बो�ध हा: उसंक� विनद�श।7.संम"च्चायाबोधक- भा�द, अन्विन्वत शब्द, व�क्या��श या� व�क्या।8.विवस्मया�दिदबोधक- भा�द अथा��त कNन-सं� भा�व स्पष्ट कर रहा� हा:।

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अध्या�या 22

र्शब्दी-ज्ञा�ना

1. �या� या��च� र्शब्दी

विकसं� शब्द-विवश�षा क� चिलीए प्रया"/ संम�न�था�क शब्द, क पया��याव�चा� शब्द कहात� हाC। याद्यांविप पया��याव�चा� शब्द

संम�न�था� हात� हाC विकन्त" भा�व मB एक-दूसंर� सं� बिंक�चिचात भिभान्न हात� हाC।1.अमFत- सं"ध�, संम, प�याYषा, अधिमया।2.असं"र- र�क्षेसं, द:त्या, द�नव, विनश�चार।3.अखिग्न- आग, अनली, प�वक, वधिह्न।4.अश्व- घड़�, हाया, त"र�ग, बो�<�।5.आक�श- गगन, नभा, आसंम�न, व्याम, अ�बोर।6.आ0ख- न�त्र, दृग, नयान, लीचान।7.इच्छा�- आक��क्षे�, चा�हा, अभिभाली�षा�, क�मन�।8.इ�द्र- सं"र�श, द�वBद्र, द�वर�<, प"र�दर।9.ईश्वर- प्रभा", परम�श्वर, भागव�न, परम�त्म�।10.कमली- <ली<, प�क<, संर<, र�<�व, अरविवन्द।11.गरम�- ग्रे�ष्म, त�प, विनद�घ, ऊष्म�।12.गFहा- घर, विनक� तन, भावन, आलीया।13.ग�ग�- सं"रसंरिर, वित्रपथाग�, द�वनदE, <�ह्नव�, भा�ग�रथा�।14.चा�द्र- चा�0द, चा�द्रम�, विवध", शचिश, र�क� श।15.<ली- व�रिर, प�न�, न�र, संचिलीली, तया।16.नदE- संरिरत�, तदिटन�, तर�विगण�, विनझ�रिरण�।17.पवन- व�या", संम�र, हाव�, अविनली।18.पत्न�- भा�या��, द�र�, अध��विगन�, व�म�।19.प"त्र- बो�ट�, सं"त, तनया, आत्म<।20.प"त्र�-बो�टE, सं"त�, तनया�, आत्म<�।21.पFथ्व�- धर�, महा�, धरत�, वसं"ध�, भाYधिम, वसं"�धर�।22.पव�त- श:ली, नग, भाYधर, पहा�ड़।23.विबो<ली�- चापली�, चा�चाली�, द�धिमन�, संNद�मन�।24.म�घ- बो�दली, <लीधर, पयाद, पयाधर, घन।25.र�<�- नFप, नFपवित, भाYपवित, नरपवित।26.र<न�- र�वित्र, विनश�, या�धिमन�, विवभा�वर�।27.संप�- सं��प, अविहा, भा"<�ग, विवषाधर।28.सं�गर- संम"द्र, उदधिध, <लीधिध, व�रिरधिध।

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29.लिंसं�हा- श�र, वनर�<, श�दू�ली, मFगर�<।30.संYया�- रविव, दिदनकर, संYर<, भा�स्कर।31.स्त्र�- लीलीन�, न�र�, क�धिमन�, रमण�, मविहाली�।32.चिशक्षेक- ग"रु, अध्या�पक, आचा�या�, उप�ध्या�या।33.हा�था�- क"� <र, ग<, विद्वाप, कर�, हास्त�।

2. अना8क र्शब्दीL क8 लिलीएँ एँक र्शब्दी

1 जि<सं� द�खकर ड्र (भाया) लीग� ड्र�वन�, भाया�नक

2 < स्थिVर रहा� V�वर

3 ज्ञा�न द�न� व�ली� ज्ञा�नद�

4 भाYत-वत�म�न-भाविवष्या क द�खन� (<�नन�) व�ली� वित्रक�लीदश�

5 <�नन� कM इच्छा� रखन� व�ली� जि<ज्ञा�सं"

6 जि<सं� क्षेम� न विकया� <� संक� अक्षेम्या

7 प�द्रहा दिदन मB एक बो�र हान� व�ली� प�भिक्षेक

8 अच्छा� चारिरत्र व�ली� संच्चारिरत्र

9 आज्ञा� क� प�लीन करन� व�ली� आज्ञा�क�र�

10 रग� कM चिचाविकत्सं� करन� व�ली� चिचाविकत्संक

11 संत्या बोलीन� व�ली� संत्याव�दE

12 दूसंर, पर उपक�र करन� व�ली� उपक�र�

13 जि<सं� कभा� बो"ढ़�प� न आया� अ<र

14 दया� करन� व�ली� दया�ली"

15 जि<संक� आक�र न हा विनर�क�र

16 < आ0ख, क� सं�मन� हा प्रत्याक्षे

17 <हा�0 पहु0चा� न <� संक� अगम, अगम्या

18 जि<सं� बोहुत कम ज्ञा�न हा, थाड़� <�नन� व�ली� अल्पज्ञा

19 म�सं मB एक बो�र आन� व�ली� म�चिसंक

20 जि<संक� कई सं�त�न न हा विनस्सं�त�न

21 < कभा� न मर� अमर

22 जि<संक� आचारण अच्छा� न हा दुर�चा�र�

23 जि<संक� कई मYल्या न हा अमYल्या

24 < वन मB घYमत� हा वनचार

25 < इसं लीक सं� बो�हार कM बो�त हा अलीNविकक

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26 < इसं लीक कM बो�त हा लीNविकक

27 जि<संक� न�चा� र�ख� हा र�ख��विकत

28 जि<संक� सं�बो�ध पभिTम सं� हा प�T�त्या

29 < स्थिVर रहा� V�वर

30 दुख��त न�टक त्र�संदE

31 < क्षेम� करन� क� याग्या हा क्षेम्या

32 बिंहा�सं� करन� व�ली� बिंहा�संक

33 विहात चा�हान� व�ली� विहात:षा�

34 हा�था सं� चिलीख� हुआ हास्तचिलीखिखत

35 संबो क" छो <�नन� व�ली� संव�ज्ञा

36 < स्वया� प:द� हुआ हा स्वया�भाY

37 < शरण मB आया� हा शरण�गत

38 जि<संक� वण�न न विकया� <� संक� वण�न�त�त

39 फाली-फाY ली ख�न� व�ली� श�क�हा�र�

40 जि<संकM पत्न� मर गई हा विवध"र

41 जि<संक� पवित मर गया� हा विवधव�

42 संNत�ली� म�0 विवम�त�

43 व्या�करण <�नन�व�ली� व:या�करण

44 रचान� करन� व�ली� रचाधियात�

45 खYन सं� र0ग� हुआ र/र�जि<त

46 अत्या�त सं"न्दर स्त्र� रूपसं�

47 कMर्तित�म�न प"रुषा याशस्व�

48 कम खचा� करन� व�ली� धिमतव्याया�

49 मछोली� कM तरहा आ0ख, व�ली� म�न�क्षे�

50 मयाYर कM तरहा आ0ख, व�ली� मयाYर�क्षे�

51 बोच्चा, क� चिलीए क�म कM वस्त" बो�लीपयाग�

52 जि<संकM बोहुत अधिधक चाचा�� हा बोहुचार्थिचा�त

53 जि<सं स्त्र� क� कभा� सं�त�न न हुई हा व�ध्या� (बो�0झ)

54 फा� न सं� भार� हुआ फा� विनली

55 विप्रया बोलीन� व�ली� स्त्र� विप्रया�वद�

56 जि<संकM उपम� न हा विनरुपम

57 < थाड़� द�र पहाली� प:द� हुआ हा नव<�त

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58 जि<संक� कई आध�र न हा विनर�ध�र

59 नगर मB व�सं करन� व�ली� न�गरिरक

60 र�त मB घYमन� व�ली� विनश�चार

61 ईश्वर पर विवश्व�सं न रखन� व�ली� न�ल्किस्तक

62 म��सं न ख�न� व�ली� विनर�धिमषा

63 विबोलीक" ली बोरबो�द हा गया� हा ध्वस्त

64 जि<संकM धम� मB विनष्ठ� हा धम�विनष्ठ

65 द�खन� याग्या दश�न�या

66 बोहुत त�< चालीन� व�ली� द्रुतग�म�

67 < विकसं� पक्षे मB न हा तटV

68 तत्त्त्ताव क <�नन� व�ली� तत्त्त्तावज्ञा

69 तप करन� व�ली� तपस्व�

70 < <न्म सं� अ�ध� हा <न्म��ध

71 जि<संन� इ�दिद्रया, क <�त चिलीया� हा जि<तBदिद्रया

72 लिंचा�त� मB ड्Yबो� हुआ लिंचा�वितत

73 < बोहुत संमया कर 3हार� चिचारV�या�

74 जि<संकM चा�र भा"<�ए0 हा, चात"भा"�<

75 हा�था मB चा� ध�रण करन�व�ली� चा�प�भिण

76 जि<संसं� घFण� कM <�ए घFभिणत

77 जि<सं� ग"प्त रख� <�ए गपन�या

78 गभिणत क� ज्ञा�त� गभिणतज्ञा

79 आक�श क चाYमन� व�ली� गगनचा"�बो�

80 < ट"कड़�-ट"कड़� हा गया� हा ख�विड्त

818 आक�श मB उड़न� व�ली� नभाचार

82 त�< बो"जिद्धव�ली� क" श�ग्रेबो"जिद्ध

83 कल्पन� सं� पर� हा कल्पन�त�त

84 < उपक�र म�नत� हा: कF तज्ञा

85 विकसं� कM हा0सं� उड़�न� उपहा�सं

86 ऊपर कहा� हुआ उपया"�/

87 ऊपर चिलीख� गया� उपरिरचिलीखिखत

88 जि<सं पर उपक�र विकया� गया� हा उपकF त

89 इवितहा�सं क� ज्ञा�त� अवितहा�संज्ञा

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90 आलीचान� करन� व�ली� आलीचाक

91 ईश्वर मB आV� रखन� व�ली� आल्किस्तक

92 विबोन� व�तन क� अव:तविनक

93 < कहा� न <� संक� अकथान�या

94 < विगन� न <� संक� अगभिणत

95 जि<संक� कई शत्र" हा� न <न्म� हा अ<�तशत्र"

96 जि<संक� संम�न कई दूसंर� न हा अविद्वात�या

97 < परिरचिचात न हा अपरिरचिचात

98 जि<संकM कई उपम� न हा अन"पम

3. वि��र�त�था क (वि�ली�म र्शब्दी)

शब्द विवलीम शब्द विवलीम शब्द विवलीम

अथा इवित आविवभा��व वितरभा�व आकषा�ण विवकषा�ण

आधिमषा विनर�धिमषा अभिभाज्ञा अनभिभाज्ञा आ<�दE ग"ली�म�

अन"कY ली प्रवितकY ली आद्र� श"ष्क अन"र�ग विवर�ग

आहा�र विनर�हा�र अल्प अधिधक अविनव�या� व:कस्थिल्पक

अमFत विवषा अगम सं"गम अभिभाम�न नम्रात�

आक�श प�त�ली आश� विनर�श� अथा� अनथा�

अल्प�या" दEघ��या" अन"ग्रेहा विवग्रेहा अपम�न संम्म�न

आभिश्रोत विनर�भिश्रोत अ�धक�र प्रक�श अन"< अग्रे<

अरुचिचा रुचिचा आदिद अ�त आद�न प्रद�न

आर�भा अ�त आया व्याया अव��चा�न प्र�चा�न

अवनवित उन्नवित कट" मध"र अवन� अ�बोर

वि�या� प्रवितवि�या� कF तज्ञा कF तघ्न आदर अन�दर

कड़व� म�3� आलीक अ�धक�र �" द्ध श�न्त

उदया अस्त �या विव�या आया�त विनया��त

कम� विनष्कम� अन"पस्थिVत उपस्थिVत खिखलीन� म"रझ�न�

आलीस्या स्फूY र्तित� ख"श� दुख, गम आया� अन�या�

गहार� उथाली� अवितवFधिष्ट अन�वFधिष्ट ग"रु लीघ"

आदिद अन�दिद <�वन मरण इच्छा� अविनच्छा�

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ग"ण दषा इष्ट अविनष्ट गर�बो अम�र

