Download - Wo 49 din final

Transcript
Page 1: Wo 49 din final

वो 49 दन

कजी तरा भत न उतर मर सर स

उन चास क याद न जाय मर दल स

सब सपनो म खोय पर द ल अब तक जाग रह

प छ रह ह कब आओग एजी फर स

आपन या कया अर व द जी

जब रात गहर पथ दखात जगन मझ तम चाद जी

कमल खलात सरज कोई भवर को मकरद जी

स दय स सखी इस धरा को मघ क तम ब द जी

हम डबत को कोई तनका आ खर उ मीद जी

तझ ढढ़ता चनल बदल अखबार क प न पलट जी

चाह तझ चाह उस तझस अलग लगत गलत जी

दखता ह बस त ह आख खल ह बद जी

बस तर धन तरा नशा ना और मन को पसद जी

पढ़ा CA पर बन क व म रच रहा ह छद जी

हाल अपना पागल - सा आपन या कया अर व द जी

मर बात - तरा हर प भाता ह तरा हर रग भाता ह मर हर छद को अर वद त कतना लभाता ह

वष 2014 क आर भ म द ल क चनावी नतीज क आन क साथ ह राजन तक ा त

क नतन अ याय का आर भ हआ अतस क तह म पड़ी ह यी चर आका ाए सजीव सी

हो पड़ी थी एव श य सी पड़ी स भावनाओ न यथाथ क धरातल पर पग रख दए थ

मर मन न भी अगड़ाइया ल और वचार क अनवरत खला नतन क वता-प प म

प ल वत होती रह तत सकलन ldquoवो 49 दन बखर ह ए क वता प प को माला म

ग थन का यास ह

इन क वताओ म मन वतमान म च लत राजन तक प र य पर अपनी समझ को

लखा कत कया ह यह यि तय क नदा- त त ना होकर एक वचार क समी ा ह

य क यि त आत जात रहत ह व िजतनी तजी स आशा का सचार करत ह उसस

कह अ धक ग त स नराशा फलात ह बह धा यि तय म मानवो चत क मया पायी जा

सकती ह गल तय क सभावनाए रहती ह पर वचार शा वत होता ह

य सभी रचनाए म बई लोकल म ऑ फस स घर जान क अतराल म लखी गयी समय

क कमी न कई थानो पर वचार क वत वाह व श द चयन को सक चत कया

िजसक लए म दय स मा ाथ ह

आशा ह आपको य यास चकर लगगा

Amit Kumar Jain woh49dinaapgmailcom

1 वो 49 दन बह त याद आएग

1 वो 49 दन बह त याद आएग

2 आम आदमी तो आम होता ह

3 टाचार ज़ र ह

4 ट क ससद म अब नो ए

5 जब चनाव आ जात हhellip

6 अ भम य फसा च यह म

7 य चीज़ ह पॉ ल ट स

8 अजब तर शहर का द तर हो गया

9 अब समर म उतरना होगा

10 झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

11 या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

12 आप को चदा कौन दया

13 खच बता रह ह क इनकम बलद ह

14 नणय क घड़ी अब आई ह

15 हा म अना क ट ह

16 नौ सौ चह खा ब ल हज को चल

17 अबक बार आप ह

18 का सयो तम कमाल करत हो

19 जब ट त का ट शासक

20 आप तो बरा मान गय

21 क मत तो चकानी पड़गी

22 िज़द ना करो

23 कौन त हारा बाप ह

24 म त ह यार य द

25 हमार को शश जार रहगी

26 कमाल हो गया

27 कजर वाल तो पागल ह

28 फर सोमनाथ प ख़तरा ह

29 य खासी बड़ काम क ह य खासी

30 य तो होना ह था

31 हम भी चप और तम भी चप

32 ाइम म न टर जल म

33 राजा न सहासन छोड़ा ह

34 खबर बचना मरा धधाhellip

35 द ल को अयो या बनाना पड़गाhellip

36 तम या गय सब सना कर गय

37 य तो ग़लत बात ह

38 सच कसको अ छा लगता ह

39 या सचमच हम आजाद ह य

40 दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

41 कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा

42 कस मान अपराध ह भोला टाचार

43 दो म स कछ एक यार होगा

44 कहा रह तम नदलाला

45 ट स म त अपना भारत हम बनाना

46 म अभी हारा नह ह

47 मर हार स हा सल या कर पाओग

48 अब आम आदमी जागा ह

49 अबक बार मोद सरकार

50 अ छ दन आन वाल ह

51 भारत मा का कौन भला

52 वकास चा हए तो टाचार भी होगा

53 य कसा वकास ह

54 सार सपन टट गए

55 कसक महल सजान

56 अ छ दन आ गए

57 म सीता ह तम राम बनो

58 अजब-गजब य स मोहन

59 कहा गय व अटल

60 छ पन छाती खरगोश ह ए

61 सरकार जहा सरकार वह ह

62 दो दन चल अढ़ाई कोस

63 नाम बड और दशन छोट

64 सब बदला और तम भी बदल

65 या रहा बाक जो तमको जीतना ह

66 वप हम पसद नह

67 य र ता या कहलाता ह

68 तमस द र कहा जाऊगा

69 या हार मर हार ह

70 लड़ रहा त जग मर

71 तम कहत हो वो बह त बरा ह

72 या कह तरा मान बढाऊ

73 जज वलन हो गय

74 इस ग डया का नाम मी डया

75 मर भल को भल जाओ य

76 इतनी तयार करना ह

77 अ ना कब तक मौन रहोग

78 RTI कछ खास ह

79 आपको अपना व वास चा हय

80 भारत मा क लाल बहाद र

81 द ल माग कजर वाल

82 व वध

वो 49 दन बह त याद आएग वो जनता क मज़ प स ता म आना आम आदमी का आसमान छ जाना वो म ो स तरा ताजपोशी को आना वो राम-ल ला मदान का मज़र सहाना वो सपनो क द नया हक़ कत म आना वो आखो क नमी ह ठ का म कराना कभी तो हसाएग कभी तो लाएग वो 49 दन

ग़र बो का बजल और पानी पा जाना वो अफ़सर लालब ती का गल हो जाना वो ट क कनब म हड़कप लाना वो सद क रात म रोडो प सोना वो िज़द तर कलयग म राम-राज लाना छकर जड़-चतना को अ ह या बनाना मसीहा तर क र माई न ख नीम हक म भी अपनायग वो 49 दन वो कॉ स भाजप का आपस म मलना रग हाथ प कमल कागज क खलना उसल प तरा महल छोड़ जाना व वास कतना क बह मत स आना ना भल ना भलग तरा जमाना हरक ह ठ प ह आज तरा तराना इतज़ार ह बकरार सब आप कब आएग वो 49 दन

आम आदमी तो आम होता ह

कभी ग सा तो यार कभीसच-झठ का कारोबार कभी

प रवार और रोजी-रोट इनका सारा ससार यह

आजकल ख़बर म ायः गमनाम ह होता ह

कछ गलती कछ क मया तो सब सवा अरब म पाओग

गर य नह ऐसा नह तो और बहतर कहा स लाओग

यहा आम ह मलग बाबजी राम तो बक ठ म होता ह

कोई बनावट यहा नह जस दखत बस वस ह

हम ऐस-वस-जस ह पर बलकल तर जस ह

हमार दाग दखत य ह य हमप इ जाम ह

य अलग लोग य अलग सोच कोई अलग ह इनका दश रहा

ग गी इन महल क द वारअब कहन-सनन या शष रहा

अपन का दद बाटना तो अपन का काम होता ह

टाचार ज़ र ह

नादान ह जो शोर मचात टाचार मटाएग

य ज़ रया गर चला गया तो फड कहा स आएग

कस य भीड़ सभाए होगी व ापन लोक-लभावन होग

ि वस-खात तबा तामझाम बगला गाड़ी चमच होग

कोई शौक नह मजबर ह टाचार ज़ र ह

खती पानी राशन श ा वा य सर ा रोज़गार

रोड़ रल पल कल उ योग धध शयर बाज़ार

इन सब कामो को करन का इसक कधो पर ह भार

कह मठाई कह दलाल कह तो ह य श टाचार

वकास क हर एक कहानी इसक बना अधर ह टाचार ज़ र ह

ट क ससद म अब नो ए मखड़ छोड़ो म ा पकड़ो और म ा बस टाचार ह

मखड़ तो आत-जात ह झठा इनका यार ह

टाचार म त होगी अब सार क

ट क ससद म अब नो ए

गर बदला चहरा पर त नह तो हा सल या कर पाओग

पाच साल का इतज़ार पल-पल फर पछताओग

अर मनमोहन- स ईमानदार क यहा डब गयी सार ड ी

ट क ससद म अब नो ए

ना भदभाव पदधनबल का सबको याय स मान मल

ह सरल वकास क प रभाषा जहा सबको अवसर समान मल

फक जी अब बस वकास क चाद तार क ब

ट क ससद म अब नो ए

कसको या मलता हम या पात राजा कौन कौन सरकार

छोड़ो य सब आओ मलकर एक बात को हो तयार

अपनी वोट स कोई ट ना पह च द ल

ट क ससद म अब नो ए

जब चनाव आ जात हhellip

तर आन क आहट सन पतझड़ सावन हो जात ह ईद का चाद जमीन प उतरा ायः क़ सो म ह सन पात ह

साप बल स बाहर आत गर गट क रग बदल जात ह िजनक चरण को खोजा अब तक उनको चरण म पात ह

या कया और या कर दग लबी फह र त सनात ह हाथ म इनक चदा सरज दन म तार दखलात ह सबस लकर कछ को दकर दानवीर कहलात ह चम कार ह इस चनाव का कस क ण बन जात ह

चमच क तो चाद होती भख बरयानी खात ह दा नोट क वषा स वो समाजवाद फलात ह हम वह वकास क व ापन ट वी को चमकात ह धक य जनता ऐस नता फर फर जीत क आ जात ह

अ भम य फसा च यह म

सन ललकार श ओ क इसका मन भी ह मचलाया

लाज बचान दश क अपन बालक न ह श उठाया

य सािजश ह षडय कोई सब बड़-बडो न समझाया

साहस द साहस क पतल रखा को इसन आज मटाया

ाणो का भय पीछ छटा सक प एक बस शष रह

कल का गौरव ना खोन द गा जब तक अ तम सास रह

दखो घरा श ओ म ह लह लहान पर लड़ता जाता

कोई मार भाला सीन म कोई पीछ स छर भ कता

चोतरफ़ा स बाणो क वषा सब कवच भदती जाती ह

तपल म य-स दर अपन पास खीचती जाती ह

तम आज मकदश भ व य को या जबाब द पाओग

यग -यग तक या फर कोई अ भम य पा जाओग

समय शष ह उठो वीर आओ मलकर श उठाए

लड़ ाण जब तक तन म एक नया इ तहास रचाए

य चीज़ ह पॉ ल ट स य चीज़ ह पॉ ल ट स क चड़ का लख का खल ह ए सब गोर काल म स

क पल स चन सब आउट दनादन भ जी मार स स

बन-प जी का नवश बड़ दन रात ना कोई र क

हार-जीत बस आख- मचोल हर लयर ह ह फ स

व ान ग णत सब फल ह ई ना चल इकॉनो म स

य कला बड़ी आसान क़ इसम बस करना सबक बट ल स

चपक रहो कस स तम चाह कतन खाओ क स

महनत स चाई दर हटो ह वागत डट स

आप आए व वास जगा बदलगी य पॉ ल ट स

ना नज़र लग फलो-फलो यह हमार वश- वश

य चीज़ ह पॉ ल ट स य चीज़ ह पॉ ल ट स

अजब तर शहर का द तर हो गया

लटर शहर क ईमान क म दर म बठ पज रह

मरा एक चोर को बस चोर कहना कसर हो गया

चदा सरज प रया ल लो लो इ धनष क रग सभी

सपन बचत - बचत वो हक कत स दर हो गया

य उसल या दग सवा गर बी गमनामी क

चायवाला ईमान बचक मशह र हो गया

कोई मारता ना मरता य फलसफा पढ़क

खन क खल को योगी मजर हो गया

दौलत क चमक ह या पॉ लश का ह नर

काच का मामल टकड़ा आज को हनर हो गया

अब समर म उतरना होगा

या जीवन क उ य यह खाना पीना और सो जाना

प रवार पढ़ाई रोज़गार अपनी द नया म खो जाना

दश क चचा दश क चता दश म बस मन-रजन

दश क दशा बदलन म ो सोच क दशा को बदलना होगा l अब समर

म वसजन बह त ह आ प ाण-सजन अब करना होगा

लाल लह क गम स अब हम ग र को भी बहना होगा

धतरा सर ख राजा ह ह हर न कड़ पर चीर हरण

हाथ म च सदशन ल अब त ह क ण बनना होगा l अब समर अभी नह तो कभी नह इस यग- ण क पहचान करो

य रा -सजन का पथ द कर तम भी कछ म-दान करो

जीवन का म य चकान का यह व णम अवसर आया ह

इ तहास रच ह बह त न तझ भ व य रचना होगा l अब समर

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

झाड़ हर घर म रहती आम खास म भद ना करती

ह दखन म सहज-सरल पर कड़ पर बजल सी गरती

य बड़ काम क चीज ह बाब तम भी इसको घर लाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

ऊच छ पर क धल ह या मकड़जाल क चल ह

चल नरतर बना थक चाह कतनी भी तकल ह

य समाजवाद क पाठशाला कछ समझो कछ समझाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

घर भरा गदगी बदब स म छर बीमार फलाए

अपन घर को सथरा करन ह इ तजार कब महतर आय

उठो अम आलस छोडो झाड़ पकड़ो ना शमाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

य बधी ह यी पर सधी ह यी कसी कोन म पड़ी रह

कत य क पथ पर बढ़ती पल-पल अपनी मौत सह

खद मटकर और क सवा झाड़ का स दश सनाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

लाख चौरासी यो न म दगो क फाइल भटक रह

दजनो क मशन जाच स म त जाच कहा पर अटक रह

कतन क मशन और लगग इस एक घटना क जाच को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

दश क दल द ल म ह तो ह तो नरसहार ह आ

या औरत या ब च दखो लाश का अबार ह आ

और कतन सबत लगग सा बत करन पाप को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को क ल हज़ार खलआम पर का तल ना एक मला

धक याय और य याय य था अध- बहरो का का फला

लग तीस साल और कतन माइ लॉड लगग आपको

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

आप को चदा कौन दया

आतकवाद न सल बीमार भखमर अ श ा रोज़गार

म हला सर ा सा दा यकता सम याओ का ह अबार

पर सबस चता का शन आज क आप को चदा कौन दया

2G CWG आदश कोल मनरगा वा ा बोफोस

इन घोटालो क जॉच ज़ र जार ह जार ह रहगी

पर सबस पहल य जाच ज़ र आप को चदा कौन दया

दश- वदश स काला पीला और न अरबो ह थयाया

ज म दन ग ट कह पाट फड कसी न ह ता नाम बताया

अजी अथ य था ख़तर म क आप को चदा कौन दया

लाख कस कोट म सड़ रह याय मागत जत घस रह

कछ अपन हालात क हाथो कछ वक ल क फ स स मर रह

पर पहल नणय य होना ह क आप को चदा कौन दया

खच बता रह ह क इनकम बलद ह

य लाल कल स मच सज य रल-बसो का तामझाम

लाख क लाई भीड़ और खान पीन क इतज़ाम

पछो य शो ायोिजत करन वाला कौन अमीरचद ह खच बता

प प पापा बनन नकल नयी सोच नयी बात ह

बासी कड़ी उबाल मारती रटा रटाया पाठ ह

500 करोड़ लगग सा बत करन क प प अ लमद ह खच बता

क त- सा जो काम कराकर तन वाह बाटन को रोएग

माग-माग भीख ना दत बनमाग य चदा दग

खल तजोर आपक खा तर य हमको म ी बद ह खच बता

रोट कपड़ा मकान क चता म जीवन को घसता जाता

कभी मद कभी महगाई स आम आदमी पसता जाता

पर इनका धधा तज व व क अथ यव था मद ह खच बता

हम दशी दशी अदाज हमारा दशी अपना ससार ह

पर वदशी कध प इनक मक- ओवर का भार ह

ना आम य ऊच लोग ह बाब ऊची इनक पसद ह खच बता

नणय क घड़ी अब आई ह

बजा बगल आरभ य वीरो न श सभाल ह

दोनो सनाए सजी ह ई नणय क घड़ी अब आई ह कह तो अनभव क बरसात कह दहाई यौवन क कोई वकास क तान छड़ता कह सा दा यकता छाई ह या कया और या कर दग ऊच मच स गरज रह

दोनो न अन गन वाद क बन-डोर पतग उड़ाई ह दशक गय पर दोनो स दगो क दाग नह जात करोड़ क इपोटड पाउडर स प प-फक क पताई ह मन द वधा म त ध श य म तय म खो जाता ह कस और जाऊ या ठहर जाऊ इधर कआ उधर खाई ह

मत सोचो महनत बकार जाएगी आप कहा तक पह च पाएगी पग-पग पल-पल बढ़क ह तो सबन मिज़ल पाई ह

हा म अना क ट ह

अबलाओ क आस स द ल का दल जब सख हो रहा

ग ड़या दा मनी क क़ सो स सब दश शम म डब रहा

प लस शासन मक-ब धर दशासन बखौफ़ खड़

चीर- ोपद लट जान द ना राजा म धतरा ह

हा म अना क ट ह

जन-सवा ह रा टधम क़ानन याय स वधान ह

लोकत का ाण यह य ह भारत नमाण ह

जन-सवा स वमख खड़ा वो त ट सरकार नक मी

जन-सवा क नतन पथ सजता कोई कह पथ- ट ह

हा म अना क ट ह

िज़द ह जब तक ाण रह जन- हत म सघष क गा

ससद म कभी सड़क प आक टो तम पर वार क गा

पद लोभी होग और कोई सरकार गर तो गर जाए

सर नह झका ह नह झकगा हा म िज ी द ट ह

हा म अना क ट ह

नौ सौ चह खा ब ल हज को चल अब तक जो पस-पॉवर क आखो प प ी बाध थ

द ल क जनता क दहाड़ स उन अधो क आख खल जनता हा-हाकार मचाती कानो म ज भी ना रगती इन बहर सरकारो म जनता-दरबार क सल चल जग जीत महलो म सोत 5 साल फर कौन जा इन गिजनी सरकारो को अब याद आए पानी- बजल

कोई टोल- बथ ह तोड़ रहा कह आ म- दाह क ह धमक

कह प धरना कह दशन जन-सवा क अब होड़ चल जन क नी त जन का नता सभी दल म ख़ा लबल

मफलर वटर सपन म दखत खाद क पतलन खल ना कोई सभा का तामझाम ना कोई मक-ओवर का खचा मी डया म अपनी टोर फोकट म दन-रात चल स ता क दलाल स अपनी जो रोज़ी-रोट चला रह अब टाचार मटाएग बोल कौआ कोयल बोल आप-जाप क माला रट रह सब जन दखादखी कर रह

झाड़ पह चगी ससद म य चचा ह गल -गल

अबक बार आप ह हम यवा ह अनभवह न सह कछ तौर-तर क अलग सह ज़बान हमार त ख़ सह पर नयत हमार साफ ह अबक बार

टाचार जड़ तक फला बड़-बडो का मन ह डोला सार उलझन का सबब यह सब तकल फो का बाप ह अबक बार रावण एक अनक प म सीताओ को छलन आया सावधान ह वष कशर पर चलता फरता पाप ह अबक बार बजल राशन प लस शासन श ा रोज़गार नमाण

इसक हद स कोई ना छटा या यपी या गजरात ह अबक बार ऊच मचो स वराज क लशन लाख को पढ़ा रह

थम पि त म य दयर पा बगा बाबराम ह अबक बार जनता क म धल खा रह नाम का ह धमाल ह

जय- जयकार कह राह ल कह नमो-नमो का जाप ह अबक बार आम आदमी खट प प र त म टाचार ह

या फ़क कौन ह चोर कौन फर चोरो का सरदार ह अबक बार दोनो न दशको राज कया एक द ल एक गजरात लया जनता जसी वसी ह रह ह ए VVIP आप ह अबक बार लोकत का समर सामन तीन माह बस शष ह

आज आप को सा बत करना हमम भी कछ बात ह अबक बार

का सयो तम कमाल करत हो कतना लटा कतना खाया इन पछल प ह साल म

तमको पाकर या- या खोया इन पछल प ह साल म थोड़ा आराम- वराम करो द ल क जनमत का स मान करो प ह दन क सरकार स कतन सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो लट रह अ मत खल-आम चौतरफ़ा जगलराज ह

जन हत म रोड़ पर राजा लोकत शमसार ह

प लस- शासन क सब चाबी खद क जबो म रखकर दा नश म हला का रप यो ह आ हमस सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो बन माग बना बताए ह बन-शत समथन भज दया ललकारा अपन वचन नभान अ वीक त को कायर इ ज़ाम दया जन-मत रखन नज-मन मारा वीरो-वत चनौती वीकार कया अब धल हट CWG फाइल स इतनी हलचल इतना यो डरत हो का सयो तम कमाल करत हो

जब ट त का ट शासकhelliphellip

जब ट त का ट शासक सब हद पार कर जाता ह

कभी दशासन कभी क स बन चीर जा का हर जाता ह

रावण एक अनक मखो स जनता को छलता जाता ह

तब दव कभी तो क ण राम अर वद कभी बन आ जाता ह दन-रात घस तब वरला कोई IIT IRS बन पाता ह

कतनी आखो क कतन सपन स मख अपन पाता ह

पद का तवा माल-मलाई मधमय भ वषय ललचाता ह

पर भारत मा क क ण - कराह सन व वल नज-मन को पाता ह

अपनो क आशाओ पथ-बाधाओ को जो वीर लाघता जाता ह

एक रा बस एक यय सव व यौछावर कर जाता ह

नदा- त त यश- आलोचन स दर नकलता जाता ह

याग तप या ढता स जो पग-पग बढ़ता जाता ह

खद को खद म पघलाय तब कोई अर वद बन पता ह

आप तो बरा मान गय चहरा या दखा अपना जनाबआईन स रार ठान गय त वीर मर दख बड़बड़ात ह

ह जर क अस लयत जो हम जान गय एक सवाल चद का या पछा तोप-तलवार हम प तान गय य नफ़रत य सौतलापन यो ह

हम भी उसी मा क सतान ह ए लह स खीचत फरत लक र दश मी हो या ता लबान ह ए य दौलत य शान-ओ-शौकत

सब बकार ह ईमान गय नाम था कभी पहचान भी थी या हआ क आदमी सामान ह ए

दद ह दद ह हर क स म

सतमगर या तर अहसान ह ए तर क क तर चच सब तरफ

मला बस उनको िजन पर आप महरबान ह ए सौदागरअलग पहचान तर हर गल -मोह ल म

कह शतान कह आप भगवान ह ए

क मत तो चकानी पड़गी

गाधी जसो न अपमान सह मडला दशको जल रह

भगत सह फासी प झल बोस दश स दर रह

तम कौन स य प ह रशचद को यहा ग ी गवानी पड़गी

मत वच लत हो यहा बड़-बड़ न गाल -गोल खाई ह

दशस य क महाय म अपनी आह ती चढ़ाई ह

काजल क कोठर म आए हो तो कछ का लख भी लगवानी पड़गी

राजनी त कोई गहरा दलदल बन-डब पार उतरना मि कल

थक अकला छायाए छल बाधाए पथ रोक पल-पल

ल मी कमल हाथ ल पथ म नाना- प म छड़खानी करगी

कमयोगी तर पार कई शतक पर भार होगी

नायक तर य लघकथा कई सपर हट स यार होगी

म य प जो ज न मनाती या स दर उस सरकार क िजदगानी रहगी

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 2: Wo 49 din final

आपन या कया अर व द जी

जब रात गहर पथ दखात जगन मझ तम चाद जी

कमल खलात सरज कोई भवर को मकरद जी

स दय स सखी इस धरा को मघ क तम ब द जी

हम डबत को कोई तनका आ खर उ मीद जी

तझ ढढ़ता चनल बदल अखबार क प न पलट जी

चाह तझ चाह उस तझस अलग लगत गलत जी

दखता ह बस त ह आख खल ह बद जी

बस तर धन तरा नशा ना और मन को पसद जी

पढ़ा CA पर बन क व म रच रहा ह छद जी

हाल अपना पागल - सा आपन या कया अर व द जी

मर बात - तरा हर प भाता ह तरा हर रग भाता ह मर हर छद को अर वद त कतना लभाता ह

वष 2014 क आर भ म द ल क चनावी नतीज क आन क साथ ह राजन तक ा त

क नतन अ याय का आर भ हआ अतस क तह म पड़ी ह यी चर आका ाए सजीव सी

हो पड़ी थी एव श य सी पड़ी स भावनाओ न यथाथ क धरातल पर पग रख दए थ

मर मन न भी अगड़ाइया ल और वचार क अनवरत खला नतन क वता-प प म

प ल वत होती रह तत सकलन ldquoवो 49 दन बखर ह ए क वता प प को माला म

ग थन का यास ह

इन क वताओ म मन वतमान म च लत राजन तक प र य पर अपनी समझ को

लखा कत कया ह यह यि तय क नदा- त त ना होकर एक वचार क समी ा ह

य क यि त आत जात रहत ह व िजतनी तजी स आशा का सचार करत ह उसस

कह अ धक ग त स नराशा फलात ह बह धा यि तय म मानवो चत क मया पायी जा

सकती ह गल तय क सभावनाए रहती ह पर वचार शा वत होता ह

य सभी रचनाए म बई लोकल म ऑ फस स घर जान क अतराल म लखी गयी समय

क कमी न कई थानो पर वचार क वत वाह व श द चयन को सक चत कया

िजसक लए म दय स मा ाथ ह

आशा ह आपको य यास चकर लगगा

Amit Kumar Jain woh49dinaapgmailcom

1 वो 49 दन बह त याद आएग

1 वो 49 दन बह त याद आएग

2 आम आदमी तो आम होता ह

3 टाचार ज़ र ह

4 ट क ससद म अब नो ए

5 जब चनाव आ जात हhellip

6 अ भम य फसा च यह म

7 य चीज़ ह पॉ ल ट स

8 अजब तर शहर का द तर हो गया

9 अब समर म उतरना होगा

10 झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

11 या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

12 आप को चदा कौन दया

13 खच बता रह ह क इनकम बलद ह

14 नणय क घड़ी अब आई ह

15 हा म अना क ट ह

16 नौ सौ चह खा ब ल हज को चल

17 अबक बार आप ह

18 का सयो तम कमाल करत हो

19 जब ट त का ट शासक

20 आप तो बरा मान गय

21 क मत तो चकानी पड़गी

22 िज़द ना करो

23 कौन त हारा बाप ह

24 म त ह यार य द

25 हमार को शश जार रहगी

26 कमाल हो गया

27 कजर वाल तो पागल ह

28 फर सोमनाथ प ख़तरा ह

29 य खासी बड़ काम क ह य खासी

30 य तो होना ह था

31 हम भी चप और तम भी चप

32 ाइम म न टर जल म

33 राजा न सहासन छोड़ा ह

34 खबर बचना मरा धधाhellip

35 द ल को अयो या बनाना पड़गाhellip

36 तम या गय सब सना कर गय

37 य तो ग़लत बात ह

38 सच कसको अ छा लगता ह

39 या सचमच हम आजाद ह य

40 दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

41 कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा

42 कस मान अपराध ह भोला टाचार

43 दो म स कछ एक यार होगा

44 कहा रह तम नदलाला

45 ट स म त अपना भारत हम बनाना

46 म अभी हारा नह ह

47 मर हार स हा सल या कर पाओग

48 अब आम आदमी जागा ह

49 अबक बार मोद सरकार

50 अ छ दन आन वाल ह

51 भारत मा का कौन भला

52 वकास चा हए तो टाचार भी होगा

53 य कसा वकास ह

54 सार सपन टट गए

55 कसक महल सजान

56 अ छ दन आ गए

57 म सीता ह तम राम बनो

58 अजब-गजब य स मोहन

59 कहा गय व अटल

60 छ पन छाती खरगोश ह ए

61 सरकार जहा सरकार वह ह

62 दो दन चल अढ़ाई कोस

63 नाम बड और दशन छोट

64 सब बदला और तम भी बदल

65 या रहा बाक जो तमको जीतना ह

66 वप हम पसद नह

67 य र ता या कहलाता ह

68 तमस द र कहा जाऊगा

69 या हार मर हार ह

70 लड़ रहा त जग मर

71 तम कहत हो वो बह त बरा ह

72 या कह तरा मान बढाऊ

73 जज वलन हो गय

74 इस ग डया का नाम मी डया

75 मर भल को भल जाओ य

76 इतनी तयार करना ह

77 अ ना कब तक मौन रहोग

78 RTI कछ खास ह

79 आपको अपना व वास चा हय

80 भारत मा क लाल बहाद र

81 द ल माग कजर वाल

82 व वध

वो 49 दन बह त याद आएग वो जनता क मज़ प स ता म आना आम आदमी का आसमान छ जाना वो म ो स तरा ताजपोशी को आना वो राम-ल ला मदान का मज़र सहाना वो सपनो क द नया हक़ कत म आना वो आखो क नमी ह ठ का म कराना कभी तो हसाएग कभी तो लाएग वो 49 दन

ग़र बो का बजल और पानी पा जाना वो अफ़सर लालब ती का गल हो जाना वो ट क कनब म हड़कप लाना वो सद क रात म रोडो प सोना वो िज़द तर कलयग म राम-राज लाना छकर जड़-चतना को अ ह या बनाना मसीहा तर क र माई न ख नीम हक म भी अपनायग वो 49 दन वो कॉ स भाजप का आपस म मलना रग हाथ प कमल कागज क खलना उसल प तरा महल छोड़ जाना व वास कतना क बह मत स आना ना भल ना भलग तरा जमाना हरक ह ठ प ह आज तरा तराना इतज़ार ह बकरार सब आप कब आएग वो 49 दन

आम आदमी तो आम होता ह

कभी ग सा तो यार कभीसच-झठ का कारोबार कभी

प रवार और रोजी-रोट इनका सारा ससार यह

आजकल ख़बर म ायः गमनाम ह होता ह

कछ गलती कछ क मया तो सब सवा अरब म पाओग

गर य नह ऐसा नह तो और बहतर कहा स लाओग

यहा आम ह मलग बाबजी राम तो बक ठ म होता ह

कोई बनावट यहा नह जस दखत बस वस ह

हम ऐस-वस-जस ह पर बलकल तर जस ह

हमार दाग दखत य ह य हमप इ जाम ह

य अलग लोग य अलग सोच कोई अलग ह इनका दश रहा

ग गी इन महल क द वारअब कहन-सनन या शष रहा

अपन का दद बाटना तो अपन का काम होता ह

टाचार ज़ र ह

नादान ह जो शोर मचात टाचार मटाएग

य ज़ रया गर चला गया तो फड कहा स आएग

कस य भीड़ सभाए होगी व ापन लोक-लभावन होग

ि वस-खात तबा तामझाम बगला गाड़ी चमच होग

कोई शौक नह मजबर ह टाचार ज़ र ह

खती पानी राशन श ा वा य सर ा रोज़गार

रोड़ रल पल कल उ योग धध शयर बाज़ार

इन सब कामो को करन का इसक कधो पर ह भार

कह मठाई कह दलाल कह तो ह य श टाचार

वकास क हर एक कहानी इसक बना अधर ह टाचार ज़ र ह

ट क ससद म अब नो ए मखड़ छोड़ो म ा पकड़ो और म ा बस टाचार ह

मखड़ तो आत-जात ह झठा इनका यार ह

टाचार म त होगी अब सार क

ट क ससद म अब नो ए

गर बदला चहरा पर त नह तो हा सल या कर पाओग

पाच साल का इतज़ार पल-पल फर पछताओग

अर मनमोहन- स ईमानदार क यहा डब गयी सार ड ी

ट क ससद म अब नो ए

ना भदभाव पदधनबल का सबको याय स मान मल

ह सरल वकास क प रभाषा जहा सबको अवसर समान मल

फक जी अब बस वकास क चाद तार क ब

ट क ससद म अब नो ए

कसको या मलता हम या पात राजा कौन कौन सरकार

छोड़ो य सब आओ मलकर एक बात को हो तयार

अपनी वोट स कोई ट ना पह च द ल

ट क ससद म अब नो ए

जब चनाव आ जात हhellip

तर आन क आहट सन पतझड़ सावन हो जात ह ईद का चाद जमीन प उतरा ायः क़ सो म ह सन पात ह

साप बल स बाहर आत गर गट क रग बदल जात ह िजनक चरण को खोजा अब तक उनको चरण म पात ह

या कया और या कर दग लबी फह र त सनात ह हाथ म इनक चदा सरज दन म तार दखलात ह सबस लकर कछ को दकर दानवीर कहलात ह चम कार ह इस चनाव का कस क ण बन जात ह

चमच क तो चाद होती भख बरयानी खात ह दा नोट क वषा स वो समाजवाद फलात ह हम वह वकास क व ापन ट वी को चमकात ह धक य जनता ऐस नता फर फर जीत क आ जात ह

अ भम य फसा च यह म

सन ललकार श ओ क इसका मन भी ह मचलाया

लाज बचान दश क अपन बालक न ह श उठाया

य सािजश ह षडय कोई सब बड़-बडो न समझाया

साहस द साहस क पतल रखा को इसन आज मटाया

ाणो का भय पीछ छटा सक प एक बस शष रह

कल का गौरव ना खोन द गा जब तक अ तम सास रह

दखो घरा श ओ म ह लह लहान पर लड़ता जाता

कोई मार भाला सीन म कोई पीछ स छर भ कता

चोतरफ़ा स बाणो क वषा सब कवच भदती जाती ह

तपल म य-स दर अपन पास खीचती जाती ह

तम आज मकदश भ व य को या जबाब द पाओग

यग -यग तक या फर कोई अ भम य पा जाओग

समय शष ह उठो वीर आओ मलकर श उठाए

लड़ ाण जब तक तन म एक नया इ तहास रचाए

य चीज़ ह पॉ ल ट स य चीज़ ह पॉ ल ट स क चड़ का लख का खल ह ए सब गोर काल म स

क पल स चन सब आउट दनादन भ जी मार स स

बन-प जी का नवश बड़ दन रात ना कोई र क

हार-जीत बस आख- मचोल हर लयर ह ह फ स

व ान ग णत सब फल ह ई ना चल इकॉनो म स

य कला बड़ी आसान क़ इसम बस करना सबक बट ल स

चपक रहो कस स तम चाह कतन खाओ क स

महनत स चाई दर हटो ह वागत डट स

आप आए व वास जगा बदलगी य पॉ ल ट स

ना नज़र लग फलो-फलो यह हमार वश- वश

य चीज़ ह पॉ ल ट स य चीज़ ह पॉ ल ट स

अजब तर शहर का द तर हो गया

लटर शहर क ईमान क म दर म बठ पज रह

मरा एक चोर को बस चोर कहना कसर हो गया

चदा सरज प रया ल लो लो इ धनष क रग सभी

सपन बचत - बचत वो हक कत स दर हो गया

य उसल या दग सवा गर बी गमनामी क

चायवाला ईमान बचक मशह र हो गया

कोई मारता ना मरता य फलसफा पढ़क

खन क खल को योगी मजर हो गया

दौलत क चमक ह या पॉ लश का ह नर

काच का मामल टकड़ा आज को हनर हो गया

अब समर म उतरना होगा

या जीवन क उ य यह खाना पीना और सो जाना

प रवार पढ़ाई रोज़गार अपनी द नया म खो जाना

दश क चचा दश क चता दश म बस मन-रजन

दश क दशा बदलन म ो सोच क दशा को बदलना होगा l अब समर

म वसजन बह त ह आ प ाण-सजन अब करना होगा

लाल लह क गम स अब हम ग र को भी बहना होगा

धतरा सर ख राजा ह ह हर न कड़ पर चीर हरण

हाथ म च सदशन ल अब त ह क ण बनना होगा l अब समर अभी नह तो कभी नह इस यग- ण क पहचान करो

य रा -सजन का पथ द कर तम भी कछ म-दान करो

जीवन का म य चकान का यह व णम अवसर आया ह

इ तहास रच ह बह त न तझ भ व य रचना होगा l अब समर

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

झाड़ हर घर म रहती आम खास म भद ना करती

ह दखन म सहज-सरल पर कड़ पर बजल सी गरती

य बड़ काम क चीज ह बाब तम भी इसको घर लाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

ऊच छ पर क धल ह या मकड़जाल क चल ह

चल नरतर बना थक चाह कतनी भी तकल ह

य समाजवाद क पाठशाला कछ समझो कछ समझाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

घर भरा गदगी बदब स म छर बीमार फलाए

अपन घर को सथरा करन ह इ तजार कब महतर आय

उठो अम आलस छोडो झाड़ पकड़ो ना शमाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

य बधी ह यी पर सधी ह यी कसी कोन म पड़ी रह

कत य क पथ पर बढ़ती पल-पल अपनी मौत सह

खद मटकर और क सवा झाड़ का स दश सनाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

लाख चौरासी यो न म दगो क फाइल भटक रह

दजनो क मशन जाच स म त जाच कहा पर अटक रह

कतन क मशन और लगग इस एक घटना क जाच को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

दश क दल द ल म ह तो ह तो नरसहार ह आ

या औरत या ब च दखो लाश का अबार ह आ

और कतन सबत लगग सा बत करन पाप को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को क ल हज़ार खलआम पर का तल ना एक मला

धक याय और य याय य था अध- बहरो का का फला

लग तीस साल और कतन माइ लॉड लगग आपको

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

आप को चदा कौन दया

आतकवाद न सल बीमार भखमर अ श ा रोज़गार

म हला सर ा सा दा यकता सम याओ का ह अबार

पर सबस चता का शन आज क आप को चदा कौन दया

2G CWG आदश कोल मनरगा वा ा बोफोस

इन घोटालो क जॉच ज़ र जार ह जार ह रहगी

पर सबस पहल य जाच ज़ र आप को चदा कौन दया

दश- वदश स काला पीला और न अरबो ह थयाया

ज म दन ग ट कह पाट फड कसी न ह ता नाम बताया

अजी अथ य था ख़तर म क आप को चदा कौन दया

लाख कस कोट म सड़ रह याय मागत जत घस रह

कछ अपन हालात क हाथो कछ वक ल क फ स स मर रह

पर पहल नणय य होना ह क आप को चदा कौन दया

खच बता रह ह क इनकम बलद ह

य लाल कल स मच सज य रल-बसो का तामझाम

लाख क लाई भीड़ और खान पीन क इतज़ाम

पछो य शो ायोिजत करन वाला कौन अमीरचद ह खच बता

प प पापा बनन नकल नयी सोच नयी बात ह

बासी कड़ी उबाल मारती रटा रटाया पाठ ह

500 करोड़ लगग सा बत करन क प प अ लमद ह खच बता

क त- सा जो काम कराकर तन वाह बाटन को रोएग

माग-माग भीख ना दत बनमाग य चदा दग

खल तजोर आपक खा तर य हमको म ी बद ह खच बता

रोट कपड़ा मकान क चता म जीवन को घसता जाता

कभी मद कभी महगाई स आम आदमी पसता जाता

पर इनका धधा तज व व क अथ यव था मद ह खच बता

हम दशी दशी अदाज हमारा दशी अपना ससार ह

पर वदशी कध प इनक मक- ओवर का भार ह

ना आम य ऊच लोग ह बाब ऊची इनक पसद ह खच बता

नणय क घड़ी अब आई ह

बजा बगल आरभ य वीरो न श सभाल ह

दोनो सनाए सजी ह ई नणय क घड़ी अब आई ह कह तो अनभव क बरसात कह दहाई यौवन क कोई वकास क तान छड़ता कह सा दा यकता छाई ह या कया और या कर दग ऊच मच स गरज रह

दोनो न अन गन वाद क बन-डोर पतग उड़ाई ह दशक गय पर दोनो स दगो क दाग नह जात करोड़ क इपोटड पाउडर स प प-फक क पताई ह मन द वधा म त ध श य म तय म खो जाता ह कस और जाऊ या ठहर जाऊ इधर कआ उधर खाई ह

मत सोचो महनत बकार जाएगी आप कहा तक पह च पाएगी पग-पग पल-पल बढ़क ह तो सबन मिज़ल पाई ह

हा म अना क ट ह

अबलाओ क आस स द ल का दल जब सख हो रहा

ग ड़या दा मनी क क़ सो स सब दश शम म डब रहा

प लस शासन मक-ब धर दशासन बखौफ़ खड़

चीर- ोपद लट जान द ना राजा म धतरा ह

हा म अना क ट ह

जन-सवा ह रा टधम क़ानन याय स वधान ह

लोकत का ाण यह य ह भारत नमाण ह

जन-सवा स वमख खड़ा वो त ट सरकार नक मी

जन-सवा क नतन पथ सजता कोई कह पथ- ट ह

हा म अना क ट ह

िज़द ह जब तक ाण रह जन- हत म सघष क गा

ससद म कभी सड़क प आक टो तम पर वार क गा

पद लोभी होग और कोई सरकार गर तो गर जाए

सर नह झका ह नह झकगा हा म िज ी द ट ह

हा म अना क ट ह

नौ सौ चह खा ब ल हज को चल अब तक जो पस-पॉवर क आखो प प ी बाध थ

द ल क जनता क दहाड़ स उन अधो क आख खल जनता हा-हाकार मचाती कानो म ज भी ना रगती इन बहर सरकारो म जनता-दरबार क सल चल जग जीत महलो म सोत 5 साल फर कौन जा इन गिजनी सरकारो को अब याद आए पानी- बजल

कोई टोल- बथ ह तोड़ रहा कह आ म- दाह क ह धमक

कह प धरना कह दशन जन-सवा क अब होड़ चल जन क नी त जन का नता सभी दल म ख़ा लबल

मफलर वटर सपन म दखत खाद क पतलन खल ना कोई सभा का तामझाम ना कोई मक-ओवर का खचा मी डया म अपनी टोर फोकट म दन-रात चल स ता क दलाल स अपनी जो रोज़ी-रोट चला रह अब टाचार मटाएग बोल कौआ कोयल बोल आप-जाप क माला रट रह सब जन दखादखी कर रह

झाड़ पह चगी ससद म य चचा ह गल -गल

अबक बार आप ह हम यवा ह अनभवह न सह कछ तौर-तर क अलग सह ज़बान हमार त ख़ सह पर नयत हमार साफ ह अबक बार

टाचार जड़ तक फला बड़-बडो का मन ह डोला सार उलझन का सबब यह सब तकल फो का बाप ह अबक बार रावण एक अनक प म सीताओ को छलन आया सावधान ह वष कशर पर चलता फरता पाप ह अबक बार बजल राशन प लस शासन श ा रोज़गार नमाण

