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  • 9 अ�टूबर 2019 - समाचार �व�लेषण सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत सामािजक �याय : ��मक� के �लए क�याणकार� उपाय� म� अ�नय�मतता : �संग : • अजमेर िजले के �यावर �लॉक म� �बि�डगं एंड अदर कं���शन वक� स� बोड� के क�याणकार� उपाय� का 10-�दवसीय सामािजक अकें�ण से �े� म� संचा�लत एज�ट� और ई-�म�ा क� �� के एक �वशाल नेटवक� �वारा अ�नय�मतताओ ंका पता चला है। म�ुदे : • एज�ट, जो �म �वभाग से आवेदन पास करवात ेह�, क�थत �प से भार� कमीशन क� मांग करत ेह� और पा� मजदरू� के अनमुोदन को अव��ध करत ेह�। • ��टाचार और उ�पीड़न के उदाहरण भी सामने आए ह�। • जन सनुवाई म�, ��मक� ने कहा �क अगर वे एज�ट� को कमीशन नह�ं देत ेह� तो उ�ह� क�याणकार� योजनाओ ंके लाभ से वं�चत कर �दया जाता है। • ई-�म�ा क� �� के मा�यम से �व�भ�न काय� के �लए आवेदन करने वाले �यादातर मजदरू� के आवेदन को खा�रज कर �दया गया था। • ��मक� ने आरोप लगाया �क �म �वभाग के अ�धका�रय� ने ब�च� क� छा�व�ृत , शभु शि�त योजना और सामािजक सरु�ा म�ृय ुलाभ के �लए उनके आवेदन को मंजरू� देने हेत ु�र�वत क� मांग क� थी। �ववरण : • गा�दया लोहार (िजसे गाद�ुलया लोहार के नाम से भी जाना जाता है) राज�थान का एक खानाबदोश समदुाय है। ये म�य �देश के मालवा �े� म� भी पाए जात ेह�। • इ�हे राज�थान म� सबसे �पछड़ ेवग� के �प म� वग�कृत �कया गया है। इस समदुाय के लोग� को योजनाओ ंका लाभ �ा�त करने म� क�ठनाइय� का सामना करना पड़ता है �य��क समदुाय के अ�धकांश सद�य अपना �वयं का काम करत ेह� और �नयो�ता �माण प� (employer’s certificate) �ा�त करने म� असमथ� होत ेह�। • समदुाय के ब�च� को �कूल� म� जाने और छा�व�ृत �ा�त करने म� भी क�ठनाइय� का सामना करना पड़ता है। भावी कदम : • BOCW बोड� के कामकाज को अ�धक पारदश� और कुशल बनाया जाना चा�हए। • इसके क�याणकार� घटक को उ�च सफलता दर के साथ लाभा�थ�य� तक ले जाने के �लए कदम उठाए जाने चा�हए।

  • • �ाम सभा इस काय� म� मह�वपणू� भ�ूमका �नभा सकती है। • कमीशन क� मांग करने वाले ई-�म�ा क� �� के �खलाफ स�त कार�वाई क� जानी चा�हए। • बोड� को अ�य िजल� म� भी सामािजक अकें�ण कराना चा�हए। ई-�म�ा : • ई-�म�ा राज�थान सरकार क� एक मह�वाकां�ी ई-गवन�स पहल है। • एक ह� छत के नीचे सरकार� और �नजी �े�� क� �व�भ�न सेवाओ ंका लाभ उठाने हेत ुनाग�रक� क� स�ुवधा और पारद�श�ता के �लए साव�ज�नक-�नजी भागीदार� (PPP) मॉडल का उपयोग करके इसे रा�य के सभी 33 िजल� म� लाग ू�कया गया है। • इन सेवाओ ंम� उपयो�गता �बल भगुतान, एि�लकेशन और �डिजटल ह�ता��रत �माण प� सेवाएं, ब��कंग, टेल�मे�ड�सन, ई-कॉमस� सेवाएं आ�द शा�मल ह�। नई सेवाओ ंको भी �नय�मत �प से इसम� जोड़ा जा रहा है। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत राज�यव�था और शासन : छठ� अनसुचूी से ब�ह�कार रोक� : मेघालय जनजा�तयाँ �संग : • मेघालय म� पांच छोट� जनजा�तय� का ��त�न�ध�व करने वाले संगठन� ने म�ुयमं�ी से उ�ह� सं�वधान क� छठ� अनसुचूी के �ावधान� से बाहर करने के कदम म� ह�त�ेप करने क� मांग क� है। �ववरण : • मेघालय क� �वाय� आ�दवासी प�रषद� म� नामांकन के �लए पांच छोट� जनजा�तय� - बोडो कछार�, हाज�ग, कोच, मान और राभा को "�बना मा�यता �ा�त जनजा�तय�" के �प म� देखा जाता है। • ये प�रषद� गारो, जयं�तया और खासी, रा�य के तीन �मखु मात ृसमदुाय� के नाम पर ह�। �चतंाएं : • हाल ह� म�, मेघालय रा�य सरकार �वारा ग�ठत छठ� अनसुचूी म� संशोधन पर एक उप-स�म�त ने संसद क� �थायी स�म�त को संशो�धत �वशषे �ावधान से "गैर-��त�न�ध�व जनजा�तयाँ" श�द को हटाने क� �सफा�रश करने का �नण�य �लया है। • वत�मान म�, ऐसी जनजा�तय� के सद�य� को �वाय� िजला प�रषद� के �लए ना�मत �कया गया है। • मेघालय �वारा सं�वधान क� छठ� अनसुचूी के �ावधान� से "गैर-��त�न�ध�व जनजा�तय�" को बाहर करने के �नण�य ने छोट� जनजा�तय� को �ो�धत कर �दया है।

