hindi swakshar edition 2 edition 2 (hindi).pdf · कॉ ै ट से तुम दो ती क...

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नराइटस एसोसएशन का यूज़ लैटर जु ला ई 2019 संकरण 2 कोट लड़ए अपने हक़ लड़ाई हमारी लीगल एड पॉलसी आपक मदद को है तैयार यह एक बड़ी ख़बर है ! एसडबयूए ने अपने सदय नराइटस मदद के लए एक लीगल एड पॉलसी घोषणा है इसके ज़रए एसडबयूए के सदय कॉपीराइट चोरी, गोपनीयता उलंघन (ीच ऑफ़ कॉफ़डशयेट), भुगतान और े डट सबंधी मामल को कोट तक ले जाने मदद पा सक गे इस क़दम को उठाकर एसडबयूए ने एक बार फर कया है वह अपने सदय टलैचुल ॉपट और जायज़ हक़ रा के लए वचनब है बत से मामल कसी नमाता या नदशक या साथी-सदय के ख़लाफ़ अपने वाजब हक़ लड़ाई पीड़त एसडबयूए सदय के पास कोट जाने का ही आख़री राता बचता है इसीलए एसडबयूए डीएससी को एक अस से क़ानूनी मामल आथक सहायता देने ज़रत महसूस हो रही थीइस पॉलसी के अंतगत, एसोसएशन अपनी डसयूट सैटलमट कमेट (डीएससी) और वशेष वकल सलाह के आधार पर, सदय को 50 तशत वक़ल फ़स (अथवा एक नधारत राश, दोन से जो भी कम हो) दान करेगीपॉलसी के बाक़ दशा-नदश को भी जद ही तय कया जाएगाइस उपाय से उन सदय इंसाफ़ लड़ाई मज़बूत होगी जो डीएससी से सुनवायी के बाद मामले को कोट ले जाना चाहते पर आथक से कमज़ोर पड़ जाते साथ ही, एसडबयूए ऐसे कई कॉपीराइट वशेष वक़ल के सक है जो इसके सदय को कफ़ायती दर पर क़ानूनी मदद देने के इु क एसडबयूए एमबीसी सब-कमट (मनमम बेसक कॉैट सब-कमट) और लेखक के अधकार के लए लड़ते रहे साथी राइटस (जनम अधकांश एसडबयूए एज़ेयूटव कमट के सदय भी रह ) के अथक यास बदौलत एसोसएशन को मनमम रेयूनरेशन (यूनतम पारमक) और नप कॉैट के चलन को ापत करने बड़ी सफलता हाथ लगी है एसडबयूए काफ़ समय से ॉडन के बजट के आधार पर नराइटस फ़स तय करने के लए ॉूसर संा और बाक़ ॉूसस को राज़ी करने का यास कर रही थीहाल ही , ॉूसर रतेश सधवानी, जोक लेखक-नमाता- नदशक फ़रहान अतर के साथ एसल एंटरटेनमट कनी के मालक , ने एसडबयूए के मनमम रेयूनरेशन लैब को वीकार कर लया है यह लैब यूनतम पारमक को नधारत करता है जसे योयता के आधार पर बढ़ाया जा सकता है (पृ 2 पर पढ़ ... ) मनमम बेसक कॉैट लड़ाई एसडबयूए को मली बड़ी जीत

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  • ���नराइटस� एसो�सएशन का �यूज़ लैटर  