इस्थिच्छात अविनस्थिच्छात घर बो�हार इहालीक परलीक

चार अचार उपक�र अपक�र छोY त अछोY त

उद�र अन"द�र <ली थाली उत्ता�ण� अन"त्ता�ण�

<ड़ चा�तन उध�र नकद <�वन मरण

उत्था�न पतन <�गम V�वर उत्कषा� अपकषा�

उत्तार दभिक्षेण <दिटली संरसं ग"प्त प्रकट

एक अन�क त"च्छा महा�न ऐसं� व:सं�

दिदन र�त द�व द�नव दुर�चा�र� संद�चा�र�

म�नवत� द�नवत� धम� अधम� महा�त्म� दुर�त्म�

ध�र अध�र म�न अपम�न धYप छो�0व

धिमत्र शत्र" नYतन प"र�तन मध"र कट"

नकली� असंली� धिमथ्या� संत्या विनम��ण विवन�श

मNखिखक चिलीखिखत आल्किस्तक न�ल्किस्तक मक्षे बो�धन

विनकट दूर रक्षेक भाक्षेक बिंन�द� स्त"वित

पवितव्रत� क" लीट� र�<� र�क प�प प"ण्या

र�ग द्वा�षा प्रलीया संFधिष्ट र�वित्र दिदवसं

पविवत्र अपविवत्र ली�भा हा�विन विवधव� संधव�

प्र�म घFण� विव<या पर�<या प्रश्न उत्तार

पYण� अपYण� वसं�त पतझर परत�त्र स्वत�त्र

विवरध संमथा�न बो�ढ़ संYख� शYर क�यार

बो�धन म"चि/ शयान <�गरण बो"र�ई भाली�ई

श�त उष्ण भा�व अभा�व स्वग� नरक

म�गली अम�गली संNभा�ग्या दुभा��ग्या स्व�कF त अस्व�कF त

श"क्ली कF ष्ण विहात अविहात सं�क्षेर विनरक्षेर

स्वद�श विवद�श हाषा� शक बिंहा�सं� अबिंहा�सं�

स्व�ध�न पर�ध�न क्षेभिणक श�श्वत सं�ध" असं�ध"

ज्ञा�न अज्ञा�न सं"<न दु<�न श"भा अश"भा

सं"प"त्र क" प"त्र सं"मवित क" मवित संरसं न�रसं

संचा झY3 सं�क�र विनर�क�र श्रोम विवश्रो�म

स्त"वित बिंन�द� विवश"द्ध दूविषात सं<�व विन<�व

विवषाम संम सं"र असं"र विवद्वा�न मYख�

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4. एँक�था क प्रत�त ��ना8 ��ली8 र्शब्दी

1. अस्त्र- < हाचिथाया�र हा�था सं� फाB ककर चाली�या� <�ए। <:सं�-बो�ण।शस्त्र- < हाचिथाया�र हा�था मB पकड़�-पकड़� चाली�या� <�ए। <:सं�-कF प�ण।2. अलीNविकक- < इसं <गत मB कदि3न�ई सं� प्र�प्त हा। लीकत्तार।अस्व�भा�विवक- < म�नव स्वभा�व क� विवपर�त हा।असं�ध�रण- सं��सं�रिरक हाकर भा� अधिधकत� सं� न धिमली�। विवश�षा।3. अमYल्या- < चा�< मYल्या द�कर भा� प्र�प्त न हा संक� ।बोहुमYल्या- जि<सं चा�< क� बोहुत मYल्या द�न� पड़�।4. आन�द- ख"श� क� V�या� और ग�भा�र भा�व।आह्ला�द- क्षेभिणक एव� त�व्र आन�द।उल्ली�सं- सं"ख-प्र�न्विप्त कM अल्पक�चिलीक वि�या�, उम�ग।प्रसंन्नत�-सं�ध�रण आन�द क� भा�व।5. ईष्या��- दूसंर� कM उन्नवित क संहान न कर संकन�।ड्�हा-ईष्या��या"/ <लीन।द्वा�षा- शत्र"त� क� भा�व।स्पध��- दूसंर, कM उन्नवित द�खकर स्वया� उन्नवित करन� क� प्रया�सं करन�।6. अपर�ध- सं�म�जि<क एव� संरक�र� क�नYन क� उल्ली�घन।प�प- न:वितक एव� ध�र्मिम�क विनयाम, क तड़न�।7. अन"नया-विकसं� बो�त पर संहामत हान� कM प्र�था�न�।विवनया- अन"श�संन एव� चिशष्टत�पYण� विनव�दन।आव�दन-याग्यात�न"सं�र विकसं� पद क� चिलीए कथान द्वा�र� प्रस्त"त हान�।प्र�था�न�- विकसं� क�या�-चिसंजिद्ध क� चिलीए विवनम्रात�पYण� कथान।8. आज्ञा�-बोड़, क� छोट, क क" छो करन� क� चिलीए आद�श।अन"मवित-प्र�था�न� करन� पर बोड़, द्वा�र� दE गई संहामवित।9. इच्छा�- विकसं� वस्त" क चा�हान�।उत्क� 3�- प्रत�क्षे�या"/ प्र�न्विप्त कM त�व्र इच्छा�।आश�-प्र�न्विप्त कM सं�भा�वन� क� सं�था इच्छा� क� संमन्वया।स्पFहा�-उत्कF ष्ट इच्छा�।10. सं"�दर- आकषा�क वस्त"।चा�रु- पविवत्र और सं"�दर वस्त"।रुचिचार-सं"रुचिचा <�ग्रेत करन� व�ली� सं"�दर वस्त"।मनहार- मन क ली"भा�न� व�ली� वस्त"।11. धिमत्र- संमवयास्क, < अपन� प्रवित प्या�र रखत� हा।

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संख�-सं�था रहान� व�ली� संमवयास्क।संग�-आत्म�यात� रखन� व�ली�।सं"हृदया-सं"�दर हृदया व�ली�, जि<संक� व्यावहा�र अच्छा� हा।12. अ�त[करण- मन, चिचात्ता, बो"जिद्ध, और अहा�क�र कM संमधिष्ट।चिचात्ता- स्मFवित, विवस्मFवित, स्वप्न आदिद ग"णध�र� चिचात्ता।मन- सं"ख-दुख कM अन"भाYवित करन� व�ली�।13. मविहाली�- क" ली�न घर�न� कM स्त्र�।पत्न�- अपन� विवव�विहात स्त्र�।स्त्र�- न�र� <�वित कM बोधक।14. नमस्त�- संम�न अवV� व�ली क अभिभाव�दन।नमस्क�र- संम�न अवV� व�ली, क अभिभाव�दन।प्रण�म- अपन� सं� बोड़, क अभिभाव�दन।अभिभाव�दन- संम्म�नन�या व्याचि/ क हा�था <ड़न�।15. अन"<- छोट� भा�ई।अग्रे<- बोड़� भा�ई।भा�ई- छोट�-बोड़� दन, क� चिलीए।16. स्व�गत- विकसं� क� आगमन पर संम्म�न।अभिभान�दन- अपन� सं� बोड़, क� विवधिधवत संम्म�न।17. अहा�क�र- अपन� ग"ण, पर घम�ड् करन�।अभिभाम�न- अपन� क बोड़� और दूसंर� क छोट� संमझन�।द�भा- अयाग्या हात� हुए भा� अभिभाम�न करन�।18. म�त्रण�- गपन�या रूप सं� पर�मश� करन�।पर�मश�- पYण�तया� विकसं� विवषाया पर विवचा�र-विवमश� कर मत प्रकट करन�।

5.साम�च्चारिरत र्शब्दी

1. अनली=आग 

अविनली=हाव�, व�या"2. उपक�र=भाली�ई, भाली� करन�अपक�र=बो"र�ई, बो"र� करन�3. अन्न=अन�< 

अन्या=दूसंर�4. अण"=कण 

अन"=पT�त 

5. ओर=तरफाऔर=तथा�

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6. अचिसंत=क�ली� अचिशत=ख�या� हुआ 

7. अप�क्षे�=त"लीन� मB उप�क्षे�=विनर�दर, ली�परव�हा� 8. कली=सं"�दर, प"र<�क�ली=संमया9. अ�दर=भा�तर अ�तर=भा�द 10. अ�क=गद अ�ग=द�हा क� भा�ग 

11. क" ली=व�शकY ली=विकन�र�12. अश्व=घड़� अश्म=पत्थार 13. अचिली=भ्रमरआली�=संख� 14. कF धिम=कMटकF विषा=ख�त�15. अपचा�र=अपर�ध उपचा�र=इली�< 

16. अन्या�या=ग:र-इ�सं�फाM अन्या�न्या=दूसंर�-दूसंर� 17. कF वित=रचान�कF त�=विनप"ण, परिरश्रोम�18. आमरण=मFत्या"पया¼त 

आभारण=गहान� 19. अवसं�न=अ�त 

आसं�न=संरली 

20. कचिली=कचिलीया"ग, झगड़�कली�=अधखिखली� फाY ली21. इतर=दूसंर� इत्र=सं"ग�धिधत द्रव्या 

22. �म=चिसंलीचिसंली� कम�=क�म 

23. परुषा=क3रप"रुषा=आदम�24. क" ट=घर,विकली� कY ट=पव�त 

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25. क" चा=स्तन 

कY चा=प्रV�न 

26. प्रसं�द=कF प�प्र�सं�द�=महाली27. क" <न=दु<�न 

कY <न=पभिक्षेया, क� कलीरव 

28. गत=बो�त� हुआ गवित=चा�ली 

29. प�न�=<लीप�भिण=हा�था30. ग"र=उप�या 

ग"रु=चिशक्षेक, भा�र� 31. ग्रेहा=संYया�,चा�द्र गFहा=घर 32. प्रक�र=तरहाप्र�क�र=विकली�, घ�र�33. चारण=प:र चा�रण=भा�ट 34. चिचार=प"र�न�चा�र=वस्त्र 

35. फान=सं�0प क� फानफ़न=कली�36. छोत्र=छो�या� क्षेत्र=क्षेवित्रया,शचि/ 

37. ढ्E3=दुष्ट,जि<द्देEड्�3=दृधिष्ट 

38. बोदन=द�हावदन=म"ख39. तरभिण=संYया� तरण�=नNक� 40. तर�ग=लीहार त"र�ग=घड़� 41. भावन=घरभा"वन=सं�सं�र42. तप्त=गरम 

तFप्त=सं�त"ष्ट 

43. दिदन=दिदवसं 

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दEन=दरिरद्र 44. भा�वित=भायाभिभाभित्ता=दEव�र45. दश�=हा�लीत 

दिदश�=तरफ़ 

46. द्रव=तरली पद�रअथा द्रव्या=धन 

47. भा�षाण=व्या�ख्या�नभा�षाण=भाया�कर48. धर�=पFथ्व� ध�र�=प्रव�हा 49. नया=न�वित 

नव=नया� 50. विनव��ण=मक्षे 

विनम��ण=बोन�न� 51. विन<�र=द�वत� विनझ�र=झरन� 52. मत=र�यामवित=बो"जिद्ध53. न�क=अच्छा� न�क" =तविनक 

54. पथा=र�हा पथ्या=रग� क� आहा�र 55. मद=मस्त�मद्यां=मदिदर�56. परिरण�म=फाली 

परिरम�ण=व<न 

57. मभिण=रत्न 

फाण�=संप� 58. मचिलीन=म:ली�म्ली�न=म"रझ�या� हुआ59. म�तF=म�त�म�त्र=क� वली 

60. र�वित=तर�क� र�त�=ख�ली� 61. र�<=श�संनर�<=रहास्या

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62. लीचिलीत=सं"�दर लीचिलीत�=गप� 63. लीक्ष्या=उद्दे�श्या 

लीक्षे=ली�ख 

64. वक्षे=छो�त�वFक्षे=प�ड़65. वसंन=वस्त्र 

व्यासंन=नश�, आदत 

66. व�संन�=क" स्थित्संत 

विवचा�र बो�सं=ग�ध 

67. वस्त"=चा�<व�स्त"=मक�न68. विव<न=सं"नसं�न 

व्या<न=प�ख� 69. श�कर=चिशव 

सं�कर=धिमभिश्रोत 

70. विहाया=हृदयाहाया=घड़�71. शर=बो�ण 

संर=त�ली�बो 

72. शम=सं�याम 

संम=बोर�बोर 73. चा�व�क=चाकव�चा�व�त=बोव�ड्र74. शYर=व�र संYर=अ�ध� 75. सं"धिध=स्मरण 

सं"ध�=बो"जिद्धम�न 

76. अभा�द=अ�तर नहाWअभा�द्यां=न टYटन� याग्या77. सं�घ=संम"द�या 

सं�ग=सं�था 

78. संग�=अध्या�या 

स्वग�=एक लीक 

79. प्रणया=प्र�मपरिरणया=विवव�हा

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80. संमथा�=संक्षेम 

सं�मथ्या�=शचि/ 

81. कदिटबो�ध=कमरबो�धकदिटबोद्ध=त:या�र 82. ���वित=विवद्रहाक्ली��वित=थाक�वट83. इ�दिदर�=लीक्ष्म� इ�द्र�=इ�द्र�ण� 