इसक हद स कोई ना छटा या यपी या गजरात ह अबक बार ऊच मचो स वराज क लशन लाख को पढ़ा रह

थम पि त म य दयर पा बगा बाबराम ह अबक बार जनता क म धल खा रह नाम का ह धमाल ह

जय- जयकार कह राह ल कह नमो-नमो का जाप ह अबक बार आम आदमी खट प प र त म टाचार ह

या फ़क कौन ह चोर कौन फर चोरो का सरदार ह अबक बार दोनो न दशको राज कया एक द ल एक गजरात लया जनता जसी वसी ह रह ह ए VVIP आप ह अबक बार लोकत का समर सामन तीन माह बस शष ह

आज आप को सा बत करना हमम भी कछ बात ह अबक बार

का सयो तम कमाल करत हो कतना लटा कतना खाया इन पछल प ह साल म

तमको पाकर या- या खोया इन पछल प ह साल म थोड़ा आराम- वराम करो द ल क जनमत का स मान करो प ह दन क सरकार स कतन सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो लट रह अ मत खल-आम चौतरफ़ा जगलराज ह

जन हत म रोड़ पर राजा लोकत शमसार ह

प लस- शासन क सब चाबी खद क जबो म रखकर दा नश म हला का रप यो ह आ हमस सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो बन माग बना बताए ह बन-शत समथन भज दया ललकारा अपन वचन नभान अ वीक त को कायर इ ज़ाम दया जन-मत रखन नज-मन मारा वीरो-वत चनौती वीकार कया अब धल हट CWG फाइल स इतनी हलचल इतना यो डरत हो का सयो तम कमाल करत हो

जब ट त का ट शासकhelliphellip

जब ट त का ट शासक सब हद पार कर जाता ह

कभी दशासन कभी क स बन चीर जा का हर जाता ह

रावण एक अनक मखो स जनता को छलता जाता ह

तब दव कभी तो क ण राम अर वद कभी बन आ जाता ह दन-रात घस तब वरला कोई IIT IRS बन पाता ह

कतनी आखो क कतन सपन स मख अपन पाता ह

पद का तवा माल-मलाई मधमय भ वषय ललचाता ह

पर भारत मा क क ण - कराह सन व वल नज-मन को पाता ह

अपनो क आशाओ पथ-बाधाओ को जो वीर लाघता जाता ह

एक रा बस एक यय सव व यौछावर कर जाता ह

नदा- त त यश- आलोचन स दर नकलता जाता ह

याग तप या ढता स जो पग-पग बढ़ता जाता ह

खद को खद म पघलाय तब कोई अर वद बन पता ह

आप तो बरा मान गय चहरा या दखा अपना जनाबआईन स रार ठान गय त वीर मर दख बड़बड़ात ह

ह जर क अस लयत जो हम जान गय एक सवाल चद का या पछा तोप-तलवार हम प तान गय य नफ़रत य सौतलापन यो ह

हम भी उसी मा क सतान ह ए लह स खीचत फरत लक र दश मी हो या ता लबान ह ए य दौलत य शान-ओ-शौकत

सब बकार ह ईमान गय नाम था कभी पहचान भी थी या हआ क आदमी सामान ह ए

दद ह दद ह हर क स म

सतमगर या तर अहसान ह ए तर क क तर चच सब तरफ

मला बस उनको िजन पर आप महरबान ह ए सौदागरअलग पहचान तर हर गल -मोह ल म

कह शतान कह आप भगवान ह ए

क मत तो चकानी पड़गी

गाधी जसो न अपमान सह मडला दशको जल रह

भगत सह फासी प झल बोस दश स दर रह

तम कौन स य प ह रशचद को यहा ग ी गवानी पड़गी

मत वच लत हो यहा बड़-बड़ न गाल -गोल खाई ह

दशस य क महाय म अपनी आह ती चढ़ाई ह

काजल क कोठर म आए हो तो कछ का लख भी लगवानी पड़गी

राजनी त कोई गहरा दलदल बन-डब पार उतरना मि कल

थक अकला छायाए छल बाधाए पथ रोक पल-पल

ल मी कमल हाथ ल पथ म नाना- प म छड़खानी करगी

कमयोगी तर पार कई शतक पर भार होगी

नायक तर य लघकथा कई सपर हट स यार होगी

म य प जो ज न मनाती या स दर उस सरकार क िजदगानी रहगी

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 3: Wo 49 din final

मर बात - तरा हर प भाता ह तरा हर रग भाता ह मर हर छद को अर वद त कतना लभाता ह

वष 2014 क आर भ म द ल क चनावी नतीज क आन क साथ ह राजन तक ा त

क नतन अ याय का आर भ हआ अतस क तह म पड़ी ह यी चर आका ाए सजीव सी

हो पड़ी थी एव श य सी पड़ी स भावनाओ न यथाथ क धरातल पर पग रख दए थ

मर मन न भी अगड़ाइया ल और वचार क अनवरत खला नतन क वता-प प म

प ल वत होती रह तत सकलन ldquoवो 49 दन बखर ह ए क वता प प को माला म

ग थन का यास ह

इन क वताओ म मन वतमान म च लत राजन तक प र य पर अपनी समझ को

लखा कत कया ह यह यि तय क नदा- त त ना होकर एक वचार क समी ा ह

य क यि त आत जात रहत ह व िजतनी तजी स आशा का सचार करत ह उसस

कह अ धक ग त स नराशा फलात ह बह धा यि तय म मानवो चत क मया पायी जा

सकती ह गल तय क सभावनाए रहती ह पर वचार शा वत होता ह

य सभी रचनाए म बई लोकल म ऑ फस स घर जान क अतराल म लखी गयी समय

क कमी न कई थानो पर वचार क वत वाह व श द चयन को सक चत कया

िजसक लए म दय स मा ाथ ह

आशा ह आपको य यास चकर लगगा

Amit Kumar Jain woh49dinaapgmailcom

1 वो 49 दन बह त याद आएग

1 वो 49 दन बह त याद आएग

2 आम आदमी तो आम होता ह

3 टाचार ज़ र ह

4 ट क ससद म अब नो ए

5 जब चनाव आ जात हhellip

6 अ भम य फसा च यह म

7 य चीज़ ह पॉ ल ट स

8 अजब तर शहर का द तर हो गया

9 अब समर म उतरना होगा

10 झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

11 या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

12 आप को चदा कौन दया

13 खच बता रह ह क इनकम बलद ह

14 नणय क घड़ी अब आई ह

15 हा म अना क ट ह

16 नौ सौ चह खा ब ल हज को चल

17 अबक बार आप ह

18 का सयो तम कमाल करत हो

19 जब ट त का ट शासक

20 आप तो बरा मान गय

21 क मत तो चकानी पड़गी

22 िज़द ना करो

23 कौन त हारा बाप ह

24 म त ह यार य द

25 हमार को शश जार रहगी

26 कमाल हो गया

27 कजर वाल तो पागल ह

28 फर सोमनाथ प ख़तरा ह

29 य खासी बड़ काम क ह य खासी

30 य तो होना ह था

31 हम भी चप और तम भी चप

32 ाइम म न टर जल म

33 राजा न सहासन छोड़ा ह

34 खबर बचना मरा धधाhellip

35 द ल को अयो या बनाना पड़गाhellip

36 तम या गय सब सना कर गय

37 य तो ग़लत बात ह

38 सच कसको अ छा लगता ह

39 या सचमच हम आजाद ह य

40 दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

41 कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा

42 कस मान अपराध ह भोला टाचार

43 दो म स कछ एक यार होगा

44 कहा रह तम नदलाला

45 ट स म त अपना भारत हम बनाना

46 म अभी हारा नह ह

47 मर हार स हा सल या कर पाओग

48 अब आम आदमी जागा ह

49 अबक बार मोद सरकार

50 अ छ दन आन वाल ह

51 भारत मा का कौन भला

52 वकास चा हए तो टाचार भी होगा

53 य कसा वकास ह

54 सार सपन टट गए

55 कसक महल सजान

56 अ छ दन आ गए

57 म सीता ह तम राम बनो

58 अजब-गजब य स मोहन

59 कहा गय व अटल

60 छ पन छाती खरगोश ह ए

61 सरकार जहा सरकार वह ह

62 दो दन चल अढ़ाई कोस

63 नाम बड और दशन छोट

64 सब बदला और तम भी बदल

65 या रहा बाक जो तमको जीतना ह

66 वप हम पसद नह

67 य र ता या कहलाता ह

68 तमस द र कहा जाऊगा

69 या हार मर हार ह

70 लड़ रहा त जग मर

71 तम कहत हो वो बह त बरा ह

72 या कह तरा मान बढाऊ

73 जज वलन हो गय

74 इस ग डया का नाम मी डया

75 मर भल को भल जाओ य

76 इतनी तयार करना ह

77 अ ना कब तक मौन रहोग

78 RTI कछ खास ह

79 आपको अपना व वास चा हय

80 भारत मा क लाल बहाद र

81 द ल माग कजर वाल

82 व वध

वो 49 दन बह त याद आएग वो जनता क मज़ प स ता म आना आम आदमी का आसमान छ जाना वो म ो स तरा ताजपोशी को आना वो राम-ल ला मदान का मज़र सहाना वो सपनो क द नया हक़ कत म आना वो आखो क नमी ह ठ का म कराना कभी तो हसाएग कभी तो लाएग वो 49 दन

ग़र बो का बजल और पानी पा जाना वो अफ़सर लालब ती का गल हो जाना वो ट क कनब म हड़कप लाना वो सद क रात म रोडो प सोना वो िज़द तर कलयग म राम-राज लाना छकर जड़-चतना को अ ह या बनाना मसीहा तर क र माई न ख नीम हक म भी अपनायग वो 49 दन वो कॉ स भाजप का आपस म मलना रग हाथ प कमल कागज क खलना उसल प तरा महल छोड़ जाना व वास कतना क बह मत स आना ना भल ना भलग तरा जमाना हरक ह ठ प ह आज तरा तराना इतज़ार ह बकरार सब आप कब आएग वो 49 दन

आम आदमी तो आम होता ह

कभी ग सा तो यार कभीसच-झठ का कारोबार कभी

प रवार और रोजी-रोट इनका सारा ससार यह

आजकल ख़बर म ायः गमनाम ह होता ह

कछ गलती कछ क मया तो सब सवा अरब म पाओग

गर य नह ऐसा नह तो और बहतर कहा स लाओग

यहा आम ह मलग बाबजी राम तो बक ठ म होता ह

कोई बनावट यहा नह जस दखत बस वस ह

हम ऐस-वस-जस ह पर बलकल तर जस ह

हमार दाग दखत य ह य हमप इ जाम ह

य अलग लोग य अलग सोच कोई अलग ह इनका दश रहा

ग गी इन महल क द वारअब कहन-सनन या शष रहा

अपन का दद बाटना तो अपन का काम होता ह

टाचार ज़ र ह

नादान ह जो शोर मचात टाचार मटाएग

य ज़ रया गर चला गया तो फड कहा स आएग

कस य भीड़ सभाए होगी व ापन लोक-लभावन होग

ि वस-खात तबा तामझाम बगला गाड़ी चमच होग

कोई शौक नह मजबर ह टाचार ज़ र ह

खती पानी राशन श ा वा य सर ा रोज़गार

रोड़ रल पल कल उ योग धध शयर बाज़ार

इन सब कामो को करन का इसक कधो पर ह भार

कह मठाई कह दलाल कह तो ह य श टाचार

वकास क हर एक कहानी इसक बना अधर ह टाचार ज़ र ह

ट क ससद म अब नो ए मखड़ छोड़ो म ा पकड़ो और म ा बस टाचार ह

मखड़ तो आत-जात ह झठा इनका यार ह

टाचार म त होगी अब सार क

ट क ससद म अब नो ए

गर बदला चहरा पर त नह तो हा सल या कर पाओग

पाच साल का इतज़ार पल-पल फर पछताओग

अर मनमोहन- स ईमानदार क यहा डब गयी सार ड ी

ट क ससद म अब नो ए

ना भदभाव पदधनबल का सबको याय स मान मल

ह सरल वकास क प रभाषा जहा सबको अवसर समान मल

फक जी अब बस वकास क चाद तार क ब

ट क ससद म अब नो ए

कसको या मलता हम या पात राजा कौन कौन सरकार

छोड़ो य सब आओ मलकर एक बात को हो तयार

अपनी वोट स कोई ट ना पह च द ल

ट क ससद म अब नो ए

जब चनाव आ जात हhellip

तर आन क आहट सन पतझड़ सावन हो जात ह ईद का चाद जमीन प उतरा ायः क़ सो म ह सन पात ह

साप बल स बाहर आत गर गट क रग बदल जात ह िजनक चरण को खोजा अब तक उनको चरण म पात ह

या कया और या कर दग लबी फह र त सनात ह हाथ म इनक चदा सरज दन म तार दखलात ह सबस लकर कछ को दकर दानवीर कहलात ह चम कार ह इस चनाव का कस क ण बन जात ह

चमच क तो चाद होती भख बरयानी खात ह दा नोट क वषा स वो समाजवाद फलात ह हम वह वकास क व ापन ट वी को चमकात ह धक य जनता ऐस नता फर फर जीत क आ जात ह

अ भम य फसा च यह म

सन ललकार श ओ क इसका मन भी ह मचलाया

लाज बचान दश क अपन बालक न ह श उठाया

य सािजश ह षडय कोई सब बड़-बडो न समझाया

साहस द साहस क पतल रखा को इसन आज मटाया

ाणो का भय पीछ छटा सक प एक बस शष रह

कल का गौरव ना खोन द गा जब तक अ तम सास रह

दखो घरा श ओ म ह लह लहान पर लड़ता जाता

कोई मार भाला सीन म कोई पीछ स छर भ कता

चोतरफ़ा स बाणो क वषा सब कवच भदती जाती ह

तपल म य-स दर अपन पास खीचती जाती ह

तम आज मकदश भ व य को या जबाब द पाओग

यग -यग तक या फर कोई अ भम य पा जाओग

समय शष ह उठो वीर आओ मलकर श उठाए

लड़ ाण जब तक तन म एक नया इ तहास रचाए

य चीज़ ह पॉ ल ट स य चीज़ ह पॉ ल ट स क चड़ का लख का खल ह ए सब गोर काल म स

क पल स चन सब आउट दनादन भ जी मार स स

बन-प जी का नवश बड़ दन रात ना कोई र क

हार-जीत बस आख- मचोल हर लयर ह ह फ स

व ान ग णत सब फल ह ई ना चल इकॉनो म स

य कला बड़ी आसान क़ इसम बस करना सबक बट ल स

चपक रहो कस स तम चाह कतन खाओ क स

महनत स चाई दर हटो ह वागत डट स

आप आए व वास जगा बदलगी य पॉ ल ट स

ना नज़र लग फलो-फलो यह हमार वश- वश

य चीज़ ह पॉ ल ट स य चीज़ ह पॉ ल ट स

अजब तर शहर का द तर हो गया

लटर शहर क ईमान क म दर म बठ पज रह

मरा एक चोर को बस चोर कहना कसर हो गया

चदा सरज प रया ल लो लो इ धनष क रग सभी

सपन बचत - बचत वो हक कत स दर हो गया

य उसल या दग सवा गर बी गमनामी क

चायवाला ईमान बचक मशह र हो गया

कोई मारता ना मरता य फलसफा पढ़क

खन क खल को योगी मजर हो गया

दौलत क चमक ह या पॉ लश का ह नर

काच का मामल टकड़ा आज को हनर हो गया

अब समर म उतरना होगा

या जीवन क उ य यह खाना पीना और सो जाना

प रवार पढ़ाई रोज़गार अपनी द नया म खो जाना

दश क चचा दश क चता दश म बस मन-रजन

दश क दशा बदलन म ो सोच क दशा को बदलना होगा l अब समर

म वसजन बह त ह आ प ाण-सजन अब करना होगा

लाल लह क गम स अब हम ग र को भी बहना होगा

धतरा सर ख राजा ह ह हर न कड़ पर चीर हरण

हाथ म च सदशन ल अब त ह क ण बनना होगा l अब समर अभी नह तो कभी नह इस यग- ण क पहचान करो

य रा -सजन का पथ द कर तम भी कछ म-दान करो

जीवन का म य चकान का यह व णम अवसर आया ह

इ तहास रच ह बह त न तझ भ व य रचना होगा l अब समर

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

झाड़ हर घर म रहती आम खास म भद ना करती

ह दखन म सहज-सरल पर कड़ पर बजल सी गरती

य बड़ काम क चीज ह बाब तम भी इसको घर लाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

ऊच छ पर क धल ह या मकड़जाल क चल ह

चल नरतर बना थक चाह कतनी भी तकल ह

य समाजवाद क पाठशाला कछ समझो कछ समझाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

घर भरा गदगी बदब स म छर बीमार फलाए

अपन घर को सथरा करन ह इ तजार कब महतर आय

उठो अम आलस छोडो झाड़ पकड़ो ना शमाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

य बधी ह यी पर सधी ह यी कसी कोन म पड़ी रह

कत य क पथ पर बढ़ती पल-पल अपनी मौत सह

खद मटकर और क सवा झाड़ का स दश सनाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

लाख चौरासी यो न म दगो क फाइल भटक रह

दजनो क मशन जाच स म त जाच कहा पर अटक रह

कतन क मशन और लगग इस एक घटना क जाच को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

दश क दल द ल म ह तो ह तो नरसहार ह आ

या औरत या ब च दखो लाश का अबार ह आ

और कतन सबत लगग सा बत करन पाप को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को क ल हज़ार खलआम पर का तल ना एक मला

धक याय और य याय य था अध- बहरो का का फला

लग तीस साल और कतन माइ लॉड लगग आपको

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

आप को चदा कौन दया

आतकवाद न सल बीमार भखमर अ श ा रोज़गार

म हला सर ा सा दा यकता सम याओ का ह अबार

पर सबस चता का शन आज क आप को चदा कौन दया

2G CWG आदश कोल मनरगा वा ा बोफोस

इन घोटालो क जॉच ज़ र जार ह जार ह रहगी

पर सबस पहल य जाच ज़ र आप को चदा कौन दया

दश- वदश स काला पीला और न अरबो ह थयाया

ज म दन ग ट कह पाट फड कसी न ह ता नाम बताया

अजी अथ य था ख़तर म क आप को चदा कौन दया

लाख कस कोट म सड़ रह याय मागत जत घस रह

कछ अपन हालात क हाथो कछ वक ल क फ स स मर रह

पर पहल नणय य होना ह क आप को चदा कौन दया

खच बता रह ह क इनकम बलद ह

य लाल कल स मच सज य रल-बसो का तामझाम

लाख क लाई भीड़ और खान पीन क इतज़ाम

पछो य शो ायोिजत करन वाला कौन अमीरचद ह खच बता

प प पापा बनन नकल नयी सोच नयी बात ह

बासी कड़ी उबाल मारती रटा रटाया पाठ ह

500 करोड़ लगग सा बत करन क प प अ लमद ह खच बता

क त- सा जो काम कराकर तन वाह बाटन को रोएग

माग-माग भीख ना दत बनमाग य चदा दग

खल तजोर आपक खा तर य हमको म ी बद ह खच बता

रोट कपड़ा मकान क चता म जीवन को घसता जाता

कभी मद कभी महगाई स आम आदमी पसता जाता

पर इनका धधा तज व व क अथ यव था मद ह खच बता

हम दशी दशी अदाज हमारा दशी अपना ससार ह

पर वदशी कध प इनक मक- ओवर का भार ह

ना आम य ऊच लोग ह बाब ऊची इनक पसद ह खच बता

नणय क घड़ी अब आई ह

बजा बगल आरभ य वीरो न श सभाल ह

दोनो सनाए सजी ह ई नणय क घड़ी अब आई ह कह तो अनभव क बरसात कह दहाई यौवन क कोई वकास क तान छड़ता कह सा दा यकता छाई ह या कया और या कर दग ऊच मच स गरज रह

दोनो न अन गन वाद क बन-डोर पतग उड़ाई ह दशक गय पर दोनो स दगो क दाग नह जात करोड़ क इपोटड पाउडर स प प-फक क पताई ह मन द वधा म त ध श य म तय म खो जाता ह कस और जाऊ या ठहर जाऊ इधर कआ उधर खाई ह

मत सोचो महनत बकार जाएगी आप कहा तक पह च पाएगी पग-पग पल-पल बढ़क ह तो सबन मिज़ल पाई ह

हा म अना क ट ह

अबलाओ क आस स द ल का दल जब सख हो रहा

ग ड़या दा मनी क क़ सो स सब दश शम म डब रहा

प लस शासन मक-ब धर दशासन बखौफ़ खड़

चीर- ोपद लट जान द ना राजा म धतरा ह

हा म अना क ट ह

जन-सवा ह रा टधम क़ानन याय स वधान ह

लोकत का ाण यह य ह भारत नमाण ह

जन-सवा स वमख खड़ा वो त ट सरकार नक मी

जन-सवा क नतन पथ सजता कोई कह पथ- ट ह

हा म अना क ट ह

िज़द ह जब तक ाण रह जन- हत म सघष क गा

ससद म कभी सड़क प आक टो तम पर वार क गा

पद लोभी होग और कोई सरकार गर तो गर जाए

सर नह झका ह नह झकगा हा म िज ी द ट ह

हा म अना क ट ह

नौ सौ चह खा ब ल हज को चल अब तक जो पस-पॉवर क आखो प प ी बाध थ

द ल क जनता क दहाड़ स उन अधो क आख खल जनता हा-हाकार मचाती कानो म ज भी ना रगती इन बहर सरकारो म जनता-दरबार क सल चल जग जीत महलो म सोत 5 साल फर कौन जा इन गिजनी सरकारो को अब याद आए पानी- बजल

कोई टोल- बथ ह तोड़ रहा कह आ म- दाह क ह धमक

कह प धरना कह दशन जन-सवा क अब होड़ चल जन क नी त जन का नता सभी दल म ख़ा लबल

मफलर वटर सपन म दखत खाद क पतलन खल ना कोई सभा का तामझाम ना कोई मक-ओवर का खचा मी डया म अपनी टोर फोकट म दन-रात चल स ता क दलाल स अपनी जो रोज़ी-रोट चला रह अब टाचार मटाएग बोल कौआ कोयल बोल आप-जाप क माला रट रह सब जन दखादखी कर रह

झाड़ पह चगी ससद म य चचा ह गल -गल

अबक बार आप ह हम यवा ह अनभवह न सह कछ तौर-तर क अलग सह ज़बान हमार त ख़ सह पर नयत हमार साफ ह अबक बार

टाचार जड़ तक फला बड़-बडो का मन ह डोला सार उलझन का सबब यह सब तकल फो का बाप ह अबक बार रावण एक अनक प म सीताओ को छलन आया सावधान ह वष कशर पर चलता फरता पाप ह अबक बार बजल राशन प लस शासन श ा रोज़गार नमाण

इसक हद स कोई ना छटा या यपी या गजरात ह अबक बार ऊच मचो स वराज क लशन लाख को पढ़ा रह

थम पि त म य दयर पा बगा बाबराम ह अबक बार जनता क म धल खा रह नाम का ह धमाल ह

जय- जयकार कह राह ल कह नमो-नमो का जाप ह अबक बार आम आदमी खट प प र त म टाचार ह

या फ़क कौन ह चोर कौन फर चोरो का सरदार ह अबक बार दोनो न दशको राज कया एक द ल एक गजरात लया जनता जसी वसी ह रह ह ए VVIP आप ह अबक बार लोकत का समर सामन तीन माह बस शष ह

आज आप को सा बत करना हमम भी कछ बात ह अबक बार

का सयो तम कमाल करत हो कतना लटा कतना खाया इन पछल प ह साल म

तमको पाकर या- या खोया इन पछल प ह साल म थोड़ा आराम- वराम करो द ल क जनमत का स मान करो प ह दन क सरकार स कतन सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो लट रह अ मत खल-आम चौतरफ़ा जगलराज ह

जन हत म रोड़ पर राजा लोकत शमसार ह

प लस- शासन क सब चाबी खद क जबो म रखकर दा नश म हला का रप यो ह आ हमस सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो बन माग बना बताए ह बन-शत समथन भज दया ललकारा अपन वचन नभान अ वीक त को कायर इ ज़ाम दया जन-मत रखन नज-मन मारा वीरो-वत चनौती वीकार कया अब धल हट CWG फाइल स इतनी हलचल इतना यो डरत हो का सयो तम कमाल करत हो

जब ट त का ट शासकhelliphellip

जब ट त का ट शासक सब हद पार कर जाता ह

कभी दशासन कभी क स बन चीर जा का हर जाता ह

रावण एक अनक मखो स जनता को छलता जाता ह

तब दव कभी तो क ण राम अर वद कभी बन आ जाता ह दन-रात घस तब वरला कोई IIT IRS बन पाता ह

कतनी आखो क कतन सपन स मख अपन पाता ह

पद का तवा माल-मलाई मधमय भ वषय ललचाता ह

पर भारत मा क क ण - कराह सन व वल नज-मन को पाता ह

अपनो क आशाओ पथ-बाधाओ को जो वीर लाघता जाता ह

एक रा बस एक यय सव व यौछावर कर जाता ह

नदा- त त यश- आलोचन स दर नकलता जाता ह

याग तप या ढता स जो पग-पग बढ़ता जाता ह

खद को खद म पघलाय तब कोई अर वद बन पता ह

आप तो बरा मान गय चहरा या दखा अपना जनाबआईन स रार ठान गय त वीर मर दख बड़बड़ात ह

ह जर क अस लयत जो हम जान गय एक सवाल चद का या पछा तोप-तलवार हम प तान गय य नफ़रत य सौतलापन यो ह

हम भी उसी मा क सतान ह ए लह स खीचत फरत लक र दश मी हो या ता लबान ह ए य दौलत य शान-ओ-शौकत

सब बकार ह ईमान गय नाम था कभी पहचान भी थी या हआ क आदमी सामान ह ए

दद ह दद ह हर क स म

सतमगर या तर अहसान ह ए तर क क तर चच सब तरफ

मला बस उनको िजन पर आप महरबान ह ए सौदागरअलग पहचान तर हर गल -मोह ल म

कह शतान कह आप भगवान ह ए

क मत तो चकानी पड़गी

गाधी जसो न अपमान सह मडला दशको जल रह

भगत सह फासी प झल बोस दश स दर रह

तम कौन स य प ह रशचद को यहा ग ी गवानी पड़गी

मत वच लत हो यहा बड़-बड़ न गाल -गोल खाई ह

दशस य क महाय म अपनी आह ती चढ़ाई ह

काजल क कोठर म आए हो तो कछ का लख भी लगवानी पड़गी

राजनी त कोई गहरा दलदल बन-डब पार उतरना मि कल

थक अकला छायाए छल बाधाए पथ रोक पल-पल

ल मी कमल हाथ ल पथ म नाना- प म छड़खानी करगी

कमयोगी तर पार कई शतक पर भार होगी

नायक तर य लघकथा कई सपर हट स यार होगी

म य प जो ज न मनाती या स दर उस सरकार क िजदगानी रहगी

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 4: Wo 49 din final

1 वो 49 दन बह त याद आएग

1 वो 49 दन बह त याद आएग

2 आम आदमी तो आम होता ह

3 टाचार ज़ र ह

4 ट क ससद म अब नो ए

5 जब चनाव आ जात हhellip

6 अ भम य फसा च यह म

7 य चीज़ ह पॉ ल ट स

8 अजब तर शहर का द तर हो गया

9 अब समर म उतरना होगा

10 झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

11 या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

12 आप को चदा कौन दया

13 खच बता रह ह क इनकम बलद ह

14 नणय क घड़ी अब आई ह

15 हा म अना क ट ह

16 नौ सौ चह खा ब ल हज को चल

17 अबक बार आप ह

18 का सयो तम कमाल करत हो

19 जब ट त का ट शासक

20 आप तो बरा मान गय

21 क मत तो चकानी पड़गी

22 िज़द ना करो

23 कौन त हारा बाप ह

24 म त ह यार य द

25 हमार को शश जार रहगी

26 कमाल हो गया

27 कजर वाल तो पागल ह

28 फर सोमनाथ प ख़तरा ह

29 य खासी बड़ काम क ह य खासी

30 य तो होना ह था

31 हम भी चप और तम भी चप

32 ाइम म न टर जल म

33 राजा न सहासन छोड़ा ह

34 खबर बचना मरा धधाhellip

35 द ल को अयो या बनाना पड़गाhellip

36 तम या गय सब सना कर गय

37 य तो ग़लत बात ह

38 सच कसको अ छा लगता ह

39 या सचमच हम आजाद ह य

40 दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

41 कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा

42 कस मान अपराध ह भोला टाचार

43 दो म स कछ एक यार होगा

44 कहा रह तम नदलाला

45 ट स म त अपना भारत हम बनाना

46 म अभी हारा नह ह

47 मर हार स हा सल या कर पाओग

48 अब आम आदमी जागा ह

49 अबक बार मोद सरकार

50 अ छ दन आन वाल ह

51 भारत मा का कौन भला

52 वकास चा हए तो टाचार भी होगा

53 य कसा वकास ह

54 सार सपन टट गए

55 कसक महल सजान

56 अ छ दन आ गए

57 म सीता ह तम राम बनो

58 अजब-गजब य स मोहन

59 कहा गय व अटल

60 छ पन छाती खरगोश ह ए

61 सरकार जहा सरकार वह ह

62 दो दन चल अढ़ाई कोस

63 नाम बड और दशन छोट

64 सब बदला और तम भी बदल

65 या रहा बाक जो तमको जीतना ह

66 वप हम पसद नह

67 य र ता या कहलाता ह

68 तमस द र कहा जाऊगा

69 या हार मर हार ह

70 लड़ रहा त जग मर

71 तम कहत हो वो बह त बरा ह

72 या कह तरा मान बढाऊ

73 जज वलन हो गय

74 इस ग डया का नाम मी डया

75 मर भल को भल जाओ य

76 इतनी तयार करना ह

77 अ ना कब तक मौन रहोग

78 RTI कछ खास ह

79 आपको अपना व वास चा हय

80 भारत मा क लाल बहाद र

81 द ल माग कजर वाल

82 व वध

वो 49 दन बह त याद आएग वो जनता क मज़ प स ता म आना आम आदमी का आसमान छ जाना वो म ो स तरा ताजपोशी को आना वो राम-ल ला मदान का मज़र सहाना वो सपनो क द नया हक़ कत म आना वो आखो क नमी ह ठ का म कराना कभी तो हसाएग कभी तो लाएग वो 49 दन

ग़र बो का बजल और पानी पा जाना वो अफ़सर लालब ती का गल हो जाना वो ट क कनब म हड़कप लाना वो सद क रात म रोडो प सोना वो िज़द तर कलयग म राम-राज लाना छकर जड़-चतना को अ ह या बनाना मसीहा तर क र माई न ख नीम हक म भी अपनायग वो 49 दन वो कॉ स भाजप का आपस म मलना रग हाथ प कमल कागज क खलना उसल प तरा महल छोड़ जाना व वास कतना क बह मत स आना ना भल ना भलग तरा जमाना हरक ह ठ प ह आज तरा तराना इतज़ार ह बकरार सब आप कब आएग वो 49 दन

आम आदमी तो आम होता ह

कभी ग सा तो यार कभीसच-झठ का कारोबार कभी

प रवार और रोजी-रोट इनका सारा ससार यह

आजकल ख़बर म ायः गमनाम ह होता ह

कछ गलती कछ क मया तो सब सवा अरब म पाओग

गर य नह ऐसा नह तो और बहतर कहा स लाओग

यहा आम ह मलग बाबजी राम तो बक ठ म होता ह

कोई बनावट यहा नह जस दखत बस वस ह

हम ऐस-वस-जस ह पर बलकल तर जस ह

हमार दाग दखत य ह य हमप इ जाम ह

य अलग लोग य अलग सोच कोई अलग ह इनका दश रहा

ग गी इन महल क द वारअब कहन-सनन या शष रहा

अपन का दद बाटना तो अपन का काम होता ह

टाचार ज़ र ह

नादान ह जो शोर मचात टाचार मटाएग

य ज़ रया गर चला गया तो फड कहा स आएग

कस य भीड़ सभाए होगी व ापन लोक-लभावन होग

ि वस-खात तबा तामझाम बगला गाड़ी चमच होग

कोई शौक नह मजबर ह टाचार ज़ र ह

खती पानी राशन श ा वा य सर ा रोज़गार

रोड़ रल पल कल उ योग धध शयर बाज़ार

इन सब कामो को करन का इसक कधो पर ह भार

कह मठाई कह दलाल कह तो ह य श टाचार

वकास क हर एक कहानी इसक बना अधर ह टाचार ज़ र ह

ट क ससद म अब नो ए मखड़ छोड़ो म ा पकड़ो और म ा बस टाचार ह

मखड़ तो आत-जात ह झठा इनका यार ह

टाचार म त होगी अब सार क

ट क ससद म अब नो ए

गर बदला चहरा पर त नह तो हा सल या कर पाओग

पाच साल का इतज़ार पल-पल फर पछताओग

अर मनमोहन- स ईमानदार क यहा डब गयी सार ड ी

ट क ससद म अब नो ए

ना भदभाव पदधनबल का सबको याय स मान मल

ह सरल वकास क प रभाषा जहा सबको अवसर समान मल

फक जी अब बस वकास क चाद तार क ब

ट क ससद म अब नो ए

कसको या मलता हम या पात राजा कौन कौन सरकार

छोड़ो य सब आओ मलकर एक बात को हो तयार

अपनी वोट स कोई ट ना पह च द ल

ट क ससद म अब नो ए

जब चनाव आ जात हhellip

तर आन क आहट सन पतझड़ सावन हो जात ह ईद का चाद जमीन प उतरा ायः क़ सो म ह सन पात ह

साप बल स बाहर आत गर गट क रग बदल जात ह िजनक चरण को खोजा अब तक उनको चरण म पात ह

या कया और या कर दग लबी फह र त सनात ह हाथ म इनक चदा सरज दन म तार दखलात ह सबस लकर कछ को दकर दानवीर कहलात ह चम कार ह इस चनाव का कस क ण बन जात ह

चमच क तो चाद होती भख बरयानी खात ह दा नोट क वषा स वो समाजवाद फलात ह हम वह वकास क व ापन ट वी को चमकात ह धक य जनता ऐस नता फर फर जीत क आ जात ह

अ भम य फसा च यह म

सन ललकार श ओ क इसका मन भी ह मचलाया

लाज बचान दश क अपन बालक न ह श उठाया

य सािजश ह षडय कोई सब बड़-बडो न समझाया

साहस द साहस क पतल रखा को इसन आज मटाया

ाणो का भय पीछ छटा सक प एक बस शष रह

कल का गौरव ना खोन द गा जब तक अ तम सास रह

दखो घरा श ओ म ह लह लहान पर लड़ता जाता

कोई मार भाला सीन म कोई पीछ स छर भ कता

चोतरफ़ा स बाणो क वषा सब कवच भदती जाती ह

तपल म य-स दर अपन पास खीचती जाती ह

तम आज मकदश भ व य को या जबाब द पाओग

यग -यग तक या फर कोई अ भम य पा जाओग

समय शष ह उठो वीर आओ मलकर श उठाए

लड़ ाण जब तक तन म एक नया इ तहास रचाए

य चीज़ ह पॉ ल ट स य चीज़ ह पॉ ल ट स क चड़ का लख का खल ह ए सब गोर काल म स

क पल स चन सब आउट दनादन भ जी मार स स

बन-प जी का नवश बड़ दन रात ना कोई र क

हार-जीत बस आख- मचोल हर लयर ह ह फ स

व ान ग णत सब फल ह ई ना चल इकॉनो म स

य कला बड़ी आसान क़ इसम बस करना सबक बट ल स

चपक रहो कस स तम चाह कतन खाओ क स

महनत स चाई दर हटो ह वागत डट स

आप आए व वास जगा बदलगी य पॉ ल ट स

ना नज़र लग फलो-फलो यह हमार वश- वश

य चीज़ ह पॉ ल ट स य चीज़ ह पॉ ल ट स

अजब तर शहर का द तर हो गया

लटर शहर क ईमान क म दर म बठ पज रह

मरा एक चोर को बस चोर कहना कसर हो गया

चदा सरज प रया ल लो लो इ धनष क रग सभी

सपन बचत - बचत वो हक कत स दर हो गया

य उसल या दग सवा गर बी गमनामी क

चायवाला ईमान बचक मशह र हो गया

कोई मारता ना मरता य फलसफा पढ़क

खन क खल को योगी मजर हो गया

दौलत क चमक ह या पॉ लश का ह नर

काच का मामल टकड़ा आज को हनर हो गया

अब समर म उतरना होगा

या जीवन क उ य यह खाना पीना और सो जाना

प रवार पढ़ाई रोज़गार अपनी द नया म खो जाना

दश क चचा दश क चता दश म बस मन-रजन

दश क दशा बदलन म ो सोच क दशा को बदलना होगा l अब समर

म वसजन बह त ह आ प ाण-सजन अब करना होगा

लाल लह क गम स अब हम ग र को भी बहना होगा

धतरा सर ख राजा ह ह हर न कड़ पर चीर हरण

हाथ म च सदशन ल अब त ह क ण बनना होगा l अब समर अभी नह तो कभी नह इस यग- ण क पहचान करो

य रा -सजन का पथ द कर तम भी कछ म-दान करो

जीवन का म य चकान का यह व णम अवसर आया ह

इ तहास रच ह बह त न तझ भ व य रचना होगा l अब समर

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

झाड़ हर घर म रहती आम खास म भद ना करती

ह दखन म सहज-सरल पर कड़ पर बजल सी गरती

य बड़ काम क चीज ह बाब तम भी इसको घर लाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

ऊच छ पर क धल ह या मकड़जाल क चल ह

चल नरतर बना थक चाह कतनी भी तकल ह

य समाजवाद क पाठशाला कछ समझो कछ समझाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

घर भरा गदगी बदब स म छर बीमार फलाए

अपन घर को सथरा करन ह इ तजार कब महतर आय

उठो अम आलस छोडो झाड़ पकड़ो ना शमाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

य बधी ह यी पर सधी ह यी कसी कोन म पड़ी रह

कत य क पथ पर बढ़ती पल-पल अपनी मौत सह

खद मटकर और क सवा झाड़ का स दश सनाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

लाख चौरासी यो न म दगो क फाइल भटक रह

दजनो क मशन जाच स म त जाच कहा पर अटक रह

कतन क मशन और लगग इस एक घटना क जाच को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

दश क दल द ल म ह तो ह तो नरसहार ह आ

या औरत या ब च दखो लाश का अबार ह आ

और कतन सबत लगग सा बत करन पाप को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को क ल हज़ार खलआम पर का तल ना एक मला

धक याय और य याय य था अध- बहरो का का फला

लग तीस साल और कतन माइ लॉड लगग आपको

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

आप को चदा कौन दया

आतकवाद न सल बीमार भखमर अ श ा रोज़गार

म हला सर ा सा दा यकता सम याओ का ह अबार

पर सबस चता का शन आज क आप को चदा कौन दया

2G CWG आदश कोल मनरगा वा ा बोफोस

इन घोटालो क जॉच ज़ र जार ह जार ह रहगी

पर सबस पहल य जाच ज़ र आप को चदा कौन दया

दश- वदश स काला पीला और न अरबो ह थयाया

ज म दन ग ट कह पाट फड कसी न ह ता नाम बताया

अजी अथ य था ख़तर म क आप को चदा कौन दया

लाख कस कोट म सड़ रह याय मागत जत घस रह

कछ अपन हालात क हाथो कछ वक ल क फ स स मर रह

पर पहल नणय य होना ह क आप को चदा कौन दया

खच बता रह ह क इनकम बलद ह

य लाल कल स मच सज य रल-बसो का तामझाम

लाख क लाई भीड़ और खान पीन क इतज़ाम

पछो य शो ायोिजत करन वाला कौन अमीरचद ह खच बता

प प पापा बनन नकल नयी सोच नयी बात ह

बासी कड़ी उबाल मारती रटा रटाया पाठ ह

500 करोड़ लगग सा बत करन क प प अ लमद ह खच बता

क त- सा जो काम कराकर तन वाह बाटन को रोएग

माग-माग भीख ना दत बनमाग य चदा दग

खल तजोर आपक खा तर य हमको म ी बद ह खच बता

रोट कपड़ा मकान क चता म जीवन को घसता जाता

कभी मद कभी महगाई स आम आदमी पसता जाता

पर इनका धधा तज व व क अथ यव था मद ह खच बता

हम दशी दशी अदाज हमारा दशी अपना ससार ह

पर वदशी कध प इनक मक- ओवर का भार ह

ना आम य ऊच लोग ह बाब ऊची इनक पसद ह खच बता

नणय क घड़ी अब आई ह

बजा बगल आरभ य वीरो न श सभाल ह

दोनो सनाए सजी ह ई नणय क घड़ी अब आई ह कह तो अनभव क बरसात कह दहाई यौवन क कोई वकास क तान छड़ता कह सा दा यकता छाई ह या कया और या कर दग ऊच मच स गरज रह

दोनो न अन गन वाद क बन-डोर पतग उड़ाई ह दशक गय पर दोनो स दगो क दाग नह जात करोड़ क इपोटड पाउडर स प प-फक क पताई ह मन द वधा म त ध श य म तय म खो जाता ह कस और जाऊ या ठहर जाऊ इधर कआ उधर खाई ह

मत सोचो महनत बकार जाएगी आप कहा तक पह च पाएगी पग-पग पल-पल बढ़क ह तो सबन मिज़ल पाई ह

हा म अना क ट ह

अबलाओ क आस स द ल का दल जब सख हो रहा

ग ड़या दा मनी क क़ सो स सब दश शम म डब रहा

प लस शासन मक-ब धर दशासन बखौफ़ खड़

चीर- ोपद लट जान द ना राजा म धतरा ह

हा म अना क ट ह

जन-सवा ह रा टधम क़ानन याय स वधान ह

लोकत का ाण यह य ह भारत नमाण ह

जन-सवा स वमख खड़ा वो त ट सरकार नक मी

जन-सवा क नतन पथ सजता कोई कह पथ- ट ह

हा म अना क ट ह

िज़द ह जब तक ाण रह जन- हत म सघष क गा

ससद म कभी सड़क प आक टो तम पर वार क गा

पद लोभी होग और कोई सरकार गर तो गर जाए

सर नह झका ह नह झकगा हा म िज ी द ट ह

हा म अना क ट ह

नौ सौ चह खा ब ल हज को चल अब तक जो पस-पॉवर क आखो प प ी बाध थ

द ल क जनता क दहाड़ स उन अधो क आख खल जनता हा-हाकार मचाती कानो म ज भी ना रगती इन बहर सरकारो म जनता-दरबार क सल चल जग जीत महलो म सोत 5 साल फर कौन जा इन गिजनी सरकारो को अब याद आए पानी- बजल