  • • यह माना जाता है �क ��ता�वत संशोधन िजला प�रषद� म� उनके संवधैा�नक अ�धकार� म� से कुछ को कम कर देगा। • छोट� जनजा�तयां मेघालय क� �वदेशी जनजा�त ह� और 1972 म� रा�य �नमा�ण के बहुत समय पहले से ह� रा�य म� रह रह� ह�। • रा�य सरकार का कदम उ�ह� �वाय� िजला प�रषद� म� ��त�न�ध�व करने के अवसर से वं�चत कर देगा �य��क उनके �लए वय�क मता�धकार के आधार पर �नवा��चत होना संभव नह�ं होगा। सं�वधान क� छठ� अनसुचूी : • यह चार पवू��र रा�य� असम, मेघालय, ��परुा और �मजोरम म� जनजातीय �े�� के �शासन से संबं�धत है। • यह "आ�दवासी �े��" के �लए �वशषे �ावधान करता है। �वशषे �यव�था के पीछे तक� यह है �क,“असम, मेघालय, ��परुा और �मजोरम क� जनजा�तय� ने इन रा�य� म� अ�य लोग� के जीवन और तर�क� को �यादा आ�मसात नह�ं �कया है। • इन �े�� म� अब तक एं�ोपोलॉिजकल नमनेू मौजदू ह�। • असम, मेघालय, ��परुा और �मजोरम क� जनजा�तयाँ आज भी अपनी सं�कृ�त, र��त-�रवाज और स�यता म� अपनी जड़� जमाए हुए ह�। • छठ� अनसुचूी आ�दवासी समदुाय� को काफ� �वाय�ता �दान करती है। • छठ� अनसुचूी िजला प�रषद� और �े�ीय प�रषद� को कुछ �वधायी और �या�यक शि�तयाँ �दान करती है। • छठ� अनसुचूी के तहत िजला प�रषद और �े�ीय प�रषद के पास �व�भ�न �वधायी �वषय� रा�य �नयं�ण के �लए सड़क� और �नयामक शि�तयाँ, �वकास, �वा��य देखभाल, �श�ा हेत ुयोजनाओ ंक� लागत को परूा करने के �लए भारत के समे�कत कोष से अनदुान �ा�त करना जसैी शि�तयाँ �ा�त ह�। • ह�तांतरण,�वस के��ण और �वभाजन के ��त जनादेश उनके र��त-�रवाज�, बेहतर आ�थ�क �वकास और सबसे मह�वपणू� जातीय सरु�ा के संर�ण को �नधा��रत करता है। • 6वीं अनसुचूी िजला प�रषद� और �े�ीय प�रषद� के �लए कुछ �वधायी और �या�यक शि�तय� के साथ �दान करती है। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत राज�यव�था और शासन : �कशोर को वय�क के �प म� मानने के आदेश को �यायालय ने टाल �दया : �संग : • �द�ल� क� एक अदालत ने �कशोर �याय बोड� (JJB) के आदेश को टाल �दया है, जो �क बाल संघष� काननू (CCL) के तहत ह�या के �कसी मामले म� एक �कशोर को वय�क के �प म� मकुदमे का सामना करने के �लए को �नद��शत करता है। �कशोर �याय अ�ध�नयम 2015 क� म�ुय �वशषेताएं :

  • बाल संघष� काननू (CCL) : • यह 18 वष� से कम उ� के सभी ब�च� के साथ समान �यवहार करता है, �सवाय इसके �क 16-18 आय ुवग� के लोग� को वय�क� के �प म� माना जा सकता है य�द वे जघ�य अपराध करत ेह�। • 16-18 वष� क� आय ुका ब�चे, जो कमतर अपराध (गंभीर अपराध) करता है, को एक वय�क के �प म� माना जा सकता है य�द उसे 21 वष� क� आय ुके बाद पकड़ा जाता है। • एक जघ�य अपराध �यनूतम सात साल के कारावास क� सजा का �ावधान करता है। गंभीर अपराध के स�दभ� म� तीन से सात साल क� कैद हो सकती है और छोटे अपराध के �लए तीन साल के कारावास का �ावधान है। • �कसी भी ब�चे को म�ृयदंुड या आजीवन कारावास नह�ं �दया जा सकता। ब�च� क� देखभाल और सरु�ा क� ज�रत : • यह ��येक िजले म� चेयरपस�न और चार अ�य सद�य� के साथ बाल क�याण स�म�तय� (CWC) क� �थापना करने का आ�वान करता है, िजनके पास ब�च� से �नपटने (अ�छा �यवहार) का अनभुव है। • स�म�त तय करती है �क एक प�र�य�त ब�चे को देखभाल गहृ� म� भेजा जाना चा�हए या उसे गोद लेने या पालन पोषण संबंधी देखभाल के �लए रखा जाना चा�हए। �कशोर �याय बोड� (JJB) : • यह अ�ध�नयम ��येक िजले म� एक महानगर मिज��ेट और एक म�हला स�हत दो सामािजक काय�कता�ओ ंके साथ �कशोर �याय बोड� (JJB) क� �थापना को अ�नवाय� करता है। • JJB एक �न�द��ट समय अव�ध के भीतर एक ब�चे �वारा �कए गए अपराध क� �ारं�भक जांच करेगा और यह तय करेगा �क उसे एक पनुवा�स क� � म� भेजा जाए या एक वय�क के �प म� आजमाए जाने के �लए ब�च� क� अदालत म� भेजा जाए। • बोड� �नण�य लेने के �लए मनोव�ैा�नक� और मनो-सामािजक काय�कता�ओ ंऔर अ�य �वशषे�� क� मदद ले सकता है। • �कशोर �याय अ�ध�नयम के बारे म� �व�तार से जानने के �लए '�कशोर �याय अ�ध�नयम क� म�ुय �वशषेताएं' https://youtu.be/U0KvrydWfOE को देख�। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत �वा��य : �यापक रा���य पोषण सव��ण : �संग : • �वा��य और प�रवार क�याण मं�ालय और संय�ुत रा�� बाल कोष (य�ूनसेफ) �वारा पहल� बार �यापक रा���य पोषण सव��ण (CNNS) का आयोजन �कया गया।

