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|| ी मनुदेवी सन्न ||

|| ॐ ऐं हीं क्लीं मनुदेव्यैं िवच्चै ||

ी मनुदेवी मं

ी मनुदेवी स्तो

ी मनुदेवी - मंगल आरती

सातपुडा िनवािसनी ी मनुमातेची आरती

|| ॐ नमो भगवती मनुमाते नमः ||

ी मनुदेवी मं

िगरीवास ि या िसध्दां | भ कल्याण कािरिणम ्| वन्दे ी मनुदेवी स्वाम ्| मनोवांिच्छत दाियिनम ्|

सातपुडा िनवािसनी ीके्ष मनुदेवी सेवा ित ान आंडगाव, जळगांव

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|| ी मनुदेवी सन्न ||

|| ी मनुदेवी स्तो ||

ी मनुदेवी नमस्तुभ्यं सुरे री

भ ि ये नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं जगदे री || १ ||

स ालये नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं सवर्दे

सवर्भूत िहताषाथर् ु पाद ीॄ सदा करु || २ ||

िसध्दीदाि मनुपू ी मनुदेवी नमो नमः

िनिवर्घ्न कुरुमे माते शुभ कायषु सवर्दा || ३ ||

जगन्माते नमस्तुभ्यं करुणाकरी

दया वती नमस्तुभ्यं िव े री नमोऽस्तुते || ४ ||

नमो नमस्ते देवी अखंड सौभाग्य वुध्दे

सीद मम अंब कॄपया पािह माम ्सदा || ५ ||

जगदंब नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं दयािनधे

दयावित नमस्तुभ्यं दगर्तीु नीनी नमोऽस्ततेु || ६ ||

सवर् स्वरंुप स्वरंुप सव सवर् श ी समिन्वते

मनुदेवी नमस्तुभ्यं मोक्ष दाियनी नमोऽस्ततेु || ७ ||

सातपुडा वािसनी देवी नम् े तोक्य धािरणी

कॄपा द ेॄ नमस्तुभ्यं रक्षमाम ्शरणागतम ्|| ८ ||

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|| ी मनुदेवी सन्न ||

ी मनुदेवी - मंगल आरती

|| १ || जयदेवी जयदेवी जय ी मनुमाते

आरती ओवाळीतो सद् भावे तुते || जयदेवी - जयदेवी

|| २ || सातपुडा िनवािसनी कुलस्वािमनी मनुआई

वािरसी िवघ्ने सत्वरी भ ाची त ूपाही || जयदेवी - जयदेवी

|| ३ || भ ीभावे तुजला जे कोणी भजती

सन्न होऊनी देिस संतती, सुख, संप ी || जयदेवी - जयदेवी

|| ४ || आिद अनादी अनामय तु अिवनाशी

ी देव ीगणो तव सािनध्यािस || जयदेवी - जयदेवी

|| ५ || मनुदेवी, मनुआई, मनुबाई तुज वंदती

तािर तु आता भ शरण तुजी || जयदेवी - जयदेवी

|| ६ || चै शु अ मी अिति य तुजी

करुणा कर तु सांभाळी बाळािस || जयदेवी - जयदेवी

|| ७ || पाहनीु िनसगर् रम्य तुझा अितिदव्य पिरसर

मन रमते तुजपाशी शरण तवं िकंकरा || जयदेवी - जयदेवी

|| ८ || भ पावना शांत स्वरुपा ी मनुआई

ठाव दे भ ासी सत्वरी तव पायी || जयदेवी - जयदेवी

|| ९ || धुप, दीप, नैवे आरती सद् भावे तुज किरतो

अनन्य होऊनी भावे तुज मी निमतो || जयदेवी - जयदेवी

|| १० || सातपुडा िनवािसनी इह्पर िसध्दी दे

चं भागा सुत चरण शरण माते वर दे || जयदेवी - जयदेवी

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|| ी मनुदेवी सन्न ||

सातपुडा िनवािसनी ी मनुमातेची आरती

|| जय देवी जय देवी, जय मनुमाते ||

आरती ओवाळीता, सन्न मन होते

|| आिदश ी देवी तू िगिरमाता ||

|| तुजिवण या जगती, अन्य नसे ाता ||

जय देवी जय देवी (१)