कोई टोल- बथ ह तोड़ रहा कह आ म- दाह क ह धमक

कह प धरना कह दशन जन-सवा क अब होड़ चल जन क नी त जन का नता सभी दल म ख़ा लबल

मफलर वटर सपन म दखत खाद क पतलन खल ना कोई सभा का तामझाम ना कोई मक-ओवर का खचा मी डया म अपनी टोर फोकट म दन-रात चल स ता क दलाल स अपनी जो रोज़ी-रोट चला रह अब टाचार मटाएग बोल कौआ कोयल बोल आप-जाप क माला रट रह सब जन दखादखी कर रह

झाड़ पह चगी ससद म य चचा ह गल -गल

अबक बार आप ह हम यवा ह अनभवह न सह कछ तौर-तर क अलग सह ज़बान हमार त ख़ सह पर नयत हमार साफ ह अबक बार

टाचार जड़ तक फला बड़-बडो का मन ह डोला सार उलझन का सबब यह सब तकल फो का बाप ह अबक बार रावण एक अनक प म सीताओ को छलन आया सावधान ह वष कशर पर चलता फरता पाप ह अबक बार बजल राशन प लस शासन श ा रोज़गार नमाण

इसक हद स कोई ना छटा या यपी या गजरात ह अबक बार ऊच मचो स वराज क लशन लाख को पढ़ा रह

थम पि त म य दयर पा बगा बाबराम ह अबक बार जनता क म धल खा रह नाम का ह धमाल ह

जय- जयकार कह राह ल कह नमो-नमो का जाप ह अबक बार आम आदमी खट प प र त म टाचार ह

या फ़क कौन ह चोर कौन फर चोरो का सरदार ह अबक बार दोनो न दशको राज कया एक द ल एक गजरात लया जनता जसी वसी ह रह ह ए VVIP आप ह अबक बार लोकत का समर सामन तीन माह बस शष ह

आज आप को सा बत करना हमम भी कछ बात ह अबक बार

का सयो तम कमाल करत हो कतना लटा कतना खाया इन पछल प ह साल म

तमको पाकर या- या खोया इन पछल प ह साल म थोड़ा आराम- वराम करो द ल क जनमत का स मान करो प ह दन क सरकार स कतन सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो लट रह अ मत खल-आम चौतरफ़ा जगलराज ह

जन हत म रोड़ पर राजा लोकत शमसार ह

प लस- शासन क सब चाबी खद क जबो म रखकर दा नश म हला का रप यो ह आ हमस सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो बन माग बना बताए ह बन-शत समथन भज दया ललकारा अपन वचन नभान अ वीक त को कायर इ ज़ाम दया जन-मत रखन नज-मन मारा वीरो-वत चनौती वीकार कया अब धल हट CWG फाइल स इतनी हलचल इतना यो डरत हो का सयो तम कमाल करत हो

जब ट त का ट शासकhelliphellip

जब ट त का ट शासक सब हद पार कर जाता ह

कभी दशासन कभी क स बन चीर जा का हर जाता ह

रावण एक अनक मखो स जनता को छलता जाता ह

तब दव कभी तो क ण राम अर वद कभी बन आ जाता ह दन-रात घस तब वरला कोई IIT IRS बन पाता ह

कतनी आखो क कतन सपन स मख अपन पाता ह

पद का तवा माल-मलाई मधमय भ वषय ललचाता ह

पर भारत मा क क ण - कराह सन व वल नज-मन को पाता ह

अपनो क आशाओ पथ-बाधाओ को जो वीर लाघता जाता ह

एक रा बस एक यय सव व यौछावर कर जाता ह

नदा- त त यश- आलोचन स दर नकलता जाता ह

याग तप या ढता स जो पग-पग बढ़ता जाता ह

खद को खद म पघलाय तब कोई अर वद बन पता ह

आप तो बरा मान गय चहरा या दखा अपना जनाबआईन स रार ठान गय त वीर मर दख बड़बड़ात ह

ह जर क अस लयत जो हम जान गय एक सवाल चद का या पछा तोप-तलवार हम प तान गय य नफ़रत य सौतलापन यो ह

हम भी उसी मा क सतान ह ए लह स खीचत फरत लक र दश मी हो या ता लबान ह ए य दौलत य शान-ओ-शौकत

सब बकार ह ईमान गय नाम था कभी पहचान भी थी या हआ क आदमी सामान ह ए

दद ह दद ह हर क स म

सतमगर या तर अहसान ह ए तर क क तर चच सब तरफ

मला बस उनको िजन पर आप महरबान ह ए सौदागरअलग पहचान तर हर गल -मोह ल म

कह शतान कह आप भगवान ह ए

क मत तो चकानी पड़गी

गाधी जसो न अपमान सह मडला दशको जल रह

भगत सह फासी प झल बोस दश स दर रह

तम कौन स य प ह रशचद को यहा ग ी गवानी पड़गी

मत वच लत हो यहा बड़-बड़ न गाल -गोल खाई ह

दशस य क महाय म अपनी आह ती चढ़ाई ह

काजल क कोठर म आए हो तो कछ का लख भी लगवानी पड़गी

राजनी त कोई गहरा दलदल बन-डब पार उतरना मि कल

थक अकला छायाए छल बाधाए पथ रोक पल-पल

ल मी कमल हाथ ल पथ म नाना- प म छड़खानी करगी

कमयोगी तर पार कई शतक पर भार होगी

नायक तर य लघकथा कई सपर हट स यार होगी

म य प जो ज न मनाती या स दर उस सरकार क िजदगानी रहगी

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 5: Wo 49 din final

वो 49 दन बह त याद आएग वो जनता क मज़ प स ता म आना आम आदमी का आसमान छ जाना वो म ो स तरा ताजपोशी को आना वो राम-ल ला मदान का मज़र सहाना वो सपनो क द नया हक़ कत म आना वो आखो क नमी ह ठ का म कराना कभी तो हसाएग कभी तो लाएग वो 49 दन

ग़र बो का बजल और पानी पा जाना वो अफ़सर लालब ती का गल हो जाना वो ट क कनब म हड़कप लाना वो सद क रात म रोडो प सोना वो िज़द तर कलयग म राम-राज लाना छकर जड़-चतना को अ ह या बनाना मसीहा तर क र माई न ख नीम हक म भी अपनायग वो 49 दन वो कॉ स भाजप का आपस म मलना रग हाथ प कमल कागज क खलना उसल प तरा महल छोड़ जाना व वास कतना क बह मत स आना ना भल ना भलग तरा जमाना हरक ह ठ प ह आज तरा तराना इतज़ार ह बकरार सब आप कब आएग वो 49 दन

आम आदमी तो आम होता ह

कभी ग सा तो यार कभीसच-झठ का कारोबार कभी

प रवार और रोजी-रोट इनका सारा ससार यह

आजकल ख़बर म ायः गमनाम ह होता ह

कछ गलती कछ क मया तो सब सवा अरब म पाओग

गर य नह ऐसा नह तो और बहतर कहा स लाओग

यहा आम ह मलग बाबजी राम तो बक ठ म होता ह

कोई बनावट यहा नह जस दखत बस वस ह

हम ऐस-वस-जस ह पर बलकल तर जस ह

हमार दाग दखत य ह य हमप इ जाम ह

य अलग लोग य अलग सोच कोई अलग ह इनका दश रहा

ग गी इन महल क द वारअब कहन-सनन या शष रहा

अपन का दद बाटना तो अपन का काम होता ह

टाचार ज़ र ह

नादान ह जो शोर मचात टाचार मटाएग

य ज़ रया गर चला गया तो फड कहा स आएग

कस य भीड़ सभाए होगी व ापन लोक-लभावन होग

ि वस-खात तबा तामझाम बगला गाड़ी चमच होग

कोई शौक नह मजबर ह टाचार ज़ र ह

खती पानी राशन श ा वा य सर ा रोज़गार

रोड़ रल पल कल उ योग धध शयर बाज़ार

इन सब कामो को करन का इसक कधो पर ह भार

कह मठाई कह दलाल कह तो ह य श टाचार

वकास क हर एक कहानी इसक बना अधर ह टाचार ज़ र ह

ट क ससद म अब नो ए मखड़ छोड़ो म ा पकड़ो और म ा बस टाचार ह

मखड़ तो आत-जात ह झठा इनका यार ह

टाचार म त होगी अब सार क

ट क ससद म अब नो ए

गर बदला चहरा पर त नह तो हा सल या कर पाओग

पाच साल का इतज़ार पल-पल फर पछताओग

अर मनमोहन- स ईमानदार क यहा डब गयी सार ड ी

ट क ससद म अब नो ए

ना भदभाव पदधनबल का सबको याय स मान मल

ह सरल वकास क प रभाषा जहा सबको अवसर समान मल

फक जी अब बस वकास क चाद तार क ब

ट क ससद म अब नो ए

कसको या मलता हम या पात राजा कौन कौन सरकार

छोड़ो य सब आओ मलकर एक बात को हो तयार

अपनी वोट स कोई ट ना पह च द ल

ट क ससद म अब नो ए

जब चनाव आ जात हhellip

तर आन क आहट सन पतझड़ सावन हो जात ह ईद का चाद जमीन प उतरा ायः क़ सो म ह सन पात ह

साप बल स बाहर आत गर गट क रग बदल जात ह िजनक चरण को खोजा अब तक उनको चरण म पात ह

या कया और या कर दग लबी फह र त सनात ह हाथ म इनक चदा सरज दन म तार दखलात ह सबस लकर कछ को दकर दानवीर कहलात ह चम कार ह इस चनाव का कस क ण बन जात ह

चमच क तो चाद होती भख बरयानी खात ह दा नोट क वषा स वो समाजवाद फलात ह हम वह वकास क व ापन ट वी को चमकात ह धक य जनता ऐस नता फर फर जीत क आ जात ह

अ भम य फसा च यह म

सन ललकार श ओ क इसका मन भी ह मचलाया

लाज बचान दश क अपन बालक न ह श उठाया

य सािजश ह षडय कोई सब बड़-बडो न समझाया

साहस द साहस क पतल रखा को इसन आज मटाया

ाणो का भय पीछ छटा सक प एक बस शष रह

कल का गौरव ना खोन द गा जब तक अ तम सास रह

दखो घरा श ओ म ह लह लहान पर लड़ता जाता

कोई मार भाला सीन म कोई पीछ स छर भ कता

चोतरफ़ा स बाणो क वषा सब कवच भदती जाती ह

तपल म य-स दर अपन पास खीचती जाती ह

तम आज मकदश भ व य को या जबाब द पाओग

यग -यग तक या फर कोई अ भम य पा जाओग

समय शष ह उठो वीर आओ मलकर श उठाए

लड़ ाण जब तक तन म एक नया इ तहास रचाए

य चीज़ ह पॉ ल ट स य चीज़ ह पॉ ल ट स क चड़ का लख का खल ह ए सब गोर काल म स

क पल स चन सब आउट दनादन भ जी मार स स

बन-प जी का नवश बड़ दन रात ना कोई र क

हार-जीत बस आख- मचोल हर लयर ह ह फ स

व ान ग णत सब फल ह ई ना चल इकॉनो म स

य कला बड़ी आसान क़ इसम बस करना सबक बट ल स

चपक रहो कस स तम चाह कतन खाओ क स

महनत स चाई दर हटो ह वागत डट स

आप आए व वास जगा बदलगी य पॉ ल ट स

ना नज़र लग फलो-फलो यह हमार वश- वश

य चीज़ ह पॉ ल ट स य चीज़ ह पॉ ल ट स

अजब तर शहर का द तर हो गया

लटर शहर क ईमान क म दर म बठ पज रह

मरा एक चोर को बस चोर कहना कसर हो गया

चदा सरज प रया ल लो लो इ धनष क रग सभी

सपन बचत - बचत वो हक कत स दर हो गया

य उसल या दग सवा गर बी गमनामी क

चायवाला ईमान बचक मशह र हो गया

कोई मारता ना मरता य फलसफा पढ़क

खन क खल को योगी मजर हो गया

दौलत क चमक ह या पॉ लश का ह नर

काच का मामल टकड़ा आज को हनर हो गया

अब समर म उतरना होगा

या जीवन क उ य यह खाना पीना और सो जाना

प रवार पढ़ाई रोज़गार अपनी द नया म खो जाना

दश क चचा दश क चता दश म बस मन-रजन

दश क दशा बदलन म ो सोच क दशा को बदलना होगा l अब समर

म वसजन बह त ह आ प ाण-सजन अब करना होगा

लाल लह क गम स अब हम ग र को भी बहना होगा

धतरा सर ख राजा ह ह हर न कड़ पर चीर हरण

हाथ म च सदशन ल अब त ह क ण बनना होगा l अब समर अभी नह तो कभी नह इस यग- ण क पहचान करो

य रा -सजन का पथ द कर तम भी कछ म-दान करो

जीवन का म य चकान का यह व णम अवसर आया ह

इ तहास रच ह बह त न तझ भ व य रचना होगा l अब समर

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

झाड़ हर घर म रहती आम खास म भद ना करती

ह दखन म सहज-सरल पर कड़ पर बजल सी गरती

य बड़ काम क चीज ह बाब तम भी इसको घर लाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

ऊच छ पर क धल ह या मकड़जाल क चल ह

चल नरतर बना थक चाह कतनी भी तकल ह

य समाजवाद क पाठशाला कछ समझो कछ समझाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

घर भरा गदगी बदब स म छर बीमार फलाए

अपन घर को सथरा करन ह इ तजार कब महतर आय

उठो अम आलस छोडो झाड़ पकड़ो ना शमाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

य बधी ह यी पर सधी ह यी कसी कोन म पड़ी रह

कत य क पथ पर बढ़ती पल-पल अपनी मौत सह

खद मटकर और क सवा झाड़ का स दश सनाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

लाख चौरासी यो न म दगो क फाइल भटक रह

दजनो क मशन जाच स म त जाच कहा पर अटक रह

कतन क मशन और लगग इस एक घटना क जाच को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

दश क दल द ल म ह तो ह तो नरसहार ह आ

या औरत या ब च दखो लाश का अबार ह आ

और कतन सबत लगग सा बत करन पाप को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को क ल हज़ार खलआम पर का तल ना एक मला

धक याय और य याय य था अध- बहरो का का फला

लग तीस साल और कतन माइ लॉड लगग आपको

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

आप को चदा कौन दया

आतकवाद न सल बीमार भखमर अ श ा रोज़गार

म हला सर ा सा दा यकता सम याओ का ह अबार

पर सबस चता का शन आज क आप को चदा कौन दया

2G CWG आदश कोल मनरगा वा ा बोफोस

इन घोटालो क जॉच ज़ र जार ह जार ह रहगी

पर सबस पहल य जाच ज़ र आप को चदा कौन दया

दश- वदश स काला पीला और न अरबो ह थयाया

ज म दन ग ट कह पाट फड कसी न ह ता नाम बताया

अजी अथ य था ख़तर म क आप को चदा कौन दया

लाख कस कोट म सड़ रह याय मागत जत घस रह

कछ अपन हालात क हाथो कछ वक ल क फ स स मर रह

पर पहल नणय य होना ह क आप को चदा कौन दया

खच बता रह ह क इनकम बलद ह

य लाल कल स मच सज य रल-बसो का तामझाम

लाख क लाई भीड़ और खान पीन क इतज़ाम

पछो य शो ायोिजत करन वाला कौन अमीरचद ह खच बता

प प पापा बनन नकल नयी सोच नयी बात ह

बासी कड़ी उबाल मारती रटा रटाया पाठ ह

500 करोड़ लगग सा बत करन क प प अ लमद ह खच बता

क त- सा जो काम कराकर तन वाह बाटन को रोएग

माग-माग भीख ना दत बनमाग य चदा दग

खल तजोर आपक खा तर य हमको म ी बद ह खच बता

रोट कपड़ा मकान क चता म जीवन को घसता जाता

कभी मद कभी महगाई स आम आदमी पसता जाता

पर इनका धधा तज व व क अथ यव था मद ह खच बता

हम दशी दशी अदाज हमारा दशी अपना ससार ह

पर वदशी कध प इनक मक- ओवर का भार ह

ना आम य ऊच लोग ह बाब ऊची इनक पसद ह खच बता

नणय क घड़ी अब आई ह

बजा बगल आरभ य वीरो न श सभाल ह

दोनो सनाए सजी ह ई नणय क घड़ी अब आई ह कह तो अनभव क बरसात कह दहाई यौवन क कोई वकास क तान छड़ता कह सा दा यकता छाई ह या कया और या कर दग ऊच मच स गरज रह

दोनो न अन गन वाद क बन-डोर पतग उड़ाई ह दशक गय पर दोनो स दगो क दाग नह जात करोड़ क इपोटड पाउडर स प प-फक क पताई ह मन द वधा म त ध श य म तय म खो जाता ह कस और जाऊ या ठहर जाऊ इधर कआ उधर खाई ह

मत सोचो महनत बकार जाएगी आप कहा तक पह च पाएगी पग-पग पल-पल बढ़क ह तो सबन मिज़ल पाई ह

हा म अना क ट ह

अबलाओ क आस स द ल का दल जब सख हो रहा

ग ड़या दा मनी क क़ सो स सब दश शम म डब रहा

प लस शासन मक-ब धर दशासन बखौफ़ खड़

चीर- ोपद लट जान द ना राजा म धतरा ह

हा म अना क ट ह

जन-सवा ह रा टधम क़ानन याय स वधान ह

लोकत का ाण यह य ह भारत नमाण ह

जन-सवा स वमख खड़ा वो त ट सरकार नक मी

जन-सवा क नतन पथ सजता कोई कह पथ- ट ह

हा म अना क ट ह

िज़द ह जब तक ाण रह जन- हत म सघष क गा

ससद म कभी सड़क प आक टो तम पर वार क गा

पद लोभी होग और कोई सरकार गर तो गर जाए

सर नह झका ह नह झकगा हा म िज ी द ट ह

हा म अना क ट ह

नौ सौ चह खा ब ल हज को चल अब तक जो पस-पॉवर क आखो प प ी बाध थ

द ल क जनता क दहाड़ स उन अधो क आख खल जनता हा-हाकार मचाती कानो म ज भी ना रगती इन बहर सरकारो म जनता-दरबार क सल चल जग जीत महलो म सोत 5 साल फर कौन जा इन गिजनी सरकारो को अब याद आए पानी- बजल

कोई टोल- बथ ह तोड़ रहा कह आ म- दाह क ह धमक

कह प धरना कह दशन जन-सवा क अब होड़ चल जन क नी त जन का नता सभी दल म ख़ा लबल

मफलर वटर सपन म दखत खाद क पतलन खल ना कोई सभा का तामझाम ना कोई मक-ओवर का खचा मी डया म अपनी टोर फोकट म दन-रात चल स ता क दलाल स अपनी जो रोज़ी-रोट चला रह अब टाचार मटाएग बोल कौआ कोयल बोल आप-जाप क माला रट रह सब जन दखादखी कर रह

झाड़ पह चगी ससद म य चचा ह गल -गल

अबक बार आप ह हम यवा ह अनभवह न सह कछ तौर-तर क अलग सह ज़बान हमार त ख़ सह पर नयत हमार साफ ह अबक बार

टाचार जड़ तक फला बड़-बडो का मन ह डोला सार उलझन का सबब यह सब तकल फो का बाप ह अबक बार रावण एक अनक प म सीताओ को छलन आया सावधान ह वष कशर पर चलता फरता पाप ह अबक बार बजल राशन प लस शासन श ा रोज़गार नमाण

इसक हद स कोई ना छटा या यपी या गजरात ह अबक बार ऊच मचो स वराज क लशन लाख को पढ़ा रह

थम पि त म य दयर पा बगा बाबराम ह अबक बार जनता क म धल खा रह नाम का ह धमाल ह

जय- जयकार कह राह ल कह नमो-नमो का जाप ह अबक बार आम आदमी खट प प र त म टाचार ह

या फ़क कौन ह चोर कौन फर चोरो का सरदार ह अबक बार दोनो न दशको राज कया एक द ल एक गजरात लया जनता जसी वसी ह रह ह ए VVIP आप ह अबक बार लोकत का समर सामन तीन माह बस शष ह

आज आप को सा बत करना हमम भी कछ बात ह अबक बार

का सयो तम कमाल करत हो कतना लटा कतना खाया इन पछल प ह साल म

तमको पाकर या- या खोया इन पछल प ह साल म थोड़ा आराम- वराम करो द ल क जनमत का स मान करो प ह दन क सरकार स कतन सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो लट रह अ मत खल-आम चौतरफ़ा जगलराज ह

जन हत म रोड़ पर राजा लोकत शमसार ह

प लस- शासन क सब चाबी खद क जबो म रखकर दा नश म हला का रप यो ह आ हमस सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो बन माग बना बताए ह बन-शत समथन भज दया ललकारा अपन वचन नभान अ वीक त को कायर इ ज़ाम दया जन-मत रखन नज-मन मारा वीरो-वत चनौती वीकार कया अब धल हट CWG फाइल स इतनी हलचल इतना यो डरत हो का सयो तम कमाल करत हो

जब ट त का ट शासकhelliphellip

जब ट त का ट शासक सब हद पार कर जाता ह

कभी दशासन कभी क स बन चीर जा का हर जाता ह

रावण एक अनक मखो स जनता को छलता जाता ह

तब दव कभी तो क ण राम अर वद कभी बन आ जाता ह दन-रात घस तब वरला कोई IIT IRS बन पाता ह

कतनी आखो क कतन सपन स मख अपन पाता ह

पद का तवा माल-मलाई मधमय भ वषय ललचाता ह

पर भारत मा क क ण - कराह सन व वल नज-मन को पाता ह

अपनो क आशाओ पथ-बाधाओ को जो वीर लाघता जाता ह

एक रा बस एक यय सव व यौछावर कर जाता ह

नदा- त त यश- आलोचन स दर नकलता जाता ह

याग तप या ढता स जो पग-पग बढ़ता जाता ह

खद को खद म पघलाय तब कोई अर वद बन पता ह

आप तो बरा मान गय चहरा या दखा अपना जनाबआईन स रार ठान गय त वीर मर दख बड़बड़ात ह

ह जर क अस लयत जो हम जान गय एक सवाल चद का या पछा तोप-तलवार हम प तान गय य नफ़रत य सौतलापन यो ह

हम भी उसी मा क सतान ह ए लह स खीचत फरत लक र दश मी हो या ता लबान ह ए य दौलत य शान-ओ-शौकत

सब बकार ह ईमान गय नाम था कभी पहचान भी थी या हआ क आदमी सामान ह ए

दद ह दद ह हर क स म

सतमगर या तर अहसान ह ए तर क क तर चच सब तरफ

मला बस उनको िजन पर आप महरबान ह ए सौदागरअलग पहचान तर हर गल -मोह ल म

कह शतान कह आप भगवान ह ए

क मत तो चकानी पड़गी

गाधी जसो न अपमान सह मडला दशको जल रह

भगत सह फासी प झल बोस दश स दर रह

तम कौन स य प ह रशचद को यहा ग ी गवानी पड़गी

मत वच लत हो यहा बड़-बड़ न गाल -गोल खाई ह

दशस य क महाय म अपनी आह ती चढ़ाई ह

काजल क कोठर म आए हो तो कछ का लख भी लगवानी पड़गी

राजनी त कोई गहरा दलदल बन-डब पार उतरना मि कल

थक अकला छायाए छल बाधाए पथ रोक पल-पल

ल मी कमल हाथ ल पथ म नाना- प म छड़खानी करगी

कमयोगी तर पार कई शतक पर भार होगी

नायक तर य लघकथा कई सपर हट स यार होगी

म य प जो ज न मनाती या स दर उस सरकार क िजदगानी रहगी

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 6: Wo 49 din final

आम आदमी तो आम होता ह

कभी ग सा तो यार कभीसच-झठ का कारोबार कभी

प रवार और रोजी-रोट इनका सारा ससार यह

आजकल ख़बर म ायः गमनाम ह होता ह

कछ गलती कछ क मया तो सब सवा अरब म पाओग

गर य नह ऐसा नह तो और बहतर कहा स लाओग

यहा आम ह मलग बाबजी राम तो बक ठ म होता ह

कोई बनावट यहा नह जस दखत बस वस ह

हम ऐस-वस-जस ह पर बलकल तर जस ह

हमार दाग दखत य ह य हमप इ जाम ह

य अलग लोग य अलग सोच कोई अलग ह इनका दश रहा

ग गी इन महल क द वारअब कहन-सनन या शष रहा

अपन का दद बाटना तो अपन का काम होता ह

टाचार ज़ र ह

नादान ह जो शोर मचात टाचार मटाएग

य ज़ रया गर चला गया तो फड कहा स आएग

कस य भीड़ सभाए होगी व ापन लोक-लभावन होग

ि वस-खात तबा तामझाम बगला गाड़ी चमच होग

कोई शौक नह मजबर ह टाचार ज़ र ह

खती पानी राशन श ा वा य सर ा रोज़गार

रोड़ रल पल कल उ योग धध शयर बाज़ार

इन सब कामो को करन का इसक कधो पर ह भार

कह मठाई कह दलाल कह तो ह य श टाचार

वकास क हर एक कहानी इसक बना अधर ह टाचार ज़ र ह

ट क ससद म अब नो ए मखड़ छोड़ो म ा पकड़ो और म ा बस टाचार ह

मखड़ तो आत-जात ह झठा इनका यार ह

टाचार म त होगी अब सार क

ट क ससद म अब नो ए

गर बदला चहरा पर त नह तो हा सल या कर पाओग

पाच साल का इतज़ार पल-पल फर पछताओग

अर मनमोहन- स ईमानदार क यहा डब गयी सार ड ी

ट क ससद म अब नो ए

ना भदभाव पदधनबल का सबको याय स मान मल

ह सरल वकास क प रभाषा जहा सबको अवसर समान मल

फक जी अब बस वकास क चाद तार क ब

ट क ससद म अब नो ए

कसको या मलता हम या पात राजा कौन कौन सरकार

छोड़ो य सब आओ मलकर एक बात को हो तयार

अपनी वोट स कोई ट ना पह च द ल

ट क ससद म अब नो ए

जब चनाव आ जात हhellip

तर आन क आहट सन पतझड़ सावन हो जात ह ईद का चाद जमीन प उतरा ायः क़ सो म ह सन पात ह

साप बल स बाहर आत गर गट क रग बदल जात ह िजनक चरण को खोजा अब तक उनको चरण म पात ह

या कया और या कर दग लबी फह र त सनात ह हाथ म इनक चदा सरज दन म तार दखलात ह सबस लकर कछ को दकर दानवीर कहलात ह चम कार ह इस चनाव का कस क ण बन जात ह

चमच क तो चाद होती भख बरयानी खात ह दा नोट क वषा स वो समाजवाद फलात ह हम वह वकास क व ापन ट वी को चमकात ह धक य जनता ऐस नता फर फर जीत क आ जात ह

अ भम य फसा च यह म

सन ललकार श ओ क इसका मन भी ह मचलाया

लाज बचान दश क अपन बालक न ह श उठाया

य सािजश ह षडय कोई सब बड़-बडो न समझाया

साहस द साहस क पतल रखा को इसन आज मटाया

ाणो का भय पीछ छटा सक प एक बस शष रह

कल का गौरव ना खोन द गा जब तक अ तम सास रह

दखो घरा श ओ म ह लह लहान पर लड़ता जाता

कोई मार भाला सीन म कोई पीछ स छर भ कता

चोतरफ़ा स बाणो क वषा सब कवच भदती जाती ह

तपल म य-स दर अपन पास खीचती जाती ह

तम आज मकदश भ व य को या जबाब द पाओग

यग -यग तक या फर कोई अ भम य पा जाओग

समय शष ह उठो वीर आओ मलकर श उठाए

लड़ ाण जब तक तन म एक नया इ तहास रचाए

य चीज़ ह पॉ ल ट स य चीज़ ह पॉ ल ट स क चड़ का लख का खल ह ए सब गोर काल म स

क पल स चन सब आउट दनादन भ जी मार स स

बन-प जी का नवश बड़ दन रात ना कोई र क

हार-जीत बस आख- मचोल हर लयर ह ह फ स

व ान ग णत सब फल ह ई ना चल इकॉनो म स

य कला बड़ी आसान क़ इसम बस करना सबक बट ल स

चपक रहो कस स तम चाह कतन खाओ क स

महनत स चाई दर हटो ह वागत डट स

आप आए व वास जगा बदलगी य पॉ ल ट स

ना नज़र लग फलो-फलो यह हमार वश- वश

य चीज़ ह पॉ ल ट स य चीज़ ह पॉ ल ट स

अजब तर शहर का द तर हो गया

लटर शहर क ईमान क म दर म बठ पज रह

मरा एक चोर को बस चोर कहना कसर हो गया

चदा सरज प रया ल लो लो इ धनष क रग सभी

सपन बचत - बचत वो हक कत स दर हो गया

य उसल या दग सवा गर बी गमनामी क

चायवाला ईमान बचक मशह र हो गया

कोई मारता ना मरता य फलसफा पढ़क

खन क खल को योगी मजर हो गया

दौलत क चमक ह या पॉ लश का ह नर

काच का मामल टकड़ा आज को हनर हो गया

अब समर म उतरना होगा

या जीवन क उ य यह खाना पीना और सो जाना

प रवार पढ़ाई रोज़गार अपनी द नया म खो जाना

दश क चचा दश क चता दश म बस मन-रजन

दश क दशा बदलन म ो सोच क दशा को बदलना होगा l अब समर

म वसजन बह त ह आ प ाण-सजन अब करना होगा

लाल लह क गम स अब हम ग र को भी बहना होगा

धतरा सर ख राजा ह ह हर न कड़ पर चीर हरण

हाथ म च सदशन ल अब त ह क ण बनना होगा l अब समर अभी नह तो कभी नह इस यग- ण क पहचान करो

य रा -सजन का पथ द कर तम भी कछ म-दान करो

जीवन का म य चकान का यह व णम अवसर आया ह

इ तहास रच ह बह त न तझ भ व य रचना होगा l अब समर

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

झाड़ हर घर म रहती आम खास म भद ना करती

ह दखन म सहज-सरल पर कड़ पर बजल सी गरती

य बड़ काम क चीज ह बाब तम भी इसको घर लाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

ऊच छ पर क धल ह या मकड़जाल क चल ह

चल नरतर बना थक चाह कतनी भी तकल ह

य समाजवाद क पाठशाला कछ समझो कछ समझाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

घर भरा गदगी बदब स म छर बीमार फलाए

अपन घर को सथरा करन ह इ तजार कब महतर आय

उठो अम आलस छोडो झाड़ पकड़ो ना शमाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

य बधी ह यी पर सधी ह यी कसी कोन म पड़ी रह

कत य क पथ पर बढ़ती पल-पल अपनी मौत सह

खद मटकर और क सवा झाड़ का स दश सनाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

लाख चौरासी यो न म दगो क फाइल भटक रह

दजनो क मशन जाच स म त जाच कहा पर अटक रह

कतन क मशन और लगग इस एक घटना क जाच को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

दश क दल द ल म ह तो ह तो नरसहार ह आ

या औरत या ब च दखो लाश का अबार ह आ

और कतन सबत लगग सा बत करन पाप को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को क ल हज़ार खलआम पर का तल ना एक मला

धक याय और य याय य था अध- बहरो का का फला

लग तीस साल और कतन माइ लॉड लगग आपको

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

आप को चदा कौन दया

आतकवाद न सल बीमार भखमर अ श ा रोज़गार

म हला सर ा सा दा यकता सम याओ का ह अबार

पर सबस चता का शन आज क आप को चदा कौन दया

2G CWG आदश कोल मनरगा वा ा बोफोस

इन घोटालो क जॉच ज़ र जार ह जार ह रहगी

पर सबस पहल य जाच ज़ र आप को चदा कौन दया

दश- वदश स काला पीला और न अरबो ह थयाया

ज म दन ग ट कह पाट फड कसी न ह ता नाम बताया

अजी अथ य था ख़तर म क आप को चदा कौन दया

लाख कस कोट म सड़ रह याय मागत जत घस रह

कछ अपन हालात क हाथो कछ वक ल क फ स स मर रह

पर पहल नणय य होना ह क आप को चदा कौन दया

खच बता रह ह क इनकम बलद ह

य लाल कल स मच सज य रल-बसो का तामझाम

लाख क लाई भीड़ और खान पीन क इतज़ाम

पछो य शो ायोिजत करन वाला कौन अमीरचद ह खच बता

प प पापा बनन नकल नयी सोच नयी बात ह

बासी कड़ी उबाल मारती रटा रटाया पाठ ह

500 करोड़ लगग सा बत करन क प प अ लमद ह खच बता

क त- सा जो काम कराकर तन वाह बाटन को रोएग

माग-माग भीख ना दत बनमाग य चदा दग

खल तजोर आपक खा तर य हमको म ी बद ह खच बता

रोट कपड़ा मकान क चता म जीवन को घसता जाता

कभी मद कभी महगाई स आम आदमी पसता जाता

पर इनका धधा तज व व क अथ यव था मद ह खच बता

हम दशी दशी अदाज हमारा दशी अपना ससार ह

पर वदशी कध प इनक मक- ओवर का भार ह

ना आम य ऊच लोग ह बाब ऊची इनक पसद ह खच बता

नणय क घड़ी अब आई ह

बजा बगल आरभ य वीरो न श सभाल ह

दोनो सनाए सजी ह ई नणय क घड़ी अब आई ह कह तो अनभव क बरसात कह दहाई यौवन क कोई वकास क तान छड़ता कह सा दा यकता छाई ह या कया और या कर दग ऊच मच स गरज रह

दोनो न अन गन वाद क बन-डोर पतग उड़ाई ह दशक गय पर दोनो स दगो क दाग नह जात करोड़ क इपोटड पाउडर स प प-फक क पताई ह मन द वधा म त ध श य म तय म खो जाता ह कस और जाऊ या ठहर जाऊ इधर कआ उधर खाई ह

मत सोचो महनत बकार जाएगी आप कहा तक पह च पाएगी पग-पग पल-पल बढ़क ह तो सबन मिज़ल पाई ह

हा म अना क ट ह

अबलाओ क आस स द ल का दल जब सख हो रहा

ग ड़या दा मनी क क़ सो स सब दश शम म डब रहा

प लस शासन मक-ब धर दशासन बखौफ़ खड़

चीर- ोपद लट जान द ना राजा म धतरा ह

हा म अना क ट ह

जन-सवा ह रा टधम क़ानन याय स वधान ह

लोकत का ाण यह य ह भारत नमाण ह

जन-सवा स वमख खड़ा वो त ट सरकार नक मी

जन-सवा क नतन पथ सजता कोई कह पथ- ट ह

हा म अना क ट ह

िज़द ह जब तक ाण रह जन- हत म सघष क गा

ससद म कभी सड़क प आक टो तम पर वार क गा

पद लोभी होग और कोई सरकार गर तो गर जाए

सर नह झका ह नह झकगा हा म िज ी द ट ह

हा म अना क ट ह

नौ सौ चह खा ब ल हज को चल अब तक जो पस-पॉवर क आखो प प ी बाध थ

द ल क जनता क दहाड़ स उन अधो क आख खल जनता हा-हाकार मचाती कानो म ज भी ना रगती इन बहर सरकारो म जनता-दरबार क सल चल जग जीत महलो म सोत 5 साल फर कौन जा इन गिजनी सरकारो को अब याद आए पानी- बजल

कोई टोल- बथ ह तोड़ रहा कह आ म- दाह क ह धमक

कह प धरना कह दशन जन-सवा क अब होड़ चल जन क नी त जन का नता सभी दल म ख़ा लबल

मफलर वटर सपन म दखत खाद क पतलन खल ना कोई सभा का तामझाम ना कोई मक-ओवर का खचा मी डया म अपनी टोर फोकट म दन-रात चल स ता क दलाल स अपनी जो रोज़ी-रोट चला रह अब टाचार मटाएग बोल कौआ कोयल बोल आप-जाप क माला रट रह सब जन दखादखी कर रह

झाड़ पह चगी ससद म य चचा ह गल -गल

अबक बार आप ह हम यवा ह अनभवह न सह कछ तौर-तर क अलग सह ज़बान हमार त ख़ सह पर नयत हमार साफ ह अबक बार

टाचार जड़ तक फला बड़-बडो का मन ह डोला सार उलझन का सबब यह सब तकल फो का बाप ह अबक बार रावण एक अनक प म सीताओ को छलन आया सावधान ह वष कशर पर चलता फरता पाप ह अबक बार बजल राशन प लस शासन श ा रोज़गार नमाण

इसक हद स कोई ना छटा या यपी या गजरात ह अबक बार ऊच मचो स वराज क लशन लाख को पढ़ा रह

थम पि त म य दयर पा बगा बाबराम ह अबक बार जनता क म धल खा रह नाम का ह धमाल ह

जय- जयकार कह राह ल कह नमो-नमो का जाप ह अबक बार आम आदमी खट प प र त म टाचार ह

या फ़क कौन ह चोर कौन फर चोरो का सरदार ह अबक बार दोनो न दशको राज कया एक द ल एक गजरात लया जनता जसी वसी ह रह ह ए VVIP आप ह अबक बार लोकत का समर सामन तीन माह बस शष ह

आज आप को सा बत करना हमम भी कछ बात ह अबक बार

का सयो तम कमाल करत हो कतना लटा कतना खाया इन पछल प ह साल म

तमको पाकर या- या खोया इन पछल प ह साल म थोड़ा आराम- वराम करो द ल क जनमत का स मान करो प ह दन क सरकार स कतन सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो लट रह अ मत खल-आम चौतरफ़ा जगलराज ह

जन हत म रोड़ पर राजा लोकत शमसार ह

प लस- शासन क सब चाबी खद क जबो म रखकर दा नश म हला का रप यो ह आ हमस सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो बन माग बना बताए ह बन-शत समथन भज दया ललकारा अपन वचन नभान अ वीक त को कायर इ ज़ाम दया जन-मत रखन नज-मन मारा वीरो-वत चनौती वीकार कया अब धल हट CWG फाइल स इतनी हलचल इतना यो डरत हो का सयो तम कमाल करत हो

जब ट त का ट शासकhelliphellip

जब ट त का ट शासक सब हद पार कर जाता ह

कभी दशासन कभी क स बन चीर जा का हर जाता ह

रावण एक अनक मखो स जनता को छलता जाता ह

तब दव कभी तो क ण राम अर वद कभी बन आ जाता ह दन-रात घस तब वरला कोई IIT IRS बन पाता ह

कतनी आखो क कतन सपन स मख अपन पाता ह

पद का तवा माल-मलाई मधमय भ वषय ललचाता ह

पर भारत मा क क ण - कराह सन व वल नज-मन को पाता ह

अपनो क आशाओ पथ-बाधाओ को जो वीर लाघता जाता ह

एक रा बस एक यय सव व यौछावर कर जाता ह

नदा- त त यश- आलोचन स दर नकलता जाता ह

याग तप या ढता स जो पग-पग बढ़ता जाता ह

खद को खद म पघलाय तब कोई अर वद बन पता ह

आप तो बरा मान गय चहरा या दखा अपना जनाबआईन स रार ठान गय त वीर मर दख बड़बड़ात ह

ह जर क अस लयत जो हम जान गय एक सवाल चद का या पछा तोप-तलवार हम प तान गय य नफ़रत य सौतलापन यो ह

हम भी उसी मा क सतान ह ए लह स खीचत फरत लक र दश मी हो या ता लबान ह ए य दौलत य शान-ओ-शौकत

सब बकार ह ईमान गय नाम था कभी पहचान भी थी या हआ क आदमी सामान ह ए

दद ह दद ह हर क स म

सतमगर या तर अहसान ह ए तर क क तर चच सब तरफ

मला बस उनको िजन पर आप महरबान ह ए सौदागरअलग पहचान तर हर गल -मोह ल म

कह शतान कह आप भगवान ह ए

क मत तो चकानी पड़गी

गाधी जसो न अपमान सह मडला दशको जल रह

भगत सह फासी प झल बोस दश स दर रह

तम कौन स य प ह रशचद को यहा ग ी गवानी पड़गी

मत वच लत हो यहा बड़-बड़ न गाल -गोल खाई ह

दशस य क महाय म अपनी आह ती चढ़ाई ह

काजल क कोठर म आए हो तो कछ का लख भी लगवानी पड़गी

राजनी त कोई गहरा दलदल बन-डब पार उतरना मि कल

थक अकला छायाए छल बाधाए पथ रोक पल-पल

ल मी कमल हाथ ल पथ म नाना- प म छड़खानी करगी

कमयोगी तर पार कई शतक पर भार होगी

नायक तर य लघकथा कई सपर हट स यार होगी

म य प जो ज न मनाती या स दर उस सरकार क िजदगानी रहगी

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 7: Wo 49 din final

टाचार ज़ र ह

नादान ह जो शोर मचात टाचार मटाएग

य ज़ रया गर चला गया तो फड कहा स आएग

कस य भीड़ सभाए होगी व ापन लोक-लभावन होग

ि वस-खात तबा तामझाम बगला गाड़ी चमच होग

कोई शौक नह मजबर ह टाचार ज़ र ह

खती पानी राशन श ा वा य सर ा रोज़गार

रोड़ रल पल कल उ योग धध शयर बाज़ार

इन सब कामो को करन का इसक कधो पर ह भार

कह मठाई कह दलाल कह तो ह य श टाचार

वकास क हर एक कहानी इसक बना अधर ह टाचार ज़ र ह

ट क ससद म अब नो ए मखड़ छोड़ो म ा पकड़ो और म ा बस टाचार ह

मखड़ तो आत-जात ह झठा इनका यार ह

टाचार म त होगी अब सार क

ट क ससद म अब नो ए

गर बदला चहरा पर त नह तो हा सल या कर पाओग

पाच साल का इतज़ार पल-पल फर पछताओग

अर मनमोहन- स ईमानदार क यहा डब गयी सार ड ी

ट क ससद म अब नो ए

ना भदभाव पदधनबल का सबको याय स मान मल

ह सरल वकास क प रभाषा जहा सबको अवसर समान मल

फक जी अब बस वकास क चाद तार क ब

ट क ससद म अब नो ए

कसको या मलता हम या पात राजा कौन कौन सरकार

छोड़ो य सब आओ मलकर एक बात को हो तयार

अपनी वोट स कोई ट ना पह च द ल

ट क ससद म अब नो ए

जब चनाव आ जात हhellip

तर आन क आहट सन पतझड़ सावन हो जात ह ईद का चाद जमीन प उतरा ायः क़ सो म ह सन पात ह

साप बल स बाहर आत गर गट क रग बदल जात ह िजनक चरण को खोजा अब तक उनको चरण म पात ह

या कया और या कर दग लबी फह र त सनात ह हाथ म इनक चदा सरज दन म तार दखलात ह सबस लकर कछ को दकर दानवीर कहलात ह चम कार ह इस चनाव का कस क ण बन जात ह

