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vf/kizekf.kr वाषिक रिपो ि 2011-12 2012-13 2013-14 2014-15 2015-16 भारत वास केर वदे श मंालय की एक पंजीकृत सोसायटी नई वदली

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vf/kizekf.kr

वार्षिक रिपोर्ि 2011-12

2012-13

2013-14

2014-15

2015-16

भारत प्रवास केन्‍दर्

ववदेश मंत्रालय की एक पंजीकृत सोसायटी

नई वदल्ल्ी

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भारत प्रवास केन्‍दर् 2

विषयिस्‍तु ताविका

क्रम ांक विषयिस्‍तु पषृ्‍ठ‍सांख्‍य 1 भ रत‍प्रि स‍केन्‍द‍र‍के‍ब रे‍में 3-4

2 सहयोग‍ज्ञ पन 4

3 क यय 5

4 उद्देश्‍य‍ 6

5 विशेषज्ञत ‍के‍क्षेत्र 7

ननम्‍न‍िषों‍की‍गनतविधिय ां‍: 2011-12 2012-13 2013-14 2014-15 2015-16‍

8-12

13-17

18-22

23-25

26-35

6‍ फोटो में आईसीएम की गतिविधिय ां 36-38

7‍ लेख ‍परीक्षक्षत‍वित्‍तीय‍वििरण 2011-12 2012-13 2013-14 2014-15 2015-16

39-43

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भारत प्रवास केन्‍दर् 3

भ रि प्रि स केन्‍द र के ब रे में भ रत‍प्रि स‍केन्‍द‍र‍(आईसीएम)‍अांतर यष्‍रीय‍प्रि स‍से‍सांबांधित‍सभी‍म मलों‍पर‍विदेश‍मांत्र लय‍(एमईए)‍क ‍अनुसांि न‍धथांक‍टैंक‍है।‍आईसीएम‍की‍स्‍थ पन ‍तत्‍क लीन‍प्रि सी‍भ रतीय‍क यय‍मांत्र लय‍द्ि र ‍की‍गई‍थी‍जिसक ‍विलय‍फरिरी,‍2016‍से‍विदेश‍मांत्र लय‍में‍कर‍ददय ‍गय ‍है।‍

यह‍ अनुभििन्‍द‍य,‍ विश्‍लेषण त्‍मक‍ और‍ नीनत‍ सांबांिी‍ अनुसांि न‍ करत ‍ है‍ और‍ रोिग र‍ हेत‍ुविदेश‍में‍प्रि स‍करने‍ि ले‍भ रतीय‍क मग रों‍पर‍विशषे‍फोकस‍करते‍ हुए‍दस्‍त िेिी‍शे्रष्‍ठ‍रीनतयों‍से‍प्र योधगक‍पररयोिन ओां‍को‍क य यजन्‍द‍ित‍करत ‍है।‍अपनी‍अनुसांि न‍क ययसूची‍को‍चल ने‍के‍ललए‍यह‍केन्‍द‍र‍व्‍यज‍‍तयों‍और‍सांस्‍थ नों‍के‍स थ‍स झेद री‍भी‍करत ‍है।‍

िषय‍2011-12,‍2012-13,‍2013-14,‍2014-15‍और‍ 2015-16‍ हेतु‍आईसीएम‍के‍ वित्‍तीय‍वििरणों‍की‍लेख ‍परीक्ष ‍भ रत‍के‍ननयांत्रक‍एिां‍मह लेख ‍परीक्षक‍(सीएिी)‍द्ि र ‍िषय‍2016‍में‍की‍गई‍है।‍इसललए‍पहले‍इन‍िषों‍की‍ि वषयक‍ररपोटय‍प्रस्‍तुत‍नहीां‍की‍ि ‍सकीां।‍मौिूद ‍ररपोटय‍एक‍समेककत‍ररपोटय‍ है‍ जिसमें‍िषय‍2011-12,‍2012-13,‍2013-14,‍2014-15‍और‍2015-16‍की‍ि वषयक‍ररपोटय‍श लमल‍हैं।‍

दृजष्‍टकोण

सूधचत‍ नीनत‍ ननम यण‍ में‍ सह यत ‍ करने‍ और‍ भ रत‍ से‍ लोगों‍ के‍ अांतर यष्‍रीय‍ आि गमन‍ की‍सुसांगत‍ और‍ स मांिस्‍य‍ प्रनतकक्रय ‍ हेतु‍ रणनीनतक‍ हस्‍तक्षेपों‍ को‍ सक्षम‍ बन ने‍ के‍ ललए‍अांतर यष्‍रीय‍प्रि स‍पर‍मुख्‍य‍अनुसांि न‍और‍विश्‍लेषण।‍

ढ ांच

पूणयरूप‍से‍श सन‍हेतु‍आईसीएम‍क ‍दो‍स्‍तरीय‍तांत्र‍है‍अथ यत‍श सी‍पररषद्‍और‍क ययक री‍ननदेश लय।‍ श सी‍ पररषद्‍ की‍ अध्‍यक्षत ‍ सधचि‍ (सीपीिी‍ एिां‍ ओआईए)‍ एमईए,‍ (प्रि सी‍भ रतीय‍क यय‍मांत्र लय‍(एमओआईए)‍के‍विदेश‍मांत्र लय‍में‍विलय‍के‍ब द‍सधचि‍(सीपीिी‍एिां‍ओआईए),‍ द्ि र ‍ की‍ ि ती‍ है‍ और‍ इसमें‍ आधथयक‍ क यय‍ विभ ग,‍ सूक्ष्‍म,‍ लघु‍ एिां‍ मध्‍यम‍उद्योग‍मांत्र लय‍(एमएसएमई)‍और‍श्रम‍एिां‍रोिग र‍मांत्र लय‍के‍सधचि‍सदस्‍य‍के‍रूप‍में‍श लमल‍हैं।‍पदेन‍सदस्‍यों‍के‍अल ि ‍बडी‍सांख्‍य ‍में‍उत्‍प्रि सी‍भेिने‍ि ले‍र ज्‍यों‍में‍से‍प्रत्‍येक‍

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भारत प्रवास केन्‍दर् 4

दो‍िषों‍में‍चक्र नुक्रम‍के‍आि र‍पर‍श सी‍पररषद‍के‍सदस्‍यों‍के‍रूप‍में‍र ज्‍य‍सरक रों‍के‍तीन‍सधचिों‍को‍न लमत‍ककय ‍ि त ‍ है।‍ सरक र‍द्ि र ‍न लमत‍ककए‍गए‍च र‍ विशषेज्ञ‍भी‍श सी‍ पररषद्‍ के‍ सदस्‍य‍ हैं।‍ क ययक री‍ ननदेशक/मुख्‍य‍ क ययक री‍ अधिक री‍ श सी‍ पररषद‍ के‍सदस्‍य‍सधचि‍के‍रूप‍में‍क यय‍करते‍है।‍

यद्यवप‍श सी‍पररषद‍क ययक्रमों‍और‍गनतविधियों‍क ‍व्‍य पक‍नीनतगत‍ढ ांच ‍प्रद न‍करत ‍है‍और‍लक्ष्‍यों‍पर‍प्रनतिषय‍की‍गई‍प्रगनत‍की‍ननगर नी‍करत ‍है,‍क ययक री‍ननदेश लय‍(जिसमें‍मुख्‍य‍क ययक री‍अधिक री‍और‍आईसीएम‍क ‍स्‍ट फ‍श लमल‍हैं)‍श सी‍पररषद्‍द्ि र ‍स्‍थ वपत‍ककए‍गए‍लक्ष्‍यों‍को‍क य यजन्‍द‍ित‍करने‍की‍रणनीनतय ां‍विकलसत‍करत ‍है।

आईसीएम‍के‍क यय‍की‍ननगर नी‍तीन‍इन-ह उस‍सलमनतयों‍(अनुसांि न,‍वित्‍त‍और‍प्रश सन)‍द्ि र ‍ भी‍ की‍ ि ती‍ है‍ जिसक ‍ गठन‍ आईसीएम‍ के‍ सांच लन‍ क ‍ म गयदशयन‍ करने‍ सह यत ‍करने‍और‍ननगर नी‍करने‍के‍ललए‍ककय ‍गय ‍थ ।‍सलमनतयों‍की‍लसफ ररशों‍को‍विच र‍हेतु‍श सी‍पररषद‍के‍समक्ष‍प्रस्‍तुत‍ककय ‍ि त ‍है।

सहयोग ज्ञ पन

आईसीएम‍के‍दैननक‍क यों‍को‍सहयोग‍ज्ञ पन‍(एमओए)‍के‍अांतगयत‍बन ए‍गए‍ननयमों‍और‍विननयमों‍ द्ि र ‍ श लसत‍ ककय ‍ ि त ‍ है।‍ एमओए‍ इस‍ केन्‍द‍र‍ के‍ क यों‍ और‍ उद्देश्‍यों‍ की‍रूपरेख ‍बन त ‍है।‍केन्‍द‍र‍के‍क यों‍और‍उद्देश्‍यों‍को‍नीच‍ेसूचीबद्ि‍ककय ‍गय ‍है।

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भारत प्रवास केन्‍दर् 5

कार्य

विदेशी श्रम बाजारों में श्रममक

परू्त ि अतंरालों की पहचान और

भारतीय कामगारों द्िारा उन

अतंरालों को भरने के मलए

कौशलों की पहचान करना

श्रममक एि ंजनशक्‍तत के

क्षेत्र में कायिरत ससं्तथानों‍‍के‍स थ‍समन्‍दिय

क्जनमें राज्तय जनशक्‍तत

विकास र्नगम,

पररयोजना जनशक्‍तत

आपरू्तिकताि और विदेशी र्नयो‍तता भी शाममल हैं

के साथ समन्तिय

अतंरािष्‍टतरीय श्रम बाजार की प्रिकृ्‍ततयों और

गर्तशीलताओं, भारत और विदेशों में भारतीय

उ‍तप्रिामसयों द्िारा सामना की जाने िाली समस्तयाओ ं के अध्तययन, र्नगरानी और

विश्तलषेण की शरुूआत करना और उसका समथिन करना, और नीर्तगत पहलें/

रणनीर्तयों की मसफाररश करना

कामगारों की विमभन्तन

शे्रणणयों के मलए प्रस्तथान-पिूि अमभमखुीकरण मनैअुल्तस

व्तयािसार्यक र्नकायों और

र्नजी र्नकायों के परामशि से

कौशल विकास के कायिक्रमों और कौशल उन्तनयन की ओर

योगदान

उ‍तप्रिासी कामगारों की सरुक्षा और कल्तयाण की सििशे्रष्‍टतठ पद्र्तयों की

पहचान करना

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भारत प्रवास केन्‍दर् 6

उद्देश्र््

अांतर यष्‍रीय‍श्रम‍ब ि रों‍पर‍अध्‍ययन‍करन ‍और‍भ रतीय‍यिु ओां‍के‍ललए‍उभरत‍ेविदेशी‍रोिग र‍अिसरों‍की‍पहच न‍करन ।‍

अतंरािष्‍टतरीय श्रम बाजारों की प्रिकृ्‍ततयों के साथ-साथ श्रममक भेजने और प्राप्तत करने िाले विमभन्तन देशों की रणनीर्तयों की र्नयममत रूप से र्नगरानी करना, अध्तययन करना और विश्तलषेण करना।

भारतीयों के विदेशी रोजगार को प्रो‍तसाहहत करने हेत ुमध्तयकालीन से दीर्िकालीन रणनीर्तयां ढंूढने और

र्नष्‍टतपाहदत करने के मलए ‘’थथकं टैंक’’ के रूप में कायि करना।

सांभ वित‍प्रि सी‍भ रतीय‍क मग रों‍को‍नीिी‍भती‍उद्योग‍द्ि र ‍प्रद न‍की‍ि ने‍ि ली‍रोिग र‍सेि ओां‍के‍‘उपभो‍‍त ‘‍के‍रूप‍में‍स्‍थ वपत‍करन ।

भ रत‍को‍कुशल,‍प्रलशक्षक्षत‍और‍योग्‍य‍क मग रों‍के‍आपनूत यकत य‍के‍रूप‍में‍पररयोजित‍करन ।

अांतर यष्‍रीय‍श्रम‍सांगठनों‍और‍अांतर यष्‍रीय‍प्रि स‍सांगठनों‍द्ि र ‍विकलसत‍प्रलशक्षण‍स मग्री‍को‍र ज्‍य/देश‍और‍ललांग‍विशषे‍के‍ललए‍अनकूुल‍बन न ।‍

प्रि सी‍भ रतीय‍क मग रों‍को‍कल्‍य ण‍सह यत ।‍

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भारत प्रवास केन्‍दर् 7

ववशेषज्ञता के क्षेत्र

सहयोग ज्ञापन में पररकक्ल्तपत कायों और उद्देश्तयों के आधार पर आईसीएम का फोकस र्नम्तनमलणखत

क्षेत्रों में विशषेज्ञता विकमसत करना है:

शासी पररषद के संविधान से संबंथधत िषि िार 2011-12, 2012-13, 2013-14, 2014-15 एिां 2015-16 सूचना, इसकी बैठकें और विचार-विमशि, संगठन द्िारा चलाई जाने िाली गर्तविथधयों का िणिन इस समेककत ररपोटि के बाद के खडंो में ककया गया है।

• अांतर यष्‍रीय‍श्रम‍ब ि र

• प्रस्‍थ न-पिूय‍अलभमखुीकरण‍एिां‍प्रलशक्षण

• कौशल‍उन्‍द‍नयन‍एिां‍कौशल‍की‍प रस्‍पररक‍म न्‍द‍यत • प्रि स‍नीनत‍एिां‍भ रत‍में‍प्रि स‍क ‍श सन

• प्रि स‍प्रबांिन

• प्रि स‍पे्रषण‍एिां‍विक स‍

• मदहल ‍प्रि सी‍क मग र‍

• श्रम‍ब ि र‍एिां‍भ रतीयों‍के‍ललए‍सांभ वित‍अिसर

• सचून ‍प्रस रण‍एिां‍ि गरूकत ‍अलभय न

• विदेश‍में‍भ रतीयों‍के‍सरुक्षक्षत,‍ििै‍एिां‍म निीय‍प्रि स‍से‍सांबांधित‍सभी‍मदु्दे

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भारत प्रवास केन्‍दर् 8

2011-12

िषि 2011-12 के दौरान इस संगठन को भारतीय विदेशी रोजगार पररषद (आईसीओई) के रूप में जाना जाता था। शासी पररषद के संविधान, इसकी बैठकें और आईसीओई द्िारा चलाई गई

गर्तविथधयों के ब्तयौरे र्नम्तनानुसार हैं:

वषय 2011-12 की शासी पररषद्

अध्र््क्ष

सचिव, प्रवासी भारतीर् कार्य मंत्रालर् (एमओआईए)

डॉ. ए. दददार ससहं

सदस् य :

