º ¸¿š¸ - i · (लललल िडे ा) ... 13िीं मंजज़ल,...

43
आरबीआइ/2014-15/67 बपविवि. सं . डीआइआर. बीसी. 17/13.03.00/2014-15 1 जुलाई 2014 10 आषा 1936 (शक) सभी अनुसूचित िणिय बक (ेीय ामीि बक को छोकर) महोदय/महोदया माटर पररप - गारंटटयां और सह-िीक तयां पया आप 1 जुलाई 2013 का माटर पररप बॉपविवि. सं . डीआइआर. बीसी. 12/13.03.00/2013- 14 देखै , जसमै गारंटटयां और सह-िीक तियां के संबंध मै बॉक को उि िारीख िक जारी कये गये अनुदेश / टदशातनदेश समेककि कये गये हॉ। इस माटर पररप को 30 जून 2014 िजारी अनुदेश को शाममल करिे उपयुि ऱप मै अयिन कर टदया गया है और इसे भारिीय रिव बॉक की िबसाइट (http://www.rbi.org.in ) पर भी उपलध कर टदया गया है। इस माटर पररप की एक ति संलन है भिदीय (लल िडेरा) मुय महाबंधक अनुलनक : यथोि --------------------------------------------------------------------------------------------------- बॉककंग पररचालन और विकास विभाग, कै ीय कायावलय, 13िमंजल, कै ीय कायावलय भिन, शहीद भगि मसंह मागव , मुंबई 400001 Department of Banking Operations and Development, Central Office, 13th Floor, Central Office Bhavan, Shahid Bhagat Singh Marg, Mumbai - 400001 टेलीफोन /Tel No: 22661602 फै स/Fax No: 22705691 Email ID: [email protected] भारतीय रिव बक RESERVE BANK OF INDIA www.rbi.org.in

Upload: others

Post on 24-Oct-2020

8 views

Category:

Documents


0 download

TRANSCRIPT

  • आरबीआइ/2014-15/67 बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 17/13.03.00/2014-15

    1जुलाई 2014 10 आषाढ़ 1936 (शक)

    सभी अनुसूचित िाणिज्य बैंक (के्षत्रीय ग्रामीि बैंकों को छोड़कर) महोदय/महोदया मास्टर पररपत्र - गारंटटया ंऔर सह-स्िीकृततया ं कृपया आप 1 जुलाई 2013 का मास्टर पररपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 12/13.03.00/2013-14 देखें, जजसमें गारंटटया ंऔर सह-स्िीकृतिया ंकेसंबंधमेंबैंकों को उक्ििारीखिक जारी ककये गये अनुदेश / टदशातनदेश समेककि ककये गये हैं। इस मास्टर पररपत्र को 30 जून 2014 िक जारी अनुदेशों को शाममल करिे हुए उपयुक्ि रूप में अद्यिन कर टदया गया है और इसेभारिीय ररज़िव बैंक की िेबसाइट (http://www.rbi.org.in) पर भी उपलब्ध कर टदया गया है। इस मास्टर पररपत्र की एक प्रति संलग्न है । भिदीय

    (ललललिडेरा) मुख्य महाप्रबंधक अनुलग्नक : यथोक्ि ---------------------------------------------------------------------------------------------------

    बैंककंगपररचालनऔरविकासविभाग, कें द्रीय कायावलय, 13िीं मंजज़ल, कें द्रीय कायावलय भिन, शहीद भगि मसहं मागव, मंुबई 400001 Department of Banking Operations and Development, Central Office, 13th Floor, Central Office Bhavan, Shahid

    Bhagat Singh Marg, Mumbai - 400001 टेलीफोन /Tel No: 22661602 फैक्स/Fax No: 22705691 Email ID: [email protected]

    भारतीय ररज़िव बैंक RESERVE BANK OF INDIA

    www.rbi.org.in

    http://www.rbi.org.in/hindi/Scripts/Notifications.aspx?Id=4028&Mode=0http://www.rbi.org.in/hindi/Scripts/Notifications.aspx?Id=4028&Mode=0http://www.rbi.org.in/mailto:[email protected]

  • बैंपविवि-मास्टर पररपत्र - गारंटटयााँ और सह-स्िीकृतियााँ-2014

    2

    विषय-िस्िु

    पैरा नं. ब्योरे पषृ्ठ सं.

    क उदे्दश्य 4 ख िगीकरण 4 ग वपछले अनुदेश 4 घ प्रयोज्यिा 4 1. प्रस्िािना 5 2. टदशातनदेश 5 2.1 सामान्य टदशातनदेश 5 2.2 गारंटी कारोबार के पररचालन के संबंध में टदशातनदेश 5 2.2.1 गैर-जमानिी अग्रिमों और गारंटटयों के मलए मानदंड 5 2.2.2 गारंटटया ंजारी करने के मलए सािधानी 6 2.2.3 धोखा-धड़ियों से बचने के मलए एहतियाि 7 2.2.4 घोष सममति की मसफाररशें 8 2.2.5 आंिररक तनयंत्रण प्रणामलया ं 8 2.2.6 बैंकों के तनदेशकों की ओर से गारंटटया ं 8 2.2.7 भारि सरकार की बैंक गारंटी योजना 9 2.2.8 शेयर और स्टॉक दलालों/पण्य दलालों की ओर से गारंटटया ं 10 2.2.9 ऋण लेनेिाले प्रतिष्ठानों के तनदेशकों और अन्य प्रबंधकीय काममवकों की

    व्यजक्िगि गारंटटया ंप्राप्ि करने के संबंध में टदशातनदेश 11

    2.2.10 राज्य सरकार की गारंटटयां 14 2.3 विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) वितनयमािली के अंिगवि जारी वितनयमों द्िारा

    तनयंत्रत्रि गारंटटयााँ 14

    2.3.1 तनयाविों के मलए बोली बांड और कायव तनष्पादन बांड अथिा गारंटी 14 2.3.2 बैंक गारंटी जारी करना 14 2.3.3 अन्य शिें 16 2.3.4 भारिीय तनयाविकों की ओर से विदेशी तनयोक्िाओं/आयािकों के पक्ष में त्रबना

    शिव गारंटी 16

    2.3.5 पररयोजना तनयाविों के मामले में कुछ सािधातनया ं 17 2.3.6 तनयावि अग्रिम के मलए गारंटटया ं 17 2.3.7 बैंक प्रकियाओं की समीक्षा 19 2.3.8 विदेशी मुद्रा प्रबंधन तनयमािली द्िारा वितनयममि अन्य गारंटटया ं 19

  • बैंपविवि-मास्टर पररपत्र - गारंटटयााँ और सह-स्िीकृतियााँ-2014

    3

    2.4 अंिर कंपनी जामरामशयों /ऋणों की गारंटटयों पर प्रतिबंध

    25

    2.4.1 गैर-बैंककंग वित्िीय कंपतनयों के पास तनग्रधयां रखने के मलए गारंटटयों पर प्रतिबंध

    25

    2.4.2 अंिर संस्थागि गारंटटयों पर प्रतिबंध 26 2.5 लागू की गयी गारंटटयों की अदायगी 29 2.6 त्रबलों की सह-स्िीकृति 32 2.6.1 सामान्य 32 2.6.2 सुरक्षा के उपाय 32 2.7 साखपत्रों के मामले में बरिी जाने िाली सािधानी 35 अनुबंध 1 बैंक गारंटी बांड का मॉडल फामव 36 पररमशष्ट समेककि पररपत्रों की सूची 38

  • बैंपविवि-मास्टर पररपत्र - गारंटटयााँ और सह-स्िीकृतियााँ-2014

    4

    मास्टर पररपत्र - गारंटटयााँ और सह-स्िीकृततयााँ

    क. उदे्दश्य

    यह मास्टर पररपत्र बैंकों द्िारा गारंटी कारोबार के पररचालन के संबंध में भारिीय ररज़िव बैंक द्िारा जारी तनयमों / वितनयमों /अनुदेशों का एक संिह प्रस्िुि करिा है।