6. अना8क�था क र्शब्दी

1. अक्षेर= नष्ट न हान� व�ली�, वण�, ईश्वर, चिशव।2. अथा�= धन, ऐश्वया�, प्रया<न, हा�त"।3. आर�म= बो�ग, विवश्रो�म, रग क� दूर हान�।4. कर= हा�था, विकरण, ट:क्सं, हा�था� कM संY0ड़।5. क�ली= संमया, मFत्या", यामर�<।6. क�म= क�या�, प�श�, ध�ध�, व�संन�, क�मद�व।7. ग"ण= कNशली, श�ली, रस्सं�, स्वभा�व, धन"षा कM ड्र�।8. घन= बो�दली, भा�र�, हाथाNड़�, घन�।9. <ली<= कमली, मत�, मछोली�, चा�द्रम�, श�ख।10. त�त= विपत�, भा�ई, बोड़�, पYज्या, प्या�र�, धिमत्र।11. दली= संमYहा, सं�न�, पत्ता�, विहास्सं�, पक्षे, भा�ग, चिचाड़�।12. नग= पव�त, वFक्षे, नग�न�।13. पयाधर= बो�दली, स्तन, पव�त, गन्न�।14. फाली= ली�भा, म�व�, नत�<�, भा�ली� कM नक।15. बो�ली= बो�लीक, क� श, बो�ली�, द�न�या"/ ड्�3ली।16. मध"= शहाद, मदिदर�, चा:त म�सं, एक द:त्या, वसं�त।17. र�ग= प्र�म, ली�ली र�ग, सं�ग�त कM ध्वविन।18. र�चिश= संमYहा, म�षा, कक� , वFभिTक आदिद र�चिशया�0।19. लीक्ष्या= विनश�न, उद्दे�श्या।20. वण�= अक्षेर, र�ग, ब्रा�ह्मण आदिद <�वितया�0।21. सं�र�ग= मर, संप�, म�घ, विहारन, पप�हा�, र�<हा�सं, हा�था�, कयाली, क�मद�व, लिंसं�हा, धन"षा भा�र�, मध"मक्ख�, कमली।22. संर= अमFत, दूध, प�न�, ग�ग�, मध", पFथ्व�, त�ली�बो।23. क्षे�त्र= द�हा, ख�त, त�था�, संद�व्रत बो�0टन� क� V�न।24. चिशव= भा�ग्याश�ली�, महा�द�व, श्रोFग�ली, द�व, म�गली।

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25. हारिर= हा�था�, विवष्ण", इ�द्र, पहा�ड़, लिंसं�हा, घड़�, संप�, व�नर, म�ढ्क, यामर�<, ब्राह्म�, चिशव, कयाली, विकरण,

हा�सं।

7. �र्श�-�णिcयाL कC बो�लिलीया�)

पश" बोली� पश" बोली� पश" बोली�

ऊ0 ट बोलीबोली�न� कयाली कY कन� ग�या र0भा�न�

चिचाविड़या� चाहाचाहा�न� भाCसं ड्कर�न� (र0भा�न�) बोकर� धिमधिमया�न�

मर क" हाकन� घड़� विहानविहान�न� तत� टC-टC करन�

हा�था� चिचाघ�ड़न� कNआ क�0व-क�0व करन� सं�0प फा" फाक�रन�

श�र दहा�ड़न� सं�रसं �B -�B करन�

दिटटहार� ट¾-ट¾ करन� क" त्ता� भा�कन� मक्ख� भिभानभिभान�न�

8. क� छ जड़ �दी�था7 कC वि�र्श8ष ध्�विनाया�) या� विक्रया�एँ)

जि<ह्वा� लीपलीप�न� द�0त विकटविकट�न�

हृदया धड़कन� प:र पटकन�

अश्रो" छोलीछोली�न� घड़� दिटक-दिटक करन�

प�ख फाड़फाड़�न� त�र� <गमग�न�

नNक� ड्गमग�न� म�घ गर<न�

9. क� छ सा�म�न्या अर्श�णि_या�)

अश"द्ध श"द्ध अश"द्ध श"द्ध अश"द्ध श"द्ध अश"द्ध श"द्ध

अग�म� आग�म� चिलीख�या� चिलीख�ई संप्त�विहाक सं�प्त�विहाक अलीविकक अलीNविकक

सं�सं�रिरक सं��सं�रिरक क्याY0 क्या, आध�न अध�न हास्त�क्षे�प हास्तक्षे�प

व्याहा�र व्यावहा�र बोर�त बो�र�त उपन्या�चिसंक औपन्या�चिसंक क्षेत्र�या क्षेवित्रया

दुविनया�� दुविनया� वितथा� वितचिथा क�ली�द�सं क�चिलीद�सं पYरत� पYर्तित�

अवितथा� अवितचिथा न�त� न�वित गFहाण� गFविहाण� परिरस्थिVत परिरस्थिVवित

आर्थिश�व�द आश�व��द विनरिरक्षेण विनर�क्षेण विबोम�र� बो�म�र� पस्त्रित्न पत्न�

शत�खिब्द शत�ब्दE लीड़�या� लीड़�ई V�ई V�या� श्रो�मवित श्रो�मत�

सं�धिमग्रे� सं�मग्रे� व�विपसं व�पसं प्रदर्थिश�न� प्रदश�न� ऊत्था�न उत्था�न

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दुसंर� दूसंर� सं�धY सं�ध" र�णY र�ण" न"प"र नYप"र

अन"दिदत अनYदिदत <�दु <�दू बोF< ब्रा< प्रथाक पFथाक

इवितहा�चिसंक ऐवितहा�चिसंक द�इत्व द�धियात्व सं�विनक सं:विनक सं:न� सं�न�

घबोड़�न� घबोर�न� श्रो�प श�प बोनस्पवित वनस्पवित बोन वन

विवन� विबोन� बोसं�त वसं�त अम�वश्या� अम�वस्या� प्रश�द प्रसं�द

हा�चिसंया� हा0चिसंया� ग�व�र ग0व�र असंक अशक विनस्व�था� विन[स्व�था�

दुस्कर दुष्कर म"ल्याव�न मYल्याव�न चिसंर�म�न श्रो�म�न महा�अन महा�न

नवमa नवम क्षे�त्र छो�त्र छोम� क्षेम� आद�श आदश�

षाष्टमa षाष्ठ प्र�त" पर�त" प्र�क्षे� पर�क्षे� मरया�द� मया��द�

दुदश�� दुद�श� कविवत्र� कवधियात्र� प्रम�त्म� परम�त्म� घविनष्ट घविनष्ठ

र�<भिभाषा�क र�ज्या�भिभाषा�क विपया�सं प्या�सं विवत�त व्यात�त कF प्या� कF प�

व्याचि/क व:याचि/क म��चिसंक म�नचिसंक संमव�द सं�व�द सं�पवित सं�पभित्ता

विवषा�श विवश�षा श�शन श�संन दु[ख दुख मYलीतया[ मYलीत[

विपओ विपया हुया� हुए ली�या� चिलीए संहा�सं सं�हासं

र�म�यान र�म�याण चारन चारण रनभाYधिम रणभाYधिम रसं�याण रसं�यान

प्र�न प्र�ण मरन मरण कल्या�न कल्या�ण पड्त� पड़त�

ढ़�र ढ्�र झ�ड्Y झ�ड़ू मBढ़क म�ढ्क श्रो�ष्ट श्रो�ष्ठ

षाष्ट� षाष्ठ� विनष्ट� विनष्ठ� संFधिष्ठ संFधिष्ट इष्ठ इष्ट

स्व�V स्व�स्थ्या प��ड्� प��ड्�या स्वत�त्र� स्वत�त्रत� उपलीक्षे उपलीक्ष्या

महात्व महात्त्त्व आल्हा�द आह्ला�द उज्वली उज्जावली व्यास्क वयास्क

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अध्या�या 23

वि�र�म-लिचह्न

विवर�म-चिचाह्न- ‘ ’विवर�म शब्द क� अथा� हा: ‘ ’रुकन� । <बो हाम अपन� भा�व, क भा�षा� क� द्वा�र� व्या/ करत� हाC तबो

एक भा�व कM अभिभाव्याचि/ क� बो�द क" छो द�र रुकत� हाC, याहा रुकन� हा� विवर�म कहाली�त� हा:।इसं विवर�म क प्रकट करन� हा�त" जि<न क" छो चिचाह्न, क� प्रयाग विकया� <�त� हा:, विवर�म-चिचाह्न कहाली�त� हाC। व� इसं

प्रक�र हाC-1. अल्प विवर�म (,)- पढ़त� अथाव� बोलीत� संमया बोहुत थाड़� रुकन� क� चिलीए अल्प विवर�म-चिचाह्न क� प्रयाग

विकया� <�त� हा:। <:सं�-सं�त�, ग�त� और लीक्ष्म�। याहा सं"�दर Vली, < आप द�ख रहा� हाC, बो�पY कM संम�धिध हा:। हा�विन-ली�भा, <�वन-मरण, याश-अपयाश विवधिध हा�था।2. अध� विवर�म (;)- <हा�0 अल्प विवर�म कM अप�क्षे� क" छो ज्या�द� द�र तक रुकन� हा वहा�0 इसं अध�-विवर�म चिचाह्न

क� प्रयाग विकया� <�त� हा:। <:सं�-संYयाÀदया हा गया�; अ�धक�र न <�न� कहा�0 ली"प्त हा गया�।3. पYण� विवर�म (।)- <हा�0 व�क्या पYण� हात� हा: वहा�0 पYण� विवर�म-चिचाह्न क� प्रयाग विकया� <�त� हा:। <:सं�-महान

प"स्तक पढ़ रहा� हा:। वहा फाY ली तड़त� हा:।4. विवस्मया�दिदबोधक चिचाह्न (!)- विवस्मया, हाषा�, शक, घFण� आदिद भा�व, क दश��न� व�ली� शब्द क� बो�द अथाव� कभा�-कभा� ऐसं� व�क्या��श या� व�क्या क� अ�त मB भा� विवस्मया�दिदबोधक चिचाह्न क� प्रयाग विकया� <�त� हा:। <:सं�- हा�या ! वहा बो�चा�र� म�र� गया�। वहा त अत्या�त सं"श�ली था� ! बोड़� अफ़संसं हा: !5. प्रश्नव�चाक चिचाह्न (?)- प्रश्नव�चाक व�क्या, क� अ�त मB प्रश्नव�चाक चिचाह्न क� प्रयाग विकया� <�त� हा:। <:सं�-विकधर चाली� ? त"म कहा�0 रहात� हा ?6. कष्ठक ()- इसंक� प्रयाग पद (शब्द) क� अथा� प्रकट करन� हा�त", �म-बोध और न�टक या� एक��कM मB अभिभानया क� भा�व, क व्या/ करन� क� चिलीए विकया� <�त� हा:। <:सं�-विनर�तर (लीग�त�र) व्या�या�म करत� रहान� सं� द�हा (शर�र) स्वV रहात� हा:। विवश्व क� महा�न र�ष्ट्र, मB (1) अम�रिरक�, (2) रूसं, (3) चा�न, (4) विब्राट�न आदिद हाC।नली-(खिखन्न हाकर) ओर म�र� दुभा��ग्या ! तYन� दमया�त� क म�र� सं�था बो�0धकर उसं� भा� <�वन-भार कष्ट दिदया�।7. विनद�शक चिचाह्न (-)- इसंक� प्रयाग विवषाया-विवभा�ग सं�बो�ध� प्रत्या�क श�षा�क क� आग�, व�क्या,, व�क्या��श, अथाव� पद, क� मध्या विवचा�र अथाव� भा�व क विवचिशष्ट रूप सं� व्या/ करन� हा�त", उद�हारण अथाव� <:सं� क� बो�द, उद्धरण

क� अ�त मB, ली�खक क� न�म क� पYव� और कथापकथान मB न�म क� आग� विकया� <�त� हा:। <:सं�-संमस्त <�व-<�त"-घड़�, ऊ0 ट, बो:ली, कयाली, चिचाविड़या� संभा� व्या�क" ली था�। त"म सं रहा� हा- अच्छा�, संओ।द्वा�रप�ली-भागवन ! एक दुबोली�-पतली� ब्रा�ह्मण द्वा�र पर खड़� हा:।8. उद्धरण चिचाह्न (‘‘ ’’)- <बो विकसं� अन्या कM उचि/ क विबोन� विकसं� परिरवत�न क� ज्या,-क�-त्या, रख� <�त� हा:, तबो वहा�0 इसं चिचाह्न क� प्रयाग विकया� <�त� हा:। इसंक� पYव� अल्प विवर�म-चिचाह्न लीगत� हा:। <:सं�-न�त�<� न� कहा� था�, ‘‘त"म हामB खYन द, हाम त"म्हाB आ<�दE ’’दBग�। , ‘‘ ‘र�मचारिरत ’म�नसं त"लीसं� क� अमर क�व्या ग्रे�था ’’हा:।9. आद�श चिचाह्न (:- )- विकसं� विवषाया क �म सं� चिलीखन� हा त विवषाया-�म व्या/ करन� सं� पYव� इसंक� प्रयाग