    https://youtu.be/U0KvrydWfOE

  • �यापक रा���य पोषण सव��ण : • �यापक रा���य पोषण सव��ण (CNNS) एक �ॉस-से�शनल (cross-sectional), घरेल ूसव��ण है िजसम� परेू भारत, शहर� और �ामीण दोन� �े�� से 1,20,000 से अ�धक ब�च� और �कशोर� को शा�मल �कया गया है। • इसका उ�दे�य शर��रक संरचना, का�ड �यो-मेटाबो�लक जो�खम, मांसपे�शय� क� शि�त (शर��रक ताकत) और �फटनेस के बारे म� जानकार� के साथ-साथ ज�ैवक संकेतक� (स�ूम पोषक त�व� क� क�मय�, उपसौ�रक सजून और कृ�म सं�मण) और अ�धक वजन / मोटापे क� �यापकता के रा���य �सार का म�ूयांकन करना है। • CNNS को 2016-2018 के दौरान भारत के सभी 30 रा�य� म� काया�ि�वत �कया गया था। • CNNS म� �ामीण और शहर� �े�� म� तीन जनसं�या समहू - �ी-�कूलस� (0-4 साल), �कूल� ब�चे (5-9 साल) और �कशोर (10-19 साल) शा�मल थे। • सव��ण म� स�पल जनसं�या क� जनसांि�यक�य और सामािजक-आ�थ�क �वशषेताओ ंका वण�न �कया गया है, िजसम� आय,ु �लगं, �नवास �थान, माता क� �कूल� �श�ा, जा�त, धम�, पा�रवा�रक संप�� क� ि�थ�त और आहार संबंधी �यवहार शा�मल ह�। • यह जानकार� देश के �व�वध भौगो�लक �े�� और आबाद� म� ब�च� और �कशोर� के �वा��य और पोषण को �भा�वत करने वाले कारक� को समझने के �लए उपयोगी है। • यह भारत म� पहल� बार ब�च� म� एनी�मया, स�ूम पोषक त�व� क� कमी और गैर-संचार� रोग� के बायोमाक� र का आकलन करने के �लए विै�वक �तर पर लागू �कया गया सबसे बड़ा स�ूम पोषक सव��ण था। सव��ण के म�ुय �बदं ु: • सव��ण म� पाया गया �क �बना औपचा�रक �श�ा के माताओ ंक� ��तशतता उन तीन आय ुसमहू� म�, 0-4 आय ुवष� समहू म� 31 ��तशत, 5-9 आय ुवष� समहू म� 42 ��तशत और 10-19 आय ुवष� समहू म� 53 ��तशत, अ�धक थी। • शहर� भारत म� ब�च� म� कुपोषण �तनपान के खराब �तर, लोहे और �वटा�मन D क� कमी के साथ-साथ कामकाजी माताओ,ं सम�ृ�ध और जीवन शलै� के �ा�प के कारण लंबे समय तक मोटापे के कारण होता है। • यह माना जाता है �क शहर� �े�� म� अमीर घर� और ब�च� क� ग�तह�न जीवन शलै� भी शहर� �े�� (19%) म� �ामीण �े�� (12%) क� तलुना म� �वटा�मन D क� अ�धक कमी के �लए िज�मेदार हो सकती है। • देश के �ामीण �ह�स� म� बौनापन, कम वजन और दधू उ�पाद� क� कम खपत से पी�ड़त ब�च� का ��तशत अ�धक है। • �ामीण ब�चे िजंक के सेवन म� �पछड़ ेहुए ह�, जो द�त, �वकास मंदता, भखू कम लगना और ख़राब ��तर�ा के �लए िज�मेदार है। 1-4 वष� क� आय ुके ब�च� म�, शहर� �े�� (16%) क� तलुना म� �ामीण �े�� (20%) म� िजंक क� कमी अ�धक है।

  • • 12 से 15 मह�ने के 83% ब�च� �तनपान वाले है। �ामीण �े�� (85%) म� इस आय ुवग� के ब�च� का अनपुात शहर� �े�� (76%) के ब�च� क� तलुना म� उ�च है। • शहर� �े�� म� रहने वाले ब�च� और �कशोर� (40.6%) म� उनके �ामीण समक�� (29%) क� तलुना म� लोहे क� अ�धक कमी है। • �वशषे�� का कहना है �क यह �ामीण �े�� म� सरकार के �वा��य काय��म� के बेहतर �दश�न के कारण है। • शहर� �े�� म� ब�चे भी अ�धक वजन वाले और मोटे होत ेह�, जसैा �क उनक� उ� के �लए सब�कुलर ि�कनफो�ड �थकनेस (subscapular skinfold thickness (SSFT) �वारा इं�गत �कया गया है। • SSFT एक एं�ोपोमे��क (मानवदेह�म�त संबंधी) माप है िजसका उपयोग उपचम� वसा क� मा�ा का आकलन करके पोषण क� ि�थ�त का म�ूयांकन करने के �लए �कया जाता है। • पोषण अ�भयान के तहत शहर� �े�� पर �वशषे �यान देने क� आव�यकता का सं�ान लेत ेहुए, नी�त आयोग वत�मान म� शहर� म� रहने वाले ब�च� के साथ-साथ सरकार� काय��म� के ��या�वयन म� बाधा उ�प�न करने वाले कारक� से जड़ुी सम�याओ ंसे �नपटने के �लए एक रणनी�त �वक�सत कर रहा है। • ब�चे मधमेुह, उ�च कोले��ॉल, गुद� क� परुानी बीमार� और उ�च र�तचाप स�हत गैर-संचार� रोग� के कुपोषण और बढ़त ेजो�खम के दोहरे बोझ का सामना कर रहे ह�। • यह �रपोट� 0-19 वष� के भारतीय ब�च� म� कुपोषण और अ�धक वजन तथा मोटापे क� �थानांतरण ि�थ�तय� पर आकंड़� ��ततु करती है। • ब�च� और �कशोर� म� पेट का मोटापा यह दशा�ता है �क पेट के मोटापे क� �यापकता माँ क� �कूल� �श�ा और पा�रवा�रक संप�� के �तर के साथ बढ़� है।

  • सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से संबं�धत �व�ान और तकनीक : कनाडाई मलू के अमे�रक� अतं�र� व�ैा�नक स�हत दो ि�वस व�ैा�नक� को भौ�तक� का नोबेल : �संग : • ��माांड के �वकास�म और अनंत ��माांड म� हमार� ि�थ�त को समझने क� �दशा म� अहम शोध करने वाले तीन व�ैा�नक� को इस साल भौ�तक� के नोबेल के �लए चनुा गया है। इनम� कनाडाई मलू के अमे�रक� अतं�र� व�ैा�नक जे�स पीब�स और ि�व�जरल�ड के �मशले मेयर व �ड�डयर �यलूोज शा�मल ह�। �ववरण : • जे�स पीब�स, जो अमे�रका क� ��संटन य�ूनव�स�ट� म� अ�बट� आइं�ट�न �ोफेसर ऑफ साइंस के तौर पर काय�रत ह�, ने अपने �स�धांत� "भौ�तक ��मा�ड �व�ान म� स�ैधां�तक खोज�" के �लए नोबेल परु�कार जीता है, िजसने 13.8 �ब�लयन वष� के ��मा�ड संबंधी इ�तहास को समझाने म� मदद क� है। • �मशले मेयर और �ड�डयर �यलूोज को सौर-�कार (सोलर टाइप) तारे क� प�र�मा करने वाले एक पहले गहृ (ए�सो�लेनेट) क� खोज के �लए स�मा�नत �कया गया है। • �मशले मेयर और �ड�डयर �यलूोज ने अ�टूबर, 1995 म� हमार� सौर �यव�था के बाहर पहले �ह (ए�सो�लेनेट) क� खोज क� थी।

  • ��मांड कैसे �वक�सत हुआ : • आइं�ट�न ने गु��वाकष�ण को संत�ुलत करने और ��मांड को ि�थर और अप�रव�त�त रखने के �लए ��मा�ड संबंधी ि�थरांक नामक �वचार का ��तपादन �कया था। • ले�कन खगोल�वद� का कहना था �क ��मांड वा�तव म� फ़ैल रहा है। • डॉ. पीब�स ने ��मांडीय ि�थरांक का उपयोग �कया, िजसे अब डाक� एनज� के �प म� जाना जाता है उ�ह�ने यह �दखाने का ल�य रखा �क ��मांड म� उस समय िजतना सोचा गया था उससे काफ� कम ��यमान था। • उ�ह�ने पाया �क ��मांड का न केवल �व�तार हो रहा है बि�क इस ���या म� तजेी भी आ रह� है। • माना जाता है �क उनका स�ैधां�तक ढाँचा, िजसका �वकास दो दशक� म� हुआ, ��मांड के इ�तहास क� हमार� आध�ुनक समझ (�बग ब�ग से लेकर आज तक) का आधार है। • आध�ुनक ��मांड �व�ान मानता है �क �बग ब�ग के प�रणाम�व�प ��मांड का �नमा�ण हुआ है। • 1960 के दशक के बाद के दशक� म�, पीब�स ने स�ैधां�तक भौ�तक� और गणना का उपयोग �कया ता�क यह समझा जा सके �क बाद म� �या हुआ। • उनका काम काफ� हद तक कॉि�मक माइ�ोवेव बकै�ाउंड (CMB) �व�करण पर क� ��त है। • पीब�स और सहक�म�य� ने �बग ब�ग म� �न�म�त पदाथ� क� मा�ा के साथ इस �व�करण के तापमान को सह-संब�ध �कया है, जो यह समझने क� �दशा म� एक मह�वपणू� कदम था �क यह पदाथ� बाद म� आकाशगंगा और आकाशगंगा समहू� का �नमा�ण कैसे �कया होगा। • उनके अनसुार, ��मांड म� �सफ� 5% �ात पदाथ� ह� और बाक� अ�ात ह�, जो 26% डाक� मटैर और 69% डाक� एनज� के �प म� है। ए�सो�लेने�स : • ऐसे �ह जो हमारे सौर मंडल से बाहर ि�थ त होत ेह� उसे ए�सो�लेनेट कहा जाता है। • अलौ�कक जीवन का �शकार रहने यो�य �ह� को खोजने पर �नभ�र करता है, म�ुयतः हमारे सौर मंडल के बाहर। • वत�मान म� लगातार ए�सो�लनेैट क� खोज क� जा रह� है और अब तक कर�ब 4,000 से अ�धक �ात ए�सो�लनेैट ह� जो तीन दशक पहले, जब एक भी ए�सो�लनेैट �ात नह�ं था, क� तलुना म� उ�लेखनीय �ग�त है। • पहले ए�सो�लनेैट क� खोज 1992 म� क� गयी थीं, ले�कन ये एक तारे क� नह�ं बि�क �कसी एक के अवशषे क� प�र�मा कर रहे थे। • 1995 म� �मशले मेयर व �ड�डयर �यलूोज �वारा खोजा गया �ह 50 �काश-वष� दरू है, जो हमारे सयू� के समान 51 पेगासस तारे क� प�र�मा करता है।

