sage india | - बनिये सेज के सहयोगी...वर ष 2015 म आर भ...

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हमारी विशि पसक की Ê खला वहनी अनिक जािकारी शलए ख भारीय भाषाओ म कािि कायम

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  • वर्ष 2015 में आरंभ हुए सेज भारा का उद्ेश्य भारती्य भाराओं की सीमाओं से आगे बढ़कर, अत्याधुनिक

    शोध के माध्यम से अकादनमक जगत के हर सतर पर पहुंचिा है। हहनदी व मराठी में इसकी शुरुआत कर

    हम कम कीमत पर बहुमूल्य संसाधि उपलबध करा रहे हैं और इसे हर उस भारती्य भारा में हवसतार देंगे,

    जजसमें हम प्रकाशि करते हैं।

    बनिये सेज के सहयोगीहमारी

    विशिष्ठ

    पुस्तकों की Ê

    खंला

    क्या आप हकसी हवर्य के हवशेरज्ञ हैं और पांडुजलहप्यों का पुिरीक्षण (ररव्यू) करिा चाहते हैं?

    क्या आप अिुवाद के क्षेत्र में भहवष्य बिािा चाहते हैं?

    हवश्व के अग्रणी शैक्क्षक प्रकाशक के साथ बतौर हवतरक जुड़िा चाहते हैं?

    अिुवाद, पुिरीक्षण (ररव्यू) और प्रकाशि के जलए [email protected] पर एवं हवतरण में हमारे सह्योगी बििे के जलए [email protected] पर जलखें

    वहन्ी

    अनिक जािकारी के शलए ्ेखें

    भार्तीय भाषाओं में प्रकािि काय्यक्रम भार्तीय भाषाओं में प्रकािि काय्यक्रम

  • .

    [email protected] [email protected]

    www.sagepub.in

    [email protected]

    16th April 2017

    21st March 2016

    Lakshi Publishers & Distributors4264/3, 1st Floor, Ansari Road, Daryaganj, New Delhi-110002Tel: 011-23286322, Mob: 9811268801; Email: [email protected]; Web: www.lakshipublishers.com

    T S VenkateshMob: +91 98733 55423e-mail: [email protected] MalhotraMob: +91 98117 88266e-mail: [email protected] SinhaMob: +91 80054 93817e-mail: [email protected]

    Nikhil Verma Mob: +91 78979 97999 e-mail: [email protected] Raushan Kumar Mob: +91 75440 16145 e-mail: [email protected] Kalyan SinghMob: +91 98380 02776 e-mail: [email protected]

    हबज़िेस एंड मैिेजमेंट ...................................1-5

    सेलफ़ हेलप ................................................5-6

    समाजशास्त्र .............................................6-10

    इहतहास ................................................ 10-12

    समाज का्य्ष .................................................13

    राजिीहत एवं अंतरा्षष्ट्ी्य संबंध .................... 13-17

    शासि अध्य्यि .............................................17

    हवनध एवं दंड न्या्य ........................................18

    अथ्षशास्त्र एवं हवकास अध्य्यि ................... 18-20

    मीहड्या और संचार .........................................20

    जशक्षा ................................................... 21-22

    हवशेर आवश्यकता जशक्षा ................................22

    मिोहवज्ञाि ...................................................23

    सवास्थ्य ......................................................23

    प्या्षवरण अध्य्यि ..........................................24

    शोध हवनध्यां .......................................... 24-26

    शैक्षजणक साधि ............................................26

    हप्र्य पाठक,

    हमारी िवीि और बेसटसेलर हहनदी पुसतकों को प्रदजश्षत करती सेज भारा की प्रथम पुसतक-सूची (कैटलॉग) प्रसतुत करते हुए हमें अत्यंत प्रसन्नता हो रही है।

    हवगत 50 वरषों में सेज हवनभन्न पाठ्यक्रमों में अिुसंधाि, जि्षलस में प्रमुख हवद्ािों के का्यषों के प्रकाशि, संदभ्ष पुसतकों और हाल ही में पाठ्यपुसतकों के प्रकाशि में अग्रणी रहा है। उच्च जशक्षा में गुणवत्ापूण्ष सामग्री उपलबध करािे की हमारी प्रहतबद्धता में भारती्य भाराओं में प्रकाशि का्य्षक्रम सेज भारा के माध्यम से बड़ा पररवत्षि आ्या है।

    सेज भारा का उद्ेश्य भाराओं के बंधि से परे जाकर अत्याधुनिक शोध के माध्यम से प्रत्येक शैक्षजणक सतर तक पहुंचिा है। वर्ष 2015 में हहनदी व मराठी में इसकी शुरुआत कर हम कम मूल्यों पर गुणवत्ापूण्ष संसाधि उपलबध करा रहे हैं और हमारा उद्ेश्य हवनभन्न भारती्य भाराओं में इसका हवसतार करिा है।

    इस पुसतक-सूची के माध्यम से, हम हमारे पाठकों को सामाजजक हवज्ञाि के अक्द्ती्य संसाधि उपलबध करा रहे हैं, जजसमें शोध हवनध्यां, राजिीहत, समाजशास्त्र, इहतहास, शासि, मीहड्या व संचार, मिोहवज्ञाि, जशक्षा, अथ्षशास्त्र व हवकास अध्य्यि, शैक्षजणक साधि और हबज़िेस तथा प्रबंधि जैसे हवर्य शानमल हैं। शोधकता्षओं और छात्रों, दोिों के जलए ही कम कीमतों पर उपलबध ्यह पुसतकें बहूमूल्य साहबत होंगी। इि पुसतकों की हवनभन्न हवद्त्ापूण्ष हवर्यों के जलए संदभ्ष-सामग्री के रूप में उप्योनगता तो है ही, साथ ही इनहें आतमसुधार, बतौर सहा्यक पाठ ्या प्रहत्योगी परीक्षाओं के जलए भी प्र्योग हक्या जा सकता है।

    अगर आप अचछी हहनदी पुसतकों के माधम्य से अपिे पुसतकाल्य का हवसतार करिा चाहते हैं और पुसतक चुिाव में सहा्यता की आवशकता है तो िज़दीकी हबक्री प्रहतनिनध से संपर्क करें। आप हकसी भी पुसतक की एक ्या अनधक प्रहत्यां खरीदिे के जलए [email protected] पर भी जलख सकते हैं। हमें आकर्षक छूट के साथ पुसतकें उपलबध करािे में प्रसन्नता होगी।

    िई और आगामी पुसतकों की जािकारी तथा सेज संबंधी आ्योजिों की जािकारी के जलए और हमारी ई-मेल सूची से जुड़िे के जलए आप हमें [email protected] पर जलख सकते हैं। हमें आपकी सहा्यता करिे में हर्ष होगा।

    हमें पूण्ष हवश्ास है हक आपको हमारी िवीितम पुसतक-सूची में कुछ ि कुछ रुनचकर तथा जािकारीप्रद अवश्य नमलेगा।

    हमारे संसाधिों पर हवचार करिे हेतु आपके सम्य के जलए धन्यवाद!

    भवदी्य सेज मार्केहटंग

    सभी पुस्तकें ई-बुक प्रारूप में उपलबि िहीं हैं

    वबक्री संबंिी जािकारी

    ऑर्यर करिे के ्ो आसाि ्तरीके!शीघ्र प्राप्त करिे के जलए

    ई-मेल:

    समाचारों में सेज भाषा

    सेज के बारे में अनधक जािकारी प्राप्त करें, सेज के आ्योजिों का आमत्रंण प्राप्त करें, सेज की ई-मेल सूची से जुड़े[email protected] पर जलखखए

    कृप्या ध्याि दें, दी गई जािकारी प्रकाशि के सम्य तक सही है। कीमतें हबिा हकसी पूव्षसूचिा के बदली जा सकती हैं।

    पर जाएं

    विषयसूची

  • 1

    निजी साक्ात्ारों पर आधाररत यह पुसत् भारत में महहला उद्यनमयों ्ी प्रेरणादाय् ्थाएं प्सतुत ्रती ह ै और बताती ह ै ह् उद्यनमतापूण्ण उपक्रमों के ललए प्रेरणा आय ्ी पूहत्ण ्ी आवशय्ता सरे ि नमल्र सज्णिातम् अनभवयक्ति और निजी प्गहत ्ी पूहत्ण सरे नमल रही ह।ै