    जुलाई 2 0 1 9 सं �करण 2

    कोट� म� ल�ड़ए अपने हक़ क� लड़ाईहमारी ‘लीगल एड पॉ�लसी’ आपक� मदद को है तैयार

    यह एक बड़ी ख़बर है! एसडब�यूए ने अपने सद�य ���नराइटस� क� मदद के �लएएक ‘लीगल एड पॉ�लसी क� घोषणा क� है। इसके ज़�रए एसडब�यूए के सद�यकॉपीराइट चोरी, गोपनीयता उ�लंघन (�ीच ऑफ़ कॉ�फ़�ड��शये�ट�), भुगतान और�े�डट स�बंधी मामल� को कोट� तक ले जाने म� मदद पा सक� गे। इस क़दम कोउठाकर एसडब�यूए ने एक बार �फर �स� �कया है �क वह अपने सद�य� क��टलै�चुल �ॉपट� और जायज़ हक़� क� र�ा के �लए वचनब� है। ब�त से मामल� म� �कसी �नमा�ता या �नद�शक या साथी-सद�य के �ख़लाफ़ अपनेवा�जब हक़� क� लड़ाई म� पी�ड़त एसडब�यूए सद�य के पास कोट� जाने का हीआ�ख़री रा�ता बचता है। इसी�लए एसडब�यूए क� डीएससी को एक अस� से क़ानूनी मामल� म� आ�थ�क सहायता देने क� ज़�रत महसूस हो रही थी। इस पॉ�लसी के अंतग�त, एसो�सएशन अपनी �डस�यूट सैटलम�ट कमेट� (डीएससी)और �वशेष� वक�ल� क� सलाह के आधार पर, सद�य� को 50 ��तशत वक़�ल क�फ़�स (अथवा एक �नधा��रत रा�श, दोन� म� से जो भी कम हो) �दान करेगी। पॉ�लसीके बाक़� �दशा-�नद�श� को भी ज�द ही तय �कया जाएगा। इस उपाय से उन सद�य�क� इंसाफ़ क� लड़ाई मज़बूत होगी जो डीएससी से सुनवायी के बाद मामले कोकोट� ले जाना चाहते ह� पर आ�थ�क �प से कमज़ोर पड़ जाते ह�। साथ ही,एसडब�यूए ऐसे कई कॉपीराइट �वशेष� वक़�ल� के स�क� म� है जो इसके सद�य�को �कफ़ायती दर� पर क़ानूनी मदद देने के इ�ुक ह�।

    एसडब�यूए क� एमबीसी सब-क�मट� (�म�नममबे�सक कॉ��ै�ट सब-क�मट�) और लेखक� केअ�धकार� के �लए लड़ते रहे साथी राइटस� (�जनम�अ�धकांश एसडब�यूए क� ए�ज़े�यू�टव क�मट�के सद�य भी रह� ह�) के अथक �यास� क� बदौलतएसो�सएशन को �म�नमम रे�यूनरेशन (�यूनतमपा�र��मक) और �न�प� कॉ��ै�ट के चलन को�ा�पत करने म� बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसडब�यूए काफ़� समय से �ॉड�न के बजट केआधार पर ���नराइटस� क� फ़�स तय करने के�लए �ॉ�ूसर सं�ा� और बाक़� �ॉ�ूसस� कोराज़ी करने का �यास कर रही थी। हाल ही म�,�ॉ�ूसर �रतेश �सधवानी, जो�क लेखक-�नमा�ता-�नद�शक फ़रहान अ�तर के साथ ए�सलएटंरटेनम�ट क�नी के मा�लक ह�, ने एसडब�यूएके �म�नमम रे�यूनरेशन �लैब को �वीकार कर�लया है। यह �लैब �यूनतम पा�र��मक को�नधा��रत करता है �जसे यो�यता के आधार परबढ़ाया जा सकता है।   (पृ� 2 पर पढ़� ... )