चमच क तो चाद होती भख बरयानी खात ह दा नोट क वषा स वो समाजवाद फलात ह हम वह वकास क व ापन ट वी को चमकात ह धक य जनता ऐस नता फर फर जीत क आ जात ह

अ भम य फसा च यह म

सन ललकार श ओ क इसका मन भी ह मचलाया

लाज बचान दश क अपन बालक न ह श उठाया

य सािजश ह षडय कोई सब बड़-बडो न समझाया

साहस द साहस क पतल रखा को इसन आज मटाया

ाणो का भय पीछ छटा सक प एक बस शष रह

कल का गौरव ना खोन द गा जब तक अ तम सास रह

दखो घरा श ओ म ह लह लहान पर लड़ता जाता

कोई मार भाला सीन म कोई पीछ स छर भ कता

चोतरफ़ा स बाणो क वषा सब कवच भदती जाती ह

तपल म य-स दर अपन पास खीचती जाती ह

तम आज मकदश भ व य को या जबाब द पाओग

यग -यग तक या फर कोई अ भम य पा जाओग

समय शष ह उठो वीर आओ मलकर श उठाए

लड़ ाण जब तक तन म एक नया इ तहास रचाए

य चीज़ ह पॉ ल ट स य चीज़ ह पॉ ल ट स क चड़ का लख का खल ह ए सब गोर काल म स

क पल स चन सब आउट दनादन भ जी मार स स

बन-प जी का नवश बड़ दन रात ना कोई र क

हार-जीत बस आख- मचोल हर लयर ह ह फ स

व ान ग णत सब फल ह ई ना चल इकॉनो म स

य कला बड़ी आसान क़ इसम बस करना सबक बट ल स

चपक रहो कस स तम चाह कतन खाओ क स

महनत स चाई दर हटो ह वागत डट स

आप आए व वास जगा बदलगी य पॉ ल ट स

ना नज़र लग फलो-फलो यह हमार वश- वश

य चीज़ ह पॉ ल ट स य चीज़ ह पॉ ल ट स

अजब तर शहर का द तर हो गया

लटर शहर क ईमान क म दर म बठ पज रह

मरा एक चोर को बस चोर कहना कसर हो गया

चदा सरज प रया ल लो लो इ धनष क रग सभी

सपन बचत - बचत वो हक कत स दर हो गया

य उसल या दग सवा गर बी गमनामी क

चायवाला ईमान बचक मशह र हो गया

कोई मारता ना मरता य फलसफा पढ़क

खन क खल को योगी मजर हो गया

दौलत क चमक ह या पॉ लश का ह नर

काच का मामल टकड़ा आज को हनर हो गया

अब समर म उतरना होगा

या जीवन क उ य यह खाना पीना और सो जाना

प रवार पढ़ाई रोज़गार अपनी द नया म खो जाना

दश क चचा दश क चता दश म बस मन-रजन

दश क दशा बदलन म ो सोच क दशा को बदलना होगा l अब समर

म वसजन बह त ह आ प ाण-सजन अब करना होगा

लाल लह क गम स अब हम ग र को भी बहना होगा

धतरा सर ख राजा ह ह हर न कड़ पर चीर हरण

हाथ म च सदशन ल अब त ह क ण बनना होगा l अब समर अभी नह तो कभी नह इस यग- ण क पहचान करो

य रा -सजन का पथ द कर तम भी कछ म-दान करो

जीवन का म य चकान का यह व णम अवसर आया ह

इ तहास रच ह बह त न तझ भ व य रचना होगा l अब समर

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

झाड़ हर घर म रहती आम खास म भद ना करती

ह दखन म सहज-सरल पर कड़ पर बजल सी गरती

य बड़ काम क चीज ह बाब तम भी इसको घर लाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

ऊच छ पर क धल ह या मकड़जाल क चल ह

चल नरतर बना थक चाह कतनी भी तकल ह

य समाजवाद क पाठशाला कछ समझो कछ समझाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

घर भरा गदगी बदब स म छर बीमार फलाए

अपन घर को सथरा करन ह इ तजार कब महतर आय

उठो अम आलस छोडो झाड़ पकड़ो ना शमाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

य बधी ह यी पर सधी ह यी कसी कोन म पड़ी रह

कत य क पथ पर बढ़ती पल-पल अपनी मौत सह

खद मटकर और क सवा झाड़ का स दश सनाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

लाख चौरासी यो न म दगो क फाइल भटक रह

दजनो क मशन जाच स म त जाच कहा पर अटक रह

कतन क मशन और लगग इस एक घटना क जाच को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

दश क दल द ल म ह तो ह तो नरसहार ह आ

या औरत या ब च दखो लाश का अबार ह आ

और कतन सबत लगग सा बत करन पाप को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को क ल हज़ार खलआम पर का तल ना एक मला

धक याय और य याय य था अध- बहरो का का फला

लग तीस साल और कतन माइ लॉड लगग आपको

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

आप को चदा कौन दया

आतकवाद न सल बीमार भखमर अ श ा रोज़गार

म हला सर ा सा दा यकता सम याओ का ह अबार

पर सबस चता का शन आज क आप को चदा कौन दया

2G CWG आदश कोल मनरगा वा ा बोफोस

इन घोटालो क जॉच ज़ र जार ह जार ह रहगी

पर सबस पहल य जाच ज़ र आप को चदा कौन दया

दश- वदश स काला पीला और न अरबो ह थयाया

ज म दन ग ट कह पाट फड कसी न ह ता नाम बताया

अजी अथ य था ख़तर म क आप को चदा कौन दया

लाख कस कोट म सड़ रह याय मागत जत घस रह

कछ अपन हालात क हाथो कछ वक ल क फ स स मर रह

पर पहल नणय य होना ह क आप को चदा कौन दया

खच बता रह ह क इनकम बलद ह

य लाल कल स मच सज य रल-बसो का तामझाम

लाख क लाई भीड़ और खान पीन क इतज़ाम

पछो य शो ायोिजत करन वाला कौन अमीरचद ह खच बता

प प पापा बनन नकल नयी सोच नयी बात ह

बासी कड़ी उबाल मारती रटा रटाया पाठ ह

500 करोड़ लगग सा बत करन क प प अ लमद ह खच बता

क त- सा जो काम कराकर तन वाह बाटन को रोएग

माग-माग भीख ना दत बनमाग य चदा दग

खल तजोर आपक खा तर य हमको म ी बद ह खच बता

रोट कपड़ा मकान क चता म जीवन को घसता जाता

कभी मद कभी महगाई स आम आदमी पसता जाता

पर इनका धधा तज व व क अथ यव था मद ह खच बता

हम दशी दशी अदाज हमारा दशी अपना ससार ह

पर वदशी कध प इनक मक- ओवर का भार ह

ना आम य ऊच लोग ह बाब ऊची इनक पसद ह खच बता

नणय क घड़ी अब आई ह

बजा बगल आरभ य वीरो न श सभाल ह

दोनो सनाए सजी ह ई नणय क घड़ी अब आई ह कह तो अनभव क बरसात कह दहाई यौवन क कोई वकास क तान छड़ता कह सा दा यकता छाई ह या कया और या कर दग ऊच मच स गरज रह

दोनो न अन गन वाद क बन-डोर पतग उड़ाई ह दशक गय पर दोनो स दगो क दाग नह जात करोड़ क इपोटड पाउडर स प प-फक क पताई ह मन द वधा म त ध श य म तय म खो जाता ह कस और जाऊ या ठहर जाऊ इधर कआ उधर खाई ह

मत सोचो महनत बकार जाएगी आप कहा तक पह च पाएगी पग-पग पल-पल बढ़क ह तो सबन मिज़ल पाई ह

हा म अना क ट ह

अबलाओ क आस स द ल का दल जब सख हो रहा

ग ड़या दा मनी क क़ सो स सब दश शम म डब रहा

प लस शासन मक-ब धर दशासन बखौफ़ खड़

चीर- ोपद लट जान द ना राजा म धतरा ह

हा म अना क ट ह

जन-सवा ह रा टधम क़ानन याय स वधान ह

लोकत का ाण यह य ह भारत नमाण ह

जन-सवा स वमख खड़ा वो त ट सरकार नक मी

जन-सवा क नतन पथ सजता कोई कह पथ- ट ह

हा म अना क ट ह

िज़द ह जब तक ाण रह जन- हत म सघष क गा

ससद म कभी सड़क प आक टो तम पर वार क गा

पद लोभी होग और कोई सरकार गर तो गर जाए

सर नह झका ह नह झकगा हा म िज ी द ट ह

हा म अना क ट ह

नौ सौ चह खा ब ल हज को चल अब तक जो पस-पॉवर क आखो प प ी बाध थ

द ल क जनता क दहाड़ स उन अधो क आख खल जनता हा-हाकार मचाती कानो म ज भी ना रगती इन बहर सरकारो म जनता-दरबार क सल चल जग जीत महलो म सोत 5 साल फर कौन जा इन गिजनी सरकारो को अब याद आए पानी- बजल

कोई टोल- बथ ह तोड़ रहा कह आ म- दाह क ह धमक

कह प धरना कह दशन जन-सवा क अब होड़ चल जन क नी त जन का नता सभी दल म ख़ा लबल

मफलर वटर सपन म दखत खाद क पतलन खल ना कोई सभा का तामझाम ना कोई मक-ओवर का खचा मी डया म अपनी टोर फोकट म दन-रात चल स ता क दलाल स अपनी जो रोज़ी-रोट चला रह अब टाचार मटाएग बोल कौआ कोयल बोल आप-जाप क माला रट रह सब जन दखादखी कर रह

झाड़ पह चगी ससद म य चचा ह गल -गल

अबक बार आप ह हम यवा ह अनभवह न सह कछ तौर-तर क अलग सह ज़बान हमार त ख़ सह पर नयत हमार साफ ह अबक बार

टाचार जड़ तक फला बड़-बडो का मन ह डोला सार उलझन का सबब यह सब तकल फो का बाप ह अबक बार रावण एक अनक प म सीताओ को छलन आया सावधान ह वष कशर पर चलता फरता पाप ह अबक बार बजल राशन प लस शासन श ा रोज़गार नमाण

इसक हद स कोई ना छटा या यपी या गजरात ह अबक बार ऊच मचो स वराज क लशन लाख को पढ़ा रह

थम पि त म य दयर पा बगा बाबराम ह अबक बार जनता क म धल खा रह नाम का ह धमाल ह

जय- जयकार कह राह ल कह नमो-नमो का जाप ह अबक बार आम आदमी खट प प र त म टाचार ह

या फ़क कौन ह चोर कौन फर चोरो का सरदार ह अबक बार दोनो न दशको राज कया एक द ल एक गजरात लया जनता जसी वसी ह रह ह ए VVIP आप ह अबक बार लोकत का समर सामन तीन माह बस शष ह

आज आप को सा बत करना हमम भी कछ बात ह अबक बार

का सयो तम कमाल करत हो कतना लटा कतना खाया इन पछल प ह साल म

तमको पाकर या- या खोया इन पछल प ह साल म थोड़ा आराम- वराम करो द ल क जनमत का स मान करो प ह दन क सरकार स कतन सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो लट रह अ मत खल-आम चौतरफ़ा जगलराज ह

जन हत म रोड़ पर राजा लोकत शमसार ह

प लस- शासन क सब चाबी खद क जबो म रखकर दा नश म हला का रप यो ह आ हमस सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो बन माग बना बताए ह बन-शत समथन भज दया ललकारा अपन वचन नभान अ वीक त को कायर इ ज़ाम दया जन-मत रखन नज-मन मारा वीरो-वत चनौती वीकार कया अब धल हट CWG फाइल स इतनी हलचल इतना यो डरत हो का सयो तम कमाल करत हो

जब ट त का ट शासकhelliphellip

जब ट त का ट शासक सब हद पार कर जाता ह

कभी दशासन कभी क स बन चीर जा का हर जाता ह

रावण एक अनक मखो स जनता को छलता जाता ह

तब दव कभी तो क ण राम अर वद कभी बन आ जाता ह दन-रात घस तब वरला कोई IIT IRS बन पाता ह

कतनी आखो क कतन सपन स मख अपन पाता ह

पद का तवा माल-मलाई मधमय भ वषय ललचाता ह

पर भारत मा क क ण - कराह सन व वल नज-मन को पाता ह

अपनो क आशाओ पथ-बाधाओ को जो वीर लाघता जाता ह

एक रा बस एक यय सव व यौछावर कर जाता ह

नदा- त त यश- आलोचन स दर नकलता जाता ह

याग तप या ढता स जो पग-पग बढ़ता जाता ह

खद को खद म पघलाय तब कोई अर वद बन पता ह

आप तो बरा मान गय चहरा या दखा अपना जनाबआईन स रार ठान गय त वीर मर दख बड़बड़ात ह

ह जर क अस लयत जो हम जान गय एक सवाल चद का या पछा तोप-तलवार हम प तान गय य नफ़रत य सौतलापन यो ह

हम भी उसी मा क सतान ह ए लह स खीचत फरत लक र दश मी हो या ता लबान ह ए य दौलत य शान-ओ-शौकत

सब बकार ह ईमान गय नाम था कभी पहचान भी थी या हआ क आदमी सामान ह ए

दद ह दद ह हर क स म

सतमगर या तर अहसान ह ए तर क क तर चच सब तरफ

मला बस उनको िजन पर आप महरबान ह ए सौदागरअलग पहचान तर हर गल -मोह ल म

कह शतान कह आप भगवान ह ए

क मत तो चकानी पड़गी

गाधी जसो न अपमान सह मडला दशको जल रह

भगत सह फासी प झल बोस दश स दर रह

तम कौन स य प ह रशचद को यहा ग ी गवानी पड़गी

मत वच लत हो यहा बड़-बड़ न गाल -गोल खाई ह

दशस य क महाय म अपनी आह ती चढ़ाई ह

काजल क कोठर म आए हो तो कछ का लख भी लगवानी पड़गी

राजनी त कोई गहरा दलदल बन-डब पार उतरना मि कल

थक अकला छायाए छल बाधाए पथ रोक पल-पल

ल मी कमल हाथ ल पथ म नाना- प म छड़खानी करगी

कमयोगी तर पार कई शतक पर भार होगी

नायक तर य लघकथा कई सपर हट स यार होगी

म य प जो ज न मनाती या स दर उस सरकार क िजदगानी रहगी

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 8: Wo 49 din final

ट क ससद म अब नो ए मखड़ छोड़ो म ा पकड़ो और म ा बस टाचार ह

मखड़ तो आत-जात ह झठा इनका यार ह

टाचार म त होगी अब सार क

ट क ससद म अब नो ए

गर बदला चहरा पर त नह तो हा सल या कर पाओग

पाच साल का इतज़ार पल-पल फर पछताओग

अर मनमोहन- स ईमानदार क यहा डब गयी सार ड ी

ट क ससद म अब नो ए

ना भदभाव पदधनबल का सबको याय स मान मल

ह सरल वकास क प रभाषा जहा सबको अवसर समान मल

फक जी अब बस वकास क चाद तार क ब

ट क ससद म अब नो ए

कसको या मलता हम या पात राजा कौन कौन सरकार

छोड़ो य सब आओ मलकर एक बात को हो तयार

अपनी वोट स कोई ट ना पह च द ल

ट क ससद म अब नो ए

जब चनाव आ जात हhellip

तर आन क आहट सन पतझड़ सावन हो जात ह ईद का चाद जमीन प उतरा ायः क़ सो म ह सन पात ह

साप बल स बाहर आत गर गट क रग बदल जात ह िजनक चरण को खोजा अब तक उनको चरण म पात ह

या कया और या कर दग लबी फह र त सनात ह हाथ म इनक चदा सरज दन म तार दखलात ह सबस लकर कछ को दकर दानवीर कहलात ह चम कार ह इस चनाव का कस क ण बन जात ह

चमच क तो चाद होती भख बरयानी खात ह दा नोट क वषा स वो समाजवाद फलात ह हम वह वकास क व ापन ट वी को चमकात ह धक य जनता ऐस नता फर फर जीत क आ जात ह

अ भम य फसा च यह म

सन ललकार श ओ क इसका मन भी ह मचलाया

लाज बचान दश क अपन बालक न ह श उठाया

य सािजश ह षडय कोई सब बड़-बडो न समझाया

साहस द साहस क पतल रखा को इसन आज मटाया

ाणो का भय पीछ छटा सक प एक बस शष रह

कल का गौरव ना खोन द गा जब तक अ तम सास रह

दखो घरा श ओ म ह लह लहान पर लड़ता जाता

कोई मार भाला सीन म कोई पीछ स छर भ कता

चोतरफ़ा स बाणो क वषा सब कवच भदती जाती ह

तपल म य-स दर अपन पास खीचती जाती ह

तम आज मकदश भ व य को या जबाब द पाओग

यग -यग तक या फर कोई अ भम य पा जाओग

समय शष ह उठो वीर आओ मलकर श उठाए

लड़ ाण जब तक तन म एक नया इ तहास रचाए

य चीज़ ह पॉ ल ट स य चीज़ ह पॉ ल ट स क चड़ का लख का खल ह ए सब गोर काल म स

क पल स चन सब आउट दनादन भ जी मार स स

बन-प जी का नवश बड़ दन रात ना कोई र क

हार-जीत बस आख- मचोल हर लयर ह ह फ स

व ान ग णत सब फल ह ई ना चल इकॉनो म स

य कला बड़ी आसान क़ इसम बस करना सबक बट ल स

चपक रहो कस स तम चाह कतन खाओ क स

महनत स चाई दर हटो ह वागत डट स

आप आए व वास जगा बदलगी य पॉ ल ट स

ना नज़र लग फलो-फलो यह हमार वश- वश

य चीज़ ह पॉ ल ट स य चीज़ ह पॉ ल ट स

अजब तर शहर का द तर हो गया

लटर शहर क ईमान क म दर म बठ पज रह

मरा एक चोर को बस चोर कहना कसर हो गया

चदा सरज प रया ल लो लो इ धनष क रग सभी

सपन बचत - बचत वो हक कत स दर हो गया

य उसल या दग सवा गर बी गमनामी क

चायवाला ईमान बचक मशह र हो गया

कोई मारता ना मरता य फलसफा पढ़क

खन क खल को योगी मजर हो गया

दौलत क चमक ह या पॉ लश का ह नर

काच का मामल टकड़ा आज को हनर हो गया

अब समर म उतरना होगा

या जीवन क उ य यह खाना पीना और सो जाना

प रवार पढ़ाई रोज़गार अपनी द नया म खो जाना

दश क चचा दश क चता दश म बस मन-रजन

दश क दशा बदलन म ो सोच क दशा को बदलना होगा l अब समर

म वसजन बह त ह आ प ाण-सजन अब करना होगा

लाल लह क गम स अब हम ग र को भी बहना होगा

धतरा सर ख राजा ह ह हर न कड़ पर चीर हरण

हाथ म च सदशन ल अब त ह क ण बनना होगा l अब समर अभी नह तो कभी नह इस यग- ण क पहचान करो

य रा -सजन का पथ द कर तम भी कछ म-दान करो

जीवन का म य चकान का यह व णम अवसर आया ह

इ तहास रच ह बह त न तझ भ व य रचना होगा l अब समर

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

झाड़ हर घर म रहती आम खास म भद ना करती

ह दखन म सहज-सरल पर कड़ पर बजल सी गरती

य बड़ काम क चीज ह बाब तम भी इसको घर लाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

ऊच छ पर क धल ह या मकड़जाल क चल ह

चल नरतर बना थक चाह कतनी भी तकल ह

य समाजवाद क पाठशाला कछ समझो कछ समझाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

घर भरा गदगी बदब स म छर बीमार फलाए

अपन घर को सथरा करन ह इ तजार कब महतर आय

उठो अम आलस छोडो झाड़ पकड़ो ना शमाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

य बधी ह यी पर सधी ह यी कसी कोन म पड़ी रह

कत य क पथ पर बढ़ती पल-पल अपनी मौत सह

खद मटकर और क सवा झाड़ का स दश सनाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

लाख चौरासी यो न म दगो क फाइल भटक रह

दजनो क मशन जाच स म त जाच कहा पर अटक रह

कतन क मशन और लगग इस एक घटना क जाच को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

दश क दल द ल म ह तो ह तो नरसहार ह आ

या औरत या ब च दखो लाश का अबार ह आ

और कतन सबत लगग सा बत करन पाप को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को क ल हज़ार खलआम पर का तल ना एक मला

धक याय और य याय य था अध- बहरो का का फला

लग तीस साल और कतन माइ लॉड लगग आपको

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

आप को चदा कौन दया

आतकवाद न सल बीमार भखमर अ श ा रोज़गार

म हला सर ा सा दा यकता सम याओ का ह अबार

पर सबस चता का शन आज क आप को चदा कौन दया

2G CWG आदश कोल मनरगा वा ा बोफोस

इन घोटालो क जॉच ज़ र जार ह जार ह रहगी

पर सबस पहल य जाच ज़ र आप को चदा कौन दया

दश- वदश स काला पीला और न अरबो ह थयाया

ज म दन ग ट कह पाट फड कसी न ह ता नाम बताया

अजी अथ य था ख़तर म क आप को चदा कौन दया

लाख कस कोट म सड़ रह याय मागत जत घस रह

कछ अपन हालात क हाथो कछ वक ल क फ स स मर रह

पर पहल नणय य होना ह क आप को चदा कौन दया

खच बता रह ह क इनकम बलद ह

य लाल कल स मच सज य रल-बसो का तामझाम

लाख क लाई भीड़ और खान पीन क इतज़ाम

पछो य शो ायोिजत करन वाला कौन अमीरचद ह खच बता

प प पापा बनन नकल नयी सोच नयी बात ह

बासी कड़ी उबाल मारती रटा रटाया पाठ ह

500 करोड़ लगग सा बत करन क प प अ लमद ह खच बता

क त- सा जो काम कराकर तन वाह बाटन को रोएग

माग-माग भीख ना दत बनमाग य चदा दग

खल तजोर आपक खा तर य हमको म ी बद ह खच बता

रोट कपड़ा मकान क चता म जीवन को घसता जाता

कभी मद कभी महगाई स आम आदमी पसता जाता

पर इनका धधा तज व व क अथ यव था मद ह खच बता

हम दशी दशी अदाज हमारा दशी अपना ससार ह

पर वदशी कध प इनक मक- ओवर का भार ह

ना आम य ऊच लोग ह बाब ऊची इनक पसद ह खच बता

नणय क घड़ी अब आई ह

बजा बगल आरभ य वीरो न श सभाल ह

दोनो सनाए सजी ह ई नणय क घड़ी अब आई ह कह तो अनभव क बरसात कह दहाई यौवन क कोई वकास क तान छड़ता कह सा दा यकता छाई ह या कया और या कर दग ऊच मच स गरज रह

दोनो न अन गन वाद क बन-डोर पतग उड़ाई ह दशक गय पर दोनो स दगो क दाग नह जात करोड़ क इपोटड पाउडर स प प-फक क पताई ह मन द वधा म त ध श य म तय म खो जाता ह कस और जाऊ या ठहर जाऊ इधर कआ उधर खाई ह

मत सोचो महनत बकार जाएगी आप कहा तक पह च पाएगी पग-पग पल-पल बढ़क ह तो सबन मिज़ल पाई ह

हा म अना क ट ह

अबलाओ क आस स द ल का दल जब सख हो रहा

ग ड़या दा मनी क क़ सो स सब दश शम म डब रहा

प लस शासन मक-ब धर दशासन बखौफ़ खड़

चीर- ोपद लट जान द ना राजा म धतरा ह

हा म अना क ट ह

जन-सवा ह रा टधम क़ानन याय स वधान ह

लोकत का ाण यह य ह भारत नमाण ह

जन-सवा स वमख खड़ा वो त ट सरकार नक मी

जन-सवा क नतन पथ सजता कोई कह पथ- ट ह

हा म अना क ट ह

िज़द ह जब तक ाण रह जन- हत म सघष क गा

ससद म कभी सड़क प आक टो तम पर वार क गा

पद लोभी होग और कोई सरकार गर तो गर जाए

सर नह झका ह नह झकगा हा म िज ी द ट ह

हा म अना क ट ह

नौ सौ चह खा ब ल हज को चल अब तक जो पस-पॉवर क आखो प प ी बाध थ

द ल क जनता क दहाड़ स उन अधो क आख खल जनता हा-हाकार मचाती कानो म ज भी ना रगती इन बहर सरकारो म जनता-दरबार क सल चल जग जीत महलो म सोत 5 साल फर कौन जा इन गिजनी सरकारो को अब याद आए पानी- बजल

कोई टोल- बथ ह तोड़ रहा कह आ म- दाह क ह धमक

कह प धरना कह दशन जन-सवा क अब होड़ चल जन क नी त जन का नता सभी दल म ख़ा लबल

मफलर वटर सपन म दखत खाद क पतलन खल ना कोई सभा का तामझाम ना कोई मक-ओवर का खचा मी डया म अपनी टोर फोकट म दन-रात चल स ता क दलाल स अपनी जो रोज़ी-रोट चला रह अब टाचार मटाएग बोल कौआ कोयल बोल आप-जाप क माला रट रह सब जन दखादखी कर रह

झाड़ पह चगी ससद म य चचा ह गल -गल

अबक बार आप ह हम यवा ह अनभवह न सह कछ तौर-तर क अलग सह ज़बान हमार त ख़ सह पर नयत हमार साफ ह अबक बार

टाचार जड़ तक फला बड़-बडो का मन ह डोला सार उलझन का सबब यह सब तकल फो का बाप ह अबक बार रावण एक अनक प म सीताओ को छलन आया सावधान ह वष कशर पर चलता फरता पाप ह अबक बार बजल राशन प लस शासन श ा रोज़गार नमाण

इसक हद स कोई ना छटा या यपी या गजरात ह अबक बार ऊच मचो स वराज क लशन लाख को पढ़ा रह

थम पि त म य दयर पा बगा बाबराम ह अबक बार जनता क म धल खा रह नाम का ह धमाल ह

जय- जयकार कह राह ल कह नमो-नमो का जाप ह अबक बार आम आदमी खट प प र त म टाचार ह

या फ़क कौन ह चोर कौन फर चोरो का सरदार ह अबक बार दोनो न दशको राज कया एक द ल एक गजरात लया जनता जसी वसी ह रह ह ए VVIP आप ह अबक बार लोकत का समर सामन तीन माह बस शष ह

आज आप को सा बत करना हमम भी कछ बात ह अबक बार

का सयो तम कमाल करत हो कतना लटा कतना खाया इन पछल प ह साल म

तमको पाकर या- या खोया इन पछल प ह साल म थोड़ा आराम- वराम करो द ल क जनमत का स मान करो प ह दन क सरकार स कतन सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो लट रह अ मत खल-आम चौतरफ़ा जगलराज ह

जन हत म रोड़ पर राजा लोकत शमसार ह

प लस- शासन क सब चाबी खद क जबो म रखकर दा नश म हला का रप यो ह आ हमस सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो बन माग बना बताए ह बन-शत समथन भज दया ललकारा अपन वचन नभान अ वीक त को कायर इ ज़ाम दया जन-मत रखन नज-मन मारा वीरो-वत चनौती वीकार कया अब धल हट CWG फाइल स इतनी हलचल इतना यो डरत हो का सयो तम कमाल करत हो

जब ट त का ट शासकhelliphellip

जब ट त का ट शासक सब हद पार कर जाता ह

कभी दशासन कभी क स बन चीर जा का हर जाता ह

रावण एक अनक मखो स जनता को छलता जाता ह

तब दव कभी तो क ण राम अर वद कभी बन आ जाता ह दन-रात घस तब वरला कोई IIT IRS बन पाता ह

कतनी आखो क कतन सपन स मख अपन पाता ह

पद का तवा माल-मलाई मधमय भ वषय ललचाता ह

पर भारत मा क क ण - कराह सन व वल नज-मन को पाता ह

अपनो क आशाओ पथ-बाधाओ को जो वीर लाघता जाता ह

एक रा बस एक यय सव व यौछावर कर जाता ह

नदा- त त यश- आलोचन स दर नकलता जाता ह

याग तप या ढता स जो पग-पग बढ़ता जाता ह

खद को खद म पघलाय तब कोई अर वद बन पता ह

आप तो बरा मान गय चहरा या दखा अपना जनाबआईन स रार ठान गय त वीर मर दख बड़बड़ात ह

ह जर क अस लयत जो हम जान गय एक सवाल चद का या पछा तोप-तलवार हम प तान गय य नफ़रत य सौतलापन यो ह

हम भी उसी मा क सतान ह ए लह स खीचत फरत लक र दश मी हो या ता लबान ह ए य दौलत य शान-ओ-शौकत

सब बकार ह ईमान गय नाम था कभी पहचान भी थी या हआ क आदमी सामान ह ए

दद ह दद ह हर क स म

सतमगर या तर अहसान ह ए तर क क तर चच सब तरफ

मला बस उनको िजन पर आप महरबान ह ए सौदागरअलग पहचान तर हर गल -मोह ल म

कह शतान कह आप भगवान ह ए

क मत तो चकानी पड़गी

गाधी जसो न अपमान सह मडला दशको जल रह

भगत सह फासी प झल बोस दश स दर रह

तम कौन स य प ह रशचद को यहा ग ी गवानी पड़गी

मत वच लत हो यहा बड़-बड़ न गाल -गोल खाई ह

दशस य क महाय म अपनी आह ती चढ़ाई ह

काजल क कोठर म आए हो तो कछ का लख भी लगवानी पड़गी

राजनी त कोई गहरा दलदल बन-डब पार उतरना मि कल

थक अकला छायाए छल बाधाए पथ रोक पल-पल

ल मी कमल हाथ ल पथ म नाना- प म छड़खानी करगी

कमयोगी तर पार कई शतक पर भार होगी

नायक तर य लघकथा कई सपर हट स यार होगी

म य प जो ज न मनाती या स दर उस सरकार क िजदगानी रहगी

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 9: Wo 49 din final

जब चनाव आ जात हhellip

तर आन क आहट सन पतझड़ सावन हो जात ह ईद का चाद जमीन प उतरा ायः क़ सो म ह सन पात ह

साप बल स बाहर आत गर गट क रग बदल जात ह िजनक चरण को खोजा अब तक उनको चरण म पात ह

या कया और या कर दग लबी फह र त सनात ह हाथ म इनक चदा सरज दन म तार दखलात ह सबस लकर कछ को दकर दानवीर कहलात ह चम कार ह इस चनाव का कस क ण बन जात ह

चमच क तो चाद होती भख बरयानी खात ह दा नोट क वषा स वो समाजवाद फलात ह हम वह वकास क व ापन ट वी को चमकात ह धक य जनता ऐस नता फर फर जीत क आ जात ह

अ भम य फसा च यह म

सन ललकार श ओ क इसका मन भी ह मचलाया

लाज बचान दश क अपन बालक न ह श उठाया

य सािजश ह षडय कोई सब बड़-बडो न समझाया

साहस द साहस क पतल रखा को इसन आज मटाया

ाणो का भय पीछ छटा सक प एक बस शष रह

कल का गौरव ना खोन द गा जब तक अ तम सास रह

दखो घरा श ओ म ह लह लहान पर लड़ता जाता

कोई मार भाला सीन म कोई पीछ स छर भ कता

चोतरफ़ा स बाणो क वषा सब कवच भदती जाती ह

तपल म य-स दर अपन पास खीचती जाती ह

तम आज मकदश भ व य को या जबाब द पाओग

यग -यग तक या फर कोई अ भम य पा जाओग

समय शष ह उठो वीर आओ मलकर श उठाए

लड़ ाण जब तक तन म एक नया इ तहास रचाए

य चीज़ ह पॉ ल ट स य चीज़ ह पॉ ल ट स क चड़ का लख का खल ह ए सब गोर काल म स

क पल स चन सब आउट दनादन भ जी मार स स

बन-प जी का नवश बड़ दन रात ना कोई र क

हार-जीत बस आख- मचोल हर लयर ह ह फ स

व ान ग णत सब फल ह ई ना चल इकॉनो म स

य कला बड़ी आसान क़ इसम बस करना सबक बट ल स

चपक रहो कस स तम चाह कतन खाओ क स

महनत स चाई दर हटो ह वागत डट स

आप आए व वास जगा बदलगी य पॉ ल ट स

ना नज़र लग फलो-फलो यह हमार वश- वश

य चीज़ ह पॉ ल ट स य चीज़ ह पॉ ल ट स

अजब तर शहर का द तर हो गया

लटर शहर क ईमान क म दर म बठ पज रह

मरा एक चोर को बस चोर कहना कसर हो गया

चदा सरज प रया ल लो लो इ धनष क रग सभी

सपन बचत - बचत वो हक कत स दर हो गया

य उसल या दग सवा गर बी गमनामी क

चायवाला ईमान बचक मशह र हो गया

कोई मारता ना मरता य फलसफा पढ़क

खन क खल को योगी मजर हो गया

दौलत क चमक ह या पॉ लश का ह नर

काच का मामल टकड़ा आज को हनर हो गया

अब समर म उतरना होगा

या जीवन क उ य यह खाना पीना और सो जाना

प रवार पढ़ाई रोज़गार अपनी द नया म खो जाना

दश क चचा दश क चता दश म बस मन-रजन

दश क दशा बदलन म ो सोच क दशा को बदलना होगा l अब समर

म वसजन बह त ह आ प ाण-सजन अब करना होगा

लाल लह क गम स अब हम ग र को भी बहना होगा

धतरा सर ख राजा ह ह हर न कड़ पर चीर हरण

हाथ म च सदशन ल अब त ह क ण बनना होगा l अब समर अभी नह तो कभी नह इस यग- ण क पहचान करो

य रा -सजन का पथ द कर तम भी कछ म-दान करो

जीवन का म य चकान का यह व णम अवसर आया ह

इ तहास रच ह बह त न तझ भ व य रचना होगा l अब समर

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

झाड़ हर घर म रहती आम खास म भद ना करती

ह दखन म सहज-सरल पर कड़ पर बजल सी गरती

य बड़ काम क चीज ह बाब तम भी इसको घर लाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

ऊच छ पर क धल ह या मकड़जाल क चल ह

चल नरतर बना थक चाह कतनी भी तकल ह

य समाजवाद क पाठशाला कछ समझो कछ समझाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

घर भरा गदगी बदब स म छर बीमार फलाए

अपन घर को सथरा करन ह इ तजार कब महतर आय

उठो अम आलस छोडो झाड़ पकड़ो ना शमाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

य बधी ह यी पर सधी ह यी कसी कोन म पड़ी रह

कत य क पथ पर बढ़ती पल-पल अपनी मौत सह

खद मटकर और क सवा झाड़ का स दश सनाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

लाख चौरासी यो न म दगो क फाइल भटक रह

दजनो क मशन जाच स म त जाच कहा पर अटक रह

कतन क मशन और लगग इस एक घटना क जाच को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

दश क दल द ल म ह तो ह तो नरसहार ह आ

या औरत या ब च दखो लाश का अबार ह आ

और कतन सबत लगग सा बत करन पाप को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को क ल हज़ार खलआम पर का तल ना एक मला

धक याय और य याय य था अध- बहरो का का फला

लग तीस साल और कतन माइ लॉड लगग आपको

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

आप को चदा कौन दया

आतकवाद न सल बीमार भखमर अ श ा रोज़गार

म हला सर ा सा दा यकता सम याओ का ह अबार

पर सबस चता का शन आज क आप को चदा कौन दया

2G CWG आदश कोल मनरगा वा ा बोफोस

इन घोटालो क जॉच ज़ र जार ह जार ह रहगी

पर सबस पहल य जाच ज़ र आप को चदा कौन दया

दश- वदश स काला पीला और न अरबो ह थयाया

ज म दन ग ट कह पाट फड कसी न ह ता नाम बताया

अजी अथ य था ख़तर म क आप को चदा कौन दया

लाख कस कोट म सड़ रह याय मागत जत घस रह

कछ अपन हालात क हाथो कछ वक ल क फ स स मर रह

पर पहल नणय य होना ह क आप को चदा कौन दया

खच बता रह ह क इनकम बलद ह

य लाल कल स मच सज य रल-बसो का तामझाम

लाख क लाई भीड़ और खान पीन क इतज़ाम

पछो य शो ायोिजत करन वाला कौन अमीरचद ह खच बता

प प पापा बनन नकल नयी सोच नयी बात ह

बासी कड़ी उबाल मारती रटा रटाया पाठ ह

500 करोड़ लगग सा बत करन क प प अ लमद ह खच बता

क त- सा जो काम कराकर तन वाह बाटन को रोएग

माग-माग भीख ना दत बनमाग य चदा दग

खल तजोर आपक खा तर य हमको म ी बद ह खच बता

रोट कपड़ा मकान क चता म जीवन को घसता जाता

कभी मद कभी महगाई स आम आदमी पसता जाता

पर इनका धधा तज व व क अथ यव था मद ह खच बता

हम दशी दशी अदाज हमारा दशी अपना ससार ह

पर वदशी कध प इनक मक- ओवर का भार ह

ना आम य ऊच लोग ह बाब ऊची इनक पसद ह खच बता

नणय क घड़ी अब आई ह

बजा बगल आरभ य वीरो न श सभाल ह

दोनो सनाए सजी ह ई नणय क घड़ी अब आई ह कह तो अनभव क बरसात कह दहाई यौवन क कोई वकास क तान छड़ता कह सा दा यकता छाई ह या कया और या कर दग ऊच मच स गरज रह

दोनो न अन गन वाद क बन-डोर पतग उड़ाई ह दशक गय पर दोनो स दगो क दाग नह जात करोड़ क इपोटड पाउडर स प प-फक क पताई ह मन द वधा म त ध श य म तय म खो जाता ह कस और जाऊ या ठहर जाऊ इधर कआ उधर खाई ह

मत सोचो महनत बकार जाएगी आप कहा तक पह च पाएगी पग-पग पल-पल बढ़क ह तो सबन मिज़ल पाई ह

हा म अना क ट ह

अबलाओ क आस स द ल का दल जब सख हो रहा

ग ड़या दा मनी क क़ सो स सब दश शम म डब रहा

प लस शासन मक-ब धर दशासन बखौफ़ खड़

चीर- ोपद लट जान द ना राजा म धतरा ह

हा म अना क ट ह

जन-सवा ह रा टधम क़ानन याय स वधान ह

लोकत का ाण यह य ह भारत नमाण ह

जन-सवा स वमख खड़ा वो त ट सरकार नक मी

जन-सवा क नतन पथ सजता कोई कह पथ- ट ह

हा म अना क ट ह

िज़द ह जब तक ाण रह जन- हत म सघष क गा

ससद म कभी सड़क प आक टो तम पर वार क गा

पद लोभी होग और कोई सरकार गर तो गर जाए

सर नह झका ह नह झकगा हा म िज ी द ट ह

हा म अना क ट ह

नौ सौ चह खा ब ल हज को चल अब तक जो पस-पॉवर क आखो प प ी बाध थ

द ल क जनता क दहाड़ स उन अधो क आख खल जनता हा-हाकार मचाती कानो म ज भी ना रगती इन बहर सरकारो म जनता-दरबार क सल चल जग जीत महलो म सोत 5 साल फर कौन जा इन गिजनी सरकारो को अब याद आए पानी- बजल

कोई टोल- बथ ह तोड़ रहा कह आ म- दाह क ह धमक

कह प धरना कह दशन जन-सवा क अब होड़ चल जन क नी त जन का नता सभी दल म ख़ा लबल

मफलर वटर सपन म दखत खाद क पतलन खल ना कोई सभा का तामझाम ना कोई मक-ओवर का खचा मी डया म अपनी टोर फोकट म दन-रात चल स ता क दलाल स अपनी जो रोज़ी-रोट चला रह अब टाचार मटाएग बोल कौआ कोयल बोल आप-जाप क माला रट रह सब जन दखादखी कर रह

झाड़ पह चगी ससद म य चचा ह गल -गल

अबक बार आप ह हम यवा ह अनभवह न सह कछ तौर-तर क अलग सह ज़बान हमार त ख़ सह पर नयत हमार साफ ह अबक बार

टाचार जड़ तक फला बड़-बडो का मन ह डोला सार उलझन का सबब यह सब तकल फो का बाप ह अबक बार रावण एक अनक प म सीताओ को छलन आया सावधान ह वष कशर पर चलता फरता पाप ह अबक बार बजल राशन प लस शासन श ा रोज़गार नमाण

इसक हद स कोई ना छटा या यपी या गजरात ह अबक बार ऊच मचो स वराज क लशन लाख को पढ़ा रह

थम पि त म य दयर पा बगा बाबराम ह अबक बार जनता क म धल खा रह नाम का ह धमाल ह

जय- जयकार कह राह ल कह नमो-नमो का जाप ह अबक बार आम आदमी खट प प र त म टाचार ह

या फ़क कौन ह चोर कौन फर चोरो का सरदार ह अबक बार दोनो न दशको राज कया एक द ल एक गजरात लया जनता जसी वसी ह रह ह ए VVIP आप ह अबक बार लोकत का समर सामन तीन माह बस शष ह

आज आप को सा बत करना हमम भी कछ बात ह अबक बार

का सयो तम कमाल करत हो कतना लटा कतना खाया इन पछल प ह साल म

तमको पाकर या- या खोया इन पछल प ह साल म थोड़ा आराम- वराम करो द ल क जनमत का स मान करो प ह दन क सरकार स कतन सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो लट रह अ मत खल-आम चौतरफ़ा जगलराज ह

जन हत म रोड़ पर राजा लोकत शमसार ह

प लस- शासन क सब चाबी खद क जबो म रखकर दा नश म हला का रप यो ह आ हमस सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो बन माग बना बताए ह बन-शत समथन भज दया ललकारा अपन वचन नभान अ वीक त को कायर इ ज़ाम दया जन-मत रखन नज-मन मारा वीरो-वत चनौती वीकार कया अब धल हट CWG फाइल स इतनी हलचल इतना यो डरत हो का सयो तम कमाल करत हो

जब ट त का ट शासकhelliphellip

जब ट त का ट शासक सब हद पार कर जाता ह

कभी दशासन कभी क स बन चीर जा का हर जाता ह

रावण एक अनक मखो स जनता को छलता जाता ह

तब दव कभी तो क ण राम अर वद कभी बन आ जाता ह दन-रात घस तब वरला कोई IIT IRS बन पाता ह

कतनी आखो क कतन सपन स मख अपन पाता ह

पद का तवा माल-मलाई मधमय भ वषय ललचाता ह

पर भारत मा क क ण - कराह सन व वल नज-मन को पाता ह

अपनो क आशाओ पथ-बाधाओ को जो वीर लाघता जाता ह

एक रा बस एक यय सव व यौछावर कर जाता ह

नदा- त त यश- आलोचन स दर नकलता जाता ह

याग तप या ढता स जो पग-पग बढ़ता जाता ह

खद को खद म पघलाय तब कोई अर वद बन पता ह

आप तो बरा मान गय चहरा या दखा अपना जनाबआईन स रार ठान गय त वीर मर दख बड़बड़ात ह

ह जर क अस लयत जो हम जान गय एक सवाल चद का या पछा तोप-तलवार हम प तान गय य नफ़रत य सौतलापन यो ह