    अविनाश विरपाल टाटा इंटरिरेशिल ललनमटरेड के भूतपूव्ण वाइस-प्रेसीडेंट हैं।

    मविला उद्यमी ⁞ अविनाश विरपालसफलता ्ी प्रेरणादाय् ्थाएं

    2017 | 176 pagesPB (978-93-5280-297-5)

    ` 250

    यह पुसत् ्ॉपपोररेट जगत ्ी धोखाधडी और घोटालों ्ा सपष्ट हववरण प्सतुत ्रती ह।ै छह वर्षों के ्हिि शोध के बाद ललखी गई यह पुसत्, हवनभन्न पररससथहतयों और संदभषों में कंपनियों द्ारा ह्ए गए अपराधों ्ी बडी संखया ्ो उजागर ्रती ह।ै

    रॉविन िनर्जी वररष्ठ प्ोफेशिल एगजीकयूहटव हैं और उनहें 35 वर्षों ्ा अिुभव है।

    िौन धोखा देता िै और कैसे? ⁞ रॉविन िनर्जीघोटालरे, धोखाधडी और ्ॉपपोररेट दुनिया ्ा सयाह पक्

    2015 | 324 pagesPB (978-93-859-8560-7)

    ` 325

    भहवषय के पूवा्णिुमाि ्ा सव्णश्रेष्ठ तरी्ा है इस्ा सृजि। यह पुसत् पसंद के भहवषय ्ा सृजि ्रिरे के

    ललए 6-चरणों वाली सरल रूपररेखा प्दाि ्रती है। यह रचिातम् िरेतृतव ्ी हवशरेर्ताओं सरे पररचय ्राती

    है, लजनहें वयवहार में लािरे पर ्ाय्णप्दश्णि बरेहतर होता है।

    समीर दुआ इंसटीट्ूट फॉर जिररेहटव लीडरलशप, पुणरे, भारत के संसथाप् व सीईओ हैं।

    वििरण

    6 सरल चरणों में अथ्णपूण्ण भहवषय ्ा निमा्णण

    2017 | 277 pagesPB (978-93-866-0268-8)

    ` 295

    विराम िी घोषणा: एि नए भविष्य िा सृर्न ⁞ समीर दुआ

    विज़नेस एंड मैनेर्मेंट

    वििरण

    वििरण

    मराठी में भी उपलबध

    मराठी में भी उपलबध

    लेखि के विष्य में

    लेखि के विष्य में

    लेखि के विष्य में

    मराठी में भी उपलबध

  • 2

    यह पुसत् लो्हप्य िीहत्था “हू हवल बैल द कैट?” के जररयरे वयापारर् रणिीहत ्ी समसयाओं ्ा समाधाि

    उपलबध ्राती है। यह पुसत्, वयवसाय प्बंध्ों एवं छात्ों ्ो रणिीहत प्बंधि ्ी नचरसथाई अवधारणाओं

    और निधा्णररत मािदंडों सरे पररे हवचार ्रिरे ्ी चुिौती दरेती है।

    मोइद ससद्दििी प्बंध निदरेश्, इंटलरेक्टस हबज़।

    हू विल िैल द कैट ⁞ मोइद ससद्दििी सट्ैटजी निमा्णण व हक्रयानवयि के ललए मैिरेजर ्ी टूलह्ट

    2015 | 191 pagesPB (978-93-515-0602-7)

    ` 195

    ईज़ी मनी में चचा्ण ्ी गई है ह् ह्स प््ार अमरेरर्ा और दुनिया के अनय हहससों में सथावर संपदा के क्रेत् में मौजूद भांहत दूर होिरे के दुषप्भाव सामिरे आए, लजसरे दुनिया वैक्वि् आलथ्ण् सं्ट के िाम सरे जािती है।

    वििेि िौल िरे डरेली नयूज़ एंड एिालललसस (डीएिए) तथा हद इ्ोिॉनम् टाइमस में वररष्ठ पदों पर ्ाय्ण ह्या है।

    ईज़ी मनी ⁞ वििेि िौलमुद्ा ्ा हव्ास, रॉहबिसि क्रूसो सरे प्थम हववियुद्ध त्

    2016 | 284 pagesPB (978-93-515-0671-3)

    ` 225

    यह प्बंधि पर ्ोई माि् ह्ताब िहीं है। यह पाि् ्ो क्रमबद्ध नियोजि, पूवा्णिुमाि, संगिि, प्हतनिनधतव,

    अनभप्रेरण, निगरािी, नियंत्ण और संवाद ्ी प्हक्रया सरे पररनचत ्रािरे के बजाय, प्बंधि ्ी ‘आंतरर् परतों में

    झां्ती है’, और कुछ अिछुए पहलुओं पर चचा्ण ्रती है।

    िॉलटर विएरा इंटरिरेशिल ्ाउंलसल ऑफ मैिरेजमेंट कंसस्टंग इंसटीट्ू्टस (आईसीएमसीआई) के भूतपूव्ण चरेयरमैि हैं।

    ्ापपोररेट सफलता के ललए समय ्ी ्सौटी पर खररे लसद्धांत, 2ई

    2016 | 244 pagesPB (978-93-515-0719-2)

    ` 195

    वद विननंग मैनेर्र ⁞ िॉलटर विएराविज़नेस एंड मैनेर्मेंट

    वििरण

    वििरण

    वििरण

    लेखि के विष्य में

    लेखि के विष्य में

    लेखि के विष्य में

    मराठी में भी उपलबध

    मराठी में भी उपलबध

  • 3

    लरेखख्ा के गहितम् शोध एवं आयोलजत ्ाय्णशालाओं सरे प्ाप्त अिुभव के आधार पर रनचत यह पुसत्,

    समसया-निवारण एवं निण्णयि में चरेतिा ्ी हवनभन्न अवसथाओं के प्योग ्ो दशा्णती है। इसमें सवपि्ायषों के

    उदाहरण, इस त्िी् ्ी चरणबद्ध हवनध एवं वयक्ष्ट अधययि हदए गए हैं।

    अंर्सल िर्ाररिा एसोलसएट ्ोच, सेंटर फॉर हक्रएहटव लीडरलशप

    सपने देखने िा सािस ⁞ अंर्सल िर्ाररिासपिों के द्ारा वयावसानय् रचिातम्ता ्ा सृजि

    2015 | 188 pagesPB (978-93-515-0584-6)

    ` 195

    बॉडी लैंगवरेज आज के युग में ए् महत्वपूण्ण ्ौशल ह।ै यह ऐसा अदृशय ्ार् ह ैजो ्ाय्ण ाररयों, हवदूर््ों, राजिीहतज्ों, मशहूर हससतयों तथा अनय बहुत सरे लोगों के वयक्तितव ्ो पूण्णता प्दाि ्रता ह।ै यह पुसत् बॉडी लैंगवरेज पर अतयाधुनि् उद्धरण प्सतुत ्रती ह।ै

    िेडविग लेविस लशक्ाहवद् एवं लरेख् हैं, लजनहोंिरे प्ाधयाप् और वयाखयाता के रूप में अपिी सरेवाएं दी हैं।

    िॉडी लैंगिेर् ⁞ िेडविग लेविसपरेशरेवरों के ललए ए् पथप्दश्ण्, 3ई

    2016 | 252 pagesPB (978-93-515-0673-7)

    ` 325

    यह पुसत् हमें क्रोध प्बंधि में महारत हालसल ्रिरे ्ी ्ला लसखाती है। इस्ी रोच् व सरल सामग्ी

    तथा नचत्ों िरे इसरे आम आदमी के साथ-साथ परेशरेवरों, नचह्तस्ों, मिोनचह्तस्ों, मिोवैज्ानि्ों और सलाह्ारों

    के ललए बरेहद रोच्, मिोरंज् एवं प्भावोतपाद् बिा हदया है।

    सिावत िाई. भािे हवलज़हटंग कंस्टेंट, इंद्प्सथ अपोलो असपताल, िई हदल्ी

    सुनील सैनी गुरु जंभरेविर यूिीवलस्णटी ऑफ टरेकिॉलजी, हहसार, हररयाणा 2015 | 166 pagesPB (978-93-515-0580-8)