    �म�नमम बे�सक कॉ��ै�ट क� लड़ाई म�एसडब�यूए को �मली बड़ी जीत

  • कॉ��ै�ट से तुम दो�ती कर लो

    अ�सर कई राइटस� �कसी ����ट पर महीन� काम करते ह�, ले�कन �कसी�ववाद क� ���त म� सुनने म� आता है �क ‘म�ने तो यारी-दो�ती म� �लखा था’।दो�त�, यह आदत आपको ज�द से ज�द बदल लेनी चा�हए। �य�? �य��कयह �सनेमा राइ�ट�ग के �लए आपके ज�बे, आपके �नर और आपक� अपनीहै�सयत के साथ एक बड़ा अ�याय है। म� पूछता �ँ �क जब एक �दहाड़ी मज़�र काम शु� करने से पहले अपनीमज़�री क� शत� सामने रख देता है तो एक राईटर ऐसा �य� नह� करसकता? जब एक पानीपुरी वाला अपने सामान क� एक �न��त रेट पहले हीतय करके रखता है तो एक लेखक अपने काम के रेट तय �य� नह� करसकता? जब एक घरेलू मेड काम के बढ़ जाने पर पगार बढ़ाने क� बात करनेम� नह� �हचकती तो एक ���नराइटर �य� �हचकता है �फर से मोल-भावकरने म� तब जब �कसी ����ट के री�ा�ट ख़�म ही ना हो रहे ह�? कहने का मतलब है �क जब भी आप कोई ����ट �लखे, �जसका�वसा�यक मू�य है, तो उसे �बना कॉ��ै�ट साइन �कए �कसी को ना द�।ख़ुद को कमज़ोर मत मा�नए। कुछ �नमा�ता जो या तो ख़ुद अनजान ह� या�ज�ह�ने ठान ही �लया है राईटर का शोषण करना है, �सफ़� तब ही आपकोनुक़सान प�ँचा सकते ह� जब आप उ�ह� ऐसा करने का मौक़ा द�गे।

    हम एक ऐसी इंड��� म� काम करते ह� जहाँ �फ़�म के �लॉप होने परसबसे पहले लेखक के माथे ही ठ�करा फोड़ा जाता है। और अगर�फ़�म �हट हो गयी, तो सभी को इसका �े�डट �मलता है �सवायराईटर के। उस लेखक को, �जसने सबसे पहले उस �फ़�म क�प�रक�पना क� थी, भुला �दया जाता है। तो �सफ़� आपको ही अपनीक़� करनी होगी। एसो�सएशन भी तब ही आपक� मदद कर पाएगाजब आपके पास कॉपीराइट उ�लंघन के पु�ता सबूत ह� या, आपनेएक �न�प� कॉ��ै�ट के ज़�रए अपने �हत� को सुर��त �कया हो। सौ बात क� एक बात - कॉ��ै�ट साइन क��जए। अपने काम करने के�नयम और शत� को ख़ुद तय करके �ल�खत म� प�का क��जए। अगरकुछ भी ग़लत �आ, तो ये कॉ��ै�ट ही आपका स�ा साथी सा�बतहोगा। इसे इस तरह सो�चए - �या आप अपनी �ॉपट� या सोने सेभरा सं�क �कसी को यँू ही �बना �कसी �लखा-पढ़� के ‘इन गुड फ़ेथ’दे द�गे? नह� ना? तो �बना कॉ��ै�ट साइन �कए अपनी ����ट �य�देते ह�?आपक� ����ट आपक�इंटलै�चुअल �ॉपट� है और अबव�त आ गया है �क आप इसेसोने से भरे अपने सं�क क� तरहइ�तेमाल कर�। सुनील साल�गया

    मानद महास�चव क� क़लम से

    इसके बाद, �रतेश अपनी एसो�सएशन �ॉ�ूसर �ग� ऑफ़ इं�डया केसामने इस �लैब को अ�नवाय� गाइडलाइंस का �ह�सा बनाने पर ज़ोर द�गेता�क लेखक� के �हत� को सुर�ा द� जा सके। इस क़दम से �फ़�म इंड��� म� ���नराइटस� को पेशेवर �प से फ़ायदा तोहोगा ही, साथ ही उ�चत स�मान भी �मलेगा। ग़ौर करने वाली बात है �कएसडब�यूए के �म�नमम बे�सक कॉ��ै�ट म� ����ट, �टोरी, ���न�ले औरडायलॉग के �लए तयशुदा �े�डट क� गारंट� का और �कसी भी पाट� कोमनमाने �प से कॉ��ै�ट क� शत� को तोड़ने से रोकने का �ावधान भी ह�। काफ़� व�त से आपक� एसो�सएशन यह लड़ाई लड़ती �ई आ रही थी औरकई दफ़े इस तरह क� एक बड़ी जीत क� दहलीज़ छू पाने म� भी क़ामयाब �ईथी। पर यँू कह ली�जए �क हर बार बस बात बनते-बनते रह गयी। 5व����नराइटस� कॉन�� स (अग�त 2018) म� एक चचा� के दौरान भी �स�ाथ�

    �म�नमम बे�सक कॉ��ै�ट क� लड़ाई म� एसडब�यूए को �मली बड़ी जीत...     (पृ� 1 से आगे… )

    रॉय कपूर (�ेसीड�ट, �ॉ�ूसस� �ग� ऑफ़ इं�डया ), अ�भनेता-�नमा�ता-�नद�शक आ�मर ख़ान, सोमेन �म�ा (��ए�टव हैड, धमा� �ॉड�ंस) नेखुलकर लेखक� और गीतकार� के �लए �म�नमम बे�सक कॉ��ै�ट क�ज़�रत का समथ�न �कया था। आ�ख़रकार एसडब�यूए क� मेहनत रंगलायी है और अब ए�सल एटंरटेनम�ट जैसा एक बड़ा �ॉड�न हाउस भीइन मु�� के समथ�न म� उतर आया है। आशा है �क बाक़� �नमा�ता भी ज�दही इस अ�भयान से जुड़ जाएगेँ।  एसो�सएशन क� ओर से इस संघष� के पुरोधा रहे ���नराइटर औरएसडब�यूए क� ईसी के व�र� सद�य अंजुम रजबअली का कहना है-“�म�नमम रे�यूनरेशन �लै�स से ना �सफ़� लेखक� क� फ़�स म� इज़ाफ़ा होगाब��क �नमा�ता� को भी बेहतर ����ट्स �मल�गी। आज इंड��� कोअ�� ����ट्स क� स�त ज़�रत है और इसके �लए उ�ह� ���नराइटस�को उनका वा�जब हक़ देना होगा।”

  • शु��या, डीएससी!एसडब�यूए सद�य� के अनुभव

    एक नामी �ॉड�न क�नी ने मुझे कॉ��ै�ट म� तय क� गयी ����टडवलपम�ट क� फ़�स नह� द� थी। पर म�ने जैसे ही डीएससी म� केस फ़ाइल�कया, �नमा�ता� ने अपनी ग़लती मानी और मुझे ना �सफ़� तयशुदाडवलपम�ट फ़�स द� ब��क ऊपर का अ�त�र� ख़च� भी �दया। यह �सफ़�डीएससी क� म�य�ता के कारण ही स�व हो पाया। सुर�� वमा�, ��यात नाटककार और व�र� �फ़�म-लेखक मेरी �लखी एक ����ट पर मेरी जानकारी के �बना एक �फ़�म बना ली गयीथी। तब म� डीएससी के पास आयी। क�मट� ने ना �सफ़� मुझे भावना�मकसहारा �दया ब��क ब�त ही कम व�त म� केस चलाकर मुझे �याय �दलाया।मु��कल व�त म� इंड��� के बड़े �द�गज� के आगे राइटस� का साथ देने के�लए डीएससी का ब�त आभार। मानवी शमा�, �फ़�म ले�खका  एसडब�यूए क� डीएससी ने दो बार मुझे मेरा हक़ �दलवाया है। म� यहजानकर राहत क� साँस लेता �ँ �क हमारी एसो�सएशन हम सब राइटस� केकंधे से कंधा �मलकर खड़ी है और उनको क़ानूनी मदद देने के �लए त�पर है।�ज़�दाबाद एसडब�यूए! �ज़�दाबाद डीएससी! अनुराग भो�मया, �फ़�म लेखक