    ख. िगीकरि

    बैंककारी वितनयमन अग्रधतनयम, 1949 द्िारा प्रदत्ि शजक्ियों का प्रयोग करिे हुए ररज़िव बैंक द्िारा जारी सांविग्रधक तनदेश।

    ग. वपछले अनुदेश

    यह मास्टर पररपत्र 1 जुलाई 2013 के मास्टर पररपत्र में उपयुवक्ि विषय पर जारी वपछले अनुदेशों को अद्यिन करिा है।

    घ. प्रयोज्यता

    के्षत्रीय िामीण बैंकों को छो़िकर सभी अनुसूग्रचि िाणणज्य बैंक।

    संरिना

    1. प्रस्तािना

    2. टदशातनदेश 2.1 सामान्य टदशातनदेश 2.2 गारंटी कारोबार के पररचालन के संबंध में टदशातनदेश 2.3 विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) वितनयमािली के अंिगवि जारी वितनयमों द्िारा तनयंत्रत्रि

    गारंटटयााँ 2.4 अंिर कंपनी जामरामशयों /ऋणों की गारंटटयों पर प्रतिबंध 2.5 लागू की गयी गारंटटयों की अदायगी 2.6 त्रबलों की सह-स्िीकृति 2.7 साखपत्रों के मामले में बरिी जाने िाली सािधानी 3. अनुबंध

    अनुबंध 1 बैंक गारंटी बांड का मॉडल फामव 4. पररमशष्ट समेककि पररपत्रों की सूची

  • बैंपविवि-मास्टर पररपत्र - गारंटटयााँ और सह-स्िीकृतियााँ-2014

    5

    1. प्रस्तािना

    ककसी बैंककंग संस्था की सुदृढ़िा के संबंध में तनणवय करने के मलए एक महत्िपूणव कसौटी न केिल उसके आजस्ि संविभाग बजकक उसकी आकजस्मक देयिा संबंधी प्रतिबद्धिाओं जैसे गारंटटया,ं साखपत्र आटद का आकार और स्िरूप भी है। कारोबार के अंग के रूप में, बैंक विमभन्न प्रयोजनों के मलए अपने िाहकों की ओर से गारंटटया ंजारी करिे हैं। बैंकों द्िारा तनष्पाटदि गारंटटयों में कायवतनष्पादन गारंटटयां और वित्िीय गारंटटया ंदोनों शाममल होिी हैं। ये गारंटटया ंकरार की शिों, जैसे सुरक्षा, पररपक्ििा अिग्रध और प्रयोजन के अनुसार िैयार की जािी हैं। िुलनपत्र में शाममल और िुलनपत्र बाह्य एक्सपोज़र के मलए जोणखम भार लागू ककये जाने से बैंक जोणखम के प्रति अग्रधक संिेदनशील हो गये हैं, जजसके पररणामस्िरूप िे अपने कारोबार के एक्सपोज़र की अग्रधक वििेकपूणव ढंग से संरचना कर सकिे हैं। बैंकों को अपने गारंटी कारोबार के पररचालन में तनम्नमलणखि टदशातनदेशों का अनुपालन करना चाटहए।

    2. टदशातनदेश

    2.1 सामान्य टदशातनदेश

    2.1.1 जहा ंिक गारंटी के प्रयोजन का संबंध है, सामान्यिया बैंकों को अपने को वित्िीय गारंटटयों के प्रािधान िक सीममि रखना चाटहए और कायवतनष्पादन गारंटी कारोबार के संबंध में पयावप्ि सिकव िा बरिनी चाटहए।

    2.1.2 जहा ंिक पररपक्ििा अिग्रध का संबंध है, सामान्यिया बैंकों को छोटी पररपक्ििा अिग्रधयों को गारंटी देनी चाटहए और लंबी पररपक्ििा अिग्रधयों को अन्य संस्थाओं द्िारा गारंटी टदये जाने के मलए छो़ि देना चाटहए।

    2.1.3 कोई भी बैंक गारंटी सामान्य िौर पर 10 िषव से अग्रधक की पररपक्ििा की नहीं होनी चाटहए। िथावप, बैंककंग उद्योग में बदले हुए पररदृश्य के मदे्दनज़र जहा ं बैंक विमभन्न पररयोजनाओं के मलए 10 िषव से लंबी अिग्रधयों के मलए दीघाविग्रध ऋण प्रदान करिे हैं, यह तनणवय मलया गया है कक बैंकों को 10 िषव की अिग्रध से भी अग्रधक अिग्रधयों के मलए गारंटटया ंजारी करने की अनुमति भी दी जाए। बैंकों को सूग्रचि ककया जािा है कक िे ऐसी गारंटटया ंजारी करिे समय अत्यग्रधक लंबे समय िाली गारंटटयों का उनके आजस्ि देयिा प्रबंधन पर प़िने िाले प्रभाि को भी ध्यान में ले। साथ ही, बैंक अपने तनदेशक बोडव के अनुमोदन से 10 िषव से अग्रधक अिग्रध के मलए गारंटटयां जारी करने के संबंध में उग्रचि समझी गई नीति विकमसि करें।

  • बैंपविवि-मास्टर पररपत्र - गारंटटयााँ और सह-स्िीकृतियााँ-2014

    6

    2.2 गारंटी कारोबार के पररिालन के संबंध में टदशातनदेश

    2.2.1 गैर-जमानती अचग्रमों और गारंटटयों के ललए मानदंड

    (i) 17 जून 2004 िक बैंकों को गैर-जमानिी गारंटटयों के रूप में ककये गये अपने िायदों को इस प्रकार सीममि रखना आिश्यक था कक बैंक की बकाया गैर-जमानिी गारंटटयों का 20 प्रतिशि िथा उसके बकाया गैर-जमानिी अग्रिमों का जो़ि उसके कुल बकाया अग्रिमों के 15 प्रतिशि से अग्रधक न हो। बैंकों को उनकी ऋण नीतियों के संबंध में अग्रधक लचीलापन प्रदान करने की दृजष्ट से बैंकों के गैर-जमानिी एक्सपोज़र की ििवमान सीमा को तनकाल टदया गया है। बैंकों के बोडव अपने गैर-जमानिी ऋणों के संबंध में अपनी नीतिया ंतनधावररि कर सकिेहैं। "गैर जमानिी एक्सपोज़र" को ऐसे एक्सपोज़र के रूप में पररभावषि ककया गया है जहा ंबैंक/अनुमोटदि मूकयांककों /भारिीय ररज़िव बैंक के तनरीक्षणकिाव अग्रधकाररयों द्िारा मूकयांककि जमानि का िसूली योग्य मूकय आरंभ से ही एक्सपोज़र के 10 प्रतिशि मूकय से अग्रधक नहीं है। एक्सपोज़र में समस्ि तनग्रधक िथा गैर-तनग्रधक एक्सपोज़र (जजनमें हामीदारी िथा उसी प्रकार की प्रतिबद्धिाएं शाममल हैं) शाममल होंगे। `जमानि' का अथव होगा बैंक को उग्रचि ढंग से प्रभाररि मूिव जमानि और उसमें गारंटटयों, लेटरऑफ कम्फटवआटद जैसी अमूिव जमानि शाममल नहीं होंगी।

    (ii) बैंक के प्रकामशि िुलन पत्र की अनुसूची 9 में प्रकट करने हेिु बेजमानिी अग्रिमों

