ताना बाना इतहास म आज: 28 अट ू बर 1929 म इस तारख ने अमेरका म मुनाफाखोर और लालच क पहल घंट बजाई. इसके बाद दुनया म ऐसी उथल पुथल ह ु ई क करोड़ लोग को जान गंवानी पड़ी. छोट सी लगने वाल एक घटना के महावनाश म बदलने क गवाह है ये तारख. 28 अटूबर 1929 को अमेरक शेयर बाजार वॉल ट धराशायी ह ु आ. कुछ बक लड़खड़ाने के बाद नवेशक पैसा नकालने लगे. ये दौर अगले दन भी जार रहा. 28 और 29 अटूबर के कारोबार म ह बाजार 24 फसद गर गया. इसे अमेरक इतहास क सबसे बड़ी गरावट कहा जाता है. सैकड़ बक चौपट हो गए. नौकरय म कटौती शु हो गई. हालात काबू म करने के लए अमेरका के संघीय बक ने दखल दया, लेकन इसका कोई असर नहं पड़ा, देखते ह देखते अमेरका के 4,000 बक फेल हो गए. कजदार ने पैसा नहं लौटाया, जमाकताओं ने सारा पैसा नकाल लया. बक के धराशायी होते ह कारोबार भी बैठ गया. संात माने जाने वाले यूरोप तक ये अमेरक आंच 1930 से 1933 के बीच पह ु ं ची. यहां भी बाजार और बक से अचानक पू ंजी गुम हो गई. इसके बाद जगह जगह बेरोजगार दखने लगी और ववयापी मंद शु हो गई. अंतरराय कारोबार खम हो गया. मंद 10 साल चल और इससे उपजी बेरोजगार ने जनाोश के साथ साथ फांसीवाद, नाजीवाद को बढ़ावा दया. आखरकार पूर दुनया 1939 म मंद से बाहर नकल. लेकन इसके लए मानवता को भार कमत चुकानी पड़ी. 1939 म दूसरा ववयुध शु होने के साथ सेना और नागरक सुरा से जुड़ी हर चीज क मांग बढ़ गई. बढ़ मांग ने कारखान और उयोग को रतार द. औयोगक क फर से चमकने लगे. एक तरफ जहां नौकरयां पैदा हो रह थी तो दूसर तरफ हमले हो रहे थे. ववयुध म न चाहते ह ु ए भी 30 से यादा देश को कूदना पड़ा. छह साल तक चले इस युध म पांच से साढ़े आठ करोड़ लोग मारे गए. 1945 म दूसरा ववयुध खम ह ु आ लेकन तब तक शीत युध का बीज पड़ चुका था. करब पांच दशक चले शीत युध ने आतंकतवाद को जम दया. कई मायन म देख तो 28 अटूबर 1929 का असर आज भी दखाई पड़ता है. DW.DE इतहास म आज: 27 अटूबर कमर 32, लंबाई 85, जेब बटन वाल, मोहर 19, रेडीमेड के जमाने म या आपको दज या टेलर माटर क पैर से चलने वाल सलाई मशीन याद है? इसी से जुड़ा है आज का इतहास. (26.10.2013) इतहास म आजः 26 अटूबर खबर Page 1 of 2 इितहास म आज: 28 अट ू बर | ताना बाना | DW.DE | 28.10.2013 29-10-2014 http://www.dw.de/%E0%A4%87%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%B9%E0%...