shri guru angad dev ji - sakhi 058

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Page 1: Shri Guru Angad Dev Ji - Sakhi 058
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बाऊली का निर्माा�ण कार्य� सर्मााप्त हो गर्या| श्री गुरु अर्मारदास जी े 84 पौनि�र्या निग कर वच निकर्या निक जो र-ारी इ 84 पौनि�र्यों पर बाऊली र्माें 84 बार स्ा करेगा व 84 बार जपुजी सानिहब के चौरासी पाठ करेगा तो उसकी जन्र्मा-र्मारण की चौरासी कट-जाएगी| जब सिसक्खों े गुरु जी के वच सुे तो उन्होंे ब�े उत्साह से बाऊली र्माें स्ा निकर्या|

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उन्होंे हर पौ�ी पर जपुजी सानिहब का पाठ करके गुरु जी से खुसि/र्यां प्राप्त की| गुरु जी के इ वचों का पाल सिसक्ख र-ारी आज भी ब�ी प्रेर्मा व श्रद्धा से कर रह ेहै तथा अपा जन्र्मा-र्मारण सफल बाते है|