  • • 51 पेगासस B नामक ए�सो�लनेैट रहने यो�य तो नह�ं है, ले�कन इसने �ह� क� हमार� समझ को चनुौती द� और भ�व�य क� खोज� क� नींव रखी। • �मशले मेयर �वारा �न�म�त एक �पे��ो�ाफ, ELODIE का उपयोग करत ेहुए, उ�ह�ने "डॉपलर �भाव" क� सहायता से �ह क� भ�व�यवाणी क� थी। • यह बहृ�प�त के समत�ुय एक �वशालकाय गैसीय �ह है, ले�कन यह बफ�ले ठंड ेबहृ�प�त के �वपर�त बहुत गम� है। यह अपने तारे 51 पेगैगस B के बहुत �यादा कर�ब है, हमारे सौर मंडल म� बधु �ह से भी �यादा। भौ�तक� म� नोबेल परु�कार : • वष� 1901 के बाद से �दए जा रहे भौ�तक� नोबेल परु�कार� का यह 113वाँ सं�करण था, इन 113 परु�कार� म� से 47 परु�कार एकल परु�कार �वजेता को �दए गए ह�। • नोबेल वेबसाइट के अनसुार, केवल तीन म�हलाओ ंको अब तक नोबेल परु�कार से स�मा�नत �कया गया है। वे ह�- 1903 म� मरै� �यरू�, 1963 म� मा�रया गोएपट�-मेयर और 2018 म� डोना ि��कल�ड । सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से संबं�धत �व�ान और तकनीक : तीन व�ैा�नक� को �च�क�सा का नोबेल परु�कार : �संग : • मानव शर�र म� को�शकाएं ऑ�सीजन क� उपल�धता का आभास कैसे करती ह� और कैसे खदु को उसके अनकूुल बनाती ह�, इस �वषय पर अनसुंधान के �लए अमे�रक� व�ैा�नक� �व�लयम कै�लन तथा �ेग सेम�जा और ��टेन के पीटर रैटि�लफ को �च�क�सा �े� के नोबेल परु�कार के �लए चनुा गया है। �ववरण : • "मानव शर�र म� को�शकाएं ऑ�सीजन क� उपल�धता का आभास कैसे करती ह� और कैसे खदु को उसके अनकूुल बनाती ह�" एक ऐसी खोज है िजसे �च�क�सा शोधकता�ओ ं�वारा �व�भ�न रोग� के उपचार� को �वक�सत करने के �लए खोजा जा रहा है जो शर�र क� ऑ�सीजन-संवेद� तं� को स��य या अव��ध करके काम करत ेह�। • ऑ�सीजन-संवेद� तं� (Oxygen sensing) बड़ी सं�या म� बीमा�रय� के �लए क� ��य भाग है। • नोबेल परु�कार �वजेताओ ं�वारा क� गई खोज� का शर�र �व�ान के �लए ब�ुनयाद� मह�व है और एनी�मया, क� सर और कई अ�य बीमा�रय� से लड़ने के �लए नई रणनी�तय� का माग� �श�त हुआ है। • �ेग सेम�जा और पीटर रैटि�लफ ने ऑ�सीजन के संवेदन (sensing of oxygen) के आसपास क� ���याओ ंका अलग-अलग अ�ययन �कया और पाया �क यह शर�र के सभी ऊतक� म� काम कर रहा था।

  • • 1990 के दशक म� सेम�जा ने एक �ोट�न कॉ��ले�स क� पहचान करने पर काम �कया था, जो को�शक�य वातावरण म� ऑ�सीजन के �तर क� ��त��या म� को�शकाओ ंके DNA को जोड़ता है। • कॉ��ले�स, िजसे हाइपोि�सया-इंडुसीबल (hypoxia-inducible) फै�टर कहा जाता है, लाल र�त को�शकाओ ंके उ�पादन को �नयं��त करता है। इसके पीछे का �व�ान roxadustat नामक एनी�मया दवा का आधार है िजसे �दसंबर म� चीन म� मंजरू� द� गई थी। • �व�लयम कै�लन के काम ने उसी ऑ�सीजन-�व�नयमन तं� को क� सर म� एक भ�ूमका से जोड़ा। • वष� 1901 के बाद से �दए जा रहे �च�क�सा का नोबेल परु�कार� का यह 110वाँ सं�करण है। सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से संबं�धत संपादक�य : अथ��यव�था : बेरोजगार� का गहराता संकट : �संग : • अगर रोजगार क� मांग का �हसाब लगाया जाए तो देश म� इस समय नौकर� चाहने वाल� क� सं�या तकर�बन छह करोड़ है, जब�क सरकार� अनमुान म� यह आकंड़ा केवल तीन करोड़ बठैता है। ये अनमुान �सफ� पणू� बेरोजगार� क� सं�या के ह�। अगर बेरोजगार� के सभी �कार� को लेखे म� ल� तो सम�या और �यादा बड़ी �दख सकती है। इसी�लए आज का सवाल यह� बनता है �क बेरोजगार� के गहरात ेसंकट से �नपटने के �लए सरकार �या करे? �व�लेषण : • द�ुनया क� कोई भी सरकार िजन कुछ मोच� पर अपनी नाकामी को आसानी से नह�ं �वीकार करती है, उनम� भखू से होने वाल� मौत� और बेरोजगार� जसेै म�ुदे �मखु होत ेह�। हालां�क, देश के रोजगार �े� म� यवुाओ ंक� द�ता और कौशल को लेकर कुछ सवाल उठे ह� और रोजगार का मतलब �सफ� सरकार� नौकर� नह�ं है, इसे लेकर भी एक मत बना है, ले�कन इसके बावजदू कुछ सच झुठलाए नह�ं जा सकत।े जसेै, एक सच यह है �क नोटबंद� के बाद से लाख� लोग� का रोजगार �छन गया और दसूरा यह �क नई नौक�रय� के बनने क� र�तार मंद पड़ गई, िजससे बेरोजगार� आसमान पर पहंुच गई है। बेरोजगार� के स�दभ� म� �व�भ�न �रपोट� : • भारत म� �फलहाल बेरोजगार� का �तर �या है, इसका खलुासा कुछ अ�ययन� और सव��ण� से हुआ है। जसेै, इस साल जनू म� �काश म� आई नेशनल स�पल सव� आ�ँफस (NSSO) क� �रपोट� म� दावा �कया गया था �क वष� 2011-12 म� बेरोजगार� क� जो दर 2.2 फ�सद पर थी, वह 2017-18 म� बढ़ कर 6.1 फ�सद के �रकॉड� �तर पर चल� गई। • हालां�क इस बढ़ो�र� के पीछे NSSO का कहना था �क बेरोजगार� दर बढ़ने क� एक वजह गणना के तर�के का बदला जाना है, िजसम� �श��त लोग� को �यादा अह�मयत द� गई थी। असल म�, �श��त बेरोजगार� दर �नर�र� के मकुाबले म� हमेशा �यादा रहती है, �लहाजा उनके आकंड़� म� बढ़ो�र� हो गई।