1. सधचि, आधथयक क यय विभ ग य उनके प्रनतननधि

2. सधचि, विदेश मांत्र लय य उनके प्रनतननधि

3. सधचि, सूक्ष्‍म, लघू एिां मध्‍यम उद्यलमत मांत्र लय य उनके प्रनतननधि

4. सधचि, श्रम एिां रोिग र मांत्र लय य उनके प्रनतननधि

5. उत्‍प्रि सी भेिने ि ले प्रमुख र ज्‍यों में से प्रत्‍येक दो िषों के चक्र नुक्रम स ेर ज्‍य सरक रों के तीन सधचि। िषय 2011-12 के दौर न आांध्र प्रदेश, केरल और पांि ब के मुख्‍य सधचि

श सी पररषद में थे।

6. सरक र द्ि र दो िषय की अिधि के ललए च र विशषेज्ञों को न लमत ककय ि त थ । िषय 2011-12 के दौर न श्री एस ईरूदय र िन, श्री पी मोहम्‍मद अली, श्री एम. िी. पषु्‍प करण

और श्री टी. पी. श्रीननि सन श सी पररषद में थे।

7. क ययक री ननदेशक जिसकी ननयुज‍‍त सरक र द्ि र की ि ती है सदस्‍य सधचि के रूप में क यय करत है। िषय 2011-12 के दौर न श्री िी. गुरूचरण, प्रि सी भ रतीय क यय मांत्र लय,

क ययक री ननदेशक एिां मुख्‍य क ययक री अधिक री (सीईओ) थे।

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भारत प्रवास केन्‍दर् 9

वषय 2011-12 के दौरान शासी पररषद् की बैठकें आईसीओई‍ की‍ श सी‍ पररषद‍ की‍ तीसरी‍ बैठक‍ क ‍ आयोिन‍ 10‍ अ‍‍तूबर,‍ 2011‍ को‍ककय ‍गय ‍थ ।‍श सी‍पररषद्‍ने‍ननम्‍नललखखत‍के‍सांबांि‍में‍विच र-विमशय‍ककय :

• सांगठन‍क ‍न म‍बदलकर‍भ रत‍प्रि स‍केन्‍द‍र‍करने‍क ‍ननणयय।

• चयननत‍ ईयू‍ देशों‍ में‍ श्रम‍ ब ि र‍ आकलन‍ जिनमें‍ स्‍िीडन,‍ डनेम कय ,‍ चेक‍ गणर ज्‍य,‍पोलेंड,‍रोम ननय ‍और‍फ् ांस‍श लमल‍हैं।‍

• भ रत‍ईयू‍अनुसांि न‍पररयोिन ‍से‍सांबांधित‍प्रस्‍त ि‍को‍अनुमोददत‍ककय ।

• कौशल‍ प्रलशक्षण,‍ म नकों,‍ प्रम णीकरण‍ और‍ समन्‍द‍िय‍ से‍ सांबांधित‍ म मलों‍ में‍ अपने‍समकक्ष‍सांस्‍थ नों‍के‍स थ‍द्विपक्षीय‍आि र‍पर‍ननयलमत‍क ययश ल ओां‍क ‍आयोिन‍करने‍के‍प्रस्‍त ि‍पर‍विच र‍ककय ।

िर्ष 2011-12 के दौर न आईसीएम द्ि र की गई

गतिविधिय ां

भारत के पूवोत्त्र राज्र््ों से संभाववत प्रवाससर्ों के सलए कौशल ववकास पहल

िषि 2011-12 में भारतीय विदेशी रोजगार पररषद (आईसीओई) ने भारत के पूिो‍ततर राज्तयों के

संभावित प्रिामसयों के मलए कौशल से संबंथधत कौशल विकास पहल नामक एक प्रायोथगक पररयोजना की शुरूआत की। इस पररयोजना का कायािन्तियन अतंरािष्‍टतरीय प्रिास संगठन (आईओएम) और दो ज्ञान साझदेारों- इंडडया क्स्तकल एिं एस्तपायर के साथ समन्तिय के माध्तयम स े ककया जाना था। इस

पररयोजना का कायािन्तियन दो मॉड्यूलों- संस्तथागत फ्रैं चाईज मॉडल और संस्तथागत एम्तबेडडे मॉडल के

माध्तयम स े ककए जाने की पररकल्तपना की गई थी। इस पररयोजना का उद्देश्तय इन दो मॉडलों के

माध्तयम से र्नम्तनमलणखत को प्राप्तत करना था।

संस्तथागत मॉडल –

• पूिो‍ततर क्षेत्र में अतंरािष्‍टतरीय व्तयािसार्यक योग्तयता (आईिी‍तय)ू तैयार करना और अतंरािष्‍टतरीय

रूप से स्तिीकायि तीसरे पक्ष के प्रमाणीकरण िाला मानक प्रमशक्षण और परीक्षण सुविधाओ ंका नेटिकि लाना।

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भारत प्रवास केन्‍दर् 10

• प्रमशक्षण संपकि और नौकरी देने िाले संपकि हेतु कौशल प्रमशक्षण स्तत्रोत केन्तर स्तथावपत करना। • भारत के पूिो‍ततर राज्तयों के हामशये पर रखे गए 8,000 स ेअथधक कम और मध्तयम कौशल

िाले युिा और महहला प्रर्तभाथगयों को प्रमशक्षक्षत करना ताकक उन्तहें विदेशी रोजगार प्राप्तत

करने का अिसर प्रदान ककया जा सके। • प्रमशक्षण पाठ्यक्रम विकमसत करना क्जस े राज्तय सरकारों की सहायता से अन्तय कौशल

प्रमशक्षण सुविधाओं में दोहराया जा सके ताकक इस प्रायोथगक पररयोजना को सफल बनाया जा सके।

एम्तबेडडे ज्ञान मॉडल –

• भारत के पूिो‍ततर राज्तयों की 2,000 महहलाओं और यिुाओं को प्रमशक्षक्षत करना। • मॉडल के अणखल भारतीय रोल आउट हेतु एक टेम्तपलेट तैयार करना।

िषि 2011-12 के दौरान पररयोजना के कायािन्तियन में की गई प्रगर्त र्नम्तनानुसार है:

• 19-20 अगस्तत, 2011 को गुिहाटी में आठ राज्तय सरकारों के प्रर्तर्नथधयों सहहत सभी दािा धारकों की राज्तय परामशि बठैक का आयोजन ककया गया।

• गुिहाटी, असम में कौशल प्रमशक्षण प्रमाणीकरण स्तत्रोत केन्तर (एसटीसीआरसी) की स्तथापना की गई।

• क्रमश: मसटी एंड थगल्तड्स और एडए‍तसल द्िारा र्नधािररत मानकों के अनुसार हॉस्तपीटेमलटी क्षेत्र और हेल्तथ केयर क्षेत्र के मलए आईिी‍तयू डडजाइन ककए गए।

• प्रमाणीकरण साझदेारों द्िारा र्नधािररत मानकों के अनुसार संस्तथानों और प्रमशक्षुओ ं की पहचान की प्रकक्रया शुरू की।

भारत – ईरू् प्रवास संबधंी नीतत तनमायण के सलए ज्ञान आधार ववकससत करना

िषि 2011 में आईसीओई ने भारत-ईय ू प्रिास पररयोजना संबंधी नीर्त र्नमािण हेतु ज्ञान आधार

विकमसत करने संबंधी कायािक्न्तित कायि करने के मलए यूरोपीय विश्तिविद्यालय संस्तथान (ईयूआई) के

साथ एक सहयोग पर हस्तताक्षर ककए।

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भारत प्रवास केन्‍दर् 11

िषि 2011-12 के दौरान र्नम्तनमलणखत प्रगर्त की गई:

• पररयोजना टीम र्नयु‍तत की गई और अगस्तत, 2011 में पररयोजना का कायािन्तियन कायि शुरू

ककया गया। • आईसीओई पररयोजना टीम ईयूआई (मुख्तय साझदेार) के साथ-साथ अन्तय पररयोजना

साझदेारों अथाित ् माक्स्तरच विश्तिविद्यालय, भारतीय प्रबंधन संस्तथान, बैंगलौर (आईआईएमबी) के साथ पररयोजना के तीन मुख्तय र्टकों अथाित ्आउटरीच एिं जागरूकता सजृन, साक्ष्तय आधाररत अनुसंधान और डाटाबेस विकमसत करना के बारे में एक संयु‍तत

कायािन्तियन का र्नमािण ककया। • निम्तबर, 2011 में प्रगर्त की समीक्षा करने, संपकि में सम्तबद्धता सुर्नक्श्तचत करने और

पररयोजना संबंधी आगे के तरीकों की योजना बनाने के मलए सभी साझदेारों की एक बैठक का आयोजन ककया।

• इसके बाद निम्तबर, 2011 में दािा धारकों की परामशि कायिशाला हुई क्जसका आयोजन

आईसीओई द्िारा नई हदल्तली में ककया गया था। इस कायिशाला में भारत में ईयू राज्तयों के

सदस्तय, भारत सरकार, राज्तय सरकार, अकादममक संस्तथानों के प्रर्तर्नथध और विशषेज्ञ

उपक्स्तथत थे। • आईसीओई ने 9 अनुसंधान दस्ततािेजों के अनुसंधान आउटपुट उ‍तपन्तन करने और उनके

शीषिक को अरं्तम रूप देन;े 6 दस्ततािेजों संबंधी लेखकों की पहचान और कायि की शुरूआत

करने हेतु प्रकक्रया की शुरूआत की।

भारत से खाडी देशों में जान ेवाली मदहला प्रवासी कामगारों का सशक्‍त्करण

िषि 2011-12, में आईसीओई ने महहला प्रिासी कामगारों द्िारा सामना की जाने िाली समस्तयाओं पर कें हरत करते हुए एक पररयोजना दस्ततािेज का प्रारूप तैयार ककया क्जसमें उनके सशक्‍ततकरण हेत ु

कायों की एक ठोस योजना है। प्रस्ततावित संपकि पर बातचीत करने के मलए शरुूआती कायिशाला का आयोजन करने और पररयोजना के कायािन्तियन कायि को शुरू करने का प्रस्तताि ककया गया था।

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भारत प्रवास केन्‍दर् 12

खाडी देशों में भारतीर् प्रवासी कामगारों और भारत में अप्रवासी कामगारों के बीि

मजदरूी का अंतर

आईसीओई न े िषि 2011-12 में खाडी देशों में भारतीय प्रिासी कामगारों और भारत में अप्रिासी कामगारों के बीच के मजदरूी के अतंर पर एक अध्तययन कराया। इस अध्तययन का प्रयोजन खाडी देशों में प्रिास करने िाले कामगारों और भारत या भारतीय शहरों के भीतर इसी प्रकार की व्तयिसायों में कायिरत कामगारों के बीच मजदरूी के अतंर का आकलन करना और उनके कल्तयाण और रहने के

मानकों की तुलना करना था।

प्रवास प्रबंधन हेतु क्षमताओं को बढाना

िषि 2011-12 में आईसीओई में अतंरािष्‍टतरीय प्रिास संगठन के सहयोग स ेप्रिास प्रबंधन हेत ुक्षमताओ ं

का र्नमािण करने की संकल्तपना नोट पर कायि करना शुरू ककया। संकल्तपना नोट में प्रिास प्रबंधन के

तीन मुख्तय क्षेत्रों की पहचान की गई थी क्जन्तहें भारतीय संदभि में और अथधक मजबूत बनाने की आिश्तयकता है ि ेहैं- साक्ष्तय आधाररत अनुसंधान और ज्ञान र्नमािण; प्रिास साझदेाररयां, ि‍ततव्तय और सुसंगत नीर्त- बनाना और; संस्तथागत और तकनीकी क्षमता र्नमािण।

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भारत प्रवास केन्‍दर् 13

2012-13

िषि 2012-13 के दौरान इस संगठन को भारत प्रिास केन्तर‍(आईसीएम) के रूप में जाना जाता था। शासी पररषद के संविधान, इसकी बैठकें और आईसीएम द्िारा चलाई गई गर्तविथधयों के

ब्तयौरे र्नम्तनानुसार हैं:

वषय 2012-13 की शासी पररषद् अध्र््क्ष

सचिव, प्रवासी भारतीर् कार्य मंत्रालर् (एमओआईए)

श्री राजीव महवषय

सदस् य : 1. सधचि,‍आधथयक‍क यय‍विभ ग‍य ‍उनके‍प्रनतननधि

2. सधचि,‍विदेश‍मांत्र लय‍य ‍उनके‍प्रनतननधि

3. सधचि,‍सूक्ष्‍म,‍लघू‍एिां‍मध्‍यम‍उद्यलमत ‍मांत्र लय‍य ‍उनके‍प्रनतननधि

4. सधचि,‍श्रम‍एिां‍रोिग र‍मांत्र लय‍य ‍उनके‍प्रनतननधि

5. उत्‍प्रि सी‍ भेिने‍ ि ले‍ प्रमुख‍ र ज्‍यों‍ में‍ से‍ प्रत्‍येक‍ दो‍ िषों‍ के‍ चक्र नुक्रम‍ से‍ र ज्‍य‍सरक रों‍के‍तीन‍सधचि।‍िषय‍2012-13‍के‍दौर न‍आांध्र‍प्रदेश,‍केरल‍और‍पांि ब‍र ज्‍यों‍के‍मुख्‍य‍सधचि,‍य ‍उनके‍प्रनतननधि‍श सी‍पररषद‍में‍थे।

6. सरक र‍द्ि र ‍हर‍दो‍िषय‍की‍अिधि‍के‍ललए‍च र‍विशषेज्ञों‍को‍न लमत‍ककय ‍ि त ‍थ ।‍िषय‍2012-13‍के‍दौर न‍श्री‍एस‍ईरूदय ‍र िन,‍श्री‍पी‍मोहम्‍मद‍अली,‍श्री‍एम.‍िी.‍पुष्‍प करण‍और‍श्री‍टी.‍पी.‍श्रीननि सन‍श सी‍पररषद‍में‍थे।

7. क ययक री‍ननदेशक‍जिसकी‍ननयुज‍‍त‍सरक र‍द्ि र ‍की‍ि ती‍है‍सदस्‍य‍सधचि‍के‍रूप‍में‍क यय‍करत ‍है।‍िषय‍2012-13‍के‍दौर न‍श्री‍टी.‍के.‍मनोि‍कुम र,‍सांयु‍‍त‍सधचि,‍ प्रि सी‍ भ रतीय‍ क यय‍ मांत्र लय,‍ क ययक री‍ ननदेशक‍ एिां‍ मुख्‍य‍ क ययक री‍अधिक री‍(सीईओ)‍थे।

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भारत प्रवास केन्‍दर् 14

वषय 2012-13 के दौरान शासी पररषद् की बैठकें आईसीएम की शासी पररषद् न ेअपनी बैठक के मलए 4 अ‍ततूबर, 2012 को मुलाकात की। चौथी बैठक

की विशषेताएं र्नम्तनमलणखत हैं: • सभा करने और भारत-ईय ू। पररयोजना के अतंगित एकत्रत्रत ककए गए डाटा का विश्तलेषण और

आदान-प्रदान करने के प्रोटोकॉल पर विचार ककया। • भारत से व्तयिक्स्तथत प्रिास सुकर बनाने हेतु ईय ूसदस्तय राज्तयों के िीजा व्तयिस्तथा के अध्तययन