विकया� <�त� हा:। <:सं�-संव�न�म क� प्रम"ख प�0चा भा�द हाC :-(1) प"रुषाव�चाक, (2) विनTयाव�चाक, (3) अविनTयाव�चाक, (4) सं�बो�धव�चाक, (5) प्रश्नव�चाक।

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10. या<क चिचाह्न (-)- संमस्त विकए हुए शब्द, मB जि<सं चिचाह्न क� प्रयाग विकया� <�त� हा:, वहा या<क चिचाह्न

कहाली�त� हा:। <:सं�-म�त�-विपत�, द�ली-भा�त, सं"ख-दुख, प�प-प"ण्या।11. ली�घव चिचाह्न (.)- विकसं� बोड़� शब्द क सं�क्षे�प मB चिलीखन� क� चिलीए उसं शब्द क� प्रथाम अक्षेर चिलीखकर उसंक� आग� शYन्या लीग� द�त� हाC। <:सं�-प�विड्त=प�., ड्�क्टर=ड्�., प्रफा� संर=प्र.।

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अध्या�या 24

��क्या-प्रकरण

व�क्या- एक विवचा�र क पYण�त� सं� प्रकट करन� व�ली� शब्द-संमYहा व�क्या कहाली�त� हा:। <:सं�- 1. श्या�म दूध प� रहा� हा:। 2. मC भा�गत�-भा�गत� थाक गया�। 3. याहा विकतन� सं"�दर उपवन हा:। 4. ओहा ! आ< त गरम� क� क�रण

प्र�ण विनकली� <� रहा� हाC। 5. वहा म�हानत करत� त प�सं हा <�त�।या� संभा� म"ख सं� विनकलीन� व�ली� सं�था�क ध्वविनया, क� संमYहा हाC। अत[ या� व�क्या हाC। व�क्या भा�षा� क� चारम अवयाव

हा:।

��क्या-ख*ड

व�क्या क� प्रम"ख द ख�ड् हाC-1. उद्दे�श्या।2. विवध�या।1. उद्दे�श्या- जि<संक� विवषाया मB क" छो कहा� <�त� हा: उसं� संYचाविक करन� व�ली� शब्द क उद्दे�श्या कहात� हाC। <:सं�-1. अ<"�न न� <याद्रथा क म�र�।2. क" त्ता� भा�क रहा� हा:। 3. तत� ड्�ली पर बो:3� हा:।इनमB अ<"�न न�, क" त्ता�, तत� उद्दे�श्या हाC; इनक� विवषाया मB क" छो कहा� गया� हा:। अथाव� या, कहा संकत� हाC विक व�क्या

मB < कत�� हा उसं� उद्दे�श्या कहा संकत� हाC क्या,विक विकसं� वि�या� क करन� क� क�रण वहा� म"ख्या हात� हा:।2. विवध�या- उद्दे�श्या क� विवषाया मB < क" छो कहा� <�त� हा:, अथाव� उद्दे�श्या (कत��) < क" छो क�या� करत� हा: वहा संबो

विवध�या कहाली�त� हा:। <:सं�- 1. अ<"�न न� <याद्रथा क म�र�।2. क" त्ता� भा�क रहा� हा:। 3. तत� ड्�ली पर बो:3� हा:।इनमB ‘<याद्रथा क ’म�र� , ‘भा�क रहा� ’हा: , ‘ड्�ली पर बो:3� ’हा: विवध�या हाC क्या,विक अ<"�न न�, क" त्ता�, तत�,-इन

उद्दे�श्या, (कत��ओं) क� क�या_ क� विवषाया मB �मश[ म�र�, भा�क रहा� हा:, बो:3� हा:, या� विवध�न विकए गए हाC, अत[ इन्हाB विवध�या कहात� हाC।उद्दे�श्या क� विवस्त�र- कई बो�र व�क्या मB उसंक� परिरचाया द�न� व�ली� अन्या शब्द भा� सं�था आए हात� हाC। या� अन्या

शब्द उद्दे�श्या क� विवस्त�र कहाली�त� हाC। <:सं�-1. सं"�दर पक्षे� ड्�ली पर बो:3� हा:।2. क�ली� सं�0प प�ड़ क� न�चा� बो:3� हा:।इनमB सं"�दर और क�ली� शब्द उद्दे�श्या क� विवस्त�र हाC।उद्दे�श्या मB विनम्नचिलीखिखत शब्द-भा�द, क� प्रयाग हात� हा:-(1) सं�ज्ञा�- घड़� भा�गत� हा:।

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(2) संव�न�म- वहा <�त� हा:।(3) विवश�षाण- विवद्वा�न कM संव�त्र पY<� हात� हा:।(4) वि�या�-विवश�षाण- (जि<संक�) भा�तर-बो�हार एक-सं� हा।(5) व�क्या��श- झY3 बोलीन� प�प हा:।व�क्या क� सं�ध�रण उद्दे�श्या मB विवश�षाण�दिद <ड़कर उसंक� विवस्त�र करत� हाC। उद्दे�श्या क� विवस्त�र न�चा� चिलीख� शब्द, क� द्वा�र� प्रकट हात� हा:-(1) विवश�षाण सं�- अच्छा� बो�लीक आज्ञा� क� प�लीन करत� हा:।(2) सं�बो�ध क�रक सं�- दश�क, कM भा�ड़ न� उसं� घ�र चिलीया�।(3) व�क्या��श सं�- क�म सं�ख� हुआ क�र�गर कदि3न�ई सं� धिमलीत� हा:।विवध�या क� विवस्त�र- मYली विवध�या क पYण� करन� क� चिलीए जि<न शब्द, क� प्रयाग विकया� <�त� हा: व� विवध�या क� विवस्त�र कहाली�त� हाC। <:सं�-वहा अपन� प:न सं� चिलीखत� हा:। इसंमB अपन� विवध�या क� विवस्त�र हा:।कम� क� विवस्त�र- इसं� तरहा कम� क� विवस्त�र हा संकत� हा:। <:सं�-धिमत्र, अच्छाE प"स्तकB पढ़। इसंमB अच्छाE कम� क� विवस्त�र हा:।वि�या� क� विवस्त�र- इसं� तरहा वि�या� क� भा� विवस्त�र हा संकत� हा:। <:सं�-श्रो�या मन लीग�कर पढ़त� हा:। मन

लीग�कर वि�या� क� विवस्त�र हा:।

��क्या-भा8दी

रचान� क� अन"सं�र व�क्या क� विनम्नचिलीखिखत भा�द हाC-1. सं�ध�रण व�क्या।2. सं�या"/ व�क्या।3. धिमभिश्रोत व�क्या।

1. सा�ध�रण ��क्या

जि<सं व�क्या मB क� वली एक हा� उद्दे�श्या (कत��) और एक हा� संम�विपक� वि�या� हा, वहा सं�ध�रण व�क्या कहाली�त� हा:। <:सं�- 1. बोच्चा� दूध प�त� हा:। 2. कमली गBद सं� ख�लीत� हा:। 3. मFदुली� प"स्तक पढ़ रहा� हाC।विवश�षा-इसंमB कत�� क� सं�था उसंक� विवस्त�रक विवश�षाण और वि�या� क� सं�था विवस्त�रक संविहात कम� एव� वि�या�-विवश�षाण आ संकत� हाC। <:सं�-अच्छा� बोच्चा� म�3� दूध अच्छाE तरहा प�त� हा:। याहा भा� सं�ध�रण व�क्या हा:।

2. सा*या�G ��क्या

द अथाव� द सं� अधिधक सं�ध�रण व�क्या <बो सं�म�न�धिधकरण संम"च्चायाबोधक, <:सं�- (पर, विकन्त", और, या� आदिद) सं� <"ड़� हात� हाC, त व� सं�या"/ व�क्या कहाली�त� हाC। या� चा�र प्रक�र क� हात� हाC।(1) सं�या<क- <बो एक सं�ध�रण व�क्या दूसंर� सं�ध�रण या� धिमभिश्रोत व�क्या सं� सं�या<क अव्याया द्वा�र� <"ड़� हात� हा:। <:सं�-ग�त� गई और सं�त� आई।(2) विवभा�<क- <बो सं�ध�रण अथाव� धिमश्रो व�क्या, क� परस्पर भा�द या� विवरध क� सं�बो�ध रहात� हा:। <:सं�-वहा

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म�हानत त बोहुत करत� हा: पर फाली नहाW धिमलीत�।(3) विवकल्पसंYचाक- <बो द बो�त, मB सं� विकसं� एक क स्व�क�र करन� हात� हा:। <:सं�- या� त उसं� मC अख�ड़� मB पछो�ड़ू0ग� या� अख�ड़� मB उतरन� हा� छोड़ दू0ग�।(4) परिरण�मबोधक- <बो एक सं�ध�रण व�क्या दसंYर� सं�ध�रण या� धिमभिश्रोत व�क्या क� परिरण�म हात� हा:। <:सं�- आ< म"झ� बोहुत क�म हा: इसंचिलीए मC त"म्हा�र� प�सं नहाW आ संकY0 ग�।

3. मिमणिjत ��क्या

<बो विकसं� विवषाया पर पYण� विवचा�र प्रकट करन� क� चिलीए कई सं�ध�रण व�क्या, क धिमली�कर एक व�क्या कM रचान� करन� पड़त� हा: तबो ऐसं� रचिचात व�क्या हा� धिमभिश्रोत व�क्या कहाली�त� हाC।विवश�षा- (1) इन व�क्या, मB एक म"ख्या या� प्रध�न उपव�क्या और एक अथाव� अधिधक आभिश्रोत उपव�क्या हात� हाC < संम"च्चायाबोधक अव्याया सं� <"ड़� हात� हाC।(2) म"ख्या उपव�क्या कM प"धिष्ट, संमथा�न, स्पष्टत� अथाव� विवस्त�र हा�त" हा� आभिश्रोत व�क्या आत� हा:।आभिश्रोत व�क्या त�न प्रक�र क� हात� हाC-(1) सं�ज्ञा� उपव�क्या।(2) विवश�षाण उपव�क्या।(3) वि�या�-विवश�षाण उपव�क्या।1. सं�ज्ञा� उपव�क्या- <बो आभिश्रोत उपव�क्या विकसं� सं�ज्ञा� अथाव� संव�न�म क� V�न पर आत� हा: तबो वहा सं�ज्ञा� उपव�क्या कहाली�त� हा:। <:सं�- वहा चा�हात� हा: विक मC याहा�0 कभा� न आऊ0 । याहा�0 विक मC कभा� न आऊ0 , याहा सं�ज्ञा� उपव�क्या हा:।2. विवश�षाण उपव�क्या- < आभिश्रोत उपव�क्या म"ख्या उपव�क्या कM सं�ज्ञा� शब्द अथाव� संव�न�म शब्द कM विवश�षात� बोतली�त� हा: वहा विवश�षाण उपव�क्या कहाली�त� हा:। <:सं�- < घड़� म�< पर रख� हा: वहा म"झ� प"रस्क�रस्वरूप धिमली� हा:। याहा�0 < घड़� म�< पर रख� हा: याहा विवश�षाण उपव�क्या हा:।3. वि�या�-विवश�षाण उपव�क्या- <बो आभिश्रोत उपव�क्या प्रध�न उपव�क्या कM वि�या� कM विवश�षात� बोतली�त� हा: तबो

वहा वि�या�-विवश�षाण उपव�क्या कहाली�त� हा:। <:सं�- <बो वहा म�र� प�सं आया� तबो मC सं रहा� था�। याहा�0 पर <बो

वहा म�र� प�सं आया� याहा वि�या�-विवश�षाण उपव�क्या हा:।

��क्या-�रिर�त ना

व�क्या क� अथा� मB विकसं� तरहा क� परिरवत�न विकए विबोन� उसं� एक प्रक�र क� व�क्या सं� दूसंर� प्रक�र क� व�क्या मB परिरवत�न करन� व�क्या-परिरवत�न कहाली�त� हा:।(1) सं�ध�रण व�क्या, क� सं�या"/ व�क्या, मB परिरवत�न-

सं�ध�रण व�क्या सं�या"/ व�क्या1. मC दूध प�कर सं गया�। मCन� दूध विपया� और सं गया�।2. वहा पढ़न� क� अली�व� अखबो�र भा� बो�चात� हा:। वहा पढ़त� भा� हा: और अखबो�र भा� बो�चात� हा:3. मCन� घर पहु0चाकर संबो बोच्चा, क ख�लीत� हुए द�ख�। मCन� घर पहु0चाकर द�ख� विक संबो बोच्चा� ख�ली रहा� था�। 4. स्व�स्थ्या 3¤क न हान� सं� मC क�श� नहाW <� संक�। म�र� स्व�स्थ्या 3¤क नहाW था� इसंचिलीए मC क�श� नहाW <�

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संक�।5. संव�र� त�< वषा�� हान� क� क�रण मC दर्फ्यूतर द�र सं� पहु0चा�। संव�र� त�< वषा�� हा रहा� था� इसंचिलीए मC दर्फ्यूतर द�र सं� पहु0चा�।(2) सं�या"/ व�क्या, क� सं�ध�रण व�क्या, मB परिरवत�न-

सं�या"/ व�क्या सं�ध�रण व�क्या1. विपत�<� अस्वV हाC इसंचिलीए म"झ� <�न� हा� पड़�ग�। विपत�<� क� अस्वV हान� क� क�रण म"झ� <�न� हा� पड़�ग�।2. उसंन� कहा� और मC म�न गया�। उसंक� कहान� सं� मC म�न गया�।3. वहा क� वली उपन्या�संक�र हा� नहाW अविपत" अच्छा� व/� भा� हा:। वहा उपन्या�संक�र क� अवितरिर/ अच्छा� व/� भा� हा:।4. लीY चाली रहा� था� इसंचिलीए मC घर सं� बो�हार नहाW विनकली संक�। लीY चालीन� क� क�रण मC घर सं� बो�हार नहाW विनकली

संक�।5. ग�ड्� न� सं�टE दE और ट्रे�न चाली पड़�। ग�ड्� क� सं�टE द�न� पर ट्रे�न चाली पड़�।(3) सं�ध�रण व�क्या, क� धिमभिश्रोत व�क्या, मB परिरवत�न-

सं�ध�रण व�क्या धिमभिश्रोत व�क्या1. हारलिंसं�ग�र क द�खत� हा� म"झ� ग�त� कM या�द आ <�त� हा:। <बो मC हारलिंसं�ग�र कM ओर द�खत� हूँ0 तबो म"झ� ग�त� कM या�द आ <�त� हा:।2. र�ष्ट्र क� चिलीए मर धिमटन� व�ली� व्याचि/ संच्चा� र�ष्ट्रभा/ हा:। वहा व्याचि/ संच्चा� र�ष्ट्रभा/ हा: < र�ष्ट्र क� चिलीए मर धिमट�।3. प:सं� क� विबोन� इ�सं�न क" छो नहाW कर संकत�। यादिद इ�सं�न क� प�सं प:सं� नहाW हा: त वहा क" छो नहाW कर संकत�।4. आध� र�त हात�-हात� मCन� क�म करन� बो�द कर दिदया�। ज्या,हा� आध� र�त हुई त्या,हा� मCन� क�म करन� बो�द कर दिदया�।(4) धिमभिश्रोत व�क्या, क� सं�ध�रण व�क्या, मB परिरवत�न-

धिमभिश्रोत व�क्या सं�ध�रण व�क्या1. < सं�तषा� हात� हाC व� संद:व सं"ख� रहात� हाC सं�तषा� संद:व सं"ख� रहात� हाC।2. यादिद त"म नहाW पढ़ग� त पर�क्षे� मB संफाली नहाW हाग�। न पढ़न� कM दश� मB त"म पर�क्षे� मB संफाली नहाW हाग�।3. त"म नहाW <�नत� विक वहा कNन हा: ? त"म उसं� नहाW <�नत�।4. <बो <�बोकतर� न� म"झ� द�ख� त वहा भा�ग गया�। म"झ� द�खकर <�बोकतर� भा�ग गया�।5. < विवद्वा�न हा:, उसंक� संव�त्र आदर हात� हा:। विवद्वा�न, क� संव�त्र आदर हात� हा:।

��क्या-वि�श्ले8षण

व�क्या मB आए हुए शब्द अथाव� व�क्या-ख�ड्, क अलीग-अलीग करक� उनक� प�रस्परिरक सं�बो�ध बोत�न� व�क्या-

विवश्ले�षाण कहाली�त� हा:।सं�ध�रण व�क्या, क� विवश्ले�षाण1. हाम�र� र�ष्ट्र संमFद्धश�ली� हा:।

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2. हामB विनयाधिमत रूप सं� विवद्यां�लीया आन� चा�विहाए।3. अशक, संहान क� बोड़� प"त्र, प"स्तक�लीया मB अच्छाE प"स्तकB छो�0ट रहा� हा:।उद्दे�श्या विवध�याव�क्या उद्दे�श्या उद्दे�श्या क� वि�या� कम� कम� क� पYरक विवध�या �म��क कत�� विवस्त�र विवस्त�र क� विवस्त�र1. र�ष्ट्र हाम�र� हा: - - संमFद्ध -

2. हामB - आन� विवद्यां�लीया - श�ली� विनयाधिमतचा�विहाए रूप सं�3. अशक संहान क� छो�0ट रहा� प"स्तकB अच्छाE प"स्तक�लीयाबोड़� प"त्र हा: मBधिमभिश्रोत व�क्या क� विवश्ले�षाण-

1. < व्याचि/ <:सं� हात� हा: वहा दूसंर, क भा� व:सं� हा� संमझत� हा:।2. <बो-<बो धम� कM क्षेवित हात� हा: तबो-तबो ईश्वर क� अवत�र हात� हा:।3. म�लीYम हात� हा: विक आ< वषा�� हाग�।4. < सं�तषा� हात हाC व� संद:व सं"ख� रहात� हाC।5. द�श�विनक कहात� हाC विक <�वन प�न� क� बो"लीबो"ली� हा:।सं�या"/ व�क्या क� विवश्ले�षाण-

1. त�< वषा�� हा रहा� था� इसंचिलीए परसं, मC त"म्हा�र� घर नहाW आ संक�।2. मC त"म्हा�र� र�हा द�खत� रहा� पर त"म नहाW आए।3. अपन� प्रगवित कर और दूसंर, क� विहात भा� कर तथा� स्व�था� मB न विहाचाक।

अथा क8 अना�सा�र ��क्या क8 प्रक�र

अथा��न"सं�र व�क्या क� विनम्नचिलीखिखत आ3 भा�द हाC-1. विवध�न�था�क व�क्या।2. विनषा�ध�था�क व�क्या।3. आज्ञा�था�क व�क्या।4. प्रश्न�था�क व�क्या।5. इच्छा�था�क व�क्या।6. सं�द�था�क व�क्या।7. सं�क� त�था�क व�क्या।8. विवस्मयाबोधक व�क्या।1. विवध�न�था�क व�क्या-जि<न व�क्या, मB वि�या� क� करन� या� हान� क� सं�म�न्या कथान हा। <:सं�-मC कली दिदल्ली� <�ऊ0 ग�। पFथ्व� गली हा:।2. विनषा�ध�था�क व�क्या- जि<सं व�क्या सं� विकसं� बो�त क� न हान� क� बोध हा। <:सं�-मC विकसं� सं� लीड़�ई मली नहाW ली�न� चा�हात�।3. आज्ञा�था�क व�क्या- जि<सं व�क्या सं� आज्ञा� उपद�श अथाव� आद�श द�न� क� बोध हा। <:सं�-श�घ्र <�ओ वरन�

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ग�ड़� छोY ट <�एग�। आप <� संकत� हाC।4. प्रश्न�था�क व�क्या- जि<सं व�क्या मB प्रश्न विकया� <�ए। <:सं�-वहा कNन हाC उसंक� न�म क्या� हा:।5. इच्छा�था�क व�क्या- जि<सं व�क्या सं� इच्छा� या� आश� क� भा�व क� बोध हा। <:सं�-दEघ��या" हा। धनव�न हा।6. सं�द�हा�था�क व�क्या- जि<सं व�क्या सं� सं�द�हा क� बोध हा। <:सं�-श�याद आ< वषा�� हा। अबो तक विपत�<� <� चा"क� हा,ग�।7. सं�क� त�था�क व�क्या- जि<सं व�क्या सं� सं�क� त क� बोध हा। <:सं�-यादिद त"म कन्या�क" म�र� चाली त मC भा� चालीY0।8. विवस्मयाबोधक व�क्या-जि<सं व�क्या सं� विवस्मया क� भा�व प्रकट हा,। <:सं�-अहा� ! क: सं� सं"हा�वन� मNसंम हा:।

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अध्या�या 25

अर्श�_ ��क्याL क8 र्श�_ ��क्या

(1) वचान-सं�बो�ध� अश"जिद्धया�0अश"द्ध श"द्ध1. प�विकस्त�न न� गली� और तप, सं� आ�मण विकया�। प�विकस्त�न न� गली, और तप, सं� आ�मण विकया�।2. उसंन� अन�क, ग्रे�था चिलीख�। उसंन� अन�क ग्रे�था चिलीख�।3. महा�भा�रत अ3�रहा दिदन, तक चालीत� रहा�। महा�भा�रत अ3�रहा दिदन तक चालीत� रहा�।4. त�र� बो�त सं"नत�-सं"नत� क�न पक गए। त�र� बो�तB सं"नत�-सं"नत� क�न पक गए।5. प�ड़, पर तत� बो:3� हा:। प�ड़ पर तत� बो:3� हा:।(2) लिंली�ग सं�बो�ध� अश"जिद्धया�0-अश"द्ध श"द्ध1. उसंन� सं�तषा क� सं�0सं ली�। उसंन� सं�तषा कM सं�0सं ली�।2. संविवत� न� <र सं� हा0सं दिदया�। संविवत� <र सं� हा0सं दE।3. म"झ� बोहुत आन�द आत� हा:। म"झ� बोहुत आन�द आत� हा:।4. वहा ध�म� स्वर मB बोली�। वहा ध�म� स्वर मB बोली�।5. र�म और सं�त� वन क गई। र�म और सं�त� वन क गए।(3) विवभाचि/-सं�बो�ध� अश"जिद्धया�0-अश"द्ध श"द्ध1. मC याहा क�म नहाW विकया� हूँ0। मCन� याहा क�म नहाW विकया� हा:।2. मC प"स्तक क पढ़त� हूँ0। मC प"स्तक पढ़त� हूँ0।3. हामन� इसं विवषाया क विवचा�र विकया�। हामन� इसं विवषाया पर विवचा�र विकया�4. आ3 बो<न� क दसं धिमनट हा:। आ3 बो<न� मB दसं धिमनट हा:।5. वहा द�र मB संकर उ3त� हा:। वहा द�र सं� संकर उ3त� हा:।(4) सं�ज्ञा� सं�बो�ध� अश"जिद्धया�0-अश"द्ध श"द्ध1. मC रविवव�र क� दिदन त"म्हा�र� घर आऊ0 ग�। मC रविवव�र क त"म्हा�र� घर आऊ0 ग�।2. क" त्ता� रBकत� हा:। क" त्ता� भा�कत� हा:।3. म"झ� संफाली हान� कM विनर�श� हा:। म"झ� संफाली हान� कM आश� नहाW हा:।4. गली� मB ग"ली�म� कM बो�विड़या�0 पड़ गई। प:र, मB ग"ली�म� कM बो�विड़या�0 पड़ गई।(5) संव�न�म कM अश"जिद्धया�0-अश"द्ध श"द्ध1. ग�त� आई और कहा�। ग�त� आई और उसंन� कहा�।2. मCन� त�र� क विकतन� संमझ�या�। मCन� त"झ� विकतन� संमझ�या�।

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3. वहा क्या� <�न� विक मC क: सं� <�विवत हूँ0। वहा क्या� <�न� विक मC क: सं� <� रहा� हूँ0।(6) विवश�षाण-सं�बो�ध� अश"जिद्धया�0-अश"द्ध श"द्ध1. विकसं� और लीड़क� क बो"ली�ओ। विकसं� दूसंर� लीड़क� क बो"ली�ओ।2. लिंसं�हा बोड़� बो�भात्सं हात� हा:। लिंसं�हा बोड़� भाया�नक हात� हा:।3. उसं� भा�र� दुख हुआ। उसं� बोहुत दुख हुआ।4. संबो लीग अपन� क�म कर। संबो लीग अपन�-अपन� क�म कर।(7) वि�या�-सं�बो�ध� अश"जिद्धया�0-अश"द्ध श"द्ध1. क्या� याहा सं�भाव हा संकत� हा: ? क्या� याहा सं�भाव हा: ?2. मC दश�न द�न� आया� था�। मC दश�न करन� आया� था�।3. वहा पढ़न� म�0गत� हा:। वहा पढ़न� चा�हात� हा:।4. बोसं त"म इतन� रू3 उ3� बोसं, त"म इतन� मB रू3 गए।5. त"म क्या� क�म करत� हा: ? त"म क्या� क�म करत� हा ?(8) म"हा�वर�-सं�बो�ध� अश"जिद्धया�0-अश"द्ध श"द्ध1. या"ग कM म�0ग क� याहा बो�ड़� कNन चाबो�त� हा: या"ग कM म�0ग क� याहा बो�ड़� कNन उ3�त� हा:।2. वहा श्या�म पर बोरसं गया�। वहा श्या�म पर बोरसं पड़�।3. उसंकM अक्ली चाक्कर ख� गई। उसंकM अक्ली चाकर� गई।4. उसं पर घड़, प�न� विगर गया�। उसं पर घड़, प�न� पड़ गया�।(9) वि�या�-विवश�षाण-सं�बो�ध� अश"जिद्धया�0-अश"द्ध श"द्ध1. वहा लीगभाग दNड़ रहा� था�। वहा दNड़ रहा� था�।2. सं�र� र�त भार मC <�गत� रहा�। मC सं�र� र�त <�गत� रहा�।3. त"म बोड़� आग� बोढ़ गया�। त"म बोहुत आग� बोढ़ गए.