  • • ले�कन बेरोजगार� म� व�ृ�ध का आकलन अकेले NSSO का नह�ं है, बि�क स�टर फॉर मॉ�नट�रगं इं�डयन इकोनॉमी (CMIE) ने बीत ेदो वष� के दौरान �कए गए सव��ण� म� भी बेरोजगार� क� दर म� इजाफे को दज� �कया। CMIE के सव� के मतुा�बक इस साल अ�लै 2019 म� देश म� बेरोजगार� क� दर 7 फ�सद थी। • कुछ इसी �कार के आकलन ‘�टेट आफ व�क� ग इं�डया 2018’ म� भी पेश �कए गए ह�। इस अ�ययन के अनसुार भारत म� 2018 म� बेरोजगार� क� दर पांच फ�सद थी, ले�कन इसम� भी 15 से 29 साल के यवुाओ ंम� बेरोजगार� 3 गुना �यादा यानी 15 फ�सद तक थी। इस आय ुवग� म� बेरोजगार� क� सम�या शहर� �े�� म� सबसे अ�धक थी। • इस साल माच� म� बहुरा���य माक� ट �रसच� कंपनी इ�सॉस के सव��ण म� रोजगार को लेकर �व�भ�न देश� क� जनता क� अलग-अलग �चताएं सामने आई थीं। सव� के मतुा�बक भारत म� �यादातर लोग� ने यह माना �क रोजगार स�हत कई अ�य मामल� म� सरकार क� नी�तयां सह� �दशा म� ह�, ले�कन आतंकवाद क� �चतंा उ�ह� सबसे �यादा सता रह� थी। • यह ज�र है �क सव��ण म� शा�मल मह�वपणू� 28 देश� के औसतन 58 फ�सद नाग�रक� ने माना था �क उनका देश नी�तय� के मामले म� भटक-सा गया है। ले�कन ऐसा सोचने वाल� म� भारत क� बजाय द��ण अ��का, �पेन, �ांस, तकु� और बेि�जयम के लोग �यादा थे। �व�भ�न सवाल : • बेरोजगार� क� इस हालत पर अहम सवाल यह उठता है �क स�ा और राजनी�तक दल� के �लए बेरोजगार� अहम �चतंा का �वषय �य� नह�ं है। • हो सकता है �क बेरोजगार क� �ेणी म� दज� �कए गए �यादातर नौजवान �श��त ह�, अपने मन क� बेहतर नौकर� तलाश कर रहे ह�। ऐसे लोग� को बेरोजगार रहत ेहुए नौकर� क� खोज करने का मामला अ�छ� नौकर� म� �कया गया �नवेश �तीत होता है और वे इसके �लए सीधे तौर पर सरकार को िज�मेदार नह�ं मानत।े इस�लए सरकार� नौक�रय� म� कटौती होना उनके �लए भी �चतंा का �वषय है। • एक �दलच�प आकलन यह भी कहता है �क औपचा�रक �े� म� नौक�रय� क� सं�या घटने क� बजाय असल म� बढ़ गई ह�, िजसका खलुासा EPFO यानी कम�चार� भ�व�य �न�ध संगठन के आकंड़� से होता है। • क� ��य सांि�यक� काया�लय (CSO) ने दावा �कया है �क रोजगार के औपचा�रक �े� म� 2018-19 म� नौक�रय� के एक करोड़ स�तीस लाख अवसर पदैा हुए। • ऐसे व�त म�, जब देश म� ‘ि�कल इं�डया’ जसेै मह�वाकां�ी काय��म म� 2022 तक देश के 40 करोड़ यवुाओ ंको हुनरमंद बना कर उ�ह� रोजगार से जोड़ने का ल�य रखा गया है, सव��ण� के ऐसे आकंड़ ेहैरान करत ेह�। ऐसी ि�थ�त म� अहम सवाल यह पदैा होता है �क अगले कुछ वष� म� आ�खर देश कैसे यह इंतजाम कर पाएगा ता�क करोड़� यवुाओ ंको रोजगार से जोड़ा जा सके। • इस मामले क� गंभीरता का एक पहल ूयह भी है �क सरकार के पास �फलहाल महज 35 लाख यवुाओ ंको हर साल �कसी �े� म� द� बनाने वाले ��श�ण देने का �बंध है। इसक� तलुना पड़ोसी चीन से कर�, तो पता चलता है �क वहा ंसालाना नौ करोड़ यवुाओ ंको हुनरमंद बनाने का इंतजाम सरकार क� तरफ से �कया गया है।

