shri guru ram das ji - sakhi 081

4

Upload: sinfomecom

Post on 13-Apr-2017

73 views

Category:

Spiritual


4 download

TRANSCRIPT

Page 1: Shri Guru Ram Das Ji - Sakhi 081
Page 2: Shri Guru Ram Das Ji - Sakhi 081

एक दि�न श्री गुरु अमर�ास जी न ेश्री (गुरु) राम�ास जी को अपने पास बि�ठाया और कहने लग े- हे सुपुत्र! अ� आप राम�ास परिरवार वाले हो गए हो| हम यही चाहते है बिक आप अपनी जगीर में मकान तैयार करके वहां बिनवास करो| गुरु जी न ेपांच �ुद्धि&मान सिसक्खों तथा �ुड्ढा जी को आपके साथ जाने के सिलए तैयार कर दि�या| आप न ेउन्हें समझाया बिक रामतीथ0 को जाते हुए जहां संवत १५५८ श्री गुरु नानक �ेव जी ने वृक्षों के नीचे �ोपहर काटी थी| वहां �ैठकर उन्होंने वचन भी बिकया था बिक भोग मोक्ष का प्रवाह चलेगा|

1 of 3 Contd…

Page 3: Shri Guru Ram Das Ji - Sakhi 081

आप वहीं आस-पास खुल्ला स्थान �ेख लेना| खुल्ला स्थान �ेखकर गांव की नींव रखकर मकान तैयार करा �ेना| उसकी उत्तर दि�शा की तरफ सरोवर भी खु�वाना| इससे हर जीव-जन्तु को पीने के सिलए पानी मिमलेगा| �ा�ा �ुड्ढा जी तथा साथी मिमलकर श्री (गुरु) राम�ास जी के साथ झवाल आकर जागीर के मुखी को श्री गुरु अमर�ास जी की आज्ञा �ताई| साथ ही साथ गांव की नीव रखने को �ताया| इस प्रकार गुरु साबिह� का ध्यान करते हुए अर�ास की तथा गांव की नींव रख �ी|

2 of 3 Contd…

Page 4: Shri Guru Ram Das Ji - Sakhi 081

उस गांव का नाम गुरु का चक रखा| गुरु जी ने अपन ेबिनवास के सिलए मकान �नवाए थे वह अ� गुरु के महल करके प्रसिस& हुए|

For more Spiritual Content Kindly visit:

http://spiritualworld.co.in

3 of 3 End