ॐ लीलारब्ध

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ॐ ल लार ध- था पत-लुपता खल-लोकां , लोकातीतै -य ग भर् -अ तर् - -मृगयाम ्। बाला द य- णी-समान- यु त-पुंजां , गौर म ् - अ बाम् -अ बु - हा- म् -अहम ् -ई ये ।। आशा-पाश-कलेश- वनाशं वदधानां , पादा भोज- यान-पराणां पु षाणाम ्। ईशीम ् -ईशा गाध हरां तां तनुम यां , गौर म ् - अ बाम् -अ बु - हा- म् -अहम ् -ई ये ।। याहार- यान-समा ध-ि थ तभाजां , न यं च े नवृ का ठां कलय तीम ्। सय- ना-न दमयीं तां त ड -आभां , गौर म ् - अ बाम् -अ बु - हा- म् -अहम ् -ई ये ।।

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Mata Aarti Sanskrit

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