की मसफाररश की। • कौशल विकास पररयोजना के अतंगित पूिो‍ततर स ेप्रमशक्षक्षत युिाओ ं के मलए लास्तट माइल

कनेक्‍तटविटी हेतु; राज्तय सरकार द्िारा चामलत विदेशी प्तलेसमेंट एजेंमसयों को बढािा देने के

उपायों पर विचार-विमशि ककया। • हेल्तथकेयर में प्रमशक्षण हेतु मसमुलेशन मॉडल पर विचार ककया गया। • प्रेषणों को भेजने की लागत को र्टाने के संबंध में सििशे्रष्‍टतठ प्रथाओं का पररक्षण करने की

मसफाररश की गई। • श्रम बाजार आकलन – चरण ।। के अतंगित ईय ू ब्तलू काडि के प्रभाि की जांच करने की

मसफाररश की।

वषय 2012-13 के दौरान आईसीएम द्वारा की गई

गततववचधर्ा ंभारत के पूवोत्त्र राज्र््ों से संभाववत प्रवाससर्ों के सलए कौशल ववकास पहल

भारत के पूिो‍ततर राज्तयों के संभावित उ‍तप्रिामसयों के मलए कौशल विकास पहल क्जसकी पररकल्तपना प्रायोथगक पररयोजना के रूप में की गई थी को, अतंरािष्‍टतरीय प्रिास संगठन की साझदेारी में आठ पूिो‍ततर राज्तयों में िषि 2011-12 में शुरू ककया गया था। इस पररयोजना का उद्देश्तय अतंरािष्‍टतरीय श्रम बाजार विशषेत: हॉस्तपीटेमलटी और हेल्तथ केयर के उच्तच मांग िाले क्षेत्रों में संभावित विदेशी भारतीय प्रिामसयों की नौकरी की त‍तपरता और र्नयोजकता को बढाना था।

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भारत प्रवास केन्‍दर् 15

पररयोजना का उद्देश्तय कौशल उन्तनयन, आकलन, प्र‍तयायन और प्रमाणीकरण के मलए मानकों और अतंरािष्‍टतरीय रूप से मान्तयता प्राप्तत ढांच ेको विकमसत करना था।

पररयोजना के साझदेारों में अतंरािष्‍टतरीय प्रिास संगठन (आईओएम) शाममल हैं क्जन्तहोंने भारत

प्रिास केन्तर और ज्ञान साझदेारों – इंडडया क्स्तकल एंड एस्तपायर मागिदशिन के अतंगित इस

पररयोजना का कायािन्तियन ककया। बदले में इंडडया क्स्तकल ने अपने प्रमाणीकरण साझदेार के रूप

में मसटी एंड थगल्तड्स की पहचान की है और एस्तपायर ने अपने प्रमाणीकरण साझदेार के रूप में एडए‍तसल की पहचान की है।

िषि 2012-13 के दौरान र्नम्तनमलणखत संथचत प्रगर्त की गई है:

• पूिो‍ततर राज्तयों की भागीदारी स ेगुिहाटी में 200 युिाओ ंका प्रमशक्षण पूरा ककया जा चकुा है। िषि 2012-13 तक इस पररयोजना के अतंगित कुल 1000 युिाओं को प्रमशक्षक्षत ककया गया।

• प्रमशक्षकों का प्रमशक्षण कायिक्रम के अतंगित 32 प्रमशक्षकों को प्रमशक्षण हदया गया। • सात अतंरािष्‍टतरीय व्तयिसार्यक योग्तयताओं को विकमसत करन े के मलए‍ पहच ना गया-‍

ह उसकीवपांग,‍ ख द्य‍ एिां‍ पेय‍ पद थय,‍ फ्ां ट‍ ऑकफस,‍ प क‍ कल ,‍ नलसयय‍ सह यत ,‍िदृ्ि श्रम‍देखभ ल‍और‍अांगे्रिी‍लशक्षक‍प्रलशक्षण।‍

भारत – ईरू् प्रवास संबधंी नीतत तनमायण के सलए ज्ञान आधार ववकससत करना

‘भारत-ईयू प्रिास संबंधी नीर्त र्नमािण हेत ुज्ञान आधार विकमसत करना’ पररयोजना को यूरोपीय

विश्तिविद्यालय संस्तथान (ईयूआई), फ्लोरेंस की साझदेारी में कायािक्न्तित ककया जा रहा था क्जसका उद्देश्तय प्रिास से संबंथधत सभी पहलूओं को शाममल करते हुए ईयू और भारत के बीच प्रिास संबंधी साथिक ि‍ततव्तय का समेकन करना था। इस पररयोजना को यूरोपीय आयोग (ईसी) द्िारा सह-

वि‍ततपोवषत ककया गया। इस पररयोजना में, प्रिास से संबंथधत प्रमुख विषयों (जनसांक्ख्तयकी, अथिशास्तत्र, विथध, समाजशास्तत्र और राजनीर्त शास्तत्र) को भारत में प्रिास अध्तययन करिाने और भारत सरकार के साथ-साथ राज्तय सरकारों और यूरोपीय संर् तथा इसके सदस्तय राज्तयों, अकादममयों और मसविल सोसायटी को उप राष्‍टतरीय स्ततर पर साक्ष्तय आधाररत नीर्त उन्तमुख अनुसंधान, क्षमता र्नमािण और आउटरीच कायिक्रम प्रदान करने के विचार स े उच्तच स्ततरीय भारत-ईय ू विशषेज्ञों को एकत्रत्रत करने की मांग की गई।

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भारत प्रवास केन्‍दर् 16

पररयोजना के मुख्तय साझदेारों में यूरोपीय विश्तिविद्यालय संस्तथान (ईयूआई), फ्लोरेंस, इटली शाममल

थे और मॉक्स्तरच विश्तिविद्यालय (विथध संकाय), नीदरलैंड, भारतीय प्रबंधन संस्तथान, बैंगलौर और भारत प्रिास केन्तर भी इस पररयोजना के साझदेारों में शाममल थे।

िषि 2012-13 के दौरान र्नम्तनमलणखत प्रगर्त की गई:

• दो िषीय पररयोजना की शुरूआत िषि 2011 में की गई और िषि 2012-13 के अतं तक चली। पररयोजना के अतंगित आईसीएम द्िारा शुरू और समक्न्तित ककए गए 10 अनुसंधान

दस्ततािेज पूरे ककए जा चकेु हैं। • आईसीएम द्िारा 5-6 मसतम्तबर, 2012 को ‘सुरक्षक्षत और िैध प्रिास सुगम बनाना और

अर्नयममत प्रिास को रोकना’ स े संबंथधत और 13 हदसम्तबर, 2012 को ‘महहलाएं और अतंरािष्‍टतरीय प्रिास: अिसर एिं चनुौर्तयां’ से संबंथधत प्रमशक्षण सत्रों का आयोजन ककया गया।

दसलत और ववदेश में प्रवास

प्रिास पर अनुसंधान के व्तयापक विश्ति में, महहलाओं और अर्नयममत प्रिामसयों संबंधी कायि की तुलना में दमलतों के बारे में संिेदनशील समूह के रूप में बहुत ही कम अध्तययन ककया गया है। यद्यवप, दमलतों और प्रिास संबंधी कुछ शुरूआती अनुसंधान हुए हैं लेककन इन प्रिामसयों के संबंध में अपेक्षक्षत गुणा‍तमक और मात्रा‍तमक डाटा उपलब्तध नहीं है। दमलतों को प्रिास करने का चयन करने में सक्षम बनाने हेतु नीर्त बनाने के मलए सरकार की ओर स ेककए गए ककसी भी प्रयास में, उनकी संख्तया पर साक्ष्तय आधाररत अनुसधंान, ऐसे कारण जो उन्तहें नए अिसर ढूढंने की प्रेरणा दें, प्रिास में सामना की जाने िाली चनुौर्तयां और उनके इस चयन का स्तियं उन पर एि ंउनके पररिारों के दैर्नक जीिन

पर पडने िाले पूणि प्रभाि से, मजबूती देने की आिश्तयकता है। इस आिश्तयकता को देखते हुए, माचि-अप्रैल, 2013 में आईसीएम ने विदेश में दमलत प्रिास से संबंथधत मुद्दों की खोज करने के मलए

स्तथानीय और विदेश दोनों में अध्तययन करने संबंधी अनुसंधान प्रस्तताि की आिश्तयकता जताई।

भारत-ईरू् प्रवास और साझदेारी में साक्ष्र्् आधाररत बंधन और संिालन ववकससत

करना (डीईएमओ : इंडडर्ा-ईरू् एमएपी)

डीईएमओ का पूणि उद्देश्तय साक्ष्तय आधाररत अनुसंधान, नीर्तगत विश्तलेषण और मुल्तयाकंन करना तथा नीर्त र्नमािण और प्रिास प्रबंधन हेतु शासकीय ढांच ेको मजबूत बनाना था। इस संबंध में पररयोजना के कुछ विशषे उद्देश्तयों में शाममल हैं:

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भारत प्रवास केन्‍दर् 17

• गर्तशीलता / प्रिास के पूणि चक्र क्जसमें मुख्तय चरण अथाित ्भती पिूि, भती और मूल देश

से प्रस्तथान; गन्ततव्तय देश में रहना और कायि करना; मेजबान देशों में समेकन; और िापसी पर भारत में प्रिामसयों और आथश्रतों का पुन: समेकन शाममल हैं का र्नदान करना था।

• ऐसे प्रिास प्रबंधन का प्रदशिन करना जब केमलब्रेटड और मांग चामलत, मूल के देश और गन्ततव्तय देश के मलए पाररस्तपररक रूप से एक समान लाभकारी हो सकता हो।

• प्रिास प्रकक्रया में अच्तछी पद्धर्तयों का संचालन, प्रदशिन और दस्ततािेजीकरण करना और इसे एक बेहतर क्स्तथर्त में पररिर्तित करना।

• इस पररयोजना को तीन िषों की अिथध के मलए पररकक्ल्तपत ककया गया था क्जसके मलए

आईसीएम को अगस्तत, 2012 में यूरोपीय आयोग स े16,00,000 यूरो (पूरे कायि की कुल

लागत का 80 प्रर्तशत) का अनुमोदन प्राप्तत हो गया है।

इंटनयसशप कार्यक्रम

आईसीएम में इंटनिमशप कायिक्रम युिाओं और उ‍तसाही व्तयक्‍ततयों को अतंरािष्‍टतरीय प्रिास के क्षेत्र में काम के अिसरों की खोज करने हेतु प्रो‍तसाहहत करने के मलए तैयार करना है। आईसीएम में इंटनिमशप को आईसीएम का कायि समझने और उसमें सहायता करने के मलए विदेशों से प्रर्तभा को एक साथ लाने और इंटनि को सीखने के सििशे्रष्‍टतठ अिसर प्रदान करने के मलए डडजाइन ककया गया है।

िषि 2012-13 में आईसीएम भारत के सििशे्रष्‍टतठ संस्तथानों के कुछ इंटनि को र्नरंतर आकवषित करता रहा क्जसमें भारतीय प्रबंधन संस्तथान, बैंगलौर और हैदराबाद विश्तिविद्याल के इंटनि शाममल हैं। िषि 2012-13 में इंटनि द्िारा शाममल ककए गए विषय र्नम्तनमलणखत हैं :

• भारत प्रिास तथ्तय पुक्स्ततका। • खाडी प्रिास और हैदराबाद: हैदराबाद में अरबी कॉलोनी का अध्तययन। • अर्निासी भारतीय वििाह: महहलाओं की व्तयथा और न्तयाय का आश्रय। • हेल्तथ केयर क्षेत्र में कौशल की पहचान हेतु ईय ूढांचा।

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भारत प्रवास केन्‍दर् 18

2013-14

िषि 2013-14 के दौरान शासी पररषद के गठन, इसकी बैठकें और आईसीएम द्िारा चलाई गई

गर्तविथधयों के ब्तयौरे र्नम्तनानुसार हैं:

वषय 2013-14 की शासी पररषद्

अध्र््क्ष

सचिव, प्रवासी भारतीर् कार्य मंत्रालर् (एमओआईए)

श्री प्रेम नारार्ण

सदस् य : 1. सधचि,‍आधथयक‍क यय‍विभ ग‍य ‍उनके‍प्रनतननधि

2. सधचि,‍विदेश‍मांत्र लय‍य ‍उनके‍प्रनतननधि

3. सधचि,‍सूक्ष्‍म,‍लघू‍एिां‍मध्‍यम‍उद्यलमत ‍मांत्र लय‍य ‍उनके‍प्रनतननधि

4. सधचि,‍श्रम‍एिां‍रोिग र‍मांत्र लय‍य ‍उनके‍प्रनतननधि

5. उत्‍प्रि सी‍भेिने‍ि ले‍प्रमुख‍र ज्‍यों‍में‍से‍प्रत्‍येक‍दो‍िषों‍के‍चक्र नुक्रम‍से‍र ज्‍य‍सरक रों‍के‍तीन‍सधचि।‍िषय‍2013-14‍के‍दौर न‍आांध्र‍प्रदेश,‍केरल‍और‍पांि ब‍र ज्‍यों‍के‍मुख्‍य‍सधचि,‍य ‍उनके‍प्रनतननधि‍श सी‍पररषद‍में‍थे।‍

6. सरक र‍द्ि र ‍दो‍िषय‍की‍अिधि‍के‍ललए‍च र‍विशषेज्ञों‍को‍न लमत‍ककय ‍ि त ‍थ ।‍िषय‍2013-14‍ के‍ दौर न‍ श्री‍ एस‍ ईरूदय ‍ र िन,‍ श्री‍ पी‍ मोहम्‍मद‍ अली,‍ श्री‍ एम.‍ िी.‍पुष्‍प करण‍और‍श्री‍टी.‍पी.‍श्रीननि सन‍श सी‍पररषद‍में‍थे।

7. क ययक री‍ननदेशक‍जिसकी‍ननयुज‍‍त‍सरक र‍द्ि र ‍की‍ि ती‍है‍सदस्‍य‍सधचि‍के‍रूप‍में‍क यय‍करत ‍ है।‍िषय‍2013-14‍के‍दौर न‍श्री‍ देिी‍प्रस द,‍आधथयक‍सल हक र‍और‍सांयु‍‍त‍सधचि,‍प्रि सी‍भ रतीय‍क यय‍मांत्र लय,‍क ययक री‍ननदेशक‍एिां‍मुख्‍य‍क ययक री‍अधिक री‍(सीईओ)‍थे।

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भारत प्रवास केन्‍दर् 19

वषय 2013-14 के दौरान शासी पररषद् की बैठकें िषि 2013-14 में आईसीएम की शासी पररषद् शुरू नहीं हुई। हालांकक, आईसीएम 4 अ‍ततूबर, 2012 को आयोक्जत अपनी चौथी बैठक में शासी पररषद् द्िारा हदए गए र्नदेशों को र्नरंतर कायािक्न्तित करता रहा।