    ` 175

    एंगर मैनेर्मेंट (क्ोध प्रिंधन) ⁞ सिावत िाई. भािे | सुनील सैनी

    विज़नेस एंड मैनेर्मेंट

    वििरण

    वििरण

    वििरण

    लेखि के विष्य में

    लेखि के विष्य में

    लेखिों के विष्य में

    मराठी में भी उपलबध

  • 4

    विज़नेस एंड मैनेर्मेंट

    इस पुसत् में बांड जागरू्ता एवं बांड के मार्केट शरेयर में वृसद्ध, जैसरे बांड निमा्णण के घट्ों पर चचा्ण ्ी

    गई है। बोधगमय एवं सरल प्ारूप के साथ यह पुसत् मार्केहटंग वयावसानययों ्ो वयावहारर् अंत्णदृक्ष्ट प्दाि

    ्रती है, जो उिके ललए ‘अतयावशय्’ है।

    र्गदीप िपूर सनमस्ा मार्केहटंग कंसलटें्टस प्ा.लल. मुंबई

    9 बांड शास्त्र ⁞ र्गदीप िपूरहवजरेता बांड के निमा्णण हरेतु 9 सफल बांड रणिीहतयाँ

    2015 | 93 pagesPB (978-93-515-0590-7)

    ` 155

    वििरण

    लेखि के विष्य में

    यह पुसत् अभयास आधाररत एवं सारगनभ्णत है, और बाज़ार में हवजय प्ासप्त हरेतु मार्केटरों ्ी मदद ्रती है।

    24 बांड मंत् हवपणि, हवज्ापि, प्चार, हबक्री, हवतरण, उतपाद पोट्णफोललयो हडजाइि, मू्य निधा्णरण और ग्ाह्

    सरेवा सहहत हवपणि के सभी अतयावशय् ततवों ्ो प्सतुत ्रती है।

    र्गदीप िपूर सनमस्ा मार्केहटंग कंसलटें्टस प्ा.लल. मुंबई

    24 बांड मंत्र ⁞ र्गदीप िपूरउपभोतिा के हदलो-हदमाग में सथाि बिाएं

    2015 | 100 pagesPB (978-93-515-0588-4)

    ` 155

    वििरण

    लेखि के विष्य में

    मौजूदा प्हतसपधा्णतम् युग में हवपणि ह्सी युद्ध ्ी तरह है, लजसमें 18 बांड अस्त्र बांड ्ी सफलता के

    ्ार्ों ्ा सरल और अमू्य हवश्रेर्ण प्सतुत ्रता है। बाजार हवशरेर्ज् एवं सलाह्ार, जगदीप ्पूर िरे

    बांड ्ी सफलता के ललए 18 क्मताओं ्ा वण्णि ह्या है।

    र्गदीप िपूर सनमस्ा मार्केहटंग कंसलटें्टस प्ा.लल. मुंबई

    बांड हव्लसत ्रिरे के ललए हक्रपस बांड क्मताओं ्ो अस्त्र ्ी भांहत उपयोग में लाएं

    2015 | 126 pagesPB (978-93-515-0586-0)

    ` 155

    18 बांड अस्त्र ⁞ र्गदीप िपूर

    वििरण

    लेखि के विष्य में

  • 5

    यह हपछलरे 2 दश्ों में घहटत “पररवत्णि ्ी गहत” ्ो दशा्णती है। इसमें प्लशक्ण ्ो ्ाय्ण में सथायी सुधार

    लािरे के ललए वयवहार में बदलाव के साधि के रूप में प्सतुत ह्या है। यह प्लशक्ण और मािव संसाधि

    हव्ास सरे जुडरे लोगों के ललए उपयोगी है।

    रॉल्फ पी. सलंटन ्ो भारत, इंडोिरेलशया, चीि, यूरोप और यूएसए में प्लशक्ण और संसथाओं ्ो हव्लसत ्रिरे ्ा लंबा अिुभव है। वरे अमरेरर्ा के हवनभन्न हवविहवद्यालयों में प्ोफरेसर रहरे हैं।

    उद्य पारीि भारत में प्लशक्ण और संगिि वयवहार पर अग्णी हवशरेर्ज्ों में सरे ए् थरे।

    वििास के सलए प्रसशक्षण ⁞ रॉल्फ पी. सलंटन | उद्य पारीि

    प्सतुत पुसत् तिाव ्ी समसया के हवनभन्न पररप्रेक्यों एवं दृक्ष्ट्ोणों पर केसनद्त हैं तथा हवनभन्न वयावसानय् पररससथहतयों सरे संबंनधत अिुभव आधाररत निष्र्षों ्ो प्सतुत ्रती है। यह पुसत् प्बंधि, मिोहवज्ाि, समाजशास्त्र तथा वयवहार-हवज्ाि के शोधालथ्णयों एवं परेशरेवरों के ललए उपयोगी है।

    डी. एम. पेसटनर्ी सकूल ऑफ परेट्ोललयम मैिरेजमेंट (एसपीएम), पंहडत दीिदयाल परेट्ोललयम हवविहवद्यालय, गांधीिगर में गुजरात सटरेट परेट्ोिरेट ललनमटरेड (जीएसपीएल) चरेयर के प्ोफरेसर हैं।

    सतीश पाणडे्य एसपीएम, पंहडत दीिदयाल परेट्ोललयम हवविहवद्यालय, गांधीिगर में संगिि वयवहार एवं मािव संसाधि प्बंधि (एचआरएम) के एसोलसएट प्ोफेसर हैं।

    तनाि एिं िा्य्य ⁞ डी.एम. पेसटनर्ी | सतीश पाणडे्यतिाव ्ो समझिरे एवं प्बंधि संबंधी दृक्ष्ट्ोण

    आज के बरेहद तिावपूण्ण माहौल में भाविातम् बुसद्धमत्ा ्ो परेशरेवर सफलता प्ासप्त के निधा्णर् गुण के तौर

    पर तरेज़ी सरे पहचाि नमली है। इस पुसत् ्ा पूण्णतः संशोनधत चतुथ्ण संस्रण, अपिी भाविाओं ्ो पहचाििरे,

    समझिरे और उिके प्बंधि में आवशय् माग्णदश्ण् लसद्ध होगा।

    दलीप ससंि हररयाणा कैडर के 1982 बैच के भारतीय प्शासनि् सरेवा (आईएएस) अनध्ारी हैं।

    ए् प्ोफेशिल गाइड, 4ई

    2015 | 200 pagesPB (978-93-859-8559-1)

    ` 250

    िा्य्यस्थल पर भािनातमि िुद्धिमत्ा ⁞ दलीप ससंि

    2018 | 420 pagesPB (978-93-5280-449-8)

    ` 450

    2017 | 458 pages | PB

    ` 475

    विज़नेस एंड मैनेर्मेंट | सेलफ़ िेलप

    वििरण

    वििरण

    वििरण

    शीघ्र उपलबध

    शीघ्र उपलबध

    लेखिों के विष्य में

    लेखिों के विष्य में

    लेखि के विष्य में

    मराठी में भी उपलबध

  • 6

    इस पुसत् में उन्नीसवीं शताबदी के प्ारमभ सरे 1956 में डॉ. बी. आर. अमबरेड्र ्ी मृतयु त् के दललत

    आनदोलिों के इहतहास और इसके संगििातम् सवरूप एवं हवचारधारा के साथ-साथ ‘वग्ण`संघर्षों तथा सवतंत्ता

    संग्ाम, दोिों पर इसके पारसपरर् प्भाव ्ा हवश्रेर्ण है।

    गेल ओमिेट अधयक्, डॉ बी आर अमबरेड्र सामालज् पररवत्णि एवं हव्ास हवभाग, इंहदरा गांधी राष्ट्ीय मुति हवविहवद्यालय, िई हदल्ी

    दसलत और प्रर्ाताद्त्त्रि क्ाद्त्त ⁞ गेल ओमिेटउपनिवरेशीय भारत में डॉ. अमबरेड्र एवं दललत आनदोलि

    2015 | 343 pagesPB (978-93-515-0598-3)

    ` 395

    यह सद्तीय एवं पररवनध्णत संस्रण, अनध्ारहीि दललतों ्ी आ्ांक्ाओं एवं संघर्षों ्ा पुिरावलो्ि ्रती है

    तथा समािता, सामालज् नयाय एवं मािवीय गररमा पर आधाररत मािवता पर हवचार ्रती है। यह दललतों के

    रूपानतरण के सामालज्, आलथ्ण् और सांसकृहत् ततवों ्ी खोज ्रती है।

    एस.एम. माइिल रीडर, समाजशास्त्र हवभाग, मुमबई हवविहवद्यालय तथा इनसटीट्ूट ऑफ इंहडयि ््चर के मािद् निदरेश्