    की रामश तनधावररि करने के मलए बैंकों द्िारा वित्िपोवषि पररयोजनाओं (इनफ्रास्रक्चर पररयोजनाओं सटहि) के संबंध में बैंकों को संपाजश्िवक के रूप में टदये गये अग्रधकारों, लाइसेंसों, प्राग्रधकारों आटद की गणना मूिव प्रतिभूति के रूप में नहीं की जानी चाटहए। िथावप बैंक स़िक/राजमागव पररयोजनाओं के संबंध में तनमावण-पररचालन-स्थानांिरण (बीओटी) मॉडल के अंिगवि िावषवकी को और जहां यािायाि का एक सुतनजश्चि स्िर हामसल न कर पाने की जस्थति में पररयोजना प्रायोजक को क्षतिपूतिव करने के प्रािधान हों उन मामलों में महसूल संिह अग्रधकारों को मूिव प्रतिभूति मान सकिे हैं बशिे िावषवकी प्राप्ि करने िथा महसूल संिह करने के संबंध में बैंकों के अग्रधकार विग्रधक रूप से लागू करने योग्य और अप्रतिसंहरणीय हों।

    (iii) गैर-जमानिी अग्रिमों की गणना के मलए दी गयी सभी छूट िापस ले ली गयी

    है ।

    2.2.2 गारंटटया ंजारी करने के ललए सािधानी

    बैंकों को अपने िाहकों की ओर से गारंटटया ंजारी करिे समय तनम्नमलणखि सािधानी बरिनी चाटहए।

  • बैंपविवि-मास्टर पररपत्र - गारंटटयााँ और सह-स्िीकृतियााँ-2014

    7

    (i) तनयमि:, बैंकों को ब़िी रामशयों के मलए और मध्यािग्रध िथा दीघाविग्रध के मलए गैर-जमानिी गारंटटया ं देने से बचना चाटहए। उन्हें िाहकों के खास समूहों और / या व्यापार में ऐसी गैर-जमानिी गारंटी प्रतिबद्धिाओं के अनुग्रचि संकें द्रण से बचना चाटहए।

    (ii) ककसी एक िाहक को दी गयी गैर-जमानिी गारंटटयााँ बैंक की कुल गैर-जमानिी गारंटटयों के उग्रचि अनुपाि िक सीममि रहनी चाटहए। ककसी व्यजक्ि की ओर से दी जानेिाली गारंटटया ंभी उस िाहक की ईजक्िटी के िकव संगि अनुपाि में होनी चाटहए।

    (iii) अपिादात्मक मामलों में, बैंक ऐसे प्रथम शे्रणी के िाहकों को सामान्य रामश के मलए गैर-जमानिी आधार पर आस्थग्रगि अदायगी गारंटटया ंदे सकिे हैं जजन्होंने सरकार की नीति के अनुरूप आस्थग्रगि अदायगी व्यिस्थाएं की हैं।

    (iv) ककसी एक िाहक या िाहकों के समूह की ओर से तनष्पाटदि गारंटटया ं तनटदवष्ट एक्सपोज़र मानदंडों के अधीन होनी चाटहए।

    (v) इसे ध्यान में रखना आिश्यक है कक गारंटटयों में अंितनवटहि जोणखम होिा है और आम िौर पर यह बैंक के टहि में या जनिा के टहि में नहीं होिा कक पाटटवयों को अपने िायदों से आगे बढ़ने और गारंटी सुविधाओं की आसानी से उपलब्धिा पर पूरी िरह तनभवर रह कर उद्यम प्रारंभ करने के मलए प्रोत्साटहि ककया जाये।

    2.2.3 धोखाधडड़यों से बिने के ललए एहततयात

    िाहकों की ओर से गारंटटयां जारी करिे समय बैंकों द्िारा तनम्नमलणखि सुरक्षा उपाय अपनाये जाने चाटहए :

    (i) वित्िीय गारंटटया ंजारी करिे समय, बैंकों को इस बाि से आश्िस्ि होना चाटहए कक यटद बैंक को गारंटी के अंिगवि अदायगी करनी प़ेि िो िाहक बैंक को उसकी प्रतिपूतिव करने की जस्थति में होगा।

    (ii) कायवतनष्पादन गारंटी के मामले में, बैंकों को पूरी सिकव िा बरिनी चाटहए और िाहक के साथ अपने आपको इस बाि से संिुष्ट करने का पयावप्ि अनुभि होना चाटहए कक संविदा के अंिगवि दातयत्िों को तनभाने के मलए िाहक के पास आिश्यक अनुभि, क्षमिा और साधन हैं िथा उसके द्िारा ककसी प्रकार की चूक की संभािना नहीं है।

    (iii) बैंकों को उन िाहकों के िरफ से गारंटटया ंजारी करने से बचना चाटहए जो उनसे ऋण सुविधाएं नहीं लेिे।इससंदभवमेंभारिीयररज़िवबैंककेटदशातनदेशोंकाअनुपालननकरनेसेिेडडटअनुशासनबाग्रधिहोनेकीसंभािनाहोनेकेकारणभारिीयररज़िवबैंकअनुपालननकरनेिालेबैंकोंकोदंडडिकरनेपरविचारकरेगा।िथावप अनुसूग्रचि िाणणज्य बैंक सहकारी बैंक की प्रति-गारंटी पर सहकारी बैंकों के िाहकों को बैंक गारंटी/साख पत्र जारी कर सकिे हैं। इस प्रकार के मामलों में बैंक ''ऋण और अग्रिम-सांविग्रधक िथा अन्य प्रतिबंध''पर 1 जुलाई 2014 के मास्टर पररपत्र के पैरािाफ 2.3.9.2 के प्रािधानों का पालन करें। इसके अतिररक्ि, बैंकों को इसका समाधान होना चाटहए कक संबंग्रधि सहकारी बैंकों में ऋण समीक्षा िथा तनगरानी प्रणामलयों के साथ-साथ `अपने िाहक को जातनए' (केिाईसी) की सुदृढ़ व्यिस्था मौजूद है। सहकारी बैंकों के विमशष्ट िाहकों को बैंक गारंटी/साख-पत्र जारी करने से पहले बैंकों

  • बैंपविवि-मास्टर पररपत्र - गारंटटयााँ और सह-स्िीकृतियााँ-2014

    8

    को इस बाि से संिुष्ट होना चाटहए कक इन मामलों में केिाईसी को ठीक से अमल में लाया गया है।

    2.2.4 घोष सलमतत की लसफाररशें

    बैंकों को अक्िूबर1991मेंगटठि उच्चस्िरीय सममति (अध्यक्ष : श्री अममिाभ घोष, ररज़िव बैंक के ित्कालीन उप गिनवर) द्िारा की गयी तनम्नमलणखि मसफाररशों को कायावजन्िि करना चाटहए :

    i. बेटहसाब गारंटटया ंजारी करने से रोकने िथा जाली गारंटटयों को रोकने के उदे्दश्य से भारिीय बैंक संघ द्िारा सुझाये गये अनुसार बैंक गारंटटया ंिमिार संख्या िाले प्रतिभूति फामव में जारी की जायें।

    ii. गारंटी अिेवषि करिे समय बैंकों द्िारा लाभाग्रथवयों को सिकव ककया जाना चाटहए कक िे अपने टहि में जारीकिाव बैंक के साथ गारंटी की प्रामाणणकिा की जााँच कर लें।

    2.2.5 आंतररक तनयंत्रि प्रिाललया ं

    50,000 रुपये और अग्रधक के मलए जारी की गयी बैंक गारंटटया ं दो पदाग्रधकाररयों द्िारा संयुक्ि रूप से हस्िाक्षररि होनी चाटहए। बैंकों द्िारा जहां आिश्यक समझा जाये िहा ंशाखाओं के आकार और शे्रणी के अनुसार तनम्निर सीमा तनधावररि की जाये। इस प्रकार की प्रणाली एकल हस्िाक्षरकिाव के गलि प्रत्यक्ष ज्ञान /तनणवय या ईमानदारी /तनष्ठा की कमी से होनेिाली कुप्रथाओं /हातनयों की संभािना को कम करेगी। बैंकों को इन अनुदेशों की भािना को ध्यान में रखिे हुए उपयुक्ि प्रणामलया ंऔर कियाविग्रधया ं बनानी चाटहए और केिल अपिादात्मक पररजस्थतियों में ही दो हस्िाक्षरों के अनुशासन से हटने की अनुमति देनी चाटहए। ऐसे मामलों में अपने पदाग्रधकाररयों द्िारा धोखाधड़ियों और कुप्रथाओं को रोकने के मलए प्रणामलयों और कियाविग्रधयों की पयावप्ििा और प्रभािशीलिा सुतनजश्चि करने की जजम्मेदारी बैंकों के सिोच्च प्रबंध िंत्र की होगी। यटद मलखिों पर केिल एक हस्िाक्षर करने की अपिादात्मक अनुमति दी जािी है, िो बैंकों में ऐसे मलखिों की शाखाओं के आंिररक तनरीक्षण के समय लेखा-परीक्षकों या तनरीक्षकों द्िारा विशेष जांच की प्रणाली होनी चाटहए।