हम भी उसी मा क सतान ह ए लह स खीचत फरत लक र दश मी हो या ता लबान ह ए य दौलत य शान-ओ-शौकत

सब बकार ह ईमान गय नाम था कभी पहचान भी थी या हआ क आदमी सामान ह ए

दद ह दद ह हर क स म

सतमगर या तर अहसान ह ए तर क क तर चच सब तरफ

मला बस उनको िजन पर आप महरबान ह ए सौदागरअलग पहचान तर हर गल -मोह ल म

कह शतान कह आप भगवान ह ए

क मत तो चकानी पड़गी

गाधी जसो न अपमान सह मडला दशको जल रह

भगत सह फासी प झल बोस दश स दर रह

तम कौन स य प ह रशचद को यहा ग ी गवानी पड़गी

मत वच लत हो यहा बड़-बड़ न गाल -गोल खाई ह

दशस य क महाय म अपनी आह ती चढ़ाई ह

काजल क कोठर म आए हो तो कछ का लख भी लगवानी पड़गी

राजनी त कोई गहरा दलदल बन-डब पार उतरना मि कल

थक अकला छायाए छल बाधाए पथ रोक पल-पल

ल मी कमल हाथ ल पथ म नाना- प म छड़खानी करगी

कमयोगी तर पार कई शतक पर भार होगी

नायक तर य लघकथा कई सपर हट स यार होगी

म य प जो ज न मनाती या स दर उस सरकार क िजदगानी रहगी

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 10: Wo 49 din final

अ भम य फसा च यह म

सन ललकार श ओ क इसका मन भी ह मचलाया

लाज बचान दश क अपन बालक न ह श उठाया

य सािजश ह षडय कोई सब बड़-बडो न समझाया

साहस द साहस क पतल रखा को इसन आज मटाया

ाणो का भय पीछ छटा सक प एक बस शष रह

कल का गौरव ना खोन द गा जब तक अ तम सास रह

दखो घरा श ओ म ह लह लहान पर लड़ता जाता

कोई मार भाला सीन म कोई पीछ स छर भ कता

चोतरफ़ा स बाणो क वषा सब कवच भदती जाती ह

तपल म य-स दर अपन पास खीचती जाती ह

तम आज मकदश भ व य को या जबाब द पाओग

यग -यग तक या फर कोई अ भम य पा जाओग

समय शष ह उठो वीर आओ मलकर श उठाए

लड़ ाण जब तक तन म एक नया इ तहास रचाए

य चीज़ ह पॉ ल ट स य चीज़ ह पॉ ल ट स क चड़ का लख का खल ह ए सब गोर काल म स

क पल स चन सब आउट दनादन भ जी मार स स

बन-प जी का नवश बड़ दन रात ना कोई र क

हार-जीत बस आख- मचोल हर लयर ह ह फ स

व ान ग णत सब फल ह ई ना चल इकॉनो म स

य कला बड़ी आसान क़ इसम बस करना सबक बट ल स

चपक रहो कस स तम चाह कतन खाओ क स

महनत स चाई दर हटो ह वागत डट स

आप आए व वास जगा बदलगी य पॉ ल ट स

ना नज़र लग फलो-फलो यह हमार वश- वश

य चीज़ ह पॉ ल ट स य चीज़ ह पॉ ल ट स

अजब तर शहर का द तर हो गया

लटर शहर क ईमान क म दर म बठ पज रह

मरा एक चोर को बस चोर कहना कसर हो गया

चदा सरज प रया ल लो लो इ धनष क रग सभी

सपन बचत - बचत वो हक कत स दर हो गया

य उसल या दग सवा गर बी गमनामी क

चायवाला ईमान बचक मशह र हो गया

कोई मारता ना मरता य फलसफा पढ़क

खन क खल को योगी मजर हो गया

दौलत क चमक ह या पॉ लश का ह नर

काच का मामल टकड़ा आज को हनर हो गया

अब समर म उतरना होगा

या जीवन क उ य यह खाना पीना और सो जाना

प रवार पढ़ाई रोज़गार अपनी द नया म खो जाना

दश क चचा दश क चता दश म बस मन-रजन

दश क दशा बदलन म ो सोच क दशा को बदलना होगा l अब समर

म वसजन बह त ह आ प ाण-सजन अब करना होगा

लाल लह क गम स अब हम ग र को भी बहना होगा

धतरा सर ख राजा ह ह हर न कड़ पर चीर हरण

हाथ म च सदशन ल अब त ह क ण बनना होगा l अब समर अभी नह तो कभी नह इस यग- ण क पहचान करो

य रा -सजन का पथ द कर तम भी कछ म-दान करो

जीवन का म य चकान का यह व णम अवसर आया ह

इ तहास रच ह बह त न तझ भ व य रचना होगा l अब समर

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

झाड़ हर घर म रहती आम खास म भद ना करती

ह दखन म सहज-सरल पर कड़ पर बजल सी गरती

य बड़ काम क चीज ह बाब तम भी इसको घर लाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

ऊच छ पर क धल ह या मकड़जाल क चल ह

चल नरतर बना थक चाह कतनी भी तकल ह

य समाजवाद क पाठशाला कछ समझो कछ समझाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

घर भरा गदगी बदब स म छर बीमार फलाए

अपन घर को सथरा करन ह इ तजार कब महतर आय

उठो अम आलस छोडो झाड़ पकड़ो ना शमाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

य बधी ह यी पर सधी ह यी कसी कोन म पड़ी रह

कत य क पथ पर बढ़ती पल-पल अपनी मौत सह

खद मटकर और क सवा झाड़ का स दश सनाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

लाख चौरासी यो न म दगो क फाइल भटक रह

दजनो क मशन जाच स म त जाच कहा पर अटक रह

कतन क मशन और लगग इस एक घटना क जाच को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

दश क दल द ल म ह तो ह तो नरसहार ह आ

या औरत या ब च दखो लाश का अबार ह आ

और कतन सबत लगग सा बत करन पाप को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को क ल हज़ार खलआम पर का तल ना एक मला

धक याय और य याय य था अध- बहरो का का फला

लग तीस साल और कतन माइ लॉड लगग आपको

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

आप को चदा कौन दया

आतकवाद न सल बीमार भखमर अ श ा रोज़गार

म हला सर ा सा दा यकता सम याओ का ह अबार

पर सबस चता का शन आज क आप को चदा कौन दया

2G CWG आदश कोल मनरगा वा ा बोफोस

इन घोटालो क जॉच ज़ र जार ह जार ह रहगी

पर सबस पहल य जाच ज़ र आप को चदा कौन दया

दश- वदश स काला पीला और न अरबो ह थयाया

ज म दन ग ट कह पाट फड कसी न ह ता नाम बताया

अजी अथ य था ख़तर म क आप को चदा कौन दया

लाख कस कोट म सड़ रह याय मागत जत घस रह

कछ अपन हालात क हाथो कछ वक ल क फ स स मर रह

पर पहल नणय य होना ह क आप को चदा कौन दया

खच बता रह ह क इनकम बलद ह

य लाल कल स मच सज य रल-बसो का तामझाम

लाख क लाई भीड़ और खान पीन क इतज़ाम

पछो य शो ायोिजत करन वाला कौन अमीरचद ह खच बता

प प पापा बनन नकल नयी सोच नयी बात ह

बासी कड़ी उबाल मारती रटा रटाया पाठ ह

500 करोड़ लगग सा बत करन क प प अ लमद ह खच बता

क त- सा जो काम कराकर तन वाह बाटन को रोएग

माग-माग भीख ना दत बनमाग य चदा दग

खल तजोर आपक खा तर य हमको म ी बद ह खच बता

रोट कपड़ा मकान क चता म जीवन को घसता जाता

कभी मद कभी महगाई स आम आदमी पसता जाता

पर इनका धधा तज व व क अथ यव था मद ह खच बता

हम दशी दशी अदाज हमारा दशी अपना ससार ह

पर वदशी कध प इनक मक- ओवर का भार ह

ना आम य ऊच लोग ह बाब ऊची इनक पसद ह खच बता

नणय क घड़ी अब आई ह

बजा बगल आरभ य वीरो न श सभाल ह

दोनो सनाए सजी ह ई नणय क घड़ी अब आई ह कह तो अनभव क बरसात कह दहाई यौवन क कोई वकास क तान छड़ता कह सा दा यकता छाई ह या कया और या कर दग ऊच मच स गरज रह

दोनो न अन गन वाद क बन-डोर पतग उड़ाई ह दशक गय पर दोनो स दगो क दाग नह जात करोड़ क इपोटड पाउडर स प प-फक क पताई ह मन द वधा म त ध श य म तय म खो जाता ह कस और जाऊ या ठहर जाऊ इधर कआ उधर खाई ह

मत सोचो महनत बकार जाएगी आप कहा तक पह च पाएगी पग-पग पल-पल बढ़क ह तो सबन मिज़ल पाई ह

हा म अना क ट ह

अबलाओ क आस स द ल का दल जब सख हो रहा

ग ड़या दा मनी क क़ सो स सब दश शम म डब रहा

प लस शासन मक-ब धर दशासन बखौफ़ खड़

चीर- ोपद लट जान द ना राजा म धतरा ह

हा म अना क ट ह

जन-सवा ह रा टधम क़ानन याय स वधान ह

लोकत का ाण यह य ह भारत नमाण ह

जन-सवा स वमख खड़ा वो त ट सरकार नक मी

जन-सवा क नतन पथ सजता कोई कह पथ- ट ह

हा म अना क ट ह

िज़द ह जब तक ाण रह जन- हत म सघष क गा

ससद म कभी सड़क प आक टो तम पर वार क गा

पद लोभी होग और कोई सरकार गर तो गर जाए

सर नह झका ह नह झकगा हा म िज ी द ट ह

हा म अना क ट ह

नौ सौ चह खा ब ल हज को चल अब तक जो पस-पॉवर क आखो प प ी बाध थ

द ल क जनता क दहाड़ स उन अधो क आख खल जनता हा-हाकार मचाती कानो म ज भी ना रगती इन बहर सरकारो म जनता-दरबार क सल चल जग जीत महलो म सोत 5 साल फर कौन जा इन गिजनी सरकारो को अब याद आए पानी- बजल

कोई टोल- बथ ह तोड़ रहा कह आ म- दाह क ह धमक

कह प धरना कह दशन जन-सवा क अब होड़ चल जन क नी त जन का नता सभी दल म ख़ा लबल

मफलर वटर सपन म दखत खाद क पतलन खल ना कोई सभा का तामझाम ना कोई मक-ओवर का खचा मी डया म अपनी टोर फोकट म दन-रात चल स ता क दलाल स अपनी जो रोज़ी-रोट चला रह अब टाचार मटाएग बोल कौआ कोयल बोल आप-जाप क माला रट रह सब जन दखादखी कर रह

झाड़ पह चगी ससद म य चचा ह गल -गल

अबक बार आप ह हम यवा ह अनभवह न सह कछ तौर-तर क अलग सह ज़बान हमार त ख़ सह पर नयत हमार साफ ह अबक बार

टाचार जड़ तक फला बड़-बडो का मन ह डोला सार उलझन का सबब यह सब तकल फो का बाप ह अबक बार रावण एक अनक प म सीताओ को छलन आया सावधान ह वष कशर पर चलता फरता पाप ह अबक बार बजल राशन प लस शासन श ा रोज़गार नमाण

इसक हद स कोई ना छटा या यपी या गजरात ह अबक बार ऊच मचो स वराज क लशन लाख को पढ़ा रह

थम पि त म य दयर पा बगा बाबराम ह अबक बार जनता क म धल खा रह नाम का ह धमाल ह

जय- जयकार कह राह ल कह नमो-नमो का जाप ह अबक बार आम आदमी खट प प र त म टाचार ह

या फ़क कौन ह चोर कौन फर चोरो का सरदार ह अबक बार दोनो न दशको राज कया एक द ल एक गजरात लया जनता जसी वसी ह रह ह ए VVIP आप ह अबक बार लोकत का समर सामन तीन माह बस शष ह

आज आप को सा बत करना हमम भी कछ बात ह अबक बार

का सयो तम कमाल करत हो कतना लटा कतना खाया इन पछल प ह साल म

तमको पाकर या- या खोया इन पछल प ह साल म थोड़ा आराम- वराम करो द ल क जनमत का स मान करो प ह दन क सरकार स कतन सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो लट रह अ मत खल-आम चौतरफ़ा जगलराज ह

जन हत म रोड़ पर राजा लोकत शमसार ह

प लस- शासन क सब चाबी खद क जबो म रखकर दा नश म हला का रप यो ह आ हमस सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो बन माग बना बताए ह बन-शत समथन भज दया ललकारा अपन वचन नभान अ वीक त को कायर इ ज़ाम दया जन-मत रखन नज-मन मारा वीरो-वत चनौती वीकार कया अब धल हट CWG फाइल स इतनी हलचल इतना यो डरत हो का सयो तम कमाल करत हो

जब ट त का ट शासकhelliphellip

जब ट त का ट शासक सब हद पार कर जाता ह

कभी दशासन कभी क स बन चीर जा का हर जाता ह

रावण एक अनक मखो स जनता को छलता जाता ह

तब दव कभी तो क ण राम अर वद कभी बन आ जाता ह दन-रात घस तब वरला कोई IIT IRS बन पाता ह

कतनी आखो क कतन सपन स मख अपन पाता ह

पद का तवा माल-मलाई मधमय भ वषय ललचाता ह

पर भारत मा क क ण - कराह सन व वल नज-मन को पाता ह

अपनो क आशाओ पथ-बाधाओ को जो वीर लाघता जाता ह

एक रा बस एक यय सव व यौछावर कर जाता ह

नदा- त त यश- आलोचन स दर नकलता जाता ह

याग तप या ढता स जो पग-पग बढ़ता जाता ह

खद को खद म पघलाय तब कोई अर वद बन पता ह

आप तो बरा मान गय चहरा या दखा अपना जनाबआईन स रार ठान गय त वीर मर दख बड़बड़ात ह

ह जर क अस लयत जो हम जान गय एक सवाल चद का या पछा तोप-तलवार हम प तान गय य नफ़रत य सौतलापन यो ह

हम भी उसी मा क सतान ह ए लह स खीचत फरत लक र दश मी हो या ता लबान ह ए य दौलत य शान-ओ-शौकत

सब बकार ह ईमान गय नाम था कभी पहचान भी थी या हआ क आदमी सामान ह ए

दद ह दद ह हर क स म

सतमगर या तर अहसान ह ए तर क क तर चच सब तरफ

मला बस उनको िजन पर आप महरबान ह ए सौदागरअलग पहचान तर हर गल -मोह ल म

कह शतान कह आप भगवान ह ए

क मत तो चकानी पड़गी

गाधी जसो न अपमान सह मडला दशको जल रह

भगत सह फासी प झल बोस दश स दर रह

तम कौन स य प ह रशचद को यहा ग ी गवानी पड़गी

मत वच लत हो यहा बड़-बड़ न गाल -गोल खाई ह

दशस य क महाय म अपनी आह ती चढ़ाई ह

काजल क कोठर म आए हो तो कछ का लख भी लगवानी पड़गी

राजनी त कोई गहरा दलदल बन-डब पार उतरना मि कल

थक अकला छायाए छल बाधाए पथ रोक पल-पल

ल मी कमल हाथ ल पथ म नाना- प म छड़खानी करगी

कमयोगी तर पार कई शतक पर भार होगी

नायक तर य लघकथा कई सपर हट स यार होगी

म य प जो ज न मनाती या स दर उस सरकार क िजदगानी रहगी

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 11: Wo 49 din final

य चीज़ ह पॉ ल ट स य चीज़ ह पॉ ल ट स क चड़ का लख का खल ह ए सब गोर काल म स

क पल स चन सब आउट दनादन भ जी मार स स

बन-प जी का नवश बड़ दन रात ना कोई र क

हार-जीत बस आख- मचोल हर लयर ह ह फ स

व ान ग णत सब फल ह ई ना चल इकॉनो म स

य कला बड़ी आसान क़ इसम बस करना सबक बट ल स

चपक रहो कस स तम चाह कतन खाओ क स

महनत स चाई दर हटो ह वागत डट स

आप आए व वास जगा बदलगी य पॉ ल ट स

ना नज़र लग फलो-फलो यह हमार वश- वश

य चीज़ ह पॉ ल ट स य चीज़ ह पॉ ल ट स

अजब तर शहर का द तर हो गया

लटर शहर क ईमान क म दर म बठ पज रह

मरा एक चोर को बस चोर कहना कसर हो गया

चदा सरज प रया ल लो लो इ धनष क रग सभी

सपन बचत - बचत वो हक कत स दर हो गया

य उसल या दग सवा गर बी गमनामी क

चायवाला ईमान बचक मशह र हो गया

कोई मारता ना मरता य फलसफा पढ़क

खन क खल को योगी मजर हो गया

दौलत क चमक ह या पॉ लश का ह नर

काच का मामल टकड़ा आज को हनर हो गया

अब समर म उतरना होगा

या जीवन क उ य यह खाना पीना और सो जाना

प रवार पढ़ाई रोज़गार अपनी द नया म खो जाना

दश क चचा दश क चता दश म बस मन-रजन

दश क दशा बदलन म ो सोच क दशा को बदलना होगा l अब समर

म वसजन बह त ह आ प ाण-सजन अब करना होगा

लाल लह क गम स अब हम ग र को भी बहना होगा

धतरा सर ख राजा ह ह हर न कड़ पर चीर हरण

हाथ म च सदशन ल अब त ह क ण बनना होगा l अब समर अभी नह तो कभी नह इस यग- ण क पहचान करो

य रा -सजन का पथ द कर तम भी कछ म-दान करो

जीवन का म य चकान का यह व णम अवसर आया ह

इ तहास रच ह बह त न तझ भ व य रचना होगा l अब समर

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

झाड़ हर घर म रहती आम खास म भद ना करती

ह दखन म सहज-सरल पर कड़ पर बजल सी गरती

य बड़ काम क चीज ह बाब तम भी इसको घर लाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

ऊच छ पर क धल ह या मकड़जाल क चल ह

चल नरतर बना थक चाह कतनी भी तकल ह

य समाजवाद क पाठशाला कछ समझो कछ समझाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

घर भरा गदगी बदब स म छर बीमार फलाए

अपन घर को सथरा करन ह इ तजार कब महतर आय

उठो अम आलस छोडो झाड़ पकड़ो ना शमाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

य बधी ह यी पर सधी ह यी कसी कोन म पड़ी रह

कत य क पथ पर बढ़ती पल-पल अपनी मौत सह

खद मटकर और क सवा झाड़ का स दश सनाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

लाख चौरासी यो न म दगो क फाइल भटक रह

दजनो क मशन जाच स म त जाच कहा पर अटक रह

कतन क मशन और लगग इस एक घटना क जाच को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

दश क दल द ल म ह तो ह तो नरसहार ह आ

या औरत या ब च दखो लाश का अबार ह आ

और कतन सबत लगग सा बत करन पाप को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को क ल हज़ार खलआम पर का तल ना एक मला

धक याय और य याय य था अध- बहरो का का फला

लग तीस साल और कतन माइ लॉड लगग आपको

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

आप को चदा कौन दया

आतकवाद न सल बीमार भखमर अ श ा रोज़गार

म हला सर ा सा दा यकता सम याओ का ह अबार

पर सबस चता का शन आज क आप को चदा कौन दया

2G CWG आदश कोल मनरगा वा ा बोफोस

इन घोटालो क जॉच ज़ र जार ह जार ह रहगी

पर सबस पहल य जाच ज़ र आप को चदा कौन दया

दश- वदश स काला पीला और न अरबो ह थयाया

ज म दन ग ट कह पाट फड कसी न ह ता नाम बताया

अजी अथ य था ख़तर म क आप को चदा कौन दया

लाख कस कोट म सड़ रह याय मागत जत घस रह

कछ अपन हालात क हाथो कछ वक ल क फ स स मर रह

पर पहल नणय य होना ह क आप को चदा कौन दया

खच बता रह ह क इनकम बलद ह

य लाल कल स मच सज य रल-बसो का तामझाम

लाख क लाई भीड़ और खान पीन क इतज़ाम

पछो य शो ायोिजत करन वाला कौन अमीरचद ह खच बता

प प पापा बनन नकल नयी सोच नयी बात ह

बासी कड़ी उबाल मारती रटा रटाया पाठ ह

500 करोड़ लगग सा बत करन क प प अ लमद ह खच बता

क त- सा जो काम कराकर तन वाह बाटन को रोएग

माग-माग भीख ना दत बनमाग य चदा दग

खल तजोर आपक खा तर य हमको म ी बद ह खच बता

रोट कपड़ा मकान क चता म जीवन को घसता जाता

कभी मद कभी महगाई स आम आदमी पसता जाता

पर इनका धधा तज व व क अथ यव था मद ह खच बता

हम दशी दशी अदाज हमारा दशी अपना ससार ह

पर वदशी कध प इनक मक- ओवर का भार ह

ना आम य ऊच लोग ह बाब ऊची इनक पसद ह खच बता

नणय क घड़ी अब आई ह

बजा बगल आरभ य वीरो न श सभाल ह

दोनो सनाए सजी ह ई नणय क घड़ी अब आई ह कह तो अनभव क बरसात कह दहाई यौवन क कोई वकास क तान छड़ता कह सा दा यकता छाई ह या कया और या कर दग ऊच मच स गरज रह

दोनो न अन गन वाद क बन-डोर पतग उड़ाई ह दशक गय पर दोनो स दगो क दाग नह जात करोड़ क इपोटड पाउडर स प प-फक क पताई ह मन द वधा म त ध श य म तय म खो जाता ह कस और जाऊ या ठहर जाऊ इधर कआ उधर खाई ह

मत सोचो महनत बकार जाएगी आप कहा तक पह च पाएगी पग-पग पल-पल बढ़क ह तो सबन मिज़ल पाई ह

हा म अना क ट ह

अबलाओ क आस स द ल का दल जब सख हो रहा

ग ड़या दा मनी क क़ सो स सब दश शम म डब रहा

प लस शासन मक-ब धर दशासन बखौफ़ खड़

चीर- ोपद लट जान द ना राजा म धतरा ह

हा म अना क ट ह

जन-सवा ह रा टधम क़ानन याय स वधान ह

लोकत का ाण यह य ह भारत नमाण ह

जन-सवा स वमख खड़ा वो त ट सरकार नक मी

जन-सवा क नतन पथ सजता कोई कह पथ- ट ह

हा म अना क ट ह

िज़द ह जब तक ाण रह जन- हत म सघष क गा

ससद म कभी सड़क प आक टो तम पर वार क गा

पद लोभी होग और कोई सरकार गर तो गर जाए

सर नह झका ह नह झकगा हा म िज ी द ट ह

हा म अना क ट ह

नौ सौ चह खा ब ल हज को चल अब तक जो पस-पॉवर क आखो प प ी बाध थ

द ल क जनता क दहाड़ स उन अधो क आख खल जनता हा-हाकार मचाती कानो म ज भी ना रगती इन बहर सरकारो म जनता-दरबार क सल चल जग जीत महलो म सोत 5 साल फर कौन जा इन गिजनी सरकारो को अब याद आए पानी- बजल

कोई टोल- बथ ह तोड़ रहा कह आ म- दाह क ह धमक

कह प धरना कह दशन जन-सवा क अब होड़ चल जन क नी त जन का नता सभी दल म ख़ा लबल

मफलर वटर सपन म दखत खाद क पतलन खल ना कोई सभा का तामझाम ना कोई मक-ओवर का खचा मी डया म अपनी टोर फोकट म दन-रात चल स ता क दलाल स अपनी जो रोज़ी-रोट चला रह अब टाचार मटाएग बोल कौआ कोयल बोल आप-जाप क माला रट रह सब जन दखादखी कर रह

झाड़ पह चगी ससद म य चचा ह गल -गल

अबक बार आप ह हम यवा ह अनभवह न सह कछ तौर-तर क अलग सह ज़बान हमार त ख़ सह पर नयत हमार साफ ह अबक बार

टाचार जड़ तक फला बड़-बडो का मन ह डोला सार उलझन का सबब यह सब तकल फो का बाप ह अबक बार रावण एक अनक प म सीताओ को छलन आया सावधान ह वष कशर पर चलता फरता पाप ह अबक बार बजल राशन प लस शासन श ा रोज़गार नमाण

इसक हद स कोई ना छटा या यपी या गजरात ह अबक बार ऊच मचो स वराज क लशन लाख को पढ़ा रह

थम पि त म य दयर पा बगा बाबराम ह अबक बार जनता क म धल खा रह नाम का ह धमाल ह

जय- जयकार कह राह ल कह नमो-नमो का जाप ह अबक बार आम आदमी खट प प र त म टाचार ह

या फ़क कौन ह चोर कौन फर चोरो का सरदार ह अबक बार दोनो न दशको राज कया एक द ल एक गजरात लया जनता जसी वसी ह रह ह ए VVIP आप ह अबक बार लोकत का समर सामन तीन माह बस शष ह

आज आप को सा बत करना हमम भी कछ बात ह अबक बार

का सयो तम कमाल करत हो कतना लटा कतना खाया इन पछल प ह साल म

तमको पाकर या- या खोया इन पछल प ह साल म थोड़ा आराम- वराम करो द ल क जनमत का स मान करो प ह दन क सरकार स कतन सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो लट रह अ मत खल-आम चौतरफ़ा जगलराज ह

जन हत म रोड़ पर राजा लोकत शमसार ह

प लस- शासन क सब चाबी खद क जबो म रखकर दा नश म हला का रप यो ह आ हमस सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो बन माग बना बताए ह बन-शत समथन भज दया ललकारा अपन वचन नभान अ वीक त को कायर इ ज़ाम दया जन-मत रखन नज-मन मारा वीरो-वत चनौती वीकार कया अब धल हट CWG फाइल स इतनी हलचल इतना यो डरत हो का सयो तम कमाल करत हो

जब ट त का ट शासकhelliphellip

जब ट त का ट शासक सब हद पार कर जाता ह

कभी दशासन कभी क स बन चीर जा का हर जाता ह

रावण एक अनक मखो स जनता को छलता जाता ह

तब दव कभी तो क ण राम अर वद कभी बन आ जाता ह दन-रात घस तब वरला कोई IIT IRS बन पाता ह

कतनी आखो क कतन सपन स मख अपन पाता ह

पद का तवा माल-मलाई मधमय भ वषय ललचाता ह

पर भारत मा क क ण - कराह सन व वल नज-मन को पाता ह

अपनो क आशाओ पथ-बाधाओ को जो वीर लाघता जाता ह

एक रा बस एक यय सव व यौछावर कर जाता ह

नदा- त त यश- आलोचन स दर नकलता जाता ह

याग तप या ढता स जो पग-पग बढ़ता जाता ह

खद को खद म पघलाय तब कोई अर वद बन पता ह

आप तो बरा मान गय चहरा या दखा अपना जनाबआईन स रार ठान गय त वीर मर दख बड़बड़ात ह

ह जर क अस लयत जो हम जान गय एक सवाल चद का या पछा तोप-तलवार हम प तान गय य नफ़रत य सौतलापन यो ह

हम भी उसी मा क सतान ह ए लह स खीचत फरत लक र दश मी हो या ता लबान ह ए य दौलत य शान-ओ-शौकत

सब बकार ह ईमान गय नाम था कभी पहचान भी थी या हआ क आदमी सामान ह ए

दद ह दद ह हर क स म

सतमगर या तर अहसान ह ए तर क क तर चच सब तरफ

मला बस उनको िजन पर आप महरबान ह ए सौदागरअलग पहचान तर हर गल -मोह ल म

कह शतान कह आप भगवान ह ए

क मत तो चकानी पड़गी

गाधी जसो न अपमान सह मडला दशको जल रह

भगत सह फासी प झल बोस दश स दर रह

तम कौन स य प ह रशचद को यहा ग ी गवानी पड़गी

मत वच लत हो यहा बड़-बड़ न गाल -गोल खाई ह

दशस य क महाय म अपनी आह ती चढ़ाई ह

काजल क कोठर म आए हो तो कछ का लख भी लगवानी पड़गी

राजनी त कोई गहरा दलदल बन-डब पार उतरना मि कल

थक अकला छायाए छल बाधाए पथ रोक पल-पल

ल मी कमल हाथ ल पथ म नाना- प म छड़खानी करगी

कमयोगी तर पार कई शतक पर भार होगी

नायक तर य लघकथा कई सपर हट स यार होगी

म य प जो ज न मनाती या स दर उस सरकार क िजदगानी रहगी

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 12: Wo 49 din final

अजब तर शहर का द तर हो गया

लटर शहर क ईमान क म दर म बठ पज रह

मरा एक चोर को बस चोर कहना कसर हो गया

चदा सरज प रया ल लो लो इ धनष क रग सभी

सपन बचत - बचत वो हक कत स दर हो गया

य उसल या दग सवा गर बी गमनामी क

चायवाला ईमान बचक मशह र हो गया

कोई मारता ना मरता य फलसफा पढ़क

खन क खल को योगी मजर हो गया

दौलत क चमक ह या पॉ लश का ह नर

काच का मामल टकड़ा आज को हनर हो गया

अब समर म उतरना होगा

या जीवन क उ य यह खाना पीना और सो जाना

प रवार पढ़ाई रोज़गार अपनी द नया म खो जाना

दश क चचा दश क चता दश म बस मन-रजन

दश क दशा बदलन म ो सोच क दशा को बदलना होगा l अब समर

म वसजन बह त ह आ प ाण-सजन अब करना होगा

लाल लह क गम स अब हम ग र को भी बहना होगा

धतरा सर ख राजा ह ह हर न कड़ पर चीर हरण

हाथ म च सदशन ल अब त ह क ण बनना होगा l अब समर अभी नह तो कभी नह इस यग- ण क पहचान करो

य रा -सजन का पथ द कर तम भी कछ म-दान करो

जीवन का म य चकान का यह व णम अवसर आया ह

इ तहास रच ह बह त न तझ भ व य रचना होगा l अब समर

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

झाड़ हर घर म रहती आम खास म भद ना करती

ह दखन म सहज-सरल पर कड़ पर बजल सी गरती

य बड़ काम क चीज ह बाब तम भी इसको घर लाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

ऊच छ पर क धल ह या मकड़जाल क चल ह

चल नरतर बना थक चाह कतनी भी तकल ह

य समाजवाद क पाठशाला कछ समझो कछ समझाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

घर भरा गदगी बदब स म छर बीमार फलाए

अपन घर को सथरा करन ह इ तजार कब महतर आय

उठो अम आलस छोडो झाड़ पकड़ो ना शमाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

य बधी ह यी पर सधी ह यी कसी कोन म पड़ी रह

कत य क पथ पर बढ़ती पल-पल अपनी मौत सह

खद मटकर और क सवा झाड़ का स दश सनाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

लाख चौरासी यो न म दगो क फाइल भटक रह

दजनो क मशन जाच स म त जाच कहा पर अटक रह

कतन क मशन और लगग इस एक घटना क जाच को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

दश क दल द ल म ह तो ह तो नरसहार ह आ

या औरत या ब च दखो लाश का अबार ह आ

और कतन सबत लगग सा बत करन पाप को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को क ल हज़ार खलआम पर का तल ना एक मला

धक याय और य याय य था अध- बहरो का का फला

लग तीस साल और कतन माइ लॉड लगग आपको

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

आप को चदा कौन दया

आतकवाद न सल बीमार भखमर अ श ा रोज़गार

म हला सर ा सा दा यकता सम याओ का ह अबार

पर सबस चता का शन आज क आप को चदा कौन दया

2G CWG आदश कोल मनरगा वा ा बोफोस

इन घोटालो क जॉच ज़ र जार ह जार ह रहगी

पर सबस पहल य जाच ज़ र आप को चदा कौन दया

दश- वदश स काला पीला और न अरबो ह थयाया

ज म दन ग ट कह पाट फड कसी न ह ता नाम बताया

अजी अथ य था ख़तर म क आप को चदा कौन दया

लाख कस कोट म सड़ रह याय मागत जत घस रह

कछ अपन हालात क हाथो कछ वक ल क फ स स मर रह

पर पहल नणय य होना ह क आप को चदा कौन दया

खच बता रह ह क इनकम बलद ह

य लाल कल स मच सज य रल-बसो का तामझाम

लाख क लाई भीड़ और खान पीन क इतज़ाम

पछो य शो ायोिजत करन वाला कौन अमीरचद ह खच बता

प प पापा बनन नकल नयी सोच नयी बात ह

बासी कड़ी उबाल मारती रटा रटाया पाठ ह

500 करोड़ लगग सा बत करन क प प अ लमद ह खच बता

क त- सा जो काम कराकर तन वाह बाटन को रोएग

माग-माग भीख ना दत बनमाग य चदा दग

खल तजोर आपक खा तर य हमको म ी बद ह खच बता

रोट कपड़ा मकान क चता म जीवन को घसता जाता

कभी मद कभी महगाई स आम आदमी पसता जाता

पर इनका धधा तज व व क अथ यव था मद ह खच बता

हम दशी दशी अदाज हमारा दशी अपना ससार ह

पर वदशी कध प इनक मक- ओवर का भार ह

ना आम य ऊच लोग ह बाब ऊची इनक पसद ह खच बता

नणय क घड़ी अब आई ह

बजा बगल आरभ य वीरो न श सभाल ह

दोनो सनाए सजी ह ई नणय क घड़ी अब आई ह कह तो अनभव क बरसात कह दहाई यौवन क कोई वकास क तान छड़ता कह सा दा यकता छाई ह या कया और या कर दग ऊच मच स गरज रह

दोनो न अन गन वाद क बन-डोर पतग उड़ाई ह दशक गय पर दोनो स दगो क दाग नह जात करोड़ क इपोटड पाउडर स प प-फक क पताई ह मन द वधा म त ध श य म तय म खो जाता ह कस और जाऊ या ठहर जाऊ इधर कआ उधर खाई ह

मत सोचो महनत बकार जाएगी आप कहा तक पह च पाएगी पग-पग पल-पल बढ़क ह तो सबन मिज़ल पाई ह

हा म अना क ट ह

अबलाओ क आस स द ल का दल जब सख हो रहा

ग ड़या दा मनी क क़ सो स सब दश शम म डब रहा

प लस शासन मक-ब धर दशासन बखौफ़ खड़

चीर- ोपद लट जान द ना राजा म धतरा ह

हा म अना क ट ह

जन-सवा ह रा टधम क़ानन याय स वधान ह

लोकत का ाण यह य ह भारत नमाण ह

जन-सवा स वमख खड़ा वो त ट सरकार नक मी

जन-सवा क नतन पथ सजता कोई कह पथ- ट ह

हा म अना क ट ह

िज़द ह जब तक ाण रह जन- हत म सघष क गा

ससद म कभी सड़क प आक टो तम पर वार क गा

पद लोभी होग और कोई सरकार गर तो गर जाए

सर नह झका ह नह झकगा हा म िज ी द ट ह

हा म अना क ट ह

नौ सौ चह खा ब ल हज को चल अब तक जो पस-पॉवर क आखो प प ी बाध थ

द ल क जनता क दहाड़ स उन अधो क आख खल जनता हा-हाकार मचाती कानो म ज भी ना रगती इन बहर सरकारो म जनता-दरबार क सल चल जग जीत महलो म सोत 5 साल फर कौन जा इन गिजनी सरकारो को अब याद आए पानी- बजल

कोई टोल- बथ ह तोड़ रहा कह आ म- दाह क ह धमक

कह प धरना कह दशन जन-सवा क अब होड़ चल जन क नी त जन का नता सभी दल म ख़ा लबल

मफलर वटर सपन म दखत खाद क पतलन खल ना कोई सभा का तामझाम ना कोई मक-ओवर का खचा मी डया म अपनी टोर फोकट म दन-रात चल स ता क दलाल स अपनी जो रोज़ी-रोट चला रह अब टाचार मटाएग बोल कौआ कोयल बोल आप-जाप क माला रट रह सब जन दखादखी कर रह

झाड़ पह चगी ससद म य चचा ह गल -गल

अबक बार आप ह हम यवा ह अनभवह न सह कछ तौर-तर क अलग सह ज़बान हमार त ख़ सह पर नयत हमार साफ ह अबक बार

टाचार जड़ तक फला बड़-बडो का मन ह डोला सार उलझन का सबब यह सब तकल फो का बाप ह अबक बार रावण एक अनक प म सीताओ को छलन आया सावधान ह वष कशर पर चलता फरता पाप ह अबक बार बजल राशन प लस शासन श ा रोज़गार नमाण

इसक हद स कोई ना छटा या यपी या गजरात ह अबक बार ऊच मचो स वराज क लशन लाख को पढ़ा रह

थम पि त म य दयर पा बगा बाबराम ह अबक बार जनता क म धल खा रह नाम का ह धमाल ह

जय- जयकार कह राह ल कह नमो-नमो का जाप ह अबक बार आम आदमी खट प प र त म टाचार ह

या फ़क कौन ह चोर कौन फर चोरो का सरदार ह अबक बार दोनो न दशको राज कया एक द ल एक गजरात लया जनता जसी वसी ह रह ह ए VVIP आप ह अबक बार लोकत का समर सामन तीन माह बस शष ह

आज आप को सा बत करना हमम भी कछ बात ह अबक बार

का सयो तम कमाल करत हो कतना लटा कतना खाया इन पछल प ह साल म

तमको पाकर या- या खोया इन पछल प ह साल म थोड़ा आराम- वराम करो द ल क जनमत का स मान करो प ह दन क सरकार स कतन सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो लट रह अ मत खल-आम चौतरफ़ा जगलराज ह

जन हत म रोड़ पर राजा लोकत शमसार ह

प लस- शासन क सब चाबी खद क जबो म रखकर दा नश म हला का रप यो ह आ हमस सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो बन माग बना बताए ह बन-शत समथन भज दया ललकारा अपन वचन नभान अ वीक त को कायर इ ज़ाम दया जन-मत रखन नज-मन मारा वीरो-वत चनौती वीकार कया अब धल हट CWG फाइल स इतनी हलचल इतना यो डरत हो का सयो तम कमाल करत हो

जब ट त का ट शासकhelliphellip

जब ट त का ट शासक सब हद पार कर जाता ह

कभी दशासन कभी क स बन चीर जा का हर जाता ह

रावण एक अनक मखो स जनता को छलता जाता ह

तब दव कभी तो क ण राम अर वद कभी बन आ जाता ह दन-रात घस तब वरला कोई IIT IRS बन पाता ह

कतनी आखो क कतन सपन स मख अपन पाता ह

पद का तवा माल-मलाई मधमय भ वषय ललचाता ह

पर भारत मा क क ण - कराह सन व वल नज-मन को पाता ह

अपनो क आशाओ पथ-बाधाओ को जो वीर लाघता जाता ह

एक रा बस एक यय सव व यौछावर कर जाता ह

नदा- त त यश- आलोचन स दर नकलता जाता ह

याग तप या ढता स जो पग-पग बढ़ता जाता ह

खद को खद म पघलाय तब कोई अर वद बन पता ह

आप तो बरा मान गय चहरा या दखा अपना जनाबआईन स रार ठान गय त वीर मर दख बड़बड़ात ह

ह जर क अस लयत जो हम जान गय एक सवाल चद का या पछा तोप-तलवार हम प तान गय य नफ़रत य सौतलापन यो ह

हम भी उसी मा क सतान ह ए लह स खीचत फरत लक र दश मी हो या ता लबान ह ए य दौलत य शान-ओ-शौकत

सब बकार ह ईमान गय नाम था कभी पहचान भी थी या हआ क आदमी सामान ह ए

दद ह दद ह हर क स म

सतमगर या तर अहसान ह ए तर क क तर चच सब तरफ

मला बस उनको िजन पर आप महरबान ह ए सौदागरअलग पहचान तर हर गल -मोह ल म

कह शतान कह आप भगवान ह ए

क मत तो चकानी पड़गी

गाधी जसो न अपमान सह मडला दशको जल रह

भगत सह फासी प झल बोस दश स दर रह

तम कौन स य प ह रशचद को यहा ग ी गवानी पड़गी

मत वच लत हो यहा बड़-बड़ न गाल -गोल खाई ह

दशस य क महाय म अपनी आह ती चढ़ाई ह

काजल क कोठर म आए हो तो कछ का लख भी लगवानी पड़गी

राजनी त कोई गहरा दलदल बन-डब पार उतरना मि कल

थक अकला छायाए छल बाधाए पथ रोक पल-पल

ल मी कमल हाथ ल पथ म नाना- प म छड़खानी करगी

कमयोगी तर पार कई शतक पर भार होगी

नायक तर य लघकथा कई सपर हट स यार होगी

म य प जो ज न मनाती या स दर उस सरकार क िजदगानी रहगी

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 13: Wo 49 din final

अब समर म उतरना होगा

या जीवन क उ य यह खाना पीना और सो जाना

प रवार पढ़ाई रोज़गार अपनी द नया म खो जाना

दश क चचा दश क चता दश म बस मन-रजन

दश क दशा बदलन म ो सोच क दशा को बदलना होगा l अब समर

म वसजन बह त ह आ प ाण-सजन अब करना होगा

लाल लह क गम स अब हम ग र को भी बहना होगा

धतरा सर ख राजा ह ह हर न कड़ पर चीर हरण

हाथ म च सदशन ल अब त ह क ण बनना होगा l अब समर अभी नह तो कभी नह इस यग- ण क पहचान करो

य रा -सजन का पथ द कर तम भी कछ म-दान करो

जीवन का म य चकान का यह व णम अवसर आया ह

इ तहास रच ह बह त न तझ भ व य रचना होगा l अब समर

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

झाड़ हर घर म रहती आम खास म भद ना करती

ह दखन म सहज-सरल पर कड़ पर बजल सी गरती

य बड़ काम क चीज ह बाब तम भी इसको घर लाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

ऊच छ पर क धल ह या मकड़जाल क चल ह

चल नरतर बना थक चाह कतनी भी तकल ह

य समाजवाद क पाठशाला कछ समझो कछ समझाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

घर भरा गदगी बदब स म छर बीमार फलाए

अपन घर को सथरा करन ह इ तजार कब महतर आय

उठो अम आलस छोडो झाड़ पकड़ो ना शमाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

य बधी ह यी पर सधी ह यी कसी कोन म पड़ी रह

कत य क पथ पर बढ़ती पल-पल अपनी मौत सह

खद मटकर और क सवा झाड़ का स दश सनाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

लाख चौरासी यो न म दगो क फाइल भटक रह

दजनो क मशन जाच स म त जाच कहा पर अटक रह

कतन क मशन और लगग इस एक घटना क जाच को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