|| नाना िवधरुपे माते तू घेसी ||

|| सदाभ ा संकटी, धावोनी तू येसी ||

जय देवी जय देवी (२)

|| नाना देशी नाना अवतार घेसी ||

|| नाना नामे तुज, भ जन देती ||

जय देवी जय देवी (३)

|| जैसी त्याची भि तसैा वर देसी ||

|| सदाभ ा कारण,े सातपुडा येसी ||जय देवी जय देवी (४)

|| मनुमाता, मनुबाई भ तूज म्हणती ||

|| मी-तू-पण िवसरोनी तूजला ते निमित ||

जय देवी जय देवी (५)

|| सत्कम मित असू दे ज्ञानिह देई सदा ||

|| जगन्नाथ सुत ािथर्तो तुजला ||

जय देवी जय देवी (६)

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|| ी मनुदेवी सन्न ||

|| ी मनुदेवी स्तो ||

ी गणशेाय नमः | ॐ नमोजी गणनायका | एकदंता वरदायका स्वरूप संुदरिवनायका |

आता न म्हकुमारी || हंसारूढ वाघे री िवणा शोभे दिक्षणकरी | िवजयी मुत सवर्दा || १ || नंतर निमलो कुलदेवता | मनुमाई जगन्माता | जी िव ाची अिध ाता | िजच्याने लाभे सुखसंपदा || २ || नमन माझे गुरुवयार् | काशरुप त ूस्वािमया स्फुत ावी ंथ वदावया | जेण ोतया सुख वाटे | ३ | नमन माझे संतजना | तैसेची बुधजना | ज्याचेनीसुख लाभ सकलजना | कल्पवॄक्षापरी | ४ | असो िजचा हा ंथ जाण | त्या मातेसी करुनी नमन | करीतसे ंथा रंभन | मभावे करुिनया | ५ | ोितयांसी नमस्कार | माझा असो िनंरतर | सवर् होवुनी आदर | न्युन ते पुणर् करावे | ६ | मनुमातेचे मंगल ोत | स्मिरता ितचे महात्मय पिव | पुष्पामालेतुनी ओिवले एक | भालचं े रिचली | ७ | मनुमातेची महती | सवर् जगाची जी - गंगो ी | िजच्याने लाभे सुखसंप ी | भ

संरक्षण ेघेई नामे | ८ | शि माता ती सवर्स्थानी | एकटी िच ी ाम्हणी | तालू स्थानीनारायणी | अमॄतसर िव ापुरी | ९ | दगार्नामेू वेणु ामी | कालीकलयतली वंगधामी | परमहंस िववेक संगमी | श ी तीच परंपरा | १० | ीिव ा ती ीनगरी | भारती तीची वाचापुरी | अंबा र ाचल करवरी | के्ष ब ीहनीु येशी | | ११ | रेणकुामाता ती माहरीु

पुण्यफल दे नमर्दाितरी | स ाचली अतीसंूदरी | संवंदंती ामपैल ती | १२ | भवानी मायतुळजापुरी | बसली िशव दयांतरी | कािमनी ती िव ंभरी मम दयी राही िस्थर | १३ | ितच सीमा मंदोदरी | अिहल्या तारा िन पदकुमारीु | राही रुख्मीनी व े री | अवतार असे व -नारीचा | १४ | धुळे ामे गटे एकिवरा नामे | सातपुड्यात वसे मनुमाता नामे| अन्न्पुणार् िन संतोषीमाता सन्ने | अनंत रुप वणार्या शब्द अपुरे | १५ | एकेक ते

देवस्थान | स्वयंभू पूण्यके्ष महान | किरता स्मरण घेता दशर्न | इच्छा पुणर् होतसे | १६| मनुमाता ज्यांचे कुलदैवत | जाज्वल्य आिण जागॄत | सन्न होता मनोरथ | सफल संपुणर् होतील | १७ | जळगांव िजल् ात आडगांवी | जाऊनी िजथे िचती पहावी |