    2.2.6 बैंकों के तनदेशकों की ओर से गारंटटया ं

    2.2.6 (i) बैंककारी वितनयमन अग्रधतनयम, 1949 की धारा 20 में बैंकों के अपने ककसी तनदेशक या ऐसी ककसी फमव या कंपनी को ऋण या अग्रिम देने पर प्रतिबंध है, जजसमें उनका कोई तनदेशक भागीदार या गारंटीदािा है।िथावप, कतिपय ऐसी सुविधाओं को जजनमें अन्य बािों के साथ-साथ गारंटटयां जारी करना शाममल है, उसी अग्रधतनयम की धारा 20 के अथव के भीिर `ऋण और अग्रिम' के रूप में नहीं माना जािा है। इस संबंध में, अपने तनदेशकों की ओर से गारंटटया ं देनेिाले बैंकों के विशेष संदभव में यह नोट करना प्रसंगानुकूल है कक अपनी देयिा तनभाने में मूल देनदार द्िारा चूक ककये जाने और गारंटी के अधीन अपने दातयत्ि को पूरा करने के मलए बैंक को कहे जाने की जस्थति में बैंक और तनदेशक का संबंध लेनदार और देनदार का बन सकिा है। साथ ही, तनदेशक बैंक द्िारा दी गयी गारंटी पर िीसरी पाटी से

  • बैंपविवि-मास्टर पररपत्र - गारंटटयााँ और सह-स्िीकृतियााँ-2014

    9

    उधार लेकर धारा 20 के उपबंधों की अपिंचना भी कर सकेगा। यटद बैंक यह सुतनजश्चि करने के मलए उपयुक्ि कदम नहीं उठािे हैं कक अग्रधतनयमकीधारा 20 के अंिगवि उन पर देयिाएं न आयें िो इस िरह के लेनदेनों के कारण इस धारा का उदे्दश्य ही विफल हो सकिा है।

    2.2.6 (ii)उपयुवक्ि को देखिे हुए, बैंकों को तनदेशकों और ऐसी कंपतनयों / फमों की ओर से जजनमें तनदेशक का टहि है, गैर-तनग्रधक सुविधाएं जैसे गारंटटयां आटद देिे समय यह सुतनजश्चि करना चाटहए कक -

    i. बैंक की संिुजष्ट के अनुसार इस बाि की पयावप्ि और कारगर व्यिस्थाएं की गयी हैं कक जजसकी ओर से गारंटी जारी की गयी है उस पाटी द्िारा अपने संसाधनों से िायदे पूरे ककये जायेंगे, और

    ii. बैंक को गारंटी लागू करने के पररणामस्िरूप देयिा पूरी करने के मलए कोई ऋण या अग्रिम प्रदान करने के मलए नहीं कहा जायेगा।

    यटद उपयुवक्ि (ii) के अनुसार ऐसी आकजस्मकिाएं आिी हैं, िो बैंक को बैंककारी वितनयमन अग्रधतनयम, 1949 की धारा 20 के उपबंधों के उकलंघन का एक पाटी माना जायेगा।

    2.2.7 भारत सरकार की बैंक गारंटी योजना

    2.2.7.1 संविदाकिावओं द्िारा जमानिी जमारामश आटद के बदले केन्द्रीय सरकारी विभागों के पक्ष में बैंक गारंटी जारी करने के मलए भारि सरकार द्िारा बनायी गयी बैंक गारंटी योजना में समय-समय पर संशोधन ककया गया है। इस योजना के अधीन सरकारी विभागों को यह छूट है कक िे सभी अनुसूग्रचि िाणणज्य बैंकों से मुक्ि रूप से गारंटटया ंआटद स्िीकार करें।

    2.2.7.2 बैंकों को अनुबंध I में टदया गया बैंक गारंटी बांड का मॉडल फामव अपनाना चाटहए। भारि

    सरकार ने सभी सरकारी विभागों / सरकारी के्षत्र के प्रतिष्ठानों, आटद को यह सूग्रचि ककया है कक िे मॉडल बांड में बैंक गारंटटयां स्िीकार करें िथा यह सुतनजश्चि करें कक जब भी उसके खंडों में पररििवन / पररिधवन करना जरूरी समझा जाये िब िह इकिरफा न हो िथा िे गारंटी देनेिाले बैंक के साथ सहमति से ककये जायें।बैंकों को गारंटी बांडों और विमभन्न राज्य सरकारों के साथ अपने पत्राचार में लाभाजन्िि होनेिाले विभाग के नाम िथा जजस प्रयोजन के मलए गारंटटया ं तनष्पाटदि की जा रही हैं उसका उकलेख करना चाटहए। संबंग्रधि विभागों के साथ गारंटटयों का ित्काल पिा लगाने के मलए यह आिश्यक है। भारि के राष्रपति के नाम सरकारी विभागों के पक्ष में बैंकों द्िारा दी गयी गारंटटयों के संबंध में, उनके बारे में कोई भी पत्राचार संबंग्रधि मंत्रालय / विभागों के साथ ककया जाना चाटहए, न कक भारि के राष्रपति के साथ। महा तनदेशक, आपूतिव और तनपटान के पक्ष में जारी गारंटटयों के संदभव में तनम्नमलणखि पहलुओं को ध्यान में रखना चाटहए :

    i. बैंक गारंटी की प्रामाणणकिा के सत्यापन की प्रकिया में िेजी लाने के उदे्दश्य से बैंक गारंटटयों पर हस्िाक्षर करनेिाले अग्रधकाररयों के हस्िाक्षर / हस्िाक्षरों

  • बैंपविवि-मास्टर पररपत्र - गारंटटयााँ और सह-स्िीकृतियााँ-2014

    10

    के नीचे गारंटटयों पर हस्िाक्षर करने िाले अग्रधकारी / अग्रधकाररयों का नाम, पदनाम और कोड नंबर टदया जाना चाटहए।

    ii. बैंक गारंटी के लाभाजन्ििी को भी यह सूग्रचि ककया जाना चाटहए कक िह अतनिायव रूप से सुरक्षा के उपाय के रूप में संबंग्रधि बैंक द्िारा जारी गारंटी की प्रामाणणकिा के बारे में उससे पुजष्ट प्राप्ि करे।

    iii. महा तनदेशक, आपूतिव और तनपटान संविदा प्रशासन में जमानि के रूप में बैंकों द्िारा जारी बैंक गारंटी की प्रारंमभक अिग्रध मूल दाति (सुपुदवगी) अिग्रध के बाद छ: महीने की अिग्रध के मलए होगी। बैंक गारंटी की िैधिा अिग्रध को स्िि: 6 महीने बढ़ाने का प्रािधान करने के मलए अपनी बैंक गारंटी में उपयुक्ि खंड शाममल कर सकिे हैं िथा गारंटी जारीकरिे समय िाहक से उपयुक्ि िचन भी प्राप्ि कर सकिे हैं, िाकक बाद में ककसी संभाविि जटटलिा से बचा जा सके।

