| जीवन है पानी की ब द | संतो की वाणी, समाग दिखाए रे जीवन उड़ती ह ु ई पतं कब कट जाए रे जीवन म होनी, अनहोनी कब घट जाए रे जीवन है पानी की ब ि कब ममट जाए रे मानो न मानो हर पल मोत बुलाये रे , जीवन है िीपक की जोत कब बुझ जाए रे जीवन है चलती ह ु ई घडी कब क जाए रे जीवन है बिली का चाि, कब छुप जाए रे जम से पहले या था त मरने के बाि या हो जाए जान ले जब तक जान तेरी जहान म त क ु छ कर जाए पापो की घटरी पल पल तुझे िबाय रे जीवन उड़ती ह ु ई पतं कब कट जाए रे जीवन म होनी, अनहोनी कब घट जाये रे जीवन है पानी की ब ि कब ममट जाए रे बचपन पाके हागया िेख जवानी बौराया ननकट बुढ़ापा जान या पर खुि को जान नहीं पाया सं या लाया था या सं ले जाए रे जीवन है िीपक की जोत कब बुझ जाए रे जीवन है चलती ह ु ई घडी कब क जाए रे जीवन है बिली का चाि, कब छुप जाए रे