मनुमातेची थोरवी | उपासका कळेल | १८ | द ीॄ फेका सभोवार | ितथे एका डोंगरावर | आहे स्थान मनोहर | मनुमाता नामे िसध्द | १९ | मनुमातेची स्थापना कोण्या काळीचीअसेना | पिर शंका नसावी मना | ितच्या जागॄतीची || २० || कुलदैवत अनेकांचे | रक्षणकिरती भ ांचे | नाम घेता मातेचे | िवघ्न सारी टळतात | २१ | अनेक जाती जमाती

मनुमातेचे भ असती | पिर एक नांिदती आिशवार्द मातेचा त्यांना | २२ | साडेतीन पीठदेवीची | सवर् ख्याती असे ज्यांची | मनुमाता बिहण सवार्ची | शंका नसावी कुणा | २३ |

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|| ी मनुदेवी सन्न ||

पिहले माहरू गडावरी | दसरेु कोल्हापुरी नगरी | ितसरे तु◌़ळजापुरी | स शंॄग अधपीठ िसध्द | २४ | मनुमाते समवेत | बिहणीची हास्यमु ा िवलसीत | शेजारी गजानन

आंनदात | दश्यॄ िवहंगम भासे | २५ | पायरया उतरत क्षणी | धबधबा लक्ष वेिधतो नयनी | आंनदाची ही पवर्णी | न िमळे स्वग ही | २६ | मोठ्या िशळेचा मिहमा | मातेच्या भावाची ितमा | त्यामु◌़ळे त्या स्थाना ितथर्त्व ा जाहले | २७ | मातेशी अिति य सावळे | िवटाळ जाण ेटाळावे | पथ्य हेची समजावे | सांगण े ोते हो | २८ | एका अबलेले काय केले | िवटाळ वेता सांगण ेटा◌़ळले | परी तेची भोिवले | गांधील माशांनी पीडा िदली | २९ | लक्षात येता क्षणी | पळता सवर् जणी | पूनशच स्नान आटपोनी | घेती दशर्न मातेचे | ३० | मधु जोशी नामे भ ास | अनुभव येई खास | र दाबाचा ास प ीस | परी माते कॄपेने | चालुनी जाती दशर्नास | ३१ | एक पती ता साध्वी होती | आख्याियका ितची सांगती | दोन्ही पती प ी सुखे नांदती | मातेची

आराधना करती | ३२ | भगवंताच्या कॄपेने | त्यांना नव्हते काही उण े| पिर त्यांच्या ारब्धाने िनपुि क ती होती | ३३ | अनेक केली त वैकल्ये नवस-सायाही केले | पिर इच्छीत साध्य नाही झाले | अनेक वषर् त्यांचे | ३४ | मातेशी साकडे घातले | पु र मला का न झाले | जे समयी धबधबा चाले बाळासमवेत उडी घेईन | ३५ | भ ावरती ध्दा फार | झाली सन्न अबलेवर | ददवाचाु चक्काचूर लाभ होई पु र ाचा | ३६ | ितजे्ञ माण ेजाऊनी पठारी | अबलेची वॄ ी बहु करारी बाळासमवेत ऊडी मारी | परी

िनव घ्न राहती | ३७ | महारोग होता कुळकण्याना | भोिगती दारुण यातना | जाती मातेच्या दशर्ना | मुक्काम ितथे ठोकीती | ३८ | एके िदवशी काय घडले | मातेने स्वप्नीदशर्न िदले | स्वप्नी आदेश केले वॄक्ष पालवी शिरर चोळावी | ३९ | तै माण ेकेले | नवल ते घडले | रोगमु झाले | सन्न होता भगवती | महारोग पळती | ४० |

चं ाभागाबाई गांधालीकर | पडून होत्या पलगांवर | येत नव्हत्या शुध्दीवर डाक्टरी उपायथकले | ४१ | मुलगा करी मातेशी ाथर्ना | वाटू दे बरे मातो ींना | येऊ तुझ्या दशर्ना

म्हणोनी िवभूती लावली | ४२ | मातेची ते समयी येई िचती | चं भागाबाई शुध्दीवर येती| पुन्हा कधी आजारी न होती | ठेवीता ध्दा दु:खे आपोआप पळती | ४३ | मुलगा नामेमिहपंत | असतो फागण े ामात | िफटे ासी अल्पवयात | मातािपता असती िचंतेत | ४४| दांपत्ये मातेसी िवनवीती | जर का बाळासी फीट जाती | तुझ्या दशर्नाची महती ितवषआम्ही घेवु | ४५ | मातेचा मिहमा | जाती फीट त्या क्षणा | दांपत्याची ती करुणा | कारण ेलागती | ४६ | फागण ेगावाची दसरीु कथा | ोतेहो शांत िच ेने एका |