    iv. महा तनदेशक, आपूतिव और तनपटान द्िारा महा तनदेशक, आपूतिव और तनपटान (डीजीएस एंड डी) के टेंडर फामव 229 (तनविदाकिावओं को अनुदेश) में इस आशय का एक खंड शाममल ककया जाये कक जब भी कोई फमव, उस जस्थति में जहा ंबैंक गारंटी दी गयी है, संविदा की दाति अिग्रध के भीिर माल की आपूतिव नहीं कर पाये, िो दाति अिग्रध को बढ़ाये जाने के अनुरोध को स्िि: ही बैंक गारंटी बढ़ाये जाने के मलए करार के रूप में ले मलया जायेगा। बैंकों को गारंटी अिग्रध स्िि: बढ़ाने के मलए बैंक गारंटटयों में इसी प्रकार के प्रािधान करने चाटहए।

    v. सीमा शुकक विभाग द्िारा जारी की गई सािवजतनक सूचना में अन्य बािों के साथ-साथ यह शिव रखी गई है कक आयािक द्िारा प्रस्िुि की गई सभी बैंक गारंटटयों में ही स्िनिीकरण खंड तनटहि होना चाटहए। चंूकक सीमा शुकक विभाग द्िारा जारी की गई सािवजतनक सूचना में तनटहि शिव डीजीएस एण्ड डी के टेंडर फॉमव में तनटहि सूचना के समान है इसमलए उपयुवक्ि उप-पैरािाफ (iv) के अनुसार डीजीएस एण्ड डी को जारी की गई बैंक गारंटटयों में गारंटी की अिग्रध के स्िि: विस्िार का प्रािधान सीमा शुकक गहृों के पक्ष में जारी की गई बैंक गारंटटयों पर भी लागू ककया जाए।

    vi. महा तनदेशक, आपूतिव और तनपटान संविदा प्रशासन में जमानि के रूप में बैंक गारंटी और उसकी अिग्रध बढ़ाने के पत्र गैर-न्यातयक स्टैम्प पेपर पर होंगे।

    2.2.8 शेयर और स्टॉक दलालों /पण्य दलालों की ओर से गारंटटयां

    बैंक जमानिी जमारामशयों के बदले स्टॉक एक्सचेंजों के पक्ष में शेयर और स्टॉक दलालों की ओर से उस सीमा िक गारंटटयां जारी कर सकिे हैं जजस सीमा िक िह स्टॉक एक्सचेंजों द्िारा तनधावररि बैंक गारंटी के फामव में स्िीकायव हो। बैंक स्टॉक एक्सचेंजों के वितनयमों के अनुसार माजजवन आिश्यकिाओं के बदले गारंटटया ंभी जारी कर सकिे हैं। बैंकों को यह भी

  • बैंपविवि-मास्टर पररपत्र - गारंटटयााँ और सह-स्िीकृतियााँ-2014

    11

    सूग्रचि ककया गया है कक िे ऐसी गारंटटया ंजारी करिे समय 50 प्रतिशि का न्यूनिम माजजवन प्राप्ि करें। बैंकों द्िारा जारी इस प्रकार की गारंटटयों के संदभव में 25 प्रतिशि का न्यूनिम नकद माजजवन (50 प्रतिशि के उपयुवक्ि माजजवन के भीिर) रखा जाना चाटहए। 50 प्रतिशि की उपयुवक्ि न्यूनिम माजजवन अपेक्षा िथा 25 प्रतिशि की न्यूनिम नकदी माजजवन अपेक्षा (50 प्रतिशि माजजवन के भीिर) राष्रीय स्िर के पण्य एक्सचेंजों अथावि ्राष्रीय पण्य और डेररिेटटि एक्सचेंज (एनसीडीइएक्स), मकटी कमोडडटी एक्सचेंज ऑफ इंडडया मलममटेड (एमसीएक्स) और नेशनल मकटी कमोडडटी एक्सचेंज ऑफ इंडडया मलममटेड (एनएमसीइआइएल) के पक्ष में पण्य दलालों की ओर से बैंकों द्िारा पण्य एक्सचेंज वितनयामािली के अनुसार माजजवन अपेक्षाओं के बदले जारी की गयी गारंटटयों पर भी लागू होगी। बैंकों को प्रत्येक आिेदक की जरूरि का मूकयांकन करना चाटहए िथा ऋण आटद जोणखम संबंधी उच्चिम सीमाओं सटहि सामान्य और आिश्यक सुरक्षा उपाय अपनाने चाटहए।

    2.2.9 ऋि लेनेिाले प्रततष्ठानों के तनदेशकों और अन्य प्रबंधकीय कालमवकों की व्यक्ततगत गारंटटया ंप्राप्त करने के संबंध में टदशातनदेश

    2.2.9.1 तनदेशकों की व्यजक्िगि गारंटटयां

    जब ककसी मामले की सािधानीपूिवक जांच के बाद अत्यंि जरूरी हो केिल िभी सरकारी अथिा तनजी के्षत्र की कंपतनयों को दी गयी ऋण सुविधाओं आटद के मलए बैंक तनदेशकों की व्यजक्िगि गारंटटयां ले सकिे हैं, साधारण िौर पर नहीं। ऐसी पररजस्थतियों का पिा लगाने के मलए जजनमें गारंटी आिश्यक समझी जा सकिी है या आिश्यक नहीं समझी जा सकिी है, बैंक मोटे िौर पर तनम्नमलणखि बािों को अपना सकिे हैं :

    क. जहा ंगारंटटया ंआिश्यक नहीं समझी जािी ं

    i. सामान्यि:, पजब्लक मलममटेड कंपतनयों के मामले में, जब ऋण देनेिाली संस्थाएं प्रबंधन, प्रतिष्ठान में उसके टहस्से, प्रस्िाि की आग्रथवक व्यिहायविा िथा वित्िीय जस्थति और नकदी तनममवि करने की क्षमिा के बारे में संिुष्ट हों, िो व्यजक्िगि गारंटी पर जोर नहीं टदया जाना चाटहए। दरअसल, व्यापक रूप से स्िाग्रधकृि ऐसी पजब्लक मलममटेड कंपतनयों के मामले में जजन्हें प्रथम शे्रणी का दजाव टदया गया है और जो उपयुवक्ि शिें पूरी करिी हैं, गारंटटयों की जरूरि नहीं होगी, भले ही अग्रिम गैर-जमानिी हों। साथ ही, ऐसी कंपतनयों के मामले में, चाहे िे तनजी या सािवजतनक हों, जो व्यािसातयक प्रबंधन के अधीन हैं, उन व्यजक्ियों से गारंटटयों के मलए जोर नहीं टदया जाना चाटहए, जो केिल अपनी व्यािसातयक /िकनीकी योग्यिा की हैमसयि से, न कक संबंग्रधि कंपनी में ककसी महत्िपूणव शेयर-धाररिा के फलस्िरूप, प्रबंधन से जु़ेि हैं ।

    ii. जहा ंऋण देनेिाली संस्थाएं ऋण प्रस्िािों के ऊपर उजकलणखि पहलुओं के बारे में पूरी िरह आश्िस्ि नहीं हैं, िहां उन्हें ऐसी गारंटटयों के त्रबना प्रस्िािों को स्िीकायव बनाने के मलए शिों को तनटदवष्ट करने की मांग करनी चाटहए। कुछ मामलों में, वित्िीय अनुशासन के अग्रधक कठोर स्िरूप जरूरी होंगे, जैसे लाभाशं वििररि करने, आगे विस्िार करने, कुल उधारों, आजस्ियों पर आगे प्रभार तनममवि करने पर प्रतिबंध िथा न्यूनिम शुद्ध कायवकारी पंूजी बनाये

  • बैंपविवि-मास्टर पररपत्र - गारंटटयााँ और सह-स्िीकृतियााँ-2014

    12

    रखने की शिव। साथ ही, स्िाग्रधकृि तनग्रधयों और पंूजी तनिेश के बीच समिुकयिा िथा समि ऋण-ईजक्िटी अनुपाि को ध्यान में रखा जाना चाटहए।