    डीएससी ने मुझे अब तक दो बार टेले�वजन शोज़ के �नमा�ता� से मेरीबक़ाया फ़�स �दलवायी है। म�ने अपने अनुभव से ये भी जाना है �क अपने�हत� क� र�ा के �लए कॉ��ै�ट साइन करना �कतना ज़�री है। म����नराइटस� एसो�सएशन और डीएससी को तहे �दल से ध�यवाद देता �ँ। महेश रामचंदानी, ट�वी और �फ़�म लेखक एक क�नी के ��ये�टव �ॉ�ूसर ने मुझसे एक ट�वी शो क� ����ट माँगीथी। बाद म� उस ��ये�टव �ॉ�ूसर ने मुझे �बना बताए उस ����ट पर एकए�पसोड बना �दया। म�ने एसडब�यूए का �ख �कया और जब डीएससी के ज़�रए �ॉड�न क�नी को स�ाई का पता लगा तो उ�ह�ने मुझे मेरीपूरी फ़�स द�। मेरा मानना है �क एसडब�यूए हम सब राइटस� का एक प�रवार है। इमरान ख़ान, टेले�वजन राईटर

  • अल�वदा, दो�त�!

    हम �फ़�म और ट�वी के �व�भ� �ा�ट्स से जुड़े और �पछले कुछ महीन� म� चल बसेहमारे सभी �वग�य सा�थय� के ��त गहरी संवेदना �� करते ह�।

    इन सा�थय� म� एक नाम जानेमाने नाटककार, ���नराइटर, �फ़�म �नद�शक, अ�भनेताऔर रोड्स �कॉलर�शप से स�मा�नत �ी �गरीश कना�ड (19 मई 1938 - 10 जून 2019)का भी था। कना�ड को आधु�नक भारतीय सा�ह�य और �सनेमा क� एक मह�वपूण� आवाज़माना जाता था। 

    हम� छोड़कर जाने वाले कुछ अ�य सा�थय� के नाम इस �कार ह�: राजीव अ�वाल, द�ाकेशव  कु�कण�, �दनेश सा�वी, प�पू पॉ�ल�टर, �हमांशु जोशी, वी� देवगन, चाँद �तवारीऔर नर�� बंजारा। �फ़�म और ट�वी इंड��� कभी उनके योगदान को भुला नह� सकेगी।उनक� याद� सदा हमारे साथ हमारे �दल� म� सलामत रह�गी।

    हम ई�र से उनक� आ�मा क� शां�त क� �ाथ�ना करते ह�।

    इव�ट्स सब-क�मट� क� ज़बरद�त मेहनत के दम पर एसडब�यूए लगातार 'वाता�लाप' औरहमारी नयी सीरीज़ 'तालीम' जैसे काय��म� का आयोजन कर रही है। इसके अलावा�सने�तान ����ट कॉ�टे�ट ए�डशन 2, �टार राइटस� �ो�ाम, FICCI-�े�स �ेम यॉरआइ�डया 2019, MX �लेयर पैन�टॉम� जैसी ��तयो�गता� और ��त��त �लैटफ़ॉ�ज़� पर कई पैनल �ड�कशंस म� भी एसो�सएशन ने भागीदारी क� है।

    हम ज�द ही ���नराइ�ट�ग और ल��गक संवेद�करण पर देश के पाँच बड़े शहर� म�वक� शॉ�स और एसडब�यूए का अपना �प�च�ग इव�ट आयो�जत करने वाले ह�।

    एसडब�यूए इव�ट्स: ये तो बस शु�आत है

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    �यूज़ �लैश

    इंटरनैशनल एसो�सएशन ऑफ़ �फ़�म

    एडं टेले�वजन �कू�स (CILCET) ने

    व�र� एसडब�यूए काय�कता� और ईसी

    सद�य अंजुम रजबअली को एक �मुख

    अ�तरा��ीय ���नराइ�ट�ग ट�चर के

    स�मान से नवाज़ा

    एसडब�यूए ने सु�ी सोनल पंचाल को

    फ़� ल-टाइम ए�ज़े�यू�टव कोड�नेटर के

    तौर पर �नयु� �कया

    एसडब�यूए क� इंटरनल क�मट� (IC) ने

    यौन उ�पीड़न से लड़ने के �लए पॉ�लसी

    बनायी। �ल�क:

    cms.swaindia.org/uploads/S

    WA_IC_Policy.pdf

    एसडब�यूए द�तर पर डे�बट काड� से

    भुगतान के �लए �वाइप मशीन क�

    �व�ा शु