दश क दल द ल म ह तो ह तो नरसहार ह आ

या औरत या ब च दखो लाश का अबार ह आ

और कतन सबत लगग सा बत करन पाप को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को क ल हज़ार खलआम पर का तल ना एक मला

धक याय और य याय य था अध- बहरो का का फला

लग तीस साल और कतन माइ लॉड लगग आपको

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

आप को चदा कौन दया

आतकवाद न सल बीमार भखमर अ श ा रोज़गार

म हला सर ा सा दा यकता सम याओ का ह अबार

पर सबस चता का शन आज क आप को चदा कौन दया

2G CWG आदश कोल मनरगा वा ा बोफोस

इन घोटालो क जॉच ज़ र जार ह जार ह रहगी

पर सबस पहल य जाच ज़ र आप को चदा कौन दया

दश- वदश स काला पीला और न अरबो ह थयाया

ज म दन ग ट कह पाट फड कसी न ह ता नाम बताया

अजी अथ य था ख़तर म क आप को चदा कौन दया

लाख कस कोट म सड़ रह याय मागत जत घस रह

कछ अपन हालात क हाथो कछ वक ल क फ स स मर रह

पर पहल नणय य होना ह क आप को चदा कौन दया

खच बता रह ह क इनकम बलद ह

य लाल कल स मच सज य रल-बसो का तामझाम

लाख क लाई भीड़ और खान पीन क इतज़ाम

पछो य शो ायोिजत करन वाला कौन अमीरचद ह खच बता

प प पापा बनन नकल नयी सोच नयी बात ह

बासी कड़ी उबाल मारती रटा रटाया पाठ ह

500 करोड़ लगग सा बत करन क प प अ लमद ह खच बता

क त- सा जो काम कराकर तन वाह बाटन को रोएग

माग-माग भीख ना दत बनमाग य चदा दग

खल तजोर आपक खा तर य हमको म ी बद ह खच बता

रोट कपड़ा मकान क चता म जीवन को घसता जाता

कभी मद कभी महगाई स आम आदमी पसता जाता

पर इनका धधा तज व व क अथ यव था मद ह खच बता

हम दशी दशी अदाज हमारा दशी अपना ससार ह

पर वदशी कध प इनक मक- ओवर का भार ह

ना आम य ऊच लोग ह बाब ऊची इनक पसद ह खच बता

नणय क घड़ी अब आई ह

बजा बगल आरभ य वीरो न श सभाल ह

दोनो सनाए सजी ह ई नणय क घड़ी अब आई ह कह तो अनभव क बरसात कह दहाई यौवन क कोई वकास क तान छड़ता कह सा दा यकता छाई ह या कया और या कर दग ऊच मच स गरज रह

दोनो न अन गन वाद क बन-डोर पतग उड़ाई ह दशक गय पर दोनो स दगो क दाग नह जात करोड़ क इपोटड पाउडर स प प-फक क पताई ह मन द वधा म त ध श य म तय म खो जाता ह कस और जाऊ या ठहर जाऊ इधर कआ उधर खाई ह

मत सोचो महनत बकार जाएगी आप कहा तक पह च पाएगी पग-पग पल-पल बढ़क ह तो सबन मिज़ल पाई ह

हा म अना क ट ह

अबलाओ क आस स द ल का दल जब सख हो रहा

ग ड़या दा मनी क क़ सो स सब दश शम म डब रहा

प लस शासन मक-ब धर दशासन बखौफ़ खड़

चीर- ोपद लट जान द ना राजा म धतरा ह

हा म अना क ट ह

जन-सवा ह रा टधम क़ानन याय स वधान ह

लोकत का ाण यह य ह भारत नमाण ह

जन-सवा स वमख खड़ा वो त ट सरकार नक मी

जन-सवा क नतन पथ सजता कोई कह पथ- ट ह

हा म अना क ट ह

िज़द ह जब तक ाण रह जन- हत म सघष क गा

ससद म कभी सड़क प आक टो तम पर वार क गा

पद लोभी होग और कोई सरकार गर तो गर जाए

सर नह झका ह नह झकगा हा म िज ी द ट ह

हा म अना क ट ह

नौ सौ चह खा ब ल हज को चल अब तक जो पस-पॉवर क आखो प प ी बाध थ

द ल क जनता क दहाड़ स उन अधो क आख खल जनता हा-हाकार मचाती कानो म ज भी ना रगती इन बहर सरकारो म जनता-दरबार क सल चल जग जीत महलो म सोत 5 साल फर कौन जा इन गिजनी सरकारो को अब याद आए पानी- बजल

कोई टोल- बथ ह तोड़ रहा कह आ म- दाह क ह धमक

कह प धरना कह दशन जन-सवा क अब होड़ चल जन क नी त जन का नता सभी दल म ख़ा लबल

मफलर वटर सपन म दखत खाद क पतलन खल ना कोई सभा का तामझाम ना कोई मक-ओवर का खचा मी डया म अपनी टोर फोकट म दन-रात चल स ता क दलाल स अपनी जो रोज़ी-रोट चला रह अब टाचार मटाएग बोल कौआ कोयल बोल आप-जाप क माला रट रह सब जन दखादखी कर रह

झाड़ पह चगी ससद म य चचा ह गल -गल

अबक बार आप ह हम यवा ह अनभवह न सह कछ तौर-तर क अलग सह ज़बान हमार त ख़ सह पर नयत हमार साफ ह अबक बार

टाचार जड़ तक फला बड़-बडो का मन ह डोला सार उलझन का सबब यह सब तकल फो का बाप ह अबक बार रावण एक अनक प म सीताओ को छलन आया सावधान ह वष कशर पर चलता फरता पाप ह अबक बार बजल राशन प लस शासन श ा रोज़गार नमाण

इसक हद स कोई ना छटा या यपी या गजरात ह अबक बार ऊच मचो स वराज क लशन लाख को पढ़ा रह

थम पि त म य दयर पा बगा बाबराम ह अबक बार जनता क म धल खा रह नाम का ह धमाल ह

जय- जयकार कह राह ल कह नमो-नमो का जाप ह अबक बार आम आदमी खट प प र त म टाचार ह

या फ़क कौन ह चोर कौन फर चोरो का सरदार ह अबक बार दोनो न दशको राज कया एक द ल एक गजरात लया जनता जसी वसी ह रह ह ए VVIP आप ह अबक बार लोकत का समर सामन तीन माह बस शष ह

आज आप को सा बत करना हमम भी कछ बात ह अबक बार

का सयो तम कमाल करत हो कतना लटा कतना खाया इन पछल प ह साल म

तमको पाकर या- या खोया इन पछल प ह साल म थोड़ा आराम- वराम करो द ल क जनमत का स मान करो प ह दन क सरकार स कतन सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो लट रह अ मत खल-आम चौतरफ़ा जगलराज ह

जन हत म रोड़ पर राजा लोकत शमसार ह

प लस- शासन क सब चाबी खद क जबो म रखकर दा नश म हला का रप यो ह आ हमस सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो बन माग बना बताए ह बन-शत समथन भज दया ललकारा अपन वचन नभान अ वीक त को कायर इ ज़ाम दया जन-मत रखन नज-मन मारा वीरो-वत चनौती वीकार कया अब धल हट CWG फाइल स इतनी हलचल इतना यो डरत हो का सयो तम कमाल करत हो

जब ट त का ट शासकhelliphellip

जब ट त का ट शासक सब हद पार कर जाता ह

कभी दशासन कभी क स बन चीर जा का हर जाता ह

रावण एक अनक मखो स जनता को छलता जाता ह

तब दव कभी तो क ण राम अर वद कभी बन आ जाता ह दन-रात घस तब वरला कोई IIT IRS बन पाता ह

कतनी आखो क कतन सपन स मख अपन पाता ह

पद का तवा माल-मलाई मधमय भ वषय ललचाता ह

पर भारत मा क क ण - कराह सन व वल नज-मन को पाता ह

अपनो क आशाओ पथ-बाधाओ को जो वीर लाघता जाता ह

एक रा बस एक यय सव व यौछावर कर जाता ह

नदा- त त यश- आलोचन स दर नकलता जाता ह

याग तप या ढता स जो पग-पग बढ़ता जाता ह

खद को खद म पघलाय तब कोई अर वद बन पता ह

आप तो बरा मान गय चहरा या दखा अपना जनाबआईन स रार ठान गय त वीर मर दख बड़बड़ात ह

ह जर क अस लयत जो हम जान गय एक सवाल चद का या पछा तोप-तलवार हम प तान गय य नफ़रत य सौतलापन यो ह

हम भी उसी मा क सतान ह ए लह स खीचत फरत लक र दश मी हो या ता लबान ह ए य दौलत य शान-ओ-शौकत

सब बकार ह ईमान गय नाम था कभी पहचान भी थी या हआ क आदमी सामान ह ए

दद ह दद ह हर क स म

सतमगर या तर अहसान ह ए तर क क तर चच सब तरफ

मला बस उनको िजन पर आप महरबान ह ए सौदागरअलग पहचान तर हर गल -मोह ल म

कह शतान कह आप भगवान ह ए

क मत तो चकानी पड़गी

गाधी जसो न अपमान सह मडला दशको जल रह

भगत सह फासी प झल बोस दश स दर रह

तम कौन स य प ह रशचद को यहा ग ी गवानी पड़गी

मत वच लत हो यहा बड़-बड़ न गाल -गोल खाई ह

दशस य क महाय म अपनी आह ती चढ़ाई ह

काजल क कोठर म आए हो तो कछ का लख भी लगवानी पड़गी

राजनी त कोई गहरा दलदल बन-डब पार उतरना मि कल

थक अकला छायाए छल बाधाए पथ रोक पल-पल

ल मी कमल हाथ ल पथ म नाना- प म छड़खानी करगी

कमयोगी तर पार कई शतक पर भार होगी

नायक तर य लघकथा कई सपर हट स यार होगी

म य प जो ज न मनाती या स दर उस सरकार क िजदगानी रहगी

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 14: Wo 49 din final

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

झाड़ हर घर म रहती आम खास म भद ना करती

ह दखन म सहज-सरल पर कड़ पर बजल सी गरती

य बड़ काम क चीज ह बाब तम भी इसको घर लाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

ऊच छ पर क धल ह या मकड़जाल क चल ह

चल नरतर बना थक चाह कतनी भी तकल ह

य समाजवाद क पाठशाला कछ समझो कछ समझाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

घर भरा गदगी बदब स म छर बीमार फलाए

अपन घर को सथरा करन ह इ तजार कब महतर आय

उठो अम आलस छोडो झाड़ पकड़ो ना शमाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

य बधी ह यी पर सधी ह यी कसी कोन म पड़ी रह

कत य क पथ पर बढ़ती पल-पल अपनी मौत सह

खद मटकर और क सवा झाड़ का स दश सनाओ

झाड़ चलाओ बईमान भगाओ

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

लाख चौरासी यो न म दगो क फाइल भटक रह

दजनो क मशन जाच स म त जाच कहा पर अटक रह

कतन क मशन और लगग इस एक घटना क जाच को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

दश क दल द ल म ह तो ह तो नरसहार ह आ

या औरत या ब च दखो लाश का अबार ह आ

और कतन सबत लगग सा बत करन पाप को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को क ल हज़ार खलआम पर का तल ना एक मला

धक याय और य याय य था अध- बहरो का का फला

लग तीस साल और कतन माइ लॉड लगग आपको

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

आप को चदा कौन दया

आतकवाद न सल बीमार भखमर अ श ा रोज़गार

म हला सर ा सा दा यकता सम याओ का ह अबार

पर सबस चता का शन आज क आप को चदा कौन दया

2G CWG आदश कोल मनरगा वा ा बोफोस

इन घोटालो क जॉच ज़ र जार ह जार ह रहगी

पर सबस पहल य जाच ज़ र आप को चदा कौन दया

दश- वदश स काला पीला और न अरबो ह थयाया

ज म दन ग ट कह पाट फड कसी न ह ता नाम बताया

अजी अथ य था ख़तर म क आप को चदा कौन दया

लाख कस कोट म सड़ रह याय मागत जत घस रह

कछ अपन हालात क हाथो कछ वक ल क फ स स मर रह

पर पहल नणय य होना ह क आप को चदा कौन दया

खच बता रह ह क इनकम बलद ह

य लाल कल स मच सज य रल-बसो का तामझाम

लाख क लाई भीड़ और खान पीन क इतज़ाम

पछो य शो ायोिजत करन वाला कौन अमीरचद ह खच बता

प प पापा बनन नकल नयी सोच नयी बात ह

बासी कड़ी उबाल मारती रटा रटाया पाठ ह

500 करोड़ लगग सा बत करन क प प अ लमद ह खच बता

क त- सा जो काम कराकर तन वाह बाटन को रोएग

माग-माग भीख ना दत बनमाग य चदा दग

खल तजोर आपक खा तर य हमको म ी बद ह खच बता

रोट कपड़ा मकान क चता म जीवन को घसता जाता

कभी मद कभी महगाई स आम आदमी पसता जाता

पर इनका धधा तज व व क अथ यव था मद ह खच बता

हम दशी दशी अदाज हमारा दशी अपना ससार ह

पर वदशी कध प इनक मक- ओवर का भार ह

ना आम य ऊच लोग ह बाब ऊची इनक पसद ह खच बता

नणय क घड़ी अब आई ह

बजा बगल आरभ य वीरो न श सभाल ह

दोनो सनाए सजी ह ई नणय क घड़ी अब आई ह कह तो अनभव क बरसात कह दहाई यौवन क कोई वकास क तान छड़ता कह सा दा यकता छाई ह या कया और या कर दग ऊच मच स गरज रह

दोनो न अन गन वाद क बन-डोर पतग उड़ाई ह दशक गय पर दोनो स दगो क दाग नह जात करोड़ क इपोटड पाउडर स प प-फक क पताई ह मन द वधा म त ध श य म तय म खो जाता ह कस और जाऊ या ठहर जाऊ इधर कआ उधर खाई ह

मत सोचो महनत बकार जाएगी आप कहा तक पह च पाएगी पग-पग पल-पल बढ़क ह तो सबन मिज़ल पाई ह

हा म अना क ट ह

अबलाओ क आस स द ल का दल जब सख हो रहा

ग ड़या दा मनी क क़ सो स सब दश शम म डब रहा

प लस शासन मक-ब धर दशासन बखौफ़ खड़

चीर- ोपद लट जान द ना राजा म धतरा ह

हा म अना क ट ह

जन-सवा ह रा टधम क़ानन याय स वधान ह

लोकत का ाण यह य ह भारत नमाण ह

जन-सवा स वमख खड़ा वो त ट सरकार नक मी

जन-सवा क नतन पथ सजता कोई कह पथ- ट ह

हा म अना क ट ह

िज़द ह जब तक ाण रह जन- हत म सघष क गा

ससद म कभी सड़क प आक टो तम पर वार क गा

पद लोभी होग और कोई सरकार गर तो गर जाए

सर नह झका ह नह झकगा हा म िज ी द ट ह

हा म अना क ट ह

नौ सौ चह खा ब ल हज को चल अब तक जो पस-पॉवर क आखो प प ी बाध थ

द ल क जनता क दहाड़ स उन अधो क आख खल जनता हा-हाकार मचाती कानो म ज भी ना रगती इन बहर सरकारो म जनता-दरबार क सल चल जग जीत महलो म सोत 5 साल फर कौन जा इन गिजनी सरकारो को अब याद आए पानी- बजल

कोई टोल- बथ ह तोड़ रहा कह आ म- दाह क ह धमक

कह प धरना कह दशन जन-सवा क अब होड़ चल जन क नी त जन का नता सभी दल म ख़ा लबल

मफलर वटर सपन म दखत खाद क पतलन खल ना कोई सभा का तामझाम ना कोई मक-ओवर का खचा मी डया म अपनी टोर फोकट म दन-रात चल स ता क दलाल स अपनी जो रोज़ी-रोट चला रह अब टाचार मटाएग बोल कौआ कोयल बोल आप-जाप क माला रट रह सब जन दखादखी कर रह

झाड़ पह चगी ससद म य चचा ह गल -गल

अबक बार आप ह हम यवा ह अनभवह न सह कछ तौर-तर क अलग सह ज़बान हमार त ख़ सह पर नयत हमार साफ ह अबक बार

टाचार जड़ तक फला बड़-बडो का मन ह डोला सार उलझन का सबब यह सब तकल फो का बाप ह अबक बार रावण एक अनक प म सीताओ को छलन आया सावधान ह वष कशर पर चलता फरता पाप ह अबक बार बजल राशन प लस शासन श ा रोज़गार नमाण

इसक हद स कोई ना छटा या यपी या गजरात ह अबक बार ऊच मचो स वराज क लशन लाख को पढ़ा रह

थम पि त म य दयर पा बगा बाबराम ह अबक बार जनता क म धल खा रह नाम का ह धमाल ह

जय- जयकार कह राह ल कह नमो-नमो का जाप ह अबक बार आम आदमी खट प प र त म टाचार ह

या फ़क कौन ह चोर कौन फर चोरो का सरदार ह अबक बार दोनो न दशको राज कया एक द ल एक गजरात लया जनता जसी वसी ह रह ह ए VVIP आप ह अबक बार लोकत का समर सामन तीन माह बस शष ह

आज आप को सा बत करना हमम भी कछ बात ह अबक बार

का सयो तम कमाल करत हो कतना लटा कतना खाया इन पछल प ह साल म

तमको पाकर या- या खोया इन पछल प ह साल म थोड़ा आराम- वराम करो द ल क जनमत का स मान करो प ह दन क सरकार स कतन सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो लट रह अ मत खल-आम चौतरफ़ा जगलराज ह

जन हत म रोड़ पर राजा लोकत शमसार ह

प लस- शासन क सब चाबी खद क जबो म रखकर दा नश म हला का रप यो ह आ हमस सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो बन माग बना बताए ह बन-शत समथन भज दया ललकारा अपन वचन नभान अ वीक त को कायर इ ज़ाम दया जन-मत रखन नज-मन मारा वीरो-वत चनौती वीकार कया अब धल हट CWG फाइल स इतनी हलचल इतना यो डरत हो का सयो तम कमाल करत हो

जब ट त का ट शासकhelliphellip

जब ट त का ट शासक सब हद पार कर जाता ह

कभी दशासन कभी क स बन चीर जा का हर जाता ह

रावण एक अनक मखो स जनता को छलता जाता ह

तब दव कभी तो क ण राम अर वद कभी बन आ जाता ह दन-रात घस तब वरला कोई IIT IRS बन पाता ह

कतनी आखो क कतन सपन स मख अपन पाता ह

पद का तवा माल-मलाई मधमय भ वषय ललचाता ह

पर भारत मा क क ण - कराह सन व वल नज-मन को पाता ह

अपनो क आशाओ पथ-बाधाओ को जो वीर लाघता जाता ह

एक रा बस एक यय सव व यौछावर कर जाता ह

नदा- त त यश- आलोचन स दर नकलता जाता ह

याग तप या ढता स जो पग-पग बढ़ता जाता ह

खद को खद म पघलाय तब कोई अर वद बन पता ह

आप तो बरा मान गय चहरा या दखा अपना जनाबआईन स रार ठान गय त वीर मर दख बड़बड़ात ह

ह जर क अस लयत जो हम जान गय एक सवाल चद का या पछा तोप-तलवार हम प तान गय य नफ़रत य सौतलापन यो ह

हम भी उसी मा क सतान ह ए लह स खीचत फरत लक र दश मी हो या ता लबान ह ए य दौलत य शान-ओ-शौकत

सब बकार ह ईमान गय नाम था कभी पहचान भी थी या हआ क आदमी सामान ह ए

दद ह दद ह हर क स म

सतमगर या तर अहसान ह ए तर क क तर चच सब तरफ

मला बस उनको िजन पर आप महरबान ह ए सौदागरअलग पहचान तर हर गल -मोह ल म

कह शतान कह आप भगवान ह ए

क मत तो चकानी पड़गी

गाधी जसो न अपमान सह मडला दशको जल रह

भगत सह फासी प झल बोस दश स दर रह

तम कौन स य प ह रशचद को यहा ग ी गवानी पड़गी

मत वच लत हो यहा बड़-बड़ न गाल -गोल खाई ह

दशस य क महाय म अपनी आह ती चढ़ाई ह

काजल क कोठर म आए हो तो कछ का लख भी लगवानी पड़गी

राजनी त कोई गहरा दलदल बन-डब पार उतरना मि कल

थक अकला छायाए छल बाधाए पथ रोक पल-पल

ल मी कमल हाथ ल पथ म नाना- प म छड़खानी करगी

कमयोगी तर पार कई शतक पर भार होगी

नायक तर य लघकथा कई सपर हट स यार होगी

म य प जो ज न मनाती या स दर उस सरकार क िजदगानी रहगी

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 15: Wo 49 din final

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

लाख चौरासी यो न म दगो क फाइल भटक रह

दजनो क मशन जाच स म त जाच कहा पर अटक रह

कतन क मशन और लगग इस एक घटना क जाच को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

दश क दल द ल म ह तो ह तो नरसहार ह आ

या औरत या ब च दखो लाश का अबार ह आ

और कतन सबत लगग सा बत करन पाप को

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को क ल हज़ार खलआम पर का तल ना एक मला

धक याय और य याय य था अध- बहरो का का फला

लग तीस साल और कतन माइ लॉड लगग आपको

या चौरासी साल लगग चौरासी क इसाफ़ को

आप को चदा कौन दया

आतकवाद न सल बीमार भखमर अ श ा रोज़गार

म हला सर ा सा दा यकता सम याओ का ह अबार

पर सबस चता का शन आज क आप को चदा कौन दया

2G CWG आदश कोल मनरगा वा ा बोफोस

इन घोटालो क जॉच ज़ र जार ह जार ह रहगी

पर सबस पहल य जाच ज़ र आप को चदा कौन दया

दश- वदश स काला पीला और न अरबो ह थयाया

ज म दन ग ट कह पाट फड कसी न ह ता नाम बताया

अजी अथ य था ख़तर म क आप को चदा कौन दया

लाख कस कोट म सड़ रह याय मागत जत घस रह

कछ अपन हालात क हाथो कछ वक ल क फ स स मर रह

पर पहल नणय य होना ह क आप को चदा कौन दया

खच बता रह ह क इनकम बलद ह

य लाल कल स मच सज य रल-बसो का तामझाम

लाख क लाई भीड़ और खान पीन क इतज़ाम

पछो य शो ायोिजत करन वाला कौन अमीरचद ह खच बता

प प पापा बनन नकल नयी सोच नयी बात ह

बासी कड़ी उबाल मारती रटा रटाया पाठ ह

500 करोड़ लगग सा बत करन क प प अ लमद ह खच बता

क त- सा जो काम कराकर तन वाह बाटन को रोएग

माग-माग भीख ना दत बनमाग य चदा दग

खल तजोर आपक खा तर य हमको म ी बद ह खच बता

रोट कपड़ा मकान क चता म जीवन को घसता जाता

कभी मद कभी महगाई स आम आदमी पसता जाता

पर इनका धधा तज व व क अथ यव था मद ह खच बता

हम दशी दशी अदाज हमारा दशी अपना ससार ह

पर वदशी कध प इनक मक- ओवर का भार ह

ना आम य ऊच लोग ह बाब ऊची इनक पसद ह खच बता

नणय क घड़ी अब आई ह

बजा बगल आरभ य वीरो न श सभाल ह

दोनो सनाए सजी ह ई नणय क घड़ी अब आई ह कह तो अनभव क बरसात कह दहाई यौवन क कोई वकास क तान छड़ता कह सा दा यकता छाई ह या कया और या कर दग ऊच मच स गरज रह

दोनो न अन गन वाद क बन-डोर पतग उड़ाई ह दशक गय पर दोनो स दगो क दाग नह जात करोड़ क इपोटड पाउडर स प प-फक क पताई ह मन द वधा म त ध श य म तय म खो जाता ह कस और जाऊ या ठहर जाऊ इधर कआ उधर खाई ह

मत सोचो महनत बकार जाएगी आप कहा तक पह च पाएगी पग-पग पल-पल बढ़क ह तो सबन मिज़ल पाई ह

हा म अना क ट ह

अबलाओ क आस स द ल का दल जब सख हो रहा

ग ड़या दा मनी क क़ सो स सब दश शम म डब रहा

प लस शासन मक-ब धर दशासन बखौफ़ खड़

चीर- ोपद लट जान द ना राजा म धतरा ह

हा म अना क ट ह

जन-सवा ह रा टधम क़ानन याय स वधान ह

लोकत का ाण यह य ह भारत नमाण ह

जन-सवा स वमख खड़ा वो त ट सरकार नक मी

जन-सवा क नतन पथ सजता कोई कह पथ- ट ह

हा म अना क ट ह

िज़द ह जब तक ाण रह जन- हत म सघष क गा

ससद म कभी सड़क प आक टो तम पर वार क गा

पद लोभी होग और कोई सरकार गर तो गर जाए

सर नह झका ह नह झकगा हा म िज ी द ट ह

हा म अना क ट ह

नौ सौ चह खा ब ल हज को चल अब तक जो पस-पॉवर क आखो प प ी बाध थ

द ल क जनता क दहाड़ स उन अधो क आख खल जनता हा-हाकार मचाती कानो म ज भी ना रगती इन बहर सरकारो म जनता-दरबार क सल चल जग जीत महलो म सोत 5 साल फर कौन जा इन गिजनी सरकारो को अब याद आए पानी- बजल

कोई टोल- बथ ह तोड़ रहा कह आ म- दाह क ह धमक

कह प धरना कह दशन जन-सवा क अब होड़ चल जन क नी त जन का नता सभी दल म ख़ा लबल

मफलर वटर सपन म दखत खाद क पतलन खल ना कोई सभा का तामझाम ना कोई मक-ओवर का खचा मी डया म अपनी टोर फोकट म दन-रात चल स ता क दलाल स अपनी जो रोज़ी-रोट चला रह अब टाचार मटाएग बोल कौआ कोयल बोल आप-जाप क माला रट रह सब जन दखादखी कर रह

झाड़ पह चगी ससद म य चचा ह गल -गल

अबक बार आप ह हम यवा ह अनभवह न सह कछ तौर-तर क अलग सह ज़बान हमार त ख़ सह पर नयत हमार साफ ह अबक बार

टाचार जड़ तक फला बड़-बडो का मन ह डोला सार उलझन का सबब यह सब तकल फो का बाप ह अबक बार रावण एक अनक प म सीताओ को छलन आया सावधान ह वष कशर पर चलता फरता पाप ह अबक बार बजल राशन प लस शासन श ा रोज़गार नमाण

इसक हद स कोई ना छटा या यपी या गजरात ह अबक बार ऊच मचो स वराज क लशन लाख को पढ़ा रह

थम पि त म य दयर पा बगा बाबराम ह अबक बार जनता क म धल खा रह नाम का ह धमाल ह

जय- जयकार कह राह ल कह नमो-नमो का जाप ह अबक बार आम आदमी खट प प र त म टाचार ह

या फ़क कौन ह चोर कौन फर चोरो का सरदार ह अबक बार दोनो न दशको राज कया एक द ल एक गजरात लया जनता जसी वसी ह रह ह ए VVIP आप ह अबक बार लोकत का समर सामन तीन माह बस शष ह

आज आप को सा बत करना हमम भी कछ बात ह अबक बार

का सयो तम कमाल करत हो कतना लटा कतना खाया इन पछल प ह साल म

तमको पाकर या- या खोया इन पछल प ह साल म थोड़ा आराम- वराम करो द ल क जनमत का स मान करो प ह दन क सरकार स कतन सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो लट रह अ मत खल-आम चौतरफ़ा जगलराज ह

जन हत म रोड़ पर राजा लोकत शमसार ह

प लस- शासन क सब चाबी खद क जबो म रखकर दा नश म हला का रप यो ह आ हमस सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो बन माग बना बताए ह बन-शत समथन भज दया ललकारा अपन वचन नभान अ वीक त को कायर इ ज़ाम दया जन-मत रखन नज-मन मारा वीरो-वत चनौती वीकार कया अब धल हट CWG फाइल स इतनी हलचल इतना यो डरत हो का सयो तम कमाल करत हो

जब ट त का ट शासकhelliphellip

जब ट त का ट शासक सब हद पार कर जाता ह

कभी दशासन कभी क स बन चीर जा का हर जाता ह

रावण एक अनक मखो स जनता को छलता जाता ह

तब दव कभी तो क ण राम अर वद कभी बन आ जाता ह दन-रात घस तब वरला कोई IIT IRS बन पाता ह

कतनी आखो क कतन सपन स मख अपन पाता ह

पद का तवा माल-मलाई मधमय भ वषय ललचाता ह

पर भारत मा क क ण - कराह सन व वल नज-मन को पाता ह

अपनो क आशाओ पथ-बाधाओ को जो वीर लाघता जाता ह

एक रा बस एक यय सव व यौछावर कर जाता ह

नदा- त त यश- आलोचन स दर नकलता जाता ह

याग तप या ढता स जो पग-पग बढ़ता जाता ह

खद को खद म पघलाय तब कोई अर वद बन पता ह

आप तो बरा मान गय चहरा या दखा अपना जनाबआईन स रार ठान गय त वीर मर दख बड़बड़ात ह

ह जर क अस लयत जो हम जान गय एक सवाल चद का या पछा तोप-तलवार हम प तान गय य नफ़रत य सौतलापन यो ह

हम भी उसी मा क सतान ह ए लह स खीचत फरत लक र दश मी हो या ता लबान ह ए य दौलत य शान-ओ-शौकत

सब बकार ह ईमान गय नाम था कभी पहचान भी थी या हआ क आदमी सामान ह ए

दद ह दद ह हर क स म

सतमगर या तर अहसान ह ए तर क क तर चच सब तरफ

मला बस उनको िजन पर आप महरबान ह ए सौदागरअलग पहचान तर हर गल -मोह ल म

कह शतान कह आप भगवान ह ए

क मत तो चकानी पड़गी

गाधी जसो न अपमान सह मडला दशको जल रह

भगत सह फासी प झल बोस दश स दर रह

तम कौन स य प ह रशचद को यहा ग ी गवानी पड़गी

मत वच लत हो यहा बड़-बड़ न गाल -गोल खाई ह

दशस य क महाय म अपनी आह ती चढ़ाई ह

काजल क कोठर म आए हो तो कछ का लख भी लगवानी पड़गी

राजनी त कोई गहरा दलदल बन-डब पार उतरना मि कल

थक अकला छायाए छल बाधाए पथ रोक पल-पल

ल मी कमल हाथ ल पथ म नाना- प म छड़खानी करगी

कमयोगी तर पार कई शतक पर भार होगी

नायक तर य लघकथा कई सपर हट स यार होगी

म य प जो ज न मनाती या स दर उस सरकार क िजदगानी रहगी

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 16: Wo 49 din final

आप को चदा कौन दया

आतकवाद न सल बीमार भखमर अ श ा रोज़गार

म हला सर ा सा दा यकता सम याओ का ह अबार

पर सबस चता का शन आज क आप को चदा कौन दया

2G CWG आदश कोल मनरगा वा ा बोफोस

इन घोटालो क जॉच ज़ र जार ह जार ह रहगी

पर सबस पहल य जाच ज़ र आप को चदा कौन दया

दश- वदश स काला पीला और न अरबो ह थयाया

ज म दन ग ट कह पाट फड कसी न ह ता नाम बताया

अजी अथ य था ख़तर म क आप को चदा कौन दया

लाख कस कोट म सड़ रह याय मागत जत घस रह

कछ अपन हालात क हाथो कछ वक ल क फ स स मर रह

पर पहल नणय य होना ह क आप को चदा कौन दया

खच बता रह ह क इनकम बलद ह

य लाल कल स मच सज य रल-बसो का तामझाम

लाख क लाई भीड़ और खान पीन क इतज़ाम

पछो य शो ायोिजत करन वाला कौन अमीरचद ह खच बता

प प पापा बनन नकल नयी सोच नयी बात ह

बासी कड़ी उबाल मारती रटा रटाया पाठ ह

500 करोड़ लगग सा बत करन क प प अ लमद ह खच बता

क त- सा जो काम कराकर तन वाह बाटन को रोएग

माग-माग भीख ना दत बनमाग य चदा दग

खल तजोर आपक खा तर य हमको म ी बद ह खच बता

रोट कपड़ा मकान क चता म जीवन को घसता जाता

कभी मद कभी महगाई स आम आदमी पसता जाता

पर इनका धधा तज व व क अथ यव था मद ह खच बता

हम दशी दशी अदाज हमारा दशी अपना ससार ह

पर वदशी कध प इनक मक- ओवर का भार ह

ना आम य ऊच लोग ह बाब ऊची इनक पसद ह खच बता

नणय क घड़ी अब आई ह

बजा बगल आरभ य वीरो न श सभाल ह

दोनो सनाए सजी ह ई नणय क घड़ी अब आई ह कह तो अनभव क बरसात कह दहाई यौवन क कोई वकास क तान छड़ता कह सा दा यकता छाई ह या कया और या कर दग ऊच मच स गरज रह

दोनो न अन गन वाद क बन-डोर पतग उड़ाई ह दशक गय पर दोनो स दगो क दाग नह जात करोड़ क इपोटड पाउडर स प प-फक क पताई ह मन द वधा म त ध श य म तय म खो जाता ह कस और जाऊ या ठहर जाऊ इधर कआ उधर खाई ह

मत सोचो महनत बकार जाएगी आप कहा तक पह च पाएगी पग-पग पल-पल बढ़क ह तो सबन मिज़ल पाई ह

हा म अना क ट ह

अबलाओ क आस स द ल का दल जब सख हो रहा

ग ड़या दा मनी क क़ सो स सब दश शम म डब रहा

प लस शासन मक-ब धर दशासन बखौफ़ खड़

चीर- ोपद लट जान द ना राजा म धतरा ह

हा म अना क ट ह

जन-सवा ह रा टधम क़ानन याय स वधान ह

लोकत का ाण यह य ह भारत नमाण ह

जन-सवा स वमख खड़ा वो त ट सरकार नक मी

जन-सवा क नतन पथ सजता कोई कह पथ- ट ह

हा म अना क ट ह

िज़द ह जब तक ाण रह जन- हत म सघष क गा

ससद म कभी सड़क प आक टो तम पर वार क गा

पद लोभी होग और कोई सरकार गर तो गर जाए

सर नह झका ह नह झकगा हा म िज ी द ट ह

हा म अना क ट ह

नौ सौ चह खा ब ल हज को चल अब तक जो पस-पॉवर क आखो प प ी बाध थ

द ल क जनता क दहाड़ स उन अधो क आख खल जनता हा-हाकार मचाती कानो म ज भी ना रगती इन बहर सरकारो म जनता-दरबार क सल चल जग जीत महलो म सोत 5 साल फर कौन जा इन गिजनी सरकारो को अब याद आए पानी- बजल

कोई टोल- बथ ह तोड़ रहा कह आ म- दाह क ह धमक

कह प धरना कह दशन जन-सवा क अब होड़ चल जन क नी त जन का नता सभी दल म ख़ा लबल

मफलर वटर सपन म दखत खाद क पतलन खल ना कोई सभा का तामझाम ना कोई मक-ओवर का खचा मी डया म अपनी टोर फोकट म दन-रात चल स ता क दलाल स अपनी जो रोज़ी-रोट चला रह अब टाचार मटाएग बोल कौआ कोयल बोल आप-जाप क माला रट रह सब जन दखादखी कर रह

झाड़ पह चगी ससद म य चचा ह गल -गल

अबक बार आप ह हम यवा ह अनभवह न सह कछ तौर-तर क अलग सह ज़बान हमार त ख़ सह पर नयत हमार साफ ह अबक बार

टाचार जड़ तक फला बड़-बडो का मन ह डोला सार उलझन का सबब यह सब तकल फो का बाप ह अबक बार रावण एक अनक प म सीताओ को छलन आया सावधान ह वष कशर पर चलता फरता पाप ह अबक बार बजल राशन प लस शासन श ा रोज़गार नमाण

इसक हद स कोई ना छटा या यपी या गजरात ह अबक बार ऊच मचो स वराज क लशन लाख को पढ़ा रह

थम पि त म य दयर पा बगा बाबराम ह अबक बार जनता क म धल खा रह नाम का ह धमाल ह

जय- जयकार कह राह ल कह नमो-नमो का जाप ह अबक बार आम आदमी खट प प र त म टाचार ह

या फ़क कौन ह चोर कौन फर चोरो का सरदार ह अबक बार दोनो न दशको राज कया एक द ल एक गजरात लया जनता जसी वसी ह रह ह ए VVIP आप ह अबक बार लोकत का समर सामन तीन माह बस शष ह

आज आप को सा बत करना हमम भी कछ बात ह अबक बार

का सयो तम कमाल करत हो कतना लटा कतना खाया इन पछल प ह साल म

तमको पाकर या- या खोया इन पछल प ह साल म थोड़ा आराम- वराम करो द ल क जनमत का स मान करो प ह दन क सरकार स कतन सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो लट रह अ मत खल-आम चौतरफ़ा जगलराज ह

जन हत म रोड़ पर राजा लोकत शमसार ह

प लस- शासन क सब चाबी खद क जबो म रखकर दा नश म हला का रप यो ह आ हमस सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो बन माग बना बताए ह बन-शत समथन भज दया ललकारा अपन वचन नभान अ वीक त को कायर इ ज़ाम दया जन-मत रखन नज-मन मारा वीरो-वत चनौती वीकार कया अब धल हट CWG फाइल स इतनी हलचल इतना यो डरत हो का सयो तम कमाल करत हो

जब ट त का ट शासकhelliphellip

जब ट त का ट शासक सब हद पार कर जाता ह

कभी दशासन कभी क स बन चीर जा का हर जाता ह

रावण एक अनक मखो स जनता को छलता जाता ह

तब दव कभी तो क ण राम अर वद कभी बन आ जाता ह दन-रात घस तब वरला कोई IIT IRS बन पाता ह

कतनी आखो क कतन सपन स मख अपन पाता ह

पद का तवा माल-मलाई मधमय भ वषय ललचाता ह

पर भारत मा क क ण - कराह सन व वल नज-मन को पाता ह

अपनो क आशाओ पथ-बाधाओ को जो वीर लाघता जाता ह

एक रा बस एक यय सव व यौछावर कर जाता ह

नदा- त त यश- आलोचन स दर नकलता जाता ह

याग तप या ढता स जो पग-पग बढ़ता जाता ह

खद को खद म पघलाय तब कोई अर वद बन पता ह

आप तो बरा मान गय चहरा या दखा अपना जनाबआईन स रार ठान गय त वीर मर दख बड़बड़ात ह

ह जर क अस लयत जो हम जान गय एक सवाल चद का या पछा तोप-तलवार हम प तान गय य नफ़रत य सौतलापन यो ह

हम भी उसी मा क सतान ह ए लह स खीचत फरत लक र दश मी हो या ता लबान ह ए य दौलत य शान-ओ-शौकत

सब बकार ह ईमान गय नाम था कभी पहचान भी थी या हआ क आदमी सामान ह ए

दद ह दद ह हर क स म

सतमगर या तर अहसान ह ए तर क क तर चच सब तरफ

मला बस उनको िजन पर आप महरबान ह ए सौदागरअलग पहचान तर हर गल -मोह ल म

कह शतान कह आप भगवान ह ए

क मत तो चकानी पड़गी

गाधी जसो न अपमान सह मडला दशको जल रह

भगत सह फासी प झल बोस दश स दर रह

तम कौन स य प ह रशचद को यहा ग ी गवानी पड़गी

मत वच लत हो यहा बड़-बड़ न गाल -गोल खाई ह

दशस य क महाय म अपनी आह ती चढ़ाई ह

काजल क कोठर म आए हो तो कछ का लख भी लगवानी पड़गी

राजनी त कोई गहरा दलदल बन-डब पार उतरना मि कल

थक अकला छायाए छल बाधाए पथ रोक पल-पल

ल मी कमल हाथ ल पथ म नाना- प म छड़खानी करगी

कमयोगी तर पार कई शतक पर भार होगी

नायक तर य लघकथा कई सपर हट स यार होगी

म य प जो ज न मनाती या स दर उस सरकार क िजदगानी रहगी

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 17: Wo 49 din final

खच बता रह ह क इनकम बलद ह

य लाल कल स मच सज य रल-बसो का तामझाम

लाख क लाई भीड़ और खान पीन क इतज़ाम

पछो य शो ायोिजत करन वाला कौन अमीरचद ह खच बता

प प पापा बनन नकल नयी सोच नयी बात ह

बासी कड़ी उबाल मारती रटा रटाया पाठ ह

500 करोड़ लगग सा बत करन क प प अ लमद ह खच बता

क त- सा जो काम कराकर तन वाह बाटन को रोएग

माग-माग भीख ना दत बनमाग य चदा दग

खल तजोर आपक खा तर य हमको म ी बद ह खच बता

रोट कपड़ा मकान क चता म जीवन को घसता जाता

कभी मद कभी महगाई स आम आदमी पसता जाता

पर इनका धधा तज व व क अथ यव था मद ह खच बता

हम दशी दशी अदाज हमारा दशी अपना ससार ह

पर वदशी कध प इनक मक- ओवर का भार ह

ना आम य ऊच लोग ह बाब ऊची इनक पसद ह खच बता

नणय क घड़ी अब आई ह

बजा बगल आरभ य वीरो न श सभाल ह

दोनो सनाए सजी ह ई नणय क घड़ी अब आई ह कह तो अनभव क बरसात कह दहाई यौवन क कोई वकास क तान छड़ता कह सा दा यकता छाई ह या कया और या कर दग ऊच मच स गरज रह

दोनो न अन गन वाद क बन-डोर पतग उड़ाई ह दशक गय पर दोनो स दगो क दाग नह जात करोड़ क इपोटड पाउडर स प प-फक क पताई ह मन द वधा म त ध श य म तय म खो जाता ह कस और जाऊ या ठहर जाऊ इधर कआ उधर खाई ह

मत सोचो महनत बकार जाएगी आप कहा तक पह च पाएगी पग-पग पल-पल बढ़क ह तो सबन मिज़ल पाई ह

हा म अना क ट ह

अबलाओ क आस स द ल का दल जब सख हो रहा

ग ड़या दा मनी क क़ सो स सब दश शम म डब रहा

प लस शासन मक-ब धर दशासन बखौफ़ खड़

चीर- ोपद लट जान द ना राजा म धतरा ह

हा म अना क ट ह

जन-सवा ह रा टधम क़ानन याय स वधान ह

लोकत का ाण यह य ह भारत नमाण ह

जन-सवा स वमख खड़ा वो त ट सरकार नक मी

जन-सवा क नतन पथ सजता कोई कह पथ- ट ह

हा म अना क ट ह

िज़द ह जब तक ाण रह जन- हत म सघष क गा

ससद म कभी सड़क प आक टो तम पर वार क गा

पद लोभी होग और कोई सरकार गर तो गर जाए

सर नह झका ह नह झकगा हा म िज ी द ट ह

हा म अना क ट ह

नौ सौ चह खा ब ल हज को चल अब तक जो पस-पॉवर क आखो प प ी बाध थ

द ल क जनता क दहाड़ स उन अधो क आख खल जनता हा-हाकार मचाती कानो म ज भी ना रगती इन बहर सरकारो म जनता-दरबार क सल चल जग जीत महलो म सोत 5 साल फर कौन जा इन गिजनी सरकारो को अब याद आए पानी- बजल