4. इसं पव�त�या क्षे�त्र मB संव�स्व श��वित हा:। इसं पव�त�या क्षे�त्र मB संव�त्र श��वित हा:।

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अध्या�या 26

म����र8 और ली�क�लिGया�)

म"हा�वर�- कई भा� ऐसं� व�क्या��श < अपन� सं�ध�रण अथा� क छोड़कर विकसं� विवश�षा अथा� क व्या/ कर� उसं� म"हा�वर� कहात� हाC।लीकचि/- लीकचि/या�0 लीक-अन"भाव सं� बोनत� हाC। विकसं� संम�< न� < क" छो अपन� ली�बो� अन"भाव सं� सं�ख� हा: उसं� एक व�क्या मB बो�0ध दिदया� हा:। ऐसं� व�क्या, क हा� लीकचि/ कहात� हाC। इसं� कहा�वत, <नश्रो"वित आदिद भा� कहात� हाC।म"हा�वर� और लीकचि/ मB अ�तर- म"हा�वर� व�क्या��श हा: और इसंक� स्वत�त्र रूप सं� प्रयाग नहाW विकया� <� संकत�। लीकचि/ सं�पYण� व�क्या हा: और इसंक� प्रयाग स्वत�त्र रूप सं� विकया� <� संकत� हा:। <:सं�-‘हाश उड़

’<�न� म"हा�वर� हा:। ‘बोकर� कM म�0 कबो तक ख:र ’मन�एग� लीकचि/ हा:।क" छो प्रचाचिलीत म"हा�वर�

1. अ*र्ग सा*बो*ध� म����र8

1. अ�ग छोY ट�- (कसंम ख�न�) मC अ�ग छोYकर कहात� हूँ0 सं�हाबो, म:न� प�<�बो नहाW द�ख�।2. अ�ग-अ�ग म"संक�न�-(बोहुत प्रसंन्न हान�)- आ< उसंक� अ�ग-अ�ग म"संकर� रहा� था�।3. अ�ग-अ�ग टYटन�-(सं�र� बोदन मB दद� हान�)-इसं ज्वर न� त म�र� अ�ग-अ�ग तड़कर रख दिदया�।4. अ�ग-अ�ग ढ्Eली� हान�-(बोहुत थाक <�न�)- त"म्हा�र� सं�था कली चालीY0ग�। आ< त म�र� अ�ग-अ�ग ढ्Eली� हा रहा� हा:।

2. अक्ली-सा*बो*ध� म����र8

1. अक्ली क� दुश्मन-(मYख�)- वहा त विनर� अक्ली क� दुश्मन विनकली�।2. अक्ली चाकर�न�-(क" छो संमझ मB न आन�)-प्रश्न-पत्र द�खत� हा� म�र� अक्ली चाकर� गई।3. अक्ली क� प�छो� ली3 चिलीए विफारन� (संमझ�न� पर भा� न म�नन�)- त"म त संद:व अक्ली क� प�छो� ली3 चिलीए

विफारत� हा।4. अक्ली क� घड़� दNड़�न�-(तरहा-तरहा क� विवचा�र करन�)- बोड़�-बोड़� व:ज्ञा�विनक, न� अक्ली क� घड़� दNड़�ए, तबो

कहाW व� अण"बोम बोन� संक� ।

3. आ)ख-सा*बो*ध� म����र8

1. आ0ख दिदख�न�-(ग"स्सं� सं� द�खन�)- < हामB आ0ख दिदख�एग�, हाम उसंकM आ0खB फाड़ द�गB।2. आ0ख, मB विगरन�-(संम्म�नरविहात हान�)- क" रसं� कM हाड़ न� <नत� संरक�र क <नत� कM आ0ख, मB विगर� दिदया�।3. आ0ख, मB धYली झ,कन�-(धख� द�न�)- चिशव�<� म"गली पहार�द�र, कM आ0ख, मB धYली झ,ककर बो�दEगFहा सं�

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बो�हार विनकली गए।4. आ0ख चा"र�न�-(चिछोपन�)- आ<कली वहा म"झसं� आ0खB चा"र�त� विफारत� हा:।5. आ0ख म�रन�-(इश�र� करन�)-गव�हा म�र� भा�ई क� धिमत्र विनकली�, उसंन� उसं� आ0ख म�र�, अन्याथा� वहा म�र� विवरुद्ध गव�हा� द� द�त�।6. आ0ख तरसंन�-(द�खन� क� ली�ली�धियात हान�)- त"म्हाB द�खन� क� चिलीए त म�र� आ0खB तरसं गई।7. आ0ख फा� र ली�न�-(प्रवितकY ली हान�)- उसंन� आ<कली म�र� ओर सं� आ0खB फा� र ली� हाC।8. आ0ख विबोछो�न�-(प्रत�क्षे� करन�)- लीकन�याक <याप्रक�श न�र�याण जि<धर <�त� था� उधर हा� <नत� उनक� चिलीए आ0खB विबोछो�ए खड़� हात� था�।9. आ0खB संBकन�-(सं"�दर वस्त" क द�खत� रहान�)- आ0ख संBकत� रहाग� या� क" छो करग� भा�10. आ0खB चा�र हान�-(प्र�म हान�,आमन�-सं�मन� हान�)- आ0खB चा�र हात� हा� वहा खिखड़कM पर सं� हाट गई।11. आ0ख, क� त�र�-(अवितविप्रया)-आश�षा अपन� म�0 कM आ0ख, क� त�र� हा:।12. आ0ख उ3�न�-(द�खन� क� सं�हासं करन�)- अबो वहा कभा� भा� म�र� सं�मन� आ0ख नहाW उ3� संक� ग�।13. आ0ख ख"लीन�-(हाश आन�)- <बो सं�बो�धिधया, न� उसंकM सं�र� सं�पभित्ता हाड़प ली� तबो उसंकM आ0खB ख"लीW।14. आ0ख लीगन�-(नWद आन� अथाव� व्या�र हान�)- बोड़� म"ल्किश्कली सं� अबो उसंकM आ0ख लीग� हा:। आ<कली

आ0ख लीगत� द�र नहाW हात�।15. आ0ख, पर परद� पड़न�-(लीभा क� क�रण संचा�ई न दEखन�)- < दूसंर, क 3ग� करत� हाC, उनकM आ0ख, पर परद� पड़� हुआ हा:। इसंक� फाली उन्हाB अवश्या धिमली�ग�।16. आ0ख, क� क�ट�-(अविप्रया व्याचि/)- अपन� क" प्रवFभित्ताया, क� क�रण र�<न विपत�<� कM आ0ख, क� क�0ट� बोन

गया�।17. आ0ख, मB संम�न�-(दिदली मB बोसं <�न�)- विगरधर म�र� कM आ0ख, मB संम� गया�।

4. कली8ज�-सा*बो*ध� क� छ म����र8

1. कली�<� पर हा�था रखन�-(अपन� दिदली सं� पYछोन�)- अपन� कली�<� पर हा�था रखकर कहा विक क्या� त"मन� प:न

नहाW तड़�।2. कली�<� <लीन�-(त�व्र असं�तषा हान�)- उसंकM बो�तB सं"नकर म�र� कली�<� <ली उ3�।3. कली�<� 3�ड्� हान�-(सं�तषा हा <�न�)- ड्�क" ओं क पकड़� हुआ द�खकर ग�0व व�ली, क� कली�<� 3�ढ्� हा गया�।4. कली�<� था�मन�-(<� कड़� करन�)- अपन� एकम�त्र या"व� प"त्र कM मFत्या" पर म�त�-विपत� कली�<� था�मकर रहा

गए।5. कली�<� पर पत्थार रखन�-(दुख मB भा� ध�र< रखन�)- उसं बो�चा�र� कM क्या� कहात� हा,, उसंन� त कली�<� पर पत्थार रख चिलीया� हा:।6. कली�<� पर सं�0प लीटन�-(ईष्या�� सं� <लीन�)- श्रो�र�म क� र�ज्या�भिभाषा�क क� संम�चा�र सं"नकर द�सं� म�थार� क� कली�<� पर सं�0प लीटन� लीग�।

5. क�ना-सा*बो*ध� क� छ म����र8

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1. क�न भारन�-(चा"गली� करन�)- अपन� सं�चिथाया, क� विवरुद्ध अध्या�पक क� क�न भारन� व�ली� विवद्यां�था� अच्छा� नहाW हात�।2. क�न कतरन�-(बोहुत चात"र हान�)- वहा त अभा� सं� बोड़�-बोड़, क� क�न कतरत� हा:।3. क�न क� कच्चा�-(सं"नत� हा� विकसं� बो�त पर विवश्व�सं करन�)- < म�चिलीक क�न क� कच्चा� हात� हाC व� भाली� कम�चा�रिरया, पर भा� विवश्व�सं नहाW करत�।4. क�न पर <Y0 तक न रBगन�-(क" छो असंर न हान�)-म�0 न� गNरव क बोहुत संमझ�या�, विकन्त" उसंक� क�न पर <Y0 तक नहाW रBग�।5. क�न,क�न खबोर न हान�-(विबोलीक" ली पत� न चालीन�)-संन� क� या� विबोस्क" ट ली� <�ओ, विकसं� क क�न,क�न

खबोर न हा।

6. ना�क-सा*बो*ध� क� छ म����र8

1. न�क मB दम करन�-(बोहुत त�ग करन�)- आत�कव�दिदया, न� संरक�र कM न�क मB दम कर रख� हा:।2. न�क रखन�-(म�न रखन�)- संचा पYछो त उसंन� संचा कहाकर म�र� न�क रख ली�।3. न�क रगड़न�-(दEनत� दिदख�न�)-विगरहाकट न� चिसंप�हा� क� सं�मन� खYबो न�क रगड़�, पर उसंन� उसं� छोड़� नहाW।4. न�क पर मक्ख� न बो:3न� द�न�-(अपन� पर आ0चा न आन� द�न�)-विकतन� हा� म"सं�बोतB उ3�ई, पर उसंन� न�क

पर मक्ख� न बो:3न� दE।5. न�क कटन�-(प्रवितष्ठ� नष्ट हान�)- अर� भा:या� आ<कली कM औली�द त ख�नद�न कM न�क क�टकर रख द�त� हा:।

7. म�)�-सा*बो*ध� क� छ म����र8

1. म"0हा कM ख�न�-(हा�र म�नन�)-पड़सं� क� घर क� म�मली� मB दखली द�कर हारद्वा�र� क म"0हा कM ख�न� पड़�।2. म"0हा मB प�न� भार आन�-(दिदली लीलीचा�न�)- लीड्डुड्"ओं क� न�म सं"नत� हा� प�विड्त<� क� म"0हा मB प�न� भार आया�।3. म"0हा खYन लीगन�-(रिरश्वत ली�न� कM आदत पड़ <�न�)- उसंक� म"0हा खYन लीग� हा:, विबोन� चिलीए वहा क�म नहाW कर�ग�।4. म"0हा चिछोप�न�-(लीस्थिज्जात हान�)- म"0हा चिछोप�न� सं� क�म नहाW बोन�ग�, क" छो करक� भा� दिदख�ओ।5. म"0हा रखन�-(म�न रखन�)-मC त"म्हा�र� म"0हा रखन� क� चिलीए हा� प्रमद क� प�सं गया� था�, अन्याथा� म"झ� क्या� आवश्याकत� था�।6. म"0हातड़ <व�बो द�न�-(कड़� उत्तार द�न�)- श्या�म म"0हातड़ <व�बो सं"नकर विफार क" छो नहाW बोली�।7. म"0हा पर क�चिलीख पतन�-(कली�क लीग�न�)-बो�ट� त"म्हा�र� क" कम_ न� म�र� म"0हा पर क�चिलीख पत दE हा:।8. म"0हा उतरन�-(उद�सं हान�)-आ< त"म्हा�र� म"0हा क्या, उतर� हुआ हा:।9. म"0हा त�कन�-(दूसंर� पर आभिश्रोत हान�)-अबो ग�हूँ0 क� चिलीए हामB अम�रिरक� क� म"0हा नहाW त�कन� पड़�ग�।10. म"0हा बो�द करन�-(चा"प कर द�न�)-आ<कली रिरश्वत न� बोड़�-बोड़� अफासंर, क� म"0हा बो�द कर रख� हा:।