कमलाबाईची ती व्यथा | मनुकॄपे दरू झाली | ४७ | मातो ी कमलाबाईंना | होत्या चारकन्या | पु ाची अपेक्षा त्यांना | रा ं िदवस होती | ४८ | चंड असे इच्छाश ी |

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|| ी मनुदेवी सन्न ||

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मातेशी सांकडे घालती | अनंते अडचणी येती | परी मातेकॄपे पु लाभ झाला | ४९ | कमलाबाई चौधरी | जेथे दारी य वास करी | मातेंची कॄपा त्यांचेवरी | धन्यधान्य संप ीा झाली | ५० | चै शुध्द पक्षात | सातपुडा पिरसरात या ा भरते थाटात अ मी नवमीिदवस पाहनीु | ५१ | काहींच्या चाली िरती सं ांती पोळा पाळीती | ते समयी दशर्न जाती| पाळावे िनयम घराण्याचे | ५२ | राहती मातेच्या िलला फार | भ ी परी लांबणार | शब्द अपुरे पडणार | करावी आशीवार्दाची याचना | ५३ | पुजा करावी यथासांग | जाती

सवर् भोग | धरु नये अती लोभ | िहच िवनंती ोत्यांना | ५४ | पुजेसाठी शुिचभूर्त होऊनी| आंनदी वॄ ी ठेवूनी | नतमस्तक होऊनी | संकल्प सोडावा | ५५ | आवाहन ाथर्ना करीत | साक्षात िदसे मनुमाता | आईचे स्नान घालीत | व - ळद कंुकु, फुले अपार्वी| ५६ | धूपदीप ओवाळनीू | पूरणाचा नैवे अपूर्नी | मनोभावे नमस्कारोनी | आरती संपता दिक्षणा घालावी | ५७ | तदनंतर करावी ाथर्ना | सांगावी मनोकामना |

आिशवार्दाची करावी याचना | त महात्म्य वाचावे | ५८ | आता परीसावी फल ा ी | कैसे िमळे होता पूजा आरती | शांत ठेवूनी वॄ ी | सावधान होवूनी एकावे | ५९ | या मातेस्तुतीचे जाण | भावे करीता वण पठण | सवर् बाधा िनरसून कायर्िसध्दी होतेसे | ६० | धूप िदप नैवे आरती | जे मातेसी िनत्य करीती | त्या ाणीया सुख संप ी िमळेल सवर्दा| ६१ | जे मातेस िवनवीती| मनोभावे सेवा करीती | जवळ बैसुनी ाथ ती | ते सदा सौभाग्य पावती | ६२ | माता स्मरण िनशी िदनी | तो वचर्स्व गाजवी या भूवनी | त्याचीया स वाची खाणी | उध्दारली आहे | ६३ | कल्पवॄक्षाची िह छाया | होतेसे तॄ ी पावलीया | संसारी राहतसे िह छाया | असु ावे हे बोल अंतरी | ६४ | ठेवूनी गाढ िव ास | ठेवीते ती भ ास | पूरवूनी धनास | सुखी करते सवाना | ६५ | इित ी

सुरभरीत | मनुमाता महात्म्य समा म | ी ल मी नारायणापर्णमस्तु ी राधाकॄष्णापर्णमस्तु| शुभंम भवतु |६६ |

िटप: भािवंकाच्या िवनंतीनुसार देवीवर अिभषेक\पूजा करण्याची सोय आहे. िह अिभषेक\पूजा भािवकांनी म्हटलेल्या िविश िदवशी त्यांच्या नावाने करण्यात येईल. त्यासाठी संस्थेशी संपकर् साधावा.

- संपकर् - सातपुडा िनवािसनी ीके्ष मनुदेवी सेवा ित ान, आंडगाव

ता. यावल िज. जळगांव आंडगाव 425125 महारा

फोन 91-2582-267452 Web: www.manudevi.com

E-mail: [email protected]


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