    ख. जहा ंगारंटटया ंसहायक समझी जायेंगी

    i. उस जस्थति में, तनजी या सािवजतनक कंपतनयों के संदभव में तनदेशकों की व्यजक्िगि गारंटटया ं सहायक मानी जा सकिी हैं, जहां शेयर पूरी िरह ककसी व्यजक्ि या संबंग्रधि व्यजक्ियों या समूह (जो व्यािसातयक या सरकारी न हों) द्िारा धाररि हों, भले ही अन्य ित्ि जैसे वित्िीय जस्थति, उपलब्ध जमानि कुछ भी हो। अपिाद केिल उन कंपतनयों के संदभव में है जहां, न्यायालय या सांविग्रधक आदेश द्िारा, कंपनी का प्रबंधन ककसी ऐसे एक व्यजक्ि या व्यजक्ियों में तनटहि हो, चाहे उसे तनदेशक या अन्य कोई नाम टदया गया हो, जजसे शेयरधारकों द्िारा चुने जाने की जरूरि नहीं है। जहा ंव्यजक्िगि गारंटी को आिश्यक समझा जाये, िहां गारंटी अग्रधमान्यि: तनदेशक के रूप में या ककसी प्रबंधकीय क्षमिा में कायवरि तनदेशक / प्रबंधकीय काममवक के बजाय ऋण लेनेिाली कंपनी में शेयर धाररि करने िाले समूह के प्रमुख सदस्यों की होनी चाटहए।

    ii. भले ही कोई कंपनी कुछ ही व्यजक्ियों द्िारा पूरी िरह धाररि न हो, कफर भी प्रबंधन की तनरंिरिा को सुतनजश्चि करने के मलए तनदेशकों की व्यजक्िगि गारंटी के मलए औग्रचत्य हो सकिा है। उदाहरण के मलए ऋण देनेिाली संस्था ऐसी कंपनी को ऋण दे सकिी है जजसके प्रबंधन को अच्छा समझा जािा है। बाद में, कोई ऐसा दसूरा समूह कंपनी का तनयंत्रण प्राप्ि कर सकिा है, जो ऋण देनेिाली संस्था को ऐसी जस्थति में पहंुचा दे जहा ं इस बाि का सुस्पष्ट भय हो कक प्रबंधन का बदलाि उसे बुरी जस्थति में ले जायेगा और कंपनी की दी गयी तनग्रधयां जोणखम में प़ि जायेंगी। ऐसी पररजस्थतियों में ऋण देनेिाली संस्थाएं जजस िरह से अपने को सुरक्षक्षि कर सकिी हैं उनमें एक िरीका यह है कक तनदेशकों की गारंटी प्राप्ि की जाये और इस प्रकार यह सुतनजश्चि ककया जाये की प्रबंधन की तनरंिरिा या प्रबंधन में होनेिाले पररििवन उनकी जानकारी से होिे हैं। उन मामलों में भी जहा ंव्यजक्िगि गारंटटयों से छूट दी गयी है, ऋण लेनेिाली कंपनी से इस बाि का िचन लेना जरूरी होगा कक ऋण देनेिाली संस्था की सहमति के त्रबना प्रबंधन में कोई पररििवन नहीं होगा। इसी प्रकार, कंपनी की तनमावणात्मक अिस्थाओं के दौरान, कंपनी िथा ऋण देनेिाली संस्था के टहि में होगा कक गारंटटया ंप्राप्ि की जायें, िाकक प्रबंधन की तनरंिरिा को सुतनजश्चि ककया जा सके।

    iii. प्रथम शे्रणी का दजाव प्राप्ि कंपतनयों के अलािा उन पजब्लक मलममटेड कंपतनयों के संबंध में, जहा ंअग्रिम गैर-जमानिी आधार पर है, तनदेशकों की िैयजक्िक गारंटटया ंसहायक होंगी।

    iv. ऐसी पजब्लक मलममटेड कंपतनया ंहो सकिी हैं जजनकी वित्िीय जस्थति और /या नकदी तनममवि करने की क्षमिा संिोषजनक न हो, भले ही संबंग्रधि अग्रिम जमानि प्राप्ि हों। ऐसे मामलों में िैयजक्िक गारंटटया ंउपयोगी होिी हैं।

  • बैंपविवि-मास्टर पररपत्र - गारंटटयााँ और सह-स्िीकृतियााँ-2014

    13

    v. उन मामलों में, जहा ंआजस्ियों पर ऋण भार सजृजि करने में काफी विलंब होने की संभािना है, िहां ऋण के संवििरण और आजस्ियों पर ऋण भार सजृजि करने के बीच की अंिररम अिग्रध के मलए आिश्यकिानुसार गारंटी ली जाये।

    vi. ऐसी सहायक कंपतनयों के मामले में, जजनकी स्ियं की वित्िीय जस्थति संिोषजनक नहीं मानी जा रही है, मूल कंपतनयों की गारंटी प्राप्ि की जाये।

    vii. व्यजक्िगि गारंटटया ंिहां उग्रचि हैं जहा ंककसी कंपनी के िुलनपत्र या वित्िीय वििरण से यह पिा चले कक तनग्रधयां कंपनी और समूह के स्िाममत्ि िाली या उसके प्रबंधन िाले अन्य प्रतिष्ठानों के बीच फंसी हुई हैं।

    ग. गारंटीकिावओं की माली हालि, गारंटी का भुगिान, कमीशन आटद

    i. जहा ं तनदेशकों की व्यजक्िगि गारंटटयााँ आिश्यक हों, िहा ं िे उस व्यजक्ि की अनुमातनि माली हालि के उग्रचि अनुपाि में होनी चाटहए। गारंटटया ंप्राप्ि करने की प्रणाली को तनदेशकों और अन्य प्रबंधकीय काममवकों द्िारा कंपनी की आय के स्रोि के रूप में प्रयोग में नहीं लाया जाना चाटहए। बैंकों को ऋण लेनेिाली कंपनी से िथा गारंटीकिावओं से यह िचन प्राप्ि करना चाटहए कक कमीशन, दलाली-शुकक या ककसी अन्य रूप में कोई प्रतिफल उक्ि कंपनी द्िारा अदा नहीं ककया जायेगा या प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से गारंटीकिाव द्िारा प्राप्ि ककया जायेगा। इस अपेक्षा को ऋण सीमाएं स्िीकृि करने संबंधी बैंक की शिोंमेंशाममल करना चाटहए। आिग्रधक तनरीक्षणों के दौरान, बैंक के तनरीक्षकों को यह सत्यावपि करना चाटहए कक इस शिव का अनुपालन ककया गया है। िथावप, ऐसे अपिादात्मक मामले हो सकिे हैं जहां पाररश्रममक के भुगिान की अनुमति दी जा सकिी है, जैसे जहां सहायक प्रतिष्ठान ठीक िरह से काम नहीं कर रहे हैं और ििवमान गारंटीकिाव प्रबंधन के साथ सम्बद्ध नहीं हैं परंिु उनकी गारंटटयों को जारी रखना इसमलए आिश्यक समझा जा रहा है क्योंकक या िो नये प्रबंधन की गारंटी उपलब्ध नहीं है या पयावप्ि नहीं पायी गयी है और गारंटी कमीशन के रूप में गारंटीकिावओं को पाररश्रममक के भुगिान की अनुमति दी गयी है। घ. बीमार इकाइयों के मामले में व्यजक्िगि गारंटटया ं