वषय 2013-14 के दौरान आईसीएम द्वारा की गई

गततववचधर्ा ं

भारत के पूवोत्त्र राज्र््ों से संभाववत प्रवाससर्ों के सलए कौशल ववकास पहल –

कौशल संबंधी प्रार्ोचगक पररर्ोजना

इस पररयोिन क उद्देश्‍य पूिोत्‍तर के आठ र ज्‍यों के युि ओां और मदहल ओां को ल भक री रोिग र अिसरों से फ यद उठ ने के ललए तैय र करन थ । िषय 2013-14 के दौर न, आईसीएम

और अांतर यष्‍रीय प्रि स सांगठन इस प्र योधगक पररयोिन क क य यन्‍द‍ियन क यय करत ेरहे। एक

सांच लन सलमनत इस पररयोिन की प्रगनत की ननगर नी कर रही थी।

म चय, 2014 तक पररयोिन द्ि र की गई प्रगनत क वििरण नीच ेसूचीबद्ि ककय गय है :

• म चय, 2014 तक भ रत के पूिोत्‍तर र ज्‍यों के 1133 (कुल) युि ओां को प्रलशक्षक्षत ककय गय ।

• हॉस्‍पीटेललटी क्षेत्र में तीन प्रक र की नौकरी की भूलमक हेतु लेिल I में तीन व्‍यिस यों के

ललए अांतर यष्‍रीय व्‍यिस नयक योग्‍यत (आईिी‍‍यू) विकलसत की-‍फ्ां ट‍ऑकफस,‍ख द्य‍एिां‍पेय‍पद थय‍और‍ह उसकीवपांग।

स्व्णय प्रवास र्ोजना – कौशल ववकास संबंधी प्ल्ान स्क्ीम

आईसीएम‍ ने‍ मांत्र लय‍ की‍ कौशल‍ सांबांिी‍ प्‍ल न‍ स्‍कीम‍ के‍ ललए‍ विस्‍ततृ‍ पररयोिन ‍ररपोटय‍(डीपीआर)‍एिां‍व्‍यिह ययत ‍ररपोटय‍(एफआर)‍क ‍प्र रूप‍तैय र‍ककय ।‍इस‍प्‍ल न‍स्‍कीम‍ को‍ योिन ‍ आयोग‍ क ‍ ‘लसद्ि ांत:’‍ अनुमोदन‍ प्र प्‍त‍ हुआ।‍ प्‍ल न‍ स्‍कीम‍ को‍

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भारत प्रवास केन्‍दर् 20

137‍करोड‍रू.‍की‍अनुम ननत‍ल गत‍पर‍दो‍प्‍ल न‍अिधियों‍में‍क य यजन्‍द‍ित‍करने‍क ‍प्रस्‍त ि‍ ककय ‍ गय ‍ थ ।‍ जिसमें‍ विदेशी‍ रोिग र‍ हेतु‍ लगभग‍ 5‍ लमललयन‍ भ रतीय‍युि ओां‍को‍प्रलशक्षक्षत‍करने‍की‍पररकल्‍पन ‍की‍गई‍थी।‍

पररर्ोजना: भारत – ईरू् प्रवास संबंधी नीतत तनमायण के सलए ज्ञान आधार ववकससत

करना

इस पररयोिन ने यूरोपीय विश्‍िविद्य लय सांस्‍थ न, फ्लोरेंस और आईसीएम की सहभ धगत में प्रि स से सांबांधित सभी पहलूओां पर भ रत और ईयू के बीच एक स थयक ि‍‍तव्‍य क ननम यण करने और भ रत-ईय ूप्रि स हेतु नीनत ननम यण के ललए स क्ष्‍य आि र बन ने क प्रय स ककय ।

म चय, 2014 के अांत तक इस पररयोिन में ननम्‍नललखखत प्रगनत हुई :

• ‘छ त्र गनतशीलत और ज्ञ न- आि ररत अथयव्‍यिस्‍थ एां : अिसर और चनुौनतय ां’ के सांबांि

में िि हर ल ल नहेरू विश्‍िविद्य लय के सहयोग से 14 िून, 2013 को एक विशषे

क ययश ल क आयोिन ककय ।

• आईसीएम न े17-18 अ‍‍तबूर, 2013 को ‘भ रत-ईय ूप्रि स एिां गनतशीलत : सांभ िन एां और चनुौनतय ां’ शीषयक पररयोिन के अांनतम सम्‍मेलन क आयोिन भी ककय ।

• 29 िुल ई, 2013 को पांि ब के दोआब क्षेत्र में ि गरूकत अलभय न शुरू ककय गय । • इस पररयोिन की अनुिती क रयि ई के रूप में, आईसीएम को भ रत-ईय ूप्रि स स झदे री

के अांतगयत स क्ष्‍य आि ररत प्रबांिन और सांच लन विकलसत करने सांबांिी (डीईएमओ)

पररयोिन -।। क क म सौंप गय , तथ िनिरी, 2014 से दो िषय की अिधि के ललए

इसक क य यन्‍द‍ियन करने की पररकल्‍पन की गई है।

दबुई में तनर्ो‍त्ाओं का सम्मे्लन (अ‍तू्बर, 2013)

विदेश‍में‍प्रि सी‍क मग र‍और‍भ रत‍में‍विलभन्‍द‍न‍कौशल‍विक स‍पहलों‍से‍सांबांधित‍मुद्दों‍पर‍अ‍‍तूबर,‍2013‍को‍दबुई‍में‍प्रि सी‍भ रतीय‍क यय‍मांत्र लय‍द्ि र ‍आयोजित‍ननयो‍‍त ओां‍के‍सम्‍मलेन‍के‍ललए‍इस‍केन्‍द‍र‍ने‍पषृ्‍ठभूलम‍दस्‍त िेि‍तैय र‍ककए।‍आईसीएम‍इस‍सम्‍मेलन‍क ‍अक दलमक‍ स झेद र‍ थ ‍ जिसमें‍ ख डी‍ सहयोग‍ पररषद्‍ (िीसीसी)‍ के‍ सभी‍ देशों‍ के‍ भ रतीय‍र िदतूों,‍िीसीसी‍ के‍ विदेशी‍ ननयो‍‍त ओां,‍भती‍एिेंटों,‍औद्योधगक‍ननक यों,‍लशक्ष विदों‍और‍यूएन‍एिेंलसयों‍ने‍भ ग‍ललय ‍थ ।‍

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भारत प्रवास केन्‍दर् 21

वषय 2013-14 के दौरान आईसीएम द्वारा ककए गए मुख्र्् अध्र््र्न :

• प्रि सी‍क मग रों‍के‍ललए‍उपलब्‍ि‍ि ल्‍यूम,‍कोस्‍ट‍और‍चनेल‍पर‍विशषे‍फोकस‍करते‍हुए‍िीसीसी‍क्षेत्र‍से‍प्रेषणों‍की‍ररपोटय।‍

• मिदरूी‍के‍अांतरों‍की‍प्रकृनत‍और‍प्रि सी‍क मग रों‍पर‍इसके‍प्रभ ि‍को‍समझने‍के‍ललए‍एक‍अध्‍ययन।

• सउदी‍ अरब‍ अधिर ज्‍य‍ में‍ भ रतीय‍ क मग रों‍ के‍ म मले‍ में‍ ननत कत‍ के‍ प्रभ ि‍ क ‍आकलन।‍

• विलभन्‍द‍न‍स म जिक‍सुरक्ष ‍कर रों‍और‍उनकी‍सुसांगतत ‍क ‍प्रभ ि।

सहर्ोग

आईसीएम‍ने‍प्रि स‍प्रबांिन‍सांबांिी‍क्षमत ओां‍को‍बढ ने‍के‍सांबांि‍में‍अांतर यष्‍रीय‍प्रि स‍सांगठन‍और‍प्रि स‍स्‍त्रोत‍केन्‍द‍रों‍की‍क ययप्रण ली‍को‍समझने‍के‍ललए‍अांतर यष्‍रीय‍श्रम‍सांगठन‍के‍स थ‍सहयोग‍ककय ।‍

फैलोसशप कार्यक्रम

आईसीएम फैलोमशप कायिक्रम के अतंगित फैलोमशप प्रदान करता है। ये सहचर आईसीएम के स्तथायी काममिक नहीं होते और छ: महीने से लेकर एक िषि तक की अिथध के मलए ये सहचर विशषे रूप से विशषे विषयों संबंधी अनुसधंान करने में लगे रहत ेहैं। िषि 2012-13 में श्री जी. गुरूचरण को िररष्‍टतठ

फैलोमशप दी गई थी और उन्तहोंने निम्तबर, 2013 में ‘भारत स ेप्रिास का भविष्‍टतय : नीर्त, रणनीर्त

और सम्तबद्धता के तरीके’ पर ररपोटि प्रस्ततुत की थी। भारत से प्रिास का भविष्‍टतय : नीर्त, रणनीर्त और सम्तबद्धता के तरीके संबंधी ररपोटि प्रिास रीर्त ढांच े

हेत ु व्तयापक खाका प्रदान करने, और मौजूदा प्रिास नीर्त एि ं रीर्तयों में व्तयाप्तत कुछ खाममयों को दशािने का प्रयास करती है, इस प्रकार यह प्रिास प्रकक्रया में सुधार के र्नदेशों का सुझाि करती है क्जन

पर भविष्‍टतय में भारत के मामले में विचार करने की आिश्तयकता है। यह उ‍तप्रिास महासंरक्षी के पास

उपलब्तध डाटा और साथ ही क्षेत्रीय स्ततर के सिेक्षणों से एकत्रत्रत ककए गए प्राथममक डाटा के आधार पर भारत से उ‍तप्रिास प्रिकृ्‍ततयों का विश्तलेषण करता है और अगले दशक में भारत से प्रिास के भविष्‍टतय

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भारत प्रवास केन्‍दर् 22

हेत ु संभािनाओं का पता लगाता है। यह ररपोटि चार मुख्तय र्टकों पर फोकस करते हुए मौजूदा उ‍तप्रिास प्रबंधन ढांच ेकी ओर आलोचना‍तमक रूप स े देखती है : प्रिास नीर्त, रणनीर्त, सरकार के

भीतर संस्तथागत आकीरे‍तचर और सम्तबद्धता के तरीके। इनके अलािा यह ररपोटि इस बात की मसफाररश करती है कक ितिमान विर्नयामक ढांच ेको शासकीय ढांच ेसे प्रर्तस्तथावपत ककया जा सकता है जो तीन आधारभूत संस्तथानों पर आधाररत होगा : (क) भारत स ेअतंरािष्‍टतरीय प्रिास हेत ुस्तिाय‍तत

विर्नयामक, (ख) मानक र्नधािररत करने िाला र्नकाय और (ग) उ‍तप्रिास संरक्षी कायािलयों को ‘प्रिास

स्तत्रोत केन्तरों में पररिर्तित कर हदया जाए’।

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भारत प्रवास केन्‍दर् 23

2014-15

िषय‍2014-15‍के‍दौर न‍श सी‍पररषद‍के‍गठन,‍इसकी‍बैठकें ‍और‍आईसीएम‍द्ि र ‍चल ई‍गई‍गनतविधियों‍के‍ब्‍यौरे‍ननम्‍न नुस र‍हैं:-‍

वषय 2014-15 की शासी पररषद्

अध्र््क्ष

सचिव, प्रवासी भारतीर् कार्य मंत्रालर् (एमओआईए)

श्री प्रेम नारार्ण

सदस् य : 1. सधचि,‍आधथयक‍क यय‍विभ ग‍य ‍उनके‍प्रनतननधि

2. सधचि,‍विदेश‍मांत्र लय‍य ‍उनके‍प्रनतननधि

3. सधचि,‍सूक्ष्‍म,‍लघू‍एिां‍मध्‍यम‍उद्यलमत ‍मांत्र लय‍य ‍उनके‍प्रनतननधि

4. सधचि,‍श्रम‍एिां‍रोिग र‍मांत्र लय‍य ‍उनके‍प्रनतननधि

5. उत्‍प्रि सी‍ भेिने‍ ि ले‍ प्रमुख‍ र ज्‍यों‍ में‍ से‍ प्रत्‍येक‍ दो‍ िषों‍ के‍ चक्र नुक्रम‍ से‍ र ज्‍य‍सरक रों‍के‍तीन‍सधचि।‍िषय‍2014-15‍के‍दौर न‍आांध्र‍प्रदेश,‍केरल‍और‍पांि ब‍र ज्‍यों‍के‍मुख्‍य‍सधचि,‍य ‍उनके‍प्रनतननधि‍श सी‍पररषद‍में‍थे।‍

6. सरक र‍द्ि र ‍दो‍िषय‍की‍अिधि‍के‍ललए‍च र‍विशषेज्ञों‍को‍न लमत‍ककय ‍ि त ‍थ ।‍िषय‍2014-15‍के‍दौर न‍श्री‍एस‍ईरूदय ‍र िन,‍श्री‍पी‍मोहम्‍मद‍अली,‍श्री‍एम.‍िी.‍पुष्‍प करण‍और‍श्री‍टी.‍पी.‍श्रीननि सन‍श सी‍पररषद‍में‍थे।

7. क ययक री‍ननदेशक‍जिसकी‍ननयुज‍‍त‍सरक र‍द्ि र ‍की‍ि ती‍है‍सदस्‍य‍सधचि‍के‍रूप‍में‍क यय‍करत ‍है।‍िषय‍2014-15‍के‍दौर न‍श्री‍टी.‍के‍मनोि‍कुम र,‍सांयु‍‍त‍सधचि,‍प्रि सी‍ भ रतीय‍ क यय‍ मांत्र लय,‍ क ययक री‍ ननदेशक‍ एिां‍ मुख्‍य‍ क ययक री‍ अधिक री‍(सीईओ)‍थे।‍

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भारत प्रवास केन्‍दर् 24

वषय 2014-15 के दौरान शासी पररषद् की बैठकें िषय‍2014-15‍में‍आईसीएम‍की‍श सी‍पररषद्‍शुरू‍नहीां‍हुई।‍ह ल ांकक,‍आईसीएम‍4‍अ‍‍तूबर,‍2012‍को‍आयोजित‍अपनी‍चौथी‍बैठक‍में‍श सी‍पररषद्‍द्ि र ‍ददए‍गए‍ननदेशों‍को‍ननरांतर‍क य यजन्‍द‍ित‍करत ‍रह ।‍

वषय 2014-15 के दौरान आईसीएम द्वारा की गई

गततववचधर्ा ं

िषय‍ 2014-15‍ में‍ आईसीएम‍ ने‍ भ रत-ईयू‍ पररयोिन -।‍ और‍ भ रत‍ के‍ पूिोत्‍तर‍ र ज्‍यों‍ के‍सांभ वित‍ प्रि लसयों‍ हेतु‍ कौशल‍ विक स‍ पहल‍ क ‍ क य यन्‍द‍ियन‍ क यय‍ ि री‍ रख ।‍ इन‍पररयोिन ओां‍के‍अल ि ‍आईसीएम‍ने‍ननम्‍नललखखत‍मदों‍सांबांिी‍समयबद्ि‍ररपोटों‍को‍तैय र‍करके‍मांत्र लय‍की‍सह यत ‍की‍:

• स म जिक‍सुरक्ष ‍कर रों‍के‍प्रभ ि‍क ‍आकलन।

• भ रतीय‍समुद य‍कल्‍य ण‍कोष‍के‍क य यन्‍द‍ियन‍हेतु‍सांशोधित‍ररपोटों‍के‍इनपुट।

• प्रि सी‍क मग रों‍और‍प्रि सी‍घरेलू‍क मग रों‍के‍ललए‍म नक‍रोिग र‍सांविद ‍और‍देश‍विशषे‍रोिग र‍सांविद ‍विकलसत‍करन ।‍

• प्रि सी‍भ रतीय‍बीम ‍योिन ‍और‍मह त्‍म ‍ग ांिी‍प्रि सी‍सुरक्ष ‍योिन ‍क ‍अध्‍ययन‍–‍और‍सांशोिन‍की‍लसफ ररशें।‍

• प्रि लसयों‍के‍अधिक रों‍की‍सुरक्ष ‍और‍रोिग र‍सांविद ओां‍में‍प्र िि न‍:‍श्रलमक‍भेिने‍ि ले‍और‍श्रलमक‍प्र प्‍त‍करने‍ि ले‍देशों‍क ‍एक‍तुलन त्‍मक‍अध्‍ययन।‍

• कोलांबो‍प्रोसेस‍देशों‍में‍भती‍प्रथ ओां‍क ‍दस्‍त िेिीकरण।

• भ रत‍सरक र‍के‍उत्‍प्रि स‍ननयमों‍में‍सांशोिन।

• कोलांबो‍प्रोसेस‍देशों‍की‍सियशे्रष्‍ठ‍प्रथ ओां‍की‍पहच न‍की‍जिन्‍द‍हें‍प्रि सी‍भ रतीय‍क यय‍मांत्र लय‍के‍उत्‍प्रि स‍प्रबांिन‍वििेयक,‍2015‍के‍प्र रूप‍में‍सम विष्‍ट‍ककय ‍गय ।‍

• प्रि सी‍भ रतीय‍क यय‍मांत्र लय‍के‍कौशल‍विक स‍क ययक्रमों‍के‍ललए‍इनपटु‍के‍रूप‍में‍विदेशी‍रोिग र‍अिसरों‍सांबांिी‍श्रम‍ब ि र‍सूचन ‍प्रद न‍की।

• भती‍एिेंटो‍और‍विदेशी‍ननयो‍‍त ओां‍क ‍मूल्‍य ांकन‍सांबांिी‍सांकल्‍पन ‍नोट।‍

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• भती‍एिेंटो‍के‍ललए‍उत्‍तरद नयत्‍ि‍मैदर‍‍स‍बन ने‍सांबांिी‍सांकल्‍पन ‍नोट।

• ई-म इगे्रट‍ प्रण ली‍ हेतु‍ डशेबोडय‍ आउटपुट‍ की‍ पहच न‍ (प्रि सी‍ क मग रों‍ हेतु‍ प्रि सी‍भ रतीय‍क यय‍मांत्र लय‍क ‍ऑन‍ल इन‍पोटयल)‍

• एक‍व्‍य पक‍समस्‍य ‍ननि रण‍तांत्र‍विकलसत‍करने‍हेत‍ुएमओआईए‍को‍इनपुट‍प्रद न‍ककए।‍

फैलोसशप कार्यक्रम

िषय‍2015‍में‍आईसीएम‍के‍दो‍िररष्‍ठ‍सहचर‍थे‍जिनके‍न म‍सुश्री‍मेि ‍चतुयिेदी‍और‍डॉ.‍धगनु‍िच ररय ‍उमेन‍थ ।‍सुश्री‍चतुयिेदी‍को‍म्‍य म ांर‍में‍भ रतीय‍प्रि सी‍:‍उभरती‍प्रिजृत्‍तय ां‍एिां‍चनुौनतय ां‍सांबांिी‍अध्‍ययन‍क ‍क यय‍सौंप ‍गय ‍थ ‍और‍डॉ.‍िच ररय ‍को‍ख डी‍प्रि स,‍प्रेषण‍और‍ िमय‍ :‍ केरल‍के‍ईस ईयों‍में‍पररितयन‍ की‍लहर‍सांबांिी‍अध्‍ययन‍करन‍ेक ‍क यय‍सौंप ‍गय ‍थ ।‍

सम्मे्लन/ बैठकें क्जनमें आईसीएम ने भाग सलर्ा 1. भ रत‍प्रि स‍केन्‍द‍र‍ने‍23-24‍म चय,‍2015‍को‍मनील ,‍कफलीवपांस‍में‍आयोजित‍सांकट‍

पहल‍ ि ले‍ देशों‍ में‍ प्रि सी‍ (एमआईसीआईसी)‍ सांबांिी‍ पर मशी‍ बैठक–‍ दक्षक्षण‍ पूिय,‍दक्षक्षण‍और‍पूिय‍एलशय ‍क्षेत्रीय‍ि त यल प‍में‍भ ग‍ललय ।‍

एमआईसीआईसी‍की‍पर मशी‍बैठक‍में‍जिस‍भ रतीय‍प्रनतननधि‍मांडल‍ने‍भ ग‍ललय ‍थ ‍ आईसीएम‍ उसक ‍ अांग‍ थ ।‍ सांकट‍ पहल‍ ि ले‍ देशों‍ में‍ प्रि सी‍ िो‍ एक‍ सरक र‍द्ि र ‍च ललत‍प्रय स‍थ ‍जिसके‍सह-अध्‍यक्ष‍अमेररक ‍और‍कफलीवपांस‍थे,‍क ‍उद्देश्‍य‍उस‍समय‍प्रि लसयों‍की‍सुरक्ष ‍को‍बेहतर‍बन न ‍थ ‍िब‍देश‍जिसमें‍िे‍रहते,‍क यय‍करते,‍ अध्‍ययन‍ करते,‍ प रगमन,‍ य ‍ य त्र ‍ करते‍ हैं,‍ िह‍ कोई‍ सांघषय‍ य ‍ प्र कृनतक‍आपद ‍क ‍स मन ‍करत ‍है।‍िषय‍2014‍में‍शुरू‍की‍गई‍एक‍व्‍य पक‍और‍समेककत‍विच र-विमशय‍ प्रकक्रय ‍ के‍ म ध्‍यम‍ से‍ एमआईसीआईसी‍ पहल‍ ने‍ सांघषय‍ य ‍ प्र कृनतक‍आपद ‍ क ‍ स मन ‍ कर‍ रहे‍ देशों‍ में‍ रहने‍ ि ले‍ प्रि लसयों‍ की‍ सुरक्ष ‍ के‍ ददश ननदेश‍तैय र‍ककए।‍

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2015-16

िषय‍2015-16‍के‍दौर न‍श सी‍पररषद‍के‍गठन,‍इसकी‍बैठकें ‍और‍आईसीएम‍द्ि र ‍चल ई‍गई‍गनतविधियों‍के‍ब्‍यौरे‍ननम्‍न नुस र‍हैं:-‍

वषय 2015-16 की शासी पररषद्

अध्र््क्ष

सचिव, प्रवासी भारतीर् कार्य मंत्रालर् (एमओआईए)

श्री अतनल कुमार अग्रवाल

सदस् य : 1. सधचि,‍आधथयक‍क यय‍विभ ग‍य ‍उनके‍प्रनतननधि

2. सधचि,‍विदेश‍मांत्र लय‍य ‍उनके‍प्रनतननधि

3. सधचि,‍सूक्ष्‍म,‍लघू‍एिां‍मध्‍यम‍उद्यलमत ‍मांत्र लय‍य ‍उनके‍प्रनतननधि

4. सधचि,‍श्रम‍एिां‍रोिग र‍मांत्र लय‍य ‍उनके‍प्रनतननधि

5. उत्‍प्रि सी‍ भेिने‍ ि ले‍ प्रमुख‍ र ज्‍यों‍ में‍ से‍ प्रत्‍येक‍ दो‍ िषों‍ के‍ चक्र नुक्रम‍ से‍ र ज्‍य‍सरक रों‍के‍तीन‍सधचि।‍िषय‍2015-16‍के‍दौर न‍आांध्र‍प्रदेश,‍र िस्‍थ न,‍और‍उत्‍तर‍प्रदेश‍र ज्‍यों‍के‍मुख्‍य‍सधचि,‍य ‍उनके‍प्रनतननधि‍श सी‍पररषद‍में‍थे।

6. सरक र‍द्ि र ‍दो‍िषय‍की‍अिधि‍के‍ललए‍च र‍विशषेज्ञों‍को‍न लमत‍ककय ‍ि त ‍थ ।‍िषय‍2015-16‍के‍दौर न‍श्री‍बी.‍आर.‍शटे्टी,‍श्री‍श्‍य म‍प ण्‍ड,े‍श्री‍प्रदीप‍कुम र‍सरम ह‍और‍श्री‍ख ण्‍डरे ि‍ख ण्‍ड‍श सी‍पररषद‍में‍थे।

7. क ययक री‍ननदेशक‍जिसकी‍ननयुज‍‍त‍सरक र‍द्ि र ‍की‍ि ती‍है‍सदस्‍य‍सधचि‍के‍रूप‍में‍क यय‍करत ‍है।‍िषय‍2015-16‍के‍दौर न‍श्रीमती‍ि णी‍र ि,‍सांयु‍‍त‍सधचि,‍प्रि सी‍भ रतीय‍क यय‍मांत्र लय,‍क ययक री‍ननदेशक‍एिां‍मुख्‍य‍क ययक री‍अधिक री‍(सीईओ)‍थीां।

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भारत प्रवास केन्‍दर् 27

वषय 2015-16 के दौरान शासी पररषद् की बैठकें िषय‍2015-16‍के‍दौर न,‍श सी‍पररषद्‍की‍प ांचिी‍बैठक‍क ‍आयोिन‍ददन ांक‍22.05.2015‍को‍और‍छठी‍बैठक‍क ‍आयोिन‍ददन ांक‍04.12.2015‍को‍ककय ‍गय ‍थ ।‍

शासी पररषद् की पांिवी बठैक की ववशषेताएं तनम्न्सलखखत हैं:-

श सी‍पररषद्‍ने‍प ांचिी‍बैठक‍के‍दौर न‍ननम्‍नललखखत‍की‍लसफ ररश‍की‍: • िैजश्‍िक‍श्रम‍ब ि र‍प्रिजृत्‍तयों‍क ‍सिेक्षण‍जिसमें‍प्रि सी‍भ रतीय‍क यय‍मांत्र लय‍द्ि र ‍

उठ ए‍ि ने‍ि ले‍ देश‍ विशषे‍मुद्दों‍की‍पहच न‍करने‍ के‍ ललए‍प्रि सी‍भ रतीय‍क यय‍मांत्र लय‍द्ि र ‍अब‍तक‍हस्‍त क्षर‍ककए‍गए‍छ:‍श्रम‍समझौत ‍ज्ञ पनों‍क ‍अध्‍ययन‍भी‍श लमल‍हैं।‍

• प्रस्‍थ न-पूिय‍ अलभमुखीकरण‍ एिां‍ प्रलशक्षण‍ (पीडीओटी)‍ सांबांिी‍ व्‍य पक‍ मैनुअल‍ तैय र‍करने‍के‍ललए‍अांतर यष्‍रीय‍प्रि स‍सांगठन‍के‍स थ‍सहयोग।

• आईओएम,‍ आईएलओ‍ और‍ यूरोपीय‍ आयोग‍ िैसे‍ अांतर यष्‍रीय‍ सांगठनों‍ के‍ स थ‍स झदे ररयों‍को‍बढ न ।

• उपरो‍‍त‍ के‍ अल ि ,‍ श सी‍ पररषद्‍ में‍ भ रत-ईयू‍ ।।‍ पररयोिन ‍ के‍ अांतगयत‍ननम्‍नललखखत‍विषयों‍पर‍अध्‍ययन‍करने‍की‍लसफ ररश‍भी‍की:‍‍

o िनसांख्‍य ‍के‍बूढ ‍होने‍और‍उत्‍प्रि सी‍क मग रों‍की‍आिश्‍यकत ‍के‍सांदभय‍में‍भ रत‍से‍ईयू‍के‍ललए‍उत्‍प्रि स।

o ईयू‍ को‍ ि ने‍ ि ले‍ भ रतीय‍ उत्‍प्रि लसयों‍ के‍ सांबांि‍ में‍ भ ष यी‍ कौशल‍ और‍चनुौनतय ां।‍

o भ रत‍से‍ईयू‍और‍दक्षक्षण‍अमररक ‍ि ने‍ि ले‍सांभ वित‍उत्‍प्रि लसयों‍के‍ललए‍कौशलों‍और‍योग्‍यत ओां‍क ‍सांरेखण‍करने‍की‍आिश्‍यकत ।

o भ रत‍ईयू‍गललय रे‍में‍नसों‍क ‍प्रि स‍सांबांिी‍अध्‍ययन।

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भारत प्रवास केन्‍दर् 28

शासी पररषद् की छठी बठैक की ववशषेताएं तनम्न्सलखखत हैं:-

शासी पररषद् न ेअपनी छठी बैठक में अन्तय मुद्दों के बीच में र्नम्तनमलणखत पर विचार ककया :

• घरेलू‍ क मग रों‍ क ‍ प्रि स‍ सांबांिी‍ यूएन‍ विलमन‍ के‍ स थ‍ सहयोग‍ और‍ उसके‍ ललए‍कौशल‍विक स‍मॉड्यूल‍तैय र‍करन ।‍

• आांध्र‍प्रदेश‍और‍तेलग ांन ‍से‍िीसीसी‍देशों‍में‍ि ने‍ि ले‍मदहल ‍सेि ‍क मग रों‍सांबांिी‍प्रि स‍क ‍अध्‍ययन।‍

वषय 2015-16 के दौरान आईसीएम द्वारा की गई

गततववचधर्ा ं

मजदरू प्रवाससर्ों संबंधी अंतरायष्‍टर्ीर् सम्मे्लन और भारत के सलए उनकी सुसंगतता से संबंचधत अध्र््र्न इस‍ अिधि‍ के‍ दौर न,‍ आईसीएम‍ ने‍ ‘मिदरू‍ प्रि लसयों‍ और‍ भ रत‍ के‍ ललए‍ उनकी‍ सुसांगत ‍सांबांिी‍अांतर यष्‍रीय‍सम्‍मेलनों‍क ‍अध्‍ययन’‍ककय ।‍इस‍अध्‍ययन‍और‍विश्‍लेषण‍में‍सम्‍मेलनों‍िैसे‍रोिग र‍हेत‍ुप्रि स‍(सांशोधित)‍1949‍और‍इसके‍अनुबांिों‍सांबांिी‍सम्‍मेलन‍सांख्‍य ‍97,‍सम्‍मलेन‍ सांख्‍य ‍ 143‍ -‍ प्रि सी‍ क मग र‍ (प्रनतपनूतय‍ प्र िि न)‍ 1975‍ और‍ सम्‍मेलन‍ सांख्‍य ‍181‍ननिी‍रोिग र‍एिेंलसय ां‍1997‍के‍विलभन्‍द‍न‍खांडों‍को‍समझने‍क ‍प्रय स‍ककय ‍गय ‍है।‍