कोई टोल- बथ ह तोड़ रहा कह आ म- दाह क ह धमक

कह प धरना कह दशन जन-सवा क अब होड़ चल जन क नी त जन का नता सभी दल म ख़ा लबल

मफलर वटर सपन म दखत खाद क पतलन खल ना कोई सभा का तामझाम ना कोई मक-ओवर का खचा मी डया म अपनी टोर फोकट म दन-रात चल स ता क दलाल स अपनी जो रोज़ी-रोट चला रह अब टाचार मटाएग बोल कौआ कोयल बोल आप-जाप क माला रट रह सब जन दखादखी कर रह

झाड़ पह चगी ससद म य चचा ह गल -गल

अबक बार आप ह हम यवा ह अनभवह न सह कछ तौर-तर क अलग सह ज़बान हमार त ख़ सह पर नयत हमार साफ ह अबक बार

टाचार जड़ तक फला बड़-बडो का मन ह डोला सार उलझन का सबब यह सब तकल फो का बाप ह अबक बार रावण एक अनक प म सीताओ को छलन आया सावधान ह वष कशर पर चलता फरता पाप ह अबक बार बजल राशन प लस शासन श ा रोज़गार नमाण

इसक हद स कोई ना छटा या यपी या गजरात ह अबक बार ऊच मचो स वराज क लशन लाख को पढ़ा रह

थम पि त म य दयर पा बगा बाबराम ह अबक बार जनता क म धल खा रह नाम का ह धमाल ह

जय- जयकार कह राह ल कह नमो-नमो का जाप ह अबक बार आम आदमी खट प प र त म टाचार ह

या फ़क कौन ह चोर कौन फर चोरो का सरदार ह अबक बार दोनो न दशको राज कया एक द ल एक गजरात लया जनता जसी वसी ह रह ह ए VVIP आप ह अबक बार लोकत का समर सामन तीन माह बस शष ह

आज आप को सा बत करना हमम भी कछ बात ह अबक बार

का सयो तम कमाल करत हो कतना लटा कतना खाया इन पछल प ह साल म

तमको पाकर या- या खोया इन पछल प ह साल म थोड़ा आराम- वराम करो द ल क जनमत का स मान करो प ह दन क सरकार स कतन सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो लट रह अ मत खल-आम चौतरफ़ा जगलराज ह

जन हत म रोड़ पर राजा लोकत शमसार ह

प लस- शासन क सब चाबी खद क जबो म रखकर दा नश म हला का रप यो ह आ हमस सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो बन माग बना बताए ह बन-शत समथन भज दया ललकारा अपन वचन नभान अ वीक त को कायर इ ज़ाम दया जन-मत रखन नज-मन मारा वीरो-वत चनौती वीकार कया अब धल हट CWG फाइल स इतनी हलचल इतना यो डरत हो का सयो तम कमाल करत हो

जब ट त का ट शासकhelliphellip

जब ट त का ट शासक सब हद पार कर जाता ह

कभी दशासन कभी क स बन चीर जा का हर जाता ह

रावण एक अनक मखो स जनता को छलता जाता ह

तब दव कभी तो क ण राम अर वद कभी बन आ जाता ह दन-रात घस तब वरला कोई IIT IRS बन पाता ह

कतनी आखो क कतन सपन स मख अपन पाता ह

पद का तवा माल-मलाई मधमय भ वषय ललचाता ह

पर भारत मा क क ण - कराह सन व वल नज-मन को पाता ह

अपनो क आशाओ पथ-बाधाओ को जो वीर लाघता जाता ह

एक रा बस एक यय सव व यौछावर कर जाता ह

नदा- त त यश- आलोचन स दर नकलता जाता ह

याग तप या ढता स जो पग-पग बढ़ता जाता ह

खद को खद म पघलाय तब कोई अर वद बन पता ह

आप तो बरा मान गय चहरा या दखा अपना जनाबआईन स रार ठान गय त वीर मर दख बड़बड़ात ह

ह जर क अस लयत जो हम जान गय एक सवाल चद का या पछा तोप-तलवार हम प तान गय य नफ़रत य सौतलापन यो ह

हम भी उसी मा क सतान ह ए लह स खीचत फरत लक र दश मी हो या ता लबान ह ए य दौलत य शान-ओ-शौकत

सब बकार ह ईमान गय नाम था कभी पहचान भी थी या हआ क आदमी सामान ह ए

दद ह दद ह हर क स म

सतमगर या तर अहसान ह ए तर क क तर चच सब तरफ

मला बस उनको िजन पर आप महरबान ह ए सौदागरअलग पहचान तर हर गल -मोह ल म

कह शतान कह आप भगवान ह ए

क मत तो चकानी पड़गी

गाधी जसो न अपमान सह मडला दशको जल रह

भगत सह फासी प झल बोस दश स दर रह

तम कौन स य प ह रशचद को यहा ग ी गवानी पड़गी

मत वच लत हो यहा बड़-बड़ न गाल -गोल खाई ह

दशस य क महाय म अपनी आह ती चढ़ाई ह

काजल क कोठर म आए हो तो कछ का लख भी लगवानी पड़गी

राजनी त कोई गहरा दलदल बन-डब पार उतरना मि कल

थक अकला छायाए छल बाधाए पथ रोक पल-पल

ल मी कमल हाथ ल पथ म नाना- प म छड़खानी करगी

कमयोगी तर पार कई शतक पर भार होगी

नायक तर य लघकथा कई सपर हट स यार होगी

म य प जो ज न मनाती या स दर उस सरकार क िजदगानी रहगी

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 18: Wo 49 din final

नणय क घड़ी अब आई ह

बजा बगल आरभ य वीरो न श सभाल ह

दोनो सनाए सजी ह ई नणय क घड़ी अब आई ह कह तो अनभव क बरसात कह दहाई यौवन क कोई वकास क तान छड़ता कह सा दा यकता छाई ह या कया और या कर दग ऊच मच स गरज रह

दोनो न अन गन वाद क बन-डोर पतग उड़ाई ह दशक गय पर दोनो स दगो क दाग नह जात करोड़ क इपोटड पाउडर स प प-फक क पताई ह मन द वधा म त ध श य म तय म खो जाता ह कस और जाऊ या ठहर जाऊ इधर कआ उधर खाई ह

मत सोचो महनत बकार जाएगी आप कहा तक पह च पाएगी पग-पग पल-पल बढ़क ह तो सबन मिज़ल पाई ह

हा म अना क ट ह

अबलाओ क आस स द ल का दल जब सख हो रहा

ग ड़या दा मनी क क़ सो स सब दश शम म डब रहा

प लस शासन मक-ब धर दशासन बखौफ़ खड़

चीर- ोपद लट जान द ना राजा म धतरा ह

हा म अना क ट ह

जन-सवा ह रा टधम क़ानन याय स वधान ह

लोकत का ाण यह य ह भारत नमाण ह

जन-सवा स वमख खड़ा वो त ट सरकार नक मी

जन-सवा क नतन पथ सजता कोई कह पथ- ट ह

हा म अना क ट ह

िज़द ह जब तक ाण रह जन- हत म सघष क गा

ससद म कभी सड़क प आक टो तम पर वार क गा

पद लोभी होग और कोई सरकार गर तो गर जाए

सर नह झका ह नह झकगा हा म िज ी द ट ह

हा म अना क ट ह

नौ सौ चह खा ब ल हज को चल अब तक जो पस-पॉवर क आखो प प ी बाध थ

द ल क जनता क दहाड़ स उन अधो क आख खल जनता हा-हाकार मचाती कानो म ज भी ना रगती इन बहर सरकारो म जनता-दरबार क सल चल जग जीत महलो म सोत 5 साल फर कौन जा इन गिजनी सरकारो को अब याद आए पानी- बजल

कोई टोल- बथ ह तोड़ रहा कह आ म- दाह क ह धमक

कह प धरना कह दशन जन-सवा क अब होड़ चल जन क नी त जन का नता सभी दल म ख़ा लबल

मफलर वटर सपन म दखत खाद क पतलन खल ना कोई सभा का तामझाम ना कोई मक-ओवर का खचा मी डया म अपनी टोर फोकट म दन-रात चल स ता क दलाल स अपनी जो रोज़ी-रोट चला रह अब टाचार मटाएग बोल कौआ कोयल बोल आप-जाप क माला रट रह सब जन दखादखी कर रह

झाड़ पह चगी ससद म य चचा ह गल -गल

अबक बार आप ह हम यवा ह अनभवह न सह कछ तौर-तर क अलग सह ज़बान हमार त ख़ सह पर नयत हमार साफ ह अबक बार

टाचार जड़ तक फला बड़-बडो का मन ह डोला सार उलझन का सबब यह सब तकल फो का बाप ह अबक बार रावण एक अनक प म सीताओ को छलन आया सावधान ह वष कशर पर चलता फरता पाप ह अबक बार बजल राशन प लस शासन श ा रोज़गार नमाण

इसक हद स कोई ना छटा या यपी या गजरात ह अबक बार ऊच मचो स वराज क लशन लाख को पढ़ा रह

थम पि त म य दयर पा बगा बाबराम ह अबक बार जनता क म धल खा रह नाम का ह धमाल ह

जय- जयकार कह राह ल कह नमो-नमो का जाप ह अबक बार आम आदमी खट प प र त म टाचार ह

या फ़क कौन ह चोर कौन फर चोरो का सरदार ह अबक बार दोनो न दशको राज कया एक द ल एक गजरात लया जनता जसी वसी ह रह ह ए VVIP आप ह अबक बार लोकत का समर सामन तीन माह बस शष ह

आज आप को सा बत करना हमम भी कछ बात ह अबक बार

का सयो तम कमाल करत हो कतना लटा कतना खाया इन पछल प ह साल म

तमको पाकर या- या खोया इन पछल प ह साल म थोड़ा आराम- वराम करो द ल क जनमत का स मान करो प ह दन क सरकार स कतन सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो लट रह अ मत खल-आम चौतरफ़ा जगलराज ह

जन हत म रोड़ पर राजा लोकत शमसार ह

प लस- शासन क सब चाबी खद क जबो म रखकर दा नश म हला का रप यो ह आ हमस सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो बन माग बना बताए ह बन-शत समथन भज दया ललकारा अपन वचन नभान अ वीक त को कायर इ ज़ाम दया जन-मत रखन नज-मन मारा वीरो-वत चनौती वीकार कया अब धल हट CWG फाइल स इतनी हलचल इतना यो डरत हो का सयो तम कमाल करत हो

जब ट त का ट शासकhelliphellip

जब ट त का ट शासक सब हद पार कर जाता ह

कभी दशासन कभी क स बन चीर जा का हर जाता ह

रावण एक अनक मखो स जनता को छलता जाता ह

तब दव कभी तो क ण राम अर वद कभी बन आ जाता ह दन-रात घस तब वरला कोई IIT IRS बन पाता ह

कतनी आखो क कतन सपन स मख अपन पाता ह

पद का तवा माल-मलाई मधमय भ वषय ललचाता ह

पर भारत मा क क ण - कराह सन व वल नज-मन को पाता ह

अपनो क आशाओ पथ-बाधाओ को जो वीर लाघता जाता ह

एक रा बस एक यय सव व यौछावर कर जाता ह

नदा- त त यश- आलोचन स दर नकलता जाता ह

याग तप या ढता स जो पग-पग बढ़ता जाता ह

खद को खद म पघलाय तब कोई अर वद बन पता ह

आप तो बरा मान गय चहरा या दखा अपना जनाबआईन स रार ठान गय त वीर मर दख बड़बड़ात ह

ह जर क अस लयत जो हम जान गय एक सवाल चद का या पछा तोप-तलवार हम प तान गय य नफ़रत य सौतलापन यो ह

हम भी उसी मा क सतान ह ए लह स खीचत फरत लक र दश मी हो या ता लबान ह ए य दौलत य शान-ओ-शौकत

सब बकार ह ईमान गय नाम था कभी पहचान भी थी या हआ क आदमी सामान ह ए

दद ह दद ह हर क स म

सतमगर या तर अहसान ह ए तर क क तर चच सब तरफ

मला बस उनको िजन पर आप महरबान ह ए सौदागरअलग पहचान तर हर गल -मोह ल म

कह शतान कह आप भगवान ह ए

क मत तो चकानी पड़गी

गाधी जसो न अपमान सह मडला दशको जल रह

भगत सह फासी प झल बोस दश स दर रह

तम कौन स य प ह रशचद को यहा ग ी गवानी पड़गी

मत वच लत हो यहा बड़-बड़ न गाल -गोल खाई ह

दशस य क महाय म अपनी आह ती चढ़ाई ह

काजल क कोठर म आए हो तो कछ का लख भी लगवानी पड़गी

राजनी त कोई गहरा दलदल बन-डब पार उतरना मि कल

थक अकला छायाए छल बाधाए पथ रोक पल-पल

ल मी कमल हाथ ल पथ म नाना- प म छड़खानी करगी

कमयोगी तर पार कई शतक पर भार होगी

नायक तर य लघकथा कई सपर हट स यार होगी

म य प जो ज न मनाती या स दर उस सरकार क िजदगानी रहगी

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 19: Wo 49 din final

हा म अना क ट ह

अबलाओ क आस स द ल का दल जब सख हो रहा

ग ड़या दा मनी क क़ सो स सब दश शम म डब रहा

प लस शासन मक-ब धर दशासन बखौफ़ खड़

चीर- ोपद लट जान द ना राजा म धतरा ह

हा म अना क ट ह

जन-सवा ह रा टधम क़ानन याय स वधान ह

लोकत का ाण यह य ह भारत नमाण ह

जन-सवा स वमख खड़ा वो त ट सरकार नक मी

जन-सवा क नतन पथ सजता कोई कह पथ- ट ह

हा म अना क ट ह

िज़द ह जब तक ाण रह जन- हत म सघष क गा

ससद म कभी सड़क प आक टो तम पर वार क गा

पद लोभी होग और कोई सरकार गर तो गर जाए

सर नह झका ह नह झकगा हा म िज ी द ट ह

हा म अना क ट ह

नौ सौ चह खा ब ल हज को चल अब तक जो पस-पॉवर क आखो प प ी बाध थ

द ल क जनता क दहाड़ स उन अधो क आख खल जनता हा-हाकार मचाती कानो म ज भी ना रगती इन बहर सरकारो म जनता-दरबार क सल चल जग जीत महलो म सोत 5 साल फर कौन जा इन गिजनी सरकारो को अब याद आए पानी- बजल

कोई टोल- बथ ह तोड़ रहा कह आ म- दाह क ह धमक

कह प धरना कह दशन जन-सवा क अब होड़ चल जन क नी त जन का नता सभी दल म ख़ा लबल

मफलर वटर सपन म दखत खाद क पतलन खल ना कोई सभा का तामझाम ना कोई मक-ओवर का खचा मी डया म अपनी टोर फोकट म दन-रात चल स ता क दलाल स अपनी जो रोज़ी-रोट चला रह अब टाचार मटाएग बोल कौआ कोयल बोल आप-जाप क माला रट रह सब जन दखादखी कर रह

झाड़ पह चगी ससद म य चचा ह गल -गल

अबक बार आप ह हम यवा ह अनभवह न सह कछ तौर-तर क अलग सह ज़बान हमार त ख़ सह पर नयत हमार साफ ह अबक बार

टाचार जड़ तक फला बड़-बडो का मन ह डोला सार उलझन का सबब यह सब तकल फो का बाप ह अबक बार रावण एक अनक प म सीताओ को छलन आया सावधान ह वष कशर पर चलता फरता पाप ह अबक बार बजल राशन प लस शासन श ा रोज़गार नमाण

इसक हद स कोई ना छटा या यपी या गजरात ह अबक बार ऊच मचो स वराज क लशन लाख को पढ़ा रह

थम पि त म य दयर पा बगा बाबराम ह अबक बार जनता क म धल खा रह नाम का ह धमाल ह

जय- जयकार कह राह ल कह नमो-नमो का जाप ह अबक बार आम आदमी खट प प र त म टाचार ह

या फ़क कौन ह चोर कौन फर चोरो का सरदार ह अबक बार दोनो न दशको राज कया एक द ल एक गजरात लया जनता जसी वसी ह रह ह ए VVIP आप ह अबक बार लोकत का समर सामन तीन माह बस शष ह

आज आप को सा बत करना हमम भी कछ बात ह अबक बार

का सयो तम कमाल करत हो कतना लटा कतना खाया इन पछल प ह साल म

तमको पाकर या- या खोया इन पछल प ह साल म थोड़ा आराम- वराम करो द ल क जनमत का स मान करो प ह दन क सरकार स कतन सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो लट रह अ मत खल-आम चौतरफ़ा जगलराज ह

जन हत म रोड़ पर राजा लोकत शमसार ह

प लस- शासन क सब चाबी खद क जबो म रखकर दा नश म हला का रप यो ह आ हमस सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो बन माग बना बताए ह बन-शत समथन भज दया ललकारा अपन वचन नभान अ वीक त को कायर इ ज़ाम दया जन-मत रखन नज-मन मारा वीरो-वत चनौती वीकार कया अब धल हट CWG फाइल स इतनी हलचल इतना यो डरत हो का सयो तम कमाल करत हो

जब ट त का ट शासकhelliphellip

जब ट त का ट शासक सब हद पार कर जाता ह

कभी दशासन कभी क स बन चीर जा का हर जाता ह

रावण एक अनक मखो स जनता को छलता जाता ह

तब दव कभी तो क ण राम अर वद कभी बन आ जाता ह दन-रात घस तब वरला कोई IIT IRS बन पाता ह

कतनी आखो क कतन सपन स मख अपन पाता ह

पद का तवा माल-मलाई मधमय भ वषय ललचाता ह

पर भारत मा क क ण - कराह सन व वल नज-मन को पाता ह

अपनो क आशाओ पथ-बाधाओ को जो वीर लाघता जाता ह

एक रा बस एक यय सव व यौछावर कर जाता ह

नदा- त त यश- आलोचन स दर नकलता जाता ह

याग तप या ढता स जो पग-पग बढ़ता जाता ह

खद को खद म पघलाय तब कोई अर वद बन पता ह

आप तो बरा मान गय चहरा या दखा अपना जनाबआईन स रार ठान गय त वीर मर दख बड़बड़ात ह

ह जर क अस लयत जो हम जान गय एक सवाल चद का या पछा तोप-तलवार हम प तान गय य नफ़रत य सौतलापन यो ह

हम भी उसी मा क सतान ह ए लह स खीचत फरत लक र दश मी हो या ता लबान ह ए य दौलत य शान-ओ-शौकत

सब बकार ह ईमान गय नाम था कभी पहचान भी थी या हआ क आदमी सामान ह ए

दद ह दद ह हर क स म

सतमगर या तर अहसान ह ए तर क क तर चच सब तरफ

मला बस उनको िजन पर आप महरबान ह ए सौदागरअलग पहचान तर हर गल -मोह ल म

कह शतान कह आप भगवान ह ए

क मत तो चकानी पड़गी

गाधी जसो न अपमान सह मडला दशको जल रह

भगत सह फासी प झल बोस दश स दर रह

तम कौन स य प ह रशचद को यहा ग ी गवानी पड़गी

मत वच लत हो यहा बड़-बड़ न गाल -गोल खाई ह

दशस य क महाय म अपनी आह ती चढ़ाई ह

काजल क कोठर म आए हो तो कछ का लख भी लगवानी पड़गी

राजनी त कोई गहरा दलदल बन-डब पार उतरना मि कल

थक अकला छायाए छल बाधाए पथ रोक पल-पल

ल मी कमल हाथ ल पथ म नाना- प म छड़खानी करगी

कमयोगी तर पार कई शतक पर भार होगी

नायक तर य लघकथा कई सपर हट स यार होगी

म य प जो ज न मनाती या स दर उस सरकार क िजदगानी रहगी

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 20: Wo 49 din final

नौ सौ चह खा ब ल हज को चल अब तक जो पस-पॉवर क आखो प प ी बाध थ

द ल क जनता क दहाड़ स उन अधो क आख खल जनता हा-हाकार मचाती कानो म ज भी ना रगती इन बहर सरकारो म जनता-दरबार क सल चल जग जीत महलो म सोत 5 साल फर कौन जा इन गिजनी सरकारो को अब याद आए पानी- बजल

कोई टोल- बथ ह तोड़ रहा कह आ म- दाह क ह धमक

कह प धरना कह दशन जन-सवा क अब होड़ चल जन क नी त जन का नता सभी दल म ख़ा लबल

मफलर वटर सपन म दखत खाद क पतलन खल ना कोई सभा का तामझाम ना कोई मक-ओवर का खचा मी डया म अपनी टोर फोकट म दन-रात चल स ता क दलाल स अपनी जो रोज़ी-रोट चला रह अब टाचार मटाएग बोल कौआ कोयल बोल आप-जाप क माला रट रह सब जन दखादखी कर रह

झाड़ पह चगी ससद म य चचा ह गल -गल

अबक बार आप ह हम यवा ह अनभवह न सह कछ तौर-तर क अलग सह ज़बान हमार त ख़ सह पर नयत हमार साफ ह अबक बार

टाचार जड़ तक फला बड़-बडो का मन ह डोला सार उलझन का सबब यह सब तकल फो का बाप ह अबक बार रावण एक अनक प म सीताओ को छलन आया सावधान ह वष कशर पर चलता फरता पाप ह अबक बार बजल राशन प लस शासन श ा रोज़गार नमाण

इसक हद स कोई ना छटा या यपी या गजरात ह अबक बार ऊच मचो स वराज क लशन लाख को पढ़ा रह

थम पि त म य दयर पा बगा बाबराम ह अबक बार जनता क म धल खा रह नाम का ह धमाल ह

जय- जयकार कह राह ल कह नमो-नमो का जाप ह अबक बार आम आदमी खट प प र त म टाचार ह

या फ़क कौन ह चोर कौन फर चोरो का सरदार ह अबक बार दोनो न दशको राज कया एक द ल एक गजरात लया जनता जसी वसी ह रह ह ए VVIP आप ह अबक बार लोकत का समर सामन तीन माह बस शष ह

आज आप को सा बत करना हमम भी कछ बात ह अबक बार

का सयो तम कमाल करत हो कतना लटा कतना खाया इन पछल प ह साल म

तमको पाकर या- या खोया इन पछल प ह साल म थोड़ा आराम- वराम करो द ल क जनमत का स मान करो प ह दन क सरकार स कतन सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो लट रह अ मत खल-आम चौतरफ़ा जगलराज ह

जन हत म रोड़ पर राजा लोकत शमसार ह

प लस- शासन क सब चाबी खद क जबो म रखकर दा नश म हला का रप यो ह आ हमस सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो बन माग बना बताए ह बन-शत समथन भज दया ललकारा अपन वचन नभान अ वीक त को कायर इ ज़ाम दया जन-मत रखन नज-मन मारा वीरो-वत चनौती वीकार कया अब धल हट CWG फाइल स इतनी हलचल इतना यो डरत हो का सयो तम कमाल करत हो

जब ट त का ट शासकhelliphellip

जब ट त का ट शासक सब हद पार कर जाता ह

कभी दशासन कभी क स बन चीर जा का हर जाता ह

रावण एक अनक मखो स जनता को छलता जाता ह

तब दव कभी तो क ण राम अर वद कभी बन आ जाता ह दन-रात घस तब वरला कोई IIT IRS बन पाता ह

कतनी आखो क कतन सपन स मख अपन पाता ह

पद का तवा माल-मलाई मधमय भ वषय ललचाता ह

पर भारत मा क क ण - कराह सन व वल नज-मन को पाता ह

अपनो क आशाओ पथ-बाधाओ को जो वीर लाघता जाता ह

एक रा बस एक यय सव व यौछावर कर जाता ह

नदा- त त यश- आलोचन स दर नकलता जाता ह

याग तप या ढता स जो पग-पग बढ़ता जाता ह

खद को खद म पघलाय तब कोई अर वद बन पता ह

आप तो बरा मान गय चहरा या दखा अपना जनाबआईन स रार ठान गय त वीर मर दख बड़बड़ात ह

ह जर क अस लयत जो हम जान गय एक सवाल चद का या पछा तोप-तलवार हम प तान गय य नफ़रत य सौतलापन यो ह

हम भी उसी मा क सतान ह ए लह स खीचत फरत लक र दश मी हो या ता लबान ह ए य दौलत य शान-ओ-शौकत

सब बकार ह ईमान गय नाम था कभी पहचान भी थी या हआ क आदमी सामान ह ए

दद ह दद ह हर क स म

सतमगर या तर अहसान ह ए तर क क तर चच सब तरफ

मला बस उनको िजन पर आप महरबान ह ए सौदागरअलग पहचान तर हर गल -मोह ल म

कह शतान कह आप भगवान ह ए

क मत तो चकानी पड़गी

गाधी जसो न अपमान सह मडला दशको जल रह

भगत सह फासी प झल बोस दश स दर रह

तम कौन स य प ह रशचद को यहा ग ी गवानी पड़गी

मत वच लत हो यहा बड़-बड़ न गाल -गोल खाई ह

दशस य क महाय म अपनी आह ती चढ़ाई ह

काजल क कोठर म आए हो तो कछ का लख भी लगवानी पड़गी

राजनी त कोई गहरा दलदल बन-डब पार उतरना मि कल

थक अकला छायाए छल बाधाए पथ रोक पल-पल

ल मी कमल हाथ ल पथ म नाना- प म छड़खानी करगी

कमयोगी तर पार कई शतक पर भार होगी

नायक तर य लघकथा कई सपर हट स यार होगी

म य प जो ज न मनाती या स दर उस सरकार क िजदगानी रहगी

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 21: Wo 49 din final

अबक बार आप ह हम यवा ह अनभवह न सह कछ तौर-तर क अलग सह ज़बान हमार त ख़ सह पर नयत हमार साफ ह अबक बार

टाचार जड़ तक फला बड़-बडो का मन ह डोला सार उलझन का सबब यह सब तकल फो का बाप ह अबक बार रावण एक अनक प म सीताओ को छलन आया सावधान ह वष कशर पर चलता फरता पाप ह अबक बार बजल राशन प लस शासन श ा रोज़गार नमाण

इसक हद स कोई ना छटा या यपी या गजरात ह अबक बार ऊच मचो स वराज क लशन लाख को पढ़ा रह

थम पि त म य दयर पा बगा बाबराम ह अबक बार जनता क म धल खा रह नाम का ह धमाल ह

जय- जयकार कह राह ल कह नमो-नमो का जाप ह अबक बार आम आदमी खट प प र त म टाचार ह

या फ़क कौन ह चोर कौन फर चोरो का सरदार ह अबक बार दोनो न दशको राज कया एक द ल एक गजरात लया जनता जसी वसी ह रह ह ए VVIP आप ह अबक बार लोकत का समर सामन तीन माह बस शष ह

आज आप को सा बत करना हमम भी कछ बात ह अबक बार

का सयो तम कमाल करत हो कतना लटा कतना खाया इन पछल प ह साल म

तमको पाकर या- या खोया इन पछल प ह साल म थोड़ा आराम- वराम करो द ल क जनमत का स मान करो प ह दन क सरकार स कतन सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो लट रह अ मत खल-आम चौतरफ़ा जगलराज ह

जन हत म रोड़ पर राजा लोकत शमसार ह

प लस- शासन क सब चाबी खद क जबो म रखकर दा नश म हला का रप यो ह आ हमस सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो बन माग बना बताए ह बन-शत समथन भज दया ललकारा अपन वचन नभान अ वीक त को कायर इ ज़ाम दया जन-मत रखन नज-मन मारा वीरो-वत चनौती वीकार कया अब धल हट CWG फाइल स इतनी हलचल इतना यो डरत हो का सयो तम कमाल करत हो

जब ट त का ट शासकhelliphellip

जब ट त का ट शासक सब हद पार कर जाता ह

कभी दशासन कभी क स बन चीर जा का हर जाता ह

रावण एक अनक मखो स जनता को छलता जाता ह

तब दव कभी तो क ण राम अर वद कभी बन आ जाता ह दन-रात घस तब वरला कोई IIT IRS बन पाता ह

कतनी आखो क कतन सपन स मख अपन पाता ह

पद का तवा माल-मलाई मधमय भ वषय ललचाता ह

पर भारत मा क क ण - कराह सन व वल नज-मन को पाता ह

अपनो क आशाओ पथ-बाधाओ को जो वीर लाघता जाता ह

एक रा बस एक यय सव व यौछावर कर जाता ह

नदा- त त यश- आलोचन स दर नकलता जाता ह

याग तप या ढता स जो पग-पग बढ़ता जाता ह

खद को खद म पघलाय तब कोई अर वद बन पता ह

आप तो बरा मान गय चहरा या दखा अपना जनाबआईन स रार ठान गय त वीर मर दख बड़बड़ात ह

ह जर क अस लयत जो हम जान गय एक सवाल चद का या पछा तोप-तलवार हम प तान गय य नफ़रत य सौतलापन यो ह

हम भी उसी मा क सतान ह ए लह स खीचत फरत लक र दश मी हो या ता लबान ह ए य दौलत य शान-ओ-शौकत

सब बकार ह ईमान गय नाम था कभी पहचान भी थी या हआ क आदमी सामान ह ए

दद ह दद ह हर क स म

सतमगर या तर अहसान ह ए तर क क तर चच सब तरफ

मला बस उनको िजन पर आप महरबान ह ए सौदागरअलग पहचान तर हर गल -मोह ल म

कह शतान कह आप भगवान ह ए

क मत तो चकानी पड़गी

गाधी जसो न अपमान सह मडला दशको जल रह

भगत सह फासी प झल बोस दश स दर रह

तम कौन स य प ह रशचद को यहा ग ी गवानी पड़गी

मत वच लत हो यहा बड़-बड़ न गाल -गोल खाई ह

दशस य क महाय म अपनी आह ती चढ़ाई ह

काजल क कोठर म आए हो तो कछ का लख भी लगवानी पड़गी

राजनी त कोई गहरा दलदल बन-डब पार उतरना मि कल

थक अकला छायाए छल बाधाए पथ रोक पल-पल

ल मी कमल हाथ ल पथ म नाना- प म छड़खानी करगी

कमयोगी तर पार कई शतक पर भार होगी

नायक तर य लघकथा कई सपर हट स यार होगी

म य प जो ज न मनाती या स दर उस सरकार क िजदगानी रहगी

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 22: Wo 49 din final

का सयो तम कमाल करत हो कतना लटा कतना खाया इन पछल प ह साल म

तमको पाकर या- या खोया इन पछल प ह साल म थोड़ा आराम- वराम करो द ल क जनमत का स मान करो प ह दन क सरकार स कतन सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो लट रह अ मत खल-आम चौतरफ़ा जगलराज ह

जन हत म रोड़ पर राजा लोकत शमसार ह

प लस- शासन क सब चाबी खद क जबो म रखकर दा नश म हला का रप यो ह आ हमस सवाल करत हो का सयो तम कमाल करत हो बन माग बना बताए ह बन-शत समथन भज दया ललकारा अपन वचन नभान अ वीक त को कायर इ ज़ाम दया जन-मत रखन नज-मन मारा वीरो-वत चनौती वीकार कया अब धल हट CWG फाइल स इतनी हलचल इतना यो डरत हो का सयो तम कमाल करत हो

जब ट त का ट शासकhelliphellip

जब ट त का ट शासक सब हद पार कर जाता ह

कभी दशासन कभी क स बन चीर जा का हर जाता ह

रावण एक अनक मखो स जनता को छलता जाता ह

तब दव कभी तो क ण राम अर वद कभी बन आ जाता ह दन-रात घस तब वरला कोई IIT IRS बन पाता ह

कतनी आखो क कतन सपन स मख अपन पाता ह

पद का तवा माल-मलाई मधमय भ वषय ललचाता ह

पर भारत मा क क ण - कराह सन व वल नज-मन को पाता ह

अपनो क आशाओ पथ-बाधाओ को जो वीर लाघता जाता ह

एक रा बस एक यय सव व यौछावर कर जाता ह

नदा- त त यश- आलोचन स दर नकलता जाता ह

याग तप या ढता स जो पग-पग बढ़ता जाता ह

खद को खद म पघलाय तब कोई अर वद बन पता ह

आप तो बरा मान गय चहरा या दखा अपना जनाबआईन स रार ठान गय त वीर मर दख बड़बड़ात ह

ह जर क अस लयत जो हम जान गय एक सवाल चद का या पछा तोप-तलवार हम प तान गय य नफ़रत य सौतलापन यो ह

हम भी उसी मा क सतान ह ए लह स खीचत फरत लक र दश मी हो या ता लबान ह ए य दौलत य शान-ओ-शौकत

सब बकार ह ईमान गय नाम था कभी पहचान भी थी या हआ क आदमी सामान ह ए

दद ह दद ह हर क स म

सतमगर या तर अहसान ह ए तर क क तर चच सब तरफ

मला बस उनको िजन पर आप महरबान ह ए सौदागरअलग पहचान तर हर गल -मोह ल म

कह शतान कह आप भगवान ह ए

क मत तो चकानी पड़गी

गाधी जसो न अपमान सह मडला दशको जल रह

भगत सह फासी प झल बोस दश स दर रह

तम कौन स य प ह रशचद को यहा ग ी गवानी पड़गी

मत वच लत हो यहा बड़-बड़ न गाल -गोल खाई ह

दशस य क महाय म अपनी आह ती चढ़ाई ह

काजल क कोठर म आए हो तो कछ का लख भी लगवानी पड़गी

राजनी त कोई गहरा दलदल बन-डब पार उतरना मि कल

थक अकला छायाए छल बाधाए पथ रोक पल-पल

ल मी कमल हाथ ल पथ म नाना- प म छड़खानी करगी

कमयोगी तर पार कई शतक पर भार होगी

नायक तर य लघकथा कई सपर हट स यार होगी

म य प जो ज न मनाती या स दर उस सरकार क िजदगानी रहगी

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 23: Wo 49 din final

जब ट त का ट शासकhelliphellip

जब ट त का ट शासक सब हद पार कर जाता ह

कभी दशासन कभी क स बन चीर जा का हर जाता ह

रावण एक अनक मखो स जनता को छलता जाता ह

तब दव कभी तो क ण राम अर वद कभी बन आ जाता ह दन-रात घस तब वरला कोई IIT IRS बन पाता ह

कतनी आखो क कतन सपन स मख अपन पाता ह

पद का तवा माल-मलाई मधमय भ वषय ललचाता ह

पर भारत मा क क ण - कराह सन व वल नज-मन को पाता ह

अपनो क आशाओ पथ-बाधाओ को जो वीर लाघता जाता ह

एक रा बस एक यय सव व यौछावर कर जाता ह

नदा- त त यश- आलोचन स दर नकलता जाता ह

याग तप या ढता स जो पग-पग बढ़ता जाता ह

खद को खद म पघलाय तब कोई अर वद बन पता ह

आप तो बरा मान गय चहरा या दखा अपना जनाबआईन स रार ठान गय त वीर मर दख बड़बड़ात ह

ह जर क अस लयत जो हम जान गय एक सवाल चद का या पछा तोप-तलवार हम प तान गय य नफ़रत य सौतलापन यो ह

हम भी उसी मा क सतान ह ए लह स खीचत फरत लक र दश मी हो या ता लबान ह ए य दौलत य शान-ओ-शौकत

सब बकार ह ईमान गय नाम था कभी पहचान भी थी या हआ क आदमी सामान ह ए

दद ह दद ह हर क स म

सतमगर या तर अहसान ह ए तर क क तर चच सब तरफ

मला बस उनको िजन पर आप महरबान ह ए सौदागरअलग पहचान तर हर गल -मोह ल म

कह शतान कह आप भगवान ह ए

क मत तो चकानी पड़गी

गाधी जसो न अपमान सह मडला दशको जल रह

भगत सह फासी प झल बोस दश स दर रह

तम कौन स य प ह रशचद को यहा ग ी गवानी पड़गी

मत वच लत हो यहा बड़-बड़ न गाल -गोल खाई ह

दशस य क महाय म अपनी आह ती चढ़ाई ह

काजल क कोठर म आए हो तो कछ का लख भी लगवानी पड़गी

राजनी त कोई गहरा दलदल बन-डब पार उतरना मि कल

थक अकला छायाए छल बाधाए पथ रोक पल-पल

ल मी कमल हाथ ल पथ म नाना- प म छड़खानी करगी

कमयोगी तर पार कई शतक पर भार होगी

नायक तर य लघकथा कई सपर हट स यार होगी

म य प जो ज न मनाती या स दर उस सरकार क िजदगानी रहगी

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 24: Wo 49 din final

आप तो बरा मान गय चहरा या दखा अपना जनाबआईन स रार ठान गय त वीर मर दख बड़बड़ात ह

ह जर क अस लयत जो हम जान गय एक सवाल चद का या पछा तोप-तलवार हम प तान गय य नफ़रत य सौतलापन यो ह

हम भी उसी मा क सतान ह ए लह स खीचत फरत लक र दश मी हो या ता लबान ह ए य दौलत य शान-ओ-शौकत

सब बकार ह ईमान गय नाम था कभी पहचान भी थी या हआ क आदमी सामान ह ए

दद ह दद ह हर क स म

सतमगर या तर अहसान ह ए तर क क तर चच सब तरफ

मला बस उनको िजन पर आप महरबान ह ए सौदागरअलग पहचान तर हर गल -मोह ल म

कह शतान कह आप भगवान ह ए

क मत तो चकानी पड़गी

गाधी जसो न अपमान सह मडला दशको जल रह

भगत सह फासी प झल बोस दश स दर रह

तम कौन स य प ह रशचद को यहा ग ी गवानी पड़गी

मत वच लत हो यहा बड़-बड़ न गाल -गोल खाई ह

दशस य क महाय म अपनी आह ती चढ़ाई ह

काजल क कोठर म आए हो तो कछ का लख भी लगवानी पड़गी

राजनी त कोई गहरा दलदल बन-डब पार उतरना मि कल

थक अकला छायाए छल बाधाए पथ रोक पल-पल

ल मी कमल हाथ ल पथ म नाना- प म छड़खानी करगी

कमयोगी तर पार कई शतक पर भार होगी

नायक तर य लघकथा कई सपर हट स यार होगी

म य प जो ज न मनाती या स दर उस सरकार क िजदगानी रहगी

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 25: Wo 49 din final

क मत तो चकानी पड़गी

गाधी जसो न अपमान सह मडला दशको जल रह

भगत सह फासी प झल बोस दश स दर रह

तम कौन स य प ह रशचद को यहा ग ी गवानी पड़गी

मत वच लत हो यहा बड़-बड़ न गाल -गोल खाई ह

दशस य क महाय म अपनी आह ती चढ़ाई ह

काजल क कोठर म आए हो तो कछ का लख भी लगवानी पड़गी

राजनी त कोई गहरा दलदल बन-डब पार उतरना मि कल

थक अकला छायाए छल बाधाए पथ रोक पल-पल

ल मी कमल हाथ ल पथ म नाना- प म छड़खानी करगी

कमयोगी तर पार कई शतक पर भार होगी

नायक तर य लघकथा कई सपर हट स यार होगी

म य प जो ज न मनाती या स दर उस सरकार क िजदगानी रहगी

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 26: Wo 49 din final

िज़द ना करो य जन-सवा घरबार छोड़ घड़ी क सई स करत होड़

गय चनाव होश म आओ अब छोड़ो भी य भागदौड़

पाच साल आराम करो िज़द ना करोhellip

राजयोग बड़ प य स पात भ क इ छा का मान करो

ब फ़ रहो स ता-स दर क अधर का रस पान करो

पि लक को राम-राम करो िज़द ना करो

राजा होकर खाक छानत य द ल क ग लय क

औरो स सीखो य खात रातो को मार स दय क

राजा हो राजा स काम करो िज़द ना करो

वलन (नता) क रोल म हो ह रो का ना काम करो

अपन पागलपन स पर बरादर को ना बदनाम करो

कौओ म बठो तो काव-काव करो िज़द ना करो

सब खात तो तम भी खाओ य औरो को नज़र लगात हो

और का अर हक़ छ नकर बोलो तम या पात हो

कभी चोर क दआए भी वीकार करो िज़द ना करो

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 27: Wo 49 din final

कौन त हारा बाप ह

अख़बार का बकना बह त सना अब ख़बर बची जाती ह

लाभ-हा न स इस कठपतल क अब डोर खीची जाती ह

कौन खड़ा पद क पीछ कसका य आलाप ह

कौन त हारा बाप ह

सनी क कपड़ सलमान क लफड कह प सास बह क झगड़

नाम खबर का ना खबर नाम क बह दा कॉमडी क तड़क

लोकत का तभ ह या लोकत प ाप ह

कौन त हारा बाप ह

अपना यायालय खद ह जज खद क सबत खद क दल ल

बन ायल झट-पट इसाफ़ ना कोई गवाह ना कोई वक ल

ओ च र -स ट फकट दाता झाक गरबान त खद कसका पाप ह

कौन त हारा बाप ह

तम हो कौन जो न पछत य पावर बस हमन पाई ह

सच-झठ स छलती जन-मन को अ भयि त क दहाई ह

ओर को हटलर कहन वाल त ह स ची खाप ह

कौन त हारा बाप ह

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 28: Wo 49 din final

म त ह यार य द

या बोलो तम द पाओग जीवन क ऐश-ओ-आराम

बगला गाड़ी पया तबा और मर अन गन शौक तमाम

अपन सपनो का ससार त ह य द म त ह

माना ह म यार क दवी यार बाटना मरा काम

सार ल मीचद ह पात मर बाह म व ाम

अर फट चर तझ अपन अधर क पकार य द म त ह

म मी डया बदनाम सह त अ छाई का अवतार सह

य कलयग ह राम यहा नामम कन ह सीताए मलना

तर नक नयत प अपनी नयती य वार द म त ह

ख़याल जान द मरा साथ पान सग मर घर बसान का

मरा शौक मरा पशा ह सबक सग वफ़ा नभान का

बस तझ ह खशखब रय का प रवार य द म त ह

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 29: Wo 49 din final

हमार को शश जार रहगी अब पा ह गय हो कस जो जनता क नादानी स चन ना पाओग पल को य ऊट-सी सवार रहगी कतन भी तम काम करो बदनाम त ह हम कर दग