    आधुननि भारत में दसलत ⁞ एस. एम. माइिलदृक्ष्ट एवं मू्य, 2ई

    2015 | 343 pagesPB (978-93-515-0594-5)

    ` 395

    यह पुसत्, पाि्ों ्ो रोज़मरा्ण ्ी चुिौहतयों जैसरे तिाव, सवास्थय, ्ाम, वयक्तिगत संबंध, संचार, हिधनम्णता

    और आतमसममाि के सवरूपों सरे अवगत ्रातरे हुए उिके वयक्तिगत और वयावसानय् ्ौशल ्ो बढािरे में

    मदद ्ररेगी। यह छात्ों ्ो निजी और वयावसानय् जीवि में सफलता हदलािरे में मददगार होगी।

    अलिा िाडिर पूव्ण लशसक््ा, मिोहवज्ाि हवभाग, पुणरे हवविहवद्यालय।

    स्फलता के सलए र्ीिन िौशल ⁞ अलिा िाडिर

    2018 | 458 pages | PB

    ` 475

    सेलफ़ िेलप | समार्शास्त्र

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  • 7

    सामालज् आनदोलि मुखयतः राजिीहत् एवं/अथवा सामालज् पररवत्णि के ललए गैर-संसथागत सामूहह् राजिीहत्

    प्यास ्ा ए् रूप है। इस पुसत् के पूण्णतः संशोनधत संस्रण में 1857 सरे लरे्र अब त् हुए सामालज्

    आनदोलिों सरे समबसनधत साहहतय ्ी समीक्ा एवं आलोचिातम् हवश्रेर्ण प्सतुत ह्या गया है।

    घनश्याम शाि हॉलैंडस इंसटीट्ूट फॉर एडवांसड सटडी इि द ह्ूमरेनिटीज एंड सोशल साइंसरेस, वासरेिार

    भारत में सामासर्ि आंदोलन ⁞ घनश्याम शािसंबंनधत साहहतय ्ी ए् समीक्ा, 2ई

    2015 | 270 pagesPB (978-93-515-0600-3)

    ` 395

    आखखर कयों 21वीं सदी के ए् दश् बाद भी 'दहरेज मृतयु' ्ा भूत भारतीय समाज ्ो भयभीत ्रता

    है? िालज़या मसूद के साथ रॉहबि वायट इस समसया ्ी पडताल ्रतरे हैं और पाि्ों सरे सवाभाहव्ता सरे

    पररे दरेखिरे ्ी गुज़ाररश ्रतरे हैं।

    रॉविन िा्यट फ्ीलांस सोशल ररसच्ण कंस्टेंट

    टूटे दप्यण ⁞ रॉविन िा्यटभारत में दहरेज समसया

    2017 | 218 pagesPB (978-93-859-8556-0)

    ` 275

    बंटवाररे सरे पहलरे के भारत में जनमी ए् मुससलम महहला ज़रीिा भट्ी ्ी लज़ंदगी पर आधाररत यह ह़िताब

    ऐसी औरत के अिुभवों ्ो प्सतुत ्रती है, लजसिरे उसके समय के समाज द्ारा थोपी गई नघसी-हपटी भूनम्ा

    के हवरुद्ध संघर््ण ह्या।

    ज़रीना भट्ी इंहडयि एसोलसएशि फॉर हवमनस सटडीज़ (आईएडब्यूएस), िई हदल्ी ्ी पूव्ण अधयक् हैं।

    अपिी पहचाि के ललए ए् मुससलम महहला ्ा संघर््ण

    2017 | 227 pages PB (978-93-528-0168-8)

    ` 250

    परदे से वपिावडली ति ⁞ ज़रीना भट्ी

    समार्शास्त्र

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  • 8

    यह पुसत् मािव हव्ास और सामालज् एवं आलथ्ण् सूच्ों के भारत एवं राजय सतरीय हवश्रेर्ण के जररयरे

    दरेश में दललतों ्ी ससथहत ्ी पडताल ्रती है। यह दललतों ्ो मुखयधारा के हव्ास सरे अलग ्रिरे वाली

    प्हक्रयाओं एवं पहलुओं पर हवसतृत चचा्ण ्रती है।

    सुखदेि ्थोरात अधयक्, भारतीय सामालज् हवज्ाि अिुसंधाि पररर्द, और पूव्ण अधयक्, हवविहवद्यालय अिुदाि आयोग, िई हदल्ी

    भारत में दसलत ⁞ सुखदेि ्थोरातए् समाि नियहत ्ी तलाश

    2017 | 336 pagesPB (978-93-859-8544-7)

    ` 350

    उतकृष्ट पुसत्, वहाय आई एम िॉट ए हहनदू, के लरेख् ्ांचा अइलैयया, भारत में बामहणवाद एवं जाहत वयवसथा

    ्ी समालोचिा ्रतरे हुए इस्ी हवज्ाि-हवरोधी एवं राष्ट्वादी-हवरोधी प्वृसत् के प्तयक् पररणाम के तौर पर

    हहंदुतव के प्याण ्ी आशं्ा वयति ्रतरे हैं।

    िांचा अइलैय्या मौलािा आजाद राष्ट्ीय उदू्ण हवविहवद्यालय, तरेलंगािा

    विंदुति-मुक्त भारत ⁞ िांचा अइलैय्यादललत-बहुजि, सामालज्-आधयासतम् और वैज्ानि् क्रांहत पर मंथि

    2017 | 328 pagesPB (978-93-859-8545-4)

    ` 250

    यह पुसत् शहरी भारत ्ी ऐसी युवा महहलाओं के बीच जीवि पययंत चलिरे वालरे ्ररयर के ललए महतवा्ांक्ा

    के हवसतार ्ी पडताल ्रती है, जो उच्च लशक्ा और शहरों में िौ्ररयां पािरे के ललए अपिी पारंपरर् भूनम्ाओं

    सरे बाहर नि्ल्र बदलाव ला रही हैं।

    एसलस डबल्यू. क्ार्क ए् इहतहास्ार और भारत में ललंग और समाज ्ी हवद्ाि हैं। साथ ही वरे यूनिवलस्णटी ऑफ कैललफोनि्णया-बर्कली एकसटेंशि में अिुदरेश् भी रही हैं।

    पहली पीढी ्ी परेशरेवर महहलाएं

    2017 | 196 pagesPB (978-93-864-4664-0)

    ` 250

    अनमोल िेवट्यां ⁞ एसलस डबल्यू. क्ार्क

    समार्शास्त्र

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    वितरि: लाक्षी पद्बलशस्य

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  • 9

    पररवार, प्था, मू्यों, परमपराओं के बंद दरवाजों के पीछरे दबी हुई आतंह्त आवाज़ें हैं, जो दहलीज के बाहर

    िहीं जा पातीं। महहला अनध्ारों ्ी ्ाय्ण्ता्ण और घररेलू हहंसा ्ी लश्ार रही महहला द्ारा संपाहदत यह

    पुसत् इि बंद दरवाजों के पीछरे लरे जाती है।

    ररंिी भट्ाचा्य्य जािी-मािी ्ला और लसिरेमा आलोच्, लरेखख्ा और हफ्म निमा्णता हैं। वह मुंबई, भारत में रहती हैं। वह भारत के सबसरे प्गहतशील हफ्म निददेश्ों में सरे ए्, हबमल रॉय ्ी बरेटी हैं।

    भारत में घरेलू विंसा ⁞ ररंिी भट्ाचा्य्य

    2017 | 256 pages PB (978-93-5280-391-0)

    ` 275

    धम्णनिरपरेक्ता ्ी हक्रयाशीलता ्ो समहप्णत यह पहली पुसत् है। धम्णनिरपरेक्ता के सशक्ति्रण हरेतु लरेख् िरे

    ्ई सुझाव हदए हैं। यह पुसत् दरेश के युवाओं, राजिीहत् दलों, हवनध-निमा्णताओं, परेशरेवरों, शैक्लण् समुदाय,

    मीहडया, सामालज् हवचार्ों और राय-निमा्णताओं के ललए पििीय है।

    माधि गोडिोले िरे माच्ण 1993 में भारतीय प्शासनि् सरेवा सरे सवैस्छ् सरेवानिवृसत् ली। उस वति वरे केंद्ीय गृह सनचव और नयाय सनचव के पद पर थरे। वह पाँच वर्षों त् एलशयाई हव्ास बैं्, मिीला में भी ्ाय्णरत रहरे।