कफलीवपसं द्वारा प्रवास प्रबंधन की सवयशे्रष्‍टठ् रीततर्ों संबंधी अध्र््र्न

उत्‍प्रि लसयों‍ के‍ ललए‍ प्रमुख‍ मूल‍ देश‍ के‍ रूप‍ में‍ कफलीवपांस‍ ने‍ अपने‍ उत्‍प्रि लसयों‍ के‍कल्‍य ण‍और‍सुरक्ष ‍हेतु‍कई‍उप यों‍की‍शुरूआत‍की‍हैं।‍आईसीएम‍ने‍प्रि सी‍क मग रों‍को‍क य यजन्‍द‍ित‍करने‍ि ले‍ओमनीबस‍ननयम‍और‍विननयम‍तथ ‍ओिरसीि‍कफलीवपनोस‍अधिननयम,‍ 1995‍ ररपजब्‍लक‍ अधिननयम‍ सांख्‍य ‍ 10022‍ द्ि र ‍ यथ सांशोधित,‍ क ‍अध्‍ययन‍ ककय ।‍ आईसीएम‍ और‍ एमओआईए‍ के‍ अधिक ररयों‍ के‍ एक‍ प्रनतननधिमांडल‍ न‍ेसांकट‍ पहल‍ ि ले‍ देशों‍ में‍ प्रि सी‍ (एमआईसीआईसी)‍ सांबांिी‍ पर मशी‍ बैठक–‍ दक्षक्षण‍ पूिय,‍दक्षक्षण‍ और‍ पूिय‍ एलशय ‍ क्षेत्रीय‍ ि त यल प‍ जिसक ‍ आयोिन‍ म चय,‍ 2015‍ में‍ मनील ,‍कफलीवपांस‍में‍ककय ‍गय ‍थ ‍में‍भ ग‍ललय ‍और‍प्रि स‍प्रबांिन‍के‍कफलीवपनो‍मॉडल‍क ‍अध्‍ययन‍ करने‍ क ‍ अिसर‍ प्र प्‍त‍ ककय ।‍ इस‍ भ गीद री‍ की‍ अनुिती‍ क रयि ई‍ के‍ रूप‍ में‍

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भारत प्रवास केन्‍दर् 29

एमओआईए‍और‍आईसीएम‍दोनों‍के‍प्रनतननधिमांडल‍ने‍प्रि स‍प्रबांिन‍से‍सांबांधित‍सियशे्रष्‍ठ‍रीनतयों‍ के‍ रूप‍ में‍ प्रि सी‍ भ रतीय‍ क यय‍ मांत्र लय‍ को‍ बहुत‍ सी‍ लसफ ररशें‍ कीां‍ िैसे‍ श्रम‍ब ि र‍सूचन ,‍रोिग र‍पूिय‍अलभमुखीकरण‍सेमीन र‍(पीईओएस)‍क ‍प्रच र-प्रस र,‍अननि यय‍प्रस्‍थ न-पूिय‍ अलभमुखीकरण‍ सेमीन र‍ (पीडीओएस),‍ कफलीवपांस‍ ओिरसीि‍ लेबर‍ क य यलयों‍की‍भूलमक ‍(पीओएलओ)‍ि पसी‍और‍पुन:‍एकीकरण‍क ययक्रम,‍सांकट‍ि ली‍पररजस्‍थनतयों‍में‍च र‍स्‍तरीय‍सतकय त ‍प्रण ली,‍ल इसेंस‍प्र प्‍त‍एिेंटों‍के‍लशक्ष ‍क ययक्रम‍को‍ि री‍रखन ,‍क मग रों‍को‍अयोग्‍य‍लसद्ि‍करन ,‍अिैि‍भती‍को‍रोकने‍के‍उप य‍आदद।‍

ववदेशों में भारतीर् नागररकों की मृत्रु्् होने/ घार्ल होने के संबंध क्षततपूततय दावों को पूरा करन ेहेतु प्रकक्रर्ाओं का संकलन आईसीएम‍ने‍विदेशों‍में‍भ रतीय‍न गररकों‍की‍मतृ्‍यु‍होने/‍घ यल‍होने‍से‍सांबांधित‍द िों‍की‍क्षनतपूनत य‍ के‍ मुद्दे‍ की‍ ि ांच‍ की‍ और‍ ऐसे‍ द िों‍ को‍ दिय‍ करने‍ हेतु‍ प्रकक्रय ओां‍ क ‍ सांकलन‍ककय ।‍इस‍पहल‍न‍ेइस‍विषय‍पर‍सूचन ‍क ‍प्रच र-प्रस र‍करने‍में‍एमओआईए‍की‍सह यत ‍की।‍इसक ‍स ांर श‍16‍देशों‍को‍किर‍करत ‍है।‍भ रत‍और‍रोिग र‍के‍देश‍दोनों‍में‍सांपकय ‍क ‍पहल ‍बबांद‍ूसांबांिी‍सूचन ‍प्रद न‍करने‍के‍अल ि ‍यह‍स ांर श‍मतृ्‍यु‍क्षनतपूनत य‍द िों‍को‍दिय‍करने‍के‍ललए‍अपेक्षक्षत‍दस्‍त िेिों‍को‍भी‍सूचीबद्ि‍करत ‍है‍िो‍स्‍थ नीय‍क नूनों‍के‍आि र‍पर‍ अलग-अलग‍ देशों‍ में‍ लभन्‍द‍न-लभन्‍द‍न‍ हो‍ सकते‍ हैं।‍ स ांर श‍ बची‍ हुई‍ शेष‍ र लश‍ को‍ मतृक‍व्‍यज‍‍त‍के‍बैंक‍अक उांट‍से‍न लमत‍व्‍यज‍‍त‍के‍बैंक‍अक उांट‍में‍हस्‍त ांतररत‍करने‍और‍उसकी‍चीिों‍और‍प धथयि‍शरीर‍को‍ि वपस‍भेिने‍के‍तरीकों‍के‍ब रे‍में‍भी‍सूचन ‍प्रद न‍करत ‍है।

उत्प््रवास प्रबंधन ववधेर्क के प्रारूप संबंधी इन-हाउस अध्र््र्न

इस‍ िषय‍ के‍ दौर न‍ आईसीएम‍ ने‍ कफलीवपांस,‍ श्रीलांक ,‍ ब ांग्‍ल देश‍ और‍ नेप ल‍ के‍ उत्‍प्रि स‍अधिननयम‍और‍कफलीवपांस‍में‍प्रि स‍प्रबांिन‍की‍प्रकक्रय ‍क ‍परीक्षण‍ककय ‍और‍एमओआईए‍को‍ विलभन्‍द‍न‍ पहलुओां‍ पर‍ इनपुट‍ प्रद न‍ ककए‍ जिन्‍द‍हें‍ मांत्र लय‍ द्ि र ‍ बन ए‍ ि ‍ रहे‍ उत्‍प्रि स‍प्रबांिन‍वििेयक‍के‍प्र रूप‍में‍श लमल‍ककय ‍ि ‍सकत ‍थ ।‍

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भारत प्रवास केन्‍दर् 30

भारतीर् समशनों से प्राप्त् आईसीडब्‍््रू््एफ के डाटा का अध्र््र्न

भ रतीय‍समुद य‍कल्‍य ण‍कोष‍(आईसीडब्‍ल्‍यूएफ)‍के‍ड ट ‍क ‍अध्‍ययन‍और‍विश्‍लेषण‍करन‍ेके‍ ब द,‍ आईसीएम‍ ने‍ उन‍ तरीकों‍ की‍ खोि‍ की‍ जिनसे‍ विदेश‍ में‍ भ रतीय‍ क मग रों‍ और‍व्‍यधथत‍भ रतीय‍न गररकों‍के‍कल्‍य ण‍और‍सुरक्ष ‍सुननजश्‍चत‍करने‍के‍ललए‍कोष‍क ‍बेहतर‍उपयोग‍ककय ‍ि ‍सके।‍

ई-माइगे्रट के प्रर्ोगकतायओं के सलए एक डशेबोडय ववकससत करना

िषय‍2015-16‍के‍दौर न‍आईसीएम‍ने‍ ई-म इगे्रट‍िो‍मांत्र लय‍क ‍एक‍ ऑनल इन‍पोटयल‍ है‍और‍ ईसीआर‍ देशों‍ में‍ रोिग र‍ हेतु‍ उत्‍प्रि स‍ स्‍िीकृनतय ां‍ प्रस्‍तुत‍ करने‍ और‍ उन‍ पर‍ प्रकक्रय ‍करने‍में‍सक्षम‍बन त ‍है,‍के‍ललए‍कुछ‍डशेबोडय‍तैय र‍ककए।‍एमओआईए‍में‍ई‍म इगे्रट‍टीम‍के‍सहयोग‍से‍आईसीएम‍ने‍प्रयोगकत यओां‍की‍विलभन्‍द‍न‍शे्रखणयों‍के‍ललए‍डशेबोडय‍तैय र‍ककए‍िो‍ भ रतीय‍ प्रि सी‍ क मग रों‍ के‍ रोिग र‍ के‍ क्षेत्र,‍ गन्‍द‍तव्‍य‍ देशों‍ में‍ म ांग‍ ि ले‍ विशषे‍ िॉब‍प्रोफ इलों‍आदद‍िैसे‍विषयों‍पर‍उपयोगकत यओां‍(मांत्र लय,‍भ रतीय‍लमशनों,‍विदेशी‍ननयो‍‍त ‍और‍भती‍एिेंट)‍को‍रीयल‍ट इम‍ड ट ‍प्रद न‍करत ‍है।‍

वषय 2015-16 में सहर्ोग

प्रस्थ्ान-पूवय असभमुखीकरण (पीडीओ) के संबधं में आईओएम के साथ सहर्ोग

आईसीएम‍ ने‍ ‘’प्रस्‍थ न-पूिय‍ अलभमुखीकरण‍ (पीडीओ)‍ से‍ सांबांधित‍ म स्‍टर‍ प्रलशक्षकों‍ क ‍प्रलशक्षण‍और‍पीडीओ‍से‍सांबांधित‍केन्‍द‍रीय‍और‍र ज्‍य‍सरक री‍अधिक ररयों‍क ‍अलभमुखीकरण‍शीषयक‍पररयोिन ‍पर‍अांतर यष्‍रीय‍प्रि स‍सांगठन‍(आईओएम)‍के‍स थ‍ि त यएां‍की।‍

• प्रलशक्षकों‍ क ‍ प्रलशक्षण‍ मैनुअल‍ और‍ प्रस्‍थ न-पूिय‍ अलभमुखीकरण‍ सांबांिी‍ स्‍त्रोत‍पुस्‍तक‍तैय र‍की।‍

• र ष्‍रीय‍कौशल‍विक स‍ननगम‍(एनएसडीसी)‍के‍म न्‍द‍यत ‍प्र प्‍त‍प्रलशक्षण‍सांस्‍थ नों‍के‍120‍म स्‍टर‍प्रलशक्षकों‍क ‍प्रलशक्षण‍और‍6‍र ज्‍य‍सरक रों‍के‍180‍अधिक ररयों‍क ‍प्रलशक्षण।‍‍‍

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भारत प्रवास केन्‍दर् 31

• केजन्‍द‍रय‍ और‍ र ज्‍य‍ सरक र‍ दोनों‍ के‍ कमयच ररयों‍ हेत‍ु प्रि स‍ प्रबांिन‍ सांबांिी‍ि गरूकत ‍क ययश ल ओां‍क ‍आयोिन।

घरेलू सेवा कामगारों (डीएसडब्‍््रू््) के संबंध में रू्एन ववसमन के साथ सहर्ोग

भ रत‍की‍मदहल ‍घरेलू‍क मग रों‍से‍सांबांधित‍मुद्दों‍पर‍सांयु‍‍त‍रूप‍से‍क म‍करने‍के‍ललए‍आईसीएम‍ ने‍ यूएन‍ विलमन‍ के‍ स थ‍ क यय‍ ककय ।‍ प्रस्‍त वित‍ सहयोग‍ को‍ आांध्रप्रदेश‍ और‍तेलग ांन ‍र ज्‍यों‍में‍क य यजन्‍द‍ित‍ककय ‍ि एग ‍िो‍मदहल ‍घरेलू‍सेि ‍क मग रों‍को‍भेिने‍ के‍ललए‍ि ने‍ि ते‍हैं‍और‍यह‍ननम्‍नललखखत‍पर‍केजन्‍द‍रत‍थ ‍:

• डीएसडब्‍ल्‍यू‍के‍सुरक्षक्षत‍और‍िैि‍प्रि स‍सांबांिी‍दो‍विडडयो‍और‍दो‍ऑडडयो‍तैय र‍ककए‍और‍उसक ‍प्रच र-प्रस र‍ककय ।

• प्रलशक्षकों‍ क ‍ प्रलशक्षण‍ क ययक्रम‍ और‍ ललांग‍ और‍ सुरक्षक्षत‍ प्रि स‍ सांबांिी‍ दो‍ ररफे्शर‍प्रलशक्षणों‍क ‍आयोिन‍ककय ‍त कक‍दोनों‍र ज्‍यों‍में‍पीडीओटी‍क ‍आयोिन‍करने‍के‍ललए‍प्रलशक्षकों‍क ‍पूल‍तैय र‍ककय ‍ि ‍सके।‍

• विदेश‍में‍सुरक्षक्षत‍और‍िैि‍प्रि स‍सांबांिी‍ि गरूकत ‍बढ ने‍के‍ललए‍िमीनी‍स्‍तर‍पर‍इच्‍छुक‍ प्रि सी‍ डीएसडब्‍ल्‍यू‍ मदहल ओां‍ तक‍ पहुांचने‍ के‍ ललए‍ स म जिक‍ ि गरूकत ‍अलभय न।

अंतरायष्‍टर्ीर् श्रम संगठन (आईएलओ) के साथ सहर्ोग

िषय‍ 2015-16‍ के‍ दौर न,‍ प्रस्‍त वित‍ उत्‍प्रि स‍ प्रबांिन‍ वििेयक,‍ म नक‍ रोिग र‍ सांविद ,‍न्‍द‍यूनतम‍ रेफरल‍ मिदरूी,‍ प्रि सी‍ क मग र‍ स्‍त्रोत‍ केन्‍द‍र‍ (ओडब्‍ल्‍यूआरसी)‍ और‍ प्रि सी‍ स्‍त्रोत‍केन्‍द‍र‍(एमआरसी)‍क ‍सांयु‍‍त‍रूप‍से‍परीक्षण‍करने‍के‍ललए‍आईएलओ‍के‍स थ‍ि त यएां‍की।‍

भारत की घरेलू नौकरानी कामगारों संबंधी अध्र््र्न का कार्ायन्‍दव्र्न: ‘भती प्रथाओं

एवं आंध्र प्रदेश और तलंेगाना से उनके प्रवास के कारण संबंधी अध्र््र्न’