8. दी�)त-सा*बो*ध� म����र8

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1. द�0त प�संन�-(बोहुत ज्या�द� ग"स्सं� करन�)- भाली� म"झ पर द�0त क्या, प�संत� हा? श�श� त श�कर न� तड़� हा:।2. द�0त खट्टा� करन�-(बो"र� तरहा हार�न�)- भा�रत�या सं:विनक, न� प�विकस्त�न� सं:विनक, क� द�0त खट्टा� कर दिदए।3. द�0त क�टE रटE-(घविनष्ठत�, पक्कM धिमत्रत�)- कभा� र�म और श्या�म मB द�0त क�टE रटE था� पर आ< एक-

दूसंर� क� <�न� दुश्मन हा:।

9. र्गरदीना-सा*बो*ध� म����र8

1. गरदन झ"क�न�-(लीस्थिज्जात हान�)- म�र� सं�मन� हात� हा� उसंकM गरदन झ"क गई।2. गरदन पर संव�र हान�-(प�छो� पड़न�)- म�र� गरदन पर संव�र हान� सं� त"म्हा�र� क�म नहाW बोनन� व�ली� हा:।3. गरदन पर छो" र� फा� रन�-(अत्या�चा�र करन�)-उसं बो�चा�र� कM गरदन पर छो" र� फा� रत� त"म्हाB शरम नहाW आत�, भागव�न इसंक� चिलीए त"म्हाB कभा� क्षेम� नहाW करBग�।

10. र्गली8-सा*बो*ध� म����र8

1. गली� घ,टन�-(अत्या�चा�र करन�)- < संरक�र गर�बो, क� गली� घ,टत� हा: वहा द�र तक नहाW दिटक संकत�।2. गली� फा0 सं�न�-(बो�धन मB पड़न�)- दूसंर, क� म�मली� मB गली� फा0 सं�न� सं� क" छो हा�था नहाW आएग�।3. गली� मढ़न�-(<बोरदस्त� विकसं� क कई क�म सं�पन�)- इसं बो"द्धÄ क म�र� गली� मढ़कर ली�ली�<� न� त म"झ� त�ग कर ड्�ली� हा:।4. गली� क� हा�र-(बोहुत प्या�र�)- त"म त उसंक� गली� क� हा�र हा, भाली� वहा त"म्हा�र� क�म क क्या, मन� करन� लीग�।

11. लिसार-सा*बो*ध� म����र8

1. चिसंर पर भाYत संव�र हान�-(ध"न लीग�न�)-त"म्हा�र� चिसंर पर त हार संमया भाYत संव�र रहात� हा:।2. चिसंर पर मNत ख�लीन�-(मFत्या" संम�प हान�)- विवभा�षाण न� र�वण क सं�बोधिधत करत� हुए कहा�, ‘भा:या� ! म"झ� क्या� ड्र� रहा� हा ? त"म्हा�र� चिसंर पर त मNत ख�ली रहा� ‘हा: ।3. चिसंर पर खYन संव�र हान�-(मरन�-म�रन� क त:या�र हान�)- अर�, बोदम�श कM क्या� बो�त करत� हा ? उसंक� चिसंर पर त हार संमया खYन संव�र रहात� हा:।4. चिसंर-धड़ कM बो�<� लीग�न�-(प्र�ण, कM भा� परव�हा न करन�)- भा�रत�या व�र द�श कM रक्षे� क� चिलीए चिसंर-धड़

कM बो�<� लीग� द�त� हाC।5. चिसंर न�चा� करन�-(ली<� <�न�)-म"झ� द�खत� हा� उसंन� चिसंर न�चा� कर चिलीया�।

12. ��था-सा*बो*ध� म����र8

1. हा�था ख�ली� हान�-(रुपया�-प:सं� न हान�)- <"आ ख�लीन� क� क�रण र�<� नली क� हा�था ख�ली� हा गया� था�।2. हा�था खWचान�-(सं�था न द�न�)-म"सं�बोत क� संमया नकली� धिमत्र हा�था खWचा ली�त� हाC।3. हा�था प� हा�था धरकर बो:3न�-(विनकम्म� हान�)- उद्यांम� कभा� भा� हा�था पर हा�था धरकर नहाW बो:3त� हाC, व� त क" छो करक� हा� दिदख�त� हाC।

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4. हा�था, क� तत� उड़न�-(दुख सं� हा:र�न हान�)- भा�ई क� विनधन क� संम�चा�र प�त� हा� उसंक� हा�था, क� तत� उड़

गए।5. हा�था,हा�था-(बोहुत <ल्दE)-याहा क�म हा�था,हा�था हा <�न� चा�विहाए।6. हा�था मलीत� रहा <�न�-(पछोत�न�)- < विबोन� संचा�-संमझ� क�म श"रू करत� हा: व� अ�त मB हा�था मलीत� रहा <�त� हाC।7. हा�था सं�फा करन�-(चा"र� ली�न�)- ओहा ! विकसं� न� म�र� <�बो पर हा�था सं�फा कर दिदया�।8. हा�था-प�0व म�रन�-(प्रया�सं करन�)- हा�था-प�0व म�रन� व�ली� व्याचि/ अ�त मB अवश्या संफालीत� प्र�प्त करत� हा:।9. हा�था ड्�लीन�-(श"रू करन�)- विकसं� भा� क�म मB हा�था ड्�लीन� सं� पYव� उसंक� अच्छा� या� बो"र� फाली पर विवचा�र कर ली�न� चा�विहाए।

13. ���-सा*बो*ध� म����र8

1. हाव� लीगन�-(असंर पड़न�)-आ<कली भा�रत�या, क भा� पभिTम कM हाव� लीग चा"कM हा:।2. हाव� सं� बो�तB करन�-(बोहुत त�< दNड़न�)- र�ण� प्रत�प न� ज्या, हा� लीग�म विहाली�ई, चा�तक हाव� सं� बो�तB करन� लीग�।3. हाव�ई विकली� बोन�न�-(झY3¤ कल्पन�ए0 करन�)- हाव�ई विकली� हा� बोन�त� रहाग� या� क" छो करग� भा� ?4. हाव� हा <�न�-(ग�याबो हा <�न�)- द�खत�-हा�-द�खत� म�र� सं�इविकली न <�न� कहा�0 हाव� हा गई ?

14. ��ना�-सा*बो*ध� म����र8

1. प�न�-प�न� हान�-(लीस्थिज्जात हान�)-ज्या,हा� संहान न� म�त�<� क� पसं� मB हा�था ड्�ली� विक ऊपर सं� म�त�<� आ

गई। बोसं, उन्हाB द�खत� हा� वहा प�न�-प�न� हा गया�।2. प�न� मB आग लीग�न�-(श��वित भा�ग कर द�न�)-त"मन� त संद� प�न� मB आग लीग�न� क� हा� क�म विकया� हा:।3. प�न� फा� र द�न�-(विनर�श कर द�न�)-उसंन� त म�र� आश�ओं पर प�न� प�र दिदया�।4. प�न� भारन�-(त"च्छा लीगन�)-त"मन� त <�वन-भार प�न� हा� भार� हा:।

15. क� छ मिमली8-ज�ली8 म����र8

1. अ0गY3� दिदख�न�-(द�न� सं� सं�फा इनक�र कर द�न�)-सं�3 र�मली�ली न� धम�श�ली� क� चिलीए प�0चा हा<�र रुपए द�न

द�न� क कहा� था�, विकन्त" <बो म:न�<र उनसं� म��गन� गया� त उन्हा,न� अ0गY3� दिदख� दिदया�।2. अगर-मगर करन�-(ट�लीमटली करन�)-अगर-मगर करन� सं� अबो क�म चालीन� व�ली� नहाW हा:। बो�ध" !3. अ�ग�र� बोरसं�न�-(अत्या�त ग"स्सं� सं� द�खन�)-अभिभामन्या" वध कM संYचान� प�त� हा� अ<"�न क� न�त्र अ�ग�र� बोरसं�न� लीग�।4. आड़� हा�था, ली�न�-(अच्छाE तरहा क�बोY करन�)-श्रो�कF ष्ण न� क� सं क आड़� हा�था, चिलीया�।5. आक�श सं� बो�तB करन�-(बोहुत ऊ0 चा� हान�)-टE.व�.ट�वर त आक�श सं� बो�त� करत� हा:।6. ईद क� चा�0द-(बोहुत कम दEखन�)-धिमत्र आ<कली त त"म ईद क� चा�0द हा गए हा, कहा�0 रहात� हा ?7. उ0गली� पर नचा�न�-(वश मB करन�)-आ<कली कM औरतB अपन� पवितया, क उ0गचिलीया, पर नचा�त� हाC।

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8. कलीई ख"लीन�-(रहास्या प्रकट हा <�न�)-उसंन� त त"म्हा�र� कलीई खलीकर रख दE।9. क�म तम�म करन�-(म�र द�न�)- र�न� लीक्ष्म�बो�ई न� प�छो� करन� व�ली� दन, अ�ग्रे�<, क� क�म तम�म कर दिदया�।10. क" त्ता� कM मNत करन�-(बो"र� तरहा सं� मरन�)-र�ष्ट्रद्रहा� संद� क" त्ता� कM मNत मरत� हाC।11. कल्हूँ क� बो:ली-(विनर�तर क�म मB लीग� रहान�)-कल्हूँ क� बो:ली बोनकर भा� लीग आ< भारप�ट भा<न नहाW प� संकत�।12. ख�क छो�नन�-(दर-दर भाटकन�)-ख�क छो�नन� सं� त अच्छा� हा: एक <गहा <मकर क�म कर।13. गड़� म"रद� उख�ड़न�-(विपछोली� बो�त, क या�द करन�)-गड़� म"रद� उख�ड़न� सं� त अच्छा� हा: विक अबो हाम चा"प

हा <�ए0।14. ग"लीछोर� उड़�न�-(मN< करन�)-आ<कली त"म त दूसंर� क� म�ली पर ग"लीछोर� उड़� रहा� हा।15. घ�सं खदन�-(फा" <Yली संमया विबोत�न�)-सं�र� उम्रा त"मन� घ�सं हा� खदE हा:।16. चा�पत हान�-(भा�ग <�न�)-चार प"चिलीसं क द�खत� हा� चा�पत हा गए।17. चाNकड़� भारन�-(छोली�0ग� लीग�न�)-विहारन चाNकड़� भारत� हुए कहाW सं� कहाW <� पहु0चा�।18. छोक्क� छो"ड्�­न�-(बो"र� तरहा पर�जि<त करन�)-पFथ्व�र�< चाNहा�न न� म"हाम्मद गर� क� छोक्क� छो"ड़� दिदए।19. टक�-सं� <व�बो द�न�-(कर� उत्तार द�न�)-आश� था� विक कहाW वहा म�र� <�विवक� क� प्रबो�ध कर द�ग�, पर उसंन� त द�खत� हा� टक�-सं� <व�बो द� दिदया�।20. टप� उछो�लीन�-(अपम�विनत करन�)-म�र� टप� उछो�लीन� सं� उसं� क्या� धिमली�ग�?21. तलीव� चा�टन�-(ख"श�मद करन�)-तलीव� चा�टकर नNकर� करन� सं� त कहाW ड्Yबो मरन� अच्छा� हा:।22. था�ली� क� बोCगन-(अस्थिVर विवचा�र व�ली�)- < लीग था�ली� क� बो:गन हात� हाC, व� विकसं� क� संच्चा� धिमत्र नहाW हात�।23. द�न�-द�न� क तरसंन�-(अत्या�त गर�बो हान�)-बोचापन मB मC द�न�-द�न� क तरसंत� विफार�, आ< ईश्वर कM कF प� हा:।24. दNड़-धYप करन�-(क3र श्रोम करन�)-आ< क� या"ग मB दNड़-धYप करन� सं� हा� क" छो क�म बोन प�त� हा:।25. धस्थिज्जाया�0 उड़�न�-(नष्ट-भ्रष्ट करन�)-यादिद कई भा� र�ष्ट्र हाम�र� स्वत�त्रत� क हाड़पन� चा�हा�ग� त हाम उसंकM धस्थिज्जाया�0 उड़� दBग�।26. नमक-धिमचा� लीग�न�-(बोढ़�-चाढ़�कर कहान�)-आ<कली संम�चा�रपत्र विकसं� भा� बो�त क इसं प्रक�र नमक-

धिमचा� लीग�कर चिलीखत� हाC विक <नसं�ध�रण उसं पर विवश्व�सं करन� लीग <�त� हा:।27. नN-द ग्या�रहा हान�-(भा�ग <�न�)- विबोल्ली� क द�खत� हा� चाYहा� नN-द ग्या�रहा हा गए। 28. फाY0 क-फाY0 ककर कदम रखन�-(संचा-संमझकर कदम बोढ़�न�)-<व�न� मB फाY0 क-फाY0 ककर कदम रखन� चा�विहाए।29. बो�ली-बो�ली बोचान�-(बोड़� कदि3न�ई सं� बोचान�)-ग�ड़� कM टक्कर हान� पर म�र� धिमत्र बो�ली-बो�ली बोचा गया�।30. भा�ड़ झ,कन�-(या,हा� संमया विबोत�न�)-दिदल्ली� मB आकर भा� त"मन� त�सं सं�ली तक भा�ड़ हा� झ,क� हा:।31. मस्थिक्खया�0 म�रन�-(विनकम्म� रहाकर संमया विबोत�न�)-याहा संमया मस्थिक्खया�0 म�रन� क� नहाW हा:, घर क� क" छो

