moral story for kids

1
एए एएए एए एएए एए एए एए एएएए एएए एए एएएए एए एए एएएएए एएए एएए एए एएए | एएए एएएएए-एएएएए एएएए एए एएए एएएएए एए एए एएएएए एए एएएए एएएएए एएएए एए एएएए एएएए एएएए एए एएए एए | एएएए एएएए एए एएएए एए एएए एए एएएए एए एएएए एए एएएएए एएए एएएए एएए एएएएएएए एए एएएए एएए |एए एए एए एएए एए एएएए एएएए एएए एएए एएएए एए एएएए, एएएए एएए एएएए एए एएएएएए एए, एएएए एएए एएएए एए एएएए एएएएएएए एए एएएएए एए एएए एएए एएए |एएएएएएए, एए एएएएए एए एएएए एए एए एए एएएएए एएएएए एए एएए एएएए एएए एएएएए एएएएएएए एएएए एएए एए— “SLOW AND STEADY WINS THE RACE.”

Upload: amit-singh-negi

Post on 13-Sep-2015

227 views

Category:

Documents


8 download

DESCRIPTION

एक बार की बात है कि एक जंगल में एक कछुए और एक खरगोश में रेस हो गयी | अभी दौड़ते-दौड़ते थोड़ा ही समय गुज़रा था कि खरगोश ने पीछे मुड़कर देखा कि कछुआ काफी पीछे रह गया है | उसने सोचा कि कछुए की चाल तो बहुत ही धीमी है इसलिए मैं थोड़ी देर विश्राम कर लेता हूँ |अब वह एक पेड़ की ठंडी छाँव में ऐसा सोया कि कछुआ, धीमी चाल होने के बावजूद भी, उससे आगे निकल कर अपने गन्तव्य तक पहुँच कर रेस जीत गया |मित्रों, इस कहानी के आधार पर ही यह कहावत मशहूर हो गयी जिसे लोग अक्सर दोहराया करते हैं कि—“SLOW AND STEADY WINS THE RACE.”

TRANSCRIPT

| - | | , , |, SLOW AND STEADY WINS THE RACE.