इस‍ िषय‍ के‍ दौर न‍ भ रत‍ की‍ घरेलू‍ नौकर नी‍ क मग रों‍ सांबांिी‍ विशषे‍ अध्‍ययन‍ करने‍ क ‍प्रस्‍त ि‍ककय ‍गय ‍जिसमें‍आांध्रप्रदेश‍और‍तेलांग न ‍के‍प ांच‍जिले‍न मश:‍पजश्‍चम‍गोद िरी,‍पूिय‍ गोद िरी,‍ कड प ‍ (आांध्रप्रदेश‍ में)‍ और‍ ननि म ब द‍ एिां‍ करीमनगर‍ जिले‍ (तेलांग न ‍ में)‍

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भारत प्रवास केन्‍दर् 32

जिसमें‍ हैदर ब द‍ शहर‍ भी‍ श लमल‍ है,‍ में‍ क्षेत्रीय‍ दौरे‍ ककए‍ ि एांगे‍ और‍ उनके‍ प्रि स‍ के‍स म जिक‍आधथयक‍क रणों‍की‍ि ांच‍की‍ि एगी।‍इस‍अध्‍ययन‍से,‍कौशल‍उन्‍द‍नयन,‍प्रस्‍थ न-पूिय‍अलभमुखीकरण,‍देश‍विशषे‍मैनुअल,‍ि गरूकत ‍एिां‍मीडडय ‍अलभय न‍और‍िमीनी‍स्‍तर‍के‍द ि ि रकों‍के‍स थ‍क यय‍करन ,‍के‍सांबांि‍में‍अपेक्षक्षत‍उप यों,‍क ययक्रमों‍की‍पहच न‍की‍ि एगी।‍

भारत के पूवोत्त्र राज्र््ों से संभाववत प्रवाससर्ों के सलए कौशल ववकास पहल

भ रत‍ के‍ पूिोत्‍तर‍ र ज्‍यों‍ के‍ सांभ वित‍ प्रि लसयों‍ हेतु‍ कौशल‍ विक स‍ सांबांिी‍ प्र योधगक‍पररयोिन ‍क ‍क य यन्‍द‍ियन‍करने‍के‍ललए‍िषय‍2011-12‍में‍आईसीएम‍ने‍अांतर यष्‍रीय‍प्रि स‍सांगठन‍ (आईओएम)‍ के‍ स थ‍ सहयोग‍ ककय ‍ थ ।‍ ह ल ांकक,‍ सांच लन त्‍मक‍ और‍ क य यन्‍द‍ियन‍कदठन ईयों‍ के‍ क रण‍ िषय‍ 2015‍ में‍ इस‍ पररयोिन ‍ को‍ समय‍ से‍ पहले‍ ही‍ बांद‍ कर‍ ददय ‍गय ।‍

भारत – ईरू् प्रवास और साझदेारी में साक्ष्र्् आधाररत प्रबंधन ववकससत करना

आईसीएम‍ने‍भ रत-ईयू‍पररयोिन -।।‍क ‍क य यन्‍द‍ियन‍करने‍के‍ललए‍यूरोपीय‍आयोग‍के‍स थ‍सहयोग‍ ककय ।‍ इसके‍ अल ि ‍ आईसीएम‍ ने‍ इस‍ सहयोग‍ क ‍ क य यन्‍द‍ियन‍ करने‍ के‍ ललए‍यूरोपीय‍ विश्‍िविद्य लय‍ सांस्‍थ न‍ के‍ स थ‍ स झदे री‍ की।‍ क य यन्‍द‍ियन‍ हेतु‍ पहच ने‍ गये‍प्र थलमक‍क यों‍में‍श लमल‍हैं:

• 65‍अनुसांि न‍दस्‍त िेि।

• दो‍अांतर यष्‍रीय‍सम्‍मेलन।

• 9‍क्षमत ‍ननम यण‍क ययश ल एां।

• सुरक्षक्षत‍और‍िैि‍प्रि स‍सांबांिी‍दो‍ि गरूकत ‍अलभय न।

• प्रि स‍प्रबांिन‍और‍प्रि स‍एिां‍विक स‍सांबांिी‍दो‍टीओटी‍मॉड्यूल।

• प्रलशक्षकों‍के‍दो‍प्रलशक्षण।

• प्रस र‍सांबांिी‍सूचन ‍हेतु‍िेब‍पोटयल।

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भारत प्रवास केन्‍दर् 33

वररष्‍टठ् फैलोसशप कार्यक्रम

िषय‍2015-16‍में,‍दो‍िररष्‍ठ‍सहचरों‍ने‍अपनी‍ररपोटय‍प्रस्‍तुत‍कीां‍जिसक ‍उल्‍लेख‍नीच‍ेककय ‍गय ‍है‍:

1. म य ांम र में भ रिीय प्रि सी - उभरिी प्रितृ्‍ िय ां एिां चनुौतिय ां : यह‍ अध्‍ययन‍आईसीएम‍ में‍िररष्‍ठ‍फैलोलशप‍क ययक्रम‍के‍ अांतगयत‍सुश्री‍मेि ‍चतुिेदी‍द्ि र ‍ ककय ‍गय ‍ थ ।‍ म्‍य म ांर‍ में‍ देश‍ की‍ कुल‍ िनसांख्‍य ‍ के‍ लगभग‍ 4‍ प्रनतशत‍लोग‍ भ रतीय‍मूल‍के‍हैं।‍1989‍से‍उस‍देश‍में‍विश्‍िसनीय‍िनगणन ‍न‍ककए‍ि ने‍के‍क रण‍यह‍सांख्‍य ‍और‍भी‍अधिक‍हो‍सकती‍है।‍लसांघिी‍सलमनत‍ने‍िषय‍2004‍में‍यह‍अनुम न‍लग य ‍थ ‍कक‍म्‍य ांम र‍में‍लगभग‍2.9‍लमललयन‍पीआईओ‍हैं‍जिनमें‍से‍2,500,000‍भ रतीय‍ मूल‍ के‍ व्‍यज‍‍त‍ हैं,‍ 2000‍ भ रतीय‍ न गररक‍ और‍ 400,000‍ र ज्‍य‍ विहीन‍व्‍यज‍‍त‍हैं।‍इस‍ररपोटय‍में‍इस‍ब त‍क ‍भी‍व्‍य पक‍रूप‍से‍िणयन‍ककय ‍गय ‍है‍कक‍र ष्‍रि द‍की‍लहर‍क ‍अनुसरण‍करते‍हुए‍भ रतीय‍समुद य‍को‍बहुत‍ही‍गरीब‍और‍सांिेदनशील‍बन ‍ददय ‍गय ‍है।‍

सुश्री‍ मेि ‍ चतुिेदी‍ द्ि र ‍ ककय ‍ गय ‍ यह‍ अध्‍ययन‍ मुख्‍य‍ रूप‍ से‍ प्र थलमक‍ और‍म ध्‍यलमक‍स्‍त्रोतों‍पर‍आि ररत‍गुण त्‍मक‍अनुसांि न‍है‍और‍1800‍ईंसिी‍के‍ब द‍से‍उनके‍मूल‍देश‍क ‍पत ‍लग ते‍हुए‍म्‍य ांम र‍में‍भ रतीय‍समुद य‍की‍ितयम न‍जस्‍थनतयों‍क ‍अनुम न‍लग त ‍है।‍एक‍क्षेत्रीय‍दौरे‍के‍दौर न‍भ रतीय‍समुद य‍की‍अधिक‍सांख्‍य ‍ि ले‍ क्षेत्रों‍ क ‍ दौर ‍ ककय ‍ गय ‍ और‍ कुछ‍ व्‍यज‍‍तगत‍ स क्ष त्‍क र‍ ककए‍ गए‍ जिन्‍द‍हें‍प्र थलमक‍ अनुसांि न‍ में‍ भी‍ प्रयोग‍ ककय ‍ गय ।‍ म्‍य ांम र‍ जस्‍थत‍ भ रतीय‍ दतू ि स‍ के‍क लमयकों‍ के‍ स थ‍ ब तचीत‍ भी‍ की‍ गई‍ और‍ िह ां‍ कुछ‍ ड ट ‍ एकबत्रत‍ ककय ‍ गय ‍जिसक ‍प्रयोग‍इस‍अध्‍ययन‍में‍ककय ‍गय ‍है।‍

यह‍अध्‍ययन‍म्‍य ांम र‍में‍भ रतीयों‍के‍प्रि स‍की‍मौिूद ‍समझ‍और‍िे‍पररजस्‍थनतय ां‍जिनके‍क रण‍भ रतीय‍मूल‍के‍व्‍यज‍‍त‍िहीां‍रह‍गए‍य ‍भ रत‍ि पस‍लौट‍आए‍के‍बीच‍क ‍अांतर‍भरने;‍इसी‍प्रक र‍के‍प्रि स‍में‍भविष्‍य‍की‍सांभ वित‍प्रिजृत्‍तयों‍के‍ब रे‍में‍नीनत‍ननम यत ओां,‍लशक्ष विदों‍और‍अन्‍द‍य‍द ि ि रकों‍के‍बीच‍ि द-विि द‍शुरू‍करन‍ेऔर‍म्‍य ांम र‍में‍मौिूद ‍पीआईओ‍द्ि र ‍स मन ‍की‍ि ने‍ि ली‍समस्‍य ओां‍क ‍ननद न‍

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भारत प्रवास केन्‍दर् 34

करने;‍मौिूद ‍ड यस्‍पोर ‍नीनतयों‍के‍ननदहत थों‍और‍दीघयक लीन‍सांभ िन ओां‍के‍विस्‍त र‍के‍म ध्‍यम‍से‍प्र सांधगक‍ि त िरण‍को‍पररिनतयत‍करने‍की‍सांभ िन ‍के‍ब रे‍में,‍नीनत‍ननम यत ओां‍को‍सूधचत‍करने‍क ‍प्रय स‍करत ‍है।‍

2. ख डी में प्रि स, स म त्िक प्रेर्ण और िमष : केरल के ईस ईयों में पररििषन की लहर

यह‍अध्‍ययन‍आईसीएम‍में‍िररष्‍ठ‍फैलोलशप‍क ययक्रम‍के‍अांतगयत‍डॉ.‍धगनु‍िच ररय ‍उमेन‍द्ि र ‍ककय ‍गय ‍थ ।‍यह‍अध्‍ययन‍इस‍ब त‍क ‍विस्‍ततृ‍रूप‍से‍परीक्षण‍करत ‍है‍ कक‍ ककस‍ प्रक र‍ केरल‍ विलभन्‍द‍न‍ प्रक र‍ के‍ आधथयक‍ और‍ स म जिक‍ बदल िों‍ की‍श्रृांखल ‍ क ‍ स क्षी‍ बन ।‍ जिसमें‍ बड‍े स्‍तर‍ पर‍ उत्‍प्रि स,‍ विशषेत:‍ ख डी‍ देशों‍ में,‍ के‍स थ‍मनी‍ऑडयर‍पर‍आधश्रत‍अथयव्‍यिस्‍थ ‍भी‍श लमल‍हैं।‍ख डी‍देशों‍में‍प्रि लसयों‍की‍अांतर यष्‍रीय‍ प्रकृनत‍ ने‍ केरल‍ में‍ शे्रणी‍ के‍ ढ ांच,े‍ स म जिक‍ अनुक्रम,‍ पूि ‍ करने‍ की‍पद्िनतयों,‍ प ररि ररक‍ ढ ांच‍े और‍ इन‍ सबसे‍ उपर‍ िमय‍ और‍ ि लमयकत ‍ को‍ बहुत‍प्रभ वित‍ ककय ‍ है।‍ यद्यवप,‍ विद्ि नों‍ द्ि र ‍ पहले‍ ककए‍ गए‍ अध्‍ययनों‍ में‍ केरल‍ में‍प्रि स‍ और‍ प्रेषणों‍ के‍ आधथयक‍ पररण मों‍ क ‍ परीक्षण‍ तो‍ ककय ‍ है‍ लेककन‍ प्रि सी‍आदोलनों‍और‍प्रेषणों‍न‍ेककस‍प्रक र‍केरल‍में‍िमय‍और‍ि लमयक‍प्रथ ओां‍को‍प्रभ वित‍ककय ‍ जिसके‍ पररण मस्‍िरूप‍ सम ि‍ में‍ बदल ि‍ हुआ,‍ इस‍ ब त‍ की‍ खोि‍ करने‍ की‍अब‍ तक‍ कोलशश‍ नहीां‍ की‍ गई‍ थी।‍ िररष्‍ठ‍ सहचर‍ द्ि र ‍ ककय ‍ गय ‍ अध्‍ययन‍ यह‍दश यत ‍है‍कक‍प्रेषणों‍के‍प्रि ह‍ने‍एक‍ओर‍ककस‍प्रक र‍केरल‍में‍धगरि घरों/‍मजस्‍िदों/‍मांददरों‍और‍ि लमयक‍स्‍थ पन ओां‍में‍बड‍ेननिेशों,‍जिन्‍द‍हें‍बड‍ेरूप‍में‍प्रि लसयों‍और‍ख डी‍आि ररत‍ एसोलसएशनों‍ द्ि र ‍ वित्‍त‍ पोवषत‍ ककय ‍ गय ;‍ और‍ दसूरी‍ ओर‍ नई‍ और‍ददख िटी‍ि लमयक‍प्रथ ओां,‍लसद्ि ांतों‍और‍रीनत-ररि िों,‍के‍प्रस र‍में‍योगद न‍ददय ।‍

इस‍अध्‍ययन‍ने‍इन‍व्‍य पक‍प्रश्‍नों‍की‍ि ांच‍की‍:‍गन्‍द‍तव्‍य‍देश‍(ख डी‍देश)‍में‍रहन‍ेि ले‍ईस ई‍प्रि लसयों‍क ‍पुन:‍अलभमुखीकरण‍और‍घर‍पर‍रह‍गए‍(केरल‍में)‍ईस ईयों‍में‍आई‍नयी‍सांपन्‍द‍नत ,‍उनके‍िीिन‍और‍प्रथ ओां‍में‍‍‍य ‍कोई‍बदल ि‍ल ती‍है।‍यह‍दस्‍त िेि‍केरल‍के‍ईस ईयों‍के‍स म जिक‍पररितयन‍से ‍ ‘प्रेररत‍प्रेषणों’‍पर‍केजन्‍द‍रत‍है‍और‍ इसके‍ अल ि ‍ इस‍ ब त‍ की‍ खोि‍ करत ‍ है‍ कक‍ ‍‍य ‍ ि लमयकत ‍ और‍ ि लमयक‍प्रथ ओां‍ में‍ पररितयन‍ गन्‍द‍तव्‍य‍ देशों‍ में‍ प्रि लसयों‍ द्ि र ‍ अनुभि‍ ककए‍ गए‍ ि लमयक‍विश्‍ि सों‍से‍प्रभ वित‍हैं।‍यह‍अध्‍ययन‍इस‍मुद्दे‍की‍ि ांच‍भी‍करत ‍है‍कक‍‍‍य ‍केरल‍के‍ईस ईयों‍क ‍प्रि स‍केजन्‍द‍रत‍ि लमयक‍पुन:‍अलभमुखीकरण‍केरल‍सम ि‍में‍िमय‍के‍

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भारत प्रवास केन्‍दर् 35

प्रच र-प्रस र,‍स मुद नयक‍पहच न‍पर‍िोर‍देन ,‍उग्र‍ि लमयक‍समूहों‍क ‍प्रस र‍करन ‍और‍पूि ‍के‍नये‍तरीकों‍के‍उद्भि‍को‍बढ ि ‍दे‍रह ‍है।