    चंूकक प्रायोजकों /तनदेशकों की व्यजक्िगि गारंटटयों से सामान्यि: उन पर अग्रधक जिाबदेही और जजम्मेदारी आिी है और प्रबंधन, सहायिाप्राप्ि यूतनटों को सुदृढ़ और स्िस्थ आधार पर चलाने के मलए पे्रररि होिे हैं, अि: वित्िीय अनुशासन सुतनजश्चि करने के मलए बैंक अपने वििेकानुसार तनदेशकों (नाममि तनदेशकों को छो़िकर) और अन्य प्रबंधकीय काममवकों से उनकी व्यजक्िगि क्षमिा में गारंटटया ंप्राप्ि कर सकिे हैं। यटद ककसी कारण से अग्रिम स्िीकृि करिे समय बैंक द्िारा गारंटी समयोजजि न समझी जाये, िो अलग-अलग तनदेशक से िचन प्राप्ि करना चाटहए और ऋण करार में अतनिायव रूप से एक प्रसंविदा समाविष्ट करनी चाटहए कक यटद ऋण लेनेिाली इकाई नकदी हातन या प्रतिकूल चालू अनुपाि या तनग्रधयों का अन्यत्र उपयोग दशावये, िो तनदेशकों को, यटद बैंक द्िारा अपेक्षक्षि हो िो, उनकी व्यजक्िगि क्षमिा में गारंटटया ं तनष्पाटदि करने के मलए बाध्य होना प़ेिगा। बैंक मूल / तनयंत्रक कंपनी से भी अपने वििेकानुसार उस जस्थति में गारंटटया ंप्राप्ि कर सकिे हैं, जब उसी समूह की ऋण लेनेिाली इकाइयों को ऋण सुविधाएं दी जायें।

  • बैंपविवि-मास्टर पररपत्र - गारंटटयााँ और सह-स्िीकृतियााँ-2014

    14

    2.2.10 राज्य सरकार की गारंटटयां

    राज्य सरकार के उपिमों / पररयोजनाओं के प्रस्िाि के संदभव में तनदेशकों और अन्य प्रबंधकीय काममवकों की व्यजक्िगि गारंटटया ं लेने के मलए भी उपयुवक्ि पैरािाफ 2.2.9 में तनटदवष्ट टदशा-तनदेशों का अनुपालन ककया जाना चाटहए और जब िक त्रबककुल जरूरी न हो िब िक गारंटी पर बल नहीं टदया जाना चाटहए। दसूरे शब्दों में, बैंक गुणित्िा के आधार पर और केिल प्रत्येक मामले की पररजस्थतियों की पूरी जांच करने के पश्चाि ् ही त्रबलकुल आिश्यक पररजस्थतियों में, राज्य सरकारों की गारंटटया ंप्राप्ि कर सकिे हैं, न कक तनयममि रूप में।

    2.3 विदेशी मुद्रा प्रबंधन (गारंटी) वितनयमािली,2000 के अंतगवत जारी वितनयमों द्िारा तनयंत्रत्रत गारंटटया ं

    2.3.1 तनयाविों के मलए बोली बांड और कायवतनष्पादन बांड अथिा गारंटी

    (i) 3 मई 2000 की अग्रधसूचना सं. एफईएमए.8/2000-आरबी के अनुसार प्राग्रधकृि व्यापारी बैंकों को इस बाि की अनुमति है कक िे भारि से िास्िविक तनयाविों के मलए विदेशी खरीदारों के पक्ष में कायवतनष्पादन बांड या गारंटी दें।

    (ii) सिकव िा सूची में शाममल ककये गये तनयाविकों के संबंध में कायवतनष्पादन बांड / गारंटी जारी करने के मलए प्राग्रधकृि व्यापारी बैंकों को भारिीय ररज़िव बैंक से पूिावनुमोदन प्राप्ि करना चाटहए। ऐसी कोई गारंटी जारी करने के पूिव उन्हें इन बािों से स्ियं को संिुष्ट कर लेना चाटहए - आिेदक की िास्िविकिा, संविदा पूरी करने की उसकी क्षमिा और यह कक संविदा /तनविदा के मूकय के प्रतिशि के रूप में बोली /गारंटी का मूकय उग्रचि है एिं अंिरराष्रीय व्यापार की सामान्य पद्धति के अनुसार है िथा संविदा की शिें विदेशी मुद्रा प्रबंधन वितनयमों के अनुसार हैं।

    (iii) जहााँ स्थानीय कानूनों /वितनयमों के अनुसार विदेशी खरीदारों को मसफव स्थानीय बैंकों की गारंटटया ं स्िीकायव हों उन मामलों में भारिीय तनयाविकों की ओर से अपनी विदेशी शाखाओं /प्रतितनग्रधयों द्िारा जारी की जाने िाली गारंटटयों को किर करने के मलए प्राग्रधकृि व्यापारी बैंक उक्ि शिों पर उनके पक्ष में काउंटर-गारंटटया ंभी जारी कर सकिे हैं।

    (iv) जब कभी बांड /गारंटी लागू की जाये, प्राग्रधकृि व्यापारी बैंक उसके िहि देय रामश की अदायगी अतनिासी लाभाग्रथवयों को कर सकिे हैं।

    2.3.2 बैंक गारंटी जारी करना

    3 मई 2000 की अग्रधसूचना सं. फेमा 8/2000-आरबी द्िारा अग्रधसूग्रचि विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) वितनयमािली 2000 के वितनयम 4 के अनुसार प्राग्रधकृि व्यापारी बैंकों को उक्ि वितनयम में उजकलणखि कतिपय मामलों में गारंटी देने की अनुमति दी गयी है।

  • बैंपविवि-मास्टर पररपत्र - गारंटटयााँ और सह-स्िीकृतियााँ-2014

    15

    (i) विदेशी एयरलाइन /आइएटीए के पक्ष में बैंक गारंटी जारी करना

    विदेशी एयरलाइन कंपतनयों के भारिीय एजेंट, जो अंिरराष्रीय हिाई पररिहन संघ (आइएटीए) के सदस्य हैं, को अपने टटकट वििय के कारोबार के संबंध में विदेशी एयरलाइन कंपतनयों/आइएटीए के पक्ष में बैंक गारंटी प्रस्िुि करनी प़ििी है। चूाँकक इस कारोबार में यह मानक अपेक्षा है, अि: प्राग्रधकृि व्यापारी बैंक अपने कारोबार के दौरान विदेशी एयर लाइन कंपतनयों के उन भारिीय एजेंटों की ओर से जो अंिरराष्रीय हिाई पररिहन संघ (आइएटीए) के सदस्य हैं, उनके टटकट वििय कारोबार के मसलमसले में विदेशी एअयर लाइन कंपतनयों /आइएटीए के पक्ष में गारंटी जारी कर सकिे हैं।

    (ii) सेिा आयािकों की ओर से बैंक गारंटी जारी करना

    प्राग्रधकृि व्यापारी संिगव I के बैंकों को अब यह अनुमति दी गई है की 500000 अमरीकी डालर अथिा उसकी समिुकय रामश से अनग्रधक रामश के मलए अतनिासी सेिा प्रदािा के पक्ष में सेिा आयाि करने िाले अपने तनिासी िाहकों की ओर से गारंटी जारी करें, बशिे :

    (क) प्राग्रधकृि व्यापारी संिगव - I का बैंक सौदे की प्रमाणणकिा के संबंध में संिुष्ट है;

    (ख) प्राग्रधकृि व्यापारी संिगव - I का बैंक सेिाओं के आयाि के प्रलेखी साक्ष्य की यथासमय प्रस्िुति सुतनजश्चि करिा हैं; और

    (ग) गारंटी का उदे्दश्य तनिासी और अतनिासी के बीच होनेिाली संविदा से उत्पन्न प्रत्यक्ष संविदागि देयिा को सुरक्षक्षि करना है।

    िथावप,सरकारी के्षत्र की कंपनी अथिा भारि सरकार /राज्य सरकारों के विभाग / उपिम के मामले मेँ 100000 अमरीकी डालरों (एक लाख अमरीकी डालर) अथिा उसकी समिुकय रामश से अग्रधक राशी के मलए गारंटी जारी करने हेिु वित्ि मंत्रालय, भारि सरकार का अनुमोदन अपेक्षक्षि होगा।