    धम्यननरपेक्षता ⁞ माधि गोडिोलेदोराहरे पर भारत

    जििी, या जीवि ्ी निमा्णता के रूप में माँ, इस ्था संग्ह ्ा आधार है। यह लरेखि, ्ला, लशक्ाजगत

    जैसरे ्ाय्णक्रेत्ों सरे जुडी महहलाओं के उि आतम्थातम् लरेखों ्ो प्सतुत ्रता है, लजिमें उनहोंिरे माँ, बरेटी

    या दोिों होिरे के अिुभव साझा ह्ए हैं।

    ररंिी भट्ाचा्य्य हबमल रॉय मरेमोररयल ्मरेटी ्ी निदरेश् हैं। वरे मुंबई में िामचीि पत््ार और वृत्नचत् निमा्णता भी हैं।

    माँ, बरेहटयां, मातृतव

    2017 | 208 pagesPB (978-93-866-0227-5)

    ` 250

    र्ननी ⁞ ररंिी भट्ाचा्य्य

    2017 | 463 pages | PB

    ` 475

    समार्शास्त्र

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  • 10

    लरेख् िरे पुसत् के माधयम सरे अिुसंधाि के िए क्रेत् खोलरे हैं, जो वैज्ानि् ऐहतहालस् नचंति के ललए महतवपूण्ण

    हैं। पुसत् समार्ों, अनभलरेखों आहद के परीक्ण सरे इहतहास ्ी गहरी अंतदृ्णक्ष्ट प्दाि ्रती है। हपछलरे कुछ

    दश्ों में इसिरे वैक्वि् सतर पर पहचाि बिाई है।

    दामोदर धमा्यनंद िोसंिी (1907-1966) भारतीय इहतहास लरेखि के क्रेत् में बडी संखया में हवचारोत्रेज् पुसत्ों के लरेख् हैं। उि्ा ्ाय्ण भारतीय इहतहास और संसकृहत के अधययि में महतवपूण्ण सथाि रखता है।

    भारती्य इवतिास िा अध्य्यन ⁞ दामोदर धमा्यनंद िोसंिीए् पररचय, 2ई

    2017 | 315 pages | PB

    ` 325

    इस पुसत् में भारत में बौद्ध धम्ण, बाह्मणवाद तथा जाहत के 2500 वर्षों के हव्ास ्ी पडताल ्ी गई है।

    लरेखख्ा िरे बौद्ध धम्ण के ऐहतहालस्, सामालज्, राजिीहत् और दाश्णनि् आयामों ्ा हववरण दरेिरे के ललए

    प्ाचीि बौद्ध ग्ंथों तथा आधुनि् साहहतय ्ा उपयोग ह्या है।

    गेल ओमिेट इग्ू (IGNOU) में सामालज् पररवत्णि और हव्ास हवर्य पर डॉ. बी. आर. अमबरेड्र पीि ्ी प्ोफेसर हैं।

    भारत में िौधि धम्य ⁞ गेल ओमिेटबाह्मणवाद और जाहतवाद ्ो चुिौती

    2018 | 389 pagesPB (978-93-515-0675-1)

    ` 295

    यह पुसत् समाजहवज्ाि एवं मािवजाहत हवज्ाि के छात्ों के ललए मौलल् रचिा रही है। यह उप-जाहतयों के

    उद्भव ्ा हवसतार सरे वण्णि तथा जाहत, उप-जाहत एवं सगोत्ता ्ा परीक्ण ्रती है। यह उदाहरणों के द्ारा

    जाहत एवं राजिीहत के संबंधों ्ा हवश्रेर्ण भी ्रती है।

    र्ी.एस. घु्यये मुंबई हवविहवद्यालय के सरेवानिवृत् प्ोफरेसर थरे। संसकृत, भारतीय हवद्या, मािवजाहत हवज्ाि एवं इहतहास के प्हतभाशाली हवद्ाि रहरे प्ो. घुयदे ्ो भारत तथा अनय दरेशों सरे संबंनधत अिरे्ों हवर्यों पर समाजशास्त्रीय

    साहहतय के प्हत उिके अमू्य एवं मौलल् योगदािों के ललए जािा जाता है।

    5ई

    2017 | 288 pages PB (978-93-5280-443-6)

    ` 295

    भारत में र्ावत एिं प्रर्ावत ⁞ र्ी. एस. घु्यये

    समार्शास्त्र | इवतिास

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  • 11

    यह पुसत् उस पूव्ण भारतीय फाइटर पायलट ्ी सच्ची ्हािी है, लजसरे 1971 भारत-पा्/बांगलादरेश ललबररेशि

    वॉर के दौराि बंदी बिाया गया था। इसमें फाइटर पायल्टस के साहलस् जीवि के साथ-साथ युद्ध ्ी भयावह

    ह़िी्तों पर सैनि्ों ्ी प्हतहक्रयाएं वलण्णत हैं।

    धीरेत्द्र ससंि र्फ़ा हवंग ्मांडर (ररटा.), भारतीय वायु सरेिा, ्ो 1971 में हुई लडाई के दौराि पाह्सताि में युद्धबनदी बिाया गया था। रणभूनम में उिके साहस के ललए उनहें वीर चक्र सरे िवाज़ा गया।

    मृत्यु िष्टदा्यी न ्थी ⁞ धीरेत्द्र एस. र्फ़ा1971 युद्ध ्ी भारतीय फाइटर पायल्टस ्ी आपबीती ्थाएँ

    2017 | 254 pagesPB (978-93-859-8547-8)

    ` 250

    यह पुसत् महातमा गाँधी के नि्टतम 6 सहयोनगयों, जरेबी कृपालािी, ररेहिा तैयबजी, दादा धमा्णनध्ारी, सुशीला

    िायर, झवरेर पटरेल और सुचरेता कृपलािी, के साक्ात्ारों ्ा सं्लि है। साक्ात्ार सवतंत्ता के बाद भारत में

    हुए पररवत्णिों के प््ाश में गाँधी के हवचारों ्ो प्हतहबंहबत ्रतरे हैं।

    उषा ठक्कर मलण भवि गाँधी संग्हालय, मुंबई ्ी अधयक् हैं। वरे एसएिडीटी महहला हवविहवद्यालय, मुंबई के राजिीहत हवज्ाि हवभाग में प्ोफरेसर और प्मुख के पद सरे सरेवानिवृत् हुई हैं।

    र््यश्ी मेिता, मरेहड्ल ्ाउंलसल ऑफ इंहडया ्ी अधयक् हैं। सुमिदीप हवद्यापीि हवविहवद्यालय, गुजरात ्ी कुलपहत भी रही हैं।

    गाँधी िोध ⁞ उषा ठक्कर | र््यश्ी मेितागाँधीवाहदयों के साथ फ्रेड जरे बलूम ्ा संवाद

    2017 | 601 pages PB (978-93-5280-455-9)

    ` 600

    यह पुसत् सवतंत्ता संग्ाम में शरत और सुभार् चंद् बोस ्ी भूनम्ा ्ा इहतहास प्सतुत ्रती है। इस्ा

    स्ोत अमीय िाथ बोस के निजी वृत्ांत हैं, जो उिके राजिीहत् सहयोगी एवं बरेहद ़िरीबी होिरे के अलावा

    हवविासपात् एवं भरोसरेमंद दूत भी थरे।

    माधुरी िोस शरत चंद् बोस और सुभार् चंद् बोस ्ी पोती हैं। वरे जरेिरेवा व पूववी अफ्ी्ा ्ी संयुति राष्ट् एजेंसी और लंदि के ्ॉमिवरे्थ सनचवालय सरे जुडी मािव अनध्ार व्ील हैं।

    ए् ़िरीबी ्ा हववरण

    2016 | 280 pagesPB (978-93-859-8549-2)

    ` 295

    िोस िंधु और भारती्य सितंत्रता ⁞ माधुरी िोस

    इवतिास

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  • 12

    यह पुसत् प्ाचीि भारत ्ो समझिरे पर केंहद्त हवनभन्न दृक्ष्ट्ोणों एवं मुद्ों ्ी हदशा में अहम योगदाि है।

    यह पुसत् प्ाचीि भारतीय इहतहास के लरेखि के कुछ महतवपूण्ण मुद्ों, हवचार-हवमश्ण और ्ाय्णप्णाललयों के