सम्मे्लन/ बैठकें क्जनमें आईसीएम ने भाग सलर्ा

कोलांबो प्रक्रिय (सीपी) की िीसरी िररष् ठ अधिक ररक बैठक (एसओएम) क आयोिन 4-5 निम बर, 2015 को कोलांबो में क्रकय गय भ रतीय‍प्रनतननधि‍मांडल‍के‍अांग‍के‍रूप‍में‍आईसीएम‍ने‍4-5‍निम्‍बर,‍2015‍को‍कोलांबो‍में‍आयोजित‍ कोलांबो‍ प्रोसेस‍ की‍ तीसरी‍ िररष्‍ठ‍ अधिक ररक‍ बैठक‍ में‍ भ ग‍ ललय ।‍ यह‍ बैठक‍प्र थलमक‍रूप‍से‍प ांच‍मुख्‍य‍क्षेत्रों‍में‍हुई‍प्रगनत‍पर‍ब तचीत‍करने‍के‍ललए‍थी‍िो‍हैं‍(क)‍कौशल‍एिां‍योग्‍यत ‍की‍पहच न,‍(ख)‍नैनतक‍भती‍को‍पल्‍लवित‍करन ,‍(ग)‍प्रभ िी‍प्रस्‍थ न-पूिय‍ अलभमुखीकरण‍ एिां‍ सशज‍‍तकरण,‍ (घ)‍ प्रेषणों‍ के‍ हस्‍त ांतरण‍ की‍ ल गत‍ को‍ कम‍ करन ‍और‍(ड.)‍श्रम‍ब ि र‍प्रिजृत्‍तयों‍और‍कोलांबो‍प्रोसेस‍प्रि स‍स्‍त्रोत‍केन्‍द‍र‍(सीपीएमआरसी)‍क ‍पत ‍ लग ने‍ के‍ ललए‍ कोलांबो‍ प्रोसेस‍ में‍ भ ग‍ लेने‍ ि ले‍ देशों‍ की‍ क्षमत ओां‍ को‍ बढ न ।‍ दो‍ददिसीय‍बैठक‍में‍प ांचो‍मुख्‍य‍क्षेत्रों‍में‍प्रत्‍येक‍के‍ललए‍ि स्‍तविक‍लक्ष्‍यों‍की‍पहच न‍की‍गई‍और‍ननणययों‍और‍लसफ ररशों‍को‍रेख ांककत‍ककय ‍गय ।‍ उपरो‍‍त‍बैठकों‍के‍अल ि ,‍भ रत‍प्रि स‍केन्‍द‍र‍(आईसीएम)‍ने‍िषय‍2015-16‍के‍दौर न‍भ रत‍में‍अांतर यष्‍रीय‍प्रि स‍से‍सांबांधित‍अन्‍द‍य‍कई‍क ययश ल ओां‍और‍सम्‍मेलनों‍में‍भ ग‍ललय ।‍

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भारत प्रवास केन्‍दर् 36

फोटो में आईसीएम की गततववचधर्ा ं

भारत-ईयू प्रिास के संबंध में नीर्त र्नमािण हेत ुज्ञान आधार विकमसत करने के मलए उच्तच स्ततरीय

दािाधारक परामशि कायिशाला (22 निबंर, 2011)

अतंरािष्‍टतरीय प्रिास और व्तयापार से संबंथधत राष्‍टतरीय कायिशाला : भारत-ईय ूप्रिास के मलए

सम्तबद्धताएं और र्नहहताथि (मसविल सवििसेज ऑकफसर इंस्तटीट्यूट में 5 हदसम्तबर, 2014)

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भारत प्रवास केन्‍दर् 37

सुरक्षक्षत एिं िैध प्रिास सुगम बनाने और अर्नयममत प्रिास को रोकने स ेसंबंथधत राष्‍टतरीय

परामशि कायिशाला, 6-7 मसतम्तबर, 2012, नई हदल्तली

महहलाओं एिं अतंरािष्‍टतरीय संबंधी कायिशाला: अिसर एि ंचनुौर्तयां (13 हदसम्तबर, 2012)

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भारत प्रवास केन्‍दर् 38

छात्रों की आिाजाही एिं ज्ञान आधाररत अथिव्तयिस्तथाए ंसंबंधी कायिशाला: भारत और यूरोपीय सरं् के

मलए अिसर (14 जून, 2013)

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भारत प्रवास केन्‍दर् 39

प्रि सी रोिग र सांििषन पररर्द

(प्रि सी रोिग र भ रिीय पररर्द के न म से भी ि न ि ि है) 9ि ां िल, अकबर भिन, च णक् यपुरी, स‍ य म गष, नई ददल् ली - 110021

31 म चष, 2012 िक क िुलन-पत्र

िम सां. वििरण अनुबांि र शि (रू. में) र शि (रू. में) र शि (रू. में) I. तनधियों क स् त्रोि

1

2

3

4

5

6

35,359,542.19

‍2,793,753.00

‍1,77,103.00

कुल

‍2,469,964.00 क प ांिीगि तनधि

ख अनुद न

39,889,262.69

42,359,226.69

II

कोर् प्रयोग

स् थ यी पररसम पत्‍ िय ां िम र शि

ििषम न पररसम पत्‍ िय ां

(i) रोकड एिां बैंक में िेर् र शि

(ii) ऋण एिां अधिम और अन्‍द य ििषम न पररसम पत्‍ िय ां घट एां: ििषम न देयि एां एिां प्र िि न

(i) देय िुल् क एिां कर

(ii) प्र प् ि अधिम

38,153,295.19‍

‍‍177,103.00

3,452,034.50

‍‍931,000.00

37,976,192.19

कुल 42,359,226.69

अनुस ची ।: लेख सांबांिी मह‍ िप णष तनतिय ां और नोट

समददन ांक्रकि अलग ररपोटष के अनुस र

डीएम एिां कम पनी की ओर से

च टषडष अक उां न्‍द टेट प्रि सी रोिग र सांििषन पररर्द की ओर से

प्रि सी रोिग र भ रिीय पररर्द

हस् ि क्षररि प्रति हस् ि क्षररि प्रति

(िीरि मेहि ) (िी. गुरूचरण) (प टषनर) (मुख् य क यषक री अधिक री) ददन ांक : 05-04-2012

स् थ न : नई ददल् ली

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भारत प्रवास केन्‍दर् 40

प्रि सी रोिग र सांििषन पररर्द

(प्रि सी रोिग र भ रिीय पररर्द के न म से भी ि न ि ि है)

9ि ां िल, अकबर भिन, च णक् यपुरी, स‍ य म गष, नई ददल् ली - 110021

31 म चष, 2013 िक क िुलन-पत्र

िम सां. वििरण अनुबांि र शि (रू. में) र शि (रू. में) र शि (रू. में) I. तनधियों क स् त्रोि

1

2

3

4

5

6

7,91,70,781.45

‍‍27,95,169.00

‍‍‍‍‍6,407.00

कुल

‍‍2,469,964.00 क प ांिीगि तनधि

ख अनुद न

8,31,92,882.95

8,56,62,846.95

II

कोर् प्रयोग

स् थ यी पररसम पत्‍ िय ां िम र शि

ििषम न पररसम पत्‍ िय ां

(i) रोकड एिां बैंक में िेर् र शि

(ii) ऋण एिां अधिम और अन्‍द य ििषम न पररसम पत्‍ िय ां घट एां: ििषम न देयि एां एिां प्र िि न

(i) देय िुल् क एिां कर

(ii) प्र प् ि अधिम

8,19,65,950.45

‍‍‍‍‍6,407.00

‍27,72,303.50

‍‍‍931,000.00

8,19,59,543.45‍

कुल 8,56,62,846.95

अनुस ची ।: लेख सांबांिी मह‍ िप णष तनतिय ां और नोट

समददन ांक्रकि अलग ररपोटष के अनुस र

डीएम एिां कम पनी की ओर से

च टषडष अक उां न्‍द टेट प्रि सी रोिग र सांििषन पररर्द की ओर से

प्रि सी रोिग र भ रिीय पररर्द

हस् ि क्षररि प्रति हस् ि क्षररि प्रति

(िीरि मेहि ) (मनोि कुम र तिचमपल् ली कृष् ण द स) (प टषनर) (मुख् य क यषक री अधिक री) ददन ांक : 25-04-2013

स् थ न : नई ददल् ली

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भारत प्रवास केन्‍दर् 41

प्रि सी रोिग र सांििषन पररर्द

(प्रि सी रोिग र भ रिीय पररर्द के न म से भी ि न ि ि है)

9ि ां िल, अकबर भिन, च णक् यपुरी, स‍ य म गष, नई ददल् ली - 110021

31 म चष, 2014 िक क िुलन-पत्र

िम सां. वििरण अनुबांि र शि (रू. में) र शि (रू. में) र शि (रू. में) I. तनधियों क स् त्रोि

1

2

3

4

5

6

104,125,055.22

‍‍2,795,169.00

‍‍‍1,9502.00

‍‍142,386.83

कुल

‍‍2,469,964.00 क प ांिीगि तनधि

ख अनुद न

107,518,712.89

109,988,676.89

II

कोर् प्रयोग

स् थ यी पररसम पत्‍ िय ां िम र शि

ििषम न पररसम पत्‍ िय ां

(i) रोकड एिां बैंक में िेर् र शि

(ii) ऋण एिां अधिम और अन्‍द य ििषम न पररसम पत्‍ िय ां घट एां: ििषम न देयि एां एिां प्र िि न

(i) देय िुल् क एिां कर

(ii) प्र प् ि अधिम

106,920,224.22

‍‍‍‍161,888.83‍

‍2,299,341.50

‍‍‍931,000.00

106,758,335.39

कुल 109,988,676.89‍

अनुस ची ।: लेख सांबांिी मह‍ िप णष तनतिय ां और नोट

समददन ांक्रकि अलग ररपोटष के अनुस र

डीएम एिां कम पनी की ओर से

च टषडष अक उां न्‍द टेट प्रि सी रोिग र सांििषन पररर्द की ओर से

प्रि सी रोिग र भ रिीय पररर्द

हस् ि क्षररि प्रति हस् ि क्षररि प्रति

(िीरि मेहि ) (मनोि कुम र तिचमपल् ली कृष् ण द स) (प टषनर) (मुख् य क यषक री अधिक री) ददन ांक : 12-08-2014 स् थ न : नई ददल् ली

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भारत प्रवास केन्‍दर् 42

प्रि सी रोिग र सांििषन पररर्द

(प्रि सी रोिग र भ रिीय पररर्द के न म से भी ि न ि ि है)

9ि ां िल, अकबर भिन, च णक् यपुरी, स‍ य म गष, नई ददल् ली - 110021

31 म चष, 2015 िक क िुलन-पत्र

िम सां. वििरण अनुबांि र शि (रू. में) र शि (रू. में) र शि (रू. में) I. तनधियों क स् त्रोि

1

2

3

4

5

6

7

9,17,10,917.56

‍‍27,95,169.00

‍‍‍58,673.00

‍‍‍73,034.00

‍1,42,386.83

कुल

‍‍24,69,964.00 क प ांिीगि तनधि

ख अनुद न

9,46,49,166.23

9,71,19,130.23

II

कोर् प्रयोग

स् थ यी पररसम पत्‍ िय ां िम र शि

ििषम न पररसम पत्‍ िय ां

(i) रोकड एिां बैंक में िेर् र शि

(ii) ऋण एिां अधिम और अन्‍द य ििषम न पररसम पत्‍ िय ां घट एां: ििषम न देयि एां एिां प्र िि न

(i) देय िुल् क एिां कर

(ii) विविि लेनद र

(iii) प्र प् ि अधिम – तनयोक् ि सम मेलन

9,45,06,086.56

‍‍‍2,74,093.83

‍19,56,137.50

‍‍9,31,000.00

9,42,31,992.73

कुल 9,71,19,130.23

अनुस ची ।: लेख सांबांिी मह‍ िप णष तनतिय ां और नोट

समददन ांक्रकि अलग ररपोटष के अनुस र

डीएम एिां कम पनी की ओर से

च टषडष अक उां न्‍द टेट प्रि सी रोिग र सांििषन पररर्द की ओर से

(प्रि सी रोिग र भ रिीय पररर्द के न म से भी ि न ि ि है)

हस् ि क्षररि प्रति हस् ि क्षररि प्रति

(िीरि मेहि ) (ि णी सरि र ि) (प टषनर) (मुख् य क यषक री अधिक री) ददन ांक : 04-05-2015

स् थ न : नई ददल् ली

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भारत प्रवास केन्‍दर् 43

भ रि प्रि स केन्‍द र

1011, 10ि ां िल, अकबर भिन

च णक् यपुरी, नई ददल् ली – 110021

31 म चष, 2016 िक क िुलन-पत्र

वििरण नोट सां. 31 म चष, 2016 िक

I. तनधियों के स् त्रोि

1

2

3

4

5

6

‍‍2,469,964.00‍

‍‍‍2,469,964.00‍ 1 समि तनधि

2 अनुद न

101,800,831.69

‍101,800,831.69 सह यि अनुद न

3 ििषम न देयि एां

(क) अन्‍द य ििषम न देयि एां ‍‍‍‍‍65,986.00

‍‍‍‍‍‍5,000.00

‍‍‍‍‍‍70,986.00‍ (ख) सुरक्ष िम र शि

कुल

104,341,781.69 II. कोर् प्रयोग 1 गैर मौि द पररसम पत्‍ ि (क) सांलग् न स ची के अनुस र

स् थ यी पररसम पत्‍ िय ां ‍‍1,777,915.30

‍‍4,790,680.30 (ख) ऋण एिां अधिम ‍‍2,771,984.00

(ग) िम र शि ‍‍‍‍240,781.00

2 ििषम न पररसम पत्‍ िय ां (क) रोकड और बैंक में िेर् र शि ‍99,551,101.39 ‍99,551,101.39

कुल 104,341,781.69 लेख पररक्ष की ररपोटष (सम ददन ांक्रकि ररकॉडो के अनुस र) एांदटम एिां गोयल की ओर से

च टषडष अक उां न्‍द टेट भ रि प्रि स केन्‍द र की ओर से

हस् ि क्षररि प्रति हस् ि क्षररि प्रति

एन.के. त्िांदल श्री मनीर् गुप् ि

(प टषनर) (मुख् य क यषक री अधिक री) एफसीए, एम. नां. 91028

एफआरएन नां: 009062एन

स् थ न : नई ददल् ली ददन ांक : 11-08-2016

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भारत प्रवास केन्‍दर् 44

भ रत प्रि स केन्‍द‍र

विदेश मांत्र लय (एमईए) की एक पांिीकृत सोस यटी प्रि सी भ रतीय केन्‍द‍र, डॉ. पी. ररि ल म गय, च ण‍‍यपरुी

नई ददल्‍ली – 110021

+91-11-24156415, [email protected]

सुरक्षक्षत‍ि एां,‍प्रलशक्षक्षत‍ि एां,‍विश्‍ि स‍के‍स थ‍ि एां