क�म-क�< हा� कर ली।32. म�था� 3नकन�-(सं�द�हा हान�)- लिंसं�हा क� प�<, क� विनश�न र�त पर द�खत� हा� ग�दड़ क� म�था� 3नक गया�।33. धिमट्टाE खर�बो करन�-(बो"र� हा�ली करन�)-आ<कली क� नN<व�न, न� बोYढ़, कM धिमट्टाE खर�बो कर रख� हा:।34. र�ग उड़�न�-(घबोर� <�न�)-क�ली� न�ग क द�खत� हा� म�र� र�ग उड़ गया�।

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35. रफाY चाक्कर हान�-(भा�ग <�न�)-प"चिलीसं क द�खत� हा� बोदम�श रफाY चाक्कर हा गए।36. लीहा� क� चान� चाबो�न�-(बोहुत कदि3न�ई सं� सं�मन� करन�)- म"गली संम्रा�ट अकबोर क र�ण�प्रत�प क� सं�था

टक्कर ली�त� संमया लीहा� क� चान� चाबो�न� पड़�।37. विवषा उगलीन�-(बो"र�-भाली� कहान�)-दुयाÀधन क ग��ड्�व धन"षा क� अपम�न करत� द�ख अ<"�न विवषा उगलीन� लीग�।38. श्रो�गण�श करन�-(श"रू करन�)-आ< बोFहास्पवितव�र हा:, नए वषा� कM पढ्�ई क� श्रो�गण�श कर ली।39. हा<�मत बोन�न�-(3गन�)-या� विहाप्प� न <�न� विकतन� भा�रत�या, कM हा<�मत बोन� चा"क� हाC।40. श:त�न क� क�न कतरन�-(बोहुत चा�ली�क हान�)-त"म त श:त�न क� भा� क�न कतरन� व�ली� हा, बो�चा�र� र�मन�था कM त"म्हा�र� सं�मन� विबोसं�त हा� क्या� हा: ?41. र�ई क� पहा�ड़ बोन�न�-(छोटE-सं� बो�त क बोहुत बोढ़� द�न�)- तविनक-सं� बो�त क� चिलीए त"मन� र�ई क� पहा�ड़

बोन� दिदया�।

क� छ प्रचलिलीत ली�क�लिGया�)

1. अध<ली गगर� छोलीकत <�ए-(कम ग"ण व�ली� व्याचि/ दिदख�व� बोहुत करत� हा:)- श्या�म बो�तB त ऐसं� करत� हा: <:सं� हार विवषाया मB म�स्टर हा, व�स्तव मB उसं� विकसं� विवषाया क� भा� पYर� ज्ञा�न नहाW-अध<ली गगर� छोलीकत

<�ए।2. अबो पछोत�ए हात क्या�, <बो चिचाविड़या�0 चा"ग गई ख�त-(संमया विनकली <�न� पर पछोत�न� सं� क्या� ली�भा)- सं�र� सं�ली त"मन� प"स्तकB खलीकर नहाW द�खW। अबो पछोत�ए हात क्या�, <बो चिचाविड़या�0 चा"ग गई ख�त।3. आम क� आम ग"3चिलीया, क� द�म-(दुग"न� ली�भा)- विहान्दE पढ़न� सं� एक त आप नई भा�षा� सं�खकर नNकर� पर पदन्नवित कर संकत� हाC, दूसंर� विहान्दE क� उच्चा सं�विहात्या क� रसं�स्व�दन कर संकत� हाC, इसं� कहात� हाC-आम क� आम ग"3चिलीया, क� द�म।4. ऊ0 चा� दुक�न फाMक� पकव�न-(क� वली ऊपर� दिदख�व� करन�)- कन�टप्ली�सं क� अन�क स्टर बोड़� प्रचिसंद्ध हा:, पर संबो घदिटया� द<� क� म�ली बो�चात� हाC। संचा हा:, ऊ0 चा� दुक�न फाMक� पकव�न।5. घर क� भा�दE ली�क� ढ्�ए-(आपसं� फाY ट क� क�रण भा�द खलीन�)-कई व्याचि/ पहाली� क��ग्रे�सं मB था�, अबो <नत� (एसं) प�ट¬ मB धिमलीकर क�ग्रेBसं कM बो"र�ई करत� हाC। संचा हा:, घर क� भा�दE ली�क� ढ्�ए।6. जि<संकM ली�3¤ उसंकM भाCसं-(शचि/श�ली� कM विव<या हात� हा:)- अ�ग्रे�<, न� सं�न� क� बोली पर बो�ग�ली पर अधिधक�र कर चिलीया� था�-जि<संकM ली�3¤ उसंकM भाCसं।7. <ली मB रहाकर मगर सं� व:र-(विकसं� क� आश्रोया मB रहाकर उसंसं� शत्र"त� मली ली�न�)- < भा�रत मB रहाकर विवद�श, क� ग"णग�न करत� हाC, उनक� चिलीए वहा� कहा�वत हा: विक <ली मB रहाकर मगर सं� व:र।8. थाथा� चान� बो�<� घन�-(जि<संमB संत नहाW हात� वहा दिदख�व� करत� हा:)- ग<Bद्र न� अभा� दसंवW कM पर�क्षे� प�सं कM हा:, और आलीचान� अपन� बोड़�-बोड़� ग"रु<न, कM करत� हा:। थाथा� चान� बो�<� घन�।9. दूध क� दूध प�न� क� प�न�-(संचा और झY3 क� 3¤क फा: संली�)- संरप�चा न� दूध क� दूध,प�न� क� प�न� कर दिदख�या�, असंली� दषा� म�गY क हा� द�ड् धिमली�।10. दूर क� ढ्ली सं"हा�वन�-(< चा�<B दूर सं� अच्छाE लीगत� हा,)- उनक� मसंYर� व�ली� बो�गली� कM बोहुत प्रश�सं� सं"नत� था� विकन्त" वहा�0 दुग¼ध क� म�र� त�ग आकर हाम�र� म"ख सं� विनकली हा� गया�-दूर क� ढ्ली सं"हा�वन�।

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11. न रहा�ग� बो�0सं, न बो<�ग� बो�0सं"र�-(क�रण क� नष्ट हान� पर क�या� न हान�)- सं�र� दिदन लीड़क� आम, क� चिलीए

पत्थार म�रत� रहात� था�। हामन� आ0गन मB सं� आम क� वFक्षे कM कटव� दिदया�। न रहा�ग� बो�0सं, न बो<�ग� बो�0सं"र�।12. न�चा न <�न� आ0गन ट�ढ़�-(क�म करन� नहाW आन� और बोहा�न� बोन�न�)-<बो रवWद्र न� कहा� विक कई ग�त

सं"न�इए, त सं"न�ली बोली�, ‘आ< संमया नहाW ’हा: । विफार विकसं� दिदन कहा� त कहान� लीग�, ‘आ< मYड् नहाW ’हा: । संचा हा:, न�चा न <�न� आ0गन ट�ढ़�।13. विबोन म�0ग� मत� धिमली�, म�0ग� धिमली� न भा�ख-(म�0ग� विबोन� अच्छाE वस्त" कM प्र�न्विप्त हा <�त� हा:, म�0गन� पर सं�ध�रण भा� नहाW धिमलीत�)- अध्या�पक, न� म�0ग, क� चिलीए हाड़त�ली कर दE, पर उन्हाB क्या� धिमली� ? इनसं� त बो:क

कम�चा�र� अच्छा� रहा�, उनक� भात्ता� बोढ़� दिदया� गया�। विबोन म�0ग� मत� धिमली�, म�0ग� धिमली� न भा�ख।14. म�न न म�न मC त�र� म�हाम�न-(<बोरदस्त� विकसं� क� म�हाम�न बोनन�)-एक अम�रिरकन कहान� लीग�, मC एक

म�सं आपक� प�सं रहाकर आपक� रहान-संहान क� अध्यायान करू0 ग�। मCन� मन मB कहा�, अ<बो आदम� हा:, म�न

न म�न मC त�र� म�हाम�न।15. मन चा�ग� त क3Nत� मB ग�ग�-(यादिद मन पविवत्र हा: त घर हा� त�था� हा:)-भा:या� र�म�श्वरम <�कर क्या� करग� ?

घर पर हा� ईशस्त"वित कर। मन चा�ग� त क3Nत� मB ग�ग�।16. दन, हा�था, मB लीड्डू-(दन, ओर ली�भा)- महाBद्र क इधर उच्चा पद धिमली रहा� था� और उधर अम�रिरक� सं� व<�फा� उसंक� त दन, हा�था, मB लीड्डू था�।17. नया� नN दिदन प"र�न� संN दिदन-(नई वस्त"ओं क� विवश्व�सं नहाW हात�, प"र�न� वस्त" दिटक�ऊ हात� हा:)- अबो

भा�रत�या <नत� क� याहा विवश्व�सं हा: विक इसं संरक�र सं� त पहाली� संरक�र विफार भा� अच्छाE था�। नया� नN दिदन,

प"र�न� नN दिदन।18. बोगली मB छो" र� म"0हा मB र�म-र�म-(भा�तर सं� शत्र"त� और ऊपर सं� म�3¤ बो�तB)- सं�म्रा�ज्याव�दE आ< भा� क" छो

र�ष्ट्र, क उन्नवित कM आश� दिदली�कर उन्हाB अपन� अध�न रखन� चा�हात� हाC, परन्त" अबो संभा� द�श संमझ गए हाC विक उनकM बोगली मB छो" र� और म"0हा मB र�म-र�म हा:।19. ली�त, क� भाYत बो�त, सं� नहाW म�नत�-(शर�रत� संमझ�न� सं� वश मB नहाW आत�)- संली�म बोड़� शर�रत� हा:, पर उसंक� अब्बो� उसं� प्या�र सं� संमझ�न� चा�हात� हाC। विकन्त" व� नहाW <�नत� विक ली�त, क� भाYत बो�त, सं� नहाW म�नत�।20. संहा< पक� < म�3� हाया-(ध�र�-ध�र� विकए <�न� व�ली� क�या� V�या� फालीद�याक हात� हा:)- विवनबो� भा�व� क� विवचा�र था� विक भाYधिम सं"ध�र ध�र�-ध�र� और श��वितपYव�क ली�न� चा�विहाए क्या,विक संहा< पक� सं म�3� हाया।21. सं�0प मर� ली�3¤ न टYट�-(हा�विन भा� न हा और क�म भा� बोन <�ए)- घनश्या�म क उसंकM दुष्टत� क� ऐसं� म<� चाख�ओ विक बोदन�म� भा� न हा और उसं� द�ड् भा� धिमली <�ए। बोसं याहा� संमझ विक सं�0प भा� मर <�ए

और ली�3¤ भा� न टYट�।22. अ�त भाली� सं भाली�-(जि<संक� परिरण�म अच्छा� हा:, वहा संवÀत्ताम हा:)- श्या�म पढ़न� मB कम<र था�, ली�विकन

पर�क्षे� क� संमया आत�-आत� पYर� त:या�र� कर ली� और पर�क्षे� प्रथाम श्रो�ण� मB उत्ता�ण� कM। इसं� क कहात� हाC अ�त भाली� सं भाली�।23. चामड़� <�ए पर दमड़� न <�ए-(बोहुत क� <Yसं हान�)-महाBद्रप�ली अपन� बो�ट� क अच्छा� कपड़� तक भा� चिसंलीव�कर नहाW द�त�। उसंक� त याहा� चिसंद्ध�न्त हा: विक चामड़� <�ए पर दमड़� न <�ए।24. संN सं"न�र कM एक ली"हा�र कM-(विनबो�ली कM सं:कड़, चाट, कM संबोली एक हा� चाट सं� म"क�बोली� कर द�त� हा:)- कNरव, न� भा�म क बोहुत त�ग विकया� त वहा कNरव, क गद� सं� प�टन� लीग�-संN सं"न�र कM एक ली"हा�र कM।25. सं�वन हार� न भा�द, संYख�-(संद:व एक-सं� स्थिVवित मB रहान�)- गत चा�र वषा_ मB हाम�र� व�तन व भात्ता� मB एक संN

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रुपए कM बोढ़त्तार� हुई हा:। उधर 25 प्रवितशत द�म बोढ़ गए हाC-भा:या� हाम�र� त याहा� स्थिVवित रहा� हा: विक सं�वन हार� न भा�ग, संYख�।

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