    साथ जुडी हुई है।

    उवपंदर ससंि हदल्ी हवविहवद्यालय के इहतहास हवभाग में प्ोफेसर एवं हवभागाधयक् हैं।

    प्राचीन भारत िी अिधारणा ⁞ उवपंदर ससंिधम्ण, राजिीहत एवं पुराततव हवज्ाि पर निबंधों ्ा सं्लि

    2018 | 508 pages PB (978-93-5280-458-0)

    ` 525

    ह्सी इहतहास्ार िरे खूब ्हा है ह् लसकंदर के ज़मािरे सरे, लजनहोंिरे हदल्ी हत््ोण पर फतरेह पाई या यहाँ डरेरा

    डाला अगर उि सब्ो पढा जाए तो यूँ समझ लीलजयरे ह् आपिरे पूरी दुनिया के इहतहास ्ी ए् वै्स्प्

    ललखावट ्ी पढाई ्र ली। हदल्ी था लजस्ा िाम, इसनतज़ार साहब ्ी ऐसी ही ए् ्ोलशश है। अिरे्ों बार

    उजडिरे सँवरिरे ्ी इस दासताि में राजरे-महाराजरे तो अपिरे महल-महलात में हवराजमाि हैं ही, उि्ी ररयाया के

    रंग-ढंग ्ा भी ख़ूब सूरतिक़शा है।

    वदल्ी ्था सर्सिा नाम ⁞ इद्त्तज़ार हुसैन | शुभम नमश् (अनुिादि)

    2016 | 220 pages PB (978-93-515-0892-2)

    ` 395

    यह पुस्तक भार्त में सैनय ने्तृत्व के 60 से अधिक ्वर्षों की अ्वधि के दौरान के 12 असािारण सैनय अधिकाररयों

    के मान्वीय पहलुओं को उजागर कर्ती है। पुस्तक बहु्त-सी ऐत्तहाससक घटनाओं और आजादी की लडाई के

    दौरान ने्ताओं की भूधमका ए्वं त्वभाजन पर न्वीन दृष्टिकोण प्रदान कर्ती है।

    मेजर जनरल वी. के. सिंह ने जून, 1965 में भार्तीय सैनय अकादमी, देहरादून से सिक्ा प्राप्त करने के बाद कॉरस्स ऑफ ससग्नलस से िुरुआ्त की। अपने 37 ्वर्षों के कररयर में उनहोंने पष्चिमी कमान के प्रमुख ससग्नल

    ऑत़िसर सतह्त त्वधभन्न महत््वपूण्स पदों पर काय्स तकया।

    12 सैनि्ों ्ी जीविी

    2018 | 438 pagesPB (978-93-515-0689-8)

    ` 450

    भारती्य सेना में नेतृति ⁞ मेर्र र्नरल िी. के. ससंि

    इवतिास

    वििरण

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  • 13

    यह पुसत् हमाररे समय के पांच सवा्णनध् महतवपूण्ण राजिीहत् आंदोलिों के हवसतृत इहतहास ्ा अधययि

    ्रती है। यह पुसत् उि हवहवध रणिीहतयों ्ो सामिरे लाती है, लजिके माधयम सरे यरे आंदोलि िागरर्-समाज

    के बाद ्ी िई राजिीहत ्ी ओर धकेलरे जा रहरे हैं।

    अर््य गुडाि्थजी िई हदल्ी ससथत जवाहरलाल िरेहरू हवविहवद्यालय के सेंटर फॉर पॉललहट्ल सटडीज़ में अलससटेंट प्ोफरेसर हैं।

    भारत में रार्नीवति आंदोलनों िा समिालीन इवतिास ⁞ अर््य गुडाि्थजीिागरर् समाज के बाद ्ी राजिीहत

    2017 | 294 pagesPB (978-93-859-8550-8)

    ` 275

    बूंद में सागर, अतीत में युवाओं के योगदाि ्ी पडताल ्रती है और उनहें दोबारा महत्वपूण्ण भूनम्ा निभािरे

    ्ा सुझाव दरेती है। इस पुसत् में तर्क हदया गया है ह्, राष्ट् निमा्णण हरेतु युवाओं ्ो ए् बार हफर आगरे

    आिरे ्ी आवशय्ता है।

    अशरफ़ पटेल संसथाप् सदसय, प्वाह एंड ्मयुहटिी - द यूथ ्लरेसकटव, िई हदल्ीमीनू िेंिटेश्वरन संसथाप् सदसय, प्वाह एंड ्मयुहटिी - द यूथ ्लरेसकटव, िई हदल्ीिानमनी प्रिाश निदरेश्, ररसच्ण फंकशि, प्वाह, िई हदल्ीअर्ु्यन शेखर संसथाप् सदसय, प्वाह एंड ्मयुहटिी - द यूथ ्लरेसकटव, िई हदल्ी

    युवा िरेतृतव ्ी गहरी पडताल

    2016 | 234 pagesPB (978-93-859-8546-1)

    ` 195

    िूंद में सागर ⁞ अशरफ़ पटेल | मीनू िेंिटेश्वरन | िानमनी प्रिाश | अर्ु्यन शेखर

    यह पुसत् समाज ्ाय्ण के लशक््ों और छात्ों के ललए सवदरेशी पाठ्यपुसत् व लशक्ण सामग्ी ्ी मांग पूरी

    ्रती है। समाज ्ाय्ण ्ी हवनधयों के ललए आवशय् ्ौशलों के हव्ास के ललए इस निददेश पुससत्ा में

    िोस अभयास हदए गए हैं।

    सुधा दातार ्वदे समाज सरेवा संसथा (केआईएसएस), पुणरे ्ी सरेवानिवृत् वररष्ठ लशसक््ा थीं।रुमा िावििर केआईएसएस, पुणरे में एसोलसएट प्ोफरेसर रह चु्ी हैं।गीता राि केआईएसएस, पुणरे में एसोलसएट प्ोफरेसर रह चु्ी हैं।नागमसण राि केआईएसएस, पुणरे में एसोलसएट प्ोफरेसर रह चु्ी हैं।उज्िला मसदेिर केआईएसएस, पुणरे में एसोलसएट प्ोफरेसर हैं।

    सामासर्ि िा्य्यिता्यओं के सलए िौशल प्रसशक्षण ⁞ सुधा दातार | रुमा िावििर | ए् निददेश पुससत्ा

    2017 | 286 pagesPB (978-93-864-4626-8)

    ` 350

    गीता राि| नागमसण राि | उज्िला मसदेिर

    समार् िा्य्य| रार्नीवत एिं अंतरा्यष्टट्ी्य संिंध

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  • 14

    यह पुसत् वैविी्रण के दौर में लो् प्शासि में हुए हव्ास ्ा अधययि है। यह िागरर् समाज और

    प्शासनि् वयवसथाओं में हुए बदलावों के आधार पर शासि ्ो समझिरे संबंधी मुद्ों पर केंहद्त है। लो् प्शासि

    और हवनभन्न लो्सरेवा परीक्ाओं के छात्ों के ललए उपयोगी।

    विद्युत चक्ितजी प्ोफरेसर, राजिीहत हवज्ाि हवभाग, हदल्ी हवविहवद्यालय।

    प्रिाश चंद सहाय् प्ोफरेसर, राजिीहत हवज्ाि हवभाग, दयाल लसंह (ई) ्ॉलरेज, हदल्ी हवविहवद्यालय।

    िैश्वीकृत दुनन्या में लोि प्रशासन ⁞ विद्युत चक्ितजी | प्रिाश चंदलसद्धांत और पद्धहतयां

    2018 | 617 pages | PB

    ` 625

    यह पुसत् सवतंत्ता प्ासप्त के बाद सरे लो् प्शासि ्ी संवृसद्ध और हव्ास के समीक्ातम् हवश्रेर्ण के

    जररयरे इस क्रेत् के िए मुद्ों, चुिौहतयों ्ो संबोनधत ्रती है, साथ ही भारतीय प्शासनि् प्णाली के ऐहतहालस्

    दृक्ष्ट्ोण सरे प्मुख मुद्ों पर प््ाश डालती है।

    विद्युत चक्ितजी प्ोफरेसर, राजिीहत हवज्ाि हवभाग, हदल्ी हवविहवद्यालय।

    प्रिाश चंद, सहाय् प्ोफरेसर, राजिीहत हवज्ाि हवभाग, दयाल लसंह (ई) ्ॉलरेज, हदल्ी हवविहवद्यालय।