    (iii) बैंक गारंटी जारी करना - पण्य हेज करना

    भारि में प्राग्रधकृि व्यापारी शे्रणी I का बैंक भारि में तनिास करनेिाले ककसी व्यजक्ि के ऐसे दातयत्ि के संबंध में भारिीय ररज़िव बैंक द्िारा समय-समय पर तनधावररि शिों के अधीन गारंटी अथिा आपािी साख पत्र दे सकिा है, जो कक ऐसे व्यजक्ि के अनुमोटदि पण्य हेजजंग लेनदेन के संबंध में माजजवन रामश की अदायगी के संबंध में भारि के बाहर तनिासी व्यजक्ि को देय हैं। बैंकों को सूग्रचि ककया जािा है कक प्राग्रधकृि व्यापारी शे्रणी I का बैंक जजन शिों िथा टदशातनदेशों के आधार पर उपयुवक्ि सुविधा के अंिगवि आपािी साख पत्र/बैंक गारंटी जारी कर सकिा है उनके मलए िे `जोणखम प्रबंधन िथा अंिर-बैंक व्यिहार' पर 1 जुलाई 2013का मास्टर पररपत्र देखें।

    (iv) गारंटी लागू करने के मामले में, प्राग्रधकृि व्यापारी बैंक को चाटहए कक िह गारंटी लागू करने की पररजस्थतियों को स्पष्ट करिे हुए एक विस्ििृ ररपोटव प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक,

  • बैंपविवि-मास्टर पररपत्र - गारंटटयााँ और सह-स्िीकृतियााँ-2014

    16

    विदेशी मुद्रा विभाग, बाह्य भुगिान प्रभाग, भारिीय ररज़िव बैंक, कें द्रीय कायावलय, मंुबई - 400 001 को भेजे।

    2.3.3 अन्य शिें

    (i) तनयावि बढ़ाने की दृजष्ट से, तनयावि के प्रयोजनों के मलए बोली बांड और कायवतनष्पादन गारंटटया ंजारी करिेसमय बैंकों को किर प्राप्ि करने, आजस्िया ं/ऋण सीमाएं तनजश्चि करने और आहरण-अग्रधकार के मामले में लचीला दृजष्टकोण अपनाना चाटहए। िथावप, जहााँ आिश्यक समझा जाये बैंकों को तनके्षप बीमा और प्रत्यय गारंटी तनगम(ईसीजीसी) से कायवतनष्पादन गांरटी प्राप्ि कर अपने टहिों की रक्षा करनी चाटहए।

    (ii) भारिीय तनयावि ऋण और गारंटी तनगम बोली बांड के मलए 90 प्रतिशि किर प्रदान करेगा, बशिे बैंक नकदी माजजवनों पर आिह न करने के मलए िचन दें।

    (iii) अि: बैंक ई सी जी सी द्िारा काउंटर-गारंटी प्राप्ि बोली बांडों और गारंटटयों के संबंध में ककसी नकदी माजजवन की मांग नहीं करेंगे।

    (iv) अन्य मामलों में, जहााँ ई सी जी सी की काउंटर-गारंटी ककसी भी कारण से उपलब्ध न हो, बैंक उग्रचि नकदी माजजवन का तनधावरण मसफव उन मामलों में करें जहााँ िह अत्यंि आिश्यक हो, क्योंकक िे सामान्यि: ऐसी बोली बांड /गारंटटया ंजारी करिे समय तनयाविक की क्षमिा और वित्िीय जस्थति के बारे में स्ियं को संिुष्ट कर लेिे हैं।

    (v) बैंक बोली बांड जारी करने के मलए अलग सीमाएं स्िीकृि करने पर विचार कर सकिे हैं। इस प्रकार स्िीकृि सीमाओं के भीिर, अलग-अलग संविदाओं के प्रति बोली बांड सामान्य प्रतिफलों की शिव पर जारी ककये जायें।

    2.3.4 भारिीय तनयाविकों की ओर से विदेशी तनयोक्िाओं / आयािकों के पक्ष में त्रबना शिव गारंटी

    (i) भारिीय तनयाविकों की ओर से विदेशी तनयोक्िाओं / आयािकों के पक्ष में त्रबना शिव गारंटी देने के मलए सहमति देिे हुए बैंकों को तनयाविक से इस आशय का िचन प्राप्ि करना चाटहए कक जब कभी गारंटी लागू की जाये बैंक तनयाविक और आयािक के बीच ककसी वििाद के होिे हुए भी अदायगी करने का हकदार होगा। यद्यवप, ऐसे िचन के कारण तनयाविक को तनषेधाज्ञा के मलए न्यायालय के पास जाने से रोका नहीं जा सकिा िथावप इसके आधार पर न्यायालय यह राय बना सकिा है कक क्या तनषेधाज्ञा जारी की जानी चाटहए।

    (ii) बैंक भविष्य में गारंटटयां जारी करिे समय उक्ि बािें ध्यान में रखें और अपने विग्रध परामशवदािाओं के परामशव से करार में उपयुक्ि खण्ड समाविष्ट करें। यह िांछनीय है, क्योंकक गारंटी लागू ककये जाने पर उसे नकारने से विदेशी बैंक भारिीय बैंकों की गारंटटया ंस्िीकार करना बंद कर सकिे हैं, जजससे देश के तनयावि संिधवन संबंधी प्रयासों में रुकािट आयेगी।

  • बैंपविवि-मास्टर पररपत्र - गारंटटयााँ और सह-स्िीकृतियााँ-2014

    17

    2.3.5 पररयोजना तनयाविों के मामले में कुछ सािधातनया ं

    (i) बैंक यह जानिे हैं कक अग्रधक मूकय के विदेशी पररयोजना तनयाविों के मलए बोली के बाद की अिस्थाओं में मसद्धांि रूप में पैकेज अनुमोदन देने के प्रयोजन के मलए कायवकारी दल की प्रकिया विकमसि की गयी है। कायवकारी दल की भूममका मुख्यि: वितनयामक स्िरूप की है, परंिु पररयोजना के मूकयांकन और पररयोजना पर तनगरानी रखने का उत्िरदातयत्ि अकेले प्रायोजक बैंक पर है।

    (ii) चंूकक कायवकारी दल के अनुमोदन प्रायोजक बैंकों की मसफाररशों पर आधाररि हैं अि: प्रायोजक बैंकों को संविदाकिाव / उप संविदाकिावओं की क्षमिा, संविदाओं के संरक्षी खण्डों, प्रतिभूति की पयावप्ििा, यटद कोई विदेशी उप संविदाकिाव हो िो उनकी की िेडडट रेटटगं, आटद के संबंध में पररयोजना प्रस्िािों की पूरी जांच करनी चाटहए।

    (iii) अि: देशी पररयोजना के वित्िपोषण के मामले में प्रस्िािों में शाममल वित्िीय और िकनीकी मांगों की िुलना में संविदाकिावओं (उप संविदाकिावओं सटहि) िथा विदेशी तनयोक्िाओं की क्षमिा का सािधानी से आकलन करने की आिश्यकिा को शायद ही कम कर आंका जा सके। िस्िुि:, तनयावि पररयोजनाओं के उच्च मूकय िथा चूक के मामले में विदेशी मुद्रा हातन की संभािनाओं िथा साथ ही भारिीय उद्यममयों की छवि की क्षति को देखिे हुए उन पर अग्रधक ध्यान टदया जाना चाटहए।

    (iv) जहा ं बोली बांड और कायवतनष्पादन गारंटटयों को टाला नहीं जा सकिा, िहीं इस मामले पर विचार ककया जाना है कक क्या विदेशी पररयोजनाओं के वित्िपोषण के मलए विदेशी उधार रामशयों के सभी मामलों में बैंकों द्िारा गारंटटया ंदी जानी चाटहए। �