  • • इस सम�या का दसूरा पहल ूऔर भी गंभीर है। यह पहल ू�श�ण-��श�ण क� गुणव�ा से जड़ुा है। यह देखा जा रहा है �क अगर ब�चे और यवुा �कसी तरह नामी सं�थान� म� दा�खला पा जात ेह�, तो भी इसक� गारंट� नह�ं होती �क वहा ंसे वे जो �ड�ी-�ड�लोमा लेकर �नकल�गे, उसके आधार पर वे इतने का�बल हो सक� गे �क अपने �े� म� हर चनुौती से मकुाबला कर सक� । यह मामला �कूल, कॉलेज� व ��त�ठान� म� द� जा रह� �श�ा क� खराब गुणव�ा से जड़ुा है। • यह� कारण है �क देश म� 57 फ�सद� यवुा पढ़े-�लखे होने के बावजदू �कसी ठ�कठाक नौकर� के �लए तयैार नह�ं पाए गए। जा�हर है, सम�या मौजदूा �श�ा तं� क� है जो वसैी �श�ा नह�ं दे पा रहा जो अ�छ� नौकर� पाने या अपना कोई �यवसाय खड़ा करने म� उनक� मदद करे। उ�योग� क� �चतंाएं : • हालां�क इस परेू �करण म� जो �चतंा सरकार� और उ�योग� क� है, वह अलग तरह क� है। कहा जा रहा है �क हमारे �श��त बेरोजगार� क� सबसे बड़ी सम�या उनका उ�योग� के अन�ुप तयैार नह�ं होना है। यानी ��श�ण के बावजदू उनम� वह अपे��त कौशल नह�ं है जो उ�ह� रोज़गार के का�बल बनाता है। इस कारण बाजार म� मौके होने के बावजदू लाख� पद खाल� ह� और कंप�नयां वां�छत यो�य नौजवान� क� तलाश म� उ�ह� भरने म� �हच�कचा रह� ह�, �य��क विै�वक मंद� के कारण वे ऐसे लोग� को नौकर� देने का जो�खम सहन नह�ं कर सकतीं जो नौकर� करत ेहुए अपने भीतर अपे��त कौशल का �वकास करत ेह�। �न�कष� : • �न�चय ह� ऐसे �न�कष� �चतंाजनक ह� और सरकार� को इस �दशा म� गंभीरता से सोचना चा�हए �क आ�खर वे अपनी यवुा आबाद� को �कस तरह क� �श�ा महैुया करा रह� ह�। शहर� और �ामीण श�ै�क ढांचे म� भीषण �वरोधाभास ह�। कह�ं �श�ा का मा�यम अ�ेंजी है, तो कह�ं �हदं� और �े�ीय भाषा। ऐसा ह� अतंर �ामीण और शहर� यवुा क� पढ़ाई-�लखाई का भी है। इस तरह के फक� और अभाव� को िजतनी ज�द� हो सके, दरू करना बेहतर होगा। मह�वपणू� त�य : 1. जलवाय ुप�रवत�न के �भाव का अनमुान लगाने के �लए भारत, चीन तथा पा�क�तान के साथ काम करेगा : • �हदं-ूकुश-�हमालयन (HKH) �े� को उ�र� और द��णी �वु� के बाद तीसरा �वु माना जाता है। जलवाय ुके �लए इसके मह�वपणू� �न�हताथ� ह�। • इस �े� म� डटेा एक� करना �वरल है। • �हदं ूकुश पव�त� पर जलवाय ुप�रवत�न के �भाव का बेहतर अनमुान लगाने के �लए, िजसम� �हमालय भी शा�मल है, भारत मौसम �वभाग (IMD) ने चीन और पा�क�तान म� मौसम संबंधी एज��सय� के साथ सहयोग करने का �नण�य �लया है। • इसका उ�दे�य �े� के देश� को जलवाय ुपवूा�नमुान सेवाएं �दान करना है। • यह अ�ययन �व�व मौसम �व�ान संगठन (WMO) के तहत �कया जाएगा। • लंबे समय तक पवूा�नमुान मौसम के साथ-साथ �े�ीय क� � डटेा सेवाएं, ��श�ण और �मता-�नमा�ण तथा अनसुंधान और �वकास �दान कर�गे।