    भारती्य प्रशासन ⁞ विद्युत चक्ितजी | प्रिाश चंदहव्ास एवं पद्धहत

    2017 | 388 pagesPB (978-93-866-0234-3)

    ` 400

    आधुनि् भारतीय राजिीहत् नचनति, उि छात्ों के ललए पििीय है जो महाि भारतीय राजिीहत् हवचार्ों ्ी

    सोच एवं हवर्य-वसतु सरे अवगत होिा चाहतरे हैं। यह भारत में राजिीहत् नचनति ्ी अपरंपरागत अनभवयक्ति

    है, लजस्ा अभयुदय उपनिवरेशवाद के हवरुद्ध राष्ट्वादी संघर््ण के दौराि हुआ था।

    विद्युत चक्ितजी प्ोफेसर, राजिीहत हवज्ाि हवभाग, हदल्ी हवविहवद्यालय

    रार्ेत्द्र कुमार पाणडे्य जानमया हमदद्ण, िई हदल्ी

    हवचार व संदभ्ण

    2015 | 453 pagesPB (978-93-515-0582-2)

    ` 395

    आधुननि भारती्य रार्नीवति नचत्तन ⁞ विद्युत चक्ितजी | रार्ेत्द्र कुमार पाणडे्य

    रार्नीवत एिं अंतरा्यष्टट्ी्य संिंध

    वििरण

    वििरण

    वििरण

    वितरि: लाक्षी पद्बलशस्य

    वितरि: लाक्षी पद्बलशस्य

    शीघ्र उपलबध

    शीघ्र उपलबध

    लेखिों के विष्य में

    लेखिों के विष्य में

    लेखिों के विष्य में

    मराठी में भी उपलबध

    मराठी में भी उपलबध

  • 15

    यह पुसत् ्ािू सानयाल ्ी पूरी ्हािी बयाि ्रती है। यह पुसत् ए् हवद्ोही के रूप में सानयाल ्ी

    क्रमागत उन्नहत पर हवशद जाि्ारी प्दाि ्रती है और िकसली आंदोलि ्ी पृष्ठभूनम ्ी प्ासंनग् जाि्ारी

    के साथ उसके हवनभन्न चरणों पर प््ाश डालती है।

    िपपावदत्य पॉल नयूज़मरेि, ्ोल्ाता के संपाद् हैं

    ्ािू सानयाल ्ी अनधकृत जीविी

    2016 | 228 pagesPB (978-93-859-8551-5)

    ` 275

    पिला नकसली ⁞ िपपावदत्य पॉल

    रार्नीवत एिं अंतरा्यष्टट्ी्य संिंध

    वििरण

    लेखि के विष्य में

    यह पुसत् 1935 सरे 1961 के दौर ्ी राजिीहत में चरण लसंह ्ी भूनम्ा पर केंहद्त है। उस समय के बडरे

    मुद्ों, हववादों और गहतहवनधयों ्ा हवसतृत बयौरा भी इसमें हदया गया है।

    पॉल आर. बास प्ोफेसर (अव्ाश प्ाप्त), राजिीहत हवज्ाि और अंतरा्णष्ट्ीय अधययि, वालशंगटि हवविहवद्यालय, सीएटल, यूएसए

    चरण ससंि और िांग्ेस रार्नीवत ⁞ पॉल बासए् भारतीय राजिीहत् जीवि (1937 सरे 1961 त्)

    2017 | 608 pagesPB (978-93-515-0896-0)

    ` 495

    वििरण

    लेखि के विष्य में

    लरेख् के चरण लसंह के साथ वयक्तिगत संबंधों पर आधाररत यह खंड चरण लसंह के ्ांग्रेस के प्हत असंतोर्

    के बाररे में बताता है, जो िरेहरू और उि्ी बरेटी के उिके प्हत हवरोध और उत्र प्दरेश में ्ांग्रेस के पति

    के साथ बढता गया।

    पॉल आर. बास वालशंगटि यूनिवलस्णटी, सीएटल, यूएसए में राजिीहत हवज्ाि और अंतरा्णष्ट्ीय अधययि के प्ोफरेसर (अव्ाश प्ाप्त) हैं।

    ए् भारतीय राजिीहत् जीवि, 1957 सरे 1967 त्

    2017 | 533 pages PB (978-93-5280-452-8)

    ` 550

    चरण ससंि और िांग्ेस रार्नीवत ⁞ पॉल आर. बास

    वििरण

    लेखि के विष्य में

    शीघ्र उपलबध

  • 16

    यह पुसत् भारत के संहवधाि, मूल मािव अनध्ारों और वयावहारर् वृसत्् (वयावसानय्) आचारिीहत ्ा

    वयाप् हवहंगावलो्ि प्दाि ्रती है। यह इि हवर्यों ्ो समझिा आसाि बिाती है और प्भावशाली ढंग सरे

    संहवधाि सरे जुडरे उद्रेशयों और निष्र्षों ्ो सफलतापूव्ण् प्ाप्त ्रिरे में मददगार है।

    प्रिीणकुमार मेल्ल्ी सहाय् प्ोफरेसर, मैसूर हवविहवद्यालय, मैसूर

    भारत िा संविधान, िृद्त्ि आचारनीवत और मानि अनधिार ⁞ प्रिीणकुमार मेल्ल्ी

    2017 | 222 pagesPB (978-93-866-0207-7)

    ` 300

    इस पुसत् में प्बुद्ध लरेख्ों द्ारा ललखरे गए बीस मौलल् निबंधों के माधयम सरे आधुनि् भारतीय राजिीहत्

    नचंति के मुखय पहलुओं ्ा ए् समग् हवश्रेर्ण ह्या गया है। यह आधुनि् राजिीहत् दश्णि में प्मुख योगदाि

    है। राजिीहतशास्त्र के हवद्यालथ्णयों के ललए बहुमू्य।

    ्थॉमस पं्थम एम.एस. बडौदा हवविहवद्यालय, बडौदा सरे जुडरे रहरे हैं।

    केने्थ एल डॉ्यच्च नयूयार्क हवविहवद्यालय, जरेिरेलसओ में राजिीहतशास्त्र के प्ोफरेसर थरे।

    आधुननि भारत में रार्नीवति विचार ⁞ ्थॉमस पं्थम | केने्थ एल डॉ्यच्च

    2017 | 372 pagesPB (978-93-515-0677-5)

    ` 400

    इस पुसत् में लरेख् तर्क दरेतरे हैं ह् लो्तंत् गंभीर ख़तररे में है। राजिीहत में अतयनध् पैसा लो्तंत् ्ो

    प्भाहवत ्र रहा है। मतदाि प्णाली दोर्पूण्ण हो चु्ी है और आवशय् बदलाव िहीं आ रहा है। ्ॉटलर इस

    निराशाजि् ससथहत के ललए संभाहवत समाधाि सुझातरे हैं।

    वफ़सलप िॉटलर केलॉग सकूल ऑफ मैिरेजमेंट, िॉथ्णवरेसटि्ण यूनिवलस्णटी ्ी एस.सी. जॉिसि एंड सि पीि में इंटरिरेशिल मार्केहटंग हवर्य के हवलशष्ट प्ोफरेसर हैं।

    भहवषय ्ा पुिनि्णमा्णण

    2017 | 184 pagesPB (978-93-864-4698-5)

    ` 250

    लोितंत्र िा पतन ⁞ वफ़सलप िॉटलर

    रार्नीवत एिं अंतरा्यष्टट्ी्य संिंध

    वििरण

    वििरण

    वििरण

    मराठी में भी उपलबध

    लेखि के विष्य में

    संपादिों के विष्य में

    लेखि के विष्य में

    मराठी में भी उपलबध

  • 17

    वितरि: लाक्षी पद्बलशस्य

    बडरे पैमािरे पर आयोलजत क्रेत्ीय सवदेक्ण पर आधाररत सुशासि, साव्णजनि् सरेवाओं ्ा लाभ उिािरे के ललए

    िागरर्ों द्ारा प्ोतसाहहत भष्टाचार ्ी प्वृसत् ्ी प्ाथनम् समीक्ा ्रती है, और सुशासि के हक्रयानवयि के

    तरी्ों पर वयावहारर् सुझाव प्दाि ्रती है।

    एन. भासिर राि संसथाप्-अधयक्, सेंटर फॉर मीहडया सटडीज, िई हदल्ी, भारत, और संसथाप्-अधयक्, मार्केहटंग एंड डरेवलपमेंट ररसच्ण एसोलसए्टस, िई हदल्ी, भारत