हमार हर- एक क का लख तर सार सफद प भार पड़गी चल त को चगा करन हमार रोज़ी-रोट छलन सहत बगड़ जाएगी बाब लबी अपनी बीमार चलगी तम हो कौन कहा स आए स ता क गण ना तमन पाए

य स ता हम दो क जो कभी उनक कभी अपनी बार रहगी कभी सोमनाथ कभी ससो दया कभी भषण राखी पर थकग

द ल आपक साथ सह पर मी डया सार हमार रहगी हमन दशको म नह कया वो चद दन म कर डाला इस र तार स कब तक हमको दफ़नान क तयार चलगी त ह गराना शौक नह मजबर वजद बचान क

िजदगी क य ज ोजहद जार ह जार ह रहगी

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 30: Wo 49 din final

कमाल हो गया जायज़ खरब क कजमाफ साइ कल लपटॉप राशन

अपन गण गात व ापन वो वोटो प बटत आर ण

ग़र ब न म त पानी या पया शोर ह दश कगाल हो गया

वकास क दौड़ म फक दखो कतन तमस आग ह

कपोषण अ श ा र वतखोर कत क क च धाग ह

तरा शहर दल का ग़र ब कागज प खशहाल हो गया

अपना एक वभाग बता जहा बन- दए काम हो पाता ह

गर दध गणश नह पीत तो दध कहा फर जाता ह

चायवाला हल -का टर म कस बड़ा सवाल हो गया

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 31: Wo 49 din final

कजर वाल तो पागल ह दखो य पागल या चाहता ह स दयो स स त चतना को नज वास स जगाना चाहता ह

घोर अमावस घना त मर नज-र त जला मटाना चाहता ह

धम जा त क दो-छोरो को म- नह स मलाना चाहता ह

राजनी त क गद क चड़ म कमल खलाना चाहता ह

यगो स शो षत दब कचलो को याय-स मान दलाना चाहता ह

मौन मानो ग गी जनता को आवाज़ दलाना चाहता ह

बहर यव था को मधर गीत सनाना चाहता ह

ज म स अधो को हर- भर बाग दखाना चाहता ह

नोटो क थाप प नाचती खबरागनाओ स य आ शक़ वफ़ा चाहता ह

नासमझ अबोध बालक ह चाद धरती प लाना चाहता ह

अपन इरादो क क ती स समदर पार करना चाहता ह

काल याह म रग त को वत-मन स चमकाना चाहता ह

हमालय स व तत टाचार को झाड़ स हटाना चाहता ह

राजा हो रक-सा रात भर ठड म रोड प कपकपाना चाहता ह

वराज का नारा दकर राजवष को ललकारना चाहता ह

ससद क बद-द वार म क़द जनत को चौराह पर लाना चाहता ह

रा ट- म क पागलपन म रा ट- ोह कहलाना चाहता ह

दखो य पागल या चाहता ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 32: Wo 49 din final

फर सोमनाथ प ख़तरा ह नाम म भारत काम म भारत दल ज़बान ज़ बात म भारत य भारत-गौरव ख डत करन फर कोई फरगी उतरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह छोड़ो ब खड़क (ट वी) को तम अब आओ खड़क गाव चल

सच आखो स ओझल होता झठ - झठ का कोहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह जो स य दखाया जाता ह वो स य सदव नह होता इन स य- यो क सर वती प ल मी का असर गहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह य नदा अपयश आलोचन य भारत- गौरव क दहाईया य सब ायोिजत काय म चहरो क पीछ चहरा ह

फर सोमनाथ प ख़तरा ह CWG प जब व व हसा असमट लट तब मौन रह नार - गौरव क ठकदारो य माप-दड तो दोहरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

भाषा क सीमा वो जान भाषा ह िजनका ड-बटर हम कमयोगी कत य कर ठान तो सम दर कतरा ह फर सोमनाथ प ख़तरा ह

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 33: Wo 49 din final

य खासी बड़ काम क ह य खासी गा फल सोत को सजग कर य चोर क अब फासी ह य खासी दशी गोर स म त करान य ह रानी झासी ह य खासी बड़ का घर म मान बचाती मयादा क मौसी ह य खासी

ट पर चडी बन गरती भल जन क दासी ह य खासी अहकार रावण का हरन य हनमान गदा-सी ह य खासी जो अदर वो बाहर दखती पारदश दपण-सी ह य खासी य चनाव का म ा बन गयी मझको आती हासी ह य खासी फकजी कछ और बताओ य बात तो बासी ह य खासी कजी रण- ण पर डट रहो जब तक तन म जा-सी ह य खासी

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 34: Wo 49 din final

य तो होना ह था

गाधी ग ग नह बहर तब भगत को फासी होना ह था

धतरा सर ख राजा ह तो चीरहरण फर होना ह था

सो रह दश क लाल अगर भारत मा को फर गौरव खोना ह था

हर तरफ क ल खान चलत बकर क मा को रोना ह था

यह तासीर यह ताल म थी उसक दगो क दाग भी खन स धोना ह था

मन आ ख़र ऊब ह गया इन खलोनो स स ता का खल घनोना ह था

बड़ी रोचक रह पर फ म थी इटरवल तो होना ह था

मरा अजाम मर अदाज स जदा नह खन का बलबला था फ़ना तो होना ह था

कब तक लाश को ढोता फरता िजदगी को आजमाना भी था

म तारा टटा तर खा तर तर मराद को फर परा होना ह था

मर जान का गम ना कर मर दो त य बाजी थी कछ पान कछ खोना भी था

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 35: Wo 49 din final

हम भी चप और तम भी चप

पण रा य का दजा दो य लबी माग हमार ह

लाओ वराज बाप का सपना जनलोकपाल ज़ र ह

बल पर वो टग क जब बात चल हम भी चप और तम भी चप

नार सक पो क रल चल लगता भार तयार ह

टाचार भगाना ह य लबी बीमार ह

इज सन लगन क जब बार आई हम भी चप और तम भी चप

य दश ायोिजत ो ाम नह मजबर क मजबर ह

दग दश प दाग ह य दाग मटान ज़ र ह

दोषी को द डत करन म हम भी चप और तम भी चप

वाद हमन भी बह त कए वाद तमको भी करन दग

हमन कभी कछ नह कया तो और को य करन दग

कोई जगन नकला रात उजल करन ना कौए चप ना क त चप

हम भी चप और तम भी चप

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 36: Wo 49 din final

ाइम म न टर जल म

आधी आबाद दहशत क साय म डर-मर ससक रह

िजदा लाश क बदब आती तर AC रल म

भत त बन बदला लग जो तर शह प क ल ह ए

बाब तर भी हाथ रग ह दगो क खनी खल म

कोई अरब प त कोई खरबप त कोई व वप त बनन नकला

वकास क दखो सल लग गयी इन चोरो क मल म

फकज़ी सच सच बतलाओ य ह लकॉ टर कस उड़त ह

चाय बचक गस बचक या उड़त ह तल म

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 37: Wo 49 din final

राजा न सहासन छोड़ा ह

कठपतल को ताज दया परद क पीछ स राज कया कभी अबला थी अब व वप त और क कधो स शकार कया तमन छोडा तो याग क दवी हमन छोडा तो भगोड़ा ह

स ता स दर को वरन को कसका मन रह पाता ह इसक बाह क मोहपाश म हर कोई बध जाता ह िजसको सब पान तरस रह वरागी तन य छोड़ा ह

खा-पी क चाडाल चौकड़ी हर चनल पर भ क रह खद नाकारा कछ करन वाल को पानी पी-पी कोस रह पहचानो य आम ndash राम िजद प शव-धन तोडा ह

ह जा त-धम प बटवारा दग क भभक आग कह कह गर बी कह भखमर वकास क बदर-बाट कह दल म द ल ल काला घोडा दश बचान दौड़ा ह

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 38: Wo 49 din final

खबर बचना मरा धधाhellip

अ भ यि त का वरदान पा य हो लका ह लसा रह ह क यप क पा इशार लाद को झलसा रह ह सन राख हो जायगी त उन क यप क साथ ह नर प इन नारायण को यथ य उकसा रह ह खबर बचना मरा धधा मझको भी लाभ कमाना ह सबक जस सबस पहल सबस आग जाना ह ओ लोकत क चौथ ख भ उनम तझम अतर ह पस क साथ तझ लोगो का व वास भी बचाना ह

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 39: Wo 49 din final

द ल को अयो या बनाना पड़गा

सत साध बला कारसवा कराओ फर कोई ढाचा गराना पड़गा वकास का गबार ना ठहरगा यादा पतरा वोह आजमाना पड़गा बनी कतनी रामायण राम पर अबक महाभारत बनाना पड़गा सख स गय ह कछ ज म दल क फर स वो काटा चभाना पड़गा चगार ढढो दबी राख स तम दश परा फर स जलाना पड़गा भख स लड़त-लड़त जो भल थ अबतक उ ह याद मज़हब दलाना पड़गा लाश क ढर प बठ कर क फर गीत जय का कोई गनगनाना पड़गा

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 40: Wo 49 din final

तम या गय सब सना कर गय वो अहसास वो सपन वो खशनमा मज़र या ह ए सब कछ वीराना कर गय तर आहट स उठता ह तर याद स कता ह आदमी था कोई खलौना कर गय कतन इ ज़ाम कतनी नफ़रत मर खा तर मर सार शि सयत को घनौना कर गय ना चन स जीऊ पल भर ना मरना नसीब हो पागलो सा हाल जान या जाद-टोना कर गय रज बह त ह दल को तर य छोड़कर जान का भल आदमी थ मजब रय का बछोना बन गय पलक खल क खल ह तर आन क उ मीद म लौटन का अपन वादा जो मझस कर गय

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 41: Wo 49 din final

य तो ग़लत बात ह राम रा य क माला रटत श ल दखकर ल ड बटत समाजवाद क वचन वकास क बदरबाट ह ह जहा वह क बात करग बह पयो स वष धरग पगड़ी को हा टोपी को ना य कसा रा वाद ह वो रा य बद वो रल रोकना कह आगज़नी कह तोड़फोड़ उनका ताडव लोकत मरा धरना उ पात ह चहर इनक अलग भल पर काम सभी का एक ह मलकर लट व श ट कहाव कजर अना क ट ह

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 42: Wo 49 din final

सच कसको अ छा लगता ह

सपन क द नया क आग हर सच फ का पडता ह बहलाव स बहकाव स जन-गण-मन ह छलता ह

ाण का कछ मोल नह पर प थर पथ-पथ पजता ह दा लन को लाइन यहा पर दध घर घर फरता ह

कभी सीता तो कभी ह र च कब झठ पर ा दता ह दय म वो होठ पर वो सच प तकघर म सोता ह

भखा बचपन त वीर म म लयन डालर का बकता ह आ खर मन ब समझ गया जो दखता ह वो बकता ह

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 43: Wo 49 din final

या सचमच हम आजाद ह य

जो अपना था वो गवा दया अ जी क अनवाद ह य

वसधव कटब नह अब तो घर-घर दगा-फसाद ह य

बस मा ब हन का िज रह या अपन सवाद ह य

भारत का गौरव गौण हआ नता बस िजदाबाद ह य

सबक सरज चमक जग म हम तार स अवसाद ह य

हर साख प उ ल बठ गय गलशन सार बबाद ह य

सोन क च डया क घर म फाको पर वाद ववाद ह य

उन अमर शह द क ख स बस अजगर ह आबाद ह य

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 44: Wo 49 din final

दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह सच क हालत य शमसार उन स य य प लानत ह मन मानवता क कणधार क नि यता स आहत ह अ याय को चप सहना ना कछ कहना अपनी आदत ह अपन ज म क याह ह अपन ज म क राहत ह जब भी दमाग- दल टकराए दल जीत बस य चाहत ह दल कहता म वो राह चल सब वपदाओ का वागत ह खोया-पाया सब कछ दल स इस दमाग क ब ती म दल ह अपनी कमजोर ह दल ह अपनी ताकत ह

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 45: Wo 49 din final

कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा कसी का ज़मीन कसी का आसमा प हसाब होगा भगवान को यारा य सारा तबा - ओ - आब होगा गर क जो हक़ ह मार या तरा परा कोई वाब होगा कबाब क शौक न त खद कभी कसी थाल का कबाब होगा छपान स कभी छपत ह टपकत खन क कतर नकाबपोश का तल त भी एक दन खल कताब होगा रात कब रोक पायी सबह को रोशन य आफ़ताब होगा झमगी द नया िजसक नश म अगर त वो शराब होगा तरा व त ह बाजीगर सब सवाल का एक जवाब होगा तरा गनहगार भी द वान -सा तर द दार को बताब होगा द वार प लखी इबारत चीखती ह सन जरा दल का ह आज जो कभी दश का भी नवाब होगा

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 46: Wo 49 din final

कस मान अपराध ह भोला टाचार

ना चीख क आहट ना र त क धार कस मान अपराध ह भोला टाचार

प र म का तफल कहो सवा का स कार सबक राजी खशी स चलता य यवहार

अ मा अपराधी नह स टम क बनी शकार ट सभी बस दि डत एक या इसका आधार

िजसका धन लटा वो जनता जब चनती बार बार जनमत क अपमान का जज को या अ धकार

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 47: Wo 49 din final

दो म स कछ एक यार होगा

दो म स कछ एक यार होगा वकास या फर टाचार होगा

एक ह होता ह दल का दरवाजा या तो यार या फर यापार होगा

कोई और सरत ह नह सहत क आदमी तद त नह तो बीमार होगा

कब तक ढ यग य नापाक र त अब हाथ मलग या य गार होगा

सोचा ह ज़र लायग अपन भी अ छ दन या खबर थी बस भाषण ह शानदार होगा

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 48: Wo 49 din final

कहा रह तम नदलाला

आध आमदार अपन को अपराधी खद बता रह ह या रप डकती अपनी शपथप प जता रह चदा दकर टकट पा गय शकनी बाजी सजा रह नोट स वोट को लकर लोकत को लजा रह

सोचो तमन एक नोट म अपना अ भमान गवा डाला इतनी स ती ह ई आब मोल ल सका इक याला ह जवाब जब प छगा य न समय आन वाला अ भम य जब मरा य म कहा रह तम नदलाला

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 49: Wo 49 din final

ट स म त अपना भारत हम बनाना

ना छ पन क छाती ना छ लय का वादा बस नक ह नीयत और फौलाद का इरादा

दखा जो दश लटत त णाइय को घटत कोसा बह त कर कछ तब मन न मर ठाना

बस बोलत थ जब तक कहलात थ वचारक कथनी को करन नकल द मन हआ जमाना

मत व त करो जाया क चड़ उछालन म मझको ह पाओग तम हर एक आईन म

ह एक अपना मकसद ह एक ह तराना ट स म त अपना भारत हम बनाना

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 50: Wo 49 din final

म अभी हारा नह ह य क ठन पथ खद चना ह कोई बचारा नह ह पवत का गव तोड़ नीर क धारा वह ह नबल क उस आश म व वास म ह म कह ह भागा कहा दखो त हार छा तय पर म यह ह चोट खा वर स फ म कोई इकतारा नह ह करोड़ क दआए सग अभी बसहारा नह ह म टटकर बख गा तब हा हार म मान गा तब दल स तम जब य कहोग म त हारा भी नह ह

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 51: Wo 49 din final

मर हार स हा सल या कर पाओग

बखरकर गर गरा भी जो य सतारा फलक स उ मीद क लहर को तम सा हल कोई पा जाओग गल तया मझम तझ दखती बह त पर य बता मास क पतल म या भगवान तम पा जाओग ह सवाल िजतन जहन म उठती ह िजतनी उग लया आईन क सामन जा सब सबक पा जाओग म ठहर जाऊ अगर त मझस एक वादा कर य लड़ाई मझस बहतर अजाम तक पह चाओग

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 52: Wo 49 din final

अब आम आदमी जागा हhellip नताओ को दश स प ब फ़ नीद म सोया था दश और अपन भ व य क मधमय सपन म खोया था भारत मा का दन सन बन-भोर नीद स जागा ह जब आख खल तो दखा क र क भ क बन लट रह याय स य मयादा सब कछ रत महल स टट रह

तार-तार तन-वसन ह ए मा शष कछ धागा ह ब ल दध प पहरा दती चाबक बदर क हाथो म पजा क थाल क ता चाट तलक गध क माथो म गाय बन-चार क मरती जगल-त अभागा ह बस बह त ह आ अब और नह सक प दय म लाया ह ब च ब ढ़ सबन मलकर झाड़ को श बनाया ह आम आदमी क सना आई ठग- दल डरकर भागा ह

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 53: Wo 49 din final

अबक बार मोद सरकारhellip

अदानी अ बानी क होगी जय-जयकार ए टला स चलाएग दश का कारोबार वकास होगा उनका जो तर चनाव क साह कार चोर क साथ मलकर य मटायग टाचार कालाधन वदशी नवश का धरगा अवतार सटो रय क चाद चमकगा शयर बाजार दगो क द रद पाएग पर कार खन क याह स रगग अखबार मी डया मग़ल क लगग दरबार हा जी हा जी करग चाटकार या नी त या व ध क दरकार भ क वचन तो वय म म ो चार

गाधी क नोट प ह ग इनक च हार भारत सरकार कहलायगी अब मोद सरकार

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 54: Wo 49 din final

अ छ दन आन वाल ह नभ स तो अमत बरसगा पर कछ आगन ह भीगग इ दव क य छ ट बस कमल खलान वाल ह जो पहल भख मरत थ वो अब भी मरन वाल ह सबका साथ सबका वकास बस दल बहलान वाल ह मज़हब ह अपनी रोज़ी-रोट बस वकास क ख़ाल ह अर य कर टोपी पहनग हम टोपी पहनान वाल ह भ दजी अपनी अकल लगाओ वाद दखाओ प ना जाओ तमको लगता ह सब चायवाल हवाई-जहाज़ उड़ान वाल ह

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 55: Wo 49 din final

भारत मा का कौन भला

भारत मा का कौन भला जय नार स गणगान स कतन दन भख पट भरग घी-श कर क पकवान स जय का गौरव तब पाओग जब कछ करक दखलाओग वना प तकघर भर पड़ ह प रय क अफ़सान स

अ त अवसर मला त ह अपना सरज चमकान का स दय स मरझ कमल क पखड़ीया सहलान का पर पद साथक होगा तब ह जब एक यय एकल य रह पावन-पनीत भारत-भ स भय- टाचार मटान का

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 56: Wo 49 din final

वकास चा हए तो टाचार भी होगाhellip

वकास चा हए तो टाचार भी होगा भल लोग मलग तो श टाचार भी होगा अपनी पाट म तो बस कॉ बो मील ह खीर चा हए तो करल का आचार भी होगा घर खर दोग तो ल वरज भी होगा कछ करोग तो कवरज भी होगा ब ह टाचार प भ कन वाल अर नल खलगा तो ल कज भी होगा

टाचार क साथ वकास करग जनता क सौ क पचास करग फट घड़ स पानी भर-भर क आपक महनत का स यानाश करग

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 57: Wo 49 din final

य कसा वकास ह पया रग -ओ-श ल बदल डालर यरो का वाग रचाता व व मण कर काला धन अपना वदशी नवश बन वा पस आता सस स क छलाग बस सटो रय का खल- वलास ह

य कसा वकास ह दन-रात कर महनत और तमको ट स समय पर चका रह सौ द वा पस प चीस पात बाक जब म समा रह सौ का प चीस हो जाना हमार महनत का स यानाश ह

य कसा वकास ह छ नी ज़मीन मरत कसान क ष वकास क बात कर ह रत ा त क जनक आज हम अ न-दाल आयात कर अपनो स छ न ओर -गोर को दना यह हमारा इ तहास ह

य कसा वकास ह अब टाचार जल भरग सौ क सौ दश क काम लगग उ योग कसान यापार जनता मलजलकर खशहाल बनग बदलगी वकास क प रभाषा य हमारा व वास ह

य कसा वकास ह

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 58: Wo 49 din final

सार सपन टट गए सार रात तो सग रह पर दन आत ह छट गए आय थ कछ दन जात मर भी गठर लट गए तमन म ह फरा जग ठा आस आख स फट गए कसको द म दोष भ भी मटट क थ टट गए

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 59: Wo 49 din final

कसक महल सजानhellip

कसक महल सजान हमार घर द तोड़ दत हो कसक समदर भरन हमारा पसीना नचोड़ लत हो कलयगी कण कछ दया भी तो महगाई द द गर जीन नह दना तो जान य छोड़ दत हो महगाई क कोड़ स कई घाव गहर छोड़ दत हो यहा गर ब कम ह जो उ ह हजार करोड़ दत हो छ लय या लर या फ चर ह तर फ म का चाद तार दखा जब क दअ नी भी गपोड़ लत हो

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 60: Wo 49 din final

अ छ दन आ गए कालधन वाल बाबा जमीन म समा गए वदशी खात क सची बद ताल को थमा गए रप - च द म ी बासी कड़ी को गरमा गए श ा माता क श ा प शश भी शरमा गए वदशी नवश क वरोधी डालर प लभा गए रटल प लड़त-लड़त फरगी मसाइल चभा गए सटो रय क चाद जमाखोर को मजा आ गए घस जस क तस ह रह महगाई क सजा पा गए

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 61: Wo 49 din final

म सीता ह तम राम बनोhellip हम बसत गगा लहर पर हमको लहर दखलात हो हर-हर मोद क नार स शव का धीरज आजमात हो सौदागर सब जान छल तरा अब कसको तम भरमात हो गर मर बनन आए थ तो उसक घर य जात हो तम मर हो बस मर य अ भमान अ बन झरता ह कस- कस को रोक समझाऊ जग हसता तान कसता ह म सीता ह तम राम बनो दो दो तो रावण करता ह दो नाव स कहो कौन कब सागर पार उतरता ह

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 62: Wo 49 din final

अजब-गजब य स मोहनhelliphellip

दस हजार करोड़ क व ापन उड़न खटोल स दश मण रल बस स भीड़ जटा ह शहर - शहर मनोरजन जादगर का खल अनोखा उगत आम हथल पर आख दखा या स य सदा अजब-गजब य स मोहन चौतरफा ायोिजत कोलाहल सच झठ का पदा ओझल होता ह भीड़ जहा या वह स य मन शकाओ म बो झल होता ककण तट पर ह पाओग मोती चाहो तो मारो गोता अर स य अमोल नह होता य द इसको पाना आसा होता

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 63: Wo 49 din final

कहा गय व अटल

कहा गय व अटल िज ह न पाट को सीचा कहा गय व लालक ण िजन रघरथ को खीचा कहा मरल जसवतस-समा और भाजप सार भगवा सना हाइजक कय दो ग ज यापार

स दय क सबध पर स ता सख भार राम तो पहल ठग गय शव-सना क बार र त य क रगमहल भी र त क ह ग भगवान क नह ह ए या भ त क होग

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 64: Wo 49 din final

छ पन छाती खरगोश ह एhellip अ छा हआ आप आय दोन क नबर बन गय अपन अपन म क म दोन सकदर बन गय

भारत मा क आचल का जो ल छ पशन करत ह सर काट िजनन वीर क उनका अ भनदन करत ह कहा गयी वह सह गजना तरकश य खामोश ह ए गन का डर या डालर छ पन छाती खरगोश ह ए

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 65: Wo 49 din final

सरकार जहा सरकार वह हhellip

दरबार दरबार वह ह खबर का ससार वह ह स ता का गार वह ह लोकत का सार वह ह

कठपतल त ती लटकाय त त क अ धकार कह ह ह एक अनक प म दखत माया क आधार यह ह

भ त क भरतार कह ह शषनाग अवतार कह ह उ मीद क उडनखटोल लयदव क ार कह ह

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 66: Wo 49 din final

दो दन चल अढ़ाई कोस

र वतखोर का भत दश म बताल सा भटक रहा जोकपाल का पनल जान कस फाइल म लटक रहा सरकार त हार कसका दोष दो दन चल अढ़ाई कोस

दध क क मत बढती जाती फल क खशब आती जाती स जी क या बात क ध नया भी अब आख दखाती भाषण स भख कर सतोष दो दन चल अढ़ाई कोस

नता बाब क साठगाठ स सठ तजोर भरत जात बलट न क च म स वो चौतरफा ह रयाल पात वकास क वा रस सफदपोशदो दन चल अढ़ाई कोस

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 67: Wo 49 din final

नाम बड और दशन छोट भारत स टाचार भगाय भाषण लब नीयत क टोट छ पन क छाती िजगर क छोट घर म घम साप बलौट

हो काला धन या एफडीआई हम ह बन पद क लोट ह वह त ह वह म ह ह वह बदल मखौट

होता वकास बस महगाई का सटो रय बस होत मोट अ छ दन तो मल नह अब वा पस ब घर को लौट

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 68: Wo 49 din final

सब बदला और तम भी बदल

चहर बदल सहर बदल वग- वार क पहर बदल ना बाब क मौज और ना नता ग ग-बहर बदल

भखा बचपन घटता यौवन मरत कसान लटती अबला ना महगाई क मजर बदल ना द मन क खजर बदल

त त मला शहजाद बदल वाद और इराद बदल स ता मद म चर पड ना सर ना भ मासर बदल

वो बदल उनक दन बदल तबा पया गाडी बगल ना काल दन अपन बदल ना रात क सपन बदल

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 69: Wo 49 din final

या रहा बाक जो तमको जीतना ह

भर तो द झोल त हार यार स और कतना इन दल को र तना ह

दशक बीत तकत तकत राह सख क और कतन यग को अब बीतना ह

य फर रह मर सकदर दरबदर या रहा बाक जो तमको जीतना ह

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 70: Wo 49 din final

वप हम पसद नह

सह गलत क बात ह नह बस वप हम पसद नह

गर या फर अपन कर अपना वरोध रजामद नह

वाथ क ह सब सबध अपन अपन सवा कोई भरोसमद नह

आईन ह आईन ह अपन चार ओर हमस बढ़कर कोई खदपसद नह

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 71: Wo 49 din final

य र ता या कहलाता ह दख दल-दल पाया बस छल थक-मन अब तझको पाता ह बह त पीया खारा जल अब मन पीन पीयष मचलाता ह कतना रोक य मन पागल बन-डोर उड़ा सा जाता ह बचनी क सबब त ह और चन त ह म पाता ह तर सपन मर सपन सब एकमक स पाता ह धरती अबर का मलन जहा वो तज अहो पा जाता ह सब र त क प रभाषाओ को मन आज लाघता जाता ह कभी सौ पचास भात थ पर अब उन चास (49) ह भाता ह

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 72: Wo 49 din final

तमस दर कहा जाऊगाhellip ज म गहरा दया पर बन तर ना रह पाऊगा बस त हारा ह तमस दर कहा जाऊगा तफा थ राह रोक नकला था जब म घर स फौलाद क इराद थपड़ स ना रोका जाऊगा बह त दर ल आयी ह मर द वानगी मझको मिजल कर ब ह अब ना लौट पाऊगा य सािजश ह त ह बहलान मझ आजमान क तम वार करत जाना म सहता जाऊगा मन दल म अपन या रखा ह तर खा तर कभी तो म त ह समझा पाऊगा म रह ना रह रह य गीत सदा तर आवाज म ह म भी गनगनाऊगा

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 73: Wo 49 din final

या हार मर हार ह

य हो उदास नराश मन गनता कभी कोई यार ह य थक पग जब सामन सघष का ससार ह

य शोर स नाटा सभी ठहराव ह मिजल नह या सर क गन तया ह बस समर का सार ह

ना खदा ह इसान तमसा क मया रह हजार ह दो यार या गाल त हारा ह त ह अ धकार ह मर गरन क राह तकत ऐ फ़ र त य बता गर जीत मर ह तर या हार मर हार ह

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 74: Wo 49 din final

लड़ रहा त जग मर hellip

लड़ रहा त जग मर शा त को ह ड़दग तर अपन लह स भर रहा त वीर त बरग मर चला आधी स बचान लडखडाती पतग मर खद मागकर भरता अर झोल रह जो तग मर तर हाथ का पश पाकर झमती म दग मर त र व क करण अहो जगमग अधर सरग मर त जीतता म नाचता ह यी आसमानी उमग मर लगता ह जस जड़ गयी हो नय त भी तर सग मर ( म दग - ढोलक )

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 75: Wo 49 din final

तम कहत हो वो बह त बरा ह अपन साहस सक प स इक अदन न इ तहास बनाया तमन उसको भगवान बनामानवता का प रहास बनाया आसमान सी उ मीद परमानव कब कौन खरा उतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

तम कहत हो शनः शनः इतनी ज द या ह भाई िजतनी लबी बीमार ह उतनी लबी चल दवाई फर एक बात का उ तर दो अ भम य कस लय मरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

टाचार रग म बहता भारत क तन-मन म रहता तन स खन अलग कर द गा दखो या य पागल कहता एक बार म ख म करो य प र भारत प खतरा ह तम कहत हो वो बह त बरा ह

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 76: Wo 49 din final

या कह तरा मान बढाऊ

वो अर व द कल कत कत एक दाग ना तझम पाऊ सरज को या द प बताऊ दपण को दपण दखलाऊ श द-श य सा श दकोष क गागर म सागर भर पाऊ मर जीवन आदश कहो म या कह तरा मान बढाऊ

िजन आख क सपन म म अपना व णम भारत पाऊ अनपम साहस क स मख अचल को भी वच लत पाऊ कल गायगा गौरव िजसका उसक गाथा आज सनाऊ जो ज मजयती कहलायगावो ज म दवस म आज मनाऊ

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 77: Wo 49 din final

जज वलन हो गय

जयाजी ह रोइन जज वलन हो गय मगरम छ क समदर स नन हो गय हरान सा ह म क क इस तर क पर न स स त अब एरो लन हो गय

पट प च डी चढा य सपरमन हो गय सच क ठन था तो फरब क फन हो गय लक क बीस लाख हरक को बाटन वाल चोर का नाम प छन बस पर बचन हो गय

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 78: Wo 49 din final

इस ग डया का नाम मी डया

इस ग डया का नाम मी डया चाबी स ह चलती ह ट वी चनल अखबार स लोग क राय बदलती ह पाच प म सवा अरब को झटपट गोरा करती ह य र झ सरकार बन ठ तो कोरा करती ह नाम कर गमनाम कर बदनाम कर मनमान ह नता सब अ भनता डरत ताकत को पहचान ह वफा मागत नादा इसक फतरत स अनजान ह रख जब म इसक चाबी ल मीचद सयान ह

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 79: Wo 49 din final

मर भल को भल जाओ य

मर भल को भल जाओ य मझ भलकर कस रह पाओग

अपन अह क हमालय स प छ म क आच कबतक सह पाओग

ठन मनान क कर दोन को शश म हारा भी तो तम या जय पाओग

य नह लौट पाया वो महमान दल का कोई प छगा जब कतना कह पाओग

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 80: Wo 49 din final

इतनी तयार करना ह

रणभर क आहट ह फर अपनी कमर कसना ह

कछ पल क प र म स जान कतन जीवन हसना ह

इस स य म क महाय म आह त बन जलना ह

सवा सक प समपण स लख इ तहास बदलना ह

नह पता पस क आधी कन वग स आयगी नह पता बदरग मी डया या या वाग रचायगी त सभी षडय सभी सब हथकड अपनायगी नह पता स ता पान स ती कतना गर जायगी

इस लय सनो ह वीर त ह इतनी तयार करना ह

इस मायाजल स उफनात सागर को पार उतरना ह

अपन पौ ष स अजय क माथ पर बल पडना ह

हो च त प दोन म जय कछ ऐसी क ती लडना ह

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 81: Wo 49 din final

अ ना कब तक मौन रहोग

अ ना कब तक मौन रहोग समरजयी ह कार भरो घरा श म तरा लाडला शवधन क टकार करो य असहाय आज अ भम य ाण य था त ह कभी

गर वो हारा तम भी हारोग ह ग दय वचार करो

जो शभ चतक थ जहरबझ वो तीर दल पर छोड़ गय

थ वाथ क सबधी सार स ता को मख मोड गय

बस एक अकला तर पथ पर अ वचल न पह डट ह ए आओ गाधी पथ दखला य हमस नाता तोड़ गय

तरा होकर भी ना होना सपना लगता ह

बन तर य त हा लड़ना कतना खलता ह

तरा द पक तफा म तर राह तकता ह

आओ गाधी भगत को तर आव यकता ह

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 82: Wo 49 din final

RTI कछ खास ह

वस कानन पचास सह

पर RTI कछ खास ह

गडब डय का चगलखोर सशासन का व वास ह

पारद शता का लास यह

पद का पदाफाश ह

अ धकार का अहसास कह

कत य का आभास ह

रावण अब अपन सर गनल

मा हमार पास ह

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 83: Wo 49 din final

आपको अपना व वास चा हय आपको अपना व वास चा हय वह जीवटता का अहसास चा हय

आम बह त ह अब कछ खास चा हय

श दस ाट कहा हो पास आइय

साथ अपन फर वह उ लास लाइय

सर मो हनी स श ओ पर पाश डा लए

समरनायक अधर ह बन त हार वजयगाथा सकमार सग अर व द क जयरास गाईय

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 84: Wo 49 din final

भारत मा क लाल बहादर (the real hero of AAM Aadmi)

कद छोटा यि त व हमालय भारत क अ भमान हो भारत मा क लाल बहादर ढ़ता क तमान हो तरा म व व म ग ज जय जवान जय कसान हो हर मा यह वर माग उसक भी तझ जसी सतान हो

कह प गाधी कह गोडस कसी न जपी नह पाय लोहप ष सरदार कह पर अबडकर दल पर छाय

कह लो हया क लोर पर मर मन को तम ह भाय

भारत मा क लाल बहादर मर ह स म तम आय

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 85: Wo 49 din final

द ल माग कजर वाल

द ल का तम सनाऊ हाल बजल महगी पानी बदहाल

सडक कल ख ताहाल बीमार पड़ सब अ पताल

स ती स जी ना स ती दाल जमाखोर का फला जाल

र वतखोर न कया कमाल अफसर नता मालामाल

िजसन बदल सबक चाल और कौन वो माई का लाल

वो उन चास दन पाच साल द ल माग कजर वाल

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 86: Wo 49 din final

व वधhelliphellip उन प थर क बीच य ह रा चमकना चा हए ग ज सनकर द मक क दल दहलना चा हए इ तहास क नगर म फर इ तहास बनना चा हए कछ भी हो अर व द को ससद पह चना चा हए

जब व त वो ठहरा नह य व त या थम पायगा सरज छपा जो बादल म फर नकलकर आएगा इन उफनत सागर क हक कत मालम हो इक हाथ जो डाला नह क तह को छ जायगा

भ त को तकल फ बह त ह सर खात सवाल स सागर िजतना खन छलकता छोट -छोट छाल स ानचद समझात हमको ल लाधर क अ त ल ला

अ छ दन बहकर नकलग महगाई क नाल स

मरघट क स नाट स जीवन क हलचल अ छ ह गद नाल क ठहराव स गगा उ छखल अ छ ह मनमोहन शीला लाल क दशक क ल ब अ धयार स कछ दन नभ म चमक वो तार क झल मल अ छ ह

कछ तो अजब बात ह आपक इस आग म वरना कहो शोल बझान समदर कब भागत ह

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 87: Wo 49 din final

नवजात क म ह दध नह खरब खात य व ापन जो आसमान म उड़ा पसीना कालाधन बन बरसा तर आगन दश का सौदा कर डाला या दश क सवा क खा तर कतन आस काफ़ होग चदाखोर का चकन ऋण

कभी सना था दश क खा तर जो अपना लह बहाएग आधी-तफ़ा म अ डग रह वो भारत-प कहाएग दश क ठकदार न बदल दश म क प रभाषा कमल का क चड़ म ह मलकर ह अब दशभ त बन पाएग

य लह स फर रगना तरगा ह हर मज क दवा बस दगा ह सयासत अचक तीर ह तर तरकश म कभी राम थ अब मा गगा ह

तर नक नयत को चाहा आदत अपनी अहसान नह जग ट स पर म जान त इ सा ह ह भगवान नह ह यार नह य बखार क पल-पल थमामीटर स माप सौदागर य गलत पता ह दल अपना तो सामान नह

भारत मगल स भी मगल मरत माया सरदार क जीवन भल जड़ को गढन या मशा ह सरकार क वक सत दश नह बनवात य मारक ऊच-ऊच या महाप ष सब यह ह ए या कमी उ ह द नार क

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 88: Wo 49 din final

अ सी हद बीस मसलमा सरल ग णत ह वोट का यह रामबाण जबजब चलता खन छलकता चोट का कभी बाबर कभी तो गगा लविजहाद क मीर कभी कहत वकास बस ताऊ ह हम बन पद क लोट का

बाबजी दल स लखन म सब सख सयाह लगती ह इस द पक क ल द वानी खा लस घी स ह जलती ह मर हर पि त क द स तर झकार नकलती ह सोचा तझस कछ अलग लख पर कलम नह य चलती ह

कब वतमान पहचान सका इ तहास क वीर को पथ ट ह ए सबजग कहता नवपथ गढत पथगीर को कन च म स दख रह इन भारत क तकद र को हाथ सकत समझ कोयला ब कल क ह र को

महादव क सर चढ़ बोल हमालय क गोद म खल दव न भी पजा िजसको जगती क वो मा अलबल न दय क इस रानी न बस अपन क अनदखी झल सबका मल हर मो करात गगा हो गयी कतनी मल

सीमा पर सयासत क वो प म नह टाचार अब अजन क ल म नह

बदल ह डालो इस खल क सब ल य क सा हब अब प म ह वप म नह

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 89: Wo 49 din final

हौसल क हाथ म व वास क पतवार ह

जलती चता क लक ड़य स नॉव अब तयार ह

आग पानी म लगा म चीरता जाता अधरा

गर ना रह म राख तझको पह चना उस पार ह

सच-झठ का बाजार बध हस - सा चतन करो

पीयष भी ह जहर भी बन दव तम मथन करो

आम ह पर नाम सन ह खास थर-थर कापत

यह राघव यह माधव पहचान अ भन दन करो

मल क दलदल म धस गढ़ अब आसमान प थकग

टकड़ प पलत क त अब या ऐरावत प भ कग

हम नीलकठ स टम मथन कर सार वष को पी लग

हो पथ बाधाए सध-सी हम राम वाण स सोखग

कजी तम तो बह त बोलत हो

ि वस क सब राज खोलत हो

राज क रग म भग घोलत हो

बन खल प रायता ढोलत हो

पाया कहा य िजगर कछ तो बोलो

समदर म आक तह तौलत हो

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 90: Wo 49 din final

ऍमसीडी म चल रह भाजापा क लट रग हाथ पकड गए करत फोटो शट करत फोटो शट झठ क झाड़ पकड सात साल क बाहर आय सार लफड़ श ा वा य सफाई सड़क रामभरोस बशम फर वोट मागत हो कस म ह स

इक हवाहवाई लाल कला इक अनशन जतरमतर ह भ त का भगवान तो कोई भख का पगबर ह मीठा कआ कोई तो कोई मील फला सम दर ह इक ग लय का ह रो दजा फ म का धर मदर ह

मनमोहन क दौर स कछ ऐसा फला रोग जब पीएम म ह खोलत ताल पीट लोग ताल पीट लोगभलकर सधबध सार सबको सपन बच रहा ग ज यापार बोल ऐस बोल सभी जनमन को भात स समन स खशी-खशी सब जब कटात

काल धन क क चड़ स अपनी छ व चमकाओग बक ह ए इन सव स तम जनता को भरमाओग िजन आखो न उनचास दन सच का सावन दख लया अर मदार कस उनको पद स छल पाओग

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 91: Wo 49 din final

बना द ह क बारात कस सजगी ाईवर क बना कार कस चलगी

अर एक ट म नह बनती बना क तान क कहो कस अपनी द ल सरकार बनगी

ह र च क वशज दखो कन चोर स मल ह ए कालधन क क चड़ म रा कमल सब खल ह ए कहा गई व बद बाबा और कागज क कनल जनरल बकत कभी नह थकत य अबक मखड सल ह ए

बोलो या बस तम अ छ सब तमको अ छा करना ह सवा अरब का दश ठ या दो हाथ स बनना ह तम भी अ छ वो भी अ छा दोन को अ छा करन दो दश दया तमको उसको द ल का भा य बदलन दो

जहा ह नीचाई और क बशक र तार पाओग जो हार चक सबकछ अपना उनपर जयकार पाओग दावा ह मरा ह अजय जब इस ग लयार आओग ह र क स मख तजह न अपनी तलवार पाओग

लो हमह फर आज द ल क फजा म छा गय सब तीर मार ओट स हम सामन टकरा गए

जो सरमा थ पा खबर फर आज य घबरा गए

अर झ ड म गीदड़ लड़ कोई शर हो तो लाओ जी या जीत पाओग मझ जब य स कतरा गय

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 92: Wo 49 din final

दो पाट म पसन को अबक द ल मजबर नह कोई ऐरा-गरा भर सकता इस माथ का स दर नह

तम हो शौहरत क शखर मगर म भी इतनी मजबर नह

बाप दखकर ब टया वरद अब वसा द तर नह

भारतीय कट क ोल बोड (BCCI) - एक त ल म

बट-बाल सब जकड लया कट क ठकदार न

धम कभी था अब धधा कर डाला इन ग ार न

सवा अरब क दश म स खल घन ना खल रह

कट का क ख ना जान स ा भाव को खोल रह

कछ लोग क हाथ म लो सारा भारत थमा दया चीयरल डर नाच दखाती खल तमाशा बना दया श ा वभाग म चपरासी क भत क लए आवदन दन वाल पढ़ लख नौजवान क द वधा-

श ाम ी क श ा फज दखी तब जागी खदगज

शमशार हो चपरासी न बा पस ल भत क अज

कहन लगा भख सह ल गा कछ दन बना जॉब रह ल गा िजनस यादा पढ़ा- लखा हकस उनको सर कह द गा Delhidialogue कौन सनगा कसको सनाय दर हो चल य उलझन ह

करन स सब कछ हो सकता व वासी अब मरा मन ह

जतरमतर पर आज दल क कहन सनन का ह दन ह

मलकर सोच हो कस बहतर द ल तमको आम ण ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो

Page 93: Wo 49 din final

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह बीत कल क गण गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

िजनका पौ ष थका वोह और क करनी खात ह

अपन आज स हार ह अपन अतीत को गात ह

अपन म ह क का लख मजन राख को सहलात ह

होकर बपदा पद पर गाधी नह दखलात ह

कई माओ क मौत बन गयी रमन सीग क नसबद

छह-छह सौ म मोल ल गयी चलती फरती आनद

ल य आकड़ को छन का छट गया ह सचमच पर लाल रग स नखर गई दखो वकास क बास द

अब इ मी जी बइ म ह वद जी एक त ल म ह बाबा क दाढ़ म तनका या लर थ या फ म ह

ज र नह क हर सवाल का जवाब हो हम लाजवाब ह तम लाजवाब हो


Top Related