  • �हदं-ूकुश-�हमालयन (HKH) �े� : • HKH �े� अफगा�न�तान, बां�लादेश, भटूान, चीन, भारत, �क�ग��तान, मंगो�लया, �यांमार, नेपाल, पा�क�तान, तािज�क�तान और उजबे�क�तान तक फैला है। • इसम� �वशाल �हमम�डल �े� शा�मल ह�। • �वुीय �े� के अ�त�र�त, यह बफ� का द�ुनया का सबसे बड़ा भंडार और 10 �मखु न�दय� का �ोत है। इस�लए, यह �े� जलवाय ुप�रवत�न के �लए �वशषे �प से संवेदनशील है। 2. के�टुकाझाचा (Kettukazhcha) : • के�टुकाझाचा (Kettukazhcha), को�लम(केरल ) के ओ�चरा मं�दर म� मनाया जाने वाला एक शानदार �योहार है। • कहा जाता है �क इस �योहार म� ए�शया के सबसे बड़ ेबलै पतुल� क� ��तमा �न�म�त क� जाती है। • भगवान �शव के वाहन नंद� के �तीक बलै पतुल� को इ�पाथेतम ओणम �योहार के �ह�से के �प म� ओ�चरा पर�ा�मण मं�दर म� लाया जाता है। UPSC �ारं�भक पर��ा के �लए अ�यास ��न : ��न 1. MOSAiC अ�भयान के संबंध म� �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�। 1. MOSAiC सबसे बड़ा आक� �टक अ�भयान है। 2. �मशन का उ�दे�य आक� �टक पर जलवाय ुप�रवत�न के �भाव का अ�ययन करना है। �दए गए कथन� म� से कौन सा सह� है / ह�? (a) केवल 1 (b) केवल 2 (c) 1 और 2 दोन� (d) न तो 1 और न ह� 2 उ�र : C �प�ट�करण : MOSAiC �मशन का मतलब 'आक� �टक जलवाय ुके अ�ययन के �लए बहुआयामी बहती वेधशाला' से है। MOSAiC अ�भयान इ�तहास म� अब तक का सबसे बड़ा आक� �टक अ�भयान है। �मशन का उ�दे�य आक� �टक पर जलवाय ुप�रवत�न के �भाव का अ�ययन करना है। ��न 2. �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�। 1. रामल�ला भगवान राम के जीवन का एक नाटक�य लोक पनु: �वत�न है। 2. यह तलुसीदास �वारा र�चत रामच�रतमानस या �हदं ूमहाका�य रामायण पर आधा�रत है। 3. यनेू�को �वारा रामल�ला उ�सव को "मानवता क� अमतू� सां�कृ�तक �वरासत" के �प म� घो�षत �कया गया है। �दए गए कथन� म� से कौन सा सह� है / ह�?

  • (a) केवल 1 (b) केवल 1 और 3 (c) केवल 2 और 3 (d) 1, 2 और 3 उ�र : d �प�ट�करण : �व-�या�या�मक ��न 3. �डपॉिजट इं�योर�स एंड �े�डट गारंट� कॉरपोरेशन ऑफ इं�डया (DICGC) के संबंध म� �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�। 1. DICGC RBI क� पणू� �वा�म�व वाल� सहायक कंपनी है। 2. DICGC �वारा जमा बीमा भारत म� स��य �वदेशी ब�क� को कवर नह�ं करता है। 3. DICGC सीधे जमाकता�ओ ंके साथ सौदा नह�ं करता है। �दए गए कथन� म� से कौन / से सह� नह�ं है / ह�? (a) केवल 1 (b) केवल 2 और 3 (c) केवल 2 (d) केवल 3 उ�र : c �प�ट�करण : DICGC RBI क� पणू� �वा�म�व वाल� सहायक कंपनी है। DICGC सीधे जमाकता�ओ ंके साथ सौदा नह�ं करता है। यह �नद�श देने पर �क �कसी ब�क का प�रसमापन करना है, RBI (या रिज��ार) वाइं�डगं-अप ���या क� देखरेख के �लए एक आ�धका�रक प�रसमापक �नय�ुत करता है। DICGC अ�ध�नयम के तहत, प�रसमापक को �भार लेने के तीन मह�ने के भीतर DICGC को सभी बी�मत जमाकता�ओ ं(उनके बकाये के साथ) क� एक सचूी स�पनी होती है। DICGC को यह सचूी �ा�त होने के दो मह�ने के भीतर इन बकाया रा�श का भगुतान करना होता है। ��न 4. �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�। 1. सचूना संलयन क� � - �हदं महासागर �े� (IFC-IOR) गु��ाम म� �था�पत सम�ु� डटेा का एक सचूना-साझाकरण क� � है। 2. �ीलंका, बां�लादेश और थाईल�ड IFC-IOR तट�य राडार �ृंखला नेटवक� म� शा�मल होने वाले देश� म� से ह�। �दए गए कथन� म� से कौन सा सह� है / ह�? (a) केवल 1 (b) केवल 2 (c) 1 और 2 दोन� (d) न तो 1 और न ह� 2 उ�र : a �प�ट�करण : सचूना संलयन क� � - �हदं महासागर �े� (IFC-IOR) गु��ाम म� �था�पत सम�ु� डटेा का एक सचूना-साझाकरण क� � है। मालद�व के अलावा, �हदं महासागर �े� के कई देश मॉर�शस, �ीलंका और सेश�ेस स�हत

  • तट�य रडार �ृंखला नेटवक� म� शा�मल हो गए ह�। बां�लादेश IFC-IOR म� शा�मल होने के �लए तयैार है, जब�क थाईल�ड के साथ भी �वचार-�वमश� �कया जा रहा है। UPSC म�ुय पर��ा के �लए अ�यास ��न : ��न 1. भारतीय ब�च� म� रोग और क�मयां उनके �नवास �थान के आधार पर �भ�न होती ह�। �ामीण और शहर� �वभाजन के कारण, ब�च� और �कशोर� म� �यापक, रा���य पोषण सव��ण �वारा उजागर ऐसी सम�याओ ंके समाधान के �लए आव�यक कदम� पर �ट�पणी कर�। (15 अकं, 250 श�द) ��न 2. 'जल संसाधन�' क� रणनी�त, जसैा �क नी�त आयोग क� '�य ूइं�डया @75 के �लए रणनी�त’ म� शा�मल है, स�ुत और अवा�त�वक है। भारत म� बढ़त ेजल संकट के साथ, जल संसाधन� के �बंधन ने �व�श�ट मह�व और वा�त�वक तथा अ�भनव समाधान हेत ुआ�वान �कया है। �या�या कर�। (15 अकं, 250 श�द)


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