    सुशासन ⁞ एन. भासिर रािभष्टाचार-मुति लो् सरेवाओं ्ा प्दाता

    2016 | 360 pagesPB (978-93-859-8548-5)

    ` 325

    यह पुसत् दरेश ्ो िैहत् राष्ट् के रूप में आ्ार दरेिरे ्ा आवाहि है। इसके लरेख भारत के उि प्खयात

    हवचार्ों और िरेतृतव्ता्णओं िरे ललखरे हैं, लजनहें ईमािदारी के साथ जीिरे व ्ाय्ण ्रिरे ्ी प्हतबद्धता के ललए

    जािा जाता है।

    ई. श्ीधरन हदल्ी मरेट्ो ररेल ्ॉपपोररेशि ललनमटरेड के प्मुख सलाह्ार और पूव्ण प्बंध निदरेश् हैं।

    भरत िखलू द वखलू एडवाइज़री के अधयक् हैं।

    मूल्यों िी पुन:स्थापना ⁞ ई. श्ीधरन | भरत िखलूईमािदारी, िैहत् वयवहार और सुशासि ्ी कुंजी

    2017 | 239 pagesPB (978-93-5280-378-1)

    ` 250

    रार्नीवत एिं अंतरा्यष्टट्ी्य संिंध| शासन अध्य्यन

    वििरण

    वििरण

    संपादिों के विष्य में

    लेखि के विष्य में

    यह पुसत् भारत ्ी हवदरेश िीहत ्ी आलोचिा ्रिरे और हव््प सुझािरे ्ा साहलस् प्यास है। यह भारत

    ्ी हवदरेश िीहत सरे जुडरे अनध्ारी वग्ण ्ी नचंताओं ्ो सामिरे लाती ही है साथ ही िई हदल्ी ्ी बंद पररर्दों

    ्ी बहसों ्ी झल् प्सतुत ्रती है।

    रार्ीि सीिरी भारतीय हवदरेश सरेवा में 36 वर्षों सरे अनध् समय त् राजिनय् रहरे हैं और वह भारत के हवदरेश मंत्ालय में सनचव के पद सरे सरेवानिवृत् हुए। वत्णमाि में वरे ए् सवतंत् रणिीहत् सलाह्ार के तौर

    पर ्ाय्ण ्र रहरे हैं।

    भारत िी विदेश नीवत ⁞ रार्ीि सीिरीचुिौती और रणिीहत

    2017| 330 pagesPB (978-93-515-0687-4)

    ` 375

    वििरण

    लेखि के विष्य में

    मराठी में भी उपलबध

    मराठी में भी उपलबध

  • 18

    कया भारत 2050 में उच्च-आय वालरे दरेश ्ा दजा्ण प्ाप्त ्र स्ता है? कया दरेश में मािव हव्ास ्ी ससथहत

    बरेहतर होगी? यह पुसत् संचार, वयापार सरेवाओं, सवास्थय, लशक्ा, शोध और िवप्वत्णिों के िरेतृतव में वयापार-

    उनमुख सरेवा क्रेत् ्ी केंद्ीयता पर बल दरेती है।

    रामगोपाल अग्िाल अधयक्, पहलरे इंहडया फाउंडरेशि, िई हदल्ी

    भारत 2050 ⁞ रामगोपाल अग्िालसथायी समृसद्ध ्ी योजिा

    2017 | 424 pagesPB (978-93-859-8552-2)

    ` 350

    इस पुसत् में उदारी्रण के उपरांत उपरेसक्त एवं बहहषकृत समूहों ्ा हवश्रेर्णातम् अधययि ह्या गया है।

    इसमें पडताल ्ी गई है ह् कैसरे उदार आलथ्ण् सुधारों िरे सामालज्-आलथ्ण् श्रेलणयों, जाहत, जिजाहत एवं धानम्ण्

    अ्पसंखय्ों ्ो और भी वंनचत ्र हदया है।

    के. एस. चलम राजिीहत् अथ्णशास्त्री एवं लशक्ाहवद, पूव्ण सदसय, संघ लो् सरेवा आयोग (यूपीएससी), िई हदल्ी

    आस्थ्यि सुधार और सामासर्ि अपिर््यन ⁞ के. एस. चलमभारत में उपरेसक्त समूहों पर उदारी्रण ्ा प्भाव

    2017 | 250 pagesPB (978-93-859-8553-9)

    ` 250

    यह पुसत् मािव तस्री के हवर्य पर िए लसररे सरे पररचचा्ण आरंभ ्रतरे हुए इस अंतरराष्ट्ीय अपराध पर

    अंकुश लगािरे हरेतु सुझाव दरेती है। इस समसया के समाधाि के ललए, यह पुसत् इस अपराध के हवनभन्न आयामों

    ्ा अनवरेर्ण एवं वगवी्रण ्रती है।

    िीरेत्द्र नमश्ा सनचव, केनद्ीय दत्् ग्हण संसाधि प्ानध्रण (्ारा), महहला एवं बाल हव्ास मंत्ालय, भारत सर्ार

    िीहत और ्ािूि में ्नमयां

    2017 | 320 pagesPB (978-93-859-8557-7)

    ` 275

    मानि तसिरी से संघष्य ⁞ िीरेत्द्र नमश्ा

    विनध एि ंदडं त््या्य| अ्थ्यशास्त्र एि ंवििास अध्य्यन

    वििरण

    वििरण

    वििरण

    लेखि के विष्य में

    लेखि के विष्य में

    लेखि के विष्य में

  • 19

    यह पुसत् सूचिाप्द होिरे के अलावा हमें दरेश में सूक्म हवत् ्ी समग् ससथहत सरे अवगत ्राती है और इस

    क्रेत् के भहवषय ्ी रूपररेखा प्सतुत ्रती है। निबंधों में भारत में प्गहतशील सूक्म हवत् क्रेत् ्ी जहटलताओं

    ्ो उजागर ह्या गया है।

    के.र्ी. िरमािर ्ो भारतीय सटरेट बैं्, ररज़व्ण बैं् एवं राष्ट्ीय कृहर् व ग्ामीण हव्ास बैं् में बतौर ्ाय्ण्ारी ्ाय्ण ्रिरे ्ा 36 वर्षों ्ा अिुभव है।

    भारत में सूक्म वित् ⁞ के. र्ी. िरमािर

    2017 | 513 pagesPB (978-93-5280-394-1)

    ` 525

    यह पुसत् हव्ास तथा समावरेशी संवृसद्ध के ततवों पर समीक्ातम् दृक्ष्ट्ोण सरे चचा्ण ्रती है। यह तर्क

    दरेती है ह् संवृसद्ध, आय हवतरण और निध्णिता ्म ्रिरे पर अलग-अलग धयाि दरेिरे के बजाय हव्ास िीहतयों

    ्ा उद्रेशय समावरेशी संवृसद्ध होिा चाहहए।

    सैय्यद निाि िैदर नक़िी एचईसी गणमानय राष्ट्ीय प्ोफेसर, फेडरल उदू्ण यूनिवलस्णटी ऑफ आ्टस्ण, साइंस एंड टरेकिोलॉजी, इसलामाबाद।

    समावरेशी संवृसद्ध ्ी ओर

    2016 | 290 pagesPB (978-93-864-4636-7)

    ` 325

    वििास िा अ्थ्यशास्त्र ⁞ सैय्यद निाि िैदर नक़िी

    यह ह्ताब उि निध्णि, ग्ामीण, महहला उद्यनमयों पर मौलल् शोध के जररए अधययि ्रती है, लजि्ी उपलसबध

    अनभप्रेरणा (अचीवमेंट मोटीवरेशि) ्ो बारी्ी सरे मापा गया है। यह उपलसबध अनभप्रेरणा ्ी उपससथहत/अिुपससथहत

    और महहलाओं ्ी उद्यम में सफलता/असफलता में संबंध सथाहपत ्रती है।

    विरण िडेिरा ए्ॉड्ण एलशया संसथा के बोड्ण ्ी सदसय एवं ्ोररेथ कंसस्टंग प्ाइवरेट ललनमटरेड में सह-संसथाप् और निदरेश् हैं।

    र्ॉर््य िोरे्थ ए्ॉड्ण एलशया संसथा के सह-संसथाप् सदसय, अधयक् एवं ्ोररेथ कंसस